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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दीपावली पर निबंध हिंदी में
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दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) - दिवाली... ये शब्द सामने आते ही रोशनी से जगमग घर, शहर की तस्वीर दिमाग में आ जाती है। दिवाली हर भारतीय के लिए अपनों से जुड़े होने और अच्छाई करने की प्रेरणा देने वाला महापर्व है। दिवाली हमारे देश भारत के सबसे लोकप्रिय व महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। दिवाली को दीपावली भी कहते हैं। दीपावली को प्रकाश का पर्व कहा जाता है। दीपावली अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। दिवाली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार है जो हमारे देश की संस्कृति, सामाजिकता और सौहार्द्र को वैश्विक स्तर पर दर्शाता है। दीपावली के अवसर पर पांच दिनों तक दीपोत्सव मनाया जाता है जिसका समापन भाई दूज के बाद होता है। देश ही नहीं विश्वभर में मौजूद भारतीय मूल के लोग इस त्योहार को धूमधाम से मनाते हैं। गुरु नानक जयंती पर निबंध | पीएम इंटर्नशिप योजना
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दिवाली 2024 कब है : तारीख और समय
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इस महापर्व को मनाने के पीछे कई मान्यताएं हैं। सबसे प्रमुख मान्यता भगवान राम द्वारा 14 वर्ष वनवास से अध्योध्या आगमन की है। इस वनवास के दौरान प्रभु श्रीराम द्वारा माता सीता को हर कर ले जाने वाले अहंकारी रावण पर विजय प्राप्त करने की खुशी भी शामिल है। दिवाली का त्योहार यह संदेश भी देता है कि बुराई चाहे रावण जैसी बलवान और बुद्धिवान क्यों न हो, उसका एक दिन अंत होकर ही रहता है। बुराई का साथ देने वाले भले इंद्रजीत, कुंभकर्ण जैसे महाबली क्यों न हों उनका भी विनाश होना तय है। अपने पूज्य राम के रावण के विजय और वनवास समाप्त कर अयोध्या वापसी की खुशी में अयोध्यावासियों ने धूमधाम और हर्ष-उल्लास के साथ सजावट और तैयारियांं कर इस दिन को उत्सव की तरह मनाया तब से हर साल इस दिन यानी कार्तिक अमावस्या को दीपावली का उत्सव मनाया जाता है।
दिवाली त्योहार तथा इसकी खूबियों से छात्रों को परिचित कराने के लिए छोटी कक्षाओं में दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) का प्रश्न हिंदी तथा अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पूछा जाता है। इस हिंदी दिवाली निबंध (Diwali Essay in Hindi) से उन युवा शिक्षार्थियों को फायदा मिलेगा जो दीपावाली त्योहार पर हिंदी में निबंध (Diwali Essay in Hindi) लिखना चाहते हैं। साथ ही उन्हे Diwali 2024 kab hai के बारे में जानकारी भी प्राप्त होगी। हमने नीचे दिए गए निबंध में शुभ दिवाली त्योहार (Happy Diwali Festival in Hindi) के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने का एक छोटा-सा प्रयास किया है। बच्चे दिवाली पर हिंदी के इस निबंध (Diwali Essay in Hindi) से सीखकर लाभ उठा सकते हैं तथा वाक्य कैसे बनाए एवं किन बातों को दीपावली निबंध में जगह दी जाए, जैसी बातों को समझने के साथ ही अपने हिंदी लेखन कौशल को भी बेहतर बना सकते हैं।
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दिवाली हिंदू चंद्र-सौर महीनों अश्विन और कार्तिक में मनाई जाती है, जो आम तौर पर मध्य अक्टूबर और मध्य नवंबर के बीच आती है। प्राचीन हिंदू कैलेंडर के अनुसार, दिवाली प्रतिवर्ष कार्तिक माह के पंद्रहवें दिन अमावस्या को मनाई जाती है।
वर्ष 2024 में शुक्रवार, 1 नवंबर, 2024 रोशनी का त्योहार मनाया जाएगा। द्रिकपंचांग के अनुसार सबसे शुभ समय शाम 5:36 बजे और 6:16 इनके बीच है।
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दिवाली हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय व महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसे बड़े ही उत्साहपूर्वक और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। बच्चों को दिवाली पर निबंध (diwali par nibandh) लिखकर त्योहार के बारे में अपने आनंदमय अनुभव साझा करने का अवसर मिलता है। युवा आम तौर पर इस त्योहार को बहुत पसंद करते हैं क्योंकि यह सभी के लिए ढेर सारी खुशियाँ और उल्लास के पल लेकर आता है। अपने घर-परिवार से दूर अन्य प्रदेश, विदेश में रहकर रोजगार करने लोग भी इस समय अपने घर-परिवार के साथ दिवाली मनाने के लिए लंबी यात्रा कर अपनों के बीच आते हैं और अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं तथा अपने प्रियजनों के साथ दिवाली शुभकामनाएं (Happy Diwali wishes in Hindi) और उपहार साझा करते हैं।
दिवाली पर निबंध (diwali par nibandh in hindi)
अधिकतर लोग इस दौरान ऑनलाइन साल 2024 में दिवाली कब है, ढूंढते रहते हैं (What is the real date of Diwali in 2024?)। ऐसे में आपकी जानकारी के लिए बता दें कि साल 2024 में दिवाली पर्व 31 अक्टूबर को मनाई गई। हालांकि कुछ प्रदेशों में एक नवंबर को भी दीवाली मनाई जाएगी। वर्ष 2025 में दिवाली 21 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन विशेष रूप से धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। छात्र इस लेख में नीचे दिए गए दिवाली त्योहार पर निबंध (Essay of Diwali Festival) की जांच कर सकते हैं और दिवाली त्योहार के बारे में अपने व्यक्तिगत अनुभव व्यक्त करने या साझा करने के लिए इस विषय पर कुछ पंक्तियां लिखने का प्रयास कर सकते हैं। बच्चों को कक्षा मे दीपावली पर निबंध (dipawali per nibandh) लिखने को कहा जाता है। दिवाली पर निबंध (diwali par nibandh) लिखने के लिए आपको इस लेख से मदद मिलेगी।
दिवाली के पावन अवसर पर धन की देवी माँ लक्ष्मी, विघ्नहर्ता गणेश जी व कुबेर जी की विधि-विधान से पूजा करने का विशेष महत्व माना गया है। लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल में करने को सर्वाधिक फलदायक माना जाता है। इसके अलावा प्रदोष काल के दौरान स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजन विशेष फलदायक होता है। ऐसी मान्यता है कि स्थिर लग्न में की गई अपनी पूजा-आराधना से प्रसन्न होकर माता लक्ष्मी आराधक के घर में निवास करने लगती हैं। इस समय अधिकतर लोग ये जानना चाहते हैं कि Diwali 2024 kab hai। वर्ष 2024 में दीपावली का पर्व 31 अक्टूबर को मनाया गया। हालांकि कुछ प्रदेशों में एक नवंबर को भी दीवाली मनाई जाएगी। साल 2023 में दिवाली के अवसर पर 12 नवंबर को लक्ष्मी पूजन मुहूर्त गृहस्थजनों के लिए सायं 05:41 मिनट से रात 07:37 मिनट तक है। लक्ष्मी पूजन मुहूर्त की कुल अवधि लगभग 01 घंटे 55 मिनट रहेगी। वहीं साल 2022 में, 24 अक्टूबर को दिवाली का त्योहार देश भर में मनाया गया था।
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यहां बच्चों के लिए दिवाली पर हिंदी में निबंध (diwali par nibandh in hindi) दिया गया है, जिसकी मदद दीपावली पर निबंध (deepavali par nibandh) लिखते समय ली जा सकती है:
दीपावली का अर्थ: दिवाली जिसे "दीपावली" के नाम से भी जाना जाता है, भारत और दुनिया भर में रहने वाले हिंदुओं के सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है। ‘दीपावली' संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है – दीप + आवली। ‘दीप’ का अर्थ होता है ‘दीपक’ तथा ‘आवली’ का अर्थ होता है ‘शृंखला’, जिसका मतलब हुआ दीपों की शृंखला या दीपों की पंक्ति। दीपावली का त्योहार कार्तिक मास के अमावस्या के दिन मनाया जाता है। यह त्योहार दुनिया भर के लोगों द्वारा बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। हालांकि इसे हिंदू त्योहार माना जाता है, लेकिन विभिन्न समुदायों के लोग भी पटाखे और आतिशबाजी के जरिए इस उज्ज्वल त्योहार को मनाते हैं।
दीपावली त्योहार की तैयारी: दीपावली त्योहार की तैयारियां दिवाली से कई दिनों पहले ही आरंभ हो जाती है। दीपावली के कई दिनों पहले से ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई व रंगाई-पुताई करने में जुट जाते हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है कि जो घर साफ-सुथरे होते हैं, उन घरों में दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी विराजमान होती हैं तथा अपना आशिर्वाद प्रदान करके वहां सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी करती हैं। दिवाली के नजदीक आते ही लोग अपने घरों को दीपक और तरह-तरह के लाइट्स से सजाना शुरू कर देते हैं।
दिवाली में पटाखों का महत्व: दीपावली को "रोशनी का त्योहार - प्रकाश पर्व" कहा जाता है। इस दिन लोग मिट्टी के बने दीपक जलाते हैं और अपने घरों को विभिन्न रंगों और प्रकारों की रोशनी से सजाते हैं, जिसे देखकर कोई भी मंत्रमुग्ध हो सकता है। इस पर्व में बच्चों को पटाखे जलाना और विभिन्न तरह के आतिशबाजी जैसे फुलझड़ियां, रॉकेट, फव्वारे, चक्री आदि बहुत पसंद होते हैं।
महत्वपूर्ण लेख:
- बिहार बोर्ड 10वीं टाइमटेबल देखें
- छत्तीसगढ़ बोर्ड 10वीं टाइम टेबल
- एमपी बोर्ड 12वीं टाईमटेबल देखें
- एमपी बोर्ड 10वीं टाईमटेबल देखें
दिवाली का इतिहास : हिंदू मान्यताओं के अनुसार, दिवाली के दिन ही भगवान श्री राम 14 वर्षों के वनवास के बाद अपनी पत्नी सीता, भाई लक्ष्मण और उनके उत्साही भक्त हनुमान के साथ अयोध्या लौटे थे, अमावस्या की रात होने के कारण दिवाली के दिन काफी अंधेरा होता है, जिस वजह से उस दिन पूरे अयोध्या को दीपों और फूलों से भगवान श्री राम चंद्र के लिए सजाया गया था, ताकि भगवान राम के आगमन में कोई परेशानी न हो, तब से लेकर आज तक इसे दीपों का त्योहार और अंधेरे पर प्रकाश की जीत के रूप में मनाया जाता है।
इस शुभ अवसर पर, बाजारों में भगवान गणेश जी, लक्ष्मी जी, राम जी आदि की मूर्तियों की खरीदारी की जाती है। इस दौरान बाजारों में खूब चहल-पहल होती है। लोग इस अवसर पर नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयां आदि खरीदते है। हिंदुओं द्वारा देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है, क्योंकि व्यापारी दिवाली के पर्व पर नए बहीखाते की शुरुआत करते हैं। साथ ही, लोगों का मानना है कि यह खूबसूरत त्योहार सभी के लिए धन, समृद्धि और सफलता लाता है। लोग दिवाली के त्योहार के अवसर पर अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ उपहारों का आदान-प्रदान करने के लिए तत्पर रहते हैं।
दीपवाली से जुड़ी सामाजिक कुरीतियां
दीपावाली जैसे धार्मिक महत्व वाले पर्व के पावन अवसर पर भी कुछ असामाजिक तत्व अपने बुरी आदत जैसे शराब का सेवन, जुआ खेलना, टोना-टोटका करना और पटाखों के गलत इस्तेमाल से इसे ख़राब करने में जुटे रहते हैं। अगर समाज में दीपावाली के दिन इन कुरीतियों को दूर रखा जाए तो दिवाली का पर्व वास्तव में शुभ दीपावली हो जाएगा।
अन्य महत्वपूर्ण लेख :
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- दीपावली का त्योहार लगभग 5 दिनों का होता है। जिस के पहले दिन धनतेरस होता है। धनतेरस के दिन लोग धातु की वस्तुएं जैसे सोने और चांदी के आभूषण को खरीद कर अपने घर जरूर लेकर जाते हैं।
- दीपावली का दूसरा दिन नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। कुछ लोग इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाते हैं।
- तीसरा दिन दीपावली त्योहार का मुख्य दिन होता है। इस दिन देवी महालक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है।
- दीपावली के चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र के क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी एक उंगली पर उठा लिया था।
- दिवाली के त्योहार के आखिरी दिन को भाई दूज के रूप में मनाया जाता है।
ये भी देखें :
- हिंदी में निबंध- भाषा कौशल, लिखने का तरीका जानें
- दशहरा पर निबंध
1) दीपावली को दीपों का त्योहार या दीपोत्सव भी कहा जाता है।
2) दिवाली भारत के सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है।
3) यह त्यौहार भगवान राम की याद में मनाया जाता है जो चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे।
4) इस अवसर पर हिंदू अनुयायी मिट्टी के दीपक जलाते हैं और अपने घरों को रंगोली से सजाते हैं।
5) बच्चे इस त्योहार पर पटाखे जलाकर बहुत खुश होते हैं।
6) हिंदुओं में इस अवसर पर धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।
7) बच्चे, बूढ़े और जवान, सभी इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी और विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश की पूजा करते हैं।
8) इस दिन सभी लोग अपने दोस्तों और पड़ोसियों को मिठाइयाँ और उपहार देते हैं।
9) भारत में इस दिन सार्वजनिक अवकाश रहता है और लोग इस त्योहार को बड़े धूम-धाम के साथ मनाते हैं।
10) यह हिंदुओं के सबसे प्रिय और आनंददायक त्योहारों में से एक है, जिसे अन्य धर्म और संप्रदाय के लोग भी आपस में मिलजुल कर मनाते हैं।
- हिंदी दिवस पर कविता | हिंदी दिवस पर निबंध | हिंदी दिवस पर भाषण
वैदिक पंचांग के अनुसार, Dhanteras 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Dhanteras 2024 Date and Auspicious Time) कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 31 मिनट से शुरू होकर 30 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 15 मिनट पर समाप्त होगी। प्रदोष काल इस दिन संध्याकाल 5 बजकर 36 मिनट से लेकर 8 बजकर 11 मिनट तक है।
Diwali 2024 Date : कब है दिवाली? पूजा करने का शुभ मुहूर्त 31 अक्टूबर की शाम में 6:27 मिनट से लेकर रात में 8:32 मिनट तक है। दीपावली पूजा का निशिता मुहूर्त रात में 11:39 मिनट से देर रात 12 बजकर 31 मिनट तक है।
