स्वास्थ्य और स्वच्छता पर निबंध

Health and Hygiene Essay in Hindi: अपने आसपास स्वच्छता होनी जरूरी है। स्वच्छता चाहे देश की हो या अपने घर की, इसे बनाये बनाए रखना बहुत ही जरूरी है। अन्यथा वह आपके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालते हैं। आज का आर्टिकल जिसमें हम स्वास्थ्य और स्वच्छता पर निबंध के बारे में जानकारी आप तक पहुंचाने वाले हैं।

इस निबंध में स्वास्थ्य और स्वच्छता के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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स्वास्थ्य और स्वच्छता पर निबंध | Health and Hygiene Essay in Hindi

स्वास्थ्य और स्वच्छता पर निबंध (250 शब्द).

स्वच्छता हमारे जीवन से जुड़ी हुई एक अच्छी आदत है। जिसे हर किसी को अपने जीवन में अपनाना चाहिए, क्योंकि स्वच्छता से मनुष्य के जीवन को मानसिक और शारीरिक रूप से बहुत से लाभ हो सकते हैं। अच्छा स्वास्थ्य किसी के भी जीवन को बेहतर बना सकता है। क्योंकि अच्छे स्वास्थ्य का मूल मंत्र स्वच्छता है। स्वच्छता का सीधा प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। यदि साफ सफाई नहीं होगी तो हमारा स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रह पाएगा।

स्वस्थ हम तभी रह सकते हैं, जब हम अपने आसपास की गंदगी को दूर कर बीमारियों से बचकर अच्छा जीवन जी सकते हैं। सभी लोगों को स्वच्छता को अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझनी चाहिए। और अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखने से कभी भी हिचकिचाना नहीं चाहिए। क्योंकि स्वच्छता एक स्वस्थ जीवन की कुंजी है।

इसीलिए भारत सरकार द्वारा आज के समय में गांधीजी के आदर्शों पर कायम होकर स्वच्छता अभियान निकाला गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों को साफ सफाई और स्वच्छता  के महत्व को समझाना है। स्वच्छता एक बहुत ही अच्छा आदत है और एक पुण्य का भी काम है जिसे जीवन का स्तर बढ़ाने के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी के रूप में हर एक व्यक्ति को इसका अनुसरण करना चाहिए। हमेशा से हम सुनते आए हैं कि हमारे जीवन में स्वच्छता और पवित्रता होना अत्यंत आवश्यक होता है, क्योंकि जहां साफ सफाई होती है वहीं पर ईश्वर निवास करते हैं।

इसीलिए आज के समय में लोगों को साफ सफाई को एक जिम्मेदारी के रूप में अपनाना चाहिए। और अपने घर को और आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखना चाहिए। इस आदत को लोगों को खुद भी अपनाना चाहिए और अपने बच्चों को भी अपनाने की प्रेरणा देनी चाहिए ,ताकि हमारा आने वाला जनरेशन एक स्वच्छ और शुद्ध वातावरण में जीसं

स्वास्थ्य तथा स्वच्छता पर निबंध (800 शब्द)

स्वास्थ्य और स्वच्छता एक दूसरे से परस्पर संबंधित हैं। उनका आपस में गहरा संबंध हैं। हमारे आसपास स्वच्छता होगी तभी हम स्वस्थ रह पाएंगे क्योंकि गंदगी हमेशा बीमारियों उत्पन्न करती हैं। स्वास्थ्य जीवन का सबसे बड़ा धन हैं और उसके लिए हमेशा सफाई रखना जरूरी हैं। सरकार ने भी इसके लिए सफाई कार्यक्रम चलाए हैं क्योंकि स्वच्छता और स्वास्थ्य हमारे लिए बहुत ज्यादा जरूरी हैं।

स्वच्छता हमें अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करती हैं। हमें ऐसे ही कूड़ा- करकट इधर-उधर नहीं फेंकना चाहिए। ना ही इधर-उधर पानी एकत्रित होने देना चाहिए क्योंकि इससे मच्छर इकट्ठे होते हैं। हमें प्रदूषण भी नहीं फैलाना चाहिए क्योंकि इससे हमारे स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ता हैं।

हमें अपने आसपास में शुद्धता बनाए रखनी चाहिए। स्वच्छता ही अच्छे स्वास्थ्य की चाबी हैं।स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता हैं इसलिए मनुष्य को अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए स्वच्छता बनाए रखनी चाहिए। माना जाता है कि स्वास्थ्य एक अमूल्य धन हैं। जो एक बार खो जाए तो फिर वापस नहीं आता हैं इसलिए हमें आसपास साफ-सफाई स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए।

स्वच्छता है तो स्वास्थ्य है हमें नियमित रूप से अपने शरीर ,घर ,आसपास के मोहल्ले की सफाई करनी चाहिए।अपने आसपास जितनी ज्यादा सफाई रहतीं है हमारा शरीर उतना ही ज्यादा तंदुरुस्त रहेगा। हमारे स्वास्थ्य व स्वच्छता के लिए है स्वच्छ भारत अभियान भी चलाया गया हैं।

स्वच्छता पर गौतम बुद्ध के विचार

गौतम बुध ने अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेने के लिए, किसी के परिवार सच्ची खुशी लाने के लिए, सभी को शांति दिलाने के लिए ,किसी को पहले अपने अनुशासन तथा अपने मन को नियंत्रित करना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति अपने दिमाग को नियंत्रित कर सकता हैं तो वह ज्ञान के मार्ग का पता लगा सकता हैं और सभी ज्ञान और गुण उसके पास स्वाभाविक रूप से आ जाएंगे। बुद्ध ने कहा है स्वास्थय सबसे बड़ा उपहार हैं, संतुष्टि सबसे बड़ी संपत्ति है, वफादारी सबसे अच्छा रिश्ता हैं। इसका मतलब है यदि हमारा दिमाग स्वस्थ हैं तो हमारा सभी के साथ साथ स्वस्थ रहेगा। इसका मतलब है हमारा दिमाग शांत रहेगा तो हम किसी भी व्यक्ति की उपस्थिति में शांतिपूर्ण व्यवहार करेंगे।

स्वास्थ्य पर महात्मा गांधी के विचार

महात्मा गांधी का कहना हैं स्वास्थ्य सबसे बड़ा धन हैं। सोने चांदी के टुकड़े नहीं। अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए अच्छी आदतों की जरूरत होती हैं। बीमारी तथा संक्रमण स्वच्छता के कारण कम हो रही हैं।

स्वच्छता और स्वास्थ्य में अंतर

स्वास्थ्य को शारीरिक तथा मानसिक रूप से तंदुरुस्ती के रूप में परिभाषित किया जाता हैं। जिसके अंतर्गत कोई विकार नहीं होना अर्थात जो किसी भी विकार से मुक्त हैं। स्वच्छता स्वास्थ्य को सुधारने के लिए उन दिनों की गतिविधियों को संदर्भित करती हैं। स्वच्छता अच्छी तथा सुखद दैनिकर्चया में हमारी सहायता करती हैं।

स्वच्छता का पहला स्त्रोत

जल स्वच्छता का प्रमुख तथा प्रथम स्त्रोत हैं। स्वच्छ जल अच्छे स्वास्थ्य तथा स्वच्छता का का प्रमुख स्रोत हैं। अशुद्ध पानी पीकर बीमारी होती हैं। गांव में अक्सर लोग तालाबों और नदियों में स्नान करते हैं। मवेशियों को भी स्नान कराते हैं, कपड़े धोते हैं और फिर यदि इस पानी का उपयोग यदि हम पीने के लिए करें तो इससे घातक बीमारीयां उत्पन्न हो सकती हैं क्योंकि बहुत सारे सूक्ष्म जीव मिल जाते हैं। इस पानी को उबाला जाना चाहिए इसके पश्चात उसमें कीटाणु नहीं रहते और यह पानी पीने योग्य बन सकता हैं।

स्वच्छता का दूसरा स्त्रोत

स्वच्छता का दूसरा संतुलित और पौष्टिक भोजन हैं। भोजन हमारे स्वास्थ्य का प्रमुख आधार हैं। बिना भोजन जीवन संभव नहीं हैं। भोजन हमारे शरीर को स्वस्थ रखता हैं। भोजन हमारे शरीर को शक्ति देता हैं। दुध सबसे पौष्टिक भोजन हैं जो हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करता हैं। बासी भोजन तथा ज्यादा भोजन करने की वजह से भी हमारा शरीर बीमार हो जाता हैं। जब भी कोई बीमारी या महामारी चलती है तो उस समय हमें भोजन के बारे में भी ध्यान रखने के लिए कहा जाता हैं। पौष्टिक आहार खाने के लिए कहा जाता हैं।

स्वच्छता हमारे अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही जरूरी हैं। इसलिए हमें आसपास हमेशा स्वच्छता बनाए रखनी चाहिए। साफ सफाई बनाए रखना बहुत ही जरूरी है। क्योंकि स्वच्छता नहीं होने की वजह से कई प्रकार की बीमारियां फैलती है। जो सीधा हमारे स्वास्थ्य पर प्रभाव डालती है। भारत सरकार द्वारा भी स्वच्छता अभियान चलाकर देश को साफ बनाया जा रहा है। ताकि देश में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर कम से कम प्रभाव पड़े।

दैनिक दिनचर्या और प्रतिस्पर्धी दुनिया मैं जीवन की लड़ाई लडने के लिए हमारे स्वस्थ होना बहुत जरूरी हैं। यदि कोई व्यक्ति संपूर्ण रूप से स्वस्थ हैं तो वह दुनिया का सबसे धनी व्यक्ति हैं। एक स्वस्थ शरीर में स्वस्थ दिमाग निवास करता हैं और हमारे विकास तथा सुखी दिनचर्या के लिए हमारा स्वास्थ्य बहुत ज्यादा जरूरी हैं। अच्छे स्वास्थ्य के लिए स्वच्छता का होना बहुत ज्यादा जरूरी हैं। हमारे आस-पास जितनी ज्यादा स्वच्छता रहेगी। हम इतने ज्यादा स्वस्थ रहेंगे। स्वच्छता और स्वास्थ्य परस्पर एक दूसरे से संबंधित हैं।

स्वच्छता और स्वास्थ्य दोनों एक दूसरे से संबंधित है। आज का हमारा आर्टिकल जिसमें हमने स्वास्थ्य और स्वच्छता पर निबंध( Health and Hygiene Essay in Hindi) के बारे में संपूर्ण जानकारी आप तक पहुंचाई है। हमें पूरी उम्मीद है, कि हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। यदि किसी व्यक्ति को इस आर्टिकल से संबंधित कोई सवाल है, तो वह हमें कमेंट में बताएं।

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स्वास्थ्य पर निबंध- Essay on Health in Hindi

In this article, we are providing information about Health in Hindi- A short Essay on Health in Hindi Language. स्वास्थ्य पर निबंध, Swasthya Par Nibandh for class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 students.

स्वास्थ्य पर निबंध | Health Essay in Hindi ये हिंदी निबंध Essay in 100, 150. 200, 300, 500, 800 words के बच्चे अपनी पढ़ाई के लिए इस्तेमाल कर सकते है।

स्वास्थ्य पर निबंध- Essay on Health in Hindi

( Essay-1 ) Health Essay in Hindi

स्वास्थ्य मनुष्य की सबसे बड़ी संपत्ति मानी जाती है। मानव शरीर एक मशीन की भाँति कार्य करता है। मस्तिष्क, हृदय, आँखें, कान, नाक, फेफड़े, गुर्दे आदि इस मानव रूपी मशीन के पुर्जे हैं। यदि इनमें कोई खराबी आ जाये तो मानव के शरीर रूपी मशीन सुचारू रूप से कार्य करना बंद कर देती है। तब कहा जाता है कि अमुक व्यक्ति ‘अस्वस्थ’ है अथवा ‘बीमार’ है। ऐसा व्यक्ति वैद्य, डाक्टर या हकीम के पास जाता है तथा दवा लेता है। इससे उसका शरीर पहले की भाँति सुचारू रूप से कार्य करना आरम्भ कर देता है तथा मनुष्य फिर स्वस्थ हो जाता है। विद्वान लोगों ने सदैव सोना, चांदी, रुपया पैसा को दौलत नहीं माना है बल्कि उनकी दृष्टि में मनुष्य की सच्ची दौलत उसका स्वास्थ्य होता है।

स्वस्थ शरीर ही स्वस्थ मस्तिष्क का आधार है। यदि किसी व्यक्ति का मस्तिष्क स्वस्थ है तो उसके विचार एवं कार्य भी स्वस्थ होंगे। अस्वस्थ मनुष्य का जीवन अत्यंत कष्टमय हो जाता है। उसकी किसी चीज में रुचि नहीं रहती है। उसमें किसी कार्य करने की क्षमता नहीं रहती है। इसके विपरीत एक स्वस्थ व्यक्ति अपने जीवन का पूर्ण आनन्द लेता है। वह अपने कार्यों को भी पूर्ण रुचि एवं सामर्थ्य के अनुसार पूरा करता है। प्रकृति ने स्वस्थ रहने के कुछ नियम भी बनाये हैं। जब-जब मनुष्य इन नियमों को तोड़ता है तब-तब उसे बीमारियाँ लग जाती हैं तथा वह अस्वस्थता के पाप से पीड़ित हो जाता है। अपने शरीर की अच्छी तरह सफाई,शुद्ध, ताजा एवं पौष्टिक भोजन, शुद्ध पेयजल, अपने आवास एवं आस-पास की अच्छी तरह सफाई, एक नियमित एवं अनुशासित दिनचर्या स्वस्थ रहने का मूलमंत्र हैं। अधिकतर रोग इन नियमों का पालन न करने के कारण ही उत्पन्न होते हैं।

अतः हमें इन नियमों का पालन करते हुये स्वस्थ रहने का प्रयास करना चाहिये क्योंकि स्वस्थ जीवन खुशियों से भरा होता है। किसी देश की प्रगति में भी स्वस्थ नागरिकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसीलिये लगभग सभी देश अपने नागरिकों की स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं के प्रति अत्यंत सजग रहते हैं तथा उन्हें स्वास्थ्य की बेहतर सुविधायें प्रदान करने का प्रयास करते हैं। भारतवर्ष में भी सरकार हर साल करोड़ों रुपया स्वास्थ्य सेवाओं पर व्यय कर देती है। वास्तव में स्वस्थ जीवन ईश्वर का सबसे अनमोल वरदान होता है।

( Essay-2 ) Swasthya | Swasth Par Nibandh | Health Essay in Hindi

परिभाषा

जिसका शरीर और मन अपने काम को तत्परता से करने के बावजूद थके-उकताए नहीं, बल्कि उसमें इसके बाद भी इतनी शक्ति बची रहे कि वह स्वयं प्रसन्न हो और प्रसन्नतापूर्वक दूसरे असमर्थों की सहायता कर सके, उनके काम निबटाने में हाथ बँटा सके—उसे ही हम कहेंगे ‘स्वस्थ’ और उसके इस सामर्थ्य को कहा जाएगा ‘स्वास्थ्य’ ।

भरे बोरे की तरह मोटा हो जाना अच्छे स्वास्थ्य की निशानी नहीं है, न ऐसी दुर्बलता ही, जिसे पछुआ हवा का एक झोंका पीपल के सूखे पत्ते की तरह उड़ाकर कहीं ले जाए। एक कोस चले तो हॉफने लगे, घंटेभर पढ़े, तो सिर चक्कर खा जाए; अपना मामूली सामान दस कदम ढोने में कुली के बिना काम न चले-उसे हम स्वस्थ कदापि न कहेंगे।

महत्ता

स्वास्थ्य मनुष्य की प्रथम संपत्ति है—ऐसा एमर्सन ने कहा है। वह ईश्वर के लुभावने वरदानों में सर्वोत्तम है। ऐसा स्वास्थ्य अमीरों के लिए वरदान है, गरीबों के लिए संपत्ति । ऐसे स्वास्थ्य को किसी भी महँगे मूल्य पर खरीदा नहीं जा सकता। इसके बिना संसार का भोग संभव नहीं है। जॉनसन के शब्दों में- “O health! health! the blessing of the rich! the riches of the poor! Who can buy thee at too dear a rate, since there is no enjoying this world without it?”

