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पुस्तक पर निबंध (Book Essay in Hindi)

पुस्तक हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और हमारे सच्चे मार्गदर्शक कहलाते हैं। हम ताउम्र उनसे सीखते हैं और विरासत के रूप में उन्हें सहेज के भी रखते हैं। पुस्तकों के आ जाने के बाद ज्ञान के आदान-प्रादान में क्रांति सी आ गयी, जो की मानव विकास के लिये बहुत ही निर्णायक साबित हुई।

पुस्तक पर छोटे-बडे निबंध (Short and Long Essay on Book in Hindi, Pustak par Nibandh Hindi mein)

पुस्तक पर निबंध – 1 (300 शब्द).

पुस्तक हमारी जानने की उत्सुकता को पूरा करते है। पुस्तक हमारे सच्चे दोस्त होते हैं जिनके रहते जीवन को एक सही दिशा मिलती है। पुस्तक हमे वर्णमाला से लेक कर जीवन के कठिन सवालों तक के जवाब बड़े आसानी से दे देते हैं।

पुस्तक के प्रयोग

नई जानकारियां प्राप्त करना हमारी आधारभूत जरूरत है, जिसे पुस्तक के द्वारा पूरा किया जाता है। पुस्तकों की उपयोगिता हमारे जीवन में बहुत अधिक है, वे हर क्षेत्र में मार्गदर्शन करती हैं और बदले में हमसे कुछ लेती भी नहीं है। पहले के ज़माने में पुस्तक नहीं हुआ करते थे और गुरूजी बच्चों को सब कंठस्थ कराया करते थे। पुस्तकें ज्ञान का भंडार होते हैं और इनका साथ आपके जीवन में कई परिवर्तन ला सकता है। बच्चों के लिये उनसे संबंधित, बड़ो के लिये उनसे संबंधित। एक पुस्तक कभी आपको धोखा नहीं देता और सदैव आपके ज्ञान को बढाता ही है।

पुस्तक के महत्व

आप इसमें रोचक कहानियां, देश दुनिया में होने वाली गतिविधियाँ, कुछ नया सीखने का तरीका, आदि आसानी से सीख सकते हैं। पुस्तक पढ़ना एक अच्छी आदत है और हम सबको इन्हें अवश्य पढ़ना चाहिए। हमारे इतिहास में कई महापुरुष रहे हैं और उनके वक्तव्य और ज्ञान भरी बातों को हम आसानी से पुस्तकों में पढ़ सकते हैं। जैसे की गांधीजी, जो भले आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी विचार धारा अभी भी जिन्दा है।

पुस्तकों के आविष्कार के कारण ही हम अपने इतिहास को जान पाए। हम सभी को पुस्तक पढ़ने की आदत डालनी चाहिए और अपने ज्ञान को सभी के साथ साझा करना चाहिए।

इसे यूट्यूब पर देखें : Essay on Book in Hindi

निबंध – 2 (400 शब्द)

देखा जाये जो पुस्तकों की मौजूदगी का सबूत हमारे वेद और पुराण देते हैं, लेकिन इनका सही मायनों में विकास कई वर्षों बाद हुआ। पुस्तकों का उपयोग हम ज्ञान के संग्रहण के लिये करते हैं। पहले के ज़माने में लोग मौखिक रूप से शिक्षा लिया करते थे। गुरु अपने गुरुओं से जो ज्ञान प्राप्त करते थे वही अपने शिष्यों को भी दिया करते थे। परंतु यह तो निश्चित ही था की, इस प्रकार कुछ न कुछ ज्ञान छूट ही जाया करता होगा। फिर कागज की खोज के बाद, लोग अपनी कक्षा में सीखी गयी बातों को लिख लिया करते थे। और शायद यही वजह है की आगे चल कर हमे अपने इतिहास संबंधित जानकारी आसानी से प्राप्त हो पाई।

पुस्तक का इतिहास

एक बार पन्नों का आविष्कार हो जाने के बाद, लोगों ने लिखना शुरू कर दिया और पहले पुस्तक हस्तलिखित ही हुआ करते थे। सन् 1440 में फ़्रांस में प्रिंटिंग प्रेस की शुरुआत हुई और धीरे-धीरे पूरे विश्व में इसका प्रचलन हो गया। इसके बाद पुस्तकों का मुद्रित माध्यम समाज में उपलब्ध होने लगा। 1455 में पहला पुस्तक छपी जो की बाइबिल थी।

पुस्तकों का उपयोग

पुस्तक बच्चों से लेकर बड़ो तक सब के लिये महत्त्वपूर्ण होते हैं। बच्चे अपनी प्रारंभिक शिक्षा पुस्तकों के माध्यम से लेते हैं, तो वही बुजुर्ग उसे अपने मनोरंजन के साधन के रूप में या धार्मिक कार्यों की पूर्ती हेतु करते हैं। अर्थात वे हर क्षेत्र और उम्र में जरुरी होते हैं।

आज कल पुस्तक कई प्रकार के मिलने लगे हैं, जैसे की ऑनलाइन और ऑफ़लाइन। वे पुस्तक जिन्हें आप अपने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर पढ़ सकते हैं, वे ऑनलाइन वाले होते हैं। ये बहुत ही बेहतरीन होते हैं और इनको आप आराम से अपने फोन या लैपटॉप में पढ़ सकते हैं। इनके कही भी ले जाना बड़ा आसान होता है और फटने और कीड़े लगने से सुरक्षित भी रखा जा सकता है।

दुसरे होते है मुद्रीत यानी ऑफलाइन, ऐसे पुस्तक जो हम अपने स्कूलों और घरों में अक्सर देखते हैं। जो कागज के बने होते हैं। इनके भी अपने फायदे हैं जैसे की कभी कोई निशान लगाना हुआ तो लोग पढ़ते-पढ़ते इनपर निशान भी लगा लेते हैं और कुछ लिख भी सकते हैं। कई लोग इसे पढ़ना पसंद करते हैं तो कुछ ऑनलाइन पुस्तकों को।

जमाना चाहे जो भी हो, पुस्तकें सदैव जरुरी रहे हैं और रहेंगे। सदैव पढ़ने की आदत डाले क्यों की यह एक बहुत अच्छी आदत है और हमे इसे अवश्य अपनाना चाहिए। इससे आप कभी निराश नहीं होंगे और यह आपको सदैव कुछ नया ही सिखाती है। तो पढ़ते रहें और लोगों को पढ़ने के लिये प्रेरित करते रहें।

निबंध – 3 (500 शब्द)

पुस्तक ज्ञान का सागर होता है और इसे पढ़ने के बाद आपको कभी हीरा तो कभी मोती जैसे जवाहरात प्राप्त होते हैं। कई बार ये हमारे विषय होते हैं जैसे की विज्ञान, गणित, उपन्यास, साहित्य, आदि। ये आपके अवश्यकता के अनुसार आप कोई भी विषय चुन सकते हैं। जरुरी नहीं की ये आपके पाठ्य क्रम से संबंधित हों, कई बार लोग अपने ज्ञान को बढ़ाने हेतु विभिन्न पुस्तकें पढ़ते हैं।

पुस्तकों का महत्त्व और विकास

पुस्तक ज्ञान के साधन के साथ-साथ मनोरंजन का भी माध्यम होते हैं। कुछ पुस्तकें आपको हँसा सकती हैं, तो वहीँ कुछ अपनी रोचक कहानियों के साथ आपको रुला भी सकती हैं। जैसे की दुनिया में अलग-अलग क्षेत्र होते हैं वैसे ही पुस्तकें भी होती हैं। जैसे की डॉक्टरों के लिये अलग किताबें होती हैं और इंजीनियरिंग के लिये अलग।

आप चाहे जिस क्षेत्र में भी जाएँ वे पुस्तकें ही हैं जो आपके सच्चे साथी के रूप में हर जगह काम आयंगे। आज हम अपने इतिहास को पुस्तकों की वजह से ही जानते हैं। हम विकास कैसे करते हैं? इन पुस्तकों के माध्यम से, क्यों की जब हमे पता होगा की ‘अ’ और ‘ब’ को मिलाने से ‘अब’ बनता है तभी न हम आगे के वाक्य पर ध्यान देंगे। नहीं तो हर नए युग के साथ नयी भाषा की ही खोज करते रह जाते।

पुराने काल में लोग मौखिक ज्ञान लिया करते थे और सबसे पहले पत्तों पर लिखा गया जो धीरे-धीरे कागज में परिवर्तित हो गया। और उसी का परिवर्तित रूप का उपयोग आज हम पन्नों के रूप में लिखने एवं पढ़ने दोनों के लिये करते हैं। जो की पहले हस्तलिखित रूप में उपलब्ध थे, और धीरे-धीरे प्रिंटिंग प्रेस के आविष्कार के बाद पुस्तकों का मुद्रण किया जाने लगा।

पुस्तक आपके सच्चे साथी

पुस्तक आपका साथ कभी नहीं छोड़ते, कई बार आपने स्वयं को अकेला पाया होगा और कभी-कभी ऐसे स्थिति में हमारे परम मित्र भी साथ नहीं होते, लेकिन पुस्तक सदैव आपके साथ होते हैं। उनके रहते न तो आपको अकेलापन महसूस होता है और न तो वे कभी आपको धोका देते हैं। कभी वे अपने मजेदार कहानियों के माध्यम से आपको गुदगुदाते हैं तो कभी कथानायक की पीड़ा आपके आँखों में आसूं ला देती है। एक बार अगर आपने पुस्तकों को अपने साथी के रूप में चुन लिया तो उसके बाद न तो कभी आपको अकेलापन सताता है और न ही किसी के समय अनुसार आपको समायोजित करना पड़ता है।

इस प्रकार हम यह कह सकते हैं की पुस्तक आपके अच्छे साथी होते हैं, उनका विकास समय के अनुसार होता चला गया और दिन प्रति दिन नए-नए विकास होते चले जा रहे हैं जैसे की अब आप ऑनलाइन भी पुस्तक पढ़ सकते हैं, चाहे वो बच्चों का पञ्चतंत्र की कहानियां हो या अरस्तु का नाट्य शास्त्र। सब कुछ ऑनलाइन मिल जाते हैं और आप आराम से पढ़ सकते हैं। इनकी खासियत यह होती है की ये खराब नहीं होते और इन्हें आसानी से अपने फ़ोन में भी सुरक्षित रखा जा सकता है। इन्हें आप अपने साथ कही भी ले जा सकते हैं और इनका आनंद उठा सकते हैं।

Essay on Book in Hindi

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मेरी पसंदीदा पुस्तक पर निबंध 10 lines (My Favourite Book Essay in hindi) 100, 150, 200, 250, 300, 500, शब्दों मे

book ka essay in hindi

My Favourite Book Essay in Hindi – किताबें मानवता के सबसे महत्वपूर्ण आविष्कारों में से एक हैं। वे हमारे सबसे अच्छे दोस्त हैं और उनकी जगह कोई और नहीं ले सकता। किताबें हमें ज्ञान, खुशी और हमारे आसपास की दुनिया में गहरी अंतर्दृष्टि देती हैं। वे हमारे प्रेरणा और प्रेरणा के स्रोत हैं।

मार्क ट्वेन ने ठीक ही कहा था, “अच्छे दोस्त, अच्छी किताबें और एक नींद में डूबा विवेक: यही आदर्श जीवन है।” एक पूर्ण और संतोषजनक जीवन सुनिश्चित करने के लिए पुस्तकों को अवश्य पढ़ें। किसी व्यक्ति के लिए किताबें पढ़ना उतना ही जरूरी है जितना कि दोस्त बनाना और मेलजोल बढ़ाना। जब किताबों की बात आती है तो लोगों के अलग-अलग स्वाद होते हैं। जबकि कुछ को अपराध शैली पसंद हो सकती है, दूसरों को रोमांस पसंद हो सकता है, जबकि अन्य विज्ञान कथाओं पर अड़े हो सकते हैं। जब किताबों की बात आती है तो लोग व्यक्तिगत पसंदीदा होते हैं।

किताबें सबसे अच्छी दोस्त, साथी और शिक्षक होती हैं। वे हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे हमें एक आंतरिक दृष्टि और एक गहरी अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं। वे हमारे अनुभव को समृद्ध करते हैं और हमारी बुद्धि को तेज करते हैं। वे हमें दूसरे लोगों के कंधों पर खड़े होने और दुनिया को एक उच्च दृष्टिकोण से देखने का अवसर देते हैं।

मेरी पसंदीदा पुस्तक पर निबंध 10 पंक्तियाँ (My Favourite Book Essay 10 Lines in Hindi)100 – 150 Words

  • 1) किताबें ज्ञान का कभी न खत्म होने वाला स्रोत हैं।
  • 2) मुझे भक्ति पुस्तकें पढ़ना अच्छा लगता है।
  • 3) मेरी पसंदीदा पुस्तक जो मुझे प्रेरित करती है वह है “रामचरितमानस”।
  • 4) इस ग्रंथ में भगवान राम के चरित्रों की विस्तार से चर्चा की गई है।
  • 5) मेरी दादी हमेशा मुझे भगवान राम की कहानी सुनाती हैं जो मुझे इस किताब को पढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।
  • 6) यह पुस्तक हमें बहुत सी अच्छी बातें सिखाती है।
  • 7) इस पुस्तक में वर्णित सुख और दुख के क्षण मेरे रोंगटे खड़े कर देते हैं।
  • 8) यह पुस्तक मुझे भगवान राम के पदचिन्हों पर चलने की प्रेरणा देती है।
  • 9) यह पुस्तक हर हिंदू के दिल में बहुत महत्व रखती है।
  • 10) रामचरितमानस पढ़ने से मुझे हर बार सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।