दीपावली पर निबंध (deepavali par nibandh) : वर्ष 2024 में, 29 अक्टूबर, 2024 को धनतेरस और 31 अक्टूबर, 2024 को छोटी दिवाली के बीच एक दिन का अंतराल होगा। यह क्रम हिंदू चंद्र कैलेंडर के आधार पर होगा।
प्रदोष काल : शाम 05:36 बजे से रात 08:11 बजे तक
वृषभ काल: सायं 06:20 बजे से रात्रि 08:15 बजे तक
अमावस्या तिथि आरंभ: 31 अक्टूबर 2024 को दोपहर 03:52 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त 1 नवंबर 2024 को शाम 6:16 बजे।
दीपावली पर निबंध (dipawali per nibandh) 150 शब्द (कक्षा 4 और 5 के छात्रों के लिए)
दिवाली पर निबंध (diwali nibandh in hindi) कक्षा 4 और 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में उपयुक्त हैं।
दिवाली पर निबंध हर साल परीक्षाओं में आने वाले सबसे महत्वपूर्ण निबंधों में से एक है। दिवाली, रोशनी का त्योहार है। यह हिंदू धर्म का एक बहुत पुराना उत्सव है। मान्यता है कि त्रेता युग में भगवान राम ने रावण का वध किया और लंका विजय के बाद माता सीता को लेकर अध्योध्या वापस लौटे। भगवान राम के 14 वर्षों के वनवास की समाप्ति और रावण पर विजय के साथ माता सीता को मुक्त कराकर अयोध्या लौटने की खुशी में अयोध्यावासियों ने घर-घर दीपक जलाए। खुशियां मनाईं। यह परंपरा आज भी जारी है। दुनियाभर में हिंदू धर्मावलंबी बहुत उत्साह के साथ दीपावली मनाते हैं।
इस त्योहार को लेकर बच्चों में खासा उत्साह रहता है। घर, दुकान में दीपावली से पहले सफाई की जाती है। सभी लोग नए कपड़े पहनते हैं। बच्चे पटाखे छोड़ते हैं। लोग अपने घरों को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाते हैं। दीपक जलाते हैं। दुकानों-प्रतिष्ठानो में मां लक्ष्मी की पूजा होती है। मिठाईयां बांटी जाती है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह अंधकार को दूर कर प्रकाश का भी प्रतीक है।
दिवाली पर निबंध (diwali nibandh in hindi) 250 शब्द (कक्षा 6,7 और 8 के छात्रों के लिए)
250 शब्दों की शब्द सीमा वाले दिवाली निबंध कक्षा 6,7 और 8 के छात्रों की परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं। दिवाली उल्लास और उत्सव का समय है। यह वह दिन है जब राजा रामचंद्र ने असुर सम्राट रावण को हराया और 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटे। अयोध्या वापसी पर अयोध्यावासियों ने अपने राजा राम का स्वागत दीप जलाकर किया। मान्यता है कि रामचंद्र की वापसी की खुशी में दीपावली मनाई जाती है।
लोग रंग-बिरंगी रोशनी से घरों को सजाते हैं। दीप-मोमबत्ती जलाते हैं। पकवान बनते हैं। लोग नए कपड़े पहनते हैं। मां लक्ष्मी की पूजा होती है। बच्चे और बड़े पटाखे-आतिशबाजी करते हैं।
आतिशबाजी दिवाली का एक लोकप्रिय हिस्सा बन गई है, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि त्योहार की असली भावना अपने प्रियजनों के साथ खुशियाँ फैलाना है। दिवाली जैसे त्यौहार परिवारों और दोस्तों के बीच के आपके बंधन को मजबूत करता है। यह एक ऐसा समय है जब हर कोई अपने परिवारों के साथ जश्न मनाने के लिए अपने गृहनगर वापस जाता है।
दिवाली के अवसर पर राष्ट्रीय अवकाश रहता है। इसलिए हर कोई त्योहार का आनंद उठाता है। रात होते ही उत्साह बढ़ता है। हर तरफ रोशनी दिखती है। माहौल में उल्लास का अनुभव होता है। दिवाली हमें धैर्य और जीवन में अच्छी चीजों की प्रतीक्षा करने का मूल्य सिखाती है। बच्चे उत्सुकता से उन स्वादिष्ट मिठाइयों और पकवानों का इंतज़ार करते हैं। यह एक ऐसा समय भी है जब घरों और आसपास की जगहों की अच्छी तरह सफाई होती है। दिवाली इस बात की शिक्षा देती है कि "अच्छे लोग हमेशा बुरे लोगों पर विजय प्राप्त करते हैं।"
दिवाली पर 300 शब्दों में निबंध (कक्षा 9,10 और 11 के छात्रों के लिए)
300 शब्दों में दिवाली पर निबंध कक्षा 9,10 और 11 के छात्रों के लिए उनकी परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह निबंध अक्सर हिंदी लेख में पूछा जाता है।
भारतीय संस्कृति में त्यौहार मानव जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। वे हमारे मूल्यों की एक विशेष याद दिलाते हैं। त्योहार हमारी एकता, उल्लास और मनुष्य एक सामाजिक प्राणी हैं, इसे चरितार्थ करते हैं। दीपावली एक ऐसा ही एक त्यौहार है जिसे बहुत खुशी के साथ मनाया जाता है। दिवाली एक हिंदू त्यौहार है जो लंका के राजा रावण के साथ एक बड़ी लड़ाई के बाद श्रीरामचंद्र की अयोध्या वापसी का प्रतीक है। यह अंधकार पर प्रकाश का द्योतक है। त्यौहार में लोग मिलजुलकर खुशियां बांटते हैं।
दिवाली हमें सभी के प्रति दयालु होने और धैर्य रखने की याद दिलाती है। हमारी मान्यताओं का हमारे सोचने के तरीके पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है, इसलिए हमें दिवाली जैसे त्यौहारों में अपने विश्वास को बनाए रखना चाहिए। हालांकि दिवाली की रात को लोग पटाखे और आतिशबाजी करते हैं। यह कई बार लोगों की असुविधा का भी कारण बनता है। आतिशबाज़ी हवा में हानिकारक गैसें छोड़ती हैं, जिससे प्रदूषण होता है। इससे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। पटाखे की तेज आवाज आस-पास रहने वाले जानवरों को भी डराते हैं और उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए, दूसरों को खतरे में डाले बिना, ज़िम्मेदारी से जश्न मनाना ज़रूरी है। दिवाली के दौरान, हमारे घर ताज़े पके हुए खाने की स्वादिष्ट खुशबू से भर जाते हैं। हम त्योहार के दौरान बहुत सारे स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं और उनका आनंद लेते हैं। लेकिन हमें यह याद रखना चाहिए कि त्योहार हमें करीब लाने और हमारे बंधन को मजबूत करने के लिए होते हैं, न कि उत्सव के नाम पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के लिए। तो, आइए दिवाली को खुशी, दया और सभी जीवित प्राणियों और हमारे आस-पास की दुनिया के लिए विचार के साथ मनाएं।
लोगों में इस वर्ष जिज्ञासा हो रही है कि दिवाली 2024 कब है? (Diwali 2024 kab hai) 31 अक्टूबर या 1 नवंबर? तो हम आपको diwali kab hai 2024 सवाल का जवाब बता देते हैं। यदि आप भी सोच रहे हैं कि 2024 में दीपावली कब मनाई जाएगी तो जान लिजिए कि कुछ ज्योतिषियों के अनुसार 1 नवंबर को दिवाली (diwali 2024) मनाना शास्त्रसम्मत है। 1 नवंबर को दिवाली मनाए जाने की वजह से इस बार दीप पर्व 5 की जगह 6 दिनों का हो जाएगा। 29 अक्टूबर को धनतेरस से पर्व की शुरुआत होगी और 3 नवंबर को भाईदूज के साथ इसका समापन होगा। ज्योतिषियों के अनुसार प्रदोषकाल में प्रदोष व्यापिनी तिथि अमावस्या होने पर दिवाली मनाई जाती है। हालांकि इस बार 31 अक्टूबर और 1 नवंबर दोनों ही दिन अमावस्या तिथि है। शास्त्र के अनुसार जब दोनों दिन सांयकाल में अमावस्या तिथि हो तो दूसरे दिन अमावस्या युक्त प्रतिपदा को लिया जाना चाहिए। इसलिए 1 नवंबर को दिवाली मनाना शास्त्रसम्मत है।
हालांकि कुछ पंडितों के अनुसार 31 अक्टूबर को ही दिवाली मनाया जाना चाहिए। उनके अनुसार कार्तिक अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को शाम 3 बजकर 52 मिनट पर आरंभ हो रही है और इसका समापन 1 नवंबर को शाम 6 बजकर 16 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार कार्तिक अमावस्या 1 नवंबर को है। दिवाली की पूजा अमावस्या तिथि में प्रदोष व्यापिनी मुहूर्त में शास्त्रसम्मत है। प्रदोषकाल सूर्यास्त के बाद प्राप्त होता है। हालांकि कुछ ज्योतिषियों का कहना है कि 1 नवंबर काे अमावस्या तिथि सूर्यास्त के बाद जल्द खत्म हो जाएगी। ऐसे में प्रदोषकाल कम समय प्राप्त होगा। अमावस्या को निशिता मुहूर्त में लक्ष्मी पूजा का महत्व माना जाता है। 1 नवंबर को निशिता मुहूर्त प्राप्त नहीं होगा इसलिए कुछ लोग इस वजह से 31 अक्टूबर को दिवाली मनाए जाने को ठीक बता रहे हैं। (2024 mein diwali kab hai)
दिवाली 2024 के अवसर पर हरियाणा और दिल्ली सरकार ने 31 अक्टूबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया। हरियाणा सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि दीपावली के अवसर पर 31 अक्टूबर को अवकाश रहेगा। वहीं दिल्ली सरकार ने भी दीपावली की छुट्टी 31 अक्टूबर को घोषित की है। शिक्षा निदेशालय हरियाणा द्वारा जारी नए आदेश के बाद छुट्टी की तिथि बदली है। दरअसल, पहले हरियाणा में दिवाली की छुट्टी 2024 गुरुवार, 31 अक्टूबर और शुक्रवार 1 नवंबर को होने वाली थी। लेकिन अब ये तारीखें बदलकर 30 और 31 अक्टूबर कर दी गई हैं।
दिवाली का त्योहार आने के 10-12 दिन पहले से ही बच्चों में इस त्योहार का उमंग दिखने लगता है। कोई अपने घरों में घरौंदा बनाने में जुट जाता है तो कोई कंदील तैयार करने में लग जाता है। स्कूलों में भी दिवाली के अवसर पर बच्चों के बीच रंगोली प्रतियोगिता, कंदील प्रतियोगिता जैसे इवेंट का आयोजन होता है जिसमें बच्चे अपनी रचनात्मक क्षमता दिखाते हैं। इस दौरान बच्चों का उत्साह देखते ही बनता है। इसके अलावा कई संस्थाओं द्वारा भी दिवाली पर कार्यक्रमों का आयोजन कर सामाजिक सद्भाव का संदेश देते हुए मिठाई और ग्रीन पटाखे बांटे जाते हैं।
दीपावली के दिन घर में मिट्टी का घरौंदा रखने का बहुत अधिक महत्व माना जाता है। हालांकि बीते समय के साथ लोग इसको भूलने लगे हैं, लेकिन आज भी मान्यताओं को मानने वाले लोग मिट्टी, लकड़ी आदि से घरौंदा बनाकर घरों में रखते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दीपावली के दिन घर में घरौंदा बनाने से घर में माता लक्ष्मी का वास होता है और घर में सुख-समृद्धि आती है। कंदील सजाकर रखने से सकारात्मकता का भाव घर में बना रहता है।
दीपावली के अवसर पर बाजार में चहल-पहल बढ़ जाती है। तरह-तरह की दुकानें सजती हैं। मिट्टी के दीये, पटाखे, सजावट के सामान, फूल, कृत्रिम फूल, रंगोली बनाने का सामान, विभिन्न प्रकार की रंग-बिरंगी लाइट, कपड़े, मिठाईयां, बर्तन की दुकानें सड़क के किनारे सज जाती हैं। पूरा माहौल आनंद और उल्लास से भर जाता है। लोग घरों की सफाई करते हैं। उपयोग में आने वाली नई चीजें खरीदते हैं। इस अवसर का लाभ ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियां भी उठाती हैं। वे ग्राहकों को तरह-तरह के लुभावने ऑफर देते हैं और छूट देकर अधिक से अधिक बिक्री करना चाहते हैं। लोग उपहार में एक-दूसरे को मिठाईयां देते हैं। कंपनियाें में अपने कर्मचारियों को गिफ्ट देने की परंपरा है। कंपनियां अपने कर्मियों को बर्तन, थर्मस, प्रेशर कूकर, आयरन, ट्रॉली बैग आदि के साथ मिठाईयां और नमकीन के पैकेट उपहार में देती हैं।
बच्चों को दीपावली का इंतजार सबसे अधिक इंतजार रहता है। क्योंकि उन्हें विभिन्न तरह के पटाखे चलाने को मिलता है। बच्चे अपने अभिभावकों से दिवाली से दो-चार दिन पहले ही अपने लिए फुलझड़ियां, अनार, पटाखे, बंदूक खरीदवा लेते हैं। और घर-बाहर धमा-चौकड़ी मचाते हुए पटाखे छोड़ते हैं। हालांकि पटाखे चलाते समय असावधानी रखने पर कभी-कभी दुर्घटना भी होती है। हाथ-पैर जल जाते हैं। इसलिए पटाखे चलाते समय बच्चों को ध्यान रखना चाहिए कि किसी को कोई नुकसान न हो। हालांकि दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध है। और भारी आवाज और रोशनी वाले पटाखे नहीं चला सकते। क्योंकि ये पटाखे भारी मात्रा में धुंआ छोड़ते हैं जिससे वायु प्रदूषण बढ़ता है। इससे सांस के मरीजों की तकलीफ बढ़ जाती है। वहीं तेज आवाज वाले पटाखे से जानवर खासकर कुत्ते सहम जाते हैं। इसलिए उनकी परेशानी का भी ध्यान रखना चाहिए। बिहार में भी राजधानी पटना के अलावे मुजफ्फरपुर, गया और हाजीपुर में किसी प्रकार के पटाखों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। क्योंकि पिछले वर्ष इन चार शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई बहुत खराब या गंभीर पाई गई थी। हालांकि ग्रीन पटाखों का उपयोग रात 8 से 10 बजे तक किया जा सकता है।
विभिन्न राज्यों में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ग्रीन पटाखों को छोड़कर अन्य सभी पटाखों के निर्माण, बिक्री, फोड़ने और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है। साथ ही कॉमर्शियल वेबसाइट पर पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगाई गई है। ग्रीन पटाखों के लिए भी समय सीमा निर्धारित की गई है। ग्रीन पटाखों में प्रदूषण फैलाने वाल पीएम पार्टिकल्स कम मात्रा में होते हैं।
दीपावली एक महत्वपूर्ण पर्व है जिस पर सभी एक-दूसरे के साथ अपनी खुशियां साझा करते हैं और दूसरों के सुखमय जीवन की कामनाएं करते हैं। दीपावली के शुभ अवसर पर परिजनों, ईष्टमित्रों से किन शब्दों में अपनी शुभकामना व्यक्त करें, यह उलझन होती है। नीचे कुछ दिवाली शुभकामना संदेश दिए गए हैं जिनकी मदद से आपको अपनी भावना व्यक्त करने में सहूलियत होगी-
- प्रकाश व खुशियों के महापर्व दीपावाली आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लेकर आए। दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं...
- देवी महालक्ष्मी की कृपा से आपके घर में हमेशा उमंग और आनंद की रौनक हो। इस पावन मौके पर आप सबको दीपावाली की हार्दिक शुभकामनाएं। शुभ दीपावली!
- प्रकाश के महापर्व दीपावली पर मेरी कामना है कि आपको समृद्धि, खुशी और अपार सफलता मिले। शुभ दीपावली!
- लक्ष्मी जी विराजें आपके द्वार, सोने चांदी से भर जाए आपका घर-बार, आपके जीवन में आए खुशियां अपार, यही कामना है आपके लिए उपहार। दीपावली की बधाई...
- शुभं करोति कल्याणं आरोग्यं धनसंपदा । शत्रुबुद्धि-विनाशाय दीपज्योती नमोऽस्तुते ।। दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।।
- प्रकाश का महापर्व दीपावली आपके घर में लाए खुशहाली, आप और आपके परिवार को हैप्पी दिवाली।
- गणपति और मां लक्ष्मी आपके दुखों का नाश करें। रोशनी के दीप आपके घर में खुशहाली लाएं। दिवाली की ढेर सारी बधाई...
- गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) पर भाषण
- प्रदूषण पर निबंध
- बाल दिवस पर हिंदी में भाषण
दिवाली स्वयं के अंदर के अंधकार को मिटा कर समूचे संसार को प्रकाशमय बनाने का त्योहार है। बच्चे इस दिन अपनी इच्छानुसार बम, फुलझड़ियाँ तथा अन्य पटाखे खरीदते हैं और आतिशबाजी का आनंद उठाते हैं। हमें इस बात को समझना होगा कि दीपावली के त्योहार का अर्थ दीप, प्रेम तथा सुख-समृद्धि से है। ऐसे में पटाखों का इस्तेमाल सावधानी पूर्वक और अपने बड़ों के सामने रहकर करना चाहिए। दिवाली का त्योहार हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। दीपावली का त्योहार सांस्कृतिक और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक है। इस त्योहार के कारण लोगों में आज भी सामाजिक एकता बनी हुई है। हिंदी साहित्यकार गोपालदास नीरज ने भी कहा है, "जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना, अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए।" इसलिए दीपावली पर प्रेम और सौहार्द को बढ़ावा देने के प्रयत्न करने चाहिए।
इन्हें भी देखें
- सीबीएसई क्लास 10वीं सैंपल पेपर
- यूके बोर्ड 10वीं डेट शीट
- यूपी बोर्ड 10वीं एडमिट कार्ड
- आरबीएसई 10वीं का सिलेबस
Frequently Asked Questions (FAQs)
दिवाली 14 साल के वनवास के बाद भगवान राम की अयोध्या वापसी और साथ ही अंधकार पर रोशनी का प्रतीक है। अपने घरों की सफाई और उन्हें तरह तरह के लाइट से सजाने के बाद लक्ष्मी गणेश की पूजा के साथ दीपावली का त्योहार धूम धाम से मनाया जाता है, तथा रात के समय बच्चे आतिशबाजी का भी लुफ्त उठाते हैं।
इस त्योहार के दौरान, लोग अपने घरों को रंगोली और तेल के दीयों से सजाते हैं, जिन्हें दीपक कहा जाता है। सभी एक दूसरे को बधाई देते हैं, अच्छे अच्छे पकवान बनाते हैं, पटाखों से आतिशबाजी करते हैं और मिल-जुल कर सौहार्द के साथ दिवाली के पर्व को मनाते हैं।
दीपावली' संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है – दीप + आवली। ‘दीप’ अर्थात ‘दीपक’ और ‘आवली’ अर्थात ‘श्रृंखला’, जिसका मतलब हुआ दीपकों की श्रृंखला या दीपों की पंक्ति।
आप इस लेख की सहायता से दिवाली पर हिंदी में निबंध लिख सकते है, पूरे लेख को ध्यान से पढ़ें और समझें की आप किस तरह से दिपावली पर हिंदी निबंध लिख सकते हैं।
दिवाली का त्योहार मिट्टी के दीप या फिर तरह -तरह के लाइट और रंगोली से अपने घर को सजा कर, खुशियां बाँट कर, लक्ष्मी गणेश की पूजा करके, अच्छे अच्छे पकवान बना कर हर्ष और उल्लास के साथ दिवाली का त्योहार मनाया जाता है।
साल 2024 में दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी। हालांकि कुछ प्रदेशों में 1 नवंबर को भी दीपावली मनाई जाएगी।
लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल में करना सर्वाधिक फलदायक माना जाता है। प्रदोष काल के दौरान स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजन का और विशेष महत्व है। साल 2023 में दिवाली के अवसर पर 12 नवंबर को लक्ष्मी पूजन मुहूर्त गृहस्थजनों के लिए सायं 05:41 मिनट से रात 07:37 मिनट तक है। लक्ष्मी पूजन मुहूर्त की कुल अवधि लगभग 01 घंटे 55 मिनट रहेगी।
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Questions related to CBSE Class 10th
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You are not eligible for cbse board but you can still do 12th from nios which allow candidates to take admission in 12th class as a private student without completing 11th.
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What would you observe when zinc is added to a solution of iron(II) sulphate? Write the chemical reaction that takes place.
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Hindi Essay Writing – दिवाली (Diwali)
दिवाली पर निबंध – इस लेख में हम दिवाली का इतिहास, दीपावली का अर्थ, दिवाली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है, आदि के बारे में जानेंगे| हम सब जानते है कि दिवाली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्यौहार है।। दिवाली का त्योहार कार्तिक मास के अमावस्या के दिन मनाया जाता है। अक्सर स्टूडेंट्स से असाइनमेंट के तौर या परीक्षाओं में दिवाली पर निबंध पूछ लिया जाता है। इस पोस्ट में दिवाली पर कक्षा 1 से 12 के स्टूडेंट्स के लिए 100, 150, 200, 250 और 350 शब्दों में संक्षिप्त निबंध/अनुच्छेद दिए गए हैं।
- दिवाली पर पर 10 लाइन हिन्दी में (10 lines on Diwali in Hindi)
- दिवाली पर अनुच्छेद 1, 2 और 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में
- दिवाली पर अनुच्छेद 4 और 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में
- दिवाली पर अनुच्छेद 6, 7 और 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में
- दिवाली पर अनुच्छेद 9, 10, 11 और 12 के छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में
- दिवाली पर निबंध (Detailed Essay on Diwali in Hindi)
दिवाली पर 10 लाइन हिन्दी में (10 lines on Diwali in Hindi)
- दिवाली का त्यौहार हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है।
- दिवाली को रोशनी का त्योहार भी कहा जाता है।
- दिवाली को दीपावली भी कहा जाता है और इसे हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है।
- दिवाली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की विधि-विधान से पूजा की जाती है।
- दिवाली के दिन लोग अपने घरों की बहुत साज-सजावट करते है।
- दिवाली के दिन ही अयोध्या के राजा राम अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे।
- श्री राम जी के अयोध्या वापस लौटने की ख़ुशी में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाए थे।
- दिवाली के त्यौहार से पहले सभी लोग अपने-अपने घरों की अच्छे से साफ-सफाई करते है।
- दिवाली का त्योहार लगभग 5 दिनों तक होता है। पहला धनतेरस, दूसरा नरक चतुर्दशी, तीसरा मुख्य दिवाली, चौथा गोवर्धन पूजा और पांचवां भैया दूज।
- दिवाली के त्यौहार को बुराई पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक माना जाता है।
Short Essay on Diwali in Hindi दिवाली पर अनुच्छेद कक्षा 1 से 12 के छात्रों के लिए 100, 150, 200, 250 से 300 शब्दों में
दिवाली /दीपावली पर निबंध : दिवाली जिसे ‘दीपावली’ के नाम से भी जाना जाता है, ये हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय व महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसे बड़े ही उत्साहपूर्वक और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस त्योहार को कार्तिक मास के अमावस्या के दिन मनाया जाता है। दीपावली के त्यौहार को बुराई पर अच्छाई, अज्ञान पर ज्ञान और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक माना जाता है ।
दिवाली पर अनुच्छेद – कक्षा 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में
दिवाली पूरे भारत में खुशी के साथ मनाई जाती है। दिवाली आने से पहले हम अपने घरों की अच्छे से सफाई करके रंग-बिरंगी लाइटों से सजाते हैं। दिवाली के दिन हम सब नए कपड़े पहनते हैं फिर शाम को हम अपने घरों में घी या तेल के दीए जलाते हैं और पूरे घर को दीयों से सजाते हैं। माता लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा करते है, स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते है, हम अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं एक दूसरे को मिठाई और उपहार देते है और साथ में पटाखे, फुलझड़ी इत्यादि जलाकर दिवाली मनाते हैं। दिवाली को रोशनी का पर्व भी कहा जाता है ये त्योहार सभी को अच्छा लगता है।
दिवाली पर अनुच्छेद – कक्षा 4, 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में
दिवाली त्यौहार हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार है। दिवाली मनाए जाने के पीछे एक सबसे प्रचलित कहानी है। त्रेता युग में अयोध्या के राजा राम चौदह वर्ष वनवास पूर्ण करने के पश्चात पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस लौटे थे। इसी खुशी में अयोध्यावासियों ने पूरी अयोध्या नगरी को फूलों और दीपों से सजाया था। तब से प्रतिवर्ष कार्तिक मास के अमावस्या को दिवाली धूमधाम से मनाया जाने लगा।
दिवाली के आने से कुछ दिनों पहले से ही लोग अपने-अपने घरों की साफ-सफाई करके रंग बिरंगे लाइटों से साज-सजावट कर देते हैं। दीपावली से पहले धनतेरस और धनतेरस के बाद छोटी दीपावली आती है। दिवाली के दिन लोग बहुत उत्साह के साथ अपनो से मिलते है एक दूसरे को उपहार और मिठाइयां भेंट देकर दिवाली की बधाई देते हैं फिर शाम होने पर घी या तेल के दीये जलाकर घरों को सजाते है, माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करते हैं, पटाखे और फुलझड़ी जलाते हैं। घर में बने व्यंजन और मिठाइयों का लुफ्त उठाते हैं। और इस तरह से हर्ष और उल्लास के साथ दिवाली का त्यौहार मनाते है।
दिवाली पर अनुच्छेद – कक्षा 6, 7, 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में
दिवाली एक ऐसा त्यौहार है जिसे बच्चे और युवा आमतौर पर बेहद पसंद करते हैं क्योंकि यह सभी के लिए बहुत सारी खुशियाँ और आनंदमय क्षण लेकर आता है। दीपावली संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है दीप + आवली । ‘दीप’ अर्थात ‘दीपक’ और ‘आवली’ अर्थात ‘लाइन या श्रृंखला’ जिसका अर्थ हुआ दीपक की श्रृंखला या दीपों की पंक्ति। दिवाली को दीपोत्सव भी कहते है।
दिवाली का त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है क्योंकि इस दिन को भगवान श्री राम के वनवास से अयोध्या वापस आने की खुशी में उनकी प्रजा ने घी के दीये जलाकर अमावस्या के काली रात को पूर्णिमा में बदल दिया था तब से हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को दीपावली मनाया जाने लगा।
दिवाली से पहले धनतेरस होता है। धनतेरस के दिन लोग धातु की वस्तुएं जैसे सोने और चांदी के आभूषण या बर्तन खरीद कर अपने घर जरूर लेकर जाते हैं। दिवाली के दिन लोग नये-नये कपड़े पहनकर अपने दोस्तों और सगे संबंधियों से मिलते है और उन्हें उपहार भेट करके दिवाली की शुभकामनाएं देते है। शाम के समय अपने घरों को मोमबत्ती और दीयों से सजाते हैं, लक्ष्मी गणेश की पूजा करते है, अच्छे अच्छे पकवान बनाते हैं, पटाखों से आतिशबाजी करते हैं और मिल-जुल कर सौहार्द के साथ दिवाली के पर्व को मनाते हैं।
दिवाली पर अनुच्छेद – कक्षा 9, 10, 11, 12 छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में
भारतवर्ष में जितने भी पर्व हैं, उनमें दिवाली सर्वाधिक लोकप्रिय और हर एक के मन में हर्ष-उल्लास पैदा करने वाला पर्व है। दिवाली के त्यौहार को बुराई पर अच्छाई, अज्ञान पर ज्ञान और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक माना जाता है क्योंकि यह पर्व लोगों में प्रेम और एक-दूसरे के लिए स्नेह की भावना उत्पन्न करता है।
इस पर्व को मनाने के पीछे बहुत से धार्मिक महत्व छुपे हुए हैं। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, दिवाली के दिन अयोध्या के राजा राम 14 वर्षों के वनवास के बाद अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे, अपने परम प्रिय राजा के आगमन से अयोध्यावासियों का ह्रदय खुशी से भर गया तथा उन्होंने घी के दीपक जलाकर उनके घर वापसी का जश्न मनाया। कार्तिक मास की अमावस्या की वो रात दीयों की रोशनी से जगमगा उठी। तभी से रोशनी का यह त्योहार हर साल कार्तिक मास की अमावस्या के दिन बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है।
दिवाली त्योहार की तैयारियां दिवाली से कई दिनों पहले ही शुरू हो जाती है। लोग अपने घरों की साफ-सफाई व रंगाई-पुताई करने में जुट जाते हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है कि जो घर साफ-सुथरे होते हैं, उन घरों में दिवाली के दिन माता लक्ष्मी विराजमान होती हैं तथा अपना आशीर्वाद देकर वहां सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी करती है। दिवाली के नजदीक आते ही लोग अपने घरों को रंग बिरंगे लाइट्स से सजाना शुरू कर देते हैं।
दिवाली का त्यौहार लगभग 5 दिनों का होता है। जिस के पहले दिन धनतेरस होता है। धनतेरस के दिन सोने और चांदी के आभूषण या बर्तन आदि खरीदना शुभ माना जाता है। दीपावली का दूसरा दिन नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। तीसरा दिन दीपावली त्योहार का मुख्य दिन होता है। इस दिन धन की देवी माँ लक्ष्मी, विघ्नहर्ता गणेश जी व कुबेर जी की विधि-विधान से पूजा करने का विशेष महत्व माना गया है। दीपावली के चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र के क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी एक उंगली पर उठा लिया था। दिवाली के त्यौहार के आखिरी दिन को भाई दूज के रूप में मनाया जाता है।
दिवाली के दिन लोग अपने घर को दीयों, मोमबत्तियों, लड़ियों और रंगोली से सजाते हैं, अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं, दिवाली की बधाई देते है और उपहार साझा करते हैं, स्वादिष्ट पकवान खाते हैं। पटाखे और फुलझड़ी जलाकर अपनी खुशी व्यक्त करते हैं। दिवाली की रात हर तरफ रोशनी की जगमगाहट होने से असीम और अलौकिक आनंद का अनुभव होता है।
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10 Lines on Diwali Festival in Hindi for Class 2 Students
10 Lines on Diwali Festival in Hindi for Class 2: भारत का एक सबसे बड़ा त्योहार में से एक त्योहार दिवाली हे। आज हम्म इस दिवाली त्योहार के बारे में कुछ अधिक जानेंगे। अगर आप दिवाली त्योहार के बारे में निबंध या कुछ लिखना चाहते हो तो ये पोस्ट आपके लिए बहत अच्छा है। इस पोस्ट में आप दिवाली के बारे में सारी जानकारी आसानी से मिल जायेगा।
इस पोस्ट में हम आपको दिवाली त्योहार के बारे में 10 लाइन दे रहे हैं। आप इस पोस्ट को आसानी से समझ पाओगे। यह पोस्ट उन छात्रों की मदद कर सकता है जो दिवाली त्योहार के बारे में छोटा निबंध की तलाश में हैं। हमने 10 Lines on Diwali Festival in Hindi for Class 2 बारे मे नीचे उल्लेख किया है। यह बहुत ही सरल और याद रखने में आपको आसान होगा।
Table of Contents
10 Lines on Diwali Festival in Hindi for Class 2
Pattern 1 – 10 Lines Essay or Shorts Essay is very helpful for class 2 Students.
- दीवाली भारत में एक प्रसिद्ध त्योहार है।
- दीवाली मनाई जाती है क्यों कि भगवान राम 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे।
- दिवाली पांच दिनों तक चलने वाला त्योहार है।
- इसकी शुरुआत पहले दिन से होती है जिसे धनतेरस के नाम से जाना जाता है।
- दिवाली का तीसरा दिन लक्ष्मी पूजा के रूप में जाना जाता है और यह मुख्य दिवाली त्योहार है।
- लोग इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं
- दिवाली त्योहार के अंतिम दिन को “भाई देय” कहा जाता है।
- इस त्योहार पर लोग मीठे व्यंजन बनाकर रिश्तेदारों को बांटते हैं.
- दीवाली रोशनी का त्योहार है।
- दिवाली पर लोग नई चीजें खरीदते हैं और नए कपड़े पहनते हैं।
10 Lines on Diwali Festival for Class 2
Pattern 2 – 10 Lines Essay or Shorts Essay is very helpful for class 2 Students.
- Diwali is a Famous Festival in India.
- Diwali is celebrated as Lord Rama returned to Ayodhya after 14 years of exile.
- Diwali is a Five-day long Festival.
- It begins with the First day known as Dhanteras.
- The third day of Diwali is known as Laxmi puja and It is the main Diwali festival.
- people worship Goddess Laxmi & Lord Ganesha on this day
- The last day of the Diwali festival is called “Bhai due”.
- At this festival, people prepare sweet dishes and distribute them to relatives.
- Diwali is the festival of lights.
- On Diwali , people buy new things and wear new clothes.
Short Essay on Diwali Festival in Hindi for Class 2
Pattern 3 – 10 Lines Essay or Shorts Essay is very helpful for class 2 Students.
दीवाली भारत में एक प्रसिद्ध त्योहार है। दीवाली मनाई जाती है क्यों कि भगवान राम 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। दिवाली पांच दिनों तक चलने वाला त्योहार है।
इसकी शुरुआत पहले दिन से होती है जिसे धनतेरस के नाम से जाना जाता है। दिवाली का तीसरा दिन लक्ष्मी पूजा के रूप में जाना जाता है और यह मुख्य दिवाली त्योहार है। लोग इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं।
दिवाली त्योहार के अंतिम दिन को “भाई देय” कहा जाता है। इस त्योहार पर लोग मीठे व्यंजन बनाकर रिश्तेदारों को बांटते हैं। दीवाली रोशनी का त्योहार है। दिवाली पर लोग नई चीजें खरीदते हैं और नए कपड़े पहनते हैं।
10 Lines on Diwali Festival in English for Class 2 Students
Pattern 4 – 10 Lines Essay or Shorts Essay is very helpful for class 2 Students.
