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नशीली दवाओं के सेवन पर निबंध Essay on Drug Abuse in Hindi -Drug Addiction

मादक द्रव्य और नशीली दवाओं के सेवन पर निबंध Essay on Drug Abuse in Hindi (Drug Addiction Information)

आज के समय में  मादक पदार्थों का सेवन एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। युवाओ का एक बड़ा वर्ग इसकी चपेट में आ गया है। कोकीन (चरस, हशीश), हेरोइन, अफीम, गांजा(मारिजुआना), शराब, व्हिस्की, रम, बियर, ब्राउन शुगर, हशीश, भांग जैसे नशीले पदार्थो का सेवन करके लोग अपना जीवन खराब कर रहे है।

ये पदार्थ कुछ समय के लिए नशा देते है जिसमे व्यक्ति को सुखद अनुभूति होती है, पर जैसे ही नशा खत्म होता है व्यक्ति फिर से उसे लेना चाहता है। कुछ ही दिनों में उसे इन पदार्थो की लत लग जाती है।

स्कूल, कॉलेजो में ड्रग्स, नशीली गोलियां चोरी छिपे बेचीं जा रही है जो युवाओं के भविष्य को नष्ट कर रही है। इन मादक पदार्थों का सेवन करने के बाद जल्द ही इसकी लत लग जाती है। उसके बाद लोग चाहकर भी इसे छोड़ नही पाते हैं।

बच्चे अपनी पॉकेट मनी को खर्च करके इसे लेने लग जाते हैं। जल्द ही यह सेवन करने वाले व्यक्ति को पूरी तरह से बर्बाद कर देती है। आज देश के कई राज्यों में इन मादक पदार्थों/ ड्रग्स को चोरी छिपे बेचा जा रहा है।

पंजाब जैसे राज्यों में नशीले पदार्थो के सेवन ने एक विकराल रूप धारण कर लिया है। दिल्ली, मुंबई, चेन्नई जैसे महानगरो में रेव पार्टिस में लोग इसका अधिक सेवन करते हैं। आमतौर पर पैसे वाले लोग इसका जादा शिकार होते है।

Table of Content

नशीली दवाओं के सेवन पर निबंध Essay on Drug Abuse in Hindi (Drug Addiction Information)

प्रमुख नशीले पदार्थ common drugs and narcotics.

कुछ प्रमुख नशीले पदार्थ –

  • कोकीन (चरस), हेरोइन, अफीम, गांजा(मारिजुआना), शराब, व्हिस्की, रम, बियर, ब्राउन शुगर, भांग
  • डॉक्टर द्वारा लिखी गयी- नींद की गोलियां, तनाव, चिंता, अवसाद कम करने  वाली गोलियां
  • कफ सीरप जैसे कोरेक्स का सेवन
  • तम्बाकू वाले पदार्थ जैसे- बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, खैनी, जर्दा, पान मसाला
  • वाष्पशील विलायक जैसे- नेल पॉलिश रिमूवर (Nail Polish Remover), पेट्रोल,   पेंट (Paint)

मादक पदार्थ लेने के कारण   REASONS OF DRUG ABUSE

इसके पीछे निम्न कारण है-

  • आनन्द पाने के लिए युवा और अधेड़ दोनों वर्गों के लोग इसका सेवन करते हैं। इसके सेवन से कुछ समय के लिए शरीर में ताकत रहती है, मनोबल, आत्मविश्वास बढ़ जाता है। लोगो को इसका प्रयोग उपयोगी लगने लगता है।
  • आजकल की महंगी जीवनशैली में माता-पिता दोनों ही पैसा कमाने के लिए नौकरियां करने लगे है। वो बच्चो का ख्याल नही रख पाते है। जादातर माता-पिता सुबह घर से निकलते है और रात में घर वापिस आते है। वो बच्चो को जेब खर्च के लिए अधिक से अधिक पैसा देते है जिससे वो ड्रग्स जैसे नशीले पदार्थों का सेवन करने लग जाते है। कई बार बच्चे अपने अकेलापन को दूर करने के लिए नशीले पदार्थों का सेवन करने लग जाते हैं। उन्हें सही तरह का मार्गदर्शन नही मिलने के कारण वो भटक जाते हैं।
  • अपने दोस्तों के प्रभाव में आकर बच्चे सबसे पहले ड्रग्स लेना शुरू करते हैं। वो इसे शौक-शौक में लेते है पर जल्द ही इसकी लत लग जाती है। कई बच्चे इसको फैशन समझने लगे हैं। अमीर बच्चो में ये समस्या कुछ जादा ही है। ये नशीले पदार्थ बहुत महंगे होते है, पर अमीर घर के बच्चे इसे आसानी से खरीद लेते है।
  • कुछ लोग अपने दुःख दर्दों, जीवन की समस्याओं से पलायन करने के लिए नशीले पदार्थों का सेवन करने लग जाते है।
  • कुछ लोग बोरियत, अनिद्रा, गुस्से से बचने के लिए इसका सेवन करते है।

मादक पदार्थो के सेवन का प्रभाव EFFECTS OF DRUG ABUSE

मादक पदार्थो के सेवन का निम्न दुष्परिणाम निकलता है-

  •  नशीले पदार्थो की लत लग जाने के बाद कुछ भी अच्छा नही लगता है। बार-बार नशीला पदार्थ लेने की तलब लगती है। व्यक्ति अपने भविष्य के बारे में कुछ नही सोच पाता है। जब वो पदार्थ नही लेता है तो उसे बड़ी बेचैनी लगती है। बदन दर्द होता है। चिड़चिड़ापन, भूख न लगना, गुस्सा, हाथ पैरो में दर्द और भारीपन, शरीर कांपना, अनियंत्रित रक्तचाप, उलटी मितली आना, जैसे लक्षण दिखने लग जाते हैं।
  • इन नशीले पदार्थों का मस्तिष्क, यकृत, ह्रदय, गुर्दों पर बुरा प्रभाव होता है। हार्टअटैक का खतरा बढ़ जाता है।
  • व्यक्ति अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों से विमुख हो जाता है। वो अपने रुचिकर कार्यों से भी विमुख हो जाता है।
  • नशे के प्रभाव में व्यक्ति दूसरे लोगो के साथ बुरा व्यवहार करता है। महिलाओं से छेड़खानी, बलात्कार, हिंसा , आत्महत्या, मोटरवाहन दुर्घटना, हत्या, असुरक्षित यौन सम्बन्ध, बाल शोषण, घरेलू हिंसा जैसे अपराध नशीले पदार्थो के सेवन के बाद हो जाते है।
  • मादक पदार्थों के सेवन के लिए व्यक्ति अपने सारे पैसे खर्च कर देता है। दूसरे लोगो के पैसे चोरी करने लग जाता है। कई बार वो अपनी जमीन, मकान, कार, घर का सामान, गहने और दूसरी सम्पदा भी नशा करने के लिए बेच देता है। व्यक्ति की आर्थिक स्तिथि बद से बदतर होती चली जाती है।

मादक पदार्थो की लत से कैसे बचे? HOW TO OVERCOME DRUGS ADDICTION?

नशीले पदार्थो के सेवन के लिए निम्न उपाय अपनायें –

  • अपने मन में नशे की लत को छोड़ने की ठान लीजिये। मन में प्रबल इक्षा होना जरूरी है।
  • पुनर्वास केंद्र/ नशा मुक्तिकेंद्र (Rehabilitation Centre) में भर्ती होना अच्छा विकल्प है। वहां पर और भी लोग आते है। सबका इलाज एक साथ डॉक्टरों की देख रेख में किया जाता है। समूह चिकित्सा (Group Therapy) में मरीज का इलाज किया जाता है।
  • मनोवैज्ञानिक पद्धति से रोगी का इलाज किया जाता है।
  • ध्यान और योग के द्वारा भी मादक पदार्थो की लत को छोड़ा जा सकता है।
  • हर समय अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और हितैषियों के साथ रहे। जब आप उनके सामने हर समय रहेंगे तो आपको नशा करने का मौका ही नही मिलेगा।
  • नशे से ग्रस्त रोगियों को रोज डायरी लिखनी चाहिये। ऐसा करने से बहुत लाभ होता है। जीवन की हर एक बात लिखनी चाहिये। नशा करने के बाद के दुषपरिणामो को लिखने से व्यक्ति को आभास होता है की किस तरह उसकी जिन्दगी नशे से खराब हो रही है।

निष्कर्ष CONCLUSION

नशीले पदार्थो का सेवन कुछ मिनटों के लिए आनन्द देता है पर इसके दूरगामी दुष्परिणाम होते है। यह व्यक्ति को धीरे धीरे निगल जाता है और उसके जीवन को हर तरह से बर्बाद कर देता है। ऐसे लोग आये दिन लोगो से झगड़ा करने लगते है, ऑफिस या कार्यस्थल पर साथी कर्मचारियों के साथ मारपीट, दुर्व्यवहार शुरू कर देते है।

काम करते हुए दुर्घटना ग्रस्त हो जाना, सस्पेंड होना, बार बार नौकरी बदलना, नौकरी छोड़ना, चिड़चिड़ा और गुस्सैल स्वभाव दिखाने से व्यक्ति का सब कुछ खत्म हो जाता है। व्यक्ति के बुरे दिन शुरू हो जाते है। अतः हमे नशीले पदार्थो का सेवन बिलकुल नही करना चाहिये। जो लोग इस समस्या से ग्रस्त है उनको दृढ़ निश्चय करके इसे छोड़ देना चाहिये। याद रखे नशा एक जहर है।

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नमस्कार रीडर्स, मैं बिजय कुमार, 1Hindi का फाउंडर हूँ। मैं एक प्रोफेशनल Blogger हूँ। मैं अपने इस Hindi Website पर Motivational, Self Development और Online Technology, Health से जुड़े अपने Knowledge को Share करता हूँ।

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नशाखोरी की समस्या पर निबंध | Drug Abuse Essay In Hindi

नमस्कार आज के निबंध , नशाखोरी की समस्या पर निबंध Drug Abuse Essay In Hindi में आपका स्वागत हैं. आज का निबंध भारत में नशे की समस्या पर आसान भाषा में निबंध दिया गया हैं.

युवाओं में नशाखोरी की समस्या और समाज पर इसके प्रभाव पर स्टूडेंट्स के लिए निबंध दिया गया हैं. उम्मीद करते है आपको यह पसंद आएगा.

नशाखोरी की समस्या पर निबंध Drug Abuse Essay In Hindi

नशाखोरी की समस्या पर निबंध | Drug Abuse Essay In Hindi

पिछले कुछ वर्षो से भारत में नशे के लिए ड्रग्स (Drugs) और मादक दवाओं (Narcotic drugs) का उपयोग बढ़ता ही जा रहा है. एवं इसने एक विकराल समस्या का रूप ले लिया है. एक अनुमान के अनुसार भारत में लगभग 70 लाख लोग नशे की लत के शिकार है.

जिनमे लगभग 10 लाख लोग हेरोइन के नशे की चपेट में है. गैर आधिकारिक आंकड़ो के अनुसार यह संख्या 50 लाख तक भी हो सकती है.

स्कूली छात्रों के मध्य किये गये एक सर्वे में पाया गया कि भारत में नौवी क्लाश तक पहुचने वाले छात्रों में 50 प्रतिशत छात्र ऐसे है. जिन्होंने एक बार किसी न किसी नशे का सेवन किया है.

राजस्थान में भी नशे की गम्भीर समस्या है राजस्थान में मुख्य रूप से डोडा पोस्त (Doda Post) ,अफीम (Opium) व अफीम से बने नशीले पदार्थो का सेवन किया जाता है.

राजस्थान परम्परिक रूप से अफीम उत्पादक है. यहाँ कोटा बारां, झालावाड़, चितोड़गढ़ उदयपुर और प्रतापगढ़ जिलों में अफीम की खेती की जाती है.

नारकोटिक्स सेंट्रल ब्यूरो (Narcotics central bureau) द्वारा इन क्षेत्रों में अफीम की खेती करने के लिए लाइसेंस जारी किये जाते है. सरकार की अफीम कृषि निति के अनुसार जितनी भी अफीम की खेती का उत्पादन होता है उसे दवाइयों में उपयोग करने के लिए सरकारी एजेंसियों को सौपा जाता है.

परन्तु सरकारी स्तर पर चार चौकसी की व्यवस्था नही होने के चलते इस निति का पूर्ण क्रियान्वयन नही हो पाता है. तथा किसान अफीम का एक बहुत बड़ा हिस्सा चोरी छिपे ड्रग माफिया को दे दिया जाता है. क्युकि अफीम का अंतर्राष्ट्रीय मूल्य अधिक होने के कारण इससे किसानों को अधिक आर्थिक लाभ होता है.

यह अफीम देश ही नही दुनिया के कई हिस्सों में स्मगल की जाती है. इस अफीम का एक हिस्सा पश्चिमी राजस्थान में पहुच जाता है. जहाँ विवाह, मृत्यु व अन्य सामाजिक अवसरों पर अफीम का उपयोग करने की पुरानी परम्परा है.

वर्तमान समय में यह परम्परा कुरीति का रूप ले चुकी है. पश्चिमी राजस्थान के कुछ जिले विशेषकर बाड़मेर, बीकानेर व जैसलमेर में अफीम Opium  का काफी प्रचलन है.

पश्चिमी राजस्थान अफीम का अंतर्राष्ट्रीय हब बन चूका है. पाकिस्तान व अफगानिस्तान को यहाँ से अफीम की सप्लाई किये जाने का कारोबार भी बड़े स्तर पर फ़ैल चूका है.

नशे के दुष्प्रभाव (Side effects of intoxication/Drug Abuse In Hindi)

नशे का सेवन करने वाले व्यक्ति न केवल व्यक्तिगत रूप से प्रभावित होते है बल्कि इससे उसका पूरा परिवार तथा समाज प्रभावित होता है. ड्रग्स की लत न केवल व्यक्ति को शारीरिक रूप से अपंग बना देती है बल्कि उसकी मानसिक क्षमताओं को भी बुरी तरह प्रभावित करती है.

परिवार के मुखिया या परिवार के किसी सदस्य को ड्रग्स की लत जाने से पूरा परिवार तबाह हो जाता है. तथा इसका असर समाज और देश पर भी पड़ता है.

नशे का गुलाम व्यक्ति तब तक जीता है, अपने आप पर, अपने परिवार तथा देश पर एक बोझ की तरह जीता है. नशे की लत लग जाने पर नशा प्राप्त करने के लिए व्यक्ति चोरी चकारी करता है तथा जरूरत पड़ने पर बड़े अपराधों को भी अंजाम दे देता है.

ड्रग्स माफिया नशे के आदि व्यक्तियों को कैरियर के रूप में काम में लेते है. तथा उनके माध्यम से ड्रग्स की तस्करी करवाते है वे खुद कभी भी कानून की पकड़ में नही आते है जबकि ड्रग्स का आदि व्यक्ति केवल नशे की पूर्ति के लिए सभी अनैतिक कार्य करने के लिए विवश होता है और इसका परिणाम स्वयं व उसका पूरा परिवार भुगतता है

नशे के उपयोग में लाई गई सूइया hiv का कारण बनती है जो अन्तः एड्स का रूप धारण कर लेती है. नशे के प्रभाव में व्यक्ति पागल व सुसुप्तावस्था में आ जाता है व नशे की उतेजना में अपराध तक कर बैठता है. नशे के सेवन से अनमोल जीवन समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है.

भारत में मादक ड्रग्स का उपयोग बढ़ने के कारण (Due to the increase in the use of narcotic drugs in India In Hindi)

एक आंकलन के अनुसार भारत की आधे से ज्यादा संपदा केवल 50 लोगों के हाथो में है. अमीर और अमीर होता जा रहा है तथा गरीब के लिए अपने परिवार को चलाना ही एक चुनौती है.

गरीब लोगों के पास अपने परिवार को मूलभूत सुविधाएं दे पाना मुश्किल हो गया है. गरीब व्यक्ति बड़ी मुश्किल से अपने परिवार को दो समय का भोजन दे पाता है. अच्छी शिक्षा उपलब्ध करवाना तो बहुत दूर की बात है.

ऐसी स्थति में गरीब व्यक्ति तनाव व अवसाद में रहता है जिसके चलते कई बार अपने आपकों तनाव से मुक्त करने के लिए ड्रग्स का सहारा लेता है और धीरे धीरे इसका आदि हो जाता है.

भारत में अधिकाँश युवा ऊँची शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद भी बेरोजगार है. वे शारीरिक श्रम कर या छोटा मोटा व्यवसाय कर पर्याप्त आय अर्जित नही कर पाते है. क्युकि बड़ी बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने किसी छोटे व्यवसायी के लिए कोई जगह नही छोडी है.

ऐसी स्थति में युवावर्ग ड्रग्स माफिया का चंगुल में आ जाता है. तथा थोड़े से लाभ के लिए ड्रग्स कैरियर के रूप में काम करने को तैयार हो जाता है और अंतत नशे की लत का शिकार हो जाता है.

यधपि ड्रग्स की रोकथाम के लिए कठोर कानून एन डी पी एस अधिनियम बनाया गया है परन्तु इसकी पूरी तरह से पालना नही हो रही है. सरकार ने ड्रग्स की रोकथाम के लिए अनेकों एजेंसियों जैसे नारकोटिक्स, कंट्रोल ब्यूरो, केन्द्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो, कस्टम आयुक्तालय, केन्द्रीय आबकारी आयुक्तालय, राज्य आबकारी विभाग आदि बनाए गये है.

परन्तु इन एजेंसियों एवं विभागों के मध्य सामजस्य का अभाव है. व ड्रग्स व नशे पर पूरी तरह से रोकथाम लगाने में विफल रहे है.

वर्तमान में व्यवसायिक गतिविधिया बढ़ने के साथ साथ ट्रांसपोर्ट के साधन जैसे ट्रक, बस, ट्रेन हवाई जहाज आदि बढ़ गये हीन सारे ट्रांसपोर्ट माध्यमो पर निगरानी नही हो पाती है. ड्रग्स माफिया इसका फायदा उठाते है और आसानी से ड्रग्स की स्मगलिंग करते है. इससे भी नशे में बढ़ोतरी हुई है.

नशे की समस्या का निवारण (Redressal problem Drug Abuse solution In Hindi)

ड्रग्स की समस्या के निवारण के लिए कठोर अफीम निति और इसका पूरा पालन सुनिनिश्चित किये जाने की आवश्यकता है. अफीम की खेती चारदीवारी या पूरी तरह सरकार की निगरानी में की जानी चाहिए.

किसानों को अफीम का उचित मूल्य दिया जावें, जिससे वे आर्थिक लाभ के लिए अफीम को ड्रग्स माफिया को नही बेचे. किसानों को भी जागरूक किया जाना चाहिए और उन्हें नशे के दुष्प्रभाव को बताकर प्रेरित किया जाना चाहिए कि वे अफीम को सरकारी एजेंसियों को ही सौपे .

कुल मिलाकर एक ऐसी व्यवस्था कायम करने की आवश्यकता है जहाँ एक ग्राम भी अफीम ड्रग्स तस्करों के हाथ नही पहुचे.

ड्रग्स की प्रभावी रोकथाम के लिए समाज में ख़ुफ़िया तन्त्र विकसित करने की आवश्यकता है. जो ड्रग्स की जानकारी मिलते ही इसकी सुचना तुरंत सम्बन्धित एजेंसी को दे.

सुचना देने वाले व्यक्तियों को पर्याप्त पुरस्कार एवं सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए ऐसा करके उनका विश्वास जितने की आवश्यकता है.

ड्रग्स की रोकथाम में लगी हुई विभिन्न एजेंसियों के मध्य सामजस्य के लिए एक केन्द्रीय एजेंसी बनाई जानी चाहिए जो सभी एजेंसियों के मध्य सामजस्य के साथ साथ इसकी गतिविधियों पर नियन्त्रण रखे. इन एजेंसियों को सभी साधन उपलब्ध कराए जाने की आवश्यकता है. और समय समय पर आवश्यक प्रक्षिक्षण दिया जाना चाहिए.

विभिन्न सरकारी एजेंसियों को उनके कार्यो के प्रति उतरदायी ठहराया जाना चाहिए एवं यदि उनके द्वारा कर्तव्य पालन में चुक की जाती है. तो उचित उदाहरणत्मक कार्यवाही की जानी चाहिय.

ड्रग्स की रोकथाम के लिए भी न्याय व्यवस्था को सुद्रढ़ किये जाने की आवश्यकता है. एन. डी. पी. एस. अधिनियम के प्रावधान अपने आप में पर्याप्त है. परन्तु इसकी पालना सुन्शिचित करवाने के लिए अनुसन्धान एजेंसियों को पर्याप्त प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए.

जिससे अनुसन्धान में रही तकनीक त्रुटी के आधार पर दोषी बचने में सफल नही हो पाए. अभियोजन को पूरी साक्ष्य न्यायालय के समक्ष रखकर सजगता से पैरवी करनी चाहिए. और न्यायालय को छोटी छोटी तकनीकी त्रुटियों के आधार पर अभियुक्तगण को बरी नही किया जाना चाहिए.

ऐसी न्याय व्यवस्था कायम की जानी चाहिए जिसका समाज में यह संदेश जावे कि ड्रग्स का कारोबार करने वाला कोई भी व्यक्ति कानून के शिकंजे से नही बचेगा और उसे अवश्य ही सजा मिलेगी.

निति निर्माताओं को देश की अर्थ निति, कृषि निति और शिक्षा निति पर भी नए सिरे से विचार करने की आवश्यकता है.

अर्थ निति ऐसी होनी चाहिए जिससे गरीब अमीर का अंतर कम हो सके. कर चोरी पर पूरी तरह से रोकथाम लगे. काले धन का संचय नही हो और पब्लिक मनी का उपयोग राष्ट्रहित में किया जावे.

शिक्षा निति में आवश्यक बदलाव कर यह सुनश्चित किया जाना चाहिए कि उसका उद्देश्य केवल उच्च शिक्षा प्राप्त करना न होकर रोजगार हासिल करना हो.

ग्राम स्वराज्य की तर्ज पर युवाओं को व किसानों को गाँव में ही रोजगार उपलब्ध करवाया जावे जिससे उनमे शहरों की पलायन की प्रवृति रुक सके.

ऐसा करने से गरीब किसान व युवावर्ग को नशे से दूर रखा जा सकता है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को विभिन्न स्थानों पर, कम से कम एक जिला स्तर पर नशामुक्ति केंद्र स्थापित करना चाहिए.

जहाँ विशेज्ञयों द्वारा नशे की लत से शिकार व्यक्तियों को परामर्श उपलब्ध करवाकर नशा छोड़ने के लिए प्रेरित किया जावे और उन्हें आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाई जावे.