इनके बारे मे भी जाने

  • Technology Essay
  • Unsung Heroes Of Freedom Struggle Essay
  • Water Conservation Essay
  • Beti Bachao Beti Padhao Essay
  • Dowry System Essay

मेरी पसंदीदा पुस्तक पर निबंध 200 शब्दों मे (Essay on My Favourite Book 200 words in Hindi)

‘मेरी पसंदीदा किताब – भ्रम का महल’

मैंने कई किताबें पढ़ी हैं। हालांकि, किसी ने भ्रम के महल के रूप में मेरी रुचि को आकर्षित नहीं किया है। चित्रा बनर्जी दिवाकरुनी किताब लिखती हैं। 1956 में जन्मी चित्रा एक प्रसिद्ध भारतीय अमेरिकी लेखिका और कवि हैं। कलकत्ता विश्वविद्यालय और राइट स्टेट यूनिवर्सिटी, संयुक्त राज्य अमेरिका की पूर्व छात्रा चित्रा ने पीएच.डी. कैलिफोर्निया से अंग्रेजी में।

उनकी पुस्तक, द पैलेस ऑफ इल्यूशन्स, महाभारत की महाकाव्य कहानी से पांचाली की कहानी बताती है। चित्रा ने अपनी कथावाचक पांचाली के माध्यम से इस महाकाव्य गाथा की नारीवादी व्याख्या की है। उपन्यास पांचाली के जीवन पर केंद्रित है। इसमें उनके जीवन के उन पहलुओं को शामिल किया गया है जो महाभारत के अन्य रूपांतरणों में छूट गए थे। यह पंचाली के जन्म के समय से उसके जीवन का विस्तृत विवरण देती है। उनका जन्म किसी चमत्कार से कम नहीं था। वह जादुई रूप से आग में पैदा हुई थी।

पांचाली एक धनी राजा की बेटी थी। उसने पांचों पांडवों से विवाह किया। उसकी शादी के बाद उपन्यास में उसकी कठिनाइयों को विस्तार से लिखा गया है। निर्वासन में रहने की चुनौतियाँ, अपने पति और सास के साथ उसका रिश्ता, और भगवान कृष्ण के साथ उसके समीकरण सभी को उपन्यास में शामिल किया गया है।

पांचाली एक करिश्माई और साहसी चरित्र है। मुझे उसके बारे में पढ़ना अच्छा लगा। चित्रा ने चरित्र को चित्रित किया है और घटनाओं को भी बहुत अच्छी तरह से चित्रित किया है।

मेरी पसंदीदा पुस्तक पर निबंध 250 शब्दों मे (Essay on My Favourite Book 250 words in Hindi)

किताबें हमारी सबसे अच्छी दोस्त होने के नाते हमें पूरी दुनिया के बारे में ज्ञान प्रदान करती हैं। मैंने कई किताबें पढ़ी हैं। उनमें से कुछ मेरे पाठ्यक्रम की पुस्तकें हैं और कुछ कहानी की पुस्तकें हैं जो मेरे माता-पिता ने मेरे लिए खरीदी हैं।

मेरी पसंदीदा पुस्तक

मेरी पसंदीदा किताब पंचतंत्र है। इसे विष्णु शर्मा ने लिखा है। पुस्तक में अनेक कहानियों का संग्रह है। लेखक ने पशुओं के क्रियाकलापों द्वारा जीवन का नैतिक ज्ञान देने का प्रयास किया है। मुझे कहानियों की किताबें पढ़ने का बहुत शौक है और इस किताब ने मुझे अलग-अलग तरह की कहानियाँ उपलब्ध कराईं।

सारस और केकड़े की कहानी केकड़े के मन और बुद्धि की उपस्थिति को दर्शाती है। जब वह बूढ़ा हो गया तो सारस अपने भोजन की तलाश नहीं कर सका और इसलिए उसने एक योजना बनाई। वह तालाब के पास उदास और उदास खड़ा था और जब मछली और केकड़े ने उसकी उदासी का कारण पूछा, तो उसने एक झूठी कहानी बना दी कि तालाब में लोग फसल उगाने के लिए आबाद होंगे। उसकी कहानी से सभी मछलियाँ, मेंढक और केकड़े कायल हो गए। बाद में जब सारस द्वारा केकड़े को मारकर खाने की बात आई तो स्थिति उलट गई। केकड़े ने अपनी बुद्धि का उपयोग किया और सारस के असली मकसद का अनुमान लगा लिया। वह सारस को मारकर फरार हो गया।

पुस्तक में बंदर और मगरमच्छ, हाथी और चूहे, वफादार नेवले आदि जैसी कई कहानियाँ हैं। पुस्तक में कई कहानियाँ हैं और वे दोस्ती, साहस, बुद्धिमत्ता, मन की उपस्थिति और एकता जैसे गुणों पर ध्यान केंद्रित करती हैं।

पंचतंत्र मेरी पसंदीदा कहानियों की किताबों में से एक है। इस किताब को पहली बार पढ़कर मुझे बहुत खुशी हुई। कहानियाँ आकर्षक होने के साथ-साथ हमें जीवन की कुछ नैतिकताएँ भी सिखाती हैं।

मेरी पसंदीदा पुस्तक पर निबंध 300 शब्दों मे (Essay on My Favourite Book 300 words in Hindi)

‘मेरी पसंदीदा किताब – 2 स्टेट्स बाय चेतन भगत’.

My Favourite Book Essay in Hindi – मुझे रोमांस उपन्यास पढ़ना बहुत पसंद है और मैंने अब तक जो सबसे अच्छा पढ़ा है, वह चेतन भगत द्वारा लिखित 2 स्टेट्स है। मुझे इस उपन्यास के केंद्रीय पात्र पसंद हैं और उनके बीच प्यार कैसे विकसित होता है। उपन्यास को आंशिक रूप से आत्मकथात्मक कहा जाता है। भगत की अपनी प्रेम कहानी ने उन्हें यह पुस्तक लिखने के लिए प्रेरित किया। इस पुस्तक को जनता ने इतना पसंद किया कि इसे एक फिल्म में भी रूपांतरित किया गया।

दो राज्यों की दिलचस्प कहानी

कहानी एक युवा पंजाबी लड़के, कृष और एक खूबसूरत दक्षिण भारतीय लड़की, अनन्या की है। दोनों आईआईएम अहमदाबाद में पढ़ते हैं। वे अच्छे दोस्त बन जाते हैं और साथ में काफी वक्त बिताते हैं। जल्द ही एक दूसरे के प्यार में पड़ जाते हैं। वे शादी करना चाहते हैं लेकिन आगे आने वाली मुश्किलों को नहीं देख सकते। समस्या तब शुरू होती है जब वे अपने माता-पिता को एक-दूसरे से मिलवाते हैं।

दोनों परिवार अलग-अलग सांस्कृतिक पृष्ठभूमि से हैं और साथ रहना मुश्किल है। कृष और अनन्या स्थिति को शांत करने और दोनों के बीच एक बंधन स्थापित करने की बहुत कोशिश करते हैं। हालाँकि, चीजें हाथ से निकल जाती हैं, और वे अलग होने का फैसला करते हैं। वे अपने संबंधित करियर पर ध्यान देना शुरू करते हैं, लेकिन यह कठिन है। उनके लिए एक-दूसरे को भूलना मुश्किल होता है। अंत में, चीजें अच्छे के लिए एक मोड़ लेती हैं, और वे फिर से मिल जाते हैं।

मुझे कृष और अनन्या के बीच गहरा बंधन पसंद है। इन किरदारों को चेतन भगत ने जीवंत किया है। वे सिर्फ एक दूसरे के लिए बने लगते हैं। कहानी के अन्य किरदार भी काफी मजबूत और मनमौजी हैं। उनमें से प्रत्येक के बारे में पढ़ना दिलचस्प है।

मुझे यह किताब बहुत पसंद है। मैंने इसे तीन बार पढ़ा है और इसे बार-बार पढ़ सकता हूं। इस कहानी के पात्र इतने वास्तविक लगते हैं कि जब भी मैं इस किताब को पढ़ता हूं तो हर बार उनके साथ रहने लगता हूं। मैंने इस पुस्तक पर आधारित फिल्म भी देखी है और इसका पूरा आनंद लिया है।

मेरी पसंदीदा पुस्तक पर निबंध 500 शब्दों मे (Essay on My Favourite Book 500 words in Hindi)

मेरी पसंदीदा पुस्तक पर निबंध: किताबें वो दोस्त होती हैं जो आपका साथ कभी नहीं छोड़तीं। मुझे यह कहावत बहुत सच लगती है क्योंकि किताबें हमेशा मेरे साथ रही हैं। मुझे किताबें पढ़ना अच्छा लगता है। उनके पास हमारे स्थानों से हिले बिना दुनिया की यात्रा करने में हमारी मदद करने की शक्ति है। इसके अलावा किताबें हमारी कल्पना शक्ति को भी बढ़ाती हैं। बड़े होकर मेरे माता-पिता और शिक्षकों ने हमेशा मुझे पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने मुझे पढ़ने का महत्व सिखाया। इसके बाद मैंने कई किताबें पढ़ी हैं। हालांकि, एक बूम जो हमेशा मेरा पसंदीदा रहेगा वह हैरी पॉटर है। यह मेरे जीवन के सबसे पेचीदा पठन में से एक है। मैंने इस श्रृंखला की सभी पुस्तकें पढ़ी हैं, फिर भी मैं उन्हें फिर से पढ़ता हूँ क्योंकि मैं इससे कभी ऊबता नहीं हूँ।

हैरी पॉटर सीरीज

हैरी पॉटर हमारी पीढ़ी के सबसे प्रतिष्ठित लेखकों में से एक जेके राउलिंग द्वारा लिखी गई पुस्तकों की एक श्रृंखला थी। ये पुस्तकें विज़ार्डिंग दुनिया और उसके कामकाज का प्रदर्शन करती हैं। जेके राउलिंग इस दुनिया की एक तस्वीर बुनने में इतनी सफल रही हैं, कि यह वास्तविक लगती है। हालाँकि इस श्रंखला में सात पुस्तकें हैं, फिर भी मेरी एक विशेष पसंद है। श्रृंखला की मेरी पसंदीदा पुस्तक द गॉब्लेट ऑफ फायर है।

जब मैंने किताब पढ़ना शुरू किया, तो इसने तुरंत मेरा ध्यान खींचा। हालाँकि मैंने पिछले सभी भागों को पढ़ लिया था, फिर भी किसी भी किताब ने मेरा ध्यान इस तरह नहीं खींचा जैसा कि इस ने खींचा। इसने विजार्डिंग दुनिया में एक बड़ा परिप्रेक्ष्य दिया। इस पुस्तक के बारे में जो चीजें मुझे सबसे ज्यादा उत्साहित करती हैं, उनमें से एक है अन्य जादूगर स्कूलों का परिचय। ट्राई-विजार्ड टूर्नामेंट की अवधारणा हैरी पॉटर श्रृंखला में मेरे सामने आए सबसे शानदार टुकड़ों में से एक है।

इसके अलावा, इस किताब में मेरे कुछ पसंदीदा किरदार भी शामिल हैं। जिस क्षण मैंने विक्टर क्रुम की प्रविष्टि के बारे में पढ़ा, मैं चकित रह गया। राउलिंग द्वारा वर्णित उस चरित्र की आभा और व्यक्तित्व बस शानदार है। इसके अलावा, इसने मुझे श्रृंखला का एक बड़ा प्रशंसक बना दिया।

हैरी पॉटर सीरीज ने मुझे क्या सिखाया? (What Harry Potter Series Taught Me?)

भले ही किताबें जादूगरों और जादू की दुनिया के बारे में हैं, हैरी पॉटर श्रृंखला में युवाओं के सीखने के लिए बहुत कुछ है। सबसे पहले, यह हमें दोस्ती का महत्व सिखाता है। मैंने कई किताबें पढ़ी हैं लेकिन हैरी, हर्मोइन और रॉन जैसी दोस्ती कभी नहीं देखी। ये तीनों मस्किटियर पूरी किताबों में एक साथ रहे और कभी हार नहीं मानी। इसने मुझे एक अच्छे दोस्त का मूल्य सिखाया।

इसके अलावा, हैरी पॉटर की श्रृंखला ने मुझे सिखाया कि कोई भी पूर्ण नहीं है। सबके अंदर अच्छाई और बुराई होती है। हम वही हैं जो चुनते हैं कि हम क्या बनना चाहते हैं। इससे मुझे बेहतर चुनाव करने और एक बेहतर इंसान बनने में मदद मिली। हम देखते हैं कि स्नेप जैसे सबसे दोषपूर्ण चरित्रों में उनके अंदर कितनी अच्छाई थी। इसी तरह, डंबलडोर जैसे सबसे अच्छे लोगों में कुछ बुरे लक्षण कैसे थे। इसने लोगों के प्रति मेरे दृष्टिकोण को बदल दिया और मुझे अधिक विचारशील बना दिया।

आखिरकार, इन किताबों ने मुझे उम्मीद दी। उन्होंने मुझे आशा का अर्थ सिखाया और सुरंग के अंत में प्रकाश कैसे होता है। इसने मुझे सबसे हताश समय में उम्मीद पर टिके रहने की ताकत दी, ठीक वैसे ही जैसे हैरी ने अपने पूरे जीवन में किया। ये कुछ सबसे जरूरी चीजें हैं जो मैंने हैरी पॉटर से सीखी हैं।

अंत में, जबकि किताबों में कई फिल्में बनी थीं। पुस्तकों के सार और मौलिकता के सामने कुछ भी नहीं है। पुस्तकों के विवरण और समग्रता को किसी भी प्रकार के मीडिया द्वारा प्रतिस्थापित नहीं किया जा सकता है। इसलिए, आग का प्याला मेरी पसंदीदा किताब बनी हुई है।

मेरी पसंदीदा पुस्तक निबंध पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्र.1 ग्रंथ का मूल शब्द क्या है.

