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रक्षा बंधन पर निबंध (Raksha Bandhan Essay in Hindi)

रक्षा बंधन का शाब्दिक अर्थ रक्षा करने वाला बंधन मतलब धागा है। इस पर्व में बहनें अपने भाई के कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और बदले में भाई जीवन भर उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं। रक्षा बंधन को राखी या सावन के महिने में पड़ने के वजह से श्रावणी व सलोनी भी कहा जाता है। यह श्रावण माह के पूर्णिमा में पड़ने वाला हिंदू तथा जैन धर्म का प्रमुख त्योहार है।

रक्षा बंधन पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on Raksha Bandhan in Hindi, Raksha Bandhan par Nibandh Hindi mein)

रक्षा बंधन पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द)- raksha bandhan par nibandh.

श्रावणी पूर्णिमा में, रेशम के धागे से बहन द्वारा भाई के कलाई पर बंधन बांधे जाने की रीत को रक्षा बंधन कहते हैं। पहले के समय में, रक्षा के वचन का यह पर्व विभिन्न रिश्तों के अंतर्गत निभाया जाता था पर समय बीतने के साथ यह भाई बहन के बीच का प्यार बन गया है।

रक्षा बंधन का इतिहास

एक बार की बात है, देवताओं और असुरों में युद्ध आरंभ हुआ। युद्ध में हार के परिणाम स्वरूप, देवताओं ने अपना राज-पाठ सब युद्ध में गवा दिया। अपना राज-पाठ पुनः प्राप्त करने की इच्छा से देवराज इंद्र देवगुरु बृहस्पति से मदद की गुहार करने लगे। तत्पश्चात देव गुरु बृहस्पति ने श्रावण मास के पूर्णिमा के प्रातः काल में निम्न मंत्र से रक्षा विधान संपन्न किया।

“येन बद्धो बलिराजा दानवेन्द्रो महाबलः।

तेन त्वामभिवध्नामि रक्षे मा चल मा चलः।”

इस पुजा से प्राप्त सूत्र को इंद्राणी ने इंद्र के हाथ पर बांध दिया। जिससे युद्ध में इंद्र को विजय प्राप्त हुआ और उन्हें अपना हारा हुआ राज पाठ दुबारा मिल गया। तब से रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाने लगा।

रक्षा बंधन पर सरकारी प्रबंध

भारत सरकार द्वारा रक्षा बंधन के अवसर पर डाक सेवा पर छूट दी जाती है। इस दिन के लिए खास तौर पर 10 रुपये वाले लिफाफे की बिक्री की जाती है। इस 50 ग्राम के लिफाफे में बहनें एक साथ 4-5 राखी भाई को भेज सकती हैं। जबकी सामान्य 20 ग्राम के लिफाफे में एक राखी ही भेजी जा सकती है। यह ऑफर डॉक विभाग द्वारा बहनों को भेट है अतः यह सुविधा रक्षाबंधन तक ही अपलब्ध रहता है। और दिल्ली में बस, ट्रेन तथा मेट्रो में राखी के अवसर पर महिलाओं से टिकट नहीं लिया जाता है।

उपयुक्त पौराणिक कथा से यह स्पष्ट है की रेशम के धागे को केवल बहन ही नहीं अपितु गुरु भी अपने यजमान की सलामति की कामना करते हुए उसे बांध सकते हैं।

इसे यूट्यूब पर देखें : रक्षा बंधन

रक्षाबंधन पर निबंध– 2 (400 शब्द)

वर्तमान समय में आपसी रंजिश दूर करने हेतु अनेक राजनेताओं द्वारा एक दूसरे को राखी बांधी जा रही है। साथ ही लोग पर्यावरण की रक्षा के लिए पेड़-पौधों को भी राखी के अवसर पर राखी बांधते हैं। प्राचीन समय में ब्राह्मणों व गुरुओं द्वारा अपने शिष्य और यजमान को राखी बांधी जाती थी। पर अब राखी का स्वरूप पहले की अपेक्षा परिवर्तित हो गया है।

रक्षा बंधन मनाने की परंपरागत विधि

इस पर्व पर बहनें सुबह स्नान करके पूजा की थाल सजाती हैं, पूजा की थाल में कुमकुम, राखी, रोली, अक्षत, दीपक तथा मिठाई रखी जाती है। तत्पश्चात घर के पूर्व दिशा में भाई को बैठा कर उसकी आरती उतारी जाती है, सिर पर अक्षत डाला जाता है, माथे पर कुमकुम का तिलक किया जाता है फिर कलाई पर राखी बांधी जाती है। अंत में मीठा खिलाया जाता है। भाई के छोटे होने पर बहनें भाई को उपहार देती हैं अपितु भाई बहनों को उपहार देते हैं।

आधुनिकरण में रक्षा बंधन के विधि का बदलता स्वरूप

पुराने समय में घर की छोटी बेटी द्वारा पिता को राखी बांधी जाती थी इसके साथ ही गुरुओं द्वारा अपने यजमान को भी रक्षा सूत्र बांधा जाता था पर अब बहनें ही भाई के कलाई पर यह बांधती हैं। इसके साथ ही समय की व्यस्तता के कारण राखी के पर्व की पूजा पद्धति में भी बदलाव आया है। अब लोग पहले के अपेक्षा इस पर्व में कम सक्रिय नज़र आते हैं। राखी के अवसर पर अब भाई के दूर रहने पर लोगों द्वारा कुरियर के माध्यम से राखी भेज दिया जाता है। इसके अतिरिक्त मोबाइल पर ही राखी की शुभकामनाएं दे दी जाती हैं।

प्यार के धागे का महंगे मोतियों में बदल जाना

रक्षा बंधन में सर्वाधिक महत्वपूर्ण रेशम का धागा है, जिसे महिलाएं भावपूर्ण होकर भाई के कलाई पर बांधती हैं पर आज बाजार में अनेक प्रकार की राखियां उपलब्ध हैं, जिसमें कुछ तो सोने-चांदी की भी हैं। रेशम के सामान्य धागे से बना यह प्यार का बंधन धीरे-धीरे दिखावें में तबदील हो रहा है।

रक्षा बंधन के महत्व को बचाए रखना आवश्यक है

स्वयं को नये जमाने का दिखाने के लिए, हम शुरु से हमारी सभ्यता को पुराना फैशन कह कर भूलाते आए हैं। हमने हमारी पूजा पद्धति बदली है। अतः अपने संस्कृति के रक्षा हेतु हमें हमारे पर्वों के रीति रिवाज में परिर्वतन नहीं करना चाहिए और राखी के पर्व की महत्व को समझते हुए हमें इस पर्व को बनाए गए पूजा पद्धति के अनुसार करना चाहिए।

हमारे पूर्वजों द्वारा बनाए गए पर्वों, त्योहारों व उपवास के विधि-विधान हमारी सभ्यता, संस्कृति के रक्षक है। इन सब से हमारी पहचान है अतः हमें इसे बदलने का प्रयास नहीं करना चाहिए।

Raksha Bandhan par Nibandh – 3 (500 शब्द)

“बहना ने भाई के कलाई से प्यार बांधा है, प्यार के दो तार से संसार बांधा है” सुमन कल्याणपुर के इस लोकप्रिय गीत ने इन दो पंक्ति में राखी के महत्व का वर्णन किया है। आज महिलाओं द्वारा देश की सुरक्षा में तैनात सैनिकों को सीमा पर जाकर राखी बांधी जाती है क्योंकि वह बाह्य शक्ति से हमारी रक्षा करते हैं। राखी का त्योहार भाई बहन को भावनात्मक तौर पर जोड़ता है।

Essay on Raksha Bandhan in Hindi

रक्षा बंधन किस-किस स्थान पर मनाया जाता है

राखी का पर्व मुख्य रूप से भारत तथा नेपाल में मनाया जाता है। इसके अतिरिक्त मलेशिया तथा अन्य देशों में (जहां भारतीय निवास करते हैं) मनाया जाता है।

रक्षा बंधन का महत्व

यह पर्व भाई-बहन को और समीप ले आता है तथा जिनसे हमारा कोई संबंध नहीं हम उन्हें भी इस पर्व के माध्यम से भाई-बहन बना सकते हैं। राखी के पर्व का महत्व, इतिहास के इस कहानी से लगाया जा सकता है।

चित्तौड़गढ़ की रानी कर्णावती ने जब देखा की उनकी सैनिक बहादुर शाह के सैन्य बल के आगे नहीं टिक पाएगी। ऐसे में रानी कर्णावती ने बहादुर शाह से मेवाड़ की रक्षा हेतु हुमायूँ को राखी भेजा। सम्राट हुमायूँ अन्य धर्म से संबंध रखने के बावजूद राखी के महत्व के वजह से बहादुर शाँह से युद्ध कर रानी कर्णावती को युद्ध में विजय दिलवाया।

राखी के महत्व से जुड़ी प्रसिद्ध पौराणिक कथा

राखी का इतिहास बहुत पुराना है। राखी के प्रचलित कहानियों में द्वापर की यह कहानी सर्वाधिक प्रचलित है, एक बार श्री कृष्ण के उंगली कट जाने पर द्रौपदी ने अपनी साड़ी के एक कोने को फाड़ कर कृष्ण के हाथ पर बांध दिया। कथानुसार द्रौपदी के सबसे मुश्किल समय में श्री कृष्ण ने उस साड़ी के एक टुकड़े का कर्ज, द्रौपदी का चीर हरण होने से बचा कर निभाया। वह साड़ी का टुकड़ा कृष्ण ने राखी समझ कर स्वीकार किया था।

स्कूल में राखी का त्योहार

राखी का पर्व अपने घर के अतिरिक्त स्कूलों में उतने ही प्यार से मनाया जाता है। यह विद्यालयों में राखी के अवकाश से एक दिन पहले आयोजित किया जाता है। इसमें बालकों की पूरी कलाई बालिकाओं द्वारा रंग-बिरंगी राखी से भर दिया जाता है। कुछ बालकों की इसमें सहमति नहीं होती है परन्तु परिस्थिति के अनुसार उन्हें यह करना पड़ता है। सच में यह रोचक दृश्य होता है।

जैन धर्म में रक्षा बंधन क्यों और कैसे मनाते हैं ?