पत्थर-सी जिसकी मांसपेशियाँ हों, फौलाद-सी भुजाएँ हों, नस-नस में जिसके बिजली की तरह लहर दौड़ती हो, उसे हम स्वस्थ कहेंगे। वह चाहे तो अपनी पुष्ट भुजाओं से पर्वत को झुका दे, सागर की उन्मत ऊर्मियों को कँपा दे तथा पागल प्रभंजन की गति मोड़ दे; किंतु रुग्ण व्यक्ति अपनी ही देह पर भनभनाती मक्खियाँ तक नहीं उड़ा सकता, अन्य बातें तो दूर रहें।

स्वस्थ व्यक्ति की भुजाएँ वटवृक्ष की तरह निराश्रितों को आश्रय देती हैं, उनके विचार सघन घन की तरह फैलकर सुधा-सिंचन करते हैं; किंतु जिसके शरीर के ऊपर अस्वास्थ्य की डरावनी छाया मँडराने लगती हो, उसका जीवन उस पतले धागे पर टँगा रहता है, जिसे मृत्युदेवता जब चाहें तोड़ डालें। स्वस्थ व्यक्ति के नयनों में स्वप्न नाचते रहते हैं, उसके अंग-अंग में तरुणाई जँभाई लेती रहती है। किंतु, जो विटामिन की गोलियों से स्वास्थ्य उधार माँगते फिरते हैं तथा गालों पर ‘रूज’ लगाकर लाली की भ्रांति फैलाना चाहते हैं, दूसरों को भले धोखा दे लें, अपने को धोखा नहीं दे सकते। स्वास्थ्य की लाली तो खिलते गुलाब की लाली है, उसकी चमक तो सूरज की कुँआरी किरणों की चमक है।

अस्वस्थ का जीवन भार बन जाता है। छप्पन भोग से भरी थाली कारतूस की गोली मालूम पड़ती है, कश्मीर की सुनहली घाटी मृत्यु की तलहटी-सी प्रतीत होती है, संगीत के सुंदर सुर कर्णकटु और मन मगन करनेवाली किसी की खुली हँसी मन की कचोट हो उठती है।

अतः, यदि हम पृथ्वी का सारा सुख भोगना चाहते हैं, यदि हम राष्ट्र और विश्व की उन्नति करना चाहते हैं, यदि हम धर्मसाधन करना चाहते हैं, तो स्वास्थ्य-रक्षा के नियमों का पालन करें। महर्षि चरक ने लिखा है-स्वास्थ्य रूपी घर को ठीक रखने के तीन पाए हैं— उचित आहार, पूर्ण निद्रा और ब्रह्मचर्य। फ्रेंकलिन की उक्ति विख्यात है कि सबेरे सोना और सबेरे जागना मनुष्य को स्वस्थ, संपन्न एवं बुद्धिमान बनाता है । शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अति का वर्जन करना ही चाहिए— अतिभोजन, अतिजागरण, अतिशयन, अतिविलास, अतिश्रम इत्यादि । महात्मा गाँधी ने लिखा है – जो जीभ के स्वाद में पड़ा, उसका स्वास्थ्य अवश्य नष्ट हुआ। बैंडेल फिलिप्स का कथन है— स्वास्थ्य परिश्रम में वास करता है और उस तक पहुँचने का, श्रम को छोड़कर अन्य कोई मार्ग नहीं।

निष्कर्ष

अच्छा स्वास्थ्य सर्वोत्तम धन है (Health is wealth) । उसे किसी मूल्य पर खरीदा नहीं जा सकता। जीवन का स्वाद तभी मिलता है, जब मनुष्य स्वस्थ रहे। स्वस्थ के लिए यह पृथ्वी स्वर्ग है, अस्वस्थ के लिए नरक — रौरव नरक । स्वस्थ शरीर ही धर्म का साधन है, ‘शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्’ – कविकुलगुरु कालिदास ने ठीक ही कहा है। स्वस्थ मानव ही सृष्टि का सर्वोत्तम श्रृंगार है। अतः, जिस प्रकार हो, स्वस्थ रहने की पूरी चेष्टा करनी चाहिए। हम भी अपने ऋषि के स्वर में स्वर मिलाकर स्वीकार करें— ‘धर्मार्थकाममोक्षाणामारोग्यं मूलमुत्तमम्’, अर्थात् धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष चारों पुरुषार्थों का उत्तम आधार सुंदर स्वास्थ्य ही है।

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दा इंडियन वायर

स्वास्थ्य पर निबंध

health awareness essay in hindi

By विकास सिंह

health essay in hindi

स्वास्थ्य एक व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण को दर्शाता है। किसी व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेने के लिए कहा जाता है जब वह किसी भी शारीरिक बीमारियों से रहित होता है, मानसिक तनाव होता है और अच्छे पारस्परिक संबंधों का आनंद लेता है।

विषय-सूचि

स्वास्थ्य पर निबंध, health essay in hindi (200 शब्द)

लोकप्रिय धारणा के विपरीत, स्वास्थ्य का अर्थ केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ होना और किसी भी बीमारी से रहित होना नहीं है, इसका अर्थ व्यक्ति का समग्र कल्याण भी है। इसमें मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूत होना, स्वस्थ अंतर-व्यक्तिगत संबंधों को रखना, अच्छे संज्ञानात्मक कौशल होना और आध्यात्मिक रूप से जागृत होना शामिल है।

स्वस्थ होना कोई अवस्था नहीं है; यह जीवन का एक तरीका है। यह एक प्रक्रिया है। अपने शारीरिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए आपको हर दिन उचित आहार की आवश्यकता होती है। आप सप्ताह में दो दिनों के लिए पौष्टिक आहार नहीं ले सकते हैं और बाकी के लिए जंक पर हॉग कर सकते हैं और फिर भी स्वस्थ रह सकते हैं।

इसी तरह, आप एक ही दिन 24 घंटे नहीं सो सकते हैं और अगले तीन दिनों तक जाग सकते हैं। अच्छे आकार में रहने और अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेने के लिए स्वस्थ जीवन शैली को बनाए रखना आवश्यक है। पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करने के अलावा, स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए रोजाना पर्याप्त नींद और व्यायाम भी करना चाहिए।

अपने आप को उन लोगों से घेरना भी आवश्यक है जो सकारात्मकता लाते हैं और आपको नीचे खींचने के बजाय आपके सर्वश्रेष्ठ को बाहर लाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। सामाजिक रूप से सक्रिय होने और लोगों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने के अलावा, भीतर देखना भी आवश्यक है। अपनी आवश्यकताओं को बेहतर ढंग से समझने और अपने जीवन को सही दिशा में ले जाने के लिए हर दिन कुछ समय अपने आप बैठने के लिए निचोड़ें। यह आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

अच्छा स्वास्थ्य पर निबंध, good health essay in hindi (300 शब्द)

health essay in hindi

“स्वास्थ्य केवल आपके खाने के बारे में नहीं है। यह इस बारे में भी है कि आप क्या सोच रहे हैं और क्या कह रहे हैं। “आम तौर पर, किसी व्यक्ति को स्वस्थ तब कहा जाता है जब वह मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ हो और अच्छे स्वास्थ्य का आनंद ले सके। हालांकि, स्वास्थ्य इससे कहीं ज्यादा है। स्वास्थ्य की आधुनिक परिभाषा में विभिन्न अन्य पहलू शामिल हैं जिन्हें स्वस्थ जीवन का आनंद लेने के लिए बरकरार रखने की आवश्यकता है।

स्वास्थ्य की परिभाषा कैसे विकसित हुई?

प्रारंभ में, स्वास्थ्य का अर्थ केवल शरीर की अच्छी तरह से कार्य करने की क्षमता था। यह केवल शारीरिक बीमारी या बीमारी के कारण बाधित था। यह 1948 में था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) एक व्यक्ति के समग्र शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण के साथ स्वास्थ्य शब्द से जुड़ा हुआ है, न कि केवल बीमारी का अभाव है।

हालांकि इस परिभाषा को कुछ लोगों ने स्वीकार किया, लेकिन इसकी काफी आलोचना हुई। यह कहा गया था कि स्वास्थ्य की यह परिभाषा बेहद व्यापक थी और इस प्रकार यह अस्पष्ट थी। लंबे समय तक अव्यावहारिक होने के कारण इसे छोड़ दिया गया था। 1980 स्वास्थ्य की एक नई अवधारणा लेकर आया है। इसने स्वास्थ्य को जीने के लिए एक संसाधन के रूप में बताया और न केवल एक राज्य के रूप में।

आज, एक व्यक्ति को स्वस्थ माना जाता है यदि वह अच्छे शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, आध्यात्मिक और संज्ञानात्मक स्वास्थ्य का आनंद ले रहा है।

स्वास्थ्य को बनाए रखने का महत्व:

अच्छा स्वास्थ्य जीवन में विभिन्न अन्य कार्यों को पूरा करने का आधार बनता है। यहाँ है कि यह कैसे मदद करता है:

पारिवारिक जीवन: कोई व्यक्ति जो शारीरिक रूप से अनफिट है, वह अपने परिवार की देखभाल नहीं कर सकता है। इसी तरह, कोई व्यक्ति मानसिक तनाव का अनुभव कर रहा है और अपनी भावनाओं को संभालने में असमर्थता अच्छे पारिवारिक संबंधों का निर्माण और प्रचार नहीं कर सकता है।

कार्य: यह बिना कहे चला जाता है कि शारीरिक रूप से अनफिट व्यक्ति ठीक से काम नहीं कर सकता है। अच्छी तरह से काम करने के लिए अच्छा मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही आवश्यक है। काम पर पहचान पाने के लिए अच्छे सामाजिक और संज्ञानात्मक स्वास्थ्य का भी आनंद लेना चाहिए।

अध्ययन: गरीब शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य अध्ययन में बाधा है। अच्छी तरह से अध्ययन करने के लिए अच्छे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के अलावा अच्छे संज्ञानात्मक स्वास्थ्य को बनाए रखना महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष:

अपने स्वास्थ्य का अत्यधिक ध्यान रखना आवश्यक है। यह केवल तभी है जब आप स्वस्थ होंगे आप अपने जीवन के अन्य पहलुओं का अच्छे से ध्यान रख पाएंगे।

स्वास्थ्य पर निबंध, good health essay in hindi (400 शब्द)

स्वास्थ्य उस राज्य को दिया गया नाम है जहाँ व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ है, उसके पारस्परिक संबंध अच्छे हैं और वह आध्यात्मिक रूप से जागृत है। एक संपूर्ण जीवन का आनंद लेने के लिए व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य के हर पहलू का अत्यधिक ध्यान रखना चाहिए।

स्वास्थ्य को अनुकूलित करने की तकनीक:

स्वास्थ्य को अनुकूलित करने में सहायता के लिए यहां कुछ सरल तकनीकें दी गई हैं:

स्वस्थ आहार योजना का पालन करें:  अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने की दिशा में पहला कदम विभिन्न सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर आहार है। आपके आहार में विशेष रूप से ताजे फल और हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल होनी चाहिए। इसके अलावा दालें, अंडे और डेयरी उत्पाद हैं जो आपके संपूर्ण विकास और अनाज में मदद करते हैं जो आपको पूरे दिन चलने के लिए ऊर्जा प्रदान करते हैं।

उचित आराम करें:  अपने शरीर को स्वस्थ रहने और काम करने के लिए ऊर्जा बनाए रखने के लिए पर्याप्त आराम देना आवश्यक है। इसके लिए रोजाना 8 घंटे की नींद जरूरी है। किसी भी हालत में आपको अपनी नींद से समझौता नहीं करना चाहिए। नींद की कमी आपको सुस्त बनाती है और आपको शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से नालियां बना देती है।

नियमित व्यायाम करें: यह आपकी पसंद के किसी भी शारीरिक व्यायाम में लिप्त होने के लिए अपने दैनिक कार्यक्रम से कम से कम आधा घंटा निकालने का सुझाव दिया गया है। आप ब्रिस्क वॉकिंग, जॉगिंग, स्विमिंग, साइकिलिंग, योगा या अपनी पसंद के किसी अन्य व्यायाम की कोशिश कर सकते हैं। यह आपको शारीरिक रूप से फिट रखता है और आपके दिमाग को आराम देने का एक शानदार तरीका भी है।

ब्रेन गेम्स खेलें:  आपके लिए शारीरिक व्यायाम करना जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही आपके लिए ब्रेन गेम खेलना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। ये आपके संज्ञानात्मक स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं।

ध्यान लगाएं:  ध्यान अपने मन को शांत करने और आत्मनिरीक्षण में बैठने का एक शानदार तरीका है। यह आपको उच्च स्थिति में ले जाता है और विचारों की अधिक स्पष्टता देता है।

अपने आसपास सकारात्मक लोगों को रखें:  सकारात्मक लोगों के साथ खुद को घेरना आपके लिए जरूरी है। उन लोगों के साथ रहें, जिनके साथ आप स्वस्थ और सार्थक चर्चा में लिप्त हो सकते हैं और वे भी जो आपको हतोत्साहित करने के बजाए आपके भीतर श्रेष्ठता लाते हैं। यह आपके भावनात्मक के साथ-साथ सामाजिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।

रूटीन चेक-अप के लिए जाएं:  वार्षिक स्वास्थ्य जांच के लिए नामांकन करना एक अच्छा विचार है। एहतियात हमेशा इलाज से बेहतर है। इसलिए यदि आपको रिपोर्ट में किसी भी प्रकार की कमी या ऐसा कोई मुद्दा दिखाई दे तो आप चिकित्सा सहायता ले सकते हैं और ठीक होने से ठीक पहले उसे ठीक कर सकते हैं।

आज, लोग एक दुसरे से प्रतिस्पर्धा में इतने फंस गए हैं कि वे अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना भूल जाते हैं। यह समझना आवश्यक है कि स्वास्थ्य पहले आता है। स्वास्थ्य का अनुकूलन करने और आनंदपूर्वक जीने के लिए पूर्वोक्त बिंदुओं का पालन करना चाहिए।

स्वास्थ्य पर निबंध, health essay in hindi (500 शब्द)

स्वास्थ्य शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण की स्थिति है। स्वास्थ्य का प्रमुख महत्व है और बाकी सब कुछ बाद में आता है। अच्छी सेहत बनाए रखना हम हवा में सांस लेने, पीने के पानी, हम जो खाना खाते हैं, जिस तरह के लोगों से हम निपटते हैं और व्यायाम की मात्रा में हम शामिल हैं, सहित कई कारकों पर निर्भर करता है।

मानसिक स्वास्थ्य शारीरिक स्वास्थ्य जितना ही महत्वपूर्ण है:

जहां एक व्यक्ति के शुरुआती वर्षों से ही शारीरिक रूप से स्वस्थ होने पर बहुत अधिक महत्व दिया जाता है, वहीं कई लोग भावनात्मक और मानसिक रूप से मजबूत रहने के लिए जरूरत और महत्व को नजरअंदाज कर देते हैं। यह समय है कि लोगों को यह समझना चाहिए कि मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखना और उस दिशा में काम करना कितना महत्वपूर्ण है।

माता-पिता को अक्सर उनके बच्चों को खाने के लिए महत्व देना चाहिए और उनके शारीरिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए स्वच्छता के स्तर को बनाए रखने की आवश्यकता होती है। कई माताओं को अपने बच्चों के खाने की आदतों पर चिंता दिखाई देती है। वे अपने बच्चों को शारीरिक रूप से फिट और ऊर्जावान बनाए रखने के लिए विभिन्न माध्यमों का उपयोग करके भोजन करने के लिए मजबूर करते हैं।

लेकिन हमने शायद ही किसी को देखा हो जो अपने बच्चे के दिमाग में क्या चल रहा है, इसे समझने के लिए उतना ही ध्यान देता है। माता-पिता अक्सर अपने बच्चों को कार्य करने के लिए निर्देश देते हैं, लेकिन यह विश्लेषण करने की कोशिश नहीं करते हैं कि उनका बच्चा किसी चीज से परहेज या इनकार क्यों कर रहा है। बच्चों के साथ समय बिताना और उनकी भावनात्मक जरूरतों को पूरा करना उतना ही ज़रूरी है जितना उन्हें खाना खिलाना।

यह न केवल बच्चों के लिए बल्कि हर उम्र के लोगों के लिए अच्छा है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को उतना ही महत्व देना चाहिए जितना वह अपने शारीरिक कल्याण को देता है। यह इसी की कमी है जो अवसाद, उच्च रक्तचाप और तनाव जैसी समस्याओं को जन्म दे रहा है।

भारत में स्वास्थय देखभाल:

भारत के नागरिकों के लिए कोई राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा प्रणाली नहीं है। यही कारण है कि निजी क्षेत्र देश में मुख्य स्वास्थ्य सेवा प्रदाता है। जबकि देश में कई स्थानों पर सरकारी अस्पताल हैं जहाँ निदान मुफ्त में किया जाता है और लोगों को मुफ्त दवाएँ भी दी जाती हैं, बहुत से लोग स्वच्छता की कमी के कारण इन सुविधाओं का दौरा करने में संकोच करते हैं। इसके अलावा, इन सेवाओं की मुफ्त सेवाओं के बाद से यहाँ बहुत प्रतीक्षा है।

सरकार को इन सुविधाओं को बनाए रखने के लिए काम करना चाहिए और इनमें से अधिक स्थापित करना चाहिए ताकि हर नागरिक की जरूरतों को पूरा किया जा सके। भारत में आम आदमी को भारी स्वास्थ्य देखभाल खर्च वहन करने की आवश्यकता होती है। उनके द्वारा की गई अधिकांश बचत उनके परिवार के स्वास्थ्य की देखभाल करने में खर्च की जाती है। हेल्थकेयर इंश्योरेंस खरीदने वालों को भी अपनी जेब से राशि खर्च करनी पड़ती है, जब यह विभिन्न उपचारों से गुजरना पड़ता है क्योंकि इन नीतियों में खामियां हैं।

जीवन में हर कदम पर इतनी प्रतिस्पर्धा है। प्रत्येक व्यक्ति दूसरे को पछाड़ना चाहता है, चाहे वह स्कूल या कॉलेज स्तर पर हो या जीवन में बाद में जीवनशैली को बनाए रखने और अपने स्वास्थ्य को पीछे ले जाने के लिए। लोगों को इस तथ्य को पहचानना चाहिए कि स्वास्थ्य पहले आता है। यह तभी है जब हम स्वस्थ हों हम जीवन के अन्य पहलुओं पर बेहतर काम कर सकते हैं। सरकार को देश की भलाई के लिए अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए।

स्वास्थ्य पर निबंध, health essay in hindi (600 शब्द)

स्वास्थ्य को शुरू में एक अवस्था के रूप में जाना जाता था जिसमें एक व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से फिट था। किसी व्यक्ति के बीमार पड़ने या अन्य शारीरिक बीमारियों से पीड़ित होने पर उसे बाधित होने के लिए कहा गया था। हालांकि, दशकों से, स्वास्थ्य की परिभाषा में बदलाव आया है और यह अब एक व्यापक परिप्रेक्ष्य को कवर करता है।

स्वास्थ्य के विभिन्न घटक:

स्वास्थ्य के मूल रूप से पाँच घटक हैं। एक व्यक्ति को स्वस्थ माना जाता है जब ये सभी जांच में होते हैं। इन घटकों पर एक नज़र है:

शारीरिक स्वास्थ्य: शारीरिक स्वास्थ्य किसी भी बीमारी या बीमारी से रहित, शारीरिक रूप से स्वस्थ हो रहा है। अच्छा शारीरिक स्वास्थ्य लंबे जीवन काल को बढ़ावा देता है।

शारीरिक स्वास्थ्य कैसे बनाए रखें?

