वर्षा ऋतु पर निबंध – सरल शब्दों में | Essay on Rainy Season in Hindi

क्या आप वर्षा ऋतु पर निबंध लिखना चाहते हैं? अगर आप ढूंढ रहे हैं Essay on Rainy Season in Hindi तो आप बिलकुल सही जगह पर आये हैं। इस पोस्ट में हम आपके लिए बरसात के मौसम पर short essay लेकर आये हैं जो की बहुत ही सरल भाषा में लिखे गये हैं। हमें उम्मीद है आपको ये वर्षा ऋतु के बारे में निबंध पसंद आयेंगे। आप इस निबंध को स्कूल-कॉलेज या प्रतियोगिता आदि में लिख सकते हैं।

वर्षा ऋतु पर निबंध – 100 शब्दों में | Short Essay on Rainy Season in Hindi

मुझे वर्षा ऋतु बहुत पसंद है। यह हर वर्ष जुलाई के महीने में आता है और हमें मई जून की तपती गर्मी से राहत देता है। यह मौसम जुलाई से सितम्बर तक तीन महीने तक रहता है। जब बारिश होती है तो सूखे हुए पेड़-पौधे फिर से हरे-भरे हो जाते हैं।

इस मौसम में हम मीठे-मीठे आम को खाने का आनंद लेते हैं। साथ ही इस ऋतु में हम सभी भारतीय कई सारे त्यौहार जैसे रक्षाबंधन, कृष्ण जन्माष्टमी, गणेश पूजा, ईद-उल-जुहा, मुहर्रम आदि को बड़े धूम-धाम से मनाते हैं। इसके अलावा लम्बी छुट्टी के बाद इसी महीने में हमारी स्कूल फिर से शुरू होती है। नये कॉपी-किताबों के साथ हम बड़े उत्साह से नई कक्षा में प्रवेश लेते हैं।

Varsha Ritu Par Nibandh – 250 शब्द

मई-जून की तपती हुई गर्मी को शांत करने के लिए हमारे देश में जुलाई महीने में वर्षा ऋतु का आगमन होता है। बरसात का यह मौसम पेड़, पौधे, मनुष्य तथा सम्पूर्ण जीव जगत में एक नया उत्साह पैदा कर देती है।

गर्मी से सूखे हुए पेड़ फिर से हरे-भरे हो जाते हैं, तपती हुई धरती में जब पानी की बूँदें पड़ती हैं तो बंजर खाली जमीन में घास और नये पौधे निकल आते हैं।

किसानो के लिए वर्षा ऋतु किसी वरदान से कम नही है। गर्मी के मौसम में सारे खेत-खलिहान सूख जाते हैं। नदी-तालाबों, कुओं और सभी जल स्त्रोतों में पानी की कमी हो जाती है ऐसे में किसान फसल नही उगा सकते इसलिए उन्हें बरसात के मौसम का इन्तजार रहता है ताकि खेती करके अच्छी फसल उगा सकें और साल भर के लिए अनाज का प्रबंध कर सकें।

वर्षा ऋतु का महत्त्व

सभी ऋतुओं में वर्षा ऋतु का अपना एक अलग महत्व है। जैसा की हम सब को पता है की जल के बिना जीवन सम्भव नही है, अगर बरसात नही होगी तो पानी की कमी हो जाएगी और अकाल भी पड़ सकता है इससे जन-जीवन पर बहुत ही बुरा असर पड़ सकता है।

हमारा देश कृषि प्रधान देश है, और बिना वर्षा के खेती करना बहुत मुश्किल है। यही वजह है की जब वर्षा ऋतु का आगमन होता है तो किसान खुश हो जाते हैं क्योंकि इससे खेतों पर पानी की कमी पूरी हो जाती है।

वर्षा ऋतु को ऋतुओं की रानी कहा गया है। वर्षा ऋतु के अपने फायदे भी हैं तो कुछ नुकसान भी जैसे इस मौसम में मच्छर, कीड़े-मकोड़े आदि भी पैदा होते हैं और बीमारियाँ फैलने का खतरा भी रहता है। अधिक वर्षा होने पर बाढ़ का खतरा बना रहता है। लेकिन इन सब के बावजूद यह ऋतु सम्पूर्ण जीव जगत के लिए जीवनदायिनी है।

वर्षा ऋतु पर निबंध – 300 शब्द

भारत में ग्रीष्म ऋतु की चिलचिलाती हुई गर्मी जून तक रहती है, इसके बाद वर्षा ऋतु की शुरुआत होती है और यह सुहाना मौसम सितम्बर रहता है। वर्षा की फुहारें बेहद आनंददायक और सुकून देने वाली होती हैं। इंसानों से लेकर हर जीव जंतु तो इस मौसम का इंतजार रहता है।

इस मौसम में बादलों में काली-भूरी घटायें छा जाती हैं और जब मौसम साफ़ हो जाता है तो पूरा आसमान नीला और मनमोहक दिखाई देने लगता है। और हाँ इन्द्रधनुष को हम कैसे भूल सकते हैं, सात रंगों वाला यह मनमोहक दृश्य सिर्फ सिर्फ इसी मौसम में ही तो दिखाई देते हैं। पूरी धरती हरी-भरी हो जाती है, मिटटी से सौंधी-सौंधी खुशबू, पक्षियों की चहचाहट मन मोह लेती हैं।

वर्षा ऋतु की विशेषताएं

खेती करने लिए बरसात का मौसम ही अनुकूल होता है क्योंकि गर्मी में जल स्तर कम होने और जलाशय के सूखने के बाद इसी ऋतू में सिंचाई के लिए पानी का प्रबंध हो पाता है। वर्षा ऋतू सिर्फ इंसानों के लिए ही फायदेमंद नही है इससे सूखे हुए पेड़-पौधों और गर्मी से व्याकुल पशु पक्षियों में भी नई जान आ जाती है।

इस मौसम में जंगलों का नजारा बेहद अनोखा होता है, आपने मयूर के बारे में तो सुना ही होगा काले बादल जब छाते हैं तो ये अपने खूबसूरत पंखों को फैलाकर नृत्य करते हैं, गर्मी में बेहाल और प्यासे जानवर पहली बारिश से ही राहत महसूस करते हैं।

वर्षा ऋतु से लाभ और हानि

वर्षा ऋतु में खेतों में हरियाली आ जाती है, बीजों से अंकुरण निकल आता है, किसानों के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। धरती का जल स्तर भी बढ़ जाता है इससे पानी की कम दूर हो जाती है। अगर वर्षा ऋतु न आये तो हमारे पास अनाज की कमी हो जाएगी जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो जायेगा।

बेशक वर्षा ऋतु का हमारे जीवन में बहुत महत्त्व है, लेकिन फायदों के साथ-साथ इस मौसम के कुछ नुकसान भी हैं। अत्यधिक बारिश होने से बाढ़ आ सकता है नदी नालों में उफान आ जाता है। गावों से लेकर शहर तक जलमग्न हो सकते हैं इससे जानमाल की बहुत हानि होती है।

वर्षा ऋतु पर निबंध -400 शब्द | Essay on Rainy Season in Hindi

भारत में छः ऋतुएं आती हैं जिनमे से वर्षा ऋतु का अपना एक खास महत्त्व होता है। वर्षा ऋतु को ऋतुओं की रानी भी कहा जाता है। हमारे देश में वर्षा ऋतु का समय जुलाई से सितम्बर तक होता है।

मुख्य रूप से सावन का महिना ऐसा समय होता है जब मानसून सबसे अधिक सक्रिय हो जाता है। जून की झुलसा देने वाली गर्मी और गर्म हवाओं से राहत तभी मिलती है जब वर्षा की फुहारें धरती पर पड़ती हैं। धरती की प्यास बुझ जाती है, सूखे हुए पेड़ पौधों को नया जीवन मिल जाता है, तालाब, नदी नाले और जलाशय पानी से भर जाते हैं।

बरसात का मौसम जब आता है तो चारो ओर हरियाली छा जाती है, चिड़िया चहचहाने लगते हैं, मेंढक टर्राने लगते हैं, जंगली-जानवर भी चैन की सांस लेते हैं मानो सभी जीव-जंतुओं को इसी मौसम का बेसब्री से इन्तजार रहता है। पपीहे की पीहू-पीहू बहुत ही प्यारी लगती है, रात में जुगनू भी दिखाई देते हैं और झींगुर की झंकार भी सुने देती है ऐसा लगता है मानो सम्पूर्ण प्रकृति बोल उठी हो।

वर्षा ऋतु में आने वाले त्योहार

वर्षा ऋतु तीज-त्योहारों का भी मौसम है इस समय भारत में कई सारे त्यौहार मनाये जाते हैं जैसे:

  • रक्षाबंधन – यह भाई-बहन के प्यार को दर्शाने वाला हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार है।
  • तीज – यह हिन्दू महिलाओं द्वारा अपने पति की लम्बी उम्र के लिए रखा जाने वाला व्रत है।
  • जन्माष्टमी – कृष्ण जन्मोत्सव का यह त्यौहार हिन्दुओ द्वारा पूरे देश में मनाया जाता है।
  • श्री कृष्ण जयंती – यह भी समूर्ण भारत में मनाया जाता है।
  • ईद उल जुहा – यह मुसलमानों का एक प्रमुख त्यौहार है।
  • प्रकाश वर्ष – पंजाब में इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है।
  • मुहर्रम – यह सिया मुस्लिमों का प्रमुख त्योहार है।
  • ओणम – यह केरल का प्रमुख त्योहार है।
  • गणेश पूजा – इसे पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ हिन्दुओं द्वारा मनाया जाता है।

वर्षा ऋतु के लाभ

  • ग्रीष्म ऋतु की असहनीय गर्मी को कम करता है और वातावरण में ठंडक आ जाती है।
  • खेती के लिए अनुकूल मौसम बनता है और किसानो को सिंचाई के लिए पानी मिल जाता है।
  • सूखे हुए नदी-नाले, तालाब और पोखर पानी से भर जाते हैं।
  • वर्षा जल का संचयन करके पूरे वर्ष के लिए पानी बचाया जा सकता है।
  • भू-जल स्तर में भी सुधार होता है।
  • पर्यावरण हरा-भरा हो जाता है।
  • गाय-भैंस और जानवरों के लिए हरे चारे का प्रबंध हो जाता है।

वर्षा ऋतु से हानि

  • मिटटी गीली हो जाती है जिससे कीचड और गन्दगी फ़ैल जाती है।
  • अधिक बारिश से आवागमन में परेशानी होती है।
  • बाढ़ का खतरा रहता है।
  • संक्रामक रोग फैलने का खतरा रहता है।
  • छोटे-छोटे गड्ढों में पानी जमा हो जाते हैं जहाँ मच्छर पैदा हो जाते हैं।

आपको यह वर्षा ऋतु पर निबंध (Essay on rainy season in Hindi) कैसी लगी हमें कमेंट करके जरुर बताएं। वर्षा ऋतु पर निबंध for class 1, class 2, class 3, class 4, class 5 से class 10 तक के बच्चे इसे लिख सकते हैं। हमने इस आर्टिकल में वर्षा पर 100 शब्द से 400 शब्दों में निबंध लिखें हैं और ये आपके जरुरत के अनुसार अलग-अलग परीक्षाओं और प्रतियोगिताओं में आपके काम आ सकते हैं।

  • सभी ऋतुओं के नाम
  • ग्रीष्म ऋतु पर निबंध
  • 10 Lines on Winter Season in Hindi
  • 10 lines on spring season in Hindi

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It was an incredible essay. Especially, I like the essay on vasra ritu in 250 words.

Thank you Piyush

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वर्षा ऋतु पर निबंध (Rainy Season Essay in Hindi)

वर्षा ऋतु

वर्ष ऋतु हमारे लिए ढेर सारी खुशियों की बौछार लेके आती है। भारत में वर्षा ऋतु एक बेहद ही महत्वपूर्ण ऋतु है। वर्षा ऋतु आषाढ़, श्रावण तथा भादो मास में मुख्य रूप से होती है। वर्षा ऋतु मुझे बहुत पसंद है। ये भारत के चार ऋतुओं में से मेरी सबसे प्रिय ऋतु है। यह गर्मी के मौसम के बाद आती है, जो साल की सबसे गर्म ऋतु होती है। भयंकर गर्मी, गर्म हवाएँ (लू), और तमाम तरह की चमड़े की दिक्कतों की वजह से मैं गर्मी के मौसम में काफी परेशान हो जाता हूँ। हालाँकि, सभी परेशानियाँ वर्षा ऋतु के आने के साथ ही दूर हो जाती है।

Seasons in India Essay in Hindi | 10 Lines on Rainy Season in Hindi

वर्षा ऋतु पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Rainy Season in Hindi, Varsha Ritu par Nibandh Hindi mein)

वर्षा ऋतु पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

मनुष्यों के साथ ही साथ पेड़, पौधे, चिड़ियाँ और जानवर सभी उत्सुकता के साथ वर्षा ऋतु का इंतजार करते है और इसके स्वागत के लिये ढेर सारी तैयारियाँ करते है। इस मौसम में सभी को गर्मी से राहत और सुकून मिलता है।

वर्षा ऋतु का आगमन

भारत में वर्षा ऋतु जुलाई महीने में शुरु हो जाती है और सितंबर के आखिर तक रहती है। ये असहनीय गर्मी के बाद सभी के जीवन में उम्मीद और राहत की फुहार लेकर आती है। आकाश बहुत चमकदार, साफ और हल्के नीले रंग का दिखाई पड़ता है और कई बार तो सात रंगों वाला इन्द्रधनुष भी दिखाई देता है। पूरा वातावरण सुंदर और आकर्षक दिखाई देता है। आकाश में सफेद, भूरे और गहरे काले बादल भ्रमण करते दिखाई देते है।

प्रकृति पर वर्षा ऋतु का प्रभाव

सभी पेड़ और पौधे नयी हरी पत्तियों से भर जाते है तथा बगीचें और मैदान सुंदर दिखाई देने वाले हरे मखमल की घासों से ढक जाते है। जल के सभी प्राकृतिक स्रोत जैसे नदियां, तालाबें, गड्ढें आदि पानी से भर जाते है। सड़कें और खेल के मैदान भी पानी से भर जाते है और मिट्टी कीचड़ युक्त हो जाती है।

वर्षा ऋतु की विशेषताएं

वर्षा ऋतु, किसानों के लिये फसलों के लिहाज से बहुत फायदेमंद रहती है। वर्षा ऋतु में जीव जन्तु भी बढ़ने लगते हैं। ये हर एक के लिये शुभ मौसम होता है और सभी इसमें खुशी के साथ ढेर सारी मस्ती करते है। इस मौसम में हम सभी पके हुये आम का लुत्फ उठाते है। वर्षा से फसलों के लिए पानी मिलता है तथा सूखे हुए कुएं, तालाबों तथा नदियों को फिर से भरने का कार्य वर्षा के द्वारा ही किया जाता है।

वर्षा ऋतु में वातावरण शुद्ध और दर्शनीय हो जाता है। प्रकृति फल और फूलों से लद जाती है। हमें वर्षा ऋतु बहुत पसंद आता है।

इसे यूट्यूब पर देखें : Essay on Rainy Season in Hindi

निबंध 2 (300 शब्द) – वर्षा ऋतु के फायदे व नुकसान

वर्षा ऋतु में आकाश में बादल छा जाते हैं, वे गरजते हैं और सुंदर लगते हैं। हरियाली से धरती हरी-हरी मखमल सी लगने लगती है। वृक्षों पर नये पत्ते फिर से निकलने लगते हैं। वृक्ष लताएँ मानो हरियाली के स्तम्भ लगते हैं। खेत फूले नहीं समाते, वास्तव में वर्षा ऋतु किसानों के लिये ईश्वर के द्वारा दिया गया एक वरदान है। वर्षा ऋतु में जीव जन्तु भी बढ़ने लगते हैं। ये हर एक के लिये शुभ मौसम होता है और सभी इसमें खुशी के साथ ढेर सारी मस्ती करते है।

वर्षा ऋतु में इंद्रधनुष

भारत में वर्षा ऋतु जुलाई महीने में शुरु हो जाती है और सितंबर के आखिर तक रहता है। ये असहनीय गर्मी के बाद सभी के जीवन में उम्मीद और राहत की फुहार लेकर आता है। इंसानों के साथ ही पेड़, पौधे, चिड़ियाँ और जानवर सभी उत्सुकता के साथ इसका इंतजार करते है और इसके स्वागत के लिये ढेर सारी तैयारियाँ करते है। इस मौसम में सभी को राहत की साँस और सुकून मिलता है।

आकाश बहुत चमकदार, साफ और हल्के नीले रंग का दिखाई पड़ता है और कई बार तो सात रंगों वाला इन्द्रधनुष भी दिखाई देता है। पूरा वातावरण सुंदर और आकर्षक दिखाई देता है। सामान्यतः मैं हरे-भरे पर्यावरण और दूसरी चीजों की तस्वीर लेता हूँ जिससे ये मेरे कैमरे में यादों की तरह रहे। आकाश में सफेद, भूरा और गहरा काला बादल भ्रमण करता दिखाई देता है।

इस मौसम में हम सभी पके हुये आम का लुत्फ़ उठाते है। वर्षा से फसलों के लिए पानी मिलता है तथा सूखे हुए कुएं, तालाबों तथा नदियों को फिर से भरने का कार्य वर्षा के द्वारा ही किया जाता है। इसीलिए कहा जाता है कि जल ही जीवन है।

संक्रामक बीमारियों के फैलने का डर

सभी पेड़ और पौधे नयी हरी पत्तियों से भर जाते है तथा उद्यान और मैदान सुंदर दिखाई देने वाले हरे मखमल की घासों से ढक जाते है। जल के सभी प्राकृतिक स्रोत जैसे नदियॉ, तालें, तालाबें, गड्ढें आदि पानी से भर जाता है। सड़कें और खेल का मैदान भी पानी से भर जाता है और मिट्टी कीचड़युक्त हो जाती है। वर्षा ऋतु के ढेर सारे फायदे और नुकसान है।

एक तरफ ये लोगों को गरमी से राहत देती तो दूसरी तरफ इसमें कई सारी संक्रामक बीमारियों के फैलने का डर बना रहता है। यह किसानों के लिये फसलों के लिहाज से बहुत फायदेमंद रहता है लेकिन यह कई सारी संक्रमित बीमारियों को भी फैलाता है। इससे शरीर की त्वचा को काफी असुविधा होती है। इसके कारण डायरिया, पेचिश, टाईफॉइड और पाचन से संबंधित परेशानियाँ सामने आती है।

वर्षा ऋतु में रोगों के संक्रमण की संभावना अधिक हो जाती है और लोग अधिक बीमार पड़ने लगते है। इसलिए इस ऋतु में लोगों को सावधानी से रहना चाहिए और बारिश का मजा लेना चाहिए और जहां तक हो सके बारिश के पानी को संचित करने का उपाय ढूँढना चाहिए।

Rainy Season Essay in Hindi

निबंध 3 (400 शब्द) – वर्षा ऋतु का महत्व

धरती तप रही थी सूर्य आग उगल रहा था। सारे पेड़ पौधे सुख रहे थे। पक्षी-पशु जल बिना बेहाल थे। हर व्यक्ति उत्तेजना से मानसून की प्रतीक्षा कर रहा था। तभी आश्चर्यजनक रूप से मौसम में बदलाव आया। आकाश बदलो से घिर गया, तेज हवा और गड़गड़ाहट के साथ मध्य वर्षा होने लगी। मिट्टी की सौंधी सुगंध सांसों को महकने लगी। पेड़ पौधों में नया जीवन आ गया।

वर्षा ऋतु हम सभी के लिये प्यारा मौसम होता है। सामान्यतः: ये जुलाई के महीने में आता है और सितंबर के महीने में जाता है। ये प्रचण्ड गर्मी के मौसम के बाद आता है। ये धरती पर मौजूद हर जीव-जन्तु के लिये एक उम्मीद और जीवन लेकर आता है जो सूरज की ताप की वजह से खत्म हो जाता है। यह अपने प्राकृतिक और ठंडे बारिश के पानी की वजह से लोगों को बहुत राहत देता है। गर्मी के कारण जो नदी और तालाब सूख जाते वे फिर से बारिश के पानी से भर जाते है इससे जलचरों को नया जीवन मिल जाता है। यह उद्यानों और मैदानों को उनकी हरियाली वापस देती है। वर्षा हमारे पर्यावरण को एक नयी सुंदरता प्रदान करती है हालाँकि ये दुख की बात है कि ये सिर्फ तीन महीनों के लिये रहती है।

वर्षा ऋतु का सबसे अधिक महत्व किसानों के लिये

आम जन जीवन के अलावा वर्षा ऋतु का सबसे अधिक महत्व किसानों के लिये है क्योंकि खेती के लिये पानी की अत्यधिक आवश्यकता होती है जिससे फसलों को पानी की कमी न हो। सामान्यतः: किसान कई सारे गड्ढे और तालाब बनाकर रखते है जिससे वर्षा के जल का जरूरत के समय उपयोग कर सकें। वास्तव में वर्षा ऋतु किसानों के लिये ईश्वर के द्वारा दिया गया एक वरदान है। बारिश न होने पर वे इन्द्रराज देव से वर्षा के लिये प्रार्थना करते है और अंततः: उन्हें वर्षा का आशीर्वाद मिल जाता है। आसमान में बादल छाये रहते है क्योंकि आकाश में यहाँ और वहाँ काले, सफेद और भूरे बादल भ्रमण करते रहते है। घूमते बादल अपने साथ पानी लिये रहते है और जब मानसून आता है तो बारिश हो जाती है।

वर्षा ऋतु के आने से पर्यावरण की सुंदरता बढ़ जाती है। मुझे हरियाली बेहद पसंद है। वर्षा ऋतु के पलों का आनन्द लेने के लिये मैं सामान्यतः अपने परिवार के साथ बाहर घूमने जाता हूँ। पिछले साल मैं नैनीताल गया था और वह एक अच्छा अनुभव था। कई पानी से भरे बादल कार में हमारे शरीर पर पड़े और कुछ खिड़की से बाहर निकल गये। बारिश बहुत धीमे हो रही थी और हम सभी इसका आनन्द उठा रहे थे। हम लोगों ने नैनीताल में बोटिंग (नौकायन) का भी आनन्द उठाया। हरियाली से भरा नैनीताल बहुत अद्भुत लग रहा था।

ज्यादा बारिश हमेशा खुशियां ही नहीं लाता कभी-कभी जल प्रलय का कारण भी बन जाता है। कई जगह ज्यादा बारिश होने से गांव डूब जाते है और जन-धन की भी हानि होती है। बहुत ज्यादा बारिश के कारण खेते डूब जाते है फसलें भी नष्ट हो जाती और किसानों को बहुत नुकसान भी होता है।

Essay on Rainy Season in Hindi

निबंध 4 (600 शब्द) – वर्षा ऋतु के अगर फायदे हैं तो नुकसान भी है

वर्षा ऋतु को सभी ऋतुओं का रानी कहा जाता है। भारत में चार मुख्य ऋतुओं में वर्षा ऋतु एक है। यह हर साल गरमी के मौसम के बाद जुलाई से शुरु होकर सितंबर तक रहता है। जब मानसून आता है तो आकाश के बादल बरसते है । गर्मी के मौसम में तापमान अधिक होने के कारण पानी के संसाधन जैसे महासागर, नदी आदि वाष्प के रुप में बादल बन जाते है। वाष्प आकाश में इकट्ठा होती है और बादल बन जाते है जो वर्षा ऋतु में चलते है जब मानसून बहता है और बादल आपस में घर्षण करते है। इससे बिजली चमकती और गरजती है और फिर बारिश होती है।

हमारे देश में चार मुख्य ऋतुओं में वर्षा ऋतु एक है। यह ऐसी ऋतु है जो लगभग सभी लोगों की पसंदीदा होती है क्योंकि झुलसा देने वाली गर्मी के बाद ये राहत का एहसास लेकर आती है। वर्षा ऋतु जुलाई से शुरू होती है अर्थात सावन भादों के महीनों में होती है। यह मौसम भारतीय किसानों के लिए बेहद ही हितकारी एवं महत्वपूर्ण है।

कड़कड़ाती गर्मी के बाद जून और जुलाई के महीने में वर्षा ऋतु का आगमन होता है और लोगों को गर्मी से काफी राहत मिलती है। वर्षा ऋतु एक बहुत ही सुहाना ऋतु है। वर्षा ऋतु आते ही लोगों में खासकर के किसानों में खुशियों का संचार हो जाता है। वर्षा ऋतु सिर्फ गर्मी से ही राहत नहीं देता है बल्कि यह खेती के लिए वरदान है। बहुत सारे फसल अच्छी वर्षा पर निर्भर करता है। अगर अच्छी वर्षा नहीं हुई तो ज्यादा उपज नहीं हो पाएगा, जिससे लोगों को सस्ते में अनाज नहीं मिल पाएगा।

वर्षा ऋतु के दोनों पहलू : फायदे और नुकसान

वर्षा ऋतु के अपने फायदे और नुकसान है। बारिश का मौसम सभी को अच्छा लगता है क्योंकि यह सूरज की तपती गर्मी से राहत देता है। यह पर्यावरण से सभी गर्मी को हटा देता है और एक ठंडक एहसास होता है। यह पेड़, पौधे, घास, फसल और सब्जियों आदि को बढ़ने में मदद करता है। यह मौसम सभी जानवरों और पक्षियों को भी बेहद पसंद होता है क्योंकि उन्हें चरने के लिये ढेर सारी घास और पीने के लिये पानी मिल जाता है। और इससे हमें दिन में दो बार गाय और भैंसों का दूध उपलब्ध हो जाता है। सभी प्राकृतिक संसाधन जैसे नदी और तालाब आदि पानी से भर जाते है।

जब बारिश होती है तो सभी सड़कें, उद्यान तथा खेल के मैदान आदि जलमग्न और कीचड़युक्त हो जाते है। इससे हमें रोज खेलने में बाधा उत्पन्न होती है। सूरज की उपयुक्त रोशनी के बिना सब कुछ बदबू करने लगता है। सूरज की रोशनी की कमी की वजह से बड़े स्तर पर संक्रामक बीमारियों (विषाणु, फफूंदी और बैक्टीरिया से होने वाली) के फैलने का खतरा बढ़ जाता है। वर्षा ऋतु में, भूमि की कीचड़ और संक्रमित वर्षा का पानी धरती के अंदर जाकर पानी के मुख्य स्रोत के साथ में मिलकर पाचन क्रियाओं के तंत्र को बिगाड़ देते है। भारी बारिश के कारण बाढ़ की संभावना भी बनी रहता है।

वर्षा का दृश्य

पृथ्वी को मनोरम और अलौकिक रूप को देखकर बादल भी उसकी ओर आकर्षित होकर प्रेमी नायक की भांति झुकते ही चले आते हैं। और रसमय होकर उसे सरस बना देते हैं।  जैसे ही पृथ्वी पर बूँदें पड़ने लगती है वैसे ही पृथ्वी से अद्भुत भीनी-भीनी सुगंध उठने लगती है। वृक्षों में नया जीवन आ जाता है और वे हरे-भरे हो जाते हैं। पक्षी गण कलरव करने लगते हैं। इस प्रकार वर्षा के आगमन से  वातावरण ही बदल जाता हैं।

आखिरकार सभी के द्वारा वर्षा ऋतु को बहुत पसंद किया जाता है। हर तरफ हरियाली ही दिखाई देती है। पेड़, पौधे और लताओं में नयी पत्तियाँ आ जाती है। फूल खिलना शुरु हो जाते है। हमें आकाश में इन्द्र धनुष देखने का बेहतरीन मौका मिलता है। इस मौसम में सूरज भी लुका-छिपी खेलता है। मोर और दूसरे पक्षी अपने पंखों को फैलाकर झूमने लगते है। हम सभी वर्षा ऋतु का आनन्द स्कूल और घर दोनों जगह लेते है।

FAQs: Frequently Asked Questions

उत्तर – वर्ष भर में एक बार आने वाली वह ऋतु जिसमें वायुमंडलीय तापमान और आर्द्रता सामान्यतः उच्च रहते हैं, वर्षा ऋतु कहलाती है।

उत्तर – वर्षा ऋतु जून-जुलाई के महीने में आती है।

उत्तर – वर्षा ऋतु में अरहर, चावल, मक्का, मूंगफली, सोयाबीन आदि फसलें बोई जाती हैं।

उत्तर – वर्षा ऋतु में बोई जाने वाली फसलों को खरीफ फसल कहते हैं।

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वर्षा ऋतु जन जीवन का आधार है, इस समय मौसम सुहावना हो जाता है सभी जीव जंतुओं और मनुष्यों का मन प्रफुल्लित हो उठता है. बच्चों को बारिश बहुत अच्छी लगती है इसलिए अक्सर परीक्षाओं में वर्षा ऋतु पर निबंध लिखने को दिया जाता है.

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Best Essay on Rainy Season in Hindi 100 Words

हमारा देश कृषि आधारित देश है इसलिए आप वर्षा का होना बहुत जरूरी है. बारिश के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है क्योंकि बारिश से ही हमें पीने योग्य अमृत समान जल प्राप्त होता है.

भीषण गर्मी और लू चलने के बाद जब मानसून आता है तो चारों ओर खुशहाली और हरियाली छा जाती है. हर तरफ ठंडी-ठंडी हवाएं चलती है, खेतों में फसल लहरा उठती है, किसानों के चेहरे खिल उठते है, बच्चे भी बारिश और ठंडी हवा का आनंद लेते है.

बारिश का मौसम सबसे सुहाना मौसम होता है यह मौसम मुझे सबसे प्रिय और अच्छा लगता है.

