essay on discipline in hindi for class 7

अनुशासन पर निबंध Essay on Discipline in Hindi

Essay on Discipline in Hindi

Hindi Essay and Paragraph Writing – Discipline (अनुशासन ) for all classes from Class 1 to Class 12

अनुशासन पर निबंध –  इस लेख में हम अनुशासन का अर्थ, जीवन में अनुशासन का महत्त्व, दैनिक जीवन में अनुशासन, अनुशासन के लाभ के बारे में जानेंगे|  | अनु का अर्थ है पालन और शासन का मतलब नियम। हमारे जीवन में अनुशासन का बहुत महत्व है यह हमें नियमों का पालन करना सिखाता है। हमें हर समय इसका पालन करना है चाहे वो स्कूल, घर, कार्यालय, संस्थान, फैक्टरी, खेल का मैदान, युद्ध का मैदान या दूसरी जगह हों।अक्सर स्टूडेंट्स से असाइनमेंट के तौर या परीक्षाओं में अनुशासन पर निबंध पूछ लिया जाता है। इस पोस्ट में अनुशासन  पर कक्षा 1 से 12 के स्टूडेंट्स के लिए 100, 150, 200, 250 और 350 शब्दों में संक्षिप्त निबंध/अनुच्छेद दिए गए हैं।

  • अनुशासन पर 10 लाइन  10 lines

अनुशासन पर अनुच्छेद 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में

  • अनुशासन पर अनुच्छेद 4 और 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में
  • अनुशासन पर अनुच्छेद 6, 7 और 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में

अनुशासन पर अनुच्छेद 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में

अनुशासन  पर 10 लाइन  10 lines on discipline in hindi.

  • अनुशासन एक क्रिया है जो हमारे शरीर, दिमाग और आत्मा को नियंत्रित करके नियमों का पालन करना सिखाता है।
  • समय का पाबंद, बड़ों का सम्मान, नियमित दिनचर्या व बुरी आदतों से दूर रहना अनुशासन कहलाता है।
  • अनुशासन के पालन से व्यक्ति का जीवन सफल और सार्थक बनता है। 
  • अनुशासन हमारे बेहतर चरित्र का निर्माण करता है।
  • अनुशासन का न होना हमें गैर जिम्मेदार और आलसी बना देता है।
  • अनुशासन का दृढ़तापूर्वक पालन हमें समय का पाबंद बनाता है
  • अनुशासन हमें अच्छाई और बुराई में फर्क दिखता है।
  • एक अनुशासित व्यक्ति अपने से बड़ों के आदेशों का पालन पूरी निष्ठा भाव और ईमानदारी से करता है।
  • अनुशासन हमारे जीवन में आत्मविश्वास और आत्म-नियंत्रण विकसित करने में सहायता करता है।
  • अनुशासन के नीति नियम को प्रत्येक व्यक्ति को अपने लिए निर्धारित करना चाहिए।

Short Essay on Discipline in Hindi अनुशासन पर अनुच्छेद कक्षा 1 to 12 के छात्रों के लिए 100, 150, 200, 250 से 300 शब्दों में

अनुशासन पर निबंध/अनुच्छेद  – जीवन का पहला और सबसे महत्वपूर्ण सबक अनुशासित होना है। यदि अनुशासन का पाठ बचपन से ही शुरू हो जाए तो यह कठिन नहीं है, लेकिन अगर यह देर से शुरू होता है तो यह जीवन में सीखने का सबसे कठिन पाठ हो सकता है। पूर्ण आत्म-नियंत्रण प्राप्त करने के लिए कठिन अनुशासन और समर्पण की आवश्यकता होती है। अच्छा अनुशासन अपना सर्वश्रेष्ठ ला सकता है और हम समाज की सर्वोत्तम सेवा कर सकते हैं और अपने आसपास के लोगों की अपेक्षाओं पर खरे उतरेंगे। 

अनुशासन सफलता की सीढ़ी है। अनुशासन में रहने से ही व्यक्ति को हर जगह सम्मान मिलता है। इसलिए हमें हमेशा अनुशासन में रहना चाहिए और अपने जीवन में सफल होने के लिए अपने शिक्षक और माता-पिता के आदेशों का पालन करना चाहिये। हमें सुबह जल्दी उठना चाहिए और सभी काम सही समय पर करना चाहिए।

एक अनुशासित व्यक्ति अपने जीवन को बेहतर बनाने में सफल होता है और अपनी सफलता का छाप दूसरों पर छोड़ते है। देश की सुरक्षा भी एक अनुशासित सेना द्वारा की जाती है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने छात्र जीवन में अनुशासन का विकास करना चाहिए। जीवन में अनुशासन नहीं होने कारण लोग सफलता प्राप्त नहीं कर पाते हैं।

अनुशासन पर अनुच्छेद 4, 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में

अनुशासन हमारे जीवन का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके बिना हमारा जीवन सुचारु रुप से नहीं चल सकता है। इसलिए हमें अपने जीवन में अनुशासन को अपनाने के लिए उन सभी नियमों का पालन करना चाहिए जिससे हमारा जीवन बेहतर बन सके, जैसे हमें अपने शिक्षक और बड़ों के आज्ञा का पालन करना चाहिए, बुरी आदतों से दूरी बनाना चाहिए और अपने दैनिक कामों को सही समय पर और पूरी लगन से करना चाहिए।

जीवन में अनुशासन को अपनाने से कई प्रकार के लाभ मिलते हैं। अनुशासित रहने वाले व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में मान-सम्मान और सफलता प्राप्त करते हैं। अनुशासन अगर देखना है तो सेना को देखना चाहिए। जहां प्रत्येक सैनिक अपने नेता की आज्ञा का पालन बड़ी तत्परता से करते हैं। तभी तो उन्हें विजय प्राप्त होती है। आज की प्रमुख समस्या अनुशासनहीनता ही है। नियम या नियंत्रण में रहना कोई पसंद नहीं करता। आज ऐसी उथल-पुथल मची है कि व्यक्ति खुद भी गिर रहा है और देश को भी पतन की ओर ले जा रहा है।

अनुशासन पर अनुच्छेद 6, 7, 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में

अनुशासन सभी के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। अनुशासन एक व्यक्ति को इतना आदर्श बना देता है कि वह व्यक्ति दूसरों की अपेक्षा कुछ विशेष दिखाई पड़ता है। उसका सब ओर सम्मान होता है तथा सफलता उसके चरण चूमती दिखाई देती है। वही अनुशासनहीन व्यक्ति अपने जीवन में लेशमात्र भी सफल नहीं होता, बल्कि वह अपने पतन के साथ ही साथ समाज का भी विनाश करता है। अनुशासित जीवन ही वास्तविक जीवन है। इसलिए अपने जीवन को अनुशासित बनाए रखने के लिए हमें हर संभव प्रयास करना चाहिए। क्योंकि अनुशासन ही सफल जीवन की पहली सीढ़ी मानी जाती है। हमें अपने जीवन में अनुशासन को अपनाने के लिए निम्नलिखित तरीकों का पालन करना चाहिए जैसे –

  • एक संतुलित और नियमित दिनचर्या का पालन करना चाहिए।
  • कार्यों को समय पर पूरा करने की हर संभव कोशिश करना चाहिए।
  • व्यर्थ के कार्यों से दूर रहना चाहिए।
  • बुरी आदतों और कार्यों से दूरी बनाना चाहिए।
  • अपने कार्यों के प्रति पूरी लगन रखना चाहिए।

अनुशासन केवल बड़े लोगों के लिए नहीं है बल्कि छोटे बच्चों के लिए भी उतना ही महत्व रखता है जितना बड़ों के लिए। विशेषतौर से विद्यार्थियों के लिए अनुशासन का महत्व बहुत अधिक होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसी आयु में उन्हें सब कुछ सीखने को मिलता है। विद्यार्थियों को अपने भावी जीवन के निर्माण की तैयारी करनी होती है। जो बड़ी कठोर साधना है। इसके लिए विद्यार्थी को अनुशासित जीवन व्यतीत करना होगा। अनुशासन विद्यार्थी-जीवन की आधारशिला है। अनुशासन में रहने वाला बालक ही देश का सभ्य नागरिक बनता है और देश को उन्नत बनाने में सहयोग देता है।

आज के युग में छात्र वर्ग और समाज के जीवन को लेकर चलने वाला सर्वाधिक चर्चित विषय है – अनुशासन । व्यक्ति समाज व राष्ट्र की उन्नति का मूलाधार अनुशासन ही है। अनुशासन ही देश को महान बनाता है।

अनुशासन शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है – ‘अनु और शासन’। अनु का अर्थ है पालन और शासन का अर्थ है नियम । इसका सरल अर्थ है – किसी नियम समूह का पालन करना या गुरुजनों और पथ-प्रदर्शकों के नियंत्रण में जीवन बिताना । इसी प्रकार अपने मन की समस्त वृत्तियों को काबू में रखना भी अनुशासन ही है। अनुशासन के दो रूप है – ‘आंतरिक अनुशासन’ व ‘बाह्य अनुशासन’। अपनी श्रेणी में किसी सभा में शांत रहना, समूह में चलते हुए पंक्तिबद्ध होकर चलना, समूह में कार्य करते समय उचित-अनुचित का ध्यान रखना, राज्य के नियमों का पालन करना आदि अनुशासन के बाहरी रूप है। अपनी इन्द्रियों व मन को काबू में रखना आंतरिक अनुशासन होता है।

आज समाज व राष्ट्र को अनुशासन की सर्वाधिक आवश्यकता है। अनुशासित व्यक्ति ही अपने व्यक्तिगत व सामाजिक जीवन में व्यवस्थित रीति से चलता है। अनुशासित व्यक्ति के प्रत्येक कार्य नियमबद्ध होते है। वस्तुत: जो व्यक्ति समाज या घर में, बाजार में, कार्यालय में तथा सभा आदि में वहां के नियमों के नियंत्रण में चलता है, वही सुखी रहता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने शैक्षणिक वर्षों के दौरान अनुशासन विकसित करना चाहिए। अनुशासन बनाए रखने वाला व्यक्ति न केवल अपना जीवन बेहतर बनाता है, बल्कि अपनी उपलब्धियों को प्रदर्शित करते हुए दूसरों पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है और वही देश का सभ्य नागरिक बनता है और देश को उन्नत बनाने में सहयोग करता है। उदाहरण के तौर पर देखा जाए तो, प्रकृति भी नियमपूर्वक चलती है। सूरज और चाँद का सही समय पर उगना और अस्त होना, सुबह और शाम का होना, पेड़-पौधों पर फल-फूल लगना, नदियों का हमेशा बहते रहना आदि। सृष्टि का समस्त कार्य एक निश्चित नियंत्रण या अनुशासन के अधीन चलता है।

आज की प्रमुख समस्या अनुशासनहीनता ही है। नियम या नियंत्रण में रहना कोई पसंद नहीं करता। आज ऐसी उथल-पुथल मची है कि व्यक्ति हर नियमों को तोड़ रहा है। लोगों द्वारा जरा सी बात को लेकर लड़ाई-झगड़ा करना या बेकाबू हो जाना, गुस्सा करना, किसी का कहना न मानना, आदर्शों की खिल्ली उड़ाना आदि । इससे व्यक्ति, समाज और राष्ट्र की आर्थिक और नैतिक दोनों प्रकार की होती है।

यदि हम अपने देश की उन्नति चाहते हैं तो हमें अनुशासनहीनता को त्यागकर अनुशासन को अपनाना होगा, क्योंकि अनुशासन ही देश की उन्नति की पहली सीढ़ी है। राष्ट्र का प्रत्येक व्यक्ति जब अनुशासन में रहेगा, तभी राष्ट्र विश्व उन्नत राष्ट्रों की  की श्रेणी में गिना जायेगा । छात्र भी जब अनुशासन का पालन करेंगे, तभी अपने भावी जीवन में सफलता की आशा कर सकेंगे। क्योंकि अनुशासन ही हमारी सफलता की सीढ़ी है।

Discipline essay in Hindi for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12th – अनुशासन पर निबंध हिंदी में

Discipline Essay in Hindi – सभी को ज्ञात है कि अनुशासन ही सफलता की कुंजी है। इस लेख में हम अनुशासन से सम्बंधित कुछ अहम् जानकारियाँ उपलब्ध करवा रहे हैं। आशा करते हैं कि हमारा यह लेख आपको परीक्षाओं में निबंध लिखने में तो सहायता करेगा ही, साथ-ही-साथ आपको अनुशासित रहने के लिए भी प्रेरणा प्रदान करेगा।

सामग्री (Content)

अनुशासन का अर्थ

जीवन में अनुशासन का महत्त्व

दैनिक जीवन में अनुशासन

अनुशासित रहने के तरीके, प्रकृति में अनुशासन के उदाहरण, अनुशासन कैसे सीखें.

  • अनुशासन की आवश्यकता क्यों

अनुशासन के लाभ

हर किसी के जीवन में अनुशासन सबसे महत्वपूर्ण है। अनुशासन के बिना कोई सुखी जीवन नहीं जी सकता। अनुशासन वह सब कुछ है जो हम सही समय में सही तरीके से करते हैं। यह हमें सही रास्ते पर ले जाता है। जीवन के सभी कार्यों में अनुशासन अत्यधिक मूल्यवान है। हमें हर समय इसका पालन करना है चाहे वो स्कूल, घर, कार्यालय, संस्थान, फैक्टरी, खेल का मैदान, युद्ध का मैदान या दूसरी जगह हों। ये खुशहाल और शांतिपूर्णं जीवन जीने की सबसे बड़ी जरुरत है। आज के आधुनिक समय में अनुशासन बहुत ही आवश्यक है क्योंकि इस व्यस्तता भरे समय में यदि हम अनुशासन भरे दिनचर्या का पालन ना करें तो हमारा जीवन अस्त-व्यस्त हो जायेगा।

अनुशासन दो शब्दों से मिलकर बना है – अनु और शासन। अनु का अर्थ है पालन और शासन का मतलब नियम। हमारे जीवन में अनुशासन का बहुत महत्व है यह हमें नियमों का पालन करना सिखाता है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, जो कि समाज में रहता है और उसमें रहने के लिए अनुशासन की आवश्यकता होती है।अनुशासन हमारी सफलता की सीढ़ी है,

जिसके सहारे हम कोई भी मंजिल हासिल कर सकते है। अनुशासन दो प्रकार का होता है – एक वो जो हमें बाहरी समाज से मिलता है और दूसरा वो जो हमारे अंदर खुद से उत्पन्न होता है। हालाँकि कई बार, हमें किसी प्रभावशाली व्यक्ति से अपने स्व-अनुशासन की आदतों में सुधार करने के लिये प्रेरणा की जरुरत होती है।

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अनुशासन के बिना जीवन निष्क्रिय और बेकार हो जाता है क्योंकि योजना के अनुसार कुछ भी नहीं होता है। अगर हमें किसी भी कार्य को पूरा करने के बारे में सही तरीके से अपनी रणनीति को लागू करना है, तो हमें पहले अनुशासन में रहने की आवश्यकता है। अनुशासन चीजों को आसान बनाता है और हमारे जीवन में सफलता लाता है।

अनुशासन हमें बहुत सारे शानदार अवसर देता है, आगे बढ़ने का सही तरीका, जीवन में नई चीजें सीखने, कम समय के भीतर अधिक अनुभव करने, आदि। जबकि, अनुशासन की कमी से बहुत भ्रम और विकार पैदा होते हैं। अनुशासनहीनता के कारण जीवन में कोई शांति और प्रगति नहीं होती है, इसके बजाय बहुत सारी समस्याएँ पैदा हो जाती है।

हमें नियमों का पालन करने, आदेशों का पालन करने और व्यवस्थित तरीके से व्यवहार करने की आवश्यकता है। हमें अपने दैनिक जीवन में अनुशासन को महत्व देना चाहिए। वे लोग जो अपने जीवन में अनुशासित नहीं हैं, उन्हें बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है और उन्हें जीवन में निराशा ही मिलती है।

अनुशासन का महत्त्व समझने के बाद हमें चाहिए कि हम हमेशा अनुशासन में रहें और अपने जीवन में सफल होने के लिए अपने माता-पिता और शिक्षकों के आदेश का पालन करें। हमें सुबह-सुबह बिस्तर से उठना चाहिए और एक गिलास पानी पीना चाहिए और खुद को तरोताजा रखना चाहिए।

दांतों को रोजाना ब्रश करना चाहिए, स्नान करना चाहिए और फिर स्वस्थ नाश्ता करना चाहिए। बिना भोजन ग्रहण किए हमें कभी भी न तो स्कूल जाना चाहिए और न ही किसी अन्य काम में। हमें अपने प्रत्येक कार्य को सही समय पर साफ और स्वच्छ तरीके से करना चाहिए।

हमें अपने माता-पिता को कभी भी अस्वीकार नहीं करना चाहिए, कभी भी उनका अपमान नहीं करना चाहिए या उन्हें ना-खुश नहीं करना चाहिए और हमेशा उनके आदेश का पालन करना चाहिए। हमें अपना सभी काम सही समय पर करना चाहिए। सभी के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए और सही तरीके से सब कुछ सीखना चाहिए।

अपने जीवन को अनुशासित बनाए रखने के लिए हमें हर सम्भव प्रयास करना चाहिए। क्योंकि अनुशासन ही सफल जीवन की पहली सीड़ी मानी जाती है। हम अपने जीवन में अनुशासन को अपनाने के लिए निम्नलिखित तरीकों का पालन कर सकते हैं – 1 – एक संतुलित और नियमित दिनचर्या का पालन करना। 2 – कार्यों को समय पर पूरा करने का हरसंभव प्रयास करना। 3 – व्यर्थ के कार्यों से दूर रहना। 4 – बुरी आदतों और कार्यों से दूरी बनाना। 5 – अपने कार्यों के प्रति पूरी लगन रखना।

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सूर्य हर दिन सही समय पर उदय होता है और सही समय पर अस्त होता है, चाँद सही समय पर उदय होता है, सुबह और शाम बिना देर किए उदय होता है और सही समय पर अस्त होता है, नदी हमेशा बहती है, माता-पिता हमेशा प्यार करते हैं, शिक्षक हमेशा हमें सिखाते हैं और बहुत कुछ।

तो क्यों हमें अपने जीवन में अनुशासन को पीछे छोड़ना चाहिए, हमें समस्याओं से पीड़ित हुए बिना आगे बढ़ने के लिए अपने जीवन में आवश्यक सभी अनुशासन का पालन करना चाहिए।

प्रकृति कभी अनुशासन का उलंघन नहीं करती और हम भी तो प्रकृति के ही अभिन्न अंग हैं, तो हमें भी अनुशासन का सदैव पालन करना चाहिए।

हमें माता-पिता, शिक्षकों और अपने बुजुर्गों की आज्ञा का पालन करना चाहिए। हमें उनके अनुभवों के बारे में जानने और उनकी जीत और असफलताओं से सीखने के लिए उन्हें सुनना चाहिए। जब भी हम किसी चीज को गहराई से देखना शुरू करते हैं, तो यह हमें जीवन का एक महत्वपूर्ण सबक देती है।

प्रकृति से हम अनुशासन का सही से पालन करना सीख सकते हैं। मौसम सही कर्म में आते हैं और चलते हैं, बारिश होती है और जाती है और सब कुछ सही समय पर होता है ताकि हमारे जीवन को संतुलित बनाया जा सके। इसलिए, हमें भी इस धरती पर जीवन चक्र को बनाए रखने के लिए अनुशासन में रहने की आवश्यकता है।

हमारे जीवन, माता-पिता, शिक्षक, परिवार, पर्यावरण, वातावरण आदि के प्रति हमारी बहुत सारी जिम्मेदारियाँ हैं। उन जिम्मेदारियों को समझते हुए हमें अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिए। एक इंसान के रूप में, हमारे पास सोचने, सही या गलत के बारे में निर्णय लेने और इसे कार्य में बदलने के लिए अपनी योजनाओं को लागू करने के लिए बहुत दिमाग है।

इसलिए, हम अपने जीवन में इस अनुशासन की आवश्यकता और महत्व को जानने के लिए अत्यधिक जिम्मेदार हैं। अतः अपने जीवन को सफल बनाने के लिए अनुशासन का पालन करना अति आवश्यक है।

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हमें अनुशासन की आवश्यकता क्यों

हमें अपने जीवन के हर एक क्षण अनुशासन की आवश्यकता होती है, इसलिए बचपन से अनुशासन का अभ्यास करना अच्छा है। स्व-अनुशासन का अर्थ अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग होता है जैसे कि छात्रों के लिए, इसका मतलब है कि स्वयं को अध्ययन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करना और सही समय पर काम पूरा करना। हालांकि, कामकाजी व्यक्ति के लिए, इसका मतलब है कि सुबह समय पर बिस्तर से उठना, व्यायाम करना, समय पर कार्यालय जाना और नौकरी के कार्यों को ठीक से करना।

पेशेवर जीवन में, एक अनुशासित व्यक्ति वह होता है, जिसे सबसे पहले अच्छे अवसर दिए जाते हैं क्योंकि यह माना जाता है कि वह अनुशासनहीन व्यक्ति की तुलना में अधिक जिम्मेदार और अनुशासित तरीके से कार्यों को अंजाम दे सकता है। अनुशासन किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व में एक अपवाद आयाम जोड़ने में मदद करता है और उसे एक अद्वितीय व्यक्ति के रूप में उजागर करता है। जहाँ भी वह लोगों के दिमाग में सकारात्मक प्रभाव छोड़ता है।

जीवन में अनुशासन को अपनाने से कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। अनुशासित रहने वाले व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में मान-सम्मान और सफलता प्राप्त करते हैं। सेना और रक्षा तथा अनुसंधान संगठनों में तो जीवन तथा कार्यों में अनुशासन को सर्वोपरिमाना गया है,

क्योंकि इन क्षेत्रों में एक सेकेंड या मिनट भर की देरी या फिर एक छोटी सी चूक के कारण काफी बड़े नकरात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। यही कारण है कि इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अनुशासन को इतना महत्व दिया जाता है और अधिकतम कार्यों में इसका पूर्ण रुप से पालन किया जाता है।

इसके साथ ही विद्यार्थियों के लिये तो अनुशासन सफलता का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, यदि कोई छात्र अनुशासित दिनचर्या का पालन करते हुए अपना अध्ययन करता है, तो उसे सफलता अवश्य प्राप्त होती है। यही कारण है कि छात्र जीवन में अनुशासन को सफलता का आधार माना गया है। ना सिर्फ विद्यार्थी जीवन में बल्कि कैरियर और घरेलू जीवन में भी अनुशासन का काफी महत्व है,

जो लोग अपने जीवन में अनुशासन को अपना लेते हैं, वह कई तरह की परेशानियों से बच जाते हैं। इसके साथ ही जो व्यक्ति अनुशासन के साथ जीवन जीते हैं, उन्हें अनुशासनहीन व्यक्तियों कि अपेक्षा जीवन में कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। एक ओर जहाँ छात्रों के लिये यह उनके भविष्य को सुनहरा बनाने का कार्य करता है, वही दूसरी ओर नौकरी-पेशा लोगों के लिये यह तरक्की के मार्ग भी खोलता है।

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संक्षेप में, हम कह सकते हैं कि अनुशासन वह सीढ़ी है जिसके माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन में सफलता की ऊँचाई की ओर चढ़ सकता है। यह उसे अपने लक्ष्य की ओर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है और उसे अपने लक्ष्य से भटकने नहीं देता है।

अनुशासन व्यक्ति को अपने मन में उन सभी सकारात्मक नियमों और विनियमों का प्रशिक्षण देकर पूर्णता लाता है जो उसे समाज में एक सम्मानित व्यक्ति के रूप में स्थापित करते हैं। यही कारण है कि आज के इस आधुनिक युग में भी अनुशासन को इतना महत्व दिया जाता है।

माता-पिता एक बच्चे में अनुशासन विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि उन्हें अपने बच्चे का पहला शिक्षक माना जाता है। छात्र जीवन में अनुशासन भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह समाज की बुराइयों से मुक्त हुए बिना बच्चे को अपने लक्ष्य की ओर जाने में मदद करता है।

कहा जाता है कि छोटा बच्चा कच्ची मिट्टी की तरह होता है उसे जैसा आकार दिया जाए वह वैसा ही बन जाता है। अतः आवश्यक है कि बचपन से ही बच्चों को अनुशासन का महत्त्व बताया जाए और उसका पालन करने के लिए प्रेरित किया जाए।

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अनुशासन पर निबंध

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रुपरेखा : प्रस्तावना - अनुशासन का अर्थ - अनुशासित व्यक्ति के गुण - अनुशासन का महत्त्व - अनुशासन के नियम - अनुशासन के लाभ - उपसंहार।

अनुशासन किसी के व्यक्तित्व का आधार होता है। हर व्यक्ति के जीवन में अनुशासन सबसे महत्वपूर्ण है। अगर आधार सही नहीं है, तो व्यक्तित्व मजबूत नहीं हो सकता। अनुशासन हमे सही समय में सही तरीके से समय का उपयोग करना तथा काम करना सिखाता हैं। अनुशासित होने का अर्थ है अपने शरीर और मस्तिष्क पर नियंत्रण रखना। यह हमें अपने समाज के नियमों का पालन करने योग्य बनाता है।

अनुशासन दो शब्दों से मिलकर बना है - 'अनु' और 'शासन'। अनु का अर्थ है 'पालन' और शासन का अर्थ है 'नियम'। अनुशासन का अर्थ है 'नियमों का पालन करना'। हमारे जीवन में अनुशासन का अधिक महत्व है यह हमें नियमों का पालन करना सिखाता है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, जो कि समाज में रहता है और उसमें रहने के अनुशासित रहना आवश्यक है। अनुशासन हमारी सफलता की वह सीढ़ी है, जिसके सहारे हम अपनी मंजिल हासिल कर सकते है तथा अपने सपने पुरे कर सकते है।

हमलोगों को बचपन से ही अनुशासन का पाठ पढ़ाया जाता है। बैठना, खड़ा होना, बात करना, खाना खाना, व्यवहार करना आदि के तरीके अनुशासन के प्रारंभिक पाठ हैं। हमारे बुजुर्ग हमें ये पाठ पढ़ाते हैं। हम कभी-कभी गुस्सा हो जाते हैं, परंतु हमें यह समझना चाहिए कि यह हमारी भलाई के लिए ही है। एक अनुशासित व्यक्ति अपने समाज के सभी नियमों का पालन करता है। वह दूसरों को सम्मान देता है और दूसरों से सम्मानित होता है। उसे अपने व्यवहार पर पूर्ण नियंत्रण रहता है। वह कभी कानून का उल्लंघन नहीं करता। वह कभी किसी को दुःख नहीं देता। वह एक सच्चा देशभक्त होता है। वह स्वयं को भ्रष्टाचार एवं धोखेबाजी से दूर रखता है।

छात्र-जीवन में अनुशासन का बड़ा महत्त्व होता है। छात्र को हर सुबह जल्दी जग जाना चाहिए। उसे अपने बड़ों का सम्मान करना चाहिए। उसे अपना अधिकांश समय अपने अध्ययन में देना चाहिए। उसे झूठ नहीं बोलना चाहिए। उसे कभी भी धोखा नहीं देना चाहिए। उसे कभी किसी के प्रति अशिष्ट नहीं होना चाहिए। उसे अच्छी संगति रखनी चाहिए। छात्र देश के भविष्य होते हैं। इसलिए उन्हें उचित रूप से अनुशासित होना चाहिए। संसार के प्रत्येक महान् व्यक्ति का जीवन अनुशासित रहा है। अनुशासन के बिना कोई व्यक्ति सफल नहीं हो सकता। अनुशासन हमें हमेशा शानदार अवसर देता है जैसे, आगे बढ़ने का सही तरीका, जीवन में नई चीजें सीखने, कम समय के भीतर अधिक अनुभव करने, आदि। जबकि, अनुशासन की कमी से बहुत भ्रम और विकार पैदा होते हैं। अनुशासनहीनता के कारण जीवन में कोई शांति और प्रगति नहीं होती है, जिस कारण मनुष्य अपने जीवन में कभी सफल नहीं हो पाता और अपने जीवन से निराश होकर गलत कदम उठाने पर विवश हो जाता हैं।

हमें अपने जीवन को अनुशासित बनाए रखने के लिए हर सम्भव प्रयास करना चाहिए। क्योंकि बाल काल से अनुशासन ही सफल जीवन की पहली सीड़ी मानी जाती है। हम अपने जीवन में अनुशासन को अपनाने के लिए इन नियमों का पालन करना चाहिए :

  • एक संतुलित और नियमित दिनचर्या का पालन करना चाहिए।
  • अपने से छोटे और बड़े लोगों का सम्मान करना चाहिए।
  • अपने कार्यों को समय पर पूरा करने का हर संभव प्रयास करना चाहिए।
  • व्यर्थ के कार्यों से दूर रहना चाहिए अर्थात समय का सही उपयोग करना चाहिए।
  • बुरी आदतों और कार्यों से हमेशा दूर रहना चाहिए।
  • हर व्यक्ति के प्रति सकारात्मक सोच रखना चाहिए।
  • अपने कार्यों के प्रति पूरी लगन रखना चाहिए और हमेशा सकारात्मक रहना चाहिए।
  • अपने जीवन में कोशिश करें की हमेशा सयम से काम करें।

जीवन में अनुशासन से रहने से कई लाभ प्राप्त होते हैं। अनुशासित रहने वाले व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में मान-सम्मान और सफलता प्राप्त करते हैं। विद्यार्थियों के लिये अनुशासन सफलता का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, यदि कोई छात्र अनुशासित दिनचर्या का पालन करते हुए अपना अध्ययन करता है, तो उसे सफलता अवश्य प्राप्त होती है। यही कारण है कि छात्र जीवन में अनुशासन को सफलता का आधार माना गया है। जो लोग अपने जीवन में अनुशासन को अपना लेते हैं, वह कई तरह की परेशानियों से दूर रहते हैं। इसके साथ ही जो व्यक्ति अनुशासन के साथ जीवन जीते हैं, उन्हें अनुशासनहीन व्यक्तियों कि अपेक्षा जीवन में कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। एक ओर जहाँ छात्रों के लिये यह उनके भविष्य को सुनहरा बनाने का कार्य करता है, वही दूसरी ओर नौकरी-पेशा लोगों के लिये यह तरक्की के मार्ग भी खोलता है।

स्वतंत्रता के पहले बहुत-सी समस्याएँ नहीं थीं। लेकिन अब, हमारा देश भ्रष्टाचार, घूसखोरी, घोटाला, धोखेबाजी, आतंकवाद आदि-जैसी समस्याओं का सामना कर रहा है। कुछ युवा भ्रमित हो चुके हैं। सिर्फ शिक्षित और अनुशासित युवा ही हमारे देश को उज्ज्वल भविष्य दे सकते हैं। अंत: यह कहना गलत नहीं होगा कि अनुशासन वह सीढ़ी है जिसके माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन में सफलता की ऊँचाई की ओर चढ़ सकता है। यह उसे अपने लक्ष्य की ओर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है और उसे अपने लक्ष्य से भटकने नहीं देता हैं। अनुशासन ही इन समस्याओं का एकमात्र समाधान है।

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अनुशासन पर निबंध 10 lines 100, 150, 200, 250, 300, 500 शब्दों मे (Discipline Essay in Hindi)

essay on discipline in hindi for class 7

Discipline Essay in Hindi – जीवन का पहला और सबसे महत्वपूर्ण सबक अनुशासित होना है। यदि अनुशासन का पाठ बचपन से ही शुरू हो जाए तो यह कठिन नहीं है, लेकिन अगर यह देर से शुरू होता है तो यह जीवन में सीखने का सबसे कठिन पाठ हो सकता है। Discipline Essay in Hindi पूर्ण आत्म-नियंत्रण प्राप्त करने के लिए कठिन अनुशासन और समर्पण की आवश्यकता होती है। अच्छा अनुशासन अपना सर्वश्रेष्ठ ला सकता है और हम समाज की सर्वोत्तम सेवा कर सकते हैं और अपने आसपास के लोगों की अपेक्षाओं पर खरे उतरेंगे। 

जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए शुरू से ही अनुशासित रहने की जरूरत है। अनुशासन से ही हम जीवन में अपने लक्ष्य पर केंद्रित रह सकते हैं। अनुशासन में समय के मूल्य को समझना, मानवता के प्रति सम्मान दिखाना और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता दिखाना शामिल है। सफलता की ओर पहला कदम अनुशासन है।

Discipline Essay in Hindi अनुशासित होना जीवन में सीखने के लिए महत्वपूर्ण और कठिन पाठों में से एक है। आत्म-नियंत्रण का अभ्यास करने और अपने आप को इस तरह से संचालित करने के लिए अत्यधिक समर्पण और कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है जो समाज की सर्वोत्तम सेवा करता है और हमारे आसपास रहता है। अनुशासित होने पर ही व्यक्ति जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है। अनुशासन हमें एकाग्र रखने में अहम भूमिका निभाता है। 

अनुशासन का अभ्यास करने के अलग-अलग तरीके हैं लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि लगातार और समय को महत्व दें। किसी कार्य का निरंतर अभ्यास करके, मानवता और प्रकृति का सम्मान करके और समय को महत्व देकर जीवन में सही दिशा में चलना सीख सकते हैं। यही मूल कारण है कि दुनिया भर में सफल लोग अनुशासन की आवश्यकता का प्रचार करते हैं।

अनुशासन निबंध 10 पंक्तियाँ (Discipline Essay 10 lines in Hindi)

  • 1) अनुशासन का अर्थ है उचित नियमों और विनियमों के साथ जीवन जीना।
  • 2) इसमें नियम, विनियम, शिष्टाचार और शिष्टाचार शामिल हैं जो हमारे जीवन को आकार देते हैं।
  • 3) जीवन में अनुशासन हमें अपनी आदतों और व्यक्तित्व को बेहतर बनाने में मदद करता है।
  • 4) अनुशासन हमें सही सिद्धांतों को अपनाने और अपने जीवन में सफल होने के लिए निर्देशित करता है।
  • 5) यह भी माना जाता है कि देश का एक अच्छा नागरिक होने के लिए एक अनुशासित जीवन आवश्यक है।
  • 6) यह हमारे जीवन में आत्म-विश्वास और आत्म-नियंत्रण उत्पन्न करने में मदद करता है।
  • 7) जल्दी उठना, व्यायाम करना, स्वस्थ आहार लेना और बुरी आदतों से दूर रहना भी अनुशासित जीवन का हिस्सा है।
  • 8) हमारे खाने की आदतों में अनुशासन हमें फिट और स्वस्थ रहने में भी मदद करता है।
  • 9) दूसरों का सम्मान करना और आज्ञाकारी रहना अनुशासन का सिद्धांत है।
  • 10) भाषा में अनुशासन हमें लोगों के साथ सभ्य और सम्मानजनक तरीके से बात करने में मदद करता है।

अनुशासन निबंध 20 लाइनें (Discipline Essay 20 lines in Hindi)

  • 1) छात्र के जीवन में अनुशासन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उसे अपने करियर के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है।
  • 2) अनुशासन में रहने का अर्थ है कुछ नियमों, विनियमों के एक सेट का पालन करना और उचित व्यवहार का प्रदर्शन करना।
  • 3) एक अनुशासित जीवन शैली हमेशा सफलता की ओर ले जाती है, चाहे वह शैक्षणिक, स्वास्थ्य, व्यवसाय या पेशा हो।
  • 4) एक छात्र के रूप में, अनुशासन एक ड्राइविंग सिद्धांत के रूप में कार्य करता है जो हमें गलत रास्ते पर जाने से बचाता है।
  • 5) अनुशासन एक नहर के रूप में कार्य करता है जो व्यक्ति के चरित्र को सही दिशा में ले जाता है।
  • 6) अनुशासन हमारे जीवन को एक उचित दिनचर्या में बनाता है और एक पूर्वनिर्धारित आचार संहिता का पालन करने में मदद करता है।
  • 7) हमारे खान-पान में अनुशासन हमें विभिन्न बीमारियों से बचाता है, जिससे हमें लंबा और स्वस्थ जीवन जीने में मदद मिलती है।
  • 8) यदि भारत के लोग अनुशासन की सख्त व्यवस्था का पालन करते हैं तो हमें विश्व की महाशक्ति बनने से कोई नहीं रोक सकता।
  • 9) माता-पिता और परिवार बच्चे में अनुशासन की भावना विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जो उसके समग्र व्यक्तित्व को आकार देने में मदद करता है।
  • 10) अनुशासन आपको हमेशा सफलता की ओर ले जाएगा जबकि अनुशासन हमेशा आपके जीवन में नई समस्याओं और मुद्दों का एक समूह खड़ा करेगा।
  • 11) अनुशासन हमेशा सभी के व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • 12) अनुशासन राष्ट्र निर्माण में भी मदद करता है और ऐसे कई देश हैं जो अपने देश में सख्त कानूनों के कारण विकसित हुए हैं।
  • 13) कॉर्पोरेट जगत में, दिए गए कार्य को समय पर पूरा करना, काम के प्रति समर्पण और अच्छा समय प्रबंधन काम पर सख्त पेशेवर अनुशासन को दर्शाता है।
  • 14) अधिक मात्रा में संगीत नहीं बजाना, सार्वजनिक स्थानों पर कतार बनाए रखना, केवल कूड़ेदान में कचरा फेंकना सामाजिक अनुशासन के कुछ उदाहरण हैं।
  • 15) सख्त आहार व्यवस्था का पालन करना, समय पर व्यायाम करना और नशीली दवाओं के सेवन से दूर रहना एक खिलाड़ी के अनुशासित जीवन को दर्शाता है।
  • 16) आत्म-अनुशासन के लिए हमेशा दृढ़ इच्छा शक्ति और मन पर मजबूत नियंत्रण की आवश्यकता होती है और यदि इसे प्राप्त कर लिया जाए तो यह निश्चित रूप से आपको सफलता की ओर ले जाएगा।
  • 17) सख्त अनुशासन का पालन करने के लिए, आपको हमेशा एक लक्ष्य और उसके प्रति प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है और अंततः यह आपको सख्त अनुशासन का पालन करने के लिए प्रेरित करेगा।
  • 18) यदि आपका कोई लक्ष्य है, तो आप स्वतः ही भौतिकवादी इच्छाओं से दूर रहेंगे और अपने व्यवहार में एक सख्त दिनचर्या और आचार संहिता का पालन करेंगे।
  • 19) अनुशासन आपको अपने कम्फर्ट जोन से बाहर आने और आत्म सुधार के द्वारा अपनी कमजोरियों पर काबू पाने में मदद करता है।
  • 20) अनुशासन हमें अधिक केंद्रित और समर्पित बनाकर हमारी दक्षता और उत्पादकता बढ़ाने में मदद करता है।

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अनुशासन पर लघु निबंध (Short Essay on Discipline in Hindi)

Discipline Essay in Hindi – अनुशासन हमारे जीवन को खुश और सुनियोजित बनाने के लिए एक बहुत ही आवश्यक हिस्सा है। अनुशासन के बिना जीवन समस्याओं और अराजकता से भरा होता है। अनुशासन व्यक्ति को बेहतर बनाने में मदद करता है। अनुशासन व्यक्ति को अधिक ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। इस व्यस्त दुनिया में लोग भ्रमित और विचलित हो जाते हैं। अनुशासन व्यक्ति के जीवन में ईमानदारी लाता है। किसी व्यक्ति के जीवन में अनुशासन को लागू करना कठिन होता है।

 एक अनुशासित व्यक्ति की हमेशा प्रशंसा की जाती है और उसे महत्व दिया जाता है। छात्रों के लिए अनुशासन भी बहुत जरूरी है। बच्चों को बचपन से ही अनुशासन की शिक्षा देनी चाहिए। एक अनुशासित व्यक्ति के पास हर चीज के लिए एक निश्चित समय होता है। इसलिए यह उनके सभी कार्यों को समय पर प्रबंधित किया जाता है। एक अनुशासित छात्र समय पर उठेगा और अपनी सभी गतिविधियों को समय पर पूरा करेगा। समय प्रबंधन अनुशासन का एक महत्वपूर्ण पहलू है। एक व्यक्ति जो अपने समय को अच्छी तरह से प्रबंधित कर सकता है वह अच्छी तरह से अनुशासित हो सकता है। अनुशासन निश्चित रूप से किसी व्यक्ति को सफलता की ओर ले जाने की सीढ़ी है।

अनुशासन निबंध 100 शब्द (Discipline Essay 100 words in Hindi)

अनुशासन सफलता की सीढ़ी है। स्वतंत्रता और स्वतंत्रता का जीवन किसे पसंद नहीं है? लेकिन इस स्वतंत्रता की कुछ सीमाओं का प्रयोग सनक और कल्पनाओं को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। जीवन में व्यवस्था लाने के लिए अनुशासन की आवश्यकता होती है। अनुशासन के सख्त रखरखाव के बिना, लोग सफलता प्राप्त करने में ध्यान खो देते हैं।

एक अनुशासित छात्र एक उचित करियर बनाने में सफल होता है, एक अनुशासित टीम दूसरों पर अपनी छाप छोड़ती है। देश की सुरक्षा भी एक अनुशासित सेना द्वारा सुनिश्चित की जाती है। नियम सख्त प्रतीत होते हैं लेकिन जब लोग इन सख्ती का पालन करते हैं, तो वे लंबे समय में सफल हो जाते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को अपने छात्र जीवन से अनुशासन का विकास करना चाहिए।

अनुशासन निबंध 150 शब्द (Discipline Essay 150 words in Hindi)

अनुशासन हमारे दैनिक जीवन का एक मूलभूत हिस्सा है। निबंध लिखने से लेकर उत्तम स्कूल यूनिफॉर्म पहनने से लेकर शतरंज या बैडमिंटन जीतने तक- हमारे स्कूली जीवन से जुड़ी हर चीज अनुशासन पर आधारित है। वयस्क भी अपनी सफलता का अधिकांश श्रेय अनुशासन को देते हैं। काम पर अच्छा प्रदर्शन बनाए रखना या उम्र के साथ अपने स्वास्थ्य की देखभाल करना – सभी को एक निश्चित मात्रा में अनुशासन की आवश्यकता होती है।

आदेश और नियमों के एक समूह के अनुसार कार्य करने से समय की पाबंदी और योजना में सुधार होता है। अनुशासन नियमों, प्रबंधन और व्यवस्था का एक संयोजन है जो जीवन के प्राकृतिक प्रवाह को बनाए रखने में मदद करता है। इसके अलावा अनुशासन संतुलन भी जोड़ता है। यह हमें अपने कार्यों को अलग करने और प्रबंधित करने में मदद करता है। यह न केवल स्कूल जाने वाले छात्रों के जीवन में बल्कि सेना में या एक खिलाड़ी के जीवन में भी आवश्यक है जो एक शांतिपूर्ण और सफल जीवन बनाना चाहता है और दूसरों को यह प्रेरणादायक लगता है।

अनुशासन निबंध 200 शब्द (Discipline Essay 200 words in Hindi)

अनुशासन एक विशेषता है जिसमें नियमों, मापदंडों और व्यवहार पैटर्न का एक निश्चित सेट शामिल होता है। जब संयुक्त और एक साथ लागू किया जाता है, तो ये जीवन में घटनाओं के सामाजिक और व्यक्तिगत क्रम को बनाए रखने में मदद करते हैं।

अनुशासन बहुत कम उम्र से ही घर पर ही विकसित होना शुरू हो सकता है। यह बदले में फैलता है और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित करने के लिए विकसित होता है। एक उचित नींद कार्यक्रम बनाए रखना, एक स्वस्थ आहार, व्यायाम, जुनून या शौक का पीछा करना, नियमित रूप से एक खेल का अभ्यास करना सभी व्यक्तिगत अनुशासन के अंतर्गत आते हैं। सामाजिक अनुशासन में सभाओं, बैठकों या आयोजनों में एक विशेष तरीके से व्यवहार करना शामिल है। जबकि पेशेवर अनुशासन में ज्यादातर समय प्रबंधन, समय सीमा को पूरा करना, वरिष्ठों का उचित अभिवादन करना, स्वस्थ संबंध बनाए रखना आदि शामिल हैं।

अनुशासन समाज का एक अंतर्निहित हिस्सा है और इसकी भूमिका की शुरुआत हमारे शिक्षण संस्थानों में होती है। लेकिन आजकल लोग अक्सर समय से चूक जाते हैं और अनुशासित जीवन शैली को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास करने पड़ते हैं। स्कूल, कार्यस्थलों या घरों में भी अनुशासन बनाए रखने के कुछ तरीकों में शामिल हैं:

  • किसी संस्थान के दिशा-निर्देशों और नियमों से अवगत होना
  • सहकर्मियों के साथ विचारशील और समझदार होना
  • सख्ती बनाए रखना लेकिन निष्पक्ष रहना
  • स्पष्ट परिणाम और दंड निर्धारित करना
  • परिवार या व्यक्तिगत नियम बनाना
  • एक नियोजित कार्यक्रम के साथ रहना

उपरोक्त उपाय हंगामे और पछतावे से रहित अनुशासित जीवन जीने के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत हो सकते हैं। हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि अनुशासन की सही गुणवत्ता के साथ हमारे सभी उपक्रमों का सफल होना निश्चित है!

अनुशासन निबंध 250 शब्द (Discipline Essay 250 words in Hindi)

मनुष्य एक सामाजिक ढांचे के बड़े हिस्से हैं और किसी भी ढांचे के कार्य करने के लिए, नियम और कानून एक परम आवश्यकता हैं। जब ये नियम मानव व्यवहार का मार्गदर्शन करते हैं और संगठन की भावना विकसित करते हैं, तो एक प्रणाली या व्यक्ति को अनुशासित कहा जाता है। अनुशासन मानव के हर पहलू के साथ-साथ जीवन के अन्य रूपों में अपना महत्व पाता है। यह जिम्मेदारी, विश्वसनीयता की भावना पैदा करता है और एक व्यक्ति को अपने कार्यों के लिए अधिक जवाबदेह होने का पोषण करता है।

एक खिलाड़ी की दिनचर्या से लेकर व्यवसायी के नियमित कार्यक्रम से लेकर पहले कदम या बच्चों की उपलब्धियों तक, अनुशासन सभी जगहों पर मौजूद है। लेकिन यह समझना भी उतना ही जरूरी है कि नियमों की एक ही किताब हर व्यक्ति के काम नहीं आती। स्कूल में एक बच्चे के लिए सजा शानदार ढंग से काम कर सकती है लेकिन दूसरे बच्चे को अपने बारे में दुखी महसूस कराती है। इसलिए अनुशासन कहीं भी संगत और विचारशील होना चाहिए। “नियम और शर्तों” के विपरीत, जो उनकी अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप हैं, अनुशासन को हमेशा पहले व्यक्तिगत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार किया जाना चाहिए।

हमारे तेज-तर्रार जीवन में, हमें भीड़ का हिस्सा बनने के लिए अक्सर इतनी तेजी से दौड़ना पड़ता है कि हम अपने नियोजित कार्यक्रम को भूल जाते हैं। इससे रातों की नींद हराम, चिंता, विकार और चरम मामलों में अराजकता और हंगामा होता है। हमें वास्तव में प्रतिस्पर्धा के साथ घुलने-मिलने के लिए खुद को आगे बढ़ाते रहने की जरूरत है, लेकिन खुद को पहले रखना अनिवार्य है।

जबकि अनुशासन की कई व्याख्याएँ और धारणाएँ होती हैं, इसका अंतिम उद्देश्य हमें जीवन का एक स्पष्ट विचार देना है। महान व्यक्तियों का इतिहास उपलब्धियों को चलाने में अनुशासन की शक्ति का साक्षी है। अनुशासन हमेशा हमारे जीवन के हर मिनट को निर्धारित करने वाला कुछ नहीं होता है, यह छोटे कदमों के रूप में हो सकता है, जो एक अच्छा दिन घर में खुद का एक बड़ा, बेहतर संस्करण लाता है।

अनुशासन निबंध 300 शब्द (Discipline Essay 300 words in Hindi)

इसलिए यदि आप एक ऐसा जीवन जीना चाहते हैं जो विनियमित और व्यवस्थित हो तो आपको अनुशासन में रहने की आवश्यकता है। नियमों के एक निश्चित सेट का पालन करने की क्षमता को अनुशासन के रूप में जाना जाता है। यह हर किसी के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि यह व्यक्ति को अपने जीवन में मर्यादा बनाए रखता है। इसलिए यदि आप किसी भी प्रकार की अराजकता से बचना चाहते हैं तो आपको उस समाज के कानूनों का पालन करना चाहिए जिसमें आप रहते हैं।

प्रकृति स्वयं अपने तंत्र में अनुशासन का प्रदर्शन करती है। आप हर दिन देख सकते हैं कि सूर्य पूर्व में उगता है और पश्चिम में अस्त होता है और यह प्रकृति की एक ही प्रक्रिया है। कई अन्य प्रक्रियाएं हैं जो प्रतिदिन अनुशासन प्रदर्शित करती हैं।

जिस दिन से हम पैदा हुए हैं और आज तक हम अनुशासन के महत्व को सीखते हुए बड़े हुए हैं। बचपन में ही हमें सुबह जल्दी उठकर, अपने दाँत ब्रश करके और नहाने के लिए और फिर स्कूल के लिए तैयार होकर अनुशासन में रहना सिखाया जाता था। यह दिन की शुरुआत में अनुशासन का पहला कदम है। पूरा दिन अनुशासन की मांग करता है ताकि हमारा जीवन पटरी पर रहे और व्यवस्था न बिगड़े।

स्कूल में, हमारे शिक्षक हमेशा हमारे दिमाग में अनुशासन और समय की पाबंदी लगाने की कोशिश करते हैं। इस तरह वे हमें सिखाते हैं कि स्कूल में शिष्टाचार कैसे बनाए रखें, चाहे वह सुबह की सभा हो, या समय पर गृहकार्य करना हो। इसलिए उन्हें बेहतर बनाने के लिए हमारे दैनिक जीवन में अनुशासन के महत्व को जानना महत्वपूर्ण है।

न केवल स्कूल बल्कि अनुशासन कार्यस्थलों पर भी उतना ही महत्वपूर्ण है जहां सैकड़ों कर्मचारी एक साथ काम करते हैं। कार्यालय में काम करने वाले लोगों को अपने कार्यस्थल पर अनुशासन बनाए रखने के लिए कुछ नियमों का पालन करना चाहिए। इससे ऑफिस का माहौल स्वस्थ और शांतिपूर्ण रहता है। इसलिए किसी व्यक्ति के लिए अनुशासन के महत्व को सीखना बहुत महत्वपूर्ण है, इससे निश्चित रूप से उन्हें एक सफल और सुखी जीवन जीने में मदद मिलेगी।

अनुशासित रहने के कई फायदे हैं। सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह आपको अपने जीवन के लक्ष्यों पर केंद्रित रहने में मदद करता है। अनुशासन में रहने वाले लोग आमतौर पर बुरी आदतों से दूर रहते हैं और बाहरी दुनिया से ज्यादा अपने काम पर फोकस कर पाते हैं। हर कोई अनुशासित व्यक्ति का सम्मान करता है और उन्हें अपना आदर्श मानता है।

संक्षेप में, किसी व्यक्ति के जीवन में सबसे आवश्यक चीज अनुशासन है। अनुशासन में रहकर ही कोई सार्थक जीवन व्यतीत कर सकता है। यह हमें सही काम नहीं करने देता है और चारों ओर सकारात्मकता से भरा एक खुशहाल जीवन व्यतीत करता है।

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अनुशासन निबंध 500 शब्द (Discipline Essay 500 words in Hindi)

अनुशासन पर निबंध- अनुशासन एक ऐसी चीज है जो प्रत्येक व्यक्ति को नियंत्रण में रखती है। यह व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है। हर कोई अपने जीवन में अलग-अलग रूप में अनुशासन का पालन करता है। इसके अलावा, हर किसी के पास अनुशासन की अपनी संभावना होती है। कुछ लोग इसे अपने जीवन का हिस्सा मानते हैं और कुछ नहीं। यह वह मार्गदर्शक है जो उपलब्धता व्यक्ति को सही रास्ते पर ले जाती है।

महत्व और अनुशासन के प्रकार

अनुशासन के बिना व्यक्ति का जीवन नीरस और निष्क्रिय हो जाएगा। साथ ही, एक अनुशासित व्यक्ति उन लोगों की तुलना में परिष्कृत तरीके से जीने की स्थिति को नियंत्रित और संभाल सकता है जो नहीं करते हैं।

इसके अलावा, यदि आपके पास कोई योजना है और आप उसे अपने जीवन में लागू करना चाहते हैं तो आपको अनुशासन की आवश्यकता है। यह आपके लिए चीजों को संभालना आसान बनाता है और अंततः आपके जीवन में सफलता लाता है।

यदि अनुशासन के प्रकारों की बात करें तो वे सामान्यत: दो प्रकार के होते हैं। पहला है प्रेरित अनुशासन और दूसरा है आत्म-अनुशासन।

प्रेरित अनुशासन एक ऐसी चीज है जो दूसरे हमें सिखाते हैं या हम दूसरों को देखकर सीखते हैं। जबकि आत्म-अनुशासन भीतर से आता है और हम इसे अपने आप सीखते हैं। आत्म-अनुशासन के लिए दूसरों से बहुत प्रेरणा और समर्थन की आवश्यकता होती है।

इन सबसे ऊपर, बिना किसी गलती के अपने दैनिक कार्यक्रम का पालन करना भी अनुशासित होने का हिस्सा है।

अनुशासन की आवश्यकता

हमें जीवन में लगभग हर जगह अनुशासन की आवश्यकता होती है। इसलिए, हमारे जीवन के शुरुआती चरणों से अनुशासन का अभ्यास करना सबसे अच्छा है। आत्म-अनुशासन का अर्थ अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग चीजें हैं। छात्रों के लिए इसका अर्थ एक कर्मचारी के लिए अलग है इसका अर्थ अलग है, और बच्चों के लिए इसका अर्थ अलग है।

इसके अलावा, अनुशासन का अर्थ जीवन के चरणों और प्राथमिकता के साथ बदलता है। हर किसी को अनुशासित नहीं किया जा सकता है क्योंकि इसके लिए बहुत मेहनत और समर्पण की आवश्यकता होती है। साथ ही इसके लिए सकारात्मक दिमाग और स्वस्थ शरीर की जरूरत होती है। अनुशासन के प्रति सख्त होना होगा ताकि वह सफलता की राह को सफलतापूर्वक पूरा कर सके।

अनुशासन के लाभ

शिष्य एक सीढ़ी है जिसके द्वारा व्यक्ति सफलता प्राप्त करता है। यह एक व्यक्ति को जीवन में अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। साथ ही, यह उसे लक्ष्य से विचलित नहीं होने देता।

इसके अलावा, यह व्यक्ति के मन और शरीर को नियमों और विनियमों का जवाब देने के लिए प्रशिक्षण और शिक्षित करके व्यक्ति के जीवन में पूर्णता लाता है, जो उसे समाज का एक आदर्श नागरिक बनने में मदद करेगा।

अगर हम पेशेवर जीवन की बात करें तो अनुशासित व्यक्ति की तुलना में अनुशासित व्यक्ति को अधिक अवसर मिलते हैं। साथ ही, यह व्यक्ति के व्यक्तित्व में एक असाधारण आयाम जोड़ता है। इसके अलावा, व्यक्ति जहां भी जाता है, लोगों के दिमाग पर सकारात्मक प्रभाव छोड़ता है।

अंत में, हम कह सकते हैं कि अनुशासन किसी के भी जीवन के प्रमुख तत्वों में से एक है। एक व्यक्ति तभी सफल हो सकता है जब वह एक स्वस्थ और अनुशासित जीवन व्यतीत करे। इसके अलावा, अनुशासन हमें कई तरह से मदद करता है और हमारे आस-पास के व्यक्ति को अनुशासित होने के लिए प्रेरित करता है। इन सबसे ऊपर, अनुशासन एक व्यक्ति को वह सफलता प्राप्त करने में मदद करता है जो वह जीवन में चाहता/चाहती है

अनुशासन निबंध पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

जीवन में अनुशासन क्यों जरूरी है.

अनुशासन सभी नियमों का पालन करने के बारे में है। बिना किसी नियम या कानून का पालन किए आप जीवन में सफल नहीं हो सकते।

हम अनुशासन कैसे बनाए रख सकते हैं?

किसी विशेष दिनचर्या का पालन करके और उस पर टिके रहकर अनुशासन बनाए रखा जा सकता है।

क्या सफल होने के लिए अनुशासन जरूरी है?

हां, हमें अनुशासन विकसित करना चाहिए और सफल होने के लिए उसी के अनुसार काम करना चाहिए।

सैन्य प्रशिक्षण को इतने गहन अनुशासन की आवश्यकता क्यों है?

सेना में लोगों को युद्ध और संकट की बहुत ही विकट परिस्थितियों में पनपना पड़ता है। आदेश और आदेश के संदर्भ में इसके लिए वर्षों के अभ्यास की आवश्यकता होगी।

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अनुशासन पर निबंध (Essay On Discipline In Hindi) – अनुशासन हर व्यक्ति के जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। जो व्यक्ति अपने जीवन में अनुशासन कायम कर लेता है, वो व्यक्ति जीवन में सफलता प्राप्त कर लेता है। अनुशासन का अर्थ (anushasan ka arth) की बात करें, तो ये दो शब्दों से अनु और शासन से मिलकर बना हुआ है जिसका अर्थ है नियंत्रण में रहना अथवा किसी भी काम के प्रति नियमों में रहना। विद्यार्थी और अनुशासन (vidyarthi aur anushasan) का नाता बहुत ही पुराना है। अगर विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व सिख लेते हैं, तो वे हर पड़ाव आसानी से पार कर लेते हैं। अनुशासन क्या है, अब तक आप समझ चुके होंगे। जीवन में अनुशासन का महत्व, अनुशासन के प्रकार और अनुशासन के लाभ बारे में जानने के लिए हमारा आर्टिकल पढ़ें।

अनुशासन पर निबंध (Essay On Discipline In Hindi)

आप इस आर्टिकल के माध्यम से आसान भाषा में अनुशासन पर निबंध (anushasan par nibandh) पढ़ सकते हैं। आपको अनुशासन पर निबंध हिंदी में (discipline essay in hindi) पढ़कर अनुशासन की पूरी जानकारी मिल जाएगी। इस पेज पर hindi essay on discipline को 1000 / 300 /100 शब्दों में लिखा गया है। तो चलिए नीचे फिर अनुशासन पर लेख (anushasan par lekh) देखते हैं।

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अनुशासन दो शब्दों अनु और शासन से मिलकर बना हुआ है जिसका अर्थ है नियंत्रण में रहना अथवा किसी भी काम के प्रति नियमों में रहना। एक सुखीपूर्वक जीवन व्यतीत करने के लिए अनुशासन बहुत जरूरी है और उससे भी ज्यादा जरूरी है अनुशासन को निभाना उसे पूर्ण रूप से जीवन में बनाए रखना। यह जीवन के एक अभिन्न अंग की तरह काम करता है। अनुशासन सफलता पाने की कुंजी है।

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अनुशासन का महत्त्व

अनुशासन का किसी एक कार्य में नहीं बल्कि जीवन के प्रत्येक हिस्से में महत्त्व है। अनुशासन हमारे भटकते जीवन को एक नई दिशा दिखाने का काम करता है। अनुशासन सफल जीवन की पहली राह है क्योंकि प्रगति की ओर बढ़ने में अनुशासन मुख्य रूप से सहयोगी होता है। समय किसी की नहीं सुनता, समय पर हर काम पूरा करना बेहद जरूरी होता है। यह अनुशासन के बिना असम्भव है। समय को अपने हाथों में संजो कर रखना अनुशासन के साथ ही हो सकता है। अगर हम अनुशासन को बचपन से या विद्यार्थी समय से ही जीवन में उतार लेते हैं, तो हमारा जीवन किसी स्वर्ग से कम नहीं कहलाता है। हमारी पृथ्वी सजग रूप से चल रही है, किस वजह से? इसमें अनुशासन की ही अहम भूमिका है; समय पर सूर्य का उगना और ढलना, मौसम में परिवर्तन, फसलों को समय पर उगाना और काटना। यदि हमें राष्ट्र का भी विकास सजग रूप से होते हुए देखना है, तो उसमें भी अनुशासन का पालन करते हुए सभी परिवर्तन समय से होना जरूरी है।

अनुशासन का लाभ और आवश्यकता

अनुशासन के लाभ:- यदि हम अपने जीवन में अनुशासन को अपना लेते हैं, तो उससे ना हमारे जीवन में बदलाव आएगा बल्कि हमारी बढ़ती हुई बढ़ोतरी की वजह से हमें हर जगह मान–सम्मान प्राप्त होगा। प्रत्येक व्यक्ति के द्वारा आदर किया जाएगा। यदि कोई भी ऐसा काम हो कि ये हमें आज ही करना जरूरी है जिसकी पल भर देरी सभी खराब कर सकती है वहां सबसे ज्यादा हमें अनुशासन ही लाभ देगा। अनुशासन की विद्यालय, सेना, सरकार से जुड़े काम, जीवन की हर प्रक्रिया में जरूरत होती है।

अनुशासन का हमारे जीवन में क्या महत्त्व है?

अनुशासन हमारे जीवन से जुड़े प्रत्येक कार्य में जरूरी होता है। अनुशासन अपनाए बिना जीवन जीने का कोई मूल्य नहीं। यदि हम कोई भी काम करते हैं, तो जब तक हम उसमें कोई समय निश्चित नहीं करेंगे, उससे जुड़े नियमों के प्रति अनुशासन में नहीं रहेंगे, तो वह काम कभी समय पर पूरा होगा ही नहीं, वह आज करने या कल करने पर ही चलता रहेगा। इससे जीवन की अर्थव्यवस्था हिल–डुल जाती है। प्रत्येक कार्यों में परिपक्वता बनाए रखने के लिए जीवन में अनुशासन बहुत जरूरी है। अनुशासन के बिना हमारा जीवन असफल है। अनुशासन को अपनाना शुरू में हमारे लिए बहुत ही मुश्किल होता है, क्योंकि एक ही बार में हम किसी भी कार्य के प्रति सजग नहीं होते है लेकिन अगर हम इसे पूर्ण रूप से अपना लेते हैं, तो उसका परिणाम हमारे लिए सबसे अधिक लाभप्रद होगा।

विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन का क्या महत्त्व है?

विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन (vidyarthi jeevan mein anushasan):- विद्यार्थी जीवन में अनुशासन कई प्रकार से विद्यार्थी का सहयोगी होता है। यदि विद्यार्थी शुरू से ही अनुशासन को अपने जीवन में उतार लेता है, तो उसे हर पग पर सफलता पाने से कोई रोक नहीं सकता। इससे वह केवल स्वयं का नहीं बल्कि अपने परिवार, अपने राष्ट्र का भी उद्धार करेगा। एक विद्यार्थी के लिए अनुशासन उसकी पढ़ाई, खेल–कूद, करियर हर चीज़ में काम आता है। विद्यार्थी को अपने पूरी दिनचर्या में अनुशासन को बनाए रखना जरूरी होता है चाहे वह काम विद्यालय से जुड़ा हो या फिर घर से। उसे समय पर उठना, प्रतिदिन स्नान करना, समय से खाना खाना, अनुशासन में विद्यालय में जाना, सभी नियमों का पालन करना, विद्यालय द्वारा दिया गया कार्य समय से करना बहुत जरूरी माना जाता है। इस तरह की जीवनशैली ही जीवन को एक नई दिशा दे सकती है। हम ऐसे कई विद्यार्थी भी देख सकते हैं जो बिना पढ़े ही पास होना चाहते हैं, किसी भी तरह के प्रयत्न में उनका कोई ध्यान नहीं होता। वे अपने जीवन की दुर्दशा कर लेते है। सबसे पहले तो ऐसे विद्यार्थियो के लिए अनुशासन बहुत जरूरी होता है।

अनुशासन का पालन कैसे करना चाहिए?

