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World Food Safety Day in Hindi: विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 2023

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  • Updated on  
  • जून 6, 2023

world food safety day in hindi

मानव शरीर के निर्माण में भोजन एक महत्वपूर्ण तत्व है। प्रकृति ने कई प्रकार के खाद्य पदार्थ बनाए हैं जो महत्वपूर्ण और आवश्यक पोषक तत्वों से युक्त कोशिकाओं और शरीर के ऊतकों के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण हैं, इसलिए शरीर को ऊर्जा प्राप्त करने के लिए पर्याप्त मात्रा में भोजन करने की आवश्यकता होती है। 

हर साल दुनियाभर में 7 जून के दिन विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस world food safety day in hindi मनाया जाता है। अनुमानित 600 मिलियन – दुनिया में 10 में से लगभग 1 व्यक्ति – दूषित भोजन खाने के बाद बीमार पड़ते हैं और हर साल 420000 लोग मर जाते हैं , जिसके परिणामस्वरूप 33 मिलियन स्वस्थ जीवन वर्ष (DALYs) का नुकसान होता है।

World Food Safety Day in Hindi क्या होता है?

World Food Safety Day in hindi मनाने का एक उद्देश्य है जनता को खाने की क्वालिटी के बारे में जागरूक करना। हम अक्सर बाहर का खाना, स्ट्रीट फ़ूड आदि कंज़्यूम करते हैं। ऐसे खाने में इस्तेमाल होने वाला तेल, सब्ज़ियाँ, मैदा, आटा और अन्य रॉ मटेरियल अच्छी क्वालिटी का नहीं होता है। कई बार यह खाना फ्रेश नहीं होता, जिस वजह से हम बीमार पड़ जाते हैं। आईये जानते हैं WHO के आँकड़े क्या कहते हैं –

– वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक खराब खाने के कारण एक दिन में करीब 16 लाख लोग बीमार होते हैं। – हर रोज़ पांच साल से कम उम्र के 340 बच्चे खराब क्वालिटी वाले खाने की वजह से अपनी जान गंवा देते हैं। – WHO के अनुसार डायरिया और कैंसर सहित करीब 200 बीमारियां ऐसी हैं जो अनसेफ फूड यानि की खराब खाने के कारण होती हैं। 

World Food Safety Day 2023 की थीम 

हर साल UN फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन (FAO) एक थीम निर्धारित करता है जिसके तहत विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। World Food Safety Day 2023 की थीम है, ‘फूड स्टैंडर्ड सेव लाइफ’.  

व्यक्तिगत स्तर पर कैसे फ़ूड सेफ्टी का ख्याल रखें?

व्यक्तिगत स्तर पर हम निम्नलिखित तरीकों से फ़ूड सेफ्टी का ख्याल रख सकते हैं –

  • धुली हुई सब्जियों का इस्तेमाल करें 
  • भोजन को ठीक से पकाएँ 
  • फूड एक्पायरी डेट जांच लें 
  • बहुत समय से बाहर रखे खाने को न खाएं 

यह था world food safety day in hindi पर हमारा आर्टिकल। ऐसी ही रोचक जानकरी के लिए बने रहिये हमारी वेबसाइट के साथ। 

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विशाखा सिंह

A voracious reader with degrees in literature and journalism. Always learning something new and adopting the personalities of the protagonist of the recently watched movies.

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  • अधिनियम 2006
  • खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 - हिंदी

विधि और न्‍याय मंत्रालय (विधायी विभाग) नई दिल्‍ली, 24 अगस्‍त, 2006/भाद्र 2, 1928 (शक्) संसद के निम्‍नलिखित अधिनियम को दिनांक 23 अगस्‍त, 2006 को राष्‍ट्रपति की अनुमति प्राप्‍त हुई और इसे जनता की सूचना के लिए एतदद्वारा प्रकाशित किया जाता है:-:- खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 (2006 का संख्‍यांक 34)

[23 अगस्‍त, 2006]

खाद्य से संबंधित विधियों को समेकित करने और खाद्य पदार्थों के लिए विज्ञान-आधारित मानक अधिकथित करने तथा उनके विनिर्माण, भंडारण, वितरण, विक्रय और आयात को विनियमित करने के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण की स्‍थापना करने, मानव उपभोग के लिए सुरक्षित तथा स्‍वास्‍थ्‍यप्रद खाद्य की उपलब्‍धता सुनिश्चित करने के लिए और उनसे संबंधित या उनके आनुषंगिक विषयों का उपबंध करने के लिए अधिनियम.

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आम तौर पर Safety हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है। यह एक ऐसा मुद्दा है जिसे हम अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं में ध्यान में रखते हैं। उदाहरण के लिए, अपनी Personal Safety सुनिक्षित करने के लिए हम विभिन्न प्रकार के उपाय करते हैं। इसके अलावा, हम गाड़ी चलाते समय खुद को Safe रखने के लिए सीट बेल्ट पहनते हैं। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम जो खाना (Food) खाते हैं वह पुरी तरह Safe हो।

Food कैसे तैयार किया जाता है, इस पर हम सभी Food Safety पर विचार करना जरूरी हैं। जब हम Restaurant में खाते हैं, जब हम किसी Store से खरीदते हैं और यहां तक कि जब हम अपना खाना खुद बनाते हैं, तो हम यह सुनिश्चित (Ensure) करते हैं कि यह हमारे शरीर (Body) की जरूरतों को पूरा करने के लिए भोजन Healthy और Safe हो।

Food Safety

What is Food Safety?

Food Safety जिसे हिन्दी में खाद्य सुरक्षा भी कहते हैं, इसमे यह ध्यान रखा जाता है कि सभी प्रकार के भोजन (Food) सही ढंग से Store किए गए हैं, ठीक से तैयार (Prepared) किए गए हैं, और अच्छी तरह से संरक्षित (Well-preserved) किए गए हैं, ताकि यह Ensure किया जा सके कि वे Human Consumption के लिए Safe हो सके।

फूड सेफ़्टी का अवलोकन (Observing) आवश्यक विभिन्न प्रकार के खाद्य (Food) पदार्थों की खरीद या अधिग्रहण के साथ शुरू होता है और सुरक्षित भविष्य (Future use) के उपयोग के लिए तैयार और बिना तैयार (Prepared and Unprepared) दोनों के सही भंडारण (Storage) के साथ समाप्त होता है। Restaurants में देखे गए ज्यादातर सुरक्षा उपायों (Safety Measures) को घर पर भी देखा जा सकता है।

Example of Food Safety

1.  meat & stored food.

Food Safety का Examples संभवतः Food Safety का पालन करने का सबसे महत्वपूर्ण पहलू वस्तुओं को Food को दूषित (Contaminated) होने से बचाना है। यह सुनिश्चित करना कि सभी खाद्य पदार्थों (Food Items) को सही तरीके से संग्रहीत (Store) किया जाता है, किसी भी प्रकार के संदूषण (Contamination) को रोकने में बहुत लंबा रास्ता तय करता है। सब्जियों (Vegetables) और मांस (Meat) को सीलबंद एयरटाइट कंटेनर (Sealed Airtight Container) में रखा जाना चाहिए और फिर फ्रीजर (Freezer) में जमा दिया जाना चाहिए। चीनी (Sugar), आटा (Wheat), मसाले (Spices) और कॉर्नमील (Corn) जैसे खाद्य पदार्थों को भी वायुरोधी कंटेनरों (Airtight Container) में रखा जाना चाहिए जो वायुजनित बैक्टीरिया (Airborne Bacteria) के खिलाफ एक अच्छा अवरोध (Barrier) प्रदान करेंगे। जब ऐसे खाद्य पदार्थ (Food Items) उपयोग में नहीं होते हैं, तो खाद्य सुरक्षा (Food Safety) उपायों में उन्हें खाद्य पैंट्री (Food Pantries) में संग्रहित करना शामिल होता है।

2.  Kitchen & Food Preparation Tools

Basic Kitchen Safety, Food Safety का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। सुनिश्चित करें कि आप सभी रसोई में Food तैयार करने वाले काउंटरों को नियमित रूप से कीटाणुरहित (Disinfect) करते हैं। रसोई के कटिंग बोर्ड (Cutting Board) को हर उपयोग के बाद साफ करने की जरूरत है चाकू (Knifes), बर्तन (Pots), Pans और अन्य भोजन तैयार करने वाले उपकरणों को साफ गर्म साबुन के पानी (Hot soapy water) में अच्छी तरह से धोया जाना चाहिए और फिर अच्छी तरह से खंगालना चाहिए। तैयारी के उपकरण और बर्तनों (Pots) की सफाई एक बहुत ही महत्वपूर्ण खाद्य सुरक्षा (Important Food Safety) उपाय है जो खाद्य अवशेषों (food Remnants) के प्रजनन बैक्टीरिया (Bacteria) की बाधाओं को कम करने में मदद करता है जो अगली बार बर्तनों और उपकरणों का उपयोग करने पर खाद्य संदूषण (Food Contamination) का कारण बन सकते हैं।

3.  Vegetables & Fruits

Food Safety में ताजे फलों (Fruits) और सब्जियों (Vegetables) को सावधानीपूर्वक और अच्छी तरह से धोने (Wash) के लिए अत्यधिक सावधानी (Care) बरतने की आवश्यकता होती है। ताजे फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से धोना एक सरल प्रक्रिया हो सकती है, लेकिन यह महत्वपूर्ण संख्या में बैक्टीरिया (Bacteria) और कीटाणुओं (Germs) से छुटकारा पाने में मदद करती है, इस प्रकार किसी प्रकार के खाद्य जनित रोगों (Food borne infirmity) के विकसित होने की संभावना को कम करती है। यदि आप छिलके वाले प्रकार के खाद्य पदार्थ तैयार (Peeled types of food) कर रहे हैं, तो यह Recommend किया जाता है कि आप उन्हें छीलने (Peeling) से पहले धो लें ताकि खाद्य कीटाणुओं (Food Germs) और दूषित पदार्थों (Contaminants) को छिलके से चाकू (Knife) तक और अंत में मुख्य भोजन (Main Food) में स्थानांतरित (Transfer) होने से रोका जा सके।

4.  Storage of Leftover Food

यदि आपके पास कोई बचा हुआ खाना (Food) है, तो आपको उन्हें एयरटाइट कंटेनर (Airtight Container) में रखना चाहिए और रेफ्रिजरेट (Refrigerate) करना चाहिए या बेहतर है कि उपयोग के तुरंत बाद उन्हें फ्रीज (Freeze) कर दें। इस तरह, आप गुणवत्ता (Quality) बनाए रखने और संभावित संदूषण (Contamination) से बचाकर अन्य व्यंजनों (Dishes) के साथ बाद में बचे हुए का उपयोग कर सकते हैं।

Importance of food safety

Importance of Food Safety

हम सब चाहते हैं की जो फूड हम खा रहे हैं, उसमे किसी प्रकार का कोई Contamination ना हो इसका ध्यान हमसब अपने घरों में भी रखते हैं। क्यूंकी अगर फूड सैफ्टी का ध्यान फूड को बनाने, उसको स्टोर करने और उसको Preserved करने के दौरान नहीं किया गया तो उस फूड में बैक्टीरीआ, वायरस और जहरीला पदार्थ आदि से Contamination हो सकता है।

और इस Contaminated फूड को जो खाएगा उसे फूड पॉइज़निंग होने का खतरा रहेगा। फूड पॉइज़निंग होने पर उल्टियाँ होना, जी मिचलाना, पेट में जोर का दर्द होना, तेज बुखार आना और Diarrhea जैसे लक्षण होते हैं। और कभी कभी इनके लक्षण जानलेवा भी हो सकते हैं।

अपने घर पर तो हम इसका ध्यान रख लेते हैं लेकिन जब बात आती है किसी फूड मैन्यफैक्चर, किसी रेस्टोरेंट, कोई बड़े होटलस और कोई रीटेल स्टोर की जहां बल्क में खाना को बहुत सारे लोगों के द्वारा बनाया और हैन्डल किया जाता है तो इसमे फूड सेफ़्टी का खास तौर पर ध्यान रखना जरूरी होता है। इसकी देख रेख के लिए उन्हें एक फूड सेफ़्टी ऑफिसर या फूड सेफ़्टी इन्स्पेक्टर की जरूरत होती है।