Varsha Ritu Essay in Hindi 250 Words

वर्षा ऋतु हमारे देश में जुलाई माह से प्रारंभ होती है और सितंबर माह तक वर्षा होती है. गर्मियों की झुलसा देने वाली गर्मी के बाद सभी लोग बेसब्री से बारिश का इंतजार करते है. हमारे देश के किसान तो हर समय आसमान की तरफ टकटकी लगाए देखते रहते है.

वर्षा ऋतु किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है इस समय किसानों खरीफ की फसल बोते है और बारिश आते है फसल लहरा होते है चारों ओर खेतों में हरी भरी फसल लहराते देखकर मन प्रशंसा पूर्वक हर्षा उठता है

गर्मी के कारण सूखे हुए पेड़ पौधे भी नव अंकुरित हो उठते है, सूखी हुई नदियां, तालाब, बावड़िया, बांध पानी से लबालब भर जाते है धरती की प्यास बुझती है और भूजल स्तर ऊंचा उठ जाता है. सभी जीवो को बारिश से राहत की सांस मिलती है.

बारिश के आगमन पर मोर छम-छम करके नाचता है , कोयल मीठी राग सुनाती है, मेंढक टर्र-टर्र करके अपनी खुशी जाहिर करता है. वर्षा ऋतु बहुत ही मनोरम ऋतु होती है इस ऋतु में सभी का मन ऐसा होता है क्योंकि चारों तरफ हरियाली, ठंडी हवा और सुख शांति फैल जाती है.

मानसून के दिनों में आसमान में काले सफेद बादल पानी लेने के लिए दौड़ते नजर आते है, काली घटाओं में बिजली का चमकना बहुत अच्छा लगता है.

गर्मियों के कारण जो बच्चे घर से बाहर निकलना बंद कर देते हैं बारिश के मौसम में वे बाहर निकल कर खूब खेलते नाचते गाते है और बारिश का भरपूर आनंद उठाते है.

बारिश का मौसम पृथ्वी पर रहने वाले प्रत्येक जीव को नया जीवन प्रदान करता है इसलिए मुझे वर्षा ऋतु बहुत पसंद है.

Latest Essay on Rainy Season in Hindi 500 Words

भूमिका –

भारत में मुख्य रूप से वर्षा सावन और भादो माह में होती है यह वह समय होता है जब मानसून सबसे सक्रिय रूप में होता है. ग्रीष्म काल की झुलसाती हुई गर्मी से राहत बारिश के कारण ही मिलती है.

गर्मियों के कारण भारत के प्रत्येक प्रांत का तापमान इतना अधिक बढ़ जाता है कि दिन में बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है. हर तरफ पानी के लिए त्राहि-त्राहि मच जाती है.

सभी नदी, नालों, तालाबों का पानी सूख जाता है जिसे जीव-जंतुओं का जीवन बहुत कठिन हो जाता है. लेकिन जब वर्षा ऋतु का आगमन होता है तो चारों तरफ हरियाली ही हरियाली छा जाती है.

ऐसा लगता है मानो बारिश की बूंदों के रूप में धरती पर अमृत की बौछार कर दी गई हो, बारिश के कारण ही पृथ्वी पर जीवन संभव है.

वर्षा ऋतु का महत्व –

वर्षा ऋतु सभी ऋतु में सबसे अच्छे ऋतु मानी जाती है, जब भी वर्षा आती है तब धरती का कण कण उमंग से प्रफुल्लित हो उठता है. जब धरती पर प्रचंड गर्मी के बाद मानसून की पहली बारिश होती है तो धरती से सोंधी सोंधी खुशबू आती है जिसके आगे दुनिया का सबसे खुशबूदार इत्र भी कम पड़ता है.

हमारा देश गर्म प्रांतीय क्षेत्र में आता है इसलिए यहां पर सबसे अधिक गर्मी पड़ती है, नदियों में पानी का अभाव है इसलिए पानी की उपलब्धता कम है. इसीलिए हमारे देश में वर्षा ऋतु का महत्व और भी बढ़ जाता है वर्षा ऋतु जब भी आती है तो सभी के मन को भा जाती है.

हमारा भारत देश के प्रधान देश है इसलिए यहां पर ज्यादातर खेती ही की जाती है और खेती के लिए पानी की आवश्यकता होती है इस आवश्यकता की पूर्ति सावन और भादो माह में आने वाली बारिश ही करती है. किसानों के लिए तो यह अमृत के समान है क्योंकि उनकी फसल बारिश पर ही निर्भर करती है.

जब बारिश अच्छी होती है तो देश के हर प्रांत में खेतों में फसल लहरा उठती है चारों तरफ हरियाली ही हरियाली छा जाती है ऐसा लगता है मानो धरती ने हरी चुनरी ओढ़ ली हो.

बारिश के कारण सभी नदी नाले और तालाब पानी से लबालब भर जाते हैं जिसके कारण पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव जंतुओं को मीठा जल पीने को मिलता है.

और धरती का भू-जल स्तर भी बढ़ जाता है जिससे गर्मी का प्रकोप कम हो जाता है और चारों तरफ ठंडी ठंडी हवाएं चलती है जो कि प्रत्येक प्राणी की मन को खुशहाली से ओतप्रोत कर देती है.

वर्षा के कारण फसल अच्छी होती है इसलिए सभी को खाने के लिए अनाज मिलता है साथ ही किसानों को इससे अच्छी पूंजी भी मिल जाती है.

जिससे उनका जीवन यापन थोड़ा सरल हो जाता है. बारिश अच्छी होती है तो देश की प्रगति भी तेजी से होती है. वर्तमान में जल की कमी का ज्यादातर भाग मानसून की बारिश से ही पूरा होता है इसलिए बारिश का महत्व हमारे जीवन में अतुल्य है.

निष्कर्ष –

हमारे जीवन में सभी ऋतुओं का महत्व है लेकिन सबसे अधिक महत्व वर्षा ऋतु का है जिसके कारण पृथ्वी की संपूर्ण जीवन प्रणाली चलती है लेकिन कभी-कभी अत्यधिक वर्षा के कारण कुछ हानि भी हो जाती है लेकिन इसके महत्व के आगे यह नगण्य है.

वर्षा हमारी धरती के लिए बहुत आवश्यक है इसलिए में इसके जल को सहेज कर रखना चाहिए और अधिक वर्षा हो इसलिए पेड़ पौधे लगाने चाहिए.

Full Essay on Rainy Season in Hindi

प्रस्तावना –

हमारा भारत देश बहुत सारी विभिन्नताओं वाला देश है इसलिए हमारे देश में ऋतुओं में भी विभिन्नता पाई जाती है. हमारे देश में कुल छ: ऋतुएँ ग्रीष्म, वर्षा, शीत ऋतु, हेमन्त, शिशिर और बसंत है जो कि हर दो महीने के अंतराल में बदल जाती है.

ऋतुओं के नाम के हिसाब से पृथ्वी का वातावरण बदलता रहता है, इन्हीं में से एक वर्षा ऋतु है जोकि संपूर्ण पर्यावरण में जीवन रेखा का काम करती है.

वर्षा ऋतु में बहुत तेज और अधिक बारिश होती है कई बार तो हफ्तों तक लगातार रिमझिम बारिश होती रहती है. वर्षा ऋतु में जुलाई में प्रारंभ होती है और अगस्त माह तक इसका पूरा जोर रहता है.

वर्षा ऋतु का आगमन –

जब वर्षा ऋतु का आगमन होता है तो चारों तरफ खुशहाली और हरियाली छा जाती है, भीषण गर्मी और लू के थपेड़ों से जनजीवन को राहत मिलती है. बच्चों से लेकर बूढ़े तक सभी में खुशी की लहर दौड़ जाती है. बारिश के समय बच्चे खूब नहाते और खेलते है अपनी कागज की नाव पानी में तैराते है.

किसान भी समय बहुत खुश होता है क्योंकि उसकी फसल लहरा उठती है. वर्षा के समय सूख चुके जंगल के पेड़ पौधे फिर से नव अंकुरित हो उठते है. सूखी काली पहाड़ियों पर हरियाली की चादर बिछ जाती है हर तरफ रंग बिरंगे फूल दिखाई देते है.

नदियां, ताल तलैया, नाले, बांध इत्यादि सभी पानी से भर जाते है, पूरा वातावरण ठंडा हो जाता है. पशु पक्षियों को खाने के लिए हरी घास और पेड़ पौधे मिल जाते है. वर्षा ऋतु का आगमन पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवो के लिए खुशियों की चाबी है.

वर्षा का आगमन सभी को भाता है यह प्रकृति की काया पलट कर रख देता है प्रकृति के सारे रंग हमें बारिश के मौसम में देखने को मिल जाते है यह दृश्य किसी स्वर्ग लोक से कम नहीं होता है.

वर्षा ऋतु के लाभ –

वर्षा ऋतु का लाभ संपूर्ण पर्यावरण को मिलता है बारिश के कारण ही पर्यावरण का पूरा चक्कर चल पाता है इसके मुख्य लाभ हमने नीचे पॉइंट के माध्यम से समझाएं है.

(1) किसानों को –

किसानों के लिए तो वर्षा ऋतु किसी वरदान से कम नहीं है क्योंकि वर्षा ऋतु से पहले किसान अपने खेतों में निराई गुड़ाई और खाद डालकर फसल के लिए तैयार करते है. यह सब इतना आसान नहीं होता क्योंकि उस समय भयंकर गर्मी और लू चलती है.

किसान प्रचंड गर्मी में दिन भर मेहनत करता है और फिर आसमान की तरफ टकटकी लगाए देखता रहता है कि कब बादल आए और बारिश होगी. हमारे देश के ज्यादातर किसान मानसून आधारित बारिश पर ही अपनी फसल बोते है.

इसलिए जब बारिश का मौसम आता है तो किसानों के मुंह की मुस्कान देखते ही बनती है. उनके द्वारा लगाई गई फसल, फल, सब्जियां इत्यादि सभी भरपूर मात्रा में होती है.

(2) पर्यावरण –

हमारी पृथ्वी की पर्यावरण के चक्कर को सुचारू रूप से चलाने के लिए वर्षा ऋतु का अहम महत्व है अगर यह रितु नहीं होगी तो संपूर्ण पर्यावरण तंत्र बिगड़ जाएगा. चारों तरफ पानी के लिए त्राहि-त्राहि मच जाएगी फिर पृथ्वी पर जीवन जीना मुश्किल हो जाएगा.

इसलिए जब बारिश आती है तो जीव जंतुओं के लिए चारे पानी की व्यवस्था हो जाती है और इंसानों के लिए भी पानी और अन्य फसल की व्यवस्था हो जाती है. पृथ्वी का पर्यावरण में फिर से एक बार जान आ जाती है. इसलिए वर्षा ऋतु का हमारे पर्यावरण के लिए अहम महत्व है.

(3) जीव – जंतुओं –

भयंकर गर्मी के कारण सभी पेड़ पौधे और घास सूख जाती है साथ ही पानी के तालाब और नदियां सूख जाती हैं जिससे जीव जंतुओं को खाने के लिए कुछ नहीं मिलता और पीने के लिए पानी भी बहुत कम मिलता है. इसके कारण धीरे-धीरे जीव जंतु और पशु पक्षी पानी और खाने की कमी के कारण मृत्यु के आगोश में चले जाते है.

लेकिन जब वर्षा ऋतु आती है तब फिर से पानी और खाने की कमी दूर हो जाती है इसलिए वर्षा ऋतु जीव जंतुओं के लिए अमृत के समान कार्य करती है.

(4) भू-जल स्तर बढ़ना –

गर्मी और अत्यधिक तापमान के कारण पृथ्वी का जल वाष्प बनकर उड़ जाता है, और मानव द्वारा भूजल का अत्यधिक दोहन करने के कारण भू-जल स्तर कम हो जाता है जिसके कारण पृथ्वी गरम रहती है और हमें स्वस्थ जल पीने को भी नहीं मिलता है.

जब वर्षा ऋतु आती है तब बारिश के कारण ही भू-जल स्तर बढ़ता है जिससे पृथ्वी के तापमान में भी कमी आती है और स्वच्छ जल भी हमें प्राप्त होता है.

(5) व्यापार में तेजी –

हमारा भारत देश कृषि आधारित देश है इसलिए यहां पर ज्यादातर आमदनी कृषि से ही होती है इसलिए जिस साल अच्छी वर्षा नहीं होती उस साल सभी वस्तुओं के दाम बढ़ जाते है और व्यापार धीमी गति से चलता है.

अगर अच्छी बारिश होती है तो किसानों को अच्छी आमदनी प्राप्त होती है और वे बाजार में आकर नई नई वस्तुएं खरीदते हैं जिससे व्यापार तेजी से बढ़ता है.

(6) देश की प्रगति –

हमारे देश आज भी 70% से अधिक आमदनी कृषि से ही होती है इसलिए हमारे देश के ज्यादातर लोग आज भी किसान है. इसलिए जिस वर्ष भी अधिक वर्षा होती है और फसल अच्छी हो जाती है तो हर प्रकार के व्यापार में तेजी देखने को मिलती है.

इस कारण सभी को खर्च करने के लिए पैसे मिल जाते है और सभी लोग नई नई वस्तुएं खरीदते है जिससे देश की प्रगति होने लग जाती है.

वर्षा से हानि –

वर्षा ऋतु से कुछ हानियां भी होती है लेकिन ज्यादातर मानव जनित कार्यों के कारण उनके घातक परिणाम देखने को मिलते है. वर्षा ऋतु से होने वाली कुछ प्रमुख हानियां निम्नलिखित है –

(1) बाढ़ – अत्यधिक बारिश होने के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है जिसके कारण फसल जन-धन की हानि होती है. लेकिन बाढ़ भी मानव जनित कार्य से ही आती है क्योंकि मानव द्वारा जंगलों की कटाई कर दी गई है जिससे पानी का बहाव तेजी से होता है.

और जनधन की हानि भी मानव के कारण ही होती है क्योंकि मानव ने अपने रहने का स्थान नदियों के पास बना लिया है और उनके बहने के क्षेत्र को रोक दिया है जिससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है. अगर मानव अपनी सीमा में रहे तो बाढ़ की स्थिति इतना भयानक रूप नहीं ले सकती है.

(2) मौसमी बीमारियां –

वर्षा ऋतु में मौसमी बीमारियां बहुत अधिक होती है जैसे हैजा, मलेरिया, त्वचा संबंधी रोग, खांसी जुकाम इत्यादि हो जाती है. लेकिन इनमें से ज्यादातर बीमारियां मानव द्वारा फैलाए गए प्रदूषण के कारण ही उत्पन्न होती है. अगर मानव पर्यावरण का ख्याल रखें तो वर्षा ऋतु से बीमारियां नहीं होंगी.

(3) भू-कटाव –

अत्यधिक तेज वर्षा के कारण भूमि का कटाव होने लग जाता है जिसे उपजाऊ मिट्टी बह कर चली जाती है. जो कि पर्यावरण और फसलों के लिए अच्छा नहीं होता है.

भू-कटाव की स्थिति वर्तमान में बहुत अधिक देखने को मिलती है क्योंकि मानव द्वारा अत्यधिक पेड़ों की कटाई कर दी गई है जिससे भूमि का कटाव हो रहा है इसलिए मैं अधिक से अधिक मात्रा में पेड़ लगाने होंगे और भू-कटाव को रोकना होगा.

वर्षा ऋतु के त्योहार –

वर्षा ऋतु आने के बाद भारत देश में जैसे त्योहारों की झड़ी लग जाती है, भारत में वर्षा से वैसे ही सभी को खुशी मिलती हैं और पूरा वातावरण ठंडा और मनमोहक हो जाता है इन खुशियों में चार चांद लगाने के लिए भारत देश के लोग त्योहारों का आयोजन करते है.

अगर ऐसा कहा जाए कि भारत में त्योहारों की शुरुआत वर्षा ऋतु से ही प्रारंभ होती है तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी क्योंकि ज्यादातर त्यौहार वर्षा ऋतु के बाद ही आते है.

वर्षा ऋतु के बाद प्रमुख रूप से मनाए जाने वाले त्योहार निम्न है – तीज, रक्षाबंधन, गणगौर, दिवाली इत्यादि है.

उपसंहार –

वर्षा ऋतु के कारण संपूर्ण जन जीवन में हर्षोल्लास की लहर दौड़ जाती है, सच में वर्षा ऋतु पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवो के प्राण के लिए अमृत का कार्य करती है.

खेतों में लहराती हुई फसल का मनमोहक दृश्य बहुत सुहाना लगता है. चारों तरफ हरियाली ही हरियाली देखकर सबके मन को शांति मिलती है.

चहु और पशु पक्षी अपना नया राग सुनाते है यह वाक्य में ही बहुत मनोरम दृश्य होता है और वर्षा ऋतु के कारण भयंकर गर्मी से जो राहत मिलती है उसकी तो कल्पना भी नहीं की जा सकती है.

इसीलिए वर्षा ऋतु सभी ऋतु में सबसे ऊंचा स्थान रखती है. हमें भी वर्षा ऋतु में जल का संग्रह करके वर्षा ऋतु का आदर करना चाहिए.

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7 thoughts on “वर्षा ऋतु पर निबंध – Essay on Rainy Season in Hindi”

वर्षा ऋतु पर निबंध

very good letters

Thank you Arnav for appreciation, keep visiting Hindi yatra.

आप का निबंध हमें बहुत अच्छा लगा।

सराहना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद अंशिका जी ऐसे ही और रोचक जानकारी लेने के लिए हिंदी यात्रा पर आते रहे धन्यवाद

आपका निबंध बहुत अच्छा लगा । धन्यवाद

करन राणा आप का बहुत बहुत आभार

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वर्षा ऋतु पर निबंध

भारत में मुख्य रूप से तीन ऋतु है, जिसमें वर्षा ऋतु लोगों की प्रिय ऋतु होती है। वर्षा ऋतु शुरू होते ही विद्यालयों में बच्चों को वर्षा ऋतु पर निबंध (Varsha Ritu Par Nibandh) लिखने के लिए दिया जाता है।

Varsha Ritu Par Nibandh

निबंध के जरिए बच्चे वर्षा ऋतु के आगमन, वर्षा ऋतु का महत्व, वर्षा ऋतु में उत्पन्न धरती के अनुपम सौंदर्य से अवगत हो सके।

वर्तमान विषयों पर हिंदी में निबंध संग्रह तथा हिंदी के महत्वपूर्ण निबंध पढ़ने के लिए यहां  क्लिक करें।

वर्षा ऋतु पर निबंध (Varsha Ritu Par Nibandh)

इस लेख में हम अलग-अलग शब्द सीमा में वर्षा ऋतु निबंध हिंदी (varsha ritu essay in hindi) शेयर कर रहे हैं, जिससे हर कक्षा के विद्यार्थियों को सहायता मिलेगी।

वर्षा ऋतु पर निबंध 100 शब्द

भारत एक कृषि प्रधान देश है, जिसके कारण यहां पर वर्षा ऋतु का बहुत ही ज्यादा महत्व है। किसान वर्षा पर ही निर्भर होते हैं, इसीलिए वे साल भर बहुत बेसब्री से वर्षा ऋतु का इंतजार करते हैं। क्योंकि वर्षा ऋतु शुरू होते ही किसान हल लेकर अपने खेत फसल बुवाई के लिए चले जाते हैं।

वर्षा ऋतु भारत में जून महीने में प्रारंभ होती है और सितंबर महीने तक यह मौसम रहता है। वर्षा ऋतु के दौरान चारों तरफ हरियाली छा जाती है। पेड़-पौधे भी लगते हैं, खुशी के मारे झूम रहे होते हैं। वर्षा ऋतु में मोर अपने पंख फैला कर नाचते हैं।

आकाश में उत्पन्न इंद्रधनुष बहुत खूबसूरत दृश्य उत्पन्न करते हैं। बाजार में केला, जामुन, अनानास, सीताफल और अनार जैसे वर्षा ऋतु के फल बिकने लगते हैं। चारों तरफ मेढ़क के टरटराने की आवाज आती है। आसमान घने काले बादल से घिर जाता हैं।

वर्षा ऋतु में बच्चे कागज का नाव बनाकर पानी में खेलते हैं। पहली बारिश की बूंद जब मिट्टी पर पड़ती है तो उसकी खुशबू लोगों को मंत्रमुग्ध कर देती हैं। वर्षा ऋतु हर किसी का पसंदीदा मौसम होता है।

Varsha Ritu Par Nibandh

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वर्षा ऋतु पर निबंध 200 शब्द

भारत में तीन प्रमुख ऋतु है, जिसमें से एक है वर्षा ऋतु। भारत में जुलाई महीने में शुरू होती है और फिर सितंबर महीने तक रहती है। वर्षा ऋतु का आगमन होते ही आसमान पूरी तरीके से काले बादल से ढक जाता है।

फिर बादल की गरज और बिजली की चमक के साथ वर्षा की बूंदे धरती पर अपना कदम रखती है। बारिश की बूंदे जैसे ही मिट्टी पर गिरती है, उसकी खुशबू वातावरण को मनमोहन बना देती है। सूरज की जब किरण वर्षा की बूंदों पर पड़ती है तो नीले आसमान में रंग-बिरंगे इंद्रधनुष से देखने लायक दृश्य उत्पन्न होता है।

वर्षा ऋतु का इंतजार न केवल इंसान बल्कि जीव-जंतु, पेड़-पौधे सभी उत्सुकता से करते हैं। जब वर्षा ऋतु शुरू होती है तब पेड़-पौधे भी खुशी से झूम उठते हैं। वर्षा ऋतु के खुशी में मोर भी अपने खूबसूरत रंग-बिरंगे पंख फैला कर नाचने लगता है, मेंढक भी टरटराने लगता है। चारों तरफ हरे-भरे घास उग आते हैं, जिससे गाय भैंस के लिए चारा आ जाता है।

वर्षा ऋतु के कारण पानी के हर एक स्त्रोत में पानी का स्तर बढ़ जाता है। नदी नाले, कुंवे सब में पानी भर जाता हैं। वर्षा ऋतु में लोग पके हुए आम को खाने का आनंद लेते हैं।

वर्षा ऋतु मानव जीवन के लिए बहुत ही जरूरी है लेकिन कभी कबार अत्यधिक वर्षा के कारण भयंकर बाढ़ भी आ जाता है, जिससे जानमाल का बहुत नुकसान होता है।

वहीं कभी कबार बहुत कम वर्षा होती है, जिसके कारण सूखा भी पड़ जाता है। रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, ओणम, गणेश चतुर्थी जैसे त्योहार वर्षा ऋतु में ही आते हैं।

वर्षा ऋतु पर निबंध 250 शब्द

वर्षा ऋतु भारत की ऋतुओं में से वर्ष की सबसे अधिक प्रतीक्षित ऋतुओं में से एक है। पूरे भारत में वर्षा ऋतु की शुरुआत गर्मी के बाद जुलाई से होकर सितम्बर तक चलती है। ये ऋतु असहनीय गर्मी से परेशान हो रहे जीव-जन्तु, लोग आदि के लिए एक राहत की फुहार लेकर आती है।

इस ऋतु का इंतजार लोगों के साथ ही जानवरों, पेड़-पौधों, पक्षियों को भी रहता है। सभी इसका उत्सुकता से इंतजार करने के साथ ही इसके स्वागत के लिए तैयार रहते हैं।

गर्मी की ऋतु में अधिक गर्मी होने के कारण नदी, तालाब, महासागर आदि से जल आकाश में वाष्प के रूप में चला जाता है और वहां पर बादल का निर्माण करता है। फिर जब बादल चलते है तो आपस में टकराते या फिर घर्षण करते हैं तो आकाशीय बिजली गरजती है और वर्षा होती है।

वर्षा ऋतु में वर्षा होने से सभी को आनंद और सुकून की अनुभूति होती है और वातावरण को खुशनुमा बना देती है। आसमान में नीले रंग के चमकदार बादल और सात रंगों से भरा हुआ इन्द्रधनुष दिखाई देता है। जिसका सभी लोग बेसब्री से इन्तजार करते हैं।

भारत देश में गर्मी का तापमान 45 डिग्री से भी ऊपर चला जाता है, जिसके कारण नदी और तालाब सूख जाते हैं और जिसके कारण जानवर आदि भी प्यास से मरने लग जाते हैं। वर्षा ऋतु आने आने पर सभी के चहरे खिल उठते हैं।

वर्षा ऋतु पर निबंध 300 शब्द

3 से 4 महीने तक भीषण गर्मी और तपती ज्वाला में जलने के बाद मनुष्य सहित हर एक जीव जंतु और पेड़ पौधों को बेसब्री से वर्षा ऋतु का इंतजार रहता है। वर्षा ऋतु हर ऋतु की तरह ही मनुष्य और प्राणी के लिए बहुत महत्व रखता है।

हालांकि पूरी दुनिया में हर जगह पर वर्षा ऋतु के आगमन का समय अलग-अलग होता है। इसके साथ ही इसका अंतराल भी कम ज्यादा होता है। कुछ जगह तो ऐसी भी है, जहां पर साल भर वर्षा होती रहती हैं।

वर्षा ऋतु का आगमन

दुनिया के हर जगह अलग-अलग समय पर वर्षा ऋतु का आगमन होता है। बात करें भारत में तो भारत में वर्षा ऋतु का आगमन जून महीने में होता है और सितंबर महीने तक यह रहता है।

भारत में वर्षा ऋतु का आगमन अरब सागर से होते हुए पहले केरल राज्य की ओर बढ़ता है, उसके बाद यह उत्तर भारत की ओर आता है।

वर्षा ऋतु का आगमन होते ही कच्ची बस्तियों में रहने वाले लोग अपने घर की मरम्मत करने लगते हैं और किसान खेती की तैयारी करने लगते हैं।

प्रकृति का दृश्य

वर्षा ऋतु में धरती का श्रृंगार होते हुए नजर आता है। चारों तरफ हरे-भरे घास और पेड़ पौधे वातावरण में हरियाली भर देते हैं। रंग बिरंगे फूल प्रकृति को और भी खूबसूरत बना देते हैं। वर्षा ऋतु में मानो धरती खिल उठती है।

पेड़ पौधे झूम उठते हैं, बागों में लगी अमिया पक्कर आम बन जाते हैं। प्रकृति और भी खूबसूरत और मनमोहक हो जाता है। चारों तरफ मिट्टी की मनमोहक सुगंध वातावरण को और भी प्रफुल्लित बना देती है।

वर्षा ऋतु का महत्व

वर्षा ऋतु मानव जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। भारत एक कृषि प्रधान देश होने के कारण यहां पर वर्षा ऋतु हर एक किसानों के लिए सबसे खास ऋतु होता है। क्योंकि इस ऋतु में ही वे खेती करना शुरू करते हैं और हर किसी को अन्य मिल पाता है।

वर्षा ऋतु के कारण सूखी नदियों में दोबारा पानी आ जाता है। पेड़ पौधों को फिर से नया जीवन मिल जाता है।

वर्षा ऋतु का नुकसान

वर्षा ऋतु मनुष्य के लिए जरूरी है लेकिन अत्यधिक वर्षा के कारण मनुष्य को परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। आवश्यकता से ज्यादा बारिश होने के कारण नदियों के पानी का स्तर बढ़ जाता है जिससे बाढ़ आ जाती है और बाढ़ के कारण कई जान माल का नुकसान होता है।

अत्यधिक बारिश होने के कारण फसलें भी खराब हो जाती हैं। नदी नाले गड्ढों में गंदा पानी इक्कठा होने के कारण मच्छर का उपद्रव बढ़ जाता है और कई तरह की बीमारी फैलने लगती हैं।

जल ही जीवन है और जल के स्त्रोतों में पानी बरसा के कारण ही आ पाता है। अगर वर्षा ऋतु ना हो तो पीने के पानी की कटौती हो जाएगी। वर्षा ऋतु ना हो तो किसान फसल नहीं पैदा कर पाएगा और फिर अन्न की कमी हो जाएगी।

इस तरह वर्षा ऋतु हर तरह से मनुष्य के लिए बहुत ही जरूरी है। यह मनुष्य के साथ ही जीव जंतु सभी के लिए जरूरी है।

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वर्षा ऋतु पर निबंध 500 शब्द

तपती और चिलचिलाती हुई गर्मी को दूर करने के लिए वर्षा ऋतु का आगमन हमारे देश में जुलाई में होता है, जो सितम्बर तक चलता है। वर्षा ऋतु मनुष्य के साथ पेड़, पौधों और जीव जगत को एक नया उत्साह दे जाता है।

वर्षा ऋतु में गर्मी के कारण सूखे पड़े नदी, तालाब और महासागर फिर खिल उठते हैं और पेड़ पौधों को नया जीवन मिल जाता है। जब तपती जमीन पर जल की बूंदे गिरती है और फिर कुछ दिन बाद पूरा वातावरण हरा भरा हो जाता है।

किसान वर्ग को वर्षा ऋतु का बेशब्री से इंतजार रहता है। इस ऋतु के आने के पश्चात किसान अपने खेत में नई फसल की पैदावार करते हैं। वर्षा होने के कारण धूल भरी आंधियों से निजात मिल जाती है।

हमारे जीवन में वर्षा ऋतु का महत्व उतना ही है, जितना अन्य ऋतुओं का है। यह ऋतु जब शुरू होती है तो हमें तेज गर्मी से राहत मिलती है और इससे पेड़ पौधों को बहुत फायदा होता है। ऐसा मान सकते हैं कि सभी को एक नया जीवन मिल गया हो।

गर्मी अधिक पड़ने के कारण सभी तालाब, नदियां आदि सूख जाते हैं जिसके कारण वातावरण गर्मी से भर जाता है और सभी को परेशानी होने लग जाती है। जब वर्षा ऋतु आती है तो वर्षा होने से ठंडी हवा चलने लग जाती है और चारों ओर पानी से भरे तालाब, हरे भरे पेड़ पौधे और हरियाली छा जाती है, जो सबको उत्साह से भर देती है।