- Diwali is a famous festival in India.
- Diwali is celebrated because Lord Rama returned to Ayodhya after 14 years of exile.
- Diwali is a festival lasting for five days.
- It starts with the first day which is known as Dhanteras.
- The third day of Diwali is known as Lakshmi Puja and is the main Diwali festival.
- People worship Goddess Lakshmi and Lord Ganesha on this day
- The last day of Diwali festival is called “Bhai Deya”.
- On this festival, people make sweet dishes and distribute them to relatives.
- On Diwali people buy new things and wear new clothes.
10 Lines on Diwali Festival in Odia for Class 2 Students
Pattern 5 – 10 Lines Essay or Shorts Essay is very helpful for class 2 Students.
- ଦିୱାଲୀ ହେଉଛି ଭାରତର ଏକ ପ୍ରସିଦ୍ଧ ପର୍ବ |
- ଦୀପାବଳି ପାଳନ କରାଯାଏ କାରଣ 14 ବର୍ଷ ନିର୍ବାସନ ପରେ ଭଗବାନ ରାମ ଅଯୋଧ୍ୟାକୁ ଫେରିଥିଲେ।
- ଦିୱାଲୀ ଏକ ପର୍ବ ପାଞ୍ଚ ଦିନ ଧରି ଚାଲିବ |
- ଏହା ପ୍ରଥମ ଦିନରୁ ଆରମ୍ଭ ହୁଏ ଯାହା ଧନ୍ତରସ୍ ଭାବରେ ଜଣାଶୁଣା |
- ଦୀପାବଳିର ତୃତୀୟ ଦିନ ଲକ୍ଷ୍ମୀ ପୂଜା ଭାବରେ ଜଣାଶୁଣା ଏବଂ ଏହା ହେଉଛି ମୁଖ୍ୟ ଦିୱାଲୀ ପର୍ବ |
- ଲୋକମାନେ ଏହି ଦିନ ଦେବୀ ଲକ୍ଷ୍ମୀ ଏବଂ ଭଗବାନ ଗଣେଶଙ୍କୁ ପୂଜା କରନ୍ତି
- ଦୀପାବଳି ମହୋତ୍ସବର ଶେଷ ଦିନକୁ “ଭାଇ ଦେୟା” କୁହାଯାଏ |
- ଏହି ପର୍ବରେ ଲୋକମାନେ ମିଠା ଖାଦ୍ୟ ପ୍ରସ୍ତୁତ କରି ସମ୍ପର୍କୀୟଙ୍କୁ ବଣ୍ଟନ କରନ୍ତି |
- ଦୀପାବଳି ହେଉଛି ଆଲୋକର ପର୍ବ |
- ଦୀପାବଳିରେ ଲୋକମାନେ ନୂଆ ଜିନିଷ କିଣନ୍ତି ଏବଂ ନୂଆ ପୋଷାକ ପିନ୍ଧନ୍ତି |
10 Lines on Diwali Festival in Telugu for Class 2 Students
Pattern 6 – 10 Lines Essay or Shorts Essay is very helpful for class 2 Students.
- దీపావళి భారతదేశంలో ప్రసిద్ధి చెందిన పండుగ.
- 14 సంవత్సరాల వనవాసం తర్వాత శ్రీరాముడు అయోధ్యకు తిరిగి వచ్చినందున దీపావళి జరుపుకుంటారు.
- దీపావళి ఐదు రోజుల పాటు జరిగే పండుగ.
- ఇది ధన్తేరస్ అని పిలువబడే మొదటి రోజుతో ప్రారంభమవుతుంది.
- దీపావళి మూడవ రోజు లక్ష్మీ పూజ అని పిలుస్తారు మరియు ఇది ప్రధాన దీపావళి పండుగ.
- ప్రజలు ఈ రోజున లక్ష్మీదేవిని మరియు గణేశుడిని పూజిస్తారు
- దీపావళి పండుగ చివరి రోజుని “భాయ్ దేయా” అంటారు.
- ఈ పండుగ నాడు తీపి వంటకాలు చేసి బంధువులకు పంచుతారు.
- దీపావళి అంటే వెలుగుల పండుగ.
- దీపావళి రోజున ప్రజలు కొత్త వస్తువులు కొనుగోలు చేస్తారు మరియు కొత్త బట్టలు ధరిస్తారు.
10 Lines on Diwali Festival in Marathi for Class 2 Students
Pattern 7 – 10 Lines Essay or Shorts Essay is very helpful for class 2 Students.
- दिवाळी हा भारतातील एक प्रसिद्ध सण आहे.
- 14 वर्षांच्या वनवासानंतर भगवान राम अयोध्येत परतल्यामुळे दिवाळी साजरी केली जाते.
- दिवाळी हा पाच दिवस चालणारा सण आहे.
- त्याची सुरुवात पहिल्या दिवसापासून होते ज्याला धनत्रयोदशी म्हणतात.
- दिवाळीचा तिसरा दिवस हा लक्ष्मीपूजन म्हणून ओळखला जातो आणि हा मुख्य दिवाळी सण आहे.
- या दिवशी लोक लक्ष्मी आणि गणपतीची पूजा करतात
- दिवाळी सणाच्या शेवटच्या दिवसाला “भाई दिया” म्हणतात.
- या सणाला लोक गोडधोड पदार्थ बनवून नातेवाईकांना वाटतात.
- दिवाळी हा दिव्यांचा सण आहे.
- दिवाळीत लोक नवीन वस्तू खरेदी करतात आणि नवीन कपडे घालतात.
10 Lines on Diwali Festival in Video for Class 2
Last Word on 10 Lines on Diwali Festival in Hindi for Class 2
आसा करते हे की ये 10 Lines on Diwali Festival in Hindi for Class 2 Student आपको अच्छा लगा होगा। हम छात्रों के पढ़ाई के लिए हम अध्ययन सामग्री बनाते है। जो एक छात्रों के पढ़ाई में सके। कैसे एक Student आसानी से अपने घर पे Homework, Essay, Short Essay , General Knowledge को आसानी से जान सकता है और फ्री में कुछ ज्ञान लाभ कर सके सिर्फ उसीके बारे मै ही हमरे सारा पोस्ट होता है। एक Student के लिए जितने भी जरुरी चीज़ जो पढ़ाई में जरुरत होता है वो सब आपको हमारी साइट में मिल जायेगा। इस पोस्ट को पढ़ने क लिए आप सभी को दिल से बहत बहत धन्यबाद।
अन्य पोस्ट देखें – Short Essay / 10 Lines Essay .
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References Links:
- https://kids.nationalgeographic.com/pages/article/diwali
- https://en.wikipedia.org/wiki/Diwali
- https://www.britannica.com/topic/Diwali-Hindu-festival
One Comment
Looking forward to reading more. Great article post.Much thanks again. Want more.
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10+ दिवाली पर निबंध – Essay on Diwali in Hindi 2023
Essay on Diwali in Hindi : दोस्तो आज हमने दिवाली पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है। इस निबंध के माध्यम से हमने भारतवर्ष में मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार Diwali के बारे में जानकारी दी है कि यह कब मनाया जाता है और क्यों मनाया जाता है।
दिवाली का त्यौहार पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है इस त्यौहार को सभी धर्मों ने स्वीकारा है और खूब उत्साह है और हर्षोल्लास से हर वर्ष इस त्योहार को मनाते है।
दिवाली के इस निबंध को हमने अलग अलग शब्द सीमा मी लिखा है जिससे सभी विद्यार्थियों को निबंध लिखने में आसानी हो। आप दिवाली पर कविता भी पढ़ सकते है
Get Some Best Essay on Diwali in hindi for students 100, 200, 500, 2000 words।
10 Line Essay on Diwali in Hindi For Class 2,3,4
(1) भारत में हिंदू धर्म के लोगों द्वारा बनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार दिवाली है।
(2) प्रत्येक वर्ष दीपावली अमावस्या के दिन सितंबर से अक्टूबर माह के मध्य में मनायी जाती है।
(3) भगवान श्री राम के 14 वर्ष के वनवास काटने के बाद अयोध्या लौटने पर उनके स्वागत में यह त्योहार मनाया जाता है।
(4) यह त्यौहार पांच दिनों तक चलता है जिसमें धनतेरस गोवर्धन पूजा भैया दूज इत्यादि उत्सव शामिल होते है।
यह भी पढ़ें – दिवाली की शुभकामनाएं – Diwali ki Shubhkamnaye
(5) इन दिन सभी लोगों सभी लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते है रंग-बिरंगे फूलों और लाइटों से घर को सजाते है।
(6) दिवाली के दिन संध्या के समय भगवान श्री गणेश, महालक्ष्मी और मां सरस्वती की पूजा की जाती है।
(7) दीपावली किस दिन को प्रकाश पर्व भी कहा जाता है क्योंकि इसमें सभी लोग अपने घरों में दीपक जलाते है जिससे चारों तरफ रोशनी ही रोशनी फैल जाती है।
(8) यह भारत देश का सबसे बड़ा त्यौहार है इसलिए इस उपलक्ष में राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है।
(9) यह त्यौहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है सभी लोग नये कपड़े पहनते है बच्चे पटाखे छुड़ाते है और बड़े लोग एक दूसरे को गले लगाकर दिवाली की बधाइयां देते है।
(10) दिवाली बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में भी मनाया जाता है।
Short Essay on Diwali in Hindi For Class 5,6
भारत एक विशाल देश है जहां पर प्रत्येक दिन कोई ना कोई त्यौहार मनाया जाता है। इनमें सबसे बड़ा त्योहार Diwali को माना जाता है। दिवाली का त्योहार सितंबर से अक्टूबर माह के बीच में आता है। इस त्यौहार को प्रमुख रूप से हिंदू धर्म के लोगों द्वारा खूब धूमधाम से मनाया जाता है।
इस त्योहार को मनाने के लिए लोग महीने भर पहले से ही तैयारियां करनी चालू कर देते है। सभी लोग अपने घरों दुकानों और अपने आसपास के क्षेत्र की सफाई करते है और अपने घरों को रंग बिरंगे रंगों से रंगते है।
यह भी पढ़ें – गणेश चतुर्थी पर निबंध – Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi
दीपावली के त्योहार को मनाने की प्रमुख वजह यह है कि इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौट कर आए थे और वहां की निवासियों ने उनके स्वागत के लिए घी के दीपक जलाए थे जिसके कारण पूरा अयोध्या रोशनी से चमक उठा था।
इसीलिए दीपावली के दिन घोर अंधेरे को पराजित करने के लिए दीपक जलाए जाते है। दीपावली के दिन प्रमुख रूप से मां लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है साथ ही भगवान गणेश और मां सरस्वती की भी पूजा की जाती है।
दीपावली के दिन पूरा भारत रोशनी से जगमग हो उठता है चारों ओर खुशहाली ही खुशहाली छाई रहती है।
Diwali Par Nibandh in Hindi for Class 7, 8,9
भूमिका –
भारत विभिन्न, परंपराओं, संस्कृतियों, विचारों, भाषाओं एवं धर्मों वाला देश है यहां पर प्रत्येक धर्म का त्यौहार सभी लोग खूब धूमधाम से मनाते है। दिवाली का त्यौहार हिंदू धर्म के लोगों का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है और यह पूरे देश में मनाया जाता है।
दिवाली का त्यौहार दशहरे के 21 दिन बाद सितंबर से अक्टूबर माह के बीच में अमावस्या के दिन मनाया जाता है। दिवाली का त्यौहार वर्षा ऋतु के समाप्त होने और शरद ऋतु की प्रारंभ होने का संकेत होता है दीपावली के त्योहार पर मौसम गुलाबी ठंड के लिए भी रहता है जिससे चारों और खुशहाली का मौसम बनता है।
यह भी पढ़ें – दिवाली पर कविता – Best Poem on Diwali in Hindi
दिवाली त्यौहार की पौराणिक मान्यता –
इस त्योहार को सिख, बौद्ध और जैन धर्म के लोग भी मनाते है जैन धर्म के लोग इसे महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते है क्योंकि इसी दिन जैन धर्म के भगवान महावीर ने मोक्ष की प्राप्ति की थी तथा सिख समुदाय इसे बन्दी छोड़ दिवस के रूप में मनाता है क्योंकि इसी दिन सिख समुदाय के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहा किया गया था।
दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां लक्ष्मी को धन-धान्य एवं सुख संपदा की देवी माना जाता है और साथ में भगवान गणेश और मां सरस्वती की पूजा भी की जाती है।
दिवाली का त्यौहार आने से पहले ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई और रंगाई पुताई का काम प्रारंभ कर देते है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार Diwali के दिन महालक्ष्मी सभी साफ-सुथरे एवं स्वच्छ घरों में आती है और अपने साथ सुख समृद्धि भी लेकर आती है इसीलिए महालक्ष्मी की पूजा के समय सभी लोग अपने घर के दरवाजे खुले छोड़ देते है।
यह भी पढ़ें – दशहरा पर निबंध – Essay on Dussehra in Hindi
दिवाली का आयोजन –
यह त्यौहार 5 दिनों तक की लंबी अवधि तक चलने वाला त्यौहार है। पहले दिन लोग धनतेरस के रूप में मनाते हैं इस दिन में बाजार से कुछ वस्तुएं खरीद के लाते है दीपावली का दूसरा दिन नारक चतुर्दशी या छोटी दिपावली के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध करके बुराई पर अच्छाई की जीत का परचम लहराया था।
इस त्यौहार का तीसरा दिन बहुत प्रमुख होता है क्योंकि इसी दिन दीपावली का ऐतिहासिक पर्व मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या में पधारे थे इसलिए अयोध्या वासियों ने अपने भगवान राम को खुश करने के लिए उनके स्वागत में सभी जगह फूलों की बरसात कर दी और जी के दीपक जला दिए।
इसीलिए दिवाली के दिन भी दीपक जलाए जाते है वर्तमान में दीपक की जगह मोमबत्तियां और चाइनीज लाइटों ने ले ली है। दिवाली के चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है माना जाता है कि इसी दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर भगवान इंद्र के क्रोध से हुई भारी वर्षा से बचाया था।
दिवाली का अंतिम दिन भैया दूज के रूप में मनाया जाता है इस दिन सभी भाई बहन एक दूसरे से मिलते है।
उपसंहार –
Diwali के इस पर्व के उपलक्ष में सभी लोग नए कपड़े पहनते है और अपने रिश्तेदारों को मिलते है जिससे समाज में सदभावना उत्पन्न होती है यह त्यौहार धार्मिक परंपरा के साथ साथ सामाजिक भावनाओं के साथ भी जुड़ा हुआ है।
Essay on Diwali in Hindi for Class 10,11,12
प्रस्तावना –.
