एक पेड़ की आत्मकथा Autobiography of A Tree in Hindi

मैं एक पेड़ हूं। मैं ईश्वर द्वारा इस प्रकृति को दिया गया एक अमूल्य वरदान हूं। मैं ही इस सम्पूर्ण जगत में घटित होने वाली समस्त प्राकृतिक घटनाओं का प्रमुख कारण हूँ। इस संसार के सभी जीव जंतुओं के जीवन का आधार मैं ही हूं। इस पृथ्वी पर सबसे पहले मेरा ही जन्म हुआ था।

अपने जन्म से पहले जब मैं पृथ्वी के भूगर्भ में एक बीज के रूप में सुप्तावस्था में पड़ा हुआ था, तब मैंने पृथ्वी के भूगर्भ में उपस्थित जल एवं खनिज तत्वों से अपना पोषण करके स्वयं का विकास किया और इस धरती के भूगर्भ से बाहर एक तने के रूप में आ गया।

इस विधि को प्रकाश संश्लेषण कहते हैं। क्योंकि प्रकाश के बिना इस विधि से मेरे भोजन का निर्माण संभव नहीं है। मैं किसी अन्य सजीव पर निर्भर न रह कर अपना भोजन स्वयं बनाता हूँ। इसीलिये मानव मुझे स्वपोषी सजीव की श्रेणी में रखता है।

मेरा जन्म तो इस सम्पूर्ण जगत के सभी जीवो के जीवन में खुशियां एवं उनके भरण पोषण के लिए हुआ है। मैं इस वायुमंडल की खतरनाक कॉर्बन डाई ऑक्साइड गैस को अपने अंदर ले कर उसका विघटन करके ऑक्सीजन गैस को वायुमंडल में छोड़ता हूँ।

समय बीतने के साथ ही मेरा भी विकास होता गया और धीरे धीरे मैं भी बड़ा हो गया। मैं भी अपनी युवावस्था को प्राप्त कर चुका था। तब मेरी भी शाखायें बड़ी हो गयी थी। और मेरी शाखायें हरी-हरी पत्तियों से ढ़क गयी थी। ये शाखाये अब आसमान छू रही थी। इन पर फल और फूल लग चुके थे। मैं भी अपने साथ के अन्य बड़े पेड़ो की तरह अब प्रकृति को हरियाली, और पंछियो को उनके रहने के लिए घर तथा मानव को छाया आदि देने लगा।

मेरी छोटी छोटी टहनियों और शाखाओ पर लगे हुए विभिन्न रंगों के फूलों को तोड़कर मानव को अपने घरों को सजाता हुआ तथा मंदिरो में ईश्वर को भी समर्पित करता देखकर मैं खुशी की अनुभूति करता हूँ।

मेरी शाखाओ पर लगे फलों को खाकर मानव अपना पोषण करके प्रसन्न हो उठता। और इस संसार के सभी शाकाहारी जानवर भी मेरी पत्तियों को ही खाकर अपना भरण पोषण करके अपना जीवन यापन करते है।

मानव  पेड़ो एवं उसकी मोटी-मोटी शाखाओ को काट कर अपनी जरूरत के हिसाब से विभिन्न प्रकार के फर्नीचरो को बनाता है। जैसे-जैसे मानव की जनसँख्या बढ़ती गयी वह उतनी ही तेजी से मेरा विनाश करता गया।

अब पृथ्वी पर पेड़ो के जंगल की जगह कंक्रीट के जंगल अर्थात हर जगह मानव द्वारा निर्मित ईंट एवं कंक्रीट के मकान दिखाई देते है। परन्तु मानव अब यह भूल गया कि पेड़ो की वजह से ही इस पृथ्वी पर वर्षा होती है जिससे किसानों को खेती करने में मदद मिलती है।

हमारी वजह से ही वह ग्लोबल वार्मिंग, जिससे की वातावरण का तापमान बढ़ रहा है, जैसी घटनाओं से बचा हुआ है। अब मेरे विनाश के साथ-साथ मानव भी भूकम्प, ग्लोबल वार्मिंग, पर्यावरण असन्तुलन, सूखा, बाढ़, भूस्खलन जैसी प्राकृतिक समस्याओ से जूझने लगा है। इन प्राकृतिक घटनाओं से जूझने के बाद शायद अब मानव दोबारा मेरे महत्व को समझ जाएं और मेरा संरक्षण करना शुरू कर दे।

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पेड़ की आत्मकथा पर निबंध | autobiography of a tree hindi essay 200-500 words.

पेड़ की आत्मकथा पर निबंध

100 Words - 150 Words 

मैं एक पेड़ हूँ । मेरी जन्मभूमि एक घने जंगल की गोद में थी । शुरुआत में मैं एक छोटी सी पौधा थी , लेकिन वक्त बिताने के साथ-साथ मैं बड़ी हो गई । मेरे ऊपर पक्षियों के निवास स्थान बन गए और मेरी छाया में लोग आराम करते थे ।  

मैंने वर्षों तक ओक के रूप में संसार को सजाया और वायुमंडल में ऑक्सीजन प्रदान की । अब मैं वृक्षारोपण अभियान के माध्यम से मानवता की सेवा कर रही हूँ । मेरे रूप में जीवन यापन करना मुझे गर्व है । मैं संसार की आशा और प्रकृति का संरक्षक हूँ । मेरे साथ मिलकर वृक्षारोपण का समर्थन करें और हर एक पेड़ को बचाने का संकल्प लें ।  

200 Words - 250 Words 

मैं एक पेड़ हूँ। अपने जीवन की कहानी सुनाने से पहले मैं धन्यवाद व्यक्त करना चाहूँगा कि मुझे जीवन देने वाले प्रकृति और मानवता का आभारी हूँ। मैंने ज़मीन के गोद में पैर रखा है और सभी जीवों के लिए अपनी सेवा करने का संकल्प लिया है।  

मेरा जीवन वास्तव में अद्वितीय है। मैंने अनगिनत ऋतुओं को देखा है और उन्हें अपने वृक्ष शरीर के माध्यम से ग्रहण किया है। मुझे खुशी होती है कि मैं पक्षियों को अपनी शाखाओं पर घर दे सकता हूँ और उन्हें अपनी चादर में सुरक्षा दे सकता हूँ। मैं उनका विश्रामस्थल और पुष्टिकर्ता हूँ।  

मेरा उद्देश्य मानव समुदाय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। मैं ऑक्सीजन प्रदान करता हूँ, जो सभी जीवों के लिए अनिवार्य है। मेरे वृक्ष शरीर ने कई सालों तक काष्ठ संचय किया है, जिससे घर बनाने और ऊष्मा के उपयोग के लिए उपयोग हो सकता है।  

लेकिन, आधुनिक विकास केकारण लोगों ने मेरे महत्व को अनदेखा कर दिया है। वनस्पति नष्टीकरण, जंगलों की कटाई, और वातावरणीय प्रदूषण ने मेरे जीवन को ध्वंस कर दिया है। मेरे बचाव और पुनर्जीवित करने के लिए लोगों को संयमित होने और पेड़ों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने की आवश्यकता है।  

मैं इस आत्मकथा के माध्यम से लोगों को आग्रह करना चाहूँगा कि वे मेरे जैविक महत्व को समझें और मेरी सुरक्षा और संरक्षण के प्रति समर्पित हों। मैं भूमि की हद को पार करने के लिए योगदान देता हूँ, और यह सत्य है कि मेरे बिना जीवन संभव नहीं होगा।  

आशा है कि मेरी यह आत्मकथा मानवीय मस्तिष्कों को प्रेरित करेगी और उन्हें पेड़ों के महत्व को समझने और संरक्षण करने के लिए प्रेरित करेगी। मेरे प्रति जागरूकता और प्रेम द्वारा, हम सब मिलकर सुनिश्चित कर सकते हैं कि हमारा पृथ्वी एक स्वस्थ और हरित भूमि बनी रहे।  

400 Words - 500 Words 

मैं एक पेड़ हूँ। मेरी जन्म गांव के एक छोटे से वन में हुआ था। मेरे माता-पिता भी पेड़ ही थे और उन्होंने मुझे यहां लगाया था। मेरी छोटी छोटी पत्तियाँ, हरा रंग, और शाखाओं की सुंदरता ने मुझे प्रकृति का अनुभव कराया। धीरे-धीरे मैं ऊँचा और मजबूत हो गया और एक बड़ा पेड़ बन गया।  

मैंने वन के जीवों के साथ एक अनूठा संबंध बनाया। पक्षी मेरी शाखाओं पर अपना घोंसला बनाते थे और उनका गाना मेरे कानों में मधुरता भर देता था। जंगली जानवर मेरे नीचे आकर अपनी ठंड बुझाते थे और मुझे अपनी सुरक्षा की गारंटी मिलती थी।  

समय बीता और मैं बड़ा हो गया। मेरे वृक्षारोपण के साथ, मैंने इंसानों को अपनी महत्ता समझाने का प्रयास किया। मैंने उन्हें ऑक्सीजन प्रदान की, जीवदायी औषधियों का स्रोत बना, और पर्यावरण सुरक्षा के लिए लड़ाई ली। लेकिन दुख की बात है कि कुछ मनुष्यों ने मुझे कअन्यायपूर्ण रूप से काट दिया और मेरे वृक्ष धरोहरों को नष्ट कर दिया। मेरे तने अपर्याप्त रूप से नहीं बच पाए और मेरी जड़ें भी काट दी गईं। मेरा हृदय दुख से भर गया, लेकिन मैं हार नहीं माना।  

मैंने अपनी संघर्षों से सीखा है कि परिवर्तन का स्वागत करना आवश्यक है। मैंने अपने बाल बचाए हैं और नए पत्ते उगाए हैं। मैं जीवन की शक्ति और सहनशीलता का प्रतीक हूँ।  

आज, जब मैं ऊँचा हो गया हूँ, लोग मेरी छाया में बैठते हैं, मेरे नीचे बैठकर अपनी कहानियाँ सुनाते हैं और मुझसे शांति और सुकून की कामना करते हैं। मैं आज भी प्रकृति के लिए लड़ रहा हूँ, और मैं अपने स्वरूप के रूप में गर्व महसूस करता हूँ।  

मैं एक पेड़ हूँ, और मेरा जीवन एक आदर्श है। मैंने अपने बाल, शाखाएँ और पत्तियाँ खो दी हैं, लेकिन मेरी रूह और उत्साह अब भी जीवंत हैं। मैं लोगों को स्नेह और ध्यान की महत्ता सिखाता हूँऔर प्रकृति के साथ संगठित रहने का महत्त्व दर्शाता हूँ। मेरी आत्मकथा एक सत्य कहानी है, जो यह सिद्ध करती है कि हमारे पेड़-पौधों का रक्षण करना हमारी जिम्मेदारी है और हमें इनका सम्मान करना चाहिए।  

मैं जानता हूँ कि मेरी आत्मकथा अब भी जारी रहेगी, जब लोग मेरे विचारों से प्रेरित होंगे और प्रकृति के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी को निभाने का संकल्प लेंगे। मैं एक पेड़ हूँ, एक मित्र हूँ, और एक संरक्षक हूँ। आइए, हम सभी मिलकर पेड़ों की सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण में योगदान दें, ताकि हमारी पृथ्वी सुंदर, स्वस्थ और समृद्ध बनी रहे।  

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पेड़ की आत्मकथा essay on autobiography of a tree in hindi.

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Essay on Autobiography of a Tree in Hindi

Essay on Autobiography of a Tree in Hindi

Autobiography of a Tree in Hindi Essay 1000 Words

वृक्ष, पेड़, दरख्त, जैसे कई नामों से पुकारा जाता है मुझे। यों मेरी सत्ता व्यापक है। सारे संसार में मेरा अस्तित्व विद्यमान है। मेरी जातियाँ तो अनगिनत हैं ही, रंग-रूप और आकार-प्रकार भी अनेक हैं। मेरा कोई भाई बहुत मोटे मद-काठ (तने) वाला हुआ करता है और कोई पतले वाला। इसी तरह किसी का शरीर और बनावट खूब फैलावदार हुआ करते हैं और किसी के अत्यन्त सिमटे हुए। कोई छोटा-सा होता है और कोई सीधा और ऊँचा तना हुआ, लगता है जैसे आकाश को छू रहा हो।

मैं वृक्ष हूँ। मेरे हर रूप पर कोई-न-कोई फूल अवश्य खिला करता है। यह अलग बात है कि खिलने वाला कोई फूल तो मधुर सुगन्ध से भरा-पूरा रहा करता है; जबकि कोई दुर्गन्धित और कोई निर्गन्ध हुआ करता है। मौसम के अनुसार विकास भी सभी का अवश्य हुआ करता है। सभी के रंग भी अपने-अपने हुआ करते हैं। एक और बात भी ध्यान देने वाली है और वह यह कि मेरे किसी जाति के भाई के तन पर काँटों की भरमार रहा करती है, जबकि बहुतों पर मेरे समान कतई कोई काँटा आदि नहीं रहा करता। पत्तों के आकार भी प्रायः सभी के अपने-अपने और एक-दूसरे से अलग हुआ करते हैं। इसी तरह कुछ वृक्ष मधुर रसाल फलों वाले हुआ करते हैं, जबकि कुछ पर कभी कोई फल नहीं लगा करता। कुछ पर फल से लगते तो अवश्य हैं; पर वे मनुष्य तो क्या पक्षियों तक के खाने के काबिल नहीं हुआ करते।

मेरे इस खिले हुए, झबरेदार और छतरी जैसे किन्तु हरे-भरे स्वरूप को देख कर आप मुग्ध हो रहे हैं न; मेरी खूब प्रशंसा भी कर रहे हैं, पर याद रखिए, प्रकृति माँ से ऐसा सघन-सुन्दर स्वरूप पाने के लिए मुझे बड़ी साधना करनी पडी और कष्टपूर्ण जीवन बिताना पड़ा है। यह तो मैं नहीं जानता कि इस एकान्त वन में मेरा रोपण किसने किया था-लगता है। माँ पृथ्वी और प्रकृति ने ही ऐसा किया होगा, पर जब मैं बीज-रूप में मिट्टी के अन्दर धरती का ताप सहन करता, भीतर-ही-भीतर चलने वाली कई तरह की रासायनिक क्रियाओं के प्रभाव से प्रभावित होता हुआ, कभी पानी और शीत से काँपता हुआ सड़-गल रहा था; तब लगता था कि जैसे मेरा अस्तित्व एकदम मिट्टी में मिल कर समाप्त ही हो जाएगा। लेकिन एक दिन सहसा धरती का आँचल फूटा और मैं एक नन्हें अंकुर के रूप में सिर उठाए बाहर आ गया। बाहर निकलने पर ताजी हवा के झोंके लगने से मेरा दम-में-दम आया और मैं धीरे-धीरे बड़ा होने लगा, प्रगति और विकास करते हुए ऊपर उठने लगा। जब मैं लगभग डेढ़-दो मीटर तक ऊपर उठ गया, तब मेरे कन्धों से बाहें अर्थात् डालियाँ फूट कर ऊपर उठने तथा फैलने लगीं। इस प्रकार विकास की प्रक्रिया में पड़ कर मेरा तन-मन रससिक्त होकर फैलता गया। फिर ऋतु के प्रभाव से मुझ पर फल-फूल भी आने लगे। फल लगने पर पक्षियों की चोचें तो सहनी ही पड़ी, आस-पास के देहातों से आने वाले बच्चों के मारे पत्थर भी सहन करने पड़े। अब तो यह प्रतिवर्ष का क्रिया-कलाप बन चुका है। मैं समझने और मानने लगा हूँ कि मेरे जीवन की वास्तविकता और सफलता-सार्थकता भी इसी सब झेलने-सहने में ही है।

मैं प्रकृति-पुत्र वृक्ष हूँ। प्रकृति ने मुझे धरती पर कई शुभ एवं महत्त्वपूर्ण कार्य करने के लिए जन्म दिया है। मैं प्रकृति के सजीव स्वरूप से तो मानवता का परिचय कराया ही करता हूँ, उसके तथा धरती के पर्यावरण का सन्तुलन भी बनाए रखता हूँ| धरती पर कृषि-व्यवस्था तथा पीने के जल की पूर्ति के लिए होने वाली वर्षा का एक महत्त्वपूर्ण कारण मैं वृक्ष ही हूँ। यही नहीं, मैं अनेक प्रकार के प्रदूषित और जहरीले प्रभावों से भी इस धरती और उस पर रहने वाले सभी प्राणियों की रक्षा करता हूँ। वायु-मण्डल एवं वातावरण में ताज़ी ऑक्सीजन (प्राण वायु) का संचार सभी प्राणियों की श्वसन-क्रिया को सहज बनाए रखता हूँ। तरह-तरह के पक्षी मेरी सघन डालियों पर अपने घोंसले बनाकर आश्रय तो पाते ही हैं, हवा को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाने का कार्य भी मैं ही किया करता हूँ। मेरी छाया में मनुष्य, पशु-पक्षी आदि सभी तरह के प्राणी शीतलता और विश्राम पाया करते हैं। पत्थर सह कर भी बदले में मैं धरती के लोगों को हर साल ताजे फल-फूल दिया करता हूँ। यही नहीं, प्रगति और विज्ञान के इस युग में भी ईंधन की समस्या मेरे अंगों से ही हल की जाती है। यहाँ तक कि सोनेबैठने और घरों, दफ्तरों, बैठकखानों की शोभा बढ़ाने के लिए मुझ से प्राप्त लकड़ी की ही चारपाइयाँ तथा अन्य सभी तरह का फर्नीचर आदि बनाए जाते हैं। इस प्रकार मेरा जन्म ही निरन्तर मानवता की सेवा करते रहने के लिए हुआ है; वह मैं तन, मन, धन से हमेशा करता रहता हूँ।

इतना सब होते हुए भी आज का स्वार्थी मनुष्य मेरे साथ, मेरे बहन-भाइयों के साथ उचित एवं न्यायसंगत व्यवहार नहीं कर रहा, यह जान-सुनकर मुझे बड़ा ही दुःख होता है। अपने निहित स्वार्थों की पूर्ति करने के लिए आज का मनुष्य मेरी जाति और वंश के सर्वनाश करने पर तुला बैठा है। वातावरण-असन्तुलन और घोर प्रदूषण जैसी समस्याओं से दो-चार होते रह कर भी आज का मनुष्य मेरा मूल्य और महत्त्व अनदेखा कर रहा है। वह मुझे समूल काट कर समाप्त तो करता जा रहा है; पर अपने ही हित में मेरे जैसे को जीवित रखने के लिए हमारा नया आरोपण नहीं कर रहा है। है न दुःख और चिन्ता की बात। पता नहीं यह ज्ञानी-विज्ञानी और सब प्रकार से शिक्षित मानव इस तथ्य को क्यों नहीं समझना चाहता कि मेरे अस्तित्व के साथ ही उसका अपना अस्तित्व और भविष्य छिपा हुआ है। मेरी सुरक्षा में ही सम्पूर्ण सृष्टि की सुरक्षा है।

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एक जीर्ण वृक्ष की आत्मकथा हिंदी निबंध Autobiography of Old Tree Essay in Hindi

Autobiography of Old Tree Essay in Hindi : पथिक, तू मेरी हालत पर दो बूंदें न बहाए तो न सही, लेकिन मेरी कहानी तो सुनता जा । आज मुझे कुछ कहने की इच्छा हुई है।

एक जीर्ण वृक्ष की आत्मकथा हिंदी निबंध - Autobiography of Old Tree Essay in Hindi

एक जीर्ण वृक्ष की आत्मकथा हिंदी निबंध – Autobiography of Old Tree Essay in Hindi

बचपन में मुझे कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था। कभी शीत की ठिठुरन, कभी गरमी की जलन, कभी वर्षा की झड़ी। लेकिन उन कष्टों में भी मेरे लिए एक अनोखा आनंद था। हर सुबह उषा की मोहिनी मुसकान देखकर मेरे जी की कली खिल उठती थी। संध्या मुझ पर अपनी स्वर्णिम सुंदरता बिखेर देती थी। कितनी हँसी-खुशी से बीत गए बचपन के वे दिन !

