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Mouse क्या है और कितने प्रकार के होते है?

हम में से अधिकतर लोग कंप्यूटर का इस्तमाल कर रहे होंगे लेकिन क्या आपको पता है की माउस क्या है और कितने प्रकार के होते हैं. यदि आप computer का इस्तमाल कर रहे होंगे तो आपने जरुर Mouse का इस्तमाल तो किया ही होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं की माउस को हिंदी में क्या कहते हैं और ये माउस कैसे काम करता है?

दुसरे सभी devices जैसे की monitor, keyboard, speaker के होते हुए भी Mouse का अपना ही दर्जा है, ये एक तरह से सभी चीज़ों को screen पर control करता है. तो इसे खरीदने से पहले क्यूँ न इसके अलग प्रकार के विषय में जानें।

ये तो हमें पता ही है की हम चारों और से Technology से घिरे हुए हैं. हम रोजमर्रा के काम में इस्तमाल कर रहे सभी काम किसी न किसी रूप में technology से सम्बंधित ही है. ये technology हमारे कार्य को आसान ही नहीं बल्कि जल्दी भी कर देती है जिससे हमारे काफी समय की बचत होती है।

क्या आपको पता है की computer को operate करने के लिए सबसे जरुरत वाली चीज़ क्या है? अगर आपने Mouse के बारे में सोचा है तब आपने सही अनुमान लगा है. क्यूंकि Computer Screen में हो रहे सभी गतिविधियों को Mouse के द्वारा ही control किया जाता है।

वहीँ ये जानना भी बहुत ही जरुरी है की माउस के प्रकार क्या हैं? देखा जाये तो Mouse बहुत से प्रकार के आते हैं और उन्हें हमारी जरुरत के हिसाब से इस्तमाल किया जाता है।

तो आज हम इस post में माउस के प्रकार के विषय में जानकारी प्राप्त करेंगे. तो फिर देरी किस बात चलिए शुरू करते हैं और जानते हैं ये माउस क्या होता है हिंदी में और क्या करता है।

माउस क्या है – What is Mouse in Hindi

कंप्यूटर  माउस  एक पॉइंटिंग डिवाइस है। माउस को आप एक इनपुट डिवाइस भी समझ सकते हैं। यह एक ऐसा pointing device है जिसका इस्तमाल PC के साथ interact करने के लिए किया जाता है। Mouse का इस्तमाल मुख्य रूप से कम्प्युटर स्क्रीन पर different Items को चुनने, उनके विषय में जानने तथा उन्हे खोलने एवं बदं करने में किया जाता है।

Mouse Kya Hai in Hindi

माउस के इस्तमाल द्वारा उपयोगकर्ता (User) कम्प्युटर को कोई कार्य करने के लिए निर्देश देता है. इसके द्वारा एक User कम्प्युटर स्क्रीन पर कहीं भी पहुँच सकता है।

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Mouse के अलग अलग models होते हैं जिनमें की अलग अलग features और connectivity होते हैं , लेकिन प्राय सभी मॉडल्स में दो mouse buttons और एक scroll wheel होता है।

Mouse के interface अलग अलग होते हैं यानि की वो computer या दुसरे कोई system के साथ जुड़ने के लिए जो माध्यम होते हैं. तो फिर चलिए आगे Mouse के विषय में और जानकारी प्राप्त करते हैं।

माउस का फुल फॉर्म क्या है?

माउस का फुल फॉर्म है, Manually Operated Utility For Selecting Equipment ।

माउस को हिंदी में क्या कहते हैं?

माउस का पूरा नाम हिंदी में कुछ इस तरह होगा, “ उपकरण के चयन के लिए मैन्युअल रूप से संचालित उपयोगिता “।

माउस का पूरा नाम क्या है?

Mouse  ( माउस ) का पूरा नाम या full form होता है : Manually operated user selection equipment .  MOUSE  का कोई आधिकारिक पूर्ण रूप नहीं है क्योंकि  MOUSE  एक संक्षिप्त नाम नहीं है। इसके बजाय  MOUSE  एक हार्डवेयर डिवाइस है जिसका उपयोग कंप्यूटर सिस्टम में किया जाता है।

माउस की परिभाषा

माउस एक छोटा सा pointing device होता है जिसे की एक computer यूजर इस्तमाल करता है desk surface पर रखकर।

इसकी मदद से Display Screen पर point,select, click, drag, drop और scroll किया जा सकता है, वहीँ इसके अलावा इससे select ही किया जा सकता है एक दो action करने के लिए उस position से।

माउस के बारे में

यहाँ निचे में आप लोगों को mouse के functions के विषय में जानकारी दूंगा. इससे user को mouse को इस्तमाल करने में आसानी होगी।

1. Mouse cursor को move करना –

ये primary function जिसका काम ही है की mouse cursor को screen में move करना।

2. Open or execute a program –

Mouse के इस्तमाल से user किसी भी icon, folder, या किसी दुसरे program को click करके open और execute कर सकते हैं।

3. Select –

Mouse का इस्तमाल text select करने के लिए, highlight करने के लिए कर सकते हैं।

4. Drag-and-drop –

User आसानी से कोई document को drag-and-drop कर सकते हैं ।

Mouse के इस्तमाल से objects के ऊपर hover कर सकते हैं. Hover का मतलब है की जब आप किसी object के ऊपर cursor को लायेंगे तब उसके सम्बन्ध में जो भी जानकारी उपलब्ध रहेगी वो show करेगी।

6. Scroll –

Mouse के इस्तमाल से आप बड़े document को पूरा देखने के लिए ऊपर निचे scroll कर सकते हैं।

Mouse Interface के प्रकार

समय के साथ साथ Mouse के कई अलग अलग interfaces भी develop हुए जैसे जैसे technology advanced हुई. यहाँ पर में आप लोगों को कुछ ऐसे ही interfaces के विषय में जानकारी देने जा रहा हूँ :

Serial Mouse

ये इस list का सबसे पुराना type का mouse है जो अभी और काम में नहीं आ रहा है, लेकिन आप government offices में इसे कुछ machines में देख सकते हैं।

इसमें एक serial connector (a DE-9F D-subminiature ) होता है और इसे PC के साथ जुड़ने के लिए free serial port चाहिए होता है।

ये typically corded-type का mouse होता है और ये खुद को operate करने के लिए power serial port से लेता है।

ये serial mouse को cold-pluggable के नाम से भी refer किया जाता है, जिसका मतलब है की computer के साथ तभी connect करना चाहिए जब computer switched off स्तिथि में हो।

ये PS/2 mouse, serial mouse का upper version है. इनके आने से लोग ज्यादा इन्ही के प्रति आकर्षित होते हैं. इन्हें अब भी ख़रीदा जा सकता है क्यूंकि अब भी बहुत सारे motherboard manufacturers PS/2 port provide कर रहे हैं।

ये PS/2 connector (Mini-DIN) circular होती है और इसमें 6 pins होते हैं, इनकी design के कारण इन्हें केवल सही तरीके से ही port के साथ aligned कर insert किया जाता है. PS/2 mice भी cold-pluggable होते हैं।

यदि हम अभी की बात करें तब आजकल हम USB interface वाले mouse का इस्तमाल करते हैं जिसे की एक free USB port चाहिए. ये either corded या cordless/wireless होते हैं. ये Serial और PS/2 के counterpart में hotpluggable , होते हैं।

इसका मतलब है की आप इन्हें computer के running condition में भी इस्तमाल कर सकते हैं, यहाँ न इस mouse को या फिर computer को कोई खतरा होता है।

वायरलेस माउस

Cordless या wireless mice data को transmit via infrared radiation या radio (जो की है Bluetooth) के माध्यम से करती है।

यहाँ पर receiver को computer के साथ connect करने के लिए serial या USB port का इस्तमाल किया जाता है, या फिर built in part जैसे की Bluetooth का इस्तमाल किया जाता है।

आजकल के Modern non-Bluetooth wireless mice USB receivers का इस्तमाल करते हैं. जहाँ कुछ में इन्हें Mouse के भीतर ही safely store किया जा सकता है वहीँ कहीं कहीं “ nano ” receivers भी होते हैं, जिन्हें कुछ इस प्रकार से designed किया जाता है जो की इतने छोटे होते हैं की वो आपके laptop या system में हमेशा connect हुए होते हैं।

ये बहुत ही latest variety के mouse हैं जिन्हें की cable की जरुरत नहीं होती है connect होने के लिए।

जहाँ कुछ wireless mouses को USB receiver के via connect किया जाता है वहीँ दुसरे को B luetooth connection के जरिये से. इस प्रकार के mouse को battery से power दिया जाता है जो की AA type होते हैं।

एक BASIC PC MOUSE का Design

यदि आप PC इस्तमाल करते हैं तब आप जरुर mouse का इस्तमाल तो किया ही होगा. ये Mouse को आप अपने keyboard के दाहिने या बहिने दिशा में पाएंगे। इसे ठीक तरह से operate करने के लिए थोडा space चाहिए. यहाँ में निचे आप लोगों को एक Mouse के जो basic parts होते हैं उनके विषय में जानकारी दूंगा :

  • Left (main) button: ये left button, आपके दाहिने हाथ के index finger के निचे आता है जो की सबसे main button है. इसी button का इस्तमाल सबसे ज्यादा किया जाता है.
  • Wheel button: इसे center या wheel भी कहा जाता है, इस button को आप left और right buttons को press करने के जैसे इस्तमाल कर सकते हैं. इसे मुख्य रूप से screen को ऊपर निचे या roll करने के लिए किया जाता है.
  • Right button: ये right button का इस्तमाल हम special operations के लिए करते हैं, इसके अलावा right-click करने से ये shortcut या context menu को pop up करता है.
  • Mouse body: Mouse एक साबुन के size का होता है. आप अपने हथेली का भार इसी mouse body के ऊपर देते हैं और अपने उँगलियों का इस्तमाल से mouse buttons का इस्तमाल करते हैं.
  • Special buttons: इसके अलावा भी Mouse में कई दुसरे special buttons होते हैं, जिन्हें की Internet navigation और दुसरे specific functions के लिए इस्तमाल किया जाता है.

माउस के टचपैड को क्या कहते हैं?

Mouse के touchpad को Trackpad, glide pad, glide point इत्यादि कहा जाता है।

Touchpad क्या है?

Touchpad एक प्रकार का input device होता है laptops और कुछ keyboards में. ये user को allow करता है cursor को move करने के लिए वो भी अपने उँगलियों के मदद से. इन्हें external mouse के स्थान पर भी इस्तमाल किया जा सकता है।

माउस के प्रकार – Types of Mouse in Hindi

आज market में mouse के बहुत सारे variety उपलब्ध हैं, सभी में कुछ न कुछ अलग technology होती है जो की एक दुसरे को उनके function में अलग करती हैं।

Corded Mouse

एक corded mouse को connects directly किया जाता है computer के साथ via a cable (serial, PS/2 or USB). ये अपने operation के लिए power उसी पोर्ट से लेता है जिससे ये connected हो, इसका मतलब है की इसमें external batteries की कोई जरुरत ही नहीं है।

Corded mice ज्यादा are accuracy वाले होते हैं क्यूंकि उन्हें ज्यादा कोई issue नहीं होती है जैसे की signal interference या performance loss low-battery states के कारण।

Cordless/Wireless Mouse

एक cordless या wireless mouse, उस mouse को कहते हैं जिसमें की कोई cable नहीं लगी होती और ये wireless technology का इस्तमाल करता है data transfer करने के लिए और computer से connect होने के लिए।

ये उन जगहों के लिए बहुत अच्छा है जहाँ आपको cord या cable से परेशानी होती है जैसे की travelling करते वक़्त।

इस mouse को operate करने के लिए Batteries की जरुरत होती है. Batteries के होने से ये थोडा heavy भी होता है।

Mechanical Mouse

एक mechanical mouse को ball mouse भी कहा जाता है जिसमें की एक ball और बहुत सारे rollers होते हैं movement को track करने के लिए।

इस type के mouse typically corded variety के होते हैं और optical mouse के जैसे ज्यादा popular नहीं होते हैं।

इसकी performance बहुत ही high होती है लेकिन इसे समय समय पर सफाई की ख़ास जरुरत होती है।

Optical Mouse

एक optical mouse optical electronics का इस्तमाल करती है mouse’s position और movement को track करने के लिए. इन्हें standard mechanical mice का भी दर्जा मिला है क्यूंकि ये दूसरों के तुलना में ज्यादा reliable होते हैं और इन्हें कम maintenance की जरुरत होती है।

लेकिन इनकी performance type of surface पर depend करती है जिनके ऊपर ये operated होते हैं।

Mouse कैसे काम करते हैं

ये बात तो हम सभी के मन में आया होगा की आखिर ये Mouse काम कैसे करते हैं. इसलिए चलिए आपके इस संका को भी दूर कर देते हैं।

Ball computer mouse कैसे काम करता है

जैसे जैसे हम अपने ball mouse को roll करते हैं अपने desk के ऊपर, निचे स्तिथ ball भी roll होने लगता है अपने weight से और उसके साथ लगे two plastic rollers जो की linked होते हैं thin wheels के साथ को आगे धकेलता है।

इन दोनों wheels में से एक wheel detects up-and-down direction (जैसे की y-axis किसी graph/chart paper) movements को detect करता ; वहीँ दूसरा wheel side-to-side movements (जैसे की x-axis किसी graph/chart paper) movements को detect करता।

अब सवाल उठता है की कैसे ये wheels आपके hand movements को measure करते हैं ? जैसे जैसे आप mouse को move करते हैं, ball rollers को move करता है, ऐसे में एक या दोनों wheels rotate करते हैं।

अगर आप mouse को straight up move करेंगे, तब केवल y-axis wheel ही turn करेगी ; वैसे ही अगर आप उसे right में move करेंगे तव केवल x-axis wheel ही turn करेगी. ठीक वैसे ही आप mouse को जिस angle में move कराएँगे, वैसे ही ball भी दोनों wheels को साथ ए साथ move कराएगी।

इसके साथ एक छोटी से दिमागवाली चीज़ का भी इस्तमाल किया गया है. दोनों wheel plastic spokes से बने हुए हैं और जैसे जैसे ये turn करता है, तब वो spoke बार बार एक light beam को break करते हैं।

जितनी ज्यादा wheel turn करेगी, उतनी ज्यादा ही वो beam भी broken होगी. इसलिए कितने बार वो beam टूटी उसे गिनना ही precisely ये measure करना है की वो wheel कितना turn करी है और आपने mouse को कितना move कराया है।

ये counting और measuring mouse के भीतर स्तिथ microchip करता है, जो की सारी details को cable के जरिये computer तक भेजता है. Software जो आपके computer में होता है वो इसी data के अनुसार ही cursor को move करता है screen में जरुरत के हिसाब से।