इन केन्द्रों पर आधुनिक तकनीक व सुविधाए होनी चाहिए. गरीब लोगों के लिए वे सुविधाएं मुफ्त होनी चाहिए. इन सुविधाओं का पर्याप्त प्रसार प्रसार होना चाहिए जिससे अधिक से अधिक लोगों को नशे के बारे में जानकारी मिल सके.

नशा छोड़ देने वाले व्यक्ति लो निगरानी के लिए ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए जिससे पुन; नशे की दलदल में नही फसे. ऐसे व्यक्तियों को पुनः समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए रोजगार परक प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए एवं उन्हें उत्पादक गतिविधियों में शामिल किया जाना चाहिए जिससे फिर से वे नशे का रुख नही करे.

आवश्यकता होने पर ऐसे व्यक्तियों को नये रोजगार के लिए आर्थिक सहायता भी उपलब्ध करवाई जानी चाहिए. उनके परिवारों को प्रेरित किया जाना चाहिए कि वे पुरानी बातो को भुलाते हुए खुले दिल से नशा छोड़ने वाले व्यक्ति का स्वागत करे और उसे आत्मीय व्यवहार प्रदान करे.

केवल कानून से ड्रग्स की समस्या से निजात नही पाई जा सकती है. इसके लिए जनचेतना और पुरे समाज की सोच में बदलाव लाने की आवश्यकता है. समाज को ड्रग्स के दुष्प्रभावो के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए.

और ऐसा माहौल तैयार किया जाना चाहिए, जहाँ न केवल आम आदमी नशे से दूर रहे बल्कि नशीले पदार्थो की तस्करी की सप्लाई की कोई भी जानकारी मिलते ही इसकी सुचना तुरंत सरकारी एजेंसियों को दे जिससे नशे के कारोबारियों को तुरंत सजा मिल सके.

नशे की रोकथाम के उपाय (Drug prevention measures In Hindi)

विधिक सेवा संस्थाओ का यह सामाजिक एवं विधिक दायित्व है कि वे ड्रग्स की रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाए. विधिक सेवा संस्थाओं को सरकारी एजेंसियों विशेज्ञयों के साथ मिलकर ड्रग्स की रोकथाम के लिए ठोस योजना निति बनानी चाहिए.

जिसके तहत आम जन को ड्रग्स की रोकथाम के लिए बने हुए कानूनों तथा समाज पर इसके दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया जावे. विधिक सेवा संस्थाओं के पैनल अधिवक्ता व पैरालीगल वोलेंटीयर्स सरकारी विभागों के साथ मिलकर इस दिशा में प्रभावी कार्य कर सकते है. 

विधिक सेवा संस्थाओं द्वारा स्कुल कोलेजों में भी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जा सकते है. निबंध, पोस्टर, पेंटिंग, वाद विवाद प्रतियोगिताएं आयोजित कर विद्यार्थियों को जागरूक किया जावे.

विद्यार्थी विधिक सेवा व शान्ति दूत के रूप में कार्य करते हुए नशा मुक्ति का संदेश पूरे समाज में पहुचाना चाहिए. विधिक सेवा संस्थाओं द्वारा नशा मुक्ति केन्द्रों का दौरा कर नशा छोड़ने वाले व्यक्तियों को आवश्यक परामर्श दिया जावें.

यदि विभिन्न सरकारी एजेंसियों द्वारा अपने कर्तव्य की पालना नही की जाती है तो विधिक सेवा संस्थाए सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय में जनहित याचिकाएं दायर की जा सकती है.

नशे की रोकथाम के लिए हम सभी को पुरे मनोयोग से सामूहिक प्रयास किये जाने की आवश्यकता है एकल प्रयासों इस पर पार पाना संभव नही है.

सभी सरकारी एजेंसियों व विधिक सेवा संस्थाओं को मिलकर इस बुराई की रोकथाम के लिए प्रयास करने चाहिए. तभी नशा मुक्ति भारत का सपना साकार हो सकेगा.

नशा मुक्ति De Addiction Meaning Drug Abuse In Hindi

एक व्यक्ति द्वारा ऐसी मादक दवाएं / नशीली दवाएं अथवा नशीली सामग्री का उपयोग करना जिससे शारीरिक/मानसिक/ मनोवैज्ञानिक क्षमताएं प्रभावित होती हो, नशाखोरी / दुर्व्यसन कहलाता हैं.

लोग प्रायः अपने आधुनिक जीवन में तनाव से मुक्ति पाने के लिए गम या हर्ष का प्रदर्शन करने के लिए, अपनी समर्द्धता या स्फूर्ति अनुभव कराने के लिए नशा करते हैं.

सरकारी आकडे के अनुसार देश में 7.3 करोड़ लोग नशे का सेवन करते है तथा 70 प्रतिशत इसके अभ्यस्त हो चुके हैं. नशाखोरी के उदहारण- भांग, गांजा, चरस, शराब/ एल्कोहल, अफीम, हेरोइन, एलएसडी, मार्फीन, कोकीन आदि.

नशाखोरी के प्रकार

उद्दीपक दवाएं अपर्स/पेप पिल्स/स्पीड.

  • मस्तिष्क की क्रियाशीलता बढ़ती है तथा अस्थायी स्फूर्ति आने से व्यक्ति में अतिरिक्त ऊर्जा का संचार हो जाता हैं. जैसे एमफोटेमाईन दवा, कोकेन (कोका के पौधे से प्राप्त क्षारतत्व- एल्केलायड) क्रैक (कोकीन क ही एक ओर रूप) अधिकतर खिलाड़ियों एवं विद्यार्थियों के द्वारा उपयोग
  • कोकीन के अधिक उपयोग से मनोवैज्ञानिक समस्याएं यथा- चिंता, तनाव, भय, अनिद्रा आदि समस्याएं उत्पन्न होती हैं तथा शरीर का वजन कम हो जाता हैं.

अवसादक दवाएं / डाउनर्स

  • मस्तिष्क एवं मांसपेशियों की क्रियाशीलता को कम करती हैं जैसे शराब/ एल्कोहल, मैड्रेक्स, वेलियम, लिब्रियम आदि.
  • गोलियां अधिक उपयोग करने से आलस्य, चिड़चिड़ापन, मानसिक निष्क्रियता आदि हैं.
  • प्रायः अवसादक गोलियों में बार्बीटुरेट रसायन होते हैं. जो नीद की गोलियों में भी पाए जाते हैं.
  • इन दवाओं के अधिक सेवन से या बिना चिकित्सकीय निरिक्षण के इनका उपयोग बंद करने पर खतरे की स्थिति पैदा होती हैं.

विभ्रांति कारक दवाएं/ चेतना प्रसार दवाईयां

  • मानसिक संवेदन को तीव्र करने वाली हमारी चेतना का ढंग/ सुनने/ देखने/ अनुभव का ढंग बदलने वाली दवाईयां
  • इन दवाओं के सेवन से समय, स्थान, पहचान का बोध धीरे धीरे समाप्त हो जाता हैं. व्यक्ति को इसकी कम मात्रा में लगता है जैसे वह अधिक उंचाई पर हैं.

स्वापक दवाएं / अफीमी दवाएं

  • पोस्त के पौधे से बनने वाली दवाइयां जैसे अफीम हेरोइन, मार्फीन, मीथेडीन, पैथीडीन आदि.
  • अफीम पोस्त पौधे से तैयार होती हैं. अफीम का वैज्ञानिक नाम Lachryma Papaveris या पैपेवर सेमेइफेरम हैं. अफीम में
  • 12 प्रतिशत मार्फीन होती हैं. मार्फीन से ही हेरोइन को तैयार किया जाता हैं.
  • हेरोइन महंगी होने के कारण उसके अपरिष्कृत रूप में ब्राउन शुगर एवं स्मैक प्रयुक्त होते हैं.
  • गाँवों में अफीम का उपयोग कब्ज पैदा करने हेतु, सर्दी जुकाम से निजात हेतु, युद्ध के समय मल मूत्र रोकने हेतु एवं यौन शक्ति बढ़ाने हेतु किया जाता था. राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में अत्यंत व्यापक रूप से इसका उपयोग होता हैं.
  • राजस्थान में चित्तौड़गढ़ अफीम का सबसे बड़ा उत्पादक जिला हैं.

अन्य नशीले पदार्थ

  • भांग के पौधे से ही भांग गांजा चरस आदि प्राप्त होते हैं जिन्हें खाकर, पीकर, धुम्रपान के रूप में सेवन किया जा सकता हैं.
  • केनबिस सैटिवा के जंगली/ कृषिजात नर / नारी सभ प्रकार के पौधों की पत्तियों से भांग प्राप्त होती हैं.
  • कृषिजात नारी पौधों के फूलदार, फलदार शाखाओं को क्रमश सुखाकर व दबाकर गांजा तैयार करते हैं जो इन्ही पौधों से जो रालदार स्राव निकलता है उससे चरस/ सल्फा प्राप्त करते हैं.
  • चरस गांजे के पेड़ से ही निकला एक प्रकार का गोंद हैं जो मोम की तरह हरें पीले रंग का द्रव्य हैं.

मादक द्रव्यों के दुष्परिणाम

  • मादक पदार्थों से व्यक्ति के केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र पर प्रभाव पड़ता हैं.
  • स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव- मानसिक अक्षमता, संवेगात्मक असंतुलन, अत्यधिक निद्रा
  • विभिन्न दुर्घटनाएं
  • अवैध व्यापार, तस्करी को बढ़ावा, अपराधीकरण, भ्रष्टाचार, अनैतिक आचरण, पारिवारिक पतन
  • आर्थिक संकट

नशाखोरी के तथ्य

  • विश्व में 1968 में अंतर्राष्ट्रीय नारकोटिक्स कंट्रोल बोर्ड की स्थापना हुई. यह स्वतंत्र व अर्द्धन्यायिक संस्था है जिसका मुख्यालय वियना आस्ट्रिया हैं.
  • केन्द्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो, ग्वालियर (मध्यप्रदेश) की स्थापना नवम्बर 1950
  • विश्व में मादक द्रव्यों के विरोध में अंतर्राष्ट्रीय दिवस- २६ जून

Very nice sir thanku….

Very inspired essay for peoples To abuse drugs

धन्यवाद हर्ष जी

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दा इंडियन वायर

दवाइयों के दुरूपयोग पर भाषण

say no to drugs essay in hindi

By विकास सिंह

Speech on drug abuse in hindi

नशीली दवाओं के दुरुपयोग के विषय पर हमारे युवाओं को जागरूक करना बहुत महत्वपूर्ण है। ड्रग्स हमारे युवाओं के जीवन को नष्ट कर रहे हैं और उनके भविष्य को अँधेरे में डाल रहे हैं। दवाओं का उपयोग उनके जीवन को कमजोर बना रहा है और उनके विनाश की संभावना में बढ़ोतरी हो रही है।

इसलिए, हमारे युवाओं में इसके बारे में जागरूकता बढ़ाना और उन्हें इसके शिकार होने से रोकना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। तुम भी नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर एक भाषण तैयार कर सकते हैं और इसे विभिन्न अवसरों और प्लेटफार्मों पर वितरित कर सकते हैं।

दवाइयों के दुरूपयोग पर भाषण, Speech on drug abuse in hindi -1

प्रिय छात्रों – आप सभी को हार्दिक बधाई! मैं स्कूल सेमिनार हॉल में सभी का स्वागत करता हूं।

आज, हम यहां दवाओं के घातक सेवन के बारे में चर्चा कर रहे हैं और यह हमारे युवाओं के जीवन को कैसे नष्ट कर रहा है। लेकिन चर्चा शुरू होने से पहले, मैं नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर एक छोटा भाषण देना चाहूंगा और इस संवेदनशील विषय पर अपने छात्रों को ज्ञान देना चाहूंगा।

ड्रग्स, जैसा कि हम सभी जानते हैं, इनका उपयोग अवैध है। ऐसे कई छात्र हैं जो कई कारणों से दवाओं का सेवन करते हैं। जो लोग ड्रग्स की बिक्री का सौदा करते हैं, वे एक नेटवर्क बनाते हैं और मुख्य रूप से ड्रग्स के आदी बनाने के लिए छात्रों को निशाना बनाते हैं। प्रारंभ में, छात्रों को मुफ्त में दवाएं बेची जाती हैं और धीरे-धीरे जब वे इसके आदी हो जाते हैं, तो वे इसे खरीदना और उपभोग करना शुरू कर देते हैं। वास्तव में, छात्र भी अंततः अपने नेटवर्क का हिस्सा बन जाते हैं और इसमें काम करना शुरू कर देते हैं।

यह देखा गया है कि छात्र अपने शिक्षकों के साथ-साथ माता-पिता के तनाव या अनुचित अपेक्षाओं के कारण दवाओं का सेवन करना शुरू कर देते हैं। उनके परिवारों में भावनात्मक समर्थन और विकार का अभाव उन्हें कमजोर बनाता है और दवाओं पर उनकी निर्भरता बढ़ाता है। वे अपने मानसिक आंदोलन की स्थिति को शांत करने के लिए इसका उपयोग करते हैं।

इसके अलावा, गरीबी वह मुख्य कारण है जो कुछ छात्रों को दवाओं की बिक्री और काम करने के नेटवर्क का हिस्सा बनने करने के लिए मजबूर करती है। इसलिए, यह नशे के आदी छात्रों के एक दुष्चक्र की तरह हो जाता है, जहाँ से उन्हें कोई बचाव नहीं मिलता है जब तक कि समाज उनके बचाव के लिए नहीं आता है।

दुख की बात है कि छात्र यह महसूस करने में असफल हो जाते हैं कि दवाओं के सेवन से उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है, जैसे कि वे मानसिक विकार का अनुभव करना शुरू कर देते हैं, घातक बीमारियों का अनुभव होता है और असमय मृत्यु हो जाती है।

जब कोई पूरी तरह से ड्रग्स के प्रलोभन के आगे झुक जाता है, तो उसके लिए ड्रग रिहैबिलिटेशन के केंद्रों को छोड़कर उसके प्रभाव से उबरना बहुत मुश्किल हो जाता है, जहां वे एक नया जीवन प्राप्त करते हैं, लेकिन जिसमें उच्च लागत शामिल होती है।

वास्तव में, कई मामले ऐसे भी हैं, जहां मरीजों की बुरी स्थिति के कारण पुनर्वास केंद्र भी विफल हो जाते हैं। इसलिए, मैं सभी छात्रों से अनुरोध करता हूं कि वे अपने स्वास्थ्य, भविष्य को नष्ट करने से पहले खुद को दवाओं के सेवन से पूरी तरह से परहेज करें और अपने जीवन को छीन लें। यहां तक ​​कि उन्हें छूने या उनके करीब आने की कोशिश न करें। ड्रग्स भी एक पूरी पीढ़ी को नष्ट कर सकते हैं।

इसलिए सोच समझकर कार्य करें और स्मार्ट बनें। अपने भविष्य को आकार दें जो उज्ज्वल और उपलब्धियों से भरा लगता है। डॉक्टर द्वारा अपने रोगियों को दी जाने वाली दवाओं को केवल एक विशेष बीमारी से लड़ने के लिए लिया जाना चाहिए अन्यथा सरकार को बाजार में इसके अवैध व्यापार पर प्रतिबंध लगाने और हमारे युवाओं को विनाश से बचाने के लिए सख्त कदम उठाने पड़ेंगे।

मुझे पूरी उम्मीद है कि हमारे छात्र कभी भी दवाओं का सेवन करने की कोशिश नहीं करेंगे और इसके उपयोग से पूरी तरह से दूर रहेंगे। याद रखें कि हमारे देश को आपकी जरूरत है क्योंकि आप इसके भविष्य और प्रगति के अग्रदूत हैं।

धन्यवाद!

दवाइयों के दुरूपयोग पर भाषण, Speech on drug abuse in hindi -2

गुड मॉर्निंग फ्रेंड्स – नशा मुक्ति प्रतिबंध के 77 वें अभियान में आपका स्वागत है।

यह देखना बहुत अच्छा लगता है कि कैसे हमारे संगठन के सदस्य हर दिन गिनती करने और नशीली दवाओं की लत या नशीली दवाओं के दुरुपयोग के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए जनता तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

पहले दिन से और आज यह हमारे संगठन का 77 वां अभियान है – हमने वास्तव में कभी नहीं सोचा था कि हम इसे बड़ा करेंगे, अर्थात वर्तमान में हमारे पास 200 से अधिक लोग काम कर रहे हैं और एक सामूहिक अपील प्राप्त कर चुके हैं। अब तक की प्रतिक्रिया वास्तव में अच्छी रही है और हम लोगों के जीवन को अच्छे के लिए बदलने में सफल रहे हैं, जो पहले ड्रग्स के प्रभाव में रहते थे।

इसलिए आज मैं आम जनता से अपील करना चाहूंगा कि वे ड्रग्स के इस्तेमाल से खुद को दूर करें और स्वस्थ जीवन जीएं। नशीली दवाओं की लत या नशीली दवाओं के दुरुपयोग को किसी पदार्थ पर अत्यधिक निर्भरता के रूप में वर्णित किया जाता है, जो अनिवार्य रूप से इसका उपयोग करने वाले व्यक्ति की अनिवार्य आवश्यकता बन जाती है।

यह आवश्यकता इतनी अनिवार्य हो जाती है कि उस पदार्थ के बिना वह व्यक्ति अपना जीवन नहीं जी सकता जैसे कोई सामान्य व्यक्ति करता है। और, जब ऐसा कोई पदार्थ बाजार में उपलब्ध होना बंद हो जाता है तो उस व्यक्ति को मादक द्रव्यों के सेवन से पीड़ित माना जाता है।

ड्रग्स की लत कई विकासशील देशों के साथ-साथ विकसित देशों में गंभीर सामाजिक समस्याओं में से एक बन गई है और यह अनुचित रूप से बड़े पैमाने पर लोगों, समाज, देश और दुनिया के सर्वांगीण विकास में प्रमुख बाधा साबित होती है। हमारा देश एक प्रगतिशील देश है और यह पहले से ही इतनी अधिक गंभीर समस्याओं, जैसे कि बेरोजगारी, गरीबी और अशिक्षा से पीड़ित है, नशीली दवाओं के दुरुपयोग की स्थिति यहां और भी बदतर बना देती है क्योंकि यह आगे हमारी अर्थव्यवस्था को इसके युवा जीवन को नष्ट करने के लिए प्रतिगामी बना देती है।

यहां तक ​​कि दुख की बात यह है कि कई नशा करने वाले लोग महंगी दवाओं की खरीद करने के लिए इतना खर्च नहीं कर सकते हैं और अंत में उन्हें अपने घरों को चलाने के लिए चोरी जैसी गतिविधियों का सहारा लेना पड़ता है। ये लोग जन्मजात चोर नहीं हैं, लेकिन ड्रग्स की लत उन्हें जघन्य बनाती है और ड्रग्स के साथ अपने शरीर को खिलाने के लिए उन्हें अपराध करने के लिए प्रेरित करती है।

विभिन्न कारणों से लोग नशे के आदी हो सकते हैं, जिनमें से कुछ नीचे दिए गए हैं:

खुद को डी-स्ट्रेस करने के लिए

जब कोई व्यक्ति ड्रग्स के प्रभाव में होता है, तो वह सब कुछ भूल जाता है और ट्रान्स जैसी स्थिति में प्रवेश करता है। हालांकि, यह केवल बाद में लोग महसूस करते हैं कि दवाओं का उपयोग केवल समस्या को बढ़ाता है और वास्तव में तनाव से छुटकारा पाने में उनकी मदद नहीं करता है।

सहकर्मी के दबाव के कारण

कई बार लोग ड्रग्स लेना शुरू कर देते हैं क्योंकि उनके दोस्त उनके आदी होते हैं। हालांकि, एक बार जब वे इसे लेना शुरू करते हैं, तो इस आदत से छुटकारा पाना उनके लिए वास्तव में मुश्किल हो जाता है।

स्टाइल स्टेटमेंट

कई किशोर इन दिनों सोचते हैं कि शराब पीने, धूम्रपान और यहां तक ​​कि नशीली दवाओं की लत है जो उन्हें शांत दिखने और दूसरों के सामने एक स्टाइल स्टेटमेंट बनाने में मदद करती है। हालाँकि, यह केवल तब होता है जब ये लोग इसके दुष्चक्र में फंस जाते हैं कि उन्हें अपने जीवन के लिए अपूरणीय क्षति का एहसास होता है।

किशोरों और उस मामले के प्रत्येक व्यक्ति को यह समझना चाहिए कि नशीली दवाओं के दुरुपयोग की आदत न केवल उनके शरीर और दिमाग को प्रभावित करती है, बल्कि उनके उज्ज्वल भविष्य को भी समाप्त करती है। इसलिए हमें अपने आस-पास जागरूकता फैलाने के लिए ड्रग्स का उपयोग नहीं ’करना चाहिए और अपने जीवन के साथ-साथ अपने प्रियजनों के जीवन को भी बचाना चाहिए।

दवाइयों के दुरूपयोग पर भाषण, Speech on drug abuse in hindi -3

आदरणीय प्रधानाचार्य, वाइस प्रिंसिपल, शिक्षकों और मेरे प्रिय साथी विद्यार्थियों – आप सभी का हार्दिक स्वागत है! आज, मैं प्रार्थना कक्ष में खड़ा होकर ड्रग एब्यूज पर एक संक्षिप्त भाषण देने का अवसर लेना चाहूंगा।

मैं अपने प्रिंसिपल और शिक्षकों से अनुरोध करता हूं कि कृपया मुझे इस विषय पर बोलने की अनुमति दें क्योंकि यह हमारे युवाओं को नशीली दवाओं के दुरुपयोग की खतरनाक आदत के बारे में बताने का एक उच्च समय है। वर्तमान समय में, ऐसे कई कारक हैं जो किसी व्यक्ति को मादक पदार्थों की लत का सहारा लेने और उसके जीवन को दुखी करने में योगदान देते हैं।

सबसे भयावह कारक तेजी से औद्योगिकीकरण और शहरीकरण हैं, जिन्होंने आज के युवाओं, अर्थात् व्यक्तिवाद और अनुज्ञा के बीच एक नए तरह के व्यवहार को जन्म दिया है। लोग इन दिनों परमाणु परिवारों को पसंद करते हैं और कई मामलों में माता-पिता दोनों काम कर रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप वे अपनी पिछली पीढ़ियों की तुलना में कम दखलंदाजी हैं। लोग अपने जीवन को अलगाव में जी रहे हैं और सामाजिक होने से बचते हैं क्योंकि आधुनिक समय में तनाव उनके व्यक्तिगत जीवन में आंकड़े वापस लेने के लिए बहुत अधिक हो गया है।

यदि कोई बच्चा अपने माता पिता के व्यस्त रहने के कारण उसको मिलने वाले प्यार से वंधित हो जाता है तो फिर वह ड्रग्स, शराब धुम्रपान आदि का खुदको शांत करने के लिए उपयोग करता है। माता-पिता में असंतोष की भावना आती है और ऐसे बच्चे नशाखोरी के शिकार हो जाते हैं और अपना जीवन पूरी तरह से बर्बाद कर देते हैं।

यह देखने में और भी अधिक दर्दनाक है कि अगर नशीली दवाओं के आदी लोगों को दवाओं के उपयोग की अनुमति नहीं है, तो वह अवसाद, दर्दनाक और बेकाबू आक्षेप के साथ-साथ उल्टी से पीड़ित होता है!

