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समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)

समाचार पत्र

वर्तमान काल में यदि संसार के किसी भी कोने में कोई भी घटना घटित हो तो उसके अगले दिन हमारे पास उसकी खबर आ जाती है। ऐसा सिर्फ समाचार पत्रों के कारण ही संभव हो होता है। आज के समय में बिना समाचार पत्र के जीवन की कल्पना करना भी काफी कठिन है। यह वो पहली और आवश्यक वस्तु है, जिसे सभी हर सुबह सबसे पहले देखते हैं। यह हमें पूरे विश्व में हो रही घटनाओं के बारे में जानकारी देकर वर्तमान समय से जुड़े रखने में हमारी मदद करता है। समाचार पत्र व्यापारियों, राजनितिज्ञों, सामाजिक मुद्दों, बेरोजगारों, खेल, अन्तरराष्ट्रीय समाचार, विज्ञान, शिक्षा, दवाइयों, अभिनेताओं, मेलों, त्योहारों, तकनीकों आदि की जानकारी हमें देता है। यह हमारे ज्ञान कौशल और तकनीकी जागरूकता को बढ़ाने में भी हमारी सहायता करता है।

समाचार पत्र पर बड़े तथा छोटे निबंध (Long and Short Essay on Newspaper in Hindi, Samachar Patra par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (300 शब्द).

आजकल, समाचार पत्र जीवन की एक आवश्यकता बन गया है। यह बाजार में लगभग सभी भाषाओं में उपलब्ध होता है। एक समाचार पत्र खबरों का प्रकाशन होता है, जो कागजों पर छापा जाता है और लोगों के घरों में वितरित किया जाता है। अलग-अलग देश अपना अलग समाचार संगठन रखते हैं। अखबार हमें अपने देश में हो रही सभी घटनाओं के साथ ही संसार में हो रही घटनाओं से भी अवगत कराते हैं। यह हमें खेल, नीति, धर्म, समाज, अर्थव्यवस्था, फिल्म उद्योग, फिल्म (चलचित्र), भोजन, रोजगार आदि के बारे में बिल्कुल सटीक जानकारी देता है।

समाचार पत्र का उपयोग

पहलेके समय में, समाचार पत्रों में केवल खबरों का विवरण प्रकाशित होता था। हालांकि, अब इसमें बहुत से विषयों के बारे में खबरें और विशेषज्ञों के विचार यहाँ तक कि, लगभग सभी विषयों की जानकारी भी निहित होती है। बहुत से समाचार पत्रों की कीमत बाजार में उनकी खबरों के विवरण और उस क्षेत्र में प्रसिद्धि के कारण अलग-अलग होती है। समाचार पत्र या अखबार में दैनिक जीवन की सभी वर्तमान घटनाएं नियमित रुप से छपती है हालांकि, उनमें से कुछ हफ़्ते या सप्ताह में दो बार, एक बार या महीने में एक बार भी प्रकाशित होती है।

समाचार पत्र

समाचार पत्र लोगों की आवश्यकता और जरूरत के अनुसार लोगों के एक से अधिक उद्देश्यों की पूर्ति करता है। समाचार पत्र बहुत ही प्रभावी और शक्तिशाली होते हैं और संसार की सभी खबरों व सूचनाओं को एक साथ एक स्थान पर लोगो को पहुंचाते हैं। सूचनाओं की तुलना में इसकी कीमत बहुत कम होती है। यह हमें हमारे चारों ओर हो रही सभी घटनाओं के बारे में सूचित करता रहता है।

यदि हम प्रतिदिन नियमित रुप से समाचार पत्र पढ़ने की आदत बनाते है, तो यह हमारे लिए काफी लाभदायक हो सकता है। यह हम में पढ़ने की आदत को विकसित करता है, हमारे प्रभाव में सुधार करता है और हमें बाहर के बारे में सभी जानकारी देता है। यहीं कारण है कि कुछ लोगों को नियमित रुप से प्रत्येक सुबह अखबार पढ़ने की आदत होती है।

निबंध 2 (400 शब्द)

इन दिनों समाचार पत्र बहुत ही महत्वपूर्ण वस्तु है। यह सभी के लिए अपने दिन की शुरुआत करने के लिए पहली और महत्वपूर्ण वस्तु है। अपने दिन की शुरुआत ताजी खबरों और सूचनाओं के साथ करना बहुत ही बेहतर होता है। यह हमें आत्मविश्वासी बनाता है और हमारे व्यक्तित्व को सुधारने में हमारी मदद करता है। यह सुबह में सबसे पहले हम सभी को ढेर सारी सूचनाओं और खबरों की जानकारी प्रदान करता है। देश का नागरिक होने के नाते, हम अपने देश व दूसरे देशों में होने वाली सभी घटनाओं और विवादों के बारे में जानने के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। यह हमें राजनीति, खेल, व्यापार, उद्योग आदि के बारे में सूचित करता है। यह हमें बॉलीवुड और व्यावसायिक हस्तियों के व्यक्तिगत जीवन के बारे में भी जानकारी देता है।

समाचार पत्र का इतिहास

हमारे देश भारतवर्ष में अंग्रेजों के आने के पहले तक समाचार पत्रों का प्रचलन नहीं था। अंग्रेजों ने ही भारत में समाचार पत्रों का विकास किया। सन 1780 में भारत का सबसे पहला समाचार पत्र कोलकाता में प्रकाशित किया गया जिसका नाम था “दी बंगाल गैजेट” जिसका सम्पादन जेम्स हिक्की ने किया था। यही वो क्षण था जब से भारत में समाचार पत्रों का विकास हुआ। आज भारत में विभिन्न भाषाओं में समाचार पत्र प्रकाशित किये जा रहे हैं।

समाचार पत्र क्या है ?

समाचार पत्र हमें संस्कृति, परम्पराओं, कलाओं, पारस्परिक नृत्य आदि के बारे में जानकारी देता है। ऐसे आधुनिक समय में जब सभी व्यक्तियों को अपने पेशे या नौकरी से अलग कुछ भी जानने का समय नहीं है, ऐसी स्थिति में यह हमें मेलों, उत्सवों, त्योहारों, सांस्कृतिक त्योहारों आदि का दिन व तारीख बताता है। यह समाज, शिक्षा, भविष्य, प्रोत्साहन संदेश और विषयों के बारे में खबरों के साथ ही रुचि पूर्ण वस्तुओं के बारे में बताता है, इसलिए यह हमें कभी भी नहीं ऊबाता है। यह हमें हमेशा संसार में सभी वस्तुओं के बारे में अपने रुचि पूर्ण विषयों के माध्यम से प्रोत्साहित करता है।

वर्तमान समय में, जब सभी लोग अपने जीवन में इतने व्यस्त है, ऐसे में उनके लिए बाहरी संसार के बारे में सूचनाओं या खबरों की जानकारी होना बहुत ही मुश्किल से संभव है, इसलिए समाचार पत्र इस तरह की कमजोरी को हटाने का सबसे अच्छा विकल्प है। यह हमें केवल 15 मिनट या आधे घंटे में किसी घटना की विस्तृत जानकारी दे देता है। यह सभी क्षेत्रों से संबंधित व्यक्तियों के लिए बहुत ही लाभदायक है क्योंकि यह सभी के अनुसार जानकारियों को रखता है जैसे विद्यार्थियों, व्यापारियों, राजनेताओं, खिलाड़ियों, शिक्षकों, उद्यमियों आदि।

निबंध 3 (500 शब्द)

समाचार पत्र हमारे पास प्रतिदिन सुबह में आता है और इसे पढ़कर काफी जानकारी प्राप्त होती है, जिसके कारण हमें कई तरह की सुविधाएं प्रदान करता है। समाचार पत्र दिन-प्रतिदिन अपने बढ़ते हुए महत्व के कारण सभी क्षेत्रों में बहुत ही प्रसिद्धि प्राप्त कर रहा है, चाहे वो क्षेत्र पिछड़े हुआ हो या उन्नत समाज में लोग अपने ज्ञान स्तर और सामयिक घटनाओं, विशेष रुप से राजनीति और बॉलीवुड के बारे में जानने के लिए अधिक उत्साहित रहते हैं। विद्यार्थियों के लिए समाचार पत्र पढ़ना बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सभी के बारे में सामान्य जानकारी देता है। यह उनकी किसी भी सरकारी या गैर-सरकारी नौकरी के लिए तकनीकी या प्रतियोगी परीक्षा को पास करने में भी हमारी मदद करता है।

समाचार पत्र का महत्व

समाचार पत्र पढ़ना बहुत ही रुचि का कार्य है। यदि कोई इसे नियमित रुप से पढ़ने का शौकीन हो गया तो वह कभी भी समाचार पत्र पढ़ना नहीं छोड़ सकता/सकती। यह विद्यार्थियों के लिए बहुत अच्छा है क्योंकि यह हमें सही ढंग से अंग्रेजी बोलना सिखाता है। अखबार अब देश के पिछड़े हुए क्षेत्रों में भी बहुत प्रसिद्ध हो गए हैं। किसी भी भाषा को बोलने वाला व्यक्ति समाचार पत्र पढ़ सकता है क्योंकि यह विभिन्न भाषाओं जैसे कि हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू आदि में प्रकाशित होता है। समाचार पत्र हम सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमारे लिए दुनिया भर के कोनों से सैंकड़ों खबरें लाता है।

समाचार पत्र: राजनीति की सभी गतिविधियों की जानकारी

समाचार हमारे लिए सबसे पहली रुचि और आकर्षण है। बिना समाचार पत्र और खबरों के, हम बिना पानी की मछली से अधिक और कुछ नहीं हैं। भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहाँ जनता का अपने देश पर शासन होता है, इसलिए उनके लिए राजनीति की सभी गतिविधियों को जानना बहुत आवश्यक है। आधुनिक तकनीकी संसार में, जहाँ सब कुछ उच्च तकनीकियों पर निर्भर करता है, समाचार और खबरें कम्प्यूटर और इंटरनेट पर भी उपलब्ध हैं। इंटरनेट का प्रयोग करके, हम संसार की सभी सूचनाओं को प्राप्त कर सकते हैं। किसी भी सामाजिक मुद्दे के बारे में सामान्य जनता में जागरूकता बढ़ाने के लिए समाचार पत्र सबसे अच्छा तरीका है। इसके साथ ही यह देश की आम जनता और सरकार के बीच संवाद करने का सबसे अच्छा तरीका है।

आज की लोकप्रिय व्यवस्था में समाचार पत्रों का अत्यधिक महत्व होता है। समाचार पत्र ज्ञानवर्धन का साधन होते हैं इसलिए हमें नियमित रूप से उनका अध्ययन करनी की आदत डालनी चाहिए। समाचार पत्रों के बिना आज के युग में जीवन अधुरा है। आज के समय में समाचार का महत्व बहुत बढ़ चुका है क्योंकि आज के आधुनिक युग में शासकों को जिस चीज से सबसे ज्यादा भय है वह समाचार पत्र हैं।

Newspaper Essay in Hindi

निबंध 4 (600 शब्द)

समाचार पत्र बहुत ही शक्तिशाली यंत्र है जो व्यक्ति के आत्मविश्वास और व्यक्तित्व को विकसित करता है। यह लोगों और संसार के बीच वार्ता का सबसे अच्छा साधन है। यह ज्ञान का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम है। यह अधिक ज्ञान और सूचना प्राप्त करने के साथ ही कुशलता के स्तर को बढ़ाने का सबसे अच्छा स्रोत है। यह लगभग सभी क्षेत्रों में उपलब्ध होता है, इसके साथ ही इसकी कीमत भी बहुत कम होती है। हम समाचार पत्रों तक आसानी से पहुँच सकते हैं। इसके लिए हमें केवल किसी भी समाचार पत्र के संगठन में सम्पर्क करके इसके लिए केवल भुगतान करने की जरूरत होती है। यह देश की विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित होता है। बहुत सारे लोग प्रतिदिन सुबह बहुत ही साहस के साथ समाचार पत्र का इंतजार करते हैं।

समाचार पत्र का सकारात्मक प्रभाव

समाचार पत्र समाज के लोगों को सकारात्मक रुप से प्रभावित करता है क्योंकि आज के समय में  सभी लोग देश की सामयिक घटनाओं को जानने में रुचि रखने लगे हैं। समाचार पत्र सरकार और लोगों के बीच जुड़ाव का सबसे अच्छा तरीका है। यह लोगों को पूरे संसार की सभी बड़ी व छोटी खबरों का विवरण प्रदान करता है। यह देश के लोगों को नियमों, कानूनों और अधिकारों के बारे में जागरूक बनाता है। समाचार पत्र विद्यार्थियों के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि ये विशेष रुप से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर का सामान्य ज्ञान और सामयिक घटनाओं के बारे में बताता है। यह हमें सभी खुशियों, विकासों, नई तकनीकियों, शोधो, खगोलीय और मौसम में बदलावों, प्राकृतिक वातावरण आदि की सूचना देता है।

यदि हम प्रतिदिन नियमित रुप से समाचार पत्र पढ़ने की आदत बनाते है, तो यह हमारी बहुत मदद करता है। यह हम में पढ़ने की आदत विकसित करता है, हमारे प्रभाव में सुधार करता है और हमें बाहर के बारे में सभी जानकारी देता है। कुछ लोगों में समाचार पत्र को प्रत्येक सुबह पढ़ने की आदत होती है। वे समाचार पत्र की अनुपस्थिति में बहुत अधिक बेचैन हो जाते हैं और पूरे दिन कुछ अकेलापन महसूस करते हैं।

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थी भी अपने मस्तिष्क को वर्तमान सामयिक घटनाओं से जोडे रखने के लिए नियमित रुप से अखबार पढ़ते हैं। समाचार पत्र आकर्षक मुख्य शीर्षक लाइन के अन्तर्गत सभी की पसंद के अनुसार बहुत अधिक खबरों को प्रकाशित करते हैं इसलिए इससे कोई भी परेशान नहीं होता। हमें विभिन्न अखबारों को पढ़ना जारी रखना चाहिए और इसके साथ ही परिवार के अन्य सदस्यों और मित्रों को भी समाचार पत्र पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

समाचार पत्र से होने वाले लाभ

समाचार पत्र पढ़ने से हमें बहुत सारे फायदे हैं। समाचार पत्रों से हमें देश-विदेश में हो रही हर तरह के घटनाओं का नवीन ज्ञान मिलता है। नए अनुसंधान, नयी खोजें और नई ख़बरें की जानकारी हमें समाचार पत्रों से ही मिलती है। इसमें प्रकाशित होने वाली सरकारी सूचनाओं, आज्ञाओं और विज्ञापनों से हमें आवश्यक और महत्वपूर्ण जानकारी मिल जाती है, कहीं कोई दुर्घटना हो जाये, भूकंप या बाढ़ जैसी आपदा आ जाए तो इसकी जानकारी हमें समाचार पत्रों के माध्यम से तुरंत मिल जाती है। इसके साथ ही समाचार पत्र एक व्यवसाय बन गया है। जिससे हजारों संपादकों, लेखकों, रिपोर्टरों व अन्य कर्मचारियों को रोजगार मुहैया होता है।

समाचार पत्रों से हानि

समाचार पत्रों से जहां इतने लाभ हैं, वहां इनसे कुछ हानियां भी हैं। कभी-कभी कुछ समाचार पत्र झूठे समाचार छापकर जनता को भ्रमित करने का कार्य भी करते हैं। इसी तरह कुछ समाचार पत्र साम्प्रदायिक भावनाओं को को भड़काने का कार्य करते हैं, जिसके कारण समाज में दंगे जैसी घटनाएं उत्पन्न हो जाती है। जिससे चारों ओर अशांति का माहौल व्याप्त हो जाता है। इसके साथ ही सरकार की सही नीतियों को भी कभी-कभी गलत तरीके से पेश करके जनता को भ्रमित करने का कार्य किया जाता है। जिसके कारण देश में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल व्याप्त हो जाता है।

समाचार पत्रों में सामाजिक मुद्दों, मानवता, संस्कृति, परम्परा, जीवन-शैली, ध्यान, योगा आदि जैसे विषयों के बारे में कई सारे अच्छे लेख संपादित होते हैं। यह सामान्य जनता के विचारों के बारे में भी जानकारी प्रदान करता है और बहुत से सामाजिक तथा आर्थिक विषयों को सुलझाने में हमारी सहायता करता है। इसके साथ ही समाचार पत्रों के द्वारा हमें राजनेताओं, सरकारी नीतियों तथा विपक्षी दलों के नीतियों के बारे में भी जानकारी प्राप्त होती है। यह नौकरी ढूँढ़ने वाले की, बच्चों को अच्छे स्कूल में प्रवेश दिलाने, व्यापारियों को वर्तमान व्यापारिक गतिविधियों को जानने, बाजार के वर्तमान प्रचलन, नई रणनीतियों आदि को समझनें तथा जानने में भी हमारी मदद करता है। यहीं कारण है कि वर्तमान समय में समाचार पत्र को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ भी कहा जाता है।

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समाचार पत्र पर निबंध (Essay On Newspaper in Hindi) 100, 150, 200, 250, 300, 400, शब्दों मे

essay writing on newspaper in hindi

Essay On Newspaper in Hindi – समाचार पत्र बड़ी शीटों का एक सेट होता है जिसमें मुद्रित समाचार, कहानियां, सूचना, लेख, विज्ञापन आदि होते हैं। यह हमें आस-पास के साथ-साथ सीमाओं के पार की घटनाओं पर अद्यतित रखने में एक बड़ी भूमिका निभाता है। समाचार पत्र दुनिया भर के समाचारों का एक संग्रह है जो हमें हमारे घरों के बाहर होने वाली महत्वपूर्ण चीजों के बारे में अद्यतित रखता है। हमें दैनिक आधार पर समाचार पढ़ने का अभ्यास करना चाहिए। यह एक अच्छी आदत है क्योंकि यह आपके सामान्य ज्ञान में सुधार करती है और आपको अपने देश के आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों से अवगत कराती है।

आप अपने बच्चों और बच्चों को अखबार पढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं और उनका ज्ञान बढ़ा सकते हैं। यह उन्हें अपने देश की राजनीति, सामाजिक संरचना और भूगोल से भी परिचित कराएगा। समाचार पत्र पढ़ना कुछ ऐसे शौक हैं जिन्हें लगभग कहीं भी किया जा सकता है और इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है।

अखबार पर 10 लाइनें (10 Lines on Newspaper in Hindi)

  • 1) समाचार पत्र एक ऐसा प्रकाशन है जहाँ समाचार कागज पर छपे होते हैं और घरों में प्रसारित किए जाते हैं।
  • 2) ऐसे समाचार पत्र हैं जो दैनिक, साप्ताहिक और पाक्षिक यानी 15 दिनों के आधार पर छपते हैं।
  • 3) समाचार पत्र कई भाषाओं में छपता है जिसमें हिन्दी समाचार पत्र व्यापक रूप से प्रसारित होता है।
  • 4) भारत में बहुत से लोग हिंदी अखबार पढ़ते हैं और उसके बाद हिन्दी और अन्य भाषाओं का।
  • 5) समाचार पत्र दुनिया भर में क्या हो रहा है इसकी खबर और जानकारी देता है।
  • 6) आमतौर पर लोग अखबार पढ़ना पसंद करते हैं जिसमें उनके स्थानीय क्षेत्र या शहर की खबरें और जानकारी होती है।
  • 7) राजनीति, अर्थव्यवस्था, खेल, राष्ट्रीय आदि जैसे विभिन्न विषयों के लिए समाचार पत्रों में अलग-अलग खंड होते हैं।
  • 8) समाचार पत्रों को बेहतर तरीके से समझाने के लिए समाचार पत्र तस्वीरों का उपयोग करते हैं।
  • 9) समाचार पत्रों में हास्य श्रृंखला, वर्ग पहेली, दैनिक राशिफल और मनोरंजन के लिए मौसम का पूर्वानुमान भी शामिल है।
  • 10) समाचार पत्र में एक पृष्ठ को संपादकीय कहा जाता है जहां प्रसिद्ध पत्रकार और लेखक किसी भी विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हैं।

इसके बारे मे भी जाने

  • Essay On Mobile Phone
  • Essay On Internet
  • Essay On Dussehra
  • Essay On Cricket

समाचार पत्र पर लंबा और छोटा निबंध

  • हमने छात्रों के लिए हिन्दी में अखबार पर कुछ सरल और आसान, लंबा और छोटा निबंध उपलब्ध कराया है।
  • समाचार पत्रों पर ये हिन्दी निबंध आपको समाचार पत्रों की उपयोगिता और लोगों को सूचित, सुरक्षित और एकजुट रखने में उनके महत्व की प्रशंसा करने देगा।
  • आप इन अखबारों के निबंधों का उपयोग अपने स्कूल के असाइनमेंट या निबंध लेखन, वाद-विवाद, प्रतियोगिताओं में कर सकते हैं।

समाचार पत्र निबंध 1 (100 शब्द)

आजकल समाचार पत्र के बिना जीवन की कल्पना करना कठिन है। यह पहली और सबसे महत्वपूर्ण चीज है जिसे हर कोई हर सुबह देखता है। समाचार पत्र भी हमें दुनिया भर की हर खबर के बारे में अप-टू-डेट रखने में बहुत मदद करता है। इससे हमें पता चलता है कि समाज, देश और दुनिया में क्या चल रहा है। अखबार दुनिया के हर कोने से हम तक हर खबर और विचार पहुंचाता है। समाचार पत्र व्यापारियों, राजनेताओं, सामाजिक मुद्दों, बेरोजगार लोगों, खेल, खेल, अंतर्राष्ट्रीय समाचार, बच्चों, विज्ञान, शिक्षा, चिकित्सा, मशहूर हस्तियों, मेलों, त्योहारों, प्रौद्योगिकियों आदि के बारे में जानकारी लाता है। यह हमारे ज्ञान, कौशल और विस्तार में हमारी मदद करता है। तकनीकी जागरूकता।

समाचार पत्र पर निबंध 2 (150 शब्द)

आधुनिक युग में समाचार पत्रों की क्रांति पूरे देश में फैल चुकी है। आजकल, हर कोई अपने ज्ञान के बारे में बहुत जागरूक हो गया है। रोजाना अखबार पढ़ना एक अच्छी आदत है। हम सभी को अपने दैनिक जीवन में समाचार पत्र पढ़ने का अभ्यास करना चाहिए। यह हमें नवीनतम रुझानों और परंपराओं के बारे में बताता है। यह स्कूलों, कॉलेजों, अदालतों, राजनीति, कार्यालयों, होटलों, रेस्तरां और बाजारों में नई चीजों के बारे में बताकर हमारी मदद करता है।

समाचार पत्र किसी भी धर्म, जाति या पंथ के सभी (अमीर या गरीब) द्वारा उपयोग की जाने वाली सबसे महत्वपूर्ण चीज है। यह हमारे स्कूल प्रोजेक्ट्स और होम वर्क्स को तैयार करने में हमारी बहुत मदद करता है। यह हमें नए शोधों, नई तकनीकों, बाजार के सभी उच्च और निम्न और बहुत सी चीजों के बारे में बताता है। ब्रांड और सब्सक्रिप्शन के हिसाब से कई तरह के अखबार और मैगजीन होते हैं।

समाचार पत्र निबंध 3 (200 शब्द)

आज के समय में समाचार पत्र जीवन की एक आवश्यकता बन गया है। यह बाजार में लगभग सभी भाषाओं में उपलब्ध है। समाचार पत्र समाचार का एक प्रकाशन है जो कागज पर छप जाता है और सभी को उनके घर पर वितरित किया जाता है। विभिन्न देशों की अपनी समाचार प्रकाशन एजेंसियां ​​हैं। समाचार पत्र हमें अपने देश के साथ-साथ पूरी दुनिया में क्या हो रहा है, इसके बारे में सब कुछ देता है। हम आपको खेल, राजनीति, धर्म, समाज, अर्थव्यवस्था, फिल्म उद्योग, चलचित्र, भोजन, रोजगार आदि विषयों से संबंधित सटीक जानकारी देते हैं।

पहले, समाचार पत्रों को केवल समाचार विवरण के साथ प्रकाशित किया जाता था, लेकिन वर्तमान में इसमें विभिन्न विषयों के बारे में समाचार और विचार लगभग हर चीज में होते हैं। बाजार में विभिन्न समाचार पत्रों की कीमत उनके समाचार विवरण और क्षेत्र में लोकप्रियता के अनुसार अलग-अलग होती है। वर्तमान दैनिक मामलों वाले समाचार पत्र दैनिक रूप से छपते हैं, लेकिन उनमें से सप्ताह में दो बार, सप्ताह में एक बार या महीने में एक बार छपते हैं।

समाचार पत्र लोगों की आवश्यकता और आवश्यकता के अनुसार एक से अधिक उद्देश्यों की पूर्ति करते हैं। समाचार पत्र बहुत प्रभावी और शक्तिशाली होते हैं जो दुनिया भर की सभी जानकारी एक ही स्थान पर देते हैं। यह जो जानकारी देता है उसकी तुलना में इसकी कीमत बहुत कम होती है। यह हमें अपने आसपास होने वाली सभी घटनाओं के बारे में अच्छी तरह से सूचित रखता है।

समाचार पत्र निबंध 4 (250 शब्द)

आज के समय में अखबार बहुत ही महत्वपूर्ण चीज है। हर किसी के लिए दिन की शुरुआत करना सबसे पहली और जरूरी चीज होती है। अपने दिन की शुरुआत ताजा खबरों और सूचनाओं से अपने दिमाग को भरकर करना बेहतर है। समाचार पत्र हमें आत्मविश्वासी बनाता है और हमारे व्यक्तित्व को निखारने में मदद करता है। सुबह सबसे पहले यह परिवार के प्रत्येक सदस्य को ढेर सारी सूचनाओं के साथ अभिवादन करता है। देश के एक नागरिक के रूप में, हम देश या अन्य देशों में चल रहे सभी पेशेवरों और विपक्षों को जानने के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। यह हमें राजनीति, खेल, व्यापार, उद्योग आदि के वर्तमान मामलों के बारे में सूचित करता है। यह हमें बॉलीवुड और व्यावसायिक हस्तियों के व्यक्तिगत मामलों के बारे में भी सूचित करता है।

समाचार पत्र हमें संस्कृतियों, परंपराओं, कलाओं, शास्त्रीय नृत्य आदि के बारे में बताते हैं। ऐसे आधुनिक समय में जब सभी के पास अपनी नौकरी के अलावा अन्य चीजों के बारे में जानने का समय नहीं है, यह हमें मेलों, त्योहारों के दिनों और तारीखों के बारे में बताता है। अवसर, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि। यह समाचारों के साथ-साथ समाज, शिक्षा, भविष्य, प्रेरक संदेश और विषयों आदि के बारे में दिलचस्प बातों का संग्रह है, इसलिए यह हमें कभी बोर नहीं करता। यह हमें हमेशा अपने दिलचस्प विषयों के माध्यम से दुनिया की हर चीज के बारे में उत्साहित और उत्साहित करता है।

आधुनिक समय में, जब हर कोई अपने दैनिक जीवन में इतना व्यस्त है, उनके लिए बाहरी दुनिया के बारे में कोई विचार या ज्ञान प्राप्त करना शायद ही संभव हो, इसलिए ऐसी कमजोरी को दूर करने के लिए समाचार पत्र सबसे अच्छा विकल्प है। यह हमें केवल 15 मिनट या आधे घंटे में एक विशाल ज्ञान देता है। यह सभी क्षेत्रों के लोगों के लिए फायदेमंद है क्योंकि इसमें छात्रों, व्यापारियों, राजनेताओं, खिलाड़ियों, शिक्षकों, उद्योगपतियों आदि सभी के लिए ज्ञान है।

समाचार पत्र पर निबंध 5 (300 शब्द)

हर सुबह अखबार हमारे पास आता है और मुझे अपनी बालकनी में चाय के गर्म कप के साथ अखबार रखना अच्छा लगता है। दिन-ब-दिन अखबार अपने बढ़ते महत्व के कारण पिछड़ा हो या अगड़ा हर क्षेत्र में लोकप्रियता प्राप्त कर रहा है। समाज में लोग अपने ज्ञान स्तर और देश के वर्तमान मामलों खासकर राजनीति और बॉलीवुड के बारे में अधिक जागरूक हो रहे हैं। अखबार पढ़ना छात्रों के लिए सबसे अच्छी गतिविधि है क्योंकि यह हर चीज के बारे में सामान्य ज्ञान देता है। यह उन्हें सरकारी नौकरी या गैर-सरकारी नौकरियों के लिए किसी भी तकनीकी और प्रतियोगी परीक्षा को मात देने में मदद करता है।

न्यूज पेपर पढ़ना बहुत ही दिलचस्प काम है। अगर किसी को इसकी आदत हो जाए तो वह अखबार पढ़ना कभी नहीं छोड़ता। यह छात्रों के लिए अच्छा है क्योंकि यह हमें सही उच्चारण के साथ धाराप्रवाह हिन्दी बोलने के लिए प्रेरित करता है। समाचार पत्र देश के पिछड़े इलाकों में लोकप्रिय हो रहे हैं। कोई भी भाषा बोलने वाले लोग समाचार पत्र पढ़ सकते हैं क्योंकि यह क्षेत्रों के अनुसार हिंदी, हिन्दी , उर्दू आदि भाषाओं में उपलब्ध है। समाचार पत्र हम सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दुनिया भर से हमारे लिए बहुत सारी खबरें लाता है।

समाचार हमारे लिए सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण रुचि और आकर्षण है। समाचार पत्र और समाचार के बिना हम कुछ भी नहीं हैं और पानी के बिना मछली की तरह हैं। भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहाँ जनता अपने देश पर शासन करती है इसलिए उनके लिए राजनीति में प्रत्येक गतिविधि के बारे में जानना आवश्यक है।

आधुनिक तकनीकी दुनिया में जहां सब कुछ उच्च तकनीक पर निर्भर करता है, समाचार कंप्यूटर और इंटरनेट पर भी उपलब्ध हैं। इंटरनेट का उपयोग करके हम दुनिया के बारे में सारी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आम जनता के बीच किसी भी सामाजिक मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समाचार पत्र सबसे अच्छा तरीका है। यह देश की सरकार और उसकी जनता के बीच संचार का सबसे अच्छा तरीका है।

समाचार पत्र पर निबंध 6 (400 शब्द)

समाचार पत्र एक शक्तिशाली उपकरण है जो व्यक्ति के आत्मविश्वास और व्यक्तित्व को बढ़ाता है। यह बाहरी दुनिया और लोगों के बीच संचार का सबसे अच्छा साधन है। ज्ञान का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम। यह अधिक ज्ञान और जानकारी प्राप्त करने के साथ-साथ कौशल स्तर को बढ़ाने का एक अच्छा स्रोत है। यह बहुत कम कीमत पर सभी क्षेत्रों में उपलब्ध है। हम किसी भी अखबार तक आसानी से पहुंच सकते हैं। हमें बस किसी भी अखबार से संपर्क करने और उसकी सदस्यता लेने की जरूरत है। यह देश की विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित होता है। सुबह-सुबह सभी लोग पूरी हिम्मत के साथ अखबार का इंतजार करते हैं।

समाचार पत्रों ने समाज के लोगों को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। देश के करेंट अफेयर्स को जानने में हर किसी की दिलचस्पी हो गई है। समाचार पत्र सरकार और लोगों के बीच ज्ञान की सबसे अच्छी कड़ी है। यह लोगों को पूरी दुनिया के बारे में हर बड़ी और छोटी जानकारी देता है। यह लोगों को देश में उनके नियमों, विनियमों और अधिकारों के बारे में अच्छी तरह से जागरूक करता है। समाचार पत्र छात्रों के लिए विशेष रूप से बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह उन्हें बहुत सारे सामान्य ज्ञान और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के करंट अफेयर्स प्रदान करता है। यह हमें सभी घटनाओं, विकास, नई तकनीक, अनुसंधान, ज्योतिष, मौसमी परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाओं आदि के बारे में जानकारी देता है।

समाचार पत्र में सामाजिक मुद्दों, मानवता, संस्कृतियों, परंपराओं, जीवन जीने की कला, ध्यान, योग आदि पर भी अच्छे लेख होते हैं। इसमें आम जनता के विचारों की जानकारी होती है और विभिन्न सामाजिक और आर्थिक मुद्दों को सुलझाने में मदद मिलती है। इसके प्रयोग से राजनीतिज्ञों, उनके बारे में समीक्षा, अन्य राजनीतिक दलों सहित कुछ सरकारी नीतियों के बारे में जान सकते हैं। यह नौकरी चाहने वालों को नई नौकरी खोजने में मदद करता है, छात्रों को सर्वश्रेष्ठ स्कूल में भर्ती होने में मदद करता है, व्यवसायियों को वर्तमान और महत्वपूर्ण व्यावसायिक गतिविधियों, बाजार के मौजूदा रुझानों, नई रणनीतियों आदि के बारे में जानने में मदद करता है।

यदि हम दैनिक आधार पर इसे पढ़ने की आदत बना लें तो समाचार पत्र हमारी बहुत मदद करते हैं। यह पढ़ने की आदतों को विकसित करता है, हमारे लहजे में सुधार करता है और हमें बाहर के बारे में सब कुछ जानने देता है। कुछ लोगों को सुबह इस अखबार को पढ़ने की अत्यधिक आदत होती है। समाचार-पत्र के अभाव में वे बहुत बेचैन हो जाते हैं और सारा दिन यही अनुभव करते हैं कि कुछ छूट गया है। प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने की तैयारी कर रहे छात्र करंट अफेयर्स के बारे में अपने दिमाग को अपडेट रखने के लिए नियमित रूप से समाचार पत्र पढ़ते हैं। समाचार पत्र में सभी की पसंद के अनुसार आकर्षक शीर्षकों के तहत बड़ी मात्रा में जानकारी होती है ताकि कोई भी बोर न हो सके। हमें तरह-तरह के अखबार पढ़ते रहना चाहिए और परिवार के अन्य सदस्यों और दोस्तों को भी अखबार पढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

समाचार पत्र पैराग्राफ पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

हम अखबारों पर पैराग्राफ कैसे लिखते हैं.

समाचार पत्रों पर एक पैराग्राफ लिखने के लिए, हमें समाचार पत्र पढ़ने के महत्व, समाचार पत्र में क्या उम्मीद की जा सकती है, प्रत्येक पाठक को क्या रुचि हो सकती है, यह व्यक्ति को कैसे मदद करता है आदि जैसी जानकारी जोड़ने की आवश्यकता है।

समाचार पत्र हमारे जीवन में कितने महत्वपूर्ण हैं?

बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो समाचार पत्र पढ़े बिना अपने दिन की शुरुआत नहीं कर सकते हैं। समाचार पत्र हमें दुनिया भर में होने वाली सभी घटनाओं के बारे में जानकारी देते हैं और हमें अप-टू-डेट रहने में मदद करते हैं।

Hindi Yatra

6+ समाचार पत्र पर निबंध – Essay on Newspaper in Hindi

Essay on Newspaper in Hindi : दोस्तों आज हमने समाचार पत्र पर निबंध  कक्षा 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 & 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है. इस निबंध की सहायता से सभी विद्यार्थी परीक्षाओं में निबंध लिख सकते है.

समाचार पत्र हमारे दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बन गए है यह में देश विदेश की सभी सूचनाओं को एक ही स्थान पर उपलब्ध करवाते है.

समाचार पत्रों से हमें सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, बाजार, स्वास्थ्य इत्यादि पर लेख प्रकाशित होते है. यह सभी के लिए फायदेमंद है इसलिए सभी वर्ग के लोगों को समाचार पत्र पढ़ना चाहिए.

Essay on Newspaper in Hindi

Get Some Essay on Newspaper in Hindi for class 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 & 12 Students

Best Essay on Newspaper in Hindi 200 Words

समाचार पत्र सूचना क्रांति का एक प्रमुख अंग है , वर्तमान में लोगों के सुबह की शुरुआत अखबार पढ़ते हुए होती है. हमारे भारत देश में समाचार पत्र कई भाषाओं जैसे – हिंदी अंग्रेजी तमिल पंजाबी कन्नड़ तेलुगू महाराष्ट्र उर्दू इत्यादि है और आजकल तो क्षेत्रीय भाषाओं में भी समाचार पत्र उपलब्ध है.

समाचार पत्र सूचनाओं का भंडार होता है इसमें हमें देश विदेश, व्यापार, राजनीति, अर्थव्यवस्था, समाज, रोजगार शेयर मार्केट, फसलों के भाव, स्वास्थ्य संबंधी जानकारी, विज्ञान, अंतरिक्ष, फिल्म उद्योग, भोजन और देश-विदेश में घटने वाली छोटी से छोटी घटना का विवरण होता है.

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समाचार पत्र प्रतिदिन सूचना पाने का सस्ता और सुलभ स्त्रोत है. इसकी पहुंच शहरों से लेकर गांव और ढाणियों तक है प्रत्येक व्यक्ति को अखबार पढ़ना अच्छा लगता है क्योंकि इसमें सभी के रुचि के हिसाब से खबरें और मनोरंजन सामग्री भी उपलब्ध होती है.

समाचार पत्र में विद्यार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक सूचनाएं और बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट भी इनमें आता है इसलिए विद्यार्थियों को भी समाचार पत्र बहुत अच्छे लगते है.

प्रत्येक समाचार पत्र की कीमत उनकी प्रतिष्ठा और लोकप्रियता के हिसाब से अलग-अलग होती है. समाचार पत्र है प्रतिदिन, साप्ताहिक, मासिक रूप से छपते है. इनका उद्देश्य लोगों तक हर प्रकार की सूचना प्रतिदिन पहुंचाना होता है.

Samachar Patra Essay in Hindi 500 Words

भूमिका –

पुराने जमाने में लोगों तक सूचना पहुंचाने का कोई साधन नहीं था, या तो किसी को घोड़े पर भेज कर या फिर कबूतर के गले में चिट्ठी बांधकर सूचना का आदान प्रदान किया करते थे. लेकिन वक्त बदलता गया और समाचार पत्र का उद्गम हुआ.

इसके आने के बाद तो जैसे सूचनाओं का भंडार ही मिल गया. सर्वप्रथम समाचार पत्र इटली के बेसिन नामक जगह पर छपा था. इसके बाद सभी देशों ने इसकी महत्वता समझी और सभी स्थानों का इसका उपयोग होने लगा. 18वीं शताब्दी में अंग्रेजों द्वारा भारत में भी समाचार पत्रों को छापना शुरू कर दिया था.

समाचार पत्रों का महत्व – Samachar Patra ka Mahatva

समाचार पत्र की महत्वता का पता इसी से लगाया जा सकता है कि इसे प्रत्येक वर्ग का व्यक्ति पढ़ना पसंद करता है और सभी इसको खरीदने की क्षमता भी रखते है इसलिए समाचार पत्र सूचना पहुंचाने का सबसे सस्ता और सुलभ साधन है.

समाचार पत्र का महत्व दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है और इनको पढ़ने वालों की संख्या में भी बढ़ती हो रही है क्योंकि इसको बच्चों से लेकर बूढ़े तक सभी पढ़ना पसंद करते है, सभी के लिए इसमें कुछ ना कुछ सूचनाएं दी हुई होती है.

व्यापारी वर्ग के लोग इसे इसलिए पढ़ते हैं क्योंकि उन्हें प्रतिदिन के बाजार भाव पता लग जाते हैं और देश दुनिया में बाजार की स्थिति कैसी है यह भी पता लगता है साथ ही व्यापारी लोग अपनी व्यावसायिक उन्नति के लिए अखबार में विज्ञापन प्रकाशित करवा सकते है इससे उनको बहुत लाभ प्राप्त होता है.

विद्यार्थियों के लिए समाचार पत्र बहुत ही महत्व की वस्तु है क्योंकि इसमें विज्ञान राजनीति शिक्षा और विभिन्न योजनाओं की जानकारी संबंधी बातें छपी हुई होती है साथ ही बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट भी अखबारों में प्रकाशित होता है.

रोजगार ढूंढ रहे युवाओं के लिए अखबार बहुत महत्व की चीज है क्योंकि देश-विदेश में जितनी भी कंपनियां हैं वे सभी भर्ती के लिए अखबारों में सूचना देती है जो कि युवाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण सूचना होती है.

अन्य वर्ग के लोग भी देश विदेश और अपने आस पास घट रही घटनाओं की जानकारी चाहते है इसलिए वे अखबार पढ़ते हैं और अपनी जिज्ञासा को शांत करते है. आजकल तो अखबारों में खबरों के साथ-साथ विशेषज्ञों की राय और अन्य महत्वपूर्ण सूचनाएं भी प्रकाशित होने लगी है जो कि सभी वर्ग के लोगों को लुभाती है.

समाचार पत्र देश दुनिया की खबर देने के साथ-साथ सत्य और असत्य में फर्क भी बताते है, वे राजनीति में चल रही घटनाओं का विश्लेषण करके प्रकाशित करते है. जो भी सरकार घोटाले बाजी करती है उनको प्रमुखता से दिखाती है और जनता को सच बताते है.

यह सरकार की आवाज जनता तक और जनता की आवाज सरकार तक पहुंचाने का सबसे अच्छा साधन है.

निष्कर्ष –

वर्तमान में खबर और सूचनाएं पाने के लिए समाचार पत्र सबसे प्रमुख स्त्रोत है. भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग इसे कहीं पर भी ले जाकर पढ़ सकते है. अगर अखबार नहीं होते तो शायद दुनिया इतनी तेजी से प्रगति नहीं कर पाती. हालांकि अब सूचनाएं पहुंचाने के अनेक टेक्नोलॉजी वाले साधन आ गए है.

लेकिन शांतिपूर्वक और आराम से सूचनाएं तो अखबार में ही पढ़ी जा सकती है. किसी भी देश या विदेश की स्थिति जानने के लिए वहां का अखबार पढ़ लेने मात्र से वहां की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है.

Full Essay on Newspaper in Hindi 1800 Words

प्रस्तावना –

मानव के मस्तिष्क में हमेशा कौतूहल और जिज्ञासा की दो वृतिया रही है जिनके कारण हमेशा वह दूसरों और आसपास की घटनाओं को जानने की इच्छा रखता है. समाचार पत्र उन सभी इच्छाओं की पूर्ति करता है यह प्रत्येक वर्ग के लोगों की इच्छा पर उपयुक्त उतरता है.

व्यापारी लोग देश विदेश के बाजार की स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रतिदिन समाचार पत्र पढ़ते है. विद्यार्थी देश विदेश में चल रही है घटनाओं और शिक्षा संबंधी लेख पढ़ने के लिए, समाजशास्त्री समाज की नई व्यवस्थाओं की जानकारी के लिए, साहित्यकार नए युग में चल रही रचनाओं और राजनीतिक जानकारी के लिए समाचार पत्र पढ़ते है.

आज अगर किसी भी देश की सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक स्थिति का जायजा लेना हो तो वहां का समाचार पत्र पढ़ लेना ही काफी होगा. समाचार पत्र ने पूरी दुनिया को जैसे मुट्ठी में बंद कर लिया है इसमें देश के छोटे से भाग की घटना की जानकारी से लेकर विदेश की घटनाओं का प्रतिदिन मुद्रण होता है जोकि दुनिया में चल रही सभी गतिविधियों की जानकारी हमें एक जगह प्रदान कर देता है.

इसीलिए समाचार पत्र को किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का चौथा स्तंभ कहा जाता है क्योंकि यही सरकार और जनता के मध्य संप्रेषण स्थापित करता है.

समाचार पत्र का इतिहास –

आज से 3 शताब्दी पहले तक समाचार पत्र का नाम तक नहीं था उस समय लोग एक दूसरे तक सूचना पहुंचाने के लिए संदेश वाहक, कबूतर के माध्यम से संदेश पहुंचाते थे. लेकिन सूचना पहुंचने में कई दिनों या फिर कभी कभी तो महीनों का समय लग जाता था तब तक तो नई सूचना आ जाती थी.

शीघ्र सूचना की प्राप्ति के समाचार पत्र का उद्गम हुआ, समाचार पत्र का जन्म 16 वी शताब्दी में इटली के बेसिन नगर में हुआ इसके बाद इसका विस्तार उत्तरोत्तर बढ़ता गया. धीरे-धीरे लोगों ने इसकी उपयोगिता कालो का मानना शुरू कर दिया और अन्य देशों में भी इसका विस्तार होने लगा.

17 वी शताब्दी के प्रारंभ में इंग्लैंड में भी इसका उपयोग होने लगा इसके बाद तो जैसे समाचार पत्रों को पंख लग गए प्रत्येक देश के नागरिकों को समाचार पत्र पढ़ना अच्छा लगने लगा फिर तो इसकीचहू और ख्याति फैल गई.

भारत देश एक गरीब और गुलाम देश था इसलिए यहां पर समाचार पत्र आने में वक्त लगा लेकिन 18वीं शताब्दी में अंग्रेजों द्वारा भारतवर्ष में भी इसका पर्दापर्ण कर दिया गया क्योंकि भारत जैसे देश में सूचनाएं पहुंचाने के लिए अंग्रेजों के पास कोई साधन नहीं था.

भारत में समाचार पत्र की ख्याति को देखते हुए ईसाई पादरियों ने अपने धर्म के प्रचार प्रसार के लिए “समाचार दर्पण” नामक पत्र निकाला. इसका मुंहतोड़ जवाब देने के लिए ब्रह्म समाज के संस्थापक राजा राममोहन राय ने को “कौमुदी” नामक समाचार पत्र का सफल संपादन किया था.

ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने “प्रभात” नामक समाचार पत्र का संपादन किया उस समय यह समाचार पत्र में बहुत लोकप्रिय हुआ था. धीरे-धीरे समाचार पत्र का विस्तार हुआ और इसका सभी क्षेत्रीय भाषाओं में संपादन होने लगा.

मुद्रण कला का विकास –

भारत में मुद्रण कला का विकास समाचार पत्रों के विकास की कहानी है भारत में जैसे-जैसे समाचार पत्रों को छापने की नई नई मशीनों का विकास हुआ उसी तेजी से समाचार पत्रों की संख्या में भी वृद्धि हुई है. वर्तमान में सभी शहरों का स्थानीय समाचार पत्र स्थानीय भाषा में प्रकाशित होने लगा है जो कि इसकी लोकप्रियता और बहुलता को दर्शाता है.

समाचार पत्र का व्यवसाय करने के लिए बहुत से व्यक्तियों की आवश्यकता होती है इसमें सर्वप्रथम समाचार पत्र छापने की मशीन, मशीन मैन, कंप्यूटर, कंप्यूटर ऑपरेटर, कागज, संपादक और संवादाता की जरूरत होती है यह बहुत से लोगों का रोजगार का साधन भी है.

समाचार पत्रों के लाभ –

समाचार पत्रों का मानव जीवन में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बहुत उपयोग है इनकी उपयोगिता का उल्लेख इनके उपभोग के आधार पर अलग-अलग बांटा है जोकि निम्नलिखित है –

(1) प्रतिदिन सूचनाओं का स्रोत – समाचार पत्र से हमें प्रतिदिन देश विदेश की राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, खेल मनोरंजन, समाज, रोजगार, विज्ञान, मौसम, बाजार और अन्य घटनाओं की जानकारी एक ही स्थान पर मिल जाती है.

साथ ही समाचार पत्र और सभी वर्ग के लोग पढ़ सकते हैं क्योंकि यह सस्ता और सुलभ होता है इसको कहीं पर भी ले जाया जा सकता है और पढ़ा जा सकता है.

(2) व्यापारी वर्ग – व्यापारी वर्ग को समाचार पत्र से बहुत अधिक लाभ मिलता है क्योंकि समाचार पत्र से सर्वप्रथम उन्हें देश-विदेश और स्थानीय बाजार की प्रतिदिन की स्थिति का पता लगता रहता है. और समाचार पत्रों के माध्यम से कोई भी व्यापारी अपनी वस्तु विशेष का विज्ञापन दे सकता है जिससे उसका व्यापार बढ़ता है.

साथ ही व्यापारी को बाजार में आ रही नई वस्तु की जानकारी मिलती है और टेक्नोलॉजी का भी पता चलता है जिससे व्यापारी भविष्य की तैयारी पहले से ही कर सकता है.

(3) युवाओं वर्ग – युवा वर्ग के लिए भी समाचार पत्र बहुत बहुमूल्य है क्योंकि इससे उन्हें संपूर्ण जानकारी मिलती है साथ ही सरकारी और गैर सरकारी नौकरियों की भर्तियों का भी पता लगता है.

जिससे युवा वर्ग उनकी तैयारी करके नौकरी पा लेता है. वर्तमान में तो युवा वर्ग की सहायता के लिए अखबारों में सिलेबस और विशेषज्ञों की राय भी दी जाने लगी है जो कि युवा वर्ग के लोगों को नौकरी पाने में सहायता प्रदान करता है.

(4) विद्यार्थियों और शिक्षक वर्ग – विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए तो समाचार पत्र सूचना का भंडार है यहां उन्हें प्रतिदिन नई सूचनाएं मिलती है. जिसे शिक्षक लोग पढ़कर विद्यार्थियों को बताते है विद्यार्थियों को भी देश में चल रही गतिविधियों का पूरा ध्यान रखा है. वर्तमान में समाचार पत्रों में विद्यार्थियों के लिए अलग से ही ज्ञानवर्धक लेख छपने लगे है जिससे विद्यार्थियों को उच्च दर्जे की शिक्षा मिलती है इनमें विदेशी और देसी शिक्षकों की राय भी छपती रहती है. शिक्षा के क्षेत्र में आ रहे हैं नए बदलाव की जानकारी पहले से ही विद्यार्थियों को मिल जाती है.

(5) किसान वर्ग – किसानों के लिए तो समाचार पत्र किसी वरदान से कम नहीं है क्योंकि मौसम की जानकारी उन्हें इसी से प्राप्त होती है जिससे वे समय पर अपनी फसल लगा पाते है साथ ही फसल की पैदावार को कैसे बढ़ाना है इसकी जानकारी भी विशेषज्ञों द्वारा और कृषि मंत्रालय द्वारा समय-समय पर प्रकाशित होती रहती है.

किसानों को समाचार पत्र से बाजार में चल रही फसलों के भाव और सरकारी योजनाओं का भी पता लगता है जिससे किसान वर्ग पहले की तुलना में अधिक लाभ कमा पाता है.

(6) सामान्य लोगों के लिए – सामान्य वर्ग के लोगों को बहुत अधिक जिज्ञासा होती है वे सभी क्षेत्रों की जानकारी रखना पसंद करते है इसलिए समाचार पत्र उनकी इच्छाओं पर सही बैठता है इससे उन्हें राजनीति, आर्थिक, साहित्यिक और अन्य छोटी-मोटी ताने घटनाओं की जानकारी मिलती है जो कि उनकी दिनचर्या को सरल बनाती है.

(7) गृहिणियों और बुजुर्गों के लिए – वर्तमान समय में गर्मियों के लिए समाचार पत्र बहुत उपयोगी हैं क्योंकि इनमें नए-नए व्यंजनों को बनाने की विधि प्रकाशित होती रहती है साथ ही बाजार में उपलब्ध सही और गलत वस्तुओं की भी जानकारी उपलब्ध होती है जिससे गर्मियों को बहुत अधिक लाभ मिलता है.

वर्तमान की भागदौड़ भरी जिंदगी में बुजुर्गों के लिए समय निकालना कठिन हो गया है इसलिए बुजुर्ग लोग अपना समय व्यतीत करने के लिए अखबार पढ़ते है इससे उनका समय भी व्यतीत हो जाता है और नई-नई जानकारियां भी उनको मिलती रहती है.

(8) प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार – समाचार पत्र प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध करवाते है समाचार पत्र बहुत अधिक मात्रा में छपते है इसलिए इन को प्रकाशित करने के लिए अधिक लोगों की आवश्यकता होती है जिससे प्रत्यक्ष रूप से लोगों को रोजगार मिलता है.

अप्रत्यक्ष रूप में समाचार पत्र का उपयोग एक दिन का ही होता है इसलिए एक दिन के बाद यह कोई काम का नहीं होता इसलिए इसको रद्दी में बेचा जाता है जिससे रद्दी वाले को रोजगार मिलता है और कुछ पैसे बेचने वाले को भी मिल जाते हैं.

(9) सरकार और जनता के बीच संप्रेषण का स्त्रोत- सरकार अपनी योजनाओं और नीतियों की जानकारी पहुंचाने के लिए समाचार पत्रों का उपयोग करती है और जनता की आवाज सरकार तक पहुंचाने के लिए अखबार के संवाददाता उनकी आवाज को अखबारों में प्रकाशित करते है.

जिससे जनता और सरकार के मध्य संप्रेषण बना देता है और सरकार को नई नीतियां और योजनाएं लागू करने में दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता है.

समाचार पत्रों से हानियां –

जहां समाचार पत्र हमारी सर्वांगीण सहायता करते है वहीं अनेक बार उनसे जनहित और राष्ट्रहित दोनों को बड़े घातक परिणाम भोगने पड़े है. कभी-कभी समाचार पत्र में गलत सूचना प्रकाशित हो जाने के कारण देश में बहुत बड़े बड़े दंगे हो जाते है. जनता का सरकार पर से विश्वास उठ जाता है. कई बार तो गलत सूचनाओं के कारण इतने दंगे भड़क जाते हैं कि कई महीनों तक कर्फ्यू लगा रहता है. कई बार कुछ स्वार्थी लोग अपनी हीन भावनाओं किसी जाति विशेष के लिए अखबार में प्रकाशित करवा देते हैं जिससे पूरे समाज में हीन भावना फैल जाती है.

जिससे पूरे राष्ट्र में अराजकता का माहौल पैदा हो जाता है और देश में विकास की गति धीमी पड़ जाती है. एक राष्ट्र दूसरे राष्ट्र का शत्रु बन जाता है. दूसरे विश्वयुद्ध में कुछ इसी प्रकार के कुतिसत और घृणापूर्ण विचार समाचार पत्रों के माध्यम से फैलाए गए जिसने विश्वयुद्ध को बढ़ावा दिया.

चारित्रिक दृष्टि से कभी-कभी समाचार पत्र अपने छोटे से स्वार्थ के लिए देश को गर्त में ढकेल देते है. समाचार पत्रों में अश्लील सामग्री और ऐसे चित्रों का उपयोग किया जाता है जो कि समाज के लिए किसी भी दृष्टि से अच्छे नहीं होते हैं इससे समाज के प्रत्येक व्यक्ति पर बुरा प्रभाव पड़ता है.

समाचार पत्र के प्रकार –

समाचार पत्र के प्रकार के होते है यह उनके प्रकाशित होने के समय पर निर्भर करता है कुछ प्रतिदिन प्रकाशित होते हैं तो कुछ, अर्द्ध साप्ताहिक, साप्ताहिक, अर्द्ध मासिक, मासिक रूप से प्रकाशित होते है.

समाचार पत्रों का एक रूप मैगजीन भी होती है जोकि किसी विषय विशेष पर सकती हैं जैसे राजनीतिक, सामाजिक, विज्ञान, आर्थिक विकास, साहित्यिक व्यापार इत्यादि पर प्रकाशित होती है.

भारत के प्रमुख समाचार पत्र –

हमारे भारत देश में कई प्रकार के समाचार पत्र प्रकाशित होते हैं लेकिन उनमें से कुछ प्रमुख हैं जिनको सभी लोग पढ़ना पसंद करते हैं उनके नाम इस प्रकार हैं – द टाइम्स ऑफ इंडिया, हिंदुस्तान टाइम, द इकोनॉमिक्स टाइम्स, द हिंदू, दैनिक भास्कर, अमर उजाला, लोकमत, दैनिक जागरण, राजस्थान पत्रिका, पंजाब केसरी, इंडियन एक्सप्रेस इत्यादि प्रमुख अखबार है.

उपसंहार –

आज प्रत्येक स्वतंत्र राष्ट्र की अर्थव्यवस्था में समाचार पत्रों का बहुत अधिक सहयोग है. जनता को अपने द्वारा चुनी हुई सरकार की आलोचना करने और अपनी आवाज उठाने का संपूर्ण अधिकार प्राप्त है. प्रत्येक मनुष्य अपने विचारों को सरकार के सामने स्वतंत्र रूप से व्यक्त कर सकता है.

यह सब समाचार पत्रों के माध्यम से ही हो पाया है क्योंकि इन्हीं के माध्यम से हम अपनी आवाज को उठा सकते हैं और अन्य लोगों और सरकार तक पहुंचा सकते है. समाचार पत्रों को भी स्वतंत्र रूप से खबरें प्रकाशित करने चाहिए अगर इन पर किसी प्रकार की पाबंदी लगाई जाती है तो वह किसी राष्ट्र का गला घोटने के समान होगा.

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समाचार पत्र पर निबंध | Essay on Newspaper in Hindi

हेलो दोस्तों, आज हमलोग इस लेख में समाचार पत्र पर निबंध हिंदी में ( Newspaper essay in Hindi) पड़ेंगे जो कि आपको Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 व अन्य competitive examination जैसे कि SSC, UPSC, BPSC जैसे एग्जाम में अत्यंत लाभकारी साबित होंगे। समाचार पत्र पर निबंध (Essay writing on Newspaper ) के अंतर्गत हम समाचार पत्र से संबंधित पूरी जानकारी को विस्तार से जानेंगे इसलिए इसे अंत तक अवश्य पढ़ें।

(निबंध- 1) Short Essay on Newspaper in Hindi

समाचार पत्र को अंग्रेजी में NEWSPAPER कहते हैं। जिसका पूर्ण रूप होता है।

समाचार पत्र के बारे में कहा जा सकता है कि समाचार पत्र संसार की वर्तमान स्थिति का दर्पण है। विश्व में घटित घटनाओं का विश्वसनीय दस्तावेज है। सत्ता और विरोधी पक्ष के विचारों के गुण-दोष विवेचन का राजहंस है। ज्ञान-वर्धन का सबसे सस्ता, सरल और प्रमुख साधन है। मानवीय जिज्ञासा, कौतूहल और उत्सुकता की शान्ति का साधन है। लोकतंत्र का चतुर्थ स्तम्भ है।

समाचार पत्र केवल डेढ़-दो रुपए में विश्व-दर्शन करवाता है। कितना सस्ता साधन है, ज्ञानवर्धन का। हॉकर समाचार पत्र को घर पर डाल जाता है। बिना कष्ट किए ही हमें उसकी उपलब्धि हो जाती है। कितनी सुगम है इसकी प्राप्ति। जीवन और जगत् की अद्यतन जानकारी देने वाला विश्वसनीय दूत है, यह । इसकी प्रामाणिकता में सन्देह के लिए कोई स्थान नहीं।

समाचार पत्र का जन्म चीन
विश्व का प्रथम समाचार पत्र पीकिंग गजट
भारत का प्रथम समाचार पत्र बंगाल गजट
हिंदी का प्रथम समाचार पत्र उदन्त-मार्तण्ड
समाचार पत्र के जनक  जेम्स हिकी
विश्व का प्रथम समाचार पत्र द रिलेशन एलर फर्नेमेन एंड गेडेनकवुर्डिजेन हिस्टोरियन
(Collection of all Distinguished and Commemorable News)

समाचार पत्र का इतिहास 

समाचार पत्र का जन्म सोलहवीं शताब्दी में चीन में हुआ था। “पीकिंग गजट” विश्व का प्रथम समाचार पत्र था। अंग्रेजों के आगमन के पश्चात् मुद्रण कला के विकास के साथ-साथ भारत में भी समाचार पत्र का प्रारम्भ हुआ। भारत का प्रथम समाचार पत्र “ बंगाल गजट” था। इसके बाद ईसाई पादरियों ने समाचार पत्र निकाले। हिन्दी का पहला समाचार पत्र “उदन्त-मार्तण्ड” 30 मई, 1826 को प्रकाशित हुआ। यह हिंदी समाचार पेपर के रूप में प्रसिद्ध हुआ। यह साप्ताहिक था। तत्पश्चात् राजा राममोहन राय ने ‘कौमुदी’ और ईश्वरचन्द्र ने ‘प्रभाकर’ पत्र निकाले। आजकल तो समाचार पत्रों की बाढ़ आई हुई है।

सम्पूर्ण भारत में अंग्रेजी में 353, हिन्दी अखबार 2202, उर्दू में 509, तमिल में 344, मराठी में 302, कन्नड़ में 290 तथा मलयालम में 208 दैनिक समाचार पत्र छपते हैं।

आठ क्षेत्रीय कार्यालयों और 33 कार्यालयों एवं सूचना केन्द्रों द्वारा पत्र सूचना कार्यालय विभिन्न प्रसारण माध्यमों, जैसे प्रेस विज्ञप्तियाँ, प्रेस नोटों, विशेष लेखों, संदर्भ सामग्री, प्रेस ब्रीफिंग, साक्षात्कारों, संवाददाता सम्मेलनों और प्रेस दौरों आदि की सूचना 13 क्षेत्रीय भाषाओं में आठ हजार समाचार पत्रों तथा समाचार संगठनों तक पहुंचाता है। कम्प्यूटर और इन्टरनेट के माध्यम से दुनियाभर के समाचार पत्रों को भी ये सूचनाएं उपलब्ध हैं।

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समाचार पत्र के विषय

समाचार पत्र में देश-विदेश के ताजे समाचार तथा शासकीय, व्यापारिक एवं खेलकूद के समाचार पढ़िए। सरकारी आदेश, निर्देश, सूचनाएं देखिए। सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, साहित्यिक तथा सिने-संसार की गतिविधियों की जानकारी लीजिए। आकाशवाणी और दूरदर्शन के दिन-भर के कार्यक्रमों का विवरण पढ़िए चलचित्र जगत् का पोस्टमार्टम प्राप्त कीजिए।

समाचार पत्र के विज्ञापन व्यापार वृद्धि के प्रमुख साधन हैं। विज्ञापन समाचार पत्रों के आय के स्रोत भी हैं। संवाददाताओं, फोटोग्राफरों की आमदनी बढ़ाते हैं। लाखों कर्मचारियों को जीविका प्रदान करते हैं। लाखों हॉकरों को रोजी-रोटी देते हैं।

समाचार पत्र और लोकतंत्र

समाचार पत्र लोकतन्त्र के चतुर्थ स्तम्भ हैं, उसके जागरूक प्रहरी हैं। राजनैतिक बेईमानी, प्रशासनिक शिथिलता तथा भ्रष्टाचरण एवं मिथ्या आश्वासनों और जनता के अहितकर षड्यन्त्रों का पर्दाफाश करते हैं। 1974 से 1977 तक के आपत्कालीन तिमिरावृत भारतीय काल को चीर देने का श्रेय समाचार पत्रों को ही है। अमेरिका के वाटरगेट काण्ड का भण्डाफोड़ समाचार पत्रों ने ही किया था। चुनावों के खोखलेपन की शल्यक्रिया करने वाले ये समाचार पत्र ही हैं। भारत में प्रजातन्त्र के छद्म-वेश में परिवार तन्त्र की स्थापना के प्रति सचेत करने का दायित्व समाचार पत्र ही वहन किए हुए हैं।

समाचार पत्र के लाभ

समाचार पत्र सामाजिक कुरीतियों तथा धार्मिक अन्धविश्वासों को दूर कराने में सहायक सिद्ध हुए हैं। अखबार के सम्पादकीय बड़े-बड़ों के मिजाज ठीक कर देते हैं। ये सरकारी नीति के प्रकाशन तथा सरकार की आलोचना के भी सुन्दर साधन हैं। वास्तव में विचारों को स्पष्ट और सही रूप में प्रस्तुत करने के लिए समाचार पत्र से अधिक अच्छा साधन और कोई नहीं है। वर्तमान युग में विचारों की (बुद्धि की) प्रधानता है। सर्वत्र बुद्धिवाद का ही बोलबाला है। तर्कसम्मत और प्रभावोत्पादक ढंग से विचारों को प्रस्तुत करना ही सफलता की कुंजी है। इसके लिए समाचार पत्र सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण साधन हैं। प्रसिद्ध विचारक श्री हेन ने ठीक ही कहा है- आजकल हम विचारों के लिए संघर्ष करते हैं और समाचार पत्र हमारी किलेबन्दियाँ हैं।’

समाचार पत्र के प्रकार

समाचार संग्रह का प्रमुख साधन है- टेलीप्रिण्टर। समाचार पत्र कार्यालयों में लगी ये मशीनें अहर्निश टप-टप की ध्वनि में समाचारों को टंकित करती रहती हैं। टेलीप्रिण्टर को संचालित करती हैं-समाचार-एजेंसियाँ। ये समाचार-संग्रह की विश्व-व्यापी संस्थाएँ हैं। ये अपने संवाददाताओं द्वारा समाचार संग्रह करके टेलीप्रिण्टर द्वारा समाचार पत्रों को भेजती हैं। भारत में दो प्रमुख समाचार-एजेंसियों हैं-

(1) प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया तथा 

(2) यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया (U.N.L.)।  इनके अतिरिक्त गुट निरपेक्ष समाचार एजेंसी पूल (N.A.N.A.P.) है।

दैनिक समाचार पत्र नवीनतम दैनिक समाचारों का दस्तावेज हैं, तो साप्ताहिक-पत्र साप्ताहिक गतिविधियों के मीमांसक दर्पण। पाक्षिक, मासिक, त्रैमासिक पत्र पत्रिकाएँ विषय-विशेष के रूप को उजागर करती हैं। ये विविध रूपा हैं- जैसे साहित्यिक, राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक आदि। विशिष्ट ज्ञानवर्धक सामग्री प्रस्तुत करना इनका ध्येय है।

जैसे-जैसे मानव में ज्ञान के प्रति जागरूकता बढ़ेगी, जीवन और जगत् की जानकारी के प्रति जिज्ञासा जागृत होगी, संसार की अद्यतन गतिविधियों के प्रति जल बिन मीन की तरह छटपटाहट होगी, वह ‘समाचार पत्रम् शरणम् गच्छामि’ के उद्घोष को मुखरित करेगा।

(निबंध- 2) Essay on Newspaper in Hindi Language

समाचार पत्र जन-जागरण के सर्वश्रेष्ठ, सर्वसुलभ सस्ते तथा सुगम साधन हैं। समाचार पत्र के लेखों से जनता पर जादू का-सा प्रभाव पड़ता है। वह बुरे कर्म से सचेत होती है, अच्छी और लाभप्रद बातों का लाभ उठाती है।

जनता को विकास-पथ पर अग्रसर होने के लिए सचेत करने को जन-जागरण कह सकते हैं। जनता को सतत जागृत रखना समाचार पत्रों का दायित्व है। जन-जीवन के जागरण की विविध दिशाएँ हैं-सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक, पारिवारिक, आर्थिक, व्यापारिक, वैज्ञानिक, साहित्यिक आदि। वस्तुतः समाचार पत्र जन-जागरण के प्रहरी ही नहीं, मन्त्रदाता और मार्गदर्शक भी हैं।

महाकवि जयशंकर प्रसाद ने जागरण का अर्थ कर्म-क्षेत्र में अवतीर्ण होना माना है। वे लिखते हैं-‘कर्मक्षेत्र क्या है? जीवन-संग्राम।’ जनता को जीवन-संग्राम में अवतरित, करने में समाचार पत्र का महत्त्वपूर्ण स्थान है। इसीलिए कुछ महापुरुषों ने तो समाचारपत्रों को जनता के ‘शिक्षक’ माना है और जे. पार्टन ने उन्हें ‘जनता के विश्वविद्यालय’ स्वीकार किया है।

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समाचार पत्र और राजनीति

भारतीय स्वतन्त्रता-संग्राम में समाचार पत्रों ने जनता को राजनीतिक कर्तव्यों के प्रति जागरूक रखा। परतन्त्रता के युग में अंग्रेजों के दमन-चक्र के विरुद्ध सत्याग्रह के लिए वातावरण तैयार करने एवं अंग्रेजों के विरुद्ध जनाक्रोश उत्पन्न करने में समाचार पत्रों की भूमिका अविस्मरणीय थी।आपत्काल में इण्डियन एक्सप्रेस, वीर अर्जुन, प्रताप, पाञ्चजन्य आदि पत्रों ने अपने अग्रलेखों से जनता को जागरूक रखा।

