CollegeDekho

Frequently Search

Couldn’t find the answer? Post your query here

  • एजुकेशन आर्टिकल्स

बाल दिवस पर हिंदी में निबंध (Essay on Children's Day in Hindi) - 200 से 500 शब्दों में हिंदी में बाल दिवस पर निबंध

Updated On: November 08, 2023 11:09 am IST

  • बाल दिवस पर निबंध 200 शब्दों में (Essay on Children’s …
  • बाल दिवस पर निबंध 500 शब्दों में (Essay on Children’s …
  • बाल दिवस पर निबंध 10 लाइन हिंदी में (Essay on …

बाल दिवस पर हिंदी में निबंध (Essay on Children's Day in Hindi)

बाल दिवस पर निबंध 200 शब्दों में (Essay on Children’s Day in Hindi in 200 words) 

बाल दिवस पर निबंध 500 शब्दों में (essay on children’s day in hindi in 500 words), बाल दिवस पर निबंध (children’s day essay in hindi) - प्रस्तावना , बाल दिवस के महत्व (importance of children's day), बाल दिवस का इतिहास (history of children's day), पंडित जवाहरलाल नेहरू और बाल दिवस (pandit jawaharlal nehru and children's day), बाल दिवस का उद्देश्य (objective of children's day), बाल दिवस पर संदेश (message on children's day), बाल दिवस पर निबंध (children’s day essay in hindi) - निष्कर्ष, बाल दिवस पर निबंध 10 लाइन हिंदी में (essay on children’s day in hindi in 10 lines).

  • बाल दिवस, हर साल 14 नवंबर को मनाया जाता है।
  • यह दिन चाचा नेहरू के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।
  • चाचा नेहरू बच्चों के प्रति अपनी विशेष स्नेहभावना के लिए प्रसिद्ध थे।
  • इस दिन, विद्यालयों और समुदायों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
  • बच्चों को उनके हकों की समझ और सुरक्षा का महत्व बताया जाता है।
  • इस दिन बच्चों को खेलने, पढ़ने, और सीखने का मौका मिलता है।
  • बाल दिवस के मौके पर सरकारी और गैर सरकारी संगठन भी विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
  • बच्चों को उनके सपनों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
  • इस दिन कई स्कूल और कॉलेज खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन करते हैं।
  • बाल दिवस हमारे देश के भविष्य को नेतृत्व करने वाले बच्चों के महत्व को प्रोत्साहित करने का मौका प्रदान करता है।

Are you feeling lost and unsure about what career path to take after completing 12th standard?

Say goodbye to confusion and hello to a bright future!

बाल दिवस पर निबंध लिखना सिखने के लिए छात्र इस लेख को देख सकते हैं। सी लेख में हिंदी में बाल दिवस पर निबंध कैसे लिखें? इसकी जानकारी निबंध लिखकर बताई गई है। 

बाल दिवस के अवसर पर प्रत्येक वर्ष स्कूलों, सरकारी और गैर सरकारी कार्यालयों में कई तरह के रंगारंग कार्यक्रमों और प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। 

यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली (UNGA) द्वारा बाल अधिकारों की घोषणा की गई थी, जिसके बाद 1954 में पहली बार 20 नवंबर को विश्व बाल दिवस मनाने की शुरुआत हुई।

14 नवंबर 1889 को जन्मे भारत के भारत के प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। 

यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली (UNGA) द्वारा बाल अधिकारों की घोषणा की गई थी, जिसके बाद 1954 में पहली बार 20 नवंबर को विश्व बाल दिवस मनाने की शुरुआत में हुई। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में समर्पित किया गया है और भारत में उनके जन्मदिन 14 नवंबर को बाल दिवस का आयोजन किया जाता है।

क्या यह लेख सहायक था ?

सबसे पहले जाने.

लेटेस्ट अपडेट प्राप्त करें

क्या आपके कोई सवाल हैं? हमसे पूछें.

24-48 घंटों के बीच सामान्य प्रतिक्रिया

व्यक्तिगत प्रतिक्रिया प्राप्त करें

बिना किसी मूल्य के

समुदाय तक पहुंचे

समरूप आर्टिकल्स

  • 12वीं के बाद कोर्सेस (Courses After 12th in Hindi) - स्ट्रीम के अनुसार यहां देखें कोर्सेस की लिस्ट
  • राजस्थान पीटीईटी 2024 काउंसलिंग प्रक्रिया के लिए आवश्यक डाक्यूमेंट की लिस्ट (Documents Required for Rajasthan PTET 2024 Counselling Process)
  • प्रदूषण पर निबंध (Essay on Pollution in Hindi): हिंदी में प्रदूषण पर 200-500 शब्दों में निबंध
  • क्लास 12वीं के छात्रों के लिए टॉप स्कॉलरशिप प्रोग्राम (Best Scholarships Program for Class 12th Students)
  • राजस्थान पीटीईटी 2024 लास्ट मिनट प्रिपरेशन टिप्स (Last Minute Preparation Tips for Rajasthan PTET 2024 in Hindi)
  • पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम (PhD Entrance Exam): पीएचडी एडमिशन 2024, डेट, पात्रता, शुल्क, एप्लीकेशन प्रोसेस

नवीनतम आर्टिकल्स

  • स्वतंत्रता दिवस पर निबंध (Essay on Independence Day in Hindi): 15 अगस्त का महत्व, इतिहास जानें
  • राजस्थान पीटीईटी 2024 जनरल अवेयरनेस के लिए प्रिपरेशन टिप्स (Preparation Tips for Rajasthan PTET 2024 General Awareness Section in Hindi)
  • राजस्थान बोर्ड 12वीं साइंस रिजल्ट 2024 (RBSE 12th Science Result 2024 in Hindi) - आरबीएसई इंटर साइंस रिजल्ट लिंक
  • आरबीएसई 12वीं कॉमर्स रिजल्ट 2024 (RBSE 12th Commerce Result 2024 in Hindi) - डेट, डायरेक्ट लिंक चेक करें
  • आरबीएसई 12वीं आर्ट्स रिजल्ट 2024 (RBSE 12th Arts Result 2024 in Hindi) डेट: BSER अजमेर इंटर कला परिणाम देखें
  • बीएड एंट्रेंस एग्जाम सिलेबस 2024 (B.Ed Entrance Exam Syllabus 2024 in Hindi)
  • राजस्थान पीटीईटी 2024 कटऑफ (Rajasthan PTET 2024 Expected Cut Off) - PTET का अनुमानित कट ऑफ देखें
  • बीएड एंट्रेंस एग्जाम 2024 लिस्ट (B.Ed Entrance Exams 2024 List in Hindi) - डेट, एप्लीकेशन फॉर्म, एलिजिबिलिटी और सिलेबस देखें
  • बिहार बीएड एडमिशन 2024 (Bihar B.Ed Admission 2024): एग्जाम डेट, पात्रता, आवेदन, चयन प्रक्रिया, टॉप कॉलेज
  • राजस्थान पीटीईटी 2024 के लिए इंपॉर्टेंट टॉपिक और तैयारी के टिप्स (Important Topics and Preparation Tips For Rajasthan PTET 2024 in Hindi)
  • राजस्थान पीटीईटी 2024 के लिए महत्वपूर्ण निर्देश (Important Instructions for Rajasthan PTET 2024)
  • 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए स्कॉलरशिप लिस्ट 2024 (List of Scholarships 2024 for Class 10th Students)
  • यूजीसी नेट 2024 एप्लीकेशन फॉर्म भरने के लिए आवश्यक डाक्यूमेंट की लिस्ट (Documents Required to Fill UGC NET 2024 Application Form) - इमेज अपलोड, स्पेसिफिकेशन
  • यूपी के गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेजों की लिस्ट (List of Government Polytechnic Colleges in UP)
  • एमपीएसओएस रिजल्ट 2024 (MPSOS Result 2024 in Hindi): रुक जाना नहीं 10वीं, 12वीं रिजल्ट यहां चेक करें
  • यूपी बीएड जेईई 2024 एप्लीकेशन फॉर्म भरने के लिए आवश्यक डाक्यूमेंट (Documents Required to Fill UP B.Ed JEE 2024 Application Form)
  • सीयूईटी परीक्षा 2024 में अच्छे अंक लाने के लिए महत्वपूर्ण टिप्स और ट्रिक्स जानें (Important Tips and Tricks to Score Good Marks in CUET Exam 2024)
  • एमपी बोर्ड कक्षा 10वीं और 12वीं का रिजल्ट 2024 कब आएगा (MP Board Class 10th, 12th Ka Result Kab Ayega) - जारी
  • नवोदय विद्यालय रिजल्ट 2024 कैसे चेक करें? (How to Check Navodaya Vidyalaya Result 2024) - JNVST क्लास 6 और 9 परिणाम
  • नवोदय विद्यालय क्लास 9 एडमिशन 2024 (Navodaya Vidyalaya Class 9 Admission 2024) - डेट, एप्लीकेशन फॉर्म, शुल्क
  • नवोदय रिजल्ट 2024 क्लास 6 (Navodaya Class 6 Result 2024 in Hindi) जारी - JNVST कक्षा VI परिणाम लिंक
  • नवोदय विद्यालय क्लास 9 रिजल्ट 2024 लिंक (Navodaya Vidyalaya Class 9 Result 2024 in Hindi) - JNVST कक्षा IX परिणाम लिंक
  • राजस्थान बोर्ड कक्षा 10वीं ग्रेडिंग सिस्टम 2024 (Rajasthan Class 10th Grading System 2024) - आरबीएसई 10वीं ग्रेडिंग सिस्टम और पासिंग मार्क्स यहां देखें
  • यूपी बोर्ड कक्षा 10वीं और 12वीं ग्रेडिंग सिस्टम 2024 (UP Board Grading System 2024) - UPMSP कक्षा 10 और 12 मार्किंग स्कीम यहाँ देखें

नवीनतम समाचार

  • CUET UG Hindi Answer Key 2024 Available: अनऑफिशियल सीयूईटी हिंदी आंसर की, प्रश्न पत्र यहां देखें
  • CUET UG Hindi Cutoff 2024: विश्वविद्यालयों के लिए सीयूईटी का संभावित हिंदी कटऑफ यहां देखें
  • CUET UG Hindi Paper Analysis 2024: CUET यूजी हिंदी का पेपर रहा आसान, जानें परीक्षार्थियों ने क्या कहा
  • CBSE Admit Card 2024 ID Finder: भूल गए एडमिट कार्ड आईडी नंबर ऐसे मिलेगा दोबारा

ट्रेंडिंग न्यूज़

भारत में टॉप 10 एमबीए कॉलेज 2024 (Top 10 MBA Colleges in India 2024) - प्राइवेट और गवर्नमेंट बी-स्कूल देखें

Subscribe to CollegeDekho News

  • Select Program Type UG PG Diploma Ph.D Certificate

Top 10 Education Colleges in India

  • Approved by: UGC, NAAC, National Assessment and Accreditation Council (NAAC)
  • Type: Private Aided
  • Download Brochure
  • Approved by: ISO, NAAC, AICTE
  • Type: Private UnAided
  • Get Free Counselling
  • Approved by: UGC, NAAC
  • Type: Public
  • Type: Private
  • Approved by: Bar Council of India, AIU, NCTE, Pharmacy Council of India, NABL, IAP, UGC-AICTE-DEC ( Joint committee), ICAR, Indian Association of Physiotherapists, NCTE, ACU, UGC, ACBSP, NAAC, COA, National Assessment and Accreditation Council (NAAC), IAU, Punjab State Council For Agricultural Education (PSCAE), Institute Of Town Planners, ITPI
  • Approved by: UGC, National Assessment and Accreditation Council (NAAC)
  • Type: Government
  • Approved by: UGC, AIU, ISO, RCI, ICAR, NCTE, ACU, BCI, PCI
  • Approved by: UGC, AICTE, BCI, AIU, NCTE, NAAC

Popular Degrees

  • B.Ed. (Bachelor of Education)
  • M.Ed. (Master of Education)
  • B.Ed. + M.Ed.

कॉलेजदेखो के विशेषज्ञ आपकी सभी शंकाओं में आपकी मदद कर सकते हैं

  • Enter a Valid Name
  • Enter a Valid Mobile
  • Enter a Valid Email
  • Select Level UG PG Diploma Ph.D Certificate
  • By proceeding ahead you expressly agree to the CollegeDekho terms of use and privacy policy

शामिल हों और विशेष शिक्षा अपडेट प्राप्त करें !

Details Saved

hindi language bal diwas essay in hindi

Your College Admissions journey has just begun !

Try our AI-powered College Finder. Feed in your preferences, let the AI match them against millions of data points & voila! you get what you are looking for, saving you hours of research & also earn rewards

For every question answered, you get a REWARD POINT that can be used as a DISCOUNT in your CAF fee. Isn’t that great?

1 Reward Point = 1 Rupee

Basis your Preference we have build your recommendation.

  • निबंध ( Hindi Essay)

hindi language bal diwas essay in hindi

Essay on Bal Diwas in Hindi

बाल दिवस हर साल नवंबर के महीने में मनाया जाता है। बाल दिवस स्कूल -कॉलेज में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। बाल दिवस खासतौर पर बच्चों के लिए मनाया जाता है इस दिन पंडित जवाहरलाल नेहरू जी का जन्मदिन भी आता है। चाचा नेहरू जी को बच्चों को अधिक पसंद करते थे इसलिए उनके जन्मदिन (Essay on Bal Diwas in Hindi) के रूप में बाल दिवस मनाया जाता है जैसा कि हम सबको पता है बच्चे हमारे देश के उज्जवल भविष्य का हिस्सा है उन्हें बढ़ावा और देश के लिए प्रेरित करने के लिए बाल दिवस मनाया जाता है बाल दिवस पूरे भारत में हरे क्षेत्रों में मनाया जाता है। बाल दिवस के शुभ अवसर पर बच्चों के लिए कई सारे प्रतियोगिता आयोजन किया जाते है। बाल दिवस ना केवल स्कूल कॉलेज बल्कि सभी शिक्षा स्थल में बनाया जाता है। इस दिन हर एक बच्चों को तौहफे देकर सम्मानित किया जाता है। यह दिन बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है।

Table of Contents

चाचा नेहरू जी कौन थे:-

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में हम पंडित जवाहरलाल नेहरु जी को जानते हैं यह अपने भागदौड़  के जीवन में भी बच्चों से बेहद लगाव रखते थे। इन्हें बच्चों के साथ समय बिताना और खेलना बहुत पसंद था यह अपने जीवन में बच्चों के लिए अनेक से कार्य किए हैं जैसे कि अनाथ आश्रम के बच्चों के लिए इन्होंने शिक्षा से लेकर खेलकूद का क्षेत्र सभी को बढ़ावा दिया है। चाचा नेहरू जी को बाल दिवस के दिन श्रद्धांजलि भी दी जाती है। उनके नेक कर्मों को याद करके बाल दिवस के दिन बच्चों के लिए कई सारे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। क्योंकि नेहरू जी बच्चों को बहुत प्रिय थे इसलिए उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहा करते हैं। पंडित जवाहरलाल नेहरु (Essay on Bal Diwas in Hindi) जी का कहना था कि बच्चे को बहुत ही प्यार और आदर के साथ रखना चाहिए वह हमारे देश का भविष्य है आगे जाकर वे हमारे देश के विकास कार्यों में हिस्सा लेने वाले हैं। हर साल बाल दिवस मनाने का एक ही कारण है कि हमारे देश के बच्चे अपने कामों को लेकर प्रेरित हो और इससे हमारे देश का भला करें।

बाल दिवस कब और कैसे मनाया जाता है?

बाल दिवस हर साल 14 नवंबर को मनाया जाता है इस दिन सभी शैक्षणिक स्थल पर बच्चों के लिए कई सारे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं बाल दिवस (Essay on Bal Diwas in Hindi) के दिन हमारे प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी को याद करके उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है और इसी के साथ अपना कार्यक्रम शुरू किया जाता है। इस दिन सभी बच्चे नृत्य संगीत जैसे प्रतियोगिता में शामिल होते हैं और इस दिन का उत्साह बढ़ाते हैं। कई सारे क्षेत्रों में इस दिन के प्रति जागरूकता अभियान भी निकाला जाता है जिसमें बच्चों को सम्मान और अधिकार के साथ देश में रखने के लिए लोगों को जागरूक किया जाता है। बच्चों के लिए केवल पढ़ाई लिखाई भी जरूरी नहीं है इसके साथ ही बच्चों की मानसिकता पर भी ध्यान देने की जरूरत है। बाल दिवस के दिन स्कूल कॉलेज में बच्चों को बुलाकर उन्हें तोहफे दिये जाता है। बच्चों को घरों में सही पोषण, और शिक्षा के साथ संस्कार भी मिले यही हमारे देश के हित कार्यों में शामिल है।

बच्चों के लिए शिक्षा:-

बच्चों का मस्तिष्क और दिमाग दोनों ही शांत और साफ होता है और बाल अवस्था एक ऐसा समय होता है जब उन्हें शिक्षा की शुरुआत के लिए पाठशाला भेज दिया जाता है। पाठशाला में उन्हें शिक्षा और ज्ञान प्राप्त करवाए जाते हैं जो कि उनके भविष्य के लिए बहुत ही जरूरी है। बच्चों के लिए शिक्षा एक ऐसा रास्ता होता है जिससे वह बड़े से बड़े सफलता की सीढी चढ़ सकते हैं। आज के भाग दौड़ के समय में अक्सर लोग बच्चों पर ध्यान देना छोड़ देते हैं परंतु यह उनके भविष्य में प्रभाव डाल सकता है बाल दिवस (Essay on Bal Diwas in Hindi) के दिन खास तौर पर बच्चों पर ध्यान दिया जाता है और लोगों को बच्चों के प्रति जागरूक रहने की सीख दी जाती है। बच्चों का दिमाग इतना ज्यादा साफ होता है कि उनके सामने कोई छोटी सी छोटी घटना उनके दिमाग पर घर कर सकती है इसका ध्यान रखते हुए उन्हें हमारे देश के लिए तैयार करने की जरूरत है। बच्चों को सबसे ज्यादा ज्ञान और संस्कार की जरूरत होती है जिससे वह लोगों का आदर करना सीखें।

छोटे से बड़े पाठशाला में भी बच्चों को बाल दिवस के बारे में पढ़ाया जाता है बाल दिवस का मुख्य कारण यही है कि चाचा नेहरू जी को बच्चे बहुत पसंद थे और ये वह चाहते थे कि उनके जाने के बाद भी बच्चों को सम्मान मिलता रहे।

बाल दिवस क्यों आवश्यक है:-

हर साल बाल दिवस मनाना बच्चों के लिए बहुत ही आवश्यक है क्योंकि वर्तमान समय में देखा जाए तो बच्चों को किताब के अंदर बंद करके रखा जाता है स्कूली शिक्षा उनके दिमाग में घर कर बैठती है बाल दिवस के दिन उन्हें भविष्य के लिए जागरूक किया जाता है और बच्चों को जो पसंद है उन कार्यों में आजादी दी जाती है। देश में बच्चों के भविष्य के लिए वास्तविकता स्थिति को बढ़ावा मिलता है। बाल दिवस मनाने से लोगों के मस्तिष्क में बच्चों के प्रति कर्तव्य और जिम्मेदारी का एहसास होता है। बच्चों के लिए उनका पोषण ज्ञान और संस्कार सब कुछ जरूरी है उसी के साथ उन्हें सम्मान देने के लिए बाल दिवस भी जरूरी है। बच्चों को सबसे प्रिय जवाहरलाल नेहरू जी की जन्म दिवस के रूप में भी बाल दिवस मनाना आवश्यक है।

बच्चों का लालन-पालन विशेष रुप से होना जरूरी है यही हमारा और देश के बड़े बुजुर्गों का कर्तव्य होना चाहिए। बच्चों को घर में दबाकर रखने से उनके भविष्य में प्रभाव पड़ सकता है। चाचा नेहरू जी को याद करके हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है बच्चों के लिए बहुत ही विशेष होता है। बाल दिवस के दिन विशेष कार्यक्रम मनाए जाते हैं लोगों को इस दिन के प्रति जागरूक होना जरूरी है बच्चों को हमारा उज्जवल भविष्य मानकर उन्हें सभी कार्यों से जोड़ना जरूरी हो गया है।

1.प्रश्न:- बाल दिवस कब मनाया जाता है?

उत्तर:- बाल दिवस हर साल 14 नवंबर को मनाया जाता है।

2.प्रश्न:- बाल दिवस के दिन किन का जन्मदिन मनाया जाता है?

उत्तर:- बाल दिवस के दिन पंडित जवाहरलाल नेहरू जी का जन्म दिन मनाया जाता है।

3.प्रश्न:- बाल दिवस मनाने का उद्देश्य क्या है?

उत्तर:- जवाहरलाल नेहरू जी को बच्चे बहुत पसंद है इसलिए उनके जन्म दिवस के रूप में बाल दिवस मनाया जाता है।

4.प्रश्न:- बाल दिवस कहां-कहां मनाया जाता है?

उत्तर:- बाल दिवस भारत के हर एक क्षेत्रों में स्कूल कॉलेज और हर एक शैक्षणिक स्थल पर मनाया जाता है।

RELATED ARTICLES MORE FROM AUTHOR

 width=

Essay on rules of Cleanliness and Legal Matter in Hindi

Essay on need of cleanliness in hindi, भारत में स्वच्छता पर निबंध – भूमिका, महत्व, और उपाय, essay on e-commerce in india in hindi, essay on impact and scope of gst bill in india in hindi, essay on racial discrimination in india in hindi.

hindi language bal diwas essay in hindi

Jamun Vinegar Benefits for Weight Loss | Vajan Ghataane Ke Lie Jaamun Siraka Ke...

Essay on my mother in hindi | meri maa par nibandh in hindi |..., essay on drug abuse in india in hindi, weight loss by eating corn at night | raat ko makka khaane se vajan....

बाल दिवस पर निबंध ( सम्पूर्ण जानकारी )

आज के लेख में हम बाल दिवस पर निबंध स्वरूप एक लेख प्रस्तुत कर रहे हैं।

देश के बच्चों को समर्पित बाल दिवस भारत देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के उपलक्ष में मनाया जाता है। जिसमें आपको निबंध, बाल दिवस का महत्व, विद्यालय में हुए बाल दिवस कार्यक्रम की रिपोर्ट आदि की जानकारी मिलेगी। इसका अध्ययन आप अपने परीक्षा के लिए भी कर सकते हैं।

Table of Contents

बाल दिवस पर निबंध

बच्चे कल का भविष्य होते हैं, जिस देश में युवा की तादाद ज्यादा होती है उसे युवा देश कहा जाता है। जैसा कि हम जानते हैं आज के नन्हें बालकों के कंधों पर ही कल का भविष्य टिका रहता है। देश की उन्नति प्रगति किस प्रकार हो यह बालकों पर ही निर्भर करता है, अतः बालकों के समग्र विकास के लिए उचित शिक्षा व्यवस्था, वातावरण आदि का ध्यान रखते हुए बालकों के सर्वांगीण विकास पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

बाल दिवस जवाहरलाल नेहरू जी के जन्मदिन के उपलक्ष में मनाया जाता है।

पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत देश के प्रथम प्रधानमंत्री थे, उन्हें बालकों से विशेष लगाव था। अतः उन्होंने अपने जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया। उनका मानना था एक व्यक्ति शरीर से उम्र से चाहे कितना भी बड़ा हो जाए उसके भीतर एक बालक का होना आवश्यक है। यही कारण है कि वह सदैव बालकों के बीच बालक ही बन जाया करते थे।

वह अपनी पुत्री प्रियदर्शनी (इंदिरा गांधी) से भी बेहद प्रेम करते थे।

कुछ दिनों दूर रहने पर वह अपनी पुत्री को पत्र लिखा करते थे।

उनके द्वारा लिखे गए पत्र आज वात्सल्य की निशानी के तौर पर उपलब्ध है।

बाल दिवस का इतिहास

पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को बाल भवन इलाहाबाद में हुआ था। वह बचपन से ही एक बड़े वकील बनना चाहते थे और भारत के स्वतंत्रता में अपना योगदान देना चाहते थे। इसी उद्देश्य के लिए वह जीवन भर संघर्ष करते रहे।

उन्होंने काफी कम आयु में स्वाधीनता संग्राम के साथ अपना नाता जोड़ दिया था।

उन्होंने गांधीजी के आंदोलनों में बढ़-चढ़कर भाग लिया, यहां तक की कई आंदोलन में वह अग्रणी भूमिका में रहे। उन्हें बच्चों से विशेष लगाव था वह जहां भी जाते बच्चों से अवश्य मिलते, उनके लिए कुछ ना कुछ उपहार खाने की वस्तुएं ले जाया करते थे। बच्चे भी उनसे बेहद प्यार किया करते थे। जब वह अपनी पुत्री प्रियदर्शनी से दूर रहते तो उसे याद करते हुए पत्र लिखते। उस पत्र में अपना प्रेम, वातसल्य रस प्रकट करते थे।

उनके द्वारा लिखे गए पत्र आज भी बाल भवन के संग्रहालय में सुरक्षित रखे गए हैं।

प्रधानमंत्री के रूप में जब नेहरू जी ने पदभार संभाला तब उन्होंने अपने जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाना स्वीकार किया। वह बच्चों से विशेष लगाव रखते थे और वह देश के उज्जवल भविष्य का रूप बच्चों में देखा करते थे।

बालकों के उत्साह वर्धन और विकास के लिए बाल दिवस के रूप में मनाया।

इस दिन जगह जगह कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, विशेषकर विद्यालय में बालकों के लिए अनेक प्रकार के प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। खेल-कूद, बौद्धिक, वाद-विवाद, चित्रकला आदि कार्यक्रम में विद्यार्थी बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं।

बाल दिवस क्यों मनाया जाता है

बालक किसी भी देश के भविष्य होते हैं उनके हाथों में देश की सफलता और सफलता निर्भर करती है।  उनके महत्व को जानते हुए उन्हें संरक्षण और पोषित करने तथा सर्वांगीण विकास को मध्य नजर रखते हुए बाल दिवस मनाया जाता है।

बाल दिवस 14 नवंबर को मनाया जाता है।

इस दिन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी का जन्म हुआ था।

उन्हें बालकों से विशेष लगाव था।

अतः उन्होंने अपने जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया।

अपने विद्यालय के बाल दिवस कार्यक्रम पर रिपोर्ट तैयार कीजिए

दिनांक – 14 नवंबर 2019

समय – प्रातः 8:00 से 12:00 तक

मुख्य अतिथि – शिक्षा निदेशक जिला स्तर

स्थान – विद्यालय का प्रांगण (राजकीय उच्चतर माध्यमिक बाल विद्यालय दिलशाद गार्डन दिल्ली)

प्रतियोगिता – 1 भाषण 2 वाद-विवाद 3 कबड्डी 4 दौड़ 5 संगीत

दिनांक 14 नवंबर 2019 को प्रातः 8:00 बजे से पूर्व सभी विद्यार्थी अपने कार्यक्रम की तैयारी में जुटे थे। उनकी तैयारियां कई दिनों पूर्व से चली आ रही थी। आज उसका सफल प्रदर्शन करना था प्रतियोगिता का मुख्य क्षेत्र – भाषण, वाद-विवाद, कबड्डी, दौड़, संगीत था।