जैन धर्म मे रक्षा बंधन का दिन बहुत शुभ माना जाता है इस दिन एक मुनि ने 700 मुनियों के प्राण बचाए थे। इस वजह से जैन धर्म से संबंध रखने वाले लोग इस दिवस पर हाथ में सूत का डोर बांधते हैं।

राखी के पर्व पर भाई-बहन क्या-क्या कर सकते हैं

  • भाई-बहन जहां भी निवास कर रहे हो राखी के समय पर एक-दूसरे से मिल सकते हैं और अवश्य ही मिलना चाहिए।
  • राखी के त्योहार को और ख़ास बनाने हेतु भाई बहन कहीं बाहर घुमने जा सकते हैं।
  • अपने-अपने जीवन में एक-दूसरे के महत्व को बताने के लिए वह उनके पसंद का उपहार उन्हें दे सकते हैं।
  • किसी पुरुष द्वारा महिला के प्रति भाई का फर्ज निभाने पर राखी के अवसर पर महिला उसे विशेष महसूस कराने के लिए राखी बांध सकती हैं।

बहन भाई का रिश्ता खट्टा-मीठा होता है। जिसमें वह आपस में बहुत झगड़ते हैं पर एक-दूसरे से बात किए बिना नहीं रह सकते। राखी का पर्व उनके जीवन में एक-दूसरे के महत्व को बताने का कार्य करता है अतः हम सभी को यह उत्सव परंपरागत विधि से मनाना चाहिए।

Essay on Raksha Bandhan in Hindi

FAQs: Frequently Asked Questions

उत्तर – रक्षा बंधन भाई बहनों के बीच निःस्वार्थ प्रेम का त्योहार है।

उत्तर – रक्षा बंधन की शुरुआत लगभग 6 हजार वर्ष पहले होने का अनुमान लगाया जाता है।

उत्तर – रक्षा बंधन श्रावण महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है।

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Updated On: August 19, 2024 12:20 pm IST

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निष्कर्ष (Conclusion)

रक्षाबंधन पर निबंध (Raksha Bandhan Essay)

रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Raksha Bandhan in Hindi): श्रावणी पूर्णिमा के दिन रेशम के धागे से बहन द्वारा भाई के कलाई पर बंधन बांधे जाने की रीत को 'रक्षा बंधन' कहते हैं। पहले के समय में, रक्षा के वचन का यह पर्व विभिन्न रिश्तों के अंतर्गत निभाया जाता था पर समय बीतने के साथ यह भाई बहन के बीच का प्यार बन गया है। जिसे बड़ी ही खुशी के साथ मनाया जाता है। भारत त्योहारों का देश है। भारत में हर महीने एक नया त्योहार आता है जो लोगों को एक साथ लाता है। ऐसा ही एक त्योहार है रक्षा बंधन। यह बहनों और भाइयों के बीच के बंधन का एक बहुत ही खास अवसर है। बहनें अपने भाई की कलाई पर विश्वास और आस्था की डोर बांधती हैं। इस साल रक्षा बंधन 19 अगस्त, सोमवार को मनाया जाएगा। राखी मनाने का सही समय दोपहर 1:30 बजे शुरु होगा।  इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है, जिससे भाई उसकी सुरक्षा का वचन देता है। यह पर्व उनके प्यार और संबंध को मजबूती देता है। इसके साथ ही भाई बहनों को उपहार भी देते हैं और खुशियों का त्योहार मनाते हैं। यह पर्व हमारे संबंधों को मजबूत बनाने का एक अच्छा मौका लेकर आता है और परिवार के बंधनों को मजबूत बनाता है। आप इस आर्टिकल्स से रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Raksha Bandhan in Hindi) लिखना सीख सकते है। ये भी पढ़ें - महात्मा गांधी पर निबंध

रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Raksha Bandhan) - राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

  • राखी बांधने का शुभ मुहूर्त आरंभ - दोपहर 01:30 के बाद
  • राखी बांधने का शुभ मुहूर्त  समापन- रात्रि 09:07 तक

रक्षाबंधन पर निबंध 200 शब्दों में (Raksha Bandhan Essay in Hindi in 200 words)

रक्षाबंधन पर निबंध (Raksha Bandhan par nibandh) 200 शब्दों में कुछ इस प्रकार है-

रक्षाबंधन पर निबंध (Raksha Bandhan Essay) - “रक्षाबंधन” भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है जो भाई-बहन के प्यार और संबंध को मनाता है। यह पर्व श्रावण मास के पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है, जिसका मतलब होता है कि भाई अपनी बहन की रक्षा करेगा। इसके साथ भाई अपनी बहन को उपहार भी देता है।

राखी का यह परंपरागत आचरण भाई-बहन के प्यार और संबंध की महत्वपूर्णता को प्रकट करता है। रक्षाबंधन एक परिवार में खुशियों और एकता की भावना को बढ़ावा देता है। यह दिन भाई-बहन के बीच विशेष संबंध को मजबूती देता है और उनके प्यार को और भी गहराई देता है। इसके साथ ही, यह पर्व भाई-बहन के आपसी समर्थन और साथीपन की महत्वपूर्णता को भी प्रकट करता है। इस दिन प्रातः स्नानादि करके लड़कियाँ और महिलाएं पूजा की थाली सजाती हैं। थाली में राखी के साथ रोली या हल्दी, चावल, दीपक, मिठाई, फूल और कुछ पैसे भी होते हैं। लड़के और पुरुष तैयार होकर टीका करवाने के लिये पूजा या किसी उपयुक्त स्थान पर बैठते हैं। पहले अभीष्ट देवता की पूजा की जाती है, इसके बाद रोली या हल्दी से भाई का टीका करके चावल को टीके पर लगाया जाता है और सिर पर फूलों को छिड़का जाता है, उसकी आरती उतारी जाती है और दाहिनी कलाई पर राखी बाँधी जाती है। भाई बहन को उपहार या धन देता है। इस प्रकार रक्षाबन्धन के अनुष्ठान को पूरा करने के बाद ही भोजन किया जाता है। प्रत्येक पर्व की तरह उपहारों और खाने-पीने के विशेष पकवानों का महत्त्व रक्षाबन्धन में भी होता है। आमतौर पर दोपहर का भोजन महत्त्वपूर्ण होता है और रक्षाबन्धन का अनुष्ठान पूरा होने तक बहनों द्वारा व्रत रखने की भी परम्परा है। यह पर्व भारतीय समाज में इतनी व्यापकता और गहराई से समाया हुआ है कि इसका सामाजिक महत्त्व तो है ही, धर्म, पुराण, इतिहास, साहित्य और फ़िल्में भी इससे अछूते नहीं हैं। यह बहुत ही खास त्योहार होता है। इस त्योहार को बहुत खुशी से मनाते है और सभी रश्में पूरी करते है।

समारोह और खास त्योहारी व्यंजन इस दिन को और भी ज्यादा यादगार बनाते हैं। रक्षाबंधन के माध्यम से हम अपने परिवार के महत्वपूर्ण सदस्यों के साथ समय बिता सकते हैं और उनके साथ खुशियाँ मना सकते हैं। समानता, समर्पण और प्यार की भावना से भरपूर यह पर्व हमें एक दूसरे के प्रति आदर्श संबंधों की महत्वपूर्णता को याद दिलाता है। इस त्योहार के माध्यम से हम भाई-बहन के बंधन को मजबूती देने के साथ-साथ परिवार के बंधनों की महत्वपूर्णता को भी समझते हैं। भाषण पर हिंदी में लेख पढ़ें-

रक्षाबंधन पर निबंध 500+ शब्दों में (Raksha Bandhan Essay in Hindi in 500+ Words)

रक्षाबंधन पर निबंध (Raksha Bandhan Essay) - हमारा देश अनेक रिश्तों के बंधनों में बंधा हुआ देश है, जिसमें से एक पवित्र रिश्ता भाई और बहन का भी है, जो प्रेम की एक ऐसी अटूट डोर से बंधा हुआ है जिसे चाह कर भी कभी तोड़ा नहीं जा सकता। रक्षाबंधन के दिन राखी का विशेष महत्त्व होता है। वैसे तो राखी कच्चे धागे से बनी होती है, पर जब ये रक्षाबंधन पर्व के दिन भाई की दाहिनी कलाई में बंधती है, तो वह बहन का रक्षासूत्र बन जाती है। जिसमें बहनें अपने भाइयों की दीर्घायु की कामना करती हैं और भाई भी जीवनभर अपनी बहनों की रक्षा करने का वचन देते हैं। श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाये जाने वाले रक्षाबंधन के पर्व को राखी (Rakhi) का त्योहार भी कहते हैं।

रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Raksha Bandhan) - रक्षाबंधन कब मनाया जाता है?

रक्षाबन्धन भारतीय धर्म संस्कृति के अनुसार रक्षाबन्धन का त्योहार श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्योहार भाई-बहन को स्नेह की डोर में बांधता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार रक्षाबंधन श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है वहीं अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह तिथि अगस्त के महीने में आती है। इस दिन बहन अपने भाई के मस्तक पर टीका लगाकर रक्षा का बन्धन बांधती है, जिसे राखी कहते हैं। यह एक हिन्दू व जैन त्योहार है जो प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। श्रावण (सावन) में मनाये जाने के कारण इसे श्रावणी (सावनी) भी कहते हैं। रक्षाबन्धन में राखी या रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्त्व होता है। राखी कच्चे सूत जैसे सस्ती वस्तु से लेकर रंगीन कलावे, रेशमी धागे, तथा सोने या चाँदी जैसी मँहगी वस्तु तक की हो सकती है। राखी सामान्यतः बहनें भाई को ही बाँधती हैं परन्तु ब्राह्मणों, गुरुओं और परिवार में छोटी लड़कियों द्वारा सम्मानित सम्बंधियों (जैसे पुत्री द्वारा पिता को) भी बाँधी जाती है। कभी-कभी सार्वजनिक रूप से किसी नेता या प्रतिष्ठित व्यक्ति को भी राखी बाँधी जाती है। रक्षाबंधन के दिन बाजार मे कई सारे उपहार बिकते है, उपहार और नए कपड़े खरीदने के लिए बाज़ार मे लोगों की सुबह से शाम तक भीड़ होती है और घर मे मेहमानों का आना जाना रहता है।

रक्षाबंधन पर निबंध (Raksha Bandhan Essay in Hindi) - भाई-बहन के प्यार का प्रतीक

रक्षाबंधन का पर्व भाई और बहन के बीच पवित्र प्रेम के प्रतीक को सदियों से दर्शाता हुआ चला आ रहा है। रक्षाबंधन का अर्थ होता है रक्षा का बंधन। जब एक भाई रक्षासूत्र के समान राखी अपनी कलाई में बांध लेता है, तो वह इस पवित्र प्रेम बंधन से बंध जाता है और अपने प्राणों की चिंता किये बिना भी हर हाल में अपनी बहन की रक्षा करता है। रक्षाबंधन भाई और बहन के पवित्र प्रेम के प्रतीक के साथ-साथ भाई-बहन के रिश्ते की अटूट डोर का भी प्रतीक है। रक्षाबंधन का त्योहार भावनाओं और संवेदनाओ का त्योहार है, जिसमें हर भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वचन उसे देता है। हर भाई-बहन को रक्षाबंधन के दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है जिसे बड़ें ही खुशियों के साथ मनाते है।

रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Raksha Bandhan in Hindi) - रक्षाबंधन की तैयारियाँ

इस दिन बहने प्रात: काल में स्नानादि करके, कई प्रकार के पकवान बनाती है, इसके बाद पूजा की थाली सजाई जाती है। पूजा की थाली में राखी के साथ कुमकुम रोली, हल्दी, चावल, दीपक, अगरबती, मिठाई रखी जाती है। भाई को बिठाने के लिये उपयुक्त स्थान का चयन किया जाता है।

सबसे पहले अपने ईष्ट देव की पूजा की जाती है। भाई को चयनित स्थान पर बिठाया जाता है, इसके बाद कुमकुम हल्दी से भाई का टीका करके चावल का टीका लगाया जाता है और अक्षत सिर पर छिडके जाते है, आरती उतारी जाती है और भाई की दाहिनी कलाई पर राखी बांधी जाती है। सब अनूष्ठान पूरा करने के बाद ही भोजन ग्रहण करती है। भारत के अन्य त्यौहारों की तरह इस त्यौहार पर भी उपहार और पकवान अपना विशेष महत्व रखते है।

रक्षाबंधन का महत्त्व (Importance of Raksha Bandhan)

रक्षा बंधन का पर्व विशेष रुप से भावनाओं और संवेदनाओं का पर्व है, यह एक ऐसा बंधन है जो दो जनों को स्नेह की धागे से बांधता है। रक्षा बंधन को भाई - बहन तक ही सीमित रखना सही नहीं होगा बल्कि ऐसा कोई भी बंधन जो किसी को भी बांध सकता है। भाई - बहन के रिश्तों की सीमाओं से आगे बढ़ते हुए यह बंधन आज गुरु का शिष्य को राखी बांधना, एक भाई का दूसरे भाई को, बहनों का आपस में राखी बांधना और दो मित्रों का एक-दूसरे को राखी बांधना, माता-पिता का संतान को राखी बांधना हो सकता है। आज के परिपेक्ष्य में राखी केवल बहन का रिश्ता स्वीकारना नहीं है अपितु राखी का अर्थ है, जो यह श्रद्धा व विश्वास का धागा बांधता है वह राखी बंधवाने वाले व्यक्ति के दायित्वों को स्वीकार करता है उस रिश्ते को पूरी निष्ठा से निभाने की कोशिश करता है।

रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Raksha Bandhan in Hindi) - रक्षाबंधन का पौराणिक प्रसंग

राखी का त्योहार कब शुरू हुआ यह कोई नहीं जानता। लेकिन भविष्य पुराण में वर्णन मिलता है कि देव और दानवों में जब युद्ध शुरू हुआ तब दानव हावी होते नज़र आने लगे। एक बार दैत्‍य वृत्रासुर ने इंद्र का सिंहासन हासिल करने के लिए स्‍वर्ग पर चढ़ाई कर दी, वृत्रासुर बहुत ताकतवर था और उसे हराना आसान नहीं था। युद्ध में देवराज इंद्र की रक्षा के लिए उनकी बहन इंद्राणी ने अपने तपोबल से एक रक्षासूत्र तैयार किया और इंद्र की कलाई पर बांध दिया। युद्ध में देवराज इंद्र की रक्षा के लिए उनकी बहन इंद्राणी ने अपने तपोबल से एक रक्षासूत्र तैयार किया और इंद्र की कलाई पर बांध दिया।संयोग से वह श्रावण पूर्णिमा का दिन था। लोगों का विश्वास है कि इन्द्र इस लड़ाई में इसी धागे की मन्त्र शक्ति से ही विजयी हुए थे। उसी दिन से श्रावण पूर्णिमा के दिन यह धागा बाँधने की प्रथा चली आ रही है। यह धागा धन, शक्ति, हर्ष और विजय देने में पूरी तरह समर्थ माना जाता है। इतिहास में श्री कृष्ण और द्रौपदी की कहानी भी प्रसिद्ध है, जिसमें जब कृष्ण ने सुदर्शन चक्र से शिशुपाल का वध किया तब उनकी तर्जनी में चोट आ गई। द्रौपदी ने उस समय अपनी साड़ी फाड़कर उनकी उँगली पर पट्टी बाँध दी, और इस उपकार के बदले श्री कृष्ण ने द्रौपदी को किसी भी संकट में द्रौपदी की सहायता करने का वचन दिया था और उसी के चलते कृष्ण ने इस उपकार का बदला बाद में चीरहरण के समय उनकी साड़ी को बढ़ाकर चुकाया। कहते हैं परस्पर एक दूसरे की रक्षा और सहयोग की भावना रक्षाबन्धन के पर्व में यहीं से प्रारम्भ हुई।

रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Raksha Bandhan) - रक्षाबंधन का ऐतिहासिक प्रसंग

रक्षाबंधन पर निबंध (essay on raksha bandhan) - रक्षाबंधन का साहित्यिक प्रसंग, रक्षाबंधन पर निबंध (essay on raksha bandhan) - रक्षाबंधन का सामाजिक प्रसंग.

ऐसा माना जाता है कि राखी के रंगबिरंगे धागे भाई-बहन के प्यार के बन्धन को मज़बूत करते है। यह एक ऐसा पावन पर्व है जो भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को पूरा आदर और सम्मान देता है। रक्षाबन्धन आत्मीयता और स्नेह के बन्धन से रिश्तों को मज़बूती प्रदान करने का पर्व है। रक्षाबन्धन आत्मीयता और स्नेह के बन्धन से रिश्तों को मज़बूती प्रदान करने का पर्व है। यही कारण है कि इस अवसर पर न केवल बहन भाई को ही अपितु अन्य सम्बन्धों में भी रक्षा (या राखी) बाँधने का प्रचलन है। गुरु शिष्य को रक्षासूत्र बाँधता है तो शिष्य गुरु को। भारत में प्राचीन काल में जब स्नातक अपनी शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात गुरुकुल से विदा लेता था तो वह आचार्य का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उसे रक्षासूत्र बाँधता था। जबकि आचार्य अपने विद्यार्थी को इस कामना के साथ रक्षासूत्र बाँधता था कि उसने जो ज्ञान प्राप्त किया है वह अपने भावी जीवन में उसका समुचित ढंग से प्रयोग करे ताकि वह अपने ज्ञान के साथ-साथ आचार्य की गरिमा की रक्षा करने में भी सफल हो। इसी परम्परा के अनुरूप आज भी किसी धार्मिक विधि विधान से पूर्व पुरोहित यजमान को रक्षासूत्र बाँधता है और यजमान पुरोहित को। इस प्रकार दोनों एक दूसरे के सम्मान की रक्षा करने के लिये परस्पर एक दूसरे को अपने बन्धन में बाँधते हैं। रक्षाबन्धन पर्व सामाजिक और पारिवारिक एकबद्धता या एकसूत्रता का सांस्कृतिक उपाय रहा है।

रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Raksha Bandhan) - स्वतंत्रता संग्राम में रक्षाबंधन की भूमिका

स्वतंत्रता संग्राम काल में रक्षाबंधन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है, जो भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान राष्ट्रीय एकता और आत्मनिर्भरता को संरक्षित करता था।

राष्ट्रीय एकता को समर्थन: स्वतंत्रता संग्राम के समय, रक्षा बंधन ने लोगों को राष्ट्रीय एकता और समरसता की भावना के साथ एकजुट किया। भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में भारतीयों ने एकत्र होकर विदेशी शासन से मुक्ति के लिए संघर्ष किया। रक्षा बंधन के अवसर पर भाई-बहन एक-दूसरे के साथ आदर्श एकता का प्रतीक बन जाते थे। राष्ट्रीय भाव को उत्साहित करना: रक्षा बंधन स्वतंत्रता संग्राम के समय राष्ट्रीय भाव को उत्साहित करता था। भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आजादी के लिए जान की बाजी लगाई थी, और रक्षा बंधन के अवसर पर उन्हें समर्थन मिलता था और उनके लिए दुआएं बनती थी।

आत्मनिर्भरता की प्रेरणा: स्वतंत्रता संग्राम के समय रक्षा बंधन ने भारतीयों को आत्मनिर्भरता की प्रेरणा दी। देश को स्वतंत्र बनाने के लिए, भारतीयों को अपने आप को सशक्त बनाने और देश के लिए स्वयं को समर्पित करने की जरूरत थी। रक्षा बंधन ने इस आत्मनिर्भरता की भावना को प्रोत्साहित किया और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को शक्तिशाली बनाया। संबंधों को मजबूत करना: रक्षा बंधन के त्योहार ने भारतीयों के संबंधों को मजबूत किया। भाई-बहन के प्रेम और सम्मान को बढ़ावा देने से उनके बीच एक गहरा बंधन बनता था, जो आपसी समरसता को बढ़ावा देता था।

रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Raksha Bandhan) - रक्षाबंधन पर सरकारी प्रबंध

भारत सरकार द्वारा रक्षा बंधन के अवसर पर डाक सेवा पर छूट दी जाती है। इस दिन के लिए खास तौर पर 10 रुपये वाले लिफाफे की बिक्री की जाती है। इस 50 ग्राम के लिफाफे में बहनें एक साथ 4-5 राखी भाई को भेज सकती हैं। जबकी सामान्य 20 ग्राम के लिफाफे में एक राखी ही भेजी जा सकती है। यह ऑफर डॉक विभाग द्वारा बहनों को भेट है अतः यह सुविधा रक्षाबंधन तक ही अपलब्ध रहता है। और दिल्ली में बस, ट्रेन तथा मेट्रो में राखी के अवसर पर महिलाओं से टिकट नहीं लिया जाता है। इसके अलावा और भी प्रदेशों में राखी के दिन महिलाओं के लिए बस की सुविधा फ्री की जाती है।

रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Raksha Bandhan) - राखी और आधुनिक तकनीकी माध्यम

आज के आधुनिक तकनीकी युग एवं सूचना सम्प्रेषण युग का प्रभाव राखी जैसे त्योहार पर भी पड़ा है। बहुत सारे भारतीय आजकल विदेश में रहते हैं एवं उनके परिवार वाले (भाई एवं बहन) अभी भी भारत या अन्य देशों में हैं। इण्टरनेट के आने के बाद कई सारी ई-कॉमर्स साइट खुल गयी हैं, जो ऑनलाइन आर्डर लेकर राखी दिये गये पते पर पहुँचाती है। इससे देश-विदेश रहने वाले भाई-बहनों के लिए भी यह त्योहार मनाना आसान हो गया है। इस तरह आज के आधुनिक विकास के कारण दूर-दराज़ में रहने वाले भाई-बहन जो राखी पर मिल नहीं सकते, आधुनिक तरीकों से एक दूसरे को देख और सुन कर इस पर्व को सहर्ष मनाते हैं।

उपसंहार (Epilogue)

रक्षाबंधन पर कक्षा 10वीं के लिए निबंध (essay on raksha bandhan in 1000 words in hindi), रक्षाबंधन पर निबंध 10 लाइनों में (raksha bandhan essay in hindi in 10 lines).