उत्तर. Book शब्द की उत्पत्ति अंग्रेजी के पुराने शब्द ‘Boc’ से हुई है।

Q.2 भारत में पहली मुद्रित पुस्तक कौन सी थी?

उत्तर. कम्पेंडियो स्पिरिचुअल दा वीड क्रिस्टा भारत में छपी पहली किताब थी।

Q.3 दुनिया की पहली किताब का नाम क्या था?

उत्तर. दुनिया की पहली किताब का नाम गुटेनबर्ग बाइबिल है जो 1455 में यूरोप में छपी थी।

Q.4 सबसे पुरानी धार्मिक पुस्तक का नाम क्या है?

उत्तर. सबसे पुराने धार्मिक ग्रंथ का नाम ‘ऋग्वेद’ है।

पुस्तकों का महत्व पर निबंध

Pustak ka Mahatva Essay in Hindi: पुस्तक मनुष्य जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होती है और पुस्तकों के माध्यम से ही व्यक्ति ज्ञान धारण करता है। हम यहां पर पुस्तकों का महत्व निबंध हिंदी में (Pustako ka Mahatva) शेयर कर रहे है।

Pustak-ka-Mahatva-Essay-in-Hindi

इस निबंध में हमारे जीवन में पुस्तकों का महत्व (Pustakon ka Mahatva) के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेयर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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पुस्तकों का महत्व पर निबंध | Pustak ka Mahatva Essay in Hindi

पुस्तक का महत्व पर निबंध 150 शब्दों में (pustak ka mahatva essay in hindi).

किताब मनुष्य के जीवन के लिए एक अच्छे दोस्त की तरह भूमिका निभाती है। किताब मनुष्य को अकेलापन दूर करवाती है और किताब मनुष्य को महान बनाने में बहुत महत्व रखती है। किताब हर इंसान को आदर्श बनाती है और किताब से व्यक्ति जीवन भर तक सीख सकता है। किताब ही ज्ञान का खजाना है, जहां से जितना चाहो उतना ज्ञान हासिल कर सकते हो।

विद्यार्थी के जीवन में भी पुस्तक का बहुत ही ज्यादा महत्व होता है। विद्यार्थी के जीवन की शुरुआत संघर्ष और ज्ञान प्राप्त करने की चाहत होती है। ऐसे में किताब वहां विद्यार्थी के जीवन में एक नया मोड़ लाती है और विद्यार्थी को जहान अर्जित करवाने का काम करती है। पुस्तक को पढ़ना मनुष्य को बेहतर अहसास करवाता है।

लोगों को अपने जीवन में धर्म को सबसे ज्यादा महत्व देना चाहिए। आपका नाम से अकेलापन दूर होता है। आप को ज्ञान की प्राप्ति होती है, जिससे आप अपने जीवन को और अधिक आगे बढ़ा सकते हैं और इसीलिए हर विद्यार्थी को उसके माता पिता और शिक्षक पुस्तक पढ़ने की सलाह देते हैं। क्योंकि पुस्तक में बहुत सारा ज्ञान होता है।

Pustak ka Mahatva Essay in Hindi

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पुस्तकों का महत्व पर निबंध 250 शब्द में (Pustako ka Mahatva Par Nibandh)

स्कूल में मेरे कई दोस्त हैं और मुझे उनके साथ खेलना अच्छा लगता है। घर के आसपास भी कई बच्चे हैं, जो मेरे मित्र हैं। मैं बिना किसी संदेह के उनकी दोस्ती का सम्मान करता हूँ। पर मेरे पास एक और साथी है, जो मुझे इन सब दोस्तों से भी ज्यादा प्यारा है, वह दोस्त मेरी किताबें है।

मैंने घर पर ही अपना एक छोटा सा पुस्तकालय बना रखा है। जब से मैंने पुस्तकालय बनाया है तब से मैं लगातार नई नई किताबें इकट्ठा कर रहा हूँ। पहले मेरे पास छोटी कहानियों वाली किताबें थीं। मेरी माँ बिस्तर पर मुझे उन्ही किताबों के किस्से पढ़कर सुनाती थी। वर्तमान में मेरे पुस्तकालय में कल्पनाओं से भरी, सांस्कृतिक कहानियों से सुसज्जित, भूविज्ञान, विज्ञान, इतिहास इत्यादि विषयों की किताबें हैं, जिन्हें मैं नियमित रूप से पढ़ता रहता हूँ।

मैं किताबों से प्यार करता हूँ। छुट्टी के दिनों में मुझे कोई भी किताब मिल जाती है तो मैं उसे पढ़ने बैठ जाता है और उसमें इतना मगन हो जाता हूँ कि खाने का ध्यान भी नहीं रहता। मेरे घर मे माता पिता हमेशा यही समझाते है कि किताबे पढ़ना चाहिये क्योंकि इनमें बहुत ताकत होती है। किताबे हमारी जीवन मे बहुत बड़ा बदलाव ला सकती है। इसलिए मैं पुस्तक का महत्व अच्छी तरह समझता हूं।

मुझे अपने साथियों और स्कूल के पुस्तकालयों से नियमित रूप से किताबें मिलती हैं। पुस्तकों से मैं बहुत आकर्षण रखता हूँ। मुझे लगता है कि मैं विभिन्न चीजों के बारे में बहुत कुछ जानता हूँ। जबकि मेरे साथी जो घर पर किताबें नहीं पढ़ते हैं, वो इतनी बातें नहीं जानते। हालांकि मेरी संगति में रहकर मेरे कुछ मित्र भी पुस्तकों के महत्व को समझ चुके है और अब नियमित अध्ययन करते हैं।

Pustak ka Mahatva Essay in Hindi

पुस्तकों का हमारे जीवन में महत्व निबंध 500 शब्द (Pustak ka Mahatva Nibandh)

हर मनुष्य के जीवन के लिए पुस्तक बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है। पुस्तक को पढ़कर ही मनुष्य महान बनता है और सफलता की चोटी तक पहुंचता है। शुरुआत में मनुष्य को विद्यार्थी के रूप में पुस्तक से सामना करना पड़ता है और वही पुस्तक विद्यार्थी से उस मनुष्य को महान व्यक्ति बनाती है। पुस्तक का अर्थ लिखी हुई पोथी है, जिसे साधारण तौर पर लिखा हुआ ज्ञान भी कहा जाता है।

विद्यार्थी के जीवन में पुस्तक का महत्व

जब बच्चा स्कूल जाने लायक होता है और उसे स्कूल में प्रवेश मिलता है तो वहां से विद्यार्थी के रूप में उस बच्चे को रोजाना किताबों से सामना करना पड़ता है। उस बच्चे के जीवन को संवारने में पुस्तक की भूमिका अहम होती है। विद्यार्थी के जीवन में पुस्तक विद्यार्थी के जीवन की जड़ों को मजबूत करने का काम करती है। जड़ों को मजबूत कर के महान व्यक्ति बनाने तक का काम पुस्तक का ही होता है।

पुस्तक विद्यार्थी के साथ हर समय एक दोस्त की तरह रहती है और हर समय अपना ज्ञान फ्री में विद्यार्थी को बाटती रहती है। अतः विद्यार्थी को उसके माता-पिता और अध्यापक गण भी पुस्तक पढ़ने की सलाह देते हैं, जिससे विद्यार्थी को ज्यादा से ज्यादा ज्ञान अर्जित हो और विद्यार्थी पुस्तक ज्ञान सागर से कुछ ज्ञान प्राप्त कर सकें।

वयस्क और बुजुर्ग के जीवन में पुस्तक का महत्व

विद्यार्थी जीवन जीते समय हर व्यक्ति पुस्तक का प्रयोग अवश्य करता है। पुस्तक का प्रयोग करके विद्यार्थी सभी कक्षाएं उत्तीर्ण करता है और आगे से आगे पढ़ाई करता रहता है। लेकिन विद्यार्थी जीवन पूरा होने के बाद भी पुस्तक हर व्यस्क व्यक्ति और बुजुर्ग व्यक्ति के लिए भी जरूरी है।

ऐसा आपने भी सुना होगा कि सीखते रहना चाहिए सीखने वालों की कभी हार नहीं होती है और जिस मनुष्य की सीखने की कामना रहती है, वह आगे जाकर सफल होता है। इसी तरह से वयस्क व्यक्ति और बुजुर्ग के जीवन में भी पुस्तक का महत्व है।

मनुष्य को अकेलापन दूर करने में सहायता देती है। हर मनुष्य के लिए नया ज्ञान सीखना पुस्तक के जरिए ही संभव है। मनुष्य के जीवन में पुस्तक मार्गदर्शन करने का काम करती है। मनुष्य के व्यक्तित्व को निखारती हैं और उसके दृष्टिकोण में बदलाव लाती है।

कई लोग अपने जीवन में मनोरंजन के तौर पर कहानियों की पुस्तकें पढ़ते हैं। कहानियों से भी मनुष्य को सीखने को मिलता है। पुस्तक मनुष्य के जीवन में आत्मविश्वास पैदा करती है। मानसिक और भावनात्मक क्षमता को बढ़ाने में मददगार साबित होती है। पुस्तक के जरिए ही मनुष्य अपने शब्दावली और ज्ञान को बढ़ा सकता है। पुस्तक मनुष्य को अलग-अलग भाषाएं सीखने में सहायता करती है।

ई पुस्तक क्या है और भविष्य में ई पुस्तक का क्या महत्व होगा

आज के ऑनलाइन जमाने में हर काम ऑनलाइन किया जा रहा है। लोग किताबें भी ऑनलाइन पढ़ रहे हैं। इंटरनेट पर ही ई पुस्तक या ईबुक काफी ज्यादा प्रचलित होती जा रही है। लोग इसे पढ़ना पसंद करते हैं। पुस्तक चाहे ऑफलाइन हो या ऑनलाइन उसका महत्व समान ही होता है और पुस्तक से ज्ञान भी समान ही अर्जित होता है।

ई पुस्तक यानी कि किताब का एक स्वरूप, जिसे ऑनलाइन माध्यम से प्रसारित किया जा रहा है, उसे ई पुस्तक कहा जाता है।

भविष्य में ऑफलाइन पुस्तक जिसे आज के समय में हम उपयोग करें हैं, उस का प्रचलन कम हो जाएगा और मोबाइल और कंप्यूटर के जरिए ही पुस्तक का प्रचलन और उपयोग बढ़ जाएगा। क्योंकि आज के समय में हर कार्य जिसको ऑनलाइन करना हर व्यक्ति पसंद करता है। ऐसे में किताबों का ऑनलाइन होना जाहिर है।

पुस्तक मनुष्य के जीवन साथी के तौर पर काम करती है और एक दोस्त के रूप में हर समय पुस्तक मनुष्य को सहारा देती है। पुस्तक मनुष्य को ज्ञान बांटती है। आगे बढ़ने के लिए पुस्तक कि मनुष्य की मानसिक क्षमता को मजबूत करती है और आत्मविश्वास बढ़ाती है।

पुस्तकों का महत्व पर निबंध 850 शब्द में (Pustako ka Mahatva Essay in Hindi)

इस दुनिया में कुछ भी किताबों को पढ़ने के समान खुशी नही दे सकता है। पुस्तकों को पढ़ने से अविश्वसनीय आनन्द और शांति का अहसास होता है। पुस्तकें विभिन्न प्रकार के जानकारी को संग्रहित करके रखती हैं।

हमें बस अपने दैनिक जीवन में पुस्तकों को पढ़कर उनमे संग्रहित लाभकारी जानकारी को समझना और उसे अपने जीवन मे उतारने की आवश्यकता है। कई पुस्तकों में महान व्यक्तियों के व्यक्तिगत इतिहास होते हैं, जो हमारे लिए प्रेरणास्रोत हैं। जीवन के विभिन्न चरणों में पुस्तकें हमारी सबसे अच्छी सहायक होती हैं।

हमारी सबसे अच्छी मित्र है किताबें

किताबें हमारे दिन-प्रतिदिन के अस्तित्व में सबसे अच्छी दोस्त हैं, उन्होंने हमें कभी अकेले नही रहने दिया और हमारे सबसे करीबी साथी के समान बनी रही। जब भी हमें उनकी आवश्यकता होती है, वे हमारे लिए उपलब्ध होती हैं। किताबें हमें अपने सामान्य परिवेश को समझने और अच्छे और बुरे के बीच भेद करने में मदद करती हैं।

वे हमारी आदर्श सहयोगी और प्रशिक्षक हैं। किताबों को समझकर हम कुछ अच्छी बातें अपने जीवन मे उतारकरऔर बेहतर बनते हैं। वे हमारे उद्देश्यों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करती हैं और साथ ही उन्हें हासिल करने में पूरा सहयोग करती हैं। हममें से एक बड़ी संख्या में लोग अपने अतिरिक्त समय में पुस्तक पढ़ते है क्योंकि पढ़ने से मानसिक दबाव को कम करने में मदद मिलती है।