मुख्य अतिथि के रूप में जिला स्तर के शिक्षा निदेशक को आमंत्रित किया गया था।

प्रातः 8:00 बजे विद्यालय के प्रांगण में एक-एक करके सभी कार्यक्रम आरंभ हो गए।

भाषण उसके उपरांत वाद विवाद और संगीत की प्रतियोगिता क्रम से विद्यालय के प्रांगण में लगे स्टेज पर हुआ। उसके बाद कबड्डी तथा दौड़ के लिए मैदान में सभी एकत्रित हुए सभी विद्यार्थियों ने अपने शारीरिक क्षमता का प्रदर्शन किया।

सभी प्रतियोगिता से पांच-पांच श्रेष्ठ खिलाड़ियों का चयन किया गया।

तदुपरांत मंच पर 11:00 बजे मुख्य अतिथि के रूप में शिक्षा निदेशक उपस्थित हुए।

प्रधानाचार्य ने उनका परिचय कराया कुछ प्रतिभागी विद्यार्थियों ने अपने संगीत का मंचन किया, उसके बाद मुख्य अतिथि का संबोधन विद्यार्थियों को रहा। संबोधन के उपरांत सभी प्रतियोगिता से श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार देकर उनका सम्मान किया गया। विद्यार्थियों उज्जवल भविष्य के लिए आशीर्वचन कहे गए।

कार्यक्रम के समापन के पश्चात सभी विद्यार्थियों के लिए जलपान की व्यवस्था की गई थी।

सभी विद्यार्थियों तथा शिक्षक आदि ने जलपान के उपरांत कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न किया। यह कार्यक्रम तय समय के अनुसार 12:15 तक समाप्त हो गया। इस कार्यक्रम को कवर करने के लिए कुछ पत्रकार बंधु भी उपलब्ध थे। उन्होंने कार्यक्रम से संबंधित विभिन्न प्रकार के फोटो का संकलन भी किया और अपने पत्र-पत्रिकाओं में उसका प्रकाशन किया।

कक्षा बारहवीं

राजकीय उच्चतर माध्यमिक बाल विद्यालय

दिलशाद गार्डन दिल्ली

टेलीविजन की उपयोगिता पर प्रकाश डालिए | Importance of television in hindi

अप्रैल फूल क्या है 

नदी तथा जल संरक्षण पर निबंध | River protection

पर्यावरण की रक्षा निबंध – Global warming

दशहरा निबंध

हिंदी का महत्व – Hindi ka mahatva

मोबाइल फ़ोन पर निबंध | Essay on Mobile phone in Hindi

विश्व पर्यावरण दिवस पर निबंध एवं सम्पूर्ण ज्ञान

राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध

वृक्षारोपण पर निबंध

कारगिल विजय दिवस

बाल दिवस मनाने के पीछे मुख्य उद्देश्य बालकों के सर्वांगीण विकास और उनके महत्व को समाज में स्वीकार करने का रहा है। जिस समय इस कार्यक्रम को शुरू किया गया था।

उस समय बाल मजदूरी बाल शोषण आदि अनेक प्रकार की कुप्रथा समाज में प्रचलित थी।

लोगों में बाल विवाह जैसी कुरीतियों का भी बोलबाला था।

इन सभी से उन्मूलन के लिए बाल दिवस को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपने जन्मदिन के दिन मनाना स्वीकार किया। तब से यह निरंतर 14 नवंबर को मनाया जाता है। अपने विचार तथा बाल दिवस से संबंधित प्रश्न या किसी अनुभव को आप अगर लिखना चाहते हैं, लोगों के साथ साझा करना चाहते हैं तो कमेंट बॉक्स में अवश्य लिखें।

ताकि आपके विचार, अनुभव आदि से अधिक से अधिक लोग परिचित हो सकें।

Leave a Comment Cancel reply

वीर बाल दिवस पर निबंध हिंदी में | Veer Bal Diwas Essay in Hindi

Veer Bal Diwas Essay in Hindi: वीर बाल दिवस हर साल 26 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन सिख धर्म के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह के चारों पुत्रों की शहादत को याद करने के लिए मनाया जाता है। इन चारों पुत्रों का नाम साहिबजादा अजीत सिंह, साहिबजादा जोरावर सिंह, साहिबजादा फतेह सिंह और साहिबजादा तेज बहादुर सिंह था। वे सभी बहुत ही कम उम्र में थे, लेकिन उन्होंने अपने धर्म और अपने पिता के लिए बहुत बहादुरी से लड़ाई लड़ी।

वीर बाल दिवस पर निबंध हिंदी में | Veer Bal Diwas Essay in Hindi

Table of Contents

कौन है वीर बालक

वीर बाल दिवस सिख धर्म के लोगों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है. इस दिन वे अपने चार छोटे बच्चों के बलिदान को याद करते हैं और उनका सम्मान करते हैं. वे इन बच्चों से प्रेरणा लेते हैं और अपने धर्म और अपने देश के लिए बलिदान देने के लिए तैयार रहते हैं.

वीर बाल दिवस एक ऐसा दिन है जो हमें सिखाता है कि धर्म और देश के लिए बलिदान देना कितना महत्वपूर्ण है. यह हमें यह भी सिखाता है कि हम अपने धर्म और अपने देश के लिए कुछ भी कर सकते हैं. वीर बाल दिवस हमें एक आदर्श और एक प्रेरणा देता है.

Veer Bal Diwas Essay in Hindi ( शहादत )

साल 1675 में, मुगल बादशाह औरंगजेब ने गुरु गोविंद सिंह को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा। गुरु गोविंद सिंह ने ऐसा करने से इनकार कर दिया, और उन्होंने अपने चारों पुत्रों को औरंगजेब के सामने शहीद होने के लिए भेज दिया। साहिबजादा अजीत सिंह को सबसे पहले मार दिया गया था। उसके बाद, साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह को जिंदा दीवार में चुनवा दिया गया था। औरंगजेब ने फिर साहिबजादा तेज बहादुर सिंह को मारने का आदेश दिया, लेकिन उन्होंने भी साहसपूर्वक लड़ाई लड़ी और शहीद हो गए।

बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह महज 9 और 7 साल के थे जब उन्हें मुगलों ने बंदी बना लिया था. मुगलों ने उन्हें इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मजबूर करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने मना कर दिया. उन्होंने कहा कि वे अपने धर्म और अपने गुरु के लिए मरना पसंद करेंगे. मुगलों ने क्रूरता के साथ इन दोनों बच्चों को मार डाला.

Veer Bal Diwas Essay in Hindi ( महत्व)

वीर बाल दिवस एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। यह दिन हमें सिखाता है कि धर्म और देश के लिए लड़ना कितना महत्वपूर्ण है। यह दिन हमें यह भी सिखाता है कि बच्चे भी बहुत बहादुर हो सकते हैं।

भावपूर्ण श्रद्धांजलि

वीर बाल दिवस के अवसर पर, हम गुरु गोविंद सिंह के चारों पुत्रों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। हम उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेंगे। वे हमारे लिए एक प्रेरणा हैं।

वीर बाल दिवस पर निबंध हिंदी में | Veer Bal Diwas Essay in Hindi

वीर बाल दिवस एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। यह दिन हमें धर्म और देश के लिए लड़ना सिखाता है। यह दिन हमें यह भी सिखाता है कि बच्चे भी बहुत बहादुर हो सकते हैं। हम सभी को इस दिन को याद रखना चाहिए और गुरु गोविंद सिंह के चारों पुत्रों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करनी चाहिए।

वीर बाल दिवस पर हम सभी को इन चारों बच्चों को याद करना चाहिए और उनका सम्मान करना चाहिए. हमें इन बच्चों से प्रेरणा लेनी चाहिए और अपने धर्म और अपने देश के लिए बलिदान देने के लिए तैयार रहना चाहिए.

Share this:

Leave a comment cancel reply.

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Notify me of follow-up comments by email.

Notify me of new posts by email.

All Education Updates

Join WhatsApp

Join telegram, बाल दिवस पर निबंध (essay on children’s day in hindi): आसान शब्दों में 14 नवंबर children’s day essay in hindi पढ़ें.

Photo of author

बाल दिवस पर निबंध (Essay On Children’s Day In Hindi)- बाल दिवस (Children’s Day), जैसा कि नाम से ही प्रतीत होता है बाल दिवस (Bal Diwas) यानी कि बच्चों का दिन। वो बच्चे जिन्हें हम मन का सच्चा कहते हैं, जो भगवान का रूप मान जाते हैं, जिनका हृदय फूल के समान कोमल होता है और जो हमारे देश का उज्ज्वल भविष्य हैं। जब हम बच्चे होते हैं, तो हम जल्दी से बड़ा हो जाना चाहते हैं लेकिन जब हम बड़े हो जाते हैं, तो चाहते हैं कि हम फिर से बच्चे बन जाएं। ये सच है कि न तो बचपन कभी लौटकर आता है और न ही बचपन के दिन।

बाल दिवस पर निबंध

इसलिए बाल दिवस (Children’s Day) के खास मौके पर parikshapoint.com आपके लिए बाल दिवस निबंध (Childrens Day Essay In Hindi) लेकर आया है, ताकि आप बाल दिवस के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल कर सकें। बाल दिवस के बारे में जानने के लिए आप हमारे इस पेज पर दिए बाल दिवस पर निबंध हिंदी में (Essay of Children’s Day In Hindi) को पढ़ सकते हैं। आप हमारे इस Children’s Day Essay In Hindi को पढ़कर जान सकते हैं कि बाल दिवस कब मनाया जाता है, बाल दिवस क्यों मनाया जाता है, बाल दिवस कैसे मनाया जाता, बाल दिवस का महत्त्व क्या है आदि।

हमने Children’s Day Par Essay को एकदम सरल, सहज और स्पष्ट भाषा में लिखने का प्रयास किया है, ताकि आप हमारे इस Children Day Essay In Hindi को आसानी से समझ सकें। आप इस पेज पर दिए गए Bal Diwas Essay In Hindi को पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और स्कूल में Bal Diwas Par Nibandh HIndi Mein लिखकर भी दिखा सकते हैं। आप इस पेज के माध्यम से बाल दिवस पर निबंध 100 शब्दों में, बाल दिवस पर निबंध 200 शब्दों में के साथ-साथ बाल दिवस पर निबंध 10 लाइन भी पढ़ सकते हैं। हिंदी में बाल दिवस पर निबंध (Bal Diwas Par Nibandh In Hindi) नीचे से पढ़ें।

बाल दिवस के रूप में मनाया जाने वाला बच्चों का ये खास दिन देश के सभी बच्चों के लिए विशेष है। बच्चों का मन पवित्र और सच्चा होता है। हम कहते भी हैं कि बच्चे मन के सच्चे होते हैं। कोई बच्चा जब अपने जीवन की कच्ची उम्र में होता है, तो उसे हम जैसा समझाते हैं वो वैसा ही समझता है। हर माता-पिता अपने बच्चों से बहुत प्यार करते हैं और अपने बच्चों की खुशी के लिए वह अपने दुख को भूल जाते हैं। एक शिक्षक के लिए उसके छात्र ही उसके अपने बच्चों की तरह होते हैं, जिन्हें वह अच्छी से अच्छी शिक्षा देकर जीवन के सही मार्ग पर चलना सिखाते हैं। मगर हमारे देश में आज भी न जाने कितने बच्चे ऐसे हैं जो अनाथ हैं और सही मार्ग से भटके हुए हैं। हमें ऐसे बच्चों की तरफ अपना ध्यान केंद्रित करने की ज़रूरत है।

ये भी पढ़ें

बाल दिवस कब मनाया जाता है?

हर साल हम 14 नवंबर के दिन को बाल दिवस के रूप में मनाते हैं। इस दिन भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिवस भी होता है, इसलिए उनके सम्मान में भी बाल दिवस मनाया जाता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चों से बेहद लगाव था और बच्चे भी उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे। बाल दिवस क्यों और कैसे मनाया जाता है तथा बाल दिवस का क्या महत्त्व है, ये जानने के लिए नीचे पढ़ें।

ये भी पढे़ं

बाल दिवस क्यों मनाया जाता है?

बाल दिवस का दिन पंडित जवाहरलाल नेहरू को समर्पित है और उनके जन्मदिन के उपलक्ष में ही बाल दिवस मनाया जाता है। चाचा नेहरू का जन्म 14 नवंबर सन् 1889 में हुआ था I चाचा नेहरू बच्चों से बहुत प्यार करते थे। इसलिए 27 मई 1964 में उनकी मृत्यु के बाद तत्कालीन सरकार ने ये घोषणा की कि पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को अब भारत में बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा और तभी से हर साल 14 नवंबर के दिन को भारत में बाल दिवस के रूप में मनाया जाने की शुरुआत हुई जो अभी तक कायम है।

ये निबंध भी पढ़ें

कांग्रेस पार्टी के इतने बड़े नेता और भारत के प्रधानमंत्री होने के बावजूद भी पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों से मिलना और उन्हें प्यार करना हमेशा याद रखते थे। उन्हें बच्चों के साथ रहना और खेलना बहुत पसंद था। चाचा नेहरू बच्चों के लिए हमेशा एक ही बात कहा करते थे कि बच्चे इस देश का भविष्य हैं इसलिये ये ज़रूरी है कि उन्हें प्यार और देख-भाल मिले ताकि वो भी अपने पैरो पर खड़े हो सकें। इस देश का भविष्य तभी उज्ज्वल और सुरक्षित होगा जब हम अपने बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल और सुरक्षित बनाने के लिए कदम उठाएंगे। पंडित जवाहरलाल नेहरू को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिये और बच्चों के प्रति उनके प्यार की भावना को ज़िंदा रखने के लिए हर साल बाल दिवस मनाया जाता है।

बाल दिवस कैसे मनाया जाता?

14 नवंबर बाल दिवस के दिन को अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। ये दिन बच्चों के लिए बेहद ही खास होता है। इस दिन की शुरुआत बच्चे चाचा नेहरू को श्रद्धांजलि देकर और उन्हें याद करके करते हैं। बाल दिवस के दिन स्कूल में कई तरह की प्रतियोगिताएं भी रखी जाती हैं, जैसे- सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी, वाद-विवाद, निबंध लेखन, कहानी लेखन, कथा-पटकथा लेखन, कविता लेखन, भाषण आदि। इन प्रतियोगिताओं में हर उम्र के बच्चे बड़ी ही उत्साह से भाग लेते हैं। इसके अलावा इस दिन स्कूलों में कई खेल प्रतियोगिताएं भी होती हैं। बाल दिवस के दिन बच्चे चाचा नेहरू के विचारों को भी पढ़ते हैं और उन्हें अपने जीवन में अपनाने का भी प्रयास करते हैं। इस दिन लोग ज़रूरतमंद बच्चों को भोजन, कपड़े, किताबें व पढ़ाई की अन्य वस्तुएं भी वितरित करते हैं। बाल दिवस का दिन ऐसे अनाथ बच्चों के प्रति प्यार और सम्मान की भावना को जागरूक करता है जिससे वह वंचित रह जाते हैं।

बाल दिवस का महत्त्व क्या है?

बाल दिवस का महत्त्व बहुत ही बड़ा और गहरा है। बाल दिवस के महत्त्व को हम बाल विकास से जोड़कर देख सकते हैं और बाल विकास को हम देश के विकास से जोड़ सकते हैं। बाल दिवस का महत्त्व बताता है कि हमें बच्चों के साथ किस प्रकार व्यवहार करना चाहिए। हमें दूसरों के बच्चों को और उन बच्चों को जो अनाथ होते हैं, उसी तरह से समझाना और प्यार करना चाहिए, जिस तरह हम अपने बच्चों को समझाते और प्यार करते हैं। बच्चों का मन बहुत ही चंचल और कोमल होता है। हमारे द्वारा की गई कोई भी छोटी सी बात उनके दिमाग पर बहतु बड़ा असर डालती है। इसलिए हमें ये ध्यान रखना चाहिए कि हम बच्चों के सामने कुछ भी ऐसा न बोलें या करें जो उनके आने वाले भविष्य को प्रभावित करे। हमें बच्चों को दिए जाने वाले ज्ञान और संस्कारों पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास का भी ध्यान रखना चाहिए। बच्चों का सही विकास ही हमारे देश के सही विकास होगा।

बाल दिवस अवसर है बच्चों के साथ फिर से बच्चा बनने का और उन्हें प्यार करने का। हमें बच्चों को समझाने के साथ-साथ उन्हें भी समझना चाहिए। बच्चों के लिए चाचा नेहरू कहा करते थे कि “बच्चे बगीचे में कलियों की तरह हैं और उनका ध्यान से और प्यार से लालन पालन किया जाना चाहिए, क्योंकि वे देश के भविष्य और कल के नागरिक हैं।”

बाल दिवस पर निबंध 100 शब्दों में

बाल दिवस विशेष रूप से बच्चों का दिन होता है और बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं। हर साल बाल दिवस 14 नवंबर को मनाया जाता है और इस दिन भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्मदिन भी होता है। चाचा नेहरू के बच्चों के प्रति असीम प्रेम को देखते हुए ही हर साल उनके जन्मदिवस को बाल दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हुई। बाल दिवस के मौके पर सभी बच्चे चाचा नेहरू को याद करते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। बाल दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों के अंदर बच्चों के प्रति प्रेम, अधिकारों और शिक्षा की जागरूकता पैदा करना है ताकि बच्चों का आने वाला कल आज से बेहतर हो सके।

बाल दिवस पर निबंध 200 शब्दों में

भारत में बच्चों के विकास, बच्चों की वास्तविक स्थिति और उनके उज्ज्वल भविष्य के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से बाल दिवस की शुरुआत हुई। देश में हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है। बाल दिवस के मौके पर ऐसे बच्चों के भविष्य निर्माण के ऊपर विशेष रूप से ध्यान दिया जाता है जो समाज से उपेक्षित हैं और जिनके पास सभी प्रकार के संसाधन मौजूद नहीं है। ऐसे बच्चे अपने भविष्य निर्माण के लिए सहायक जीवन की मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित रह जाते हैं। ऐसे बच्चों को भविष्य निर्माण तो दूर जीवन यापन करना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में ये बच्चे गलत रास्ता अपना लेते हैं और अनजाने में अपराध तक करने लगते हैं।

इसलिए ये हम सभी की जिम्मेदारी बनती है कि हम ऐसे बच्चों का पूरी ईमानदारी से साथ दें ताकि ये बच्चे भी अपने जीवन में कुछ अच्छा कर सकें और देश के काम आ सकें। इसकी शिक्षा और प्रेरणा हमें बाल दिवस पर पंडित जवाहरलाल नेहरू और उनके विचारों से लेनी चाहिए, जिन्होंने सभी बच्चों को अपना माना और उनके लिए हर संभव कार्य किए। हमें ऐसे बच्चों की मदद करनी चाहिए जो समाज के शोषित और उपेक्षित वर्ग के बच्चे हैं और जिनके पास संसाधन उपलब्ध नहीं है। यदि हम ऐसे बच्चों को शिक्षित करने में अपना थोड़ा सा भी योगदान देते हैं, तो केवल इन बच्चों का ही नहीं बल्कि समाज और देश का भी विकास होगा। बाल दिवस का मकसद भी तभी सफल होगा जब देश का हर बच्चा अपने पैरों पर खड़ा होगा और उपेक्षित वर्ग के बच्चों की सूची धीरे-धीरे खत्म होने लगेगी।

बाल दिवस पर 10 लाइनें

  • भारत में हर साल बाल दिवस 14 नवंबर को मनाया जाता है।
  • बाल दिवस का दिन सभी बच्चों के लिए विशेष होता है।
  • बाल दिवस के दिन देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिवस होता है।
  • पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों से बहुत प्यार करते थे।
  • बच्चे भी पंडित जवाहरलाल नेहरू को प्यार से चाचा नेहरू कहकर बुलाते थे।
  • बाल दिवस के दिन सभी बच्चे चाचा नेहरू को याद करते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं।
  • बाल दिवस के दिन स्कूलों में कई तरह के कार्यक्रमों को आयोजन किया जाता है।
  • बाल दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों के अंदर बच्चों के प्रति प्रेम और शिक्षा की भावना को जागृत करना है।
  • बाल दिवस का महत्त्व है कि बच्चों का भविष्य उज्ज्वल हो सके।

प्रश्न- हम 14 नवंबर को बाल दिवस क्यों मनाते हैं?

उत्तरः क्योंकि इस दिन देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म हुए था और वह बच्चों से बहुत प्रेम करते थे।

प्रश्न- बाल दिवस की शुरुआत कैसे हुई?

उत्तरः बाल दिवस की शुरुआत 27 मई 1964 को पंडित जवाहर लाल नेहरू की मृत्यु के बाद हुई। जिसके बाद हर साल 14 नवंबर को उनके जन्मदिन पर बाल दिवस मनाया जाता है।

प्रश्न- विद्यालय में बाल दिवस कैसे मनाया जाता है?

उत्तरः विद्यालय में बाल दिवस पर विभिन्न तरह के कार्यक्रम और प्रतियोगिता आयोजित होती हैं।

प्रश्न- 14 नवंबर को किसका जन्मदिन है?

उत्तरः पंडित जवाहरलाल नेहरू का।

Leave a Reply Cancel reply

Recent post, डाइट दिल्ली आवेदन पत्र 2024 {रजिस्ट्रेशन शुरू} (diet delhi online form 2024), डेली करेंट अफेयर्स 2024 (daily current affairs in hindi), ruk jana nahi class 10 admit card 2024 {जारी} कक्षा 10 रुक जाना नहीं एडमिट कार्ड 2024 यहां से प्राप्त करें, ruk jana nahi class 12 admit card 2024 {जारी} कक्षा 12 का रुक जाना नहीं एडमिट कार्ड 2024 डाउनलोड करें, mpsos class 12 admit card 2024 {एडमिट कार्ड जारी} 12वीं कक्षा एमपी ओपन स्कूल एडमिट कार्ड 2024, mpsos class 10th admit card 2024 – यहाँ से प्राप्त करें.

Join Telegram Channel

Join Whatsapp Channel

Subscribe YouTube

Join Facebook Page

Follow Instagram

hindi language bal diwas essay in hindi

School Board

एनसीईआरटी पुस्तकें

सीबीएसई बोर्ड

राजस्थान बोर्ड

छत्तीसगढ़ बोर्ड

उत्तराखंड बोर्ड

आईटीआई एडमिशन

पॉलिटेक्निक एडमिशन

बीएड एडमिशन

डीएलएड एडमिशन

CUET Amission

IGNOU Admission

डेली करेंट अफेयर्स

सामान्य ज्ञान प्रश्न उत्तर

हिंदी साहित्य

[email protected]

© Company. All rights reserved

About Us | Contact Us | Terms of Use | Privacy Policy | Disclaimer

Nibandh

बाल दिवस पर निबंध

ADVERTISEMENT

जवाहरलाल नेहरू हमारे देश के महान नेता थे। वे भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। १४ नवंबर उनका जन्म दिन है।

नेहरू जी को बच्चों से बहुत प्रेम था। बच्चे भी उन्हें 'नेहरू चाचा' कहते थे। इसलिए हर वर्ष नेहरू जी के जन्मदिन को 'बालदिन' अथवा 'बाल दिवस' के रूप में मनाया जाता है। बाल दिवस पंडित जवाहर लाल नेहरु के जन्मदिन पर मनाया जाता है। उनके अनुसार, बच्चे देश का भविष्य है।

इस दिन विद्यालयों में बच्चों के तरह-तरह के कार्यक्रम होते हैं। छोटे बच्चे कविताएँ सुनाते हैं। वे नाटकों में भाग लेते हैं। बच्चों को इनाम और उपहार दिए जाते हैं। विद्यालयों में बाल दिवस के अवसर पर तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। इस दिन पंडित जवाहर लाल नेहरु को भी विशेष रुप से याद किया जाता है क्योंकि वह एक राष्ट्रीय नेता और प्रसिद्ध हस्ती होने के बावजूद बच्चों से बेहद प्यार करते थे और उनके साथ समय बिताना काफी पसंद करते थे।

Nibandh Category

Easy Hindi

केंद्र एव राज्य की सरकारी योजनाओं की जानकारी in Hindi

बाल दिवस पर निबंध हिंदी में | Children’s Day Essay in Hindi

  • Festival 2024

Children's Day Essay in Hindi

Children’s Day Essay in Hindi:- जैसा कि आप लोग जानते हैं कि 14 नवंबर को भारत में बाल दिवस हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ मनाया जाएगा I बाल दिवस बच्चों का विशेष दिन होता है इस दिन विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं . जिसमें बच्चे बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं उन में अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पुरस्कार भी दिया जाता है बाल दिवस पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के उपलक्ष में मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन उनका जन्म हुआ था I पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चों से विशेष लगाव था और बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरू का करते थे इसलिए 1964 में जब उनकी मृत्यु हुई तो उसके बाद उस समय के तत्कालीन सरकार ने इस बात की घोषणा की कि जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को अब भारत में बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा और तभी से 14 नवंबर भारत में बाल दिवस के रूप में मनाया जाने लगा और आज तक यह परंपरा कायम है I आने वाले भविष्य में भी इसका अनुसरण सभी देशवासी करेंगे I ऐसे में अगर आप Bal Diwas par Nibandh लिखना चाहते हैं, लेकिन आपको समझ में नहीं आ रहा है कि बाल दिवस पर निबंध कैसे लिखें इसलिए हम आपसे अनुरोध करेंगे कि आर्टिकल को आखिर तक पर है चलिए शुरू करते हैं

Children’s Day Essay in Hindi

Essay on children’s day in hindi.