  • रक्षा बंधन का त्योहार सावन के महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है।
  • रक्षा बंधन का त्योहार भाई बहन के प्रेम का प्रतीक है, जिससे कई प्राचीन कहानियां जुड़ी हुई हैं।
  • राखी के साथ ही बहन अपने भाई को आशीर्वाद देती है और भाई भी उसकी सुरक्षा का वादा करता है।
  • इस त्योहार का महत्व न केवल प्यार और समर्थन को प्रकट करने में है, बल्कि यह भाई-बहन के बीच आदर्श संबंध की महत्वपूर्णता को भी दिखाता है।
  • इस दिन बहनें खासकर अपने भाई की रक्षा के लिए तैयारी करती हैं और भाई भी उन्हें उपहार और आशीर्वाद देते हैं।
  • रक्षा बंधन का त्योहार भाई-बहनों के प्रेम के साथ साथ एक-दूसरे के प्रति अपने कर्तव्यों का एहसास भी कराता है।
  • रक्षा बंधन पर बहने अपने भाई के लिए उपवास राखित है और उन्हें राखी बंधने के बाद अपना व्रत तोड़ती है।
  • जो बहनें अपने भाइयों के साथ नहीं रहती, वह अपने भाई को राखी डाक, ईमेल और ऑनलाइन भेजती हैं।
  • रक्षाबंधन पर सारे बाजार सज जाते हैं और दुकानों पर रंग बिरंगी मिठाइयां भी सजी होती है, हर तरफ प्यार का माहौल होता है।
  • हिंदू धर्म ग्रन्थों में रक्षा बंधन के पर्व का महत्व बताया गया है और इंद्रा देव और राजा बली की कहानी भी प्रचलित है।

अतः रक्षाबंधन आपसी प्यार सम्मान और एकजुटता को दर्शाने वाला त्यौहार है जिसके मनाने के तर्क तो बहुत है परंतु सब का उद्देश्य आपसी प्यार ही है। भाई बहन को मिलकर इस त्यौहार को बड़े प्यार से और अपनेपन के साथ पुराने सभी गिले-शिकवे भुलाते हुए मनाना चाहिए। समग्रता और सामाजिक सद्भावना के साथ, रक्षाबंधन एक परिवार के बंधनों को मजबूत करने का अद्वितीय अवसर प्रदान करता है। इस त्योहार से हमें यह सीखने को मिलता है कि परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताना कितना महत्वपूर्ण है और हमें उनके साथ खुशियाँ मनानी चाहिए। ऐसे ही और निबंध के लिए CollegeDekho के साथ जुड़ें रहें। निबंध संबधित आर्टिकल्स पढ़ें-

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राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दोपहर 01:30 के बाद शुरु होगा और राखी बांधने का शुभ मुहूर्त  समापन रात्रि 09:07 तक है।

इस वर्ष रक्षाबंधन 19 अगस्त, 2024 को मनाया जायेगा। हिंदू कैलेंडर के अनुसार शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 19 अगस्त को प्रातः 03:04 मिनट पर शुरू होगा। वहीं इसकी समापन की बात की जाए तो 19 अगस्त को मध्य रात्रि 11:55 पर समाप्त होगा।

रक्षाबंधन का पर्व प्रेम और पवित्रता का पर्व है। यह पर्व भाई और बहनों के लिए एक दूसरे की लंबी उम्र और सुखद जीवन की कामना करने का दिन होता है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनके लंबी उम्र की कामना करती हैं। वहीं भाई उन्हें कोई तोहफा देने के साथ-साथ जीवन भर के सुख-दुख में उनका साथ देने का वादा करते हैं। इस पर्व की वजह से भाई-बहनों के रिश्तों में और मजबूती आती है।

क्षा बंधन मनाने के पीछे की कहानी यह है कि जब यमुना ने यम को राखी बांधी, तो मृत्यु के देवता ने उसे अमरता प्रदान की। ऐसा कहा जाता है कि वह इस भाव से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने घोषणा की कि जो भी भाई राखी बांधेगा और अपनी बहन की रक्षा करने की पेशकश करेगा, वह भी अमर हो जाएगा।

राखी बांधने के बाद बहनें अपने भाइयों को रोली (लाल तिलक), अक्षत और दीपक लगाती हैं। इस अवसर पर बहनें अपने भाइयों की कलाई पर पवित्र धागा बांधती हैं, ऐसा माना जाता है कि इससे भाई-बहन का रिश्ता मजबूत होता है। बदले में, भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और जीवन भर उनकी रक्षा करने का वादा करते हैं।

इतिहास के पन्नों को देखें तो इस त्योहार की शुरुआत की उत्पत्ति लगभग 6 हजार साल पहले बताई गई है। इसके कई साक्ष्य भी इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं। रक्षाबंधन की शुरुआत का सबसे पहला साक्ष्य रानी कर्णावती व सम्राट हुमायूँ हैं।

रक्षा बंधन का शाब्दिक अर्थ रक्षा करने वाला बंधन है। इस पर्व में बहनें अपने भाई के कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और बदले में भाई जीवन भर उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं। रक्षा बंधन को राखी या सावन के महिने में पड़ने के वजह से श्रावणी व सलोनी भी कहा जाता है।

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रक्षाबंधन पर निबंध – (Raksha Bandhan Essay in Hindi) 100, 200, 300, 500, शब्दों मे 10 lines Short and long Essay

class 8 raksha bandhan essay in hindi

Raksha Bandhan Essay in Hindi – रक्षा बंधन एक हिंदू त्योहार है जो आपसी प्रेम, देखभाल और सुरक्षा के भाई-बहन के बंधन का जश्न मनाता है। यह सावन महीने में मनाया जाता है Raksha Bandhan Essay और मानसून के आगमन को चिह्नित करता है, जो आमतौर पर अगस्त के ग्रेगोरियन महीने के अनुरूप होता है। परंपरागत रूप से, बहनें अपने भाइयों की कलाई पर उनके प्यार और स्नेह के प्रतीक के रूप में “रक्षा” बांधती हैं। वहीं भाइयों ने अपनी बहनों की हर हाल में रक्षा करने का संकल्प लिया। 

Raksha Bandhan Essay – रस्में समाप्त होने के बाद, भाई अपनी बहन को भाव वापस करने के लिए उपहार देता है। कुछ समुदायों में भाई की अपनी बहन के ससुराल जाने की परंपरा है, अगर वह शादीशुदा है, और रक्षा बंधन मनाने के लिए उसे अपने माता-पिता के घर वापस ले जाती है। रक्षा बंधन के त्योहार में अन्य हिंदू त्योहारों की तरह धूमधाम और शो का अभाव है, लेकिन, यह एक प्रमुख पारिवारिक कार्यक्रम है और उत्साह के साथ मनाया जाता है, हालांकि निजी तौर पर।

निबंध सरल हिन्दी भाषा में लिखे गए हैं ताकि आप इसे आसानी से याद कर सकें और आवश्यकता पड़ने पर प्रस्तुत कर सकें।

रक्षा बंधन निबंध के माध्यम से आपको त्योहार के बारे में सभी उपयोगी जानकारी मिल जाएगी, अर्थात रक्षा बंधन कब मनाया जाता है, क्यों मनाया जाता है, रक्षा बंधन कैसे मनाया जाता है, रक्षा बंधन का महत्व आदि।

आप इन निबंधों से एकत्रित जानकारी का उपयोग अपने स्कूल या कॉलेज में निबंध लेखन, वाद-विवाद या भाषण प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए कर सकते हैं।

रक्षाबंधन निबंध पर 10 पंक्तियाँ (10 Lines on Raksha Bandhan Essay in Hindi)

  • 1) रक्षा बंधन भारत के विभिन्न हिस्सों में मनाया जाने वाला एक हिंदू त्योहार है।
  • 2) रक्षा बंधन अगस्त के महीने में श्रावण के अंतिम दिन मनाया जाता है।
  • 3) रक्षा बंधन भाइयों और बहनों के बीच बंधन, देखभाल और स्नेह का प्रतीक है।
  • 4) रक्षा बंधन के दिन बहनें कुमकुम, दीया, चावल, मिठाई और राखी से पूजा की थाली तैयार करती हैं।
  • 5) बहन भाई की कलाई पर राखी बांधती है और उसके माथे पर ‘रोली चावल’ लगाती है।
  • 6) रक्षा बंधन के त्योहार पर बहन अपने भाई की सलामती के लिए भगवान से प्रार्थना करती है।
  • 7) रक्षा बंधन पर भाई अपनी बहन की जीवन भर रक्षा करने का संकल्प लेता है।
  • 8) मिठाइयों और उपहारों का आदान-प्रदान भी रक्षा बंधन के त्योहार की महत्वपूर्ण प्रथाएं हैं।
  • 9) दिन के समय स्वादिष्ट व्यंजन बनाकर भी रक्षाबंधन मनाया जाता है।
  • 10) इस अवसर को मनाने के लिए लोग विशेष रूप से महिलाएं जातीय कपड़े पहनती हैं।

रक्षा बंधन पर 100 शब्दों का निबंध (Shot Essay On Raksha Bandhan 100 Words in Hindi)

रक्षाबंधन भाई और बहन के बंधन का उत्सव है। यह भारत में व्यापक रूप से मनाया जाता है, हालांकि अक्सर धार्मिक सीमाएं कम हो जाती हैं, और हम इस त्योहार के अंतर-धार्मिक उत्सव को भी देखते हैं। त्योहार आमतौर पर हिंदू कैलेंडर के सावन महीने के आखिरी दिन मनाया जाता है। यह आमतौर पर अगस्त में पड़ता है।

इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर पवित्र धागा बांधती हैं और धागा रक्षा का प्रतीक होता है। भाइयों ने बहनों की रक्षा का वचन लिया और उन्हें उपहार दिए। मिष्ठान और व्यंजन भी बनाए जाते हैं। हवा में खुशी और आराम और खुशी की लहर है।

रक्षा बंधन पर 200 शब्दों का निबंध (200 Words Essay On Raksha Bandhan in Hindi)

Raksha Bandhan Essay – जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भाई-बहन हमारे दिल में एक खास जगह रखते हैं। हालाँकि, एक भाई और बहन का विशेष बंधन बहुत ही अनूठा होता है। एक-दूसरे के प्रति उनकी जो परवाह है, उसकी कोई सीमा नहीं है। वे जो प्यार साझा करते हैं वह तुलना से परे है। रक्षाबंधन सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। रक्षा का अर्थ है सुरक्षा, और बंधन का अर्थ है बंधन। इसलिए, यह त्योहार भाइयों और बहनों के बीच सुरक्षा, देखभाल और लंबे समय के बंधन का प्रतीक है।