यह हमें एक काल्पनिक दुनिया में ले जाती है और पढ़ने के बाद हम बहुत अच्छा महसूस करते हैं। पुस्तकें हमारी अंतर्दृष्टि और कल्पनाशक्ति को उन्नत करने में हमारी सहायता करती है।

विद्यार्थियों के लिए पुस्तकों का महत्व

विद्यार्थी जीवन को संघर्षों से भरा हुआ और ज्ञान प्राप्त करने के लिए समर्पित जीवन माना जाता है। प्रत्येक विद्यार्थी को पुस्तकों को समझने की प्रवृत्ति सिखानी चाहिए। चूंकि छात्र जीवन में किसी व्यक्ति का निर्माण होता हैं। अतः उन्हें अपने माता-पिता, शिक्षकों और बुजुर्गों द्वारा किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।

किताबों के साथ मित्रता करना उनके लिए सबसे आदर्श तरीका है। ऐसी कई पुस्तकें हैं, जिनमें कुछ अविश्वसनीय चरित्रों का जीवन विवरण हैं। ये पुस्तकें उन व्यक्तियों के अस्तित्व के इतिहास से प्रेरित होने में विद्यार्थियों की सहायता कर सकती हैं। इनका वे सम्मान करते हैं और इनसे प्रेरित होकर अपने जीवन के उद्देश्य को पूरा करने के लिए आवश्यकतानुसार काम करते हैं। पढ़ने से एकाग्रता और ध्यान में सुधार होता है, जो आमतौर पर एक छात्र के जीवन में आवश्यक है।

कुछ घंटे हर दिन पढ़ने से पढ़ने से भाषा की समझ बढ़ती है और शब्दकोश बनाने में मदद मिलती है। किताबें दुनिया के बारे में नई जानकारी, विचार और वास्तविकताओं को प्राप्त करने में छात्रों की मदद करती हैं। विद्यार्थी पुस्तकों को समझने के लिए उत्सुक हो जाते हैं।

विद्यार्थियों की पुस्तकों को समझने में मदद करने से एक अधिक सभ्य व्यक्ति बनाने में भी मदद मिलती है। नैतिकता और गुणों से पहचानी गई महान पुस्तकों को पढ़ने से महान विशेषताओं के साथ समझ में सुधार होता है और इस तरह वे बड़े होकर समाज के जिम्मेदार और विचारशील व्यक्ति बन जाते हैं।

क्या ई-किताबें और इंटरनेट हमारे जीवन में किताबें के महत्व को कम कर रहे हैं?

लोगों को लगता है कि वेब का उपयोग करके और डिजिटल किताबें डाउनलोड करके जानकारी प्राप्त करना आसान है। पर मेरे हिसाब से डिजिटल किताबों को किताबों की तरह पढ़ना मुश्किल है। इसे डाउनलोड करने के लिए सेलफोन या कंप्यूटर के उपयोग की आवश्यकता होती है।

इन उपकरणों को चार्जिंग और इंटरनेट की जरूरत होती है। इनके बिना वे काम नहीं करेंगे। वही दूसरी तरफ कागज की पुस्तकों को पढ़ने के लिए ऐसी किसी विशेष सुविधा की जरूरत नहीं है। हम किताब को कभी भी पढ़ सकते हैं और इसमें कुछ भी खर्च नहीं होता है। इसे किसी भी प्रकार के इंटरनेट की आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा पढ़ने का आनंद की कोई सीमा नहीं है।

फ़िल्म देखने से बेहतर किताब पढ़ना क्यों है?

फिल्में देखना खुद को व्यस्त रखने का एक अच्छा तरीका है। लेकिन एक फिल्म विशेष रूप से 2-3 घंटे की होती है और उसके बाद पूरी होती है। पुस्तक पढ़ना स्पष्ट रूप से फिल्मों को देखने से बेहतर है। जब हम किसी कहानी की किताब या किसी चरित्र को पढ़ते हैं तो वह फिल्मो में इसी तरह की कहानी देखने की तुलना में अधिक दिलचस्प होती है।

किताबे पढ़ने से हमारे दिमाग का भी व्यायाम होता है। दिमाग मजबूत और स्वास्थ्य बनता है, जबकि फिल्मो में हमारा दिमाग उतना क्रियाशील नही होता है। पढ़ने वाली किताब एक दिन में खत्म नहीं हो सकती। इसे काफी लंबे समय तक पढ़ा जाता है।

जैसे-जैसे हम विभिन्न भागों को समाप्त करते हैं, कहानी की किताब या उपन्यास को पढ़ना हमारे लिए एक अविश्वसनीय रुचिकर काम बनता जाता है। हम उस कहानी में इतना तल्लीन हो जाते हैं जैसे वह कहानी वास्तव में घटित हो रही हो।

पुस्तकों पढ़ना एक अच्छी आदत है, जिसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है। हम सभी को पुस्तकों को समझने की प्रवृत्ति को बढ़ावा देना चाहिए। पुस्तकें हमें महत्वपूर्ण जानकारी देती हैं और साथ ही हमें और अधिक प्रखर, बुध्दिमान बनाती हैं।

पुस्तकों को पढ़ने से हमारे जीवन में तनाव की कोई जगह नही बचती है और हमारी रचनात्मक क्षमता में वृद्धि होती है। इन्हीं सब विशेषताओं के कारण पुस्तकों का महत्व बहुत अधिक है।

हमने यहाँ पर विद्यार्थी जीवन में पुस्तकों का महत्व ( Pustak ka Mahatva Essay in Hindi )  शेयर किया है। उम्मीद करते हैं आपको यह लेख अवश्य पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। यदि आपका इसे लेख से जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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Rahul Singh Tanwar

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मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध | Essay on My Favorite Book in Hindi

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मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध | Essay on My Favorite Book in Hindi!

पुस्तकें हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं । वे समय-समय पर एक अच्छे मित्र व गुरु की भूमिका अदा करती हैं । किसी व्यक्ति को जीवन में सफलता दिलाने में इनका बहुत बड़ा योगदान होता है ।

लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने सच ही कहा है कि ”मैं नरक में भी उत्तम पुस्तकों का आदर करूँगा क्योंकि इनमें वह शक्ति है जो नर्क में भी स्वर्ग का सुख प्रदान कर सकती है । वैसे तो मैंने अब तक अनेक पुस्तकें पढ़ी हैं परंतु इन सब मैं गोस्वामी तुलसीदास द्‌वारा रचित ‘रामचरित-मानस’ ने मुझे अत्यधिक प्रभावित किया है ।”

‘रामचरितमानस’ मेरी सबसे प्रिय पुस्तक है, क्योंकि यह एक कहानी संग्रह मात्र ही नहीं है अपितु उससे अधिक है जिसमें दर्शन के साथ ही उत्तम चरित्र निर्माण हेतु सभी तत्व विद्‌यमान हैं । यह पुस्तक अयोध्या के राजा श्रीराम के जीवन चरित्र पर आधारित है जिन्हें हिंदूजन भगवान का अवतार मानते हैं ।

श्रीराम अयोध्या के राजा दशरथ के पुत्र थे । बचपन से ही वे बहुत प्रतिभावान थे । उनमें वे सभी गुण विद्‌यमान थे जो किसी आदर्श पुत्र में होने चाहिए । अपने पिता की इच्छा का सम्मान करते हुए वे 14 वर्ष के लिए अपने भाई लक्ष्मण तथा पत्नी सीता सहित वनवास के लिए गए ।

इस दौरान उन्हें अनेक असुरों से सामना करना पड़ा । श्री हनुमान जी भी वनवास के दौरान ही उनसे मिले । उनकी पत्नी को आततायी असुरराज रावण उठाकर ले गया । श्रीराम का रावण के साथ भयंकर युद्‌ध हुआ ।

अंत में श्री राम की विजय हुई तथा रावण सहित अनेक बड़ी आसुरी शक्तियों का नाश हुआ । उसके पश्चात् वनवास पूरा होने के उपरांत वे अपनी पत्नी व भाई सहित वापस अयोध्या लौट आए और अनेक वर्षों तक अयोध्या पर राज्य किया ।

मनुष्य के उत्तम चारित्रिक विकास के लिए ‘रामचरितमानस’ संसार की सर्वश्रेष्ठ पुस्तकों में से एक है । इसमें जीवन के लगभग सभी पहलुओं का समावेश है । दु:ख, सुख, घृणा, अहंकार, पितृभक्ति, प्यार, क्षमा, त्याग आदि सभी भाव इसमें मिलते हैं ।

यह हमें सिखाती है कि हम माता-पिता, भाई-बहन, पत्नी, पुत्र, गुरुजन, अजनबी व अन्य सगे-संबधियों के साथ किस प्रकार का आचरण रखें । रामचरितमानस में यूँ तो सदियों पुरानी कहानी है परंतु इसकी प्रासंगिकता आज भी है और भविष्य में भी बनी रहेगी ।

इस कहानी में श्रीराम मर्यादा पुरुषोलम के रूप में अवतरित हैं जिन्होंने धर्म की रक्षा के लिए असुरों का संहार किया । सीता एक आदर्श पत्नी की भूमिका में हर सुख-दुख में अपने पति के साथ रहीं । अयोध्या के संपूर्ण वैभव को त्यागकर पति के साथ वन में भटकीं । राजा दशरथ ने पुत्र वियोग में अपने प्राण त्याग दिए लेकिन अपने वचन को पूरा किया ।

भ्राता लक्ष्मण ने सभी कठिनाइयों में श्रीराम का साथ दिया । भ्राता भरत ने श्रीराम का सेवक बनकर राजकाज सँभाला । इसी प्रकार हनुमान की स्वामिभक्ति को इस ग्रंथ में बड़े ही अद्‌भुत ढंग से प्रस्तुत किया गया है । महावीर हनुमान ने अपने स्वामी राम से शक्ति पाकर ऐसे-ऐसे महान् कार्य किए जो मानव इतिहास में अद्‌वितीय हैं । यह पुस्तक अनेक ऐसे आदर्श उदाहरणों से परिपूरित है ।

यह हमें सिखाती है कि अंतत: अच्छाई ही बुराई पर विजय प्राप्त करती है । दुष्ट प्रकृति के लोग ही अंतत: कष्ट पाते हैं अथवा उनका समूल नष्ट हो जाता है । निस्संदेह देश के जनमानस पर यह पुस्तक अपनी अमिट छाप छोड़ चुकी है ।

शायद ही कोई ऐसा हिंदू घर होगा जहाँ यह पुस्तक न हो । हम सब को चाहिए कि इसके उच्च शिक्षा आदर्शो का अनुसरण कर हम श्रेष्ठतम चरित्र का निर्माण करें और स्वयं के तथा अपने कुल व राष्ट्र के नाम को गौरवान्वित करें ।

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पुस्तकों का महत्व निबंध | Essay on Importance of Books in Hindi

नमस्कार आज का निबंध, पुस्तकों का महत्व निबंध Essay on Importance of Books in Hindi पर दिया गया हैं. आज के निबंध में पुस्तक अथवा किताब मनुष्य की सच्ची मित्र क्यों कही जाती हैं.

जीवन में पुस्तकों के महत्व पर आसान भाषा में स्टूडेंट्स के लिए निबंध दिया गया हैं. उम्मीद करते है आपको ये निबंध पसंद आएगा.

पुस्तकों का महत्व निबंध Essay on Importance of Books in Hindi

पुस्तकों का महत्व निबंध Essay on Importance of Books in Hindi

विश्व की अधिकांश प्रतिभाएं पुस्तकों से ही निकली हैं, पढ़ते तो सभी हैं, पर पढ़कर अपने जीवन को महान बनाने का जो अवसर सुभाषचंद्र बोस, जवाहरलाल नेहरू, मैक्सिम गोर्की, मार्क्स स्टॅलिन, माइकल फैराडे, डार्विन, लूथरबर बैंक आदि ने प्राप्त किया हैं.

उस रहस्य को हम कहाँ जान पाए हैं. हम यदि इन्ही महामानवों की तरह पढ़े हुए आदर्शों को अपने जीवन में उतार सके, तो हमारी गणना भी गांधी, गोर्की जैसे महान प्रसूत पुत्रों में हो सकती हैं. पुस्तकों का महत्व पर निबंध में हम जानेगे कि किस तरह किताबें हमारी सच्ची दोस्त होती हैं.

संत इमर्सन से उनके एक मित्र से पूछा आपको स्वर्ग में जाने को कहा जाए तो आप क्या तैयारी करोगे?, सबसे पहले अपनी सारी पुस्तकें बाँध लेगे, इमर्सन बोले ताकि स्वर्ग में हमारा समय बेकार न जाए.

लोकमान्य तिलक से एक मित्र ने पूछा- आपकों नर्क में जाना पड़े तो आप क्या करोगे, अपने साथ पुस्तकें ले जाउगा, ताकि स्वाध्याय द्वारा नरक को भी स्वर्ग में बदलने वाले विचार इकट्ठा कर सकू, लोकमान्य बोले.

कही से भी, किसी प्रकार भी जीवन को समुन्नत बनाने वाले सुलझे हुए उत्कृष्ट विचारों को मस्तिष्क में भरने का साधन जुटाना चाहिए.

स्वाध्याय से, सत्संग से, मनन से, चिन्तन से जैसे भी बन पड़े वैसे यह व्यवस्था करनी चाहिए कि हमारा मस्तिष्क उच्च विचारधारा में निमग्न रहे.

यदि इस प्रकार के विचारों में मन लगने लगे, उसकी उपयोगिता समझ पड़ने लगे, उनको अपनाते हुए आनन्द का अनुभव होने लगे तो समझना चाहिए की आधी मंजिल पार कर ली हैं.

