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मेरा पसंदीदा पुस्तक पर निबंध (My Favourite Book Essay in Hindi)

किताबें/पुस्तकें हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इनके द्वारा ही हमारी मानसिक ज्ञान का विकास विस्तृत रूप से होता हैं। किसी वस्तु या विषय की सम्पूर्ण जानकारी हम किताबों के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। मुख्य रूप से यह विषयों से संबंधित विभिन्न सूचनाओं और तथ्यों का एक सम्पूर्ण संग्रह हैं। हममें से बहुत से लोगों को किताबें पढ़ने का शौक होता है, पर हर एक की अपनी एक अलग पसंद होती हैं। जिसे हम अपनी पसंदीदा पुस्तक कहते हैं। इस निबंध में मैंने अपनी पसंद की पुस्तक के बारे में चर्चा की है।

मेरा पसंदीदा पुस्तक पर छोटे व बड़े निबंध (Short and Long Essay on My Favourite Book in Hindi, Mera Pasandida Pustak par Nibandh Hindi mein)

मेरा पसंदीदा पुस्तक पंचतंत्र पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

मैंने बहुत सी किताबों को पढ़ा है, जिनमें से कुछ मेरे पाठ्यक्रम की है जो मेरे बौद्धिक क्षमता को बढ़ाती है तो कुछ किताबें मेरा मनोरंजन भी करती है। बचपन में मेरे माता-पिता ने मुझे पढ़ने के लिए कहानियों की पुस्तकें देते थे, जिसे पढ़ना मेरे लिए बहुत आनंददायी और ज्ञानवर्धक सिद्ध होती थी।

मेरी पसंदीदा पुस्तक

पंचतंत्र की किताब में सारस और केकड़े की एक कहानी है। जिसमें हमें केकड़े की बुद्धि और विवेक का परिचय देखने को मिलता है। इस कहानी में एक बूढ़ा सारस होता है जो अपना भोजन या शिकार आसानी से नहीं ढूढ़पाता था। एक दिन वह तालाब के किनारे वाले पेड़ पर बैठा था और तालाब में ढ़ेर सारी मछलियां, मेढ़क औरकेकड़े को तालाब में देखा। गर्मियों का मौसम होने के कारण तालाब में पानी कम ही बचा था। इसलिए तालाब के सभी जीव बहुत दुखी थे। तब इस चालक सारस ने इन मछलियों, मेढकों और केकड़ों को खाने की एक योजना बनाई। सारस ने तालाब के पास जाकर सभी जलीय जंतुओं से उनके उदासी का कारण पूछा तो सबने तालाब के पानी कम होने का कारण बताया।

तब सारस ने सबसे झूठ कहा की पहाड़ी के उस पार एक बहुत बड़ा तालाब है जिसमें ढेर सारा पानी भी हैं। उसने कहा यदि सब चाहे तो मैं एक-एक करके सभी को अपनी चोंच में पकड़ कर उस तालाब में छोड़ सकताहूं। पर असल में वह सभी को खाना चाहता था। सभी ने आपस में निर्णय कर एक-एक कर उसके साथ उस तालाब में जाने का निर्णय लिया। पर केकड़े ने सारस की चालाकी को समझ गया और जब उसके साथ जाने लगा तो वह सारस के गर्दन में लटकने का फैसला किया। जाते समय उसने सारस को मार कर केकड़ा वहां से भाग निकला।

पंचतंत्र की किताब मेरी पसंदीदा किताब है। इसकी कहानियां पढ़कर मुझे बहुत खुशी और साहस मिलती है। यह किताब हमें जीवन की नैतिक मूल्यों से भी परिचित कराती है। पुस्तकें हमें सारी दुनिया की जानकारी और उनके बारे में ज्ञान देती हैं, इसलिए वो हमारी सबसे अच्छी मित्र कही जाती हैं। एक अच्छे मित्र की तरह यह हमारी मदद करती हैं। हमें ज्ञान प्रदान करती है और हमारा मनोरंजन भी करती हैं।

निबंध – 2 मेरा पसंददीदा पुस्तक – महाभारत (400 शब्द)

सैकड़ो ऐसी किताबें हैं जिन्हें हम अपने जीवन में पढ़ते हैं। इनको पढ़ने से ही हमें रोचकता और हमारे ज्ञान का विकास होता है। कुछ ऐसी किताबें होती हैं जो हमें जीवन में बहुत अधिक प्रेरित करती हैं, और यह हमारे जीवन की सबसे अच्छी किताब होती है।

मेरा पसंदीदा पुस्तक का वर्णन

महाभारत मेरा पसंदीदा किताबों में से एक है। इसे पढ़ने से पहले मुझे इस महाकाव्य के बारे में कुछ भी नहीं पता था। यह पुस्तक मेरे दादा-दादी ने मेरे जन्मदिवस पर उपहार के रूप में दीया था। शुरू में जब मैंने इस किताब को पढ़ना आरम्भ किया तो यह मुझे थोड़ा उबाऊ प्रतीत हुआ, इसलिए मैंने इसे अपने पुस्तकों के दराज़ में सुरक्षित रख दीया। बाद में जब टेलीविजन पर महाभारत का नाट्य रूपांतरण दिखाया गया तो वह मुझे काफी दिलचस्प लगी। वह नाट्य उस दिन थोड़ी ही दिखाई गई थी और मुझे जल्दी से इसकी पूरी कहानी को जानना था। इसलिए मैंने इस महाभारत की किताब पढ़नी शुरू कर दी।

महाभारत हिन्दू सांस्कृतिक की प्रमुख महाकाव्यों में से एक है। यह महर्षि वेदव्यास द्वारा लिखित महाकाव्य है। इस महाकाव्य में 10,000 श्लोक निहित हैं। यह महाकाव्य मुख्यतः पांडवों और कौरवों के बीच हस्तिनापुर के राज शासन को प्राप्त करने की लड़ाई पर आधारित है। इस महाकाव्य के अनुसार कुरुक्षेत्र में इसकी लड़ाई लड़ी गई थी।

महाभारत की कहानी संक्षेप में

यह महाकाव्य मुख्य रूप से कौरवों और पांडवों की कहानी पर आधारित है। धृतराष्ट्र और पाण्डु दो भाई थे। धृतराष्ट्र बड़े थे पर जन्म से ही वो अंधे थे, इसलिए शासन का सारा कार्यभार पाण्डु को सौप दिया गया। पाण्डु की अकस्मातिक मृत्यु के पश्चात् धृतराष्ट्र को शासन सौपा गया जब तक पाण्डु के बेटे शासन के काबिल न हो जाये। धृतराष्ट्र के सौ पुत्र थे जिनमें से दुर्योधन सबसे बड़ा पुत्र था। पाण्डु के पांच पुत्र थे, युधिष्ठिर, अर्जुन, भीम, नकुल और सहदेव। जिन्हे पांच पांडव के नाम से जाना गया। दुर्योधन ने पांडवों को चौसर खेलने के लिए आमंत्रित किया जिसे पांडवों ने स्वीकार कर लिया। इस खेल में पांडवों ने अपना सब कुछ खो दिया दौपदी को भी।

सब कुछ दुर्योधन के हाथों हारने के बाद इन्हें 13 वर्षों के लिए राज्य से निर्वासन की सजा मिली। निर्वासन की अवधी पूरी करने के बाद जब पांडव इन्द्रप्रस्थ लौटे तब दुर्योधन ने हस्तिनापुर पड़ावों को वापस देने से इंकार कर दिया। नतीजतन पांडवों को न्याय और धर्म की लड़ाई लड़नी पड़ी। बाद में पांडवों ने कौरवों और उनकी सेना को हराकर युद्ध को जीत लिया।

कौरवों और पांडवों के इस लड़ाई में अर्जुन अपने भाइयों और अपने रिश्तेदारों से लड़ने के लिए बिल्कुल तैयार न थे। तब अर्जुन को भगवान श्री कृष्ण ने समझाया और उन्हें जीवन के ज्ञान का बोध कराया। कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए इस ज्ञान को “भगवत गीता” के नाम से जाना गया। इस पुस्तक में जीवन के ज्ञान का भंडार है। यह महाकाव्य महाभारत का ही एक हिस्सा है।

इस महाकाव्य के अंतर्गत 18 अध्याय और 700 श्लोक शामिल हैं। यह हमें जीवन के महत्वपूर्ण पाठों के साथ जीवन का आध्यात्मिक पाठ भी सिखाता है।

भगवान श्री कृष्ण अर्जुन को उपदेश देते हैं कि केवल शरीर का नाश होता है, आत्मा का नहीं। आत्मा एक शरीर को छोड़ती है तो दूसरे शरीर को धारण कर लेती है। आत्मा अजर और अमर है। गीता में समझाया गया है कि परिणामों की चिंता किये बिना हमें अपने कर्म करने की आवश्यकता है। अपनी मेहनत से किये गए कार्य का परिणाम हमें अवश्य ही प्राप्त होता है। इसमें कहा गया है की मनुष्य का जीवन संघर्षों से भरा है और उसे एक दृढ़ निश्चय के साथ अपने जीवन के संघर्षों का सामना करने की आवश्यकता है।

महाभारत में दिए उपदेश मुझे बेहद पसंद है। यही उपदेश हमारे जीवन में उपस्थित समस्याओं को हल करने में हमारी मदद करती है। महाभारत की कहानी में हर किरदार का अपना एक महत्वपूर्ण स्थान है और इससे हमें अलग-अलग जीवन जीने के उद्देश्यों को सीखने की आवश्यकता हे।

Essay on My Favourite Book

निबंध – 3 मेरा पसंददीदा पुस्तक – रामायण (600 शब्द)

किताबें पढ़ना जीवन में एक अच्छी आदत की तरह होती है। यह हमारे अंदर के ज्ञान और हमारे नैतिक मूल्यों को बढ़ाता है। जीवन में हर किसी को किताब पढ़ने की अच्छी आदत को अपनाना चाहिए। किताबें हमारे जीवन में एक सच्चे साथी की तरह होते हैं। ये सभी पुस्तके ज्ञान का भंडार होती हैं और पढ़ने की एक अच्छी आदत को अपनाकर हम अपने जीवन में सभी ज्ञान को अर्जित कर सकते हैं।

अपने जीवन में मैंने कई किताबें पढ़ी हैं। मुझे उपन्यास और कहानियों की किताबें पढ़ने का बहुत शौक है। मुझे रामायण की किताब बहुत ही पसंद है। ऋषि वाल्मीकि द्वारा लिखी रामायण, महाभारत के बाद दूसरी सबसे बड़ी महाकाव्य है। यह हिन्दुओं के लिए बहुत पवित्र पुस्तक के रूप में जानी जाती है।

रामायण की कहानी

महान महाकाव्य रामायण भगवान राम के जीवन चरित्र को दर्शाती है। राम अयोध्या नरेश दशरथ के पुत्र थे। राजा दशरथ की तीन रानियां थी और राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न चार पुत्र थे। इन चारों भाइयों में आपस में बहुत प्रेम था।

सभी चारों भाइयों ने अपनी शिक्षा हासिल करने के लिए अयोध्या से बहार गए और अपनी शिक्षा पूरी की। बाद में सभी ने अपनी शिक्षा पूरी की और अयोध्या वापस आये। सभी का एक साथ ही विवाह संपन्न हुआ। राम का विवाह सीता के साथ हुआ। भगवन राम अपने पिता दशरथ द्वारा माता कैकेयी को दिए वचन का पालन करने के लिए 14 वर्षों के लिए वनवास जाना पड़ा। वनवास तो सिर्फ राम को मिला था पर सीता ने अपने पत्नी धर्म का पालन करते हुए उनके साथ गई और साथ में उनके छोटे भाई लक्ष्मण भी गए। सभी एक साथ 14 वर्ष के वनवास के लिए निकल गए।

वनवास के दौरान 13 वर्ष का समय शांतिपूर्वक बीत गया पर 14वें वर्ष के दौरान राक्षस राज रावण ने सीता का हरण कर लिया। रावण ने सीता का छल से अपहरण करके लंका ले गया। तब राम ने रावण से युद्ध कर सीता को उनके चंगुल से मुक्त कराया और अपने साथ अयोध्या ले आये। राम, सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस लौटने के बाद राम को अयोध्या का राजा घोषित किया गया। उन्होंने अपने जीवन में कई राक्षसों को मारा और संतों की रक्षा की। राम अयोध्या वासियों के लिए एक आदर्श राजा थे। अपनी प्रजा के मन की बातों को जानने के लिए वो अक्सर भेष बदलकर प्रजा के बीच जाते थे और बाद में उनकी समस्या का समाधान करते थे।

रामायण के पात्रों से मिली सीख

वैसे तो रामायण के मुख्य रूप से कई पात्र है जिनसे हमें सीख लेने की आवश्यकता है। उनमें से कुछ मुख्य पात्रों का हमारे जीवन में बहुत गहरा असर छोड़ती हैं।

वे अपने माता-पिता और अयोध्या वासियों के लिए एक आदर्श पुत्र थे। जिन्होंने अपने पिता के वचनों का पालन करने के लिए राजसी सुख को त्याग कर 14 वर्षों के वनवास को अपनाया। सीता के लिए वो एक आदर्श पति, अपने भाइयों के लिए वो एक आदर्श भाई और अयोध्या वासियों के लिए एक आदर्श राजा थे।

सीता का विवाह भगवान राम के साथ हुआ था और वह एक आदर्श पत्नी थी। राम को वनवास मिलने पर अपने पत्नी धर्म का पालन करने के लिए वो राम के साथ गयी। उन्होंने कहा था की पति को निर्वासन मिलने के बाद वो राजसी सुख कैसे भोग सकती है। अपने पत्नी धर्म और वचनों का पालन करते हुए वो सदा ही राम के साथ रही।

लक्ष्मण एक आदर्श भाई का प्रतिक है। वो अपने बड़े भाई राम को सबसे ज्यादा प्रिय थे और छोटे होने के साथ ही वो हमेशा राम की सेवा में लगे रहते थे। सभी चारों भाइयों में बहुत ही प्रेम था।

भरत एक आदर्श भाई का प्रतिरूप है। राम को 14 वर्ष के वनवास और माता कैकेयी के वचनों के अनुसार भरत को राजा बनाया गया था पर वो कभी भी राजगद्दी पर नहीं बैठे। सिहासन पर उन्होंने राम की खड़ाऊ रखी थी और खुद एक झोपड़ी बनाकर उसमें एक वनवासी जैसा जीवन व्यतीत करते थे। ऐसे कई उदाहरण हैं जिससे उनके आदर्श भाई और बड़े भाई के सम्मान का प्रतिक उनमें देखने को मिलता है।

राम के भक्तों में शबरी का अपना एक महत्त्वपूर्ण चरित्र है। उन्होंने भगवान राम से मिलने की आस में रोज राहों में फूल बिछाती और जंगलो से चुनिंदा फल बेर लाती थी। अंत में उनकी ये इच्छा भी पूरी हुई और इस बात से हमें सन्देश मिलता है की हमें अपनी उम्मीद कभी नहीं खोनी चाहिए और अपना प्रयास को जारी रखना चाहिए।

रामायण के सभी पात्र का अपना एक महत्वपूर्ण स्थान हैं – जैसे हनुमान राम के सबसे बड़े भक्त थे। इसके अलावा राम की सभी माताएं, चारों भाई और रावण इत्यादि सभी एक सन्देश देते हैं।

रामायण पढ़ने के बाद नैतिक मूल्यों का विकास

रामायण को पढ़ने के उपरांत पता चला की हमें अपने जीवन में उदार भावना के साथ-साथ साहसी और बहादुर होना चाहिए। जीवन में सुख और दुःख दोनों चरण होते हैं। इन दोनों को सहजता से हमें अपने जीवन में अपनाने की आवश्यकता है।

महाकाव्य के अनुसार हमें अपने से बड़ों की बातों को और शिक्षकों द्वारा दिए गए ज्ञान का सम्मान करना चाहिए। उनके द्वारा कही गई हर बात को सुनना और उसका पालन करने की आवश्यकता हैं।

यह महाकाव्य हमें सिखाती है कि गलत और बुरे काम का परिणाम हमेशा ही बुरा होता है। हमें अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए सकारात्मक ऊर्जा का सही दिशा में प्रयोग करने की आवश्यकता है। राक्षस राज रावण बहुत ही विद्वान और बलशाली राजा था, पर उसने छल से सीता का हरण किया था। विद्वान होने के बावजूद उसने अपने विवेक और बुद्धि का उपयोग सही तरीके से नहीं किया। अंततः उसका हर्जाना उसे अपने मृत्यु से चुकाना पड़ा। इसलिए हमें हमेशा अपनी बुद्धि और विवेक का इस्तेमाल कर किसी भी कार्य को करने की आवश्यकता है। तभी हम उस कार्य को आसानी से सफल बना सकते है।

महाकाव्य रामायण में अपार ज्ञान और जीवन जीने के सिद्धांत हैं। लगभग हर घरों में रामायण की किताब मिल जाती है। मुझे इस किताब को बार-बार पढ़कर उनके जीवन जीने के नैतिक मूल्यों को समझना और उसे जीवन में अपनाना बहुत ही पसंद है। जिनके घरों में यह पुस्तक नहीं है, उन्हें एक बार जरूर इस किताब को पढ़ने की आवश्यकता है, क्योंकि इसमें जीवन की तमाम आध्यात्मिक और नैतिक बातें बताई गयी है।

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मेरी पसंदीदा पुस्तक पर निबंध 10 lines (My Favourite Book Essay in hindi) 100, 150, 200, 250, 300, 500, शब्दों मे

my favorite book essay in hindi

My Favourite Book Essay in Hindi – किताबें मानवता के सबसे महत्वपूर्ण आविष्कारों में से एक हैं। वे हमारे सबसे अच्छे दोस्त हैं और उनकी जगह कोई और नहीं ले सकता। किताबें हमें ज्ञान, खुशी और हमारे आसपास की दुनिया में गहरी अंतर्दृष्टि देती हैं। वे हमारे प्रेरणा और प्रेरणा के स्रोत हैं।

मार्क ट्वेन ने ठीक ही कहा था, “अच्छे दोस्त, अच्छी किताबें और एक नींद में डूबा विवेक: यही आदर्श जीवन है।” एक पूर्ण और संतोषजनक जीवन सुनिश्चित करने के लिए पुस्तकों को अवश्य पढ़ें। किसी व्यक्ति के लिए किताबें पढ़ना उतना ही जरूरी है जितना कि दोस्त बनाना और मेलजोल बढ़ाना। जब किताबों की बात आती है तो लोगों के अलग-अलग स्वाद होते हैं। जबकि कुछ को अपराध शैली पसंद हो सकती है, दूसरों को रोमांस पसंद हो सकता है, जबकि अन्य विज्ञान कथाओं पर अड़े हो सकते हैं। जब किताबों की बात आती है तो लोग व्यक्तिगत पसंदीदा होते हैं।

किताबें सबसे अच्छी दोस्त, साथी और शिक्षक होती हैं। वे हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे हमें एक आंतरिक दृष्टि और एक गहरी अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं। वे हमारे अनुभव को समृद्ध करते हैं और हमारी बुद्धि को तेज करते हैं। वे हमें दूसरे लोगों के कंधों पर खड़े होने और दुनिया को एक उच्च दृष्टिकोण से देखने का अवसर देते हैं।

मेरी पसंदीदा पुस्तक पर निबंध 10 पंक्तियाँ (My Favourite Book Essay 10 Lines in Hindi)100 – 150 Words

