• निबंध ( Hindi Essay)

essay on safety in hindi

Essay on Safety in Hindi | हिंदी में सुरक्षा पर निबंध

Essay on Safety in Hindi

Essay on safety in Hindi: यदि हम खुद की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखते हैं तो कई तरह की परेशानियों से खुद को बचा सकते हैं। यानी खुद की Safety बहुत जरूरी है।

खुद की सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण है इसी बात को समझाने के उद्देश्य से परीक्षाओं में Safety Essay in hindi अक्सर पूछा जाता है।

इसीलिए Students की जरूरत को ध्यान में रखते हुए यहाँ पर Essay on road safety in hindi और Industrial Safety rules in hindi दिया जा रहा है, जिसमे हम Road safety rules, Indrustrial safety rules आदि के बारे में जानेंगे।

Table of Contents

Essay on safety in Hindi (हिंदी में सुरक्षा पर निबंध) – 300 words

आवागमन के लिए दुनिया के अधिकतर व्यक्ति सबसे ज्यादा रोड का ही उपयोग करते हैं। ऐसी स्थिति में यह बहुत आवश्यक हो जाता है कि यातायात का यह तरीका बहुत ही सुरक्षित हो।

रोड सेफ्टी को बढ़ाने के लिए कई तरह के नियम बनाए गए हैं यदि उन नियमों का सही ढंग से पालन हो तो सड़क हादसों की संख्या बहुत कम हो सकती है। लेकिन यदि वर्तमान के आंकड़ों पर गौर करें तो यह चिंताजनक है भारत में रोड एक्सीडेंट की समस्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है।

यातायात के नियम

रोड यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए यातायात से संबंधित कई नियम बनाए गए हैं। इन नियमों का पालन करना हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है। रोड यात्रा से संबंधित यातायात के नियम निम्नलिखित हैं:-

  • हमेशा रोड के बाएं साइड ही चलना चाहिए।
  • नशे की हालत में कभी भी गाड़ी नहीं चलाना चाहिए।
  • बाइक चलाते वक्त हमेशा हेलमेट पहनना चाहिए।
  • अपने वाहन के टायरों को समय-समय पर जांचते रहना चाहिए।
  • भीड़भाड़ वाले इलाकों में तेज गति से वाहन नहीं चलाना चाहिए।
  • सड़क पार करने के लिए हमेशा जेबरा क्रॉसिंग का उपयोग करना चाहिए।
  • रोड में वाहन चलाते समय अपने वाहन और दूसरे वाहन के बीच उचित दूरी बनाए रखना चाहिए।
  • वाहन चलाते वक्त ट्रैफिक सिग्नल का ध्यान रखना चाहिए।
  • दोपहिया वाहनों में दो व्यक्ति से ज्यादा नहीं बैठना चाहिए।

बिना लाइसेंस के वाहन चलाने पर अर्थदंड ₹500 था, जो अब बढ़ाकर ₹5000 कर दिया गया है। वहीं बिना हेलमेट के वाहन चलाने पर अर्थदंड के तौर पर ₹1000 लिया जाता है।

यातायात को सुरक्षित बनाने के लिए इस तरह के नियमों में बदलाव निश्चित रूप से सराहनीय है आगे भी हम इसी तरह के कई बदलावों की अपेक्षा करते रहेंगे।

Essay on safety in Hindi (हिंदी में सुरक्षा पर निबंध) – 500 words

W.H.O के अनुसार भारत मे प्रतिवर्ष रोड दुर्घटना से 10 लाख से ज्यादा लोगो की मृत्यु हो जाती है। हर दिन करीब 1317 लोगो के साथ रोड दुघर्टना होती है, जिनमे से 413 लोगो की मौत हो जाती है।

इनमे से कई ऐसे लोग भी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं जिनकी कोई गलती नही होती है। वो सभी नियमों का पालन कर रहे होते हैं, लेकिन किसी और कि गलती के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं।

Traffic नियम के महत्व (Importance of traffic rules)

Traffic नियम का पालन करना बहुत जरूरी है। ट्रैफिक रूल इस बात को सुनिश्चित करते हैं कि वाहनों का आवागमन सुचारू रूप से चलता रहे। यदि कोई भी इन नियमों को तोड़ता है तो इससे सड़क सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है।

Traffic light सबसे महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि इन्ही के जरिए लोगो को पता चलता है कि कब गति को धीरे करना है, कब रुकना है और कब चलना है।

यदि कोई Traffic light के बारे में नही जानता तो वह न समझी में इन signals को तोड़ देगा जिससे कि बाकी व्यक्तियों को असुविधा हो सकती है।

सड़क दुर्घटना होने के मुख्य कारण

आज देश मे सड़क दुर्घटनाओं की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई है। ऐसी स्थिति में इनके पीछे प्रमुख कारणों के बारे में जानना आवश्यक है। भारत मे सड़क दुर्घटना के कारण निम्नलिखित है:-

  • हमारे देश मे रोड की हालत काफी खराब रहती है। जिसकी वजह से कई दुर्घटनाएं होती है।
  • लोगो को ट्रैफिक संबंधी नियमों का सही ज्ञान नही होता है , जिस वजह से दुर्घटनाएँ होती है।
  • कई लोग बिना हेलमेट के और बिना सीट बेल्ट के वाहन चलाते हैं जो भी सड़क दुर्घटना में मृत्यु का एक बड़ा कारण बनता है।
  • गलत दिशा से ओवरटेक करने के कारण भी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।
  • बिना इंडिकेटर दिए मुड़ जाने से भी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।
  • कभी-कभी पैदल यात्री अचानक एक दिशा में मुड़ जाते है , जिसकी वजह से भी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।
  • शराब पीकर वाहन चलाने से भी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।

सड़क दुर्घटना रोकने के लिए क्या करें

सड़क दुर्घटना रोकने के लिए निम्नलिखित उपाय करने चाहिए:-

  • नशे की हालत में गाड़ी चलाने से हमेशा बचना चाहिए।
  • गाड़ी चलाने से पहले हमेशा वाहन के ब्रेक और टायर चेक कर लेना चाहिए।
  • कार चलाते वक्त हमेशा सीट बेल्ट लगाना चाहिए।
  • हेलमेट पहन कर ही बाइक चलाना चाहिए।
  • जरूरत पड़ने पर हमेशा इंडिकेटर को प्रयोग करना चाहिए।
  • कभी भी दूसरे वाहन को उल्टी दिशा से ओवरटेक नहीं करना चाहिए
  • सिग्नल्स का विशेष ध्यान रखना चाहिए। कभी भी सिग्नल तोड़ने की कोशिश नहीं करना चाहिए।
  • कहीं जाने से पहले कोशिश करें कि आप वक्त से थोड़ा पहले घर से निकले ताकि आपको ज्यादा गति से वाहन ना चलाना पड़े।

अधिकतर सड़क दुर्घटनाएं इंसानी गलतियों के कारण ही होती है। यदि इन गलतियों में कमी लाया जाए तो रोज होने वाले सड़क दुर्घटनाओं में काफी कमी लाई जा सकती है।

यदि आप सावधान है और सुरक्षा संबंधी उपाय करते है तो सड़क दुर्घटना में अपनी जान बचा सकते हैं। इसलिए हमेशा यात्रा करने से पहले अपनी सुरक्षा सुनिश्चित जरूर कर लें।

Industrial Safety Essay in Hindi (औद्योगिक सुरक्षा पर निबंध ) – 500 words

आज देश की एक बहुत बड़ी आबादी अपनी आजीविका लिए फैक्ट्रियों में काम करती है। ऐसे में यह बहुत ही बहुत आवश्यक हो जाता है कि उनकी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए।

हालांकि औद्योगिक सुरक्षा के लिए आजकल कई विशेष कानून बन चुके हैं जिसमें किसी भी कंपनी को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसके यहां काम करने वाले सभी कर्मचारी और मजदूर पूरी तरह से सुरक्षित रहें।

आजकल हर कंपनी की यह कानूनी जिम्मेदारी है कि वह काम करने वालों को सुरक्षा संबंधी सभी जरूरी चीजें मुहैया करवाए। यदि कंपनी में सुरक्षा के संबंध में लापरवाही बढ़ती है तो कोई भी कर्मचारी इसके खिलाफ कानूनी सहायता ले सकता है।

Industrial safety rules in hindi ( औद्योगिक सुरक्षा के नियम)

औद्योगिक सुरक्षा के नियम निम्नलिखित है:-

  • काम करने के दौरान किसी भी तरह गड़बड़ दिखाई देने पर तुरंत सुपरवाइसर को बताएं।
  • कोई भी मशीन को चलाने से पहले उसे अच्छे से जाँच लें।
  • किसी भी मशीन को चलाने से पहले या कोई रासायनिक काम करने से पहले सभी जरूरी सुरक्षा उपकरणों को जरूर पहन लें।
  • काम के दौरान अपने साथी से मजाक न करें क्योंकि एक छोटी सी भूल बड़ी दुर्घटना को अंजाम दे सकती है।
  • यदि आप कोई ऐसा काम कर रहे हैं जिसमे आग लगने की संभावना बनी रहती है तो अपने पास उतना ही समान रखें जितना जरूरी है। काम खत्म होने के
  • बाद सभी चीजों को उनके उचित स्थान पर जरूर रख दें।
  • काम के दौरान यह सुनिश्चित करें कि कोई भी नट-बोल्ट ढीला तो नही है। सभी मशीनों को जांचे। साथ ही यदि ऊपर क्रेन लगी तो इस बात को सुनिश्चित
  • कर लें कि उसकी पकड़ मजबूत है।
  • किसी भी सामान को गिरने न दें। इसके लिए नेट लगाया जा सकता है।
  • काम के दौरान आसपास की सफाई का विशेष ध्यान रखें। आसपास तेल गिरा होने पर उसे साफ करते रहना चाहिए।
  • कभी भी जल्दबाजी में काम न करें। हर काम को सोच समझ कर ही करें।
  • काम के दौरान पूरी सजकता बनाकर रखें।
  • काम करने की जगह पर फर्श चिकना नही होना चाहिए।
  • हर फैक्ट्री में आपातकालीन दरवाजा जरूर होना चाहिए। साथ ही आपातकालीन दरवाजे के आसपास की जगह बिलकुल खाली हो ताकि किसी दुर्घटना की स्थिति में लोग आसानी से निकल सकें।
  • किसी भी मोटर या मशीन में यदि चैन लगी हो तो उसके ऊपर चैन कवर होना जरूरी है।
  • हर फैक्ट्री में सेफ्टी अलार्म जरूर होना चाहिए। साथ ही उचित मात्रा में अग्निशामक यंत्र होना चाहिए।

औद्योगिक सुरक्षा क्यों जरूरी है?

कोई भी क्षेत्र में व्यक्ति तभी पूरी ऊर्जा से काम कर सकता है जब वह अपनी सुरक्षा को लेकर सुनिश्चित हो। हमने पिछले कुछ सालों में कई बड़ी बड़ी दुर्घटनाओं को होते हुए देखा है।

इन्ही में से एक भोपाल गैस त्रासदी है। कई लोग कंपनियो में काम करने के दौरान चोटिल हो जाते हैं तो वही काफी लोगो की जान भी चली जाती है।

इसकी वजह है सुरक्षा मानकों का पालन करने में लापरवाही बरतना। कई कंपनियां सुरक्षा के लिए तय मानकों पर खरी नही उतरती है।

हालांकि आज देश मे इस दिशा में बहुत तेजी से काम हो रहा है। समय समय पर हर कंपनी की जाँच होती है, जिसमें इन सब बातों का जायजा लिया जाता है।

वहीं आज कर्मचारियों को भी यह अधिकार है कि यदि कोई कंपनी कामगारों की सुरक्षा में लापरवाही बरतती है तो उसके खिलाफ कानूनी मदद ले सकता है।

हमें अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। फिर चाहे हम सड़क में चल रहे हों या किसी जगह काम कर रहे हों। छोटी छोटी लापरवाहियां कभी कभी जिंदगी भर का दर्द दे जाती है।

Detailed information of Essay on Safety in Hindi

आज के समय मे खुद की सुरक्षा करना सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। आज लोग अपनी भागदौड़ भरी जिंदगी में इतने ज्यादा व्यस्त हैं कि अपनी सुरक्षा के लिए जरूरी छोटी-छोटी चीजों के ऊपर भी ध्यान देने का वक़्त नही मिलता।

ऐसा करके हम कही न कहीं अपने ही जीवन में खतरे को दावत दे रहे हैं। हमारा जीवन सुचारु रुप से चलता रहे और किसी भी तरह की परेशानियों से हम दूर रहे इसके लिए यह बहुत ही आवश्यक है कि हम खुद की सुरक्षा पर ध्यान दें।

क्योंकि कभी-कभी छोटी सी भी लापरवाही हमें बड़ा नुकसान दे सकती है। इसलिए खुद की सुरक्षा के प्रति सजग रहना नितांत आवश्यक है।

किस तरह की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए?

सुरक्षा कई तरह की होती है। हमें इन सभी के प्रति सजग रहना चाहिए। हम अपने जीवन में जिन जिन क्षेत्रों पर क्रियाशील रहते हैं उन सभी क्षेत्रों से जुड़े हुए सुरक्षा मापदंडों का जरूर ध्यान रखना चाहिए।

साथ ही जीवन मे कई चीज़े एक साथ चलती है , और वो सभी आपस मे जुड़ी होती है। इसलिए यदि किसी एक चीज़ में भी कोई समस्या उत्पन्न होती है तो दूसरा क्षेत्र खुद ही प्रभावित हो जाता है।

उदाहरण स्वरूप हमारा स्वास्थ्य और हमारी आर्थिक स्थिति कही न कही एक दूसरे से जुड़ी हुई है। जैसे कि यदि हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहेगा तो हम ज्यादा मेहनत कर पायेंगे।

अपने ऑफिस या बिज़नेस में ज्यादा उत्साह और स्फूर्ति के साथ काम कर पाएंगे। जिसका परिणाम यह होगा कि हमारी आर्थिक तरक्की होगी।

मेहनत जितनी ज्यादा होगी हमारा बिजनेस उतना आगे बढ़ेगा। वही यदि आप ऑफिस में काम कर रहे है तो आपके बॉस निश्चितरूप से आपके मेहनती स्वभाव से प्रभावित होंगे।

वहीं यदि स्वास्थ्य अच्छा नहीं है तो आप अपने काम में पूरी ऊर्जा नहीं लगा पाएंगे जिससे कहीं ना कहीं आप की आर्थिक प्रगति भी प्रभावित होगी।

वही इसका दूसरा पहलू भी आप देखते हैं यदि आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी है तो आप कम काम करके भी अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। पर आर्थिक स्थिति खराब है तो आपको ज्यादा काम करना पड़ेगा, जिसका विपरीत प्रभाव आपके स्वास्थ्य पर पड़ेगा।

यह कहने का तात्पर्य बस इतना है कि हमारे जीवन में जो भी क्रियाकलाप चलते हैं वह सभी आपस में एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। इनमें से यदि एक पर भी कोई विपरीत प्रभाव पड़ता है तो दूसरे क्षेत्र भी प्रभावित होंगे। इसीलिए हर क्षेत्र की सुरक्षा का ध्यान देना बहुत ही आवश्यक है

किन किन क्षेत्रों में हमें सुरक्षा का ध्यान देना चाहिये?

हमारी जिंदगी सुचारू रूप से चलते रहे और जीवन में खुशी बरकरार रहे इसके लिए हमें पहले से ही आने वाले संभावित खतरों के प्रति सजग रहना चाहिए और उनसे बचने के लिए सुरक्षा संबंधी उपाय करते रहना चाहिए। वह सभी क्षेत्र जिनसे जुड़ी सुरक्षा में विशेष ध्यान रखना चाहिए निम्नलिखित है:

  • अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा
  • काम करने के दौरान सुरक्षा
  • यात्रा के दौरान सुरक्षा
  • छोटे बच्चों की सुरक्षा
  • आर्थिक स्थिति की सुरक्षा

पारिवारिक रिश्तों की सुरक्षा

स्वास्थ्य संबंधी सुरक्षा..

हम सब चाहते हैं कि स्वस्थ रहें, हमें किसी तरह की बीमारी ना हो, हमें कभी हॉस्पिटल या डॉक्टर के पास नहीं जाना पड़े, लेकिन ये ख्वाइश होने के बावजूद भी हम अपने स्वास्थ्य के प्रति बहुत लापरवाही बरतते हैं।

हम हर चीजो के ऊपर ध्यान देने के लिए वक्त निकाल ही लेते हैं लेकिन स्वास्थ्य एक ऐसी चीज है जिस पर हम जरा भी ध्यान नहीं देते हैं।

हम सब यह जानते हैं कि योग हमारे तन और मन को स्वस्थ रखने के लिए कितना अहम योगदान दे सकता है।

साथ ही हम सब लोग यह भी जानते हैं कि नशीली और मादक पदार्थों का सेवन हमारे शरीर पर कितना बुरा प्रभाव डालता है, लेकिन फिर भी ना तो योग को अपने जीवन में शामिल करते हैं और हम में से कुछ लोग नशीली पदार्थों का सेवन भी करते हैं।

हमने अपनी दिनचर्या में ऐसी आदतों को बहुत ज्यादा शामिल कर लिया है जो स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती हैं

लेकिन यदि आपको अपने जीवन का आनंद लेना है, जीवन के हर एक आयाम का सुख लेना चाहते हैं और वृद्धावस्था में भी स्वस्थ जीवन जीना चाहते हैं तो आपको बचपन से ही अपने स्वास्थ्य के ऊपर विशेष ध्यान देना शुरू कर देना चाहिए।

हमें अपने दिनचर्या में ऐसी आदतों को शामिल करना चाहिए जो हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बना सकें। कुछ ऐसी ही स्वास्थ्य संबंधी आदतें हैं जो हर एक इंसान को अपने जीवन में शामिल कर लेना चाहिए।

समय-समय पर स्वास्थ्य की जाँच

युवावस्था से ही हमें यह आदत डाल लेनी चाहिए कि महीने में कम से कम एक बार अपनी सेहत की पूरी जांच जरूर करवाएं। इन जांच में ब्लड टेस्ट ब्लड प्रेशर टेस्ट आदि शामिल होना चाहिए।

समय-समय पर सेहत की जांच करवाने से सेहत से संबंधित किसी भी खतरे के बारे में हमें वक्त से पहले ही पता चल जाता है और हम सही समय पर इलाज शुरू कर देते हैं।

खतरनाक जगहों से खुद को बचा कर रखें

अपनी सेहत का बचाव करने के लिए यह भी जरूरी है कि कभी खुद को ऐसी परिस्थिति में ना डालें जो कि आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो।

जैसे आप एक बहुत अच्छे तैराक हैं पर यदि आप एक ऐसी जगह पर तैर रहे हैं जहां पहले ही यह चेतावनी लिखी हुई है कि वहां तैरना जानलेवा साबित हो सकता है।

लेकिन उसके बावजूद भी आप उस चेतावनी को नजरअंदाज करके वहां तैर रहे हैं, इससे आपकी जान भी जा सकती है।

इसलिए जब भी घर से बाहर रहे तो सतर्क रहें अपने आसपास होने वाली हर एक घटना के प्रति सजग रहें और जरूरी संकेतों और चेतावनी पर विशेष ध्यान रखें।

अपने हाथों को धोएं

अधिकतर लोग खाना बनाते वक्त और खाते वक़्त एक बहुत बड़ी लापरवाही करते हैं। हम खाना बनाने से पहले हाथ नहीं धोते हैं। साथ ही खाना खाने के पहले भी हाथ नहीं धोते हैं।

यदि आपकी दिनचर्या में भी ऐसी ही कुछ आदतें शामिल है तो आप सतर्क हो जाइए, क्योंकि आप एक बहुत बड़ी समस्या को दावत दे रहे हैं।

आपके हाथों में कई तरह के बैक्टीरिया मौजूद होते हैं जो आपके शरीर के अंदर जाकर सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं। हाथ धुलना हमारे लिए कितना जरूरी है यह हम सब कोरोनावायरस के कारण अब जान चुके हैं। इसलिए खाना बनाने और खाना खाने से पहले हाथ साबुन से अच्छी तरह धुलना चाहिए।

खाने में संयम रखें

हमेशा ऐसा भोजन करने से बचना चाहिए जो बहुत ज्यादा तेल मसाले वाला हो। कभी-कभी ऐसा भोजन किया जा सकता है, पर यदि ऐसा ही भोजन आप नियमित तौर पर करते हैं तो यह बात निश्चित है कि एक दिन आपको इसके दुष्प्रभाव भी देखने को मिलेंगे इसलिए हमेशा सादा भोजन ही करें।

ज्यादा से ज्यादा पानी पीने

डॉक्टरों का मत है कि एक स्वस्थ व्यक्ति को दिन में कम से कम 3 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए क्योंकि पानी की मदद से ही हमारे शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं।

सोने और जागने का समय निश्चित हो

हमारे पूर्वज कहते थे कि जो व्यक्ति सुबह जल्दी उठता है वह अपने जीवन के हर क्षेत्र में तरक्की करता है। बहुत समय पहले कही गई यह बात आज भी पूरी तरह सत्य है।

यदि हम अपने सोने और जागने के वक्त को तय कर लेते हैं तो हमारे सभी काम सही तरह से चलने हैं। हमें दिन का वक्त मिलता है जिसमें हम बाकी कामों को आराम से कर सकते हैं, साथ ही सेहत भी अच्छी रहती है।

यात्रा करने के दौरान सुरक्षा

अधिकतर लोग कभी ना कभी यात्रा जरूर करते हैं। कुछ लोग काम के सिलसिले में यात्रा करते रहते हैं, तो वहीं कुछ लोग शौकिया तौर पर घूमने के उद्देश्य से यात्रा करते हैं। लेकिन यहां पर भी हम अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना भूल जाते हैं।

नीचे कुछ बिंदु दिए गए हैं। यदि आप इनका पालन करते हैं तो अपनी यात्रा के दौरान खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।

पैसे की सुरक्षा का ध्यान रखें

जब हम किसी दूसरे जगह घूमने जाते हैं तो सबसे अधिक दिक्कत होती है पैसे को सुरक्षित रखने की। सबसे पहले कोशिश करनी चाहिए कि हम कैश कम से कम लेकर के चलें।

हमेशा ऐसे इलाकों में एटीएम का उपयोग करना चाहिए जहां पर लोग मौजूद हों। रात के वक्त कभी भी पैसे निकालने नहीं जाना चाहिए। कैश की जगह आप अधिक से अधिक क्रेडिट कार्ड या ट्रैवलर चेक का उपयोग कर सकते हैं।

घूमने की जगह

कभी भी ऐसी जगह पर घूमने के लिए ना जाए जो बहुत ही ज्यादा सुनसान है। खासकर रात के वक्त ऐसी जगहों पर जाने से बचना चाहिए। आमतौर पर यह माना जाता है कि जिस जगह महिलाएं और बच्चे घूमते हैं वह जगह सुरक्षित होती है। रात के वक्त किसी सड़क में भी नहीं घूमना चाहिए।

अपने दस्तावेजों की सुरक्षा

यदि आप विदेश में हैं और वहां आपके जरूरी डॉक्यूमेंट चोरी हो गए तो फिर काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए हमेशा उनको एक सुरक्षित जगह पर रखें जहां किसी की पहुँच न हो।

जानकारों की तरह पेश आए

जब भी आप किसी जगह घूमने के लिए जाएं इस बात का विशेष ध्यान रखें कि कोई आपकी वेशभूषा देख कर के यह न समझ पाए कि आप इस जगह से बिल्कुल अनजान है।

यदि आपको नहीं पता कि आप किधर जा रहे हैं फिर भी आत्मविश्वास से भरे रहें। आपके कपड़े कुछ इस तरह के होने चाहिए कि वहां के लोकल लोगों के बीच घुल-मिल जाए। यदि आपने अपने साथ मैप लिया है तो उसे देखते हुए सतर्कता बरतें। क्योंकि कोई भी यदि आप पर नजर रख रहा होगा तो वह आसानी से समझ जाएगा कि आप घूमने आए हैं और मौका मिलते ही चोरी करने की कोशिश कर सकता है।

काम करने के दौरान सुरक्षा.

24 घंटे में हम लोगों का अधिकतर वक्त काम करने में व्यतीत होता है ऐसे में यह बहुत ज्यादा जरूरी है कि आप काम करने के दौरान खुद को सुरक्षित करके रखें।

फैक्ट्री में काम करने के दौरान सुरक्षा

यदि आप किसी फैक्ट्री में काम कर रहे हैं तो सुरक्षा मापदंडों का विशेष ध्यान रखें। जैसे किसी मशीन को चलाते वक्त हेलमेट पहन कर रखे।। वेल्डिंग करते वक्त आंखों में चश्मा पहन कर रखें। यदि आप केमिकल से संबंधित कोई काम कर रहे हैं तो हाथों में ग्लब्स पहन कर ही काम करें।

ऑफिस में काम करने के दौरान सुरक्षा.

यदि आप किसी ऑफिस में काम कर रहे हैं तो बीच-बीच में अपने शरीर को आराम देते रहें। एक ही स्थिति में लंबे वक्त तक बैठे रहने के कारण शरीर में तनाव उत्पन्न हो जाता है।

इसलिए थोड़ा उठे और शरीर को स्ट्रेच करें, वॉशरूम जाकर अपनी आंखों को धुले और पानी पियें। यानी हर एक से डेढ़ घंटे के बाद अपने शरीर को 15 मिनट का आराम दे सकते हैं।

छुट्टियों का सही उपयोग करें.

आजकल हर संस्था में काम का बोझ बहुत ज्यादा बढ़ गया है, जिसकी वजह से हर संस्था में काम करने वाले लोग शारीरिक थकान के साथ-साथ मानसिक थकान का भी अनुभव करते हैं।

एक लंबे वक्त तक मानसिक तनाव की स्थिति से गुजरने के बाद व्यक्ति के अंदर डिप्रेशन जैसी गंभीर समस्या जन्म ले लेती है। इसलिए हर किसी को समय-समय पर अपने काम से अवकाश जरूर लेते रहना चाहिए।

हर कर्मचारी को 365 दिनों में कुछ दिनों की छुट्टी लेने का अधिकार है पर हम लोग छुट्टी नहीं लेते हैं,जो कि गलत है।

आजकल अपने शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान देना भी उतना ही जरूरी है इसलिए समय-समय पर जरूरी अवकाश जरूर लेते रहना चाहिए।

छोटे बच्चों की सुरक्षा.

छोटे बच्चे भी हमारे ही जीवन का हिस्सा है। यदि उन्हें किसी भी तरह की दिक्कत महसूस होती है तो उसकी वजह से भी हमारा जीवन प्रभावित होता है। इसलिए छोटे बच्चों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

परवरिश पर ध्यान दे.

छोटे बच्चों की परवरिश पर विशेष ध्यान देना जरूरी होता है। उनका शारीरिक और मानसिक विकास किसी भी तरह से अवरुद्ध ना हो इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि वह हमारे देश और समाज के भविष्य हैं और एक स्वस्थ बच्चा ही आगे चलकर के एक स्वस्थ नागरिक बन सकेगा।

सेहत पर ध्यान

छोटे बच्चों को किसी भी तरह की समस्या होती है तो डॉक्टर को दिखाने में देरी बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। क्योंकि आजकल कई तरह की बीमारियां फैल चुकी है जिनसे छोटे बच्चे भी संक्रमित हो सकते हैं।

शिक्षा पर ध्यान

बच्चों का सही उम्र में एडमिशन स्कूल में करवा दें घर में हमेशा ऐसा माहौल रखे जिससे बच्चे सीखने के प्रति ज्यादा प्रेरित हो सकें। पढ़ाई के साथ-साथ उनके अंदर कुछ रचना रचनात्मक काम करने की आदत भी डालें जिससे कि वह अपनी सृजनात्मक क्षमता का भी विकास कर सकें।

आर्थिक स्थिति की सुरक्षा.