Ball Mouse के Disadvantages

इस mouse में बहुत problems भी है. जैसे की ये सभी surfaces में काम नहीं करता है. इसलिए इसे special mouse mat की जरुरत होती है।

इसके साथ भी अगर आपके पास mat हो भी फिर भी rubber ball और इसके rollers gradually मैले हो जाते हैं जिस कारण x- और y-axis wheels बार बार इधर उधर हो जाते हैं।

इसलिए इन्हें हमेशा साफ़ रखना चाहिए. एक दूसरा option ये भी है की आप optical mouse का इस्तमाल करें।

Optical mouse कैसे काम करता है

एक optical mouse पूरी तरह अलग हिसाब से काम करती है. इसमें एक LED mouse के पीछे में लगी होती है जो की shine करती है desk के ऊपर।

ये light सीधी bounces back करती है straight backup off desk के ऊपर जहाँ के एक photocell (photoelectric cell) होता है, जो भी mouse के निचे ही mount हुआ होता है, और जो की बहुत ही short distance की दूरता में स्तिथ होता है LED से।

इस photocell की एक lens होती है इसके सामने जो की इस reflected light को magnify करती है, जिससे की mouse आपके hand movements को precisely मार्क करता है।

जैसे जैसे आप Mouse को move करते हैं desk के ऊपर, उसी तरह reflected light की patter भी बदलती है और जो chip माउस के भीतर होता है वो ये figure करता है की आपके हाथ किस हिसाब से move कर रहे हैं।

कुछ optical mice के दो LEDs भी होते हैं. एक जो की desk के ऊपर shine करती है और movement को पता करती है. दूसरी जो की mouse के back में लगा होता है और उससे ये पता चलता है की mouse काम कर रहा है या नहीं. बाकि ये mouse भी उसी तरह से काम करते हैं।

Optical Mouse के Disadvantages

वैसे तो ये optical mouse, पहले के ball mouse की तुलना में काफी बेहतर है लेकिन इसमें भी कुछ खामियां है जैसे की ये Computer के साथ जुड़ी रहती है एक तार के माध्यम से।

इसके साथ ये operate होने के लिए इसके base में कुछ चाहिए जिससे की light reflection से ये अच्छे ढंग से काम कर सके. और इसे आप कहीं दूर से काम नहीं कर सकते हैं क्यूंकि ये एक wire से जादा होता है।

इसी के कारण ही Wireless mouse की उपयोगिता बढ़ जाती है।

Wireless mouse कैसे काम करता है

यहाँ इस Wireless mouse के operation में ज्यादा कुछ फरक नहीं है optical mouse के मुकाबले. ये भी उसी तरह से movements का पता करते हैं जैसे की optical mouse करते हैं।

यहाँ बस जो फरक है वो computer को data भेजने के माध्यम में है. यहाँ पर USB cable के जगह में wireless connection के माध्यम से data का transfer होता है।

यहाँ Mouse को operate करने के लिए जो power चाहिए वो external battery से आता है. बाकि mouse के सारे operation optical mouse के जैसे ही हैं।

Wireless Mouse के Disadvantages

इसका जो मुख्य disadvantage है वो ये की इसे operate करने के लिए external batteries की जरुरत होती है।

वहीँ अगर कभी अचानक ही battery ख़त्म हो गयी तब user को बहुत तकलीफ होती है mouse के लिए. इसके साथ ये battery के होने से काफी भारी भी होता है. इसके अलावा ये सबसे costly भी होता है।

माउस का भविष्य

जैसे जैसे Technology में advancement हो रही है, ऐसे में Mouse भी इस line में शामिल है. जहाँ पहले हम ball mouse का इस्तमाल करते थे वहीँ अभी Wireless Mouse का इस्तमाल किया जाता है।

धीरे धीरे शायद और माउस का इस्तमाल बंद भी हो जाये क्यूंकि AI ( Artificial Intelligence ) के बढ़ जाने से अब तो voice commands की ज्यादा demand बढ़ गयी है।

लोगों को और भी सुविधा की जरुरत है वो कोई काम करने के लिए अपने हाथों का इस्तमाल नहीं करना चाहते हैं. ऐसे में वो दिन दूर नहीं जब Mouse बस एक पुरातन device के हिसाब से रह जायेगा।

लेकिन ऐसा होने में अभी समय है. देखते हैं भविष्य हमारे लिए क्या नयी नयी चीज़ें लेकर आने वाला है।

माउस को और किस नाम से पुकारा जाता है?

माउस को “Pointer” के नाम से भी पुकारा जाता है।

कंप्यूटर माउस के जनक कौन थे?

कंप्यूटर माउस के जनक डगलस कार्ल एंजेलबर्ट अथवा डगलस कार्ल एंगेल्बर्ट (30 जनवरी 1925 – 2 जुलाई 2013) थे। सन 1963 में Douglas Engelbart के द्वारा Mouse का invention हुआ था। जो की उस समय Xerox PARC में काम करते थे. ये उस समय इतना प्रसिद्ध हुआ की आज ये pointing device को आप सभी computer में देख सकते हैं।

माउस में कितने बटन होते हैं?

माउस में दो बटन  होते हैं: एक बायां बटन और एक दायां बटन। 

आज आपने क्या सीखा?

मुझे पूर्ण आशा है की मैंने आप लोगों को माउस क्या है (What is Mouse in Hindi) और ये कितने प्रकार के होते हैं? के बारे में पूरी जानकारी दी और में आशा करता हूँ आप लोगों को माउस का पूरा नाम के बारे में समझ आ गया होगा।

मेरा आप सभी पाठकों से गुजारिस है की आप लोग भी इस जानकारी को अपने आस-पड़ोस, रिश्तेदारों, अपने मित्रों में Share करें, जिससे की हमारे बीच जागरूकता होगी और इससे सबको बहुत लाभ होगा। मुझे आप लोगों की सहयोग की आवश्यकता है जिससे मैं और भी नयी जानकारी आप लोगों तक पहुंचा सकूँ।

मैं जरुर उन Doubts का हल निकलने की कोशिश करूँगा. आपको यह लेख माउस फुल फॉर्म और माउस के प्रकार कैसा लगा हमें comment लिखकर जरूर बताएं ताकि हमें भी आपके विचारों से कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मोका मिले। कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook, Twitter इत्यादि पर share कीजिये।

About the Author

Prabhanjan Sahoo

Prabhanjan Sahoo

मैं Prabhanjan, HindiMe का Technical Author & Co-Founder हूँ। Education की बात करूँ तो मैं एक Enginnering Graduate हूँ। मुझे नयी नयी Technology से सम्बंधित चीज़ों को सीखना और दूसरों को सिखाने में बड़ा मज़ा आता है।

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Bhut hi kaam ki jaankari di aapne. Dhanyavaad

Good information sir mera bhi ek tech blog hai aap meri help kar sakte hai kya. mujhe mere blog ke lie Backlinks lena kya aap meri madad kenge.

Nice post bhai aap idol ho please support me.

Yadi aapko support chahiye tab hamare forum ask.hindime.net ko join karo.

Gaming Mouse ki Khas baat kya hain?

Ye bahut jyada robust hota hai aur ismein kai functions aapko mouse par hi upalabdha meilenge. Thoda costly jarur hota hai.

Thanks sir aapke knowledge liye

Aapne mouse ke bare me bahut hi aachi jankari di thanks of sharing

hi bhai apki cantant bahut hi accha hai , isko pad ke mujhe bahut phayada huaa bhai thanks.

Thank sir system jankari ke liy

Hii Mouse ke bare me bahut aachi jankari di hai

Thank you so much

Thanks Ji. Keep Supporting.

Theak mouse ki details dena ka liya

Bahut achha bhi

Cloud computing ke bare me batayen.

Iske upar already article hai.

HELLO BHAI ME HANDICAP MUJHE PURE COMPUTERS KI KNOLEDGE DETE REHNA ME ITI KAR RHA HU COMPUTER SE

Ji Asad ji, aap aise hi hame follow karte rahen.

mouse kya hai kitane parkar ka hota hai.iske bare me bahut hi wistar se smjhaya hai aapne.

सर आपसे एक गलती हो गई है वो ये है की माउस आउटपुट डिवाइस नहीं बल्कि इनपुट डिवाइस है क्योकि सर ये डाटा को इंटपुट करता है ये आउटपुट नहीं करता है सर हम माउस का उसे pc स्क्रीन से बहार करते है और वह डाटा को इनपुट करता है |

Thanks Prabhu ji, aapne bilkul sahi kaha hai Mouse ek input device hai. Maine jaruri badlaw kar diya hai. Mujhe khusi hui ki aapne mere bhul ko mujhe bataya aur mujhe sudharne ka mouka diya. Dhanyawad.

Technology Hindi me learn karne ke liye aapka blog sabse best hai. Mouse ke bare me kafi achi jankari share karne ki hai aapne Thanks Prabhajan Bro

Bahut bahut aabhaar aapka.

Aapne mouse ke bare me bahut hi acche se jankari di thanks for sharing

Hello Sir, Mai ek new blogger hu. Mne blogging ki adhiktr tips apki website s he li h. Mne Apne blogs ka SEO bhi apnke tips k according improve kiya but traffic abhi bhi nehi aa rha. Sir apse request hai mujko thoda guide kigey. Aur mere website ki kmiyo k bare m btaiy. (techmantri.com) Please Sir.

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Your Computer Notes

Mouse Kya Hai

माउस क्‍या है | इसके कार्य और प्रकार | What is Mouse in Hindi

हेलो दोस्तों, आज इस आर्टिकल के जरिए हम जानेंगे की माउस क्या है (Mouse kya hai in hindi), इसके कितने प्रकार होते हैं और यह कौन-कौन से कार्य करता है, साथ में माउस से संबंधित, प्रयोग होने वाले कुछ शब्दों के बारे में भी जानेंगे। तो चलिए शुरू करते हैं…

माउस किसे कहते हैं? What is mouse in Hindi?

माउस ( Mouse )- माउस किसी भी कंप्यूटर सिस्टम के लिए मुख्य इनपुट डिवाइस है।

यह एक ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI) प्वाइंटिंग इनपुट डिवाइस है , जिसका प्रयोग कम्प्यूटर में pointer की मदद से, बड़ी ही आसानी से, इनपुट देने के लिए किया जाता है।

Pointer का प्रयोग होने के कारण, इसे प्वाइंटिंग डिवाइस भी कहते हैं।

इसका आकार चूहे जैसा होने के कारण इसे माउस कहा गया। इसका plural form माइस (mice) है।

आज के समय में माउस सबसे ज्यादा प्रयोग हाेने वाली इनपुट डिवाइस है। इसके आ जाने से हमें कीबोर्ड के बटनों का भी ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत नही होती है।

माउस के जनक या सर्वप्रथम आविष्कारक-

डगलस सी इंजेल्वर्ट ( Douglas Carl Engelbart ) हैं। जिन्होने स्टैनफोर्ड रिसर्च लैबोरेट्री, अमेरिका में इसका निर्माण किया था।

माउस का फुलफॉर्म (Fullform of Mouse)-

Manually Operated Utility for Selecting Equipment

माउस के सम्बन्ध में उपयोग होने शब्दावली-

प्वाइंटर (mouse pointer )- सामान्यत: Arrow (बाण/तीर) के आकार का चिन्ह जो मॉनिटर/स्क्रीन पर दिखाई देता है।

mouse pointer

कर्सर (mouse cursor ) –  माउस का लाइन जैसा चिन्ह जो टेक्स्ट फाइल में ब्लिंक होता है।

पैड (Mouse Pad)- एक पुस्तक या स्लेट के आकार की चीज, जिस पर माउस को रखकर चलाया जाता है, माउस पैड कहलाता है।

माउस के बटन्स (Buttons of Mouse)

Mouse दो बटन व तीन बटन के साथ उपलब्ध हैं, इसमें तीसरे बटन के रूप में स्क्राल व्हील का प्रयोग होता है।

  • स्क्राल व्हील

माउस के कार्य (Function of Mouse) अथवा माउस के उपयोग (Uses of Mouse  )

माउस में उपस्थित बटनों के आधार पर माउस के कार्यों को निम्न भागों में बांटा गया है-

  • क्लिकिंग या लेफ्ट क्लिक
  • ड्रैगिंग (ड्रैग एंड ड्रॉप)

क्लिकिंग या लेफ्ट क्लिक (Clicking or Left Click) –

लेफ्ट बटन के द्वारा।

Mouse के लेफ्ट बटन को एक बार दबा कर छोड़ना, left-click कहलाता है। इसका प्रयोग किसी भी ऑब्जेक्ट जैसे- फाइल, फोल्डर, इमेज, आईकॉन, टेक्स्ट, आदि को सेलेक्ट करने के लिए किया जाता है।

इसके लेफ्ट बटन का प्रयोग सामान्यत: OK के लिए किया जाता है।

डबल क्लिक (Double Click)-

लेफ्ट बटन के द्वारा ही किया जाता है, पर जल्दी-जल्दी दो बार क्लिक करना।

किसी भी फाइल, फोल्डर, डॉक्यूमेंट, आदि को open करने के लिए।

Text File, जैसेकि एम-एस वर्ड, नोटपैड, वर्डपैड, आदि में माउस के लेफ्ट बटन द्वारा, किसी एक अक्षर पर, एक बार क्लिक करने पर वह अक्षर, दो बार क्लिक करने पर एक शब्द, और तीन बार क्लिक करने पर, पूरा का पूरा पैराग्राफ सलेक्ट हो जाता है।

राइट क्लिक(Right Click)-

इसके राइट बटन द्वारा।

किसी भी ऑब्जेक्ट (File, Folder, Document, Picture, Icon etc.) पर माउस के प्वाइंटर को रखकर, राइट बटन को प्रेस करना, राइट क्लिकिंग कहलाता है।

इसकी मदद से, उस ऑब्जेक्ट की प्रॉपर्टीज को एक्सेस किया जा सकता है जिसमें कई सारे ऑप्शन्स जैसे- कॉपी, पेस्ट, प्रिंट, फाइल साइज इत्यादि हो सकते हैं।

ड्रैगिंग या (ड्रैग एंड ड्रॉप) Dragging or Drag and Drop-

इसके लेफ्ट बटन द्वारा ही।

यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें माउस की सहायाता से किसी भी ऑब्जेक्ट जैसे की File, Folder, Document, Picture, Icons आदि को कंप्यूटर में एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है।

इसके लिए मॉनिटर के objects या items पर mouse pointer को ले जाकर, माउस की लेफ्ट बटन द्वारा पकड़े हुए किसी दूसरे स्थान,फोल्डर, या ड्राइव में ले जाकर छोड़ दिया जाता है, जिसये वह आब्जेक्ट दूसरी जगह स्थानान्तरित हो जाता है, यही प्रक्रिया ड्रैग एंड ड्रॉप कहलाती है।

प्वाइटिंग (Pointing)-

जैसा कि हम जानते हैं कि माउस एक ग्राफिकल यूजर इंटरफेस प्वाइटिंग इनपुट डिवाइस है, इसका प्रयोग मॉनिटर पर किसी भी ऑब्जेक्ट को प्वाइंंट या इंगित (mark) करने के लिए किया जाता है। किसी भी ऑब्जेक्ट को इंगित करने के लिए माउस के बटन को क्लिक करने की आवश्यकता नही होती। चूँकि माउस का प्वाइंटर/कर्सर हमेशा कंप्यूटर स्क्रीन पर मौजूद रहता है।

स्क्रॉलिंग (Scrolling)-

इसमें उपस्थित व्हील (wheel) की मदद से।

माउस में उपस्थित व्हील की मदद से, स्क्रीन/मॉनिटर से बड़े object/item को ऊपर नीचे करके देखने के लिए। इसकी मदद से लंबी फाइल के मैटर को उपर-नीचे स्क्रॉल करके देखा जा सकता है।

इंटरनेट ब्राउज़र में माउस के इस स्क्रॉल व्हील का बड़ा अच्छा उपयोग है, इसका उपयोग आप जरूर करें-

किसी भी हाइपरलिंक (hyperlink) को Next Tab में खोलने के लिए, केवल आप उस हाइपरलिंक में माउस के प्वाइंटर को ले जाएं, और स्क्रॉल-व्हील से क्लिक कर दें, जिससे यह हाइपरलिंक Next Tab में ओपन हो जाएगा।

माउस कितने प्रकार के होते हैं?