  • 1) किताबें ज्ञान का कभी न खत्म होने वाला स्रोत हैं।
  • 2) मुझे भक्ति पुस्तकें पढ़ना अच्छा लगता है।
  • 3) मेरी पसंदीदा पुस्तक जो मुझे प्रेरित करती है वह है “रामचरितमानस”।
  • 4) इस ग्रंथ में भगवान राम के चरित्रों की विस्तार से चर्चा की गई है।
  • 5) मेरी दादी हमेशा मुझे भगवान राम की कहानी सुनाती हैं जो मुझे इस किताब को पढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।
  • 6) यह पुस्तक हमें बहुत सी अच्छी बातें सिखाती है।
  • 7) इस पुस्तक में वर्णित सुख और दुख के क्षण मेरे रोंगटे खड़े कर देते हैं।
  • 8) यह पुस्तक मुझे भगवान राम के पदचिन्हों पर चलने की प्रेरणा देती है।
  • 9) यह पुस्तक हर हिंदू के दिल में बहुत महत्व रखती है।
  • 10) रामचरितमानस पढ़ने से मुझे हर बार सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।

इनके बारे मे भी जाने

  • Technology Essay
  • Unsung Heroes Of Freedom Struggle Essay
  • Water Conservation Essay
  • Beti Bachao Beti Padhao Essay
  • Dowry System Essay

मेरी पसंदीदा पुस्तक पर निबंध 200 शब्दों मे (Essay on My Favourite Book 200 words in Hindi)

‘मेरी पसंदीदा किताब – भ्रम का महल’

मैंने कई किताबें पढ़ी हैं। हालांकि, किसी ने भ्रम के महल के रूप में मेरी रुचि को आकर्षित नहीं किया है। चित्रा बनर्जी दिवाकरुनी किताब लिखती हैं। 1956 में जन्मी चित्रा एक प्रसिद्ध भारतीय अमेरिकी लेखिका और कवि हैं। कलकत्ता विश्वविद्यालय और राइट स्टेट यूनिवर्सिटी, संयुक्त राज्य अमेरिका की पूर्व छात्रा चित्रा ने पीएच.डी. कैलिफोर्निया से अंग्रेजी में।

उनकी पुस्तक, द पैलेस ऑफ इल्यूशन्स, महाभारत की महाकाव्य कहानी से पांचाली की कहानी बताती है। चित्रा ने अपनी कथावाचक पांचाली के माध्यम से इस महाकाव्य गाथा की नारीवादी व्याख्या की है। उपन्यास पांचाली के जीवन पर केंद्रित है। इसमें उनके जीवन के उन पहलुओं को शामिल किया गया है जो महाभारत के अन्य रूपांतरणों में छूट गए थे। यह पंचाली के जन्म के समय से उसके जीवन का विस्तृत विवरण देती है। उनका जन्म किसी चमत्कार से कम नहीं था। वह जादुई रूप से आग में पैदा हुई थी।

पांचाली एक धनी राजा की बेटी थी। उसने पांचों पांडवों से विवाह किया। उसकी शादी के बाद उपन्यास में उसकी कठिनाइयों को विस्तार से लिखा गया है। निर्वासन में रहने की चुनौतियाँ, अपने पति और सास के साथ उसका रिश्ता, और भगवान कृष्ण के साथ उसके समीकरण सभी को उपन्यास में शामिल किया गया है।

पांचाली एक करिश्माई और साहसी चरित्र है। मुझे उसके बारे में पढ़ना अच्छा लगा। चित्रा ने चरित्र को चित्रित किया है और घटनाओं को भी बहुत अच्छी तरह से चित्रित किया है।

मेरी पसंदीदा पुस्तक पर निबंध 250 शब्दों मे (Essay on My Favourite Book 250 words in Hindi)

किताबें हमारी सबसे अच्छी दोस्त होने के नाते हमें पूरी दुनिया के बारे में ज्ञान प्रदान करती हैं। मैंने कई किताबें पढ़ी हैं। उनमें से कुछ मेरे पाठ्यक्रम की पुस्तकें हैं और कुछ कहानी की पुस्तकें हैं जो मेरे माता-पिता ने मेरे लिए खरीदी हैं।

मेरी पसंदीदा पुस्तक

मेरी पसंदीदा किताब पंचतंत्र है। इसे विष्णु शर्मा ने लिखा है। पुस्तक में अनेक कहानियों का संग्रह है। लेखक ने पशुओं के क्रियाकलापों द्वारा जीवन का नैतिक ज्ञान देने का प्रयास किया है। मुझे कहानियों की किताबें पढ़ने का बहुत शौक है और इस किताब ने मुझे अलग-अलग तरह की कहानियाँ उपलब्ध कराईं।

सारस और केकड़े की कहानी केकड़े के मन और बुद्धि की उपस्थिति को दर्शाती है। जब वह बूढ़ा हो गया तो सारस अपने भोजन की तलाश नहीं कर सका और इसलिए उसने एक योजना बनाई। वह तालाब के पास उदास और उदास खड़ा था और जब मछली और केकड़े ने उसकी उदासी का कारण पूछा, तो उसने एक झूठी कहानी बना दी कि तालाब में लोग फसल उगाने के लिए आबाद होंगे। उसकी कहानी से सभी मछलियाँ, मेंढक और केकड़े कायल हो गए। बाद में जब सारस द्वारा केकड़े को मारकर खाने की बात आई तो स्थिति उलट गई। केकड़े ने अपनी बुद्धि का उपयोग किया और सारस के असली मकसद का अनुमान लगा लिया। वह सारस को मारकर फरार हो गया।

पुस्तक में बंदर और मगरमच्छ, हाथी और चूहे, वफादार नेवले आदि जैसी कई कहानियाँ हैं। पुस्तक में कई कहानियाँ हैं और वे दोस्ती, साहस, बुद्धिमत्ता, मन की उपस्थिति और एकता जैसे गुणों पर ध्यान केंद्रित करती हैं।

पंचतंत्र मेरी पसंदीदा कहानियों की किताबों में से एक है। इस किताब को पहली बार पढ़कर मुझे बहुत खुशी हुई। कहानियाँ आकर्षक होने के साथ-साथ हमें जीवन की कुछ नैतिकताएँ भी सिखाती हैं।

मेरी पसंदीदा पुस्तक पर निबंध 300 शब्दों मे (Essay on My Favourite Book 300 words in Hindi)

‘मेरी पसंदीदा किताब – 2 स्टेट्स बाय चेतन भगत’.

My Favourite Book Essay in Hindi – मुझे रोमांस उपन्यास पढ़ना बहुत पसंद है और मैंने अब तक जो सबसे अच्छा पढ़ा है, वह चेतन भगत द्वारा लिखित 2 स्टेट्स है। मुझे इस उपन्यास के केंद्रीय पात्र पसंद हैं और उनके बीच प्यार कैसे विकसित होता है। उपन्यास को आंशिक रूप से आत्मकथात्मक कहा जाता है। भगत की अपनी प्रेम कहानी ने उन्हें यह पुस्तक लिखने के लिए प्रेरित किया। इस पुस्तक को जनता ने इतना पसंद किया कि इसे एक फिल्म में भी रूपांतरित किया गया।

दो राज्यों की दिलचस्प कहानी

कहानी एक युवा पंजाबी लड़के, कृष और एक खूबसूरत दक्षिण भारतीय लड़की, अनन्या की है। दोनों आईआईएम अहमदाबाद में पढ़ते हैं। वे अच्छे दोस्त बन जाते हैं और साथ में काफी वक्त बिताते हैं। जल्द ही एक दूसरे के प्यार में पड़ जाते हैं। वे शादी करना चाहते हैं लेकिन आगे आने वाली मुश्किलों को नहीं देख सकते। समस्या तब शुरू होती है जब वे अपने माता-पिता को एक-दूसरे से मिलवाते हैं।

दोनों परिवार अलग-अलग सांस्कृतिक पृष्ठभूमि से हैं और साथ रहना मुश्किल है। कृष और अनन्या स्थिति को शांत करने और दोनों के बीच एक बंधन स्थापित करने की बहुत कोशिश करते हैं। हालाँकि, चीजें हाथ से निकल जाती हैं, और वे अलग होने का फैसला करते हैं। वे अपने संबंधित करियर पर ध्यान देना शुरू करते हैं, लेकिन यह कठिन है। उनके लिए एक-दूसरे को भूलना मुश्किल होता है। अंत में, चीजें अच्छे के लिए एक मोड़ लेती हैं, और वे फिर से मिल जाते हैं।

मुझे कृष और अनन्या के बीच गहरा बंधन पसंद है। इन किरदारों को चेतन भगत ने जीवंत किया है। वे सिर्फ एक दूसरे के लिए बने लगते हैं। कहानी के अन्य किरदार भी काफी मजबूत और मनमौजी हैं। उनमें से प्रत्येक के बारे में पढ़ना दिलचस्प है।

मुझे यह किताब बहुत पसंद है। मैंने इसे तीन बार पढ़ा है और इसे बार-बार पढ़ सकता हूं। इस कहानी के पात्र इतने वास्तविक लगते हैं कि जब भी मैं इस किताब को पढ़ता हूं तो हर बार उनके साथ रहने लगता हूं। मैंने इस पुस्तक पर आधारित फिल्म भी देखी है और इसका पूरा आनंद लिया है।

मेरी पसंदीदा पुस्तक पर निबंध 500 शब्दों मे (Essay on My Favourite Book 500 words in Hindi)

मेरी पसंदीदा पुस्तक पर निबंध: किताबें वो दोस्त होती हैं जो आपका साथ कभी नहीं छोड़तीं। मुझे यह कहावत बहुत सच लगती है क्योंकि किताबें हमेशा मेरे साथ रही हैं। मुझे किताबें पढ़ना अच्छा लगता है। उनके पास हमारे स्थानों से हिले बिना दुनिया की यात्रा करने में हमारी मदद करने की शक्ति है। इसके अलावा किताबें हमारी कल्पना शक्ति को भी बढ़ाती हैं। बड़े होकर मेरे माता-पिता और शिक्षकों ने हमेशा मुझे पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने मुझे पढ़ने का महत्व सिखाया। इसके बाद मैंने कई किताबें पढ़ी हैं। हालांकि, एक बूम जो हमेशा मेरा पसंदीदा रहेगा वह हैरी पॉटर है। यह मेरे जीवन के सबसे पेचीदा पठन में से एक है। मैंने इस श्रृंखला की सभी पुस्तकें पढ़ी हैं, फिर भी मैं उन्हें फिर से पढ़ता हूँ क्योंकि मैं इससे कभी ऊबता नहीं हूँ।

हैरी पॉटर सीरीज

हैरी पॉटर हमारी पीढ़ी के सबसे प्रतिष्ठित लेखकों में से एक जेके राउलिंग द्वारा लिखी गई पुस्तकों की एक श्रृंखला थी। ये पुस्तकें विज़ार्डिंग दुनिया और उसके कामकाज का प्रदर्शन करती हैं। जेके राउलिंग इस दुनिया की एक तस्वीर बुनने में इतनी सफल रही हैं, कि यह वास्तविक लगती है। हालाँकि इस श्रंखला में सात पुस्तकें हैं, फिर भी मेरी एक विशेष पसंद है। श्रृंखला की मेरी पसंदीदा पुस्तक द गॉब्लेट ऑफ फायर है।

जब मैंने किताब पढ़ना शुरू किया, तो इसने तुरंत मेरा ध्यान खींचा। हालाँकि मैंने पिछले सभी भागों को पढ़ लिया था, फिर भी किसी भी किताब ने मेरा ध्यान इस तरह नहीं खींचा जैसा कि इस ने खींचा। इसने विजार्डिंग दुनिया में एक बड़ा परिप्रेक्ष्य दिया। इस पुस्तक के बारे में जो चीजें मुझे सबसे ज्यादा उत्साहित करती हैं, उनमें से एक है अन्य जादूगर स्कूलों का परिचय। ट्राई-विजार्ड टूर्नामेंट की अवधारणा हैरी पॉटर श्रृंखला में मेरे सामने आए सबसे शानदार टुकड़ों में से एक है।

इसके अलावा, इस किताब में मेरे कुछ पसंदीदा किरदार भी शामिल हैं। जिस क्षण मैंने विक्टर क्रुम की प्रविष्टि के बारे में पढ़ा, मैं चकित रह गया। राउलिंग द्वारा वर्णित उस चरित्र की आभा और व्यक्तित्व बस शानदार है। इसके अलावा, इसने मुझे श्रृंखला का एक बड़ा प्रशंसक बना दिया।

हैरी पॉटर सीरीज ने मुझे क्या सिखाया? (What Harry Potter Series Taught Me?)

भले ही किताबें जादूगरों और जादू की दुनिया के बारे में हैं, हैरी पॉटर श्रृंखला में युवाओं के सीखने के लिए बहुत कुछ है। सबसे पहले, यह हमें दोस्ती का महत्व सिखाता है। मैंने कई किताबें पढ़ी हैं लेकिन हैरी, हर्मोइन और रॉन जैसी दोस्ती कभी नहीं देखी। ये तीनों मस्किटियर पूरी किताबों में एक साथ रहे और कभी हार नहीं मानी। इसने मुझे एक अच्छे दोस्त का मूल्य सिखाया।

इसके अलावा, हैरी पॉटर की श्रृंखला ने मुझे सिखाया कि कोई भी पूर्ण नहीं है। सबके अंदर अच्छाई और बुराई होती है। हम वही हैं जो चुनते हैं कि हम क्या बनना चाहते हैं। इससे मुझे बेहतर चुनाव करने और एक बेहतर इंसान बनने में मदद मिली। हम देखते हैं कि स्नेप जैसे सबसे दोषपूर्ण चरित्रों में उनके अंदर कितनी अच्छाई थी। इसी तरह, डंबलडोर जैसे सबसे अच्छे लोगों में कुछ बुरे लक्षण कैसे थे। इसने लोगों के प्रति मेरे दृष्टिकोण को बदल दिया और मुझे अधिक विचारशील बना दिया।

आखिरकार, इन किताबों ने मुझे उम्मीद दी। उन्होंने मुझे आशा का अर्थ सिखाया और सुरंग के अंत में प्रकाश कैसे होता है। इसने मुझे सबसे हताश समय में उम्मीद पर टिके रहने की ताकत दी, ठीक वैसे ही जैसे हैरी ने अपने पूरे जीवन में किया। ये कुछ सबसे जरूरी चीजें हैं जो मैंने हैरी पॉटर से सीखी हैं।

अंत में, जबकि किताबों में कई फिल्में बनी थीं। पुस्तकों के सार और मौलिकता के सामने कुछ भी नहीं है। पुस्तकों के विवरण और समग्रता को किसी भी प्रकार के मीडिया द्वारा प्रतिस्थापित नहीं किया जा सकता है। इसलिए, आग का प्याला मेरी पसंदीदा किताब बनी हुई है।

मेरी पसंदीदा पुस्तक निबंध पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्र.1 ग्रंथ का मूल शब्द क्या है.

उत्तर. Book शब्द की उत्पत्ति अंग्रेजी के पुराने शब्द ‘Boc’ से हुई है।

Q.2 भारत में पहली मुद्रित पुस्तक कौन सी थी?

उत्तर. कम्पेंडियो स्पिरिचुअल दा वीड क्रिस्टा भारत में छपी पहली किताब थी।

Q.3 दुनिया की पहली किताब का नाम क्या था?

उत्तर. दुनिया की पहली किताब का नाम गुटेनबर्ग बाइबिल है जो 1455 में यूरोप में छपी थी।

Q.4 सबसे पुरानी धार्मिक पुस्तक का नाम क्या है?

उत्तर. सबसे पुराने धार्मिक ग्रंथ का नाम ‘ऋग्वेद’ है।

दा इंडियन वायर

मेरी प्रिय पुस्तक/किताब पर निबंध

my favorite book essay in hindi

By विकास सिंह

essay on my favourite book in hindi

मार्क ट्वेन ने ठीक ही कहा, “अच्छे दोस्त, अच्छी किताबें, और एक नीरस विवेक: यह आदर्श जीवन है।” जीवन को पूरा करने और संतुष्ट करने के लिए पुस्तकों को पढ़ना चाहिए। किताबें पढ़ना एक व्यक्ति के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है जितना दोस्त बनाना और सामाजिक बनाना। जब किताबों की बात आती है तो लोगों की रूचि अलग होती हैं।

विषय-सूचि

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध, essay on my favourite book in hindi (200 शब्द)

मेरी पसंदीदा पुस्तक – पैलेस ऑफ इल्यूशन्स ‘.

मैंने कई किताबें पढ़ी हैं। हालाँकि, किसी ने भी मेरी रुचि को भ्रम के महल के रूप में कैद नहीं किया है। किताब चित्रा बनर्जी दिवाकरुनी ने लिखी है। 1956 में जन्मे चित्रा एक जाने माने भारतीय अमेरिकी लेखक और कवि हैं। कलकत्ता विश्वविद्यालय के एक पूर्व छात्र और राइट स्टेट यूनिवर्सिटी, संयुक्त राज्य अमेरिका, चित्रा ने पीएच.डी. कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में।

उनकी पुस्तक, द पैलेस ऑफ इल्यूशन्स महाभारत की महाकाव्य कहानी से पांचाली की कहानी कहती है। चित्रा ने इस कथा गाथा की एक नारीवादी व्याख्या अपने कथावाचक पंचाली के माध्यम से दी है। उपन्यास पंचाली के जीवन पर केंद्रित है। इसमें उनके जीवन के उन पहलुओं को शामिल किया गया है जो महाभारत के दूसरे रूपांतरणों में याद किए गए थे। यह पंचाली के जीवन का एक विस्तृत विवरण देता है, जो उसके जन्म के समय से थी। उसका जन्म किसी चमत्कार से कम नहीं था। वह आग में जादुई रूप से पैदा हुई थी।

पांचाली एक धनी राजा की बेटी थी। वह पाँचों पांडवों से विवाह करने चली गई। उनकी शादी के बाद की कठिनाइयों का सामना उपन्यास में लंबाई में लिखा गया है। निर्वासन में रहने की चुनौतियाँ, उनके पति और सास के साथ उनके रिश्ते और भगवान कृष्ण के साथ उनके समीकरण सभी उपन्यास में शामिल किए गए हैं।

पांचाली एक करिश्माई और साहसी चरित्र है। मुझे बस उसके बारे में पढ़ना अच्छा लगता था। चित्रा ने चरित्र को चित्रित किया है और घटनाओं को बहुत अच्छी तरह से चित्रित किया है।

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध, essay on my favorite book in hindi (300 शब्द)

मुझे रोमांस उपन्यास पढ़ना बहुत पसंद है और मैंने अब तक जो भी पढ़ा है उनमें से एक चेतन भगत द्वारा टू स्टेट्स हैं। मैं बस इस उपन्यास के केंद्रीय पात्रों से प्यार करता हूं और जिस तरह से उनके बीच प्रेम विकसित होता है। उपन्यास को आंशिक रूप से आत्मकथात्मक कहा गया है। भगत की अपनी प्रेम कहानी ने उन्हें इस पुस्तक को लिखने के लिए प्रेरित किया। पुस्तक को जनता द्वारा इतना प्यार किया गया था कि इसे एक फिल्म में भी बदल दिया गया था।

2 राज्यों की दिलचस्प कहानी:

कहानी एक युवा पंजाबी लड़के, कृष और एक सुंदर दक्षिण भारतीय लड़की, अनन्या के बारे में है। दोनों आईआईएम अहमदाबाद में पढ़ते हैं। वे अच्छे दोस्त बन जाते हैं और एक साथ बहुत समय बिताते हैं। वे जल्द ही एक-दूसरे के प्यार में पड़ जाते हैं। वे शादी करना चाहते हैं लेकिन आगे आने वाली कठिनाइयों को दूर करने में असमर्थ हैं। समस्या तब शुरू होती है जब वे अपने माता-पिता को एक-दूसरे से मिलवाते हैं।