आज के वक़्त महगाई जिस तरह से बढ़ रही है उसे देखते हुए अपनी आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है। आर्थिक सुरक्षा का मतलब है की आपके पास पैसे कमाने के पर्याप्त साधन मौजूद हो और उनसे इतना पैसा आता हो कि आपकी सभी जरूरतें पूरी हो रही हों। साथ ही आप के बैंक खाते पूरी तरह से सुरक्षित हो।

बैंक से जुड़ी चीज़े चेक करते रहे।

कई लोगों की एक अच्छी आदत होती है, वह अपने बैंक स्टेटमेंट और अकाउंट से जुड़ी गतिविधियों को बीच-बीच में चेक करते रहते हैं।

आपको समय समय पर अपना क्रेडिट रिपोर्ट चेक करते रहना चाहिए। यदि कोई आपके खाते से गलत तरीके से पैसे निकाल रहा है तो आपको उसकी जानकारी लग जाएगी और आप अपने खाते की सुरक्षा के लिए कुछ जरूरी उपाय कर पाएंगे।

आजकल कई तरह के फ्रॉड फैल चुके हैं जिनके जरिए किसी भी व्यक्ति के बैंक खाते से पैसे निकाल लिए जाते हैं और संबंधित व्यक्ति को पता भी नहीं चलता।

पासवर्ड सुरक्षित रखें

आजकल हम बहुत सारी आर्थिक गतिविधियां अपने मोबाइल के जरिए ही करते हैं। पैसे ट्रांसफर करने का काम भी मोबाइल एप के जरिए करते हैं।

लेकिन यहां पर हम से एक बड़ी चूक हो जाती है। इन एप्स का पासवर्ड बहुत ही आसान रख देते हैं। आपके प्रति यदि कोई गलत भावना रखता है तो बड़ी आसानी से वह पासवर्ड पता करके आपके बैंक से पैसे किसी दूसरे खाते में ट्रांसफर कर सकता है। इसलिए हमेशा एक मजबूत पासवर्ड रखें साथ ही हर चीज के लिए पासवर्ड अलग अलग रखें।

ईमेल के प्रति सतर्क रहें

आजकल धोखेबाजी की घटनाएँ मेल के जरिए होती हैं। हमें कई ऐसे ईमेल मिलते हैं जिन पर एक क्लिक करते ही बैंक की सारी जानकारी किसी हैकर के पास चली जाती है।

जिसके बाद वह हमारे बैंक अकाउंट का सारा पैसा ट्रांसफर कर सकता है। इसलिए ऐसे ईमेल के प्रति सतर्क रहें साथ ही ऐसे मेल को अपने इनबॉक्स में ना रखें और इन्हें डिलीट करते रहे।

सारी जानकारी सोशल मीडिया में शेयर ना करें

जब से सोशल मीडिया का दौर शुरू हुआ है तब से हमें एक बहुत बुरी लत लग गई है। हम अपने जीवन की हर एक छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी चीज सोशल मीडिया पर शेयर कर देते हैं, और इन्हीं सब जानकारियों का फायदा हैकर्स के द्वारा उठाया जाता है। इसलिए कोशिश करें कि सोशल मीडिया में वही सब शेयर करें जो जरूरी हो और जिनसे आप की सुरक्षा को कोई खतरा ना हो।

इंसान जैसे-जैसे तरक्की करता जा रहा है वैसे ही रिश्तो की उम्र भी छोटी होती जा रही है। चाहे वह रिश्ता पति पत्नी का हो या पिता-पुत्र का आजकल हर तरफ रिश्तो में तनाव देखने को मिलता है।

एक सर्वे में यह बात बताई गई थी कि हम अपनी जिंदगी में कितने खुश रहेंगे यह इस बात पर निर्भर करता है कि हमारे रिश्ते कितने मजबूत हैं।

यदि हम रिश्तो के मामले में कमजोर हैं तो फिर दुनिया की सारी चीजें मिल करके भी हमें वह खुशी नहीं दे सकती जो हमें चाहिए।

इसलिए अपने रिश्ते को सुरक्षित बनाएं, फिर वह रिश्ता भले ही किसी के साथ हो। आपको जब भी वक्त मिले अपने दोस्तों से फोन पर बात करें और उनके बारे में जान जानकारी लें।

पति-पत्नी का रिश्ता बहुत ही संवेदनशील होता है। एक छोटी सी बात भी रिश्ते में बहुत बड़ी खटास डाल सकती है। इसलिए अपने रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएं। काम की व्यस्तता के बीच दोनों लोगों को कुछ वक्त एक दूसरे के लिए जरुर निकालना चाहिए।

यदि आप एकल परिवार में रहते हैं तो हमेशा अपने दादा-दादी, नाना-नानी,चाचा-चाची से मिलने का वक्त निकाले। यदि संभव हो तो दिन में एक बार एक साथ बैठकर भोजन करना चाहिए।

जीवन की निश्चित समय सीमा है। इस पूरे समय को जीवन में नई ऊंचाइयां हासिल करने में लगाना चाहिए। लेकिन आप यह तभी कर पायेंगे जब इन सब छोटी मोटी बातों में आपका ध्यान न हो।

कहने का मतलब यह है कि जीवन को सुरक्षित बनाने के लिए जितनी भी जरूरी चीज़े करनी पड़ती है, उन सब को अपनी आदत में शामिल कर लीजिए। उन्हें बार बार याद करने की जरूरत न पड़े, बल्कि आदतन हों।

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रोड सेफ्टी पर निबंध (100 – 200 शब्द) – Road Safety par nibandh

यातायात के सभी नियमों का पालन करते हुए सड़क पर सुरक्षित रूप से वाहनों को चलाना ही सड़क सुरक्षा है। चार पहिया वाहन चलाते समय ड्राइवर को सीट बेल्ट जरूर पहनना चाहिए और स्पीड लिमिट को ध्यान में रखते हुए ही ड्राइव करना चाहिए। बाइक या स्कूटी वाहन चालकों को हेलमेट जरूर पहनना चाहिए और स्पीड लिमिट का भी ध्यान रखना चाहिए। पैदल चलने वाले और साइकिल इस्तेमाल करने वाले लोगों को सड़क किनारे बनी फुटपाथ पर ही चलना चाहिए। जब रेड लाइट हो जाये और सभी वाहन रुक जाये तभी पैदल यात्री को जेब्रा क्रासिंग से रोड क्रॉस करना चाहिए।

रोड पर वाटर बॉटल्स और कचरा भी नहीं फेकना चाहिए क्योकि इससे भी रोड एक्सीडेंट होते हैं। पैदल चालकों को रोड पर हमेशा अपने बायीं ओर से ही चलना चाहिए। रोड पर वाहन चालकों को ये बात ध्यान रखनी चाहिए कि भीड़ वाली जगह पर गाड़ी हमेशा धीमी गति से चलाना चाहिए। कभी भी अल्कोहल पीकर ड्राइविंग नहीं करनी चाहिए और ड्राइविंग करते समय मोबाइल पर बात नहीं करनी चाहिए। ट्रैफिक सिग्नल का पालन जरूर करना चाहिए और उसका मतलब भी जानना चाहिए जैसे रेड लाइट वाहनों के रुकने का संकेत होता है, येलो लाइट संकेत देता है कि आप तैयार रहें और ग्रीन लाइट चलने का संकेत देता है।

सड़क सुरक्षा पर निबंध (300 – 400 शब्द) – Sadak suraksha par Nibandh

सड़क सुरक्षा आज के समय में उतना ही जरुरी हो गया है जितना खुद को किसी बीमारी से बचाने के लिए स्वस्थ रहना। रोड सेफ्टी हर देश के हर व्यक्ति के लिए आवश्यक है। सड़क सुरक्षा का अर्थ है सड़क पर चलते हुए नियमों और दिशा-निर्देशों का पालन करना ताकि दुर्घटनाओं को रोका जा सके और जीवन को सुरक्षित बनाया जा सके। लेकिन इस बढ़ती आबादी, बढ़ते यातायात, बढ़ती गाड़ियों की संख्या, बढ़ती लापरवाही, बढ़ता मानसिक टेंशन और सड़क पर गाड़ियों की तेज गति के कारण सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे आये दिन भारी संख्या में हर रोज लोग अपनी जान गंवा रहे हैं।

सड़क दुर्घटना के मुख्य कारण

सड़क दुर्घटनाओं के मुख्य कारणों में तेज गति से चलती गाड़ियां, शराब पीकर गाड़ी चलाना, गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन का उपयोग, बिना नियम का पालन किये जल्दीबाजी में ओवरटेक करना और यातायात नियमों का उल्लंघन प्रमुख हैं। इन कारणों से न केवल वाहन चालकों की बल्कि पैदल यात्रियों की जान भी खतरे में पड़ जाती है। सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करके इन दुर्घटनाओं को काफी हद तक रोका जा सकता है।

वाहन चालकों के लिए सड़क सुरक्षा के नियम

सड़क सुरक्षा के अंतर्गत अनेक उपाय हैं जिन्हें अपनाकर हम सुरक्षित यात्रा कर सकते हैं। सबसे पहले, वाहन चालकों को हमेशा सीट बेल्ट पहननी चाहिए और मोटरसाइकिल चालकों को हेलमेट का प्रयोग करना चाहिए। इसके अलावा, गाड़ी चलाते समय या चलाने से पहले शराब का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए और मोबाइल फोन का उपयोग भी बिल्कुल नहीं करना चाहिए। तेज गति से वाहन चलाना भी खतरनाक साबित हो सकता है, इसलिए गति सीमा का पालन करना भी आवश्यक है।

पैदल यात्रियों के लिए सड़क सुरक्षा के नियम

पैदल यात्रियों को भी कुछ नियम का पालन जरूर करना चाहिए जैसे कि, सड़क पार करते समय हमेशा जेब्रा क्रॉसिंग का उपयोग करें और ट्रैफिक सिग्नल का भी पालन करें। रात में सड़क पर चलते समय चमकीले कपड़े पहनें ताकि वाहन चालक आपको आसानी से देख सकें। माता पिता को अपने बच्चों को भी सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूक करना चाहिए और उन्हें सुरक्षित तरीके से सड़क पार करने की जानकारी देनी चाहिए।

सड़क सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम

सरकार द्वारा सड़क सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए गए हैं जैसे यातायात पुलिस की तैनाती, सीसीटीवी कैमरों का उपयोग, सड़कों पर साइन बोर्ड्स और गाड़ियों के लिए गति नियंत्रण बोर्ड इत्यादि। इसके साथ ही, समय समय पर स्कूलों और कॉलेजों में भी छात्रों के लिए सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं।

सड़क सुरक्षा मुहीम एक सामूहिक जिम्मेदारी है जो कि केवल सरकार और पुलिस का काम नहीं है, बल्कि प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करे। हमें समझना होगा कि हमारी छोटी सी लापरवाही किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। इसलिए, सड़क पर यात्रा करते समय हमेशा सतर्क रहें और सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करें। इस प्रकार, हम न केवल अपने जीवन को सुरक्षित रख सकते हैं बल्कि दूसरों के जीवन को भी बचा सकते हैं।

Essay on Road Safety in Hindi

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राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध | Essay On National Safety Day in Hindi (100, 200 और 500 शब्दों में स्पीच)

National Safety Day Essay in Hindi : जीवन अनमोल है, सुरक्षा के प्रति सचेत रहें!” हम सभी ने अपने कार्यस्थलों या सार्वजनिक स्थानों पर बिलबोर्ड और संकेतों के रूप में लगाए गए ऐसे सुरक्षा नारे अवश्य देखे होंगे। इसी तरह, सड़क सुरक्षा, कार्यस्थल सुरक्षा, मानव स्वास्थ्य की सुरक्षा के साथ-साथ पर्यावरण सहित सुरक्षा प्रोटोकॉल के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से हर साल 4 मार्च को पूरे भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस ( National Safety Day ) मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस अभियान का आयोजन भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद द्वारा प्रत्येक वर्ष के लिए अलग-अलग थीम और उद्देश्यों के आधार पर किया जाता है। यह एक सप्ताह तक चलने वाला उत्सव है, जहां सुरक्षा जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न उपाय किए जाते हैं।  ऐसे में यदि आप एक छात्र हैं और नेशनल सेफ्टी डे के ऊपर एक बेहतरीन निबंध लिखना चाहते हैं परंतु इसकी शुरुआत कैसे करेंगे उसके बारे में नहीं जानते हैं,

तो आज के आर्टिकल में  National Safety Day Essay  से जुड़ी जानकारी जैसे- National Safety Day Essay 100 Words  ‘National Safety Day Essay 300 words | National Safety Day Essay 500 words | National Safety Day Essay 1000 Words  के बारे में पूरी जानकारी आसान भाषा में उपलब्ध करवाएंगे आर्टिकल को ध्यान से पढ़िएगा आईए जानते हैं:-

National Safety Day Nibandh- Overview

आर्टिकल का प्रकारमहत्वपूर्ण दिन
आर्टिकल का नामNational Safety Day Essay
साल कौन सा है2024
कब मनाया जाता है4 मार्च 
कहां मनाया जाएगापूरे भारतवर्ष में

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध 100 शब्दों में | National Safety Day Essay 100 Words

National Safety Day Nibandh in Hindi भारत राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना का जश्न मनाने के लिए हर साल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाता है। यह परिषद एक गैर-लाभकारी संगठन है जो राष्ट्रीय स्तर पर चलता है और दुर्घटनाओं और दुर्घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा उपायों को बढ़ावा देता है। इन उपायों में सड़क सुरक्षा उपाय, मानव स्वास्थ्य सुरक्षा और कार्यस्थल पर सुरक्षा शामिल हैं।

इस दिन का उद्देश्य सुरक्षित रूप से काम करने के लिए कर्मचारियों और नागरिकों  को सुरक्षा के प्रति जागरूक करना हैं।  इसके अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के माध्यम से दुर्घटनाओं से बचने के लिए उन सुरक्षा उपायों पर प्रकाश डालना है जिनका पालन करना चाहिए।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध 300 शब्दों में | National Safety Day Essay 300 words

4 मार्च के ही दिन भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना की गई थी , इसलिए इस दिन को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक स्वायत्त निकाय है जो सार्वजनिक सेवा के लिए एक गैर-सरकारी और गैर-लाभकारी संगठन के रूप में कार्य करती है। इस संगठन की स्थापना 1966 ई. में मुंबई सोसायटी अधिनियम के तहत की गई थी, जिसमें आठ हजार सदस्य शामिल थे। इसके बाद वर्ष 1972 में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। और इसके तुरंत बाद इसे राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की जगह राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह के रूप में मनाया जाने लगा.

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस कैसे मनाया जाता है? National Safety Day 2024

यह दिवस पहली बार 4 मार्च 1966 को मनाया गया था। इस दिन देश की जनता को जागृत करने के उद्देश्य से 8 हजार सदस्य शामिल हुए थे राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस विभिन्न सरकारी, गैर सरकारी संस्थानों के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग और विभिन्न औद्योगिक संगठनों द्वारा मनाया जाता है। वे विभिन्न कार्यक्रमों और विभिन्न प्रचार सामग्रियों के माध्यम से लोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति जागरूक करते हैं। इसके अलावा, ये कार्यक्रम विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रिकाओं, समाचार पत्रों और अन्य औद्योगिक पत्रिकाओं के माध्यम से लोगों तक उपलब्ध कराए जाते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह का भी आयोजन किया जाता है इस दौरान, राष्ट्रीय स्तर और राज्य स्तर पर विभिन्न गतिविधियाँ जैसे वाद-विवाद प्रतियोगिता, सेमिनार, सुरक्षा संदेशों के पोस्टर, नारे, निबंध प्रतियोगिता, सुरक्षा पुरस्कार वितरण, बैनर प्रदर्शनी, विभिन्न नाटक गीत और खेल प्रतियोगिता, कई कार्यशालाएँ और के माध्यम से प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण के मुद्दों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।

इसके अलावा, सुरक्षा के मुद्दे पर कई औद्योगिक श्रमिकों के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं ताकि वे अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर ढंग से समझ सकें। इस प्रशिक्षण में, उन्हें विभिन्न मशीनों, रासायनिक और विद्युत जोखिमों और विभिन्न सुरक्षा उपकरणों जैसे अग्निशामक यंत्र, प्राथमिक चिकित्सा आदि से निपटने का ज्ञान दिया जाता है। इस प्रकार, इन कार्यक्रमों का समग्र उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देना है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध 500 शब्दों में | National Safety Day Essay (500 Words)

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का महत्व.

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एक महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि यह हमें याद दिलाता है कि सुरक्षा एक प्राथमिकता है। यह दुर्घटनाओं को रोकने और कार्यस्थलों और हमारे दैनिक जीवन में सुरक्षा को बढ़ावा देने की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाने का दिन है। यह दिन सुरक्षा नियमों और विनियमों का पालन करने और दुर्घटनाओं से बचने के लिए आवश्यक सावधानी बरतने के महत्व पर प्रकाश डालता है। सुरक्षा उपायों को बढ़ावा देकर, हम अपने और अपने आस-पास के लोगों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बना सकते हैं।

प्राथमिकता के रूप में सुरक्षा को कैसे बढ़ावा दें

सुरक्षा को प्राथमिकता के रूप में बढ़ावा देना जागरूकता से शुरू होता है। हमें अपने दैनिक जीवन और कार्य वातावरण में संभावित खतरों के प्रति सचेत रहना चाहिए। इसका मतलब है संभावित जोखिमों की पहचान करना और दुर्घटनाओं को होने से रोकने के लिए आवश्यक सावधानी बरतना। कार्यस्थल में, कर्मचारियों को नियमित प्रशिक्षण प्रदान करके सुरक्षा को बढ़ावा दे सकते हैं। इस प्रशिक्षण में सुरक्षा उपायों और प्रक्रियाओं, आपातकालीन प्रतिक्रिया योजनाओं और उपकरण और मशीनरी के उचित उपयोग को शामिल किया जाना चाहिए। नियोक्ताओं को संभावित खतरों की पहचान करने और यह सुनिश्चित करने के लिए नियमित सुरक्षा ऑडिट भी करना चाहिए कि सुरक्षा उपायों का पालन किया जा रहा है। व्यक्तिगत रूप से, हम सुरक्षा नियमों और विनियमों का पालन करके सुरक्षा को बढ़ावा दे सकते हैं।

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राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर सर्वश्रेष्ठ नारे ( Slogan On National Safety Day )

  • सुरक्षित और स्वस्थ कार्यस्थल के लिए मिलकर काम करें।
  • जब तक आप सुरक्षा को अपना पहला लक्ष्य रखेंगे, सफलता हमेशा आपके साथ रहेगी।
  • जीवन सुरक्षा सर्वोपरि है; सुरक्षा के बिना, सब कुछ निरर्थक है।
  • जीवन सुरक्षा कोई नारा नहीं है, बल्कि यह जीने का एक तरीका है।
  • आपकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सिर्फ आपकी है, सुरक्षा तोड़ने वाला व्यक्ति समय से पहले ही जीवन छोड़ देगा।
  • आपकी सुरक्षा केवल आपके और आपके ही हाथ में है।
  • आत्म-सुरक्षा एक बहुत ही सस्ती और प्रभावी सुरक्षा नीति है।
  • सुनिश्चित करें कि आपके घर में आपके प्रियजन सुरक्षित हैं, और जब गाड़ी चलाने की बात आती है, तो कार में सीट बेल्ट का उपयोग करें।
  • सुरक्षा एक ऐसा इंजन है जिसे शुरू करने की कुंजी केवल आपके पास है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध 1000 शब्दों में | National Safety Day Essay 1000 Words

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस कब मनाया जाता है national safety day date.

कार्यस्थल पर दुर्घटनाओं और दुर्घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य आम जनता को सुरक्षित रूप से काम करने के लिए अपनाए जाने वाले उपायों के बारे में शिक्षित करना है।

राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक गैर-लाभकारी राष्ट्रीय निकाय है जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य, सुरक्षा और पर्यावरण पर स्वैच्छिक दिनचर्या लाना है। 4 मार्च, 1965 को श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा स्थापित, राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने की शुरुआत के बाद से इस परिषद की कार्रवाई सफल रही है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का इतिहास ( National Safety Day History )

आईएएस परीक्षा की तैयारी करने वालों को पता होना चाहिए कि इस दिन की शुरुआत भारत में भारत की पहली राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के बाद हुई थी जिसका आयोजन श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा किया गया था। कारण, परिषद को राष्ट्रीय और राज्य-स्तरीय सुरक्षा परिषदों की आवश्यकता महसूस हुई। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पहली बार 4 मार्च 1972 को परिषद के स्थापना दिवस पर मनाया गया था। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2024 अपने 53वें वर्ष  पूरा करेगा

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का महत्व ( National Safety Day Significance )

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय अभियान के रूप में विकसित हो गया हैं।  जो पूरे देश में उद्योगों, गैर सरकारी संगठनों, नियामक एजेंसियों और विभागों में मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद का मुख्य लक्ष्य और दृष्टिकोण एक ही रहा है: समाज की रक्षा और सेवा करना, साथ ही लोगों के बीच  जागरूकता फैलाना है ताकि अनचाहे दुर्घटनाओं से आम नागरिक अपने आप को बचा सके यह अभियान 4 मार्च को एक दिवसीय कार्यक्रम के  शुरू होता है इसके अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के दिन राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह का भी आयोजन किया जाता है जिसका कालखंड 4 मार्च से लेकर 10 मार्च तक आता हैं। 

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस थीम 2024 ( National Safety Day Theme )

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2024 की थीम “एक सतत भविष्य के लिए सुरक्षा” है। इस विषय द्वारा स्थिरता और सुरक्षा के बीच संबंधों के महत्व पर जोर दिया गया है, जो एक समग्र रणनीति की आवश्यकता पर भी प्रकाश डालता है जो दीर्घायु प्राप्त करने के लिए हमारे जीवन के हर पहलू में सुरक्षा को शामिल करता है।

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राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2024 का उद्देश्य

  • सुरक्षा  से जुड़े नियमों के बारे में जागरूकता बढ़ाएँ।
  • कार्यस्थलों, उद्योगों और समुदायों सहित सभी क्षेत्रों में सुरक्षा के मानक नियमों को लागू करना।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के दिन सुरक्षा सुरक्षा संबंधित उपाय  बनाना ताकि अनचाहे दुर्घटना गतिविधियों को रोका जा सके।
  • सुरक्षित और टिकाऊ भविष्य के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए लोगों और समुदायों प्रोत्साहित करना राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का प्रमुख उद्देश्य  हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस समयरेखा 

  • 1950 (बॉम्बे पब्लिक ट्रस्ट एक्ट): 1950 का “बॉम्बे पब्लिक ट्रस्ट एक्ट” राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद को “पब्लिक ट्रस्ट” के रूप में पंजीकृत करता है। 
  • 1966 (राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना): राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना भारत सरकार द्वारा एक स्व-वित्तपोषित, गैर-लाभकारी संगठन के रूप में की गई थी। 
  • 1971 (पहल): राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने अपनी स्थापना के एक दशक बाद राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की शुरुआत की।
  • 2021 (अपनाया गया सोसायटी पंजीकरण अधिनियम): राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर, कई संगठन और नेता सुरक्षा के महत्व पर जोर देने के लिए ट्विटर का उपयोग करते हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस कैसे मनायें 

  •   सुरक्षा और स्वास्थ्य प्रतिज्ञा पर हस्ताक्षर करके स्वयं और अपने कर्मचारियों को सुरक्षित रूप से काम करने का वचन देने में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में शामिल हों। प्रतिज्ञा करके, आप राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस में  सम्मिलित होकर सुरक्षा संबंधित नियमों के बारे में जानकारी हासिल  करना हैं।
  • अपना अनुभव ऑनलाइन साझा करके, आप दूसरों को सुरक्षित रूप से काम करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। किसी भी श्रमिक को खतरनाक वातावरण में काम करने और जीविकोपार्जन के बीच चयन नहीं करना चाहिए। सुरक्षा हमेशा पहले आनी चाहिए. लोगों को सुरक्षित रूप से काम करने की व्यक्तिगत शपथ लेने के लिए प्रोत्साहित करें। हैशटैग #National Safety Day का प्रयोग करें। 

राष्ट्रीय सुरक्षा पर निबंध PDF | National Safety Day Essay PDF 

नेशनल सेफ्टी डे निबंध PDF के रूप में प्राप्त करना चाहते हैं तो आर्टिकल में उसकी पीडीएफ हम उपलब्ध करवा रहे हैं जिसे आप अपने मोबाइल में डाउनलोड कर सकते हैं।

सुरक्षा पर निबंध हिंदी में | Essay On Safety in Hindi

सुरक्षा पर निबंध कैसे लिखेंगे उसके बारे में हमने आर्टिकल में आपको विस्तार पूर्वक जानकारी आसान भाषा में उपलब्ध करवाया है आप उसका अनुसरण कर सुरक्षा के ऊपर निबंध लिख सकते हैं जैसा कि आप लोगों को मालूम है कि हमारे जीवन में सुरक्षा का विशेष महत्व है इसके द्वारा आपका जीवन बच सकता है इसलिए हमें हमेशा सुरक्षा नियमों का अनुसरण करना चाहिए।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर भाषण हिंदी में 100 शब्दों में | Speech on National Safety Day in Hindi

भारत में हर साल 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद द्वारा एक पहल है।

सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं को उजागर करने के लिए हर साल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की थीम बदलती है।

इस दिन का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षा उपायों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।.यह व्यक्तियों को अपनी और दूसरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने की आवश्यकता पर जोर देता है।.इस दिन में सुरक्षा प्रशिक्षण, सेमिनार और जागरूकता अभियान जैसी विभिन्न गतिविधियाँ शामिल हैं। भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद इस दिन सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता के लिए संगठनों को मान्यता देती है।राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का अंतिम लक्ष्य दुर्घटनाओं को रोकना और सुरक्षित वातावरण को बढ़ावा देना है।

सुरक्षा दिवस पर भाषण हिंदी में | Safety Day Speech in Hindi

आज हम राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने के लिए यहां एकत्र हुए हैं। सुरक्षा हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू है और यह महत्वपूर्ण है कि हम इसे गंभीरता से लें। सुरक्षा उपाय केवल नियमों और विनियमों का पालन करने का मामला नहीं है, बल्कि जीवन के तरीके के रूप में सुरक्षा संस्कृति को अपनाने का भी मामला है।हम अक्सर सुरक्षा को हल्के में लेते हैं, लेकिन यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि सुरक्षा हर किसी की जिम्मेदारी है। अपनी और अपने आस-पास के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में हम सभी को भूमिका निभानी है। इसका मतलब है सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करना, सुरक्षा गियर पहनना और सुरक्षा खतरों की रिपोर्ट करना। हमें अपनी रोजमर्रा की गतिविधियों में सुरक्षा को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, चाहे वह घर पर हो, काम पर हो या यात्रा के दौरान हो।

यह याद रखना भी महत्वपूर्ण है कि सुरक्षा केवल नियमों का पालन करने के बारे में नहीं है बल्कि सुरक्षा संस्कृति बनाने के बारे में भी है। हमें सुरक्षा की एक ऐसी संस्कृति बनानी चाहिए जहां सुरक्षा केवल अनुपालन का मामला न हो बल्कि जीवन जीने का एक तरीका हो। इसका मतलब है सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देना, सुरक्षा ऑडिट करना और कर्मचारियों को सुरक्षा उपायों पर प्रशिक्षण देना।इस राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर, आइए हम सुरक्षा को अपने जीवन में प्राथमिकता बनाने का संकल्प लें। आइए हम अपनी और अपने आसपास के लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लें। ऐसा करके, हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हम एक सुरक्षित दुनिया में रहें।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर कोट्स | National Safety Day Quotes

ऊँची-ऊँची और गगन चुम्बी इमारतें जरूर बनवायें, उससे पहले काम करने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करवायें. Happy National Safety Day 2024
जब भी आप दो पहिया बाहन को चलायें, अपनी सुरक्षा के लिए हेलमेट जरूर लगायें. हैप्पी नेशनल सेफ्टी डे 
मैं उन वीर जवानों को गले लगकर आया हूँ, जिन्होंने देश की सुरक्षा के लिए पूरा जीवन लगाया है. Happy National Safety Day
सर्तकता की कमी और लापरवाही के कारण भारत में सड़क दुर्घटना बहुत ही ज्यादा होती है. इसलिए वाहन चलाते वक़्त फोन पर बात न करें. वाहन हमेशा औसत गति में चलायें.
कारखानों में काम करने वाले मजदूरों को उचित और जरूरी प्रशिक्षण मिलना चाहिए ताकि वे अपने स्वास्थ्य और खुद की सुरक्षा सुनिश्चित कर पायें. राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर स्टेटस | National Safety Day Whatsapp Status

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का अवसर हममें से प्रत्येक को याद दिलाता है कि दुर्घटनाओं से बचने के लिए हमें अपनी सुरक्षा से कभी समझौता नहीं करना चाहिए। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की शुभकामनाएँ।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का जश्न अधूरा है अगर हम खुद से यह प्रतिबद्धता नहीं बनाते कि हम सड़कों पर सुरक्षित रहेंगे।
सभी को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। आइए हम सुरक्षा की दिशा में काम करने का वादा करके इस अवसर को और अधिक सार्थक बनाएं।
जल्दबाजी करने और खुद को खोने, फिर धीरे चलने और थोड़ा देर करने का कोई मतलब नहीं है। सभी को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की शुभकामनाएँ।
सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक है जिसे अक्सर सबसे ज्यादा नजरअंदाज किया जाता है। सभी को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
हमारी सुरक्षा हमारे अपने हाथों में है और सुरक्षित रहने के लिए हमें वह सब कुछ करना चाहिए जो हम कर सकते हैं। सभी को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
अगर हमें अपनी सुरक्षा की चिंता नहीं है तो हम अपने प्रियजनों की सुरक्षा की चिंता कैसे कर सकते हैं। आपको राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के अवसर पर, हमें सुरक्षा को हमेशा सबसे महत्वपूर्ण चीज़ के रूप में रखना चाहिए क्योंकि सुरक्षा के बाद ही सब कुछ आता है। सभी को इस दिन की हार्दिक शुभकामनाएँ।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का अवसर न केवल सुरक्षा का जश्न मनाता है बल्कि हमें सुरक्षित रहने और बाकी सभी को सुरक्षित रखने की याद भी दिलाता है। आने वाला दिन सुरक्षित हो.
सुरक्षा हमेशा एक चिंता का विषय है और इसे ऐसे ही रहना चाहिए क्योंकि तभी हम सुरक्षित रहने और सभी को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध हो सकते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की शुभकामनाएँ।
आइए हम राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के अवसर को अपने आस-पास के सभी लोगों के साथ मनाएं और उन्हें याद दिलाएं कि वे कभी भी सुरक्षा से समझौता न करें या उसे अनदेखा न करें। आपका दिन सुरक्षित रहे!