हमें समय से उठकर, नियमित नहाकर, संतुलित आहार खाना चाहिए। हम जो भी काम करते हैं हमें ध्यान रखना चहिए कि वह काम समय से पूरा हो जाए। हमें इधर-उधर घूमकर व्यर्थ की बातों में समय नहीं गवाना चाहिए। ना ही ऐसी कोई आदत अपनानी चाहिए जो हमारे जीवन और अनुशासन पर गलत प्रभाव डाले।

अनुशासन कितने प्रकार के होते हैं?

अनुशासन के प्रकार मुख्य रूप से दो होते हैं:- 1. बाह्य अनुशासन और 2. आंतरिक अनुशासन। बाह्य रूप से अनुशासन का अर्थ है किसी के द्वारा थोपने पर अनुशासन को जीवन में उतारना जिसका कोई मोल नहीं; यह भी कुछ ही समय के लिए जीवन में चलता है। जबकि आंतरिक अनुशासन का ही जीवन में मोल होता है। क्योंकि जब तक हम किसी भी चीज़ को आंतरिक रूप से नहीं अपनाएंगे, वह बात और लक्ष्य कभी पूरा नहीं होगा।

अनुशासन का उद्देश्य क्या है?

अनुशासन का उद्देश्य है समाज में शांति बनाए रखना, सामाजिक या आर्थिक अर्थव्यवथा को नियंत्रण में रखना, शासन बनाए रखना, जीवन को सही दिशा में रखना, मनुष्य को जीवन के कर्म के प्रति प्रेरित करना। अनुशासन का दूसरा नाम क्या है:- अनुशासन के दूसरे नाम को हम विद्यार्थी जीवन से संबोधित कर सकते हैं। यह धारना त्रिभुवनेश भारद्वाज द्वारा मानी गई है।

अनुशासन कैसे बनाया जाता है?

हमें अपने जीवन में अनुशासन को बनाए रखने के लिए हर एक चीज़ का ध्यान रखना होगा कि कब हमें उठना है, किस समय खाना खाना है ऐसी दिनचर्या के साथ हमें सबसे पहले समय के महत्त्व को समझना है। हमें नियमों का सटीकता से पालन करना है। किसी भी काम को पूरा करने के लिए आत्मविश्वास बनाए रखना है। इसके साथ हमें सकारात्मक सोच भी रखनी है ताकि किसी भी काम में अगर हमें कोई हानि प्राप्त होती है, तो भी हम अनुशासन बनाते हुए आगे बढ़ सकें।

हम इसका यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि यदि हम अपने जीवन में अनुशासन को नियमित रूप से मानने लगते हैं, तो यह हमारे लिए किसी वरदान से कम नहीं है। एक अनुशासित व्यक्ति को कोई पकड़ नहीं सकता, हर कोई उसके जैसा बनने की इच्छा रखेगा। अनुशासन के बिना जीवन जीने का कोई मतलब नहीं होता है। अनुशासन हमारे लिए जिंदगी सवारने जैसा होता है।

अनुशासन पर निबंध 100 शब्द

अनुशासन जीवन का एक मूल अंग है। इसके बिना कोई भी इंसान सफलता प्राप्त नहीं कर सकता है। हमें एक अच्छा इंसान बनना है तो हमें अपने जीवन में अनुशासन लाना बहुत ही जरूरी है। हर एक इंसान की सफलता के पीछे अनुशासन होता है। यदि आप छात्र हैं और आप एक अनुशासन के साथ अपनी पढ़ाई करते हैं, तो आपको परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने से कोई नहीं रोक सकता है। अगर आप एक निजी कंपनी में काम करते हो। उस काम को आप पूरे अनुशासन के साथ करते हो, तो आपको एक सफल इंसान बनाने से कोई नहीं रोक सकता है।

अनुशासन पर निबंध 300 शब्द

मेरे परीक्षा में अच्छे अंक नहीं आए। क्या अपने अपनी पढ़ाई अनुशासन के साथ की थी?, सवाल इसलिए है क्योंकि अगर आप परीक्षा से पहले पूरे अनुशासन के साथ पढ़ाई करते तो आपके जरूर अच्छे अंक आते। जो विद्वान आज सफलता की सीढ़ी चढ़ रहें हैं, उसके पीछे केवल अनुशासन ही है। उन्होंने अपने सभी काम एक अनुशासन के साथ किये हैं। ऐसे दुनिया में अनेक लोग हैं जो अपना सभी काम अनुशासन के साथ करते हैं। अनुशासन के बिना हमारा जीवन असफल है। अनुशासन को अपनाना शुरू में हमारे लिए बहुत ही मुश्किल होता है, क्योंकि एक ही बार में हम किसी भी कार्य के प्रति सजग नहीं होते हैं लेकिन अगर हम इसे पूर्ण रूप से अपना लेते हैं, तो उसका परिणाम हमारे लिए सबसे अधिक लाभप्रद होगा।

हमें अपने जीवन में अनुशासन लाने के लिए हर प्रयास करने चाहिए। जैसे कि हमें सुबह कब उठना है, हमें किस समय पढ़ाई करनी है, किस समय लंच-डिनर करना है, हमें दिनचर्या को पूरे अनुशासन के साथ करना है। इसके साथ-साथ हमें एक सकारात्मक सोच भी रखनी है। यदि हम सकारात्मक सोच रखेंगे, तो हमारा पूरा काम आसान हो जायेगा।

अनुशासन हमारे लिए एक बहुत अच्छा अवसर पैदा करता है। जीवन में आगे बढ़ने का एक सही तरीका भी सिखाता है। अनुशासन के साथ हम कम समय में अपने जीवन को बहुत अच्छा बना सकते हैं। एक अनुशासित व्यक्ति जब समाज के लिए काम करता है, तो उसके सभी गुण एक मिसाल बन जाते हैं। अनुशासित व्यक्ति के साथ लोग अच्छे से पेश आते हैं। लेकिन अनुशासनहीन व्यक्ति के साथ न ही समाज और न ही लोग अच्छे से पेश आते हैं। इसलिए जीवन में हर व्यक्ति को अनुशासन का पालन कर एक अच्छा इंसान बनना चाहिए।

अनुशासन पर 10 लाइन

1. अनुशासन हमारे जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।

2. हमें आज से ही अपने जीवन में अनुशासन का पालन करना होगा।

3. अनुशासन के बिना हम अपने जीवन में सफलता प्राप्त नहीं कर सकते हैं।

4. अगर हमने अनुशासन का पालन नहीं किया, तो हमारा जीवन असफलता की तरफ जा सकता है।

5. अनुशासन हमें एक अच्छा इंसान बनाता है।

6. अनुशासन का पालन करना विद्वान का सबसे बड़ा गुण है।

7. जीवन में अनुशासन का न होना, हमें आलसी, बेपरवाह और लापरवाह बनाता है।

8. अनुशासन हमें जीवन में सम्मान दिलाता है।

9. जीवन में अनुशासन हमारे लिए किसी वरदान से कम नहीं है।

10. अनुशासन के परिणाम हमारे लिए सबसे अधिक लाभदायक होंगे।

अनुशासन के निबंंध पर अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ’s)

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प्रश्न- अनुशासन से क्या समझते हैं? उत्तर: अनुशासन हर इंसान के लिए बहुत जरूरी है जैसे इंसान के लिए खाना, पीना, रहना, सोना घूमना-फिरना आदि। अनुशासन का मतबल साफ है यदि अनुशासन नहीं तो जीवन में सफलता नहीं।

प्रश्न- जीवन में अनुशासन का क्या महत्व है? उत्तर: जैसे जीवन को जीने के लिए पानी बहुत जरूरी है वैसे ही जीवन में अनुशासन भी बहुत जरूरी है। अनुशासन का किसी एक कार्य में नहीं बल्कि जीवन के प्रत्येक हिस्से में महत्त्व है।

प्रश्न- विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन का क्या महत्व है? उत्तर: विद्यार्थी जीवन में अनुशासन कई प्रकार से विद्यार्थी का सहयोगी होता है। यदि विद्यार्थी शुरू से ही अनुशासन को अपने जीवन में उतार लेता है, तो उसे हर पग पर सफलता पाने से कोई रोक नहीं सकता। इसलिए विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन का बहुत ही महत्व है।

प्रश्न- अनुशासन कितने प्रकार के होते हैं? उत्तर: अनुशासन के प्रकार मुख्य रूप से दो होते हैं:- बाह्य और आंतरिक अनुशासन। पूरी जानकारी ऊपर आर्टिकल से पढ़ें।

अनुशासन पर निबंध (anushasan essay in hindi) देने का उद्देश्य केवल बेहतर ज्ञान देना है। आपको हमारे द्वारा दिए हुए अनुशासन पर निबंध (essay on anushasan in hindi) कैसा लगा? हमें कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं।

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विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व पर निबंध

Essay on Importance of Discipline in Students life in Hindi: हम यहां पर विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में छात्र जीवन में अनुशासन का महत्व (Chatra Jeevan Mein Anushasan ka Mahatva) के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेयर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व पर निबंध | Essay on Importance of Discipline in Students life in Hindi

विद्यार्थी जीवन और अनुशासन 150 शब्दों में निबंध (vidyarthi jeevan mein anushasan ka mahatva).

अनुशासन हर व्यक्ति के लिए जरूरी होता है। विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन एक अलग ही महत्व रखता है। अनुशासन के जरिए ही विद्यार्थी अपने जीवन में सफलता हासिल करता है। अनुशासन विद्यार्थी को सही रास्ता दिखाने में मदद करता है। ऐसे तो अनुशासन हर व्यक्ति के लिए जरूरी है। लेकिन विद्यार्थियों के लिए यह अत्यधिक जरूरी इसलिए है क्योंकि विद्यार्थी के जीवन की शुरुआत स्कूल से होती है और स्कूल से ही विद्यार्थी यदि अनुशासन की पालना करता है।

तब विद्यार्थी ना सिर्फ सफलता हासिल करता है बल्कि विद्यार्थी आगे जाकर एक अच्छा और आदर्श नागरिक भी बन सकता है। विद्यार्थी यदि अनुशासन की पालना करता है तो विद्यार्थी के संस्कार की जड़े मजबूत हो जाती है जो भविष्य में और पूरे जीवन व्यक्ति को आदर्श इंसान बनाती है।

अनुशासन व्यक्ति को जीवन जीने का तरीका, बड़ों का सम्मान करना, माता-पिता का आदर करना, अध्यापकों का सम्मान करना, धैर्य रखना और परिश्रम करना सिखाता है। अनुशासन दो प्रकार के होते हैं। एक वह जो हम अपने आपसे सीखते हैं। उसे आत्म अनुशासन कहते हैं और दूसरा जो किसी अन्य को देखकर सीखते हैं उसे प्रेरित अनुशासन कहते हैं।

vidyarthi jeevan mein anushasan nibandh

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व पर निबंध 250 शब्दों में (Vidyarthi Jeevan Mein Anushasan Nibandh)

अनुशासन हमारे जीवन में काफी अहमियत रखता है। यह जीवन में क्रमबद्धता को संदर्भित करता है, जो किसी के भी जीवन में सफलता के लिए आवश्यक है। हर कोई अपने जीवन में अलग-अलग रूप में अनुशासन का पालन करता है। अनुशासन हमें ईमानदार, मेहनती, धैर्यवान, महत्वाकांक्षी, स्वतंत्र और समयनिष्ठ बनाता है। अनुशासन के बिना जीवन रडार के जहाज के समान है।

हम सब जानते है की विद्यार्थी राष्ट्र के भविष्य की संपत्ति हैं। विद्यार्थी जीवन पुरे जीवन की नींव का निर्माण करते हैं इसलिए विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का काफी गहरा महत्व है। एक अनुशासित विद्यार्थी का जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण होता है। अनुशासन हमेशा विद्यार्थी के लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक मार्गदर्शक का काम करता है। एक अनुशासित छात्र अपने लक्ष्य से कभी विचलित नहीं होता और इससे विद्यार्थी अपने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते हैं।

अनुशासन के दो प्रकार है। पहला है प्रेरित अनुशासन और दूसरा है आत्म-अनुशासन। प्रेरित अनुशासन एक ऐसी चीज है जो दूसरे हमें सिखाते हैं या हम दूसरों को देखकर सीखते हैं। जबकि आत्म-अनुशासन भीतर से आता है और हम इसे अपने आप सीखते हैं। विद्यार्थी जीवन में अनुशासन के कई अनगिनत लाभ है। विद्यार्थी के सकारात्मक दिमाग और स्वस्थ शरीर के लिए अनुशासन जरुरी है। अनुशासन विद्यार्थी को तनाव मुक्त वातावरण प्रदान करना है।

अनुशासन विद्यार्थी को पढ़ाई के साथ-साथ जीवन के अन्य क्षेत्रों के प्रति एकाग्र और प्रेरित होना सिखाता है। एक अनुशासित विद्यार्थी अपनी शैक्षणिक संस्थान का गौरव होता है। समाज द्वारा हमेशा उनका सम्मान किया जाता है। अनुशासन के बिना हम एक सफल छात्र की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।

vidyarthi jeevan me anushasan ka mahatva essay in hindi

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व पर निबंध 500 शब्दों में (Vidyarthi Jeevan Mein Anushasan ka Mahatva Nibandh)

हिंदी में एक कहावत है कि अनुशासन ही सफलता की कुंजी है। अनुशासन जीवन में आवश्यक व्यवहारों में से एक है। लेकिन दुनिया में कुछ ही लोग अनुशासन से जीवन जीना पसंद करते है। वैसे तो अनुशासन हर उम्र की व्यक्ति के लिए जरुरी होता है लेकिन विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व अधिक होता है। क्योंकि विद्यार्थी जीवन हमारे पूरे जीवन की नींव होती है, जिस पर हमारी जिंदगी की इमारत बनती है।

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन की कमी से बहुत भ्रम और विकार पैदा करते है, जो उनके आने वाले भविष्य को तहसनहस कर देते है। बिना अनुशासन के पढ़ाई करना और सफलता पाना बेहद मुश्किल है। अनुशासन जीवन को क्रमबद्धता प्रदान करता है।

अगर हम विद्यार्थी जीवन में ही अनुशासन का महत्व समझ जाते है तो हमें किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने से कोई नहीं रोक सकता। विद्यार्थी जीवन बाहरी अनुशासन के साथ साथ आत्म अनुशासन बहुत भी महत्वपूर्ण है, जो उनके सिर की इच्छाओं और जुनून को रोकने में मददगार साबित होता है।

वर्तमान समय में माता-पिता अपने व्यस्त करियर के कारण अपने बच्चों को समय नहीं दे पाते हैं, जिसके कारण बच्चे अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए टीवी, मोबाइल, इंटरनेट का सहारा लेते हैं और वो अनुशासन से जीना छोड़ देते है। देर रात तक जागना, सुबह देर से उठना, अपने मित्रों के साथ पार्टी करना आजकल फैशन बन गया है, जो आने वाले समय के लिए खतरे की घंटी है। विद्यार्थी जीवन में अगर अनुशासन का अभाव हो तो उदासी, चिड़चिड़ापन, कुसंगति जैसे लक्षण का हमारी जिंदगी में प्रवेश हो जाता है।

विद्यार्थी के लिए अनुशासन का रूप यह है कि वह नियमित रूप से अपने स्कूल जाता है, हमेशा अपने शिक्षकों का सम्मान करता है और जो उसने कहा है उस पर अमल करता है, स्कूल के सभी छात्रों के साथ अच्छा व्यवहार करता है, उनका सामाजिककरण करके उनके साथ मित्रवत व्यवहार करता है।

हमेशा अपने से बड़े लोगों का सम्मान करें, पढ़ाई के दौरान अपना ध्यान कहीं और न लगाएं, हमेशा एकाग्रता से पढ़ाई करें, अपने माता-पिता का सम्मान करें और उनके कहे अनुसार काम करें। अनुशासन की अवहेलना करने वालों की तुलना में अनुशासित बच्चा अपने करियर को अधिक आसानी से और स्वतंत्र रूप से चुन सकता है।

अनुशासन के द्वारा ही बच्चों में धैर्य, संयम, नियमितता जैसे गुण आते है, जो उनके जीवन में सफलता पाने के लिए बेहद जरुरी है। अनुशासन बच्चों के दिमाग पर बहुत प्रभाव डालता है। किसी भी व्यक्ति के बहेतर चरित्र का निर्माण केवल अनुशासन से ही हो सकता है। इसलिए विद्यार्थी को अनुशासन का महत्व समझना बेहद जरुरी है।

अनुशासन एक राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और समाज में शारीरिक और नैतिक कानूनों के प्रति सम्मान प्रदर्शित केवल अनुशासन के द्वारा ही हो सकता है। हम सभी जानते हैं कि विद्यार्थी राष्ट्र की भविष्य की संपत्ति हैं। राष्ट्र के एक सुनहरे भविष्य के लिए अगर हम विद्यार्थी जीवन में ही अनुशासन की नींव डाल देते है तो बच्चे आगे जाकर देश के विकास में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देते है और देश को प्रगति के पथ पर ले जाते है।

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व पर निबंध (800 शब्द)

जीवन जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है। विद्यार्थी जीवन ही व्यक्ति के संपूर्ण जीवन का आधार होता है। किसी व्यक्ति का भविष्य जीवन की इस अवधि पर निर्भर करता है। यदि यह आधारशिला कमजोर हो तो भविष्य कठिनाइयों से भरा होगा और असफलता का सामना भी करना पड़ सकता है। इन सबके लिए अनुशासन एक बहुत जरूरी चीज है।

अनुशासन ही विद्यार्थी जीवन की सफलता की कुंजी है। सिर्फ अनुशासन ही विद्यार्थी को जीवन में एकाग्र, स्वतंत्र, समयनिष्ठ और महत्वाकांक्षी बनाता है। दूसरों का सम्मान करना और आज्ञाकारी रहना अनुशासन का सिद्धांत है। अनुशासन विद्यार्थी को तनाव मुक्त जीवन देता है और साथ साथ आत्मविश्वास को बढ़ाता है। 

अनुशासन का महत्व

अनुशासन वह प्रकृति है जो प्रकृति द्वारा बनाई गई हर चीज में मौजूद है। हमारा ब्रह्मांड भी अनुशासन को अनुसरण करता है। तारे, ग्रह, चंद्रमा और सूर्य  अपनी निश्चित धरी और गति पर ही घूमते है। यदि ब्रह्मांड की वस्तुएं कुछ नियमों के अनुसार काम करना बंद कर देती हैं तो चारों ओर अराजकता और अव्यवस्था फैल जाएगी।

अनुशासन हमारे जीवन को नियंत्रित करता है। यह हमारे जीवन को जीने लायक बनाता है। विद्यार्थियों को बचपन से ही अनुशासन में रहना सिखाया जाना चाहिए ताकि उनमें अच्छे गुणों का विकास हो सके और भविष्य में किसी भी प्रकार की कठिनाई में वे स्वयं को सफल व्यक्ति के रूप में पहचान सकें। सिर्फ अनुशासन लक्ष्य और सफलता के बीच एक पुल की तरह काम करता है।

अनुशासन के प्रकार

वैसे तो पुरे जीवन में अनुशासन के कई रूप होते है लेकिन  विद्यार्थी जीवन में अनुशासन के दो प्रकार है। पहला है प्रेरित अनुशासन, जिस में विद्यार्थी दूसरों को देखकर सीखते हैं या किसी महान विभूति के जीवन से प्रेरणा लेकर सीखते है। दूसरा है आत्म-अनुशासन, जो हमारे भीतर से आता है और हम इसे अपने आप सीखते हैं। आत्म-अनुशासन सही और गलत के बीच अंतर करने में मदद करता है। व्यक्ति सही निर्णय लेता है और सकारात्मकता फैलाता है।

अनुशासन के लाभ

अनुशासन ही विद्यार्थी को श्रेष्ठता प्रदान करता है। उसे संस्थान और समाज में उत्तम स्थान दिलाने में सहायता करता है। अनुशासन विद्यार्थी को धैर्यवान और संयमित बनाता है। यह विद्यार्थी को शांत रहने में मदद करता है। अनुशासन की वजह से विद्यार्थी अपने निश्चित लक्ष्य को आसानी से हांसिल कर पाते है। अपने दैनिक जीवन में क्रमबद्धता सिर्फ अनुशासन से ही आती है ।

विद्यार्थी को अनुशासन से सकारात्मक दृष्टिकोण प्राप्त होता है। इन में समझदारी का विकास होता है। समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है। अनुशासन जीवन में ईमानदारी और नैतिकता जैसे गुणों का विकास करता है। अनुशासन के कारन विद्यार्थी कभी बुरी संगत में नहीं पड़ता। अनुशासन से विद्यार्थी में नेतृत्व के गुण विकसित कर सकते हैं। अनुशासन आपको जिम्मेदार होना सिखाता है।

विद्यार्थी के लिए किताबी शिक्षा के साथ साथ  शारीरिक शिक्षा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। शारीरिक शिक्षा केवल अनुशासन से ही मिलती है। अनुशासन आत्म-नियंत्रण और समर्पण जैसी भावना का विकास होता है। जो खुद को नियंत्रित नहीं कर सकता वह दूसरों को नियंत्रित कभी नहीं कर सकता। यह आपके सहनशीलता के स्तर को भी बढ़ाता है।

अनुशासनहीनता के नुकसान

अनुशासन के अभाव में विद्यार्थी एकाग्रता का अध्ययन नहीं कर पाता है। अनुशासन की कमी के कारण विद्यार्थी चिड़चिड़े हो जाते हैं। विद्यार्थी को छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आने लगता है। अनुशासन के बिना विद्यार्थी में धैर्य और आत्म-संयम की कमी हो जाती है और वह हर कार्य को शीघ्रता से करना चाहता है।

वह अपने से बड़े लोगों का सम्मान नहीं करता है। विद्यार्थी बड़े सपने देखता है लेकिन अनुशासन की कमी के कारण उनमें सफल नहीं हो पाता। वह उस कार्य को कभी पूरा नहीं कर पाता। अनुशासन की कमी के कारण विद्यार्थी काम की चोरी करना शुरू कर देता है। वह उसे दिया गया काम कभी नहीं करता है और बहाने बनाने लगता है।

अनुशासन की कमी के कारण उनकी शिक्षा पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। अनुशासन की कमी के कारण विद्यार्थी परीक्षा में सफल नहीं हो पाता और निराश हो जाता है, जिसका परिणाम बहुत ही खराब होता है। उसका भविष्य खतरे में पड़ जाता है।

विद्यार्थी एक कोरे कागज की तरह होता है, जिसमें कुछ भी लिखा जा सकता है। यदि छात्र को उचित समय पर सही शिक्षा नहीं मिलती है तो वह अपने लक्ष्य से भटक सकता है और गलत रास्ते पर जा सकता है, इसलिए विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व ओर भी बढ़ जाता है। अनुशासन के बिना विद्यार्थी जीवन की कल्पना करना मूर्खतापूर्ण है।

विद्यार्थी हमारे देश की भावी पीढ़ी हैं, जो आगे बढ़कर हमारे देश का निर्माण करेंगे। अगर विद्यार्थी अनुशासन में रहना नहीं जानते हैं तो वे देश को तबाही की दिशा में ले जायेंगे। विद्यार्थी को अपने विद्यार्थी जीवन में काफी अनुशासित रहना चाहिए। जो अनुशासित होता है वह जीवन में ऊँचा उठता है। महापुरुषों का जीवन अनुशासन का उदाहरण है।

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  • आदर्श विद्यार्थी पर निबंध
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  • मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध

Rahul Singh Tanwar

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Comments (5).

Sir Very Nice Essay

Inspirative essay 👍👍

Good nibandh sir

Best website for kids

Very nice nibandh

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विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध Essay on Student and Discipline in Hindi

विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध Essay on Student and Discipline in Hindi

इस लेख में आप विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध (Essay on Student and Discipline in Hindi) पढेंगे। जिसमें हमने विद्यार्थी और अनुशासन का अर्थ, प्रकार, भूमिका, महत्व और दस वाक्यों को बेहद आकर्षक और सरल रूप से लिखा है।

Table of Contents

प्रस्तावना (विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध Essay on Student and Discipline in Hindi)

विद्यार्थी जीवन में कठिन परिश्रम और अनुशासन की आवश्यकता सबसे अधिक होती है। जिस विद्यार्थी में इन गुणों की कमी होती है उसका बौद्धिक और मानसिक विकास नहीं हो पाता।

विद्या अध्ययन को बेहद कठिन और एकाग्रतासाध्य काम माना जाता है। जिसमें उच्चकोटि का ध्यान और समर्पण की आवश्यकता होती है।

बाल्यावस्था किसी भी विषय को सीखने के लिए सबसे अच्छा समय होता है। ऐसा माना जाता है कि किसी भी मनुष्य का अधिकतम मानसिक विकास पंद्रह वर्ष की उम्र तक हो जाता है।

जो विद्यार्थी मेहनत और अनुशासन को अपने जीवन का प्रमुख लक्ष्य बनाते हैं वे एक सफल विद्यार्थी बनने के साथ-साथ एक आदर्श नागरिक भी बनते हैं।

दुनिया में किसी भी कार्य की उपलब्धि के लिए सतत संघर्ष और अनुशासन का होना अत्यंत आवश्यक है। जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए इसके अलावा अन्य कोई दूसरा विकल्प नहीं है।

विद्यार्थी जीवन पूरे जीवन काल में सबसे महत्वपूर्ण समय होता है  जहां अनुशासन की आवश्यकता और उपयोगिता और भी बढ़ जाती है। आसान शब्दों में विद्यार्थी जीवन को पूरे जीवन काल की आधारशिला कहा जा सकता है क्योंकि इस समय में वह जो कुछ भी सीखता है उसका प्रभाव पूरे जीवन  जीवन भर दिखाई देता है।

विद्यार्थी और अनुशासन का अर्थ Definition of Student and Discipline in Hindi

अनुशासन शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है अनु+शासन। इसका अर्थ होता है कि किसी भी नियम के अधीन रहकर कार्य करना अथवा नियमों के शासन में रहना।

सरल शब्दों में कहा जाए तो अनुशासन के अंतर्गत सभी मनुष्य को अपनी स्वतंत्र भावनाओं तथा शक्तियों को किसी निर्धारित नियम के द्वारा नियंत्रित करना होता है।

दुनिया के महान तथा सफल लोगों ने इसका महत्व बताया है कि किस प्रकार अनुशासन ही उद्देश्य तथा उपलब्धि के बीच का सेतु होता है।

सामान्य जीवन में ऐसे लक्ष्यों अथवा कार्यों को प्राथमिकता देना जो आने वाले भविष्य पर प्रत्यक्ष रुप से प्रभाव डालते हैं उनका अनुसरण करना ही अनुशासन कहलाता है।

सच कहा जाए तो अनुशासन ही मानव सभ्यता के विकास का प्रथम चरण है। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में इसका होना अत्यंत आवश्यक है।

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन के प्रकार Types of Disciplines of Student life in Hindi

आमतौर पर जीवन के हर विषय में अनुशासन के विभिन्न प्रकार होते हैं। प्रत्येक कार्य को पूरा करने के लिए धैर्य  तथा अनुशासन की आवश्यकता होती है।

किंतु सामान्य रूप से देखा जाए तो अनुशासन के दो प्रकार होते हैं- बाहरी अनुशासन तथा आंतरिक अनुशासन।

बाहरी अनुशासन का तात्पर्य इस बात से है, यदि किसी व्यक्ति की इच्छा के बिना उस पर जबरजस्ती किसी नियम कानून को थौंपा जाए तो वह बाहरी अनुशासन कहलाता  है।

आज के समय में विद्यार्थियों को किसी भी शैक्षणिक स्थान में कड़ी नियम कानूनों द्वारा बांध दिया जाता है लेकिन उन्हें अनुशासन के वास्तविक महत्व के बारे में पूर्ण जानकारी नहीं दी जाती।

दूसरा अनुशासन वही होता है जो स्वयं अपनी इच्छा से किसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपने जीवन को पूरी तरह से अपने कार्य के प्रति समर्पित कर देना अथवा कड़े नियमों का पालन  करना ही आंतरिक अनुशासन कहलाता है।

विद्यार्थी और अनुशासन की भूमिका Role of Student and Discipline in Hindi

जीवन में ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जहां अनुशासन की आवश्यकता न होती हो। विद्यालयों में बच्चों के लिए कड़े नियम कानून बनाए जाते हैं, जिससे वे सही-गलत का फर्क कर सके और अच्छे अंक प्राप्त कर सके।

प्रत्येक मनुष्य अपने प्रारंभिक जीवन में एक विद्यार्थी होता है। विद्यार्थी जीवन इसीलिए इतना महत्वपूर्ण है। क्योंकि इस समय में  बच्चे जो कुछ भी सीख पाते हैं उसका प्रभाव उनके चरित्र  तथा भविष्य पर प्रत्यक्ष रूप से दिखता है।

विद्यार्थी जीवन में किसी भी प्रकार के कला को बहुत सरलता से सीखा जा सकता है। इसीलिए मानव जीवन के इस स्वर्णिम समय में अनुशासन का होना बहुत आवश्यक है।

अध्यापक अपने विद्यार्थियों को नियमित रूप से अनुशासन का पालन करना सिखाते हैं। शिक्षक बच्चों को अपने से बड़ों का आदर सम्मान करना, रोजाना समय पर कक्षा में हाजिर रहना अपने मित्रों के साथ झगड़ा ना करना और झूठ न बोलना आदि जैसे अच्छी बातें भी सिखाते हैं।

अनुशासन का पालन करने से विद्यार्थियों में संयम तथा सद्गुण जैसे कई गुण विकसित होते हैं। एक आदर्श विद्यार्थी अनुशासन का महत्व भली-भांति समझता है इसीलिए अपने से बड़ों की बात कभी भी नजरअंदाज नहीं करता।

एक अच्छा विद्यार्थी हमेशा अपने समय को नई चीजों को सीखने में लगाता है तथा निर्धारित समय पर अपना अभ्यास कार्य करता है। वहीं दूसरी ओर एक सामान्य विद्यार्थी पढ़ने के लिए हमेशा टालमटोल करता है तथा अनुशासन का कभी भी पालन नहीं करता।

इस बात से नकारा नहीं जा सकता कि कोई भी व्यक्ति अनुशासन के महत्व को समझे बगैर सफलता प्राप्त नहीं कर सकता। केवल कड़े अनुशासन का पालन करके ही बड़ी से बड़ी उपलब्धियां प्राप्त की जा सकतीं हैं।

विद्यार्थी और अनुशासन का महत्व Importance of Students and Discipline in Hindi

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व उतना ही आवश्यक है, जिस प्रकार जीवित रहने के लिए भोजन आवश्यक होता है।

भारत में प्राचीन काल में बाल्यावस्था से ही बच्चों को शिक्षा के लिए गुरुकुल भेज दिया जाता था जहां उन्हें कड़े  नियम कानून के अंतर्गत शिक्षा दिया जाता था। गुरुकुल में सभी विद्यार्थी पूरे अनुशासन के साथ अपनी शिक्षा  पूरी करते थे।

अपने जीवन में सफल होने का केवल एक ही रास्ता होता है वह अनुशासन के साथ अपने लक्ष्य के लिए निरंतर प्रयास करना है।

किसी भी राष्ट्र की वास्तविक संपदा वहां के विद्यार्थी होते हैं। यही बच्चे पढ़ लिख कर आगे चलकर बड़े-बड़े डॉक्टर, इंजीनियर, पॉलीटिशियंस, कलाकार, पायलट इत्यादि बनते हैं।

यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि एक अनुशासित विद्यार्थी ही अपने लक्ष्य को प्राप्त करके अपने देश  के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।

अनुशासन ही सफलता का मूल मंत्र होता है। इसीलिए इसके जरिए जीवन में कठिन से कठिन परिस्थितियों को पार कर सफल जीवन की कामना की जा सकती है। 

एक विद्यार्थी की उन्नति का मुख्य द्वार अनुशासन ही होता है तथा इसी से एक सभ्य समाज के साथ-साथ एक विकसित राष्ट्र का निर्माण भी होता है।

इसका प्रयोग करके विद्यार्थी न केवल परीक्षा में अच्छे अंक ही प्राप्त कर सकते हैं बल्कि आगे चलकर समाज में एक अच्छे नागरिक भी बनते हैं।

यही कारण है कि विद्यालयों में बच्चों की अनुशासनहीनता पर उन्हें अध्यापक द्वारा दंडित किया जाता है जिससे वे गलती को दोबारा नहीं दोहराते हैं। विद्यार्थी जीवन में धैर्य और समझदारी का निर्माण इसी के कारण होता है। 

विद्यार्थी और अनुशासन पर 10 लाइन Best 10 lines on Students and Discipline in Hindi

  • अनुशासन ही सफलता की वास्तविक कुंजी होती है।
  • आज तक जितने भी लोग महान तथा सफल हुए हैं वे लगातार संघर्ष और अनुशासन  के पालन से ही हुए हैं।
  • विद्यालय में विद्यार्थियों को अनुशासन के पालन करने पर मुख्य रुप से ध्यान दिया जाता है।
  • अनुशासन के अंतर्गत सभी मनुष्य को अपनी स्वतंत्र भावनाओं तथा शक्तियों को किसी निर्धारित नियम के द्वारा नियंत्रित करना होता है।
  • दुनिया में अधिकतर सफल लोग अपनी सफलता का कारण अनुशासन को ही ही बताते हैं।
  • अनुशासन के बिना एक सफल जीवन की कामना करना मूर्खता पूर्ण होता है।
  • वेदों में अनुशासन को इंसान के लिए सबसे जरुरी तपस्या बताया गया है।
  • महात्मा गांधी अपने आश्रम में अनुशासन को कड़ाई से पालन करवाते थे।
  • बाह्य अनुशासन के मुकाबले अंतः अनुशासन मुख्य होता है।
  • विद्यार्थी और अनुशासन ये दोनों एक दुसरे के पूरक होते हैं।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने विद्यार्थी और अनुशासन पर हिंदी में निबंध (Essay on Student and Discipline in Hindi) पढ़ा। आशा यह लेख आपको सरल तथा आकर्षक लगा हो। अगर यह निबंध आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरुर करें। 

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अनुशासन पर निबंध – Anushasan Essay in Hindi

Anushasan Essay in Hindi आज हम अनुशासन पर निबंध हिंदी में लिखने वाले हैं. Discipline पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए है. इस निबंध को हमने अलग-अलग शब्द सीमा में लिखा है जिससे अनुच्छेद और निबंध लिखने वाले विद्यार्थियों को कोई भी परेशानी नहीं हो और वह Essay on Discipline in hindi  के बारे में अपनी परीक्षा में लिख सकेंगे.