  • एक उचित आहार योजना का पालन करें जिसमें सभी आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व शामिल हैं
  • ऑयली, शुगर और जंक फूड का सेवन कम करें
  • धूम्रपान, शराब पीने और ड्रग्स लेने से बचें
  • रोजाना पर्याप्त नींद लें
  • नियमित रूप से व्यायाम करें
  • नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए जाएं
  • मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य
  • इसमें एक व्यक्ति का मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक कल्याण शामिल है। हमारा मानसिक स्वास्थ्य मूल रूप से विभिन्न स्थितियों को महसूस करने, सोचने और संभालने के तरीके को प्रभावित करता है। मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखना उतना ही आवश्यक है जितना कि शारीरिक स्वास्थ्य को अक्षुण्ण रखना।

मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य कैसे बनाए रखें?

  • अपने शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें
  • मूल्य और खुद का सम्मान करें
  • अच्छे और सकारात्मक लोगों के साथ खुद को घेरें
  • ध्यान
  • व्यायाम में लिप्त रहें
  • तनाव से निपटने के तरीके जानें
  • सामाजिक स्वास्थ्य
  • सामाजिक स्वास्थ्य एक व्यक्ति की अपने दोस्तों, पड़ोसियों, रिश्तेदारों और समाज के अन्य लोगों के साथ पारस्परिक संबंधों को बनाने और बनाए रखने की क्षमता है। यह एक व्यक्ति की उचित रूप से कार्य करने की क्षमता और विभिन्न सामाजिक स्थितियों के अनुकूल होने का भी उल्लेख करता है।

सामाजिक स्वास्थ्य कैसे बनाए रखें?

  • खुद को तैयार करो
  • प्रभावी ढंग से संवाद करने के लिए अच्छे संचार कौशल सीखें
  • मिलनसार और सकारात्मक रहें
  • क्रोध प्रबंधन की कला सीखें
  • सामाजिक समारोहों में भाग लें
  • एक अच्छे श्रोता बनो
  • संज्ञानात्मक स्वास्थ्य
  • जब किसी व्यक्ति का मस्तिष्क सभी मानसिक प्रक्रियाओं को कुशलतापूर्वक कर सकता है, तो उसे अच्छे संज्ञानात्मक स्वास्थ्य का आनंद लेने के लिए कहा जाता है। प्रक्रियाओं और गतिविधियों में नई चीजें सीखना, अच्छा निर्णय, भाषा का कुशल उपयोग अपनी बात और मजबूत अंतर्ज्ञान का संचार करना शामिल है।

संज्ञानात्मक स्वास्थ्य कैसे बनाए रखें?

  • स्वस्थ खाओ
  • हर दिन 8 घंटे की नींद लें
  • मस्तिष्क की शक्ति को बढ़ाने के लिए ब्राह्मी, अहवागंधा और कैलामस जैसी जड़ी-बूटियां लें
  • शतरंज, सुडोकू, शब्द पहेली आदि जैसे दिमागी खेल खेलें
  • सार्थक चर्चाओं में लिप्त
  • मल्टीटास्क न करें
  • व्यायाम
  • आध्यात्मिक स्वास्थ्य
  • यह मूल रूप से जीवन के अर्थ को समझने के लिए किसी व्यक्ति के आंतरिक स्व के साथ संबंध की भावना स्थापित कर रहा है। आध्यात्मिक स्वास्थ्य को अक्षुण्ण रखने से व्यक्ति जीवन में अधिक सकारात्मक, धैर्यवान और क्रमबद्ध बनता है।

आध्यात्मिक स्वास्थ्य कैसे बनाए रखें?

  • प्रत्येक दिन कुछ समय के लिए आत्मनिरीक्षण में बैठने का समय निकालें।
  • यदि आप विचार करते समय ध्यान केंद्रित नहीं कर सकते हैं तो एक डायरी लें और अपने विचारों को कलमबद्ध करें
  • गहरी सांस लेने का अभ्यास करें
  • योग का अभ्यास करें
  • प्रार्थना करना

सांस्कृतिक स्वास्थ्य क्या है?

यह मूल रूप से एक शिक्षा अनुशासन है जो उचित सांस्कृतिक जानकारी के बारे में शिक्षित करता है। यह अंतर-सांस्कृतिक या अंतर-सांस्कृतिक क्षमता को संदर्भित करता है जो प्रभावी क्रॉस-सांस्कृतिक संचार स्थापित करने के लिए आवश्यक है।

इसे चार श्रेणियों में बांटा गया है:

राष्ट्रीय: यह उस व्यक्ति के मूल्यों, सिद्धांतों और हितों के बारे में सांस्कृतिक साक्षरता पर केंद्रित है जो किसी व्यक्ति का है।

चिकित्सा: यह चिकित्सा प्रतिनिधियों और संगठनों की सांस्कृतिक क्षमता पर केंद्रित है।

जातीय: यह सांस्कृतिक साक्षरता पर ध्यान केंद्रित करता है जो एक व्यक्ति से संबंधित जातीय समूह के मूल्यों, सिद्धांतों और हितों के बारे में है।

शिक्षा: यह छात्रों और पेशेवरों की सांस्कृतिक साक्षरता पर केंद्रित है। कई स्कूलों ने इसे अपने पाठ्यक्रम में शामिल करना शुरू कर दिया है।

स्वास्थ्य का मतलब केवल यह नहीं है कि आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में ऊपर वर्णित विभिन्न अन्य तत्वों का समावेश हो। जबकि अच्छा शारीरिक स्वास्थ्य एक स्वस्थ जीवन के लिए आधार देता है, आपको संपूर्ण जीवन का आनंद लेने के लिए अन्य सभी स्वास्थ्य घटकों को बरकरार रखना चाहिए।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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स्वास्थ्य पर निबंध | Essay on Health in Hindi

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स्वास्थ्य पर निबंध | Essay on Health in Hindi!

स्वास्थ्य पर निबंध | Essay on Health

Essay # 1. स्वास्थ्य का अर्थ:.

स्वास्थ्य का अत्यंत व्यापक अर्थ है । जहाँ किसी जीव-जंतु के संदर्भ में यह शारीरिक, क्रियात्मक या उपापचयी (मेटाबोलिक) स्थिति या क्षमता का द्योतक है, वहीं मानवीय संदर्भ में यह व्यक्ति के शरीर, मस्तिष्क एवं मनोवृत्ति को दर्शाता है । दूसरे शब्दों में, बीमारी व दुःख दर्द से मुक्ति की अवस्था ही स्वास्थ्य है ।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सन् 1946 में इसे व्यापक रूप से परिभाषित किया है, जिसके अनुसार, स्वास्थ्य का अर्थ बीमारी या कमजोरी का न होना ही नहीं है, बल्कि शारीरिक मानसिक एवं सामाजिक कल्याण की पूर्ण अवस्था ही स्वास्थ्य है ।

यद्यपि यह परिभाषा विवाद का विषय रही है विशेषकर इस दृष्टि से कि इसमें परिचालनगत मूल्य का अभाव है तथा ‘पूर्ण’ शब्द के प्रयोग से उत्पन्न समस्या के कारण भी इसे सर्वथा स्वीकार करना कठिन है । फिर भी, यह सर्वाधिक टिकाऊ वर्गीकरण प्रणाली है जिसे स्वास्थ्य के उपादानों को परिभाषित करने एवं मापन की दृष्टि से सामान्यतः इस्तेमाल किया जाता है ।

ADVERTISEMENTS:

स्वास्थ्य की देखभाल एवं अभिवृद्धि शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक कल्याण के विभिन्न संयोजनों पर आधारित है, जिन्हें कभी-कभी सामूहिक रूप से ‘स्वास्थ्य त्रिभुज’ कहा जाता है । विश्व स्वास्थ्य संगठन के ओटावा स्वास्थ्य सवर्द्धन चार्टर के अनुसार स्वास्थ्य एक अवस्था मात्र नहीं है, बल्कि ”दैनंदिन जीवन का साधन-स्रोत है. न कि जीने का उद्देश्य मात्र । स्वास्थ्य एक सकारात्मक अवधारणा है, जो सामाजिक एवं व्यक्तिगत साधन स्रोतों तथा शारीरिक क्षमताओं पर बल देती है ।”

आरोग्य-प्रदाता मनुष्यों को रोगों से बचाने या उनकी स्वास्थ्य-सम्बन्धी समस्याओं के निराकरण तथा अच्छे स्वास्थ्य के सवर्द्धन हेतु व्यवस्थित गतिविधियों का संचालन करते हैं । ‘स्वस्थ’ शब्द का प्रयोग बहुत से निर्जीव संगठनों तथा मनुष्यों पर उनके लाभकारी प्रभावों के संदर्भ में व्यापक रूप से किया जाता है ।

जैसे – स्वस्थ समुदायों, स्वस्थ नगरों या स्वस्थ पर्यावरणों के अर्थ में अच्छे स्वास्थ्य के उद्‌देश्य से किए जाने वाले उपायों तथा किसी व्यक्ति के परिवेश के अतिरिक्त, अन्य कई ऐसे तथ्य होते है, जो किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य की स्थिति को प्रभावित करते हैं । ये तथ्य हैं – मनुष्य की पृष्ठभूमि, जीवन-शैली, आर्थिक एवं सामाजिक स्थितियों । इन्हें ही स्वास्थ्य का निर्धारक कहा जाता है ।

सामान्यतः जिस परिवेश में व्यक्ति रहता है, उसका महत्व उसके स्वास्थ्य की स्थिति एवं जीवन की गुणवत्ता की दृष्टि से अवश्य होता है । इस तथ्य को व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है कि स्वास्थ्य की देखभाल एवं स्वास्थ्य सुधार केवल स्वास्थ्य-विज्ञान की प्रगति और प्रयोग के माध्यम से ही संभव नहीं है ।

इसके लिए आवश्यक है कि व्यक्ति एवं समाज निजी स्तर पर प्रयास करें तथा बुद्धिमतापूर्ण जीवन-शैली के विकल्पों को अंगीकार करे । विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रमुख स्वास्थ्य निर्धारक हैं – सामाजिक एवं आर्थिक पर्यावरण, भौतिक पर्यावरण तथा व्यक्ति की निजी विशेषताएं एवं उसका व्यवहार ।

और अधिक स्पष्ट करें , तो लोग स्वस्थ हैं अथवा अस्वस्थ इसे प्रभावित करने वाले प्रमुख तथ्य निम्नलिखित हैं:

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Essay on Health and Hygiene in Hindi – स्वास्थ्य और स्वच्छता निबंध

Essay on Health and Hygiene in Hindi:  आज हम  500+ स्वास्थ्य और स्वच्छता पर निबंध  हिंदी में लिखने वाले हैं। यह निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए है।

Essay on Health and Hygiene in Hindi – स्वास्थ्य और स्वच्छता पर निबंध

आधुनिक समय में, किसी के स्वास्थ्य और स्वच्छता का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। बढ़ती आबादी के स्तर, प्रदूषण के स्तर, हानिकारक गैसों के उत्सर्जन के साथ, सभी को अपने स्वास्थ्य और स्वच्छता को बनाए रखना प्राथमिकता है। स्वास्थ्य और स्वच्छता निबंध आपको विभिन्न तरीकों से मार्गदर्शन करता है जिसमें व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य के बारे में पता होना चाहिए।

Essay on Health and Hygiene in Hindi

मानव शरीर के लिए, स्वास्थ्य एक सकारात्मक स्थिति है जहाँ मन और शरीर का प्रत्येक भाग सामंजस्य में होता है। इसके अतिरिक्त, यह अन्य भागों में भी कार्य कर रहा है और संतुलन बना रहा है। इस प्रकार, दूसरे शब्दों में, जब शरीर के सभी अंग अच्छी तरह से काम कर रहे होते हैं, तो मानव शरीर की इस शारीरिक भलाई की स्थिति को स्वास्थ्य कहा जाता है। यह अच्छी तरह से कहा जाता है और साबित होता है कि एक स्वस्थ व्यक्ति वह व्यक्ति है जिसके पास एक ध्वनि शरीर और एक ध्वनि दिमाग है। स्वास्थ्य जीवन की उन विशेषताओं में से एक है जो व्यक्ति को लंबे समय तक जीने में मदद करती है।

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, स्वास्थ्य पूर्ण मानसिक, आध्यात्मिक, शारीरिक और सामाजिक कल्याण की स्थिति है और न केवल बीमारी की अनुपस्थिति है। यदि कोई व्यक्ति अच्छी शारीरिक अवस्था में है और किसी भी बीमारी से मुक्त है, लेकिन लगातार तनाव, लालच, तनाव, क्रोध आदि से गुजर रहा है, तो वह व्यक्ति स्वस्थ नहीं है।

स्वच्छता अच्छी प्रथाओं और अनुष्ठानों को संदर्भित करती है जो बीमारियों को रोकती हैं और अच्छे स्वास्थ्य की ओर ले जाती हैं। इस प्रकार, इसमें मुख्य रूप से उचित सीवेज निपटान, स्वच्छता और सुरक्षित पेयजल आपूर्ति शामिल है। तो, इसमें उन सभी गतिविधियों को शामिल किया गया है जो ध्वनि स्वास्थ्य को बनाए रखने के साथ-साथ संरक्षण और सुधार के लिए किए जाते हैं।

बेहतर स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिए अच्छी आदतें

अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्यक्ति को पौष्टिक भोजन खाने की आवश्यकता होती है। भोजन का कुछ हिस्सा जो हम लेते हैं वह शरीर को गर्म रखने के लिए फिट बैठता है। जबकि दूसरे हिस्से से मांस निकलता है जो ताकत देने में मदद करता है। सबसे पौष्टिक भोजन में से एक शुद्ध दूध माना जाता है। सब्जियों की तरह कई अन्य चीजें हैं जो हम आमतौर पर पौष्टिक भोजन लेने के लिए लेते हैं। मानव शरीर के लिए, एक मिश्रित आहार सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है। हमारे शरीर को चलाने के लिए इसमें पर्याप्त मात्रा में खनिज, विटामिन और कैलोरी होनी चाहिए।

अच्छे स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रमुख स्रोतों में से एक शुद्ध पानी है। हालांकि यह एक सामान्य बात लगती है, पानी एक आवश्यक चीज है जो हमारे शरीर को बनाता है। अशुद्ध पानी पीने के कारण कई लोग बीमार हो जाते हैं। इसके अलावा, यह ज्यादातर उन गांवों में होता है जहां लोग नहाते हैं, कपड़े धोते हैं और उसी पानी में झोपड़ी साफ करते हैं। इस प्रकार, जब इस पानी का उपयोग पीने के उद्देश्यों के लिए किया जाता है, तो इसके परिणामस्वरूप खतरनाक स्वास्थ्य हो सकता है।

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स्वच्छता अच्छे स्वास्थ्य के सबसे महत्वपूर्ण तत्वों में से एक है। इस प्रकार, अपने आप को और अपने आस-पास को साफ और स्वच्छ रखना एक महत्वपूर्ण स्वच्छता आदत है। जब भी गंदगी होती है तो उसमें कीटाणु पनपते हैं। इसके अलावा, गंदगी हवा में हल्की होती है और इस तरह यह हवा में घूमती है। तो, एक गंदा आदमी अक्सर वह होता है जो विभिन्न बीमारियों के साथ आसानी से हमला करता है।

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Essays - निबंध

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स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध 100, 150, 200, 250, 300, 500, 1000, शब्दों मे (Health Is Wealth Essay in Hindi) 10 lines

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Health Is Wealth Essay in Hindi – स्वास्थ्य हमारे लिए ईश्वर का उपहार है। स्वास्थ्य से तात्पर्य मनुष्य की शारीरिक और मानसिक स्थिति से है। स्वस्थ रहना कोई विकल्प नहीं बल्कि सुखी जीवन जीने की आवश्यकता है। अच्छे स्वास्थ्य के बुनियादी नियम हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन, हमारे द्वारा किए जाने वाले शारीरिक व्यायाम की मात्रा, हमारी स्वच्छता, आराम और विश्राम से संबंधित हैं। एक स्वस्थ व्यक्ति आमतौर पर अधिक आत्मविश्वासी, आत्मविश्वासी, मिलनसार और ऊर्जावान होता है। एक स्वस्थ व्यक्ति चीजों को शांति से और बिना किसी पूर्वाग्रह के देखता है।

परिचय (Introduction)

“दलाई लामा से जब पूछा गया कि उन्हें मानवता के बारे में सबसे अधिक आश्चर्य क्या है, तो उन्होंने उत्तर दिया “यार! क्योंकि वह पैसा बनाने के लिए अपने स्वास्थ्य का बलिदान करता है। फिर वह अपने स्वास्थ्य को ठीक करने के लिए पैसे का त्याग करता है। और फिर वह भविष्य के बारे में इतना चिंतित है कि उसे आनंद नहीं आता है। वर्तमान; इसका परिणाम यह है कि वह वर्तमान या भविष्य में नहीं रहता है; वह ऐसे जीता है जैसे वह कभी मरने वाला नहीं है, और फिर मर जाता है, वास्तव में कभी जीवित नहीं रहा। ” इसका मतलब यह है कि व्यक्ति पैसे कमाने के लिए अपने मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता नहीं देते हैं। कुछ लोग दिन में 24 घंटे या सप्ताह में सात दिन भी काम करते हैं। 

हालांकि, आपके पास संतुलित रहने का विकल्प है। इसलिए रोजाना काम और फिटनेस को बैलेंस करें। हमेशा एक हंसमुख और एकाग्र दिनचर्या रखने का प्रयास करें। समय से पहले योजना बनाना आवश्यक है। किसी भी मामले में, व्यक्ति को एक अच्छी मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक स्थिति बनाए रखनी चाहिए, और कोई भी पेशेवर या परामर्शदाता तब तक आपकी सहायता नहीं कर सकता जब तक आप जीने की इच्छा नहीं रखते। पल में जीने और इसका अधिकतम लाभ उठाने की इच्छा आपके भीतर की आदर्श शक्ति को जगाती है, और आप अकेले हैं जो कभी भी खुद को अलग नहीं होने दे सकते।