किसी भी सरकार की नीतियों के आलोचक समाचार पत्र ही होते हैं। उनके सम्पादकीय लेख अधिनायकवादी सत्ताधारियों के मिजाज ठीक कर देते हैं। भारतीय शासन में बढ़ते और फैलते भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद तथा स्वार्थपूर्ति के लिए किए गए कुकर्मों का भंडाफोड़ भारत के समाचार पत्र ही करते रहे हैं। ब्रिटेन के प्रसिद्ध प्रधानमन्त्री डिजरायली का विचार था कि अत्याचारी शासक-वर्ग का सबसे बड़ा शत्रु समाचार पत्र हैं। प्रसिद्ध अमेरिकी संवाददाता जैक ऐम्डर्सन ने लिखा है, ‘समाचार पत्रों की स्वतन्त्रता एक पहरेदार कुत्ते की तरह है, जो कभी-कभी भयंकर रूप धारण कर सकती है और इसकी घ्राणशक्ति हमें उन अलमारियों तक ले जाती है, जिनमें सरकारों, बड़े-बड़े औद्योगिक संस्थानों तथा नेताओं की भयावनी योजनाएँ छिपी रहती हैं।’

अमेरिका के सुप्रसिद्ध ‘वाटरगेट काण्ड’ , जिसके कारण राष्ट्रपति निक्सन का पतन हुआ, जापान के शक्तिशाली प्रधानमंत्री काकुई तनाका के पतन एवं इंग्लैण्ड के मन्त्री प्रोफ्यूमा के सेक्स-काण्ड और अमेरिका के राष्ट्रपति क्विंटन के अवैध काम-सम्बन्ध के उद्घाटन का श्रेय समाचार पत्रों को ही है। भारत तो षड्यंत्रों और भ्रष्टाचरण का भवन बनता जा रहा है। नागरवाला काण्ड, बोफर्स काण्ड, चाराकाण्ड, शेयर मार्किट और बैंकों का षड्यन्त्र, एक से एक बढ़कर षड्यन्त्र होते हैं, जिन्हें समाचार पत्र ही उद्घाटित करते हैं। वे जनता के दुःख-दर्द से अनजान सत्ता की नींद हराम करते हैं।

समाचार पत्र की भूमिका

समाचार पत्र सामाजिक कुरीतियों से पर्दा उठाकर जनता को उनके विषाक्त परिणाम अवगत कराते हैं। दहेज की बलिवेदी पर चढ़ने वाली नारियों तथा सती प्रथा द्वारा आत्मदाह करने वाली पत्नियों के समाचारों को प्राथमिकता देते हैं। इधर’कल्याण’ पत्र ने धार्मिक क्षेत्र में जन-जागरण का जो कार्य किया है और कर रहा है, उसे भारतीय जनता विस्मृत नहीं कर सकेगी। उसमें धार्मिक जीवन की सुचारुता, शान्ति और प्रगति के लिए लेखों की भरमार रहती है। राष्ट्र की आर्थिक दशा का विश्लेषण करके जनता को सचेत करने में समाचार पत्र कभी पीछे नहीं रहे। आर्थिक विकास के साधनों के प्रयोग को समाचार पत्र प्रकाश में लाते रहते हैं। आर्थिक चेतना की जागृति के लिए तो भारत में अब अनेक आर्थिक दैनिक-पत्र भी छपते हैं।

जनता को वैज्ञानिक उन्नति की जानकारी देने एवं उसके हानि-लाभ से परिचित कराने का श्रेयसमाचार पत्रों को ही है। वैज्ञानिक पत्रिकाओं का उद्देश्य तो केवल यही है कि जनता वैज्ञानिक प्रयोगों और उनकी आश्चर्यजनक उपलब्धियों से परिचित रहे।जनता जानती है कि अब बड़ी-से-बड़ी बीमारी पर भी विज्ञान ने विजय प्राप्त कर ली है। तपेदिक, कैंसर, हृदय तथा मस्तिष्क रोगों से अब मानव मरता नहीं। इसी प्रकार स्वास्थ्य-रक्षा के साधनों, उनके कार्यक्रमों तथा उपायों को विस्तृत जानकारी देकर ये समाचार पत्र जनता को जागृत करते रहते हैं।

समाचार पत्र विश्व की घटनाओं का संक्षिप्त दस्तावेज हैं। प्रात: उठकर मानव ज्ञानवर्द्धन के लिए समाचार पत्र पढ़ता है। विश्व की घटनाओं के प्रति जानकारी प्राप्त करता है। व्यक्ति, समाज, राष्ट्र और विश्व के सन्दर्भ में उनका मूल्यांकन करता है। सन् 1974 में बंगलादेश में जब मार्शल लॉ लागू हुआ तो भारत की जनता सजग हो गई कि कहीं भारत पर उसका प्रभाव न पड़े। जागरूक जन-नेताओं की दूरदर्शिता सच निकली और जून, 1975 में भारत में आपत्स्थिति घोषित हो गई।

समाचार पत्र की ताकत

लोकतन्त्रात्मक राष्ट्रों में समाचार पत्र चतुर्थ जन-शक्ति है। यह जन-शकि जनता के अधिकारों के लिए लड़ती है और कर्तव्यपूर्ति के लिए जनता को प्रेरित करती है। सरकारनिर्माण के लिए मतदान के अवसर पर वह प्रत्येक प्रत्याशी और दल की गतिविधियों की समीक्षा करके उसकी अच्छाई-बुराई को स्पष्ट करती है, ताकि जनता मत डालते समय जागरूक रहे, राजनीतिज्ञों की धूर्तता के मोह-जाल में न फंस जाए।

वित्तीय घोटालों और काण्डों की राजनीति का पर्दाफास करना, जातीय हिंसा, साम्प्रदायिक विद्वेष तथा क्षेत्रीय आतंकवादी राजनीति से सरकार और जनता को सचेष्ट करना, दलीय राजनीतिक से लोकतांत्रिक मूल्यों की सुरक्षा के लिए तर्क करना तथा देशद्रोहियों की मतिविधियों से जागरित करना चतुर्थ जन-शक्ति का कर्तव्य है।

इस प्रकार जनता को जागरूक रखने का बहुत बड़ा श्रेय समाचार पत्रों को है। जनता के अधिकारों के लिए लड़ना और जनता को अपने कर्तव्यों के प्रति सचेत करना समाचारपत्र अपना धर्म समझते हैं। अत्याचार और अनाचार के विरुद्ध जनता में पाँचजन्य का घोष करके एवं उसे क्रान्ति के लिए प्रस्तुत करके, उसे आर्थिक, धार्मिक तथा सामाजिक विद्रोही तत्त्वों से सजग रखने में ही समाचार पत्रों की इतिकर्तव्यता है।

(निबंध- 3) Essay on Newspaper in Hindi 

समाचार पत्र वर्तमान जीवन का दर्पण है, अद्यतन ज्ञान का प्रदाता है। जीवन में विश्व हलचल की जानकारी का माध्यम है। यह जनता को जागृत करते का सर्वश्रेष्ठ, सर्वप्रिय, सस्ता तथा सुलभ साधन है। लोकतन्त्रात्मक राष्ट्रों में समाचार पत्र जन-शक्ति का चतुर्थ स्तम्भ है, क्योंकि यह जन-जीवन की भावनाओं की अभिव्यक्ति का माध्यम समाचार पत्र वर्तमान-युग की ‘बेड टी’ है। जिस प्रकार बिना “बेड टी” आज का तथाकथित सभ्य नागरिक बिस्तर के नीचे पाँव नहींरखता, उसी प्रकार मानसिक भूख मिटाने लिए ‘समाचार पत्र’ पढ़े बिना उसे चैन नहीं पड़ता। कुछ लोग प्रात: उठकर दर्पण में अपना मुंह देखते हैं, कुछ हथेलियों के माध्यम से आत्म-दर्शन करते हैं, उसी प्रकार आज का शिक्षित नागरिक समाचार पत्ररूपीदर्पण में विश्व-दर्शन किए बिना सन्तुष्ट नहीं हो पाता। वर्तमान-जीवन में समाचार पत्र का इससे बढ़कर महत्त्व क्या होगा कि समाचार पत्र पढ़ने का अभ्यस्त व्यक्ति प्रात:काल उसके दर्शनों के अभाव में ऐसा तड़पता है, जैसे जल के बिना मछली।

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समाचार पत्र और संस्कृति का संबंध

भारतीय संस्कृति का उद्घोष है, ‘वसुधैव कुटुम्बकम्।’ इसके कार्यान्वयन का भार वहन किया समाचार पत्रों ने। समाचार पत्र विश्व के समाचारों का संग्रह है, सांसारिक जीवन की गतिविधि का दर्पण है। वह वसुधा के समाचारों को समस्त कुटुम्ब तक पहुंचाना अपना लक्ष्य मानता है। इस प्रकार समाचार पत्र वर्तमान जीवन में ज्ञानवर्धन का माध्यम है। इसीलिए आजकल लड़ाई का मैदान विश्व के राष्ट्र कभी-कभी ही होते हैं। कारण, समाचार पत्रों ने इनका स्थान ले लिया है। नेताओं, राष्ट्र और राज्य के दृष्टिकोण के समर्थन, प्रचार एवं प्रसार के लिए समाचार पत्र प्रतिदिन अग्नि-वर्षा करने से नहीं चूकते। समाचार पत्र लोकतान्त्रिक राष्ट्रों में जन-शक्ति के महान् प्रदर्शक है। जनता की भावनाओं की अभिव्यक्ति का माध्यम है, राष्ट्र के कर्णधारों के बहरे कानों में जनता की आवाज फूंकने वाला पाँच जन्य है। भारत के सूखा पीड़ितों को बेहाली, जनता की असुरक्षा की घटनाओं, चोरी, डाके, बलात्कार, दलितों पर हुए अत्याचारों तथा पीड़ित जनता की चीत्कार को प्रकट कर भारत के समाचार पत्रों ने सरकार को झझकोरा है।

समाचार पत्र का महत्व

समाचार पत्र जन जागरण के वैतालिक हैं। एक सजग प्रहरी की भांति समाचारपत्र भयंकर रूप भी धारण कर सकते हैं। वे हमें अपनी दिव्य दृष्टि एवं तीव्र सूझबूझ के माध्यम से उन आलमारियों तक ले जाते हैं, जिनमें सरकारों, बड़े-बड़े औद्योगिक संस्थानों तथा स्वार्थी नेताओं की भयावनी योजनाएं छिपी रहती हैं। अमेरिका के सुप्रसिद्ध ‘वाटरगेट काण्ड’ , जापान के शक्तिशाली प्रधानमन्त्री काकुई तनाका का पतन, इंग्लैण्ड के मन्त्री प्रोफ्यूमा कासेक्स-काण्ड एवं भारत में बोफर्स काण्ड, चाराकाण्ड, क्रिकेट-मैच फिक्सिंग काण्ड आदि बीसियों काण्डों का प्रकाशन समाचार पत्रों द्वारा जन-जागरण के चलन्त प्रमाण हैं। इसीलिए विश्वविख्यात वीर नेपोलियन ने कहा था, ‘मैं लाखों विरोधियों की अपेक्षा तीन विरोधी समाचार पत्रों से अधिक भयभीत रहता हूँ।’

समाचार पत्र ही जनमत तैयार करने का सबसे सुलभ साधन है। प्रकाशित समाचारों, अग्रलेखों और सम्पादकीय टिप्पणियों में जनता की विचारधारा मोड़ने और दृष्टिकोण को बदलने की महती शक्ति होती है। आपत्काल की ज्यादतियों एवं संजय राज नारायण चरण सिंह की विभेदक नीतियों से राष्ट्र को खतरे की घण्टी बजा-बजाकर समाचार पत्रों ने इन सबके प्रति जनता के मनों में क्षोभ उत्पन्न किया। रूस के अधिनायकवादी रवैये पर समाचार पत्र ही टिप्पणियां लिख-लिखकर जनता को सही बात समझाने की चेष्टा करते रहे। अमेरिका की चौधराहट पर रोष प्रकट करने का कार्य समाचार पत्र ही करते हैं।

समाचार पत्र और विज्ञापन का संबंध

जीवन में विज्ञापन का बहुत महत्त्व है। किसी वस्तु, भाव या विचार को विज्ञापन द्वारा प्रसिद्ध किया जा सकता है, प्रधानता दिलाई जा सकती है। समाचार पत्र विज्ञापन का एक बड़ा साधन है। इसमें प्रकाशित विज्ञापन पढ़े जाते हैं। ये विज्ञापन पाठक पर अपना प्रभाव भी छोड़ते हैं। इसीलिए व्यापारी वर्ग विज्ञापन के लिए समाचार पत्रों का सहारा लेकर व्यापार की वृद्धि करते हैं। दूसरी ओर अपने विचारों के प्रचार और प्रसार के लिए राजनीतिक, सामाजिक तथा धार्मिक संस्थाएँ अपने-अपने अखबार निकालती हैं। समाचार पत्र योग्य वर या वधू, काम के लिए उपयुक्त कर्मचारी, कार्यालय या निवास के लिए उचित स्थान की खोज का श्रेष्ठ एवं सरल साधन बन गए हैं।

वर्तमान युग में नवोदित लेखकों एवं कवियों कवयित्रियों को प्रकाश में लाने का श्रेय भीसमाचार पत्रों को है। अपरिचित लेखकों को जनता समाचार पत्रों के माध्यम से आँखों पर बैठाती है, उनके प्रति श्रद्धा प्रकट करती है। यश के साथ-साथ समाचार पत्र आय का साधन भी हैं। लेखक को लेख का पारिश्रमिक मिलता है, कवि-कवयित्री को अपनी प्रकाशित कविता के लिए दक्षिणा प्राप्त होती है।

इन सबसे बढ़कर समाचार पत्र लाखों लोगों की आजीविका का साधन है। समाचारपत्रों के कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारी, सम्पादक, संवाददाता, फोटोग्राफर, समाचार एजेंसियों के कर्मचारी, कम्पोजिटर, मशीनमैन आदि लाखों लोग समाचार पत्रों से अपनी रोजी-रोटी चलाते हैं।

समाचार पत्र के बिना आज का मानव जगत् की घटनाओं से अनभिज्ञ अंधेरे में ही रह जाता है।सुचारु जीवन जीने की कला से अनभिज्ञ रहता है। विश्व की कुटुम्बीय भावना को नकारता है। किसी कवि ने ठीक ही कहा- 

हैइस अन्धियारे विश्व में, दीपक है अखबार।  सुपथ दिखावे आपको, आँख करत है चार।।

(निबंध- 4) Newspaper Essay in Hindi

समाचार पत्र और लेखक.

पत्रकार लोकतंत्र में एक जागरूक प्रहरी की सार्थक भूमिका का निर्वाहक होता है और समाचार पत्र लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहां गया है। समाचार पत्र और पत्रकार ही समाज की खोई शक्ति को पुनः जागृत करने का कार्य करते हैं। पत्रकार ही अपने समाचार पत्र के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों और धार्मिक अंधविश्वासों को उजागर कर समाज को जागरूक बनाते हैं। कवि मनोहर लाल ‘रत्नम’ ने अपनी कविता ‘पत्रकार प्रहरी होता है’ में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया है कि-

लोकतंत्र की मर्यादा का, पत्रकार प्रहरी होता है।

मन का भावुक पत्रकार यह, समय पड़े जहरी होता है।

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सत्य घटना व जानकारी का स्रोत

लोकतंत्र में पत्रकार सत्य और सही बात कहने में बिल्कुल भी संकोच नहीं करता। राजनैतिक बेईमानी, प्रशासन की कमजोरियाँ, चहूँ ओर फैला भ्रष्टाचार, नेताओं के झूठे आश्वसनों का पत्रकार ही पर्दाफाश करता है। वर्तमान में पत्रकार दो प्रकार से देखे जा सकते हैं, एक तो प्रकाशन समुदाय से जुड़े पत्रकार जिसे आज हम ‘प्रिंट मीडिया’ के नाम से जानते हैं और (दूसरे मीडिया से जुड़े अर्थात् दूरदर्शन प्रणाली के पत्रकार दोनों के पत्रकार चाहे समाचार पत्र से जुड़े हों या दूरदर्शन से, समाचार एकत्र करने में अपने दायित्व का निर्वाह करते देखे गये हैं।

वर्तमान में युग दूरदर्शन का है और विभिन्न चैनलों के माध्यम से आज पत्रकार अपने कार्य को सुचारू रूप से कर रहे हैं। लोकतंत्र में पत्रकार आज इतना जागरूक है कि ‘तहलका’ और ‘तेलगी’ जैसे घिनौने कार्य का पत्रकारों ने अपनी जान पर खेलकर फर्दाफाश किया है। लोकतंत्र में इन पत्रकारों को इतनी स्वतंत्रता मिल पाना ही लोकतंत्र की जीत कही जा सकती है।

भारत देश प्रजातंत्र के भेष में परिवार तंत्र की स्थापना के प्रति समाज और देश को सचेत करने दायित्व इन पत्रकारों ने ही निभाया है। देश में हो रहे अनेकों काण्ड चारा घोटाला काण्ड, चीनी काण्ड, शेयर घोटाला काण्ड, बोफोर्स काण्ड, ताबूत काण्ड इत्यादि अनेकों घोटालों का भंडाफोड़ पत्रकारों ने ही किया है, यही कारण है कि आज बड़े-बड़े नेता भी यदि भय खाते हैं तो इस प्रकार के कर्तव्यनिष्ठ खोजी पत्रकारों से, जिनके प्रयास से नेताओं की काली करतूते जनता के सामने आती हैं।

पत्रकार अपनी लेखनी की पैनीधार से राजनीति की भी बखिया उधेड़ते ही रहते हैं। यदि देश का पत्रकार अपने कर्तव्य में विमुख हो जाये तो सारा समाज गेंदला हो जायेगा। पत्रकार अग्रणी होकर समाज में होरही अनेक घटनाओं की जानकारी जनता के समक्ष रखते

पत्रकार लोकतांत्रिक राष्ट्र ने जन-शक्ति का महान् प्रदर्शक है, जिसकी तत्परता से ही समाज में जागकरण आता है। पत्रकार ही जनता की भावनाओं की अभिव्यक्ति का माध्यम है। पत्रकारों का साहस है कि वह अपने उस खुफिया कैमरे के माध्यम से बिक्रीकर अधिकारियों, आयकर विभाग के कर्मचारियों, नेताओं और पुलिस को रिश्वत लेते हुए दूरदर्शन के चैनलों पर दिखाकर लोकतंत्र में अपने दायित्व को निभाया है, ताकि देश की जनता इनके असली स्वरूप को पहचान सके।

समाज का आम नागरिक तो रात को अपने घर में आराम कर रहा होता है और पत्रकार खबरें खोज रहा होता है। टी.वी. पर अनेक चैनलों ने नये ढंग से विस्तार के साथ समाचारों को प्रसारित करना प्रारंभ किया है जिनमें सनसनी, अचल हैंडरेड, पुलिस फाईल में, कालकपाल-महाकाल, वारदाता, सी.आई.डी., नाम से जो कार्यक्रम टी.वी. पर विभिन्न चैनलों द्वारा प्रसारित किये जाते हैं उनको बनाने में, फिल्माने में पत्रकारों का साहस और उनका कर्तव्य भी प्रशंसनीय है। तभी से कहा गया है कि अपने देश की सीमाओं का पत्रकार प्रहरी होता है।’

प्रहरी पत्रकार के प्रतिनिधि मंडल के मुखिया से यह पूछ लिया कि आपकी कार में ‘लालबत्ती’ किस हैसियत से लगी है, क्योंकि आप न तो विधायक हैं, न सांसद हैं और नही कोई मंत्री हैं तो गाड़ी पर लालबत्ती का कारण? इतना सुनते उस मुखिया के हिमायतियों ने पत्रकार के साथ मारपीट शुरू कर दी; उसी क्षण सभी टी.वी. चैनलों के पत्रकारों ने वह मारपीट और उस तथाकथित मुखिया नेता द्वारा बोली जा रही अभद्र भाषा को फिल्माकर पूरे देश को दिखा दिया। लोकतंत्र में पत्रकार ने केवल ‘लालबत्ती’ के अधिकार का प्रश्न ही पूछा तो हँगामा इतना हो गया कि जैसे किसी चोर को चोरी करते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया गया हो।

आज के समय में पत्रकारिता का कार्य बड़ा जोखिम भरा है और जब तक पत्रकार निडर और निर्भीक नहीं है तब तक वह व्यक्ति पत्रकार के कार्य को भली प्रकार नहीं निभा सकता। आजकल तो महिलाएँ इस क्षेत्र में रुचि लेकर आगे आ रही हैं। भारत देश के नेता तो पूरे देश को दागी और कलंकित करने पर उतारू हो रहे लगते हैं और पत्रकार लोकतंत्र में अपने दायित्व को निभाने में तत्पर हैं।

लोकतंत्र में कपटतंत्र है, संविधान है मौन। 

पत्रकार है सजग देश का, और न्याय है मौन।

Frequently Asked Questions

उत्तर: 1816 में

उत्तर: अंग्रेजी में

उत्तर: गंगाधर भट्टाचार्य

उत्तर: कोलकाता में

उत्तर: जेम्स हिकी को

उत्तर: 1674 में

उत्तर: जोहान कैरोलस

दोस्तों मुझे आशा है कि आपको हमारा लेख समाचार पत्र पर निबंध (Essay on Newspaper) पढ़ कर अच्छा लगा होगा और आपके सभी प्रश्नों के उत्तर मिल गए होगें।

यदि आपको यह लेख News paper in hindi अच्छा लगा हो इससे आपको कुछ सीखने को मिला हो तो आप अपनी प्रसन्नता और उत्सुकता को दर्शाने के लिए कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook , Google+, Twitter इत्यादि पर Share कीजिए।

इन्हें भी पढ़ें : 

  • ई-रूपी क्या है (What is eRUPI in Hindi)
  • बैंक दर क्या है (What is Bank Rate in Hindi)
  • अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष क्या हैं (What is IMF in Hindi)

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अच्छी व्याख्या एवं व्यायकरण

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समाचार पत्र पर निबंध | Essay on newspaper in Hindi | Essay in Hindi | Hindi Nibandh | हिंदी निबंध | निबंध लेखन | Essay on newspaper in Hindi

By: savita mittal

समाचार-पत्र की वर्तमान सार्थकता | Essay on newspaper in Hindi

समाचार-पत्रों का महत्त्व, समाचार पत्र पर निबंध यहाँ जानें | essay on newspaper hindi mein video.

समाचार पत्र जनसंचार का एक सशक्त माध्यम है। समाचार पत्रों की निष्पक्षता, निर्भीकता एवं प्रामाणिकता के कारण इनकी विश्वसनीयता में तेजी से वृद्धि हुई है। यही कारण है कि सन्तुलित तरीके से समाचारों का प्रस्तुतीकरण कर रहे समाचार पत्रों की बिक्री दिनों-दिन बढ़ती ही जा रही है।

सोलहवीं शताब्दी में प्रिण्टिंग प्रेस के आविष्कार के साथ ही समाचार पत्र की शुरुआत हुई थी , किन्तु इसका वास्तविक विकास अठारहवीं शताब्दी में हो सका। उन्नीसवीं शताब्दी आते आते इनके महत्व में तेजी से वृद्धि होने लगी, जिससे आगे के वर्षों में यह एक लोकप्रिय एवं शक्तिशाली माध्यम बनकर उभरा। समाचार पत्र कई प्रकार के होते है-त्रैमासिक, मासिक, पाक्षिक, साप्ताहिक एवं दैनिक। कुछ नगरों में समाचार-पत्रों के प्रात कालीन व सायकालीन संस्करण भी प्रस्तुत किए जाते हैं। इस समय विश्व के अन्य देशों के साथ-साथ भारत में भी दैनिक समाचार-पत्रों की संख्या अन्य प्रकार के पत्रों से अधिक है। भारत में भी समाचार-पत्रों की शुरुआत अठारहवीं शताब्दी में ही हुई थी।

भारत का पहला ज्ञात समाचार-पत्र अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित ‘बंगाल गजट था। इसका प्रकाशन 1780 ई. में जेम्स ऑगस्टस हिकी ने शुरू किया था। कुछ वर्षों बाद अंग्रेजों ने इसके प्रकाशन पर प्रतिबन्ध लगा दिया। हिन्दी का पहला समाचार पत्र ‘उदन्त मार्तण्ड था। आरएनआई की वर्ष 2015-16 की प्रकाशित वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान समय में देशभर में पंजीकृत समाचार पत्रों की संख्या लगभग एक लाख है। भारत में अंग्रेजी भाषा के प्रमुख दैनिक समाचार-पत्र ‘द टाइम्स ऑफ इण्डिया’, ‘द हिन्दू, ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ इत्यादि है। हिन्दी के दैनिक समाचार-पत्रों में ‘दैनिक जागरण’, ‘दैनिक भास्कर’, ‘हिन्दुस्तान’, ‘नव भारत टाइम्स’, ‘नई दुनिया’ एवं ‘जनसत्ता’ इत्यादि प्रमुख है।

Essay on newspaper in Hindi

यहाँ पढ़ें :  1000 महत्वपूर्ण विषयों पर हिंदी निबंध लेखन यहाँ पढ़ें :  हिन्दी निबंध संग्रह यहाँ पढ़ें :  हिंदी में 10 वाक्य के विषय

जहाँ तक समाचार-पत्रों के कार्यों की बात है, तो यह लोकमत का निर्माण, सूचनाओं का प्रसार, भ्रष्टाचार एवं घोटालों का पर्दाफाश तथा समाज की सच्ची तस्वीर प्रस्तुत करने के लिए जाना जाता है। समाचार-पत्रों में हर वर्ग के लोगों को ध्यान में रखते हुए समाचार, फीचर एवं अन्य जानकारियाँ प्रकाशित की जाती है। लोग अपनी रुचि एवं आवश्यकता के अनुरूप समाचार, फीचर या अन्य विविध जानकारियों को पढ़ सकते हैं। 

टेलीविजन के न्यूज चैनलों के विज्ञापन से जहाँ झल्लाहट होती है, वहीं समाचार-पत्र के विज्ञापन पाठक के लिए सहायक सिद्ध होते हैं।रोजगार की तलाश करने वाले लोगों एवं पेशेवर लोगों की तलाश कर रही कम्पनियों के लिए समाचार-पत्रों का विशेष महत्व है। तकनीकी प्रगति के साथ ही सूचना प्रसार में आई तेजी के बावजूद इण्टरनेट एवं टेलीविजन इसका विकल्प नहीं हो सकते। समाचार-पत्रों से देश की हर गतिविधि की जानकारी तो मिलती ही है, साथ ही मनोरंजन के लिए इनमें फैशन, खेल सिनेमा इत्यादि समाचारों को भी पर्याप्त स्थान दिया जाता है। समाचार-पत्र सरकार एवं जनता के बीच एक सेतु का कार्य भी करते हैं। 

आम जनता समाचार-पत्रों के माध्यम से अपनी समस्याओं से सबको अवगत करा सकती है। इस तरह, आधुनिक समाज में समाचार-पत्र लोकतन्त्र के प्रहरी के रूप में कार्य करता है। वर्तमान युग विज्ञान एवं वैश्वीकरण का युग विश्व के अधिकांश देश अपनी संस्कृति, राजनीतिक एवं आर्थिक गतिविधियों से जुड़े हुए हैं। इसमें भी है जिसमें लगभग आले ही समाचार प्रदाताओं के स्वरूप में बदलाव आया है, किन्तु समाचार-पत्रों का महत्व कम नहीं हुआ है, आज भी अपने रूपों में जीवित है।

समाचार-पत्रों की शक्ति का वर्णन करते हुए अकबर इलाहाबादी ने कहा है “खींचो न कमानों को न तलवार निकालो। जब तोप मुकाबिल हो तो अखबार निकालो।” समाचार-पत्रों की शक्ति का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि कई बार लोकमत का निर्माण करने में ये महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लोकमत के निर्माण के बाद जनक्रान्ति ही नहीं, बल्कि अन्य अनेक प्रकार का परिवर्तन सम्भव है। 

यहाँ तक कि कभी-कभी सरकार को गिराने में भी ये सफल रहते हैं। बिहार में लालू प्रसाद यादव द्वारा किया गया चारा घोटाला, आन्ध्र प्रदेश में तेलगी द्वारा किया गया डाक टिकट घोटाला, ए. राजा का 2-जी स्पेक्ट्रम घोटाला, कलमाड़ी का राष्ट्रमण्डल खेल घोटाला इत्यादि अनेक प्रकार के घोटालों, मैच फिक्सिंग के पर्दाफाश में समाचार-पत्रों की भूमिका महत्त्वपूर्ण रही है।

भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम में भी समाचार-पत्रों ने महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की। बीसवी शताब्दी में भारतीय समाज में स्वतन्त्रता की अलख जगाने एवं इसके लिए प्रेरित करने में तत्कालीन समाचार-पत्रों की भूमिका महत्त्वपूर्ण थी। महात्मा गाँधी, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, सुरेन्द्रनाथ बनर्जी, लाला लाजपत राय, अरविन्द घोष, मदन मोहन मालवीय, गणेश शंकर विद्यार्थी जैसे अमर स्वतन्त्रता सेनानी भी पत्रकारिता से प्रत्यक्षतः जुड़े हुए थे। इन सबके अतिरिक्त मुंशी प्रेमचन्द, भारतेन्दु हरिश्चन्द्र, माखनलाल चतुर्वेदी, प्रतापनारायण मिश्र जैसे साहित्यकारों ने पत्रकारिता के माध्यम से समाचार-पत्रों को स्वतन्त्रता संघर्ष का प्रमुख एवं शक्तिशाली हथियार बनाया। नेपोलियन ने कहा था-“मैं लाखों बन्दूको की अपेक्षा तीन विरोधी समाचार-पत्रों से अधिक इत्ता हूँ।”

इधर कुछ वर्षों से धन देकर समाचार प्रकाशित करवाने एवं व्यावसायिक लाभ के अनुसार ‘पेड न्यूज’ समाचारों का चलन बढ़ा है। इसके कारण समाचार-पत्रों की विश्वसनीयता पर प्रश्न उठने शुरू हो गए हैं। इसका कारण यह है कि भारत के अधिकतर समाचार-पत्रों का स्वामित्व किसी-न-किसी उद्योगपति घराने के पास है। जनहित एवं देशहित से अधिक इन्हें अपने उद्यमों के हित की चिन्ता रहती है। इसलिए ये अपने हितों को प्राथमिकता देते हैं। सरकार एवं विज्ञापनदाताओं का प्रभाव भी समाचार-पत्रों पर स्पष्ट देखा जा सकता है।

प्राय: समाचार पत्र अपने मुख्य विज्ञापनदाताओं के विरुद्ध कुछ भी छापने से बचते हैं। इस प्रकार की पत्रकारिता किसी भी देश के लिए घातक होती है। पत्रकारिता, व्यवसाय से अधिक सेवा है। व्यावसायिक प्रतिबद्धता पत्रकारिता के मूल्यों को नष्ट करती है।

इस प्रकार यह कहा जा सकता है, कि किसी भी देश में जनता का मार्गदर्शन करने के लिए निष्पक्ष एवं निर्भीक समाचार-पत्रों का होना आवश्यक होता है। समाचार-पत्र देश की राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों की सही तस्वीर प्रस्तुत करते हैं। चुनाव एवं अन्य परिस्थितियों में सामाजिक एवं नैतिक मूल्यों से जन-साधारण को अवगत कराने की जिम्मेदारी भी समाचार-पत्रों को वहन करनी पड़ती है। इसलिए समाचार-पत्रों के अभाव में स्वस्थ लोकतन्त्र की कल्पना भी नहीं की जा सकती।

महात्मा गाँधी ने समाचार-पत्रों के बारे में बड़ी ही महत्त्वपूर्ण एवं स्पष्ट बात कही है-समाचार-पत्रों के तीन उद्देश्य होने चाहिए।

(i) जनमानस की लोकप्रिय भावनाओं को समझना और उन्हें अभिव्यक्ति देना,  (ii) लोगों में वांछनीय संवेदना जागृत करना एवं  (iii) लोकप्रिय दोषों को बेधड़क बेनकाब करना। 

यदि समाचार-पत्रों के मालिक और इनके सम्पादन से सम्बद्ध लोग महात्मा गाँधी की कही इन बातों से प्रेरणा लेकर समाचार-पत्रों को प्रकाशित करें, तो निश्चय ही इनसे जनमानस और देश का कल्याण होगा।

reference Essay on newspaper in Hindi

essay writing on newspaper in hindi

मेरा नाम सविता मित्तल है। मैं एक लेखक (content writer) हूँ। मेैं हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे लिखने के साथ-साथ एक एसईओ (SEO) के पद पर भी काम करती हूँ। मैंने अभी तक कई विषयों पर आर्टिकल लिखे हैं जैसे- स्किन केयर, हेयर केयर, योगा । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं।

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समाचार पत्र का महत्व पर निबंध – Essay on Importance of Newspaper in Hindi

समाचार पत्र का महत्व पर निबंध (Essay on importance of newspaper in Hindi): ज्ञान प्राप्त करने के कई तरीके हैं. उनमें से एक है समाचार पत्र. स्कूल के किताबों के अलावा खाली समय में बच्चों को समाचार पत्र पढ़ना चाहिए. समाचार पत्र के माध्यम से आप कुछ ही मिनटों में दुनिया भर का खबर प्राप्त कर सकते हैं. ऐसे और बहुत सारे समाचार पत्र के लाभ है जो इस निबंध में बताये गए हैं.  

समाचार पत्र का महत्व पर निबंध (500 शब्द ) – Essay on Importance of Newspaper in Hind

भूमिका – भारत में समाचार पत्रों का विकास – समाचार पत्रों के प्रकार – समाचार पत्रों के लाभ – समाचार पत्रों से हानियां  – उपसंहार

समाचारों को एक स्थान से दूसरे स्थानों तक पहुंचाने की परिपाटी बहुत प्राचीन काल से चलती आ रही है. प्रारम्भ में पत्रों द्वारा, मनुष्यों द्वारा समाचार दूर-दूर तक पहुंचाये जाते थे. राजकीय आदेशों को ढोल पीट-पीट कर जनता तक पहुंचाया जाता था. राजकीय आदेशों को ढोल पीट-पीट कर जनता तक पहुंचाया जाता था. आज के विज्ञानं ने मुद्रण या छापाखाना व यातायात को ऐसे द्रुतगामी साधन बनाये हैं जिससे समाचार पत्र का विकास विश्व व्यापी हो चूका है. समाचार पत्र का उद्भव सोलहवीं शताब्दी में चीन में हुआ था. ‘ पोकिंग गजट ‘ विश्व का प्रथम समाचार पत्र था. समाचार पत्र का परिष्कृत रूप 17वीं शताब्दी में इटली में हुआ था. मुद्रण यंत्र के विकास के साथ साथ समाचार पत्रों का विकास भी होता गया. अतः समाचार पत्रों का सबसे अधिक महत्त्व बढ़ चुका है.  