उम्मीद करता हूं कि हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल आपको पसंद आएगा आर्टिकल संबंधित अगर आपका कोई भी सुझाव या प्रश्न है तो आप हमारे कमेंट सेक्शन में जाकर पूछ सकते हैं उसका उत्तर हम आपको जरूर देंगे तब तक के लिए धन्यवाद और मिलते हैं अगले आर्टिकल में 

FAQ’s: National Safety Day 2024

Q. राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस क्यों मनाया जाता है.

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस प्रत्येक वर्ष 4 मार्च को मनाया जाता है, जो औद्योगिक सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) स्थापना की गई थी।

Q.4 मार्च राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस क्यों है?

Ans. भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) की स्थापना के उपलक्ष्य में हर साल 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस (एनएसडी) मनाया जाता है।

Q. भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की शुरुआत किसने की?

Ans.भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद द्वारा 1971 से अपने स्थापना दिवस (4 मार्च)  देश में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रूप में मनाया इसका शुभारंभ किया था।

Q. राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का विषय क्या है?

Ans राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2024 का विषय “टिकाऊ भविष्य के लिए सुरक्षा” है।

Q पहला राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस कब मनाया गया था?

पहला राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 1972 में मनाया गया था, जो 1966 में पर्यावरण, स्वास्थ्य और सुरक्षा पर केंद्रित भारत के अग्रणी गैर-लाभकारी संगठन राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना के लगभग पांच साल बाद मनाया गया था।

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राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध, 2023 थीम और महत्व | National Safety Day Essay in Hindi

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राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह 2023 पर निबंध (National Safety Day Essay in Hindi, Safety Day Theme 2023, National Security Day 2023, Essay on National Safety Day and Week 2023 in Hindi)

National Safety Day 2023: आज इस लेख के जरिए हम आपको भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस/सप्ताह पर निबंध (National Safety Day 2023 Essay In Hindi) के बारे में बताने वाले हैं।

भारत में हर साल 4 मार्च का दिन राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए केवल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस ही नहीं अपितु राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह की शुरुआत राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 4 मार्च से ही होती है और यह सप्ताह 10 मार्च तक चलता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस और सप्ताह हर साल एक नई थीम अर्थात विषय के साथ मनाया जाता है।

इस साल भी 4 मार्च 2023 को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाएगा और 4 मार्च 2023 से लेकर 10 मार्च 2023 तक राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह की गतिविधियां और कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस और सप्ताह के खास मौके पर विभिन्न शिक्षण संस्थानों और सरकारी तथा गैर सरकारी संगठनों द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस और सप्ताह पर निबंध लेखन (Essay On National Safety Day / Week In Hindi) प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।

  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस क्यों मनाया जाता है?
  • राष्ट्रीय एकता दिवस पर निबंध व कविता
  • राष्ट्रीय बालिका दिवस पर निबंध व भाषण
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर भाषण
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2023 पर स्लोगन

विषय–सूची

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2023 का संक्षिप्त विवरण (Essay on National Safety Day in Hindi)

लेख का प्रकारनिबंध
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस क्यों मनाया जाता है?सुरक्षा के नियमों का पालन करने के लिये जागरुकता लाना
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस कब मनाया जाता है?4 मार्च – 11 मार्च 2023 तक
पहली बार कब शुरु हुआ?1972
इस बार कौन सा दिवस मनाया जाएगा?52वां राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 
इसको मनाने की शुरुआत किसने कीडॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (राष्ट्रपति)
कहां-कहां मनाया जाता है।भारत में
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2023 की थीमहमारा लक्ष्य – शून्य नुकसान

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध (National Safety Day Essay in Hindi) –

प्रस्तावना–.

प्रत्येक वर्ष 4 मार्च का दिन भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है। 4 मार्च 1972 का दिन वह विशेष दिन था जब राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने की शुरुआत हुई।

भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने की पहल भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (National Safety Council) ने की थी। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक गैर-लाभकारी संगठन है जिसकी स्थापना 4 मार्च साल 1966 में मुंबई में सोसायटी अधिनियम एक्ट के तहत की गई थी।

यही कारण है कि 4 मार्च के दिन भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना होने के कारण साल 1972 से इसे राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रुप में मनाया जाने लगा।

जब भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने की शुरुआत हुई तो उस समय भारत के राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी थे। जिन्होंने सुरक्षा मामले में जागरूकता की गंभीरता को समझते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने का आह्वान किया ताकि भारतीय उद्योगों और उद्योगपतियों को औद्योगिक सुरक्षा के मामले में जागरूक किया जा सके।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की शुरुआत होने के बाद लगातार भारत में होने वाली औद्योगिक और अन्य दुर्घटनाओं में कमी देखने को मिली है। सुरक्षा मामलों में यह सतर्कता और उपलब्धि राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस और सप्ताह की ही देन है।

National-Safety-day-Essay-in-hindi

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एवं सप्ताह मनाने के उद्देश्य –

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एवं सप्ताह मनाने का सबसे प्रमुख उद्देश्य भारतीय लोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वयं की सुरक्षा दोनों के प्रति जागरूक करना है।

राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह के खास मौके पर पूरे सप्ताह भर राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम और गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। इन सुरक्षा कार्यक्रमों के जरिए न केवल देश की राष्ट्रीय सुरक्षा बल्कि पर्यावरण एवं मानव स्वास्थ्य की सुरक्षा इत्यादि मुद्दों पर भी चर्चा होती है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस केवल लोगों को उनकी सुरक्षा के प्रति जागरूक ही नहीं करता बल्कि परस्पर सुरक्षा में सहयोग की भूमिका के लिए भी प्रेरित करता है। इस पूरे सप्ताह और राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के विशेष मौके पर सुरक्षा के उपायों पर गहन शोध और चर्चाएं होती हैं।

आपकी और हमारी सुरक्षा केवल सुरक्षा परिषद की जिम्मेदारी नहीं है बल्कि यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है और हमें अपनी जिम्मेदारी का पूरी तरह निर्वहन करना चाहिए। राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह और दिवस पर्यावरण तथा परिवेश की सुरक्षा के लिए भी समर्पित होता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एवं सप्ताह के मुद्दों में पर्यावरण की स्वच्छता, प्रदूषण की रोकथाम, औद्योगिक सुरक्षा, गरीबी एवं बेरोजगारी, प्राकृतिक आपदा प्रबंधन, आतंकवाद और नक्सलवाद से सुरक्षा तथा नारी सुरक्षा सशक्तिकरण और स्वावलंबन जैसे विषय शामिल होते हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एवं सप्ताह के कार्यक्रम –

भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस और राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह की गतिविधियां 4 मार्च को शुरू होती हैं और 10 मार्च तक चलती हैं।

सप्ताह के 7 दिनों में अलग-अलग मुद्दों पर अलग-अलग गतिविधियां और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में पर्यावरण और स्वास्थ्य सुरक्षा के ऊपर भी विचार-विमर्श किया जाता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह और दिवस भारत की सीमा सुरक्षा के लिए भी बेहद विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह नेशनल सिक्योरिटी से भी संबंधित है। इन खास मौके पर विभिन्न कार्यक्रमों में भारत की सीमा सुरक्षा पर कुर्बान वीर जवानों और सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित कर उन्हें याद भी किया जाता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2023 की थीम (National Safety Day Theme 2023)

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एवं सप्ताह भारत में हर साल एक नई थीम के साथ मनाया जाता है।

इस दिवस को थीम के साथ मनाने का सबसे प्रमुख उद्देश्य है अलग-अलग विषयों पर एक-एक करके प्रकाश डालना और उनसे जुड़ी हुई समस्याओं का निपटारा करना।

इस साल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2023 के लिए एक नई थीम “Our Aim – Zero Harm” अर्थात् “हमारा लक्ष्य – शून्य नुकसान” निर्धारित की गई है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एवं सप्ताह का महत्व –

सुरक्षा के प्रति जागरूकता को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एक बेहद खास दिन है। इसके कार्यक्रम लगातार राष्ट्र की सुरक्षा और राष्ट्रीय नागरिकों की सुरक्षा को बढ़ावा देने में और उन्हें सुरक्षा के प्रति जागरूक करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

जब से राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एवं सप्ताह बनाने की शुरुआत हुई है भारत में औद्योगिक दुर्घटनाओं में बेहद कमी आई है और लगातार औद्योगिक सुरक्षा एवं अन्य क्षेत्रों में सुरक्षा के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ती जा रही है।

सुरक्षा दिवस मनाने का प्रमुख उद्देश्य ही है लोगों को सुरक्षा के प्रति जागरूक करना।

भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद –

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक गैर लाभकारी संगठन है जिसका काम राष्ट्रीय सुरक्षा और उसकी रणनीति के मामले में लोगों को सुझाव देना और जागरूक करना है।

इसकी स्थापना 4 मार्च 1966 को भारतीय श्रम मंत्रालय द्वारा की गई थी।

सुरक्षा के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देना केवल राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद का काम नहीं है बल्कि यह हमारी व्यक्तिगत जिम्मेदारी भी है।

हमें एक साथ मिलकर देशभर के लोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा पर्यावरण की सुरक्षा और उनके स्वयं की सुरक्षा के प्रति जागरूक करना चाहिए।

हमें परस्पर सुरक्षा में सहयोग की भूमिका निभानी चाहिए और हमेशा एक दूसरे की सुरक्षा में मदद करनी चाहिए।

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Industrial Safety किसी भी इंडस्ट्री के Production का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। एक Industry को Time, Money या किसी और चीज के लिए Safety से कभी भी समझौता नहीं करना चाहिए। यह इस मायने में बहुत महत्वपूर्ण है; क्यूंकी एक छोटी सी लापरवाही या जल्दबाज़ी भी एक बड़े हादसे यानि Accident का कारण बन सकती है। इसलिए एक Industry को Safety के बारे में बहुत अधिक चिंतित होना चाहिए और अपने Workers के लिए अधिकतम Safety सुनिश्चित करनी चाहिए।

Industrial Safety सभी कर्मचारियों या Workers के लिए बहुत ही जरूरी होता है और जैसा की सब जानते हैं की Safety Awareness के बिना किसी क्षेत्र में काम करने से गंभीर शारीरिक नुकसान यानि कोई Severe Injury हो सकती है या Death भी हो सकती है। जिससे की कंपनी का सम्मान और मार्केट में वैल्यू के नुकसान होने का खतरा होता है। किसी Company को चलाने में Industrial Safety एक महत्वपूर्ण Factor है और कर्मचारियों के लिए सही सुरक्षा को ध्यान में रखना और सेफ़्टी को फर्स्ट प्राथमिकता देना काफी जरूरी है, इस आर्टिकल में Industrial Safety के बारे में पूरी डिटेल्स से समझेंगे।

Industrial Safety

Industrial Safety की पूरी जानकारी

सबसे पहले बेसिक चीजों से शुरू करते हैं, किसी भी इंडस्ट्री में काम करते हुए या करवाते हुए आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी कर्मचारियों के पास Eye Safety, Ear Safety, Head Safety, Foot Safety, Fire Prevention और Respiratory Protection आदि की सेफ़्टी सुनिश्चित करने के लिए Special Equipment’s, PPE ( Personal Protective Equipment ) और दूसरे Procedures मौजूद हों, और उन्हें फ्री ऑफ कोस्ट दिए गए हों, क्यूंकी ये Industrial Safety की पहली मांग है।

अपने Workplace को Safe बनाने के लिए आपको पता होना चाहिए कि आप उस साइट पर किन खतरों ( Hazards ) का सामना करने की उम्मीद कर सकते हैं और उन्हें Control करने और समाप्त करने के लिए क्या करना चाहिए। यह जानकारी Safe रूप से काम करने के वैल्यू और आपके वर्कप्लेस में इन खतरों को Safety कंट्रोल करने के तरीकों पर भी विचार करने की जरूरत होती है।

यहां नीचे मैंने किसी भी इंडस्ट्री के Process Plants यानि फैक्ट्री में अक्सर आने वाले कई Hazards का सही शब्दों में बताया है, नीचे दिए गए खतरों जो अक्सर Industry में पाए जाते हैं।

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Types of Hazards in Industry

अपने Industry के Workplace को Safe बनाने के लिए आपको पता होना चाहिए कि आप किन Hazards का सामना करने की उम्मीद कर सकते हैं और उन्हें Control करने और समाप्त करने के लिए क्या करना चाहिए। अगर आपको Hazards के बारे में पता होगा हो उससे जुड़े हुए Risk को भी कंट्रोल करना आसान होगा। नीचे दिए गए खतरे को पढ़ें:-

Industrial Safety PPE

1. Existing / Physical Hazards

Plant के Layout और Design की कुछ विशेषताएं जैसे Equipment का स्थान, Stairs, Entrance और Exits, Floor Layout, Platform, Illumination, Heating और Ventilation सिस्टम पहले से मौजूद हैं यानी Existing और Built in जिसे आप बदल नहीं सकते। ये दुर्घटनाओं यानि Accident का कारण बन सकते हैं और आप जो सबसे अच्छा कर सकते हैं वह है उन्हें पहचानना और उनसे बचना।

2. Chemical Hazards

यह सबसे Dangerous खतरों में से एक है, जहां रसायनों यानि Chemicals का संबंध है, इसमें शामिल विशेष Chemicals के गुणों और Hazards को जानना चाहिए। Handling से पहले इसके साथ प्रदान की गई सामग्री MSDS पढ़ें। Chemical Suit, Gloves ताजी Respiratory Mask और Google या Face Shield पहनें। सुनिश्चित करें कि Chemicals के छींटे या Spillage न होने दें।

3. Electrical Hazards

आपके द्वारा किए जाने वाले लगभग हर काम में Electric और उसके Hazard का Risk शामिल होगा। क्युकी Electric तो हर जगह मौजूद है और किसी Industry में ज्यादा खतरे होते हैं क्यूनके वहाँ पाया जाने वाला Voltage बहुत हाई होता है। Energized या Hot तार को छूने से बचें। हमेशा ऐसे Equipment और Tools का उपयोग करें, जो Grounded और Insulated हों। भुरभुरी, क्षतिग्रस्त या छिली हुई Cord का प्रयोग न करें। गीले कपड़े, जूते, औजार और गीले हाथों को इलेक्ट्रिकल उपकरणों को छूने से बचें। धातु की वस्तुएं और पानी विद्युत के सुचालक हैं। पास की धातु की वस्तुओं को इंसुलेट करें। पैनल पर काम करते समय गीली सतहों से बचें और Insulating मैट लगाएं।

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4. Mechanical Hazards

Accidents के विभिन्न मामलों में Machinery या Equipment’s के पुर्जे हिलने की संभावना शामिल होती है। एक Workers को अपने कपड़े, शरीर और Tools को चलती मशीनरी से दूर रखने के लिए विशेष ध्यान रखना पड़ता है। जब किसी Machine को Repair के लिए बंद करना पड़ता है तो Machine के Electrical Control को Lock किया जाना चाहिए और Panel पर Warning के संकेत जैसे को पोस्ट करना चाहिए LOTO का Procedure अप्लाइ करना चाहिए।

Pipelines पर काम करते हुए, Tubing system गर्मी और Pressure के लिए Risk पैदा करेगा, System को Isolate करके और इसे ठंडा और Depressurized करके Accident से बचा जा सकता है।

कई Plants में Limited गलियारों के भीतर चलती सामग्री के लिए Hand Truck, Forklift आदि हैं, यदि कोई काम पास में किया जाना है या Traffic Routes यातायात को चेतावनी देने के लिए Sign और Barricades लगाकर अपनी और दूसरों की रक्षा करते हैं अन्यथा परिणाम Serious Injury से हो सकता है अगर गुजरते वाहन से कोई टकरा जाता है। Tools और Materials को इस तरह से न रखें कि वे गलियारे में गिरने से यातायात के लिए खतरा हों।

Building की दीवारों, छत और छत पर ऊंचाई पर काम करते समय अस्थायी मचान, प्लेटफार्म खड़े किए जाते हैं। Workers, Tools और Materials को फिसलने और किनारे से गिरने से बचाने के लिए इन वस्तुओं में रेलिंग और Guard होना चाहिए। राहगीर को गिरने वाली वस्तुओं की चेतावनी देने के लिए Scaffold के नीचे Signboard लगाएं।

सुनिश्चित करें कि ऊंचाई (Work at Height) पर काम करते समय Workers चौकस और सतर्क है, क्योंकि एक Slip उनकी जान के लिए घातक (Fatal) हो सकती है। ऊंचाई पर काम करने के लिए उपयोग में आने वाली सीढ़ी को ऊपर और नीचे दोनों तरफ से सुरक्षित किया जाना चाहिए और एक सुरक्षित कोण पर होना चाहिए, सीढ़ी के कदम उपकरण, ग्रीस आदि से मुक्त होने चाहिए।

Hanging Scaffold को ऊपर से रस्सी की हेराफेरी से सुरक्षित किया जाता है और Platform को चाहिए Level हो, ऊंचाई और छतों पर काम करते समय खुद को सुरक्षित रखने के लिए Safety Belt और Harness का उपयोग किया जाना चाहिए।

5. Environmental Hazards

कभी-कभी Workers को Boiler या Heater के पास Hot Situation में काम करने की आवश्यकता होती है, हालांकि ये सामान्य रूप से Insulate होते हैं लेकिन आमतौर पर Area में कुछ गर्मी होती है। ठंडी हवा देने और गर्म हवा को बाहर निकालने के लिए Air Blower लगाएं।

High Temperature वाले कार्य क्षेत्रों में लंबे समय तक संपर्क में रहने से Heat cramp और Heat exhaustion की समस्या हो सकती है। गंभीर और तेज पेट या मांसपेशियों में ऐंठन शरीर की नमी और नमक के अत्यधिक नुकसान के कारण होती है। चक्कर आना, कमजोर नाड़ी, शरीर के सामान्य तापमान से कम, भारी पसीना आना Heat Exhaustion के लक्षण हैं। नमक की गोलियां लेना और मध्यम मात्रा में पानी पीना गर्मी की ऐंठन और थकावट दोनों के लिए नियमित निवारक उपाय हैं।

X-ray और Radioactive सामग्री से Radiation मानव शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। Radiation के Risk को कम करने के लिए Special protective clothing पहने और Film Badge Meter लगाएं। Radiation Area को स्पष्ट रूप से Radiation Sign के साथ Notify किया जाना चाहिए।

PPE Required for Industrial Safety

ऊपर दिए गए सभी Hazards से बचाव और Control के लिए कुछ ऐसे Mandatory और Required PPE पहने जाने चाहिए जो Workers की Industrial Safety के लिए बेहद जरूरी हैं, ये PPE (Personal Protective Equipment) Workers को साइट पर Safe रखने के अलावा किसी अनहोनी यानि Accident होने की स्थिती में सुरक्षा प्रदान करते हैं। इसीलिए नीचे दिए गए सभी Points को PPE के द्वारा Protect करना जरूरी है।

Head Protection

अपने Head यानि सिर की रक्षा करना आसान है और यदि कोई ऐसी स्थिति होती है तो ये आपको बहुत दर्द से बचा सकता है। Safety Helmet पहनना उतना ही सरल हो सकता है जितना कि किसी ऐसे स्थान पर प्रवेश करने से पहले हेलमेट या कठोर टोपी पहनना जहाँ गिरती हुई वस्तुएँ हो सकती हैं। सिर पर लगी चोटों के परिणामस्वरूप मस्तिष्क क्षति (Brain Damage) हो सकती है, लेकिन आप Safety Helmet पहनकर गंभीर चोट की संभावना को काफी कम कर सकते हैं।

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Eye Protection

Eyes यानि आंख में कोई भी चोट बहुत गंभीर हो सकती है और संभवतः पीड़ित को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकती है। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आपकी आंखें हर समय Safety Google या अन्य प्रकार के Eyewear पहनकर ढकी हुई हैं। सुनिश्चित करें कि आपने जो चश्मा पहना है, वह आपकी आंखों के किनारों के आसपास भी सुरक्षा प्रदान करता है, अन्यथा उड़ने वाला मलबा साइड से अंदर आ सकता है और आपकी आंख को नुकसान पहुंचा सकता है।

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Ear Protection

कान की सुरक्षा करना हमारे लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके बिना, कार्यस्थल में लगातार होने वाली तेज आवाज से हमारे कान के परदे बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। Ear Plug और Ear Muff कान की सुरक्षा के सबसे सामान्य रूप हैं, हालांकि अन्य विकल्प भी हैं, जैसे कि डिस्पोजेबल हियरिंग बैंड। इन उपकरणों के टुकड़ों को पहनकर, आप न केवल अपने आप को तेज शोर से बचा पाएंगे, बल्कि उड़ने वाले मलबे से भी अपने Ear को बचा सकते हैं जो कान में प्रवेश कर सकते हैं और संभवतः संक्रमण का कारण बन सकते हैं।

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Foot Protection

अपने पैरों और इनकी उंगलियों को बचना भी काफी अहम है कोई भी वस्तु, टूल या मटेरियल्स हमारे पैरों पर गिर कर इन्हे नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए Worksite पर सभी को Safety Shoes का पहनना अनिवार्य होना चाहिए। इन Safety Shoes के आगे वाले हिस्से में स्टील का एक मजबूत Protection लगा होता है जो हमारे पैरों पर गिरने वाले समान से हमारे पैरों की रक्षा करता है।

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Hand Protection

हमारे हाथों को किसी Chemical या अन्य पदार्थों से तथा किसी भी तेज़ धारदार वस्तुओं से बचाने के लिए Safety Gloves को पहना जाना जरूरी है। Gloves भी कई तरह के आते हैं हमें उन्हे पहनने से पहले सुनिक्षित करना चाहिए की उन्हे उस काम के लिए किस प्रकार के Safety Gloves की आवश्यकता है।

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Respiratory Protection

ऐसे क्षेत्र में काम करना जहां हवा लगातार प्रदूषकों से भरी रहती है, खतरनाक हो सकता है और अंततः इन क्षेत्रों में काम करने वाले व्यक्तियों के लिए गंभीर श्वसन समस्याओं (Respiratory Problems) का परिणाम हो सकता है। खराब वायु गुणवत्ता से खुद को बचाने का एक आसान तरीका इन क्षेत्रों में काम करते समय Respiratory Mask पहनना है। Respiratory Face Mask पहनने से भविष्य में सांस संबंधी समस्याओं से पीड़ित होने की संभावना बहुत कम हो सकती है। ये मास्क भी कई प्रकार के होते हैं इन्हे भी काम और एरिया के हिसाब से सिलेक्ट करना चाहिए।

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Fire Prevention

Industrial Area में काम करने का मतलब है कि हमेशा आग लगने की संभावना बनी रहती है। यदि ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है, तो आप तैयार रहना चाहेंगे और ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका है कि सभी जगहों पर आग बुझाने का यंत्र हाथ में हो। दमकल विभाग के आने तक आग बुझाने या नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका Fire Extinguisher है।

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Industrial Safety सुनिक्षित करने के लिए Industrial Area में काम करते समय सभी सुरक्षा नियमों पर Research करना और उनका पालन करना महत्वपूर्ण है। एक सेकंड में सब कुछ बदल सकता है। इसीलिए ये सबकी जिम्मेदारी बनती है की सभी Safety Rules और सुरक्षा उपकरणों ( PPE’s ) को अपनी और अपने साथ काम करने वालों की Safety को देखते हुए उपयोग किया जाए।

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राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध Essay on National Safety Week / Day in Hindi

इस लेख में हमने राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध (Essay on National Safety Week / Day in Hindi) लिखा है। भारत में इस उत्सव का उद्देश्य, कर्त्तव्य और थीम के बारे में पूरी जानकारी दी है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिन या सप्ताह 4 मार्च से 10 मार्च तक निडरता और जोश के साथ मनाया जाता है।

Table of Content

तब राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन   के द्धारा यह सुरक्षा दिवस प्रारम्भ किया गया और इस तरह लोग इस अभियान में सहयोग देने लगे और इस तरह लोगों अपने अधिकार एवं कर्तव्यों के बारे में जानने लगे। इससे पहले 1930 में एक जर्मन वैज्ञानिक एच. डब्ल्यू. हेनरिच ने घोषणा की “ दुर्घटना तो हर किसी के साथ होती है पर यह जानबूझकर नहीं की जाती है।

राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह मनाने का उद्देश्य Purpose of National Safety Week and Day Celebration in Hindi

कैसे मनाया जाता है राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस how national safety week or day is celebrated in hindi.

अभियान से संबंधित पोस्टर भी लगाये जाते हैं, इस सुरक्षा अभियान का नारा भी बनाया जाता है, इसके बारे में कई जगह पर लोगों से चर्चा भी की जाती है, सुरक्षा से संबंधित सेमिनार भी किये जाते हैं, इत्यादि ।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के मूल कर्तव्य Basic Duty on National Safety Week in Hindi

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के थीम national safety week / day theme 2011-2021, निष्कर्ष conclusion.