त्योहार अगस्त में पड़ता है। त्योहार से पहले ही बाजार और दुकानें मिठाइयों, उपहारों और राखियों से सज जाती हैं। यहां भारी भीड़ है क्योंकि हर महिला अपने भाइयों के लिए सबसे खूबसूरत राखी चाहती है। जबकि पुरुष उन उपहारों की तलाश करते हैं जो उनकी बहनें चाहती हैं।

रक्षा बंधन के दिन

इस दिन हर कोई अपने नए कपड़ों में तैयार होता है और मिठाई और नमकीन पहले से ही खरीद लिया जाता है। बहनें भाइयों की कलाई पर पवित्र धागा, राखी बांधती हैं। बदले में भाई अपनी बहनों को आशीर्वाद देते हैं और उनकी रक्षा करने और आजीवन उनकी देखभाल करने का वचन देते हैं। वे अपनी बहनों को नई ड्रेस, चॉकलेट या पैसे के रूप में उपहार भी देते हैं।

अंत में, रक्षा बंधन सबसे सुखद और सार्थक त्योहारों में से एक है। यह भाइयों और बहनों के बीच के बंधन को मजबूत करता है। इस दिन, जिन लड़कियों के भाई नहीं होते, वे पुलिस अधिकारियों, सेना के जवानों या यहां तक ​​कि हमारे प्रधान मंत्री को उनके आशीर्वाद और सुरक्षा के बदले में राखी बांधती हैं, जो त्योहार के सार और भावना को जीवित रखता है।

रक्षा बंधन पर 300 शब्दों का निबंध (300 Words Essay On Raksha Bandhan in Hindi)

रक्षा बंधन प्रमुख हिंदू त्योहारों में से एक है। यह त्योहार देश के विभिन्न हिस्सों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह भाई-बहन के बंधन को मजबूत करने के लिए जाना जाता है। यह सभी उम्र के भाइयों और बहनों द्वारा मनाया जाता है।

रक्षा बंधन कब मनाया जाता है?

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, रक्षा बंधन श्रावण मास में आता है जिसे सावन महीने के रूप में भी जाना जाता है। यह श्रावण मास के अंतिम दिन मनाया जाता है जो ज्यादातर अगस्त के महीने में पड़ता है। सावन का पूरा महीना हिंदू धर्म के अनुसार शुभ माना जाता है।

रक्षा बंधन कैसे मनाया जाता है?

रक्षा बंधन दिन के समय मनाया जाता है। भाई-बहन इस पवित्र दिन को मनाने के लिए सुंदर पोशाक पहनते हैं। बहनें भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं, उनकी कलाई पर राखी बांधती हैं और मिठाइयों का आदान-प्रदान करती हैं। इस रस्म को निभाते हुए बहनें अपने भाइयों की सलामती की दुआ करती हैं। भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और प्रतिज्ञा करते हैं कि वे उनके साथ खड़े रहेंगे और हर स्थिति में उनकी देखभाल करेंगे। दोनों भाई-बहन राखी बांधने से पहले व्रत रखते हैं। पूजा करने के बाद ही वे भोजन करते हैं।

अनुष्ठान ज्यादातर एक परिवार के ब्रंच के बाद होता है। इस प्रकार रक्षा बंधन अब केवल भाई-बहन के बंधन को मनाने का दिन नहीं है, बल्कि परिवार के अन्य सदस्यों के साथ बंधने का एक अच्छा अवसर भी है। यह सिर्फ सगे भाइयों और बहनों के बीच ही नहीं बल्कि चचेरे भाई-बहनों के बीच भी मनाया जाता है। लोग ज्यादातर अपने पुश्तैनी घर में इकट्ठा होते हैं जहां सभी चचेरे भाई और उनके परिवार इकट्ठा हो सकते हैं और दिन मना सकते हैं। आज के व्यस्त जीवन में जब लोगों को अपनों से मिलने में मुश्किल होती है, तो इस तरह के अवसर उनके साथ बंधने का अच्छा मौका देते हैं।

रक्षा बंधन को लेकर महिलाएं विशेष रूप से काफी उत्साहित हैं क्योंकि यह उनके लिए सुंदर कपड़े और सामान खरीदने और सजाने का समय है। दूसरी ओर, पुरुष अपनी बहनों और चचेरे भाइयों से मिलने के लिए उत्सुक रहते हैं। यह वास्तव में सर्वश्रेष्ठ हिंदू त्योहारों में से एक है।

रक्षा बंधन पर 500 शब्दों का निबंध (Long Essay On Raksha Bandhan5 00 Words in Hindi)

Raksha Bandhan Essay – रक्षा बंधन एक ऐसा त्योहार है जो भाई और बहन के बंधन को सेलिब्रेट करता है। यह पर्व हिन्दू धर्म में मनाया जाता है। यह उनके सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। साथ ही बहन-भाई इसका साल भर बेसब्री से इंतजार करते हैं। भारत में लोग इसे भरपूर जोश और उत्साह के साथ मनाते हैं।

इसी तरह, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप बच्चे हैं या वयस्क। सभी उम्र के भाई-बहन रक्षा बंधन मनाते हैं। इसके अलावा, यह उनके बीच के बंधन को भी मजबूत करता है। ‘रक्षा’ का अर्थ है सुरक्षा और ‘बंधन’ का अर्थ है बंधन। इस प्रकार, यह इस त्योहार का अर्थ बताता है।

रक्षा बंधन हिंदू कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है। यह सावन के महीने में आता है और लोग इसे महीने के आखिरी दिन मनाते हैं। यह शुभ पर्व आमतौर पर अगस्त के आसपास ही आता है।

रक्षा बंधन का महत्व

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भाई-बहन हमारे दिल में एक खास जगह रखते हैं। हालाँकि, एक भाई और बहन का विशेष बंधन बहुत ही अनूठा होता है। एक-दूसरे के प्रति उनकी जो परवाह है, उसकी कोई सीमा नहीं है। वे जो प्यार साझा करते हैं वह तुलना से परे है।

ये आपस में कितना भी लड़ लें, ये हमेशा इनके साथ खड़े रहते हैं। छोटी-छोटी बातों पर भाई-बहन आपस में लड़ पड़ते हैं। दूसरे शब्दों में, वे एक बंधन साझा करते हैं जो चिढ़ाने और प्यार से भरा होता है।

भाई-बहन हमें बढ़ने में मदद करते हैं। हमारे जीवन के हर चरण में, उनके बीच का बंधन मजबूत होता जाता है। वे हर सुख-दुख में एक-दूसरे के साथ खड़े रहते हैं। बड़े भाई अपनी बहनों के लिए बहुत प्रोटेक्टिव होते हैं। इसी तरह बड़ी बहनें अपने छोटे भाइयों का बहुत ख्याल रखती हैं। छोटे अपने बड़े भाई-बहनों की ओर देखते हैं।

रक्षा बंधन इस बंधन को मनाने के बारे में है। यह दोनों के बीच साझा किए गए अनूठे और विशेष रिश्ते का प्रतीक है। इस खूबसूरत बंधन पर अच्छा समय बिताने और ध्यान केंद्रित करने के लिए इस दिन को सही मान्यता दी गई है। यह उनके प्यार, एकजुटता और एक दूसरे में विश्वास के प्रतीक के रूप में कार्य करता है।

रक्षा बंधन का अवसर

रक्षा बंधन बहनों के लिए लाड़ प्यार का समय है। इस शुभ अवसर पर बहनें अपने भाई की कलाई पर पवित्र धागा यानी राखी बांधती हैं। यह अच्छे स्वास्थ्य और लंबे जीवन की कामना के इरादे से किया जाता है।

दूसरी ओर, भाई बदले में अपनी बहनों को आशीर्वाद देते हैं और उनकी रक्षा करने और जीवन भर उनकी देखभाल करने का संकल्प लेते हैं। इस दिन बहनों को ढेर सारा प्यार और दुलार मिलता है। यह चॉकलेट, उपहार, पैसे, कपड़े और बहुत कुछ के रूप में है।

परिवार के सदस्य इस अवसर के लिए सजते-संवरते हैं, आमतौर पर एथनिक वियर में। हम बाजारों को रंगीन राखियों और उपहारों से भरते हुए देखते हैं। हर साल, फैशनेबल और ट्रेंडी राखी बाजार का चक्कर लगाती हैं। महिलाएं अपने भाइयों के लिए सही राखी की खरीदारी करती हैं और पुरुष अपनी बहनों के लिए उपहार खरीदने जाते हैं।

अंत में, रक्षा बंधन सबसे सुखद त्योहारों में से एक है। यह भाई और बहन को अपने बंधन को मजबूत करने के लिए देता है। आजकल जिन बहनों के भाई नहीं होते वे भी अपनी बहनों के साथ रक्षाबंधन का त्योहार मनाती हैं। त्योहार का सार फिर भी वही रहता है।

रक्षा बंधन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q.1 रक्षा बंधन क्यों मनाया जाता है.

A.1 रक्षा बंधन भाई-बहन के प्यार के बंधन को मनाने के लिए मनाया जाता है। इसके अलावा, यह इस बंधन की विशिष्टता को दर्शाता है और उन्हें एक दूसरे के लिए अपने प्यार और विश्वास का जश्न मनाने का दिन देता है।

Q.2 लोग रक्षा बंधन कैसे मनाते हैं?

A.2 रक्षा बंधन भाई की कलाई पर राखी नामक पवित्र धागा बांधकर मनाया जाता है। बदले में भाई अपनी बहनों को उपहारों से नहलाते हैं और जीवन भर उनकी रक्षा करने का संकल्प लेते हैं।

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रक्षाबंधन पर निबंध हिंदी में - Raksha Bandhan Essay in Hindi

रक्षाबंधन पर निबंध (raksha bandhan essay in hindi): इस साल रक्षाबंधन 19 अगस्त, सोमवार को है। इस दिन को और भी खास बनाने और अपने विचार व्यक्त करने के लिए रक्षाबंधन पर निबंध लिखें। हिंदी में राखी पर निबंध लिखने के लिए यहाँ कुछ उदाहरण देखें।.