भारत में समाचार पत्रों का विकास

भारत में अंग्रेजों के आने के बाद ही समाचार पत्रों का जन्म हुआ. भारत में 1780 ई में ‘ बंगाल गजट ‘ नामक दूसरा समाचार पत्र निकाला. तदनन्तर कई अन्य अंग्रेजी समाचार पत्र भारत में प्रकाशित होते गये. भारतीय भाषाओँ में समाचार पत्र सर्वप्रथम सन् 1821 में बंगला में ‘संवाद कौमुदी’ प्रकाशित हुआ. हिंदी का पहला समाचार पत्र ‘ उदन्त-मार्तण्ड ‘ 30 मई, सन् 1826 में प्रकाशित हुआ. उसके बाद अंग्रेजी व अन्य भारतीय भाषाओं में अनेक समाचार पत्र निकलते गये. आज समाचार पत्रों ने प्रत्येक व्यक्ति को बहुत प्रभावित किया है.  

samachar patra ka mahatva par nibandh

समाचार पत्रों के प्रकार                          

आज के युग में कई प्रकार के समाचार पत्र निकलते हैं. इन्हें दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक, त्रै मासिक व वार्षिक आदि कई भेदों में विभक्त किया जा सकता है. दैनिक पत्रों में प्रतिदिन की घटनाएं समाचार के रूप में आती हैं. अन्य पत्र विभिन्न प्रकार की घटनाओं का विश्लेषण व विद्वानों के विचार प्रस्तुत करते हैं. उनमें कई पत्र राजनैतिक, सामाजिक, धार्मिक व साहित्यक होते हैं. वार्षिक पत्र के रूप में विशेषांक स्मारिका निकलती है. 

समाचार पत्रों के लाभ

सारे विश्व में घटित घटनाओं को समाचार पत्र ही जन-जन तक पहुंचाते हैं. प्रत्येक समाचार पत्रों के संवाददाता व पत्रकार हर जगह मौजूद होते हैं जो तुरंत समाचारों को भेजते हैं. इसके अतिरिक्त कई समाचार ऐजेंसियों के द्वारा भी समाचार इकट्ठे किये जाते हैं. समाचार पत्र ज्ञानवर्धन का प्रमुख साधन हैं. समाचार पत्र सारे विश्व के ज्ञान को अपने पाठक तक पहुंचाने में सक्षम हैं. मासिक पत्र अधिकतर अलग-अलग विषयों पर होते हैं. जो साहित्य, राजनीती, इतिहास, भूगोल, विज्ञान आदि सभी क्षेत्रों का ज्ञान हमें सहज में ही प्रदान कर देते हैं. इसके अतिरिक्त समाचार पत्र हमारे लिए मनोरंजन के साधन भी हैं. इनमें कार्टून मनोरंजक व व्यंग्य भरे होते हैं. इसके अतिरिक्त इनमें कहानी, नाटक, प्रहसन, चुटकुले आदि आते हैं, जो हमारा भरपूर मनोरंजन करते हैं. समाचार पत्रों में विभिन्न प्रकार के विज्ञापन आते हैं जो हमें दिन प्रतिदिन की उपयोगी वस्तुओं का ज्ञान देते हैं व उत्पादक तथा उपभोक्ता दोनों को लाभ पहुंचाते हैं.  

समाचार पत्रों से हानियां   

समाचार पत्रों से जहां हमें अनेक प्रकार के लाभ हैं वहीँ दूसरी ओर कुछ हानियां भी हैं. आजकल धन कमाने के उद्देश्य से ऐसी पत्रिकाओं को भी प्रकाशित किया जाता है जिनमें अश्लील साहित्य व अश्लील चित्र बने रहते हैं जिनसे कई युवक गुमराह हो जाते हैं और उनका नैतिक पतन हो जाता है. इसके अतिरिक्त कई समाचार इतने बढ़ा-चढ़ा कर दिये जाते हैं कि उनसे कई प्रकार के दंगे व झगड़े पैदा हो जाते हैं जिससे कई लोग हताहत होते हैं.

समाचार पत्र हमारे लिए दृष्टी से उपयोगी हैं लेकिन हमें गलत साहित्य का अध्ययन नहीं करना चाहिए. हमें सदैव अच्छी चीज को ग्रहण कर बुरी चीज त्याग देनी चाहिए.

आपके लिए :-

  • समाचार पत्र पर निबंध
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  • शिष्टाचार पर निबंध
  • विज्ञान का महत्व पर निबंध

ये था समाचार पत्र का महत्व पर निबंध (Essay on importance of newspaper in Hindi). उम्मीद है समाचार पत्र का महत्व के ऊपर लिखा गया ये निबंध आपको पसंद आया होगा. समाचार पत्र के महत्त्व बारे में अगर आपको और कुछ पता है तो हमें जरूर बताएं. धन्यवाद.  

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दा इंडियन वायर

समाचार पत्र या अखबार पढ़ने पर निबंध

essay writing on newspaper in hindi

By विकास सिंह

reading newspaper essay in hindi

विषय-सूचि

समाचार पत्र पढ़ने पर निबंध, essay on newspaper reading in hindi (200 शब्द)

अख़बार पढ़ना सबसे अच्छी आदतों में से एक है, जिसे लोग अपना सकते हैं। यह एक जगह पर बैठे दुनिया भर की सभी घटनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करता है।

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और समाज में आराम से और शांति से रहने के लिए व्यक्ति को यह जानना चाहिए कि उसके आसपास क्या चल रहा है। समाचार पत्र न केवल आपके आसपास के क्षेत्र के बारे में जानकारी प्रदान करने में मदद करता है बल्कि आपको दुनिया भर की महत्वपूर्ण खबरों से परिचित कराता है।

पहले के समय में, केवल कुछ ही प्रकाशन होते थे लेकिन अब बाजार में कई समाचार पत्र उपलब्ध हैं। समाज में विभिन्न वर्गों की जरूरतों को पूरा करने के लिए विभिन्न डोमेन को कवर करने वाले विशेष समाचार पत्र हैं। उदाहरण के लिए, आप इकोनॉमिक टाइम्स, बिजनेस स्टैंडर्ड और द फाइनेंशियल एक्सप्रेस जैसे बिजनेस अखबारों पर हाथ रख सकते हैं।

इसी तरह, महानगरीय शहरों में क्या चल रहा है, यह जानने के लिए आप मेट्रोपॉलिटन डेली न्यूजपेपर चुन सकते हैं। हालांकि, सामान्य हित अखबार के लिए जाना सबसे अच्छा है जिसमें सभी प्रकार के स्थानीय और वैश्विक समाचार शामिल हैं। इन समाचार पत्रों को प्रासंगिक समाचार खोजने में आसान बनाने के लिए अलग-अलग खंडों में विभाजित किया गया है।

समाचार पत्र पढ़ना न केवल वर्तमान मामलों में एक अंतर्दृष्टि देता है, बल्कि शब्दावली को भी बढ़ाता है और पढ़ने के कौशल में सुधार करता है। इस प्रकार यह विशेष रूप से छात्रों के लिए अनुशंसित है।

समाचार पत्र पढ़ने पर निबंध, newspaper reading essay in hindi (300 शब्द)

प्रस्तावना :.

समाचार पत्र हमारे इलाके के साथ-साथ दुनिया के अन्य हिस्सों के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं। समाज में विभिन्न लोगों की जरूरतों और रुचि को पूरा करने के लिए विभिन्न प्रकार के समाचार पत्र प्रकाशित किए जाते हैं। अखबार पढ़ना हर किसी के लिए फायदेमंद होता है। हालांकि, छात्रों को विशेष रूप से नियमित रूप से अखबार पढ़ने की सलाह दी जाती है क्योंकि ये उन्हें कई लाभ प्रदान करते हैं।

छात्र जीवन में समाचार पत्र का महत्व :

इसीलिए छात्रों के लिए अखबार पढ़ना महत्वपूर्ण है:

पढ़ना कौशल में सुधार :

छात्रों को अपने पढ़ने के कौशल को बढ़ाने के लिए अखबार को जोर से और स्पष्ट रूप से पढ़ना चाहिए। किसी भी खबर के तीन-चार पैराग्राफ पढ़ना जो उन्हें रोजाना रुचि देता है, उनके पढ़ने के कौशल को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।

ज्ञानवर्धी :

समाचार पत्रों में खेल, राजनीति और व्यवसाय सहित विभिन्न क्षेत्रों के बारे में नवीनतम जानकारी शामिल है। नियमित रूप से अखबार पढ़ने से सामान्य ज्ञान को बढ़ाने में मदद मिलती है और इससे करंट अफेयर्स के बारे में भी जानकारी मिलती है। विभिन्न विषयों पर अच्छा ज्ञान होने से छात्रों को अपने साथियों पर बढ़त मिलती है।

शब्दावली को मजबूत करें :

समाचार पत्रों के लेख और समाचार लेखन में समृद्ध शब्दावली शामिल है। जो छात्र नियमित रूप से अखबार पढ़ते हैं, वे एक अच्छी शब्दावली विकसित करते हैं जो उन्हें उनके शिक्षाविदों में मदद करता है और विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेने के साथ-साथ उनके काम भी आता है।

व्याकरण में सुधार करें :

नियमित रूप से अखबार पढ़ना भी व्याकरण को बेहतर बनाने का एक अच्छा तरीका है। जो छात्र नियमित रूप से अखबार पढ़ने की आदत को विकसित करते हैं, वे विराम चिह्नों के उपयोग की अधिक समझ विकसित करते हैं। वे ठीक से वाक्य रचना में कुशल भी हो जाते हैं। इस प्रकार यह उनके लेखन कौशल को बढ़ाने में भी मदद करता है।

प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करें :

नियमित रूप से अखबार पढ़ने से छात्रों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करने में भी मदद मिलती है क्योंकि ये परीक्षण मुख्य रूप से उनके सामान्य ज्ञान का आकलन करते हैं।

निष्कर्ष :

छात्रों को हर दिन अपने शेड्यूल से कुछ समय निकालना चाहिए, इससे होने वाले कई लाभों के लिए अखबार पढ़ना चाहिए। माता-पिता और शिक्षकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे बच्चों में इस आदत को विकसित करें ताकि वे भविष्य के लिए बेहतर तैयारी कर सकें।

समाचार पढ़ने के लाभ, benefits of newspaper reading in hindi (400 शब्द)

समाचार पत्र सूचना का एक घर हैं। अखबार पढ़ने से कई फायदे मिलते हैं। हमारे स्थानीय क्षेत्रों के बारे में जानकारी प्रदान करने से लेकर हमें दुनिया भर में होने वाली घटनाओं से परिचित कराने तक, फिल्मी गपशप से मनोरंजन करने से लेकर प्रेरक लेखों के माध्यम से विचार के लिए भोजन की पेशकश करने तक, रोजगार के अवसर प्रदान करने से लेकर ब्रांड प्रचार के लिए स्थान प्रदान करने तक – समाचार पत्रों में बहुत कुछ है।

समाचार पत्र पढ़ने के लाभ :

करंट अफेयर्स से परिचित :.

समाचार पत्र हमें दुनिया भर की नवीनतम घटनाओं से परिचित कराते हैं। वर्तमान मामलों के बारे में जानकारी रखने के लिए नियमित रूप से समाचारों का पालन करना आवश्यक है। समाचार पत्र सभी महत्वपूर्ण समाचार घटनाओं को कवर करते हैं और समाचार का एक विश्वसनीय स्रोत होते हैं।

विभिन्न डोमेन में जानकारी प्रदान करता है :

समाचार पत्र राजनीति, सिनेमा, व्यापार, खेल और अधिक की दुनिया से समाचार कवर करते हैं। इस प्रकार, वे विभिन्न डोमेन में वर्तमान घटनाओं में एक अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं।

नए अवसर खोजने का तरीका :

समाचार पत्रों में रोजगार और व्यवसाय के अवसर भी शामिल हैं। कई कंपनियां समाचार पत्रों के माध्यम से विभिन्न पदों के लिए उम्मीदवारों की तलाश करती हैं। इस प्रकार ये नौकरियों की तलाश के लिए एक अच्छी जगह हैं।

ब्रांड प्रचार :

उत्पादों और सेवाओं के विज्ञापन के लिए समाचार पत्र पर्याप्त जगह देते हैं। तो, ये ब्रांड प्रचार के लिए एक अच्छा साधन हैं। वे उपभोक्ताओं को व्यवसायों से जोड़ने में मदद करते हैं।

शब्दावली और व्याकरण में सुधार करने में मदद करता है :

समाचार और लेख जो समाचार पत्रों का हिस्सा बनते हैं, वे बहुत ही विद्वान और अनुभवी लेखकों द्वारा लिखे गए हैं। वे समृद्ध शब्दावली का प्रयोग करते हैं। इस प्रकार समाचार पत्र शब्दावली में सुधार करने का एक अच्छा साधन हो सकता है। नियमित रूप से समाचार पत्र पढ़ने से व्याकरण में सुधार करने में भी मदद मिल सकती है।

सामाजिक संपर्क बनाने में मदद करता है :

एक व्यक्ति जो नियमित रूप से अखबार पढ़ता है वह नवीनतम घटनाओं से अच्छी तरह वाकिफ है। वह अधिक ज्ञानी और सांसारिक ज्ञानी है। ऐसे लोग आत्मविश्वास के साथ विभिन्न विषयों पर बोल सकते हैं। वे कई लोगों के लिए एक प्रेरणा हैं। वे समाज में सम्मानित हैं और हर कोई उनसे जुड़ना चाहता है। इस प्रकार नियमित रूप से अखबार पढ़ना सामाजिक संपर्कों के निर्माण में मदद करता है।

मारता है बोरियत :

बोरियत को ख़त्म करने के लिए समाचार पत्र एक अच्छा तरीका है। एक व्यक्ति जो रोजाना अखबार पढ़ने की आदत विकसित करता है, वह कभी ऊब महसूस नहीं कर सकता है क्योंकि उसके पास हमेशा एक कंपनी होगी।

एक व्यक्ति जो अखबार नहीं पढ़ता है वह जीवन में बहुत सी चीज़ों से वंचित रह जाता है। वह चीजों की संख्या के बारे में अनभिज्ञ रहता है जबकि एक व्यक्ति जो नियमित रूप से अखबार पढ़ता है, वह अधिक जानकार और आश्वस्त हो जाता है। न केवल छात्रों, व्यापारियों और कामकाजी पेशेवरों, अखबार को जीवन के हर क्षेत्र से जुड़े लोगों द्वारा पढ़ा जाना चाहिए। इसमें सभी के लिए कुछ न कुछ उपयोगी है। यह स्वयं को व्यस्त रखने और एक ही समय में ज्ञान प्राप्त करने का एक अच्छा तरीका है।

समाचार पत्र के महत्व पर निबंध, importance of newspaper reading in hindi (500 शब्द)

दशकों से अखबार पढ़े जा रहे हैं। उन्होंने एक क्रांति पैदा की जब वे पहली बार प्रकाशित हुए थे क्योंकि वे दूर-दूर रहने वाले लोगों को एक-दूसरे से जोड़ते थे। ये देश के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ दुनिया के अन्य हिस्सों में क्या हो रहा है, इसके बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक उपकरण के रूप में कार्य किया। हालाँकि, बहुत से लोगों ने समाचार वेबसाइटों और ऐप्स पर स्विच किया हो सकता है, हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि अखबार अभी भी समाज में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है और कई के लिए मूल्यवान है।

दैनिक जीवन में समाचार पत्र का मूल्य :

अखबार पढ़ना कई लोगों के लिए एक अनुष्ठान है। वे अखबार के पन्नों से गुजरे बिना अपना दिन शुरू नहीं कर पा रहे हैं। अख़बार पहली चीज़ों में से एक है जो उन्हें उठने के बाद चाहिए होती है। यहाँ जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित लोगों के लिए दैनिक जीवन में समाचार पत्र का मूल्य दिया गया है:

गृहिणियों के लिए समाचार पत्र का मूल्य :

गृहिणियां अपने दिन का अधिकांश हिस्सा अपने घरेलू कार्यों को पूरा करने में बिताती हैं। उनके पास एक दिन के दौरान कई कार्य हैं। वे शायद ही बाहर जाते हैं और इस तरह अक्सर अलग-थलग महसूस करते हैं। अखबार उन्हें बाहरी दुनिया से जोड़े रखता है। यह उन्हें बाकी समाज के साथ जुड़ने की भावना देता है।

बिजनेस मेन के लिए समाचार पत्र का मूल्य :

व्यवसायियों को एक सफल व्यवसाय करने के लिए अपने उद्योग के साथ-साथ सामान्य रूप से बाजार के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। प्रतिदिन समाचार पत्र पढ़ना उन्हें नवीनतम व्यावसायिक समाचारों से अपडेट रखता है। उनके लिए बिजनेस स्टैंडर्ड और इकोनॉमिक टाइम्स जैसे अखबारों की सिफारिश की जाती है।

कार्यशील पेशेवरों के लिए समाचार पत्र का मूल्य :

प्रतिस्पर्धा में आगे रहने के लिए, दुनिया भर में होने वाली नवीनतम घटनाओं के बारे में अच्छी तरह से पता होना चाहिए। यह ज्ञान का विस्तार करने का एक अच्छा तरीका है जो किसी भी डोमेन में काम करने वाले पेशेवरों के लिए आवश्यक है। एक पढ़ा-लिखा और पढ़ा-लिखा व्यक्ति चारों ओर से देखा और सम्मानित किया जाता है। यह काम पर उनकी वृद्धि की संभावना को बढ़ाता है।

छात्रों के लिए समाचार पत्र का मूल्य :

छात्रों को विशेष रूप से दैनिक समाचार पत्र पढ़ने के लिए कहा जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह उन्हें कई लाभ प्रदान करता है। सबसे पहले, यह पढ़ने के कौशल में सुधार करता है। यह अच्छा लेखन कौशल विकसित करने में भी मदद करता है क्योंकि यह शब्दावली को बढ़ाता है और व्याकरण में सुधार करता है। इसके अलावा, यह सामान्य ज्ञान को बढ़ाने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है जो प्रतियोगी परीक्षाओं को देते समय सहायक है। क्रॉसवर्ड पज़ल और सुडोकू जैसे खेल उनके विश्लेषणात्मक और अवलोकन कौशल के साथ-साथ उनके ज्ञान का परीक्षण करते हैं।

सेवानिवृत्त लोगों के लिए समाचार पत्र का मूल्य :

सेवानिवृत्त लोगों के लिए समाचार पत्र बहुत महत्व रखते हैं। ये वास्तव में इन लोगों द्वारा सबसे अधिक पढ़े जाते हैं। इसका एक कारण यह है कि ये लोग उस समय से हैं जब इंटरनेट नहीं था। समाचार पत्र उस समय के दौरान समाचार का एकमात्र स्रोत था। लिहाजा, उन्हें इसकी आदत है। हालांकि उनमें से कई ने इंटरनेट का उपयोग करना सीख लिया है, फिर भी वे ई-समाचार पर समाचार पत्र पसंद करते हैं। उनका अधिकांश अवकाश अखबार पढ़ने में व्यतीत होता है।

अखबारों में सभी के लिए बहुत कुछ है। ये अलग-अलग भाषाओं में और प्रभावी कीमत पर उपलब्ध हैं। इस प्रकार इन्हें खरीदा जा सकता है और कभी भी और कहीं भी आसानी से पढ़ा जा सकता है।

अखबार के फायदे और नुकसान निबंध, advantages of reading newspaper in hindi (600 शब्द)

बाजार में समाचार पत्र आसानी से उपलब्ध हैं। दुनिया भर के अखबारों में समाचारों के ये किफायती अंश शामिल हैं। हमारे देश के अधिकांश शहरी परिवारों ने अपने दैनिक समाचार प्राप्त करने के लिए समाचार पत्रों की सदस्यता ली है। ये दशकों से हमारे समाज का हिस्सा रहे हैं और ई-समाचार के युग में भी अपना आकर्षण बनाए हुए हैं।

समाचार पत्रों के लाभ :

समाचार पत्र कई फायदे प्रदान करते हैं। उनके द्वारा दिए गए विभिन्न लाभों पर एक नज़र है:

एक जगह पर सारी जानकारी :

समाचार पत्र एक छत के नीचे सभी जानकारी प्रदान करते हैं। यदि आपको किसी सामान्य-रुचि वाले समाचार पत्र की सदस्यता लेनी है, तो आपको कहीं और नवीनतम समाचारों की तलाश करने की आवश्यकता नहीं है। इन समाचार पत्रों को रणनीतिक रूप से विभिन्न वर्गों में विभाजित किया जाता है जैसे कि करंट अफेयर्स, अंतर्राष्ट्रीय समाचार, व्यवसाय, खेल, स्वास्थ्य, मनोरंजन, आदि। प्रत्येक अनुभाग अपने क्षेत्र से संबंधित समाचारों को शामिल करता है। इसलिए, दुनिया के किसी भी हिस्से में किसी भी क्षेत्र में होने वाली प्रत्येक महत्वपूर्ण घटना यहां उपलब्ध है।

मनोरंजन का साधन :

अखबारों में सिर्फ गंभीर खबरें नहीं होतीं, वे मनोरंजन का साधन भी हो सकते हैं। वे मनोरंजन उद्योग से समाचार होते हैं। उनके पास एक खंड भी है जिसमें पहेलियाँ, सुडोकू और अन्य ऐसे खेल शामिल हैं जो आपका मनोरंजन करेंगे।

विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध है :

हमारे देश में हिंदी और अंग्रेजी भाषा में अधिक आसानी से उपलब्ध होने के साथ विभिन्न भाषाओं में समाचार पत्र उपलब्ध हैं। तो, आप उस भाषा में एक अखबार चुन सकते हैं जिसमें आप नवीनतम घटनाओं के बारे में ज्ञान प्राप्त करने के लिए अच्छी तरह से वाकिफ हैं।

पढ़ने में आसान :

समाचार पत्र लागत प्रभावी हैं और बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं। आप अपनी आंखों पर दबाव डाले बिना इन्हें कहीं भी और कभी भी पढ़ सकते हैं।

शब्दावली और व्याकरण को बढ़ाता है :

नियमित रूप से अखबार पढ़ना समय के साथ शब्दावली बढ़ाने में मदद कर सकता है। यह व्याकरणिक कौशल में सुधार करने का एक अच्छा तरीका है।

समाचार पत्रों का नुकसान :

जबकि अख़बार कई फायदे देते हैं, लेकिन उनके नुकसान भी हैं। अखबारों के विभिन्न नुकसानों पर एक नजर:

कागज का अपव्यय :

प्रत्येक दिन लाखों अखबारों में कई लाख कागज़ों का उपयोग करके छापा जाता है। आज के समय में, जब सब कुछ ऑनलाइन हो गया है और हमें सलाह दी जाती है कि हम कागज के बिलों में इस्तेमाल होने वाले कागज को बचाने के लिए ई-वे बिल पर स्विच करें, अखबारों पर इतना कागज क्यों बर्बाद किया जा रहा है? समाचार आसानी से ऑनलाइन पढ़ा जा सकता है।

समय बर्बाद कर सकते हैं :

ज्यादातर लोग जो अखबार पढ़ते हैं उन्हें सुबह अपनी चाय के कप से पढ़ने की आदत होती है। इससे समय की बर्बादी हो सकती है। सुबह के घंटों में अधिक उत्पादक कार्यों के साथ होने के बजाय, लोग यह जानने के लिए अखबार से चिपके रहते हैं कि दूसरे क्या कर रहे हैं।

बासी समाचार :

इंटरनेट और समाचार चैनलों के युग में समाचार पत्र बासी समाचारों की पेशकश करते प्रतीत होते हैं। हमें दुनिया भर में नवीनतम घटनाओं के बारे में मिनटों में पता चल जाता है। समाचार पत्र एक दिन के बाद एक ही समाचार प्रदान करता है। अखबार छपने से पहले ही हमें विभिन्न घटनाओं के बारे में पहले से ही पता है।

मुड़े हुए तथ्य :

विभिन्न समाचार पत्र विभिन्न राजनीतिक दलों से प्रभावित होते हैं। इस प्रकार, समाचार पत्रों में बताए गए तथ्य कई बार मुड़ सकते हैं। इन पार्टियों के हित के लिए इन्हें घुमाया जाता है।

काम में बाधा डालना :

नियमित रूप से अखबार पढ़ना एक अच्छी आदत है, लेकिन कई लोग जो रोजाना इन्हें पढ़ते हैं, उन्हें इसकी लत लग जाती है। यह लत उनके काम में बाधा डाल सकती है क्योंकि वे किसी भी अन्य कार्य को शुरू करने से पहले पूरे पेपर के माध्यम से पढ़ते हैं।

इस प्रकार, अखबार फायदे और नुकसान दोनों प्रदान करते हैं। जानकारी और मनोरंजन प्रदान करना, पढ़ने के कौशल को बढ़ाना और व्याकरण और शब्दावली में सुधार करना कुछ फायदे हैं जबकि कागज का अपव्यय और तथ्यों की गलत व्याख्या कुछ नुकसान हैं। यह देखा गया है कि अखबारों द्वारा दिए जाने वाले फायदे नुकसान की संख्या को कम कर देते हैं। पढ़ने की पुरानी आदत इस प्रकार आज भी चली आ रही है।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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MANOJ Kumar

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समाचार पत्र का महत्व पर निबंध | Essay On Newspaper In Hindi

Essay On Newspaper In Hindi  प्रिय विद्यार्थियों यदि आप  समाचार पत्र का महत्व पर निबंध पढ़ना चाहते है तो आज हम आपके साथ समाचार पत्र इसके इतिहास पर आधारित शोर्ट न्यूजपेपर एस्से आपके साथ साझा कर रहे हैं.

कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के विद्यार्थियों के लिए 5, 10 लाइन, 100, 200, 250, 300, 400, 500 शब्दों में हिंदी निबंध आपके लिए प्रस्तुत कर रहे हैं.

समाचार पत्र पर निबंध Essay On Newspaper In Hindi

समाचार पत्र पर निबंध Essay On Newspaper In Hindi

समाचार पत्र का इतिहास (History of newspaper)

मनुष्य कौतुहल वृति के कारण संसार में नित्य नवीन घटने वाली घटनाओं से परिचित होना चाहता है. कुछ लोग व्यवसाय रोजगार सम्बन्धी और कुछ लोग राजनीती, सामाजिक तथा अन्य बातों की जानकारी प्राप्त करने के लिए उत्सुक रहते है. इन्हें जानने का मुख्य साधन समाचार पत्र ही है.

आज समाचार पत्र-पत्रिकाओं की कोई भी देश उपेक्षा नही कर सकता. लोकतंत्र में ये शासक और जनता के मध्य दुभाषिये का काम करते है. वर्तमान काल में समाचार पत्र पत्रिकाएँ अभिव्यक्ति के महान अस्त्र है.

समाचार पत्र का जन्म इटली के वेनिस नगर में 16 वी शताब्दी में हुआ और उतरोतर इसका प्रचार हुआ. 17 वीं शताब्दी में इंग्लैंड में इसका प्रचार हुआ.

भारत में ब्रिटिश शासन स्थापित होने पर इसाई पादरियों ने सर्वप्रथम ”समाचार दर्पण” नामक पत्र निकाला. उससे प्रभावित होकर भारतीयों ने उदन्त मात्ण्ड, कौमुदी एवं प्रभात आदि समाचार पत्रों का प्रकाशन आरम्भ किया. इनकी लोकप्रियता देश के विभिन्न भागों से अनेक समाचार पत्र निकलने लगे.

भारत में मुद्रण कला का विकास होने पर समाचार पत्रों का अत्यधिक प्रसार हुआ. अब दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक कई तरह के समाचार विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित हो रहे है.

अब समाचारों के सवाददाताओं से लेकर सम्पादक तक अनेक व्यक्ति इस क्षेत्र में रोजगार प्राप्त कर रहे है.

समाचार पत्र का महत्व (importance of newspaper in hindi)

वर्तमान काल में समाचार पत्र पत्रिकाओं का अपना विशेष महत्व है. देश की व्यवसायिक उन्नति में समाचार बहुत बड़े साधन है.

अपनी व्यवसायिक उन्नति के लिए हम समाचार पत्र में अपना विज्ञापन प्रकाशित करवा सकते है. पढ़े लिखे बेरोजगार लोग समाचार पत्रों में अपनी आजीविका के विज्ञापन पढ़ते है.

सरकारी तथा गैर सरकारी नौकरियों की सूचनाएँ आजकल समाचार पत्रों में मुख्यतया छपती है. इस प्रकार वर वधु से सम्बन्धित विज्ञापन, सम्पति क्रय विक्रय, चिकित्सा, विविध प्रकार की सेवा योजनाओं से सम्बन्धित नवीनतम समाचार प्रकाशित होने से आम जनता लाभान्वित होती है.

कुछ पत्रिकाएँ साप्ताहिक स्तर पर प्रकाशित होती है. इनमे धार्मिक साहित्यिक नारियों से सम्बन्धित तथा स्वरोजगार गृहउद्योग सम्बन्धी सामग्री प्रकाशित होती रहती है.

इससे सामाजिक चेतना को सर्वाधिक लाभ हो रहा है. भारतीय लोकतंत्र में राष्ट्रिय चेतना एवं राजनितिक समझ का प्रचार समाचार पत्रों का अत्यधिक योगदान रहा है.

समाचार पत्रों के लाभ और हानियां (Advantages and Disadvantages of Newspapers)

समाचार पत्रों से अनेक लाभ है, वहां इनसे कुछ हानियाँ भी है. कभी कभी कुछ स्वार्थी लोग दूषित एवं साम्प्रदायिक विचारधारा को समाचार पत्रों के माध्यम से प्रकाशित करवाते है.

इससे समाज में अशांति फैलती है. कुछ सम्पादक चटपटी समाचार प्रकाशित करने के मोह में ऐसी खबरे छापते है. , जिनसे दंगे तक हो जाते है.

इसी प्रकार अश्लील विज्ञापनों एवं नग्न चित्रों के प्रकाशन से समाचार पत्रों के द्वारा सामाजिक वातावरण को हानि पहुचाई जाती है.

आज वैचारिक स्वतंत्रता का युग है. हमारे देश में स्वतंत्रता संग्राम में समाचार पत्र पत्रिकाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा था. समाचार पत्रों में शासन द्वारा इन्हें स्वतंत्रता देनी चाहिए,

परन्तु समाचार पत्रों के समाचार प्रकाशन में भी पूरी तरह निष्पक्षता जरुरी है. तथा इसका निरंकुश द्रष्टिकोण भी नही होना चाहिए. सामाजिक एवं राजनितिक परिष्कार की द्रष्टि से आज के युग में समाचार पत्रों का अत्यधिक महत्व है.

Essay On Newspaper In Hindi In 500 Words For Kids

समाचार पत्रों का महत्व- समाचारों का प्रसारण ही समाचार पत्रों का एकमात्र कार्य नहीं बल्कि समाज को सचेत जागरूक और सक्रिय रखना भी इन्ही का कार्य हैं.

समाज की राजनीतिक, सामाजिक, नैतिक एवं आर्थिक तस्वीर को सही रूप में प्रस्तुत करना और एकता, राष्ट्रीयता, स्वस्थ चिंतन तथा विकास में योगदान करना समाचार पत्रों का दायित्व हैं.

अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में समाचार पत्र आज एक अतिमहत्वपूर्ण अंग बन चूका हैं. विश्व की राजनीति को अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करने वाले समाचार पत्र ही हैं. निष्पक्ष समाचार एवं टिप्पणी से समाचार पत्रों का महत्व बढ़ता हैं. लोग उन पर विश्वास करते हैं.

प्रजातंत्र शासन में तो समाचार पत्रों की भूमिका और महत्वपूर्ण होती हैं. ये प्रजातंत्र के प्रहरी होते हैं. शासनरूढ़ राजनीतिक दल में सचेत करना, उनकी गलत नीतियों की आलोचना करना, जनता को जागरूक बनाना आदि इनके कार्य हैं. समाचार पत्र जनता के मत और आकांक्षा को प्रकट करते हैं.

देश की प्रगति की सच्ची तस्वीर जनता के सामने प्रस्तुत करते है. यही कारण है कि समाचार पत्रों को विधायिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका के अतिरिक्त प्रजातंत्र का चौथा स्तम्भ माना जाता हैं.

समाचार पत्रों का वर्तमान स्वरूप- समाचार पत्र पर शब्द आज पूरी तरह लाक्षणिक हो गया हैं. अब समाचार पत्र केवल समाचारों से पूर्ण पत्र नहीं रह गया हैं.

बल्कि यह साहित्य, राजनीति, धर्म, विज्ञान आदि विविध विधाओं को भी अपनी कलेवर सीमा में संभाले चल रहा हैं.

किन्तु वर्तमान स्वरूप में आते आते समाचार पत्र ने एक लम्बी यात्रा तय की हैं. आज ज्योतिष, अंधविश्वास, भविष्यवाणी, भाग्यफल सभी कुछ समाचार पत्रों का अंग बनाए गये हैं.

समाचार पत्रों का दायित्व- समाचार पत्रों के विश्वव्यापी महत्व को देखते हुए उनसे कुछ दायित्व निर्वहन भी आवश्यक माना गया हैं.

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर समाचार पत्रों से आशा की जाती है कि वे विश्व शक्ति और विश्व बन्धुता की भावना को प्रोत्साहित करे.

उनके समाचार राष्ट्रीय या वर्ग विशेष के हितो से प्रभावित न हो उनमें पारदर्शिता और तटस्थता हो. राष्ट्रीय स्तर पर प्रजातंत्रीय मूल्यों की रक्षा और जनता को जागरूक बनाना तथा शासन की गलत नीतियों की आलोचना करना भी समाचार पत्रों का दायित्व हैं.

सामाजिक सोहार्द और धार्मिक समरसता को प्रोत्साहित करना भी समाचार पत्रों का महत्वपूर्ण उद्देश्य होना चाहिए.

प्रचलित प्रमुख पत्र पत्रिकाएँ- आज हिंदी अंग्रेजी तथा अन्य भारतीय भाषाओं में अनेक पत्र पत्रिकाएँ प्रकाशित हो रही हैं.

हिंदी भाषा में प्रकाशित नवभारत टाइम्स, हिन्दुस्तान, जनमत, पंजाब केसरी, नवजीवन, जनयुग, राजस्थान पत्रिका, अमर उजाला, भारत, आज, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर आदि हैं.