भारत एक कृषि प्रधान देश है। भारत देश की अर्थव्यवस्था कृषि पर ही निर्भर है। इसके लिए वर्षा ऋतु अपना अहम योगदान अदा करती है। वर्षा ऋतु में सभी किसानों के चहरे खिल उठते हैं।

सभी किसान खुशी ख़ुशी अपने खेतों में फसल की पैदावार करते हैं और उसे अच्छे दामों में बेचते हैं। जिसके कारण उनकी आमदनी हो जाती है।

वर्षा ऋतु के फायदे

वर्षा ऋतु के कई सारे फायदे है, जो कुछ इस प्रकार है:

  • इसके कारण हमें चिलचिलाती और कड़कड़ाती धूप से निजात मिलती है।
  • चारों ओर वातावरण हराभरा हो जाता है। पेड़ और पौधे खिल उठते हैं।
  • नदी और तालाब पानी से भर जाते हैं, जिसके कारण वातावरण में ठंडी हवा चलने लगती है।

वर्षा ऋतु के नुकसान

वर्षा ऋतु के कुछ नुकसान भी है, जो कुछ इस प्रकार है:

  • वर्षा आने के कारण चारों और कीचड़ ही कीचड़ हो जाता है।
  • वर्षा ऋतु में बाढ़ आने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है।
  • गढ़ों में पानी भर जाने के कारण अधिक संख्या में मच्छर पैदा हो जाते हैं।
  • रोग फैलने का खतरा बढ़ जाता है।

वर्षा ऋतु के आने का सभी लोग इंतजार करते हैं और इसके स्वागत के अपनी तैयारियां शुरू कर देते हैं। वर्षा ऋतु में चारों तरफ हरियाली और आकाश में नीले बादलों में इन्द्रधनुष दिखाई देता है, जो सभी में एक नई ऊर्जा का संचार करता है।

सुहाने मौसम में पक्षियों की चहचहाने की आवाज सुनने को मिलती है और मोर के पंख फैलाकर झुमने लग जाते हैं। चारों तरफ आनंद और उल्लास छा जाता है।

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वर्षा ऋतु पर निबंध 1000 शब्द

ग्रीष्म ऋतु के बाद में आने वाली वर्षा ऋतु प्रकृति में बहुत बदलाव कर जाती है। ग्रीष्म ऋतु में तेज कड़कड़ाती धूप से सभी लोग, जीव-जन्तु परेशान हो जाते हैं।

लेकिन जब वर्षा ऋतु का आगमन होता है तो सभी में एक नई ऊर्जा का संचार होने लग जाता है। सभी इसके आने से पहले अपनी तैयारियों में लग जाते हैं।

वर्षा ऋतु के आने पर सभी ओर नया दृश्य देखने को मिलता है, जो मन को भाने वाला और रोमांचित करने वाला होता है। लोगों के साथ पेड़-पौधे और जीव-जन्तु भी इसका बेशब्री से इन्तजार करते हैं।

वर्षा ऋतु का समय

मई-जून में जब ग्रीष्म ऋतु अपने पूरे प्रकोप में होती है तो फिर वर्षा ऋतु उसके प्रकोप को भंग करने के लिए उसके पश्चात आती है।

इसके आने का समय जून के मध्य का होता है और यह लगभग दो महीने तक सक्रिय रहती है। हिंदी महीनों में इसका समय सावन भदो का होता है।

मई और जून के महीने में गर्मी अपने पूरे प्रभाव में होती है। इसके कारण नदी, तालाब, महासागर आदि सूख जाते हैं और धरती पर पानी की कमी होने लगती है। इसके कारण प्रकृति में मौजूद पेड़-पौधे सूखने लगते हैं और जीव-जन्तु प्यास से बिलखने लगते है।

तेज गर्म हवाएं आंधियों के रूप में चलने लगती है। तापमान अधिक होने के कारण नदियों, तालाबों आदि का पानी भाप के रूप में आसामान में बादल के रूप में जमा होने लगता है।

जब हवाओं के साथ बादल चलते है तो आपस में एक दूसरे से टकराते है या फिर आपस घर्षण करते हैं तो तेज गर्जनाहट होती है और आकाशीय बिजली कड़कड़ाती है। फिर वर्षा होनी शुरू होती है।

वर्षा होने के बाद सभी ओर पानी ही पानी हो जाता है। सभी नदी, तालाब, महासागर के साथ पूरी जमीन अपनी प्यास बुझाती है। फिर कुछ ही दिनों बाद पूरा वातावरण नए रूप में हमारे सामने आता है।

वर्षा ऋतु का दृश्य

जब वर्षा ऋतु प्रारंभ होती है तो पूरे नीले आसमान में चमकदार और सफेद बादल आ जाते हैं। वर्षा ऋतु के दौरान इन्द्रधनुष भी आसमान में दिखाई देने लगता है।

वर्षा होने के बाद पूरे वातावरण में ठंडी हवा चलने लगती है और चारों ओर पेड़-पौधों पर हरियाली अपना कब्ज़ा जमा लेती है। सभी खेत फसलों से लहराने लगते हैं।

सभी ओर पक्षियों की चहचहाट सुनने को मिलती है और मोर इस मौसम में पंख फैलाकर नाचने लगते है। सभी पक्षियों के साथ ही सभी जानवरों में वर्षा ऋतु की खुशी देखने को मिलती है।

वर्षा ऋतु का महत्त्व

सभी ऋतुओं का अपना अपना महत्व है। इसी प्रकार वर्षा ऋतु का महत्त्व भी अलग है। यह तो हम जानते ही है कि “जल है तो जीवन है” और “जल ही जीवन है” हमारे जीवन में जल सबसे महत्वपूर्ण चीज है।

यदि यह नहीं होगा तो जीवन संभव नहीं है। इसलिए यदि वर्षा नहीं होगी तो धरती पर पानी की कमी हो जाएगी और अकाल का सामना करना पड़ेगा।

जंगलों में रहने वाले जीव-जंतुओं के लिए वर्षा ऋतु बहुत ही अहम योगदान देती है। उनके लिए पीने के लिए पानी और खाने के लिए पेड़-पौधे, झाड़ियां आदि वर्षा से ही संभव है।

भारत कृषि प्रधान देश है, भारत की अधिकतर जनसंख्या कृषि पर आश्रित है। इसके लिए वर्षा का होना बहुत ही जरुरी है। भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का विशेष योगदान है। यदि फसल की अच्छी पैदावार होगी तो सभी को किसानों को अधिक आमदनी होगी। यह सभी वर्षा से ही संभव है।

  • वर्षा ऋतु आने से पूरे वातावरण से गर्मी दूर हो जाती है और पूरा वातावरण ठंडा और शांत हो जाता है।
  • वर्षा ऋतु में चारों ओर हरियाली, पेड़-पौधों और नदी, तालाब खिल उठते हैं।
  • वर्षा ऋतु में सभी खेत फसलों से लहराने लगते है।
  • सभी जानवरों के लिए खाने के लिए हरी घास आ जाती है।
  • चोरों तरफ हरियाली ही हरियाली हो जाती है।
  • भूमिगत जल में काफ़ी सुधार हो जाता है।
  • पेड़ों पर पक्षियों की चहचहाने की आवाज सुनाई देने लग जाती है।
  • वर्षा आने से चारों तरफ पानी ही पानी हो जाता है, जिससे आवागमन बाधित हो जाता है।
  • वर्षा ऋतु में वर्षा अधिक हो जाने के कारण बाढ़ आने की संभावना अत्यधिक हो जाती है।
  • अधिक वर्षा हो जाने के कारण फसलें भी ख़राब हो जाती है।
  • गड्ढों में पानी इकठ्ठा हो जाने के कारण मच्छर पैदा हो जाते है, जो कई सारी बीमारीयों को अंजाम देते है।
  • चारों ओर कीचड़ ही कीचड़ हो जाता है।

वर्षा ऋतु के दौरान आने वाले त्योहार

भारत एक ऐसा देश है, जहां पर हर दिन कोई न कोई त्यौहार मनाया जाता है। विश्व में सबसे अधिक त्यौहार भारत देश में मनाये जाते है। कई त्यौहार ऋतुओं के आधार पर भी मनाये जाते हैं।

जन्माष्टमी, तीज, रक्षाबंधन, ईद उल जुहा, मुहर्रम, ओणम, गणेश पूजा, प्रकाश वर्ष आदि त्यौहार वर्षा ऋतु के दौरान मनाये जाने वाले त्यौहार है। इसलिए वर्षा ऋतु को तीज-त्योहारों का मौसम भी कहा जाता है।

वर्षा का होना हम सभी के लिए बहुत ही जरूरी है। यदि वर्षा नहीं होगी तो हमारा पूरा जीवन अस्त-व्यस्त हो जायेगा।

अधिक वर्षा के होने के काफी सारे नुकसान तो होते ही है लेकिन हमारे जीवन के लिए वर्षा का होना बहुत ही जरूरी है। इससे काफी लोगों की आमदनी होती है और यह देश की अर्थव्यवस्था में भी सहयोग करती है।

यहां पर हमने अलग-अलग शब्द सीमा में वर्षा ऋतु हिंदी निबंध (varsha ritu nibandh in hindi) शेयर किये है, जो हर कक्षा के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह निबंध पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरुर करें। यदि इससे जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर बताएं।

ग्रीष्म ऋतु पर निबंध

वसंत ऋतु पर निबंध

शीत ऋतू पर निबंध

हेमंत ऋतु पर निबंध

शरद ऋतु पर निबंध

बाढ़ पर निबंध

Rahul Singh Tanwar

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वर्षा ऋतु पर निबंध – Rainy Season Essay In Hindi

Rainy Season Essay In Hindi

Rainy Season Essay In Hindi : भारत में प्रमुख छ: ऋतुएं हैं, जिसमें से एक ऋतु वर्षा ऋतु भी है। वर्षा ऋतु को मॉनसून का मौसम भी कहा जाता है, और इस मौसम में भारत के कई हिस्सो में खूब बारिश होती है। इस ऋतु में बारिश के आनंद के साथ-साथ कई तरह के त्यौहार भी आते हैं, जैसे – रक्षाबंधन, गणेश चतुर्थी।

Varsha Ritu की शुरूआत जून महीने से होती है और लगभग सितंबर महीने तक चलती है। यह मौसम सिर्फ इंसानों को नही बल्कि पशु-पक्षियों को भी राहत देता है। वर्षा ऋतु में कई जगहों पर मनोहर दृश्य देखने को मिलते है। इस मौसम में प्रकृति अपने पूरे रंगों में सज जाती है।

वर्षा ऋतु शुरू होते है ही स्कूलों में बच्चों को वर्षा ऋतु पर निबंध (Varsha Ritu Par Nibandh) लिखने के लिए दिया जाता है। क्योंकि निबंध से बच्चे वर्षा ऋतु के आगमन, वर्षा ऋतु के महत्व, वर्षा ऋतु से उत्पन्न सौंदर्य, और वर्षा ऋतु के लाभ एवं हानि के बारे में जान पाते है। चलिए मैं आपको Varsha Ritu Essay in Hindi लिखने का तरीका बताता हूँ।

वर्षा ऋतु पर निबंध (Varsha Ritu Par Nibandh)

इस आर्टिकल में, मैं आपको अलग-अलग सीमा पर बरसात के मौसम पर निबंध (Rainy Season Essay In Hindi) लिखकर दूंगा। इस लेख से आप किसी भी कक्षा के लिए Varsha Ritu Par Nibandh लिख सकते है।

वर्षा ऋतु पर निबंध 200 शब्द (Rainy Season Essay In Hindi)

वर्षा ऋतु प्रकृति का एक बहुत बड़ा और अद्भुत उपहार है, क्योंकि इसके बिना धरती पर जीवन संभव नही है। इस ऋतु में आसमान काले बादलों से ढ़क जाता है, और बिजली चमकने लगती है। इसके बाद धरती पर पानी के फुहारें पड़ने लगते है, जिससे पेड़-पौधे, जीव-जंतु और खेत-खलिहान सभी पानी से तृप्त हो जाते है।

Varsha Ritu का आगमन श्रावण मास से होता है और भाद्रपद मास तक रहती है। इस ऋतु में खेतों में फसलों की बुवाई और रोपाई की जाती है। सभी किसान वर्षा के पानी का भरपूर उपयोग करते हैं, ताकि सुंदर और अच्छी फसल उग सके। इसके अलावा वर्षा के पानी से नदियां और तालाब भी भर जाते हैं।

इस ऋतु के अनेक फायदे हैं, लेकिन इसके साथ ही कुछ नुकसान भी है, जैसे- डेंगू, मलेरिया, और चिकनगुनिया प्रकार के गंभीर रोग। इसलिए बरसाती मौसम में सावधानी बरतनी बहुत जरूरी है। इसके अलावा वर्षा ऋतु में बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं का भी खतरा होता है।

वर्षा ऋतु एक सुंदर और मनमोहक ऋतु है, जिससे पूरी प्रकृति को काफी फायदे मिलेते हैं। Rainy Season Essay In Hindi से हमें इस ऋतु के बारे में काफी कुछ जानने को मिलता है।

वर्षा ऋतु पर निबंध 300 शब्द (Varsha Ritu Par Nibandh)

प्रस्तावना.

वर्षा ऋतु भारत की अन्य ऋतुओं में से सबसे अधिक प्रिय ऋतु है। जब बारिश का मौसम आता है तो प्रकृति में अनेक मनोहर बदलाव देखने को मिलते है। यह मौसम हमें जून-जुलाई के समय की तेजी गर्मी से राहत देता है। इस मौसम में बच्चे-बुढ़े सभी आनंदित हो जाते हैं। सच में Rainy Season (बरसात का मौसम) काफी मनमोहक है।

वर्षा ऋतु का आगमन

दुनिया में अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग समय पर वर्षा ऋतु का आगमन होता है। लेकिन अगर भारत की बाते करें तो भारत में गर्मी के मौसम के बाद यानी जून महीने में वर्षा ऋतु का आगमन होता है। यह ऋतु लगभग सितंबर महीने तक रहती है।

भारत में वर्षा ऋतु अरब सागर से होते हुए पहले केरल राज्य की ओर बढ़ती है, और फिर उत्तरी भारत की तरफ आती है। वर्षा ऋतु आते ही प्रकृति अपना संकेत देना शुरू कर देती है, और किसान खेती की तैयारीयां शुरू कर देते है।

प्रकृति के लिए वर्षा ऋतु का महत्व

Varsha Ritu प्रकृति के लिए काफी महत्वपूर्ण ऋतु है, क्योंकि इस ऋतु के बिना प्रकृति नष्ट हो जाएगी। बारीश के मौसम की वजह से ही यह प्रकृति जीवित है। यह ऋतु मानव जीवन के साथ-साथ सभी जीव-जंतु के लिए काफी महत्वपूर्ण है। क्योंकि वर्षा ऋतु की वजह से ही पेड़-पौधे जीवत है।

इस वर्षा ऋतु से ही सूखी नदिया और तालाब दोबार भरते है। और सभी जीव-जंतुओं को पानी मिलता है। इसी ऋतु की वजह से फसले उगती है, जिसे खाकर हर जीव-जंतु जीवित रहता है। इसलिए वर्षा ऋतु इस प्रकृति के लिए काफी महत्वपूर्ण है।

उपसंहार

हम सब जानते है कि जल ही जीवन है, और बिना वर्षा ऋतु के जल का अस्तित्व खतरें में आ जाएगा। और अगर धरती से जल खत्म हो जाए तो पूरी पृथ्वी सुनसान हो जाएगी। मतलब कोई भी जीव-जंतु या पेड-पोधा नही बचेगा। इसलिए हमें प्रकृति को बचाना है और वर्षा ऋतु को संतुलित रखना है।

Varsha Ritu Essay in Hindi से हमें बहुत कुछ जानने को मिलता है।

वर्षा ऋतु पर निबंध 500 शब्द (Rainy Season Essay In Hindi)

बारिश प्रकृति की एक महत्वपूर्ण देन है। जब धरती पर पहली बार बारिश गिरती है तो मिट्टी की अलग ही खुशबू होती है, जिससे सूंघने से मन खुश हो जाता है। गांवों में वर्षा ऋतु के बाद अनेक मनमोहक दृश्य देखने को मिलते हैं। वर्षा के आने से चारों तरफ हरियाली छा जाती है।

वर्षा ऋतु क्या है

वर्षा ऋतु को भारत में बरसात का मौसम भी कहा जाता है, क्योंकि इस ऋतु में भारत की कई जगहों पर अच्छी बारिश होती है। यह ऋतु अक्सर जून से सितंबर माह तक रहती है। इस ऋतु में आसमान में काले बादल छा जाते है और बिजली कड़कने लगती है। तेज हवाएं चलती है और फिर बूँद-बूँद बारिश होने होती है।

और जब बारिश धरती पर पहुंचती है तो प्रकृति में एक नई ऊर्जा संचरित होती है, जिससे पेड़-पौधे हरे भरे हो जाते है और फूल खिल जाते है। पक्षी मुधर स्वर निकालते है और बच्चे-बूढ़े सभी वर्षा का आनंद लेते है।

वर्षा ऋतु का महत्व

वर्षा ऋतु प्रकृति और पृथ्वी के हर जीव-जंतु के लिए काफी महत्वपूर्ण है। यह ऋतु प्रकृति को नयी ऊर्जा देती है जिससे सभी को नया जीवन मिलता है। वर्षा के पानी से ही खेत हरे-भरे होते है। और साथ ही नदियाँ और तालाब भर जाते है, जिससे पशु-पक्षि सभी पानी पीते है।

यह ऋतु तेजी गर्मी के मौसम के बाती है जिससे सभी जीव-जंतुओं को गर्मी से राहत मिलती है, और मौसम ठंडा हो जाता है। इस ऋतु के बाद प्रकृति एक नए मनमोहक रूप में आ जाती है।

वर्षा ऋतु के फायदे और नुकसान

वर्षा ऋतु का सबसे बड़ा फायदा यही है कि यह प्रकृति को नया जीवन देती है। इस ऋतु से फसलों की वुबाई और रोपाई हो पाती है। बारिश से फसले अच्छी होती है और अकाल की संभावना भी कमा होती है। इस ऋतु से पशु-पक्षियों को पीने के लिए पानी मिलता है। इसके अलावा इस ऋतु से भीषण ग्रमी के बाद मौसम ठंडा भी होता है।

इस ऋतु के लाभ के साथ कुछ हानियां हैं, जैसे- मौसमी रोग (डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि), बाढ़ व भूस्खलन जैसी आपदाएं, बिजली गिरना। आप बारिश के इन नुकसानों से बच भी सकते है, लेकिन इसके लिए आपको सावधानी रखनी होगी।

वर्षा ऋतु सभी जीव-जंतु के लिए आनंद और उत्साह का सूचक है। इस ऋतु के आगमन से प्रकृति में भी अनेक मनमोहक बदलाव देखने को मिलते है। यह ऋतु केवल मानव जाति नही बल्कि सभी जीव-जंतु पेड़-पौधे में नई ऊर्जा का संचार कर देती है।

Varsha Ritu बहुत ही महत्वपूर्ण ऋतु है क्योंकि इस ऋतु के बिना पृथ्वी पर जीवन की कल्पना भी नही की जा सकती है। बारिश के मौसम में प्रकृति का एक नया रूप देखने को मिलता है। Rainy Season Essay In Hindi में समझना काफी महत्वपूर्ण है।

वर्षा ऋतु पर निबंध 1000 शब्द (Varsha Ritu Par Nibandh)

वर्षा ऋतु भारत की 6 ऋतुओं में से एक लोकप्रिय ऋतु है, जिसका आगमन मई महीने में होने लग जाता है, और यह ऋतु सितंबर महीने तक चलती है। पृथ्वी के अलग-अलग जगहों पर वर्षा ऋतु का आगमन अलग-अलग समय पर होता है।

यह ऋतु गर्मी के मौसम के बाद आती है और सभी जगह ठंडक कर देती है, इसलिए मौसम का सभी को बेसब्री से इंतजार रहता है। यह ऋतु हमें गर्मी से राहत देती है और साथ ही हमें एक अलग तरह का उत्साह भी देती है। बरसात के मौसम का आनंद बच्चे से बूढ़े तक सभी लोग लेते है।

इस Rainy Season Essay In Hindi में वर्षा ऋतु के आगमन, वर्षा ऋतु के महत्व, वर्षा ऋतु में आने वाले त्योहार, और इसके फायदे एवं नुकसान के बारे में बताया है।

वर्षा ऋतु के आगमन का समय

भारत देश में, वर्षा ऋतु जून महीने से शुरू होती है और सितंबर महीने तक चलती है। यह ऋतु हमारे देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगमन से शुरू होती है। मानसून, मौसमी हवाएं है जो हिंद महासागर से आर्द्र हवा लाती है। यह आर्द्र हवा भारत के तटीय क्षैत्रो में आती है और फिर उत्तर की ओर चली जाती है।

वर्षा ऋतु के आगमन पर पूरा मौसम ठंडा और आर्द्र हो जाता है। बारिश के मौसम में भारत के अनेक जगहों पर भारी और लगातार बारिश होती है। भारत में यह बारिश कुछ जगहों पर कम होती है तो कुछ जगहों पर बहुत ज्यादा होती है। और कुछ जगहों पर मौसम कुछ महीने तक गीला ही रहता है।

वर्षा कैसे होती है

वर्षा संघनन प्रकार की एक प्रक्रिया द्वारा बनती है। जब वायु में मौजूद जलवाष्प ठंडी होकर पानी की बूंदो या बर्फ के क्रिस्टल में बदल जाती है, तो इसे संघनन कहा जाता है। और फिर यह पानी की बूंदे बादलों का रूप लेती है।

वर्षा का निर्माण कुछ इस प्रकार होता है:

1. सबसे पहले धरती का जल सूर्य की गर्मी से गर्म होकर जलवाष्प में बदलता है और फिर यह जलवाष्प ऊपर की तरफ जाती है।

2. जब जलवाष्प ऊपर जाती है तो वायु का तापमान धीरे-धीरे कम होता है। और फिर कम तापमान से जलवाष्प संघनित हो जाती है। इसके बाद पानी की बूदें बादलों में एकत्रित हो जाती है।

3. इसके बाद जब बादल भारी हो जाते है तो यह टूटते है, जिससे पानी की बूंधे धरती पर गिरती है। कभी-कभी बादल एक-दूसरे से टकराकर भी बारिश के रूप बरसते है।

4. वर्षा का पानी दोबार सूर्य की गर्मी से वाष्प में बदलता है। और फिर यह वापिस एक चक्र के रूप में चलता रहता है।

वर्षा ऋतु में प्रकृति का सौंदर्य

वर्षा ऋतु के समय प्रकृति का सौंदर्य कई गुना अधिक बढ़ जाता है। इस ऋतु के आगमने के बाद प्रकृति में एक नयी ऊर्जा भर जाती है। इस ऋतु में पेड़-पौधे हर-भरे हो जाते है। इनके पत्ते नए और चमकीले हो जाते है। सभी फूल खिल जाते है और वातारण में सुगंद फैल जाती है।

इस ऋतु में पूरा आसमान काले बादलों से ढ़क जाता है और मौसम ठंडा होने लग जाता है। और जब बारिश होती है तो धरती सुगंधित हो जाती है। हवाओं में एक अलग ही खुशबु फैल जाती है, जो मन को काफी खुश करती है।

बारिश से सभी सड़के, उद्यान और खेल के मैदान आदि जलमग्न हो जाते है। इससे सभी तालाब और नदिया भर जाती है, जिसका फायदा सभी जीवों को मिलता है।

वर्षा ऋतु का महत्व प्रकृति के लिए काफी ज्यादा होता है। क्योंकि जब वर्षा ऋतु आती है तो प्रकृति में नयी ऊर्जा से नवजीवन का संचार होता है। इस ऊर्जा पर सभी जीव-जंतु और पैड़-पौधे आश्रित होते हैं।

किसानों के लिए इस ऋतु का महत्व बहुत ज्यादा है, क्योंकि किसान इसी ऋतु में फसलों की बुवाई और रोपाई करते है। इससे फसले काफी अच्छी उगती है और अकाल की संभावना भी कम हो जाती है।

यह ऋतु पशु-पशी और जीव-जंतु के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस ऋतु में नदियां और तालाब भर जाते है। जिससे सभी जीव पानी पीते है और अपनी प्यास बुझाते है। इसके अलावा बरसात के मौसम की वजह से मौसम ठंडा हो जाता है और लोगों गर्मी से राहत मिलती है।

वर्षा ऋतु के फायदे या लाभ

वर्षा ऋतु से हमें कई लाभ मिलते हैं, जैसे-

  • प्रकृति को एक नया जीवन मिलता है, जिससे वातावरण स्वच्छ और ताजा हो जाता है।
  • बरसात से अच्छी फसले उगती है और अकाल की समस्या खत्म हो जाती है।
  • वर्षा ऋतु से भूमि में नमी रहती है, और इससे भूमि उपजाऊ बनती है।
  • बारिश के पानी से नदिया और तालाब भर जाते हैं, जिससे पशु-पक्षियों को पीने के लिए पानी मिलता है।
  • तेज गर्मी के मौसम के बाद जब वर्षा ऋतु आती है तो मौसम पूरा ठंडा हो जाता है और लोगों को गर्मी से राहत मिलती है।

इस तरह वर्षा ऋतु के अनेक फायदे हैं।

वर्षा ऋतु के नुकसान और इसके उपाय

वर्षा ऋतु के फायदों के साथ-साथ कुछ नुकसान भी है। ये नुकसान निम्नलिखित प्रकार से हैं-

  • बारिश की वजह से मौसमी रोग फैलते हैं, जैसे- डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि।
  • तेजी बारिश से कई बार बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाएँ भी आती हैं।
  • अधिक बारिश होने से कई बार फसले खराब हो जाती है।
  • बारिश की वजह से जगह-जगह पर कीचड़ भी होता है।
  • बारिश के मौसम में बिजली गिरने का भी खतरा रहता है, जिससे जान-माल का नुकसान हो सकता है।

वर्षा ऋतु के ये कुछ नुकसान है, लेकिन इस ऋतु में सावधानी रखकर इन नुकसान से बचा जा सकता है। बारिश के मौसम में हम छाता या रेनकोट का इस्तेमाल करके और घर के आसपास पानी को जमा न होने देकर बीमारियों से बच सकते है।

बाढ़ व भूस्खलन से बचने के लिए संभावित क्षैत्रों से दूर रहना चाहिए, और चेतावनी मिलने पर तुरंत सुरक्षित स्थानों पर चले जाना चाहिए। इसके अलावा बिज़ली से बचने के लिए हमें तेजी बारिश के दोरान घर से बाहर नही निकलना चाहिए। और घर से बाहर निकलना आवश्यक हो तो गीले स्थानों से बचकर चलना चाहिए।

वर्षा ऋतु के समय आने वाले त्यौहार

वर्षा ऋतु के दौरान भारत में कई तरह के त्यौहार मनाते जाते हैं, जो मई से सितंबर के बीच जाते हैं। ये त्योहार निम्नलिखित हैं- होली, बसंत पंचमी, राम नवमी, हरियाली तीज, और रक्षाबंधन। हालांकि इसके अलावा और भी अन्य त्यौहार मनाते जाते हैं, जो अलग-अलग धर्मों और समुदायों में मनाए जाते है।

वर्षा ऋतु इस पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव जंतु के लिए काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि बिना वर्षा के पृथ्वी पर पूरा जीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा। इस ऋतु का प्रभाव हमारी अर्थव्यवस्था पर भी पड़ता है, क्योंकि भारत एक कृषि प्रधान देश है और कृषि के लिए बारिश बहुत जरूरी है। इसलिए हम सभी को बारिश के पानी का सदुपयोग करना चाहिए और पर्यावरण को प्रदुषण से बचाए रखना होगा।

उम्मीद है कि Varsha Ritu Essay in Hindi , आपके लिए काफी फायदेमंद रहा होगा।

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हर साल हम सभी को वर्षा ऋतु (Rainy Season) का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार रहता है। शायद ही कोई ऐसा होगा जिसे बारिश का मौसम पसंद न हो। बच्चे हों या फिर बड़े हर कोई बारिश के मौसम का स्वागत करना, उसका आनंद उठाना और उससे प्यार करना बखूबी जानता है। किसी को बरसात के मौसम में घूमना पसंद होता है, तो किसी को बरसात में भीगना अच्छा लगता है। वर्षा ऋतु के मौसम में पेड़-पौधों पर हरियाली की सुंदरता भी और बढ़ जाती है। इंसान ही नहीं बल्कि पशु-पक्षी भी वर्षा ऋतु के आगमन से प्रसन्न हो उठते हैं।

भारत में वर्षा ऋतु एक बेहद ही महत्वपूर्ण ऋतु मानी जाती है। जब वर्षा ऋतु का आगमन होता है, तो हर तरफ खुशियों का माहौल छा जाता है। वर्षा ऋतु के आने पर बच्चों में एक अलग ही उमंग देखने को मिलती है। पर्यावरण के लिए वर्षा बहुत जरूरी होती है। वर्षा हमारे लिए ही नहीं पृथ्वी के लिए भी बहुत जरूरी है। भारत में वर्षा किसानों के लिए एक वरदान है क्योंकि उनकी फसल की बुआई और सिंचाई वर्षा पर ही निर्भर रहती है। अगर यही वर्षा देर से आए, तो उनकी फसल खराब होने की संभावना रहती हैं। हर किसी ने बारिश के पानी में कागज से बनी हुई नाव के साथ खेलते हुए बच्चों का सुन्दर दृश्य जरूर देखा होगा।