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस ने आज हर नागरिक को सुरक्षा के प्रति जागरूक बना दिया है। इस राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की वजह से दुनियां का हर नागरिक अपना सुरक्षित जीवन जी रहे है और अपने सुरक्षा के अधिकारों का भरपूर उपयोग कर रहे है।

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Nibandh

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध

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रुपरेखा : प्रस्तावना - राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस २०२१ - राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का इतिहास - राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का उद्देश्य - राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की थीम - उपसंहार।

लोगों के बीच में सुरक्षा जागरुकता को बढ़ाने के लिए हर साल 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस अथवा राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह अभियान मनाया जाता है। भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक स्वशासित संस्था है जो लोक सेवा के लिए गैर लाभांस और गैर सरकारी संस्था है जो कुछ सदस्यों के साथ मुंबई में सोसाइटी एक्ट के तहत 4 मार्च 1966 में स्थापित हुआ था। सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण संबंधी सहायता सेवा के साथ उनको लाभ पहुँचाने के द्वारा उनके आर्थिक नुकसान और विभिन्न मानव समस्या सहित जीवन को सुरक्षित करने के लिये वार्षिक आधार पर राष्ट्रीय सुरक्षा अभियान चलाया जाता है। निजी क्षेत्रों में व्यापक तौर पर सुरक्षा जागरुकता कार्यक्रम के प्रदर्शन के द्वारा औद्योगिक दुर्घटना से कैसे सावधान रहे इस बारे में लोगों को जागरुक बनाने के लिये पूरे उत्साह के साथ इस दिवस को मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा अभियान पूरे सप्ताह चलता है जिस दौरान सुरक्षा जरुरतों के तहत लोगों के लिये विभिन्न प्रकार की खास गतिविधियों को प्रदर्शित किया जाता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस अथवा राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह पूरे एक सप्ताह का सुरक्षा अभियान है जो हर साल 4 मार्च से 10 मार्च तक मनाया जाता है। वर्ष २०२१ में, राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह 4 मार्च गुरुवार से लेकर 10 मार्च बुधवार के दिन तक मनाया जायेगा।

भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक स्वशासित संस्था है जो लोक सेवा के लिए गैर लाभांस और गैर सरकारी संस्था है जो कुछ सदस्यों के साथ मुंबई में सोसाइटी एक्ट के तहत 4 मार्च 1966 में स्थापित हुआ था। इस अवसर पर तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने औद्योगिक सुरक्षा के लिए व्यापक चेतना जगाने का उद्घोष किया था जहाँ आठ हजार सदस्य शामिल हुए थे।

विभिन्न स्वास्थ्य और पर्यावरण आंदोलन सहित सुरक्षा के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिये पूरे देश भर में राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस अथवा राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस को कार्यस्थलों पर सुरक्षा को बढ़ाने के लिए पूरे भारत वर्ष में मनाया जाता है। सुरक्षा को बढ़ावा देना केवल परिषद की ही जिम्मेदारी नही बल्कि उसमें प्रत्येक व्यक्ति का सहयोग होना चाहिए। राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्धारा प्रारंभ किया गया यह अभियान सफल बनाने के लिए आधारित क्रियाकलाप, कानूनी माँग के साथ स्व-अनुपालन और पेशेवर एसएचई (सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण) गतिविधियों को कार्यस्थल पर कर्मचारियों के बीच बढ़ावा देना जरुरी है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के प्रति व्यक्तियो को जागरूक करने के लिए सरकार द्धारा कई प्रकार के आयोजन किए जाते है जैसे संगठन के कर्मचारियों द्धारा सुरक्षा के कार्यक्रम दिखाना, अभियान से सम्बंधित फिल्म दिखाना, अभियान से सम्बंधित व्यक्तियों को पुरस्कार वितरित करना, अभियान से पोस्टर लगाना, नारा वितरण करना, चर्चा करना, सेमिनार करना आदि विभिन्न सार्वजनिक समारोह जैसे निम्न राष्ट्रीय स्तर के क्रियाकलाप पूरे सप्ताह के लिये संपन्न होते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह का लक्ष्य है विभिन्न स्वास्थ्य और पर्यावरण आंदोलन सहित सुरक्षा के बारे में लोगों को जागरुक करना तथा अलग-अलग औद्योगिक क्षेत्रों में मुख्य सुरक्षा भूमिका निभाने के लिये बड़े स्तर पर लोगों की भागीदारी को पाने के लिये यह दिवस मनाया जाता है। अपने कर्मचारियों में सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण क्रियाकलापों को बढ़ावा देने के द्वारा कंपनी के मालिकों के द्वारा सहभागी दृष्टीकोण के उपयोग को ये बड़े स्तर पर अभियान मनाने के द्वारा प्रेरित करता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2020 का थीम “आधुनिक तकनीक की मदद से सुरक्षा एवं स्वास्थ्य कि गुणवत्ता को बढ़ाना” (Enhance safety and health performance by use of advanced technology) था। हालाँकि राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2021 की थीम अभी तक पुष्टि नहीं हुई है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पूरे एक सप्ताह का सुरक्षा अभियान है जो हर साल 4 मार्च से 10 मार्च तक मनाया जाता है। स्वास्थ्य संगठनों और औद्योगिक सदस्यों सहित सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं में एक साथ संसक्ति के द्वारा इसे मनाया जाता है। निम्न लक्ष्यों को पूरा करने के लिये परिषद के द्वारा एसएचई नारों और संदेशों के साथ सभी केन्द्रीय डिज़ाइन विज्ञापन संबंधी सामानों और उपयोगी छपाई जैसे बैज, स्टीकर, बैनर, निर्देश कार्ड, आदि के साथ वो अच्छे से उपलब्ध कराते हैं। कार्यस्थल पर लोगों के बीच एसएचई क्रियाकलापों को विकसित और मजबूत करने का लक्ष्य प्राप्त करना है। अपनी जिम्मेदारी को बहुत अच्छी तरह से निभाने के लिये विभिन्न विषयों के ऊपर औद्योगिक कर्मचारियों के लिये सुरक्षा गतिविधियों पर आधारित शिक्षण कार्यक्रम रखे जाते हैं।

Nibandh Category

सड़क सुरक्षा पर निबंध हिन्दी मे 10 lines (Essay On Road Safety in Hindi) 100, 200, 300, 500, शब्दों में

essay on safety in hindi

Essay On Road Safety in Hindi – सड़क सुरक्षा का तात्पर्य सड़क उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए किए गए उपायों और प्रथाओं से है। इसमें गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है, जैसे सुरक्षित सड़क बुनियादी ढांचे को डिजाइन करना, यातायात कानूनों को लागू करना, सड़क उपयोगकर्ताओं को शिक्षित करना और सुरक्षित ड्राइविंग व्यवहार को बढ़ावा देना। Essay On Road Safety सड़क सुरक्षा का उद्देश्य सड़क पर होने वाली घटनाओं और चोटों की संख्या को कम करना और सड़क पर गाड़ी चलाने या चलने के अनुभव को यथासंभव सुरक्षित बनाना है।

सड़क सुरक्षा पर निबंध 10 पंक्तियाँ (Road Safety Essay 10 Lines in Hindi)

  • 1) सड़क सुरक्षा एक महत्वपूर्ण अवधारणा है जिसके बारे में सभी को जागरूक होना चाहिए।
  • 2) सड़क सुरक्षा सड़कों पर सभी की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करती है।
  • 3) सड़क सुरक्षा अवैध और खतरनाक ड्राइविंग व्यवहार के जोखिम को कम करती है।
  • 4) सड़क सुरक्षा में कई नियम और कानून शामिल हैं।
  • 5) गति सीमा का पालन करना जरूरी है.
  • 6) सड़क नियम कहते हैं कि यातायात संकेतों और संकेतों पर ध्यान देना ज़रूरी है।
  • 7) चार पहिया वाहन चलाते समय हमें सीट बेल्ट का प्रयोग अवश्य करना चाहिए।
  • 8) बाइक या मोटरसाइकिल चलाते समय हेलमेट का प्रयोग अवश्य करना चाहिए।
  • 9) सड़क सुरक्षा सड़क यातायात से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान को भी कम करती है।
  • 10) अपनी और दूसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी को सड़क नियमों और विनियमों का पालन करना चाहिए।

सड़क सुरक्षा पर 100 शब्द निबंध (100 Words Essay on Road Safety in Hindi)

सड़क सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जो सड़क का उपयोग करने वाले सभी लोगों को प्रभावित करता है, चाहे वे ड्राइवर हों, पैदल यात्री हों या साइकिल चालक हों। प्रभावी सड़क सुरक्षा उपायों को लागू करके सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं और चोटों की घटनाओं को कम किया जा सकता है।

सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने में सबसे महत्वपूर्ण कदमों में से एक सुरक्षित सड़क बुनियादी ढांचे का डिजाइन है। इसमें स्पष्ट चिह्नों और संकेतों के साथ अच्छी रोशनी वाली, अच्छी तरह से बनाए रखी गई सड़कों का निर्माण, साथ ही सुरक्षा बाधाओं और अन्य सुरक्षात्मक उपायों की स्थापना शामिल है।

शिक्षा भी सड़क सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण घटक है। इसमें ड्राइवरों, पैदल यात्रियों और साइकिल चालकों को यातायात कानूनों का पालन करने और अपने परिवेश के प्रति जागरूक रहने के महत्व के बारे में शिक्षित करना शामिल है।

सड़क सुरक्षा पर 200 शब्द निबंध (200 Words Essay on Road Safety in Hindi)

सड़क सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जो हम सभी को प्रभावित करता है, क्योंकि इसका हमारे समुदायों की भलाई और सुरक्षा पर सीधा प्रभाव पड़ता है। सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए सरकारों और अन्य संगठनों द्वारा किए गए प्रयासों के बावजूद, हमारी सड़कों पर दुर्घटनाएँ और चोटें जारी हैं।

सड़क दुर्घटनाओं का एक महत्वपूर्ण कारण लापरवाही और गैर-जिम्मेदाराना ड्राइविंग है। कई ड्राइवर खतरनाक व्यवहार में लिप्त होते हैं जैसे शराब पीकर गाड़ी चलाना, तेज़ गति से गाड़ी चलाना और यातायात कानूनों का पालन न करना। ये व्यवहार न केवल ड्राइवर के लिए जोखिम भरा है बल्कि अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं के जीवन के लिए भी खतरनाक हो सकता है।

एक अन्य प्रमुख मुद्दा उचित बुनियादी ढांचे और सड़क डिजाइन की आवश्यकता है। विकासशील देशों में कई सड़कों का रखरखाव ख़राब है और उनमें पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था, सड़क चिह्न और ट्रैफ़िक सिग्नल जैसी आवश्यक सुरक्षा सुविधाओं का अभाव है। इससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है और ड्राइवरों के लिए सुरक्षित रूप से यात्रा करना मुश्किल हो जाता है।

इन मुद्दों के समाधान के लिए, सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए सरकारों, संगठनों और व्यक्तियों द्वारा ठोस प्रयास करने की आवश्यकता है। इसमें लापरवाह ड्राइविंग के लिए सख्त कानून और दंड लागू करना, बेहतर सड़क बुनियादी ढांचे और डिजाइन को लागू करना और सड़क उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित ड्राइविंग व्यवहार के महत्व पर शिक्षित करना शामिल है। उन्नत ड्राइवर-सहायता प्रणाली (एडीएएस) जैसी तकनीक भी सड़क सुरक्षा में सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। ये सिस्टम ड्राइवरों को संभावित खतरों के बारे में चेतावनी देकर और उन्हें बेहतर ड्राइविंग निर्णय लेने के लिए अतिरिक्त जानकारी प्रदान करके दुर्घटनाओं को रोकने में मदद कर सकते हैं।

सड़क सुरक्षा पर 300 शब्द निबंध (300 Words Essay on Road Safety in Hindi)

सड़क सुरक्षा का तात्पर्य सड़क उपयोगकर्ताओं को घायल होने या मारे जाने से बचाने के लिए अपनाए गए तरीकों से है। विशिष्ट सड़क उपयोगकर्ता मोटर चालक, वाहनों के यात्री, साइकिल चालक और बसों जैसे सार्वजनिक परिवहन वाहनों के यात्री हैं।

बड़े पैमाने पर उत्पादित वाहनों के आविष्कार के बाद सड़क सुरक्षा एक प्राथमिकता बन गई। हर साल, लोग तब मारे जाते हैं जब वे या अन्य लोग विभिन्न सड़क सुरक्षा उपायों का पालन करने में विफल रहते हैं। ऐसे अनगिनत कारक हैं जो यातायात दुर्घटनाओं के लिए ज़िम्मेदार हैं। सबसे व्यापक रूप से जिम्मेदार हैं

  • लापरवाही से गाड़ी चलाना
  • सड़क के गलत दिशा में गाड़ी चलाना
  • मोबाइल फ़ोन का उपयोग
  • नशे में वाहन चलाना
  • महत्वपूर्ण सड़क चिन्हों की अनदेखी करना
  • वाहन का ख़राब रखरखाव

कभी-कभी अन्य पर्यावरणीय कारक भी होते हैं जो यातायात दुर्घटनाओं का कारण बन सकते हैं। कुछ सड़कों के डिज़ाइन के लिए सावधानीपूर्वक नेविगेशन की आवश्यकता होती है, अन्यथा, सड़क उपयोगकर्ता अपने वाहन को दुर्घटनाग्रस्त कर सकता है जिसके परिणामस्वरूप गंभीर चोट या मृत्यु हो सकती है। यहां तक ​​कि स्टॉपलाइट जैसे यातायात उपकरण में भी खराबी और दुर्घटनाएं होने की संभावना होती है। खराब बुनियादी ढांचे की योजना भी यातायात दुर्घटनाओं का कारण बन सकती है – उदाहरण के लिए, फुटपाथ के किनारे पेड़ों वाली सड़क। एक कार को पेड़ से टकराने से इतनी ऊर्जा पैदा होती है; और यह सारी ऊर्जा कार के चालक और यात्री में स्थानांतरित हो जाती है, जिससे चोट लगती है या मृत्यु भी हो जाती है।

कुछ पर्यावरणीय कारकों को भी संभावित जोखिम का कारण माना जाता है। बारिश और कोहरा यातायात को प्रभावित करने वाले प्रमुख विघटनकारी कारक हैं। कोहरे के कारण दृश्यता संबंधी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं जिससे दुर्घटनाएँ होने की संभावना रहती है। यहां तक ​​कि स्मॉग, जो मानवजनित गतिविधियों के परिणामस्वरूप होता है, के भी जोखिम कारक कोहरे के समान ही होते हैं। बारिश और तेज़ गति के संयोजन से वाहन नियंत्रण से बाहर हो सकते हैं, जिससे गंभीर चोट या मृत्यु हो सकती है।

सड़क सुरक्षा को बाधित करने वाला एक अन्य कारक मोबाइल फोन का उपयोग है। ड्राइविंग के दौरान, ड्राइवर को जिस आखिरी चीज़ का सामना करना पड़ता है, वह है ध्यान भटकाना। यहां तक ​​कि एक सेकंड का भी ध्यान भटकने से जीवन के लिए खतरा पैदा हो सकता है। इसलिए, वाहन चलाते समय कभी भी मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करना चाहिए, यदि फोन का उपयोग करना अपरिहार्य हो, तो सड़क के किनारे गाड़ी चला लें। इससे टेक्स्टिंग और ड्राइविंग से जुड़ा कोई भी जोखिम समाप्त हो जाता है।

सड़क सुरक्षा निष्कर्ष

निष्कर्षतः , सड़क नियमों का पालन, अत्यधिक गति से बचना और सामान्य जागरूकता में सुधार से यातायात दुर्घटना के जोखिम को काफी कम किया जा सकता है। नियमित रूप से वाहन के स्वास्थ्य की जाँच और भागों के रखरखाव से भी कोई संभावित जोखिम समाप्त हो जाता है। और सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग न करें।

सड़क सुरक्षा पर 500 शब्द निबंध (500 Words Essay on Road Safety in Hindi)

आज की इस भागदौड़ भरी दुनिया में सड़क दुर्घटनाएं बहुत तेजी से हो रही हैं। हालाँकि, ऑटोमोबाइल उद्योग में तकनीकी प्रगति ने सौभाग्य से मृत्यु दर को कम कर दिया है। बहरहाल, सड़क पर कई संभावित खतरे मौजूद हैं। इस प्रकार, सभी की सुरक्षा के लिए सड़क सुरक्षा महत्वपूर्ण है। सड़क सुरक्षा पर इस निबंध में हम इसके महत्व और इसके बुनियादी नियमों के बारे में जानेंगे।

सड़क सुरक्षा पर निबंध का महत्व

मनुष्यों और अन्य जीवित प्राणियों सहित सभी की भलाई की रक्षा के लिए सड़क सुरक्षा महत्वपूर्ण है। सड़क सुरक्षा पर यह निबंध हमें यह जानने में मदद करेगा कि यह महत्वपूर्ण क्यों है। बहुत सारे पर्यावरणीय कारक हमारी सड़क सुरक्षा निर्धारित करते हैं।

उदाहरण के लिए, यदि बारिश हो रही है या घना कोहरा या धुंध है, तो चालक की दृश्यता में बाधा आएगी। इसके परिणामस्वरूप राजमार्ग पर ढेर लग सकते हैं। इसी तरह, बारिश जैसे अन्य कारक भी हैं जो हाइड्रोप्लानिंग की ओर ले जाते हैं।

इस घटना में, तेज़ गति से चलने वाले वाहन अनियंत्रित रूप से फिसलने लगते हैं क्योंकि वाहन के टायर सड़क पर मौजूद पानी की एक पतली फिल्म के माध्यम से जमीन से टकराते हैं।

हालाँकि, सड़क सुरक्षा नियम हमें इन सभी खतरनाक स्थितियों से आसानी से बचने में मदद कर सकते हैं। जब लोग सड़क सुरक्षा नियमों का कठोरता से पालन करेंगे और अपने वाहनों का रखरखाव अच्छे से करेंगे, तो हर कोई सुरक्षित रह सकता है।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि निर्धारित गति सीमा के अंदर ही गाड़ी चलाना भी जरूरी है। साथ ही, वाहन चलाते समय अपने मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करना चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए कि हर कोई सुरक्षित और स्वस्थ रहे, सड़क सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है।

सड़क सुरक्षा के बुनियादी नियम

ऐसे कई सामान्य और बुनियादी नियम हैं जिनका पालन किसी व्यक्ति को वाहन चलाते समय या सामान्य रूप से सार्वजनिक सड़कों का उपयोग करते समय करना चाहिए। पहला नियम है संकेतों को जानना और उन पर कठोरता से ध्यान देना।

यह ड्राइवर और पैदल यात्री दोनों पर लागू होता है। इसके अलावा, जो लोग पैदल चल रहे हैं उनके लिए फुटपाथ और पैदल यात्री क्रॉसिंग का उपयोग करना महत्वपूर्ण है। राज्य के सभी नियमों और कानूनों की जानकारी होना और उनका पालन करना भी आवश्यक है।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अपने वाहन के साथ सड़क पर निकलने से पहले आपके पास स्वीकृत ड्राइविंग लाइसेंस होना भी अनिवार्य है। हर किसी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सड़क सुरक्षा संवेदनशीलता महत्वपूर्ण है।

आम जनता को सड़क सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूक करने से दैनिक आधार पर होने वाली दुर्घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं की दर को कम करने में मदद मिल सकती है। सेमिनार और लोगों को शिक्षित करना उनका मार्गदर्शन करने और उन्हें परिणामों से अवगत कराने में सहायक हो सकता है।

सड़क सुरक्षा पर निबंध का निष्कर्ष

संक्षेप में कहें तो प्रत्येक व्यक्ति को सड़क नियमों का पालन करना चाहिए। अत्यधिक गति से वाहन न चलाएं और सामान्य जागरूकता बढ़ाने का प्रयास करें ताकि यातायात दुर्घटनाओं के जोखिम को कम किया जा सके। किसी भी संभावित जोखिम को खत्म करने के लिए नियमित रूप से वाहन के स्वास्थ्य और उसके रखरखाव भागों की जांच करनी चाहिए।

सड़क सुरक्षा निबंध पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रश्न 1: सड़क सुरक्षा क्या है.

उत्तर 1: सड़क सुरक्षा से तात्पर्य उन तरीकों से है जो हम सड़क उपयोगकर्ताओं को यातायात दुर्घटनाओं में घायल होने या मारे जाने से बचाने के लिए अपनाते हैं। वे सभी की भलाई बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं।

प्रश्न 2: कोई यातायात दुर्घटनाओं से कैसे बच सकता है और सड़क सुरक्षा कैसे बढ़ा सकता है?

उत्तर 2: सड़क नियमों का कड़ाई से पालन करके यातायात दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है। इसके अलावा, उन्हें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके वाहनों का हमेशा अच्छी तरह से रखरखाव किया जाए। इसके अलावा, राज्य की गति सीमा के भीतर गाड़ी चलाना भी महत्वपूर्ण है। वाहन चलाते समय या शराब के नशे में फोन का प्रयोग न करें।

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Speech on National Safety Day in Hindi : राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर ऐसे लिखें 100, 200 और 500 शब्दों में स्पीच

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  • Updated on  
  • फरवरी 21, 2024

Speech on National Safety Day in Hindi

हर साल 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारत कार्यस्थल और इसके आसपास के समुदायों में सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए काम करता है। सुरक्षा को बढ़ावा देने के अलावा यह सुरक्षा की एक ऐसी संस्कृति बनाने के महत्व को भी दर्शाता है जो व्यक्तियों और संगठनों की समान रूप से रक्षा करती है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर छात्रों और शिक्षकों की तरफ से स्पीच भी दी जाती है, लेकिन कहीं भी स्पीच देने से पहले हमें इसे अच्छे से तैयारी करना जरूरी है। स्पीच का समय आयोजन से तय होता है, इसलिए इस ब्लाॅग में आप 100, 200 और 500 शब्दों में Speech on National Safety Day in Hindi लिखने और तैयार करने के बारे में जानेंगे।

This Blog Includes:

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के बारे में , राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर 100 शब्दों में स्पीच, राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर 200 शब्दों में स्पीच, प्रस्तावना , राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस क्या है, राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस क्यों मनाया जाता है, राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पहली बार कब मनाया गया, राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का महत्व क्या है, राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर स्पीच कैसे दें , राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर 10 लाइन्स  , राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर स्लोगन.

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस भारत में हर साल 4 मार्च को मनाया जाता है। यह दिन सुरक्षा और स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है, साथ ही इस दिन को भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) के 1966 में हुई स्थापना के रूप में भी मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय के तहत काम करती है और इसका उद्देश्य वर्तमान सुरक्षा मुद्दों और चिंताओं को संबोधित करना है।

यह भी पढ़ें – Safety Speech Topics in Hindi : जानिए राष्ट्रीय सुरक्षा के विषय और राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2024 की थीम एवं महत्व 

100 शब्दों में Speech on National Safety Day in Hindi यहाँ दिया गया है-

  • 1966 से हर साल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जा रहा है। 
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का यह दिन हर साल 1 मार्च को हुए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना की याद दिलाता है।
  • 4 मार्च, 1966 को भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय (Ministry of Labor and Employment) ने एक गैर-लाभकारी निकाय के रूप में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना की।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की स्थापना पहली बार 1972 में की गई थी।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना वर्ष 2000 में बॉम्बे पब्लिक ट्रस्ट अधिनियम 1950 के तहत एक पब्लिक ट्रस्ट के रूप में की गई थी।
  • 2021 में कई नेताओं और संगठनों ने राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर स्वीकृत सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के माध्यम से सुरक्षा का संदेश फैलाने के लिए Twitter का सहारा लिया।

यह भी पढ़ें – Essay On Zakir Hussain in Hindi : ज़ाकिर हुसैन पर 100, 200 और 500 शब्दों में निबंध 

1972 से हर साल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य संगठनों और व्यक्तियों को सुरक्षित प्रथाओं को अपनाने और सुरक्षा को जीवन का एक तरीका बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस दिन को देश में सुरक्षा जागरूकता और संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कार्यशालाओं, सेमिनारों, प्रदर्शनियों और प्रतियोगिताओं सहित विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों द्वारा चिह्नित किया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस देश के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि यह सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने और व्यक्तियों और संगठनों को सुरक्षित प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने में मदद करता है साथ ही यह दिन औद्योगिक और कार्यस्थल सुरक्षा, सड़क सुरक्षा, अग्नि सुरक्षा, निर्माण सुरक्षा, कार्यालय सुरक्षा आदि सहित विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए भी समर्पित है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने का उद्देश्य है-

  • विभिन्न सुरक्षा मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और देश में सुरक्षा संस्कृति को बढ़ावा देना।
  • संगठनों और व्यक्तियों को सुरक्षित प्रथाओं को अपनाने और सुरक्षा को जीवन का एक तरीका बनाने के लिए प्रोत्साहित करना।
  • दुर्घटनाओं और चोटों को रोकने के लिए अपनाए जा सकने वाले विभिन्न सुरक्षा उपायों के बारे में लोगों को शिक्षित करना।
  • सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करने के लिए उद्योगों और संगठनों को सुरक्षा नीतियों और प्रक्रियाओं को लागू करने के लिए प्रोत्साहित करना।
  • दुर्घटनाओं और चोटों को रोकने के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण और अन्य सुरक्षा गियर के उपयोग को प्रोत्साहित करना।
  • सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों और प्रौद्योगिकियों के उपयोग को बढ़ावा देना।
  • देश में सुरक्षा संस्कृति को बढ़ावा देने में सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों की भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाना।

यह भी पढ़ें – Holi Speech in Hindi : इन आसान शब्दों में दें रंगों के त्योहार ‘होली’ पर भाषण

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर 500 शब्दों में स्पीच

500 शब्दों में Speech on National Safety Day in Hindi यहाँ दिया गया है-

हर साल 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का दिन जीवन के सभी पहलुओं में सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससीआई) लोगों को सुरक्षा उपायों के बारे में शिक्षित करने और उन्हें अपने दैनिक जीवन में पालन करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन करती है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है जो लोगों को सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए काम करता है। इस दिन कई ऑर्गेनाइजेशन, इंडस्ट्रीज और एजुकेशनल इंस्टीटूट्स सुरक्षा कार्यक्रम आयोजित करते हैं। इन कार्यक्रमों में सुरक्षा प्रदर्शन, मॉक ड्रिल्स और क्षेत्र के विशेषज्ञों के लेक्चर्स शामिल हैं। सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा पोस्टर और बैनर प्रदर्शित किए जाते हैं साथ ही स्कूल और कॉलेजों में छात्रों को सुरक्षा उपायों के बारे में शिक्षित करने के लिए निबंध लेखन प्रतियोगिता, पोस्टर बनाने की प्रतियोगिता और डिबेट जैसी अन्य कई गतिविधियों का आयोजन कराया जाता हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस हर साल 4 मार्च को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत 1972 में हुई थी जो औद्योगिक सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) का स्थापना दिवस भी है। जिसका मुख्य उद्देश्य घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। 

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की स्थापना पहली बार 4 मार्च 1972 में की गई थी और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना वर्ष 2000 में बॉम्बे पब्लिक ट्रस्ट एक्ट 1950 के तहत एक सार्वजनिक ट्रस्ट के रूप में की गई थी। 

भारत में हर राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस, सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देने व कार्यस्थल और दैनिक जीवन के अन्य क्षेत्रों में होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या को कम करने के लिए समर्पित है। यह दिन देश भर के संगठनों और संस्थानों द्वारा मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना और लोगों को दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित करना है।

दुर्घटनाओं के कारण गंभीर चोट लग सकती है या मृत्यु भी हो सकती है और इसके परिणामस्वरूप व्यक्तियों, संगठनों और पूरे देश को वित्तीय नुकसान भी हो सकता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस व्यक्तियों और संगठनों को अपनी सुरक्षाओं पर विचार करने और उनमें सुधार के लिए कदम उठाने का अवसर प्रदान करता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस सुरक्षा खतरों और जोखिमों के बारे में जागरूकता भी बढ़ाता है। इसमें व्यक्तियों को दुर्घटनाओं के कारणों और उन्हें रोकने के लिए उठाए जा सकने वाले कदमों के बारे में शिक्षित किया जाता है। इसमें व्यक्तियों को आपातकालीन स्थितियों में प्रतिक्रिया करने के तरीके के बारे में ट्रेनिंग देना और ऐसा करने के लिए उन्हें आवश्यक उपकरण प्रदान करना भी शामिल है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस उन व्यक्तियों और संगठनों के प्रयासों को पहचानने का भी एक अवसर है जिन्होंने अपने कार्यस्थलों और समुदायों में सुरक्षा में सुधार के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसमें वो व्यक्ति शामिल है जिन्होंने दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कोई कदम उठाए हो या ऐसे संगठन जिन्होंने सुरक्षा कार्यक्रम लागू किए और उससे दुर्घटनाओं में कमी आई हो। 

कार्यस्थल में सुरक्षा को बढ़ावा देने के अलावा, राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस दैनिक जीवन में सुरक्षा के महत्व पर भी जोर देता है। इसमें सुरक्षित ड्राइविंग आदतों, घरेलू उपकरणों, औजारों का सुरक्षित उपयोग और सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षित व्यवहार को बढ़ावा देना शामिल है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एक महत्वपूर्ण दिन है जो हमारे दैनिक जीवन में सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डालता है। यह व्यक्तियों और संगठनों को सुरक्षा पर विचार करने और उन्हें सुधारने के लिए कदम उठाने का अवसर प्रदान करता है। 

यह भी पढ़ें – Essay on Suryakant Tripathi Nirala in Hindi : हिंदी के महान साहित्यकार सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला” पर 100, 200 और 500 शब्दों में निबंध  

Speech on National Safety Day in Hindi कैसे तैयार करें के बारे में यहां जानेंगे-

  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर सही से स्पीच तैयार करने और समय का ध्यान रखते हुए आगे बढ़ना चाहिए। 
  • स्पीच को ज्यादा बड़ा न रखें।
  • स्पीच देने से पहले उसे अच्छे से तैयार कर लें। 
  • स्पीच की शुरुआत हिंदी के कविताओं और कोट्स से भी कर सकते हैं।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर स्पीच लिखते समय आपको शब्दों का सही चयन करना होगा।
  • अपनी स्पीच में भारत के सुरक्षा बालों के बारे में भी बोलना होगा। 
  • स्पीच देने से पहले एक-दो बार उसे बोलने का प्रयास करें।
  • स्पीच को तैयार करते समय गलतियों से बचें।
  • स्पीच में टाॅपिक से न भटकें।