माउस के प्रकार (Type of Mouse)

सामान्यत: माउस तीन प्रकार के होते हैं-

  • मैकेनिकल माउस या यांत्रिक माउस (Mechanical mouse)
  • प्रकाशीय माउस या नॉन मैकेनिकल माउस (Optical mouse)
  • वायरलेस माउस या कॉर्डलेस माउस (Wireless mouse or Cordless mouse)

मैकेनिकल माउस या यांत्रिक माउस (Mechanical mouse)-

mouse kya hai

इस प्रकार के माउस में ट्रैकबॉल का इस्तेमाल, माउस के प्वाइंटर को move या कंट्रोल करने के लिए किया जाता है। स्क्रीन या मॉनिटर पर माउस के प्वाइंटर की स्पीड, दूरी, तथा दिशा ट्रैकबॉल के घूर्णन (rotation) पर निर्भर करती है।

जैसे-जैसे यूजर, माउस को move करता है उसमें लगा ट्रैकबॉल घूमता है और सेंसर के माध्यम से कंप्यूटर को संकेत भेजता है। पुराने समय के माउस लगभग इसी श्रेणी में आते हैं।

प्रकाशीय माउस या नॉन मैकेनिकल माउस (Optical mouse)-

mouse kya hai

आज के समय में उपयोग होने वाले माउस इस श्रेणी में आते हैं। इनमें किसी भी प्रकार की ट्रैकबॉल का प्रयोग नहीं किया जाता, बल्कि इसमें एक सेंसर होता है जिससे प्रकाश की किरण (beam of light) उत्सर्जित होती है और परावर्तन (reflection of light) के सिद्धांत के अनुसार यह प्वाइंटर की दूरी, दिशा, व गति निर्धारित करता है।

अगर efficiency की बात करें, तो इसकी speed और durability ट्रैकबॉल वाले माउस की अपेक्षा अधिक होती है।

तार रहित माउस [वायरलेस या कॉर्डलेस माउस] (Wireless mouse or Cordless mouse)

hindi essay on mouse

जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है इस प्रकार के माउस में तार नहीं लगा होता, इसीलिए इन्हें कॉर्डलेस या वायरलेस माउस कहते हैं। अब तक का सबसे आधुनिक माउस (advanced mouse) है। जबकि ऊपर बताए गए दोनों माउस में तार लगे होते हैं।

तार का प्रयोग ना होने के कारण इनमें दो कॉम्पोनेंट का प्रयोग किया जाता है-

  • ट्रांसमीटर (transmitter)
  • रिसीवर (receiver)

ट्रांसमीटर, माउस के अंदर लगा होता है जो माउस की गति (movement /speed) व इसके क्लिक किए जाने की सूचना,  इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सिग्नल के रूप में रिसीवर, जो कि कंप्यूटर के यूएसबी स्लॉट में लगा होता है को भेजता है। वायरलेस माउस  इन्फ्रारेड या रेडियों तरंगाे की मदद से कंप्यूटर के साथ communication करता है।

माउस का दूसरा नाम क्या है?

चूँकि माउस एक प्वाइन्टिग डिवाइस है इसीलिए इसे प्वाइन्टर भी कहते हैं।

इसको  प्वाइंट एण्ड ड्रॉ डिवाइस (Point & draw device) के नाम से भी जाना जाता है।

क्या कोई डिवाइस माउस की अल्टरनेटिव है?

हॉं- माउस के अल्टरनेटिव के रूप में ट्रैकबॉल का इस्तेमाल किया जा सकता है।

माउस के बीच वाले बटन को क्या कहते हैं?

माउस में एक लेफ्ट बटन होती है, एक राइट बटन होती है, और तीसरे बटन के रूप में एक व्हील होती हैं जिसे स्क्रॉल व्हील कहते हैं जो कि माउस का बीच वाला बटन होता है इसको घुमाने से यह घूमता है।

इसका काम स्क्रीन से बड़े आकार के इमेज/पिक्चर, डॉक्यूमेंट आदि को ऊपर नीचे करके देखना होता है इसकी मदद से हम लंबे से लंबे डॉक्यूमेंट को ऊपर नीचे करके देख सकते हैं।

माउस के दाएं बटन को क्लिक करने पर क्या होता है?

इसके राइट बटन को क्लिक करने पर एक मेन्यू दिखाई देता है, जिसमें कई आप्शन होते हैं।

माउस ने बना दिया कम्प्यूटर को चलाना आसान

दोस्तों क्या आपको पता है कि जब माउस का अविष्कार नहीं किया गया था तो उस समय कंप्यूटर चलाना काफी कठिन था। खासकर सामान्य व्यक्ति के लिए।

जिन्हें तो की-बोर्ड व कंप्यूटर की लैंग्वेज का अच्छा ज्ञान था वो तो किसी तरह से कंप्यूटर को ऑपरेट कर लेते थे, लेकिन जिनको इन सारी चीजों का ज्ञान नहीं था, उनके लिए कंप्यूटर को ऑपरेट करना बहुत ही मुश्किल था।

आज भी अगर आप सी लैंग्वेज (C language) में प्रोग्राम बनाते हैं C के एडिटर में, तो वहां पर आप देखेंगे कि माउस काम नहीं करता और हमें कठिनाई होती है।

इसी तरह डॉस एनवायरमेन्ट में भी माउस काम नही करता है। अब बहुत सारे स्टूडेन्ट के मन में विचार आयेगा कि जब हम C language में प्रोग्राम बनाते हैं तो वहॉं माउस काम करता है। तो इसका जबाव है कि आप C नही बल्कि C++ के एडीटर में प्रोग्रामिंग करते हैं जहॉं माउस काम करता है।

वास्तव में, यही वह इनपुट डिवाइस है जिसने कंप्यूटर के उपयोग को काफी आसान बना दिया है। या यूँ कहें कि इसकी वजह से सामान्य से सामान्य व्यक्ति भी कम्प्यूटर को बड़ी़ ही सरलता से ऑपरेट कर सकता है।

दोस्तों मैंने इस आर्टिकल माउस क्‍या है | mouse kya hai | What is mouse in Hindi के जरिए आपको माउस के बारे में लगभग संपूर्ण जानकारी दी है फिर भी अगर कोई अतिरिक्त जानकारी आपके पास है या आप कोई सुझाव देना चाहते हैं तो कॉमेन्ट बाक्स में आप सुझाव या जानकारी दे सकतें हैं, आपका स्वागत है।

I hope, आपको यह आर्टिकल- माउस क्‍या है / mouse kya hai / What is mouse in Hindi – जरूर पसंद आया होगा।

अगर आपको ये आर्टिकल पसन्द आया हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ WhatsApp, Facebook आदि पर शेयर जरूर करिएगा। Thank you!

3 thoughts on “माउस क्‍या है | इसके कार्य और प्रकार | What is Mouse in Hindi”

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sir computer pr koi book launch ki ho to uski detail share karein, please

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माउस क्या है ? प्रकार। कार्य। उपयोग -What is Mouse in Hindi?

Computer मे इस्तेमाल होने बाली जितनी भी input device होते है उन्मे से दो Input Device सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है बह है Keyboard और Mouse । Because इस दो Input Device की मदद से हम computer को instruction देते है। और इसलिए आज का Topic है Mouse ।

इस article से आप जानेंगे- माउस क्या है , कंप्युटर माउस की इतिहास , माउस की प्रकार , माउस कैसे काम करते है , Mouse Pointer/Cursor की बिभिन्न रूप और उनका मतलब , माउस द्वारा होने वाले कार्य , Mouse के Buttons , Mouse के Interface etc. topics को और सिर्फ एक ही articles मे।

Table of Contents

माउस क्या है- What is Mouse in Hindi

Mouse एक input device है, जो computer screen पर मोजूद pointer या curser को control करने का काम करता है। इस Curser कि मदद से हम File को खोलना, बंद करना ,एक जगह से दूसरी जगह ले जाना, और भी बहुत सारे काम को कर सकते हैं। और इसी के कारण Mouse को Pointing Device भी कहा जाता है।

माउस का फुल फॉर्म हिंदी में – Full from of MOUSE in Hindi

माउस का पूरा नाम है Manually Operated Utility For Selecting Equipment । इसको हिन्दी में “ उपकरण के चयन के लिए मैन्युअल रूप से संचालित उपयोगिता ” कहा जाता है।

माउस का दूसरा नाम क्या है

माउस का दूसरा नाम है- Pointer।

कंप्युटर माउस की इतिहास – History of Computer Mouse in Hindi?

Mouse क्या है बह हम जान चुके है अब हम जानेंगे माउस के इतिहास, तो चलिए जान लेते है । देखिए दोस्तों, हम जिस तरह कोई समान को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए हमारे हात (Hands) का इस्तेमाल करते है। ठीक उसी तरह Computer मे कोई File को खोलना, बंद करना ,एक जगह से दूसरी जगह ले जाना यह सारा काम करने के लिए हम Mouse का इस्तेमाल करते है। जब माउसका आबिस्कार नहीं हुआ था यह सारा काम Keyboard के जरिए करना परता था। यह सारा काम Keyboard के जरिए करने मे बहुत time लग जाता था। और इस Drawback को मिटाने के लिए Mouse का आबिस्कार हुआ।

माउस के जनक और माउस कितनी तारीख की है ?

पहला Computer Mouse को बनाया Douglas Engelbart ने, सन 1963 में। इसलिए Douglas Engelbart को माउस के जनक कहा जाता है। पहली mouse की आकार ठीक wooden box की तरह था । इसमे दो लोहे की wheels और एक Button था। दो लोहे की wheels की मदद से Cursor को Control किया जाता था और Button की मदद से कोई चीजों को select या open किया जाता था।

नीच मे दिए गए Image को देखो। पहला Computer Mouse ऐसे दिखते थे-

Mouse in Hindi

माउस की प्रकार- Types of Mouse in Hindi ?

पहला माउस आविष्कार होने के बाद माउस की physically shape मे बहुत changes किया गेआ। और इस समय मे तो Mouse stylish भी हो गेआ है। माउस की physically shape के हिसाब से बहुत अलग अलग Types के माउस आज market मे available है और उन सब Types मे से कुछ Types आज के समय मे बहुत famous है। उसका वर्णन नीचे किया गया है-

1. Wired Mouse/Optical Mouse in Hindi ?

आधुनिक समय मे Mouse की सभी Types मे से सबसे Famous Types है इस Wired Mouse/Optical Mouse । इस Mouse को सभी जगह पर इस्तेमाल किया जाता है। इस माउस LED – Light Emitting Diode तथा DSP – Digital Signal Processing तकनीक पर कार्य करता है। इस Optical Mouse को USB माउस भी कहा जाता है।

2. Wireless Mouse in Hindi ?

Computer से Connect होने के लिए इस Mouse मे कोई भी प्रकार की wire नहीं होती है इसलिए इस mouse को Cordless mouse या Wireless Mouse कहा जाता है।

इस mouse की बनाबत optical mouse की तरह ही है। optical mouse जैसे काम करता है ठीक उसी तरह इस माउस भी काम करता है। Wireless mouse और Optical mouse मे एक ही फरक है बह है Wireless Mouse बिना wire के जरिए Computer से connect होती है और दूसरी तरफ optical mouse Wire के जरिए ही Computer से connect होती है।

wireless माउस के साथ एक USB Receiver दिया जाता है। उस USB Receiver को computer मे Present कोई भी USB port मे install करके इस mouse को आप use कर सकते हो। आज के समय मे इस Mouse का use बहुत बढ़ गेया है।

3. मैकेनिकल माउस क्या है – Ball/Mechanical Mouse in Hindi ?

इसके बाद माउस के जो Types आता है बह है mechanical mouse । इस माउस को ball mouse भी कहा जाता है। कंप्युटर को निर्देशों देने के लिए इस Mouse एक Ball का इस्तेमाल करते है , इसलिए इस mouse को Ball Mouse कहा जाता हैं। Optical mouse मे LED जो काम करते है mechanical mouse में ball बही काम करते है। मतलब माउस की Cursor /pointer को control करने का काम Optical mouse मे LED और mechanical mouse में Ball करते है ।

4. Vertical Mouse in Hindi ?

इसके बाद जो Types आता है माउस की वह है vertical Mouse । इंसान के Comfort को ध्यान में रखते हुए इस माउस को design किया गया है। Normal mouse मे जो जो button रहता है इसमें भी बही button रहता है । But इसका design normal mouse की तरह नहीं है कुछ अलग प्रकारके है। कुछ इस प्रकार के दिखते है –

What Mouse in Hindi

Mouse के और भी बहुत सारे Types को जानने के लिए इस link पर click करो –

  • MOUSE के हर एक TYPES के बारे में जानिए – TYPES OF MOUSE IN HINDI

माउस कैसे काम करते है -How to Work Mouse in Hindi ?