आज तो मैं केवल दूंठ मात्र रह गया हूँ, लेकिन क्या जमाना था ! यौवन के वे दिन, वे बहारे, वे रंगरेलियाँ आज भी आँखों के सामने घूमती रहती हैं। उस समय मेरे चारों ओर हरियाली छाई हुई थी। मेरे हरे-भरे पत्ते और घनी छाया सबके दिल पर जादू करती थी। मेरी डालियों पर भाँति-भाँति के पक्षी आकर बैठते थे और स्वयं को धन्य मानते थे। उस छोटी-सी चिड़िया को तो मैं कभी नहीं भूल सकता, जो हवा से हिलती मेरी टहनियों पर बैठकर किल्लोल किया करती थी। मुझे यह भी याद है कि एक कोयल ने मेरी घनी-घनी छायादार डालियों में अपना घोंसला बनाया था। मैं कितने स्नेह से उस कोयल के नन्हें-नन्हें बच्चों की रक्षा करता था ! वे मेरे फल खाकर आनंद से जिंदगी बिता रहे थे।

कुछ मधुर स्मृतियाँ

दोपहर को मेरी छाया में ग्वालों के लड़के खेला करते थे और कई मुसाफिर आराम करते थे। मेरे नीचे कितनी बैलगाड़ियाँ खड़ी रहती थीं। कभी कोई बारात भी मेरी छाया में रुकती थीं, शहनाई के सुर सुनकर मैं मारे खुशी से फूला न समाता था। कभी-कभी जब गाँव की बालाएँ नववधू बनकर ससुराल जाते समय मेरे निकट से गुजरती, तो मेरी शाखाएँ पत्ते गिराकर आँसू बहाने लगती थीं। नवरात्रि के दिनों में मेरे आसपास रास और गरबानृत्यों की धूम मच जाती थी। अनेक घटनाओं का मैं मूक साक्षी रहा हूँ। देशी-विदेशी, पुरुष, स्त्री, बालक सभी के स्वागत में सदा मेरी आँखें बिछी रहती थीं।

कालचक्र धूमता रहा। इस गाँव में बिजली के आगमन ने मुझ पर वज्राघात किया। बिजली के खंभे और तार लगानेवाले इंजिनियरों ने निर्दय होकर मेरी हरी-भरी शाखाएँ कटवा दी और मेरी शान-शौकत मिट्टी में मिल गई।

अंतिम इच्छा

आज मेरे पत्ते झड़ गए हैं, डालियाँ सूख गई हैं। न आज मै लोगों को छाया दे सकता हूँ और न आँधी से बचा सकता हूँ । अब तो एक ही इच्छा शेष रह गई है, बस मरने की । मैं मरकर भी जला की लकड़ी केरूप में तुम्हारे काम आ सकूँगा।

Harshdeep Patil

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पेड़ों पर निबंध (100, 150, 200, 250,300, शब्दों मे वृक्ष निबंध) – Tree Essay in Hindi

essay on trees autobiography in hindi

Tree Essay in Hindi – पेड़ हमारे सबसे अच्छे मित्र हैं जो हमें जीवन भर साथ देते हैं। वे हमें सांस लेने के लिए ऑक्सीजन देते हैं जिसके बिना हम जीवित नहीं रह सकते। पेड़ों से हमें भोजन, दवा, आश्रय आदि मिलता है। पेड़ हवा की गुणवत्ता में सुधार करते हैं, जलवायु में सुधार करते हैं, पानी का संरक्षण करते हैं, मिट्टी को संरक्षित करते हैं और वन्य जीवन का समर्थन करते हैं। पेड़ हमारे पर्यावरण और पारिस्थितिकी को जीवंत और सुखद बनाते हैं। वे तापमान बनाए रखते हैं और परिवेश को ठंडा रखते हैं।

पेड़ों का महत्व

जीवन के हर क्षेत्र में वृक्षों का महत्व बहुत अधिक है। हमारे स्वास्थ्य से लेकर निवास तक हर जगह पेड़ों का महत्व देखा जा सकता है। पौधों के रस से कई औषधियां तैयार की जाती हैं। लगभग सभी रोगों का उपचार करने वाला आयुर्वेद पेड़-पौधों पर आधारित है। हमारे घर के लिए सुंदर फर्नीचर लकड़ी से बने होते हैं जो हमें पेड़ों से मिलते हैं। पेड़ पृथ्वी पर कई वन्यजीवों को आश्रय भी प्रदान करते हैं। कई उद्योग जैसे फर्नीचर, लुगदी और कागज, डेंड्रो बायोमास बिजली उत्पादन उद्योग आदि पेड़ों पर आधारित हैं। ये उद्योग हर देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं और इस प्रकार देश के विकास में मदद करते हैं।

वृक्ष पर निबंध 10 लाइन (Tree Essay 10 lines in Hindi)

  • पेड़ पृथ्वी का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
  • वे कार्बन डाइऑक्साइड लेते हैं और हमें ऑक्सीजन देते हैं। ऑक्सीजन के बिना इंसान 2 मिनट भी जिंदा नहीं रह सकता है।
  • हजारों प्रकार के पेड़ हैं। पृथ्वी पर प्रत्येक देश में पौधे और पेड़ हैं।
  • पेड़ पर्यावरण को ठंडा रखते हैं। ये हानिकारक गैसें लेकर हवा को भी साफ करते हैं।
  • वृक्षों द्वारा दी गई रुई का उपयोग मनुष्य द्वारा पहने जाने वाले कपड़े बनाने में किया जाता है।
  • वे हमें लकड़ी देते हैं जिसका उपयोग किताबें, खिड़कियां बनाने और जलाने के लिए भी किया जाता है।
  • पेड़ हमें सेब, आम, केला, संतरा, कीवी आदि फल देते हैं।
  • बहुत से पेड़ो का उपयोग दवाई बनाने के लिए किया जाता है जो हमें बिमारियों से दूर रखती है।
  • जंगल हजारों जानवरों जैसे शेर, बाघ, हिरण, बंदर आदि का घर हैं।
  • हम पेड़ों के बिना नहीं रह सकते। इसलिए हमें हमेशा पेड़ों की रक्षा करनी चाहिए और ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए।

इनके बारे मे भी जाने

वृक्ष पर निबंध 100 शब्द (Tree Essay 100 words in Hindi)

पेड़ हमारे जीवन में महत्वपूर्ण हैं। पेड़ों के बिना जीवन बेहद कष्टमय हो जाएगा। हम कह सकते हैं कि जीवन हो जाएगा क्योंकि एक ठोस और अच्छी तरह से जीवन देने वाला एक पेड़ सबसे महत्वपूर्ण कोण है।

आजकल लोग बड़े चाव से पेड़ों को काट रहे हैं; अगर यह जारी रहा तो एक दिन ऐसा आएगा जब हमारे पास कोई पेड़ नहीं बचेगा। पेड़ हमें ऑक्सीजन देते हैं, जो हमारी सांसों के लिए जरूरी है।

दरअसल, पेड़ मिट्टी के क्षरण को रोक सकते हैं। इसलिए, हमें पेड़ों के महत्व को समझना चाहिए, और जब भी हम किसी एक को काट रहे हों, हमें एक पेड़ लगाना चाहिए।

वृक्ष पर निबंध 150 शब्द (Tree Essay 150 words in Hindi)

पेड़ पृथ्वी पर जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं। वृक्षों के बिना पृथ्वी मृत और शुष्क हो जाएगी। किसी भी तरह से पानी नहीं होगा, बारिश नहीं होगी और जंगल नहीं होगा। पेड़ हमें ऑक्सीजन, छाया, जमीन से उपजे खाद्य पदार्थ ज्यादा देते हैं। वे लगभग 10,000 प्रकार के पक्षियों के लिए एक घर के रूप में भी काम करते हैं – पेड़ वनों का निर्माण करते हैं। पेड़ों के बिना जंगल नहीं होगा।

लोगों और जीवों को जीने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है। दरअसल, मछलियों को भी अपने गलफड़ों में ऑक्सीजन की जरूरत होती है। पेड़ उस ऑक्सीजन को बनाते हैं। पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) ग्रहण करते हैं और ऑक्सीजन (O2) देते हैं। दो बड़े पेड़ आपके परिवार के लिए एक साल का ऑक्सीजन पैदा कर सकते हैं। पेड़ों के बिना जीवन नहीं होगा।

उड़ने वाले जीवों का घर पेड़ों पर होता है। यह उनका मुख्य घर है। ये अतिरिक्त रूप से पेड़ों से भोजन प्राप्त करते हैं। लोग पेड़ों द्वारा दिए गए प्राकृतिक उत्पादों को भी खाते हैं। साथ ही इसे बाजार में नगद में बेच देते हैं। कुछ पेड़ हमें दवा, तेल और इलास्टिक आदि देते हैं। पेड़ बारिश के दौरान गंदगी को पकड़ कर रखते हैं।

वृक्ष पर निबंध 200 शब्द (Tree Essay 200 words in Hindi)

पेड़ पृथ्वी पर जीवन के लिए भगवान का सबसे प्रमुख आशीर्वाद हैं। वे ऑक्सीजन, भोजन, आश्रय और वर्षा देते हैं। पेड़ अतिरिक्त रूप से हवा को चैनल करते हैं और इसे स्वच्छ बनाते हैं। वृक्षों की जड़ें गन्दगी को बाँधकर उत्तम रखती हैं। पंख वाले जानवरों और प्राणियों के लिए, एक पेड़ एक घर जैसा दिखता है। यह एक विशिष्ट रूफटॉप ओवरहेड जैसा दिखता है।

पेड़ों के बिना, पक्षियों को सबसे ज्यादा नुकसान होगा। उनके पास घर जाने और अंडे देने के लिए कोई जगह नहीं होगी। जल्द ही, इनमें से हर एक जीव धूल खाएगा। वे गर्मियों में पेड़ों के नीचे आराम करते हैं और इसी तरह बारिश से छिप जाते हैं। जीव और पंख वाले जानवर पेड़ों के उत्पाद खाते हैं: पेड़ पक्षियों और छोटे जीवों को उनके शिकारियों से बचाते हैं।

पेड़ तब तक हमारी मदद करते हैं जब तक वे खुद जीवित रहते हैं। वे इसी तरह तापमान की निगरानी में मदद करते हैं। ये गर्मियों में हवा को ठंडा करने में मदद करते हैं। हाथी और अन्य जीव पेड़ों की पत्तियों को खाते हैं।

जब वे गुजरते हैं तो वे किसी भी घटना में उपयोगी होते हैं। इनकी लकड़ी का उपयोग फर्नीचर बनाने में किया जाता है। इसे खाना बनाने और गर्म करने के लिए तला जाता है। गिरी हुई पत्तियाँ कमाल की खाद हैं। पेड़ कई सालों तक जीवित रहते हैं और हमारी मदद करते हैं। जितनी संख्या में अनुमति मिल सकती है, उतनी संख्या में हमें पौधे लगाने चाहिए। हमें भी किसी पेड़ को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए और उसे जीवित रहने देना चाहिए।

वृक्ष पर निबंध 250 शब्द (Tree Essay 250 words in Hindi)

पेड़ विभिन्न आकृतियों और आकारों में आते हैं। कुछ विशाल होते हैं जबकि कुछ छोटे होते हैं, कुछ मोटे होते हैं और अन्य के तने सख्त होते हैं। दूसरे के तने सुन्दर और नाजुक होते हैं। कुछ मिट्टी के उत्पाद फूल देते हैं। जो भी हो, उनमें से प्रत्येक एक आशीष है—एक आशीष परमेश्वर ने हमें लक्ष्य दिया है कि हम विश्राम कर सकें।

हम चारों ओर ध्यान देने योग्य लेते हैं और ऑक्सीजन लेते हैं। वही ऑक्सीजन जो पेड़ पैदा करते हैं। क्या हम बिना ऑक्सीजन के रह पाएंगे? उपयुक्त प्रतिक्रिया नहीं है। यह उत्तर स्पष्ट करता है कि पृथ्वी पर जीवन के लिए पेड़ कितने महत्वपूर्ण हैं। वे दुनिया के जीवन भावनात्मक रूप से सहायक नेटवर्क हैं।

पेड़ों का भी असाधारण व्यापारिक सम्मान है। कागज बनाने के लिए पेड़ों की लकड़ी के मैश का उपयोग किया जाता है। उनका उपयोग खिड़कियां और प्रवेश द्वार बनाने के लिए किया जाता है। पेड़ बारिश के दौरान पानी रोकते हैं। यह पानी एक भूमिगत जल भंडार को भरता है। वे वैसे ही मिट्टी को बचने से रोकते हैं।

पेड़ स्कूलों में बच्चों को छाया भी देते हैं। ब्रेक के दौरान युवा पेड़ों के नीचे बैठकर खेलते हैं। पेड़ किसी स्थान को अद्भुत बनाते हैं। वे अशांति और संदूषण को कम करते हैं। पेड़ भी धूल को रोककर हवा को साफ रखते हैं।

पेड़ पंख वाले जीवों, गिलहरियों और कीड़ों के लिए घर हैं। पेड़ परिसंचरण तनाव और तनाव को कम करने के लिए जाने जाते हैं। पुराने पेड़ों में खोखले होते हैं जिनमें छोटे जीव और उड़ने वाले जीव रहते हैं। पेड़ कई सालों से हमारी मदद करते आ रहे हैं। कुछ धर्म पेड़ों को भगवान के रूप में मानते हैं। वे पेड़ के नीचे पूजा करते हैं और उसकी देखभाल करते हैं। हम सभी को एक पेड़ के बारे में सोचना चाहिए और दूसरा पौधा लगाना चाहिए। अच्छा होगा कि आप अपने घर में एक पौधा लगाएं। सड़क के किनारे एक और पेड़ लगाने से दूसरे लोगों को मदद मिलेगी।

पेड़ पर निबंध 300 शब्द (Tree Essay 300 words in Hindi)

पेड़ जीवित प्राणियों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और वे पृथ्वी पर हमारे अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण हैं। वे हमें जीवन के दो आवश्यक घटक प्रदान करते हैं जो भोजन और ऑक्सीजन हैं। इनके अलावा, पेड़ भी मनुष्य को कई लाभ प्रदान करते हैं और इस प्रकार उन्हें जीवन का सबसे आवश्यक हिस्सा माना जाता है।

पेड़ और पौधे ही हैं जो CO2 ग्रहण करते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं जो हमारे जीवन को आगे बढ़ाते हैं। मनुष्य को जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन सबसे आवश्यक तत्व है। साथ ही, कार्बन डाइऑक्साइड एक ग्रीनहाउस गैस है जो ग्लोबल वार्मिंग की ओर ले जाती है। अत: प्रकृति का यह चक्र पर्यावरण में संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। इसलिए वनीकरण से हवा शुद्ध होगी और ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में भी मदद मिलेगी।

वृक्ष एक समृद्ध और समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र की ओर भी ले जाता है जिसमें पशु, पक्षी, कीड़े और कई अन्य जीवित प्राणी अपने अस्तित्व और जीवन के लिए पेड़ों पर निर्भर होते हैं। पेड़ खाद्य श्रृंखला के निचले भाग में मौजूद होते हैं क्योंकि वे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के माध्यम से अपना भोजन स्वयं बना सकते हैं। इस प्रकार, वे बड़े पैमाने पर पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान करते हैं और पर्यावरण को स्वच्छ और स्वस्थ बनाते हैं। इसके अलावा, कई प्रकार की आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाएं पेड़ों से बनाई जाती हैं जिनका उपयोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है।

पेड़ पारिस्थितिकी तंत्र में पानी के संतुलन को भी बनाए रखते हैं, पेड़ों की जड़ें इस तरह से बनाई जाती हैं कि यह मिट्टी को मजबूती से पकड़ कर रखता है और बारिश और बाढ़ के दौरान इसे बहने नहीं देता है, इसलिए ये मिट्टी के कटाव और भूस्खलन को रोकने में मदद करते हैं।

पेड़ हवा और भोजन का एक समृद्ध स्रोत हैं और प्रकृति की सौंदर्य सुंदरता में भी योगदान करते हैं। लोग पेड़ों की गोद में आनंद लेते हैं क्योंकि प्रकृति स्वयं एक महान तनाव बस्टर है और लोगों को अच्छा और सक्रिय महसूस कराती है। पेड़ चिलचिलाती गर्मी में छाया भी देते हैं और हमें अपनी शांत और ठंडी हवा से राहत देते हैं।

इसलिए पेड़ मानव जीवन का अहम हिस्सा हैं। वे दवा और लकड़ी उद्योग में इसके विभिन्न उपयोगों के कारण देश के आर्थिक विकास में भी मदद करते हैं। इसलिए यह हमारा कर्तव्य है कि हम भगवान के ऐसे सुंदर प्राणियों को संरक्षित करें और इस प्रकार हमें वृक्षारोपण को बढ़ावा देना चाहिए और पेड़ों के लिए हानिकारक गतिविधियों को हतोत्साहित करना चाहिए।

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पेड़ों पर अनुच्छेद पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

पेड़ हमारे लिए कैसे महत्वपूर्ण हैं.

पेड़ महत्वपूर्ण हैं। पृथ्वी पर सबसे महान पौधों के रूप में, वे हमें ऑक्सीजन देते हैं, कार्बन जमा करते हैं, गंदगी को संतुलित करते हैं और दुनिया के प्राकृतिक जीवन को जीवन प्रदान करते हैं।

यूके में सबसे व्यापक रूप से पहचाने जाने वाले पेड़ कौन से हैं?