यह एक स्पष्ट तथ्य है कि ड्रग्स की लत कई व्यक्तियों और हमारे राष्ट्र की प्रगति के मार्ग को पूरी तरह से बर्बाद कर रही है ताकि हमारे युवाओं की इस विनाशकारी आदत पर नजर रखने के लिए सक्रिय कदम उठाए जा सकें। इस दिशा में सबसे महत्वपूर्ण कदम राष्ट्रीय स्तर पर लोगों के बीच जागरूकता फैलाना होगा।

हमारी भारत सरकार ने वास्तव में विभिन्न अभियानों को तैयार किया है और यहां तक ​​कि इस दिशा में सफलता हासिल करने में भी सक्षम है। जिन व्यक्तियों के परिवार और दोस्त ड्रग्स की लत से पीड़ित हैं, उनसे अनुरोध है कि वे नशे की लत के इलाज के लिए पुनर्वास संस्थानों और शिविरों का रुख करें।

नशीली दवाओं के दुरुपयोग को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए और एक निषेध के रूप में पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। हालाँकि, इस आदत के लिए व्यसनी को यातना देने या उसके साथ अमानवीय व्यवहार करने की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि यदि आप उस व्यक्ति को उसके उपचार के बारे में समझाने और समझाने की कोशिश करते हैं, तो वह स्वेच्छा से इसका विकल्प चुन सकता है और खुद इस लत से छुटकारा पा सकता है।

एक व्यक्ति जो मादक द्रव्यों के सेवन का शिकार हो गया है, उसे नशे की लत के साथ अपनी शारीरिक परिस्थितियों के द्वारा मजबूर किया जाता है, लेकिन जल्द ही उन्हें इस आदत के बुरे प्रभाव का एहसास होता है। इन सभी लोगों को मदद की ज़रूरत है और इसलिए हमें इन लोगों को अपने सामान्य जीवन में वापस आने और स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रोत्साहन देने के साथ-साथ इन लोगों को सहायता प्रदान करनी चाहिए।

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माननीय प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल, साथियों और मेरे प्रिय छात्रों – सभी को हार्दिक शुभकामनाएं!

सबसे पहले, मैं अपनी उपस्थिति के साथ इस भाषण समारोह में शामिल होने और अपनी स्वीकृति देने के लिए हमारे सम्मानित प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल को धन्यवाद देना चाहूंगा। और, साथी शिक्षकों के लिए – आपके समर्थन के बिना यह घटना संभव नहीं थी। मैं अपने प्रिय छात्रों को एक छोटी सूचना पर वांछित व्यवस्था करने के लिए बधाई देना चाहूंगा।

आज के भाषण का विषय ड्रग एब्यूज है! मैंने इस विषय पर बोलने के लिए चुना है क्योंकि इन दिनों मैं लोगों को इसके दुष्प्रभाव के बारे में सिखाने के लिए ड्रग एब्यूज पर चलाए जा रहे कई अभियानों का निरीक्षण करता हूं। एक शिक्षक के रूप में, यह मेरी ज़िम्मेदारी बन जाती है कि हम जहाँ भी हो सकते हैं, उन्हें संदेश फैलाने में मदद करें और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारे अपने ही स्कूल से शुरुआत करें।

नशीली दवाओं के दुरुपयोग को हमारे तथाकथित सभ्य समाज के प्रतिबंधों में से एक माना जाता है। इसने हमारे समाज के सभी वर्गों और क्षेत्रों को प्रभावित किया है। नशीली दवाओं के अवैध उपयोग वाले लोग हर जगह पाए जाते हैं, अर्थात् शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में, पुरुषों और महिलाओं के बीच, अमीर और गरीब के बीच। लेकिन यह लगभग सभी तकनीकी और शैक्षणिक संस्थानों में हॉस्टल में रहने वाली हमारी युवा लड़कियों और लड़कों द्वारा अत्यधिक अभ्यास किया जाता है।

नशीली दवाओं के दुरुपयोग की गंभीर स्थिति दुनिया भर में प्रचलित है और दुर्भाग्य से हमारा देश भारत इससे बहुत ही अधिक प्रभावित है। हमारा देश एक पारगमन देश है क्योंकि यह गोल्डन ट्राएंगल के बीच रखा गया है जिसमें बर्मा, थाईलैंड और कंबोडिया शामिल हैं, जिसमें गोल्डन क्रीसेंट शामिल हैं जिसमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान और ईरान शामिल हैं – वे स्थान जहां ज्यादातर ड्रग्स, मुख्य रूप से हेरोइन और अफीम का उत्पादन होता है।

पाकिस्तान किसी भी गैरकानूनी गतिविधि की बात आने पर दुनिया का नाभिक है और जहां तक ​​दवा उत्पादन का सवाल है – यह केंद्र है। वास्तव में, दवाओं का एक बड़ा हिस्सा भारत द्वारा जाता है ताकि इसे अन्य देशों में निर्यात किया जा सके।

यह ड्रग माफिया के नेटवर्क के माध्यम से होता है, जो आगे चलकर दुर्जेय तस्करों और आतंकवादियों के साथ संबंध रखता है। इस प्रक्रिया में, दुर्भाग्यवश कई युवा पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी इस मधुमेह गतिविधि का शिकार हो जाती हैं। आईएसआई की मदद से पाकिस्तान ड्रग माफिया की मदद से भारत के खिलाफ कश्मीर के क्षेत्र में छद्म युद्ध में शामिल है। इस प्रकार, आतंकवाद और ड्रग्स बहुत मजबूत कनेक्शन साझा करते हैं।

नशे की यह लत इतनी घातक है कि लोग इसके इस्तेमाल का शिकार हो जाते हैं और लगभग गुलाम बन जाते हैं। यदि किसी व्यक्ति को इसकी नियमित खुराक नहीं मिलती है, तो वह व्यक्ति इसकी कमी महसूस करने लगता है और गंभीर दर्द से ग्रस्त हो जाता है, जिससे हाथ और पैरों में सनसनी की कमी हो जाती है। ड्रग्स विभिन्न प्रकार के होते हैं, जैसे हेरोइन, अफीम, चरस, गांजा, आदि।

कुछ इंजेक्शन भी हैं, जो गंभीर उनींदापन की स्थिति में ले जाते हैं। यदि कोई नशा करने वाला व्यक्ति जरूरत पड़ने पर दवा की आवश्यक खुराक प्राप्त नहीं कर पाता है, तो वह अनुचित साधनों का सहारा लेकर भी इसके लिए कुछ भी करने को तैयार होगा, जैसे चोरी या शारीरिक रूप से किसी को चोट पहुंचाना आदि।

इसलिए मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि ड्रग्स को सख्ती से ‘ना’ कहें और यदि कोई नशे से ग्रस्त व्यक्ति आपको मिलता है तो आप उसे पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती करवाएं ताकि उसका जीवन संवर सके।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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That’s really amazing 😊😊

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ड्रग्स फ्री इंडिया पर निबंध

ड्रग्स फ्री इंडिया पर निबंध hindi essay on drugs free india नशीली दवाओं के सेवन – दुरुपयोग पर निबंध.

ड्रग्स के सेवन से नशे की लत को पूरा करना भारत की एक प्रमुख एवं व्यापक समस्या है। इस समस्या से जहाँ परिवार विघटित होता है, वहीं समाज संक्रमित होता है, तो राष्ट्र कमजोर होता है। यह मात्र एक सामाजिक समस्या ही नहीं है, अपितु चिकित्सकीय एवं मनोवैज्ञानिक समस्या भी है। एक ऐसा दलदल है, जिसमें धंसने वाला खुद तो तबाह होता ही है, साथ ही उसका पूरा परिवार भी तबाह होता है।

ड्रग्स के दुष्प्रभाव सिर्फ उस व्यक्ति को तबाह नहीं करते, जो इसके आदी होते हैं, बल्कि ये परिवार, समाज और राष्ट्र को भी जर्जर करते हैं। यही कारण है कि राष्ट्र को मजबूत बनाने के लिए उसे ड्रग्स से मुक्त रखना अनिवार्य है। ड्रग्स का सेवन यानी नशाखोरी की देन थ्रीडी बुराइयां हैं। पहली ‘डार्कनेस’ यानी जीवन में अंधेरा, दूसरी ‘डिस्ट्रक्शन’ यानी बर्बादी के मोड़ पर पहुँचना तथा तीसरी ‘डिवास्टेशन’ यानी सम्पूर्ण रुप से तबाही। ड्रग्स की बुराइयों एवं दुष्प्रभावों से परिवार, समाज एवं राष्ट्र को बचाने के लिए ही हमने ‘ड्रग्स फ्री इंडिया’ का सपना देखा है और इस सपने को साकार करने के लिए मजबूत पहल शुरु हो चुकी है। स्वयं देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘ड्रग्स फ्री इंडिया’ का आह्वान कर अपने मन की बात देशवासियों से साझा की है।

सामान्य अर्थों में ड्रग्स से आशय उन रासायनिक पदार्थों से है, जिन्हें लेने से मस्तिष्क पर उसकी रासायनिक प्रतिक्रिया होती है तथा शरीर और मन के सामान्य कार्यकलापों पर प्रभाव पड़ता है। ड्रग्स का सामान्य अर्थ दवा या औषधि भले ही है, लेकिन सामाजिक विज्ञानों में यह शब्द उन मादक द्रव्यों के लिए प्रयुक्त होता है, जिनका सेवन गैरकानूनी माना जाता है। इन पदार्थों का अधिक मात्रा में बार-बार सेवन किए जाने से जब व्यक्ति के शारीरिक तथा मानसिक कार्यकलापों पर हानिकारक प्रभाव पड़ने लगता है, तो यह अवस्था ‘ड्रग अब्यूस’ या ‘ड्रग एडिक्शन’ कहलाती है। विडंबना यह है कि इस अवस्था में पहुंचने वाला कोई भी व्यक्ति प्रायः सामान्य जीवन जीने लायक नहीं रह पाता। वह स्वयं को शारीरिक मानसिक एवं आर्थिक स्तरों पर तबाह कर लेता है। यह एक ऐसी अंधी सुरंग है, जो बर्बादी के मुहाने तक ले जाती है। भारत में ड्रग्स की समस्या का फैलाव छोटे-छोटे गांवों और कस्बों से लेकर महानगरों तक में है।

यह कहना असंगत न होगा कि समूचा देश इस समस्या से आच्छादित है। यह समस्या किसी वर्ग विशेष से भी जुड़ी नहीं है। गरीब मध्यम एवं आभिजात्य सभी वर्गों में ड्रग्स का चलन है। किसी के लिए यह मौजमस्ती का साधन एवं स्टेटस सिंबल का प्रतीक है, तो किसी के लिए थकान मिटाने का। कोई असफलता और हताशा को मिटाने के लिए ड्रग्स की ओर उन्मुख होता है। तुलनात्मक दृष्टि से देखें, तो युवा वर्ग ड्रग्स की गिरफ्त में कुछ ज्यादा हैं।

युवा वर्ग ड्रग्स की अंधेरी गली में कई कारणों से प्रवेश करता है। कभी इसका कारण जीवन का एकाकीपन होता है, तो कभी भावनात्मक असुरक्षा अथवा माता-पिता से मिलने वाले प्यार में कमी। घरेलू कलह, जीवन की असफलताएं, विभिन्न कारणों से मिलने वाला तनाव, गलत संगत, एक अनूठे आनंद की अनुभूति की ललक, पश्चिमी सभ्यता का प्रभाव, समस्याओं से निजात की क्षणिक अनुभूति, मित्रों का दबाव या दुष्प्रेरणा आदि वे मुख्य कारण हैं, जो युवकों तथा कभी-कभी अल्पवयस्कों तक को नशे का आदी बना देते हैं। इसक अलावा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फैले ड्रग्स माफिया के संजाल में सम्मिलित लोग भी अपना धंधा चमकाने के लिए युवकों को गुमराह कर ड्रग्स का व्यसनी बनाते हैं।

ड्रग्स के व्यसन के अनेक दुष्परिणाम सामने आते हैं। इन्हें व्यसनी खुद तो भुगतता ही है, उसका परिवार भी बर्बाद होता है। समाज और राष्ट्र भी प्रतिकूल रुप से प्रभावित होता है। ड्रग्स का दलदल इतना खतरनाक होता है कि इस दलदल में फंसने वाला व्यक्ति कहीं का नहीं रहता है। वह शारीरिक, आर्थिक एवं मनोवैज्ञानिक स्तरों पर तबाह हो जाता है। एक बार ड्रग्स का व्यसनी होने पर यह लत छूटती नहीं और इस लत का शिकार व्यक्ति जब आर्थिक रुप से खोखला हो जाता है, तब नशे की लत को पूरा करने लिए चोरीछिनैती जैसे अपराध करता है।

ऐसा भी देखा गया है कि नशे की अवस्था में पहुँचने के बाद व्यसनी हत्या और बलात्कार जैसे जघन्य अपराध तक कर डालते हैं। वे अनेक प्रकार की शारीरिक व्याधियों के शिकार भी बन जाते हैं। इनमें प्रमुख व्याधियां होती हैं – रक्तचाप में गड़बड़ी, विक्षिप्तता, पागलपन, मोतियाबिंद, अवसाद, तनाव, मनोव्यथाएं, नपुंसकता तथा श्वास संबंधी बीमारियां। अधिक अवसाद की अवस्था में व्यसनी को आत्महत्या की ओर उन्मुख होते भी देखा गया है। ड्रग्स के व्यसनी को 3 डी बुराइयां कहीं का नहीं छोड़ती। डार्कनेस (जीवन का अंधियारा), डिस्ट्रक्शन (बर्बादी) एवं डिवास्टेशन (तबाही) उसे खोखला कर देती हैं।

ड्रग्स का एक घातक पक्ष यह भी है कि इससे प्राप्त होना वाला पैसा उन आतंकवादियों के पास पहुंचता है, जो खूरेजी में आगे हैं तथा अशांति एवं अस्थिरता फैलाने के लिए आतंकवाद का सहारा लेते हैं। यहाँ यह रेखांकित करना आवश्यक है कि संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार विगत वर्षों में पाकिस्तान विश्व में हेरोइन, ब्राउन शुगर, स्मैक एवं हशीश के सबसे बड़े उत्पादक व वितरक के रुप में विकसित हुआ है। पाकिस्तान में राजनेता से लेकर बड़े-बड़े फौजी अधिकारी भी ड्रग्स की तस्करी में सहयोग देते हैं। यह किसी से छिपा नहीं है कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ाने एवं आतंकवादियों को प्रश्रय देने में किस कदर आगे है। यह कहना असंगत न होगा कि आतंकवादी जो गोलियां दागते हैं, वे ड्रग्स के पैसे से ही खरीदी जाती हैं। इस प्रकार ड्रग्स के व्यसनी परोक्ष रुप से आतंकवादियों तक पहुंचता है, जिससे खरीदे गए अस्त्र-शस्त्रों से वे खून की होली खेलते हैं।

हमारी सरकार ड्रग्स की समस्या को रोकने के लिए कानूनी स्तर पर प्रयासरत रही है। संविधान के अनुच्छेद 47 के अनुसार चिकित्सकीय प्रयोग के अतिरिक्त स्वास्थ्य के लिए हानिप्रद मादक पदार्थों व वस्तुओं के उपयोग को निषिद्ध करने कि लिए वर्ष 1985 में नशीली दवाएं एवं मनोविकारी पदार्थ कानून (ND PS Act) लागू करने के साथ ही मादक पदार्थों का सेवन करने वालों की पहचान, इलाज, शिक्षा, बीमारी के बाद देख-रेख, पुनर्वास व समाज में पुनर्स्थापना के लिए प्रयास किए गए, तथापि इनके सकारात्मक परिणाम प्राप्त नहीं हुए। ड्रग्स की समस्या धीरे-धीरे विकराल होती चली गई।

वस्तुतः ड्रग्स की समस्या एक ऐसी समस्या है, जिसे सिर्फ कानून बनाकर नहीं निपटा जा सकता है। यह एक ऐसी समस्या है, जिसके निवारण के लिए विधिक प्रयासों के साथ-साथ पारिवारिक एवं सामाजिक स्तर पर भी प्रयासों की जरुरत है। परिवार में माता-पिता का यह दायित्व बनता है कि वे अपने बच्चों को भटकाव और भ्रम से बचाने के लिए उन्हें ध्येयवादी बनाएं। ध्येय की तरफ बढ़ने में बच्चों की भरपूर मदद करें। ऐसा इसलिए आवश्यक है, क्योंकि जब जीवन का कोई लक्ष्य या ध्येय नहीं होता है, तो जीवन में एक प्रकार की रिक्तता आ जाती है। इस अवस्था में जीवन में ड्रग्स का प्रवेश आसान हो जाता है। ध्येय को सामने रखकर आगे बढ़ने वाले बच्चे भटकाव का शिकार नहीं होते हैं। अभिभावकों का यह दायित्व बनता है कि वे जीवन की भागदौड़ में से समय निकालें और अपना यह समय बच्चों को दें। बच्चों के साथ बैठकर सिर्फ उनकी लौकिक प्रगति पर ही चर्चा न करें, अपितु उनके मन में भी झांकें। उन्हें भरपूर भावनात्मक संरक्षण तो प्रदान करें हीं, उनकी गतिविधियों, साथ-संग पर भी नजर रखें। यदि बच्चे में कोई बदलाव दिख रहा हो, तो उसकी परख करें। ऐसा करके अभिभावक शुरु में ही बच्चे को ड्रग्स के दलदल की तरफ बढ़ने से रोक सकते हैं।

ड्रग्स की समस्या के निवारण में समाज की भी भूमिका निर्णायक हो सकती है। समाज के जिम्मेदार लोगों का यह दायित्व बनता है कि वे ड्रग्स के व्यसनियों को उपेक्षित न करें और न ही उन्हें समाज से बहिष्कृत करें। ऐसे लोग सहानुभूति के पात्र होते हैं, अतः सहानुभूतिपूर्वक उनमें बदलाव लाने तथा उन्हें सही मार्ग पर लाने की चेष्टा करें। खेल, शिक्षा, संस्कृति, धर्म, मीडिया, राजनीति एवं अन्य क्षेत्रों से जुड़े गणमान्य लोगों का यह दायित्व बनता है कि वे इस संदर्भ में जनजागृति लाने का काम करें। लोगों को ड्रग्स की बुराइयों से बचने का संदेश दें। इससे एक सकारात्मक वातावरण तैयार होगा, जो समस्या पर अंकुश लगाने में सहायक सिद्ध होगा।

‘ड्रग्स फ्री इंडिया’ के स्वप्न को साकार करने के लिए आज समग्र प्रयासों की आवश्यकता है। व्यक्ति को स्वयं, उसके परिवार, यार दोस्तों, समाज, सरकार और कानून सभी को मिलकर इस दिशा में काम करना होगा। किसी भी व्यक्ति को नशे की लत से बाहर लाना असंभव नही है। यह थोड़ा मुश्किल जरुर है। यदि समग्र प्रयास किए जाएं तो यह काम आसान हो सकता है। हमारे समक्ष ऐसे अनेक उदाहरण हैं, जिनसे पता चलता है कि व्यसनी नशे की लत से बाहर आए और उन्होंने एक अच्छा नागरिक बन कर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दिया। यकीनन एक मजबूत भारत के लिए एक आवश्यक है कि हम भारत को ड्रग्स मुक्त देश बनाएं। यह पहल शुरु भी हो चुकी है। नई सुबह करीब है।

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नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर भाषण | Best 5 Speech on Drug Abuse

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  • 1 नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर भाषण – 1 -Speech on Drug Abuse In Hindi
  • 2 नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर भाषण – 2 -Short And Long Speech On Drugs abuse In Hindi
  • 3 नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर भाषण – 3
  • 4 नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर भाषण – 4 -Speech On Drugs Abuse In Hindi For Student

नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर भाषण – 1 -Speech on Drug Abuse In Hindi

प्रिय छात्रों – आप सभी को हार्दिक बधाई! मैं स्कूल के सेमिनार हॉल में सभी का स्वागत करता हूँ।

आज हम यहां ड्रग्स के घातक सेवन और यह हमारे युवाओं के जीवन को कैसे नष्ट कर रहे हैं, इसके बारे में चर्चा करने आए हैं। लेकिन चर्चा शुरू होने से पहले, मैं नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर एक संक्षिप्त भाषण देना चाहता हूं और इस संवेदनशील विषय पर अपने छात्रों को ज्ञान देना चाहता हूं।

ड्रग्स, जैसा कि हम सभी जानते हैं, एक अवैध मामला है जिसे कुछ लोग पीते हैं, धूम्रपान करते हैं, इंजेक्शन लगाते हैं या मानसिक और शारीरिक प्रभावों के लिए खाते हैं। ऐसे कई छात्र हैं जो मस्ती के लिए या कई अन्य कारणों से ड्रग्स का सेवन करते हैं। ड्रग्स की बिक्री का कारोबार करने वाले लोग एक नेटवर्क बनाते हैं और मुख्य रूप से छात्रों को ड्रग्स का आदी बनाने के लिए उन्हें निशाना बनाते हैं। शुरुआत में छात्रों को मुफ्त में दवाएं बेची जाती हैं और धीरे-धीरे जब उन्हें इसकी लत लग जाती है तो वे इसे खरीदना और सेवन करना शुरू कर देते हैं। वास्तव में, छात्र भी अंततः अपने नेटवर्क का हिस्सा बन जाते हैं और उसमें काम करना शुरू कर देते हैं।

यह देखा गया है कि छात्र तनाव या अपने शिक्षकों के साथ-साथ माता-पिता की अनुचित अपेक्षाओं के कारण ड्रग्स का सेवन करना शुरू कर देते हैं। उनके परिवारों में भावनात्मक समर्थन और अव्यवस्था की कमी उन्हें कमजोर बनाती है और ड्रग्स पर उनकी निर्भरता को बढ़ाती है। वे इसका उपयोग अपनी मानसिक उत्तेजना की स्थिति को शांत करने के लिए करते हैं। इसके अलावा, यह गरीबी है जो कुछ छात्रों को ड्रग्स की बिक्री और लेनदेन नेटवर्क का हिस्सा बनने और अपनी पॉकेट मनी निकालने के लिए मजबूर करती है। इसलिए, यह नशा करने वाले छात्रों के एक दुष्चक्र की तरह हो जाता है, जिससे वे तब तक बच नहीं पाते जब तक कि समाज उनके बचाव के लिए नहीं आता।