Anushasan Essay in Hindi 150 words

जीवन में अनुशासन का बहुत महत्व होता है इसके बिना सफल जीवन जीने की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. जो भी अपने जीवन में अनुशासन नहीं रखता है वह कभी भी सफल नहीं हो सकता चाहे वह मनुष्य हो या फिर कोई वन्य प्राणी.

अगर हमें जीवन में सफल होना है तो समय पर उठना होगा समय पर सोना होगा और बिना समय को खराब करें अनुशासन की पालना करनी होगी. Anushasan किसी के सिखाने से नहीं आता यह स्वंय को सीखना होता है.

Anushasan Essay in Hindi

जैसे गुरु आपको शिक्षा दे सकते हैं सही मार्ग पर चलना सिखा सकते है लेकिन उस शिक्षा का आप किस प्रकार अनुसरण करते है यह आप पर निर्भर करता है. अगर आप एक सफल व्यक्ति बनना चाहते है और अपने माता-पिता का नाम रोशन करना चाहते हैं तो अपने जीवन में अनुशासन की आज और अभी से पालना करनी शुरू कर दे और हमेशा अपने से बड़ों को सम्मान दें.

Anushasan Essay in Hindi 250 words

हमारे जीवन का हर एक क्षण मूल्यवान है अगर हम जीवन को बिना अनुशासन के जीते हैं तो हमेशा ही दुख और असफलता का मुंह देखना पड़ता है. Discipline का मतलब होता है कि अपने जीवन में कुछ नियम बनाकर चलें और साथ ही समय का सदुपयोग करते हुए अपना जीवन जिए.

अनुशासन की गई कारण आप सोचते हैं कि हम नियमों में अगर बंध जाएंगे तो अपना जीवन खुशहाली पूर्वक कैसे जी पाएंगे ?

अनुशासन का मतलब यह नहीं होता है कि आप अपनी इच्छा अनुसार अपना जीवन नहीं जी पाएंगे इसका मतलब यह होता है कि आपको हर कार्य समय पर और व्यवस्थित ढंग से करना होता है

जैसे सुबह उठने से लेकर स्कूल जाने तक, ऑफिस जाने तक, किसी जरूरी कार्य पर जाने तक अगर आप इन कार्यों को समय पर नहीं करते है तो आप जीवन में कभी भी सफल नहीं हो पाते है. और साथ ही कई लोग आपका साथ भी छोड़ देते है जिससे आप जीवन में अकेले पड़ जाते है.

अगर आप जीवन को अनुशासन से जिएंगे तो आप जीवन में सफल नहीं होंगे बल्कि लोग आपका आदर और सम्मान भी करेंगे. अनुशासन का मतलब यह भी होता है कि वह बड़े बुजुर्गों का सम्मान करें और सभी लोगों से आदर और प्रेम पूर्वक बात करें. कभी भी ऐसा काम ना करें जिससे किसी भी व्यक्ति को चोट या ठेस पहुंचे.

अपने जीवन में एक बात गांठ बांधकर चलें कि हमें हमेशा समय का सदुपयोग करना है और जीवन को Anushasan से जीना है तभी हमारे जीवन जीना सफल हो पाएगा.

Essay on Discipline in Hindi 350 Words

अनुशासन किसी व्यक्ति या संस्था के सफल भविष्य निर्माण कर सकता है अगर अनुशासन नहीं होगा तो भविष्य का निर्माण कभी भी नहीं हो सकता है. अनुशासन सफलता की कुंजी है जिससे कठिन से कठिन परीक्षा में भी सफल हो या जा सकता है.

Discipline हमें हमेशा अपनी सीमा में रहना सिखाता है लेकिन अनुशासन ही हमें सीमाओं को तोड़ना भी सिखाता है. जिस प्रकार जीवन जीने के लिए जल की जरूरत होती है उसी प्रकार जीवन में सफलता पाने के लिए अनुशासन का भी उतना ही महत्व होता है.

हम अपने आसपास के माहौल से बहुत सी चीजें सीखते है जिनमें कुछ चीजें अच्छी होती है तो कुछ बुरी भी होती हैं अनुशासन हमें सही और गलत में फर्क करना सिखाता है. अनुशासन हमें समय के साथ चलना और परिवर्तन करना भी भली-भांति सिखाता है.

हम अनुशासन की प्रेरणा प्रकृति से रह सकते है जैसे सूरज हर रोज सुबह अपने समय पर निकलता है और शाम को ढल जाता है उसी के साथ पृथ्वी की अपनी धुरी पर घूमती है और हमें दिन से रात और रात से दिन देखने को मिलता है.

यह भी पढ़ें –   विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध – Vidyarthi aur Anushasan Essay in Hindi

इस बात से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमेशा समय के साथ चलें और संसार में होने वाले परिवर्तनों को भी अपनाते रहे, तभी हम सफलता की सीढ़ी चढ़ सकेंगे. जीवन में प्रतिदिन समस्याएं आती रहेंगी लेकिन अगर हम अनुशासन में रहते है तो उनका हल हम निकाल ही लेते है.

अनुशासन में सिर्फ समय की पालना करना और समय के साथ चलना है ही नहीं आता है Discipline किसे कहते हैं जिसमें व्यक्ति सभी लोगों से प्रेम भाव से बात करता हो, अपने से बड़े लोगों को आदर और सम्मान देता हो, कभी किसी को नीचा दिखाने की कोशिश ना करता हो यह सब अनुशासन ही हमें सिखाता है.

कुछ अनुशासन का भाग हमें शिक्षको और अपने माता-पिता द्वारा सीखने को मिलता है. वे हमेशा हमें अच्छी बातें सीखने को कहते है और अगर हम कभी कुछ गलत करते हैं तो हमें हमारी गलती का भी एहसास कराते है वे हमें सही मायनों में अनुशासन में रहना सिखाते है.

इसलिए अगर आपको अपना जीवन खुशहाली और सफलता पूर्वक बिताना है तो हमेशा अनुशासन की पालना करें.

Anushasan Essay in Hindi 1000 words

अनुशासन शब्द से ही हमें सीखने को मिलता है कि अपने आप अपनी गलतियों का अनुसरण करना और सही मार्ग अपनाना ही अनुशासन कहलाता है. अनुशासन का एक और मतलब है कि आप अपने ऊपर स्वयं कंट्रोल रख सकें.

क्योंकि इस दुनिया में ज्यादातर लोग आपको गलत राह पर ले जाने की कोशिश करते है और अगर आपका अपने आप पर ही कंट्रोल नहीं होगा तो आप गलत राह पर जा सकते है इसलिए जीवन में अनुशासन का अहम स्थान है इसके बिना सफल जीवन की कामना करना वैसा ही है जैसे बिना बीज बोए फसल की कामना करना.

Anushasan हम में पहले से ही होता है लेकिन उस को अमल में लाने की जरूरत होती है जिसके लिए हमें बचपन से ही विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने के लिए भेजा जाता है जिससे वहां के शिक्षक हमें पढ़ाई के साथ-साथ अनुशासन भी सिखाते है.

जब हम छोटे बच्चे होते हैं तब हम एक खाली किताब की तरह होते है जिसमें उस समय जो भी लिख दिया जाता है वह जिंदगी भर हमारे साथ रहता है. इसलिए हमें बचपन से ही बड़ों का आदर करना और समय को बर्बाद नहीं करना सिखाया जाता है.

Discipline हम किसी को सिखा नहीं सकते हैं यह तो हम सिर्फ उनको बता सकते है लेकिन इस को अमल में लाना उन पर निर्भर करता है. हमारे माता पिता हमें सही और गलत में फर्क करना सिखा सकते हैं लेकिन अब यह हमारे ऊपर निर्भर करता है कि हम गलत का साथ देते हैं या फिर सही का यहां पर हमारा अनुशासन ही काम आता है जो कि हमें सही राह पर चलना सिखाता है.

अनुशासन सफलता की पहली सीढी है जिसके बिना सफलता की कामना नहीं की जा सकती है. अनुशासन सभी जगह पर काम आता है चाहे वह किसी कार्यालय में जाना हो या स्कूल में जाना हो खेलने जाना है पढ़ने जाना हो या फिर किसी से मिलने जाना हो.

अगर हम Anushasan में रहेंगे तो यह कार्य हम बहुत ही सरल ढंग से कर लेंगे लेकिन अगर हमारा जीवन में अनुशासन नहीं होगा तो हम कभी भी समय पर कार्यालय नहीं पहुंच सकते और समय पर किसी से मिलने नहीं जा सकते.

जिसके कारण लोग हम पर विश्वास करना कम कर देंगे और जीवन में अगर एक बार किसी से विश्वास उठ जाता है तो दोबारा विश्वास कायम करने में बहुत समय लग जाता है इसलिए हमेशा हमें अनुशासन में रहना चाहिए.

हमारे देश में बहुत से महापुरुष हुए हैं जो कि हमेशा अनुशासन का पालन करते थे जिसके कारण उन्हें महापुरुष का जाता है उनमें से एक हमारे पूज्य महात्मा गांधी जी है. जिनके अनुशासन के कारण आज हमारा देश आजाद हो पाए है.

वह जब देश को आजाद कराने चले थे तब अकेले ही चले थे लेकिन उनके अनुशासन के कारण लोगों का उन पर विश्वास बढ़ता गया और लोग उनके साथ जुड़ते गए और परिणाम स्वरुप हमारा देश आजाद हो गया. इस से आप समझ सकते हैं कि अनुशासन का जीवन में कितना बड़ा महत्व होता है.

अनुशासन में रहना हम एक छोटी सी चींटी से भी सीख सकते हैं अगर आपने कभी चीटियों को देखा होगा तो वह हमेशा एक कतार में चलती है और लगातार अपने कार्य में लगी रहती हैं हम अगर उनके रास्ते में कोई बाधा भी उत्पन्न करते हैं तब भी वह कोई ना कोई रास्ता निकाल कर अपनी मंजिल तक पहुंच ही जाती है.

और हम मनुष्य हैं कि जब भी हमें कतार में लगने को कहा जाए तो हमें ऐसा लगता है कि हमें नियमों में बांधा जा रहा है लेकिन हम यह नहीं समझते कि हमारे कतारबद्ध रहने से सभी का काम जल्दी होगा.

यह छोटी-छोटी अनुशासन में रहने की बातें हम हमारे पर्यावरण से सीख सकते हैं लेकिन हम हमेशा इन बातों को नजरअंदाज कर देते हैं जिसके कारण हमें जीवन में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.

हम अनुशासन में रहना एक बहती हुई नदी से सीख सकते हैं जो कि हमेशा अपने पथ पर बहती है और अगर उसके पथ के बीच में कोई चट्टान भी आ जाए तो वह उसे काट कर आगे चली जाती है. वह उस पहाड़ को इसलिए ही काट पाती है क्योंकि वह चट्टान को देखकर अपना रास्ता नहीं बदलती है.

अगर हम भी जीवन में Discipline में रहें और अपने लक्ष्य ऊपर ही ध्यान रखे तो जीवन में कितनी भी बड़ी कठिनाई क्यों ना आए हम उसे आसानी से पार कर सकते है. आपने देखा होगा कि अनुशासन के पालन करने से ही आज हमारे देश में कई सफल व्यक्ति है.

जैसे धीरूभाई अंबानी,रतन टाटा, अजीज प्रेम जी और हमारे देश के प्रधानमंत्री ऐसे कई सफल व्यक्ति हैं जिन्होंने अनुशासन की सहायता से अपने सफलता के झंडे गाड़ दिए हैं जिनके आज देश में ही नहीं विदेशों में भी उनकी सफलता के लिए जाना जाता है.

आप इन सभी व्यक्तियों को या तो देखा होगा तो यह सभी हमेशा अनुशासन का पालन करते हैं हमेशा अपना कार्य समय पर करते है इन सभी व्यक्तियों की निर्णय लेने की क्षमता अच्छी होती है इसका कारण यही होता है कि यह हमेशा अपने जीवन में अनुशासन बनाए रखते है.

अनुशासन हमारे जीवन का अनिवार्य और अभिन्न अंग है जिसके बिना सफलता प्राप्त नहीं की जा सकती है. अनुशासन की प्रेरणा हम किसान से ले सकते हैं क्योंकि किसान जब खेत में बीज बोता है तो उसे वो कर भूल नहीं जाता है वह प्रतिदिन उसे खाद और पानी देता है तभी जाकर फसल की पैदावार होती है.

किसान के लिए यही अनुशासन है अगर वह नियमित रूप से फसल को पानी और खाद नहीं देगा तो फसल की पैदावार नहीं होगी इसी प्रकार अगर हम नियमित रूप से सफलता के लिए मेहनत नहीं करेंगे तो हमारा असफल होना तय है.

Anushasan के मायने सभी व्यक्तियों के लिए अलग अलग हो सकते हैं जैसे कार्यालय में जाने वाले व्यक्ति हमेशा समय से कार्यालय पर पहुंचे और अपना कार्य सही ढंग से करें.

विद्यार्थियों के लिए अनुशासन का रूप है कि वह सदा अपने गुरुजनों का आदर करें और प्रतिदिन विद्यालय में जाए और एकाग्रता पूर्वक पढ़ाई करें.

खिलाड़ी के लिए आवश्यक है कि वह प्रतिदिन अपने खेल के प्रति समर्पित रहे उसको और अच्छा करने के लिए प्रतिदिन प्रयास करता रहे.

सेना में सैनिक के लिए अनुशासन का रूप है कि वह हमेशा देश की सेवा करता रहे और देश की सेवा में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं करें.

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विद्यार्थी का परिचय – Self Introduction in Hindi for Student

मेरा बचपन पर निबंध – Mera Bachpan Essay in Hindi

हम आशा करते है कि हमारे द्वारा Anushasan Essay in Hindi  पर लिखा गया निबंध आपको पसंद आया होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले। इसके बारे में अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

28 thoughts on “अनुशासन पर निबंध – Anushasan Essay in Hindi”

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Akshita ji apna sujhav dene ke liye Dhanyawad, hum jald hi bhumika wala nibandh bhi update kare ge.

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दा इंडियन वायर

अनुशासन का महत्व पर निबंध

essay on discipline in hindi for class 7

By विकास सिंह

importance of discipline essay in hindi

अनुशासन का मतलब समय की पाबंदी, नियमों का पालन करना और हमारे जीवन के हर पहलू में संगठित होना है। इससे हमारे विभिन्न कार्यों और गतिविधियों को कुशलतापूर्वक पूरा करना और आसानी से सफलता प्राप्त करना आसान हो जाता है।

विषय-सूचि

अनुशासन का महत्व पर निबंध, essay on importance of discipline in hindi (100 शब्द)

अनुशासन एक मूल्यवान गुण है। यदि आप अनुशासित हैं तो आप अपने स्कूल के असाइनमेंट को पूरा कर सकते हैं और उन्हें समय पर जमा कर सकते हैं। समय के प्रति सचेत रहने से आपको अपने लक्ष्यों को उत्कृष्टता के साथ हासिल करने में मदद मिलती है।

आप अपने लक्ष्य तक आसानी से पहुंच सकते हैं। यदि आप बेकार और अप्रासंगिक गतिविधियों पर अपना समय बर्बाद नहीं करते हैं, तो आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जो महत्वपूर्ण है उसे पूरा करने के लिए अपने समय का उपयोग कर सकते हैं।

समय की पाबंदी के अलावा, अपनी गतिविधियों और असाइनमेंट को व्यवस्थित रूप से करने से आपको अनुशासन के साथ काम करने में मदद मिलती है। बेतरतीब ढंग से काम करने से समय और ऊर्जा बर्बाद होती है। अनुशासन विकसित करने के लिए निम्नलिखित नियम भी आवश्यक हैं।

अनुशासन का महत्व पर निबंध, essay on importance of discipline in hindi (150 शब्द)

अनुशासन आपके काम को आसान और कुशलतापूर्वक पूरा करने में मदद करता है। अनुशासन के साथ काम करना आपको गतिविधि को घंटे के अनुकूल बनाता है। एक छात्र के रूप में आपको अध्ययन करने की आवश्यकता है। सुबह के शुरुआती घंटों में अध्ययन करना सबसे अच्छा है जब पूरी रात की नींद के बाद मन ताजा होता है।

यदि आप देर से उठते हैं तो आप दिन के सबसे अधिक उत्पादक समय को खो देते हैं। इसी तरह, यदि आप बेकार की गतिविधियों में लिप्त हैं, तो आप अपने इच्छित लक्ष्यों तक नहीं पहुँच पाते है। इसलिए, एक व्यावहारिक समय-सारणी तैयार करना और उसके अनुसार काम करना बेहतर है।

एक क्रमबद्ध तरीके से काम करने से अनुशासन विकसित करने में मदद मिलती है। यदि आप एक व्यवस्थित तरीके से काम करते हैं, तो आप अपने काम को अधिक आसानी से पूरा कर सकते हैं। आप तनावग्रस्त होने से भी बच सकते हैं। आपको नियमों का पालन करके अनुशासित किया जा सकता है। इससे आपका काम सरल हो जाएगा।

अनुशासन का महत्व पर लेख, article on importance of discipline in hindi (200 शब्द)

अनुशासन अच्छी तरह से व्यवहार में चीजों को करने का सही तरीका है। इसे मन और शरीर पर नियंत्रण की आवश्यकता है। किसी के पास आत्म-अनुशासन की प्राकृतिक संपत्ति है, लेकिन किसी को उनके अंदर इसे विकसित करना है। अनुशासन भावना को नियंत्रित करने और सही समय पर सही काम करने की क्षमता है और साथ ही कमजोरियों को दूर करता है।

अनुशासन के बिना जीवन अधूरा और असफल है। हमें अपने बुजुर्गों और वरिष्ठों का सम्मान करते हुए कुछ नियमों का पालन करना चाहिए। यह घर, कार्यालय, खेल के मैदान या अन्य जगह पर जीवन के हर क्षेत्र में हर किसी के लिए बहुत आवश्यक उपकरण है। यदि हम अनुशासन का पालन नहीं करेंगे तो हमारा दैनिक जीवन असंगठित हो जाएगा। इस दुनिया में हर चीज में अनुशासन होता है और अनुशासन से संगठित होता है।

हवा, पानी और जमीन हमें जीवन जीने का रास्ता देते हैं। पूरी दुनिया, देश, समाज, समुदाय, आदि अनुशासन के बिना अव्यवस्थित हो जाएंगे क्योंकि सब कुछ अनुशासन की आवश्यकता है। अनुशासन वह प्रकृति है जो प्रकृति द्वारा बनाई गई हर चीज में मौजूद है।

अनुशासन का महत्व पर अनुच्छेद: paragraph on importance of discipline in hindi (250 शब्द)

प्रस्तावना:.

अनुशासन का पालन किया जा रहा है और उचित अधिकार के आदेशों का पालन करने के लिए आत्म-नियंत्रित व्यवहार है। अनुशासन का पूरे जीवन में बहुत महत्व है और जीवन के हर क्षेत्र में इसकी आवश्यकता है। यह उन सभी के लिए आवश्यक है जिन्हें किसी भी कार्य को गंभीरता से करने की आवश्यकता है। यह हम वरिष्ठों के आदेशों का पालन और पालन नहीं करते हैं; निश्चित रूप से हम समस्याओं का सामना करेंगे या असफल हो सकते हैं।

दैनिक जीवन में अनुशासन:

हमें हमेशा अनुशासन में रहना चाहिए और अपने जीवन में सफल होने के लिए अपने माता-पिता और शिक्षकों के आदेश का पालन करना चाहिए। हमें सुबह-सुबह बिस्तर से उठना चाहिए और एक गिलास पानी पीना चाहिए और खुद को तरोताजा रखना चाहिए। हमारे दांतों को ब्रश करें, स्नान करें और फिर हमारा स्वस्थ नाश्ता करें। बिना भोजन ग्रहण किए हमें कभी स्कूल नहीं जाना चाहिए। हमें अपने होमवर्क को सही समय पर साफ और स्वच्छ तरीके से करना चाहिए।

हमें अपने माता-पिता को कभी भी अस्वीकार नहीं करना चाहिए, उनका अपमान करना चाहिए या उन्हें नाखुश करना चाहिए और हमेशा उनके आदेश का पालन करना चाहिए। हमें सही समय पर और उचित यूनिफॉर्म में स्कूल जाना चाहिए। कक्षा में, हमें स्कूल के मानदंडों के अनुसार प्रार्थना करनी चाहिए। हमें शिक्षक के आदेशों का पालन करना चाहिए, कक्षा में सभी के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए और सही तरीके से सब कुछ सीखना चाहिए।

निष्कर्ष:

हमें शिक्षकों, प्रिंसिपल, नौकरानी, ​​गेट कीपर्स या छात्रों के साथ दुर्व्यवहार नहीं करना चाहिए। हमें घर, स्कूल, कार्यालय या अन्य स्थानों पर सभी के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए। बिना अनुशासन के कोई भी अपने जीवन में कुछ भी बड़ा हासिल नहीं कर सकता है। इस प्रकार, हम सभी को अपने माता-पिता और शिक्षकों का पालन करना चाहिए और जीवन में एक सफल व्यक्ति बनना चाहिए।

अनुशासन का महत्व पर निबंध, importance of discipline essay in hindi (300 शब्द)

अनुशासन हमारे शरीर, मन और आत्मा को नियंत्रण में रखने और परिवार के माता-पिता, शिक्षकों और बड़ों के आदेशों का पालन करके सभी कार्यों को सही तरीके से करने का कार्य है। अनुशासन में रहने के लिए नियमों और विनियमों को स्वीकार करने के लिए हमारे दिमाग को प्रशिक्षित करने का कार्य है। हम अपने दैनिक जीवन में प्रकृति में अनुशासन के उदाहरण भी देख सकते हैं

प्रकृति में अनुशासन के उदाहरण:

सूर्य हर दिन सही समय पर उठता है और सही समय पर अस्त होता है, चाँद सही समय पर उठता है, सुबह और शाम बिना देर किए उठता है, नदी हमेशा बहती है, माता-पिता हमेशा प्यार करते हैं, शिक्षक हमेशा हमें सिखाते हैं और बहुत कुछ। तो क्यों हमें अपने जीवन में पीछे छोड़ दिया जाना चाहिए, हमें समस्याओं से पीड़ित हुए बिना आगे बढ़ने के लिए अपने जीवन में आवश्यक सभी अनुशासन का पालन करना चाहिए।

अनुशासन कैसे सीखें?

हमें माता-पिता, शिक्षकों और अपने बुजुर्गों का पालन करना चाहिए। हमें उनके अनुभवों के बारे में जानने और उनकी जीत और असफलताओं से सीखने के लिए उन्हें सुनना चाहिए। जब भी हम किसी चीज को गहराई से देखना शुरू करते हैं, तो यह हमें जीवन का एक महत्वपूर्ण सबक देती है।

मौसम सही पैटर्न में आते हैं और चलते हैं, बारिश होती है और जाती है और सब कुछ सही समय पर होता है ताकि हमारे जीवन को संतुलित बनाया जा सके। इसलिए, हमें भी इस धरती पर जीवन चक्र को बनाए रखने के लिए अनुशासन में रहने की आवश्यकता है।

हमारे जीवन, माता-पिता, शिक्षक, परिवार, पर्यावरण, वातावरण आदि के प्रति हमारी बहुत सारी जिम्मेदारियां हैं। एक इंसान के रूप में, हमारे पास सोचने, सही या गलत के बारे में निर्णय लेने और इसे कार्य में बदलने के लिए अपनी योजनाओं को लागू करने के लिए बहुत दिमाग है। इसलिए, हम अपने जीवन में इस अनुशासन की आवश्यकता और महत्व को जानने के लिए अत्यधिक जिम्मेदार हैं।

अनुशासनहीनता जीवन में बहुत भ्रम पैदा करती है और एक व्यक्ति को गैर जिम्मेदार और आलसी बनाती है। यह आत्मविश्वास के स्तर को कम करता है और मन को एक साधारण काम करने के बारे में अनिश्चित बनाता है। हालाँकि, अनुशासन में रहना हमें जीवन की उच्चतम सीढ़ी की ओर अग्रसर करता है और हमें सफलता पाने में मदद करता है।

अनुशासन का महत्व पर निबंध, essay on importance of discipline in hindi (350 शब्द)

अनुशासन हमें अपने कार्यों और गतिविधियों को एक कुशल तरीके से पूरा करने में मदद करता है। हमें अपने जीवन के हर चरण और गतिविधि में अनुशासित होना चाहिए। अनुशासित होने से सफलता मिलने में मदद मिलती है।

नियमों का पालन करने से हम अनुशासन विकसित करते हैं:

अनुशासन के लिए आवश्यक है कि हम उन नियमों का पालन करें जो हम कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, सड़क नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण है। अगर हमें एक सड़क पार करनी है तो हमें पैदल यात्री क्रॉसिंग पर ऐसा करने की आवश्यकता है। अगर हम नियम की अवज्ञा करते हैं, तो यह खतरनाक होगा।

इसी तरह, हमें उन नियमों का पालन करना चाहिए और उनका सम्मान करना चाहिए जिन्हें हम संगठन का हिस्सा मानते हैं। यदि हम किसी स्कूल या शिक्षण संस्थान में पढ़ते हैं, तो हमें उपस्थिति और अध्ययन के सभी नियमों का पालन करना चाहिए।

अगर हम छुट्टी लेते हैं तो हमें छुट्टी का आवेदन जमा करना होगा। इसी तरह, अगर हम स्कूल में प्रयोगशाला, कंप्यूटर कक्ष और खेल के मैदान जैसी सुविधाओं का उपयोग करना चाहते हैं, तो हमें उनके उपयोग के लिए निर्धारित नियमों का पालन करना होगा।

यदि हम किसी सामाजिक, व्यावसायिक, राजनीतिक, आध्यात्मिक या सांस्कृतिक संगठन का हिस्सा हैं, तो हमें इसके सुचारू और सामंजस्यपूर्ण कामकाज के नियमों का पालन करने की आवश्यकता है। हमें उस देश के नियमों और कानूनों का भी पालन करना होगा जो हम हैं। यदि किसी देश के सभी नागरिक गैर-कानूनी गतिविधियों में लिप्त हैं तो पूरे देश में अराजकता होगी।

नियमों का पालन करने से न केवल हम किसी सुविधा या सेवा से लाभ प्राप्त करते हैं बल्कि यह भी सुनिश्चित करते हैं कि इसका उपयोग करने वाले या अन्य लोगों को कोई गड़बड़ी या विनाश न हो। इसलिए, सभी के अनुशासित होने पर अधिक सामंजस्य और व्यवस्था होती है।

अनुशासन समय के विवेकपूर्ण उपयोग की अनुमति देता है:

सही समय पर सही गतिविधि करके हम अधिक अनुशासित भी हो सकते हैं। इस प्रकार हम अपने पास उपलब्ध समय का विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग करते हैं। अप्रासंगिक गतिविधियों में समय बर्बाद करने के बजाय, हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अपने प्रयासों और ऊर्जाओं को लागू करते हैं।

एक छात्र के रूप में हमें समय के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है ताकि हम समय पर स्कूल पहुँच सकें। हमें अपने कार्य और परियोजनाएँ समय पर पूरी करनी चाहिए। इसी तरह, अगर हमारी किसी विशेष समय पर नियुक्ति होती है, तो हमें समय पर पहुंचने के लिए समयनिष्ठ होना चाहिए। समय की पाबंदी में कमी अनुशासनहीनता को दर्शाता है।

अनुशासन का महत्व पर लेख: article on importance of discipline in hindi (400 शब्द)

अनुशासन एक ऐसी चीज है, जो सभी को अच्छे नियंत्रण में रखती है। यह व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है। हम में से हर एक ने अपनी आवश्यकता और जीवन के प्रति समझ के अनुसार विभिन्न रूपों में अनुशासन का अनुभव किया है। सभी के जीवन में इसकी उपलब्धता सही रास्ते पर जाने के लिए बहुत आवश्यक है।

अनुशासन: इसका महत्व और प्रकार (importance of discipline)

अनुशासन के बिना जीवन निष्क्रिय और बेकार हो जाता है क्योंकि योजना के अनुसार कुछ भी नहीं होता है। अगर हमें किसी भी कार्य को पूरा करने के बारे में सही तरीके से अपनी रणनीति को लागू करने की आवश्यकता है, तो हमें पहले अनुशासन में रहने की आवश्यकता है। अनुशासन चीजों को आसान बनाता है और हमारे जीवन में सफलता लाता है।

अनुशासन आम तौर पर दो प्रकार के होते हैं। एक प्रेरित अनुशासन है जिसमें हम दूसरों के द्वारा अनुशासन में रहना सीखते हैं और दूसरा एक आत्म-अनुशासन है जो अनुशासन में रहने के लिए हमारे स्वयं के मन से आता है। हालाँकि, हमें अपनी आत्म-अनुशासन की आदत को सुधारने के लिए कुछ प्रभावी व्यक्तित्व से प्रेरणा की आवश्यकता हो सकती है।

हमें अनुशासन की आवश्यकता क्यों है?

