दा इंडियन वायर

हिंदी भाषा का महत्व पर निबंध

speech on hindi language in hindi

By विकास सिंह

importance of hindi language

विषय-सूचि

हिंदी भाषा का महत्व पर निबंध (Importance of hindi language)

हिंदी भाषा विश्व में सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषाओं में से एक है। हिंदी भाषा का महत्व सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पुरे विश्व में काफी अधिक है।

हिंदी भाषा में 11 स्वर और 35 व्यंजन होते हैं और इसे “देवनागरी” नामक एक लिपि में लिखा जाता है। हिंदी एक समृद्ध व्यंजन प्रणाली से सुसज्जित है, जिसमें लगभग 38 विशिष्ट व्यंजन हैं। हालाँकि, ध्वनि की इन इकाइयों के रूप में स्वरों की संख्या निर्धारित नहीं की जा सकती है, बड़ी संख्या में बोलियों की मौजूदगी के कारण, जो व्यंजन प्रदर्शनों की सूची के कई व्युत्पन्न रूपों को नियोजित करती हैं।

हालाँकि, व्यंजन प्रणाली का पारंपरिक मूल सीधे संस्कृत से विरासत में मिला है, जिसमें अतिरिक्त सात ध्वनियाँ हैं, जिन्हें फारसी और अरबी से लिया गया है।

हिंदी भाषा किन क्षेत्रों में बोली जाती है?

500 मिलियन से अधिक बोलने वालों के साथ, चीनी के बाद हिंदी दूसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। हिंदी को भारत के “राजभाषा” (राष्ट्रभाषा) के रूप में अपनाने से पहले इसमें काफी बदलाव आया है।

इंडो-आर्यन भाषाई वर्गीकरण प्रणाली के सिद्धांत के अनुसार, हिंदी भाषाओं के मध्य क्षेत्र में रहती है। 1991 की जनगणना की रिपोर्ट के अनुसार, हिंदी को “देश भर में एक भाषा” के रूप में भारतीय आबादी के 77% से अधिक द्वारा घोषित किया गया था। भारत की बड़ी आबादी के कारण हिंदी दुनिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है।

1991 की भारत की जनगणना के अनुसार (जिसमें हिंदी की सभी बोलियाँ शामिल हैं, जिनमें कुछ भाषाविदों द्वारा अलग-अलग भाषाएं मानी जा सकती हैं – जैसे, भोजपुरी), हिंदी लगभग 337 मिलियन भारतीयों की मातृभाषा है, या भारत के 40% लोगों की है। उस वर्ष जनसंख्या।  एसआईएल इंटरनेशनल के एथनोलॉग के अनुसार, भारत में लगभग 180 मिलियन लोग मानक (खारी बोलि) हिंदी को अपनी मातृभाषा के रूप में मानते हैं, और अन्य 300 मिलियन लोग इसे दूसरी भाषा के रूप में उपयोग करते हैं।

भारत के बाहर, नेपाल में हिंदी बोलने वालों की संख्या 8 मिलियन, दक्षिण अफ्रीका में 890,000, मॉरीशस में 685,000, अमेरिका में 317,000 है। यमन में 233,000, युगांडा में 147,000, जर्मनी में 30,000, न्यूजीलैंड में 20,000 और सिंगापुर में 5,000, जबकि यूके, यूएई, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में भी हिंदी बोलने वालों और द्विभाषी या त्रिभाषी बोलने वालों की उल्लेखनीय आबादी है जो अंग्रेजी से हिंदी के बीच अनुवाद और व्याख्या करते हैं।

हिंदी भाषा का विकास (growth of hindi language)

1947 के विभाजन के बाद भारत सरकार द्वारा समर्थित संक्रांति दृष्टिकोण से हिंदी की वर्तमान बनावट बहुत प्रभावित है। स्वतंत्रता से पहले अपने मूल रूप में, हिंदी ने उर्दू के साथ मौखिक समानता की काफी हद तक साझा की है। हिंदी और उर्दू को अक्सर एक ही इकाई के रूप में संदर्भित किया जाता था जिसका शीर्षक था “हिंदुस्तानी”।

इसके साथ ही कई अन्य भाषाओं जैसे अवधी, बघेली, बिहारी (और इसकी बोलियाँ), राजस्थानी (और इसकी बोलियाँ) और छत्तीसगढ़ी। हालाँकि, यह दृष्टिकोण वस्तुतः प्रत्येक शैक्षणिक संस्थान और सार्वजनिक सूचना के माध्यम की वकालत करता है, जो वाराणसी बोली की तर्ज पर भारतीय विद्वानों द्वारा विकसित एक संस्कृत-उन्मुख भाषा को रोजगार देता है।

लिपि:

देवनागरी लिपि

महत्वपूर्ण लेखक:

रामधारी सिंह ‘दिनकर’, जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत, मैथिली शरण गुप्त, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’, महादेवी वर्मा, सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन, हरिवंश राय बच्चन, नागार्जुन, धर्मवीर भारती, अशोक बजाज, अशोक बजाज, अशोक बजाज चंद्र शुक्ला, महादेवी वर्मा, मुंशी प्रेमचंद, फणीश्वर नाथ रेणु, हरिशंकर परसाई, रामवृक्ष बेनीपुरी, चक्रधर शर्मा गुलेरी, विष्णु प्रभाकर, अमृत लाल नागर, भीष्म साहनी, सूर्यकांत निराला आदि को हिंदी के सबसे मशहूर लेखकों में गिना जाता है ।

हिंदी स्थानीयकरण और सूचना प्रौद्योगिकी

हिंदी टाइपिंग में इस्तेमाल किए जाने वाले कई लोकप्रिय फॉन्ट हैं; यूनिकोड, मंगल, क्रुतिदेव, आदि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की एक टीम पहले से ही मशीनी अनुवाद सॉफ्टवेयर को विकसित करने और हिंदी को मानकीकृत करने के लिए काम कर रही है, हालाँकि वे इसके माध्यम से कोई बड़ा तोड़ नहीं बना पाए हैं।

हिंदी भाषा की बढ़ती प्रोफ़ाइल के प्रति हाल की चेतना ने लाखों हिंदी बोलने वालों को आशा दी है और आशा है कि आने वाले समय में हिंदी को मान्यता मिलेगी और संयुक्त राष्ट्र आधिकारिक भाषा बन जाएगी। यह समय हिंदी केंद्र, हिंदी विश्वविद्यालयों, हिंदी गैर सरकारी संगठनों और लाखों हिंदी भाषियों को हिंदी की रूपरेखा बढ़ाने के लिए हाथ मिलाना चाहिए। हिंदी सिनेमा और बॉलीवुड ने पहले ही अच्छा योगदान दिया है, इसी तरह हिंदी मीडिया ने भी चमत्कार किया है।

वैश्विक मोर्चे पर हिंदी के बढ़ते महत्व के आधार पर, अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद और हिंदी से अंग्रेजी अनुवाद के लिए भविष्य उज्ज्वल है। हालाँकि, भारतीय को अंग्रेज़ी शब्दकोश और अंग्रेज़ी से हिंदी शब्दकोश में ऑनलाइन हिंदी विकसित करने और ऑनलाइन हिंदी भाषा प्रशिक्षण कार्यक्रम विकसित करने के प्रयासों की आवश्यकता है।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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धन्यवाद !

Finally I got a nice speech

thank you vikas singh bhai

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  • Hindi Diwas Speech in Hindi for Students

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Hindi Diwas Speech in Hindi: Reflecting on Hindi's Role in Indian Culture and Unity

Hindi Diwas, observed on September 14th, is a day dedicated to celebrating the rich heritage and profound impact of the Hindi language. As one of India’s official languages, Hindi serves as a vital language for the country’s diverse cultural fabric. This Hindi diwas speech in Hindi explains the essence of Hindi, highlighting its historical evolution , cultural significance, and its role in unifying millions of people across the nation.

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By reflecting on Hindi's journey from its ancient roots to its contemporary relevance, we gain a deeper appreciation for its contribution to India’s identity. On this Hindi Diwas, we honor not just a language, but a symbol of India's linguistic and cultural unity. This Hindi diwas speech in Hindi for students will explore how Hindi continues to inspire and connect people, enriching our literature, media , and daily life .

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Also Check for: हिंदी दिवस 2024: तिथि, थीम और महत्व

हिंदी दिवस पर भाषण: हिंदी भाषा की महत्ता और विरासत

आज हम सभी यहाँ हिंदी दिवस के अवसर पर एकत्रित हुए हैं, जो हमारे लिए एक विशेष दिन है। यह दिन हमें हिंदी भाषा की महत्ता, उसकी सांस्कृतिक धरोहर और भारतीय समाज में उसके योगदान को मान्यता देने का अवसर प्रदान करता है। 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया था। इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिससे हम अपनी इस महत्वपूर्ण भाषा के प्रति सम्मान और गर्व प्रकट कर सकें।

हिंदी का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व

हिंदी भाषा का इतिहास अत्यंत समृद्ध और विविध है। यह संस्कृत और प्राकृत भाषाओं से विकसित हुई है और समय के साथ-साथ कई बोलियों और उपबोलियों का रूप धारण किया। हिंदी ने भारतीय साहित्य, कला और संस्कृति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कवि सूरदास, तुलसीदास, और कबीर जैसे महान साहित्यकारों ने हिंदी में अपनी अमूल्य रचनाएँ प्रस्तुत की हैं, जो न केवल हमारे साहित्यिक धरोहर को समृद्ध करती हैं बल्कि समाज की जड़ों से जुड़ी भी हैं।

हिंदी साहित्य में प्रेमचंद, महादेवी वर्मा, और हरिवंश राय बच्चन जैसे लेखकों और कवियों के योगदान ने भाषा की गरिमा को और ऊंचा किया है। इनकी रचनाएँ सामाजिक समस्याओं, मानवता और भारतीय संस्कृति को उत्कृष्ट ढंग से प्रस्तुत करती हैं। हिंदी की समृद्धता को देखते हुए हमें गर्व होता है कि हमारी भाषा ने भारतीय समाज को एकजुट करने और उसकी सांस्कृतिक विविधता को प्रकट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

हिंदी का वर्तमान स्वरूप और भविष्य

आज के समय में हिंदी भाषा केवल एक संवाद का माध्यम नहीं बल्कि एक सांस्कृतिक और सामाजिक पुल का काम करती है। यह भारतीय सिनेमा, मीडिया, और शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रमुख भूमिका निभा रही है। हिंदी फिल्म उद्योग, जिसे बॉलीवुड कहा जाता है, ने न केवल भारतीय दर्शकों के दिलों को छुआ है बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है।

हिंदी का प्रभाव केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे कई देशों में भी मान्यता प्राप्त है। विश्व भर में हिंदी भाषा की बढ़ती लोकप्रियता और इसका प्रयोग अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी देखा जा सकता है। नई तकनीक और डिजिटल मीडिया ने हिंदी के प्रसार को और भी बढ़ावा दिया है, जिससे यह भाषा आधुनिक समय के अनुरूप बदल रही है और नए उपयोगकर्ताओं को जोड़ रही है।

हिंदी दिवस का यह अवसर हमें याद दिलाता है कि हमें अपनी भाषा की समृद्धि और संरक्षण के प्रति जागरूक रहना चाहिए। यह दिन हमें अपने सांस्कृतिक और भाषाई धरोहर को समझने, संजोने और बढ़ावा देने का मौका प्रदान करता है। हम सभी को चाहिए कि हम हिंदी का सम्मान करें, इसे सिखाएँ और इसके विकास में योगदान दें। हिंदी भाषा हमारे देश की आत्मा है और इसे संजोना हमारी जिम्मेदारी है।

हिंदी दिवस के इस पावन अवसर पर, आइए हम सभी मिलकर हिंदी भाषा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को नवीनीकरण करें और इसे भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक अमूल्य धरोहर बनाएँ।

हिंदी दिवस 2024

हिंदी दिवस 2024 का आयोजन गृह मंत्रालय की ओर से 14 सितंबर 2024 को नई दिल्ली में होगा। इस आयोजन के दौरान 14 और 15 सितंबर 2024 को चतुर्थ अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन का भी आयोजन भारत मंडपम नई दिल्ली में होगा। पिछले साल, हिंदी दिवस 2023 और तृतीय अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन का आयोजन पुणे, महाराष्ट्र में किया गया था। इस आयोजन में लगभग 10,000 हिंदी सेवियों ने भाग लिया था।

हिंदी दिवस पर भाषण के लिए कविता

हिंदी की महिमा.

हिंदी हमारी भाषा, हमारा अभिमान, बोलने से ही महसूस होता है इसका सम्मान। सभी भाषाओं की विविधता में, हिंदी एक पुल का काम करती है, सच्चाई की गवाही देती है।

सूरदास की पदावली से, कबीर की सरलता तक, हिंदी ने समाज को जोड़ने का, नित नया रंग दिखाया है, इतिहास के पन्नों पर।

इसकी मिठास में छुपी है, संस्कृति की हर एक झलक, कविताओं की पंक्तियों में, प्यारे विचारों की महक।

साहित्य की दुनिया में, हिंदी का अनमोल योगदान, हर रचना में बसी है, मूल्यों की अमूल्य पहचान।

चलो इस हिंदी दिवस पर, हम सब मिलकर ये संकल्प लें, हिंदी का सम्मान और प्रेम, हर दिल में हमेशा बनाए रखें।

हमारी भाषा, हमारी धरोहर, इसका महत्व हम न भुलाएँ, हिंदी के इस पावन दिन पर, हर दिल में इसकी रौनक सजाएँ।

Hindi Diwas Speech 10 lines (हिंदी दिवस पर 10 पंक्तियों का भाषण)

आज हम हिंदी दिवस के अवसर पर यहाँ एकत्रित हुए हैं, जो हिंदी भाषा के सम्मान और महत्व को मान्यता देने का दिन है।

हिंदी भाषा, हमारी सांस्कृतिक धरोहर की अमूल्य संपत्ति है, जो हमें भारतीयता से जोड़ती है।

हिंदी का इतिहास प्राचीन है और इसका साहित्य भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा को दर्शाता है।

हिंदी ने हमें एकता का संदेश दिया है और यह भाषा विविधता में एकता का प्रतीक है।

आज के समय में, हिंदी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि भारतीय समाज की आत्मा है।

हमारी फिल्मों, संगीत, और साहित्य में हिंदी की महत्ता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

हिंदी दिवस पर हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम अपनी भाषा की समृद्धि और विकास के लिए काम करें।

नई पीढ़ी को हिंदी के प्रति जागरूक करना और इसके महत्व को समझाना हमारी जिम्मेदारी है।

इस हिंदी दिवस पर, हम सभी मिलकर हिंदी भाषा को प्रोत्साहित करने और उसकी रक्षा करने का प्रण लें।

हिंदी हमारी पहचान है, और इसके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धा और सम्मान ही हमारी जिम्मेदारी है।

हिंदी भाषा के रोचक तथ्य

विविधता का संगम: हिंदी भाषा भारत की एक प्रमुख भाषा है, जो 22 प्रमुख भाषाओं में से एक है और भारत की आधिकारिक भाषाओं में शामिल है। यह अनेक बोलियों और उपबोलियों का संगम है, जैसे अवधी, ब्रज, और भोजपुरी।

संस्कृत से उत्पत्ति: हिंदी की उत्पत्ति संस्कृत भाषा से हुई है। यह प्राकृत और अपभ्रंश भाषाओं के माध्यम से विकसित हुई और आधुनिक हिंदी का रूप लिया।

व्यापक प्रयोग: हिंदी केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विश्व के कई देशों में भी बोली जाती है। नेपाल, फिजी, मॉरीशस, और त्रिनिदाद और टोबैगो में भी हिंदी का प्रयोग होता है।

लिपि की विविधता: हिंदी भाषा को देवनागरी लिपि में लिखा जाता है, लेकिन इसका प्रयोग अन्य लिपियों जैसे कि रोमन लिपि में भी किया जाता है, विशेष रूप से डिजिटल और सोशल मीडिया पर।

साहित्यिक धरोहर: हिंदी साहित्य की लंबी और समृद्ध परंपरा है। हिंदी कविता और गद्य में अनेक महान लेखक और कवि हैं, जैसे सूरदास, तुलसीदास, और प्रेमचंद, जिनकी रचनाएँ आज भी पढ़ी जाती हैं।

भाषाई समृद्धि: हिंदी भाषा में 50,000 से अधिक शब्द होते हैं, जो विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों से प्रभावित हैं। यह शब्दों की समृद्धि इसे एक अनूठा और विविध भाषा बनाती है।

फिल्म और मीडिया में प्रमुखता: हिंदी भारतीय फिल्म उद्योग, जिसे बॉलीवुड कहा जाता है, का प्रमुख भाषा है। हिंदी सिनेमा और टीवी शो ने न केवल भारत में, बल्कि विश्व भर में लोकप्रियता हासिल की है।

आधिकारिक दस्तावेज़: हिंदी भारतीय संविधान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसे भारत सरकार के आधिकारिक दस्तावेजों, अधिनियमों, और आदेशों में प्रयोग किया जाता है।

उच्चारण और व्याकरण: हिंदी भाषा में उच्चारण और व्याकरण की सरलता इसे सीखने और समझने में आसान बनाती है। इसकी संरचना और नियम निश्चित हैं, जो इसे व्यवस्थित और संपूर्ण बनाते हैं।

भाषाई विकास: हिंदी भाषा निरंतर विकसित हो रही है और नई तकनीक, विज्ञान, और सामाजिक बदलावों के साथ समकालीन शब्दावली और वाक्यांशों को अपनाती है।

राष्ट्रीय हिंदी दिवस और अंतर्राष्ट्रीय हिंदी दिवस के बीच अंतर

विशेषता

राष्ट्रीय हिंदी दिवस

अंतर्राष्ट्रीय हिंदी दिवस

उपलब्धि की तिथि

14 सितंबर

10 जनवरी

उद्देश्य

हिंदी भाषा की महत्ता और सांस्कृतिक धरोहर को मान्यता देना।

हिंदी भाषा को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देना और उसकी लोकप्रियता को बढ़ाना।

स्थान

भारत

विश्वभर

संबंधित प्राधिकरण

भारत सरकार

भारतीय दूतावास और अंतर्राष्ट्रीय संगठन

प्रथम बार मनाने की तिथि

1953

2006

मुख्य गतिविधियाँ

स्कूलों और कॉलेजों में सांस्कृतिक कार्यक्रम, भाषण, और लेखन प्रतियोगिताएँ।

अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन, सेमिनार, और भाषाई विकास कार्यक्रम।

ध्यान केंद्रित

हिंदी भाषा की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्वता।

हिंदी भाषा की वैश्विक पहुंच और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर योगदान।

उपस्थित लोग

भारतीय नागरिक, विद्यार्थी, शिक्षक

अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, हिंदी प्रेमी, और हिंदी भाषी लोग

प्रेरणा स्रोत

भारत की संविधान सभा द्वारा हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाना।

हिंदी को संयुक्त राष्ट्र द्वारा एक प्रमुख भाषा के रूप में मान्यता देना।

संदेश

हिंदी भाषा के विकास और संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना।

हिंदी के वैश्विक प्रचार और उसकी उपयोगिता को बढ़ावा देना।

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FAQs on Hindi Diwas Speech in Hindi for Students

1. What is the purpose of a Hindi Diwas speech?

A Hindi Diwas speech aims to celebrate and promote the importance of the Hindi language. It highlights Hindi’s cultural, historical, and social significance, and encourages people to appreciate and preserve the language.

2. What should be included in a Hindi Diwas speech in Hindi?

A Hindi Diwas speech in Hindi should include the historical background of Hindi, its cultural relevance, notable contributions to literature, and the role of Hindi in national unity. It should also inspire the audience to value and promote the language.

3. How can I prepare a Hindi Diwas speech in Hindi for students?

To prepare a Hindi Diwas speech in Hindi for students, focus on simple language, engaging examples, and relevant anecdotes. Emphasize the importance of Hindi in education and daily life, and include motivational elements to encourage students to value their language.

4. What are some key points to cover in a Hindi Diwas speech for students?

Key points include the historical significance of Hindi, its role in Indian culture, contributions of Hindi literature, and its importance in uniting diverse regions of India. Highlight how students can contribute to preserving and promoting Hindi.

5. How can I make my Hindi Diwas speech impactful?

To make your Hindi Diwas speech impactful, use compelling anecdotes, and relevant quotes, and engage with the audience through relatable content. Emphasize the cultural heritage and personal benefits of embracing Hindi.

6. What is a concise way to deliver a Hindi Diwas speech in Hindi?

A concise Hindi Diwas speech in Hindi should be structured with a clear introduction, main points about Hindi's importance, and a motivating conclusion. Keep it engaging and to the point, ideally under 10 minutes.

7. Where can I find examples of Hindi Diwas speech 10 lines?

Examples of Hindi Diwas speech 10 lines can be found in educational resources, online platforms dedicated to Hindi literature, and school or college websites. They provide brief yet impactful content suitable for quick speeches.

8. What are some tips for writing a Hindi Diwas speech for students?

Tips include using simple and clear language, incorporating interesting facts about Hindi, including motivational elements, and practicing the speech to ensure smooth delivery. Tailor the content to resonate with a student audience.

9. How can I incorporate historical facts into a Hindi Diwas speech in Hindi?

Incorporate historical facts by researching key events related to Hindi’s development, such as its adoption as an official language and its contributions to literature. Present these facts in a way that connects them to the language’s current relevance.

10. What is the ideal length for a Hindi Diwas speech for students?

The ideal length for a Hindi Diwas speech for students is around 5-7 minutes. This duration allows for a thorough yet engaging discussion of Hindi’s importance without losing the audience’s attention.

11. Can you provide a sample Hindi Diwas speech in Hindi for students?

A sample Hindi Diwas speech in Hindi for students would include an introduction to Hindi, its cultural and historical significance, and a motivational message to encourage students to use and promote Hindi.

12. What are some effective ways to end a Hindi Diwas speech?

End a Hindi Diwas speech with a strong, motivational message that reinforces the value of Hindi. Summarize key points and encourage the audience to embrace and promote the language in their daily lives.

13. How can I adopt a Hindi Diwas speech for a school event?

Adapt a Hindi Diwas speech for a school event by making it relatable to students. Include examples of how Hindi is used in their studies and daily life, and encourage them to participate in Hindi-related activities.

14. What are some common themes in Hindi Diwas speeches?

Common themes include the historical evolution of Hindi, its role in Indian culture, the contributions of Hindi literature, and the importance of preserving and promoting the language in contemporary society.

15. How can I use quotes in a Hindi Diwas speech to enhance it?

Use quotes from famous Hindi authors, poets, or leaders to enhance your Hindi Diwas speech by providing authoritative voices that emphasize the language’s significance. Integrate these quotes to support your key points and make the speech more engaging.

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हिन्दी दिवस पर भाषण हिंदी में (Hindi Diwas Speech In Hindi): इस पेज से पढ़ें

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हमारे देश में साल भर अलग-अलग दिवस मनाए जाते हैं जैसे शिक्षक दिवस, बाल दिवस, स्वतंत्रता दिवस, मजदूर दिवस, मातृ दिवस, पितृ दिवस आदि। इसी तरह से भारत में हर साल 14 सितंबर के दिन हिन्दी दिवस मनाया जाता है। आज ही के दिन वर्ष 1949 में विधानसभा में हिंदी को एक मत से राजभाषा घोषित किया गया था। राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के अनुरोध पर हर क्षेत्र में हिंदी का प्रसार करने के लिए, 1953 से,हर साल 14 सितंबर को पूरे भारत में हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता था। इसके अलावा हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।

हिन्दी हमारी मातृभाषा है और यह देश में बोली जाने वाली अन्य सभी भाषाओं में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। हिन्दी दिवस के दिन स्कूल, कॉलेजों, ऑफिस में हिन्दी निबंध लेखन , हिन्दी वाद-विवाद प्रतियोगिता आदि अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। हिन्दी दिवस के दिन शिक्षक अपने विद्यार्थियों को हिन्दी के प्रति सम्मान और उपयोग करने की शिक्षा के साथ हिन्दी दिवस पर भाषण देते हैं और हिन्दी दिवस का महत्व समझाते हैं। अगर आप Hindi Diwas Speech पढ़ना चाहते हैं तो इस पेज को देख सकते हैं और हिन्दी दिवस स्पीच का प्रयोग आप अलग-अलग हिंदी दिवस कार्यक्रम में कर सकते हैं।

हिन्दी दिवस पर भाषण हिंदी में (Hindi Diwas Speech In Hindi)

हिन्दी दिवस पर भाषण -1 (300 शब्द में)

आदरणीय मुख्य अतिथि, शिक्षकों और मेरे सभी मित्रों को मेरा नमस्कार!

आज का दिन हम हिन्दी दिवस के रूप में मनाने जा रहे हैं। सबसे पहले आप सभी को हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और आप सभी का धन्यवाद की आपने मुझे इस अवसर पर अपने विचार प्रस्तुत करने का मौका दिया। हर साल पूरे भारत में 14 सितंबर का दिन हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। महात्मा गांधी ने हिंदी को आमजन की भाषा बताया था, इसलिए इसे राष्ट्रीय भाषा का दर्जा दिया गया। वर्ष 1918 में गांधी जी ने हिन्दी साहित्य सम्मेलन में हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने को कहा था और 14 सितंबर 1949 के दिन विधानसभा ने एक मत से यह निर्णय लिया की हिन्दी भारत की राजभाषा होगी।

हिंदी भाषा को देवनागरी लिपि में भारत की कार्यकारी और राजभाषा का दर्जा आधिकारिक रूप में दिया गया। गांधी जी ने हिन्दी भाषा को जनमानस की भाषा भी कहा है। भारतीय संविधान के भाग 17 के अध्याय की धारा 343 (1) में हिन्दी को संघ की राजभाषा का दर्जा प्राप्त है। हिंदी दिवस 14 सितंबर का दिन वह है जब हम सभी अपनी राष्ट्रभाषा हिन्दी का प्रचार और प्रसार करते हैं। हिंदी पूरी दुनिया में सबसे अधिक बोली जानें वाली मूल भाषा है। 2011 सेन्सस रिपोर्ट के अनुसार भारत की सबसे अधिक बोले जाने वाली भाषा हिंदी है। 2001 में 41.03 % मातृभाषा हिंदी बोलने वाले लोग थे वहीं 2011 में यह प्रतिशत बढ़ कर 43.63% हो गया। हिन्दी का इतिहास लगभग एक हजार वर्ष पुराना है और भारत में 1949 से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है।

हम सबके लिए हिंदी दिवस और हिंदी भाषा का बहुत महत्त्व है। हिंदी हिंदुस्तान की राष्ट्रभाषा ही नहीं बल्कि हिंदुस्तानियों की पहचान भी है। आज के आधुनिक युग में हमें अंग्रेजी भाषा भी सीखना जरूरी है लेकिन हमें अपनी मातृभाषा हिंदी को कभी नहीं भूलना चाहिए। हमें “हिंदी है हम वतन है” नारे का सम्मान करना चाहिए। आप सभी को एक बार फिर हिंदी दिवस की बहुत बहुत बधाई।

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हिन्दी दिवस पर भाषण -2 (200 शब्द में)

आदरणीय प्रधानाचार्य जी, सभी गुरुजनों और मेरे सभी साथियों को मेरा नमस्कार।

आप सभी को 14 सितंबर हिन्दी दिवस की अनेक अनेक बधाई। आज का दिन हम सबके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि आज के दिन यानी 14 सितंबर 1949 को ही हमारी हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा प्राप्त हुआ था। हिन्दी को दुनिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा के रूप में मान्यता प्राप्त है। यह हम सब के लिए बहुत ही गर्व की बात है। आज के दिन हम सभी लोगों में हिन्दी के प्रति जागरूकता फैलाने और हिन्दी भाषा को बढ़ावा देने का प्रयास करते हैं।

आज का युग आधुनिक का युग बन गया है और हम सब यह कोशिश करते हैं कि सोशल मीडिया के माध्यम से सभी लोगों तक यह संदेश पहुंचा सके कि हिंदी भाषा का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें। इस दिन कई सेमिनार, हिन्दी दिवस समारोह आदि कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाता है। मेरे विचार से हिंदी दिवस के दिन सभी स्कूल, कॉलेज, ऑफिस में अलग अलग प्रतियोगिताओं जैसे कविता लेखन, कथा-पटकथा लेखन, निबंध लेखन आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया जा सकता है ताकि अन्य लोगों के साथ युवा पीढ़ी भी हिंदी भाषा से जुड़ी रहे। आज के दिन हम सभी लोगों को हिंदी गीत सुनने चाहिए और तुलसीदास, मुंशी प्रेमचंद, हरिवंश राय बच्चन द्वारा लिखी कहानियां और कविताएं भी पढ़नी चाहिए।

मेरा आप सभी से निवेदन है कि हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा बनाने का गौरव प्रदान करें। किसी भी देश की पहचान उसकी मातृभाषा से होती है। इस सत्र का हिस्सा बनने और मुझे सुनने के लिए आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद। जय हिंद जय भारत।

हिन्दी दिवस लेखन हिंदी में

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हिंदी दिवस विशेष- हिंदी भाषा का महत्त्व, प्रसार और प्रासंगिकता.