तथा अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित टाइम्स ऑफ इंडिया, इंडियन एक्सप्रेस, हिन्दुस्तान टाइम्स, नार्दन इंडिया पत्रिका, स्टेट्समैन आदि हैं.

इनके अतिरिक्त अनेक साप्ताहिक, पाक्षिक एवं मासिक पत्रिकाएँ भी प्रकाशित हो रही हैं.

उपसंहार- समाचार पत्रों को देश की भावी तस्वीर बनाने में, नागरिकों को लोकतंत्र के प्रति जिम्मेदार बनाने में और शासकों पर नियंत्रण रखने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी हैं. व्यावसायिकता से ऊपर उठकर ही समाचार पत्र अपनी सही भूमिका निभा सकते हैं.

जनतंत्र और मिडिया (Essay On Newspaper In Hindi In 400 words)

प्रस्तावना- जनतंत्र में मिडिया का महत्वपूर्ण स्थान हैं. मिडिया को लोकतंत्र का प्रहरी तथा चौथा स्तम्भ माना जाता हैं.

विधायिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका द्वारा हुई चूक को सामने लाकर वह लोकतंत्र की सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देता हैं. मिडिया के कारण ही अनेक घोटाले उजागर होते हैं. तथा जनता के अधिकारों की रक्षा होती हैं.

मिडिया का स्वरूप- मिडिया पत्रकारिता को ही कहते हैं. यदपि पत्रकारिता शब्द समाचार पत्रों से सम्बन्धित हैं. किन्तु आज उसका व्यापक रूप मिडिया ही हैं.

मिडिया के दो रूप है पहला मुद्रित या प्रिंट मिडिया तथा दूसरा इलेक्ट्रॉनिक मिडिया. मुद्रित मिडिया के अंतर्गत दैनिक समाचार पत्र, साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक, त्रिमासिक, पत्र पत्रिकाएँ आदि आते हैं.

इनमें समाचार पत्रों के अतिरिक्त विभिन्न घटनाओं और सामाजिक साहित्यिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, राजनैतिक आदि विषयों के बारे में प्रकाशित किया जाता हैं.

टेलीविजन, रेडियो, इंटरनेट आदि इलेक्ट्रॉनिक मिडिया के अंतर्गत ही आते हैं. आज इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का प्रभाव तथा प्रसार बढने के कारण मुद्रित पत्रकारिता पिछड़ गई हैं, किन्तु उसकी आवश्यकता कम नहीं हुई हैं.

समाचार पत्रों का विकास- समाचार पत्र शब्द आज पूरी तरह लाक्षणिक हो गया हैं. इसमें अब न केवल घटनाएं तथा खबरों का ब्यौरा रहता है बल्कि साहित्य, धर्म, दर्शन, शिक्षा, राजनीति, फिल्म जगत, खेलकूद सभी क्षेत्रों को समाहित कर आगे बढ़ रहा हैं.

आज के दौर तक समाचार पत्रों के पहुचने के पीछे लम्बा इतिहास तथा अथक मेहनत के कारण समाचार पत्र इस मुकाम तक पहुच पाए हैं.

भारत में अंग्रेजी शासन की शुरुआत से ही समाचार पत्रों के दौर का अविर्भाव हुआ. इसके विकास और प्रचार में ईसाई मिशनरियों, ईश्वरचन्द्र विद्यासागर और राजा राममोहन राय का महत्वपूर्ण योगदान रहा.

प्रचलित पत्र पत्रिकाएँ तथा चैनल- देश के स्वतंत्र होने के पश्चात तीव्र गति से समाचार पत्रों का विकास हुआ. और आज अनेक अखिल भारतीय एवं क्षेत्रीय समाचार पत्र प्रकाशित हो रहे हैं.

इनमें हिंदी भाषा में प्रकाशित- नवभारत टाइम्स, हिन्दुस्तान, जनमत, पंजाब केसरी, नवजीवन, जनयुग, राजस्थान पत्रिका, अमर उजाला, भारत, आज, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर आदि हैं.

इलेक्ट्रॉनिक मिडिया- मुद्रित मिडिया के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक मिडिया रेडियो दूरदर्शन के चैनल का भी देश में बड़ी तेजी के साथ विकास हुआ हैं. टीवी पर तो चैनलों की बाढ़ आई हुई हैं.

जो चौबीस घंटे दर्शकों के साथ समाचारों के साथ साथ अनेक रोचक सामग्रियां परोसते रहते हैं. सूचना प्रोद्योगिकी भी आजकल द्रश्य मिडिया या इलेक्ट्रॉनिक मिडिया का पूरा सहयोग कर रही हैं.

मिडिया जनतंत्र का प्रहरी- मिडिया एक सूचना प्रदायक और मनोरंजन का उपकरण मात्र नही हैं. जनतंत्र की सुरक्षा और विकास में भी इसका बड़ा योगदान रहा हैं.

आजकल मिडिया जनमत के निर्माण, जनतंत्र को सही दिशा देना, जनतंत्रीय संस्थाओं के गौरव की रक्षा करना, निर्वाचन प्रणाली की विवेचना करना, चुनावों के समय जनता को नव्यतम सूचनाओं से अवगत कराना आदि महत्वपूर्ण भूमिकाएं अदा कर रहा हैं.

मिडिया के दायित्व- एक सशक्त माध्यम होने के कारण मिडिया के कुछ दायित्व भी बनते हैं. उसे आत्मनियंत्रण और आत्म अनुशासन की प्रणाली विकसित करनी चाहिए.

पाठकों और दर्शकों की संख्या बढ़ाने के लिए सनसनीखेज खबरों, कठोर भाव भगिमाओं और विवादों से बचते हुए जनतंत्र को प्रौढ़ और स्थायी बनाने में अपनी महत्ती भूमिका अदा करनी चाहिए.

आशा है भारतीय मिडिया जनतंत्र का सच्चा प्रहरी बनकर जनगणना का सच्चा मित्र बनेगा.

Essay On Newspaper In Hindi In 600 Words For Students

प्रस्तावना- संसार में नित्य नवीन घटने वाली घटनाओं की जानकारी पाने का सबसे मुख्य साधन समाचार पत्र ही है. कोई भी देश इनकी उपेक्षा नहीं कर सकता.

लोकतंत्रात्मक शासन प्रणाली में समाचार पत्र शासक और जनता में माध्यम का अर्थात दुभाषिये का काम करते हैं.

इसकी वाणी जनता जनार्दन की वाणी होती हैं. विभिन्न राष्ट्रों तथा जातियों के उत्थान एवं पतन में समाचार पत्रों का बहुत बड़ा हाथ रहा हैं.

समाचार पत्रों का इतिहास- समाचार पत्र का प्रचलन इटली के वेनिस नगर में 16 वी शताब्दी में हुआ और इसका प्रचार उतोत्तर बढने लगा. अठाहरवीं शताब्दी में अंग्रेजों का भारत में आगमन हुआ.

इसके साथ ही यहाँ पर समाचार दर्पण, कौमुदी, प्रभात, उदन्त मार्तण्ड आदि समाचार पत्र प्रकाशित हुए. फिर जनता में समाचार पत्रों की लोकप्रियता बढने लगी और देश के विभिन्न अंचलों से भिन्न भिन्न भाषाओं में अनेक समाचार पत्र निकलने लगे.

समाचार पत्रों का विकास- भारतवर्ष में जैसे जैसे मुद्रण कला का विस्तार हुआ, उसी गति से समाचार पत्र भी बढ़ते गये. आज यह व्यवसाय अपनी पूर्ण सम्रद्धि पर हैं. बड़े और छोटे सभी प्रकार के समाचार पत्र देश में निकल रहे हैं.

कंप्यूटर, फैक्स, आदि नवीनतम साधनों से तथा नवीनतम मुद्रण यंत्रों से समाचार पत्रों का प्रकाशन अतीव सरल बन गया हैं. परिवहन के साधनों के विकास से भी समाचार पत्रों का तीव्रता से प्रचार होने लगा.

समाचार पत्रों से लाभ- देशवासियों की व्यापारिक उन्नति में समाचार पत्र एक बहुत बड़ा सहायक साधन हैं. अपनी व्यवसायिक उन्नति के लिए हम किसी भी पत्र में अपना विज्ञापन प्रकाशित करवा सकते हैं. पढ़े लिखे परन्तु बेरोजगार लोग समाचार पत्रों में अपनी आजीविका ढूढ़ते हैं.

सरकारी तथा गैर सरकारी नौकरियों के विज्ञापन के लिए आजकल एक पूरा प्रष्ट समाचार पत्रों में आता हैं. समाचार पत्रों में वैवाहिक विज्ञापन, खेलकूद तथा विभिन्न प्रतियोगिताओं के समाचार, चलचित्रों एवं शैक्षणिक सूचनाए भी प्रकाशित होती हैं.

वर्तमान में राष्ट्रीय चेतना का प्रसार करने में समाचार पत्रों का अत्यधिक योगदान हैं. अतः समाचार पत्र सभी के लिए लाभदायक हैं.

समाचार पत्रों से हानियाँ- समाचार पत्र हमारी पूर्णतया सहायता करते हैं, परन्तु कभी कभी स्वार्थी और बुरी प्रकृति के प्राणी अपनी दूषित एवं विषैली विचारधाराओं को समाचार पत्रों में प्रकाशित करके जनता में घ्रणा की भावना फैला देते हैं. जिससे राष्ट्र में अराजकता बढ़ जाती हैं.

साम्प्रदायिकता उपद्रव होने लगते हैं. और एक राष्ट्र दूसरे राष्ट्र को शत्रु की दृष्टि से देखने लगता हैं. चारित्रिक दृष्टि से समाचार पत्र कभी कभी देश को गर्त में धकेल देते हैं.

अश्लील विज्ञापनों तथा भ्रामक सूचनाओं को प्रकाशित कर समाचार पत्र विकृतियाँ फैलाते हैं. इससे सर्वाधिक हानि होती हैं.

उपसंहार- आज स्वतंत्रता का युग हैं. समाचार पत्र को स्वतंत्र अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम माना जाता हैं. अतः समाचार पत्रों की निष्पक्षता एवं स्वतंत्रता जरुरी हैं, सामाजिक चेतना के परिष्कार की दृष्टि से समाचार पत्रों का अत्यधिक महत्व हैं.

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समाचार पत्र पर निबंध Essay on Newspaper in Hindi

समाचार पत्र पर निबंध Essay on Newspaper in Hindi

क्या आप समाचार पत्र पर निबंध (Essay on Newspaper in Hindi) की तलाश कर रहे हैं? अगर हां तो इस लेख के बाद आपकी सारी तलाश पूरी होने वाली है।

इस लेख में हमने अखबार पर हिंदी में निबंध बेहद ही सरल भाषा में लिखा है। आज हमने इस लेख में समाचार पत्र का अर्थ, प्रकार, इतिहास, महत्व, विशेषता तथा 10 लाइन के बारे में लिखा है।

Table of Contents

प्रस्तावना (अखबार पर निबंध Essay on Newspaper in Hindi)

प्राचीन समय में कोई घटना या समाचार एक स्थान से दूसरे स्थान तक लोगों के द्वारा पहुंचता था। जिसमें श्रम तथा समय बहुत ही ज्यादा लगता था।

उसके बाद समाचार को ताम्रपत्र तथा कपड़े पर लिपिबद्ध करके लोगों तक पहुंचाया जाने लगा। लेकिन यह प्रक्रिया भी सीमित थी। क्योंकि बड़े पैमाने पर उपयोग लगभग असंभव था।

आधुनिक विज्ञान के प्रयोग से मनुष्य ने समाचार पत्र छापने जैसी मशीनों का आविष्कार किया है। जिसमें देश-दुनिया की खबरों को लिपिबद्ध करके जन समुदाय तक पहुंचाया जाता है।

पूरी दुनिया में आज हजारों समाचार पत्र मुहैया कराने वाली एजेंसियां मौजूद हैं। हालांकि टेलीविजन और सोशल मीडिया के आने से अखबार के उपयोग में बहुत ही बड़ी गिरावट देखने को मिली है लेकिन फिर भी कुछ लोग समाचार लेने के पारंपरिक तौर को ही पसंद करते हैं। 

समाचार पत्र जहां एक तरफ देश दुनिया की जानकारियां मुहैया करवाता है वहीं दूसरी ओर ज्ञान वर्धन का एक अच्छा स्त्रोत भी है। क्योंकि यह हमें खेल, नीतियों, धर्म, समाज, अर्थव्यवस्था, फिल्म उद्योग, फिल्म (चलचित्र), भोजन, रोजगार आदि के बारे में बिल्कुल सटीक जानकारी देता है।

समाचार पत्र का अर्थ Definition of Newspaper in Hindi 

जो पत्र देश दुनिया के सभी क्षेत्रों की खबरों को क्रमबद्ध और लिपिबद्ध करके प्रकाशित किया जाता है उसे समाचार पत्र कहते हैं।

दुनिया के हर देश की मुख्य समाचार कंपनियां होती हैं। भारत जैसे देश जहां पर राज्यीय और क्षेत्रीय भाषाओं की बहुलता हो वहां पर अनेकों न्यूज़ एजेंसीयां मौजूद होती हैं।

जब प्रिंटिंग प्रेस की संख्या बढ़ने लगी वैसे वैसे समाचार पत्र की परिभाषा भी बदलती गई। हर देश में सूचनाओं के प्रसारण के लिए एक खास मंत्रालय बनाया जाता है।

समाचार पत्र के प्रकार Types of Newspaper in Hindi

समय के साथ समाचार पत्र को कई विभागों में बाटा जाने लगा और कई समाचार पत्र तो सिर्फ किन्ही एक विभागों की खबरों को ही दर्शाने के लिए समर्पित हैं।

लेकिन इनके प्रकाशन के आधार पर इन्हें मुख्य चार भागों में बांटा जाता है। जिसमें राष्ट्रीय समाचार पत्र, अंतरराष्ट्रीय समाचार पत्र, स्थानीय समाचार पत्र, प्रादेशिक समाचार पत्र इत्यादि।

पहले समाचार पत्रों में सिर्फ देश विदेश की खबरें ही हुआ करती थी। लेकिन विज्ञान के विकास के बाद स्थानीय खबरें भी समाचार पत्र में प्रकाशित की जाने लगी। एक बार इनके प्रख्यात हो जाने के बाद कुछ समाचार पत्र हर क्षेत्र के लिए उनके स्थानीय खबरों को भी शामिल करने लगे।

जैसे-जैसे समाचार पत्रों और न्यूज़ चैनलों का दायरा बढ़ता गया वैसे-वैसे समाचार पत्र के एक विभाग का जन्म और हुआ। जिसे प्रांतीय या प्रादेशिक समाचार पत्र कहते हैं। इसमें मुख्य तौर पर राज्य स्तर की खबरों को शामिल किया जाता है।

राष्ट्रीय समाचार पत्रों में किसी भी देश की बड़ी खबरों को शामिल किया जाता है जिनमें सुरक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक खबरें मुख्य होती हैं।

अंतरराष्ट्रीय समाचार पत्रों में अधिकतर विकसित देशों की खबरें होती हैं। लेकिन कभी-कभी विकासशील देशों की बड़ी खबरों को भी इनमें शामिल किया जाता है।

इसके अलावा भी समाचार पत्रों को घटना के आधार पर, शिक्षा के आधार पर, समय के आधार पर किसी विषय विशेष के आधार पर भी प्रकाशित किया जाता है। लेकिन अब इनकी जगह मैगजीन्स ने लेना शुरू कर दिया है।

समाचार पत्र का इतिहास History of Newspaper in Hindi

दुनिया का सबसे पहला समाचार पत्र 59 ईसवी पूर्व ‘द रोमन एक्टा डिउरना’ को माना जाता है। जिसे शहरों के प्रसिद्ध स्थानों पर प्रकाशित किया जाता था। जिसके स्थापक जुलियस सीसर को माना जाता है। जिसके बाद आठवीं शताब्दी में चीन ने हाथ के द्वारा तैयार किए गए अखबार को प्रकाशित करना शुरू किया था।

लेकिन दुनिया के पहले समाचार पत्र  के रूप में “द रिलेशन एलर फर्नेमेन और गेडेनकवर्डिगेन हिस्टोरियन जोहान कैरोलस (1575-1634) को मान्यता दी गई है।

यह मुख्यतः यादगार स्मरण को संग्रहित करके प्रकाशित किया जाने वाला दुनिया का पहला अखबार था। जिसे  वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ न्यूज़पेपर ने मान्यता दी है। इस समाचार पत्र को उस वक्त के अमीर लोगों ने बहुत ही ज्यादा पसंद किया था। 

भारत में ब्रिटिश हुकूमत के जेम्स हिकी ने 1780 में “ बंगाल गजट” नामक एक अंग्रेजी समाचार पत्र प्रकाशित किया था।

भारत में ब्रिटिश हुकूमत होने के कारण यहां पर ज्यादातर अखबार जैसे कि द हिंदुस्तान टाइम्स, नेशनल हेराल्ड, पायोनियर, मुंबई मिरर इत्यादि अंग्रेजी में ही प्रकाशित होते थे उसके अलावा कुछ पत्र उर्दू तथा बंगला में प्रकाशित होते थे।

क्योंकि सारे समाचार पत्र अंग्रेजी में ही निकलते थे इसलिए लोगों तक किसी भी समाचार का पहुंचना बहुत ही मुश्किल था। इसका फायदा उठाकर अंग्रेज सिपाही मनमाना व्यवहार करते थे। जैसे लूट, हत्या, बलात्कार जैसी घटनाएं होने पर भी किसी को पता नहीं चलता था और ना ही मुकदमे होते तथा ना ही किसी को दंड दिया जाता था।

इसलिए  30 मई सन 1826 में भारत का पहला हिंदी अखबार “उदंत मार्तंड” प्रकाशित किया गया। जिसने अंग्रेजों द्वारा किए जा रहे अत्याचारों को खुलकर प्रकाशित किया गया था। यह एक साप्ताहिक समाचार पत्र था जो हर मंगलवार को निकलता था।

उस वक्त किसी भी समाचार पत्र को चलते रहने के लिए सरकारी सहयोग की आवश्यकता पड़ती थी। यूं तो अंग्रेजी हुकूमत ईसाई मिशनरीयों के लिए बहुत सारे आर्थिक सहाय प्रदान करती थी लेकिन उदंत मार्तंड को किसी भी प्रकार का सहयोग न मिला और 1827 में इसका प्रकाशन बंद करना पड़ा।

आजादी के बाद भारत के नागरिकों के लिए मूल अधिकारों और कर्तव्यों को संविधान में गठित किया गया जिसके बाद समाचार प्रकाशित करने वालों को विशेष रूप से स्वतंत्रता दी गई।

जिसके बाद आज तक अखबारों की गुणवत्ता सदा बढ़ी ही है। आज सोशल मीडिया के कारण समाचार मुहैया करवाना बेहद ही सरल हो गया है।

समाचार पत्र की विशेषता Newspaper Features in Hindi

भारत की आजादी में कलम ने भी अपनी भूमिका अदा की थी। जिसके कारण जन सामान्य को इस ताकत का अंदाजा हो चुका था। जिससे समाचार पत्र की विशेषता और भी ज्यादा बढ़ गई।

अखबार के माध्यम से जन जागरण को ज्ञान तथा समाचार का समुच्चय प्राप्त होता है। जिसके कारण न सिर्फ यह लोगों के हकों को सुरक्षित रखने के लिए एक जरूरी माध्यम बन चुका है बल्कि हजारों लोगों के लिए रोजगार का अवसर भी देता है।

समाचार की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसे जनसामान्य बेहद मामूली कीमत देकर खरीद सकता है तथा देश दुनिया की बड़ी छोटी खबरों को आसानी से जान सकता है।

यह एक सूचना माध्यम है जैसे कि रेडियो, टेलीविजन या इंटरनेट. आमतौर पर एक सस्ती कीमत है. इसकी बड़ी पहुंच है. इसे संग्रहीत किया जा सकता है.

समाचार पत्र का महत्व Importance of Newspaper in Hindi

हमारे जीवन में समाचार पत्र का महत्व बेहद ही अधिक है। हर घर में कोई न कोई अखबार पढ़ने का आदि होता ही है और अपने दिन की शुरुआत एक चाय तथा अखबार के साथ करना पसंद करता है।

समाचार पत्रों के माध्यम से कई लोगों की शिक्षा दीक्षा संपन्न हुई है। इसलिए समाचार पत्र में कई लेख शिक्षा को भी समर्पित होती है। जिसके माध्यम से सामान्य जन को ज्ञान का प्रकाश प्राप्त होता है।

इसके सामाजिक महत्व में यह एक तलवार का काम करता है। जो अन्याय तथा दुष्ट प्रवृत्ति के लोगों को सामान्य जन का भोग नहीं लेने देता तथा उनके पाप कर्मों को समाज के सामने लाता रहता है।

समाचार पत्र पर 10 लाइन Few Lines on Newspaper in Hindi

  • दुनिया का पहला समाचार पत्र 59 ईसवी पूर्व ‘द रोमन एक्टा डिउरना’ को माना जाता है।
  • चीन ने आठवीं शताब्दी में हस्तलिखित समाचार पत्रों का प्रयोग शुरू किया।
  • भारत का पहला हिंदी समाचार पत्र “ उदंत मार्तंड” था।
  • भारत में अंग्रेजों द्वारा प्रकाशित किया गया पहला अंग्रेजी पेपर “बंगाल गजट” था जो 1780 में प्रकाशित किया जाता था।
  • समाचार पत्र लोगों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों से परिचित कराते हैं।
  • समाचार-पत्र शासन-नीति की आलोचना कर जनता को उसके प्रति सतर्क रखते हैं।
  • अमेरिका के राष्ट्रपति निक्सन के विरुद्ध समाचार पत्रों ने ही तो जनमत तैयार किया था।
  • तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी भारत की एकमात्र ऐसी नेता थीं जिन्होंने आपातकाल लगाकर अधिकतर समाचार पत्रों के संपादकों को गिरफ्तार करवा लिया था।
  • समाचार पत्र विज्ञापन के माध्यम से अपनी सबसे ज्यादा कमाई करते हैं।
  • समाचार उद्योग यह अरबों-खरबों रुपयों वाला उद्योग है।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में अपने समाचार पत्र पर निबंध हिंदी में (Essay on Newspaper in Hindi) पढ़ा। आशा है यह लेख आपको पसंद आया हो। अगर यह निबंध आपको अच्छा लगा हो तो शेयर जरूर करें।

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Essay on newspaper in hindi समाचार पत्र पर निबंध.

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hindiinhindi Essay on Newspaper in Hindi

Essay on Newspaper in Hindi 150 Words

समाचार पत्र पर निबंध

समाचार पत्र हमें देश, दुनिया, हमारा शहर, राज्य और वर्तमान मामलों में क्या हो रहा है इस बारे में बहुत सारी जानकारी प्रदान करता है। यह सभी भाषाओं में उपलब्ध है इसलिए इसे पढ़ने में कोई बाधा नहीं हैं। काई भी भाषा बोलने वाले लोग इसे पढ़ सकते हैं। यह खेल, बॉलीवुड, राजनीति, प्रौद्योगिकी और कई चीजों के बारे में जानकारी देता है। यह लोगों के ज्ञान को बढ़ाता है।

यह दैनिक समाचारों के साथ खुद को अद्यतन करने में मदद करता है और सरकारी नौकरी के लिए प्रतिस्पर्धी और तकनीकी परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करना आसान होता है क्योंकि इन परीक्षाओं में मुख्य रूप से सामान्य ज्ञान प्रश्न होते है। हालांकि, तकनीकी प्रगति के साथ हमें स्मार्टफोन पर भी सभी खबरें मिलती हैं लेकिन आम जनता के बीच किसी भी सामाजिक मुद्दे के बारे में लोगों को जागरूक करने का सबसे अच्छा तरीका समाचार पत्र हैं। समाचार पत्र बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें वर्तमान मामलों के साथ अदयतन रखता है।

Essay on Newspaper in Hindi 300 Words

समाचार पत्र लोगों और संसार के बीच वार्ता का सबसे अच्छा साधन होने के साथ-साथ बहुत ही शक्तिशाली यंत्र भी है। यह ज्ञान और सूचना प्राप्त करने के साथ ही कुशलता के स्तर को बढ़ाने का सबसे अच्छा स्रोत है। यह किसी भी क्षेत्र में बहुत ही कम कीमत पर उपलब्ध है, जिसे हर समाचार पत्र प्रत्येक व्यक्ति तक बहुत ही आसानी से पहुंच जाता है। समाचार पत्र देश के विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित होता है, जिसको हर सुबह सभी बेसब्री से इंतजार करते हैं।

समाचार पत्र पूरे संसार की छोटी से बड़ी खबरें का विवरण प्रदान करता है। विद्यार्थियों के लिए भी समाचार पत्र बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि वह इससे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर का सामान्य ज्ञान और सामाजिक घटनाओं के बारे में ज्ञान प्राप्त करते हैं, जिन का फायदा उन्हें सरकारी कंपटीशन एग्जाम में होता है।

भारत में अंग्रेजों के आने से पहले समाचार पत्र का कुछ भी महत्त्व नहीं था, क्योकि समाचार पत्रों की कुछ जरूरत ही नहीं थी। अंग्रेजों ने ही भारत में समाचार पत्रों का विकास किया। “द बंगाल गजट” संन 1780, कलकत्ता में भारत का पहला समाचार पत्र प्रकाशित किया गया जिसका संपादन जेम्स हिक्की ने किया था।

लेकिन अब देश के सभी लोग अपने देश और संसार की ताज़ा घटनाओं को जानने में बहुत ही रुचि रखते हैं और चाहते हैं कि उन्हें समाचार जल्दी से जल्दी प्राप्त हो। सरकार और लोगों के बीच समाचार पत्र एक अहम भूमिका निभाता है। समाचार पत्र सरकार द्वारा बनाये गए नए नियमों और कानूनों के बारे में सभी को जागरूक कराता है।

समाचार पत्रों के लाभ होने के साथ-साथ इसकी कुछ हानियां भी हैं, जैसे कि कुछ समाचार पत्र झूठे समाचार शाप कर जनता को भ्रमित करते हैं, जिनसे संप्रदायिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है। इन्हीं झूठे समाचारो के कारण दंगे जैसी घटनाएं भी हो जाती है, जहां आशांति का माहौल पैदा हो जाता है। उदाहरण के तौर पर जैसे कि सरकार द्वारा बनाई गई नई नीतियों को जनता के आगे गलत तरीके से पेश करके उन्हें भ्रमित करना।

समाचार पत्रों के लाभ और हानि, दोनों का भार संपादक के ऊपर ही निर्भर होता है। अंत: संपादक को समाचार पत्र के महत्व को अच्छे से समझाना चाहिए। यदि वह धर्म, जाति, निजी लाभ जैसे विषयों को छोड़कर इमानदारी से अपना काम करें तो वह वास्तव में देश की सच्ची सेवा कर सकते हैं।

Essay on Newspaper in Hindi 500 Words

आज के युग में समाचार-पत्र का विशेष महत्त्व है। विज्ञान ने मानव को जो सुविधाएँ प्रदान की हैं उनमें से एक महत्वपूर्ण सुविधा समाचार-पत्र की है। इसमें संसार भर के समाचार छपते हैं। इसलिए आज का पढ़ा-लिखा मनुष्य प्रातः उठने के बाद सर्वप्रथम समाचार-पत्र को ही पढ़ता है। उसके बिना मानव-जीवन अधूरा है।

वर्तमान युग में समाचार-पत्र प्रजातन्त्र शासित देश की रीढ़ की हड्डी और उसके जागरूक प्रहरी हैं। भारत में सर्वप्रथम 1780 ई. में कलकत्ता में एक अंग्रेजी समाचार पत्र प्रकाशित हुआ ‘बंगाल गज़ट’ जो कि पूर्ण सरकारी अख़बार था। इसके पश्चात राष्ट्रीय आन्दोलनों के साथ-साथ भारत में पत्रकारिता का भी प्रचार होता गया। हिन्दी भाषा में सबसे पहला समाचार-पत्र ‘उदंत मार्तण्ड’ 30 मई 1826 ई. को प्रकाशित हुआ। भारत की आजादी की लड़ाई में समाचार-पत्रों और उनके सम्पादकों का विशेष योगदान रहा, जिसे भुलाया नहीं जा सकता।

“मुक दूत बन खबरें लाता, ज्ञान बढ़ाता, मन बहलाता। हमें जो उत्तम पथ दिखलाता, वह समाचार-पत्र कहलाता।”

छपने की प्रक्रिया

पहले समाचार-पत्र कार्यालय में समाचार इकट्ठे किए जाते हैं। फिर उन्हें एक निश्चित रूप दिया जाता है। इसके बाद उन्हें टाइप करके विज्ञापन आदि जोड़कर प्रैस में छापा जाता है। उसके बाद बाँटने वाले (हॉकर) इन्हें हमारे घरों तक पहुँचाते हैं। इस प्रकार समाचार-पत्र कई लोगों की रोजी-रोटी का साधन है।

पाठ्य-सामग्री

समाचार-पत्रों में मुख्य तौर पर राजनीतिक तथा महत्वपूर्ण रोजाना घटनाओं का वर्णन होता है। इसमें खेलकूद, व्यापार, बाजार भाव, रेडियो तथा दूरदर्शन के कार्यक्रमों की जानकारी तथा अनेक प्रकार के विज्ञापन भी होते हैं। सम्पादकीय लेख, विद्वानों के लेख, कविताएँ, स्त्रियों व बच्चों के लिए कहानी, कार्टून, आदि विभिन्न प्रकार की सामग्री भी होती है।

जनता की वाणी

समाचार-पत्र राजनीतिक खबरें अधिक लाता है क्योंकि राजनीति का बोलबाला है। लोग इसमें अधिक रुचि रखते हैं। समाचार-पत्र ही सरकार की ग़लत नीतियों की आलोचना करके सरकार पर अंकुश लगाने का काम भी करते हैं। समाचार-पत्र जनता की वाणी है। किसी ने इसे जनता की सदा चलती रहने वाली संसद भी कहा है।

संसार में लाभ-हानि का चोली दामन का साथ है। जब समाचार-पत्र राजनैतिक भेदभाव उत्पन्न कर जनता में मन-मुटाव बढ़ाते हैं सबसे बड़ी हानि तब होती है। ऐसे समाचार-पत्र देश को विनाश की ओर ले जाते हैं। फ़ीकी पत्रकारिता, अश्लील विज्ञापन एवं नग्नचित्र बच्चों के मन पर बुरा प्रभाव डालते हैं।

संपादकों का दायित्व

संपादकों को अपना दायित्व भली प्रकार से समझना चाहिए तथा किसी विशेष पार्टी या पूंजीपति के स्वार्थ का साधन न बनें। समाज में जागृति लाने, नारी की स्थिति सुधारने, युवा पीढ़ी में देशभक्ति की भावना जगाने, नैतिक चरित्र को ऊँचा उठाने आदि की कोशिश करनी चाहिए।

समाचार-पत्र आज भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। अगर समाचार-पत्र सही मार्गदर्शक की भूमिका निभाते रहे तो भारत देश की गणना विकसित देशों में की जाने लगेगी।

“समाचार-पत्र पढ़ो, पढाओ, अज्ञान अंधेरा दूर मिटाओ।”

Essay on Newspaper in Hindi 600 Words

समाचार-पत्रों की उपयोगिता

भारत की राष्ट्रीय भाषा ‘हिन्दी’ का पहला समाचार पत्र सन् 1826 में निकला था। नवल किशोर नाम के एक महानुभाव द्वारा शुरू किए इस प्रथम समाचार पत्र का नाम था ‘उदंड मार्तण्ड’। समाचार-पत्रों का इससे पूर्व का इतिहास प्राप्त नहीं होता। लेकिन अगर समाचारपत्रों के इतिहास में झांकना चाहेंगे तो इस दुनिया में हिन्दी तथा दिल्ली समाचार पत्रों का इतिहास बहुत ही रोचक है। वस्तुत: इनका आविर्भाव जिस कालावधि में हुआ है वह भारतीय पराधीनता की कालावधि है। जब भारत राजनैतिक रूप से ही नहीं अपितु सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक रूप से भी अंग्रेजों के अधीन था। राजनैतिक पराधीनता के साथ-साथ भारत को पूरी तरह से सांस्कृतिक गुलामी देने का प्रयास भी अंग्रेजों द्वारा किया जा रहा था और कार्य कर रहे थे यह अंग्रेज पादरी। उन्होंने भारतीय समाज में ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से श्रीरामपुर में एक छापाखाना खोला था, जिसका उपयोग बाइबिल का हिन्दी रूपान्तरण करने और प्रकाशित करने के लिए किया जाता था। उसी समय भारतीय समाज मुद्रण कला से परिचित हुआ और उसने इसके प्रयोग को और सीखने के साथ-साथ इसकी महत्ता को भी समझा।

पराधीनता भारतीयों के लिए एक कटु सच्चाई थी। उससे मुक्ति की चेतना भी हमारे लोगों में थी किन्तु कोई ऐसा सटीक माध्यम हमें प्राप्त नहीं था जिसके माध्यम से हम इस पराधीनता के दबाव को अभिव्यक्त कर पाते। आखिर में वह माध्यम हमें समाचार-पत्रों के रूप में प्राप्त हुआ। भारतीय स्वाधीनता की लड़ाई प्रधानत: दो स्तरों पर लड़ी गई। प्रथम, जनांदोलन के स्तर पर और दूसरा, बौद्धिक-संघर्ष के स्तर पर। दूसरे स्तर पर लड़ी जाने वाली लड़ाई में इन समाचार-पत्रों की महनीय भूमिका रही। इसमें किसी भी प्रकार का संदेह नहीं कि बौद्धिक रूप से भारतीय जनता के मन से पराधीनता के भाव को निकालने और इसके खिलाफ संघर्ष करने के लिए प्रेरित करने में इन समाचार पत्रों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

19 वीं शताब्दी समाचार-पत्रों की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। इसमें हजारों की संख्या में समाचार-पत्रों का प्रकाशन आरंभ हुआ था। इन पत्रों की विषयवस्तु किसी एक विशिष्ट विषय से संबंधित नहीं होती थी, अपितु वे मानव-समाज के प्रत्येक अंग को अभिव्यक्त करने का प्रयास करते थे। इससे सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक एवं सांस्कृतिक जागरुकता का भी विकास हुआ जिसका महत्वपूर्ण योगदान परवर्ती स्वाधीनता आन्दोलन में रहा।