विभिन्न सांस्कृतिक पृष्ठभूमि से होने के कारण, दोनों परिवारों को साथ मिलना मुश्किल है। कृष और अनन्या स्थिति को शांत करने और दोनों के बीच एक संबंध स्थापित करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। हालांकि, चीजें हाथ से निकल जाती हैं और वे आंशिक तरीके तय करते हैं। वे अपने संबंधित करियर पर ध्यान देना शुरू करते हैं लेकिन यह कठिन है। उनके लिए एक-दूसरे को भूलना मुश्किल होता है। अंत में, चीजें अच्छे के लिए एक मोड़ लेती हैं और वे पुनर्मिलन करते हैं।

मुझे बस कृष और अनन्या के बीच के गहरे बंधन से प्यार है। चेतन भगत ने इन किरदारों को जीवंत किया है। वे सिर्फ एक-दूसरे के लिए लग रहे हैं। कहानी के अन्य पात्र भी काफी मजबूत और राय वाले हैं। उनमें से प्रत्येक के बारे में पढ़ना दिलचस्प है।

निष्कर्ष:

मैं सिर्फ इस किताब से प्यार करता हूं। मैंने इसे तीन बार पढ़ा है और इसे बार-बार पढ़ सकता हूं। इस कहानी के पात्र इतने वास्तविक लगते हैं कि मैं वास्तव में इस पुस्तक को पढ़ते हुए हर बार उनके साथ रहना शुरू कर देता हूँ। मैंने इस किताब पर आधारित फिल्म भी देखी है और इसका पूरा आनंद लिया है।

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध, my favourite book essay in hindi (400 शब्द)

मेरी पसंदीदा पुस्तक – एक उपयुक्त लड़का ‘

प्रस्तावना :

मेरी एक सर्वकालिक पसंदीदा पुस्तक विक्रम सेठ की एक उपयुक्त लड़का है। कहानी वास्तव में लंबी है, लेकिन किसी भी बिंदु पर उबाऊ नहीं है। यह एकल खंड में अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित सबसे लंबे भारतीय उपन्यासों में से एक है। इसमें लगभग 1349 पृष्ठ हैं। मुझे इस कहानी के विषय के साथ-साथ विषय भी पसंद हैं। इस उपन्यास को पढ़ने में मुझे लगभग दो महीने लग गए।

दिलचस्प कहानी :

कहानी भारत में सेट की गई है जिसने हाल ही में ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की है। इसमें चार परिवारों की कहानी है। काल्पनिक शहर ब्रह्मपुर की कहानी श्रीमती रूपा मेहरा के चरित्र पर केंद्रित है, जो अपनी छोटी बेटी, लता के लिए एक उपयुक्त लड़का ढूंढ रही है। जैसा कि मैंने किताब पढ़ना शुरू किया, इसने मुझे गर्व और पूर्वाग्रह की याद दिला दी।

श्रीमती रूपा मेहरा का चरित्र उपन्यास में एलिजाबेथ की माँ जैसा था। केंद्रीय विषय भी ऐसा ही लग रहा था। हालाँकि, मुझे किसी भी तरह, एक उपयुक्त लड़का अधिक पसंद है क्योंकि यह भारत में सेट है और अधिक भरोसेमंद है। हालांकि, सेठ ने साझा किया कि यह काम काफी हद तक चीनी उपन्यास द स्टोरी ऑफ द स्टोन द्वारा लिखा गया है, जो काओ ज़ुएगिन द्वारा लिखित है।

मुझे विशेष रूप से लता का चरित्र बहुत पसंद था। वह एक युवा लड़की है जो साहसी है और अपने फैसले खुद लेना पसंद करती है। वह अपनी मां द्वारा निर्धारित नियमों और अपने भाई की राय के अनुरूप नहीं चलती है। कहानी के नियत समय में वह कठिनाइयों का सामना करती है और जिस तरह से वह उनसे उबरने की कोशिश करती है वह दिलचस्प है। उनका किरदार मुझे वही महसूस करने के लिए प्रेरित करता है जो मुझे सही लगता है।

जाति और वर्ग का तनाव और सत्ता-विरोधी राजनीति उपन्यास की पृष्ठभूमि को और अधिक रोचक बनाते हैं।

लेखक के बारे में – विक्रम सेठ

विक्रम सेठ, जो 1952 में कलकत्ता में पैदा हुए थे, एक भारतीय लेखक और कवि हैं। वह एक शिक्षित और सम्मानित भारतीय परिवार से हैं। उनकी मां लीला सेठ दिल्ली उच्च न्यायालय की पहली मुख्य न्यायाधीश बनीं। सेठ ने कई रोचक उपन्यास और कविताएँ लिखी हैं।

उनके लेखन को काफी सराहा गया है। उन्होंने अपने काम के लिए कुछ प्रतिष्ठित पुरस्कार जीते हैं। इनमें पद्म श्री, डब्ल्यूएच स्मिथ साहित्यिक पुरस्कार, साहित्य अकादमी पुरस्कार, क्रॉसवर्ड बुक अवार्ड और प्रवासी भारतीय सम्मान शामिल हैं।

मुझे स्वतंत्र भारत में बदलते पारिवारिक मूल्यों और रिश्तों के बारे में सेठ का चित्रण बहुत पसंद है। स्वतंत्रता के बाद देश को जिन सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों की चपेट में लिया गया था, वे उपन्यास के स्वर को स्थापित करने के लिए उचित रूप से परस्पर जुड़े हुए हैं।

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध, essay on my favourite book in hindi (500 शब्द)

‘मेरी पसंदीदा पुस्तक – रूम ओन द रूफ’

मैं बहुत पढता हूँ। यह मेरा पसंदीदा शौक है। मैं विभिन्न लेखकों की किताबें पढ़ता रहता हूं, लेकिन मेरे पसंदीदा लेखक भारतीय लेखक रस्किन बॉन्ड हैं। मैं बचपन से उनकी किताबें पढ़ता रहा हूं और हमेशा उनसे प्यार करता रहा हूं। मेरी पसंदीदा पुस्तकों में से एक द रूम ऑन द रूफ है।

कहानी :

द रूम ऑन द रूफ एक अनाथ एंग्लो-इंडियन लड़के, रस्टी की कहानी है। वह श्री हैरिसन के साथ रहता है। वे देहरादून में एक यूरोपीय उपनिवेश में रहते हैं। श्री हैरिसन चाहते हैं कि रस्टी एक परिष्कृत अंग्रेज में बदल जाए। यही कारण है कि वह उसे अपने आसपास के क्षेत्र में रहने वाले भारतीयों से दूर रखने की कोशिश करता है।

दूसरी ओर, रस्टी अपने भारतीय दोस्तों के साथ खेलना पसंद करता है। वह उनके साथ का पूरा आनंद लेते हैं। मिस्टर हैरिसन के दबदबे वाले रवैये और नियमों को सहन करने में असमर्थ, रस्टी अपने दोस्तों के साथ रहने के लिए भाग जाता है। वह अपने दोस्तों के साथ रहना शुरू कर देता है और अपनी नियमित जरूरतों के लिए उन पर निर्भर हो जाता है।

रस्टी ने भारत और भारतीय संस्कृति के बारे में इतना कुछ बताया कि वह श्री हैरिसन से दूर रहने लगा। वह इस नई आजादी से प्यार करता है। लेकिन जल्द ही उसे पता चलता है कि वह लंबे समय तक इस रास्ते पर नहीं चल सकता। वह समझता है कि जीवित रहने के लिए उसे काम करने की आवश्यकता है।

जल्द ही, वह किशन कपूर, जो कि मिस्टर और मिसेज कपूर का बेटा है, को अंग्रेजी पाठ देना शुरू कर देता है। वे उसकी सेवा के बदले उसे आवास और भोजन देते हैं। वह अपनी छत पर एक कमरे में रहने लगता है। आखिरकार, उन्हें पता चला कि श्री कपूर एक शराबी है। उनकी पत्नी, मीना उनसे 20 साल छोटी हैं। रस्टी को लगता है कि वह मीना से बेइंतहा मोहब्बत करता है और वह भावनाओं का बदला लेता है। दोनों काफी करीब बढ़ते हैं। अपने जीवन में पहली बार, जंग खाए हुए महसूस करता है।

हालाँकि, मीना की कार दुर्घटना में मृत्यु हो जाने के कारण उसकी खुशी अल्पकालिक होती है। इस घटना के बाद, किशन अपनी चाची के साथ रहने चली जाती है और रस्टी को अकेला छोड़ दिया जाता है। दुःख को दूर करने और जीवन को नए सिरे से शुरू करने के लिए, रस्टी इंग्लैंड में बसने का फैसला करता है। इंग्लैंड के लिए रवाना होने से पहले, रस्टी किशन से मिलता है।

उसे पता चलता है कि रस्टी एक चोर बन गया है जबकि मिस्टर कपूर ने दोबारा शादी कर ली है। वह इसे अपराध की अंधेरी दुनिया से बाहर आने में मदद करने के लिए अपनी जिम्मेदारी के रूप में लेता है। वह किशन को सम्मानजनक जीवन जीने की सलाह देता है।

मुझे पुस्तक का नायक बहुत पसंद है:

मुझे बस रस्टी का किरदार बहुत पसंद था। उनकी यात्रा मुझे भावनाओं के एक रोलर कोस्टर के माध्यम से ले गई। मुझे लगा कि उसकी हालत खराब है। श्री हैरिसन ने जिस तरह से व्यवहार किया है वह दिल दहला देने वाला है। मुझे यह पसंद आया जब वह श्री हैरिसन के घर से भाग गया और स्वतंत्रता का अनुभव किया। मुझे मीना और रस्टी के बीच का समीकरण भी पसंद आया। हालाँकि, मीना के निधन और अंत की ओर जंग की स्थिति ने मुझे फिर से दुखी कर दिया।

रस्किन बॉन्ड – प्रसिद्ध लेखक :

रस्किन बॉन्ड ब्रिटिश मूल के एक भारतीय लेखक हैं। वह मसूरी, भारत में रहते हैं। उन्होंने कई किताबें लिखी हैं। उन्हें कुछ सर्वश्रेष्ठ बच्चों की किताबें लिखने के लिए जाना जाता है। उनके काम के लिए उन्हें काफी सराहना मिली है। साहित्य में उनके योगदान के लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

रस्टी की कहानी ने मेरे दिल को छू लिया है। मैंने इस पुस्तक को कई बार पढ़ा है। मुझे रस्टी के जीवन में विभिन्न चरणों से प्यार है और वह विभिन्न चुनौतियों का सामना करता है।

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध, my favorite book essay in hindi (600 शब्द)

‘मेरी पसंदीदा पुस्तक – द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स’

द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स एक भारतीय लेखक द्वारा लिखी गई सर्वश्रेष्ठ पुस्तकों में से एक है। अरुंधति रॉय का यह पहला उपन्यास था। इसने उन्हें वर्ष 1997 में फिक्शन के लिए बुकर पुरस्कार जीता। यह मेरी पसंदीदा पुस्तकों में से एक है। मुझे इसके कथानक, पात्र और विषय बहुत पसंद हैं।

लेखक के बारे में – अरुंधति रॉय

अरुंधति रॉय का जन्म शिलांग, मेघालय में हुआ था। उनके पिता, राजीब रॉय, एक चाय बागान प्रबंधक थे और उनकी माँ मैरी रॉय एक महिला अधिकार कार्यकर्ता थीं। जब वह दो साल की थी, तब उसके माता-पिता का तलाक हो गया। वह अपनी मां के साथ रहती थी।

वे केरल में बस गए जो उनकी माता का गृह नगर था। उसने आर्किटेक्ट की पढ़ाई की है। वह अपने डेब्यू उपन्यास, द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स की रिलीज के साथ प्रसिद्धि के लिए बढ़ी, जो एक सर्वश्रेष्ठ विक्रेता बन गई। इसने उसे बहुत प्रशंसाएँ दिलवाईं। रॉय एक राजनीतिक कार्यकर्ता भी हैं। वह पर्यावरण और मानव अधिकारों के मुद्दों के लिए काम कर रही है।

छोटी चीजों का भगवान:

द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स 1960 के दशक में केरेला में रहने वाले एक परिवार की कहानी सुनाता है। इसमें दुष्ट जाति व्यवस्था और साम्यवाद सहित कई मुद्दे शामिल हैं। यह एस्थपेन और राहेल की कहानी है। यह उनके बचपन के वर्षों के दौरान अनुभव किए गए खुशियों और दुखों को साझा करता है और उनके प्रारंभिक जीवन के दौरान घटनाओं की बारी उन्हें व्यक्तियों के रूप में विकसित हुई।

कहानी 7 साल की होने पर जुड़वा बच्चों के जीवन में घटने वाली घटनाओं को दर्शाती है, जो कहानी 31 साल की थी। पात्रों के बीच संबंध काफी जटिल है। यह ऐसी चीज है जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली आ रही है। राहेल और एस्तेहा के दादा पप्पाची पेशेवर रूप से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके और वह अपना सारा गुस्सा और हताशा अपनी पत्नी पर निकालते हैं। वह जीवन भर उसकी पिटाई करता है। उनके बच्चों अम्मू और चाको का जीवन भी खराब हो गया है।

चाको की पत्नी मार्गरेट ने उसे धोखा दिया। वह दूसरे आदमी से प्यार करती है और उसके लिए चाको को छोड़ देती है। हालांकि, जल्द ही उसके प्रेमी की मौत हो गई। चाको और मार्गरेट की एक बेटी है जिसका नाम सोफी है, जो एक दुखद मौत भी मर जाती है। अम्मू एक बाबा नाम के व्यक्ति से शादी करते हैं, जो एक अक्षम और अपमानजनक व्यक्ति है। उनकी शादी भी जल्द ही खत्म हो जाती है। दो जुड़वाँ बच्चे हैं, राहेल और एस्था।

कहानी का मुख्य भाग तब शुरू होता है जब सोफी, राहेल और एस्टा मिलते हैं। उस समय जुड़वाँ बच्चे सात साल के थे। साजिश कई मोड़ और मोड़ के साथ दिलचस्प हो जाती है। अम्मू का निम्न जाति के व्यक्ति, वेलुथा, सोफी की दुखद मौत, अम्मू के लिए चाको की घृणा और इसके बाद के पाठकों के बीच तालमेल बना रहता है।

यह पढ़कर दुख होता है कि एस्टा और राहेल के बीच कैसे तरीके हैं। जो जुड़वा बच्चे एक-दूसरे के इतने करीब थे, उन्हें अलग-अलग जगहों पर पाला जाता है और कभी भी दूसरों को देखने को नहीं मिलता है। अंत में, वे मिलते हैं और महसूस करते हैं कि वे एक-दूसरे से कितना प्यार करते थे और उनकी जरूरत थी।

साम्यवादी तनाव, परिवार के भीतर का तनाव, सामाजिक मुद्दे और जटिल रिश्ते सभी को सटीकता के साथ लिखा जाता है और इस तरह से ब्याज को अंत तक जीवित रखा जाता है।

मुझे पात्रों का चित्रण बहुत पसंद है। वे सभी एक-दूसरे से अलग हैं और उनकी अपनी एक दिलचस्प कहानी है। मुझे खासतौर पर जुड़वा बच्चे बहुत पसंद हैं। मेरा दिल उनके लिए निकल जाता है। उनके अपमानजनक पिता और कुंठित माँ के कारण उनके पास एक दर्दनाक बचपन था। उनके जीवन बड़े होने के बावजूद भी महान नहीं बने। उनके द्वारा पाया गया एकमात्र समाधान एक-दूसरे की कंपनी में था जिसे उन्होंने महसूस किया था जैसे कि वे वर्षों के बाद फिर से मिल गए।

उपन्यास मेरे दिल को छू गया। इसने मुझे आश्चर्य में डाल दिया कि समाज द्वारा बनाए गए नियम लोगों के जीवन को लगभग बर्बाद कर देते हैं। मुझे क्रोध, घृणा, आनंद और प्रेम जैसी कई भावनाओं का अनुभव हुआ जैसा कि मैंने इस पुस्तक के माध्यम से जाना।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध Essay on My Favourite Book in Hindi

इस लेख में मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध Essay on my favourite book in Hindi दिया गया है। यहां पर दिया गया मेरी प्रिय पुस्तक के ऊपर निबंध बेहद सरल भाषा में है। मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध कक्षा तीन से 12 तक विभिन्न रूपों में परीक्षाओं में पूछा जाता है यहां पर दिया गया निबंध किसी परीक्षा में बेझिझक लिखा जा सकता है।

नोट : यहां पर दिया हुआ मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध को तीन भागों में बांटा गया है निबंध का पहला भाग  कक्षा 5 तक के विद्यार्थियों के लिए दिया गया है और निबंध का दूसरा भाग कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त है निबंध का तीसरा भाग कक्षा 8 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए उपयोगी है लेकिन किसी भी कक्षा के विद्यार्थी इस निबंध को पूरा पढ़कर इसमें से जरूरी चीजों को अपने निबंध में शामिल कर सकते हैं।

Table of Content

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध Essay on My Favourite Book in Hindi (300 Words)

कहा गया है की किताबें इंसान की सबसे अच्छी दोस्त होतीं हैं और हर किसी की एक प्रिय पुस्तक होती है। मेरे जीवन पर अनेक किताबों का प्रभाव पड़ा लेकिन मेरी प्रिय पुस्तक के रूप में आज भी रामा य ण शामिल है रामायण यह न सिर्फ मेरी प्रिय पुस्तक है बल्कि सभी सनातन धर्म के मानने वालों के लिए आस्था का विषय भी है। रामायण ग्रंथ की कहानियां हर हिंदू घरों में कहीं सुनी जाती है जिसमें मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की जीवनी मुख्य है।

मेरी प्रिय पुस्तक रामायण

my favorite book essay in hindi

मेरी प्रिय पुस्तक के रूप में रामायण ग्रंथ का मेरे जीवन पर बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ा है रामायण से जुड़ी कहानियां हमने बचपन से सुनी है चाहे वह श्री राम जी की कर्मठता हो या हनुमान जी की वीरता सभी को हमने आत्मसात किया है।

रामायण यह सभी के लिए उपयोगी है इसे मात्र श्री राम की जीवनी न कहकर समग्र मानव समाज के जीवन को दिशा देने का जरिया कहे तो कोई अतिशयोक्ति न होगी। इंसान को तमाम तकलीफों के बावजूद अडिग रहने की सीख रामायण से मिलती है। मुझे गर्व है कि मेरी प्रिय पुस्तक रामायण को हिंदू धर्म का सिरमौर कहा गया है।

मेरी प्रिय पुस्तक रामायण से मिलती सीख

रामायण सिर्फ मेरी ही प्रिय पुस्तक नहीं है बल्कि यह दुनिया के हजारों लाखों लोगों की भी प्रिय पुस्तक है।  इंडोनेशिया जैसे मुस्लिम बाहुल्य देशों में रामायण को बड़ी इज्जत की दृष्टि से देखा जाता है और किसी भी बच्चे के जन्म के समय रामायण का पाठ किया जाता है।

रामायण से जीवन को सकारात्मक तरीके से जीने की सीख मिलती है जिसमें श्री राम कर्तव्य की मूर्ति हैं तथा लक्ष्मण आज्ञा पालन तथा सेवा की मूर्ति हैं जहां मां सीता चरित्र की मूर्ति हैं वही श्री हनुमान वीरता तथा साहस की मूर्ति हैं रामायण से जीवन के सभी पहलुओं पर सीख मिलती है।

मेरी प्रिय पुस्तक ने मुझे जीवन जीने का तरीका सिखाया तथा मैं इस पुस्तक को हर किसी को एक बार पढ़ने की सलाह जरूर देता हूं लेकिन सिर्फ पढ़ लेना उपयुक्त नहीं होगा बल्कि इसके ज्ञान को सामान्य जनजीवन में उतारना ही सही तरीका होगा।

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध Essay on My Favourite Book in Hindi (400 Words)

मेरी प्रिय पुस्तक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन पर लिखी गयी किताब अग्नि की उड़ान है। मेरी प्रिय पुस्तक अग्नि की उड़ान ने मेरे जीवन में सकारात्मकता का संचार किया है क्योंकि अग्नि की उड़ान कोई काल्पनिक बात नहीं बल्कि डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम के संघर्षों की कहानी है।