Food Borne Illness हर साल लाखों लोगों के स्वास्थ्य (Health) पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। यह एक ऐसी बीमारी (Sickness) है जो लोगों को दूषित भोजन (Contaminated Food) खाने से होती है। यह आपके Body के काम करने की क्षमता को कम करता है और शरीर की कमजोरी का कारण बनता है। Food Borne Illness का भी एक बड़ा आर्थिक प्रभाव (Economical Effects) पड़ता है। हमारे समाज पर हर साल अरबों डॉलर खर्च होते हैं। ये लागतें चिकित्सा व्यय (Medical Cost), काम खो जाने (Lost Time) और बीमारी के शिकार लोगों द्वारा उत्पादकता में कमी (Reduce Of Production), कानूनी शुल्क (Legal Cost), दंडात्मक क्षति (Damage), बढ़े हुए बीमा प्रीमियम (Insurance Premium), व्यापार में कमी (Loss Business) और प्रतिष्ठा की हानि (Loss Of Reputation) के रूप में होती हैं।

खाद्य सुरक्षा (Food Safety) अत्यंत महत्वपूर्ण (Important) है। अपने खाने की Table पर स्वच्छ साफ भोजन (Healthy Food) तब मिलता है जब कोई Manufacturer Food का निर्माण करके Seller तक पहुंचाता है, जो ये Food को बाजार में बेचते हैं, फिर अंत में हम यानि Consumer इसे खरीदते हैं और पका कर खाते हैं। अगर इस तरह के सभी Steps में Food Safety का ध्यान रखा जाता है तो सभी लोग किसी भी खाद्य जनित रोगों (Food Borne Disease) से मुक्त होंगे

ये भी पढ़ें-   Gulf में Safety Officer कैसे बनें पूरा प्रोसेस पढ़ें

Duty of Food Safety Officer

एक Food Safety Officer की Duty कंपनी के Food Quality और Safety Standards को Control में रखना है और उसे कंपनी के कच्चे फूड आइटेम्स से लेकर खाना बनने और उसको Serve या रीटेल स्टोर तक पहुँचने तक की परक्रिया तक में फूड सेफ़्टी के मानक को बरकरार रखना होता है।

एक Food Safety Officer को सभी Food Items की लेबलिंग, Storage और Food Items के Process का रिकॉर्ड रखना होता है। Food Safety Officer को Food Safety Control से related सभी कानूनों से भी अच्छी तरह वाकिफ होना चाहिए।

Food Safety Officer की Duty से जुड़े कई पहलू हैं- जिसमे Employee Hygiene काफी महत्वपूर्ण है, आपको कर्मचारियों की साफ सफाई का ध्यान रखना उनकी बीमारी के बारे में सोचना और किन खाद्य पदार्थों (Food Items) को नंगे हाथों (Bare Hands) से नहीं छु सकते हैं इसके बारे में ध्यान रखना।

Workers को सुरक्षित खाना पकाने की तकनीक (Safe Cooking Techniques) सीखने और Training देने की जरूरत और उनका रिकार्ड रखना भी एक फूड सेफ़्टी ऑफिसर की ड्यूटी में शामिल होता है।

जब खाना पकाने और फिर से दोबारा गर्म करने की बात आती है तो Temperature का ध्यान रखना भी जरूरी होता है और भोजन के store कीये जाने के समय को समझना भी जरूरी होता है ताकि फूड खराब न हो पाए या उसमे किसी प्रकार का contamination न होने पाए।

खाना बनाने वाली जगह की साफ सफाई का ध्यान रखना और Equipment’s का निरीक्षण (Inspection) करना भी Food Safety Officer की Duty में शामिल है।

How to Become Food Safety Officer

खाद्य सुरक्षा अधिकारी (Food Safety Officer या Food Inspector) के रूप में नौकरी (Job) के लिए Minimum Eligibility Criteria नीचे दिया गया है:-

फूड सेफ़्टी या फूड सेफ़्टी इन्स्पेक्टर बनने के लिए आप के पास किसी मान्यता प्राप्त University से B.Sc/ B.Tech in food technology/ Dairy technology/ Biotechnology/ Agriculture Science/ Biochemistry आदि जैसे Relevant Discipline में Bachelor’s Degree या Master’s Degree होनी चाहिए। और अगर आपके पास संबंधित क्षेत्र में कुछ वर्षों का Experience है तो आपको प्राथमिकता दी जाती है।

India के बाहर जैसे Gulf और दूसरे Countries में Food Safety Officer की जॉब पाने के लिए ऊपर बताए गए Qualification और अनुभव के अलावा HACCP (Hazard Analysis Critical Control Points) के Course की Training की जरूरत होती है और इसे पास करके Certificate लेना पड़ता है।

What is HACCP?

HACCP  का Full Form, Hazard Analysis Critical Control Points होता है। इसमें Food Production और Service के दौरान Important Points का निर्धारण करने की ट्रैनिंग दी जाती है। इसमें कच्चे माल की शिपिंग से लेकर खाना पकाने की पूरी प्रक्रिया तक और उस Point तक शामिल है जहां Consumers को Food परोसा जाता है। फिर इन Steps के दौरान किसी भी संभावित खतरे  (Risk)  की पहचान की जाती है।

HACCP का कोर्स करने के बाद International Level पर फूड सेफ़्टी management के बारे में पूरी जानकारी हो जाती है।

इसका एक अच्छा उदाहरण है की Red Meat को सही से पकाने का तापमान (Temperature) निर्धारित करना है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि खाना पकाने की प्रक्रिया के दौरान Bacteria और अन्य microorganisms मारे जाएं। कहने का मतलब ये है के HACCP में सभी प्रकार के Food Items की Safety के सारे पहलुओं पर Professionally रूप से ध्यान रखना सिखाया जाता है ताके Food Safety की सही से पुष्टि की जा सके।

Food safety officer

Government Job for Food Safety Officer in India

Food Safety Officer या इन्स्पेक्टर का Job भारत सरकार के Food Safety & Health के विभिन्न विभाग में Group B लेवल का Post है। आप नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं क्योंकि Central Government और भारत की State Government भी हर साल या समय-समय पर Vacancies निकालती रहती है।

सामान्य तौर पर, Food Safety Officer के लिए Recruitment Process संबंधित State Public Service Commission द्वारा आयोजित की जाती है। और साथ साथ Food Safety and Standards Authority of India यानि   (FSSAI)  के द्वारा भी Vacancies निकाल कर Selection का प्रोसेस Written Exam और Interview के द्वारा किया जाता है। इन विज्ञापनों के बारे में भारत सरकार के प्रकाशन विभाग से प्रकाशित होने वाले रोजगार समाचार, दैनिक समाचार पत्रों एवं सरकारी नौकरी की जानकारी देने वाले वेबसाईट पर अपडेट रहकर किया जा सकता है।

सरकारी नौकरी में फूड सेफ़्टी ऑफिसर या इन्स्पेक्टर की ड्यूटी में अलग अलग जगहों से फूड इटेम्स का नमूना लेना, खतरनाक फूड प्रोडक्ट को जब्त करना, किसी भी संदिग्ध फूड प्रोडक्टस के परिसर का इन्स्पेक्शन करना, किसी भी खतरनाक फूड प्रोडक्टस या कच्चे माल के लिए नोटिस जारी करना और उन्हें नष्ट करना और उत्पादकों के खिलाफ कार्रवाई करना शामिल है।

ये भी पढ़ें-    Safety और Security में क्या अंतर है?

Salary of Food Safety Officer

India में Government की Job में Food Safety Officer के पोस्ट के लिए Salary Structure – 3 के अनुसार दिया जाता है। 15,600 – 39,100/- + ग्रेड पे रु. 5,400/- Sixth Pay Commission और इसके अलावा विभिन्न भत्ते (डीए, एचआरए, आदि) भी दिए जाते हैं। वेतन सातवें वेतन आयोग के समकक्ष वेतन मैट्रिक्स स्तर के अनुसार हो सकता है, ये निर्भर करता है की जिस राज्य में इसे लागू किया गया हो।

India के बाहर Food Safety Officer की Salary हर Country और Company के हिसाब से अलग अलग हो सकती है, ये आपके इंटरव्यू परफॉरमेंस, क्वालफकैशन और अनुभव पर निर्भर करता है। आपको कहीं भी आवेदन करने से पहले वहाँ दिए जानी वाली सैलरी को कन्फर्म कर लेना चाहिए।

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स्वस्थ भोजन पर निबंध

Essay on Healthy Food in Hindi: हम यहां पर स्वस्थ भोजन पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में स्वस्थ भोजन के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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स्वस्थ भोजन पर निबंध | Essay on Healthy Food in Hindi

स्वस्थ भोजन पर निबंध (250 शब्द).

हर एक व्यक्ति के लिए स्वस्थ भोजन बहुत ही जरूरी होता हैं। लेकिन स्वस्थ भोजन को सही तरीके से आजकल कोई नहीं अपनाता हैं। सब अपने जीवन में इतने व्यस्त रहते हैं कि हर दिन फास्ट फूड खाते हैं और धीरे-धीरे स्वस्थ भोजन को सब भूल रहे हैं लेकिन स्वस्थ भोजन हमारे शरीर को जो- जो फायदे देता हैं, वह सब फायदे आजकल की जनरेशन में हमें देखने को नहीं मिलते हैं।

फास्ट फूड को अपनाने के कारण वर्तमान समय में हमारे बीच कई नई नई बीमारियां उत्पन्न होती हैं और उन बीमारियों से लोग अपनी जान भी गवां रहे हैं। अगर इसी जगह हर व्यक्ति अपने भोजन में स्वस्थ भोजन को शामिल करें, तो वह अपने जीवन भर स्वस्थ और तंदुरुस्त रहता हैं। साथ ही उसे किसी भी प्रकार की बीमारी होने की संभावना नहीं रहता हैं।

स्वस्थ भोजन केवल हमें बीमारियों से ही नहीं बचता हैं। यह हमारे शरीर को एनर्जी देता है, वैसे तो अगर देखा जाए तो हेल्दी फूड के अंतर्गत ही कई अलग-अलग प्रकार के फूड होते हैं लेकिन मुख्य रूप से यह निम्नलिखित पदार्थों को अपने भोजन में जरूर शामिल करना चाहिए।

3. शुद्ध धान की रोटी

4. हरी सब्जियां

5. शुद्ध फल

स्वस्थ भोजन पर निबंध (800 शब्द)

भोजन हर किसी व्यक्ति के लिए जरुरी होता है। भोजन के बिना हम लोग जीवन कि कल्पना भी नही कर सकते हैं। भोजन जो हम लोग करते वो पेट में जाता है, फिर पूरी तरह से पचता हैं। जिससे हमारे शरीर को ऊर्जा मिलते हैं। जिससे हम काम करते है और  यह मांशपेशियो को मजबूत करता हैं। हमारे शरीर में क्षतिग्रस्त अंगो के कोशिकाओं की मरम्मत करता हैं। स्वस्थ भोजन उसे कहा जाता है जिसमें विटामिन, कार्बोहाईड्रेट, फैट, प्रोटीन आदि का भरपूर मात्रा उपलब्ध होते हैं।

स्वस्थ भोजन का महत्व

स्वस्थ भोजन हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बहुत जरुरी होता हैं। स्वस्थ भोजन के अंदर रोटी, हरी, सब्जियाँ, चावल, दुध और दही आदि आते हैं। हमारे शरीर को स्वास्थ रखने के लिए संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए। स्वस्थ भोजन में फल को भी खाना चाहिए। अगर आप भी आपने जीवन में अच्छा प्रदर्शन करना चाहते है, तो आपको स्वास्थ रहना जरुरी हैं। क्योंकि इस कविता में सही कहा है “स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ दिमाग बसता है” विशेष कर विद्यार्थी जीवन में स्वास्थ्य का बहुत बड़ा महत्व हैं। यदि कोई विद्यार्थी पूर्ण रूप से स्वास्थ नही रहेगा, तो उसको पढाई में मन नही लगेगा और वो दूसरों से कमजोर महसूस करेगा।

नियमित रूप से व्यायाम जरुर करे, इससे मेटाबॉलिज्म होने के साथ साथ तेजी से कैलोरी बर्न होगा। जिससे वजन भी नियंत्रत रहेगा। नियमित व्यायाम से हमारे शरीर के साथ साथ मस्तिक को तेज रखने में उपयोगी होते हैं। व्यायाम से तनाव, सिर दर्द आदि जैसी समस्या को ठीक किया जा सकते हैं।

