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Problem Solving Skills क्या है और किसी भी समस्या को कैसे सुलझाएं ?

आपने काफी सारे interview  दिए होंगे और देखा होगा की साक्षात्कार किसी भी कैंडिडेट का problem solving skills जैसी  क्षमता जाँचने के लिए अलग तरह के क्वेश्चन पूछता है ताकि वह जान सके की यदि कंपनी के किसी काम में कुछ समस्या आती  है तो आप सुलझा पाते है या नहीं इस  article में हमने कुछ ऐसी ही बातें बताई है जिसके द्वारा आप भी अपने प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल को और ज्यादा इम्प्रूव कर सकते है।  

Table of Contents

समस्या समाधान कौशल (Problem Solving Skills) क्या हैं?

एक ऐसा कौशल जब व्यक्ति अपनी व दुसरो की परेशानियों (problems) का हल ढूढ़ने का गुण रखता हों l इसका अर्थ यह हुआ की व्यक्ति आ रही परेशानियों का हल बड़ी जल्दी और आसानी से कर लेता है l और ऐसे उपायों को अपनाता है जिससे उसे आ रही दिक्कतों का सामना करने में एक शक्ति मिले l सामान्य तौर पर देखा जाए तो हमें अपनी जीवन मे ऐसे कई बार ऐसी परेशानी और दिक्कतों से गुजरना पड़ता है जब हम अकेले होते है और हमारे सुझाव देने वाले व्यक्ति हमसे हमारी बचकाने हरकतो की कोई उमीद नहीं करते इस जगह हमें अपने स्वयं के निर्णय खुद लेना पड़ता हैं  और आगे बढ़ना (move forward) होता है l

अब यहाँ देखा जाए तो दूसरी ओर ध्यान दे तो एक कर्मचारी, एक पुलिसकर्मी, अधिकारी आदि को भी इस स्किल की जरूरत होतीं हैं क्योंकि वहा बड़े स्तर पर उच्च विचार व समाधान की जरूरत होती है और ऐसे अनेकों परिस्थिति (situations) आती है जब हमें अपने कौशल की जरूरत दिखानी होतीं है वैसे देखा जाए तो कुछ व्यक्तियों मे यह गुण जन्मजात दिखाई देता है वजह ये होतीं की हमे अपने परिवार के अंदर ऐसे लोग जरुर मिलते है जो अपनी तेज बुद्धि से प्रभावित करते है और बच्चे  अपने माता पिता को हमेशा कॉपी करते देखे गए है और कुछ अपने माता पिता के गुण प्राप्त कर लेते हैं l 

Problem Solving Skills मे कौन-कौन से कौशल सामिल होते है ? 

इसके विभिन्न टाइप को इस प्रकार समझा जा सकता हैं जो नीचे दिए गए तालिकाओं में हैं l

  • बातचीत ( communication ) 

प्रायः देखा गया है की कुछ परिस्थिति ऐसी भी होतीं है जहाँ बातचित के माध्यम से भी समस्या का हल निकला जाता है l देखा गया है की बड़े बड़े कंपनियाँ ऐसे कर्मचारी वर्ग की तलाश मे रहती है जिनका communication skills मजबूत हो ताकि आने वाले क्लाइंट या कस्टमर से अच्छी प्रकार से बातचित करने में सक्षम हो l कई बार ऐसी स्थिति आ जाती है जहाँ समस्याओं को बहस के माध्यम से भी सुलझाया जा सकता है l उदाहरण हम कोर्ट मे वकीलों का भी ले सकते है जहाँ वे अपनी skills का प्रयोग बहुत ही खूबसूरत ढंग से करते हैं l

  • निर्णय निर्माण (Decision making ) 

इस कौशल को सबसे अधिक लोगो ने सही माना है क्योंकि व्यक्ति जब स्वयं निर्णय लेता है और उन लिए निर्णय पर काम करता है तो उसे अंदर से साहस (encourage) और आत्मविश्वास (self-confidence) जैसे भावना का निर्माण होता हैं l

  • खोज करना (Research)  

कुछ व्यक्तियों की प्रवृति चीजों को ढूंढ कर तथा उसमे छुपे रहस्यों को जानकर संतुष्टि मिलती हैं l यही परिस्थिति उसे जब अपनी किसी समस्या का समाधान करने के लिए बोला जाए तो खोज जैसी विधि को अपनाएगा और ऐसे तथ्य को सामने लाने की कोशिश करेगा ताकि उसे स्वयं को खुशी मिले l

  • विश्लेषण करना (Analysis ) 

कई बार समस्या को देखने मात्र से ही उसका हल नहीं निकला जा सकता l समस्या इतनी गहरी होतीं हैं की हमें उसमे छुपे राज को ढूँढना और समाधान करना शामिल होता हैं l एक अध्यापक अपने शिष्यों के खराब परिणाम आने पर आ रही परेशानियों को ढुंढता है फिर बच्चों की शिक्षा विधि मे बदलाव लाकर उसे आगे की शिक्षा करवाता हैं l

  • स्वतंत्र निर्णय (Independent thinking) 

यह विधि सबसे  बढ़िया मानी गयी हैं l कई बार परिस्थिति ऐसी आ जाती है जब हम उसे समय पर छोड़ देते है ताकि समय के साथ कुछ-कुछ चीजें बदल जाती है उन्हें कुछ पल के लिए छोड़ दिया जाए तो समाधान अपने आप निकल जाता है l उदाहरण के रूप में समझे तो हम पायेंगे की एक फेक्ट्री के मजदूरों को कुछ समय के लिए छोड़ दिया जाता है ताकि वो अपना adjustment  करने में सक्षम हो जाए l कुछ दिनों बाद हमें पता लगेगा की मजदूर वर्ग बनाई गयी समय सारणी को फॉलो कर रहे हैं l

  • सबके साथ मिलकर काम करना ( teamwork)

प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल (problem solution skills) में teamwork को शामिल किया गया है कभी कभी कुछ ऐसी प्रॉब्लम होती है जिन्हे अकेले सुलझा पाना मुश्किल होता है या इसमें ज्यादा समय निकल जाता है लेकिन ऐसे में अगर सब मिलकर उस प्रॉब्लम पर काम करे तो उसको जल्दी ठीक किया जा सकता है उदहारण के  तौर पर मान लो आपकी कंपनी में किसी काम में  कुछ प्रॉब्लम हुई है ऐसे में अगर पूरी team मिलकर चले तो उसको एक निश्चित समय में ठीक किया जा सकता है।

प्रोब्लॉम सोल्विंग स्किल (Problem Solving Skills) की खासियत 

  • निर्देशक की भूमिका  

जी हाँ अगर आपको समस्या समाधान में काबिल पाया जाता हैं तो आपको एक निर्देशक की भूमिका निभाने का अवसर जरूरत मिलेगा l आप लोगों के लिए एक खास व्यक्ति बन सकते हैं जो हर समस्याओं का हल जनता हों l

  •   Leadership की भूमिका

आपका नेता वाला गुण लोगों को तभी पसन्द आता है जब आप कठिन परिस्थिति में लोगों के साथ खड़े रहेंगें और समस्या में आपका यह गुण आपको एक अलग पहचान देगा l

  •  समायोजन (Adjustment ) 

अगर आप आपका solution लेवल हाई हैं तो आप किसी के भी लोकप्रिय व्यक्ति बन सकते है एक इंस्टीट्यूशन को समझदार व solution-orientated  की नजर के कामकर्ता की जरूरत होतीं हैं l

  •  Interview   

किसी संस्था में अगर आप अच्छी जॉब पाना चाहते है तो आपको अपनी mind की capability से अपने बॉस को खुश करना होगा हो सकता है की वो आपकी मेंटलिटी देखने के लिए ऐसी परिस्थिति पैदा करे जिससे आप घबरा जाए तो यहाँ आपका solution area मजबूत होना आवश्यक हैं l 

  •  परेशानियों के प्रति चेतनशील

जिन व्यक्तियों मे समस्या समाधान की कौशलता (problem solving skills) पूर्ण रूप से विकसित होतीं है वे व्यक्तियों आने वाली परेशानियों के प्रति चिंता मे नहीं रहते बल्की उससे अच्छा वेकल्पिक रास्ता ढूंढ लेते है ताकि उसमें  भी कुछ productive मिले l और समस्याओं से सीखकर आगे बढ़ते हैं l

Problem Solution Skills में Improvement कैसे लाएं ?

यहाँ हम कुछ  ऐसे tips बताएँगे जिनका उपयोग करके आप  भी अपना problem solving skills इम्प्रूव  कर सकते है –

  • समस्याओं पर गहनता से अध्यन करना अनिवार्य हैं जैसे जैसे हम अपनी मानसिक क्षमता का प्रयोग उलझनों को मिटाने में सहायक पायेंगे तो हम जानेंगे की हमारी मानसिक क्षमता कहाँ तक deserve कर रही हैं l
  • समस्या समाधान किताबें तथा आर्टिकल्स को पढ़ने से भी समस्या समाधान स्किल को कही हद तक improve होगा क्योंकि कई बार हम पड़ते समय अपने जवाबों का हल भी पा लेते है ये तब होता है जब हम उन किताबों व आर्टिकल में समाधान से सम्बन्धित विषयों के प्रति सुविचार पाते हैं l
  • समस्या के समय अपने आप को शांत रखना और फिर उन पर गहनता से विचार करना और फिर समस्या का समाधान करना पॉजिटिव पॉइंट है l
  • अपने आप को समस्या की परिस्थिति में रखने से भी मानसिक एकाग्रता (concentration) विकसित होतीं हैं l अगर हम परेशानियों से भागेंगे तो समस्या का समाधान स्वयं कभी ढूंढने के काबिल नहीं हो पाएंगे l इसलिए किसी भी समस्या से भागने से ज्यादा समय उसको सुलझाने पर देना चाहिए 
  • हम दूसरे लोगों की समाधान करने के तरीको observe करके भी अपनी कौशलता बढ़ा सकते हैंl 

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Problem Solving Skills: क्या है प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल, कैसे सीखें, नहीं होगी जॉब की कमी

Problem solving skills for students: आज हम आपको बताएंगे कि अपनी प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल को कैसे निखारे।.

  • प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल क्या है?
  • करियर ग्रोथ के लिए ये स्किल्स जरूरी क्यों हैं?
  • यहां जानें कैसे इंप्रूव करें प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स

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समस्या समाधान विधि- विशेषताएँ, प्रक्रिया, पद / सोपान, गुण, दोष

समस्या समाधान विधि

अनुक्रम (Contents)

समस्या समाधान विधि (Problem Solving Method)

समस्या समाधान विधि प्रोजेक्ट तथा प्रयोगशाला विधि से मिलती-जुलती है परन्तु यह जरूरी नहीं है कि प्रत्येक समस्या का समाधान प्रयोगशाला में ही हो। कुछ कम जटिल समस्याओं का समाधान प्रयोगशाला से बाहर भी किया जा सकता है। इस विधि का प्रयोग छात्रों में समस्या समाधान करने की क्षमता उत्पन्न करने के लिए किया जाता है। छात्रों से यह आशा की जाती है कि वे स्वयं प्रयास करके अपनी समस्याओं का हल स्वयं ही निकालें। इस विधि में छात्र समस्या का चुनाव करते हैं और उसके कारणों की खोज करते हैं, परीक्षण करते हैं और समस्या का मूल्यांकन भी करते हैं।

तकनीकी शिक्षण में इस विधि का प्रयोग प्रभावशाली ढंग से किया जा सकता है। छात्रों के लिए यह अत्यन्त उपयोगी एवं मनोवैज्ञानिक मानी जाती है। इससे बालकों की चिंतन और तर्क शक्ति का विकास होता है परन्तु इसका प्रयोग प्राथमिक स्तर पर सफलतापूर्वक करना सम्भव नही है।

आसुबेल (Ausubel) के अनुसार, समस्या समाधान में सम्प्रत्यय का निर्माण तथा अधिगम का अविष्कार सम्मिलित है।”

According to Ausubel, “Problem solving involves concept formation and discovery learning.”

गैग्ने (Gagne) के अनुसार, “समस्या समाधान घटनाओं का एक ऐसा समूह है जिसमें मानव किसी विशिष्ट उददेश्य की उपलब्धि के लिए अधिनियमों अथवा सिद्धान्तों का उपयोग करता है।”

According to Gagne, “Problem solving is a set of events in which human being uses rules to achieve some goals.”

रिस्क (Risk) के अनुसार, “शिक्षार्थियों के मन में समस्या को उत्पन्न करने की ऐसी प्रक्रिया जिससे वे उद्देश्य की ओर उत्साहित होकर तथा गम्भीरतापूर्वक सोच कर एक युक्तिसंगत हल निकालते है, समस्या समाधान कहलाता है।”

According to Risk, “Problem solving may be defined as a process of raising a problem in the minds of students in such a way as to stimulate purposeful reflective thinking in arriving at a rational solution.”