14 नवंबर को भारत में बाल दिवस हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया जाता है इस दिन देश के विभिन्न कोने में कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं बाल दिवस बच्चों का विशेष दिन होता है इस दिन बच्चों को मिठाइयां कपड़े और दूसरे प्रकार की चीजें उपहार के तौर पर दी जाती है बाल दिवस पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्म जयंती के रूप में मनाया जाता है इसी दिन उनका जन्म हुआ था I बाल दिवस के बारे में बहुत ही महत्वपूर्ण और रोचक जानकारी है जिसके बारे में आपको जानकारी होना आवश्यक है

1964 के पहले भारत में बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता था, लेकिन पंडित नेहरू को बच्चों से विशेष लगाव था और बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहा करते थे I जिसके कारण जब उनकी मृत्यु हुई तो उस समय के सरकार ने एक प्रस्ताव पारित किया है, जिसके मुताबिक भारत में अब बाल दिवस 20 नवंबर के बजाय 14 नवंबर को मनाया जाएगा और तभी से यह क्रम संचालित हुआ और आज तक यह चलता ही रहा है I आने वाले भविष्य में भी 14 नवंबर को ही बाल दिवस मनाया जाएगा I

Bal Diwas Par Nibamdh

बाल दिवस प्रतिवर्ष भारत में 14 नवंबर को मनाया जाता है इस दिन विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे वाद-विवाद निबंध लेखन नाटक सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता भाषण इत्यादि चीजें आयोजित की जाती हैं जिसमें छोटे बच्चे बड़े उत्साह पूर्वक सम्मिलित होते हैं ताकि पंडित जवाहरलाल नेहरू के जीवन को करीब से जानने का मौका उन्हें मिले पंडित जवाहरलाल नेहरू ने बच्चों के हित के लिए कई महत्वपूर्ण काम किए थे

यही कारण है कि बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहा करते थे बच्चों को पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू बहुत ज्यादा प्यार करते थे वह अपना अधिकांश समय छोटे बच्चों के 7 व्यतीत करते थे I यही कारण था कि 1964 में जब उनकी मृत्यु हुई तो उस समय के सरकार ने बच्चों के प्रति उनके प्रेम को देखते हुए इस बात की घोषणा की कि भारत में बाल दिवस अब 20 नवंबर के बजाय 14 नवंबर को मनाया जाएगा तभी से 14 नवंबर भारत में बाल दिवस के रूप में मनाया जाने लगा और आज भी या परंपरा संचालित है I 

बाल दिवस पर निबंध 500 शब्दों में children’s day essay in 500 words

बच्चों के उज्ज्वल भविष्य को बनाने के लिये उनमें सुधार के साथ देश में बच्चों के महत्व, वास्तविक स्थिति के बारे में लोगों जागरूक करने के उद्देश्य से बाल दिवस मनाया जाता है बाल दिवस के द्वारा ऐसे बच्चों के भविष्य को भी निर्मित किया जाता है जो समाज के उपेक्षित हैं जिनके पास सभी प्रकार के संसाधन उपलब्ध नहीं है कि वह अपने भविष्य का निर्माण कर सकें ऐसे बच्चों का भविष्य निर्माण करने का जिम्मेदारी का निर्वहन ईमानदारी के साथ निभा कर सके उसकी प्रेरणा हमें बाल दिवस के द्वारा मिलती है

इसलिए हमें बाल दिवस के दिन विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करके बच्चों को भी इस महापर्व में सम्मिलित करना चाहिए जो समाज के शोषित और उपेक्षित वर्ग के बच्चे हैं जिनके पास ऐसे संसाधन उपलब्ध नहीं है कि वह शिक्षित हो सके ऐसे छात्रों को प्रोत्साहित करना हमारी नहीं बल्कि प्रत्येक समाज के नागरिक की है इसलिए बाल दिवस  तभी सफल होगा जब इसकी पहुंच समाज के हर बच्चे तक पहुंच सके उस दिन यकीनन बाल दिवस मनाने का उद्देश्य सार्थक हो पाएगा I

बाल दिवस का इतिहास | History of Children Day

बाल दिवस का इतिहास काफी पुराना है भारत में 1964 के पहले बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता था लेकिन जब पंडित जवाहरलाल नेहरु की 1964 में मृत्यु हुई तो उनके मृत्यु के बाद बाल दिवस के तारीख को बदलकर 14 नवंबर का दिया गया इसके पीछे की वजह थी कि पंडित नेहरू को बच्चों से विशेष प्रेम था और बच्चे भी उनको बहुत ज्यादा प्यार करते थे उनका अधिकांश समय बच्चों के साथ ही व्यतीत होता था उनके बच्चों के प्रति स्नेह भावना को देखकर ही सरकार ने इस बात की घोषणा की थी बाल दिवस की तारीख 20 नवंबर के बजाय 14 नवंबर किया जाए पंडित जवाहरलाल नेहरू ने बच्चों के भविष्य के लिए जो सपना देखा और संकल्प लिया था उसे हम लोग पूरा कर सकें I

भारत में बाल दिवस का कार्यक्रम

इस दिन विद्यालयों और संस्थाओं द्वारा विभिन्न तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते है जैसे कि खेल प्रतियोगिताएं, फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता, प्रश्नोत्तर प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता आयोजित की जाती है जिसमें बच्चे बढ़-चढ़कर सम्मिलित होते हैं इस दिन बच्चे चाचा नेहरू की वेशभूषा में नाटक भी करते हैं जिससे उनके अंदर राष्ट्रीय भावना विकसित हो सके ताकि आने वाले दिनों में बच्चे राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका का निर्वाह इमानदारी के साथ कर सके क्योंकि आज के बच्चे कल के भविष्य हैं इसलिए उन्हें बाल दिवस के माध्यम से पंडित नेहरू के आदर्शों पर चलने की प्रेरणा देनी चाहिए तभी जाकर उनका चरित्र आदर्श हो

बाल दिवस का महत्व | Important of Children Day in Hindi

हम में से कई लोग सोचते हैं कि बाल दिवस को इतने उत्साह और धूमधाम से मनाने की क्या जरूरत है लेकिन बाल विकास का बहुत ही विशेष महत्व है इसके बाद आप बच्चों को उनके अधिकार के बारे में जागृत किया जाता है ताकि बच्चों की अच्छे और बुरे की परख करने का गुण विकसित होता है तभी जाकर भविष्य में बच्चे एक जिम्मेदार नागरिक बन पाएंगे और राष्ट्र के निर्माण में अपनी भूमिका बड़े ही ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ निभाएंगे इसलिए अगर देश को महान बनाना है तो बाल दिवस के महत्व को देश के हर एक नागरिक के पास पहुंचाना होगा क्योंकि देश महान तभी बन सकता है जब उसमें सभी लोगों की सामूहिक भागीदारी होगी इसलिए बच्चों के चरित्र का निर्माण करना हमारा परम कर्तव्य है I

बाल दिवस को और भी विशेष बनाये | Celebrations of Children Day

बाल दिवस को विशेष बनाने के लिए आप निम्नलिखित जो का अनुसरण कर सकते हैं जिसका विवरण हम आपको नीचे बिंदु अनुसार देंगे आइए जानते हैं

  • बाल दिवस को स्कूलों और संस्थानो तक ही सीमित ना इसका आयोजन छोटे कस्बों और गरीब इलाकों में भी करना चाहिए ताकि वहां के रहने वाले बच्चों को भी बाल दिवस के महत्व के बारे में जानकारी मिल सके
  • विभिन्न प्रकार मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए और उन कार्यक्रम के माध्यम से उन्हें जागृत भी करने का काम करना चाहिए
  • बाल दिवस के माध्यम से व्यस्क लोगों और अभिभावकों को बाल अधिकारों के विषय में जागरुक करके।
  • जरूरतमंद बच्चों में भोजन खिलौने पुस्तकें और दूसरे प्रकार के जरूरी चीजें वितरण करनी चाहिए ताकि उन्हें बुनियादी सुविधा
  • यदि हम चाहें तो बाल मजदूरी रोकने के लिए जरुरतमंद बच्चों को आर्थिक सहायता भी दे सकते हैं ताकि बाल मजदूरी से उन्हें मुक्ति मिल सके I

बाल दिवस पर निबंध 200 शब्दों में children’s day essay in 200 words

भारत में बच्चों के लिए विशेष तौर से मनाए जाने वाले त्योहारों में बाल दिवस का त्यौहार सबसे प्रमुख त्योहार है। बच्चे बड़ी बेसब्री से बाल दिवस का इंतजार करते हैं। हाथ में बाल दिवस मनाने की परंपरा 1956 से शुरू हुई थी उस समय भारत में 20 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता था लेकिन जब पंडित जवाहर नेहरू की 1964 में मृत्य उनके बाद बाल दिवस के तारीख को बदलकर चोदा नंबर कर दिया गया और उसके बाद बाल दिवस मनाने की परंपरा 14 नवंबर को ही भारत में शुरू हुई इसके पीछे की वजह थी कि पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों से बहुत ज्यादा प्यार करते थे अब बच्चे भी उन्हें उतना ही प्यार करते थे यही कारण है कि उन्हें प्यार से बच्चे चाचा नेहरू कहा करते थे I 

बाल दिवस के दिन कई सारे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करके बच्चों बच्चों को इस दिन का महत्व समझाया जाता है। विद्यालय बाल दिवस के दिन अनेकों प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं उन कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों के अंदर छिपी प्रतिभा को निखार आ जाता है ताकि हम भारत के भविष्य का निर्माण कर सके क्योंकि बच्चे आने वाले समय में भारत के भविष्य हैं I बाल दिवस के दिन बच्चे रंग-बिरंगे कपड़े पहन कर पूरे दिन इस दिन का आनंद लेते हैं।

बच्चों के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं ताकि उन्हें बाल दिवस के महत्व के बारे में जानकारी दी जा सके इस प्रकार के आयोजन से उनके अंदर राष्ट्र भावना और आदर्श चरित्र जैसे गुण विकसित होते हैं I तभी जाकर छोटे बच्चे एक जिम्मेदार नागरिक बन पाएंगे I जिन्हें अभी तक सारी प्राथमिक सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पाई हैं ऐसे बच्चों का स्कूल में एडमिशन करवा कर और उन्हें पढ़ाई की तरफ अग्रसर करवाकर उन्हें हम बाल मजदूरी जैसे को चक्र से निकाल सके तभी बाल दिवस का मुख्य उद्देश्य सार्थक हो पाएगा

बाल दिवस पर निबंध 100  शब्दों में children’s day essay in 100 words

देश भारत में बाल दिवस को एक राष्ट्रीय त्योहार के रूप में मनाए जाने का रिवाज है। भारत में बाल दिवस की की शुरुआत 1956 साल में हुई थी लेकिन उस समय बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता था लेकिन बाद में इसकी तारीख में बदलाव किया गया और उसे 14 नवंबर कर दिया गया तब से भारत में अब तक 14 नवंबर को ही बाल दिवस मनाने की परंपरा चली आ रही है

बाल दिवस बच्चों का विशेष दिन है जिसका इंतजार बच्चे बेसब्री से करते हैं इस दिन बच्चों के लिए कई प्रकार के प्रोग्राम आयोजित किया ते हैं जिनमें बच्चे सम्मिलित होकर बाल दिवस के महापर्व का आनंद उठाते हैं I बाल दिवस के दिन बच्चों में नैतिक मूल्य का गुण विकसित किया जाता है तभी जाकर बच्चे अपनी नैतिक जिम्मेदारी को बड़े होकर अच्छी तरह निभा पाएंगे बाल दिवस बच्चों का सबसे प्रिय त्यौहार है I

बाल दिवस पर निबंध कक्षा 3 4 5 6 7 8 9 के लिए  children day essay for class 3 4 5 78 9 In Hindi

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन-14 नवंबर को पूरा देश ‘बाल-दिवस’ के रूप में मनाता है। पहली बार इसे सन् 1964 में नेहरू जी की मृत्यु के बाद मनाया गया था। नेहरू जी बच्चों से विशेष कार्य करते थे यही कारण है कि बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरू का करते थे पंडित जवाहर नेहरू का दे देगी किसी भी देश का सच्चा धन बच्चे होते हैं इसलिए बच्चों का समुचित विकास करना हमारी सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए I

बाल दिवस के प्रात काल बच्चे सज धज के चाचा नेहरू के निवास स्थान पर जाते हैं और उन्हें जन्मदिन की बधाई देते हैं इस दिन देश के अंदर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं उन कार्यक्रमों के माध्यम से पंडित जवाहरलाल नेहरू के जीवन को बच्चों के सामने प्रस्तुत किया जाता है ताकि बच्चे पंडित जवाहर नेहरू के जीवन को करीब से जान सके हैं पंडित जवाहरलाल नेहरू ने एक बार नेशनल स्टेडियम में बाल दिवस के मौके पर बच्चों को संबोधित करते हुए कहा था  ‘बच्चों की आत्मा क्योंकि पवित्र होतो है, इसीलिए बच्चों के साथ समय बिताने के बाद मैं स्वयं को तरोताजा महसूस करता हूं।’

बाल दिवस पर निबंध

आज भले ही पंडित जवाहर नेहरू हमारे बीच नहीं है लेकिन बच्चे उन्हें प्रतिवर्ष बाल दिवस के रूप में याद करते हैं और उनको सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं

 इस दिन प्रत्येक स्कूल में समारोह किए जाते हैं। बच्चे नृत्य, गीत, नाटक वाद विवाद सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता इत्यादि में सम्मिलित होते हैं इसके अलावा इस दिन बच्चे विशेष प्रकार का प्रण लेते हैं कि देश की रक्षा और हित के लिए अपना  बलिदान देने के लिए भी तत्पर रहेंगे I

स्कूलों में मिठाइयां बांटी जाती हैं, प्रदर्शनियां लगाई जाती है जो बच्चा प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन करता है उसे पुरस्कार भी दिया जाता है प्रोग्राम के आखिर में जवाहरलाल नेहरु अमर के नारे लगाए जाते हैं ताकि उनकी स्मृतियां तरोताजा की जा सके I बाल दिवस के मौके पर केंद्र और राज्य दोनों सरकारें कई प्रकार के बच्चों से जुड़ी हुई योजना का शुभारंभ भी करती है ताकि बच्चों का समुचित विकास किया जा सके

FAQ’s बाल दिवस पर निबंध

Q: बाल दिवस कब मनाया जाएगा.

Ans: बाल दिवस 14 नवंबर को मनाया जाएगा

Q: बाल दिवस क्यों मनाया जाता है?

बाल दिवस पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के उपलक्ष में मनाया जाता है इसी दिन उनका जन्म हुआ था

Q: भारत में पहला बाल दिवस कब मनाया गया था?

Ans: भारत में पहला बाल दिवस 1956 में मनाया गया था I

इस ब्लॉग पोस्ट पर आपका कीमती समय देने के लिए धन्यवाद। इसी प्रकार के बेहतरीन सूचनाप्रद एवं ज्ञानवर्धक लेख easyhindi.in पर पढ़ते रहने के लिए इस वेबसाइट को बुकमार्क कर सकते हैं

Leave a reply cancel reply.

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Related News

Essay on dog in hindi

Essay on dog in hindi। कुत्ते पर निबंध हिंदी में

Blood Donation day। रक्त दान

Blood Donation day। रक्त दान दिवस कब और क्यों मनाया जाता है ?

How to concentrate in study।पढाई में मन कैसे लगाए

How to concentrate in study। पढाई में मन कैसे लगाए

Essay on mera gaon।मेरा गांव पर निबंध

Essay on mera gaon। मेरा गांव पर निबंध

  • CBSE Class 10th

CBSE Class 12th

  • UP Board 10th
  • UP Board 12th
  • Bihar Board 10th
  • Bihar Board 12th
  • Top Schools in India
  • Top Schools in Delhi
  • Top Schools in Mumbai
  • Top Schools in Chennai
  • Top Schools in Hyderabad
  • Top Schools in Kolkata
  • Top Schools in Pune
  • Top Schools in Bangalore

Products & Resources

  • JEE Main Knockout April
  • Free Sample Papers
  • Free Ebooks
  • NCERT Notes

NCERT Syllabus

  • NCERT Books
  • RD Sharma Solutions
  • Navodaya Vidyalaya Admission 2024-25

NCERT Solutions

  • NCERT Solutions for Class 12
  • NCERT Solutions for Class 11
  • NCERT solutions for Class 10
  • NCERT solutions for Class 9
  • NCERT solutions for Class 8
  • NCERT Solutions for Class 7
  • JEE Main 2024
  • MHT CET 2024
  • JEE Advanced 2024
  • BITSAT 2024
  • View All Engineering Exams
  • Colleges Accepting B.Tech Applications
  • Top Engineering Colleges in India
  • Engineering Colleges in India
  • Engineering Colleges in Tamil Nadu
  • Engineering Colleges Accepting JEE Main
  • Top IITs in India
  • Top NITs in India
  • Top IIITs in India
  • JEE Main College Predictor
  • JEE Main Rank Predictor
  • MHT CET College Predictor
  • AP EAMCET College Predictor
  • GATE College Predictor
  • KCET College Predictor
  • JEE Advanced College Predictor
  • View All College Predictors
  • JEE Main Question Paper
  • JEE Main Cutoff
  • JEE Main Advanced Admit Card
  • JEE Advanced Admit Card 2024
  • Download E-Books and Sample Papers
  • Compare Colleges
  • B.Tech College Applications
  • KCET Result
  • MAH MBA CET Exam
  • View All Management Exams

Colleges & Courses

  • MBA College Admissions
  • MBA Colleges in India
  • Top IIMs Colleges in India
  • Top Online MBA Colleges in India
  • MBA Colleges Accepting XAT Score
  • BBA Colleges in India
  • XAT College Predictor 2024
  • SNAP College Predictor
  • NMAT College Predictor
  • MAT College Predictor 2024
  • CMAT College Predictor 2024
  • CAT Percentile Predictor 2023
  • CAT 2023 College Predictor
  • CMAT 2024 Admit Card
  • TS ICET 2024 Hall Ticket
  • CMAT Result 2024
  • MAH MBA CET Cutoff 2024
  • Download Helpful Ebooks
  • List of Popular Branches
  • QnA - Get answers to your doubts
  • IIM Fees Structure
  • AIIMS Nursing
  • Top Medical Colleges in India
  • Top Medical Colleges in India accepting NEET Score
  • Medical Colleges accepting NEET
  • List of Medical Colleges in India
  • List of AIIMS Colleges In India
  • Medical Colleges in Maharashtra
  • Medical Colleges in India Accepting NEET PG
  • NEET College Predictor
  • NEET PG College Predictor
  • NEET MDS College Predictor
  • NEET Rank Predictor
  • DNB PDCET College Predictor
  • NEET Admit Card 2024
  • NEET PG Application Form 2024
  • NEET Cut off
  • NEET Online Preparation
  • Download Helpful E-books
  • Colleges Accepting Admissions
  • Top Law Colleges in India
  • Law College Accepting CLAT Score
  • List of Law Colleges in India
  • Top Law Colleges in Delhi
  • Top NLUs Colleges in India
  • Top Law Colleges in Chandigarh
  • Top Law Collages in Lucknow

Predictors & E-Books

  • CLAT College Predictor
  • MHCET Law ( 5 Year L.L.B) College Predictor
  • AILET College Predictor
  • Sample Papers
  • Compare Law Collages
  • Careers360 Youtube Channel
  • CLAT Syllabus 2025
  • CLAT Previous Year Question Paper
  • NID DAT Exam
  • Pearl Academy Exam

Predictors & Articles

  • NIFT College Predictor
  • UCEED College Predictor
  • NID DAT College Predictor
  • NID DAT Syllabus 2025
  • NID DAT 2025
  • Design Colleges in India
  • Top NIFT Colleges in India
  • Fashion Design Colleges in India
  • Top Interior Design Colleges in India
  • Top Graphic Designing Colleges in India
  • Fashion Design Colleges in Delhi
  • Fashion Design Colleges in Mumbai
  • Top Interior Design Colleges in Bangalore
  • NIFT Result 2024
  • NIFT Fees Structure
  • NIFT Syllabus 2025
  • Free Design E-books
  • List of Branches
  • Careers360 Youtube channel
  • IPU CET BJMC
  • JMI Mass Communication Entrance Exam
  • IIMC Entrance Exam
  • Media & Journalism colleges in Delhi
  • Media & Journalism colleges in Bangalore
  • Media & Journalism colleges in Mumbai
  • List of Media & Journalism Colleges in India
  • CA Intermediate
  • CA Foundation
  • CS Executive
  • CS Professional
  • Difference between CA and CS
  • Difference between CA and CMA
  • CA Full form
  • CMA Full form
  • CS Full form
  • CA Salary In India

Top Courses & Careers

  • Bachelor of Commerce (B.Com)
  • Master of Commerce (M.Com)
  • Company Secretary
  • Cost Accountant
  • Charted Accountant
  • Credit Manager
  • Financial Advisor
  • Top Commerce Colleges in India
  • Top Government Commerce Colleges in India
  • Top Private Commerce Colleges in India
  • Top M.Com Colleges in Mumbai
  • Top B.Com Colleges in India
  • IT Colleges in Tamil Nadu
  • IT Colleges in Uttar Pradesh
  • MCA Colleges in India
  • BCA Colleges in India

Quick Links

  • Information Technology Courses
  • Programming Courses
  • Web Development Courses
  • Data Analytics Courses
  • Big Data Analytics Courses
  • RUHS Pharmacy Admission Test
  • Top Pharmacy Colleges in India
  • Pharmacy Colleges in Pune
  • Pharmacy Colleges in Mumbai
  • Colleges Accepting GPAT Score
  • Pharmacy Colleges in Lucknow
  • List of Pharmacy Colleges in Nagpur
  • GPAT Result
  • GPAT 2024 Admit Card
  • GPAT Question Papers
  • NCHMCT JEE 2024
  • Mah BHMCT CET
  • Top Hotel Management Colleges in Delhi
  • Top Hotel Management Colleges in Hyderabad
  • Top Hotel Management Colleges in Mumbai
  • Top Hotel Management Colleges in Tamil Nadu
  • Top Hotel Management Colleges in Maharashtra
  • B.Sc Hotel Management
  • Hotel Management
  • Diploma in Hotel Management and Catering Technology

Diploma Colleges

  • Top Diploma Colleges in Maharashtra
  • UPSC IAS 2024
  • SSC CGL 2024
  • IBPS RRB 2024
  • Previous Year Sample Papers
  • Free Competition E-books
  • Sarkari Result
  • QnA- Get your doubts answered
  • UPSC Previous Year Sample Papers
  • CTET Previous Year Sample Papers
  • SBI Clerk Previous Year Sample Papers
  • NDA Previous Year Sample Papers

Upcoming Events

  • NDA Application Form 2024
  • UPSC IAS Application Form 2024
  • CDS Application Form 2024
  • CTET Admit card 2024
  • HP TET Result 2023
  • SSC GD Constable Admit Card 2024
  • UPTET Notification 2024
  • SBI Clerk Result 2024

Other Exams

  • SSC CHSL 2024
  • UP PCS 2024
  • UGC NET 2024
  • RRB NTPC 2024
  • IBPS PO 2024
  • IBPS Clerk 2024
  • IBPS SO 2024
  • Top University in USA
  • Top University in Canada
  • Top University in Ireland
  • Top Universities in UK
  • Top Universities in Australia
  • Best MBA Colleges in Abroad
  • Business Management Studies Colleges

Top Countries

  • Study in USA
  • Study in UK
  • Study in Canada
  • Study in Australia
  • Study in Ireland
  • Study in Germany
  • Study in China
  • Study in Europe

Student Visas

  • Student Visa Canada
  • Student Visa UK
  • Student Visa USA
  • Student Visa Australia
  • Student Visa Germany
  • Student Visa New Zealand
  • Student Visa Ireland
  • CUET PG 2024
  • IGNOU B.Ed Admission 2024
  • DU Admission 2024
  • UP B.Ed JEE 2024
  • LPU NEST 2024
  • IIT JAM 2024
  • IGNOU Online Admission 2024
  • Universities in India
  • Top Universities in India 2024
  • Top Colleges in India
  • Top Universities in Uttar Pradesh 2024
  • Top Universities in Bihar
  • Top Universities in Madhya Pradesh 2024
  • Top Universities in Tamil Nadu 2024
  • Central Universities in India
  • CUET Exam City Intimation Slip 2024
  • IGNOU Date Sheet
  • CUET Mock Test 2024
  • CUET Admit card 2024
  • CUET PG Syllabus 2024
  • CUET Participating Universities 2024
  • CUET Previous Year Question Paper
  • CUET Syllabus 2024 for Science Students
  • E-Books and Sample Papers
  • CUET Exam Pattern 2024
  • CUET Exam Date 2024
  • CUET Cut Off 2024
  • CUET Exam Analysis 2024
  • IGNOU Exam Form 2024
  • CUET 2024 Exam Live
  • CUET Answer Key 2024

Engineering Preparation

  • Knockout JEE Main 2024
  • Test Series JEE Main 2024
  • JEE Main 2024 Rank Booster

Medical Preparation

  • Knockout NEET 2024
  • Test Series NEET 2024
  • Rank Booster NEET 2024

Online Courses

  • JEE Main One Month Course
  • NEET One Month Course
  • IBSAT Free Mock Tests
  • IIT JEE Foundation Course
  • Knockout BITSAT 2024
  • Career Guidance Tool

Top Streams

  • IT & Software Certification Courses
  • Engineering and Architecture Certification Courses
  • Programming And Development Certification Courses
  • Business and Management Certification Courses
  • Marketing Certification Courses
  • Health and Fitness Certification Courses
  • Design Certification Courses

Specializations

  • Digital Marketing Certification Courses
  • Cyber Security Certification Courses
  • Artificial Intelligence Certification Courses
  • Business Analytics Certification Courses
  • Data Science Certification Courses
  • Cloud Computing Certification Courses
  • Machine Learning Certification Courses
  • View All Certification Courses
  • UG Degree Courses
  • PG Degree Courses
  • Short Term Courses
  • Free Courses
  • Online Degrees and Diplomas
  • Compare Courses

Top Providers

  • Coursera Courses
  • Udemy Courses
  • Edx Courses
  • Swayam Courses
  • upGrad Courses
  • Simplilearn Courses
  • Great Learning Courses

बाल दिवस पर हिंदी में भाषण (Children’s Day Speech in Hindi)

बाल दिवस पर हिंदी में भाषण (Children's Day Speech In Hindi) - हमारे देश भारत में बाल दिवस पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। देश के पहले प्रधानमंत्री का मानना था कि देश की भविष्य की सफलता और समृद्धि बच्चों की समृद्धि पर निर्भर करती है। उनका मानना था कि कोई राष्ट्र तब तक पूरी तरह विकसित नहीं हो सकता अगर उसके बच्चे अविकसित, वंचित और कमजोर हों। भारत में बाल दिवस 14 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन पूरी तरह से हमारे प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को समर्पित है क्योंकि 14 नवंबर उनका जन्मदिन है। नेहरू जी बच्चों से विशेष स्नेह रखते थे तथा उनको देश का भविष्य मानते थे इसलिए उनके जन्मदिन को देश में बाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। बाल दिवस के अवसर पर देशभर में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जिसमें बाल दिवस पर भाषण (Children's Day Speech In Hindi) के जरिए वक्तागण अपने विचार व्यक्त करते हैं।

  • बाल दिवस पर हिंदी में भाषण (Children's Day Speech In Hindi) - बाल दिवस पर हिंदी भाषण और बाल दिवस पर निबंध कैसे लिखें?
  • बाल दिवस पर हिंदी में भाषण (Children's Day Speech In Hindi) - पंडित जवाहर लाल नेहरू के विचार
  • बाल दिवस पर हिंदी में भाषण (Children's Day Speech In Hindi) - बाल दिवस की शुरुआत
  • बाल दिवस पर हिंदी में भाषण (Children's Day Speech In Hindi) - विश्व बाल दिवस (World Children’s Day) और इसका महत्व
  • बाल दिवस पर हिंदी में भाषण (Children's Day Speech In Hindi) - भारत में बाल दिवस
  • बाल दिवस पर हिंदी में भाषण (Children's Day Speech In Hindi) - वर्तमान परिदृश्य में बाल दिवस का महत्व
  • बाल दिवस पर हिंदी में भाषण (Children's Day Speech In Hindi) - चाचा नेहरू और बाल दिवस से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
  • बाल दिवस पर हिंदी में भाषण (Children's Day Speech In Hindi) - बाल दिवस के अवसर पर देश में होने वाले विभिन्न कार्यक्रम