Atul Rawal

रक्षाबंधन पर 10 पंक्तियां

  • रक्षाबंधन हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है जो भाई-बहन के रिश्ते को समर्पित है।
  • इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं।
  • भाई अपनी बहनों को उपहार देकर उनकी सुरक्षा और सम्मान का वचन देते हैं।
  • रक्षाबंधन का पर्व हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।
  • यह त्यौहार भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक है।
  • रक्षाबंधन का इतिहास बहुत पुराना है और इससे जुड़ी कई पौराणिक कथाएं भी हैं।
  • इस दिन परिवार के सभी सदस्य एक साथ मिलकर खुशियां मनाते हैं।
  • राखी बांधने की परंपरा विभिन्न क्षेत्रों और समुदायों में अलग-अलग तरीकों से निभाई जाती है।
  • यह पर्व न केवल भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करता है, बल्कि परिवार के अन्य सदस्यों को भी करीब लाता है।
  • रक्षाबंधन का त्यौहार हमें अपने रिश्तों की अहमियत और उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी को समझाता है।
रक्षा बंधन भाइयों और बहनों का एक हिंदू त्योहार है। बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं। राखी सुरक्षा और प्रेम का प्रतीक है। बदले में, भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और अपनी बहनों की रक्षा करने का वचन देते हैं। यह पर्व भाई-बहन के रिश्तों के मूल्य को प्रदर्शित करता है।
रक्षा बंधन त्योहार, भाई-बहनों के बीच के बंधन का जश्न है। बहनें सुरक्षा और प्रेम के प्रतीक के रूप में अपने भाइयों की कलाई पर "राखी" बांधती हैं। भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनकी रक्षा करने का वादा करते हैं। यह परंपरा भाइयों बहनों के मजबूत संबंधों को दर्शाती है। रक्षा बंधन पूरे परिवार के लिए खुशी का अवसर है। इस दिन सिर्फ सेज भाई बेहेन नहीं बल्कि सभी रिश्तेदार भाई-बहन के बंधन का जश्न मनाने के लिए एक साथ आते हैं। यह त्यौहार परिवार के सभी सदस्यों के बीच एकता और प्रेम की भावना को बढ़ावा देता है।
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Raksha bandhan Essay, Nibandh In Hindi: रक्षा बंधन पर कुछ इस तरह लिखें निबंध, होगी वाहवाही, मिलेगे पूरे मार्क्स

Raksha bandhan essay, nibandh in hindi (रक्षाबंधन पर निबंध 100, 150, 300 शब्दों में): अक्सर स्कूल में साप्ताहिक टेस्ट व एग्जाम में रक्षाबंधन पर निबंध लिखने के लिए (rakshabandhan essay in hindi) आता है। ऐसे में यहां हम आपके लिए रक्षाबंधन पर सबस सरल व शानदार निबंध लेकर आए हैं। इस तरह निबंध लिखकर आप शत प्रतिशत मार्क्स प्राप्त कर सकते हैं।.

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Updated Aug 10, 2024, 03:31 PM IST

Rakshabandhan Essay, Nibandh In Hindi

Rakshabandhan Essay, Nibandh In Hindi: रक्षाबंधन पर सबसे सरल व शानदार निबंध

Raksha bandhan Essay In Hindi: रक्षाबंधन पर कैसे लिखें निबंध

Raksha bandhan essay in hindi for class 3, 5, 6: रक्षाबंधन पर निबंध का रूपरेखा.

  • कब है रक्षाबंधन
  • रक्षाबंधन का महत्व
  • रक्षाबंधन का इतिहास
  • रक्षाबंधन का त्योहार क्यों मनाया जाता है
  • रक्षाबंधन का पौराणिक महत्व क्या है

Raksha bandhan Essay In Hindi: रक्षाबंधन पर सबसे सरल व शानदार निबंध

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रक्षाबंधन पर निबंध – Raksha Bandhan essay in hindi

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रक्षाबंधन या राखी हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो भाई-बहन के स्नेह व प्रेम का प्रतीक है। रक्षा का अर्थ है ‘बचाना’ व बंधन का अर्थ है ‘नाता’। इस दिन बहनें बड़े प्यार से अपने भाई की कलाई पर राखी का पवित्र धागा बांधकर उनके लिए सुखी व अच्छे भविष्य की कामना करती हैं और भाई भी अपनी बहन की रक्षा का वचन देते हैं।

राखी का यह नाजुक बंधन लोहे की जंजीरों से भी मजबूत होता है, क्योंकि यह एक खूबसूरत संबंध को प्रेम व विश्वास की डोर से बांधता है। इस त्योहार का एक सामाजिक महत्त्व भी है। यह हमें सिखाता है कि सभी को आपस में प्रेम व भाईचारे से रहना चाहिए।

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, श्रावण मास की पूर्णिमा को राखी का त्योहार मनाया जाता है, जो अधिकतर अगस्त माह में पड़ता है। बहनें बड़े चाव से इस दिन की प्रतीक्षा करती हैं, क्योंकि उन्हें अपने भाइयों से स्नेहोपहार प्राप्त होते हैं।

Raksha Bandhan festival

रक्षाबंधन का इतिहास

प्राचीन काल में ऋषि-मुनि अपने यजमानों के हाथ में पवित्र रक्षासूत्र बांधते थे ताकि उन्हें बुरी नजर से बचाया जा सके, किंतु बाद में इस रक्षासूत्र का स्थान राखी ने ले लिया और रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाने लगा।

इस त्योहार से अनेक प्रसंग जुड़े हैं। सबसे लोकप्रिय प्रसंग के अनुसार, एक बार राजा इंद्र दानवों से युद्ध कर रहे थे। वे लगभग हारने ही वाले थे तभी वे अपनी रक्षा का उपाय जानने के लिए अपनी पत्नी शचि के साथ गुरु बृहस्पति की शरण में गए।

Raksha Bandhan festival

गुरु बृहस्पति ने श्रावण पूर्णिमा के पवित्र दिन मंत्र पाठ करते हुए भगवान इंद्र के हाथ में रक्षासूत्र बांध दिया।

इस रक्षाबंधन के कारण इंद्र इतने शक्तिशाली हो गए कि उन्होंने दानवों को पराजित कर दिया।

तभी से श्रावण पूर्णिमा के दिन भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधा जाने लगा।

पांडवों के राजसूय यज्ञ में भंग डालने के कारण भगवान कृष्ण ने सुदर्शन चक्र से शिशुपाल का मस्तक काट दिया, तब चक्र से श्रीकृष्ण की उंगली घायल हो गई थी। द्रौपदी ने अपनी साड़ी का टुकड़ा फाड़कर श्रीकृष्ण की उंगली पर बांध दिया। इससे प्रसन्न होकर श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को आजीवन रक्षा का वचन दिया।

जब दुर्योधन ने जुए में युधिष्ठिर को हरा दिया तो उसने सारे दरबारियों, गुरुजन व पांडवों के सामने द्रोपदी का अपमान किया व उसके वस्त्रहरण का आदेश दे दिया। भगवान कृष्ण ने द्रौपदी की साड़ी इतनी लंबी कर दी कि वह दुष्ट चाहकर भी द्रौपदी की लाज नहीं हर सका।

Raksha Bandhan festival

भारतीय इतिहास में भी रक्षाबंधन से जुड़े अनेक प्रसंग आते हैं। महान सिकंदर व पोरस के बीच 326 ई. पू. में जो युद्ध हुआ था, एक प्रसंग उसका भी है। सिकंदर की पत्नी रोक्साना ने पोरस को राखी भेजकर विनती की थी कि वह उसके पति को हानि न पहुंचाए। राजा पोरस ने राखी का मान रखते हुए अवसर मिलने पर भी सिकंदर के प्राण नहीं लिये।

Raksha Bandhan festival

मुगल बादशाह हुमायूं व चित्तौड़ की रानी कर्णावती का प्रसंग भी रक्षाबंधन के त्योहार से संबंध रखता है। कर्णावती चित्तौड़ के राजा की विधवा थीं। 1535 ई. में गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह ने चित्तौड़ पर धावा बोल दिया। रानी ने हुमायूं को राखी भेजते हुए मदद मांगी।

Raksha Bandhan festival

हुमायूं रानी की राखी पाकर निहाल हो गया। वह अपनी सेना सहित तत्काल चितौड़ रवाना हो गया, किंतु बदकिस्मती से जब वह वहां पहुंचा तो रानी और चितौड़ की सभी स्त्रियों ने ‘जौहर’ यानी आग में कूदकर प्राण त्याग दिए थे, ताकि वे अपने मान की रक्षा कर सकें।

हुमायूं ने युद्ध में बहादुर शाह को हरा दिया और कर्णावती के पुत्र राजा विक्रमजीत सिंह को चितौड़ का राजा बना दिया।

रक्षाबंधन का समारोह

रक्षाबंधन का यह पवित्र त्योहार भारत के उत्तरी भागों में विशेष रूप से उमंग व उल्लास से मनाया जाता है। त्योहार की तैयारियां पहले से ही आरंभ हो जाती हैं। बाजार में रंग-बिंरगी एक से बढ़कर एक खूबसूरत राखियाँ मिलती हैं।

आजकल सोने-चांदी से बनी और हीरे-मोती जड़ी राखियां भी चलन में हैं। बहनें अपने प्यारे भाइयों के लिए बड़े चाव से राखियां खरीदती हैं। वे भाइयों के लिए मिठाइयां भी बनाती हैं। भाई भी बड़े उत्साह से बहनों के लिए उपहार खरीदते हैं।

Raksha Bandhan festival

रक्षाबंधन के दिन लोग सुबह जल्दी उठकर नए वस्त्र पहनते हैं। पूरा परिवार एक साथ मिलकर सबके सुख व कल्याण की कामना करता है।

बहनें इस त्योहार के लिए खास तौर से सजाई गई थाली या पूजा की थाली में रोली, चावल, दीपक, मिठाइयां व राखी लेकर भाइयों को राखी बांधने की तैयारी करती हैं। बहनें भाई को तिलक कर आरती उतारती हैं और उनके हाथ पर राखी का पवित्र धागा बांधकर मिठाई खिलाती हैं।

Raksha Bandhan festival

भाई आजीवन रक्षा का वचन देते हैं। स्नेह का यह नाता केवल सगे भाई-बहनों में ही नहीं होता। ममेरे, चचेरे भाई-बहन भी मिलकर यह त्योहार मनाते हैं, जिससे पूरे परिवार को एकत्र होने का अवसर मिलता है।

विवाहिता बहनें तो इस त्योहार का बेसब्री से इंतजार करती हैं, क्योंकि उन्हें मायके आने का मौका मिलता है।

जिन बहनों के भाई दूसरे शहरों में रहते हैं, वे कम-से-कम दस दिन पहले ही अपने भाई के लिए कोरियर से राखी भेज देती हैं। आजकल इंटरनेट पर भी कई ऐसी पेशकश होती हैं, जिनसे भाई के लिए राखी व मिठाई ऑर्डर कर सकते हैं।

बाजार में राखी के कई विशेष कार्ड व उपहार उपलब्ध हैं। स्कूलों में बच्चों को अपने हाथों से राखी बनाने को कहा जाता है।

Raksha Bandhan festival

भारत के विभिन्न भागों में राखी पूर्णिमा

हालांकि रक्षाबंधन का त्योहार उत्तर भारत में अधिक प्रचलित है, पर देश के दूसरे हिस्सों में भी राखी पूर्णिमा को अलग-अलग रीति-रिवाजों से मनाया जाता है।

देश के दक्षिणी इलाकों में इसे ‘अबनी अबीद्रम’ या ‘उपकारक’ के नाम से मनाते हैं। नेपाल में बड़े उल्लास से ‘जनई पूर्णिमा’ मनाई जाती है। इस पूर्णिमा को उत्तराखंड के कुमाऊं में ‘जंध्यम पूर्णिमा’, मध्य प्रदेश व बिहार में ‘कजरी पूर्णिमा’, उड़ीसा में ‘गम्हा पूर्णिमा’ और महाराष्ट्र व गुजरात में ‘नारियल पूर्णिमा’ के नाम से मनाया जाता है।

श्रावण पूर्णिमा के दिन बलराम जयंती भी होती है अर्थात् भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्म दिवस!