स्वास्थ्य ही धन है निबंध 10 पंक्तियाँ (health is wealth essay 10 lines in Hindi)

  • 1) स्वास्थ्य हमारे लिए वास्तविक धन है।
  • 2) हमें स्वस्थ रहने की पूरी कोशिश करनी चाहिए।
  • 3) अगर हम अस्वस्थ हैं तो धन बेकार है।
  • 4) अगर हम स्वस्थ हैं तो पर्याप्त पैसा कमाया जा सकता है।
  • 5) स्वास्थ्य पैसे से ज्यादा कीमती है।
  • 6) इस दुनिया में स्वास्थ्य से बढ़कर कुछ भी नहीं है।
  • 7) “स्वास्थ्य ही धन है” अमेरिकी दार्शनिक “राल्फ वाल्डो इमर्सन” द्वारा बनाया गया था।
  • 8) बिना किसी रोग के व्यक्ति को स्वस्थ नहीं कहा जा सकता।
  • 9) एक पूर्ण स्वास्थ्य शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से स्वस्थ होना है।
  • 10) केवल एक स्वस्थ व्यक्ति ही लंबा और सुखी जीवन जी सकता है।

इनके बारे मे भी जाने

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स्वास्थ्य ही धन है निबंध 100 शब्द (Health is wealth essay 100 words in Hindi)

सबसे बड़ा धन हमारा अपना स्वास्थ्य है। एक स्वस्थ शरीर महान धन कमा सकता है, लेकिन एक धनी व्यक्ति महान स्वास्थ्य अर्जित नहीं कर सकता। हम एक तेजी से भागती दुनिया में रहते हैं जहां व्यक्तियों के पास अपने लिए समय नहीं है। जीवन का अधिकांश हिस्सा भौतिकवादी धन की तलाश में दूसरों को पछाड़ने के लिए खो जाता है, लेकिन रास्ते में, वे अपना स्वास्थ्य खो देते हैं। धन मायने रखता है, लेकिन स्वास्थ्य जितना महत्वपूर्ण नहीं है। फाइव-स्टार होटलों में जंक फूड पर या मनोरंजन के अन्य स्रोतों जैसे कि एक दिन के लिए फिल्में देखना आदि पर बहुत सारा पैसा खर्च करने से आत्म-संतुष्टि के अलावा कोई फायदा नहीं है।

स्वास्थ्य ही धन है निबंध 150 शब्द (Health is wealth essay 150 words in Hindi)

एक स्वस्थ व्यक्ति बहुत सारा पैसा कमा सकता है लेकिन एक अस्वस्थ व्यक्ति प्रेरणा, रुचि और एकाग्रता के स्तर की कमी के कारण नहीं कर सकता। स्वस्थ होना न केवल बीमारी, बीमारी या चोट से मुक्त होने की शर्त है, बल्कि शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, बौद्धिक और आर्थिक रूप से खुश रहने की भी शर्त है। अच्छा स्वास्थ्य सुखी जीवन की वास्तविक आवश्यकता है और प्रकृति का सबसे बड़ा उपहार है।

स्वास्थ्य ही धन है निबंध 200 शब्द (Health is wealth essay 200 words in Hindi)

सबसे बड़ा धन हमारा अपना स्वास्थ्य है। एक स्वस्थ शरीर महान धन कमा सकता है, लेकिन एक धनी व्यक्ति महान स्वास्थ्य अर्जित नहीं कर सकता। हम एक तेजी से भागती दुनिया में रहते हैं जहां व्यक्तियों के पास अपने लिए समय नहीं है। जीवन का अधिकांश भाग दूसरों को मात देने के लिए भौतिकवादी धन की तलाश में समाप्त हो जाता है, लेकिन साथ ही, वे अपना स्वास्थ्य खो देते हैं। धन मायने रखता है, लेकिन स्वास्थ्य जितना महत्वपूर्ण नहीं है। फाइव-स्टार होटलों में जंक फूड पर या मनोरंजन के अन्य स्रोतों जैसे कि एक दिन के लिए फिल्में देखना आदि पर बहुत सारा पैसा खर्च करने से आत्म-संतुष्टि के अलावा कोई फायदा नहीं है। शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने से व्यक्ति को सामाजिक और आर्थिक रूप से भी स्वस्थ रहने में मदद मिलती है।

एक स्वस्थ व्यक्ति बहुत सारा पैसा कमा सकता है लेकिन एक अस्वस्थ व्यक्ति प्रेरणा, रुचि और एकाग्रता के स्तर की कमी के कारण नहीं कर सकता। धन स्वस्थ जीवन का स्रोत है, हालांकि अच्छा स्वास्थ्य एक सुखी और शांतिपूर्ण जीवन जीने का स्रोत है। इसलिए अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए सभी को कई सावधानियां बरतनी चाहिए। स्वस्थ होना न केवल बीमारी, बीमारी या चोट से मुक्त होने की शर्त है, बल्कि शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, बौद्धिक और आर्थिक रूप से खुश रहने की भी शर्त है। अच्छा स्वास्थ्य सुखी जीवन की वास्तविक आवश्यकता है और प्रकृति का सबसे बड़ा उपहार है।

स्वास्थ्य ही धन है निबंध 250 शब्द (Health is wealth essay 250 words in Hindi)

सबसे बड़ा धन हमारा अपना स्वास्थ्य है। एक स्वस्थ शरीर महान धन कमा सकता है, लेकिन एक धनी व्यक्ति महान स्वास्थ्य अर्जित नहीं कर सकता। हम एक तेजी से भागती दुनिया में रहते हैं जहां व्यक्तियों के पास अपने लिए समय नहीं है। जीवन का अधिकांश हिस्सा भौतिकवादी धन की तलाश में दूसरों को पछाड़ने के लिए खो जाता है, लेकिन रास्ते में, वे अपना स्वास्थ्य खो देते हैं। हाल के अध्ययनों से पता चला है कि वर्तमान तेजी से जीवन का बढ़ता तनाव विभिन्न चिकित्सा स्थितियों को जन्म दे रहा है। उनमें से प्रमुख हृदय और तंत्रिका संबंधी समस्याएं हैं।

अच्छा स्वास्थ्य एक व्यक्ति को सामान्य रूप से काम और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखने में सहायता करता है। धन मायने रखता है, लेकिन स्वास्थ्य जितना महत्वपूर्ण नहीं है। फाइव-स्टार होटलों में जंक फूड पर या मनोरंजन के अन्य स्रोतों जैसे कि एक दिन के लिए फिल्में देखना आदि पर बहुत सारा पैसा खर्च करने से आत्म-संतुष्टि के अलावा कोई फायदा नहीं है। शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने से व्यक्ति को सामाजिक और आर्थिक रूप से भी स्वस्थ रहने में मदद मिलती है।

एक स्वस्थ व्यक्ति बहुत सारा पैसा कमा सकता है लेकिन एक अस्वस्थ व्यक्ति प्रेरणा, रुचि और एकाग्रता के स्तर की कमी के कारण नहीं कर सकता। धन स्वस्थ जीवन का स्रोत है, हालांकि अच्छा स्वास्थ्य एक सुखी और शांतिपूर्ण जीवन जीने का स्रोत है। इसलिए अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए सभी को कई सावधानियां बरतनी चाहिए। सभी को बुरी आदतों और अस्वास्थ्यकर जीवनशैली से दूर रहना चाहिए। स्वस्थ होना न केवल बीमारी, बीमारी या चोट से मुक्त होने की शर्त है, बल्कि शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, बौद्धिक और आर्थिक रूप से खुश रहने की भी शर्त है। अच्छा स्वास्थ्य सुखी जीवन की वास्तविक आवश्यकता है और प्रकृति का सबसे बड़ा उपहार है।

स्वास्थ्य ही धन है निबंध 300 शब्दों में (Health is wealth essay 300 words in Hindi)

हम सभी कहावत जानते हैं, “स्वास्थ्य ही धन है।” हमारे जीवन में कोई भी चीज अच्छे स्वास्थ्य के समान मूल्यवान नहीं है। अच्छे स्वास्थ्य के बिना सुख और शांति नहीं है। एक अस्वस्थ व्यक्ति धन होने के सुख का आनंद नहीं ले सकता है। अच्छे स्वास्थ्य के बिना धन पूरी तरह से बेकार है।

स्वास्थ्य धन से अधिक मूल्यवान है क्योंकि धन से स्वास्थ्य और सुख नहीं खरीदा जा सकता। अगर हमारा स्वास्थ्य ठीक नहीं है, तो पैसे का कोई महत्व नहीं है। इसके विपरीत, अच्छा स्वास्थ्य धन, धन और खुशी ला सकता है।

एक स्वस्थ व्यक्ति किसी भी प्रकार की बीमारी से पूरी तरह मुक्त होता है। इसलिए उसकी मानसिक स्थिति अच्छी है। यदि किसी व्यक्ति का स्वस्थ स्वास्थ्य और स्वस्थ दिमाग है, तो वह प्रगति और समृद्धि पर काम कर सकता है। इस प्रकार वह धन और सुख अर्जित कर सकता है।

जब हम बीमार हो जाते हैं, तो हम नियमित काम करने की ऊर्जा खो देते हैं। हम भूख खो देते हैं। हमारा जीवन हम पर बोझ बन जाता है। जब हम लगातार बीमार रहते हैं तो जीवन उबाऊ और आकर्षक हो जाता है।

दूसरी ओर, हम अपने जीवन में हर चीज का आनंद तब ले सकते हैं जब हमारा स्वास्थ्य अच्छा हो। हम खेलते या काम करते हुए कभी नहीं थकते। जब हम अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेते हैं तो जीवन सुंदर और आनंदमय हो जाता है।

हमारा स्वास्थ्य कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे अच्छा भोजन, अच्छी नींद, प्रदूषण मुक्त वातावरण और पर्याप्त आराम। हमारे शरीर को फिट रखने के लिए मॉर्निंग वॉक और शारीरिक व्यायाम बहुत जरूरी है। हमें संतुलित आहार लेना चाहिए, और स्वास्थ्य के नियमों को बनाए रखना चाहिए। हमें नमाज़ भी कहनी है या नमाज़ अदा करनी है जो हमारे निर्माता के लिए कर्तव्य है।

स्वास्थ्य हमारे जीवन में किसी भी अन्य चीज से ज्यादा महत्वपूर्ण है। इसलिए, हमें अपने स्वास्थ्य का उचित ध्यान रखना होगा ताकि हम अपने जीवन का पूरा आनंद उठा सकें।

स्वास्थ्य ही धन है निबंध 500 शब्दों में (Health is wealth essay 500 words in Hindi)

किसी ने सही कहा है कि ‘स्वास्थ्य गया तो सब कुछ चला गया’। यदि आप स्वास्थ्य से वंचित हैं तो जीवन रुचि खो देता है। आप न तो भोजन का आनंद लेते हैं और न ही दुनिया का। खुशी-खुशी समय बिताना भी एक बड़ी समस्या बन जाती है। एक स्वस्थ व्यक्ति (चाहे अमीर हो या गरीब) रोगग्रस्त शरीर वाले किसी भी अमीर व्यक्ति की तुलना में अधिक सुखी और शांतिपूर्ण जीवन जीता है। इसलिए हम कह सकते हैं कि मनुष्य की असली संपत्ति उसका स्वास्थ्य है।

स्वास्थ्य केवल रोग और दुर्बलता की अनुपस्थिति नहीं है बल्कि पूर्ण शारीरिक, सामाजिक और मानसिक कल्याण की स्थिति है। स्वास्थ्य इस प्रकार जीवित प्राणियों की कार्यात्मक दक्षता और व्यक्ति के मन, शरीर और आत्मा की सामान्य स्थिति का एक स्तर है, जिसका अर्थ है कि यह मुक्त बीमारी, चोट और दर्द है। यदि आप मजबूत और स्वस्थ हैं तो आप दूसरों के लिए एक चमकदार उदाहरण बन सकते हैं और उन्हें जीवंत स्वास्थ्य प्राप्त करना सिखा सकते हैं।

अच्छा स्वास्थ्य पाने के लिए लोगों को स्वस्थ जीवन शैली का पालन करना चाहिए। जो लोग स्वस्थ जीवन शैली में शामिल नहीं हैं, वे अधिक वजन, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, मोटापा, मधुमेह, उच्च कोलेस्ट्रॉल, गुर्दे की समस्याएं, यकृत विकार और कई तरह के स्वास्थ्य विकारों से पीड़ित हो सकते हैं। एक अस्वस्थ शरीर बहुत आसानी से थक जाता है और एक थका हुआ शरीर आसानी से प्रेरणा और आत्मविश्वास खो देता है।

स्वास्थ्य भगवान का महान आशीर्वाद है। अच्छा स्वास्थ्य बहुत चिंता का विषय है। अच्छा स्वास्थ्य, स्वस्थ जीवन और अनुशासित जीवन बनाए रखने के लिए जरूरी है। हमें अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए और इसके लिए हमें हमेशा सादा और संतुलित आहार लेना चाहिए। व्यायाम बहुत जरूरी है

स्वस्थ और रोग मुक्त शरीर पाने के लिए स्वच्छता बहुत जरूरी है। स्वस्थ रहने के लिए शरीर को साफ रखना हमारा मकसद होना चाहिए। हमें अपने घर और अपने आसपास को भी साफ रखना चाहिए। स्वच्छ वातावरण से ही स्वच्छ और स्वस्थ शरीर का निर्माण होता है। यह संचारी रोगों को पकड़ने के जोखिम को कम करता है। और स्वच्छ वातावरण प्राप्त करने के लिए स्वस्थ आदतों को विकसित करना लोगों की जिम्मेदारी है।

खूब पानी पीना भी हमारे शरीर को स्वस्थ रखने का एक अच्छा तरीका है क्योंकि यह संक्रमण के जोखिम को कम करता है, आपकी त्वचा को स्वस्थ रखता है, दिल के दौरे के खतरे को कम करता है, शरीर की चर्बी को जलाता है और हमारे शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है। हमें और अधिक हंसना चाहिए क्योंकि हंसना एक उपचार है और अच्छे स्वास्थ्य का रहस्य है। किसी भी बुरी आदत जैसे धूम्रपान, शराब पीना, खराब जीवनशैली आदि से बचना चाहिए।

एक स्वस्थ व्यक्ति बहुत सारा पैसा कमा सकता है, लेकिन एक अस्वस्थ व्यक्ति प्रेरणा, अंतरराज्यीय और एकाग्रता स्तर की कमी के कारण नहीं कर सकता। धन स्वस्थ जीवन जीने का स्रोत है हालांकि अच्छा स्वास्थ्य सुखी और शांतिपूर्ण जीवन जीने का स्रोत है। इसलिए, पैसे से ज्यादा, अच्छा स्वास्थ्य बहुत मायने रखता है। हम सभी को वास्तविक रूप से धनवान बनने के लिए अपने अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखना चाहिए।

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स्वास्थ्य ही धन है निबंध 1000 शब्द (Health is wealth essay 1000 words in Hindi)

किसी व्यक्ति की शारीरिक और साथ ही मानसिक भलाई एक तरह से उसके पास जितनी संपत्ति है उससे कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।

एक पुरानी कहावत है, “स्वास्थ्य ही धन है”, जो सबसे महत्वपूर्ण वाक्यांशों में से एक है जो धन पर मानव स्वास्थ्य के महत्व का वर्णन करता है। व्यावहारिक रूप से हर कोई इस वाक्यांश से सहमत होगा क्योंकि हम जानते हैं कि हमारा स्वास्थ्य हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है।

किसी भी तरह की शारीरिक बीमारी या बीमारियों से मुक्त होने का मतलब यह नहीं है कि आप एक स्वस्थ जीवन शैली जी रहे हैं।

आप भले ही स्वस्थ और फिट दिखें, बीमारियों से मुक्त हों, लेकिन अगर आप जंक फूड खाते हैं, अस्वास्थ्यकर आदतों में लिप्त हैं या कुछ और, तो आप लंबे समय तक स्वस्थ नहीं रह सकते हैं। 

एक स्वस्थ व्यक्ति वह होता है जिसका शरीर पूरी तरह कार्यात्मक होता है और उसका शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य अच्छा होता है।

उचित शारीरिक स्वास्थ्य बनाए रखने का सबसे अच्छा तरीका है कि अच्छा खाना खाएं, संतुलित आहार लें, आवश्यक पोषक तत्वों को सही मात्रा में लें और व्यायाम करें। लोगों के साथ सामूहीकरण करना भी एक महत्वपूर्ण पहलू है जो किसी व्यक्ति की मानसिक भलाई के लिए आवश्यक है। 

उचित आराम करना और सोना एक समान रूप से आवश्यक तत्व है जिसकी हमारे शरीर को आवश्यकता होती है।

अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने का महत्व

स्वस्थ रहने के लिए हमारे जीवन के सभी सकारात्मक पहलुओं में अच्छा रहने के लिए हमेशा महत्वपूर्ण रहा है। शारीरिक फिटनेस स्वस्थ होने का पूरा अर्थ नहीं है; इसका मतलब मानसिक और भावनात्मक रूप से भी स्वस्थ होना है।

अपना ख्याल रखना एक स्वस्थ जीवन शैली का हिस्सा है और हमारे आत्म-सम्मान, आत्मविश्वास और आत्म-छवि के लिए आवश्यक है। अच्छा स्वास्थ्य हमारी ऊर्जा और शक्ति को बढ़ा सकता है, और यह हमें कठिन कार्यों और परिस्थितियों से निपटने का साहस देता है।

यदि हम शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हैं, तो हम अपने दिन-प्रतिदिन के कार्यों के तनाव को आसानी से प्रबंधित कर सकते हैं। ये सभी चीजें आपको संतुलित मानसिकता रखने में मदद करती हैं और हमें अपनी स्वस्थ जीवन शैली से खुश रखती हैं। 