बाल दिवस पर हिंदी में भाषण (Children’s Day Speech in Hindi)

ज़्यादातर आयोजन स्कूलों में होते हैं जहाँ बाल दिवस पर हिंदी में भाषण, बाल दिवस पर हिंदी निबंध की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। बच्चे बाल दिवस पर भाषण (Children's Day Speech In Hindi) या बाल दिवस पर निबंध प्रतियोगिता में भाग लेते हैं। कुछ लोग तो इसे बेहद आसानी से कर लेते हैं, लेकिन कई लोगों के लिए बाल दिवस पर भाषण (Children's Day Speech In Hindi) देना या बाल दिवस पर निबंध (Children's Day essay In Hindi) लिखना एक मुश्किल कार्य होता है। ऐसे में इस लेख से आपकी बाल दिवस पर भाषण (Children's Day Speech In Hindi) देना या बाल दिवस पर निबंध (Children's Day essay In Hindi) लिखने की समस्या दूर हो सकती है।

जैसा कि नाम से ही पता लगता है बाल दिवस देशभर के बच्चों को समर्पित एक विशेष दिन है। चूंकि भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म वर्ष 1889 में 14 नवंबर को ही हुआ था और उन्हें बच्चों से बेहद लगाव था। ऐसे में इसे ध्यान में रखते हुए पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन को भारत में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। बाल दिवस के अवसर पर विद्यालयों में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिनका उद्देश्य बाल दिवस के महत्व और प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के बच्चों के प्रति लगाव की जानकारी देना होता है।

14 नवंबर बाल दिवस के अवसर पर देश भर में बाल दिवस पर भाषण (Children's Day Speech In Hindi), बाल दिवस पर निबंध (Children's Day essay In Hindi), बाल दिवस गीत, कविता पाठ, चित्रकला, खेलकूद आदि से जुड़ी कई प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। विद्यालयों में बाल दिवस पर भाषण देने और बाल दिवस पर निबंध (bal diwas par nibandh) लिखने के लिए उपयोगी सामग्री इस लेख में मिलेगी जिसकी मदद से बाल दिवस पर भाषण (bal diwas speech in hindi) देने और बाल दिवस के लिए निबंध तैयार करने में मदद मिलेगी।

कई ऐसे छात्र भी होते हैं, जिनकी हिंदी विषय पर पकड़ उतनी अच्छी नहीं होती है, ऐसे में उन्हें समझ नहीं आता है कि 14 नवंबर हिंदी में बाल दिवस पर निबंध कैसे लिखें या हिंदी में बाल दिवस पर भाषण कैसे तैयार करें। इस लेख में उपलब्ध बाल दिवस पर भाषण (Children's Day Speech In Hindi) या फिर कहें, तो बाल दिवस पर निबंध (Children's Day essay In Hindi), ऐसे छात्रों की सभी समस्याओं को दूर करेगा। हालांकि ऐसे छात्रों को यहाँ उपलब्ध 14 नवंबर बाल दिवस पर भाषण (Children's Day Speech In Hindi) / 14 नवंबर बाल दिवस पर निबंध (Children's Day essay In Hindi) को पूरा कॉपी करने से बचना चाहिए। इसके बदले उन्हें इस 14 नवंबर बाल दिवस विशेष निबंध (bal diwas par nibandh) का मर्म व तरीका समझने की कोशिश करनी चाहिए, जिससे भविष्य में कभी भी हिंदी में बाल दिवस पर भाषण (Children's Day Speech In Hindi) / बाल दिवस पर निबंध (Children's Day essay In Hindi) लिखने में उन्हें किसी समस्या का सामना नहीं करना होगा। कई बार तो परीक्षाओं में भी 14 नवंबर बाल दिवस पर लेख (bal diwas par nibandh) लिखने का प्रश्न पूछा जाता है। इसमें भी यह लेख मददगार होगा। बाल दिवस 2022 प्रश्नोत्तरी को सॉल्व करने के लिए - यहाँ क्लिक करें

हिंदी में निबंध- भाषा कौशल, लिखने का तरीका जानें

बाल दिवस पर हिंदी में भाषण (Children's Day Speech In Hindi) - बाल दिवस पर हिंदी भाषण और बाल दिवस पर निबंध कैसे लिखें?

बाल दिवस (चिल्ड्रेन्स डे) पर भाषण देने के लिए सबसे पहले मंच पर पहुंचकर आयोजन में उपस्थित सभी लोगों का अभिवादन करना होता है। इसके बाद सभी को बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए अपने भाषण की शुरुआत करें। बाल दिवस पर निबंध में इसकी कोई जरूरत नहीं होती, क्योंकि इसमें अपने विचारों को लिखकर अभिव्यक्त किया जाता है। इसके बाद बाल दिवस क्या है, बाल दिवस क्यों मनाया जाता है, बाल दिवस कब मनाया जाता है, बच्चों की वर्तमान समस्याएँ, उनके समाधान, बाल दिवस (Bal Diwas) के बारे में अपने विचारों आदि को जगह दें और यदि मंच पर बाल दिवस पर भाषण दे रहे हैं, तो अंत में सभी को बाल दिवस की एक बार और हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए अपनी बात को समाप्त करें।

बाल दिवस पर हिंदी में भाषण (Children's Day Speech In Hindi) - पंडित जवाहर लाल नेहरू के विचार

बाल दिवस पर लेख (bal diwas in hindi) या बाल दिवस पर भाषण (bal diwas in hindi) देने के दौरान निम्नलिखित विचारों का सही स्थान पर उपयोग कर आप अपने बाल दिवस पर निबंध / बाल दिवस पर भाषण (bal diwas in hindi) को और बेहतर बना सकते हैं।

1. कोई ऐसा पल जो इतिहास में बहुत कम बार आता है वह है पुराने को छोड़कर नए की तरफ जाना

– जवाहरलाल नेहरु

2. जब तक मुझे खुद लगता है कि किया गया काम सही काम है तब तक मुझे संतुष्टि रहती है

3. जो व्यक्ति सफल हो जाता है वह हर चीज फिर शांति और व्यवस्था के लिए चाहता है

4. जीवन में डर के अलावा खतरनाक और बुरा और कुछ भी नहीं

5. जब भी हमारे सामने संकट और गतिरोध आते है, उनसे हमें एक फायदा तो होता है कि वे हमें सोचने पर मजबूर करते है

महत्वपूर्ण लेख:

बाल दिवस पर हिंदी में भाषण (Children's Day Speech In Hindi) - बाल दिवस की शुरुआत

बाल दिवस एक यादगार तारीख है जिसे बच्चों के प्रति स्नेह, दुलार और सम्मान प्रदर्शित करने के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इसे मनाए जाने की तारीख हर देश में अलग-अलग देखने को मिलती है। अंतरराष्ट्रीय बाल दिवस (International Children's Day), विश्व बाल दिवस (World Children’s Day), सार्वभौमिक बाल दिवस (Universal Children's Day) इससे मिलते-जुलते कुछ और नाम सुनने में आते हैं।

वर्ष 1925 में पहले विश्व बाल कल्याण सम्मेलन के लिए विभिन्न देशों के प्रतिनिधि जिनेवा, स्विटजरलैंड में एकजुट हुए। इस सम्मेलन के बाद कुछ सरकारों ने बच्चों की समस्याओं को रेखांकित करने के लिए एक दिन तय करने का निर्णय लिया। चूंकि किसी स्पष्ट तारीख की अनुशंसा नहीं की गई थी इसलिए सभी देशों ने अपनी संस्कृति को ध्यान में रखते हुए इसके लिए एक तारीख तय की। दुनिया के कुछ देशों (यूएसएसआर के पूर्व घटक) में 1950 से 1 जून को अंतरराष्ट्रीय बाल दिवस (International Children's Day) के रूप में मनाया जाता है।

बाल दिवस पर हिंदी में भाषण (Children's Day Speech In Hindi) - विश्व बाल दिवस (World Children’s Day) और इसका महत्व

वर्ष 1954 में दुनिया में पहली बार 20 नवंबर को विश्व बाल दिवस (World Children’s Day) को सार्वभौमिक बाल दिवस (Universal Children's Day) के रूप में स्थापित किया गया। विश्व बाल दिवस तय कर दिए जाने के बाद सदस्य देशों ने बच्चों के, भले ही वे किसी भी जाति, रंग, लिंग, धर्म या देश के हों उनके दुलार, प्रेम, पर्याप्त भोजन, चिकित्सा, निःशुल्क शिक्षा तथा हर तरह के शोषण से सुरक्षा के साथ वैश्विक शांति और भाईचारे वाले वातावरण में बढ़ने के अधिकार को मान्यता दी।

बाल दिवस पर हिंदी में भाषण (Children's Day Speech In Hindi) - भारत में बाल दिवस

बच्चों को देश का भविष्य मानने वाले भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों से विशेष स्नेह रखते थे और बच्चे भी उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहते थे। उन्हें चाचा नेहरू कहे जाने से जुड़ी कई बातें कही जाती हैं। इनमें से एक के अनुसार बच्चों के प्रति दोस्ताना रवैया रखने के कारण बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कहते थे। ऐसा भी माना जाता है कि महात्मा गांधी के निकट होने के कारण इनको चाचा की संज्ञा मिली क्योंकि ये महात्मा गांधी के लिए छोटे भाई जैसे थे और महात्मा गांधी को सब बापू कहते थे, ऐसे में उनके छोटे भाई यानि पं. नेहरू को चाचा की संज्ञा मिली। पंडित नेहरू बच्चों को किसी देश की वास्तविक शक्ति और समाज की बुनियाद मानते थे। पं. नेहरू ने कहा था, आज के बच्चे भावी भारत का निर्माण करेंगे। हम जिस तरह से उनका पालन-पोषण करेंगे उसी पर देश का भविष्य निर्भर होगा।

भारत में 1959 से बाल दिवस मनाया जा रहा है पर तब बाल दिवस 20 नवंबर को ही मनाया जाता था। लेकिन 27 मई, 1964 को पं. जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु होने के बाद इनकी स्मृति में इनके जन्म दिवस यानी 14 नवंबर को भारत में बाल दिवस मनाए जाने की शुरुआत हुई। पंडित नेहरू के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाना चाचा नेहरू का बच्चों के प्रति प्रेम और उनके प्रति बच्चों के लगाव को चिह्नित करने का एक प्रयास है।

ये भी देखें :

बाल दिवस पर हिंदी में भाषण (Children's Day Speech In Hindi) - वर्तमान परिदृश्य में बाल दिवस का महत्व

बाल दिवस (bal diwas in hindi) का आयोजन बाल दिवस पर भाषण, बाल दिवस पर निबंध, बाल दिवस पर आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों से कहीं आगे का विषय है। बाल दिवस की शुरुआत किए जाने का मूल कारण बच्चों की जरूरतों को स्वीकार करने, उनको पूरा करने, उनके अधिकारों की रक्षा करने और उनके शोषण को रोकना था, ताकि बच्चों का समुचित विकास हो सके। लेकिन बाल दिवस, स्कूलों, सरकारी और निजी संस्थानों, सरकारी विभागों के लिए एक औपचारिकता भर बनकर रह गया है जिसके चलते पढ़ने-खेलने की उम्र में भारतीय बच्चों का एक बड़ा हिस्सा शोषण का शिकार है, बालश्रमिक कारखानों, दुकानों, होटलों आदि में मजबूरी में मजदूरी करते देखे जा सकते हैं।

अबोध बचपन बाल तस्करी की भेंट चढ़ रहा है। जब तक सरकारी नियमों का कड़ाई से पालन नहीं होता और ऐसे बच्चों के राहत और पुनर्वास के कदम नहीं उठाए जाते, तब तक देश में बाल दिवस के अवसर पर औपचारिक आयोजनों के जरिए खानापूर्ति होती रहेगी और मूलभूत सुविधाओं से वंचित, शोषित बचपन सिसकता रहेगा। बाल दिवस को सार्थक बनाने के लिए समाज के सभी वर्गों और सरकारी तंत्र को संवेदनशील बनना होगा और देश के भविष्य को बेहतर बनाने की दिशा में योगदान करने के लिए आगे आना होगा।

अन्य लेख पढ़ें-

बाल दिवस पर हिंदी में भाषण (Children's Day Speech In Hindi) - चाचा नेहरू और बाल दिवस से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

  • पं. जवाहरलाल नेहरू का बच्चों के प्रति प्रेम देश की भौगोलिक सीमाओं में नहीं बँधा था। दुनिया भर के बच्चों को संबोधित संबोधित करते हुए 3 दिसंबर, 1949 को एक पत्र लिखा।
  • जापान के बच्चों ने पं. नेहरू से एक हाथी भेजने का अनुरोध किया। पं. नेहरू ने भारतीय बच्चों की ओर से जापान के बच्चों के लिए एक शानदार हाथी उपहार स्वरूप भेजा। इस हाथी का नाम पं. नेहरू की बेटी के नाम पर इंदिरा रखा गया था। यह टोकियो के यून चिड़ियाघर में रखा गया। इसके साथ ही उन्होंने संदेश भेजा कि मुझे उम्मीद है कि इस हाथी ही तरह आप धैर्यवान, मजबूत और विनम्र बनेंगे।
  • भारत में 1959 से ही बाल दिवस मनाया जाता रहा है, पहले देश में 20 नवंबर को मनाया जाता था।
  • पं. जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद बच्चों के प्रति इनके स्नेह को देखते हुए इनके जन्म दिवस यानि 14 नवंबर को बाल दिवस मनाए जाने का निर्णय लिया गया।
  • तीन मूर्ति भवन के बाग में टहलते समय उनको एक छोटे बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी जिसे उसकी माँ जमीन पर लिटाकर कहीं बाग में काम कर रही थी, नेहरू जी ने उस 2 माह के बच्चे को गोद में लेकर चुप कराने लगे और उसकी माँ के आने तक प्रधानमंत्री ने माँ की भूमिका निभाई।

बाल दिवस पर हिंदी में भाषण (Children's Day Speech In Hindi) - बाल दिवस के अवसर पर देश में होने वाले विभिन्न कार्यक्रम

राजस्थान: बाल दिवस सप्ताह समारोह - राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग के संरक्षण में प्रत्येक वर्ष पंडित नेहरु के जन्म दिवस के अवसर पर राजस्थान राज्य में बाल दिवस सप्ताह समारोह आयोजित होता है। इस वर्ष भी 14 से 20 नवंबर तक बाल दिवस सप्ताह का आयोजन हो रहा है।

हम उम्मीद करते हैं कि उपर्युक्त हिन्दी में बाल दिवस पर भाषण (bal diwas speech in hindi) सह 14 नवंबर बाल दिवस पर निबंध (bal diwas par nibandh) से आपको सहायता जरूर मिली होगी। आप इस वेबसाइट पर बाल दिवस पर भाषण (bal diwas speech in hindi) / बाल दिवस पर लेख (bal diwas par nibandh) के साथ-साथ अन्य लेख भी पढ़ सकते हैं, जिनका लिंक नीचे उपलब्ध है।

Frequently Asked Question (FAQs)

भारत में बाल दिवस (चिल्ड्रेन्स डे) हर वर्ष 14  नवंबर को मनाया जाता है।

देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों से बहुत प्रेम करते थे। इनकी याद में इनके जन्म दिवस यानि 14 नवंबर को भारत में बाल दिवस मनाया जाता है। 

बाल दिवस की शुरुआत किए जाने का मूल कारण बच्चों की जरूरतों को स्वीकार करने, पूरा करने, उनके अधिकारों की रक्षा करने और बलशोषण को रोकना है ताकि बच्चों का समुचित विकास हो सके।

भारत में 1959 से बाल दिवस मनाया जा रहा है पर तब बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता था। लेकिन 27 मई, 1964 को पं. जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु होने के बाद इनकी स्मृति में इनके जन्म दिवस यानि 14 नवंबर को भारत में बाल दिवस मनाए जाने की शुरुआत हुई। 

पंडित नेहरू का जन्म 14 नवंबर को प्रयागराज (इलाहाबाद) में हुआ था।

  • Latest Articles
  • Popular Articles

Upcoming School Exams

National institute of open schooling 12th examination.

Admit Card Date : 28 March,2024 - 22 May,2024

National Institute of Open Schooling 10th examination

Madhya pradesh board 10th examination.

Application Date : 01 May,2024 - 20 May,2024

Madhya Pradesh Board 12th Examination

Uttar pradesh board 12th examination.

Application Date : 07 May,2024 - 31 May,2024

Applications for Admissions are open.

Aakash iACST Scholarship Test 2024

Aakash iACST Scholarship Test 2024

Get up to 90% scholarship on NEET, JEE & Foundation courses

ALLEN Digital Scholarship Admission Test (ADSAT)

ALLEN Digital Scholarship Admission Test (ADSAT)

Register FREE for ALLEN Digital Scholarship Admission Test (ADSAT)

JEE Main Important Physics formulas

JEE Main Important Physics formulas

As per latest 2024 syllabus. Physics formulas, equations, & laws of class 11 & 12th chapters

PW JEE Coaching

PW JEE Coaching

Enrol in PW Vidyapeeth center for JEE coaching

PW NEET Coaching

PW NEET Coaching

Enrol in PW Vidyapeeth center for NEET coaching

JEE Main Important Chemistry formulas

JEE Main Important Chemistry formulas

As per latest 2024 syllabus. Chemistry formulas, equations, & laws of class 11 & 12th chapters

Explore on Careers360

  • Board Exams
  • Top Schools
  • Navodaya Vidyalaya
  • NCERT Solutions for Class 10
  • NCERT Solutions for Class 9
  • NCERT Solutions for Class 8
  • NCERT Solutions for Class 6

NCERT Exemplars

  • NCERT Exemplar
  • NCERT Exemplar Class 9 solutions
  • NCERT Exemplar Class 10 solutions
  • NCERT Exemplar Class 11 Solutions
  • NCERT Exemplar Class 12 Solutions
  • NCERT Books for class 6
  • NCERT Books for class 7
  • NCERT Books for class 8
  • NCERT Books for class 9
  • NCERT Books for Class 10
  • NCERT Books for Class 11
  • NCERT Books for Class 12
  • NCERT Notes for Class 9
  • NCERT Notes for Class 10
  • NCERT Notes for Class 11
  • NCERT Notes for Class 12
  • NCERT Syllabus for Class 6
  • NCERT Syllabus for Class 7
  • NCERT Syllabus for class 8
  • NCERT Syllabus for class 9
  • NCERT Syllabus for Class 10
  • NCERT Syllabus for Class 11
  • NCERT Syllabus for Class 12
  • CBSE Date Sheet
  • CBSE Syllabus
  • CBSE Admit Card
  • CBSE Result
  • CBSE Result Name and State Wise
  • CBSE Passing Marks

CBSE Class 10

  • CBSE Board Class 10th
  • CBSE Class 10 Date Sheet
  • CBSE Class 10 Syllabus
  • CBSE 10th Exam Pattern
  • CBSE Class 10 Answer Key
  • CBSE 10th Admit Card
  • CBSE 10th Result
  • CBSE 10th Toppers
  • CBSE Board Class 12th
  • CBSE Class 12 Date Sheet
  • CBSE Class 12 Admit Card
  • CBSE Class 12 Syllabus
  • CBSE Class 12 Exam Pattern
  • CBSE Class 12 Answer Key
  • CBSE 12th Result
  • CBSE Class 12 Toppers

CISCE Board 10th

  • ICSE 10th time table
  • ICSE 10th Syllabus
  • ICSE 10th exam pattern
  • ICSE 10th Question Papers
  • ICSE 10th Result
  • ICSE 10th Toppers
  • ISC 12th Board
  • ISC 12th Time Table
  • ISC Syllabus
  • ISC 12th Question Papers
  • ISC 12th Result
  • IMO Syllabus
  • IMO Sample Papers
  • IMO Answer Key
  • IEO Syllabus
  • IEO Answer Key
  • NSO Syllabus
  • NSO Sample Papers
  • NSO Answer Key
  • NMMS Application form
  • NMMS Scholarship
  • NMMS Eligibility
  • NMMS Exam Pattern
  • NMMS Admit Card
  • NMMS Question Paper
  • NMMS Answer Key
  • NMMS Syllabus
  • NMMS Result
  • NTSE Application Form
  • NTSE Eligibility Criteria
  • NTSE Exam Pattern
  • NTSE Admit Card
  • NTSE Syllabus
  • NTSE Question Papers
  • NTSE Answer Key
  • NTSE Cutoff
  • NTSE Result

Schools By Medium

  • Malayalam Medium Schools in India
  • Urdu Medium Schools in India
  • Telugu Medium Schools in India
  • Karnataka Board PUE Schools in India
  • Bengali Medium Schools in India
  • Marathi Medium Schools in India

By Ownership

  • Central Government Schools in India
  • Private Schools in India
  • Schools in Delhi
  • Schools in Lucknow
  • Schools in Kolkata
  • Schools in Pune
  • Schools in Bangalore
  • Schools in Chennai
  • Schools in Mumbai
  • Schools in Hyderabad
  • Schools in Gurgaon
  • Schools in Ahmedabad
  • Schools in Uttar Pradesh
  • Schools in Maharashtra
  • Schools in Karnataka
  • Schools in Haryana
  • Schools in Punjab
  • Schools in Andhra Pradesh
  • Schools in Madhya Pradesh
  • Schools in Rajasthan
  • Schools in Tamil Nadu
  • NVS Admit Card
  • Navodaya Result
  • Navodaya Exam Date
  • Navodaya Vidyalaya Admission Class 6
  • JNVST admit card for class 6
  • JNVST class 6 answer key
  • JNVST class 6 Result
  • JNVST Class 6 Exam Pattern
  • Navodaya Vidyalaya Admission
  • JNVST class 9 exam pattern
  • JNVST class 9 answer key
  • JNVST class 9 Result

Download Careers360 App's

Regular exam updates, QnA, Predictors, College Applications & E-books now on your Mobile

student

Certifications

student

We Appeared in

Economic Times

बाल दिवस पर निबंध हिंदी में – Bal Diwas Essay In Hindi

इस पोस्ट में आपको बाल दिवस ( Bal Diwas Essay ) पर निबंध पढ़ने को मिलेंगे|इस पोस्ट में चिल्ड्रेन्स डे ( Children’s Day In Hindi ) पर लिखे जाने वाले 4 निबंध दिए गए हैं|

इसके साथ बाल दिवस से संबंधित सभी प्रश्नो के उत्तर आपको मिलेंगे जैसेकि ; बाल दिवस कब मनाया जाता है?, बाल दिवस क्यों मनाया जाता है?, बाल दिवस को मनाने का उद्देश्य क्या है?, पहली बार बाल दिवस कब मनाया गया? आदि सभी प्रश्नों के उत्तर आपको मिल जायेंगे| उम्मीद है आपको हमारी ये पोस्ट पसंद आएगी|

Bal Diwas In Hindi

Bal Diwas Essay In Hindi For All Class

पंडित जवाहरलाल नेहरू एक महान व्यक्ति थे। उनका जन्म 14 नवंबर 1889 को प्रयागराज इलाहाबाद में हुआ था। उनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरू था। मोतीलाल नेहरू एक प्रसिद्ध वकील थे। जवाहरलाल नेहरू की माता का नाम श्रीमती स्वरूपरानी था।

जवाहरलाल अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे इसलिए उन्हें बहुत ज्यादा लाड प्यार मिला। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा घर से प्राप्त की। आगे की पढ़ाई के लिए उनको इंग्लैंड भेज दिया गया। जब वो इंग्लैंड गए तो उनकी आयु 15 वर्ष थी। वहां उन्होंने स्कूल में फिर कैंब्रिज विश्वविद्यालय में अध्ययन किया। कानून की पढ़ाई पूरी कर भारत वापस लौट आए।

इसे भी पढ़ें : स्वतंत्रता दिवस पर हिंदी निबंध ( Independence Day Essay In Hindi )

उनकी शादी कमला नेहरू के साथ हुई। अपने देश लौटने के बाद नेहरू जी ने वकालत शुरू की। इस पर उनका मन नहीं लगा। भारत पर अंग्रेजों की हुकूमत उनको बेचैन करती थी और एक दिन उन्होंने महात्मा गांधी से मिलने का फैसला किया। उस समय महात्मा गांधी अंग्रेजो के खिलाफ कई आंदोलन कर रहे थे। इसी आंदोलन में नेहरू जी गांधी जी के साथ चल पड़े और भारत की आजादी तक गांधी जी के साथ रहे।

आजादी के बाद नेहरू जी देश के पहले प्रधानमंत्री बने। नेहरू को बच्चों से बहुत प्यार था और वह गरीब लोगों के भी हमदर्द थे। वह खुद को भारत का सच्चा सेवक मानते थे। भारत को एक सफल राष्ट्र बनाने के लिए नेहरू जी ने दिन-रात कड़ी मेहनत की। भारत की महान संतानों में से एक पंडित जवाहरलाल नेहरु भी है।

वह एक ऐसे व्यक्ति थे जिनके पास दूरदृष्टि, ईमानदारी, कड़ी मेहनत, समझदारी, देशभक्ति और बौद्धिक शक्तियां थी। उन्होंने “आराम हराम है” का नारा दिया था।

उन्होंने भारत के लोगों के जीवन की गुणवत्ता को सुधारने के लिए राष्ट्रीय विकास परिषद का गठन किया। उन्हें बच्चों से बेहद लगाव था इसलिए उनके वृद्धि और विकास के लिए कई योजनाएं बनाई। बच्चों के प्रति प्रेम को देखते हुए भारत सरकार ने उनके जन्मदिन पर हर साल बाल दिवस ( Bal Diwas ) के रूप में मनाने का फैसला किया।

Essay On Children’s Day In Hindi – Bal Diwas Essay

14 नवंबर पूरे भारतवर्ष में चिल्ड्रेन्स डे ( Bal Diwas ) के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन 14 नवंबर 1889 में पंडित जवाहरलाल नेहरु जी का जन्म हुआ था। नेहरू जी को बच्चों से बेहद स्नेह था।

उनका मानना था कि किसी भी देश का भविष्य उस देश के बच्चों पर निर्भर करता है इसलिए उन्होंने अपने जन्मदिन को बाल दिवस ( children’s day ) के रूप में मनाने का निश्चय किया ताकि देश के बच्चों पर ध्यान केंद्रित किया जाए, जैसे उनकी सेहत, मानसिक और शारीरिक विकास, शिक्षा आदि पर विशेष ध्यान दिया जाए।

इसे भी पढ़ें : शिक्षक दिवस पर भाषण ( Teachers Day Speech In Hindi )

बच्चों को भी उनसे बेहद लगाव था और वे उन्हें चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे। इसलिए 1956 से ही पूरे भारतवर्ष में 14 नवंबर बाल दिवस ( bal diwas ) के रूप में मनाया जाने लगा। पंडित जवाहरलाल नेहरू जी का जन्म 14 नवंबर 1889 को भारत के इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ था।

उनके पिता का नाम श्री मोतीलाल नेहरू और माता का नाम श्रीमती स्वरूपरानी था। भारतीय राजनीति में वे महान नेताओं में से एक थे। और स्वतंत्रता के बाद वे भारत के पहले प्रधानमंत्री बने।