दीपावली का त्यौहार खुशियों और सुख-समृद्धि का त्यौहार है। यह पांच दिवसीय हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार है। दिवाली के त्यौहार को भारत के प्रत्येक राज्य में मनाया जाता है। इस दिन अमावस्या की काली रात होने के बावजूद भी पूरा भारत रोशनी से जगमगाया हुआ होता है।
Diwali का त्यौहार असत्य पर सत्य की जीत और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। इस त्यौहार को सिर्फ हमारे देश में ही ही ही विदेशों में भी मनाया जाता है इससे इसकी प्रमुखता का पता लगाया जा सकता है। केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है बल्कि इसका सामाजिक, आध्यात्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और आर्थिक महत्व भी है।
दिवाली के त्यौहार को हिंदू धर्म के लोगों के साथ साथ वर्तमान में अन्य लोगों द्वारा भी बहुत ही धूमधाम है और हर्षोल्लास से मनाया जाता है। दिवाली के दिन सभी लोग अपने दुख दर्द भुला कर खुशी से इस त्योहार को मनाते है।
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वर्ष 2022 में दीपावली कब है – Diwali Kab Hai
इस वर्ष दीपावली का त्यौहार 24 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा । दिवाली के इस पवित्र पर्व को हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक कृष्ण अमावस्या के दिन मनाया जाएगा।
दिवाली त्योहार का इतिहास – History of Diwali in hindi
दीपावली का त्यौहार भारत में प्राचीन समय से ही मनाया जाता रहा है इस त्यौहार का इतिहास अलग-अलग राज्यों के लोग भिन्न-भिन्न मानते है लेकिन अधिकतर लोगों का मानना है कि जब भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे तब अयोध्या वासियों ने उनके स्वागत के लिए घी के दीपक प्रज्वलित किए थे और साथ ही अयोध्या के हर रास्ते को सुनहरे फूलों से सजा दिया गया था।
जिस दिन भगवान राम अयोध्या लौट कर आए थे उस दिन अमावस्या की काली रात थी जिसके कारण वहां पर कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था इसलिए अयोध्या वासियों ने वहां पर दीपक जलाए थे इसलिए इस दिन को अंधकार पर प्रकाश की विजय भी माना जाता है।
और यह सच भी है क्योंकि इस दिन पूरा भारत अमावस्या की काली रात होने के बावजूद भी दीपको की रोशनी से जगमगाता रहता है। जैन धर्म के लोग दीपावली के त्यौहार को इसलिए मनाते हैं क्योंकि इस दिन चौबीसवें तीर्थंकर, महावीर स्वामी को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई थी और संयोगवश इसी दिन उनके शिष्य गौतम को ज्ञान प्राप्त हुआ था।
सिख धर्म के लोग भी इस त्यौहार को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं वे लोग त्यौहार को इसलिए मनाते है क्योंकि इसी दिन ही अमृतसर में 1577 में स्वर्ण मन्दिर का शिलान्यास हुआ था साथ ही सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को भी इसी दिन जेल से रिहा किया गया था
दिवाली त्योहार की तैयारी –
Deepavali के त्यौहार की तैयारियां भारत में महीने भर पहले ही प्रारंभ कर दी जाती है क्योंकि भारत में ज्यादातर है हिंदू धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं इसलिए यह त्यौहार उनका सबसे बड़ा त्यौहार होता है। इस त्यौहार की तैयारियों को लेकर लोग इतने उत्सुक रहते हैं कि वह महीना भर पहले ही अपने घर और प्रतिष्ठानों की साफ सफाई करने लग जाते है।
हिंदू धर्म के लोगों का मानना है कि अगर घर में साफ सफाई होगी तो मां लक्ष्मी उनके घर पर आएगी और साथ में सुख समृद्धि भी लेकर आएगी।
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आजकल लोग Diwali के कुछ दिन पहले ही घरों की रंगाई पुताई करवाते हैं साथ ही रंग बिरंगी लाइट ओं और फूलों द्वारा अपने घर और प्रतिष्ठान को सजाते है। बाजारों में इस त्यौहार के पहले एक अलग ही रौनक आ जाती है बाजार भीड़ से खचाखच भरे रहते है हर तरफ लोग खरीदारी करते दिखाई देते है।
दीपावली के त्यौहार को धूमधाम से मनाने के लिए लोग इस दिन के लिए नए कपड़े खरीदते हैं बच्चे खेलने के लिए खिलौने एवं पटाखे खरीदते है। दीपावली का यह त्यौहार 5 दिनों तक चलता है जिस के पहले दिन धनतेरस होती है।
धनतेरस के दिन लोग ज्यादा से ज्यादा खरीदारी करना पसंद करते हैं यह दिल लोग अपने घर कुछ ना कुछ बर्तन जरूर लेकर जाते है साथी लोग इस दिन सोने और चांदी के आभूषण खरीदना भी पसंद करते है। लोगों का मानना है कि इस दिन खरीदारी करने से घर में बरकत होती है।
दीपावली का दूसरा दिन नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर को मार गिराया था। कुछ लोगों द्वारा इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाया जाता है इस दिन घर के बाहर 5 दीपक जलाए जाते है। प्राचीन परंपरा के अनुसार इस दिन लोग दीपक का काजल अपनी आंखों में डालते है उनका मानना है कि इसे आंखें खराब नहीं होती है।
तीसरा दिन दीपावली त्यौहार का मुख्य दिन होता है एक दिन महालक्ष्मी की पूजा की जाती है साथ ही विद्या की देवी मां सरस्वती और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस दिन घर में रंगोली बनाई जाती है और तरह-तरह की मिठाइयां बनाई जाती है।
दिवाली के दिन सभी लोग शाम के समय मां लक्ष्मी की पूजा करते है। इस दिन घर को दीपक जलाकर रोशनी से जगमग आ दिया जाता है भारत में इस दिन रात के समय सबसे ज्यादा रोशनी होती है जिसका उदाहरण अंतरिक्ष से ली गई फोटो में आप देख सकते हैं –
दिवाली के चौथे दिन को गोवर्धन पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र की क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत अपनी एक अंगुली पर उठा लिया था। इस दिन घर के बाहर महिलाएं गोबर रखकर पारंपरिक पूजा करती है।
दिवाली त्योहार का आखिरी दिन भाई दूज के रूप में मनाया जाता है इस दिन बहन ने भाई को रक्षा सूत्र बनती हैं साथ ही तिलक लगाकर मिठाई खिलाती है और बदले में भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं और उन्हें अच्छा उपहार भी देते है। यह दिन कुछ कुछ रक्षाबंधन त्यौहार की तरह ही होता है।
दीपावली का महत्व – Importance of Diwali in hindi
दीपावली का त्योहार सभी वर्गों के लोगों के लिए महत्वपूर्ण होता है यह हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार माना गया है। सबसे बड़ा त्यौहार होने के कारण सभी की आस्था इस समय से जुड़ी हुई है यह त्यौहार सभी तरह के महत्व अपने अंदर समेटे हुए हैं इसके महत्व का वर्णन हमने नीचे किया है –
आध्यात्मिक महत्व –
दीपावली त्यौहार की आध्यात्मिक महत्व जुड़ा हुआ है यह त्योहार अनेक धार्मिक ऐतिहासिक और कहानियों से मिलकर बना है। इस त्योहार की नीव अच्छाई पर टिकी हुई है इसलिए यह त्योहार जब भी आता है तो सभी लोगों में एक अलग ही खुशी और आस्था होती है।
दीपावली के त्यौहार को हिंदू, जैन, सिख आदि धर्मों द्वारा भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है इन सभी धर्मों में दीपावली के दिन ही ऐसी कोई ना कोई घटना हुई है जिससे अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और निराशा पर आशा बुराई पर अच्छाई की विजय हुई है।
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दीपावली का त्यौहार पूजा पाठ हो रहा अच्छाई से जुड़ा हुआ है इसलिए लोग इस पर्व पर आध्यात्मिकता की ओर बढ़ते है और इससे अच्छे विचारों को उद्गम होता है।
सामाजिक महत्व –
Diwali के त्योहार का सामाजिक महत्व भी बहुत बड़ा है क्योंकि इस त्योहार पर सभी धर्मों के लोग मिलजुलकर त्योहार को मनाते है। इस दिन सभी लोग पूजा करते हैं एक दूसरे से मिलने जाते है जिससे सामाजिक सद्भावना उत्पन्न होती है।
आजकल की भीड़भाड़ जिंदगी में लोगों को एक दूसरे से मिलने का कोई मिलता है इसलिए इस दिन लोग एक दूसरे से स्नेह मिलन के रूप में मिलते हैं साथ में एक दूसरे को मिठाइयां बांटते हैं और गले मिलते हैं जिसे लोगों को एक दूसरे की भावनाओं और धर्मों को समझने में रुचि उत्पन्न होती है।
दीपावली के दिन छोटे बच्चे बड़ों के पैर छूते हैं और बड़े उन्हें आशीर्वाद देते है। इस त्योहार के दिन लोग एक दूसरे के साथ इतना घुल मिल जाते है जैसे कई रंग एक दूसरे में घुल गए हो, इसलिए इस त्योहार का सामाजिक महत्व भी बढ़ जाता है।
आर्थिक महत्व –
दीपावली के त्यौहार पर भारतीय लोग जमकर खरीदारी करते हैं वे अपने घरों में सभी सुख सुविधाओं की चीजें लेकर जाते है। सभी लोग अपने घरों में उपहार, सोने-चांदी के आभूषण, बर्तन, राशन का सामान, कपड़े, मिठाइयां इत्यादि लेकर जाते है। इस पर्व पर लोग वर्ष के सभी दिनों से ज्यादा खरीदारी करते है।
हिंदू धर्म के लोगों का मानना है कि दिन खरीदारी करने से घर में किसी भी वस्तु की कमी नहीं रहती है और इस दिन खरीदारी करने से वह वस्तु फलदाई रहती है। इसलिए बाजारों में इस दिन ज्यादा चहल-पहल और अधिक खरीदारी होती है जिसके कारण लोगों की आमदनी बढ़ जाती है।
दीपावली त्योहार के पीछे सबसे पुराना आर्थिक महत्व इस बात पर जुड़ा हुआ है कि भारत में लगभग सभी फसलें मानसून पर निर्भर करती है इसलिए गर्मियों की फसल इस त्यौहार के पर्व से कुछ दिन पहले ही पक कर तैयार हो जाती है तो किसान इस फसल को काटकर बाजारों में बेचकर आमदनी कमाता है।
चूँकि भारत में अधिकतर लोग खेती करते हैं इसलिए कई दिनों बाद फसल को बेचकर इस चमार पर उन्हें अच्छी आमदनी होती है इसलिए इस बार का आर्थिक महत्व और भी बढ़ जाता है।
ऐतिहासिक महत्व –
दीपावली के त्यौहार के इस दिन बहुत सी ऐतिहासिक घटनाएं घटी है जिसके कारण इस त्योहार का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या में लौटे थे और वे श्रीराम से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम कहलाए थे।
इसी दिन समुंदर मंथन के दौरान मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था जिन्हें धन और सुख-समृद्धि की देवी भी कहा जाता है। स्वामी रामतीर्थ का जन्म व महाप्रयाण दोनों दीपावली के दिन ही हुए थे। दीपावली के पावन अवसर पर आर्य समाज की स्थापना हुई थी।
इसी दिन मुगल समाज के सबसे बड़े बादशाह है अकबर ने दौलत खाने में 40 फीट ऊंचा आकाश दीप जलाकर दीपावली त्यौहार को मनाना शुरू किया था। इस कारण हिंदू और मुसलमान धर्म के लोगों में एक दूसरे के प्रति नफरत खत्म हो गई थी।
1619 में दीवाली के दिन सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहा किया गया था। महावीर स्वामी को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई थी।
विदेशों में दिवाली का त्यौहार – Diwali festival abroad
मलेशिया – दीपावली के पर्व पर मलेशिया में भारत की तरह सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाता है। यहां पर सभी धर्मों के लोगों द्वारा मिलकर इस चौहान को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है इस त्यौहार के दिन सभी लोगों द्वारा सभी के लिए भोजन की व्यवस्था की जाती है और पूरे दिन भर लोग अच्छे खाने का आनंद उठाते हैं और एक दूसरे से मिलते है।
दिवाली के इस त्योहार को मलेशिया में सामाजिक सद्भावना के रूप में मनाया जाता है
संयुक्त राज्य अमेरिका –
अमेरिका में भी भारतीय मूल के बहुत से लोग बसे हुए हैं इसलिए वहां पर भी Diwali के त्यौहार को उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। सन 2003 में अमेरिका के व्हाइट हाउस में पहली बार दिवाली का त्यौहार मनाया गया था। उसके बाद से लगभग पूरे अमेरिका ने इस त्योहार को अपना लिया। अमेरिका में 4 लाख भारतीय लोग रहते है।
नेपाल –
हमारे भारत देश का पड़ोसी देश नेपाल एक छोटा सा देश है जहां पर हमारी दीपावली के पर्व के दिन ही नव वर्ष मनाया जाता है। नेपाल में दीपावली को “तिहार” या “स्वन्ति” के रूप में जाना जाता है और वहां पर भी इसे 5 दिनों तक मनाया जाता है इस पर्व पर यहां के लोग दान धर्म करते हैं और पशु पक्षियों को भी खाना खिलाते है।
नेपाल के लोगों का मानना है कि इस दिन दान धर्म करने से पूरा साल अच्छा व्यतीत होता है। भारत का पड़ोसी देश होने के कारण नेपाल में भी भारतीय संस्कृति देखने को मिलती है। यहां पर भी पूरे विधि विधान के साथ मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
सिंगापुर –
सिंगापुर में दीपावली के त्यौहार के उपलक्ष में राजपत्रित अवकाश होता है। यहां पर भारतीय मूल के तमिल समुदाय के लोग रहते हैं जो कि दीपावली के त्यौहार को बड़ी धूम-धाम से मनाते है। दीपावली के त्यौहार पर सिंगापुर के बाजारों में भी रोनक देखने को मिलती है।
यहां पर भी भारतीय बाजारों की तरह ही सजावट की जाती है और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते है। सिंगापुर सरकार द्वारा भी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करवाए जाते है।
मॉरीशस –
इस देश की लगभग 44% आबादी भारतीय लोगों की है जिसके कारण यहां पर हिंदू संस्कृति बहुत बड़े पैमाने पर देखने को मिलती है साथ ही यहां पर दीपावली के त्यौहार के दिन सार्वजनिक अवकाश होता है। इस देश में हिंदी भाषा भी बोली जाती है।
श्रीलंका –
श्रीलंका में भी दीपावली के त्यौहार के उपलक्ष में सार्वजनिक अवकाश होता है यहां पर भारतीय मूल के तमिल लोग अधिक मात्रा में रहते हैं जिसके कारण यहां पर भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। यहां पर भी दीपावली को खूब हर्षोल्लास से मनाया जाता है दीपावली के दिन यहां पर महालक्ष्मी की पूजा की जाती है और चारों तरफ मोमबत्तियां और दीपक जलाए जाते है।
इस त्योहार से हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती रहती है यह त्यौहार हमें सिखाता है कि कभी भी अंधकार से नहीं डरना चाहिए क्योंकि एक छोटे से दीपक की लौ भी काले अंधकार को प्रकाश में बदल सकती है। इसलिए समय हमेशा जीवन में आशावादी रहना चाहिए और अपने जीवन में हमेशा खुश रहना चाहिए।
दीपावली का त्यौहार सांस्कृतिक इन सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है इस त्यौहार से सभी के जीवन में खुशियां आती है इसी त्यौहार के कारण लोगों में आज भी सामाजिक एकता बनी हुई है।
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10 thoughts on “10+ दिवाली पर निबंध – Essay on Diwali in Hindi 2023”
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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi 2024): दीपावली पर निबंध हिंदी में
Diwali essay in hindi : हैप्पी दिवाली यहां देखें दिवाली पर हिंदी निबंध और बच्चों के लिए छोटे-छोटे पैराग्राफ, दीपावली त्यौहार पर आसान 10 लाइन्स और 150 शब्दों में दिवाली निबंध। सभी निबंध pdf रूप में free डाउनलोड करें।.
दिवाली पर हिंदी निबंध (Essay on Diwali in Hindi ): दीपावली, भारत में मनाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह त्योहार, हर साल, केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर के भारतीय समुदायों में विशेष आनंद और उत्सव के साथ मनाया जाता है। "दीपावली" शब्द का अर्थ होता है "दीपों की श्रृंखला"। यह शब्द बना है "दीप" और "आवली" को जोड़ कर जिन्हें संस्कृत भाषा के शब्दों से लिया गया है।
दीपावली को दिवाली या दीवाली भी कहा जाता है। यह त्योहार हर घर में खुशियों की सौगात लाता है और इस दिन हर घर में भगवान गणेश और लक्ष्मी की पूजा की जाती है। यूँ तो दीवाली पांच दिनों का त्यौहार है जहां हर एक दिन का एक अलग महत्व है लेकिन आमतौर पर 2 दिन सबसे खास होते हैं - छोटी दिवाली और दिवाली। आमतौर पर दिवाली का त्यौहार अक्टूबर के मध्य से नवंबर के मध्य में पड़ता है। दीपावली कार्तिक माह के पंद्रहवें दिन अमावस्या को मनाई जाती है। 2024 में दिवाली, शुक्रवार, 1 नवंबर को है।
दिवाली 2024 की हिंदी शुभकामनाएं: Diwali 2024 Wishes in Hindi
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1. दीपावली के इस पावन अवसर पर आपके घर में धन, सुख, और शांति का आगमन हो। शुभ दीपावली!
2. शुभ दीपावली! आपके जीवन में खुशियों की बारिश हो, और दीपावली का यह त्योहार आपके लिए खास हो।
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4. शुभ दीपावली! दीपों की रोशनी से दिल में उजाला हो।
दिवाली पर हिंदी निबंध: Hindi Essay on Diwali 2024
Diwali essay in hindi in 10 lines.