अवसाद, चिंता और मानसिक बीमारी कुछ ऐसी समस्याएं हैं जिनका सामना किसी व्यक्ति को करना पड़ सकता है यदि उसका मस्तिष्क उसकी उम्र के अनुसार स्वस्थ नहीं है। एक स्वस्थ आहार, व्यायाम और उचित नींद ऐसी आदतें हैं जो आपको इस तरह की समस्याओं से बाहर निकलने में मदद कर सकती हैं। 

फल, सब्जियां, नट्स, फलियां, मछली और दुबला मांस कुछ अच्छी चीजें हैं जो हमारे शरीर को सभी पोषक तत्वों को प्रभावी ढंग से आपूर्ति कर सकती हैं जिन्हें हमें स्वस्थ रखने की आवश्यकता होती है।

बेहतर हृदय स्वास्थ्य और कैंसर की रोकथाम कुछ ऐसे लाभ हैं जो आपको स्वच्छ आहार बनाए रखने से मिलते हैं। यह आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी आपकी मदद करता है।

हमारे स्वास्थ्य में सुधार कैसे करें? – कुछ टिप्स

यहां कुछ व्यावहारिक आदतें हैं जो आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए कर सकते हैं।

  • स्वस्थ आहार लें : विभिन्न प्रकार के भोजन करें जो आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छे हों। फल, सब्जियां, नट्स और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर भोजन खाने से आप उचित वजन बनाए रख पाएंगे और तरह-तरह की बीमारियों और बीमारियों से दूर रहेंगे। ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें जिनमें अधिक मात्रा में नमक और चीनी हो, क्योंकि इससे मधुमेह हो सकता है।
  • व्यायाम करें : अपने आप को एक नियमित व्यायाम में शामिल करें। इसका मतलब यह नहीं है कि आप जिम जाते हैं और मांसपेशियों का निर्माण करते हैं; आपको बस अपने शरीर को फिट और सक्रिय रखने के लिए नियमित व्यायाम करने की आवश्यकता है। आप व्यायाम के अलावा आउटडोर गेम भी खेल सकते हैं जो आपको सक्रिय और तरोताजा रखते हैं। ये शारीरिक गतिविधियाँ आपको शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखती हैं और आपके संपूर्ण स्वास्थ्य में मदद करती हैं।
  • शराब और धूम्रपान से बचें : शराब का सेवन। मानसिक और व्यवहार संबंधी विकार जैसे विभिन्न स्वास्थ्य मुद्दे और लीवर सिरोसिस और हृदय की समस्याओं जैसे रोग भी पैदा कर सकते हैं। इसी तरह, धूम्रपान कुछ स्वास्थ्य उपयोगों जैसे फेफड़ों की बीमारी, स्ट्रोक, हृदय रोगों के लिए भी जिम्मेदार है और यहां तक ​​कि कैंसर भी हो सकता है।
  • सुरक्षित पानी पिएं : पानी हमारे जीवन का एक अनिवार्य तत्व है। हमारा अधिकांश स्वास्थ्य उस पानी पर निर्भर करता है जिसका उपयोग हम अपने दैनिक कार्यों के लिए करते हैं। हैजा, हेपेटाइटिस और डायरिया जैसी विभिन्न जल जनित बीमारियां हैं जो दूषित पानी का उपयोग करने पर आपके स्वास्थ्य को आसानी से प्रभावित कर सकती हैं। सुनिश्चित करें कि आपके पास हमेशा पानी का सुरक्षित स्रोत हो।

स्वास्थ्य धन के बराबर क्यों है?

हमारे पास जितनी संपत्ति है, उसकी तुलना में हमारा अच्छा स्वास्थ्य हमारे लिए कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। स्वास्थ्य ही एकमात्र वास्तविक धन है जो हमारे पास है, और हमें इसे संजोकर रखना चाहिए।

यदि हम अपनी खराब स्वास्थ्य स्थिति के कारण इसका आनंद नहीं उठा सकते हैं तो हमारी सारी वित्तीय सफलता हमारा क्या भला कर सकती है? 

यदि आपका स्वास्थ्य इतना अच्छा नहीं है, तो आप अपना बहुत सारा समय बीमारियों से जूझने और अपने शरीर के उचित कार्य को प्राप्त करने के लिए स्वयं को पोषित करने में व्यतीत करेंगे।

अपनी देखभाल करने में व्यस्त रहते हुए, आपको अपने जीवन का आनंद लेने के लिए पर्याप्त समय और ऊर्जा कभी नहीं मिल सकती है, भले ही आपके पास बहुत सारा पैसा हो।

स्वास्थ्य पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न धन है

‘स्वास्थ्य ही धन है’ मुहावरा किसके द्वारा बनाया गया था.

कहावत ‘स्वास्थ्य ही धन है’ भले ही अब बहुत लोकप्रिय हो, लेकिन इसका इस्तेमाल सबसे पहले राल्फ वाल्डो इमर्सन ने किया था।

क्या होगा यदि कोई अस्वस्थ जीवन शैली जीने का विकल्प चुनता है?

हम सभी जानते हैं कि एक अस्वास्थ्यकर जीवनशैली अंततः व्यक्ति को दुःख, अवसाद, क्रोध और दुःख से भर देगी। जब उन्हें अपनी गलती का एहसास होने में बहुत देर हो जाएगी, तो उन्हें एक स्वस्थ जीवन शैली नहीं चुनने का पछतावा होगा।

क्या कोई विश्व स्वास्थ्य दिवस है?

हर साल अप्रैल के 7वें दिन को विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है।

स्वास्थ्य और धन के बीच लोगों को किसके लिए काम करना चाहिए?

लोगों को हमेशा अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रयास करना चाहिए। अगर लोग फिट और स्वस्थ हैं, तो वे अपने आप काम पर ध्यान केंद्रित करने और बेहतर कमाई करने में सक्षम

अच्छा स्वास्थ्य पर निबंध / Essay on Good Health in Hindi

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अच्छा स्वास्थ्य पर निबंध / Essay on Good Health in Hindi!

स्वास्थ्य को सबसे बड़ा धन कहा गया है । यदि रुपया-पैसा हाथ से निकल जाए तो उसे पुन: प्राप्त किया जा सकता है । परंतु एक बार स्वास्थ्य बिगड़ जाए तो उसे पुरानी स्थिति में लाना बहुत कठिन होता है । इसीलिए समझदार लोग अपने स्वास्थ्य की हिफाजत मनोयोगपूर्वक करते हैं ।

अच्छा स्वास्थ्य जीवन के समस्त सुखों का आधार है । धन से वस्तुएँ खरीदी जा सकती हैं परंतु उनका उपभोग अच्छे स्वास्थ्य पर निर्भर करता है । धनी व्यक्ति यदि अस्वस्थ है तो उसके धन का कोई मूल्य नहीं । गरीब यदि स्वस्थ है तो फिक्र को कोई बात नहीं क्योंकि उसके पास स्वास्थ्य रूपी धन है । उसके पास जो कुछ भी है वह उसका उचित उपभोग कर सकता है । अच्छे स्वास्थ्य में एक तरह का सौन्दर्य होता है । जो अच्छे स्वास्थ्य से युक्त है उसके मन में उत्साह और उमंग होता है । वह अपना कार्य चिंतामुक्त होकर करता है । वह कठिनाइयों से नहीं घबराता हर समय उत्फुल्ल रहता है । उसका खाया-पीया शरीर में लग जाता है उसे दुर्बलता और थकान नहीं आती । दूसरी तरफ बिगड़े हुए स्वास्थ्य वाला व्यक्ति हर समय उदास दु: खी और विचलित रहता है ।

अत : प्रत्येक व्यक्ति का कर्त्तव्य है कि वह स्वास्थ्यप्रद जीवनशैली अपनाए और अपने तन को स्वस्थ और मन को आनंदित रखे ।

अच्छे स्वास्थ्य की कामना करनेवाले बहुत हैं परंतु उसके लिए जागरूक होकर प्रयत्न करने वाले थोड़े ही हैं । लेकिन केवल कल्पना करने से स्वास्थ्य को बनाए नहीं रखा जा सकता । इसके लिए सतत् चेष्टा करनी पड़ती है । अच्छा एवं संतुलित आहार नियमित दिनचर्या और नियमित व्यायाम स्वास्थ्य को बनाए रखने कं तीन मूलभूत तत्व हैं । भोजन में फल, अनाज, सब्जी और दूध का समन्वय होना चाहिए । फल, हरी ताजी सब्जियाँ, अंकुरित अनाज तथा दूध की कुछ-न-कुछ मात्रा प्रतिदिन लेने से व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है । साथ ही बासी, बाजारू ,अधिक तला- भुना और मैदे की अधिक मात्रा वाला भोजन मानव-स्वास्थ्य के प्रतिकूल होता है । आजकल बच्चे एवं युवा फास्ट फूड की तरफ आकर्षित हो रहे हैं । यह आकर्षण असमय ही अनेक प्रकार की बीमारियों एवं मोटापे को आमंत्रित करता है ।

ADVERTISEMENTS:

स्वास्थ्य को बनाए रखने में नियमित दिनचर्या का बहुत महत्त्व है । यह व्यक्ति को तनाव से दूर रखता है । चूंकि शरीर एक मशीन की भांति कार्य करता है इसलिए यह नियमितता चाहता है । यह चाहता है कि इसके साथ किसी प्रकार की अति न की जाय । इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को एक नियमित दिनचर्या बनानी चाहिए और उसका पालन भी करना चाहिए । इस दिनचर्या में शरीर और मन को तनावमुक्त रखने वाले क्रियाकलापों को उचित स्थान देना चाहिए ।

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए नियमित व्यायाम का भी पर्याप्त महत्त्व होता है । व्यायाम शरीर के सभी अंगों को मजबूती प्रदान करता है तथा बीमारियों से लड़ने की शक्ति उपलब्ध कराता है । यह व्यक्ति को फुर्तीला और तनावरहित बनाता है । भारतीय स्वास्थ्य विज्ञान ‘ आयुर्वेद ‘ में शरीर को स्वस्थ रखने में योगासनों और अन्य उपायों की विशद चर्चा की गई है । आयुर्वेद बताता है कि मानव मौसम और ऋतु के अनुकूल किस तरह की जीवनशैली अपनाए ।

अच्छे स्वास्थ्य के लिए समय पर किए गए उपचार का महत्त्व भी कम नहीं है । यदि व्यक्ति बीमार पड़ गया हो तो उसे तुरंत योग्य चिकित्सक की मदद लेनी चाहिए । किसी भी बीमारी को छोटा समझना और उसकी उपेक्षा करना खतरनाक सिद्ध हो सकता है । योग्य चिकित्सक की सलाह मानकर व्यक्ति शीघ्र स्वास्थ्य लाभ कर सकता है ।

स्वास्थ्य रूपी धन को सचित रखने के लिए विभिन्न स्तरों पर कायम रखी जाने वाली सफाई व्यवस्था का पर्याप्त महत्त्व है । शरीर की सफाई, घर की सफाई, वस्त्रों की सफाई और आस-पड़ोस की सफाई पूरे नियम से की जानी चाहिए । सफाई व्यवस्था सही होने पर रोगाणु शरीर से दूर रहते हैं ।

उपरोक्त उपायों को अपनाने वाला व्यक्ति हमेशा स्वस्थ बना रह सकता है । क्यूंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का निवास होता है इसलिए हमें स्वस्थ रहने के सभी आवश्यक उपाय करने चाहिए ।

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ESSAY KI DUNIYA

HINDI ESSAYS & TOPICS

Essay on Health and Hygiene in Hindi – स्वास्थ्य और स्वच्छता पर निबंध

August 14, 2018 by essaykiduniya

यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में स्वास्थ्य और स्वच्छता पर निबंध मिलेगा। Here you will get Paragraph and Short Essay on Health and Hygiene in Hindi Language for students of all Classes in 150 and 750 words.

Essay on Health and Hygiene in Hindi – स्वास्थ्य और स्वच्छता पर निबंध

Essay on Health and Hygiene in Hindi

Essay on Health and Hygiene in Hindi Language – स्वास्थ्य और स्वच्छता पर निबंध ( 150 words )

स्वास्थ्य और स्वच्छता का आपस में एक बहुत गहरा रिश्ता है। अगर हमारे आस पास स्वच्छता होगी तभी हम स्वस्थ रह पाऐंगे क्योंकि गंदगी हमेशा बिमारियों को जन्म देती है। स्वास्थ्य जीवन का सबसे बड़ा धन है और उसके लिए हमें साफ सफाई का ध्यान रखना जरूरी है। सरकार ने भी इसके लिए सफाई अभियान चलाया है क्योंकि स्वच्छता अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करती है। हमें ऐसे ही कहीं पर भी कूड़ा नहीं फेकना चाहिए। हमें अपने वातावरण को स्वच्छ रखना चाहिए। पानी को एकत्रित न होने दे अन्यथा उसमें मच्छर पनपेंगे। हमें बासी भोजन भी नहीं करना चाहिए। हमें मक्खी मच्छरों आदि से सावधान रहना चाहिए। हमें प्रदुषण भी कम फैलाना चाहिए क्योंकि उसका हमारे स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। हमें अपने वातावरण की शुद्धता का पूरा ध्यान रखना चाहिए। स्वच्छता ही स्वास्थ्य की सबसे बड़ी चाबी है और अच्छा स्वास्थ्य हर व्यक्ति की जरूरत है।

Essay on Health and Hygiene in Hindi Language – स्वास्थ्य और स्वच्छता पर निबंध ( 750 words )

गौतम बुद्ध ने कहा था “अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेने के लिए, किसी के परिवार को सच्ची खुशी लाने के लिए, सभी को शांति दिलाने के लिए, किसी को पहले अनुशासन और अपने मन को नियंत्रित करना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति अपने दिमाग को नियंत्रित कर सकता है तो वह ज्ञान के मार्ग का पता लगा सकता है, और सभी ज्ञान और गुण स्वाभाविक रूप से उसके पास आ जाएंगे “।

हम कल्पना कर सकते हैं कि प्राचीन काल से लोग दिमाग की सोच से इतने समृद्ध थे और उनके कहानियां इतनी आश्चर्यजनक थीं और हमें हर किसी के दिमाग पर और अधिक प्रभाव दे सकते हैं। बुद्ध हमें सिखाना चाहते हैं कि अगर हम अपने दिमाग को ठंडा कर रहे हैं, तो इसका मतलब है कि अगर हम अपने दिमाग को पूर्ण शांति से पूरा कर रहे हैं और हम केवल सकारात्मक सोचते हैं और सोचते हैं तो इसे प्रकृति का सबसे बड़ा स्वस्थ माना जाएगा।

उन्होंने यह भी कहा था कि “स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है, संतुष्टि सबसे बड़ी संपत्ति है, वफादारी सबसे अच्छा रिश्ता है”। इसका मतलब है कि अगर हमारा दिमाग स्वस्थ है तो हमारा व्यवहार हर किसी के लिए भी स्वस्थ होगा, इसका मतलब है कि हम शांत रहेंगे और हम उस व्यक्ति से दिमाग की अच्छी उपस्थिति और अच्छे व्यवहार के साथ बात करेंगे।

यह स्वास्थ्य है जो असली धन है और सोने और चांदी के टुकड़े नहीं है ‘यह प्रसिद्ध और हमारे महात्मा गांधी के पिता ने कहा है। लेकिन अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए किसी को अच्छी आदतें रखने की ज़रूरत है। एक उचित स्वच्छता और आहार अच्छे स्वास्थ्य का संकेत है। बीमारियों और संक्रमणों का विकास और प्रसार स्वच्छता से कम हो रहा है। हमेशा याद रखें कि स्वास्थ्य और स्वच्छता के बीच एक बड़ा अंतर है।

स्वास्थ्य को शारीरिक और मानसिक रूप से फिट शरीर के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जो कि किसी भी विकार से मुक्त है और स्वच्छता स्वास्थ्य सुधारने के लिए उन दिन की गतिविधियों को संदर्भित करती है। अच्छी स्वच्छता स्वस्थ, आत्मविश्वास और सुखद के दैनिक दिनचर्या में हमारी सहायता करती है।

अच्छी स्वच्छता का पहला स्रोत शुद्ध पानी है। शुद्ध पानी अच्छा स्वास्थ्य और अच्छी स्वच्छता का एक और स्रोत है। अशुद्ध पानी का उपयोग करके बीमारी होती है। गांवों में लोग अक्सर स्नान करते हैं और तालाबों या टैंकों में कपड़े और मवेशियों को धोते हैं।

यदि इस पानी का उपयोग पीने के उद्देश्यों के लिए किया जाता है, तो यह खतरनाक बीमारियां ला सकता है क्योंकि इसमें बहुत से सूक्ष्मजीव मिश्रित हो जाते हैं। पानी शुद्ध करने के लिए इसे उबला जाना चाहिए, ताकि यह कोई नुकसान न हो।

स्वच्छता का दूसरा स्रोत संतुलित और पौष्टिक भोजन है। खाना हमारे स्वास्थ्य को अच्छा रखता है। शरीर को रखने के लिए, हमारे द्वारा चुने गए भोजन का एक हिस्सा गर्म करने के रूप में कार्य करता है; एक और हिस्सा हमें शक्ति देने के लिए मांस बनाता है। शुद्ध दूध सबसे पौष्टिक भोजन है जो हमें अधिक ऊर्जा प्रदान करता है।

अन्य चीजें जो हम आम तौर पर सब्जियों और पोषक भोजन वाले कई अन्य लोगों की तरह लेते हैं। भोजन का एक मिश्रित आहार हमारे लिए सबसे अच्छा भोजन है। जंक फूड स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। भोजन के हर बार फिक्स होना चाहिए। अधिक खाने से कई बीमारियां भी होती हैं। जब कोई महामारी प्रबल होती है तो भोजन के बारे में विशेष देखभाल आवश्यक होती है।

स्वच्छता का मुख्य और महत्वपूर्ण स्रोत स्वच्छता है जो अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। यह अच्छे स्वास्थ्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्वच्छता आदत है। गंदगी रोग फैलती है क्योंकि इसमें रोगाणु शामिल होते हैं। वे हवा में धूल के साथ घूमते हैं, इसलिए एक गंदे आदमी को बीमारियों से आसानी से हमला किया जाता है।

आदमी कोई बीमारी आसानी से हमला कर सकता है, जिसके पास एक साफ शरीर है और साफ कपड़े पहनता है, गंदगी और धूल से मुक्त है। दैनिक स्वच्छता अच्छी स्वच्छता के लिए एक अच्छी आदत है। यह हमारे शरीर को धूल और सूक्ष्म बैक्टीरिया से साफ रखता है।

हमें अपने कपड़े, बिस्तर, भोजन, बर्तन, और अन्य सभी चीजों को साफ और साफ रखना चाहिए। हमारे परिसर साफ होना चाहिए। हमें नियमित रूप से अपने दांत और नाखून भी रखना चाहिए। हमें याद रखना चाहिए कि स्वच्छता ईश्वरीयता के बगल में है।

निष्कर्ष दैनिक दिनचर्या और प्रतिस्पर्धी दुनिया के जीवन में लड़ाई के लिए स्वास्थ्य ही एकमात्र हथियार है। अगर किसी के पास स्वस्थ शरीर होना चाहिए तो उसके पास दुनिया का एक बड़ा खजाना है और वह दुनिया में कोई काम कर सकता है।

हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Essay on Health and Hygiene in Hindi – स्वास्थ्य और स्वच्छता पर निबंध ) को पसंद करेंगे।

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Happiness begins with good health

Self Awareness आत्म-जागरूकता क्या है और यह कैसे विकसित होती है?