वर्षा ऋतु का आगमन

वर्षा ऋतु का आगमन श्रावण माह से शुरू होता है और भादो माह तक रहता है। अंग्रेजी भाषा में इसे जुलाई से सितंबर तक के महीने को कहा जाता हैं। वर्षा ऋतु में चारों तरफ आपको हरियाली नज़र आयेगी। वर्षा ऋतु को मानसून भी कहा जाता है। इस मौसम में बरसात सबसे ज्यादा होती है। आपको हर तरफ पानी ही पानी नजर आएगा। पेड़ों पर हरे-भरे पत्ते, आम के फलों से लदे पेड़, उस पर चिड़ियों का बैठकर चहचाना, ये मनमोहक दृश्य आपको वर्षा ऋतु के आगमन का संदेश देता है।

वर्षा ऋतु का महत्व

वर्षा ऋतु एक ऐसी ऋतु है जो सबको अपनी तरफ आकर्षित करती है। चाहे वो मनुष्य हों, पेड़-पौधे हों या पशु-पक्षी हों। गांव के खेतों में लहराते धान को देखकर वर्षा ऋतु की जो मनमोहक प्रस्तुति हमारे मन में उत्पन्न होती है उसे शब्दों में बयां कर पाना शायद ही किसी के लिए आसान हो। इस मौसम में धान के अलावा और भी फसलों का उत्पादन किया जाता है। जिससे किसानों को ज्यादा मुनाफा मिलता है।

उत्पादन में अधिक वृद्धि- अगर सही समय पर वर्षा ऋतु का आगमन हो जाए, तो किसानों के खेतों के लिए काफी लाभदायक होता है जिसे निम्नलिखित तरीकों से बताया गया है।

  • सिंचाई के लिए किसी अन्य साधन पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है।
  • वर्षा ऋतु में एक से ज्यादा फसलों का उत्पादन।
  • सिंचाई के पैसों की बचत।
  • वर्षा का पानी धान के पौधों को मजबूत करने का काम करता है।

छोटे जीव-जंतु को राहत- जून के माह में भीषण गर्मी पड़ती है जिसके कारण छोटे-छोटे जीव-जन्तु परेशान हो जाते हैं। जुलाई के माह में जब बारिश होती है, तो उनको राहत मिलती है।

वर्षा ऋतु का उद्देश्य

वर्षा ऋतु का उद्देश्य है जीवन के चक्र को चलाना तथा उसे नया रूप देना। वर्षा ऋतु 3 से 4 महीने रहती है और फिर चली जाती है। वर्षा ऋतु में ठंडी-ठंडी हवाएं चलती हैं, पेड़ों पर नए-नए पत्ते निकलने शुरू हो जाते हैं, जमीन पर छोटी-छोटी नई घास की चादर बिछ जाती है। बारिश की पहली बूंद जब धरती पर गिरती है, तो जमीन से निकलने वाली खुशबू आप का मन मोह लेगी। वर्षा ऋतु में त्योहारों का आगमन और किसानों में एक अलग जोश के साथ खेती करना उत्साह देखा जा सकता है। वर्षा से हमें गर्मी से राहत मिलती है।

वर्षा ऋतु के लाभ

बारिश हमारे और हमारे देश के किसानों के लिए बहुत फायदेमंद होती है। वर्षा ऋतु के लाभ निम्नलिखित हैं-

पानी को इकट्ठा करने का समय-

वर्षा ऋतु ही एक ऐसा मौसम है जहां हम वर्षा के पानी को इकट्ठा करके रखने में सक्षम हो सकते हैं। इसलिए हमें चाहिए कि हम तालाब, नहर, कुएं, गड्ढे आदि जगह पर पानी को इकट्ठा करके रख ले और बाद में इसका उपयोग हम खेत की सिंचाई, पेड़ों को पानी देना आदि जैसी चीजों के लिए करें।

पानी कम खर्च करने का सुनहरा मौका होती है वर्षा ऋतु-

वर्षा ऋतु में हम पानी का सबसे कम उपयोग कर सकते हैं क्योंकि बारिश के कारण पेड़-पौधे को अपने आप ही पानी मिल जाता है। तो हमें उन्हें पानी देने की जरूरत नहीं पड़ती है। ऐसे में आप पानी की बचत भी कर सकते हैं।

पंखे, कूलर और एसी का कम से कम प्रयोग-

वर्षा ऋतु में हम पंखे, कूलर और एसी का कम से कम प्रयोग कर सकते हैं क्योंकि वर्षा ऋतु में मौसम ठंडा रहता है।

वर्षा ऋतु से हानि या समस्या

बाढ़ की संभावना–

लगातार तेज बारिश होने के कारण लोगों को बाढ़, सुनामी जैसी स्थिति का सामना करना पड़ा है।

बारिश से फसल का नुकसान–

तेज बारिश होने की वजह से किसानों की फसल को काफी नुकसान भी होता है जिसके कारण उनकी साल भर की मेहनत खराब जाती है।

फसल खराब होने से अनाज उत्पादन में गिरावट–

तेज बारिश के कारण किसानों का अनाज खराब हो जाता है, तो उनके द्वारा खेतों में लगाई गई लागत तक नहीं निकल पाती है, जिसके कारण किसान वर्ग के लोगों को काफी निराशा झेलनी पड़ती है। और बाजार में फसल कम दाम पर बिकती है।

संक्रामक/वायरस फैलने का डर–

वर्षा ऋतु में हर जगह पानी भर जाता है जिसके कारण बच्चों और बड़ों में वायरस फैलने का भय बना रहता है, जैसे सर्दी, जुखाम, खांसी, बुखार, एलर्जी आदि।

प्रकृति पर वर्षा का प्रभाव–

तेज वर्षा के कारण पेड़-पौधे गिर जाते हैं जिसके कारण प्रकृति को भी नुकसान होता है।

लोगों की  मृत्यु–

तेज बारिश के कारण चलती हुए सड़कों पर अचानक पेड़ गिरने से सड़क दुर्घटना में मरने वालों की संख्या में इजाफा देखा जा सकता है, जिसका मुख्य कारण वर्षा है।

वर्षा ऋतु में बचाव हेतु बातें

  • वर्षा ऋतु में आप घर में ही रहें।
  • वायरस से बचने के लिए घर को साफ-सुथरा रखें।
  • बाहर के खाने की चीजों से बचें।
  • स्वच्छ जल का प्रयोग करें।
  • वर्षा ऋतु के मौसम में आपको गेहूं, दही, अंजीर, खजूर और छाछ का सेवन करना चाहिए।
  • वर्षा ऋतु में अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह से धोएं।
  • घर से निकलने वाले कूड़े-कचरे को नदी, नालों में ना फेंके।
  • कुछ मामूली सी सावधानियां बरतकर हम सभी हैजा जैसे भयंकर रोग से बचाव कर सकते हैं।
  • आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि आप गंदे पानी को ना पिएं।
  • अगर आपको डायरिया जैसी बीमारी का एहसास हो, तो आपको तुरंत जीवन रक्षक घोल का सेवन करना चाहिए।
  • जीवन रक्षक घोल आपके शरीर में पानी की कमी को पूरा करने का काम करता है।
  • इस घोल के पैकेट को आप वर्षा ऋतु के मौसम में जरूर अपने घरों में लाकर रखें।
  • वर्षा ऋतु में आप कभी भी छोटे बच्चों को बोतल से दूध ना पिलाएं।
  • अगर किसी छोटे बच्चे को दस्त होने लगें, तो उसे तुरंत मां का दूध पिलाएं या फिर डॉक्टर के पास ले जाएं।
  • वर्षा ऋतु में पशुओं में भी अनेक बीमारी उत्पन्न होने का खतरा बना रहता है। इसलिए छोटे बच्चों को पशुओं से संबंधित दूध को जांच करने के बाद ही पिलाएं।
  • वर्षा ऋतु में ज्यादा से ज्यादा हरी और रंगीन सब्जियों का सेवन करें।
  • वर्षा ऋतु के मौसम में मांसाहारी चीजों को खाने से बचें क्योंकि यह उनके प्रजनन का मौसम होता है।
  • वर्षा ऋतु सुहाना मौसम होता है इसलिए आपको स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा से ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है।
  • इस मौसम में आपको कालरा, डायरिया का खतरा अत्यधिक बढ़ जाता है।
  • इस मौसम में आपको संक्रामक बीमारियां फैलती हैं, जिसके लिए आपको दिनचर्या के तरीके में थोड़े बदलाव की जरूरत है। ऐसे में आप बीमारियां होने से बचाव कर पाएंगे।
  • पानी को आप जब भी पिएं उबालकर ही पिएं।
  • कटे फल, सब्जियां आदि को खुला बिल्कुल ना रखें।
  • साफ-सुथरे बर्तन का ही प्रयोग करें।
  • फलों को खाने से पहले उसे अच्छी तरह से धो लें।
  • सब्जियों को पकाने से पहले उन्हें धोकर सुखा लें।
  • वर्षा ऋतु में बचे हुए भोजन का प्रयोग ना करें।
  • पत्तेदार सब्जियों के प्रयोग से बचें।

हमारे शरीर में खानपान के अलावा भी मौसम का प्रभाव पड़ता है। इसलिए हमें चाहिए कि हम मौसम के अनुकूल भोजन और फलों का इस्तेमाल करें, जो हमारी सेहत के लिए हानिकारक ना हो। वर्षा ऋतु में हमें ज्यादा ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए। अपने स्वास्थ्य के प्रति हमेशा सजग रहें तथा नियमित रूप से व्यायाम करें, इससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता तेज होगी। बारिश होने पर आप छाता या टोपी का इस्तेमाल जरूर करें ताकि बारिश के पानी से आपके बालों को कोई नुकसान ना हो।

वर्षा ऋतु संसार के लिए बहुत ज्यादा जरूरी है। इसे हम अपनी जीविका के साधन के रूप में देख सकते हैं। जैसे पानी के बिना नदी का कोई मोल नहीं होता है ठीक वैसे ही बारिश के बिना इंसान और प्रकृति का भी कोई मोल नहीं होता है।

वर्षा ऋतु पर छोटा निबंध

वर्षा ऋतु प्रकृति के सौंदर्य को दर्शाने वाली ऋतु है। प्रकृति में ऋतुओं के बदलाव से वर्षा ऋतु का आगमन होता है जिसके बाद ही वर्षा होती है। इसीलिए हमें चाहिए कि हम प्रकृति की रक्षा करें और उनका कम से कम दोहन करें। अगर हम प्रकृति की रक्षा नही करेंगे, तो एक दिन हम विनाश की ओर बढ़ जाएंगे। वर्षा ऋतु में हर साल होने वाली बारिश की मात्रा में कमी आ रही है। वर्षा ऋतु परिवर्तन का सबसे बड़ा कारण है पेड़ों की कटाई। लोग लगातार अंधाधुंध पेड़ों की कटाई करते जा रहे हैं, जिसके चलते बारिश कम होती जा रही है।

पेड़ों को लगाने का सही समय वर्षा ऋतु ही माना जाता है। इस मौसम में नए-नए पेड़ों को लगाया जाता है ताकि उनका सही से विकास हो सके। छोटे पेड़ों को लगाने का उद्देश्य होता है उन्हें भरपूर वर्षा का पानी मिले जिससे वह मजबूत हो जाएं। वर्षा ऋतु को सुहावना मौसम भी कहा जाता है क्योंकि इस मौसम में लोग घूमने के लिए ज्यादातर बाहर जाते हैं। इस मौसम में चारों तरफ आकर्षित करने वाली चीजें ही आपको देखने को मिलेंगी। इस मौसम में सभी को राहत की सांस और सुकून मिलता है। इस मौसम में आपको सात रंगों वाला इंद्रधनुष भी दिखाई पड़ता है, जो बहुत ही सुंदर और आकर्षक दिखाई देता है। वर्षा ऋतु में सफेद, भूरे और काले बादलों को घूमते हुए आपने जरूर देखा ही होगा, जिसे बच्चे देखकर बहुत खुश होते हैं।

वर्षा ऋतु ना सिर्फ अपने साथ खुशियां लेकर आती है बल्कि बहुत सारी कठिनाइयां भी लेकर आती है। बरसात होने पर जगह-जगह सड़कों और गड्ढों में पानी भर जाता है जिसके कारण लोगों को आने-जाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण बाढ़ और सुनामी आपदाएं जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

वर्षा ऋतु में आने वाली समस्याएं-

  • वर्षा ऋतु में लोग घर से बाहर नहीं निकल पाते हैं।
  • वर्षा ऋतु परिवर्तन में कुछ लोग अपने आप को ढाल लेते हैं, तो वहीं कुछ लोग इस मौसम में बीमार पड़ जाते हैं।
  • ऋतु परिवर्तन का प्रभाव मनुष्य के साथ-साथ पेड़-पौधों पर भी पड़ता है।
  • तेज वर्षा होने के कारण कमजोर पेड़ गिरकर टूट जाते हैं।
  • वर्षा ऋतु परिवर्तन से पेड़ों को बहुत नुकसान होता है।
  • तेज बारिश के चलते फसलें गल जाती हैं या खराब हो जाती हैं।
  • इस मौसम में बहुत सारे जीव-जंतु, कीड़े-मकोड़े बाहर निकल कर आने लगते हैं, जिसके कारण लोगों को खतरा बढ़ जाता है।

इस मौसम में आकाश बहुत साफ, चमकदार और हल्के नीले रंग का दिखाई पड़ता है। वर्षा ऋतु में आसमान बहुत अच्छा दिखाई पड़ता है, ये दृश्य आपका मन मोह लेता है। वर्षा और मनुष्य का एक दूसरे से गहरा रिश्ता है। अगर पेड़-पौधे ही ना हों, तो वर्षा ऋतु का आगमन काफी देर से होगा।

वर्षा ऋतु पर 10 लाइन

  • भारत में वर्षा ऋतु एक महत्त्वपूर्ण ऋतु है।
  • वर्षा ऋतु का आगमन जून के महीने में हो जाता है।
  • वर्षा ऋतु किसान वर्ग के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
  • वर्षा ऋतु बच्चों के साथ-साथ बड़ों की भी पसंदीदा ऋतु है।
  • वर्षा ऋतु उत्साह और उमंग लेकर आती है।
  • वर्षा ऋतु धान की खेती के लिए सबसे अच्छी ऋतु मानी जाती है।
  • वर्षा ऋतु पानी इकट्ठा करने का सबसे अच्छा स्रोत है।
  • वर्षा ऋतु में आप तरह-तरह के फलों का आनंद ले सकते हैं।
  • वर्षा ऋतु लोगों को जून की तपती गर्मी से राहत दिलाने आती है।
  • वर्षा ऋतु को हरियाली के लिए भी जाना जाता है।

वर्षा ऋतु पर निबंध लिखते समय ध्यान रखने वाली आवश्यक बातें

  • वाक्य छोटे हों।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचना चाहिए।
  • निबंध पढ़ते समय लोगों को उबाऊ नहीं लगना चाहिए।
  • वर्षा ऋतु में आप कविता का भी प्रयोग कर सकते हैं।
  • वर्षा ऋतु पर निबंध लिखने से पहले आप किन-किन बिंदुओं का उल्लेख करने वाले हैं इसका पता आपको पहले ही होना चाहिए ताकि लिखते समय आप जल्दी से अपना निबंध पूरा कर सकें।
  • ऐसे शब्दों के प्रयोग से बचना चाहिए जिसका अर्थ आपको मालूम ना हो ।
  • निबंध को हमेशा हेडिंग के साथ लिखें। इससे आपका निबंध और ज्यादा आकर्षक दिखेगा।
  • अपने निबंध में आप वर्षा ऋतु से संबंधित चित्रों को भी लगा सकते हैं।
  • वर्षा ऋतु पर निबंध लिखते समय ज्यादा से ज्यादा सृजनात्मक लेखन का ही प्रयोग करें।

वर्षा ऋतु के निबंध में हमने काफी सारे बिंदुओं के बारे में विस्तार से चर्चा की है। आप इसे पढ़कर काफी जानकारी हासिल कर सकते हैं जैसे हम वर्षा ऋतु में कौन-कौन से तरीकों का उपयोग करके संक्रामक बीमारियों से बच सकते हैं। वर्षा ऋतु से संबंधित निबंध लिखने का उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इसके बारे में जानें। हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह हिंदी में निबंध (Essay In Hindi) ज़रूर पसंद आया होगा

वर्षा ऋतु से संबंधित FAQs

प्रश्न- वर्षा ऋतु के फायदे क्या हैं?

उत्तरः वर्षा होने के कारण अच्छी फसल उगती है, जिसके चलते बाजार में किसान वर्ग को अच्छे पैसे मिलते हैं। वर्षा होने के कारण जामुन जैसे फल जल्दी पकने लगते हैं।

प्रश्न- वर्षा ऋतु से होने वाले हानियों का वर्णन करें ?

उत्तरः वर्षा ऋतु में लोगों को वायरस फैलने का खतरा बना रहता है और आपदा जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है।

प्रश्न- वर्षा ऋतु से फैलने वाले वायरस का नाम बताइए ?

उत्तरः सर्दी, खांसी, जुखाम, बुखार, एलर्जी आदि।

प्रश्न- वर्षा ऋतु में कौन-कौन सी फसल उगाई जाती है ?

उत्तः वर्षा ऋतु में धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, अरहर, मूंग, उड़द, कपास, मूंगफली, सोयाबीन आदि फसलों को उगाया जाता है।

प्रश्न- वर्षा ऋतु में ही पेड़ों को लगाने के लिए क्यों सबसे अच्छा ऋतु माना जाता है ?

उत्तरः वर्षा ऋतु में पेड़ों को इसलिए लगाया जाता है ताकि उन्हें वर्षा का जल मिल सके। वर्षा जल के कारण ही पौधे में मजबूती आ जाती है और वह आसानी से उग जाते हैं।

प्रश्न- वर्षा ऋतु कब आती है?

उत्तरः वर्षा ऋतु जून या जुलाई में आकर सितंबर तक रहती है।

प्रश्न- वर्षा ऋतु का महत्व क्या है?

उत्तरः वर्षा ऋतु हमें भीषण गर्मी से राहत देने का काम करती है।

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वर्षा ऋतू पर निबंध हिंदी में | Essay on Rainy Season in Hindi

वर्षा ऋतू की जानकारी और निबंध – varsha ritu essay in hindi.

हमारे देश में चार मुख्य ऋतुओं में वर्षा ऋतु एक है। यह ऐसी ऋतु है जो लगभग सभी लोगों की पसंदीदा होती है क्योंकि झुलसा देने वाली गर्मी के बाद ये राहत का एहसास लेकर आती है। वर्षा ऋतू जुलाई से शुरू होती है अर्थात सावन भादों के महीनों में होती है। यह मौसम भारतीय किसानों के लिए बेहद ही हितकारी एवं महत्वपूर्ण है।

1 जून के करीब केरल तट और अंडमान निकोबार द्वीप समूह में मानसून सक्रिय हो जाता है। हमारे देश में वर्षा ऋतु के अमूमन तीन या चार महीने माने गए हैं। दक्षिण में ज्यादा दिनों तक पानी बरसता है यानी वहां वर्षा ऋतु ज्यादा लंबी होती है जबकि जैसे-जैसे हम दक्षिण से उत्तर की ओर जाते हैं तो वर्षा के दिन कम होते जाते हैं।

वर्षा ऋतू में आकाश में बादल छा जाते हैं, वे गरजते हैं और सुंदर लगते हैं। हरियाली से धरती हरी-हरी मखमल सी लगने लगती है। वृक्षों पर नये पत्ते फिर से निकलने लगते हैं। वृक्ष लताएँ मानो हरियाली के स्तम्भ लगते हैं। खेत फुले नहीं समाते, वास्तव में वर्षा ऋतु किसानों के लिये ईश्वर के द्वारा दिया गया एक वरदान है। वर्षा ऋतू में जीव जन्तु भी बढ़ने लगते हैं। ये हर एक के लिये शुभ मौसम होता है और सभी इसमें खुशी के साथ ढ़ेर सारी मस्ती करते है। इस मौसम में हम सभी पके हुये आम का लुफ्त उठाते है। वर्षा से फसलों के लिए पानी मिलता है तथा सूखे हुए कुएं, तालाबों तथा नदियों को फिर से भरने का कार्य वर्षा के द्वारा ही किया जाता है। इसीलिए कहा जाता है कि जल ही जीवन है।

वर्षा ऋतु का आनंद लेने के लिए लोग पिकनिक मनाते हैं। गांवों में सावन के झूलों पर युवतियां झूलती हैं। वर्षा ऋतु में ही रक्षा बंधन, तीज आदि त्योहार आते हैं। यदि वर्षा बहुत अधिक हो तो बाढ़ भी आ जाती है जिससे बहुत नुकसान होता है। इस ऋतु में अनेक बीमारियां भी फैल जाती हैं। इसके कारण डायरिया, पेचिश, टाईफॉइड और पाचन से संबंधित परेशानियाँ सामने आती है।

मानव जीवन में जल का अत्यंत महत्व है। इसीलिए अच्छी वर्षा के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाने चाहिए ताकि हमारा पर्यावरण स्वच्छ और हरा भरा बना रहें। हमें वर्षा के जल को भी संचित करके रखना चाहिए ताकि हमें कभी सूखे का सामना ना करना पड़े।

वर्षा ऋतु हिंदी निबंध – Rainy Season Essay in Hindi

(बरसात पर निबंध हिंदी में Barsaat ke mausam par nibandh)

बारिश का मौसम हम सभी के लिए प्यारा मौसम होता है। यह जुलाई के महीने में शुरू होती है और सितंबर के अंत तक जारी रहती है। वर्षा ऋतु में आकाश में बादल छा जाते हैं, वे गरजते हैं और सुंदर लगते हैं। हरियाली से धरती हरी-हरी मखमल सी लगने लगती है। वृक्षों पर नये पत्ते फिर से निकलने लगते हैं। वृक्ष लताएँ मानो हरियाली के स्तम्भ लगते हैं।

वर्षा ऋतु में जीव जन्तु भी बढ़ने लगते हैं। ये हर एक के लिये शुभ मौसम होता है और सभी इसमें खुशी के साथ ढेर सारी मस्ती करते है। ये असहनीय गर्मी के बाद सभी के जीवन में उम्मीद और राहत की फुहार लेकर आता है। आकाश बहुत चमकदार, साफ और हल्के नीले रंग का दिखाई पड़ता है और कई बार तो सात रंगों वाला इन्द्रधनुष भी दिखाई देता है। पूरा वातावरण सुंदर और आकर्षक दिखाई देता है।

भारतीय किसानों के लिए वर्षा ऋतु का बहुत महत्व है क्योंकि उन्हें अपनी फसलों की खेती के लिए वास्तव में अधिक पानी की आवश्यकता होती है। किसान आमतौर पर खेतों में आगे उपयोग के लिए बरसात के पानी को इकट्ठा करने के लिए कई गड्ढे और तालाब बनाते हैं। खेत फूले नहीं समाते, वास्तव में वर्षा ऋतु किसानों के लिये ईश्वर के द्वारा दिया गया एक वरदान है। यह किसानों के लिये फसलों के लिहाज से बहुत फायदेमंद रहता है लेकिन यह कई सारी संक्रमित बीमारियों को भी फैलाता है। इससे शरीर की त्वचा को काफी असुविधा होती है। इसके कारण डायरिया, पेचिश, टाईफॉइड और पाचन से संबंधित परेशानियाँ सामने आती है। इसलिए हमें, आसपास साफ-सफाई में ध्यान देना चाहिए और बरसात में भींगने से बचना चाहिए ।

Q : वर्षा ऋतु का महत्व क्या है?

Ans : वर्षा सभी जिव-जन्तुओ के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पानी के बिना जीवन संभव नहीं है। वर्षा से फसलों के लिए पानी मिलता है तथा सूखे हुए कुएं, तालाबों तथा नदियों को फिर से भरने का कार्य वर्षा के द्वारा ही किया जाता है। इसीलिए कहा जाता है कि जल ही जीवन है।

Q : वर्षा ऋतु में कौन सी फसल बोई जाती है?

Ans : वर्षा के मौसम में बोई जाने वाली मुख्य फसलों में चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, तुर,अरहर, मूँग, उड़द, कपास, जूट, मूँगफली और सोयाबीन शामिल हैं।

और अधिक लेख –

  • रंगों का शानदार उत्सव होली पर निबंध
  • रक्षाबंधन पर निबंध हिन्दी मे
  • विजयादशमी/दशहरा पर निबंध
  • कैसे परखे सोना असली है या नकली?

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Hindi Facts

8 Best Varsha Ritu Essay in Hindi | वर्षा ऋतु निबंध

हैल्लो दोस्तों कैसे है आप सब आपका बहुत स्वागत है इस ब्लॉग पर। हमने इस आर्टिकल में Varsha Ritu in Hindi पर 8 निबंध लिखे है जो कक्षा 5 से लेकर Higher Level के बच्चो के लिए लाभदायी होगा। आप इस ब्लॉग पर लिखे गए Essay को अपने Exams या परीक्षा में लिख सकते हैं ।

ऋतुओं की रानी: वर्षा

10 lines essay on varsha ritu in hindi.

  • वर्षा ऋतु जुलाई के महीने में आती है। यह सितंबर तक जारी रहती है।
  • यह ऋतु हमें सूरज की चिलचिलाती गरमी से राहत दिलाती है। इस ऋतु में प्यासी धरती को जल मिलता है। इस ऋतु में आसमान में बादल उमड़ने-घुमरने लगते है।
  • बादलों को देखकर मोर नाचने लगते है। नदियों तथा तालाब पानी से भर जाते है। झर-झर करते झरने और कल-कल करती नदियाँ इठलाने-बलखाने लगती है।
  • पक्षियों का कलरव पूरे वातावरण को मंत्रमुग्ध कर देता है। पेड़-पौधे हरे-भरे तथा ताजा हो जाते हैं।
  • Varsha Ritu में इंद्रधनुष दिखाई पड़ता है। किसानों के लिए तो यह ऋतु वरदानस्वरूप है। इस समय वे खेतों में नई-नई फसलें लगाते है।
  • बच्चे वर्षा के पानी में खेलना पसंद करते है।
  • लेकिन कभी-कभी भारी वर्षा मानव जीवन को अस्त-व्यस्त कर देती है। सड़को तथा नालियों में पानी भर जाता है।
  • वर्षा ऋतु में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है। तरह-तरह के कीड़ोंमकोड़ों के काटने से भयंकर बीमारियों उत्पन्न हो जाती है।
  • कहीं-कहीं अतिवृष्टि के कारण बाढ़ आ आती है जिससे जान-माल को काफी नुकसान पहुँचता है। ये चीजे हमारे जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित करती है।
  • फिर भी, हम सभी वर्षा ऋतु का दिल खोलकर स्वागत करते है। यह हमे नया जीवन तथा ताजगी देती है।

Varsha Ritu Essay in Hindi (250 Words)

वर्षा को ऋतुओं की रानी कहा गया है। इसका कारण है इसी के कारण पेड़-पौधे, लता व वनस्पतियों की उत्पत्ति एवं विकास होता है। वसंत ऋतु हो या ग्रीष्म, शिशिर हो या हेमंत, वर्षा हो या फिर शरद ऋतु, इन सभी में वर्षा के कारण ही परिवर्तन होता है।

ज्येष्ठ माह की गर्मी के कारण समस्त जीव व्याकुल रहते हैं। ऐसे में वर्षा उन्हें शीतलता प्रदान करती हैं।

वर्षा होने से चारों ओर हरियाली-ही-हरियाली दिखाई देती है। ताल-तलैया जल से भरकर बहने लगते हैं। मेंढक के टर्राने की आवाज़ सुनाई देती है। नदियों में भरपूर जल होता है। किसानों के मुख से अकस्मात् ही गीत के स्वर फूट पड़ते हैं। धान की रोपाई के समय गीत की बहार होती है। उत्तर भारत में गीत, कजली आल्हा गाए जाते हैं। रक्षा बंधन, जन्माष्टमी आदि त्योहार भी इसी समय मनाए जाते हैं। 

Varsha Ritu में कभी-कभी भीषण बाढ़ भी आती है। इसके कारण लोगों को अपने घरों को छोड़ना पड़ता है। बाढ़ और तेज़ वर्षा के कारण मकान गिर जाते हैं। करोड़ों एकड़ की फसल बर्बाद हो जाती है। भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। बाढ़ के बाद बीमारियाँ फैलती हैं। इसके परिणामस्वरूप लोगों को अपूर्णनीय क्षति होती है। वस्तुतः फिर भी वर्षा के अभाव में जीवन संभव नहीं है। यही कारण है कि हम सभी ऋतु की रानी वर्षा का भरपूर स्वागत करते हैं।

यह भी पढ़े – Amazing Facts in Hindi

Varsha Ritu Par Nibandh in Hindi (350 Words)

भारत में प्रति वर्ष छह: ऋतुएं में आती है – हेमंत, शिशिर, वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, और शरद। सभी ऋतुओं का अपना महत्व तथा अपनी विशेषताएं है, पर इन में वर्षा ऋतु अपना विशेष स्थान रखती है इसे ऋतुओं की रानी की उपाधि दी गई है।

About Varsha Ritu in Hindi

मई जून के महीने में भयंकर गर्मी पड़ती है धरती का कोना कोना तपने लगता है पेड़ पौधे सूख जाते हैं सभी जीव जंतुओं का गर्मी से बुरा हाल हो जाता है। जुलाई के आगमन के साथ ही वर्षा ऋतु आरंभ हो जाती है। आसमान में घटा छा जाती है काले काले बादल घिर जाते हैं। बादलों को देखकर सभी खुश हो जाते हैं ठंडी हवा से गर्मी से राहत मिलने लगती है। रिमझिम बारिश की बूंदे बरसने लगती है बारिश के बाद चारों तरफ हरियाली छा जाती है। नदी नाले तालाब आदि सब पानी से लबालब भर जाते हैं। सब कुछ नया नया सा प्रतीत होने लगता है।