स्वस्थ भोजन का सेवन ना करने से होने वाले नुकसान

आज के समय में लोग स्वस्थ भोजन का महत्व भूलते जा रहे है और फ़ास्ट फूड की और ज्यादा ध्यान दे रहे है, जिससे दांतों में दर्द, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा और मधुमेह का खतरा बढ़ता ही जा रहा हैं। आज कल लोग स्वादिष्ट भोजन की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे है और भोजन की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जंक फ़ूड भले ही खाने में स्वादिष्ट होता है लेकिन यह पौष्टिक नहीं होते हैं। बल्कि हमारे शरीर के लिए नुकसान दायक होता हैं। फ़ास्ट फ़ूड जितना स्वादिष्ट होता है, उससे हमारे शरीर में उतना ज्यादा नुकसान होता हैं।

आज कल बहुत सारी बीमारीयां भी होती हैं। हमे हमारे जीवन में जंक फ़ूड को कम से कम सेवन करना चाहिए, और स्वस्थ्य भोजन को हमें हमारे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। बच्चों को हरी सब्जी अलग अलग तरीके से बनाकर खिलाना चाहिए चाहिए, जो देखने में देखने में अच्छी लगे और बच्चे उनकी तरफ आकर्षित हो जाएं। बच्चों के साथ के साथ साथ बड़े लोगों को भी स्वस्थ भोजन का सेवन करना चाहिए। हेल्दी फूड शरीर को शक्तिशाली बनाता है, और रोगो से भी बचाता हैं। तीनों समय स्वस्थ भोजन का ही सेवन करना चाहिए। हमे कभी कभी बाहर का भोजन खाना चाहिए। जिससे हमारे शरीर में कम से कम नुकसान हो।

रोज सुबह दूध का सेवन करना चाहिए। दूध को एक अच्छा संतुलित आहार माना जाता हैं क्योंकि इसमें पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं। दोपहर को हमें चावल, दाल, सलाद आदि खाना चाहिए। रात को दाल रोटी, सब्जी आदि का सेवन चाहिए।

स्वस्थ्य भोजन की सारणी

नीचे लिखे कुछ ऐसे भोजन की सारणी है, जो खाद्य पदार्थ आसानी से बाजार में मिल जायेंगे हैं।

हरी सब्जियां :-

कई लोग हरी सब्जी को पसंद नही करते है, लेकिन वो भूल जाते है की हरी सब्जी में कैल्शियम, मिनरल, एंटीऑक्सीडेंट आदि पाए जाते जाते है। जो हमारे शारीर को मोटापा, ह्रदय रोग के अलावा गंभीर बीमारी से बचाता हैं। हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए दैनिक आहार में लेना चाहिए।

सब्जी की तरह फल भी हमारे स्वस्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल या वजन घटाना, इन सब के लिए फल आपको मदद करेंगे। फलों में सेब, संतरा यह दोनों दिनचर्या में जरुर शामिल करे और याद रहे फल का सेवन संतुलित मात्रा में ही करना चाहिए। जिससे हमारे शरीर नुकसान न हो।

दूध या डेयरी पदार्थ :-

दूध में भी कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते है जैसे :- कैल्शियम, विटामिन ए, विटामिन बी 12, पोटैशियम, मैग्नीशियम, जिंक होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाते है।

अगर आप किसी फल को खाना नहीं चाहते है, तो आप उस फल का जूस बना कर उसका सेवन कर सकते हैं। जैसे :- आम, सेब, केला, गन्ना, मोसमी आदि फल जो बाज़ार में आसानी से मिल जायेगें। आप इनका जूस बना कर उपयोग कर सकते हैं।  जिससे पेट में होने वाले कई रोगों से छुटकारा मिलता है। जूस हमारे स्वास्थ्य के फायदेमंद होते हैं।

हमारे शरीर को स्वास्थ्य रखने के कुच्छ टिप्स

जितना हो सके तेल वाले भोजन का सेवन करने से बचे, इनके लगातार सेवन से बहुत सारी बीमारियाँ हो सकती हैं।

पानी खूब पिएं :-

हमारे शरीर में पानी की मात्रा कम नहीं होनी चाहिए क्योंकि जिससे किडनी की समस्या, त्वचा संबंधी समस्या, उल्टी, बुखार और कई अन्य परेशानियां हो सकती है । पानी की सही मात्रा से ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है, जितना हो सकते है उतना पानी पिएं।

उपवास करना हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। उपवास मोटापे को कम करता हैं। साथ ही बीमारी को दूर करने में मदद हो सकते हैं। उपवास के दोरान आप पानी पीते रहे है और फल खाते जिससे हमारे शरीर में ऊर्जा बनी रहें।

स्वस्थ भोजन हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होता है, लेकिन आजकल स्वस्थ भोजन को कोई पूछता भी नहीं हैं। आज के इस लेख के माध्यम से हमने आपको स्वस्थ भोजन का हमारे जीवन में क्या महत्व होता है, उसके बारे में विस्तार से जानकारी दी हैं। इसलिए हम उम्मीद करते हैं, कि आपको आज का यह लेख अवश्य पसंद आया होगा।

आज के आर्टिकल में हमने  स्वस्थ भोजन पर निबंध ( Essay on Healthy Food in Hindi)   के बारे में बात की है। मुझे पूरी उम्मीद है की हमारे द्वारा लिखा गया यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। यदि किसी व्यक्ति को इस आर्टिकल में कोई शंका है। तो वह हमें कमेंट में पूछ सकता है।

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स्वस्थ भोजन की थाली (Hindi)

Healthy Eating Plate Translation Hindi

  • फल और सबज़ियों को अपने भोजन का सबसे बड़ा हिस्सा बनायें – आधी थाली मात्राः

कोशिश करें कि अनेक रंगों और कई प्रकार के फल और सब्ज़ियां खायें। और याद रखें कि स्वस्थ भोजन की थाली में आलू को सब्ज़ि नहीं माना जाता है, क्योंकि आलू को खाने से रक्त शर्करा, या ‘ब्लड ग्लूकोज़’ पर नकारात्मक असर होता है।

  • ‘होल ग्रेन्ज़’, या साबुत अनाजों को ज़्यादातर खायें – एक चैथाई थाली मात्राः

साबुत और पूर्ण अनाजों – पूर्ण गेहूॅं, जौ, बाजरा, जुवार, जै, ‘ब्राउन राइस’ या असंसाधित चावल, और इनसे बनाये गए खाद्य पदार्थ, जैसे कि पूर्ण गेहूॅं से बनाई गई रोटी – का मैदे से बनाई गई रोटी, ‘वाइट राइस’, और अन्य संसाधित अनाजों से रक्त शर्करा और इंसुलिन पर कम असर होता है।

  • प्रोटीन की शक्ति – एक चैथाई थाली मात्राः

मछली, मुर्ग, दाल, और अखरोट स्वस्थ और बहुमुखी प्रोटीन के स्रोत हैं – इनको सालाद में डाला जा सकता है, और यह सब्ज़ियों के साथ अच्छा जाते है। लाल मांस को कम खाना चाहिए, और संसाधित मांस, जैसे कि ‘बेकन’ और ‘साॅसेज’ से दूर रहना चाहिए।

  • स्वस्थ संयंत्र तेल या ‘वेजिटेबल आॅयल’ – मध्यम मात्रा मेंः

स्वस्थ वेजिटेबल आॅयल, जैसे जैतून या ‘ओलिव’, कनोला, सोयाबीन, सनफ़लावर, मूंगफली, सरसों, इत्यादी के तेलों को चुनें, और ‘पार्शली हाइड्रोजनेटिड’ तेलों से दूर रहें, क्योंकि इनमें अस्वस्थ ‘ट्रांस फैट’ होते हैं। याद रखें, कि केवल कम या शून्य फैट होने से खाद्य पदार्थ ‘‘स्वस्थ’’ नहीं हो जाते।

  • पानी, चाय, या काॅफ़ी पीयेंः

मीठे पायों से दूर रहें, दूध और दूध से बने अन्य खाद्य पदार्थों के दिन में केवल एक या दो सर्विगंज़ खायें, और दिन में ज़्यादा से ज़्यादा एक छोटा गिलास फल का रस पियें।

  • सक्रिय रहेंः

स्वस्थ भोजन की थाली के प्लेसमैट पर वह लाल रंग की भागती हुइ आक्रिति आपको याद दिलाने के लिए है, कि सक्रिय रहना भी वज़न संतुलन के लिए आवश्यक है।

स्वस्थ भोजन की थाली का मुख्य सन्देश ‘‘डायटेरी क्वालेटी’’, या आहार की गुणवत्ता के बारे में है।

  • कार्बोहाइड्रेट की मात्रा पर ध्यान देने से ज़्यादा यह सोचना ज़रूरी है कि हम अपने आहार में किस प्रकार के कार्बोहाइड्रेट खाते हैं, क्योंकि कार्बोहाइड्रेट के कुछ स्रोत – जैसे सबज़ियाॅं (आलू के अलावा), फल, साबुत अनाज, और दाल – अन्य स्रोतों से ज़्यादा स्वस्थ हैं।
  • स्वस्थ भोजन की थाली लोगों को मीठे पायों से दूर रहने के लिए भी बताती है, जो उष, या ‘‘कैलोरीज़’’ से भरे हैं – और आमतौर पर इनमें पोषण कम होता है।
  • स्वस्थ भोजन की थाली लोगों को स्वस्थ ‘‘वेजिटेबल आॅयल’’ खाने को प्रोतसाहित करती है, और इसमें स्वस्थ स्रोतों से मिले गए ‘‘फ़ैट्स’’ के उपभोग पर कोई उपरी सीमा नहीं है।

हम निम्नलिखित नियमों और शर्तों के अनुसार स्वस्थ भोजन की थाली की छवि के उपयोग की अनुमति देतें हैंः

  • निम्न क्रेडिट लाइन शामिल होनी चाहिएः ‘‘प्रतिलिप्याधिकार © 2011 हारवर्ड विश्वविद्यालय। स्वस्थ भोजन की थाली के बारे में अधिक जानकारी के लिये कृप्या इन वेबसाइटों पर जाएॅंः पोषण स्रोत, हारवर्ड टी. एच. चैन स्कूल आॅफ़ पबलिक हेल्थ, http://www.thenutritionsource.org  और हारवर्ड हेल्थ पबलिकेशन्ज़, health.harvard.edu ।’’
  • आप स्वस्थ भोजन की थाली का उपयोग गैर वाणिज्यिक तरह से करेंगें।
  • आप स्वस्थ भोजन की थाली का उपयोग सभी लागू कानूनों के अनुसार करेंगें।
  • आप किसी भी तरह से छवि या पाठ को बदल नहीं सकते हैें।
  • हारवर्ड यह अनुमति अपने संपूर्ण विवेकाधिकार पर किसी भी समय रद्द कर सकता है। यदि यह अनुमति वापस ली जाती है, आपको अधिक से अधिक पांच व्यवसायक दिनों के अंदर इस छवि को किसी भी वेबसाइट या सार्वजनिक स्थान से निकालना होगा।
  • हारवर्ड कोई भी संकेत सख्ती से मना करता है – स्पष्ट या अव्यक्त – जिस्से दूसरों को यह सुझाव आए, या जो दूसरों को यह विश्वास दिलाए कि हारवर्ड, हारवर्ड टी. एच. चैन स्कूल आॅफ़ पबलिक हेल्थ के पोषण विभाग, या पोषण स्रोत की वेबसाइट ने किसी भी माल, सेवाओं, वयक्तिओं, या संगठनों का समर्थन किया है। इस कारण, इस छवि के लिए उूपर दी गई विशिष्ट क्रेडिट लाइन की प्रतिलिपि प्रस्तुत करने के अलावा, आप ‘‘हारवर्ड‘‘, ‘‘हारवर्ड टी. एच. चैन स्कूल आॅफ़ पबलिक हेल्थ के पोषण विभाग‘‘, या ‘‘पोषण स्रोत‘‘ नामों, या कोई भी हारवर्ड के स्वामित्व वाले ट्रेडमार्कों का स्वस्थ भोजन की थाली के संबंध में, बिना पूर्व लिखित अनुमोदन के उपयोग नहीं कर सकते।
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  • निबंध ( Hindi Essay)

food safety essay in hindi

Essay on Safety in Hindi | हिंदी में सुरक्षा पर निबंध

Essay on Safety in Hindi

Essay on safety in Hindi: यदि हम खुद की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखते हैं तो कई तरह की परेशानियों से खुद को बचा सकते हैं। यानी खुद की Safety बहुत जरूरी है।