यह तो ऐतिहासिक रूप से समाचार-पत्रों की महत्ता का रेखांकन था, इसी के साथ समाचार पत्र मानव मन की अन्यतम निगूढ़ अकांक्षाओं की संतुष्टि का भी प्रयास करते हैं। वे हमारे हृदय की प्रधान जिज्ञासु-वृत्ति को शान्त और परिष्कृत करते हैं। मानव मस्तिष्क हमेशा से कुछ नवीन जानने का प्रयास करता रहा है और उसकी इस लालसा को आधुनिक काल में समाचार पत्रों ने पूरा किया।

समाचारपत्र अनेकानेक विषयों से संबंधित खबरों को संकलित कर उनके संबंध में ज्यादा से ज्यादा जानकारी पिरोकर आम जनता के समक्ष प्रस्तुत करते हैं, जिससे मानव मन अनेकानेक क्षेत्रों से संबंधित खबरों और जानकारियों को प्राप्त कर सकता है। इसकी जो सर्वाधिक उपयोगिता इस परिप्रेक्ष्य में हमें दिखलायी पड़ती है वह है – हमारे ज्ञान कोष की अपरिमित वृद्धि। नियमित रूप से समाचार-पत्र पढ़ते रहने से एक तरफ जहाँ हमारे ज्ञान संज्ञान में वृद्धि होती है वहीं हम समाचार-पत्र के जरिए अपने समूचे परिवेश के प्रति भी जागरुक होते जाते है।

इसके साथ ही एक अन्य उपयोगिता, जो समाचार-पत्रों की हमें दिखलायी पड़ती है, वह है मनोरंजन। समाचार पत्रों में मात्र बौद्धिक विषयों से संबंधित जानकारियां ही नहीं होतीं अपितु सामाजिक जीवन क्रीड़ा जगत से संबधित एवं पहेलीनुमा जानकारियां भी विद्यमान होती हैं। इससे हमारे मन का एक अन्य कौतुहल और मनोरंजन की मनोवृत्ति भी संतुष्ट होती है।

तो समाचार-पत्रों की प्रासंगिकता के संदर्भ में यही कहा जा सकता है कि समाचार पत्रों की सामजिक, राजनैतिक एवं सांस्कृतिक आयामों से हमारे जीवन में पूरी अनिवार्यता एवं उपयोगिता है।

Essay on Newspaper in Hindi 650 Words

समाचार पत्रों का इतिहास

डॉ. विजय नारायण सिंह ने समाचार-पत्रों की सामाजिक महत्ता और उनकी भूमिका को अपने निबंध में स्पष्ट करते हुए एक स्थान पर लिखा है: “समाचार- पत्र प्राय: दस से सोलह पृष्ठ के होते हैं। अत: उनमें अधिक समाचारों को स्थान मिलता है। अधिकांश देशों में रेडियो और टेलीविजन उन देशों की सरकारों के नियंत्रण में हैं। अत: वे प्राय: सरकारी दृष्टिकोण को ही प्रसारित करते हैं। सामान्यत: जनता इन माध्यमों के समाचारों को विश्वसनीय नहीं मानती हैं। समाचार-पत्रों में अनेक ऐसे हैं, जिनकी सूचनाओं को जनता सत्य और भरोसेमंद मानती हैं। उनमें सुदूर ग्रामीण अंचलों की घटनाएँ भी छपती हैं। इसलिए समाचार-पत्रों की पहुंच जन-सामान्य तक है। समाचार-पत्रों की महत्व के संबंध में विचार करने से पहले इस मीडिया के उस व्यापक और अति-दीर्घ इतिहास को जान लेना आवश्यक है, जो भारत में उपनिवेशवादी शासन के आरम्भिक दौर से जुड़ा हुआ है।

किसी विद्वान आलोचक की हिन्दी पत्रों को भारतीय समाज के संदर्भ में रखकर कही गयी। यह बात सम्पूर्ण सत्य ही है कि भारतीय समाज को उसकी राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक गुलामी और पराधीनता का बोध कराने में, समाचार-पत्रों की एक अविश्वसनीय भूमिका रही है। इन समाचार-पत्रों का महत्व इसी बात से समझा जा सकता है कि जब से, भारत में इन समाचार पत्रों का अभ्युदय होता है, तभी से भारतीय समाज आधुनिक काल में प्रवेश करता है। आधुनिक काल की विशेषता यह मानी जाती है कि उसमें अपने आस-पास के वातावरण और स्थितियों-परिस्थितियों के प्रति, एक गहरी सचेतनता निरन्तर विद्यमान रहती है। अगर इस सचेतनता और यथार्थवादिता को निर्मित करने वाले उपकरणों पर विचार करें तो स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि इन उपकरणों में सर्वाधिक उल्लेखनीय उपकरण समाचार पत्र ही माना जाता है।

जिस विकट दुर्भाग्य की स्थिति में भारत अंग्रेजों का गुलाम बना था, उसे कोई भी भारतवासी भूल नहीं सकता। अंग्रेजों ने जब यहा पर अपनी सत्ता स्थापित की तब उनके सम्मुख जो सबसे बड़ी समस्या खड़ी हुई थी वह थी, भारतीय समाज में सांस्कृतिक-भाषा की स्थिति। अंग्रेजों ने अपने शासन को दीर्घायु बनाए रखने को पूर्णतः आवश्यक माना। इसके लिए उन्होंने नाना प्रकार के उपक्रम भी किए। उन्हीं उपक्रमों में एक समाचार पत्रों का प्रकाशन भी था। सर्वप्रथम जेम्स आगस्ट नामक व्यक्ति ने ‘बंगाल गजट ऑफ कोलकाता जनरल एडवाइजर’ नामक पत्र प्रकाशित किया। हिन्दी भाषा में प्रकाशित पहला समाचार पत्र ‘उदण्ड मार्तण्ड’ था, जो सन् 1826 में प्रकाशित होना आरम्भ हुआ था। इसके बाद राजा राम मोहन राय ने ‘बंगदूत’ नामक पत्र प्रकाशित किया। इन दोनों सम्पादकों ने इसके कारणों को भी जनता के सामने प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने अपने समाचार पत्रों के आमुखों पर इस बात को स्पष्ट शब्दों में रेखांकित किया कि आज हमारा समाज जिस अधोगति और पतनशीलता का ग्रास बनता जा रहा है, उसे देखकर हमारे हृदयों में अत्यधिक क्षोभ व्युत्पन्न होता है। और हम अपने हृदय में समाजसुधार और देश सुधार की पवित्र भावना का स्वाभाविक अनुभव करते हैं। हमारी इसी पवित्र भावना का परिणाम हैं, ये समाचार-पत्र। कहने का आशय यहां पर यह है कि उसी समय जो समाचार पत्र प्रकाशित हो रहे थे, उनका एकमात्र उद्देश्य अपने भारतीय समाज को अधोगति की दुर्व्यवस्था से बाहर निकालना था।

हिन्दी में, जिस कालखण्ड को ‘भारतेन्दु युग’ कहकर संबोधित किया जाता है, उसे तो हिन्दी पत्रिका का प्रबल-काल ही कहना चाहिए। इस समय प्रत्येक साहित्यकाल ने अपने बल पर एकाधिक समाचार पत्रों को निकाला। इसके बाद तो वर्तमान तक अनेक समाचार पत्र विपुल संख्या में प्रकाशित हुए हैं। सन् 1913 में ‘प्रताप’ प्रकाशित हुआ। इसके बाद 1918 में विश्वमित्र’ नामक दैनिक समाचार पत्र प्रकाशित होना आरम्भ हुआ। इसी प्रकार ‘आज’ ‘हरिजन’, ‘हिन्दु’, ‘दैनिक जागरण’, ‘राष्ट्रीय सहारा’ और ‘पंजाब केशरी’ आदि अनेक महत्वपूर्ण समाचार पत्र प्रकाशित हो रहे हैं। समाचार पत्रों की इतनी विपुल संख्या इस क्षेत्र के बृहद भविष्य को सहज ही रेखांकित करती है।

Essay on Newspaper in Hindi 800 Words

विज्ञान ने आज मनुष्य के जीवन को बहुत बदल दिया है। छापेखाने का आविष्कार होने पर समाचारपत्र आरम्भ हुए। सर्वप्रथम चीन में ‘पीकिंग गज़ट’ नामक पत्र छपना आरम्भ हुआ था। आज तो ‘प्रैस’ अर्थात् समाचारपत्र को अत्यन्त शक्तिशाली साधन माना जाता है। जिस दल या विचारधारा वाले लोगों के हाथ में समाचारपत्र होते हैं वे सारी जनता को अपना अनुयायी बना लेते हैं।

समाचारपत्र अनेक प्रकार के होते हैं। कुछ दिन में एक बार और कुछ दो बार प्रकाशित होते हैं। इन्हें दैनिक कहा जाता है। प्रात:काल आने वाले को प्रातः संस्करण और सायंकाल को प्रकाशित होने वाले को उस समाचार पत्र का सायं संस्करण कह दिया जाता है। कुछ पत्र साप्ताहिक और पाक्षिक होते हैं। मासिक और त्रैमासिक को समाचारपत्र न कह कर पत्रिका का नाम दिया जाता है।

समाचार पत्र आज हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन चुके हैं। प्रात: उठते ही सब समाचारपत्र पढ़ते हैं। कई लोगों को तो इसके बिना चैन नहीं पड़ता। समाचारपत्र द्वारा थोड़े से पैसों में घर बैठे देश-विदेश के समाचारों का ज्ञान हो जाता है तथा जनता के सामान्य ज्ञान में वृद्धि होती है कि अमुक देश का शासक कौन है, अमुक स्थान पर कौन-सा सम्मेलन हो रहा है या अमुक दुर्घटना का वास्तविक कारण क्या था, आदि। समाचारपत्रों से यह भी पता चलता है कि सरकार कौन-कौन से नए कानून बना रही है और जनकल्याण के लिये कौन-कौन से पग उठा रही है।

राजनीतिक नेता तो अपने स्वार्थों के लिए मतभेद बढ़ाते हैं किन्तु समाचार पत्र एक देश की जनता को दूसरे देशों के वृत्तान्तों से परिचित करवा कर मतभेदों को मिटा कर सारे संसार को एकता के सूत्र में पिरोने का प्रयत्न करते हैं। समाचारपत्र व्यापार को बढ़ाने में भी सहायक होते हैं। कारखाने-दार अपने उत्पादनों की मांग और खपत बढ़ाने के लिये तथा व्यापारी अपनी दुकान की प्रसिद्धि के लिए समाचारपत्रों में इश्तहार छपवाते हैं। व्यापारियों को दूसरी मण्डियों की स्थिति का तथा वहां के भावों का ज्ञान होने से व्यापार में सहायता मिलती है।

समाचारपत्र अवकाश प्राप्त बूढ़े व्यक्तियों के लिए समय बिताने का एक अच्छा साधन है। वे प्राय: आदि के अंत तक सारा समाचारपत्र पढ़ जाते हैं। बेकार व्यक्ति रिक्त स्थान’ या ‘आवश्यकता के कालम में अपने लिए उचित नौकरी या धंधा ढूंढ सकते हैं। समाचारपत्रों में विवाह सम्बन्धी विज्ञापन भी होते हैं जिन के द्वारा वर अथवा वधू का उचित चुनाव करने में सहायता मिलती है।

समाचारपत्र विविध पर्वो या उत्सवों पर और कभी-कभी विशेष विषयों से सम्बन्धित विशेषांक भी निकालते हैं। समाचारपत्रों में बच्चों और महिलाओं के लिए विशेष स्तम्भ होते हैं। कहानी, कविता, चुटकले आदि साहित्यिक और मनोरंजन प्रधान रचनाएं भी पत्रों में प्रकाशित होती हैं। पृथक-पृथक पत्रिकाएं भी विशेष विषयों से सम्बन्ध रखती हैं : फिल्में, फैशन, स्वास्थ्य, बुनाई-कढ़ाई, पाक शास्त्र, मनोविज्ञान, अपराध-विज्ञान आदि। कहने का अभिप्राय यह है कि कोई क्षेत्र ऐसा नहीं, जिस का समाचारपत्र से सम्बन्ध न हो।

समाचार-पत्र जन-जन को सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक, ऐतिहासिक, कानून तथा शिक्षा सम्बन्धी जानकारी पहुंचाता है। आज यदि कोई व्यक्ति समाचारपत्र के महत्त्व को नकारता है तो उसके लिए आधुनिक जगत की हलचलों से निरन्तर तालमेल बनाए रखना एक दुष्कर कार्य होगा। समाचार-पत्र आज हमारे जीवन का भाग बन चुके हैं। ये देश-विदेश के लोगों को परस्पर जोड़ने का एक प्रमुख साधन भी हैं।

समाचार-पत्र पूर्णत: निष्पक्ष होते हैं। विभिन्न तथ्यों को उनके मूल रूप में जनता के समक्ष प्रस्तुत करने का दायित्व समाचार-पत्र का ही है। अत: समाज के प्रति ये महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी का निर्वाह करते हैं। परन्तु यदि इसका गल्त प्रयोग होता है अथवा चंद लोगों द्वारा इसका प्रयोग निजी सेवाओं के लिए होता है तो ये समाज के लिए भयावह स्थिति उत्पन्न कर सकते हैं। अत: निष्पक्षता में ही इनकी महत्ता निहित है।

समाचार-पत्रों की उपयोगिता संचार के अन्य त्वरित साधनों की उपलब्धता के बावजूद बढ़ी है जो यह दर्शाता है कि विस्तृत एवं लिखित सामग्री का आज भी कोई विकल्प नहीं है। एक-दो रुपए में संपूर्ण बाहरी जगत् से साक्षात्कार समाचार पत्र ही करा सकते हैं, अन्य कोई माध्यम नहीं।

समाचारपत्रों के जहां उपरलिखित लाभ हैं, वहां कुछ हानियां भी हैं। कई समाचारपत्र अविश्वस्त और झूठी खबरें प्रकाशित करके किसी की पगड़ी उछालते हैं या किसी से रुपया ऐंठते हैं। कई समाचारपत्र पक्षपात के कारण उचित को अनुचित और अनुचित को उचित बतलाते हैं और इस प्रकार जनता से विश्वासघात करते हैं। कई बार स्वार्थवश किसी महत्त्वपूर्ण समाचार को दबा दिया जाता है और किसी छोटी सी घटना को खूब बढ़ा-चढ़ा कर प्रकाशित किया जाता है। कुछ पत्र अपनी बिक्री बढ़ाने के लिये नग्न और अर्धनग्न चित्र तथा अश्लील और उत्तेजक रचनाएं भी छापते हैं। इससे जनता की रुचि बिगड़ती है।

ज्यों-ज्यों मनुष्य का ज्ञान बढ़ता है त्यों-त्यों चिन्ता भी बढ़ती जाती है। संसार के किसी एक कोने में घटने वाली घटना दुनिया के अनेकों लोगों को सोचने और चिन्तन करके पर विवश कर देती है। यही कारण है कि मनोरोगों के डाक्टर आज के बढ़ते हुए मनोरोगों का एक कारण अखबार को भी मानते हैं। यदि समाचारपत्रों के सम्पादक निष्पक्ष होकर ईमानदारी से अपना कर्तव्य निभाएं तो समाचार पत्रों द्वारा देश और मानवता की सेवा की जा सकती है।

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essay writing on newspaper in hindi

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Hindi Essay on Newspaper (समाचार पत्र पर हिंदी निबंध)

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रूपरेखा : प्रस्तावना - समाचार पत्र क्या है - समाचार पत्र का इतिहास - समाचार पत्र की आवश्यकता - समाचार पत्र का महत्व - समाचार पत्र की उपयोगिता - समाचार पत्र की विशेषताएं - उपसंहार।

समाचार पत्र का जन्म सोलहवीं सदी में चीन में हुआ था। पीकिंग गजट विश्व का प्रथम समाचार पत्र था। अंग्रेजों के आगमन के पश्चात्‌ मुद्रण-कला के विकास के साथ-साथ भारत में भी समाचार-पत्र की शुरुवात हुई। भारत का प्रथम समाचार पत्र 'इंडिया गैजेट' था। आजकल तो समाचार-पत्रों की अनेक प्रकार आ गए है।

समाचार पत्र हमें संस्कृति, परम्पराओं, कलाओं, पारस्परिक नृत्य आदि के बारे में जानकारी देता है। ऐसे आधुनिक समय में जब सभी व्यक्तियों को अपने पेशे या नौकरी से अलग कुछ भी जानने का समय नहीं है, ऐसी स्थिति में यह हमें मेलों, उत्सवों, त्योहारों, सांस्कृतिक त्योहारों आदि का दिन व तारीख बताता है। यह समाज, शिक्षा, भविष्य, प्रोत्साहन संदेश और विषयों के बारे में खबरों के साथ ही रुचि पूर्ण वस्तुओं के बारे में बताता है, इसलिए यह हमें कभी भी नहीं ऊबाता है। यह हमें हमेशा संसार में सभी वस्तुओं के बारे में अपने रुचि पूर्ण विषयों के माध्यम से प्रोत्साहित करता है।

हमारे देश भारतवर्ष में अंग्रेजों के आने के पहले तक समाचार पत्रों का प्रचलन नहीं था। अंग्रेजों ने ही भारत में समाचार पत्रों का विकास किया। सन 1780 में भारत का सबसे पहला समाचार पत्र कोलकाता में प्रकाशित किया गया जिसका नाम था "दी इंडिया गैजेट" जिसका सम्पादन जेम्स हिक्की ने किया था। यही वो क्षण था जब से भारत में समाचार पत्रों का विकास हुआ। आज भारत में विभिन्न भाषाओं में समाचार पत्र प्रकाशित किये जा रहे हैं।

इन दिनों समाचार पत्र बहुत ही महत्वपूर्ण वस्तु है। यह सभी के लिए अपने दिन की शुरुआत करने के लिए पहली और महत्वपूर्ण वस्तु है। अपने दिन की शुरुआत ताजी खबरों और सूचनाओं के साथ करना बहुत ही बेहतर होता है। यह हमें आत्मविश्वासी बनाता है और हमारे व्यक्तित्व को सुधारने में हमारी मदद करता है। यह सुबह में सबसे पहले हम सभी को ढेर सारी सूचनाओं और खबरों की जानकारी प्रदान करता है। देश का नागरिक होने के नाते, हम अपने देश व दूसरे देशों में होने वाली सभी घटनाओं और विवादों के बारे में जानने के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। यह हमें राजनीति, खेल, व्यापार, उद्योग आदि के बारे में सूचित करता है। यह हमें बॉलीवुड और व्यावसायिक हस्तियों के व्यक्तिगत जीवन के बारे में भी जानकारी देता है।

वर्तमान समय में, जब सभी लोग अपने जीवन में इतने व्यस्त है, ऐसे में उनके लिए बाहरी संसार के बारे में सूचनाओं या खबरों की जानकारी होना बहुत ही मुश्किल से संभव है, इसलिए समाचार पत्र इस तरह की कमजोरी को हटाने का सबसे अच्छा विकल्प है। यह हमें लगभग 15 मिनट में किसी घटना की विस्तृत जानकारी दे देता है। यह सभी क्षेत्रों से संबंधित व्यक्तियों के लिए बहुत ही लाभदायक है क्योंकि यह सभी के अनुसार जानकारियों को रखता है जैसे विद्यार्थियों, व्यापारियों, राजनेताओं, खिलाड़ियों, शिक्षकों, उद्यमियों आदि।

Nibandh Category

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Hindi Essay (Hindi Nibandh) 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन

Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – Essays in Hindi on 100 Topics

हिंदी निबंध: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध लिखने की आवश्यकता होती है।

निबंध – Nibandh In Hindi – Hindi Essay Topics

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  • राष्ट्र निर्माण में युवाओं का योगदान निबंध – (Role Of Youth In Nation Building Essay)
  • अतिवृष्टि पर निबंध – (Flood Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका पर निबंध – (Role Of Teacher In Nation Building Essay)
  • नक्सलवाद पर निबंध – (Naxalism In India Essay)
  • साहित्य समाज का दर्पण है हिंदी निबंध – (Literature And Society Essay)
  • नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – (Drug Abuse Essay)
  • मन के हारे हार है मन के जीते जीत पर निबंध – (It is the Mind which Wins and Defeats Essay)
  • एक राष्ट्र एक कर : जी०एस०टी० ”जी० एस०टी० निबंध – (Gst One Nation One Tax Essay)
  • युवा पर निबंध – (Youth Essay)
  • अक्षय ऊर्जा : सम्भावनाएँ और नीतियाँ निबंध – (Renewable Sources Of Energy Essay)
  • मूल्य-वृदधि की समस्या निबंध – (Price Rise Essay)
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  • बस्ते का बढ़ता बोझ पर निबंध – (Baste Ka Badhta Bojh Essay)
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  • महंगाई की समस्या पर निबन्ध – (Problem Of Inflation Essay)
  • महंगाई पर निबंध – (Mehangai Par Nibandh)
  • आरक्षण : देश के लिए वरदान या अभिशाप निबंध – (Reservation System Essay)
  • मेक इन इंडिया पर निबंध (Make In India Essay In Hindi)
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  • मेरे सपनों का भारत पर निबंध – (India Of My Dreams Essay)
  • भारतीय राजनीति में जातिवाद पर निबंध – (Caste And Politics In India Essay)
  • भारतीय नारी पर निबंध – (Indian Woman Essay)
  • आधुनिक नारी पर निबंध – (Modern Women Essay)
  • भारतीय समाज में नारी का स्थान निबंध – (Women’s Role In Modern Society Essay)
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  • चुनाव स्थल के दृश्य का वर्णन निबन्ध – (An Election Booth Essay)
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  • स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध – (Health Is Wealth Essay)
  • महाकवि तुलसीदास का जीवन परिचय निबंध – (Tulsidas Essay)
  • मेरा प्रिय कवि निबंध – (My Favourite Poet Essay)
  • मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favorite Book Essay)
  • कबीरदास पर निबन्ध – (Kabirdas Essay)

इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

essay writing on newspaper in hindi

समाचार पत्र पर निबंध (Essay on Newspaper in Hindi)

अगर आप एक स्टूडेंट है तो आपको निबंध लिखने जरूर परेशानी होती होगी खेर आज की इस आर्टिकल में समाचार पत्र पर निबंध असान भाषा में लिखने किसी करेंगे (Essay on Newspaper in Hindi) ताकि Newspaper par Nibandh Likhne में परेशानी न हो और ये Essay On Newspaper In Hindi for class 1 से लेकर 12th तक स्टूडेंट के लिए बेस्ट होगा बस आपको ये आर्टिकल पूरा पढ़ना है।

समाचार पत्र हमारी जिंदगी का एक महत्वपूर्ण अंग है। अखबार पढ़ना हमारे लिए बहुत ही जरूरी है। यह हमें देश दुनिया से जुड़े रखती है। हम घर बैठे अखबार के माध्यम से पूरे विश्व की खबर पढ़ सकते हैं। अखबार ने हमारी जिंदगी को बहुत ही आसान बना दिया है। जबसे समाचार पत्र का चलन बढ़ा है। तब से लोगों में जागरूकता भी बड़ी है।

Essay on News Paper in Hindi

पहले के मुकाबले आज लोग ज्यादा जागरूक हैं। वे अपने देश की हर एक नीतियों के बारे में जानते हैं। दूसरे देश में क्या हो रहा है इसके बारे में भी वह जानकारी रखते हैं आज अखबार के माध्यम से हमें हर एक चीज की जानकारी प्राप्त होती है।  हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था कैसी है और देश की राजनीतिक में क्या हो रहा है।

सरकार हमारे लिए कौन सी नीतियां लागू कर रही हैं। इन सारी चीजों की जानकारी हमें अखबार के माध्यम से हो जाती है। इसी कारण आज लोगों को यह सारी जानकारी बहुत आसानी से घर बैठे मिल जाती है।

समाचार पत्र (Newspaper) समिति देश-विदेश के साथ-साथ हमारे आसपास की सारी घटनाओं की खबर भी हमें मिलती है अखबार हमें समय के साथ जागरूक रखता है अखबार के माध्यम से हम नए टेक्नोलॉजी के बारे में जानते हैं मनोरंजन के क्षेत्र के बारे में जानते हैं शिक्षा के क्षेत्र के बारे में जानते हैं यह सारी जानकारी हमें घर बैठे एक ही जगह अखबार में मिल जाती है।

 1  समाचार पत्र का इतिहास (History of Newspaper)

समाचार पत्र को यूरोपीय महाद्वीप का आविष्कार माना जाता है। 1566 में सबसे पहले समाचार पत्र venice में हाथों से लिखे जाते थे और इन लोगों के बीच बांटा जाता था। साप्ताहिक समाचार पत्र था जिसमें युद्ध और इटली और यूरोप की राजनीति का समाचार होता था।

1609 में पहला प्रिंटेड अखबार जर्मनी में छपा था। उस वक्त अभिव्यक्ति की आजादी उतनी नहीं थी इसलिए उन समाचार पत्र में सिर्फ विदेश की जानकारी और कुछ सामानों की दामों की जानकारी दी जाती थी। सरकार की ज्यादा दखल होने के कारण अखबार छापने वाले प्रिंट मीडिया तक राजनीति की जानकारी अखबार में ज्यादा नहीं दे सकते थे।

1695 में जब अंग्रेजी सरकार ने अखबारों से संसद के के बारे में पता चला तबसे अखबार का विकास और तेजी से होने लगा अब अखबारों में आपको राजनीतिक जानकारियां भी प्राप्त होती थी।

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 2  भारत में समाचार पत्र का विकास (Newspaper development in India)

अंग्रेजी सरकार के शासन से पहले हमारे देश में किसी भी प्रकार का समाचार पत्र (Newspaper) प्रकाशित नहीं होता था। भारत में समाचार पत्र के विकास का श्रेय अंग्रेजी सरकार को जाता है। अंग्रेजी सरकार के आने के बाद ही हमारे देश में समाचार पत्र  प्रकाशित होना शुरू हुआ।

हमारे देश में पहला समाचार पत्र 29 जनवरी 1780 को कोलकाता में James Augustus Hicky द्वारा प्रकाशित किया गया था इस समाचार पत्र का नाम “the bengal gazette” था। बहुत से लोग इसे “hicky gazette”  के नाम से जानते थे। इस अखबार में मुख्य तौर पर विज्ञापन प्रकाशित जाता था।

इस वक्त अंग्रेजी सरकार ने अखबारों में बहुत ही कड़ा प्रतिबंध लगाया हुआ था अगर कोई अखबार सरकार के खिलाफ किसी भी तरह की जानकारी या आलोचना करता है तो ब्रिटिश सरकार उस पत्रकार को और अखबार प्रकाशित करने वाले को कड़ी सजा देती थी।

इसीलिए 18 वीं सदी के अंत तक और 19वीं सदी की शुरूआत तक कोई भी प्रभावशाली पत्रकार उभर कर सामने नहीं आया। 1811 में कोलकाता के कुछ व्यवसायियों ने एक समाचार पत्र प्रकाशित करने का सोचा इस समाचार पत्र का नाम “culcutta chronicles” है यह समाचार पत्र James Silk Buckingham प्रकाशित किया गया था।

James silk Buckingham ने भारत में समाचार पत्र (Newspaper) को एक नया आयाम दिया। उन्होंने भारत में पारदर्शी समाचारों का चलन लाया। समाचार पत्र में भारत के लोगों के समस्याओं को सरकार के सामने लाए और भारत के लोगों के समाचार के माध्यम से आवाज उठाया। उन्होंने हमारे देश की कुप्रथा “सती प्रथा” के खिलाफ आवाज उठाया और एक आंदोलन चलाया।

1878 में दा हिंदू नाम का एक अंग्रेजी समाचार पत्र प्रकाशित हुआ जो मुख्य  तौर पर तमिलनाडु और केरल के इलाकों में प्रकाशित होता था। अखबार ने हमारे देश की आजादी में बहुत ही अहम भूमिका निभाई है अखबार के माध्यम से उस वक्त लोगों को हमारे देश में हो रही आंदोलन के बारे में जानकारी मिलती थी। लोगों को ब्रिटिश सरकार के अत्याचारों की जानकारी दी जाती थी। ताकि लोग अंग्रेजी सरकार के कानूनों के खिलाफ आवाज उठाएं और देश के आजादी की लड़ाई में एक एक दूसरे का साथ दें।

बाल गंगाधर तिलक दो समाचार पत्र प्रकाशित करते थे एक केसरी और एक मराठा इसमें वह लोगों को ब्रिटिश सरकार के अत्याचारों के खिलाफ जागरूक करते थे और इस समाचार पत्र के माध्यम से वह ब्रिटिश सरकार के खिलाफ आवाज उठाने में सक्षम है।

महात्मा गांधी भी कई समाचार पत्र प्रकाशित करते थे उनमें से दो समाचार पत्र “young india” और “harijan” थे। हरिजन समाचार पत्र के माध्यम से हुए दलितों के साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाते थे और दलितों को जागरूक करते थे।

आजादी के बाद भारत के समाचार पत्र के शैली बहुत बदल गई अब यहां पर एक पारदर्शिता पाली पत्रकारिता होने लगी अब लोग खुलकर सरकार के अच्छी नीतियों का प्रोत्साहन करते थे और उनकी खराब नीतियों का आलोचना करते थे। आजादी के बाद पत्रकारों को और हमारे लोगों को अभिव्यक्ति की आजादी मिली लोग खुलकर सरकार के नीतियों का विश्लेषण करते थे।

आजादी के बाद भारत में समाचार पत्र का चलन बहुत तेजी से बढ़ गया जिसके कारण यह एक इंडस्ट्री के तौर पर उभरा और आज विश्व में सबसे बड़े newspaper industry में भारत का समाचार पत्र का इंडस्ट्री है।

आज हमारे देश में हजारों समाचार पत्र रोज प्रकाशित होते हैं। आज हर शहर में कई सारे लोकल समाचार पत्र प्रकाशित होते हैं जिसमें उन्हें उनके शहर के सारी जानकारी और उनके शहर में हो रहे राजनीतिक बदलाव अपराधिक घटनाएं  और भी महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त होती हैं।

आज हमारे देश में कई भाषाओं में समाचार पत्र प्रकाशित होते हैं हर एक राज्य में उनकी मातृभाषा में भी कई सारे समाचार पत्र प्रकाशित होते हैं। आज के समय में अलग-अलग domain के लिए अलग-अलग समाचार पत्र प्रकाशित होते हैं। बिजनेस शिक्षा राजनीति अपराधिक घटनाएं मनोरंजन जैसे अलग-अलग domain के लिए अलग से अखबार छापते हैं. मोबाइल फ़ोन पर निबंध 2000 Words | Essay on Mobile Phone in Hindi ।

आज सभी देश में एक अंतरराष्ट्रीय समाचार को प्रकाशित करने वाले एक बार होती है जो कि अंतरराष्ट्रीय समाचार को संचालित करती है इन अखबारों में आपको दूसरे देशों में हो रहे राजनीतिक उथल-पुथल और अन्य मासूम घटनाओं की जानकारी दी जाती है।

 3  अखबार पढ़ने के लाभ (Benefits of reading a newspaper)

Reading skill: रोज अखबार पढ़ने से आपके अंदर अच्छा reading skill उत्पन्न होता है आप बहुत तेजी से एकाग्रता से किसी भी चीज को पढ़ सकते हैं।

current affairs: जो लोग सरकारी नौकरी की तैयारी करते हैं उनके लिए समाचार पत्र पढ़ना बहुत ही जरूरी है क्योंकि समाचार पत्र पढ़ने से उन्हें समसामयिक घटनाओं की अच्छी जानकारी होती है और उन्हें करंट अफेयर की बहुत अच्छी जानकारी मिल जाती है इससे उनकी परीक्षाओं की तैयारी और मजबूत हो जाती है।

job vacancy: अखबार नौकरी की भर्तियों के बारे में भी पता चलता है हर बार हमें हर दिन नए-नए नौकरी का अवसर के बारे में बताती है जो कि युवाओं के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद होती है।

शब्दावली और व्याकरण में सुधार: अगर आप रोज अखबार पढ़ते हैं तो आपकी शब्दावली में शब्दों की संख्या बढ़ती है और आपका व्याकरण भी बहुत ज्यादा अच्छा हो जाता है।

आप रोज अंग्रेजी अखबार पढ़ते हैं तो आपके अंग्रेजी बहुत मजबूत हो जाती है और आप अच्छे से अंग्रेजी बोल भी पाते हैं और अच्छे अंग्रेजी पढ़ पाते हैं।

New technology: अखबार पढ़ने से हमें नए-नए टेक्नोलॉजी के बारे में भी जानकारी मिलती रहती है आए दिन अखबार में विज्ञान के नए आविष्कारों के बारे में बताया जाता है हम नए मोबाइल फोन के बारे में अखबार  के माध्यम से जानते हैं नए टेक्नोलॉजी के बारे में अखबार माध्यम से जानते हैं।

advertisement:  अखबार के द्वारा हमें नए ब्रांड के बारे में पता चलता है कि हमारे बाजार में कौन सा नया ब्रांड आया है।

जागरूकता:   अखबार की सबसे खास बात यह है कि अखबार के माध्यम से लोगों को हर एक प्रकार की जानकारी घर बैठे मिल जाती है इससे लोगों की जागरूकता बढ़ती है हम घर बैठे देश विदेश की खबरों को पढ़ पाते हैं।

अखबार में हर दिन सरकार की नीतियों के बारे में बताया जाता है। अखबार के माध्यम से लोगों को नौकरी की जानकारी मिलती है टेक्नोलॉजी की जानकारी मिलती है राजनीति की जानकारी मिलती है और बहुत सारी जानकारी हमें अखबार के माध्यम से मिलती है।

अखबार में हमें मौलिक शिक्षा भी प्राप्त होती है हर दिन अखबार में एक मौलिक शिक्षा पर आर्टिकल होता है जिसका उद्देश्य होता है कि यह लोगों को हर दिन एक मौलिक शिक्षा प्रदान करें। अखबार में हमें बहुत सारी प्रोत्साहित करने वाली कहानियां भी मिलती है।  अखबार के माध्यम से हम अपनी आवाज सरकार तक पहुंचा सकते हैं।

  • महात्मा गाँधी पर निबन्ध | Mahatma Gandhi Essay in Hindi

हमें अखबार रोज पढ़ना चाहिए क्योंकि अखबार हमें बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारियां देती है। समाचार पत्र ना सिर्फ हमें देश दुनिया की खबर देती है बल्कि यह हमें मौलिक शिक्षा भी प्रदान कराती हैं समाचार पत्र के माध्यम से हम नई चीजें भी सीखते हैं हमें नए टेक्नोलॉजी के बारे में पता चलता है।

तो दोस्तों मैंने आपको इस आर्टिकल में समाचार पत्र पर निबंध असान भाषा में लिखने के बारे में बताया (Essay on Newspaper in Hindi) ताकि Newspaper par Nibandh Likhne में कोई दिकत न हो खेर आपको आर्टिकल कैसा लगा हमें आप कमेंट सेक्शन में जरूर बताये.