Varsha Ritu Mein Kya Kya Hota Hai

कई बार बारिश के कारण बहुत सी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है कभी-कभी मुसलाधार पानी बरसने लगता है लगातार वर्षा होने के कारण नदियों में बाढ़ आ जाती है। नदी किनारे के पेड़ पौधे उखड़ कर वह जाते हैं। गांव नगरों में पानी भर जाता है मकान ढह जाते हैं और रास्ते बंद हो जाते हैं। सारा जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है शहरों में तो वर्षा के कारण और भी बुरा हाल हो जाता है रास्ते में कीचड़ और गंदगी हो जाती है। सड़कों पर गड्ढे में पानी भर जाता है वाहनों का लंबा जाम लग जाता है।

वर्षा में कई प्रकार के कीड़े मकोड़े मच्छर मक्खी आदि पैदा हो जाते हैं। इनसे कई बीमारियां फैल जाती है। इन बीमारियों से बचना आवश्यक हो जाता है, यदि बारिश ना हो तो भी स्थिति खराब हो जाती है। कई राज्यों में सूखा पड़ जाता है। कृषि के लिए पर्याप्त जल नहीं मिल पाता अन्यथा वनस्पतियां उत्पन्न नहीं हो पाती। इन सभी समस्याओं के बावजूद वर्षा ऋतु हमारे जीवन का आधार है। इसके कारण ही पानी आदि संभव हो पाते हैं इसलिए ऋतुओं की रानी की सभी प्रतीक्षा करते हैं।

वर्षा ऋतु निबंध in Hindi (400 Words)

Varsha Ritu ऋतुओं की रानी है। सारे संसार में सभी ऋतुओं में यह एक ख़ास ऋतु है। संसार के बड़े-बड़े कवियों एवं लेखकों ने इस ऋतु की काफी प्रशंसा की है और इसपर अच्छी-अच्छी कविताएं अवं निबंध लिखी हैं। यह ऋतु इंसान, जानवर, पेड़-पौधों को जीवन यापन करने में मदद देती है, प्यासों को पानी देती है और माँ की तरह मनुष्य का पालन-पोषण करती है।

प्राकृतिक सौंदर्य

इसके प्रभाव से प्रकृति लहलहा उठती है; सूखे पेड़ – पौधों और सूखी पत्तियों में नयी जान आ जाती है। पुरे संसार में हरियाली छा जाती है। भिन्न-भिन्न प्रकार के पशु – पक्षी अपनी मधुर स्वर से वन और उपवनों की शोभा बढ़ाते हैं।

तालाब में मेंढक टर्र-टर्र आवाज़ करने लगते हैं, दुबली-पतली लताएँ बढ़कर फैलने लगती हैं और वृक्षों से लिपटने लगती हैं। घने जंगलों में मोर पंछी मस्त होकर नाचने और झूमने लगते हैं। सारी प्रकृति एक नयी उमंग और एक नया रूप धारण कर नये जीवन का अभिनंदन करती है। सूखी नदियां किनारों को तोड़ती-मरोड़ती आगे बढ़ती हैं। और कभी-कभी किनारों के पेड़-पौधों को उखाड़-पछाड़कर गिराने लगती हैं।

इस ऋतु में ऐसा लगता है, किसी ने सारी भूमि पर हरी चादर बिछा दी हो। खेत-खलिहान, बाग-बगीचे, ताल-तलैया, आहर-पोखर-सभी भरे-पूरे हो उठते हैं। आकाश काले मेघों से भर बिजली चमकाते है और कभी भी बादल गरजते हैं। जब वर्षा की नन्हीं बूंदें छोटे-बड़े पत्तों पर गिरती हैं तब ऐसा लगता है मानो मोती झर रहे हों। गाँव के किसान झूम उठते हैं।

Varsa Ritu संसार के लिए नये जीवन का अमृत अथवा बहुमूलय उपहार लेकर आती है। सभी नया जीवन पाकर असीम आनंद का अनुभव करते हैं। यदि वर्षा न हो तो चारों ओर हाहाकार मच जाय, अन्न की उपज न हो और सारे लोग भूख से तड़प कर मर जाएँ, देश में अकाल की स्तिथि होने लगे। इतना ही नहीं, मनुष्य की तरह पशु-पक्षी अन्य जानवर भी मर जाएँगे। वर्षा ऋतू के आभाव में जब पशुओं को खाना नहीं मिलता है, तब उनकी भी हालत गंभीर होने लगती है।

Varsha Ritu कभी जीवन प्रदान करती है, तो कभी जीवन बर्बाद भी कर देती है। अधिक वर्षा के कारण गांवों और शहरों को डूबा (बाढ़) भी देती है। शहर तो साफ-सुथरी कर जाती हैं, किंतु गाँवों की राहों में कीचड़ जैसी गन्दगी हो जाने के कारण लोगों के आने-जाने में बड़ी कठिनाई होती है।

इस ऋतु में जहरीले कीड़े, मच्छर और मक्खियां बड़ी संख्या में निकल आती हैं, जिनसे मलेरिया, हैजा आदि रोग भयानक रूप धारण कर लेते हैं। लगातार वर्षा होने के कारण गरीबों के मिटटी के घर गिर पड़ते हैं और वे बेघर और लाचार हो जाते हैं। यदि बाढ़ आ जाती है तो, खेत-खलियान और गाँव-घर सब बर्बाद हो जाते हैं।

Varsha Ritu खुशियों, उत्साह और आशा की ऋतू है। यह जीवन-यापन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि सभी ऋतुओं में इसका सबसे ऊँचा स्थान है यदि यह न होती, तो जीवन और जीवनशैली की सत्ता ही हमेशा के लिए ख़तम हो गयी होती।

varsha-ritu

Varsha Ritu Essay in Hindi (500 Words)

Varsha Ritu ऋतुओं में पटरानी है। यह जब सज धज कर आती है, तब सारी सृष्टि चहक उठती है; यह जब कोपभवन में जाती है, तब एक दशरथ की बात कौन कहे, हरेक प्राणी की आँखों के आगे अँधेरा-सा छाने लगता है। वैसे तो इस ऋतु का पर्यटन काल आश्विन से कार्तिक तक है, किन्तु राम-नाम के युगल वर्णो जैसे पवित्र सावन और भादों मास ही इसकी मनोवांछित लीला-भूमि हैं।

वर्षा ऋतू के गुणगान

Varsha Ritu में प्राकृतिक सौन्दर्य अपनी तरुणाई पर रहता है। लगता है जैसे हरी मखमली कालीन पर प्राकृतिक -सुन्दरी लेटी हो। इस ऋतु का गुणगानं वैदिक ऋषियों ने ‘निकामे निकामे नः पर्जन्योऽभिवर्षतु’, अर्थात् ‘हमारे मन-मुताबिक बादल बरसा करें कहकर किया था।

तबसे शायद ही कोई उत्कृष्ट कवि हो, जिसने इसकी महिमा न गायी हो। आदिकवि वाल्मीकि ने लिखा है कि बिजली की पताका और बलाका की माला धारण किये हुए शैलशिखर-से डीलडौलवाले मेघ रणमत्त गजेन्द्र की तरह गर्जन करते हैं। वर्षा-ऋतु के आगमन से सर्वत्र संगीतोत्सव हो जाता है – भौरे का गुंजन वीणा की झंकार है, मेढक की ध्वनि कण्ठताल है तथा मेघगर्जन मृदंग की धमक है।

पंतजी ने लिखा है

झमझम-झमझम मेघ बरसते हैं सावन के छमछम गिरती बूंदें तरुओं से छन-छनके, चमचम बिजली लिपट रही रे उर से घन के थम-थम दिन के नभ में सपने जगते मन के।

‘नजीर’ अकबराबादी फरमाते हैं

बादल हवा के ऊपर ही मस्त छा रहे हैं। झड़ियों की मस्तियों से धूमें मचा रहे हैं। ड़ते हैं पानी हरजा जल-थल बना रहे हैं। गुलजार भींगते हैं, सब्जे नहा रहे हैं। क्या-क्या मची हैं, यारो, बरसात की बहारें।

Varsha Ritu ke फायदे

वर्षा ऋतु केवल नयन-रंजन ही नहीं करती, इसके आगमन पर ही कृषि का फल निर्भर करता है-ऐसा कविकुलगुरु कालिदास ने ठीक ही कहा है।

अँगरेजी की एक कहावत है “Handsome is that handsome does” वर्षा ऋतु सुन्दर इसलिए भी है कि यह सुन्दर काम करती है। सारे संसार में अकाल का ताण्डव हो जाय, भूख की ज्वाला में सृष्टि की हर खूबसूरत कली मुरझा जाय, यदि वर्षा देवी का पदार्पण न हो। सावन की बदरिया बरसकर भले ही, किसी दीवानी मीरा को उसके मनभावन के आवन की सुधि दे जाय, किन्तु हमें तो इसमें नवजीवन की शिवा के आगमन की ही सूचना मिलती है।

Varsha Ritu के नुकसान

कभी-कभी अतिवष्टि (बाढ़) हो जाती है और इसमें हमें किसी इन्द्रकोप की भनक मिलने लगती है और तब सरकार को बड़ी मुश्किल से गोवर्द्धन पर्वत उठाना पड़ता है; किन्त अतिवष्टि से जो जन धन की क्षति होती है, उसकी पूर्ति असम्भव है। सचमुच ‘अति’ होती ही बुरी है- अति सर्वत्र वर्जयेत् ! फिर भी, वर्षाऋतु महारानी ही नहीं, वह महादेवी है जिसके कृपा-कटाक्ष के लिए हम सभी लालायित रहते हैं।

इसके आज्ञाकारी अनुचर मेघ से हम कह उठते हैं—’हे मेघ । तुम सूर्य के लाल नयन में काजल डालकर उसे सुला दो, वृष्टि के चुम्बन बिखेरकर तुम चले जाओ, जिससे हमारे अंग हर्ष से फड़क उठे।

सूर्येर रक्तिम नयने तुमि मेघ ! दाउ से कज्जल पाड़ाओ घूम। वृष्टिर चुम्बन बिथारि चले जाउ-अंगे हर्षेर पडक झम !

वर्षा ऋतु पर निबंध (600 Words)

भारतवर्ष षट् ऋतुओं का देश है। यहाँ ग्रीष्म, वर्षा, शरद, शिशिर, हेमंत और वसंत का ऋतुचक्र एक-दूसरे के पीछे चलता हुआ एक वर्ष की अपनी मंजिल का घेरा पार कर लेता है। यों तो अपने विशेष रूप-सौंदर्य में हर ऋतू का अपना विशिष्टि स्थान है; पर वसंत को हमारे यहाँ ऋतुराज और वर्षा को ऋतुओं (Varsha Ritu) की रानी कहा गया है। सच्चाई यह है कि हमारे इस कृषि-प्रधान देश भारत में वसंत का वह महत्त्व नहीं है, जो वर्षा का है।

बंसत फरवरी और मार्च इन दो महीनों में अपना सौंदर्य और रूप-रंग चराचर पर बिखेरता हुआ आता है, पर इस देश की 90 प्रतिशत जनता न उसका आगमन देख पाती है और न उसके प्रस्थान को ही अनुभव करती है। कुछ गिने-चुने भले ही वसंत में फूलो-भरी प्रकृति की शोभा देखकर मुग्ध हो उठे, पर अधिकांश के लिए तो उसका आना या न आना दोनों बराबर हैं, जबकि वर्षा के संबंध में यह नहीं कहा जा सकता।

Varsha Ritu को ‘चौमासा’ भी कहा गया है; अर्थात् वर्षा के चार महीने माने जाते हैं। – आषाढ़, सावन, भादों और आश्विन । जेठ को कठिन गर्मी से जब धरती गर्म तवे की तरह जलने लगती है, धूल के गुब्बार नाचते हुए आकाश की तरफ उठकर बहुत ऊँचे चले जाते हैं, दूर-दूर दोपहरी का घना सन्नाटा, काँपती हुई धरती, प्यासे चराचर त्राहि-त्राहि कर उठते हैं तो वर्षा रानी का हृदय पसीज उठता है।

पूर्व दिशा से ठंडी-ठंडी हवा बहने लगती है जो इस बात का सन्देश देती है कि वर्षा रानी की सवारी बहुत दूर नहीं है। अचानक आकाश पर काले-काले बादल लहराने लगते हैं। क्षितिज पर उल्लास से भरे सफेद-सफेद बगलों की पंक्तियाँ उड़ती हैं; अधमरे पशु-पक्षियों और नर-नारियों में नव जीवन का संचार हो उठता है और सबकी आँखें आकाश की ओर प्रतीक्षा में लग जाती है-कब झिमिर-झिमिर वर्षा की अमृत फुहारें बरसने लगें।

सावन और भादों के दोनों महीनों में आकाश काले-काले बादलों से घिरा रहता है। बीच-बीच में बादल गरजते हैं, बिजली चमकती है, धुंआधार वर्षा होती है और तेज़ हवाएँ चलती हैं। कभी-कभी ओले भी गिरते हैं। नद-निर्झर उछल पड़ते हैं; तालाब पानी से भर जाते हैं; गाँव की गलियों और खेत-खलिहानों में पानी भर जाता है। रास्ता चलना कठिन हो जाता है-विशेष रूप में गाँव में रात के समय बरसती वर्षा में बड़ा भयानक दृश्य उपस्थित हो जाता है। ऐसे समय में घोर अंधकार में वर्षा के थपेड़ों को झेलकर इधर से उधर जा पाना सचमुच बड़ी टेढ़ी खीर है।

कभी-कभी तो सुबह से ही आकाश काले-काले बादलों से भरा होता है। मौसम बड़ा सुहावना हो जाता बै। लगता है कि बादल दिन-भर रहेंगे, पर बरसेंगे नहीं। ऐसे मौसम में लोग आनंद मनोरंजन और पिकनिक के विविध कार्यक्रम बनाकर घरों से निकल पड़ते हैं और मौसम का भरपूर आनंद उठाते हैं। उस समय हमें तुलसी की यह चौपाई बहुत याद आती हैं

वर्षाकाल मेघ नभ-छाए। गरजत लागत परम सुहाए।

Varsha Ritu एक सुहावनी ऋतु है। इस ऋतु में लहराते हुए खेत, जंगल और वन बड़े लुभावने लगते हैं, जब बरसती हुई रिमझिम फुहारों में खेतों में मोर नाचते हैं, पपीहे पुकारते हैं और आम मीठे मधुर रस से भरकर चूसने वालों को निमंत्रित करते हैं तो लोग मनाते हैं कि वर्षा की यह सुहावनी ऋतु कभी न जाए; पर ऐसा नहीं होता। चार – पाँच दिन में ही लोग ऊब जाते है और सूर्य को देखने के लिए लालायित हो उठते हैं।

Varsha-Ritu-Essay-in-Hindi

Varsha Ritu Essay in Hindi (1000 Words)

अभी किचित् आशा न थी कि गर्मी की तपन को झूठलाती हुई अकस्मात वर्षा हो जाएगी। गर्मी की तपन से सभी परेशान थे। वृक्षों के नीचे जहाँ तहाँ मोर विश्राम कर रहे थे। केकारव कर गर्मी से अपनी व्याकुलता को प्रकट कर रहे थे। मुर्झाए से बिना जल के अपनी व्यथा को कह रहे थे। तालाब में नित्य आने वाले पक्षी प्यास की व्याकुलता से चोंच उठाए चीख रहे थे, जिन्हें देखकर ऐसा लगता था कि प्रार्थना कर रहे हों कि मेघ जल्दी आओ और हमारी प्यास बुझाओ। मैं मित्रो के साथ ताज-महल के सौंदर्य-दर्शन के लिए आगरा जा रहा था। हम सब कार में थे।

गर्मी के कारण इस यात्रा का निर्णय उचित नहीं लग रहा था। लम्बी यात्रा के बाद पेड़ों की घनी छाया में रुके। जहाँ रूके वहाँ सड़क से कुछ दूर तालाब था। जहा पंछियों की मानसिकता को देखा और परखा। कार खड़ी करके कुछ ही कदमों पर होटल में गए। थोडी देर रुके विश्राम किया। कुछ ही समय बीता होगा कि लगा पक्षियों की प्रार्थना मेघों ने सुन ली और आँधी-तूफान मेघों के साथ आ गया हम देखते ही रह गए और हैरान हुए।

मुसलाधार वर्षा और दिन में ही अंधेरा

तूफान के साथ आकाश में घोर-गर्जना करते हुए बादल घिर आए। मोटी-मोटी बूंदें गिरने लगीं। इतनी ही देर में होटल यात्रियों से भर गया। सभी वर्षा से बचने का प्रयास करने लगे। तालाब में उपस्थित पक्षी सारस द्विगुणित शोर करने लगे। छाया में बैठे मोरों ने पेड़ों की शाखाओं का सहारा लिया प्रसन्नता बिखेरते हुए केकारव करने लगे। देखते ही देखते आकाश में इतने घने बादल छा गए कि दिन में ही अंधेरे का आभास होने लगा।

सूर्य का प्रचण्ड ताप शान्त हो गया। सबसे अच्छा लग रहा था पेड़ों पर बैठे, कलरव करते हुए या नाचते हुए मोर । होटल में एकत्र भीड़ आश्चर्य करते हुए प्रकृति का अदभूत खेल बताते हुए बातें कर रहे थे। देखते ही देखते गड़गड़ाहट के साथ मूसलाधार वर्षा शुरू हो गई। वाहन जहाँ के तहाँ थम गए।

तूफान के साथ बौछारें होटल में अन्दर आने लगी और सबको भिगोने लगीं। गर्मी में ठिठुरन होने लगी। बौछारो से बचने का प्रयास करने लगे, किन्तु पर्याप्त स्थान न होने के कारण कोई भी बौछारों से बिना भीगे न बच सके। कंपकंपी बढ़ने लगी। वर्षा ने दिन में ही अंधेरे का आभास कराकर अपना चमत्कार दिखाया। थोड़ी देर वर्षा थमी। लोग होटल से बाहर आए, निगाह पसारी, देखा सभी खेत और समीप का तालाब लबालब भर गया। सबने अपने कपडे निचोडे। हम सबके पास दूसरे कपड़े थे। कार की ओर लपके और कपड़े बदले। वहाँ से लौटना उचित समझा और लौट पड़े।

केवल अभी वर्षा थमी थी, या कहो कि बादल श्वाँस ले रहे थे या इण्टरवल हो गया था, बिजली चमक-चमक कर सिंहनाद करके विज्ञापन दिखा रही थी और भय पैदा कर रही थी। कार लौटा कर मोड़कर वापस आने का मन बना कर लौटने लगे क्योंकि ताजमहल के सौन्दर्य को देखने का उत्साह बिजली की चमक ने पूर्णतः समाप्त कर दिया।

वर्षा के आनन्द में भय

अब ताजमहल के सौन्दर्य दर्शन से प्रकृति का सौन्दर्य मनोहारी और भयदायक अधिक लग रहा था। अब गर्मी नहीं सूर्य की तपन नहीं थी। इधर-उधर निहार रहे थे। पेड़ों की मुर्झाई पत्तियाँ नाँच-नाँच कर हवा के साथ साँय-साँय कर रही थीं। पुरी तरह आनन्द विभोर दिखाई दे रही थी।

पत्तियों के साथ कार भी सॉय-साँय करते हुए वेग से बढ़ रही थी। इतने में इष्टरवल समाप्त हआ, वर्षा ने फिर दूसरा दृश्य दिखाना शुरू कर दिया। हृदय को कँपा देने वाली बार-बार बिजली कडकने लगी। सर्प सी लहरियाँ लेते हुए बिजली कौंधने लगी। ऐसी लगती कि बिजली की चमक हमें ही छू लेना चाहती है।

वर्षा का आनन्द और भय दाना के साथ समाए हुए थे। वर्षा का वेग पल-पल तेज होता जा रहा था कि कार की गति कम करनी पड़ी। सामने स आते वाहन लाइट जलाने पर समीप आने पर ही दिखाई देते थे। आगे बढ़े और देखा कि प्रकृति का सौन्दर्य व्यवधान बन गया। छोटे-बड़े वाहन पक्की सड़क से नीचे उतरने पर दल-दल हुए धरती में धंस गए।

वर्षा के कारण निकलने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा था। लोग काँप रहे थे। फिर थोड़ी दूर पर विशाल वृक्ष गिर कर चुनौती दे रहा था कि अब मुझे पार कर नहीं निकल सकते। पीछे धंसे वाहनों की तरह कहीं हमारी कार भी दल-दल में न धंस जाए। साहस बटोरकर मन में भय लिए राम-राम करते हुए धीरे-धीरे किनारे से निकल गए। घर की सीमा में पहुँचे। राहत की सांस लौटी, दिन में अंधेरा था अब सांय और रात का अंधेरा होने वाला था। दिन में ही तारे कैसे दिखाई देते हैं, यह आज साक्षात् अनुभव हो गया। चारों ओर पानी ही पानी था।

जान बची तो लाखों पाए

यद्यपि घर तक जाने का रास्ता पक्का था, किन्तु पानी ने उसे पूरी तरह ढक लिया था। धीरे-धीरे अनुमान से रास्ता ढूँढ़ते हुए रेंगते हुए अन्ततः घर पहुँचे। घर पहुँचते ही अपने परिवार और पड़ौसी हमें उसी दिन लौटा हुआ पाकर उपहासात्मक प्रश्नों की बौछार कर रहे थे। ताजमहल क दर्शन हुए? कैसा था ताजमहल, वर्षा में उसकी धूल आदि धुल गई होगी और अधिक सुन्दर, चमकदार लगा होगा ? ऐसे-ऐसे प्रश्न किए जा रहे थे। कोई कह रहे थे-वर्षा का आनन्द जो इन्होंने लिया, और कोई क्या लेगा। यही क्या कम है-कि जान बची तो लाखों पाए, लौट के बुद्धू घर आए। भगवान का शुक्र है सही-सलामत घर आए।

वर्षा ऋतू के नुक्सान

प्रकृति के ऐसे चमत्कारों में भी एक चमत्कार है, कि गए थे, भयावह गर्मी थी, और लौटे कंपा देने वाली ठण्ड और चारों ओर पानी। एक ही दिन में धरती की प्यास बुझ गई। पक्षियों के रेन-बसेरे नष्ट हो गए। पशुओं के लिए कयामत बन गई। झोंपड़ी आदि में रहने वालों के लिए वर्षा कहर बन गई। यह वर्षा हमारे लिए अनेक प्रश्न खड़े कर गई कि प्रकृति से कोई पार नहीं पा सकता है। अनुकूल वर्षा ही हित कर होती है।

वर्षा का अभाव अकाल का कारण होता है। त्राहि-त्राहि का स्वर धीरे-धीरे सुनाई देता है तो अतिवर्षा विनाश का ताण्डव करती है। अतिवर्षा में यकायक ही त्राहि-त्राहि का स्वर एक साथ ही फूट पड़ता है। श्रावण माह के गीत चीख-पुकारों में बदल जाते हैं। नदियाँ अपने प्रवाह में गाँवों को डुबोती हुई फसलों को चौपट करती हुई उच्छृखल हो जाती हैं।

सारी व्यवस्थाएँ चरमरा जाती हैं। जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो तड़प उठता है। यही वर्षा प्राणि-जगत, वनस्पति जगत का आधार है। अतः इसके अति और अभाव दोनों रूप भयावह होते हैं। नदी-नालों का वर्षा में इतराना, इठलाना, मेढ़कों का टर्राना, मोरों का नाचना, प्रकृति का उन्माद तभी अच्छा लगता है जब वर्षा अनुकूल होती है। वह अमृत-तुल्य होती है। ऐसी वर्षा के प्रति तुलसीदासजी ने कहा है

वर्षाकाल मेघ नभ छाए। गरजत लागत परम सुहाए।

तो दोस्तों आपको यह Varsha Ritu Hindi Essay पर यह निबंध कैसा लगा। कमेंट करके जरूर बताये। अगर आपको इस निबंध में कोई गलती नजर आये या आप कुछ सलाह देना चाहे तो कमेंट करके बता सकते है।

2 thoughts on “8 Best Varsha Ritu Essay in Hindi | वर्षा ऋतु निबंध”

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वर्षा ऋतु पर निबंध Hindi Essay on Rainy Season

वर्षा ऋतु पर निबंध :हमारा भारतवर्ष ऋतुओं का देश है। यहाँ पर प्रत्येक ऋतू अपनी प्राकृतिक शोभा के साथ आती। है अपने सौंदर्य के छठा को चरों और फैला देती है। यद्यपि सभी ऋतुओं की अपनी-अपनी विशेषताएं और महत्त्व है

वर्षा ऋतु पर निबंध - Hindi Essay on Rainy Season 

वर्षा ऋतु पर निबंध

वरषहिं जल्द भूमि नियराये, जथा नवहिं बुध विद्या पाए। 

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वर्षा ऋतु पर निबंध [600 words] – Essay on rainy season in Hindi

वर्षा ऋतु पर निबंध (Essay on rainy season in Hindi): एक साल में ६ ऋतुएँ बारी – बारी से आती है. ऋतुएँ है – ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत, शिशिर और बसंत . इसमें वर्षा ऋतु सबसे सुन्दर और लुभावनी होती है.

वर्षा ऋतु पर निबंध 600 शब्द- Essay on rainy season in Hindi

मासिक धर्म चक्र के आवर्तन के दौरान, गर्मियों के बाद, बारिश का मौसम सतह पर उतरता है. बारिश का मौसम सतह पर आने पर सतह उत्तेजित हो जाती है. जब बारिश आती है, तो आकाश घने बादलों से ढक जाता है. आषाढ़ और श्रावण के दो महीनों को वर्षा ऋतु कहा जाता है.

वर्षा ऋतु का आगमन

प्रकृति ने ऋतुओं का कर्म इस प्रकार बना रखा है कि एक के विदा होने पर दूसरे का आगमन बड़ा सुहावना लगता है. जब ग्रीष्म ऋतु की भीषण गर्मी से सारी पृथ्वी  तप जाती है तो ऐसा लगता है जैसे धरती जल रही हो तो हर प्राणी गर्मी के कारण संताप का अनुभव करता है. वायुमंडल धूल से धूसरित हो जाता है, प्यासा पपीहा एक-एक बूंद के लिए तड़पता है, किसान की दृष्टी गगन की ओर होती है, ऐसी विकट परिस्थिति में जब उमड़-घुमड़ कर आकाश में बादल मंडराने लगते हैं तो सब के मन मयूर मस्त हो जाते हैं. पशु, पक्षी, जीव, जंतु, पेड़, पौधे सब वर्षा ऋतु के आगमन से प्रफुल्लित हो जाते हैं. आकाश में काली-काली घटायें छाने लगती हैं. रिमझिम-रिमझिम पानी बरसने लगता है. धरती सरसने लगती है. ग्रीष्म की भीषण दाह मिटने लगती है. दादुर, मोर, किसान, पपीहा खुशी से झूमने लगते हैं. बसंत को ऋतुओं का राजा व वर्षा को ऋतुओं की रानी कहते हैं.

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मौसम की स्थिति

गर्मियों के अंत में दक्षिण-पश्चिम मानसून की हवाएँ बहती हैं. इस बाष्पीकरणीय वायु के कारण भारत के विभिन्न हिस्सों में भारी वर्षा होती है. इस मौसम में आसमान में ज्यादातर बादल छाए रहते हैं. काले बादल अक्सर आसमान में दिखाई देते हैं. शीतल हवा चलती है. बिजली और गरज के साथ लगातार बारिश होती है. श्रावण के महीने में इस तरह की निरंतर वर्षा को धारा श्रवण कहा जाता है. इससे कई क्षेत्रों में तापमान में धीरे-धीरे गिरावट आती है. कुओं, तालाबों और नहरों में पानी भर जाता है.

बारिश के मौसम की शुरुआत के साथ, सतह का रूप और रंग बदल जाता है. मैदान बारिश के पानी से भर जाता है. चारों और हरियाली छा जाती है. हरियाली सुंदरता को सौ गुना बढ़ा देती है. ऐसा लगता है कि पृथ्वी ने हरे रंग की पोशाक पहन रखी है. इंद्रधनुष सात रंगों की उपस्थिति के साथ आकाश को सुशोभित करता है. उसकी क्षणिक सुंदरता जन जीवन को मंत्रमुग्ध कर देती है. आसमान में काले बादलों को देखकर मोर अपने पंख खोल कर नाचने लगते हैं.

बारिश के मौसम के दौरान, किआ, केतकी, तगर, चंपा, कदंब आदि फूल से भूपृष्ठ सुशोभित होता है. खिलते फूलों की चारों तरफ खुशबू महकती है और मन को आनंद से भर देती है. बगीचे में विभिन्न प्रकार की सब्जियां उगाई जाती हैं. कृषि कार्य इस समय का मुख्य कार्य है. इस समय चावल, मंडिया और बाजरा की फसल ली जाती है.

इस मौसम के दौरान मनाए जाने वाले विभिन्न त्यौहार लोगों के मन को आनंद से भर देता है. बरसात की शुरुआत में रथ यात्रा आयोजित की जाती है. इसके अलावा, इस मौसम में अमावस्या, रक्षा पूर्णिमा, झूलन यात्रा, जन्माष्टमी, गणेश पूजा आदि आयोजित की जाती हैं.

वर्षा ऋतु में परिवेश प्रदूषित हो जाता है. मूसलाधार बारिश के कारण कच्ची सड़कें कीचड़ से भर जाती है. यह सामान्य यातायात में है हस्तक्षेप करता है. भारी बारिश के कारण नदी में बाढ़ आ जाती है. नतीजतन, ग्रामीण इलाकों में बाढ़ की तबाही विनाशकारी हो सकती है. गरीबों की हालत इस समय बेहाल हो जाती है. लगातार बारिश होने के कारण शहर के भीतर और आस-पास कई जगहों पर जल-जमाव की स्थिति पैदा कर देती है. यह मौसम मच्छरों के संख्या बृद्धि के लिए अनुकूल है. इसलिए बहुत सारे लोग हैजा, मलेरिया, टाइफाइड आदि से संक्रमित होते हैं.