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आत्म जागरूकता क्या है? Self Awareness in Hindi

आत्म-जागरूकता (Self-awareness) मनुष्य की अपनी स्वयं के बारे में जागरूकता को दर्शाती है। यह एक मानसिक गुण है जिसमें व्यक्ति अपने विचारों, भावनाओं, और क्रियाओं की पहचान करता है और उनके परिणामों को समझता है। इसका अर्थ है कि व्यक्ति अपनी प्रतिक्रियाओं, आवश्यकताओं, गुणों, और कमजोरियों के साथ अवगत होता है।

आत्म-जागरूकता अपने विचारों और भावनाओं को पहचानने, व्यक्त करने और नियंत्रित करने की क्षमता प्रदान करती है। इससे हम अपने स्वयं की सीमाओं, मूल्यों, और संज्ञान के स्तर के बारे में जान सकते हैं और अपनी पर्सनालिटी को समझ सकते हैं। यह हमें स्वयं के साथ संपर्क में रहने, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने, अवसरों को पहचानने, और अपने निर्णयों को बनाने में मदद करती है।

आत्म-जागरूकता (Self Awareness) व्यक्ति के व्यक्तित्व विकास का महत्वपूर्ण घटक है और यह स्वयं के साथ अच्छी संबंध बनाने, स्वयं को स्वीकार करने, और स्वयं के विकास को प्रोत्साहित करने में मदद करती है। इसके माध्यम से हम अपने अन्तरंग और बाह्य परिदृश्य को समझते हैं और स्वयं को एक साक्षात्कार रूप में अनुभव करते हैं।

(Self Awareness)आत्म जागरूकता क्यों जरूरी है?

आत्म-जागरूकता का होना मनुष्य के जीवन में कई महत्वपूर्ण कारणों से जरूरी है:

  • स्वयं-पहचान और स्व-सम्मान: आत्म-जागरूकता स्वयं के साथ संपर्क में रहने और अपनी पहचान को समझने की क्षमता प्रदान करती है। इससे हम अपने गुणों, कमजोरियों, प्राथमिकताओं, और मूल्यों को समझ सकते हैं और स्व-सम्मान विकसित कर सकते हैं।
  • स्वयं-विकास: आत्म-जागरूकता हमें अपने अंतरंग और बाह्य सत्यों को समझने में मदद करती है और हमें अपने स्व-विकास के मार्ग पर ले जाती है। यह हमें अपने पोटेंशियल को पहचानने, अपने लक्ष्यों और इच्छाओं को समझने, और अपने गुणों और कौशलों का उपयोग करके अपने पूर्णता की ओर प्रगति करने में मदद करती है।
  • संबंधों की गुणवत्ता: आत्म-जागरूकता व्यक्ति के अंतरंग भावनाओं, आवश्यकताओं, और मूल्यों को समझने में मदद करती है और उसे अपने संबंधों की गुणवत्ता पर नियंत्रण रखने की क्षमता प्रदान करती है। यह व्यक्ति को संबंधों में संयम और संवेदनशीलता विकसित करने में मदद करती है और साथी, परिवार, और समुदाय के साथ स्थायी और सुखदायक संबंध बनाने में मदद करती है।
  • समस्याओं का समाधान: आत्म-जागरूकता स्वयं के और अपने चारों ओर के साथी में ज्ञान और विवेक को बढ़ाती है। यह हमें अपनी अवस्था, आवश्यकताएं, और समस्याओं को समझने में मदद करती है और उन्हें ठीक करने के लिए योग्य कार्रवाई लेने की क्षमता प्रदान करती है।

इन सभी कारणों से, आत्म-जागरूकता (Self Awareness) हमारे जीवन में आवश्यक है क्योंकि यह हमें स्व-सम्मान, संतुलन, और सुखद जीवन की ओर प्रेरित करती है।

आत्म जागरूक कैसे बनें?

आत्म-जागरूक होने के लिए निम्नलिखित कुछ सुझावों का पालन कर सकते हैं:

  • स्व-जांच (Self-Reflection): नियमित रूप से स्व-जांच करें और अपने विचारों, भावनाओं, और क्रियाओं को समझने का प्रयास करें। ध्यान दें कि आप कैसे प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं और इनके पीछे के कारणों को अन्वेषण करें।
  • मनन (Meditation): ध्यान की अभ्यास शुरू करें और नियमित रूप से मनन करें। यह मन को शांत करके आत्म-जागरूकता और आंतरिक शक्ति को विकसित करने में मदद करता है।
  • स्व-संवेदना (Self Awareness): अपनी भावनाओं, आवश्यकताओं, गुणों, और कमजोरियों की पहचान करें। ध्यान दें कि कैसे ये आपके व्यवहार और संबंधों को प्रभावित करते हैं।
  • संयम (Self-Discipline): स्वयं को संयमित रखें और अपने लक्ष्यों के प्रति समर्पित रहें। इसमें आहार, व्यायाम, मनन, और अन्य स्वसंयमी आदतों को शामिल करें।
  • संवेदनशीलता (Mindfulness): ध्यान को बढ़ाएं और अपने वर्तमान क्षण के साथ जीने की कला को सीखें। प्रतिस्पर्धा और तनाव से दूर रहें और पूर्णता के अनुभव को स्वीकारें।
  • सत्संग (Positive Company): सकारात्मक और प्रभावशाली लोगों के साथ समय बिताएं और उनसे सहयोग और प्रेरणा लें। सत्संग आपकी आत्म-जागरूकता को प्रोत्साहित करेगा।
  • स्वास्थ्य (Health): अपने शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें। नियमित व्यायाम करें, स्वस्थ आहार लें, और सुन्दरता के साथ अपने शरीर की देखभाल करें।

इन सुझावों का पालन करके, आप आत्म-जागरूकता की ओर बढ़ सकते हैं। समय, संयम, और समर्पण के साथ, आप अपने अंतरंग स्वभाव को समझ सकते हैं और अपने पूर्णता और उच्चतम स्वरूप की ओर प्रगति कर सकते हैं।

अस्वीकरण: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की ‘healthime.in’ पुष्टि नहीं करता है। इनको केवल सुझाव के रूप में लें। इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य

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Mental Health in Hindi (मेंटल हेल्‍थ), Mansik Swasthya in Hindi (मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य): किसी भी व्यक्ति के लिए शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों ही बहुत जरूरी हैं। अगर कोई व्यक्ति शारीरिक रूप से स्वस्थ है लेकिन उसका मानसिक स्वास्थ्य खराब है तो उसे अपने जीवन में कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। मानसिक स्वास्थ्य से एक व्यक्ति को अपनी क्षमताओं का पता चलता है, उसके भीतर आत्मविश्वास आता कि वे जीवन में तनाव से सामना कर सकता है और अपने काम या कार्यों से अपने समुदाय के विकास में योगदान दे सकता है। मानसिक विकार व्यक्ति के स्वास्थ्य-संबंधी व्यवहार, फैसले, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद, सुरक्षित यौन व्यवहार आदि को प्रभावित करता है और शारीरिक रोगों के खतरे को बढ़ाता है। मानसिक अस्वस्थता के कारण ही व्यक्ति को बेरोजगार, बिखरे हुए परिवार, गरीबी, नशीले पदार्थों का सेवन और संबंधित अपराध का सहभागी बनना पड़ता है। अगर किसी व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य सही रहेगा तो उसका जीवन भी सही रहेगा। इसलिए हम आपको अपने इस खंड में मानसिक विकारों से जुड़ें हर पहलू के बारे में विस्तार से बताएंगे, जो आपके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करेगा। पर आइए सबसे पहले जान लेते हैं, मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ जरूरी बातें।

मानसिक बीमारियों का कारण - Causes of Mental Illness

मानसिक स्वास्थ्य में हमारे भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कल्याण (emotional, psychological, and social well-being) शामिल हैं। यह प्रभावित करता है कि हम कैसे सोचते हैं, महसूस करते हैं और कार्य करते हैं। आपका मानसिक स्वास्थ्य उम्र बढ़ने के साथ बदलता चला जाता है।  अपने जीवन के दौरान, अगर आप मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का अनुभव करते हैं तो इसके बारें में जानना, डॉक्टर की मदद लेना और इलाज करवाना बेहद जरूरी है क्योंकि ये आपकी सोच, मनोदशा और व्यवहार को प्रभावित कर सकते हैं। ऐसे कई अन्य कारण भी हैं, जो कि मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं में योगदान करते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • -जैविक कारक (Biological factors), जैसे कि जीन या मस्तिष्क रसायन 
  • -मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का पारिवारिक इतिहास (Family history of mental health problems)
  • -जीवन के अनुभव, जैसे आघात या तकलीफ (Life experiences, such as trauma or abuse)
  • -जीवन में अवसाद रूपी वातावरण के कारण (Depressive Environment)
  • -बचपन का आघात लगने के कारण (Childhood trauma)
  • -तनावपूर्ण घटनाएं जैसे किसी प्रियजन को खोने के कारण (Stressful events of life)
  • -नकारात्मक विचारों के बढ़ने के कारण (Negative thoughts)
  • - अनहेल्दी आदतों जैसे कि पर्याप्त नींद न लेना या खराब खान-पान की वजह से (unhealthy lifestyle)
  • - ड्रग्स और अल्कोहल का दुरुपयोग से( Abusing drugs and alcohol)
  • -एक लंबी बीमारी के उपचार के बाद (treatment with a chronic disease)

मानसिक बीमारी के लक्षण -  Symptoms of Mental Illness

प्रत्येक मानसिक बीमारी के अपने-अपने लक्षण होते हैं। हालांकि, कुछ सामान्य चेतावनी संकेत या लक्षण हैं जो आपको सचेत कर सकते हैं कि आपको किसी को पेशेवर मदद की आवश्यकता है। जैसे कि 

  • -ज्यादा सोचना (Over thinking)
  • -एंग्जायटी और घबराहट (Anxiety)
  • - व्यक्तित्व परिवर्तन (marked personality change)
  • --खाने या सोने के पैटर्न में बदलाव (changes in eating or sleeping patterns)
  • -समस्याओं और दैनिक गतिविधियों को करने में असमर्थता (inability to cope with problems and daily activities)
  • -ज्यादा चिंता करना (excessive anxieties)
  • -लंबे समय तक अवसाद और उदासीनता (prolonged depression and apathy)
  • - ज्यादा गुस्सा करना या हिंसक व्यवहार करना (excessive anger or violent behavior)
  • -आत्महत्या के बारे में सोचना या खुद को नुकसान पहुंचाना (thinking or talking about suicide)
  • -बहुत ज्यादा मूड स्विंग्स होना (extreme mood swings)
  • -शराब या ड्रग्स का दुरुपयोग (abuse of alcohol or drugs)

मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारियां -Mental Health Disorders

1. एंग्जायटी डिसऑर्डर (anxiety disorders).

एंग्जायटी डिसऑर्डर (Anxiety Disorders) मानसिक बीमारी का सबसे आम प्रकार है। इन स्थितियों वाले लोगों में गंभीर भय या चिंता होती है, जो कुछ वस्तुओं या स्थितियों से संबंधित होती है।  एंग्जायटी डिसऑर्डर के प्रकार (Types of Anxiety Disorders) भी हैं, जैसे कि 

a. सामान्यीकृत चिंता विकार (Generalized anxiety disorder)

सामान्यीकृत चिंता विकार में लगातार और अत्यधिक चिंता शामिल होती है जो दैनिक गतिविधियों में हस्तक्षेप करती है। यह चल रही चिंता और तनाव शारीरिक लक्षणों के साथ हो सकता है, जैसे कि बेचैनी, किनारे पर महसूस करना या आसानी से थकावट, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, मांसपेशियों में तनाव या नींद की समस्या। 

b. घबराहट की समस्या (Panic Disorder)

पैनिक डिसऑर्डर का मुख्य लक्षण बार-बार होने वाले पैनिक अटैक, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक संकट का एक जबरदस्त संयोजन है। इसके कई लक्षण हैं जैसे कि 

  • -तेज दिल की धड़कन
  • -थरथर कांपना या हिलाना
  • -सांस की तकलीफ महसूस करना 
  • -छाती में दर्द
  • -चक्कर आना, हल्का-फुल्का या बेहोश होना
  • -घुटन का अहसास
  • -स्तब्ध हो जाना या झुनझुनी
  • -ठंड लगना 
  • -मतली या पेट में दर्द
  • -मरने का डर

c. फोबिया (Phobias)

फोबिया एक विशिष्ट वस्तु, स्थिति या गतिविधि का अत्यधिक और लगातार भय है जो आमतौर पर हानिकारक नहीं होता है। मरीजों को पता है कि उनका डर अत्यधिक है, लेकिन वे इसे दूर नहीं कर सकते। 

d. भीड़ से डर लगना (Agoraphobia)

एगोराफोबिया उन स्थितियों में होने का डर है जहां से बचना मुश्किल या शर्मनाक हो सकता है। ये डर वास्तविक स्थिति बहुत परेशान करता है और कामकाज में समस्याएं पैदा करता है। एग्रोफोबिया से पीड़ित व्यक्ति इस डर का अनुभव कई स्थितियों में करता है। जैसे कि

  • -सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना
  • -खुले स्थानों में होने पर
  • - भीड़ वाले स्थानों में होना
  • -लाइन में खड़ा होने पर
  • -घर के बाहर अकेले रहने पर

e. सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर (Social Anxiety Disorder)

सामाजिक चिंता विकार वाले व्यक्ति को शर्मिंदगी, अपमानित, अस्वीकार किए जाने या सामाजिक संबंधों में कमी देखने के बारे में ज्यादा चिंता और असुविधा होती है। इस विकार वाले लोग स्थिति से बचने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर जानें,  बोलने, नए लोगों से मिलने और सार्वजनिक रूप से खाने पीने से अत्यधिक डरते हैं। 

f. अलगाव की चिंता (Separation Anxiety Disorder)

अलगाव चिंता विकार वाले लोगों को अपने लोगों से बिछड़ने का डर रहता है। ऐसे लोग घर से बाहर जाने या उस व्यक्ति के बिना बाहर जाने से इनकार कर सकते है, या अलगाव के बारे में बुरे सपने का अनुभव कर सकते हैं। ये परेशानी बचपन में विकसित होते हैं, लेकिन लक्षण वयस्क होने के बाद भी रह सकते हैं।

2. मूड डिसऑर्डर  (Mood disorders)

मूड डिसऑर्डर को भी भावात्मक विकारों या अवसादग्रस्तता विकारों के रूप में संदर्भित किया जा सकता है। इन स्थितियों वाले लोगों के मनोदशा में बहुत जल्दी बदलाव आता रहता है। इसके भी कई प्रकार होते हैं, जैसे कि 

a. मेजर डिप्रेशन (Major depression)

इस अवसाद के साथ एक व्यक्ति लगातार लो फिल करता है और उसका मूड हमेशा खराब रहता है और उन गतिविधियों और घटनाओं में रुचि खो देता है जो पहले से आनंद लेते थे। वे लंबे समय तक निराश या अत्यधिक उदास महसूस करता है।

b. बाइपोलर डिसऑर्डर (Bipolar disorder)

बाइपोलर डिसऑर्डर या द्विध्रुवी विकार वाला व्यक्ति अपने मनोदशा, ऊर्जा के स्तर, गतिविधि के स्तर और दैनिक जीवन को जारी रखने की क्षमता में असामान्य परिवर्तन का अनुभव करता है। अच्छा महसूस करने पर वो बहुत ज्यादा एनर्जेटिक हो जाते हैं, जबकि लो मूड होने पर अवसाद में चले जाते हैं। 

c. मौसमी भावात्मक विकार (Seasonal affective disorder )

सर्दियों और शुरुआती वसंत महीनों के दौरान जब दिन का छोटा होता है या ज्यादा अंधेरा होता है, तो ये कुछ लोगों को डिप्रेशन में डाल सकता है। ऐसे लोगों के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है एक बेहतर लाइटिंग या सूर्य की रोशनी वाले कमर में रहना। 

3. सिजोफ्रेनिया (Schizophrenia disorders)

सिजोफ्रेनिया एक या कई मानसिक बीमारियों का एक समूह है जिसे समझना काफी मुश्किल है।  सिजोफ्रेनिया के लक्षण आमतौर पर 16 से 30 साल की उम्र के बीच विकसित होते हैं। ऐसे व्यक्ति के विचार कई बार टूटे हुए और खोए हुए से होते हैं। ये लोग उन चीजों को भी अपने आस पास महसूस करते हैं, जो कि सच में दुनिया में है ही नहीं।  सिजोफ्रेनिया के नकारात्मक और सकारात्मक लक्षण हैं। सकारात्मक लक्षणों में भ्रम, विचार विकार और मतिभ्रम शामिल हैं। नकारात्मक लक्षणों में प्रेरणा की कमी और खराब मनोदशा शामिल हैं।

मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के उपाय- Tips for good mental health

  • -दूसरों से जुड़े रहें और अपने आप को अलग न समझें।
  • -पॉजिटिव सोचें
  • -शारीरिक रूप से सक्रिय रहें।
  • -दूसरों की मदद करते रहें।
  • -पर्याप्त नींद लें और समय पर सोएं और समय से जागें
  • -हेल्दी डाइट लें खास कर मूड को बेहतर बनाने वाली चीजों को खाएं।
  • -शराब, धूम्रपान और ड्रग्स से बचें। 
  • -खूब धूप लें। 
  • -तनाव ज्यादा न लें।
  • -बहुत ज्यादा सोचना बंद करें।
  • -एक्सरसाइज और योग करें।
  • -ऐसा कुछ करें जिससे आपका मन लगा रहे और आप खुश रहें। 
  • - मिलनसार बनें।

इस तरह आप मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी सभी परेशानियों,  बीमारियों, उनके लक्षण, उपचार और बचाव के लिए एक्सपर्ट टिप्स और जानकारियां यहां पा सकते हैं। तो पढ़ते रहें ऑनली माय हेल्थ का ये खंड 'मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य -Mental health in hindi' और अपने मानसिक स्वास्थ्य का रखें खास ख्याल। 

Source: American Psychiatric Association

WHO and CDC 

https://www.ncbi.nlm.nih.go

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Essay on Health for Students and Children

500+ words essay on health.