सिल्वर बर्च, ओक, बर्च और स्वीट चेस्टनट ब्रिटेन में पाई जाने वाली सबसे बुनियादी वृक्ष प्रजातियाँ हैं।

पेड़ों में क्या होता है?

पेड़ चीनी के कण बनाने के लिए कार्बन डाइऑक्साइड से कार्बन का उपयोग करते हैं। वुडी टिश्यू और पेड़ों की छाल में पेड़ के बायोमास का विशाल बहुमत शामिल होता है। लकड़ी और छाल सेल्युलोज के बने होते हैं।

पृथ्वी पर पहला पेड़ कौन सा था?

पहला पेड़ वाटिज़ा था, जिसके जीवाश्म 2007 में न्यूयॉर्क राज्य में पाए गए थे, जो मध्य डेवोनियन (लगभग 385 मिलियन वर्ष पूर्व) में वापस जा रहे थे।

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Equatorial Forest Region

वृक्ष की आत्मकथा पर विद्यार्थियों और बच्चों के लिए निबंध

admin July 10, 2018 Essays in Hindi 4,123 Views

मैं सभी प्राणियों का विश्राम-स्थल हूँ। सृष्टि के आरम्भ में जब मकान तो क्या झोपड़ी भी नहीं थी तब मनुष्य मेरी शाखाओं के हरे-भरे पत्तों और उनकी शीतल छाया के नीचे विश्राम करता था, रात को हिंसक पशुओं से अपनी रक्षा करने के लिए मेरी शाखाओं पर बसेरा डालता था। आज भी यात्री जब चलते-चलते थक जाते हैं, सूर्य के ताप से विकल हो उठते हैं, पशु चरानवाले पशु चराते-चराते विश्राम की आवश्यकता अनुभव करने लगते हैं, पेट में चूहे कूदने लगते हैं, किसान जब हल चलाते-चलाते या खेतों में पानी देते-देते थक जाते हैं, तो मेरी शीतल छाया  में आकर हीं भोजन करते हैं, विश्राम करते हैं और जब थकन दूर हो जाती है, शरीर में स्फूर्ति आ जाती है तो पुनः अपने कार्य में लग जाते हैं। पक्षियों का तो मैं स्थायी आवास-स्थल हूँ। वे मेरी शाखाओं पर ही अपने नीड़ों का निर्माण करते हैं और सपरिवार रहते हैं। प्रकृति ने मुझे वरदान दिया है कि मैं नाइट्रोजन खाऊँ और बदले में आक्सीजन दूँ। यह आक्सीजन जिसे प्राणवायु कहते हैं सृष्टि का अस्तित्व बनाये हुए है। उसके अभाव में मनुष्य, पशु, पक्षी, वनस्पतियाँ सब नष्ट हो जायेंगी। आज के वैज्ञानिक और औद्योगिकरण के युग में वायु-प्रदूषiणसंक्रामक रोग से भी अधिक घातक बन गया है, उसके कारण अनेक रोग, अनेक व्याधियाँ जन्म ले रही हैं। मैं पृथ्वी के पर्यावरण में सन्तुलन बनाये रखने और वायु-प्रदुषण को करने के लिए सदा प्रयास करता रहता हूँ। मेरे पत्ते मवेशियों का चारा बनकर  तथा गदेदार तथा रसदार फल मनुष्य का आहार बनकर न केवल उनकी क्षुधा शान्त करते हैं, अपितु उनके शरीर को निरोग, स्वस्थ, हृष्टपुष्ट भी रखते हैं। मेरे पुष्पों की सुगन्धि से वातावरण महकने लगता है। कोई उनका प्रयोग अपनी शोभा, अपना सौन्दर्य बढ़ाने के लिए करता है, कोई देवता को प्रसन्न करने के लिए इन्हें देवता के चरणों में चढ़ता है, कोई इन्हें कुचलकर, भट्टी में तपाकर इत्र बनाता है और बेचकर धन कमाता है। मेरे फूल यदि शरीर का श्रृंगार  करते हैं तो मेरी लकड़ी से बनी हुई हस्त-कौशल की चीजें और फर्नीचर घरों का अलंकरण करते हैं, उनकी सुन्दरता को चार चांद लगते हैं। मेरी बनी खटिया या पलंग पर लेटकर तथा कुर्सी पर बैठकर लोग आराम करते हैं। विद्यालयों में काम आनेवाला फर्नीचर-कुर्सी, डैस्क, मेज, बैन्च आदि भी मेरी ही लकड़ी से बनता है। ईंधन की समस्या को हल करनेवाला मैं प्रमुख साधन हूँ।

मेरे अनेक नाम हैं – वृक्ष, पेड़, दरख्त आदि। मेरी अनेक जातियाँ-प्रजातियाँ हैं। रंग-रूप, आकार-प्रकार भी अनेक हैं। कोई ठिगना-बौना है तो कोई गगनचुम्बी। कोई छायादार है तो कोई नारियल की तरह छायाविहीन ‘ पंछी को छाया नहीं  फल लागे अति दूर ।” परन्तु मेरी दो विशेषताएँ हैं –  मेरा अस्तित्व सारे विश्व में है और मैं सबका हित करता हूँ। याद रखिए कि मैंने अपने स्वरूप को पाने के लिए बड़ी साधना  की  है, तपस्या की है, कष्ट झेले हैं। मैं नहीं जनता कि मुझे किसने जन्म दिया। ऐसे गुणवान, परोपकारी जीव को मनुष्य तो जन्म दे नहीं सकता। अतः लगता है कि प्रकृति ने ही मुझे जन्म दिया है। यह तो है उस वृक्ष की कथा जो जातिवाचक संज्ञा कहलाता है। अब मेरी निजी व्यक्तिगत कथा सुनिए।

मेरा नाम देवदार है। देवदार का अर्थ है देवताओं का वृक्ष। मेरे इस नाम के पीछे दो कारण हैं – एक तो मैं हिमालय पर रहता हूँ जो देवताओं का निवास-स्थान माना जाता है, दूसरे मुझमें दवताओं के से गुण हैं। मेरी कष्ट-कथा जन्म लेने और होश सम्भालने से पूर्व ही आरम्भ हो जाती है। धरती की कोख में रहते समय मेरा  दम घुटा है, मैंने धरती का ताप सहा है, पृथ्वी के गर्भ में होती रहनेवाली रासायनिक क्रियाओं की पीड़ा झेली है, सड़ा हूँ, गला हूँ। जन्म लेने के बाद क्रमशः अंकुर, पौधा और वृक्ष का रूपाकार धारण करने के बाद भी अनेक कष्ट सहे हैं – कभी तूफान, बवंडर, आँधी, कभी मुसलाधार वर्षा, कभी बाढ़ सबके द्वारा दी गयी यातनाएँ झेलता रहा हूँ। इन सबके बाद ही मुझे मेरा वर्तमान स्वरूप मिला है।

मनुष्य के व्यवहार से मैं बहुत क्षुब्ध रहा हूँ और आज भी हूँ क्योंकि वे मेरी जाती, मेरे वंश का सर्वनाश करने में जुटे हैं। इन मूर्खों को, विवेकहीनों को पता नहीं कि मेरे अस्तित्व के  साथ उनका अस्तित्व जुड़ा हुआ है। मुझे काटकर वे अपने पैरों में आप कुल्हाड़ी मार रहे हैं। हाँ, मैं कवियों, गद्य-लेखकों, चित्रकारों का आभारी हूँ। उन्होंने  मेरी प्रशंसा में कविताएँ लिखी हैं, मुझसे सीख लेने का उद्बोधन दिया है, मेरे प्रति हुए अन्याय के लिए अपने संगी-साथियों के कान खींचे  हैं, प्रतारणा की है, मुझे विषय बनाकर निबंध लिखे हैं जैसे अशोक के फूल, कुटज आदि। चित्रकारों ने अपनी तुलिका से मेरे सुन्दर चित्र बनाये हैं। मैं पृथ्वी-पुत्र हूँ और अपना कर्तव्य-दायित्व समझता हूँ। ईश्वर से प्रार्थना है कि वह मुझे अपना दायित्व निबाहने की सदा शक्ति प्रदान करता रहे।

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Autobiography of a tree in hindi | वृक्ष की आत्मकथा हिंदी में.

TFIPOST News Desk

एक वृक्ष की आत्मकथा

देखे मौसम , देखी सदियां मूलों से ही जुड़ा रहा………. सबकों मैंने सांसे बांटी पर मेरी सांसो का मोल कहां था. जया पाण्डे ‘ अन्जानी’ द्वारा रचित यह काव्य रचना वृक्षों की आत्मकथा बताने के लिए काफी है. इस आत्मकथा (Autobiography of a Tree in Hindi) में बताया गया है कि एक वृक्ष जो ईश्वर द्वारा इस धरती को अमूल्य वरदान के रुप में दिया गया है.

जिसने प्रत्येक मौसम और सदियों को देखा है. यहां तक कि पक्षी अपना स्थान बदल सकते है पर वह एक जगह स्थिर रहकर लोगों की जरुरतों को पूरा करता रहा है.जहां मनुष्य सर्दियां नहीं झेल पाता न वर्षा न ही गर्मी वहां वह हर ऋतुओं के प्रकोप की पीड़ा को हंसते हुए लेता हूं.

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हरियाणा में अखिलेश की राहुल को दो टूक, सीट शेयरिंग में सपा को दो हिस्सा, वरना यूपी उपचुनाव में भुगतना होगा अंजाम , पाकिस्तान में कट्टरपंथ का एक और नमूना। कोलकाता कांड पर कविता लिखने वाली ब्लॉगर को जेल की सजा।, पेरिस में भारत की बेटियों का कमाल: पैरालिम्पिक में अवनी लेखरा का गोल्ड पर निशाना, मोना ने जीता कांस्य।.

कवि आगे कहता है कि मनुष्य ने पेड़ काटने में खुब पसीना बहाया है. आज धरती पर घटित हो रही प्रकृतिक आपदा का मुख्य कारण ये मनुष्य हैं वह अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पेड़ों को निरंतर काटता रहता है. मेरे टुकड़े होते देख दर्द मुझे भी होता है पर एक जगह खड़े होने के अलावा मेरे पास दूसरा कोई विकल्प नहीं होता.

इस संसार में सभी जीव जंतु के जीवन का आधार मैं ही हूं. पर जिन टेहनियों की छांव ये लोग लेते हैं आज उनके लिए में रोड़ा बन गया हूं.आज सड़के चौंड़ी करने के लिए वह निरंतर पेड़ो की कटाई कर रहा है.इस धरती पर सबसे पहले मेरा ही जन्म हुआ था. मेरा जन्म तो इस जगत के सभी जीवों के जीवन के भरन पोषण के लिए हुआ है. मुझसे नदियां हैं मुझसे ही प्राकृति है.

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Autobiography of a Tree in Hindi

हां मैं वो वृक्ष हूं जिस वृक्ष पर पक्षी अपना तिनका तिनका जोड़ कर घोंसला बना कर अपना एक परिवार बनाते हैं . अपने बच्चों की जिम्मेदारी वो मुझे सौंप कर जाते हैं और जब चिड़िया शाम को अपने घोंसले में दुबारा आती है तो वहां कुछ न पाकर बहुत दुखी होती है और में वहां पर उसकी कोई मदद नहीं कर सकता क्योंकि जिस वृक्ष पर इनकी घोंसला होता है वह पेड़ इंसानो द्वारा काट दिया जाता है.जब में छोटा पौधा था तो आस पास के बड़े पेड़ो को देख कर सोचा करता था कब में बड़ा होकर अपनी बड़ी बड़ी शाखाओं से आसमान छु पाऊंगा,कब में अपना योगदान इन जीवों के लिए दे पाऊंगा.

समय के साथ में बड़ा होता चला गया अब मेरी शाखाएं आसमान को छू रही थी .मेरे टेहनियां हरे पत्तों से ढक गये थे. मैं अन्य पेड़ों की तरह प्राकृति को हरियाली और पक्षियों को रहने के लिए घर और मानव को छाया देने लगा. प्राकृति को ,जीव-जन्तु,को यह सब देता देख में खुशी की अनुभूति कर रहा था.हर सुबह सुरज की पहली किरण,मन्द मन्द ठंड़ी हवा और पक्षीयों की मधूर आवाज से मैं झूम उठता.जहां सभी जीव जंतु हम पेड़ों के नीचे मस्ती करते हैं, अपने बच्चों को कला सीखाते हैं ये सब देख कर मुझे बहुत खुशी होती थी.

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आज मानव जाति की जनसंख्या बढने के साथ साथ उसकी जरुरते भी बड़ गई है . वह पहले की तुलना में हम पेड़ो की अधिक कटाई करने लगा गए है. जिससे धरती को तरह तरह की प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पढ़ रहा है.कटाई के कारण ही ग्लोबल वार्मिंग जिससे तापमान बढ़ रहा है. जो पेड़ इस संसार को इतना कुछ देता है वह खुद से अपने विनाश का कारण नहीं बल्कि तुम खुद को विनाश के मुंह में ढकेलते जा रहें हैं. शायद इन प्राकृतिक घटनाओं से जूझने के बाद मनुष्य अब हम पेड़ों के महत्व को समझे और हमारा संरक्षष करना शुरु कर दें. आशा करते है की वृक्ष की आत्मकथा (Autobiography of a Tree in Hindi ) पर हमारा लेख आपको पसंद आया होगा.

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The Autobiography of a Tree

Translated from the Hindi original by Shobha Tharoor Srinivasan

Publisher: Mango Books Published: January 2014

पेड़ पर निबंध -Important of Tree Essay in Hindi

Tree Essay in Hindi [ वृक्ष पर निबंध इन हिंदी ]

Tree Essay in Hindi

पेड़ के बीना जीवन सम्भव नहीं है, प्रकृति के द्वारा दिया गया सबसे बड़ा उपहार पेड़-पौधे है, कल्पना कीजिये अगर पेड़ पौधे ना हो तो क्या जीवन सम्भव है, आप इसका उत्तर पायेंगे नहीं, क्योंकि वृक्ष के बीना जीवन की कल्पना करना मूर्खता है, वृक्ष के द्वारा ही हम आक्सीजन प्राप्त करते है, और आक्सीजन के बीना जीवन का कोई अस्तित्व ही नहीं ।

लेकिन ये आधुनिक समाज इस बात को नजर अंदाज कर रहा की वृक्ष से ही हमारी जिंदगी है, और दिन प्रतिदिन अधिक से अधिक वृक्ष को काटा जा रहा और उसके जगह पर , बडे – बडी इमारतें, फैक्टरियाँ, घर बनाये जा रहे। जिससे आने वाले भविष्य की चिंता करनी चाहिये,

पेड़ हमारे लिये हर प्रकार से उपयोगी है, चाहे हो वृक्ष से हमें फल खाना हो या पेडो के  नीचे बैठकर छाव लेना हो, जब हम एक पेड़ को काटते है तो अपना व अपने प्रकृति का नुकसान तो करते है साथ ही उस पेड़ पर घर बना कर रहने वाले अन्य जीवों का भी नुकसान करते है जैसे- पक्षी, गिलहरी, इत्यादि

प्रकृति पर सुविचार – Nature Quotes in Hindi

हमें ये जानना होगा पृथ्वी पे सिर्फ मनुष्य ही जन्म नहीं लिया है बल्कि और जीव भी है और जिनका सहारा पेड़- पौधे है , पेड़ पौधों को काटकर हमें उन बेजबान जानवरों की हत्या करने से बचना चाहिये

पेड़ हमें सिर्फ आक्सीजन भर नहीं देते बल्कि पेड़ पौधे का हर एक मनुष्य के जीवन में अपनी भूमिका निभाते है चाहे हो प्रत्यक्ष रुप से हो या अप्रत्यक्ष रुप से, इस पृथ्वी पर सभी जीव जंतु, विशेषकर मनुष्य पेड़ पौधों का ज्यादा उपयोग करता है,

वृक्ष हमारे जीवन साथी है, वृक्ष हमारे मित्र है जब तक हम वृक्षो को हम अपना नहीं समझेंगे तब तक हम उसकी रक्षा नहीं कर सकते- इसलिये पेड़ को अपना मित्र मानिये [Tree is our Friend] , साथी मानिये।

हम सब मिलकर एक न्यारा लगायेंगे- पेड़ बचाओ, पेड़ बचाओ, पेड़ बचाओ, पेड़ रक्षा ही जीवन रक्षा है।

S ave Tree essay in Hindi

[ Save tree essay in hindi / essay on tree in hindi ]

save tree slogan in hindi

पेड़ – पौधो का बचाव पर निबंध : पेड़ मानव जीवन के अंग के समान है, जिस प्रकार मनुष्य अपने शरीर की रक्षा करता है , उसी प्रकार उसे प्रकृति की रक्षा करनी चाहिये, प्रकृति के द्वारा बनाये गये वस्तु की रक्षा करनी चाहिये, वृक्ष प्रकृति के द्वारा दिये गये उपहारों में से एक है ।

आधुनिक मानव प्रकृति की सुख छोड कर जिस प्रकार भौतिक सुख के पीछे भाग रहा है, भविष्य में इसका बहुत बुरा परिणाम देखने को मिलेगा, क्योंकि प्रकृति ही जीवन है और प्रकृति के द्वारा बनाये गये सभी वस्तुये जीवन का आधार है,

  प्रकृति द्वारा प्राप्त सुख ही, जीवन का वास्तविक सुख है suraj bind

मनुष्य अपने भौतिक सुख के लिये पेड़-पौधों को काट रहा, जिससे मानव जीवन के साथ-साथ पेड़ पौधों के सहारे जीवित रहने वाले जानवरों को भी परेशानी हो रही,

पेड़- पौधों की रक्षा करने की जरूरत नहीं है, बस उसे नुकसान पहुँचाना छोड दिया जाये तो प्रकृति खुद की रक्षा कर सकती है, अगर हम पेड़-पौधों को काटना या बेवजह छोटे-छोटे पेडो को जमीन से अलग करना  छोड दे तो, प्रकृति की काफी मदद हो सकती है,

प्रकृति का नियम है बदलाव लाना, प्रकृति हमेशा खुद में बदलाव लाती रहती है, कभी पेडो में फल तो, कभी फूल, कभी जलवायु परिवर्तन तो, कभी सुहाना मौसम, ये सब प्रकृति की देन है,

क्या ये सभी कारण मनुष्य को नुकसान पहुँचाते है , नहीं न ? फिर हम अपने फायदे के लिये प्रकृति को नुकसान क्यू पहुँचाते है, इन विचारो को मंथन कीजिये और लोगों को पेड़ के बचाव के प्रति जागरुप कीजिये की पेड़ हमारे लिये कितना उपयोगी है लोगो को बताइये , उनसे प्रश्न किजिये क्या वृक्ष के बिना जीवन सम्भव है, पेड़ के महत्व की जानकारी दिजिये।   