सभी कठिनाइयों के बावजूद, किसान बारिश के मौसम की शुरुआत का इंतजार करता रहता है. यह वह मौसम है जो मनुष्यों, जानवरों, कीड़ों और पौधों को खाना देता है. जीव जगत को जिन्दा रखने में वर्षा ऋतु की महत्वपूर्ण भूमिका को कोई नकार नहीं सकता. वर्षा संसार की उपकारी ऋतु है.

10 lines on rainy season in Hindi

  • गर्मियों के बाद बारिश का मौसम आता है.
  • यह जून के मध्य से शुरू होता है और सितंबर में समाप्त होता है.
  • इस मौसम में आसमान में बादल छाए रहते हैं.
  • किसान इस मौसम में बहुत व्यस्त रहते हैं.
  • वे कड़ी मेहनत करते हैं और देश के लिए भोजन प्रदान करते हैं.
  • कभी-कभी लगातार लंबे समय तक बारिश होती है.
  • इस मौसम में नदियों, तालाबों, कुओं आदि पानी से भर जाती है.
  • इस मौसम में बाढ़ आती है.
  • इस मौसम में गरीब लोग ज्यादा पीड़ित होते हैं.
  • बारिश का मौसम हमारे लिए बहुत मददगार होता है. इसलिए हमें बारिश के मौसम का स्वागत करना चाहिए.

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ये था हमारा लेख वर्षा ऋतु पर निबंध(rainy season essay in Hindi). अगर आप वर्षा ऋतु के बारे में कुछ और जानते हैं तो हमें बताना न भूलें. उम्मीद है आपको ये छोटा से लेख पसंद आया होगा. अगर पसंद आया है, तो यह लेख को अपने social media accounts पे share करें. मिलते है अगले एक नए निबंध में. धन्यवाद.   

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वर्षा ऋतु पर निबंध | essay on rainy season in hindi | बरसात का मौसम पर निबंध

समय समय पर हमें छोटी कक्षाओं में या बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं में निबंध लिखने को दिए जाते हैं। निबंध हमारे जीवन के विचारों एवं क्रियाकलापों से जुड़े होते है। आज hindiamrit.com   आपको निबंध की श्रृंखला में  वर्षा ऋतु पर निबंध | essay on rainy season in hindi | बरसात का मौसम पर निबंध प्रस्तुत करता है।

इस निबंध के अन्य शीर्षक / नाम

(1) बरसात पर निबंध (2) वर्षा वैभव पर निबंध (3) वर्षा वर्णन पर निबंध (4) बरसात का दृश्य पर निबंध

पहले जान लेते है वर्षा ऋतु पर निबंध | essay on rainy season in hindi | बरसात का मौसम पर निबंध की रूपरेखा ।

निबंध की रूपरेखा

(1) प्रस्तावना (2) वर्षा का आगमन (3) वर्षा के विविध हृदय (4) एक दिन की घटना (5) उपसंहार

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भारतवर्ष प्रकृति की रमणीय क्रीड़ास्थली है। प्रकृति के जैसे मनोरम दृश्य भारत में देखने को मिलते हैं, वे संसार के किसी अन्य देश में दुर्लभ हैं ।

यहाँ छः ऋतुएँ क्रमशः आती और जाती है, जबकि संसार के अन्य किसी भी देश में छः ऋतुएँ नहीं होती हैं। इन छः ऋतुओं में वर्षा ऋतु अपना विशेष स्थान रखती है।

दिनकर जी के शब्दों में-

“है बसन्त ऋतुओं का राजा। वर्षा ऋतुओं की रानी॥”

वर्षा का आगमन

जेठ का महीना बीत रहा था। ग्रीष्म ऋतु अपने पूर्ण उत्कर्ष पर थी। जेठ की दोपहरी ऐसी तपती थी कि संसार के सभी जीव-जन्तु वृक्षों की छाया में हॉपते हुए समय काटते थे।

मनुष्य लूओं से बचने के लिए कहीं अँधेरे घरों में छिप जाना चाहते थे। धीरे-धीरे आया आषाढ़ का पहला दिन, आकाश में बादल दिखाई दिया। यह वही दिन था जिस दिन कालिदास के प्रिया-विरह से संतप्त यक्ष ने मेघ को अपना दूत बनाया था।

धीरे-धीरे आकाश बादलों से ढक गया। किसानों की जान में जान आ गयी। बादलों को देखकर उनकी आँखें ठंडी होने लगी। एक-दो दिन तक बादल जमते गये।

आखिर बादलों ने धरती की प्यास बुझाई। संसार को चैन मिला। चींटी से लेकर हाथी तक, जड़ से लेकर चेतन तक सभी प्राणियों और वनस्पतियों में नवजीवन का संचार हो गया। चारों ओर हर्षोल्लास छा गया।

वर्षा के विविध दृश्य

वर्षा के विविध दृश्य भी कैसे विचित्र होते हैं? आकाश बादलों से ढका रहता है। कभी-कभी तो कई-कई दिन तक सूर्य के दर्शन नहीं होते। शस्यश्यामला धरती का सौन्दर्य देखते ही बनता है।

वादलों को देखकर वन-उपवन में मोर आनन्दमग्न होकर नाचते हैं। नदी-नालों में उफान आ जाता है। पोखर और सरोवर का पानी सीमा लॉघ जाता है।

नदियाँ जल से तटों को डुबाकर घमंड से इतराने लगती हैं। सब ओर पानी ही पानी दिखाई देता है। मेंढकों की टर्र-टर्र और झींगुरों की झनकार एक विचित्र समा बाँध देती है।

एक दिन की घटना

वर्षा ऋतु अपने चरम उत्कर्ष पर थी। एक दिन एक विचित्र दृश्य उपस्थित हुआ। यह था-श्रावण का एक दिन! आकाश बादलों से ढका हुआ था।

रात बीती, प्रभात हुआ। सूर्य के तो कई दिनों से दर्शन न हुए थे। प्रभात हो जाने पर भी अंधेरा बढ़ता चला आ रहा था। घड़ी साढ़े छः बजा रही थी। हम लोग स्कूल जाने की तैयारी में थे कि अचानक वर्षा आरम्भ हो गयी।

मूसलाधार वर्षा, रुकने का नाम नहीं। थोड़ी देर में सब ओर पानी ही पानी हो गया। गलियों और सड़कों पर पानी की नदियाँ सी बह रही  थीं। कुछ देर बाद तो हमारे घर में में भी पानी।

सारे मुहल्ले में शोर मचा था। लगता था जैसे प्रलय आ जायेगी। तीन घंटे की लगातार वर्षा ने सब ओर त्राहि-त्राहि मचा दी। उस दिन स्कूल जाने की किसी में हिम्मत न थी।

सुबह को जलपान हुआ था तत्पश्चात पोखर की तरह जलपूर्ण रसोई में भोजन बनने का प्रश्न ही नही था। उस दिन लाचारी का व्रत हुआ। दिनभर घरों का पानी उलीचते रहे, घरों की सफाई करते रहे ।

हाँ, वर्षा रुकने पर हम लोग घर से बाहर निकले और पानी में छप-छप करते फिरे । बाग में गये, आमों के ढेर लगे थे। खूब छक कर आम खाये। तीसरे पहर घर लौट कर आये।

उस समय पानी साफ हो गया था। धूप निकल आयी थी। भोजन तैयार था और मम्मी-पापा मेरी ही प्रतीक्षा कर रहे थे। सबने भोजन किया। धीरे-धीरे सूर्य अस्ताचल पर पहुँच गया।

इस प्रकार यह बरसात का दिन बीता। आज भी वह दिन मुझे जब याद आता है, देर तक सोचता रहता हूँ।

वर्षा भारत के लिए वरदान बनकर आती है। कभी-कभी बाढ़ और तूफानों से यह प्रलय का दृश्य भी उपस्थित कर देती है।

प्रायः धन-जन की भी क्षति हो जाती है, तथापि वर्षा के द्वारा ही उस विनाश की क्षतिपूर्ति भी हो जाती है।

वर्षा अन्न और जल देने वाली शक्ति है। यह जीवनदायिनी सुन्दर ऋतु है।

यही मानव जीवन का आधार है। इसके आते ही बच्चे गा उठते हैं-

“जीवन-धन-सुखदाई लाई। वर्षा आई, वर्षा आई ॥ पशु-पक्षी मानव हरषाने। जड़-चेतन की प्यास बुझाने ॥ सघन घटाएँ संग में लाई। बर्षा आई, वर्षा आई॥”

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वर्षा ऋतु पर निबंध (Essay On Rainy Season In Hindi)

वर्षा ऋतु पर निबंध (Essay On Rainy Season In Hindi)

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वर्षा ऋतु पर 10 लाइन का निबंध (10 Lines On Rainy Season In Hindi)

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वर्षा ऋतु बहुत सुहाना होता है। इसे ‘मानसून सीजन’ भी कहते है। इस मौसम में पूरा शहर काले बादलों से घिरा होता है, ठंडी हवाएं चलती हैं और कभी-कभी हवाएं आंधी का भी रूप ले लेती हैं। वर्षा ऋतु आने से लोगों को भीषण गर्मी से थोड़ी राहत मिलती है। देश में वर्षा ऋतु की शुरुआत जून महीने से होती है और यह लगभग सितम्बर तक चलता है। इस मौसम से सिर्फ इंसानों को ही नहीं जानवरों और पक्षियों को भी राहत मिलती है। बरसात का ये मौसम किसानों के लिए महवत्पूर्ण माना जाता है, क्योंकि अच्छी फसल के लिए बरसात बहुत जरूरी है और देश के कई हिस्सों में किसान अपनी फसल के लिए बारिश के पानी पर निर्भर रहते हैं। गर्मी की वजह से कई नदियां, तालाब और जंगल सूखे पड़ जाते हैं, जिससे वहां रहने वाले लोगों और जीवों को परेशानी झेलनी पड़ती है। लेकिन बरसात के बाद यह नदियां, तालाब फिर भर जाते हैं और पेड़-पौधे भी हरे-भरे लगने लगते हैं। वर्षा ऋतु का मजा हर कोई अपने-अपने तरीके से लेता है। कुछ बाहर जाकर इसका आनंद उठाते हैं और वहीं कुछ घर पर ही अपने फैमिली के साथ खुशनुमा पल बिताते हैं। बच्चों को यह मौसम बहुत पसंद होता है और उनके पास इस दौरान करने के लिए भी बहुत कुछ होता है। बच्चों को अगर वर्षा ऋतु पर एक छोटा या बड़ा लेख या मानसून पर अनुच्छेद लिखने को मिले तो यहाँ बहुत ही सिंपल तरीके से बताए गए वर्षा ऋतु पर एस्से दिया है, यह आपकी पूरी मदद करेगा।

बारिश का मौसम अपने साथ कई खुशियां लेकर आता है। यह मौसम बड़ों के साथ-साथ बच्चों को भी बहुत पसंद होता है। कभी-कभी बच्चे इस मौसम के अनुभवों को पेपर में निबंध के तौर पर लिखने की कोशिश करते हैं। नीचे दी गई वर्षा ऋतु की 10 लाइने इसमें उनकी मदद कर सकती हैं।

  • वर्षा ऋतु बहुत सुहावना लगता है।
  • इस मौसम में आसमान में काले बादल छाए रहते हैं।
  • बरसात का मौसम भीषण गर्मी में राहत दिलाता है।
  • कृषि प्रधान देश होने की वजह से यहां वर्षा ऋतु का बहुत महत्व है।
  • वर्षा ऋतु में चारों ओर हरियाली फैल जाती है।
  • वर्षा के दिनों में हमें उमंग और खुशी का एहसास होता है।
  • बच्चे बारिश में खेलते हैं और कागज की नाव बनाते हैं।
  • बारिश के बाद किसान अपने खेतों में बीज बोने के लिए तैयार हो जाते हैं।
  • इस मौसम में पेड़ों पर रंग-बिरंगे फूल खिलने लगते हैं।
  • वर्षा ऋतु में सूखे तालाब और नदी फिर से भर जाते हैं।

ऐसे बहुत कम लोग होंगे जिन्हे बारिश नहीं पसंद होगा, हर कोई इसका मजा अपने तरीके से लेते हैं। लेकिन बच्चों में इसको लेकर एक अलग ही उत्साह देखने को मिलता है। वर्षा ऋतु पर 200-300 शब्दों वाले इस निबंध से जानते हैं आखिर इसमें ऐसा क्या खास है:

वर्षा ऋतु यानी बारिश का मौसम। वर्षा ऋतू भारत में जून महीने में आती है और अपने साथ ढेर सारी खुशियां और उमंग लेकर आती है। किसानों के लिए तो मानो यह एक आशीर्वाद की तरह होती है। बरसात, मौसम को ठंडा और सुहावना बना देती है और एक अलग ही प्रकार का सुकून साथ में लाती है। आसमान चारों तरफ से काले बादलों से घिरा हुआ होता है, चारों तरफ ठंडी हवा, बारिश की वो पहली बूंद शरीर में एक नई जान डाल देती है। बरसात का मौसम भीषण गर्मी से जूझते हुए लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होता है। मानसून हर साल आता है और चारों तरफ हरियाली और खुशियां बिखरने लगती हैं। अप्रैल और मई की गर्मी को झेलते हुए लोग इस मौसम का बेसब्री से इंतजार करते हैं। यह मौसम लोगों को गर्मी से राहत दिलाने के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण कार्य करता है। हमारे देश में कृषि का बहुत अधिक महत्व है और किसानों को बेहतर फसल के लिए बारिश चाहिए होती है। इसमें बरसात का मौसम अहम भूमिका निभाता है। सूखे पड़े पेड़-पौधे हरे-भरे हो जाते हैं, खेत फसलों से भर जाते हैं, सूखे नदी-तालाब फिर से भर जाते हैं। जानवर और पक्षी में बारिश की बौछार में झूम उठते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं बारिश का मौसम आपके व्यक्तिगत जीवन पर भी असर डालता है। बारिश की पहली बूंद जब आप पर पड़ती है तो नीरस मन भी खुश हो जाता है। बच्चे भी इसका आनंद उठाते हैं। कुछ घर पर ही खिड़की के सामने बैठकर अपनी माँ से अच्छे-अच्छे पकवान बनवाकर बारिश का मजा लेते हैं। वहीं कुछ बच्चे बारिश में बाहर भीगने जाते हैं और बारिश बंद होने पर कागज की नाव बनाकर उससे खेलते हैं। बड़े भी अपने तरीके से इसका आनंद उठाते हैं। यह मौसम सिर्फ खुशियां ही नहीं बल्कि कई त्यौहार भी लेकर आता है, जैसे रक्षाबंधन, गणेश पूजा, स्वतंत्रता दिवस आदि। इस दौरान सावन का भी महीना लगता है।

बरसात का मौसम हमारे जीवन के लिए एक वरदान की तरह है। इसके महत्व को बच्चे हो या बड़े हर किसी को समझने की जरूरत है। वर्षा ऋतु पर विस्तार में बताए गए निबंध में को पढ़ें और बच्चो की भी पढ़ाएं। इससे उनकी जानकारी बढ़ेगी साथ ही उन्हें ऐसे निबंध लिखने में आसानी होगी।

बरसात का मौसम क्या है? (What Is the Rainy Season?)

मई-जून की भीषण गर्मी के वक्त जब आसमान में काले बादल छाने लगे, तेज और सर्द हवाएं चलने गए तो समझ लेना चाहिए जल्द ही मानसून आने वाला है। बरसात के इस मौसम में बारिश कभी भी होने लगती है पर वह पहले से ही इशारा दे देती है। धूप धीरे-धीरे कम हो जाती है और इसकी जगह बादलों की गड़गड़ाहट सुनाई देती है। इसमें बारिश पहले बौछार के रूप में शुरू होती है, फिर धीरे-धीरे बूंदे बड़ी होने लगती है। इसके बाद लगातार तेज बारिश होती है। कई बार बारिश बंद होने पर हमे इंद्रधनुष भी दिखाई पड़ता है। यह मौसम सिर्फ हमारे मन को खुश नहीं करता है बल्कि वातावरण को और खूबसूरत बना देता है। जमीन की मिटटी पर पड़ने वाली बारिश की बूंदों की वजह से आने वाली सोंधी-सोंधी महक मन को शांत कर देती है। सूखे पेड़ हर-भरे हो जाते है, जिससे आस-पास का नजारा और सुंदर लगता है। ऐसे मौसम में सभी का मन प्रसन्न हो जाता है और गर्मी से राहत भी मिलती है।

वर्षा ऋतु का महत्व (Importance/Advantages Of Rainy Season)

हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है, इसलिए यहाँ वर्षा ऋतु का अलग महत्व होता है। बारिश कृषि अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाती है। अच्छी फसल के लिए किसान बारिश का इंतजार करते हैं। बारिश हमे सिर्फ जीवन और कृषि में मदद नहीं करती है बल्कि बिजली जैसे अहम संसाधन में भी मदद करती है। वर्षा ऋतु में बारिश की वजह से सभी डैम के पानी के स्तर को नियंत्रित किया जाता है ताकि बिना किसी रुकावट के बिजली का उत्पादन हो सके। इतना ही नहीं वर्षा ऋतु में लगातार होने वाली बारिश से धरती का तापमान नियंत्रित रहता है और गर्मी भी कम लगती है। ऐसा माना जाता है पृथ्वी पार जीवन को हमेशा बरकरार रखने के लिए बारिश जरूरी है। क्योंकि मनुष्य, जानवर, पक्षी और पेड़-पौधे सभी के लिए बारिश जरूरी है।

वर्षा ऋतु में क्या करें (Things To Do in Rainy Season)

  • बारिश का मौसम आने से पहले सारी तैयारी कर के रखें।
  • हमेशा छाता, रेनकोट आदि अपने पास रखें।
  • मौसम का आनंद लेने के लिए परिवार के साथ लॉन्ग ड्राइव पर जा सकते हैं।
  • घर पर स्वादिष्ट पकोड़ा और चाय के साथ मौसम का मजा लें।
  • दोस्तों के साथ बाहर बारिश में भींगे और कोई पसंदीदा खेल खेलें।
  • खिड़की के पास बैठकर किताब पड़ते हुए बारिश को एन्जॉय करें।
  • बच्चे अपने लिए कागज के नाव बनाकर बहार बारिश में चलाएं।
  • इस दौरान बेहतरीन यादों को तस्वीरों में कैप्चर करें।
  • परिवार के साथ मिलकर कोई अच्छी सी फिल्म देखें।
  • दोस्तों, रिश्तेदारों जिनसे बहुत दिनों से बात नहीं हुई उनसे बात करें।

वर्षा ऋतु से होने वाले नुकसान (Disadvantages Of Rainy Season)

  • देश में अधिक बारिश होने की वजह से कई जगह बाढ़ की संभावना बढ़ जाती है और सब बहुत नुकसान करती है।
  • उम्मीद से ज्यादा बारिश किसानों की फसलें खराब कर देती हैं और उनकी साल भर की मेहनत बर्बाद हो जाती है।
  • रोड पर खतरा बढ़ जाता है और तेज बारिश की वजह से कई दुर्घटनाएं होती हैं।
  • बारिश स्वास्थ्य पर भी असर डालती है, जिसकी वजह से सर्दी, जुखाम, खांसी आदि जैसी अन्य बिमारियों से हम घिर जाते हैं।
  • भयंकर बारिश के कारण पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन का खतरा बढ़ जाता है।
  • आसमान से बरसने वाले पानी की अधिकतम गति 18 से 22 मील प्रति घंटे होती है।
  • पृथ्वी पर बारिश की सबसे बड़ी बूंदें ब्राजील और मार्शल आइलैंड्स में 2004 में दर्ज की गई थी।
  • समुद्र तट पर होने वाली वर्षा खतरनाक होती है, इससे भयंकर तूफान और चक्रवात आने का खतरा अधिक होता है।
  • बारिश में बादल फटने के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
  • बारिश के दौरान अधिकतर बादलों की ऊंचाई 1800 मीटर से 5500 मीटर तक होती है।
  • बारिश सिर्फ तरल रूप में ही नहीं बल्कि ओले और बर्फ जैसे ठोस रूप में भी धरती पर गिरती है।
  • केरल के कोट्ट्यम क्षेत्र में लाल रंग की बारिश होती है।
  • बारिश की बूंदों को आसमान से धरती तक पहुंचने में लगभग 2 मिनट लगता है।

बारिश का मौसम बहुत ही खूबसूरत मौसम होता है, जो की कई खुशियां लेकर आता है। इस मौसम के कुछ फायदें हैं तो वहीं कुछ नुकसान भी हैं। इस निबंध में यही बताने का प्रयास किया गया है कि बारिश का महत्व तब तक है जब तक वो जरूरत से ज्यादा नहीं होती है। ऐसे में बच्चे भी जानेंगे की बरसात का मौसम यानि की मानसून क्यों खास होता है और आने वाले वर्षा ऋतु के लिए उनको कैसे तैयारी कर के रखनी चाहिए।

1. भारत में सबसे ज्यादा बारिश किस जगह पर होती है?

भारत में मेघालय के मासिनराम में सबसे अधिक बारिश होने का रिकॉर्ड दर्ज किया गया है।

2. भारत में सबसे कम बारिश कहाँ पर होती है?

भारत में ‘लेह’ ऐसा स्थान है जहाँ सबसे कम बारिश होती है  लद्दाख में है।

3. भारत में सबसे पहली बारिश कहाँ पर होती है?

भारत में मानसून सबसे पहले अंडमान-निकोबार में शुरू होता है, उसके बाद केरल में बारिश शुरू होती है।

4. भारत के किस राज्य में ठंड के मौसम में बारिश होती है?

भारत का एक दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में सर्दी के मौसम में वर्षा होती है। यहाँ अक्टूबर से दिसंबर के बीच उत्तर-पूर्वी मानसून या “शीतकालीन मानसून” होता है।

5. पृथ्वी और भारत का सबसे गीला स्थान कौन सा है?

पृथ्वी और भारत का सबसे गीला स्थान मेघालय के मासिनराम को माना जाता है, यहाँ पर वर्षा ऋतु के दौरान औसत 11, 872 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है।

6. वर्षा ऋतु कब शुरू होती है?

भारत में वर्षा ऋतु गर्मी के बाद जुलाई महीने से शुरू होकर सितम्बर तक चलती है।

7. बरसात के पहले कौन सा मौसम आता है?

भारत में वर्षा ऋतु के पहले गर्मियों का मौसम रहता है, जो मार्च से शुरू होकर जून तक रहता है।

8. वर्षा होने का क्या कारण है?

धरती पर मौजूद पानी जो महासागर, नदियों और झीलों व अन्य बड़े स्रोत से पाया जाता है, जब वो पानी सूर्य की गर्मी से वाष्प द्रवित होकर बादल बन जाते तब वर्षा होती है।

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Hindi Essay on “Varsha Ritu”, “वर्षा ऋतु”, Hindi Essay for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

Varsha ritu.

निबंध नंबर :- 01

हर व्यक्ति को अलग-अलग ऋतु पसंद आती है। मेरी प्रिय है – वर्षा ऋतु । मई-जून की चुभती गरमी से धरती तप जाती है, पौधे और जीव झुलस जाते हैं। ऐसे में जुलाई माह में वर्षा सबको प्रसन्न करती है। बादलों की सेना गरजते हुए आकाश में छा जाती है और ठंडी हवाएँ गीत सुनाने लगती हैं। ऐसे में मोर की आवाज़ और उसका नाच देखते ही बनता है।

वर्षा के आने से पूरी धरती नहा उठती है। चारों ओर हरियाली छा जाती है। सड़के भी धुली हुई लगती हैं। तालाबों, नदियों में उमड़-उमड़ कर पानी  बहने लगता है। पेड़ों में नए अंकुर फूटते हैं। मेंढक टर्राते हैं और कई प्रकार के कीड़े भी नजर आने लगते हैं।

वर्षा के बाद सात रंगों का इंद्रधनुष भी आकाश में नज़र आता है। वर्षा में चाय-पकौड़े बहुत स्वादिष्ट लगते हैं।

वर्षा नए जीवन का संदेश ले कर आती है। अधिक वर्षा से कई स्थानों में बाढ़ आ जाती है। कई बीमारियाँ जैसे हैजा भी फैलने लगता है। अत: वर्षा में खाने-पीने का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

मुझे वर्षा में भीगना बहुत अच्छा लगता है।

निबंध नंबर :- 02

भूमिका- सूर्य देवता आग बरसा रहे थे। भूमि गर्मी से जल रही थी। गर्मी के कारण सांस लेना कठिन हो रहा था। वन को झुलसाने वाली लू चल रही थी। पुरवैया चली। कलियों ने आँखें खोली। मोर शोर मचाने लगे। आसमान काले-काले बादलों से घिर गया। वर्षा की बूदें टपकने लगी। देखते-देखते नदी नाले सभी जल से भर गए। वृक्षों पर धूल नजर नहीं आती थी, चारों तरफ हरियाली ही हरियाली दिखाई देने लगी। रात की रानी अपनी मधुर महक से मानव मात्र के मन को मोहित करने लगी। वर्षा का आगमन हो गया। आमों में रस भर गया। जामुन भी रस से भर गई।

वर्षा ऋतु का आरम्भ- वर्षा ऋतु का आरम्भ आषाढ़ मास से होता है। इसे चौमासा भी कहते हैं। ड्रेस ऋतु में लोग यात्रा पर जाना अच्छा नहीं मानते। प्राचीनकाल में साधुजन और राजा आदि भी इस ऋतु में देश भ्रमण या आक्रमण के लिए प्रस्थान नहीं करते थे। यह सत्य है कि यदि वसन्त ऋतुराज है तो वर्षा ऋतुओं की रानी है। वर्षा के बिना जीवन असम्भव है। वर्षा ही खेतों में अनाज पैदा करती है। व, ऋतु का अपना महत्त्व है। वर्षा होने से खेतों की सिंचाई होगी और फसल पैदा होगी। अनाज पैदा होगा, लोग खुशी से झूमेंगे, भरपेट खाएंगे। महंगाई कम होगी। नदी-नाले, सर-सरोवर जल से भर जाएंगे। धरती धुल जाएगी तथा कूड़ा-कचरा बह जाएगा। जलवायु स्वच्छ और पवित्र होगी। आमों में मीठास आ जाएगी। वर्षा न हो तो किसान की सब योजनाएं धरी रह जाती है। विद्युत तो भी पानी से ही उत्पन्न की जाती है। गर्मियों में पानी ही जिन्दगी है और खेती बूड़ी के लिए भी जल परम आवश्यक है। जल के अभाव से खेती हरी भरी नहीं रह सकती। समय पर यदि वर्षा हो जाए तो देश में अन्न का संकट टल जाता है। अच्छी फसल किसान के लिए वरदान सिद्ध होती है।

वर्षा ऋतु जहाँ प्राणी मात्र के लिए वरदान सिद्ध हुई है, वहाँ वर्षा के कारण नगरों, गाँवों में बाढ़ का पानी भर जाता है। जीवन अस्त व्यस्त हो जाता है। यहाँ तक कि यातायात भी प्रभावित हो जाता है। अधिक वर्षा फसलों के लिए हानिकारक है। चारों तरफ गन्दगी फैल जाती है। जल के स्थिर रहने से दुर्गन्ध आती है और अनेक रोग फैलने का भय रहता है।

वर्षा में प्रकृति की रमणीयता- वर्षा ऋतु के आने पर गर्मी का प्रकोप शान्त होता है। किसान बैलों को लेकर खेत में हल जोतने के लिए जाते हैं। वर्षा का स्वागत सभी लोग खुशियों से करते हैं। बच्चे वर्षा ऋतु में गलियों में निकलकर नहाते हैं। वर्षा ऋतु भी चचला जैसी है। वर्षा ऋत में प्रकृति की शोर देखने योग्य होती है। अभी चमकती धूप थी और देखने ही देखने आकाश बादलों से घिर जाता है और छम-छम बारिश होने लगती है। आकाश में बादलों को देखर मोर भी नाचना आरम्भ कर देता है। वर्षा को कारण सब जगह जल ही जल दिखाई देता है। लोग बरसात में बिना छतरी के नहीं निकलते। धूल खतम हो जाती है और ठंडी-ठंडी हवा बहनी शुरू हो जाती है। वर्षा में जुगनू चमकने लगते हैं। वर्षा ऋतु में बादलों से भरे आकाश में सात रंगों का इन्द्र धनुष देखकर चित प्रसन्न हो उठता है। संक्षेप में हम कह सकते हैं कि वर्षा ऋतु का भारतवर्ष में अत्यन्त महत्त्व है। बच्चे उस दिन मां को कहकर खीर और मालपुए बनवाते हैं। वर्षा में खीर खाने का बड़ा महत्त्व है। तीज का त्योहार भी इसी ऋतु में मनाया जाता है। इस त्योहार में स्त्रियां नाचती हैं और बोलियां गाती हैं। परन्तु जैसे ही वर्षा खत्म होती है तो धूप निकल आती है, उमस बढ़ जाती है। शरीर पर चिनगिया सी फूटने लगती हैं जिसे पित्त कहते हैं। ज्येष्ठ-आषाढ़ के दिन घर में बिताने चाहिए और सावन भादों के दिन नदी के किनारे वृक्षों की छाया में। सावन और भादों के इन दो महीनों में झूले पड़ जाते हैं और युवतियां झूला झूलती हुई मधुर कण्ट में गाने लगती हैं। ऋतुओं की रानी वर्षा बच्चों को विशेष प्रसन्नता देती है। वर्षा में चाहे कितने भी दोष हों पर लोग बहुत खुशी मनाते हैं।

उपसंहार- वर्षा में प्रकृति भी नयी दुल्हन के समान सजी हुई होती है (नीला आकाश जोबादलों से घिरा हुआ है, मानो प्रकृति की नीली साड़ी है। इस ऋतु से सब प्रसन्न होते हैं, नहीं प्रसन्न होती तो केवल वियोगिनी। वर्षा ऋतु में पहाड़ों का दृष्य सुन्दर और सुहावना होता है। एक ओर वर्षा और उसके आने से अनेक लोग व्याकुल भी हो जाते हैं। फुटपाथ, सड़कों, जोंपड़ियों और झुग्गियों में जीवन व्यतीत करने वाले निर्धन लोग कठिनाई से अपना जीवन व्यतीत करते हैं। वर्षा के कारण कीचड़ भी हो जाता है और इससे मच्छर भी पैदा होते हैं। अनेक प्रकार के रोग फैलने का भय बना रहता है। अधिक वर्षा से मकान टूटते हैं, पुल बह जाते हैं, सड़कें टूट जाती हैं, यातायात में रुकावट पड़ती है तथा बाढ़ आने से बहुत नुकसान होता है। फसल बह जाती है। पशु मर जाते हैं। घरों की छतें गिर जाती हैं जिससे काफी जानी नुकसान भी होता है।

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वर्षा ऋतु पर निबंध (बारिश का महीना) Rainy Season Essay in Hindi

इस लेख मे बारिश का महीना: वर्षा ऋतु पर निबंध Rainy Season Essay in Hindi हिन्दी मे लिखा गया है। इसमे आप बारिश के महीने का महत्व, उत्साह, सौन्दर्य और मनुष्य के जीवन मे वर्षा ऋतु के महत्व, लाभ-हानी के विषय मे बताया गया है।

Table of Content

प्रस्तावना Introduction (वर्षा ऋतु पर निबंध हिन्दी में)

वर्ष ऋतु क्या होता है.