  • 14 Sep, 2022 | संकर्षण शुक्ला

speech on hindi language in hindi

मानव जाति अपने सृजन से ही स्वयं को अभिव्यक्त करने के तरह-तरह के माध्यम खोजती रही है। आपसी संकेतों के सहारे एक-दूसरे को समझने की ये कोशिशें अभिव्यक्ति के सर्वोच्च शिखर पर तब पहुँच गई जब भाषा का विकास हुआ। भाषा लोगों को आपस मे जोड़ने का सबसे सरल और जरूरी माध्यम है। आज यानी 14 सितंबर को हिंदी दिवस के अवसर पर, इस आलेख में हिंदी भाषा पर चर्चा की गई है।

14 सितंबर को ही हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है?

दरअसल इसी दिन संविधान सभा ने वर्ष 1949 में हिंदी को राजभाषा के रूप में अपनाया था। आजादी के बाद हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाए जाने के संबंध में तमाम बहस-मुहाबिसें हुईं। अहिंदी भाषी राज्य हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाए जाने के पक्षधर नहीं थे। इनमें भी दक्षिण भारतीय राज्य जैसे तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश पश्चिम बंगाल प्रमुख थे। उनका तर्क था कि हिंदी उनकी मातृभाषा नहीं है और यदि इसे राष्ट्रभाषा के रूप में स्वीकार किया जाएगा तो ये उनके साथ अन्याय सरीखा होगा। अहिंदी भाषी राज्यों के विरोध को देखते हुए संविधान निर्माताओं ने मध्यमार्ग अपनाते हुए हिंदी को राजभाषा का दर्जा दे दिया, इसके साथ ही अंग्रेजी को भी राज्यभाषा का दर्जा दिया गया। वर्ष 1953 में राष्ट्रभाषा प्रचार समिति वर्धा ने 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाए जाने का प्रस्ताव दिया तब से ये दिन हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

हिंदी भाषा की विकास यात्रा

एक भाषा के रूप में अगर हिंदी भाषा की विकास यात्रा की बात करें तो यह एक लंबी और सतत प्रक्रिया है। एक भाषा के विकास में उस समाज और संस्कृति की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है जहाँ पर ये बोली जाती है। हिंदी भाषा के विकास में भी समाज और संस्कृति की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है; खासकर उत्तर भारतीय राज्यों की भूमिका। भारत की प्राचीन भाषा संस्कृत रही है और इसी भाषा के विभिन्न काल खंडों में अलग-अलग स्वरूपों में हुए वियोजन से हिंदी का विकास हुआ है।

संस्कृत भाषा से पालि, पालि से प्राकृत, प्राकृत से अपभ्रंश, अपभ्रंश से अवहट्ट, अवहट्ट से पुरानी हिंदी और पुरानी हिंदी से आधुनिक हिंदी का विकास हुआ है जिसे आज हम बोलते है। हालांकि इसे लेकर मतभेद है कि अपभ्रंश से हिंदी का विकास हुआ है या पुरानी हिंदी से। मगर वर्तमान भाषाविज्ञानी इसे अपभ्रंश से ही विकसित हुआ मानते है।

अगर हिंदी भाषा के विकास के कालखंड की बात करें तो यह तीन कालों में विकसित हुई- पहला कालखंड 1100 ईस्वी - 1350 ईस्वी का माना जाता है, इसे प्राचीन हिंदी का काल कहा जाता है। दूसरा कालखंड मध्य काल (1350 ईस्वी - 1850 ईस्वी) कहा जाता है। इस काल में हिंदी भाषा की बोलियों अवधी और ब्रज में विपुल साहित्य रचा गया। तीसरा कालखंड 1850 ईस्वी से अब तक माना जाता है और इसे आधुनिक काल की संज्ञा दी जाती है। इस काल में हिंदी भाषा का स्वरूप बेहद तेजी से बदला है।

दरअसल इस काल में हिंदी जन-जन की भाषा बन गई। ये वो दौर था जब आजादी की लड़ाई लड़ी जा रही थी और इस दौरान हिंदी का संपर्क भाषा के रूप में प्रचलन खूब बढ़ा। ये हिंदी भाषा का ही असर था कि उत्तर भारत ही नहीं दक्षिण भारत से भी आने वाले आजादी के नायकों ने इसे राष्ट्रभाषा के रूप मे स्वीकार किये जाने की पुरजोर वकालत की। हालांकि हिंदी भाषा को आज तक राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं मिल सका है।

क्यों नहीं है हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा?

यदि राष्ट्रभाषा और राजभाषा के अंतर की बात की जाए तो इनमें दो प्रमुख अंतर हैं। एक अंतर इन्हें बोलने वालों की संख्या से है और दूसरा अंतर इनके प्रयोग का है। राष्ट्रभाषा जहाँ जनसाधारण की भाषा होती है और लोग इससे भावात्मक और सांस्कृतिक रूप से जुड़े होते हैं तो वही राजभाषा का सीमित प्रयोग होता है। राजभाषा का प्रयोग अक्सर सरकारी कार्यालयों और सरकारी कार्मिकों द्वारा किया जाता है। कुछ देश जैसे ब्रिटेन की इंग्लिश, जर्मनी की जर्मन और पाकिस्तान की उर्दू; की राष्ट्रभाषा और राजभाषा एक ही है। मगर बहुभाषी देशों के साथ यह समस्या है। यहाँ राष्ट्रभाषा और राजभाषा अलग-अलग होती है।

राष्ट्रभाषा किसी देश को एक करने के लिहाज से बेहद महत्त्वपूर्ण होती है। यही कारण है कि महात्मा गांधी ने वर्ष 1917 में गुजरात के भरूच में हुए गुजरात शैक्षिक सम्मेलन में हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाए जाने की वकालत की थी-

"भारतीय भाषाओं में केवल हिंदी ही एक ऐसी भाषा है जिसे राष्ट्रभाषा के रूप में अपनाया जा सकता है क्योंकि यह अधिकांश भारतीयों द्वारा बोली जाती है; यह समस्त भारत में आर्थिक, धार्मिक और राजनीतिक सम्पर्क माध्यम के रूप में प्रयोग के लिए सक्षम है तथा इसे सारे देश के लिए सीखना आवश्यक है।"

हालांकि आजादी के बाद इसे लेकर तमाम तरह के विवाद हुए और अंततः अंग्रेजी के साथ इसे राजभाषा के रूप में ही स्वीकार किया गया। शुरूआत में तो यह प्रावधान 15 वर्षों के लिए ही था और साथ ही संसद को भी ये शक्ति दी गई थी कि वो अंग्रेजी के प्रयोग को बढ़ा सकता है। वर्ष 1965 में हिंदी को एकमात्र राजभाषा बनाए जाने के समय के पूर्व ही अहिंदी भाषी राज्यों का विरोध इस कदर तीव्र हो गया कि अंततः तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को अहिंदी भाषी राज्यों को ये आश्वासन देना पड़ा कि आपकी सहमति के बिना हिंदी को एकमात्र राजभाषा नहीं बनाया जाएगा।

इसीलिए वर्ष 1963 में राजभाषा अधिनियम पारित किया गया। वर्ष 1967 में इसे संशोधित किया गया। इसमें किये गए प्रावधानों से अहिंदी भाषी राज्यों की तो चिंता खत्म हो गई मगर हिंदी को राष्ट्रीय एकता का प्रमुख तत्व मानने वाले लोगों की चिंताएं बढ़ गई। सरकार ने इन चिंताओं को संबोधित करते हुए त्रिभाषा फार्मूला दिया। इसके अंतर्गत पहली भाषा मातृभाषा होगी जिसमें प्रारंभिक शिक्षा दी जाएगी। दूसरी भाषा गैर हिन्दी भाषियों के लिए हिंदी और हिंदी भाषियों के लिए आठवीं अनुसूची में शामिल कोई भी भाषा होगी। तीसरी भाषा अंतर्राष्ट्रीय भाषा यानी अंग्रेजी होगी ताकि शिक्षित भारतीय विश्व से भी आसानी से जुड़ सकें।

हालांकि विभिन्न राज्यों की सहमति के अभाव में इसे लागू नहीं किया जा सका। इसी क्रम वर्ष 1976 में राजभाषा अधिनियम लाया गया और इसके अंतर्गत राजभाषा विभाग की स्थापना की गई। यह विभाग ही हिंदी के प्रचार-प्रसार से संबंधित विभिन्न समारोहों जैसे हिंदी दिवस, हिंदी पखवाड़ा और हिंदी सप्ताह का आयोजन करता है। इसी के तत्त्वाधान में 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस भी मनाया जाता है।

अगर हिंदी भाषा की संवैधानिक स्थिति की बात की जाए तो यह राजभाषा के रूप में संविधान के भाग 5, भाग 6, भाग 17 में समाविष्ट है। भाग 17 में राजभाषा शीर्षक के अंतर्गत 4 अध्याय है। इसमें संघ शासन, प्रादेशिक शासन, उच्चतम और उच्च न्यायालयों में इस्तेमाल की जाने वाली भाषा के संबंध में विशेष निर्देश दिए गए हैं।

भाग 5 के अनुच्छेद 120 में बताया गया है कि संसदीय कामकाज की भाषा हिंदी और अंग्रेजी होगी। यदि किन्हीं सदस्यो को इन्हें बोलने में दिक्कतें हैं तो वो अध्यक्ष की अनुमति लेकर अपनी भाषा में बात कह सकते हैं। भाग 6 के अंतर्गत अनुच्छेद 210 में राज्य विधानमंडल के लिए भी ऐसे प्रावधान हैं।

अगर हिंदी भाषा की वैश्विक स्थिति की बात की जाए तो यह विश्व के 150 से अधिक देशों में फैले 2 करोड़ भारतीयों द्वारा बोली जाती है। इसके अलावा 40 देशों के 600 से अधिक विश्वविद्यालयों और स्कूलों में पढाई जाती है। एक सर्वेक्षण के मुताबिक विश्व की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा मंदारिन है तो दूसरा स्थान हिंदी भाषा का है। इसके अलावा भारत और फिजी की यह राजभाषा है। ब्रिटिश भारत काल के दौरान बहुत से श्रमिको को भारत से बाहर ले जाया गया था। इनमें से अधिकांश देशों में हिंदी भाषा आज एक क्षेत्रीय भाषा है; ये देश है- मॉरीशस, सूरीनाम, त्रिनिनाद, गुयाना आदि। मॉरीशस में तो विश्व हिंदी सचिवालय की भी स्थापना की गई है। हालांकि संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा का दर्जा अभी भी हिंदी को नहीं मिल सका है।

अगर हिंदी भाषा की एक भाषा के तौर पर सामयिक स्थिति का विश्लेषण किया जाए तो इसके समक्ष अनेक चुनौतियाँ हैं। सबसे बड़ी चुनौती तो इसे 'राष्ट्रभाषा की स्वीकार्यता' का न मिलना है। इसके अलावा एक उच्च शिक्षित अभिजात्य वर्ग ऐसा भी है जो हिंदी बोलने में शर्म और हिचकिचाहट महसूस करता है। हिंदी भारत की सार्वभौमिक संवाद भाषा भी नहीं है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की 41 फीसदी आबादी की ही मातृभाषा हिंदी है। इसके अलावा लगभग 75 फीसदी भारतीयों की दूसरी भाषा हिंदी है जो इसे बोल और समझ सकते हैं।

हिंदी भाषा के सामने एक प्रमुख चुनौती यह है कि यह अब तक रोजगार की भाषा नहीं बन पाई है। आज तमाम मल्टीनेशनल कंपनियों के दैनिक कामकाज से लेकर कार्य संचालन की भाषा अंग्रेजी है। इसके अलावा तमाम क्षेत्रीय राजनीतिक और सामाजिक संगठन भी अपने निहित स्वार्थों के लिए हिंदी का विरोध करते हैं। अभी भी भारत में उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा का माध्यम ज्यादातर अंग्रेजी ही रहता है। हिंदी भाषा की हालत आज ऐसी है कि इसके संबंध में जागरूकता सृजन के लिए विभिन्न सेमिनारों, समारोहों और कार्यक्रमों का सहारा लेना पड़ता है।

हालांकि इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल ने हिंदी भाषा के भविष्य के संबंध में भी नई राहें दिखाई है। गूगल के अनुसार भारत में अंग्रेजी भाषा में जहाँ विषयवस्तु निर्माण की रफ्तार 19 फीसदी है तो हिंदी के लिए ये आंकड़ा 94 फीसदी है। इसलिए हिंदी को नई सूचना-प्रौद्योगिकी की जरूरतों के मुताबिक ढाला जाए तो ये इस भाषा के विकास में बेहद उपयोगी सिद्ध हो सकता है। इसके लिए सरकारी और गैर सरकारी संगठनों के स्तर पर तो प्रयास किए ही जाने चाहिए, निजी स्तर पर भी लोगों को इसे खूब प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त हिंदी भाषियों को भी गैर हिंदी भाषियों को खुले दिल से स्वीकार करना होगा। उनकी भाषा-संस्कृति को समझना होगा तभी वो हिंदी को खुले मन से स्वीकार करने को तैयार होंगे।

संकर्षण शुक्ला उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले से हैं। इन्होने स्नातक की पढ़ाई अपने गृह जनपद से ही की है। इसके बाद बीबीएयू लखनऊ से जनसंचार एवं पत्रकारिता में परास्नातक किया है। आजकल वे सिविल सर्विसेज की तैयारी करने के साथ ही विभिन्न वेबसाइटों के लिए ब्लॉग और पत्र-पत्रिकाओं में किताब की समीक्षा लिखते हैं।

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speech on hindi language in hindi

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Speech on Hindi Diwas in simple and easy words

iit-jee, neet, foundation

Table of Contents

Hindi Diwas is celebrated in all the Hindi-speaking regions across India. It is an annual function celebrated on 14 September every year. Mostly this day is a government sponsored event and is celebrated with utmost zeal at offices, schools, firms, etc in India. The primary motive of the Government behind celebrating this occasion is to promote and spread the culture of Hindi language. You may be a part of such celebration someday and may be required to deliver speech. We prepare you for such honourable day.

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Long and Short Speech on Hindi Diwas in English

Our sample speech on Hindi Diwas would certainly give you ideas about how to make your speech impressive.

We have shared short speech on Hindi Diwas, perfect for school level celebration and the long speech on Hindi Diwas is suitable for College or at office levels.

These sample speeches not only give you the background of the day, but also the language is very easy to understand which will make your Hindi Diwas Speech informative and inspiring for your listeners.

Hindi Diwas Short Speech – 1

Good Morning Respected Principal Sir/Mam, teachers and my dear friends. We have gathered here to celebrate “Hindi Diwas” and I am given the responsibility to give an introductory speech.

“Hindi Diwas” is a day we celebrate to promote Devanagari Hindi in whatever way we can. The need to promote Hindi has grown out of its diminishing popularity against English. We all are well aware of the fast and wide acceptability of English language. Today, Hindi has remained only a subject in schools where all other works are done in English. Even the most common communication language is English only. The situation is no different in offices, either government or private.

If things are left to continue like this then one day it would be difficult to find someone who could read, speak or write Hindi. We must therefore, adhere to the guidelines set by the Government to promote Hindi on Hindi Diwas.

Take free test

Hindi Diwas Short Speech – 2

Good Morning Ladies and Gentlemen, I am _________. Some of you may recognize me as I am almost a regular face in the office. Coming straightaway to the point, we are gathered here to observe “Hindi Diwas”.

As we all know that after English and Mandarin Chinese, Hindi is the third most widely spoken language in the world. As per the stats, nearly 1.132 Billion people speak English, 1.116 billion speak Chinese and 615.4 Million speak Hindi.

Despite, being the third most popular language of the world, Hindi, today faces extinction due to large use of English in native Hindi speaking belts. Today, almost all office works in Hindi speaking states, either that of government or private is done mostly in English. This seriously threatens the existence of Hindi.

We have an obligation towards our mother tongue, to protect her from getting extinct. For this we need to promote Hindi in whatever way possible. I request you all to speak in Hindi, do all written communications in Hindi, get a Hindi book to read, at least for today.

Our small but sincere effort will prove helpful in taking Hindi to the place it rightfully deserves.

Hindi Diwas Speech – 3

Respected Chief Guest, Dear Staff Members and all the Visitors!

Thank you for joining the event and making it even more special for all of us. We have gathered here to celebrate the 5th annual Hindi Diwas at our publishing house. It’s an annual function celebrated every year on 14th September. The day is celebrated with great fervour and zeal in Hindi speaking states of India. Though the celebration of Hindi Diwas is a government funded event in all the Central Government of India firms, offices, schools and all the institutions; but our office celebrates the occasion with equal enthusiasm. It is basically celebrated to promote and spread the culture of Hindi Language across the world. Its significance is demonstrated by events, feasts, competitions and different types of celebration held on this day. Hindi Diwas is also celebrated as a loyal reminder for the Hindi-speaking population of their unity and common roots.

Our organisation gives much importance to the celebration of this day. Even though our publishing house publishes newspapers and magazines in English language; but we give utmost respect to our mother tongue Hindi as it is our national language. Now, please allow me to share the background of Hindi Diwas! On 14 September in 1949, the Constituent Assembly of India had accepted Hindi as the official language of India. This decision was sanctioned by the Constitution of India and came into effect on 26 January 1950. As per the Article 343, Indian Constitution, Hindi written in Devanagari script was accepted as the official language. Now, there are two languages which are officially used at the Union Government of India level, i.e. Hindi and English.

You all must be aware about the competition that was running since the past one month in our office. Every year, we do something interesting and informative to celebrate Hindi Diwas. Since we are a publishing house, the celebration more often circulates around education. This year our theme was ‘Kabir Das ke Dohe’ ( Poems of Saint Kabir Das). The participants were supposed to do research on the poems of Kabir Das and present the same through plays, songs, various Indian dance forms, etc basically in a creative and innovative manner. We received applauding participation from several colleagues in the celebration that was held last week. We will be announcing the result of the competition today itself.

I am very glad to learn that there are still many people who are interested in preserving our Indian culture and traditions and still holding on to the importance of Hindi language. I appeal to everyone present here that to use the language in their everyday lives as much as possible and make it more widespread amongst the people.

Unfortunately, the significance of the language ‘Hindi’ is dying down. People who speak Hindi are looked at with suspicion by the so-called high class society. People feel ashamed in the public places to converse in Hindi. However, I also see several educated people interacting very confidently in Hindi. I have come across several people who feel very connected when they speak in Hindi.

Hindi is our national language and we should always feel proud to use the language as much as possible.

Hindi Diwas Speech – 4

Respected Principal, Dear Fellow Teachers, Dear Parents and My Dear Students!

Like every year, we have assembled again today for celebrating Hindi Diwas. I feel extremely honoured to have been given this responsibility to host the programme. Our School celebrates Hindi Diwas with utmost zeal and fervour. Hindi is our national language and a part of our identity too, thus it gives me immense pleasure to welcome you all to the celebration today on Hindi Diwas.

Most of you must be aware that Hindi Diwas is celebrated every year on 14 th September as on this day in 1949, the Indian Constituent Assembly accepted Hindi as the official language of our country along with English. Two years post Independence; the newly formed administration was under social pressure to unite the multiple cultural, linguistic and multiple religious groups of the nation. It was also important that the unique national flavour is maintained while the whole nation is brought together.

Since India did not have any single language which could give it a unique national identity, Hindi was accepted as the solution for unification. More so, it is spoken in major parts of North India; it was an obvious resolution for national linguistic unification, though not the perfect one as a huge territory of non-Hindi speaking India was dissatisfied with this idea. They did not accept Hindi wholeheartedly as the official language since they could not connect to it due to the cultural mismatch.

This was a short and crisp background about Hindi Diwas. Our school celebrates this day every year as we want our students to recognize the importance of this language. In my opinion, one feels more connected and the conversation becomes personalized when we speak in Hindi; as it becomes easier to express our innermost thoughts and feelings. In fact, now even non-Hindi speaking regions have started understanding the language.

Along with imparting the knowledge of English and other subjects such as Maths and Science, we should also put emphasis on Hindi language, since we feel that Hindi is the representation of Indian unity and our national language too. Several functions, competitions and award ceremonies are held at our school as a part of this celebration. The theme for this year is ‘Hindi humari Matrabhasha’ (Hindi is our mother tongue). It is enthralling to see that kids have participated with great zeal and a huge credit goes to their parents too, who along with the teachers have inculcated this culture in their kids.

The centre is also emphasizing on promoting Hindi language as the symbol of national unity and the Hindi Diwas celebration is an important part of these efforts. The day is celebrated at all central offices, schools and institutions. It is highly encouraging to see our Hindi language gaining popularity not only on national level, but also on International level.

Youth of today must come forward and join hands in promoting the language and take pride in being the care taker of Hindi Language. When we say so; we don’t mean that you do away with other languages, such as English or any other language you are comfortable with. We only appeal to all of you to unite India through one language, one nation.

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Hindi Diwas Speech – 5

Good evening my dear friends. It is pleasure to see you all gathered here at this special get together organized on the Hindi Diwas.

This is the day when we all tend to propagate and promote our rashtra bhasha – Hindi. Hindi is the native language spoken by majority of the people across globe. This language has been announced as the mother tongue of India. On this day many sessions, seminars, events, etc are organized. During these activities various Hindi poems, essays, etc are scripted and sculpted. The main agenda behind this day is to make people recognize the need of Hindi language and also make people understand that somebody who speaks the authentic Hindi language is not the one who is left behind in the society instead is the one who deep down inside is taking ahead the uniqueness of Hindi language.

This day is celebrated annually amongst nations to pay tribute to our mother language. Hindi Diwas celebration tends to take place all over the country which marks the importance of the most widely spoken Hindi language. This day is announced as the legal dedicated day for recognizing the ancient time of Hindi language being approved as the official language in the Devnagari script.

People nowadays are curious to learn English and feel that if they keep on speaking in Hindi then it might end up in their career restriction or hurdle in their progress. But it is not so, it is important for people to move forward and learn other languages as well but forgetting or reducing the importance of our mother tongue is not the correct path that we lead onto. During my school days our teachers were specially organizing the essay writing and poem recitation sessions amongst inter-classes on different ancient Hindi related topics. Those times always used to be fun, entertaining and learning. But nowadays, the focus of schools has shifted more towards oxford studies and hence they promote English language amongst all age groups. This is also necessary but the core of having inherited Hindi language within us is very important.

We as the citizens of India should necessarily lay our focus on getting our Mother tongue – Hindi its importance recognized amongst the other languages and other countries of the world. Every year 14th September is celebrated as the Hindi Diwas because of appraising the existence of this authentic language. As per my view, every school, college and organization should celebrate this day with special competitions dedicated to our Hindi language. Different sessions such as poetry writing and recitation, story writing and recitation, essay writing and Hindi vocabulary quizzes, etc can be organized so that young generation along with others feels more connected to the Hindi language.

Thank you all for being a part of this session, jai hind! Jai Bharat! Hindi hamari raggon mein hai. Hindi should, by all means, be in our blood. We all together take the pledge of taking special initiatives on the Hindi Diwas every year so that incredible value of Hindi language and Hindi Diwas continues to stay at peak.

Hindi Diwas Speech – 6

Good morning respected principal, teacher and my dear friends. Thank you everyone for being a part of this special seminar session organized by our school.

Today is 14th September. Does anybody of you recall anything from this date? Majority of you don’t, only a few of the people from literature section are able to give it a guess. 14th September is the day devoted as the Hindi Diwas, a day that is dedicatedly allocated to appreciate and pay tribute to our mother tongue – Hindi language.

On this day, just like our school; many schools, colleges and offices organize special programmes, sessions and competitions in which Hindi poems, essays and stories, quizzes etc are organized. This helps in dual fulfillment as one to test their vocabulary in Hindi and second to make them feel connected to the Hindi language. To add on more interest, special singing competitions and antakshari games are also organized on this day. All this is in an effort to promote Hindi language as the medium that unites a nation.

In the foreign countries special paid and voluntary classes are given to the citizens for making them learn Hindi. Learning Hindi in different countries has been such an enthusiastic thing for the citizens. Honestly friends, we in India learn French, Spanish, etc with a motive of making our career in it but people in abroad are learning Hindi not with the motive of making career but just for their interest in this language. We, as Indians, should support the existence of this language and on the special occasion of Hindi Diwas every year, we should ourselves organize small get together in which we make people to write few Hindi essays on special authentic topics. This will make people connect more towards the mother tongue and make them feel more content towards the existence of this language.

We as the vigilant citizens of the country need to step forward in the society and put forward our support for the stabilized recognition of our Hindi language. We should understand how important this language is, it clearly comes into notice when we get to know that our Hindi language has got renowned dedication for its celebration on this day. It was a day of pride when Hindi language got its recognition in the Devnagari script. This language has traveled a long way to make the presence felt globally.

If we all support and give due respect to Hindi language then at the end directly or indirectly we are supporting and giving due respect to our nation. At present, also there are so many writers who are extremely dedicated to authentic Hindi writing and have no urge of shifting anywhere further. We all should be a part of the Hindi Diwas throughout the year and we should engage in multiple activities that are related to our mother tongue.

Thank you all for being a part of this session and we all as youths should dedicatedly stay connected for the progress of our Hindi language and effectively address the existence of Hindi Diwas.

Hindi Diwas Speech – 7

Warm Greetings Ladies and Gentlemen – Welcome to the speech ceremony of today!

Being one of the most diverse nations in the world, India is a place where numerous traditions, customs, religions and languages flourish. And among all the languages, Hindi is considered the chief as well as the widely spoken language in India. As per the recent data, there are above 26 crore speakers of this language; thereby, making it one of the most spoken languages in India.

It was on September 14 th in the year 1949 that Hindi received an exalted status in our country. Since then, September 14 is being celebrated as Hindi Diwas so much so that Hindi also enjoys the privilege of being the national language, i.e. rashtra bhasha of our country.

Hindi Diwas, therefore, is celebrated with great pride and enthusiasm at various academic institutions as well as government sectors. In contemporary times where people are deviating from their roots, such day as Hindi Diwas plays a significant role in helping them stay connected with their roots. It not only helps people in staying close to their tradition and culture, but also encourages people to adopt Hindi as their first spoken language and give it its due status.

Unfortunately, people have become so exposed to western culture that they have lost interest in their native culture and subsequently in their native language, i.e. Hindi. They are even ashamed to speak it publicly. Therefore, it is through such festivals as Hindi Diwas that we are reminded of the importance of the language and the fact that it is one of the oldest and most prominent languages across the globe and we should never feel ashamed of speaking in Hindi anywhere in the world for that matter.

History has it that Hindi has been the chief language of the learned people and works of great literary importance have been composed in this language. For instance, Ramcharitmanas is one of the works of utmost importance written in Hindi. Written by Goswami Tulsidas during the 16 th century, the work narrates the story of Lord Rama and the period of his ordeal. There are a few more works written in Hindi, namely Nirmala by Munshi Rai Premchand, Madhushala by Harivansh Rai Bachchan, Chandrkanta by Devaki Nandan Khatri, etc.

Hindi is one of the ancient languages, which owes its origin from the Sanskrit language. Hindi comes under the ambit of modern Indo-Aryan languages. However, in the preceding times Hindi has evolved as a language and now has become modernized. The older versions of Hindi were Hindustani, Hindavi and Khari-boli. These were spoken during the 10 th century AD. The literary background of Hindi goes back to 12 th century whereas the modern adoption of Hindi as a language which we see in the present times goes back to some 300 years.

Therefore, considering the huge importance of this language and like every year we will be celebrating Hindi Diwas on September 14 th with great enthusiasm. It is our mother tongue and what gives us our distinct identity. We should always feel proud of our country and its language.

Jai Hind! Jai Bharat!