बाल दिवस ( Bal Diwas ) सभी स्कूलों और कॉलेजों में बहुत उत्साह से मनाया जाता है। इस दिन नृत्य, गायन, चित्रकला, पाठ इत्यादि जैसी गतिविधियों का आयोजन किया जाता है ताकि बच्चों की क्षमता और प्रतिभा को बढ़ावा मिले। बच्चे किसी भी देश के निर्माण खंड हैं। वे भारत के भविष्य के नागरिक हैं।

तो आइए हम अपने बच्चों को ना केवल इस दिन बल्कि हर दिन एक स्वस्थ और बेहतर वातावरण देने की कोशिश करें। केवल तभी हम नेहरू जी के सपने को साकार कर सकेंगे। धन्यवाद

Bal Diwas Par Nibandh In Hindi

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिवस को याद करने के लिए 14 नवंबर को पूरे भारत में बाल दिवस ( Bal Diwas ) मनाया जाता है। ढेर सारे उत्साह और आनंद के साथ हर वर्ष बाल दिवस के रूप में 14 नवंबर को मनाया जाता है। यह भारत के महान नेता को श्रद्धांजलि देने के साथ ही पूरे देश में बच्चों की स्थिति को सुधारने के लिए मनाया जाता है।

नेहरू जी के बच्चों के प्रति गहरे लगाव और प्यार की वजह से बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कहते थे। बच्चों के प्रति उनके प्यार और जुनून की वजह से उनके जन्मदिवस को बचपन को सम्मान देने के लिए बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। लगभग सभी स्कूल और कॉलेजों में राष्ट्रीय स्तर पर हर वर्ष उन्हें याद किया जाता है बच्चों पर ध्यान केंद्रित करने और उन्हें खुशी देने के लिए स्कूलों में बाल दिवस ( children’s day ) मनाया जाता है।

इसे भी पढ़ें : ऑनलाइन शिक्षा का महत्व पर निबंध

एक राष्ट्रीय नेता और प्रसिद्ध हस्ती होने के बावजूद वह बच्चों से बेहद प्यार करते थे और उनके साथ खूब समय बिताते थे। इसे एक महान उत्सव के रूप में चिन्हित करने के लिए पूरे भारत के शैक्षिक संस्थान और स्कूलों में बहुत खुशी के साथ मनाया जाता है।

स्कूल खुला रहता है जिससे बच्चे स्कूल जाए और सारी गतिविधियों और कार्यक्रमों में भाग ले। गीत, संगीत, कला, कविता, पाठ, फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता आदि सांस्कृतिक कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए शिक्षकों द्वारा आयोजित किए जाते हैं। जीतने वाले विद्यार्थियों को स्कूल की तरफ से सम्मानित किया जाता है।

इस अवसर पर कार्यक्रम आयोजित करना केवल स्कूल की जिम्मेदारी नहीं है बल्कि सामाजिक और संयुक्त संस्थानों के भी कर्तव्य हैं। विद्यार्थी मस्ती करते हैं क्योंकि वह कोई भी दूसरा रंग बिरंगा कपड़ा इस दिन पहन सकते हैं। कार्यक्रम का सम्मापन होने के बाद विद्यार्थियों को दोपहर के स्वादिष्ट भोजन के साथ मिठाइयां बांटी जाती है।

अपने विद्यार्थियों के लिए शिक्षक भी कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं जैसे ड्रामा, डांस बच्चों को पिकनिक पर ले जाते हैं। इन पर बच्चों को सम्मान देने के लिए टीवी और रेडियो मीडिया द्वारा कार्यक्रम चलाया जाता है क्योंकि वह देश के भावी भविष्य होते हैं। राष्ट्रीय संपत्ति है और कल के भविष्य की एकमात्र उम्मीद होते हैं।

हर पहलू में बच्चों की स्थिति पर ध्यान देने के लिए चाचा नेहरू ने अपने जन्मदिन को बाल दिवस ( bal diwas ) के रूप में मनाने की घोषणा की, जिसे भारत के हर बच्चे का भविष्य बेहतर हो सके। जय हिंद

Bal Diwas In Hindi Essay – Children’s Day In Hindi Essay

Bal Diwas

पंडित जवाहरलाल नेहरु जी को भारत के प्रसिद्ध व्यक्तियों में गिना जाता है और लगभग हर भारतीय उनके बारे में बहुत अच्छी तरह से जानता है। पंडित जवाहरलाल नेहरु जी का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद के एक कश्मीरी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वह स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री थे जिन्हें हम चाचा नेहरू के रूप में भी जानते हैं।

उनका जन्मदिन देश के बच्चों के लिए उनके महान प्रेम और स्नेह के कारण बाल दिवस ( Bal Diwas ) के रूप में मनाया जाता है। जवाहर लाल नेहरू के मुताबिक बच्चे देश का उज्जवल भविष्य हैं। नेहरू जी अच्छी तरह से जानते थे कि देश का उज्जवल भविष्य बच्चों के उज्जवल भविष्य पर ही निर्भर करता है। जवाहरलाल नेहरू के पिता का नाम मोतीलाल नेहरू था और माता का नाम स्वरूपरानी यशोदा था।

उनके पिता इलाहाबाद के एक प्रसिद्ध वकील थे इसलिए उन्होंने जवाहरलाल नेहरू को उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड भेजा। नेहरु जी ने वहां वकालत पूरी की और 1912 में एक वकील के रूप में भारत लौट आए। भारत में पंडित जवाहरलाल नेहरू महात्मा गांधी जी से मिलने के बाद गांधी जी से बहुत प्रभावित हुए थे।

पंडित जवाहरलाल नेहरू और महात्मा गांधी जी ने देश की स्वतंत्रता के लिए बहुत संघर्ष किया था। भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई के दौरान जवाहरलाल नेहरू जी को कई बार जेल भेज दिया गया। इस प्रकार पंडित नेहरू जी ने भारत की आजादी के लिए बहुत संघर्ष किया था।

1916 में उन्होंने 27 साल की उम्र में कमला नेहरू से शादी की। उनकी पुत्री का नाम इंदिरा गांधी था। पंडित जवाहरलाल नेहरू एक महान राजनेता थे। हमेशा बच्चों को देशभक्त बनने के लिए प्रोत्साहित करते थे और उन्हें कड़ी मेहनत और बहादुरी से काम करने का सुझाव देते थे। क्योंकि नेहरू जी बच्चों को देश का भविष्य मानते थे।

इस प्रकार 27 मई 1964 को भारत की सेवा के दौरान दिल का दौरा पड़ने के कारण नेहरु जी का निधन हो गया। उनकी मृत्यु के बाद हर साल 14 नवंबर को उनका जन्मदिन बाल दिवस ( Bal Diwas ) के रूप में मनाया जाता है। चाचा नेहरू को उनके बलिदान और राजनीतिक उपलब्धियों के लिए हमेशा याद किया जाएगा।

इसे भी पढ़ें : हिंदी दिवस पर निबंध

Bal Diwas Short Essay In Hindi – Children’s Day Essay In Hindi

बाल दिवस यानी बच्चों का दिन। एक ऐसा दिन जो सिर्फ बच्चों के लिए समर्पित है। हर वर्ष 14 नवंबर को पूरे उत्साह के साथ भारत में बाल दिवस ( bal diwas ) मनाया जाता है। बच्चों के प्रति पंडित जवाहर लाल नेहरू का प्यार और जुनून की वजह से उनके जन्मदिवस पर बच्चों को सम्मान देने के लिए बाल दिवस के रुप में मनाया जाता है।

वह बच्चों से काफी प्यार और लगाव रखते थे। भारत के प्रधानमंत्री के रूप में अपने व्यस्त जीवन के बावजूद भी वह बच्चों से बेहद लगाव रखते थे।

बच्चों के प्रति उनके इस स्नेह भाव के कारण बच्चे भी उनसे बेहद लगाव और प्रेम रखते थे और उन्हें चाचा नेहरू कह कर पुकारते थे। वे बच्चों में देश का भविष्य देखते थे। बाल दिवस ( Bal Diwas ) को मनाने का मुख्य मकसद बच्चों के अधिकारों और बच्चों की शिक्षा के प्रति जागरूकता लाना है।

चिल्ड्रन डे ( bal diwas ) बच्चों के लिए ढेर सारी खुशियां लेकर आता है। इस दिन विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। बच्चे इस दिन को बहुत पसंद करते हैं क्योंकि वह इस दिन किसी भी प्रकार के रंगीन कपड़े पहनकर स्कूल जा सकते हैं। इस दिन बच्चों को देश भक्ति और पंडित नेहरू के जीवन के आदर्शों पर चलने की प्रेरणा दी जाती है।

' src=

TOPKRO.COM पर विजिट करने के लिए धन्यवाद, हम आपके साथ हमेशा विभिन्न प्रकार की सही और सटीक जानकारी देने की कोशिश करते रहेंगे।

hindi parichay

विद्यालय में पढ़ रहे छात्रों के लिए बाल दिवस 2023 पर निबंध 100 से 600 शब्दों में

नमस्कार, आप सभी छात्रों के लिए बाल दिवस पर निबंध (Bal Diwas Essay in Hindi)  उपलब्ध है। बच्चों के लिए बड़ों के लिए बाल दिवस पर हिंदी निबंध (Children’s Day Essay in Hindi)  लिखा गया है.

बाल दिवस भारत में मनाया जाता है। बाल दिवस चाचा नेहरू जी के जन्मदिन के अवसर पर उसी दिन मनाया जाता है.

बाल दिवस 14 नवंबर को मनाया जाता है। 14 नवम्बर को पंडित जवाहरलाल नेहरू जी का जन्म हुआ था| पंडित जवाहरलाल नेहरू जी को चाचा जी के नाम से जाना जाता है.

पंडित जवाहरलाल जी को बच्चों से बहुत पार था। जिसकी वजह से प्रत्येक साल वो अपने जन्मदिन पर बाल दिवस के रूप मे मनाते हैं और ये प्रथा आज भी विकसित है.

बच्चे उन्हे चाचा जी के नाम से पुकारते थे। 14 नवम्बर को बाल दिवस और नेहरू दिवस के नाम से जाना जाता है|

बाल दिवस पर निबंध विद्यालय आदि में बोला व सुनने में आता है| आपकी जरूरत के हिसाब से हमने आपकी जरूरतों को समझते हुए बाल दिवस पर निबंध 100 शब्दों में 200 शब्दों में 300, 500 और 600 शब्दों में बाल दिवस पर निबंध लिखे गए है.

बाल दिवस पर निबंध को आप कहीं भी किसी भी विद्यालय कॉलेज अन्य किसी भी समारोह में प्रयोग कर सकते हैं|

बाल दिवस पर छोटा निबंध को लोग सुनना बहुत पसंद करते है जैसे कि विद्यालय में अध्यापकों द्वारा, समारोह में जनता द्वारा सभी लोगों को बाल दिवस पर निबंध सुनना बहुत अच्छा लगता है।

तो ज्यादा समय बर्बाद ना करते हुए मैं आप सभी के सामने बाल दिवस पर निबंध प्रस्तुत करता हूँ.

जरुर पढ़े ⇒ Children’s Day 2023: भारत में बाल दिवस 14 नवंबर को क्यों मनाया जाता है? जाने असली वजह!

Grammarly Writing Support

बाल दिवस पर निबंध 2023 (100 शब्दों में)

प्रत्येक वर्ष बाल दिवस 14 नवंबर को मनाया जाता है इस तिथि को प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी का जन्म हुआ था| पंडित जवाहरलाल नेहरू जी बच्चों से अत्यंत प्यार करते थे उन्हें बच्चों के साथ खेलना कूदना बहुत पसंद था। जिस खुशी में चाचा जी ने अपने जन्मदिन को बाल दिवस के नाम से प्रस्तुत किया.

बाल दिवस के दिन समारोह आदि होते हैं बाल दीवस को अध्यापकों और विद्यार्थियों के द्वारा स्कूल और कॉलेजों में पूरे जूनून और उत्सुकता के साथ मनाया जाता है।

स्कूल को अलग-अलग रंगों, रंगोलियों से, गुब्बारों और दूसरे सजावटी वस्तुओं से सजाया जाता है।

चाचा नेहरु जी के जन्म दिन की खुशी में, गीत, कविता पाठ हिन्दी और अंग्रेजी में, तथा भाषण आदि में बच्चे भाग लेते है।

TRENDING NEWS: Children’s Day Speech 2023 : 14 नवंबर को दें बाल दिवस पर दमदार भाषण!

Children's Day Image

Children’s Day Essay in Hindi For Class 3 (200 Words)

प्रत्येक वर्ष 14 नवंबर को पंडित जवाहरलाल नेहरू जी जो कि हमारे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे उनका जन्मदिन मनाया जाता है.

पंडित जवाहरलाल नेहरू जी को बाल बच्चे बहुत पसंद थे जिसकी वजह से वे प्रत्येक वर्ष अपने जन्मदिन के दिन अर्थात 14 नवंबर को बाल दिवस बनाते थे और भारत में यह प्रथा आज भी कायम है.

प्रत्येक वर्ष सभी विद्यालयों में कॉलेजों में जवाहरलाल नेहरू जी का जन्मदिन व बाल दिवस मनाया जाता है.

बाल दिवस पर छोटे-छोटे बच्चे विद्यालय में कविता व निबंध का प्रयोग करते हैं। बाल दिवस के दिन बच्चे अपने विद्यालयों में नृत्य गाने कविता निबंध आदि जैसे क्रियाकलाप करते हैं.

विद्यार्थी अपने विद्यालय को सजाने में लग जाता है और जवाहरलाल नेहरू जी जिन्हें सभी चाचा जी के नाम से भी जानते हैं इस दिन उनका जन्मदिन मनाया जाता है.

वहीं प्रधानमंत्री राष्ट्रपति कैबिनेट मंत्री और उच्च अधिकारियों द्वारा चाचा जी को पुष्पमाला अर्पित की जाती है और बच्चों द्वारा प्राथना आदि होता है.

बाल दिवस का दिन ऐसे तो बच्चों के भविष्य को लेकर नई नई योजनाओं पर सोचा जाता है उनके लिए नयी योजनाओं का निर्माण किया जाता है.

चाचा जी के लिए बच्चे उनका रूप बना कर उनकी तरह भाषण देना पसंद करते है ये मनमोहक नजारा देख कर नेहरू जी की यादें ताजा हो जाती है.

LATEST NEWS: बाल दिवस 2023 पर लिखी ये कविता पढ़कर आप भी खुश हो जाओगे!

Happy Children's Day 2023

Essay on Children’s Day in Hindi For Class 6 (300 Words)

आज के बच्चे कल के भारत का भविषय है| बच्चों से ही एक नए व सुरक्षित भारत का निर्माण होता है|

बच्चे ही बड़े हो कर फौजी, व्यापारी, नेता, पुलिस आदि बनते हैं जिनसे हमारे देश का विकास होता है|

हमें बच्चों को महान व्यक्ति बनने के लिए उकसाना चाहिए सही मार्ग दिखाना चाहिए| प्रत्येक वर्ष 14 नवंबर को पंडित जवाहरलाल नेहरू जी जो कि हमारे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे उनका जन्मदिन मनाया जाता है.

पंडित जवाहरलाल नेहरू जी छोटे बच्चों को बहुत पसंद करते थे जिसकी वजह से वे प्रत्येक वर्ष अपने जन्मदिन के दिन अर्थात 14 नवंबर को बाल दिवस बनाते थे और भारत में यह प्रथा आज भी कायम है.

प्रत्येक वर्ष सभी विद्यालयों में कॉलेजों में जवाहरलाल नेहरू जी का जन्मदिन व बाल दिवस मनाया जाता है| बाल दिवस पर छोटे छोटे बच्चे अपने विद्यालय आदि में कविता व निबंध का प्रयोग करते हैं.

बाल दिवस के दिन बच्चे अपने विद्यालयों में नृत्य गाने कविता निबंध आदि जैसे क्रियाकलाप करते हैं विद्यार्थी अपने विद्यालय को सजाने में लग जाता है और जवाहरलाल नेहरू जी जिन्हें सभी चाचा जी के नाम से भी जानते हैं इस दिन उनका जन्मदिन मनाया जाता है.

वहीं प्रधानमंत्री राष्ट्रपति कैबिनेट मंत्री और उच्च अधिकारियों द्वारा चाचा जी को पुष्पमाला अर्पित की जाती है और बच्चों द्वारा प्राथना आदि होता है|

चाचा जी के लिए बच्चे उनका रूप बना कर उनकी तरह भाषण देना पसंद करते है ये मनमोहक नजारा देख कर नेहरू जी की यादें ताजा हो जाती है|

कई कई जगह जवाहर लाल नेहरू जी को श्रद्धांजलि के साथ उनका रूप धारण कर समारोह कार्यक्रम नाटक आदि भी किए जाते हैं| जीवन में महान बनने के लिए प्ररित करने वाले भाषण आदि का प्रयोग किया जाता है.

POPULAR ARTICLE: बाल दिवस पर 10 वाक्य और निबंध पढ़ें! Bal Diwas 10 Lines

Speech On Children’s Day in English | Children’s Day Speech in English | 14th November Children’s Day 2023

Speech on Children’s Day 2023 in Hindi For Teachers | बाल दिवस 2023 पर निबंध 500 शब्दों में

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू जी के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है.

प्रत्येक वर्ष 14 नवम्बर को नेहरू जी का जन्म दिन मनाया जाता है| 14 नवम्बर को विद्यालयों कॉलेजों समारोह आदि में जवाहर लाल नेहरू जी को श्र्द्धांजली दी जाती है उनकी प्रतिमा पर पुष्पमाला चड़ाई जाती है.

बाल दिवस को एक त्यौहार की तरह मनाया जाता है लोग इस दिन को एक त्यौहार की तरह मनाते हैं|

नेहरू जी को छोटे छोटे बच्चे बहुत पसंद थे| नेहरू जी को बच्चे चाचा जी कह कर बुलाते थे| चाचा जी को छोटे बच्चों के साथ रह कर खेलना कूदना बहुत पसंद था.

चाचा नेहरू जी कहते थे की छोटे बच्चों में उनको अपना बचपन याद आता था| नेहरू जी को छोटे बच्चों में कल के उज्ज्वल भारत की छवि दिखती थी.

नेहरू जी का कहना था की बच्चों पर ही पूरे भारत की कमान है| नेहरू जी एक नयी व जोश भरी सोच के नेता थे| नेहरू जी एक महान नेता थे| नेहरू जी एक राष्ट्रनेता और बड़ी हस्ती थे जिसके बावजूद भी बच्चों के साथ खेलना कूदना उन्हे बहुत पसंद था.

बाल दिवस के दिन स्कूल खुले रहते हैं जिससे बच्चे अपने कार्यक्रम जैसे भाषण, गीत-संगीत, कला, नृत्य, कविता, पाठ, आदि करते हैं|

बाल दिवस पर अध्यापक भी इन सभी कार्यक्रमों का हिस्सा बनते हैं| बाल दिवस पर विद्यालयों आदि में भाषण आदि होते है प्रतियोगिता होती है, और जीतने वाले को पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है.

बाल दिवस पर प्रधानमंत्री बड़े बड़े नेता आदि योजनाओं का आरंभ करते है और हो सकता है की बच्चों के लिए बहुत जगह छूट भी दी जाती है जैसे की विद्यालय के बच्चों के लिए बसों ट्रेन आदि में किराए पर छूट, बच्चों के लिए किताबों, स्कॉलरशिप आदि जैसी योजनाएँ लागू होती है.

बच्चे इस दिन नेताओं के वेश में नजर आते हैं जो अपने सिर पर नेताओं के जैसे टोपी पहन कर, अपने मुंह पर नेताओं की तरह मूंछ लगा कर चलते हैं, हाथों में झोला टांग कर चलते हैं, कुर्ता पाजामा पहन कर उन्हे ऐसा देख कर बहुत अच्छा लगता है.

आज के बच्चे ही बड़े बनकर फौजी, नेता, पुलिस, इंजीनियर, वकील, डॉक्टर आदि बनते है| आज के भारत को बदलना है तो आज के बच्चों को सही रास्ते दिखाने होंगे उनके भविष्य को ले कर सही सोच सही निर्णय लेना होगा.

भारत में आज भी कई जगह ऐसे बच्चे जी रहे है जिनके भविष्य को ले कर खिलवाड हो रहा है| छोटी सी उम्र में उनसे मजदूरी करवाई जाती है उन्हे कारखानो आदि में काम करवाया जाता है|

बाज़ारों आदि में उनसे बिक्री करवाई जाती है| जब ऐसे बच्चे दिखते है तो लगता है की भारत का भविष्य खतरे में भारत के विकास में बहुत बड़ी रुकावट आने वाली है|

छोटे बच्चे जैसा वातवरण पाते हैं वैसे हो जाते हैं यदि उन्हे अच्छा वातावरण मिले तो अच्छे बन जाते हैं| अगर गलत वातावरण मिले तो उनका भविष्य खतरे में होता है.

भारत के नए प्रधानमंत्री जी श्रीमान नरेंद्र मोदी जी ने भारत के युवा के लिए बहुत सी योजनायेँ लागू की है| मोदी जी के राज में बहुत से बदलाव देखने को मिले है.

बाल दिवस के दिन पंडित जवाहर लाल नेहरू जी को याद करके श्रद्धांजलि दी जाती है| उनकी याद में गीत कविता भाषण आदि होते है.

Children’s Day Speech in Hindi For Teachers | बाल दिवस पर निबंध 600 शब्दों में

प्रत्येक वर्ष 14 नवम्बर को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू जी का जन्मदिन मनाया जाता है| 14 नवम्बर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है|

14 नवम्बर को विद्यालयों, कॉलेजों समारोह आदि में जवाहर लाल नेहरू जी को श्र्द्धांजली देकर उनकी प्रतिमा पर पुष्पमाला भेंट की जाती है.

ठंड के महीने में बाल दिवस आता है| बाल दिवस को एक त्यौहार की तरह मनाया जाता है लोग इस दिन को एक त्यौहार की तरह मनाते हैं|

नेहरू जी को छोटे छोटे बच्चे बहुत पसंद थे| नेहरू जी को बच्चे चाचा जी कह कर बुलाते थे| चाचा जी को छोटे बच्चों के साथ रह कर खेलना कूदना बहुत पसंद था|

चाचा नेहरू जी कहते थे की छोटे बच्चों में उनको अपना बचपन याद आता था| नेहरू जी को छोटे बच्चों में कल के उज्ज्वल भारत की छवि दिखती थी| बच्चों को भारत का भविष्य माना जाता है.

नेहरू जी का कहना था की बच्चों पर ही पूरे भारत की कमान है| नेहरू जी एक नयी व जोश भरी सोच के नेता थे| नेहरू जी एक महान नेता थे|

नेहरू जी एक राष्ट्रनेता और बड़ी हस्ती थे इसके बावजूद भी बच्चों के साथ खेलना कूदना उन्हे बहुत पसंद था|

बच्चे इस दिन नेताओं के वेश में नजर आते हैं जो अपने सिर पर नेताओं के जैसे टोपी पहन कर, अपने मुंह पर नेताओं की तरह मूंछ लगा कर चलते हैं, हाथों में झोला टांग कर चलते हैं कुर्ता पाजामा पहन कर उन्हे ऐसा देख कर बहुत अच्छा लगता है.

भारत में आज भी कई जगह ऐसे बच्चे जी रहे है जिनके भविष्य को ले कर खिलवाड हो रहा है| छोटी सी उम्र में उनसे मजदूरी करवाई जाती है उन्हे कारखानो आदि में काम करवाया जाता है, बाज़ारों आदि में उनसे बिक्री करवाई जाती है|

जब ऐसे बच्चे दिखते है तो लगता है की भारत का भविष्य खतरे में भारत के विकास में बहुत बड़ी रुकावट आने वाली है|

छोटे बच्चे जैसा वातावरण पाते हैं वैसे हो जाते हैं यदि उन्हे अच्छा वातावरण मिले तो अच्छे बन जाते हैं| अगर गलत वातवरण मिले तो उनका भविष्य खतरे में होता है|

बच्चों से सुनहरे भविष्य की कल्पना की जा सकती है बशर्ते उनके भविष्य को ले कर चिंतित होना पड़ेगा|

दोस्तों उम्मीद करता हूँ की आपको बाल दिवस का निबंध अच्छा लगा होगा| यदि आपको ये लेख अच्छा लगा हो तो आप इस लेख को अपने मित्रों आदि में शेयर कर सकते हैं|

बाल दिवस के निबंध को आप व्हाट्सएप्प, ट्विटर, फेसबुक पर शेयर कर सकते है|

बाल दिवस पर अन्य लेख ⇓

  • बाल दिवस पर भाषण 2023
  • बाल दिवस पर कविता 2023
  • बाल दिवस पर पोएम 2023

Table of Contents

Similar Posts

Happy Children’s Day 2023: इस 14 नवंबर को अपने स्कूल में सुनाए ये बाल दिवस की कविता!

Happy Children’s Day 2023: इस 14 नवंबर को अपने स्कूल में सुनाए ये बाल दिवस की कविता!

Happy Children’s Day Poems in Hindi For Students: बाल दिवस की सबसे अच्छी और प्यारी कविता आपको यहां से मिलेंगी। छोटे से लेकर बड़ों तक के बच्चों के लिए बाल दिवस पर कविता। बाल दिवस की सबसे ज्यादा सुनाई जाने वाली कविता इस प्रकार है:- बाल दिवस की ढेर सारी कविताओं को आप अपने स्कूल,…

स्वच्छ भारत अभियान पर छोटा और बड़ा निबंध

स्वच्छ भारत अभियान पर छोटा और बड़ा निबंध

भारत के अभियानों में सबसे बड़ा अभियान है स्वच्छ भारत अभियान है। क्या आप जानते है स्वच्छ भारत अभियान क्या है? अगर नहीं, तो इस लेख में हमने स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध लिखा हैं। तो इस लेख को अंत तक पढ़े। वैसे तो श्रीमान नरेंद्र मोदी जी ने बहुत से अभियानों की शुरुआत की,…

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) – दीपावली: बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्सव

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) – दीपावली: बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्सव

दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) – HindiParichay Team की और से आप सभी को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं। यहां आपको दीपावली पर छोटा निबंध (Essay on Diwali in Hindi) पढ़ने को मिलेगा। दीपावली का त्यौहार भारतीय लोगों में हिन्दू धर्म के लोगों में मनाया जाता है लेकिन ये त्यौहार सभी धर्म के लोगों…

पर्यावरण पर 10 लाइन का निबंध

पर्यावरण पर 10 लाइन का निबंध

शीर्षक: 10 Lines on Environment in Hindi हमारे आस पास के सभी प्राकृतिक दृश्य को पर्यावरण (Paryavaran) कहा जाता है। अन्य शब्दों में कहा जाए तो हमारे आस पास के वातावरण में भूमि, वायु, जल, पौधे, पशु, ठोस सामग्री, हरियाली आदि को पर्यावरण कहा जाता है। दोस्तों आज इस लेख में आपके लिए मैं पर्यावरण…

2023 के लिए पंडित जवाहरलाल नेहरू जी के अनमोल विचार जो करेंगे आपको प्रेरित!