प्रकृति ही जीवन है प्रकृति द्वारा बनाई गई वस्तुये जीवन का मूल आधार है जैसे- जल, वृक्ष, वायु, इत्यादि , प्रकृति की सुरक्षा शहरी लोगो के अपेक्षा गाव के किसान लोग ज्यादा करते है ।

short essay on trees in hindi

[ paragraph of tree in hindi- autobiography of tree in hindi ]

tree our friends

पेड़ जीवन के लिये हर प्रकार से लाभदायक है, चाहे वो मानव जीवन हो या अन्य जीव के जीवन, वृक्ष सभी जीवों के लिये लाभप्रद है, इसके बीना जीवन की कल्पना करना व्यर्थ है,

प्रकृति द्वारा दिया गया सबसे बड़ा उपहार मानव जीवन है, मानव, पृथ्वी के सभी जीवों की अपेक्षा सबसे बुद्धिमान व ताकतवर है, फिर भी प्रकृति को नुकसान पहुँचाता है, पेड़ पौधे काटता है, जहरीली गैसों का उत्पादन करता है, जिससे वातावरण प्रदूषित होता है, इस आधुनिक युग के मानव के लिये आम बात हो गई है,

लेकिन मानव को ये नहीं पता जिसने उसे बनाया उसे वह नष्ट भी कर सकता है, उदाहरण के लिये ज्यादा प्रदूषण होने के कारण, ज्यादा धूप, ज्यादा वर्षा या कम वर्षा, दूषित वायु जैसे गम्भीर समस्या से मानव प्रभावित हो रहा है, इन सब कारणों से लाखों लोग जान गवा देते है,

अगर जीवन को बचाना है तो प्रकृति को बचाना होगा, प्रकृति द्वारा बनाये गये वस्तुयो को बचाना होगा, तभी मनुष्य स्वास्थ्य व खुशहाल जीवन जी सकता है।

Benefits of tree in hindi

जीवन के लिये प्रकृति की सभी वस्तुये उपयोगी है मानव जीवन ही भर नही बल्की अन्य सभी जीवो के लिये भी पेड़ के कई फायदे है।

  • पेड़ हमें आक्सीजन देता है, जो मानव जीवन के लिये बहुत उपयोगी है
  • पेड़ वातावरण को साफ बनाता है
  • पेड़ हमें ध्वनि प्रदूषण से भी बचाते है।
  • पेड़ से हम छाव प्राप्त करते है।
  • पेड़ वर्षा होने पर माटी के कटाव को भी रोकते है।
  • पेडो के कारण ही जलवायु में परिवर्तन होता है
  • पेड़ के कारण ही कई अन्य जीव जीवित है ।
  • पेड़ से हमें खाद्य पदार्थ प्राप्त होता है।
  • पेड़ से हमें लकडिया प्राप्त होती है
  • पेड़ से हमें दवा भी प्राप्त होती है
  • पेड़ के पत्तियाँ सूख जाने पर खनिज का काम करती है

essay on trees in hindi for class 2,3,4 ,5,6,7,8

vriksharopan essay in hindi – ped ka mahatva essay in hindi

Tree Essay in Hindi सरल शब्दो मे

पेड़ हमारे जीवन के लिये बहुत उपयोगी व अतिआवश्यक है पेड़- पौधे हमारे जीवन के लिये खरे सोने से भी बढ कर है अगर हम सांस ले है जीवित है तो कही न कही मानव जीवन को जीवित रखने के लिये पेड़ ही सहारा है

वृक्ष हमारे लिये सदा उपयोगी रहेंगे, इसलिये हमें पेड़ को नहीं काटना चाहिये, क्योंकि पेड़ नहीं तो हम नहीं, मनुष्य अपने स्वार्थ के लिये वृक्षों को काटता है और वृक्षों के छाल से पन्ने बना कर उसपर लिखता है पेड़ बचाओ, मानव की ये कैसा मूर्खता है क्योंकि वन नहीं तो जन नहीं, इसलिये वृक्ष लगाओ जीवन बचाओ

अगर मनुष्य खुद को सुधार ले तो हर मनुष्य सफल हो सकता है, पेड़ हमेशा हमें कुछ न कुछ देते रहते है। यहाँ तक की सभी जीव पेड़ की वजह से ही जीवित है, पेड़ हमें फल फूल के अलावा कई पदार्थ देते है जैसे – आक्सीजन, ठंडी हवा, दवा, घर, छाया इत्यादि

इतना जान लेने के बावजूद हमें पेड़ की रक्षा करनी चाहिये, वैसे तो पेड़ अपना भोजन खुद बना लेते है, लेकिन समय- समय पर , गर्मियों के समय में हमें पेडो को पानी डालना चाहिये, खाली जगह पर पेड़ लगाना चाहिये, और लोगों को पेड़  काटने से रोकना चाहिये, क्योकी वृक्ष धरा के भूषण है

10 lines on importance of trees in hindi

वृक्ष लगाओ, जीवन बचाओ
वृक्ष धरा के अभूषण है
वन है तो, जन है
वृक्ष पर कुल्हाडी मारना, मतलब जीवन पर कुल्हाडी मारना
प्रकृति की बस यही सुझाव, पेडो की करो बचाव
प्रकृति के लिये करो कुछ,तभी होगा जीवन मे सुख
हरियाली है तो खुशहाली है
वृक्ष रक्षा ही, जीवन रक्षा

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पेड़ों का महत्व पर निबंध – Essay on Importance of Trees in Hindi

Essay on Importance of Trees in Hindi : दोस्तों आज हमने पेड़ों का महत्व पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 और 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है. वर्तमान में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के कारण पृथ्वी का वातावरण बुरी तरह से प्रदूषित हो चुका है.

इसलिए हमने इसमें बताया है कि पेड़ों की सहायता से कैसे हम प्रदूषित वातावरण को ठीक कर सकते है और पेड़ हमारे जीवन में किस प्रकार से महत्व रखते है.

यह निबंध हमने विद्यार्थियों की सहायता के लिए अलग-अलग शब्द सीमा में लिखा है जिसे प्रत्येक कक्षा के विद्यार्थियों को परीक्षा में निबंध लिखने में आसानी हो.

Essay on Importance of Trees in Hindi

Get Essay on Trees in Hindi under 150, 250, 500 and 1100 words for Student

Essay on Importance of Trees in Hindi 100 Words

पेड़ हमारे जीवन के साथी है यह हमें जीवन जीने के लिए कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर के प्राण वायु ऑक्सीजन उपलब्ध करवाते है.

अगर पेड़ नहीं होंते तो पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं होता, पेड़ की हमारी प्रकृति है जो की पूरी पृथ्वी को हरा भरा और खुशहाल बना कर रखते है.

पेड़ जीवन भर हमें कुछ ना कुछ देते ही रहते है, फिर भी हम अपने निजी स्वार्थ के लिए पेड़ों को काट देते है. आज यह बहुत ही विडंबना का विषय है कि जो पेड़ हमें जीवन दे रहे है हम उन्हीं को नष्ट करने पर तुले हुए है.

अगर हमें पृथ्वी को बचाए रखना है तो अधिक से अधिक मात्रा में पेड़ लगाने होंगे.

Importance of Trees in Hindi 250 Words

पेड़ प्रकृति का अनमोल उपहार है , पेड़ों के कारण ही इस हरी भरी पृथ्वी और हमारा जीवन खुशहाल है. पेड़ सच्चे योद्धा है जो जन्म से ही हमारे लिए प्रदूषण से लड़ते रहते है और हमें स्वच्छ व सुंदर पर्यावरण देते है.

पेड़ हमारी पृथ्वी पर हजारों वर्षों से है ये चल फिर नहीं सकते लेकिन इंसानों की तरह श्वास ले सकते है. पेड़ प्रदूषण वाली जहरीली कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करके हमें शुद्ध ऑक्सीजन प्रदान करते है.

पेड़ जीवन भर हमें खाने के लिए फल और अनाज, बारिश भी इन्हीं की वजह से होती है जिससे हमें पीने को जल मिलता है, कपड़े, ईंधन के लिए लकड़ी, कागज, रबर, बीमारियों को दूर करने के लिए जड़ी बूटियां, गर्मियों में ठंडी छांव देते है.

बारिश के दिनों में भूमि के कटाव को रोकते है , पेड़ों के पत्तों से भूमि उपजाऊ हो जाती है, पेड़ अन्य जीव जंतु को रहने के लिए घर के समान स्थान देते है और अन्य बहुमूल्य खनिज संपदा भी इन्हीं की देन है.

लेकिन धीरे-धीरे जब से औद्योगिकीकरण और शहरीकरण बढ़ा है वैसे वैसे मानव द्वारा पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की गई है जिसके कारण पड़ते का प्राकृतिक संतुलन गड़बड़ा गया है.

शहरों में पेड़ नहीं होने के कारण वहां पर वर्षा कम होती है और वायु प्रदूषण भी अधिक मात्रा में रहता है. अगर पेड़ों की कटाई निरंतर इसी गति से चलती रही तो वह दिन दूर नहीं है जब पृथ्वी का विनाश हो जाएगा.

पेड़ हमारे जीवन के लिए बहुत जरूरी है इसलिए हमें लोगों को जागरूक करना होगा और अधिक से अधिक पेड़ लगाने होंगे जिससे हमारा आने वाला भविष्य सुरक्षित और स्वच्छ हो.

Essay on trees in Hindi 500 Words

प्रस्तावना –

पेड़ प्रकृति की अनुपम देन है, पेड़ एक देश की बहुमूल्य संपदा होते है इन्हें हरा सोना भी कहा जाता है. जहां पर पेड़ अधिक मात्रा में होते है वहां की जलवायु स्वच्छ और सुंदर होती है.

साथ ही वहां पर जीवन जीने के लिए बहुत अधिक खनिज संपदा उपलब्ध होती है. हमारे भारत देश में तो पेड़ों की पूजा की जाती है उनको उतना ही मान सम्मान दिया जाता है जितना कि किसी मनुष्य को दिया जाता है.

लेकिन जब से हमने पश्चिमी सभ्यता को अपनाना शुरू किया है और शहरीकरण जैसे बढ़ रहा है उसके कारण पेड़ों की कटाई बहुत तेजी से हो रही है जिस तेजी से पेड़ों की कटाई हो रही है तेजी से पेड़ों को पुनः नहीं लगाया जा रहा है.

यह सिर्फ हमारे देश में ही नहीं हो रहा यह पूरे विश्व में हो रहा है. इसके कारण पृथ्वी की पूरी जलवायु और ऋतु परिवर्तन गड़बड़ा गया है.

पेड़ों के लाभ –

(1) पेड़ वातावरण को स्वच्छ एवं सुंदर बनाते है.

(2) पेड़ हमारे वातावरण से दूषित एवं जहरीली कार्बन डाइऑक्साइड एवं अन्य गैसों को अवशोषित करके हमें स्वच्छ ऑक्सीजन प्रदान करते है.

(3) जहां पर अधिक मात्रा में पेड़ होते है वहां पर ध्वनि प्रदूषण भी बहुत कम मात्रा में होती है क्योंकि पेड़ों की सघनता आवाज को फैलने नहीं देती है.

(4) जहां पर भी पेड़ अधिक मात्रा में होती है भूमि का कटाव नहीं होता और इन की सहायता से भूमि की अम्लता में भी कमी आती है.

(5) पेड़ों की सुखी पत्तियों से हमें जैविक खाद मिलती है जो की भूमि को उपजाऊ बनाती है. इसके कारण फसल अच्छी होती है.

(6) पेड़ हमें गर्मियों में ठंडी छांव प्रदान करते है.

(7) पेड़ों के कारण ही हमारी पृथ्वी के वातावरण में समय समय पर बदलाव आता रहता है जिसके कारण पृथ्वी का संतुलन बना रहता है.

(8) पेड़ों से हमें फूल, फल, रबर, लाख, रेशम, कागज, दियासलाई, लकड़ी, जड़ी-बूटियां और अन्य खनिज पदार्थ प्राप्त होते है.

(9) पेड़ अत्यधिक तेज जल प्रवाह को रोककर बाढ़ को आने से रोकते है.

(10) वृक्षों के कारण ही हमारी वन्य जीव संपदा आज सुरक्षित है.

(11) वृक्षों के कारण ही प्रत्येक स्थान पर सही मात्रा में वर्षा होती है जिससे हमें फसल के लिए और पीने योग्य मीठा जल प्राप्त होता है.

(12) पेड़ सभी प्राणियों के जीवन के रक्षक होते है.

निष्कर्ष –

पेड़ हमारी बहुमूल्य संपदा है अगर लगातार हम इसका दोहन करते रहे तो यह संपदा समाप्त हो जाएगी फिर हमारा जीवन भी समाप्त हो जाएगा.

हमें वृक्षों की महत्वता को समझना होगा क्योंकि संपूर्ण प्रकृति के रक्षक है जब तक यह पृथ्वी पर विद्यमान है तब तक पृथ्वी पर जीवन है इन के बिना पृथ्वी सिर्फ एक सूखा और बंजर ग्रह बन जाएगा.

आज बढ़ते हुए शहरीकरण और हमारे थोड़े से स्वार्थ के कारण पेड़ों की संख्या कम हो गई है जिसका बदलाव आप देख सकते हैं कि पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है और वातावरण भी संतुलित हो गया है.

इसलिए हमें आज और अभी से जागरूक होकर वृक्षों की संख्या को बढ़ाना होगा जिससे हमारा वातावरण और जीवन सुगमता चलता रहे.

Essay on Importance of Trees in Hindi 1100 Words

रूपरेखा –

हमारे जीवन में पेड़ों का बहुत अधिक महत्व है क्योंकि मानव सभ्यता का उदय इन्हीं के कारण हुआ है और प्रारंभिक जीवन पेड़ों के समूह (वनों) के बीच में ही व्यतीत हुआ है.

इन्हीं की पत्तियां और शाखाएं लेकर हमने घर बनाए है, इनसे ही हमें खाद्य पदार्थ और ऊर्जा के लिए लकड़ियां प्राप्त हुई है.

वृक्षों से ही हमने हथियार बनाए हैं और उन्हीं की सहायता से शिकार किया है. विज्ञान की शुरुआत भी पेड़ों से ही हुई है क्योंकि जब पहला पहिया बनाया गया था तो वह लकड़ी का ही बनाया गया था.

जिसने विज्ञान और मनुष्य के जीवन में इतनी तेजी से बदलाव ला दिया कि आज उसी पहिए से पेड़ों को रौंदा जा रहा है. यह बहुत ही विडंबना का विषय है कि जिन वृक्षों की वजह से आज हम इतनी सुख समृद्धि से जीवन यापन कर रहे है और स्वच्छ ऑक्सीजन ले रहे है,

बदले में हम उन्हीं का विनाश कर रहे है. यह हिंदी की एक कहावत के अनुसार अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने के जैसा ही है क्योंकि जैसे ही वृक्ष हमारी पृथ्वी से विलुप्त हो जाएंगे उसी समय मानव सभ्यता भी नष्ट हो जाएगी.

वृक्षों का मानव जीवन में महत्व – Uses of Trees in Hindi

(1) वृक्षों से हमें प्राणवायु ऑक्सीजन मिलती है.

(2) पेड़ों से वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण को कम करने में सहायता मिलती है.

(3) इनसे में बहुमूल्य जड़ी बूटियां प्राप्त होती है जिससे कई प्रकार की बीमारियां ठीक हो जाती है.

(4) वृक्षों से हमें भोजन करने के लिए फल और अन्न मिलता है.

(5) वृक्षों से में सूखी लकड़ियां प्राप्त होती है जिससे हम आग जला कर ऊर्जा प्राप्त कर सकते है और दरवाजे, चारपाई पहिए, मशीनों के कल-पुर्जे, छोटे हथियार, पानी के जहाज इत्यादि बना सकते है.

(6) पेड़ गर्मियों के दिनों में हमें ठंडी छांव प्रदान करते है जिससे हमें कम गर्मी लगती है.

(7) वृक्षों से हमें गोंद, रेशम, रबर, लाख कागज और अन्य खनिज पदार्थ प्राप्त होते है जो कि हमारे उद्योग धंधों के लिए और हमारे जीवन के लिए बहुत आवश्यक है.

(8) पेड़ों के कारण पृथ्वी की ओजोन परत सुरक्षित रहती है इसके कारण सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों से हमारी सुरक्षा होती है.

(9) पेड़ों के कारण ही अच्छी मात्रा में वर्षा होती है जिससे नदियों, तालाबों और भूमिगत जल में वृद्धि होती है, और हमें पीने के लिए स्वच्छ और मीठा जल प्राप्त होता है.

(10) वृक्षों के कारण पृथ्वी की सतह ठंडी रहती है जिससे तापमान में वृद्धि नहीं होती है.

(11) पेड़ों के कारण ही पृथ्वी का वातावरण व्यवस्थित रूप से कार्य कर पाता है.

(12) पेड़ भूमि के कटाव को रोकते है और बाढ़ आने से रोकते है.

(13) वृक्षों के कारण कुछ हद तक भूकंप आने की संभावना भी कम हो जाती है.

(14) पेड़ों से प्रकृति में हरियाली रहती है और पूरे वातावरण में ठंडी हवा चलती है.

वृक्षों का वन्य जीवो में महत्व –

वृक्षों का वन्य जीव जंतुओं के जीवन में भी बहुत महत्व है क्योंकि वृक्ष ही उनका घर है. वन्य जीव जंतुओं को भी भोजन पेड़ों के माध्यम से ही प्राप्त होता है.

गर्मियों के दिनों में चिलचिलाती धूप से बचने के लिए वे पेड़ों की छांव में ही बैठते है कुछ वन्य जीव अपना शिकार करने के लिए पेड़ों के पीछे ही छुपते है. पक्षी अपना घोंसला पेड़ों पर ही बनाते है और उन्हीं की छोटी शाखाओं का इस्तेमाल करके घोंसला बनाते है.

इसीलिए जहां पर अधिक पेड़ होते हैं वहां पर पशु पक्षी अधिक मात्रा में पाए जाते है.

वृक्षों की कमी के दुष्प्रभाव –

वर्तमान में वृक्षों के जंगल की जगह सीमेंट के जंगलों ने ले ली है जिसके कारण पूरी पृथ्वी का वातावरण प्रभावित हुआ है. वृक्षों की कमी के कारण हमें क्या क्या नुकसान हुआ है इसको हम निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझेंगे –

(1) वृक्षों की कमी के कारण जल, वायु और ध्वनि प्रदूषण में बहुत अधिक मात्रा में वृद्धि हो रही है इसके कारण तरह-तरह की गंभीर बीमारियां मानव जीवन में फैल रही है.

(2) वृक्षों की कमी के कारण पृथ्वी का तापमान प्रतिवर्ष 1 से 2 डिग्री बढ़ रहा है.

(3) पेड़ों की कमी के कारण सभी स्थानों पर वर्षा सही मात्रा में नहीं हो रही है जिसके कारण कुछ जगहों पर सुखा तो कुछ जगहों पर बाढ़ आ रही है और प्रकृति तबाह हो रही है.