इंटरनेट के युग में सोशल मीडिया तथा इंटरटेनमेंट के बीच किताबे कहीं गुम सी हो गई हैं लेकिन पढ़ना यह सदा सर्वदा चलने वाली चीज है, पढ़ने के तरीकों में भले ही बदलाव आ जाए लेकिन जान लेने का एक माध्यम पढ़ना सुनना व देखना ही हो सकता है।

मेरी प्रिय पुस्तक- अग्नि की उड़ान

my favorite book essay in hindi

मेरी प्रिय पुस्तक मुझे कक्षा 8 में मेरे जन्मदिन के उपलक्ष में भेंट में मिली। अग्नि की उड़ान यह डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की जीवनी नहीं है बल्कि उनके संघर्षों की कहानी है जिसमें उन्होंने अग्नि, त्रिशूल, नाग जैसी मिसाइलें बनाकर भारत के गौरव को पूरी दुनिया में ऊंचा किया है।

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के संघर्षों के ऊपर बनी पुस्तक अग्नि की उड़ान को उनके एक साथी अरुण तिवारी ने लिखा है अरुण तिवारी कहते हैं अग्नि की उड़ान लिखना उनके लिए किसी तीर्थ यात्रा से कम नहीं था अग्नि की उड़ान अब्दुल कलाम के विशाल जीवन की एक छोटी सी झलक मात्र है।

एपीजे अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन भी कहा जाता है एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म बेहद ही गरीब परिवार में हुआ और शुरुवाती शिक्षा दीक्षा में भेदभाव का भी सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने सिर्फ सीखना कभी नहीं छोड़ा, अब्दुल कलाम बेहद ही जिज्ञासु थे और प्रकृति तथा विज्ञान से प्रेम करते थे।

मेरी प्रिय पुस्तक अग्नि की उड़ान से मिलती सीख

भारत रत्न श्री एपीजे अब्दुल कलाम जी भारत के राष्ट्रपति भी रह चुके हैं, वह कुछ उन व्यक्तियों की सूची में शामिल है, जिनके विरोधी शून्य है यानी जिन्हें सभी पसंद करते हैं। अग्नि की उड़ान से सबसे बड़ी सीख मिलती है कि किस प्रकार साधन की अल्पता के बावजूद भी महानता तक पहुंचा जा सकता है।

अग्नि की उड़ान से दूसरी सबसे बड़ी सीख यह मिलती है की इंसान को कभी भी सीखना नहीं छोड़ना चाहिए हर परिस्थिति में कम या ज्यादा मात्रा में सीखते रहना चाहिए।

जिस इंसान ने किताबों से दोस्ती कर ली उसे और किसी से दोस्ती करने की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन किताबों को सिर्फ पढ़ने भर से कुछ प्राप्त नहीं हो सकता जब तक उन्हें अपने व्यवहार में न शामिल किया जाए। इसलिए किताबों को पढ़ने के साथ-साथ उनसे मिलती सीखो को अपने रोजमर्रा के जीवन में जरूर अपनाना चाहिए।

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध Essay on My Favourite Book in Hindi (600 Words)

कहते हैं कि किसी समाज की मानसिकता को जानना हो तो वहां के साहित्य को पढ़ना चाहिए। पुस्तकों को जीवंत देवता कहा गया है। देवता यानी जो प्रदान करें और जीवंत मतलब जीवित। किताबों को  मानव का सबसे घनिष्ठ मित्र बताया गया है क्योंकि अन्य मित्र समय अनुसार बदल जाते हैं लेकिन पुस्तक बिना किसी स्वार्थ के हमारे साथ रहते हैं तथा हमें ज्ञान प्रदान करते हैं।

मेरी प्रिय पुस्तक महाभारत ग्रंथ है। महाभारत अच्छाई और बुराई के बीच लड़ी गई एक ऐतिहासिक लड़ाई है जिसमें एक ओर हजारों दुष्टों कि कौरव सेना और दूसरी ओर गिनती मात्र के पांडवों की सेना थी जिनके बीच धर्म की युद्ध लड़ी गई और कम सुविधा साधन के बावजूद भी पांडवों की जीत हुई और सबसे मुख्य बात की भगवान श्री कृष्ण हमेशा सत्य के साथ रहे।

आज के सोशल मीडिया के जमाने में हमारे एतिहासिक ग्रंथ रामायण-महाभारत को आजकल के युवा कम ही पसंद करते हैं। पसंद करना तो दूर उनका उपहास उड़ाते हैं। जहां एक ओर विज्ञान को इन ग्रंथों के सच होने के सबूत मिल रहे हैं वहीं दूसरी ओर जनजीवन को उत्कृष्ट बनाने के लिए इन्ही सूत्रों का उपयोग किया जाता है। लेकिन मात्र पढ़ने भर से प्रयोजन पूरा नहीं हो सकता किसी भी ग्रंथ का असली लाभ तभी मिल सकता है जब उसे अपने जीवन में उतारा जाए।

मेरी प्रिय पुस्तक महाभारत

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महाभारत त्रेता युग में लिखी गई, जिसमें महान सम्राट धृतराष्ट्र के पुत्रों तथा पांडव के पुत्रों के बीच धर्म को लेकर हुए युद्ध की चर्चा है। किस प्रकार वाणी के दुरुपयोग से इतना बड़ा युद्ध हो सकता है इसका उल्लेख भी महाभारत में मिलता है।

महाभारत को महर्षि वेदव्यास ने भगवान श्री गणेश से लिखवाया था, महाभारत में 24 लाख श्लोक हैं और यह पृथ्वी का सबसे विशाल ग्रंथ है। महाभारत यह 18 दिन चला और भगवान कृष्ण के मुखारविंद से निकली हुई श्री गीता भी यहीं से जन्मी है।

महाभारत का उद्देश्य यही था कि जब जब धरती पर पाप और अत्याचार बढ़ेगा तब-तब ईश्वरीय सत्ता धरती पर आकर अनाचारियों का विनाश करेगी। महाभारत में कर्मयोग, ज्ञानयोग, सांख्य योग इत्यादि की सटीक परिभाषा मिलती है जो मानवों को जीने की कला सिखाती हैं।

मेरी प्रिय पुस्तक महाभारत से मिलती सीख

महाभारत यह मात्र युद्ध की कहानी भर नहीं है बल्कि जीवन की दिशा धारा कैसी होनी चाहिए इसकी सटीक परिभाषा भी है। महाभारत यह तमाम कुरीतियों तथा कुप्रथाओं का विनाश भी करती है। महाभारत से हमें यह सीख मिलती है कि हमें कभी भी धर्म का मार्ग नहीं छोड़ना चाहिए।

महाभारत हमें सिखाता है की भले ही अधर्मी दुश्मनों की संख्या ज्यादा हो पर जीत तो सत्य की ही होती है और सत्य के मार्ग पर चलने वाले शूरवीरों को कभी भी चिंतित या भयभीत नहीं होना चाहिए। अगर हम सत्य के मार्ग पर चलेंगे तो ईश्वरीय सत्ता भी हमारा मार्ग प्रशस्त करेंगी।

महाभारत हमें धैर्य, कर्तव्यनिष्ठा, साहस तथा धर्म पथ पर अडिग रहने की सीख देता है। महाभारत के श्लोक बेहद ही गूढ़ है तथा उनके पीछे अनेक भावार्थ छुपे हुए हैं। महाभारत को अनेक भाष्य कारों ने अपने ज्ञान के अनुसार भाषित किया है।

महाभारत दुनिया का सबसे बड़ा ग्रंथ है इसे मूल संस्कृत में लिखा गया था लेकिन आज यह हिंदी भाषा में भी उपलब्ध है तथा तमाम टेलीविज़न डायरेक्टरों ने इसे पर्दे पर उतारने की कोशिश भी की है।

महाभारत को कुछ लोग सिर्फ युद्ध तथा कलह की दृष्टि से देखते हैं लेकिन महाभारत जैसा शायद ही कोई अन्य ग्रंथ हो जो धर्म और अधर्म की सच्ची परिभाषा तथा जीवन जीने की कला सिखाता हो। लेकिन मात्र पढ़ने भर से महाभारत से कोई लाभ नहीं हो सकता जब तक कि इससे मिलते ज्ञान को अपने सामान्य जीवन में उतारने की चेष्टा ना की जाए।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध Essay on My Favourite Book in Hindi पढ़ा। जिसमें कक्षा 3 से लेकर 12 तक मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध सरल रूप से दिया गया है। अगर यह लेख आपको जानकारी से भरपूर लगा हो तथा आपके लिए मददगार साबित हुआ तो शेयर जरूर करें।

my favorite book essay in hindi

नमस्कार रीडर्स, मैं बिजय कुमार, 1Hindi का फाउंडर हूँ। मैं एक प्रोफेशनल Blogger हूँ। मैं अपने इस Hindi Website पर Motivational, Self Development और Online Technology, Health से जुड़े अपने Knowledge को Share करता हूँ।

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my favorite book essay in hindi

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध- Meri Priya Pustak Par Nibandh | Essay in Hindi

In this article, we are providing Meri Priya Pustak Par Nibandh | Essay on My Favourite Book in Hindi मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध हिंदी | Nibandh in 100, 200, 250, 300, 500 words For Students & Children.

दोस्तों आज हमने Meri Priya Pustak Essay in Hindi लिखा है मेरी प्रिय पुस्तक निबंध हिंदी में कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, और 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है।

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध- Meri Priya Pustak Par Nibandh

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध- Essay on My Favourite Book in Hindi ( 150 words )

Meri Priya Pustak Panchtantra | Meri Priya Pustak par Anuched

मैंने कई अच्छी-अच्छी पुस्तकें पढ़ी हैं। वे मुझे पसंद भी आई हैं। परंतु मेरी सबसे प्रिय पुस्तक है “ पंचतंत्र की कहानियाँ’ । इस संग्रह में कई रोचक व शिक्षाप्रद कहानियाँ हैं। बहुत समय पहले इन कहानियों को लिखा गया था, परन्तु आज भी इनकी ताजगी पहले जैसी ही है। इनको लिखने वाले एक अत्यन्त विद्वान व्यक्ति थे जिनका नाम था विष्णु शर्मा। यह कहानी संग्रह मैंने एक पुस्तक मेले में खरीदा था।

पंचतंत्र की कई कहानियाँ मुझे जबानी याद हैं। इन कहानियों में पशु-पक्षियों के माध्यम से बहुत-सी नैतिक और व्यावहारिक बातें समझाई गईं हैं। मानव-स्वभाव और प्रकृति का इनमें अच्छा प्रदर्शन देखा जा सकता है। ये कहानियाँ सचमुच अद्भुत हैं।

मनोरंजक होने के साथ-साथ शिक्षा की दृष्टि से भी इन कहानियों का बड़ा महत्व है। इन कथा-कहानियों को कहने-सुनने में मुझे बड़ा आनन्द आता है। ये कहानियाँ एक पाठक या श्रोता को सहज ही पशु-पक्षियों के ऐसे संसार में ले जाती हैं जहां मानव चरित्र और स्वभाव का बहुत सुंदर व मनोवैज्ञानिक चित्रण हुआ है।

जरूर पढ़े- Short Essay on My Favourite Book in Hindi

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध- Meri Priya Pustak Essay in Hindi ( 250 words )

पुस्तकें मनुष्य की सच्ची मित्र हैं। वे बच्चों तथा बड़ों को विद्वान और महान् बनाती हैं। वे उन्हें ऊँची शिक्षा देती हैं। बच्चे, जवान तथा बूढ़े सब पुस्तकों से ज्ञान और मनोरंजन प्राप्त करते हैं।

मैं पाँचवीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ। मुझे स्कूल में गणित, भूगोल, विज्ञान, इतिहास, हिन्दी तथा अंग्रेजी की पुस्तकें पढ़ाई जाती हैं। मैं उन पुस्तकों को घर पर तथा स्कूल में पढ़ता हूँ। इन सब पुस्तकों में मेरी प्रिय पुस्तक ‘ज्ञान सागर’ है। इसका पाँचवाँ भाग मुझे विद्यालय में पढ़ाया जाता है। इसके चार भाग मैं. पहले पढ़ चुका हूँ।

‘ज्ञान सागर’ वास्तव में बच्चों के लिए ज्ञान का भंडार है। इसमें सुन्दर उपदेश रोचक ढंग से दिए गए हैं। इसमें कहानियाँ, लेख, पत्र, जीवनियाँ तथा कविताएँ हैं। इसके सम्पादक श्री आनन्द हैं। इसमें 104 पृष्ठ हैं। इसका मूल्य केवल 50 रुपए है। पुस्तक में सुन्दर चित्र हैं जो पाठों को सरल और सरस बनाते हैं।

भिन्न-भिन्न विषयों की पुस्तकें पढ़ते-पढ़ते मन ऊब जाता है। ‘ज्ञान सागर’ में विविधता होने के कारण इसे पढ़ने से मन नहीं ऊबता। इसमें इतिहास, विज्ञान, राजनीति और दूसरे विषयों की बातें दी गई हैं। इन्हें पढ़कर न केवल हमारा ज्ञान बढ़ता है अपितु मनोरंजन भी होता है। महापुरुषों की जीवनियों को पढ़कर हम अपने जीवन को महान बना सकते हैं। कविताओं को पढ़ने से एक विशेष प्रकार के आनन्द की अनुभूति होती है। कहानियाँ और एकांकी मनोरंजन के साथ-साथ हमारा ज्ञान भी बढ़ाते हैं।

मैं अपनी प्रिय पुस्तक ज्ञान सागर को सँभाल कर रखता हूँ।

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मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध- Meri Priya Pustak Par Nibandh ( 300 words )

Meri Priya Pustak Ramcharitmanas

जीवन में पुस्तकें पढ़ने का अपना ही आनन्द है। पुस्तकें हमारा ज्ञान बढ़ाने के साथसाथ स्वस्थ मनोरंजन भी करती हैं। यही कारण है कि विद्यार्थी अपनी पाठ्य-पुस्तकों के अतिरिक्त अन्य पुस्तकें भी पढ़ते हैं। मुझे भी पढ़ने का शौक है। मैंने अनेक कहानी, उपन्यास तथा काव्य पुस्तकें पढ़ी हैं। इनमें मुझे कई काफी अच्छी लगी, पसन्द आईं परन्तु मुझे सबसे अच्छी लगी ‘राम चरित-मानस’। यही मेरी प्रिय पुस्तक है।

‘राम चरित मानस’ तुलसीदास की अमर रचना है। यह हिन्दुओं का परम पवित्र धार्मिक ग्रन्थ है। आप कहेंगे कि धार्मिक ग्रन्थ होने के कारण ही मुझे रामचरित मानस सबसे अच्छा लगा तो बात ऐसी, नहीं है। रामचरित मानस में वे सभी गुण हैं जो एक आदर्श रचना में होने चाहिए। यही कारण है कि धनी-निर्धन सभी इस ग्रन्थ का आदर करते हैं। यह रचना सबको प्रिय है।

रामचरित मानस की भाषा अवधी है। इसमें श्रीराम के जीवन चरित्र का वर्णन बालकाण्ड, अयोध्याकाण्ड, अरण्यकाण्ड, किष्किन्धा काण्ड, सुन्दरकाण्ड तथा लंकाकाण्ड, उत्तरकाण्ड इन सात काण्डों – किया गया है। सारा काव्य दोहा-चौपाई छन्द में लिखा गया है।

राम चरित मानस एक समन्वय ग्रन्थ है। इसमें वैष्णव तथा शव मत का तथा आर्य एवं द्रविड़ सभ्यता का समन्वय किया गया है। एक आदर्श रचना है। इसमें बताया गया है कि पिता कैसा होना चाहिए-दशरथ जैसा, पुत्र कैसा होना चाहिए-राम जैसा, माता कैसी ” होनी चाहिए-कौशल्या जैसी, पत्नी कैसी हो-सीता जैसी, भाई कैसा हो-भरत जैसा, सेवक कैसा हो-हनुमान जैसा, मित्र कैसा हो-सुग्रीव तथा विभिषण जैसा, शत्रु कैसा हो-रावण जैसा।

मानव जीवन की सभी समस्याओं का हल मानस में मिल जाता में है। यही कारण है कि आज विश्व की प्रायः सभी प्रमुख भाषाओं में- मेरी प्रिय पुस्तक ‘राम चरित-मानस’ का अनुवाद हो चुका है। विश्व के सभी भागों के लोग रामचरित मानस के अध्ययन में रुचि ले रहे । है। ऐसी महान धार्मिक पुस्तक मेरी प्रिय पुस्तक है, मुझे इस बात का गर्व है।

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Meri Priya Pustak Par Nibandh | मेरी प्रिय पुस्तक- गाँधी जी की आत्म-कथा ( 300 words )

मैं ने गर्मी की छुट्टियों में ‘गाँधी जी की आत्म-कथा’ नामक पुस्तक पढ़ी। वह मुझे बहुत पसंद आयी। गाँधी जी के जीवन का बड़ा प्रभाव मुझ पर पड़ा।

गाँधी जी ने बचपन में ‘सत्य हरिश्चंद्र’ नाटक देखा था। उन्होंने अपने जीवन में सत्य-व्रत का पालन करने का निर्णय किया था। एक बार स्कूल इन्स्पेक्टर उनकी कक्षा में आये । इन्सपेक्टर ने विद्यार्थियों से कुछ शब्द लिखने केलिए कहा। गाँधी जी ने एक-दो शब्द गलत लिखे थे। अध्यापक ने उससे बगल के विद्यार्थी को देखकर सही शब्द लिखने केलिए कहा। उन्होंने वैसे नहीं किया। इन्सपेक्टर के पूछने पर सही बात बतायी। इससे अध्यापक नाराज हुए। गाँधी जी ने जीवन-भर सत्य व्रत का पालन किया।

गाँधी जी ने श्रावण कुमार के माता-पिता की भक्ति कथा की फिल्म देखी थी। इससे प्रभावित होकर वे भी माँ-बाप के प्रति श्रद्धा-भक्ति रखते थे।

गाँधीजी की माँ का प्रभाव उन पर बहुत अधिक था। जिस दिन आकाश में बादल छाये रहते थे और सूर्य नहीं दिखायी पड़ता था, उस दिन गाँधी जी की माँ उपवास का व्रत रखती थी। इसी कारण गाँधी जी स्वतंत्रता-आंदोलन के समय कई दिन अनशन व्रत रखते थे। माता जी की अहिंसा प्रवृत्ति का ज्यादा प्रभाव गाँधी जी पर था। इसी कारण वे अंग्रेजों से लड़ते समय अहिंसा की बातें करते थे।

गाँधी जी की आत्म-कथा का मेरे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा है। मैंने भी गाँधी जी की तरह सत्य बोलने का निर्णय लिया है। मैं भी अपने माँ-बाप के प्रति भक्ति दिखाना चाहता हूँ। मैं एकादशी को उपवास का- व्रत रखता हूँ। मैं अहिंसा में विश्वास रखता हूँ। इस प्रकार इस पुस्तक ने मेरे नटखट स्वभाव को बहुत परिवर्तित कर दिया है।

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध- Long Essay on My Favourite Book in Hindi ( 800 words )

भूमिका

कुछ पुस्तकें कालजयी होती हैं; क्योंकि वे जाति विशेष के जीवन, भाव और विचारधारा की सशक्त अभिव्यकति होती है। रामचरित मानस हिन्दू जाति और समाज की भावनाओं, विचारों और दशा का बहुत कलात्मक ढ़ग से व्यक्त करता है। इसकी रचना महाकवि गोस्वामी तुलसीदास ने की है। यह आज से चार सौ साल से अधिक वर्ष पहले रची गयी थी। इसकी रचना जनभाषा अवधी में की गई है। यह हिन्दी साहित्य का सर्वश्रेष्ठ महाकाव्य है। इसमें मर्यादा पुरुषोत्तम रामचन्द्रजी के परम अलौकिक चरित्र का वर्णन किया गया है। इसमें दोहा और चौपाई छंद का प्रयोग किया गया है। यह भारतीय जनता का बहुत लोकप्रिय काव्य है। इसका अनुवाद अनेक देशी विदेशी भाषाओं में हो चुका है।