गीता में कहा गया हैं न हि ज्ञानेन सद्रश पवित्रमिह विद्यते अर्थात इस संसार में ज्ञान से बढ़कर कोई और श्रेष्ठ वस्तु नही हैं. यदि हम इस संसार में सर्वश्रेष्ठ वस्तु तलाश करना चाहते हैं तो अन्तः ज्ञान को ही वह श्रेष्ठता प्रदान करनी पड़ेगी.

इसे प्राप्त करना सामान्य श्रेणी की योग्यता एवं परिस्थितियों के व्यक्ति अत्यंत उच्च कोटि का स्थान प्राप्त करते हैं. ज्ञान को ही पारसमणि कहा गया हैं.

लोहा पारस को छूकर सोना बन जाता हैं या नहीं? पारस कहीं हैं या नही? ये बाते संदिग्ध हैं पर ज्ञान रूपी पारस स्पर्श कर तुच्छ श्रेणी के व्यक्ति ऊँचे से ऊँचे स्थान पर पहुच सकते हैं. यह निर्विवाद सत्य हैं.

किसी ने महात्मा जी से पूछा- महात्मा जी इस रामायण को सही माना जाए या गलत? महात्मा जी ने उत्तर दिया- जब रामायण की रचना की गई थी, तब मैं नही था.

तो मैं कैसे कहूँ कि यह सही है या गलत. मैं तो केवल इतना बता सकता हूँ कि उसके पढ़ने से ही मैं सही हो गया हूँ, चाहों तो यह क्रम तुम भी अपना सकते हो.

पढ़ने का कार्य स्वाध्याय नही हैं, स्वाध्याय वही कहा जाएगा जो हमारी जीवन की समस्याओं पर आंतरिक उलझनों पर प्रकाश डालता हैं और मानवता को उज्ज्वल करने वाली स्द्प्रव्रतियों को अपनाने की प्रेरणा देता हैं.

सच्चे निस्वार्थी आत्मीय मित्र मिलना बहुत अच्छा है लेकिन हममें से बहुतों को इस सम्बन्ध में निराश ही होना पड़ता हैं. लेकिन अच्छी पुस्तकें सहज ही हमारी सच्ची मित्र बन जाती हैं. वे हमें सही रास्ता दिखाती हैं.

जीवन पथ पर आगे बढ़ने में हमारा साथ देती हैं. महात्मा गांधी ने कहा हैं- अच्छी पुस्तकें पास होने पर हमें भले मित्रों की कमी नही खटकती वरन मैं जितना पुस्तकों का अध्ययन करता हूँ, उतनी ही वे मुझे उपयोगी मित्र मालुम होती हैं.

स्मरण रखिये पुस्तकें जागृत देवता हैं. उनके अध्ययन, मनन, चिन्तन के द्वारा पूजा करने पर तत्काल ही वरदान पाया जा सकता हैं. हमें नियमित रूप से सद्ग्रंथों का अवलोकन करना चाहिए. उत्तम पुस्तकों का स्वाध्याय जीवन का आवश्यक कर्तव्य बना लेना चाहिए.

पुस्तकों के अध्ययन के समय मनुष्य की गति एक सूक्ष्म विचारलोक में होने लगती हैं. द्रश्य जगत शरीर यहाँ के कई व्यापार, हो ह्ल्ल्ड भी मनुष्य उस समय भूल जाता हैं.

सूक्ष्म विचारलोक में भ्रमण करने का यह अनिर्वचनीय आनन्द योगियों की समाधि अवस्था के आनन्द जैसा होता हैं. इस स्थिति में मनुष्य द्रश्य जगत से उठकर अद्रश्य जगत में सुक्ष्मलोक में विचरण करने लगता हैं और वहां कई दिव्य विचारों का मानसिक स्पर्श प्राप्त करता हैं.

यह ठीक उसी तरह हैं. जैसे योगी दिव्य चेतना का सानिध्य प्राप्त करता हैं. ध्यानावस्था में पुस्तकों का अध्ययन एक ऐसी साधना हैं जिससे मनुष्य अपने अंतबाह्य जीवन का पर्याप्त विकास कर सकता हैं.

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Pustakalaya Essay in Hindi : जानिए पुस्तकालय पर निबंध के बारे में 

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  • Updated on  
  • मार्च 1, 2024

Pustakalaya Essay in Hindi

पुस्तकालय में पुस्तकों की सहायता से हम साहित्य, कला और ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के ज्ञान संरक्षित कर सकते हैं। छात्रों के जीवन में पुस्तक का अत्यधिक महत्व होता है। पुस्तकालय से आप अपनी जरूरत के समय किताबें ले सकते हैं तथा अपना कार्य पूर्ण होने के बाद वे उन्हें वापस लौटा सकते हैं। Pustakalaya Essay in Hindi के बारे में अधिक जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें। 

This Blog Includes:

पुस्तकालय पर 100 शब्दों में निबंध, पुस्तकालय पर 200 शब्दों में निबंध, पुस्तकालय का महत्व, पुस्तकालय और शिक्षा के बीच संबंध, पुस्तकालय पर 10 लाइन्स.

Pustakalaya Essay in Hindi 100 शब्दों में निबंध नीचे दिया गया है:

पुस्तकालय ज्ञान के अमूल्य भंडार होते हैं। पुस्तकालय में विभिन्न प्रकार की पुस्तक पत्रिकाएं और डिजिटल संसाधन होते हैं जिनसे आप ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। पुस्तकालय छात्रों, विद्वानों और आम जनता की जरूरतों को पूरा करते हैं। किताबों से परे, पुस्तकालय अध्ययन, अनुसंधान और चिंतन के लिए शांत स्थान प्रदान करते हैं। ये बौद्धिक विकास और रचनात्मकता को बढ़ावा देते हैं। पुस्तकालय सामुदायिक केंद्र के रूप में भी काम करते हैं, वहां कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और शैक्षिक कार्यक्रमों की मेजबानी की जा सकती है। पुस्तकालय कंप्यूटर, इंटरनेट कनेक्टिविटी और डिजिटल संसाधनों तक पहुंच प्रदान करके डिजिटल विभाजन को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पुस्तकालय ज्ञान और संपर्क का केंद्र बिंदु होते हैं।

Pustakalaya Essay in Hindi 200 शब्दों में निबंध नीचे दिया गया है:

पुस्तकालय ज्ञान और कौशल को बढ़ाने के लिए अहम स्थान होते हैं। वे सूचना और ज्ञान के चाहने वालों के लिए एक समृद्ध स्थान होते हैं। पुस्तकालय में पुस्तकों, पत्रिकाओं और डिजिटल संसाधनों की एक विशाल श्रृंखला होती है। साहित्य के भंडार होने के के साथ पुस्तकालय सामुदायिक स्थानों के रूप में भी काम करते हैं जहां व्यक्ति शांत अध्ययन, अनुसंधान और चिंतन में संलग्न हो सकते हैं। वे उन संसाधनों और सेवाओं तक पहुंच प्रदान करते हैं जो शिक्षा, आजीवन सीखने और व्यक्तिगत विकास देते हैं। बड़े पुस्तकालय में व्यक्ति ऐसी किताबें प्राप्त कर सकते हैं जिन्हे वे स्वयं खरीद नहीं पाते हैं। 

पुस्तकालय ज्ञान को बढ़ावा देने महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पुस्तकालय में सुनाने के सत्रों, पुस्तक क्लबों और शैक्षिक कार्यक्रमों के माध्यम के माध्यम से भी लोगों को प्रेरित किया जाता है। 

पुस्तकालय सामुदायिक जुड़ाव, कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और प्रदर्शनियों के केंद्र के रूप में भी काम करते हैं। वे लोगों को संस्कृति और विरासत के लिए एक साथ लाते हैं।  

आज के डिजिटल युग में, पुस्तकालय, ई-पुस्तकें, ऑनलाइन डेटाबेस और इंटरनेट एक्सेस सहित डिजिटल संसाधनों की एक विस्तृत श्रृंखला की पेशकश करने के लिए विकसित हो गए हैं। पुस्तकालय में लोग सूचना प्राप्त कर सकते हैं। पुस्तकालय समाज में ज्ञान, संबंध और सशक्तिकरण के प्रतीक के रूप में कार्य करते हैं। वे शिक्षा और बौद्धिक स्वतंत्रता के मूल्यों को कायम रखते हैं। 

पुस्तकालय पर 500 शब्दों में निबंध

Pustakalaya Essay in Hindi 500 शब्दों में निबंध नीचे दिया गया है:

पुस्तकालय को ज्ञान का स्तंभ कहा जाता है। ये वर्षों से मानवता के लिए ज्ञान के स्त्रोत बने हुए हैं। कहा जाता है की नालंदा विश्वविद्यालय का पुस्तकालय अपने समय का दुनिया में सबसे विशाल पुस्तकालय था। शिक्षा के स्थान युगों से आगे निकल गए हैं, जो ज्ञान के चाहने वालों को अमूल्य संसाधन प्रदान करते हैं। प्राचीन स्क्रॉल से लेकर डिजिटल अभिलेखागार तक, पुस्तकालय प्रगति की गति के साथ विकसित हुए हैं। पुस्तकालय की वजह से छात्रों को उन पुस्तकों तक पहुंच भी आसानी से मिल जाती है जिन्हें वह सामान्य बाजार में नहीं खरीद सकते। 

पुस्तकालय का महत्व शिक्षा, संस्कृति और समुदाय की आधारशिला के रूप में अपनी भूमिका निभाते हैं। पुस्तकालय भविष्य की पीढ़ियों के लिए पुस्तकों, पांडुलिपियों और अन्य दस्तावेजों को संरक्षित करके मानवता के सामूहिक ज्ञान की रक्षा करते हैं। वे सांस्कृतिक विरासत के भंडार के रूप में कार्य करते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि बहुमूल्य जानकारी और अंतर्दृष्टि समय के साथ नष्ट न हो जाएं। पुस्तकालय विविध रुचियों और जरूरतों को पूरा करते हुए ढेर सारी जानकारी तक पहुंच प्रदान करते हैं। शैक्षणिक अनुसंधान से लेकर मनोरंजक पढ़ने तक, पुस्तकालय पुस्तकों, पत्रिकाओं, मल्टीमीडिया सामग्री और डिजिटल डेटाबेस सहित संसाधनों की एक विशाल श्रृंखला प्रदान करते हैं। पुस्तकालय साक्षरता को बढ़ावा देने और पढ़ने के प्रति प्रेम को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कहानी सत्र, साक्षरता कार्यशालाएं और पुस्तक क्लब जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से, पुस्तकालय सभी उम्र के लोगों को साहित्य से जुड़ने और आवश्यक साक्षरता कौशल विकसित करने के लिए प्रेरित करते हैं। छात्र अपनी शैक्षणिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए पाठ्यपुस्तकों, सामग्रियों और अध्ययन संसाधनों तक पहुंच सकते हैं। पुस्तकालय सामुदायिक केंद्र के रूप में काम करते हैं, लोगों को विभिन्न गतिविधियों और आयोजनों के लिए एक साथ लाते हैं। लेखक वार्ता और व्याख्यान से लेकर कला प्रदर्शनियों और कार्यशालाओं तक, पुस्तकालय कई सारे सीखने के अवसर प्रदान करते हैं। डिजिटल युग में, पुस्तकालय कंप्यूटर, इंटरनेट कनेक्टिविटी और डिजिटल संसाधनों तक पहुंच प्रदान करके डिजिटल अंतर को भी कम करते हैं। वे व्यक्तियों को आवश्यक डिजिटल साक्षरता कौशल से सशक्त बनाते हैं और सूचना और प्रौद्योगिकी तक समान पहुंच सुनिश्चित करते हैं।

पुस्तकालयों और शिक्षा के बीच संबंध सहजीवी है। यह संबंध एक दूसरे को समर्थन देने और बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पुस्तकालय छात्रों और शिक्षकों को पाठ्यपुस्तकों, अध्ययन सामग्री, विद्वान पत्रिकाओं और मल्टीमीडिया संसाधनों सहित संसाधनों की एक विस्तृत श्रृंखला तक पहुंच प्रदान करते हैं। ये संसाधन अतिरिक्त जानकारी और सीखने के अवसर प्रदान करते हैं। पुस्तकालय अनुसंधान के लिए अमूल्य केंद्र के रूप में काम करते हैं, जो अकादमिक डेटाबेस विशेष संग्रह तक पहुंच प्रदान करते हैं। छात्र और शिक्षक अपने शैक्षणिक प्रयासों के लिए अनुसंधान कर सकते हैं, डेटा एकत्र कर सकते हैं और विद्वान साहित्य तक पहुंच सकते हैं। पुस्तकालय साक्षरता को बढ़ावा देने और छात्रों के बीच पढ़ने के प्रति प्रेम को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। साक्षरता कार्यक्रमों, कहानी कहने के सत्रों और पुस्तक क्लबों के माध्यम से, पुस्तकालय सीखने के लिए जुनून पैदा करते हैं और छात्रों को पढ़ने और समझने के कौशल विकसित करने में मदद करते हैं। पुस्तकालय छात्रों को जानकारी को प्रभावी ढंग से नेविगेट करने, गंभीर मूल्यांकन करने और गलत सूचना से विश्वसनीय जानकारी को समझना सिखाते हैं। आज के डिजिटल युग में पुस्तकालय छात्रों को कंप्यूटर, इंटरनेट कनेक्टिविटी और डिजिटल संसाधनों तक पहुंच प्रदान करते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि सभी छात्रों को उनकी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना, आधुनिक शिक्षा के लिए डिजिटल शिक्षण उपकरणों तक पहुंच प्राप्त हो। छात्र और शिक्षक समान रूप से व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के लिए जीवन भर पुस्तकालयों से जुड़ सकते हैं।