Mouse क्या है और उनके types भी क्या क्या है उनके बारे मे तो आप जान गए है। और अब आप जानंगे Mouse कैसे काम करते है। और एक बात Mouse कैसे काम करते है इसको जानने के लिए आपको पहले mouse के अंदर में क्या क्या parts रहता है बह जानना परेगा। चलिए दोस्तो mouse के अंदर क्या क्या Parts रहता है बह हम जान लेते है –

Mouse के Internal Parts –

hindi essay on mouse

  • Button:- माउस के अंदर basically 2 Buttons होते है। एक Left Button और एक Right Button। इस दो button कि मदद से हम File को खोलना, बंद करना ,एक जगह से दूसरी जगह ले जाना, और भी बहुत सारे काम को करते है।
  • Scrolling Wheel :- माउस के अंदर इस Scrolling Wheel की मदद से हम कोई भी page के ऊपर और नीचे Cursor को ले जाते है।
  • LED :- माउस के अंदर एक LED Light होता है। Mouse को Power On करते ही उस LED Light on हो जाता है। Mouse सही तरह से काम करने के लिए ईस LED Light महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। क्यूंकी LED Light ही माउस की cursor को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में मदद करता है।
  • Light Reflector/Mirror Optical Lens:- माउस के अंदर इस lens रहता है। उस lens LED light की रोशनीको CMOS Camera के ऊपर Reflect कराने का काम करता है।
  • CMOS Camera Sensor :-माउस के अंदर इस CMOS Camera Sensor LED Light के जरिए Photo खींचता है। इस camera Sensor 1 sec मे 1000 images को capture करती है।
  • DSP IC:- माउस के अंदर इस DSP IC उन capture करी Images को Cursor/Pointer मे Convert करता है और उन Signal को कंप्युटर में भेजता है।

Related Notes –

  • COMPUTER PARTS IN HINDI- हर एक PARTS की DETAILS INFORMATION
  • CPU क्या है (WHAT IS CPU IN HINDI) & उसकी जानकारी अब हिन्दी मे
  • RAM क्या है(WHAT IS RAM IN HINDI) और कैसे काम करते है ?
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माउस कैसे काम करते है – How to Work Mouse in Hindi

माउस के अंदर internal Parts और उन parts की कामों के बारे मे आप जान चुके है। अब जान लेते है Mouse कैसे काम करते है । आप जरूर देखे होंगे Mouse on होते ही माउस के अंदर एक LED light glow करते रहते है। माउस सही तरह से काम करने के लिए उस LED light महतपूर्ण भूमिका निभाती है। क्यूंकी LED Light ही माउस की cursor को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए मदद करता है।

mouse in Hindi

हम जब Mouse को up & down मे Movement कराते है, तब LED light की रोशनी Mirror Optical Lens से गुसरके CMOS Camera Sensor पर परती है। उस समय CMOS Camera Sensor LED Light की रोशनी की जरिए Continuously Photo खींचता रहता है जब तक mouse movement कर रहा है। CMOS Camera Sensor उन सभी Photos को DSP IC मे भेज देते है और DSP IC उन Images को Cursor/Pointer की आकार मे Convert करके screen पर show कराता है। इसी तरह Mouse काम करते है। जैसे आप ऊपर की image में देख रही हो।

Mouse Pointer/Cursor की बिभिन्न रूप और उनका मतलब

आप सायद देखे होंगे Mouse की Pointer/Cursor Situation की हिसाब से आपना रूपको बदलता है। मतलब जब Computer की background मे कोई process चल रहा होता तब Mouse की Pointer Round या sand watch की आकार मे आ जाती है। और इसके एलाबा cursor की और भी बहुत सारे रूप होते है और उन सब shape क्या क्या है नीच मे दी गई image मे देख ली जिए।

माउस द्वारा होने वाले कार्य – Functions of Mouse in Hindi

mouse के द्वारा बहुत सारे कार्ये किया जाता है। चलिए देख लेते है mouse के द्वारा क्या क्या कार्ये किया जाता है-

  • Selecting : Mouse के द्वारा Computer Screen पर उपलब्ध किसी भी item को mouse की Left button को press करके Select किया जाता है।
  • Single Click : Mouse के left button को एक बार दबाना और उसे छोड़ देना Single Click कहलाता है। Single Click के द्वारा किसी Item को select करना, menu को खोलना, किसी Webpage पर उपलब्ध Link को खोलना आदि कार्य किए जाते है.
  • Double Click : Mouse के left button को एक साथ दो बार जल्दी से दबाने पर Double Click होती है। Double Click एक तरह से शॉर्टकट कि तरह कार्य करती है. इसके द्वारा किसी भी Item, file, program आदि को खोला जा सकता है. इसके अलावा किसी द्स्तावेज में कोई भी शब्द select करने के लिए भी double click का इस्तेमाल किया जाता है।
  • Right Click :-इस Left Right button के जरिए कोई भी items का additional Information को जान सकते है। मतलब कोई भी File या folder को right click करके उस File या Folder के बारे मे बहुत कुछ information को जान सकते है।
  • Dragging and Dropping : Mouse के द्वारा Computer Screen पर उपलब्ध किसी भी item को एक जगह से दूसरे जगह ले जाने के लिए Mouse की Dragging and Dropping क्रिया का इस्तेमाल किया जाता है।
  • Scrolling :- Mouse Wheel द्वारा किसी भी Document या Webpage को ऊपर से नीचे सरकाना Scrolling कहलाता है। ऊपर की तरफ सरकाने के लिए Wheel को अपनी तरफ घुमाना पड़ता है और नीचे की तरफ सरकाने के लिए बाहर की तरफ घुमाना पड़ता है.
  • कंप्युटर की परिभाषा क्या है – DEFINITION OF COMPUTER IN HINDI ?
  • कंप्युटर क्या है – WHAT IS COMPUTER IN HINDI? जानिए DETAILS मे
  • कंप्युटर की प्रकार – TYPES OF COMPUTER IN HINDI?
  • कंप्युटर की इतिहास और उसके बिकास – HISTORY OF COMPUTER IN HINDI?
  • COMPUTER की पीढ़ियाँ -GENERATION OF COMPUTER IN HINDI?

Mouse के Buttons

  • Left mouse button:- Computer Mouse मे Left mouse button की काम हम सब लोग जानते है। इस Left mouse button के जरिए Select, कोई File या Folder को Open करना, कोई भी game मे इस Left button Action button का काम करते है, etc. इसके एलाबा इस Button से और भी काम किया जा सकता है।
  • Right mouse button:- इस Right button के जरिए कोई भी items का additional Information को जान सकते हो । मतलब कोई भी File या folder को right click करके उस File या Folder के बारे मे बोहोत कुछ information को आप जान सकते हो।
  • Middle mouse button or wheel button : हम ज्यादातर mouse के दो button (Left button और Right button) के बारे मे परिचित है। but mouse मे present wheel button के कामों के बारे मे कोई बात नहीं करते है चलिए जान लेते है mouse की wheel button की कामों के बारे मे। mouse के wheel button को browser मे कोई link को new tab मे open करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
  • Thumb buttons :-कोई mouse मे एक Extra Button दिए जाते है । उस Extra Button को आप आपने जरूरत के हिसाब से programming करके use कर सकते हो । मतलब आप keyboard मे कोई button को बार बार use करते हो आप उस button को mouse के extra button मे programming करके use कर सकते हो।
  • DPI Button :- इस DPI Button ज्यादातर Gaming Mouse मे दिखाई देती है। इस button का काम होता है Mouse Pointer/Cursor की Movement को Control करना। मतलब Mouse Pointer/Cursor की Movement को थोरा fast करने या थोरा Slow करने का काम DPI Button करते है। Normal mouse मे क्या होता है Pointer/Cursor की Movement को Control करने के लिए आपको माउस के setting मे जाना परता है but इस Button के जरिए आप आसानिसे Pointer/Cursor की Movement को Control कर सकते हो।

What is Mouse in Hindi

Mouse के Interface – Interface of Mouse in Hindi

सब सेश मे आता है Mouse की interface या Connection। और इस connection की हिसाब से Mouse को तीन भागों में बाटा गेआ है बह है  wire , PS2, Wireless । चलिए एक एक करके सब जान लेते हैं-

Connection के हिसाब से पहले जो माउस आता है वह है PS2 Mouse। इसकी खूबी यह है इसमें डाटा ट्रांसफर बहुत फास्ट होता है। और इसकी disadvantage यह है पहले तो इस कीबोर्ड plug & play डिवाइस नहीं है और दूसरा इसको computer मे install करना थोड़ा difficult है। और इसी के लिए आज के जमाने में इस माउस का यूज़ नहीं किया जाता है।

इसके बाद जो कीबोर्ड आता है USB माउस। इस माउस आज बहुत famous है इसका main कारण है पहले तो इस type के माउस Plug & Play होता है और इसको कंप्यूटर में Install करना बहुत easy है। इसका एक Disadvantage है इसमें डाटा ट्रांसफर थोड़ा slow होता है PS2 के तुलना में। But USB का generation जितना up हो रहा है उतना इसका  speed  मे सुधर आ रहा है।

Wireless Mouse

Wireless Mouse ps2 और usb की तरह उतना fast तो नहीं होते लेकिन इस type के माउस मे कोई केबल नहीं रहता तो cable को संभालने की भी जरूरत नहीं होती है । इसका सबसे बड़ा advantage है कंप्यूटर के सामने बैठकर ही माउस को use करना पड़ेगा ऐसा नहीं, इसको आप चाहे तो कंप्यूटर से दूर बैठ कर भी इस माउस की मदद से आप काम कर सकते हो। यह भी plug & play होता है ।

उम्मीद करता हूँ, आप  Mouse क्या है और उसके प्रकार – What is Mouse in Hindi?  इस notes को पूरा पढ़ने के बाद आपका सभी confusion clear हो गेया है और इस note से बहुत कुछ शिखने को मिला है। परन्तु यदि आपको इस पोस्ट में किसी जानकारी का अभाव लगता है या आपके पास इससे सम्बंधित कोई सवाल है. तो कृपया नीचे comment कर हमें जरूर बताये. आपके सुझाव हमारे लिए बहुत मायने रखते है. और एक बात आपको अगर किसी भी topic पर जानकारी चाहिए,जो अभी तक मैंने cover नहीं की तो आप नीच में comment करके बह topic बता सकते हो। आपका topic clear करने की मैं पूरा कोशिश करूंगा।

Avik Ghara

मेरा नाम Avik, मैं IT Intelligance का Author हूँ। और वर्तमान समय में मैं George Telegraph Training Institute में Computer Hardware & Networking Engineering का शिक्षक हूँ। और शिक्षक होने के नाते मुझे कंप्युटर और नेटवर्किंग के बारे में सीखना और दूसरों को सिखाने में बड़ा मज़ा आता है।

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Computer Hindi Notes

माउस क्या हैं और माउस के प्रकार

hindi essay on mouse

What is Mouse (माउस क्या हैं ?)

कंप्यूटर के साथ कम्युनिकेशन करने के लिए माउस एक और महत्वपूर्ण उपकरण है। आम तौर पर इसे पॉइंटिंग डिवाइस के रूप में जाना जाता है, यह आपको स्क्रीन पर ऑब्जेक्ट्स को इंगित करने देता है, उन पर क्लिक करता है, और उन्हें मूव करता है। वर्तमान समय में माउस सर्वाधिक प्रचलित Pointer Device है, जिसका प्रयोग चित्र या ग्राफिक्स (Graphics) बनाने के साथ साथ किसी बटन (Button) या मेन्यू (Menu) पर क्लिक करने के लिये किया जाता है | इसकी सहायता से हम की-बोर्ड का प्रयोग किये बिना अपने पी.सी. को नियंत्रित कर सकता है |

Table of Contents

माउस में दो या तीन बटन होते है जिनकी सहायता से कंप्यूटर को निर्देश दिये जाते है| माउस को हिलाने पर स्क्रीन पर Pointer Move करता है| माउस के नीचे की ओर रबर की गेंद (Boll) होती है| समतल सतह पर माउस को हिलाने पर यह गेंद घुमती है|

Mouse

माउस के कार्य:-

  • क्लिकिंग (Clicking)
  • डबल क्लिकिंग (Double Clicking)
  • दायाँ क्लिकिंग (Right Clicking)
  • ड्रैगिंग (Dragging)
  • स्क्रोलिंग (Scrolling)

माउस के प्रकार:-

माउस प्रायः तीन प्रकार के होते है |

  • मैकेनिकल माउस (Mechanical Mouse)
  • प्रकाशीय माउस (Optical Mouse)
  • तार रहित माउस (Cordless Mouse)

मैकेनिकल माउस (Mechanical Mouse):

मैकेनिकल माउस (Mechanical Mouse) वे माउस होते है| जिनके निचले भाग में एक रबर की गेंद लगी होती है जब माउस को सतह पर घुमाते है तो वह उस खोल के अंदर घुमती है माउस के अंदर गेंद के घूमने से उसके अंदर के सेन्सर्स (Censors) कंप्यूटर को संकेत (Signal) देते है|

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प्रकाशीय माउस (Optical Mouse):-

प्रकाशीय माउस (Optical Mouse) एक नये प्रकार का नॉन मैकेनिकल (non-mechanical) माउस है | इसमें प्रकाश की एक पुंज (किरण) इसके नीचे की सतह से उत्सर्जित होती है जिसके परिवर्तन के आधार पर यह ऑब्जेक्ट (Object) की दूरी, तथा गति तय करता है |

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तार रहित माउस (Cordless Mouse):-

तार रहित माउस (Cordless Mouse) वे माउस है जो आपको तार के झंझट से मुक्ति देता है| यह रेडियो फ्रीक्वेंसी (Radio frequency) तकनीक की सहायता से आपके कंप्यूटर को सूचना कम्युनिकेट (Communicate) करता हैं| इसमें दो मुख्य कम्पोनेंट्स ट्रांसमीटर तथा रिसीवर होते है ट्रांसमीटर माउस में होता है जो इलेक्ट्रोमैग्नेटिक (Electromagnetic) सिग्नल (Signal) के रूप में माउस की गति तथा इसके क्लिक किये जाने की सूचना भेजता है रिसीवर जो आपके कंप्यूटर से जुड़ा होता है उस सिग्नल को प्राप्त करता है |

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Computer Notes in Hindi

Types of Mouse in Hindi – माउस के प्रकार

हेल्लो दोस्तों! आज हम इस आर्टिकल में  (Types of Mouse in Hindi – माउस के प्रकार)  के बारें में पढेंगे. इसे बहुत ही आसान भाषा में लिखा गया है. इसे आप पूरा पढ़िए, यह आपको आसानी से समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं:-