हर एक छात्र को रोज समाचार पत्र पढ़ना चाहिए क्योंकि समाचार पत्र पढ़ने से उनकी पढ़ने में तेजी आती है वह बहुत जल्दी किसी चीज को समझ पाते हैं और उन्हें बहुत ही सारी चीजों की जानकारी मिलती है।

समाचार पत्र हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा है समाचार पत्र हमें एक ही जगह पर सारी चीजों की जानकारी मुहैया कराती है। समाचार पत्र समाज में जागरूकता बढ़ाने में बहुत ही अहम भूमिका निभाती है।

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Essay on Newspaper in Hindi Language

essay writing on newspaper in hindi

Here is a compilation of Essays on ‘Newspaper’  for the students of class 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12 as well as for teachers. Find paragraphs, long and short essays on ‘Newspaper’ especially written for School Students and Teachers in Hindi Language.

List of Essays on Newspaper (समाचार-पत्र पर निबंध)

Essay Contents:

  • वर्तमान समाज के निर्माण में समाचार पत्र की भूमिका | Essay on the Role of Newspaper in Today’s Society for School Students in Hindi Language

1.  समाचार पत्र । Essay on Newspaper in Hindi Language

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है । उसके हृदय में कौतूहल और जिज्ञासा दो ऐसी वृत्तियां हैं जिनसे प्रेरित हो यह अपने आसपास समेत विश्व में कहां क्या घटित हो रहा है उन घटनाओं से परिचित होना चाहता

है । वर्तमान में ऐसा कोई भी देश नहीं है जहाँ कुछ न कुछ न हो रहा हो ।

यह राजनीतिक, सामाजिक या फिर आर्थिक किसी भी रूप में हो सकता है । विज्ञान के इस युग में नये-नये आविष्कार या अनुसंधान रोजना हो रहे हैं । इन सबको जानने का सबसे सस्ता साधन है समाचार पत्र । यह विश्व में घटित घटनाओं का दस्तावेज भी कहलाता है । आज से तीन शताब्दी पहले तक लोगों को समाचार पत्रों के बारे में ज्ञान नहीं था ।

संदेशवाहक ही समाचार एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाते थे । समाचार पत्रों का जन्म इटली के वेनिसनगर में तेरहवीं शताब्दी में पहला समाचार पत्र अस्तित्व में आया । समाचार पत्र के शुरुआत को लेकर कोई मतैक्य नहीं है । कुछ लोगों का मानना है कि पहला समाचार पत्र 1609 में जर्मनी से प्रकाशित हुआ जबकि कुछ लोगों का मानना है कि पहला समाचार पत्र सातवीं शताब्दी में चीन से प्रकाशित हुआ ।

जर्मनी के बाद ब्रिटेन में 1662 में समाचार पत्र के प्रकाशन का पता चलता है । भारत में 1834 में इंडिया गजट के नाम से समाचार पत्र प्रकाशित हुआ । भारत में अंग्रेजों के आगमन से मुद्रण कला में हुई प्रगति के साथ-साथ भारत में भी समाचार पत्र का प्रकाशन शुरू हुआ ।

भारत से प्रकाशित पहले समाचार पत्र का नाम ‘इंडिया गजट’  था । इसके बाद हिन्दी का पहला साप्ताहिक समाचार पत्र 30 मई, 1826 को प्रकाशित हुआ । ‘उदन्त मार्तन्ड’ के नाम से प्रकाशित यह समाचार पत्र साप्ताहिक था । इसके बाद राजा राममोहन राय ने ‘कौमुदी’ और ईश्वर चद्र ने ‘प्रभाकर’ नामक पत्र निकाले ।

इनके बाद तो एक-एक कर कई समाचार पत्रों का प्रकाशन शुरू हो गया । आज करीब पचास हजार दैनिक, साप्ताहिक सहित समाचार पत्रों का प्रकाशन देश भर में हो रहा है । समाचार पत्र ही एक ऐसा साधन है जिससे लोकतंत्रात्मक शासन प्रणाली फली-फूली । समाचार पत्र शासन और जनता के बीच माध्यम का काम करते हैं । समाचार पत्रों की आवाज जनता की आवाज कही जाती है ।

ADVERTISEMENTS:

विभिन्न राष्ट्रों के उत्थान एवं पतन में समाचार पत्रों का बड़ा हाथ होता है । एक समय था जब देश के निवासी दूसरे देशों के समाचार के लिए भटकते थे । अपने ही देश की घटनाओं के बारे में लोगों को काफी दिनों बाद जानकारी मिल पाती थी ।

समाचार पत्रों के आने से आज मानव के समक्ष दूरी रूपी कोई दीवार या बाधा नहीं है । किसी भी घटना की जानकारी उन्हें समाचार पत्रों से प्राप्त हो जाती है । विश्व के विभिन्न राष्ट्रों के बीच की दूरी इन समाचार पत्रों ने समाप्त कर दी है । मुद्रण कला के विकास के साथ-साथ समाचार पत्रों के विकास की कहानी भी जुड़ी है ।

वर्तमान में समाचार पत्रों का क्षेत्र अपने पूरे यौवन पर है । देश का कोई नगर ऐसा नहीं है जहाँ से दो-चार समाचार पत्र प्रकाशित न होते हों । समाचार पत्र से अभिप्राय समान आचरण करने वाले से है । इसमें क्योंकि सामाजिक दृष्टिकोण अपनाया जाता है इसलिए इसे समाचार पत्र कहा जाता है । उल्लेखनीय है कि भारतीय लोकतंत्र का चौथा स्थान समाचार पत्र है ।

समाचार पत्र निकालने के लिए कई लोगों की आवश्यकता होती है । इसलिए यह व्यवसाय पैसे वाले लोगों तक ही सीमित है । किसी भी समाचार पत्र की सफलता उसके समाचारों पर निर्भर करती है । समाचारों का दायित्व व सफलता संवाददाता पर निर्भर करती है ।

समाचार पत्र एक ऐसी चीज है जो राष्ट्रपति भवन से लेकर एक खोमचे तक में देखने को मिल जाएगा । समाचार पत्रों के माध्यम से हम घर बैठे विश्व के किसी भी कोने का समाचार पा लेते हैं । समाचार पत्र छपने से पहले कई चरणों से गुजरता है । सबसे पहले संवाददाता समाचार लिखता है । इसके बाद उप संपादक या संपादकीय विभाग से कर्मचारी उसका संपादन करते हैं ।

इसके बाद उसे कंपोजिंग के लिए भेजा जाता है । कंपोजिंग के बाद उसका प्रूफ पढ़ा जाता है । इसके बाद पेज बनता है । पेज बनने के बाद उसे छपने के लिए मशीन विभाग में भेजा जाता है । इस प्रकार समाचार पत्र छपने के बाद उसे सड़क, हवाई तथा रेल मार्ग से विभिन्न स्थानों को भेजा जाता है ।

समाचार पत्रों से हमें जहां विश्व भर की घटनाओं की जानकारी मिलती है वहीं इसमें अपना विज्ञापन देकर व्यवसायी लोग अपना व्यापार भी बढ़ाते हैं । इनमें विज्ञापन देने से हर तबके में मध्य आप अपने उत्पाद का प्रचार कर सकते हैं । समाचार पत्रों में हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ विशेष अवश्य होता है । इसमें महिलाओं से लेकर बच्चों तक के लिए सामग्री प्रकाशित होती है ।

समाचार पत्रों के माध्यम से हमें राजनीतिक घटनाक्रमों के अलावा खेलों, फलों व सब्जियों के भाव, रेलवे आरक्षण, परीक्षा परिणाम, विभिन्न शैक्षिक संस्थानों में प्रवेश सम्बन्धी जानकारी भी प्राप्त होती है । समाचार पत्र दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक या फिर त्रैमासिक हो सकता है ।

इनमें दैनिक, सांध्य, साप्ताहिक, पाक्षिक और मासिक प्रमुख हैं । रोजाना छपने वाले अखबार दैनिक कहलाते हैं । रोजाना अपराह्न प्रकाशित होने वाले अखबार सांध्य दैनिक कहलाते हैं । इनके अतिरिक्त सप्ताह में एक बार छपने वाला साप्ताहिक तथा पन्द्रह दिनों में एक बार छपने वाला समाचार पत्र पाक्षिक कहलाता है ।

हमारे देश में समाचार पत्र हिन्दी, अंग्रेजी, बंगाली, पंजाबी, मराठी, तमिल, तेलगू तथा संस्कृत भाषाओं में छपते हैं । हिन्दी के बड़े दैनिक समाचार पत्रों में नवभारत टाइम्स, दैनिक हिन्दुस्तान, राष्ट्रीय सहारा, अमर उजाला, दैनिक भास्कर, राजस्थान पत्रिका, दैनिक जागरण तथा पंजाब केसरी प्रमुख हैं ।

इनके अलावा अंग्रेजी में टाइम्स ऑफ इंडिया, हिन्दुस्तान टाइम्स, इंडियन एक्सप्रेस, स्टेट्‌स मैन, पाइनियर, एशियन ऐज आदि प्रमुख दैनिक समाचार पत्र हैं । इनके अलावा हजारों ऐसे समाचार पत्र हैं जिनकी प्रसार संख्या ज्यादा नहीं है या फिर वे क्षेत्रीय समाचार पत्र हैं । उन सबकी जानकारी देना संभव नहीं है ।

समाज, राजनीति में व्याप्त कुरीतियों को दूर कराने में समाचार पत्र काफी सहायक सिद्ध हुए हैं । सरकारी नीति व नौकरशाहों द्वारा किये जा रहे घोटालों का पर्दाफाश समाचार पत्र ही करते हैं । विचारों को स्पष्ट और सही रूप में प्रस्तुत करने का समाचार पत्र से कोई और अच्छा साधन नहीं हो सकता । वर्तमान में विचारों की प्रधानता है । समाचार पत्रों से जहां लाभ हैं वहां हानियां भी हैं ।

पिछले कुछ वर्षों से समाचार पत्रों का किसी न किसी राजनीति दल से गठजोड़ देखने को मिल रहा है । राजनीतिक दलों से गठजोड़ करने वाले समाचार पत्र उनकी नीतियों और विचारों को प्रमुखता से प्रस्तुत करते हैं । इनके अलावा समाचार पत्र के संवाददाता भी कई बार राजनीति से प्रेरित हो किसी समाचार को राजनीतिक रंग दे देते हैं ।

समाचार पत्रों के लाभ यह है कि इनमें एक तरफ समाचार जहां विस्तृत रूप से प्रकाशित होते हैं वहीं इनमें छपी सामग्री को हम काफी दिनों तक संभाल कर रख सकते हैं । दूरदर्शन या टीवी चैनलों द्वारा प्राप्त समाचारों से संबंधित जानकारी हम भविष्य के लिए संभाल कर नहीं रख सकते हैं । इसके अलावा यह क्षेत्रीय भाषाओं में प्रकाशित होने के कारण जो लोग हिन्दी या अंग्रेजी नहीं जानते उन तक को समाचार उपलब्ध करवाते हैं ।

2. समाचार-पत्र एवं उनकी शक्ति | Essay on Newspaper and its Power for School Students in Hindi Language

विस्तार बिंदु:.

1. जनसंचार के माध्यम किसी भी देश अथवा समाज में होने वाली विविध गतिविधियों के प्रतिबिंब ।

2. स्वाधीनता संग्राम में समाचार-पत्रों का योगदान ।

3. समाचार-पत्रों के सकारात्मक एवं नकारात्मक पक्ष ।

4. निष्कर्ष ।

जनसंचार माध्यम (टेलिविजन, रेडियो, समाचार-पत्र आदि) किसी भी समाज या राष्ट्र की सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक गतिविधियों का प्रतिबिम्ब होते हैं । भारत जैसे विशाल एवं विकासशील देश में समाचार-पत्र एक महत्वपूर्ण जनसंचार माध्यम है, जो जनसंख्या के व्यापक अंश तक अपनी पहुंच रखते हैं ।

समाचार-पत्रों द्वारा जीवन के विभिन्न पक्षों से जुड़ी जानकारियां स्थायी सामग्री के रूप में उपलब्ध करायी जाती है । ग्रामीण क्षेत्रों में साक्षरता के प्रसार ने समाचार-पत्रों के प्रसार को व्यापक बना दिया है । समाचार-पत्रों के प्रसार क्षेत्र द्वारा ही उनकी शक्ति निर्धारित होती है । समाचार-पत्रों का प्रचलन आरंभ होने के बाद से ही वे मानव के दृष्टिकोण एवं विचारों को प्रभावित करते रहे हैं ।

विभिन्न देशों में हुई सामाजिक व राजनीतिक क्रांतियों के अतिरिक्त भारत के स्वतंत्रता संघर्ष में भी समाचार-पत्रों की भूमिका महत्वपूर्ण रही । पुनर्जागरण के अग्रदूत राजा राममोहन राय सहित अन्य सुधारकों ने भी अपने धार्मिक एवं सामाजिक सुधार कार्यक्रमों को विस्तार देने तथा जन-जन तक पहुंचाने हेतु समाचार-पत्रों का ही सहारा लिया ।

लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक (मराठा, केसरी), सुरेन्द्रनाथ बनर्जी (बंगाली), भारतेंदु हरिश्चंद्र (संवाद कौमुदी), लाला लाजपत राय (न्यू इंडिया), अरविंद घोष (वंदे मातरम्’), महात्मा गांधी (यंग इंडिया व हरिजन) आदि महान नेताओं एवं राष्ट्रीय स्वाधीनता आंदोलन के संचालकों ने विभिन्न भाषाई समाचार-पत्रों के माध्यम से ब्रिटिश शासन की शोषणकारी नीतियों एवं कार्यों को उजागर करके जन-सामान्य तक पहुंचाया ।

इन समाचार-पत्रों से संपूर्ण विश्व में अत्याचारपूर्ण ब्रिटिश शासन का प्रचार होता था । समाचार-पत्रों की इस बहुआयामी भूमिका के कारण ही ब्रिटिश शासन द्वारा प्रेस पर कठोर प्रतिबंध आरोपित किये गये तथा समाचार-पत्रों एवं उनके संचालकों को अराजक घोषित कर दिया गया । किंतु समाचार-पत्रों द्वारा पैदा किये गये जन-उभार ने स्वतंत्रता प्राप्ति के लक्ष्य को प्राप्त करने में बहुमूल्य योगदान दिया ।

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद सरकारी नीतियों तथा विकास कार्यक्रमों को लोगों तक पहुंचाने में समाचार-पत्रों का योगदान सराहनीय रहा । साक्षरता के प्रसार, राजनीतिकरण तथा आधुनिकीकरण की प्रक्रिया के साथ-साथ समाचार-पत्रों की प्रसार संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है, जिसके फलस्वरूप उनकी शक्तियों का भी विस्तार हुआ है । समाचार-पत्रों की शक्ति के सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों पक्ष हैं ।

सकारात्मक पक्ष:

समाचार-पत्र लोगों को दिन प्रतिदिन की घटनाओं से अवगत कराते हैं । समाचार-पत्रों के माध्यम से ही विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक व आर्थिक समूह एक-दूसरे के दृष्टिकोण, मान्यताओं एवं अपेक्षाओं से परिचित होते हैं । इस प्रकार समाज में एक शांतिपूर्ण सामंजस्य की प्रक्रिया आरंभ हो जाती है, जिसमें आपसी विवादों एवं मतभेदों का निराकरण सहमतिपूर्ण ढंग से करना संभव होता है ।

समाचार-पत्र सामाजिक व नैतिक मूल्यों के क्षरण को रोकने में सहायक होते हैं तथा प्राचीन परंपराओं एवं उदाहरणों के माध्यम से नैतिकता में जन-मानस की आस्था को सुस्थिर रखने का प्रयास करते हैं । समाचार-पत्रों द्वारा सांस्कृतिक गतिविधियों को सक्रिय रखने में भी गतिशील भूमिका निभायी जाती है ।

समाचार-पत्रों का सबसे महत्वपूर्ण कार्य जनमत का निर्माण करना है । समाचार-पत्रों को भारतीय लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है । समाचार-पत्र सरकार, सरकारी नीतियों व कार्यक्रमों तथा महत्वपूर्ण फैसलों के विषय में जनमत का निर्माण करते हैं । जनमत का प्रतिनिधित्व करने के कारण समाचार-पत्रों की आवाज को सुनना तथा उस पर जरूरी निर्णय लेना लोकतांत्रिक सरकार के लिए लगभग बाध्यकारी होता है ।

समाचार-पत्रों के विश्लेषण एवं लेखों से चुनावी परिणामों पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है । बड़ी संख्या में मतदाता समाचार-पत्रों की खबरों को आधार बनाकर अपना मत निर्णय करते हैं । इस प्रकार समाचार-पत्र किसी पार्टी या व्यक्ति के पक्ष में चुनावी लहर को जन्म देने वाले मुख्य अभिप्रेरक होते हैं ।

समाचार-पत्र स्थानीय एवं राष्ट्रीय स्तर की समस्याओं के प्रति सरकार एवं जनता का ध्यान आकर्षित करते हैं तथा उसके निराकरण हेतु सम्बद्ध पक्षों पर दबाव डालते हैं । अपनी शक्तियों के इन्हीं सकारात्मक पक्षों के कारण समाचार-पत्रों से जुड़े पत्रकारों एवं उनके व्यवसाय को सम्मानपूर्ण दृष्टि से देखा जाता है ।

नकारात्मक पक्ष:

स्वतंत्रता प्राप्ति के कुछ वर्षों बाद से ही समाचार-पत्रों को हासिल शक्तियों का दुरुपयोग होना प्रारंभ हो गया । वर्तमान समय में स्वतंत्रता पूर्ण युग की नैतिक पत्रकारिता अतीत की बात बनकर रह गयी है । पत्रकारिता के क्षेत्र में बढ़ती व्यावसायिकता ने समाचार-पत्रों के सामाजिक उत्तरदायित्वों को किनारे रख दिया है । अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को अभिव्यक्ति की प्रतिबद्धता’ का पर्याय मान लिया गया है ।

पत्रकारिता आज एक लाभदायक व्यवसाय बन चुकी है, जिसमें त्याग, समर्पण, सामाजिक जागरूक्‌ता के स्थान पर, सिफारिश एवं गुटबंदी की प्रधानता है । पत्रकारों द्वारा जनहित को समाचारों का लक्ष्य बनाने की बजाय दलाली एवं कमीशन खोरी के आधार पर समाचारों का विकृतिकरण किया जा रहा है ।

बढ़ती व्यावसायिकता ने जनहित की समस्याओं को पीछे धकेलकर विज्ञापन एवं चटपटी खबरों को समाचार-पत्रों का मुख्य अंग बना दिया है । अधिकांश समाचार-पत्रों द्वारा सामान्य जन की भाषा को तिरस्कृत करके अभिजात्यवर्गीय संस्कृति को केंद्र में रख दिया गया है । उन्नति की दौड़ में शामिल सामान्य वर्ग भी इन अभिजात्यवर्गीय संस्कारों को आत्मसात् करने के लिए तत्पर दिखाई देता है ।

आज समाचार-पत्र जनमत के निर्माण की नहीं बल्कि जनमत के भटकाव की प्रक्रिया को गतिशील बनाने में सहयोगी बन रहे हैं । पत्रकारों राजनीतिज्ञों, अफसरों, उद्योगपतियों की चौकड़ी द्वारा जन-सामान्य के ध्यान को मूलभूत मुद्दों से हटाकर सतही समस्याओं पर केंद्रित किया जा रहा है ।

समाचार-पत्रों में जातीय एवं धार्मिक नेताओं के प्रभाववश सामाजिक एवं धार्मिक मतभेदों को उभारने वाली खबरें प्रकाशित होती हैं तथा वास्तविक सामाजिक कार्यकर्ताओं के कार्यों एवं अपीलों को उपेक्षित कर दिया जाता है । इन सब कारणों से समाचार-पत्रों की विश्वसनीयता में कमी आयी है तथा पत्रकारों की स्वच्छतापूर्ण सामाजिक छवि को आघात पहुंचा है ।

समाचार-पत्र की शक्ति को सामाजिक एवं राष्ट्रीय हितों के पोषण में प्रयोग करने के लिए आवश्यक है कि समाचार-पत्रों के संचालकों एवं पत्रकारों को निजी हितों व स्वार्थों से दूर रखने के प्रयास किये जायें । पत्रकारों को सामाजिक व नैतिक मूल्यों को प्रोत्साहन देने के अपने पवित्र उत्तरदायित्वों का निर्वाह करना होगा तभी उनकी सम्मानजनक छवि तमाम कठिनाइयों के बाद भी कायम रह सकेगी ।

सुविधा उपभोग की बजाय त्याग व संघर्ष के पथ का चयन ही समाचार-पत्रों की शक्ति को सामाजिक व राष्ट्रीय हितों की दृष्टि से उपयोगी बना सकता है ।

3.  मानव जीवन में समाचार-पत्रों का महत्व |   Paragraph on the Importance of Newspaper in our Lives for School Students in Hindi Language

आज समाचार-पत्र मनुष्य को देश और दुनिया की सूचना देने का ही कार्य नहीं करते, बल्कि वे मनुष्य की आवश्यकता बन गए हैं । पहले देश-विदेश के समाचार जानने के लिए विशेष वर्ग द्वारा ही समाचार-पत्र पड़े जाते थे । आज शिक्षित उच्च वर्ग ही नहीं बल्कि मेहनतकश मजदूर, रिक्शा, ठेला चलाने वाला अर्धशिक्षित वर्ग भी समाचार-पत्रों का महत्त्व समझने लगा है ।

आज के व्यस्त जीवन में मनुष्य के पास समय का अभाव है । लेकिन जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उसे विभिन्न क्षेत्रों से सम्पर्क बनाना पड़ता है । आज समाचार-पत्र मनुष्य को समाज के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों से जोड़े रखने का महत्त्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं ।

मानव जीवन में समाचार-पत्र परिवार के महत्त्वपूर्ण सदस के रूप में प्रवेश कर चुके हैं, जिनके एच्छ भी दिन न मिलने पर खालीपन महसूस होता है । भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरानस्थ्य-पत्रों ने देश में जन-जागरण का महत्त्वपूर्ण कार्य किया था ।

समाचार-पत्रों में देश भक्ति की भावना जागृत करने, वाले, लेख एवं कविताएँ पढ़-पढ़कर देश की जनता उत्साहित होकर स्वतंत्रतां दोलन में अपना सहयोग देने लगी थी । आज भी समाचार-पत्र लोगों को जागरूक करने का महत्त्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं ।

लोगों को उनके अधिकारों से अवगत कराने के अतिरिक्त समाचार-पत्र अष्ट सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों, मंत्रियों आदि का भंडाफोड़ करके लोगों को सचेत भी कर रहे हैं । वास्तव में समाचार-पत्र आम आदमी के मन-मस्तिष्क से बड़े अधिकारियों, मंत्रियों आदि का भय निकालने का महत्त्वपूर्ण प्रयत्न कर रहे हैं ताकि आम आदमी भ्रष्ट अधिकारियों मंत्रियों के विरोध में आवाज उठा सके ।

निस्संदेह समाचार-पत्रों ने मानव समाज को अत्याचार का विरोध करने का साहस प्रदान किया है । मानव-समाज को जागरूक करने के अतिरिक्त आज समाचार-पत्र लोगों को विकास की दिशा में आगे बढ़ने के लिए उत्साहित भी कर रहे हैं ।

समाचार-पत्रों के माध्यम से लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में हो रही प्रगति की जानकारी ही नहीं मिल रही, बल्कि उन क्षेत्रों में प्रवेश के मार्ग भी दिखाए जा रहे हैं । आज रोजगार के लिए युवा-पड़ी समाचार-पत्रों से पर्याप्त जानकारी प्राप्त कर सकती है । विभिन्न क्षेत्रों के संस्थान और योग्य उम्मीदवारों के मध्य समाचार-पत्र सेतु का कार्य कर रहे हैं ।

समाचार-पत्रों के माध्यम से आज शिक्षित युवा-पीढ़ी को देश-विदेश में नौकरी के अवसरों तथा विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण की जानकारी मिल रही है । देश-विदेश में व्यापार के आदान-प्रदान के लिए भी समाचार-पत्रसशक्त माध्यम बन रहे हैं ।

आज मानव रोजमर्रा की जरूरतों के लिए भी समाचार-पत्रों पर निर्भर हो गया है । विशेषकर विस्तार लेते जा रहे नगरों महानगरों में सरकारी, गैर सरकारी कार्यालयों की जानकारी, विभिन्न: उत्पादों की खरीदारी आदिके लिए लोगों को समाचार-पत्रों की सहायता लेनी पड़ती है ।

प्रतियोगिता के इस युग में विभिन्न उत्पादों की कम्पनियाँ भी समाचार-पत्रों के माध्यम से अपने उत्पादों की विशेषताएँ ग्राहकों को बता रही हैं । ग्राहकों को घटिया उत्पादों की जानकारी भी समाचार-पत्रों से मिलरही है ।

आज ग्राहक किसी भी प्रकार की खरीदारी के लिए स्वयं निर्णय लेने से पूर्व समाचार-पत्रों के दिशा-निर्देश पर विचार करता है । आधुनिक मानव-समाज में समाचार-पत्र इतने अधिक महत्त्वपूर्ण हो गए हैं कि एक मित्र की भाँति वे सामाजिक रिश्ते बनाने का कार्य भी कर रहे हैं । आज देश-विदेश में रोजगार अथवा नौकरी के कारण मनुष्य अपने सम्प्रदाय अथवा जाति-बिरादरी से दूर रहने पर विवश है ।

ऐसी स्थिति में मनुष्य को विवाह-सम्बंधों के लिए समाचार-पत्रों की सहायता लेनी पड़ रही है । समाचार-पत्रों के वैवाहिक विज्ञापनों के द्वारा आज अधिकाधिक विवाह सम्पन्न हो रहे हैं । बल्कि पहले जाति-बिरादरी में सीमित सम्बन्धों के कारण वर-वधू खोजने के सीमित अवसर हुआ करते थे । आज वैवाहिक विज्ञापनों के द्वारा योग्य वर-वपू के अधिक अवसर मिल रहे हैं ।

वास्तव में समाचार-पत्र आज मानव जीवन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं । मनुष्य जीवन की अधिकांश आवश्यकताओं के लिए समाचार-पत्रों पर निर्भर हो गया है । स्पष्टतया समाचार पत्रों के अभाव में आज मानव-जीवन सूना है ।

4. समाचार-पत्र पढ़ने के लाभ | Essay on the Benefits of Reading a Newspaper for Teachers in Hindi Language

समाचार पत्रों के अपने महत्त्व और लाभ हैं । आधुनिक समय में समाचार पत्रों को सूचना समाचार एवं विचारों के प्रसार का अच्छा माध्यम समझा जाता है । समाचार पत्रों के बहुत से लाभ हैं । समाचार पत्र विश्व के प्रत्येक हिस्से के समाचार हम तक पहुँचाते हैं ।

किसी ने सच ही कहा है आज का युग ‘प्रेस’ एवं प्रात: कालीन सामाचार पत्र का युग है । समाचार पत्र आज की दुनिया में लोकमत को प्रतिबिम्बित करता है । सामाचार पत्र द्वारा वास्तविक लोकमत का मापन सम्भव होता है । समाचार पत्रों में बहुत उपयोगी जानकारी अन्तर्विष्ट होती है ।

लोगों को ने केवल अपने देश बल्कि सम्पूर्ण विश्व के विचारों एवं विचारधाराओं के विषय में जानकारी मिलती है । समाचार पत्रों में हमें देश-विदेश के समाचार पढ़ने को मिलते हैं । सामाजिक राजनैतिक आर्थिक वैज्ञानिक साहित्यक एवं धार्मिक घटनाओं की रिर्पोट सभी समाचार पत्रों द्वारा दी जाती है ।

समाचार पत्र विश्व के सभी देशों में आपसी भाईचारा एवं सौर्हाद पूर्ण सम्बन्ध स्थापित करने में सहायक होते हैं । समाचार पत्र विज्ञापन एवं प्रचार का एक अच्छा माध्यम हैं । समाचार पत्रों के स्तम्भों से हमें विभिन्न प्रकार की जानकारी प्राप्त होती है ।

कुछ समाचार पत्र हत्या सेक्स अपराध घोटालों तलाक अपहरण एवं इस तरह के अन्य विषयों की खबरें छापते है । इस तरह के समाचारों के प्रचार प्रसार से पाठकों पर बुरा प्रभाव पड़ता है । किन्तु समाचार पत्रों के फायदों को देखते हुये इन नुकसानों की अवहेलना की जा सकती है ।

आज कल प्रत्येक समाचार पत्र किसी संदेश को प्रतिपादित करता है जबकि उसे निष्प क्ष होकर समाचार छापने चाहिये । कुछ समाचार पत्र अपनी विचारधाराओं का प्रचार करने में लगे हुये हैं । इन विचारों से समाचार पत्र के वास्तविक उद्देश्य को नुकसान पहुँचता है ।

समाचार पत्र विभिन्न राष्ट्रीय मुद्दों पर जनमत को परिवर्तित करने में एक बड़ी भूमिका निभाता है । समाचार पत्र लोगों को शिाइ क्षत करने में भी सहायक होते हैं । वह हमें हमारे कर्त्तव्यों के विषय में बताते हैं एवं हमारी जिम्मेवारियों का एहसास कराते हैं ।

देश में व्याप्त कई समस्याओं पर वह अपनी न्यायपूर्ण उचित एवं ईमानदार राय प्रस्तुत करते हैं । इस तरह वह आम जनता का पथ प्रशस्त करते हैं । शिक्षा के दृष्टिकोण से उनका बहुत महत्त्व है । समाचार पत्र विभिन्न क्षेत्रों में हुयी नवीनतम खोजों अविष्कारों एवं अनुसंधानों के विषय में रिर्पोटों को प्रकाशित कर सकते हैं ।

विश्वविख्यात विचारक, लेखक, कवि, वैज्ञानिक, समाज सुधारक, दार्शनिक एवं राजनितिज्ञ, समाचार पत्रों द्वारा प्रसिद्धि पाते है । इस तरह समाचार पत्र आधुनिक समाज के महत्त्वपूर्ण आधार हैं । इससे व्यापार एवं व्यवसाय को प्रोत्साहन मिलता है । यह राष्ट्रीय मत के प्रतीक हैं । इनमें वास्तविक विचार प्रतिबिम्बित होते हैं । संक्षेपत: हम यह कह सकते हैं कि समाचार पत्रों के बहुत विस्मयकारी लाभ हैं ।

5. वर्तमान समाज के निर्माण में समाचार पत्र की भूमिका | Essay on the Role of Newspaper in Today’s Society for School Students in Hindi Language

समाचार पत्र आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी के दौर में जन साधारण को सूचना प्रदान करने का सर्वोत्तम साधन है । आज सामाजिक उत्थान पतन को हम समाचार पत्र के माध्यम से भली भांति जान सकते हैं ।

लोकतात्रिक प्रणाली में समाचार पत्र जन-जागरण का साधन है । जनमत संग्रह और निर्माण में यह दिशा निर्देशक का कार्य करती है । समाचार पत्र लोगों को जागरूक करने का कार्य करती है । भारतीय समाज के निर्माण में समाचार पत्रों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है ।

स्वतंत्रता के पूर्व आम भारतीयों में ब्रिटानी सरकार की दासता से मुक्त होने का भाव जगाने में समाचार पत्र ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी । किन्तु रचतंत्रता के पूर्व समाचार पत्र नवीन समाज के निर्माण के लिए जिस तरह एक ‘मिशन’ की तरह काम करते थे, जिस प्रकार उनका उद्येश्य लोगो को जागरूक करना था आधुनिक समय में उसका वह स्वरूप नहीं रह गया है ।

भारतीय पेशा सर्वेक्षण के निदेशक भी.डी.शर्मा के अनुसार, ”समाचार पत्र मानव के व्यावहारिक गतिविधियों के बारे में समाचार -वगैर विचारों का प्रकाशन करता है ” । व्यापक अर्थ में समाचार पत्र आधुनिक लोकतांत्रिक समाज का चौथा आधार स्तंभ और लोक तंत्र का सजग प्रहरी है ।

इस संदर्भ में उसका महत्व उस फौजी से किसी भी तरह कम नही है जो अपने घर से मीलों दूर मातृभूमि की रक्षा के लिर सीमा पर तैनात रहता है । वर्तमान समाज में भी यह जन संचेतना और नवजागरण के संवाहक की भूमिका निभाता है । यदि समाचार पत्र न रहे तो समाचारों का आदान-प्रदान नही होगा और पूरी दुनिया की वैचारिक क्राति की गति और विकास अवरूद्ध हो जाएगी ।

समाचार पत्र समाज में घटित होने वाली घटना की सूचना ही नहीं देना अपितु उस घटना के फलस्वरूप जन्म लेने वाली प्रतिक्रिया से भी नवगत कराता है । यह साहित्य और संस्कृति का संवाहक भी है और दोनों को पोषित भी करता है ।

आधुनिक समाज में अपराध, भ्रष्टाचार और हिंसा बढ़ रही है । चारों तरफ अराजकता, विखंडता और अलगाववाद का विगुल बज रहा है ऐसी परिस्थिति में समाचार पत्रों में प्रकाशित विचारों का संतुलित होना आवश्यक है ।

समाचार पत्र आधुनिक समाज का ताप मापक यंत्र है । एक ओर जहाँ यह राजनीतिक आर्थिक नीतियों तथा कडि, अपराध और दुघर्टनाओं की खबर देता है वहीं अकाल, महामारी, अतिवृष्टि, महत्वपूर्ण विभूतियों की मृत्यु और विकारपोम्मुखी खबरों से भी अवगत कराता है ।