2023 के लिए पंडित जवाहरलाल नेहरू जी के अनमोल विचार जो करेंगे आपको प्रेरित!

Pandit Jawaharlal Nehru Quotes in Hindi : भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी का जन्म 14 नवम्बर 1889 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में जिसे इलाहाबाद में हुआ था. पंडित जवाहरलाल नेहरू जी के कोट्स शुरू करने से पहले आइए आपको उनके बारे में कुछ रोचक जानकारी बताना चाहते हैं. Biography of Pandit…

मेरा प्रिय जानवर कुत्ता पर छोटा और बड़ा निबंध

मेरा प्रिय जानवर कुत्ता पर छोटा और बड़ा निबंध

HindiParichay पाठकों को नमस्कार… यहां आपको वफादार पशु कुत्ता पर निबंध के बारे में जानने को मिलेगा। अगर आप छात्र हो और आपके विद्यालय में आपसे Dog Essay in Hindi Language में लिखने को बोला है तो हमने कुत्तों पर निबंध लिखा है जिसका उपयोग आप अपने विद्यालय में कर सकते हैं। About Dog in…

One Comment

Guru Ghasidas jo satnam dhrm ko laya chhtisgrdh me uska jivan ka bat janna hai mujhe

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

close

1Hindi

बाल दिवस पर भाषण व निबंध Childrens Day Speech and Essay in Hindi

बाल दिवस पर भाषण और निबंध Childrens Day Speech and Essay in Hindi

इस लेख में हमने 14 नवम्बर बाल दिवस पर भाषण और निबंध (Childrens Day Speech Essay in Hindi) स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए हिन्दी में लिखा हुआ है। इसमें हमने 3-4 भाषण के नमूने और उदाहरण दिए हैं जो 400, 700, 1000, 1200 शब्दों में लिखा गया है।

बाल दिवस (Children’s Day) को पंडित जवाहरलाल नेहरु जी के जन्म दिवस 14 नवम्बर को प्रतिवर्ष मनाया जाता है। यह उत्सव पुरे भारत में धूम-धाम से मनाया जाता है। बच्चों के शिक्षा के अधिकार के विषय में हर व्यक्ति को जागरूक करने की यह एक बेहतरीन मुहीम है।

नेहरु जी के मृत्यु से पूर्व भारत में लोग बाल दिवस, पूरी दुनिया के साथ 20 नवम्बर को मनाया करते थे।

बाल दिवस पर लघु निबंध Children’s Day Essay in Hindi (500 Words)

बाल दिवस (Children’s Day) प्रतिवर्ष 14 नवम्बर को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु जी के जन्म दिवस पर बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन को उत्सव के रूप में मनाने का मुख्य कारण चाचा नेहरु को श्रद्धांजलि देने और देश भर के बच्चों की स्तिथि में सुधर लाना है।

बच्चे जवाहरलाल नेहरु जी को बहुत प्यार करते थे इसलिए उन्हें चाचा नेहरु कह कर बुलाते थे और नेहरु जी भी बच्चों से बहुत प्रेम करते थे। चाचा नेहरु एक बड़े व्यक्ति और नेता होने के बाद भी बच्चों से मिलते थे और उनसे बातें करते थे। उसी भाव के कारण उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में भारत में मनाया जाता है।

इस दिन को राष्ट्रीय तौर पर लगभग सभी स्कूलों और कॉलेजों में धूम-धाम से बाल दिवस मनाया जाता है। इस दिन सभी स्कूलों को सुन्दर से सजाया जाता है, बच्चों का सम्मान किया जाता है और ऐसे आयोजन किये जाते हैं जिनसे बच्चे बहुत खुश हों।

इस दिन सभी स्कूल खुले रहते हैं और स्कूलों में कई प्रकार के आयोजन और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं। यह सभी प्रोग्राम खासकर शिक्षकों द्वारा अपने छात्रों के लिए आयोजित होता है।

इसमें तरह-तरह के प्रोग्राम जैसे भाषण देना, गीत गाना, नृत्य, चित्रकला , प्रश्नोत्तरी, कहानी प्रस्तुति, वाद-विवाद प्रतियोगिता, कविता या फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता आयोजित किये जाते हैं। इन प्रतियोगिताओं के विजेता विद्यार्थियों को स्कूल प्रशासन द्वारा पुरस्कृत किया जाता है।

बच्चे इस दिन को बहुत पसंद करते हैं क्योंकि वे इस दिन किसी भी प्रकार के रंगीन कपडे पहन कर स्कूल जा सकते हैं। उत्सव के अंत में सभी बच्चों को मिठाइयाँ और चॉकलेट बांटे जाते हैं। स्कूल और कॉलेज के कुछ शिक्षक भी विभिन्न प्रोग्राम में भाग लेते हैं जैसे ड्रामा, नृत्य।

कई शिक्षा संस्थानों में इस दिन बच्चे और शिक्षक मिल कर पिकनिक भी जाते हैं। इसी दिन टेलीविज़न या रेडियो पर बाल दिवस से जुड़े कई प्रोग्राम बच्चों को सम्मान देने के लिए प्रस्तुत किये जाते हैं क्योंकि आज के बच्चे ही कल का भविष्य हैं।

बच्चे देश का मूल्यवान संपत्ति हैं और वही भविष्य के लिए आशा हैं। देश के सभी लोग बच्चों के बेहतर स्तिथि के विषय में अच्छे से सोचें यह सोच कर चाचा नेहरु ने अपने स्वयं के जन्म दिन को बाल दिवस (Children’s Day) मनाने के लिए चुना था।

पढ़ें: शिक्षक दिवस पर निबंध और भाषण

बाल दिवस पर भाषण (400, 800, 1000 Words में)

बाल दिवस पर लघु भाषण childrens day speech in hindi (400 words).

माननीय प्रधानाचार्य महोदय, अध्यापकगण, और मेरे प्यारे मित्रों , आप सभी को मेरी तरफ से शुभ प्रभात। यह हम सभी के लिए बहुत ही ख़ुशी की बात है की आज हम सब आज बाल दिवस के अवसर पर यहाँ एकत्र हुए हैं।

इस शुभ अवसर पर बाल दिवस के विषय में अपने कुछ विचार आप सबके साथ व्यक्त करना चाहता हूँ। बच्चे इस समाज और घर की खुशियाँ हैं और साथ ही वे देश का भविष्य भी हैं।

हमें बच्चों के महत्व को उनके माता-पिता, शिक्षक, और जीवन के अन्य सभी लोगों के साथ भागीदारी को नज़रंदाज़ नहीं करना चाहिए। बच्चों के बिना यह जीवन पूरी तरीके से बोरिंग है। बच्चों का दिल बहुत ही साफ़ होता है उनके हर बात में सच्चाई छलकती है।

बाल दिवस प्रतिवर्ष बच्चों को सम्मान और शुक्रिया देने के लिए मनाया जाता है। यह उत्सव अन्य-अन्य देशों में अलग-अलग तारीखों में मनाया जाता है। भारत में हर साल हम 14नवम्बर को हमारे प्रथम प्रधानमंत्री, महान स्वतंत्रता सेनानी , पंडित जवाहरलाल नेहरु के जन्म दिवस पर मनाते हैं।

वे एक राजनीतिक नेता थे जो बच्चों के साथ बहुत समय बिताते थे और बच्चों के भी प्यारे थे। बाल दिवस पर बच्चे ढेर सारी खुशियाँ मनाते हैं। यह दिन हमको बच्चों के प्रति हमारे प्रण को याद दिलाता है जो हमने बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य, शिक्षा और अच्छे जीवन के लिए लिया था।

बच्चे मजबूत राष्ट्र के लिए निर्माण ब्लाक के जैसे काम आते हैं। बच्चे होते तो छोटे हैं पर उनमें ही देश को सकारात्मक तरीके से आगे ले जाने की क्षमता होती है। बाल दिवस के कारण  हमें बच्चों के सही अधिकारों के विषय में पता चलता है और पता चलता है कि उन्हें सही सुविधाएँ मिल रही हैं या नहीं।

बच्चे ही कल के नेता हैं इसलिए उनको सम्मान, सही देखभाल, माता-पिता से सुरक्षा मिलना चाहिए। आज हम आपको बच्चों के कुछ अधिकारों के विषय में बताने जा रहे हैं।

  • बच्चों को उनके माता-पिता से सही देखभाल और प्यार मिलना चाहिए।
  • बच्चों को स्वस्थ और पोषक खाना, साफ़-सुथरे कपडे, और सुरक्षा मिलना चाहिए।
  • बच्चों को स्वस्थ खुले मन से रहने का वातावरण मिलना चाहिए तथा मनोरंजन की सुविधा भी मिलनी चाहिए।
  • बच्चों को पूर्ण रूप से शिक्षा मिलनी चाहिए।
  • अपांग और बीमार बच्चों को अच्छा देखभाल मिलना चाहिए।

बाल दिवस पर भाषण Childrens Day Speech in Hindi (1000 Words)

आदरणीय प्रधानाचार्य, सभी टीचर्स, साथी विद्दार्थियों, आये हुए सभी मेहमानों को मेरा विनम्र नमस्कार। आज हम सभी यहाँ “बाल दिवस” मनाने के लिए उपस्थित हुए है। इस अवसर पर मैं अपने विचार प्रस्तुत करना चाहता हूँ।

आज का दिन हम “बाल दिवस” के रूप में मनाते है। आज का दिन (14 नवंबर) हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु का जन्मदिन मनाया जाता है। वो बच्चों से बहुत प्यार करते थे इसलिए हम सभी उनके जन्मदिन को “बाल दिवस” के रूप में मनाते है।  

बच्चे ही देश का भविष्य होते है। आने वाले कल की बागडोर उनके ही हाथ में होती है। हर साल 1 जून को अंतराष्ट्रीय बाल दिवस (International Children’s Day)। पूरे उल्लास से मनाया जाता है और 14 नवम्बर को प्रतिवर्ष भारत में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। चाचा नेहरु बच्चो से बात करना, खेलना बहुत पसंद करते थे। प्रधानमंत्री जैसे बड़े पद पर रहते हुए भी वो बच्चों के साथ समय बिताते थे।

वो बच्चो को एक अच्छा नागरिक और देशभक्त बनाने को प्रेरित करते थे। बच्चे उनको प्यार से “चाचा नेहरु” कहते थे। उनका मानना था कि बच्चे ही देश का भविष्य है। बच्चो में सीखने की प्रवृति विकसित करनी चाहिये। घर ही बच्चो की पहली पाठशाला होती है। माता-पिता को चाहिये कि बच्चो के अंदर अच्छे संस्कार विकसित करें।

चाचा नेहरु का कहना था कि देश में लड़का-लड़की को लेकर किसी तरह का पक्षपात नही होना चाहिये। बेटा होने पर घर के लोग खुशी मनाते है जबकि बेटी के जन्म पर लोग दुखी होते है। ऐसा करना सरासर गलत है। बेटी भी उतनी अनमोल है जितना बेटा। भेदभाव करना सही नही है।

चाचा नेहरु का मानना था की यदि हमारे देश के बच्चे योग्य, शिक्षित और हुनरमंद बन जायेंगे तो देश बहुत आगे जायेगा। आज बेटियाँ देश का नाम रोशन कर रही है (पढ़ें: महिला सशक्तिकरण पर निबंध) । सुनीता विलियम्स अमेरिकी एजेंसी नासा के जरिये अंतरिक्ष की यात्रा करने वाली दूसरी महिला बन गयी।

उन्होने अंतरिक्ष में 195 दिन रहने का विश्व कीर्तिमान बनाया है। कल्पना चावला देश की पहली अंतरिक्ष यात्री बनी। वो अंतरिक्ष शटल मिशन विशेषज्ञ थी। खेल के क्षेत्र में आज सानिया नेहवाल, सानिया मिर्जा, पीवी सिन्दू, ज्वाला गट्टा, हिम दास जैसी बेटियाँ देश का नाम रौशन कर रही हैं।

बच्चो को भी अपना कर्तव्य निभाना चाहिये। अपने माता-पिता का सम्मान करना चाहिये। अपने शिक्षको की आज्ञा माननी चाहिये। सभी बड़ो को ये प्रण लेना चाहिये कि बच्चो को शिक्षा मिले, सही आहार मिले जिससे उनका शारीरिक और मानसिक विकास हो सके। कोई भी बच्चा बालमजदूरी को बाध्य न हो।

आज हमारे देश में सरकार ने 1 से 14 साल तक के बच्चो की शिक्षा को अनिवार्य कर दिया है। यह निशुल्क एवं बाल शिक्षा अधिनियम 2009 के तहत किया गया है। यह प्राथमिक शिक्षा पूरी तरह से निशुल्क है। स्कूलों में बच्चो को मुफ्त किताबे, ड्रेस, जूते-मोज़े, छात्रवृति उपलब्ध कराई जा रही है जिससे कोई भी बच्चा अशिक्षित न रह जाये।

आज हमारे देश की सरकार अपने कर्तव्य के प्रति पूरी तरह से सचेत है। अब देश में बाल मजदूरी पर रोक लगा दी गयी है। किसी भी दूकान, फैक्ट्री, निजी संस्था पर यदि बच्चे काम करते हुए पाये जायेंगे तो मालिक को जेल भेजा जाता है। आज हम पूरी तरह से जागरूक है की बच्चो का बचपन न छीने। उनको भी स्कूल जाने का अवसर मिले।

1956 में पहली बार “बाल दिवस” हमारे देश में मनाया गया था। इस दिन बच्चो को मिठाइयाँ, फल, टॉफी, गुब्बारे और अन्य चीजे दी जाती है। आज का दिन बच्चे बहुत उत्साह से मनाते है। पंडित जवाहरलाल नेहरु का जन्म 14 नवंबर, 1889 को इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ था।

उनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरु था। उनकी माता का नाम स्वरुपरानी था। वे उच्च शिक्षा के लिए इंगलैंड गये थे। देश की आजादी के लिए आपको कई बार जेल जाना पड़ा। पंडित नेहरु एक महान लेखक भी थे। 15 अगस्त 1947 को जब देश आजाद हुआ तो उनको प्रथम प्रधानमंत्री बनाया गया था।

वो अपनी पुत्री इंदिरा गांधी से बहुत प्यार करते थे। उनको पत्र भी लिखते थे। इंदिरा गांधी को लिखे पत्रों में भारत की सांस्कृतिक धरोहर, विभिन्नता में एकता देखने को मिलती है। पंडित नेहरु को पुस्तकें पढ़ने और लिखने का बड़ा शौक था। अपने व्यस्त राजनीतिक जीवन में भी वो किताबे पढने का समय निकाल लेते थे। उन्होंने “भारत: एक खोज, मेरी कहानी जैसी पुस्तकें लिखी है।

उन्होंने 1921-22 के “असहयोग आंदोलन” और 1929 के “ सविनय अवज्ञा आंदोलन ” में हिस्सा लिया और जेल गये। उन्होंने सभी विदेशी वस्तुओ, कपड़ो का त्याग कर दिया था। महात्मा गांधी से मिलने के बाद उन्होंने देश के स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रीय भूमिका निभाई और अंग्रेजो को देश से खदेड़ने को विवश कर दिया।

हम सभी बच्चो को चाहिये कि चाचा नेहरु के आदर्शो का पालन करें। उनके दिखाये मार्ग पर चले। उनकी तरह एक अच्छा नागरिक बनकर दिखायें। आज हमारे देश में कुछ प्रतिशत बच्चो की हालत ही अच्छी है जबकि देश के 39% बच्चे कुपोषण का शिकार है। गरीबी और धन के आभाव में उनको न तो उचित भोजन मिल पा रहा है ना ही स्कूल जाने का अवसर मिल पा रहा है।

उत्तर प्रदेश बालमजदूरी के मामले में सबसे आगे है। यहाँ पर 21 लाख बाल मजदूर है। पेट की आग बुझाने को वो कच्ची उम्र में काम करने को मजबूर है। उसके बाद महाराष्ट्र, बिहार का स्थान है। बच्चे छोटे मोटी दुकानों, माता-पिता के व्यवसाय में मदद, कारखानों, स्वयं का लघु व्यवसाय जैसे सामान बेचना, होटलों में वेटर, हेल्पर जैसे कामो में लगे हुए है।

भारत के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अनुसार देश में 2001 में 5 से 14 साल की उम्र के कुल 1.5 करोड़ बच्चे बाल मजदूरी को मजबूर थे। 2011 में 43.53 लाख बच्चे बाल मजदूर थे। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण स्तिथि है।  

हम सभी को मिलकर यह प्रण करना चाहिये की देश के बच्चो को उनका हक दिलाकर रहेंगे। उनका शोषण बंद करने में योगदान देंगे। उनको पढने के लिए स्कूल भेजेंगे। बाल मजदूरी, गरीबी, कुपोषण की समस्या को पूरी तरह से खत्म करेंगे।

यदि पंडित नेहरु के सपनों का देश बनाना है तो देश के बच्चो को उनका हक दिलाना होगा। अच्छी शिक्षा मिलने पर वो शिक्षक , इंजीनियर, वैज्ञानिक, वकील, जज, प्रशासनिक पदों पर जाकर देश का नाम रोशन करेंगे। हम सभी को “बाल दिवस” पूरे मन और उल्लास से मनाना चाहिये। इसी के साथ मैं अपना भाषण समाप्त करता हूँ। धन्यवाद!

बाल दिवस के लिए हिन्दी भाषण Speech on Childrens Day in Hindi (800 Words)

आदरणीय श्रोताओं को सुप्रभात। आज हम सभी यहां पर बाल दिवस के उपलक्ष्य पर इकठ्ठे हुए हैं। आदरणीय श्रोताओं, यह दिवस, राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है। मूल रूप से यह भारत के प्रथम प्रधानमंत्री, पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्मदिवस है, और पंडित नेहरू का बच्चों के प्रति अपार प्रेम होने के कारण इस दिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। 

आदरणीय श्रोताओं, पंडित नेहरू, भारत की आजादी में योगदान देने वाले दिग्गज नेताओं में से एक थे। वे भारत के पहले प्रधानमंत्री होने के साथ साथ, एक अच्छे प्रवक्ता और एक अच्छे वकील भी थे। आदरणीय श्रोताओं पंडित नेहरू ने हमेशा से ही बच्चों के प्रति अपार प्रेम को दर्शाया था। पंडित नेहरू कहते थे कि बच्चों का हृदय सीधा भगवान के हृदय से जुड़ा होता है और उनका मन अत्यधिक निर्मल होता है। 

पंडित नेहरू का बच्चों के प्रति प्रेम के कारण, उन्हे बच्चे चाचा नेहरू कहकर बुलाया करते थे। 

आदरणीय श्रोताओं मैं आज अपने विचारों को दो खंडों में आप सबके सामने रखना चाहूंगा। सर्वप्रथम मैं किसी भी राष्ट्र के निर्माण में, राष्ट्र के बच्चों के किरदार के बारे में, अपने विचार आप सभी के सामने रखना चाहूंगा। 

आदरणीय श्रोताओं, ऐसा माना जाता है कि बच्चे किसी भी राष्ट्र का भविष्य होते हैं। यह बात शत प्रतिशत सत्य है। आदरणीय श्रोताओं, दरअसल बच्चे किसी भी राष्ट्र का भविष्य होने के साथ ही उस राष्ट्र की धरोहर होते हैं। मेरे इस कथन को एक उदाहरण के माध्यम से समझा जा सकता है।

सबसे पहले आप यह देखें कि कोई भी राष्ट्र, जो कि संसाधनों से भरपूर हो, उसे हमेशा ही, मानव संसाधन की जरूरत होती है। दोस्तों इस दुनिया में किसी भी संसाधन का प्रयोग करने के लिए मानव संसाधन की जरूरत होती है। मान लीजिए कोई कार है।

कार एक कीमती संसाधन है और परिवहन के लिए काफी ज्यादा मददगार भी है, लेकिन क्या हो यदि उस कार का कोई ड्राइवर मौजूद न हो। क्या वह कार चल पाएगी। जी नहीं, वह कार नहीं चल पाएगी। उसी प्रकार आदरणीय श्रोताओं, किसी भी देश के पास कितने भी ज्यादा संसाधन क्यूं न हो, वह देश तब तक उन संसाधनों का प्रयोग नहीं कर सकता जब तक कि उनके पास मानव संसाधन न हों। 

आदरणीय श्रोताओं, किसी भी राष्ट्र के विकास में, उसके नागरिकों का विशेष योगदान होता है। वे राष्ट्र के नागरिक ही होते हैं जो राष्ट्र के लिए, एवं राष्ट्र की ओर से कार्य करते हैं। वे बच्चे जो अभी काफी छोटे हैं, वे बड़े होकर एक व्यस्क नागरिक होंगे।

उन पर यह जिम्मेदारी होगी कि वे अपने देश के लिए कार्य करें एवं अपने देश को अपना जीवन समर्पित करे। लेकिन आदरणीय श्रोताओं, ऐसा तब ही मुमकिन हो पाएगा जब उनमें राष्ट्र प्रेम होगा और राष्ट्र प्रेम के बीज उनके बचपन से ही बोए जा सकते हैं। 

आदरणीय श्रोताओं, बच्चे किसी खाली स्लेट की तरह होते हैं। उनके मन मस्तिष्क पर कुछ भी लिखा जा सकता है। वे उस मिट्टी की तरह होते हैं जिन्हे किसी भी रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। बच्चों की यही गुणवत्ता उन्हे सभी वर्गों से अलग बनाती है। पंडित जवाहर लाल नेहरू बच्चों के प्रति सदा ही उदार थे।

आदरणीय श्रोताओं पंडित नेहरू के इन्ही विचारों के कारण यह देखा जा सकता है कि भारत के नागरिक अमेरिका जैसे राष्ट्र में भी भारत का गौरव बढ़ा रहे हैं। आदरणीय श्रोताओं पंडित नेहरू यह चाहते थे कि हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार हो, इस कारण उन्होने अपनी पहली सरकार के दौरान कई ऐसे संस्थान शुरू किए जो भारतीय शिक्षा क्षेत्र में क्रांति साबित हुए। 

आदरणीय श्रोताओं, पंडित नेहरू ने आईआईटी, आईटीआई जैसे संस्थानों की स्थापना की, ताकि भारत के बच्चे विश्व में भारत का गौरव बढ़ा सकें। भारत के बच्चे, भारत का भविष्य है। आदरणीय श्रोताओं, पंडित नेहरू एक दूरदर्शी व्यक्ति थे। वे यह जानते थे कि यदि भारत को आगे बढ़ाना है तो भारत के बच्चों को आगे बढ़ाना होगा। 

बाल दिवस, उनके जन्मदिवस के अवसर पर मनाया जाता है। मैं आज के दिन आप सब से भी इस क्षेत्र में योगदान चाहता हूं। आदरणीय श्रोताओं हम सभी साक्षर हैं। आदरणीय श्रोताओं, पंडित नेहरू के देश में, बच्चों के प्रति इतने उदार नेता के देश में बाल मजदूरी अपने चरम पर है। आज हम यदि बाल मजदूरी के बारे में बात नहीं करें तो यह बाल दिवस का एक झूठा समारोह होगा। 

मैं इस मुद्दे के साथ अपने भाषण का दूसरा भाग शुरू करता हूं। आदरणीय श्रोताओं, बाल मजदूरी भारत में चरम पर है। पंडित जवाहर लाल नेहरू जी ने देश के लिए कई शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना तो की है लेकिन उन बच्चों को वहां तक पहुंचाना हमारा कर्तव्य है। हम सभी साक्षर हैं और इस ओर हम यह कदम उठा सकते हैं कि हम जरूरत मंदो को भी साक्षर बनाएं।

इस क्षेत्र में मैं दूसरा योगदान यह चाहता हूं कि आप सब, कहीं भी हो रही बाल मजदूरी के खिलाफ आवाज उठाएं। आदरणीय श्रोताओं, बाल मजदूरी को जब जड़ से खत्म कर दिया जाएगा हम तभी पंडित नेहरू के सोचे हुए बाल दिवस को मना पाएंगे। 

चलिए हम सब हाथ से हाथ मिला कर कसम खाएं कि हम अपने देश के भविष्य के नेताओं का अच्छा देखभाल और उनका सम्मान करेंगे जिससे की हम एक सुन्दर देश का निर्माण कर सकें।

मुझे उम्मीद है कि इस विषय पर आप सभी को मेरे विचार पसंद आए होंगे। मैं आप सभी का इस समारोह में स्वागत करता हूं एवं आदरणीय प्रबंधकों से इसे आगे बढ़ाने का निवेदन करता हूं। मुझे सुनने के लिए आप सभी का धन्‍यवाद। मैं अपनी वाणी को यहां विराम देता हूँ।

आशा करते हैं आपको बाल दिवस पर यह निबंध और भाषण पसंद आया होगा।

2 thoughts on “बाल दिवस पर भाषण व निबंध Childrens Day Speech and Essay in Hindi”

Leave a comment cancel reply.

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed .

hindi language bal diwas essay in hindi

HindiKiDuniyacom

बाल दिवस पर भाषण

बाल दिवस

हम नीचे विद्यार्थियों के लिए उनकी आवश्यकता और जरुरत के अनुसार विभिन्न शब्द सीमाओं में बाल दिवस पर भाषणों की एक श्रृंखला उपलब्ध करा रहे हैं। सभी उपलब्ध बाल दिवस के भाषण विशेष रुप से विद्यार्थियों के लिए सरल और आसान भाषा में लिखे गए हैं। वे इनमें से कोई भी अपनी आवश्यकता के अनुसार विद्यालय में आयोजित किसी भी भाषण प्रतियोगिता में बिना किसी झिझक के भाग लेने के लिए चुन सकते हैं।

बाल दिवस पर बड़ा और छोटा भाषण (Long and Short Speech on Children’s Day in Hindi, Bal Diwas par bhashan in Hindi)

भाषण – 1 (bal diwas par bhashan hindi mein).