  • 1 Types of Mouse in Hindi – माउस के प्रकार
  • 2 1- Optical Mouse (ऑप्टिकल माउस)
  • 3 2 – Mechanical mouse (मैकेनिकल माउस)
  • 4 3- Wireless Mouse (वायरलेस माउस)
  • 5 4- Wired Mouse (वायर्ड माउस)
  • 6 5- Laser Mouse (लेज़र माउस)
  • 7 6– Foot Mouse (फुट माउस)
  • 8 7- Trackball Mouse (ट्रैकबॉल माउस)
  • 9 8- Touchpad (टचपैड)
  • 10 9- Joystick (जॉयस्टिक)
  • 11 10- Intellimouse (इंटेलीमाउस)

माउस के बहुत सारें प्रकार होते हैं जिनके बारें में नीचे दिया गया है –

  • Optical Mouse (ऑप्टिकल माउस)
  • Mechanical Mouse (मैकेनिकल माउस)
  • Wireless Mouse (वायरलेस माउस)
  • Wired Mouse (वायर्ड माउस)
  • Laser Mouse (लेज़र माउस)
  • Foot Mouse (फुट माउस)
  • Trackball Mouse (ट्रैकबॉल माउस)
  • Touchpad (टचपैड)
  • Joystick (जॉयस्टिक)
  • Intellimouse (इंटेलीमाउस)

1- Optical Mouse (ऑप्टिकल माउस)

Optical Mouse एक विशेष प्रकार का कंप्यूटर माउस होता है जिसमें कर्सर की movement (गति) को detect करने के लिए light (प्रकाश) का इस्तेमाल किया जाता है।

ऑप्टिकल माउस में LED लाइट होती है जो जमीन की सतह (surface) पर एक प्रकार की रोशनी पैदा (produce) करती है।

सरल शब्दो में कहे तो “ऑप्टिकल माउस एक इनपुट डिवाइस है जिसका इस्तेमाल कंप्यूटर की स्क्रीन पर cursor या pointer को घुमाने (move) के लिए किया जाता है।”

इस माउस का आविष्कार 1999 में microsoft के द्वारा किया गया था। ऑप्टिकल माउस एक पॉइंटिंग डिवाइस होता है जो कर्सर को move करने के लिए गेंद (ball) के स्थान पर LED light या सेंसर का उपयोग करता है।

ज्यादातर ऑप्टिकल माउस की light लाल होती है क्योंकि उसमें जो LED इस्तेमाल होती है वह सस्ती होती है तथा photodetectors लाल प्रकाश के प्रति अधिक sensitive (संवेदनशील) होते है।

यह माउस गैर चमकदार सतह पर अच्छे से काम करता है। ज्यादातर माउस वायरलेस होते है लेकिन कुछ वायर्ड भी होते है।

ऑप्टिकल माउस के फायदे

1- यह माउस एडवांस और मॉडर्न होते है।

2- यह वायर्ड और वायरलेस दोनों में उपलब्ध है।

3- यह ज्यादा महंगे नहीं होते जिसके कारण इन्हे खरीदना आसान हो जाता है।

4- इस माउस में एक प्रकार का कैमरा होता है जो एक सेकंड में हजार या उससे अधिक तस्वीरों को खीचने में सक्षम होता है।

5- यह माउस यूजर को अधिक सटीकता (accuracy) प्रदान करते है।

6- ऑप्टिकल माउस में एडवांस टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता है। इसमें LED (लाइट एमिटिंग डायोड), ऑप्टिकल सेंसर और DSP (डिजिटल सिग्नल प्रोसेसिंग) का इस्तेमाल किया जाता है।

ऑप्टिकल माउस के नुकसान

1- यह माउस कांच वाली सतह पर अच्छे से काम नहीं करते।

2- इस माउस की सतह के निचे एक चमकदार रौशनी होती है जो यूजर को परेशान कर सकती है।

3- ऑप्टिकल माउस की सतह पर गंदगी आसानी से चिपक जाती है।

Optical mouse in Hindi

इसे भी पढ़े –

  • ऑप्टिकल माउस क्या है और इसके प्रकार
  • मैकेनिकल माउस क्या है?

2 – Mechanical mouse (मैकेनिकल माउस)

Mechanical Mouse एक विशेष प्रकार का माउस होता है जिसके नीचे एक रबर की एक ball (गेंद) लगी रहती है। यह बॉल कर्सर को कंप्यूटर स्क्रीन पर घुमाने का काम करती है।

मैकेनिकल माउस को रबर बॉल माउस भी कहते हैं। इसमें रबर की एक गेंद होती है जिसके कारण इसे किसी भी direction (दिशा) में आसानी से घुमाया (move) जा सकता है।

मैकेनिकल माउस चिकिनी सतह (smooth surface) पर अच्छे से काम करता है और इसका वजन अन्य माउस की तुलना में भारी होता है।

इस माउस का उपयोग फाइलों को select करने के लिए, प्रोग्राम को ओपन करने के लिए, फाइलों को डिलीट करने के लिए और एप्लीकेशन को ओपन करने के लिए किया जाता है।

इस माउस का आकार ऑप्टिकल माउस के समान ही होता है और दोनों के कार्य करने का तरीका भी काफी समान होता है।

मैकेनिकल माउस के फायदे

1- मैकेनिकल माउस का उपयोग कांच वाली सतह पर किया जा सकता है।

2- इसका उपयोग करना आसान है।

3- यह माउस लम्बे समय तक चलते है।

4- यह माउस यूजर को अधिक सटिकता (accuracy) प्रदान करता है।

5- इस माउस का उपयोग करके यूजर को अच्छा अनुभव प्राप्त होता है।

मैकेनिकल माउस के नुकसान

1- इस माउस को नियमित रूप से साफ़ करना पड़ता है।

2- इस माउस का उपयोग करने के लिए सपाट सतह (flat surface) की ज़रूरत पड़ती है।

3- इस माउस का ज्यादा उपयोग करने से यूजर की हथेलियों (palms) में दर्द होने लगता है।

mechanical mouse in hindi

3- Wireless Mouse (वायरलेस माउस)

Wireless Mouse एक प्रकार का माउस होता है जिसे कंप्यूटर के साथ जोड़ने के लिए वायरलेस तकनीक जैसे (ब्लूटूथ , Wi – Fi , रेडियो तरंगे (signal) और RF (रेडियो फ्रीक्वेंसी) का उपयोग किया जाता है।

दुसरे शब्दो में कहे तो “वायरलेस माउस एक ऐसा माउस होता है जिसमें किसी भी प्रकार के wire (तार) का इस्तेमाल नहीं किया जाता।”

वायरलेस माउस में ट्रांसमिटर और रिसीवर का उपयोग किया जाता है जो सिग्नल को भेजने और प्राप्त करने में मदद करते है। ट्रांसमिटर का उपयोग सिग्नल को ट्रांसफर करने और रिसीवर का उपयोग सिग्नल को प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

इस माउस को cordless mouse के नाम से भी जाना जाता है जो यूजर को कंप्यूटर के साथ संचार (communication) करने में मदद करता है।

पहले वायरलेस माउस का आविष्कार 1984 में हुआ था जिसका नाम Logitech Metaphor था।

यह माउस काफी ज्यादा विश्वसनीय (reliable) होते है जिनकी range काफी अच्छी होती है। यूजर इस माउस का उपयोग कमरे के किसी भी कोने से कर सकता है।

इस माउस में किसी भी प्रकार की केबल या वायर का उपयोग नहीं किया जाता जिसके कारण यूजर किसी भी दिशा में इस माउस को ले जा सकता है और घुमा सकता है।

इसके तीन प्रकार होते है पहला ऑप्टिकल माउस , दूसरा RF माउस और तीसरा ब्लूटूथ माउस।

वायरलेस माउस के फायदे

1- यह माउस यूजर फ्रेंडली होता है।

3- यह कंप्यूटर के साथ आसानी से कनेक्ट हो जाता है।

4- इस माउस में यूजर किसी भी स्थान से कंप्यूटर को इनपुट दे सकता है।

5- इन्हे कही पर भी ले जाया जा सकता है।

वायरलेस माउस के नुकसान

1- ये वायर्ड माउस की तुलना में महंगे होते है।

2- यह कम विश्वसनीय (reliable) होते है।

3- यदि यूजर माउस को कंप्यूटर से अधिक दूरी पर लेकर जाते है तो connection (सम्पर्क) अपने आप टूट जाता है।

4- यह ज्यादा लम्बे समय तक नहीं चलते।

wireless mouse in hindi

4- Wired Mouse (वायर्ड माउस)

Wired Mouse एक विशेष प्रकार का माउस है जिसमें wire (तार) का इस्तेमाल कंप्यूटर से जुड़ने के लिए किया जाता है।

दूसरे शब्दों में कहें तो, “वायर्ड माउस एक प्रकार का इनपुट डिवाइस है जो एक USB केबल के माध्यम से कंप्यूटर सिस्टम के साथ कनेक्ट होता है।”

यह एक ऐसा माउस है जो सीधे (direct) आपके कंप्यूटर सिस्टम के साथ जुड़ता है और USB port के माध्यम से कंप्यूटर को इनपुट प्रदान करता है।

यह माउस तेज गति से कंप्यूटर को इनपुट या कमांड देता है। यह एक लोकप्रिय माउस है जिसका इस्तेमाल ज्यादातर घरो और ऑफिस में किया जाता है।

यह यूजर को अधिक सटीकता (accuracy) प्रदान करता है। यह वायरलेस माउस की तुलना में अधिक विश्वसनीय (reliable) होता है क्योकि यह डायरेक्ट कंप्यूटर के साथ जुड़ता है जिसके कारण सम्पर्क टूटने की संभावना कम होती है।

इस माउस को 1960 में जर्मनी के एक engineer के द्वारा विकसीत (develop) किया गया था।

वायर्ड माउस के फायदे

1- वायर्ड माउस का उपयोग करना आसान होता है।

2- यह अधिक लचीला (flexible) है।

3- यह वायरलेस माउस की तुलना में सस्ता है।

4- यह नए कंप्यूटर के साथ मुफ्त में मिलता है।

5- यह वायरलेस माउस की तुलना में तेज गति (speed) से कार्य करता है।

वायर्ड माउस के नुकसान

1- इसका उपयोग करने के लिए सपाट सतह की आवश्यकता पड़ती है।

2- वायर्ड माउस का उपयोग धूल वाली जगहों पर नहीं किया जा सकता।

3- इस माउस का उपयोग करने के लिए यूजर को कंप्यूटर के पास बैठना पड़ता है।

wired mouse in hindi

  • वायरलेस माउस क्या है?
  • वायर्ड माउस क्या है?

5- Laser Mouse (लेज़र माउस)

यह एक ऑप्टिकल माउस है जो माउस की गति (movement) का पता लगाने के लिए लेज़र लाइट का उपयोग करता है।

लेज़र माउस एक pointing device होता है जिसमें यूजर के हाथ की गति (movement) का पता लगाने के लिए एक ball के बजाय लेज़र लाइट का प्रयोग किया जाता है।

इस माउस का आविष्कार 2004 में Logitech के द्वारा किया गया था। लेज़र माउस का उपयोग गेमिंग, ग्राफिकल या इंजीनियरिंग डिजाइन के लिए किया जाता है।

अन्य माउस की तुलना में यह माउस अधिक महंगे होते है लेकिन इनकी performance भी काफी अच्छी होती है।

इस माउस की निचली सतह (surface) पर लाल रंग की एक लाइट होती है जो कंप्यूटर स्क्रीन पर कर्सर में घुमाने (move) मदद करती है।

यह माउस अधिक टिकाऊ होते है जो लम्बे समय तक चलते है। यह वायर्ड और वायरलेस दोनों में उपलब्ध है।

लेज़र माउस के फायदे

1- यह यूजर को अधिक सटीकता प्रदान करता है।

2- इसका उपयोग किसी भी प्रकार की सतह में किया जा सकता है।

3- यह एक एडवांस और मॉडर्न माउस है।

4- इसका इस्तेमाल करना आसान है।

5- यह लम्बे समय तक चलते है।

लेज़र माउस का नुकसान

1- यह अन्य माउस की तुलना में महंगा होता है।

laser mouse in hindi

  • लेज़र माउस क्या है और इसके फायदे

6– Foot Mouse (फुट माउस)

यह एक प्रकार का कंप्यूटर माउस है जिसमे यूजर अपने पैरो का उपयोग करके कर्सर को नियत्रित कर सकता है।

सरल शब्दो में कहे तो “फुट माउस एक इनपुट डिवाइस है जिसमे यूजर अपने पैरो के माध्यम से कंप्यूटर को इनपुट देता है।”

इस माउस को इसलिए विकसित किया गया है ताकि यूजर अपने हाथो में माउस के स्थान पर कीबोर्ड रख सके और पैरो से कंप्यूटर को इनपुट दे सके।

इस माउस का उपयोग उन लोगो के द्वारा ज्यादा किया जाता है जो अपने हाथो का उपयोग नहीं कर पाते।

फुट माउस के फायदे

1- इस माउस में कंप्यूटर को कमांड देने के लिए हाथो की आवश्यकता नहीं पड़ती।

2- यह productivity (उत्पादकता) को बढ़ाने में मदद करता है।

3- यह gamers के लिए लोकप्रिय होता है।

फुट माउस के नुकसान

1- इसका उपयोग करना मुश्किल होता है।

2- इसमें यूजर कंप्यूटर को तेज गति से कमांड नहीं दे सकता।

foot mouse in hindi

7- Trackball Mouse (ट्रैकबॉल माउस)

Trackball mouse एक हार्डवेयर डिवाइस है जिसका इस्तेमाल नोटबुक, लेपटॉप और कंप्यूटर में किया जाता है।

ट्रैकबॉल माउस एक इनपुट डिवाइस होता है जिसका उपयोग कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में इनपुट देने के लिए किया जाता है।

इस माउस को Trackball Mouse इसलिए कहते हैं क्योंकि इसमें एक ball लगी रहती है जो कर्सर की movement (गति) को track करती है।

ट्रैकबॉल माउस का सबसे बड़ा फायदा यह है की हमे कर्सर को घुमाने के लिए पुरे माउस को घुमाने की आवश्यकता नहीं पड़ती। इसमें जो गेंद होती है हम उसके माध्यम से माउस को बिना हिलाये कर्सर को किसी भी स्थान पर घुमा सकते है।

पहले ट्रैकबॉल का आविष्कार 1946 में Ralph Benjamin के द्वारा किया गया था। उस समय इस बाल का नाम रोलर बॉल रखा गया था।

इस माउस को कर्सर कण्ट्रोल डिवाइस के नाम से भी जाना जाता है जो किसी भी सतह (surface) पर आसानी से काम कर सकता है।