रॉबर्ट गेने के अनुसार, “दो या दो से अधिक सीखे गए कार्य या अधिनियमों को एक उच्च स्तरीय अधिनियम के रूप में विकसित किया जाता है उसे समस्या-समाधान अधिगम कहते हैं।”

शिक्षण की इस विधि में शिक्षण तीनों अवस्थाओं के रूप में कार्य करता है तथा छात्रों को विभिन्न समस्याओं का समाधान करने की योग्यता प्राप्त होती है।

समस्या की विशेषताएँ (Characteristics of a Problem)

अध्ययन के लिए चुनी जाने वाली समस्या में निम्नलिखित विशेषताएँ होनी चाहिए-

(1) समस्या छात्रों के पूर्वज्ञान से सम्बन्धित होनी चाहिए ताकि उनको समस्या का हल ढूँढने में आसानी हो।

(2) समस्या छात्रों के लिए उपयोगी तथा व्यावहारिक होनी चाहिए।

(3) समस्या छात्रों की रुचि एवं दृष्टिकोण के अनुसार होनी चाहिए।

(4) समस्या चुनौतीपूर्ण होनी चाहिए जिससे छात्रों में सोचने तथा तर्क करने की शक्ति का विकास हो।

(5) समस्या पाठ्यक्रम के अनुसार होनी चाहिए तथा इतनी विशाल नहीं होनी चाहिए कि छात्रों को उसका समाधान ढूँढने के लिए विद्यालय अथवा शहर से बाहर जाना पड़े।

(6) समस्या के आलोचनात्मक पक्ष की ओर भी पूरा ध्यान दिया जाना चाहिए। यह परिकल्पनाओं का मूल्यांकन करने के लिए अति आवश्यक है।

(7) समस्या के समाधान में उपयोग किए जाने वाले उपकरण विद्यालय की प्रयोगशाला में उपलब्ध होने चाहिए।

(8) समस्या छात्रों पर एक भार की तरह नहीं होनी चाहिए ताकि छात्र प्रसन्नतापूर्वक समस्या समाधान की विधि का उपयोग कर सकें।

(9) समस्या नई तथा व्यावहारिक होनी चाहिए जिससे छात्रों में कल्पना शक्ति तथा वैज्ञानिक क्षमताओं का विकास हो सके।

(10) समस्या छात्रों के मानसिक स्तर तथा शारीरिक क्षमताओं के अनुकूल होनी चाहिए।

समस्या समाधान की प्रक्रिया (Process of Problem Solving Method)

किसी भी विषय के शिक्षण को प्रभावी बनाने हेतु तथा उससे सम्बन्धित विभिन्न नवीन तथ्यों की खोज हेतु समस्या समाधान विधि का प्रयोग किया जाता है।

किसी भी विषय के शिक्षण में छात्रों के सम्मुख जब कोई ऐसी परिस्थिति आती है जिससे उन्हें कठिनाई या समस्या का सामना करना पड़ता है तो इससे पूर्व छात्र विषय के सम्बन्ध में जो कुछ सीखा या पढ़ा है, उसके द्वारा भी इन समस्याओं का समाधान खोजने में कठिनाई आती है तो इस प्रकार की परिस्थितियों में आवश्यक रूप से कुछ नवीन तथ्यों एवं अनुभवों पर आधारित ज्ञान प्राप्त करना अनिवार्य हो जाता है जिससे समस्या का हल खोजा जा सके।

अतः किसी परिस्थिति का सामना करने हेतु समस्त छात्रों समक्ष समस्या समाधान विधि की प्रक्रिया निम्नलिखित है-

(1) सर्वप्रथम यह जाँच लेना चाहिए कि समस्या किस प्रकार की है?

(2) उस समस्या का समाधान किस प्रकार हो सकता है।

(3) इसके पश्चात् छात्र समस्या से सम्बन्धित सृजनात्मक तथा गम्भीर चिन्तन में प्रयत्नरत रहते हैं।

(4) छात्र समस्या के अनुकूल शैक्षिक अनुभव प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।

(5) छात्र प्रकट समस्या का समाधान विभिन्न विकल्पों, जैसे- अर्जित अनुभवों आदि के आधार पर वस्तुनिष्ठ समाधान प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।

(6) इसके पश्चात् छात्र इस बात की पुष्टि करते हैं कि प्राप्त समस्या का समाधान उपयुक्त एवं सही है अथवा नहीं।

उपर्युक्त विभिन्न चरणों के द्वारा छात्र किसी विशेष समस्या का समाधान खोजकर नवीन ज्ञान एवं कौशल अर्जित करने में सफल हो जाते हैं। इस प्रक्रिया के माध्यम से किसी समस्या का समाधान करने का प्रशिक्षण छात्रों को भूगोल एवं अर्थशास्त्र के विषय विशेष का समुचित ज्ञान प्रदान कराने में अत्यन्त सहायक सिद्ध हो सकता है।

समस्या समाधान विधि के पद / सोपान (Steps / Stages Involved in the Problem Solving Method)

समस्या समाधान पद्धति के पद / सोपान निम्नलिखित हैं-

(1) समस्या का चयन करना (Selection of the Problem)- तकनीकी शिक्षण में किसी समस्या-समाधान विधि में समस्या का चयन करते समय शिक्षकों को यह ध्यान रखना चाहिए कि छात्रों को ऐसी समस्या प्रदान की जाए जिससे वे उसे हल करने की आवश्यकता समझ सके। छात्र एवं शिक्षक दोनों को सम्मिलित रूप से समस्या का चयन करना चाहिए। यदि सम्भव हो तो शिक्षकों को छात्रों के समक्ष उत्पन्न समस्या से ही एक समस्या का चयन कर लेना चाहिए। समस्या का निर्धारण करते समय मुख्य रूप से ध्यान रखना चाहिए कि छात्रों के समक्ष समस्या अत्यन्त व्यापक न हो व समस्या स्पष्ट होनी चाहिए।

(2) समस्या का प्रस्तुतीकरण (Presentation of the Problem)- समस्या का चयन करने के उपरान्त दूसरा चरण समस्या का प्रस्तुतीकरण आता है। समस्या का चुनाव करने के बाद शिक्षक छात्रों के समक्ष चयनित समस्या का सम्पूर्ण विश्लेषण करते हैं। शिक्षकों द्वारा किया गया यह विश्लेषण विचार-विमर्श आदि के माध्यम से हो सकता है। इसके पश्चात् अध्यापक छात्रों को समस्या से सम्बन्धित विभिन्न तथ्यों की जानकारी प्रदान करते हैं। जैसे- समस्या की पद्धति क्या होगी, प्रदत्त संकल्प कहाँ से और कैसे होंगे। इन समस्त जानकारियों के बाद छात्रों को समस्या की समस्त जानकारी प्राप्त हो जाती है विभिन्न तरीकों से आगे की प्रक्रिया के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त हो जाती है।

(3) उपकल्पनाओं का निर्माण (Formulation of Hypothesis)- समस्या-समाधान के तृतीय चरण में समस्या का चयन करने के उपरान्त उसका प्रस्तुतीकरण तथा उपकल्पनाओं का निर्माण आता है। इन परिकल्पनाओं के निर्माण के उपरान्त उत्पन्न समस्याओं के क्या कारण हो सकते हैं, उनकी एक विस्तृत रूपरेखा तैयार कर ली जाती है। इस विधि में परिकल्पनाओं के निर्माण के द्वारा छात्रों की समस्या के विभिन्न कारणों पर गहनता से अध्ययन चिन्तन करने की क्षमता का विकास होता है। अतः समस्या से सम्बन्धित उपकल्पनाएँ ऐसी होनी चाहिए जिनका सरलता से परीक्षण किया जा सके।

(4) प्रदत्त संग्रह (Collection of Data) – समस्या से सम्बन्धित परिकल्पनाओं के निर्माण के उपरान्त चयनित परिकल्पनाओं का छात्रों के द्वारा संकलित प्रदत्तों के माध्यम से परीक्षण किया जाता है। विभिन्न प्रदत्त संकलनों छात्रों को समस्या से सम्बन्धित दिशा-निर्देश देने हेतु निर्णय लेने में शिक्षक यह सहायता प्रदान करें कि प्रदत्त संकलन कहाँ से और कैसे प्राप्त किया जाए। अध्यापकों की सहायता से छात्र विभिन्न संदर्भों से आवश्यक प्रदत्तों का निर्माण कर लेते हैं।

(5) प्रदत्तों का विश्लेषण (Analysis of Data) – समस्या विधि के प्रस्तुत पद में उपरोक्त पदों में समस्या का चयन, प्रस्तुतीकरण, उपकल्पनाओं की निर्माण तथा चतुर्थ पद में प्रदत्तों का संग्रह करने सम्बन्धी अध्ययन किया जाता है। इसके पश्चात् पंचम पद अर्थात् प्रस्तुत पद में प्रदत्तों का विश्लेषण के माध्यम से उनका प्रयोग किया जाता है। विभिन्न प्रदत्तों के मध्य स्थापित सम्बन्धों को ज्ञात किया जाता है। इस प्रक्रिया के लिए विभिन्न तथ्यों को व्यवस्थित एवं संगठित करने के पश्चात् उनकी व्याख्या की जाती है। अतः समस्या के प्रदत्तों का विश्लेषण करना अनिवार्य होता है।

(6) निष्कर्ष निकालना (Find Conclusion)- उपरोक्त सभी प्रक्रियाओं या पदों से होते हुए समस्या समाधान के पदों का विश्लेषण हो जाता है। इसके पश्चात् प्रदत्त संग्रहों विश्लेषण के उपरान्त निष्कर्ष प्राप्त किए जाते हैं। निष्कर्ष में समस्या से सम्बन्धित परिकल्पनाएँ प्रदत्त विश्लेषण में सही एवं उपयुक्त पाई जाती हैं उनके आधार पर समस्या के समाधान से सम्बन्धित उपयुक्त निष्कर्ष प्रदान किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त इन प्राप्त निष्काष को नवीन परिस्थितियों में लागू करके समस्त तथ्यों तथा निष्कर्षों की जाँच कर ली जाती है। अतः उपरोक्त सभी पदों के माध्यम से समस्या समाधान विधि की प्रक्रिया / सोपान निर्धारित होते हैं तथा समस्या से सम्बन्धि समाधान प्राप्त हो जाते हैं।

समस्या समाधान पद्धति के गुण (Merits of Problem Solving Method)

समस्या समाधान पद्धति के गुण निम्नलिखित हैं-

(1) छात्रों में चिंतन शक्ति का विकास होता है।

(2) छात्रों में समस्याओं का वैज्ञानिक तरीके से समाधान खोजने की अभिवृत्ति तथा योग्यता का विकास होता है।

(3) शिक्षण में छात्रों की क्रियाओं की प्रचुरता के कारण अधिगम अधिक स्थायी होता है।

(4) इस पद्धति से शिक्षण करते समय छात्रों की व्यक्तिगत भिन्नताओं का ध्यान रखा जा सकता है।

(5) समस्या का चयन छात्रों की रुचि एवं मानसिक स्तर के अनुकूल होता है।

(6) छात्रों को विभिन्न समस्याओं के समाधान हेतु प्रेरित किया जाता है।

(7) समस्या पर किए गए कार्य के लिए छात्रों को पर्याप्त अभिप्रेरणा प्रदान की जाती है।

समस्या समाधान पद्धति के दोष (Demerits of Problem Solving Method)

समस्या समाधान पद्धति के दोष निम्नलिखित हैं-

(1) प्रत्येक विषय-वस्तु को समस्या समाधान पद्धति से नहीं पढ़ाया जा सकता है।

(2) समस्या समाधान पद्धति से शिक्षण में समय बहुत अधिक लगता है।

(3) सही समस्या का चुनाव स्वयं में एक समस्या है।

(4) इस विधि का उपयोग केवल बड़ी कक्षा में ही किया जा सकता है।

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problem solving skill in hindi

कोई भी मुशकिल १००% कैसे सुलझाएं | Problem solving techniques in Hindi

Problem solving techniques in Hindi

बचपन से लेके आज तक हमारे लाइफ में कई problems आये है। Exam का tension हो या job की चिंता, शादी का काम हो या paise का problem हमे हर मोड़ पर किसी न किसी problem को face करना ही पड़ता है। हम में से ऐसा कोई नयी है जिसे अब तक लाइफ में कोई problem नहीं आया हो।

पर वक़्त के साथ problems चली जाती है और हम life में आगे बढ़ जाते है। तो यह  ‘problem’ exactly है क्या?