(4) पेड़ों से जो शांति और सुख मिलता है वह नहीं मिल पा रहा है क्योंकि शहरों में लोगों को पेड़ों की जगह इमारतों होने घेर लिया है जिसके कारण वहां पर ना तो स्वच्छ वायु पहुंच पाती है ना ही ठीक प्रकार से धूप पहुंच पाती है.

(5) प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि लोगों का जीवन मुश्किल में पड़ गया है कुछ शहरों में तो नौबत यहां तक आ गई है कि लोग अब मुंह पर मास्क लगाकर चलते है.

(6) पेड़ों की कमी के कारण पृथ्वी का वातावरण गड़बड़ा गया है जिसके कारण आए दिन भूकंप और सुनामी आती रहती है.

(7) पेड़ों की कमी के कारण लगातार रेगिस्तान का विस्तार हो रहा है.

(8) वृक्षों की अत्यधिक कटाई के कारण ही शांत पड़े ज्वालामुखी फिर से सक्रिय हो गए है जिनसे विषैली गैसे निकलती रहती है जो की पूरी पृथ्वी के लिए हानिकारक है.

(9) वृक्षों की कटाई के कारण वन्य जीव जंतु का जीवन संकट में पड़ गया है उनकी कुछ प्रजातियां तो विलुप्त भी हो गई है और कुछ विलुप्त होने की कगार पर है.

(10) बदलती जलवायु के कारण मनुष्य का स्वभाव भी चिड़चिड़ा और गुस्सैल हो गया है.

पेड़ों के रोचक तथ्य –

(1) 50 पेड़ों का समूह है प्रतिवर्ष 80 पाउंड प्रदूषण को अवशोषित कर लेता है.

(2) इमारतों के आसपास पेड़ लगाने से इमारतें 30% अधिक ठंडी रहती है

(3) एक पेड़ एक साल में एक कार के 26000 किलोमीटर चलने पर जितना प्रदूषण होता है उतना अवशोषित कर लेता है.

(4) एक पेड़ अपने पूरे जीवन काल में 1 टन से भी ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर लेता है.

(5) पेड़ प्रति वर्ष लगभग 260 पाउंड ऑक्सीजन पैदा करता है.

उपसंहार –

पेड़ हमारे जीवन का अभिन्न अंग है और इनकी रक्षा करना हमारा दायित्व है. जब तक पृथ्वी पर पेड़ों का अस्तित्व है तब तक ही मानव सभ्यता का अस्तित्व है इसलिए हमें पेड़ों की सुरक्षा करनी होगी.

आज वह समय फिर से आ गया है जब पेड़ों को बचाने के लिए चिपको आंदोलन हुए थे. क्योंकि शहरीकरण और बड़े-बड़े हाईवे बनाने के लिए पेड़ों को काटा जा रहा है लेकिन उनको फिर से लगाया नहीं जा रहा है.

कुछ लालची लोगों द्वारा वनों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है लेकिन सरकार द्वारा कुछ भी नहीं किया जा रहा है. हमारी सरकार नहीं पेड़ों को बचाने के लिए कई वन रक्षकों की नियुक्ति की है लेकिन वे भी थोड़े से लालच के चलते पेड़ों को काटने में सहयोग कर रहे है.

इसके कारण पृथ्वी का पूरा वातावरण प्रभावित हो रहा है अगर यूं ही चलता रहा तो आने वाले कुछ ही वर्षों में पीने के लिए जल की कमी और खाने के लिए खाद्य पदार्थ की कमी हो जाएगी साथ ही जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्वच्छ हवा की भी कमी हो जाएगी.

इसलिए हम युवा पीढ़ी को सभी लोगों को जागरुक करके Ped ke Mahatva  के बारे में बताना होगा और अभियान चलाकर अधिक मात्रा में पेड़ लगाने होंगे.

यह भी पढ़ें –

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Slogans on Save Trees in Hindi – पेड़ बचाओ पर 45 स्लोगन

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56 thoughts on “पेड़ों का महत्व पर निबंध – Essay on Importance of Trees in Hindi”

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चिपको आंदोलन का मतलब?

चिपको आंदोलन के बारे में जाने के लिए यहाँ क्लिक करे – Chipko Andolan in Hindi | चिपको आंदोलन

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Kya ped paudhe mrte hai?

ped bhi hamari tarh swas lete hai isliye jab unko kaat diya jata hai to wo mar jate hai.

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Autobiography of a Tree in Hindi Language

essay on trees autobiography in hindi

वृक्ष की आत्मकथा ।  Autobiography of a Tree in Hindi Language!

मैं एक वृक्ष हूं । रूप, रंग, रस से भरा हुआ प्रकृति का अनुपम वरदान । समस्त प्राणी समुदाय का जीवनाधार । इस सृष्टि में जहां तक नजर दौड़ाओ मेरा अस्तित्व हर जगह मिलेगा । मेरी सत्ता का विस्तार अनगिनत रूप और सौन्दर्य के साथ सम्पूर्ण सृष्टि में व्याप्त है ।

प्रकृति का हरा-भरा सौन्दर्य मुझसे ही तो है । मेरी पतली-मोटी टहनियों परपक्षियों का बसेरा है । सूरज की पहली किरण के साथ पक्षियों का झुण्ड अपनी चहचहाहट के साथ समस्त प्रकृति में मधुरता का संचार करता हुआ, जागरण का सन्देश सुनाता है ।

सूरज की सुनहरी किरणों से चमकती मेरी हरी-भरी पत्तियां इठलाकर हवा के साथ झूमती हैं, नाचती है, लहराती हैं और ताजगी से भरी हुई शुद्ध हवा को सभी के फेफड़ों में भर देती हैं । पक्षियों का रैन-बसेरा मेरी टहनियों पर विभिन्न प्रकार के घोंसलों में तथा कोटरों में होता है, तो ऐसा प्रतीत होता है कि वे अपनी मधुर वाणी से मुझे जीवन प्रदान कर रहे हों ।

मेरी टहनियों पर चौड़ी-पतली, छोटी-बड़ी विभिन्न रूपाकृति की पत्तियां अपने सघन घेरों में मनुष्यों और पशुओं को शीतल छाया प्रदान करती हैं । मिट्टी में एक बीज से पौधे के रूप में अंकुरित मेरा अस्तित्व जब रूपाकार होने लगता है, तो मैं आकाश की ऊंचाई को छूना चाहता हूं । आकाश की ओर बढ़ता हुआ मेरा कद अपने हर रूपों में सबके लिए हितकारी होता है ।

सघन वनों की अरण्यस्थली में जंगली जानवर मेरी आश्रयस्थली में संरक्षण पाते हैं । कई जानवरों को तो पत्तियों, फूलों के रूप में मुझसे ही भोजन प्राप्त होता है । मेरी देह लाल, पीले, नीले, बैंगनी, सफेद, रंग-बिरंगे फूलों से सुशोभित होती है, तो सारा संसार भी सौन्दर्य के सागर में डूब जाता है ।

संसार का रंग-बिरंगा सौन्दर्य मेरे ही अस्तित्व से शोभायमान होता है । रूप, रस, रंग से भरे हुए मेरे फूलों पर रंग-बिरंगी तितलियां, भौंरे मीठे-मीठे पराग का रसपान करते हुए मेरी वंशवृद्धि करते हैं, तो मधुमक्खियां मीठे-मीठे शहद को अपने छत्तों में भरकर उसकी मिठास का रसपान समस्त मानवमात्र को कराती हैं ।

जब वसंत आती है, तो वसंत दूतिका कोयल अपनी कुहू-कुहू से डालियों को मधुरता से भर देती है, तो वहीं लदी डालियां प्रकृति के समस्त वातावरण में मादकता का संचार करती हैं । मेरे ताजे-ताजे रंग-बिरंगे फूल देवताओं के शीश पर चढ़ाये जाते हैं, तो कहीं सुन्दरियां अपने केशों को इन फूलों से सजा-संवारकर अपने सौन्दर्य के आकर्षण से सभी को आकर्षित करती हैं ।

फूलों के रूप में मेरा उपयोग बहुआयामी है । मेरे ताजे-ताजे फल समस्त प्राणी समुदाय को जीवन प्रदान करते हैं । खट्टे-मीठे अनूठे स्वाद से भरे मेरे फलों को खाकर सभी सन्तुष्टि पाते हैं और मेरे गुणों का बखान करते हुए नहीं अघाते हैं । यह अलग बात है कि फलों को पाने के लिए वे मुझ पर, मेरी ही टहनियों पर पत्थरों का प्रहार करते हैं । मेरा शरीर कई बार इस क्रिया की वजह से लहूलुहान हो उठता है ।

लोग अपने घरों को सजाने के लिए बेशकीमती फर्नीचर के रूप में मेरे शरीर को काटते हैं, छिलते हैं । कई बार पूरी तरह से मेरे अस्तित्व को ही नष्ट कर डालते हैं । कुछ स्वार्थी मानव बड़ी निर्दयता से मुझे चोट पहुंचाते हैं । यह सोचकर मैं बहुत ही दुखी हो जाता हूं कि अपनी स्वार्थ पूर्ति के लिए मानव-जाति मेरा ही सर्वनाश करने पर तुली है ।

मेरा मूल्य एवं महत्त्व जानते हुए भी स्वार्थी मानव क्यों मेरे अस्तित्व को नष्ट करने पर उतारू है । मेरे अस्तित्व को नष्ट करने से ही तो समस्त पर्यावरण असन्तुलित हो रहा है । जो बादल मेरे कारण रूप धरकर समस्त प्रकृति की प्यास बुझाते आये हैं, अब उनका अस्तित्व भी संकट में पड़ गया है ।

मेरा जन्म तो समस्त प्राणिमात्र की सेवा के लिए ही हुआ है । पत्तों, फूलों, फलों, टहनियों, छालों के रूपों में मेरी उपयोगिता विभिन्न प्रकार की ओषधियों के रूप में मानव समाज को जीवनदान ही देती आयी है । सृष्टि के प्रारम्भ से लेकर आज तक मानव सभ्यता के विकास के इस दौर में मेरी अभिन्न भूमिका रही है । समस्त प्राणिमात्र से मेरा नाता अदूट रहा है ।

आदिम सभ्यता में भी मैं मनुष्य का जीवनसाथी रहा हूं और आज भी हूं ।  शिक्षा और संस्कृति का केन्द्र बना मैं, साधु-संन्यासियों की साधनास्थली भी रहा हूं । पेड़ जब ठूठ बन जाता है, तब भी मेरी सार्थकता बनी रहती है ।

रूप-रंग, रस-गन्ध से विहीन वह जीवन तो मरणतुल्य ही होता है । मुझे दुःख होता है कि समस्त प्राणियों को प्राणवायु प्रदान करने वाला, जीवनदान देने वाला मैं कब तक इतनी निर्ममता से काटा जाता रहूंगा, उखाड़ा जाता रहूंगा ?

सीमेंट, ईट, कंकरीटों का संसार बढ़ी हुई जनसंख्या के साथ हमारे अस्तित्व को ऐसे ही नष्ट करता रहा, तो वह दिन दूर नहीं, जब सम्पूर्ण सृष्टि के जीवित रहने का, उसकी सुरक्षा का खतरा बढ़ जायेगा । मुझे काटो नहीं, लगाओ । उखाड़ो नहीं, पनपाओ; क्योंकि मैं हूं प्राणिमात्र का जीवनाधार । मुझसे ही जीवित रहेगा यह संसार । मैं नहीं, तो जीवन नहीं ।

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essay on trees autobiography in hindi

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पेड़ों का महत्व पर निबंध Essay On Importance Of Trees In Hindi

नमस्कार दोस्तों आज का निबंध पेड़ों का महत्व पर निबंध Essay On Importance Of Trees In Hindi  दिया गया हैं. हमारे जीवन में पेड़ का महत्व क्या है.

वृक्षारोपण के फायदे, पेड़ मनुष्य का मित्र आदि विषयों पर आज का निबंध आधारित हैं. हम उम्मीद करते है यह पेड़ पर दिया निबंध बच्चों को बहुत मदद देगा.

पेड़ों का महत्व पर निबंध Essay On Trees In Hindi

पेड़ों का महत्व पर निबंध Essay On Importance Of Trees In Hindi

Short Essay Trees In Hindi : trees are our best friends. पेड़ों का महत्व पर निबंध में आज हम जानेगे कि importance of  trees in our life  we all know that?, 

in this 10 lines on the importance of  trees Essay In Hindi & save trees save human life.

Get Short Essay On Trees In Hindi Language For Students & Kids.

पेड़ के उपयोग महत्व पर निबंध (100 शब्द)

हम और आप जो खुली हवा में सांस ले ले पा रहे हैं उस खुली हवा के पीछे सबसे बड़ा योगदान अगर किसी का है तो वह है पेड़, हालांकि इंसान धीरे-धीरे अब पेड़ों का महत्व भूलता जा रहा है परंतु पेड़ कभी भी अपने कर्तव्य को नहीं भूलते हैं, वह हमेशा से ही इंसानों को विभिन्न तरीके से फायदा पहुंचा रहे हैं।

वृक्षों के द्वारा ही हमें शुद्ध हवा मिलती है, इसके अलावा पेड़ों के द्वारा ही हमें ताजे ताजे फल खाने को मिलते हैं, साथ ही हम पढ़ाई लिखाई करने के लिए जिन किताबों का इस्तेमाल करते हैं वह भी पेड़ों के द्वारा बनाए गए कागज से ही हमें प्राप्त होती है।

Uses & Importance of Trees Essay in Hindi पेड़ों का महत्व पर निबंध (200 शब्द)

वातावरण में कार्बन ऑक्साइड जैसी हानिकारक गैस को अवशोषित करने का काम धरती पर मौजूद पेड़ ही करते हैं और वह उन हानिकारक गैस को अवशोषित करके हमें शुद्ध ऑक्शन प्रदान करते हैं। हालांकि पेड़ इसके अलावा भी कई प्रकार से हमारे लिए फायदेमंद होते हैं। 

जब गर्मी के मौसम में अत्याधिक गर्मी पड़ने के कारण व्यक्ति पसीने से तरबतर हो जाता है तो उसे किसी पेड़ की छाया में ही आराम मिलता है। पशु पक्षी भी पेड़ की छाया में ही अपना घोंसला बनाते हैं। 

हमारे घरों में जो चीजें इस्तेमाल होती है जैसे कि बेड, कुर्सी, टेबल, मेंज इत्यादि पेड़ की लकड़ियों से ही बनते हैं। इसलिए पेड़ हमारे लिए विभिन्न प्रकार से उपयोगी है, साथ ही फायदेमंद भी है। 

पेड़ों की पत्तियां बारिश के लिए बादल को बनाने के लिए भी जिम्मेदार मानी जाती है। इसके अलावा पेड़ से हमें कई प्रकार की औषधियां भी प्राप्त होती हैं जिनका इस्तेमाल हम बीमारियों को ठीक करने के लिए करते हैं। आयुर्वेद में अधिकतर औषधि का निर्माण करने के लिए जड़ी बूटियों और पेड़ पौधों का ही इस्तेमाल किया जाता है।

पेड़ पर निबंध (250 शब्द)

पेड़ हमारे लिए हर प्रकार से उपयोगी है। पेड़ के पत्ते, इसके तने, इसकी जड़ और इसकी लकड़ियां इन सभी का कुछ ना कुछ इस्तेमाल अवश्य होता है।

पेड की जो जड़े होती हैं यह जमीन के अंदर काफी गहराई में होती है, जिसके कारण यह भूस्खलन को रोकने में और बाढ़ की मिट्टी को बह जाने से रोकने में भी फायदेमंद होती हैं। 

इसके अलावा कुछ वृक्ष की जड़े जैसे की मूली, गाजर और शकरकंद इंसानों के खाने के काम में भी आती हैं। नीम जैसे पेड़ का इस्तेमाल लोग सुबह उठकर के दातुन करने के लिए काफी सालों से कर रहे हैं.

इसके साथ ही बबूल के पेड़ का भी इस्तेमाल दातुन करने के लिए किया जाता है। नीम के पेड़ के अंदर अच्छी मात्रा में गुणकारी तत्व पाए जाते हैं जो काफी फायदेमंद माने जाते हैं।

शीशम और बबूल के पेड़ की लकड़ी मजबूत होती है जिनका इस्तेमाल फर्नीचर बनाने के लिए किया जाता है। इंसानों के अलावा पेड़ पशु और जानवरों के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि जो जानवर शाकाहारी होते हैं वह पेड़ों पर मौजूद फल और उसकी पत्तियों को खाकर अपनी भूख मिटाते हैं।

इसके अलावा मांसाहारी जानवर, शाकाहारी जानवर को खा कर के अपनी भूख मिटाते हैं। इस प्रकार पेड़ों के कारण जानवरों के खाने का चक्र भी चलता रहता है। भूख लगने पर इंसान भी कुछ पेड़ों की कुछ चीजों को खा सकता है और अपनी भूख को शांत कर सकता है।

पेड़ पर निबंध Essay On Trees In Hindi In 600 Words

पेड़ हमे स्वस्थ बनाते है, अर्थात पेड़ो से मिलने वाली शुद्ध हवा और वस्तुओं से हम स्वस्थ रहते है. पेड़ हमारी थकान भी दूर कर देते है. पेड़ से हमें फल, फूल और मेवे मिलते है, जिनसे हम सम्पन्न भी बनते है.

पेड़ वास्तव में सबका हित, सबकी भलाई करते हैं. और उसके बदले में कुछ भी नही लेते है. वास्तव में पेड़ सेवा के अवतार है, जिनका एकमात्र कार्य दूसरों की सेवा करना होता है.

ये ,पेड़ हमें छाया देते है, बारिश करते है. ये बिना मुकुट के राजा है पेड़ ही धरती के श्रृंगार है. देखने में पेड़ हमें मनमोहक लगते है. वे हर तरह से हमारे लिए लाभदायक है.

अगर पेड़ नही होते तो छाया नही मिलती, हमें श्वास लेने के लिए शुद्ध हवा नही मिलती, बारिश नहीं होती, फल, फूल, मेवे, लकड़ी व दवाइयां इत्यादि चीजे हमें नही मिलती और धरती इतनी सुंदर दिखाई नही देती.

जहाँ अधिक पेड़ होते है, वहां शीतलता होती है और शीतलता बादलों को वर्षा के लिए आकर्षित करती है. बारिश होने से सभी ताल तलैया भर जाते है, सब तरफ हरियाली छा जाती है.

पेड़ हमेशा हमारे लिए सेवक की भाँती काम करते है. पेड़ स्वयं धूप-बारिश इत्यादि सहन करते हैं और बदले में हमे छाया फल फूल आदि कई चीजे उपहार में देते है. और इसके बदलें में कुछ भी लेते नही है.