दुर्भाग्य से, छात्र यह महसूस करने में विफल रहते हैं कि नशीली दवाओं के सेवन से उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है, जैसे कि वे मानसिक विकार का अनुभव करने लगते हैं, उनकी बुद्धि का स्तर कम हो जाता है, घातक बीमारियों का अनुभव होता है और असमय मृत्यु हो जाती है। जब कोई पूरी तरह से नशीले पदार्थों के प्रलोभन के आगे झुक जाता है, तो उसके लिए इसके प्रभाव से उबरना बहुत मुश्किल हो जाता है, सिवाय नशीली दवाओं के पुनर्वास के केंद्रों को छोड़कर जहां वे एक नया जीवन प्राप्त करते हैं, लेकिन जिसमें एक उच्च लागत शामिल होती है। वास्तव में, कई ऐसे मामले भी हैं जहां मरीजों की सबसे खराब स्थिति के कारण पुनर्वास केंद्र भी विफल हो जाते हैं।

इसलिए, मैं सभी छात्रों से अनुरोध करता हूं कि इससे पहले कि वे अपने स्वास्थ्य, भविष्य को नष्ट कर दें और उनकी जान ले लें, इससे पहले कि वे ड्रग्स के सेवन से खुद को पूरी तरह से दूर कर लें। उन्हें छूने या उनके करीब आने की कोशिश भी न करें। नशा एक पूरी पीढ़ी को भी तबाह कर सकता है। इसलिए समझदारी से सोचें और समझदारी से काम लें। अपने भविष्य को आकार दें जो उज्ज्वल और उपलब्धियों से भरा हो। डॉक्टर अपने रोगियों को जो दवाएं निर्धारित करते हैं, उन्हें केवल एक विशिष्ट बीमारी का मुकाबला करने के लिए ही लिया जाना चाहिए अन्यथा सरकार को बाजार में इसके अवैध व्यापार पर प्रतिबंध लगाने और हमारे युवाओं को विनाश से बचाने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए।

मैं यह कहकर अपनी बात समाप्त करना चाहता हूं कि मादक द्रव्यों का सेवन सभी के लिए एक पूर्ण ‘नहीं’ होना चाहिए और मुझे पूरी उम्मीद है कि हमारे छात्र कभी भी नशीली दवाओं का सेवन करने की कोशिश नहीं करेंगे और इसके उपयोग से पूरी तरह दूर रहेंगे। याद रखें कि हमारे देश को आपकी जरूरत है क्योंकि आप इसके भविष्य और प्रगति के अग्रदूत हैं।

नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर भाषण – 2 -Short And Long Speech On Drugs abuse In Hindi

गुड मॉर्निंग फ्रेंड्स – नशाबंदी के 77वें अभियान में आपका स्वागत है।

यह देखकर बहुत अच्छा लगता है कि कैसे हमारे संगठन के सदस्य हर दिन की गिनती करने और नशीली दवाओं की लत या नशीली दवाओं के दुरुपयोग के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए जनता तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। पहले दिन से और आज यह हमारे संगठन का 77वां अभियान है – हमने वास्तव में कभी नहीं सोचा था कि हम इतना बड़ा विकास करेंगे, यानी वर्तमान में हमारे पास 200 से अधिक लोग काम कर रहे हैं और एक जन अपील प्राप्त की है। अब तक की प्रतिक्रिया वास्तव में अच्छी रही है और हम लोगों के जीवन को अच्छे के लिए बदलने में सक्षम हैं, जो पहले ड्रग्स के प्रभाव में रहते थे।

इसलिए आज मैं जनता से अपील करना चाहूंगा कि वे खुद को नशीले पदार्थों के सेवन से दूर रखें और स्वस्थ जीवन जिएं। नशीली दवाओं की लत या नशीली दवाओं के दुरुपयोग को किसी पदार्थ पर अत्यधिक निर्भरता के रूप में वर्णित किया जाता है, जो अनिवार्य रूप से इसका उपयोग करने वाले व्यक्ति की अनिवार्य आवश्यकता बन जाती है। यह आवश्यकता इतनी विवश हो जाती है कि उस पदार्थ के बिना व्यक्ति सामान्य व्यक्ति की तरह अपना जीवन नहीं जी सकता। और, जब ऐसा पदार्थ बाजार में उपलब्ध होना बंद हो जाता है तो उस व्यक्ति को पदार्थ की निकासी से पीड़ित माना जाता है।

नशीली दवाओं की लत कई विकासशील और विकसित देशों में गंभीर सामाजिक समस्याओं में से एक बन गई है और यह निर्विवाद रूप से बड़े पैमाने पर लोगों, समाज, देश और दुनिया के सर्वांगीण विकास में प्रमुख बाधा साबित होती है। हमारा देश एक प्रगतिशील देश है और यह पहले से ही बेरोजगारी, गरीबी और निरक्षरता जैसी कई अन्य गंभीर समस्याओं से ग्रसित है कि नशीली दवाओं के दुरुपयोग की समस्या यहां की स्थिति को और भी बदतर बना देती है क्योंकि यह हमारी अर्थव्यवस्था को अपने जीवन को नष्ट करके प्रतिगामी बना देती है। युवा।

इससे भी दुखद बात यह है कि कई नशा करने वाले लोग महंगी दवाओं की इतनी खरीद नहीं कर सकते हैं कि अंत में उन्हें अपने घरों में चोरी जैसी गतिविधियों का सहारा लेना पड़ता है। ये लोग जन्मजात चोर नहीं होते, लेकिन इनका नशा इन्हें जघन्य बना देता है और इन्हें अपने शरीर को नशीले पदार्थ खिलाने के लिए अपराध करने के लिए प्रेरित करता है।

लोग विभिन्न कारणों से नशीले पदार्थों के आदी हो सकते हैं, जिनमें से कुछ का उल्लेख नीचे किया गया है:

खुद को तनाव मुक्त करने के लिए

जब कोई व्यक्ति नशीली दवाओं के प्रभाव में होता है, तो वह सब कुछ भूल जाता है और एक समाधि जैसी अवस्था में प्रवेश करता है। हालांकि, बाद में लोगों को पता चलता है कि दवाओं का उपयोग केवल समस्या को बढ़ा रहा है और वास्तव में तनाव से छुटकारा पाने में उनकी मदद नहीं कर रहा है।

साथियों के दबाव से बाहर

कई बार लोग ड्रग्स लेना शुरू कर देते हैं क्योंकि उनके दोस्त उनके आदी हो जाते हैं। हालांकि, एक बार जब वे इसे लेना शुरू कर देते हैं, तो उनके लिए इस आदत से छुटकारा पाना वाकई मुश्किल हो जाता है।

स्टाइल स्टेटमेंट

आजकल कई किशोर सोचते हैं कि शराब पीने, धूम्रपान और यहां तक ​​कि नशीली दवाओं की लत की आदत ही उन्हें कूल दिखने और दूसरों के सामने स्टाइल स्टेटमेंट बनाने में मदद करती है। हालाँकि, यह केवल तभी होता है जब ये लोग इसके दुष्चक्र में फंस जाते हैं कि उन्हें अपने जीवन के लिए अपूरणीय क्षति का एहसास होता है।

टीनएजर्स और हर व्यक्ति को इस बात को समझना चाहिए कि नशाखोरी की आदत न सिर्फ उनके तन और मन को बहुत प्रभावित करती है, बल्कि उनके उज्जवल भविष्य को भी खत्म कर देती है। इसलिए हमें नशे को सख्ती से ‘ना’ कहना चाहिए और अपने आस-पास जागरूकता फैलाकर अपने जीवन के साथ-साथ अपने प्रियजनों के जीवन को भी बचाना चाहिए।

नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर भाषण – 3

आदरणीय प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य, शिक्षकगण और मेरे प्रिय साथी छात्रों – आप सभी का हार्दिक स्वागत है! आज, प्रार्थना कक्ष में खड़े होकर, मैं इस अवसर पर मादक द्रव्यों के सेवन पर एक संक्षिप्त भाषण देना चाहूंगा।

मैं अपने प्रधानाचार्य और शिक्षकों से अनुरोध करता हूं कि कृपया मुझे इस विषय पर बोलने की अनुमति दें क्योंकि यह हमारे युवाओं को नशीली दवाओं के दुरुपयोग की खतरनाक आदत के बारे में बताने का सही समय है। वर्तमान समय में, ऐसे कई कारक हैं जो एक व्यक्ति को मादक पदार्थों की लत का सहारा लेने के लिए प्रेरित करते हैं और उसके जीवन को दयनीय बना देते हैं। सबसे स्पष्ट कारक तेजी से औद्योगीकरण और शहरीकरण हैं, जिन्होंने आज के युवाओं में एक नए प्रकार के व्यवहार को जन्म दिया है, यानी व्यक्तिवाद और अनुमति। आजकल लोग एकल परिवारों को पसंद करते हैं और कई मामलों में माता-पिता दोनों काम कर रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप वे अपनी पिछली पीढ़ियों की तुलना में कम सहनशील हो जाते हैं। लोग अपने जीवन को अलगाव में जी रहे हैं और सामाजिक होने से बचते हैं क्योंकि आधुनिक समय में तनाव उन्हें अपने निजी जीवन में वापस लेने के लिए बहुत अधिक हो गया है।

अंत में, ऐसे लोग शराब पीने, धूम्रपान, नशीली दवाओं की लत आदि की आदत में शामिल हो जाते हैं। इसके अलावा, जब कोई बच्चा घर पर संतुष्ट महसूस नहीं करता है या जब वह प्यार, स्नेह और देखभाल से वंचित हो जाता है। माता-पिता में असंतोष की भावना आती है और ऐसे बच्चे नशे की लत के शिकार हो जाते हैं और अपना जीवन पूरी तरह से बर्बाद कर देते हैं। इससे अधिक दुख की बात यह है कि यदि नशा करने वाले लोगों को मादक द्रव्यों के सेवन की अनुमति नहीं दी जाती है, तो वह अवसाद, दर्दनाक और बेकाबू आक्षेपों के साथ-साथ उल्टी के भी शिकार हो जाता है!

यह एक स्पष्ट तथ्य है कि नशीले पदार्थों की लत कई व्यक्तियों और हमारे राष्ट्र की प्रगति के पथ को इतना बर्बाद कर रही है कि हमारे युवाओं की इस विनाशकारी आदत पर अंकुश लगाने के लिए सक्रिय कदम उठाने की जरूरत है। इस दिशा में सबसे महत्वपूर्ण कदम राष्ट्रीय स्तर पर लोगों में जागरूकता फैलाना होगा।

हमारी भारत सरकार ने वास्तव में विभिन्न अभियान तैयार किए हैं और यहां तक ​​कि इस दिशा में सफलता हासिल करने में भी सफल रही है। जिन व्यक्तियों के परिवार और मित्र नशीले पदार्थों की लत से पीड़ित हैं, उनसे अनुरोध किया जाता है कि वे व्यसनों को उपचार प्रदान करने के लिए पुनर्वास संस्थानों और शिविरों से संपर्क करें।

नशीली दवाओं के दुरुपयोग को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए और पूरी तरह से एक वर्जित के रूप में प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। हालाँकि, इस आदत के लिए व्यसनी को प्रताड़ित करने या उसके साथ अमानवीय व्यवहार करने की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि यदि आप उस व्यक्ति को इसके इलाज के बारे में समझाने और समझाने की कोशिश करते हैं तो वह स्वेच्छा से इसे चुनने का विकल्प चुन सकता है और खुद को स्वीकार करके इस लत से छुटकारा पा सकता है। / खुद पुनर्वास केंद्रों पर।

एक व्यक्ति जो मादक द्रव्यों के सेवन का शिकार हो गया है, वह अपनी शारीरिक स्थितियों के कारण व्यसन को जारी रखने के लिए मजबूर होता है, लेकिन जल्द ही उन्हें इस आदत के बुरे प्रभाव का एहसास होता है। इन लोगों को बस एक मदद की जरूरत है और इसलिए हमें इन लोगों को उनके सामान्य जीवन में वापस लाने और स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रोत्साहन के साथ-साथ समर्थन भी प्रदान करना चाहिए।

नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर भाषण – 4 -Speech On Drugs Abuse In Hindi For Student

माननीय प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य, साथी सहयोगियों और मेरे प्रिय छात्रों – सभी को हार्दिक बधाई!

सबसे पहले, मैं अपने सम्मानित प्रधानाचार्य और उप प्रधानाचार्य को उनकी उपस्थिति के साथ इस भाषण समारोह की शोभा बढ़ाने और उन्हें भी अपनी स्वीकृति देने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। और, सभी साथी शिक्षकों को – क्योंकि आपके सहयोग के बिना यह आयोजन संभव नहीं होता। मैं अपने प्रिय छात्रों को एक छोटी सूचना पर वांछित व्यवस्था करने के लिए बधाई देना चाहता हूं।

आज के भाषण का विषय है नशाखोरी! मैंने इस विषय पर बोलने के लिए चुना है क्योंकि इन दिनों लोगों को इसके दुष्प्रभावों के बारे में सिखाने के लिए नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर कई अभियान चलाए जा रहे हैं। एक शिक्षक के रूप में, यह मेरी भी जिम्मेदारी बनती है कि हम जहां भी हो सके संदेश फैलाने में उनकी मदद करें और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसकी शुरुआत हमारे अपने स्कूल से करें।

नशीली दवाओं के दुरुपयोग को हमारे तथाकथित सभ्य समाज के लिए एक अभिशाप माना जाता है। इसने हमारे समाज के सभी वर्गों और क्षेत्रों को प्रभावित किया है। नशीली दवाओं के अवैध उपयोग वाले लोग हर जगह पाए जाते हैं, अर्थात् शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में, पुरुषों और महिलाओं के बीच, अमीर और गरीब के बीच। लेकिन लगभग सभी तकनीकी और शैक्षणिक संस्थानों के छात्रावासों में रहने वाली हमारी युवा लड़कियों और लड़कों द्वारा इसका अत्यधिक अभ्यास किया जाता है।

नशीली दवाओं के दुरुपयोग की गंभीर स्थिति दुनिया भर में प्रचलित है और दुर्भाग्य से हमारा देश भारत इससे अधिक प्रभावित है। हमारा देश एक पारगमन देश है क्योंकि यह स्वर्ण त्रिभुज के बीच स्थित है जिसमें बर्मा, थाईलैंड और कंबोडिया शामिल हैं, जिसमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान और ईरान से मिलकर गोल्डन क्रिसेंट शामिल है – वे स्थान जहां अधिकांश दवाएं, मुख्य रूप से हेरोइन और अफीम का उत्पादन होता है। जब भी किसी गैरकानूनी गतिविधि की बात आती है तो पाकिस्तान निर्विवाद रूप से दुनिया का केंद्र बिंदु है और जहां तक ​​नशीली दवाओं के उत्पादन का संबंध है – यह केंद्र है। वास्तव में, दवाओं का एक बड़ा हिस्सा भारत के पास जाता है ताकि इसे दूसरे देशों में निर्यात किया जा सके।

यह ड्रग माफिया के नेटवर्क के माध्यम से होता है, जिसके आगे दुर्जेय तस्करों के साथ-साथ आतंकवादियों से भी संबंध हैं। इस प्रक्रिया में, दुर्भाग्य से कई युवा पुरुष और महिलाएं भी इस शैतानी गतिविधि के शिकार हो जाते हैं। पाकिस्तान आईएसआई की मदद से ड्रग माफिया की मदद से अर्जित धन के माध्यम से भारत के खिलाफ कश्मीर के क्षेत्र में छद्म युद्ध में खुद को शामिल कर रहा है। इस प्रकार, आतंकवाद और ड्रग्स बहुत मजबूत संबंध साझा करते हैं।

नशीली दवाओं की यह लत इतनी घातक है कि लोग इसके इस्तेमाल के शिकार हो जाते हैं और लगभग गुलाम बन जाते हैं। यदि किसी व्यक्ति को इसकी नियमित खुराक नहीं मिलती है, तो वह व्यक्ति इसकी कमी महसूस करने लगता है और गंभीर दर्द से उदास हो जाता है जिससे हाथ-पैरों में संवेदना की कमी भी हो जाती है। मादक द्रव्य विभिन्न प्रकार के होते हैं, जैसे हेरोइन, अफीम, चरस, गांजा आदि।

कुछ इंजेक्शन भी हैं जो गंभीर उनींदापन की स्थिति का कारण बनते हैं। यदि कोई नशा करने वाला व्यक्ति जरूरत पड़ने पर दवा की आवश्यक खुराक प्राप्त करने में सक्षम नहीं होता है, तो वह चोरी या किसी को शारीरिक रूप से चोट पहुँचाने आदि जैसे अनुचित साधनों का सहारा लेकर भी इसके लिए कुछ भी करने को तैयार होगा। .

इसलिए मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि ड्रग्स को सख्ती से ‘नहीं’ कहें और ऐसे लोगों को पुनर्वास केंद्रों में भर्ती कराएं जहां उनकी स्थिति में सुधार किया जा सके इससे पहले कि यह भयानक हो और उस व्यक्ति के लिए घातक साबित हो।

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Drug Abuse Essay In Hindi

नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – Drug Abuse Essay In Hindi

नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – essay on drug abuse in hindi, मादक द्रव्य : मौत का द्वार – substance: the gate of death.

  • प्रस्तावना,
  • मादक द्रव्यों के प्रकार और प्रभाव,
  • मादक द्रव्यों के सेवन के दुष्परिणाम,
  • मादक द्रव्यों के सेवन की बढ़ती प्रवृत्ति,
  • मादक द्रव्यों से छुटकारे के उपाय,

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।

नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – Nashe Ke Dush Pravrtti Nibandh

प्रस्तावना– वैदिक ऋषियों ने राजा सोम (रस) की प्रशंसा में मंत्र रचे और आगे के उपासकों ने अपने–अपने इष्टदेव या इष्टदेवी के साथ कोई–न–कोई मादक द्रव्य जोड़कर उसके सेवन का धार्मिक और सामाजिक अनुमति–पत्र प्र भोले बाबा के उपासकों ने भाँग, महाकाली के अर्चकों ने मदिरा और इन्द्रियसंयम तथा निर्विघ्न–ध्यान समाधि के साधकों ने चरस, गाँजा, तम्बाकू आदि के सेवन की छूट या सामाजिक स्वीकृति प्राप्त कर ली।

मादक द्रव्यों के प्रकार और प्रभाव– परम्परागत मादक द्रव्यों: यथा–शराब, भाँग, अफीम के अतिरिक्त आज अनेक नये और तीव्र प्रभाव वाले मादक द्रव्यों का आविष्कार हो चुका है, जो पुराने मादक द्रव्यों से कहीं अधिक घातक हैं। इनमें से कुछ निम्नलिखित हैं-

  • (क) मदिरा–मदिरा या शराब तो जैसे मनुष्य के साथ ही पृथ्वी पर जन्मी है। समुद्र मंथन से प्राप्त रत्नों में यह भी सम्मिलित है। मदिरा सेवन की व्यापकता का युवावर्ग में बढ़ते जाना, समाज के लिए एक अशुभ संकेत है। यह सरकारों की आमदनी का भी बड़ा स्रोत है।
  • (ख) मार्फीन–यह अफीम से बनायी जाती है। यह अफीम से अधिक नशीली होती है। इसके अभ्यस्त लोग इसको इंजेक्शन के रूप में प्रयुक्त करते हैं।
  • (ग) हेरोइन–यह मार्फीन से बनायी जाती है और इससे दस गुना अधिक नशीली होती है। इसका सेवन बहुतायत में किया जाता है।
  • (घ) हशीश–यह भाँग से प्राप्त की जाती है। इसे जलाकर सिगरेट की भाँति प्रयोग में लाया जाता है।
  • (ङ) ब्राउन शुगर–यह अशुद्ध हेरोइन होती है। यह कई अन्य पदार्थों को मिलाकर प्रयोग की जाती है और एक प्रकार का विष ही बन जाती है।
  • (च) एल. एस. डी.–कुछ लोग मानसिक तनाव दूर करने के लिए इसका प्रयोग करते हैं।
  • (छ) स्मैक–यह युवावर्ग में प्रचलित सबसे खतरनाक नशा है। व्यक्ति केवल दो–तीन खुराकों में इसका अभ्यस्त हो जाता है। इसकी लत को छोड़ पाना बहुत कठिन होता है।

मादक द्रव्यों के सेवन के दुष्परिणाम– कोई भी नशा हो, अन्ततः मनुष्य के लिए हानिकारक ही होता है। आज समाज में बढ़ती नशाखोरी की प्रवृत्ति बड़ी चिन्ताजनक है। इनका अभ्यस्त होने पर मनुष्य निष्क्रिय और हर तरह से बेकार हो जाता है। वह हर कीमत पर इन द्रव्यों को पाना चाहता है।

आज मादक पदार्थों का अनैतिक और अवैध व्यापार जोरों पर है। अनेक संगठित गिरोह इस धन्धे में लगे हैं। ये चीजें आज सोने से भी कीमती तथा व्यवसाय–सुलभ हैं।

युवावर्ग में मादक पदार्थों का सेवन जिस गति से बढ़ रहा है, वह उन्हीं के लिए नहीं, बल्कि देश और समाज के लिए भी खतरे की घण्टी है। किसी देश को तबाह करने के लिए आज युद्ध की नहीं, बल्कि मादक द्रव्यों की आवश्यकता होती है। मादक–द्रव्यों के व्यापार की छाया में आतंकवाद और अपराध भी पनप रहे हैं।

मादक द्रव्यों के सेवन की बढ़ती प्रवृत्ति– मादक द्रव्यों से धन कमाने वाले लोग घोर अपराधी हैं। ये युवक–युवतियों को बहलाकर या एक–दो खुराक मुफ्त में सेवन कराकर उनको आदी बना देते हैं और फिर वह व्यक्ति इनका गुलाम हो जाता है।

गीच यह प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। कुछ युवक चोरी–छिपे और कुछ इसे शान समझकर अपना रहे हैं। यह युवावर्ग के जीवन को चौपट करने वाली प्रवृत्ति है।

मादक द्रव्यों से छुटकारे के उपाय– मादक द्रव्यों के प्रसार की समस्या किसी व्यक्ति या देश–विशेष की नहीं है। यह एक अन्तर्राष्ट्रीय समस्या है। पूरे विश्व में मादक पदार्थों के विक्रेताओं का जाल फैला हुआ है। इस पर नियन्त्रण न करना विश्व को दारुण विनाश की ओर धकेलना है।

अनेक देशों ने मादक पदार्थों की बिक्री अथवा इसे अपने पास रखने को दण्डनीय अपराध घोषित कर रखा है। कई देशों में इसके अवैध व्यापार पर मृत्यु–दण्ड की भी व्यवस्था है। हर सभ्य और दूरदर्शी देश इसे मौत का व्यापार मानता है।