यह भी पढ़ें – राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस : राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस क्यों मनाया जाता है, साथ ही जानें इसका महत्व, थीम और इतिहास

Speech on National Safety Day in Hindi पर दस लाइन्स यहाँ दी गई हैं-

  • भारत में हर साल 4 मार्च को Rashtriya suraksha diwas मनाया जाता है।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस, सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद द्वारा एक पहल है।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना 4 मार्च 1966 में हुई थी। 
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पहली बार 1972 में मनाया गया। 
  • सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं को उजागर करने के लिए हर साल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की थीम बदलती है।
  • इस दिन का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षा उपायों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
  • यह दिन लोगों को अपनी और दूसरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने की आवश्यकता पर जोर देता है।
  • Rashtriya suraksha diwas जीवन के सभी पहलुओं में सुरक्षा संस्कृति को अपनाने को बढ़ावा देता है।
  • इस दिन में सुरक्षा प्रशिक्षण, सेमिनार और जागरूकता अभियान जैसी विभिन्न गतिविधियाँ शामिल हैं।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का अंतिम लक्ष्य दुर्घटनाओं को रोकना और सुरक्षित वातावरण को बढ़ावा देना है।

यह भी पढ़ें – परीक्षा में ऐसे लिखें विश्व जल दिवस पर 100, 200 और 500 शब्दों में निबंध

Speech on National Safety Day in Hindi से जुड़े स्लोगन्स यहाँ दिए गए हैं-

  • जागरूक रहें, ध्यान रखें, सुरक्षित रहें।
  • सुरक्षा कोई विकल्प नहीं है, यह एक जिम्मेदारी है।
  • आपकी सुरक्षा आपके हाथ में है, सतर्क रहें।
  • एक सुरक्षित कार्यस्थल एक खुशहाल कार्यस्थल है।
  • सुरक्षित रहें, स्वस्थ रहें, जीवित रहें।

4 मार्च को। 

बॉम्बे पब्लिक ट्रस्ट। 

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको Speech on National Safety Day in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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सीखने का नया ठिकाना स्टडी अब्राॅड प्लेटफाॅर्म Leverage Edu. खुशी को 1 वर्ष का अनुभव है। पूर्व में वह न्यूज टुडे नेटर्वक, जागृत जनता न्यूज (JJN) में कंटेंट राइटर और स्क्रिप्ट राइटर रह चुकी हैं। खुशी ने पत्रकारिता में स्नातक कंप्लीट किया है। उन्हें एजुकेशनल ब्लाॅग्स लिखने के अलावा रिसर्च बेस्ड स्टोरीज करना पसंद हैं।

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ESSAY KI DUNIYA

HINDI ESSAYS & TOPICS

Essay on Fire Safety in Hindi – आग से सुरक्षा के तरीके पर निबंध

February 1, 2018 by essaykiduniya

Here you will get Paragraph and Short Essay on Fire Safety in Hindi Language for students of all Classes in 300 and 500 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में आग से सुरक्षा के तरीके पर निबंध मिलेगा।

Essay on Fire Safety in Hindi – आग से सुरक्षा के तरीके पर निबंध

Essay on Fire Safety in Hindi

Short Essay on Fire Safety in Hindi Language – आग से सुरक्षा के तरीके पर निबंध (300 words)

अग्नि बहुत ही विनाशकारी होती है जो कि कभी भी हमारी थोड़ी सी लापरवाही के कारण लग जाती है। आग लगने के लिए ताप, ऑक्सीजन और ज्वलनशील पदार्थ की आवश्यकता होती है । हमें अपनी और दुसरों की सुरक्षा के लिए आग से बचने के उपाय पता होने चाहिए ताकि लोगों की जान को बचाया जा सके और जान माल की हानि होने से रोक सके।

अग्नि से सुरक्षा के लिए हमें निम्नलिखित उपाय करने चाहिए-

1. घरों में, दुकानों में और ऑफिस में फायर अलार्म लगाए जाने चाहिए ताकि थोड़ी सी भी आग लगने पर उसके बजने से लोगों को सुचित किया जा सके और उन्हें सुरक्षित किया जा सके।

2. आग लगने पर सबसे पहले अग्निश्मक को सुचित करे और लोगों को भी आग से बचने के उपाय बताने चाहिए।

3. आग लगने पर पानी से आग को बुझाए लेकिन पैट्रोल, डीजल आदि के कारण लगी आग को रेत डालकर बुझाना चाहिए।

4. कपड़ो में आग लगने पर भागने की बजाय लेट कर इधर उधर पलटना चाहिए और कंबल आदि लपेटकर आग बुझानी चाहिए।

5. आग लगे हुए स्थान पर सबसे पहले ज्वलनशील पदार्थ को आग से दुर करना चाहिए अन्यथा आग फैल जाएगी।

6. ऑक्सीजन जो कि आग लगने में सहायक होती है अगर हम उसकी सप्लाई रोक दे तो भी आग को रोका जा सकता है।

7. आग लगने पर धुएँ से बचने के लिए अपने मुँह और नाक को गीले कपड़े से ढक लें।

8. आग लगने पर तुरंत लोगों तो कम शब्दों में चेतावनी दें।

9. अगर आप आग में फँस गए है तो सिर झुका कर बैठे।

10. आग में फँसने पर कंबल ओढ़ कर आग से बाहर आ जाए।

Essay on Fire Safety in Hindi – आग से सुरक्षा के तरीके पर निबंध ( 500 words )

अग्नि सुरक्षा हमें आग से बचाने के लिए एक आसान तरीका बन गई है| इसके अलावा, अग्नि सुरक्षा ऐसी सावधानियों से जुड़ी होती है| जो आग की संभावना को रोकने या कम करने के लिए ली जाती हैं, जिसके परिणामस्वरूप क्षति, चोट और मृत्यु हो सकती है। अग्नि सुरक्षा सुरक्षा की सुरक्षा का सबसे महत्वपूर्ण घटक है।

आग से लड़ने और आग की रोकथाम के क्षेत्र में अग्नि सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है| अग्नि सुरक्षा का उद्देश्य इंसान को बचाने के लिए बचा जाना है। सुरक्षा के कई अलग-अलग रूप हैं अग्निशामकों के लिए भी सुरक्षा कार्यक्रम हैं| सुरक्षा कार्यक्रम के मुख्य लक्ष्यों में हानि या उपकरणों के नुकसान को रोकने, मानव पीड़ितों, हताहतों की संख्या, चोटों, और खतरनाक वायुमंडल और ट्रांसमैटेटिव रोगों के लिए जोखिम को रोकने से मिलकर बनता है।

प्रत्येक व्यक्ति द्वारा सुरक्षा का सम्मान किया जाना चाहिए जो एक साथ काम करता है या फिर कुछ गलत हो सकता है अग्निशमन के कई स्वास्थ्य कारण हैं उदाहरण के लिए, उन्हें नौकरी से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में सूचित रहना चाहिए। एड्स के संपर्क से बचने के लिए उन्हें सावधानी बरतनी चाहिए अन्य विचार भी ठीक से सफाई और भंडारण उपकरणों और उपकरणों से मिलकर। अग्निशामकों को भी शारीरिक फिटनेस के साथ भी रहना होगा इन सभी चीजें एक अच्छी सुरक्षा रिकॉर्ड बनाए रखने में सहायता करती हैं। विभिन्न प्रकार की सुरक्षा उपकरण, फायर स्टेशन में सुरक्षा, व्यक्तिगत सुरक्षा, उपकरण और उपकरण सुरक्षा, प्रशिक्षण में सुरक्षा, और आपातकालीन दृश्य सुरक्षा|

उपकरण की सवारी फायर फाइटर के लिए सबसे आम खतरा है। अग्निशामक कपड़े पहनने के लिए नहीं हैं, जबकि तंत्र गति में है। गति में जबकि अग्निशामकों को भी सीट बेल्ट को बांधा होना चाहिए। यदि सायरन 90 डेसिबल से अधिक है, तो अग्निशामकों को कान की सुरक्षा भी होनी चाहिए। यह सब फायर फाइटर और उसकी कंपनी के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है अग्निशामकों को उपकरण पर और बंद होने पर हमेशा हेन्ड्रिल का उपयोग करना चाहिए। इससे इंजन या सीढ़ी से फिसल या गिरने की संभावना कम हो जाती है। फायर स्टेशन में सुरक्षा समान रूप से महत्वपूर्ण है| फायर स्टेशन में खतरों केवल अग्निशामकों के लिए खतरनाक नहीं हैं, लेकिन आगंतुकों को भी अग्निशामक लगातार यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि फायरहाउस सुरक्षित है|

निजी सुरक्षा उतनी ही महत्वपूर्ण है| अनुचित उठाने वाली तकनीक जैसी चीजें दुनिया भर में अग्निशमन दुनिया भर में कई चोटों के कारण हुई हैं।

हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध (  Essay on Fire Safety in Hindi – आग से सुरक्षा के तरीके पर निबंध ) को पसंद करेंगे।

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सड़क सुरक्षा पर निबंध Essay on Road Safety in Hindi

नमस्कार आज हम सड़क सुरक्षा पर निबंध Essay on Road Safety in Hindi पढ़ेगे। इस निबंध में हम जानेगे कि सड़क सुरक्षा क्या है इसका महत्व, आवश्यकता, रोड सेफ्टी वीक, रूल्स आदि के बारे में छोटा बड़ा निबंध स्टूडेंट्स के लिए दिया गया है।

रोड एक्सीडेंट्स इन इंडिया के मुताबिक़ हर वर्ष तेजी से सड़क हादसों की संख्या बढ़ रही हैं. भारत में सड़क दुर्घटना की स्थिति इतनी भयावह है कि प्रति घंटे 18 लोग सड़क हादसे का शिकार होकर अपना जीवन गंवा देते है वही प्रति घंटे औसतन 44 लोग घायल भी हो जाते है.

सड़क सुरक्षा पर निबंध Essay on Road Safety in Hindi

यहाँ स्कूल स्टूडेंट्स के लिए महत्वपूर्ण जन मुद्दे सड़क सुरक्षा पर दो निबंध विभिन्न शब्द सीमा में दिए गये हैं. आप अपनी जरूरत के हिसाब से इनकी लेंथ को मैनेज कर सकते हैं साथ ही शैक्षणिक उपयोग हेतु इसका प्रयोग भी कर सकते हैं.

भारत में सड़क सुरक्षा की स्थिति पर निबंध

स्वतंत्रता के बाद से सड़क चुनावों और राजनीति का मुख्य मुद्दा रहा है. इसके दो बड़े कारण है सड़क आम आदमी के जीवन से जुड़ा अहम विषय हैं साथ ही संसार की सबसे अधिक सड़कों वाले देशों की सूची में भारत दूसरे स्थान पर है.

भारत में करोड़ो किलोमीटर लम्बा सड़क परिवहन है जिनके निर्माण और रखरखाव में बड़ी मात्रा में व्यय होता है. आज भी आम जन में सड़क दुर्घटनाओं के प्रति चेतना बहुत कम है. हर साल करोड़ों दुर्घटनाएं होती है जिसमें लाखों लोग अपनी जान गंवाते हैं.

एक शोध के अनुसार स्वतंत्रता के बाद से अब तक दस करोड़ से अधिक लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा चुके हैं, इसके बाद भी इस समस्या को गम्भीरता से नहीं लिया जाता हैं.

हर साल बड़ी संख्या में हो रही सड़क दुर्घटनाओं को सड़क सुरक्षा के कानूनों को कठोर करके और आमजन को इनके प्रति जागरूक करके कम किया जा सकता है.

भारत में सड़क सुरक्षा के कठोर नियमों और व्यवस्था अन्य देशों के मुकाबले पर्याप्त नहीं हैं. वर्तमान में देश में मोटर वाहन अधिनियम 2019 पारित किया गया. इस नयें कानून के जरिये यातायात नियमों का अतिक्रमण, ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन गति पर नियंत्रण में नई तकनीकों को शामिल किया गया हैं.

सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूकता की कमी के कारण दर्दनाक हादसे आए रोज सुनने में मिलते है. कई बार ये वाहन चालक की गलती से तो कभी पैदल यात्रियों के कारण होते हैं. इन हादसों से बचाव के लिए ही ट्रेफिक नियम बनाए जाते है, जिनका हम सभी को पालन करना चाहिए.

सड़क सुरक्षा निबंध 500 वर्ड्स

आज के समय में सड़क दुर्घटना आम बात हैं जिसका मुख्य कारण सड़क सुरक्षा की ओर ध्यान न देना हैं.

रोड सेफ्टी निबंध   में हम जानेगे कि किस तरह वाहन चालक की लापरवाही नशे में गाड़ी चलाने ट्रेफिक के नियमों की अवहेलना करने से रोजाना सड़क दुर्घटनाएं बढ़ती जा रही हैं.

सड़क सुरक्षा के नियमों की अनुपालना व जन जागृति में मीडिया की क्या भूमिका हैं.

सड़क सुरक्षा में मिडिया की भूमिका

हम आए दिन अख़बार में पढ़ते हैं कि सड़क दुर्घटना में कई लोगों की मृत्यु हो गई हैं. या गंभीर रूप से घायल हो गया हैं. प्रशासन द्वारा सड़क सुरक्षा अभियान चलाकर इन घटनाओं के प्रति लोगों को जागरूक किया जाता हैं. यातायात के नियमों की जानकारी लोगों को विभिन्न माध्यमों से दी जाती हैं.

सड़क सुरक्षा अभियान में मीडिया की भूमिका खास हो जाती हैं. मीडिया लोगों को संदेशों विज्ञापनों के माध्यम से यातायात के नियमों का पालन करने हेतु प्रेरित करे. उसे सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आवश्यकता अनुसार सकारात्मक सूचनाएं प्रसारित करनी चाहिए.

सामाजिक विज्ञापन से घर और सड़कों पर जीवन की सुरक्षा संबंधी संदेश देना चाहिए. मीडिया को स्पष्ट और निष्पक्ष विचार रखने चाहिए ताकि लोगों के विचारों में सकारात्मक प्रभाव पड़े. कुछ विज्ञापन गैर जिम्मेदाराना तरीके से उच्च क्षमता के वाहनों का प्रदर्शन स्टंट के द्रश्य सहित बिना वैधानिक चेतावनी के प्रसारित कर दिए जाते हैं.

बिना वैधानिक चेतावनी के ऐसे विज्ञापन नही होने चाहिए, क्योंकि बच्चें व युवा इन दृश्यों का अनुसरण कर चोटग्रस्त हो सकते है. वाहन चालन के समय निम्निलिखित सावधानियां रखे.

सड़क सुरक्षा के सामान्य नियम व सावधानियां (road safety rules in hindi)

  • वाहन चालक के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस हो.
  • दुपहिया वाहन चालक और सवार हेलमेट का प्रयोग करे, चौपहिया वाहन के चालक व सवार सीट बेल्ट का प्रयोग करे.
  • वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग न करे.
  • तेज ड्राइविंग से बचे और वाहन निर्धारित गति सीमा में चलावें.
  • नशा करके वाहन न चलावें.
  • यातायात के नियमों का पालन करे.
  • अपनी लेन में ही चले और यातायात संकेतकों का पालन करे.
  • आम सड़क पर चलते समय स्टंटबाजी नही करनी चाहिए.

भारत में यातायात के मुख्य संकेत  ( Traffic signals Meaning )

सड़क सुरक्षा जितनी वाहन चालक के लिए आवश्यक हैं, ठीक उतना ही जरुरी आम आदमी के लिए हैं. यातायात के नियमों व संकेतों की साधारण जानकारी व अर्थ हमें पता होना चाहिए.

भारत में सडकों के मुख्य संकेत के रूप में हर चौराहे पर तीन रंग की लाइट लगी रहती हैं. जो नीचे दिए गये चित्र के अनुसार होती हैं. इनकी तीनों लाइट का क्या अभिप्राय हैं.

  • लाल बत्ती  : यह संकेत आपकों रुकने का इशारा कर रहा हैं. अन्य पथ को खोलने के कारण आपके रास्ते को कुछ समय के लिए रोका गया हैं. इसलिए लाल बत्ती जलने पर आप जिस स्थति में हो रुक जाए.
  • पीली बत्ती -यह लाइट लाल लाईट के बंद होने के तुरंत बाद जलती हैं. इसका अर्थ हैं तैयार हो जाइए अब आपकों चलने का संकेत मिलने वाला हैं. हम कई बार देखते हैं. लोग पीली बत्ती के जलते ही अपने वाहन को स्टार्ट कर जल्दी से भागने को आतुर रहते हैं. ऐसा अपना वाहन चालू कर आराम से आगे बढ़ना चाहिए.
  • हरी बत्ती – इसका अर्थ हैं यू कैन गो नाउ, अब आप आगे बढ़ सकते हैं. आपका रास्ता साफ़ हैं

सड़क सुरक्षा निबंध 2 (600 words)

हम सभी सड़क का उपयोग करते हैं। हम उन पर चलते हैं या उन पर अपने वाहन चलाते हैं। हम उनके पार जाते हैं या उनके साथ फुटपाथों पर चलते हैं। भारत के शहरों में, सड़कों के किनारे फुटपाथ  हैं।

उन पर चलने वालों को पैदल यात्री कहा जाता है। यदि हम चल रहे हैं तो फुटपाथों का उपयोग करना सुरक्षित है। बड़े शहरों की सड़कें बहुत व्यस्त हैं। वे बसों, ट्रकों, कारों, तिपहिया वाहनों, मोटरसाइकिल, स्कूटर, साइकिल, आदि जैसे सभी प्रकार के वाहनों के साथ भीड़ रहती हैं।

धीमी गति से चलती बैलगाड़ी, घोड़ा गाड़ी, आदि भी देखे जा सकते हैं। ऐसी सड़कों पर चलना या वाहन चलाना हमेशा जोखिम भरा होता है। लोग जल्दबाजी में सड़क के नियमों की अनदेखी करते हैं और दुर्घटना का कारण बनते हैं।

हर दिन इस तरह के हादसों में बहुत सारे लोग मारे जाते हैं या घायल हो जाते हैं। सड़क के नियमों का पालन करने के लिए दुर्घटनाओं से बचने का सबसे अच्छा तरीका, सड़क सुरक्षा नियमों पालन करना चाहिए।

सड़क सुरक्षा सप्ताह

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष रोड सेफ्टी वीक मनाया जाता है। देश भर में लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से यह सप्ताह मनाया जाता हैं।

अन्य देशों के मुकाबले भारत में परिवहन के साधनों और पैदल यात्रियों की संख्या अधिक है ऐसे में समाज में सुरक्षा के उपायों की जानकारी होना जरुरी है।

सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान ट्रेफिक पुलिस, सामाजिक संगठनों और स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा जन जागरूकता के लिए पोस्टर नारे स्लोगन आदि का प्रयोग किया जाता हैं। ताकि जन जन तक सड़क पर चलते समय लोगों को सावधानी बरतने के लिए प्रेरित किया जा सके।

सड़क सुरक्षा के नियम

क्या आप सड़क के नियमों को जानते हैं? क्या आप हमेशा उनकी बात मानते हैं? यहाँ सड़क के कुछ नियम हैं। हमें उनका अनुसरण करना चाहिए।

  • चलते या वाहन चलाते समय हमेशा बाईं ओर रखें।
  • सिग्नल देने से पहले बाएँ या दाएँ मुड़ें नहीं।
  • जब तक सड़क साफ नहीं हो जाती है, तब तक सड़क को देखने से पहले एक बार फिर से दाईं ओर देखें। अगर सड़क साफ है तो इसे जल्दी से पार कर लें लेकिन सावधानी से।
  • सड़क पार करते समय सीधे चलते हैं। इसे एक कोण पर पार न करें।
  • पार करते समय भागो मत।
  • ज़ेबरा क्रॉसिंग यदि कोई है, तो सड़क के पार जाने के लिए हमेशा इसका उपयोग करें। इस पर चलना अधिक सुरक्षित है।
  • हमेशा ट्रैफिक लाइट की पालना करे लाल बत्ती का मतलब है रुकना। पीली रोशनी का मतलब है रुकना या हिलना। हरी बत्ती का मतलब है आगे बढ़ना। जब ट्रैफिक लाइट हरी हो जाती है, तभी आगे बढ़ना सुरक्षित होता है। यदि आप ट्रैफिक सिग्नल की अनदेखी करते हैं, तो आपको दंडित किया जा सकता है।
  • ड्राइविंग करते समय या ट्रैफिक लाइट पर इंतजार करने से अनावश्यक रूप से हॉर्न नहीं बजाएं। यह दूसरों को परेशान करता है और ध्वनि प्रदूषण का कारण भी बनता है।
  • यदि आप एक मोटर वाहन चला रहे हैं, तो इसे उचित गति से चलाएं बेकाबू गति खतरनाक है और दुर्घटनाओं का कारण बन सकती है।
  • यदि आप मोटर साइकिल या स्कूटर चला रहे हैं या सवारी कर रहे हैं तो हमेशा हेलमेट पहनें।
  • किसी भी वाहन को उसके बाईं ओर से आगे न निकालें। चालक को संकेत दें और सड़क स्पष्ट होने पर दाईं ओर से आगे निकल जाएं।
  • चौराहे पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी के संकेतों का पालन करें।
  • बारिश होने पर वाहन चलाने में अधिक सावधानी बरतें। सड़कें गीली और फिसलन भरी हो जाती हैं। तेज मोटर वाहनों को रोकने में अधिक समय लगता है। लोग अक्सर लापरवाह हो जाते हैं ऐसे अवसरों पर दुर्घटनाओं की संभावना बहुत अधिक होती है।

क्यों आवश्यक है सड़क सुरक्षा

हम सभी को सड़क सुरक्षा की गहरी समझ होनी चाहिए। यह वह गुण है जिसे हमें शिक्षित, सुसंस्कृत और सभ्य कहा जाना चाहिए।

हर दिन हम सुनते है हजारों लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा देते है। जांच में कई बार पाया जाता है यदि यातायात के नियमों का सही ढंग से पालन किया होता तो उन दुर्घटनाओं को टाला जा सकता था।

अगर समाज का प्रत्येक सदस्य जागरूक होकर यातायात के नियमों के प्रति सजग रहे तो कई बड़ी दुर्घटनाओ को होने से पूर्व ही रोका जा सकता है। इससे बड़ी जनहानि और माल हानि से रक्षा की जा सकती है।

आज से हम सभी निश्चय करे जब भी सड़क पर निकलेगे सुरक्षा के सभी नियमों की पालना करेगे। ऐसा करके न केवल हम अपने जीवन को बचा सकते है बल्कि और किसी का जीवन भी बचाया जा सकता है।

आमतौर पर जागरूकता के अभाव के चलते लोग लापरवाह बनते है तथा यातायात के नियमों की धज्जियां उड़ाते है। यदि समाज इन सावधानियों को गम्भीरता से ले तो दूरगामी सुखद परिणाम देखने को मिल सकते है।

सड़क यातायात और सड़क सुरक्षा पर कविता चाहिए

बहुत ही ज्यादा अच्छा निबंध है

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एक कार्यशाला में सुरक्षा सावधानियां | Safety Precautions in a Workshop | Hindi | Industrial Engineering

essay on safety in hindi

एक कार्यशाला में सुरक्षा सावधानियां | Read this article in Hindi to learn about:- 1. वर्कशाप में सुरक्षा का अर्थ (Meaning of Safety in a Workshop) 2. वर्कशाप के सुरक्षा नियम (Safety Rules of a Workshop) 3. आग और आग की दुर्घटनायें (Fire and Fire Accidents) 4. प्राथमिक चिकित्सा (First Aid Facility).

वर्कशाप में सुरक्षा का अर्थ (Meaning of Safety in a Workshop):

सुरक्षित रहना ही सुरक्षा है । एक सुरक्षित स्थिति तब होती है जब क्षति या सम्पत्ति का नुकसान बहुत कम होता है और उसे सहा जा सकता है ।

सुरक्षार्थ सावधानियां :

ADVERTISEMENTS:

वर्कशाप में कार्य करते समय प्रत्येक श्रमिक को अपने बचाव का ध्यान रखना चाहिए । ”सावधानी हटी और दुर्घटना हुई” इसे प्रत्येक श्रमिक को सदैव याद रखना चाहिए । एक छोटी सी असावधानों बहुत बड़ा दुर्घटना का कारण बन सकती है । इससे मशीन को हानि पहुँच सकती है, उत्पादन पर असर पड सकता है और कभी-कभी श्रमिक की जान का खतरा भी हो जाता है । इस प्रकार वर्कशाप में सावधानी का बहुत बड़ा महत्व है ।

सुरक्षा एक क्रिया है जो हमारी सभी क्रियाओं को ऐसे व्यवस्थित और नियंत्रित करती है कि न तो स्वयं दुर्घटना के शिकार होते हैं और न ही अन्य लोग इससे प्रभावित होते हैं । अतः एक अच्छे शिल्पकार को सुरक्षा की जानकारी होती है । वह सुरक्षित और स्वीकृत कार्यविधियों को जानता है और व्यवहार में लाता है ।

दुर्घटनाओं के कारण :

वर्कशाप में प्रायः निम्नलिखित कारणों से दुर्घटनायें होती हैं:

I. श्रमिक की लापरवाही ।

II. श्रमिक की अज्ञानता ।

III. श्रमिक का कार्य में अधिक आत्मविश्वास ।

IV. श्रमिक की कार्य में अरुचि ।

V. श्रमिक की अपनी स्वयं की और मशीन की क्षमता की अपेक्षा अधिक जल्दी कार्य करने की इच्छा ।

VI. मशीन की खराब दशा ।

VII. औजारों की खराब दशा ।

VIII. श्रमिक द्वारा कार्य करने की ठीक विधि न अपनाना ।

IX. श्रमिक द्वारा कार्य के अनुसार उचित औजारों का प्रयोग न करना ।

X. श्रमिक की मानसिक दशा ठीक न होना ।

XI. मशीन के गतिशील पुर्जों जैसे गियर, बेल्ट, पुली आदि पर गार्ड का प्रयोग न करना ।

XII. श्रमिक की पोशाक ठीक न होना ।

XIII. उत्पादित पुर्जों को सही स्थान पर न रखना ।

XIV. वर्कशाप में बिजली और लाइट की व्यवस्था ठीक न होना ।

XV. श्रमिकों में अनुशासन की कमी होना ।

वर्कशाप के सुरक्षा नियम ( Safety Rules of a Workshop):

वर्कशाप में कार्य करते समय सुरक्षा के लिए प्रायः निम्नलिखित नियम अपनाने चाहियें:

I. सामान्य सुरक्षा नियम :

i. श्रमिक को अपने कार्य के लिये पूर्ण जानकारी कर लेनी चाहिए । यदि कोई संदेह हो तो वरिष्ठ अधिकारी से पूछ लेना चाहिए ।

ii. अपने कार्य स्थल को साफ रखना चाहिए ।

iii. कार्य करते समय प्रत्येक श्रमिक को वर्कशाप की चुस्त फिटिंग वाली पोशाक पहननी चाहिए ।

iv. कार्य करते समय कमीज की लंबी आस्तीनों को ऊपर चढ़ा लेना चाहिए ।

v. किसी श्रमिक के बाल लंबे है तो कार्य करते समय सुरक्षा टोपी पहन कर उन्हें आवृत कर लेना चाहिए ।

vi. वर्कशाप में कार्य करते समय किसी भी श्रमिक को अंगुठी, घड़ी, मफलर और टाई आदि नहीं पहननी चाहिए ।

vii. वर्कशाप में कार्य करते समय आंखों के बचाव के लिये चश्मा और पैरों के बचाव के लिये मोटे तलों वाले तेल प्रतिरोधी जूते पहनने चाहिए ।

viii. बिना जानकारी के किसी भी मशीन को छूना नहीं चाहिए ।

ix. कार्य करते समय आपस में मजाक या मूर्खतापूर्ण आचरण नहीं करना चाहिए ।

x. वर्कशाप के फर्श पर तेल या ग्रीस आदि नहीं फैलाना चाहिए ।

xi. सीढ़ी का प्रयोग करने के लिये उसे धरातल पर अच्छी तरह से रुकावट लगा कर प्रयोग में लाना चाहिए ।

xii. यदि किसी कारणवश दुर्घटना हो जाये तो उसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारी को तुरंत देनी चाहिए ।