ट्रैकबॉल के फायदे

1- यह माउस तेज गति से कार्य करते है।

2- इस माउस का उपयोग किसी भी सतह पर किया जा सकता है।

3- यह यूजर को अधिक सटिकता (accuracy) प्रदान करते है।

4- इस माउस में कर्सर को घुमाने के लिए पुरे माउस को घुमाने (move) की आवश्यकता नहीं पड़ती।

5- इस माउस का उपयोग करने के लिए कम जगह की ज़रूरत पड़ती है।

ट्रैकबॉल माउस के नुकसान

1- इस माउस का उपयोग करना मुश्किल होता है।

2- इसका स्ट्रक्चर काफी जटील (complex) होता है।

3- अन्य माउस की तुलना में काफी महंगा होता है।

4- इस माउस को नियमित रूप से साफ़ करना पड़ता है।

trackball mouse in hindi

8- Touchpad (टचपैड)

Touchpad एक इनपुट डिवाइस है जिसका उपयोग mouse के स्थान पर किया जा सकता है। इस डिवाइस का उपयोग मुख्य रूप से laptop में किया जाता है।

इस डिवाइस में यूजर अपनी उंगलियों का उपयोग करके कर्सर या पॉइंटर को किसी भी direction (दिशा) में घुमा सकता है।

माउस की तरह ही इसमें left और right दो बटन होते है जो किसी ऑब्जेक्ट को select करने में मदद करते है।

टचपैड का उपयोग करके यूजर object को select कर सकता है , किसी प्रोग्राम को open कर सकता है , और किसी फाइल को delete भी कर सकता है।

टचपैड के फायदे

1- टचपैड का उपयोग करना आसान होता है।

2- इसमें यूजर अपनी उंगलियों के माध्यम से कर्सर को किसी भी दिशा में घुमा सकता है।

3- यह काफी तेज होता है।

टचपैड के नुकसान

1- टचपैड में काफी सिमित जगह होती है जिसके कारण यूजर को समस्याओ का सामना करना पड़ता है।

2- यह डेस्कटॉप कंप्यूटर के लिए लोकप्रिय नहीं होते।

touchpad

9- Joystick (जॉयस्टिक)

joystick एक प्रकार का इनपुट डिवाइस है जिसमे एक प्रकार की छड़ी (stick) होती है जो कर्सर को सभी दिशाओ में move करने में मदद करती है।

joystick माउस के समान होती है जो कंप्यूटर के कर्सर को नियंत्रित करने में मदद करती है। इस डिवाइस को कंप्यूटर के साथ जोड़ने के लिए USB पोर्ट का उपयोग किया जाता है।

हमारे पास विभिन्न प्रकार के USB पोर्ट उपलब्ध है जैसे :- ब्लूटूथ, सीरियल पोर्ट, USB, गेम पोर्ट आदि।

जॉयस्टिक का आविष्कार 1926 में C. B. Mirick के द्वारा किया गया था।

जॉयस्टिक के फायदे

1- यह डिवाइस यूजर को सभी दिशाओ में कर्सर को move करने में मदद करता है।

2- यह तेज गति से कार्य करता है।

3- इसमें navigate करना आसान है।

4- यह डिवाइस गेम खेलने के लिए लोकप्रिय है।

जॉयस्टिक के नुकसान

2- यह डिवाइस आसानी से टूट जाते है।

3- यह लम्बे समय तक नहीं चलते।

joystick

10- Intellimouse (इंटेलीमाउस)

यह ऑप्टिकल माउस का एक प्रकार है जिसका निर्माण 1996 में microsoft के द्वारा किया गया था।

intellimouse को स्क्रॉल माउस या व्हील माउस के नाम से भी जाना जाता है। यह माउस सामान्य माउस की तरह होता है जिसमे दो बटन के बीच एक scroller wheel होता है जो उपर निचे करने में मदद करता है। इस माउस का डिज़ाइन माउस 2.0 पर आधारित था।

इंटेलीमाउस के फायदे

1- इस माउस का उपयोग करना आसान होता है।

2- यह तेज गति से कंप्यूटर को इनपुट देता है।

IntelliMouse के नुकसान

1- यह माउस कम लचीला होता है।

intellimouse in hindi

Exam में पूछे जाने वाले प्रश्न

इस माउस में यूजर किसी भी स्थान से कंप्यूटर को इनपुट दे सकता है।

Reference: – https://www.javatpoint.com/mouse

निवेदन:-  अगर आपके लिए  ( Types of Mouse in Hindi – माउस के प्रकार )  का यह पोस्ट उपयोगी रहा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ अवश्य share कीजिये. और आपके जो भी questions हो उन्हें नीचे comment करके बताइए. धन्यवाद.

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Hindi Essay

चूहे के बारे में 10 वाक्य | 10 Lines on Mouse in Hindi

10 lines on mouse in hindi.

10 Lines on Rat (Mouse) in Hindi | चूहे के बारे में 10 वाक्य कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के लिए। चूहे ऐसे जीवो में से है जो घर, जंगल, पहाड़ आदि स्थानों पर आसानी से रह सकते है। इन्हे अनाज, गेहू, रोटी आदि खाना बहुत पसंद होता है। चूहे कई रंग के पाए जाते है जैसे, भूरा, काला, और सफ़ेद आदि, अक्सर लोग सफ़ेद चूहों को घर पर पलना पसंद करते है क्यूंकि वे देखने में बहुत ही सूंदर होते है। आइये जानते है, चूहे के बारे में 10 वाक्य।

Set (1) 10 Lines on Mouse in Hindi

1. चूहे एक स्तनधारी और फुर्तीले जीव होते है।

2. चूहे के मुंह का आकार नुकीला होता है और उसके 12 दांत होते हैं।

3. इस जीव के दो छोटी-छोटी चमकीली आंखें होती है।

4. चूहे की एक लंबी सी पूछ होती है।

5. चूहे के शरीर पर छोटे-छोटे घने बाल होते हैं।

6. चूहे के मुंह के दोनों तरफ मुंछ भी होती है।

7. चूहे के चार पैर होते हैं और प्रत्येक में पाँच पंजे होते हैं।

8. इसके दो छोटी-छोटी कान होते है जिसकी श्रवन शक्ति बहुत तेज होती है।

9. चूहे की एक नाक भी होती है जिसके सूंघने की क्षमता बहुत तेज होती है।

10. चूहे कई रंगों के होते है जैसे भूरा, सफेद, स्लेटी, काला आदि है।

ये भी देखें – 10 Lines on dance in Hindi

********************************

Set (2) 10 Lines on Mouse in Hindi

1. चूहे भी अन्य जीव जंतुओं की तरह स्तनधारी जीव होते है।

2. चूहे हमेशा घरों या मिट्टी में अपना घर बनाकर रहते है।

3. बहुत से लोग चूहे को घर में पालना पसंद करते हैं।

4. चूहे के मुंह के दोनों तरफ लंबी-लंबी मुंछे होती है।

5. चूहे की औसत आयु लगभग 2 वर्ष की होती है।

6. चूहे हेमशा झुंड में रहना पसंद करते है।

7. यह अन्य जीवो के सामान ही बच्चे को जन्म देते है।

8. वैज्ञानिकों अक्सर रिसर्च में चूहे का ही उपयोग करते है।

9. इसकी फुर्ती, चंचलता और सुंदरता के कारण बहुत से लोगों पसंद करते है।

10. चूहे हजारो वर्षों से पृथ्वी पर रहते आ रहे है।

ये भी देखें – 10 Lines on abulance in Hindi

FAQs. 10 Lines on Mouse in Hindi

चूहा कहाँ रहता है.

उत्तर – चूहे आमतौर पर घरो, जंगलो , खेतो और भूमि में बिल बनाकर रहते हैं। घर के चूहों को अटारी, और छतों पर रहते हुए देखा जा सकता है। चूहे गैर-वनस्पति वनस्पति में भी घोंसला या बिल बनाकर रह सकते हैं, जैसे – लंबी घास, झाड़ियाँ, पेड़ की जड़ आदि ।

चूहा क्या खाता है?

उत्तर – घर में चूहे रोटी और अनाज कहते है जबकि जांगले में चूहे फल, पौधे और बीज जैसी चीजें खाना पसंद करते है और उनके शाकाहारी होने की अधिक संभावना होती है। हालांकि, शहर में रहने वाले चूहे कचरा और मांस खाना पसंद करते हैं। वे घर का भोजन और सामने आने वाले किसी भी मानव भोजन का उपभोग करते है।

क्या चूहे खतरनाक हैं?

उत्तर – अक्सर चूहों से इंसानों में बीमारियां पहुंचाना का खतरा बना रहता है। क्यूंकि, अगर चूहे मनुष्यों को काटते या खरोंचते हैं या फिर अपनी मल और मूत्र घर के आसपास छोड़ देते हैं तो ये बीमारी फ़ैलाने का कारन बन सकते है। अगर चूहे भोजन को दूषित कर देते हैं तब भी मनुष्य  बीमार हो सकते हैं।

कौन से खाद्य पदार्थ चूहों को मारते हैं?

उत्तर – खाद्य प्रदार्थ में केवल कुछ ही मानव खाद्य पदार्थ चूहों के लिए हानिकारक होते हैं। नीला पनीर, जो आपके पालतू जानवर को मार सकता है। इसके अलावा नद्यपान, खसखस और कड़वे बादाम तथा हरे आलू अधिकांश जानवरों के लिए जहरीले होते हैं। चूहे भी उतने ही संवेदनशील होते जितना की अन्य पशु हैं।

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10 Lines on Mouse in Hindi

चूहा पर 10 लाइन हिंदी अंग्रेजी और मराठी में !

आज हम  Mouse पर 10 Lines का निबंध साझा कर रहे हैं। यह लेख उन छात्रों की मदद कर सकता है जो हिंदी में  Mouse के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं ।

यह निबंध बहुत ही सरल और याद रखने में आसान है। इस निबंध का स्तर मध्यम है इसलिए कोई भी छात्र इस विषय पर लिख सकता है। यह लेख आम तौर पर Class : 1, 2, 3 4 के विद्यार्थियों के लिए लिखी गई है।

10 /5 Lines on Mouse in Hindi For Class 1 To 3

10 Lines on Mouse in Hindi

1 .  चूहे ऐसे जीवो में से है जो घर, जंगल, पहाड़ आदि स्थानों पर आसानी से रह सकते है।

2.  चूहे के मुंह के दोनों तरफ लंबी-लंबी मुंछे होती है।

3.  चूहा एक स्तनधारी जीव है ।

4.  चूहा बहुत ही फुर्तीले होते है।

5.  चूहे के मुंह का आकार नुकीला होता है और उसके 12 दांत होते हैं।

6.  चूहा कई रंग के होते है – भूरे ,काले ,ग्रे और सफ़ेद ।

7.  चूहा, बिल्ली का प्रमुख आहार है।

8.  चूहा का मुख्य भोजन अनाज होता है लेकिन यह कपड़ो को भी कुतरते है।

9.  चूहे की औसत आयु लगभग 2 वर्ष की होती है।

10.  वैज्ञानिकों अक्सर रिसर्च में चूहे का ही उपयोग करते है।

10 /5 Lines on Mouse   in English For Class 1 To 4

1.  Mouse are mammals.

2.  Mouse are omnivores.

3.  The shape of the rat’s mouth is sharp and it has 12 teeth.

4. Mouse are of many colors – brown, black, gray and white.

5. Mouse are very agile.

6.  Mouse always like to live in herds.

7- The average lifespan of a mouse is about 2 years.

8. Mouse like to eat things like fruits, plants, and seeds and they are more likely to be vegetarians

9.  Some people keep mouse as a pet.

10.  Mouse also used for their meat. Cambodia, Laos, Africa, China and Vietnam eat mouse meat.

10 Lines on Mouse in Marathi For Class 1 To 3

1.  उंदीर अशा प्राण्यांमध्ये आहेत जे घर, जंगल, पर्वत इत्यादी ठिकाणी सहज राहू शकतात.

2.   उंदीर सर्वभक्षी आहेत.

3.   उंदीर हे सस्तन प्राणी आहेत.

4. उंदीर अतिशय चपळ असतात.

5.  उंदीर अनेक रंगांचे असतात – तपकिरी, काळा, राखाडी आणि पांढरा.

6.  उंदराचे सरासरी आयुष्य सुमारे 2 वर्षे असते.

7.  उंदीर नेहमी कळपामध्ये राहायला आवडतात.

8. उंदीर फळे, वनस्पती आणि बिया यासारख्या गोष्टी खाण्यास आवडतात आणि ते शाकाहारी असण्याची अधिक शक्यता असते

9.   काही लोक उंदीर पाळीव प्राणी म्हणून ठेवतात.

10.  वैज्ञानिक वारंवार रिसर्च मध्ये चूहे का उपयोग करते.

Cover All Topics Here – 10 Lines in Hindi

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Mouse In The House Story for Kids

Introduction to kid’s stories.

There are also several untold stories of how Hurricane Sandy harmed non-human species. Mice that found safety in our home is one such story. Steve and I assumed the mice were also victims of Hurricane Sandy, as we assumed they had fled in fright from our shed to the nearest safe haven—our house.

These mice inspired Steve to create “A Mouse in the House”, a true story.

A mouse sneaked inside a house. The mouse was first noticed by Granny. She jumped onto the sofa and exclaimed, "Mouse! Mouse!"

All of the pillows were thrown on the ground.

Granny, showing the mouse

Granny, Showing the Mouse

"Where! Where!" Dad yelled as he climbed up the window. He drew the curtains all the way down. "It's right there!" Mom exclaimed as she jumped onto the table. The plates all crashed on the floor.

"Go, grab the mouse," Mithun said to his pet cat. The cat hid under the bed.

Mithun yelled, "Mouse!" and ran after the cat.

"I'll catch the mouse," the mother declared bravely.

She took up the broom and began searching the area.

"It's right behind you," Dad exclaimed. When Mom saw the mouse, she hid beneath the bed.

"I know what to do," Granny replied as she decided to step down from the sofa.

She started to roll the newspaper and looked for the mouse.

Dad, who was hanging from the window, said, "The mouse is right next to you!" Granny hid under the bed when she saw the mouse. "What should I do now?" Dad asked softly.

Family, searching for mouse

Family, searching for mouse

Dad was unable to reach the top of the window. Before Mouse could see him, he came down from the window and hid under the bed.

"Mouse in the house!" shouted the entire group. Choti awoke from her sleep when she heard the noise and sat on the rug. Who, however, is sitting on her pillow???

It was two-eyed, four-legged, and had a long tail. Choti shouted, "Mouse!" and ran after the mouse.

Choti running behind the mouse

Choti Running Behind the Mouse

They jumped on the sofa, climbed on the window, and rolled on the pillows.