लेकिन कानूनों के बल पर इस संकट से पार पाना सम्भव नहीं लगता है। जनता को इसके खतरे से जागरूक बनाकर तथा इसकी आदत से ग्रस्त युवक–युवतियों के साथ सहानुभूति से पेश आकर इससे बचने की सम्भावना हो सकती है। सरकार को भी कड़े से कड़े कानून बनाकर और निरन्तर सतर्क रहकर इस पर काबू पाना होगा।

उपसंहार– मादक पदार्थों का सेवन मौत को निमन्त्रण देना है। मौत भी अत्यन्त दारुण, धीरे–धीरे चेतना को ग्रसती और लाचार बनाती मौत! मादक पदार्थों का अब हथियार की तरह भी प्रयोग हो रहा है। यह विरोधी देश की युवाशक्ति को खोखला बनाने और बिना युद्ध के ही उसे नष्ट कर देने का घृणित उपाय है।

सहयोग Summary in Hindi

  • निबंध ( Hindi Essay)

say no to drugs essay in hindi

Essay on Drug Abuse in India in Hindi

भारत आज के समय में आधुनिकता को अपनाने के साथ-साथ देश के हर क्षेत्र में तरक्की कर रहा है। परंतु आज की युवा पीढ़ी कुछ गलत आदतों के कारण अपनी तरक्की में बाधा बनते जा रहे हैं। आज के समय में लोगों का तनाव इतना बढ़ते जा रहा है, कि वह नशीली पदार्थों का सेवन करने पर मजबूर होते जा रहे हैं। आज के समय में मादक पदार्थों का सेवन युवा पीढ़ी के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती का रूप लेते जा रहा है। नशीली पदार्थों जैसे -शराब, चरस ,गांजा, कोकीन, तंबाकू , गुटका, व्हिस्की, बियर, भांग ,ब्राउन शुगर, इत्यादि जैसे चीजों का सेवन करके लोग अपने अमूल्य जीवन को खराब करते जा रहे हैं। आज के इस तनाव भरे जीवन से छुटकारा पाने के लिए लोग इस प्रकार की नशीली पदार्थों की चपेट में आते जा रहे हैं ।जो कि हमारे आने वाले भविष्य के युवा पीढ़ियों लिए खतरा साबित हो सकता है।

नशीले पदार्थ उपयोग करने का कारण:-

आज के इस आधुनिक समय में लोगों का जीवन इतना व्यस्त और तनावपूर्ण हो गया है, कि वे अपने बारे में सोचने तक का समय नहीं निकाल पाते है। लोग अपनी तनाव भरी जीवन से छुटकारा पाने के लिए मादक पदार्थों का उपयोग करने पर मजबूर हो जाते हैं। युवा पीढ़ी और अधेड़ दोनों वर्गों के लोगों द्वारा मादक पदार्थों का सेवन किया जाता है ,मादक पदार्थ का सेवन करने से लोगों को आनंद की अनुभूति होती है ।और इसके कारण लोगों के शरीर में कुछ समय के लिए ताकत, मनोबल ,आत्मविश्वास, बढ़ जाता है।

आज के इस तनाव भरे और व्यस्त जीवन में  अपनी सुख-सुविधाओं को पूरा करने के लिए माता-पिता दोनों ही नौकरी करते हैं ,जिसके कारण वे अपने बच्चों पर ध्यान नहीं दे पाते। वे ज्यादातर सुबह नौकरी पर जाते हैं और शाम को घर आते हैं ।इसी कारण वश बच्चे अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए मादक पदार्थों का सेवन करने पर मजबूर हो जाते हैं। ज्यादातर बच्चे गलत संगति में पढ़ कर अपनी आदतें बिगाड़ लेते हैं। क्योंकि बच्चों और युवा पीढ़ियों पर संगति का असर जरूर होता है। मादक पदार्थों जैसे चीज का सेवन करने में ज्यादातर अमीर बच्चे शामिल होते हैं ,क्योंकि इस प्रकार के बच्चों का अपने माता-पिता द्वारा अच्छे से ख्याल नहीं रखा जाता। और उन्हें अच्छा मार्गदर्शन नहीं मिलने के कारण वे गलत संगति का शिकार हो जाते हैं।

और कुछ लोग अपनी दुख ,दर्द ,समस्या और व्यस्त भरी जीवन से तंग आकर समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए नशीली पदार्थों का सेवन करने पर मजबूर हो जाते हैं। और कुछ अमीर लोग अपनी बोरियत ,अनिद्रा, गुस्से से बचने के लिए नशीली पदार्थों का सेवन करते हैं। अमीर लोगों के लिए नशीली पदार्थ का सेवन करना एक प्रकार का शौक है ,वह अपने पैसे खर्च करने की वजह ढूंढते हैं। जिसके कारण वे  नशीली पदार्थ का सेवन करते हैं।

भारत में नशीली पदार्थों के सेवन करने का प्रभाव:-

भारत में आज के समय में नशीले पदार्थों का सेवन करना एक आम बात  हो गया  है, परंतु  यह आज के युवा पीढ़ियों के लिए एक बहुत बड़ा खतरा है। नशीली पदार्थों का सेवन करने से युवा पीढ़ियों की तबीयत में खराबी  होती  है । जिसके कारण उनका भविष्य पूरा अंधकारमय बन जाता है। मादक पदार्थों का सेवन करने से निम्न प्रकार के दुष्परिणाम निकलते हैं जैसे कि:-

1. अपने तनाव को दूर करने के लिए नशीली पदार्थ का इस्तेमाल किया जाता है, जिसके कारण इसकी लत लग जाती हैं। जिसके कारण जब वे नशीली पदार्थ का सेवन नहीं  कर पाता तो उनकी मानसिक संतुलन खराब होने लगती हैं। बदन दर्द ,भूख ना लगना, चिड़चिड़ापन, गुस्सा ,हाथ-पैर में दर्द ,शरीर कांपना, उल्टी ,भारीपन, इत्यादि जैसे समस्याओं का सामना  युवा पीढ़ियों को करना पड़ता है।

2. इन नशीली पदार्थों का लगातार सेवन करने से मनुष्य के शरीर में अलग-अलग प्रकार की बीमारियां उत्पन्न हो जाती हैं । मनुष्य के हृदय, गुरदों, मस्तिष्क ,इत्यादि पर बुरा प्रभाव पड़ता है। और जिसके कारण हार्ट अटैक आने का खतरा बढ़ जाता है।

3. नशीली पदार्थों का सेवन करने से व्यक्ति अपनी सोचने समझने की शक्ति खो देता है, जिसके कारण वे दूसरे लोगों से बदतमीजी जैसे बुरे व्यवहार करने लगते हैं। महिलाओं के साथ छेड़खानी , आत्महत्या, लूटमार, हत्या, दुर्घटना ,बाल शोषण , घरेलू हिंसा, इत्यादि जैसे अपराध नशीली पदार्थों का सेवन करने के बाद होते हैं।

4. मादक पदार्थ का सेवन अधिकतर अमीर व्यक्ति करते हैं ,क्योंकि मादक पदार्थ जैसी चीजें बहुत महंगी आती हैं। परंतु आज के समय में मादक पदार्थ का सेवन एक आम व्यक्ति भी करता है , जिसके कारण मनुष्य अपने सारे पैसे खर्च कर देते हैं ,और वे चोरी करने पर मजबूर हो जाते हैं। कई बार मनुष्य मादक पदार्थ का सेवन करने के लिए अपनी जमीन, जायदाद, मकान ,गहने, घर का सामान, इत्यादि चीजों को बेच देते हैं। जिसके कारण व्यक्ति की आर्थिक स्थिति बदतर हो जाती हैं।

नशीली पदार्थों के सेवन करने से कैसे बचें:-

आज के समय में भारत में नशीले पदार्थों का सेवन करना एक आम बात हो गया है। यह समस्या आज के समय में ज्यादातर युवा पीढ़ियों में देखी जा रही है। परंतु यह उनके भविष्य के लिए बहुत हानिकारक है इसीलिए नशीले पदार्थों के सेवन से बचने के लिए मनुष्य और सरकार दोनों को कुछ उपाय करने चाहिए जैसे कि-

1. भारत में ऐसे बहुत सारे मनोवैज्ञानिक पद्धति के रोगियों के लिए अस्पताल जैसी सुविधाएं उपलब्ध है। इसीलिए मनुष्य को इस प्रकार के अस्पताल में जाकर अपने नशे की लत को छोड़ने की कोशिश करना चाहिए।

2. मनुष्य को अपने मन में नशे की लत को छोड़ने का दृढ़ संकल्प बनाना चाहिए, क्योंकि मनुष्य की इच्छा से सब कुछ संभव होता है।

3. वैज्ञानिकों द्वारा, नशा करने वाले व्यक्ति को रोज  डायरी लिखने चाहिए क्योंकि नशा करने के बाद  अपने दुष्परिणामो को लिखने से व्यक्ति को आभास होता है कि वे किस तरह अपनी जिंदगी को नशे की लत के वजह से खराब कर रहे हैं । ताकि वे लज्जित होने के कारण इस आदत को छोड़ने की कोशिश कर पाएंगे।

4. व्यक्ति को एक अच्छी संगत में होना चाहिए। और उन्हें हर समय अपने रिश्तेदार ,परिवार, दोस्त, के साथ रहना चाहिए ,क्योंकि व्यक्ति हर समय अपने परिवार वालों के साथ रहेंगा तो उन्हें नशा करने का समय ही नहीं मिलेगा।

5. नशीली पदार्थ का सेवन करने वाले व्यक्ति को योगा और ध्यान करना चाहिए ,जिसके कारण उनकी मानसिक स्थिति ठीक रहेगी और वह नशीली पदार्थ के सेवन करने से छुटकारा पा सकेंगे।

6. भारत में नशा से छुटकारा दिलाने वाला अलग-अलग प्रकार के नशा मुक्ति केंद्र स्थित है। इसके अंतर्गत एक साथ कई सारे मरीजों का इलाज किया जाता है। और यह नशा छुड़ाने का सबसे अच्छा साधन है।

नशीले पदार्थ का सेवन करना एक मनुष्य के जीवन के लिए बहुत हानिकारक होता है। इसके सेवन से मनुष्य अपनी मानसिक संतुलन भी खो सकता है। नशीले पदार्थ एक दीमक की तरह मनुष्य के पूरे जीवन को खोखला बना देता है। नशीले पदार्थ का सेवन करने से मनुष्य को कुछ समय के लिए आनंद का आभास होगा ,परंतु इसका दुष्परिणाम उनको पूरे जीवन झेलना पड़ेगा। इसीलिए मनुष्य को अपने आप पर नियंत्रण कर के नशीले पदार्थ के सेवन करने से बचना चाहिए । क्योंकि इससे उनकी पूरे जीवन और परिवार पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। जिसके कारण मनुष्य का अमूल्य जीवन बर्बाद हो जाता है ।

FAQ in Hindi ( विषय के संबंध में प्रश्न):-

1 प्रश्न:- मनुष्य द्वारा नशीले पदार्थों के सेवन करने का क्या कारण है?

उत्तर:- मनुष्य द्वारा नशीले पदार्थों के सेवन करने का मुख्य कारण तनाव और अकेलापन है।

2 प्रश्न:- नशीले पदार्थ मनुष्य के शरीर  में किस प्रकार प्रभाव डालते हैं?

उत्तर:- नशीले पदार्थ का सेवन करने से मनुष्य के शरीर में अलग-अलग प्रकार की बीमारियां उत्पन्न होती हैं। तथा उनकी मानसिक संतुलन बिगड़ती है ।जिसके कारण  पागल होने का और हार्ट अटैक आने का खतरा भी बढ़ जाता है।

3. प्रश्न:- नशीले पदार्थ के कारण भारत में क्या प्रभाव पड़ रहा है?

उत्तर:- नशीले पदार्थ के कारण भारत में निवास करने वाले युवा पीढ़ियों की जिंदगी पर बुरा असर पड़ रहा है। तथा भविष्य में आने वाले पीढ़ियों के लिए यह एक बहुत बड़ा खतरा साबित हो सकता है ।जिसके कारण भारत के विकास में त्रुटि आ रही है।

4. प्रश्न:- नशीले पदार्थ का उपयोग करने से कैसे बचें?

उत्तर:- नशीले पदार्थों का उपयोग करने से बचने के लिए मनुष्य को अपने मन में दृढ़ संकल्प बनाना होगा। तथा नशीले पदार्थों से छुटकारा पाने के लिए उन्हें नशा मुक्ति केंद्र जाना चाहिए। और डेली डायरी लिखना चाहिए ।इनसे उनकी नशे की लत को छोड़ने  में बहुत मदद मिलेगी।

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26 जून नशा मुक्ति दिवस पर नारे हिन्दी स्लोगन

Drug addiction day naare slogan in hindi.

प्रत्येक वर्ष नशा को रोकने के लिए 26 जून को नशा विरोध दिवस | Drug Addiction Day मनाया जाता है बढ़ती आबादी के साथ नशा करने वालो की तादात भी बढती जा रही है जिसके कारण नशा करने के भयंकर परिणाम देखे जा रहे है अगर देखा जाय तो नशे के कारण सबसे ज्यादा शिकार युवा ही होते है जिस कारण से युवाओ में नशा के दुष्परिणाम से बचने के लिए प्रत्येक वर्ष नशा मुक्ति दिवस मनाया जाता है

तो चलिए लोगो में नशा के खिलाफ जागरूकता लाने वाले नशा विरोध दिवस के नारे और स्लोगन शेयर कर रहे है जिनसे आप भी दुसरो को नशा ना करने के लिए प्रेरित कर सकते है

नशा मुक्ति दिवस पर नशा को रोकने के लिए प्रेरित करते नशा विरोधी नारे हिन्दी स्लोगन

Drug addiction day slogan in hindi.

Table of Contents :-

नशे को हाथ लगाओगे

मौत को पास बुलाओगे

नशा नाश की जड़ है भाई

इसने ही चारो तरफ आग लगाई

नशा करना, मौत को पास बुलाना

जो करते है अपने जीवन में नशा

उनकी जीवन की हो जाती है दुर्दशा

चलो सबको ये जागरूकता फैलाये

नशा मुक्ति दिवस मिलकर मनाये

खुद को अब समझदार बनाये

नशे को कभी भूलकर भी हाथ मत लगाये

नशा मुक्ति दिवस मनाये

नशे को कोसो दूर भगाए

इससे पहले नशा आपका नशा करे

उससे पहले आप नशे का नाश करे

नशे का रूप हो सकते है अनेक

लेकिन सभी का परिणाम सिर्फ एक

जब किसी के जीवन में नशा आता है

अपने साथ जीवन की बर्बादी लाता है

जन जन जागरूकता फैलाये

सभी मिलकर नशा मुक्ति दिवस मनाये

सबको नशे के प्रति जागरूक बनाये

आओ मिलकर नशा विरोध दिवस मनाये

चलो भारत को विकसित बनाये

नशा को अब अपने देश से भगाये

नशा मुक्ति दिवस मनाना है

सबके जीवन को स्वस्थ्य बनाना है

चलो नशा मुक्ति दिवस का अभियान चलाये

नशे के होंने वाले खतरे से सबको बचाये

हर समझदार नागरिक का यही सपना

नशा मुक्त हो भारत अपना

नशे को अब दूर भगाये

भारत को फिर से महान बनाये..

नशा को छोडो, सुखी जीवन से नाता जोड़ो

हम सबका यही पुकार

नशे का करो अब बहिष्कार

जीवन को खुशहाल बनाना है

तो नशा मुक्ति दिवस मनाना है.

तो अगर समय रहते लोग नशे के प्रति सचेत हो जाते है वे अपने जीवन में आने वाली अनेक परेशानियों से बच जाते है इसी की महत्ता को देखते हुए आज के समय में युवाओ के लिए मुक्ति दिवस की अत्यधिक जरूरत है तो ऐसे में आओ मिलकर नशा विरोध दिवस मनाये और सबको नशे के प्रति होने वाले दुष्प्रभाव से अवगत कराये

तो आप सभी को ये नशा मुक्ति दिवस पर लिखे गये नारे स्लोगन कैसे लगे कमेंट में जरुर बताये और इसे शेयर भी जरुर करे.

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Humhe nashe se dur rehne ke liye usse samjne ki jaroorat hain aur parivar ko yeah manne ki jaroorat hain ki humare parivar mein problem hain.

Bahut acche slogan hai

Ha Ji thank you

Jan jan ka h yahi nara nasha mukt ho Bharat hamara

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विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर निबंध 2023 | Speech On World No-Tobacco Day in Hindi | Download PDF

say no to drugs essay in hindi

विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर निबंध 2023: विश्व तंबाकू निषेध दिवस World Health Organization (विश्व स्वास्थ्य संगठन) द्वारा आयोजित किए जाने वाले वैश्विक दिवसों में से एक बहुत प्रसिद्ध और आवश्यक दिन है। यह एक प्रमुख दिवस है जो लोगों को व्यक्ति और उनके परिवार के सदस्यों पर तम्बाकू के बुरे प्रभावों को समझने में मदद करती है और उसके दुष्प्रभावों के बारे में भी लोगों को जगरुक करती है। कार्यक्रम के आयोजक ज्यादातर धूम्रपान करने वालों को अपने जीवन की रोकथाम के लिए तम्बाकू का सेवन बंद करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। साथ ही, आयोजक धूम्रपान करने वालों को कम से कम एक दिन के लिए चौबीस घंटे धूम्रपान न करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इस लेख के जरिए हम आपको विश्व तंबाकू निषेध दिवस के बारे में निबंध के जरिए जानकारी उपलब्ध करा रहे है जो आपको इस दिन को जानने में मदद करेगी। वहीं इस निबंध को आप किसी भी तरह कि निबंध प्रतियोगित के लिए इस्तमाल कर सकते है। इस निबंध लेख में हमने लॉंग और शॉर्ट दोनो तरह के निबंध आपके सामने पेश किए है। वहीं इस लेख को हमने कई तरह के पॉइन्ट के आधार पर तैयार किया है जो इस लेख को रिच बनाते हैं जैसे कि विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर निबंध (500 शब्द)विश्व तंबाकू निषेध दिवस–निबंध (600 शब्द)विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर भाषण | Speech On World No-Tobacco Day In Hindi विश्व तंबाकू निषेध दिवस निबंध PDF Long Essay on World No-Tobacco Day (800 शब्द) स्कूली छात्रों के लिए विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर 10 पंक्तियाँ | World No-Tobacco Day Essay in Hindi ।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर निबंध (500 शब्द)

विश्व को बीमारियों और इसकी जटिलताओं से मुक्त बनाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कई अन्य स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं जैसे एड्स दिवस, मानसिक स्वास्थ्य दिवस, रक्तदाता दिवस, कैंसर दिवस और आदि। सभी कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और दुनिया भर में बहुत महत्वपूर्ण रूप से मनाए जाते हैं।इसी कड़ी में विश्व तंबाकू निषेध दिवस हर साल 31 मई को मनाया जाता है। यह पहली बार 7 अप्रैल को वर्ष 1988 में WHO की 40 वीं वर्षगांठ पर मनाया गया था और बाद में इसे हर साल 31 मई को तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई। इसे WHO के सदस्य राज्यों द्वारा वर्ष 1987 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में बनाया गया था।

यह दुनिया भर में किसी भी रूप में तंबाकू की खपत को कम करने या पूरी तरह से बंद करने के लिए लोगों को जागरूक करने और प्रोत्साहित करने के इरादे से मनाया जाता है। इस दिन के उत्सव का उद्देश्य तंबाकू के उपयोग के हानिकारक प्रभावों के साथ-साथ दूसरों को इसकी जटिलताओं के संदेश को फैलाने के लिए विश्व स्तर पर जनता का ध्यान आकर्षित करना है। इस अभियान में शामिल विभिन्न वैश्विक संगठन जैसे राज्य सरकारें, सार्वजनिक स्वास्थ्य संगठन आदि स्थानीय स्तर पर विभिन्न जन जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।निकोटीन की लत स्वास्थ्य के लिए बहुत खराब है जो घातक है और मस्तिष्क की “चाहने वाली” बीमारी के रूप में जानी जाती है जिसे कभी ठीक नहीं किया जा सकता है लेकिन पूरी तरह से रोका जा सकता है। यह अन्य अवैध दवाओं, मेथ, अल्कोहल, हेरोइन और आदि की तरह ही मस्तिष्क डोपामाइन मार्गों को बांधता है। यह शरीर को निकोटीन की आवश्यकता के बारे में झूठा संदेश भेजने के लिए मस्तिष्क को तैयार करता है, जैसा कि अन्य जीवित गतिविधियों जैसे भोजन और तरल पदार्थ खाने और पीने के लिए आवश्यक है।

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पृथ्वी पर पूर्व उपयोगकर्ताओं को उनके जीवन को रोकने में मदद करने के लिए स्वास्थ्य संगठनों द्वारा विभिन्न प्रकार के निकोटीन की लत छोड़ने की विधि प्रदान की जाती है। डब्ल्यूएचओ ने 2008 के विश्व तंबाकू निषेध दिवस का जश्न मनाते हुए और “तंबाकू मुक्त युवा” के अभियान संदेश के माध्यम से तंबाकू या इसके उत्पादों के प्रचार, विज्ञापन और प्रायोजन पर प्रतिबंध लगा दिया है।विश्व स्वास्थ्य संगठन के विषय विभिन्न प्रकार के घातक तंबाकू उत्पादों के अस्तित्व के बारे में जागरूकता बढ़ाते हैं और देशों को सख्त नियमों की दिशा में काम करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। विनियमन को लोगों को सटीक जानकारी प्राप्त करने में मदद करनी चाहिए, भेस को दूर करना चाहिए और तम्बाकू उत्पादों के पीछे की सच्चाई का अनावरण करना चाहिए। पारंपरिक नया और भविष्य।एक सफल विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के लिए, अधिक से अधिक देशों में अधिक से अधिक लोगों को शामिल होने की आवश्यकता है। यद्यपि WNTD वर्ष में केवल एक दिन है, तम्बाकू के उपयोग के खतरों के बारे में संदेश फैलाने के प्रयासों को पूरे वर्ष जारी रखने की आवश्यकता है।दुनिया भर में वयस्कों में समय से पहले होने वाली 10 मौतों में से लगभग एक के लिए तंबाकू का उपयोग जिम्मेदार है। तंबाकू के उपयोग से होने वाली मौतों का वैश्विक बोझ, प्रत्येक वर्ष, 2005 में 5 मिलियन से दोगुना होकर 2020 में 10 मिलियन होने का अनुमान है।

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विश्व तंबाकू निषेध दिवस – निबंध (600 शब्द)