इसलिए पेड़ को सेवा का अवतार भी कहा जाता है.  पेड़ों से हमें यह सीख मिलती है, कि दूसरों की सेवा करनी चाहिए और बिना स्वार्थ से लोगो की भलाई करनी चाहिए.

किसी से कुछ नही लेना चाहिए और सभी को मनचाहे फल फूल व छाया देकर सहायता करनी चाहिए. पेड़ो का महत्व हमारे जीवन में कई मायनों से महत्वपूर्ण है, पेड़ों के कई फायदे है पेड़ हमे प्राणवायु देते है, पर्यावरण को शुद्ध बनाते है.

पेड़ वर्षा कराने में और रेगिस्तान रोकने में सहायक होते है. पेड़ो से हरियाली फैलती है, पक्षियों को आसरा मिलता है और सभी को छाया मिलती है. इस तरह पेड़ का विशेष महत्व है.

पेड़ों का महत्व पर निबंध Essay On Trees In Hindi for class 5

पेड़ हमारे लिए बहुत उपयोगी होते है. पेड़ो से शुद्ध प्राणवायु मिलती है और पर्यावरण शुद्ध होता है. पेड़ो से हरियाली फैलती है पेड़ बादलों को आकर्षित करते है जिससे बारिश होती है.

पेड़ पर पक्षियों को आसरा मिलता है. पेड़ सभी को शीतल छाया देते है. पेड़ो से फल, फूल व लकड़ियाँ आदि प्राप्त होती है.

पेड़ो से अनेक उपयोगी सामान बनाया जाता है. पेड़ सदा सभी प्राणियों का उपकार करते है. पेड़ प्रकृति के बिना मुकुट के राजा माने जाते है. हमारे लिए सबसे अच्छे मित्र पेड़ होने के उपरांत भी हम निरंतर उन्हें काटते जा रहे है.

जिस कारण वनों का क्षेत्रफल निरंतर कम हो रहा है. प्रकृति का संतुलन बिगड़ रहा है. अतः हमें पेड़ों को न काटकर अधिक से अधिक संख्या में वृक्षारोपण करना चाहिए.

Essay On Trees In Hindi In 500 Words With Headings

वनों का महत्व – भारत में वन हमारी भव्य संस्कृति की पाठशाला और विकास भूमि रहे हैं. हमारे मुनि और मनीषियों ने वनों में रहकर ही मानव मंगल का चिंतन किया था.

केवल आध्यात्मिक दृष्टि से ही नहीं, जंगलों का मनुष्य के सामाजिक और आर्थिक जीवन के लिए सदा से ही विशेष महत्व रहा हैं. यह दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि मंगलकारी वनों का मनुष्य ने विकास के नाम पर और तुच्छ आर्थिक लाभ के लिए निर्ममता से विनाश किया हैं.

वनों से लाभ- जंगलों का हमारे जीवन में अनेक दृष्टियों से महत्वपूर्ण स्थान हैं. वनों की हरीतिमा जहाँ नयनों को प्रसन्नता प्रदान करती हैं. वही काष्ट, ईधन, औषधि एवं औद्योगिक पदार्थों द्वारा जंगल हमारे जीवन में मंगल का विधान करते हैं. जंगल बाढ़ों की तीव्रता को कम करके विनाश से रक्षा करते हैं.

जंगलों की हरियाली बादलों को बरसने के लिए प्रेरित करती हैं. जंगल भूमि के कटाव को रोकते हैं. वे कार्बन डाई ऑक्साइड जैसी हानिकारण गैसों का शोषण करके प्राणदायिनी ऑक्सीजन गैस का उत्सर्जन करते हैं.

जंगल नाना प्रकार के दुर्लभ जीवों की शरणस्थली होते हैं. जंगलों के कारण ही हमारे पर्यावरण का संतुलन बना रहता हैं. इस प्रकार जंगल मानव समाज के परम मित्र और मंगल विधाता हैं.

वन विनाश के दुष्परिणाम- जंगलों के कम होते जाने के अनेक दुष्परिणाम हमारे सामने आ रहे हैं. वन क्षेत्र घट जाने से पर्यावरण पर कु प्रभाव पड़ रहा हैं. ऋतु चक्र गडबडा गया हैं. वायु मंडल का गैसीय संगठन असंतुलित हो गया हैं. रेगिस्तानों का विस्तार हो रहा हैं.

सबसे बड़े संकट भूमंडलीय ताप वृद्दि ग्लोबल वार्मिंग की पदचाप सुनाई दे रही हैं. बाढ़ों की तीव्रता और जन धन की हानि बढ़ रही हैं.

पर्वतीय जंगलों के कटने से चट्टानें खिसकने, भूमि धसने की घटनाएं प्रायः सुनाई दे रही हैं. वनों के कटने से देश की जैव विविधता नष्ट होती जा रही हैं. जंगली जानवर बस्तियों की ओर बढ़ने लगे हैं.

वनों की सुरक्षा के उपाय- वनों से प्राप्त होने वाली उपयोगी वस्तुओं की आवश्यकता सदा ही बनी रहेगी, अत वन्य पदार्थों के उपयोग को नियमित और नियंत्रित किया जाना चाहिए.

जो भी उद्योग वनों से कच्चा माल ग्रहण करते हैं. उनके लिए वृक्षारोपण करना अनिवार्य बना देना चाहिए. वनों की सुरक्षा के लिए बनाए गये कानूनों का कड़ाई से पालन होना चाहिए.

वन महोत्सव तथा वृक्षारोपण जैसे अभियानों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. यदि संसार में पेड़ पौधे न रहे तो यह धरती कितनी कुरूप हो जाएगी.

वनों के नष्ट हो जाने पर मनुष्य का जीवन ही संकट में पड़ जाएगा. अतः समाज में वन चेतना जगाने की आवश्यकता हैं. वनों की रक्षा में ही सुखी जीवन की रक्षा निहित हैं.

पेड़ों पर निबंध 800 शब्द Trees Essay In Hindi

प्रस्तावना :-

पेड़-पौधे के बिना मनुष्य का जीवन अधूरा होता है, पेड़ हमारे सच्चे मित्र होते है क्योंकि वह हमें बिना किसी स्वार्थ के हमें अनेक चीज़े प्रदान करते है।

पेडो के होने से ही मनुष्य को शुद्ध हवा प्राप्त होती है,अगर धरती पर पेड़ नहीं होंगे तो जीव -जंतु और मनुष्य को शुद्ध हवा नहीं मिलेगी और लोग बीमार पड़ने लगेंगे और मनुष्य और जीव -जंतुओ की मृत्यु होने लगेगी। 

पेड़ -पौधे मनुष्य की तरह एक स्थान से  स्थान तक चल नहीं सकते है लेकिन पेड़ मनुष्य की तरह श्वास लेते है और प्रकृति से जहरीली गैस कार्बन डाई ऑक्साइड को इक्क्ठा करके मनुष्य को ऑक्सीनन प्रदान करते है।

धरती पर पेड़ों के होने से ही बारिश होती है और बारिश होने से हमारे चारो ओर हरियाली और खुशहाली नज़र आती है। बारिश का पानी मनुष्य के जीवन बहुत उपयोगी होता है, खेतों में जमा पानी से किसान उसमे जुताई करके उसमे धान का रोपकर खेती करते है और अन्न कि प्राप्ति होती है।

पेड़ों को काटने से कैसे बचाये :-

पेड़ों को काटने पर हमें रोक लगानी चाहिए, क्योंकि विकास के नाम पर आज के समय मे बहुत से लोग जंगलो की साफ -सफाई करने के चक्कर मे पेड़ों को दिन -प्रतिदिन काट रहे है। क्योंकि शुद्ध ऑक्सीजन की प्राप्ति की वजह से पृथ्वी मे हर मनुष्य का जीवन पेड़ों पर आश्रित होता है।

पेड़ों की कमी की वजह से हमारा पर्यावरण निरन्तर प्रदूषित हो रहा है, लोगो को शुद्ध ऑक्सीजन ना मिलने वजह से से वह कई बीमारियों का शिकार हो रहे है, लेकिन फिर भी पेड़ों के कटाव पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

यदि हम सभी एक साथ मिल कर लोगो को इकट्ठा कर फिर पेड़ बचाने के लिए समाज के सभी लोगों को रैली के माध्यम से जागरूक करते है तो पेड़ों के कटाव में कमी लाई जा सकती है।

हमारे जीवन मे पेड़ों का उपयोग :-

हम सभी के जीवन मे पेड़ बहुत ही उपयोगी होते है, क्योंकि पेड़ों से हमें फल,फूल ईमारती लड़कियां प्राप्त होती है। जब जंगलो मे बड़े -बड़े पेड़ सूखते है तो लोग उनकी लकड़ियों को काट लाते है और उनका उपयोग विभिन्न उपयोगों के लिए करते है। 

 बड़ी और मोटी लकड़ियों का उपयोग फ़नीचर बनाने मे, तख़्त बनाने मे, खिड़कियों को बनाने मे किया जाता है इसके अलावा और भी कई तरह के लकड़ी के खिलौने बनाने के लिये उपयोग किया जाता है।

तथा आम की लकड़ियों का उपयोग हमारी भारतीय परम्परा के अनुसार कोई भी हवन होता है, अतः आम की लकड़ियों पर हवन करना शुभ मना जाता है। 

कई पेड़ -पौधो का उपयोग औषधियाँ बनाने के लिये किया जाता है जैसे -तुलसी, नीम, आँवला आदि के पेड़, पत्तियों, फल, फूल आदि का उपयोग करके औषधियाँ बनायीं जाती है। उनके द्वारा बनायीं गई औषधियाँ का उपयोग कई बीमारियों को ठीक करने के लिये किया जाता है।

इसके अलावा जंगलो मे कुछ ऐसे पेड़ -पौधे होते जिनको लाकर उनको जड़ी -बूटियाँ बनाकर उनका उपयोग प्राणियों के इलाज के लिये उपयोग मे लाया जाता है।

यहाँ पर जानवरो और मनुष्यों के इलाज के लिये अलग -अलग पेड़ -पौधे का उपयोग करके अलग -अलग औषधियाँ बनायीं जाती है।

  पेड़ों का महत्व :-

 हम सभी के जीवन मे पेड़ों का बहुत महत्व होता है।हम सभी हर तरह से पेडो पर आश्रित होते है ,भारतीय परम्परा के अनुसार आज भी बहुत से लोग पेड़ों पर भगवान का वास मानकर उनकी पूजा करते है। जैसे – नीम, पीपल, बरगद, केला आदि मे भगवान का वास करते है इसलिए इन पेड़ों को पूजा जाता है। 

आज भी कोई पूजा होती है, तो केले के पत्ते को काट कर पत्ते पर प्रसाद रख कर भगवान को भोग लगाया जाता है। कहने तात्पर्य यह है कि हर एक पेड़ फल फूल से लेकर पत्ती तक हमारे जीवन मे हर तरह से इनका उपयोग किया जाता है।

पेड़ -पौधे  हमारे आस- पास का वातावरण  को शुद्ध बनाये रखने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।  आज के समय में वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, भूमि प्रदूषण को कम करने के लिये हमें अधिक से अधिक पेड -पौधे लगाने चाहिए ताकि फ़ैल रहे प्रदूषण को कम किया जा सके।

लगातार पेड़ो के कटाव की वजह से हमारे पर्यावरण पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है। मनुष्य को अपने जीवन मे बहुत सी प्राकृतिक आपदाओ जैसी समस्याओ का सामना करना पड़ता है।

पेड़ -पौधे के काटने से सही समय मे वर्षा नहीं हो पा रही है, मौसम का तापमान अधिक बढ़ रहा है जिससे भयानक गर्मी पड़ती है। इतनी तेज धूप और गर्मी के कारण पहाड़ों का बर्फ  पिघलने लगती है और बाढ़ आने की संभवना बढ़ने लगती है ।

निष्कर्ष :-

पेडो के बचाव के लिए हम सभी को पर्यावरण दिवस पर अपने घरो, स्कूलों, कालेजों पर एक पेड़ लगाने के लिये सभी को जागरूक करना चाहिए।

हमें पेड़ों के महत्व के बारे मे बच्चो को शिक्षित करनी चाहिए ताकि वे बचपन से ही पेड़ो का महत्व जानकर उनकी देखभाल करे। 

क्योंकि जितने अधिक पेड़ -पौधे लगाएंगे हमें उतनी ही शुद्ध हवा प्राप्त होगी और हमारे आस -पास का वातावरण पूरी तरह से शुद्ध रहेगा।

(900 शब्द) पेड़ों के महत्व पर निबंध Importance Of Trees In Hindi

प्रकृति में पेड़ों का बहुत ही ज्यादा महत्व है। हम इंसानों का अस्तित्व भी पेड़ों पर ही निर्भर करता है अगर पेड़ ना हो तो हमारा अस्तित्व खत्म हो जाएगा।

आज मनुष्य अंधाधुन तरीके से पेड़ों की कटाई कर रहा हैं! बढ़ती जनसंख्या के आवास की व्यवस्था करने के लिए हरे-भरे जंगलों को काट कर वहां रहने के लिए जगह बनाई जा रही है।

इन सभी कारणों से ग्लोबल वार्मिंग बढ़ती जा रही है साथ ही साथ मौसम भी बहुत अजीबो गरीब तरह से बदलने लगा हैं। पेड़ पौधे के कटाई के कारण बिन मौसम बरसात के साथ साथ आंधी तूफान आए दिन आ रहे हैं! यही कारण है कि आज लोगों को पेड़ों के महत्व को समझाना बहुत ही ज्यादा जरूरी हो गया है।

क्योंकि अगर वे पेड़ों के महत्व को नहीं समझेंगे तब तक पेड़ों को बचाने के लिए कोई प्रयास नहीं करेंगे। पेड़ पौधों के तो इतने ज्यादा लाभ हैं कि इनके द्वारा प्राप्त किए जाने वाले लाभ को उंगली में गिना तक नहीं जा सकता है।

प्रकाश संश्लेषण की क्रिया करके पेड़ पौधे अपने लिए भोजन का निर्माण तो करते ही हैं साथ ही साथ मनुष्य द्वारा छोड़े जाने वाले कार्बन डाइऑक्साइड को ग्रहण करके ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। अगर पेड़ पौधे प्रकाश संश्लेषण की क्रिया ना करें तो मनुष्य ऑक्सीजन की कमी में मर जाएंगे।

यहीं नहीं, पेड़ों के कारण ही हमारा वातावरण हरा भरा और खूबसूरत लगता है। अगर हमारी धरती में पेड़ नहीं होते तो यह धरती भी कुछ कुछ रेगिस्तान के जैसी नजर आती हैं।

पेड़ पौधे केवल मनुष्य द्वारा छोड़े जाने वाले कार्बन डाइऑक्साइड को ही ग्रहण नहीं करते बल्कि वातावरण में मौजूद विषाक्त गैसों को भी ग्रहण करके ऑक्सीजन गैस प्रदान करते हैं जिससे वातावरण स्वच्छ रहता है।

पेड़ पौधे केवल वातावरण को स्वच्छ और सुंदर ही नहीं रखते बल्कि लोगों को खाने के लिए फल भी देते है। इतना ही नहीं पेड़ पौधों द्वारा दिए जाने वाले फूलों का उपयोग कई सारे कामों में किया जाता है। फल फूल देने के साथ-साथ पेड़ पौधे मनुष्यों के घातक बीमारियों के इलाज के लिए जड़ी बूटियां व अन्य औषधियां भी प्रदान करते हैं।

पेड़ पौधों द्वारा प्रदान की जाने वाले जड़ी बूटियों से छोटी-छोटी बीमारियों से लेकर बड़ी बड़ी बीमारियों का इलाज होता है। पेड़ की जड़ से लेकर पेड़ की छाल तक अलग-अलग कार्यों में उपयोग होते हैं।

“इस पूरी प्रकृति में पेड़ पौधे ही है जो केवल देते हैं लेकिन उसके बदले कुछ लेने की आशा नहीं रखते”

पेड़ पौधों के कारण वर्षा होती है और वर्षा के कारण हमारी प्रकृति और हरी भरी रहती है। वर्षा होने से झील नदी तालाब आदि में पानी की मात्रा कभी कम नहीं होती और शुद्ध जल का प्रवाह हमेशा होते रहता है जिससे जंगली जानवरों को भी कभी जल की समस्या नहीं होती।

जब बहुत तेज वर्षा होती है या यूं कहें कि आंधी तूफान आते हैं तब पेड़ पौधे मिट्टी को अपनी जड़ों से पकड़ लेते हैं जिससे तूफान के कारण मिट्टी की कटाई नहीं होती हैं। पेड़ पौधे कई बार बड़ी बड़ी क्षति होने से रोकते हैं। बाढ़ आने पर पेड़ पौधे बाढ़ के जल को तेजी से फैलने से रोकते हैं जिससे बाढ़ उतनी ज्यादा क्षति नहीं कर पाती है।

गर्मी के दिनों में पेड़ पौधे लोगों को‌ कड़कती धूप से बचाकर छाया प्रदान करते हैं। पेड़ पौधे मिट्टी को उपजाऊ भी बनाते हैं जिसके फलस्वरूप कृषि करने के लिए भूमि बहुत अच्छी हो जाती है और फसलों की पैदावार भी अच्छी होने लगती है।

पेड़ पौधों कई सारे छोटे एवम जंगली जानवरों के लिए आवास का कार्य करते है। यही कारण है कि पेड़ पौधों को हरा सोना भी कहा जाता है। इतना ही नहीं भारत में कई ऐसे पेड़ हैं जिनकी पूजा भगवान की तरह ही की जाती है।

पेड़ पौधों के महत्व के बारे में जितना कहा जाए उतना कम है इसीलिए लोगों को शहरीकरण के साथ-साथ जंगल के बचाव और पेड़ पौधे उगाने में विशेष ध्यान देना चाहिए।

पेड़ पृथ्वी प्रकृति द्वारा दी गई एक ऐसी देन हैं जो ना सिर्फ प्रकृति को खूबसूरत बनाए रखती है बल्कि मानव समेत पृथ्वी के अन्य प्राणियों को आश्रय देकर जीवन प्रदान करती हैं।

पेड़ पौधों से हमें जो वस्तुएं प्राप्त होती हैं उससे हमारी आधारभूत जरूरतों की पूर्ति होती है। इस धरती पर अगर पेड़ पौधे ना हो तो इसका पूरा संतुलन बिगड़ जाएगा फिर पौधे धरती पर संतुलन बनाए रखते हैं।

हम जो पेड़ लगाते हैं वह सिर्फ हम ही लाभ नहीं पहुंचाते बल्कि इनसे हमारे कई पीढ़ियों को लाभ पहुंचता है। पेड़ हमारे लिए किसी Assets से कम नहीं होते, बहुत से लोगों का रोजगार भी पेड़ पौधों के ऊपर निर्भर करता है।