II. हस्त औजारों से सुरक्षा :

i. कार्य-क्रिया के अनुसार सही औजारों का प्रयोग करना चाहिए ।

ii. खराब औजारों को प्रयोग में नहीं लाना चाहिए ।

iii. बिना दस्ते की रेती का प्रयोग नहीं करना चाहिए ।

iv. टूटे या ढीले दस्ते वाले हथौड़े का प्रयोग नहीं करना चाहिए ।

v. छत्रक मत्थे वाली छैनी या पंच का प्रयोग नहीं करना चाहिए ।

vi. रेती का प्रयोग उत्तोलक की तरह नहीं करना चाहिए ।

vii. स्टील रूल का प्रयोग पेंचकस की तरह नहीं करना चाहिए ।

viii. पेंचकस द्वारा पेंच को कसने या खोलने के लिये कार्य को हाथ में नहीं पकड़ना चाहिए ।

ix. सदैव ठीक साइज के मेनर का प्रयोग करना चाहिए ।

x. सूक्ष्ममापी यंत्रों को हस्त औजारों के साथ मिला कर नहीं रखना चाहिये ।

III. मशीन से सुरक्षा :

i. मशीन पर कार्य करने से पहले यह जानकारी करना आवश्यक है कि वह किस बटन से चालू होती है और किससे बंद होती है ।

ii. मशीन पर कार्य करते समय छीलन को हाथ से साफ नहीं करना चाहिये ।

iii. चालू मशीन को साफ करने का प्रयत्न नहीं करना चाहिये ।

iv. यदि कार्य करते समय कुछ खराबी आ जाये तो मशीन को तुरन्त बंद कर देना चाहिये ।

v. मशीन पर कार्य करते समय चश्मा पहनना आवश्यक है ।

IV. इलेक्ट्रिक पॉवर से सुरक्षा :

i. यदि बिजली की पॉवर में कोई खराबी दिखाई दे तो उसकी सूचना अपने वरिष्ठ अधिकारी को तुरन्त देनी चाहिए ।

ii. बिजली की नंगी तारों को प्रयोग में नहीं लाना चाहिये ।

iii. यदि बिजली का प्लग या तार वगैरा टूट जाये तो उन्हें बदलवा लेना चाहिये ।

iv. केवल कुशल बिजली मिस्त्री को ही बिजली ठीक करने की अनुमति देनी चाहिये ।

V. भार उठाने के लिये सुरक्षा:

i. किसी ऐसे बोझ को उठाने का प्रयत्न नहीं करना चाहिये जिससे शरीर की नसों पर तनाव आने की संभावना हो ।

ii. उठाकर ले जाने वाली सामग्री का सुरक्षापूर्ण संचालन करने में कुछ कठिनाई अनुभव होने पर अपने साथी से सहायता मांग लेनी चाहिये ।

iii. किसी बोझ को उचित ढंग से उठाने के लिये बोझ के जितने नजदीक हो सके उतना नजदीक झुकना चाहिये, अपनी पीठ को सीधा रखना चाहिये और बोझ को मजबूती से पकड़ कर टांगो को सीधा करते हुए उठाना चाहिए ।

iv. सदैव उचित प्रकार का उत्थापन साधन उपयोग में लाना चाहिये ।

v. किसी वस्तु का स्थानान्तर करने से पहले रास्ते के फर्श पर फिसलने वाले भागों को साफ कर लेना चाहिये और बाधा उत्पन्न करने वाले पदार्थों को हटा देना चाहिये ।

वर्कशाप में आग और आग की दुर्घटनायें ( Fire and Fire Accidents in a Workshop):

आग लगाना एक प्रकार की विधि है जिससे गर्मी और लाइट पैदा होती है । यदि किसी कारणवश आग से दुर्घटना हो जाती है तो उसे आग की दुर्घटना कहते हैं । आग की दुर्घटना प्रायः लापरवही के कारण होती है जिससे जान और माल दोनों का नुकसान हो सकता है । आग फैलाने के लिये ताप, आक्सीजन और ईंधन आवश्यक तत्व होते है ।

आग फैलाने के लिए तीन तत्वों अर्थात ईंधन, ताप और ऑक्सीजन का होना अत्यावश्यक होता है जिसे फायर ट्रैंगल कहते हैं । जब ये तीनों आपस में मिलते हैं तो ईंधन के पर्याप्त गर्म होने और हवा में ऑक्सीजन होने के कारण आग फैल जाती है ।

आग के प्रकार :

आग प्रायः निम्नलिखित प्रकार की होती है:

i. कार्बोनेशियस फायर:

जो आग लकड़ी, कच्चे कोयले और पक्के कोयले से जलाई जाती है उसे कार्बोनेशियस फायर कहते हैं । इसको बुझाने के लिए पानी का प्रयोग किया जाता है । इसके अतिरिक्त सोडा एसिड एक्स्टींग्यूशर भी प्रयोग में लाया जा सकता है ।

ii. ऑयल फायर:

जो आग तेलीय पदार्थों से जलाई जाती है वह ओंयल फायर कहलाती है । इस प्रकार की आग खतरनाक होती है । इसको बुझाने के लिए कठिनाई का सामना करना पड़ता है । इस आग को बुझाने के लिए फोम फायर एक्स्टींग्यूशर का प्रयोग किया जाता है ।

iii. इलेक्ट्रिकल फायर:

जो आग बिजली से जलती है उसे इलेक्ट्रिकल फायर कहते हैं । इस आग को बुझाने के लिए सी.टी.सी. फायर एक्स्टींग्यूशर का प्रयोग किया जाता है ।

1. जिन पदार्थों को आग जल्दी पकड़ती है उन्हें अलग स्थान पर रखना चाहिए ।

2. वर्कशाप में धूम्र-पान नहीं करना चाहिए ।

3. कार्य करने वाले स्थान को अच्छी तरह से साफ रखना चाहिए और मशीन को साफ करने वाले कॉटन वेस्ट को प्रयोग में लाने के बाद एक पीपे या बॉक्स में डाल कर ढक्कन से बद कर देना चाहिए ।

4. मध्यान्तर के समय और शाम को वर्कशाप बद करते समय बिजली के बटनों को ऑफ कर देना चाहिए ।

5. आग बुझाने के लिए वर्कशाप में रेत और पानी की बाल्टियां भर कर रखनी चाहिए ।

6. आग बुझाने के लिए वर्कशाप में फायर एक्स्टींग्यूशर तैयार रखने चाहिए ।

7. यदि किसी कारणवश आग लग जाये तो वर्कशाप की खिडकियां और दरवाजे बंद रखने चाहिए जिससे आक्सीजन को कंट्रोल किया जा सकता है ।

8. यदि आग तेल से लगी हो तो उसे बुझाने के लिए रेत या मिट्टी का प्रयोग करना चाहिए और पानी का प्रयोग बिल्कुल नहीं करना चाहिए ।

9. यदि आग लकड़ी या कोयले में लगी है तो पानी का प्रयोग करना चाहिए ।

10. आग फैलने पीआर फायर ब्रिगेड़ को टेलीफोन करके उसकी सेवायें प्राप्त की जा सकती है ।

फायर एक्स्टींग्यूशर:

यह एक प्रकार का उपकरण है जो प्रायः शंकु के आकार का होता है और लोहे का बनाया जाता है । इसके प्रकार के अनुसार इसमें गैसें या केमिकल भर दिये जाते हैं जिनसे आग को बुझाया जा सकता है । इनको वर्क श्राप में निश्चित स्थान पर लटका दिया जाता है और आवश्यकता पडने पर आग बुझाने के लिए प्रयोग में लाया जाता है ।

i. सोडा एसिड एक्स्टींग्यूशर:

इस प्रकार के एक्स्टींग्यूशर का प्रयोग कार्बोनेशियस फायर को बुझाने के लिए प्रयोग में लाया जाता है । इसको इलेक्ट्रिकल या आयल फायर पर प्रयोग में नहीं लाना चाहिए । इसके। पहचानने के लिये एक्स्टींग्यूशर की बॉडी पर लगभग 100 मि.मि. साइज का पीले रंग का हाथ बना होता है ।

ii. फोम एक्स्टींग्यूशर:

इस प्रकार के एक्स्टींग्यूशर का प्रयोग ऑयल फायर को बुझाने के लिए किया जाता है । इसमें दो कन्टेनर होते हैं । बाहरी कन्टेनर में सोडा बाई कार्बोनेट का घोल और अन्दरूनी कन्टेनर में एल्युमीनियम सल्फेट का घोल होता है इसको पहचानने के लिए एक्स्टींग्यूशर की बॉडी पर लगभग 100 मि. मी. साइज का भूरे रंग का हाथ बना होता है ।

iii. सी.टी.सी. एक्स्टींग्यूशर:

इस प्रकार के एक्स्टींग्यूशर का प्रयोग इलेक्ट्रिकल फायर पर किया जाता है । यह एक पीतल का सिलेण्डर होता है । जिसमें डबल एक्टिंग फोर्स पंप लगा होता है । इसका प्रयोग ऊपर लगे हैंडल के द्वारा किया जाता हैं । इसमें सिलण्डर को कार्बन टेटरा क्लोराइड के तरल पदार्थ से भर दिया जाता है । जब इसका प्रयोग किया जाता है यह भाप के रूप में निकलता है ।

iv. ड्राई केमिकल एक्स्टींग्यूशर:

इस प्रकार के एक्स्टींग्यूशर का प्रयोग इलेक्ट्रिकल फायर पर किया जाता है । यह प्रायः प्लंजर टाइप होता है । इसमें कार्बन डाई ऑक्साइड या नाइट्रोजन गैस के द्वारा सोडियम बाई कार्बोनेट पाउडर को बाहर निकाला जाता है ।

वर्कशाप में प्राथमिक चिकित्सा ( First Aid Facility in a Workshop):

समझदार कारीगर कार्यशाला में अपना कार्य सावधानी और सुरक्षा को ध्यान में रखकर करते हैं परंतु फिर भी यह देखा गया है कि कार्यशाला में किसी न किसी कारणवश छोटी-बड़ी दुर्घटनायें होती ही रहती हैं इसलिये यह आवश्यक हो जाता है कि प्राथमिक चिकित्सा के बारे में जानकारी हो क्योंकि तुरंत डाक्टरी सहायता मिलने में देरी हो सकती है । इस प्रकार घायल व्यक्ति की चिकित्सक के आने से पहले जो प्राथमिक सहायता की जाती है उसे प्राथमिक चिकित्सा कहते हैं । प्राथमिक चिकित्सा के लिये ज्ञान और अभ्यास का होना अति आवश्यक है । प्राथमिक चिकित्सा के बाद घायल व्यक्ति को चिकित्सक के सुपुर्द कर देना चाहिए ।

प्राथमिक चिकित्सा के लिए कुछ निर्देश :

प्राथमिक चिकित्सा करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण निर्देश नीचे दिये गये हैं:

i. प्राथमिक चिकित्सा करते समय घायल व्यक्ति को देखकर घबराना नहीं चाहिए ।

ii. प्राथमिक चिकित्सा करते समय दुर्घटना के कारण की जानकारी कर लेने के बाद मशीन, गैस या बिजली के मेन स्विच को ऑफ कर देना चाहिए ।

iii. जहां तक संभव हो घायल व्यक्ति को दुर्घटना स्थल से हटा देना चाहिए ।

iv. घायल व्यक्ति के चारों ओर भीड़ नहीं लगने देना चाहिए ।

v. घायल व्यक्ति की शारीरिक लक्षणों के अनुसार ही प्राथमिक चिकित्सा करनी चाहिए ।

vi. घायल व्यक्ति के साथ सहानुभूतिपूर्वक बात करनी चाहिए ।

vii. यदि घायल व्यक्ति को रक्तस्त्राव हो तो उसे तुरन्त रोकने के उपाय करने चाहिए ।

viii. यदि दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति मूर्छित हो गया तो उसके मुंह पर पानी की छीटें मारने चाहिए और आवश्यकतानुसार चूना और नौशादर मिलाकर सूंघाना चाहिए ।

ix. यदि दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति का कोई अंग छिल गया हो या कट-फट गया तो उस पर टिंचर आयोडिन या आवश्यकतानुसार कोई अन्य दवाई लगाकर और डाक्टरी रूई के साथ पट्टी बांध देनी चाहिए ।

x. यदि दुर्घटना अधिक बड़ी हो गई हो तो घायल व्यक्ति को तुरंत अस्पताल भेजने का प्रबंध करना चाहिए ।

दुर्घटनायें और प्राथमिक चिकित्सा :

a. घाव होना :

दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को यदि चोट लगने या कटने के कारण घाव हो गया हो तो सबसे पहले खून रोकने का उपाय करना चाहिये । इसके लिये गुनगुने पानी में किसी कीटाणुरोघक दवा को मिलाकर घाव को धो देना चाहिए और उसे डाक्टरी रूई से साफ करने के बाद घाव पर बोरिक लिंट भिगोकर लगा देना चाहिए और पट्टी बांध देनी चाहिये ।

b. खून बहना :

चोट लगने या कटने के कारण यदि खून बह रहा हो तो खून निकलने वाले स्थान पर ठंडे पानी की पट्टी या बर्फ रखने से खून रुक जाता है । यदि खून बाहरी घाव से बह रहा हो तो उस स्थान का दबा देने से खून को रोका जा सकता है ।

c. मोच आना :

दुर्घटना के कारण यदि हाथ या पैर पर मोच आ जाये तो बड़ी पीड़ा होती है, जोड़ पर सूजन आ जाती है, जोड़ जकड़ जाता है और उसकी हरकत बंद हो जाती है । इसके लिये, ठंडे या गर्म पानी की पट्टियां बारी-बारी से लगभग 5-5 मिनट तक रखनी चाहिए ।

d. जलना और झुलसना :

आग या किसी गर्म वस्तु को छू जाने, किसी रस्सी या वस्तु से रगड़ने और तेजाब से जलने को जलना कहते हैं । किसी तरल पदार्थ से जलने को झुलसना कहते हैं । इन दोनों के लक्षण और उपचार प्रायः एक जैसे होते हैं ।

जलने और झुलसने से खाल सुर्ख लाल हो जाती है, छाले पड़ जाते हैं और चमड़ी भी उतर सकती है । कभी-कभी जलने और झुलसने वाले स्थान से खून और पानी निकलता है । इसके उपचार के लिए यदि प्रभावित स्थान पर कोई कपड़ा चिपका हुआ हो तो उसे उतार देना चाहिए और जले हुए स्थान पर साफ कपड़ा या डाक्टरी रुई रख कर उसे ढक देना चाहिए ।

प्रभावित स्थान पर कोई एन्टीसेप्टिक मरहम लगानी चाहिए । तेल और चूने के पानी को बराबर भाग में लगाने से भी आराम आता है । इसके अतिरिक्त अंडे की सफेदी का लेप भी बहुत लाभदायक होता है । जलने और झुलसने के कारण यदि छाले पड़ जाये तो उन्हें कभी भी फोड़ना नहीं चाहिए और जले हुए स्थान को हवा से बचाना चाहिए ।

e. आँख में किसी वस्तु का पड़ना :

आँख में कोई कण या तिनका चला जाये तो बहुत कष्ट होता है । कभी-कभी इससे आँख में घाव भी हो जाता है । जिस आँख में कण वगैरा पड़ जाये उसे कभी भी मलना नहीं चाहिए बल्कि दूसरी आँख को मलना चाहिए जिससे पहली वाली आँख में पानी आ जायेगा और कण निकल जायेगा ।

यदि कोई कण वगैरा आँख की ऊपरी पलक में है तो उसे नीचे वाली पलक पर दो या तीन बार चढ़ाना चाहिए । यदि ऊपरी पलक से कण न निकले तो दियास्साई का सहारा देकर ऊपरी पलक को पलट देना चाहिए । और किसी साफ कपड़े के गीले कोने से कण को निकाल देना चाहिए । यदि कोई कण वगैरा आँख की निचली पलक में हो तो उसे नीचे की ओर पलट कर किसी साफ कपड़े के गीले कोने से निकाला जा सकता है । यदि कोई नुकीली वस्तु आँख में पड़ जाये तो उसे छेड़ना नहीं चाहियें और तुरंत डाक्टर की सहायता लेनी चाहिए । यदि आँख पर सूजन हो तो उसे हल्के गर्म पानी से धोना या सेंकना चाहिए ।

f. कुचल जाना :

किसी व्यक्ति के शरीर पर भारी वस्तु गिर जाये या ठोकर लग जाये तो प्रभावित स्थान पर गहरा धब्बा पड़ जाता है और सूजन हो जाती है जिसे कुचल जाना कहते हैं । इसके उपचार के लिए टिंचर आयोडिन लगानी चाहिए । इसके अतिरिक्त पानी और स्प्रिट को मिलाकर रुई को उसमें भिगोकर प्रभावित स्थान पर बांधना चाहिए ।

प्राथमिक चिकित्सा किट:

प्राथमिक चिकित्सा किट ऐसे स्थान पर स्थित होनी चाहिए जहां पर आसानी से पहुंचा जा सके । इसमें प्रायः निम्नलिखित सामान्य सामग्री होनी चाहिए- प्राथमिक चिकित्सा पुस्तक; विभिन्न साइजों की स्टेलाइट एडेसिव पट्‌टियां, विभिन्न साइजों के गोज पैड्‌स, एडेसिव टेप, टैंगुलर और रोलर पट्टियां, कॉटन का एक रोल, प्लास्टर, कैंची, पैन टार्च, लेटेक्स ग्लोब्स के दो रोल, छोटी चिमटी, सूई, सूखा हुआ तोलिया और साफ सुथरे कपड़े के टुकड़े, एंटिसेप्टिक (सेवलोन या डिटोल), थर्मोमीटर; पैट्रोलियम जैली की ट्‌यूब; विभिन्न साइजों की सेफ्टी पिनें; साबून वगैरा ।

बिना-प्रिस्क्रिपान वाली दवाइयां :

i. दर्द दूर करने वाली एस्पिरिन या पैरासिटामोल

ii. दस्त दूर करने वाली दवाईयां

iii. मधुमक्खी के काटने के लिए एंटी हिस्टामाइन क्रीम

iv. कब्ज दूर करने वाली दवाइयां

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सुरक्षा क्या है? सुरक्षा के‌ नियम

सुरक्षा क्या है? सुरक्षा के‌ नियम

(सुरक्षा क्या है?) Safety kya hai in hindi:- सुरक्षा एक प्रक्रिया है, जो कि हमें अनेकों प्रकार की होने वाली दुर्घटनाओं से बचाती है। प्रत्येक स्थान पर सुरक्षा के अलग-अलग नियम लागू होते हैं।

सुरक्षा क्या है?

“किसी भी अनचाही व अनजाने से होने वाली दुर्घटना से बचाने वाली प्रक्रिया व व्यवस्था को ही सुरक्षा कहते हैैं।”

Safety kya hai

दोस्तों, यदि आपने आईटीआई में प्रवेश ले लिया है, या जो लोग लेना चाहते हैं, तो उनको भी प्रवेश लेने के बाद सबसे पहले सुरक्षा से सम्बन्धित ही बताया जाता है। कि आपको वर्कशॉप में वर्क करते समय किन बातों व नियमों का पालन करना होगा। जिससे आप सुरक्षित रहेंगे।

वर्कशॉप में अनेकों प्रकार की दुर्घटनाएं होती रहती हैं, लेकिन उनसे किस तरह से बच सकते हैं-

  • यदि आपको किसी भी टूल के बारे में नहीं जानकारी है, तो उसको मत छुएं।
  • हमेशा उपयुक्त पीपीई का उपयोग करें।
  • सुरक्षित ढंग से वर्क करें।
  • जल्दबाजी मत करें।
  • जितना वर्क बताया जाए। उतना ही करें।
  • वर्कशॉप में समझाते या कुछ बताते समय ओवर एक्टिंग जैसे:- खाली खड़े हुए वाइस को खोलना व बंद करना इत्यादि जैसे काम न करें।
  • यदि आपको टूल के उपयोग के बारे में बताए जाने के बावजूद भी समझ में नहीं आया। तब दोबारा से वर्कशॉप में वर्क करने से पहले प्रैक्टिकली पूछ लें। यदि नहीं पूंछा तो दुर्घटना हो सकती है।

सुरक्षा को कैसे बनाएं रखें?

दोस्तों, यदि आप पूरी तरह से वर्कशॉप में सुरक्षित रहकर काम करना चाहते हो तो निम्न बातों को ध्यान में रखें। तथा नियमों को समझें।

A.मुख्य बातें

वर्कशॉप में वर्क करते समय स्वयं की सुरक्षा, जॉब की सुरक्षा और मशीन व टूल की सुरक्षा का भी ध्यान रखें।

यह निम्न प्रकार से हैं-

1.स्वयं की सुरक्षा

स्वयं की सुरक्षा बनाए रखने के लिए निम्न बातों को ध्यान में रखना चाहिए। जो कि निम्न प्रकार से हैं-

  • जब आप वर्कशॉप में वर्क कर रहें, हो तो चश्मे व जूते अवश्य पहनें। क्योंकि चश्मा आपकी आंखों को व जूता आपके पैरों को मशीन से निकलने वाले चिप्सों से बचाएगा।
  • वर्कशॉप में चलती मशीन के सहारे खड़ा नहीं होना चाहिए।
  • जब किसी मशीन की पूरी जानकारी न हो तो उसे न चलाएं। नहीं तो आपको चोट लग सकती है।
  • चलती मशीन के पार्टों पर तेल कुप्पी से तेल डालना चाहिए।
  • मशीन को चलाते समय मरम्मत नहीं करनी चाहिए।
  • किसी भी मशीन को चलाते समय सुरक्षा गार्ड का उपयोग अवश्य करें।
  • वर्कशॉप में ओवरहैड क्रेन पर लटके वजन के नीचे खड़ा नहीं होना चाहिए। यदि किसी कारणवश वजन गिर गया। तो दुर्घटना हो सकती है।
  • मशीन को चलाते समय, मशीन में उपयुक्त इलेक्ट्रिक तारों को मशीन के चलते हुए पार्ट के ऊपर से नहीं ले जाना चाहिए। क्योंकि यह रगड़ खाने से इन्सुलेशन कट सकता है। जिसके कारण इलेक्ट्रिक शॉक लग सकता है।

2.जॉब की सुरक्षा

जॉब की सुरक्षा बनाए रखने के लिए निम्न बातों को ध्यान में रखना चाहिए। जो कि निम्न प्रकार से हैं-

  • जॉब को बनाने से पहले अच्छी तरह से ड्राइंग को पढ़ लेना चाहिए। अन्यथा जॉब सुरक्षित नहीं रहेगा। अर्थात् जॉब खराब हो जाएगा।
  • मशीन पर जॉब को अच्छी तरह से बांध लेना चाहिए। तभी जॉब पर उपयुक्त प्रक्रियाएं करनी चाहिए। यदि जॉब सही नहीं बंधा होगा। तो प्रक्रियाओं से जॉब खराब हो जाएगा।
  • यदि जॉब भारी है, तो उसको एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए ट्राली का इस्तेमाल करें। अन्यथा जॉब खराब हो जाएगा।
  • जॉब का मास प्रोडक्शन करने से पहले, जॉब को सही बांधने के लिए फिक्स्चर व मापने के लिए गेज तैयार कर लेनी चाहिए। इससे जॉब अधिक व कम समय में बन जाएंगे।

3.मशीन व टूल की सुरक्षा

मशीन व टूल की सुरक्षा बनाए रखने के लिए निम्न बातों को ध्यान में रखना चाहिए। जो कि निम्न प्रकार से हैं-

  • चलती मशीन पर किसी भी प्रकार के टूल का उपयोग नहीं करना चाहिए। अन्यथा टूल व मशीन दोनों को नुकसान होगा।
  • मशीन के चलती अवस्था में गियर कभी भी नहीं बदलने चाहिए। अन्यथा मशीन के गियर बॉक्स व गियर टूटने का खतरा बन जाएगा।
  • फाइलिंग करते समय फाइल (रेती) के दांतों को साफ करते रहना चाहिए। इससे फाइल के दांत सुरक्षित बने रहेंगे।
  • फाइल को उपयोग करते समय या बिना उपयोग के भी इधर-उधर नहीं मारना चाहिए। क्योंकि इससे फाइल के दांत खराब हो जाएंगे। और फाइल के टूटने का भी खतरा बना रहता है।
  • रेती या फाइल को हैमर के स्थान पर कभी भी उपयोग नहीं करना चाहिए। अन्यथा फाइल टूट जाएगी।
  • किसी भी नई मशीन को चलाने से पहले अच्छी तरह से समझ लें। तब मशीन को चलाएं। अन्यथा मशीन को नुकसान हो सकता है।
  • किसी भी मशीन की टेबल पर ठोंकने पीटने का वर्क नहीं करना चाहिए। अन्यथा टेबल की सूक्ष्मता समाप्त हो जाएगी।

दोस्तों, यदि आपको सुरक्षा क्या है? पोस्ट अच्छी लगी हो तो हमें कमेंट करके अवश्य बताएं।

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essay on safety in hindi

Hindi Essay and Paragraph Writing – Road Safety (सड़क सुरक्षा) for classes 1 to 12

सड़क सुरक्षा पर निबंध – इस लेख में हम सड़क सुरक्षा से आप क्या समझते हैं, सड़क सुरक्षा का क्या महत्व है, सड़क सुरक्षा के नियम क्या है के बारे में जानेंगे। सड़क सुरक्षा मानव जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमारे समाज में हर रोज हजारों लोग यातायात दुर्घटनाओं में शिकार होते हैं, जिनसे कई लोग जान देते हैं । सड़क सुरक्षा के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं जिनका पालन करके सड़कों पर होने वाली दुर्घटना को रोका या कम किया जा सकते हैं। अक्सर स्टूडेंट्स से असाइनमेंट के तौर या परीक्षाओं में सड़क सुरक्षा पर निबंध पूछ लिया जाता है। इस पोस्ट में सड़क सुरक्षा पर कक्षा 1 से 12 के स्टूडेंट्स के लिए 100, 150, 200, 250 से 350 शब्दों में अनुच्छेद दिए गए हैं।  

  • सड़क सुरक्षा पर 10 लाइन  10 lines
  • सड़क सुरक्षा पर अनुच्छेद 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में
  • सड़क सुरक्षा पर अनुच्छेद 4 और 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में
  • सड़क सुरक्षा पर अनुच्छेद 6, 7 और 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में
  • सड़क सुरक्षा पर अनुच्छेद 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में

सड़क सुरक्षा पर 10 लाइन 10 lines on Road Safety in Hindi

  • सड़क पर वाहन चलाते समय प्रत्येक चालक को यातायात नियमों का पालन करना चाहिए।
  • चालक को कभी भी शराब पीकर वाहन नहीं चलाना चाहिए।
  • गाड़ी चलाते समय कभी भी मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
  • सभी वाहन चालक को सीट बेल्ट और टू-व्हीलर को हेलमेट अवश्य पहनना चाहिए।
  • सड़क पर लगाए गए साइन बोर्ड और यातायात संकेतों का पालन करना चाहिए।
  • वाहन को मोड़ते या चलाते समय चालक को हमेशा सावधानी बरतनी चाहिए।
  • सभी चालकों को गति सीमा का पालन करना चाहिए और अन्य वाहनों को ओवरटेक करने से बचना चाहिए।
  • पैदल चलने वाले यात्रियों को हमेशा ब्रिज या ज़ेबरा क्रॉसिंग का प्रयोग करना चाहिए।
  • जल्दबाजी के कारण कभी भी यातायात नियमों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए।
  • जब सभी यातायात नियमों का पालन किया जाता है तो वाहन दुर्घटनाओं की संभावना काफी कम हो जाती है।

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Short Essay on Road Safety in Hindi सड़क सुरक्षा पर अनुच्छेद 100, 150, 200, 250 से 350 शब्दों में

सड़क सुरक्षा पर निबंध – मनुष्य को अपनी रोजमर्रा की गतिविधियों, जैसे कार्यालय, स्कूल, कॉलेज या अस्पताल जाने के लिए परिवहन के साधनों की आवश्यकता होती है। इसलिए सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देना महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि आये दिन सड़क दुर्घटनाओं के कारण कोई-ना-कोई व्यक्ति मृत्यु या गंभीर चोटों का शिकार हो जाता है।

सड़क सुरक्षा पर निबंध / अनुच्छेद कक्षा 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में

सड़क सुरक्षा एक बहुत महत्वपूर्ण विषय है जिसे प्रत्येक चालक और पैदल यात्री को प्राथमिकता देनी चाहिए। गाड़ी चलाते समय चालक को हमेशा सतर्क रहना चाहिए और यातायात संकेतों का पालन करना चाहिए, साथ ही वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का उपयोग करने से बचना चाहिए। यदि चालक चार पहियों वाली गाड़ी चला रहा है तो सीट बेल्ट पहनना चाहिए, अगर दो पहियों वाली गाड़ी चला रहा है तो हेलमेट पहनना चाहिए। ये सुरक्षा उपाय संभावित दुर्घटनाओं से चालक को सुरक्षा प्रदान करते हैं। इसके अलावा, पैदल चलने वालों को संभावित दुर्घटनाओं से खुद को बचाने के लिए उन्हें फुटपाथ का उपयोग करना चाहिए।