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हिंदी का महत्व ( Importance of Hindi )

आज के युग में हम हिंदी के महत्व को उजागर करने जा रहे हैं। हिंदी के उद्भव , विकास और प्रसिद्धि इन सभी बिंदुओं पर विस्तार पूर्वक चर्चा करने की कोशिश करेंगे। यह लेख हिंदी भाषी तथा गैर हिंदी भाषी लोगों के लिए भी लाभदायक है , जिसके माध्यम से वह हिंदी को और विस्तार पूर्वक समझ सकेंगे।

यह लेख हिंदी के महत्व को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है। जिसके माध्यम से आपके ज्ञान की वृद्धि और जिज्ञासा की शांति हो सके। ऐसा इस लेख का उद्देश्य  है –

Table of Contents

हिंदी का महत्व ( निबंध के रूप में प्रस्तुत )

पृष्ठभूमि – हिंदी की प्रसिद्धि आज देश ही नहीं अभी तो विदेश मे भी है। हिंदी का सरलतम रूप आज समाज में व्याप्त है।  हिंदी का अध्ययन देश ही नहीं अपितु विदेश में भी किया जा रहा है। हिंदी भाषी क्षेत्रों का दायरा व्यापक और विस्तृत होता जा रहा है , जिसमें संभावनाएं असामान्य रूप से बढ़ती जा रही है।

खड़ी बोली को पीछे छोड़कर हिंदी भाषा में एक नया रूप धारण किया , जिसमें इसके पाठकों और श्रोताओं का साथ मिलता गया। हिंदी भाषी लोग भारत में बेहद ज्यादा संख्या में उपलब्ध है , जिसके कारण भारतीय साहित्य में हिंदी भाषा ने अपनी प्रतिष्ठा प्राप्त कर ली। वर्तमान शोध में यह पाया गया है कि इंटरनेट की दुनिया में गुणात्मक रूप से वृद्धि करने वाली भाषा हिंदी है।

जिसके अध्ययन के लिए विदेशी लोग भी लालाहित हैं।

माना जाता है हिंदी का जन्म उर्दू , अरबी और फारसी भाषाओं से हुआ है। मेरा ऐसा मानना है काफी शब्द उनसे ग्रहण किया गया है , किंतु संस्कृत का यह सरलतम रूप है। हिंदी मे  , संस्कृत और उर्दू के शब्दों भाषा के शब्दों का प्रयोग देखने को मिलता है।

हिंदी भाषा के उद्भव के कारण

हिंदी के उद्भव से पूर्व की जो भाषाएं भारत में प्रचलित थी वह सामान्य जनमानस की भाषा नहीं थी। संस्कृत पढ़े लिखे और विद्वानों की भाषा मानी जाती थी।  इस भाषा का प्रयोग सामान्य जीवन में नहीं किया जाता था। जिसके कारण इस भाषा से सामान्य जन परिचित नहीं थे। भारत की अधिकतर आबादी गांव में निवास करती थी , जहां के लोग अपनी क्षेत्रीय भाषा में बातचीत किया करते थे। इन ग्रामीणों को बैंक अथवा कार्यालय में हिंदी भाषा का प्रयोग करने में सुविधा होती है। अतः ऐसे क्षेत्र बहुतायत संख्या में है जहां कार्यालय भाषा हिंदी है।

हिंदी के शब्द सरल और सुविधाजनक माने जाते हैं। इस प्रकार यह लोग सम्मानीय की भाषा बनती है। हिंदी का साहित्य में आगमन एक क्रांतिकारी चरण है। हिंदी से पूर्व प्राकृत , अपभ्रंश , खड़ी बोली आदि का प्रयोग था जो बेहद ही जटिल भाषा मानी जाती है। इसको लिखना और बोलना बेहद कठिन माना जाता है।

अतः नवजागरण काल में हिंदी भाषा का चलन आरंभ हुआ।

भारतेंदु हरिश्चंद्र और उनकी सहयोगी टोलियों ने हिंदी भाषा के क्षेत्र में बेहद सराहनीय कार्य किया। भारतेंदु को हिंदी भाषा के विकास का श्रेय दिया जाता है इससे पूर्व खड़ी बोली प्रचलन में थी।

जनसामान्य की रुचि को ध्यान में रखते हुए भारतेंदु ने हिंदी भाषा का चलन आरंभ किया।

तत्काल समय में कविता नाटक और उपन्यास की रचना हिंदी में की गई जिसे लोगों ने खूब सराहा और धीरे-धीरे मध्यमवर्गीय पाठकों का उदय हुआ। इन पाठकों की प्रमुख भाषा हिंदी थी।

अतः उन्होंने हाथों-हाथ इन उपन्यास और साहित्य को अपनाया।

हिंदी भाषी क्षेत्र की जानकारी

हिंदी भाषा का क्षेत्र आज व्यापक हो गया है , पूर्व समय में उत्तर भारत का संपूर्ण भाग हिंदी भाषी माना जाता था। जिसमें प्रमुख मध्य प्रदेश , उत्तर प्रदेश , बिहार आदि है। इन प्रदेशों में अधिक आबादी और संख्या होने के कारण हिंदी भारत में लोकप्रिय भाषा बन गई।  आज वैश्विक स्तर पर हिंदी भाषा उभर कर सामने आई है। वर्तमान समय में देश ही नहीं अपितु विदेश में भी हिंदी भाषा की सराहना की जा रही है। हिंदी भाषा इतनी सरल है कि जो शब्द का उच्चारण होता है वही शब्द लिखित रूप में होता है।

जबकि अन्य भाषाओं में शब्द का उच्चारण और लेख विभिन्न होते हैं।

विदेशी पाठक भी हिंदी का अध्ययन कर रहे हैं और इस क्षेत्र में उभरती संभावनाओं की तलाश कर रहे हैं।

इंटरनेट पर हिंदी भाषी लोगों का निरंतर गुणात्मक रूप से वृद्धि हो रही है।

जिसका यही कारण है कि हिंदी सरल और सुगम भाषा बनती जा रही है। यह एक विशाल समूह की भाषा है जो सरल और सुगम मानी गई है।

वैश्विक स्तर पर हिंदी का महत्व – Hindi ka mahatva vaishvik star par

भारत सदैव से विश्व गुरु माना गया है , बीच में कुछ कालखंड ऐसे रहे जहां भारत अपनी राजनीतिक परिस्थितियों में घिर गया था। किंतु वह आज भी विश्व गुरु बनने की राह में पीछे नहीं है। भारत में वैदिक गुरुकुल और शिक्षा को ग्रहण करने के लिए देश-विदेश से शिक्षार्थी आया करते थे यहां के गुरुकुल की शिक्षा दुर्लभ थी। नालंदा विश्वविद्यालय इसका एक प्रमुख उदाहरण है।

  • भारत ने ही विश्व को वेद और योग तथा विज्ञान की शिक्षा दी।
  • भारतीय वेद पुराणों में निहित विज्ञानों को आज के वैज्ञानिक खोज कर रहे हैं।
  • जबकि उन सभी को भारतीय वेद पुराण में लिखा जा चुका था।

इसको आप झुठला नहीं सकते।

ठीक इसी प्रकार हिंदी की पकड़ विश्व स्तर पर हो गई है। इसके पाठकों के माध्यम से हिंदी भाषा का विस्तार हो रहा है। आज विदेशी लोग भी व्यापार करने के लिए भारत की ओर ताक रहे हैं। ऐसी स्थिति में वह हिंदी भाषा का गहन अध्ययन कर रहे हैं। आए दिन शोध में यह पाया जा रहा है कि भारतीय हिंदी भाषा का निरंतर गुणात्मक रूप से विकास हो रहा है। अतः इनकी आबादी और पाठकों की संख्या बेहद अधिक है ऐसे में विदेशी भी भारत की ओर अपनी संभावनाएं तलाश रहे हैं।

इंटरनेट पर इंग्लिश और चाइना भाषा के बाद हिंदी ही सबसे लोकप्रिय भाषा मानी जा रही है। देश विदेश के लोग हिंदी सीखने के लिए मोटी रकम खर्च कर रहे हैं।

हिंदी के साहित्य

हिंदी के साहित्य का वर्तमान में वैश्विक स्तर पर मांग बढ़ गई है। हिंदी के साहित्य व्यक्ति के जीवन से जुड़े होते हैं। उसमें हर्ष , विषाद , संवेदना सभी प्रकार के भाव निहित होते हैं। हिंदी साहित्य मानवीय संवेदनाओं को प्रकट करने में सक्षम है। आप इन साहित्य को पढ़कर यह महसूस करेंगे कि यह हूबहू आपके सामने आपके आंखों के दृश्य को प्रकट कर रहा है। हिंदी से पूर्व खड़ी बोली और अवधी भाषा का प्रचलन जोर पर था।

किंतु इन साहित्य को पढ़ने में उनके शब्दों को समझने में काफी कठिनाई का अनुभव करना पड़ता था। तत्कालीन लेखकों और कवियों ने इस पर विचार विमर्श कर हिंदी भाषा में साहित्य का रूपांतरण और रचना आरंभ की। जयशंकर प्रसाद , भारतेंदु हरिश्चंद्र , प्रेमचंद , आदि प्रमुख कवियों ने सामाजिक जीवन को हूबहू हिंदी साहित्य में पाठक के सामने प्रकट किया है।

यही कारण है कि प्रेमचंद को कलम का सिपाही माना जाता है।

उनकी रचना ग्रामीण परिवेश से जुड़ी हुई थी , यह साहित्य ग्रामीण जीवन को प्रकट करने का सामर्थ्य रखती थी। इन कवियों के साहित्य को ग्रामीण जीवन का महाकाव्य भी माना गया है।

हिंदी साहित्य जनसामान्य का साहित्य है।

इस साहित्य के पाठक का दायरा बेहद विस्तृत और व्यापक है।

शब्द और उच्चारण

हिंदी विश्व की एक इकलौती ऐसी भाषा है जो शब्द उच्चारण किए जाते हैं वही शब्द लिखे जाते हैं। हिंदी के अतिरिक्त अन्य सभी भाषाओं में उच्चारण और लेखन में बेहद ही अंतर देखने को मिलता है।

कई बार शब्दों को पढ़कर उसके उच्चारण में अस्पष्टता होती है।

हिंदी को इन्हीं सभी कठिनाइयों को ध्यान में रखकर विस्तार मिला। हिंदी जन सामान्य और मध्यम वर्ग की सशक्त भाषा है। इस भाषा में अनेक भाषाओं के शब्दों को समाहित किया गया है।

जिसमें प्रमुख अरबी , फारसी , उर्दू , संस्कृत आदि भाषाएं शामिल है।

इंटरनेट पर भी हिंदी का प्रयोग इसलिए प्रसिद्ध है , क्योंकि इसके शब्दों का लिखना और उच्चारण करना पाठकों के लिए सुलभ है। दिन – प्रतिदिन इसी सुगमता के कारण हिंदी का निरंतर विकास होता जा रहा है।

वह दिन दूर नहीं जब हिंदी विश्व स्तर की सर्वश्रेष्ठ भाषा कहलाई जाएगी।

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5 thoughts on “हिंदी का महत्व ( Importance of Hindi )”

हिंदी का महत्व सिर्फ वही व्यक्ति समझ सकता है जो इसमें छुपे रास को ग्रहण कर सकने की क्षमता रखता है। आपका लेख वाकई काबिले तारीफ है। आशा है आपसे इसी प्रकार के लेखन की।

धन्यवाद शुभाष जी। हमें इस बात की ख़ुशी है कि ये लेख आपको अच्छा लगा।

आज के जमाने में हिंदी का महत्व बढ़ता ही जा रहा है और इसलिए मेरा सभी से अनुरोध है की हिंदी विभाग की सहायता लेकर अपनी हिंदी मजबूत करें और अपने आप को बेहतर बनाएं।

बहुत अच्छा लेख तैयार किया है आपने, हिंदी का महत्व बहुत है अगर सामने वाला समझना चाहे तो

राष्ट्रपती रामनाथ कोविन्द जी ने कहा है.. “हिंदी अनुवाद की नहीं बल्कि संवाद की भाषा है। हिंदी मौलिक सोच की भाषा है।”

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  • मूल्य निर्धारण

पब्लिक स्पीकिंग क्या है? प्रकार, उदाहरण और 2024 में इसे बेहतर बनाने के टिप्स

जेन न्गो • 26 जून, 2024 • 6 मिनट लाल

मजबूत सार्वजनिक बोलने वाले लोगों के पास बड़े निगमों द्वारा मांगे जाने वाले संभावित उम्मीदवारों के रूप में विकसित होने के कई अवसर हैं। गतिशील और अच्छी तरह से तैयार वक्ताओं को हेडहंटर्स द्वारा अत्यधिक महत्व दिया जाता है और वे नेतृत्व की स्थिति और महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

इस लेख में हम इसके बारे में अधिक जानेंगे सार्वजनिक बोल यह क्यों महत्वपूर्ण है, और अपने सार्वजनिक बोलने के कौशल को कैसे सुधारें।

AhaSlides के साथ पब्लिक स्पीकिंग टिप्स

  • बोलने के लिए दिलचस्प विषय
  • सार्वजनिक बोलने के प्रकार
  • पब्लिक स्पीकिंग टिप्स
  • सार्वजनिक बोलने का डर
  • खराब पब्लिक स्पीकिंग
  • सार्वजनिक भाषण क्यों महत्वपूर्ण है?

पब्लिक स्पीकिंग क्या है?

सार्वजनिक भाषण, जिसे व्याख्यान या भाषण के रूप में भी जाना जाता है, पारंपरिक रूप से इसका अर्थ है  सीधे बोलने की क्रिया, एक लाइव ऑडियंस का आमना-सामना करना .

speech on hindi language in hindi

सार्वजनिक भाषण का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है, लेकिन अक्सर यह शिक्षण, अनुनय या मनोरंजन का मिश्रण होता है। इनमें से प्रत्येक थोड़ा अलग दृष्टिकोण और तकनीकों पर आधारित है।

आज, सार्वजनिक भाषण की कला को नई उपलब्ध तकनीक जैसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, मल्टीमीडिया प्रस्तुतियों और अन्य गैर-पारंपरिक रूपों द्वारा बदल दिया गया है, लेकिन मूल तत्व वही रहते हैं।

सार्वजनिक बोलना क्यों महत्वपूर्ण है?

यहाँ कुछ कारण बताए गए हैं कि क्यों सार्वजनिक रूप से बोलना अधिक से अधिक आवश्यक होता जा रहा है:

अपनी भीड़ पर विजय प्राप्त करें

किसी कंपनी की मीटिंग या कॉन्फ़्रेंस में मौजूद हज़ारों लोगों के सामने अपने विचारों को सुसंगत और आकर्षक ढंग से प्रस्तुत करना आसान नहीं है। हालाँकि, इस कौशल का अभ्यास करने से मदद मिलेगी  डर पर काबू पाएं  सार्वजनिक बोलने का, और संदेश देने के लिए आत्मविश्वास का निर्माण। 

speech on hindi language in hindi

लोगों को प्रेरित करें

उत्कृष्ट सार्वजनिक बोलने के कौशल वाले वक्ताओं ने कई दर्शकों को अपने जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ बनाने में मदद की है। वे जो संदेश देते हैं वह दूसरों को साहसपूर्वक कुछ शुरू / बंद कर सकता है या जीवन में अपने स्वयं के लक्ष्यों को फिर से स्थापित कर सकता है। सार्वजनिक भाषण इतने सारे लोगों के लिए एक शक्तिशाली प्रेरक और भविष्योन्मुखी हो सकता है।

महत्वपूर्ण सोच कौशल विकसित करें

सार्वजनिक भाषण देने से आपका मस्तिष्क पूरी क्षमता से काम करता है, खास तौर पर आलोचनात्मक ढंग से सोचने की क्षमता। आलोचनात्मक सोच रखने वाला वक्ता ज़्यादा खुले दिमाग वाला होगा और दूसरों के नज़रिए को बेहतर ढंग से समझ पाएगा। आलोचनात्मक सोच रखने वाले लोग किसी भी मुद्दे के दोनों पक्षों को देख सकते हैं और उनके द्विदलीय समाधान निकालने की संभावना ज़्यादा होती है।

अपनी सभाओं में अधिक सहभागिता

  • रैंडम व्हील
  • एआई ऑनलाइन क्विज़ क्रिएटर | क्विज़ को लाइव बनाएं
  • अहास्लाइड्स ऑनलाइन पोल मेकर - सर्वश्रेष्ठ सर्वेक्षण उपकरण
  • रैंडम टीम जेनरेटर

सार्वजनिक भाषण के प्रकार

एक सफल वक्ता बनने के लिए, आपको स्वयं को समझने के साथ-साथ यह भी समझना होगा कि आपके लिए किस प्रकार का सार्वजनिक भाषण सर्वोत्तम है, और यहां तक ​​कि आपको प्रत्येक दृष्टिकोण के आधार पर प्रस्तुतीकरण के प्रकारों को भी विभाजित करना होगा। 

सबसे आम  5 विभिन्न प्रकार  सार्वजनिक बोलने के हैं:

  • औपचारिक भाषण
  • प्रेरक बोलना
  • जानकारीपूर्ण भाषण
  • मनोरंजक भाषण
  • प्रदर्शनकारी बोलना

सार्वजनिक भाषण के उदाहरण

आइये महान भाषणों और महान वक्ताओं के उदाहरण देखें:

डोनोवन लिविंगस्टन भाषण - संदेश देने में रचनात्मकता

डोनोवन लिविंगस्टन ने हार्वर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ एजुकेशन के दीक्षांत समारोह में एक प्रभावशाली भाषण दिया। 

उनका भाषण एक उद्धरण के साथ सुरक्षित रूप से शुरू हुआ, एक तकनीक जिसका उपयोग पीढ़ियों से किया जा रहा है। लेकिन फिर, मानक अभिरुचि और शुभकामनाओं के बजाय, उन्होंने भाषण के रूप में एक बोली जाने वाली कविता में लॉन्च किया। इसने अंत में भावनात्मक रूप से अभिभूत दर्शकों को आकर्षित किया।

लिविंगस्टन के भाषण को अब तक 939,000 से अधिक बार देखा जा चुका है और लगभग 10,000 लोगों ने इसे पसंद किया है।

डैन गिल्बर्ट की प्रस्तुति - जटिल को सरल बनाएं

द सरप्राइज़िंग साइंस ऑफ़ हैप्पीनेस पर डैन गिल्बर्ट की प्रस्तुति इस बात का एक बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे जटिल को सरल बनाया जाए।

गिल्बर्ट ने श्रोताओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीति अपनाई, जिसमें उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि यदि वे किसी अधिक जटिल विषय पर बात करने का निर्णय लेते हैं, तो वे अवधारणाओं को इस तरह से विभाजित करेंगे कि श्रोता आसानी से समझ सकें।

एमी मोरिन - एक कनेक्शन बनाओ 

एक महान कहानी सुनाना आपके दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित करने में अच्छा काम करता है, लेकिन यह तब और भी अधिक शक्तिशाली होता है जब आप कहानी और अपने दर्शकों के बीच संबंध बनाते हैं।

एमी मोरिन ने अपने मुख्य भाषण "द सीक्रेट टू बीइंग मेंटली स्ट्रॉन्ग" में श्रोताओं को एक प्रश्न के साथ जोड़कर किया।

शुरुआत के लिए, ऊपर दिए गए उदाहरणों की तरह यह न सोचें कि आप कब महान बनेंगे, बल्कि इस बात पर ध्यान दें कि इससे कैसे बचा जाए।  सार्वजनिक बोलने में गलतियाँ करना . 

और हम नीचे दिए गए अनुभाग में सार्वजनिक बोलने के कौशल को बेहतर बनाने के लिए युक्तियों के बारे में जानेंगे।

अधिक जानें: बोलने के लिए दिलचस्प विषय

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सार्वजनिक बोलने के कौशल में सुधार कैसे करें

  • विश्वास रखें:  आत्मविश्वास विपरीत व्यक्ति को आकर्षित करने में बहुत मदद करता है। इसलिए, जब आप जो कहते हैं उस पर विश्वास करते हैं, तो दूसरों को भी आपकी बात पर विश्वास दिलाना आसान हो जाएगा। (चिंता और आत्मविश्वास की कमी महसूस कर रहे हैं? चिंता न करें! इन सुझावों से आप इस पर काबू पा लेंगे  ग्लोसोफोबिया )
  • आँख से संपर्क करें और मुस्कुराएँ:  किसी के साथ संवाद करने के लिए अपनी आँखों का उपयोग करना, यहाँ तक कि केवल कुछ सेकंड के लिए, आपके अनुयायियों को यह एहसास दिला सकता है कि आप उन्हें साझा करने में अपना पूरा दिल लगा रहे हैं, और दर्शक इसकी अधिक सराहना करेंगे। इसके अलावा, मुस्कान श्रोताओं को प्रभावित करने का एक शक्तिशाली हथियार है।
  • शारीरिक भाषा का प्रयोग करें:  आपको अपने हाथों का उपयोग संचार सहायता के रूप में करना चाहिए। हालांकि, उनका सही समय पर उपयोग किया जाना चाहिए, जिससे दर्शकों को असुविधा पैदा करने के लिए हाथ और पैर को बहुत अधिक हिलाने की स्थिति से बचा जा सके।
  • बोलते समय भावना पैदा करें : चेहरे के भावों को भाषण के लिए उपयुक्त बनाने से यह अधिक जीवंत और दर्शकों को अधिक सहानुभूतिपूर्ण बना देगा। जानकारी देते समय ध्वन्यात्मकता और लय पर ध्यान देना आपके सार्वजनिक बोलने को और अधिक आकर्षक बना देगा!

speech on hindi language in hindi

  • एक दिलचस्प तरीके से शुरू करें:  प्रस्तुति की शुरुआत किसी असंबंधित या कहानी, आश्चर्य की स्थिति आदि से करने की सलाह दी जाती है। दर्शकों को इस बारे में उत्सुक रखें कि आप क्या करने जा रहे हैं और भाषण पर प्रारंभिक ध्यान दें।
  • श्रोताओं के साथ बातचीत करें:  अपने श्रोताओं से ऐसे प्रश्न पूछें जिनसे आपको उनकी आवश्यकताओं के बारे में अधिक जानने और समस्याओं को सुलझाने में मदद मिले।
  • नियंत्रण समय:  योजना के अनुसार भाषण देने से सफलता का स्तर अधिक होगा। यदि भाषण बहुत लंबा और अस्पष्ट है, तो इससे श्रोताओं की रुचि खत्म हो जाएगी और वे अगले भाग का बेसब्री से इंतजार करेंगे।
  • बिल्ड प्लान बी:  संभावित जोखिमपूर्ण स्थितियों के लिए खुद को तैयार रखें और अपने समाधान खुद ही बनाएँ। इससे आपको अप्रत्याशित परिस्थितियों में शांत रहने में मदद मिलेगी।

मंच पर चमकने के लिए, आपको न केवल बोलते समय अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना चाहिए, बल्कि मंच से बाहर होने पर भी अच्छी तैयारी करनी चाहिए। 

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13 Pages Posted: 26 Aug 2024

Shayoni Rakshit

Bharati Vidyapeeth's College of Engineering

Himani Dhawan

Tanya gupta, rachna narula.

Date Written: July 29, 2024

By focusing on hate speech recognition, this study addresses the urgent need to combat hate speech in Hindi, one of the most spoken languages online. With 21,000 tweets in the dataset covering a wide range of terms, in-depth analysis is possible. The initiative aims to classify these tweets into four distinct groups: offensive, false, defamation and non-hateful. Because of its ability to capture complex contexts present in Hindi text, BERT is important for accurately identifying hate speech. By enabling improved text classification using complex transformer-based models such as Hindi-BERT (Bidirectional Encoder Representation of Transformer), and MuRIL. This study examines how the complexities of language use and cultural context shape hate speech. Our data shows that after 10 epochs, Hindi-BERT shows the highest accuracy of 82.73%, followed by MuRIL, which provides training accuracy of 75.90%. The study's conclusions highlight the crucial importance of complex transformation models in effectively classifying and removing hate speech in the complex linguistic landscape of Hindi.

Keywords: Hindi, Self-Annotation, Dataset, Hate Speech, NLP, Transformer Based Models, Hindi BERT, MuRIL, Llama2

Suggested Citation: Suggested Citation

Shayoni Rakshit (Contact Author)

Bharati vidyapeeth's college of engineering ( email ).

Paschim Vihar ND 110063 India

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15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर भाषण निबंध : 15 August Independence Day Speech In Hindi 2024

15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर भाषण निबंध : 15 August Independence Day Speech In Hindi 2024 – 78 वें स्वतन्त्रता दिवस सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामना. हमारे इस राष्ट्र्पर्व पर दिल्ली के राजपथ चौराहे पर राष्ट्रिय कार्यकम आयोजित किया जाना हैं. हम क्यों मनाते हैं. 15 अगस्त,

आजादी का क्या अर्थ होता हैं, क्या महत्व हैं. इस निबंध में हम विस्तार से अध्ययन करने जा रहे हैं. बहरहाल पूरा देश आजादी के जश्न समारोह की तैयारियों में जुटा हैं, इस कार्यक्रम में एक विदेशी मेहमान मुख्य अतिथि के रूप में शरीक होंगे.

देश की आन बान और शान यानि भारतीय सेना के तीनों अंगो की शानदार परेड का आयोजन और माननीय प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी के जोशीले भाषण दिल को मंत्रमुग्ध कर जाते हैं,

यहाँ आपकों स्वतंत्रता दिवस (indian independence day) पर हिंदी में निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जिन्हें आप अपने स्कुल के कार्यक्रम में बोल सकते हैं.

15 अगस्त पर भाषण निबंध : 15 august speech in hindi 2024

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5 lines on independence day In Hindi

गुलामी और परतन्त्रता का महत्व वही समझ पाते हैं, जिन्होंने इसे भोग हैं अथवा इसकी खातिर बलिदान दिया हैं. यातनाए सही हैं. आज हम स्वतंत्र हैं, जो चाहे वो कर सकते हैं जिधर चाहे जा सकते हैं.

न्याय के लिए अदालत जा सकते हैं, संतुष्टि ना होने पर उपरी अदालत में अपील कर सकते हैं. मगर कल्पना कीजिए, काश यही स्थति पूर्ण विपरीत हो जाए कानून, न्याय और प्रशासन किसी एक वर्ग की पैठू बन जाए तो क्या होगा. वही होगा जो सतावर्ग चाहेगा.

15 अगस्त का दिन भारत के इतिहास का महत्वपूर्ण दिन हैं. वर्ष 1947 में इसी दिन हमे 200 वर्षो तक की गोरों की गुलामी से निजात मिली थी. इसी उपलक्ष्य में हम प्रतिवर्ष 15 अगस्त को आजादी दिवस मनाते हैं.

76वें स्वतन्त्रता दिवस के इस अवसर पर उन हजारों स्वतन्त्रता सैनानियो को श्रदांजली अर्पित करते हैं. जिन्होंने भारत की स्वतन्त्रता की खातिर हसते-हसते अपने बलिदान दे दिया था. ऐसें वीर शहीदों को देश शत-शत नमन करता हैं.

भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम जिन्हें 1857 की क्रांति भी कहा जाता हैं, मंगल पांडे की चिंगारी से 14 अगस्त के भारत-विभाजन के बिच की 100 वर्षो की अवधि का संघर्ष का ही नतीजा हैं, आज हम स्वतंत्र हैं. आजादी का अर्थ होता हैं- पूर्ण स्वतन्त्रता. यह व्यक्ति का प्राथमिक अधिकार समझा जाता हैं.

मगर कुछ शक्तिशाली अथवा शातिर लोगों के समूह द्वारा अपनी शक्ति का नाजायज उपयोग कर किसी कमजोर राष्ट्र को अपना उपनिवेश बनाकर उनका आर्थिक राजनितिक और सांस्कृतिक शोषण की परिपाटी की शुरुआत यूरोप से हुई. जिनके चंगुल में भारत सहित विश्व के कई देश वर्षो तक फसे रहे.

15 अगस्त 2024 स्वतंत्रता दिवस भाषण – 2

भगतसिंह, सुभाषचन्द्र बोस, चन्द्रशेखर आजाद, तात्या टोपे, झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई जैसे हजारो शहीद देशभक्तों की वीरतापूर्ण कहानी और पराक्रम के बल पर ही भारत को आजादी में मिल सकी थी. वे माताए धन्य हैं, जिन्होंने ऐसे वीर सपूतों को जन्म दिया. अपने घर-परिवार की परवाह किये बिना.

स्वतन्त्रता आन्दोलन का साथ थामा और मौत को गले लगाने से नही हिचके. सर फरोश की तमन्ना अब हमारे दिल मैं हैं ,दिखना हैं जोर कितना बाजुए कातिल में जैसी प्रेरणादायक पक्तियाँ प्रत्येक नवयुवक का खून उबाल देती थी.

29 मार्च, 1857 के दिन भारत के पहला स्वतन्त्रता सेनानी मंगल पांडे को ब्रिटिश सरकार ने राजद्रोह के आरोप में फांसी की सजा दे दी गईं थी. इसी घटना के प्रतिरोध और अन्य सामाजिक राजनितिक कारणों के फलस्वरूप 1857 की क्रांति की शुरुआत हुई थी.

गोरी सरकार की दमनकारी निति ने इस आन्दोलन को एक साल के भीतर पूरी तरह दबाने में तो सफल रही. मगर आजादी की इस चिंगारी ने प्रत्येक भारतीय के मन में इस सरकार के विरुद्ध आक्रोश और देशप्रेम की भावना पैदा कर दी.

भारत की स्वतंत्रता के पीछे राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का महत्वपूर्ण योगदान रहा. उन्हें सत्य और अहिंसा पर आधारित असहयोग आन्दोलन, भारत छोड़ो आन्दोलन, नमक सत्याग्रह, चम्पारण खेड़ा का आन्दोलन के परिणाम स्वरूप अंग्रेज सरकार को मजबूर होकर भारत की स्वतन्त्रता की घोषणा करनी पड़ी.