Raksha Bandhan festival

रक्षाबंधन का सामाजिक महत्त्व

रक्षाबंधन प्रेम, भावनाओं व समर्पण का त्योहार है। अन्य त्योहारों की तरह राखी का भी अपना ही सामाजिक महत्त्व है।

लड़कियां व महिलाएं केवल सगे व नाते के भाइयों को ही राखियां नहीं बांधतीं, निकट मित्र व पड़ोसी भी इस दायरे में आते हैं।

महान कवि रवींद्रनाथ टैगोर ने इस त्योहार को एक सामुदायिक त्योहार के रूप में मनाने का संदेश दिया ताकि लोगों के मन में राष्ट्रीय भावना जागृत हो सके।

Raksha Bandhan festival

भारत में देश के प्रधानमंत्री की कलाई पर भी राखी बांधने का चलन है, जो देश की देख-रेख करते हैं। कई महिलाएं उन जवानों को भी राखी बांधती हैं, जो सदा हमारी सीमाओं की रक्षा करते हैं। इस प्रकार इस त्योहार की भावना, भारतवासियों में एकता, प्रेम व भाईचारे को प्रोत्साहित करती है।

हमें पूरे उमंग, उल्लास व निष्ठा से इस त्योहार को मनाना चाहिए व ईश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए- “यह रक्षासूत्र सदा लोगों को प्रेम व शांति का संदेश देता रहे।”

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भाई बहन का त्यौहार ! रक्षा बंधन पर निबंध

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                                                                                                       (Paragraph, 10 Lines, anuched , Lekh)

Language : Marathi , Gujarati  

Essay on Rakhi in Hindi : दोस्तों आज हमने रक्षा बंधन पर निबंध  कक्षा (Class) 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 & 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है. Get Some Essay on Raksha Bandhan in Hindi For Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11 & 12 Students.

प्रस्तावना : रक्षा बंधन (राखी ) हिन्दू धर्म के प्रमुख त्यौहारों में से एक है जो पूरे भारत में उत्साह के साथ मनाया जाता हैं। इस त्योहार को राखी का त्योहार भी कहा जाता है। आज हम  इस आर्टिकल में इस अनमोल त्यौहार के बारे में जानेंगे।

यह रक्षा बंधन का त्यौहार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।पूरे भारत में इस दिन का माहौल देखने लायक होता हैं  और  होगी भी क्यों नहीं, यही तो एक ऐसा विशेष दिन है जो भाई बहन केलिए बना है।

रक्षा बंधन भाई बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक हैं। यूं कहे तो भारत में भाई बहनों  के बीच प्रेम और कर्तव्य कि भूमिका जताना किसी एक दिन कि मोहताज नहीं हैं। परन्तु रक्षा बंधन की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व की वजह से ही यह दिन इतना महत्वपूर्ण बना गया।

रक्षा बंधन के दिन क्या करते है

इस दिन सभी बहने अपने भाइयों को कलाई पर राखी बांधती हैं। बहने पूजा  कि थाली को कुम कुम,दिया, चावल, मिठाई और राखी से सजाती हैं। वह अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती है।

उनकी कलाई पर राखी बांधती है। वह भाइयों को मिठाई खिलाते है और उन केलिए शुभ कामनाएं करते है। भाई भी बहन को उपहार भेंट करते है और उनकी हर समय रक्षा करने कि प्रण लेते हैं।

  • राखी पर 10 लाइन l 

रक्षा बंधन के पीछे का इतिहास

भाई बहन का रिश्ता अनमोल होता है। सावन का महीना आते ही दुनिया भर के भारतीय जन राखी की तारीक़ जानने के लिए उत्सुक हो जाते है। कोई भी रिश्तेदारी ना होने के बावजूद भी राखी से भाई बहन का रिश्ता निभाने का मौका मिलता है।

राखी का इतिहास तो हमे महाभारत की युग से ही देखने को मिलता है। अब हम महाभारत कि कहानी जानेंगे।

भगवान श्री कृष्ण को श्रुत देवी नाम कि चाची थी। उन्होने शिशुपाल नामक एक विकृत रूप के बच्चे को जन्म दिया। बड़ो से उन्हें पता चलता है कि जिसके स्पर्श से शिशुपाल अच्छा और स्वास्थ्य होगा,  उसीके हाथो मारा जाएगा।

एक दिन श्री कृष्ण अपनी चाची के घर गए थे। जैसे ही श्रुतदवी ने श्री कृष्ण के हाथों में  अपने बेटे को रखी वह बच्चा सुंदर हो गया।

माना कि श्रुत देवी इस बदलाव को देख कर खुश होगई थी लेकिन उसकी मौत श्री कृष्ण के हाथों होने कि संभावना से वह विचलित होगई थी। वह श्री कृष्ण से प्रार्थना करने लगी कि भले ही शिशुपाल कोई गलती कर बैठे लेकिन  श्री कृष्ण के हाथों शिशु पाल को सजा नहीं मिलनी चाहिए।

तो श्री कृष्ण ने अपनी चाची से वादा किया कि”मै  उसकी गलतियों को माफ कर दूंगा लेकिन वो अगर सौ से अधिक गलतियां कर बैठेगा तो उसको अवश्य सजा दूंगा”।शिशु पाल बड़ा होकर चेदी नामक एक राज्य का राजा बन गया था। वो एक राजा भी था और साथ ही श्री कृष्ण के रिश्तेदार भी था। लेकिन वो बहुत क्रूर राजा बन गया।

अपने राज्य के लोगों को सताने लगा। भगवान श्री कृष्ण को बार बार चुनौती देने लगा। एक समय तो उसने भरी राज्य सभा में ही भगवान  श्री कृष्ण कि निंदा की। उस दिन शिशुपाल ने अपने सौ गलतियों कि सीमा पार कर दी थी।

तुरंत ही भगवान श्री कृष्ण ने अपने सुदर्शन चक्र कि सिशुपल के ऊपर प्रयोग कर दिया।  बहुत चेतावनी मिलने के बाद भी शिशुपाल ने अपने  गुण नहीं बदले  इसलिए अंत में  उसको सजा भुगतनी पड़ी।

भगवान श्री कृष्ण जब क्रोध से अपने सुदर्शन चक्र को छोड़ रहे थे उनके उंगली में भी चोट लगी थी। कृष्ण के आस पास के लोग  घाव पर कुछ बांधने के लिए इधर उधर ढूंढते भागने लगे लेकिन वहा पर  खड़ी रही द्रौपदी कुछ सोचे समझे बिना अपनी साड़ी के कोने को फ़ाड़ कर कृष्ण के घाव पर लपेट दी। तब श्री कृष्ण ने कहा “शुक्रिया प्यारी बहना तुम ने मेरे कष्ठ समय में मेरा साथ दिया।

तो मैं  भी तुम्हारे कष्ट में साथ देने कि वादा  करता हूं”। ये बात कहके श्री कृष्ण ने द्रौपदी को उनकी रक्षा  करने का आश्वासन दिया था और इस घटना से रक्षा बंधन का प्रारंभ शुरू हुआ।

बाद में जब कौरवों  ने पूरी राज्य सभा में सबके सामने द्रौपदी कि साड़ी खींचा , द्रौपदी को  अपमान से बचाकर अपना वादा कृष्ण ने निभाया।  उस समय से लेकर  बहने अपने भाइयों को राखी बांध रहे हैं और बदले में भाई जीवन भर बहन कि रक्षा  करने का शपथ करते  आरहे है। सावन मास की पूर्णिमा पर राखी के अलावा कुछ और त्यौहार भी मनाए जाते है।

कुछ लोग इसी दिन अपने यज्ञोपवीत बदलते हैं। इसलिए इस दिन को  जन्द्याल पूर्णिमा भी कहते है। इस दिन ओडिसा और पश्चिम बंगाल में कुछ लोग राधा और कृष्ण के मूर्तियों को पालने में रख कर  झूला झुलाते  है।

इसलिए इस  दिन को  झूलन पूर्णिमा भी कहते है।उत्तर भारत के कुछ राज्यों में इस दिन पर गेहूं के बीज बोते है इस लिए इस  दिन को  गजरी पूर्णिमा के नाम से पहचाना जाता है।

केरल और महा राष्ट्र के लोग इस दिन  को नारली पूर्णिमा  भी बुलाते है। इस दिन वे लोग समुद्र देवता की पूजा करते है। माना कि इस दिन  कई तरह के उत्सव  मनाते है लेकिन उनमें से लोक प्रिय और प्रमुख है रक्षा बंधन।

रक्षा बंधन की विशेषता

रक्षा बंधन का पर्व विशेष रूप से भावनाओं और संवेदनाओं का पर्व है।एक ऐसा बंधन जो दो जनो को स्नेह की धागे से बांध लेती है।रक्षा बंधन रक्षा करने के वचन का प्रतीक है।

त्योहार के महत्व का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करता है। इस राखी के धागे को पवित्र माना जाता है क्योंकि यह अपनी बहन को किए गए भाई के वचन की याद दिलाता है कि वह उसकी मृत्यु तक  रक्षा करेगा।

निष्कर्ष : आज के इस  भाग दौड़ भरी जिंदगी में हर कोई अपने  काम में व्यस्त रहते है। परन्तु रक्षा बंधन जैसे त्यौहार हमे  इस  व्यवस्था से कुछ पल कि  मुक्ति दिलाकर  अपने प्रिय जनों से मिलने का अवसर प्रदान करते है। इसीलिए  ये  है सबका प्यारा त्यौहार रक्षा बंधन।

Short Essay / Nibandh on Raksha Bandhan in Hindi in [250 Words] l Raksha Bandhan Par Anuched l Rakhi Par Anuched