हमारे आसपास बहुत सारे लोग ऐसे है जो difficult situation सामने आते ही डरके मारे भाग जाते है या पूरी हिम्मत हार जाते है। और कुछ लोग ऐसे भी होते है जो बिना हिचकिचाहट के निडर होके उस मुसीबत का सामना करते है और उस situation से पहले से ज्यादा strong होके निकलते है।

कुछ लोगोको problem solve करने का skill आता है तो कुछ लोगोके पास यह skill बिलकुल नहीं होता जिसके कारण वह हमेशा उलझे रहते है। इस skill को Problem Solving Skill या फिर Problem solving techniques कहते है।

यह skill हमे स्कुल या college में नहीं सिखाया जाता बल्कि खुद ही सीखना पड़ता है। आज हम आपको इस skill के बारे में बताएँगे।

Problem को solve करने के पहले problem को ठीक से समझना बहुत जरुरी है। अक्सर लोग main problem से अनजान रहते है और इसके कारण कुछ कर नहीं पाते। problem को solve करना दूर वह उसमे और उलझने लगते है।

Problem को सुलझाने का सबसे पहला कदम है Problem को exactly समझना। उसे accept कर लेना। जब तक problem को accept नहीं करोगे, स्वीकार नहीं करोगे तब तक problem को solve नहीं कर पाओगे।

7 tips problem solving ability in Hindi

१. Problem को ठीक से समझ लेना।

अक्सर कोई problem आने के बाद हम बौखला जाते है, panic होते है और उसपे अचानक से कोई reaction दे देते है। ऐसा करने से problem solve होने से ज्यादा बढ़ती है। इसीलिए पहले problem को ठीक से समझो। उसको बिना किसी पुराने विचारो से जोड़े हुए देखो और उसकी जटिलता को समझो। problem जब तक ठीक से समझ नहीं आता तब तक आप उसपे कुछ नहीं कर सकते। इसीलिए जरा रुक के problem की गेहेराई को समझो।

२ Problem को फ्रेश नज़र से देखना।

अक्सर हम किसी problem या difficult situation को देखकर मन में पहले से ही अपना मत बना लेते है । इस कारण आपको उस problem को solve करने के नए तरीके नज़र आना बंद हो जाता है । इसीलिए यह बहुत जरुरी है की आप हर problem को fresh mind से देखे और उसे नए नए तरीको से solve करने की कोशिश करे । आप जैसा दुनिया को देखोगे वैसा ही पाओगे और problem होने के अलावा और complex होने लगेगी।

३. Open Mind के साथ problem solve करना।

सामने आयी हुयी problem से लड़ते वक़्त आपके दिमाग में कई सारे ideas आएंगे जो शायद उस वक़्त आपको बेकार लगे पर ऐसी अजीब ideas को भी लिख लो या उसपे समय मिलते ही गेहेराई में सोचने के लिए park कर दो । कई बार ऐसे अजीब ideas ही उस problem का solution दे देता है जिसपे हम दिनभर सोच कर भी कुछ हासिल नहीं हो पाता ।

इसीलिए अपने दिमाग में आयी हर चीज़ पर गौर करो । अपने मन को नए नए ideas के लिए खोल दो। हर चीज़ को positive नज़र से देखना शुरू कर दो । सकारात्मक सोच का जादू ऐसा होता है की मुश्किल से मुश्किल situations में भी आप को रस्ते मिल जाते है । इसीलिए हमेशा सकारात्मक सोच बनाके चलो ।

४. सुनो सबकी करो मन की।

अपने problem पे या situation पे काम करके भी अगर कुछ solution न मिले तोह दुसरो की सलाह लेना बहुत जरुरी है। family, friends या फिर office में काम करनेवाले आपके colleagues किसी को भी आप सुझाव मांग सकते हे। पर इसका यह मतलब नहीं की उन्होंने जो कहा वह बिना सोचे समझे करो। लोगो के opinions और सलाह सुनने के बाद वही करो जो आप को ठीक लगे। इसे आपको खुद पे confidence आएगा और आप आगे आने वाले मुश्किल situations के लिए किसी और को blame नहीं करोगे।

इसे आपको खुद पे confidence आएगा और आप आगे आने वाले मुश्किल situations के लिए किसी और को blame नहीं करोगे।

५. नतीजों के बारे में सोचना।

अक्सर हम अपने ज़िन्दगी में decisions तो ले लेते है पर बाद में उसके नतीजों से परेशान हो जाते है। इसीलिए कोई भी decision लेने से पहले यह बहुत important है की आप अपने decision के सारे impact और नतीजों के बारे में पहले ही सोच लो। यह सब प्लानिंग करने से आगे आने वाले problems के लिए आप तैयार रहते है।

६. Faith –

यह सब में सब से ज्यादा जो चीज़ मायने रखती है वह है खुद पे विश्वास रखना और डटे रहना। आपको खुद पर Faith रखना बहुत जरुरी है। problems आती रहेंगी पर आपको खुद पर भरोसा होना बहुत जरुरी है। मुश्किल हालात में Self confidence develop करना बहुत जरुरी है। Consistency के साथ अगर आप काम करोगे तोह मुश्किल से मुश्किल प्रॉब्लम भी आसानी से solve हो जाएगी।

7. सबसे महत्त्वपूर्ण मतलब – दृढ़ता रखो।

कभी – कभी समस्या बहोत जटील होती है। हमें ध्यैर्य से उसकी जाच करना जरुरी होता है। जिद्द हो तो यह करना कोई मुश्किल बात नही!

  • जैसा दुनिया को देखोगे वैसा ही पाओगे
  • सकारात्मक सोच का जादू
  • Inspirational Story In Hindi
  • सोच जो आपकी जिंदगी बदल सकती है!
  • Stay Hungry Stay Foolish

Note:  अगर आपको Problem solving techniques in Hindi अच्छी लगे तो जरुर Share कीजिये। Note:  E-MAIL Subscription करे और पायें Problem-solving techniques in Hindi and personality development in Hindi articles आपके ईमेल पर। Search Term: Problem in Hindi, How to develop personality in Hindi, Personality development in Hindi, Problem solving ability in Hindi

6 thoughts on “कोई भी मुशकिल १००% कैसे सुलझाएं | Problem solving techniques in Hindi”

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Thank u i diffinatly follow this skills.

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THATS GREAT U KNOW ITS LIKE A MOTIVATION TIP FOR US..

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Muzhe jo cheezh ki jarurat thi wo muzhe yaha mili so thanx

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Mujhe iski kafi jaroorat hai .

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bahut hi motivational gyaan hai is blog me jo humaare jeevan ko andhkaar se nikaal kar prakaash ki or marg prasast karta hai , i hope ki apke is blog ke sath humara ye rishta taumr bana rahega jeevan ke goodh rahshyon se humein awgat karata rahega dhanyawaad

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Pushpendra Dwivedi Ji,

Apaka bahut-bahut dhanyawad, aap jaise logon se hi hame or prerana milati hain achha kaam karane ke liye, aap hamase jude rahe and hamara facebook page bhi like kare.

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समस्या का नहीं, समाधान का हिस्सा बने

Mahesh Yadav

Problem solving attitude in Hindi, Problems vs Solutions

समस्याओं का आना तो इस जीवन में लगा रहता है परंतु उनका सामना करना हर किसी को नहीं आता।

जब भी हमारे सामने कोई परेशानी खड़ी होती है तो वह हमें बेहद कठिन प्रतीत होती है। परंतु वक्त गुजरने के बाद अहसास होता है कि वह समस्या हमारे जीवन में काफी छोटी थी।

लेकिन वर्तमान में जो समस्या खड़ी है वह काफी बड़ी है और इससे निकल पाना बेहद मुश्किल है।

आप बचपन का ही उदाहरण ले लीजिए बचपन में हम जिन बातों से, जिन परिस्थितियों से डर तथा सहम जाते थे।

आज उनके बारे में सोचकर हमें हंसी आती है, हमें लगता है आज हम जिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं यह बचपन की तुलना में 100 गुना कठिन है।

और इसे आप विधि का ही विधान कहें कि जीवन में समस्याओं का आना-जाना अंतिम सांस तक बना रहता है।

अतः ऐसा कहा जाता हैं मानव जिंदगी की समस्याएं “मौत” के साथ ही ख़त्म होती हैं लेकिन इसका मतलब “आत्महत्या” बिल्कुल भी नहीं हैं, इस पर मैं एक और POST बहुत जल्द करूँगा, याद रहे “आत्महत्या” किसी भी समस्या का हल नहीं हैं बल्कि एक बहुत ही कायरता वाला कदम हैं जो कुछ लोग अपने आप को समस्या से, बीमारी से, अवसाद से दूर करने के लिए उठा लेते हैं, लेकिन इसका परिणाम बहुत ही बुरा होता हैं।

लेकिन यदि जीते जी समस्याओं से पार पाने का साहस इंसान में आ जाए, तो जीवन जीना उसके लिए बेहद आसान हो जाएगा।

आप किस तरह के व्यक्ति हैं?

दो तरह के व्यक्ति होते हैं, पहला जो समस्याओं को देखकर घबरा जाते हैं। दूसरे वे जो मुश्किलों के सामने डटे रहकर उसकि आंखों में आंखें डालकर हर समस्या का हल निकलते हैं । अब सवाल है व्यक्ति किस प्रकार का होना चाहिए? जवाब – दूसरे प्रकार का

जो इंसान पहली प्रवत्ति का होता है, उसके जीवन में यदि छोटी-छोटी समस्याएं आती हैं, तो व्यक्ति उन्हें काफी बड़ी समस्या समझ कर उनसे कतराता है।

लेकिन यह सत्य है कि यदि समय रहते किसी छोटी समस्या को न सुलझाया जाए तो वह समस्या वक्त के साथ बड़ी बन जाती है।

इसलिए इंसान को हमेशा परेशानी आने पर परेशान होने के बजाय उचित समाधान पर गौर करना चाहिए।

जब हम समस्या नहीं बल्कि समाधानों का हिस्सा बनते है, तो हमारा दिमाग हमारी परेशानियों पर नहीं बल्कि उसके समाधानों पर केंद्रित हो जाता है।

और यही छोटी सी आदत अगर मनुष्य अपना ले तो वह जीवन में आने वाली हर छोटी-बड़ी समस्याओं से निपटकर गहरा अनुभव प्राप्त कर सकता है।

क्योंकि छोटी सी जब मनुष्य इस काबिल बन जाता है तो उसे अपने जीवन में आगे आने वाली समस्याओं से ज्यादा दुख नहीं होता। क्योंकि वह जानता है कि इन समस्याओं का समाधान किस प्रकार किया जा सकता है।

उसे ज्ञात होता है कि समस्या हर किसी के जीवन का एक अभिन्न अंग होती है बिना समस्या के व्यक्ति अपना जीवन भी नहीं जी सकता।हर समस्या हमारे जीवन में एक नया सबक लेकर आती है कई बार यह हमें इशारा देती है कि संभल जाओ वरना जिंदगी तुम्हें बुरी तरह गिरा देगी।

लेकिन समस्याओं से घबराने वाले लोग कई बार जीवन में बुरे फैसले लेने के लिए मजबूर हो जाते हैं।

उदाहरण के तौर पर यदि कोई छात्र समय पर शिक्षा हासिल करने की बजाय अपना मूल्यवान समय अन्य क्रियाओं में व्यतीत करता है।

तो परीक्षा के निकट आने पर वह परीक्षा में पास होने को इस चुनौती को बड़ी समस्या मानता है।

और उस समस्या से घबराकर परीक्षाओं में नकल करने का निर्णय ले लेता है, जिससे अंततः उसे ज्ञान और सम्मान दोनों की हानि होती है।

नजरिया बदल कर जीवन में हल करें सारी समस्याएं

देखा जाए तो समस्या केवल तब बनती है जब हम उसके आगे घुटने टेक देते हैं और आगे कुछ करने की सोचते ही नहीं और अपने नजरिए से उसे समस्या के रूप में देखते हैं।

जैसे कि एक विद्यार्थी की मुख्य समस्या उसकी पढ़ाई होती है परंतु देखा जाए तो पढ़ाई कोई समस्या है ही नहीं।

हम जब अपनी पढ़ाई पूरी कर लेते हैं तो उससे हमें अपने जीवन और कैरियर में अनेक लाभ होते हैं अतः क्या पढ़ाई वाकई कोई समस्या है?

नहीं ना, पर विद्यार्थी उसे अपने नजरिए से समस्या का रूप देता है।

पर उसके भविष्य को संवारने वाली शिक्षा को ही यदि वह समस्या समझ कर जीवन में उससे बचने का प्रयास करता है, तो वह अपने भविष्य के लिए आज से ही समस्याएं खड़ी कर रहा है।

अतः इस स्थिति से गुजरने वाले लोगों को अंततः यह महसूस होता है कि यदि मै पढ़ाई को समस्या ना समझता तो आज मुझे जीवन में इतनी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता।

हमें कभी भी किसी समस्या को समस्या के नजरिए से नहीं देखना चाहिए मात्र उसे अपने जीवन में छोटे सा कार्य समझकर उसका सामना करना चाहिए।

प्रत्येक समस्या को हल करने के बाद हमें हमेशा ही खुशी महसूस होती है और हमारा जीवन उस स्तिथि से एक कदम आगे बढ़ चुका होता है जिसका एहसास समस्या हल होने के बाद मिलता है।

हम आपको एक छोटी सी कहानी के माध्यम से समझाएंगे कि हमें किस प्रकार समस्या का नहीं बल्कि समाधान का हिस्सा बनना चाहिए।

यह कहानी है एक सुंदर हिरन और उसके बच्चों की, एक बार एक बड़े से जंगल में एक हिरन अपने बच्चों के साथ पानी की तलाश में घूम रहा था हिरन और उसके बच्चे बहुत दिनों से प्यासे थे।

पानी की तलाश में वे जंगल के एक कोने से दूसरे कोने में घूम रहे थे। पर उन्हें पानी कहीं भी नजर नहीं आया अतः थक हारकर अंततः दोपहर के समय वे सभी एक पेड़ के नीचे छांव में बैठ जाते हैं।

कुछ समय पश्चात जब वे वहां पर एक दम शांत बैठ जाते हैं तो उन्हें आस-पास एक उफनती नदी की आवाज सुनाई देती है।

हिरण और उसके दो बच्चे एक दूसरे को देखते है, और पानी की उसी लहर को सुनकर उसी तरफ बढ़ते चले जाते हैं। उन्हें यकीन हो जाता है आसपास कहीं ना कहीं एक नदी जरूर है इसलिए वे मन ही मन बहुत खुश हो जाते हैं।

कुछ दूर जाने के बाद नदी को देखते ही सब दौड़कर पानी पीने के लिए उस नदी में पहुंच जाते हैं और पानी पीने के लिए अपना सिर नीचे करते हैं।

खुद की और अपने बच्चों की सुरक्षा हेतु एक बार वह हिरण अपने चारों तरफ देखता है। पर बाईं तरफ हिरण पर नजरें गड़ाए जब वह एक शिकारी को देखता है तो उसके पैरों तले जमीन खिसक जाती हैं।

लेकिन अपने प्यार से बच्चों को पानी पीता देख हिरण उन्हें उस शिकारी के सामने होने के कोई संकेत नहीं देता है, और खूब घबराने के बावजूद भी वह स्वयं चुपचाप पानी पीने लग जाता है।

कुछ सेकंड पश्चात जब हिरन की नजर बाई तरफ पड़ती है तो उसे दूर पर ही खड़ा हुआ एक शेर नजर आता है। अब हिरन पहले से भी ज्यादा डर के मारे सहम जाता है, लेकिन धैर्य रखकर फिर भी अपने बच्चों को कुछ भी नहीं बताता।

अब बाहर से देखने में हिरण भले ही नदी में पानी पीता दिखाई दे रहा था परंतु मन ही मन वह अपनी दाएं एवम बाएं तरफ खड़ी हुई इस समस्या का समाधान करने की सोच रहा था।

हिरण सोचता है कि अब मुझे अपने बच्चों को पानी पिला कर पीछे की ओर भागना पड़ेगा लेकिन जब हिरन पीछे की ओर देखता है तो उसे जंगल में पीछे से नदी की ओर आ रही आग की लपटें दिखती हैं।

अब मानो हिरण के जीवित रहने की सारी उम्मीदें ही मर चुकी थी और सोचने लगता है।

कि अगर मैं आगे की ओर जाऊंगा तो सामने नदी है और मेरे छोटे से बच्चे उस नदी की धार में बह जाएंगे। अगर मैं पीछे की ओर भागता हूं तो, मैं और मेरे बच्चे आग की लपटों में जलकर राख हो जाएंगे।

अब हिरन के सामने बचने का कोई भी रास्ता नजर नहीं आता क्योंकि हिरन के बाई और शेर खड़ा था। अगर हिरन उस तरफ भागता तो शेर हिरण या हिरण के बच्चों को अवश्य मार डालता।

अगर हिरन अपनी दाएं और भागने की कोशिश करता है तो वहां खड़ा शिकारी हिरण को अपने तरकश में रखे बाण से मार डालता। अब हिरण के पास बचने का कोई भी उपाय नहीं रहा।

हिरन ने फिर भी हिम्मत नहीं हारी और यह सोचा की अगर मेरे सामने चारों तरफ से समस्याएं खड़ी हैं तो क्यों न मैं आखिरी सांस तक इसका सामना करू?