200 वर्षो तक सता पर काबिज अंग्रेज सरकार को भारत से भगाने की बड़ी कीमत इस देश के लोगों ने चुकाई, जिनमे कठोर कारावास, काले पानी की सजा, अमानवीय यातनाए और हजारों नवयुवको को फांसी की सजा दी गईं थी.

जलियावाला बांग हत्याकांड, लाहौर में लाठीचार्ज लालाजी की हत्या, भगतसिंह को फांसी, भारत-पाकिस्तान का विभाजन, 1946-47 में हिन्दू मुस्लिम दंगे जैसे जख्म हिंदुस्तान हमेशा याद रखेगा.

15 अगस्त पर हमारा योगदान

आज हम स्वतंत्र हैं, हमें अपने भारत को फिर से सोने की चिड़िया और विश्वगुरु बनाना हैं. ब्रिटेन में 20 लाख से अधिक भारतीय रहते हैं. यह वक्त हैं हमारे उत्पीडन के बदले का वक्त बदल चूका हैं.

हमे मानसिक रूप से उन कातिलों से बदला लेना हैं जिन्होंने हमे 200 वर्षो तक गुलाम बनाए रखा. आजादी के 75 साल बाद भी हमारे देश की अधिकतर आबादी अपनी बुनियादी वस्तुओं की पहुच से दूर हैं, इस सच्चाई को छुपाकर हम कैसे कह सकते हैं.

कि भारत एक सुपर पॉवर हैं. हमे अपने वतन को उस मुकाम तक पहुचाने में माननीय प्रधानमन्त्री कों समर्थन देना चाहिए. एक भारतीय होने के नाते हमे अपने देश के विकास कार्यो में सहयोग के लिए समय पर टैक्स का भुगतान कर, सरकारी योजनाओं में सहयोग करके, भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ने में हमे आगे आना होगा.

जय हिन्द. जय भारत

15 अगस्त पर भाषण – 78वाँ स्वतंत्रता दिवस 2024 भाषण 4

15 अगस्त पर भाषण – 78वाँ स्वतंत्रता दिवस 2024: यह दिन हैं हमारे गौरव का हमारी आजादी का जब देशभर में देशभक्ति का जूनून उमड़ पड़ा हैं.

हम बात कर रहे हैं हमारे 76वाँ 15 अगस्त पर भाषण की. 15 अगस्त 202 4 के दिन पूरा देश तिरंगे को सलामी देते हुए, एक बार फिर उन लोगों को उनके बलिदान को याद करेगे, जिनके कारण आज हम आजाद हैं.

15 अगस्त पर भाषण के इस लेख में सभी स्टूडेंट्स मित्रों के लिए सरल भाषा में हिंदी निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं. जिन्हें आप 15 अगस्त पर भाषण बोल सकते हैं/पढ़ सकते हैं.

आदरणीय देवतुल्य गुरुजनों, अभिभावक गण और पिता तुल्य इस कार्यक्रम में पधारे ग्रामीणों . आज हम हमारे देश भारत के एक बहुत बड़े दिन को मनाने के लिए यहाँ पहुचे हैं.

यह दिन हमारे लिए गौरव और आनन्द का दिन हैं, आज ही दिन सन 1947 में हमारे स्वतन्त्रता सैनानियो के त्याग, बलिदान और देशभक्ति के परिनामस्वरूप 200 वर्षो के लम्बे सघर्ष के बाद आजादी मिली थी.

अगर हम कहे 15 अगस्त के दिन हमने अंग्रेजो से आजादी छिनकर हासिल की, अथवा कीमत चुकाकर हासिल की तो कुछ भी गलत नही होगा.

आज का दिन हमारे लिए हर्ष और उल्लास का दिन तो हैं ही साथ ही साथ आज का दिन उन स्वतन्त्रता सैनानियो को याद करने का भी हैं. जिन्होंने अपने देश के लिए जान की बाजी लगा दी थी.

उनमे वीर शहीद भगतसिंह,तात्या टौपे, सुभाषचन्द्र बोस, चन्द्रशेखर आजाद, लक्ष्मी बाई,खुदीराम बोस जैसे अनेक क्रांतिकारियों ने अपनी मातृभूमि की आजादी के लिए अपने प्राणों का बलिदान कर दिया था.

आज हम आजाद भारत के नागरिक हैं. तभी हम यह कल्पना भी नही कर सकते कि अंग्रेजो ने हमारे पूर्वजो पर किस तरह अत्याचारों की बाढ़ ला दी थी. एक लम्बे  समय तक की बंधी गुलामी की इन बेडियों को आज से 75 वर्ष पूर्व तोड़ा जा चूका हैं.

आज हमे अपने भारत पर गर्व हैं, तो उन शहीदों की वजह से. एक गुलाम देश बुझदिल लोगों पर कोई गर्व नही करता. मगर हमारे जाबाजों ने अंग्रेजो की तोप गोलियां खाकर भी किसी को भारत की वीर भूमि पर यह संदेह पैदा नही होने दिया.

दूसरी तरफ यदि हमारे देश की वर्तमान स्थति पर नजर डाले तो शर्म से कहना पड़ता हैं, आज भी हम पूर्ण रूप से स्वतंत्र नही हैं, भले ही हमारे स्वतन्त्रता सेनानियों ने हमे गोरों से मुक्त कर दिया.

मगर हमारे आलचीपन और अकर्तव्यपरायणता के कारण आज हम भ्रष्टाचार, गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी, राजनीती का निम्न स्तर, सामाजिक बुराइयों में किसी न किसी तरह इनके गुलाम हैं, उसी का नतीजा हैं.

आबादी के लिहाज से विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश होने के बावजूद ये हमारी ताकत नही बन पाई.

अपने देश को इन सभी समस्याओं से स्वतंत्र कराने के लिए सभी नागरिकों को आगे आना होगा, आज हम यह प्रतिज्ञा करे कि कोई भी ऐसा कार्य जिसमे हमारे देश समाज का अहित हो जैसे रिश्वत देना या लेना, गंदगी फैलाना, भेदभाव करना, असामाजिक प्रवर्ती के लोगों को सहयोग न तो करेगे, न ही किसी को करने देगे.

क्युकि भगतसिंह, सुभाषचन्द्र बोस पराधीन भारत के सैनानी थे. मगर आज हमे आजाद भारत के सिपाही बनकर देश के भीतर रहते हुए प्रत्येक समस्या से हमे लड़ना होगा.

बंदूक के सहारे के बिना कई ऐसे हजारो कार्य हो सकते हैं, जिनके द्वारा हम अपने देश की उन्नति में योगदान कर सकते हैं, एक व्यक्ति बहुत कुछ कर सकता हैं गांधीजी भी तो अकेले थे.

मगर उनके विचार और सोच का अनुसरण करने वालों की संख्या लाखों करोड़ों में थी. फिर क्यों न हम कुछ ऐसा कर जाएं जिससे देश और समाज में एक नई मिशाल के तौर पर ऐसे लोगों का मार्गदर्शन कर सकते हैं.

इन्ही शब्दों के साथ मै अपने  15 अगस्त पर भाषण (15th August speech on Independence Day)  यही विराम देना चाहुगा. ये लेख आपकों अच्छा लगा हो तो अपने मित्रो के साथ शेयर जरुर करे.  75वाँ स्वतंत्रता दिवस की सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ

15 अगस्त पर भाषण Speech On 15th August 2024 In Hindi

कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के वे सभी स्टूडेंट्स जो स्वतंत्रता दिवस पर भाषण स्पीच प्रस्तुत करना चाहते हैं उनके लिए यह लेख उपयोगी साबित होगा.

मैं आशा करता हूँ आपकों लेख में दी गई समस्त जानकारी पसंद आई होगी. यदि आपकों ये लेख पसंद आए तो अपने फ्रेड्स के साथ जरुर शेयर करें.

आज हम यहाँ हमारे राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त पर भाषण उपलब्ध करवा रहे हैं. वे  विद्यार्थी जो इस अवसर पर विद्यालयी कार्यक्रम में इस अवसर पर कुछ बोलना चाहे अथवा भाषण देना चाहे,

विशेष तौर पर उन्ही के लिए आज यह यह विस्तृत लेख तैयार किया गया हैं. यहाँ पर 15th August Speech  पर बिलकुल सरल और आसानी से समझ आने वाली भाषा में लिखा गया यह भाषण आपकों अपनी प्रस्तुती को और बेहतर ढंग से देने में मदद करेगा.

15 अगस्त भाषण 2024

सभी आदरणीय अध्यापक,प्रधानाचार्य और मेरे साथ पढने वाले भाइयो और बहिनों, सबसे पहले तो आप सभी को 75 वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई. हम सभी जानते हैं, आज हम अपने एक एतिहासिक दिवस को मनाने के उदेश्य से इस प्रागण में एकत्रित हुए हैं.

आज का दिन भारत के इतिहास का यादगार दिन हैं साथ ही हमारे इतिहास में इस दिन को सुनहरे पन्ने में दर्ज किया जा चूका हैं.

आज ही के दिन 15 अगस्त 1947 को हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और वीर सपूतों के तक़रीबन 100 सालों के स्वतंत्रता संग्राम के फलस्वरूप इसी दिन गोरों की गुलामी से मुक्त होकर भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र बना. इसीलिए 15 अगस्त को हम प्रतिवर्ष भारत के स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं.

आज से 71 वर्ष पहले 15 अगस्त के ही दिन अंग्रेजो ने भारत छोड़ा था. स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात भारत दुनिया में स्वतंत्र देश के रूप में अपने कानून और विदेश निति अस्तित्व में आई.

नागरिको को सभी लोकतान्त्रिक अधिकार दिए गये जो इससे पूर्व तक नही थे. आज इस स्वतंत्र भारत की भूमि पर पैदा होने वाला इंसान स्वय को भाग्यशाली मानता हैं. इसकी वजह हमारे हजारो वीरो की शहादत हैं.

न जाने हमारी कितनी पीढियों ने अंग्रेजो की दासता सही उनके क्रूर और अत्याचारी रेवैये के बिच नरक की जिन्दगी के दिन बिताए. आज हम स्वतंत्र हैं. इसलिए कल्पना तक नही कर सकते कि गुलामी क्या होती हैं.

करीब 9 दशक तक चलने वाले भारतीय आजादी के संग्राम की शुरुआत मेरठ के युवा क्रन्तिकारी और सैनिक मंगल पांडे ने 1857 में की थी.

1857 से 1947 तक चले इस संघर्ष में अनगिनत देश भक्तो ने अपना सारा जीवन राष्ट्र को समर्पित कर दिया. भारत के स्वतंत्रता सेनानियों की सूची पर नजर डाले तो इसमे चन्द्रशेखर आजाद, भगत सिंह, खुदीराम बोस, रास बिहारी बोस, नेताजी सुभाषचन्द्र बोस, बाल गंगाधर तिलक जैसे नाम हैं जिन्होंने अपने परिवार घर को छोड़कर कम उम्र में ही सघर्ष करते हुए अपना बलिदान दे दिया था.

इस दौरान कुछ ऐसे व्यक्तित्व और शख्सियत सामने आए जिन्हें युग पुरुष भी कहा जाए तो अतिश्योक्ति नही होगी, चन्द्रशेखर आजाद, भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु ने अंग्रेजो के दिल में पहली बार भय इस कदर भर दिया कि उन्हें यकीन हो गया कि अब भारत पर शासन चलाना बेहद मुश्किल हैं.

नेताजी सुभाषचन्द्र बोस द्वारा विदेशी सहायता से बहुत बड़ी फौज लाकर अंग्रेजो के दांत खट्टे करने इस काल की अद्वितीय घटना थी.

वही शांति और अहिंसा के पुजारी बापू द्वारा सत्य की राह से अंग्रेजो को मुश्किल में डालना और आखिर में हिन्दुस्थान छोड़ने पर मजबूर करना बड़ी एतिहासिक घटनाएँ रही .

आज हम बहुत सूखी और हर क्षेत्र में अग्रणी हैं तो इसकी वजह हमारे वे पूर्वज हैं, जिन्होंने बिना कुछ खाए पिए अंग्रेजो के अत्याचार का साहस के साथ मुकाबला करते हुए हमे स्वतंत्र भारत विरासत के रूप में दिया.

आज हम शिक्षा, खेल, तकनिकी क्षेत्र में कई बड़ी महाशक्तियो से मिलों आगे निकल चुके हैं. इसकी वजह हमारी स्वतंत्रता हैं. विश्व शांति, खेल, आर्थिक विकास और ग्लोबल पोलिटिक्स में हमारा प्रतिनिधित्व दुनियाभर को रास आ रहा हैं.

दुनिया के सबसे बड़े लोकतान्त्रिक राष्ट्र के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हमे अपने कर्तव्यो और अधिकारों का सही उपयोग करते हुए भारत को विकास के पथ पर आगे ले जाना हैं.

15 अगस्त 2024 भाषण 6

विद्यालय प्रागण में पधारे समस्त विद्वान गुरुजनों और मेरे प्यारे भाइयों और बहिनों, सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई. यह हम सभी जानते हैं कि 15 अगस्त 2024 को हम अपना 78 वाँ आजादी दिवस मनाने जा रहे हैं.

देशभर में इस दिन स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम बड़ी धूमधाम से बनाया जा रहा हैं. आज ही के दिन 15 अगस्त 1947 को हमारा भारत देश अंग्रेजो की 200 वर्षो की दासता से मुक्त होकर स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अस्तित्व में आया. इस ऐतिहासिक दिन को यादगार बनाने के लिए हम इसे स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं.

भारतीय जनता ने लम्बे समय तक ब्रिटिश सरकार के अत्याचारी शासन को सहा 1947 से पहले हमे कुछ करने के कोई अधिकार नही थे. हमारे पूर्वज वही कर सकते थे. जो अंग्रेजी हुकूमत चाहती थी.

आज हम पूर्ण स्वतंत्र हैं, इसका श्रेय हमारे उन लाखों वीर शहीदों को जाता हैं. जिन्होंने आजादी के इस पावन पर्व के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी थी.

15 अगस्त का दिन हर भारतीय बड़े उत्साह के साथ मनाता हैं. यह दिन हमे हर बार उन लोगों महापुरुषो की याद दिलाता हैं, जिनकी बदौलत हमे आजादी प्राप्त हुई.

मिली इस स्वतंत्रता के बदले उन जवानों ने अपने घर परिवार को त्यागकर सम्पूर्ण जीवन राष्ट्र की सेवा में अर्पित कर दिया. आज हम अंदाजा नही लगा सकते कि हमे पूर्वजो ने किस तरह का जीवन जिया,

उन्हें पढने लिखने में अपनी इच्छानुसार कोई कार्य करने की स्वतंत्रता नही थी. तुलसीदास जी ने ठीक ही कहा था’ पराधीन सपनेहु सुख नाहि:” मै भारत माता के उन सपूतों को शत शत नमन करता हु, जिन्होंने अंग्रेजो के क्रूर शासन को सहते हुए भारत की स्वतंत्रता की अलख जगाए रखी.

भारत की स्वतंत्रता में असंख्य स्वतंत्रता सेनानीयों ने अपना योगदान दिया जिनमे महात्मा गाँधी, जवाहर लाल नेहरु, लाला लाजपत राय, विपिनचंद्र पाल, चन्द्रशेखर आजाद, सुभाषचन्द्र बोस, भगतसिंह ये ऐसे वीर थे, जिन्होंने अपनी आने वाली पीढियों तथा भारत के सुनहरे भविष्य के लिए अपना पूरा जीवन राष्ट्र को समर्पित कर दिया था.

गुलामी के कटु अनुभवो से सबक लेते हुए हमारे राजनेताओ ने भारत में लोकतान्त्रिक शासन की स्थापना के सम्बन्ध में सभी की एक राय थी. इसी दिशा में 26 जनवरी 1950 को भारत का सविधान लागू किया गया, जिन्हें हम गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाया जाता हैं.

वैसे भारत की आजादी में सभी ने अपना योगदान दिया, जिनमे एक थे राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी. सत्य और अहिंसा के सिद्दांतो एवं आंदोलनों द्वारा आमजनता में स्वदेश प्रेम की अलख जगाते हुए,

अंग्रेजो द्वारा भारत में अधिक समय तक अपनी सता बनाए रखना दूभर कर दिया था. इन्होने पांच बड़े राष्ट्रिय आन्दोलन किये जिनमे 1942 में छेड़ा गया भारत छोडो आन्दोलन मुख्य था. इस आन्दोलन के दौरान महात्मा गांधी ने करो या मरो का नारा दिया था. भारतीय जनता पर इसका व्यापक असर पड़ा था.

15 अगस्त के उपर स्पीच भाषण 2024 स्कूल स्टूडेंट्स के लिए, 15th August Speech In Hindi

मुख्य अतिथि महोदय, प्रधानाचार्य जी समस्त विद्वान गुरुजनों, पधारे सभी मेहमानों और मेरे साथ पढ़ने वाले भाइयों और बहिनों, सभी को 15 अगस्त की हार्दिक बधाई और शुभकामना.

आज हम सभी अपना 78वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाने के उपलक्ष्य में यहाँ एकत्रित हुए हैं. 15 अगस्त के दिन प्रत्येक भारतीय के लिए उत्साह और उमंग का दिन हैं.

राष्ट्र अपना 78 वाँ 15 अगस्त मना रहा हैं. हर वर्ष की भांति ध्वजारोहण के साथ ही उन तमाम राष्ट्रभक्तो को सलामी देने का अवसर हैं. जिनकी बदौलत आज हम स्वतंत्र हैं, तथा सीना ठोक के कहते हैं.

मुझे भारतीय होने पर गर्व हैं. आज मै 15 अगस्त पर दो शब्द बोलना चाहुगा, निवेदन हैं यदि कोई भूल या त्रुटी हो तो प्लीज क्षमा कर देना.

आज से तक़रीबन 75 वर्ष पहले 14-15 अगस्त की मध्यरात्रि को हमे स्वतंत्रता मिली थी.आजादी के पहले सवेरे पंडित नेहरु जी द्वारा दिल्ली के लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराकर भारत की जनता को ऐतिहासिक भाषण दिया था.

नेहरु जी के शब्द कुछ इस तरह थे’ आधी रात को पूरी दुनिया सो रही हैं, भारत अपनी आजादी के सुनहरे भविष्य के सपने देखता जाग रहा हैं. विविध धर्मो तथा जातियों में बटा ये देश आज भी अपनी अक्षुण्णता बनाए हुए हैं, विविधता में एकता की पहचान हमे विश्व के अन्य राष्ट्रों की तुलना में श्रेष्ट हैं.

विश्व के सबसे बड़े गणतन्त्र के रूप में भारत के लोग एकता और भाईचारे के साथ कार्य करते हुए देश को विकास की नईं उंचाइयो तक लेकर जा रहे हैं.

आजादी के बाद भारत ने विकास की अच्छी गति पकड़ी हैं. इस समयकाल के दौरान कई युद्ध व आंतरिक घटनाओ का सामना भी सभी देशवासियों ने बहादुरी से किया हैं.

आज भी राष्ट्र पर आने वाली किसी विपति के जवाब में पूरा देश एक स्वर में खड़ा हो उठता हैं. क्युकि हमे कड़ी मेहनत और बड़ा खामियाजा चुकाकर प्राप्त की गईं, स्वतंत्रता को अक्षुण बनाए रखना हैं.

आज का दिन उन वीर शहीदों को याद करने का दिन हैं, साथ ही 15 अगस्त के दिन आज हम यह प्रतिज्ञा करे एक शिक्षित और जिम्मेदार नागरिक के रूप में मेरे भारत के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करुगा.

ह मे अपने अधिकारों का सदुपयोग करते हुए इमानदारी और मेहनत के सिद्दांतो पर चलते हैं, भारत को फिर से विश्व गुरु और सोने की चिड़िया के पद पर प्रतिष्टित करना हैं.

स्वतंत्रता दिवस 2024 का भाषण Speech On 15th August 2024 In Hindi in 500 words

मुख्य अतिथिगण समस्त विद्वान गुरुजनों और मेरे छोटे-बड़े भाइयो और बहिनों सर्वप्रथम आप सभी को 15 अगस्त की हार्दिक बधाई एवंम शुभकामनाएँ.

आज हम सभी अपना 76 वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाने के उपलक्ष्य से यहाँ एकत्रित हुए हैं. मै उन सभी अध्यापक गण को धन्यवाद कहना चाहुगा. जिन्होंने मुझे 15 अगस्त अपर भाषण देने की अनुमति प्रदान की.

आज मै हमारे इस राष्ट्रिय पर्व यानि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपनी बात रखने जा रहा हु. कोई भूल हो तो क्षमा कीजिएगा.

आज हम यह जानने की कोशिश करे कि हम स्वतंत्रता दिवस क्यों मना रहे हैं, किसकी वजह से मना रहे हैं. तो एक ही उत्तर होगा.

हमारे हजारो स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग और बलिदान के रूप में मिली इस बेशकीमती आजादी के इस दिन को 15 अगस्त के रूप में मनाते हैं. भारत आज स्वतंत्र हैं, तो इसका श्रेय उन हजारों देशभक्तों को जाता हैं. जिन्होंने अपने साहस के दम पर भारत माता की गुलामी की बेड़ियों को तोड़ा. ‘

भाग्यवधु से एक प्रतिज्ञा की थी’में हमारे स्वतन्त्रता सेनानियों ने प्रतिज्ञा की थी. कि वे अपने जीवन के हितों को छोड़कर अपनी आने वाली नस्लों को स्वतंत्र और शांतिपूर्ण भारत देगे.

उन्ही के त्याग के कारण आज हम कहते हैं, मेरा भारत महान. किसी गुलाम राष्ट्र के नागरिकों को अपने वतन पर गर्व नही होता हैं. मगर हमारे देशभक्तों ने इस कलंक को धोकर हमे आजाद हिन्दुस्थान भेंट किया.

आज का दिन ऐसे वीर जवानों को याद करने का दिन हैं. जिन्होंने वतन की खातिर हँसते-हँसते अपनी जान कुर्बान कर दी थी. लम्बे सघर्ष के बाद 15 अगस्त 1947 को भारत अंग्रेजो के चंगुल से मुक्त हुआ.

और इसी दिन को भारत के स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने का निश्चय किया. आजादी की पहली सुबह पंडित जवाहरलाल नेहरु ने लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराकर आने वाले दिनों में सभी भारतीयों को एक स्वतंत्र देश के नागरिक बनने की बधाई दी थी. हर वर्ष दिल्ली के राजपथ चौराहे पर विशाल परेड का आयोजन किया जाता हैं.

जहाँ राष्ट्रिय कार्यक्रम में प्रधानमन्त्री, विदेशी अतिथि सहित राष्ट्र के बड़े नेता और अधिकारी इस अवसर पर सम्मलित होते हैं.

इस दिन भारतीय सेनाओं द्वारा परेड, 21 तोपों की सलामी तथा हवाई जहाजों द्वारा अन्तरिक्ष में तिरंगा फहराने व करतब मुख्य आकर्षण का केंद्र होता हैं.

दिल्ली के अतिरिक्त 15 अगस्त के दिन प्रत्येक भारतीय शहर, गाँव तथा नुक्कड़ चौराहों पर तिरंगा गगन में फहराता और एक ही स्वर में सारे जहाँ से अच्छा हिंदोस्ता हमारा की गुज दसों दिशाओं से सुनाई पड़ती हैं.

स्वतंत्रता दिवस पर भाषण Speech Independence Day 2024 In Hindi

15 अगस्त 1947 को हमे आजादी मिली थी. उसके बाद से आज तक हम विकास के सभी क्षेत्रो में अच्छी रफ़्तार से आगे बढ़ रहे हैं.

इसी का परिणाम हैं कि दुनिया के किसी हिस्से में कोई भारतीय रहता हैं तो गर्व से कहता हैं, हम हिंदुस्थानी हैं. यही छोटी-छोटी चीजे दिखाती हैं हमे अपने माधुरेवतन से कितना प्रेम हैं.

आधी रात को स्वतंत्रता; भोर पर जाएं; एक छोटी सी गति से कम; एक छोटी सी बहुत ज्यादा और प्रतिबंधों; लेकिन कभी नहीं उदास; नहीं खड़े करने के लिए झिझक; यात्रा के लिए जारी; भोर जीतने करते हैं।

स्वतंत्रता दिवस पर भाषण कक्षा 5 के लिए Independence Day 2024 Speech In Hindi

भारत की आजादी को हासिल करने के लिए तक़रीबन 100 वर्ष का खुनी संघर्ष करना पड़ा. लाखों लोगों ने अपने वतन की खातिर अपनी जान कुर्बान कर दी थी.

आज स्वतंत्रता दिवस 2024 के इस अवसर पर ऐसे वीर सपूतों को सच्चे दिल से नमन करता हू. जिन्होंने अपने स्वार्थ को सीधा करने के लिए बुद्द की भूमि कही जाने वाली इस भारत-भूमि पर मानवता का कत्लेआम शुरू कर दिया था, ऐसे अत्याचारियों के विरुद्ध के आजादी के रखवाले अपना सीना तानकर खड़े हो जाते थे.

वो अहिंसा की मूरत जो चले तो अकेले थे, मगर कुछ ही कदम पर उनके पीछे जुलुछ उमड़ चूका था. एक लाठी के सहारे चलने वाले उसी इंसान को समझने में कमजोरी कर दी थी.

कि सत्य और अहिंसा जैसी बातों में कितना दम हो सकता हैं. राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी, हजारो स्वतन्त्रता सैनानी, साहित्यकारों, समाजसुधारको के सयुक्त प्रयासों से आखिर भारत देश की जनता जाग उठी, इसका नतीजा था. ब्रिटेन के सपने तार-तार जो भारत को आने वाले कई सैकड़ो वर्षो तक गुलाम रखना चाहते थे.

जब भी इस भारत भूमि की जनता मूड में आई हैं, कोई विदेशी ताकत आँख भी नही उठा सकी हैं, भले ही आज हम राज्यों भाषाओ और धर्मो में विभाजीत हैं, हमारी एक ही पहचान हैं,

हम भारतीय हैं, हमारे सभी भारतीय भाई-बहिन हैं. हमे फिर से एक होना होगा, फिर से जनता के मूड को जगाना होगा. क्युकि भले ही आज हम स्वतंत्र हैं, हमारे शासक हमारे द्वारा ही चुने जाते हैं. मगर स्थति बड़ी विकट हैं.

75 साल पहले तो एक ही समस्या थी. वो थे, अंग्रेज मगर आज हम भीतरी और बाहरी समस्याओ से ग्रस्त हैं. कभी सीमा पर तो कभी हमारे द्वारा पनपाई गईं, समस्याए खड़ी हो जाती हैं.

इस वीर भूमि पर जन्म लेने वाला एक पुरुष नारी एक योद्धा होता हैं, भले ही समय बदलाव के साथ स्थ्तियाँ बदल गईं हो. मगर समस्याओं का इजाफा हुआ हैं.

सीमा पर जाकर दुश्मन की गोली झेलना ही देशभक्ति नही हैं, हम हमारे देश में रहकर भी अपने व्ययसाय नौकरी के करते हुई भी राष्ट्र निर्माण में बहुत बड़ा योगदान दे सकते हैं.

चाहे रिश्वत खोरी हो या बढती आबादी, स्वच्छता, अशिक्षा, देश के दुश्मनों को समर्थन ऐसे हजारो विषय हो सकते हैं. जिनमे हम सक्रिय रूप से भूमिका निभाकर इस देश की जनता को जाग्रत कर सकते थे.

जब जनता मूड में आती हैं, तो संग्राम होता हैं, हमे फिर से देश के भीतर इस समस्याओ के विरुद्ध सयुक्त लड़ाई करनी होगी.

स्वतंत्रता दिवस भाषण कैसे लिखे- Independence Day Speech Hindi 2024

15 अगस्त 2024 स्वतंत्रता दिवस भाषण कैसे लिखे.

मेरे प्यारे भाई-बहिनों समस्त विद्वान गुरुजनों और स्वतंत्रता दिवस के इस अवसर पर इस प्रांगन में पधारे समस्त नगरवासियों.

सबसे पहले आप सभी को स्वतंत्र भारत के 76 वे स्वाधीनता दिवस की बहुत-बहुत बधाई. इस पावन पर्व पर अपनी बात रखने से पूर्व उन असंख्य वीर को सादर प्रणाम करता हु. जिनके अदम्य साहस और वीरता की खातिर आज हम आजाद हैं, और हमारे आजादी दिवस का जश्न मना रहे हैं.

आज का दिन- (स्वतंत्रता दिवस भाषण)

200 वर्ष के लम्बे अरसे की गुलामी के बाद 15 अगस्त 1947 को भारत देश आजाद हुआ थे. इन सैकड़ो वर्षो की गुलामी में हमारे पुरखों ने गोरी सरकार के अमानवीय बर्ताव और अत्याचार को सहन करना पड़ा था.