आदरणीय महानुभाव, प्रधानाचार्य जी, अध्यापक व अध्यापिकाएं और मेरे सहपाठियों को सुप्रभात। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हम यहाँ स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री के जन्मदिन अर्थात् बाल दिवस को मनाने के लिए इकट्ठा हुये हैं। मैं इस महान उत्सव को अपने लिए, यादगार उत्सव बनाने के लिए बाल दिवस पर भाषण देना चाहती/चाहती हूँ। हर साल 14 नवम्बर को, पूरे देश के विद्यालयों और कॉलेजों में बाल दिवस के रुप में मनाया जाता है। 14 नवम्बर जवाहर लाल नेहरु का जन्म दिवस है।

उनका जन्म दिन बाल दिवस के रुप में इसलिए मनाया जाता है क्योंकि वह बच्चों से बहुत प्यार और स्नेह करते थे। उन्होंने अपने पूरे जीवनभर बच्चों को बहुत महत्व दिया और वह उनसे बात करना भी बहुत पसंद करते थे। वह हमेशा बच्चों के बीच में घिरे होना पसंद करते थे। बच्चों के प्रति उनके प्यार और लगाव के कारण बच्चे उन्हें चाचा नेहरु कहते थे।

यह दिन कैबिनेट मंत्रियों और उच्च अधिकारियों के साथ कुछ अन्य महत्वपूर्ण लोगों को शामिल करके शान्ति भवन में इकट्ठा होकर, सुबह के समय में महान नेता को श्रद्धांजलि अर्पित करके मनाया जाता है। वे सभी उनकी समाधि पर फूल माला अर्पित करके प्रार्थना और मंत्रों का जाप करते हैं। चाचा नेहरु के निस्वार्थ बलिदान, युवाओं को प्रोत्साहित करने, शान्तिपूर्ण राजनीतिक उपलब्धियों के लिए हार्दिक श्रद्धांजलि समर्पित की जाती है।

विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में बच्चों द्वारा इस दिन को बड़े उत्साह के साथ के मनाने के लिए अलग-अलग सांस्कृतिक कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। राष्ट्रीय प्रेणादायी और प्रोत्साहित करने वाले गीतों को गाया जाता है, स्टेज शो, नृत्य, छोटे नाटक आदि बच्चों द्वारा महान भारतीय नेता की याद में और बच्चों के प्रति उनके प्यार के कारण आयोजित किए जाते हैं। पं. जवाहर लाल नेहरु के बारे में, विद्यार्थियों के भाषण सुनने के लिए भारी भीड़ उपस्थित होती है। पं. नेहरु हमेशा बच्चों को पूरे जीवन भर देशभक्त और राष्ट्रप्रेमी बनने की सलाह देते थे। वह हमेशा बच्चों को अपनी मातृभूमि के लिए साहसिक कार्य करने और बलिदान देने के लिए प्रेरित करते थे।

भाषण – 2

प्रधानाध्यापक, सर, मैडम और मेरे प्यारे साथियों को नमस्कार। हम सभी बहुत खुशी के साथ यहाँ बाल दिवस मनाने के लिए एकत्र हुये हैं। मैं बाल दिवस के इस अवसर पर अपने विचार रखना चाहता/चाहती हूँ। बच्चे परिवार में, घर में, समाज में खुशी का कारण होने के साथ ही देश का भविष्य भी होते हैं। हम पूरे जीवन भर माता-पिता, शिक्षकों और अन्य संबंधियों के जीवन में बच्चों की भागीदारी और योगदान को नजअंदाज नहीं कर सकते।

बच्चे सभी के द्वारा पसंद किए जाते हैं और बिना बच्चों के जीवन बहुत ही नीरस हो जाता है। वे भगवान का आशीर्वाद होते हैं और अपनी सुन्दर आँखों, मासूम गतिविधियों और मुस्कान से हमारे दिल को जीत लेते हैं। बाल दिवस प्रत्येक वर्ष पूरे संसार में बच्चों को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है।

यह विभिन्न देशों में अलग-अलग तिथियों को मनाया जाता है हालांकि, यह भारत में 14 नवम्बर को मनाया जाता है। वास्तव में 14 नवम्बर महान स्वतंत्रता सेनानी और स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री (पं. जवाहर लाल नेहरु) का जन्म दिवस है हालांकि, बच्चों के प्रति उनके लगाव और स्नेह की वजह से इस दिन को बाल दिवस के रुप में मनाया जाता है। वे एक राजनीति नेता थे फिर भी, उन्होंने बच्चों के साथ बहुत ही कीमती वक्त बिताया और उनकी मासूमियत से वो बहुत प्यार करते थे। बाल दिवस का उत्सव मस्ती और उल्लास की बहुत सारी गतिविधियाँ लाता है। इस दिन का उत्सव बच्चों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने की याद दिलाता है, जिसमें बच्चों का कल्याण, उचित स्वास्थ्य, देखभाल, शिक्षा, आदि शामिल है। बच्चों को चाचा नेहरु के आदर्शों और बहुत सारा प्यार और स्नेह दिया जाता है। यह बच्चों के गुणों की प्रशंसा करने का अवसर है।

बच्चों को किसी भी मजबूत राष्ट्र की नींव की ईंट माना जाता है। बच्चे छोटे होते हैं किन्तु राष्ट्र में सकारात्मक परिवर्तन करने की क्षमता रखते हैं। वे आने वाले कल के जिम्मेदार नागरिक हैं क्योंकि देश का विकास उन्हीं के हाथों में है। बाल दिवस उत्सव उन अधिकारों की भी याद दिलाता है, जो बच्चों के लिए बनाये गए हैं और उनसे बच्चे लाभान्वित हो भी रहे हैं, या नहीं। बच्चे कल के नेता हैं इसलिए उन्हें अपने अभिभावकों, शिक्षकों और परिवार के अन्य सदस्यों से आदर, विशेष देख-रेख और सुरक्षा की आवश्यकता है। हमारे राष्ट्र में बहुत तरीकों से परिवार के सदस्यों, संबंधियों, पड़ौसियों या अन्य अजनबियों के द्वारा उनका शोषण किया जाता है। बाल दिवस का उत्सव परिवार, समाज और देश में बच्चों के महत्व को याद दिलाता है। बच्चों के कुछ सामान्य अधिकार निम्नलिखित हैं जो उन्हें अवश्य प्राप्त होने चाहिए।

  • उन्हें परिवार और अभिभावकों के द्वारा उचित देखभाल और प्यार मिलना चाहिए।
  • उन्हें स्वास्थ्यवर्धक खाना, स्वच्छ कपड़े और सुरक्षा जरुर मिलनी चाहिए।
  • उन्हें रहने के लिए स्वस्थ्य वातावरण प्राप्त होना चाहिए जहाँ वो घर, स्कूल या अन्य स्थानों पर सुरक्षित महसूस कर सकें।
  • उन्हें उचित और अच्छे स्तर की शिक्षा मिलनी चाहिए।
  • उन्हें विकलांग या बीमार होने पर विशेष देखरेख मिलनी चाहिए।

एक सुन्दर राष्ट्र का निर्माण करने के लिए हमें एकजुट होकर देश के नेताओं का वर्तमान और भविष्य सुनिश्चित करने की शपथ लेनी चाहिए।

सबसे पहले, आज बाल दिवस को मनाने के लिए यहाँ उपस्थित सभी को मेरा सुप्रभात। बाल दिवस के इस अवसर पर मैं, पं. जवाहर लाल नेहरु के जन्मदिवस को क्यों बाल दिवस के रुप में मनाया जाता है?, के बारे में अपने विचार आप सभी के सामने रखना चाहता/चाहती हूँ। मेरे सभी प्यारे मित्रों को बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। संयुक्त राष्ट्र की सभा में 20 नवम्बर को आधिकारिक रुप से बाल दिवस मनाने की घोषणा की गयी, लेकिन भारत में यह 14 नवम्बर को पं. नेहरु का जन्म दिवस होने के कारण, हर साल इसी दिन मनाया जाता है। उनका जन्म दिन बाल दिवस के रुप में मनाने के लिए बच्चों के प्रति उनके प्यार, लगाव और स्नेह को देखने के कारण चुना गया। वह लम्बें समय तक बच्चों के साथ खेलना और बात करना पसंद करते थे। वह पूरे जीवनभर बच्चों से घिरे रहना चाहते थे। उन्होंने देश के बच्चों और युवाओं की बेहतरी के लिए भारत की स्वतंत्रता के तुरंत बाद कठिन कार्य किए थे।

पंडित जवाहर लाल नेहरू इस देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए बच्चों के प्रति, विशेष रुप से उनके कल्याण, अधिकारों, शिक्षा और सम्पूर्ण सुधार के लिए बहुत अधिक उत्साहित और गर्भजोशी से भरे हुये थे। वह बहुत ही प्रेरणादायक और प्रेरित प्रकृति के थे। वह हमेशा बच्चों को कठिन परिश्रम और बहादुरी के कार्य करने के लिए प्रेरित करते थे। वह भारत में बच्चों के कल्याण और स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक चिन्तित थे, इसलिए उन्होंने बच्चों के लिए कठिन परिश्रम किया ताकि उन्हें बचपन से ही कुछ अधिकार प्राप्त हो सकें। बच्चों के प्रति उनके स्वार्थरहित प्रेम के कारण बच्चे उन्हें चाचा नेहरु कहते थे। 1964 में, उनकी मत्यु के बाद से, उनका जन्मदिन पूरे भारत में बाल दिवस के रुप में मनाया जाने लगा।

वह हमेशा बचपन को पसंद करते थे और हमेशा बिना किसी व्यक्तिगत, सामाजिक, राष्ट्रीय, पारिवारिक और वित्तीय जिम्मेदारी के उचित बचपन के समर्थक थे क्योंकि वे राष्ट्र के भविष्य और देश के विकास के लिए भी जिम्मेदार थे। बचपन जीवन का सबसे अच्छा चरण होता है जिसे सभी के लिए स्वस्थ्य और खुशियों से भरा होना चाहिए ताकि वे आगे अपने राष्ट्र का नेतृत्व करने के लिए तैयार रहें। यदि बच्चे मानसिक और शारीरिक रुप से अस्वस्थ्य होगें तो वे राष्ट्र के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान नहीं दे सकेंगे। इसलिए जीवन में बचपन की अवस्था सबसे महत्वपूर्ण चरण होती है जिसमें सभी अभिभावकों को अपने बच्चों को प्यार, देखभाल और स्नेह से पोषित करना चाहिए। देश का नागरिक होने के नाते, हमें अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुये राष्ट्र के भविष्य को बचाना चाहिए।

बाल दिवस बहुत ही मस्ती और उल्लास की गतिविधियों जैसे खेल-कूद, इनडोर खेल, आउटडोर खेल, नृत्य, नाटक-नाटिका, राष्ट्रीय गीत, भाषण, निबंध लेखन आदि के आयोजन के द्वारा मनाया जाता है। यह वो दिन है, जिस दिन बच्चों पर से सभी प्रतिबंधों को हटा लिया जाता है और उन्हें अपनी इच्छा के अनुसार उत्सव मनाने की अनुमति दी जाती है। इस अवसर पर विद्यार्थी शिक्षकों द्वारा आयोजित क्विज प्रतियोगिता या अन्य विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं जैसे; चित्रकला प्रतियोगिता, मार्डन ड्रेस शो, गायन, और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेकर अपनी योग्यता को प्रदर्शित करने के लिए प्रेरित किए जाते हैं।

आदरणीय प्रधानाध्यापक, सर, मैडम और मेरे प्यारे मित्रों को मेरा नम्र नमस्कार। मैं बाल दिवस के इस अवसर पर, बाल दिवस उत्सव और बच्चों के महत्व पर अपने विचार प्रस्तुत करना चाहता/चाहती हूँ। मैं अपने कक्षा अध्यापक का/ की बहुत आभारी हूँ, जिन्होंने मुझे आप सभी के सामने इस महान अवसर पर अपने विचार रखने का अवसर प्रदान किया। बाल दिवस विभिन्न देशों में भिन्न तिथियों को मनाया जाता है हालांकि, यह भारत में हर साल 14 नवम्बर को पंडित जवाहर लाल नेहरु के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। 14 नवम्बर स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री पं. नेहरु का जन्मदिन है जिसे बाल दिवस के रुप में, पूरे भारत में, हर साल मनाया जाता है। जबकि, 1 जून को अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस के रुप में और वहीं 20 नवम्बर को यूनिवर्सल बाल दिवस के रुप में मनाया जाता है।

पं. जवाहर लाल नेहरु बच्चों के सच्चे दोस्त थे। वह बच्चों के साथ खेलना और बातें करना पसंद करते थे। वह भारत के प्रधानमंत्री थे हालांकि, देश के प्रति अपनी राजनीतिक जिम्मेदारियों का पालन करते हुये भी, बच्चों के बीच में रहना पसंद करते थे। वह बहुत ही मिलनसार व्यक्ति थे, हमेशा बच्चों को देश का देशभक्त और सुखी नागरिक बनने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करते थे। बच्चे उनके प्रेम और स्नेह के कारण उन्हें चाचा नेहरु कहते थे। वह अपने पूरे जीवन भर गुलाबों और बच्चों के शौकीन थे। एक बार उन्होंने कहा था कि, बच्चे बगीचों की कलियों की तरह होते हैं। वह देश में बच्चों की स्थिति को लेकर बहुत चिन्तित थे क्योंकि वह बच्चों को देश का भविष्य समझते थे। वह चाहते थे कि, देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए बच्चे बहुत ही सावधानी और प्यार से उनके माता-पिता के द्वारा पोषित किए जाये।

वह बच्चों को देश की वास्तविक ताकत समझते थे। वह लड़की और लड़कों दोनों को समान रुप से प्यार करते थे और राष्ट्र के वास्तविक विकास के लिए उन्हें समान अवसर प्रदान करने में विश्वास करते थे। बच्चों के लिए उनका वास्तविक प्यार चाचा नेहरु नाम (पैट नेम) प्राप्त करने का कारण बना। उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए, 1964 में मृत्यु के बाद से, उनका जन्मदिन बाल दिवस के रुप में पूरे भारत में मनाया जाने लगा। यह विभिन्न प्रकार की गतिविधियों जैसे; गायन, लघु नाटक, नृत्य, निबंध, भाषण आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन करके मनाया जाता है।

बाल दिवस उत्सव का आयोजन देश के भविष्य के निर्माण में बच्चों के महत्व को बताता है। इस उत्सव का आयोजन करने का उद्देश्य सभी भारतीय नागरिकों के लिए अपने छोटे बच्चों को, सभी हानियों से बचाकर उन्हें बेहतर बचपन प्रदान करने के द्वारा उनकी सुरक्षा करना है। आजकल, बच्चे बहुत प्रकार की सामाजिक बुराईयों का शिकार हो रहे हैं जैसे: ड्रग, बाल शोषण, शराब, यौन, मजदूरी, हिंसा आदि। वे बहुत ही छोटी उम्र में थोड़े से रुपये प्राप्त करने के लिए कठिन परिश्रम करने के लिए मजबूर किए जाते हैं। वे स्वस्थ्य जीवन, अभिभावकों के प्यार, शिक्षा, और अन्य बचपन की खुशियों से वंचित रह जाते हैं। बच्चे राष्ट्र की बहुमूल्य सम्पत्ति होने के साथ ही भविष्य और कल की उम्मीद हैं, इसलिए उन्हें उचित देखरेख और प्यार मिलना चाहिए।

संबंधित पोस्ट

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर भाषण

बाल मजदूरी

बाल मजदूरी पर भाषण

खेल

खेल पर भाषण

क्रिसमस

क्रिसमस पर भाषण

बॉस

बॉस के लिए विदाई भाषण

विद्यार्थी

विद्यार्थियों के लिए विदाई भाषण

  • Now Trending:
  • Nepal Earthquake in Hind...
  • Essay on Cancer in Hindi...
  • War and Peace Essay in H...
  • Essay on Yoga Day in Hin...

HindiinHindi

बाल दिवस पर निबंध essay on children’s day in hindi – bal diwas essay in hindi.

Ajj hum bal diwas par nibandh likhne wale hai jise hum Essay on children’s day in Hindi bhi bolte hai. बाल दिवस पर निबंध। What is bal diwas in Hindi? Bal diwas is children’s day in Hindi language बाल दिवस पर निबंध. Now you kids can give a speech on 14 November children’s day in Hindi. Students feel difficulty in giving children’s day speech in Hindi or sometime children’s day speech in Hindi for teachers that you like the most. Bal Diwas essay in Hindi is asked in most of the exams and bal diwas speech in Hindi/ bal diwas par bhashan will help you give confidence. Baldivas in Hindi 300 words essay. We are going to add poem on children’s day in Hindi and children’s day quotes in Hindi. Learn Bal Diwas essay in Hindi pdf will help you bring better results. Read Children’s day essay in Hindi.

Essay on Children’s Day in Hindi

hindiinhindi Bal Diwas Essay in Hindi

Essay on Children’s Day in Hindi 300 Words

बाल दिवस भारत के महान नेता पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिवस 14 नवंबर को हर साल मनाया जाता है। उनका जन्म 14 नवंबर, 1889 को इलाहाबाद में हुआ था। पंडित जवाहर लाल नेहरु जी स्वतंत्र भारत के पहले प्रधान मंत्री थे जिन्हें हम चाचा नेहरू के रूप में भी जानते हैं। उनका जन्मदिन देश के बच्चों के लिए उनके महान प्रेम और स्नेह के कारण बाल दिवस मनाया जाता है। पंडित नेहरु जी एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने महात्मा गाँधी जी और सभी क्रांतिकारियों के साथ मिलकर कई आन्दोलन किये और आरत को अंग्रेजो की गुलामी से मुक्त कराने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था।

जवाहर लाल नेहरू जी के अनुसार, बच्चे देश के उज्ज्व ल भविष्य हैं। उन्हें अच्छी तरह से ज्ञात था कि देश का उज्ज्वल भविष्य बच्चों के उज्ज्वल भविष्य पर ही निर्भर है। उनका मानना था की बच्चों को शिक्षित बनाने, बाल श्रम पर अंकुश लगाने, उनके पोषण का उचित ध्यान रखने तथा उनके चारित्रिक विकास के लिए प्रयासरत रहने से बच्चों का भविष्य सँवारा जा सकता है।

बाल दिवस बहुत से कार्यक्रम और गतिविधियों के साथ मनाया जाता है साथ ही साथ स्कूल की इमारतों को बहुरंगा पेंट, रंगीन गुब्बारे और अन्य सजावटी सामग्री से सजाया जाता है। बाल दिवस छात्रों के लिए एक मजेदार दिन होता है क्योंकि यह दिन खेल, नृत्य, नाटक, भाषण, निबंध लेखन, राष्ट्रीय गान आदि के साथ मनाया जाता है। बाल दिवस वह दिन होता है जब शिक्षक बच्चों से सभी प्रतिबंध हटा देते हैं ताकि बच्चे इस दिन को अपनी इच्छा अनुसार मना सके।

कुछ छात्र नेहरू जी जैसे कपड़े पहनते हैं और कोट के बटन छेद में गुलाब डालते हैं ताकि वे नेहरू जी की तरह दिख सकें। छात्र मंच में जाकर नेहरू जी की तरह ही भाषण देते हैं और नाटक करते हैं। वहां पर मौजूद सभी बच्चों के माता – पिता, मुख्य अतिथि, शिक्षक यह सब देख बहुत प्रसन्न होते हैं। मुख्य अतिथि और माता पिता शात्रो द्वारा किये गए कार्यक्रम की बहुत प्रशंसा करते है। अंत में बच्चों को उनकी योग्यता के अनुसार पुरस्कार वितरण किया जाता है। पुरस्कार पाकर बच्चे बहुत प्रसन्न होते है।

Essay on Children’s Day in Hindi 350 Words

बाल दिवस पंडित जवाहर लाल नेहरु के जन्मदिन पर मनाया जाता है। उनके अनुसार, बच्चे देश का भविष्य है। उन्हें ये अच्छे से पता था कि देश का उज्ज्वल भविष्य बच्चों के भविष्य पर निर्भर करेगा। वह कहते थे कि कोई भी देश कभी भी अच्छे से विकास नहीं कर सकता अगर उसके बच्चे कमजोर, गरीब और उचित ढंग से विकास न हुआ हो। जब उनको ये महसूस हुआ कि बच्चे देश का भविष्य है तो उन्होंने अपने जन्मदिन को बाल दिवस के रुप में मनाने का निश्चय किया, जिससे देश के बच्चों पर ध्यान केन्द्रित किया जाये तथा उनकी स्थिति में सुधार लाया जाये। ये 1956 से ही पूरे भारत में हर साल 14 नवंबर के दिन मनाया जा रहा है।

इसे नेहरू जयंती कहें या फिर बाल दिवस, यह दिन पूर्णतरू बच्चों के लिए समर्पित है। इस दिन बच्चों से जुड़े विभिन्न मुद्दों जैसे शिक्षा, संस्कार, उनकी सेहत, मानसिक और शारीरिक विकास हेतु जरूरी विषयों पर विचार विमर्श किया जाता है। कई स्कूलों व संस्थानों में बाल मेला एवं प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं, ताकि बच्चों की क्षमता और प्रतिभा को और बढ़ावा मिले। इस दिन विशेष रूप से गरीब बच्चों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने एवं बाल श्रम एवं बाल शोषण जैसे गंभीर मुद्दों पर भी विचार विमर्श किया जाता है।

बच्चे नाजूक मन के होते हैं और हर छोटी चीज या बात उनके दिमाग पर असर डालती है। उनका आज, देश के आने वाले कल के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसलिए उनके क्रियाकलापों, उन्हें दिए जाने वाले ज्ञान और संस्कारों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही बच्चों की मानसिक और शारीरिक सेहत का ख्याल रखना भी बेहद जरूरी है। बच्चों को सही शिक्षा, पोषण, संस्कार मिले, यह देशहित के लिए बेहद अहम है, क्योंकि आज के बच्चे ही कल का भविष्य है।

दुनिया का सबसे सच्चा समय, दुनिया का सबसे अच्छा दिन, दुनिया का सबसे हसीन पल, सिर्फ बचपन में ही मिलता है, इसलिए आप सभी को बाल दिवस की बधाई..

More Essay in Hindi

Jawaharlal Nehru Essay in Hindi

Essay on importance of education in Hindi

Essay on Pen in Hindi

Essay on co education in Hindi

Adult Education Hindi

Thank you for reading. Don’t forget to give us your feedback.

अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करे।

Share this:

  • Click to share on Facebook (Opens in new window)
  • Click to share on Twitter (Opens in new window)
  • Click to share on LinkedIn (Opens in new window)
  • Click to share on Pinterest (Opens in new window)
  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)

About The Author

hindi language bal diwas essay in hindi

Hindi In Hindi

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Email Address: *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Notify me of follow-up comments by email.

Notify me of new posts by email.

HindiinHindi

  • Cookie Policy
  • Google Adsense

Hindi Diwas Essay in Hindi

Hindi Diwas Essay in Hindi: हिंदी भाषा का महत्व पर निबंध

क्या आप भी “Hindi Diwas Essay in Hindi” की तलाश कर रहे हैं? यदि हां, तो आप इंटरनेट की दुनिया की सबसे बेस्ट वेबसाइट essayduniya.com पर टपके हो. यदि आप Hindi Diwas Essay in Hindi, Hindi Bhasha Par Nibandh, Hindi Par Nibandh, Hindi Language Essay in Hindi, Hindi Diwas Par Nibandh , Hindi ka Mahatva Essay in Hindi यही सब सर्च कर रहे हैं तो आपका इंतजार यही पूरा होता है.

Hindi Diwas Essay in Hindi

यहां हम आपको “Hindi Diwas Essay in Hindi” उपलब्ध करा रहे हैं. इस निबंध/ स्पीच को अपने स्कूल या कॉलेज के लिए या अपने किसी प्रोजेक्ट के लिए उपयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही यदि आपको किसी प्रतियोगिता के लिए भी Hindi Diwas Essay in Hindi तैयार करना है तो आपको यह आर्टिकल पूरा बिल्कुल ध्यान से पढ़ना चाहिए. 

Hindi Diwas Essay in Hindi 100 Words 

हर साल 14 सितंबर के दिन हिन्दी दिवस (Hindi Diwas) मनाया जाता है। अपने विचार और भावनाओं को मौखिक और लिखित रूप से प्रकट करने के लिए हमें भाषा की आवश्यकता होती है। इसलिए भाषा बहुत अधिक महत्वपूर्ण होती है। भारत विविधताओं वाला देश है, जिसमें विभिन्न धर्म, जाती के लोग रहते हैं, लेकिन इन सभी लोगों को हिंदी भाषा ने जोड़ कर रखा हुआ है। यह सबसे प्राचीनतम भाषाओं में से एक है और मुख्य रूप से भारत में बोली जाती है। हिंदी भाषा के महत्त्व को जानते हुए ही इसे राष्ट्र भाषा को उपाधि दी गई है। यह हमारे राष्ट्र की धरोहर है, हमें इसे संजोए रखना चाहिए। 

गणेश चतुर्थी पर भाषण हिंदी भाषा का महत्व भाषण Hindi Diwas Speech in English G20 शिखर सम्मेलन पर निबंध Rajasthan Mission 2030 Essay in Hindi आत्मनिर्भर भारत पर निबन्ध My Vision for My Rajasthan in 2030 Essay PDF Download मेरी माटी मेरा देश अभियान पर निबंध

Hindi Bhasha Par Nibandh 150 Words 

हिंदी भाषा भारत में बोली जाने वाली मुख्य भाषा है। इसे सदियों से हमारे पूर्वज और अब हमारे द्वारा संवाद के लिए उपयोग किया जाता है। यह हमारी धरोहर है, जिसे हमें सुरक्षित रखते हुए अपनी आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना है। हिंदी भाषा का महत्व बढ़ाने और इसके प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए हर साल 14 सितंबर के दिन हिंदी दिवस मनाया जाता है। भारत विविधताओं वाला देश है, हिंदी भाषा भारत की विविधता में एकता को दर्शाती है। यहां मुख्य रूप से संवाद और आम बोलचाल के लिए हिंदी भाषा का प्रयोग किया जाता है। स्कूलों में भी प्रारंभिक कक्षा से ही हिंदी भाषा को मुख्य विषय के रूप में पढ़ाया जाता है। हिन्दी बहुत प्राचीन और देश की राष्ट्र भाषा है। हमें हिंदी भाषा के महत्व को बरकाराकर रखना चाहिए एवम इसका सम्मान करना चाहिए।

Hindi Language Essay in Hindi 200 Words

हिंदी दिवस राष्ट्रीय उत्सव है, जिसे हर साल 14 सितंबर के दिन मनाया जाता हैं। हिंदी भाषा मुख्य रूप से भारत में बोली जाती है, इसके अलावा विश्व के करीब 420 मिलियन से भी ज्यादा लोगों द्वारा पहली भाषा के रूप में हिंदी का उपयोग किया जाता है। जबकि विश्व के 120 मिलियन लोग दूसरी भाषा के तौर पर हिंदी भाषा को संवाद और आम बोलचाल के लिए प्रयोग करते हैं। हिंदी दिवस एक अवसर है, हिंदी भाषा को सम्मान देने एवं उसके गौरव को बढ़ाने का।

हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है और एक भारतीय होने के नाते हमें अपनी भाषा पर गर्व करना चाहिए और इसे सम्मान देना चाहिए। हमें केवल जरूरत के अनुसार ही अन्य भाषा जैसे अंग्रेजी का उपयोग करना चाहिए। क्योंकि हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है इसलिए हमें इसका सर्वाधिक उपयोग करना चाहिए एवं अपनी भविष्य की पीढ़ी को इसका महत्व समझाना चाहिए, ताकि वह भी इसका महत्व समझें और इसका उपयोग करें।

हिंदी भाषा को सम्मान देने के लिए हर साल 14 सितंबर एक दिन राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है, जबकि इसका विस्तार करने और वैश्विक स्तर पर इसका महत्व समझाने के लिए 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। हिंदी भाषा भारतीयों की पहचान है और इस पहचान पर हमें गर्व होना चाहिए।