Essay on Health: Health was earlier said to be the ability of the body functioning well. However, as time evolved, the definition of health also evolved. It cannot be stressed enough that health is the primary thing after which everything else follows. When you maintain good health , everything else falls into place.

essay on health

Similarly, maintaining good health is dependent on a lot of factors. It ranges from the air you breathe to the type of people you choose to spend your time with. Health has a lot of components that carry equal importance. If even one of them is missing, a person cannot be completely healthy.

Constituents of Good Health

First, we have our physical health. This means being fit physically and in the absence of any kind of disease or illness . When you have good physical health, you will have a longer life span. One may maintain their physical health by having a balanced diet . Do not miss out on the essential nutrients; take each of them in appropriate quantities.

Secondly, you must exercise daily. It may be for ten minutes only but never miss it. It will help your body maintain physical fitness. Moreover, do not consume junk food all the time. Do not smoke or drink as it has serious harmful consequences. Lastly, try to take adequate sleep regularly instead of using your phone.

Next, we talk about our mental health . Mental health refers to the psychological and emotional well-being of a person. The mental health of a person impacts their feelings and way of handling situations. We must maintain our mental health by being positive and meditating.

Subsequently, social health and cognitive health are equally important for the overall well-being of a person. A person can maintain their social health when they effectively communicate well with others. Moreover, when a person us friendly and attends social gatherings, he will definitely have good social health. Similarly, our cognitive health refers to performing mental processes effectively. To do that well, one must always eat healthily and play brain games like Chess, puzzles and more to sharpen the brain.

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Physical Health Alone is Not Everything

There is this stigma that surrounds mental health. People do not take mental illnesses seriously. To be completely fit, one must also be mentally fit. When people completely discredit mental illnesses, it creates a negative impact.

For instance, you never tell a person with cancer to get over it and that it’s all in their head in comparison to someone dealing with depression . Similarly, we should treat mental health the same as physical health.

Parents always take care of their children’s physical needs. They feed them with nutritious foods and always dress up their wounds immediately. However, they fail to notice the deteriorating mental health of their child. Mostly so, because they do not give it that much importance. It is due to a lack of awareness amongst people. Even amongst adults, you never know what a person is going through mentally.

Thus, we need to be able to recognize the signs of mental illnesses . A laughing person does not equal a happy person. We must not consider mental illnesses as a taboo and give it the attention it deserves to save people’s lives.

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स्वास्थ्य पर भाषण

इन दिनों जिस चीज़ के बारे में सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है वह है स्वास्थ्य। हर कोई इस बात के प्रति सचेत हो गया है कि क्या खाएं और क्या ना खाएं। लोगों ने खुद को फिट रखने के लिए शारीरिक व्यायाम या खेलों में भाग लेना शुरू कर दिया है। इसके परिणामस्वरुप कई जिम खुल गए हैं। स्वास्थ्य कंट्रोल भी हर इलाके में बढ़ रहा है। नौकरी करने वाले युवाओं ने खुद स्वयं की देखभाल करने के महत्व को महसूस किया है और वे स्वस्थ भोजन खाते हैं और फिट रहते हैं। इस पृष्ठ पर हमने स्वास्थ्य और उसके महत्व पर कुछ उदाहरण साझा किए हैं जो कि किसी भी अवसर के लिए आपको अपना भाषण तैयार करने में मदद करेंगे।

स्वास्थ्य पर लंबे और छोटे भाषण (Long and Short Speech on Health in Hindi)

श्री एडवर्ड स्टेनली, ब्रिटेन के तीन बार के प्रधान मंत्री, ने एक बहुत ही प्रसिद्ध बात कही थी।

“जो लोग सोचते हैं कि उनके पास व्यायाम करने का कोई समय नहीं है उन्हें जल्द ही या बाद में किसी बीमारी के लिए समय निकालना होगा।”

विश्व स्वास्थ्य दिवस के इस अवसर पर आज यहां उपस्थित सभी लोगों को मेरी ओर से नमस्कार। श्री एडवर्ड द्वारा कहे कथन को हम सभी जानते हैं और इससे सहमत भी हैं और सच्चाई यह है कि हम सबको पता है कि स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है। हम सभी जानते हैं और हमारे दिन की स्वस्थ शुरुआत करना कितना महत्वपूर्ण है। आइए हम इस तथ्य का सामना करें। हम में से कितने एक स्वास्थ्य व्यवस्था का सच्चाई का पालन करते हैं। मेरे हिसाब से मोटे तौर पर लगभग 20%! यह एक तथ्य नहीं है लेकिन मेरा अनुमान है यह कम भी हो सकता है या यह ज्यादा भी हो सकता है। देश से देश, क्षेत्र से क्षेत्र के आधार पर। कुछ साल पहले अमेरिका में एक सर्वेक्षण के अनुसार मोटापा कैंसर की तुलना में बड़ी बीमारी बन रहा था।

केवल एक स्वस्थ व्यक्ति अपने श्रम के फल का आनंद ले सकता है। अगर कोई व्यक्ति जो अमीर है पर उसके पास स्वास्थ्य का अभाव है तो उसका क्या उपयोग है? वह या तो अधिकतर पैसा चिकित्सा बिलों पर खर्च करेगा या सहायता लेकर अपना दैनिक काम पूरा करने में खर्च करेगा।

यूके विश्वविद्यालय के एक प्रसिद्ध हास्य लेखक और प्रोफेसर जोश बिलींग्स ने कहा है कि “स्वास्थ्य पैसे की तरह है। हमें जब तक इसके मूल्य का एहसास नहीं होता जब तक हम इसे खो नहीं देते हैं।” एक सदी पहले जो उन्होंने कहा था वह आज तक सच साबित होता दिखता है। यह आज भी सत्य है और अगली आने वाली कई सदियों तक सत्य साबित होगा।

इसलिए इससे पहले की हमारे साथ ऐसा हो और हम अपना स्वास्थ्य खो दें हमें सोचने की जरुरत है। यह बदलाव का समय है। किसने कहा कि बदलाव आसान है? यह आपकी अपनी इच्छा शक्ति के खिलाफ लड़ाई है। दूसरा कोई नहीं बल्कि मैं खुद जो मेरे लिए अच्छा है उससे रोक रहा है। स्वास्थ्य के लाभ मेरे साथ शुरू होते हैं इसलिए प्रयासों को भी मेरे साथ शुरू करना चाहिए। जिस दिन हम यह जान जाएंगे उसी दिन हम स्वस्थ शरीर नामक इस अमूल्य संपत्ति का निर्माण करने में सक्रिय रूप से शामिल हो जाएंगे। आखिरकार स्वस्थ शरीर ही है जिसमें स्वस्थ दिमाग रहता है। अगर हम स्वस्थ हैं तो हम बेहतर तरीके से काम कर पाएंगे, बेहतर सोच सकेंगे, बेहतर रह सकेंगे और जीवन नामक इस उपहार का आनंद उठा सकेंगे।

अंत में मैं यह कहना चाहूंगा कि अच्छा स्वास्थ्य तभी प्राप्त किया जा सकता है जब हम हर दिन कम से कम एक शारीरिक गतिविधि करें, स्वस्थ खाना खाएं, कोशिश करें पर्याप्त सोने की, अपने आप को हाइड्रेटेड रखने के लिए पर्याप्त पानी पिएं, जल्दी उठें और योग करें। हां और सबसे महत्वपूर्ण है यथासंभव जंक फूड से दूर रहें। कई दिनों में एक बार तला हुआ भोजन करना ठीक है लेकिन हर सप्ताहांत ऐसा भोजन करना आपकी धमनियों को नुकसान पहुंचा सकता है। मैं इसे अपने प्रिय श्रोताओं पर छोड़ता हूं आपको कौन सा संयोजन पसंद है। मैं विलियम शेक्सपियर द्वारा कहे बहुत ही प्रसिद्ध कथन के साथ अपना भाषण समाप्त करता हूं।

“हमारा शरीर हमारा बगीचा है – हमारी इच्छाएं हमारे माली हैं।”

हर किसी को अभिवादन! मेरे सभी कर्मचारियों और सहकर्मियों की ओर से आप सभी का स्वागत करना मेरी खुशकिस्मती है। चाहे एक बच्चा हो, एक किशोर हो, एक बूढ़ा हो या कोई व्यस्क हो हर स्तर पर हमारा स्वास्थ्य हमारी सभी गतिविधियों का केंद्र है और हमारे जीवन का नेतृत्व करता है। एक स्वस्थ शरीर एक वाहन है और मैं, सचेत रहते हुए, उसका स्वामी या यात्री हूं।

दोस्तों इन दिनों लोग अपने स्वास्थ्य के बारे में बहुत सचेत हो गए हैं और वे अक्सर जिम, नृत्य कक्षाएं, एरोबिक्स या योग केंद्रों में जाते हैं। कुछ लोग यह जाने बिना कि यह प्रत्येक के लिए कितना महत्वपूर्ण है सिर्फ़ अपना शौक पूरा करने के लिए यह सब करते हैं। फिट रहने का मतलब यह नहीं है कि आप बेवजह अपनी मांसपेशियां दिखाते रहें लेकिन निश्चित रूप से इसका अर्थ यह है कि आपके पास एक सक्रिय जीवनशैली है और आप बिना थके या बिना रुके अपना काम करने में सक्षम हैं।

मेरा मतलब है कि आप दैनिक कामों से थकावट महसूस नहीं करते हैं और आप पूरी तरह से अपनी दिनचर्या का आनंद लेने में सक्षम हैं। मेरे लिए स्वास्थ्य आपकी दैनिक गतिविधियों का एक अभिन्न अंग है जिसे एक दिन के कार्यक्रम में बुना जाता है। अपने स्वास्थ्य की देखभाल करना कुछ ऐसी चीज है जिसे एक गतिविधि के रूप में नहीं माना जा सकता है जिसके लिए आप कार्यालय या दैनिक कामों से मुक्त होने पर समय निकाल सकते हैं। ऐसे कई पहलू हैं जिन पर हमारा स्वास्थ्य निर्भर है। इसमें शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक कारक शामिल हैं।

शारीरिक शक्ति हासिल करने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम किसी तरह के शारीरिक व्यायाम के साथ अपना दिन शुरू करें। सुबह की सैर करें या जिम जाएँ, योग करें या आप घर पर भी अभ्यास कर सकते हैं। असल में आप कुछ भी कर सकते हैं जो आप चाहते हो या आप अपनी उम्र के अनुसार भी शारीरिक व्यायाम कर सकते हैं। अपनी शारीरिक गतिविधि को चुने और उसी हिसाब से कार्यक्रम व्यवस्थित करें। आपकी योजना के साथ आपको न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक शक्ति की जरूरत भी है। जी हां आप सही समझे अपनी योजना का पालन करने के लिए आपको बहुत सारी इच्छा शक्ति की जरुरत है। एक बहुत मशहूर स्पैनिश कहावत है, “एक व्यक्ति जो अपने स्वास्थ्य की देखभाल करने में बहुत व्यस्त है वह एक मैकेनिक की तरह है जो अपने उपकरणों की देखभाल करने में बहुत व्यस्त है।”

बुद्ध ने कहा था “शरीर का स्वास्थ्य अच्छा रखना एक कर्तव्य है … अन्यथा हम अपने मन को मजबूत और स्पष्ट रखने में सक्षम नहीं होंगे”।

अब जब आपने अपना खेल और व्यवस्थित दिनचर्या चुनी है और इसे अपने कार्यक्रम में शामिल किया है तो अगला काम है यह जांचना कि आप क्या खाते हैं। यह फिट और स्वस्थ रहने का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। भोजन बहुत कम खाना या बहुत ज्यादा खाना दोनों बुरा है। जैसा कि बुद्ध ने कहा यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने शरीर को स्वस्थ रखें। सही भोजन चुनने से हमें पोषण और ताकत मिलती है। हमें इसे सही मात्रा में लेने की जरूरत है। जितना संभव हो उतना जंक फूड से बचें। “कचरे अंदर लेना कचरा बाहर करना” एक सिद्धांत है जो हमारे जीवन में उतना ही लागू होता है जितना कंप्यूटर पर होता है। जंक भोजन खाने के नतीजा एक सुस्त और आलसी शरीर है! यदि आप एक स्वस्थ शरीर और एक मजबूत दिमाग चाहते हैं तो आपको हरी सब्ज़ी खानी चाहिए, एक संतुलित आहार लेना चाहिए, दूध पीना चाहिए, जूस और पर्याप्त मात्रा में पानी चाहिए।

हमें कम से कम खुद को मानसिक और भावनात्मक रूप से भी फिट रखना चाहिए। हमारी भावनाओं को नियंत्रण में रख हमें अपने गुस्से को संभालना सीखना चाहिए, धीरज रखना चाहिए और दूसरों की जरूरतों के अनुरूप सामंजस्य बिठाना चाहिए। यह आसानी से उन लोगों द्वारा प्राप्त किया जा सकता है जिन्हें इसी तरह के पारिवारिक मूल्य और अच्छी परवरिश दी गई है लेकिन जो लोग अभी भी अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं उनका ध्यान लगाना चाहिए। ध्यान केवल हमारे लक्ष्यों को ही नहीं बल्कि हमें कई और अधिक चीजों को प्राप्त करने में मदद करता है। यह हमें एक जगह केंद्रित रहने में मदद करता है।

यह हमें हमारे दिमाग को साफ करने और रचनात्मक विचारों के लिए जगह बनाने में मदद करता है। विशेष रूप से आज के समय में जहां हमारे चारों ओर बहुत तनाव है वहां हमें संकट से बचने के लिए सोचने और तर्कसंगत रूप से काम करने की जरूरत है। हमारे IQ से ज्यादा महत्वपूर्ण हमारा EQ हैI केवल एक स्वस्थ दिमाग ही अनचाहे नतीजो को प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षित किया जा सकता है। इसलिए प्रत्येक दिन अभ्यास करने के लिए हमें ध्यान करना सीखना चाहिए। आख़िरकार यह स्वास्थ्य ही है जो सबसे ज़रूरी है।

जैसा कि मैंने शुरुआत में कहा था हमारा शरीर एक वाहन है तो हमारे लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि इसकी उपेक्षा करने से हमें मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। कभी-कभी इससे हमारे लिए साँस लेने में भी मुश्किल हो सकती है। हमारी ओर से थोड़ी सी लापरवाही का मतलब बीमारी के लिए निमंत्रण हो सकता है। एक बहुत ही मशहूर डच नीतिवचन को देखे तो हैं यह नीतिवचन कहती हैं, “बीमारी घोड़े पर बैठ कर आती है लेकिन वापिस पैदल चल कर जाती है”। जो बीमारियों से ग्रस्त है वह आपको सबसे अच्छी तरह से बता सकता है कि स्वस्थ होना कितना महत्वपूर्ण है। तो अगर हमें अपने जीवन की मंजिल तक पहुंचना है और अपने कैरियर में सफल होना है तो एक संपत्ति बनिए न की देनदारी। तो हमें इस अनमोल उपहार का बहुत ध्यान रखना सीखना होगा जो हमें स्वाभाविक रूप से ईश्वर से प्राप्त हुआ है। यह महत्वपूर्ण है कि जीवन रुपी इस वाहन की स्थिति बेहतर हो ताकि हम अपने श्रम के फल का आनंद उठा सकें।

मैं हर एक से आग्रह करता हूं कि अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बने। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। यह करना एक अच्छा काम है। स्वस्थ और फिट रहने का आनंद लें! धन्यवाद।

सुप्रभात प्राचार्य महोदया, शिक्षकगण और मेरे प्रिय दोस्तों,

सुबह की ताज़ा हवा, सुबह की धूप, हरे पौधें और पेड़ सुखदायक किरणों को बुलावा देते हैं, गुलाब और मैरीगोल्ड से आती सुगंध, ये सभी प्रेरणा हैं जो किसी को भी बाहर आकर रहने का निमंत्रण देती हैं। आप बाहर जा सकते हैं और सबसे अच्छी कंपनी में रह सकते हैं – माँ प्रकृति की गोद में एक जगह जहां आपको हमेशा आराम मिलेगा। एक बार जब आप अनुभवी सुबह की ताजगी महसूस करते हैं तो कोई भी चीज़ आपको बिस्तर से दूर रहने से नहीं रोक सकती और अगर आप इस अनमोल उपहार का आनंद उठाते हैं तो आप मेरे साथ पूरी तरह सहमत होंगे।