कथानक

राजा दशरथ अयोध्या के राजा थे। इनकी तीन रानियाँ थींकौशल्या, कैकेयी और सुमित्रा। कौशल्या से राम, कैकेयी से भरत तथा सुमित्रा से लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्म हुआ था। चारों भाई अल्पकाल में विद्योपार्जन में पूर्ण सफल रहे। विश्वामित्र नामक ऋषि राक्षसों से मुनियों की रक्षा के लिए राम और लक्ष्मण को राजा दशरथ से माँग, जंगल ले गए। राम और लक्ष्मण ने अनेक राक्षसों का वध किया और मुनियों की रक्षा की। कुछ दिनों बाद विश्वामित्र दोनों भाइयों को लेकर जनकपुर गए। वहाँ राजा जनक की कन्या का स्वयंवर रचा गया था। राम ने शिवधनुष तोड़ा। राम का सीता के साथ विवाह हुआ। अयोध्या लौटने पर राम को राजगद्दी पर बैठाने का आयोजन किया जाने लगा। विमाता कैकेयी राजा दशरथ से वरदान माँगकर राम को चौदह वर्ष का वनवास और भरत को अयोध्या का राजा बनाने का उपक्रम करती हैं। राम सीता और लक्ष्मण के साथ पिता की आज्ञा पाकर वन चले जाते हैं। दशरथ, पुत्र-शोक में प्राण त्याग देते हैं। ननिहाल से लौटकर भरत जब यह समाचार सुनते हैं तब बहुत दुखी होते हैं। वे अयोध्यावासियों के साथ चित्रकूट जाकर राम को लौटा लाने का प्रयास करते हैं। राम भरत को समझा-बुझाकर अयोध्या वापस कर देते हैं। भरत राम की खड़ाऊ लेकर अयोध्या लौट आते हैं। भरत राम की खड़ाऊ को राजगद्दी पर आसीन कर राज्य का संचालन करते हैं।

राम अनेक राक्षसों का वध करते हैं। एक दिन रावण की बहन लक्ष्मण द्वारा अपमानित होती है। यह समाचार पाकर रावण छल से सीता का अपहरण कर लेता है और लंका की अशोक वाटिका में रखता है। इस समाचार से राम बहुत दुःखी होते हैं। राम वनवासियों की सहायता से लंका पर चढ़ाई करते हैं। राम और रावण के बीच घनघोर युद्ध होता है। रावण मारा जाता है। राम, सीता को लेकर अयोध्या लौटते हैं और राजगद्दी पर बैठते हैं।

महत्व एवं उपयोगिता

रामचारेत मानस एक साहित्यिक कृति के साथ महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रन्थ है। सत्य और धर्म के महत्व पर इस रचना में प्रकाश डाला गया है। यह भी बताया गया है अधर्म पर धर्म की विजय होती है। इस ग्रन्थ में समाज और परिवार के हर सदस्य के कर्त्तव्य पर सुन्दर प्रकाश डाला गया है। रामचरित मानस, निराश दिन्द जनता में आशा का संचार करता है। राम राजा बनने के बाद रामराज्य की स्थापना करते हैं। इस राज्य में कोई दुःखी नहीं है, अन्याय-अत्याचार का नामोनिशान नहीं है। मर्यादा पुरुषोत्तम राम का दिव्य चरित्र प्रत्येक मनुष्य को आदर्श चरित्र प्रदान करता है। समाज, राजनीति, धर्म, नैतिकता आदि के आदर्श रूप का बहुत सुन्दर वर्णन इस ग्रन्थ में हआ है। कौशल्या आदर्श माता हैं, सीता आदर्श पत्नी, भरत और लक्ष्मण आदर्श भाई, राम आदर्श राजा हैं, हनुमान आदर्श सेवक। निषादराज और शबरी के साथ राम का व्यवहार समानता के आधार पर होता है जो ऊँच-नीच के भेदभाव दूर करने की शिक्षा देता है। लोक कल्याण के लिए राम का वन-वन भटकना, ऋषियों मुनियों की राक्षसों से रक्षा करना, अत्याचारियों का विनाश करना, प्रजा का हित साधन करना हमारे सम्मुख राम का महान आदर्श प्रस्तुत करता है।

उपसंहार

आज रामचरित मानस की रचना को चार सौ वर्ष से भी अधिक हुए, किन्तु इसका महत्व अभी भी उतना है जितना रचनाकाल में था। रामचरित मानस की प्रासंगिकता कभी कम नहीं होगी; क्योंकि इसमें मनुष्य के शाश्वत मूल्यों की स्थापना की गयी है। विश्व के प्रख्यात विद्वानों ने इस ग्रन्थ की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। रूसी विद्वान वरनाकोव तो इस ग्रन्थ पर इतना अभिभूत थे कि मरने बाद अपनी कब्र पर निम्नलिखित चौपाई खुदवाने का अनुरोध अपने उत्तराधिकारियों से किया था

परहित सरिस धर्म नहिं भाई। परपीड़ा सम नहिं अधभाई।।

रामचरित मानस की लोकप्रियता जितना विद्वानों के बीच है उतना ही साधारण जनता के बीच भी। रामचरित मानस एक कालजयी और अमर कृति है। इस ग्रन्थ पर हमें गर्व है। अपने इन्हीं गुणों और विशेषताओं के कारण रामचरित मानस हमारी प्रिय पुस्तक है। मैं इसका नियमित पाठ कर आनन्द और सन्तोष प्राप्त करता हूँ।

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इस लेख के माध्यम से हमने Meri Priya Pustak Par Nibandh | Essay on My Favourite Book in Hindi  का वर्णन किया है और आप यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल कर सकते है।

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मेरी प्रिय पुस्तक हिंदी निबंध My Favourite Book Essay in Hindi

My Favourite Book Essay in Hindi: मानव जीवन में अच्छी पुस्तकों का बड़ा महत्त्व है। उत्तम पुस्तके अच्छे मित्र, गुरु और मार्गदर्शक का काम करती हैं। उनके अध्ययन से हमारा ज्ञानकोश बढ़ता है, जीवन-दृष्टि विशाल बनती है और अपने व्यक्तित्व के निर्माण में सहायता मिलती है । अध्ययन के प्रति अपनी रुचि के कारण मैंने अब तक कई उत्तम पुस्तके पढ़ी हैं। मैं यह निश्चयपूर्वक कह सकता हूँ कि उन सबमें गांधीजी की आत्मकथा ‘ सत्य के प्रयोग’ ने मुझे सबसे अधिक प्रभावित किया है ।

मेरी प्रिय पुस्तक पर हिंदी में निबंध My Favourite Book Essay in Hindi

मेरी प्रिय पुस्तक पर हिंदी में निबंध My Favourite Book Essay in Hindi

लेखक की ईमानदारी.

‘सत्य के प्रयोग ‘ वास्तव में गांधीजी के जीवन की प्रामाणिक तस्वीर है। इसके एक-एक प्रकरण में सत्य का उद्घाटन हुआ है। गांधीजी ने अपनी दुर्बलताओं का स्पष्ट चित्रण करते हुए ऐसे प्रेरक प्रसंग प्रस्तुत किए हैं जिन से पाठक उत्तम शिक्षा प्राप्त कर सकता है। मांसाहार, धूम्रपान, चोरी, आत्महत्या, पत्नी के प्रति कठोर व्यवहार आदि प्रसंगों में गांधीजी के स्वाभाविक रूप देखते ही बनते हैं। दक्षिण अफ्रीका में उनके स्वाभिमानी, स्वावलंबी और सत्याग्रही स्वरूप का अध्ययन करने से मालूम होता है कि उस साधारण व्यक्ति में कितने असाधारण गुण छिपे हुए थे ! इस प्रकार ‘सत्य के प्रयोग ‘ गांधीजी के जीवन का सच्चा दर्पण है।

लेखक के व्यक्तित्व की झलक

‘सत्य के प्रयोग’ या ‘आत्मकथा’ गांधीजी की जीवनयात्रा का ही नहीं, उनके व्यक्तित्व की यात्रा का भी दर्शन कराती है। इसमें हम देखते हैं कि किस तरह मोहनदास नाम का एक डरपोक, शर्मीला लड़का माता के वचनों से बँधकर, लंदन में संयम और परिश्रम से वकालत की डिग्री प्राप्त करता है, दक्षिण अफ्रीका में न्याय और मानवता की ज्योति जलाता है और अंत में भारतीय स्वतंत्रता-संग्राम के विजयी सेनापति के रूप में विश्ववंद्य बन जाता है। एक सामान्य व्यक्तित्व के असामान्य बनने की यह यात्रा जितनी रोचक है, उतनी ही प्रेरक भी है।

अनेक विषयों पर लेखक के विचार

इस पुस्तक में गांधीजी ने सत्य, अहिंसा, धर्म, भाषा, जाति-पाँति, अस्पृश्यता आदि अनेक विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। इनसे हमें उस महामानव के चिंतन की झलक मिलती है। गांधीजी की सूक्तियाँ रामबाण की तरह मर्म पर प्रहार करती हैं।

गांधीजी ने अपनी यह आत्मकथा इतने सहज ढंग से लिखी है कि उसकी जितनी तारीफ की जाए, उतनी कम है। सरल और छोटे-छोटे वाक्यों में उन्होंने भाषा और भाव का सारा वैभव भर दिया है। कहीं-कहीं तो उसे पढ़ने में काव्य-सा आनंद मिलता है।

इस प्रकार ‘सत्य के प्रयोग’ एक महामानव के जीवन की प्रेरक कथा है। इसमें हमारे देश के इतिहास की भी सुंदर झलकियाँ हैं। इस आत्मकथा ने लोगों के दिलों को जीत लिया है। इस पुस्तक को पढ़कर न जाने कितने लोगों के जीवन में अद्भुत परिवर्तन हुए हैं। इस पुस्तक के प्रभाव से ही मैंने कई बुराइयाँ छोड़ दी हैं जिससे मेरे चरित्र का विकास हुआ है। अब तो गांधीजी के आदर्शों पर चलना ही मेरे जीवन का ध्येय बन गया है। जिस प्रकार गांधीजी मेरे प्रिय नेता हैं, उसी प्रकार उनको आत्मकथा मेरी प्रिय पुस्तक है।

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Essay On My Favorite Book : मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध

Meena Bisht

  • April 10, 2020
  • Hindi Essay

निबंध हिंदी में हो या अंग्रेजी में , निबंध लिखने का एक खास तरीका होता है। हर निबंध को कुछ बिंदुओं (Points ) पर आधारित कर लिखा जाता है। जिससे परीक्षा में और अच्छे मार्क्स आने की संभावना बढ़ जाती है।

हम भी यहां पर “मेरी प्रिय पुस्तक /Essay On My Favorite Book ” पर निबंध को कुछ बिंदुओं पर आधारित कर लिख रहे हैं। आप भी अपनी परीक्षाओं में निबंध कुछ इस तरह से लिख सकते हैं। जिससे आपके परीक्षा में अच्छे मार्क्स आयें।

Essay On My Favorite Book

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध.

  • प्रस्तावना (Introduction)

मेरी प्रिय किताब (My Favorite Book )

  • “सत्य के प्रयोग” क्यों हैं मेरी पसंदीदा किताब (Why this is my Favorite Book)
  • पुस्तक की भाषा (Language of my Favorite book)

किताब से मिली प्रेरणा ( Inspirational Book )

प्रस्तावना 

Essay On My Favorite Book : किताबों ही इंसान की सबसे अच्छी दोस्त होती हैं। कहते हैं कि एक अच्छी किताब सौ दोस्तों के बराबर होती हैं। जो इंसान को विपरीत परिस्थितियों में भी सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है।  कठिन समय पर भले ही आपके दोस्त , परिचित , आपके रिश्तेदार आप से मुंह मोड़ लें। मगर एक  एक अच्छी और प्रेरणादायक किताब आपको हमेशा जीवन में निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा देती ही रहेगी।

ये किताबें ही हमारी सच्ची साथी व हमारी धरोहर होती हैं।जो हमारी आने वाली पीढ़ी को हमारे पूर्वजों व हमारे बारे में बिना एक शब्द बोले ही सब कुछ बता देंगी। 

मुझे बचपन से ही किताबें पढ़ने का बहुत शौक है।जब भी समय मिलता है। मैं अपने नजदीकी लाइब्रेरी में जाकर किताबों के साथ अपना समय बिताना पसंद करता हूं।

यूं तो मैंने अनेक किताबें पढ़ी हैं लेकिन इस गर्मियों की छुट्टियों में , मैं एक दिन लाइब्रेरी में जाकर पढ़ने के लिए किताब ढूंढ रहा था। तभी अचानक मेरी नजर महात्मा गांधी द्वारा लिखित “Experiment With Truth यानी सत्य के प्रयोग ” नाम की एक किताब पर पड़ी।

जिसे मैंने उत्सुकता बस पढ़ना शुरू किया। लेकिन जैसे-जैसे में किताब को पढता गया , वैसे वैसे उस किताब में मेरी रुचि बढ़ती गई।त भी से यह किताब मेरी पसंदीदा किताबों की लिस्ट में शामिल हो गई। 

सत्य के प्रयोग क्यों हैं मेरी पसंदीदा किताब (Why this is my Favorite Book)

मूल रूप से गांधी जी ने यह किताब अपनी मातृभाषा गुजराती में ही लिखी है।जिसका नाम “सत्य ना प्रयोगो” है । लेकिन बाद में इस किताब का अनुवाद हिंदी , मराठी और अंग्रेजी में भी किया गया है। हिंदी में इसका नाम “सत्य के प्रयोग” , मराठी में “सत्याचे प्रयोग” और अंग्रेजी में “Experiment With Truth” है।

समय के साथ-साथ इस किताब को भारत की अन्य भाषाओं में भी अनुवाद किया गया। ताकि अधिक से अधिक लोग इस किताब को पढ़ सकें। और गांधी जी के जीवन के अनुभवों से लाभ उठा सकें। 

यह किताब मूल रूप से गांधीजी की आत्मकथा (Autobiography ) है । इस किताब का नाम “सत्य के प्रयोग” रखने का मुख्य उद्देश्य शायद यह रहा होगा कि गांधी जी अपने जीवन में सत्य व अहिंसा को सबसे अधिक महत्व देते थे। इसीलिए उन्होंने अपनी आत्मकथा का नाम भी यहीं रखा।

“सत्य के प्रयोग” पुस्तक में गांधीजी ने अपने जीवन में घटित हर घटना को एक कथा के रूप में लिखा है। जिसमें उन्होंने अपने माता पिता , परिजनों , छोटी उम्र में अपने विवाह के अनुभवों को बांटा हैं। इसके साथ ही अपनी पढ़ाई , विदेश यात्रा , वकालत , दक्षिण अफ्रीका में घटित घटनाओं तथा स्वतंत्रता आंदोलन की घटनाओं को विस्तार से लिखा है। 

यहाँ तक कि गांधीजी ने इस किताब में अपनी कमियों एवं बुराइयों का भी खुलकर वर्णन किया है।उन्होंने अपने धूम्रपान , मांसाहार व चोरी करने आदि के बारे में भी कुछ नहीं छुपाया है।उन्होंने अपनी गलतियों को भी ईमानदारी से स्वीकार किया है।उन्होंने यहाँ तक भी लिखा है कि किस प्रकार वो इन बुराइयों के जाल में फंसे और फिर कैसे उन्होंने इस सब से छुटकारा पाया।

पुस्तक की भाषा सरल व सहज (Language of my Favorite book)

इस किताब की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसकी भाषा बहुत ही सरल व सहज है। तथा इसमें किये गए प्रसंगों का उल्लेख भी हृदय को छू लेने वाले है। इसकी शैली भी बहुत रोचक है।

इस पुस्तक को पढ़ने से पाठक के हृदय में सत्य , अहिंसा , प्रेम , आत्मविश्वास तथा मानव मात्र की सेवा के भाव जागृत होते हैं। 

वैसे तो गांधीजी का पूरा व्यक्तित्व , उनका पूरा जीवन सिर्फ हम भारतीयों के लिए ही नहीं , वरन पूरे विश्व के लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत है।सिर्फ भारत के लोग ही नहीं , वरन पूरे विश्व के लोग आज भी गांधीजी के जीवन से प्रेरणा लेते हैं।और उनके बताये मार्ग में चलने का प्रयास करते हैं।

मजबूत अंग्रेजी साम्राज्य की नींव को हिला देने का असंभव कार्य भी उन्होंने सिर्फ सत्य और अहिंसा के बल पर ही संभव कर दिखाया। 

गांधीजी के ये संस्मरण हमें और हमारी आगे आने वाली पीढ़ी को सदैव प्रेरणा देते रहगें । यह किताब हमें बताती है कि एक साधारण व्यक्ति भी किस तरह महान व्यक्ति बन सकता है। और राष्ट्रपिता व महात्मा जैसे सम्मानीय पद को प्राप्त कर सकता है।

गांधीजी एक समाज सुधारक भी थे। जिन्होंने दलित उद्धार और उनके शोषण के खिलाफ आवाज उठायी थी। यह किताब आज के सन्दर्भ में काफी प्रभावशाली है। 

गांधीजी की आत्मकथा ने मेरे मन में गहरा प्रभाव डाला। यह किताब हमें बुराइयों से दूर रहने तथा  प्राणी मात्र की सेवा करते हुए सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है।

गांधीजी द्वारा लिखित यह किताब प्रत्येक व्यक्ति के लिए एक सच्ची मित्र , गुरु और मार्गदर्शक की तरह ही है। मैं चाहूँगा कि प्रत्येक भारतीय गांधीजी की इस आत्मकथा को एक बार अवश्य पढ़ें। 

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“मेरी प्रिय पुस्तक” पर निबंध – Essay on My Favorite Book in Hindi

इस आर्टिकल पर हम Essay on My Favorite Book in Hindi  “मेरी प्रिय पुस्तक” पर हिंदी में निबंध लिख रहे है जिन्हें पढ़कर कोई भी अपने पसंदीदा पुस्तक पर निबंध लिख सकता है. यदि आप किसी विषय पर निबंध पढ़ना पसंद करते है. तो आज की लेख में आप “मेरी प्रिय पुस्तक” पर निबंध पढ़े.

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मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध ( Essay on My Favorite Book)

मानव जीवन में पुस्तकों का बहुत महत्व है. पुस्तके हमारे ज्ञान को बढ़ाती हैं. अच्छी पुस्तकों से हमारे मानसिक एवं बौद्धिक विकास होते है. उत्तम पुस्तके हमारी पथ प्रद्षक होती हैं. ये हमें जीवन के लक्ष्य चुनने में भी हमारी मदद करती हैं.

संसार में नाना प्रकार की पुस्तकें हैं. कहानी, उपन्यास, लेख, कविता, नाटक आदि विधाओं की अनेक पुस्तकें है. इन पुस्तकों ने हमारे ज्ञान कोष को बढ़ाया है.

परन्तु, गोस्वामी तुलसीदास कृत ‘रामचरित मानस’ ने मुझे अधिक प्रभावित किया है. इसलिए ‘रामचरित मानस’ मेरी प्रिय पुस्तक है.

‘रामचरित मानस’ गोस्वामी तुलसीदास की अमर कृति है. यह पुस्तक सरल अवधी भाषा में लिखी गई है. दोहा, चौपाई, सोरठ आदि छंदों में लिखी गई है.