इन्ही अति के कारण वीर जवानों में क्रांति का बारूद भर दिया था.देश के इस दिन की खातिर कई वीर जवान देशभक्तों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी थी. इसी दिन हमे आजादी मिली इस कारण 15 अगस्त को ही स्वतंत्रता दिवस मनाने हैं.

अंग्रेजो के इसी अत्याचारी व्यवहार से त्रस्त होकर इस देश की जनता ने एकजुट होकर स्वाधीनता का झंडा गाड़ दिया था. देशभर में अंग्रेज विरोधी माहौल बनाने में महात्मा गाँधी, भगतसिंह, झासी की रानी, आजाद, बोस जैसे क्रन्तिकारी नेताओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही.

दूसरी तरफ नरमपंथी नेताओं ने सत्य और अहिंसा के दम पर अंग्रेजो के दात खट्टे किये.1857 की क्रांति से विभाजन तक हुए सभी सत्याग्रहो तथा आंदोलनों में लाखों मातृभूमि के सपूतों ने अपनी जान कुर्बान की थी.

इनकी वीरता के भय से कायर अंग्रेजो ने आखिर हिंदुस्तान छोड़ दिया. और 15 अगस्त 1947 को हमने स्वतंत्रता हासिल कर ली.

स्वतंत्रता दिवस भाषण- वार्षिक कार्यक्रम

आजादी की पहली सालगिरह से आज तक हम अपना स्वतंत्रता दिवस ख़ुशी और उल्लास के साथ मनाते आ रहे हैं.

आज के दिन देशभर के सभी राजनितिक सांस्कृतिक और शैक्षिक संस्थानों पर तिरंगा फहराकर राष्ट्रगीत गाया जाता हैं, उन वीर शहीदों को श्रद्धांजलि और मिष्ठान वितरण के साथ स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम मनाया जाता रहा हैं.

राष्ट्रिय आयोजन

स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली के लाल किले पर तिरंगा फहराने की परम्परा 1947 में पंडित नेहरु द्वारा शुरू की गईं थी, जो आज तक अनवरत रूप से जारी हैं.

इस राष्ट्रिय कार्यक्रम को देखने के लिए राजधानी और आस-पास के क्षेत्र के लोगों का हुजूम उमड़ पड़ता हैं. कार्यक्रम की शुरुआत में शहीदों को श्रदाजली के साथ ही राष्ट्र के नाम सम्बोधन प्रधानमन्त्री देगे.

हमारा कर्तव्य

आज हम स्वतंत्र भारत में जी रहे हैं, हमारा पहला कर्तव्य हैं, कि बड़ी देरी और बड़ी कीमत चुकाकर प्राप्त की गईं भारत की स्वतंत्रता, अखंडता की रक्षा करे.

कुछ ऐसा कर दिखाए जिससे पुरे देश का सर दुनियाभर में ऊँचा उठे, देश के विकास कार्यो में मदद करे. देश की समस्याओं को अपनी समस्या समझकर व्यक्तिगत रूप से अपना योगदान दे. हमे अपने आपसी गिलाव को भूलकर राष्ट्रहित में कार्य करते हुए, इसे आगे ले जाना हैं.

जय हिन्द जय भारत

स्वतंत्रता दिवस पर भाषण Independence Day Speech In Hindi 2024

स्वतंत्रता दिवस पर भाषण Independence Day Speech In Hindi 2024 :  नमस्कार दोस्तों आपका हार्दिक स्वागत हैं, आप सभी को 78 वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं.

यदि आप इंडिपेंडेंस डे स्पीच 2024  की खोज कर रहे हैं तो यह लेख आपके लिए हैं यहाँ सरल भाषा में स्वतंत्रता का भाषण निबंध 2024  स्टूडेंट्स के लिए सरल भाषा में दिया गया हैं.

स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार हैं, इसके बिना जीवन निअर्थ हैं. किसी दुसरे के गुलाम रहकर व्यक्ति कभी सूखी नही रह सकता और न ही अपनी इच्छाओ के अनुसार कार्य कर सकता हैं.

प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में स्वतंत्रता का बड़ा महत्व हैं. यदि सैकड़ो सालों की दासता के बाद स्वतंत्रता प्राप्त हो तो उसका कद कई गुना तक बढ़ भी जाता हैं.भारत लगभग 900 साल तक गुलाम रहा, जिन पर विदेशी शासकों ने शासन किया.

अत: हम 15 अगस्त 1947 को पूर्ण स्वतंत्र हुए. आज हम विश्व में ताकतवर देशो में गिने जाते हैं तो इसकी एक वजह हमारी स्वतंत्रता हैं.

इसी स्वतंत्रता प्राप्ति के उपलक्ष्य में सभी भारतवासी प्रतिवर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता मनाते हैं, यह परम्परा पिछले 70 सालों से चली आ रही हैं. वर्ष 2024 में हम अपना 78वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहे हैं. यह हमारा राष्ट्रिय पर्व है.

हमारे इतिहास में कई बार विदेशी आक्रमणकारियो ने भारत पर आक्रमण किया, यहाँ के शासकों राजाओं ने कई बार पराजित किया तो कई बार वे विजयी होकर भारत के शासक भी बने.

जिनमे शक हुण, फ़्रांसिसी, मुंगल आदि. मगर ये शासक भारत में आने के साथ ही यहाँ की सभ्यता और संस्कृति के साथ पूरी तरह घुल मिल गये और भारतीय जनता के सेवक के रूप में शासन चलाते रहे.

अठारहवी सदी में जब अंग्रजो ने भारत में कुछ हिस्सों पर अधिकार जमाया,तो यहाँ के लोगों को गुलामी का अहसास पहली बार हुआ|

अब तक सभी विदेशी आक्रमणकारियों ने भारत को अपना देश स्वीकार कर यहाँ शासन किया था, किन्तु अंग्रेजो ने पर अधिकार करने के बाद अपने देश इंग्लैड की भलाई के लिए इसका पूरा-पूरा शोषण करना शुरू किया|

उन्नीसवी शताब्दी में जब अंग्रेजो ने मुगलों का शासन को उखाड़कर सम्पूर्ण भारत पर अपना राज्य स्थापित किया तो उनके पीछे अपने स्वय हित जुड़े हुए थे.

दिन ब दिन उनके लूट और अत्याचार के किससे बढ़ने लगे, इसी का नतीजा था भारतीय जनमानस पूरी तरह गरीबी के मकड़ी जाल में फसता हुआ अंग्रेजी शासन के गुलाम हो गया.

इन्ही गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने के लिए यहाँ के उत्साही नवयुवको ने अपनी स्वतंत्रता का बिंगुल छेड दिया. 1857 से अगले 90 वर्षो तक स्वतंत्रता के इसी जूनून में अनगिनत देशभक्तों ने अपनी जाने वतन के लिए कुर्बान कर दी,

हजारो देशभक्तों ने कालकोठरियों में अपनी अधिकतर साल व्यतीत किया. काले पानी और सलाखों के पीछे अमानवीय यातना सहते रहने का यह चक्र 15 अगस्त 1947 तक अनवरत रूप से चलता रहा.

इस स्वतंत्रता के सघर्ष में अनगिनत लोगों ने अपने घर परिवार को छोड़कर अपने वतन के लीये मिटने का सकल्प कर चुके थे.

नेताजी सुभाषचन्द्र बोस, भगतसिंह, झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई, चन्द्रशेखर आजाद, महात्मा गाँधी, सरदार पटेल, राजगुरु, तिलक, पंडित नेहरु ऐसे हजारो नाम जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम को आगे बढाया और भारत को स्वतंत्र करवाकर ही दम लिया.

जब भारत ने अपनी स्वतंत्रता का सवेरा 15 अगस्त 1947 को देखा तो तत्कालीन प्रधानमन्त्री श्री जवाहरलाल नेहरु ने दिल्ली के लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराकर आज के दिन 15 अगस्त को ही भारत के स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने की परम्परा की शुरुआत हुई थी.

जो विगत 76 सालों से निरंतर चली आ रही हैं. स्वतंत्रता दिवस के दिन प्रतिवर्ष भारत के प्रधानमन्त्री द्वारा दिल्ली के लाल किले से तिरंगा झंडा फहराया जाता हैं,

21 वी सदी के उपलक्ष्य में 21 तोपों द्वारा तिरंगे को सलामी दी जाती हैं. साथ ही देशभर में कई रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता हैं.

इस स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर देश के राजनेता, फिल्म अभिनेता, अधिकारी और देश के विद्यार्थी इस दिवस पर भाषण देकर अपने शहीदों के वचनों को फिर से दोहराते हैं. स्वतंत्रता दिवस हमारा राष्ट्रिय पर्व हैं. स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रभर में राजकीय अवकाश होते हैं.

सरकारी एवं निजी विद्यालयों सहित कार्यालयों, में इस दिन ध्वजारोहण के साथ कई रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते हैं. स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देशभर के लोगों में उत्साह और उमग से भरा रहता हैं. विभिन्न खेल प्रतियोगिताओ पर भी आयोजन करवाया जाता हैं. देशवासी एक दुसरे को बधाई प्रेषित कर शुभकामना देते हैं.

हमारे स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के पश्चात् विभिन्न क्षेत्रो में अच्छा काम करने वाले नागरिको,युवाओं,महिलाओं और विद्यार्थियों को सम्मानित कर उनका उत्साह बढाया जाता हैं.

साथ ही कार्यक्रम की समाप्ति पर मिष्टान वितरण का कार्यक्रम भी होता हैं.हमारे पहले स्वतंत्रता दिवस पर भाषण देते हुए पंडित नेहरु ने कहा था. जब रात 12 बजे पूरी दुनिया सो रही होगी,

मगर भारतीय लोग अपनी आजादी की पहली घड़ी का इन्तजार कर रहे हैं. ऐसा समय बहुत कठिन हैं. आज हम पराधीन राष्ट्र से स्वतंत्र भारत में प्रवेश कर रहे हैं. हमारा भारत एक दिन फिर से प्रगति करेगा. आज नेहरु का यह कथन सत्य साबित होने जा रहा हैं.

आजादी प्राप्ति के तीन वर्ष बाद तक हम अंग्रेजी शासन द्वारा बनाए गये नियम कायदों पर चल रहे थे. मगर बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर और अन्य बुद्दिजीवीयों के अथक प्रयास के परिणामस्वरप 26 जनवरी 1950 को हमारा सविधान पुरे देश में लागू कर दिया गया.

इस एतिहासिक दिवस को हम गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाते हैं. सही मायनों में हमारे गणतन्त्र बनने के पश्चात् हमे पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त हुई.जो देश हमेशा एक रहा हैं, वो अखंड रहा हैं,

यही वजह हैं हम अलग-अलग धर्म जाति क्षेत्र और भाषी होने के उपरांत पहले अपने को भारतीय समझते हैं. यही हमारे देश की एकता हैं, जो अन्यत्र दुर्लभ हैं. हमारी इसी एकता के दम पर आज तेजी से आगे बढ़ रहे हैं,

हमारे दुश्मन मुल्क बस हमारी एकता को तोड़ने में लगे हैं. जिनके इरादे हमेशा की तरह पस्त कर आगे बढ़ना हम प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य हैं. यही हमारी स्वतंत्रता का महत्व हैं. आज भी कई लोग ऐसे हैं, जो पैसे के लिए अपने देश को बेच डालते हैं,

जिनमे राजनेता हो या देश के भीतर रहने वाले देशद्रोही कही भी दंगा फसाद या आतंकी हमले की फिराक में रहते हैं. हमारा दायित्व हैं

कि ऐसे गद्दारों के खिलाफ जाति धर्म पन्थ क्षेत्र सर्वस्व भूलकर ऐसे लोगों को दंडित करे और अपनी एकता की तरफ नजर उठाने वाली प्रत्येक बुरीनजर को हमेशा के लिए समाप्त कर दे.

भारत का इतिहास इस बात का हमेशा प्रमाण देता आया हैं, कि भिन्न-भिन्न जाति धर्म और भाषा के लोग एक साथ एकता के साथ रहते चले आए हैं. यहाँ कई विदेशी जातिया भी आई मगर हमारे देश की संस्कृति की सुन्दरता में सदा-सदा के लिए यही बस गईं.

एक भारतीय होने के नाते हमे अपनी इस परम्परा का पालन करते रहना हैं इसे और सुद्रढ़ बनाना हैं. इनमे स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रिय पर्व हमे बार बार इन बातों को याद दिलाता रहेगा. जय हिन्द जय भारत मित्रों स्वतंत्रता दिवस  15 अगस्त 2022 पर भाषण का ये लेख आपकों कैसा लगा,

शिक्षकों के लिए स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त पर भाषण Independence Day Speech For Teachers 2024 In Hindi

शिक्षकों के लिए स्वतंत्रता दिवस भाषण Independence Day Speech For Teachers 2024 In Hindi Primary And Upper Primary School Teacher Speech Bhashan On 15 August 2024.

सभी सज्जनों को 15 अगस्त अर्थात 78वें भारतीय स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हैं.  यहाँ हम स्वतंत्रता दिवस भाषण 2024 का यहाँ हम बता रहे हैं. यह कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के लिए भाषण नीचे दिया गया हैं.

Hello Sir Today We Providing  independence day speech for teachers in hindi, frist of all happy independence day 2024, in this occasion read best 15 august speech in hindi for school.

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independence day speech in school in Hindi

जैसा कि हम सभी जानते हैं, 15 अगस्त भारत का स्वतंत्रता दिवस हैं, इसी दिन हमे अंग्रेजो से आजादी प्राप्त हुई थी. इस ऐतिहासिक दिन को यादगार बनाने के लिए प्रतिवर्ष 15 अगस्त को देशभर में राजकीय अवकाश के साथ आजादी दिवस जश्न बड़े-उल्लास के साथ मनाया जाता हैं.

देशभर के सभी कार्यालयों और सरकारी एवं निजी शिक्षण संस्थाओ, विद्यालयों में परेड और व्यायाम के साथ ही 15 अगस्त  के सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होता हैं,

मुख्य अतिथि, प्रधानाध्यापक, विशिष्ट अध्यापकों के अतिरिक्त मेधावी विद्यार्थी इस अवसर पर भाषण, कविता, गीत और अपनी प्रस्तुती देते हैं. यहाँ  आपकों  शिक्षकों के लिए स्वतंत्रता दिवस भाषण  उपलब्ध करवाया जा रहा हैं. यदि आप शिक्षक हैं तो इस भाषण को अपनी आवाज दे सकते हैं.

शिक्षकों के लिए स्वतंत्रता दिवस भाषण

मुख्य अतिथि महोदय, प्रधानाध्यापक/ संस्था प्रधान, मंच पर विराजमान सभी अतिथि गणों, साथीगण और प्यारे विद्यार्थियों, आज हम सब अपना 78 वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाने के उपलक्ष्य में यहाँ एकत्रित हुए हैं.

मै अपने भाषण की शुरुआत से पूर्व आपकों सभी को 15 अगस्त की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ.

15 अगस्त 1947 का दिन हमारे इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण दिवस है. इसी दिन लाखों देशप्रेमियो के एक शताब्दी तक लम्बे संघर्ष के बाद भारत को आजादी प्राप्त हुई थी.

इसीलिए हम हर साल 15 अगस्त को मानते आ रहे हैं. सिर्फ 15 अगस्त की तैयारी करना, ध्वजारोहण, कार्यक्रमों का आयोजन भर इस दिन का उद्देश्य नही हैं.

आज हम स्वतंत्र हैं इसकी वजह हमारे असंख्य शहीदों का बलिदान, और उनकी देशभक्ति और भारत के भविष्य के सपने को साकार करना.

आज हम आज़ाद हैं, यह: आजादी कभि छिनने ना देगे इस तिरगे की शान: को हम कभी झुकने ना देगे जो कोई आख उठाएगा जो मेरे हिन्दुस्थान की तरफ उन आँखों को हम फिर इस दूनिया देखने नहीं देगे

जब भी अंग्रेजी हुकूमत का नाम जेहन में आता हैं, तो कई नाम हमारे पटल पर यकायक ही आ जाते हैं, भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम 1857 के हीरों और भारत में आजादी की अलख जगाने वाले मंगल पांडे जिनमे से एक थे. जिन्हें बिर्तानी हुकूमत ने 8 अप्रैल सन 1857 को फांसी दे दी थी.

हालाँकि उन्हें हुई सजा के मुताबिक फांसी की सजा 18 अप्रैल को दी जानी थी. चर्बी युक्त कारतूसो के उपयोग के कारण इन्होने इसका विरोध किया और सैन्य विद्रोह के साथ ही भारत की आजादी का संग्राम शुरू किया था.

जो 14 अगस्त की अर्धरात्रि को भारत-पाक विभाजन के साथ ही भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई और अंग्रेज भारत छोड़कर चले गये. इन 90 वर्षो की अवधि में अंग्रेजो ने हमारे पूर्वजो असहनीय अत्याचार किये.

दूसरी तरफ हजारो-लाखों की संख्या में नवयुवको ने अपना घर-परिवार त्यागकर भारत की आजादी की खातिर अंग्रेजी शासन के विरुद्ध विरोध का झंडा खड़ा किया और साहस और जज्बे के साथ लोहा लेते हुए अपनी जान तक दे दी.

भारत के स्वतन्त्रता सेनानियों में झाँसी की रानी लक्ष्मी बाई, तात्या टोपे, भगत सिंह, महात्मा गाँधी, सुभाषचन्द्र बोस, चन्द्रशेखर आजाद, महात्मा गाँधी ऐसे असंख्य देशभक्त थे जिन्होंने भारत के भविष्य के लिए हंसते हंसते अपनी जान वतन पर कुर्बान कर दी थी.

इस सम्बन्ध में राष्ट्रकवि दिनकर की ये पक्तियाँ उपयुक्त हैं.

अँधा चकाचोध का मारा: क्या जाने ईतिहास बेसहारा जो चढ गये पुष्प बेदी पर लिए बिना गरदन का मोळ: कलम आज उनकी जय :बोल।”

आज का दिन सभी भारतीयों के लिए गर्व का दिन हैं हमारे पूर्वजो की अथक मेहनत और अंग्रेजी शासन के क्रूर अत्याचार को सहने के बावजूद हमे स्वतंत्रता उपहार स्वरूप भेट की.

आज हम सभी स्वतंत्र भारत के नागरिकों का कर्तव्य हैं, अपने पूर्वजो के सपने का भारत का सपना सच कर दिखाए, हमारे देश को विकास के पथ पर तेजी से आगे ले जाए.

हमे अपने गणतन्त्र को और अधिक मजबूत बनाने के साथ ही साथ राष्ट्र के सामने उपस्थित विकट समस्याओं का मिलकर सामना करने का सकल्प ले. एक भारतीय नागरिक होने के नाते हमारा यह फर्ज बनता हैं,

कि जाति धर्म क्षेत्र से ऊपर उठकर उन समस्याओं का मजबूती से सामना करते हुए देश को आगे तक ले जाए. एक नागरिक होने के तौर पर हम अपने राष्ट्र की प्रगति और अखंडता में बड़ा योगदान दे सकते हैं.

दुश्मन मुल्क के वे लोग या जो पक्षधर हैं, इसी देश का अनाज खाते हैं, यही की हवा में सांस् लेते हैं, जबकि दुश्मन मुल्क के लिए काम करते हैं,

ऐसे गद्दारों की पहचान कर उन्हें सबक सिखाने के अतिरिक्त आज के समय में चाइनीज सामान से भारतीय बाजार अटा पड़ा हैं, एक सच्चे भारतीय होने के नाते हमे इन उत्पादों का बहिष्कार करते हुए. स्वदेशी वस्तुओ को अपनाने का सकल्प लेना चाहिए.

गुज रहा हर देश में भारत का नगाड़ा चमक रहा आसमान में हमारा सितारा आज के दिन आओ मिलकर करें दुआ बुलदी पर लहराता रहे तिरंगा अपना 

आज गाँधी और बुद्ध की शिक्षाओं पर चलते हुए शांतिपूर्ण तरीके से देश के विकास के साथ साथ विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधि, खेल, अन्तरिक्ष और विज्ञान के क्षेत्र में तकनिकी के क्षेत्र में सक्रिय रूप से अपना योगदान देकर देश की उन्नति और विकास में महत्वपूर्ण योगदान कर सकते हैं.

Independence Day Speech For Students In Hindi 2024 – विद्यार्थियों के लिए स्वतंत्रता दिवस भाषण

विद्यार्थियों के लिए स्वतंत्रता दिवस भाषण Independence Day Speech For Students In Hindi Language 2022 On 15 August Students Kids Children Of Primary And Upper Primary School. Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के बच्चों के लिए हम स्वतंत्रता दिवस भाषण 202 4

यहाँ बता रहे हैं. 76 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हम भारत वासीयों को हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं. इस दिन स्कूल कॉलेज में आयोजित इंडिपेंडेंस डे शोर्ट लॉन्ग स्पीच बोलने के  लिए कहा जाता हैं ऐसे में आप इस लेख की मदद से अच्छा भाषण तैयार कर सकते हैं.

Hello Friends, Here Is Independence Day Speech For Students In Hindi, We Congrate You Very Happy Independence Day 2024 To You,

I n This Post We Sharing 15 august speech in Hindi school Kids And Students. We Are Fully Try To Give You Proper And Simple 15 august independence day speech Hindi language for School Students.

स्वतंत्रता दिवस 2024 Par Bhashan

सुप्रभातम्, आप सभी को मेरा नमस्ते. मंच पर विराजमान मुख्य अतिथि महोदय प्रधानाचार्य महोदय समस्त विद्वान् गुरुजनों एव मेरे साथ पढ़ने वाले भाइयों और बहिनों.

आज पन्द्रह अगस्त है, भारत को इस दिन आजादी प्राप्त हुई थी.  इस कारण  हम इस दिन को स्वतंत्रता दिवस के रूप में हर साल मनाते हैं. 15 अगस्त के दिन देशभर में राजकीय अवकाश होता हैं तथा समस्त जगहों पर तिरंगा फहराकर देशभक्ति के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता हैं.

हमारे विद्यालय की भांति ही देश के सभी सरकारी एवं निजी विद्यालयों महाविद्यालयों में स्वतंत्रता दिवस के दिन शान से तिरंगा फहराते हैं और शहीदों को याद किया जाता हैं.

इस अवसर पर स्कूल के नन्हें मुन्हे बच्चे व्यायाम परेड, निबंध, भाषण देशभक्ति कविताएँ शायरी आदि प्रस्तुत किये जाते हैं. मैं कक्षा 8 का विद्यार्थी स्वतंत्रता दिवस भाषण के माध्यम से अपने विचार प्रकट करने जा रहा हूँ.

हम हर साल 15 अगस्त के दिन को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं, क्या कभी हमनें पीछे झांककर यह जानने का प्रयास किया, कि इसे हम क्यों मनाते हैं.

इस दिन ऐसा क्या खास हुआ था जिस साल दर साल याद किया जाता हैं. भारत की उत्सव परम्परा के नयें विषय के रूप में 15 अगस्त को भी सम्मिलित कर लिया गया.

भारत में ग्यारहवीं सदी तक देशी राजाओं का शासन था, हमने इतिहास में जाना हैं कि पृथ्वीराज चौहान दिल्ली के अंतिम हिन्दू सम्राट थे.

तराइन के दूसरे युद्ध में चौहान की हार और गौरी की जीत से भारत में विदेश शासन की शुरुआत हो गई थी. आप सोच रहे होंगे, इन प्रसंगों का हमारे स्वतंत्रता दिवस से क्या वास्ता.

मैं आपका ध्यान उन तथ्यों की तरफ ले जाना चाहता हूँ जो हमें साल दर साल गलत बताएं जाते रहे हैं. कि भारत को 200 वर्षों की गुलामी के बाद 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता मिली थी.

यह सरासर झूठी एवं बेबुनियाद बात हैं. भारत की गुलामी का दौर तो 1192 से ही आरंभ हो गया था.

गौरी, खिलजी, ऐबक, तुर्क, मुगल, पुर्तगाली अंग्रेज सैकड़ों जातियों ने भारत पर शासन किया. ये भारतीय जनता व देशी शासकों के लिए गुलामी का दौर नहीं था तो क्या था.

17 वीं शताब्दी में जहांगीर के समय अंग्रेज भारत में आए और व्यापार को माध्यम बनाकर उन्होंने भारत की सत्ता को हथिया ली.

ये घटनाएं बस नहीं हैं, ये हमारा अतीत है और हमारे स्वर्णिम भविष्य के लिए हम अपने इतिहास की भूलों व साजिशों को भली भांति जाने तभी हमारे सपनों के एक भारत का निर्माण हो सकेगा.

जब अंग्रेजों ने भारत में कदम रखा तो दिल्ली की सत्ता पर मुगल थे. दक्षिण पश्चिम भारत में छोटे छोटे देशी राज्य थे.

अंग्रेजों के लिए भारतीय राजाओं से युद्ध कर सत्ता पाना असम्भव था, अतः उन्होंने फूट डालनी शुरू की तथा राजाओं को आपस में लडवाकर उन्हें कमजोर कर स्वयं सत्ता के स्वामी बन बैठे थे.

मुगल और अंग्रेज दोनों विदेशी थे.  मगर दोनों  के मध्य एक मूलभूत अंतर यह था कि अंग्रेजों का उद्देश्य भारत में सत्ता स्थापित करना नहीं था. बल्कि भारत की सम्पति को लूटकर ब्रिटेन भेजना चाहते थे, जो उन्होंने अपने पहले दिन से शुरू कर दिया था.

एक सौ नब्बे वर्ष के अंग्रेजी साल ने भारत की दुर्दशा यह कर दी कि 20 वीं सदी आते आते सोने की चिड़िया कहलाने वाले भारत वर्ष के लोग अब भूख से मरने लगे. अनाज उपजाने वाले किसान कर्जदार होकर आत्महत्याएं करने को मजबूर हो गये. नौकरी के नाम पर भारतीयों के लिए कुछ नहीं था.

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मैं उन अमर शहीद क्रांतिकारियों को झुककर नमस्कार करता हूँ, जिसकी वजह से 10 हजार प्राचीन भारतदेश अपने अस्तित्व को बचा पाया.

सर यदि अंग्रेज भारत में पचास साल और ठहर जाते तो इस देश का नामो निशाँ मिट जाता. वैसे भी हम अपनी संस्कृति, इतिहास, परम्पराओं एवं प्राचीन साहित्य को काफी हद तक गंवा सकते हैं.

महोदय, मैं क्षमा चाहता हूँ एक स्टूडेंट्स होने के नाते मुझे इस तरह की बात नहीं करनी चाहिए, मगर मेरे दिल में यह बात हर बार दुखती हैं. हम कहते हैं हमारा देश 15 अगस्त 1947 के दिन ब्रिटिश राज से पूर्ण रूप से स्वतंत्र हो गया था. तो आज उन अंग्रेजों की विरासत को हम क्यों सम्भाल रहे हैं.

सही मायनों में विरासत अपने पूर्वजों की देन होती हैं, इसलिए मैं उसे गुलामी का कंलक ही कहूँगा जिसे हम अपने सिर पर बोझे की तरह ढोए जा रहे हैं.

भला हमारे देश का अंग्रेजी से क्या लेना देना, मैं भाषाई ज्ञान का शत्रु नहीं हूँ, हाँ यदि किसी को अधिक से अधिक भाषाओं का ज्ञान हो तो अच्छी बात हैं मगर यह बात अन्य भारतीय भाषाओं या फ्रेंस, रसियन के साथ क्यों नही.

आजादी के सात दशक बाद भी क्या मेरा देश अपनी भाषा से नहीं चल सकता, क्या हम इतनी गहरी मानसिक गुलामी में चले गये हैं कि हमारा अंग्रेजी के बिना कोई काम नहीं चलता.

भारत के न्यायालय देख लो, उच्च शिक्षा का क्षेत्र देख लो,  संसद  की चर्चा देख लीजिए. कई बार ये लगता हैं कि ये लोग हमारा नहीं किसी और देश के प्रतिनिधि हैं. न्यायपालिका ऐसा लगती हैं कि वह ब्रिटेन जैसे देशों से हमारे देश को खैरात में दी गई हैं हम बस 70 सालों से उसे परम्परा के रूप में आगे बढ़ा रहे हैं.

मैं यह भी मानता हूँ कि यदि हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं हो सकती तो यह भारत के लोगों का निर्णय ही समझूंगा. मगर कोई भी भारतीय भाषा गुजराती, पंजाबी, तमिल, तेलगू, मलयालम, मराठी, बंगाली, भोजपुरी, उड़िया हमारी 150 से अधिक भाषाओँ में क्या कोई ऐसी भाषा नहीं जो इस कलंक को मिटा सके.