यह सोचकर हिरन अपना काम करने लग जाता है और जी भर कर पानी पीता है, जब हिरन पानी पी रहा होता है उसी समय शिकारी द्वारा छोड़ा गया बाण उसके निशाने से चूक कर बाईं दाईं तरफ मौजूद शेर को लग जाता है।

बाण लगते ही शेर गुस्से से दहाडने लगता है और उस शिकारी का पीछा करने लग जाता है।

मौका देखते ही हिरन खुशी के साथ अपने बच्चों को लेकर उस जंगल के उस तरफ भाग जाता है, जहां से वह आया था।

इस प्रकार अब हिरण अपनी उन सभी समस्याओं से छुटकारा पा चुका था जो उसके सामने खड़ी थी।

हमें हिरण की यह छोटी सी कहानी संदेश देती है कि समस्या हर किसी के जीवन में आती है ।

अतः हमें समस्या आने पर घबराकर फैसले नहीं लेनी चाहिए। परेशानी को देखकर हमें जल्द हार नहीं माननी चाहिए।

क्योंकि प्रत्येक समस्या के जन्म के साथ ही उस समस्या का हल भी हमारे पास होता है। स्वयं भगवान कृष्ण कहते हैं ऐसी कोई समस्या नहीं जिसका हल ना मिल सके।

problem solving skill in hindi

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किसी भी मुश्किल को आसानी से कैसे सुलझाएं?

Problem Solving Techniques In Hindi : समस्याएं हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा होती है, इससे हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। हमारे में से ऐसा कोई नहीं है जिसके जीवन में कोई समस्या नहीं है। पढ़ाई और एग्जाम का तनाव, करियर का टेंशन, पैसों की समस्या आदि जैसी कई समस्याएं है जिसका हमें अपने जीवन में सामना होता है।

कई लोग ऐसे होते हैं जिनके सामने मुश्किल समय आता है तो वह समस्या से डर कर अपनी हिम्मत खो बैठते हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो चाहे कितना ही मुश्किल समय क्यों न आ जायें, उसका बहुत तैयारी के साथ सामना करते हैं और उस समस्या से बहुत कुछ सीखते भी है।

Problem Solving Techniques In Hindi

इस लिए हर समस्या को अपनी गलती मान कर हार के झोले में डाल देना ये हमारी सबसे बड़ी गलती होती है। हमें उस समस्या को सुलझाने की हर संभव कोशिश करनी चाहिए। हमें हमारे जीवन में हर दिन एक नई समस्या देखने को मिलती है उसके लिए हमें कुछ न कुछ निर्णय लेना ही पड़ता है। जिससे हम उस समस्या से निजात पा सके।

बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो प्रोब्लम सोल्व करना अच्छी तरह से जानते हैं, उनके पास Skill की कोई कमी नहीं होती। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनके पास Skill की कमी के कारण हर समय उलझे ही रहते हैं। इस Skill को ही Problem Solving Skill या फिर Problem Solving Techniques कहा जाता है।

ये सबकुछ हमें न तो स्कूल में सिखाया जाता है और ना ही कॉलेज में, इसे हमें खुद के अंदर खुद को ही इम्प्रूव करना पड़ता है। खुद को ही सीखना पड़ता है।

किसी भी समस्या को हल करने से पहले उस समस्या के को अच्छी तरह से समझना बहुत ही जरूर है। उस समस्या की जड़ का पता लगाना चाहिये कि यह समस्या आने का मुख्य कारण क्या है। अधिकतर लोग मुख्य समस्या से अनजान रह जाते हैं और उनसे समस्या तो सुलझ नहीं पाती और अधिक उलझ जाते हैं।

यदि आपके पास किसी भी समस्या को सुलझाने का सबसे अच्छा तरीका है तो आप किसी भी उच्च-शिक्षित व्यक्ति या फिर बुद्धिमान व्यक्ति जो बिना किसी योजना से अपनी समस्याओं को सुलझाते हैं, इनको भी पीछे धकेल सकते हैं।

आज हम यहां पर इस Skill के बारे में विस्तार से यहां पर जानेंगे कि आप इसे अपने अंदर कैसे ला सकते हैं और किसी भी Problem को बहुत ही कम समय में कैसे सुलझा सकते है? इसके लिए आप इस लेख को अंत तक पूरा जरूर पढ़े।

किसी भी समस्या का समाधान कैसे करे – Problem Solving Techniques In Hindi

जिस प्रकार गणित में बड़े से बड़े सवाल को सिर्फ एक सूत्र द्वारा हल किया जाता है ठीक उसी प्रकार हमारे जीवन में आने वाली समस्याओं को सुलझाने की प्रक्रियाएं होती है। आप इन प्रक्रियाओं को अपने जीवन में लाकर हर समस्या को कुछ ही समय में सुलझा पाएंगे।

समस्या को स्वीकारे और उसे समझे

किसी भी समस्या की साइज़ नहीं होती, यह हमारे हल करने के तरीके की क्षमता पर छोटी या बड़ी होती है। इसलिए सबसे पहले हमें अपनी समस्या को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए और फिर इसे स्वीकार कर लेना चाहिए। क्योंकि हम जब तक उस समस्या को जानेंगे नहीं तब तक उसे हल नहीं कर पाएंगे।

अक्सर हमारे सामने छोटी सी भी प्रोब्लम आ जाती है तो हम बौखला जाते हैं और उस पर अचानक से अपनी प्रतिक्रिया दे देते हैं जिससे वह Problem और अधिक बड़ी हो जाती है। इसलिए ऐसा करने से पहले उस समस्या को अच्छी तरह से समझो, उस पर गहराई से अध्ययन करो और पुराने विचारों को अलग रखकर उसके बारे में सोचो जब तक समस्या की जड़ का पता नहीं लग जाता। तब तक उस पर कुछ विचार नहीं करें और ना ही उस पर अपनी प्रतिक्रिया दें।

नकारात्मकता दूर रखें

जब कोई समस्या आती है तो हम उस समस्या या उस कठिन समय के बारे में अपने हिसाब से ही अपना मत बना लेते हैं। इस खुद का मत बना लेने के कारण समस्या को सुलझाने का कोई नया आईडिया नहीं आ पाता।

मनोविज्ञान का मानना है कि आप यदि अपना पूरा फोकस अपनी समस्याओं पर रखते हैं तो आपका दिमाग उस समस्याओं का Solution ढूंढ ही नहीं पाता है। अर्थात् यदि आप अपने Mind को प्रोब्लम्स की ओर फोकस करेंगे, तो आपके दिमाग में Negativity घर बना लेती है और फिर दिमाग Solution के बारे में सोच नहीं पाता।

इसलिए हर समस्या को एक नई नजर से देखे और उस समस्या को अलग और नये तरीको से सुलझाने की कोशिश करें। आप अपने दिमाग को पूरा समाधान करने पर लगा दें और यह जानने की कोशिश करें कि यह समस्या कैसे आई, क्या है और यह हल कैसे होगी? इन विचारों पर ही ध्यान दें न कि Negative Thought पर।

यह हमेशा ध्यान में रखें कि “आप जिस नजर से दुनिया को देखोंगे, दुनिया आपको वैसी ही नजर आएगी।”

Read Also: नकारात्मक सोच दूर कैसे करें?

जब हमारे सामने कोई Problem आती है तो हमारे मन में उसके समाधान को लेकर कई तरह के आइडिया आने लग जाते हैं। आप उस समय आये सभी आईडिया को एक जगह पर लिख दें। क्योंकि समस्या के समय सभी आईडिया व्यर्थ और अजीब लगते हैं। इस कारण हम उन पर ज्यादा ध्यान नहीं देते और उन्हें छोड़ देते हैं। लेकिन कई बार ये व्यर्थ आये आईडिया ही समस्या को जड़ से समाप्त कर देते हैं।

इसलिए समस्या के समय दिमाग में आई हर चीज को एक पेज पर नोट करते रहे और उस पर गौर करते रहे। हर चीज को सकारात्मक तरीके से देखना शुरू कर दें। सकारात्मक एक ऐसी चीज है जो हर समस्या को पूरी तरह से खत्म कर देती है।

सुने सबकी लेकिन करें खुद की

सबसे पहले तो आपके सामने आई समस्या का समाधान खुद के स्तर पर हल करने की कोशिश करें। अपनी हर संभव कोशिश करने के बाद जब आपको लगे कि अब किसी और कि भी सहायता लेनी चाहिए तो आप उसके लिए अपने परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों, दोस्तों आदि से उसके बारे में सलाह लें। सभी की सलाह लेने के बाद फिर आप उनमें से उस सलाह का चयन करें जिसके बारे में आपका दिल बोल रहा है।

ऐसा करने से आपके खुद के अंदर कॉन्फिडेंस आएगा और आप किसी दूसरे को इसके लिए जिम्मेदार भी नहीं समझोगे।

Problem Solving Techniques

खुद पर विश्वास रखें

यदि आपको अपने खुद पर विश्वास है तो आपको सफ़ल होने से कोई नहीं रोक सकता। इसके लिए हमें पहले अपने आप पर विश्वास करना होगा।

कोई भी काम करने से पहले आपको अपने अंदर आत्मविश्वास लाना होगा कि मैं यह काम आसानी से कर सकता हूँ। ऐसा सोचने मात्र से आपके अंदर की सभी नकारात्मकता दूर हो जाएगी।

मैं उम्मीद करता हूँ कि मेरे द्वारा शेयर की गई यह जानकारी “किसी समस्या का समाधान कैसे करें (Problem Solving Techniques in Hindi)” आपको पसंद आई होगी, आप इसे आगे शेयर करना नहीं भूलें। आपको यह जानकारी कैसी लगी, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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Rahul Singh Tanwar

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Improve Soft Skills in Hindi – 10 effective Tips

Improve Soft Skills

Soft Skills vo skills hoti hai jo relate karti hai apko aapke kaam se. Yeh batati hai ki aap dusro se kaise baat karte hai, problems kaise solve karte hai aur apna kaam kaise manage karte hai. Soft skill ek bahut important factor hota hai jis par apki success depend karti hai. Isilye padhe soft skills tips ki list and improve kare soft skills in Hindi.

Apki degree or academics bhi zaroori hai but soft skills growth ke liye sabse zyada zaroori hai. Isliye iss article me mentioned kuch best soft skills tips ki list ka use kare or improve kare apni soft skills hindi me.

Soft Skills Improve Karna Kyun Zaruri Hai: Improve Soft Skills in Hindi

Soft skills har field me success ke liye zaroori hai, ab aap chahe job karte ho ya businessman ho ya kuch bhi ho, sirf degree se apko wo success, wo growth nahi milegi jo aap chahte ho. Asli growth apko soft skills se hi milegi.

hum kaafi baar dekhte hai or sunte hai unn scholars or topper students ke baare me, jo bahut hi ache hote hai padhai me. Iske alawa jo average students hote hai, jo padhai me itne ache nahi hote hai, unko koi mention nahi karta.

Lekin yeh bahut baar dekhne ko milta hai ki kabhi kabhi kuch jo topper students hote hai, unka bahut baar interviews me selection nahi hota or average students ka ho jata hai. Iska sabse bada or main reason hai soft skills.

Kabhi kabhi kuch topper students padhai me itna concentrate kar lete hai ki wo baaki factors bhul jaate hai. Interview me technical knowledge ke alawa aap ko baat karte bhi aani chahiye ache se. Or kabhi kabhi Average log iska fayda utha lete hai. 

Average students ko basic padhai ka knowledge hone ke alawa dusro se baat kaise karni hai, unko convince kaise karna hai, dusro ko samjhana kaise hai, iska bhi knowledge hota hai or kuch topper students ko yeh sab nhi aata. Isiliye kabhi kabhi humko sunne me aata hai ki average students interview me top kar lete hai.

Another Example:

Agar 2 employees jinke qualifications same hai or same post par kaam kar rahe hai company me. Sirf difference itna hai ki ek ko technical knowledge bahut zyada hai but soft skills nahi aati or dusre ko technical knowledge hai basic but soft skills achi hai. 