खुद की सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण है इसी बात को समझाने के उद्देश्य से परीक्षाओं में Safety Essay in hindi अक्सर पूछा जाता है।

इसीलिए Students की जरूरत को ध्यान में रखते हुए यहाँ पर Essay on road safety in hindi और Industrial Safety rules in hindi दिया जा रहा है, जिसमे हम Road safety rules, Indrustrial safety rules आदि के बारे में जानेंगे।

Table of Contents

Essay on safety in Hindi (हिंदी में सुरक्षा पर निबंध) – 300 words

आवागमन के लिए दुनिया के अधिकतर व्यक्ति सबसे ज्यादा रोड का ही उपयोग करते हैं। ऐसी स्थिति में यह बहुत आवश्यक हो जाता है कि यातायात का यह तरीका बहुत ही सुरक्षित हो।

रोड सेफ्टी को बढ़ाने के लिए कई तरह के नियम बनाए गए हैं यदि उन नियमों का सही ढंग से पालन हो तो सड़क हादसों की संख्या बहुत कम हो सकती है। लेकिन यदि वर्तमान के आंकड़ों पर गौर करें तो यह चिंताजनक है भारत में रोड एक्सीडेंट की समस्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है।

यातायात के नियम

रोड यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए यातायात से संबंधित कई नियम बनाए गए हैं। इन नियमों का पालन करना हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है। रोड यात्रा से संबंधित यातायात के नियम निम्नलिखित हैं:-

  • हमेशा रोड के बाएं साइड ही चलना चाहिए।
  • नशे की हालत में कभी भी गाड़ी नहीं चलाना चाहिए।
  • बाइक चलाते वक्त हमेशा हेलमेट पहनना चाहिए।
  • अपने वाहन के टायरों को समय-समय पर जांचते रहना चाहिए।
  • भीड़भाड़ वाले इलाकों में तेज गति से वाहन नहीं चलाना चाहिए।
  • सड़क पार करने के लिए हमेशा जेबरा क्रॉसिंग का उपयोग करना चाहिए।
  • रोड में वाहन चलाते समय अपने वाहन और दूसरे वाहन के बीच उचित दूरी बनाए रखना चाहिए।
  • वाहन चलाते वक्त ट्रैफिक सिग्नल का ध्यान रखना चाहिए।
  • दोपहिया वाहनों में दो व्यक्ति से ज्यादा नहीं बैठना चाहिए।

बिना लाइसेंस के वाहन चलाने पर अर्थदंड ₹500 था, जो अब बढ़ाकर ₹5000 कर दिया गया है। वहीं बिना हेलमेट के वाहन चलाने पर अर्थदंड के तौर पर ₹1000 लिया जाता है।

यातायात को सुरक्षित बनाने के लिए इस तरह के नियमों में बदलाव निश्चित रूप से सराहनीय है आगे भी हम इसी तरह के कई बदलावों की अपेक्षा करते रहेंगे।

Essay on safety in Hindi (हिंदी में सुरक्षा पर निबंध) – 500 words

W.H.O के अनुसार भारत मे प्रतिवर्ष रोड दुर्घटना से 10 लाख से ज्यादा लोगो की मृत्यु हो जाती है। हर दिन करीब 1317 लोगो के साथ रोड दुघर्टना होती है, जिनमे से 413 लोगो की मौत हो जाती है।

इनमे से कई ऐसे लोग भी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं जिनकी कोई गलती नही होती है। वो सभी नियमों का पालन कर रहे होते हैं, लेकिन किसी और कि गलती के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं।

Traffic नियम के महत्व (Importance of traffic rules)

Traffic नियम का पालन करना बहुत जरूरी है। ट्रैफिक रूल इस बात को सुनिश्चित करते हैं कि वाहनों का आवागमन सुचारू रूप से चलता रहे। यदि कोई भी इन नियमों को तोड़ता है तो इससे सड़क सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है।

Traffic light सबसे महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि इन्ही के जरिए लोगो को पता चलता है कि कब गति को धीरे करना है, कब रुकना है और कब चलना है।

यदि कोई Traffic light के बारे में नही जानता तो वह न समझी में इन signals को तोड़ देगा जिससे कि बाकी व्यक्तियों को असुविधा हो सकती है।

सड़क दुर्घटना होने के मुख्य कारण

आज देश मे सड़क दुर्घटनाओं की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई है। ऐसी स्थिति में इनके पीछे प्रमुख कारणों के बारे में जानना आवश्यक है। भारत मे सड़क दुर्घटना के कारण निम्नलिखित है:-

  • हमारे देश मे रोड की हालत काफी खराब रहती है। जिसकी वजह से कई दुर्घटनाएं होती है।
  • लोगो को ट्रैफिक संबंधी नियमों का सही ज्ञान नही होता है , जिस वजह से दुर्घटनाएँ होती है।
  • कई लोग बिना हेलमेट के और बिना सीट बेल्ट के वाहन चलाते हैं जो भी सड़क दुर्घटना में मृत्यु का एक बड़ा कारण बनता है।
  • गलत दिशा से ओवरटेक करने के कारण भी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।
  • बिना इंडिकेटर दिए मुड़ जाने से भी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।
  • कभी-कभी पैदल यात्री अचानक एक दिशा में मुड़ जाते है , जिसकी वजह से भी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।
  • शराब पीकर वाहन चलाने से भी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।

सड़क दुर्घटना रोकने के लिए क्या करें

सड़क दुर्घटना रोकने के लिए निम्नलिखित उपाय करने चाहिए:-

  • नशे की हालत में गाड़ी चलाने से हमेशा बचना चाहिए।
  • गाड़ी चलाने से पहले हमेशा वाहन के ब्रेक और टायर चेक कर लेना चाहिए।
  • कार चलाते वक्त हमेशा सीट बेल्ट लगाना चाहिए।
  • हेलमेट पहन कर ही बाइक चलाना चाहिए।
  • जरूरत पड़ने पर हमेशा इंडिकेटर को प्रयोग करना चाहिए।
  • कभी भी दूसरे वाहन को उल्टी दिशा से ओवरटेक नहीं करना चाहिए
  • सिग्नल्स का विशेष ध्यान रखना चाहिए। कभी भी सिग्नल तोड़ने की कोशिश नहीं करना चाहिए।
  • कहीं जाने से पहले कोशिश करें कि आप वक्त से थोड़ा पहले घर से निकले ताकि आपको ज्यादा गति से वाहन ना चलाना पड़े।

अधिकतर सड़क दुर्घटनाएं इंसानी गलतियों के कारण ही होती है। यदि इन गलतियों में कमी लाया जाए तो रोज होने वाले सड़क दुर्घटनाओं में काफी कमी लाई जा सकती है।

यदि आप सावधान है और सुरक्षा संबंधी उपाय करते है तो सड़क दुर्घटना में अपनी जान बचा सकते हैं। इसलिए हमेशा यात्रा करने से पहले अपनी सुरक्षा सुनिश्चित जरूर कर लें।

Industrial Safety Essay in Hindi (औद्योगिक सुरक्षा पर निबंध ) – 500 words

आज देश की एक बहुत बड़ी आबादी अपनी आजीविका लिए फैक्ट्रियों में काम करती है। ऐसे में यह बहुत ही बहुत आवश्यक हो जाता है कि उनकी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए।

हालांकि औद्योगिक सुरक्षा के लिए आजकल कई विशेष कानून बन चुके हैं जिसमें किसी भी कंपनी को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसके यहां काम करने वाले सभी कर्मचारी और मजदूर पूरी तरह से सुरक्षित रहें।

आजकल हर कंपनी की यह कानूनी जिम्मेदारी है कि वह काम करने वालों को सुरक्षा संबंधी सभी जरूरी चीजें मुहैया करवाए। यदि कंपनी में सुरक्षा के संबंध में लापरवाही बढ़ती है तो कोई भी कर्मचारी इसके खिलाफ कानूनी सहायता ले सकता है।

Industrial safety rules in hindi ( औद्योगिक सुरक्षा के नियम)

औद्योगिक सुरक्षा के नियम निम्नलिखित है:-

  • काम करने के दौरान किसी भी तरह गड़बड़ दिखाई देने पर तुरंत सुपरवाइसर को बताएं।
  • कोई भी मशीन को चलाने से पहले उसे अच्छे से जाँच लें।
  • किसी भी मशीन को चलाने से पहले या कोई रासायनिक काम करने से पहले सभी जरूरी सुरक्षा उपकरणों को जरूर पहन लें।
  • काम के दौरान अपने साथी से मजाक न करें क्योंकि एक छोटी सी भूल बड़ी दुर्घटना को अंजाम दे सकती है।
  • यदि आप कोई ऐसा काम कर रहे हैं जिसमे आग लगने की संभावना बनी रहती है तो अपने पास उतना ही समान रखें जितना जरूरी है। काम खत्म होने के
  • बाद सभी चीजों को उनके उचित स्थान पर जरूर रख दें।
  • काम के दौरान यह सुनिश्चित करें कि कोई भी नट-बोल्ट ढीला तो नही है। सभी मशीनों को जांचे। साथ ही यदि ऊपर क्रेन लगी तो इस बात को सुनिश्चित
  • कर लें कि उसकी पकड़ मजबूत है।
  • किसी भी सामान को गिरने न दें। इसके लिए नेट लगाया जा सकता है।
  • काम के दौरान आसपास की सफाई का विशेष ध्यान रखें। आसपास तेल गिरा होने पर उसे साफ करते रहना चाहिए।
  • कभी भी जल्दबाजी में काम न करें। हर काम को सोच समझ कर ही करें।
  • काम के दौरान पूरी सजकता बनाकर रखें।
  • काम करने की जगह पर फर्श चिकना नही होना चाहिए।
  • हर फैक्ट्री में आपातकालीन दरवाजा जरूर होना चाहिए। साथ ही आपातकालीन दरवाजे के आसपास की जगह बिलकुल खाली हो ताकि किसी दुर्घटना की स्थिति में लोग आसानी से निकल सकें।
  • किसी भी मोटर या मशीन में यदि चैन लगी हो तो उसके ऊपर चैन कवर होना जरूरी है।
  • हर फैक्ट्री में सेफ्टी अलार्म जरूर होना चाहिए। साथ ही उचित मात्रा में अग्निशामक यंत्र होना चाहिए।

औद्योगिक सुरक्षा क्यों जरूरी है?

कोई भी क्षेत्र में व्यक्ति तभी पूरी ऊर्जा से काम कर सकता है जब वह अपनी सुरक्षा को लेकर सुनिश्चित हो। हमने पिछले कुछ सालों में कई बड़ी बड़ी दुर्घटनाओं को होते हुए देखा है।

इन्ही में से एक भोपाल गैस त्रासदी है। कई लोग कंपनियो में काम करने के दौरान चोटिल हो जाते हैं तो वही काफी लोगो की जान भी चली जाती है।

इसकी वजह है सुरक्षा मानकों का पालन करने में लापरवाही बरतना। कई कंपनियां सुरक्षा के लिए तय मानकों पर खरी नही उतरती है।

हालांकि आज देश मे इस दिशा में बहुत तेजी से काम हो रहा है। समय समय पर हर कंपनी की जाँच होती है, जिसमें इन सब बातों का जायजा लिया जाता है।

वहीं आज कर्मचारियों को भी यह अधिकार है कि यदि कोई कंपनी कामगारों की सुरक्षा में लापरवाही बरतती है तो उसके खिलाफ कानूनी मदद ले सकता है।

हमें अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। फिर चाहे हम सड़क में चल रहे हों या किसी जगह काम कर रहे हों। छोटी छोटी लापरवाहियां कभी कभी जिंदगी भर का दर्द दे जाती है।

Detailed information of Essay on Safety in Hindi

आज के समय मे खुद की सुरक्षा करना सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। आज लोग अपनी भागदौड़ भरी जिंदगी में इतने ज्यादा व्यस्त हैं कि अपनी सुरक्षा के लिए जरूरी छोटी-छोटी चीजों के ऊपर भी ध्यान देने का वक़्त नही मिलता।

ऐसा करके हम कही न कहीं अपने ही जीवन में खतरे को दावत दे रहे हैं। हमारा जीवन सुचारु रुप से चलता रहे और किसी भी तरह की परेशानियों से हम दूर रहे इसके लिए यह बहुत ही आवश्यक है कि हम खुद की सुरक्षा पर ध्यान दें।

क्योंकि कभी-कभी छोटी सी भी लापरवाही हमें बड़ा नुकसान दे सकती है। इसलिए खुद की सुरक्षा के प्रति सजग रहना नितांत आवश्यक है।

किस तरह की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए?