मुझे यह कहने में कोई झिझक नहीं हैं कि मेरे देश में आज भी बड़ी तादाद में अंग्रेजों की औलादे हैं जिन्हें वे अपने साथ ले जाना भूल गये थे. कोई भी इसको नकार नहीं सकता, क्योंकि सर लोकसभा और राज्यसभा में आज भी अंग्रेजों की संतानों के प्रति निधित्व के लिए एंग्लो इंडियन सदस्यों का मनोनयन जारी हैं.

विद्यार्थियों के लिए स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त भाषण 2024

प्यारे दोस्तों आजादी के पर्व के मौके पर आज हम जश्न मना रहे हैं. इस दिन को पाने के लिए भारत ने बड़ा मूल्य चुकाया हैं, ऐसा नहीं था कि अंग्रेजों को ऐसा लगा कि हमने बहुत शासन कर लिया अब भारत को रातो रात आजादी दे दी गई.

भारत को स्वतंत्रता मिली नहीं बल्कि यह अंग्रेजों से छिनकर ली गई थी. देश के क्रांतिकारी नवयुवकों के कारनामों ने उनको यह एहसास करा दिया कि अब जान बचानी हैं तो भारत छोड़ना होगा. तब जाकर भारत 15 अगस्त के दिन स्वतंत्र हुआ था.

आज ही के दिन भारत के लोगों ने आजादी के सूरज की पहली किरणों को देखा था. पहले स्वतंत्रता पर्व पर देश के प्रथम प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरु ने लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराया था. इसी परम्परा के चलते 15 अगस्त के दिन भारत के माननीय प्रधानमंत्री राष्ट्रीय ध्वज को लाल किले से फहराते हैं.

आज की सच्चाई यह हैं कि हमारे लिए स्वतंत्रता या आजादी एक शब्द मात्र हैं जिसे कभी हम लिबर्टी, इंडिपेंडेंस या फ्रीडम के रूप में परिभाषित करते हैं. आज से 70 साल पहले हमारे पूर्वजों के लिए आजादी का मतलब था एक सुनहरा सपना, जिसमें वे अपने तरीके से काम कर सकेगे, जो चाहे वो कर सकेगे. अपने देश व समाज के निर्णय व विकास में उनकी भागीदारी होगी.

यह वजह थी कि स्वराज के लिए 1857 से 1947 तक 90 वर्षों की इस लड़ाई में भारत के लाखों वीर सेनानियों ने अपने जीवन को राष्ट्र के लिए अर्पित कर दिया था. आजाद, भगतसिंह, सुभाष बोस, रानी लक्ष्मी बाई जैसे शूरमाओं ने जिस भारत का सपना देखा था, क्या आज हम उनके बलिदान को सार्थक कर पाए हैं, यह हमारे लिए चिंतनीय विषय हैं.

15 August Speech In Hindi 2024 स्वतंत्रता दिवस पर भाषण

15 August Speech In Hindi : आज के इस हम अपने पाठकों के लिए 15 August पर हिंदी भाषा में सरल भाषण Speech उपलब्ध करवा रहे हैं.

इस भाषण का उपयोग आप अपने विद्यालय कॉलेज या किसी संस्थान के India Independence Day 2024  कार्यक्रम में प्रस्तुत कर सकते हैं. मुख्यतः कक्षा 12 तक के स्कूली छात्र-छात्राओ ध्यान में रखते हुए यह 1 5 August  स्पीच तैयार किया गया हैं.

मंच पर उपस्थित मुख्य अतिथि महोदय, प्रधानाचार्य जी, समस्त शिक्षक गण और मेरे साथ पढ़ने वाले प्यारे भाईयो और बहिनों. सबसे पहले आप सभी को भारत के 76 वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई. इसी महान राष्ट्रिय त्योहारों को मनाने बाबत आज हम सब यहाँ एकत्रित हुए हैं.

15 अगस्त का दिन प्रत्येक भारतीय के लिए ख़ुशी और गर्व का दिन हैं. 15 अगस्त 1947 के दिन ही भारत अंग्रेजो के शासन से लम्बी लड़ाई के बाद स्वतंत्र हुआ था. इसी उपलक्ष्य में हम प्रतिवर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं. आज पूरा भारत अपना 71वाँ स्वतंत्रता दिवस मना रहा हैं.

15 अगस्त का दिन प्रत्येक भारतवासी के लिए महत्वपूर्ण दिन हैं. जिन्हें विश्व इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जा चूका हैं.

आज ही के दिन जब पूरी दुनिया सों रही थी, पंडित नेहरु ने दिल्ली के लाल किले से ऐतिहासिक भाषण दिया था. भारतीय जनमानस आजादी के नये सवेरे की बाट देख रहे थे.

सैकड़ो वर्षो की गुलामी के बाद हमारा देश सन सतालीस में आजाद हुआ. देशवासियों की अथक मेहनत और लग्न से आज भारत विश्व का सबसे बड़ा गणतन्त्र राष्ट्र हैं. देश के सिपाही हर मुशीबत झेलने को तैयार हैं. आज विभिन्न धर्मो के लोग प्रेम से भारत में रहते हैं, यही विविधता में एकता हमारी पहचान हैं.

हर वर्ष हर्षोल्लास से पुरे देश में 15 अगस्त मनाया जाता हैं. यह दिन हमे उन स्वतंत्रता सेनानियों को बार-बार याद दिलाता हैं. जिनकी अथक मेहनत और जज्बे के कारण भारत आजाद हुआ,

और आज हमे पूर्ण स्वतंत्रता हैं. ये हमारे वीर शहीदों की अमानत हैं विरासत हैं. जिसके कारण आज प्रत्येक भारतीय चाहे जहाँ पढ़, लिख सकता हैं, आ जा सकता हैं तथा नौकरी कर सकता हैं.

आजादी से पूर्व भारतीयों को कुछ भी अपनी इच्छा से करने की अनुमति नही थी. जो अंग्रेज चाहते थे, उनके हुक्म का पालन करना हमारे पूर्वजो की मजबूरी थी.

15 अगस्त को हम स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं, इस दिन विशेष तौर पर उन वीर शहीदों का स्मरण करना चाहिए. जिनकी बदौलत आज हम स्वतंत्र हैं सुरक्षित हैं.

ब्रिटिश सता को भारत से उखाड़ना इतना आसान नही था. मगर तमाम परेशानियों को झेलते हुए अपनी जान हथेली पर लेकर वो लड़े, सुनहरे भारत के भविष्य की खातिर.

आज तेजी से बढ़ रहे भारत के राष्ट्र निर्माण और स्वतंत्रता में सबसे अहम योगदान हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का था. हम और हमारी आने वाली पीढियाँ हमेशा उनके ऋणी रहेगी.

हमें अपने महापुरुषों के बताए रास्ते पर चलते हुए देश को नई ऊँचाइयों तक ले जाना हैं. हमारे प्रेरक देशभक्त हमेशा हमारे दिलों में रहेगे, आज के दिन हमे उन वीरों को सलामी देनी चाहिए.

15 अगस्त न सिर्फ एक जश्न का दिन हैं, बल्कि हमारे उन देशभक्तों और महापुरुषों को याद करने का सुनहरा अवसर भी हैं. जिन्होंने अपने घर-परिवार एशो आराम सब कुछ त्यागकर अपने सम्पूर्ण जीवन भारत माता के कदमों में अर्पित कर दिया.

इन्ही के जीतोड़ प्रयासों के फलस्वरूप ही अंग्रेज 200 वर्षो तक शासन करने के बाद भारत से भागे थे. हमे ऐसे नेशनल हीरोज को अपना आदर्श मानते हुए उन्हें महत्व देना चाहिए.

हमारे स्वतंत्रता सेनानियों में सुभाषचन्द्र बोस, भगतसिंह, लाला लाजपत राय, विपिनचंद्र पाल, महात्मा गाँधी, राजगुरु, चन्द्रशेखर आजाद, झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई ऐसे हजारों नाम हैं.

ये हमारे देश की आजादी के कर्णधार थे. जिन्होंने अपने बचपन और जवानी के दिन जेलों में गुजारे और जीवनपर्यन्त अंग्रेजो से लोहा लेते रहे. हम स्वतंत्र भारत में जन्मे इस कारण हम उस दासता और गुलामी की कल्पना नही कर सकते हैं.

जो हमारी कई पीढियों ने झेली थी. आजादी के 75 साल बाद आज हम विश्व की सबसे तेजी से उभरती ताकत के रूप विख्यात हैं. हर भारतीय विश्व के कोने-कोने में सम्मानित हैं.

सुभाषचन्द्र बोस भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने अंग्रेजो के अत्याचार सहने के बाद गांधी वादी विचारों को त्यागकर अंग्रेजो से आर-पार की जंग की योजना बनाई थी और जापान व् अन्य दक्षिण एशियाई देशों की मदद से आजाद हिन्द फौज से अंग्रेजो के पाँव फूला दिए थे.

भारतभूमि हमारी जन्मस्थली तो हैं, ही हमे इसे अपनी कर्मस्थली भी बनानी हैं. एक स्वतंत्र राष्ट्र के नागरिक होते हुए, हमे अपने देश को आगे ले जाना हैं. हमे भारतीय होने पर गर्व हैं. हर भारतीय शान से कहता हैं, मेरा भारत महान. हमे अपने तन, मन, धन से इस देश को आगे तक ले जाना हैं.

Independence Day In Hindi Language 15 August 2024 Best Essay Speech Importance History

आज के लेख में हम 15 अगस्त 202 4  के आजादी दिवस के अवसर पर हिंदी निबंध, भाषण   आपके साथ यहाँ साझा कर रहे हैं. आशा करते हैं. इंडियन इंडिपेंडेंट डे में दी जानकारी आपकों पसंद आएगी.

15 August 2024 Independence Day In Hindi Language : अग्रेजों की 200 साल की गुलामी के बाद हमारा भारत देश आज ही के दिन 15 अगस्त 1947 के दिन स्वतंत्र हुआ था. भारत के अनगिनत वीरों के सर्वोच्च बलिदान की बदौलत  हमें यह आजादी का दिवस मनाने का अवसर मिल रहा हैं.

आज सम्पूर्ण भारत हर्षोल्लास के साथ अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा हैं. हर भारतीय का सीना आजादी के इस पर्व पर गर्व से चौड़ा हो जाता हैं. दुनियां भर में बसने वाले प्रत्येक भारतीय को मेरी  ओर तरफ से स्वतंत्रता दिवस (Happy Independence Day) की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें .

Importance Of Independence Day In Hindi

Independence Day 15 August 2024 Importance In Hindi : प्रत्येक आजाद कौम व मुल्क के लोगों को  अपने अतीत पर गर्व होता हैं. हम भारत के लोग भी भारत के इतिहास, परम्परा एवं संस्कृति के प्रति गहरा लगाव रखते हैं.  

देश की खातिर जान नौछावर कर देने वाले देशभक्तों से अपने वतन से जुड़ी हर शिनाख्त प्यारी होती हैं. 15 अगस्त के दिन ही हमारा भारत आजाद हुआ, हमारी पीढ़ियाँ गुलामी के उस दौर, अंग्रेजों की यातनाएं तथा स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद रख सके, 

इसी लिए स्वतंत्रता दिवस को राष्ट्रीय उत्सव के रूप में मनाते हैं. हर भारतवासी के लिए स्वतंत्रता दिवस का बड़ा महत्व हैं.

Indian Independence Day Celebration 2024 In Hindi Language In India

15 August 2024 Indian Independence Day Celebration : स्वतंत्रता दिवस भारत का सबसे बड़ा पर्व हैं यह जम्मू कश्मीर से कन्याकुमारी, गुजरात से आसाम तक बड़ी धूमधाम से सेलिब्रेट किया जाता हैं.

देशभर में इस दिन राजकीय अवकाश होता हैं, इसके उपरान्त भी सभी सरकारी कार्यालयों स्कूल, कॉलेज, डाकघर, रेलवे स्टेशन, कलेक्टर ऑफिस से लेकर गाँव सभा भवन तथा सभी बैंक प्रतिष्ठानों में तिरंगा झंडा फहराया जाता हैं.

सभी प्राथमिक माध्यमिक विद्यालयों में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं. भाषण, निबंध, काव्य, पोस्टर, खेल तथा वाद विवाद प्रतियोगिताओं के आयोजन होते हैं.

राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम राजधानी दिल्ली में तथा सभी राज्यों की राजधानी शहर में राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम होते हैं. भारत के सभी दूतावासों में भी इस दिन तिरंगा फहराया जाता हैं.

What Is History Of Independence Day In Hindi

Independence Day 15 August 2024 History In Hindi Itihas : आज हम सभी गर्व करते हैं भारतीय होने पर इस भारतीयता का इतिहास बेहद प्राचीन हैं.

दस हजार वर्ष पुराना भारत देश 10 वीं सदी तक संसार के शक्तिशाली देशों में से  एक था, मगर गुलामी के बड़े एक दौर ने सब कुछ अस्त व्यस्त कर दिया. अधिकतर लोगों का मानना हैं कि  भारत  190 वर्षों  तक पराधीन रहा और 15 अगस्त को उन्हें स्वतंत्रता मिल गई. यह इतिहास की गलत बयानी नहीं है तो और क्या,

तराईन के दूसरे युद्ध में चौहान की हार के साथ ही भारत पर विदेशियों की सत्ता स्थापित हो गई थी. कभी तुर्क, मुगल, पुर्तगाली फ़्रांसिसी, अरब अंग्रेज किस किस कौम ने यहाँ सत्ता ने पाई इस लिहाज से भारत 1947 से पहले नौ सौ वर्षों तक विदेशियों का गुलाम रहा था.

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत 1857 की क्रांति से हुई थी, जब मेरठ छावनी से मंगल पांडे ने अपने साथियो के साथ विद्रोह का बिगुल बजा दिया था. आजादी का यह संग्राम देश के कई भागों में सालों तक चलता रहा,

कई कारणों से 1857 की क्रांति भारत को स्वतंत्रता नहीं दिला सकी, रानी लक्ष्मी बाई, तात्या टोपे, नाना साहब, भगत सिंह, चन्द्र शेखर आजाद, सुभाष बोस, महात्मा गांधी, प्रताप सिंह बारहठ जैसे हजारों स्वतंत्रता सैनानियों ने अपने जीवन को राष्ट्र के लिए समर्पित कर भारत को अंग्रेजों से स्वतंत्र कराया था.

Essay Speech On Independence Day In Hindi Language

स्वतंत्रता दिवस पर भाषण, स्वतंत्रता दिवस पर निबंध, 15 अगस्त पर निबंध, 15 अगस्त पर भाषण Independence Day Nibandh, Bhashan In Hindi : प्यारे मित्रों और दोस्तों वन्दे मातरम भारत माता की जय,   आज हम  सभी  हमारे राष्ट्रीय पर्व 15 अगस्त के दिन को मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं

यह हमारे लिए हर्ष एव उल्लास का दिन हैं क्योंकि यही 15 अगस्त का दिन था जब हमारे लाखों स्वतंत्रता सेनानियों एवं रंबाकुबारों के परम लक्ष्य की प्राप्ति हुई थी,

इस दिन  मेरा भारत अंग्रेजों  के चंगुल से आजाद राष्ट्र बना था. इस दिन ने यहाँ बसने वाले 17 करोड़ लोगों को अपना संविधान बनाने, अपनी सरकार बनाने व अपनी इच्छा से श्वास लेने जीने काम करने आदि की स्वतंत्रता प्रदान की थी

अंग्रेजों का दौर भारतीय जनता के लिए बड़ी विपदा के से कम नहीं था. व्यापार के लिए ब्रिटेन से भारत पहुंचे गोरों ने सदियों तक अपना उपनिवेश बनाएं रखा.

15 अगस्त का दिन हर भारत वासी के लिए न सिर्फ एक ऐतिहासिक विजय को सेलिब्रेट करने का अवसर हैं बल्कि  यह  हमारें कर्तव्यों, स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान , तथा उनके सपने के भारत की याद भी दिलाता हैं.

हालांकि उन वीरों ने जिस भारत की कल्पना की थी, वह तो 1947 में ही विभाजित हो गया मगर हमारा दायित्व बनता हैं हम भारत के भूक्षेत्र इसकी एकता अखंडता संस्कृति, सभ्यता आदि की अपनी जान देकर भी रक्षा करे.

तभी सच्चे अर्थों में स्वतंत्रता दिवस जैसे  कार्यक्रमों को मनाने   सही अर्थ नहीं सकेगा. भारत की सीमाओं की रक्षा तो हमारे बहादुर वीर जान देकर भी करेगे,

मगर आंतरिक दुश्मनों तथा देशद्रोहियों से देश को बचाना हम में से प्रत्येक नागरिक का पहला कर्तव्य हैं , इसी संदेश के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देता हूँ.    थैंकयूँ.

स्वतंत्रता दिवस कैसे मनाया जाना चाहिए?

स्वतंत्रता दिवस कैसे चाहिए मनाने का तरीका 15 अगस्त को क्या करे, स्वतंत्रता दिवस कैसे मनाते हैं : 15 अगस्त का दिन हर देशवासी के लिए प्राणों से प्रिय हैं. स्वतंत्रता दिवस मनाने का मतलब यह नहीं कि स्कूल जाए झंडा फहराए देश भक्ति के भाषण नारे गीत आदि गाएं, 

ना ही सोशल मिडिया पर फोटो चित्र, कोट्स, शायरी पोस्ट करने भर से नहीं हैं हम अपने राष्ट्र के लिए इस दिन क्या महत्वपूर्ण योगदान देने का संकल्प ले सकते हैं. यह अधिक अहम हैं. 

जैसे एक दिन के लिए साफ़ सफाई का अभियान बूढ़े लोगों की मदद करना, हमेशा सत्य की राह पर चलना, औरों की मदद करना, देश के लिए जरुरत पर सबसे आगे रहने आदि कार्यों से हम इस दिन को और अधिक महत्वपूर्ण बना सकते हैं.

स्वतंत्रता दिवस पर भाषण – 15 August Independence Day Speech in Hindi 2024

सभी प्यारे भारत वासियों को 78 वें स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2024 की शुभकामनाएं. स्वतंत्रता दिवस जिन्हें आजादी दिवस भी कह सकते हैं. यह दिन हमें उन वीरों की याद दिलाता हैं,

जिनके साहस एवं बलिदान के कारण ही भारत को स्वतंत्रता मिली. दिल्ली के रेड फोर्ट पर इस दिन राष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन किया जाता हैं, प्रधानमंत्री भाषण देते हैं. स्वतंत्रता दिवस के लिए भाषण, स्वतंत्रता दिवस का स्पीच (भाषण)- Independence Day Speech in Hindi.

15 अगस्त के दिन देशभर में विभिन्न सांस्कृतिक एवं देशभक्तिपुरें कार्यक्रम होते हैं, बच्चे व शिक्षक भाषण बोलते हैं. हर कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के लिए स्वतंत्रता दिवस पर अच्छा भाषण तैयार करना पड़ता हैं. शिक्षक  भाषण देते हैं

स्वतंत्रता दिवस भाषण – 15 August 2024

सम्मानित मंच पर विराजमान सभी विद्वान् गुरुजनों, मुख्य अतिथि महोदय, माताओं सज्जनों और प्यारे भाई और बहिनों.

जैसे कि आप सभी परिचित हैं आज 15 अगस्त को सम्पूर्ण हिंदुस्तान अपना 78 वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा हैं. 15 august 1947 की तारीख को हमारे देश को गुलामी की दास्ता से छुटकारा मिला था. इसी कारण हम स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त के दिन ही मनाते हैं.

भारत का स्वतंत्रता दिवस इस महान देश का एक राष्ट्रीय त्यौहार हैं, जिन्हें कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी और गुजरात से लेकर असम तक सभी भारतीय ख़ुशी के पर्व के रूप में मनाते हैं.

भारत को अपनी स्वतंत्रता की प्राप्ति के लिए अंग्रेजों से लम्बा संघर्ष करना पड़ा था. अतः वीर जवानों क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान से हमें ये आजादी मिली हैं.

हमारे देश के महान विचारकों तथा बुद्धिजीवियों ने 15 अगस्त के दिन ही तिरंगा फहराकर इसे भारत के स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने की प्रथा शुरू की थी. गौरतलब हैं कि इसी नदी रावी नदी के तट पर पहली बार भारतीय ध्वज फहराया गया हैं.

15 अगस्त 1947 के दिन हमें यह बहुमूल्य धरोहर रूपी आजादी मिली थी. एक स्वतंत्र राष्ट्र बनने के लिए भारत का अपना एक संविधान तैयार किया गया तथा इसी संविधान ने देश के नागरिकों को समस्त प्रकार के अधिकार व कर्तव्य प्रदान किये.

कभी वक्त मिले तो 1947 से पहले के भारत के इतिहास के पन्नों को खंगाले तो हमें उन अंग्रेजों के अत्याचारों की कहानियाँ अवश्य पढ़ने मिलेगी. जिन्होंने 200 सालों तक हमारे पूर्वजों का शोषण किया उन्हें तरह तरह से यातनाएं दी जाती थी. धन्य हैं हमारे भाग जो हमें इस स्वतंत्र भारत भूमि पर जन्म मिला.

उस नजारे को देखकर भी भय लगता होगा, जब किसी को फांसी पर लटकाया जाता हैं. वों भारत के इतिहास के दर्दनाक लम्हे ही थे, जब हमारे लोगों की सभा को गोलियों से भून दिया जाता था.

भगतसिंह मात्र 23 साल के थे, जब उन्हें अपने दो अन्य साथियों के साथ फ़ासी दे दी गई थी.

भारत की आजादी का संघर्ष 1857 में ही शुरू हो गया था. मेरठ छावनी के मंगल पांडे ने इसकी शुरुआत की थी. कई बड़े नाम रानी लक्ष्मी बाई तात्या टोपे, आजाद जैसे हजारो लाखों वीरों ने अपने घर को छोड़ भारत माता की स्वतंत्रता के लिए अपनी जिंदगी खफा दी, ऐसे वीरों को आज याद करने का दिन हैं.

अहिंसा व सत्य के पुजारी बापू ने भारत में रहकर अंग्रेजो को चैलेज किया तो हमारे नेताजी शुभाषचन्द्र बोस ने विदेशों में भारतीयों को एकत्र कर वतन की आजादी की खातिर फौज तैयार की थी.

15 august 1947 का वो लम्हा जब नेहरु जी लाल किले पर तिरंगा फहरा रहे थे, तो उन्होंने देश की जनता से दो टुक भाषण किया था, उन्होंने कहा था- “जब आज पूरी दुनिया सो रही हैं मगर हिंदुस्तान अपने आजादी के नये सवेरे के इंतजार में हैं.”

महात्मा गांधी जैसे महापुरुष सदियों में देखने को नही मिलते हैं, आपसी प्रेम भाव तथा समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर वतन की आजादी के लिए लड़ने वाले इन महान देवता की वजह से आज समूचा हिंदुस्तान आजाद हैं.

वर्तमान समय में भारत को देखा जाए तो चाहे आर्थिक क्षेत्र हो शिक्षा का क्षेत्र हो या तकनीक की बात की जाए, हम अनवरत रूप से आगे ही बढ़ रहे हैं. एक औटोमिक पॉवर होने के साथ साथ खेलकूद के मैदान के हर कौने में तिरंगा लहराता देख हर भारतीय का छिना गर्व से चौड़ा होना यही हमारी देशभक्ति हैं.

भले ही हमें आजाद हुए 75 साल ही हुए हो, आज हम दुनियां के सबसे बड़े लोकतंत्र में जी रहे हैं.

भारत की स्वतंत्रता का यह दिवस बार बार हमें अपने कर्तव्य अपने पूर्वजों के बलिदान एवं उनके द्वारा हमें सुपुर्द जिम्मेदारियों और सपनों को पूरा करने का संदेश भी देता हैं.

हम स्वतंत्र राष्ट्र के नागरिक होने के नाते हमें न सिर्फ अपने अधिकारों का उपभोग करना चाहिए बल्कि अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करना चाहिए.

धन्यवाद, जय हिन्द ! जय भारत ! वंदेमातरम्

15 August 2024 Independence Day Speech in English

August 15 is the day that everyone is waiting for. Whether on children or students or big people, everyone celebrates on August 15th.

At the same time, on August 15, something like something you want to talk about and your thoughts on August 15. If you have to give a speech on Independence Day on August 15, 2024 , then you will definitely see our post today.

India will celebrate Independence Day on August 15, 2024, If you speak on Student Independence Day speech Looking for it is a perfect place.

Speech can be given to your school, college, or office on August 15. Many schools are searching for children’s speech on Independence Day because freedom schools should be celebrated in every school across the country.

In schools and colleges, there may be a speech contest between students. So each participant in the speech contest wants a good speech. And not just students,

but in schools and colleges and primary teachers also have to give 15 august speech in Hindi. And in the office, there is also a speech on 15th August Independence Day.

So you can see the speeches from August 15th below. Here we have also given the 15th of August in the Hindi for the school. You can see it.

15 August Speech in English 2024

“Chief Guest, Principal, Good morning for teachers and my dear friends. I wish you all a very Happy Independence Day! Today, I have got a chance to speak on Independence Day,

I feel honored to be myself. August 15 has always been so special to us that one day we remember all the glory of our country because we remember the efforts of the Indian freedom fighters fighting the struggle, revolt, and Indian independence.

Independence Day of India not only reflects India’s independence from the rule of the British Raj, but it also shows the power of this country. And it shows that when he unites all the people of this country.

The country has only progressed daily and is on its way to becoming a superpower. Before the completion of four years of India’s independence, we strengthened the country by making it a Republic with the beginning of the Constitution,

which makes the whole world tilt. We are a country of vast diversity, and our unity makes us a strong nation. From technology to agriculture,

we are one of the world’s top countries, and there is no one going back because we are always on the move to grow and improve.

Today, as we recall all the achievements of our country on Independence Day, we do not forget our soldiers. Thanks to our brave soldiers, we can live peacefully in their country due to them because we know that they always live there to protect us.

They keep us safe from threatening terrorist forces to India. Let us be inspired by our soldiers and work together to make our country a better place to live. No country is right,

a nd we also have drawbacks. On this Independence Day 2021, we promise our work as citizens to make our country great.

I once again want to thank you for listening to your speech carefully and I would like to thank all of you for your speaking in front of everyone. And I want to give you a chance to talk. Jai Hind! I salute you, Mother!

15 August Speech In Hindi For School Kids And Children

15 अगस्त 2024 के दिन का सभी को इंतजार रहता हैं. Independence Day Speech In Hindi For School  पर 15 अगस्त के दिन स्कूल के बच्चों के बच्चें यदि कुछ भाषण स्पीच बोलना चाहे

तो हमारा 1 5 अगस्त स्पीच हिंदी फॉर स्कूल का यह लेख आपकों सशक्त अभिव्यक्ति अवसर देगा. इस आर्टिकल की मदद से आप अच्छा छोटा बड़ा 76वाँ स्वतंत्रता दिवस भाषण 2024 को तैयार कर बोल सकते हैं.

यहाँ पर दिए 15 august speech in hindi से आप 15 ऑगस्ट भाषण प्रतियोगिता में सम्मिलित होकर स्कूल में अच्छा भाषण देने में सफल हो सकते हैं. १५ अगस्त स्पीच इन हिंदी फॉर स्कूल की मदद से स्टूडेट्स अच्छे भाषण की पूर्व तैयारी कर सकते हैं.

Happy Independence Day To All Students And Teachers Geare Occasion For Indian In To Celebrate 15 August Ceremony In Her School,  15 August Speech In Hindi For School Is Prepare For Students, Kids, And Teachers Point of View.

Takes Help OF This the short speech on 15th August Students They Read In Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 And Searching For 15 August Speech In Hindi In 100, 200, 250, 300, 400 And 500 Words Short Bhashan (Speech) On Independence Day 2024.

भारत का 15 अगस्त पर हिंदी भाषण- सुप्रभात, परम आदरणीय मुख्य अतिथि महोदय, प्रधानाध्यापक महोदय, मेरे समस्त विद्वान् गुरुजनों मेरे साथ पढ़ने वाले भाइयों बहिनों एवं बड़ी संख्या में आस-पास से पधारे हुए ग्रामीण मेहमानों आप सभी 15 अगस्त 202 4, भारत के 78 वें स्वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं.

15 अगस्त हमारा एक राष्ट्रीय पर्व हैं, जिसे मनाने के लिए हम सभी यहाँ एकत्रित हुए हैं. आज ही दिन सन 1947 को हमारे भारत देश को अंग्रेजों की दास्ता से स्वतंत्रता मिली थी.

सैकड़ों वर्षों के संघर्ष एवं हजारों शहीदों के बलिदान के उपरांत मिली यह आजादी हमारे लिए बहुमूल्य हैं, जिसे अक्षुण्ण बनाएं रखना हम सभी भारतीयों का पहला कर्तव्य हैं.

हमारे देश में जितना महत्व धार्मिक व सामाजिक त्योहारों का हैं कही उससे अधिक स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस का हैं. सभी धर्मों सम्प्रदायों के लोग आपसी मतभेद को भूलकर इन्हें हर्षोल्लास के साथ आज मना रहे हैं.