सड़क सुरक्षा पर निबंध / अनुच्छेद कक्षा 4, 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में

सड़क दुर्घटनाएं दिन प्रतिदिन लगातार बढ़ती जा रही है। इसलिए, सभी वाहन चालक और पैदल यात्रियों को सड़क सुरक्षा पर विशेष जोर देना चाहिए। संभावित दुर्घटनाओं से बचने के लिए चालक जब भी अपने दैनिक गतिविधियों, जैसे काम, स्कूल, कॉलेज और अस्पताल आदि विभिन्न स्थानों पर जाने के लिए वाहन से निकले तो यातायात संकेतों का जरूर पालन करें, सीट बेल्ट अवश्य पहने, अधिक भीड़-भाड़ वाली सड़को पर ज़्यादा स्पीड से गाड़ी न चलाए और जल्दीबाजी के चक्कर में दूसरे गाड़ी को ओवरटेक करने से बचे, साथ ही मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने से बचे। इसके अलावा, पैदल यात्रियों व साइकिल चालकों को संभावित दुर्घटनाओं से खुद को बचाने के लिए यातायात संकेतों के साथ-साथ निर्दिष्ट क्रॉसिंग, फुटपाथ और पैदल मार्ग का उपयोग करें। साइकिल चालकों को हेलमेट अवश्य पहनने और अन्य ड्राइवरों की तरह ही यातायात नियमों का पालन करें। सभी जरूरी नियमों का पालन करने से दुर्घटनाओं और चोटों की संभावना को काफी हद कम किया जा सकता है। 

सड़क सुरक्षा पर निबंध / अनुच्छेद कक्षा 6, 7, 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में

सड़क सुरक्षा एक गंभीर चिंता का विषय है जो पैदल यात्रियों, साइकिल चालकों और ड्राइवरों सहित सड़कों पर सभी को प्रभावित करती है। दुर्घटनाओं और गंभीर चोटों से बचने के लिए व्यक्तियों में जागरूकता होना और नियमों और सुरक्षा उपायों का पालन करना महत्वपूर्ण है। सड़क सुरक्षा के मूलभूत घटक में यातायात नियमों का पालन करना शामिल है, जिसमें यातायात संकेतों, गति सीमा और साइन बोर्ड का पालन करना होता है। इन नियमों का पालन न केवल चालक की सुरक्षा सुनिश्चित करता है बल्कि निर्बाध और व्यवस्थित यातायात प्रवाह को भी सुविधाजनक बनाता है। सड़क सुरक्षा के लिए एक अन्य महत्वपूर्ण कारक में व्यक्ति को वाहन चलाते समय सड़क पर ध्यान केंद्रित रखना, फोन जैसी विकर्षणों से बचना और यातायात की स्थिति में अचानक बदलाव के समय अन्य वाहनों से सुरक्षित दूरी बनाए रखना शामिल है। यातायात नियमों का पालन करने और सावधान रहने के साथ-साथ, अच्छी ड्राइविंग करना भी महत्वपूर्ण है। इससे संभावित खतरों को रोका जा सकता है। इसके अतिरिक्त, हर समय सीट बेल्ट पहनना आवश्यक है, क्योंकि वे टकराव के दौरान चोटों या मृत्यु के जोखिम को काफी कम कर देते हैं। सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करना केवल ड्राइवरों का कर्तव्य नहीं है बल्कि पैदल यात्रियों और साइकिल चालकों के लिए भी महत्वपूर्ण होता है। उन्हें निर्दिष्ट क्रॉसिंगों और फुटपाथों का उपयोग के साथ यातायात नियमों का पालन करना चाहिए।

सड़क सुरक्षा पर निबंध / अनुच्छेद कक्षा 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 300 शब्दों में

आज की दुनिया में सड़क और परिवहन प्रत्येक के जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है। प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी रूप में सड़क उपयोगकर्ता है। वर्तमान परिवहन प्रणाली ने दूरियाँ कम कर दी है, लेकिन साथ ही मानव जीवन के लिए खतरे भी बढ़ा दिए हैं। हर साल, सड़क दुर्घटनाओं में लाखों लोग अपनी जान गंवाते हैं और करोड़ों लोग गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं। भारत में ही हर साल लगभग अस्सी हजार लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं जो पूरी दुनिया में होने वाली कुल मृत्यु का तेरह प्रतिशत है। अधिकांश दुर्घटनाओं में चालक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ज्यादातर मामलों में दुर्घटनाएं या तो लापरवाही के कारण होती हैं या सड़क उपयोगकर्ता की सड़क सुरक्षा जागरूकता की कमी के कारण होती हैं। इसलिए, सड़क सुरक्षा शिक्षा जीवित रहने के किसी भी अन्य बुनियादी कौशल की तरह ही आवश्यक है। वाहन चलाते समय हादसों से बचने के लिए चालक को ड्राइविंग पर फोकस रखना चाहिए, सफर लंबा है तो समय-समय पर आराम करना चाहिए, गाड़ी चलाते समय फोन का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए, बारिश के दौरान स्पीड कम रखना चाहिए और गाड़ियों के बीच सही दूरी बनाकर चलना चाहिए, अगर कार चला रहे हैं तो सीट बेल्ट जरूर पहनें, अगर टू-व्हीलर पर हैं तो हेलमेट पहनकर रखें, शांत दिमाग से गाड़ी चलाएं और ट्रैफिक सिग्नल का पालन करें। नशा करके या दुखी अवस्था में गाड़ी बिल्कुल न चलाएं, क्योंकि इससे हादसा हो सकता है। इसके अलावा, पैदल चलने वाले यात्रियों को विशेष सावधानियां बरतना चाहिए। जैसे- रेड सिग्नल होने पर ही सड़क पार करें, सड़क पार करने के लिए जेब्रा क्रॉसिंग का इस्तेमाल करें, सड़क की बजाय फुटपाथ पर चलें, हमेशा सावधानी से सड़क पार करें, छोटे बच्चे साथ में हैं तो उनका हाथ पकड़कर सड़क पार करें। अत: सड़क सुरक्षा से जुड़ी सभी नियमों का पालन करने से दुर्घटनाओं से होने वाली मौतें और गंभीर चोटों की संभावना को काफी हद कम किया जा सकता है।   Top  

Sadak Suraksha Par Nibandh Hindi Essay

सड़क सुरक्षा (road-safety) par nibandh hindi mein.

“सड़क सुरक्षा” आज दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य चिंताओं में से एक है। “सड़क सुरक्षा” एक ऐसा मुद्दा है जिसको नजरअंदाज नहीं किया जा सकता क्योंकि यह हर साल लाखों जिंदगियों को मुश्किल में डालता है। एक राष्ट्र के विकास में, यह मुद्दा सभी प्रकार के सड़क उपयोगकर्ताओं को प्रभावित करता है, जिनमें मोटर चालक, पैदल यात्री, मोटरसाइकिल चालक आदि शामिल हैं, साथ ही अवैध सड़क किनारे विक्रेता और सड़क पर अतिक्रमण करने वाले लोग भी शामिल हैं।

सड़क सुरक्षा पर निबंध में आज हम सड़क सुरक्षा से जुड़े प्रमुख तथ्य, सड़क सुरक्षा के प्रमुख तरीके, भारत में सड़क सुरक्षा के नियम और सड़क सुरक्षा संबंधी समस्याओं पर चर्चा करेगे।

सड़क सुरक्षा से जुड़े प्रमुख तथ्य

सड़क सुरक्षा के प्रमुख तरीके, भारत में सड़क सुरक्षा के नियम, भारत मे सड़क सुरक्षा संबंधी समस्याएं.

भारत रंगों, हलचलों और विरोधाभासों का देश है और हम इसकी सड़कों की तुलना में इन तीनों को कहीं और अधिक स्पष्ट रूप से नहीं देख पाते हैं। एक ओर, आपके पास मुंबई और दिल्ली जैसे बड़े शहरों का जीवंत, अक्सर आक्रामक यातायात है। दूसरी ओर, छोटे शहरों और गांवों की लंबी और संकरी सड़कें हैं। भारत के तमाम अनुभवों के बावजूद, एक बात निश्चित है: सड़क सुरक्षा हम सभी के लिए एक गंभीर मुद्दा बनी हुई है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार, 2022 में भारत में सड़क यातायात से संबंधित 1,55,622 मौतें हुईं।

अगर हम वैश्विक स्तर पर बात करें तो पाएंगे कि हर साल सड़क यातायात दुर्घटना के परिणामस्वरूप लगभग 1.3 मिलियन लोगों की जान चली जाती है। 20 से 50 मिलियन के बीच अधिक लोग गैर-घातक चोटों से पीड़ित होते हैं, जिनमें से कई लोग चोट के परिणामस्वरूप विकलांगता का शिकार हो जाते हैं।

सड़क यातायात की चोटें व्यक्तियों, उनके परिवारों और पूरे राष्ट्र को काफी आर्थिक नुकसान पहुंचाती हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, सड़क दुर्घटनाओं में अधिकांश देशों को उनके सकल घरेलू उत्पाद का 3% खर्च करना पड़ता है।

  • सड़क सुरक्षा से संबंधित चौंकाने वाले तथ्य निम्नलिखित हैं;
  • विश्व सड़क सांख्यिकी, 2018 में रिपोर्ट किए गए 199 देशों में सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों की संख्या में भारत पहले स्थान पर है, इसके बाद चीन और अमेरिका हैं। सड़क सुरक्षा पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की वैश्विक रिपोर्ट 2018 के अनुसार, दुनिया में दुर्घटना से संबंधित मौतों में से लगभग 11% मौतें भारत में होती हैं।
  • भारतीय सड़क नेटवर्क दुनिया में सबसे बड़ा है।
  • सड़कें 87.4 प्रतिशत यात्री और 65 प्रतिशत माल ढुलाई करती हैं।
  • सड़क परिवहन क्षेत्र में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की हिस्सेदारी लगभग 4.5 प्रतिशत है।
  • भारत में हर मिनट एक सड़क दुर्घटना होती है, जबकि हर तीन मिनट में एक घातक दुर्घटना होती है।
  • सड़क दुर्घटना डेटा 2021 (एनसीआरबी) के विश्लेषण से पता चलता है कि भारतीय सड़कों पर हर दिन लगभग 1,104 दुर्घटनाएं और 426 मौतें होती हैं, जो हमारे देश में हर घंटे औसतन 46 दुर्घटनाएं और 18 लोगों की जान लेती हैं।
  • वर्ष 2018 के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए सभी व्यक्तियों में से लगभग 69.6 प्रतिशत लोग 18-45 वर्ष आयु वर्ग के थे।
  • 5-29 वर्ष की आयु के बच्चों और युवा वयस्कों के मृत्यु का नंबर एक कारण सड़क दुर्घटना ही है।
  • भारत में 2021 में सड़क दुर्घटना में 1,55,622 लोगों की मौत हो गई और 3,71,884 लोग घायल/विकलांग हो गए।
  • भारत में सड़क दुर्घटना के कारण वार्षिक संपत्ति का नुकसान 55,000 करोड़ रुपये से अधिक है।
  • सड़क यातायात दुर्घटनाओं के परिणामस्वरूप भारत को सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 3% नुकसान होता है।
  • 84 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाओं के लिए ड्राइवरों की गलती सबसे महत्वपूर्ण कारक है।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अपने परिवेश के प्रति सचेत रहें और सतर्क रहें।

सुनिश्चित करें कि आप जाने के लिए सबसे सुरक्षित मार्ग जानते हैं, और रात में अकेले यात्रा करने से बचें। यदि आपके पास कार है, तो सुनिश्चित करें कि आप यातायात नियमों का पालन करें और अपनी सीट बेल्ट का उपयोग करें। यदि आप बाइक चला रहे हैं, तो हेलमेट पहनें और सड़क पार करने से पहले दोनों तरफ देख लें। यदि आप चल रहे हैं या दौड़ रहे हैं, तो अपने परिवेश के प्रति सचेत रहें और शांत रहें।

सड़कों पर सुरक्षित रहने के लिए आप निम्न तरकीबें अपना सकते हैं: – सभी यातायात कानूनों और संकेतों का पालन करें – सीटबेल्ट लगाएं – संयम से गाड़ी चलाएं – उचित लेन स्थिति का उपयोग करें – कभी भी ध्यान भटकाकर गाड़ी न चलाएं

दूसरे वाहनों से आवश्यक दूरी बनाए

वाहन चलाते समय अन्य वाहनों से सुरक्षित दूरी बनाए रखना महत्वपूर्ण है। इससे किसी भी दुर्घटना से बचने में मदद मिलेगी और आप तथा अन्य वाहन चालक भी सुरक्षित रहेंगे।

रक्षात्मक ढंग से गाड़ी चलाएँ

रक्षात्मक रूप से गाड़ी चलाने का अर्थ है; “कानून का पालन करना और अपने परिवेश के प्रति सचेत रहना।” इसका मतलब है अन्य वाहनों से सुरक्षित दूरी बनाए रखना, मुड़ते समय संकेत देना और गीली या बर्फीली परिस्थितियों में सावधानी से ब्रेक लगाना। रक्षात्मक ढंग से गाड़ी चलाने से दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिल सकती है।

निम्नलिखित युक्तियाँ आपको रक्षात्मक रूप से गाड़ी चलाने में मदद करेंगी:

1. अपरिचित या खतरनाक इलाकों में सावधानी से गाड़ी चलाएं। यदि आप क्षेत्र के बारे में निश्चित नहीं हैं, तो वहां गाड़ी चलाने से पहले तब तक प्रतीक्षा करें जब तक आप अच्छी तरह से यात्रा करने वाले मार्ग पर न पहुंच जाएं।

2 . तेज़ गति से न चलें या अन्य ड्राइवरों के बहुत पीछे न चलें। बाईं ओर से गुजरने की अनुमति आमतौर पर केवल तभी दी जाती है जब आगे की लेन स्पष्ट हो, और दाईं ओर से गुजरने की अनुमति कभी नहीं दी जाती है। अपनी ही लेन में रहें और किसी भी समय रुकने के लिए तैयार रहें।

3. अपने संकेतों का सही उपयोग करें। सुनिश्चित करें कि आप लेन बदलते समय या मुड़ते समय संकेत देने के लिए दोनों हाथों का उपयोग करें और अपनी आँखें आगे की सड़क पर केंद्रित रखें।

4. मौसम की स्थिति पर ध्यान दें क्योंकि विभिन्न प्रकार की मौसम स्थितियां जैसे बर्फ़, बारिश और कोहरा सभी ड्राइविंग को कठिन बना सकते हैं। इन परिस्थितियों में वाहन चलाते समय गति धीमी करें और अतिरिक्त सावधानी बरतें।

5. पैदल चलने वालों और साइकिल चालकों से सावधान रहें। उनके पास जाते समय हमेशा उन्हें भरपूर जगह दें और रुकने के लिए तैयार रहें।

आश्चर्यजनक यातायात स्थितियों पर नजर रखें

बहुत से लोग सोचते हैं कि वे बस सड़क पर गाड़ी चला सकते हैं और कार से टकराने की चिंता नहीं कर सकते। हालाँकि यह कुछ मामलों में सच हो सकता है, लेकिन कई आश्चर्यजनक ट्रैफ़िक स्थितियाँ हो सकती हैं।

सबसे आम आश्चर्यों में से एक तब होता है जब कोई अचानक आपकी लेन में आ जाता है। जब ऐसा होता है, तो उन संकेतों पर नज़र रखना महत्वपूर्ण है कि कोई व्यक्ति अचानक कोई कदम उठाने वाला है और सतर्क रहना चाहिए। यदि आप कोई अन्य अप्रत्याशित ट्रैफ़िक स्थिति देखते हैं तो आपको तुरंत प्रतिक्रिया करने के लिए भी तैयार रहना चाहिए।

सड़क के नियमों का पालन करें

दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़क सुरक्षा एक महत्वपूर्ण कारक है, और सड़क के नियमों को जानना महत्वपूर्ण है। सड़कों पर सुरक्षित रहने में आपकी सहायता के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:

– सभी यातायात चिह्नों और सिग्नलों का पालन करें। – मध्यम गति से वाहन चलाएं। – पैदल चलने वालों, साइकिल चालकों, बसों, ट्रकों और अन्य वाहनों के लिए सतर्क रहें। – मोड़ में गाड़ी घुमाते समय सावधानी बरतें। – अपने रास्ते में आने वाली बाधाओं पर नज़र रखें। – सीटबेल्ट लगाएं।

सेल फ़ोन का उपयोग करते समय सावधान रहें

रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, गाड़ी चलाते समय सेल फोन पर बात करने से दुर्घटना में शामिल होने का जोखिम 40% तक बढ़ जाता है। वास्तव में, गाड़ी चलाते समय सेल फोन का उपयोग करना इतना खतरनाक है कि लोगों को रोकने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात सुरक्षा प्रशासन (एनएचटीएसए) ने “टेक्स्ट स्टॉप” नामक एक अभियान बनाया है।

गाड़ी चलाते समय सेल फोन का उपयोग करना इतना खतरनाक है क्योंकि आप सड़क पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। आप गाड़ी चलाने के काम से भी विचलित हो जाते हैं, जिससे दुर्घटनाएं हो सकती हैं।

टेक्स्ट मैसेजिंग और अन्य प्रकार के मोबाइल फोन के उपयोग से भी प्रतिक्रिया समय धीमा हो जाता है और निर्णय लेने में कठिनाई होती है।

प्रत्येक राज्य सरकार ने अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए कुछ सड़क कानून बनाए हैं। उन्होंने जानवरों और पैदल यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी कानून बनाए हैं।

प्रमुख सड़क सुरक्षा उपाय निम्नलिखित हैं।

सड़क सुरक्षा के सामान्य नियम

भारत में सड़क सुरक्षा के सामान्य नियम निम्नलिखित हैं;

1. पशु सुरक्षा

मवेशियों, बिल्लियों और कुत्तों को स्वतंत्र रूप से घूमने की अनुमति है। इसलिए, गाड़ी चलाते समय उन्हें चोट पहुँचाने या उन्हें कुचलने से बचें।

2. जेब्रा क्रॉसिंग पर ही रोड क्रॉस करें

जो लोग सड़क पार करने के लिए ज़ेबरा क्रॉसिंग का उपयोग नहीं करते, उनके लिए सड़क सुरक्षा का महत्व ख़त्म हो जाता है। काली और सफ़ेद धारियाँ किसी कारण से होती हैं, और अपनी सुरक्षा के लिए, सड़क पार करने के लिए इसका उपयोग करें।

3. शराब पीकर गाड़ी चलाना

सड़क सुरक्षा के महत्वपूर्ण नियमों में शराब का सेवन करने और उसके बाद गाड़ी चलाने से बचना भी शामिल है। शराब का सेवन संज्ञानात्मक कार्यप्रणाली को ख़राब करता है और इसलिए व्यक्ति को वाहन पर पूर्ण नियंत्रण रखने से रोकता है।

4. थकावट या स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं

सड़क सुरक्षा नियमों की मांग है कि यदि आपको कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हैं तो आप गाड़ी न चलाएं। इसके अलावा अगर आप थके हुए हैं तो भी गाड़ी न चलाने की सलाह दी जाती है।

5. ट्रैफिक लाइट का पालन करें

सभी यातायात संकेतों का पालन करें। जब चलने के लिए सिग्नल हरा दिखे तो चलें। साथ ही वाहन चलाते समय ट्रैफिक लाइट का पालन करें।

6. बाईं ओर रहना

सड़क पर सुरक्षा नियमों में से एक महत्वपूर्ण नियम है चलते या गाड़ी चलाते समय बायीं ओर चलना ताकि आप दायीं ओर से आने वाले वाहनों से न टकराएं।

7. चौराहों पर गति को धीमी करना

मुख्य सड़क, चौराहों और कोनों में प्रवेश करते समय धीमी गति से चलें।

8. मुड़ने के संकेत और हाथ के इशारे

जब आप मुड़ रहे हों, गति धीमी कर रहे हों या किसी अन्य वाहन को गुजरने दे रहे हों तो आवश्यक संकेतों का उपयोग करें। शांत क्षेत्र में हार्न का प्रयोग न करें।

9. मोबाइल फ़ोन का उपयोग

सड़क पर चलते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल जान पर भारी पड़ सकता है। इसलिए, सड़क सुरक्षा की दृष्टि से, सड़क पर चलते समय अपने मोबाइल फोन का उपयोग करने से बचें। 1 अक्टूबर, 2020 से प्रभावी संशोधित मोटर वाहन नियम, केवल नेविगेशनल उद्देश्यों के लिए ड्राइविंग करते समय मोबाइल फोन के उपयोग को प्रतिबंधित करते हैं।

10. एकतरफ़ा सड़कों पर वाहन चलाना

भारत में अनेक एकतरफ़ा सड़कें हैं। कार चलाते समय आपको सही दिशा में गाड़ी चलाने का ध्यान रखना होगा, क्योंकि यह खतरनाक हो सकता है। इसके अलावा, आपको ऐसी सड़क पर अपने वाहन को उल्टी दिशा में पार्क करने से बचना चाहिए।

भारत में सड़क सुरक्षा संबंधी निम्न समस्याएं हैं;

लापरवाह ड्राइविंग

कई कानूनों और विनियमों के बावजूद, भारतीय सड़कों पर लापरवाही से गाड़ी चलाना एक बड़ी समस्या बनी हुई है। जो ड्राइवर तेज गति से गाड़ी चलाते हैं, नशे में गाड़ी चलाते हैं और गलत दिशा में गाड़ी चलाने जैसे अन्य खतरनाक व्यवहार करते हैं, वे खुद को और दूसरों को जोखिम में डालते हैं।

सड़क सुरक्षा मानकों का ख़राब कार्यान्वयन

कभी-कभी, सही सड़क चिन्हों को चिह्नित या लागू नहीं किया जाता है। इन्हें जिम्मेदार प्राधिकारी द्वारा यथाशीघ्र ठीक किया जाना चाहिए।

ख़राब वाहन डिज़ाइन

भारतीय कार निर्माता अपने वाहनों को कई सुरक्षा सुविधाओं के साथ डिज़ाइन नहीं करते हैं। पश्चिम के विपरीत, जहां कारों का निर्माण कई स्वचालित सुरक्षा सुविधाओं के साथ किया जाता है, भारतीय वाहन अभी भी पीछे हैं।

उदासीन सरकारें

सरकारें अपनी सड़कों की योजना ठीक से नहीं बनाती हैं। इसके अलावा सड़कों की हालत को लेकर भी सरकारें उदासीन हैं।

आपातकालीन सेवाओं का अभाव

सड़क सुरक्षा नियम होते हुए भी आपातकालीन सेवाओं का पूर्ण अभाव है। जब त्वरित प्रतिक्रिया टीम उपलब्ध नहीं होती है, तो पीड़ित मौके पर ही दम तोड़ देते हैं। इसलिए, यह अत्यधिक महत्वपूर्ण है कि आपातकालीन सेवाएं हों।

नागरिकों में जिम्मेदारी का अभाव

इसके अलावा, नागरिकों में जिम्मेदारी का पूर्ण अभाव है। अधिकांश समय वे ही गलतियाँ करते हैं।

ख़राब सड़कें

भारत में ख़राब सड़कें हमेशा सड़क दुर्घटनाओं का कारण बनती हैं।

जैसा कि हमने सीखा है, यातायात नियम केवल उबाऊ नियमों का एक समूह नहीं हैं, बल्कि सड़क पर एक सहज और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने का एक तरीका है। यातायात संकेतों और संकेतों का पालन करने से लेकर गति सीमा का पालन करने और वाहन चलाते समय ध्यान भटकने से बचने तक, हम दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करने और अपनी सड़कों को सभी के लिए सुरक्षित बनाने के लिए सरल कदम उठा सकते हैं।

निष्कर्षतः, सड़क सुरक्षा भारत को प्रभावित करने वाले सबसे गंभीर मुद्दों में से एक है, और सड़क पर सुरक्षित रहने के लिए आवश्यक कदम उठाना हमारे लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

याद रखें, सड़कें तब सुरक्षित हो जाती हैं जब हम सभी उन्हें सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी समझते हैं और साझा करते हैं।

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अग्नि सुरक्षा पर निबंध

essay on safety in hindi

By विकास सिंह

essay on fire safety in hindi

अग्नि सुरक्षा पर निबंध (Essay on fire safety in hindi)

अग्नि सुरक्षा हमें आग से बचाने का सबसे सरल तरीका बन गया है। इसके अलावा, अग्नि सुरक्षा उन सावधानियों से संबंधित है जिन्हें आग की संभावना को रोकने या कम करने के लिए लिया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप क्षति, चोट और मृत्यु हो सकती है। अग्नि सुरक्षा भवन सुरक्षा का सबसे महत्वपूर्ण घटक है। न केवल अग्नि सुरक्षा, भवन सुरक्षा का सबसे महत्वपूर्ण घटक है, बल्कि यह जहाजों, और हवाई जहाज की सुरक्षा का भी सबसे महत्वपूर्ण घटक है। अग्नि सुरक्षा लोगों को सुरक्षित रखती है। अगर फायर सेफ्टी नहीं आई होती तो लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता।

यदि अग्नि सुरक्षा हमें आग से नहीं बचाती है, तो यह कम से कम आग लगने की संभावना को कम कर देगा। फायर सेफ्टी एक बड़ी मदद है, हर किसी को फायर सेफ्टी करनी चाहिए। अग्नि सुरक्षा आग को शुरू होने से रोक सकती है। दरअसल, अग्नि सुरक्षा के कई प्रकार हैं। इसके अलावा, अग्नि सुरक्षा का उपयोग करने के लिए बहुत सारे मतभेद हैं। अग्नि सुरक्षा लोगों को चोट, मृत्यु और दुर्घटनाग्रस्त होने से सुरक्षित रखती है।

दरअसल, अग्नि सुरक्षा प्रत्येक इमारत, जहाज और हवाई जहाज के लिए पूर्ण जीवन सुरक्षा समाधान बनाती है। अग्नि सुरक्षा लंबे समय से जीवन और संपत्ति की रक्षा कर रही है।

यह अभी भी जीवन की रक्षा का सबसे आसान तरीका है। यदि भवन में अग्नि सुरक्षा नहीं है, तो यह आग से क्षति पहुचेगी। एक छोटी सी आग को पूरी तरह से आग में बदलने के लिए आग में सिर्फ तीन मिनट से भी कम समय लगेगा, इसलिए लोगों को अपने घरों में आग से बचाव करना चाहिए। जब बिल्डिंग में अग्नि सुरक्षा उपकरण होते हैं तो आग से होने वाली क्षति काफी हद तक कम हो जाती है।

[ratemypost]

इस लेख से सम्बंधित अपने सवाल और सुझाव आप नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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सड़क सुरक्षा पर निबंध Road Safety Essay in Hindi

सड़क सुरक्षा पर निबंध road safety essay in hindi.

सड़क सुरक्षा पर निबंध Road Safety Essay in Hindi

सड़क सुरक्षा पर निबंध Essay On Road Safety in Hindi

  • यातायात नियमों का अवहेलना करना.
  • अत्यधिक गति में वाहन चलाना.
  • शराब पीकर वाहन चलाना.
  • मोबाइल फोन का उपयोग वाहन चलाते समय.
  • लापरवाही से वाहन चलाना.
  • अपरिपक्व या अव्यावसायिक चालकों के द्वारा वाहन चलाना.
  • सड़क सुरक्षा की महत्वपूर्ण दिशा:
  • सीट बेल्ट और हेलमेट का प्रयोग करें वाहन चलाते समय.
  • यातायात नियमों का पालन करें और उन्हें जानें और समझें.
  • वाहनों की गति को संयंत्रित रखें और स्पीड लिमिट का पालन करें.
  • शराब पीकर वाहन न चलाएं.
  • अत्यधिक भीड़ वाले स्थानों पर सावधानी बरतें.
  • सड़क पर सावधानी बरतें और खुद को और दूसरों को सुरक्षित रखें.
  • मोबाइल फोन का प्रयोग वाहन चलाते समय न करें.