लाइन 1: दिवाली, दीवाली या दीपावली को 'रोशनी का त्योहार' भी कहा जाता है।
लाइन 2: कई भारतीय संस्कृतियों के लिए दिवाली का त्यौहार ही नए साल की शुरुआत का प्रतीक है।
लाइन 3: दिवाली बुराई पर अच्छाई के डेट का प्रतिक है क्यूंकि इसी दिन भगवान् राम रावण को हराने के बाद 14 साल का वनवास पूरा कर अयोध्या वापस लौटे थे।
लाइन 4: इस दिन अयोध्यावासियों ने अपने श्री राम के लौटने की खुशी में अपने घरों और पूरे शहर को दीयों से सजाया था।
लाइन 5: दिवाली पर लोग अपने घरों को साफ करते हैं, फूलों से सजाते हैं, रंगोली बनाते हैं, दीये जलाते हैं और पूरे घर को रोशनी से भर देते हैं।
लाइन 6: पड़ोसी, दोस्त, रिश्तेदार एक-दूसरे से प्यार से मिलते हैं और उपहार एवं मिठाइयाँ लेते - देते हैं।
लाइन 7: दीवाली की रात देवी लक्ष्मी और भगवान श्री गणेश की पूजा की जाती है।
लाइन 8: दिवाली पांच दिनों का त्योहार है।
लाइन 9: दिवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली मनाई जाती है।
लाइन 10: दीपावली सिर्फ एक त्यौहार नहीं बल्कि बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
हिंदी दिवाली निबंध - Diwali Essay in Hindi in 200 Words
दिवाली एक हिंदू त्योहार है जिसे बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। दीपावली का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है।आमतौर पर दिवाली अक्टूबर या नवंबर में आता है। इस दिन श्री राम लंकापति रावण को हराने के बाद अपनी नगरी - अयोध्या - लौटे थे। भगवान राम की अयोध्या वापसी अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
दीपावली पांच दिवसीय त्यौहार है। दिवाली त्यौहार के दौरान, घरों को साफ किया जाता है और घर के हर कोने को दीपक, फूलों और रंगीन रंगोलियों से सजाया जाता है। लोग उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं और नए कपड़े पहनते हैं। दिवाली की रात यानि इस पूरे त्यौहार के मुख्या शाम को लोग धन और समृद्धि के देवी-देवता, लक्ष्मी मान और भगवान गणेश की विशेष पूजा करते है।
दिवाली 2024
दिवाली का महत्त्व, दिवाली के पांच दिन: about all 5 days of diwali.
दिवाली पांच-दिवसीय उत्सव है।
पहले दिन के उत्सव को धनतेरस कहा जाता है। यह दिन नई चीजें, खासकर सोना और चांदी खरीदने के लिए शुभ दिन माना जाता है।
दूसरा दिन नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने का दिन है क्योंकि इस दिन बुरी आत्माओं को दूर रखने के लिए विशेष अनुष्ठान किये जाते हैं।
दिवाली, यानि के तीसरे दिन, रावण को हराने के बाद भगवान राम की अपने राज्य अयोध्या में वापसी का जश्न है। इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवन गणेश की भी पूजा की जाती है।
दिवाली का चौथा दिन गोवर्धन पूजा है। मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाया था।
हम दिवाली क्यों मनाते हैं?
दिवाली पर लंबा निबंध - long essay on diwali in hindi, प्रदूषण मुक्त और पर्यावरण-अनुकूल दीपावली .
दीपावली भारत में मनाए जाने वाले सबसे लोकप्रिय और शुभ त्योहारों में से एक है। इसे रोशनी के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है, यह बुराई पर अच्छाई की, अज्ञान पर ज्ञान की और निराशा पर आशा की जीत का प्रतीक है। दिवाली हिंदू कैलेंडर में कार्तिक महीने की अमावस्या को मनाई जाती है, जो आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर में आती है।
दिवाली संस्कृत के शब्द दीपावली से बना है, जिसका अर्थ है "दीपकों की पंक्ति।" यह त्यौहार नए हिंदू वर्ष की शुरुआत का भी प्रतीक है। इस पर्व को घर के चारों ओर दीये और मोमबत्तियाँ जलाकर मनाया जाता है। यह अंधकार पर प्रकाश की विजय और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। दिवाली दुनिया भर के हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह बुराई पर अच्छाई की, अज्ञान पर ज्ञान की और निराशा पर आशा की जीत का जश्न मनाने का समय है।
दीपावली मानाने के पीछे कई कथन हैं। रावण को हराने के बाद भगवान राम के अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में दिवाली मनाई जाती है। श्री राम को 14 साल के लिए अयोध्या से वनवास दिया गया था और उनकी वापसी को बहुत खुशी और उत्सव के साथ मनाया गया था। अयोध्या के लोगों ने उनके स्वागत के लिए दीये जलाए और अपने घरों को सजाया। दिवाली मनाने का एक अन्य कारण धन और समृद्धि की हिंदू देवी लक्ष्मी का सम्मान करना है। लोग धन और सौभाग्य का आशीर्वाद पाने के लिए दिवाली की रात लक्ष्मी पूजा करते हैं।
दिवाली पूरे भारत में बड़े उत्साह और खुशी के साथ मनाई जाती है। लोग इस त्योहार की तैयारी हफ्तों पहले से ही शुरू कर देते हैं। वे अपने घरों को साफ करते हैं, उन्हें रोशनी और रंगोलियों से सजाते हैं और नए कपड़े खरीदते हैं। दिवाली की रात, लोग अपने घरों और कार्यालयों के चारों ओर दीये और मोमबत्तियाँ जलाते हैं। वे धन और सौभाग्य का आशीर्वाद पाने के लिए लक्ष्मी पूजा भी करते हैं। पूजा के बाद, लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं। लोग स्वादिष्ट भोजन और मिठाइयाँ बनाते हैं और उन्हें अपने प्रियजनों के साथ बाँटते हैं।
दिवाली परिवारों और दोस्तों के एक साथ आने और जश्न मनाने का समय है। लोग अपने घरों को साफ करते हैं और सजाते हैं, नए कपड़े खरीदते हैं और स्वादिष्ट भोजन तैयार करते हैं। दिवाली की रात, लोग दीये जलाने, लक्ष्मी पूजा करने और उपहारों का आदान-प्रदान करने के लिए इकट्ठा होते हैं। दिवाली परिवारों और दोस्तों के एक साथ आने और जश्न मनाने का समय है। यह सभी गिले-शिकवे भूल कर नई शुरुआत करने का समय है। दिवाली आनंद और खुशियाँ फैलाने का भी समय है। दिवाली के अवसर पर समृद्ध घर-परिवार के लोग दान देते हैं और जरूरतमंदों की मदद करते हैं।
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Diwali Par Nibandh:- दीपावली हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है पूरे भारत में इसे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है दीपावली मनाने के पीछे की कहानी काफी रोचक है I ऐसा कहा जाता है कि इसी दिन भगवान श्री राम अपनी पत्नी सीता के साथ अपनी नगरी अयोध्या वापस आए थे I जिसके कारण वहां के निवासियों ने दीप जला कर उनका स्वागत किया था .दीपावली को बुराई पर अच्छाई के जीत के तौर पर भी देखा जाता है | इसके पीछे की वजह है कि भगवान श्रीराम ने रावण को युद्ध में हराकर ही अपने नगर वापस आए थे I इसलिए दीपावली का त्यौहार अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है I ऐसे में अगर आप एक छात्र हैं और दिवाली पर निबंध लिखना चाहते हैं लेकिन आपको समझ में नहीं आ रहा है कि आप दीपावली के ऊपर एक बेहतरीन Deepavali Essay in Hindi 2023 कैसे लिखें तो हम आपसे निवेदन करेंगे कि हमारे आर्टिकल पर आखिर तक बने रहे हैं चलिए शुरू करते हैं:–
Diwali Par Nibandh 2023 – Overview
दीपावली भारत का एक प्रमुख त्यौहार है I इसे भारत के प्रत्येक राज्य में मनाया जाता है I दीपावली का अपने आप में एक खास महत्व है I दीपावली के दिन पर हम अपने घर में माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करते हैं I छोटे बच्चे विशेष तौर पर इस दिन पटाखा जलाते हैं I इसके अलावा घर को हम भिन्न प्रकार के रंग बिरंगी लाइट के द्वारा सजाते हैं I इस दिन पूरा वातावरण प्रकाश में रहता है चारों तरफ प्रकाश ही प्रकाश दिखाई पड़ता है I
Diwali ka Nibandh
दीपावली का त्यौहार 2023 में 12 नवंबर को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा I इस दिन हम सभी लोग अपने घर में माता लक्ष्मी भगवान गणेश की पूजा करते हैं I इसके 2 दिन पहले धनतेरस का भी त्यौहार हम मनाते हैं और उस दिन घर के अंदर कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा करते हैं I ऐसा है कि कुबेर की पूजा करने से आपके घर में धन में वृद्धि होगी क्योंकि कुबेर को जन्म का देवता माना जाता है और अगर आप धनवंतरी की पूजा करते हैं तो आप हमेशा स्वस्थ रहेंगे क्योंकि धनवंतरी को आधुनिक शल्य चिकित्सा का जनक कहा जाता है I
दीपावली पर निबंध कक्षा- 3/ 4 /5 /6 /7 8 /9 10
दीपावली एक विशेष प्रकार का हिंदू पर्व है और इसे कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है I इसे हम लोग ज्योति और प्रकाश उत्सव के रूप में भी जानते हैं इसकी प्रमुख वजह है कि इस दिन दीप जलाए जाते हैं I दीपावली कार्तिक अमावस्या महीने में आता है और इस महीने में ही और भी चार प्रकार के त्यौहार आते हैं I इसीलिए इस महीने लोग काफी हर्षोल्लास के साथ सभी पर्वों को मनाते हैं I दीपावली के पहले दिन धनतेरस का त्यौहार आता है जिस दिन कोई ना कोई नया वर्तन आभूषण खरीदने की मान्यता है I इसके बाद आती छोटी दीपावली और फिर बड़ी दीपावली अगले कुछ दिनों में गोवर्धन पूजा और उसके बाद छठ पूजा इस प्रकार सभी त्योहार इसी महीने में समाप्त हो जाते है I
Diwali Essay For Class 3 to 10
Diwali Par Nibandh For Class 3/ 4 /5 /6 /7 8 /9 10:- दीपावली त्यौहार से जुड़ी हुई कई धार्मिक और ऐतिहासिक घटना भी है समुद्र मंथन करते समय प्राप्त 14 रत्नों में से लक्ष्मी देवी प्रकट होते हैं इसके अलावा जैन मत के अनुसार तीर्थंकर महावीर का महानिर्वाण भी किस दिन हुआ था I भारतीय संस्कृति के आदर्श पुरुष श्री राम लंका नरेश रावण पर विजय प्राप्त कर सीता लक्ष्मण सहित अयोध्या लौटे थे उस कारण भी दीपावली मनाई जाती है I ऐतिहासिक दृष्टि से इस दिन से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं में सिक्खों के छठे गुरु हरगोविन्दसिंह मुगल शासक औरंगजेब की कारागार से मुक्त हुए थे। राजा विक्रमादित्य सिंहासन पर बैठे थे I यह त्यौहार बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है और इस दिन सभी लोग दीप और मोमबत्ती जलाते हैं I इसके अलावा माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है और उसके बाद प्रसाद का वितरण सभी लोगों के बीच में किया जाता है I
दिवाली स्टेटस हिंदी में
दीपावली पर निबंध हिंदी में 10 लाइन (Diwali Essay 10 Lines)
- दीपावली हिंदुओं का विशेष पर्व है I
- दीपावली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है I
- दिवाली त्यौहार धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भैया दूज त्यौहार का समूह माना जाता है।
- दीपावली के दिन पूजा समाप्त होने के बाद हम सभी अपने बड़ों का आशीर्वाद देते हैं
- दिवाली के दिन हम अपने घरों को रंग बिरंगी लाइटों के द्वारा सजाते हैं I
- होली पर नई चीजें खरीदना काफी शुभ माना जाता है I
- दीपावली लोग एक दूसरे को उपहार और मिठाइयों का भेंट देते है।
- दीपावली पर छोटे बच्चे काफी पटाखा जलाते हैं
- दीपावली पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है I
- दीपावली कार्तिक पूर्णिमा महीने में मनाई जाती है I
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दीपावली पर निबंध 20 लाइन ( Dipawali Per 20 Lines)
- दीपावली भारत का सबसे बड़ा पर्व है।
- दिवाली एक प्रमुख हिंदू त्यौहार है .