तारीख के अनुसार 15 जून से 15 सितंबर तक का समय वर्षा ऋतु कहलाता है। भारत में मानसून अरब सागर से उठता है और सबसे पहले केरला राज्य में प्रवेश करता है। फिर यह धीरे-धीरे उत्तरी भारत में पहुंचता है और वर्षा के लिए उत्तरदायी होता है।

भारत के लिए वर्षा ऋतु का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है, क्योंकि भारत एक गर्म जलवायु वाला देश है। यहाँ मार्च, अप्रैल, मई, जून के महीने में काफी गर्मी होती है। मनुष्य से लेकर पशु पक्षी और दूसरे जीव जंतु गर्मी से बेहाल रहते हैं।

वर्षा ऋतू पर निबंध | Essay on Rainy Season in Hindi | Varsha Ritu Nibandh

वर्षा ऋतु: प्रकृति परिवर्तन का प्रतीक

परिवर्तन प्रकृति का विशेष नियम है। वर्षा ऋतु भी परिवर्तन को दर्शाती है। जिस तरह वसंत ऋतु के बाद ग्रीष्म ऋतु आती है, उसी तरह ग्रीष्म ऋतु के बाद वर्षा ऋतु आती है। फिर शीत ऋतु आती है। प्रकृति (कुदरत) कभी किसी एक जगह स्थिर नहीं रहती है। यह हमेशा बदलती रहती है। वर्षा ऋतु समय को भी प्रदर्शित करती है। जिस तरह समय हमेशा बदलता रहता है उस तरह मौसम और ऋतुये भी हमेशा बदलती रहती हैं।

वर्षा ऋतु सुख-दुख के चक्र को दर्शाती है

जिस तरह जीवन में सुख और दुख का चक्र निरंतर चलता रहता है, उसी तरह प्रकृति भी मनुष्य को भिन्न-भिन्न रूपों में सुख और दुख का एहसास कराती रहती है। ग्रीष्म ऋतु आने पर सभी जगह पानी की कमी हो जाती है। गर्मी बढ़ने से लोगों को कहीं भी चैन नहीं मिलता है। वह हमेशा परेशान दिखते हैं। सब लोग बार बार यही कहते हैं कि “गर्मी बहुत है” मनुष्य के साथ पशु पक्षी, गाय, भैंस, बकरियां और दूसरे जीव भी बेहाल हो जाते हैं।

हरी घास मैदानों में उग जाती है। इसे खाकर पशु अपनी भूख मिटाते हैं। इस तरह यदि प्रकृति एक तरफ समस्या उत्पन्न करती है तो दूसरी तरफ उसका समाधान भी खुद ही प्रस्तुत करती है।

वर्षा ऋतु का अनुपम सौंदर्य

नदियाँ, तालाब, झील पानी से भर जाते है। किसान खेती में लग जाते है। खेतों में धान मक्का गन्ना जैसी फसलें लहलहा उठती हैं। गर्मी से राहत मिलती है। जब मौसम अनुकूल होता है तो काम करना भी आसान हो जाता है।

वर्षा ऋतु का महत्व

जिस साल अच्छी वर्षा हो होती है, फसल भी अच्छी होती है। परंतु कई बार सूखा पड़ जाता है जिससे किसानों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है। वर्षा ऋतु से पृथ्वी का भूजल स्तर भी बढ़ जाता है। जिन स्थानों पर सूखे की समस्या होती है, वहां पर भी पानी उपलब्ध हो जाता है। कुएं भी पानी से भर जाते हैं।

वर्षा ऋतु के लाभ

वर्षा ऋतु के बहुत से लाभ है। पेड़-पौधों और वनों के लिए वर्षा ऋतु बहुत लाभदायक होती है। पेड़ों पर नई पत्तियां और फूल आ जाते हैं। उनकी पत्तियां धुल जाती हैं। जो पेड़ पौधे ग्रीष्म ऋतु में पानी की कमी से सूखने वाले थे अब उनमें फिर से नई जान आ जाती है।

वर्षा ऋतु का समय खेती करने के लिए उपयुक्त होता है क्योंकि खेतों को पानी पर्याप्त मात्रा में मिल जाता है। वर्षा ऋतु में गर्मी से राहत मिलती है। मौसम अनुकूल हो जाता है, जिससे सभी लोगों की कार्यक्षमता भी बढ़ जाती है। वर्षा ऋतु में झीलें तालाब और नदियां पानी से भर जाती हैं जिससे बिजली अधिक मात्रा में बनने लगती है।

वर्षा ऋतु का साहित्य में उल्लेख

वर्षा ऋतु एक सुहावनी ऋतु है। इसका उल्लेख साहित्य में अनेक कवियों और लेखकों ने किया है। कालिदास द्वारा रचित गीतिकाव्य “मेघदूत” में यक्ष उमड़ते हुए बादलों को अपना दूत बनाकर अपना संदेश अपनी प्रेमिका को भेजना चाहता है। रामचरितमानस में तुलसीदास ने वर्षा का वर्णन करते हुए लिखा है –

वर्षा काल मेघ नभ छाये । गर्जत लागत परम सुहाये ।। दामिनी दमक रही घन माहीं । खल की प्रीति यथा थिर नाहीं ।।

कवियों ने वर्षा ऋतु पर अनेक कविताएं लिखी हैं। फिल्मों और टीवी सीरियल्स में बारिश के मौसम में नायक और नायिका के रोमांस को विशेष रूप से दिखाया जाता है। भारतीय फिल्मों में बारिश पर हजारों लाखों गाने (गीत) बने हैं जिन्हें हमेशा ही पसंद किया गया है।

वर्षा ऋतु से हानियां

वर्षा ऋतु में नदी, नाले उपर तक बहने लगते हैं, जिसके चारों ओर गंदगी फैलती है । इतना ही नहीं लगातार पानी बरसने से सड़के बार बार गीली हो जाती हैं, जिससे दुर्घटना होने की संभावना बढ़ जाती है। गंदगी बढ़ती है। लोगों को आने जाने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है।

वर्षा ऋतु का विनाशकारी रूप

वर्षा ऋतु में होने वाले त्यौहार और व्रत.

भारत में वर्षा ऋतु का आध्यात्मिक महत्व भी बहुत अधिक है। वर्षा ऋतु में अनेक त्यौहार और व्रत मनाए जाते हैं- शिवरात्रि , आषाढ़ अमावस्या, जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा , देवशयनी एकादशी, चतुर्मास व्रत नियम, गुरु पूर्णिमा , सावन सोमवार व्रत, नाग पंचमी , रक्षाबंधन, कजरीतीज। श्री कृष्ण जन्माष्टमी , गणेश चतुर्थी जैसे त्यौहार मनाये जाते है।

क्या होगा यदि वर्षा ऋतु ना आये?

दोस्तों, क्या आपने सोचा है कि क्या होगा यदि वर्षा ही ना आये। तब पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, मनुष्य सभी प्यास से व्याकुल हो जाएंगे। एक एक बूंद को सभी जीव तरस जायेंगे। बहुत जीव तो काल के गाल में समा जाएंगे। खेती-किसानी चौपट हो जाएगी।

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वर्षा ऋतु पर अनुच्छेद | Paragraph on Rainy Season in Hindi

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प्रस्तावना:

भारत की ऋतुओं में वर्षा ऋतु सबसे सुन्दर और लुभावनी होती है । ग्रीष्म ऋतु की भीषण गरमी के दौरान लोग बड़ी उत्कंठा से इसकी प्रतीक्षा करते हैं ।

ADVERTISEMENTS:

यदि कभी वर्षा ऋतु के आने में कुछ विलम्ब हो जाये, तो लोग मन्दिरों, मरिजदों और गिरजाघ या गुरुद्वारों में जाकर ईश्वर से वर्षा की प्रार्थना करते हैं । कभी-कभी इस हेतु बड़े-बड़े यज्ञों की व्यवस्था की जाती है ताकि, इन्द्र देवता प्रसन्न होकर पृथ्वी पर पानी बरसा दे ।

भीषण गरमी से राहत:

भारत एक गरम देश है । यहाँ ग्रीष्म में भयंकर गरमी पड़ती है इसलिए स्वाभाविक है कि भीषण गरमी के दौरान लोग बेसब्री से बरसात की प्रतीक्षा करें । गरमियों मे पृथ्वी बुरी तरह तप जाती है । नदियाँ और तालाब सूख जाते हैं । कुओं में जलस्तर बहुत नीचे चला जाता है । हर जगह पानी की कमी हो जाती है ।

तेज लू और गर्म धूल भरी ऑधियाँ जीवन को और दुखदाई बना देती हैं । लोग परेशान होकर हाहाकार करने लगते हैं । गरमी के बाद वर्षा आती है । बरसात के आते ही गरमी से राहत मिल जाती है । आसमान मे काली-काली घटायें देखकर हमारा मन मयूर नाच उठता है ।

तपता हुआ सूरज बादलों के पीछे छिपकर बड़ी राहत पहूँचाता है । वर्षा की फुहार से सारा वातावरण खुशी से झूम उठता है । लोग हंसते-गाते और खुशियाँ मनाते दिखाई देते है । युवा, महिलाये और बच्चे नीम या पीपल के वृक्ष की मजबूत टहनी में झूला डालकर लम्बी-लम्बी पेंगे लेते हैं और लोकगीत गाकर वर्षा का स्वागत करते हैं और आनन्द मनाते हैं ।

उनके प्यार भरे गीत सुनने वालों का मन मोह लेते हैं । बच्चे वर्षा की फुहार मे नहाते हैं और किल्लोल करते हैं । तालाबो में पानी भरने लगता है और वहाँ भी पुरुष और बच्चे तैर कर आनन्द मनाते हैं ।

प्राकृतिक छटा:

वर्षा के दौरान प्राकृतिक छटा भी दर्शनीय होती है । वर्षा से नहा कर पृथ्वी एक बार पुन: युवा हो जाती है । चारो ओर हरियाली ही हरियाली दिखाई देती है । बहते पानी की कल-कल हमें बड़ी प्रिय लगती है । जगल में मोर नाचने लगते हैं और पपीहा मधुर रचर में संगीत सुनाता है ।

खेती के लिए महत्त्व:

वर्षा भारतीय खेती की जान है । हमारे देश के बहुत बड़े भू-भाग पर खेती होती है अर्थात् इस क्षेत्र में सिंचाई के साधन उपलब्ध नहीं होते और प्राकृतिक वर्षा पर ही खेती निर्भर करती है । जब कभी मानसून फेल हो जाता है, तो हमें बड़े संकट का सामना करना पड़ता है ।

यदि समय से पर्याप्त मात्रा में वर्षा न हो, तो फसलें सुख जाती है । देश को भंयकर सूखे, अकाल और महामारियों का सामना करना पड़ता है । अत: हमारे लिए वर्षा का विशेष महत्त्व है । वर्षा के अभाव में कुओं और तालाबों मे भी पानी सूखने लगता है, क्योंकि इनमे अन्तत: वर्षा का पानी ही जमा होता है । जब पानी बरसेगा ही नहीं, तो कब तक यहाँ पानी जमा रह पायेगा ।

अत: वर्षा के अभाव में उस खेती पर भी बड़ा बुरा प्रभाव पड़ता है, जहाँ कुओं और तालाबो से सिचाई की व्यवस्था है । वर्षा की कमी से बड़े-बड़े जलाशयो में भी पानी की कमी होने लगती है और उसके कारण जल-विद्युत उत्पादन में कमी हो जाती है । इससे खेतों तथा उद्योंगों के लिए कम बिजली मिलने से संकट और भयावह हो जाता है ।

वर्षा की कठिनाइयाँ:

हर ऋतु की कुछ-न-कुछ कमियां होती हैं अर्थात् प्रत्येक ऋतु में कुछ कठिनाइयां भी होती हैं । वर्षा ऋतु इसका अपवाद नहीं है । इस में अनेक प्रकार के चर्म रोग हो जाते हैं । कभी-कभी शहरों और गाँवों में हैजा फैल जाता है । इस में मक्खी और मच्छर भी बहुतायत से हो जाते हैं ।

मच्छरों से मलेरिया को बढ़ावा मिलता है और हर वर्ष सैकडों लोग जान से हाथ खो बैठते हैं । इस ऋतु में जब वर्षा नहीं होती, तो मौसम बड़ा चिपचिपा हो जाता है । बदन से पसीना नहीं सूखता । हवा में नमी रहती है । ऐसे में सूरज की गर्मी बिल्कुल बरदाश्त नहीं होती, चाहे तापक्रम कम ही क्यो न हो । कभी-कभी तेज वर्षा त्हे कारण जगह-जगह भयंकर बाढ़ आ जाती है, जिससे जन-धन भारी की हानि होती है ।

इस तरह वर्षा ऋतु के अपने लाभ और हानियां है । लेकिन इसके लाभ हानियां की तुलना में कहीं अधिक हैं । अत: हमे वर्षा की थोडी-सी कठिनाइयों को आसानी से झेल कर इसका स्वागत करना चाहिए ।

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Varsha Ritu Essay in Hindi 200 words – वर्षा ऋतु पर निबंध – Rainy season

Varsha Ritu Essay in Hindi 200 words

हिंदी में वर्षा रितु निबंध 200 शब्दों में : भारत में बरसात का मौसम जुलाई की शुरुआत में होता है और सितंबर तक चलता है। यह अत्यधिक गर्मी से बहुत राहत दिलवाता है। पक्षियों, जानवरों, पौधों और मनुष्य सभी बारिश के मौसम का स्वागत करते हैं, क्योंकि यह उन्हें भी यह मौसम बहुत जरूरी राहत देता है| अक्सर लोग वर्षा ऋतू एस्से in hindi for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 की तलाश करते हैं जो की हमने निचे दिया हुआ है| आप इन बसंत के मौसम पर एसेज, anuched, short paragraphs, Composition, Paragraph, Article हिंदी, यानी की निबंध को हिंदी, गुजराती (gujarati), sanskrit, मराठी आदि भाषा के अलावा englis pdf में भी डाउनलोड कर सकते हैं|

बारिश यानी वरशाही हर किसी को पसंद है| निचे बारिश यानी बरसात के मौसम के कुछ निबंध हमने दिए हुए हैं| इसके अलावा आप Short Essay on Sardar Vallabhbhai Patel भी देख सकते हैं

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बरसात पर निबंध

ग्रीष्म ऋतु के पश्चात् ‘वर्षा ऋतु’ आती है। जुलाई और अगस्त के मास में वर्षा का जोर रहता है। वर्षा ऋतु में आकाश पर काली घटायें हर समय छाई रहती हैं। नदी, नाले और तालाब सब पानी से भर जाते हैं। ऐसा प्रतीत होता है, मानो सूखी भूमि के भाग्य उदय हुए हों। भूमि हरे वस्त्र पहन लेती है। इस मौसम में जंगल में मंगल हो जाता है। पक्षी प्रसन्न हो आकाश पर मंडराते हैं। कोकिला राग अलापती है। मेंढक टर्राते हैं। साँप, बिच्छु, कीड़े-मकोड़े भी बड़ी संख्या में बाहर निकल आते हैं। मक्खियाँ डंक मारती हैं। मच्छर सताते हैं। मलेरिया ज्वर एवं अन्य अनेक बीमारियाँ फ़ैल जाती हैं।

वर्षा ऋतू पर निबंध हिंदी में

हमारे देश में प्रत्येक ऋतु का अपना -अपना महत्व है। भीषण गर्मी के चलते तापमान बढने लगता है धरती पर रहने वाला हर प्राणी इस भीषण गर्मी से व्याकुल हो जाता है। तभी वर्ष का मौसम इस तपती गर्मी से राहत दिलाता है वर्षा की बूंदे धरती के बढ़े हुए तापमान को मानो अपने अंदर समा लेती हैं। गरजते हुए मेघ , कडकडाती हुई आसमानी बिजली और घनी काली घटाएं जब अपने पूरे शबाब पर होती है तभी आगमान होता है वर्षा ऋतु का। छम -छम करता हुआ पानी देख सबके चेहरे पर रौनक आ जाती है। सभी ख़ुशी में झूमने लगते हैं। इस मौसम का सभी लुतुफ़ उठाते हैं और वर्षा ऋतु (Varsha Ritu) सबको अच्छी लगती है। बारिश की बूंदों से टकराती हुई ठंडी हवा मानों जन्नत का एहसास दिलाती है चारों तरफ हरियाली छाने लगती है बारिश की बूंदों से पेड़ -पौधे सभी अपनी प्यास बुझा लेते है। इस मौसम में धरती मोहक रूप धारण कर लेती है इस ऋतु में मोर नाचने लगते हैं। किसान ख़ुशी में झुमने लगते हैं। वर्षा बंद होने पर आसमान पर रंग-विरंगे रंगों की एक छड़ी सी बन जाती है जिसे इन्द्रधनुष कहा जाता है सावन के महीने में ज्यादा बारिश होती है सावन मॉस को उत्सव की तरह मनाया जाता है। परन्तु ज्यादा बारिश होने पर नदी -नाले , झीलें , तालाब आदि भर जाते हैं चारों तरफ जल ही जल दिखाई देने लगता है बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है जन जीवन खतरे में पड़ जाता है सड़कें टूट जाती हैं परन्तु वर्षा ना होने पर सूखा पड़ जाता है प्यास के मारे कई पशु -पक्षी मरने लगते हैं फसलें सूख जाती हैं इसीलिए वर्षा का अधिक जा कम होना दोनों ही नुकसानदायक हैं। इन दोषों के चलते हुए भी वर्षा ऋतु (Varsha Ritu) का अपना अलग ही महत्व हैं सभी को इसके आने का बेस्वरी से इंतज़ार रहता है।

वर्षा ऋतु पर निबंध

Short Hindi Essay on Varsha Ritu

कड़कड़ाती गर्मी के बाद जून और जुलाई के महीने में वर्षा ऋतु का आगमन होता है और लोगों को गर्मी से काफी राहत मिलती है। वर्षा ऋतु एक बहुत ही सुहाना ऋतु है। वर्षा ऋतु आते ही लोगों में खासकर के किसानों में खुशियों का संचार हो जाता है। वर्षा ऋतु सिर्फ गर्मी से ही राहत नहीं देता है बल्कि यह खेती के लिए वरदान है। बहुत सारे फसल अच्छी वर्षा पर निर्भर करता है। अगर अच्छी वर्षा नहीं हुई तो ज्यादा उपज नहीं हो पाएगा, जिससे लोगों को सस्ते में अनाज नहीं मिल पाएगा। वर्षा ऋतु भारत के बहुत सारे जगह पर पानी की किल्लत को दूर करता है। बहुत सारे लोग ऐसी जगह है जो पानी की कमी से जूझते रहते हैं। वर्षा होने से तालाबों में, नहरों में पानी भर जाता है और लोगों को खुलकर पानी का इस्तेमाल करने का मौका मिलता है। बारिश होते ही चारों ओर हरियाली छा जाती है, पेड़ पौधे तेजी से बढ़ते हैं और वातावरण खुशनुमा हो जाता है। ज्यादा बारिश सिर्फ खुशियां ही नहीं लाता है बल्कि कभी-कभी जल प्रलय का कारण भी बनता है। कई जगह बहुत ज्यादा बारिश होने की वजह गाँव के गाँव डूब जाते है और जन-धन की हानि भी होती है। बहुत ज्यादा बारिश होने के कारण बहुत सारे खेत डूब जाते हैं और उसमें लगे फसल भी नष्ट हो जाते हैं। तेज आंधी तूफान में बहुत सारे घर गिर जाते हैं और बहुत से जानमाल को नुकसान पहुंचता है। तेज बारिश के कारण यातायात में भी असुविधा का सामना करना पड़ सकता है। बारिश की ऋतु में रोगों के संक्रमण की संभावना अधिक हो जाती है और लोग अधिक बीमार पड़ने लगते हैं। इसलिए इस ऋतु में लोगों को सावधानी से रहना चाहिए और बारिश का मजा लेना चाहिए और जहां तक हो सके बारिश के पानी को संचित करने का उपाय ढूंढना चाहिए। यह एस्से 300 words का है|

Rainy season essay in Hindi

हमारे देश में चार मुख्य ऋतुओं में वर्षा ऋतु एक है। यह ऐसी ऋतु है जो लगभग सभी लोगों की पसंदीदा होती है क्योंकि झुलसा देने वाली गर्मी के बाद ये राहत का एहसास लेकर आती है। वर्षा ऋतू जुलाई से शुरू होती है अर्थात सावन भादों के महीनों में होती है। यह मौसम भारतीय किसानों के लिए बेहद ही हितकारी एवं महत्वपूर्ण है। हमारे देश में चार मुख्य ऋतुओं में वर्षा ऋतु एक है। यह ऐसी ऋतु है जो लगभग सभी लोगों की पसंदीदा होती है क्योंकि झुलसा देने वाली गर्मी के बाद ये राहत का एहसास लेकर आती है। वर्षा ऋतू जुलाई से शुरू होती है अर्थात सावन भादों के महीनों में होती है। यह मौसम भारतीय किसानों के लिए बेहद ही हितकारी एवं महत्वपूर्ण है। वर्षा ऋतू में आकाश में बादल छा जाते हैं, वे गरजते हैं और सुंदर लगते हैं। हरियाली से धरती हरी-हरी मखमल सी लगने लगती है। वृक्षों पर नये पत्ते फिर से निकलने लगते हैं। वृक्ष लताएँ मानो हरियाली के स्तम्भ लगते हैं। खेत फुले नहीं समाते, वास्तव में वर्षा ऋतु किसानों के लिये ईश्वर के द्वारा दिया गया एक वरदान है। वर्षा ऋतू में जीव जन्तु भी बढ़ने लगते हैं। ये हर एक के लिये शुभ मौसम होता है और सभी इसमें खुशी के साथ ढ़ेर सारी मस्ती करते है। इस मौसम में हम सभी पके हुये आम का लुफ्त उठाते है। वर्षा से फसलों के लिए पानी मिलता है तथा सूखे हुए कुएं, तालाबों तथा नदियों को फिर से भरने का कार्य वर्षा के द्वारा ही किया जाता है। इसीलिए कहा जाता है कि जल ही जीवन है। वर्षा ऋतु का आनंद लेने के लिए लोग पिकनिक मनाते हैं। गांवों में सावन के झूलों पर युवतियां झूलती हैं। वर्षा ऋतु में ही रक्षा बंधन, तीज आदि त्योहार आते हैं। यदि वर्षा बहुत अधिक हो तो बाढ़ भी आ जाती है जिससे बहुत नुकसान होता है। इस ऋतु में अनेक बीमारियां भी फैल जाती हैं। इसके कारण डायरिया, पेचिश, टाईफॉइड और पाचन से संबंधित परेशानियाँ सामने आती है। मानव जीवन में जल का अत्यंत महत्व है। इसीलिए अच्छी वर्षा के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाने चाहिए ताकि हमारा पर्यावरण स्वच्छ और हरा भरा बना रहें। हमें वर्षा के जल को भी संचित करके रखना चाहिए ताकि हमें कभी सूखे का सामना ना करना पड़े।

वर्षा ऋतू एस्से इन संस्कृत

वर्षा ऋतु पर निबंध संस्कृत में: वसन्तः रमणीयः ऋतुः अस्ति । इदानीं शीतकालस्य भीषणा शीतलता न भवति । मन्दं मन्दं वायुः चलती । विहंगाः कूजन्ति । विविधैः कुसुमैः वृक्षाः आच्छादिताः भवन्ति । कुसुमेषु भ्रमराः गुज्जन्ति । धान्येन धरणी परिपूर्णा भवति । कृषकाः प्रसन्नाः दृश्यन्ते । कोकिलाः मधुरं गायन्ति । आम्रेषु मज्जर्यः दृश्यन्ते । मज्जरीभ्यः मधु स्रवति ।

हिन्दी अनुवाद :

वसन्त एक सुन्दर ऋतु है । इस समय शीत काल की तरह भीषण ठंडा नहीं रहता है । धीरे-धीरे हवा वहती है । पनी गाते है । विभिन्न प्रकार के फूलों से वृक्ष भर जाते हैं । फूलों पर भौरा गुंजते हैं । पृथ्वी धान से भर जाता है । किसान प्रशन्न रहते हैं । कोयल मधुर गाते है । आमों में मंजर देखे जाते है । मजरों से मधु तैयार होता है ।

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निबंध : मेरा प्रिय मौसम वर्षा

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Rainy Season Essay In Hindi | निबंध : मेरा प्रिय मौसम वर्षा

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  • Hindi Grammar /

Varsha Ritu Par Nibandh: जानिए वर्षा ऋतू पर परीक्षाओं में पूछे जाने वाले निबंध

varsha ritu essay in hindi class 7

  • Updated on  
  • जनवरी 11, 2024

Varsha Ritu Par Nibandh

भारत में वर्षा ऋतु आम तौर पर जुलाई में दक्षिण पश्चिम मानसूनी हवाओं की शुरुआत के साथ शुरू होती है। हवाओं में यह मौसमी बदलाव हिंद महासागर से नमी युक्त हवा लाता है, जिसके परिणामस्वरूप व्यापक वर्षा होती है। बारिश नदियों, झीलों और जलाशयों जैसे जल स्रोतों को फिर से भरने में मदद करती है। छोटे बच्चों से लेकर बड़े लोगों तक सभी वर्षा ऋतु के लिए उत्साहित रहते हैं। वर्षा ऋतु के महत्व के बारे में जानकारी प्रत्येक विद्यार्थी को होनी चाहिए। इसलिए कई बार वर्षा ऋतु पर निबंध लिखने को दिया जाता है। Varsha Ritu Par Nibandh के बारे में जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें। 

This Blog Includes:

वर्षा ऋतु पर निबंध सैंपल 1, वर्षा ऋतु पर निबंध सैंपल 2, भारत में वर्षा ऋतु , वर्षा ऋतु का महत्व, वर्षा ऋतु के दिनों का अनुभव, वर्षा ऋतु पर निबंध पर 10 लाइन्स .