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध ( Essay on Book in Hindi)

यह पुस्तक मानव की सभी समश्याओं का समाधान प्रस्तुत करती है. इसने संपूर्ण भारतीय जनजीवन को प्रभावित किया है. इस पुस्तक में भारतीय आदर्श, नीति एवं संस्कृति का बेजोड़ संकलन है.

‘रामचरितमानस’ एक महाकाव्य है. इसके नायक पुरुषोत्तम श्रीराम है. तुलसीदास ने इस पुस्तक में श्रीराम के लोक रक्षक चरित्र का सुन्दर चित्रांकन किया है. श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम है. इस पुस्तक में श्रीराम के जीवन के हर पहलू एवं व्यक्तित्व का विषद वर्णन है.

इसमें श्रीराम को आज्ञाकारी पुत्र, आदर्श भाई, आदर्श पति, आदर्श मित्र एवं उत्तम राजा के रूप में दिखिया गया है. सभी पात्रो के रूप में उनका व्यक्तित्व अपने आप में के अनूठा आदर्श है.

किताब पर निबंध ( Essay on Your Favorite Book in Hindi)

इस प्रिय पुस्तक से हमे बहुत-सी शिक्षाएं मिलती है. इसमें मानव-रिस्तों के प्राय: सभी कर्तव्यो पर प्रकाश डाला गया है. इसमें बताया गया है की एक पिता का पुत्र के साथ, भाई का भाई के साथ, एक मित्र का मित्र के साथ, पत्नी का पति के साथ तथा राजा-प्रजा का कैसा संबंध होना चाहिए.

इससे उच्च  कोटि की धार्मिक, राजनितिक, सामाजिक एवं नैतिक शिक्षा मिलती है. यह पुस्तक मेरे लिए असीम प्रेरणा का स्रोत हैं.

वास्तव में यह पुस्तक एक सर्वश्रेष्ठ महाकाव्य है. इसमें मानवजीवन की सभी समश्याओ का समाधान है. यह पुस्तक साहित्य, दर्शन, धर्म, राजनीति एवं समाजशास्त्र की दृष्टि से सर्वोत्तम है. इसलिए पुरे विश्व में यह पुस्तक बढ़ी श्रद्धा और आधार के साथ पढ़ी जाती है.

इस लेख में हमने “मेरी प्रिय पुस्तक” पर निबंध हिंदी में (Essay on My Favorite Books In Hindi) शेयर किया हुआ है. मुझे उम्मीद है की यह निबंध आप जरुर पसंद करेंगे.

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Essay on My Favourite Book in Hindi – मेरी पसंदीदा पुस्तक पर निबंध

Essay on My Favourite Book in Hindi:  दोस्तो आज हमने  मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध  कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है।

500+ Words Essay on My Favourite Book in Hindi

मेरी पसंदीदा पुस्तक पर निबंध: किताबें ऐसी दोस्त हैं जो कभी आपका साथ नहीं छोड़ती हैं। मुझे यह कहावत बहुत सच लगती है क्योंकि मेरे लिए किताबें हमेशा से रही हैं। मुझे किताबें पढ़ने में मजा आता है । वे हमारे स्थानों से आगे बढ़े बिना दुनिया की यात्रा करने में हमारी सहायता करने की शक्ति रखते हैं। इसके अलावा, किताबें हमारी कल्पना शक्ति को भी बढ़ाती हैं। बड़े होकर, मेरे माता-पिता और शिक्षकों ने मुझे हमेशा पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने मुझे पढ़ने का महत्व सिखाया। इसके बाद, मैंने कई किताबें पढ़ी हैं। हालांकि, एक उछाल जो हमेशा मेरा पसंदीदा रहेगा वह है हैरी पॉटर। यह मेरे जीवन का सबसे पेचीदा पाठ है। मैंने इस श्रृंखला की सभी पुस्तकें पढ़ी हैं, फिर भी मैंने उन्हें फिर से पढ़ा क्योंकि मैं इससे कभी नहीं ऊबता।

Essay on My Favourite Book in Hindi

हैरी पॉटर श्रृंखला

हैरी पॉटर हमारी पीढ़ी के सबसे प्रतिष्ठित लेखकों में से एक जेके राउलिंग द्वारा लिखी गई पुस्तकों की एक श्रृंखला थी। ये पुस्तकें विजिविंग दुनिया और इसके कामकाज का प्रदर्शन करती हैं। जेके राउलिंग इस दुनिया की तस्वीर बुनने में इतने सफल रहे हैं, कि यह वास्तविक लगता है। हालाँकि इस श्रृंखला में सात पुस्तकें हैं, लेकिन मेरी एक विशेष पसंदीदा है। श्रृंखला की मेरी पसंदीदा पुस्तक द गोबल ऑफ फायर है।

जब मैंने पुस्तक पढ़ना शुरू किया, तो इसने मेरा ध्यान तुरंत आकर्षित किया। हालांकि मैंने पिछले सभी हिस्सों को पढ़ा था, लेकिन किताबों में से किसी ने भी मेरा ध्यान आकर्षित नहीं किया जैसा कि इसने किया था। इसने विजार्डिंग की दुनिया में एक बड़ा परिप्रेक्ष्य दिया। इस पुस्तक के बारे में जो बातें मुझे सबसे ज्यादा रोमांचित करती हैं, उनमें से एक है अन्य विद्यालयों की शुरूआत। ट्राई-विजार्ड टूर्नामेंट की अवधारणा हैरी पॉटर श्रृंखला में सबसे शानदार टुकड़ों में से एक है।

इसके अलावा, इस पुस्तक में मेरे कुछ पसंदीदा पात्र भी हैं। जिस क्षण मैंने विक्टर क्रुम के प्रवेश के बारे में पढ़ा, मैं स्तब्ध था। रोलिंग द्वारा वर्णित उस चरित्र की आभा और व्यक्तित्व बस शानदार हैं। इसके अलावा, इसने मुझे श्रृंखला का एक बड़ा प्रशंसक बना दिया।

हैरी पॉटर सीरीज ने मुझे क्या सिखाया?

भले ही किताबें जादूगरों और जादू की दुनिया के बारे में हैं, हैरी पॉटर श्रृंखला में युवाओं को सीखने के लिए बहुत सारे सबक हैं। सबसे पहले, यह हमें दोस्ती का महत्व सिखाता है। मैंने कई किताबें पढ़ी हैं, लेकिन कभी हैरी, हर्मोइन और रॉन जैसी दोस्ती में नहीं आया। इन तीनों संगीतकारों ने पूरी किताबों को एक साथ चिपका दिया और कभी हार नहीं मानी। इसने मुझे एक अच्छे दोस्त का मूल्य सिखाया।

इसके अलावा, हैरी पॉटर की श्रृंखला ने मुझे सिखाया कि कोई भी पूर्ण नहीं है। सभी के अंदर अच्छाई और बुराई है। हम वही हैं जो हम चुनते हैं जो हम बनना चाहते हैं। इससे मुझे बेहतर विकल्प बनाने और बेहतर इंसान बनने में मदद मिली। हम देखते हैं कि स्नेप जैसे सबसे त्रुटिपूर्ण पात्रों के अंदर कैसे अच्छाई थी। इसी तरह, डंबलडोर जैसे अच्छे लोगों में कुछ बुरे लक्षण कैसे थे। इसने लोगों के प्रति मेरे दृष्टिकोण को बदल दिया और मुझे और अधिक विचारशील बना दिया।

500+ Essays in Hindi – सभी विषय पर 500 से अधिक निबंध

अंत में, इन पुस्तकों ने मुझे आशा दी। उन्होंने मुझे आशा का अर्थ सिखाया और सुरंग के अंत में प्रकाश कैसे है। इसने मुझे हैरी के जीवन की तरह ही सबसे हताश समय में आशा करने की ताकत दी। ये कुछ सबसे जरूरी चीजें हैं जो मैंने हैरी पॉटर से सीखीं।

निष्कर्ष में, जबकि किताबों में कई फिल्में बनी थीं। कुछ भी नहीं किताबों का सार और मौलिकता धड़कता है। पुस्तकों के विवरण और समावेश को मीडिया के किसी भी रूप से प्रतिस्थापित नहीं किया जा सकता है। इसलिए, गॉब्लेट ऑफ फायर मेरी पसंदीदा पुस्तक बनी हुई है।

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Essay on My Favorite Book in Hindi – मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध

September 23, 2017 by essaykiduniya

Meri Priya Pustak Essay in Hind. Here you will get Paragraph and Short Essay on My Favorite Book in Hindi Language for Students of all classes in 300 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध मिलेगा।

Essay on My Favorite Book in Hindi – मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध

Essay on My Favorite Book in Hindi

Essay on My Favorite Book in Hindi – Meri Priya Pustak Essay in Hindi ( 300 Words )  

मुझे अच्छी किताबें पढ़ने का शौक है किताबें वास्तव में जीवन में एक महान सांत्वना हैं। वे हमारे कभी असफल नहीं हैं- दोस्तों वे हमें खुश कर देते हैं। हमें प्रोत्साहित करें, हमें उजागर करें और हमें प्रेरणा दें इसलिए मैं उनकी कंपनी से प्रेम करता हूं, मैंने उपन्यास, नाटक, धर्म, दर्शन और सामान्य विज्ञान पर किताबें पढ़ ली हैं। लेकिन जिस पुस्तक ने मुझे सबसे अधिक प्रभावित किया है वह गीता है इस महान किताब ने लाखों लोगों के जीवन को बदल दिया है और सारी दुनिया में महिलाएं यह मेरे दिमाग पर भी गहरी छाप छोड़ चुका है। वास्तव में, यह मुझे जीवन के सही रास्ते पर वापस लाया है।

मैंने गीता को केवल पिछले वर्ष पढ़ा। मुझे इस पुस्तक को पढ़ने के लिए प्रेरणा मिली, जब मैंने एक धार्मिक प्रवचन की बात सुनी। जैसा कि मुझे संस्कृत नहीं मालूम, मैंने गांधीजी द्वारा हिंदी अनुवाद पढ़ा। जब मैं आखिरी अध्याय में गया, तो मैंने खुद को बहुत बदल दिया आदमी पाया

गीता के केंद्रीय शिक्षण ‘अपने कर्तव्य करो और भगवान को अपनी कार्रवाई का फल छोड़’ है। एक को ईमानदारी से अपना कर्तव्य करना चाहिए; किसी को परिणाम के बारे में चिंता या चिंता न करें। एक छात्र का कर्तव्य दिल और आत्मा के साथ अध्ययन करना है यदि कोई व्यक्ति नतीजे के बारे में चिंतित है, तो वह ठीक से काम नहीं कर सकता है।

फिर, गीता हमें कार्रवाई का एक सबक सिखाती है हमें ऊपर और करनी चाहिए गीता नहीं चाहता कि हम जीवन से भाग जाएं और संन्यास ले जाएं। दूसरी ओर गीता चाहता है कि हम इस दुनिया में रहें और सेवा, बलिदान और कर्तव्य का जीवन जीएं।

इस पुस्तक में ज्ञान का धन है यह मुझे इतना आकर्षण करता है कि मैंने इसे कई बार पढ़ा है जितना अधिक मैं इसे पढ़ता हूं, जितना अधिक मुझे रूचि होता है हर रीडिंग के बाद मुझे नया अर्थ मिलता है दरअसल, गीता बुद्धि का खजाना है|

हम उम्मीद करेंगे कि आपको यह निबंध ( Essay on My Favorite Book in Hindi – मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध ) पसंद आएगा।

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मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध | Essay on My Favorite Book in Hindi

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ADVERTISEMENTS:

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध | Essay on My Favorite Book in Hindi!

पुस्तकें हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं । वे समय-समय पर एक अच्छे मित्र व गुरु की भूमिका अदा करती हैं । किसी व्यक्ति को जीवन में सफलता दिलाने में इनका बहुत बड़ा योगदान होता है ।

लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने सच ही कहा है कि ”मैं नरक में भी उत्तम पुस्तकों का आदर करूँगा क्योंकि इनमें वह शक्ति है जो नर्क में भी स्वर्ग का सुख प्रदान कर सकती है । वैसे तो मैंने अब तक अनेक पुस्तकें पढ़ी हैं परंतु इन सब मैं गोस्वामी तुलसीदास द्‌वारा रचित ‘रामचरित-मानस’ ने मुझे अत्यधिक प्रभावित किया है ।”

‘रामचरितमानस’ मेरी सबसे प्रिय पुस्तक है, क्योंकि यह एक कहानी संग्रह मात्र ही नहीं है अपितु उससे अधिक है जिसमें दर्शन के साथ ही उत्तम चरित्र निर्माण हेतु सभी तत्व विद्‌यमान हैं । यह पुस्तक अयोध्या के राजा श्रीराम के जीवन चरित्र पर आधारित है जिन्हें हिंदूजन भगवान का अवतार मानते हैं ।

श्रीराम अयोध्या के राजा दशरथ के पुत्र थे । बचपन से ही वे बहुत प्रतिभावान थे । उनमें वे सभी गुण विद्‌यमान थे जो किसी आदर्श पुत्र में होने चाहिए । अपने पिता की इच्छा का सम्मान करते हुए वे 14 वर्ष के लिए अपने भाई लक्ष्मण तथा पत्नी सीता सहित वनवास के लिए गए ।

इस दौरान उन्हें अनेक असुरों से सामना करना पड़ा । श्री हनुमान जी भी वनवास के दौरान ही उनसे मिले । उनकी पत्नी को आततायी असुरराज रावण उठाकर ले गया । श्रीराम का रावण के साथ भयंकर युद्‌ध हुआ ।

अंत में श्री राम की विजय हुई तथा रावण सहित अनेक बड़ी आसुरी शक्तियों का नाश हुआ । उसके पश्चात् वनवास पूरा होने के उपरांत वे अपनी पत्नी व भाई सहित वापस अयोध्या लौट आए और अनेक वर्षों तक अयोध्या पर राज्य किया ।

मनुष्य के उत्तम चारित्रिक विकास के लिए ‘रामचरितमानस’ संसार की सर्वश्रेष्ठ पुस्तकों में से एक है । इसमें जीवन के लगभग सभी पहलुओं का समावेश है । दु:ख, सुख, घृणा, अहंकार, पितृभक्ति, प्यार, क्षमा, त्याग आदि सभी भाव इसमें मिलते हैं ।

यह हमें सिखाती है कि हम माता-पिता, भाई-बहन, पत्नी, पुत्र, गुरुजन, अजनबी व अन्य सगे-संबधियों के साथ किस प्रकार का आचरण रखें । रामचरितमानस में यूँ तो सदियों पुरानी कहानी है परंतु इसकी प्रासंगिकता आज भी है और भविष्य में भी बनी रहेगी ।

इस कहानी में श्रीराम मर्यादा पुरुषोलम के रूप में अवतरित हैं जिन्होंने धर्म की रक्षा के लिए असुरों का संहार किया । सीता एक आदर्श पत्नी की भूमिका में हर सुख-दुख में अपने पति के साथ रहीं । अयोध्या के संपूर्ण वैभव को त्यागकर पति के साथ वन में भटकीं । राजा दशरथ ने पुत्र वियोग में अपने प्राण त्याग दिए लेकिन अपने वचन को पूरा किया ।

भ्राता लक्ष्मण ने सभी कठिनाइयों में श्रीराम का साथ दिया । भ्राता भरत ने श्रीराम का सेवक बनकर राजकाज सँभाला । इसी प्रकार हनुमान की स्वामिभक्ति को इस ग्रंथ में बड़े ही अद्‌भुत ढंग से प्रस्तुत किया गया है । महावीर हनुमान ने अपने स्वामी राम से शक्ति पाकर ऐसे-ऐसे महान् कार्य किए जो मानव इतिहास में अद्‌वितीय हैं । यह पुस्तक अनेक ऐसे आदर्श उदाहरणों से परिपूरित है ।

यह हमें सिखाती है कि अंतत: अच्छाई ही बुराई पर विजय प्राप्त करती है । दुष्ट प्रकृति के लोग ही अंतत: कष्ट पाते हैं अथवा उनका समूल नष्ट हो जाता है । निस्संदेह देश के जनमानस पर यह पुस्तक अपनी अमिट छाप छोड़ चुकी है ।

शायद ही कोई ऐसा हिंदू घर होगा जहाँ यह पुस्तक न हो । हम सब को चाहिए कि इसके उच्च शिक्षा आदर्शो का अनुसरण कर हम श्रेष्ठतम चरित्र का निर्माण करें और स्वयं के तथा अपने कुल व राष्ट्र के नाम को गौरवान्वित करें ।

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मेरी प्रिय पुस्तक पंचतंत्र पर निबंध

Essay On My Favorite Book Panchatantra in Hindi: नमस्कार दोस्तों, यहाँ पर हम पंचतंत्र पर निबंध शेयर कर रहे हैं। यह निबन्ध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार होगा।

Essay on my favorite book Panchatantra

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मेरी प्रिय पुस्तक पंचतंत्र पर निबंध | Essay On My Favorite Book Panchatantra in Hindi

मेरी प्रिय पुस्तक पंचतंत्र पर निबंध (250 शब्दों में).

पुस्तक पढ़ने का शौक हर आदमी को होता है। सदियों से हमारे जीवन में पुस्तकों की एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका रही है, क्योंकि इनसे हमें सभी प्रकार की जानकारियां प्राप्त हो जाती हैं। किताबों में मुख्य रूप से किसी भी संबंधित विषय पर विभिन्न सूचनाओं और महत्वपूर्ण तथ्यों का एक संपूर्ण संग्रह किताब में मिलता है, उसको पढ़ने से हमें ज्ञान प्राप्त होता है। सभी को अपने जीवन में कोई ना कोई महत्वपूर्ण पुस्तक पसंद होती है, जो सबसे ज्यादा प्रिय होती है। मुझे भी एक पुस्तक पंचतंत्र बहुत पसंद है।

मुझे बचपन से ही किताबें पढ़ने का बहुत शौक रहा है क्योंकि जब मैं छोटा था तब से मैंने बहुत ही रोचक और प्रेरणा देने वाली किताबों को मैंने बहुत ध्यान से पढ़ा है। लेकिन सबसे अधिक मेरे जीवन को जिस पुस्तक ने प्रभावित किया, वह विष्णु शर्मा के द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘पंचतंत्र’ रही है।

इस पुस्तक में बहुत अच्छी अच्छी प्रेरणा देने वाली कहानियां है, जो बच्चों के लिए बहुत ही उपयोगी हैं इस पुस्तक में जो भी कहानियों के मुख्य पात्र हैं, वह घरेलू तथा जीव जंतु आदि हैं। इसमें बैल, सियार, शेर, हाथी, सांप, मगरमच्छ, बंदर, चूहा आदि को इस पुस्तक की कहानी में मुख्य पात्र के रूप में बनाकर उनके जीवन की सच्चाई को दिखाया गया है।

इस पुस्तक की सभी कहानियों में जीवन के बड़े रहस्य को पढ़ने को मिलता है। उनको पढ़कर हमें यह समझ आता है कि हमारे जीवन में सच्चा मित्र कौन हैं और हमारा दुश्मन कौन है, सही गलत की कैसे पहचान की जा सकती है और कठिन कार्य को आसान कैसे बुद्धि और विवेक के द्वारा किया जाता है। इसके अलावा लालची और धूर्त लोगों का हमारे जीवन में होने से किस तरीके से हमें मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। यह सब बातें इस पंचतंत्र किताब में हमें पढ़ने को मिलती है।

मेरी प्रिय पुस्तक पंचतंत्र पर निबंध (800 शब्दों में)

पुस्तकों का हमारे जीवन में सबसे ज्यादा महत्व होता है। क्योंकि यह हमें जीने की अच्छी राह दिखाती है। पहले के समय में पुस्तकें उपलब्ध नहीं होती थी, लेकिन जैसे-जैसे समय बदलता गया और संसाधनों का विकास हुआ तब से हमें अच्छी अच्छी पुस्तकें पढ़ने को मिल जाती हैं।

पुस्तक हमारे जीवन में सफलता दिलाने के लिए एक सच्चे मार्गदर्शक के रुप में भी काम करती है, पुस्तके ज्ञान की पूंजी होती हैं। पुस्तक में एक सच्चे मित्र और गुरु दोनों की भूमिका को अदा करती है। एक अच्छी किताब लगभग हजार दोस्त के बराबर होती है, जो कि किसी भी परिस्थिति में इंसान का साथ नहीं छोड़ती है।

इस पुस्तक मे लिखी मनोरंजक कहानियां के माध्यम से साम दाम दंड भेद आदि राजनीतिक ज्ञान भी दिया गया है। इसमें पशु पक्षी और जानवरों को मुख्य पात्र बना कर नैतिक जीवन के व्यवहारिक ज्ञान के बारे में बताया गया है।

पंचतंत्र की पुस्तक कब और किसके द्वारा लिखी?