पुस्तकालय पर 10 लाइन्स नीचे दी गई है:

  • पुस्तकालय ज्ञान के भंडार होते हैं, जिनमें पुस्तकों, पत्रिकाओं और डिजिटल संसाधनों की एक विशाल श्रृंखला होती है।
  • वे भावी पीढ़ियों के लिए मानवता के सामूहिक ज्ञान को संरक्षित करते हुए, सांस्कृतिक भंडार के रूप में कार्य करते हैं।
  • पुस्तकालय शैक्षिक कार्यक्रमों और संसाधनों के माध्यम से साक्षरता और आजीवन सीखने को बढ़ावा देते हैं।
  • वे जानकारी तक पहुंच प्रदान करते हैं और विभिन्न विषयों में अनुसंधान प्रयासों का समर्थन करते हैं।
  • पुस्तकालय अध्ययन, चिंतन और शैक्षणिक गतिविधियों के लिए शांत स्थान प्रदान करते हैं।
  • वे कहानी सुनाने के सत्रों और पुस्तक क्लबों के माध्यम से पढ़ने और साहित्य के प्रति प्रेम को बढ़ावा देते हैं।
  • पुस्तकालय कंप्यूटर और इंटरनेट कनेक्टिविटी तक पहुंच प्रदान करके डिजिटल विभाजन कम करते हैं।
  • वे ऐसे सामुदायिक केंद्र के रूप में कार्य करते हैं, जहां कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और प्रदर्शनिया आयोजित की जा सकती हैं।
  • डिजिटल युग में आगे बढ़ने के लिए पुस्तकालय व्यक्तियों को आवश्यक सूचना साक्षरता कौशल प्रदान करते हैं।
  • पुस्तकालय अमूल्य संस्थान होते हैं जो जीवन को समृद्ध बनाते हैं, समुदायों को सशक्त बनाते हैं और मानवता की बौद्धिक विरासत को संरक्षित करते हैं।

पुस्तकालय ज्ञान की खोज के लिए लगातार बदलती दुनिया में ज्ञान के प्रकाशस्तंभ के रूप में कार्य कर रहे हैं। वे किताबों से भरी इमारतों से कहीं अधिक हैं। वे ज्ञान के भंडार होते हैं, सीखने के प्रति प्रेम को बढ़ावा देते हैं, साक्षरता को बढ़ावा देते हैं। आधुनिक युग के लिए आवश्यक कौशल वाले व्यक्तियों को सशक्त बनाते हैं। हमारी सांस्कृतिक विरासत के संरक्षक के रूप में, पुस्तकालय भविष्य की संभावनाओं को अपनाते हुए अतीत के खजाने को भी संरक्षित करते हैं। उनका महत्व सीमाओं और पीढ़ियों से परे होता है। पुस्तकों से प्राप्त ज्ञान लोगों में रचनात्मकता को प्रेरित करता है और जीवन को समृद्ध बनाता है। जानकारी से भरी दुनिया में, पुस्तकालय पहुंच प्रदान करने, समझ को बढ़ावा देने का महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। पुस्तकालय वे स्तंभ हैं जिन पर सभ्यताओं का निर्माण होता है, जो यह सुनिश्चित करते हैं कि सीखने की रोशनी आने वाली पीढ़ियों के लिए आगे का मार्ग रोशन करती रहे।

पुस्तकालय पुस्तकों, पत्रिकाओं,  समाचार पत्रों, डिजिटल डेटाबेस, मल्टीमीडिया सामग्री और शैक्षिक उपकरणों सहित संसाधनों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करते हैं।

कई पुस्तकालय अपनी वेबसाइटों या लाइब्रेरी ऐप्स के माध्यम से ई-पुस्तकें, ऑडियोबुक, ऑनलाइन डेटाबेस और स्ट्रीमिंग सेवाओं जैसे डिजिटल संसाधनों तक पहुंच प्रदान करते हैं।  इन संसाधनों तक पहुंचने के लिए उपयोगकर्ताओं को अक्सर लाइब्रेरी कार्ड की आवश्यकता होती है।

हाँ, पुस्तकालय में अक्सर सभी उम्र के लोगों के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम किए जाते हैं, जिनमें लेखक वार्ता, पुस्तक क्लब, कहानी कहने के सत्र, कार्यशालाएँ, व्याख्यान, कला प्रदर्शनियाँ और शैक्षिक कार्यक्रम शामिल हैं।

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पुस्तक मेला पर निबंध Essay on Book Fair in Hindi

आज के इस लेख में हमने – पुस्तक मेला पर निबंध प्रस्तुत किया है (Essay on Book Fair in Hindi). आज इस निबंध में मैंने दिल्ली के विश्व पुस्तक प्रदर्शनी दृश्य को बताया है।

Table of Content

प्रगति मैदान में पुस्तक मेले का आयोजन

पुस्तक मेले की विशेषताये.

इस पुस्तक मेले में स्त्री, पुरुष और बच्चे भी आए हुए थे। सभी अपने मनपसंद किताब खरीदना चाहते थे। मेले में काफी गहमागहमी थी। यहां पर हिंदी अंग्रेजी के साथ साथ दूसरी भाषाओं की किताबें भी उपलब्ध थी। सब तरफ काफी चहल-पहल देखने को मिल रही थी। देशी प्रकाशकों के अलावा अंतरराष्ट्रीय प्रकाशक भी अपने स्टाल लगाए हुए थे और पुस्तकें बेच रहे थे। कुछ प्रकाशक चाय और कॉफी भी मुफ्त में बांट रहे थे। मैंने और मेरे दोस्त गगन ने कॉफी पी और पुस्तक मेले का आनंद उठाया।

मेरी प्रिय पुस्तकें

पुस्तकें जो मैंने खरीदी, पिताजी के लिए पुस्तक खरीदी.

मेरे पिताजी को पुस्तक पढ़ने का बहुत शौक है। वे कई दिनों से महात्मा गांधी की आत्मकथा “सत्य के प्रयोग” पढ़ना चाहते थे, पर यह पुस्तक उन्हें कहीं नहीं मिल रही थी। मैंने “सत्य के प्रयोग” पुस्तक को विश्व पुस्तक मेले से खरीद लिया और पिताजी को लाकर दी। वह पुस्तक देखकर पिताजी बहुत ही प्रसन्न थे।

दिल्ली के पुस्तक मेले का इतिहास

2019 के विश्व पुस्तक मेले की थीम, भारत के प्रसिद्ध पुस्तक मेले.

नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला, चेन्नई पुस्तक मेला, एरोड पुस्तक मेला, कोलकाता पुस्तक मेला, पटना पुस्तक मेला, जयपुर पुस्तक मेला

पुस्तक मेले के फायदे

प्रिय लेखकों से मिलने का मौका, नये लेखको को अवसर, व्यापार की दृष्टि से लाभदायक.

पुस्तक मेलों में बड़ी मात्रा में पुस्तक प्रेमी देश और विदेश से आते हैं। वहां पर हजारों की हजारों लाखों की संख्या में पुस्तकें बिकती हैं, जिससे प्रकाशको (Publishers) को लाभ मिलता है। हर प्रकाशक पुस्तक मेले में अपनी किताबें बेचना चाहता है।

दुर्लभ पुस्तकें भी उपलब्ध होती हैं

हर प्रकार के पाठक के लिए पुस्तक.

Featured Image Source – Flickr

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पुस्तके हमारे सच्चे मित्र पर निबंध (Books Our Best Friends Essay In Hindi)

पुस्तके हमारी सच्ची मित्र होती है। एक बार आपका कोई दोस्त आपका साथ छोड़ सकता है, पर पुस्तके कभी हमारा साथ नहीँ छोड़ती। दुख में सुख में हंसी खुशी सभी मे पुस्तके एक सच्ची मित्र बनकर हमारा साथ निभाती है।

वही लेखनी पांडुलिपि कहि जाती है और उन पांडुलिपि रूप को कम्पोजिटर के हाथों में दे दिया जाता है, जो इन पुस्तकों को टाइपो के रूप में बांध देते है। इसके बाद जो रूप हमारे पास उभर कर आता है, उसे कहते है पुस्तक।

पुस्तक पर लिखे ये कथन हमे ये सिखाते है कि पुस्तक ही हमारी वो सच्ची मित्र है जो हमेशा हमारा साथ निभाती है। पुस्तक का साथ हमें कभी नही छोड़ना चाहिए, क्योंकि ये हमेशा कुछ अच्छा ही सिखाएंगी ओर हमारा भला ही चाहेंगी।

जैसे-जैसे सभ्यता का विकास हुआ, तकनीकी युग का आरंभ हुआ, तब छापाखाना यानी प्रिंटिंग मशीन का आविष्कार हुआ। तब से ही विभिन्न पुस्तकों का निर्माण हुआ ओर वही ऋषी मुनियों के विचार आज तक हमारे पास सुरक्षित है।

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एक उत्तम निबंध कैसे लिखें.

Last Updated: May 9, 2017 By Gopal Mishra 11 Comments

निबंध कैसे लिखें?

How to write an essay in hindi.

निबंध लिखने का तरीका समझने से पहले यह जानना आवश्यक है कि “निबंध क्या है?” और उसके तत्त्व कौन से हैं व सफल निबन्ध की कसौटी क्या है? तत्पश्चात ही उच्च गुणवत्ता का निबन्ध लेखन किया जा सकता है।

rummy gold

निबंध क्या है?

हिंदी के प्रमुख साहित्यकार आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने निबन्ध को परिभाषित करते हुए कहा है-

निबन्ध लेखक अपने मन की प्रवृत्ति के अनुसार स्वच्छंद गति से इधर-उधर फूटी हुई सूत्र शाखाओं पर विचरता चलता है।

उपरोक्त परिभाषा से दो तथ्य तो स्पष्ट हो जाते हैं कि निबन्ध लेखक के मन की प्रवृत्ति के अनुरूप  ही होना चाहिए और निबन्ध का लेखन स्वच्छन्द गति पर आधारित हो अर्थात निबन्ध लेखक के व्यक्तित्त्व को, उसके मानसिक चिन्तन को शत-प्रतिशत उजागर करता हो। यानी निबंध ऐसा लिखना चाहिए कि लेखक का चिंतन, वैचारिक स्तर, विषय पर उसकी स्वयं की विचारधारा स्पष्ट हो जानी चाहिए।

यानि हम कह सकते हैं कि-

Rummy Perfect

निबंध, लेखक के व्यक्तित्व को प्रकाशित करने वाली ललित गद्य-रचना है।

इसके अतिरिक्त लेखक को नदी की धारा सम स्वच्छन्दता से बहना चाहिए, किसी अन्य के मत से प्रभावित हुए बिना। लेखक का व्यक्तिगत परिचय या स्वार्थ विषय-वस्तु को प्रभावित न करे- यह अत्यन्त आवश्यक है। ज़रूरी नहीं कि आप जो भी लिखें वो सभी को स्वीकार्य हो, ज़रूरी ये है कि आप निष्पक्ष हो कर लिखें क्योंकि निष्पक्षता ही किसी निबंध की प्रथम और अंतिम कसौटी है।

कुछ अन्य बातों की ओर भी निबन्ध लेखक का ध्यान हो, जैसे-

  • पाठक को निबन्ध पढ़ते हुए सहभागिता का अनुभव हो
  • लेखक के विचार पाठक को सरलता से समझ आने चाहियें
  • जहाँ तक संभव हो लेखक के अनुभव पाठक को आप-बीते अनुभव हों

वस्तुतः किसी भी निबन्ध की सफलता इसी तथ्य पर निर्भर करती है कि पाठक उससे कितनी आत्मीयता अनुभव करते हैं।

निबन्ध कैसे लिखें?