हर साल 31 मई को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और दुनिया भर के स्वास्थ्य समुदाय तंबाकू के नुकसान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए इस दिन को मनाते है । विश्व तंबाकू निषेध दिवस (डब्ल्यूएनटीडी) तंबाकू के उपयोग, उत्पादन और अपशिष्ट के विनाशकारी स्वास्थ्य और पर्यावरणीय प्रभावों पर प्रकाश डालता है। यह तम्बाकू महामारी की ओर ध्यान आकर्षित करता है, स्वस्थ जीवन के लिए सभी के अधिकार के लिए लड़ने और आने वाली पीढ़ियों की रक्षा के लिए इस दिन को मनाया जाता गै। WNTD 2023 का विषय है हमें भोजन की आवश्यकता है, तम्बाकू की नहीं”।WHO के अनुसार, “एक वैश्विक खाद्य संकट बढ़ रहा है, जो संघर्ष, जलवायु परिवर्तन, COVID-19 महामारी के प्रभावों के साथ-साथ यूक्रेन में युद्ध के लहरदार प्रभावों के कारण भोजन, ईंधन और उर्वरक की बढ़ती कीमतों को बढ़ा रहा है।”

125 से अधिक देशों में तम्बाकू अभी भी नकदी फसल के रूप में उगाया जाता है और पर्यावरण पर इसकी खेती के हानिकारक प्रभाव मुख्य रूप से निम्न और मध्यम आय वाले देशों में देखे जाते हैं। तम्बाकू उगाने और उत्पादन करने से पारिस्थितिक क्षति, जलवायु परिवर्तन होता है और कृषि और खाद्य सुरक्षा का भविष्य खतरे में पड़ जाता है।इन मुद्दों को हल करने के लिए, WNTD 2023 वैश्विक अभियान का उद्देश्य सरकारों और नीति निर्माताओं को वैकल्पिक फसलों पर स्विच करने के लिए दुनिया भर में तंबाकू किसानों का समर्थन करने के लिए जुटाना है। अभियान सामग्री टिकाऊ फसल उत्पादन और तम्बाकू किसानों के लिए पौष्टिक फसलें उगाना शुरू करने के लिए विपणन के अवसरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने पर केंद्रित है।

दुनिया भर में हर साल अनुमानित 35 लाख हेक्टेयर भूमि का उपयोग तंबाकू की खेती के लिए किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि तंबाकू उत्पादन के परिणामस्वरूप सालाना 2 लाख हेक्टेयर वनों की कटाई होती है। क्योंकि मक्का की खेती और मवेशियों के चरने जैसे अन्य कृषि कार्यों की तुलना में तम्बाकू के खेतों में मरुस्थलीकरण (जैविक उत्पादकता में कमी) की संभावना अधिक होती है, तम्बाकू की खेती का पारिस्थितिक तंत्र पर काफी अधिक हानिकारक प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा, तम्बाकू की खेती के लिए आवश्यक रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के गहन उपयोग से मिट्टी की उर्वरता कम हो सकती है और अन्य खाद्य फसलों की उपज कम हो सकती है।तंबाकू में कई खतरनाक पदर्थ होते है जो इसे काफी नुकसानदायक बनाते है जैसे कि – टार – तम्बाकू के धुएँ में निलंबित ठोस कणों के लिए शब्द है। कणों में रसायन होते हैं, जिनमें कैंसर पैदा करने वाले पदार्थ (कार्सिनोजेन्स) शामिल हैं। टार चिपचिपा और भूरा होता है, और दांतों, नाखूनों और फेफड़ों के ऊतकों को दाग देता है

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कार्बन मोनोऑक्साइड – एक जहरीली गैस है। यह गंधहीन और रंगहीन होता है और बड़ी मात्रा में, जल्दी से मृत्यु का कारण बनता है क्योंकि यह रक्त में ऑक्सीजन की जगह लेता है। जो लोग धूम्रपान करते हैं, उनके रक्त में कार्बन मोनोऑक्साइड ऑक्सीजन के लिए उनके अंगों और मांसपेशियों तक पहुंचना कठिन बना देता है।

ऑक्सीकरण करने वाले रसायन – यह  अत्यधिक प्रतिक्रियाशील रसायन होते हैं जो धूम्रपान करने वाले लोगों के हृदय की मांसपेशियों और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। वे कोलेस्ट्रॉल के साथ प्रतिक्रिया करते हैं, जिससे धमनी की दीवारों पर फैटी सामग्री का निर्माण होता है। उनके कार्यों से हृदय रोग, स्ट्रोक और रक्त वाहिका रोग होते हैं

धातु – तम्बाकू के धुएँ में आर्सेनिक, बेरिलियम, कैडमियम, क्रोमियम, कोबाल्ट, सीसा और निकल सहित कई धातुएँ होती हैं जो कैंसर का कारण बनती हैं।

रेडियोधर्मी यौगिक – तम्बाकू के धुएँ में रेडियोधर्मी यौगिक होते हैं जिन्हें कार्सिनोजेनिक के रूप में जाना जाता है।

वही् जो व्यक्ति जो अपने पूरे जीवन में धूम्रपान करता है, संभावित घातक बीमारियों की एक श्रृंखला विकसित करने का उच्च जोखिम होता है, जिसमें निम्न शामिल हैं:-फेफड़े, मुंह, नाक, स्वरयंत्र, जीभ, नाक साइनस, अन्नप्रणाली, गले, अग्न्याशय, अस्थि मज्जा (माइलॉयड ल्यूकेमिया), गुर्दे, गर्भाशय ग्रीवा, अंडाशय, मूत्रवाहिनी, यकृत, मूत्राशय, आंत्र और पेट का कैंसर,फेफड़े के रोग जैसे क्रोनिक ब्रोंकाइटिस और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज, जिसमें ऑब्सट्रक्टिव ब्रोंकियोलाइटिस और वातस्फीति शामिल हैं-हृदय रोग और स्ट्रोक,पाचन तंत्र के अल्सर,ऑस्टियोपोरोसिस और हिप फ्रैक्चर,पैरों और हाथों में खराब रक्त परिसंचरण, जिससे दर्द हो सकता है और गंभीर मामलों में, गैंग्रीन और विच्छेदन हो सकता है,मधुमेह प्रकार 2,रूमेटाइड गठिया।

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विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर भाषण | Speech On World No-Tobacco Day In Hindi

नमस्कार आप सभी को, आज में आपके सामने विश्व तंबाकू निषेध दिवस के मौके पर एक स्पीच देने जा रहा हूं जो आपको इस दिन के बारे में डिटेल में जानने में मदद करेगी। साथ ही हम आपको तंबाकू छोड़ने से होने वाले फायदों के बारे में भी चर्चा करेंगे। मैं आपको बताना चाहूंगा कि विश्व तंबाकू निषेध दिवस समारोह का आयोजन डब्ल्यूएचओ और इसके सदस्य राज्यों द्वारा वार्षिक आधार पर गैर-सरकारी और सरकारी संगठनों सहित लोगों को तंबाकू के उपयोग से होने वाले सभी स्वास्थ्य मुद्दों के बारे में जागरूक करने के लिए किया जाता है। विश्व तंबाकू निषेध दिवस को प्रोत्साहित करने के लिए है दुनिया भर में सभी प्रकार के तंबाकू सेवन से परहेज की 24 घंटे की अवधि। इसका उद्देश्य तम्बाकू उपयोग के व्यापक प्रसार और नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभावों की ओर वैश्विक ध्यान आकर्षित करना है, जो वर्तमान में दुनिया भर में सालाना मौतों का कारण बनता है। पिछले वर्षों में, विश्व तंबाकू निषेध दिवस को दुनिया भर में उत्साह और प्रतिरोध दोनों के साथ मनाया गया है। तंबाकू हमारे स्वास्थ्य पर विनाशकारी प्रभाव डाल सकता है। बहरहाल, लोग इसका रोजाना लंबे समय तक सेवन करते हैं, जब तक कि बहुत देर न हो जाए। पूरी दुनिया में लगभग एक अरब लोग धूम्रपान करते हैं। यह चौंकाने वाला आंकड़ा है क्योंकि 1 अरब अपने साथ लाखों लोगों को जोखिम में डालते हैं।

सिगरेट का फेफड़ों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। धूम्रपान के कारण सभी कैंसर के लगभग एक तिहाई मामले होते हैं। उदाहरण के लिए, यह सांस लेने को प्रभावित कर सकता है और सांस की तकलीफ और खांसी का कारण बन सकता है। इसके अलावा, यह श्वसन पथ के संक्रमण के जोखिम को भी बढ़ाता है जो अंततः जीवन की गुणवत्ता को कम करता है।इन गंभीर स्वास्थ्य परिणामों के अलावा, धूम्रपान व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डालता है। यह गंध और स्वाद की भावना को बदल देता है। इसके अलावा, यह शारीरिक व्यायाम करने की क्षमता को भी कम करता है।यह आपके शारीरिक दिखावे को भी बाधित करता है जैसे पीले दांत और वृद्ध त्वचा देना। आपको अवसाद या चिंता का अधिक खतरा भी होता है। धूम्रपान हमारे परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों के साथ हमारे संबंधों को भी प्रभावित करता है।सबसे खास बात यह है कि यह एक महंगी आदत भी है। दूसरे शब्दों में, इसमें भारी वित्तीय लागत शामिल है। हालांकि कुछ लोगों के पास गुजारा करने के लिए पैसे नहीं होते हैं, फिर भी वे अपनी लत के कारण इसे सिगरेट पर बर्बाद कर देते हैं।

यदि आप धूम्रपान छोड़ने पर गंभीरता से विचार करते हैं तो आपको इस आदत को छोड़ने के लाभों पर ध्यान देना चाहिए।

  • अगर आप बीस मिनट के लिए धुम्रपान छोड़ते है तो रक्तचाप और नाड़ी की दर सामान्य हो जाती है। आठ घंटे के बाद, रक्त में ऑक्सीजन का स्तर सामान्य हो जाता है। हार्ट अटैक आने के चांस कम होने लगते हैं।
  • इसको छोड़ने के 24 घंटे के बाद कार्बन मोनोऑक्साइड शरीर से समाप्त हो जाती है। फेफड़े बलगम और अन्य मलबे को साफ करते हैं।
  • वहीं इसे छोड़े हुए 48 घंटों के बाद, शरीर में निकोटीन का पता नहीं चलता है। स्वाद और सूंघने की क्षमता में सुधार होता है।
  • 72 घंटों के बाद, सांस लेना आसान हो जाता है क्योंकि ब्रोन्कियल नलियां शिथिल हो जाती हैं। एनर्जी लेवल बढ़ता है।
  • अगर दो से 21 सप्ताह के बाद, पूरे शरीर में परिसंचरण में सुधार होता है।
  • तीन से नौ महीने के बाद खांसी, सांस की तकलीफ और घरघराहट जैसी सांस की समस्याएं कम हो जाती हैं। कुल फेफड़ों का कार्य पांच से 10 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। पांच साल के बाद, धूम्रपान करने वालों की तुलना में दिल का दौरा पड़ने का खतरा लगभग आधा हो जाता है।
  • 10 वर्षों के बाद, धूम्रपान करने वालों की तुलना में फेफड़ों के कैंसर का खतरा लगभग आधा हो जाता है। दिल का दौरा पड़ने का जोखिम धूम्रपान न करने वालों जितना ही होता है।

मैरी बात सुनने के लिए आप सभी का धन्यवाद, आपका दिन शुभ हो।

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विश्व तंबाकू निषेध दिवस निबंध PDF 

इस पॉइंट में हम आपको विश्व तंबाकू निषेध दिवस निबंध पीडीएफ में उपलब्ध करा रहे हैं जो आप डाउनलोड कर सकते हैं यह डाउनलोड किया गया पीरियड आप अपने परिजनों के साथ भी साझा कर सकते हैं और उनकी भी विश्व तंबाकू निषेध दिवस को लेकर जानकारी बढ़ा सकते हैं आप इस निबंध को पीरियड में डाउनलोड किए कई सालों तक अपने पास रख सकते हैं और आने वाले किसी भी तरह के निबंध प्रतियोगिता में इसका इस्तेमाल कर अपना इस प्रतियोगिता में विशेष स्थान प्राप्त कर सकते हैं निबंध को कई तरह के बाद तैयार किया गया है जो आपको सटीक जानकारी उपलब्ध कराता है।

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Long Essay on World No-Tobacco Day (800 शब्द)

विश्व तंबाकू निषेध दिवस हर साल 31 मई को मनाए जाने वाले आठ आधिकारिक वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियानों में से एक है। वार्षिक पर्यवेक्षण दिवस जनता को तम्बाकू का उपयोग करने के खतरों और महामारी से लड़ने के लिए डब्ल्यूएचओ क्या कर रहा है, के बारे में सूचित करता है। यह तंबाकू छोड़ने और स्वस्थ जीवन जीने के लिए वैश्विक जागरूकता फैलाता है। तंबाकू से संबंधित बीमारियों के कारण हर साल 6 मिलियन से अधिक लोग अपनी जान गंवाते हैं और वर्ष 2030 तक यह आंकड़ा बढ़कर 8 मिलियन से अधिक प्रति वर्ष हो जाता है। तम्बाकू के उपयोग के कई हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाकर, यहाँ तक कि उपयोगकर्ता के आसपास के लोगों पर, WHO ने 1987 में पहला विश्व तम्बाकू निषेध दिवस आयोजित किया। अपने विश्व तम्बाकू निषेध दिवस अभियानों के साथ, ब्रांड अपने उपभोक्ताओं से एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाने का आग्रह कर रहे हैं। हर साल, WHO दिन के लिए एक मजबूत संदेश बनाने के लिए एक थीम चुनता है। विषय अगले वर्ष के लिए डब्ल्यूएचओ के तंबाकू से संबंधित एजेंडे का मुख्य घटक बन जाता है। विश्व तंबाकू निषेध दिवस 1987 में डब्ल्यूएचओ द्वारा पेश किया गया था ताकि लोगों को तंबाकू की महामारी और इससे होने वाली मौतों के बारे में बताया जा सके। डब्ल्यूएचओ ने और अधिक लोगों को धूम्रपान से बचने की शपथ दिलाने के मकसद को और व्यापक बना दिया।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस का इतिहास

1987 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन के सदस्य राज्यों ने विश्व तंबाकू निषेध दिवस की शुरुआत की। इसका उद्देश्य ”तंबाकू की महामारी और इसके कारण होने वाली रोकी जा सकने वाली मृत्यु और बीमारी की ओर वैश्विक ध्यान आकर्षित करना था। प्रस्ताव पारित होने के बाद, हर साल 31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस स्वास्थ्य और सामुदायिक कार्यकर्ताओं के लिए तम्बाकू छोड़ने और लोगों को तम्बाकू छोड़ने में मदद करने के लिए एक बड़ा दिन बन गया। तम्बाकू का उपयोग मानव सभ्यता के इतिहास के रूप में बहुत पीछे जाता है- लगभग 12,000 साल पहले। भारत में, अलग-अलग उपयोग के कुछ दूरस्थ साक्ष्यों को छोड़कर, संगठित तंबाकू की खेती तब तक शुरू नहीं हुई जब तक पुर्तगालियों ने इसे 17वीं शताब्दी में पेश नहीं किया। देश भर में तम्बाकू उत्पादों का व्यापक उपयोग और बिक्री और भी हाल की है – 20वीं सदी की शुरुआत की।1891-92 में ईरान में पहले राष्ट्रीय स्तर के तंबाकू विरोधी आंदोलन के साथ, तंबाकू के उपयोग का विरोध कम से कम 130 साल पुराना है। 1930 के दशक से, तम्बाकू के स्वास्थ्य जोखिमों के बढ़ते प्रमाण ने कई पश्चिमी देशों को उत्पाद पर उच्च कर लगाने और इसे सार्वजनिक स्थानों पर प्रतिबंधित करने के लिए मजबूर किया। अंततः 1980 के दशक में धूम्रपान और कैंसर के बीच संबंध की पुष्टि हुई।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस का महात्व

विश्व तंबाकू दिवस हर साल 31 मई को दुनिया भर में मनाया जाता है। यह दुनिया भर में धूम्रपान करने वालों और धूम्रपान न करने वालों के लिए विचार और चिंतन का दिन है।इस दिन का उद्देश्य जनता को तम्बाकू के उपयोग के खतरों और तम्बाकू कंपनियों के व्यावसायिक प्रथाओं के बारे में सूचित करना है।विश्व तम्बाकू निषेध दिवस जनता को तम्बाकू कंपनियों के व्यवसाय प्रथाओं के बारे में भी शिक्षित करता है, तम्बाकू के उपयोग के खिलाफ लड़ने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन क्या कर रहा है, और लोग स्वस्थ जीवन के अपने अधिकार का दावा करने के लिए क्या कर सकते हैं।

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धूम्रपान छोड़ने के फायदे

धूम्रपान छोड़ने के कई फायदे होते है, जिसके बारे में इस पॉइन्ट के जरिए हम आपको बताने जा रहे है, जो कि कुछ इस प्रकार हैं-

  • धूम्रपान छोड़ना आपके मस्तिष्क को फिर से तार कर सकता है और व्यसन के चक्र को तोड़ने में मदद कर सकता है। छोड़ने के लगभग एक महीने के बाद आपके मस्तिष्क में बड़ी संख्या में निकोटीन रिसेप्टर्स सामान्य स्तर पर वापस आ जाएंगे।
  • धूम्रपान छोड़ने से आपकी सुनने की क्षमता तेज रहेगी। याद रखें, हल्की सुनवाई हानि भी समस्याएँ पैदा कर सकती है (जैसे निर्देशों को सही ढंग से न सुनना और किसी कार्य को गलत करना)।
  • धूम्रपान बंद करने से आपकी रात की दृष्टि में सुधार होगा और धूम्रपान से आपकी आंखों को होने वाले नुकसान को रोककर आपकी समग्र दृष्टि को बनाए रखने में मदद मिलेगी।
  • गन्दा मुँह किसी को पसंद नहीं होता। कुछ दिनों के बाद बिना सिगरेट के आपकी मुस्कान और भी तेज हो जाएगी। अभी धूम्रपान न करने से आने वाले कई सालों तक आपका मुंह स्वस्थ रहेगा।
  • धूम्रपान छोड़ना एंटी-एजिंग लोशन से बेहतर है। छोड़ने से दाग-धब्बों को दूर करने और आपकी त्वचा को समय से पहले बूढ़ा होने और झुर्रियों से बचाने में मदद मिल सकती है।
  • धूम्रपान दिल के दौरे और हृदय रोग का प्रमुख कारण है। लेकिन इनमें से कई दिल के जोखिमों को केवल धूम्रपान छोड़ने से उलटा किया जा सकता है। छोड़ने से आपका रक्तचाप और हृदय गति लगभग तुरंत कम हो सकती है। दिल का दौरा पड़ने का आपका जोखिम 24 घंटों के भीतर कम हो जाता है।
  • धूम्रपान छोड़ने का एक अन्य प्रभाव यह है कि आपका रक्त पतला हो जाएगा और खतरनाक रक्त के थक्के बनने की संभावना कम हो जाएगी। आपके दिल को भी कम काम करना होगा, क्योंकि यह आपके शरीर में रक्त को अधिक आसानी से स्थानांतरित करने में सक्षम होगा।
  • धूम्रपान छोड़ने से पहले से मौजूद वसा से छुटकारा नहीं मिलेगा। लेकिन यह आपके रक्त में फैले कोलेस्ट्रॉल और वसा के स्तर को कम करेगा, जो आपकी धमनियों में नए फैटी जमा के निर्माण को धीमा करने में मदद करेगा।
  • फेफड़ों का निशान उलटा नहीं होता है। इसीलिए आपके फेफड़ों को स्थायी नुकसान पहुंचाने से पहले धूम्रपान छोड़ना महत्वपूर्ण है। छोड़ने के दो सप्ताह के भीतर, आप देख सकते हैं कि सीढ़ियों पर चलना आसान हो गया है क्योंकि आपको सांस की कमी हो सकती है। बाद तक प्रतीक्षा न करें; आज छोड़ो!
  • वातस्फीति के लिए कोई इलाज नहीं है। लेकिन जब आप युवा होते हैं, तो इससे पहले कि आप अपने फेफड़ों में नाजुक हवा की थैली को नुकसान पहुंचा चुके हों, छोड़ने से आपको बाद में वातस्फीति विकसित होने से बचाने में मदद मिलेगी।
  • धूम्रपान छोड़ने के बाद सिलिया फिर से बढ़ने लगती है और सामान्य कार्य को फिर से शुरू कर देती है। वे आपके शरीर में ठीक होने वाली पहली चीजों में से एक हैं। लोग कभी-कभी नोटिस करते हैं कि जब वे पहली बार धूम्रपान छोड़ते हैं तो उन्हें सामान्य से अधिक खांसी होती है। यह एक संकेत है कि सिलिया जीवन में वापस आ रहे हैं। लेकिन जब आपके सिलिया ठीक से काम कर रहे हों तो आप सर्दी और संक्रमण से लड़ने की अधिक संभावना रखते हैं।
  • धूम्रपान छोड़ने से नए डीएनए क्षति को होने से रोका जा सकेगा और यहां तक कि पहले से हो चुके नुकसान की मरम्मत में भी मदद मिल सकती है। कैंसर होने के अपने जोखिम को कम करने के लिए तुरंत धूम्रपान छोड़ना सबसे अच्छा तरीका है।
  • धूम्रपान छोड़ने से आपके पेट की चर्बी कम होगी और मधुमेह का खतरा कम होगा। यदि आपको पहले से ही मधुमेह है, तो छोड़ने से आपको अपने रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रण में रखने में मदद मिल सकती है।
  • यदि आप एक महिला हैं, तो धूम्रपान छोड़ने के बाद आपके एस्ट्रोजन का स्तर धीरे-धीरे सामान्य हो जाएगा। और अगर आपको किसी दिन बच्चे होने की उम्मीद है, तो अभी धूम्रपान छोड़ने से भविष्य में आपकी स्वस्थ गर्भावस्था की संभावना बढ़ जाएगी।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस तंबाकू उत्पादों के सेवन से होने वाले कैंसर और हृदय रोगों की रोकथाम के लिए एक स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने के लिए हर साल दुनिया भर में मनाया जाने वाला एक प्रसिद्ध स्वास्थ्य जागरूकता दिवस है। दुनिया भर में तंबाकू उत्पादों के कारण होने वाले कैंसर ने 12 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित किया है।हर साल तंबाकू से 10 में से 1 व्यक्ति की मौत होती है। कैंसर दुनिया भर में धूम्रपान करने वाले या तम्बाकू उत्पादों का सेवन करने वाले व्यक्तियों का प्रमुख हत्यारा है। सरकार, नागरिक समुदायों और गैर-सरकारी संगठनों को दैनिक जीवन में तंबाकू उत्पादों के सार्वजनिक उपभोग के खिलाफ नियंत्रण उपाय करने के लिए सहयोग से काम करना चाहिए।संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से दुनिया भर के देशों ने 2025 तक तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने के लिए विभिन्न महत्वाकांक्षी परियोजनाएं शुरू की हैं। दुनिया भर में कई कॉर्पोरेट निकायों, नागरिक समाजों, स्वास्थ्य संगठनों द्वारा विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। वे धूम्रपान और तम्बाकू उत्पादों के सेवन के कारण स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अभियान, मुफ्त स्वास्थ्य जांच या जांच शिविर आयोजित करते हैं

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स्कूली छात्रों के लिए विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर 10 पंक्तियाँ | World No-Tobacco Day Essay in Hindi

say no to drugs essay in hindi

  • WHO 31 तारीख को तंबाकू के प्रति जागरुकता फैलाकर छह सेकंड के भीतर होने वाली हर एक मौत को रोक सकता है।
  • विश्व तंबाकू निषेध दिवस 1987 से मनाया जा रहा है
  • धूम्रपान या तंबाकू चबाना किसी भी व्यक्ति की सबसे बुरी आदतों में से एक है।
  • खांसी और गले का संक्रमण इम्पैक्ट ऑफ स्मोकिंग का शुरुआती असर है। यह एक धब्बेदार त्वचा और दांतों के मलिनकिरण की ओर भी जाता है।
  • कभी-कभी यह हृदय रोग, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया, स्ट्रोक और कई प्रकार के कैंसर जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
  • भारत सरकार ने विभिन्न विधानों और व्यापक तम्बाकू नियंत्रण उपायों को अधिनियमित किया।
  • यह हृदय रोग और फेफड़ों के कैंसर सहित गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों के मुख्य कारणों में से एक है।
  • आपकी उम्र कोई भी हो आप छोटे है या बड़े पर जब भी आप धु्म्रपान करना छोड़ देते है तो आप अपने शरीर में अच्छे बदलाव देखना शुरु कर देते हैं।
  • इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य जानता को विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर होने वाले हर बुरे प्रभाव के बारे में जागरुक करना है और उनके जीवन को नई दिशा में लाना हैं।
  • तम्बाकू को शांत करने को बढ़ावा देने के लिए सभी गैर सरकारी संगठन और नागरिक संगठन एक साथ जुड़ते हैं

FAQ’s Speech On World No-Tobacco Day in Hindi

Q.धूम्रपान के क्या प्रभाव होते हैं.