They ran on the curtains and tripped on the plates and phew!! The mouse was out of the house.

The moral of the story is to be compassionate. Some of us are more frail than others and require special attention. Compassion is not a sign of immaturity. It is an indication of high character strength and a strong human spirit. In this story, Steve showed a great deal of sympathy for the little creatures. He possessed a remarkable capacity for love and compassion for all living beings. It was because of this that he became a giant among men.

FAQs on Mouse In The House Story for Kids

1. Why are stories important for kids?

Stories encourage a child's imagination by introducing new concepts, such as imaginative worlds, other planets, various points in time, and fictional characters, into their world. It will teach the kids the belief that they can and should imagine whatever they desire.

2. How do stories help kids to develop imaginations?

The beauty of storytelling is that it can be both incredibly realistic and fantastical. They can be reading about youngsters growing up in similar circumstances to them one minute and then reading about another species, such as Martians vacationing on Jupiter, the next.

3. How can kids improve their confidence levels by listening to stories?

Children who can read proficiently are more likely to be self-assured. This will help kids at school because they will be able to fully participate in activities. Knowing your place in the world is another aspect of developing confidence and self-esteem. Stories can aid this process by demonstrating to youngsters what people's lives are like in their own regions, as well as in other parts of the world.

The Lion and Mouse Story in Hindi | शेर और चूहे की कहानी हिंदी में

In this article, we are sharing a Moral story- The Lion and Mouse Story in Hindi- Sher aur Chuha Ki Kahani with Moral for students and Kids.

The Lion and Mouse Story in Hindi

शेर और चूहा हिंदी कहानी

एकं जंगल में एक शेर रहता था। एक दिन वह गहरी नींद में सोया था। अचानक एक चूहा उसके शरीर पर उछल-कूद करने लगा। इस खलल से शेर की नींद टूट गई। चूहे की हरकत से वह बहुत क्रोधित हुआ। वह गुस्से में सोचने लगा- इस साधारण चूहे की यह हिम्मत।’ उसने चूहे को धीरे से पकड़ लिया। चूहा थर-थर काँपने लगा। वह शेर से अपने किये के लिए क्षमा माँगने लगा। चूहे ने कहा- आप मुझे छोड़ देंगे तो मैं एक दिन इस उपकार का बदला अवश्य चुकाऊँगा।

शेर को चूहे की बात पर हँसी आ गई और बोला- तुम जैसा दुर्बल जीव मेरी क्या सहायता करेगा। शेर की बात सुनकर चूहा चुप रहा। शेर को उस पर दया आ गई। उसने चूहे को छोड़ दिया। चूहा कूद कर भाग गया, जैसे कह रहा होजान बची लाखों पाए।

कुछ दिनों बाद एक दिन शेर एक शिकारी के जाल में फंस गया। शेर छुटकारा पाने के लिए छटपटाने लगा। वह जितना ही छटपटाता उतना ही और जाल फँसता जाता। अन्त में वह जोर-जोर से दहाड़ने लगा। शेर की दहाड़ चूहे के कान में पड़ी। वह सोचने लगा कि शेर अवश्य किसी संकट में फँस गया है। वह झटपट शेर के पास पहुँचा शेर की हालत देखकर वह बहुत दुःखी हुआ। चूहा बोला- ‘मित्र, घबड़ाओ नहीं। मैं आ गया हूँ।’ तुरंत जाल काटता हूँ।

शेर निरीह आँखों से चूहे को देखने लगा। चूहे ने झटपट जाल काट दिया। शेर जाल से मुक्त हो गया। उसने चूहे को प्रेमपूर्वक गले लगा लिया और बोला- संसार में किसी को छोटा नहीं समझना चाहिए।

चूहे ने कहा- भाई, एक दिन आपने मुझे मुक्त किया था और आज मैंने आपको मुक्त किया। चूहा अपने बिल में चला गया और शेर जंगल की ओर। सच है- उपकार का बदला उपकार बहुत बड़ा धर्म है।

कहानी से सीख ( Lion and Mouse Story Moral in Hindi )

बाहरी स्वरुप देखकर किसी की योग्यता का आंकलन नहीं करना चाहिए।

उपकार कभी व्यर्थ नहीं जाता किसी न किसी रूप में उसका फ़ल अवश्य प्राप्त होता है।

ध्यान दें – प्रिय दर्शकों The Lion and the Mouse Story in Hindi आपको अच्छा लगा तो जरूर शेयर करे । कमेंट में भी लिख कर बतायें Hindi Lion and Mouse story कैसी लगी। 

जरूर पढ़े-

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10 lines about Lion in Hindi

जैसी करनी वैसी भरनी कहानी

1 thought on “The Lion and Mouse Story in Hindi | शेर और चूहे की कहानी हिंदी में”

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Very nice story this is first story i am reading very enjoyed the story

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moral story

शेर और चूहे की कहानी | Story of lion and Mouse

Table of Contents

शेर और चूहे की कहानी हिंदी में (Story of lion and Mouse in Hindi)

एक जमाने में जंगल का राजा शेर और चूहा हुआ करते थे। एक बार जब शेर गहरी नींद में सो रहा था तो बिल से एक चूहा निकला और शेर पर कूदने लगा। चूहे के इस तरह कूदने से शेर की नींद खुल गई और शेर ने चूहे को पकड़ लिया।

शेर द्वारा चूहे को पकड़े जाने के बाद चूहा बहुत डर गया। चूहे को डरा हुआ देखकर शेर ने कहा कि तुमने मेरी नींद खराब कर दी है, अब मैं तुम्हें खाकर अपनी भूख मिटाऊंगा। चूहा अपने आप को असहाय देखकर बोला, “हे जंगल के राजा, मुझे एक छोटा सा जीव खाने से तुम्हारी भूख नहीं मिटेगी, मुझे मत खाओ।”

हे सिंह राजा, मैं आपसे विनती करता हूं कि आप मुझे छोड़ दें, अगर कभी आप पर कोई मुसीबत आए तो मैं आपकी मदद कर सकता हूं। यह सुनकर शेर हंसने लगा। तुम बहुत छोटे हो, क्या तुम मेरी मदद करोगे? तेरी फरमाइश पर आ, आज तुझे छोड़ दूँगा, पर अगली बार ऐसा किया तो तुझे नहीं छोड़ूँगा। यह कहकर शेर ने चूहे को छोड़ दिया।

कुछ दिनों के बाद जब शेर जंगल में खाने की तलाश में भटक रहा था तो शेर एक शिकारी द्वारा फैलाए गए जाल में फंस गया। शेर अपने को छुड़ाने का भरसक प्रयास करने लगा। लेकिन खुद को छुड़ा नहीं पाया। कुछ देर बाद शेर जोर-जोर से दहाड़ने लगा। शेर की दहाड़ सुनकर चूहा वहां आ गया। चूहे ने जैसे ही शेर को जाल में फंसा देखा चूहा तुरंत शेर के पास पहुंच गया। चूहे ने जब शेर को जाल में फंसा देखा तो चूहे ने फौरन अपने तीखे दांतों से जाल को काटना शुरू कर दिया। कुछ देर बाद चूहे ने पूरा जाल काट डाला। जाल काटने के बाद शेर आजाद हो गया। चूहे की इस मदद से शेर बहुत भावुक हो गया। शेर ने चूहे को धन्यवाद दिया और उस दिन के बाद से दोनों अच्छे दोस्त बन गए।

कहानी से सीखें

इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि शरीर के आधार पर किसी को छोटा या बड़ा नहीं समझना चाहिए

शेर और चूहे की कहानी इंग्लिश में (Story of lion and Mouse in English)

Once upon a time there used to be a lion and a mouse, the king of the jungle. Once when the lion was fast asleep, a mouse came out of the hole and started jumping on the lion. The lion’s sleep was awakened by the rat’s jumping like this and the lion caught the rat.

After the mouse was caught by the lion, the mouse got very scared. Seeing the rat scared, the lion said that you have disturbed my sleep, now I will satisfy my hunger by eating you. Seeing himself helpless, the rat said, “O king of the jungle, eating me a small creature will not satisfy your hunger; don’t eat me.”

O lion king, I request you to leave me, if ever any trouble comes upon you, I can help you. The lion started laughing after hearing this. You are very young, will you help me? Come on your request, today I will leave you, but next time I will not leave you if I do this. Saying this the lion left the mouse.

After a few days, when the lion was wandering in the forest in search of food, the lion got trapped in a net spread by a hunter. The lion started trying hard to free himself. But could not get rid of himself. After some time, the lion started roaring loudly. Hearing the roar of the lion, the mouse came there. As soon as the mouse saw the lion trapped in the trap, the mouse immediately reached the lion. When the mouse saw the lion trapped in the trap, the mouse immediately started biting the trap with its sharp teeth. After some time the rat cut the whole trap. After cutting the trap, the lion became free. With this help of the mouse, the lion became very sentimantal . The lion thanked the mouse and the two became good friends from that day onwards.

Learn from story

We learn from this story that no one should be considered small or big just on the basis of body.

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सुभाष चन्द्र बोस पर निबंध (Subhash Chandra Bose Essay in Hindi)

सुभाष चन्द्र बोस

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को हुआ और इनका निधन 18 अगस्त 1945 में हुआ था। जब इनकी मृत्यु हुयी तो ये केवल 48 वर्ष के थे। वो एक महान भारतीय राष्ट्रवादी नेता थे जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारत की आजादी के लिये द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बड़ी हिम्मत से लड़ा था। नेताजी 1920 और 1930 के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के स्वच्छंदभाव, युवा और कोर नेता थे। वो 1938 में कांग्रेस अध्यक्ष बने हालांकि 1939 में उन्हें हटा दिया गया था। नेताजी भारत के एक क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने बहुत संघर्ष किया और एक बड़ी भारतीय आबादी को स्वतंत्रता संघर्ष के लिये प्रेरित किया।

सुभाष चन्द्र बोस पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Subhash Chandra Bose, Subhash Chandra Bose par nibandh Hindi mein)

सुभाष चन्द्र बोस पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

सुभाष चन्द्र बोस पूरे भारतवर्ष में नेताजी के नाम से मशहूर हैं। वो भारत के एकमहान क्रांतिकारी थे, जिन्होंने भारत की आजादी में बहुत योगदान दिया। 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा में कटक के एक अमीर हिन्दू परिवार में इनका जन्म हुआ।

प्रारंभिक शिक्षा

सुभाषजी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कटक में एंग्लों इंडियन स्कूल से पूरी की और कलकत्ता विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। वो एक बहादुर और महत्वाकांक्षी भारतीय युवा थे जिन्होंने सफलतापूर्वक आई.सी.एस परीक्षा पास होने के बावजूद, अपनी मातृभूमि की आजादी के लिये असहयोग आंदोलन से जुड़ गये।

आज़ाद हिन्द फ़ौज की स्थापना

महात्मा गांधी के साथ कुछ राजनीतिक मतभेदों के कारण, 1930 में कांग्रेस के अध्यक्ष होने के बावजूद उन्होंने कांग्रेस को छोड़ दिया। नेताजी ने अपनी खुद की भारतीय राष्ट्रीय शक्तिशाली पार्टी ‘आजाद हिन्द फौज’ बनायी क्योंकि उनका मानना था कि भारत को एक आजाद देश बनाने के लिये गांधीजी की अहिंसक नीति सक्षम नहीं है।

स्वतंत्रता संग्राम और मृत्यु

वो जर्मनी गये और कुछ भारतीय युद्धबंदियों और वहाँ रहने वाले भारतीयों की मदद से भारतीय राष्ट्रीय सेना का गठन किया। आजाद हिन्द फौज और एंग्लों अमेरिकन बलों के बीच एक हिंसक लड़ाई में दुर्भाग्यवश, नेताजी सहित आजाद हिन्द फौज को आत्मसमर्पण करना पड़ा। जल्द ही वे, टोक्यो के लिये प्लेन में छोड़े गये हालांकि फारमोसा के आंतरिक भाग में प्लेन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। उस प्लेन दुर्घटना में नेताजी की मृत्यु हो गयी।

नेताजी का साहसिक कार्य आज भी लाखों भारतीय युवाओं को देश के लिये कुछ कर गुजरने के लिये प्रेरित करता है। सुभाष चंद्र बोस एक विचार के रूप में जन – जन के बीच सदा के लिए अमर रहेंगे। भारत देश ऐसे वीर सपूतों के योगदान के लिए सदा ऋणी रहेगा।

इसे यूट्यूब पर देखें : Subhash Chandra Bose par Nibandh

Subhash Chandra Bose par Nibandh – निबंध 2 (250 शब्द)

भारतीय इतिहास में सुभाष चन्द्र बोस एक सबसे महान व्यक्ति और बहादुर स्वतंत्रता सेनानी थे। भारत के इतिहास में स्वतंत्रता संघर्ष के लिये दिया गया उनका महान योगदान अविस्मरणीय हैं। वो वास्तव में भारत के एक सच्चे बहादुर हीरो थे जिसने अपनी मातृभूमि की खातिर अपना घर और आराम त्याग दिया था। वो हमेशा हिंसा में भरोसा करते थे और ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता पाने के लिये सैन्य विद्रोह का रास्ता चुना।

उनका जन्म एक समृद्ध हिन्दू परिवार में 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा के कटक में हुआ था। उनके पिता जानकी नाथ बोस थे जो एक सफल बैरिस्टर थे और माँ प्रभावती देवी एक गृहिणी थी। एक बार उन्हें ब्रिटिश प्रिसिंपल के ऊपर हमले में शामिल होने के कारण कलकत्ता प्रेसिडेंसी कॉलेज से निकाल दिया गया था। उन्होंने प्रतिभाशाली ढंग से आई.सी.एस की परीक्षा को पास किया था लेकिन उसको छोड़कर भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई से जुड़ने के लिये 1921 में असहयोग आंदोलन से जुड़ गये।

नेताजी ने चितरंजन दास के साथ काम किया जो बंगाल के एक राजनीतिक नेता, शिक्षक और बंगलार कथा नाम के बंगाल सप्ताहिक में पत्रकार थे। बाद में वो बंगाल कांग्रेस के वालंटियर कमांडेंट, नेशनल कॉलेज के प्रिंसीपल, कलकत्ता के मेयर और उसके बाद निगम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रुप में नियुक्त किये गये।

अपनी राष्ट्रवादी क्रियाकलापों के लिये उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा लेकिन वो इससे न कभी थके और ना ही निराश हुए। नेताजी कांग्रेस के अध्यक्ष के रुप में चुने गये थे लेकिन कुछ राजनीतिक मतभेदों के चलते गांधी जी के द्वारा उनका विरोध किया गया था। वो पूर्वी एशिया की तरफ चले गये जहाँ भारत को एक स्वतंत्र देश बनाने के लिये उन्होंने अपनी “आजाद हिन्द फौज” को तैयार किया।