Toh obviously promotion uska hoga jiski soft skills achi hai because wo ek team player hoga, wo galti hone par kabhi kisiko chillayega nahi, balki unhe samjhaege. Wo apne juniors ko ache se treat karega rather uss employee se jiske pass soft skills nahi hai.

Isliye soft skills ek bahut hi important factor hai kahi bhi kisi bhi field me growth ke liye. Isliye improve kare apni soft skills inn best soft skills tips ki list ke sath or banaye apni professional or personal life ko successful.

Apni Personality ko improve karne ke liye yahan click kare.

Soft Skill Tips ki List: How to Improve Soft Skills in Hindi

Soft skills improve karne ke bahut saare benefits hai. Isse aapke relations bhi ache hote hai coworkers ke sath or apka career bhi develop hota hai. Inn kuch mentioned steps ka use kare or seekhe best soft skills iss list se.

1. Sabse Ache Se Baat Kare

Yeh soft skills improve karne ke liye sabse important or matter karne wali step hai. Baaki steps bhi iss par hi depend karti hai. Yeh mainly aapki baat karne ke tarike par depend karti hai. Isliye soft skill ko improve kare or sabko impress kare.

Logo se milte hi sabse pehle unhe greetings de. Nice to meet you, Thank you, jaise phrases ka use kare. Rude behave na kare. Interestingly question and answer puche or ek fruitful conversation kare. Baat ko dhyan se sune or jawab de. Dekhe effective tips to improve public speaking in Hindi .

Sabe clamly baat kare or improve kare apni soft skills in hindi

Achi communication skills hone se pata chalta hai ki aap apni baat kaise rakhte hai dusro ke samne. Aap dusro ko kaise samjhate hai, unko kaise convince karte hai, yeh sab apki communication par depend karta hai. Yeh wo point hai jisse aap dusro par sabse zyada impact daal sakte hai or unko impress kar sakte hai. 

2. Leadership roles choose kare

Yeh ek wo soft skill improve karne ka benefit hai jisse aap ek acha team management kar sakte hai. Yeh benefit aapko tab kaam aayega jab apko koi team manage karna hoga. Isme apka confident hona bahut zaroori hai or dusre jo under confident members hai unko confidence dena bhi apki hi responsibility hoti hai. 

Isliye improve kare soft skills in hindi, jisse aap logo ka vishwas jeet sakte hai. Isse wo aapki baat bhi sunege or apko support bhi karege team work ke liye. Isliye kabhi bhi koi bhi type ka leadership role milne ki opportunity miss na kare.

problem solving skill in hindi

Leadership skills se aap me wo quality hoti hai jisse aap logo ko ek saath le kar chalte hai or sabko jod kar rakhte hai. Isse ek better team ready hoti hai or bahut growth hoti hai.

Try Effective leader kaise bane .

3. Problem ko ache se handle kare – Important soft skill in Hindi

Yeh soft skill ka difficult but effective benefit hai. Yeh wo skill hai jisse kisi bhi problem ko apni understanding ke according samajh kar solve kar sakte hai. 

Problem solving ek vo skill hai jo harr jagah kaam aa sakti hai – apki professional life ho ya personal life. 

Ek problem ko solve karne ke liye sabse important hai calm rehna yaani ki shant rehna. Kayi log aksar problem aane par apna santulan kho baithte hai aur fir galat steps le lete hai. Isliye shaant rehna important hai. Fir aap us problem ko solve karne ke tarike dundh sakte hai aur ye dekh sakte hai ki konsa tarika sabse achha work karega. 

problem solving skill in hindi

Iske liye aap online dekh kar seekh sakte hai ki kaise particular type ki situation handle ki jaati hai. Apke seniors aur juniors ko dekh kar bhi aap seekh sakte hai ki vo problems ko kaise handle kar rahe hai. Dusro ki help se bhi aap iss problem solving skill ko build kar sakte hai.

Directly point to point straight forward answer se bahut baar baat bigad jaati hai. Kab kisse kaise baat karke problem solve karni hai yeh seekhne ko milta hai problem solving skills se, jo ek aur bahut bada benefit hota hai soft skill improve karne ka.

4. Time ko Ache se Manage Kare

Yeh to sabki life ki tension hai ki kaam bahut saara hai but time bahut kum. Or jo iss problem se jeet jaata hai wo successful ban jaata hai. Iska solution hai time management skills seekhna. 

Try Top 10 Time Management Tips .

problem solving skill in hindi

Iske liye aap apne time ko analyze kare, ek plan banaye aur apne kaam ko priortize kare. Zyada time tak ek hi kaam mat karte rahiye, breaks lete rahe. Inn sabse aapki productivity badhegi or aap ache se time manage kar payenge, isliye improve kare soft skills in hindi.

Jisne yeh skill seekhli  hai wo time ke power ko jaanta hai, harr kaam time par or sahi time par karna wo jaanta hai. Ab bhalaye aap ek ache leader ho ya aapki communication skils achi ho, agar apki time management skills ache nhi hai to aap ekdum incomplete hai isliye time management skill bhi ek soft skill hi hai.  

5. Communicate karne ke tarike dhundhe

Achhi Communication Skills hone soft skills ki list mai kaafi importance rakhta hai. Ho sakta hai apke pass kaam ho aisa jisme apko kisi ki zarurat na lage, but fir bhi dusro se communicate karni ka mauka dhundna chahiye. Isse aap apne aas pass walo se relationship maintain kar payenge. Isse aap apni soft skill develop kar sakte hai.

Janiye ki apna self-introduction kaise de is link ko click karke.

Ab communication various types ke ho sakte hai, jese face-to-face, email ya presentation. Isliye aapko sab type ke communications aane chahiye, isse aapke soft skills or zyada improve hojaege.

problem solving skill in hindi

Jab aap communicate karte hai, toh aap ko yeh dhyan rakhna padega ki aap dusro ko address kaise kar rahe hai, aapka message kitna clear or precise hai, apki body language kesi hai or apki voice tone kaisi hai. 

Iske alawa aap dusro se feedback bhi le sakte hai ki aap kis tarah improve kar sakte hai. Seekhne me kabhi peeche nahi rehna chahiye, humesha seekhte rehna chahiye dusro se, isse apki bahut growth hogi.

6. Dusro Ko Observe Kare – Easiest Soft Skills in Hindi

Ek sabse easy or effective tarika hai improve karne ka soft skills ko, dusro ko observe karna. Iska matlab hai dusro par attention dena. Agar apka koi ideal presentation de raha hai, toh unko observe kare, unki body language, unke expressions, unke use kiye hue phrases, unka baat karne ka tarika, yeh sab observe kare.

Ab jab aap unko observe kare uske baad mirror me dekh kar continuous practise bhi kare. Isse apka confidence badhega or apko pata chalega ki apki body language or expressions kaise hai or unhe kaise improve karna hai. 

Try Body Language kaise sudhare – Important tips .

problem solving skill in hindi

Iske alawa aap observe kar sakte hai ki wo log task kaise complete karte hai, dusro kaise interact karte hai, unke khudki thought process kaise work karti hai, inn sabko jaan kar or inki practise karke bhi aap apni soft skills improve kar sakte hai. 

Iss sab me sabse zaroori hai apki icha dusro se chize seekhne ki, isliye humesha dusro se improve karne ke liye aur seekhne ke liye ready rahe kyuki har individual ke pass ek alag set hot hai unke soft skills ka, aur apko pata nahi hai kaunsa apko best suit karega, isliye humesha sabse seekhte rahe or growth paate rahe.

7. Apna Network Badhaye

Jab aap ek achi team ke saath hote hai toh aapka behaviour bhi change hota hai. Apki thinking or body language par bhi kafi impact padhta hai. Isliye apna group humesha acha rakhe or seekhte rahe unse.

Agar aap leader hai to one-to-one conversation kare, or harr member ko mauka de kuch contribute karne ka. Isse aap khudko or nayi opportunities ke liye ready kar payenge or apka network bhi badhega. Padhe kaise personality develop kare – Hindi me .

Apna network badhaye or impress kare sabko apni soft skills se

Iske liye aap linkedIn jaisi sites par account bana kar same industry ya interest wale logo ko search karke apna network expand kar sakte hai. Apni company me bhi logo se zyada mile or unse communicate karne ke tarike dhunde.

8. Relationships build kare

Personal aur professional relationship build karna aur maintain karna ek art hai jo sabko nhi aata. [Professionally, aap apne juniors or seniors dono ke saath healthy or positive relations bana kar rakhe. Kisi ki kuch bhi mistake hone par hone unko clamly samjhaye or situation control kare. Sabse respect ke saath baat kare chahe wo junior ho ya senior. 

Apne coworkers ke saath kabhi kabhi genuine conversations bhi kare, unki personal life ke baare me bhi jaane or unki zarurat ke hisaab se unhe help kare. Weekends par unke sath non-professional parties plan kare ya sirf office ke bahar hi milne ka plan banaye.

problem solving skill in hindi

Yeh sab karne se aap dusro ki life me kaafi impact daalege or improve bhi kar payege apni soft skills. Isse log apko zyada yaad rakhege or aap par trust bhi karege professional aur personal decisions ko lekar.

9. Humesha Seekhne ke liye Ready Rahe

Ab jab bhi aap koi nayi skill seekhte hai toh apko fail hone ke liye bhi ready rehna chahiye, kyuki zaroori nahi aapko har baar har kaam me success hi milegi. Apko failures ko bhi face karna padh sakta hai. 

But chahe aap fail ho ya pass, apko main focus karna chahiye chiz seekhne ke liye. Success ya failure se zyada important hai learn karna. Isliye bas sikhte rahe or aage badhte rahe.

problem solving skill in hindi

Example: Agar aap kisi project ke incharge hai or aap leadership skills par work kar rahe hai, toh project ke complete hone par, ek feedback le apni leadership skills ke liye or next time project kaise improve ho sakta hai. 

Jo experienced log hote hai wo aur acha feedback de sakte hai apne previous projects se. Infact, fresher’s se bhi feedback lena chahiye kyuki aap me sab log alag alag chize observe karta hai to growth ke chance or badh jaate hai.

10. Apne Comfort Zone se Bahar Nikale

Agar aapko kuch bhi seekhna hai to sabse important hai apne comfort zone se bahar nikalna or kuch naya try karna. Ab yeh kuch try karna koi ek nayi setting bhi ho sakti hai ya koi nayi responsibility bhi ho sakti hai.

Apko agar public speaking, matlab public ke samne kuch present karne me hesitation hota hai, toh aap apne group ko represent karne ki responsibility lele. Unke sare presentations aap hi dege, essa sochle. Isse aapki public speaking improve hojaegi or aap ek nayi skill seekh jayenge. 

Comfort zone se nikle or improve kare apni soft skills.

Apne aap ko ek naye environment me rakh kar kaam karne me ek wo potential hota hai jo apke manager ko dikha sakta hai ki aap apne kaam ko lekar kitna serious hai or aap ko opportunity dega kuch naaya aur acha seekhne ke liye aur improve karne ke liye.  

Iss article ko padhne ke baad or inme se kuch hi cheezien implement karne par apko lagega ki apne improve kari hai apni soft skills. Isse apki personality bhi improve hogi or aap dusro par acha impact bhi daalenge, jisse log aapko yaad rakhege. Isiliye yeh hai kuch best soft skills jo apki growth me aapki help karegi. Isliye improve kare apni soft skills in hindi, kuch best soft skills tips ki list ke sath or banaye apni professional or personal life ko successful.

Dekhe 11 Habits to be successful in Hindi .

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Home » कोई भी समस्या आसानी से कैसे सुलझाएं | Problem Solving Techniques In Hindi

कोई भी समस्या आसानी से कैसे सुलझाएं | Problem Solving Techniques In Hindi

समस्या (Problems) हम सभी की जीवन का एक अहम् हिस्सा है, समस्याएं न चाहते हुए भी आती हैं और जिसे आपको Solve करना ही पड़ेगा। Problem Solving Techniques के द्वारा आप किसी भी समस्या को आसानी से सुलझा सकते हैं।    हमरी Life में Per Day कोई न कोई समस्या आती रहती है, कोई न कोई निर्णय लेना ही होता है और वास्तव में हम हर समस्या को हल कर रहे हैं।

Problem Solving Techniques In Hindi | The Secret to Better Problem Solving

समस्या किसी भी तरीके की हो सकती है, व्यक्तिगत (Personal) या फिर Professional, किसी भी आकर में आ सकती है, छोटी हो सकती है बड़ी हो सकती है।  कुछ को हम आसानी से सॉल्व कर लेते हैं जैसे रात को खाने में क्या बनायें, किसी प्रोजेक्ट की समस्या, पार्टी में कौन से कपडे पहन कर जायें।

क्या Problem छोटी या बड़ी होती है या फिर उन्हें देखने का हमारा नजरिया (Viewpoint) ?. परन्तु जब हम ये महसूस करते हैं की समस्या केबल विकल्प है तो उनको हल करना थोड़ा सरल हो जाता है और Decision लेने के आलावा इसमें कुछ भी डरावना नहीं हैं।

“Problem की कोई Size नहीं होते, वो तो हमारे हल करने की क्षमता पर छोटी और बड़ी होती है।”

आप कोई भी काम करतें हो, आपका जीवन साथी कैसा भी हो, आप किसी भी स्थिति में हो पर समस्या तो समस्या है, हर किसी को इसका सामना करना पड़ता है और जितनी समस्या आप हल करते हैं तो आप देखेंगे की आपका जीवन उतना ही सरल है।

यहाँ मैं Problem Solving Techniques को बताने जा रहा हूँ, जिससे आप कोई भी मुश्किल आसानी से सुलझा सकते हैं।