हमें अपने जीवन के कई चरणों में अनुशासन की आवश्यकता है, इसलिए बचपन से अनुशासन का अभ्यास करना अच्छा है। स्व-अनुशासन का अर्थ अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग होता है जैसे कि छात्रों के लिए, इसका मतलब है कि स्वयं को अध्ययन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करना और सही समय पर काम पूरा करना।

हालांकि, कामकाजी व्यक्ति के लिए, इसका मतलब है कि सुबह समय पर बिस्तर से उठना, व्यायाम करना, समय पर कार्यालय जाना और नौकरी के कार्यों को ठीक से करना।

जीवन में सेल्फ डिसिप्लिन

स्व-अनुशासन की सभी के लिए बहुत आवश्यकता होती है, क्योंकि आधुनिक समय में किसी के पास दूसरों को अनुशासन में रहने के लिए प्रेरित करने का समय नहीं है। अनुशासन के बिना कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में असफल हो सकता है और अपने कैरियर में शैक्षणिक या अन्य सफलता का आनंद नहीं ले सकता है।

हर क्षेत्र में आत्म-अनुशासन की आवश्यकता होती है, जैसे कि डाइटिंग में, किसी को वसायुक्त और जंक फूड पर नियंत्रण करने और नियमित व्यायाम आदि करने की आवश्यकता होती है। कोई भी भोजन पर नियंत्रण के बिना मोटापे जैसे स्वास्थ्य मुद्दों को विकसित कर सकता है, इसलिए इसे सख्त अनुशासन की आवश्यकता है।

माता-पिता को आत्म-अनुशासन की आदतों को विकसित करने की आवश्यकता होती है क्योंकि उन्हें अपने बच्चों को एक अच्छा अनुशासन सिखाने की आवश्यकता होती है। उन्हें हर समय अच्छा व्यवहार करने और सही समय पर सबकुछ करने के लिए प्रेरित करने की जरूरत है। कुछ शरारती बच्चे अपने माता-पिता की सलाह का पालन नहीं करते हैं, ऐसे में माता-पिता को उन्हें अनुशासन सिखाने के लिए धैर्य रखने की आवश्यकता होती है।

प्रकृति के अनुसार अनुशासन का अर्थ सीखने के लिए हर किसी के पास अलग-अलग समय और क्षमता है। इसलिए, कभी भी हार न मानें और हमेशा अनुशासन में रहने की कोशिश करें, क्योंकि आज उठाया गया एक छोटा कदम कल के लिए एक बड़ा बदलाव ला सकता है। अनुशासन हमेशा आपको एक बेहतर इंसान बनाएगा और आपको सफलता के करीब लाएगा।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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Discipline Essay in Hindi

अनुशासन पर निबंध – Discipline Essay in Hindi

अनुशासन पर छोटे तथा बड़े निबंध (essay on discipline in hindi), अनुशासन का महत्त्व – importance of discipline.

  • अनुशासन का तात्पर्य
  • अनुशासनहीनता
  • अनुशासन की शिक्षा
  • अनुशासन का महत्त्व
  • भारत और अनुशासन

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।

प्रस्तावना- स्वतंत्रता मानव के लिए वरदान है किन्तु स्वच्छन्दता नहीं। तंत्र के ऊपर स्व का बंधन ही स्वतंत्रता है। मनुष्य जो चाहे वह करने के लिए स्वतंत्र नहीं है, उसे देश तथा समाज के कुछ नियमों को मानना होता है, उनके नियंत्रण को स्वीकार करना होता है। नियमों को मानना तथा उनके अनुसार जीवन बिताना ही अनुशासन है।

अनुशासन का तात्पर्य शासन शब्द से पूर्व ‘अन’ उपसर्ग जोड़ने से अनुशासन बनता है। शासन अर्थात् नियंत्रण के पीछे चलना अर्थात् सामाजिक नियमों का पालन करते हुए जीवन बिताना ही अनुशासन है। अनुशासन दो प्रकार का होता है-एक, बाह्य तथा दूसरा, आन्तरिक। देश, जाति, धर्म, समाज, संस्था आदि के नियमों को मानना, उनका पालन करना बाह्य अनुशासन कहलाता है।

इन नियमों को भंग करने पर दण्ड की व्यवस्था होती है। बाह्य अनुशासन दण्ड के भय से मान्य होता है। आन्तरिक अनुशासन मन का अनुशासन होता है। मनुष्य स्वयं बिना किसी भय के अपना कर्त्तव्य समझते हुए जब नियमों का पालन करता है तो इसे आत्मानुशासन कहते हैं। आत्मानुशासन ही उत्तम प्रकार का अनुशासन होता है।

अनुशासनहीनता- अनुशासन, यदि मनुष्य को प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाता है तो अनुशासनहीनता उसको अवनति के गर्त में धकेल देती है। अनुशासन का पालन करने वाला उद्दण्ड नहीं होता। वह सौम्य स्वभाव का होता है, वह अपना काम समय पर पूरा करता है।

उग्र व्यवहार और कटु भाषण अनुशासनहीनता की पहचान हैं। प्रत्येक स्थान पर अपनी ही चलाना, अनुचित और असभ्य व्यवहार करना, विनम्रता का अभाव होना आदि अनुशासनहीनता के लक्षण हैं।

अनुशासन की शिक्षा- अनुशासन की शिक्षा का आरम्भ परिवार से होता है। बच्चा अपने बड़ों को यदि अनुशासित व्यवहार करते देखता है तो वह भी वैसा ही करता है। जिस परिवार में छोटे, बड़ों का सम्मान नहीं करते तथा बड़े, छोटों की भावनाओं का ध्यान नहीं रखते, वहाँ अनुशासन का अभाव होता है।

इससे पारिवारिक वातावरण गड़बड़ा जाता है। परिवार से निकलकर बच्चा स्कूल जाता है। स्कूल के नियम कठोर होते हैं, उनका उल्लंघन करने से शिक्षा-प्राप्ति में बाधा पड़ती है। अनुशासन न मानने वाले अशिक्षित बच्चे समाज के लिए समस्या बनते हैं।

अनुशासन का महत्त्व- जीवन में अनुशासन का महत्त्वपूर्ण स्थान है। प्रकृति अपने समस्त कार्य अनुशासित रहकर ही करती है। मनुष्य भी अनुशासन के अनुकूल चलकर ही अपने जीवन में आगे बढ़ सकता है। अनुशासनहीनता लक्ष्य को पाने में बाधक होती है।

अनुशासित मनुष्य संयमी, मृदु और मितभाषी होता है। उसका व्यवहार दूसरों के प्रति सम्वेदना और सहानुभूति से भरा होता है। इससे वह समाज में सभी का स्नेहपात्र बन जाता है, उसे सबका सहयोग मिलता है। इस प्रकार अनुशासन मनुष्य को जीवन में आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करता है।

भारत और अनशासन- आज भारतीय समाज के सामने अनुशासन का पालन करने की गम्भीर समस्या है। विद्यालयों तथा विश्वविद्यालयों में अनुशासनहीनता बढ़ी हुई है। राजनैतिक दल अपनी स्वार्थसिद्धि के लिए छात्रों में अनुशासनहीनता को बढ़ावा देते हैं। स्वार्थ और अर्थलाभ की प्रवृत्ति के बढ़ने के कारण देश और समाज में भयंकर अनुशासनहीनता व्याप्त है।

राजनैतिक दलों में भी आन्तरिक अनुशासन की कमी है। समाज का मार्गदर्शन राजनीतिज्ञों द्वारा होता है। अनुशासनहीन राजनेता भारतीय समाज में बढ़ती हुई अनुशासनहीनता के लिए जिम्मेदार हैं।

उपसंहार- हमारा भारत विकास के पथ पर चल रहा है इस पथ पर वह अनुशासन का पालन करके ही सफलता के लक्ष्य को पा सकता है। अनुशासन की कमी उसके कदमों को बढ़ने से निश्चित ही रोकेगी। अतः देश के हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह अनुशासित जीवन बिताए।

  • Study Material

essay on discipline in hindi for class 7

Essay on Discipline in Hindi – अनुशासन पर निबंध

Essay on Discipline in Hindi: दोस्तो आज हमने  अनुशासन पर निबंध  कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है।

500 Words Essay on Discipline in Hindi

अनुशासन पर निबंध – अनुशासन एक ऐसी चीज है जो प्रत्येक व्यक्ति को नियंत्रण में रखती है। यह एक व्यक्ति को जीवन में प्रगति करने और सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है । हर कोई अपने जीवन में एक अलग रूप में अनुशासन का पालन करता है। इसके अलावा, हर किसी के पास अनुशासन की अपनी संभावना है। कुछ लोग इसे अपने जीवन का हिस्सा मानते हैं और कुछ नहीं। यह वह मार्गदर्शिका है जो उपलब्धता किसी व्यक्ति को सही मार्ग पर ले जाती है।

Essay on Discipline

महत्व और अनुशासन के प्रकार

अनुशासन के बिना, एक व्यक्ति का जीवन सुस्त और निष्क्रिय हो जाएगा। साथ ही, एक अनुशासित व्यक्ति परिष्कृत जीवन जीने की स्थिति को उन लोगों की तुलना में नियंत्रित और संभाल सकता है जो नहीं करते हैं।

इसके अलावा, यदि आपके पास एक योजना है और आप इसे अपने जीवन में लागू करना चाहते हैं तो आपको अनुशासन की आवश्यकता है। यह आपके लिए चीजों को संभालना आसान बनाता है और अंततः आपके जीवन में सफलता लाता है।

अगर अनुशासन के प्रकारों के बारे में बात करें, तो वे आम तौर पर दो प्रकार के होते हैं। पहला एक प्रेरित अनुशासन है और दूसरा आत्म अनुशासन है।

प्रेरित अनुशासन वह चीज है जो दूसरों ने हमें सिखाई है या हम दूसरों को देखकर सीखते हैं। जबकि आत्म-अनुशासन भीतर से आता है और हम इसे स्वयं सीखते हैं। आत्म-अनुशासन के लिए दूसरों से बहुत अधिक प्रेरणा और समर्थन की आवश्यकता होती है।

इन सबसे ऊपर, बिना किसी गलती के अपने दैनिक कार्यक्रम का पालन करना भी अनुशासित होने का हिस्सा है।

अनुशासन की आवश्यकता

हमें जीवन में लगभग हर जगह अनुशासन की आवश्यकता है। इसलिए, हमारे जीवन के शुरुआती चरणों से अनुशासन का अभ्यास करना सबसे अच्छा है। आत्म-अनुशासन का मतलब अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग चीजों से है। छात्रों के लिए, इसका अर्थ एक कर्मचारी के लिए अलग है, इसका अर्थ अलग है, और बच्चों के लिए इसका अर्थ अलग है।

इसके अलावा, अनुशासन का अर्थ जीवन और प्राथमिकता के चरणों के साथ बदलता है। सभी को अनुशासित नहीं किया जा सकता क्योंकि इसके लिए बहुत मेहनत और समर्पण की आवश्यकता होती है। साथ ही, इसे एक सकारात्मक दिमाग और स्वस्थ शरीर की जरूरत है । एक को अनुशासन के लिए सख्त होना चाहिए ताकि वह सफलता की राह को सफलतापूर्वक पूरा कर सके।

अनुशासन के लाभ

शिष्य वह सीढ़ी है जिसके द्वारा व्यक्ति सफलता प्राप्त करता है। यह एक व्यक्ति को जीवन में उसके लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। इसके अलावा, यह उसे / उसके लक्ष्य से व्युत्पन्न नहीं होने देता है।

इसके अलावा, यह नियम और विनियमन का जवाब देने के लिए व्यक्ति के दिमाग और शरीर को प्रशिक्षित और शिक्षित करके एक व्यक्ति के जीवन में पूर्णता लाता है, जो उसे समाज का एक आदर्श नागरिक बनने में मदद करेगा।

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अगर हम पेशेवर जीवन के बारे में बात करते हैं, तो अनुशासित व्यक्ति को अनुशासनहीन व्यक्ति की तुलना में अधिक अवसर मिलते हैं। साथ ही, यह व्यक्ति के व्यक्तित्व में एक असाधारण आयाम जोड़ता है। इसके अलावा, व्यक्ति जहाँ भी जाता है, लोगों के दिमाग पर सकारात्मक प्रभाव छोड़ता है।

निष्कर्ष में, हम कह सकते हैं कि अनुशासन किसी के जीवन के प्रमुख तत्वों में से एक है। एक व्यक्ति केवल तभी सफल हो सकता है जब वह एक स्वस्थ और अनुशासित जीवन जीए। इसके अलावा, अनुशासन भी हमें कई तरह से मदद करता है और हमारे आसपास के व्यक्ति को अनुशासित होने के लिए प्रेरित करता है। इन सबसे ऊपर, अनुशासन व्यक्ति को उस सफलता को प्राप्त करने में मदद करता है जो वह जीवन में चाहता है।

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अनुशासन पर निबंध | Essay on Discipline in Hindi : व्यक्तिगत स्तर पर अनुशासन आत्म-नियंत्रण विकसित करने में बेहद मदद करता है, जिससे व्यक्ति वर्तमान संतुष्टि का विरोध कर सकता है और भविष्य में कुछ बेहतर हासिल कर सकता है। बड़े समाज में अच्छे व्यवहार को बनाए रखने और समुदायों को नियमों का पालन करने और सामान्य लक्ष्यों को प्राप्त करने की अनुमति देने के लिए सदस्यों के बीच अनुशासन महत्वपूर्ण है। अनुशासित रहने से हमें अधिक केंद्रित रहने और निर्दिष्ट समय सीमा और समय सीमा के भीतर अपने कार्यों को पूरा करने की क्षमता मिलती है। हम पहले सोचते हैं और फिर कोई काम करते हैं, न कि उसमें कूद पड़ते हैं। अनुशासित रहने से आपको दूसरों का सम्मान हासिल करने में भी मदद मिलती है। यदि आप एक छात्र हैं तो अपना होमवर्क समय पर जमा करना और अपनी परीक्षाओं के लिए अच्छी तैयारी करना आपको अपने शिक्षकों के सामने एक अनुशासित छात्र बना देगा। 

यदि आप एक कर्मचारी हैं, तो आप हमेशा अपने कार्यों को समय सीमा के भीतर पूरा करेंगे और समय पर अपने कार्यस्थल पर आएंगे। इससे आपके बॉस के साथ-साथ सहकर्मियों का भी सम्मान बढ़ेगा। हमारा यह लेख अनुशासन के विषय पर ही आधारित है जिसमें हम आपके लिए अनुशासन पर निबंध लेकर आएं है, जो आप स्कूल के किसी प्रोजेक्ट या फिर किसी निबंध प्रतियोगिता में उपयोग में ले सकते हैं। इस लेख में आपको अनुशासन पर निबंध 150 words,अनुशासन पर निबंध 100 words,अनुशासन पर निबंध पर निबंध 300 शब्द,अनुशासन पर निबंध पर निबंध 500 शब्द,अनुशासन पर निबंध पर निबंध 200 शब्द यह सभी मिल जाएगा जो आप कक्षा 1,2,3,4,5,6,7,8,910 से लेकर बड़ी निबंध प्रतियोगिता में यूज कर सकते हैं। इसके साथ ही आपको अनुशासन पर निबंध ( Essay on Discipline in Hindi ) class 7 और अनुशासन पर निबंध class 6 के लिए भी लेखन सामग्री इस लेख के जरिए मिल जाएगी।

अनुशासन पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Anushasan ka Mahatva Nibandh)

हम इस लेख के जरिए हम आपके लिए अनुशासन पर छोटे तथा बड़े निबंध लेकर आएं है। आप अपनी जरुरत के हिसाब से हमारे निचे दिए गए निबंध का उपयोग कर सकते हैं।जीवन में हर चीज़ के लिए अनुशासन की आवश्यकता होती है। यह नियमों का पालन करने और उचित, पूर्व-निर्धारित आचार संहिता का पालन करने का कार्य है। एक अनुशासित व्यक्ति वह है जिसका अपने कार्यों, मन, शरीर और आत्मा पर पूर्ण नियंत्रण होता है। यह एक आवश्यक आजीवन मूल्य है जिसे शुरुआत से ही अपने अंदर विकसित करना चाहिए। अनुशासन अक्सर भावी जीवन की सफलता में एक महत्वपूर्ण कारक साबित होता है। यह अक्सर किसी के जीवन का एक तरीका बन जाता है जहां समय की पाबंदी और व्यवस्थित दृष्टिकोण प्रमुख स्थान लेते हैं। अनुशासित होने का एक और फायदा यह है कि यह हमें स्वस्थ और सक्रिय रखने में मदद करता है। एक अनुशासित व्यक्ति हमेशा अपना दिन निर्धारित करता है और जानता है कि किस समय कौन सी गतिविधियाँ करनी हैं। उसके सोने, व्यायाम करने, नहाने और खाने के लिए एक निश्चित समय होगा। अनुशासित लोगों में आत्म-नियंत्रण भी अधिक होता है। वे अपनी जीभ पर नियंत्रण रख सकते हैं और कभी भी बिना सोचे-समझे नहीं बोलते। वे स्वस्थ और निरंतर संबंध बनाने में भी अच्छे होते हैं। वे जानते हैं कि उनके लिए क्या हानिकारक है और इसलिए वे खुद को इसमें शामिल होने से रोकते हैं, चाहे यह कितना भी आकर्षक क्यों न लगे।

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अनुशासन पर निबंध हिंदी में 300 शब्द | Jivan Mein Anushasan Ka Mahatva Nibandh

अनुशासन एक ऐसी चीज़ है जो प्रत्येक व्यक्ति को नियंत्रण में रखता है। यह व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है। हर कोई अलग-अलग रूप में अपने जीवन में अनुशासन का पालन करता है। इसके अलावा, हर किसी की अनुशासन की अपनी संभावना होती है। कुछ लोग इसे अपने जीवन का हिस्सा मानते हैं और कुछ नहीं। यह मार्गदर्शक है कि उपलब्धता व्यक्ति को सही रास्ते पर ले जाती है। अनुशासन के बिना व्यक्ति का जीवन नीरस और निष्क्रिय हो जाएगा। इसके अलावा, एक अनुशासित व्यक्ति उन लोगों की तुलना में परिष्कृत तरीके से जीवन की स्थिति को नियंत्रित और संभाल सकता है जो ऐसा नहीं करते हैं।

वहीं अगर आपके पास कोई ऐसी योजना है और आप आने वाले भविष्य में  उस योजना को अपने जीवन में लागू करना चाहते हैं तो आपका अनुशासित होना बहुत जरुरी हैं। अनुशासन से आप कई  चीजों को आसानी से संभाल सकते हैं और अंततः आपके जीवन में सफलता लाता है। यदि अनुशासन के प्रकारों की बात करें तो ये सामान्यतः दो प्रकार के होते हैं। पहला है प्रेरित अनुशासन और दूसरा है आत्म-अनुशासन।प्रेरित अनुशासन एक ऐसी चीज़ है जो दूसरों ने हमें सिखाया है या हम दूसरों को देखकर सीखते हैं। जबकि आत्म-अनुशासन भीतर से आता है और हम इसे स्वयं सीखते हैं। आत्म-अनुशासन के लिए दूसरों से बहुत अधिक प्रेरणा और समर्थन की आवश्यकता होती है।

सबसे बढ़कर, बिना किसी गलती के अपने दैनिक कार्यक्रम का पालन करना भी अनुशासित होने का हिस्सा है। हमें जीवन में लगभग हर जगह अनुशासन की आवश्यकता होती है। इसलिए, हमारे जीवन के शुरुआती चरणों से ही अनुशासन का अभ्यास करना सबसे अच्छा है। आत्म-अनुशासन का अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग मतलब होता है। छात्रों के लिए इसका अर्थ अलग है, कर्मचारी के लिए इसका अर्थ अलग है, और बच्चों के लिए इसका अर्थ अलग है। इसके अलावा, अनुशासन का अर्थ जीवन के चरणों और प्राथमिकता के साथ बदलता है। हर किसी को अनुशासित नहीं किया जा सकता क्योंकि इसके लिए बहुत अधिक मेहनत और समर्पण की आवश्यकता होती है। साथ ही, इसके लिए सकारात्मक दिमाग और स्वस्थ शरीर की भी आवश्यकता होती है। व्यक्ति को अनुशासन के प्रति सख्त होना होगा ताकि वह सफलता की राह को सफलतापूर्वक पूरा कर सके। शिष्य एक सीढ़ी है जिसके माध्यम से व्यक्ति सफलता प्राप्त करता है। यह व्यक्ति को जीवन में अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। साथ ही, यह उसे लक्ष्य से भटकने नहीं देता।

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Anushasan ka Mahatva Esaay in Hindi | अनुशासन का महत्त्व पर निबंध (600 शब्द)

अनुशासन का अर्थ है मन को प्रशिक्षित करना ताकि वह नियमों या आदेशों के नियंत्रण को स्वेच्छा से स्वीकार कर सके। संक्षेप में, यह श्रेष्ठ प्राधिकारी के प्रति सहज आज्ञाकारिता है, यह सीखने के लिए एक मूल्यवान सबक है। दुनिया के महान देशों ने खुद को सबसे कठोर अनुशासन के अधीन रखकर महानता हासिल की।प्राचीन हिंदुओं के साथ-साथ प्राचीन स्पार्टन्स ने संयम का जीवन जीने की आवश्यकता पर जोर दिया, यहां तक कि आत्म-त्याग का भी। वे जानते थे कि सख्त नियंत्रण के बिना, मनुष्य की ऊर्जा अक्सर बेकार प्रयासों में बर्बाद हो जाती है। किसी के नैतिक जीवन के लिए सबसे पहले अनुशासन आवश्यक है। आत्मभोग सभी मनुष्यों के लिए एक स्वाभाविक प्रलोभन है। हमारी इंद्रियाँ सहज संतुष्टि चाहती हैं। लेकिन अगर हम इस लालसा को रास्ता देते हैं, तो समय के साथ हम इसके अलावा कुछ नहीं सोचेंगे। यह आसान रास्ता है, गुलाबों की सेज की तरह सुखों का जीवन जीना; लेकिन अंततः यह दुख की ओर ले जाता है।

अनुशासन के प्रकार

अनुशासन मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं। पहला है प्रेरित अनुशासन और दूसरा है आत्म-अनुशासन। प्रेरित अनुशासन का सीधा-सा अर्थ है जब कोई अन्य व्यक्ति आपके जीवन और निर्णयों पर नियंत्रण कर लेता है। और आत्म-अनुशासन का अर्थ है जब कोई व्यक्ति स्वयं अपने जीवन पर नियंत्रण कर लेता है। आप क्या सोचते हैं? इनमें से कोनसा बेहतर है।आत्म-अनुशासन बेहतर है. जब कोई दूसरा आपको नियंत्रित करता है, तो यह चिड़चिड़ा हो जाता है और आप हमेशा इससे छुटकारा पाने की कोशिश करते हैं। लेकिन जब आप अपने जीवन को नियंत्रित करते हैं, तो आप शायद इसका आनंद लेते हैं। अपने जीवन को नियंत्रित करने का मतलब यह नहीं है कि आप जो करना चाहते हैं उस तक पहुंच हो, यह उन नियमों का पालन करने के बारे में है जो आपने अपने लिए बनाए हैं।

विद्यार्थी जीवन में इसका महत्व

अनुशासन के बिना व्यक्ति का जीवन उलझनों से भरा होता है। साथ ही, एक अनुशासित व्यक्ति उन लोगों की तुलना में जटिल समस्याओं को आसानी से नियंत्रित और संभाल सकता है जो अनुशासित नहीं हैं। नियोजन अनुशासन का एक भाग है। योजना के बिना, कोई वांछित परिणाम नहीं मिलता है और किसी भी चीज़ के लिए योजना बनाने से आपको समय की पाबंदी विकसित करने में मदद मिलती है जो किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात है।अनुशासन व्यक्ति को अधिक ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। इसके अलावा, अनुशासन का व्यक्ति अपने काम, कार्यों या लक्ष्यों पर बेहतर ध्यान केंद्रित कर पाता है। अनुशासन व्यक्ति को विभिन्न प्रकार की विकर्षणों से दूर रखता है। अनुशासन से ईमानदारी एवं गंभीरता की भावना बढ़ती है। नतीजतन, उच्च गुणवत्ता वाला फोकस अनुशासन का परिणाम है।

अनुशासन की आवश्यकता 

हमें जीवन के लगभग हर क्षेत्र में अनुशासन की आवश्यकता है। स्वस्थ शरीर पाने के लिए हमें अपने खान-पान में अनुशासित होने की आवश्यकता है। इससे इस बात का अवलोकन करने की भावना विकसित होगी कि क्या खाना अच्छा है और क्या नहीं। हमें अपने कार्यों और लक्ष्यों के प्रति समय का पाबंद और नियमित रहने की आवश्यकता है।अनुशासन समाज में हमारी स्पष्ट छवि स्थापित करता है क्योंकि एक अनुशासित व्यक्ति होना कोई बड़ी उपलब्धि नहीं है। इसके लिए दृढ़ समर्पण और कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है। साथ ही इसके लिए ठोस दिमाग और स्वस्थ शरीर की भी जरूरत होती है। किसी को सख्ती से अनुशासित होना होगा ताकि वह सफलता की राह को सफलतापूर्वक पूरा कर सके।

सफलता की कुंजी

अनुशासन एक सीढ़ी है जिस पर चढ़कर व्यक्ति सफलता प्राप्त करता है। यह व्यक्ति को अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। साथ ही यह उसे लक्ष्य से भटकने भी नहीं देता। इसके अतिरिक्त, यह व्यक्ति के मन और शरीर को नियमों और विनियमों का पालन करने के लिए शिक्षित और प्रशिक्षित करके उसके जीवन में पूर्णता का कारण बनता है जो उसे एक बेहतर नागरिक बनने में मदद करता है।

अगर हम पेशेवर जीवन की बात करें तो अनुशासित व्यक्ति को अनुशासित नहीं रहने वाले व्यक्ति की तुलना में अधिक अवसर मिलते हैं। साथ ही, यह व्यक्ति के व्यक्तित्व में एक असाधारण आयाम का मिश्रण करता है। इसके अलावा व्यक्ति जहां भी जाता है लोगों के मन पर सकारात्मक प्रभाव छोड़ता है।

अनुशासन गुलामी नहीं है. शुरुआत में यह गंभीर रूप से दर्दनाक लग सकता है लेकिन जल्द ही व्यक्ति को इसकी आदत पड़ जाएगी। लेकिन दुर्लभ अवसरों पर आज्ञाकारिता को तर्कसंगत बनाना पड़ सकता है और किसी के विवेक की अनदेखी करके ऐसा नहीं किया जाना चाहिए। यह देखने में एक उच्चतर वस्तु है। दास स्वामी की इच्छा के प्रति अंध समर्पण दर्शाता है। सच्चा अनुशासन किसी उच्च उद्देश्य की प्राप्ति के लिए स्वयं की जागरूक और सहज अधीनता में निहित है।इसलिए, अनुशासन यांत्रिक नहीं होना चाहिए; क्योंकि मनुष्य कोई मशीन नहीं है. इसका मतलब स्वतंत्र निर्णय को नकारना नहीं हो सकता। अनुशासन स्वीकार करना किसी भी तरह से बहुत सुखद नहीं है। इसका मतलब है उस व्यक्तित्व का समर्पण जो परेशान करने वाला है। यदि हम अपने सामने केवल स्वयं से बढ़कर कुछ रखते हैं, तो अनुशासन केवल स्वेच्छा से लेकिन प्रसन्नतापूर्वक स्वीकार किया जाएगा। इसका चरित्र पर उत्थानकारी प्रभाव पड़ता है।

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जीवन में अनुशासन का महत्व | Essay on Discipline in Hindi Download PDF

इस पॉइन्ट में हम आपको जीवन में अनुशासन का महत्व पर निबंध Download PDF उपलब्ध करा रहे है जो आप डाउनलोड कर सकते है और कभी भी खुद भी पढ़ सकते है और अपने बच्चों या परिजनों को पढ़ा सकते हैं।

अनुशासन पर भाषण 10 लाइन | Vidyarthi Jeevan Mein Anushasan Ka Mahatva Nibandh

Speech on Discipline in Hindi

  • व्यक्ति का जीवन अनुशासन पर आधारित होना चाहिए।
  • अनुशासन नियमों का पालन करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह लोगों को आत्म-नियंत्रण और आत्म-आश्वासन विकसित करने में मदद करता है।
  • अनुशासन हमें घर, स्कूल और रोजगार के स्थान पर सिखाया जाता है।
  • सब कुछ अनुशासन से संबंधित है, हम कैसे कपड़े पहनते हैं से लेकर हम खुद को कैसे व्यवस्थित करते हैं, समय की पाबंदी से लेकर नैतिक व्यवहार की भावना तक।
  • जब हम देर से पहुंचते हैं या उचित पोशाक नहीं पहनते हैं तो हमें स्कूल में सज़ा मिलती है क्योंकि ये व्यवहार स्थापित अनुशासनात्मक प्रक्रियाओं के विरुद्ध होते हैं।
  • हमें सुबह की असेंबली के लिए तैयार होने और समय सीमा से पहले अपना स्कूल का काम पूरा करने के लिए भी कहा जाता है।
  • स्कूल उचित शिक्षण और दंड के माध्यम से हममें अनुशासन पैदा करते हैं।
  • न केवल छात्रों को सख्त आचार संहिता का पालन करना पड़ता है, बल्कि पेशेवरों, सैनिकों, एथलीटों आदि को भी सख्त आचार संहिता का पालन करना पड़ता है।
  • यद्यपि कठिन है, किसी के जीवन में अनुशासन बनाए रखना महत्वपूर्ण है। इसी वजह से हमें छोटी उम्र से ही यह सिखाया जाता है।
  • अनुशासन की सहायता से हम शांत और व्यवस्थित जीवन जी सकते हैं

हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गए छोटे और बड़े निबंध आपको पसंद आएं होंगे। जैसे कि हमने आपको निबंध के शुरुआत में बताया था कि इस निबंध में आपको अनुशासन पर निबंध 150 words,अनुशासन पर निबंध 100 words,अनुशासन पर निबंध पर निबंध 300 शब्द,अनुशासन पर निबंध पर निबंध 500 शब्द,अनुशासन पर निबंध पर निबंध 200 शब्द,अनुशासन पर निबंध पर निबंध class 7,अनुशासन पर निबंध पर निबंध class 6 मिल जाएंगे। आगे भी हम ऐसे कई विषय पर आपके लिए निबंध लेकर आते रहेंगे।

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विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध | Essay On Discipline In Student Life In Hindi

प्रिय विद्यार्थियों आज हम विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध Essay On Discipline In Student Life In Hindi आपकों यहाँ बता रहे हैं.

इस छोटे बड़े निबंध की मदद से आप आसानी से स्टूडेंट्स लाइफ में अनुशासन के महत्व पर छोटा बड़ा निबंध लिख सकते हैं. तो चलिए आरम्भ करते हैं.

विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध Essay On Discipline In Student Life In Hindi

विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध | Essay On Discipline In Student Life In Hindi

Essay On Discipline In Student Life  In Hindi  अनुशासन शब्द अनु और शासन दो शब्दों से मिलकर बना हैं, जिसका अर्थ होता हैं नियमों रहना.

आज का यह हिंदी निबंध अनुशासन पर दिया गया हैं, जिन्हें कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के स्टूडेंट्स 100, 200, 250, 300, 400, 500, 1000 शब्दों में डिसिप्लिन एस्से यहाँ दिया गया हैं.

(300 शब्द) विद्यार्थी और अनुशासन निबंध- student and discipline essay in hindi

भूमिका – जिस जीवन में कोई नियम या व्यवस्था नहीं जिसकी कोई आस्था और आदर्श नहीं, वह मानव जीवन नहीं पशु जीवन ही हो सकता हैं. ऊपर से स्थापित नियंत्रण या शासन सभी को अखरता हैं.

इसीलिए अपने शासन में रहना सबसे सुखदायी होता हैं. बिना किसी भय या लोभ के नियमो का पालन करना ही अनुशासन हैं. विद्यालयों में तो अनुशासन में रहना और  आवश्यक हो जाता हैं.