Ans.धूम्रपान के कैंसर, हृदय रोग, स्ट्रोक, फेफड़ों के रोग, मधुमेह, और अधिक जैसे प्रमुख प्रभाव हैं। यह तपेदिक, कुछ नेत्र रोगों और प्रतिरक्षा प्रणाली की समस्याओं के जोखिम को भी बढ़ाता है।

Q.हमें धूम्रपान से क्यों बचना चाहिए?

Ans.हमें धूम्रपान से बचना चाहिए क्योंकि यह आपके जीवन प्रत्याशा को बढ़ा सकता है। इसके अलावा, धूम्रपान न करने से, आप अपने रोग के जोखिम को कम करते हैं जिसमें फेफड़े का कैंसर, गले का कैंसर, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और बहुत कुछ शामिल हैं।

Q.विश्व तंबाकू निषेध दिवस कब मनाया जाता है?

Ans.हर साल 31 मई को दुनिया भर में विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है।

Q.भारत में कितने ए़डल्ट तंबाकू का सेवन करते हैं?

Ans.भारत में लगभग 270 मिलियन ए़डल्ट तम्बाकू का सेवन करते हैं।

Q. तंबाकू का सबसे ज्यादा सेवन किस देश में होता है?

Ans.चीन दुनिया में तंबाकू का सबसे ज्यादा सेवन करने वाला देश है।

Q.तंबाकू सेवन के हानिकारक प्रभाव क्या हैं?

Ans.तंबाकू के सेवन से कैंसर, दांतों की समस्या और फेफड़ों की समस्या जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

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The worst form of abuse for the human body comes from drugs. They destroy a person from inside outwards. It starts affecting the organs eventually reaching the brain and can even become fatal when taken in a large quantity or for a long time. Drugs are usually taken because they seem to be a temporary solution of a problem or they provide solace by calming the senses, but that also shows how detrimental they can prove to be to one’s health. Playing with the nervous system can never turn out to be good in the longer run.

NO-Drugs

There are various forms of drug abuse or as the bigger term is known, substance abuse. It entails drugs, alcohol and everything that makes a person high and calms their senses rendering them inactive for a couple of hours or days. The biggest myth related to drug abuse is that people who do it lack moral values which is not the case. Any person can get addicted to drugs willingly or unwillingly. The problem is some don’t find out the harm it does to their health till it is very late. Lately the youth seems to have become a major part of the population which is pro drug abuse and this could be because of any reason- the company, a temporary solution to problems or medication. Drug abuse in most cases affects the brain because if stops your nerve sells from sending and receiving the message to or from the brain, and because it is an unnatural phenome, it can hamper the way your brain functions forever.

Say No to Drugs Campaign

How to fight it?

Fight against drug abuse has been one of the most difficult struggles for mankind because getting other people to agree that drugs have a bad long term effect is very difficult. Many people believe that there is absolutely nothing bad about the intake of drugs because they keep in mind only the present situation and totally ignore the long term effect.

Talk about it – Talking about the cons of drug abuse may help you or your friends and family come out of the misconception that drugs donot harm the functioning of the brain. Talking about it will also bring out other myths that are related to drug intake and can open the eyes of many who usually treat it as a very casual thing. Putting a thought into the drug taking habit of the Indian society will help us curb the use of drugs and promote healthy living.

Rehabilitation centers – There are various rehabilitation centres across the country will help individuals in their fight against drug abuse. They help a person to get out of the habit by decreasing the dose gradually and eventually getting rid of the habit totally. Here you are not stopping the use of drugs all at once because the human body may react to it adversely and make the condition of the person even worse.

NGOs – There are NGOs which work towards spreading awareness against drug abuse. People often don’t even know that they are addicted to a particular drug. NGOs have more reach and with the help of volunteers they go to different places to spread the message against drug abuse. You could join one yourself or help your family or friend get the help they require.

Push yourself – Once you know that you are not at a very good place, try and quit. It may take a while to get used to it, you may feel like giving in to the cravings but just be strict with yourself. Also, talk to people about it, there are chances that you may slip into depression and that will only make the situation worse. To win this fight you will need support and will power.

Support the fight

Supporting the fight against drug abuse will not only help you save other people’s lives but will also bring to forth the real problem and the understanding of how deeply embedded it is into our culture. Drug abuse can be looked at as an enemy of the society, it is eating up the youth. It is engulfing more and more people every single day and getting rid of it should become our first priority. Help the people who are hanging in the middle of nowhere, talk to them, help them out of it. Most of the times the only reason people start taking drugs is because they can’t find anyone to talk to. Be that one guiding light for them and them get out of this awful habit.

Image Courtesy : https://www.jessicacosta.com/img/anti-drug-big.jpg

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Save the girl child, use public transport — save environment, buy kisan vikas patra, volunteer for swachh bharat abhiyaan, breast cancer awareness, say no to plastic bags, stop the vip culture.

Drugs are the slow addiction that kills a man slowly yet steadily. Indian youth needs to understand this fact that India needs you, be responsible enough to stand for the nation and thus say no to drugs. You are not appearing cool or hot just because you can make the rings of smoke as you breathe out the cigarette. Smack, heroine, alcohol are all going to impact you in a negative manner and it is the time for you to choose right.

I liked the way this website has presented the topic ‘Say No to Drugs’

Drugs are the major edict of the people. intake of drugs can be of many reasons. Taking drugs for fun sake or as a person have many problems in his/her life do not create solution but instead create problems which can change a persons life. The major factors leading to drug addiction are lack of parental cure and supervision, lack of moral and religious education, media and pop culture, hatred for any authority, broken homes etc…..

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Really nice this is very good . Keep going girl tumhari vajah se logo ko kuch gyan milega. 😉😉😀😀

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Hello… My Name is Shubham Verma, I am a Film Maker & a social worker. I want to make a short film on Say No to Drugs, to spread this message Globally film is the best media, So I want to make a film on Say No to Drugs, I have the best Team with the Best Script. We just need some financial help to make this project Possible, if anyone is there Who is interested to help is Free to contact me.

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Essay on Say No to Drugs

Students are often asked to write an essay on Say No to Drugs in their schools and colleges. And if you’re also looking for the same, we have created 100-word, 250-word, and 500-word essays on the topic.

Let’s take a look…

100 Words Essay on Say No to Drugs

Introduction.

Drugs are harmful substances that can ruin our health and life. It’s crucial that we say ‘no’ to drugs, as they can lead to addiction, health problems, and even death.

Effects of Drugs

Drugs can damage our brain, heart, and other vital organs. They can cause memory loss, heart attacks, and even mental disorders.

Importance of Saying No

Saying ‘no’ to drugs is important for our health, future, and overall well-being. It helps us live a healthy, happy, and productive life.

Let’s pledge to say ‘no’ to drugs and spread awareness about their harmful effects.

Also check:

  • Paragraph on Say No to Drugs

250 Words Essay on Say No to Drugs

The menace of drugs.

Drugs are a scourge that has plagued society for centuries. They cause havoc to the physical and mental health of individuals and disrupt the fabric of communities and societies.

The Harrowing Consequences

The consequences of drug abuse are multifaceted. Physically, they can lead to severe health problems, including heart disease, liver damage, and even death. Mentally, they can induce paranoia, depression, and anxiety. Socially, drug addiction often leads to broken relationships, unemployment, and crime.

The Power of Saying No

The power to say no to drugs should not be underestimated. It is a personal decision that can save lives and futures. Saying no is not just about personal strength, but also about understanding the profound implications of drug use.

Education as a Preventive Measure

Education plays a pivotal role in preventing drug abuse. It is essential to impart knowledge about the dangers of drugs and the importance of a healthy lifestyle. Colleges should integrate drug education into their curriculum, providing students with the necessary tools to make informed decisions.

Collective Responsibility

The fight against drugs is a collective responsibility. It requires the collaborative efforts of individuals, communities, and governments. By fostering a culture of understanding, support, and resilience, we can combat the menace of drugs.

In conclusion, saying no to drugs is a powerful act that can save lives and futures. It is a collective responsibility that requires understanding, support, and education. Let us all strive to create a drug-free society.

500 Words Essay on Say No to Drugs

Drugs have been a persistent issue across the globe, posing significant threats to the health and well-being of individuals, particularly among the youth. The phrase “Say No to Drugs” has become a universal mantra, urging individuals to resist the temptation of drug use. This essay explores the reasons why it is crucial to say no to drugs and the potential consequences of drug use.

The Allure and Consequences of Drug Use

Drugs are often seen as an escape route from reality, a way to numb pain or experience an altered state of consciousness. However, this temporary relief comes at a high cost. Prolonged drug use can lead to addiction, a chronic disease characterized by compulsive drug seeking and use, despite harmful consequences. It affects the brain’s structure and function, causing long-term cognitive impairment, emotional instability, and physical health problems.

The Impact on Personal Life

Drug abuse can lead to a downward spiral in one’s personal life. It can affect academic performance, leading to poor grades and decreased interest in learning. It can strain relationships, causing isolation and loneliness. Moreover, it can lead to legal troubles, as the use of illicit drugs is a punishable offense. It’s essential to say no to drugs to avoid these potential pitfalls and to maintain a healthy and productive life.

The Societal Impact

The societal impact of drug abuse is profound. It can lead to an increase in crime rates, as drug addicts may resort to illegal activities to fund their addiction. Moreover, it places a significant burden on the healthcare system, as treating drug addiction and its associated health problems can be costly. It also results in lost productivity, as drug addicts often struggle to maintain steady employment.

Prevention and Awareness

Saying no to drugs is not just an individual responsibility; it’s a collective one. Society needs to work together to create an environment that discourages drug use. This can be achieved through education and awareness programs that highlight the dangers of drug use and the benefits of a drug-free lifestyle. These programs should also provide resources for those struggling with drug addiction, such as counseling services and rehabilitation centers.

In conclusion, saying no to drugs is crucial for maintaining a healthy and productive life. It helps prevent the negative consequences of drug use, such as cognitive impairment, emotional instability, and physical health problems. It also helps prevent the societal impact of drug abuse, such as increased crime rates and a burdened healthcare system. By saying no to drugs, individuals can contribute to a healthier, safer, and more productive society.

That’s it! I hope the essay helped you.

If you’re looking for more, here are essays on other interesting topics:

  • Essay on Drug Addiction Among Students
  • Essay on Effects of Drugs on Society
  • Essay on Effect of Drugs on Youth

Apart from these, you can look at all the essays by clicking here .

Happy studying!

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say no to drugs essay in hindi

Hindi Jaankaari

26 जून इंटरनेशनल डे अगेंस्ट ड्रग एब्यूज पर कविता – Poem on Anti Drug Day in Hindi – Say No To Drugs Poems

26 जून इंटरनेशनल डे अगेंस्ट ड्रग एब्यूज पर कविता

International day against drug abuse 2018 : ड्रग्स एक ऐसी बीमारी है जो की हमारे समाज में धीरे धीरे करके भढ़ती जा रही है| इसका सबसे ज्यादा असर देश के युवाओ में भी होता है| कहते है की युवा देश की रिड की हड्डी होते है पर आज के समय में ड्रग्स के सेवन से वे अपने शरीर को अंदर से खोखला कर रहे है| भारत में भी ड्रग्स के सेवन और ड्रग्स समुगलिंग और ट्रफिककिंग की वारदाते भढ़ती जा रही है| आये दिन पुलिस भारी मात्रा में ड्रग्स को जप्त करती है| इसका सबसे ज्यादा असर पंजाब में देखने हो मिला है| इंटरनेशनल डे अगेंस्ट ड्रग एब्यूज हर साल 26 जून को मनाया जाता है| इस दिन को मनाने का मकसत लोगो को ड्रग्स के सेवन से मुक्त करने का और जागरूकता फैलाने का है| आज के इस पोस्ट में हम आपको poem about drugs tagalog, short drug poems, drug poems that rhyme, say no to drugs poems, spoken poetry about drugs tagalog, famous poems drugs, drug free poems rhyme, आदि की जानकारी देंगे| Say No To Drugs!

Say No to Drugs Poem in Hindi

इंटरनेशनल डे अगेंस्ट ड्रग एब्यूज कब मनाया जाता है:  अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस 26 जून 2018 को विश्व भर में UN द्वारा मनाया जाता है| इसके अंतर्गत ड्रग्स के खिलाफ लोगों को जागरूक किया जाता है| इस साल भी ये दिन 26 जून 2018, मंगलवार को मनाया जाएगा| इस साल International day against drug abuse 2018 theme को “Listen First – Listening to children and youth is the first step to help them grow healthy and safe.” रखा गया है|  अक्सर class 1, class 2, class 3, class 4, class 5, class 6, class 7, class 8, class 9, class 10, class 11, class 12 के बच्चो को कहा जाता है अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस पर कविता,  Anti Drug Day Slogans  लिखें| जिसके लिए हम पेश कर रहे हैं anti drug day Par Kavita,  Anti Drug Day Essay in Hindi व इंटरनेशनल डे अगेंस्ट ड्रग एब्यूज कविता|

जीना चाहता होंठों से लगी शराब होगी इतनी ख़राब कभी सोचा ना था इसकी लत मौत के मुहाने पर ला खड़ा कर देगी ऐसा जाना ना था वाणी में शुद्धता को ले जाएगी अपनों से कोसों दूर ऐसा होना ना था परिवार में सभी के तनाव बिखराव भरे मन होंगे ऐसा देखा ना था आर्थिकता की कमी लेकर फटी जेब से बाजारों में झांकेंगे ऐसा माना ना था निकलना चाहता है इंसान व्यसनों से जीना चाहता है सुनहरे पलों को ऐसा जाना ना था…

Short Anti Drug Poems

इन इंटरनेशनल डे अगेंस्ट ड्रग एब्यूज पोयम्स, Anti Drug Day Shayari , अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस पर कविता, अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस फोटो , अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस 26 जून विद्यार्थियों और बच्चों के लिए कविता,  International day against drug abuse speech  को आप Hindi, English, sanskrit, Tamil, Telugu, Marathi, Punjabi, Gujarati, Kannada, Malayalam, Nepali के Language व Font के अनुसार बधाई सन्देश, Poem के Image आदि जिसे आप whatsapp, facebook व instagram पर अपने groups में share कर सकते हैं| इस साल के साथ वर्ष 2007, 2008, 2009, 2010, 2011, 2012, 2013, 2014, 2015, 2016, 2017, 2018 का कलेक्शन निचे देखें जिसे आप pdf download भी कर सकते हैं|

I didn’t care about anything but getting my next high because when you’re addicted, it’s demands you must comply my life is falling apart, my body is in bad shape But even with all this, from it’s grasp, it’s too hard to escape

say no to drugs poems

You hear the whispers You know what they say that drugs are a game of Russian Roulette. I know it’s wrong I know it’s a crime but I can’t help want it one more time, because drug addiction is real, your sanity and health it steals. A downhill spiral because of meth, Once you’re addicted it will lead to death. It will rot your teeth, put sores on your face, Put you in a position of shame and disgrace. It will lift you up just to throw you down into a sea of despair and torment to drown.

इंटरनेशनल डे अगेंस्ट ड्रग एब्यूज कविता

मुझे कुछ भी नहीं मिला लेकिन मेरा अगला ऊंचा हो गया क्योंकि जब आप आदी हो जाते हैं, तो इसकी मांग है कि आपको पालन करना होगा मेरा जीवन अलग हो रहा है, मेरा शरीर खराब आकार में है लेकिन यह सब भी, इसके समझ से, बचने के लिए बहुत मुश्किल है आप फुसफुसाते हुए सुनते हैं आप जानते हैं कि वे क्या कहते हैं कि दवाएं एक खेल हैं रूसी रूले का। मुझे पता है कि यह गलत है मुझे पता है कि यह एक अपराध है लेकिन मैं मदद नहीं कर सकता इसे एक और बार चाहते हैं, क्योंकि नशे की लत असली है, आपकी सैनिटी और स्वास्थ्य चोरी करता है। मेथ की वजह से एक डाउनहिल सर्पिल, एक बार जब आप आदी हो जाते हैं तो इससे मृत्यु हो जाएगी। यह आपके दांतों को सड़ जाएगा, आपके चेहरे पर घाव डाल देगा, खुद को शर्म और अपमान की स्थिति में रखें। यह आपको नीचे फेंकने के लिए उठाएगा निराशा के समुद्र और डूबने के लिए पीड़ा में।

International Day Against Drug Abuse And Illicit Trafficking Poem in Hindi

मेथ की वजह से एक डाउनहिल सर्पिल, एक बार जब आप आदी हो जाते हैं तो इससे मृत्यु हो जाएगी। यह आपके दांतों को सड़ जाएगा, आपके चेहरे पर घाव डाल देगा, खुद को शर्म और अपमान की स्थिति में रखें। यह आपको नीचे फेंकने के लिए उठाएगा निराशा के समुद्र और डूबने के लिए पीड़ा में। मैं धोखा, झूठ बोलना, चोरी करना क्योंकि की शक्ति लत असली है और इसका प्रभाव मैं छुपा नहीं सकता। मैं रास्ते में मदद नहीं कर सकता मुझे लगता है, यह बहुत मुश्किल है सौदा करने के लिए। मुझे आश्चर्य है कि मैं कभी ठीक हो जाएगा। दवाएं शांत नहीं हैं वे आपको बनाते हैं एक मूर्ख की तरह अधिनियम। एक जोकर मत बनो दवाएं रखेंगे तुम नीचे तुमने मुझे इतना खुशी दी लेकिन यह एक बड़ी कीमत पर आया, मेरे परिवार, दोस्तों और सपनों, यह सब मैं खो गया है। एक बार जब आप मुझमें समझ गए थे, कोई रास्ता नहीं था कि मैं मुक्त तोड़ सकता था। गंदे काम और गंदे चालें मैं अपना अगला फिक्स पाने के लिए करूंगा। अब मुझे बहुत अफसोस है, मेरा सबसे बड़ा अफसोस, वह दिन है जब हम मिले थे। मेरे पास ऐसी आकांक्षाओं और सपनों का पीछा करना था अब उच्चतम पाने के लिए मैं बस इतना करना चाहता हूं।

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Punjabi Essay on "Drug Addiction", “ਨਸ਼ਾ ਨਾਸ਼ ਕਰਦਾ ਹੈ ਨਾਰੀ ਦੀ ਭੂਮਿਕਾ ਪੰਜਾਬੀ ਲੇਖ”, “Say No to Drugs”, Punjabi Essay for Class 5, 6, 7, 8, 9 and 10

Essay on Drug Addiction in Punjabi Language : In this article, we are providing  ਨਸ਼ਾ ਨਾਸ਼ ਕਰਦਾ ਹੈ ਨਾਰੀ ਦੀ ਭੂਮਿਕਾ ਪੰਜਾਬੀ ਲੇਖ  for students...

ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਕਈ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਪਤਾ ਹੈ ਕਿ ਪਿਛਲੇ ਕੁੱਝ ਸਮੇਂ ਤੋਂ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਵਿਚ ਨਸ਼ਿਆਂ ਦੀ ਭੈੜੀ ਆਦਤ ਲਗਾਤਾਰ ਜ਼ੋਰ ਪਕੜ ਰਹੀ ਹੈ । ਅੱਜ ਕਲ੍ਹ ਸਕੂਲਾਂ, ਕਾਲਜਾਂ ਵਿਚ ਪੜ੍ਹਦੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀ, ਹੋਸਟਲਾਂ ਵਿਚ ਰਹਿੰਦੇ ਹੋਸਟਲਰਾਂ ਆਦਿ ਵਿਚ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਨਸ਼ਿਆਂ ਦੇ ਸ਼ਿਕਾਰ ਹਨ । ਹੋਸਟਲਾਂ ਵਿਚ ਰਹਿੰਦੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਉੱਤੇ ਤਾਂ ਨਸ਼ਿਆਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਦਾ ਇਕ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦਾ ਭੂਤ ਹੀ ਸਵਾਰ ਹੋ ਗਿਆ ਹੈ । ਉਹ ਇਕ ਦੂਜੇ ਦੀ ਰੀਸ ਤੇ ਭੇਡ ਚਾਲ ਕਾਰਨ ਇਸ ਬੀਮਾਰੀ ਦਾ ਸ਼ਿਕਾਰ ਹੋ ਰਹੇ ਹਨ । ਹੋਸਟਲ ਦੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਕੋਲੋਂ ਸ਼ਰਾਬ, ਚਰਸ, ਗਾਂਜਾ, ਕੋਕੀਨ, ਭੰਗ, ਐਲ.ਐਮ.ਡੀ. ਦੀਆਂ ਗੋਲੀਆਂ ਆਦਿ ਕਈ ਕੁਝ ਮਿਲਦਾ । ਹੈ । ਇਹ ਆਦਰ ਮੁੰਡਿਆਂ ਵਿਚ ਹੀ ਨਹੀਂ ਸਗੋਂ ਕੁੜੀਆਂ ਵੀ ਇਸ ਦਾ ਸ਼ਿਕਾਰ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਆਮ ਤੌਰ ਤੇ ਹੋਸਟਲ ਦੇ ਪੁਰਾਣੇ ਨਸ਼ੇਵਾਂਜ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਨਵੇਂ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਜਬਰਦਸਤੀ ਜਾਂ ਮਜ਼ਾਕੀ ਮਜ਼ਾਕ ਵਿਚ ਇਸ ਨਸ਼ੇ ਦੀ ਆਦਤ ਪਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਸਿਗਰਟ ਅਤੇ ਸ਼ਰਾਬ ਪੀਣਾ ਉਹ ਇਕ ਸ਼ਾਨ ਮੰਨਦੇ ਹਨ । ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਉਹ ਇਹਨਾਂ ਨਸ਼ਿਆਂ ਦੀ ਆਦੀ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਨਸ਼ੀਲੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਦਾ ਕਾਰਨ ਜਿੱਥੇ ਉਦਾਸੀਨਤਾ, ਬੇਚੈਨੀ ਅਤੇ ਮਾਨਸਿਕ ਪਰੇਸ਼ਾਨੀਆਂ ਹਨ, ਉਥੇ ਛੇੜੀ ਸੰਗਤਾਂ ਵੀ ਹੈ ।

ਨਸ਼ਿਆਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਦੀ ਬੀਮਾਰੀ ਨੌਜਵਾਨ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਅਤੇ ਆਉਣ ਵਾਲੀ ਪੀੜੀ ਨੂੰ ਨਕਾਰਾ ਅਤੇ ਕਮਜ਼ੋਰ ਬਣਾ ਰਹੀ ਹੈ । ਇਸਦਾ ਸੌਖਾ ਇਲਾਜ ਹੈ ਕਿ ਸਭ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਨਸ਼ੀਲੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਖੁੱਲੀ ਵਿਕਰੀ ਉੱਤੇ ਪਾਬੰਦੀ ਲਾਈ ਜਾਵੇ । ਜਿਹੜਾ ਵੀ ਚੋਰੀ ਛਿਪੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਨਸ਼ੀਲੀਆਂ ਵਸਤਾਂ ਦੀ ਸਪਲਾਈ ਕਰਦਾ ਹੈ, ਉਸਨੂੰ ਸਖ਼ਤ ਸਜ਼ਾ ਦਿੱਤੀ ਜਾਵੇ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਕੁਰੀਤੀਆਂ ਦੀ ਥਾਂ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਵਿਚ ਵੱਖ ਵੱਖ ਢੰਗਾਂ ਦੁਆਰਾ ਮੁਕਾਬਲੇ, ਕਲਾ ਪਿਆਰ, ਸਾਹਿਤ ਸਿਰਜਣਾ ਆਦਿ ਦੀਆਂ ਰੁਚੀਆਂ ਪੈਦਾ ਕੀਤੀਆਂ ਜਾਣ ।

ਨਸ਼ੇ ਦੀ ਆਦਤ ਸਿਰਫ ਹੋਸਟਲਾਂ ਦੇ ਬੱਚਿਆਂ ਨੂੰ ਹੀ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਇਹ ਆਦਤ ਘਰ ਵਿਚ ਮਾਂ-ਪਿਉ ਦੇ ਪਿਆਰ ਤੋਂ ਸੱਖਣੇ ਰਹਿ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਜਾਂ ਘਰ ਵਿਚ ਆਪਣੀਆਂ ਜਿੰਮੇਦਾਰੀਆਂ ਪੂਰੀ ਨਾ ਕਰ ਸਕਣ ਦੀ ਹਾਲਤ ਵਿਚ ਵੀ ਉਹ ਇਸ ਨਸ਼ੇ ਦਾ ਸਹਾਰਾ ਲੈਂਦੇ ਹਨ ।

ਇਸ ਕੰਮ ਲਈ ਇਕੱਲੀ ਸਰਕਾਰ ਕੁਝ ਨਹੀਂ ਕਰ ਸਕਦੀ। ਮਾਪਿਆਂ ਨੂੰ ਵੀ ਇਸ ਕੰਮ ਲਈ ਹੰਭਲਾ ਮਾਰਨਾ ਪਏਗਾ । ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਸੁਚੱਜੇ ਢੰਗ ਨਾਲ ਨਸ਼ਿਆਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਤੋਂ ਜਾਣੂ ਕਰਾਇਆ ਜਾਵੇ । ਮਾਂ ਪਿਉ ਨੂੰ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਕਿ ਉਹ ਆਪਣੇ ਬੱਚਿਆਂ ਨੂੰ ਪਿਆਰ ਨਾਲ ਧਿਆਨ ਨਾਲ ਰੱਖਣ ਉਹਨਾਂ ਦੀ ਜਰੂਰਤਾਂ ਨੂੰ ਸਮਝਣ ਤੇ ਉਹਨਾਂ ਦੀ ਜਿੰਮੇਦਾਰੀਆਂ ਨੂੰ ਪੂਰੀ ਕਰਨ ਲਈ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਤਿਆਰ ਕਰਨ । ਇਸੇ ਨਾਲ ਹੀ ਅਸੀਂ ਆਪਣੀ ਆਉਣ ਵਾਲੀਆਂ ਪੀੜੀਆਂ ਨੂੰ ਸਹੀ ਰਾਸਤਾ ਵਿਖਾ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ਤੇ ਆਪਣੇ ਦੇਸ਼ ਨੂੰ ਚੜ੍ਹਦੀ ਕਲਾਂ ਵਿਚ ਰਖ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ਕਿਉਂਕਿ ਅਜ ਦਾ ਨੌਜਵਾਨ ਹੀ ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਦਾ ਭਵਿੱਖ ਹੈ ।

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Speech on Drug Abuse in English in Simple and easy Words

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Table of Contents

Speech on Drug Abuse: Drug abuse has become the most common thing these days and many youth are destroying their lives by getting addicted to drugs. It’s very important to sensitize our youth on the subject of drug abuse. They are ruining the lives of our youth and putting their future in a great darkness. The use of drugs is making their lives vulnerable and prone to destruction. Therefore, it becomes very important to raise awareness about it amongst our youth and prevent them from succumbing to it. The International Day against Drug Abuse and Illicit Trafficking is celebrated annually on June 26th it serves as a significant platform for raising awareness and addressing the critical issue of substance abuse. You can even prepare a speech on drug abuse and deliver it on various occasions and platforms.

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Speech on Drug Abuse

Long and Short Speeches on Drug Abuse in English

For your help, we have posted below some short speech on drug abuse as well as long speech on drug abuse, which will give you a comprehensive understanding of the subject matter and help you create an impressive brief to impress upon your audience and bring a change in society.

Speech on Drug Abuse – Speech 1

Dear Students – Warm Greetings to all of you! I welcome everyone to the school seminar hall.

Today, we are here to discuss about the fatal consumption of drugs and how it is destroying the lives of our youth. But before the discussion begins, I would like to deliver a short speech on drug abuse and would like to enlighten our students on this sensitive subject matter.

Drugs, as we all know, are an illegal matter which some people drink, smoke, inject or eat for the mental as well as physical effects that it leaves. There are several students who consume drugs out of fun or for various other reasons. People who deal in the selling of drugs create a network and mainly target students in order to make them addicted to drugs. Initially, the drugs are sold to the students for free and gradually when they get addicted to it, they start buying and consuming it. In fact, the students also eventually become a part of their network and start dealing in it.

It is observed that students start consuming drugs out of stress or unfair expectations of their teachers as well as parents. Lack of emotional support and disorder in their families make them vulnerable and increase their dependency on drugs. They use it in order to calm down their state of mental agitation. Other than this, it is poverty that compels some students to become a part of the selling and dealing network of drugs and derive their pocket money. Therefore, it becomes like a vicious circle of the drug addicted students from which they seem to find no escape unless the society comes for their rescue.

Sadly, the students fail to realize that the consumption of drugs has a severe impact on their physical and mental health, such as they start experiencing mental disorder, their intelligence level decreases, experience deadly diseases and untimely death. When one completely succumbs to the temptation of drugs, it gets very difficult for him/her to recover from its impact except in the centers for drug rehabilitation where they gain a new life, but which involves a high cost. In fact, there are many cases too where even rehabilitation centers fail because of the worst condition of the patients.

I, therefore, request all the students to refrain themselves completely from the consumption of drugs before it destroys their health, future and takes away their lives. Don’t even try to touch or come close to them. Drugs can even destroy a complete generation. So think wise and act smart. Shape your future which seems bright and full of achievements. The drugs that doctor prescribes to his/her patients must only be taken in order to combat a specific disease otherwise the government must take strict measures to ban its illegal trade in the market and save our youth from destruction.

I want to conclude by saying that drug abuse should be an absolute ‘No’ for all and I sincerely hope that our students will never ever try to consume drugs and will completely stay away from its use. Remember that our country needs you as you are its future and harbinger of progress.

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Take free test

Speech on Drug Abuse – Speech 2

Good Morning Friends – Welcome to the 77 th campaign for drug addiction ban.

It feels extremely great to see how the members of our organization are working hard in order to make every day count and reach out to the masses for spreading awareness about the drug addiction or drug abuse. Since day one and today it’s the 77 th campaign of our organization – we haven’t really ever thought that we will grow this big, i.e. currently we have more than 200 people working for us and have gained a mass appeal. The response so far has been really good and we have been able to transform the life of the people for good, who earlier have been living under the influence of drugs.

So today I would further like to appeal to the masses to refrain themselves from using drugs and live a healthy life. Drug addiction or drug abuse is described as an excessive dependency on a substance, which inevitably becomes the compulsive need of the person using it. This need becomes so compulsive that without that substance the person cannot live his life like a normal person does. And, when such a substance is stopped being available in the market then that person is believed to be suffering from substance withdrawal.

The addiction of drugs has become one of the serious social problems in many developing as well as developed countries and it undeniably proves to be the principal obstruction in the all-round development of the people, society, country and the world at a large. Our country is a progressing country and it is already afflicted with so many other grave problems, such as unemployment, poverty and illiteracy that the problem of Adolescence and Drug abuse makes the situation even worse here as it further makes our economy regressive by destroying the lives of its youth.

Even sadder is the fact that several drug addicts cannot afford to make a purchase of expensive drugs so much so that in the end they have to resort to such activities as theft in their homes. These people are not born thieves, but their addiction to drugs makes them heinous and propels them to commit crimes in order to feed their body with drugs.

People can become addicted to drugs because of various reasons, some of which are mentioned below:

1. In order to de-stress themselves

When a person is under the influence of drugs, he/she forgets everything and enters into a trance-like state. However, it is only later that people realize that the use of drugs is only aggravating the problem and not really helping them in getting rid of the stress.

2. Out of peer pressure

Many times, people start taking drugs because their friends are addicted to them. However, once they start taking it, it becomes really difficult for them to get rid of this habit.

3. Style Statement

Many teenagers these days think that the habit of drinking, smoking and even drug addiction is what helps them look cool and create a style statement in the front of others. However, it’s only when these people get trapped in its vicious circle that they realize the irreparable they have caused to their lives.

Teenagers and every person for that matter must understand that the habit of drug abuse not only greatly affects their body and mind, but also finishes their bright future. So we should strictly say ‘No’ to drugs and save our lives as well the lives of our loved ones by spreading awareness in our surroundings.

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Speech on Drug Abuse – Speech 3

Respected Principal, Vice Principal, Teachers and My Dear Fellow Students – Warm Welcome to all of you! Today, standing in the prayer hall I would like to take this opportunity to deliver a brief speech on Drug Abuse.

I request our principal and teachers to kindly allow me to speak on this subject as it is a high time to enlighten our youth about the dangerous habit of drug abuse. In the present times, there are many factors that push a man to resort to drug addiction and make his/her life miserable. The most glaring factors are rapid industrialization and urbanization, which have given birth to a new kind of behavior among the youth of today, i.e. individualism and permissiveness. People these days prefer nuclear families and in many cases both parents are working, as a consequence of which they become less forbearing in comparison to their previous generations. People are living their lives in isolation and avoid getting social because the stress in the modern times has become way too much to make them withdrawn figures in their personal lives.

In the end, such people become involved in the habit of drinking, smoking, drug addiction, etc. Besides, when a child doesn’t feel satisfied at home or when he/she is deprived of love, affection and care of his/her parents, a feeling of discontentment comes in and such children become prone to drug addiction and ruin their lives completely. What is more painful to see that if the drug addicted people are not allowed the use of drugs, then he/she suffers from bouts of depression, painful and uncontrollable convulsions as well as vomiting!

It is an obvious fact that the addiction of drugs is ruining the path of progress of many individuals and our nation as a whole so much so that proactive measures need to be taken in order to keep a check on this destructive habit of our youth. The most significant step in this direction would be about spreading awareness amongst the people on a national scale.

Our Indian government has in fact formulated various campaigns and even has been able to gain success in this direction. The individuals whose family and friends suffer from the addiction of drugs are requested to approach the rehabilitation institutions and camps in order to provide treatment to the addicts.

Drug abuse should not be tolerated and be completely banned as a taboo. However, it is not advised to torture the addict or treat him/her inhumanely for this habit because if you try and convince the person about its treatment then he/she may willingly choose to opt for it and get rid of this addiction by admitting himself/herself at the rehabilitation centers.

A person who has become the victim of drug abuse is forced by his/her bodily conditions to carry on with the addiction, but sooner they realize the bad impact of this habit. All that these people need is a helping hand and therefore we should provide encouragement as well as support to these people in making these addicts come back to their normal lives and lead a healthy life.

Speech on Drug Abuse – Speech 4

Hon’ble Principal, Vice Principal, Fellow Colleagues and My Dear Students – Warm Greetings to one and all!

Firstly, I would like to extend a note of thank you to our respected Principal and Vice Principal for gracing this speech ceremony with their presence and giving their approval too. And, to all the fellow teachers – as without your support this event wouldn’t have been possible. I would also like to congratulate our dear students for making the desired arrangement on a short notice.

The topic for today’s speech is Drug Abuse! I have chosen to speak on this topic because these days I observe many campaigns being run on Drug Abuse in order to teach the people about its ill effects. As a teacher, it also becomes my responsibility to help them spread the message wherever we can and most importantly beginning from our very own school.

Drug abuse is considered one of the banes of our so called civilized society. It has affected all the sections and regions of our society. People with the illicit use of drug are found everywhere, i.e. in urban and rural regions, among men and women, among rich and poor. But it is exceedingly practiced by our young girls and boys living in hostels in nearly all technical and educational institutions.

The grave situation of drug abuse is prevalent across the world and unfortunately our very country India is more strongly affected by it. Our country is a transit country because it is placed between the Golden Triangle consisting of Burma, Thailand and Cambodia, including Golden Crescent consisting of Afghanistan, Pakistan and Iran – the places where most of the drugs, chiefly heroin and opium are produced. Pakistan is undeniably the nucleus of the world when it comes to any unlawful activity and as far as the drug production is concerned – it is the hub. In fact, a big proportion of drugs go by India in order that it can be exported to other countries.

This happens through the network of drug mafia who further has connections with formidable smugglers as well as terrorists. In the process, unfortunately several young men as well as women become victims to this diabolic activity. Pakistan with the help of ISI is involving itself in a proxy war in the region of Kashmir against India through money earned with the help of drug mafia. Thus, terrorism and drugs share very strong connections.

This addiction to drug is so deadly that people fall prey to its use and become almost a slave. If a person doesn’t get its regular dose, then that person starts feeling a lack of it and becomes depressed with severe pain which even leads to a lack of sensation in arms and legs. Drugs are of various kinds, such as heroin, opium, charas, ganja, etc.

There are some injections too which lead to a state of severe drowsiness. In case, a drug-addict is not able to receive the required dose of drug when needed, then he/she would be ready to do anything for it even by resorting to unfair means, such as theft or may be hurting someone physically, etc.

I therefore request everyone to strictly say ‘No’ to drugs and get such people admitted to rehabilitation centers where their conditions can be improved before it gets horrible and proves fatal for that person.

Visit IL website for more study resource.

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Speech on Drug Abuse Faq’s

What is the topic of drug abuse day.

Drug Abuse Day focuses on raising awareness about the harmful effects of drug misuse and addiction.

What is drug abuse in the English language?

Drug abuse in English refers to the harmful and improper use of drugs, often leading to health and social problems.

How can we say no to drugs?

We can say no to drugs by staying informed, making healthy choices, and seeking support from friends and family when faced with drug temptations.

How to write an essay about drugs?

To write an essay about drugs, start with an introduction, discuss the impacts, causes, and solutions, and conclude with your viewpoint on the topic.

What is drugs summary?

A drugs summary is a brief overview of key information about drugs, including their effects, risks, and uses.

What is drug abuse in a short introduction?

Drug abuse is when people misuse drugs, causing harm to themselves and society. It's a serious problem that needs attention.

What are a few lines on addiction?

Addiction is a strong, harmful craving for something, like drugs, that can be very difficult to control. It can lead to serious problems.

We can say no to drugs by being strong, confident, and making choices that keep us safe and healthy.

Addiction is a powerful need for something that can be harmful, like drugs or alcohol. It can affect a person's life in many negative ways.

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  4. नशे की लत/मादक पदार्थों की लत पर निबंध: drug addiction essay in hindi

    मादक पदार्थों की लत पर निबंध, drug addiction essay in hindi (200 शब्द) इन दिनों नशा एक आम समस्या है। दुनिया भर में बड़ी संख्या में लोग इस समस्या से पीड़ित हैं। ड्रग्स एक ...

  5. Speech on drug abuse in hindi: दवाइयों के दुरूपयोग पर भाषण

    दवाइयों के दुरूपयोग पर भाषण, Speech on drug abuse in hindi -1. प्रिय छात्रों - आप सभी को हार्दिक बधाई! मैं स्कूल सेमिनार हॉल में सभी का स्वागत करता हूं ...

  6. ड्रग्स फ्री इंडिया पर निबंध » हिंदी निबंध, Nibandh

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  7. Best 5 Speech on Drug Abuse

    1 नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर भाषण - 1 -Speech on Drug Abuse In Hindi. 2 नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर भाषण - 2 -Short And Long Speech On Drugs abuse In Hindi. 3 नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर ...

  8. नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध

    नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध - Essay On Drug Abuse In Hindi मादक द्रव्य : मौत का ...

  9. Essay on Drug Abuse in India in Hindi

    Essay on Drug Abuse in India in Hindi, Long and short essay and paragraph of drug abuse in hindi language for all students. निबंध ( Hindi Essay) अनुच्छेद

  10. Say No to Drugs : दम मारो दम, 'बढ़' जाए गम

    Say No to Drugs : दम मारो दम, 'बढ़' जाए गम . नशा, नाश करता है ये बात आज बॉलीवुड भी मान रहा है.. आप भी मान लीजिए। 'से नो टू ड्रग्स' का नारा लगाने वाली ...

  11. 26 जून नशा मुक्ति दिवस पर नारे हिन्दी स्लोगन

    नशा करना, मौत को पास बुलाना. Slogan:-4. जो करते है अपने जीवन में नशा. उनकी जीवन की हो जाती है दुर्दशा. Slogan:-5. चलो सबको ये जागरूकता फैलाये. नशा ...

  12. विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर निबंध 2023

    World No-Tobacco Day 2023 | विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर निबंध | Speech On World No-Tobacco Day In Hindi | Essay World No-Tobacco Day 2023 | WHO के सदस्य राज्यों द्वारा वर्ष 1987 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में बनाया ...

  13. इंटरनेशनल डे अगेंस्ट ड्रग एब्यूज निबंध

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  14. Say No to Drugs

    Any person can get addicted to drugs willingly or unwillingly. The problem is some don't find out the harm it does to their health till it is very late. Lately the youth seems to have become a major part of the population which is pro drug abuse and this could be because of any reason- the company, a temporary solution to problems or medication.

  15. Say No To Drugs! Essay

    Some of the illegal drugs are marijuana, ecstasy, cocaine, LSD, crystal meth and heroin. Drugs are consumed in different ways, by inhaling, taking by mouth, injecting, applying on skin, and smoking. When a person is addicted to a drug, the drug becomes so important that the person cannot manage without it.

  16. Essay on Say No to Drugs

    500 Words Essay on Say No to Drugs Introduction. Drugs have been a persistent issue across the globe, posing significant threats to the health and well-being of individuals, particularly among the youth. The phrase "Say No to Drugs" has become a universal mantra, urging individuals to resist the temptation of drug use.

  17. Say No to Drugs Poem in Hindi

    Say No to Drugs Poem in Hindi. इंटरनेशनल डे अगेंस्ट ड्रग एब्यूज कब मनाया जाता है ...

  18. Drive against drugs Pledge in Hindi

    Drive against drugs Pledge in Hindi | Say yes to Life, Say No to Drugs online certificate | #mygov #mha What is say yes to life no drugs pledge?The governmen...

  19. Punjabi Essay on "Drug Addiction", "ਨਸ਼ਾ ...

    Essay on Drug Addiction in Punjabi Language: In this article, we are providing ਨਸ਼ਾ ਨਾਸ਼ ਕਰਦਾ ਹੈ ਨਾਰੀ ਦੀ ਭੂਮਿਕਾ ਪੰਜਾਬੀ ਲੇਖ for students.Punjabi Essay/Paragraph on Say No to Drugs. Punjabi Essay on "Drug Addiction", "ਨਸ਼ਾ ਨਾਸ਼ ਕਰਦਾ ਹੈ ਨਾਰੀ ਦੀ ਭੂਮਿਕਾ ਪੰਜਾਬੀ ...

  20. Speech on Drug Abuse in English in Simple and easy Words

    1. In order to de-stress themselves. When a person is under the influence of drugs, he/she forgets everything and enters into a trance-like state. However, it is only later that people realize that the use of drugs is only aggravating the problem and not really helping them in getting rid of the stress. 2.

  21. Say No To Drugs Essay In Hindi

    Say No To Drugs Essay In Hindi: Step 1 Step 1 of 2. Curriculum Label. College of Education Graduate For Graduate Students. 2. Apply Now . Save. Request Info. Apply Now ☰ Menu. Program length: Student Services. Chart illustrating the unemployment rate for people with less than a high school diploma, a high school diploma, some college, and a ...

  22. Say No To Drugs Essay In Hindi

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  23. Say No To Drugs Essay In Hindi

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