कोई भी मुश्किल आसानी से कैसे सुलझाएं | How to solve any difficulty easily

अब जरूरी ये है की समस्याओं को Solve कैसे किया जाये, इसके लिए आपको Super Smart होने की आवश्यकता नहीं है, केवल Practice की आवश्यकता है, यदि कोई व्यक्ति ये सोचता है की कुछ लोग किसी भी Problem को आसानी से Solve कर लेते है क्योंकि वो Smart है, बुद्धिमान है तो ये सोचना गलत है, But Reality ये है कि जब आप समस्या समझ जाते हैं तो आसानी से हल भी कर सकते हैं।  तो आइये जानते है –

यह भी पढ़ें : मुश्किल समय में सही निर्णय .. Correct Decision in Difficult Times by Lord Krishna

1st Problem Solving Techniques

अपना ध्यान समस्याओं पर मत लगाओ, समाधान पर लगाओ …

मनोवैज्ञानिकों ने यह सावित कर दिया है कि यदि आपका Focus समस्याओं पर रहता है तो आपका दिमाग उसका समाधान नहीं ढूढ़ सकता।  जब आप समस्याओं पर Focus करते हैं तो आप नकारात्मकता (Negativity) की भावना से ग्रसित हो जाते हैं और आपका Mind समस्याओं को Solve करने के बारे में सोच ही नहीं पाता।

इसका मतलब यह नहीं है कि आप समस्या से बचें बल्कि शांत रहें और पहले समस्या को देखें और इसके बाद अपना पूरा ध्यान Solution पर लगा दें।

यह क्यों हो गया, कैसे हो गया, नहीं होना चाहिए था, कुछ हो ही नहीं सकता, ऐसे विचारों को छोड़कर पूरा ध्यान उसके निवारन में लगाएं।

2nd   Problem Solving Techniques

हर पहलू को देखें …

इसके लिए हम समस्याओं को Part में Divide कर उसको Solve कर सकते हैं – Example के लिए “यदि आपको अपने बच्चे के स्कूल की फीस भरनी है, और आप के पास पैसे नहीं है” ये एक समस्या है क्योकि फीस भरना बहुत जरूरी है, लेकिन अभी मेरे पास पैसे नहीं है।

अब Solution को देखते हैं – मेरे पास कितने दिन का समय है, मैं पैसे का इंतज़ाम कैसे कर सकता हूँ , क्या मैं अपने ऑफिस से एडवांस ले सकता हूँ , क्या मैं किसी से उधार ले सकता हूँ।  क्या कोई एक्स्ट्रा काम कर सकता हूँ, या फिर स्कूल से थोड़े दिन की मोहल ले सकता हूँ।  आपको Solution  जरूर मिल जायेगा, क्योंकि आप शांत दिमाग से Solution ढूढ़ रहे है और ये आपके लिए जरूरी भी है।

3rd   Problem Solving Techniques

समस्याओं को ज्यादा दूर तक न देखें …

कई बार वो समस्याऐं जो थोड़े से प्रयास से Solve हो सकती हैं, पर उन समस्याओं के बारे में हम इतना Deep सोच लेते हैं की वो छोटी समस्या भी बड़ा रूप ले लेती है।

मान लीजिये सड़क पर बहुत कोहरा (Fog) है और हम अपनी कार से कहीं जा रहे हैं तो सावधानी से जहा तक हमे दिखता है हम चलते जाते हैं और अपने Destination पर पहुंच जाते हैं, तो क्या ये सही होगा की हम पहले से उस मंजिल को देखने की कोशिश करते रहें जहा हमें जाना है तो क्या हम अपनी मंजिल तक पहुंच पाएंगे।

दोस्तों कहने का मतलब साफ़ है की जो भी प्रॉब्लम हमे अभी दिखाई दे रही है उसे साल्व करें, भविष्य में क्या होगा इसके चिंता अभी न करें।

4th    Problem Solving Techniques  

चीजों को सरल बनायें …

हम हर चीज़ को इतनी जटिलता से देखते हैं, जितनी जटिल शायद वो नहीं हैं। समस्याओं को ज्यादा गहराई से सोचने की अपेक्षा केवल समस्या को समझें तो आपके लिए उसे सॉल्व करना आसान हो जायेगा, और आप आश्चर्य करेंगे की इसका हल कितना आसान था।

5th    Problem Solving Techniques

सोचिये ! उस समस्या के क्या-क्या हल हो सकते हैं …

जब आप Solution के बारे में सोचते हैं तो आपको कई समाधान मिलेंगे, इनमे से जो आपको हर पहलू से उचित लगे उस पर अमल करें।  याद रखें कोई भी Idea बुरा नहीं होता फर्क इस बात से पड़ता है कि आप उस पर काम कैसे कर रहें हैं। तो जब भी आपको लाइफ में कोई समस्या आये तो समस्या से परेशान होने की वजाए शांति से उस समस्या को हल करने के उपाय के बारे में सोचें ! जब आप ऐसा करते हैं तो आप अधिक सरल तरीके से समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।

6th    Problem Solving Techniques

नकारात्मक न बोलें …

“इस समस्या का यह हल है पर पता नहीं हो जायगा या नहीं, ये सही तो नहीं हैं पर करना तो पड़ेगा” ये वो नकारात्मक बातें हैं जो आप अपने आप से करते हैं।

यदि आप नकारात्मक विचारों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आप इस आर्टिकल को पढ़ें “ नकारात्मक विचारों से छुटकारा कैसे पायें ? ” जब नकारात्मक विचार आपके दिमाग से निकल जाते हैं तो सकारात्मक विचार द्वारा आप अपनी समस्यों का एक उचित हल ढूढ़ निकलते हैं और अपनी ज़िन्दगी को आसान बना सकते हैं।

दोस्तों याद रखें ; यदि आप अपने आप से नकारात्मक बातें कर रहें हैं तो आप उस समस्या को 100% सॉल्व नहीं कर पाएंगे, आपमें जोश की कमी रहेगी और आप परेशान होते रहेंगे। नकारात्मक न बोलें, शांत मन से उस समस्या के बारे में सकारात्मक रवैया अपनाते हुए सोचें और उसे पूरा करें।

7th    Problem Solving Techniques

विचार-विमर्श करें …

अपनी समस्या के बारे में आप अपने से बड़े, समझदार, अनुभवी, किसी परिवार वाले, दोस्त, रिश्तेदार आदि से सलाह ले सकते हैं पर याद रखें आखिरी फैसला आपका होगा और इसका निर्णय आप ही करेंगे।

8th    Problem Solving Techniques

 विश्वास रखें खुद पर एवं सृष्टि के रचयिता पर …

दोस्तों समस्या है तो समाधान तो होगा ही, बस अपने आप पर और अपने निर्णय पर विश्वाश रखें और सब छोड़ दें उस शक्ति पर जिसने ये सारा संसार बनाया है।

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दोस्तों, जीवन में हर पल कोई न कोई छोटी बड़ी समस्या आती रहती है और हमें उसका समाधान करना ही होता है,  तभी हम सफल बनते हैं और अपने जीवन में खुशियां ला पाते हैं। दोस्तों इतिहास गवाह है जिसके जीवन में जितनी ज्यादा समस्याऐं आयी हैं वो उतना ही सफल बना है।

दोस्तों उम्मीद करता हूँ यह आर्टिकल “कोई भी मुश्किल आसानी से कैसे सुलझाएं | Problem Solving Techniques In Hindi” आपको पसंद आया होगा। Please Comment के द्वारा बतायें। आपके किसी भी प्रश्न एवं सुझावों का स्वागत है।

Note: अगर आपको Problem Solving Techniques In Hindi अच्छी लगे तो जरुर   Share  कीजिये।

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4 Replies to “ कोई भी समस्या आसानी से कैसे सुलझाएं | Problem Solving Techniques In Hindi ”

Me bahut paresan hu me aapse baat karna chahata hu Kya mujese mail (Gmail) par baat Kar sakte hai my Gmail address is [email protected] Please tell me with me.

jee haan bilkul my id is [email protected]

Mjhe problem ka solution chahiye, family business problem hai

main aapke kahane ka matlab nahi samajh paa raha hun.. family business ? problem ?

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Grehlakshmi

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Problem Solving Skills: बच्चों के लिए क्यों है जरूरी ‘प्रॉबलम सॉलविंग स्किल्स’

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Problem Solving Skills: 2010 में पब्लिश हुई एक बिहेवियर रिसर्च और थेरेपी में पाया गया था कि जिन बच्चों में प्रॉबलम सॉलविंग स्किल्स की कमी होती है वो डिप्रेशन के ज्यादा रिस्क पर होते हैं। इतना ही नहीं विशेषज्ञों ने माना है कि प्रॉबलम सॉलविंग स्किल्स सिखा कर बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को भी सुधारा जा सकता है। अब इतना तो समझ आ ही गया है कि प्रॉबलम सॉलविंग स्किल्स जिंदगी को आत्मविश्वास के साथ काटने के लिए बहुत जरूरी है। और यही जरूरी काम अगर बच्चों को सिखा दिया जाए तो बड़े होते हुए वो जीवन की कठिनाइयों से लड़ने में घबराएंगे नहीं बल्कि डट कर सामना करेंगे। प्रॉबलम सॉलविंग स्किल्स सिखाने के लिए आज ही शुरुआत कीजिए, कैसे, जान लीजिए-

क्यों है जरूरी–

प्रॉबलम सॉलविंग स्किल्स क्यों जरूरी हैं, पहला सवाल तो यही उठता है। इस सवाल का जवाब जानना बेहद जरूरी है। तभी इस बात की अहमियत समझ आएगी। दरअसल हममें से ज़्यादातर लोग हारते ही इसलिए हैं क्योंकि हम समस्या का हल नहीं ढूंढ पाते या डर जाते हैं। इसका सामना करने के लिए प्रॉबलम सॉलविंग स्किल्स बचपन से ही सिखा देना जीवन की सफलता के लिए जरूरी और फायदेमंद हो जाता है। 

बच्चों की परेशानियां–

बच्चों को प्रॉबलम सॉलविंग स्किल्स सिखाने के लिए परेशानियां होनी भी तो चाहिए। परेशानियों से मतलब यहां जीवन की बड़ी दिक्कतों से बिलकुल नहीं है। बल्कि बच्चों के जीवन में आने वाली छोटी परेशानियों से ही उन्हें सिखाना होगा। छोटी-छोटी परेशानियां जैसे किसी विषय की कॉपी न मिलना, होम वर्क ज्यादा हो जाना या स्कूल से मिली किसी एक्टिविटी को करने का तरीका न समझ आना। इसके साथ खुद खाना खाने से बचना, अपने काम जैसे नहाने कपड़े निकालने के लिए भी माता-पिता पर निर्भरता, ये सभी बच्चों के लिए परेशानी का कारण हैं। जिनको परेशानी मानना और खुद इसको हल करने की कोशिश करना ही प्रॉबलम सॉलविंग स्किल है।  

परेशानी है ये बताइए–

ज्यादातर बार बच्चों को परेशानियों से बचाते हुए मातापिता उन्हें उनके स्तर की दिक्कतों से भी सामना नहीं करने देते हैं। लेकिन प्रॉबलम सॉलविंग स्किल्स सिखाने के लिए सबसे पहले बच्चों को उनके स्तर की परेशानियों से रूबरू कराइए उन्हें बताइए कि कॉपी न मिलना एक परेशानी है और मां हर बार इसको ढूंढ कर नहीं देगी। ये एक दिक्कत है, जिसे तुम्हें खुद ही हल करना है। ऐसा नहीं करोगे तो मां मदद बिलकुल नहीं करेगी और हो सकता है इस वजह से तुम्हें टीचर से डांट भी पड़े। या फिर एक उम्र के बाद भी बच्चा खाना खाने के लिए आप पर निर्भर है तो भी ये परेशानी है। इसलिए सबसे पहले उन्हें उनके जीवन की परेशानियों को दिखाएं कि ‘देखो ये परेशानी है’। 

तुम्हें लेनी होगी जिम्मेदारी–

अब जब बच्चे को परेशानी उसकी है, ये पता चल चुका है तो उसे ये भी बताना होगा कि कैसे भी करके इसका हल उसे खुद ही निकालना है। और आगे से ये समस्या नहीं चाहिए तो कोई गलती करो ही ना। पहले से ही अपना सामान जगह पर रखो और लापरवाही नहीं चलेगी। खुद ही अपनी परेशानी को समझना और ठीक करना होगा हालांकि ये सब होते हुए आपको नजर तो बनाए रखनी होगी कि बच्चे को कोई दिक्कत न हो। 

समस्या के पांच हल–

हर समस्या के पांच हल बच्चे से ढूंढने के लिए कहिए। इस तरह से वो समस्या से पहले हल की चिंता करेगा। जब बच्चा पांच हल ढूंढेगा तो यकीन मानिए कि बच्चा किसी परेशानी में घबराएगा नहीं। लेकिन हां, इस दौरान आपको उसके चुने गए विकल्पों में से बेस्ट चुनने में भी उसकी मदद करनी होगी। बताना होगा कि उसने जो हल ढूंढे हैं वो सही हैं भी या नहीं। या कोई गलत है तो क्यों या सही है तो क्यों? इस तरह से बच्चे में समझ विकसित होगी। 

फायदे और नुकसान, वो खुद बताएं–

बच्चे से समस्या के हल पर बात करते हुए उसके फायदे और नुकसान को बच्चों से भी जरूर पूछिए। जब वो खुद ही फायदे और नुकसान पहचानेंगे तो फिर उन्हें समझ आ जाएगा कि क्या सही है और क्या गलत। फिर इस तरह का अनुभव उनके लिए अगले काम में मददगार बनेगा। आगे के जीवन में भी ये सीख उनके काम आएगी वो सही गलत का निर्णय लेकर समस्या का हल जरूर निकाल पाएंगे। 

प्रयोग करो–

बच्चे से उसकी ओर से चुने गए हलों को आजमाने के लिए कहिए। वो खुद आजमाएं और अनुभव लें। उनके रिस्क को आपको ध्यान रखना होगा। ताकि वो खुद को किसी तरह का नुकसान न पहुंचा पाएं। अब उनसे हल आजमाने को कहिए। जैसे उनको स्केच पेन नहीं मिल रहे हैं तो वो क्या करेंगे। पहले उनसे सोल्युशन पर बात कीजिए। सबसे पहले उनसे पूछिए कि आखिरी बार कहां रखा था या कैसे इस्तेमाल किया था बताओ। जब वो बताएं तो उनसे वहीं पर ढूंढने के लिए कहिए। या फिर जब ऑनलाइन क्लास में देर से पहुंचें तो उनसे खुद ही अगली बार ऑन टाइम होने को कहिए। इस काम में आप मदद न करें। बच्चा टीचर की डांट के डर से खुद ही ऑन टाइम सबकुछ करने की कोशिश करेगा। 

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Soft Skill क्या होती है और यह क्यों महत्वपूर्ण है?