सुरक्षा कई तरह की होती है। हमें इन सभी के प्रति सजग रहना चाहिए। हम अपने जीवन में जिन जिन क्षेत्रों पर क्रियाशील रहते हैं उन सभी क्षेत्रों से जुड़े हुए सुरक्षा मापदंडों का जरूर ध्यान रखना चाहिए।

साथ ही जीवन मे कई चीज़े एक साथ चलती है , और वो सभी आपस मे जुड़ी होती है। इसलिए यदि किसी एक चीज़ में भी कोई समस्या उत्पन्न होती है तो दूसरा क्षेत्र खुद ही प्रभावित हो जाता है।

उदाहरण स्वरूप हमारा स्वास्थ्य और हमारी आर्थिक स्थिति कही न कही एक दूसरे से जुड़ी हुई है। जैसे कि यदि हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहेगा तो हम ज्यादा मेहनत कर पायेंगे।

अपने ऑफिस या बिज़नेस में ज्यादा उत्साह और स्फूर्ति के साथ काम कर पाएंगे। जिसका परिणाम यह होगा कि हमारी आर्थिक तरक्की होगी।

मेहनत जितनी ज्यादा होगी हमारा बिजनेस उतना आगे बढ़ेगा। वही यदि आप ऑफिस में काम कर रहे है तो आपके बॉस निश्चितरूप से आपके मेहनती स्वभाव से प्रभावित होंगे।

वहीं यदि स्वास्थ्य अच्छा नहीं है तो आप अपने काम में पूरी ऊर्जा नहीं लगा पाएंगे जिससे कहीं ना कहीं आप की आर्थिक प्रगति भी प्रभावित होगी।

वही इसका दूसरा पहलू भी आप देखते हैं यदि आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी है तो आप कम काम करके भी अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। पर आर्थिक स्थिति खराब है तो आपको ज्यादा काम करना पड़ेगा, जिसका विपरीत प्रभाव आपके स्वास्थ्य पर पड़ेगा।

यह कहने का तात्पर्य बस इतना है कि हमारे जीवन में जो भी क्रियाकलाप चलते हैं वह सभी आपस में एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। इनमें से यदि एक पर भी कोई विपरीत प्रभाव पड़ता है तो दूसरे क्षेत्र भी प्रभावित होंगे। इसीलिए हर क्षेत्र की सुरक्षा का ध्यान देना बहुत ही आवश्यक है

किन किन क्षेत्रों में हमें सुरक्षा का ध्यान देना चाहिये?

हमारी जिंदगी सुचारू रूप से चलते रहे और जीवन में खुशी बरकरार रहे इसके लिए हमें पहले से ही आने वाले संभावित खतरों के प्रति सजग रहना चाहिए और उनसे बचने के लिए सुरक्षा संबंधी उपाय करते रहना चाहिए। वह सभी क्षेत्र जिनसे जुड़ी सुरक्षा में विशेष ध्यान रखना चाहिए निम्नलिखित है:

  • अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा
  • काम करने के दौरान सुरक्षा
  • यात्रा के दौरान सुरक्षा
  • छोटे बच्चों की सुरक्षा
  • आर्थिक स्थिति की सुरक्षा

पारिवारिक रिश्तों की सुरक्षा

स्वास्थ्य संबंधी सुरक्षा..

हम सब चाहते हैं कि स्वस्थ रहें, हमें किसी तरह की बीमारी ना हो, हमें कभी हॉस्पिटल या डॉक्टर के पास नहीं जाना पड़े, लेकिन ये ख्वाइश होने के बावजूद भी हम अपने स्वास्थ्य के प्रति बहुत लापरवाही बरतते हैं।

हम हर चीजो के ऊपर ध्यान देने के लिए वक्त निकाल ही लेते हैं लेकिन स्वास्थ्य एक ऐसी चीज है जिस पर हम जरा भी ध्यान नहीं देते हैं।

हम सब यह जानते हैं कि योग हमारे तन और मन को स्वस्थ रखने के लिए कितना अहम योगदान दे सकता है।

साथ ही हम सब लोग यह भी जानते हैं कि नशीली और मादक पदार्थों का सेवन हमारे शरीर पर कितना बुरा प्रभाव डालता है, लेकिन फिर भी ना तो योग को अपने जीवन में शामिल करते हैं और हम में से कुछ लोग नशीली पदार्थों का सेवन भी करते हैं।

हमने अपनी दिनचर्या में ऐसी आदतों को बहुत ज्यादा शामिल कर लिया है जो स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती हैं

लेकिन यदि आपको अपने जीवन का आनंद लेना है, जीवन के हर एक आयाम का सुख लेना चाहते हैं और वृद्धावस्था में भी स्वस्थ जीवन जीना चाहते हैं तो आपको बचपन से ही अपने स्वास्थ्य के ऊपर विशेष ध्यान देना शुरू कर देना चाहिए।

हमें अपने दिनचर्या में ऐसी आदतों को शामिल करना चाहिए जो हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बना सकें। कुछ ऐसी ही स्वास्थ्य संबंधी आदतें हैं जो हर एक इंसान को अपने जीवन में शामिल कर लेना चाहिए।

समय-समय पर स्वास्थ्य की जाँच

युवावस्था से ही हमें यह आदत डाल लेनी चाहिए कि महीने में कम से कम एक बार अपनी सेहत की पूरी जांच जरूर करवाएं। इन जांच में ब्लड टेस्ट ब्लड प्रेशर टेस्ट आदि शामिल होना चाहिए।

समय-समय पर सेहत की जांच करवाने से सेहत से संबंधित किसी भी खतरे के बारे में हमें वक्त से पहले ही पता चल जाता है और हम सही समय पर इलाज शुरू कर देते हैं।

खतरनाक जगहों से खुद को बचा कर रखें

अपनी सेहत का बचाव करने के लिए यह भी जरूरी है कि कभी खुद को ऐसी परिस्थिति में ना डालें जो कि आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो।

जैसे आप एक बहुत अच्छे तैराक हैं पर यदि आप एक ऐसी जगह पर तैर रहे हैं जहां पहले ही यह चेतावनी लिखी हुई है कि वहां तैरना जानलेवा साबित हो सकता है।

लेकिन उसके बावजूद भी आप उस चेतावनी को नजरअंदाज करके वहां तैर रहे हैं, इससे आपकी जान भी जा सकती है।

इसलिए जब भी घर से बाहर रहे तो सतर्क रहें अपने आसपास होने वाली हर एक घटना के प्रति सजग रहें और जरूरी संकेतों और चेतावनी पर विशेष ध्यान रखें।

अपने हाथों को धोएं

अधिकतर लोग खाना बनाते वक्त और खाते वक़्त एक बहुत बड़ी लापरवाही करते हैं। हम खाना बनाने से पहले हाथ नहीं धोते हैं। साथ ही खाना खाने के पहले भी हाथ नहीं धोते हैं।

यदि आपकी दिनचर्या में भी ऐसी ही कुछ आदतें शामिल है तो आप सतर्क हो जाइए, क्योंकि आप एक बहुत बड़ी समस्या को दावत दे रहे हैं।

आपके हाथों में कई तरह के बैक्टीरिया मौजूद होते हैं जो आपके शरीर के अंदर जाकर सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं। हाथ धुलना हमारे लिए कितना जरूरी है यह हम सब कोरोनावायरस के कारण अब जान चुके हैं। इसलिए खाना बनाने और खाना खाने से पहले हाथ साबुन से अच्छी तरह धुलना चाहिए।

खाने में संयम रखें

हमेशा ऐसा भोजन करने से बचना चाहिए जो बहुत ज्यादा तेल मसाले वाला हो। कभी-कभी ऐसा भोजन किया जा सकता है, पर यदि ऐसा ही भोजन आप नियमित तौर पर करते हैं तो यह बात निश्चित है कि एक दिन आपको इसके दुष्प्रभाव भी देखने को मिलेंगे इसलिए हमेशा सादा भोजन ही करें।

ज्यादा से ज्यादा पानी पीने

डॉक्टरों का मत है कि एक स्वस्थ व्यक्ति को दिन में कम से कम 3 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए क्योंकि पानी की मदद से ही हमारे शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं।

सोने और जागने का समय निश्चित हो

हमारे पूर्वज कहते थे कि जो व्यक्ति सुबह जल्दी उठता है वह अपने जीवन के हर क्षेत्र में तरक्की करता है। बहुत समय पहले कही गई यह बात आज भी पूरी तरह सत्य है।

यदि हम अपने सोने और जागने के वक्त को तय कर लेते हैं तो हमारे सभी काम सही तरह से चलने हैं। हमें दिन का वक्त मिलता है जिसमें हम बाकी कामों को आराम से कर सकते हैं, साथ ही सेहत भी अच्छी रहती है।

यात्रा करने के दौरान सुरक्षा

अधिकतर लोग कभी ना कभी यात्रा जरूर करते हैं। कुछ लोग काम के सिलसिले में यात्रा करते रहते हैं, तो वहीं कुछ लोग शौकिया तौर पर घूमने के उद्देश्य से यात्रा करते हैं। लेकिन यहां पर भी हम अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना भूल जाते हैं।

नीचे कुछ बिंदु दिए गए हैं। यदि आप इनका पालन करते हैं तो अपनी यात्रा के दौरान खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।

पैसे की सुरक्षा का ध्यान रखें

जब हम किसी दूसरे जगह घूमने जाते हैं तो सबसे अधिक दिक्कत होती है पैसे को सुरक्षित रखने की। सबसे पहले कोशिश करनी चाहिए कि हम कैश कम से कम लेकर के चलें।

हमेशा ऐसे इलाकों में एटीएम का उपयोग करना चाहिए जहां पर लोग मौजूद हों। रात के वक्त कभी भी पैसे निकालने नहीं जाना चाहिए। कैश की जगह आप अधिक से अधिक क्रेडिट कार्ड या ट्रैवलर चेक का उपयोग कर सकते हैं।

घूमने की जगह

कभी भी ऐसी जगह पर घूमने के लिए ना जाए जो बहुत ही ज्यादा सुनसान है। खासकर रात के वक्त ऐसी जगहों पर जाने से बचना चाहिए। आमतौर पर यह माना जाता है कि जिस जगह महिलाएं और बच्चे घूमते हैं वह जगह सुरक्षित होती है। रात के वक्त किसी सड़क में भी नहीं घूमना चाहिए।

अपने दस्तावेजों की सुरक्षा

यदि आप विदेश में हैं और वहां आपके जरूरी डॉक्यूमेंट चोरी हो गए तो फिर काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए हमेशा उनको एक सुरक्षित जगह पर रखें जहां किसी की पहुँच न हो।

जानकारों की तरह पेश आए

जब भी आप किसी जगह घूमने के लिए जाएं इस बात का विशेष ध्यान रखें कि कोई आपकी वेशभूषा देख कर के यह न समझ पाए कि आप इस जगह से बिल्कुल अनजान है।

यदि आपको नहीं पता कि आप किधर जा रहे हैं फिर भी आत्मविश्वास से भरे रहें। आपके कपड़े कुछ इस तरह के होने चाहिए कि वहां के लोकल लोगों के बीच घुल-मिल जाए। यदि आपने अपने साथ मैप लिया है तो उसे देखते हुए सतर्कता बरतें। क्योंकि कोई भी यदि आप पर नजर रख रहा होगा तो वह आसानी से समझ जाएगा कि आप घूमने आए हैं और मौका मिलते ही चोरी करने की कोशिश कर सकता है।

काम करने के दौरान सुरक्षा.

24 घंटे में हम लोगों का अधिकतर वक्त काम करने में व्यतीत होता है ऐसे में यह बहुत ज्यादा जरूरी है कि आप काम करने के दौरान खुद को सुरक्षित करके रखें।

फैक्ट्री में काम करने के दौरान सुरक्षा

यदि आप किसी फैक्ट्री में काम कर रहे हैं तो सुरक्षा मापदंडों का विशेष ध्यान रखें। जैसे किसी मशीन को चलाते वक्त हेलमेट पहन कर रखे।। वेल्डिंग करते वक्त आंखों में चश्मा पहन कर रखें। यदि आप केमिकल से संबंधित कोई काम कर रहे हैं तो हाथों में ग्लब्स पहन कर ही काम करें।

ऑफिस में काम करने के दौरान सुरक्षा.