Hindi Diwas Par Nibandh 250 Words 

हर साल 14 सितंबर के दिन भारत में राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है। यह दिन हिंदी भाषा का महत्व बढ़ाने और उसे सम्मान देने के लिए मनाया जाता है।  भारत में सर्वप्रथम हिंदी दिवस को सन 1953 में 14 सितंबर के दिन मनाया गया था। हिंदी दिवस को मनाने का फैसला प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी द्वारा किया गया था। आजादी के बाद भारत की संविधान सभा ने 14 सितंबर 1950 को हिंदी को देश की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया था।

सन 1950 को 26 जनवरी के दिन संविधान के अनुच्छेद 343 में हिंदी भाषा को आधिकारिक भाषा का दर्जा प्रदान किया गया। सन 2006 में पहली बार 10 जनवरी के दिन हिंदी को विश्व के स्तर पर पहचान देने के लिए विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Day) मनाया गया। 14 सितंबर का दिन हमारे लिए अपनी राष्ट्रभाषा हिंदी के महत्व और गौरव को मनाने का दिन है। राष्ट्रभाषा के उपयोग से भारतीय समाज एवं राष्ट्र का विकास हो रहा है। यह सबसे प्राचीनतम एवं सरलता से समझ आने वाली भाषा है।

इस दिन स्कूल कॉलेज में हिंदी दिवस की थीम पर आयोजन किया जाता है, जिसमें निबंध लेखन, कविता वाद-विवाद, पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिताएं होती हैं। आज समय की मांग को देखते हुए हर कोई अंग्रेजी भाषा के पीछे भाग रहा है। यह गलत भी नहीं है, लेकिन भारतीयों को अपनी राष्ट्रभाषा की तुलना किसी अन्य भाषा से न करके उसके प्रति गर्व महसूस करना चाहिए। हमें अवश्यकता पड़ने पर ही अन्य भाषा का उपयोग करना चाहिए। हम भारतीयों को अपनी राष्ट्रभाषा का सम्मान करना चाहिए एवं हिंदी भाषा पर गर्व करना चाहिए।

Hindi ka Mahatva Essay in Hindi 300 Words 

14 सितंबर के दिन हर साल पूरे भारत में राष्ट्रीय हिंदी दिवस को मनाया जाता है। हिंदी दिवस हर एक भारतीय और हिंदी भाषी के लिए अति महत्वपूर्ण है। हम सभी लोग जानते हैं, कि भारत विविधताओं वाला देश है, जिसमें विभिन्न धर्म, जाति, वेशभूषा और परंपरा को मानने वाले लोग रहते हैं लेकिन हम सबको हिंदी भाषा में जोड़कर रखा हुआ है, क्योंकि सभी लोगों द्वारा हिंदी भाषा का उपयोग किया जाता है।

भारत की आजादी के बाद हिंदी भाषा को उचित सम्मान देने के लिए संविधान सभा ने 14 सितंबर 1950 के दिन देवनागिरी लिपि हिंदी को भारत के आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में चुना और 26 जनवरी 1950 के दिन संविधान के अनुच्छेद 343 में हिंदी भाषा को आधिकारिक रूप से भारतीय भाषा का दर्जा दे दिया गया। राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाने का फैसला प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी का था जिसके बाद देश में सबसे पहले 14 सितंबर 1953 को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया गया। इसके अलावा 10 जनवरी के दिन विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है, जो सबसे पहले 2006 में मनाया गया था।

हिंदी दिवस को स्कूल कॉलेज एवं अन्य सरकारी तथा गैर सरकारी संगठनों द्वारा मनाया जाता है। हिन्दी दिवस के आयोजन पर पोस्टर मेकिंग, निबंध लेखन, कविता भाषण एवं वाद-विवाद आदि प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है। इस वर्ष 2023 में पूरे भारत में 14 सितंबर से लेकर 29 सितंबर 2023 के बीच में हिंदी पखवाड़े का आयोजन किया जाएगा। हिंदी भारत की बहुत पुरानी भाषा है, हमारे साहित्यकारों द्वारा हिन्दी भाषा में कई रचनाएं लिखी गई हैं।

आज समय के साथ लोगों का भाषा के लिए नजरिया बदल गया है, वे एक भाषा को ऊपर तथा अन्य भाषा को नीचा देखते हैं। किसी भाषा के न आने पर वे शर्मिंदा होते हैं, लेकिन हमें यह समझने की अवश्यकता है की भाषा अपने विचार, भावना को व्यक्त करने का माध्यम है, यह प्रतियोगिता का विषय नहीं है। हम भारतीयों को आज अपनी भाषा का मूल समझते हुए, उसका उपयोग सर्वाधिक उपयोग करने की आवश्यकता है। हमें अपनी राष्ट्रीय भाषा हिंदी का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए एवं इस पर गर्व होना चाहिए।

Essay on Importance of Hindi 500 Words 

14 सितंबर के दिन हर साल राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है। जबकि विश्व हिंदी दिवस को 10 जनवरी के दिन मनाया जाता है। हिंदी भाषा का इतिहास में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान और गौरवशाली इतिहास है। हिंदी भाषा कई साहित्यकारों की रचनाओं एवं स्वतंत्रता संग्राम की कहानियों में लिखी गई है। भारत में यूं तो कई सारी भाषाएं बोली जाती हैं, लेकिन मुख्य रूप से हिंदी भाषा का उपयोग किया जाता है। हिंदी भाषा केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के करीब 600 मिलियन से भी ज्यादा अधिक लोगों द्वारा उपयोग की जाती है। हर साल हिंदी भाषा को सम्मान देने एवं इसकी महत्वता को बढ़ाने के लिए हिंदी दिवस को मनाया जाता है। 

हिन्दी दिवस 14 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है?

हिंदी दिवस को 14 सितंबर के दिन मनाने का मुख्य कारण यह है कि इसी दिन सन 1950 में महात्मा गांधी जी ने दक्षिण भारतीय राजभाषा कमिशन को गठित किया था। इसका उद्देश्य हिंदी भाषा को भारत की राजभाषा के रूप में प्रचारित और प्रसारित करने का था। सन 1950 में 14 सितंबर के ही दिन संविधान सभा ने देवनागरी लिपि हिंदी को देश की आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में चुना था और इसके साथ ही 26 जनवरी 1950 में संविधान के अनुच्छेद 343 में हिंदी को आधिकारिक रूप से राष्ट्रीय भाषा का दर्जा प्रदान किया गया था। सन 1953 में 14 सितंबर के दिन पूरे देश में पहली बार हिंदी दिवस को मनाया गया था। 

हिंदी का महत्व

हिंदी भाषा का सबसे बड़ा महत्व तो यह है, कि वह हमारी राष्ट्रीय और प्राचीनतम भाषाओं में से एक है। हिंदी भाषा का उद्भव संस्कृत भाषा से हुआ है और संस्कृत भाषा देवताओं के समय की भाषा मानी जाती है। हिंदी भाषा में कई साहित्य, वेद एवं भारतीय संस्कृति और धार्मिक ग्रंथ लिखे गए हैं। अंग्रेजों द्वारा भारत पर कई अत्याचार किए गए एवं अंग्रेजों ने अपनी सभ्यता की छाप भारत पर छोड़ने की पूरी कोशिश की लेकिन भारत ने अपनी संस्कृति को बनाए रखने का भरसक प्रयास किया। इसीलिए ही संविधान सभा ने हिंदी को राष्ट्रीय भाषा के रूप में पहचान दिलाने के लिए राष्ट्रीय हिंदी दिवस को मनाए जाने का महत्वपूर्ण फैसला लिया, ताकि लोग अपने देश की प्राचीन भाषा और संस्कृति से जुड़े रहें। 

हिंदी दिवस कैसे मनाया जाता है?

हिंदी दिवस को भारत में पहली बार 1953 में मनाया गया था, तब से लेकर आज तक यहां भारत में हर साल मनाया जा रहा है। इस दिन को मनाने के लिए विभिन्न स्कूलों और कॉलेज के साथ सरकारी तथा गैर सरकारी संगठनों में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें भाषण, साहित्यिक प्रस्तुतियां, गीत, नृत्य एवं कविता आदि शामिल है। इस साल 2023 में 14 सितंबर से लेकर 29 सितंबर के बीच हिंदी पखवाड़े का आयोजन किया जाएगा। इन आयोजनों एवं कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को राष्ट्रीय भाषा के महत्व को समझने का अवसर मिलता है। 

भारतीयों के लिए उनकी संस्कृति, परंपरा एवं भाषा उनका गौरव एवं धरोहर है। हिंदी भाषा हमारे देश में प्राचीन काल से बोली जाने वाली भाषा है, एवं इस भाषा में भारत की संस्कृति, साहित्य एवं आजादी के लिए किए गए प्रयासों की कहानी लिखी गई है। राष्ट्रिय एवं विश्व हिंदी दिवस जैसे आयोजन हमारी राष्ट्र भाषा के महत्व को जानने एवम उसको सम्मान देने के लिए मनाए जाते हैं। हम भारतीयों की पहचान हमारी संस्कृति, परंपरा और हमारी भाषा ही है, इसलिए हमें अपनी पहचान को खुलकर एवम गर्व से व्यक्त करना चाहिए। 

Hindi ka Mahatva Essay in Hindi

हमारे सभी प्रिय विद्यार्थियों को इस “Hindi Diwas Essay in Hindi ” जरूर मदद हुई होगी यदि आपको यह Hindi ka Mahatva Essay in Hindi अच्छा लगा है तो कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह Hindi Diwas Essay in Hindi कैसा लगा? हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा और आपको अगला Essay या Speech कौन से टॉपिक पर चाहिए. इस बारे में भी आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम आपके अनुसार ही अगले टॉपिक पर आपके लिए निबंध ला सकें.

G20 शिखर सम्मेलन पर निबंध Rajasthan Mission 2030 Essay in Hindi विश्व साक्षरता दिवस पर निबंध आत्मनिर्भर भारत पर निबन्ध My Vision for My Rajasthan in 2030 Essay PDF Download मेरी माटी मेरा देश अभियान पर निबंध 2047 का भारत निबंध Hindi एक भारत श्रेष्ठ भारत पर निबंध Clean India Green India Essay in Hindi

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

हिंदी गुरुजी.कॉम

Header ads widget.

हिंदी गुरुजी.कॉम

  • शैक्षिक
  • _Multi DropDown
  • __DropDown 1
  • __DropDown 2
  • __DropDown 3
  • साहित्य

Veer Bal Diwas Essay in Hindi | वीर बाल दिवस पर निबंध

Veer bal diwas essay in hindi: वीर बाल दिवस पर निबंध.

क्या आप भी  Veer Bal Diwas Essay in Hindi की तलाश कर रहे हैं? यदि हां, तो आप इंटरनेट की दुनिया की सबसे बेस्ट वेबसाइट ncerthindi.com पर  आपका स्वागत हैं । यदि आप Veer Bal Diwas Essay, Essay on Veer Bal Diwas, Veer Bal Diwas Nibandh, Veer Bal Diwas यही सब सर्च कर रहे हैं तो आपका इंतजार यही पूरा होता है।

Veer Bal Diwas Essay in Hindi

यहां हम आपको  Veer Bal Diwas Essay in Hindi उपलब्ध करा रहे हैं। इस निबंध को आप कक्षा 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के लिए या अपने किसी प्रोजेक्ट के लिए उपयोग कर सकते हैं। इसके साथ ही यदि आपको किसी प्रतियोगिता के लिए भी Essay on Veer Bal Diwas लिखना है तो आपको यह आर्टिकल पूरा बिल्कुल ध्यान से पढ़ना चाहिए।

Veer Bal Diwas Essay in Hindi 100 Words

अब से हर साल 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाया जाएगा।  बाल दिवस मनाने की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने की है।   इस दिवस को गुरु गोविंद सिंह के छोटे बेटे के लिए मनाया जाएगा।  गुरु गोविंद सिंह के दोनों छोटे पुत्रों को मुगलों द्वारा दीवार में चुनवा दिया गया था।  उन्होंने अपनी जान देकर भी अपने धर्म को सुरक्षित रखा।  गुरु गोविंद सिंह के सामने उनके दोनों पुत्रों को मृत्यु दे दी गई।  उनका बलिदान व्यर्थ ना जाए।  इसलिए नरेंद्र मोदी जी ने यह घोषणा की है कि 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाया जाएगा।  इस दिन उन दोनों छोटे वीरों के शौर्य और आदर्श की कहानी सबको सुनाई जाएगी।

Veer Bal Diwas Essay in Hindi 150 Words

दोनों ने खुशी-खुशी मौत स्वीकार कर ली लेकिन मुगलों के आगे अपने घुटने नहीं टेके।  लेकिन उनके इस बलिदान के बारे में सब लोग नहीं जानते थे।  इसलिए उनकी शौर्य गाथा को याद रखने के लिए नरेंद्र मोदी जी ने 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की।  ताकि लोग चारों वीर भाइयों के बलिदान को याद कर सके।  गुरु गोविंद सिंह के पुत्रों के बलिदान से प्रेरित होकर लोग अपने धर्म के प्रति जागरूक हो सकेंगे।

Veer Bal Diwas Essay in Hindi 200 Words

अपने पुत्रों के बलिदान को देखकर वे और भी अपने धर्म के प्रति जागरूक हो गए।  गुरु गोविंद सिंह पर किए गए सारे अत्याचारों के बारे में तो हम सभी लोग जानते हैं और उसके लिए उन्हें पूजते भी हैं।  लेकिन उनके बच्चों का बलिदान व्यर्थ होता दिखाई दे रहा है लोग उनके बलिदान के बारे में इतना नहीं जानते।  इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा 26 दिसंबर को गुरु गोविंद सिंह के पुत्रों के बलिदान के लिए वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा।  इस दिन देश के सभी लोगों को गुरु गोविंद सिंह और उनके बेटों के द्वारा दिए गए बलिदान के बारे में बताया जाएगा।  ताकि लोग अपने छोटे वीर स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में जान सके और उन्हें सम्मान दे सके।

Veer Bal Diwas Essay in Hindi 300 Words

प्रस्तावना

प्रधानमन्त्री मोदी जी ने 26 दिसम्बर 2022 को वीर दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है।  मुगलों के साथ हुए युद्ध में सिखों के गुरु गोविंद सिंह ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था।  उन्होंने देश के लोगों को अपने धर्म के प्रति जागरूक होने के लिए और धर्म परिवर्तन ना करने के लिए काफी प्रेरित किया।  गुरु गोविंद सिंह और उनका पूरा परिवार सिख धर्म का प्रतीक था।  उन्होंने सिख धर्म को आगे बढ़ाने का कर्तव्य अपने हाथों में लिया था।  जिसके लिए चाहे कुछ भी हो जाए वे, लोगों को अपना धर्म परिवर्तन नहीं करने देंगे और मुगलों के खिलाफ एकता से लड़ेंगे या उनके उपदेश थे।

कौन है वीर बालक

Essay on Veer Bal Diwas – 26 December in Hindi

वीर बाल दिवस

सिखों के दसवे गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंहजी के दोनों छोटे साहिबजादो के बलिदान दिवस को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है ।  यह दिन 26 दिसम्बर को आता है ।  यह निर्णय भारत सरकार के यशस्वी प्रधान सेवक श्री नरेन्द्र दामोदर दस मोदी द्वारा सन 2021 को लिया गया ।  यह एक सहरानीय कदम है ।  सभी सिख समाज द्वारा इस निर्णय का स्वागत किया गया है ।  26 दिसम्बर , 2022 में इसे पहली बार मनाया जायेगा ।

गुरूजी के दोनों छोटे साहिबजादो को इसी दिन सन 1704 इ में मुग़ल शासक औरंगजेब द्वारा शहादत दे दी गई थी ।  उस समय दोनों साहिबजादो की आयु मात्रा 9 वर्ष और 6 वर्ष थी ।  साहिबजादे जोरावर सिंह केवल 9 वर्ष के थे और साहिबजादे फतेहसिंह केवल 6 वर्ष के थे ।  आयु के इस बाल रुपे में साहिबजादो का सहस बहुत ही अधिक था ।

साहिबजादो को इस्लाम काबुल लेने के लिए कहा गया ।  परन्तु उन्होंने निडर रहते हुए सीखी को न छोड़ने की बात कही और अपने धर्म पर बलीदान देने को तैयार हो गये ।  औरंगजेब ने दोनों को जिन्दा ही दीवार में चीन देने का हुक्म सुना दिया ।  दोनों साहिबजादो ने निडरता और साहस का परिचय दिया और इसे स्वीकार कर लिया ।  जब उन्हें दीवार में चिनवाया जा रहा था तो वो दोनों जपजीसाहिब का पाठ कर रहे थे ।  जैसे ही दीवार उनके कंधो (पर) तक पहुंची तो औरंगजेब ने निर्दयता से दोनों साहिबजादो के शीश धड से अलग लार दिए और उन्हें सहीद कर दिया ।

“ वाहे गुरूजी का खालसा , वाहे गुरूजी की फ़तेह”

निष्कर्ष

ऐसे महान वीर बालकों का बलिदान व्यर्थ न जाए।  उनके बलिदान के बारे में लोग परिचित हो सके उनके बारे में अधिक जान सके, इसलिए नरेंद्र मोदी जी ने 26 दिसंबर को  वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का आदेश दिया।  ताकि दोनों महान वीरों के बलिदान से सभी लोग प्रेरित हो सके।

इसे भी पढ़ें :    स्टार्टअप इंडिया पर निबंध | Essay on Start-Up India in Hindi

हिंदी गुरुजी

हिंदी गुरुजी

आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं, एक टिप्पणी भेजें, 0 टिप्पणियाँ, bottom ad [post page], recent posts.

मेरी फ़ोटो

Full width home advertisement

लहनासिंह का चरित्र-चित्रण | Lehna Singh ka charitr chitran

Keep Traveling

Travel everywhere, author description, advertisement, post page advertisement [top], most popular.

मेरे संग की औरतें कक्षा 9 /मृदुला गर्ग/मेरे संग की औरतें अभ्यास के प्रश्न /Mere sang ki auratey class 9 NCERT Solutions

मेरे संग की औरतें कक्षा 9 /मृदुला गर्ग/मेरे संग की औरतें अभ्यास के प्रश्न /Mere sang ki auratey class 9 NCERT Solutions

सखि वे मुझसे कहकर जाते कविता का मूल भाव/ सारांश | Sakhi ve mujse kehkar jaatey ka saransh

सखि वे मुझसे कहकर जाते कविता का मूल भाव/ सारांश | Sakhi ve mujse kehkar jaatey ka saransh

हिंदी साहित्य के आदिकाल का नामकरण | hindi-sahity-ke-aadikaal-ka-naamkrn

हिंदी साहित्य के आदिकाल का नामकरण | hindi-sahity-ke-aadikaal-ka-naamkrn

  • अटल बिहारी वाजपेयी जीवन परिचय 1
  • अतीत में दबे पाँव MCQ 1
  • अनुछेद लेखन 1

Popular Posts

  • ‘घर की याद’ कविता का सारांश 1
  • “उसने कहा था” कहानी और पं. चंद्रधर शर्मा गुलेरी 1
  • अंधायुग 1
  • अतीत में दबे पाँव का सारांश 1

Menu Footer Widget

Contact form.

IMAGES

  1. Hindi Diwas par Nibandh || हिंदी दिवस पर निबंध || Hindi Diwas Essay in Hindi || Hindi Day ||

    hindi language bal diwas essay in hindi

  2. बाल दिवस पर निबंध । Essay on Children’s Day in Hindi । Bal Diwas par Nibandh Hindi mein

    hindi language bal diwas essay in hindi

  3. Long and short Bal Diwas par Nibandh

    hindi language bal diwas essay in hindi

  4. Veer bal diwas par nibandh hindi mein

    hindi language bal diwas essay in hindi

  5. Veer Bal Diwas Essay in Hindi/ वीर बाल दिवस पर निबंध/26 December Veer Bal Diwas Essay/Veer Bal Diwas

    hindi language bal diwas essay in hindi

  6. Hindi Diwas Essay

    hindi language bal diwas essay in hindi

VIDEO

  1. बाल दिवस पर निबंध हिंदी में 10 लाइन/ Essay on Children's day in Hindi/14 November Essay in Hindi

  2. हिंदी दिवस पर निबंध हिंदी में

  3. स्वच्छता पर भाषण । Speech on Cleanliness in Hindi । Swachhata par bhashan

  4. Diwali Essay In Hindi 10 Lines

  5. Hindi Diwas par Bhashan

  6. Bal Diwas par bhashan

COMMENTS

  1. बाल दिवस पर निबंध (Children's Day Essay in Hindi)

    निबंध 2 (400 शब्द) - Bal Divas par Nibandh. प्रस्तावना. बाल दिवस पंडित जवाहर लाल नेहरु के जन्मदिन पर मनाया जाता है। उनके अनुसार, बच्चे देश का भविष्य है ...

  2. बाल दिवस पर हिंदी में निबंध (Essay on Children's Day in Hindi)

    बाल दिवस पर निबंध 10 लाइन हिंदी में (Essay on Children's Day in Hindi in 10 Lines) बाल दिवस, हर साल 14 नवंबर को मनाया जाता है।

  3. Essay on Bal Diwas in Hindi

    बाल दिवस हर साल 14 नवंबर को मनाया जाता है इस दिन सभी शैक्षणिक स्थल पर बच्चों के लिए कई सारे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं बाल दिवस (Essay on Bal ...

  4. बाल दिवस पर हिंदी में निबंध

    यहां पढ़ें बच्चों के प्रिय चाचा तथा महान स्‍वतंत्रता सेनानी पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन यानी बाल दिवस (baal diwas) पर हिंदी में निबंध। बाल दिवस बच्चों को ...

  5. बाल दिवस पर निबंध ( सम्पूर्ण जानकारी )

    देश के बच्चों को समर्पित बाल दिवस पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के उपलक्ष में मनाया जाता है Bal diwas nibandh in hindi, childrans day

  6. वीर बाल दिवस पर निबंध हिंदी में

    परिचय. Veer Bal Diwas Essay in Hindi: वीर बाल दिवस हर साल 26 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन सिख धर्म के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह के चारों पुत्रों की शहादत को याद करने के ...

  7. बाल दिवस पर निबंध (Essay On Children's Day In Hindi): आसान शब्दों में

    बाल दिवस पर निबंध (Essay On Children's Day In Hindi)-बाल दिवस (Children's Day), जैसा कि नाम से ही प्रतीत होता है बाल दिवस (Bal Diwas) यानी कि बच्चों का दिन। वो बच्चे जिन्हें हम मन का सच्चा ...

  8. बाल दिवस पर निबंध

    Essay In Hindi कक्षा 1 से 4 के लिए निबंध कक्षा 5 से 9 के लिए निबंध कक्षा 10 से 12 के लिए निबंध प्रतियोगी परीक्षा के लिए निबंध ऋतुओं पर निबंध त्योहारों ...

  9. बाल दिवस पर निबंध हिंदी में

    Essay on Children's Day in Hindi. 14 नवंबर को भारत में बाल दिवस हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया जाता है इस दिन देश के विभिन्न कोने में कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए ...

  10. बाल दिवस पर हिंदी में भाषण (Children's Day Speech in Hindi)

    हम उम्मीद करते हैं कि उपर्युक्त हिन्दी में बाल दिवस पर भाषण (bal diwas speech in hindi) सह 14 नवंबर बाल दिवस पर निबंध (bal diwas par nibandh) से आपको सहायता जरूर मिली ...

  11. बाल दिवस पर निबंध हिंदी में

    Bal Diwas Short Essay In Hindi - Children's Day Essay In Hindi. बाल दिवस यानी बच्चों का दिन। एक ऐसा दिन जो सिर्फ बच्चों के लिए समर्पित है। हर वर्ष 14 नवंबर को पूरे उत्साह के ...

  12. बाल दिवस पर निबंध 2023: Children's Day Essay in Hindi

    By Hindi Parichay Team November 8, 2023. नमस्कार, आप सभी छात्रों के लिए बाल दिवस पर निबंध (Bal Diwas Essay in Hindi) उपलब्ध है। बच्चों के लिए बड़ों के लिए बाल दिवस पर हिंदी ...

  13. बाल दिवस पर निबंध

    Childrens Day Essay. पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहबाद में हुआ था। उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। नेहरू जी का ...

  14. बाल दिवस पर भाषण व निबंध Childrens Day Speech & Essay in Hindi

    इस लेख में हमने 14 नवम्बर बाल दिवस पर भाषण और निबंध (Childrens Day Speech Essay in Hindi ...

  15. बाल दिवस पर भाषण

    संत रविदास पर निबंध (Sant Ravidas Essay in Hindi) स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi) हमें सुधार करने में मदद के लिए अपने बहुमूल्य सुझाव प्रदान ...

  16. बाल दिवस पर निबंध Essay on Children's Day in Hindi

    Bal diwas is children's day in Hindi language बाल दिवस पर निबंध. Now you kids can give a speech on 14 November children's day in Hindi. Students feel difficulty in giving children's day speech in Hindi or sometime children's day speech in Hindi for teachers that you like the most. Bal Diwas essay in Hindi is ...

  17. वीर बाल दिवस

    यह लेख 'वीर बाल दिवस' के आयोजन और साहिबजादा जोरावर सिंह जी एवं साहिबजादा फतेह सिंह तथा गुरु गोबिंद सिंह जी के योगदान के विषय में बात करता है।

  18. 14 नवंबर : बाल दिवस पर हिन्दी निबंध

    दरअसल बाल दिवस की नींव 1925 में रखी गई थी। जब बच्चों के कल्याण पर 'विश्व कांफ्रेंस' में बाल दिवस मनाने की सर्वप्रथम घोषणा हुई। 1954 में दुनिया भर में इसे ...

  19. Veer Bal Diwas Essay in Hindi: वीर बाल दिवस पर निबंध

    Veer Bal Diwas Essay in Hindi 150 Words. गुरु गोविंद सिंह के बेटों के बलिदान को याद करने के लिए 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाया जाएगा। इस दिन मुगलो के खिलाफ ...

  20. Veer Bal Diwas Speech: वीर बाल दिवस पर भाषण या स्पीच

    Join. Veer Bal Diwas Speech. इसे मनाने की शुरुआत प्रथम बार 26 दिसंबर 2023 यानी की आज के ही दिन से की जायेगी। 1704 ईस्वी का समय वो समय था जब मुगलों ने भारत पर ...

  21. Hindi Diwas Essay in Hindi: हिंदी भाषा का महत्व पर निबंध

    Hindi Diwas Essay in Hindi 100 Words. हर साल 14 सितंबर के दिन हिन्दी दिवस (Hindi Diwas) मनाया जाता है। अपने विचार और भावनाओं को मौखिक और लिखित रूप से प्रकट करने के लिए ...

  22. वीर बाल दिवस पर निबंध

    वीर बाल दिवस पर निबंध | Veer Bal Diwas Essay in Hindi | वीर बाल दिवस निबंधवीर बाल दिवस पर निबंध ...

  23. Veer Bal Diwas Essay in Hindi

    Veer Bal Diwas Essay in Hindi 150 Words. गुरु गोविंद सिंह के बेटों के बलिदान को याद करने के लिए 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाया जाएगा। इस दिन मुगलो के खिलाफ ...