सॉफ्ट स्किल्स क्या होती है

जब भी आप जॉब के लिए इंटरव्यू देने जाते है तब आपकी सॉफ्ट स्किल्स को देखा जाता है और जो इंटरव्यू लेता है वो आपकी सॉफ्ट स्किल्स को परखता भी है की आपकी सॉफ्ट स्किल्स कैसी है। आप कोई भी नौकरी की तालाश कर रहे हो इस से कोई फर्क नही पड़ता इसकी जरूरत हर जगह होगी। 

कई लोगो को ये पता नही होता सॉफ्ट स्किल्स कितने प्रकार की होतीं है और नौकरी के लिए कौन सी सॉफ्ट स्किल्स ज्यादा महत्वपूर्ण है जिन्हे सीखकर नौकरी पा सके और आगे बढ़ सके। आज के लेख में हम आपको सॉफ्ट स्किल्स क्या होती है? के बारे में पूरी जानकारी देंगे। लेख को अंत तक पढ़े जिस से आपको सॉफ्ट स्किल को सीखने और समझने में कोई परेशानी ना हो।

Table of Contents

सॉफ्ट स्किल्स क्या होती है? What are Soft Skills in Hindi?

सॉफ्ट स्किल्स से आपकी पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन पर प्रभाव पड़ता है। सॉफ्ट स्किल्स नॉन टेक्निकल स्किल होती है जिसका इस्तेमाल आप रोजाना अपनी लाइफ में करते हैं। सॉफ्ट स्किल्स के अंदर लोगो के साथ अच्छे से बात चीत करना, टाईम को सही से मैनेज करना, समस्या का समाधान करना, सही निर्णय लेना, भावनात्मक विचार, सही से टीम वर्क करना, आदि स्किल्स सॉफ्ट स्किल्स के अंदर आती है।

कंपनियों को ऐसे व्यक्तियों की तलाश रहती है जिनके पास अच्छी सॉफ्ट स्किल्स होती है ऐसे व्यक्तियों को आसानी से नौकरी मिल जाती है। 

सॉफ्ट स्किल के प्रकार : Types of Soft Skills Hindi 

  • Decision Making Skills
  • Self Management Skills 
  • Personal Development Skills 
  • Communication Skills

महत्वपूर्ण सॉफ्ट स्किल्स : Soft Skills in Hindi 

Personality Development Skills :

बॉडी लैंग्वेज को बेहतर करके पर्सनालिटी डेवलपमेंट स्किल्स को बेहतर किया जा सकता है बॉडी लैंग्वेज को सही करने के लिए इन बातो का ध्यान रखें – लोगो से बात करते वक्त आई कॉन्टैक्ट बना कर रखें, अपने चलने बैठने उठने के तरीके को सही करें, परिस्थिति के अनुसार खुद को ढाल लेना, चेहरे के हाव भाव,

सॉफ्ट स्किल्स क्या होती है

Communication Skills :

जो जॉब तो कर रहे है लेकिन उनकी कम्यूनिकेशन स्किल अच्छी नही है इसी वजह से उनको सफलता नही मिल रही है और कुछ ऐसे भी होंगे जिनकी ये स्किल अच्छी नही है इस वजह से उनको जॉब ही नही मिल रही है।

धीमी या जोर से चिल्लाना, बात करते वक्त आपका आत्मविश्वास कैसा है, शब्दो को सही और स्पष्ट कहना, ये सभी कम्यूनिकेशन स्किल्स के अंतर्गत आता है ये बहुत ही महत्वपूर्ण स्किल मानी जाती है इसलिए अपनी सॉफ्ट स्किल्स को बेहतर करने के लिए Communication Skills को बेहतर करें।

Time Management Skills :

चाहे कोई व्यक्ति गरीब हो या अमीर समय सभी के लिए बराबर है बिता हुए समय कभी वापस लौट कर नहीं आता इसलिए समय को व्यर्थ ना जाने दे इसका सही उपयोग करना सीखें।

जो व्यक्ति समय का सही उपयोग करते है वो आवश्य ही जीवन में सफल हो जाते हैं और जो नही करते वो असफल। टाईम मैनेजमेंट स्किल्स में आप समय पर कार्य की प्लानिंग करना कौन सा कार्य किस और कितने समय पर करना है और अपने कार्यों को तय समय सीमा पर करना सीखते हैं। 

Leadership Skills :

कंपनियों में भी अच्छे लीडरशिप वाले व्यक्तियों की मांग रहती है। अच्छे लीडरशिप के लिए आपके पास ये खासियत होनी चाहिए जैसे अपनी जिम्मेदारियों को समझना, कर्मचारियों को नियंत्रण करना, समस्या को समझना और उनका हल निकालना, सही निर्णय लेना आदि।

सॉफ्ट स्किल्स क्या होती है

Teamwork Skills :

टीम वर्क में टीम में साथ मिलकर काम करना, टीम से काम करवाना, उनकी समस्याओं को सुनना, उनकी सहायता करना, टीम मेंबर्स को काम के बारे में जानकारी देना, आदि आता है। टीम वर्क की सबसे ज्यादा आवश्यकता तब पड़ती है जब किसी बड़े प्रोजेक्ट पर काम करना होता है। 

Problem Solving Skills :

जीवन में मुश्किलें हर किसी को आती ही है चाहे आप नौकरी कर रहे हो या अपना व्यवसाय या आपका निजी जीवन हो कभी न कभी मुश्किल आई ही होगी। बहुत से लोगो में कठिनाई का सामना करने का साहस होता है वो लोग आसानी से सफल हो जाते है जो लोग कठिनाई का सामना नही कर पाते उन्हे सफलता प्राप्त करने में भी कठिनाई आती है।

यह लेख भी पढ़े   : Computer Skills क्या है हिंदी में जानकारी।

आज के लेख में हमने सॉफ्ट स्किल्स क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है, सॉफ्ट स्किल्स के प्रकार, के बारे में जाना। महत्वपूर्ण सॉफ्ट स्किल्स कौन सी है उनके बारे में भी जानकारी दी जिनको इंप्रूव कर के आप सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

आज का लेख आपको कैसा लगा कॉमेंट करके जरूर बताएं और अगर आपके मन में कोई सवाल है तो आप बे झिझक हमसे पूछ सकते हैं। ऐसी ही और स्किल्स की जानकारी लेने के लिए ब्लॉग के साथ जुड़े रहिए और सोशल मीडिया पर फॉलो आवश्य करें। धन्यवाद ।

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1 thought on “Soft Skill क्या होती है और यह क्यों महत्वपूर्ण है?”

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  • सामान्य ज्ञान

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  • Soft Skills in Hindi: क्यों जरुरी हैं सॉफ्ट स्किल्स Career के लिये
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Career Tips: Soft Skills Meaning in Hindi

Soft Skills in Hindi for Great Career

आज हम अपने पाठकों को उन Skills के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका महत्व College Education से कम नहीं, बल्कि अधिक ही है। यह आपके समूचे Career में पल-प्रतिपल आपका साथ देगी और आपको वहाँ पहुँचने में मदद करेगी जहाँ आप जाना चाहते हैं। एक तरह से कहा जाय तो यह आपकी Total Personality को Groom करने में मदद करेगी। सच कहा जाय तो इनकी आवश्यकता न केवल पारिवारिक और सामाजिक जीवन में, बल्कि हर जगह है। कोई भी क्षेत्र इनसे अछूता नहीं है।Harvard University में हुए एक शोध के अनुसार कामयाबी पाने में आपकी स्कूल या कॉलेज की शिक्षा (Hard Skills) का योगदान महज 20% ही होता है, जबकि 80 फीसदी योगदान आपकी उस योग्यता, कुशलता और सामर्थ्य का होता है, जिसे आप धीरे-धीरे आयु, अनुभव और संघर्ष के साथ समाज के बीच रहकर स्वयं अर्जित करते हैं। न तो कोई आपको इनका प्रशिक्षण देता है और न ही किसी स्कूल में इन्हें सिखाया जाता है।

अपनी मानसिक अभिरुचि, प्रबल जिज्ञासा, विवेकशीलता और निरंतर अध्यवसाय से ही व्यक्तित्व को सँवारकर भीड़ से अलग खड़ा करने वाली इन Skills यानी Soft Skills में महारत हासिल की जाती है। आप अपने जीवन में, करियर में कितना आगे बढ़ पायेंगे, यह इन Soft Skills से, व्यक्तित्व की अनोखी विशेषताओं से तय होता है।

कई लोग इन्हें बीजरूप में जन्मजात लेकर आते हैं, क्योंकि वे पहले से ही इन पर परिश्रम कर रहे होते हैं और थोड़े ही परिश्रम से इन्हें निखारकर जल्दी ही दूसरों से बहुत आगे निकल जाते हैं। प्रत्येक व्यक्ति उन सफल लोगों की तरह इन Soft Skills को विकसित कर अपने जीवन, नौकरी और व्यवसाय में बहुत आगे बढ़ सकता है।

आपने ऐसे कई लोगों के विषय में पढ़ा होगा जिन्हें कॉलेज जाने का भी अवसर नहीं मिल पाया था, लेकिन कठोर परिश्रम और Soft Skills के बल पर वह धीरे-धीरे वहाँ पहुँच गये जहाँ उनकी कामयाबी मूर्तिमान होकर उनकी यश-पताका को दिग-दिगांत में फैला रही है और आज समस्त संसार उनकी उस उपलब्धि से लाभ उठा रहा है।

जानिये क्या है नजरिया और कैसे एक Positive Attitude आपकी जिंदगी की दिशा तय करता है – Power of Positive Attitude in Hindi

Soft Skills Meaning in Hindi क्या हैं सॉफ्ट स्किल्स

Collins English Dictionary के अनुसार Soft Skills की परिभाषा इस प्रकार है –

“Soft Skills are desirable qualities for certain forms of employment that do not depend on acquired knowledge: they include common sense, the ability to deal with people, and a positive flexible attitude.”

अर्थात “सॉफ्ट स्किल्स कुछ विशेष प्रकार के रोजगार के लिये आवश्यक वह विशेषताएँ हैं जो अर्जित ज्ञान पर निर्भर नहीं करती हैं: इनमे सामान्य समझ, लोगों के साथ व्यवहार करने कि क्षमता, और एक सकारात्मक और लचीला नजरिया शामिल है।”

Soft Skills कई तरह की Skills (क्षमताओं) का युग्म है जिसमे प्रजा कौशल (People Skills), सामाजिक कौशल (Social Skills), संप्रेषण कला (Communication Skills), चारित्रिक सद्गुण (Character Traits), नजरिया (Attitudes), जीवन-वृत्ति के गुण (Career Attribute), सामाजिक बुद्धिमानी (Social Intelligence) और भावनात्मक बुद्धिमानी (Emotional Intelligence) सम्मिलित हैं।

इसके अतिरिक्त इनमे वह कौशल भी शामिल हैं जो लोगों को अपने वातावरण के साथ तादातम्य बैठाने, दूसरों के साथ मिलकर काम करने, बेहतर करने और Hard Skills के द्वारा अपने लक्ष्यों को हासिल करने में सक्षम बनाते हैं।

History of Soft Skills in Hindi सॉफ्ट स्किल्स का इतिहास

Soft Skills का सर्वप्रथम उल्लेख सन 1972 में अमेरिका के टेक्सास राज्य में संपन्न हुई ‘CONARC Soft Skills Conference’ में एक ‘US Army Training Manual’ के माध्यम से हुआ था जिसमे डा. व्हिटमोर (Dr. Whitmore) ने इस शब्द पर पहली बार प्रकाश डाला था। उनके द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर Soft Skills के बारे में यह निष्कर्ष निकाला गया –

“Soft skills are important job-related skills that involve little or no interaction with machines and whose application on the job is quite generalized.”

“सॉफ्ट स्किल्स कार्य से संबधित वह महत्वपूर्ण कौशल हैं जिनमे मशीनों के साथ या तो बहुत थोडा संपर्क करने की जरुरत होती है या फिर बिल्कुल नहीं और जिनका कार्य में उपयोग अत्यंत सामान्य होता है।”

Hard Skills और Soft Skills के बीच क्या अंतर है, यह भी इसी रिपोर्ट के एक अंश से इस प्रकार से स्पष्ट हुआ था –

“Those job functions about which we know a good deal are hard skills and those about which we know very little are soft skills.”