यदि आप किसी ऑफिस में काम कर रहे हैं तो बीच-बीच में अपने शरीर को आराम देते रहें। एक ही स्थिति में लंबे वक्त तक बैठे रहने के कारण शरीर में तनाव उत्पन्न हो जाता है।

इसलिए थोड़ा उठे और शरीर को स्ट्रेच करें, वॉशरूम जाकर अपनी आंखों को धुले और पानी पियें। यानी हर एक से डेढ़ घंटे के बाद अपने शरीर को 15 मिनट का आराम दे सकते हैं।

छुट्टियों का सही उपयोग करें.

आजकल हर संस्था में काम का बोझ बहुत ज्यादा बढ़ गया है, जिसकी वजह से हर संस्था में काम करने वाले लोग शारीरिक थकान के साथ-साथ मानसिक थकान का भी अनुभव करते हैं।

एक लंबे वक्त तक मानसिक तनाव की स्थिति से गुजरने के बाद व्यक्ति के अंदर डिप्रेशन जैसी गंभीर समस्या जन्म ले लेती है। इसलिए हर किसी को समय-समय पर अपने काम से अवकाश जरूर लेते रहना चाहिए।

हर कर्मचारी को 365 दिनों में कुछ दिनों की छुट्टी लेने का अधिकार है पर हम लोग छुट्टी नहीं लेते हैं,जो कि गलत है।

आजकल अपने शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान देना भी उतना ही जरूरी है इसलिए समय-समय पर जरूरी अवकाश जरूर लेते रहना चाहिए।

छोटे बच्चों की सुरक्षा.

छोटे बच्चे भी हमारे ही जीवन का हिस्सा है। यदि उन्हें किसी भी तरह की दिक्कत महसूस होती है तो उसकी वजह से भी हमारा जीवन प्रभावित होता है। इसलिए छोटे बच्चों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

परवरिश पर ध्यान दे.

छोटे बच्चों की परवरिश पर विशेष ध्यान देना जरूरी होता है। उनका शारीरिक और मानसिक विकास किसी भी तरह से अवरुद्ध ना हो इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि वह हमारे देश और समाज के भविष्य हैं और एक स्वस्थ बच्चा ही आगे चलकर के एक स्वस्थ नागरिक बन सकेगा।

सेहत पर ध्यान

छोटे बच्चों को किसी भी तरह की समस्या होती है तो डॉक्टर को दिखाने में देरी बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। क्योंकि आजकल कई तरह की बीमारियां फैल चुकी है जिनसे छोटे बच्चे भी संक्रमित हो सकते हैं।

शिक्षा पर ध्यान

बच्चों का सही उम्र में एडमिशन स्कूल में करवा दें घर में हमेशा ऐसा माहौल रखे जिससे बच्चे सीखने के प्रति ज्यादा प्रेरित हो सकें। पढ़ाई के साथ-साथ उनके अंदर कुछ रचना रचनात्मक काम करने की आदत भी डालें जिससे कि वह अपनी सृजनात्मक क्षमता का भी विकास कर सकें।

आर्थिक स्थिति की सुरक्षा.

आज के वक़्त महगाई जिस तरह से बढ़ रही है उसे देखते हुए अपनी आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है। आर्थिक सुरक्षा का मतलब है की आपके पास पैसे कमाने के पर्याप्त साधन मौजूद हो और उनसे इतना पैसा आता हो कि आपकी सभी जरूरतें पूरी हो रही हों। साथ ही आप के बैंक खाते पूरी तरह से सुरक्षित हो।

बैंक से जुड़ी चीज़े चेक करते रहे।

कई लोगों की एक अच्छी आदत होती है, वह अपने बैंक स्टेटमेंट और अकाउंट से जुड़ी गतिविधियों को बीच-बीच में चेक करते रहते हैं।

आपको समय समय पर अपना क्रेडिट रिपोर्ट चेक करते रहना चाहिए। यदि कोई आपके खाते से गलत तरीके से पैसे निकाल रहा है तो आपको उसकी जानकारी लग जाएगी और आप अपने खाते की सुरक्षा के लिए कुछ जरूरी उपाय कर पाएंगे।

आजकल कई तरह के फ्रॉड फैल चुके हैं जिनके जरिए किसी भी व्यक्ति के बैंक खाते से पैसे निकाल लिए जाते हैं और संबंधित व्यक्ति को पता भी नहीं चलता।

पासवर्ड सुरक्षित रखें

आजकल हम बहुत सारी आर्थिक गतिविधियां अपने मोबाइल के जरिए ही करते हैं। पैसे ट्रांसफर करने का काम भी मोबाइल एप के जरिए करते हैं।

लेकिन यहां पर हम से एक बड़ी चूक हो जाती है। इन एप्स का पासवर्ड बहुत ही आसान रख देते हैं। आपके प्रति यदि कोई गलत भावना रखता है तो बड़ी आसानी से वह पासवर्ड पता करके आपके बैंक से पैसे किसी दूसरे खाते में ट्रांसफर कर सकता है। इसलिए हमेशा एक मजबूत पासवर्ड रखें साथ ही हर चीज के लिए पासवर्ड अलग अलग रखें।

ईमेल के प्रति सतर्क रहें

आजकल धोखेबाजी की घटनाएँ मेल के जरिए होती हैं। हमें कई ऐसे ईमेल मिलते हैं जिन पर एक क्लिक करते ही बैंक की सारी जानकारी किसी हैकर के पास चली जाती है।

जिसके बाद वह हमारे बैंक अकाउंट का सारा पैसा ट्रांसफर कर सकता है। इसलिए ऐसे ईमेल के प्रति सतर्क रहें साथ ही ऐसे मेल को अपने इनबॉक्स में ना रखें और इन्हें डिलीट करते रहे।

सारी जानकारी सोशल मीडिया में शेयर ना करें

जब से सोशल मीडिया का दौर शुरू हुआ है तब से हमें एक बहुत बुरी लत लग गई है। हम अपने जीवन की हर एक छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी चीज सोशल मीडिया पर शेयर कर देते हैं, और इन्हीं सब जानकारियों का फायदा हैकर्स के द्वारा उठाया जाता है। इसलिए कोशिश करें कि सोशल मीडिया में वही सब शेयर करें जो जरूरी हो और जिनसे आप की सुरक्षा को कोई खतरा ना हो।

इंसान जैसे-जैसे तरक्की करता जा रहा है वैसे ही रिश्तो की उम्र भी छोटी होती जा रही है। चाहे वह रिश्ता पति पत्नी का हो या पिता-पुत्र का आजकल हर तरफ रिश्तो में तनाव देखने को मिलता है।

एक सर्वे में यह बात बताई गई थी कि हम अपनी जिंदगी में कितने खुश रहेंगे यह इस बात पर निर्भर करता है कि हमारे रिश्ते कितने मजबूत हैं।

यदि हम रिश्तो के मामले में कमजोर हैं तो फिर दुनिया की सारी चीजें मिल करके भी हमें वह खुशी नहीं दे सकती जो हमें चाहिए।

इसलिए अपने रिश्ते को सुरक्षित बनाएं, फिर वह रिश्ता भले ही किसी के साथ हो। आपको जब भी वक्त मिले अपने दोस्तों से फोन पर बात करें और उनके बारे में जान जानकारी लें।

पति-पत्नी का रिश्ता बहुत ही संवेदनशील होता है। एक छोटी सी बात भी रिश्ते में बहुत बड़ी खटास डाल सकती है। इसलिए अपने रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएं। काम की व्यस्तता के बीच दोनों लोगों को कुछ वक्त एक दूसरे के लिए जरुर निकालना चाहिए।

यदि आप एकल परिवार में रहते हैं तो हमेशा अपने दादा-दादी, नाना-नानी,चाचा-चाची से मिलने का वक्त निकाले। यदि संभव हो तो दिन में एक बार एक साथ बैठकर भोजन करना चाहिए।

जीवन की निश्चित समय सीमा है। इस पूरे समय को जीवन में नई ऊंचाइयां हासिल करने में लगाना चाहिए। लेकिन आप यह तभी कर पायेंगे जब इन सब छोटी मोटी बातों में आपका ध्यान न हो।

कहने का मतलब यह है कि जीवन को सुरक्षित बनाने के लिए जितनी भी जरूरी चीज़े करनी पड़ती है, उन सब को अपनी आदत में शामिल कर लीजिए। उन्हें बार बार याद करने की जरूरत न पड़े, बल्कि आदतन हों।

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विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस कोट्स 2022 –23 World Food Safety Day Quotes in Hindi

World Food Safety Day quotes

7 जून शुक्रवार को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस, दूषित भोजन और पानी के स्वास्थ्य परिणामों पर वैश्विक ध्यान आकर्षित करेगा। इस पहल को संयुक्त राष्ट्र (एफएओ) के खाद्य और कृषि संगठन और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा विकसित किया गया था।

खाद्य सुरक्षा शिक्षा के लिए भागीदारी अपने समुदायों में विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस को बढ़ावा देने के लिए संसाधनों के साथ स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा शिक्षकों का समर्थन कर रही है। जो कोई भी विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के लिए अग्रणी उपभोक्ता सुरक्षित खाद्य हैंडलिंग को बढ़ावा देने में भाग लेना चाहता है, उसे मुफ्त संसाधनों के लिए foodsafetyday.org पर शुरू करने और एक एक्शन प्रतिज्ञा जो वे सोशल मीडिया पर साझा कर सकते हैं।

Quotes on World Food Safety Day

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जंक फूड पर निबंध (Junk Food Essay in Hindi)

जंक फूड

आजकल जंक फूड का प्रचलन बढ़ता ही जा रहा है लेकिन यह हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है। जिससे सभी बच्चों और किशोरों को अवश्य जानना चाहिए,  क्योंकि वे आमतौर पर जंक फूड खाना पसंद करते हैं। कई सारी निबंध प्रतियोगिता में जंक फूड पर निबंध लिखने का कार्य दिया जाता है। जो बच्चों को जंक फूड के विषय में जागरूक करने के लिए दिया जाता है।

जंक फूड पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Junk Food in Hindi, Junk Food par Nibandh Hindi mein)

जंक फूड पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

जंक फूड ऐसे फूड है जो उच्च कैलोरी और कम पोषकतत्वों से युक्त होते है। आधुनिक समाज में फास्ट फूड हमारे जीवन का हिस्सा बनता जा रहा है। आमतौर पर, जंक फूड देखने में बहुत ही आकर्षक और स्वादिष्ट लगते हैं और सभी आयु वर्ग के लोगों द्वारा इन्हें पसंद भी किया जाता है। लेकिन वास्तव में जंक फूड स्वास्थ के लिए काफी हानिकारक होते हैं।

जंक फूड के प्रकार

जंक फूड हमारे बीच बिस्कुट, चीज , बर्गर , पिज्जा आदि के रूप में पाए जाते है। जंक फूड स्वास्थ्य के लिए बहुत ही बेकार होते हैं और वे व्यक्ति जो नियमित रुप से इनका सेवन करते हैं, वे बहुत सी बीमारियों को आमंत्रित करते हैं। जंक फूड स्वाद से भरे होते है परन्तु उनमें पोषक तत्व नगण्य होता है।

जंक फूड के नुकसान

जंक फूड से हृदय संबंधी बीमारियाँ, कैंसर, समय से पहले अधिक आयु का लगना, उच्च रक्तचाप, हड्डियों की समस्याएं, मधुमेह (डायबिटिज़), मानसिक रोग, पाचन तंत्र की समस्याएं, लीवर संबंधित समस्याएं, ब्रेस्ट कैंसर आदि बहुत सी बीमारियाँ होती है। शोध के अनुसार यह पाया गया है कि युवा अवस्था बहुत ही संवेदनशील आयु होती है, जिसके दौरान एक व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्यवर्धक भोजन करना चाहिए।

अगर हम अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते है तो हमें जंक फ़ूड का इस्तेमाल बंद करना होगा। हमें भोजन करने के उद्देश्य को समझना होगा। हमें भोजन स्वाद के लिए नहीं बल्कि स्वस्थ रहने के लिए करना चाहिए।