समस्यापरक और घटनापरक दोनों ही प्रकार के समाचारों का प्रेषण करने के साथ-साथ एक तटस्थ समीक्षक की भूमिका का निर्वहन कर समाज को नवीन दृष्टि प्रदान करने का कार्य भी करता है । यह देश काल का यथार्थ चित्र जन जीवन के समक्ष प्रस्तुत कर देश सेवा, राष्ट्रप्रेम और समाज सुधारक की भूमिका का निर्वाह करता है ।

दूसरी ओर दबाव, उत्कोच अथवा पक्षधरता से प्रभावित होकर देश और समाज के लिए संकट भी उत्पन्न कर सकता है । सच्चा समाचार पत्र जनभावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है । राजनैतिक शोपण उपार्थिक उत्पीड़न, स्थानीय समस्याओं का चित्रण आदि के द्वारा यह मृक और निरीह जनता की ओर से आवाज उठाता है ।

गरीब और कमजोरों का मार्गदर्शन करता है । साधारण जनता को उसके रचत्व और अधिकारों से परिचित करा कर उनमें नवीन चेतना को उदित करता है । यदि समाचार पत्र संकुचित उद्येश्य से प्रेरित होकर मिथ्या प्रचार न करे तो यह समाज निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है ।

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Paragraph on Newspaper in Hindi | समाचार पत्र पर अनुच्छेद लेखन

समाचार पत्र संकेत बिंदु:

  • समाचार-पत्र प्रभावी संचार साधन
  • समाचार-पत्र का कार्य जनमत तैयार करना
  • समाचार-पत्र का महत्त्व।

आप अधिक  अनुच्छेद लेखन , लेख, घटनाओं, आयोजन, लोग, खेल, प्रौद्योगिकी और अधिक पढ़ सकते हैं।

समाचार पत्र पर अनुच्छेद लेखन | Paragraph on Newspaper in Hindi

समाचार पत्र पर निबंध – Essay on Newspaper in Hindi

आज विश्व में समाचार-पत्रों का प्रकाशन सर्वाधिक प्रचलित और प्रभावी संचार साधन माना जाता है। हिंदुस्तान का सबसे पहला समाचार-पत्र ‘इंडिया गजट’ नाम से निकला था। तब से मुद्रण तकनीक के विकास के साथ-साथ समाचार-पत्रों का प्रकाशन तथा जन-वितरण आजतक निरंतर प्रगति के पथ पर है। आज अंग्रेज़ी एवं हिंदी भाषा के अतिरिक्त सभी क्षेत्रीय भाषाओं में समाचार-पत्रों का प्रकाशन काफ़ी जोरों पर है।

ये समाचार-पत्र राजनीतिक, सामाजिक, व्यावसायिक क्षेत्र की अद्यतन सूचनाएँ देकर जनमत तैयार करने का महत्त्वपूर्ण कार्य करते हैं। एक तरह से इन समाचार-पत्रों को समय की आँख और समाज की नब्ज़ कहा जाता है। समाचार-पत्र जन-जीवन की वास्तविकताओं को उजागर करके सत्ता का ध्यान आकर्षित करते हैं और सत्ता की नीतियों का आकलन कर समाज के सामने रखते हैं। एक प्रकार से स्वस्थ पत्रकारिता के माध्यम से वे जनता और सत्ता के बीच एक मज़बूत कड़ी की भूमिका निभा सकते हैं।

अखबार की ताकत का इज़हार इन शब्दों में दर्शनीय है :

“खेंचोन कमान-ओ-खंजर,न तलवार निकालो। जब तोप मुकाबिल हो तो अख़बार निकालो।”

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समाचार पत्र का महत्व – हिन्‍दी निबंध

प्रस्तावना:

मुद्रण कला के आविष्कार के बाद जो महत्वपूर्ण चीज सामने आई, वह है समाचार पत्र। प्रतिदिन सुबह सवेरे सारी दुनिया में घटित होने वाली घटनाओं, परिवर्तनों तथा अन्य सब प्रकार की हलचलों की सूचना देने वाला समाचार पत्र आज एक बडी आवश्यकता बन चुका है।

समाचार पत्र का आरंभ:

संसार का सबसे पहला समाचार पत्र कहाँ प्रकाशित हुआ, इस विषय में मतभेद है। समाचार पत्रों का आरंभ चाहे कहीं से भी हुआ हो लेकिन इसके प्रकाश और प्रसार का श्रेय फ्रांस तथा इंग्लैंड को ही जाता है। भारत में समाचार पत्र के रूप में ‘इण्डिया गजट’ सबसे पहले 1780 में प्रकाशित हुआ। हिंदी का पहला समाचार पत्र ‘उदण्ड मार्तण्ड था। ऐसे करते करते प्रदेशिक भाषाओं में समाचार पत्रों का आरंभ हुआ।

विभिन्न सूचनाएँ:

समाचार पत्रों में राजनीति और आर्थिक ही नहीं बल्कि अन्य प्रकार की सूचनाएँ एवं समाचार रहते हैं। ज्ञान विज्ञान से लेकर खेल जगत की सूच्नाएँ समाचार पत्र में रहती है। इसलिए समाचार पत्रों को विश्व जीवन का दर्पण कहा जाता है।

ससमाचार पत्र विज्ञापन के भी बहुत अच्छे साधन है। इन विज्ञापनों में नौकरी और व्यक्तिगत सूचना संबंधी विज्ञापनों से लेकर वैवाहिक, शिक्षा संबंधी विज्ञापनों तथा व्यापारिक विज्ञापन भी सम्मिलित है। पर्वों त्योहारों तथा विशेष अवसरों पर अपने विशेषांक तथा साप्ताहिक परिशिष्ट आदि में समाचार पत्र विशिष्ट सामग्री प्रकाशित करते हैं। इस प्रकार करते हैं। इस प्रकार समाचार पत्र सभी के लिए सिद्ध हैं।

कला और दायित्व:

समाचार पत्रों का सम्पादन एक विशिष्ट कला है, जो एक ओर तो पाठक की जिज्ञासा को जगाता होहै और दूसरी ओरे उसका समुचित समाधान प्रस्तुत करता है। समाचारों का चयन, उनके शीर्षक और भषा प्रयोग में सतर्कता और सावधानी बरतनी आवश्यकता है।

निर्वाह का साधन:

समाचार पत्र आजीविका के भी अच्छे साधन हैं। समाचार पत्रों में काम करने वाले लोगों के अतिरिक्त कागज़ उद्ध्योग, स्याहि उद्ध्योग, विज्ञापन एजेंसियों से लेकर घर घर अखबार पपहुँचाने वाले हॉकरों तक करोडों लोगों की रोजी रोटी समाचार पत्रों से चलती है। अत: हर दृष्टि से समाचार पत्रों की भूमिका महत्वपूर्ण है।

दैनिक जीवन मे समाचार पत्र कितनी महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाता है। यह हमें राजनीति से लेकर अन्य देशों के समाचार देता है। महानगरीय जीवन में तो सुबह उठते ही चाय के साथ समाचार पत्र पहली आवश्यकता है। समाचार पत्र का देर से आना भी एक बेचैनी का कारण बन सकता है।

Category: Essay , Hindi Essay (हिन्दी निबंध) , Long Essay (more than 100 words हिन्दी निबंध)

  • Dhivya Daya suuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuper!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! Reply January 18, 2020 at 12:10 PM
  • sanjana sharma ok-ok Reply December 25, 2017 at 3:28 PM
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  • dhruvi awesome one's can easily write the essay's Reply August 4, 2016 at 6:28 PM
  • Akmal khan Very amazing essay Reply March 2, 2016 at 7:40 PM
  • Veera Pandian Very easy !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! Reply September 30, 2015 at 4:41 PM
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Guide to Writing a Hindi Essay

Guide to Writing a Hindi Essay

Do you need help understanding the basics of writing a great essay in Hindi? It can be difficult to know where to begin, but this guide is here to help! In it, we’ll discuss all the steps necessary for creating an effective essay in Hindi. From researching your topic and developing an outline to crafting compelling sentences with accurate grammar and vocabulary – we’ve got you covered. So read on – let’s get started on that winning essay!

1. Introduction to Hindi Essay Writing

Essay Writing in Hindi Hindi is one of the most widely spoken languages on Earth and it has been used for centuries to communicate. It is also a popular language amongst essay writers, as they can express their ideas fluently with its distinctive dialects. Writing essays in Hindi may seem daunting but by following some simple steps you can become an expert at constructing effective essays.

The first step to writing a great essay in Hindi is understanding how to essay writing in Hindi correctly. This involves having an awareness of sentence structure, grammar rules, punctuation usage and appropriate vocabulary. You should pay close attention to the words you use so that your sentences are clear and concise without any errors or omissions. Additionally, when selecting topics for your essay consider relevant current events taking place around India which will be interesting for readers from all walks of life.

To ensure your final piece reads well incorporate various approaches into each component of the article such as description, narration and argumentation; this will help engage readers more actively with the content presented within it . Furthermore , how to write clearly using persuasive techniques needs practice ; take advantage of opportunities like testing out exercises online or joining clubs where members help each other during workshops dedicated towards learning about proper formatting rules . Lastly , try reading successful papers written by professionals who know how to effectively compose pieces focused on topics connected with different areas relating  to hindi literature – these resources provide insightful knowledge on how best utilize words creatively throughout entire articles while keeping syntax organized logically together so that audiences can understand points being conveyed accurately concerning issues discussed .

2. Research – Methods and Tools for Gathering Information

Primary Research Gathering of primary research is the foundation for all successful projects. Primary research can be conducted through direct observation and interviews, both on-site and online. Properly formulated interview questions should be used to elicit engaging responses from participants while efficiently obtaining the necessary information. Additionally, surveys are a great tool for collecting data that specifically answer certain defined parameters in an efficient manner.

Secondary Research Effective projects often include secondary sources such as books, academic articles, journal entries, websites, blogs etc., which provide valuable insight into context or background needed to support conclusions found via primary research methods. For example when researching how to essay writing in Hindi , one might use previous published works from past students who have tried their own attempts at it as guides towards completing its challenge more successfully with each iteration. Furthermore by reading up on existing work before beginning ones own project concerning this topic regardless of language concerned will give any researcher a better understanding regarding what has been done previously so they do not unintentionally repeat something already covered exhaustively.

Also critical analysis needs to be applied during the process of gathering data from these varied sources since much may have changed over time due to technological advancements alone; meaning new approaches besides old must also be taken into consideration when conducting valid research related t o how to essay writing in Hindi. .

3. Structuring Your Hindi Essay

Writing an essay in Hindi is a rewarding experience, but it can be challenging for students who are not familiar with the language. To tackle this challenge, there are certain steps that must be taken when structuring your essay.

  • Decide on your topic: Before you start writing, decide on the main idea or theme of your essay and make sure it ties into what you already know about Hindi.
  • Organize Your Ideas: After deciding the focus of your essay, come up with several points that relate to each other. Make sure they flow logically from one point to another so readers understand how each point relates back to the main concept.

Once these basic components have been established, you’re ready to get down to business! Find resources such as books and online articles related to “how-to” topics like grammar rules and sentence structure tips specific for writing an excellent Hindu Essay. When putting together all required elements (introduction body conclusion etc..) think about how these fit within expected conventions used in essays written by native speakers of hindi as outlined through various sources discussing “How To Write An Excellent Hindu Essay”. Additionally if needed consult reference material like dictionaries or grammar guides specifically designed for use while constructing complete sentences meaningfully expressing intended thoughts both audibly and visually.

4. Captivating the Reader with Engaging Content

Making Content Engaging Creating content that sparks interest and engages readers is essential for any writer. In order to captivate the reader, a few tips should be considered:

  • Write with purpose – ensure each sentence has a clear objective and moves your message forward.
  • Keep it concise – get to the point quickly without using unnecessary words or clauses.

Once these two elements are established, there are many techniques writers can use to keep their readers interested in reading further. In particular, Hindi essay writing provides several useful methods which writers of all backgrounds can apply – such as providing context before introducing one’s main topic or argument. Additionally, incorporating helpful visuals such as graphs and tables into posts can help convey complex ideas more easily while keeping readers engaged.

5. Crafting a Convincing Argument

A convincing argument should be based on facts, rationale, and logic. To craft a convincing argument it is important to consider the audience you are writing for as this can influence what points you should make and how strong they need to be. In addition, one must ensure that all statements made are accurate and supported by evidence.

  • Understand Your Audience:

It is important to understand who your audience will likely be when crafting an argument in order to tailor your message accordingly. Consider their background knowledge level of the subject at hand; if they have little understanding then further explanation may need to occur while those knowledgeable about the topic won’t require much elaboration. Additionally, take into account any potential bias or preconceived notions which could negatively affect reception of presented information.

  • Gather Supporting Evidence:

6. Review, Edit & Submit: Polishing Your Work of Art

Before submitting your work, it is essential to review, edit and proof read your essay. A great way of polishing your writing work of art is by following these steps:

  • Reread Your Work. Read out loud what you have written to pick up on any errors or clumsy phrasing that stands out when heard.
  • Check for Grammar & Spelling Errors. Utilize online resources like spell checkers and grammar tools if needed. For an extra set of eyes, get someone else to go over the paper with a fine-toothed comb.

.For those learning how to write essays in Hindi language specifically, utilize similar techniques such as reading aloud three times (पाठ की बारी तीन बा Results will vary greatly depending on the type of project being completed but reviewing each aspect carefully can save time later down the road%.

When edits are done, reread entire piece again thoroughly before submission – this final check ensures nothing has been missed or overlooked previously during editing process% Reviewing content also helps build confidence in author’s own ability/work which could help lead them closer towards success%. After completing all review steps mentioned above ensure that no further changes need be made then submit finished product knowing that special care was taken throughout entire process accordingly!

7 Lasting Impression: Making an Impact Through Your Writing

Writing is an essential tool for making a lasting impression. Whether it be in the form of creative writing, business communication or academic essays, effective and quality writing is key to having your work remembered. When undertaking this task it is important to keep these seven focus points in mind;

  • Audience: Clearly identify who you are writing for – tailoring language and information specific to their needs.
  • Structure: Plan out the content accordingly – use headings/subheadings along with bullet points where necessary as they help the reader understand your message quickly and easily.
  • Clarity & flow: Ensure that there are no grammar and spelling errors present. Make sure each sentence reads well flows from one idea to another without any abrupt changes in topic or style.

Building on those steps, here’s how you can make a lasting impact through your own writing;

Begin by researching extensively so that your facts are accurate enough to write confidently about them. Keep the audience in mind as every piece of written work should have purpose beyond just passing time — ask yourself whether what you’re saying dovetails into some larger goal? Break down complex ideas into smaller chunks so that readers don’t get lost while reading — adding visual elements such as graphs, charts etc can go a long way too! Finally end strong on whatever note serves best for its purpose but also ensure clarity with regards to call-to-action (if applicable). By following these simple practices you will be able create something which has potential timelessness associated with it ! We hope this guide has been of help to you as you start your journey into writing Hindi essays. After all, it is through our own language and expression that we get to express ourselves the best! So pick up a pen and paper, let those ideas flow in Hindi and watch them turn into something beautiful. Happy Writing!

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स्कूली छात्रों और बच्चों के लिए हिंदी दिवस 2024 पर बड़े और छोटे निबंध

हिंदी दिवस पर निबंध: हिंदी, भारत की मातृभाषा है। यह सबसे अधिक बोली जाने वाली और सम्मानित भाषाओं में से एक है। छात्रों को नीचे दिए गए निबंधों को पढ़कर इसके बारे में अधिक जानना चाहिए।   हिंदी दिवस 2024 पर 150 - 200 शब्दों का निबंध हिंदी में पाने के लिए इस लेख को पढ़ें।.

Atul Rawal

Hindi Diwas Par Nibandh: भारत में 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भारत की आधिकारिक भाषाओं में से एक हिंदी भाषा को बढ़ावा देने और उसका जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है। यह दिन राष्ट्रीय एकता और विविध सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देता है।   इस अवसर पर, स्कूल, छात्रों को हिंदी और इसके महत्व के बारे में शिक्षित करने के लिए स्कूल प्राधिकारी और शिक्षक कार्यक्रम आयोजित करते हैं। स्कूल छात्रों को अधिक जानकार और खुद को अभिव्यक्त करने में आत्मविश्वासी बनाने के लिए निबंध लेखन और भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन करते हैं।

यहां आपको हिंदी दिवस पर निबंधों के कुछ उदाहरण मिलेंगे। ये हिंदी दिवस निबंध हिंदी में हैं, जिसका उद्देश्य हिंदी दिवस 2024 के लिए आयोजित निबंध लेखन प्रतियोगिताओं में छात्रों को बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करना है। हिंदी दिवस निबंध 150-200 शब्दों के हैं। छात्रों के लिए हिंदी दिवस पर निबंध देखें।

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  • Hindi Diwas Slogans
  • Hindi Diwas Speech in Hindi

हिंदी दिवस पर 10 पंक्तियां (10 Lines on Hindi Diwas)

  • हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है।
  • यह भारत की राष्ट्रीय भाषा हिंदी को बढ़ावा देने और मनाने के लिए है।
  • हिंदी भारत की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  • हिंदी भाषा का प्रयोग भारत में व्यापक रूप से किया जाता है।
  • हिंदी दिवस पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
  • इन कार्यक्रमों में कविता पाठ, नाटक, गायन आदि शामिल होते हैं।
  • हिंदी दिवस का उद्देश्य लोगों को हिंदी भाषा के महत्व के बारे में जागरूक करना है।
  • यह दिन हमें हिंदी भाषा का सम्मान करने और इसका उपयोग बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है।
  • हिंदी दिवस पर स्कूलों और कॉलेजों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
  • हिंदी भाषा का प्रयोग भारत के विकास और प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

हिंदी दिवस पर निबंध हिंदी में (Essay on Hindi Diwas in Hindi)

यदि आपको 500 शब्दों का हिंदी दिवस निबंध दिया गया है, तो शब्द संख्या बढ़ाने के लिए उपरोक्त हिंदी दिवस निबंध में अधिक जानकारी जोड़ें। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिए गए हिंदी दिवस भाषण को देख सकते हैं। अपने निबंध में हिंदी दिवस के नारे जोड़ने से यह और अधिक आकर्षक हो जाएगा।

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essay writing on newspaper in hindi

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Ganesh Chaturthi 2024 Essay: गणेश चतुर्थी पर निबंध कैसे लिखें? 100, 250, 500 शब्दों में निबंध प्रारूप

Ganesh Chaturthi 2024 Essay in Hindi: भारत में हर शुभ कार्य की शुरुआत भगवान गणेश कू पूजा अर्चना से शुरू होती है। गणेश चतुर्थी भारत का एक प्रमुख और लोकप्रिय त्योहार है। इसे भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यूं तो भगवान गणेश को कई नामों से जाना जाता है। लेकिन भगवान गणेश "विघ्नहर्ता" अर्थात सभी बाधाओं को दूर करने वाले और "बुद्धि के देवता" के रूप अधिक लोकप्रिय हैं।

गणेश चतुर्थी पर निबंध कैसे लिखें?

गणेश चतुर्थी का त्योहार पूरे भारत में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। गणेशोत्सव विशेष रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक, बिहार, झारखंड, तमिलनाडु समेत अन्य कई राज्यों में मनाया जाता है। इस दिन लोग भगवान गणेश की मूर्तियों की स्थापना करते हैं और दस दिनों तक पूजा-अर्चना करते हैं। बच्चों के लिए यह त्योहार विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह उन्हें भगवान गणेश की कहानियों, उनके गुणों और धार्मिक महत्व के बारे में सीखने का अवसर प्रदान करता है।

इस अवसर पर स्कूलों में विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं, सांस्कृतिक कार्यक्रम, निबंध लेखन और भाषण लप्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। यदि आप भी स्कूल में गणेश चतुर्थी पर निबंध लेखन प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं तो इस लेख से संदर्भ ले सकते हैं। यहां हमने स्कूली बच्चों की सहायता के लिए 100, 200 और 300 शब्दों में गणेश चतुर्थी पर निबंध लेखन के कुछ प्रारूप प्रस्तुत किए हैं। इस लेख में यहां तीन अलग-अलग निबंध प्रारूप प्रस्तुत किए जा रहे हैं जो स्कूली छात्रों को गणेश चतुर्थी के महत्व को समझाने में मदद करेंगे।

गणेश चतुर्थी पर 100, 250, 500 शब्दों में आसान निबंध प्रारूप नीचे दिये गये हैं-

निबंध 1: गणेश चतुर्थी का त्योहार (100 शब्दों में)

गणेश चतुर्थी एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है। गणेश चतुर्थी का त्योहार भगवान गणेश के जन्मदिन पर मनाया जाता है। भगवान गणेश को बुद्धि और समृद्धि का देवता माना जाता है। इस दिन लोग गणेश जी की मूर्तियों को अपने घरों में लाते हैं और उनकी पूजा करते हैं। लोग प्रसाद चढ़ाते हैं और गणेश जी का पसंदीदा व्यंजन मोदक बनाते हैं। कथाओं में कहा गया है कि भगवान गणेश को मोदक बेहद पसंद है। गणेश चतुर्थी या विनायक चतुर्थी त्योहार दस दिनों तक मनाया जाता है। दस दिनों तक पूजा-अर्चना के बाद अंत में गणेश जी की मूर्ति को विसर्जित कर दिया जाता है। इस त्योहार से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपने जीवन की सभी बाधाओं को दूर करने के लिए भगवान गणेश का आशीर्वाद लेना चाहिये।

निबंध 2: गणेश चतुर्थी का महत्व (250 शब्दों में)

भारत में त्योहारों का माहौल पूरे वर्ष रहता है। त्योहारों का सीजन गणेश चतुर्थी के साथ शुरू होता है। गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। यह हर साल भाद्रपद मास की चतुर्थी तिथि को पड़ता है। भगवान गणेश को शुभारंभ का प्रतीक माना जाता है और हर शुभ कार्य से पहले उनकी पूजा की जाती है। इस दिन लोग अपने घरों और पंडालों में गणेश जी की मूर्ति की स्थापना करते हैं और दस दिनों तक पूजा करते हैं।

गणेश चतुर्थी का मुख्य उद्देश्य लोगों को एकता, श्रद्धा और भक्ति का संदेश देना है। गणेश जी की पूजा के समय लोग विभिन्न प्रकार के पकवान और विशेष रूप से मोदक बनाते हैं। मोदक को भगवान गणेश का पसंदीदा भोजन माना जाता है। इस त्योहार के दौरान स्कूलों, कॉलेजों और संस्थानों अनेक सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।

गणेश चतुर्थी पर निबंध कैसे लिखें?

गणेश चतुर्थी का विसर्जन समारोह भी बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान भक्तगण गणेश जी की मूर्ति को नदी या समुद्र में विसर्जित करते हैं। इस त्योहार से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जीवन में आने वाली हर मुश्किल को धैर्य और समझदारी से सुलझाना चाहिए, जैसे कि भगवान गणेश करते हैं।

निबंध 3: गणेश चतुर्थी का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व (500 शब्दों में)

भारत में गणेश चतुर्थी एक प्रमुख और धार्मिक त्योहार है। भगवान गणेश के जन्मदिवस के रूप में गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाता है। भगवान गणेश, शिव और पार्वती के पुत्र हैं। भगवान गणेश को कई नामों से जाना जाता है, इनमें विघ्नहर्ता, विनायक, बुद्धि के देवता प्रमुख हैं। विघ्नहर्ता का अर्थ है कि वे सभी बाधाओं को दूर करते हैं। इस कारण से गणेश चतुर्थी को शुभता और समृद्धि का त्योहार माना जाता है।

गणेश चतुर्थी की शुरुआत घरों और सार्वजनिक स्थानों पर गणेश जी की मूर्ति की स्थापना से होती है। लोग भगवान गणेश की आराधना करते हैं और उन्हें विभिन्न प्रकार के प्रसाद चढ़ाते हैं। कथाओं के अनुसार भगवान गणेश को मोदक बेहद पसंद है। मोदक एक प्रकार का लड्डू और फल प्रमुख होते हैं। यह पूजा दस दिनों तक चलती है और हर दिन लोग आरती करते हैं और भक्ति गीत गाते हैं। इस पर्व के अंतिम दिन को "अनंत चतुर्दशी" कहा जाता है, जिस दिन गणेश जी की मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है।

गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाने का सिलसिला मराठा शासक शिवाजी महाराज के काल में शुरू हुआ। 19वीं शताब्दी में, बाल गंगाधर तिलक ने इस त्योहार को सार्वजनिक रूप से मनाने की परंपरा शुरू की। ताकि लोगों के बीच एकता और देशभक्ति का भाव जागृत हो। इस त्योहार ने समाज के विभिन्न वर्गों को एक साथ लाने और सामाजिक और धार्मिक मुद्दों पर चर्चा करने का एक मंच प्रदान किया।

धार्मिक दृष्टिकोण से देखें तो गणेश चतुर्थी हमें भगवान गणेश की शिक्षाओं का पालन करने की प्रेरणा देती है। वे हमें सिखाते हैं कि हमें अपने जीवन में हर चुनौती का सामना धैर्य और समझदारी से करना चाहिये। गणेश जी की पूजा से हमें यह विश्वास मिलता है कि कोई भी बाधा इतनी बड़ी नहीं होती, जिसे हम अपने आत्मविश्वास और ईश्वर की कृपा से पार न कर सकें।

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Teachers Day Essay: शिक्षक दिवस पर हिंदी निबंध 10 लाइन में, 250 शब्द लिखकर बन जाएं टीचर्स के फेवरिट

Teachers day ka nibandh:  5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है। हमारे जीवन में शिक्षकों का महत्व केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं है। वे हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और हमें अच्छा इंसान बनने में मदद करते हैं। शिक्षक दिवस हमें यह अवसर प्रदान करता है कि हम अपने शिक्षकों को धन्यवाद कह सकें और उनके द्वारा दिए गए ज्ञान को अपने जीवन में उतार सकें।.

teachers day essay in 10 lines and 250 words shikshak diwas nibandh in hindi

टीचर्स डे निबंध: क्यों मनाते है शिक्षक दिवस?

टीचर्स डे निबंध: क्यों मनाते है शिक्षक दिवस?

शिक्षक दिवस हमारे देश में हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। यह हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। यह दिन शिक्षकों के योगदान को स्वीकार करने और उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। वे एक सच्चे शिक्षक थे, जिन्होंने अपने जीवन को शिक्षा और ज्ञान के लिए समर्पित किया था।

हमारे जीवन में क्या होता है शिक्षकों का महत्व

हमारे जीवन में क्या होता है शिक्षकों का महत्व

गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागू पाय। बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताय।

शिक्षकों का महत्व हमारे जीवन में बहुत अधिक है। वे हमारे जीवन को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शिक्षक हमें सही और गलत के बीच का अंतर सिखाते हैं, जो हमें जीवन में सही रास्ते पर चलने में मदद करता है। वे हमें भविष्य के लिए तैयार करते हैं, जिससे हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। वे हमें अपने जीवन को सुधारने में मदद करते हैं, और हमें एक अच्छा इंसान बनाते हैं।

शिक्षक देते हैं हमारे जीवन को आधार

शिक्षक देते हैं हमारे जीवन को आधार

शिक्षक हमारे मार्गदर्शक हैं, जो हमें सही रास्ते पर चलने में मदद करते हैं। वे हमें शिक्षा देते हैं, जो हमारे जीवन का आधार है। इसके साथ ही हमें सही दिशा में आगे बढ़ने में मदद करते हैं। वे हमें जीवन के हर पहलू में सहायता करते हैं, जैसे कि कैसे अच्छे इंसान बनना है, कैसे समाज में योगदान करना है, और कैसे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करना है।

आओ मिलकर करें शिक्षकों को धन्यवाद

आओ मिलकर करें शिक्षकों को धन्यवाद

हमें अपने शिक्षकों को धन्यवाद देना चाहिए, जिन्होंने हमें पढ़ाया और हमारे जीवन को सुधारा। वे हमारे रोल मॉडल हैं, जिन्होंने हमें सही रास्ते पर चलने में मदद की है। यह दिन हमें मौका देता है उनके प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करने का। वे हमारे जीवन को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए उनको जितना भी धन्यवाद दो कम ही है। आओ मिलकर शिक्षकों को धन्यवाद दें, जिन्होंने हमें पढ़ाया और हमारे जीवन को सुधारा।

शिक्षकों को समर्पित एक दिन

शिक्षकों को समर्पित एक दिन

वैसे तो शिक्षक दिवस का महत्व केवल एक दिन के समारोह तक सीमित नहीं होना चाहिए। लेकिन तब भी, शिक्षक दिवस हमें अपने शिक्षकों को धन्यवाद देने और उनके योगदान को स्वीकार करने का अवसर प्रदान करता है। हमें अपने शिक्षकों द्वारा दिए गए ज्ञान को अपने जीवन में उतारना चाहिए। इस दिन हमें उनके योगदान की सराहना करते हुए, उन्हें धन्यवाद कहना चाहिए, क्योंकि उनके बिना हमारा जीवन अधूरा है।

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  13. समाचार-पत्र का महत्त्व पर निबंध

    समाचार-पत्र का महत्त्व पर निबंध | Essay on Importance of Newspaper in Hindi! वर्तमान युग विज्ञान का युग है । विज्ञान की कृपा से आवागमन के ऐसे दुतगामी साधन उपलब्ध हो गए हैं कि समूचा ...

  14. Essay on Newspaper in Hindi समाचार पत्र पर निबंध

    Other Hindi Essay. Essay on Untouchability in Hindi. Essay on Socialism And Gandhianism in Hindi. Mahatma Gandhi essay in Hindi. Essay on Delhi in Hindi. Essay on TV in Hindi. Note - Now you can also write Newspaper Essay in Hindi and send it to us. Now you can learn and write Newspaper Essay in Hindi for class 7 and onwords. Thank you for ...

  15. Hindi Essay on Newspaper (समाचार पत्र पर हिंदी निबंध)

    Hindi Essay on Holi (होली पर हिंदी निबंध) Hindi Essay on Dussehra (दशहरा पर हिंदी निबंध) Hindi Essay on Raksha Bandhan (रक्षाबंधन पर हिंदी निबंध) Hindi Essay on Mera Desh (मेरा देश पर हिंदी निबंध)

  16. समाचार पत्र का महत्व पर निबंध for Class 6, 7, 8, 9, 10

    Essay in Hindi - Importance of Newspaper for Class 6 - 10 Class Students. दुनिया के किसी भी कोने में घटित होने वाली महत्वपूर्ण घटनाओं की जानकारी हमें समाचार पत्र से प्राप्त ...

  17. Hindi Essay (Hindi Nibandh)

    भारत का उज्जवल भविष्य पर निबंध - (Freedom Is Our Birthright Essay); सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा निबंध इन हिंदी - (Sare Jahan Se Achha Hindustan Hamara Essay); डिजिटल इंडिया पर निबंध (Essay on Digital India)

  18. समाचार पत्र पर निबंध (Essay on Newspaper in Hindi)

    अगर आप एक स्टूडेंट है तो आपको निबंध लिखने जरूर परेशानी होती होगी खेर आज की इस आर्टिकल में समाचार पत्र पर निबंध असान भाषा में लिखने किसी करेंगे (Essay on Newspaper in ...

  19. Essay on Newspaper in Hindi Language

    समाचार-पत्र एवं उनकी शक्ति | Essay on Newspaper and its Power for School Students in Hindi Language. विस्तार बिंदु: 1. जनसंचार के माध्यम किसी भी देश अथवा समाज में होने वाली विविध ...

  20. Paragraph on Newspaper in Hindi

    Paragraph on Newspaper in Hindi | समाचार पत्र पर अनुच्छेद लेखन. समाचार पत्र संकेत बिंदु: समाचार-पत्र प्रभावी संचार साधन. समाचार-पत्र का कार्य जनमत तैयार ...

  21. समाचार पत्र का महत्व (Importance of Newspaper)

    Category: Essay, Hindi Essay (हिन्दी निबंध), Long Essay (more than 100 words हिन्दी निबंध) समाचार-पत्र का महत्त्व पर निबंध, समाचार पत्र, हिन्‍दी निबंध, समाचार पत्र का महत्व ...

  22. Guide to Writing a Hindi Essay

    In particular, Hindi essay writing provides several useful methods which writers of all backgrounds can apply - such as providing context before introducing one's main topic or argument. Additionally, incorporating helpful visuals such as graphs and tables into posts can help convey complex ideas more easily while keeping readers engaged.

  23. Hindi Essay

    Essay writing is the significant part of their Hindi curriculum like all other languages. It will be beneficial for themselves if they focus on writing Hindi essays from the beginning level. They should understand each part of Hindi essays including pattern, style, word count to present a compete essay. By understanding each part students will ...

  24. निबंध

    हिन्दी निबंध गद्य लेखन की एक विधा है, यहाँ आप सभी आयु वर्ग के निबंध पढ़ सकते है साथ ही निबंध लेखन भी सिख सकते है! Free Hindi Nibandh on variety of category for school going kids.

  25. हिंदी दिवस पर निबंध : हृदय की भाषा है हिंदी, जानमानस की अभिलाषा है

    Hindi Diwas 2024 : हृदय की कोई भाषा नहीं है, हृदय-हृदय से बातचीत करता है और ...

  26. छात्रों और बच्चों के लिए हिंदी दिवस पर बड़े और छोटे निबंध (Long and

    हिंदी दिवस पर निबंध हिंदी में (Essay on Hindi Diwas in Hindi) छात्र अपना स्वयं का निबंध बनाने ...

  27. Deepika Tops In Essay Writing Competition

    Hindi News › Haryana › Rewari News › Deepika tops in essay ...

  28. Ganesh Chaturthi 2024 Essay: गणेश चतुर्थी पर निबंध कैसे लिखें? 100, 250

    Ganesh Chaturthi 2024: Find easy essay ideas on Ganesh Chaturthi for school kids in 100, 250, and 500 words. Learn how to write a perfect essay on Ganesh Chaturthi in Hindi. Ideal for students from Class 1 to 3, this guide provides engaging and simple essay formats.

  29. Murder Hornets and Writing a College Application Essay

    Carlos Avila Gonzalez | The San Francisco Chronicle | Getty Images. A student works on college application essays with her father, in San Mateo, Calif., in 2020.

  30. Teachers Day Essay: शिक्षक दिवस ...

    Teachers Day Essay in Hindi: शिक्षक दिवस भारत में 5 सितंबर को बड़े जोश के साथ मनाया जाता है। यह दिन न केवल हमारे शिक्षकों के योगदान को मान्यता देने के लिए होता है, बल्कि यह ...