सड़क दुर्घटना पर निबंध यातायात के नियम पर निबंध सड़क की आत्मकथा पर निबंध ट्रैफिक जाम की समस्या पर निबंध  पेट्रोलियम संरक्षण पर निबंध

भारत में अग्नि सुरक्षा

शहरी क्षेत्रों में हर साल आग लगने की घटनाओं की बढ़ती संख्या के साथ, भारत में अग्नि सुरक्षा एक बड़ी चिंता का कारण बन गई है। लगातार हो रही आग लगने की बड़ी घटनाएं, भारत की निर्माण श्रृंखला के लिए एक गंभीर खतरा बनती जा रही है।

शहरों में हर साल आग लगने की कई घटनाएं होती है, जिनमें कई लोगों की मौत हो जाती है और कई लोग घायल हो जाते हैं। लेकिन इतना ही नहीं, आग लगने की इन घटनाओं से बड़ी मात्रा में संपत्ति जलकर नष्ट हो जाती है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को भी भारी नुकसान उठाना पड़ता है।

भारतीय राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की नवीनतम विज्ञप्ति के अनुसार, 2019 में वाणिज्यिक भवनों में आग लगने से 330 लोगों की मौत हुई थी, जबकि व्यक्तिगत आवास या आवासीय भवनों में आग की घटनाओं में 6,329 से अधिक लोगों को जान गंवानी पड़ी थी।

आईएएस परीक्षा की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों को देश में जैविक, रासायनिक जैसे अन्य कई खतरों के साथ-साथ अग्नि संबंधित दुर्घटनाओं से होने वाले नुकसान के बारे में भी बुनियादी तथ्यों की जानकारी होना बेहद आवश्यक है। भारत में बढ़ते शहरीकरण के साथ अग्नि सुरक्षा एक बेहद महत्वपूर्ण विषय है। इससे संबंधित प्रश्न यूपीएससी 2023 मुख्य परीक्षा में पूछे जा सकते हैं। 

इस लेख में हम, आग से होने वाली दुर्घटनाओं, उन्हें नियंत्रित करने के लिए किए जाने वाले उपायों और आग लगने के कारणों के बारे में चर्चा करेंगे। इसी के साथ, भारत में अग्नि सुरक्षा के लिए मौजूदा नियमों और विनियमों के साथ नेशनल बिल्डिंग कोड़ (National Building Code) बारे में भी विस्तार से चर्चा करेंगे।

भारत में अग्नि सुरक्षा से संबंधित तथ्य

  • आग लगने की घटनाओं में भारत तीसरे स्थान पर है। ये घटनाएं विशेष रूप से भारत के उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में होती हैं।
  • एनसीआरबी के डेटा के मुताबिक देश के दो सबसे शहरीकृत राज्य महाराष्ट्र और गुजरात में देश की आग दुर्घटना में होने वाली मौतों का लगभग 30% हिस्सा हैं।
  • राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार 2015 में कुल 17,700 लोग आग लगने की घटनाओं के कारण मारे गए, यानी हर दिन 48 लोग।
  • इन मरने वालों में 62% महिलाएं थीं।
  • इंडिया रिस्क सर्वे 2018 के अनुसार, लगातार आग लगने की घटनाओं से व्यापार की निरंतरता और संचालन पर विपरित प्रभाव पड़ता है।
  • पिछली घटनाओं के अध्ययन करने पर पता चलता है कि आग लगने की अधिकांश दुर्घटनाएं तीन प्रमुख कारणों से होती हैं –
  • बिजली का शार्ट सर्किट या गैस सिलेंडर/स्टोव फटना
  • मानव की लापरवाही
  • गलत तरीके से बनाई गई आदतें 

आप अपनी IAS परीक्षा की तैयारी शुरू करने से पहले UPSC Prelims Syllabus in Hindi को गहराई से समझ लें और उसके अनुसार अपनी तैयारी की योजना बनाएं।

नोट- UPSC 2023 परीक्षा नजदीक आ रही है , इसलिए आप अपनी तैयारी को बढ़ाने के लिए BYJU’s के The Hindu Newspaper के दैनिक वीडियो विश्लेषण का उपयोग करें।

भारत में अग्नि सुरक्षा से संबंधित प्रावधान

संवैधानिक प्रावधान : अग्निशमन सेवा एक राज्य का विषय है और अनुच्छेद 243 (डब्ल्यू) के तहत भारत के संविधान की बारहवीं अनुसूची के अनुसार यह नगरपालिका के अंतर्गत काम करता है।

भारतीय राष्ट्रीय भवन संहिता 2016 (अग्नि और जीवन सुरक्षा) : भारतीय राष्ट्रीय भवन संहिता में संरचनाओं के निर्माण, रखरखाव और अग्नि सुरक्षा के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश शामिल हैं।

भारत का राष्ट्रीय भवन कोड (NBC) भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा प्रकाशित किया जाता है और यह एक ‘अनुशंसित दस्तावेज’ है।

राज्यों को राष्ट्रीय भवन निर्माण संहिता की सिफारिशों को उनके स्थानीय भवन उपनियमों में शामिल करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए जाते हैं जो भारतीय राष्ट्रीय भवन संहिता की सिफारिशों को अनिवार्य बनाते हैं।

सभी राज्य सरकारों को भारत के नवीनतम राष्ट्रीय भवन कोड 2016 भाग –IV ‘अग्नि और जीवन सुरक्षा’ को शामिल करने और लागू करने के लिए सलाह जारी की जाती है।

भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा अग्नि सुरक्षा के लिए मोटे तौर पर इन क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाता है –

  • आग की रोकथाम : इमारतों के डिजाइन और निर्माण के कारण होने वाली आग की घटनाओं के रोकथाम के पहलुओं पर काम करता है और विभिन्न प्रकार की निर्माण सामग्री और उनकी अग्नि रेटिंग निर्धारित करता है।
  • जीवन सुरक्षा : आग और इसी तरह की आपात स्थितियों में जीवन सुरक्षा प्रावधानों को शामिल करता है। इसके अलावा निर्माण और अधिवास सुविधाओं में आग, धुएं ऐसी ही अन्य चीजों से होने वाले जीवन के लिए खतरे को कम करने के लिए आवश्यक सुरक्षा उपायों पर ध्यान दिया जाता हैं।
  • अग्नि सुरक्षा : वर्गीकरण और भवनों के प्रकार के आधार पर अग्नि सुरक्षा के लिए सही प्रकार के उपकरणों और प्रतिष्ठानों का चयन करने के लिए महत्वपूर्ण घटकों और दिशानिर्देशों को शामिल किया गया है।

कोई भी नई कमर्शियल या रेजिडेंशियल बिल्डिंग बनाने से पहले और बाद में उसके अंदर किए जाने वाले सुरक्षा उपायों के संबंध में भारत सरकार द्वारा बनाए गए नियमों को नेशनल बिल्डिंग कोड (National Building Code) या राष्ट्रीय भवन संहिता कहा जाता है। बिल्डिंग कोड, अग्नि सुरक्षा और इससे संबंधित उपायों के लिए विभिन्न आवश्यकताओं को संबोधित करता है। इन सभी नियमों को बिल्डिंग बनाते समय और भवन निर्माण के बाद आवश्यकरुप से कार्यान्वित करना होता है। 

भारत में साल 1970 में पहली बार राष्ट्रीय भवन कोड (एनबीसी) बनाया गया था। इसके बाद साल 1983 और 1987 में इस कोड में संशोधन किए गए थे। राष्ट्रीय भवन कोड, भारतीय में बिल्डिंग मानकों के बारे में व्यापक जानकारी उपलब्ध करवाने वाला एक दस्तावेज है। इसमें भवन निर्माण के दौरान रखी जाने वाली सावधानियों के बारे में विस्तृत जानकारी के साथ-साथ निर्माण के दौरान भवन में अग्नि सुरक्षा से संबंधित रखे जाने वाले उपकरणों के बारे में भी जानकारी होती है। 

नेशनल बिल्डिंग कोड, आग लगने के दौरान उसे बुझाने और जीवन सुरक्षा के उपायों के बारे में भी बताता है। राष्ट्रीय भवन संहिता के मुताबिक भवन में जीवन सुरक्षा उपाय, हर उस जगह में होना चाहिए, जहां से लोग उन्हें आसानी से इस्तेमाल कर सकें। हालांकि ऐसा नहीं है कि किसी भी इमारत में लोगों को हर दिन अग्नि संकट की स्थितियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन अगर किसी दिन आपात स्थिति बन जाए तो हमारे पास उससे निपटने के लिए उपयुक्त साधन मौजूद होने चाहिए। 

नेशनल बिल्डिंग कोड 2015 में कुछ संशोधनों का प्रस्ताव दिया था। इसके लिए परामर्श के लिए एक मसौदा जारी किया गया था। इस मसौदे पर साल 2015 के अंत तक सरकार ने विभिन्न हितधारकों से इसमें संशोधन के लिए टिप्पणिया/सुझाव मांगे थे। 

नेशनल बिल्डिंग कोड के तहत अग्नि शमन से संबंधित कुछ नए नियम 2005 में तय किए गए थे जिनका पालन करना आग से सुरक्षा की दृष्टि से अनिवार्य है। नेशनल बिल्डिंग कोड के अनुसार आग से पूर्ण सुरक्षा ही समाधान नहीं है,  यह ऐसे उपायों के बारे में भी निर्दिष्ट करता है, जो उचित रूप से तत्काल प्राप्त हो सकें। 

राष्ट्रीय भवन संहिता में आग की घटनाओं से बचने के लिए निम्न उपाय बताए गए हैं –

हर इमारत का निर्माण पूर्ण रूप से राष्ट्रीय भवन संहिता के अनुसार किया जाना  चाहिए ताकि किसी भी मुसीबत से बचने के लिए आवश्यक समय अवधि में आग, धुएं या अन्य खतरो से बचा जा सके। 

राष्ट्रीय भवन संहिता में बताए गए निकास के नियमों के तहत, दरवाजे, गलियारे व अन्य मार्गों को बाहर निकलने के रूप में जरुरी बनाया जाना चाहिए। 

भवन संहिता के अनुसार, इमरजेंसी निकास द्वारों के रास्तों में लिफ्ट को श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है। 

भवन कोड के अनुसार, भवन में कोई भी ऐसा परिवर्तन नहीं किया जाना चाहिए, जिससे भवन में आपात निकासी द्वारों की संख्या, चौड़ाई या अग्नि सुरक्षा के उपायों पर प्रभाव पड़े।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) : राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सार्वजनिक भवनों जैसे, अस्पताल आदि जगहों पर अग्नि सुरक्षा के लिए आवश्यकताओं को निर्धारित किया है। प्राधिकरण ने इसमें नेशनल विल्डिंग कोड के सभी तत्वों को शामिल किया है। इसमें आग की घटनाओं के दौरान निकले के लिए समर्पित आपात सीढ़ियां, संरक्षित निकास तंत्र,  न्यूनतम खुला सुरक्षा स्थान, और निकासी ड्रील के लिए विशेष डिजाइन आदि शामिल हैं।

तेल क्षेत्र सुरक्षा संस्थान (OISD) : भारत में तेल और गैस उद्योग में अग्नि सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत आने वाला तेल उद्योग सुरक्षा निदेशालय (OISD) अग्नि शमन के लिए स्व-नियामक उपायों की एक श्रृंखला के कार्यान्वयन का समन्वय करता है।

मॉडल बिल्डिंग बायलॉज, 2016 : मॉडल बिल्डिंग बायलॉज, 2016 को शहरी विकास मंत्रालय द्वारा तैयार किया गया है। यह भवन निर्माण के लिए नियामक तंत्र और इंजीनियरिंग मापदंडों को बताता है। भारत में किसी भी निर्माण परियोजना को शुरू करने से पहले इसका ध्यान रखना बेहद आवश्यक है। इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि आग से संबंधित सभी निकासी के लिए बिंदु-विशिष्ट जिम्मेदारी मुख्य अग्निशमन अधिकारी (सीएफओ) के पास है।

भारत में अग्नि सुरक्षा प्रणाली की चिंताएं

भारत के कुछ राज्यों में अग्निशमन में आवश्यक आवश्यकताओं और अग्नि सुरक्षा प्रशिक्षण के लिए एकीकृत अग्निशमन सेवाओं की कमी है।

सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन और मानकीकरण और विनियमन की कमी आग लगने संबंधी दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण है, क्योंकि वाणिज्यिक भवनों और मल्टीप्लेक्सों में बड़े पैमाने पर नकली छतों का निर्माण राष्ट्रीय भवन निर्माण कोड के खिलाफ किया जाता है।

भारत में करियर को आगे बढ़ाने के लिए फायरमैन के लिए उचित संगठनात्मक संरचना, प्रशिक्षण और अवसर का अभाव है।

अपर्याप्त आधुनिक उपकरण और उनका स्केलिंग, प्राधिकरण और मानकीकरण।

अपर्याप्त धन के कारण हमारे देश में अग्निशमन के लिए तकनीकी प्रगति नहीं हो सकी है। इसके कारण शहर, LIDAR-आधारित (लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग) तकनीकों में निवेश करने में विफल रहे हैं, जिनका उपयोग हवाई झटके और अग्नि निकास की उपस्थिति पर नजर रखने के लिए किया जा सकता है।

हमारे देश में अग्नि सुरक्षा ऑडिट के प्रावधान स्पष्ट नहीं है, इससे अग्नि सुरक्षा ऑडिट के दायरे, उद्देश्य, कार्यप्रणाली और आवधिकता के संदर्भ में ठीक-ठीक जानकारी नहीं मिल पाती है।

भारत में फायर सेफ्टी की शिक्षा देने वाले प्रशिक्षण संस्थानों की बहुत कमी है। इसका भी असर देशी की फायर सेफ्टी या अग्निशमन क्षमता पर पड़ता है।

भारत में फायर सेफ्टी को लेकर ढांचागत सुविधाओं की बेहद कमी है, उदाहरण के लिए- फायर स्टेशन और फायर सुरक्षा कर्मियों के आवास, भोजन और स्वास्थ्य आदि सुविधाओं के अभाव के कारण युवा इस क्षैत्र को करियर के रुप में नहीं चुनते हैं।

भारत में आवासीय और कमर्शियल भवनो की फायर सेफ्टी या उनकी आग की चपेट में आने के आशंकाओं का मुल्यांकन नहिं किया जाता है।

अग्नि सुरक्षा नियमों (आग लगने के बाद बचाव के लिए क्या करना चाहिए, और क्या नहीं) के बारे में सार्वजनिक जागरूकता की कमी और नियमित नकली अभ्यास (मॉक ड्रील) और निकासी अभ्यास (एग्जिट ड्रील) भी आयोजित नहीं की जाती हैं।

समान अग्नि सुरक्षा कानून का अभाव, उदाहरण के लिए हाल ही में महाराष्ट्र, तमिलनाडु और केरल जैसे कुछ राज्य एनबीसी का अनुपालन नहीं करते पाए गए हैं।  

लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग (लिडार) तकनीकि एक ‘सुदूर संवेदी तकनीक’ (Remote Sensory Techniques) है। इसमें पल्स लेजर के रूप में प्रकाश का उपयोग करके लेजर उपकरणों द्वारा किसी क्षेत्र का निरीक्षण किया जाता है। 

लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग सिस्टम में एक लेजर, स्कैनर और जीपीएस रिसीवर लगा होता है। इसमें शार्ट वेवलेंथ के द्वारा छोटी से छोटी चीजों का किसी भी स्थान का 3 D मानचित्र आसानी से तैयार हो जाता है। 

इस तकनीक में किसी जगह के बारे में विस्तृत जानकारी पाने के लिए पृथ्वी की सतह पर लेजर लाईट डाली जाती है, और लाईट के वापस लौट कर आने में लगने वाले समय की गणना से वस्तु की दूरी का आसानी से पता लगाया जा सकता है। इसे प्रक्रिया को ‘लेजर स्कैनिंग’ या ‘3 डी स्कैनिंग’ कहा जाता है। 

इसका तकनीकि का प्रयोग आग लगने की घटनाओं के दौरान वस्तु स्थिति को जानने के लिए भी किया जाता है। इसके अलावा लिडार तकनीकि का उपयोग मानव निर्मित वातावरण (टेक्नोस्फीयर) के निरीक्षण, निर्माण परियोजनाओं की ट्रैकिंग व पर्यावरणीय अनुप्रयोग आदि में किया जाता है। 

लिडार तकनीक का उपयोग ऑटोमेटिक वाहनों को नेविगेशन प्रदान करने के लिए भी किया जाता है। 

– नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (National High Speed Rail Corporation Limited) द्वारा प्रस्तावित दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाने में भी लिडार तकनीक का उपयोग किया जाएगा। 

– लिडार तकनीक का उपयोग लोगों के घरों में निजी गतिविधियों को देखने के लिए भी किया जा सकता है। इसलिए यह इस तकनीक का सबसे बड़ा नकारात्मक पहलू है, जिससे भविष्य में निजता के हनन का खतरा पैदा हो सकता है।

नोट: आप BYJU’S के साथ जुड़ कर खुद को नवीनतम UPSC Current Affairs in Hindi से अपडेट रख सकते हैं , यहां हम प्रमुख जानकारियों को आसान तरीके से समझाते हैं।

अग्नि सुरक्षा प्रणाली को बढ़ाने के लिए आवश्यक उपाय

मरीजों को संभालने या देखभाल करने वाली किसी भी संस्था के लिए सुरक्षा सुविधाओं के साथ राज्य सरकारों द्वारा अनिवार्य अनुपालन की आवश्यकता है।

आधिकारिक एजेंसियों से जुड़े हितों के टकराव को खत्म करने के लिए तीसरे पक्ष के ऑडिट के माध्यम से सुविधाओं का प्रमाणन अनिवार्य किया जा सकता है।

अग्नि सुरक्षा उपकरणों का आधुनिकीकरण: अग्निशमन विभागों को बढ़ाने और आधुनिक बनाने में वित्तीय सहायता और सहयोग प्रदान किया जाना चाहिए।

स्थानीय पार्षदों/निर्वाचित प्रतिनिधियों की भागीदारी से मोहल्लों/कॉलोनियों/स्कूलों में 6 महीनों में एक बार अग्निशमन कार्यशाला का आयोजन कर लोगों को आग से बचाव के उपायों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।

महत्वपूर्ण अग्निशमन सेवा विभागों (जैसे ऊंची इमारतों, भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में मल्टीप्लेक्स) का समय-समय पर फायर सेफ्टी ऑडिट (fire safety audit) करना और दोषी प्रतिष्ठानों के खिलाफ उचित कार्रवाई करना चाहिए।

सभी सार्वजनिक भवनों के लिए भारी अग्नि देयता बीमा अनिवार्य करना चाहिए। इससे संबंधित भवनों में रहने वाले लोगों और आगंतुकों को सुरक्षा मिल सकेगी।

आगे का रास्ता

एक अनुमान के मुताबिक साल 2050 तक, दुनिया की करीब 70% आबादी शहरों में रहेगी। इसलिए भारत समते दुनिया के तमाम देशों को भविष्य की अग्नि सुरक्षा जरुरतों को ध्यान में रखते हुए शहरों के निर्माण और विस्तार करना चाहिए। सभी देशों को अग्नि सुरक्षा के महत्व को समझ कर अभी से इसके लिए आवश्यक उपाय करने चाहिए। साथ ही अग्नि कानूनों का सख्त कार्यान्वयन के साथ-साथ दुनिया को ऐसे समग्र विकास की आवश्यकता है जो रोजगार, सामाजिक परिवर्तन, आर्थिक अभाव, पर्यावरणीय गिरावट, अपशिष्ट प्रबंधन आदि से निपटने में सक्षम हो।

नोट: यूपीएससी और अन्य आगामी प्रतियोगी परीक्षां के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए BYJU’S के साथ जुड़े रहें। यहां हम विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुफ्त तैयारी सामग्री हिंदी में उपलब्ध कराते हैं।

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Hindi Essay (Hindi Nibandh) 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन

Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – Essays in Hindi on 100 Topics

हिंदी निबंध: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध लिखने की आवश्यकता होती है।

निबंध – Nibandh In Hindi – Hindi Essay Topics

  • सच्चा धर्म पर निबंध – (True Religion Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में युवाओं का योगदान निबंध – (Role Of Youth In Nation Building Essay)
  • अतिवृष्टि पर निबंध – (Flood Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका पर निबंध – (Role Of Teacher In Nation Building Essay)
  • नक्सलवाद पर निबंध – (Naxalism In India Essay)
  • साहित्य समाज का दर्पण है हिंदी निबंध – (Literature And Society Essay)
  • नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – (Drug Abuse Essay)
  • मन के हारे हार है मन के जीते जीत पर निबंध – (It is the Mind which Wins and Defeats Essay)
  • एक राष्ट्र एक कर : जी०एस०टी० ”जी० एस०टी० निबंध – (Gst One Nation One Tax Essay)
  • युवा पर निबंध – (Youth Essay)
  • अक्षय ऊर्जा : सम्भावनाएँ और नीतियाँ निबंध – (Renewable Sources Of Energy Essay)
  • मूल्य-वृदधि की समस्या निबंध – (Price Rise Essay)
  • परहित सरिस धर्म नहिं भाई निबंध – (Philanthropy Essay)
  • पर्वतीय यात्रा पर निबंध – (Parvatiya Yatra Essay)
  • असंतुलित लिंगानुपात निबंध – (Sex Ratio Essay)
  • मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध – (Means Of Entertainment Essay)
  • मेट्रो रेल पर निबंध – (Metro Rail Essay)
  • दूरदर्शन पर निबंध – (Importance Of Doordarshan Essay)
  • दूरदर्शन और युवावर्ग पर निबंध – (Doordarshan Essay)
  • बस्ते का बढ़ता बोझ पर निबंध – (Baste Ka Badhta Bojh Essay)
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  • विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध – (Anniversary Of The School Essay)
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  • विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Wonder Of Science Essay in Hindi)
  • विकास पथ पर भारत निबंध – (Development Of India Essay)
  • कम्प्यूटर : आधुनिक यन्त्र–पुरुष – (Computer Essay)
  • मोबाइल फोन पर निबंध (Mobile Phone Essay)
  • मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध – (My Unforgettable Trip Essay)
  • मंगल मिशन (मॉम) पर निबंध – (Mars Mission Essay)
  • विज्ञान की अद्भुत खोज कंप्यूटर पर निबंध – (Vigyan Ki Khoj Kampyootar Essay)
  • भारत का उज्जवल भविष्य पर निबंध – (Freedom Is Our Birthright Essay)
  • सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा निबंध इन हिंदी – (Sare Jahan Se Achha Hindustan Hamara Essay)
  • डिजिटल इंडिया पर निबंध (Essay on Digital India)
  • भारतीय संस्कृति पर निबंध – (India Culture Essay)
  • राष्ट्रभाषा हिन्दी निबंध – (National Language Hindi Essay)
  • भारत में जल संकट निबंध – (Water Crisis In India Essay)
  • कौशल विकास योजना पर निबंध – (Skill India Essay)
  • हमारा प्यारा भारत वर्ष पर निबंध – (Mera Pyara Bharat Varsh Essay)
  • अनेकता में एकता : भारत की विशेषता – (Unity In Diversity Essay)
  • महंगाई की समस्या पर निबन्ध – (Problem Of Inflation Essay)
  • महंगाई पर निबंध – (Mehangai Par Nibandh)
  • आरक्षण : देश के लिए वरदान या अभिशाप निबंध – (Reservation System Essay)
  • मेक इन इंडिया पर निबंध (Make In India Essay In Hindi)
  • ग्रामीण समाज की समस्याएं पर निबंध – (Problems Of Rural Society Essay)
  • मेरे सपनों का भारत पर निबंध – (India Of My Dreams Essay)
  • भारतीय राजनीति में जातिवाद पर निबंध – (Caste And Politics In India Essay)
  • भारतीय नारी पर निबंध – (Indian Woman Essay)
  • आधुनिक नारी पर निबंध – (Modern Women Essay)
  • भारतीय समाज में नारी का स्थान निबंध – (Women’s Role In Modern Society Essay)
  • चुनाव पर निबंध – (Election Essay)
  • चुनाव स्थल के दृश्य का वर्णन निबन्ध – (An Election Booth Essay)
  • पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं पर निबंध – (Dependence Essay)
  • परमाणु शक्ति और भारत हिंदी निंबध – (Nuclear Energy Essay)
  • यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो हिंदी निबंध – (If I were the Prime Minister Essay)
  • आजादी के 70 साल निबंध – (India ofter 70 Years Of Independence Essay)
  • भारतीय कृषि पर निबंध – (Indian Farmer Essay)
  • संचार के साधन पर निबंध – (Means Of Communication Essay)
  • भारत में दूरसंचार क्रांति हिंदी में निबंध – (Telecom Revolution In India Essay)
  • दूरसंचार में क्रांति निबंध – (Revolution In Telecommunication Essay)
  • राष्ट्रीय एकता का महत्व पर निबंध (Importance Of National Integration)
  • भारत की ऋतुएँ पर निबंध – (Seasons In India Essay)
  • भारत में खेलों का भविष्य पर निबंध – (Future Of Sports Essay)
  • किसी खेल (मैच) का आँखों देखा वर्णन पर निबंध – (Kisi Match Ka Aankhon Dekha Varnan Essay)
  • राजनीति में अपराधीकरण पर निबंध – (Criminalization Of Indian Politics Essay)
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हिन्दी निबंध – (Narendra Modi Essay)
  • बाल मजदूरी पर निबंध – (Child Labour Essay)
  • भ्रष्टाचार पर निबंध (Corruption Essay in Hindi)
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध – (Women Empowerment Essay)
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Bachao Beti Padhao)
  • गरीबी पर निबंध (Poverty Essay in Hindi)
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay)
  • बाल विवाह एक अभिशाप पर निबंध – (Child Marriage Essay)
  • राष्ट्रीय एकीकरण पर निबंध – (Importance of National Integration Essay)
  • आतंकवाद पर निबंध (Terrorism Essay in hindi)
  • सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay in Hindi)
  • बढ़ती भौतिकता घटते मानवीय मूल्य पर निबंध – (Increasing Materialism Reducing Human Values Essay)
  • गंगा की सफाई देश की भलाई पर निबंध – (The Good Of The Country: Cleaning The Ganges Essay)
  • सत्संगति पर निबंध – (Satsangati Essay)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध – (Women’s Role In Society Today Essay)
  • यातायात के नियम पर निबंध – (Traffic Safety Essay)
  • बेटी बचाओ पर निबंध – (Beti Bachao Essay)
  • सिनेमा या चलचित्र पर निबंध – (Cinema Essay In Hindi)
  • परहित सरिस धरम नहिं भाई पर निबंध – (Parhit Saris Dharam Nahi Bhai Essay)
  • पेड़-पौधे का महत्व निबंध – (The Importance Of Trees Essay)
  • वर्तमान शिक्षा प्रणाली – (Modern Education System Essay)
  • महिला शिक्षा पर निबंध (Women Education Essay In Hindi)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध (Women’s Role In Society Essay In Hindi)
  • यदि मैं प्रधानाचार्य होता पर निबंध – (If I Was The Principal Essay)
  • बेरोजगारी पर निबंध (Unemployment Essay)
  • शिक्षित बेरोजगारी की समस्या निबंध – (Problem Of Educated Unemployment Essay)
  • बेरोजगारी समस्या और समाधान पर निबंध – (Unemployment Problem And Solution Essay)
  • दहेज़ प्रथा पर निबंध (Dowry System Essay in Hindi)
  • जनसँख्या पर निबंध – (Population Essay)
  • श्रम का महत्त्व निबंध – (Importance Of Labour Essay)
  • जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम पर निबंध – (Problem Of Increasing Population Essay)
  • भ्रष्टाचार : समस्या और निवारण निबंध – (Corruption Problem And Solution Essay)
  • मीडिया और सामाजिक उत्तरदायित्व निबंध – (Social Responsibility Of Media Essay)
  • हमारे जीवन में मोबाइल फोन का महत्व पर निबंध – (Importance Of Mobile Phones Essay In Our Life)
  • विश्व में अत्याधिक जनसंख्या पर निबंध – (Overpopulation in World Essay)
  • भारत में बेरोजगारी की समस्या पर निबंध – (Problem Of Unemployment In India Essay)
  • गणतंत्र दिवस पर निबंध – (Republic Day Essay)
  • भारत के गाँव पर निबंध – (Indian Village Essay)
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  • जल जीवन का आधार निबंध – (Jal Jeevan Ka Aadhar Essay)
  • जल ही जीवन है निबंध – (Water Is Life Essay)
  • प्रदूषण की समस्या और समाधान पर लघु निबंध – (Pollution Problem And Solution Essay)
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  • वन जीवन का आधार निबंध – (Forest Essay)
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  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Environmental Pollution Essay in Hindi)
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  • मेरा प्रिय कवि निबंध – (My Favourite Poet Essay)
  • मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favorite Book Essay)
  • कबीरदास पर निबन्ध – (Kabirdas Essay)

इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

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