इस दिन गोरो को भारतीयों के संघर्ष के आगे मजबूर होकर भारत की सत्ता छोड़कर इंग्लैंड जाना पड़ा था. इसी ऐतिहासिक दिवस को यादगार बनाने के लिए हम प्रतिवर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं.

15 अगस्त का हम सभी के लिए बड़ा महत्व हैं, क्योंकि इस दिन को देखने के लिए अनेकोनेक भारतीय स्वतंत्रता सैनानियों ने अपने राष्ट्र की स्वतंत्रता के लिए अपना बलिदान दिया था.

अनेक लोगों ने उनके द्वारा दी गई प्रताड़ना को झेला, मगर अपने लक्ष्य को बिना बदले वे निरंतर भारत की आजादी के लिए संघर्ष करते रहे, उनकी कड़ी मेहनत और बलिदान के उपरांत भी भारत 15 अगस्त के दिन स्वतंत्रता प्राप्त कर सका.

स्वतंत्रता दिवस अन्तर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय, राज्यीय एवं स्थानीय स्तर पर बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता हैं. इस दिन देश के महामहिम प्रधानमंत्री महोदय दिल्ली के लाल किले से तिरंगा फहराते है और राष्ट्रीय कार्यक्रम में देश के लोगों को सम्बोधित करते हैं.

देश की राजधानी के साथ साथ सभी राज्यों की राजधानी में भी 15 अगस्त कार्यक्रम का आयोजन बड़े धूमधाम के साथ किया जाता हैं. राज्यों के प्रशासनिक अधिकारी व जनप्रतिधि इन दिन जनता को अपनी सरकार के जनकल्याणकारी कार्यक्रमों एवं योजनाओं का ब्यौरा देते हैं.

विभिन्न स्तरों पर अच्छा कार्य करने वाले लोगों को इस दिन सरकार के द्वारा सम्मानित किया जाता हैं. हर छोटे से छोटे नगर, गाँव व विद्यालय में स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम का आयोजन होता हैं,

राष्ट्रीय ध्वज का आरोहण, राष्ट्रगान, सांस्कृतिक कार्यक्रम, स्वतंत्रता दिवस पर भाषण एवं देशभक्ति गीत इनके आकर्षण के केंद्र होते हैं.

स्वतंत्रता दिवस पर भाषण- समस्त विद्वान गुरुजनों एवं सम्मानित मंच को मेरा सादर प्रणाम, हम सभी आज राष्ट्रीय पर्व 15 अगस्त को मनाने के उपलक्ष्य में यहाँ एकत्रित हुए हैं, आज मैं 15 अगस्त पर छोटा भाषण प्रस्तुत करने जा रहा हूँ.

इस दिन को एक उत्सव के रूप में मनाने के पीछे का इतिहास अधिक प्राचीन नही हैं, हम जानते है कि 190 सालों की अंग्रेजों की गुलामी के बाद अन्तः भारत 15 अगस्त 1947 को एक नया स्वतंत्र, संप्रभु गणराज्य बना था. पिछले 75 साल से हम इस दिन को एक महान ऐतिहासिक दिन के रूप में मनाते आ रहे हैं.

15 अगस्त के सवेरे देश के पहले प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरु का ऐतिहासिक भाषण हुआ था, उनकें शब्द कुछ इस तरह थे, जब पूरी दुनिया सो रही थी तब भारत के लोग जग रहे थे.

यानि अपनी स्वतंत्रता के लिए अंग्रेजों से लोहा ले रहे थे. विविधता में एकता का सर्वोत्तम उदाहरण पेश करने वाला भारत आजादी के बाद निरंतर तेज गति से विकास के पथ पर अग्रसर हैं.

15 अगस्त का यह दिन हमें अपने स्वतंत्रता सैनानियों एवं उन सैकड़ों शहीदों की याद दिलाता हैं जिनके बलिदान की बदौलत हम स्वतंत्र हो पाए हैं. एक वो दिन थे,

जब भारतीयों को खाने पीने, पढ़ने लिखने, आने जाने यहाँ तक कि बोलने की आजादी भी नही थी. आज हमारा संविधान अपने नागरिकों को सभी अधिकार देता हैं,

तथा उनकी पालना को भी प्रबंधित करता हैं. हमारी इस अमूल्य स्वतंत्रता रूपी धरोहर का श्रेय महात्मा गाँधी, सुभाषचंद्र बोस, लाला लाजपत राय, भगतसिंह, चन्द्रशेखर आजाद जैसे सैकड़ों फ्रीडम फाईटर को जाता हैं. आज हमें उन महान देशभक्तों को सच्चे दिल से सलामी देनी चाहिए.

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  • Shikshak Diwas Par Bhashan Hindi Mein Teachers Day Speech For Students And School Kids In Hindi

Teachers day speech: ऐसे दिया शिक्षक दिवस पर भाषण, तो हर टीचर से मिलेगी बेहिसाब वाहवाही

Shikshak diwas bhashan in hindi: शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है, जो डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर होता है। छात्र इस दिन को ऑनलाइन कक्षाओं और समारोहों का हिस्सा बनते हैं। इस मौके पर स्टूडेंट्स अपने शिक्षकों के लिए स्पीच भी तैयार कर सकते हैं।.

shikshak diwas par bhashan hindi mein teachers day speech for students and school kids in hindi

5 सितंबर को क्यों मनाया जाता है टीचर्स डे?

 5 सितंबर को क्यों मनाया जाता है टीचर्स डे?

हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस भारत के दूसरे राष्ट्रपति और महान विद्वान डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के रूप में मनाया जाता है। डॉ. राधाकृष्णन शिक्षा को बहुत महत्व देते थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन शिक्षा के क्षेत्र में समर्पित कर दिया।

एक बार उनके छात्रों ने उनसे उनके जन्मदिन को मनाने का आग्रह किया। इस पर उन्होंने कहा, 'मेरे जन्मदिन को मनाने के बजाय, अगर 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो मुझे गर्व होगा।' इस तरह, 1962 से, 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

शिक्षक दिवस क्यों मनाते हैं - भाषण

शिक्षक दिवस क्यों मनाते हैं - भाषण

गुरु बिन होत ना ज्ञान, गुरु बिना दिशा अजान, गुरु बिन इन्द्रिय न सधे, गुरु बिन बढ़े न शान।

हमारे सभी शिक्षकों को सुप्रभात। आज जब हम यहां शिक्षक दिवस के अवसर पर एकत्रित हुए हैं, मैं हर उस शिक्षक को धन्यवाद देना चाहता हूं, जो हमेशा हमारा मार्गदर्शक करते रहे हैं। आपने हमें ना केवल सीखने का नया तरीका सिखाया है बल्कि कोरोना जैसे लॉकडाउन के दौरान भी पढ़ते रहने और सीखते रहने के लिए प्रेरित किया।

शिक्षक दिवस भाषण हिंदी में

शिक्षक दिवस भाषण हिंदी में

मेहनत की राह पर जो चलना सिखाते है , जुनून की आग में जलना सिखाते है । जिनको कितना सता लो वो नहीं रूठते , वो ही हम बच्चों के टीचर कहलाते हैं।

हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। क्या आप जानते हैं कि यह तारीख क्यों चुनी गई? यह दिन डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती है, जो एक भारतीय विद्वान थे। वह 1962 से 1967 तक भारत के दूसरे राष्ट्रपति भी रहे।

टीचर्स डे हिंदी स्पीच

टीचर्स डे हिंदी स्पीच

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान विद्वान थे, जिन्होंने अपना जीवन शिक्षा के लिए समर्पित कर दिया। एक बार उनके छात्रों ने उनसे उनका जन्मदिन मनाने के लिए कहा। उन्होंने सरलता से उत्तर दिया और कहा, 'मेरा जन्मदिन मनाने के बजाय, अगर 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो यह मेरे लिए गर्व की बात होगी।'

​तब सभी शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में घोषित किया गया था। 1962 से, भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस पर हिंदी स्पीच

शिक्षक दिवस पर हिंदी स्पीच

अंत में, मैं अपना भाषण डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के उद्धरण के साथ समाप्त करना चाहूंगा, 'शिक्षा का उद्देश्य कौशल और विशेषज्ञता वाले अच्छे इंसान बनाना है। प्रबुद्ध इंसान शिक्षकों द्वारा ही बनाए जा सकते हैं।'

प्रभाष रावत

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National Sports Day Speech in English and Hindi for Students 2024

National sports day speech: here you will get a few lines on national sports day for class 1 to class 12 students. the speech ideas given here on national sports day can be used during the school assembly or in the society function..

Atul Rawal

10 Lines on Sports Day in English

  • National Sports Day in India is celebrated every year on August 29th.
  • The day marks the birth anniversary of the legendary hockey player Major Dhyan Chand.
  • Major Dhyan Chand is widely regarded as one of the greatest hockey players in the world.
  • The day promotes the importance of sports and physical activities in daily life.
  • Various sports events and activities are organized in schools and colleges across the country.
  • The President of India gives away prestigious sports awards like the Arjuna and Khel Ratna on this day.
  • National Sports Day aims to raise awareness about the benefits of sports and encourage participation among youth.
  • Major Dhyan Chand’s contribution to Indian hockey has inspired generations of athletes.
  • The day also highlights the role of sports in building a healthy and disciplined society.
  • National Sports Day is a reminder of the need to nurture and support sports talent in India.

10 Lines on National Sports Day in Hindi

  • भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस हर साल 29 अगस्त को मनाया जाता है।
  • यह दिन महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती का प्रतीक है।
  • मेजर ध्यानचंद को दुनिया के सबसे महान हॉकी खिलाड़ियों में से एक माना जाता है।
  • यह दिन दैनिक जीवन में खेल और शारीरिक गतिविधियों के महत्व को बढ़ावा देता है।
  • देश भर के स्कूलों और कॉलेजों में विभिन्न खेल आयोजन और गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं।
  • भारत के राष्ट्रपति इस दिन अर्जुन और खेल रत्न जैसे प्रतिष्ठित खेल पुरस्कार प्रदान करते हैं।
  • राष्ट्रीय खेल दिवस का उद्देश्य खेलों के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और युवाओं में भागीदारी को प्रोत्साहित करना है।
  • भारतीय हॉकी में मेजर ध्यानचंद के योगदान ने एथलीटों की कई पीढ़ियों को प्रेरित किया है।
  • यह दिन एक स्वस्थ और अनुशासित समाज के निर्माण में खेलों की भूमिका पर भी प्रकाश डालता है।
  • राष्ट्रीय खेल दिवस भारत में खेल प्रतिभाओं को पोषित करने और उनका समर्थन करने की आवश्यकता की याद दिलाता है।

Short Speech on National Sports Day in English

Good morning everyone,

Today, I would like to talk about National Sports Day. Every year, on 29th August, we celebrate this special day to honour the great hockey player, Major Dhyan Chand. He was a true legend in Indian sports and is remembered as one of the best hockey players in the world.

National Sports Day is not just about remembering Major Dhyan Chand; it’s also about celebrating sports and fitness. Sports are very important in our lives. They keep us healthy, teach us teamwork, and help us stay active.

On this day, many schools and colleges organise sports events to encourage students to participate in different games. It’s a reminder for all of us to play sports and stay fit. Sports also teach us discipline and the value of hard work.

In India, the government gives out special awards to the best athletes on National Sports Day. This shows how important sports are to our country.

Long Speech on National Sports Day in English

Good morning, respected teachers and my dear friends,

Today, I am here to talk about National Sports Day, which we celebrate every year on 29th August. This day is special because it marks the birth anniversary of Major Dhyan Chand, one of the greatest hockey players in the world. Major Dhyan Chand made India proud with his amazing skills in hockey and led our country to win many gold medals in the Olympics.

National Sports Day is not only about honouring Major Dhyan Chand but also about celebrating the importance of sports in our lives. Sports are very important for everyone, whether young or old. They help us stay healthy, keep our minds sharp, and teach us valuable lessons like teamwork, discipline, and perseverance.

In schools and colleges across India, National Sports Day is celebrated with various sports events. Students participate in different games and activities, which help them learn the importance of staying active and fit. It’s a day to remind ourselves that sports are not just about winning or losing but about enjoying the game, staying healthy, and learning to work together as a team.

On this day, the President of India also gives out special sports awards, such as the Arjuna Award, the Dronacharya Award, and the Rajiv Gandhi Khel Ratna, to honour the best athletes and coaches in our country. These awards inspire young athletes to work hard and achieve their dreams.

Major Dhyan Chand’s life is an example of dedication and hard work. He practiced every day to become the best, and his love for the game helped him overcome many challenges. We can learn a lot from his life and apply those lessons in our own lives, whether in sports or in studies.

National Sports Day encourages all of us to take part in sports and physical activities. It reminds us that being physically active is important for our health and well-being. So, let’s make a promise today to play more sports, stay active, and take care of our health.

In conclusion, National Sports Day is a day to celebrate sports, honour our athletes, and inspire each one of us to stay fit and active. Let’s follow the example of Major Dhyan Chand and work hard to achieve our goals, not just in sports but in every part of our lives.

Short Speech on National Sports Day in Hindi

आज, मैं राष्ट्रीय खेल दिवस के बारे में बात करना चाहूँगा। हर साल 29 अगस्त को हम महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के सम्मान में यह खास दिन मनाते हैं। वे भारतीय खेलों में एक सच्चे लीजेंड थे और उन्हें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ हॉकी खिलाड़ियों में से एक के रूप में याद किया जाता है।

राष्ट्रीय खेल दिवस सिर्फ़ मेजर ध्यानचंद को याद करने के बारे में नहीं है; यह खेल और फिटनेस का जश्न मनाने के बारे में भी है। खेल हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण हैं। वे हमें स्वस्थ रखते हैं, हमें टीम वर्क सिखाते हैं और हमें सक्रिय रहने में मदद करते हैं।

इस दिन, कई स्कूल और कॉलेज छात्रों को अलग-अलग खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए खेल कार्यक्रम आयोजित करते हैं। यह हम सभी के लिए खेल खेलने और फिट रहने की याद दिलाता है। खेल हमें अनुशासन और कड़ी मेहनत का महत्व भी सिखाते हैं।

भारत में, सरकार राष्ट्रीय खेल दिवस पर सर्वश्रेष्ठ एथलीटों को विशेष पुरस्कार देती है। यह दर्शाता है कि हमारे देश के लिए खेल कितने महत्वपूर्ण हैं।

Long Speech on National Sports Day in Hindi

शुभ प्रभात, आदरणीय शिक्षकगण और मेरे प्यारे मित्रों,

आज मैं राष्ट्रीय खेल दिवस के बारे में बात करने आया हूँ, जिसे हम हर साल 29 अगस्त को मनाते हैं। यह दिन इसलिए खास है क्योंकि इस दिन दुनिया के महानतम हॉकी खिलाड़ियों में से एक मेजर ध्यानचंद की जयंती होती है। मेजर ध्यानचंद ने हॉकी में अपने अद्भुत कौशल से भारत को गौरवान्वित किया और हमारे देश को ओलंपिक में कई स्वर्ण पदक दिलाए।

राष्ट्रीय खेल दिवस केवल मेजर ध्यानचंद को सम्मानित करने के बारे में ही नहीं है, बल्कि हमारे जीवन में खेलों के महत्व का जश्न मनाने के बारे में भी है। खेल सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, चाहे युवा हों या बूढ़े। वे हमें स्वस्थ रहने, हमारे दिमाग को तेज रखने और हमें टीम वर्क, अनुशासन और दृढ़ता जैसे मूल्यवान सबक सिखाने में मदद करते हैं।

भारत भर के स्कूलों और कॉलेजों में, राष्ट्रीय खेल दिवस विभिन्न खेल आयोजनों के साथ मनाया जाता है। छात्र विभिन्न खेलों और गतिविधियों में भाग लेते हैं, जो उन्हें सक्रिय और फिट रहने के महत्व को सीखने में मदद करते हैं। यह खुद को याद दिलाने का दिन है कि खेल केवल जीतने या हारने के बारे में नहीं है, बल्कि खेल का आनंद लेने, स्वस्थ रहने और एक टीम के रूप में मिलकर काम करना सीखने के बारे में है।

इस दिन, भारत के राष्ट्रपति हमारे देश के सर्वश्रेष्ठ एथलीटों और कोचों को सम्मानित करने के लिए अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार और राजीव गांधी खेल रत्न जैसे विशेष खेल पुरस्कार भी प्रदान करते हैं। ये पुरस्कार युवा एथलीटों को कड़ी मेहनत करने और अपने सपनों को हासिल करने के लिए प्रेरित करते हैं।

मेजर ध्यानचंद का जीवन समर्पण और कड़ी मेहनत का एक उदाहरण है। उन्होंने सर्वश्रेष्ठ बनने के लिए हर दिन अभ्यास किया और खेल के प्रति उनके प्यार ने उन्हें कई चुनौतियों से पार पाने में मदद की। हम उनके जीवन से बहुत कुछ सीख सकते हैं और उन सबकों को अपने जीवन में लागू कर सकते हैं, चाहे वह खेल हो या पढ़ाई।

राष्ट्रीय खेल दिवस हम सभी को खेलों और शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता है। यह हमें याद दिलाता है कि शारीरिक रूप से सक्रिय रहना हमारे स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती के लिए महत्वपूर्ण है। तो, आइए आज हम ज़्यादा से ज़्यादा खेल खेलने, सक्रिय रहने और अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखने का वादा करें।

अंत में, राष्ट्रीय खेल दिवस खेलों का जश्न मनाने, हमारे एथलीटों का सम्मान करने और हम सभी को फिट और सक्रिय रहने के लिए प्रेरित करने का दिन है। आइए मेजर ध्यानचंद के उदाहरण का अनुसरण करें और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करें, न केवल खेल में बल्कि अपने जीवन के हर क्षेत्र में।

धन्यवाद, और आपका दिन मंगलमय हो!

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National Sports Day Speech : छात्रों के लिए सरल शब्दों में राष्ट्रीय खेल दिवस पर भाषण 

speech on hindi language in hindi

  • Updated on  
  • अगस्त 23, 2024

National Sports Day Speech in Hindi

हर साल 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है। यह दिन महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है। इसके अलावा यह दिन भारतीय खेलों और खिलाड़ियों की उपलब्धियों को मान्यता देने और उन्हें प्रेरित करने के लिए समर्पित है। राष्ट्रीय खेल दिवस पर स्कूलों और संगठनों में खेल-कूद की गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं, ताकि खेलों के महत्व को बढ़ावा दिया जा सके और लोगों को स्वस्थ जीवन की ओर प्रेरित किया जा सके। 

इस दिवस की महत्वता को बढ़ाने और लोगों को इस दिवस के बारे में शिक्षित करने के लिए कई बार स्कूल में बच्चों को भाषण तैयार करने के लिए कह दिया जाता है। अगर आप अपने स्कूल में राष्ट्रीय खेल दिवस पर स्पीच देने के लिए तैयारी कर रहे हैं तो, ये लेख आपके लिए है। यहाँ आपको National Sports Day Speech in Hindi 100, 200 और 500 शब्दों में दी गई है।

This Blog Includes:

100 शब्दों में ऐसे दें राष्ट्रीय खेल दिवस पर भाषण, 200 शब्दों में ऐसे दें राष्ट्रीय खेल दिवस पर भाषण, स्पीच की शुरुआत में, राष्ट्रीय खेल दिवस का इतिहास, राष्ट्रीय खेल दिवस का महत्व , स्पीच के अंत में, राष्ट्रीय खेल दिवस पर स्पीच तैयार करने के टिप्स.

आप 100 शब्दों में राष्ट्रीय खेल दिवस पर भाषण (National Sports Day Speech in Hindi) इस प्रकार दे सकते हैं –

नमस्कार दोस्तों!

आज हम सभी यहाँ राष्ट्रीय खेल दिवस मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। हर साल 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस देशभर में मनाया जाता है। यह दिवस हॉकी के खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद को श्रद्धांजलि देने और समाज में खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है। राष्ट्रीय खेल दिवस हॉकी के मैदान पर मेजर ध्यानचंद की उपलब्धियाँ इस बात का उदाहरण हैं कि कोई भी व्यक्ति जुनून और समर्पण के साथ कितनी ऊँचाइयों तक पहुँच सकता है। आज, जैसा कि हम उनकी जयंती मना रहे हैं, आइए शारीरिक और मानसिक कल्याण को बढ़ावा देने में खेल की भूमिका को भी पहचानें।

खेल जीवन यात्रा का दर्पण हैं। वे हमें सिखाते हैं कि सफलता कड़ी मेहनत, दृढ़ता और अटूट भावना का परिणाम है। राष्ट्रीय खेल दिवस खेल के मैदान तक ही सीमित नहीं है, यह हमारे जीवन तक फैला हुआ है। यह हमें उन गुणों को अपनाने के लिए प्रेरित करता है जो खेल हमें सिखाते हैं, जैसे – अनुशासन, टीम वर्क और चुनौतियों से उबरने की इच्छाशक्ति।

यह भी पढ़ें : मेजर ध्यानचंद की याद में क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय खेल दिवस? जानें इतिहास

आप 200 शब्दों में राष्ट्रीय खेल दिवस पर भाषण (National Sports Day Speech in Hindi) इस प्रकार दे सकते हैं –

आज हम यहाँ राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर एकत्रित हुए हैं। यह दिन हर साल 29 अगस्त को खेलों के प्रति हमारे समर्पण और भारतीय खेलों में महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए मनाया जाता है। मेजर ध्यानचंद, जिनके अद्वितीय हॉकी कौशल और खेल के प्रति समर्पण ने भारत को कई अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतिस्पर्धाओं में गौरव दिलाया है।

खेल न केवल बॉडी की फिटनेस को बढ़ावा देते हैं, बल्कि मानसिक दृढ़ता और टीमवर्क को भी विकसित करता है। यह दिवस हमें अनुशासन, संघर्ष, और समर्पण की महत्वता सिखाते हैं। आज के दिन हमें अपने जीवन में खेलों को एक महत्वपूर्ण स्थान देने का संकल्प लेना चाहिए।

हमारे जीवन में शारीरिक गतिविधि की आवश्यकता पर पर्याप्त जोर नहीं दिया जा सकता है। खेलों में शामिल होने से न केवल हमारा शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होता है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी बढ़ता है। यह हमें अनुशासन, समय प्रबंधन और कड़ी मेहनत करना सिखाता है।

राष्ट्रीय खेल दिवस का एक प्राथमिक उद्देश्य युवाओं को प्रेरित करना है। यह दिन एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है कि प्रत्येक व्यक्ति में खेल और अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने की क्षमता होती है। साधारण शुरुआत से लेकर वैश्विक आइकन बनने तक मेजर ध्यानचंद की यात्रा इस बात का प्रमाण है कि दृढ़ संकल्प और समर्पण के साथ कोई भी किसी भी तरह की दिक्कत को पार कर सकता है।

देश भर में स्कूल, कॉलेज और विभिन्न संगठन इस दिन खेल कार्यक्रम और प्रतियोगिताओं का आयोजन करते हैं। ये आयोजन टीम वर्क और खेल भावना को बढ़ावा देने के बारे में हैं। आइए, हम सभी मिलकर अपने दैनिक जीवन में खेलों को शामिल करें और नई पीढ़ी को भी खेलों की ओर प्रेरित करें। 

यह भी पढ़ें : क्या आपको पता है कि राष्ट्रीय खेल दिवस कब मनाया जाता है?

500 शब्दों में ऐसे दें राष्ट्रीय खेल दिवस पर भाषण

आप 500 शब्दों में राष्ट्रीय खेल दिवस पर भाषण (National Sports Day Speech in Hindi) इस प्रकार दे सकते हैं –

माननीय अतिथिगण, शिक्षक वर्ग और मेरे सहपाठियों 

आज हम सभी यहाँ राष्ट्रीय खेल दिवस मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। हर साल 29 अगस्त को भारत बेहद जोश और उत्साह के साथ राष्ट्रीय खेल दिवस मनाता है। राष्ट्रीय खेल दिवस महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती का सम्मान करता है, जिनके अद्वितीय कौशल और समर्पण ने देश को गौरव दिलाया।

अपने भाषण में राष्ट्रीय खेल दिवस के इतिहास से जुड़ें कुछ पॉइंट्स को शामिल कर सकते हैं, जो इस प्रकार है –

  • भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस देश के महानतम एथलीटों में से एक मेजर ध्यानचंद, जिन्हें ‘हॉकी के जादूगर’ के नाम से भी जाना जाता है, को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है। 
  • 29 अगस्त 1905 को इलाहाबाद में जन्मे मेजर ध्यानचंद एक असाधारण खिलाड़ी थे जिनका भारतीय हॉकी में योगदान अद्वितीय था। 
  • भारतीय सेना में एक सैनिक के रूप में ध्यानचंद ने अपने खाली समय का उपयोग हॉकी का अभ्यास करने में किया और अपने असाधारण कौशल से जल्द ही अपना नाम बना लिया। उन्होंने ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया और देश को 1928 (एम्स्टर्डम), 1932 (लॉस एंजिल्स) और 1936 (बर्लिन) में लगातार तीन स्वर्ण पदक दिलाए।
  • साल 2002 में भारत सरकार ने मेजर ध्यानचंद के खेलों में महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में नामित किया। 
  • पहला राष्ट्रीय खेल दिवस 29 अगस्त 2012 को मेजर ध्यानचंद की 107वीं जयंती के अवसर पर मनाया गया था। 
  • यह दिन प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में खेल और शारीरिक गतिविधियों के महत्व पर जागरूकता फैलाने और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्मों पर भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले जबरदस्त एथलीटों को श्रद्धांजलि देने के लिए स्थापित किया गया था।
  • इस दिन पूरे देश में विभिन्न खेल आयोजन आयोजित किए जाते हैं और मेजर ध्यानचंद खेल रत्न, अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार और ध्यानचंद पुरस्कार सहित प्रतिष्ठित खेल पुरस्कार पारंपरिक रूप से इस दिन भारत के राष्ट्रपति द्वारा वितरित किए जाते हैं।

राष्ट्रीय खेल दिवस के महत्व को अपनी स्पीच में शामिल करना जरूरी है, ताकि लोग प्रेरित और जागरूक हो सकें –

  • यह दिन अपने असाधारण कौशल के लिए जाने जाने वाले महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती का सम्मान करता है। 
  • राष्ट्रीय खेल दिवस पूरे देश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 
  • राष्ट्रीय खेल दिवस स्वास्थ्य और फिटनेस के महत्व को भी बढ़ावा देता है। 
  • राष्ट्रीय खेल दिवस पर भारत के राष्ट्रपति कई खेल पुरस्कार प्रदान करते हैं, जिनमें मेजर ध्यानचंद खेल रत्न, अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार और ध्यानचंद पुरस्कार शामिल हैं। 
  • यह दुवास जमीनी स्तर पर खेलों को बढ़ावा देता है। 
  • राष्ट्रीय खेल दिवस खेल अनुशासन और टीम वर्क जैसे मूल्यों को विकसित करता है। 

यह दिन भारतीय खेलों और खिलाड़ियों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए समर्पित है और विशेष रूप से हॉकी के महान खिलाड़ी, ध्यानचंद के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। ध्यानचंद को हॉकी के जादूगर के रूप में जाना जाता है और उनकी खेलकूद के प्रति निष्ठा और कड़ी मेहनत ने उन्हें भारतीय खेलों का एक अमूल्य रत्न बना दिया।

यह भी पढ़ें : राष्ट्रीय खेल दिवस पर युवाओं का मार्गदर्शन करते अनमोल विचार

राष्ट्रीय खेल दिवस पर स्पीच (National Sports Day Speech in Hindi) तैयार करने के टिप्स निम्नलिखित हैं –

  • सबसे पहले राष्ट्रीय खेल दिवस से सम्बंधित सभी प्रकार के फैक्ट और जानकारी इकट्ठा कर लें। 
  • फिर उन्हें अच्छी तरह से फ्रेम करें और स्पीच को लिखित रूप में तैयार करें।
  • मेजर ध्यानचंद का परिचय देते हुए स्पीच की शुरुआत करें क्योंकि यह दिवस मेजर ध्यानचंद की जयंती से सम्बंधित है। 
  • अपनी स्पीच को ज्यादा बड़ा न रखें। 
  • मेजर ध्यानचंद के द्वारा भारत को खेल जगत में दिलाई पहचान के बारे में बताएं। 
  • स्पीच की शुरुआत राष्ट्रीय खेल दिवस पर आधारित शायरी या कविताओं से भी कर सकते हैं। 
  • खेलों के माध्यम से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े तथ्य जोड़ें। 
  • अपनी स्पीच की शुरुआत में, राष्ट्रीय खेल दिवस के बारे में संक्षिप्त जानकारी दें।
  • स्पीच देते समय शब्दों का सही चयन करें।
  • अपने भाषण को ऑडियंस से जोड़े। 
  • राष्ट्रीय खेल दिवस का उद्देश्य भी बताएं। 
  • ओलंपिक और अन्य अंतरराष्ट्रीय खेलों में भारत की सफलता के बारे में भी बता सकतें हैं। 
  • स्पीच देने से पहले लेखन को अच्छी तरह पढ़ लें। 
  • समय का ध्यान देते हुए अपनी स्पीच को निर्धारित समय सीमा के अंदर पूरा करें।
  • राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर युवाओं को प्रेरणादायक संदेश दें और अंत में श्रोताओं का शुक्रिया अदा करना न भूलें।

यह भी पढ़ें : अगस्त 2024 के महत्वपूर्ण दिनों की पूरी लिस्ट

स्पीच से संबंधित आर्टिकल्स

राष्ट्रीय खेल दिवस हर साल 29 अगस्त को मनाया जाता है।

राष्ट्रीय खेल दिवस हॉकी में लीजेंड खिलाड़ी पूर्व मेजर ध्यानचंद जी की याद में मनाया जाता है।

राष्ट्रीय खेल दिवस भारत में खेलों को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।

मेजर ध्यानचंद, जिन्हें अक्सर ‘हॉकी के जादूगर’ के रूप में जाना जाता है, एक प्रतिष्ठित भारतीय हॉकी खिलाड़ी थे जो अपने असाधारण कौशल और तकनीक के लिए जाने जाते थे। उन्होंने 1928, 1932 और 1936 में भारत की लगातार तीन ओलंपिक स्वर्ण पदक जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको राष्ट्रीय खेल दिवस पर स्पीच (National Sports Day Speech in Hindi) से जुड़ी पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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सीखने का नया ठिकाना स्टडी अब्राॅड प्लेटफाॅर्म Leverage Edu. खुशी को 1 वर्ष का अनुभव है। पूर्व में वह न्यूज टुडे नेटर्वक, जागृत जनता न्यूज (JJN) में कंटेंट राइटर और स्क्रिप्ट राइटर रह चुकी हैं। खुशी ने पत्रकारिता में स्नातक कंप्लीट किया है। उन्हें एजुकेशनल ब्लाॅग्स लिखने के अलावा रिसर्च बेस्ड स्टोरीज करना पसंद हैं।

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स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2023 पर भाषण (Independence day speech in Hindi)

स्वतंत्रता दिवस

यहाँ पर हम स्कूल जाने वाले छोटे बच्चे और विद्यार्थियों के लिये भारत के स्वतंत्रता दिवस पर कई प्रकार के भाषण उपलब्ध करा रहे हैं। किसी भी दिये गये भाषण का इस्तेमाल कर स्वतंत्रता दिवस उत्सव पर विद्यार्थी सक्रियता से भाग ले सकते हैं। विद्यार्थीयों के लिये सभी भाषण (Independence Day Speech) बेहद आसान और सरल भाषा में लिखे गये हैं जिससे कि वो भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर अपना बेहतरीन भाषण प्रस्तुत कर सकें।

प्रधानाचार्य के लिये स्वतंत्रता दिवस पर भाषण | स्वतंत्रता दिवस पर शिक्षको के लिये भाषण

77वें स्वतंत्रता दिवस 2023 पर स्पीच (Long and Short Speech on 77th Independence Day/15 August 2023 Swatantrata diwas par bhashan)

छोटे बच्चों के लिए स्वतंत्रता दिवस पर भाषण.