- दीपावली को प्रकाश का पर्व भी कहा जाता है
- दीपावली के दिन भगवान श्री राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या वापस आए थे
- भगवान राम के आने की खुशी में अयोध्या के लोगों दीप जलाए थे
- Diwali त्योहार पूरे 5 दिन मनाया जाता है
- दिवाली के दिनों घरों लाइटों से सजाए जाते हैं
- इस दिन भगवान गणेश जय माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है I
- दीपावली के शुभ अवसर पर छोटे बच्चे पटाखे कुछ चलाते हैं
- दिवाली के त्यौहार से पहले घर के साफ-सफाई काफी अच्छी तरह से की जाती है
- दीपावली के पांचवे दिन को भाई बीज का त्यौहार मनाया जाता है।
- दिवाली के दिन दीप जलाए जाते हैं I
- दिवाली का त्यौहार अमावस्या की रात को मनाया ऐसी मान्यता है कि दीप जलाने से आपके जीवन का अंधकार दूर हो जाएगा
- दिवाली से पहले धनतेरस और धनतेरस के बाद छोटी दिवाली आती है छोटी दिवाली के बाद गोवर्धन की पूजा होती है और उसके अगले दिन भैया दूज आता है।
- दीवाली की रात को लोग माता लक्ष्मी की पूजा कर लोग धन की प्राप्ति करते हैं और गणेश जी की पूजा कर उन्हें गणेश जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है जिसे उनके जीवन में अगर कोई भी संकट या दुख है तो उसका निवारण हो जाएगा
- भगवान श्री राम ने रावण का वध कर अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या आए थे
- दीपावली को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में देखा जाता है I
- हर साल कार्तिक मास की अमावस्या की रात को दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है।
- दीपावली कार्तिक पूर्णिमा महीने में मनाई जाती है
- मिठाई की दुकाने सजने लगती हैं बाज़ारों में पटाखों और फुलझड़ियों की दुकाने सजती हुई दिखाई देती हैं I
दीपावली पर निबंध 150 शब्द | Diwali Per Nibandh (150 Words)
Diwali Par Nibandh :- भारत में दीपावली का त्यौहार बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता हैं। इस त्यौहार को हिन्दू धर्म के परंपरा और मान्यता के अनुसार मनाया जाता है दीपावली के पहले घर की साफ सफाई की जाती है उसके बाद दीपावली के दिन घर में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की मूर्ति स्थापित कर विधि विधान के साथ पूजा की जाती है ताकि आपके ऊपर माता लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहे I इस दिन पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद का वितरण किया जाता है और लोगों के घरों में जाकर मिठाई देने की भी परंपरा है इस दिन सभी व्यक्ति ने नए कपड़े पहनते हैं और छोटे बड़े सभी पटाखा जलाते हैं I दीपावली मनाने के पीछे सबसे प्रमुख वजह है कि इसी दिन भगवान श्रीराम अपनी पत्नी सीता के साथ अयोध्या वापस आए थे और उनके आने की खुशी में वहां के निवासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था तभी से दीपावली मनाने की परंपरा स्थापित हो चुकी है तभी से दीपावली मनाने का प्रयास शुरू हुआ I
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दीपावली पर निबंध 200 शब्दों में | Diwali Par Nibandh 200 Words
Diwali Per Nibandh :- हम भारत देश में रहते हैं जिसे अलग-अलग धर्मों में एकता, संस्कृति, रीति-रिवाजों और अलग-अलग उत्सवों की वजह से जाना जाता है। भारत को त्योहारों का देश कहा जाता है I यहां पर विभिन्न प्रकार के त्योहार मनाए जाते हैं I ऐसे में दीपावली भी भारत का एक प्रमुख त्योहार है दीपावली मनाने के पीछे क्या कारण है कि इस दिन भगवान श्री राम अपनी नगरी अयोध्या वापस आए थे I उनके आने की खुशी में दीपावली बनाने की परंपरा शुरू हुई I
दीपावली को हम सभी लोग अपने घर को रंग बिरंगी लाइट से सजाते हैं I इसके अलावा घर में विभिन्न प्रकार के पकवान बनते हैं I हर एक व्यक्ति एक दूसरे के घर में जाता है और वहां पर जाकर दीपावली की हार्दिक बधाइयां देता है I इसके अलावा पूजा संपन्न होने के बाद हम प्रसाद का वितरण करने दूसरे के घर में जाते हैं और वहां पर जाने के बाद हमें वहां से भी प्रसाद मिलता है I दीपावली एक प्रकार का भाईचारा त्यौहार है I सभी लोग गले मिलते हैं I दीपावली आने से पहले हम अपने घर की साफ सफाई अच्छी तरह से करते हैं उसके बाद ही दीपावली का त्यौहार हम मनाते हैं I
दिवाली पर निबंध 500 शब्द | Diwali Par Nibandh 500 Words
भूमिका : भारत दुनिया का ऐसा देश है I जहां पर विभिन्न धर्म के मानने वाले लोग रहते हैं और यहां के त्यौहार भी काफी अलग अलग है I इसलिए भारत में प्रत्येक महीने कोई ना कोई त्यौहार आता ही रहता है I ऐसे में दीपावली हिंदुओं का एक विशेष त्यौहार है I इसी दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था और उसके बाद अपनी पत्नी सीता को रावण के कैद से आजाद करवाया और उसके बाद उन्हें लेकर अयोध्या गए I जिसके कारण आज आवासी बहुत ज्यादा खुश है और श्री राम के आने की खुशी में उन्होंने पूरे नगर में दीप जलाए I जिसके बाद से ही दीपावली मनाने की परंपरा और प्रथा शुरू हो गई जो आज तक कायम है I
वर्षा ऋतु समाप्त होने के बाद जब शीत ऋतु का आगमन होता है तो उसे समय दीपावली का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है I इस त्यौहार को पांच दिनों तक मनाया जाता है जिसमें धनतेरस, छोटी दीपावली, बड़ी दीपावली, गौधन, भाई दूज आदि त्यौहार बनाए जाते हैं
दीपावली का अर्थ :
दीपावली दो शब्दों से मिलकर बना है जो संस्कृत से लिया गया है जिसका अर्थ होता है दीपों की पंक्ति या दीपों से सजी हुई पंक्ति। रीना अधिक मात्रा में दीप और मोमबत्तियां जलाई जाती हैं जिसके कारण दीपावली को दीपोत्सव कहा जाता है I
दीपावली का महत्व :
दीपावली को पूरे भारत में बहुत ही खुशी और धूम-धाम से मनाया जाता है। दीपावली को अंधकार पर प्रकाश बुराई पर अच्छाई और अज्ञानता पर ज्ञान की विजय के रूप में देखा जाता है दीपावली को सुंदर और तरीके से मनाया जाता है इस दिन भारत के प्रत्येक राज्य में विभिन्न प्रकार के दीपावली संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिसमें अधिक से अधिक लोग भाग लेते हैं इसके अलावा घरों में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की विधि विधान के साथ पूजा की जाती है उसके बाद लोग दूसरे के घर प्रसाद देने के लिए जाते हैं I दीपावली के दिन लोग बर्तन सोना मिठाइयां कपड़े इत्यादि खरीदते हैं और पैसे खर्च करते हैं उनका मानना है कि इस दिन अगर वह पैसे माता लक्ष्मी के चरणों में अर्पित करेंगे तो उनके धन में वृद्धि होगी I
इस दिन का महत्त्व पांडवों की वजह से भी बढ़ जाता है क्योंकि इसी दिन पांडवों 13 वर्ष का वनवास समाप्त हुआ था I इसके अलावा दीपावली मनाने के पीछे और भी एक रोचक कहानी है ऐसा कहा जाता है कि आज के दिन ही माता लक्ष्मी का जन्म हुआ था और उन्होंने भगवान विष्णु से विवाह किया था जिसके कारण इस दिन को दीपावली के रूप में मनाया जाता है I
दीपावली की बुराईयाँ :
कोई भी त्यौहार या पर अब खराब नहीं होता है लेकिन उसे खराब करने का काम इंसान ही करते हैं I दीपावली के दिन कई लोग घर में जुआ और शराब का भी सेवन करते जो कि इस महान पर्व के लिए कलंक के समान है I ऐसा करने वाले लोगों की संख्या अधिक है I इसलिए हमें दीपावली त्यौहार को काफी हर्षोल्लास और पवित्र तौर पर बनाना चाहिए ना की कुरीतियों जैसे काम कर I
इसके अलावा आज के समय आवाज वाले पटाखे का इस्तेमाल किया जाता है I जिसके कारण वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण जैसी समस्या उत्पन्न होती है I जिससे हमारा वातावरण प्रदूषित होता है I और इसका खामियाजा आने वाले पीढ़ी और हमें भी भुगतना पड़ेगा I इसलिए हमें दीपावली के दिन पटाखों का इस्तेमाल कम करना होगा और अगर आप पटाखा जलाना चाहते हैं तो ऐसे पटाखे का इस्तेमाल करें जिसकी आवाज ना के बराबर हो I
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FAQ. Diwali Par Nibandh 2023
Q: भारत में दिवाली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है.
Ans: दीपावली का त्योहार पौराणिक कथा के अनुसार इसी दिन भगवान श्रीराम 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या वापस आए थे I इसीलिए इस दिन को दीपावली मनाया जाता है
Q. क्या भारत के अलग-अलग राज्यों में दिवाली को एक ही रूप में मनाया जाता है ?
Ans बिल्कुल नहीं प्रत्येक राज्य में दीपावली मनाने की परंपरा और रीति-रिवाज अलग है
Q: दीपावली में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा क्यों की जाती है ?
Ans; दीपावली के दिन माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है इसके पीछे की वजह है कि माता लक्ष्मी को धन का देवी कहा जाता है और भगवान गणेश को बुद्धि का इसलिए अगर आपके पास बुद्धि होगी तभी तो आप धन का सदुपयोग कर पाएंगे I
Q वर्ष 2023 में दीपावली का त्यौहार कब मनाया जायेगा?
12 नवंबर 2023 को दीपावली का त्यौहार मनाया जायेगा
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Diwali par nibandh 2024: अगर आप दिवाली पर अपने स्कूल की निबंध प्रतियोगिता का हिस्सा बनना चाहते हैं और इस अवसर को खास बनाना चाहते हैं तो हम यहां आपके लिए दिवाली पर शानदार और सरल हिंदी निबंध लेकर आए हैं, जो आपको स्कूल में बेस्ट प्राइज जीतने में मदद करेगा। यहां पर पढ़िए देखिए करीब 10 लाइन में दिवाली का निबंध।.
दिवाली क्यों मनाते हैं?
भगवान राम का आगमन: ऐसा माना जाता है कि जब भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के बाद वापस अपने राज्य अयोध्या लौटे तो अयोध्या के लोगों ने दीप जलाकर के उनके वापस आने का उत्सव मनाया था और तब से यह दिन दीपावली उत्सव के रूप में विख्यात हुआ।
फसल उत्सव: भारत एक कृषि प्रधान देश है और फसलों की कटाई और चावल या धान की फसल के उत्सव को भी दीपावली से जोड़कर देखा जा सकता है।
देवी लक्ष्मी का जन्म: ऐसी भी मान्यता है कि दिवाली पर ही देवी लक्ष्मी का जन्म कार्तिक मास की अमावस्या के दिन हुआ था और इस उपलक्ष्य में भी दिवाली उत्सव मनाते हैं।
दिवाली का पर्व कैसे मनाते हैं?
दिवाली पर्व मनाने का तरीका:
दीपावली के उत्सव पर घरों को दीयों, रंगोली, फूल और रंग-बिरंगी लाइट से सजाया जाता है, घरों में लक्ष्मी-गणपति की पूजा होती है, लोग एक दूसरे से गले मिलकर मिठाई बांटते हैं, पटाखों और आतिशबाजी से भी उत्सव मनाया जाता है।
दिवाली का महत्व और उद्देश्य
दिवाली पर्व बुराई पर अच्छाई की अंतिम जीत का प्रतीक तो है ही लेकिन साथ में इसे दीपों की रोशनी से अंधेरे के उन्मूलन के रूप में देखा जाता है, क्योंकि हम एक आशापूर्ण- उज्ज्वल भविष्य के प्रतीक हैं।
दिवाली की रोशनी हमारी सभी अंधेरी इच्छाओं और विचारों को नष्ट करने, अंधेरे छाया और बुराइयों को खत्म करने का समय दर्शाती है। यह पर्व अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई और अज्ञान पर ज्ञान की आध्यात्मिक विजय का प्रतीक है।
उपसंहार या निष्कर्ष
दिवाली त्योहार का आनंद हर कोई उठाता है। तमाम उत्सवों के बीच हमें पटाखे फोड़ने से ध्वनि और वायु प्रदूषण का भी ध्यान रखना चाहिए। सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल दिवाली मनाना और भी ज्यादा अच्छा होगा। तो आइए हम सब मिलकर इस पारंपरिक त्योहार को जिम्मेदारी और पूरी खुशी के साथ मनाएं। दिवाली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
दिवाली पर निबंध 10 लाइन में
- दिवाली को दीपावली के नाम से भी जाना जाता है जिसका मतलब होता है दीयों की पंक्ति या लाइन।
- यह भारत के सबसे प्रमुख हिंदू त्योहारों में से एक है, जो भगवान राम के 14 साल के लंबे वनवास के बाद अयोध्या वापस लौटने के प्रतीक के रूप में भी मनाया जाता है।
- वास्तव में दिवाली धनतेरस से शुरू होने वाला 5 दिन का त्योहार है। जिसमें धनतेरस के अलावा छोटी दिवाली या नर्क चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज शामिल हैं।
- दिवाली से कई दिन पहले दिवाली उत्सव की तैयारियां शुरू हो जाती हैं और लोग त्योहार से पहले अपने घरों-ऑफिस, आस पास की जगहों की साफ सफाई करते हैं।
- दिवाली पर्व पर घरों को दीपकों के अलावा जग मग रोशनी, कई तरह की लाइट, लड़ियों और रंगोली व फूलों से भी सजाया जाता है।
- दिवाली के पर्व पर देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है।
- दिवाली पर्व पर पड़ोसी, संबंधी और दोस्त एक दूसरे से गले मिलते हैं और आपस में मिठाई और कपड़ों का आदान-प्रदान भी करते हैं।
- विशेष तौर पर बच्चे दिवाली के अवसर पर पटाखों और आतिशबाजी के साथ उत्सव मनाना पसंद करते हैं।
- दिवाली का दिन हिंदू के अलावा अन्य मान्यताओं में भी महत्वपूर्ण है, यह दिन भगवान महावीर के 'निर्वाण' या आध्यात्मिक जागरण का भी प्रतीक है, जो जैन धर्म में सबसे शुभ अवसरों में से एक है।
- जैन के अलावा सिख धर्म में भी इस दिन का महत्व है। लोग इस त्योहार को उस दिन के रूप में मनाते हैं जब उनके छठे सिख गुरु, हरगोबिंद जी को कारावास से रिहा हुए थे।
रेकमेंडेड खबरें
Diwali Essay in Hindi- दीपावली | दिवाली पर निबंध हिंदी में
In this article, we are providing Diwali Par Nibandh | Diwali Essay in Hindi दीपावली | दिवाली पर निबंध हिंदी | Nibandh in 100, 200, 250, 300, 500 words For Students & Children.
दोस्तों हमने Deepawali Par Nibandh | Essay on Diwali in Hindi लिखा है दीपावली | दिवाली पर निबंध हिंदी में कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, और 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है। 8 Simple Essay on Diwali in Hindi language.