मूलतः हमारा विषय यह था कि “ निबन्ध कैसे लिखें “। एक आप-बीती बताती हूँ -शिक्षण जगत में प्रवेश किया ही था कि एक निराश कर देने वाला अनुभव हुआ। परीक्षा के पश्चात एक विद्यार्थी से परीक्षा संबंधित वार्तालाप करते हुए कहा,” निबन्ध छोड़ आया क्योंकि याद किया हुआ नहीं आया।” मैं अचंभित होते हुए उससे पूछ बैठी,” निबन्ध को भी याद करना होता है क्या?” उसने कोई उत्तर नही दिया।

काफी विचार-मंथन के पश्चात मुझे सम्पूर्ण शिक्षण-प्रक्रिया में यह खामी नज़र आयी कि हम शायद यह समझ ही नहीं पाए थे कि पाठ्यक्रम में निबन्ध-लेखन क्यों जोड़ा गया है। कक्षा में छात्रों का वाद-विवाद होने पर प्रायः यह कहा करती थी कि अगर अपने विचारों को स्पष्ट नहीं कर पा रहे और विवाद का हल हिंसा में खोजते हो तो सारी शिक्षण – व्यवस्था ही  असफल है।विचारों को उचित तरीके से स्पष्ट कर पाने की कला को सीखना  ही निबन्ध-लेखन का मूल मंतव्य है।

मित्रों, निबंध कैसे लिखें  समझने के लिए यह जानना ज़रूरी है कि-

पाठ्यक्रम में निबन्ध – लेखन को क्यों समाहित किया गया :

1.  विद्यार्थी अपने विचारों को एकत्र करना सीख पाए। 2. विचारों को संतुलित तरीके से व्यक्त कर पाएं। 3. भाषा को उपयुक्त रूप से प्रयोग करना सीख पाएं। 4. किसी भी विषय पर छात्रों के स्वयं के विचार हों। 5. उनका वैचारिक स्तर निश्चित हो सके। 6. संवेदनात्मक व वैचारिक स्तर पर परिपक्व हो सके। 7. वे अपने विचारों को सकारात्मक दिशा दे पाए। 8.  अपने विचारों को दृढ़ता से रखना सीख सके। 9. आलोचनात्मक दृष्टिकोण विकसित हो सके। 10.रटन्तू तोता न बन विचारशील प्राणी बन सके।

अब प्रश्न यह उठता है कि निबन्ध किस प्रकार लिखे जाने चाहियें।

निबन्ध लिखते हुए छात्रों को इन बातों पर ध्यान देना चाहिए-

1) निबंध के विषय पर अधिक से अधिक जानकारी एकत्र करें, इसके लिए आप इन्टरनेट और पुस्कालयों की मदद ले सकते हैं। आप अपने शिक्षक से भी विषय सम्बंधित किताबों या लेखों के बारे में जानकारी ले सकते हैं। यदि आप किसी परिभाषा या वक्तव्य को प्रयोग करना चाहते हैं तो उसे लिख लें और उसका स्रोत भी नोट कर लें। विशेषकर आपकी सोच को बल देती महापुरुषों की उक्तियाँ अवश्य लिख  कर याद कर लें।

ध्यान रहे कि अध्यन करने के पीछे का उद्देश्य चीजों को रटना नहीं बल्कि अपने ज्ञान को बढ़ाना और अपनी एक सोच विकसित करना है।

2) पहले से लिखे उत्कृष्ट निबंधों का अध्यन करें। ऐसा करते हुए आपको एक अच्छे निबन्ध के प्रारूप को समझना है। यहाँ यह भी ज़रूरी नहीं कि आप उसी विषय पर निबंध पढ़ें जिसपर आपको खुद लिखना है, आप किसी भी विषय पर लिखा अच्छा निबंध पढ़कर अपना लेखन सुधार सकते हैं।

3) अपने विषय को लेकर आपने जो विचार बनाए हैं उसकी अपने मित्रों या परिवारजनों से चर्चा करें। चर्चा से निकले प्रमुख बिन्दुओं को नोट कर लें और सही हो तो उनका निबंध में प्रयोग करें।

4) निबन्ध लिखने से पहले उसकी एक रूपरेखा बना लें: आरम्भ, मध्य व अंत मे क्या-क्या लिखना है सोच लें और किसी अन्य पेज पर बुलेट पॉइंट्स में लिख लें।

5) निबंध की भाषा सरल व स्पष्ट हो।

6) लेखन शुद्ध , त्रुटि रहित हो।

7) रटा-रटाया न होकर मौलिक विषय-वस्तु हो।

8) अपने अनुभवों पर आधारित हो।

9) हर तथ्य क्रम में हो मसलन समस्या का अर्थ, कारण, दूर करने के उपाय ओर अंत मे उपसंहार-सभी बातें उचित क्रम में हों।

10) अनावश्यक विस्तार से बचें।

11) तथ्यों की पुनरावृत्ति न करें .

12) शीर्षक व उपशीर्षक को रेखांकित करें।

13) विषय से संबंधित किसी प्रसिद्ध कवि या महा-पुरुष की कोई उक्ति स्मृति में हो तो उसे अवश्य लिखें।

14) अंत मे दोबारा पढ़ कर उसमें आवश्यक सुधार करें और वर्तनी पर विशेष ध्यान दें।

इन तथ्यों को ध्यान में रखकर विद्यार्थी निबन्ध-लेखन में शत-प्रतिशत अंक ला सकता है। निबन्ध- लेखन सागर के समान गहरा अवश्य है पर उसमे उतरेंगे तो सफलता रूपी मोती अवश्य ही पाएंगे।

book ka essay in hindi

लेखिका हिंदी प्रवक्ता

निबंध लेखन की कला सिखाते इस लेख के लिए हम  नीरू ‘शिवम’ जी के आभारी हैं। धन्यवाद!

AchhiKhabar.Com पर प्रकाशित निबंधों की सूची यहाँ देखें 

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book ka essay in hindi

November 27, 2022 at 8:30 pm

Didi thank you so much ?

August 3, 2021 at 4:51 pm

दीदी आपका बहुत बहुत धन्यवाद आपके लेख को पढ़कर काफी प्रेरणा मिली कल मेरा शिक्षाशास्त्र परास्नातक द्वितीय वर्ष पंचम प्रश्नपत्र है आशीर्वाद दीजिएगा

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November 14, 2018 at 11:50 pm

Kya nibandh mE subject related diagram (chitra) banaya ja sakta h

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November 15, 2018 at 8:49 am

नहीं. लेकिन आप इन्फोग्रफिक या टेबल जैसा कुछ बना सकते हैं जिसमे निबंध से सम्बंधित बातें शोर्ट में बतायी गयी हों.

book ka essay in hindi

March 8, 2018 at 10:36 pm

Aapne jo bhi baatein kahin hai wo hum jarur dhayan me rakhenge and thanks for your tips ma’am.

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February 25, 2018 at 12:00 am

Thanks for the tips ma’am…but I request to you ki hum log 3rd class k bacchho ko nibandh dikhana kaise sikhaye samay ki kami k Karan unless pass school books k bad time nahi hota…. please help

book ka essay in hindi

December 28, 2017 at 7:49 pm

Very very thankful sir….

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May 18, 2017 at 10:06 pm

बहुत बढ़िया आर्टिकल स्टूडेंट के लिए बहुत ही फायदेमंद, निबंध से परीक्षा में अच्छे मार्क्स पाने का अवसर होता हैं.

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May 11, 2017 at 3:10 pm

Thanks for this Post sir….

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May 10, 2017 at 6:29 pm

Nice article… Sahi kaha aapne apne vicharon ko sahi tarah se spasht karne ki kala ko sikhna hi nibandh hai. Is article se sabhi students ko nibandh likhne me zarur laabh milega.

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May 10, 2017 at 2:46 am

परीक्षा में अच्छे अंक पाने में निबंध का अहम योगदान होता है और इसके लिए सभी students मेहनत भी करते है लेकिन फिर भी सबका रिजल्ट भिन्न होता है । नीरू जी आपके द्वारा बताएं गए टिप्स से यकीनन Students को बहुत मदद मिलेगी ।

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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दीपावली पर निबंध हिंदी में

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दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) - दीपावली यानि प्रकाश का पर्व। दीपावली अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। दिवाली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार है। दिवाली को दीपावली भी कहते हैं। इस महापर्व को मनाने के पीछे कई मान्यताएं हैं। सबसे प्रमुख मान्यता भगवान राम के वन से अध्योध्या आगमन की है। बुराई चाहे रावण जैसी बलवान और बुद्धिवान क्यों न हो उसका एक दिन अंत होकर ही रहता है। बुराई का साथ देने वाले भले इंद्रजीत, कुंभकर्ण जैसे महाबली क्यों न हों उनका भी विनाश होना तय है। अपने पूज्य राम के रावण के विजय और वनवास समाप्त कर अयोध्या वापसी की खुशी में अयोध्यावासियों ने धूमधाम और हर्ष-उल्लास के साथ सजावट और तैयारियांं कर इस दिन को उत्सव की तरह मनाया तब से हर साल इस दिन दीपावली का उत्सव मनाया जाता है। गुरु नानक जयंती पर निबंध

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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - प्रस्तावना (Introduction)

दीपावली पर निबंध (dipawali per nibandh) - दीपावली पूजा शुभ मुहूर्त (deepawli puja shubh muhurt), दीपावली शुभकामना संदेश, दिवाली पर निबंध (essay on diwali in hindi), दिवाली पर निबंध (essay on diwali in hindi) - उपसंहार (conclusion), दिवाली पर निबंध (essay on diwali in hindi) - दिवाली पर निबंध 10 लाइन (essay on diwali 10 lines).

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दीपावली पर निबंध हिंदी में

दीपावली त्योहार तथा इसकी खूबियों से छात्रों को परिचित कराने के लिए छोटी कक्षाओं में दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) का प्रश्न हिंदी तथा अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पूछा जाता है। इस हिंदी दिवाली निबंध (Diwali Essay in Hindi) से उन युवा शिक्षार्थियों को फायदा मिलेगा जो दीपावाली त्योहार पर हिंदी में निबंध (Diwali Essay in Hindi) लिखना चाहते हैं। हमने नीचे दिए गए निबंध में शुभ दिवाली त्योहार (Happy Diwali Festival in Hindi) के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने का एक छोटा-सा प्रयास किया है। बच्चे दिवाली पर हिंदी के इस निबंध (Diwali Essay in Hindi) से सीखकर लाभ उठा सकते हैं तथा वाक्य कैसे बनाए एवं किन बातों को दीपावली निबंध में जगह दी जाए, जैसी बातों को समझने के साथ ही अपने हिंदी लेखन कौशल को भी बेहतर बना सकते हैं।

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दिवाली हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय व महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसे बड़े ही उत्साहपूर्वक और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। बच्चों को दिवाली पर निबंध (diwali per nibandh) लिखकर त्योहार के बारे में अपने आनंदमय अनुभव साझा करने का अवसर मिलता है। युवा आम तौर पर इस त्योहार को बहुत पसंद करते हैं क्योंकि यह सभी के लिए ढेर सारी खुशियाँ और उल्लास के पल लेकर आता है। वे अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं तथा अपने प्रियजनों के साथ शुभकामनाएँ और उपहार साझा करते हैं।

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दिवाली पर निबंध (diwali per nibandh)

अधिकतर लोग इस दौरान ऑनलाइन साल 2024 में दिवाली कब है, ढूंढते रहते हैं (What is the real date of Diwali in 2024?)। ऐसे में आपकी जानकारी के लिए बता दें कि साल 2024 में दिवाली पर्व 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा। हालांकि कुछ प्रदेशों में एक नवंबर को भी दीवाली मनाई जाएगी। इस दिन विशेष रूप से धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। छात्र इस लेख में नीचे दिए गए दिवाली त्योहार पर निबंध (Essay of Diwali Festival) की जांच कर सकते हैं और दिवाली त्योहार के बारे में अपने व्यक्तिगत अनुभव व्यक्त करने या साझा करने के लिए इस विषय पर कुछ पंक्तियां लिखने का प्रयास कर सकते हैं। दिवाली पर निबंध (diwali per nibandh) लिखने के लिए आपको इस लेख से मदद मिलेगी।

दिवाली के पावन अवसर पर धन की देवी माँ लक्ष्मी, विघ्नहर्ता गणेश जी व कुबेर जी की विधि-विधान से पूजा करने का विशेष महत्व माना गया है। लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल में करने को सर्वाधिक फलदायक माना जाता है। इसके अलावा प्रदोष काल के दौरान स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजन विशेष फलदायक होता है। ऐसी मान्यता है कि स्थिर लग्न में की गई अपनी पूजा-आराधना से प्रसन्न होकर माता लक्ष्मी आराधक के घर में निवास करने लगती हैं। वर्ष 2024 में दीपावली का पर्व 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा। हालांकि कुछ प्रदेशों में एक नवंबर को भी दीवाली मनाई जाएगी। साल 2023 में दिवाली के अवसर पर 12 नवंबर को लक्ष्मी पूजन मुहूर्त गृहस्थजनों के लिए सायं 05:41 मिनट से रात 07:37 मिनट तक है। लक्ष्मी पूजन मुहूर्त की कुल अवधि लगभग 01 घंटे 55 मिनट रहेगी। वहीं साल 2022 में, 24 अक्टूबर को दिवाली का त्योहार देश भर में मनाया गया था।

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दीपावली एक महत्वपूर्ण पर्व है जिस पर सभी एक-दूसरे के साथ अपनी खुशियां साझा करते हैं और दूसरों के सुखमय जीवन की कामनाएं करते हैं। दीपावली के शुभ अवसर पर परिजनों, ईष्टमित्रों से किन शब्दों में अपनी शुभकामना व्यक्त करें, यह उलझन होती है। नीचे कुछ दिवाली शुभकामना संदेश दिए गए हैं जिनकी मदद से आपको अपनी भावना व्यक्त करने में सहूलियत होगी-

  • प्रकाश व खुशियों के महापर्व दीपावाली आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लेकर आए। दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं...
  • देवी महालक्ष्मी की कृपा से आपके घर में हमेशा उमंग और आनंद की रौनक हो। इस पावन मौके पर आप सबको दीपावाली की हार्दिक शुभकामनाएं। शुभ दीपावली!
  • प्रकाश के महापर्व दीपावली पर मेरी कामना है कि आपको समृद्धि, खुशी और अपार सफलता मिले। शुभ दीपावली!
  • लक्ष्मी जी विराजें आपके द्वार, सोने चांदी से भर जाए आपका घर-बार, आपके जीवन में आए खुशियां अपार, यही कामना है आपके लिए उपहार। दीपावली की बधाई...
  • शुभं करोति कल्याणं आरोग्यं धनसंपदा । शत्रुबुद्धि-विनाशाय दीपज्योती नमोऽस्तुते ।। दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।।
  • प्रकाश का महापर्व दीपावली आपके घर में लाए खुशहाली, आप और आपके परिवार को हैप्‍पी दिवाली।
  • गणपति और मां लक्ष्मी आपके दुखों का नाश करें। रोशनी के दीप आपके घर में खुशहाली लाएं। दिवाली की ढेर सारी बधाई...