  • सबको सुप्रभात।
  • मेरा नाम नेहा सिंह है, मैं कक्षा 1 में पढ़ती हूँ।
  • आज भारत का 77वां स्वतंत्रता दिवस है।
  • यह हमारा राष्ट्रीय पर्व है।
  • आज ही के दिन 1947 में हमें ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी।
  • इस लड़ाई में कई स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जान गंवाई।
  • इस दिन हर साल प्रधानमंत्री राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं।
  • यह स्वतंत्रता दिवस “मेरी माटी मेरा देश” अभियान के तहत मनाया जाएगा।
  • हम सभी को अपने वीर स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करनी चाहिए।
  • स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं। जय हिंद जय भारत!

15 अगस्त पर एक मिनट का भाषण (15 August par 1 minute ka bhashan)

सभी सम्मानित लोगो को सादर प्रणाम ! आज, हम अपने देश के एक बहुत ही खास दिन – स्वतंत्रता दिवस – का जश्न मनाने के लिए यहां एकत्र हुए हैं। यह एक ऐसा दिन है जब हर भारतीय गर्व और खुशी महसूस करता है। इस दिन, हम उन बहादुर पुरुषों और महिलाओं को याद करते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं जिन्होंने हमारी आजादी के लिए लड़ाई लड़ी। स्वतंत्रता दिवस ब्रिटिश शासन से हमारे देश की आजादी का जश्न मनाने का दिन है। 76 वर्ष पहले 15 अगस्त 1947 को आज ही के दिन भारत आज़ाद हुआ था। यह हमारे देश और नागरिको के लिए गर्व वाला दिन है। हमारे पूर्वजों ने आज़ादी की लड़ाई और हमारे लिए अपना जान न्योछावर किया, उसे ध्यान में रखते हुए हमें अपने देश को एक बेहतर देश बनाने की शपथ लेनी चाहिए।

सभी को आजादी की 77 वीं वर्षगाठ पर ढेर सारी शुभकामनाएं।

जय हिन्द! जय भारत!

स्वतंत्रता दिवस पर 1 मिनट का भाषण (Swatantrata diwas par 1 Minute ka bhashan)

आदरणीय मुख्य अतिथि महोदय, सम्मानित शिक्षकगण, अभिभावक एवं मेरे साथियों। स्वतंत्रता दिवस के इस पावन अवसर पर अपने विचार व्यक्त करने का सुअवसर प्राप्त कर मुझे हर्ष की अनुभूति हो रही है। यह हमारा 77वां स्वतंत्रता दिवस समारोह है। आज से ठीक 76 वर्ष पूर्व, हमें आजादी मिली थी। हमारे आजादी के संघर्ष की गाथा बहुत बड़ी है जिसका वर्णन एक दिन में नहीं हो सकता है। हर भारतीय के लिए स्वतंत्रता दिवस बहुत महत्व रखता है।

आज से 76 वर्ष पूर्व हम पर अंग्रेजों का शासन था, वे व्यापार के बहाने भारत आए और धीरे-धीरे सब कुछ अपने अधीन कर लिया और हमें अपना गुलाम बना लिया। फिर कई आंदोलन और लड़ाई लड़ने के बाद 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ। हमारे देश के वीर योद्धाओं की वजह से आज हम स्वतंत्र हुए हैं और उन लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए इस दिन को मनाते हैं। स्वतंत्रता दिवस भारत के राष्ट्रीय पर्वों में से एक है।

इसे यूट्यूब पर देखें : 1 Minute Speech on Independence day in Hindi

स्वतंत्रता दिवस पर स्लोगन:- “कहती भारत की आबादी, है जान से प्यारी आजादी”

Slogan by Chandrashekhar Ajad

चंद्रशेखर आजाद :- “दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे, आजाद ही रहे हैं आजाद ही रहेंगे”

स्वतंत्रता दिवस – 15 अगस्त पर 2 मिनट का भाषण (Swatantrata diwas par 2 minute ka bhashan)

आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, उप प्रधानाचार्य महोदय, माननीय शिक्षकगण एवं प्यारे साथियों। आज स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुझे अपने विचार आपके सामने व्यक्त करने का सुअवसर प्रप्त कर बेहद खुशी की अनुभूति हो रही है, आइये मैं आपको स्वतंत्रता दिवस के महत्व के बारे में बताती हूं।

स्वतंत्रता दिवस एक ऐतिहासिक पर्व है, आज से 76 वर्ष पूर्व भारत को अंग्रेजों से आज़ादी मिली थी। भारत, जिसने अपना अस्तित्व खो दिया था, को पुनः अपनी पहचान मिली। अंग्रेज भारत आए और यहां के परिवेश को बड़े ध्यान से जानने और परखने के बाद, हमारी कमजोरियों को ध्यान में रखते हुए हम पर आक्रमण किया और करीब दो सौ वर्षों तक शासन किया। हमारे वीर योद्धाओं ने कई लड़ाईयां लड़ी और उसके बाद जाके 15 अगस्त 1947 को हमें आज़ादी मिली।

तब से लेकर आज तक, हम हर वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते आए हैं। हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा हर साल लाल किले पर झंडा फहराया जाता है। इसके बाद वे देश को संबोधित करते हैं और फिर कुछ रंगा-रंग कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते हैं। इसे देखने के लिये दूर-दूर से लोग दिल्ली जाते हैं और जो नहीं जा पाते वे इसका सीधा प्रसारण देखते हैं।

इस प्रकार हम हमारे वीर जवानों को याद करते हुए अपना स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं।

इसे यूट्यूब पर देखें : 2 Minute Speech on Independence day in Hindi

स्वतंत्रता दिवस पर स्लोगन:- “जिन वीरों पर हमको गर्व है, स्वतंत्रता उन्हीं का पर्व है”

Slogan by Bhagat Singh

भगत सिंह :- “व्यक्तियों को कुचलकर, वे विचारों को नहीं मार सकते”

स्वतंत्रता दिवस – 15 अगस्त पर 5 मिनट का भाषण (Swatantrata diwas par 5 minute ka bhashan)

यहां उपस्थित सभी दिग्गजों को मेरा प्रणाम एवं भाईयों और बहनों को स्नेह भरा नमस्कार। स्वतंत्रता दिवस के इस शुभ अवसर पर मैं अपने विचारों को पंक्तिबद्ध तरीके से व्यक्त कर रही हूं, ताकि आप उस दौर के मार्मिकता को समझ पाएं, कि आखिर ऐसी क्या जरूरत आन पड़ी थी की लोगों को जान की बाजी लगानी पड़ी, ऐसी कौन सी विपदा आन पड़ी थी कि लोगों को कुर्बानी देनी पड़ी थी, तो आईए मैं अपने भाषण का प्रमुख हिस्सा आपके सामने रखती हूँ और आशा करती हूं कि ये आप सबको जरूर पसंद आएगा।

क्या समझोगे तुम इस युग में कि प्राण गवाने का डर क्या था,

क्या समझोगे तुम इस दौर में की अंग्रेजों के प्रतारण का स्तर क्या था।

क्या देखा है रातों रात, पूरे गांव का जल जाना।

क्या देखा है वो मंजर, बच्चों का भूख से मर जाना।

कहने को धरती अपनी थी, पर भोजन का न एक निवाला था।

धूप तो उगता था हर दिन, पर हर घर में अंधियारा था।

बैसाखी का पर्व मनाने घर-घर से दीपक निकले थे,

लौट न पाए अपने घर को, जो देश बचाने निकले थे।

जलियावाला बाग हत्या कांड वो कहलाया, जिसमें बच्चे-बूढ़े सब मर गए थे।

क्या कसूर था उन निर्दोशों का कि देनी पड़ी कुर्बानी थी,

क्या कसूर था उस बेबस मां का जिससे रूठी उसकी किलकारी थी।

धीरे-धीरे आक्रोश बढ़ा, सब के सर पर क्रोध चढ़ा।

गांधी जी ने असहयोग आंदोलन चलवाया, तो हमने भी चौरा-चौरी कांड किया।

हमें बेबस समझते थे, इस लिये हमपर हुकूमत करते थे।

पर देश पर जान कूर्बान करने से, न हम भारत वासी डरते थे।

बहुत हुआ था तानाशाही, अब तो देश को वापस पाना था।

साम, दाम, दंड, भेद चाहे जो हथियार अपनाना था।

गांधी जी ने धीरज धरा और कहा अहिंसा को ही अपनाना है।

इंट का जवाब पत्थर नहीं होता, यह सबक अंग्रेजों को सिखाना है।

अहिंसा को हथियार बनाया, न कोई गोली-बंदूक चलाया।

फिर भी अंग्रेजों को हमने, अपने देश से खदेड़ भगाया

और उस तारीख को हमने, सुनहरे अक्षरों से गढ़वाया

यही हमारा स्वतंत्रता दिवस है भाइयों, जो शान से 15 अगस्त कहलाया।

जय हिन्द, जय भारत।

स्वतंत्रता दिवस पर स्लोगन:- “हम सब ने आज ये ठाना है, आजादी को अमर बनाना है”

Slogan by Ram Prasad Bismil

रामप्रसाद बिस्मिल :- “सरफरोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजु ए कातिल में है”

स्वतंत्रता दिवस पर 5 मिनट का भाषण (Swatantrata diwas par bhashan)

मेरे सभी आदरणीय अधयापकों, अभिभावक, और प्यारे मित्रों को सुबह का नमस्कार। इस महान राष्ट्रीय अवसर को मनाने के लिये आज हमलोग यहाँ इकठ्ठा हुए हैं। जैसा कि हम जानते है कि स्वतंत्रता दिवस हम सभी के लिये एक मंगल अवसर है। ये सभी भारतीय नागरिकों के लिये बहुत महत्वपूर्ण दिन है तथा ये इतिहास में सदा के लिये उल्लिखित हो चुका है। ये वो दिन है जब भारत के महान स्वतंत्रता सेनानीयों द्वारा वर्षों के कड़े संघर्ष के बाद ब्रिटीश शासन से हमें आजादी मिली। भारत की आजादी के पहले दिन को याद करने के लिये हम हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाते है साथ ही साथ उन सभी महान नेताओं के बलिदानों को याद करते है जिन्होंने भारत की आजादी के लिये अपनी आहुति दी।

ब्रिटीश शासन से 15 अगस्त 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिली। आजादी के बाद हमें अपने राष्ट्र और मातृभूमि में सारे मूलभूत अधिकार मिले। हमें अपने भारतीय होने पर गर्व होना चाहिये और अपने सौभाग्य की प्रशंसा करनी चाहिये कि हम आजाद भारत की भूमि में पैदा हुए है। गुलाम भारत का इतिहास सब कुछ बयाँ करता है कि कैसे हमारे पूर्वजों ने कड़ा संघर्ष किया और फिरंगियो कें क्रूर यातनाओं को सहन किया। हम यहाँ बैठ के इस बात की कल्पना नहीं कर सकते कि ब्रिटीश शासन से आजादी कितनी मुश्किल थी। इसने अनगिनत स्वतंत्रता सेनानीयों के जीवन का बलिदान और 1857 से 1947 तक कई दशकों का संघर्ष लिया है। भारत की आजादी के लिये अंग्रेजों के खिलाफ सबसे पहले आवाज ब्रिटीश सेना में काम करने वाले सैनिक मंगल पांडे ने उठायी थी।

बाद में कई महान स्वतंत्रता सेनानीयों ने संघर्ष किया और अपने पूरे जीवन को आजादी के लिये दे दिया। हम सब कभी भी भगत सिंह, खुदीराम बोस और चन्द्रशेखर आजाद को नहीं भूल सकते जिन्होंने बहुत कम उम्र में देश के लड़ते हुए अपनी जान गवाँ दी। हम नेताजी और गाँधी जी संघर्षों को कैसे दरकिनार कर सकते हैं। गाँधी जी एक महान व्यक्तित्व थे जिन्होंने भारतीयों को अहिंसा का पाठ पढ़ाया था। वो एक एकमात्र ऐसे नेता थे जिन्होंने अहिंसा के माध्यम के आजादी का रास्ता दिखाया और अंतत: लंबे संघर्ष के बाद 15 अगस्त 1947 को वो दिन आया जब भारत को आजादी मिली।

हमलोग काफी भाग्यशाली है कि हमारे पूर्वजों ने हमें शांति और खुशी की धरती दी है जहाँ हम बिना डरे रातों में सो सकते हैं और अपने स्कूल तथा घर में पूरा दिन मस्ती कर सकते हैं। हमारा देश तेजी से तकनीक, शिक्षा, खेल, वित्त, और कई दूसरे क्षेत्रों में विकसित कर रहा है जो कि बिना आजादी के संभव नहीं था। परमाणु ऊर्जा में समृद्ध देशों में एक भारत है। ओलंपिक, कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स जैसे खेलों में सक्रिय रुप से भागीदारी करने के द्वारा हमलोग आगे बढ़ रहे हैं। हमें अपनी सरकार चुनने की पूरी आजादी है और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का उपयोग कर रहे हैं। हाँ, हम मुक्त है और पूरी आजादी है हालाँकि हमें खुद को अपने देश के प्रति जिम्मेदारीयों से मुक्त नहीं समझना चाहिये। देश के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते, किसी भी आपात स्थिति के लिये हमें हमेशा तैयार रहना चाहिये।

स्वतंत्रता दिवस पर स्लोगन:- “स्वतंत्रता अधूरी जिनके बिन है, ये उन्हीं शहीदों का दिन है”

Slogan by Subhash Chandra Bose

सुभाष चंद्र बोस :- “संघर्ष ने मुझे मनुष्य बनाया, मुझमे आत्मविश्वास उत्पन्न हुआ ,जो पहले नहीं था”

स्वतंत्रता दिवस पर 10 मिनट का लम्बा भाषण (Swatantrata diwas par bhashan)

इस प्रांगण में उपस्थित सभी सम्माननीय लोग, शिक्षक, मेरे सहपाठियों और उपस्थित अन्य सभी गणमान्य लोगों को मेरा प्रमाण (नमस्कार)। 15 अगस्त को इस स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर को मनाने के लिए हम सभी यहां एकत्रित हुए हैं। इस शुभ अवसर की आप सभी को ढ़ेरों शुभकामनाएं और बधाई। आज इस शुभ अवसर पर मुझे आप सभी के बीच संबोधन करने का मौका मिला है उसके लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद।

दोस्तों, जैसा कि हम जानते हैं, 15 अगस्त हर भारतीयों के लिए एक सम्मान और गर्व का दिन है। 15 अगस्त सन् 1947 को हमारें सभी स्वतंत्रता सेनानीयों और क्रांतिकारीयों ने अपनी जान की बाजी लगाकर हमारे देश को ब्रिटिश साम्राज्य से मुक्त कराया था, और वो हमें अपने बलिदान और इस देश की आजादी का कर्जदार कर गएं। इसलिए हम इसे एतिहासिक रुप से उनकी याद और सम्मान में इस दिन को मनाते हैं। इसी दिन तकरीबन 200 वर्षों से हम भारतीयों पर अत्याचार कर रहें अंग्रेजी हुकूमत से हमें आजादी मिली थी, जो कि अतूलनीय है।

अंग्रेजी हुकूमत ने कई वर्षों तक हम भारतीयों पर अत्याचार किया और हमें गुलाम बनाकर रखा। एक कहावत है कि “पाप का घड़ा एक दिन अवश्य फूटता है”, और इसी कहावत के अनुसार 15 अगस्त के दिन हमें अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली और हम पूर्ण रुप से स्वतंत्र हो गए। इस आजादी के अथक प्रयास में हमने अपने देश के कई महान व्यक्तियों को भी खो दिया। हमारे देश में ऐसे कई महान व्यक्तियों ने जन्म लिया जिन्होनें देश की आजादी के लिए अपनी जान तक की परवाह न की, और हंसते-हंसते देश के लिए कुर्बान हो गए। हमारे देश की आजादी में सबसे महत्वपूर्ण योगदान महात्मा गांधी जी ने दिया, जिन्होनें ब्रिटिश शासन के खिलाफ सत्य और अहिंसा जैसे शस्त्र का प्रयोग कर उन्हें भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया। देश की आजादी में कई अन्य स्वतंत्रता सेनानी जैसे जवाहर लाल नेहरु, सरदार बल्लभ भाई पटेल, सुभाष चन्द्र बोष, भगत सिहं, चन्द्रशेखर आजाद इत्यादि कई ऐसे लोग थें जिन्होंने भारत की आजादी में अपना योगदान दिया और देश को अंग्रेजों की गुलामी के चंगुल से मुक्त करवाया।

हम बहुत भाग्यशाली हैं कि इतिहास में हमें ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारी मिले और उन्होंने न केवल देश को बल्कि आगे आने वाली पीढ़ियों को भी अंग्रेजों की गुलामी से आजाद करवाया। इस कारण हम आज आजाद हैं और दिन प्रतिदिन नई-नई उपलब्धियों और नये मुकाम को हासिल कर रहें हैं।

आजादी के 76 साल बाद आज हमारा देश हर क्षेत्र में प्रगति की ओर अग्रसर है। हमारा देश हर दिन अलग क्षेत्र में एक नया अध्याय लिख रहा है, जैसे सैन्य ताकत, शिक्षा, तकनिकी, खेल और कई अन्य क्षेत्रों में यह हर दिन नया आयाम लिख रहा है। आज हमारी सैन्य ताकत इतनी अच्छी है कि दुनियां भर में इसकी मिसाल दी जाती है, और कोई भी देश भारत पर आंख उठाकर देखने में भी घबराता है। आज हमारी सैन्य ताकत आधुनिक हथियारों से लैस है, जो किसी भी दुश्मन को पलक झपकते ही मिटाने की ताकत रखता है।

जैसा कि हम जानते हैं कि हमारा देश प्रचीन काल से ही कृषि प्रधान देश रहा है, और 15 अगस्त 1947 के बाद हमारे कृषि क्षेत्र में भी काफी बदलाव आया है। आजादी के बाद हम कृषि में नई तकनीक और फ़सल उगाने के नये तरीकों का इस्तेमाल कर अधिक मात्रा में फसल का उत्पाद करते हैं, और आज हमारा देश आनाज का निर्यात करने में सबसे आगे है। सन् 1965 में भारत और पाकिस्तान के युद्ध के दौरान तात्कालिक प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री ने “जय जवान जय किसान” का नारा दिया था। और आज यह नारा काफी हद तक सिध्द होता है।

आज आजादी के बाद विज्ञान के क्षेत्र में भी हमने काफी तरक्की कर ली है। इस विज्ञानिक तकनीकी के कारण आज भारत चन्द्रमा और मंगल तक का सफर तय कर चुका है। नई विज्ञानिक तकनीकी को हर दिन नया कर हम देश को एक नई तरक्की की ओर ले जा रहे हैं। विज्ञान और तकनीक को हम अपने लिए हर क्षेत्र में अपना रहे है। सैन्य, कृषि, शिक्षा के क्षेत्र में विज्ञान और तकनीकी को अपनाकर हम खुद को प्रगतिशील देशों के समकक्ष खड़ा कर पाए हैं। आजादी के बाद हमने हर क्षेत्र में प्रगति की है और रोज नये आयामों को लिख रहे हैं।

आजादी के इस अवसर पर जहां हम देश के प्रगति के नये आयामों के बारे में चर्चा कर रहे है, वही हमें गुलामी के उस मंजर को कभी नहीं भुलना चाहिए, जहां हमारे महान स्वतंत्रता सेनानीयों ने आजादी के लिए अपनी जान तक कुर्बान कर दी। आज भी उन महान व्यक्तियों को याद कर हमारी आंखें नम हो जाती हैं। हमें आज के नये भारत की चकाचौंध में उन महान आत्माओं को कभी नहीं भूलना चाहिए जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना सबकुछ न्यौछावर कर दिया।

आज इस शुभ अवसर पर आपको संबोधित करते हुए उन महान आत्माओं को मेरा शत्-शत् प्रणाम और श्रद्धाजंली देते हुए अपनी इन बातों को विराम देता हूँ, आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

भारत माता की जय…. जय हिन्द….

स्वतंत्रता दिवस पर स्लोगन:- “गांधी सुभाष और भगत सिंह, हैं आजादी के अमर चिन्ह”

Slogan by Mahatma Gandhi

महात्मा गांधी :- “किसी की मेहरबानी मांगना, अपनी आजादी बेचना है।”

FAQs: Frequently Asked Questions on Independence Day in Hindi

उत्तर – “ट्रिस्ट विद डेस्टनी” भाषण पंडित जवाहर लाल नेहरू ने दिया था।

उत्तर – “करो या मरो” नारा महात्मा गांधी द्वारा दिया गया था।

उत्तर – “स्वराज हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है” नारा बालगंगाधर तिलक ने दिया था।

उत्तर – “क्वाइट इंडिया स्पीच” महात्मा गांधी ने 8 अगस्त 1942 को दिया था।

उत्तर – “क्राईसीस ऑफ सिविलाईजेसन” नामक भाषण रवींद्र नाथ टैगोर ने 1941 में दिया था।

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  12. Give your BEST Speech or Presentation

    Complete Guidance and Training video on how to start a Speech in Hindi. Learn how to start a Speech or presentation for students, trainers or professionals. ...

  13. भारतीय संस्कृति पर भाषण

    कंप्यूटर पर निबंध (Computer Essay in Hindi) वृक्षारोपण पर निबंध (Essay on Tree Plantation in Hindi) हमें सुधार करने में मदद के लिए अपने बहुमूल्य सुझाव प्रदान करें

  14. Independence Day Speech in Hindi: 15 अगस्त पर छोटे और बड़े भाषण यहाँ पढ़ें

    Independence Day Speech for Students in Hindi. 15 August Speech In Hindi: भारत 15 अगस्त, 2024 को अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस ...

  15. भाषण देने का तरीका हिंदी में

    अंग्रेजी में इसे "Before starting the Speech say some couplets two or three lines on the topic of speech ,in Hindi. Have full confidence and smile on your face when you go to the stage." इसके बाद भाषण की शुरुआत कर देनी चाहिए.

  16. पब्लिक स्पीकिंग क्या है? प्रकार, उदाहरण और 2024 में इसे बेहतर बनाने के

    सार्वजनिक भाषण, जिसे व्याख्यान या भाषण के रूप में भी जाना जाता है, पारंपरिक रूप से इसका अर्थ है सीधे बोलने की क्रिया, एक लाइव ऑडियंस ...

  17. असेंबली के टॉप 50 यूनिक स्पीच टॉपिक उनके उदहारण के साथ

    विद्या का मंदिर मेरा विद्यालय. लक्ष्य अटल है. क़दम से क़दम मिलाकर चलो. यूँ तो उपरोक्त भाषण के टॉपिक्स कम समय सीमा यानि कि 2 मिनट में ...

  18. An empirical comparison of Hindi-BERT and MuRIL for hate speech ...

    This study examines how the complexities of language use and cultural context shape hate speech. Our data shows that after 10 epochs, Hindi-BERT shows the highest accuracy of 82.73%, followed by MuRIL, which provides training accuracy of 75.90%.

  19. 10 लाइन का हिंदी दिवस पर भाषण / Hindi Diwas par bhashan /हिंदी दिवस पर

    10 लाइन का हिंदी दिवस पर भाषण / Hindi Diwas par bhashan /हिंदी दिवस पर भाषण / Speech On Hindi Diwas |Your queries:5 ...

  20. Free Hindi Text to Speech Converter (No Login,No Limits)

    The tool for free Hindi text to speech online can help us quickly convert to authentic Indian accents. Leveraging AI deep learning and highly data-driven models, it generates audio of Indian accents faster, more efficiently, and more accurately than humans. This can be used for education, language communication, or regional marketing purposes.

  21. 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर भाषण : 15 August Speech In Hindi 2024

    I n This Post We Sharing 15 august speech in Hindi school Kids And Students. We Are Fully Try To Give You Proper And Simple 15 august independence day speech Hindi language for School Students. स्वतंत्रता दिवस 2024 Par Bhashan. सुप्रभातम्, आप सभी को मेरा नमस्ते.

  22. Teachers day speech: ऐसे दिया ...

    Teachers Day Speech in Hindi: इस साल एक बार फिर शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाएगा। इस दिन स्टूडेंट अपने टीचर्स को धन्यवाद देने के लिए गाने, नाटक और भाषण तैयार करते हैं ...

  23. National Sports Day 2024: Speech in English and Hindi for Students

    National Sports Day Speech in English and Hindi: Here you will get a few lines on National Sports Day for Class 1 to Class 12 students. The speech ideas given here on National Sports Day can be ...

  24. जीवन पर भाषण

    भाषण - 2. हैलो दोस्तों - आप सभी को मेरी ओर से नमस्कार !! आज मैं यहां 'जीवन' नामक विषय को संबोधित करने के लिए आपके सामने हूं। जीवन एक रोलर ...

  25. National Sports Day Speech In Hindi: National Sports Day Hindi Bhashan

    National Sports Day Speech, Essay In Hindi (राष्ट्रीय खेल दिवस पर भाषण): हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की याद में मनाया जाने वाला राष्ट्रीय खेल दिवस युवाओं को खेलों के प्रति ...

  26. National Sports Day Speech in Hindi

    100 शब्दों में ऐसे दें राष्ट्रीय खेल दिवस पर भाषण. आप 100 शब्दों में राष्ट्रीय खेल दिवस पर भाषण (National Sports Day Speech in Hindi) इस प्रकार दे सकते हैं -

  27. स्वतंत्रता दिवस भाषण

    इंट का जवाब पत्थर नहीं होता, यह सबक अंग्रेजों को सिखाना है।. अहिंसा को हथियार बनाया, न कोई गोली-बंदूक चलाया।. फिर भी अंग्रेजों को हमने ...