परिचय :  यह रक्षा बंधन का त्यौहार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।पूरे भारत में इस दिन का माहौल देखने लायक होता हैं  और  होगी भी क्यों नहीं, यही तो एक ऐसा विशेष दिन है जो भाई बहन केलिए बना है।

राखी का इतिहास

एक बार की बात है, देवताओं और असुरों में युद्ध आरंभ हुआ। युद्ध में हार के परिणाम स्वरूप, देवताओं ने अपना राज-पाठ सब युद्ध में गवा दिया। अपना राज-पाठ पुनः प्राप्त करने की इच्छा से देवराज इंद्र देवगुरु बृहस्पति से मदद की गुहार करने लगे। तत्पश्चात देव गुरु बृहस्पति ने श्रावण मास के पूर्णिमा के प्रातः काल में निम्न मंत्र से रक्षा विधान संपन्न किया।

“येन बद्धो बलिराजा दानवेन्द्रो महाबलः।

तेन त्वामभिवध्नामि रक्षे मा चल मा चलः।”

इस पुजा से प्राप्त सूत्र को इंद्राणी ने इंद्र के हाथ पर बांध दिया। जिससे युद्ध में इंद्र को विजय प्राप्त हुआ और उन्हें अपना हारा हुआ राज पाठ दुबारा मिल गया। तब से रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाने लगा।

राखी की विशेषता

त्योहार के महत्व का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करता है।इस राखी के धागे को पवित्र माना जाता है क्योंकि यह अपनी बहन को किए गए भाई के वचन की याद दिलाता है कि वह उसकी मृत्यु तक  रक्षा करेगा।

निष्कर्ष : उपयुक्त पौराणिक कथा से यह स्पष्ट है की रेशम के धागे को केवल बहन ही नहीं अपितु गुरु भी अपने यजमान की सलामति की कामना करते हुए उसे बांध सकते हैं।

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Top 10 Lines on Raksha Bandhan – 10 Lines on Raksha Bandhan for students and Kids of Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12.

  • रक्षा बंधन भारत के विभिन्न हिस्सों में मनाया जाने वाला एक हिंदू त्योहार है।
  • यह त्योहार केवल भाइयों और बहनों द्वारा मनाया जाता है।
  • यह उन लोगों के लिए एक अद्भुत है जो अपने भाई से बहुत प्यार करते हैं।
  • रक्षा बंधन के दिन बहनें कुमकुम, दीया, चावल, मिठाई और राखी के साथ पूजा थाली तैयार करती हैं।
  • इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर एक विशेष धागा बांधती है।
  • बदले में एक भाई अपनी बहन की रक्षा के लिए एक लंबी उम्र की कसम खाता है।
  • बहन भी अपने भाई की सुरक्षा, अच्छे स्वास्थ्य और उज्ज्वल भविष्य के लिए भगवान से प्रार्थना करती है।
  • मिठाई और उपहारों का आदान-प्रदान भी रक्षा बंधन त्योहार का महत्वपूर्ण रिवाज है।
  • इस दिन पूरे परिवार में खुशी का माहौल होता है और इस दिन घर में विशेष व्यंजन भी बनाए जाते हैं।
  • यह त्यौहार भाई और बहन के रिश्ते के प्यार, प्यार के बंधन को दर्शाता है।

ये भी पढ़े :

  • Raksha Bandhan Quotes 2021
  • Raksha Bandhan Wishes 2021
  • Raksha Bandhan Status 2021
  • Raksha Bandhan Thoughts 2021
  • Raksha Bandhan Messages 2021
  • Raksha Bandhan Shayari 2021

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रक्षाबंधन निबंध | Raksha Bandhan Essay in Hindi

class 8 raksha bandhan essay in hindi

रक्षाबंधन एक प्रिय त्यौहार है जो भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को समर्पित है। इस दिन, बहनें अपने भाई की कलाई में राखी बाँधती हैं और भाई-बहन आपस में मिठाई बांटते हैं। वे एक-दूसरे के साथ खुशियों और दुखों में साथ रहने का आदान-प्रदान करते हैं और भाई की लंबी आयु की कामना करती हैं। रक्षाबंधन का खास महत्व स्कूल और कॉलेजों में भी होता है, जहां इसे त्योहारों के रूप में मनाया जाता है और छात्रों को इसके महत्व के बारे में जानकारी दी जाती है।

रक्षाबंधन निबंध | Raksha Bandhan Essay

रक्षाबंधन हिन्दुओं के मुख्य त्यौहारों में से एक है। हालाँकि हिन्दुओं के अलावा और अन्य धर्मों के लोग भी रक्षाबंधन का त्यौहार धूम-धाम से मानते हैं। सभी त्यौहारों की तरह रक्षाबंधन भी काफी उल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह परम्परा हमारे भारत देश में काफी प्रचलित है। आपको बता दें कि श्रावण मास की पूर्णिमा को रक्षाबंधन का त्यौहार मनाते हैं। हर साल हिन्दू और श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन रक्षा बंधन मनाया जाता है। रक्षा का मतलब सुरक्षा और बंधन का मतलब बाध्य होता है। रक्षाबंधन के दिन बहनें अपनी भाई की रक्षा और तरक्की के लिए प्रार्थना करती हैं।

रक्षाबंधन कब मनाया जाता है ?

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। श्रवण माह को आम भाषा में सावन का महीना भी कहते हैं। रक्षाबंधन सावन महीने के अंतिम दिन में इसलिए मनाया जाता है क्योकिं हिंदू धर्म के अनुसार सावन का महीना बहुत शुभ होता है।

कैसे मनाया जाता है रक्षाबंधन ?

यह हिंदू श्रावण मास (जुलाई-अगस्त) की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। यह भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। इस दिन बहनें सुबह तैयार होकर नये कपड़ें पहनकर थाली की सजावट करती है। जिसमें राखी, सिंदूर, चावल, और मिठाई को शामिल किया जाता है। बहनें भईयों के माथे पर तिलक, भाई की कलाई पर राखी बांधकर मिठाई खिलाते हैं। राखी बांधने के बाद भाई अपनी बहन को गिफ्ट देते हैं और वचन देते हैं कि हर मुसीबत पर मैं तुम्हारा साथ दूंगा और हमेशा तुम्हारे साथ खड़ा रहूंगा। राखी बांधना अब केवल भाई-बहनों के बीच की गतिविधि नहीं रह गई है। देश की रक्षा, पर्यावरण की रक्षा, हितों की रक्षा आदि के लिए भी राखी बांधी जा रही है।

रक्षाबंधन लेखन हिंदी में

  • रक्षाबंधन पर निबंध
  • रक्षाबंधन पर शायरी, कविता, कोट्स
  • रक्षाबंधन पर बधाई संदेश

क्यों मनाया जाता है रक्षा बंधन ?

पहले इस पेड़ को बांधी जाती थी राखी 

सदियों से चली आ रही परंपरा के मुताबिक पहले के समय में बहन भाई को राखी बांधने से पहले प्रकृति की सुरक्षा के लिए तुलसी और नीम के पेड़ को राखी बांधती है। 

रक्षाबंधन के दिन किस भगवान को मिली थी जीत

भविष्यपुराण के अनुसार कहा जाता है कि देवाताओँ और दैत्यों का बीच युद्ध हुआ। बलि नाम के असुर ने भगवान को इंद्र को हरा दिया था और अमरावती पर अपना आधिकार जमा लिया था। राजा बलि ने यज्ञ करके स्वर्ग पर अधिकार करने का प्रयास किया, तब देवराज इंद्र ने भगवान विष्णु से प्रार्थना की। विष्णु जी राजा बलि से भिक्षा मांगने वामन ब्राह्मण बनकर गए।

राजा बलि ने अपने गुरु की बात ना मान के भी भगवान के वामन अवतार को तीन पग भूमि दान कर दी। वामन भगवान ने तीन पग में आकाश-पाताल और धरती नाप कर राजा बलि को रसातल में भेज दिया। राजा बलि में अपनी भक्ति के बल पर विष्णु जी से हर समय अपने सामने रहने का वचन ले लिया। इससे लक्ष्मी जी इससे चिंतित हो गई। उनको चिंतित देख नारद जी ने उनको एक सलाह दी। नारद जी की सलाह पर लक्ष्मी जी बलि के पास गई और रक्षासूत्र बांधकर बलि को अपना भाई बना लिया। इसके बदले में वे विष्णु जी को अपने साथ ले आई। उस दिन श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि थी।

हमारे इतिहास में भी राखी के महत्व के कई उल्लेख मिलते हैं। मेवाड़ की महारानी कर्मावती ने मुगल बादशाह हुमायूँ को राखी भेजकर सुरक्षा की गुहार लगाई थी। हुमायूँ ने मुसलमान होते हुए भी राखी की लाज रखी थी।

इसके अलावा सिकंदर की पत्नी ने अपने पति के हिंदू दुश्मन पुरु को अपने भाई के रूप में राखी बांधी थी और युद्ध के दौरान सिकंदर को नहीं मारने की कसम खाई थी। पुरु ने युद्ध के दौरान अपने हाथ में राखी बांधकर अपनी बहन से किए गए वादे का सम्मान करते हुए सिकंदर को जीवनदान दिया।

रक्षा बंधन पर बनाये ये स्पेशल डिश

रक्षा बंधन पर स्वादिष्ट डिश ना बने ऐसा हो ही नहीं सकता। किसी भी त्यौहार की खुशी तब दुगनी हो जाती है जह उसमें मिठास पैदा हो जाये। वैसे तो रक्षा बंधन पर मार्किट से कई मिठाई लाई जाती हैं लेकिन आप इन मिठाईयों के साथ घर पर कुछ स्वादिष्ट और नई डिशेज बना सकती हैं।

  • काजू पिस्ता चोको रोल
  • ड्राई फ्रूट कचौड़ी
  • हरियाली पनीर कोपता

रक्षा बंधन पर 10 लाइनें

  • रक्षाबंधन भाई बहन का सबसे अनोखा त्यौहार है।
  • रक्षाबंधन सावन के महीने में मनाया जाता है।
  • रक्षाबंधन के दिन बहन अपने भाई की कलाई पर रेशम की राखी बांध कर अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करती है।
  • रक्षा बंधन को राखी का त्यौहार भी कहा जाता है।
  • राखी का त्यौहार हिंदू धर्म में मनाया जाता है।
  • राखी के दिन घरों में कई तरह के व्यजंन बनाये जाते हैं।
  • रक्षा बंधन के दिन लोग अपने पेड़ों,मशीनों, गाडियों, आदि पर राखी बांधते हैं जिससे उनका प्यार बरकरार रहता है।
  • दिल्ली में रक्षा बंधन के दिन बसों, मेट्रों, आदि का किराया नहीं लगता।
  • रेशम की राखी से लेकर सोने की राखी तक बांधी जाती है।
  • भाई अपनी बहन को उपहार देते हैं।

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