विद्यार्थी जीवन और अनुशासन – वैसे तो जीवन के हर क्षेत्र में अनुशासन आवश्यक हैं, किन्तु जहाँ राष्ट्र की भावी पीढियां ढलती है उस विद्यार्थी में अनुशासन का होना अत्यंत महत्वपूर्ण हैं.

किन्तु आज के विद्यालयों में अनुशासन की स्थिति अत्यंत शोचनीय हैं. अनुशासन में रहना आज के विद्यार्थियों को शायद अपनी शान के खिलाफ लगता हैं. अध्य्यन के बजाय अन्य बातों में छात्रों की रूचि अधिक देखने में आती हैं.

अनुशासनहीनता के कारण – विद्यालयों मे बढ़ती अनुशासनहीनता के पीछे मात्र छात्रों की उद्दंडता ही कारण नहीं हैं. सामाजिक परिस्थतियाँ और बदलती जीवन शैली भी इसके जिम्मेदार हैं.

टीवी ने छात्र को समय से पहले ही युवा बनाना प्रारम्भ कर दिया हैं. उसे फैशन और आडम्बरों में उलझाकर उसका मानसिक और आर्थिक शोषण किया जा रहा हैं, बेरोजगारी उचित मार्गदर्शन न मिलना तथा अभिभावकों का जिम्मेदारी से आँख चुराना भी अनुशासनहीनता के कारण हैं.

दुष्परिणाम – छात्रों में बढ़ती अनुशासनहीनता न केवल इनके भविष्य को अन्धकारमय बना रही हैं बल्कि देश कि भावी तस्वीर को भी बिगाड़ रही हैं. आज चुनौती और प्रतियोगिता का जमाना हैं.

हर संस्था और कम्पनी श्रेष्ट युवकों की तलाश में हैं. इस स्थिति में नकल से उतीर्ण और अनुशासनहीन छात्र कहाँ ठहर पाएगे. आदमी की शान अनुशासन तोड़ने में नहीं उसका स्वाभिमान के साथ पालन करने में हैं. अनुशासनहीनता ही अपराधियों और गुंडों को जन्म दे रही हैं.

निवारण के उपाय – इस स्थिति से केवल अध्यापक या प्रधानाचार्य नहीं निपट सकते. इसकी जिम्मेदारी पूरे समाज को उठानी चाहिए. विद्यालयों में ऐसा वातावरण हो जिसमें शिक्षक एवं विद्यार्थी अनुशासित रहकर शिक्षा का आदान प्रदान कर सके. अनुशासनहीन राजनीतिज्ञों को भी अनुशासित होकर भावी पीढ़ी को प्रेरणा देनी होगी.

उपसंहार – आज का विद्यार्थी आँख बंद करके आदेशों का पालन करने वाला नहीं हैं. उसकी आँखे और कान दोनों खुले हैं. समाज में जो कुछ घटित होगा वह छात्र के जीवन में भी प्रतिबिम्बित होगा.

समाज अपने आपको सम्भाले तो छात्र स्वयं सम्भल जाएगा. अनुशासन की खुराक केवल छात्रों को ही नहीं बल्कि समाज के हर वर्ग को पिलानी होगी. जब देश में चारों ओर अनुशासनहीनता छायी हुई है तो विद्यालयों में इसकी आशा करना व्यर्थ हैं.

(400 शब्द) विद्यार्थी व अनुशासन Essay On Discipline In Student Life In Hindi

अनुशासन का जीवन में गहरा महत्व है| अनुशासन ही वह कुंजी है जिससे हम जीवन का विकास कर पाते है तथा सफलता के अनेक चरण छूते है| यदि हम देखे तो समूची प्रकृति भी एक अनुशासन में बंधी हुई है|

सूर्य का नित्यप्रति एक ही दिशा में उगना तथा उसी तरह अस्त होना अनुशासन के ही प्रमाण है| चन्द्रमा, तारे, बादल, बिजली, सबका अपना अनुशासन है|

इनमे भी जब किसी का अनुशासन भंग होता है तब कुछ अप्रतिक्षित तथा विध्वंसकारी घटनाए घटती होती है| एक क्रम से ही वस्तुओं का आना -जाना होता है| समुद्र में ज्वार -भाटा आने पर भी समुद्र मर्यादित रहता है|

एक निश्चित गति से पृथ्वी का सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाना या अनेक उपग्रहों का अपनी गति से गतिमान रहना उनके अनुशासन का ही परिचायक है| ठीक इसी प्रकार विद्यार्थी के जीवन में भी अनुशासन का अत्यधिक महत्व है|

कहा गया है कि -काक चेष्टा बको ध्यानम श्वान निद्रा तथैव च| अल्पाहारी ब्रर्हचारी विद्यार्थी पंच लक्षणम| विद्यार्थी के ये पाचों गुण उसके अनुशासन की ही विभिन्न सीढिया है| विद्यार्थी जीवन व्यक्ति के सघन साधना का काल है| जिसमे वह स्वयं का शारीरिक, मानसिक तथा रचनात्मक निर्माण करता है|

एक निश्चित गति से पृथ्वी का सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाना या अनेक उपग्रहों का अपनी गति से गतिमान रहना उनके अनुशासन का ही परिचायक है|

ठीक इसी प्रकार विद्यार्थी के जीवन में भी अनुशासन का अत्यधिक महत्व है| कहा गया है कि -काक चेष्टा बको ध्यानम श्वान निद्रा तथैव च| अल्पाहारी ब्रर्हचारी विघार्थी पंच लक्षणम|

विद्यार्थी के ये पाचों गुण उसके अनुशासन की ही विभिन्न सीढिया है| विद्यार्थी जीवन व्यक्ति के सघन साधना का काल है| जिसमे वह स्वयं का शारीरिक, मानसिक तथा रचनात्मक निर्माण करता है|

अत; आत्मानुशार की प्रेरणा विद्यार्थी के जीवन निर्माण की पहली सीढी है|’दूसरी ओर बार्हानुशार स्वयं के अलावा किसी दुसरे व्यक्ति के दबाव होने तथा उसके अधिकारों के कारण माना जाने वाला अनुशासन है|

अनुशासन का शाब्दिक अर्थ ही अनु +शासन है| अनु का अर्थ है अनुरूप या अनुसार तथा शासन का अर्थ है शासित होना या परिचालित होना| इसका आशय यह हुआ की विद्यार्थी बहुत से कार्यो में स्वयं के द्धारा परिचालित होता है तथा बहुत से दुसरे कार्यो में शिक्षक, माता -पिता अथवा विघालय द्धारा परिचालित होता है|

चुकि विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने की अवस्था में बालक का निर्माण सीखने की प्रिक्रिया में होता है| इसलिए इस अवस्था में जो वह सीखता है वे उसके जीवन के स्थाई मूल्य बन जाते है |संसार में अनेक महापुरुषों ने अनुशासित रहकर ही समूचे विश्व का मार्गदर्शन किया है |

(450 शब्द) विद्यार्थी जीवन में अनुशासन Discipline In School Student Life In Hindi

जिस जीवन में कोई नियम व्यवस्था नही है, जिसकी कोई आस्था आदर्श नही है, वह मानव नहीं पशु जीवन ही हो सकता है. ऊपर से स्थापित नियत्रण या शासन सभी को अखरता है.

इसलिए अपने शासन में रहना सबसे सुखदायी होता है. बिना किसी भय या लोभ के नियमों का पालन ही अनुशासन कहलाता है. विद्यालयों में तो अनुशासन में रहना और भी आवश्यक हो जाता है.

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन

वैसे तो जीवन के हर क्षेत्र में अनुशासन आवश्यक है, किन्तु जहाँ राष्ट्र की भावी पीढियां ढ़लती है उस विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का होना अत्यंत महत्वपूर्ण है.

किन्तु आज विद्यालयों में अनुशासन की स्थति अत्यंत शोचनीय है. अनुशासन में रहना आज के विद्यार्थियों को शायद अपनी शान के खिलाफ लगता है. अध्ययन की बजाय अन्य बातों में छात्रों की रूचि अधिक देखने को मिलती है.

अनुशासनहीनता के कारण

विद्यालयों में बढ़ती हुई अनुशासनहीनता के पीछे छात्रों की उद्दण्ता ही कारण नही है. सामाजिक परिस्थतियाँ और बदलती हुई जीवन शैली भी इसके लिए जिम्मेदार है. टीवी ने छात्र को समय से पूर्व ही युवा बनाना प्रारम्भ कर दिया है.

उसे फैशन और आडम्बरों में उलझाकर उसका मानसिक और आर्थिक शोषण किया जा रहा है. बेरोजगारी, उचित मार्गदर्शन न मिलना और अभिभावकों की जिम्मेदारी से आँख चुराना भी अनुशासनहीनता के ही कारण है.

छात्रों में बढ़ती अनुशासनहीनता न केवल इनके भविष्य को अंधकारमय बना रही है बल्कि देश की भावी तस्वीर को भी बिगाड़ रहा है. आज चुनौती और प्रतियोगिता का जमाना है. हर संस्था और कंपनी श्रेष्ट युवकों की तलाश में है.

इस स्थति में नकल से उतीर्ण और अनुशासनहीनता छात्र कहाँ ठहर पाएगे? आदमी की शान अनुशासन तोड़ने में नही उसका स्वाभिमान के साथ पालन करने में है. अनुशासनहीनता ही अपराधियों और गुंडों को जन्म दे रही है.

निवारण के उपाय

इस स्थति से केवल अध्यापक या प्रधानाचार्य नही निपट सकते है. इसकी जिम्मेदारी पुरे समाज को उठानी चाहिए, विद्यालयों में ऐसा वातावरण हो जिसमे शिक्षक एवं विद्यार्थी अनुशासित रहकर शिक्षा का आदान प्रदान कर सके.

अनुशासनहीनता राजनीतिज्ञों को भी अनुशासित होकर भावी पीढ़ी को प्रेरणा देनी होगी.

आज का विद्यार्थी आँख बंद करके आदेशों का पालन करने वाला नही है. उसकी आँखे और कान दोनों खुले है. समाज में जो कुछ घटित होगा, वह छात्र के जीवन में भी प्रतिबिम्बित होगा. समाज अपने आप को संभाले तो छात्र स्वयं संभल जाएगा.

अनुशासन की खुराक केवल छात्रों को ही नही बल्कि समाज के हर वर्ग को पिलानी चाहिए. जब देश में चारो ओर अनुशासन हीनता छाई हुई है, तो विद्यालयों में इसकी आशा करना व्यर्थ है.

(500 शब्द) छात्र जीवन में अनुशासन Essay On Discipline In Student Life In Hindi

प्रस्तावना- जिस जीवन में कोई नियम या व्यवस्था नही, वह मानव जीवन नही, वह पशु जीवन ही हो सकता हैं. बिना किसी भय या लोभ के नियमों का पालन करना ही अनुशासन हैं.

अनुशासन का महत्व – चाहे कोई संस्था हो या व्यवसायिक प्रतिष्ठान, चाहे परिवार हो या प्रशासन, अनुशासन के बिना किसी का भी कार्य नही चल सकता. सेना और पुलिस विभाग में तो अनुशासन सर्वोपरि माना जाता हैं. विद्यालय देश की भावी पीढ़ी को तैयार करते हैं, विद्यालय जीवन ही व्यक्ति की भावी तस्वीर प्रस्तुत करता हैं. आज हर क्षेत्र में देश को अनुशासित युवकों की आवश्यकता हैं.

विद्यालय जीवन और अनुशासन – वैसे तो जीवन के हर क्षेत्र में अनुशासन आवश्यक हैं. किन्तु जीवन का जो भाग सारे जीवन का आधार हैं उस विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का होना अत्यंत महत्वपूर्ण हैं. किन्तु वर्तमान समय में विद्यार्थी अनुशासनहीन होते जा रहे हैं.

अनुशासनहीनता के कारण – विद्यालयों में बढ़ती अनुशासनहीनता के पीछे मात्र छात्रों की उद्दंडता ही कारण नही हैं, सामाजिक परिस्थतियाँ और बदलती जीवन शैली भी इसके लिए कम जिम्मेदार नही हैं.

दूरदर्शनी संस्कृति ने छात्रों को समय से पूर्व ही युवा बनाना प्रारम्भ कर दिया हैं. भविष्य के लिए उपयोगी ज्ञान वर्तमान में ही परोसना शुरू कर दिया हैं. सारी सांस्कृतिक शालीनता उनसे छिनी जा रही हैं.

आरक्षण ने भी छात्रों को निराश और लक्ष्यविहीन बना डाला हैं. अभिभावकों की उदासीनता ने भी इस विष बेल को बढ़ावा दिया हैं. अधिकांश अभिभावक विद्यालयों में बच्चों के प्रवेश के बाद उनकी सुध नही लेते.

निवारण के उपाय- इस स्थिति से केवल अध्यापकों या प्रधानाचार्य नही निपट सकते. शिक्षा एक सामूहिक दायित्व हैं जिसकी जिम्मेदारी पूरे समाज को उठानी चाहिए.

यह भी सच है कि अनुशासन किसी पर बलपूर्वक थोपा नही जा सकता, इसलिए दूसरों को अनुशासित रखने के लिए स्वयं भी अनुशासित रहकर आदर्श प्रस्तुत करना होगा.

उपसंहार- अनुशासन का दैनिक जीवन में बहुत महत्व हैं. अनुशासन का क्षेत्र भी अत्यंत व्यापक हैं. अनुशासन के बिना मनुष्य जीवन में सफलता नही प्राप्त कर सकता. अनुशासन के अभाव में शिक्षा का कोई महत्व नही हैं.

(550 शब्द) अनुशासन निबंध Essay On Discipline In Hindi

अनुशासन का अर्थ और महत्व- जिस जीवन में कोई नियम या व्यवस्था नहीं, जिसकी कोई आस्था और आदर्श नहीं, वह मानव जीवन नहीं पशु जीवन ही हो सकता हैं.

ऊपर से स्थापित नियंत्रण या शासन सभी को अखरता हैं. इसलिए अपने शासन में रहना सबसे सुखदायी होता हैं. बिना किसी भय या लोभ के नियमों का पालन करना ही अनुशासन हैं. विद्यालयों में तो अनुशासन में रहना और भी आवश्यक हो जाता हैं.

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन की आवश्यकता- वैसे तो जीवन के हर क्षेत्र में अनुशासन आवश्यक हैं. किन्तु जहाँ राष्ट्र की भावी पीढ़ी ढलती हैं. उस विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का होना अत्यंत आवश्यक हैं.

किन्तु आज विद्यालयों में अनुशासन की स्थिति अत्यंत शोचनीय हैं. अनुशासन में रहना आज के विद्यार्थियों को शायद अपनी शान के खिलाफ लगता हैं. अध्ययन के बजाय अन्य बातों में छात्रों की रूचि अधिक देखने को मिलती हैं.

विद्यालयों में अनुशासन की स्थिति- विद्यालयों में बढ़ती अनुशासनहीनता के पीछे मात्र छात्रों की उद्दंडता ही कारण नहीं हैं. सामाजिक परिस्थतियाँ और बदलती जीवन शैली भी इसके लिए जिम्मेदार हैं.

टीवी ने छात्रों को समय समय से पूर्व ही युवा बनाना आरम्भ कर दिया हैं. उसे फैशन या आडम्बरों में उलझाकर उसका मानसिक और आर्थिक शोषण किया जा रहा हैं. बेरोजगारी उचित मार्गदर्शन न मिलना तथा अभिभावकों का जिम्मेदारी से आँख चुराना भी अनुशासनहीनता के कारण हैं.

विद्यार्थियों के जीवन निर्माण में अनुशासन का प्रभाव- छात्रों में बढ़ती अनुशासनहीनता न केवल इनके भविष्य को अंधकारमय बना रही हैं. बल्कि देश की भावी तस्वीर को भी बिगाड़ रही हैं. आज चुनौती और प्रतियोगिता का जमाना हैं.

हर संस्था और कम्पनी श्रेष्ट युवकों की तलाश में हैं. इस स्थिति में नकल से उतीर्ण और अनुशासनहीन छात्र कहाँ ठहर पाएगे. आदमी की शान अनुशासन तोड़ने में नहीं उसका स्वाभिमान के साथ पालन करने में हैं.

विद्यार्थियों के जीवन निर्माण में अनुशासन का प्रभाव स्पष्ट हैं. अनुशासित विद्यार्थी ही भविष्य में उत्तम नागरिक बन सकता हैं.

उपसंहार- आज का विद्यार्थी आँख बंद करके आदेशों का पालन करने वाला नहीं हैं. उनकी आँखे और कान, दोनों खुले हैं. समाज में जो कुछ घटित होगा. वह छात्र के जीवन में प्रतिबिम्बित होगा.

यदि समाज अपने आपकों सम्भाले तो छात्र स्वयं सभल जाएगा. समाज के हर वर्ग को अनुशासन का पालन करना होगा तभी छात्रों से अनुशासित होने की अपेक्षा की जा सकती हैं.

(600 शब्द) डिसिप्लिन निबंध discipline in student essay in hindi

अनुशासन का अर्थ व महत्व – वर्तमान काल की निरुद्देश्य शिक्षा प्रणाली व गिरते हुए परीक्षा परिणामों का जब हम चिन्तन करते हैं तो हमारे मस्तिष्क में एक शब्द कुलबुलाता है अनुशासन.

और स्वचालित मशीन की भांति हमारा मस्तिष्क इन पांच अक्षरों के समूह के इर्द गिर्द चक्कर लगाता हैं. वस्तुतः विद्यार्थियों का अनुशासनहीन होना उनके अध्ययन व उनकी उन्नति में तथा उनके चारित्रिक विकास में बाधक हैं. अतः विद्यार्थी समुदाय को अनुशासन का महत्व समझ लेना चाहिए.

अनुशासन को हम दूसरे शब्दों में संयम की संज्ञा दे सकते हैं. अनुशासन शब्द अनु व शासन इन दोनों शब्दों के मेल से बना हैं. अनु का अर्थ पीछे या अनुकरण तथा शासन का अर्थ है व्यवस्था, नियंत्रण अथवा संयम. इस प्रकार अनुशासन का शाब्दिक अर्थ हुआ नियंत्रण या संयमपूर्वक रहना.

जीवन में अनुशासन – केवल विद्यार्थियों के लिए ही नहीं अपितु सारे सामाजिक एवं राष्ट्रीय जीवन के लिए अनुशासन का विशेष महत्व हैं. जिस राष्ट्र के नागरिक जीवन में अनुशासन अपनाते है और समय का सदुपयोग करने में सतर्क रहते हैं.

वह राष्ट्र प्रगति के उच्च शिखर पर आरूढ़ हो जाता हैं. परन्तु अनुशासनहीन समाज अपनी अवनति का कारण स्वयं बनाता हैं. हमारे देशवासी वर्तमान में अनुशासनहीनता से ग्रस्त हैं. यही कारण है कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत की जो प्रगति होनी चाहिए, वह नहीं हो पाई हैं.

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व -चूँकि विद्यार्थी जीवन, जीवन की वह अवधि है जिनमें नयें संस्कार और आचरण एक नींव की भांति विद्यार्थी के मन को प्रभावित करते हैं. इस अवस्था में विद्यार्थी जिस प्रकार का आचरण एवं व्यवहार सीख लेता हैं.

वही आचरण व व्यवहार उसके भावी जीवन का अंग बन जाता हैं. विद्यार्थी के सुकोमल मस्तिष्क पर अनुशासनहीनता या अनुशासनप्रियता का अधिक प्रभाव पड़ता हैं. इसलिए अनुशासन विद्यार्थी जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग हैं. विद्यार्थी के चरित्र निर्माण तथा शारीरिक एवं बौद्धिक विकास के लिए अनुशासन का होना एक अनिवार्य शर्त हैं.

अनुशासनहीनता के दुष्परिणाम – वर्तमान में हमारे देश में अनुशासनहीनता के दुष्परिणाम स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं. विद्यार्थी ज्ञान प्राप्त के प्रति उदासीन हो रहे हैं. वे गुरुजनों का आदर नहीं करते हैं. तथा तोड़ फोड़ आंदोलन आदि का सहारा लेकर शिक्षा जगत को दूषित कर रहे हैं.

राजनीतिक दलों के सदस्य भी स्वयं अनुशासित नहीं रहते हैं. और वे विद्यार्थियों को गलत रास्ते पर भटकाने का कार्य करते हैं. सरकारी कर्मचारी भी अनुशासनहीन हो रहे हैं.

इस तरह आज हमारा समाज, विशेषकर विद्यार्थी वर्ग अपने दायित्वों को नहीं समझ रहा हैं. इससे अनेक दुष्परिणाम समस्या रूप में उभर रहे हैं.

अनुशासनप्रियता के सुपरिणाम – जीवन में सफलता का रहस्य अनुशासन की भावना रखना हैं. जिस राष्ट्र के लोगों को अनुशासन का महत्व स्वीकार्य है, जो उत्तरदायित्व को समझते है, वे अपना तथा अपने राष्ट्र का गौरव बढाते हैं.

विद्यार्थी जीवन में तो अनुशासन का विशेष महत्व हैं. क्योंकि आज का विद्यार्थी राष्ट्र का भावी सुनागरिक हैं. अनुशासनप्रिय छात्र ही परिश्रमी, कर्तव्यपरायण और विनयशील हो सकता हैं और जीवन में प्रगति पथ पर स्वतः अग्रसर हो सकता हैं.

उपसंहार – अनुशासन एक ऐसी प्रवृत्ति या संस्कार है, जिसे अपनाकर प्रत्येक व्यक्ति अपना जीवन सफल बना सकता है. इससे अनेक श्रेष्ठ गुणों का विकास होता हैं.

अनुशासित रहकर छात्र अपनी और राष्ट्र की प्रगति कर सकता है व मानव जीवन धारण करने का सुफल पा सकता हैं. अतः अनुशासनपूर्ण जीवन ही वास्तविक जीवन हैं.

(650 शब्द) निबंध विद्यार्थी जीवन में अनुशासन Importance Of Discipline In Student Life In Hindi

वर्तमानकाल की निरुद्देश्य शिक्षा प्रणाली व गिरते हुए परीक्षा परिणाम का जब हम चिन्तन करते है. तो हमारे मस्तिष्क में एक ही शब्द कुलबुलाता है, अनुशासन.

और स्वचालित मशीन की भाति हमारा मस्तिष्क इन पांच शब्दों के इर्द गिर्द चक्कर लगाता है. वस्तुतः विद्यार्थियों का अनुशासनहीन होना उनके अध्ययन व उनकी उन्नति तथा उनके शारीरिक विकास में बाधक है.

“विद्यार्थी जीवन में अनुशासन”  अतः विद्यार्थी समुदाय को अनुशासन का महत्व समझ लेना चाहिए.

अनुशासन को हम दूसरें शब्दों में संयम की संज्ञा दी जा सकती है. अनुशासन शब्द अनु तथा शासन इन दो शब्दों के मेल से बना है. अनु का अर्थ है पीछे या अनुकरण.

शासन का अर्थ है व्यवस्था, नियन्त्रण या संयम. इस प्रकार अनुशासन का शाब्दिक अर्थ हुआ नियन्त्रणपूर्वक या संयमपूर्वक रहना.

केवल विद्यार्थियों के लिए ही नही अपितु सामाजिक और राष्ट्रिय जीवन के लिए अनुशासन का विशेष महत्व है. जिस देश के नागरिक जीवन में अनुशासन अपनाते है.

और समय का उपयोग करने में सतर्क रहते है. वह राष्ट्र प्रगति के उच्च शिखर पर आरूढ़ हो जाता है. परन्तु अनुशासनहीन समाज अपनी अवनति का गर्त स्वयं बनाता है.

हमारे देशवासी वर्तमान में अनुशासनहीनता से ग्रस्त है. यही कारण है कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत की जो प्रगति होनी चाहिए, वह नही हो पाई है. इस तथ्य से जीवन में अनुशासन का महत्व सिद्ध हो जाता है.

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व (student and discipline in hindi)

चूँकि विद्यार्थी जीवन, जीवन की वह अवधि है जिसमे नए संस्कार और आचरण एक नीव की भांति विद्यार्थी के मन को प्रभावित करते है. इस अवस्था में विद्यार्थी जिस प्रकार का आचरण और व्यवहार सीख लेता है.

वही व्यवहार और आचरण उनके भावी जीवन का अंग बन जाता है. विद्यार्थी का मस्तिष्क चूँकि पूर्ण परिपक्व नही नही होता है, यही कारण है कि उसके सुकोमल मस्तिष्क पर अनुशासनहीनता और अनुशासनप्रियता का अधिक प्रभाव पड़ता है.

इसलिए अनुशासन विद्यार्थी जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग होता है. विद्यार्थी के जीवन निर्माण तथा शारीरिक तथा बौद्धिक विकास के लिए अनुशासन का होना एक अनिवार्य शर्त है.

विद्यार्थी और अनुशासन हीनता (importance of discipline in school)

वर्तमान में हमारे देश में अनुशासनहीनता के दुष्परिणाम स्पष्ट दिखाई दे रहे है. विद्यार्थी ज्ञान प्राप्ति के प्रति उदासीन हो रहे है. वे गुरुजनों का आदर नही करते है. तथा तोड़ फोड़ आंदोलन आदि का सहारा लेकर शिक्षा जगत को दूषित कर रहे है. राजनितिक दलों के सदस्य भी स्वयं अनुशासित नही रहते है.

और वे विद्यार्थियों लप गलत रास्ते पर भटकाने का कार्य करते है. सरकारी कर्मचारी भी अनुशासनहीन हो रहे है. इन सब बातों से स्पष्ट हो जाता है कि आज हमारा समाज विशेष कर विद्यार्थी वर्ग अपने दायित्वों को नही समझ पा रहा है. इससे अनेक दुष्परिणाम समस्या के रूप में उभर रहे है.

अनुशासन के लाभ (benefits of discipline in hindi)

जीवन में सफलता का रहस्य अनुशासन की भावना रखना है. जिस राष्ट्र के लोगों को अनुशासन का महत्व स्वीकार्य है. जो अपने उतरदायित्व को समझते है.

वे अपना तथा अपने राष्ट्र का गौरव बढ़ाते है. विद्यार्थी जीवन में तो अनुशासन का विशेष महत्व है. क्युकि आज का विद्यार्थी राष्ट्र का भावी सुनागरिक है.

अनुशासनप्रिय छात्र ही परिश्रमी, कर्तव्यपरायण और विनयशील हो सकता है और जीवन में प्रगति पथ पर स्वयं अग्रसर हो सकता है. अनुशासन एक ऐसी प्रवृति और संस्कार है. जिसे अपनाकर प्रत्येक व्यक्ति अपना जीवन सफल बना सकता है, इससे अनेक श्रेष्ट गुणों का विकास होता है.

अनुशासित रहकर विद्यार्थी अपनी और अपने राष्ट्र की प्रगति कर सकता है तथा मानव जीवन धारण करने का सुफल प्राप्त कर सकता है. अतः अनुशासनपूर्ण जीवन ही वास्तविक जीवन है.

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Thanks! Well detailed paragraphs…….

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10 Lines Discipline in Hindi | अनुशासन पर 10 लाइन निबंध

In this article, we are providing 10 Lines on Discipline in Hindi for students and kids for classes 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12. अनुशासन पर 10 वाक्य | पंक्तियाँ, Short Essay on Discipline in Hindi 10 lines.

10 Lines Discipline in Hindi | अनुशासन पर 10 लाइन निबंध

( Set- 1 ) 10 Lines Discipline in Hindi for kids

1. हमारे जीवन मे अनुशाशन का बहुत महत्व है |

2. अनुशाशन हमे नियमो का महतव बताता है |

3. इसके किसी किसी भी कार्य को आसानी से नहीं किया जा सकता है |

4. अनुशासन हीन व्यक्ति कभी भी सफलता नहीं पा सकता है |

5. अनुशाशन ही सफलता की पहली सीढ़ी है |

6. यह हमे सही रास्ते पर ले जाता है |

7. इसकी सहायता से मुश्किल कार्य को आसानी से पूरा किया जा सकता है |

8. अनुशाशन हमरे अच्छे चरित्र का निर्माण करता है|

9. विद्यार्थी जीवन मे अनुशाशन का बहुत महत्व है |

10. इसलिए सदैव अनुशाशन के नियमो का पालन करना चाहिए |

जरूर पढ़े-

Adarsh Vidyarthi Par Nibandh

( Set- 2 ) 10 Lines Discipline in Hindi | Anushasan par 10 line

1. अनुशासन का मतलब होता है, हमेशा अपने नियमों का पालन करते रहना।

2. किसी भी काम में सफल होने के लिए अनुशासन का होना बहुत जरूरी है।

3. एक अनुशासित व्यक्ति हमेशा अपने सारे काम पुरी ईमानदारी से करता है।

4. एक अनुशासित व्यक्ति का जिवन बहुत सफल और समृद्ध होता है।

5. अनुशासन हमारी बुद्धि और चरित्र को विकसित करता है।

6. हमारे खाने की आदतों में अनुशासन, हमें स्वस्थ रहने में भी मदद करता है।

7. हर महान इंसान में एक बात सामान्य होती हैं कि सभी के सभी बहुत ही अनुशासित इंसान होते हैं।

8. अनुशासन से ही हमारे जीवन में आत्मविश्वास और आत्म-नियंत्रण आता है।

9. अनुशासन की मदत से हम अपनें सारे काम समय से पहले ही कर लेते हैं।

10. एक अनुशासनहीन व्यक्ति कभी भी अपने जीवन में सफल नहीं हो सकता है।

Vidyarthi Jeevan Mein Anushasan Ka Mahatva Essay

Speech on Discipline in Hindi

इस लेख के माध्यम से हमने Ten lines on Discipline in Hindi Essay का वर्णन किया है और आप यह article को नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल कर सकते है।

Anushasan ke bare mein 10 line lines on Anushasan in hindi Discipline par lines | Vakya

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अनुशासन पर 10 वाक्य (10 Lines on Discipline in Hindi)

व्यक्ति के जीवन में अनुशासन का होना बहुत ही आवश्यक है। अनुशासन हमें प्रगति के सही रास्ते पर लेकर जाता है। अनुशासन एक ऐसी विधि है जिसका दृढ़ता से पालन करने पर ये हमें सफलता के रास्ते पर बहुत आसानी से पहुँचा सकता है। माता-पिता और बड़ों का आदर करना, समय का पाबंद रह कर समय का सही दिशा में उपयोग करना, कार्यों को सही तरीके से करना, नियमित दिनचर्या रखना और बुरी आदतों से दूर रहना आदि ऐसी आदते ही अनुशासन कहलाती है। हम कह सकते है कि अनुशासन वो कड़वी दवा है जो शुरुवात में तो कड़वी लगती है पर आगे चल कर भविष्य में इसके अनेकों फायदे होते हैं।

अनुशासन पर 10 लाइन (Ten Lines on Discipline in Hindi)

इस लेख के माध्यम से आप अनुशासन व इसके महत्व को आसानी से समझ सकेंगे।

Anushasan par 10 Vakya – Set 1

1) समय का पाबंद, बड़ों का सम्मान, नियमित दिनचर्या व बुरी आदतों से दूर रहना अनुशासन कहलाता है।

2) अनुशासन वह नियम है जिसके पालन से व्यक्ति का जीवन सफल और सार्थक बनता है।

3) जीवन के सभी क्षेत्रों में अनुशासन अलग-अलग होते हैं।

4) अनुशासन हमारे बेहतर चरित्र का निर्माण करता है।

5) अनुशासन का न होना हमें गैर जिम्मेदार और आलसी बना देता है।

6) अनुशासन हमें अच्छाई और बुराई में फर्क सिखाता है।

7) अनुशासन का दृढ़तापूर्वक पालन हमें समय का पाबंद बनाता है

8) प्रत्येक व्यक्ति के लिए अनुशासन अत्यंत आवश्यक है।

9) अनुशासित व्यक्ति का सम्मान सभी लोग करते हैं।

10) एक अनुशासित व्यक्ति अपने साथ-साथ समाज का भी कल्याण करता है।

Anushasan par 10 Vakya – Set 2

1) पृथ्वी पर होने वाले मौसम बदलाव, दिन-रात, इत्यादि और पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवों का अपना अलग-अलग अनुशासन होता है।

2) अनुशासित होने पर पानी शांत नदी में बहता है और अनुशासन रहित हो जाने पर बाढ़ का रूप धारण कर लेता है।

3) अपने द्वारा तय किये गये अनुशासन के बिना तो पृथ्वी भी अनियंत्रित हो जाती है।

4) अनुशासन वह नीति-नियम है जिसे सभी को स्वयं के लिए निर्धारण करना चाहिए।

5) अनुशासन के प्रति दृढ़ संकल्प ही मनुष्य को महानता की ओर ले जाता है और महापुरुष बना देता है।

6) एक अनुशासित व्यक्ति में सही समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता होती है जो उसे अन्य लोगों से अलग बनाती है।

7) एक अनुशासित व्यक्ति अपने से बड़ों के आदेशों का पालन पूरी निष्ठाभाव और ईमानदारी से करता है।

8) अनुशासन से हम जीवों को भी शिष्टाचार सीखा सकते हैं। इसी से जीवन में अनुशासन की महत्वता और आवश्यकता का पता चल जाता है।

9) एक अच्छे आचरण वाला व्यक्ति अपने से छोटों को सम्मान देता है और उनसे प्यार करता है।

10) हम जब महान व्यक्तियों की जीवनी पढ़ते हैं, तो समझ पाते हैं कि उनके जीवन में अनुशासन की महत्वता ही उन्हें महान बनाती है।

10 Lines on Discipline

बचपन से ही अनुशासन का होना बहुत ही आवश्यक होता है। यदि हम पहले से ही अनुशासन में रहना सीख लें तो आने वाली जिंदगी में आसानी से सफलता प्राप्त कर सकते हैं। अनुशासन कोई बंधन या जेल नहीं है, बल्कि ये तो नीति-नियम, जीवन के सिद्धांत, मर्यादाएं और सीमाएं हैं। जिनका पालन करने से हमारा व्यक्तित्व बेहतर और आकर्षक बनता है। जिस प्रकार से किसी बड़े कार्य को सही तरीके से सफल बनाने के लिए पहले से एक योजना तैयार किया जाता है, ठीक उसी प्रकार से जीवन को भी सफल और सार्थक बनाने के लिए पहले से ही अनुशासन का होना अत्यंत आवश्यक है।

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Essay on Discipline for Students and Children

500+ words essay on discipline.