हम मनुष्य इस प्रकृति के सबसे बुद्धिमान जीवो में गिने जाते हैं लेकिन विकास के नाम पर प्रकृति का नाश करना बुद्धिमानी नहीं बल्कि बेवकूफी है इसलिए विकास करने के साथ-साथ लोगों को पेड़ों को सुरक्षित रखने के लिए वृक्षारोपण भी करना चाहिए।

क्योंकि अगर इसी तरह से पेड़ पौधे पृथ्वी पर कम होते रहे तो 1 दिन ऐसा आएगा जब पृथ्वी पर कोई पेड़ नहीं बचेगा ऐसे हालात में लोगों को जिंदा रहने के लिए अपने साथ एक ऑक्सीजन टैंक लेकर घूमना होगा जो कि मुमकिन नहीं है।

इतना ही नहीं वह समय आने से पहले ही पृथ्वी वायु प्रदूषण जल प्रदूषण मिट्टी प्रदूषण जैसे समस्याओं से ग्रसित होकर पहले ही बंजर हो जाएगी। इसीलिए अगर पृथ्वी को बचाना है तो लोगों को पेड़ पौधे काटने से रोकना होगा और साथ ही साथ पेड़ पौधे भी लगाने होंगे।

पेड़ पौधों को पृथ्वी पर भगवान का दूसरा रूप माना जाता है क्योंकि यह हमें जीवन देते है। पाषाण काल में जब मनुष्य आदिमानव की तरह जीवन यापन करते थे तब से आज तक इतने ज्यादा विकास करने के बाद भी हम पेड़ पौधों पर ही आश्रित हैं।

इसलिए हर किसी को यह समझना बहुत ज्यादा जरूरी है कि चाहे विकास कितनी ही तरह गति से क्यों ना हो! पेड़ पौधों का महत्व कभी कम नहीं होगा।

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पेड़ो का महत्त्व पर निबंध (Importance Of Trees Essay In Hindi)

पृथ्वी की शोभा पेड़ो से ही है। मनुष्य के पूरे जीवनकाल में मनुष्य को पेड़ो की जरूरत पड़ती रहती है। पेड़ो को मानव जन जीवन की आवश्यकताओं के पूरक माना जाता है। पेड़ों से ही हमें ऑक्सीजन मिलती है।

पेड़ो से बनने वाले उपकरण

जिससे जल संबधी समस्या भी खुलकर सामने आ रही है। पेड़ो की अंधाधुन कटाई से मानव जीवन को काफी नुकसान होता है। जिनमे ग्लोबल वार्मिंग और ग्रीनहाउस प्रभाव जैसी भीषण आपदाएं घटित होती देखी गई है।

तो यह था पेड़ो का महत्त्व पर निबंध (Importance Of Trees Essay In Hindi) , आशा करता हूं कि पेड़ो का महत्त्व पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Importance Of Trees) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है , तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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Essay on Save Trees : छात्र ऐसे लिख सकते हैं पेड़ बचाओ पर निबंध

essay on trees autobiography in hindi

  • Updated on  
  • जुलाई 9, 2024

Essay on Save Trees in Hindi

बचपन से ही हम सुनते आए हैं कि पेड़ हमारे सबसे अच्छे दोस्त होते हैं लेकिन व्यावहारिक जीवन में हमने ऐसा कोई नहींं देखा जो पेड़ों को अपना दोस्त मानता हो। हालाँकि वे पृथ्वी पर सबसे मूल्यवान जीवन स्रोत हैं। वे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से हर जीवन रूप को लाभ पहुँचाते हैं। ऐसी स्थिति में छात्रों को जो देश का भविष्य हैं, उन्हें पेड़ों की महत्वता का अहसास दिलाने और जागरूक करने के उद्देश्य से पेड़ बचाओ पर निबंध (Essay on Save Trees in Hindi) लिखने को दिया जाता है। 

This Blog Includes:

पेड़ बचाओ पर निबंध 100 शब्दों में – 100 words essay on save trees in hindi, पेड़ बचाओ पर निबंध 200 शब्दों में – 200 words essay on save trees in hindi, पेड़ों का महत्व, पेड़ क्यों लगाना चाहिए.

हर जीवित प्राणी को जीवित रहने के लिए भोजन, पानी और हवा की आवश्यकता होती है। इन तीनों बुनियादी आवश्यकताओं के उत्पादन में पेड़ बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। क्या आपने कभी पेड़ों के बिना पृथ्वी पर हमारे जीवन के बारे में सोचा है? बहुत ज्यादा मत सोचो क्योंकि अगर पेड़ नहींं होंगे तो कोई भी जीवन नहींं बचेगा। पेड़ पृथ्वी के कुल भूमि क्षेत्र का 31 प्रतिशत हिस्सा कवर करते हैं वनों की कटाई के कारण वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ गई है। जैसे-जैसे दिन बीतते हैं, जनसंख्या में भी वृद्धि होती है। इसके कारण, लोग लकड़ी, जलाऊ लकड़ी आदि के लिए पेड़ों को काटते हैं। लेकिन वे इस बात से अवगत नहींं हैं कि पेड़ों को काटने से उन पर और पर्यावरण पर किस तरह नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

पेड़ हमारे जीवन में पानी की तरह ही महत्वपूर्ण हैं जैसे व्यक्ति बिना पानी के जीवित नहींं रह सकता हैं इसी प्रकार व्यक्ति बिना पेड़ के भी जीवित नहीं रह सकता हैं। इस धरती पर मानव जीवन व पशु पक्षियों के लिए पेड़ बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। हमेंं खुद पेड़ लगाने चाहिए जिससे समाज के लोग प्रेरित हो, हमें अपने आसपास के लोग व भाई बहनों को पेड़ लगाने व उन्हें ना काटने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

पेड़ सोने के समान मूल्यवान हैं, इसलिए उन्हें पृथ्वी पर “हरा सोना” कहा जाता है। पेड़ हमें वायु प्रदूषण से बचाते हैं। पेड़ हमारे स्वास्थ्य के साथ-साथ धन का वास्तविक स्रोत भी हैं क्योंकि वे हमेंं ऑक्सीजन, ठंडी हवा, फल, मसाले, सब्जियाँ, दवाइयाँ, पानी, लकड़ी, फर्नीचर, छाया, जलाने के लिए ईंधन, घर, जानवरों के लिए चारा और अन्य उपयोगी चीजें देते हैं। पेड़ धरती पर बारिश का स्रोत हैं क्योंकि वे बादलों को आकर्षित करते हैं जो अंततः बारिश लाते हैं और प्रदूषण से बचाकर पर्यावरण को ताज़ा रखते हैं। वे जंगली जानवरों का घर हैं और जंगलों में जंगली जीवन का स्रोत हैं। वे मिट्टी के कटाव को रोकने में भी मदद करते हैं  हमारे जीवन में पेड़ों के महत्व और मूल्य को देखते हुए, हमेंं जीवन और पर्यावरण को बचाने के लिए पेड़ों का सम्मान करना चाहिए और उन्हें बचाना चाहिए।

पेड़ बचाओ पर निबंध 500 शब्दों में

500 शब्दों में Essay on Save Trees in Hindi इस प्रकार है –

पेड़ हवा, मिट्टी और पानी को साफ करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं जो लोग पेड़ों के करीब रहते हैं वे आम तौर पर स्वस्थ और खुश रहते हैं। हम जानते हैं कि पेड़ो के बिना धरती पर जीवन सभंव नहीं है इसलिए, अगर हम स्वस्थ तरीके से जीवन जीना चाहते हैं, तो हमेंं पौधों को हमेशा बचाना होगा।

हमारे जीवन में पेड़ों का महत्व बहुत ज्यादा है पेड़ हमें ताजा ऑक्सीजन और पौष्टिक भोजन प्रदान करके हमारे जीवन स्तर को बेहतर बनाते हैं। पेड़ हानिकारक गैसों को छानकर वायु प्रदूषण को कम करते हैं और जल के वाष्पीकरण को रोककर जल संरक्षण में मदद करते हैं। पेड़ कई लोगों के लिए अर्थव्यवस्था का स्रोत हैं क्योंकि उनका उपयोग वाणिज्यिक रूप से ईंधन, भवन निर्माण, उपकरण, फर्नीचर निर्माण, खेल उपकरण, घरेलू सामान, कागज और कई अन्य प्रयोजनों के लिए किया जाता है।

पेड़ हमेशा ऑक्सीजन छोड़कर और धूल, सूक्ष्म धातु कणों, प्रदूषकों, ग्रीन हाउस गैसों (ओजोन, अमोनिया, नाइट्रोजन ऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड) आदि सहित कण पदार्थों को छानकर हवा को साफ और ताज़ा करते हैं। पेड़ पर्यावरण से धुंध और वायु प्रदूषण को कम करते हैं और पेड़ जल की गुणवत्ता में सुधार करते हैं। ऐसा माना जाता है कि एक पेड़ अपने 50 वर्ष के जीवनकाल में 31,250 डॉलर मूल्य की ऑक्सीजन प्रदान करता है। ऐसे कई लाभ है जो पेड़ हम लोगो तक पहुंचाते हैं, इसलिए हमें पेड़ो को बचाना बहुत ही ज्यादा आवश्यक है।

पेड़ बचाने के लिए सरकार का लगातार काम चल रहा है वन विभाग और सरकार ने पेड़ों की अवैध कटाई पर प्रतिबंध लगा दिया है। जैसा कि हमने ऊपर पेड़ों के महत्व, हमारे जीवन में पेड़ों के मूल्यों और हमें पेड़ों को क्यों बचाना चाहिए, इसके बारे में अच्छी तरह से जाना है; हमें आम जनता को जागरूक करने के लिए अपने आस-पास पेड़ बचाने के लिए जागरूकता अभियान शुरू करना चाहिए। हमें पेड़ों को काटने में शामिल नहींं होना चाहिए और हमेशा पेड़ों और जंगलों को काटने का विरोध करना चाहिए।

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इसका कारण यह है कि वे हमें भोजन, आश्रय, सूरज की रोशनी से सुरक्षा, साँस लेने के लिए स्वच्छ हवा और कई अनगिनत लाभ देते हैं जिन्हें हम अनदेखा करते हैं।

हम निम्नलिखित तरीकों से पेड़ों को बचा सकते हैं – अधिक से अधिक पेड़ लगाना, पेड़ों की कटाई रोकना, पेड़ों के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करना।

पेड़ों को बचाने के लिए सबसे बड़ा खतरा शहरीकरण और आधुनिकीकरण की बढ़ती प्रवृत्ति है। बड़े शहरों और इमारतों को बनाने के लिए हम लकड़ी पर निर्भर हैं और हमें लकड़ी पेड़ों से मिलती है। चूंकि लोग विलासितापूर्ण जीवन के सपने देखते हैं, इसलिए वे भविष्य के बारे में सोचे बिना बेरहमी से पेड़ों को काटते हैं।

उम्मीद है कि आपको Essay on save trees in Hindi के संदर्भ में हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। निबंध लेखन के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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  • एक पेड़ की आत्मकथा हिंदी में Autobiography of a tree in hindi
  • Autobiography

एक पेड़ की आत्मकथा हिंदी में Autobiography of a tree in hindi

Autobiography of a tree in hindi

दोस्तों आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से एक पेड़ की आत्मकथा के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं ।

मैं एक पेड़ हूं , मेरा काम मीठे मीठे फल लोगों को देना है । मैं बहुत ही उपयोगी हूं मेरे द्वारा मनुष्य , जीव जंतु , पशु पक्षी कई तरह के लाभ प्राप्त करते हैं । मुझे एक व्यक्ति के द्वारा जमीन के अंदर लगाया गया था जिस व्यक्ति के द्वारा मुझे लगाया गया था उस व्यक्ति के द्वारा मुझे पानी से सिंचा गया था । मैं धीरे-धीरे बड़ा होने लगा था । कुछ सालों बाद जब मैं एक पेड़ का रूप धारण कर चुका था तब कई लोग मुझसे कई तरह के लाभ प्राप्त करने लगे थे । कई लोग मेरी छाया प्राप्त कर खुशी महसूस करते हैं । मेरे द्वारा ही पशु पक्षियों को खुशी प्राप्त होती है ।

जब पक्षी मेरी डाल पर बैठते हैं तब मुझे बहुत ही खुशी होती है । पशु पक्षियों के साथ-साथ मनुष्य को भी मेरे द्वारा कई लाभ प्राप्त होते हैं । जब अधिक गर्मी पड़ती है तब मनुष्य मेरे द्वारा ही धूप से बचकर अच्छा महसूस करते हैं । मैं पशु पक्षियों और मनुष्य को मीठे मीठे फल देने का काम करता हूं । मुझे बहुत खुशी है कि मैं पशु पक्षियों और मनुष्य को मीठे मीठे फल देता हूं । मेरे कई रूप होते हैं । मैं मीठे मीठे फलों के अलावा कई तरह की जड़ी बूटियां भी देता हूं ।

जब मैं बड़ा हो गया था तब मेरी डालियों पर कई तरह के पक्षी आकर अपना घोंसला मेरी डाल पर डाल कर रेन बसेरा करते हैं । मैं पशु पक्षी और मनुष्य को जिंदा रखने के लिए शुद्ध ऑक्सीजन देता हूं ।मनुष्य के द्वारा जो कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ी जाती है उस कार्बन डाइऑक्साइड को मैं ग्रहण कर लेता हूं और मनुष्य को शुद्ध ऑक्सीजन देता हूं जिससे मनुष्य जिंदा रहता है । यदि मैं नहीं होता तो मौसम का संतुलन भी नहीं होता । मैं पर्यावरण को शुद्ध करने का काम करता हूं और प्रदूषण को दूर करता हूं । बरसात के मौसम में पशु पक्षी मेरा सहारा लेकर बरसात के पानी से भीगने से बचते हैं ।

जब सभी लोग मेरे द्वारा प्राप्त मीठे मीठे फलों का सेवन करते हैं तब मुझे बहुत खुशी प्राप्त होती है । छोटे-छोटे बच्चे मेरी डालियों पर चढ़कर जब मीठे मीठे फल तोड़ते हैं तब मुझे बड़ा ही आनंद प्राप्त होता है । मेरे द्वारा ही मनुष्य पशु पक्षियों का जीवन सुचारू रूप से चलता है । यदि मैं नही होता तो सभी शुद्ध ऑक्सीजन कहां से प्राप्त करते । यह है मेरे जीवन की आत्मकथा ।

दोस्तो हमारे द्वारा लिखा गया यह सुंदर आर्टिकल आप लोगों को कैसा लगा हमें कमेंट के माध्यम से बताएं धन्यवाद ।

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. » Autobiography Examples » Autobiography of a Tree

2 Essay on Autobiography of a Tree for Students of All Ages

Here is a fascinating essay titled “Autobiography of a Tree.” This essay presents a unique perspective on the world, offering insights through the eyes of a tree that is depicted as a living, sentient being.

Through the narration of the tree, you will be introduced to its life story and will experience the world from a new and unfamiliar perspective. The essay portrays the tree as a being that is alive, capable of experiencing a wide range of emotions and feelings that are similar to those of humans.

As you read the essay, you will be immersed in the world of the tree, hearing its innermost thoughts and emotions, and discovering its unique experiences. This essay aims to increase awareness and understanding of the interconnectedness of all living things, highlighting the importance of trees in our world and the critical role they play in sustaining life.

“Autobiography of a Tree” is a beautifully written and insightful essay that will change the way you think about trees and the natural world. So, join us on this journey and discover the unique perspective of the tree, and gain an appreciation for these amazing and often underappreciated creatures.

  • Autobiography of a Tree

Autobiography of a Tree 1 –

I am a tree, a silent witness to the passing of time, and a keeper of memories. My life has been long, but it is a story worth telling.

I was born as a small seed, no larger than a speck of dust, and I was planted in a warm, sunny clearing in the forest. For many years, I grew slowly, drinking in the sun and rain, and reaching towards the sky.

As I grew, I came to know the other trees around me, and together, we formed a community of beings, each with our own unique personalities and gifts. I learned from the wise old oak trees, who had stood in the forest for centuries, and I basked in the youthful exuberance of the saplings around me.

And then, one day, humans came to the forest. They cut down many of my brothers and sisters, but they left me standing, and I soon realized that I had a special purpose. I was to be a home to the creatures of the forest, a shelter from the wind and rain, and a source of food and nourishment.

For many years, I served in this role, watching as generations of animals came and went, each leaving their own unique mark on the world. I saw families of birds build their nests in my branches, and I felt the soft paws of squirrels scampering across my trunk. I was content in my role as a provider, and I took pride in the life I was able to give to others.

But as the years passed, the world around me changed. The forest was cleared, and I was left standing alone in a sea of concrete and steel. But I refused to give up, and I continued to grow, reaching towards the sky and spreading my branches as far as they would go.

And then, one day, I caught the attention of a young girl, who came to sit beneath my branches and escape the noise and bustle of the city. She came to me every day, and we would spend hours talking and watching the world go by. I came to love her as a daughter, and I felt a renewed sense of purpose in my life.

Years passed, and the girl grew into a woman, and she brought her own children to sit beneath my branches. And so, my legacy continued, as I passed on the gift of solace and peace to another generation.

In conclusion, I am a tree, and my life has been one of growth, service, and love. I have been a witness to the passing of time, and a keeper of memories, but most of all, I have been a source of comfort and hope to those who have needed it. I may be just a simple organism, but I am a reminder of the resilience of nature, and the enduring power of the bond between living things.

Autobiography of a Tree 2 –

I am a tree, a towering giant in the forest, with roots that run deep and branches that reach towards the sky. My story is one of growth, change, and adaptation, a tale that spans centuries and encompasses the very essence of life itself.

I was born as a tiny seed, and for many years, I remained small and unremarkable. But as I grew, I came to understand the world around me, and I realized that I was a part of something greater than myself. I was a member of a community of trees, each with their own unique strengths and gifts, and together, we formed a vast and interconnected network of life.

As I continued to grow, I came to know the creatures that lived within the forest. I saw deer passing by, bears lumbering through the underbrush, and I heard the songs of the birds in the trees above. I was a part of this world, and I was proud to be able to contribute to it in my own way.

But then, humans came to the forest, and they changed everything. They cut down many of my brothers and sisters, and they altered the very landscape itself. But I refused to give up, and I adapted to the changes, growing stronger and taller with each passing year.

And then, one day, I was approached by a young sapling, who sought my guidance and protection. I took the young tree under my wing, and I taught it everything I knew about the world, passing on the wisdom of my years to the next generation.

Years passed, and the sapling grew into a mighty tree, and together, we stood tall and proud, a symbol of the strength and resilience of nature. And as the world continued to change around us, we remained steadfast, always adapting, always growing, always reaching towards the sky.

In conclusion, I am a tree, and my story is one of growth, change, and adaptation. I have seen the world around me transformed and remade, but I have remained steadfast, a symbol of the enduring power of life itself. I may be just a simple organism, but I am a reminder of the unyielding spirit of nature, and the infinite potential that lies within us all.