निबंध 2 (300 शब्द)

जंक फूड शब्द का अर्थ उस भोजन से है, जो स्वस्थ शरीर के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं होता है। इसमें पोषण की कमी होती है और इसके साथ ही यह शरीर के लिए भी हानिकारक होता है। ज्यादातर जंक फूड उच्च स्तर पर वसा, शुगर, लवणता, और बुरे कोलेस्ट्रॉल से परिपूर्ण होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए जहर होते हैं। इनमें पोषक तत्वों की कमी होती है इसलिए आसानी से कब्ज और अन्य पाचन संबंधी बीमारियों का कारण बनते हैं। जंक फूड ने अच्छे स्वाद और आसानी से पकने के कारण बहुत अधिक प्रसिद्धि प्राप्त कर ली है। बाजार में पहले से ही निर्मित जंक फूड पॉलिथीन में पैक होकर उपलब्ध हैं। बहुत से लोग अपनी व्यस्त दिनचर्या या भोजन पकाने की अज्ञानता के कारण इस तरह, के पैक किए गए जंक फूड पर निर्भर रहते हैं।

स्वास्थ्य के लिए जहर है फ़ास्ट फ़ूड

जंक फ़ूड टाइफाइड, ह्रदय से जुड़े रोग, कुपोषण, हाइपरटेंशन जैसे जुडी भयानक बीमारियों का कारण बनता है। ये हमारे सोच से कई ज्यादा नुकसान दायक होता है। जंक फूड बहुत तेलीय होते हैं और उनमें पोषक तत्वों की कमी होती है इस कारण, उन्हें पचाने में काफी कठिनाई होती है और इनके क्रिया के लिए शरीर से अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है और व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीजन स्तर में कमी करते हैं, जिससे मस्तिष्क का उचित विकास नहीं होता।

पूरे संसार में जंक फूड का उपभोग दिन प्रति दिन बढ़ता ही जा रहा है, जो भविष्य के लिए अच्छा नहीं है। सभी आयु वर्ग के लोग जंक फूड खाना पसंद करते हैं और आमतौर पर, जब वे अपने परिवार के साथ कुछ विशेष समय, जैसे- जन्मदिन, शादी की सालगिरह, आदि का आनंद लेने के दौरान वे इन्हें ही चुनते हैं। वे बाजार में उपलब्ध जंक फूड की विभिन्न किस्मों जैसे; कोल्ड ड्रिंक, वेफर्स, चिप्स, नूडल्स, बर्गर, पिज्जा, फ्रेंच फ्राईस, चाइनीज खाना आदि का प्रयोग करते हैं।

निबंध 3 (400 शब्द)

जंक फूड शब्द का इस्तेमाल सबसे पहले 1972 में किया गया था। हममें से लगभग सभी लोग जंक फूड से वाकिफ हैं और इसके लिए किसी भी तरह के परिचय की कोई आवश्यकता नहीं है।

फिर भी, यह बहुत ही दिलचस्प सवाल है कि आखिर इसकी असलियत जानने के बाद भी सभी लोग जंक फूड खाना क्यों पसंद करते हैं? आजकल हम में से सभी जंक फूड के स्वाद का आनंद लेते हैं क्योंकि ये स्वादिष्ट वहन करने योग्य और तैयार मिलते हैं। जंक फूड में कोई भी पोषक तत्व और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक पोषक मूल्यों की कमी होती है।

यदि नियमित रुप से इनका उपभोग किया जाए तो ये स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है। ये शरीर के ऊर्जा स्तर में कमी करते हैं और अनिद्रा का कारण बनते हैं। यह एकाग्रता के स्तर में कमी करते हैं और घातक बीमारियों; जैसे- कब्ज, गैस, हार्मोन असंतुलन, हृदय रोग, उच्च रक्तदाब, मधुमेह (डायबिटिज़) आदि को निमंत्रण देते हैं।

जंक फूड में पोषक तत्वों की कमी

जंक फूड बहुत तैलीय होते हैं और उनमें पोषक तत्वों की काफी कमी होती है। इस कारण से  उन्हें पचाने में कठिनाई होती है और इसके साथ ही इनके पाचक क्रिया के लिए शरीर में काफी अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है और व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीजन स्तर में कमी करते हैं, जिससे मस्तिष्क का उचित विकास नहीं होता। जंक फूड में बुरे कॉलेस्ट्रॉल की अधिकता होती है और इसके साथ ही यह शरीर को भी नुकसान पहुँचाने का कार्य करता है। पोषक तत्वों की कमी के कारण पेट तथा अन्य पाचन अंगों में खिंचाव होता है। जिसके कारण कब्ज की समस्या उत्पन्न होती है। जंक फूड खाने के कारण हमें वजन बढ़ना, मोटापा, टायफॉइड, कुपोषण, आदि जैसे रोगों का सामना करना पड़ सकता है।

जंक फूड स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक होते हैं और यदि ये नियमित रुप से ग्रहण किए जाए तो बिना किसी लाभ के स्वास्थ्य को नुकसान ही पहुँचाते हैं। हमें पूरे जीवन भर अच्छा, स्वस्थ और सुखद जीवन जीने के लिए जंक फूड का सेवन नही करना चाहिए। कैलोरीज की मात्रा फास्ट फूड में अधिक होने के कारण मोटे व्यक्ति के लिए यह अधिक हानिकारक होती है।

निबंध 4 (500 शब्द)

जंक फूड शब्द अपने आपमें बहुत कुछ कहता है और स्वास्थ्य के लिए इसकी हानिकारक प्रकृति की ओर संकेत करता है। जंक फूड स्वास्थ्य के लिए बेकार खाना होता है क्योंकि इनमें कैलोरी, वसा, कॉलेस्ट्रॉल, शुगर और लवणता आदि तत्वों की अधिकता पाई जाती है। आजकल, बच्चे और युवा बड़ी मात्रा में जंक फूड खाने के बहुत ही शौकीन है। वे अस्वास्थ्यकर जीवन-शैली के माध्यम से अपने जीवन को खतरे की ओर ले जा रहे हैं। वे आमतौर पर, जब भी भूख महसूस करते हैं तो चिप्स, फ्रेंच फ्राईस, क्रैक्स, स्नैक, चाउमीन, बर्गर, पिज्जा, पास्ता, और अन्य जंक फूड का सेवन करते हैं। जंक फूड हमारे लिए लाभप्रद नहीं है और कुछ भी पोषण प्रदान नहीं करते हैं।

जंक फूड से मोटापा का खतरा

ये सभी तरीकों से सभी आयु वर्ग के लोगों के जीवन, वजन, और स्वास्थ्य परिस्थितियों को प्रभावित करता है। जंक फूड में अधिक मात्रा में कैलोरी पाई जाती है हालांकि, जो भी इस तरह का खाना खाता है उसे जल्दी-जल्दी भूख भी लगती है। जंक फूड से आवश्यक स्तर की ऊर्जा नहीं मिलती है; इस तरह, भोजन करने वाले में जल्दी-जल्दी खाना खाने की प्रवृति उत्पन्न हो जाती है। हमें जंक फूड से जो भी प्राप्त होता है उसमें अस्वास्थ्यकर वसा होता है और उसमें कोई भी अच्छा तत्व नहीं होता है; इस प्रकार, हमें ऑक्सीजन कमी महसूस होती है और जो मस्तिष्क के कार्य करण को बेकार करता है।

जंक फ़ूड खाने के परिणाम

शोध के अनुसार,  बच्चे और किशोर अधिक मात्रा में नियमित आधार पर अधिक जंक फूड खाते हैं और जिसके कारण उनका वजन बढ़ता है और हृदय और लीवर की बहुत सी समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं। इस प्रकार के बच्चों को कम उम्र में ही शरीर में अधिक शुगर के एकत्र होने के कारण मधुमेह (डायबिटिज) और आलस्य जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जंक फूड में उच्च स्तरीय सोडियम खनिज के होने के कारण उनका रक्तदाब उच्च होता है। बच्चों और किशोरों को अभिभावकों द्वारा बचपन में ही अच्छी आदतों को विकसित करना चाहिए।

माता-पिता को अपने बच्चों की खाने-पीने की आदतों का ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि बचपन में बच्चे सही और गलत को न ही जानते हैं और न ही उसका निर्णय कर पाते हैं। इसलिए वे अभिभावक ही होते हैं, जो बच्चों में सही और गलत आदतों के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होते हैं। उन्हें बचपन से ही अपने बच्चों को खाने की आदतों के बारे में सिखाना चाहिए साथ ही स्वास्थ्य वर्धक भोजन और जंक फूड में अन्तर को स्पष्ट करना चाहिए।

पूरे संसार में जंक फूड का उपभोग दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है, जो भविष्य के लिए अच्छा नहीं है। सभी आयु वर्ग के लोग जंक फूड खाना पसंद करते हैं और आमतौर पर, जब वे अपने परिवार के साथ कुछ विशेष समय, जैसे- जन्मदिन, शादी की सालगिरह, आदि का आनंद लेने के दौरान वे इन्हें ही चुनते हैं। वे बाजार में उपलब्ध जंक फूड की विभिन्न किस्मों जैसे; कोल्ड ड्रिंक, वेफर्स, चिप्स, नूडल्स, बर्गर, पिज्जा, फ्रेंच फ्राईस, चाइनीज खाना आदि का प्रयोग करते हैं।

Essay on Junk Food in Hindi

निबंध 5 (600 शब्द)

जंक फूड का स्वाद अच्छा होता है, जिसके कारण वो लगभग सभी आयु वर्ग के लोगों द्वारा विशेष रुप से बच्चों और स्कूल व कालेज जाने वाले बच्चों द्वारा यह काफी पसंद किए जाते हैं। आमतौर से बच्चे बचपन से ही काफी जंक फूड खाते हैं जिसके कारण उनमें यह प्रवृति विकसित हो जाती है। इसके साथ अभिभावकों द्वारा रोक-टोक ना होने पर जंक फूड खाने की यह समस्या एक तल बन जाती है और आगे चलकर बड़ी समस्याओं का कारण बनता हैं।

वैज्ञानिकों के शोध के अनुसार यह पाया गया है कि, वे स्वास्थ्य पर बहुत तरीकों से नकारात्मक प्रभावों को डालते हैं। ये आमतौर पर तले हुए पैक खाद्य पदार्थ होते हैं, जो बाजार में मिलते हैं। इनमें कैलोरी और कॉलंस्ट्रॉल, सोडियम खनिज, शुगर, स्ट्रॉच, अस्वास्थ्यकर वसा की अधिकता और पोषक तत्वों और प्रोटीन के तत्वों की कमी होती है।

जंक फ़ूड क्या होता है ?