Essay on Discipline – Discipline is something that keeps each person in control. It motivates a person to progress in life and achieve success . Everyone follow discipline in his/her life in a different form. Besides, everyone has his own prospect of discipline. Some people consider it a part of their life and some don’t. It is the guide that availability directs a person on the right path.

Essay on Discipline

Importance and types of discipline

Without discipline, the life of a person will become dull and inactive. Also, a disciplined person can control and handle the situation of living in a sophisticated way than those who do not.

Moreover, if you have a plan and you want to implement it in your life then you need discipline. It makes things easy for you to handle and ultimately bring success to your life.

If talk about the types of discipline, then they are generally of two types. First one is induced discipline and the second one is self-discipline.

Induced discipline is something that others taught us or we learn by seeing others. While self- discipline comes from within and we learn it on our own self. Self-discipline requires a lot of motivation and support from others.

Above all, following your daily schedule without any mistake is also part of being disciplined.

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The Need for Discipline

essay on discipline in hindi for class 7

Moreover, the meaning of discipline changes with the stages of life and priority. Not everyone can be disciplined because it requires a lot of hard work and dedication. Also, it needs a positive mind and a healthy body . One has to be strict to discipline so that she/he can successfully complete the road of success.

Advantages of Discipline

The disciple is a staircase by which the person achieve success. It helps a person to focus on his/her goals in life. Also, it does not let him/her derivate from the goal.

Besides, it brings perfection in a person life by training and educating the mind and body of the person to respond to the rules and regulation, which will help him to be an ideal citizen of the society.

If we talk about professional life then, the disciplined person gets more opportunities than the person who is undisciplined. Also, it adds an exceptional dimension to the personality of the individual. Besides, the person leaves a positive impact on the mind of people wherever she/he goes.

In conclusion, we can say that discipline is one of the key elements of anyone’s life. A person can only be successful if she/he strictly live a healthy and disciplined life. Besides, the discipline also helps us in a lot of ways and motivates the person around us to be disciplined. Above all, discipline helps a person to achieve the success that she/he wants in life.

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Hindi Essays for Class 7: Top 10 Hindi Nibandhs

essay on discipline in hindi for class 7

List of popular essays for class 7 students in Hindi language!

स्वावलंबन (आत्म-निर्भरता) पर निबन्ध | Essay on Essay on Self Independent in Hindi

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एकता ही बल है पर निबन्ध | Essay on Unity is Strength in Hindi

Hindi Nibandh for Class 7 (Essay) # 1

स्वावलंबन का अर्थ है – अपने ऊपर आश्रित या निर्भर होना । वे बड़े भाग्यवान हैं जो अपने ऊपर आश्रित हैं । दूसरों की दया पर निर्भर होकर जीने में आनंद नहीं है । पराधीनता में जीना कष्टप्रद है इसमें दुख ही दुख है ।

कहा भी गया है – ‘पराधीन सुख सपनेहुँ नाहीं ।’ पराधीनता स्वप्न में भी सुखदायी नहीं है । जेल की चारदीवारी में कैदियों को कोई खास काम नहीं करना पड़ता । उन्हें भोजन भी मुफ्त का और ठीक-ठाक मिलता है । पर कैदी कैदखाने में नहीं रहना चाहता क्योंकि वहाँ किसी प्रकार की आजादी नहीं है ।

पिंजड़े में बद पक्षी की भी यही दशा है – ‘कहीं भली है कटुक निबोरी, कनक कटोरी की मैदा से ।’ अर्थात् दूसरों की अधीनता में सुख की कल्पना भी बेकार है । इसीलिए हम लोग स्वावलंबी होना चाहते हैं आ स्वावलंबन आत्मा की पुकार है ।

यह मनुष्य को आत्म-निर्भर बनाता ही है उसे जीवन में कुछ नेक कार्य करने के लिए भी प्रेरित करता है । गाँधी जी इसीलिए चाहते थे कि भारत के गाँव स्वावलंबी बनें । ग्रामवासी अपने छोटे-छोटे कार्यों के लिए शहरों की ओर कातर दृष्टि से न देखें ।

परंतु यह न हो सका । नतीजे में भारत के गाँव अभी भी पिछड़े हुए हैं । ग्रामवासियों को रोजगार की तलाश में शहरों की ओर पलायन करना पड़ रहा है । व्यक्ति और गाँव की तरह देश का भी स्वावलंबी होना आवश्यक है । स्वतंत्रता के बाद दो-तीन दशकों तक राष्ट्र अपने लोगों के लिए खाने भर अनाज भी पैदा नहीं कर सकता था ।

कृषि प्रधान देश भारत की इस दीन-हीन दशा का दुनिया में मजाक उड़ाया जाता था । आज हम खाद्यान्नों के मामले में आत्म-निर्भर हैं । आज हमारे देश में इंजीनियरों, डॉक्टरों तथा तकनीकी पेशे से जुड़े विशेषज्ञों की कोई कमी नहीं है ।

हम अनेक क्षेत्रों में स्वावलंबी हैं । हम दुनिया के परमाणु शक्ति-संपन्न अग्रणी राष्ट्रों में से एक हैं । सूई से लेकर हवाई जहाज तक कुदाल से लेकर हैक्टर तक हम अपने ही देश में बना सकते हैं । स्वावलंबन का गुण मनुष्य को महान बनाता है । यह गुण अपने साथ धैर्य, संतोष, आत्मविश्वास, साहस आदि गुणों को भी समाविष्ट करता है ।

प्रत्येक कार्य में दूसरों पर निर्भरता बुरी चीज है । इससे आत्मा का नाश होता है । वे व्यक्ति जो स्वावलंबन के गुण का महत्व नहीं समझते वे अपनी स्थिति दयनीय बना लेते हैं । स्वावलंब हमें सुख शांति और समृद्धि प्रदान करता है कर्महीन यह नहीं जानते ।

स्वावलंबी व्यक्ति समाज के सामने एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करता है । वह आवश्यकता पड़ने पर जरूरतमंदों की मदद कर सकता है । उसका आत्म-विश्वास उसे किसी भी स्थिति को अपने मनोनुकूल बनाने की प्रेरणा देता रहता है । स्वावलंबन का अर्थ यह नहीं कि हम सब काम अपने हाथों से ही करें ।

समाज में श्रम-विभाजन के बिना काम नहीं चलाया जा सकता श्रम-विभाजन आवश्यक है । स्वावलंबन से तात्पर्य इतना ही है कि हम दूसरों पर उस हद तक आश्रित न हों कि हमारे दैनिक कार्य ही रुक जाएँ । अपने ऊपर इतना विश्वास होना चाहिए कि प्रतिबंधात्मक स्थितियों में भी हमारा काम नहीं रुक सकता ।

Hindi Nibandh for Class 7 (Essay) # 2

किसी भी देश या प्रांत में प्रति हजार लड़कों के अनुपात में कितनी लड़कियाँ हैं, इसी को लिंगानुपात कहा जाता है । यह अनुपात लगभग समान होना चाहिए । परंतु प्रति हजार बालकों पर यदि बालिकाओं की संख्या नौ सौ या इससे कम हो जाए तो मामला चिंताजनक स्तर तक पहुँच जाता है ।

हमारे देश में भी ऐसी ही चिंताजनक स्थिति बन गई है । हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और देश के कई प्रांतों में लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या चिंताजनक सीमा से भी काफी कम है । आखिर ऐसा क्यों है कि बालिकाओं की तुलना में बालकों की संख्या अधिक है ? इसके कारण स्पष्ट हैं ।

हमारे समाज में बालकों को बालिकाओं से श्रेष्ठ समझा जाता है । अभिभावक सोचते हैं कि लड़का होगा तो बुढ़ापे में सेवा करेगा जीवन भर सुख देगा । हिंदुओं की धारणा है कि पुत्र माता-पिता को संसार से तारता है मोक्ष प्रदान करवाता है । दूसरी ओर बालिकाओं के बारे में यह धारणा है कि ये पराया धन होती हैं ।

बालिकाओं की शादी में दिया जाने वाला दहेज भी माता-पिता को लड़कियों को एक बोझ मानने पर विवश कर देता है । अभिभावकों के मन में बेटों की चाह इतनी होती है कि कई लड़कियाँ गर्भ में ही मार दी जाती हैं । अल्ट्रासाउंड जैसी आधुनिक तकनीकों से गर्भ के लिंग के बारे में पता चल जाता है और लड़कियाँ गलत धारणाओं की भेंट चढ़ जाती हैं ।

आज का युग पहले जैसा नहीं रह गया है । आज बालिकाएँ भी पट्ट-लिखकर बूढ़े माँ-बाप का सहारा बन सकती हैं । ऐसा भी देखा गया है कि बेटों द्वारा परित्यक्त माँ-बाप की सेवा-सुश्रुषा बेटियाँ करती हैं । आज की लड़कियाँ धार्मिक एवं सामाजिक उद्देश्यों को भली-भांति पूरा कर सकती हैं ।

आज की शिक्षित नारियाँ डॉक्टर, इंजीनियर, आरक्षी, वकील, अंतरिक्ष यात्री, खिलाड़ी, समाज सेविका, नर्स, राजनीतिज्ञ, अभिनेत्री आदि कुछ भी बन सकती हैं । नर्स और अध्यापिका के रूप में तो उनका विकल्प ही नहीं है । फिर क्यों यह भेद-भाव और लैंगिक असमानता ? क्यों वह समाज में उपेक्षित है ?

लड़कियों का अनुपात घटना यह सिद्ध करता है कि शिक्षित समाज भी अपने संकीर्ण मानसिक दायरे से नहीं निकल पाया है । यह असंतुलन भविष्य के लिए खतरे की घंटी है । इसका दुष्प्रभाव अभी से दिखाई पड़ रहा है । कई प्रांतों के युवक इसलिए कुँवारे हैं क्योंकि विवाह योग्य युवतियाँ नहीं मिल रही हैं ।

आज की लड़कियाँ ही तो कल बड़ी होकर माँ बनती हैं । क्या हम ऐसी दुनिया या समाज की कल्पना कर सकते हैं जहाँ केवल लड़के हों, लड़कियाँ नहीं ? बालक और बालिका में किसी भी तरह का भेदभाव अमानवीय है । हमें दोनों को एक समान समझना चाहिए ।

इसी से लिंगानुपात को सुधारा जा सकेगा । हमें गर्भ में ही लड़कियों को मारने की कुप्रथा को दंडात्मक नीति अपनाकर समाप्त करना होगा । यदि इस स्थिति को अभी न सँभाला गया तो भविष्य की परेशानियाँ कहीं बड़ी होंगी ।

Hindi Nibandh for Class 7 (Essay) # 3

दूसरों के हित के लिए किया गया कार्य परोपकार है । अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर जनसामान्य के कल्याण के लिए किया गया कार्य परोपकार मैं ।

अपनी छोटी-छोटी समस्याओं एवं दु:खों की परवाह न करते हुए नमूह की हित-चिंता करना परोपकार है । परोपकार के कार्यों से ही मनुष्य समाज में प्रशंसित एव सम्मानित होता है । परोपकार यह लोक ही नहीं परलोक भी सुधारता है ।

ऐसे कार्य जो परहित को ध्यान में रखकर किए जाते हैं वे मनुष्य को महान् वनाते हैं । परोपकारी व्यक्ति हर युग में होते हैं । समाज इनका ऋणी होता है । मनुष्य ही नहीं अन्य जीव समुदाय एवं जड़ वस्तु भी परोपकार की भावना से कार्य करते हैं । इन पंक्तियों से इस तथ्य का खुलासा होता है:

”वृक्ष कबहुँ नहिं फल भखै, नदी न संचै नीर । परमारथ के कारणे साधुन धरा शरीर ।। ”

वृक्ष अपना फल स्वय नहीं खाता, अर्थात् दूसरों के लिए उत्पन्न करता है । नदी कभी भी अपना जल इकट्ठा करके नहीं रखती । प्राणियों के हित के लिए हमेशा प्रवाहमान् रहती है । इसी तरह, परमार्थ के कारण, परोपकार के हेतु साधु पुरुष जन्म ग्रहण करते हैं ।

दुनिया में एक से बढ़कर एक परोपकारी मनुष्य हुए हैं । महर्षि दधीचि ने देवताओं के कल्याण हेतु अपना शरीर त्याग दिया और अपनी हड्डियाँ दान में दे दीं । गिद्धराज जटायु ने अपने प्राणों की परवाह न करते हुए रावण से सीता को छुड़ाने का प्रयत्न किया ।

सुकरात ने प्याले में भरा विष पी लिया । भगवान कृष्ण ने आजीवन परोपकार की दृष्टि से अनेक कार्य किए । राम ने राक्षसों को मारकर विश्वामित्र के यज्ञ की रक्षा की । ईसा मसीह जनहितार्थ सूली पर चढ़ गए । परोपकारी व्यक्तियों के कारण ही सत्य, धर्म और संस्कृति की रक्षा हो सकी है ।

जीवन में अनेक कार्य ऐसे हैं जो परोपकार की दृष्टि से किए जाते हैं । पहले धनी-मानी लोग कुएँ-तालाब खुदवाते थे, राहगीरों के लिए छायादार वृक्ष लगवाते थे । स्थान-स्थान पर धर्मशालाएँ बनवाई जाती थीं ताकि यात्रियों को ठहरने में सुविधा हो ।

आज भी लोग परोपकार के कार्यों में अपना योगदान देते हैं । प्राकृतिक विपत्तियों में फँसे लोगों की मदद के लिए आगे आना परोपकार ही है । भयंकर लू में लोगों के लिए पेय जल की व्यवस्था करना परोपकार ही है । निरक्षरों को शिक्षित बनाना, पेड़-पौधे लगाना, आस-पड़ोस को साफ-सुथरा रखना, भूखों को भोजन कराना आदि कार्य परोपकार की श्रेणी में आते हैं ।

परंतु परोपकार किसी लाभ की प्राप्ति के उद्देश्य से नहीं करना चाहिए । उपकार करके प्रत्युपकार की आशा न रखना ही सही मायने में परोपकार है । आजकल परोपकारी व्यक्तियों की संख्या में कमी आ गई है । इसका कारण समाज में स्वार्थ भावना में वृद्धि है ।

यही कारण है कि सड़क पर पड़े घायल व्यक्ति की सहायता के लिए कोई आगे नहीं आना चाहता । पड़ोसी के घर चूल्हा जले न जले, अपने घर पकवान जरूर बनना चाहिए, यह भावना हमारा उद्धार नहीं कर सकती । जिस शरीर से लोगों का कल्याण न हुआ, वह बेकार और अनुपयोगी है ।

कबीरदास जी कहते हैं:

“बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर पंथी को छाया नहीं फल लागै अति दूर ।”

बड़े खजूर से कहीं अच्छा वह तृण है जिसे खाकर पशु अपना पेट भरते हैं । परोपकार की भावना से ओत-प्रोत कवि तुलसीदास जी कहते है

परहित सरिस धर्म नहिं भाई , पर पीड़ा सम नहिं अधमाई ।

परोपकार के समान दूसरा कोई धर्म नहीं है । अर्थात् परोपकार सबसे बड़ा धर्म है और दूसरों को कष्ट देने से बड़ा कोई पाप, कोई दुष्टता नहीं है । अत: हमें परोपकार की भावना को अपने जीवन में धारण करना चाहिए ।

Hindi Nibandh for Class 7 (Essay) # 4

मौसम कभी भी एक जैसा नहीं रहता है । यह परिवर्तित होता रहता है । मौसम के साथ-साथ ऋतुएँ भी बदलती हैं । शीत ऋतु के बाद बसंत की सुहानी ऋतु आती है ।

बसंत ऋतु के बाद प्रचंड गरमी की ऋतु ग्रीष्म ऋतु आती है । हालाँकि कुछ हद तक यह कष्टदायक ऋतु है परंतु इस ऋतु का भी अपना एक आनंद, एक अलग सौंदर्य है । ग्रीष्म ऋतु अप्रैल माह से आरंभ होकर जून-जुलाई तक चलती है । इस ऋतु में पर्णपाती वृक्षों की पत्तियाँ गिर जाती हैं ।

इसलिए इसे पतझड़ ऋतु भी कहते हैं । गरमी इतनी पड़ती है कि दोपहर में घर से निकलना कठिन हो जाता है । जैसे-जैसे दिन अत्मे बढ़ता है प्रखर सूर्य रश्मियों क्य प्रकोप बढ़ता जाता है । दोपहर के तीन-चार घंटे बड़े कष्टदायक प्रतीत होते हैं । लोग घर से बाहर सिर पर टोपी, पगड़ी डालकर या छाता लेकर निकलते हैं ।

त्वचा झुलसने लगती है । शारीरिक श्रम करने वाले पसीने से नहा जाते हैं । इस ऋतु में संध्या क्य समय कुछ सुखदायी होता है । लोग घर, आँगन, छत में जल छिड़ककर राहत महसूस करते हैं । रात्रिकाल में भी काफी उमस होती है । सभी खुली छत पर या कमरे में पंखा-कूलर चला कर सोते हैं ।

गरमियों के दिन बड़े और रातें छोटी होती हैं । ऐसे में कष्टदायक दिन काम बहुतों के लिए कठिन होता है । इसीलिए घरों, दुकानों तथा दफ्तरों में पंखा, कूलर या वातानुकूलित संयंत्र लगाए जाते हैं । इस ऋतु में पानी को ठंडा रखने के लिए हम घड़ा, सुराही, फ्रिज आदि का प्रयोग करते हैं ।

ठंडे पेय पदार्थ, लस्सी, शरबत आदि अत्यंत प्रिय लगते हैं । इस ऋतु में आम, लीची, खीरा, ककड़ी आदि फल-सब्जियाँ तृप्तिदायक होती हैं । ग्रीष्म ऋतु को गरीबों की ऋतु कहा जाता है क्योंकि इस ऋतु में बहुत कम वस्त्रों से भी काम चल जाता है ।

इस ऋतु में सूती वस्त्र बहुत उपयोगी होते हैं जो हमें लू के थपेड़ों से बचाते हैं । कभी-कभी आँधी तूफान भी आते हैं और धूल-भरी हवाएँ आसमान में छा जाती हैं । आसमान लोहित हो जाता है । पर जब वायु जरा भी हिलती-दुलती नहीं तो उमस बढ़ जाती है ।

ग्रीष्म ऋतु में जल का महत्त्व बढ़ जाता है । प्यासे लोग, प्यासी भूमि, प्यासे पशु-पक्षी और झुलसे हुए पेड़-पौधे सभी जल की माँग करते हैं । धन्य है वह किसान जो इस ऋतु में भी फसलों की सिंचाई करता है । वे स्त्रियाँ भी धन्य हैं जो मटके लेकर मीलों जल भरने जाती हैं । सरोवर ताल-तलैया, कुएँ, बावड़ियों, झील, नदियाँ सभी इस ऋतु में सूखने लगती हैं ।

भूमि का जल-स्तर काफी नीचे चला जाता है । प्यासी धरती, आकुल लोग, पशु-पक्षी सब आसमान की ओर निहारने लगते हैं । मयूर भी यह आस लगाए रहता है कि वर्षा हो और मैं नृत्य करूँ । कवि ने कविता के माध्यम से ग्रीष्म ऋतु का वर्णन इस प्रकार किया है:

”सूरज तपता धरती जलती गरम हवा जोरों से चलती । तन से बहुत पसीना बहता हाथ सभी के पंखा रहता । आ रे बादल काले बादल लो घनघोर घटा रे बादल । ”

लोगों की आकांक्षा रहती है कि बादल छाए, बरसे और राहत दे । पर ग्रीष्म ऋतु किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं । जब धरती तपेगी ताप से समुद्र का जल सुखेगा तभी तो वर्षा होगी । अच्छा मानसून आए इसके लिए अच्छी गरमी आवश्यक है ।

सब्जियों एवंग फलों की विविधता की दृष्टि से भी यह उत्तम ऋतु है । लौकी, खीरा, तरबूज, बेल, आम, पुदीना, भिंडी, करेला, परवल, हरे शाक आदि कितनी ही प्रिय वस्तुएँ ग्रीष्म ऋतु की देन हैं । हमें हर मौसम हर ऋतु का आनंद उठाना चाहिए ।

Hindi Nibandh for Class 7 (Essay) # 5

सत्संगति का अर्थ है – अच्छी संगति । अच्छे लोगों का साथ सत्संगति है । बुरे लोगों का साथ कुसंगति है । भले लोगों की संगति में जो सुख और आनद है वह कुसंगति में नहीं है ।

विद्वानों, संतों, साधुओं और सदाचारी व्यक्तियों के संपर्क में रहना सत्संगति है । अच्छी संगति में रहने के बहुत से लाभ हैं । यदि हमारा साथ अच्छे लोगों से है तो इससे हमारा चारित्रिक विकास होगा । हम सज्जनों के गुणों का अनुसरण करके आत्म-कल्याण की ओर प्रवृत्त होंगे ।

उनके आचरण का प्रभाव हमारे ऊपर अवश्य पड़ेगा । इसीलिए तो लोग साधु-संतों की शरण में जाते हैं उनके प्रवचन सुनते हैं उनके गुणों का अनुशीलन करते हैं । सत्संगति के प्रभाव से दुर्जन व्यक्ति भी सज्जन बन जाता है । जब अंगुलिमाल नामक दुर्दांत हत्यारा भगवान् बुद्ध के संपर्क में आया तो वह सुधर गया । तुलसीदास जी कहते हैं –

सठ सुधरहिं सत्संगति पाई । पारस परसि कुधातु सुहाई ।

अर्थात् जिस प्रकार पारसमणि के स्पर्श से लोहा सोना बन जाता है उसी प्रकार सत्संगति के प्रभाव से दुष्ट मनुष्य सुधर जाता है । इसलिए समझदार लोग सज्जनों के संपर्क में रहते हैं । जब व्यक्ति कुसंगति में पड़ता है तो उसका पतन निश्चित हो जाता है ।

कुसंगति काजल की कोठरी के समान है जहाँ से गुजरने पर कालिख लग ही जाती है । नशे की लत कुसंगति के कारण ही लगती है । शराबी जुआरी अपराधी आदि जन्म से ही नीच कार्य नहीं करते, बुरे लोगों का साथ ही उन्हें इन कार्यों को करने के लिए विवश करता है । गंदे नालों से जुड़कर ही नदियाँ अपवित्र और प्रदूषित होती हैं ।

अत: हमें कुसंगति से बचना चाहिए और महापुरुषों, विद्वानों और भले व्यक्तियों की संगति में रहना चाहिए । सत्संगति से बुद्धि का विकास होता है, गलत धारणाएं मिटती हैं । मन-प्राणों में सुगंध उठती है वाणी में मधुरता और निष्कपटता आती है । सत्संगति उन्नति का द्वार खोल देती है । यह आत्म-शुद्धि का सरल मार्ग है ।

अच्छे लोगों की संगति मनुष्य को महान बनाती है । बूँद समुद्र में मिलकर अपार जलराशि का रूप ले लेती है । क्षुद्र नदी-नाले गंगा जी में मिलकर अपनी मलिनता खो देते हैं । रामकृष्ण परमहंस की संगति में साधारण से व्यक्ति नरेंद्र स्वामी विवेकानंद बन गए ।

वानर-भालू, प्रभु राम से मित्रता कर इतिहास के सुनहरे पन्नों में अपना नाम लिखा गए । बालक चद्रगुप्त नीति निपुण चाणक्य का शिष्य बनकर महान् सम्राट बन गया । गाँधी जी के संपर्क में आकर हजारों व्यक्तियों ने आत्म-सुधार की दिशा में अपने कदम बढ़ाने आरंभ कर दिए ।

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है । उसे अच्छे या बुरे लोगों के साथ में रहना ही पड़ता है । हमें चाहिए कि हम अच्छे लोगों को अपना साथी बनाएँ । यदि हमारा साथ भले लोगों से होगा तो हम कुसंगति से बचे रह सकते हैं ।

जिस प्रकार कि एक सड़ा आम या सेब पूरी टोकरी के फलों सड़ाने लगता है उसी प्रकार एक असज्जन कई सज्जनों को भी अपने जैसा बनाने का प्रयास करता है । अत: व्यक्ति को हमेशा श्रेष्ठ मनुष्यों का ही संग करना चाहिए ।

Hindi Nibandh for Class 7 (Essay) # 6

युग सदैव एक-सा नहीं रहता । युग के अनुसार लोगों की आवश्यकताएँ एवं मान्यताएँ बदल जाती हैं । परिवार का आकार छोटा हो या बड़ा इस संबंध में भी युग के अनुसार विचार करना पड़ता है ।

किसी समय बड़े परिवार की कल्पना की गई थी क्योंकि देश की आबादी कम थी । आज छोटे परिवार को आदर्श माना जाता है क्योंकि हमारे देश की आबादी आवश्यकता से कहीं अधिक है । आज लगभग जनसख्या विस्फोट की स्थिति है । सन् 1950 में भारत की आबादी लगभग तीस करोड़ थी ।

आज हम सौ करोड़ का कड़ा पार कर चुके हैं । सन् 2011 तक हमारी आबादी एक सौ पद्रह करोड़ के आस-पास हो जाएगी । सन् 2035 तक हम चीन से भी आगे निकल सकते हैं । ऐसे में छोटे परिवार की महत्ता काफी बढ़ गई है । छोटे परिवार की कल्पना अब संभव है क्योंकि आज महामारियों पर नियंत्रण पाया जा सका है ।

दुनिया भर में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार हुआ है । बाल मृत्यु दर में निरंतर कमी आती जा रही है । आज एक या दो संतानों वाला परिवार अधिक सुखी है क्योंकि अभिभावक अपनी एक या दो संतानों को शिक्षा और स्वास्थ्य की बेहतर सुविधाएँ प्रदान कर सकते हैं ।

यदि परिवार बड़ा हो तो उपलब्ध साधनों का बँटवारा हो जाता है, हरेक सदस्य को थोड़ा-थोड़ा ही मिल पाता है । ‘छोटा परिवार सुखी परिवार’ के बारे में लोगों के विचार सकारात्मक होने लगे हैं । समझदार और शिक्षित व्यक्ति अपने परिवार को सीमित रखने का प्रयास करता है । वह जानता है कि अधिक बच्चे हुए तो उनके लालन-पालन में कठिनाई आएगी ।

अधिक संतानों के लिए भोजन, वस्त्र, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास तथा अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति में बाधा आएगी । वह समझता है कि अधिक बच्चे पैदा करने वाली माँएँ कमजोर हो जाती हैं, उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है । आज की शिक्षित स्त्रियाँ छोटे परिवार की खूबियों के प्रति जागरूक हैं ।

छोटे परिवार की महत्ता समझने पर भी हमारे देश की आबादी तेजी से बढ़ रही है । इसका प्रमुख कारण अशिक्षा और निर्धनता है । अशिक्षित व्यक्ति अपना भला नहीं सोच पाता । धर्म की रूढ़ियाँ भी प्रमुख अवरोधक तत्व हैं । गरीबी का दुश्चक्र भी लोगों को बड़े परिवार की ओर उम्मुख करता है ।

समाज और राष्ट्र की खुशहाली इसी में है कि वह छोटे परिवार का महत्व समझे । आज प्रति व्यक्ति आवश्यकताएँ बढ़ रही हैं । सभी को बिजली, पानी, स्वास्थ्यप्रद आवास, क्रीड़ा स्थल, रोजगार और शिक्षा चाहिए । दूध, फल, अनाज और सब्जियों की भी प्रति व्यक्ति उपलब्धता बनाए रखना आवश्यक है ।

दूसरी ओर वन पेड़-पौधे जल भूमि जैसे प्राकृतिक संसाधनों का अभाव होता जा रहा है । अत: समझदारी इसी में है कि हम अपना परिवार छोटा रखें । परिवार का छोटा आकार हमारी खुशहाली के लिए अत्यंत आवश्यक है ।

Hindi Nibandh for Class 7 (Essay) # 7

भारत में प्रमुखतया तीन ऋतुएँ वसंत, शीत और ग्रीष्म हैं । इनमें से बसंत को ऋतुओं का राजा या ऋतुराज कहा जाता है । दुनिया के बहुत कम देशों में बसंत ऋतु के दर्शन होते हैं । भारत एक ऐसा देश है जहाँ ऋतुराज बसंत की अपूर्व छटा के दर्शन होते हैं ।

बसंत को ऋतुराज कहा जाता है क्योंकि इस ऋतु में प्रकृति का रंग-रूप पूरी तरह निखरा होता है । इसका आगमन कड़ाके की शीत ऋतु के बाद होता है । बसंत के आगमन के साथ ही प्रकृति और मौसम का मिजाज परिवर्तित होने लगता है ।

चारों ओर का मौसम स्वर्णिम एवं गुलाबी होने लगता है । प्रकृति सुंदर मनमोहक एवं आकर्षक प्रतीत होती है । शीत ऋतु के प्रभाव से आहत वनस्पतियाँ पत्तों एव फूलों के रूप में नए-नए परिधानों से युक्त सुहावने प्रतीत होते हैं ।

खेतों में सरसों के फूल खिल उठते हैं गेहूँ की सुनहरी बालियाँ निकल आती हैं । फूली सरसों का रंग बहुत आकर्षक लगता है जैसे प्रकृति ने पीली चादर ओढ़ ली हो । लताएँ वृक्षों से लिपट कर झूमने लगती हैं । हल्की गरमाहट लिए मंद-मंद बहती वायु नव-विकसित पुष्पों आम्र मंजरियों की भीनी-मधुर सुगंध लिए वातावरण में घुल-मिल जाती है ।

यह सुंगधित वायु मनुष्यों एव जीव-जंतुओं के तन-मन में प्रवेश कर जाती है । खेत-खलिहानों मैदानों एवं बागों में मखमली घास बिछी होती है । घास पर पड़ी ओस की बूँदों के स्पर्श से तलबों में सुखद अनुभूति होती है । उस पर आम के डाल पर बैठी कोयल की पंचम स्वर में ऐसी कूक उठती है कि तन-मन प्रसन्न हो उठता है ।