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  • गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) पर भाषण
  • प्रदूषण पर निबंध
  • बाल दिवस पर हिंदी में भाषण

यहां बच्चों के लिए दिवाली पर हिंदी में निबंध दिया गया है, जिसकी मदद निबंध लिखते समय ली जा सकती है:

दीपावली का अर्थ: दिवाली जिसे "दीपावली" के नाम से भी जाना जाता है, भारत और दुनिया भर में रहने वाले हिंदुओं के सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है। ‘दीपावली' संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है – दीप + आवली। ‘दीप’ का अर्थ होता है ‘दीपक’ तथा ‘आवली’ का अर्थ होता है ‘शृंखला’, जिसका मतलब हुआ दीपों की शृंखला या दीपों की पंक्ति। दीपावली का त्योहार कार्तिक मास के अमावस्या के दिन मनाया जाता है। यह त्योहार दुनिया भर के लोगों द्वारा बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। हालांकि इसे हिंदू त्योहार माना जाता है, लेकिन विभिन्न समुदायों के लोग भी पटाखे और आतिशबाजी के जरिए इस उज्ज्वल त्योहार को मनाते हैं।

दीपावली त्योहार की तैयारी: दीपावली त्योहार की तैयारियां दिवाली से कई दिनों पहले ही आरंभ हो जाती है। दीपावली के कई दिनों पहले से ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई व रंगाई-पुताई करने में जुट जाते हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है कि जो घर साफ-सुथरे होते हैं, उन घरों में दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी विराजमान होती हैं तथा अपना आशिर्वाद प्रदान करके वहां सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी करती हैं। दिवाली के नजदीक आते ही लोग अपने घरों को दीपक और तरह-तरह के लाइट्स से सजाना शुरू कर देते हैं।

दिवाली में पटाखों का महत्व: दीपावली को "रोशनी का त्योहार - प्रकाश पर्व" कहा जाता है। इस दिन लोग मिट्टी के बने दीपक जलाते हैं और अपने घरों को विभिन्न रंगों और प्रकारों की रोशनी से सजाते हैं, जिसे देखकर कोई भी मंत्रमुग्ध हो सकता है। इस पर्व में बच्चों को पटाखे जलाना और विभिन्न तरह के आतिशबाजी जैसे फुलझड़ियां, रॉकेट, फव्वारे, चक्री आदि बहुत पसंद होते हैं।

महत्वपूर्ण लेख:

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दिवाली का इतिहास : हिंदू मान्यताओं के अनुसार, दिवाली के दिन ही भगवान श्री राम 14 वर्षों के वनवास के बाद अपनी पत्नी सीता, भाई लक्ष्मण और उनके उत्साही भक्त हनुमान के साथ अयोध्या लौटे थे, अमावस्या की रात होने के कारण दिवाली के दिन काफी अंधेरा होता है, जिस वजह से उस दिन पूरे अयोध्या को दीपों और फूलों से भगवान श्री राम चंद्र के लिए सजाया गया था, ताकि भगवान राम के आगमन में कोई परेशानी न हो, तब से लेकर आज तक इसे दीपों का त्योहार और अंधेरे पर प्रकाश की जीत के रूप में मनाया जाता है।

इस शुभ अवसर पर, बाजारों में भगवान गणेश जी, लक्ष्मी जी, राम जी आदि की मूर्तियों की खरीदारी की जाती है। इस दौरान बाजारों में खूब चहल-पहल होती है। लोग इस अवसर पर नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयां आदि खरीदते है। हिंदुओं द्वारा देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है, क्योंकि व्यापारी दिवाली के पर्व पर नए बहीखाते की शुरुआत करते हैं। साथ ही, लोगों का मानना है कि यह खूबसूरत त्योहार सभी के लिए धन, समृद्धि और सफलता लाता है। लोग दिवाली के त्योहार के अवसर पर अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ उपहारों का आदान-प्रदान करने के लिए तत्पर रहते हैं।

दीपवाली से जुड़ी सामाजिक कुरीतियां

दीपावाली जैसे धार्मिक महत्व वाले पर्व के पावन अवसर पर भी कुछ असामाजिक तत्व अपने बुरी आदत जैसे शराब का सेवन, जुआ खेलना, टोना-टोटका करना और पटाखों के गलत इस्तेमाल से इसे ख़राब करने में जुटे रहते हैं। अगर समाज में दीपावाली के दिन इन कुरीतियों को दूर रखा जाए तो दिवाली का पर्व वास्तव में शुभ दीपावली हो जाएगा।

अन्य महत्वपूर्ण लेख :

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  • 12वीं के बाद किए जा सकने वाले लोकप्रिय कोर्स और कॅरियर विकल्प जानें।

दिवाली स्वयं के अंदर के अंधकार को मिटा कर समूचे संसार को प्रकाशमय बनाने का त्योहार है। बच्चे इस दिन अपनी इच्छानुसार बम, फुलझड़ियाँ तथा अन्य पटाखे खरीदते हैं और आतिशबाजी का आनंद उठाते हैं। हमें इस बात को समझना होगा कि दीपावली के त्योहार का अर्थ दीप, प्रेम तथा सुख-समृद्धि से है। ऐसे में पटाखों का इस्तेमाल सावधानी पूर्वक और अपने बड़ों के सामने रहकर करना चाहिए। दिवाली का त्योहार हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। दीपावली का त्योहार सांस्कृतिक और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक है। इस त्योहार के कारण लोगों में आज भी सामाजिक एकता बनी हुई है। हिंदी साहित्यकार गोपालदास नीरज ने भी कहा है, "जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना, अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए।" इसलिए दीपावली पर प्रेम और सौहार्द को बढ़ावा देने के प्रयत्न करने चाहिए।

इन्हें भी देखें

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दीपावली के साथ मनाए जाने वाले उत्सव (Celebrations celebrated with Deepawali)

  • दीपावली का त्योहार लगभग 5 दिनों का होता है। जिस के पहले दिन धनतेरस होता है। धनतेरस के दिन लोग धातु की वस्तुएं जैसे सोने और चांदी के आभूषण को खरीद कर अपने घर जरूर लेकर जाते हैं।
  • दीपावली का दूसरा दिन नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। कुछ लोग इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाते हैं।
  • तीसरा दिन दीपावली त्योहार का मुख्य दिन होता है। इस दिन देवी महालक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है।
  • दीपावली के चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र के क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी एक उंगली पर उठा लिया था।
  • दिवाली के त्योहार के आखिरी दिन को भाई दूज के रूप में मनाया जाता है।

ये भी देखें :

  • दशहरा पर निबंध
  • हिंदी में निबंध- भाषा कौशल, लिखने का तरीका जानें

1) दीपावली को दीपों का त्योहार या दीपोत्सव भी कहा जाता है।

2) दिवाली भारत के सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है।

3) यह त्यौहार भगवान राम की याद में मनाया जाता है जो चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे।

4) इस अवसर पर हिंदू अनुयायी मिट्टी के दीपक जलाते हैं और अपने घरों को रंगोली से सजाते हैं।

5) बच्चे इस त्योहार पर पटाखे जलाकर बहुत खुश होते हैं।

6) हिंदुओं में इस अवसर पर धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।

7) बच्चे, बूढ़े और जवान, सभी इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी और विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश की पूजा करते हैं।

8) इस दिन सभी लोग अपने दोस्तों और पड़ोसियों को मिठाइयाँ और उपहार देते हैं।

9) भारत में इस दिन सार्वजनिक अवकाश रहता है और लोग इस त्योहार को बड़े धूम-धाम के साथ मनाते हैं।

10) यह हिंदुओं के सबसे प्रिय और आनंददायक त्योहारों में से एक है, जिसे अन्य धर्म और संप्रदाय के लोग भी आपस में मिलजुल कर मनाते हैं।

Frequently Asked Question (FAQs)

दिवाली 14 साल के वनवास के बाद भगवान राम की अयोध्या वापसी और साथ ही अंधकार पर रोशनी का प्रतीक है। अपने घरों की सफाई और उन्हें तरह तरह के लाइट से सजाने के बाद लक्ष्मी गणेश की पूजा के साथ दीपावली का त्योहार धूम धाम से मनाया जाता है, तथा रात के समय बच्चे आतिशबाजी का भी लुफ्त उठाते हैं।

इस त्योहार के दौरान, लोग अपने घरों को रंगोली और तेल के दीयों से सजाते हैं, जिन्हें दीपक कहा जाता है। सभी एक दूसरे को बधाई देते हैं, अच्छे अच्छे पकवान बनाते हैं, पटाखों से आतिशबाजी करते हैं और मिल-जुल कर सौहार्द के साथ दिवाली के पर्व को मनाते हैं।

दीपावली' संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है – दीप + आवली। ‘दीप’ अर्थात ‘दीपक’ और ‘आवली’ अर्थात ‘श्रृंखला’, जिसका मतलब हुआ दीपकों की श्रृंखला या दीपों की पंक्ति।

आप इस लेख की सहायता से दिवाली पर हिंदी में निबंध लिख सकते है, पूरे लेख को ध्यान से पढ़ें और समझें की आप किस तरह से दिपावली पर हिंदी निबंध लिख सकते हैं।  

दिवाली का त्योहार मिट्टी के दीप या फिर तरह -तरह के लाइट और रंगोली से अपने घर को सजा कर, खुशियां बाँट कर, लक्ष्मी गणेश की पूजा करके, अच्छे अच्छे पकवान बना कर हर्ष और उल्लास के साथ दिवाली का त्योहार मनाया जाता है।

साल 2024 में दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी। हालांकि कुछ प्रदेशों में 1 नवंबर को भी दीपावली मनाई जाएगी। 

लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल में करना सर्वाधिक फलदायक माना जाता है। प्रदोष काल के दौरान स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजन का और विशेष महत्व है। साल 2023 में दिवाली के अवसर पर 12 नवंबर को लक्ष्मी पूजन मुहूर्त गृहस्थजनों के लिए सायं 05:41 मिनट से रात 07:37 मिनट तक है। लक्ष्मी पूजन मुहूर्त की कुल अवधि लगभग 01 घंटे 55 मिनट रहेगी। 

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Hope you get it !

Thanking you

Hello aspirant,

The dates of the CBSE Class 10th and Class 12 exams are February 15–March 13, 2024 and February 15–April 2, 2024, respectively. You may obtain the CBSE exam date sheet 2024 PDF from the official CBSE website, cbse.gov.in.

To get the complete datesheet, you can visit our website by clicking on the link given below.

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Hope this information helps you.

The paper of class 7th is not issued by respective boards so I can not find it on the board's website. You should definitely try to search for it from the website of your school and can also take advise of your seniors for the same.

You don't need to worry. The class 7th paper will be simple and made by your own school teachers.

Hope it helps you.

The eligibility age criteria for class 10th CBSE is 14 years of age. Since your son will be 15 years of age in 2024, he will be eligible to give the exam.

Popular CBSE Class 10th Questions

A boy standing on a stationary lift (open from above) throws a ball upwards with the maximum initial speed he can, equal to 49 m s-1. How much time does the ball take to return to his hands? If the lift starts moving up with a uniform speed of 5 m s-1 and the boy again throws the ball up with the maximum speed he can, how long does the ball take to return to his hands?

A player throws a ball upwards with an initial speed of 29.4ms ?1 . (a) What is the direction of acceleration during the upward motion of the ball ? (b) What are the velocity and acceleration of the ball at the highest point of its motion ? (c) Choose x = 0 m and t = 0 s to be the location and time of the ball at its highest point, vertically downward direction to be the positive direction of x-axis, and give the signs of position, velocity and acceleration of the ball during its upward, and downward motion. (d) To what height does the ball rise and after how long does the ball return to the players hands ? (Take g=9.8m/s 2 and neglect air resistance).

Choose the correct statement of the following a. conversion of solid into vapours without passing through the liquid state is called vapourisation. b. conversion of vapours into solid without passing through the liquid state is called sublimation. c. conversion of vapours into solid without passing through the liquid state is called freezing. d. conversion of solid into liquid is called sublimation.

Fill in the blanks: a. Evaporation of a liquid at room temperature leads to a __________ effect. b. At room temperature the forces of attraction between the particles of solid substances are __________ than those which exist in the gaseous state. c. The arrangement of particles is less ordered in the _________ state. However, there is no order in the _______ state. d. _____________ is the change of gaseous state directly to solid state without going through the _____________ state. e. The phenomenon of change of a liquid into the gaseous state at any temperature below its boiling point is called ___________.

For the following statements, write T for True and F for False. (a) J.J. Thomson proposed that the nucleus of an atom contains only nucleons. (b) A neutron is formed by an electron and a proton combining together. Therefore, it is neutral. (c) The mass of an electron is about 1/2000 times that of proton. (d) An isotope of iodine is used for making tincture iodine, which is used as a medicine.

General electronic configuration of outermost and penultimate shell of an atom is (n-1)s^{2} (n-1)p^{6} (n -1)d^{x} ns^{2} . If n=4  the number of proton in the nucleus is

In an electrical circuit three incandescent bulbs A, B and C of rating 40 W, 60 W and 100 W respectively are connected in parallel to an electric source. Which of the following is likely to happen regarding their brightness? a. Brightness of all the bulbs will be the same b. Brightness of bulb A will be the maximum c. Brightness of bulb B will be more than that of A d. Brightness of bulb C will be less than that of B

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