Essay on Subhash Chandra Bose in Hindi – निबंध 3 (400 शब्द)

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस भारत के एक महान देशभक्त और बहादुर स्वतंत्रता सेनानी थे। वो स्वदेशानुराग और जोशपूर्ण देशभक्ति के एक प्रतीक थे। हर भारतीय बच्चे को उनको और भारत की स्वतंत्रता के लिये किये गये उनके कार्यों के बारे में जरुर जानना चाहिये। इनका जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा के कटक में एक हिन्दू परिवार में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा उनके अपने गृह-नगर में पूरी हुयी थी जबकि उन्होंने अपना मैट्रिक कलकत्ता के प्रेसिडेंसी कॉलेज से किया और कलकत्ता विश्वविद्यालय के स्कॉटिश चर्च कॉलेज से दर्शनशास्त्र में ग्रेज़ुएशन पूरा किया। बाद में वो इंग्लैंड गये और चौथे स्थान के साथ भारतीय सिविल सेवा की परीक्षा को पास किया।

अंग्रेजों के क्रूर और बुरे बर्ताव के कारण अपने देशवासियों की दयनीय स्थिति से वो बहुत दुखी थे। भारत की आजादी के माध्यम से भारत के लोगों की मदद के लिये सिविल सेवा के बजाय उन्होंने राष्ट्रीय आंदोलन से जुड़ने का फैसला किया। देशभक्त देशबंधु चितरंजन दास से नेताजी बहुत प्रभावित थे और बाद में बोस कलकत्ता के मेयर के रुप में और उसके बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गये। बाद में गांधी जी से वैचारिक मतभेदों के कारण उन्होंने पार्टी छोड़ दी। कांग्रेस पार्टी छोड़ने के बाद इन्होंने अपनी फारवर्ड ब्लॉक पार्टी की स्थापना की।

 सुभाष चन्द्र बोस

वो मानते थे कि अंग्रेजों से आजादी पाने के लिये अहिंसा आंदोलन काफी नहीं है इसलिये देश की आजादी के लिये हिंसक आंदोलन को चुना। नेताजी भारत से दूर जर्मनी और उसके बाद जापान गये जहाँ उन्होंने अपनी भारतीय राष्ट्रीय सेना बनायी, ‘आजाद हिन्द फौज’। ब्रिटिश शासन से बहादुरी से लड़ने के लिये अपनी आजाद हिन्द फौज में उन देशों के भारतीय रहवासियों और भारतीय युद्ध बंदियों को उन्होंने शामिल किया। सुभाष चन्द्र बोस ने अंग्रेजी शासन से अपनी मातृभूमि को मुक्त बनाने के लिये “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा” के अपने महान शब्दों के द्वारा अपने सैनिकों को प्रेरित किया।

ऐसा माना जाता है कि 1945 में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की मृत्यु एक प्लेन दुर्घटना में हुयी थी। ब्रिटिश शासन से लड़ने के लिये उनकी भारतीय राष्ट्रीय सेना की सभी उम्मीदें उनकी मृत्यु की बुरी खबर के साथ समाप्त हो गयी थी। उनकी मृत्यु के बाद भी, कभी न खत्म होने वाली प्रेरणा के रुप में भारतीय लोगों के दिलों में अपनी जोशपूर्ण राष्ट्रीयता के साथ वो अभी-भी जिदा हैं। वैज्ञानिक विचारों के अनुसार, अतिभार जापानी प्लेन दुर्घटना के कारण थर्ड डिग्री बर्न की वजह से उनकी मृत्यु हुयी। एक अविस्मरणीय वृतांत के रुप में भारतीय इतिहास में नेताजी का महान कार्य और योगदान चिन्हित रहेगा।

Essay on Subhas Chandra Bose in Hindi

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Essay On Mouse: The Evolution Of The Computer Mouse

Essay On Mouse: The Evolution Of The Computer Mouse

Essay On Mouse: The computer mouse is a vital component of computing technology that has revolutionized the way we interact with computers. It was first invented in the 1960s, and since then, it has become an indispensable tool for navigating user interfaces and interacting with computer software. This Essay On Mouse will explore the history and origin of the computer mouse, its anatomy, types, usage, common problems, and solutions, as well as the future of mouse technology.

Table of Contents

Essay On Mouse

In this blog Essay On Mouse, we include About Essay On Mouse, in 100, 200, 250, and 300 words. Also cover Essay On Mouse for classes 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, and up to the 12th class and also for kids, children, and students. You can read more  Essay Writing in 10 lines about sports, events, occasions, festivals, etc… Essay On Mouse is also available in different languages. In this Essay On Mouse, the following features are explained in the given manner.

History And Origin Of The Computer Mouse

The first computer mouse was invented by Douglas Engelbart, a computer scientist, in 1963. The mouse was made out of wood and had two metal wheels that could roll in any direction. Engelbart demonstrated the use of the mouse in a historic 1968 presentation that showcased several revolutionary computing technologies. The mouse quickly gained popularity and was adopted by Xerox PARC in the 1970s, where it was further developed and refined.

Anatomy Of A Mouse

The physical components of a computer mouse include the body, buttons, scroll wheel, and optical sensor. The body is the outer shell of the mouse and contains the buttons and scroll wheel. The buttons are used for left-clicking, right-clicking, and middle-clicking, while the scroll wheel is used for scrolling up and down on web pages or documents. The optical sensor is located at the bottom of the mouse and detects the mouse’s movement.

Types Of Mouse

There are different types of computer mice, including wired vs. wireless mice, optical vs. mechanical mice, and gaming mice vs. regular mice. Wired mice connect to the computer through a USB or PS/2 port, while wireless mice use Bluetooth or a USB receiver to communicate with the computer. Optical mice use an LED or infrared sensor to detect movement, while mechanical mice use a rubber ball and mechanical sensors. Gaming mice have advanced features such as customizable buttons, adjustable DPI, and RGB lighting.

Types Of Mouse

Mouse Usage And Benefits

The mouse is used to navigate user interfaces, select text, drag and drop files, and perform other functions. Basic mouse functions include left-clicking, right-clicking, and scrolling. Advanced mouse features include gestures, keyboard shortcuts, and customizable buttons. Using the mouse efficiently can enhance productivity and reduce strain on the hands and wrists.

Common Mouse Problems And Solutions

Common problems with computer mice include erratic movement, unresponsive buttons, and connectivity issues. These problems can be caused by outdated drivers, interference from other devices, or hardware issues. Troubleshooting tips include updating drivers, moving the mouse receiver closer to the computer, and cleaning the mouse’s optical sensor.

Future Of Mouse Technology

The future of mouse technology is likely to include more advanced features such as touch sensors, haptic feedback, and advanced gesture recognition. There are also emerging technologies such as brain-computer interfaces that could potentially replace the mouse altogether. However, the mouse is likely to remain a key component of computing technology for the foreseeable future.

The computer mouse has come a long way since its invention in the 1960s. It has become an indispensable tool for navigating user interfaces and interacting with computer software. Understanding the anatomy, types, and usage of the mouse can enhance productivity and reduce strain on the hands and wrists. Common mouse problems can be solved through troubleshooting tips, and the future of mouse technology is likely to include more advanced features. As computing technology continues to evolve, the mouse is likely to remain a vital component of human-computer interaction.

Read More: 10 Lines On Monitor

FAQ’s On Mouse Essay

Question 1. What is mouse short notes?

Answer: The computer mouse is an input device used to control the cursor on the screen. It typically has left, right, and middle buttons and a scroll wheel. The mouse can be connected to a computer via a wired or wireless connection. It is an essential tool for navigating user interfaces and interacting with computer software.

Question 2. What is called mouse?

Answer: The mouse is an input device used to control the cursor on a computer screen. It allows users to click, drag, and scroll through various software applications. It can be connected to a computer via a wired or wireless connection. The mouse is a vital tool for navigating user interfaces and interacting with computer software.

Question 3. What is mouse functions?

Answer: The primary functions of a computer mouse include left-clicking, right-clicking, and scrolling. It can also perform other functions such as selecting text, dragging and dropping files, and zooming in and out. Advanced mouse features include gestures, keyboard shortcuts, and customizable buttons. Using the mouse efficiently can enhance productivity and reduce strain on the hands and wrists.

Question 4. Who made the first mouse?

Answer: The first computer mouse was invented by Douglas Engelbart. Engelbart was a computer scientist who developed the mouse in 1963. The first mouse was made of wood and had two metal wheels that could roll in any direction. The mouse quickly gained popularity and became a standard component of modern computing technology.

Question 5. What is the first name of mouse?

Answer: The first computer mouse was originally called an “X-Y Position Indicator for a Display System”. It was invented by Douglas Engelbart and Bill English at the Stanford Research Institute. The first prototype of the mouse was made out of wood and had two metal wheels. The name “mouse” was later coined due to its resemblance to a small rodent.

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Hindi Essay (Hindi Nibandh) 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन

Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – Essays in Hindi on 100 Topics

हिंदी निबंध: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध लिखने की आवश्यकता होती है।

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इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

English Compositions

An Essay on My Favourite Cartoon Character Micky Mouse [PDF]

In this essay presentation, we are going to see an essay on my favourite cartoon character Micky mouse.

micky mouse essay

Childhood is full of options. When school is out, we get to sleep in, do what we want, within reason, and we get to watch a lot of television. On t.v. there are a lot of cartoon programs to watch.

Some are funny, some are boring and some can be downright insulting and it is a good thing that I can control the remote when those latter shows come on. One of the cartoons shows that stand out and quickly became my favorite is the one starring Mickey Mouse.

If a mouse can have a fan club and a television show called The Mickey Mouse Club hosted by Mouseketeers, he can’t be all that bad. I am aware that he has a long history and that the cartoons I see were made in the last century but those facts do not diminish the quality of the cartoons

Plus, Mickey comes with a host of supporting characters that make watching him so much fun. These other characters, like Donald Duck, Pluto, and so many others just add to the quality of the show. Like Mickey, they all have their own personalities that are unique and distinctive.

Their adventures together show true friendship, healthy competition and the fact that they stand by each other through the bad times make Mickey and his gang all the more enduring.

For a person like me, those positives make my childhood seem a lot better than it really was. It is fun to come home from school and turn the television set on. I usually make it home just in time to see the Mickey Mouse cartoons.

It is a highlight of my day as I laugh till it hurts. The times after school certainly make up for any bad day I had when I was at school. They get rid of my anger, fears, and frustrations as I am able to laugh by watching the antics of Mickey Mouse and his gang.

The Mouseketeers were okay but I don’t tune in to hear them sing or talk. For me, I want to see the talking mouse who has great adventures. I knew he isn’t real but that is just one of the enduring qualities that attract me to him.

I could pretend that he is real and that made watching him a lot more fun. I also liked the fact that he got a girlfriend. If a talking mouse could have one that meant there is hope for me.

Minnie Mouse is another good, positive character that helps make Mickey’s cartoons better. They seemed a bit more realistic and grown-up when she was added to the cast.

Mickey’s cartoons help fuel my own creativity. They help me develop my own imagination which takes me on my own adventures when I go to bed to get a little sleep. Inspired by Mickey’s escapades I dream up my own as I a lay there waiting to drift off to sleep.

Sometimes Mickey would be a part of my adventures, other times it is me against the world or me and my friends seeking some lost treasure. No matter which adventure I dream up to think about, Mickey’s influence was a part of them.

We have fun together and when it is raining out, those days just seemed less boring when his show is on television. Those cartoons certainly help time speed by. I guess what really attracts me to his cartoons was how they are made.

These are good, clean cartoons that entertain. They are made to be fun and they succeeded in those goals. I was entertained without having more worries added to my problems.

That is one thing that makes Mickey’s cartoons so good. They are just pure fun and that is what a kid like me needs at this time in his life.

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Read More Essay on Chota Bheem Essay on Ninja Hattori Essay on Doraemon Essay on Shinchan

English Short Story “The Lion and the Mouse” for School, College Students, Moral Story for Class 7, 8, 9, 10, Class 12, College Exams.

The Lion and the Mouse

Once a lion was soundly sleeping. A playful mouse jumped on him. This disturbed the lion. He woke up irritated and caught the mouse. The mouse saw its end near. It requested him to spare its life. Showing his large-heartedness he freed it from his paw. It thanked him and ran away. A few days later the lion was caught in the net of the hunters. He tried his utmost to free himself but remained unsuccessful. He roared and cried in despair. The mouse heard the heart-rending cries and rushed to that spot. Reaching there it started to gnaw the strong strings of the net. The trap was broken into pieces. The lion was free. He thanked the mouse and went his way.

Moral: One good turn deserves another.

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Essay, Paragraph, Speech on “Mickey Mouse : The World Famous Cartoon Character” Essay for Class 9, Class 10, Class 12 Class and Graduate Exams.

Mickey Mouse : The World Famous Cartoon Character

There is perhaps no greater American cartoon character than the world famous Mickey Mouse. Mickey Mouse is a creation of the late Walt Disney, who pioneered the age of theme parks into popular, American culture. Today, Mickey is the official mascot of the Walt Disney Corporation. He is what is called an anthropomorphic character, which is a term used to describe a non-human character that has human characteristics. Mickey can speak, laugh, cry, and use his hands like a human. He also walks on two legs rather than four. His trademark red shorts, large yellow shoes, white gloves, and over-sized mouse ears make him one of the most recognizable cartoon characters in America, and in the world.

Mickey was created by Disney in 1928 in the short film Steamboat Willie. That film was the first of 130 films starring the famous mouse. He has also starred in 10 full-length, feature films. In the 1930s, Mickey began to appear in comic books, and on November 18, 1978 he got his own star on the Hollywood Walk of Fame. He became the first cartoon character to earn a star on the historic sidewalk. Ten of his films have been nominated for the Academy Award for Best Animated Short Film with Lend a Paw winning the award. Walt Disney received an Honorary Award for creating the character in 1932.

One of the most popular children’s shows in American history was the “Mickey Mouse Club,” which ran from 1955 to 1996. Mickey has a girlfriend named Minnie Mouse, a dog named Pluto, and a host of friends that include Donald, and Daisy Duck, who are stars on their own.

Today, Mickey Mouse merchandise can be found worldwide. He appears in all Disney theme parks throughout the world. In 1988 Mickey made his last full-length film appearance when he starred in Who Framed Roger Rabbit. This was a significant occurrence because it was the first time that Disney characters starred alongside Warner Brother’s characters. The two corporations had been long-time rivals.

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