“व्यवसाय के वह काम जिनके बारे में हम अच्छी तरह से जानते हैं Hard Skills कहलाते हैं और जिनके बारे में हम बहुत कम जानते हैं Soft Skills कहलाते हैं।”

Types of Soft Skills in Hindi सॉफ्ट स्किल्स के प्रकार

आप Marks या Degree के आधार पर नौकरी तो पा जायेंगे पर जिस स्थान पर पहुँचने की आशा आप पाले हुए हैं वहाँ तक कभी नही पहुँच पायेंगे, यदि आपके पास यह Soft Skills नहीं हैं –

1. Leadership Skills – प्रभावशाली नेतृत्व क्षमता

2. Communication Skills – सम्प्रेषण कला

3. Team Management Skills – समूह प्रबंधन कौशल

4. Out of the Box Thinking Power – अलग ढंग से सोचने की काबिलियत

5. Sound Decision Making Skills – निर्णय लेने की ठोस क्षमता

6. Problem Solving Skills – समस्या सुलझाने का कौशल

7. Risk Taking Ability – खतरा उठाने की योग्यता

8. Time Management Skills – समय प्रबंधन का कौशल

9. Interpersonal Skills – सम्बन्ध जोड़ने का कौशल

10. Analytical Skills – विश्लेषणात्मक कौशल

11. Positive Flexible Attitude – सकारात्मक और लचीला नजरिया

12. Work Ethics – कार्य संबंधी आचारनीति

13. Responsible Modest Behvior – जिम्मेदार और विनम्र व्यवहार

इनके अलावा और भी कई दूसरे ऐसे कौशल हैं जो Soft Skills के अंतर्गत आते हैं पर स्थानाभाव के कारण उनका वर्णन हम अगले लेख में ही करेंगे।

Soft Skills Development in Hindi किस तरह करें सॉफ्ट स्किल का विकास

Soft Skills का विकास करते समय उन मूल बिन्दुओं पर अवश्य ध्यान दिया जाना चाहिये, जो संपूर्ण प्रक्रिया के आधार-स्तम्भ हैं। नीचे दिये जा रहे इन सात बिन्दुओं को देखने पर आसानी से पता चलता है कि व्यक्ति की अन्य किसी भी योग्यता की तुलना में उसके अपने चारित्रिक सद्गुणों का महत्व कहीं ज्यादा है। ईमानदारी, साहस, उदारता, निष्कपटता, विनम्रता, विवेकशीलता, विश्वसनीयता और उत्साह जैसे गुणों की महत्ता किसी पेशेवर के तकनीकी ज्ञान और अक्लमंदी से अधिक बढ़कर है।

क्योंकि किसी भी व्यक्ति का सहर्ष सहयोग इन विशिष्ट गुणों और सरल स्वभाव के आधार पर ही पाया जा सकता है, केवल अपने कौशल और शुष्क ज्ञान के आधार पर नहीं। इसीलिये जब Soft Skills का विकास करने की बात हो तो उनके हुनर के साथ-साथ उनकी स्वभावगत विशेषताओं को भी ध्यान में रखा जाय कुछ महत्वपूर्ण बातें यहाँ नीचे दी जा रहीं हैं जो संगठन के कर्मचारियों में Soft Skills के विकास में मददगार होंगी –

1. चरित्र, योग्यता व अनुभव के आधार पर सभी सदस्यों के लिए जिम्मेदारियां तय की जाँय।

2. प्रत्येक सदस्य को बिना दबाव के कार्य पूर्ण करने की स्वतंत्रता दी जाय।

3. टीम के प्रत्येक सदस्य के भीतर परस्पर सहयोग व सम्मान की भावना विकसित की जाय।

4. सर्वाधिक अनुभवी, उत्साही और योग्य व्यक्ति के हाथों में नेतृत्व सौंपा जाय।

5. अनुशासन, समय प्रबंधन और प्रभावी सम्प्रेषण पर ध्यान दिया जाय।

6. व्यक्तिगत मतभेदों को सहन करने में टीम का प्रत्येक सदस्य सक्षम होना चाहिये।

7. सभी सदस्य मिलकर सफलता का आनंद उठायें।

Importance of Soft Skills in Hindi सॉफ्ट स्किल्स क्यों जरुरी हैं

“स्टेनफोर्ड शोध संस्थान (Stanford Research Institute) और कार्नेगी मेल्लन फाउंडेशन ( Carnegie Mellon Foundation ) के फार्च्यून 500 कंपनियों के CEOs पर हुए एक संयुक्त अध्ययन में यह सामने आया है कि व्यवसाय में लम्बे समय तक कामयाब बने रहने में Soft Skills का योगदान 75 प्रतिशत होता है जबकि Technical Skills का योगदान सिर्फ 25% ही होता है। इसी से पता चल जाता है कि Career में आगे बढ़ने में Soft Skills का कितना बड़ा योगदान है।”

यह समझ लेना बेहद आवश्यक है कि Soft Skills को प्रभावशाली बनाये बिना जिंदगी में आगे बढ़ना मुमकिन नहीं, फिर चाहे आपने कोई भी क्षेत्र क्यों न चुना हो? “Soft Skills व्यक्ति के व्यक्तित्व में बसी हुई उन मानसिक योग्यताओं (Mental Faculties) का वह समूह है जो उसे सामान्य लोगों से अलग बनाती है, अलग ढंग से कार्य करने की, एक अलग ढंग से सोचने की क्षमता प्रदान करती है।

यह कहा जा सकता है कि विवेक और द्रष्टिकोण का साथ पाकर उसके व्यक्तित्व की सभी अच्छाईयाँ खिल उठती हैं, और बुराईयाँ खत्म होती जाती हैं। सच कहा जाय तो इनकी आवश्यकता न केवल पारिवारिक और सामाजिक जीवन में, बल्कि हर जगह है। कोई भी क्षेत्र इनसे अछूता नहीं है।” इसी वजह से, आज इनकी इतनी महत्ता को देखते हुए, Technical Knowledge से ज्यादा Demand ‘Cutting Edge Skills’ की है।

Soft Skills are Essential for Career जरुरी हैं करियर के लिये

Fast Food बनाने वाली विश्वविख्यात बहुराष्ट्रीय कंपनी मैकडोनल्ड के ब्रिटेन में कुछ वर्ष पूर्व हुए एक अध्ययन के अनुसार सन 2020 तक लगभग 5 लाख शिक्षित लोग जॉब करने से सिर्फ इसीलिये वंचित हो जायेंगे क्योंकि उनमे Soft Skills का अभाव होगा। Soft Skills उस संगठन के कर्मचारियों के लिये अनिवार्य रूप से आवश्यक हैं जो प्रतिदिन अपने ग्राहकों के सम्मुख रहकर व्यवसाय करते हैं।

Soft Skills के इतने महत्व को देखते हुए अब कई संगठन Wellness Enhancing Programs के जरिये अपने Employees को प्रशिक्षित कर रहे हैं। आप अपनी Class में Topper थे या नहीं, Corporate World को इससे कोई लेना देना नहीं है या फिर आपको अपने Subject की कितनी Deep Knowledge है इस बात से भी बहुत ज्यादा अंतर नहीं पड़ता।

वे तो यह जानना चाहते हैं कि क्या आपमें Impressive Leadership Capability हैं? या फिर क्या आप Team Management में Expert हैं? क्या आपके पास Extraordinary Communication Skills हैं? या आपमें Sound Decision Making Skills हैं? प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक निकोलस हम्फ्रे ने एक बार कहा था कि यह सामाजिक बुद्धिमानी (Social Intelligence) है जो मनुष्यों को परिभाषित करती है न कि परिमाण संबंधी बुद्धिमानी (Quantitative Intelligence).

यही कारण है कि आजकल अधिकतर उपक्रम अपने कर्मचारियों की Soft Skills को अधिक महत्व देते हैं। आज के समय में इनकी इतनी अधिक महत्ता को देखते हुए अधिकांश विशेषज्ञों का मानना है कि Soft Skills का विकास और उनका प्रशिक्षण विद्यार्थियों को स्कूल से ही मिलना शुरू हो जाना चाहिये।

जीवनसूत्र के अगले लेख में हमने इन Soft Skills पर Key Skills Meaning in Hindi के शीर्षक से चर्चा की है क्योंकि आज इन क्षमताओं के बिना न तो Career में आगे बढ़ा जा सकता है और न ही जिंदगी में कोई बड़ी कामयाबी हासिल की जा सकती है। हमें आशा है कि यह लेख आप सभी विद्वान पाठकों के लिये विशेष उपयोगी सिद्ध होगा और आपको जीवन में आगे बढाने में मददगार होगा। सभी पाठकों को एक उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएँ!

Comments: आशा है यह लेख आपको पसंद आया होगा। कृपया अपने बहुमूल्य सुझाव देकर हमें यह बताने का कष्ट करें कि जीवनसूत्र को और भी ज्यादा बेहतर कैसे बनाया जा सकता है? आपके सुझाव इस वेबसाईट को और भी अधिक उद्देश्यपूर्ण और सफल बनाने में सहायक होंगे। एक उज्जवल भविष्य और सुखमय जीवन की शुभकामनाओं के साथ!

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How to Get Great Success in Hindi

NXTLVL virtual classroom with individual student video headshots

Problem-Solving Olympiad Puts Power Skills to the Test

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The inaugural NXTLVL Problem-Solving Olympiad brought students together online for a day of spirited competition, pushing them to their true potential. Middle school problem-solvers from four continents, including three of the top ten virtual schools ranked by World Schools, navigated complex challenges in teams. These challenges tested timeless Power Skills like creativity, critical thinking, collaboration, communication, emotional intelligence, and resilience.

NXTLVL is a pioneering edtech program that helps students develop Power Skills, preparing them for a rapidly evolving world driven by AI advancements and scientific innovations. Our game-based learning approach combines team challenges with expert coaching, equipping students with the skills needed to take on anything.

Many progressive schools, like those attending the Olympiad, are integrating competency-based education into their curricula, focusing on Power Skills to prepare their students for school, work and life.

Gabriel Hernandez, Director of Technology at our champion school Alverno Heights Academy believes “participation in such interactive activities not only enriches students’ learning experiences but also helps them develop essential skills that are beneficial for their personal and academic growth.”

The new Problem-Solving Olympiad offers an extraordinary learning environment for tomorrow’s problem-solvers to stretch their Power Skills by collaborating under pressure.

Schools from around the world took on the May Olympiad. Photo provided by NXTLVL.

Power Skill award winners

To emphasize the importance of Power Skills, we rewarded exceptional examples.

The Emotional Intelligence Award went to Minerva’s Virtual Academy, a globally recognized online school based in the UK, for “anticipating the needs and strategies of allies and opponents to navigate conflicts.”

Williamsburg Academy of Colorado picked up the Resilience Award for “perseverance in pushing through setbacks without losing momentum.”

Laurel Springs School earned the Critical Thinking Award for “demonstrating exceptional analytical thinking, decoding complex problems with logical and strategically sound solutions.”

The Communication and Creativity Awards went to the Prisma Online School for “mastering divergent thinking, consistently generating and synthesizing innovative ideas, while communicating them clearly.”

The Power Skills Awards. Photo provided by NXTLVL.

The Champions

We witnessed the peak of escalating intensity in the Championship Level as four teams battled it out for the main prize. Fourth place went to Prisma Online School, third place to Hill Top Preparatory School, and second place to Minerva’s Virtual Academy.

Our overall champions were a team from Alverno Heights Academy, an independent Catholic school from California. They epitomized teamwork, securing the Power Skill Award for collaboration. With a perfect balance of leadership and emotional intelligence, they leveraged each other’s diverse skills and perspectives. Their dynamism and synchronicity were evident from start to finish. Worthy winners indeed.

Hernandez added, “This Olympiad provides a unique platform for students to engage in communication and critical thinking skills, which are essential in today’s educational landscape. While traditional sports often focus on teamwork and collaboration, this competition allows educators to reach a broader spectrum of students and foster these important skills collectively.”

One of the Alverno Heights Academy students emphasized the importance of “teamwork, communication, and lots of planning before each round,” which was key to their success.

The 6 Power Skills trophies sit inside the champions’ trophy. Photo provided by NXTLVL.

The ultimate contest of wits

The Olympiad was a breathtaking experience. The speed at which all teams adapted to the surmounting challenges reminded us of what students are capable of when given the right platform. In just five hours, students transformed from being curious but uncertain to astute problem-solving teams.

Initially, they dove in without knowing the rules, requiring them to decode the game, develop hypotheses, and fine-tune their tactics. As the game evolved, they had to rework their strategies and adapt on the fly. This journey through failure, setbacks, and upended strategies led them to a finish line where the sweetness of victory was palpable.

The next level

Building on the success of the May event, we’re excited to announce the November Olympiad, which promises to be even more spectacular, expanding over multiple days to welcome more schools.

With early bird access, it’s free for the first four teams until July 1st.

Click here to register and give your students a head start on the future.

We extend a heartfelt thank you to the Elite Academic Academy for their invaluable support in hosting the event and the other schools that made it possible.

Alverno Heights Academy Boston College High School Colégio Bento Benedini Hill Top Preparatory School Laurel Springs School Leadership Academy of Utah Mesa Public Schools Minerva’s Virtual Academy Prisma Online School Repton Abu Dhabi Repton Al Barsha Repton Dubai Williamsburg Academy Williamsburg Academy of Colorado

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    254 (c) vius fe=k dks ljdkjh vkns'kksa dh izfr fn[kyk,axs vkSj mls fu;ekuqlkj phuh dh de ek=kk Lohdkj djus ds fy;s rS;kj djsaxsA (d) mls] vkcaVu djus okys vfèkdkjh dks lhèks izkFkZuk&i=k nsus dh lykg nsaxs vkSj lwfpr djsaxs fd vki ,sls ekeyksa esa gLr{ksi ugha djrsA

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