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वृक्षारोपण के महत्व पर निबंध (Importance of Tree Plantation Essay in Hindi)

वृक्षारोपण के महत्व पर समय-समय पर जोर दिया गया है। पर्यावरण में बढ़ते प्रदूषण की वजह से वृक्षारोपण की आवश्यकता इन दिनों अधिक हो गई है। वृक्षारोपण से तात्पर्य वृक्षों के विकास के लिए पौधों को लगाना और हरियाली को फैलाना है। पर्यावरण के लिए वृक्षारोपण की प्रक्रिया महत्वपूर्ण क्यों है इसके कई कारण हैं। आपकी परीक्षा में इस विषय के साथ आपकी मदद करने के लिए विभिन्न लंबाई के वृक्षारोपण के महत्व पर निबंध यहाँ उपलब्ध कराए गए हैं। आप अपनी आवश्यकता के अनुसार किसी भी वृक्षारोपण के महत्व पर निबंध को चुन सकते हैं:

वृक्षारोपण के महत्व पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Importance of Tree Plantation in Hindi, Vriksharopan ka Mahatva par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (300 शब्द) – पेड़ जीवनदायिनी ऑक्सीजन देते हैं.

वृक्षारोपण महत्वपूर्ण क्यों है इसके पीछे कई कारण हैं। मुख्य कारणों में से एक कारण यह है कि वृक्ष जीवन-प्रदान करने वाली ऑक्सीजन प्रदान करते हैं जिसके बिना मानव जाति का अस्तित्व असंभव है।

पेड़ जीवनदायिनी ऑक्सीजन देते हैं

एक प्रसिद्ध कहावत इस प्रकार है, “कल्पना कीजिए कि अगर पेड़ वाईफाई सिग्नल देते तो हम कितने सारे पेड़ लगाते, शायद हम ग्रह को बचाते। बहुत दुख की बात है कि वे केवल ऑक्सीजन का सृजन करते हैं”। कितना दुखद है कि हम प्रौद्योगिकी के इतने आदी हो गए हैं कि हम अपने पर्यावरण पर होने वाले हानिकारक प्रभावों की अनदेखी करते हैं। न केवल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल प्रकृति को नष्ट कर रहा है बल्कि यह हमें उससे अलग भी कर रहा है।

अगर हम वास्तव में जीवित रहना चाहते हैं और अच्छे जीवनयापन करना चाहते हैं तो अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाने चाहिए। ऑक्सीजन देने और कार्बन डाइऑक्साइड को लेने के अलावा पेड़ पर्यावरण से अन्य हानिकारक गैसों को भी अवशोषित करते हैं जिससे वायु शुद्ध और ताज़ी बनती है। जितने हरे-भरे पेड़ होंगे उतना अधिक ऑक्सीजन का उत्पादन होगा और अधिक विषैली गैसों को यह अवशोषित करेंगे।

प्रदूषण का स्तर इन दिनों बहुत अधिक बढ़ रहा है। इससे लड़ने का एकमात्र तरीका अधिक से अधिक पेड़ लगाना है। उदाहरण के लिए पेड़ों से घिरे क्षेत्र, गांव और जंगल शुद्ध पर्यावरण को बढ़ावा देते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि ये कम प्रदूषण से प्रभावित क्षेत्र हैं। दूसरी ओर शहरी आवासीय और औद्योगिक क्षेत्रों में खराब प्रदूषण और कम पेड़ों की संख्या के कारण ख़राब गुणवत्ता की वायु है।

वृक्षारोपण का महत्व इतना स्पष्ट है तब भी कुछ ही मुट्ठी भर लोग हैं जो वास्तव में इस गतिविधि में शामिल होने का प्रण लेते हैं। बाकी अपने जीवन में इतने तल्लीन हो चुके हैं कि वे यह नहीं समझते कि बिना पर्याप्त पेड़ों के हम लंबे समय तक जीवित नहीं रह पाएंगे। यह सही समय है जब हमें वृक्षारोपण के महत्व को पहचानना चाहिए और उसकी ओर अपना योगदान देना चाहिए।

निबंध 2 (400 शब्द) – वृक्षारोपण का महत्व

पर्यावरण को बेहतर बनाने में वृक्ष और पौधे मदद करते हैं। ये हवा को शुद्ध करते हैं, पानी को संरक्षित करते हैं, जलवायु नियंत्रण में मदद करते हैं, मिट्टी की शक्ति को बरकरार रखते हैं और कई अन्य तरीकों से समग्र पर्यावरण को लाभ पहुंचाते हैं।

वृक्षारोपण में शामिल गैर-सरकारी संगठन

उद्योगपति और मंत्री पैसों के लालच में अंधे हो चुके हैं। वे चाहते हैं कि वे अपने व्यवसाय का विस्तार करें और पैसा कमाएं। वे पेड़ों को काटने, धरती पर वनों को खत्म करने और प्रदूषण के स्तर को बढ़ाने के बारे में नहीं सोचते। दूसरी तरफ ऐसे लोग हैं जो पर्यावरण के बारे में ध्यान रखते हैं और नि: स्वार्थ भाव से अपनी स्थिति को सुधारने के लिए काम कर रहे हैं। वे पर्यावरण को स्वच्छ और हरा-भरा बनाने के लिए पेड़ों का रोपण, जल निकायों और अन्य गतिविधियों की सफाई में शामिल हैं। ऐसे लोगों के संयुक्त प्रयासों से दुनिया भर में कई गैर-लाभकारी संगठन बनाए गए हैं। इनमें से कुछ में ग्रीन यात्रा, ग्रो ट्री, संकल्प तरु, ग्रीन लाइफ, से ट्रीज, सेव ग्रीन, कुदम्बन, बीइंग ग्रीन और गो सकथी शामिल हैं।

पर्यावरण विभाग समय-समय पर इन एनजीओ को अपना समर्थन प्रदान करता है। वृक्षारोपण की प्रक्रिया में शामिल होने और अन्य ऐसी गतिविधियां करने के अलावा कई गैर-सरकारी संगठन भी सड़क के किनारे नाटक प्रदर्शन और अपने सोशल पेजों को अपडेट करने और स्कूलों और कॉलेजों में इस वजह के बारे में बताने के लिए इस कारण को फैलाने के लिए बढ़ावा देते हैं।

स्कूल स्तर पर वृक्षारोपण का महत्व संवेदनशील होना चाहिए

छात्रों को वृक्षारोपण के महत्व और उनके पर्यावरण विज्ञान वर्ग में पर्यावरण को साफ रखने के बारे में संक्षिप्त ज्ञान दिया जाता है। वे अपनी परीक्षा के लिए सबक सीखते हैं और इसके बारे में बाद में भूल जाते हैं। यह ऐसे नहीं होना चाहिए। बढ़ते पेड़ों और पौधों के महत्व के बारे में उन्हें संवेदनशील बनाने के लिए विशेष कक्षाएं आयोजित की जानी चाहिए। इन सत्रों में शिक्षकों को वृक्षारोपण के महत्व पर जोर देना चाहिए और छात्रों को समझना चाहिए कि वे अच्छे के लिए पर्यावरण को बदलने में कैसे मदद कर सकते हैं।

स्कूलों और कॉलेजों के लिए कुछ गैर-सरकारी संगठनों के साथ सहयोग करना और छात्रों से स्वच्छता अभियान के लिए और साथ ही वृक्षारोपण के लिए प्रत्येक महीने मिलना एक अच्छा विचार है। सैद्धांतिक ज्ञान की तुलना में व्यावहारिक अनुभव हमेशा अधिक प्रभावशाली होता है। इससे इस क्षेत्र में उनकी रुचि उत्पन्न होगी और वे इस दिशा में प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।

इसके अलावा यदि देश में हर स्कूल और कॉलेज का प्रत्येक छात्र हर महीने वृक्षारोपण अभियान में हिस्सा लेता है तो हम कई पेड़ों को लगाने में सफल होंगे।

हमें अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए और हमें ऐसा करने के लिए आसपास के लोगों को भी प्रोत्साहित करना चाहिए। इस दिशा में कुशलता से काम करने के लिए काम करने वाले निकट गैर-सरकारी संगठन में शामिल होना सबसे अच्छा है।

निबंध 3 (500 शब्द) – वृक्षारोपण, अर्थव्यवस्था और जीवन

वृक्षारोपण मानव जाति को कई लाभ प्रदान करता है और हम सभी इस बारे में अच्छी तरह जानते हैं। हम यह भी जानते हैं कि हम में से प्रत्येक के द्वारा किए गए छोटे-छोटे प्रयास पृथ्वी पर समग्र पर्यावरण के लिए बहुत बड़ा अंतर उत्पन्न कर सकते हैं।

अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने में वृक्षारोपण मदद करता है

हम विभिन्न वस्तुओं के उत्पादन के लिए पेड़ों पर निर्भर हैं। पेड़ लकड़ी, रबड़ आदि जैसा कच्चा माल प्रदान करते हैं जो कि फर्नीचर, बर्तन, कागज़, सजावटी वस्तुओं और पता नहीं किस किस में बदल जाता है। इसका उपयोग घरों के निर्माण में भी किया जाता है। पेड़ फल प्रदान करते हैं जिन्हें संसाधित कर जैम, जेली, जूस, सॉस आदि के उत्पादन में इस्तेमाल किया जाता है। पेड़ों से निकाले जाने वाले कच्चे माल के साथ उत्पादित कई वस्तुएं अन्य देशों में निर्यात की जाती हैं ताकि देश के व्यवसायों और देश की संपूर्ण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिल सके। इसलिए जितना अधिक से अधिक हम पेड़ों को लगायेंगे उतना ही अधिक हम इस तरह के सामानों का उत्पादन कर सकेंगे।

पेड़ पक्षी और जंगली जीवन के लिए एक वरदान है

पेड़ पक्षियों के साथ-साथ कई जानवरों के लिए भी एक आवास के रूप में सहायता करते हैं। पेड़ पर रहने वाले कुछ जानवरों में ट्री कंगारू, ट्री फ्रॉग, स्पाइडर मंकी, उड़नेवाला लामूर, ग्रीन ट्री पाइथन और कोआला शामिल हैं। वे पेड़ों के नजदीक और आसपास रहते हैं और उनसे भोजन प्राप्त करते हैं। इनमें से कुछ पेड़ों के फलों का सेवन करते हैं जो उन पर लगे होते हैं जबकि दूसरे जानवरों को उन पर लगी हरी पत्तियां अच्छी लगती हैं। इसके अलावा वन जंगली जानवरों के लिए एक प्राकृतिक आवास भी है। यह वह जगह है जहां वे रहते हैं। वनों की कटाई ने पक्षियों और जानवरों की विभिन्न प्रजातियों को विलुप्त होने की ओर अग्रसर किया है। कई अन्य प्रजातियाँ विलुप्त होने की कगार पर हैं। जानवरों और पक्षियों के लिए यह स्वाभाविक है कि अगर हम उनके भोजन के स्रोतों को छीन लेते हैं और उनके निवास स्थान को बर्बाद कर देते हैं तो उनके विलुप्त होने का खतरा बढ़ जाता है।

वृक्षारोपण उन्हें जीवित रहने और शांति से रहने में मदद कर सकता है। पर्यावरण में जैव विविधता को बनाए रखने के लिए यह महत्वपूर्ण है। पर्यावरण में पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए जैव विविधता अत्यंत आवश्यक है।

वृक्षारोपण बनाम वनों की कटाई

हालांकि वनों की कटाई रोकना और पेड़ों को बचाना लकड़ी, रबर और पेड़ों से बने विभिन्न उत्पादों की बढ़ती मांग की वजह से इसे कुछ हद तक सीमित किया जा सकता है। हम इसे पूरी तरह से नहीं बचा सकते। माल की उच्च मांग के अलावा शहरीकरण की आवश्यकता भी बढ़ गई है। यहां अधिक से अधिक लोगों को समायोजित करने के लिए शहरों में आवासीय क्षेत्रों का निर्माण करने के लिए वन काटे जा रहे हैं। उद्योगों की स्थापना के लिए भूमि का भी उपयोग किया जा रहा है। बढ़ती हुई प्रौद्योगिकी के इस युग में यह समय की आवश्यकता बन गई है। हालांकि हम इन सब से बच नहीं सकते हैं लेकिन हम वृक्षारोपण के माध्यम से नुकसान की भरपाई कर सकते हैं। यह केवल सरकार की ही ज़िम्मेदारी नहीं है कि वह शहर को हरा-भरा बनाने के लिए पेड़ लगाए। हमें भी इस ओर काम करना चाहिए।

हम सभी जानते हैं कि हमारे अस्तित्व और कल्याण के लिए पेड़ और पौधे कितने महत्वपूर्ण हैं लेकिन हम में से कितने लोग नियमित रूप से पेड़ लगाते हैं? यदि आप ऐसा नहीं कर रहे हैं तो यह समय है जब आपको इसे गंभीरता से लेना चाहिए और पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए जो कुछ भी प्रयास कर सके उन्हें करना चाहिए।

Essay on Importance of Tree Plantation

निबंध 4 (600 शब्द) – वृक्षारोपण का उद्देश्य

वृक्षारोपण मूल रूप से पौधों को पेड़ का रूप देने की प्रक्रिया है और इसीलिए उनका अलग-अलग स्थानों पर रोपण किया जाता है। वृक्षारोपण के पीछे का कारण ज्यादातर वनों को बढ़ावा देना, भूनिर्माण और भूमि सुधार है। वृक्षारोपण के इन उद्देश्यों में से प्रत्येक अपने स्वयं के अनूठे कारण के लिए महत्वपूर्ण है।

वनों को बढ़ावा देने के लिए वृक्षारोपण का महत्व

वृक्षारोपण के सबसे सामान्य उद्देश्यों में से एक वनों को बढ़ावा देना है। पृथ्वी पर पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए वन अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। हमारे ग्रह का एक प्रमुख हिस्सा जंगलों के साथ ढंका गया है। हालांकि औद्योगिक युग की शुरुआत के बाद से वन तीव्र गति से काटे जा रहे हैं। हालांकि वृक्ष स्वाभाविक रूप से विकसित होते हैं लेकिन वनों की कटाई की वजह से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए हमें अपनी ओर से अपना योगदान देना जरूरी है। वृक्षारोपण इस प्रयोजन के लिए किया जाता है। वृक्षारोपण की मदद से वन तेजी से उगाए जा सकते हैं।

भूदृश्य के लिए वृक्षारोपण का महत्व

वृक्षारोपण बागवानी के उद्देश्य के लिए भी किया जाता है। आजकल शहरी क्षेत्र ज्यादातर पेड़ों और पौधों से रहित होते हैं। इन जगहों का भूनिर्माण इन जगहों को रहने लायक बनाने के साथ-साथ उन्हें एक अच्छा कारक बनाने के लिए किया जाता है। वृक्षारोपण परिवेश को सुशोभित करने का सर्वोत्तम और आसान तरीका है। ये अक्सर सड़क के किनारे, सोसाइटीयों में, पार्कों के साथ-साथ भूनिर्माण के प्रयोजन के लिए शहर में अन्य स्थानों पर लगाए जाते हैं। इससे न केवल जगह सुंदर दिखती है बल्कि गर्मी को कम करने में भी मदद करती है और तथा कई अन्य लाभ भी प्रदान करती है।

गैर-लाभकारी संगठन स्वयंसेवी का योगदान

वृक्षारोपण हरियाली को फैलाने के सबसे आसान और तेज़ तरीके से एक है। दुनिया भर के लोगों ने समय-समय पर पर्यावरण की ओर योगदान करने के लिए स्वयंसेवा की है। उनमें से कई ने संयुक्त प्रयासों के साथ गैर-लाभकारी संस्थाएं स्थापित की हैं और पृथ्वी को रहने के लिए बेहतर जगह बनाने के लिए काम किया है। इन संगठनों ने न केवल वृक्षारोपण गतिविधियों बल्कि अन्य कार्यवाही से भी हरियाली को फैलाने के लिए अन्य लोगों को इस उद्देश्य के लिए काम करने हेतु प्रेरित किया है। वे वृक्षारोपण के महत्त्व को समझाने के लिए स्कीट्स का आयोजन करते हैं और अपने पड़ोसियों, दोस्तों और सहकर्मियों के बीच प्रचार करते हैं। सोशल मीडिया और इंटरनेट के आगमन से वृक्षारोपण के महत्व के बारे में ज्ञान फैलाना और लोगों को इस ओर भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना आसान हो गया है।

वृक्षारोपण के लिए आवश्यक सरकारी सहायता

जहाँ गैर-सरकारी संगठन पर्यावरण को साफ़-सुथरा और हरा-भरा बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं वही उनसे कही-कही गलती भी हो रही हैं। इस अभियान हेतु काम करने के लिए अधिक से अधिक लोगों को शामिल करने के लिए प्रचार व्यापक पैमाने पर किया जाना चाहिए। चूंकि ये सभी गैर-लाभकारी संगठन हैं इसलिए उनके पास ऐसा करने के लिए पर्याप्त धन नहीं है। सरकार को उनके उद्देश्यों को सहारा देने के लिए पूरी तरह से उनका समर्थन करना चाहिए। आखिरकार ये संगठन बेहतर राष्ट्र बनाने के लिए काम कर रहे हैं। सरकार द्वारा प्रदान की गई वित्तीय सहायता के साथ ये संगठन बड़ी परियोजनाओं को बढ़ावा दे सकते हैं और टेलीविजन, समाचार पत्रों और सड़क के किनारें लगे बड़े होर्डिंग विज्ञापनों में अन्य लोगों को प्रोत्साहित कर सकते हैं।

लोगों को इस बारे में संवेदनशील होना चाहिए ताकि वे बड़ी संख्या में भाग लें सके। इस दिशा में एक बड़ा परिवर्तन केवल तभी संभव है जब हम में से हर एक पेड़ को लगाने की जिम्मेदारी लेता है। यहां तक ​​कि अगर हमारे पास गैर-सरकारी संगठन में शामिल होने और नियमित रूप से इस उद्देश्य के लिए काम करने का समय नहीं है तो भी हम अपने आस-पास के क्षेत्रों में पेड़ लगाकर अपना छोटा सा योगदान दे सकते हैं।

यह सही समय है जब लोगों को वृक्षारोपण के महत्व को पहचानना चाहिए और इसके लिए योगदान करना चाहिए। सरकार को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए और अधिक से अधिक लोगों को इस उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए काम करना चाहिए।

FAQs: Frequently Asked Questions on Importance of Tree Plantation (वृक्षारोपण के महत्व पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

उत्तर- विश्व में 1.5 लाख प्रकार के वृक्ष पाए जाते है।

उत्तर- भारत की कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 25 प्रतिशत वन है।

उत्तर- मध्य प्रदेश

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