भारत में बरसात का मौसम जुलाई में दक्षिण पश्चिम मानसूनी हवाओं के आगमन के साथ शुरू होता है। हिंदी में यह आषाढ़ और सावन के महीनों में आता है। वर्षा ऋतु के समय लोग ठंडे, साफ वातावरण और बारिश के कारण हुए ताज़ा बदलाव का आनंद लेते हैं। वर्षा ऋतु हरी-भरी हरियाली आंखों को सुकून देती है। जिसमें चिलचिलाती गर्मी के बाद प्राकृतिक पानी की बदौलत पौधे, पेड़ और घांस बहुत सुहावनी लगती हैं।

यह सीज़न हमारे कुछ पसंदीदा त्योहारों के उत्सव का भी प्रतीक है, जैसे कि रक्षा बंधन, 15 अगस्त, तीज और भी बहुत कुछ। बरसात के मौसम का एक आनंद विभिन्न प्रकार के ताजे फलों और पके आमों का आनंद लेना है। हम इन क्षणों और हमारे चारों ओर मौजूद जीवंत हरे परिदृश्य का आनंद केवल वर्षा ऋतु में ही ले सकते हैं। 

इस बात को और भी खास बनाती है वह है बारिश के दौरान हमारी माताओं का हमारे लिए तैयार किया गया स्वादिष्ट खाना। पकौड़े जैसे स्नैक्स से लेकर इडली, हलवा जैसे व्यंजन और चाय और कॉफी जैसे आरामदायक पेय पदार्थ तक, बारिश का मौसम न केवल आनंद लाता है, बल्कि एक नया स्वाद भी लाता है जो आनंद को और भी अधिक बढ़ा देता है।  

Varsha Ritu Par Nibandh सैंपल 2 नीचे दिया गया है-

कई लोगों को, बरसात का मौसम पसंद है क्योंकि यह गर्मी से राहत दिलाता है। इस मौसम में मुझे ख़ुशी और ठंडक महसूस होती है। भारत में, विशेष रूप से किसानों के लिए, बारिश का मौसम महत्वपूर्ण है, और वे स्वस्थ फसल पाने के लिए अच्छी बारिश के लिए भगवान इंद्र की पूजा करते हैं। बारिश पृथ्वी पर सभी जीवित चीजों – पौधों, पेड़ों, जानवरों, पक्षियों और मनुष्यों के लिए एक जीवन रेखा की तरह है।

जब बारिश का मौसम आता है तो ऊपरी मंजिल या छत पर जाकर बारिश में भीगने में मजा आता है। हम में से कई बारिश में नाचते और गाते हुए बहुत अच्छा समय बिताते हैं। कभी-कभी, स्कूल के दिनों में भी, हम स्कूल जाते समय या स्कूल बस में बारिश में नहा लेते हैं। स्कूल में शिक्षक हमें कहानियाँ और कविताएँ सुनाकर बरसात के मौसम को और अधिक मनोरंजक बनाते हैं।

स्कूल के बाद बच्चे अक्सर बारिश में खेलने के लिए बाहर जाते हैं। पूरा वातावरण हरियाली से जीवंत हो जाता है और सब कुछ ताज़ा और सुंदर दिखता है। वर्षा जल सभी जीवित चीजों के लिए एक पुनर्जीवन शक्ति की तरह है। यह आनंद का समय है जो दुनिया में नया जीवन लाता है। किसानों के लिए वर्षा का पानी अमृत की तरह होता है क्योंकि ये उनके खेत की फसलों के लिए आवश्यक है। 

वर्षा ऋतु पर निबंध सैंपल 3

Varsha Ritu Par Nibandh सैंपल 3 नीचे दिया गया है:

बरसात के दिन विशेष होते हैं और अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग मायने रखते हैं। लोग विभिन्न कारणों से बारिश के मौसम का बेसब्री से इंतजार करते हैं। वर्षा ऋतु  सभी लोगों के लिए राहत की अनुभूति लेकर आती है। मौसम चाहे जो भी हो, बरसात का दिन हमारी आत्मा को आराम और सुकून देता है। हर कोई, उम्र की परवाह किए बिना, बरसात के दिनों में आनंद पाता है। इसलिए, बरसात के दिन कई कारणों से बहुत महत्व रखते हैं। 

भारत में वर्षा ऋतु, जिसे दक्षिण-पश्चिम ग्रीष्मकालीन मानसून के रूप में जाना जाता है, पूरे देश में लगभग चार महीने मध्यम से भारी वर्षा लाती है। यह मानसून दक्षिणी हिंद महासागर में उत्पन्न होता है। वहाँ भूमध्यरेखीय व्यापारिक हवाएँ एक उच्च दबाव क्षेत्र बनाती हैं। दक्षिण एशिया में गर्म जलवायु के कारण, एक कम दबाव का क्षेत्र विकसित होता है, और हवाएँ दक्षिण-पश्चिम से मुख्य भूमि भारत में नमी ले जाती हैं।

भारतीय मानसून दो भागों में आता है- अरब सागर का मानसून और बंगाल की खाड़ी का मानसून। अरब सागर का मानसून पश्चिम भारत में थार रेगिस्तान को कवर करता है और बंगाल की खाड़ी के मानसून से अधिक मजबूत होता है।  बंगाल की खाड़ी का मानसून भारत के पूर्वी तट के साथ-साथ चलता है, जो उत्तर में भारत-गंगा के मैदानों तक पहुँचने से पहले ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और पूर्वोत्तर राज्यों से होकर गुजरता है।

जैसे-जैसे मानसून आगे बढ़ता है, देश ठंडा हो जाता है और समय के साथ मानसून कमजोर हो जाता है। अगस्त के मध्य तक यह उत्तर भारत से पीछे हटना शुरू कर देता है। मुंबई में आमतौर पर 5 अक्टूबर तक मानसून समाप्त हो जाता है, और भारत में नवंबर के अंत तक मानसून का मौसम समाप्त हो जाता है।

जैसा की पहले बताया गया है, सभी उम्र के लोग बरसात के दिनों का आनंद लेते हैं, और बच्चे अक्सर वर्षा ऋतु बारे में सबसे अधिक उत्साहित होते हैं। बरसात के दिन सुहाना मौसम लेकर आते हैं जो बच्चों का उत्साह बढ़ा देता है। यह उन्हें बाहर जाने, बारिश में खेलने, पोखरों में कूदने और यहां तक कि कागज की नावें बनाने का अवसर प्रदान करता है।

छात्रों के लिए, बरसात का दिन स्कूल से छुट्टी के समान होता है, जिससे सामान्य दिनचर्या से राहत मिलती है क्योंकि स्कूल अक्सर छुट्टी घोषित कर देते हैं। शुरुआत में बारिश में स्कूल जाने और फिर पता चले कि स्कूल बंद है, इसका आनंद एक अनोखा अनुभव है। छात्र इस समय का लाभ आराम करने और विभिन्न गतिविधियों में शामिल होने के लिए उठाते हैं, जैसे की दोस्तों के साथ समय बिताना।

आम व्यक्ति के नजरिए से बरसात के दिनों को देखने पर हम देखते हैं कि यह किस तरह गर्मी से राहत देता है, मूड ठीक करता है और दैनिक जीवन सुख लेकर आता है। सरल शब्दों में, बरसात के दिन जीवन के तनावों के बीच तरोताजा होने का मौका देते हैं।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम देखते हैं कि बारिश के दिन किसानों के लिए बहुत महत्व रखते हैं। वे फसल उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वर्षा ऋतु फसलों को पनपने के लिए आवश्यक पानी प्रदान करती हैं, जिससे अंततः किसानों को लाभ होता है।

बरसात के दिनों के बारे में सोचने से हमारे मन में विशेष यादें ताजा हो जाती हैं और बचपन का एक विशेष अनुभव हमारे कईओं के दिल के सबसे करीब है। हमें वो दिन याद है जब हमारे शिक्षक हमारी परीक्षा लेने वाले होते थे, और अचानक भारी बारिश होने लगती थी।

बचपन के समय सुबह सुबह जागने पर हमें पता चलता था की भारी बारिश के कारण स्कूल बंद कुछ दिनों तक बंद रहेगा।

जब हम यह खबर सुनते थे तो हमें बहुत खुशी होती थी।  अपने पिता के साथ घर लौटते हुए, हम जल्दी से आरामदायक कपड़े पहने और अपनी छत पर जाकर बारिश का आनंद लेते थे।  हमने अपने भाई-बहनों के साथ खेलकर बहुत अच्छा समय बिताया और हमने कागज की नावें भी बनाईं।  उसी समय हमें पता चलता था कि मां प्याज के पकौड़े बना रही थीं। हमेशा पकौड़ों के साथ में चटनी भी बनाई जाती थी। बारिश को देखते हुए हमने स्वादिष्ट पकौड़ों का स्वाद लेते थे।  यह हमारे लिए सबसे यादगार बरसात के दिनों में से है। 

इसमें कोई संदेह नहीं है कि वर्षा ऋतु साल को सबसे सुखद और महत्वपूर्ण समय है, खासकर ऐसे देश के लिए जहां कृषि अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।  यह मौसम न केवल प्राकृतिक रूप से उपलब्ध मीठे पानी के स्रोतों को ताज़ा करता है बल्कि हमारे ग्रह पर जीवन को भी पुनर्जीवित करता है। पृथ्वी पर जीवन के लिए पानी एक मूलभूत आवश्यकता है और इसकी एक बड़ी मात्रा वर्षा ऋतु के दौरान होने वाली बारिश से आती है।  गीले या बरसात के मौसम के बिना, पृथ्वी के कई हरे-भरे क्षेत्र जल्दी ही रेगिस्तान में बदल जाएंगे, जहां जीवन का बहुत कम या कोई संकेत नहीं होगा।

Varsha Ritu Par Nibandh जानने के बाद अब वर्षा ऋतु पर निबंध पर 10 लाइन्स भी जान लेते हैं, जो नीचे दी गई हैं-

  • बरसात का मौसम ठंडी हवा और ताज़गी भरी बारिश के साथ सुखद मौसम लेकर आता है।
  • किसानों के लिए बीज बोने और फसलों की वृद्धि शुरू करने का यह आदर्श समय है।
  • स्कूल की छुट्टियों के कारण बच्चे इस मौसम को पसंद करते हैं, जिससे यह साल का उनका पसंदीदा समय बन जाता है।
  • हालाँकि, बरसात का मौसम पानी से होने वाली बीमारियों का खतरा भी लेकर आता है।
  • इस दौरान जल निकायों को पर्याप्त वर्षा जल प्राप्त होता है, जो उनकी पुनःपूर्ति में योगदान देता है।
  • बारिश और बिजली गिरने के कारण लोग अक्सर सुरक्षा के लिए घर के अंदर रहना पसंद करते हैं।
  • वर्षा ऋतु परिवार के साथ सुखद समय बिताने का बेहतरीन मौका देती है।
  • मौसम का आनंद बढ़ाने के लिए लोग पकोड़े, हलवा और इडली जैसे विभिन्न व्यंजन बनाते हैं।
  • वर्षा ऋतु हमें विभिन्न प्रकार के फल, फूल और सब्जियाँ उपहार में देती है।
  • गणेश पूजा, रक्षाबंधन और स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) जैसे कई सारे त्यौहार इसी मौसम में आते हैं।
   
   

वर्षा ऋतु विभिन्न कारणों से महत्वपूर्ण है, विशेषकर कृषि क्षेत्रों में, क्योंकि यह फसलों के लिए आवश्यक पानी प्रदान करती है।  यह मीठे पानी के स्रोतों को भी भर देती है और ग्रह पर जीवन को फिर से जीवंत करती है।

वर्षा ऋतु की अवधि अलग-अलग हो सकती है, लेकिन कई क्षेत्रों में, यह लगभग चार महीने तक चलती है, जिससे हल्की से भारी वर्षा होती है।

लोग अक्सर इनडोर गतिविधियों में संलग्न रहते हैं, परिवार के साथ समय बिताते हैं, पकोड़े जैसे विशेष व्यंजन पकाते हैं और ठंडे मौसम का आनंद लेते हैं। किसान इस समय का उपयोग बीज बोने में करते हैं।

हाँ, वर्षा ऋतु पानी के कारण होने वाली बीमारियाँ और बाढ़ या परिवहन व्यवधान का खतरा ला सकती है। हालाँकि, इसके लाभ आमतौर पर कमियों से अधिक होते हैं।

आशा है कि आपको इस ब्लाॅग में Varsha Ritu Par Nibandh के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी प्रकार के अन्य कोर्स और सिलेबस से जुड़े ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें। 

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वर्षा ऋतु पर निबंध (Rainy Season Essay In Hindi)

प्रकृति को चिर सहचरी रही है। सृष्टि के आरम्भ से मानव प्रकृति की शुद्ध, सात्विक ममतामयी क्रोड में आन्द्भूति करता रहा है। प्रकृति ने इसे मस्त हवाओं के पालने में झुलाया है।पक्षियों का मधुर संगीत सुनाया है, चंद्रिका सुधा में स्नान कराया है।

दोस्तो मौसम कोई भी हो पर वर्षा ऋतु ही एक ऐसा मोसम है जिसमे आपको इंद्रधनुष के भी दर्शन हो जाते है।और सच मानिए इसको देखकर ऐसा लगता है, मानो प्रकृति का वो सुंदर दृश्य है जिसे देखने के लिए ही हम इस मौसम का इंतजार कर रहे थे।

शरद ऋतु में पुष्प खिलने लगते है, प्रकृति रूपसी बनकर ऋतुचक्र को घुमाती हैं, तब थिरकती हुई हेमंत ऋतु के दर्शन होते है। वह भी अपनी पूर्ण लीलाएं प्रस्तुत करती है। इस प्रकार ऋतुचक्र उप्परलिखे महीनों के अनुसार चलता रहता है।

बिजली के प्रकोप से कभी-कभी अनेक मनुष्य की अकाल मृतु हो जाती है। सड़को पर जल और कीचड़ होने के कारण घर से बाहर निकलना या एक स्थान से दूसरे स्थान जाना बड़ा कठिन हो जाता है। बच्चे खेल कूद भी नही कर पाते है। रातों मद मच्छरों के कारण नींद भी नहीं आती है। सच तो यह हैं कि जहां वर्षा से सुख है वही दुख भी है।

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वर्षा ऋतु पर निबंध- Varsha Ritu Nibandh In Hindi For all Class

वर्षा ऋतु पर निबंध (Varsha Ritu Nibandh In Hindi) 100 150 200 250 300 400 500 600 800 100 शब्द in Hindi for Class 2 3 4 5 6 7 8 9 10 std: इस लेख में हम वर्षा ऋतु पर निबंध 100 200 300 400 500 600 1000 शब्दों में शेयर कर रहें हैं जो कि बहुत सी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। इस page पर वर्षा ऋतु पर लिखे गए सभी निबंध बहुत ही सरल भाषा में लिखे गए हैं जो कि किसी भी class 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 और 12 सभी के द्वारा उपयोग किये जा सकते हैं। इन सभी निबंध में हमने वर्षा ऋतु के प्रत्येक पहलू पर विस्तार से प्रकाश डालने पर बल दिया है। आप इन निबंधों को पढ़ने के बाद के वर्षा ऋतु क्या होती है, क्यों होती है, विश्व भर में वर्षा ऋतु की का समय, इसके लाभ और हानियों के बारे में जान पाएंगे। यह लेख पढने के बाद अपने मन से भी वर्षा ऋतु पर निबंध लेख सकते हैं। वर्षा ऋतु पर इस तरह के सरल और आसानी से लिखे गए निबंध का उपयोग करके अपने बच्चों को इस मौसम के बारे में जानकारी देने में मदद करेंगे। अगर आपके बच्चे छोटी कक्षा में पढ़ते हैं तो आप उनके अनुसार इनमे से किसी भी वर्षा ऋतु पर निबंध (Varsha Ritu Nibandh In Hindi) को चुन सकते हैं।

Varsha Ritu Nibandh In Hindi For all Class

वर्षा ऋतु पर निबंध- Essay on Rain in hindi

वर्षा ऋतु का मौसम हर किसी को अच्छा लगता है। यह एक ऐसा मौसम जिसने लगभग सभी के दिलों में जगह बनायी हुई है। क्योंकि यह मौसम तेज तपती हुई गर्मियों के बाद आता है। आपको बता दें कि जिस मौसम में सबसे अधिक बारिश होती है उसे वर्षा ऋतू कहा जाता है। यह मौसम भारत के अधिकांश हिस्सों में जून के अंत में शुरू होता है और सितंबर तक चलता है। हलाकि देश के अलग-अलग स्थानों पर वर्षा की मात्रा और समय अलग-अलग होती है। बारिश किसी भी स्थान पर वहां के भूगोल हवा के पैटर्न और अन्य जलवायु तत्वों पर निर्भर करता है। भारत के अधिकांश हिस्सों में वर्षा ऋतु तीन महीने तक रहती है। जबकि कुछ स्थानों पर सालभर वर्षा होती है और कहीं पर साल भर सूखा रहता है। वर्षा एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन होती है जो कि कृषि, फलो, फूलो और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए बहुत आवश्यक होती है।

वैसे आपको बता दें कि वर्षा न ज्यादा अच्छी होती है और न कम। मध्यम बारिश सबसे अच्छी होती है। अगर वर्षा ज्यादा हो जाती है तो बहुत से हिस्सों में बाढ़ आ जाती। और अगर कम बारिश होती है तो इससे फसल ख़राब हो सकती है और यह वनस्पति के लिए भी नुकसान का कारण बनती है। सीधे शब्दों में कहें तो धरती पर जीवन के लिए वार्षिक वर्षा ऋतु बहुत जरुरी है। जब वर्षा ऋतु शुरू होती है तो हर तरफ हरे-भरे नजारे, धूमिल वातावरण नजर आता है और महकती मिटटी भी आती है। वर्षा सभी मौसम से सबसे रोमांचक होती है क्योंकि इस दौरान सभी जीव-जन्तुओं का आनंद में होते हैं। बर्षा ऋतू न सिर्फ कृषि, जलवायु और अर्थव्यवस्था के लिए जरुरी है बल्कि इससे वृक्षों, फूलों और पौधों की भी वापसी होती है। एक संतुलित पर्यावरण के लिए वर्षा ऋतु बहुत महत्वपूर्ण है।यह पृथ्वी को साफ बनाने में मदद करती है क्योंकि यह प्रदूषण और धूल को कम करती है। इस दौरान बारिश के पानी से नदियों, झीलों और तालाबों में पानी भर जाता है, जो कि पीने के पानी के उपयोग की जाती हैं।

वर्षा ऋतु पर निबंध 100 शब्द- Varsha Ritu Essay In Hindi 50 & 100 Words

मुझे बारिश का मौसम सबसे ज्यादा अच्छा लगता है। यह हमेशा से मेरा सबसे पसंदिता और सबसे अच्छा मौसम है। वर्षा का मौसम सभी 4 मौसम में से सबसे ज्यादा सुहावना होता है जो गर्मियों के मौसम के बाद आता है। तेज गर्मी के बाद बारिश का यह मौसम बहुत अधिक ठंडक देता है। मैं गर्मियों के मौसम में बहुत परेशान हो जाता हूँ क्योंकि बहुत गर्मी से हवा गर्म हो जाती है और इसमें त्वचा संबंधित कई समस्याओं के कारण मुझे अच्छा नहीं लगता। जब वर्षा का मौसम शुरू होता है तो मेरी सारी समस्याएं से खत्म हो जाती हैं। वर्षा का मौसम जुलाई (श्रावण हिंदी माह) में शुरू होता है और तीन महीनो तक चलता है। यह मौसम सबके लिए अच्छा होता है और हर कोई इसे पसंद करते हैं। इस मौसम में हम प्राकृतिक रूप से पके मीठे आम का स्वाद लेते हैं। इसके अलावा इस मौसम में बहुत उत्साह से कई भारतीय त्योहारों को भी मनाते हैं।

निबंध वर्षा ऋतु 150 200 शब्दों में- Short Essay on Rainy Season 150-200 words

भारत में वर्षा ऋतु जुलाई में शुरू होती है जब दक्षिण पश्चिमी मॉनसून की हवाएं चलने लगती है। हिंदी महीनों के अनुसार वर्षा ऋतू आसाढ़ और श्रावण में आती है। ताज़ी हवा और और बारिश के पानी के कारण पर्यावरण एक दम शुद्ध और साफ़ हो जाता है। सूर्य की गर्मी के बाद लंबे समय बाद प्राकृतिक जल प्राप्त करने से पौधे, पेड़ और घास बहुत हरे-भरे हो जाते हैं। हर तरह पर्यावरण हरियाली देता है जो आँखों को बहुत सुकून देता है।

वर्षा ऋतु में मेरे कई पसंद के त्यौहार जैसे रक्षा बंधन, 15 अगस्त, तीज आदि होते हैं। इस मौसम में हम कई सारे ताजे फल और पके हुए आम खाते हैं। जब बारिश होती है तो हमारी माँ हमारे लिए गरमागरम पकोड़े बनाती हैं। इसके साथ हम बारिश में इडली, हलवा, चाय, कॉफी, सैंडविच आदि का भी आनंद लेते हैं।

इसलिए बारिश का मौसम मुझे बहुत अच्छा लगता है। मेरे ख्याल से, मैं जैसे ही जितना अधिक वर्षा को पसंद करता हूँ शायद ही कोई करता होगा। यह मौसम मुझे बेहद सुखद अनुभव देता है और इस दौरान मैं बहुत खुश रहता हूँ।

बारिश का मौसम तेज गर्मी के बाद आता है जो कि खासकर किसानो को बहुत खुश कर देने वाला होता है। इस दौरान भगवान् इंद्र की पूजा सकते हैं। वर्षा ऋतु सभी जीवों को एक नई जिंदगी प्रदान करते हैं जैसे कि पौधे, वृक्ष, घास, पशु, पक्षी, मानव आदि। सभी बारिश की रिमझिम बूंदों में भीगने का आनंद लेते है।

मैं भी बारिश के मौसम में पर छत जाकर भीगने का मजा लेता हूँ। मेरे दोस्त और मैं बारिश के पानी में नाचते हैं और गाने गाते हैं। कभी-कभी हम बारिश के दौरान स्कूल बस में होते है और उसके बाद हम अपने शिक्षकों के साथ भी बहुत मस्ती करते हैं। हमारे शिक्षक हमें वर्षा ऋतु के कहानियां और कविताएं सुनाते जो हमें बहुत अच्छी लगती हैं। घर आकर हम फिर से बाहर निकलकर वर्षा के पानी में खेलते हैं। वर्षा ऋतू हर किसी के लिए सुहावनी होती है और यह धरती पर हर प्राणी को नया जीवन देती है।

वर्षा ऋतु पर निबंध 250, 300 शब्द- Essay on Benefits of Rainy Season 250 300 words

वर्षा ऋतु भारत में जुलाई माह से शुरू होती है और सितंबर के अंत तक चलती है। असहनीय गर्मी के बाद सबको इस ऋतु की एक नई उम्मीद और बड़ी राहत मिलती है। पौधे, पेड़, पक्षी, जानवर समेत मानव बहुत उत्साह से इस ऋतु का स्वागत करते हैं और इसके लिए तैयार हो जाते हैं। हर किसी को राहत और सुख की श्वास लेने का मौका मिलता है। आसमान बहुत चमकदार, साफ और हल्के नीले रंग का दिखता है और कभी-कभी सात रंगों का इंद्रधनुष दिखता है। पूरा माहौल बहुत आकर्षक और सुंदर दिखता है। मैं बारिश में हरे भरे नजारों को अपने मोबाइल के कैमरे में यादे बनाने के लिए रख लेती हूँ। इस मौसम में आसमान में सफेद, भूरे और काले रंग के बदलो का संगम चलता रहता है। हमारे आसपास के सभी पेड़ हरे भरे और नये पत्तो से ढक जाते हैं और आसपास के पार्क भी हरे घास से भर जाते हैं। इसके अलावा सभी प्राकृतिक जल संसाधन जैसे नदी, तालाब, झील और कुए भी पानी से भर जाते हैं।

हमारे देश के प्रमुख त्यौहार जैसे राखी, तीज, और दशहरा आदि इसी सीजन के दौरान पड़ते हैं। इस मौसम में मन बहुत शांत होता है और शांत मन से वर्षा ऋतू के पानी को देखना बड़ा ही मनमोहक होता है। यही सीजन में भारत के कई हिस्सों में मौसम सुहावना मौसम, भूमि उपजाऊ और वातावरण सुखद हो जाता है। इस सीजन में बच्चे कुछ खास तरह के खेल खेलते हैं जैसे छत पर बारिश में खेलना, नाव बनाना, जहाज बनाना आदि। बच्चो को इस मौसम में पानी में खेलने में बहुत मजा आता है।

वर्षा ऋतू का मौसम बहुत ही सुखद होता है जो कि हर किसी के मन को अच्छा लगता है। इस ऋतू में मन भी बहुत ताजा हो जाता है और गरम चीज़े खाने का बहुत मन करता है। लेकिन इस मौसम में हमें अपने स्वास्थ्य और स्वच्छता का भी ख़याल ज्यादा रखना होता है क्योंकि इस मौसम हम बहुत जल्दी बीमार पड़ सकते हैं।

वर्षा ऋतु पर निबंध 400 500 शब्दों में लाभ और हानि के साथ (varsha ritu nibandh in Hindi)

वर्षा ऋतु का मौसम भारत की 4 ऋतुओं में से एक है। बारिश का मौसम हर साल गर्मियों के मौसम के बाद विशेष रूप से जुलाई के महीने में शुरू होता है और सितंबर में समाप्त होता है। जब ग्रीष्म ऋतु में बहुत अधिक गर्मी होती है तो समुद्र, नदी आदि जल संसाधनों का जल वाष्प के रूप में आकाश में ऊपर चला जाता है। आकाश में वाष्पित जल एकत्रित होकर बादल बनते है जो कि बारिश करवाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। जब बादल आपस में टकराते हैं या घर्षण करते है तो बिजली चमकती है और फिर बारिश शुरू होती है।

वर्षा ऋतु के फायदे और नुकसान

वर्षा ऋतु के लाभ

बारिश का मौसम हर किसी को पसंद आता है यह सूरज की तपती गर्मी से बहुत राहत देता है। यह वातावरण की पूरी गर्मी को दूर करके ठंडक प्रदान करता है। यह मौसम ख़ास रूप से पेड़ पौधों, घासों, फसलों, सब्जियों आदि को ठीक से बढ़ने में भी मदद करता है। यह मौसम जानवरों को भी सुकून प्रदान करता है और उन्हें खाने के लिए बहुत सारी हरी घास और छोटे पौधे भी मिल जाते हैं। बारिश में गाय और भेंस को भी चारा अधिक मिलता है जिसकी वजह से वह दिन में दो बार दूध देती है। वर्षा ऋतू में सभी प्राकृतिक संसाधन जैसे नदी, तालाब और झील वर्षा जल से भर जाते हैं। इस मौसम में पक्षियों और जानवरों को भी पीने के लिए ढेर सारा पानी मिलता है।

वर्षा ऋतु के नुकसान

जब अधिक बारिश होती है तो इससे बहुत से निचले इलाकों में बाढ़ आ जाती है जिससे सभी का जीवन अस्त व्यस्त हो जाता है। बारिश के मौसम में सड़के, मैदान और कुछ लोगो के मकान में भी पानी भर जाता है। इस मौसम में कच्चे इलाको में कीचड़ हो जाती है जिसकी वजह से कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जब ज्यादा दिन तक लगातार बारिश होती है तो सूर्य प्रकाश के बिना, घर में सभी चीजों में आजीब से गंध आने लगती है। पर्याप्त धूप न मिलने के कारण कई तरह के संक्रामक रोग जैसे वायरल, फंगल और बैक्टीरियल रोग फैलने का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है। वर्षा ऋतु का एक सबसे बड़ा नुकसान यह है कि इसमें जमीन का मैला और संक्रमित पानी कई बार जमीन के अंदर पानी के मुख्य स्रोत में मिल जाता है जिसकी वजह से पाचन संबंध विकार होने का खतरा भी बढ़ जाता है।

वैसे तो ज्यादातर सभी को बारिश का मौसम को पसंद होता है। क्योंकि इस मौसम में हर तरफ हरियाली छा जाती है।पेड़- पौधों और लताओं में नई पत्तियाँ आती हैं। सुंदर- सुंदर फूल खिलने लगते हैं। इस मौसम में हमें आसमान में सुंदर इंद्रधनुष देखने का बड़ा अवसर भी प्राप्त होता है। इस मौसम में मोर और अन्य वन पक्षी पंख फैलाकर पूरे जोश में नाचने है। बारिश के मौसम में बच्चे स्कूल के साथ ही घर पर भी इसका पूरा आनंद लेते हैं। अंत में बारिश का मौसम हमारे लिए बहुत जरुरी होता है लेकिन अधिक बारिश हमारे जीवन को अस्त-व्यस्त कर सकती है।

व र्षा ऋतु का महत्व पर निबंध 500 और 600 शब्द

प्रकृति के लिए वर्षा ऋतु का महत्व

वर्षा ऋतु हम सभी के लिए सबसे प्यारा मौसम होता है। भारत के अधिकांश हिस्सों में यह मौसम जुलाई के महीने में शुरू होता है और सितंबर तक समाप्त हो जाता है। जब हम मई और जून की तपती गर्मी से जब हम परेशान हो जाते तो फिर बारिश का मौसम हमें राहत देने के लिए आता है। यह मौसम अपने प्राकृतिक ठंडक और पानी से हमें बहुत राहत देता है। जो नदियाँ, तालाब, और नाले तेज गर्मी से सूख जाते हैं वे सब इस सीजन में सभी पानी से भर जाते है। इस मौसम सभी जीवों को एक नया जीवन प्रदान करता है। बारिश का पानी बगीचों और लॉन को अपनी हरियाली वापस लौटाता है। बारिश का मौसम पूरे पर्यावरण को एक नया रूप देता है।

भारतीय किसानों के लिए महत्पूर्ण है वर्षा ऋतु

वर्षा ऋतु किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्हेंफसलों की खेती के लिए अधिक पानी की आवश्यकता होती है। वैसे किसान लोग आमतौर पर खेतों में आगे के लिए पानी के उपयोग के लिए बरसात के पानी को इकट्ठा करने के लिए कई गड्ढे और तालाब बनाते हैं। वर्षा ऋतु पानी किसानों के लिए एक वरदान की तरह होता है। जब कभी बारिश नहीं होती तो किसान बारिश के देवता इंद्र से प्रार्थना करते हैं और उन्हें भगवान के द्वारा बारिश का आशीर्वाद मिलता है।

बारिश के मौसम में आसमान बहुत आकर्षक लगता है क्योंकि इस दौरान आकाश हर जगह सफेद, भूरे और गहरे कालेबादल इधर-उधर भागते हुए नजर आते हैं। आपको बता दें कि बादलों में वर्षा का बहुत जल होता है और मानसून आने पर ये वर्षा करते हैं।

पिछले साल की वर्षा ऋतू को लेकर मेरा अनुभव

वर्षा ऋतु पर्यावरण में प्राकृतिक सुंदरता को बहुत अधिक। मुझे हमेशा से ही हरियाली बहुत ज्यादा पसंद है। मैं आमतौर पर बारिश के मौसम का मजा लेने के लिए अक्सर अपने परिवार के साथ बाहर जाता हूं। पिछले साल मैं पचमढ़ी गया था जो कि मध्य प्रदेश में स्थित एक बहुत खूबसूरत पर्यटन स्थल है। अपनी इस यात्रा के दौरान मैंने कई अदभुद अनुभव प्राप्त किये। ऐसा लग रहा था ढेर सारे पानी के बादल हमारे बहुत पास हैं। उस समय बहुत धीमी बारिश हो रही थी और हमने उसका पूराआनंद लिया। हमने पचमढ़ी वी फॉल में नहाने का भीआनंद लिया। पूरा पचमढ़ी हरियाली से भरा अद्भुत और सुंदर लग रहा था।

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Yash Choudhary

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