पंचतंत्र नामक पुस्तक को पंडित विष्णु शर्मा नाम के एक विद्वान के द्वारा लिखा गया था। इस पुस्तक को लगभग 2000 साल पहले लिखा गया था। इसमें विष्णु शर्मा ने अपनी कहानी में पशुओं को पात्र बनाकर उनके माध्यम से कहानियां लिखी है। उनकी कहानी में एक राजा के 3 मंदबुद्धि बेटों को शिक्षित करने के लिए इस पुस्तक की रचना की गई। उस समय पंडित विष्णु शर्मा की उम्र लगभग 80 वर्ष के करीब थी और इस पुस्तक को सबसे पहले संस्कृत भाषा में लिखा गया था, उसके बाद इसका हिंदी में रूपांतरण किया था। लेकिन अब यह पुस्तक अनेक भाषाओं में उपलब्ध है।

इस पुस्तक का नाम पंचतंत्र कैसे रखा गया?

इस पुस्तक को 5 अध्यायों (मित्र भेद, मित्र लाभ, काकोलुकियम, लब्ध प्रणाश और अपरिक्षित कारक) में लिखा गया। इस वजह से इस पुस्तक का नाम पंचतंत्र रखा गया।

इस पुस्तक की सबसे ज्यादा खासियत यह रही है कि इसमें जानवरों को पात्र बना कर बहुत ही शिक्षाप्रद बातों को इसमें लिखा गया है। इसमें मुख्यतः एक पिंगलक नाम के सिहार मंत्री के दो बेटे दमनक और करकट उनके बीच हुए संवाद और कथाओं के जरिए व्यवहारिक ज्ञान की शिक्षा सभी को दी गई है।

पंचतंत्र पुस्तक लिखने का कारण

यह पुस्तक राजा अमर शक्ति के शासनकाल के दौरान लिखी गई थी। राजा अमर शक्ति बहुत ही न्याय प्रिय और बहुत ही होशियार राजा थे। परंतु उनके जो 3 पुत्र थे, वह बहुत ही निकम्मे और मूर्ख थे। राजा अपने पुत्रों के मंदबुद्धि होने के कारण से बहुत परेशान थे तो उन्होंने अपने राज्य में यह घोषणा करवा दी थी कि जो भी उनके पुत्रों को सही रास्ते पर ला देगा अथवा सुधार देगा, उनको इनाम के रूप में जो वह चाहेंगे वह मिल जाएगा।

इसके लिए उन्होंने अपने मंत्री-गणों के बीच में इस बात को रखा। तब एक मंत्री ने उनको सुझाव दिया कि महाराज हमारे राज्य में एक बहुत विद्वान पंडित विष्णु शर्मा जी आए हुए हैं, अगर आप उनको इस कार्य को करने के लिए कहेंगे तो शायद आपके पुत्रों में सुधार आ जाएगा, क्योंकि पंडित विष्णु शर्मा ने बहुत से लोगों को अपनी विद्या के द्वारा बुद्धिमान बनाया है। क्यों ना हम भी उन पंडित जी के पास चलकर अपने राजकुमारों को शिक्षा देने के लिए बात करें।

तब अपने मंत्री की यह सब बातें सुनकर राजा ने पंडित विष्णु शर्मा को अपने राज्य में बुलवाया। तब विष्णु शर्मा ने राजा की सभी बातों को सुनकर कहा कि अगर महाराज में आपके तीन मूर्ख पुत्रों को शिक्षा देने में असफल रहा तो आप मुझे इसके लिए जो चाहे सजा दे सकते हैं, इन पुत्रों को शिक्षा देने के लिए मुझे लगभग 6 महीने का समय चाहिए।

पंडित विष्णु शर्मा की बातें सुनकर राजा ने अपने तीनों पुत्रों को पंडित जी के पास 6 महीने के लिए छोड़ दिया। तीनों राजकुमार पंडित विष्णु शर्मा के पास बहुत ही बुद्धिमान और शिक्षित हो गए।

पंडित विष्णु शर्मा ने उन तीनों राजकुमारों को पशु-पक्षियों की कुछ कहानियां सुनाई, जिससे उनके जीवन में इतना प्रभाव पड़ा कि वह तीनों सुधर गए। उनकी कहानियां सुनकर तीनों राजकुमारों को सही-गलत, अच्छे- बुरे की पहचान करना आ गया और वह एक अच्छे और बेहतर इंसान बन गए, उनका सारा अहंकार नष्ट हो गया था।इसको देखकर राजा बहुत ही प्रसन्न हुए।

इसके बाद पंडित विष्णु शर्मा ने एक ग्रंथ लिखने का विचार किया। उस ग्रंथ में ज्यादातर कहानियां पशु पक्षी की और हमारे समाज के बारे में लिखी गई इन कहानियों का एक ही लक्ष्य था कि ये कहानियां हमें मनोरंजन के साथ-साथ एक अच्छी शिक्षा भी प्रदान करती है।

पंचतंत्र की कहानियों से बच्चों को शिक्षा

पंचतंत्र की कहानियों से बच्चों को बहुत शिक्षा मिलती है, क्योंकि बच्चे पशु पक्षियों की कहानी सुना कर हम बच्चों को अपनी बात को आसानी से बच्चों को समझा सकते हैं। क्योंकि बच्चों को समझाना आज बहुत मुश्किल होता है। इसीलिए जानवर और पशु पक्षियों की इन कहानियों को सुनाकर हम उनको अच्छे से समझा सकते हैं। पंचतंत्र की कहानियां पढ़कर बच्चे ईमानदार बनते हैं तथा उनको सही गलत की पहचान हो जाती है और जीवन में आगे बढ़ने के लिए सही राह मिल जाती है।

पंचतंत्र की किताब हमेशा से मेरी बहुत पसंद की किताब रही हैं। क्योंकि इसकी जो कहानियां है, उनको पढ़ कर मुझे बहुत खुशी, साहस तथा जीवन जीने का सही ढंग आया है। पंचतंत्र की जितनी भी कहानियां है, वह सभी हमें किसी ना किसी रूप से एक महत्वपूर्ण अलग प्रकार की शिक्षाएं प्रदान करती हैं।

इसमें सभी कहानियां भले ही पशुओं ओर जानवरों के जीवन से जुड़ी हुई हो लेकिन ऐसा लगता है कि वो कहानियां हमारी असल जिंदगी से मिलती हुई है, हालांकि ये सब कहानियां पूर्णता काल्पनिक है, लेकिन फिर भी यह कहानियां मानव जीवन में बहुत ही शिक्षा प्रदान करती हैं।

पंचतंत्र की इस किताब में बंदर, मगरमच्छ, चूहा और हाथी और भी मनोरंजन प्रदान करने वाली बहुत अच्छी अच्छी कहानियां इसमें मौजूद हैं। इन कहानियों के माध्यम से हमारे अंदर ज्ञान का विकास होता है और हमको साहस और बुद्धि भी मिलती है।

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Rahul Singh Tanwar

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  • पुस्तकालय पर निबंध – (Library Essay)
  • सूचना प्रौद्योगिकी और मानव कल्याण निबंध – (Information Technology Essay)
  • कंप्यूटर और टी.वी. का प्रभाव निबंध – (Computer Aur Tv Essay)
  • कंप्यूटर की उपयोगिता पर निबंध – (Computer Ki Upyogita Essay)
  • कंप्यूटर शिक्षा पर निबंध – (Computer Education Essay)
  • कंप्यूटर के लाभ पर निबंध – (Computer Ke Labh Essay)
  • इंटरनेट पर निबंध – (Internet Essay)
  • विज्ञान: वरदान या अभिशाप पर निबंध – (Science Essay)
  • शिक्षा का गिरता स्तर पर निबंध – (Falling Price Level Of Education Essay)
  • विज्ञान के गुण और दोष पर निबंध – (Advantages And Disadvantages Of Science Essay)
  • विद्यालय में स्वास्थ्य शिक्षा निबंध – (Health Education Essay)
  • विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध – (Anniversary Of The School Essay)
  • विज्ञान के वरदान पर निबंध – (The Gift Of Science Essays)
  • विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Wonder Of Science Essay in Hindi)
  • विकास पथ पर भारत निबंध – (Development Of India Essay)
  • कम्प्यूटर : आधुनिक यन्त्र–पुरुष – (Computer Essay)
  • मोबाइल फोन पर निबंध (Mobile Phone Essay)
  • मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध – (My Unforgettable Trip Essay)
  • मंगल मिशन (मॉम) पर निबंध – (Mars Mission Essay)
  • विज्ञान की अद्भुत खोज कंप्यूटर पर निबंध – (Vigyan Ki Khoj Kampyootar Essay)
  • भारत का उज्जवल भविष्य पर निबंध – (Freedom Is Our Birthright Essay)
  • सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा निबंध इन हिंदी – (Sare Jahan Se Achha Hindustan Hamara Essay)
  • डिजिटल इंडिया पर निबंध (Essay on Digital India)
  • भारतीय संस्कृति पर निबंध – (India Culture Essay)
  • राष्ट्रभाषा हिन्दी निबंध – (National Language Hindi Essay)
  • भारत में जल संकट निबंध – (Water Crisis In India Essay)
  • कौशल विकास योजना पर निबंध – (Skill India Essay)
  • हमारा प्यारा भारत वर्ष पर निबंध – (Mera Pyara Bharat Varsh Essay)
  • अनेकता में एकता : भारत की विशेषता – (Unity In Diversity Essay)
  • महंगाई की समस्या पर निबन्ध – (Problem Of Inflation Essay)
  • महंगाई पर निबंध – (Mehangai Par Nibandh)
  • आरक्षण : देश के लिए वरदान या अभिशाप निबंध – (Reservation System Essay)
  • मेक इन इंडिया पर निबंध (Make In India Essay In Hindi)
  • ग्रामीण समाज की समस्याएं पर निबंध – (Problems Of Rural Society Essay)
  • मेरे सपनों का भारत पर निबंध – (India Of My Dreams Essay)
  • भारतीय राजनीति में जातिवाद पर निबंध – (Caste And Politics In India Essay)
  • भारतीय नारी पर निबंध – (Indian Woman Essay)
  • आधुनिक नारी पर निबंध – (Modern Women Essay)
  • भारतीय समाज में नारी का स्थान निबंध – (Women’s Role In Modern Society Essay)
  • चुनाव पर निबंध – (Election Essay)
  • चुनाव स्थल के दृश्य का वर्णन निबन्ध – (An Election Booth Essay)
  • पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं पर निबंध – (Dependence Essay)
  • परमाणु शक्ति और भारत हिंदी निंबध – (Nuclear Energy Essay)
  • यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो हिंदी निबंध – (If I were the Prime Minister Essay)
  • आजादी के 70 साल निबंध – (India ofter 70 Years Of Independence Essay)
  • भारतीय कृषि पर निबंध – (Indian Farmer Essay)
  • संचार के साधन पर निबंध – (Means Of Communication Essay)
  • भारत में दूरसंचार क्रांति हिंदी में निबंध – (Telecom Revolution In India Essay)
  • दूरसंचार में क्रांति निबंध – (Revolution In Telecommunication Essay)
  • राष्ट्रीय एकता का महत्व पर निबंध (Importance Of National Integration)
  • भारत की ऋतुएँ पर निबंध – (Seasons In India Essay)
  • भारत में खेलों का भविष्य पर निबंध – (Future Of Sports Essay)
  • किसी खेल (मैच) का आँखों देखा वर्णन पर निबंध – (Kisi Match Ka Aankhon Dekha Varnan Essay)
  • राजनीति में अपराधीकरण पर निबंध – (Criminalization Of Indian Politics Essay)
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हिन्दी निबंध – (Narendra Modi Essay)
  • बाल मजदूरी पर निबंध – (Child Labour Essay)
  • भ्रष्टाचार पर निबंध (Corruption Essay in Hindi)
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध – (Women Empowerment Essay)
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Bachao Beti Padhao)
  • गरीबी पर निबंध (Poverty Essay in Hindi)
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay)
  • बाल विवाह एक अभिशाप पर निबंध – (Child Marriage Essay)
  • राष्ट्रीय एकीकरण पर निबंध – (Importance of National Integration Essay)
  • आतंकवाद पर निबंध (Terrorism Essay in hindi)
  • सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay in Hindi)
  • बढ़ती भौतिकता घटते मानवीय मूल्य पर निबंध – (Increasing Materialism Reducing Human Values Essay)
  • गंगा की सफाई देश की भलाई पर निबंध – (The Good Of The Country: Cleaning The Ganges Essay)
  • सत्संगति पर निबंध – (Satsangati Essay)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध – (Women’s Role In Society Today Essay)
  • यातायात के नियम पर निबंध – (Traffic Safety Essay)
  • बेटी बचाओ पर निबंध – (Beti Bachao Essay)
  • सिनेमा या चलचित्र पर निबंध – (Cinema Essay In Hindi)
  • परहित सरिस धरम नहिं भाई पर निबंध – (Parhit Saris Dharam Nahi Bhai Essay)
  • पेड़-पौधे का महत्व निबंध – (The Importance Of Trees Essay)
  • वर्तमान शिक्षा प्रणाली – (Modern Education System Essay)
  • महिला शिक्षा पर निबंध (Women Education Essay In Hindi)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध (Women’s Role In Society Essay In Hindi)
  • यदि मैं प्रधानाचार्य होता पर निबंध – (If I Was The Principal Essay)
  • बेरोजगारी पर निबंध (Unemployment Essay)
  • शिक्षित बेरोजगारी की समस्या निबंध – (Problem Of Educated Unemployment Essay)
  • बेरोजगारी समस्या और समाधान पर निबंध – (Unemployment Problem And Solution Essay)
  • दहेज़ प्रथा पर निबंध (Dowry System Essay in Hindi)
  • जनसँख्या पर निबंध – (Population Essay)
  • श्रम का महत्त्व निबंध – (Importance Of Labour Essay)
  • जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम पर निबंध – (Problem Of Increasing Population Essay)
  • भ्रष्टाचार : समस्या और निवारण निबंध – (Corruption Problem And Solution Essay)
  • मीडिया और सामाजिक उत्तरदायित्व निबंध – (Social Responsibility Of Media Essay)
  • हमारे जीवन में मोबाइल फोन का महत्व पर निबंध – (Importance Of Mobile Phones Essay In Our Life)
  • विश्व में अत्याधिक जनसंख्या पर निबंध – (Overpopulation in World Essay)
  • भारत में बेरोजगारी की समस्या पर निबंध – (Problem Of Unemployment In India Essay)
  • गणतंत्र दिवस पर निबंध – (Republic Day Essay)
  • भारत के गाँव पर निबंध – (Indian Village Essay)
  • गणतंत्र दिवस परेड पर निबंध – (Republic Day of India Essay)
  • गणतंत्र दिवस के महत्व पर निबंध – (2020 – Republic Day Essay)
  • महात्मा गांधी पर निबंध (Mahatma Gandhi Essay)
  • ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – (Dr. A.P.J. Abdul Kalam Essay)
  • परिवार नियोजन पर निबंध – (Family Planning In India Essay)
  • मेरा सच्चा मित्र पर निबंध – (My Best Friend Essay)
  • अनुशासन पर निबंध (Discipline Essay)
  • देश के प्रति मेरे कर्त्तव्य पर निबंध – (My Duty Towards My Country Essay)
  • समय का सदुपयोग पर निबंध – (Samay Ka Sadupyog Essay)
  • नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों पर निबंध (Rights And Responsibilities Of Citizens Essay In Hindi)
  • ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध – (Global Warming Essay)
  • जल जीवन का आधार निबंध – (Jal Jeevan Ka Aadhar Essay)
  • जल ही जीवन है निबंध – (Water Is Life Essay)
  • प्रदूषण की समस्या और समाधान पर लघु निबंध – (Pollution Problem And Solution Essay)
  • प्रकृति संरक्षण पर निबंध (Conservation of Nature Essay In Hindi)
  • वन जीवन का आधार निबंध – (Forest Essay)
  • पर्यावरण बचाओ पर निबंध (Environment Essay)
  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Environmental Pollution Essay in Hindi)
  • पर्यावरण सुरक्षा पर निबंध (Environment Protection Essay In Hindi)
  • बढ़ते वाहन घटता जीवन पर निबंध – (Vehicle Pollution Essay)
  • योग पर निबंध (Yoga Essay)
  • मिलावटी खाद्य पदार्थ और स्वास्थ्य पर निबंध – (Adulterated Foods And Health Essay)
  • प्रकृति निबंध – (Nature Essay In Hindi)
  • वर्षा ऋतु पर निबंध – (Rainy Season Essay)
  • वसंत ऋतु पर निबंध – (Spring Season Essay)
  • बरसात का एक दिन पर निबंध – (Barsat Ka Din Essay)
  • अभ्यास का महत्व पर निबंध – (Importance Of Practice Essay)
  • स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध – (Health Is Wealth Essay)
  • महाकवि तुलसीदास का जीवन परिचय निबंध – (Tulsidas Essay)
  • मेरा प्रिय कवि निबंध – (My Favourite Poet Essay)
  • मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favorite Book Essay)
  • कबीरदास पर निबन्ध – (Kabirdas Essay)

इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

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मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध | Essay On My Favorite Book in Hindi

By: savita mittal

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध || Meri Priya Pustak par Nibandh || Essay on My Favorite Book in Hindi

Essay on my favorite book in hindi faq.