ये आपको प्रेरित करने के कुछ कारण हैं जो आपके बेहद व्यस्त, थकाऊ और कार्यकारी दिन की शुरुआत करने में मदद करेंगे।

मैं अपना दिन अपनी मां के साथ हल्के व्यायाम करके शुरू करता हूँ और फिर मेरी रोज़ की दिनचर्या शुरू होती है। पूरे दिन के दौरान मेरी स्वस्थ मुझे ऊर्जावान और जीवंत रखती है इसलिए मैं अपने सभी कार्यों को कुशलतापूर्वक और उत्साहपूर्वक पूरा कर पाता हूं। व्यायाम मेरे रक्त में एड्रेनेलिन को बढ़ाता है और ऊर्जा के स्तर पर उच्चतर ऑक्सीजन की आपूर्ति में सुधार करता है जो आम तौर पर इसे नहीं मिलती है और यही मेरी मांसपेशियों की सहनशक्ति में सुधार करता है।

दिलचस्पी लेकर कसरत करने से खुशी की भावना मिलती है और दर्द कम हो जाता है। यह उन लोगों की मदद करता है जो चिंता से पीड़ित हैं या जिनमें अवसाद की भावनाएं घर कर गई हैं। यह वास्तव में मूड को बदलने में बहुत प्रभावी हो सकता है और अगर आप वजन घटाने की कोशिश कर रहे हैं तो आपका एकमात्र समाधान व्यायाम करना है।

चूंकि कसरत का लाभ शारीरिक रखरखाव तक सीमित नहीं है इसलिए इसे केवल उन लोगों द्वारा महसूस किया जा सकता है जो वास्तव में सख्त शासन का पालन करते हैं। वे हमें बताएंगे कि यह कैसे उन्हें मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में भी मदद करता है। अध्ययन ने अब यह साबित कर दिया है कि नियमित रूप से व्यायाम करने वाले लोगों के मस्तिष्क में सुधार, तेज सोच का होना और निश्चित रूप से बेहतर स्मृति बनता है।

यहां से यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि व्यायाम का स्वास्थ्य के साथ एक सीधा संबंध है। स्वास्थ्य एक समग्र शारीरिक फिटनेस के साथ ही मानसिक और भावनात्मक है।

सुबह की सैर, जोगिंग, एरोबिक्स, योग या सुबह की ताज़ी हवा में साइकिल चलाना अच्छे दिन की शुरुआत करने का तरीका है। आप उस गतिविधि का चयन करते हैं जो आपको पसंद आती है और जिसे आप शारीरिक रूप से सहन कर सकते हैं। नियमित रूप से व्यायाम करें और आप अंतर देखेंगे यदि आप जवान हैं तो आप निश्चित रूप से अधिक ऊर्जावान महसूस करेंगे या आप अपनी दिनचर्या का प्रबंध कर सकेंगे और यदि आप अपनी व्यस्क अवस्था में हैं तो आप आसानी से सभी हृदय रोगों और अन्य ऐसी बिमारियों को दूर रख सकते हैं। एक अध्ययन ने पाया है कि नियमित स्वास्थ्य व्यवस्था से आप रक्तचाप और रक्त में वसा के स्तर को कम कर सकते हैं।

इन दिनों अच्छे संगठन और कार्यालय भी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो गए हैं और इस तरह से आस-पास के अपने परिसर के परिवेश को विकसित किया है जिससे सबको अपने डेस्क या कुर्सी से उठना पड़े और फिर से ताज़ा होने से पहले वापिस काम पर जाने से पहले कुछ शारीरिक व्यायाम करे। कॉफी भी आपको फिर से ताज़ा होने में मदद कर सकती है! कुछ कार्यालयों के अधिकारियों को एक छोर से दूसरे छोर तक जाने के लिए साईकिल चलाने की अनुमति होती है फिर भी कुछ ऐसे लोग हैं जो अपने कार्यालय के परिसर के भीतर जिम या री-क्रिएशन रूम बनाते हैं। उन्होंने अपने कर्मचारियों से बेहतर प्रदर्शन करने का दावा किया है जो इस प्रकार उनके उत्पादन की क्षमता को बढ़ाता है।

बुद्ध ने कहा था “स्वास्थ्य जीवन के बिना जीवन नहीं है। यह केवल शोक और पीड़ा की स्थिति है”। और यह केवल सही, सोच, आकलन, विश्लेषण और तरीकों को अपनाने के लिए है जो हमें अच्छे स्वास्थ्य और खुशी के मार्ग की ओर ले जाती है और यही हमारा मकसद होना चाहिए।

सुप्रभात! अगस्त की अद्भुत सुबह की इस शानदार सभा में इतने चमकदार चेहरों को देखकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। हम लोकप्रिय रूप से कहते हैं कि “आप किताब को इसके कवर से पहचान सकते हैं।” और इसी तरह आप सभी के ख़ुशी भरे चेहरे को देखकर मैं यह पहचान सकता हूँ कि आप सभी पूरी तरह से फिट और स्वस्थ हैं। अगर आप नहीं होते तो आपकी मुस्कुराहट इतनी शानदार नहीं होती।

इस सुंदर शरीर की अच्छी देखभाल करना सौंदर्य है जिसे हमारी सुंदर आत्मा का मंदिर कहा जाता है। हम कई चीजों को गारंटी के रूप में ले लेते हैंI उदाहरण के लिए हमारी आँखें, हाथ, पैर, बोलने, सुनने और बौद्धिक रूप से सोचने की शक्ति ये सभी स्वाभाविक रूप से हमें ईश्वर से मिलते हैं जिनके बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। अब ये सभी विशेषताएं स्वस्थ शरीर की विशेषताएं हैं। लेकिन ये बाहरी उपहार हैं जो जीवन हमें प्रदान करता है। स्वस्थ पेट, फेफड़े, लीवर या दिल यहां तक ​​कि मांसपेशियों के उपहार के बारे में क्या कहेंगे? मनुष्यों को कुछ उपहार अदृश्य रूप से आसानी से दिए गए हैं। यदि इन अंगों में से कोई भी अंग काम करना बंद कर देता है तो हमारा जीवन मुश्किल में पड़ सकता है! शुक्र है जब हमें इन सभी अंगों की देखभाल करने की बात आती है तो हमें ज्यादा रखरखाव का काम करने की ज़रूरत नहीं है। भगवान ने हमारे सिर के अंदर कंप्यूटर को फिट किया है और यह होशियार कंप्यूटर हमारे सिस्टम को पूरी तरह व्यवस्थित करता है।

जीवन का तंत्र एक आत्म-चालित, आत्म-स्नेही और आत्मनिर्भर बुद्धिमान सुपर प्रणाली है। यहां तक ​​कि आपकी कार या वाहनों को भी रखरखाव, सर्विसिंग और अप-ऑफ शेड्यूल की आवश्यकता होती है। आपके वाहनों में अच्छी बात यह है कि जब उनका जीवन खत्म हो जाता है या आप उनसे ऊब जाते हैं तो आप उन्हें बदल सकते हैं या उनके लिए नए उपकरणों को खरीद सकते हैं लेकिन आपका सबसे महत्वपूर्ण वाहन यानी आपका शरीर आपको केवल एक बार मिलता है! आपको इसका ध्यान रखना होगा। आपका मुख्य कर्तव्य इसे बनाए रखना है। यदि आपका शरीर स्वस्थ नहीं है तो आपके बेड़े की सबसे अच्छी कार भी आपके लिए उपयोगी नहीं होने वाली है।

आपके शरीर का स्वास्थ्य आपकी आत्मा का स्वास्थ्य है। एक सक्रिय शासन को बनाए रखना, स्वस्थ भोजन खाना, स्वस्थ विचार रखना यानी सकारात्मक विचार रखना, दूसरों के प्रति सकारात्मक रवैया बनाए रखना और अपने वातावरण को साफ करना स्वास्थ्य के प्रति एक समग्र दृष्टिकोण के योगदानकर्ता हैं। इन दिनों योग और ध्यान आम हो गए हैं। हर गुरु, हर खेल का कोच, जीवन का कोच और पेशेवर संगठनों को उन लोगों के रोज़मर्रा के जीवन में योग और ध्यान को शामिल करने के महत्व के बारे में पता हो जाता है जो उनका अनुसरण करते हैं या उनसे जुड़े होते हैं। योग और ध्यान जीवन का एक तरीका बनता जा रहा है।

यहां तक ​​कि गांवों में ही नहीं बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी लोग दिन-प्रतिदिन जागरूक होते जा रहे हैं। इससे दूर केवल वही लोग हैं जो अपने जीवन को बहुत लापरवाही से लेते हैं या फिर अपने शरीर और जीवन के बारे में कम देखभाल करते हैं या स्वस्थ और फिट रहने में बहुत कम मेहनत करते हैं। ये लोग वे हैं जिन्हें आप ज्यादातर रेस्तरां, बेकरी की दुकानों, मिठाई की दुकानों आदि में खाते हुए देख सकते हैं। इन लोगों को आसानी से अस्पतालों, डॉक्टरों और दवाईओं की दुकानों पर देखा जा सकता है जहाँ वे अपनी पाचन समस्याओं पर काबू पाने के लिए कभी-कभी दवा लेते दिख जाते हैं। अधिकांश समय वे मोटापे से भी लड़ते हैंI

दूसरी ओर स्वस्थ लोगों को पार्कों में, खेतों और खेल क्लबों, सैर करते, जॉगिंग या सुबह घूमते हुए देखा जा सकता है। यहां तक ​​कि ऐसे लोगों को ठंडे मौसम की स्थिति भी नहीं रोक सकती। ऐसा नहीं है कि ये स्वयं-प्रेरित स्वयं-संचालित स्वयं निर्देशित लोग अलग-अलग स्थानों पर बाहर नहीं जाते और खाना नहीं खाते हैं। यह सिर्फ इतना है कि वे ऐसा कम बार करते हैं और भोजन की मात्रा और गुणवत्ता वे अस्वास्थ्यकर खाने वालों की तुलना के भोजन से निश्चित रूप से अलग हैं। यह जीवन में चुनाव करने के बारे में है, चाहे वह पेशेवर हो या व्यक्तिगत। जिस तरह से हम अपनी ज़िंदगी का नेतृत्व करना चाहते हैं उसमें काफी विचार-विमर्श महत्वपूर्ण है। हमें अपनी शक्ति का उपयोग समझदारी और होशियारी से करना चाहिए। हमारे पाचन तंत्र के अंदर हम जो खाना डालते हैं वह हमारी पसंद का होना चाहिए। हम जो सोचते हैं वह भी हमारी पसंद होनी चाहिए। इसलिए एक स्वस्थ शरीर रखने और रोगप्रतिबंधक मन हमें स्वस्थ स्वास्थ्य के प्रति प्रेरित करेगा।

जहाँ व्यायाम और अच्छे खाने की आदतें शरीर के लिए अच्छी हैं वहीँ ध्यान हमारे मन, विचारों और मस्तिष्क के लिए अद्भुत है। यह हमें एक शानदार यादाश्त बनाए रखने में मदद करता है और हमें पूरे दिन शांतिपूर्ण और धैर्यशील बनाए रखता है। एक तरफ योग हमें शारीरिक योग्यता प्रदान करता है वहीँ दूसरी तरफ ध्यान हमें मनोवैज्ञानिक और संज्ञानात्मक योग्यता देता है। और हमें एक अनुकरणीय जीवन के लिए एक आदर्श तरीके की ज़रूरत है। अब सबसे महत्वपूर्ण समय है। हम सभी समय को बहुत आसानी से दोष दे देते हैं। हम कहते हैं कि समय कहाँ है।

हम हमेशा इस कीमती वस्तु के लिए कड़ी मेहनत करते हैं लेकिन सच्चाई यह है कि जब हमें अपने स्वयं के लिए चीजें करने की बात आती है तो हम बहुत सुस्त और आलसी होते हैं। टालमटोल की आदत हमें विरासत में मिली होती है। हम बेवजह निरंतर और सतत रूप से देरी करते रहते हैं यह जानते हुए कि एक दिन हमें यह करना होगा। जब हम चिकित्सक द्वारा दी गई पर्ची को देखते हैं तो हमारे लापरवाह तरीकों को बदलना हमारे लिए देरी नहीं हो सकती। हमें हमारे शरीर का इलाज करने के लिए उस समय तक इंतजार नहीं करना चाहिए। इसकी शुरुआत अभी क्यों नहीं करें। अभी सबसे अच्छा होने के लिए कुछ समय क्यों न बनाएं। आइए हम “यदि आप नहीं बदले तो कौन बदलेगा” के लिए खुद को बदले।

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World Oral Health Day in Hindi 2024: जानिए विश्व मौखिक स्वास्थ्य दिवस का इतिहास, महत्व और थीम

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  • Updated on  
  • फरवरी 14, 2024

World Oral Health Day in Hindi

World Oral Health Day in Hindi 2024: हर साल 20 मार्च के दिन वर्ल्ड ओरल हेल्थ डे – विश्व मौखिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य सभी का अपनी ओरल हेल्थ की और ध्यान आकर्षित करना है। FDI इंटरनेशनल डेंटल एसोसिएशन के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 4 बिलियन लोग दंत समस्याओं से पीड़ित हैं। ओरल डीकेय (दन्त क्षय) जो अनुपचारित छोड़ दिया जाता है वह सबसे आम मौखिक स्वास्थ्य समस्या है। मसूड़ों की बीमारी, मुंह का कैंसर और दांतों का गिरना दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अन्य आम मौखिक स्वास्थ्य समस्याएं हैं। 65 और 74 वर्ष की आयु के बीच, 30% व्यक्तियों के प्राकृतिक दांत नहीं होते हैं।

खराब दंत स्वास्थ्य से व्यक्ति के समग्र व्यक्तित्व पर प्रभाव पड़ सकता है। कम आत्मसम्मान, अवसाद और चिंता, ये सब इसी का परिणाम हैं। यहां तक ​​कि कार्यस्थल में, रिश्तों में और शिक्षा में मुद्दों को खराब मौखिक स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। सौंदर्य को नुकसान पहुंचाने के अलावा, खराब डेंटल हाइजीन हृदय रोग , डेमेंशिया -मनोभ्रंश, पुराने संक्रमण, मधुमेह , गर्भावस्था की परेशानी और गुर्दे की बीमारी सहित कई स्वास्थ्य कठिनाइयों में योगदान करती है।

World Oral Health Day in Hindi का इतिहास 

चीन और मिस्र के प्राचीन साहित्य से पता चलता है कि संस्कृतियों ने लंबे समय से उचित दंत स्वच्छता रखने के मूल्य को मान्यता दी है। कई समाजों ने किसी न किसी तरह से मौखिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी है, चाहे वह मछली की हड्डियों, पंखों, या साही की कलमों जैसे साधारण औजारों या पेड़ की छाल जैसे अधिक परिष्कृत उपकरणों के उपयोग के माध्यम से हो।

1400 के दशक तक, चीन में ठंडे मौसम में उठाए गए सूअरों से, हड्डी या लकड़ी से जुड़े, और टूथब्रश के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था। लगभग इसी अवधि में यूरोप में, नमक को ब्रांडी और पानी के घोल में घोला जाता था और दांतों के बीच फंसे किसी भी खाद्य कण को ​​​​हटाने के लिए स्पंज से दांतों को रगड़ने से पहले मुंह को कुल्ला किया जाता था।

नतीजतन, एक या दूसरे तरीके से, अधिकांश लोगों के मुंह की स्वच्छता की परवाह नहीं करने के उदाहरण थे क्योंकि मौखिक स्वास्थ्य में प्रगति हुई थी। ऐसी बीमारियाँ दिखाई देने लगीं जिनका कोई इलाज उपलब्ध नहीं था। बीमारियों को ठीक करने के लिए पारंपरिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन 1880 तक नर्सों ने बीमारी से बचाव के लिए रोगनिरोधी देखभाल देना शुरू नहीं किया।

जल्द ही बाद में, विशेष दंत प्रक्रियाओं वाले दंत चिकित्सकों ने दंत और मौखिक रोगों का इलाज करना शुरू कर दिया। मौखिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए सबसे प्रमुख अधिवक्ता फेडरेशन डेंटेयर इंटरनेशनल (FDI) है। संगठन ने अपने 100 से अधिक वर्षों के अस्तित्व के दौरान मौखिक स्वास्थ्य और स्वच्छता के मूल्य को बढ़ावा दिया और जोर दिया।

जब 2013 में पहला विश्व मौखिक स्वास्थ्य दिवस घोषित किया गया था, तो उचित मौखिक स्वच्छता बनाए रखने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने का उनका अभियान सफल रहा। 2013 से ओरल हेल्थ डे की थीम हर साल बदलती रही है।

World Oral Health Day 2024 थीम 

हर साल विश्व मौखिक स्वास्थ्य दिवस एक थीम के तहत मनाया जाता है। इस साल 2024 की थीम है A HAPPY MOUTH IS…’ वहीं 2023 की थीम थी “बी प्राउड ऑफ़ योर माउथ” विश्व मौखिक दिवस 2023 की थीम हमें अपने मौखिक स्वास्थ्य पर देने का आह्वान करती है। इसके साथ ही यह मौखिक रोगों को रोकने की आवश्यकता पर ज़ोर देती है। अपने मुख को स्वस्थ्य रखें और प्राउड रहें।  

इसका उद्देश्य सभी का अपनी ओरल हेल्थ की और ध्यान आकर्षित करना है

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको World Oral Health Day in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य  ट्रेंडिंग आर्टिकल्स  पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।   

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विशाखा सिंह

A voracious reader with degrees in literature and journalism. Always learning something new and adopting the personalities of the protagonist of the recently watched movies.

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