बच्चे, युवा, वृद्ध सभी उम्र का बंधन तोड़कर बासंती सौंदर्य को निहारने लगते हैं । हालाकि जैसे-जैसे देश का शहरीकरण होता जा रहा है बसंत का मादक प्रभाव भी कहीं खोता जा रहा है । बसंत कब आया और कब चला गया किसी को पता नहीं चल पाता है । परंतु बसंत तो आता है ।

गाँवों में, बाग-बगीचों में, खेतों में और यहाँ तक कि प्रकृति प्रेमियों के लिए महानगरों में भी आता है । जहाँ भी बाग-बगीचे हैं पेड़ हैं लता-कुंज हैं वहाँ बसंत अवश्य आता है । गेंदा, गुलाब, सूरजमुखी, पलास आदि के फूल कहाँ नहीं खिलते । बसंती हवा किसी के साथ भेदभाव नहीं करती ।

वह जहाँ से गुजरती है अपना मादक प्रभाव छोड़ जाती है । बसंत ऋतु पर्व-त्योहारों की भी ऋतु है । हमारा प्रमुख राष्ट्रीय त्योहार ‘गणतंत्र दिवस’ इसी ऋतु के आरंभ काल में मनाया जाता है । देश की राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह को खुशनुमा बनाने में खुले दिन वाले सुनहरे मौसम का बहुत बड़ा योगदान होता है ।

लगभग इसी समय में बसंत पंचमी का त्योहार आता है । लोग वीणापाणी माँ सरस्वती की पूजा-आराधना में जुट जाते हैं । सरस्वती पूजन समारोह एवं वसंत पंचमी के अवसर पर लगने वाले मेले वासंती रंग में रंग जाते हैं । युवतियाँ धनी एवं पीले वस्त्र धारण कर वसत की शोभा में चार चाँद लगा देती हैं ।

ऐसा लगता है जैसे वसंत सजीव होकर इधर-उधर डॉल रहा हो । फिर आता है मदमस्त होली का त्योहार । वसंत ऋतु स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बड़ी हितकारी ऋतु है । इस ऋतु में असाध्य रोगी भी स्वस्थ होने लगते हैं । सामान्य जनों को भी सरदी-ज्वर आदि नहीं होता ।

इस समशीतोष्ण ऋतु में सभी नाचते-गाते और आनंदित होते हैं । गाँवों में ढोल-नगाड़े बज उठते हैं । होली के गीतों की थिरकन से जन-समूह उत्साहित हो उठता है । बसंत का गुणगान करने के लिए कवि की लेखनी चल पड़ती है ।

बसंत में कुछ भी असुंदर नहीं होता । यह ऋतु हमें प्रकृति सौंदर्य से परिचित कराती है । यह मानव को दु:ख-पीड़ा से निकलकर आनंदित होने क्य अवसर प्रदान करती है । पर मानव है कि प्रकृति विनाश के कार्यों में लगा हुआ है ।

Hindi Nibandh for Class 7 (Essay) # 8

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है । समाज से उसका अंतरंग रिश्ता है । मनुष्य के जन्म के समय सामाजिक उत्सव तथा मृत्यु के समय सामाजिक शोक मनाया जाता है । बच्चा समाज के अन्य हमउम्र सदस्यों के साथ खेलता है पढ़ता-लिखता है ।

जन्मदिन, विवाह आदि अवसरों पर समाज की भागीदारी प्रमुख होती है । संकटकाल में भी समाज ही सहायक होता है । यदि समाज इतना महत्त्वपूर्ण है तो समाजिक उत्थान का कार्य भी बहुत आवश्यक है । समाज की भलाई के लिए जो कार्य किए जाते हैं इन्हें हम समाज सेवा कहते हैं ।

समाज सेवा राष्ट्र सेवा का ही अंग है । बिनोवा जी ने भूदान आंदोलन चलाकर महान समाज सेवा की । करोड़ों ग्रामीण ऐसे थे जिनके पास कृषि-भूमि का एक टुकड़ा न था और कुछ लोग ऐसे थे जिनके पास सौ-पचास एकड़ भूमि थी । भूदान आदोलन के द्वारा यह भारी अंतर पाटने का प्रयास किया गया ।

उन्नीसवीं शताब्दी में राजा राम मोहन राय ने सती प्रथा बाल विवाह आदि कुप्रथाओं को समाप्त करने में समाज की बड़ी सहायता की थी । मुगलकाल में तुलसीदास जी ने अपने अमर काव्यों के माध्यम से हिंदुओं के बीच सामाजिक चेतना लाने का सफल प्रयास किया ।

कबीरदास जी ने सीधे-सादे विचारों के माध्यम से धर्म की कुरीतियों पर आघात किया । उनके प्रयासों से हिंदुओं और मुसलमानों में सामाजिक एकता की स्थापना हुई । मनुष्य जो कुछ भी ग्रहण करता है वह सब समाज की देन है । अत: हमारा कर्त्तव्य है कि हम समाज की सेवा नि:स्वार्थ भाव से करें ।

आज भी हमारे देश में कई तरह की सामाजिक समस्याएँ हैं । दहेज प्रथा अशिक्षा निर्धनता नशाखोरी आदि समस्याएँ हमें अंदर ही अंदर खोखला कर रही हैं । हमारी सामाजिक मान्यताएँ भी बदल रही हैं । आज का आदमी पहले से कहीं अधिक स्वार्थी और आत्मकेंद्रित हो गया है ।

समाज में भ्रष्टाचार की जड़ें काफी गहरी हैं । सामाजिक अपराध का ग्राफ भी ऊँचा होता जा रहा है । ऐसे में समाज सेवकों का उत्तरदायित्व पहले से कहीं अधिक हो गया । समाज सेवा का दायरा विस्तृत है । बाल मजूदरी का अंत, स्त्री शिक्षा, निर्धन व्यक्तियों के लिए रोजगार का प्रबंध, बेसहारा महिलाओं को आत्म-निर्भर बनाना आदि कार्य समाज सेवा के कार्य हैं ।

हमारे देश के कुछ क्षेत्रों में पेय जल का भारी अभाव है । यहाँ के लोग मीलों चलकर पानी लाते हैं । समाज सेवा के द्वारा ऐसे लोगों की मदद की जा मकती है । अनाथ बच्चों के लिए अनाथाश्रम खोलना, उन्हें शिक्षित करना तथा उन्हें समाज की मुख्य धारा में वापस लाना समाज सेवा है ।

अपनों द्वारा परित्यक्त वृद्धों के लिए वृद्धाश्रम खोलना विकलांगों के लिए रोजगार के साधन एवं आश्रय स्थल ढूँढ़ना आदि कार्य समाज के प्रति हमारे दायित्व हैं । एड्‌स के प्रसार को रोकने से संबंधित कार्य भी समाज सेवा के अंतर्गत आता है ।

समाज सेवा का कार्य दिखाऊ नहीं होना चाहिए । धन और सम्मान की प्राप्ति के उद्देश्य से किया गया कार्य समाज सेवा नहीं है । समाज सेवा परोपकार की भावना से की जानी चाहिए । बीमारों वृद्धों, दलितों, शोषितों और आपदा से पीड़ित लोगों के प्रति जिनके मन में दया नहीं है वह समाज सेवा नहीं कर सकता ।

समाज को अपना समझकर तन, मन और धन से किए गए परोपकार के कार्य समाज सेवा के दायरे में आते हैं । अपने लिए तो सभी जीते हैं, बड़प्पन इसी में है कि हम दूसरों की भलाई के लिए जीएँ । यही मानवता है, यही समाज सेवा है ।

Hindi Nibandh for Class 7 (Essay) # 9

वर्षा ऋतु बहुत सुहावनी ऋतु होती है । यह मानव पशु-पक्षी और समस्त जीव समुदाय के लिए आनंददायी ऋतु है । ग्रीष्म ऋतु में जब पेडू-पौधे झुलस जाते हैं तब यह ऋतु उनके लिए जीवनदायी जल लेकर आती है ।

प्यासी धरती की प्यास बुझाने वाली वर्षा ऋतु को ऋतुओं की रानी कहा गया है । वर्षा ऋतु का आरंभ जुलाई मास से होता है । सितंबर में इस ऋतु का अत हो जाता है । इन तीन महीनों में आसमान प्राय: बादलों से घिरा रहता है । धूप और छाया का खेल चलता ही रहता है ।

कुछ दिन वर्षा फिर धूप यह क्रम जब चलता है तो किसानों को धान और मक्के की फसल उगाने में बहुत मदद मिलती है । खेतों में पूरा पानी रहता है तालाब लबालब भर जाते हैं । नदी-नालों में पूरा जल आ जाता है । छोटे-छोटे गड्‌ढों में भी पानी भर आता है ।

किसान वर्षा ऋतु का स्वागत करते हैं । वे खेतों में बीज बोते हैं । धान की फसल के लिए खेत जोते जाते हैं । किसान उसका परिवार खेतिहर मजदूर आदि व्यस्त हो जाते हैं । वे भीगते हुए भी कृषि कार्य करते हैं । गाँवों में वर्षा ऋतु आरंभ होने पर लोक गीत गाए जाते हैं ।

श्रावण मास में शिव-भक्ति की लहर फैल जाती है । काँवरिए गेरुआ वस्त्र धारण कर शिव को जल चढ़ाने निकल पड़ते हैं । ग्रामीण स्त्रियाँ कजरी गीत गाती हैं । वर्षा ऋतु के आगमन की प्रतीक्षा आम नागरिक भी करते हैं । जब पहली बारिश होती है तो लोगों को भीषण गरमी से राहत मिलती है ।

खुले बदन पहली बारिश का आनंद लेने वाले भी कम नहीं । कभी अंधी-तूफान के साथ वर्षा होती है तो कच्चे मकानों को नुकसान पहुँचता है । अत्यधिक वर्षा से जल-प्लावन की स्थिति उत्पन्न हो जाती है । खेत-खलिहानों मैदानों तथा ऊँची भूमि का पानी नदी-नालों में जमा होने लगता है ।

कई नदियों में बाढ़ आ जाती है । नदी का पानी तटबंध फसलों को नुकसान पहुँचाता है । बाद का पानी आबादी वाले स्थानों में घुसकर भयंकर तबाही मचाता है । बाद से जान-माल की भारी क्षति होती है । सड़कें टूट जाती हैं, यातायात व्यवस्था में व्यवधान उत्पन्न हो जाता है ।

टेलीफोन बिजली आदि के खंभे गिर जाते हैं । कभी जब बादल फटते हैं तब भी काफी नुकसान हो जाता है । वर्षा में गंदे जल के जमाव से मच्छरों, मक्खियों एवं तरह-तरह के कीटों का प्रकोप बढ़ जाता है । इस ऋतु में पेय जल अस्वच्छ हो जाता है ।

प्रदूषित जल पीने से तथा मच्छरों आदि के काटने से कई प्रकार के संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ जाता है । गली-कूचों और गिन में कीचड़ हो जाता है । कच्ची गलियों एवं सड़कों पर चलना कठिन हो जाता है । सड़कों पर भी जल-निकास की उचित व्यवस्था न होने से पानी भर आता है ।

कुछ खामियों और परेशानियों के बावजूद वर्षा ऋतु का स्वागत सर्वत्र किया जाता है । इस ऋतु में पेड़-पौधे हरे-भरे हो जाते हैं । एक कहावत भी है कि सावन के अंधे को सर्वत्र हरा-भरा दिखाई देता है । श्रावणी मास की हरियाली सबका मन मोह लेती है ।

वनों में मोर नृत्य कर वर्षा ऋतु का स्वागत करते हैं । पशुओं के लिए इस ऋतु में हरे चारे की कमी नहीं रहती । प्राकृतिक छटा देखते ही बनती है । आसमान में यदा-कदा इंद्रधनुष अपनी अछूत छटा बिखेर कर मन को आह्वादित कर देता है ।

मेढक की टर्र-टर्र एवं झींगुर की आवाज से वातावरण गुंजित हो जाता है । साँप भी अपने बिलों से निकल कर हवाखोरी करने लगते हैं । मल्लाह अपनी नौका सँभालकर नदी तट पर आ जाते हैं । बिजली की गड़गड़ाहट और चमक से विरहिणियों का मन डोलने लगता है ।

वर्षा ऋतु का आनंद अनूठा है । इस ऋतु में प्रकृति तरह-तरह की लीलाएँ करती है । हमें इस ऋतु का पूरा आनंद उठाना चाहिए । इस ऋतु में स्वच्छता का पालन अवश्य करना चाहिए । स्वस्थ रहकर ही हम वर्षा ऋतु का पूरा लुल्क उठा सकते हैं ।

Hindi Nibandh for Class 7 (Essay) # 10

एकता में बड़ी शक्ति होती है । यदि परिवार में एकता होती है तो उसके सभी सदस्यों का उचित विकास होता है । यदि समाज में एकता होती है तो समाज उन्नति करता है तथा सामाजिक कार्य आसानी से संपन्न किए जा सकते हैं ।

इसी तरह यदि राष्ट्र के लोगों में एकता होती है तो शत्रु उस राष्ट्र का बाल-बाँका तक नहीं कर पाते । राष्ट्रीय एकता की स्थिति में राष्ट्र का तेजी से विकास होता है । इतिहास गवाह है कि आपसी फूट का फायदा शत्रुओं को मिला है । रावण और विभीषण की आपसी फूट का लाभ राम को मिला ।

जयचंद और पृथ्वीराज की शत्रुता का लाभ मुहम्मद गौरी ने उठाया । सिकंदर ने भारत के राजवंशों के आपसी झगड़े का लाभ उठाकर भारत पर आक्रमण कर दिया । राजपूत राजा आपस में झगड़े तो मुगलों की बन आई । अँगरेजों ने भारतीय राजाओं नवाबों की अनेकता का भरपूर लाभ उठाया और भारत में अपनी प्रभुसत्ता स्थापित कर ली ।

‘फूट डालो और राज करो’ उनकी प्रसिद्ध नीति थी । कांग्रेस में एकता न रही तो देश में अनेक दल बन गए और अंतत: देश का विभाजन हो गया । एकता में असीम बल है । बिखरे हुए लोग किसी बड़े काम को उसके अंजाम तक नहीं पहुँचा सकते ।

कहा भी गया है – ‘अकेला चना भीड़ नहीं फोड़ सकता ।’ यदि सम्मिलित शक्ति से प्रयास किए जाएँ तो असंभव से दिखाई देने वाले कार्य भी पूरे हो सकते हैं । मधुमक्खियाँ एक साथ मिलकर ही मधु संचय कर पाती हैं । सैनिक एकजुट होकर ही शत्रुओं को परास्त कर सकते हैं । नागरिकों की एकजुटता किसी बड़ी क्रांति को जन्म देती है ।

यहाँ तक कि अपराधी भी दल बाँधकर गिरोह बनाकर अपने बुरे मंसूबे में कामयाब हो जाते हैं । लेकिन हमें एकता को शुभ कार्यो में लगाना चाहिए । ऐसी एकता किसी काम की नहीं जिससे दूसरों का बुरा होता हो । एकता का उद्देश्य शुभ होना चाहिए ।

एकता किसी भी समाज अथवा राष्ट्र के लिए संजीवनी शक्ति है । बड़े-बड़े बाँध, कारखाने, आलीशान महल, नहरें, खनन उद्योग, कृषि एवं औद्योगिक विकास की आधारभूमि राष्ट्रीय एकता है । जब राष्ट्र के लोग मिलकर प्रयास करते हैं तो उनकी समस्याओं का अंत होने लगता है ।

स्वतंत्रता आंदोलन के समय राष्ट्रीय एकजुटता अद्वितीय थी इसलिए हम विदेशियों को बाहर करने में सफल हुए । स्वतंत्रता के बाद हमें कई विदेशी आक्रमणों का सामना करना पड़ा हमने सभी आक्रमणों का डट कर एकजुट होकर मुकाबला किया । शास्त्री जी ने ‘जय जवान जय किसान’ का नारा देकर राष्ट्र को उसकी सम्मिलित शक्ति का आभास कराया ।

कारगिल विजय हमारी संगठित शक्ति का प्रतिफल था । अंतरिक्ष में भारत की उपलब्धियाँ तथा भारत का परमाणु शक्ति से संपन्न होना हमारे वैज्ञानिकों के सम्मिलित प्रयासों का ही परिणाम कहा जा सकता है । आज पूरी दुनिया आतंकवाद का मुकाबला मिलकर कर रही है क्योंकि कोई अकेला देश अपने प्रयासों से इस समस्या पर काबू नहीं पा सकता ।

सामाजिक एकता के लिए आवश्यक है कि लोग अपनी-अपनी जिद छोड़े और लक्ष्यों का निर्धारण कर उनके प्रति संकल्पित हो जाएँ । लेकिन ‘अपनी डफली अपना राग’ छेड़ने वाला समाज बिखर जाता है, उनमें फूट पड़ जाती है ।

मजदूर और कर्मचारी अपना सघ बनाकर अपनी माँगे मनवाने में सफल हो जाते हैं । परंतु जब उनमें फूट पड़ती है तो नियोक्ताओं को लाभ होता है । एकता के बल की महिमा अनंत है । जिन्हें यह समझ है, वे अपने परिवार, समाज और राष्ट्र को सुखी-संपन्न और गौरवान्वित कर सकते हैं ।

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essay on discipline in hindi for class 7

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Essay on Discipline: Sample Essays of 100, 200 & 400 Words

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  • Updated on  
  • Apr 24, 2024

Essay on Discipline

Discipline is something that assists in keeping a person in control. According to Merriam-Webster ‘Discipline is control gained by enforcing order or obedience ‘. It also refers to orderly conduct or pattern of behaviour. Discipline motivates a person to progress and eventually achieve success. Hence, it is important. There are two types of discipline- induced discipline and self-discipline. An essay on discipline is usually given as a task in a school. Hence, we have provided sample essays on discipline in 200 words, 300 words, and 400 words. Keep reading to know more about the same.

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To improve your essay writing skills, here are the top 200+ English Essay Topics for school students.

Table of Contents

  • 1 Essay on Discipline (100 Words)
  • 2 Essay on Discipline (200 Words)
  • 3 Essay on Discipline (400 Words)
  • 4 Short Essay on Discipline
  • 5 10 Lines on Discipline
  • 6 Quotes on Discipline in Students Life

Essay on Discipline (100 Words)

Discipline is a behaviour that encourages people to obey the set rules by an authority. It is important for every phase of life and helps to achieve success and fulfil dreams. Self-discipline helps in increasing confidence in people. For a student, it is the parents and teachers who teach discipline. A disciplined person can stay focused and stay committed to goals. It also helps in shaping the personality of a student. Thus discipline is helpful. Generally, a student is taught discipline at school. Those who are obedient at school can learn discipline. Thus, a good and healthy life can be achieved if a person is disciplined.

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Essay on Discipline (200 Words)

Discipline means meeting all the commitments on schedule and following the order or rules. Discipline allows a person to understand how important time is, and respect people. A disciplined person has easily overcome hurdles and reaches their goals. Hence, it has a huge impact on the lives and behaviours of people.


Everyone’s life revolves around discipline. From childhood to adulthood it plays a crucial role in every phase of human life. Some of the places where discipline is important are the school, colleges, and universities. It is essential to boost confidence and focus to achieve goals.
Discipline allows a person to concentrate on their studies, obtain the marks required, and prepare well for the future. All these things are essential for the success of people. Moreover, it helps a person to become physically and mentally fit.

A disciplined person is someone who has full control of their actions, and thoughts. Moreover, a disciplined person can easily gather the respect of others. This is because discipline is the first step toward the success of an individual. Thus, such a person can easily live a happy and fulfilled life. 
Discipline is essential for hard work and focus. A way of life that is based on order can result in happiness and success. Not only does it help an individual to reach goals. It also helps a person feel good and gain control of life.


To build a successful life it is essential to have discipline in life. It is as important as oxygen or the air we breathe. Discipline eventually helps in the overall development of the human being. That is, it helps a person to be physically, and mentally fit work towards a goal, and achieve success in life.

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Essay on Discipline (400 Words)

Discipline is one of the most important virtues in a person’s life. Discipline is a way to keep yourself and the actions that a person performs in check. There are two types of discipline induced discipline and self-discipline. It is one of the key aspects of becoming a successful individual. Disciplined person generally meets all their deadlines and fulfils all their responsibilities on time. Thus, such a person can work hard, stay focused, and achieve goals. In a student’s life, it is the family and teachers who play a key role in inculcating this virtue.


Discipline is significant for success. It is the first thing a person needs to do to start learning in life. It makes people sure of themselves and thus Moreover, it helps a person to achieve goals in life. Generally, a disciplined person gets more opportunities and chances in life. Several great individuals and prominent people were disciplined. For example , and . They were successful because they lived a disciplined life.


Discipline has several advantages. That is, everyone needs discipline if they want a smooth, and successful life. Those who do not inculcate this virtue often go through several difficulties. Students and professionals require discipline to work effectively. 
Moreover, discipline helps to gain respect in society. Everyone admires people who have good habits and are disciplined. Another advantage of discipline is that it helps a person to be punctual, work hard, and stay focused. Moreover, a disciplined person can become healthy and active.


In school, discipline is one of the most important factors that helps to determine if a student has a chance of becoming successful. Disciplined students are less stressed, motivated to study, focused, and active. Those who lack discipline in the academic sector won’t be able to perform well in their studies. To develop a good career, it is essential to be disciplined. Schools teach student discipline. Essentially, the value of time and time management is learned by the student. Teachers also prefer self-disciplined students.


Everyone needs discipline in their lives. It is important to achieve success in life. Without discipline, it is not possible to live a meaningful life. Hence, the need and value of discipline can’t be denied. That said, it can be hard to be disciplined in life as it requires continuous and persistent effort 

Short Essay on Discipline

Have you ever wondered how some people seem to achieve so much? A big part of their success might be something called discipline. It’s like a magic trick you can learn yourself.

Discipline means training yourself to do things even when you don’t feel like it. It’s like setting a goal, like practising piano every day, even if you’d rather watch TV. At first, it might feel tough.

But the more you practice, the easier it gets. Soon, you will be playing those cool songs you always wanted to learn.

Discipline helps us in many ways. It keeps us on track with schoolwork, lets us finish chores without complaining, and even helps us eat healthy foods. It’s like a superpower that makes us stronger and more focused.

Being disciplined is not always about big things. It can be as simple as making your bed every morning. These small habits add up to big results. You’ll feel proud of yourself for sticking to your plans, and that’s a pretty awesome feeling.

So, next time you want to achieve something, remember the power of discipline. With a little practice, you can accomplish anything you set your mind to.

10 Lines on Discipline

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Quotes on Discipline in Students Life

While writing the essay on disciple a student can include popular quotes. It can make their essays stand out. Moreover, reading quotes on discipline can inspire a student to be disciplined in their life, 

  • What lies in our power to do, lies in our power not to do.”– Aristotle
  • Discipline is the bridge between goals and accomplishment.”– Jim Rohn
  • “There is no magic wand that can resolve our problems. The solution rests with our work and discipline. ”Jose Eduardo dos Santos
  • “Self-respect is the fruit of discipline; the sense of dignity grows with the ability to say no to oneself.”– Abraham Joshua Heschel
  • “For a man to conquer himself is the first and noblest of all victories. ” Plato

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An essay on discipline talks about the importance of discipline in a person’s life. A disciple is something that keeps each person in control. It motivates a person to achieve success in their life.

Discipline means being consistent, and following the set rules or order. AA disciplined person will follow the written and unwritten rules. There are several unwritten rules in schools. A disciplined student will follow the written and unwritten rules.

A school discipline essay contains the introduction, body, and conclusion, A student needs to include the importance of discipline while writing the essay.

Check out our Popular Essay Topics for Students

Discipline refers to an orderly conduct or pattern of behaviour. It involves following the rules in a school or an organization. Self-discipline is also important for success in life.

For more information on such informative essay topics, visit our essay writing page and follow Leverage Edu .

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Blessy George

Blessy George is a Content Marketing Associate at Leverage Edu, boasting over a year of experience in the industry. Her expertise lies in crafting compelling content tailored to online courses, making her a go-to source for those navigating the vast landscape of digital learning. In addition to online classes, she writes content related to study abroad, English test preparation and visas. She has completed her MA degree in Political Science and has gained valuable experience as an intern.She is known for her extensive writing on various aspects of international education, garnering recognition for her insights and contributions. Apart from her professional pursuits, Blessy is passionate about creative writing, particularly poetry and songwriting.

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  2. अनुशासन पर निबंध/essay on discipline in hindi/10 lines on discipline in hindi/essay on anushasan

  3. अनुशासन पर निबंध/10 lines on discipline in hindi/essay on discipline in hindi/discipline par nibandh

  4. अनुशासन के महत्व पर निबंध

  5. 10 लाइन अनुशासन पर निबंध/10 line anushasan par nibandh hindi me/10 line on discipline in hindi

  6. 10 Lines essay on Discpline in Hindi //Hindi essay // अनुशासन

COMMENTS

  1. अनुशासन पर निबंध (Discipline Essay in Hindi)

    अनुशासन पर निबंध (Discipline Essay in Hindi) By अर्चना सिंह / July 24, 2023. हर एक के जीवन में अनुशासन सबसे महत्पूर्ण चीज है। बिना अनुशासन के कोई भी एक खुशहाल ...

  2. अनुशासन पर निबंध Essay on Discipline in Hindi

    Hindi Essay and Paragraph Writing - Discipline (अनुशासन ) for all classes from Class 1 to Class 12 . अनुशासन पर निबंध - इस लेख में हम अनुशासन का अर्थ, जीवन में अनुशासन का महत्त्व, दैनिक जीवन में अनुशासन ...

  3. अनुशासन पर निबंध

    अनुशासन निबंध हिंदी में - Essay on Discipline in Hindi for Class 5 - Essay on Discipline in Hindi for Class 6 - Discipline Essay in Hindi for Class 7 - Anushasan Essay in Hindi for Class 7 - Discipline Hindi Essay Class 8 - Discipline Hindi Essay Class 9 - Anushasan par Nibandh

  4. अनुशासन पर निबंध 10 lines 100, 150, 200, 250, 300, 500 शब्दों मे

    अनुशासन निबंध 10 पंक्तियाँ (Discipline Essay 10 lines in Hindi) 1) अनुशासन का अर्थ है उचित नियमों और विनियमों के साथ जीवन जीना।. 2) इसमें नियम, विनियम ...

  5. अनुशासन का महत्व पर निबंध- Essay on Discipline in Hindi

    In this article, we are providing Essay on Discipline in Hindi / Anushasan Ka Mahatva in Hindi अनुशासन पर निबंध हिंदी में, अनुशासन का महत्व, अनुशासन का अर्थ। Discipline essay in 150, 200, 300, 500, 1000 words For Class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 Students.

  6. अनुशासन पर निबंध Essay on Discipline in Hindi (1000W)

    अनुशासन पर 10 लाइन Few Lines about Discipline in Hindi. अनुशासित व्यक्ति आज्ञाकारी होता है।. अनुशासन दो शब्दों से मिलकर बना है अनु+शासन, 'अनु' का अर्थ है ...

  7. अनुशासन पर निबंध (Essay On Discipline In Hindi)- विद्यार्थी और अनुशासन

    अनुशासन पर निबंध (Essay On Discipline In Hindi)- अनुशासन हर व्यक्ति के जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। जो व्यक्ति अपने जीवन में अनुशासन कायम कर लेता है, वो व्यक्ति ...

  8. विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व पर निबंध

    Essay on Importance of Discipline in Students life in Hindi: हम यहां पर विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में छात्र जीवन में अनुशासन का महत्व (Chatra Jeevan Mein ...

  9. विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध Essay on Student and Discipline in Hindi

    विद्यार्थी और अनुशासन का अर्थ Definition of Student and Discipline in Hindi. अनुशासन शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है अनु+शासन। इसका अर्थ होता है कि किसी भी नियम के ...

  10. अनुशासन पर निबंध

    विद्यार्थी और अनुशासन पर निबन्ध | Essay on Student and Discipline in Hindi. अनुशासन |Discipline in Hindi. विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का बहुत महत्व होता है । अनुशासन के ...

  11. अनुशासन पर निबंध

    Essay on Discipline in Hindi 350 Words. अनुशासन किसी व्यक्ति या संस्था के सफल भविष्य निर्माण कर सकता है अगर अनुशासन नहीं होगा तो भविष्य का निर्माण कभी भी ...

  12. Essay on importance of discipline in hindi, paragraph, article: अनुशासन

    अनुशासन का महत्व पर निबंध, essay on importance of discipline in hindi (100 शब्द) अनुशासन एक मूल्यवान गुण है। यदि आप अनुशासित हैं तो आप अपने स्कूल के असाइनमेंट को पूरा कर सकते हैं और ...

  13. अनुशासन पर निबंध

    अनुशासन पर छोटे तथा बड़े निबंध (Essay on Discipline in Hindi) अनुशासन का महत्त्व - Importance Of Discipline. रूपरेखा- ... 7 Perfect & Flexible Classroom Seating Arrangements That Teachers Love;

  14. Essay on Discipline in Hindi

    500 Words Essay on Discipline in Hindi. अनुशासन पर निबंध - अनुशासन एक ऐसी चीज है जो प्रत्येक व्यक्ति को नियंत्रण में रखती है। यह एक व्यक्ति को जीवन में ...

  15. विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध

    ADVERTISEMENTS: विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध | Essay on Student and Discipline in Hindi! मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है । किसी समाज के निर्माण में अनुशासन की महत्वपूर्ण ...

  16. अनुशासन पर निबंध

    अनुशासन पर निबंध | Essay on Discipline in Hindi: व्यक्तिगत स्तर पर अनुशासन आत्म-नियंत्रण विकसित करने में बेहद मदद करता है, जिससे व्यक्ति वर्तमान संतुष्टि का विरोध कर ...

  17. विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध

    Essay On Discipline In Student Life In Hindi अनुशासन शब्द अनु और शासन दो शब्दों से मिलकर बना हैं, जिसका अर्थ होता हैं नियमों रहना. आज का यह हिंदी निबंध अनुशासन पर ...

  18. 10 Lines Discipline in Hindi

    Providing 10 Lines on Discipline in Hindi Essay for classes 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12. हिंदी में अनुशासन पर 10 वाक्य | लाइन निबंध ... इस लेख के माध्यम से हमने Ten lines on Discipline in Hindi Essay का वर्णन किया है ...

  19. अनुशासन पर 10 वाक्य (10 Lines on Discipline in Hindi)

    Anushasan par 10 Vakya - Set 1. 1) समय का पाबंद, बड़ों का सम्मान, नियमित दिनचर्या व बुरी आदतों से दूर रहना अनुशासन कहलाता है।. 2) अनुशासन वह नियम है जिसके ...

  20. Essay On Importance Of Discipline for Students

    Discipline, makes a person avoid distractions of various kinds. A feeling of sincerity and seriousness comes in due to discipline. Consequently, a high-quality focus is the result of discipline. Discipline brings a lot of respect for an individual from others. A disciplined individual by his very nature would command respect from others.

  21. Essay on Discipline for Students and Children

    500+ Words Essay on Discipline. Essay on Discipline - Discipline is something that keeps each person in control. It motivates a person to progress in life and achieve success. Everyone follow discipline in his/her life in a different form. Besides, everyone has his own prospect of discipline. Some people consider it a part of their life and ...

  22. Hindi Essays for Class 7: Top 10 Hindi Nibandhs

    Hindi Nibandh for Class 7 (Essay) # 10. एकता ही बल है पर निबन्ध | Essay on Unity is Strength in Hindi. एकता में बड़ी शक्ति होती है । यदि परिवार में एकता होती है तो उसके सभी सदस्यों का ...

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    Discipline motivates a person to progress and eventually achieve success. Hence, it is important. There are two types of discipline- induced discipline and self-discipline. An essay on discipline is usually given as a task in a school. Hence, we have provided sample essays on discipline in 200 words, 300 words, and 400 words.