अगर आसान शब्दों में हम जंक फ़ूड का वर्णन करें तो यह मनुष्य के शरीर के लिए लाभदायक कम और हानिकारक ज्यादा है। जंक फूड तेजी से वजन बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ होते हैं और पूरे जीवन भर शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। यह एक व्यक्ति के वजन को काफी बढ़ा देता है, जिसके कारण व्यक्ति मोटापे से ग्रस्त हो जाता है। जंक फूड का स्वाद अच्छा होता है और ये दिखने में भी अच्छे होते हैं हालांकि, शरीर में स्वस्थ कैलोरी की आवश्यकता को पूरा नहीं करता है।

कुछ भोजन जैसे- फ्रेंच फ्राईस, तला हुआ भोजन, पिज्जा, बर्गर, कैंडी, कोल्ड ड्रिंक, आईस क्रीम आदि उच्च स्तर के वसा और शुगर वाले हैं। केन्द्रीय बीमारी नियंत्रक और निरोधक केन्द्र के अनुसार यह पाया गया है कि, जो बच्चे और किशोर जंक फूड खाते हैं उन्हें अलग-अलग तरह का मधुमेह (डायबिटिज) होता है। ये अलग-अलग तरह का मधुमेह शरीर में नियमित शुगर स्तर को नियमित करने में सक्षम नहीं होता। इस बीमारी के बढ़ना मोटापे और अधिक वजन के जोखिम को बढ़ाता है। यह किडनी (गुर्दों) के फेल होने के जोखिम को भी बढ़ाता है।

जंक फ़ूड खाने के दुष्परिणाम

प्रतिदिन जंक फूड खाना हमारे शरीर को पोषण की कमी की ओर ले जाता है। इनमें आवश्यक पोषण, विटामिन, आयरन, खनिज आदि पोषक तत्वों की कमी होती है। यह हृदय संबंधी घातक बीमारियों के खतरे को भी बढ़ाता है क्योंकि इसमें वसा, सोडियम, बैड कॉलेस्ट्रॉल आदि की अधिकता होती है। अधिक सोडियम और बुरा कॉलेस्ट्रॉल शरीर के रक्तदाब को बढ़ाता है और हृदय पर पड़ने वाले अधिक दबाव से भी सुरक्षा करता है। एक व्यक्ति जो अधिक जंक फूड खाता है, उसके वजन बढ़ने का खतरा बना रहता है।

जंक फूड में उच्च स्तर की कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है, जो खून में तेजी से शुगर के स्तर में वृद्धि और व्यक्ति को आलसी बनाता है। इस तरह के भोजन को नियमित खाने वाले व्यक्ति का प्रतिबिम्ब और संवेदन अंग दिन प्रति दिन बेजान होते जाते हैं। इस प्रकार, वे बहुत ही सुस्त जीवन जीते हैं। जंक फूड कब्ज और अन्य बीमारियों, जैसे- मधुमेह, हृदय रोग, हार्ट- अटैक आदि का स्रोत है, जो खराब पोषण के कारण होती है।

जंक फूड हमारे लिए काफी हानिकारक हैं और नियमित रुप से इनका सेवन करने से यह स्वास्थ के लिए भी कई गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर देते हैं। हमें इसका सेवन काफी कम मात्रा में करना चाहिए और यदि संभव हो तो बिल्कुल ही नही करना चाहिए। जंक फूड खाने वाला व्यक्ति अन्य व्यक्तियों की तुलना में काफी कम भोजन करता है और इसकी वजह से बच्चे मोटापे का शिकार भी हो जाते हैं। इसलिए हमें जंक फूड के उपयोग से बचना चाहिए और अपने जीवन को स्वस्थ तथा सुरक्षित बनाना चाहिए।

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औद्योगिक सुरक्षा की परिभाषा:.

औद्योगिक सुरक्षा (industrial safety) के महत्व को इस तथ्य के कारण महसूस किया गया था कि हर साल लाखों व्यावसायिक/औद्योगिक दुर्घटनाएं होती हैं।

इनमें से लगभग पाँचवाँ उत्पादन समय उन लोगों द्वारा खो दिया जाता है जो वास्तव में अस्थायी और स्थायी विकलांगता के कारण घायल हो जाते हैं और शेष उत्पादन समय साथी संचालकों / लोगों द्वारा घायलों की मदद करने, दुर्घटना से हुए नुकसान की देखभाल करने आदि में खो जाता है। औद्योगिक इकाई दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों के मामलों में बहुत अधिक खतरनाक होगी।

इसलिए औद्योगिक दुर्घटनाओं के कारणों की पहचान / जांच करना और उन्हें नियंत्रित करने के लिए कदम उठाना आवश्यक है। कई विषयों का संबंध इस सुरक्षा दृष्टिकोण से है। औद्योगिक इंजीनियरिंग एक क्षेत्र है जो कुशल कार्य स्थान, उपकरण और औद्योगिक लेआउट डिजाइन के डिजाइन से संबंधित है। अन्य विषय जो सुरक्षित कार्य वातावरण में योगदान कर सकते हैं वे हैं मनोविज्ञान, समाजशास्त्र और मेडिकेयर विज्ञान।

असुरक्षित कार्यशील वातावरण को प्रभावी ढंग से और कुशलता से समाप्त करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:

(1) दुर्घटनाओं के कारणों का यदि संभव हो तो उन्मूलन करना।

(2) यदि दुर्घटनाओं के कारण को समाप्त करना संभव नहीं है, तो गार्ड, बाड़े या इसी तरह की व्यवस्था से खतरनाक जगह को ढालने की व्यवस्था करें।

industrial safety

सुरक्षा की आवश्यकता:

एक असुरक्षित स्थिति विभिन्न रूपों में मौजूद हो सकती है। दोषपूर्ण या दोषपूर्ण विद्युत फिटिंग, गिरोह के तरीके के अपर्याप्त रखरखाव। दोषपूर्ण उपकरणों आदि का उपयोग करना ताकि दुर्घटनाओं की घटना को रोका जा सके, असुरक्षित कृत्यों को टाला / समाप्त किया जा सकता है या जाँच की जा सकती है।

असुरक्षित कृत्यों के कारण कारणों के सुधार के लिए निम्नलिखित कारकों पर ध्यान दिया जाना चाहिए:

(1) कार्मिक समायोजन:

यदि एक फोरमैन / सुपरवाइजर यह पहचानता है कि एक कार्यकर्ता शारीरिक या मानसिक या नौकरी / कार्य के लिए अयोग्य है, तो उसे कार्मिक विभाग के परामर्श से काम से जल्दी निकाल देना चाहिए।

(2) विधि / तकनीक का उपयोग किया जाता है:

परिवर्तन की आवश्यकता वाली कुछ तकनीकों को सुरक्षित तरीकों द्वारा प्रतिस्थापित किया जाना चाहिए।

(3) संचालक प्रशिक्षण:

नौकरी का तरीका सुरक्षित या असुरक्षित हो सकता है लेकिन ऑपरेटर को नौकरी करने के लिए प्रशिक्षित होना चाहिए।

(4) दुर्घटना की रोकथाम के बारे में प्रचार और शिक्षा:

श्रमिकों / लोगों का नेतृत्व फोरमैन / पर्यवेक्षक के कौशल, ऊर्जा और नेतृत्व के द्वारा किया जाता है। तो यह इन लोगों का कर्तव्य है कि वे दुर्घटनाओं की रोकथाम के बारे में श्रमिकों को शिक्षित करें। इसका उद्देश्य उन्हें सुरक्षा के प्रति जागरूक होना सिखाना है ताकि वे असुरक्षित कार्य या स्थिति को पहचान सकें और इस तरह से कार्य कर सकें कि दुर्घटना से बचा जा सके।

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असुरक्षित स्थिति:

असुरक्षित परिस्थितियों के कारण दुर्घटनाओं से बचने के लिए, “प्रावधान अधिनियम” में विभिन्न प्रावधानों पर चर्चा की गई है, ये प्राइम मूवर्स, विद्युत जनरेटर और ट्रांसमिशन मशीनरी के बढ़ते भागों से संबंधित हो सकते हैं: अग्नि सुरक्षा उपकरण, खतरनाक धुएं का नियंत्रण, अत्यधिक वजन उठाना और प्रकाश मशीनों, जंजीरों और रस्सियों आदि पर सुरक्षित पहरेदार।

इस प्रकार उद्योग में सुरक्षा मदद करती है:

(i) उत्पादन दर बढ़ाना।

(ii) उत्पादन की लागत को कम करना।

(iii) मशीनरी और उपकरण को होने वाली क्षति को कम करना।

(iv) संगठन के कर्मचारियों को अवांछित पीड़ा और दर्द को रोकना।

(v) प्रतिभावान श्रमिकों की समय से पहले / असामयिक मृत्यु को रोकना जो उद्यम और समाज के लिए एक संपत्ति हो सकते हैं।

सुरक्षा कार्यक्रम:

एक सुरक्षा कार्यक्रम की पहचान करने का इरादा है कि दुर्घटनाएं कब और क्यों होती हैं। इसी तर्ज पर एक सुरक्षा कार्यक्रम का उद्देश्य दुर्घटनाओं और उससे जुड़े नुकसानों को कम करना है। एक सुरक्षा कार्यक्रम इस धारणा के साथ शुरू किया गया है कि अधिकांश काम से जुड़े दुर्घटनाओं को रोकना संभव है।

एक सुरक्षा कार्यक्रम एक सतत प्रक्रिया है और व्यक्तिगत और पर्यावरणीय कारकों के प्रभाव को कम करने की कोशिश करता है जो दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। आम तौर पर एक सुरक्षा कार्यक्रम में सुरक्षा उपकरण और कामगार या कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान करना शामिल है।

भारतीय मानक संस्थान ने इस संदर्भ में सराहनीय कार्य किया है और निम्नानुसार है:

(i) परिचालन संचालन के दौरान की जाने वाली सुरक्षा सावधानियां।

(ii) औद्योगिक इकाई के उचित प्रकाश, वेंटिलेशन और उचित लेआउट के लिए मानक।

(iii) सुरक्षित औद्योगिक संचालन और प्रथाओं आदि के मानक और विनिर्देश।

(iv) उपकरण और उपकरण के प्रभावी रखरखाव के लिए आवश्यकताएँ

(v) सुरक्षित कटाई और वेल्डिंग प्रक्रियाओं पर मार्गदर्शन।

(vi) संचालित औद्योगिक ट्रकों, बेल्ट कन्वेयर और अग्नि सुरक्षा उपकरणों के उपयोग पर मार्गदर्शन।

(vii) व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों के लिए सुरक्षा आवश्यकताएँ

(viii) खतरनाक रसायनों का वर्गीकरण और दुर्घटना प्रावधान टैग का प्रावधान।

(ix) खतरनाक वस्तुओं / वस्तुओं की हैंडलिंग और लेबिलिंग के लिए अंकन।

(x) सुरक्षा के मानक:

(a) औद्योगिक भवन में

(बी) विद्युत कार्य में सुरक्षा प्रक्रियाओं का पालन किया जाना

(ग) खतरनाक क्षेत्र और विस्फोटक वातावरण में बिजली के उपकरणों के उपयोग में।

(xi) सुरक्षात्मक कपड़ों के लिए विनिर्देशों, सुरक्षा हेलमेट चेहरे की ढाल और आंखों के कानों के लिए सुरक्षा उपकरण आदि।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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nice articles guys and watch fire and safety articles my website

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मातृत्व दिवस विशेष: मातृत्व सुरक्षा के पथ पर प्रगतिशील भारत, पूर्व न्यायाधीशों ने प्रभावी लोकतंत्र के लिए लोकसभा 2024 की चुनावी बहस के लिए पीएम मोदी और राहुल गांधी को आमंत्रित किया, चुनाव आयोग मतदान डेटा: मल्लिकार्जुन खड़गे ने ‘विसंगतियों’ पर विपक्षी नेताओं को लिखा पत्र; डेरेक ओ’ब्रायन ने ec को “पक्षपातपूर्ण अंपायर” कहा.

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  3. भारत और खाद्य असुरक्षा

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    विश्व में खाद्य सुरक्षा और पोषण अवस्था (State of Food Security and Nutrition in the World) संबंधी रिपोर्ट के नवीनतम संस्करण के अनुसार, भारत सबसे बड़ी खाद्य ...

  6. भारत में खाद्य सुरक्षा का महत्व। (Importance of Food Safety

    (What is Food Safety?) भारत में खाद्य सुरक्षा का महत्व। (Importance of Food Safety in India.) भारत में खाद्य सुरक्षा के लिए चुनौतियां। (Challenges for Food Safety in India.) निष्कर्ष। (Conclusion)

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    भारत में खाद्य सुरक्षा की चुनौतियाँ (Challenges of Food Security in India) केंद्र सरकार और भारत की विभिन्न राज्य सरकारों दोनों के लिए सबसे महत्वपूर्ण चुनौतियों में से एक है ...

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    हर साल दुनियाभर में 7 जून के दिन विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस world food safety day in hindi मनाया जाता है। अनुमानित 600 मिलियन - दुनिया में 10 में से लगभग 1 ...

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  12. Food Safety क्या है

    Food Safety जिसे हिन्दी में खाद्य सुरक्षा भी कहते हैं, इसमे यह ध्यान रखा जाता है कि सभी प्रकार के भोजन (Food) सही ढंग से Store किए गए हैं, ठीक से तैयार ...

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  16. विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस कोट्स 2022 -23 World Food Safety Day Quotes in

    World Food Safety Day Best Quotes. I am a better person when I have less on my plate. - Elizabeth Gilbert Click To Tweet Good food ends with good talk. - Geoffrey Neighor Click To Tweet Eat breakfast like a king, lunch like a prince, and dinner like a pauper. - Adelle Davis Click To Tweet Seize the moment.

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    जंक फूड पर निबंध (Junk Food Essay in Hindi) By अर्चना सिंह / January 13, 2017. आजकल जंक फूड का प्रचलन बढ़ता ही जा रहा है लेकिन यह हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी ...

  18. औद्योगिक सुरक्षा पर निबंध, नियम: industrial safety essay in hindi, 500

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