हम सभी को जीवन मे एक सच्चे दोस्त की आवश्यकता होती है, जो हमेशा हमारा साथ दे। हम अक्सर दोस्त किसी इंसान के रूप मे खोजते हैं, पर क्या आप जानते हैं कि किताबे भी हमारी दोस्त हो सकती हैं , बल्कि मैं यह कहना चाहूंगी कि किताबे ही हमारी सबसे अच्छी दोस्त हो सकती हैं जो अपनी क्षमता से हमारे ज्ञान का विकास करती हैं और कभी भी हमारा साथ नही छोड़ती। आज इस लेख मे आपको मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध के बारे में जानकारी दी गई है।

यहाँ पढ़ें: 10 Lines On Myself In Hindi

मुझे किताबें पढ़ना बहुत पसंद है । किताबे हमेशा मेरे ज्ञान में वृद्धि करती हैं और हर जगह मुझे सम्मान दिलाती है। यहां तक कि किताबों के माध्यम से बिना कहीं गए यह हमे दुनिया की सैर कराने की क्षमता रखती है। इसके अलावा, किताबें हमारी कल्पना को भी बढ़ाती हैं। जब मैं छोटी थी मेरे माता -पिता और शिक्षकों ने हमेशा मुझे पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया, उन्होंने मुझे पढ़ने का महत्व सिखाया।

यहाँ पढ़ें: 10 lines on my favourite book in hindi

इसके बाद मैंने कई किताबें पढ़ीं। हालांकि हमेशा से जो मेरा पसंदीदा रहा, वह हैरी पॉटर है। यह मेरे जीवन की सबसे पसंदीदा पुस्तको में से एक है। मैंने इस श्रृंखला की सभी किताबें पढ़ी हैं, फिर भी मैंने उन्हें फिर से पढ़ा क्योंकि मैं इससे कभी बोर नहीं होती।

जे.के. राउलिंग, हमारी पीढ़ी के सबसे प्रतिष्ठित लेखकों में से एक ने हैरी पॉटर श्रृंखला लिखी। ये पुस्तकें जादूगर दुनिया और इसके संचालन को दर्शाती हैं। जेके राउलिंग ने इस दुनिया की तस्वीर को पेंट करने का इतना अच्छा काम किया है कि यह असली लगता है।

इस तथ्य के बावजूद कि श्रृंखला में सात किताबें शामिल हैं, मेरे पास एक व्यक्तिगत पसंदीदा है।  जब मैंने पहली बार पुस्तक पढ़ना शुरू किया, तो इसने तुरंत मेरी रुचि को बढ़ा दिया। पिछले सभी भागों को पढ़ने के बावजूद, किसी भी पुस्तक ने मेरी रुचि को उतना ही प्रभावित नहीं किया जितना कि इस ने किया था। 

my favorite book essay in hindi

इस पुस्तक में अन्य जादूगर स्कूलों का परिचय ने मुझे सबसे अधिक उत्तेजित करता है। ट्रिविजर्ड टूर्नामेंट अवधारणा सबसे शानदार विचारों में से एक है जिसे मैंने हैरी पॉटर श्रृंखला में देखा है। इसके अलावा, मेरे कुछ पसंदीदा पात्र इस पुस्तक में दिखाई देते हैं।

उस चरित्र की आभा और व्यक्तित्व का रोलिंग का वर्णन बहुत शानदार है। इसके अलावा, इसने मुझे श्रृंखला का एक बड़ा प्रशंसक बना दिया। इस तथ्य के बावजूद कि किताबें जादूगरों और जादू की दुनिया में सेट की गई हैं, हैरी पॉटर श्रृंखला में युवा लोगों को सीखने के लिए कई सबक शामिल हैं।

यहाँ पढ़ें: Essay on Myself in Hindi

शुरुआत में, यह हमें दोस्ती का मूल्य सिखाता है। मैंने बहुत सारी किताबें पढ़ी हैं , लेकिन मैंने कभी भी हैरी, हर्मोइन और रॉन जैसी दोस्ती नहीं की है। पूरी किताबों में, ये तीन दोस्त एक साथ रहे और कभी हार नहीं मानी। इसने मुझे एक अच्छा दोस्त होने का महत्व सिखाया। इसके अलावा, हैरी पॉटर श्रृंखला ने मुझे सिखाया कि कोई भी सही नहीं है। हर कोई अपने भीतर अच्छाई और बुराई दोनों को ले जाता है।

इसने मुझे बेहतर निर्णय लेने और एक बेहतर व्यक्ति बनने में मदद की। हम देखते हैं कि कैसे सबसे दोषपूर्ण पात्रों, जैसे कि स्नेप, उनके भीतर अच्छाई थी। इसी तरह, यहां तक कि सबसे अच्छे पात्रों, जैसे कि डम्बलडोर में भी खामियां थीं। इसने लोगों के प्रति मेरे दृष्टिकोण को बदल दिया और मुझे और अधिक विचारशील बना दिया।

अंत में, इन पुस्तकों ने मुझे आशा प्रदान की। उन्होंने मुझे सिखाया कि आशा क्या है और सुरंग के अंत में प्रकाश है। इसने मुझे अंधेरे समय में भी आशा को बनाए रखने का साहस दिया, जैसे हैरी ने अपना पूरा जीवन किया था। ये कुछ सबसे महत्वपूर्ण सबक हैं जिन्हें मैंने हैरी पोर्टर से सीखा है

यहाँ पढ़ें: 10 Lines on Discipline in Hindi

मेरी प्रिय पुस्तक कौन सी है और क्यों?

मेरी प्रिय पुस्तक गोस्वामी तुलसीदास द्‌वारा रचित ‘रामचरित-मानस’ है जिसने मुझे अत्यधिक प्रभावित किया है ।” ‘रामचरितमानस’ मेरी सबसे प्रिय पुस्तक है।

मैं अपनी पसंदीदा पुस्तक पर अनुच्छेद कैसे लिखूं?

अपनी पसंदीदा पुस्तक पर अनुच्छेद – मुझे किताबें पढ़ना पसंद हैं। मैंने कई किताबें पढ़ी हैं, और जब मैं किताबों की संगति में होता हूं तो कभी बोर नहीं होता।

आपकी सबसे प्रिय किताब का नाम क्या है?

मेरी सबसे प्रिय किताब का नाम रामचरितमानस’ है। इस पुस्तक में एक अच्छे चरित्र निर्माण के लिए सभी तत्व विद्यमान हैं। यह पुस्तक श्रीराम के जीवन चरित्र पर आधारित है। इस पुस्तक में जीवन के सभी पहलुओं का समावेश है।

निष्कर्ष – अभी तक आप समझ चुके होंगे कि किताबें हमारी असली और सच्ची दोस्त होती हैं और उन्हे पड़कर हम जीवन में बहुत कुछ सीख सकते हैं यह हमारी सोचने – समझने की क्षमता को भी बढ़ाता है और साथ – साथ हमारी कामयाबी के रास्ते भी खोलता है। दोस्तों अगर ये लेख आपको पसंद आया हो तो हमे कंमेट करके बताएं कि आपकी पसंदीदा पुस्तक कौन सी है और आपने उससे क्या सीखा।

अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर निबंध

reference Essay On My Favorite Book in Hindi

my favorite book essay in hindi

मेरा नाम सविता मित्तल है। मैं एक लेखक (content writer) हूँ। मेैं हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे लिखने के साथ-साथ एक एसईओ (SEO) के पद पर भी काम करती हूँ। मैंने अभी तक कई विषयों पर आर्टिकल लिखे हैं जैसे- स्किन केयर, हेयर केयर, योगा । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं।

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मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध – Essay On My Favorite Book in Hindi

Essay On My Favorite Book in Hindi

Essay On My Favorite Book in Hindi :   इस लेख में 3 अलग-अलग प्रकार के मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध लिखे गए हैं। यह निबंध हिंदी भाषा में लिखा गया है और शब्द गणना के अनुसार व्यवस्थित किया गया है। आप नीचे दिए गए पैराग्राफ में 100 शब्दों, 200 शब्दों, 400 शब्दों, 500 और 1000 शब्दों तक के निबंध प्राप्त कर सकते हैं।

हमने अपने मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध के बारे में बहुत सी बातें तैयार की हैं। यह कक्षा 1, 2,3,4,5,6,7,8,9 से 10वीं तक के बच्चों को मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध   लिखने में मददगार होगा।

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध (100 शब्द ) – Essay On My Favorite Book in Hindi (100 word)

किताब इंसान की सबसे अच्छी दोस्त है। यह हमें कभी नहीं छोड़ता। यह हमेशा हमें दिल और ज्ञान से बेहतर होने में मदद करता है। ज्ञान प्राप्त करने का सबसे अच्छा स्थान पुस्तक है। अपने शिक्षकों और अपने माता-पिता के प्रोत्साहन के कारण, मैं एक बहुत बड़ा पुस्तक प्रेमी रहा हूँ।

मुझे किताबें पढ़ना पसंद हैं। मेरे पास किताबों का एक बड़ा संग्रह है। मुझे ज्यादातर विज्ञान पर आधारित किताबें पढ़ना पसंद है। यह मेरा पसंदीदा विषय है। मैंने बहुत सारी साइंस फिक्शन पढ़ी हैं। मेरी पसंदीदा किताब ‘फ्रेंकस्टीन’ है और यह साइंस फिक्शन है।

जब मैंने पहली बार इस किताब को पढ़ा तो मैं चकित और स्तब्ध रह गया। लेखिका मैरी शेली के पास अद्भुत कल्पना शक्ति थी। यह किताब विक्टर फ्रेंकस्टीन नाम के एक वैज्ञानिक की कहानी बताती है, जिसने अपने अपरंपरागत प्रयोग से एक भयानक बुद्धिमान प्राणी बनाया।

पूरी कहानी उसी ‘जीव’ पर आधारित है। यह किताब सस्पेंस और थ्रिल से भरपूर है। मैंने इसे तीन बार पढ़ा है और फिल्म भी देखी है। यह अद्भुत और दिमाग उड़ाने वाला है। यह पुस्तक 1818 में प्रकाशित हुई थी।

लेखिका मैरी शेली एक आश्चर्यजनक लेखिका हैं जिन्होंने ढेरों सुंदर पुस्तकें लिखी हैं। मैं इस पुस्तक को सभी को सुझाता हूं। यदि आपने नहीं पढ़ा है तो आपको इसे पढ़ना चाहिए। मुझे यकीन है कि आपको यह पसंद आएगा।

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध (300 शब्द ) – Essay On My Favorite Book in Hindi (300 word)

किताब पढ़ना एक बहुत अच्छी आदत है जो सभी को बनानी चाहिए। यह आत्मविश्वास बनाने, प्रेरणा प्राप्त करने और प्रेरणा प्राप्त करने में मदद करता है। मैं एक पुस्तक प्रेमी हूँ और मैं किताबें पढ़ता हूँ। मेरे घर में एक छोटी सी लाइब्रेरी है। मेरा सुझाव है कि हर कोई अधिक से अधिक किताबें पढ़े।

कुछ नया सीखने का यह सबसे अच्छा तरीका है। किताबों में लिखे शब्दों से हम पूरी दुनिया घूम सकते हैं। कुछ किताबें हैं जो मुझे बहुत पसंद हैं, हैरी पॉटर उनमें से एक है। दरअसल यह मेरी अब तक की सबसे पसंदीदा किताब है।

मेरी पसंदीदा किताब:

हैरी पॉटर एक काल्पनिक कहानी श्रृंखला है जिसे ब्रिटिश लेखक जे के राउलिंग ने लिखा है। वह एक बेहतरीन लेखिका हैं। मैं वास्तव में उसकी कल्पना का स्तर देखकर हैरान हूं। मैंने इस पुस्तक की फिल्म श्रृंखला भी देखी है। वह दिमाग उड़ाने वाला था।

कहानी काल्पनिक और अलग है। यह सब एक जादूगर की दुनिया के बारे में है। इस किताब में हर्मियोन ग्रेंजर और रॉन वीस्ली मेरे सबसे पसंदीदा पात्र हैं। मुझे ‘आग का प्याला’ सबसे ज्यादा पसंद है। यह अध्याय अद्भुत है। मुझे अन्य अध्याय भी पसंद हैं, लेकिन यह मुझे विशेष लगता है।

इस किताब को पढ़ने के बाद कुल मिलाकर मैं जे. के. राउलिंग का बहुत बड़ा प्रशंसक रहा हूं। इस काल्पनिक काल्पनिक किताब ने बहुत बड़ी कमाई की है। यह किताब ज्यादातर युवाओं को पसंद आई।

यदि आपने अभी तक हैरी पॉटर नहीं पढ़ा है तो आपको अवश्य पढ़ना चाहिए। यह पढ़ने के लिए एक अद्भुत उपन्यास है। मैं सभी को यह सुझाव देता हूं। अगर आप काल्पनिक कहानियां पढ़ना पसंद करते हैं तो आप इस सीरीज के फैन हो जाएंगे। हालाँकि इस पुस्तक में बहुत सी शैक्षिक बातें नहीं हैं लेकिन यह मनोरंजक थी।

Essay On My Favorite Book in Hindi

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध (500 शब्द ) – Essay On My Favorite Book in Hindi (500 word)

किताबें हमारी सबसे अच्छी दोस्त हैं और वे हमें कभी नहीं छोड़तीं। यह एक बहुत बड़ा सच है जिसे मैं महसूस कर सकता हूं। मैं एक भावुक पुस्तक पाठक हूं और मुझे हर हफ्ते ढेर सारी किताबें पढ़ना अच्छा लगता है। हमारे पास एक पारिवारिक पुस्तकालय है और मेरे पिता किताबें इकट्ठा करने और खरीदने में मेरी मदद करते हैं।

मैंने बहुत सी अद्भुत पुस्तकें पढ़ी हैं, लेकिन कुछ ऐसी विशेष पुस्तकें हैं जिन्होंने मेरा दिल जीत लिया है। आज मैं अपनी सबसे पसंदीदा किताब ‘रॉबिन्सन क्रूसो’ के बारे में बात करने जा रहा हूँ। यह किताब मेरे लिए हमेशा एक अलग चीज रही है और मैं अब भी इसे बार-बार पढ़ रहा हूं। इस अद्भुत उपन्यास से बहुत कुछ सीखने को मिलता है।

मेरी पसंदीदा पुस्तक:

मेरी पसंदीदा पुस्तक रॉबिन्सन क्रूसो डेनियल डिफो द्वारा लिखी गई थी और यह पहली बार 25 अप्रैल 1719 को प्रकाशित हुई थी। ध्यान देने वाली एक बहुत महत्वपूर्ण बात यह है कि यह पुस्तक 300 साल पुरानी है, लेकिन सामग्री और कहानी अभी भी नई पीढ़ी के पाठकों को अद्भुत लग रही है।

इस किताब में एक व्यक्ति ‘रॉबिन्सन’ नाम की कहानी है जो 28 साल तक एक द्वीप पर रहा। वह एक जहाज दुर्घटना में गिर गया और सब कुछ खो दिया। फिर उसे निकटतम द्वीप पर जाने के लिए एक नाव मिली। यह एक विशाल द्वीप था।

उसने वहां अपना राज्य बनाया। उसने जानवरों को पालने और कुछ फसलें उगाकर अपना भोजन एकत्र किया। वह द्वीप का स्थायी सदस्य बन गया। किसी दिन उसे कुछ क्रूर और अलग चीज का सामना करना पड़ा। उसने पाया कि एक आदमी को नग्न अवस्था में कुछ नरभक्षी द्वीप पर ले आए थे।

उन्होंने उस व्यक्ति को बचाया और उसका नाम ‘फ्राइडे’ रखा। शुक्रवार उसका साथी बन गया लेकिन वह भी नरभक्षी का सदस्य था। इसलिए रॉबिन्सन ने उसे अपने डेरे के बाहर रखा।

फिर शुक्रवार रॉबिन्सन का साथी बन गया और उन दोनों ने द्वीप को अपने लिए एक अद्भुत जगह बना लिया। अंत में, एक जहाज उनके द्वीप पर आया और वहाँ बहुत सारे रोमांच और कहानियाँ थीं जो आपको रोमांचित कर देंगी।

मुझे यह किताब क्यों पसंद है?

ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से मुझे यह किताब पसंद है। पहला कारण यह है कि यह मुझे जीवन और वास्तविकता के बारे में सिखाता है। जब मैं इस किताब को पढ़ता हूं तो मैं बहुत गंभीर हो जाता हूं। मैंने इसे लगभग 4 बार पढ़ा है और अभी भी इसे फिर से पढ़ रहा हूँ।

इस किताब ने मुझे क्या सिखाया?

यह किताब मेरे लिए बहुत बड़ी सीख है। पहले 20 वर्षों तक, रॉबिन्सन वहाँ बिल्कुल अकेला रह रहा था। और उस समय वह अपनी बुद्धिमत्ता, साहस और समर्पण के कारण जीवित रहने में सफल रहे। यह मेरे लिए बहुत बड़ी सीख है।

यह सिखाता है कि जब आप अकेले हों और बहुत सारी समस्याओं में हों तो खुद को कैसे केंद्रित रखें। यह कहानी इस बारे में है कि कैसे एक आदमी अपनी वास्तविकता खुद बनाता है। जब रॉबिन्सन को शुक्रवार मिला और वह उसका सबसे अच्छा साथी बन गया।

उन्होंने उसे भाषा, धर्म और समग्र सभ्यता की शिक्षा दी। इन सब बातों को समेटे हुए यह पुस्तक मेरे लिए एक शिक्षक के समान है। यह मुझे बहुत सारी कठोर वास्तविकताओं को समझने में मदद करता है।

मेरा शौक किताब पढ़ना:

मैंने पढ़ने को अपना शौक बना लिया है। मैं कभी समय बर्बाद नहीं करता। जब मैं खाली होता हूँ या ख़ाली समय बिताता हूँ तो मुझे किताबें पढ़ना अच्छा लगता है। मुझे लगता है कि यह आदत सभी को डालनी चाहिए। एक बेहतर ज्ञान आधार के निर्माण के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण और आवश्यक है।

किताबें पढ़कर हम कई तरह की चीजें सीख सकते हैं। पढ़ना मेरा शौक है और मैं हमेशा किताबें पढ़ता हूं। मेरे पास विभिन्न प्रकार की पुस्तकों का विशाल संग्रह है।

किताब पढ़ना एक बहुत बड़ी चीज है जो हम सभी को होनी चाहिए। यह हमें एक ही स्थान पर रहकर शब्दों के माध्यम से यात्रा करने में मदद करता है। हम सभी को अपनी कल्पना शक्ति को मजबूत बनाने के लिए किताब पढ़ने की आदत डालने की जरूरत है।

मेरी पसंदीदा पुस्तक पर 10 पंक्तियाँ निबंध – 10 Lines On Essay On My Favorite Book In Hindi

1. किताब पढ़ना एक बहुत अच्छी आदत है क्योंकि यह हमारे व्यक्तित्व को निखारने और हमें परिपक्व बनाने में मदद करती है।

2. कुछ किताबें अनमोल होती हैं और वे हमें कुछ अद्भुत सीख देती हैं।

3. मेरी पसंदीदा पुस्तक का नाम ‘रॉबिन्सन क्रूसो’ है। यह डेनियल डिफो द्वारा लिखी गई एक विश्व प्रसिद्ध पुस्तक है।

4. यह किताब 300 साल पहले लिखी गई थी, लेकिन आज भी लोग इसे उसी प्यार और दिलचस्पी से पढ़ते हैं।

5. इसमें सीखने के लिए बहुत सारे पाठ हैं। रॉबिन्सन का धैर्य अद्भुत है।

6. यह हमें सिखाता है कि जब आपके आस-पास कोई न हो और आप अकेले हों तो कैसे जीवित रहना है।

7. यह पुस्तक आपके लिए जीवन पथ प्रदर्शक हो सकती है।

8. रॉबिन्सन ने 28 साल अकेले एक द्वीप पर बिताए।

9. यह एक कहानी है कि कैसे एक आदमी जीवन में सभी विषम चीजों के खिलाफ संघर्ष करता है।

10. मुझे इस किताब को बार-बार पढ़ना अच्छा लगता है। अगर आपने अभी तक इस किताब को नहीं पढ़ा है तो आज ही इसे पढ़ लें।

FAQ’s On Essay On My Favorite Book In Hindi

मैं अपनी पसंदीदा पुस्तक के बारे में एक निबंध कैसे लिख सकता हूँ?

सबसे पहले अपनी पसंदीदा किताबों की सूची बनाएं। पहले शीर्ष 10 पुस्तकों को चुनना बेहतर है। और फिर लिखें कि किस किताब का आपके वास्तविक जीवन पर और आपकी सोच पर किस प्रकार का प्रभाव पड़ता है। इस तरह आप अपनी पसंदीदा किताब लेकर आएंगे। और फिर वही लिखें जो इस पुस्तक ने आपको सिखाया है और वही किसी और को सिखाने में सक्षम हों।

हैरी पॉटर मेरी पसंदीदा किताब क्यों है?

यह एक बहुत ही अद्भुत फिक्शन है जिसे दुनिया के लाखों युवाओं ने पसंद किया था। इस कहानी पर आधारित एक फिल्म श्रृंखला भी है। मुझे यह किताब इसकी मनमोहक कहानी और कुछ दिलचस्प पात्रों के कारण पसंद है।

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