Diwali Essay in Hindi- दिवाली पर निबंध हिंदी में
दीपावली पर निबंध हिंदी में 10 लाइन- Diwali Essay in Hindi 10 lines for Child & Kids ( 100 words )
1. दीपावली हिंदुओं का पावन त्योहार है।
2. यह अक्टूबर-नवंबर के महीने में आता है।
3. दीपावली के दिन ही श्री राम चौदह वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे।
4. उनके आने पर पूरी अयोध्या नगरी को दीपों से सजाया गया था।
5. दीपावली के आने की तैयारी घर और दुकानों की साफ़-सफ़ाई और रंग-रोगन से होती है।
6. दीपावली से दो दिन पहले धनतेरस के अवसर पर लोग अपने घरों के लिए नया सामान खरीदते हैं।
7. सभी मित्र-संबंधी आपस में मुँह मीठा करवाते हैं।
8. दीपावली के दिन गणेश-लक्ष्मी का पूजन होता है।
9. सभी रात में अपने घर को दीपों से सजाते हैं और पटाखे चलाते हैं।
10. दीपावली की रात रोशनी की रात होती है।
10 lines दीपावली पर निबंध कक्षा 3
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दीपावली पर निबंध 150 शब्द- Diwali Par Nibandh | Diwali Essay in Hindi 150 words
परिचय : दीपावली हिन्दू जाति का प्रधान पर्व है। इसकी प्रतीक्षा लोग बड़ी उत्सुकता से करते हैं।
वर्णन : यह कार्तिक की अमावस्या को खूब धूम-धाम से मनायी जाती है। सबलोग इस दिन संध्या को अपने-अपने घरों को रंग-बिरंगी बत्तियों से सजाते हैं। आज के दिन व्यापारी लोग अपना कार्य शुरू करना शुभ मानते हैं।
लाभ : दीपावली सफाई का त्योहार है। दीपावली के पहले ही घरों एवं दुकानों की लिपाई-पुताई की जाती है। दुकानदारों के पुरान बकाए वसूल हो जाते हैं। लोग मित्रों और संबंधियों से मिलते-जुलते हैं। इससे प्रेम और भाई-चारा बढ़ता है।
हानि : कुछ लोग दीपावली के दिन जुआ खेलना अच्छा समझते हैं लेकिन यह गन्दी आदत है। वे लोग जुआ खेलकर अपना सब कुछ गँवा बैठते हैं। आतिशबाजी के कारण लड़के जल जाते हैं एवं कहीं-कहीं आग लगने की दुर्घटना घट जाती है।
उपसंहार : दीपावली हमारे जीवन में नवीन प्रकाश लाती है। यह हमें भाई-चारा, सहयोग, सुख और शान्ति का सन्देश देती है।
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Short Essay on Diwali in Hindi – दीपावली पर निबंध हिंदी में ( 180 words )
दीपावली हिन्दुओं का एक मुख्य त्योहार है। यह कार्तिक मास की अमावास्या के दिन मनाया जाता है।
भगवान राम चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे। अयोध्या के लोगों ने खुशी में घी के दीपक जलाए। तब से दीपावली मनाते हैं।
दीपावली आते ही खुशी की लहर दौड़ जाती है। घरों और दुकानों की साफ सफाई की जाती है। उन्हें सुन्दर तरीके से सजाया जाता है। घर में अनेक तरह के पकवान और मिठाईयाँ बनती हैं। नए कपड़े खरीदे जाते हैं। इस दिन गाँव एवं नगर दीयों और रंगीन बल्बों के प्रकाश से जगमग करते हैं।
बच्चों को दीपावली बहुत पसंद है। परिक्षाएँ खत्म हो चुकी रहती है और पाठशालाओं में छुट्टियाँ हो जाती है। बच्चे पटाखे खरीदते हैं जैसे -अनार, रॉकेट, फुलझड़ी, चरखी आदि। दीपावली के दो-चार दिन पहले से ही वे पटाखे जलाने लगते हैं । कुछ पटाखे खतरनाक होते हैं। पटाखे सदा बड़ों के संरक्षण में जलाने चाहिए।
दीपावली खुशियों और प्रेम का त्योहार है। इसे हिलमिलकर मनाना चाहिए।
Deepawali Essay in Hindi
दिवाली पर निबंध हिंदी में- Hindi Essay on Diwali in 200 words
दीपावली या दीवाली हिन्दुओं का एक बहुत पवित्र तथा महत्वपूर्ण त्यौहार है। यह सारे भारत में बड़े धूमधाम और उत्साह से मनाया जाता है। कार्तिक माह की अमावस्या को दीपावली मनाई जाती है।
दीपों, मिठाइयों, लक्ष्मीपूजन और पटाखों का यह दिन सचमुच अद्भुत है। इस दिन के लिए बहुत पहले से ही तैयारियाँ प्रारंभ हो जाती हैं। घर-द्वार की सफाई, रंग-रोगन, दूकानों की सजावट, नये वस्त्रों, बरतनों, गहनों आदि की खरीद इस अवसर पर की जाती है। लोग-बाग उदारता से धन खर्च करते हैं और आनन्द मनाते हैं।
इसी दिन भगवान राम अपने 14 वर्ष के वनवास के पश्चात सीता के साथ अयोध्या लौटे थे। राम ने दुष्ट रावण का वध किया था। उन्होंने संतों, सज्जनों और दूसरे सभी अच्छे लोगों को रावण के भय से मुक्त किया था। इसी याद में सारी रात दीपक मालायें जलाई जाती हैं, सजावट की जाती है, मिलन मनाया जाता है और पकवान पकाये जाते हैं।
धनी और व्यापारी वर्ग इस दिन धन की देवी लक्ष्मी तथा विद्या के देवता गणेश का पूजन करते हैं। कुछ लोग इस दिन जुआ खेलते हैं। यह एक बड़ी सामाजिक बुराई है। हमें इससे बचना चाहिये। जैन धर्म के महान प्रवर्तक वर्धमान महावीर का देहावसान इसी दिन हुआ था।
इसी दिन आर्य समाज के प्रवर्तक स्वामी दयानन्द सरस्वती ने देह त्याग किया था।
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दिवाली पर निबंध हिंदी में- Essay on Diwali in Hindi Language ( 250 words )
दिवाली या दीपावली एक मुख्य त्योहार है। यह केवल भारत में ही नहीं, विदेशों में भी मनायी जाती है। लोग’ आश्वयुज अमावास्या के दिन यह पर्व मनाते हैं। दिवाली का अर्थ दीपों की पंक्ति है।
उत्तर भारत में यह पर्व पाँच दिनों का है। आन्ध्र प्रदेश में यह तीन दिन मनाया जाता है। दिवाली के एक दिन पूर्व नरक चतुर्दशी पर्व और दिवाली के बाद दूसरे दिन भैया-दूज पर्व मनाया जाता है। नरक चतुर्दशी पर्व मनाने के सम्बन्ध में एक कथा प्रचलित है। श्रीकृष्ण की पत्नी सत्यभामा ने नरक नामक राक्षस का वध किया था। उस घटना की स्मृति में नरक चतुर्दशी पर्व मनाया जाता है।
दिवाली पर्व के सम्बन्ध में यह कथा प्रचलित है। रावण-वध के बाद जब राम अयोध्या लौटे तब पुरजनों ने उनके स्वागत में दीपों का आयोजन किया था। तब से दिवाली प्रचलित हुई। यह पर्व बूढ़े-बच्चे, स्त्री-पुरुष सब बड़े आनंद से मनाते हैं। इस दिन सब स्नान करके नये कपड़े पहनते हैं। वे मीठे पकवान खाते हैं। वे पटाखे जलाते हैं। रात को दीप जलाते हैं और लक्ष्मी की पूजा करते हैं।
भैया-दूज भाई-बहन का त्योहार है। भाई बहन के घर जाकर खाना खाता है। बहन भाई को कपड़े देती है। भाई बहन को उपहार देता है। इस प्रकार यह पर्व भाई-बहन के प्रेम को बढ़ाने वाला है।
संक्षेप में दिवाली प्रकाश का पर्व है। यह आनंद का त्यौहार है। यह पर्व हमें यह सन्देश देता है कि ज्ञान रुपी प्रकाश अज्ञान रुपी अन्धकार कि दूर करता है।
Meri Pathshala Nibandh
Satsangati Essay in Hindi
दिवाली पर निबंध- Diwali Essay in Hindi for Class 10 ( 300 to 350 words )
दीपावली हिन्दुओं का अत्यन्त प्रमुख पर्व है। यह त्यौहार कार्तिक मास। के कष्ण पक्ष की अमावस्या को समारोह पूर्वक समस्त भारत में मनाया जाता है। यह धन-धान्य की देवी लक्ष्मी की पूजा का पर्व है, इस कारण भी इसका अधिक महत्त्व है।
यह त्यौहार कब से और क्यों मनाया जाता है ? इस सम्बन्ध में एक विचार यह है कि श्रीराम चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात् इसी दिन अयोध या लौटे थे। नगर निवासियों ने उनके स्वागत में दीप जलाए थे, तभी से यह पर्व मनाया जाता है। वैसे यह एक ऋतु पर्व है। वर्षा ऋतु में जो अन्न बोए जाते हैं, वे इस समय तक पक कर तैयार हो जाते हैं। किसानों के घर नए अन्न से भर जाते हैं, उन्हें इसकी प्रसन्नता होती है। किसान के साथ ही व्यापारी और जनता को भी इसकी प्रसन्नता होती है। अतः अन्न और धन-लक्ष्मी के स्वागत का ही यह त्यौहार है।
इसी दिन भगवान् श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया था और समुद्र मंथन से लक्ष्मी की उत्पत्ति भी इसी दिन हुई थी। दीपावली अपने साथ कई त्यौहार लेकर आती है। दीपावली से दो दिन पूर्व धन त्रयोदशी होती है। इसके पश्चात् नरक चतुर्दशी (छोटी दीपावली) आती है। अमावस्या को दीपावली का मुख्य उत्सव होता है। अगले दिन अन्नकूट या गोवर्धन पूजा का उत्सव होता है और उससे अगले दिन द्वितीया को भैया दूज का उत्सव मनाया जाता है।
दीपावली से पूर्व लोग घरों की सफाई करवाते हैं। इस दिन प्रातः काल से ही घरों में बड़ी चहल-पहल होती है। लोग बाजार से मिठाइयाँ, फल, खील-बताशे और दीवे लाते हैं। बच्चे फुलझड़ियाँ और पटाखे खरीदते हैं।
सायं होते ही लोग घर की मुंडेरों पर सरसों के तेल के दीपकों की पंक्तियाँ जलाते हैं। बिजली के लटू या मोमबत्ती भी जलाये जाते हैं। दीपकों के प्रकाश से अन्धेरी राम भी पूर्णिमा की राम की तरह चमक उठती है। रात को लोग घरों और दुकानों पर लक्ष्मी पूजन करते हैं। लक्ष्मी पूजन के पश्चात् प्रसाद वितरण होता है। बच्चे फुलझड़ी और पटाखे चलाते हैं। इस अवसर पर मित्रों और सम्बन्धियों को भी मिठाई दी जाती है।
वास्तव में यह आनन्द और उत्साह का अनुपम पर्व है।
दिवाली पर निबंध- Deepawali par Nibandh Hindi mein ( 350 to 400 words )
भारत वास्तव में त्यौहारों तथा मेलों का देश है। यहाँ विभिन्न धर्म, जाति तथा सम्प्रदाय के लोग निवास करते हैं। ये लोग समय-समय पर अपने त्यौहार तथा पर्व मनाते हैं। ये पर्व ही भारत की संस्कृति की असली तस्वीर हैं। दीपावली भारतीय त्यौहारों में अपना प्रमुख स्थान रखता है। यह हिन्दुओं का मुख्य त्यौहार है। पूरे भारत वर्ष में यह अत्यंत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार श्रीरामचन्द्रजी के चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या वापस लौटने की खुशी में मनाया जाता है। ऐसा विश्वास है कि जब श्रीराम ने लंका के राक्षसपति रावण को हरा दिया तथा सीता माता को उसके चंगुल से मुक्त करा लिया तब वह अपने भाई लक्ष्मण तथा सेवक हनुमान के साथ अयोध्या लौटे थे। तब जनता ने खुशी में घी के दिये जलाकर प्रकाश किया तथा उनका अयोध्या में स्वागत किया। श्री राम के आने से अयोध्या की जनता अत्यंत प्रसन्न थी।
दीपावली आने से पहले लोग अपने घरों में साफ-सफाई तथा पुताई करते हैं। दीपावली से दो दिन पूर्व का दिन धनतेरस माना जाता है। इस दिन बर्तन खरीदना, जेवर या अन्य कोई नयी चीज खरीदना शुभ माना जाता है। दीपावली की रात को लोग लक्ष्मी देवी तथा गणेश की पूजा करते हैं। घरों में दिये, लैम्प आदि जलाये जाते हैं। पकवान बनते हैं तथा मिठाईयाँ पड़ोसियों व रिश्तेदारों में बाँटी जाती हैं। दीपावली की रात को बच्चों की तो मौज होती है। वे मिठाई, पकवान खाते घूमते हैं तथा पटाखे, अनार, फुलझड़ियाँ चलाते हैं। अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है। उसके बाद भाई दौज आता है। इस दिन बहनें भाइयों के तिलक लगाती हैं। भाई बहनों को कुछ रुपये उपहार स्वरूप देते हैं।
दीपावली एक पावन पर्व है। लेकिन कुछ लोग जुआ और शराब में अपना पूरा त्यौहार निकाल देते हैं। वे इस दिन डटकर शराब पीते हैं तथा जुआ खेलते हैं। जुए में बहुत सी रकम हार जाते हैं। क्रोध में बीवी, बच्चों को मारते-पीटते हैं। इस पवित्र दिन यह अपिवत्र बातें नहीं करनी चाहिये। मर्यादा और गरिमा की सीमा में रहकर त्यौहार का आनन्द उठाना चाहिये। अत्यधिक धन खर्च करके पटाखे फोड़ना भी गलत है। इसमें से कुछ धन बचाकर दान दे देना चाहिये। ताकि निर्धन लोग भी खुशी के साथ त्यौहार का आनन्द उठा सकें।
दीपों का त्यौहार दिवाली पर निबंध- Essay on Diwali in Hindi with Headings (500 words )
प्रस्तावना
भारतवर्ष त्यौहारों-पर्वो तथा उत्सवों का देश है। भारतीय त्यौहारों में दीपावली का विशेष महत्त्व है। यह इस देश का सांस्कृतिक एवं राष्ट्रीय त्यौहार है। दीपावली दीपों का त्यौहार है। दीपावली का बिगड़ा हुआ रूप है ‘दीवाली’। इसका अर्थ है दीपों की अवली अर्थात् दीपों की कतार (पंक्ति)। इस दिन हिन्दू लोग अपने घरों में दीये, मोमबत्तियाँ तथा बिजली के बल्बों को जलाकर, उनकी पंक्तियाँ अर्थात् कतार लगा देते हैं।
दीपावली कब मनाई जाती है? Diwali ka tyohar kab manaya jata hai
यह त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या को सारे भारतवर्ष में बहुत धूमधाम तथा उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन सभी ओर इतनी अधिक रोशनी की जाती है जिससे अमावस्या की काली रात भी पूर्णमासी की तरह जगमगाने लगती है। दीपावली से पूर्व ‘धनतेरस’ तथा इसके बाद ‘गोवर्धन पूजा’ और ‘भैया दूज’ के त्यौहार मनाए जाते हैं।
दीपावली क्यों मनाई जाती है? Diwali kyon manai jati hai
इस दिन भगवान श्रीराम चौदह वर्षों का वनवास काटकर तथा लंका पर विजय प्राप्त करके सीता तथा लक्ष्मण सहित अयोध्या लौटे थे। इस तिथि को श्रीरामचन्द्र जी का राजतिलक किया गया था। अतः इस दिन सारे अयोध्यावासियों ने इसी खुशी में आनन्दोत्सव मनाया था तथा अपने हर्षोल्लास को प्रकट करने के लिए दीप जलाए थे और मिठाइयाँ बाँटी थीं। जैन धर्म के महावीर स्वामी तथा आर्य समाज के स्वामी दयानन्द सरस्वती जी को भी इसी दिन मुक्ति मिली थी। इसीलिए जैनी तथा आर्य समाज के लोग भी इस त्यौहार को बहुत धूमधाम से मनाते हैं। यह भी कहा जाता है कि महाराज युधिष्ठिर का राजसूय यज्ञ भी इसी तिथि को सम्पन्न हुआ था।
दीपावली कैसे मनाई जाता हैं? Diwali Kaise manai jaati hai
इस दिन लोग अपने घरों व दुकानों को सजाते हैं। गलियों तथा बाजारों को भी सजाया जाता है बाजारों में हलवाइयों की दुकानें खूब सजी होती हैं और सभी लोग मिठाइयाँ खरीदते हैं। इस दिन बाजारों से सुन्दर-सुन्दर खिलौने व बर्तन आदि भी खरीद कर लाए जाते हैं। इस दिन स्त्रियाँ अपने घरों में पकवान भी बनाती हैं। बच्चे व युवक आतिशबाजी चलाते हैं। घरों में आस्थावान लोग गणेश और लक्ष्मी की पूजा करते हैं। लोग दीवाली पूजन के बाद अपने इष्ट मित्रों व सम्बन्धियों के घर मिठाइयाँ भेजते हैं। व्यापारी बन्धु इस दिन अपना नए वर्ष का नया बहीखाता बनाते हैं।
उपसंहार
दीपावली के दिन कुछ लोग जुआ खेलना व शराब पीना अच्छा मानते हैं। यद्यपि इस कारण से अनेक घर बर्बाद हो जाते हैं। एक ओर लक्ष्मी की पूजा करके लोग उससे धन-प्राप्ति की प्रार्थना करते हैं तो दूसरी ओर बहुत से लोग जुआ खेल कर धन हार जाते हैं। फिर भी यह पर्व धनी-निर्धन, राजा-रंक एवं शिक्षित-अशिक्षित सभी के लिए हर्षोल्लास प्रदान करने वाला त्यौहार है।
दिवाली पर निबंध- Long Essay on Diwali in Hindi with Headings (650 words )
भूमिका
भारत वर्ष में अनेक धर्मो, विश्वासों और आस्थावाले लोग रहते हैं। इसलिए यहाँ अनेक त्यौहार मनाए जाते हैं। भारत में पर्वो की गौरवशाली परंपरा है। सभी लोग अपने-अपने त्यौहार उल्लास और आनंद से मनाते हैं। हिन्दू बहुसंख्यक हैं, इसलिए उनके त्यौहार भी अधिक हैं। कुछ त्यौहार क्षेत्रीय हैं और कुछ राष्ट्रीय। हिन्दुओं के प्रमुख त्यौहार हैं— दीपावली, विजयदशमी (दुर्गापूजा) रक्षा बन्धन और होली। दीपावली हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार है। यह कहना असंगत न होगा कि दीपावली भारत का राष्ट्रीय पर्व है।
परिचय | Dipawali ka arth
दीपावली मनाने के बारे में एक कहानी प्रचलित है। कहते हैं कि इसी दिन श्री रामचन्द्र जी लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या लौटे थे। इस खुशी में अयोध्या-वासियों ने घर-घर दीप जलाए थे और आनंद मनाया था। तभी से यह त्यौहार पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
Dipawali ka Itihas
दीपावली पर्वो का समूह है। यह शरद ऋतु में मनाई जाती है। दीपावली का त्यौहार कार्तिक कृष्ण पक्ष 13 से लेकर कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तक अर्थात 5 दिनों तक मनाया जाता है। इस त्यौहार का पहला दिन ‘धन तेरस’ कहलाता है। इस दिन लोग नए-नए बर्तन खरीदते हैं। घर-घर में यमराज की पूजा होती हैं और दीप जलाकर घर के द्वार पर रखा जाता है। चतुर्दशी का दिन ‘नरक चौदस’ कहलाता है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लेकर अत्याचारी राजा हिरण्य कश्यप का वध किया था और भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी। एक अन्य घटना के अनुसार इसी दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर को मारा था। इस दिन घरों की सफाई की जाती है। मुख्य पर्व कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है। उस दिन शाम को लक्ष्मी जी का पूजन किया जाता है और घर-घर दीप जलाये जाते हैं। बच्चे फुलझड़ियाँ और पटाखे छोड़ते हैं। लोग स्वादिष्ट भोजन करते हैं। बच्चे प्रेम से मिठाइयाँ खाते हैं। चौथा दिन ‘गोवर्द्धन पूजन’ का होता है। इसी दिन श्रीकृष्ण ने गोवर्द्धन पर्वत उठाकर इन्द्र के कोप से गोकुल के लोगों की रक्षा की थी। दीपावली का पाँचवाँ दिन ‘भैया दूज’ या ‘यम द्वितीया’ के नाम से प्रसिद्ध है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाती हैं और मिठाइयाँ खिलाती हैं। कहा जाता है कि इस दिन यमुना नदी में स्नान करने से यमराज के चक्कर से बचा जा सकता है।
पर्व की विशेषता | Dipawali parv ka mahatva
यह पर्व वर्षा समाप्त होने के बाद आता है। बरसात के कारण अनेक मकान टूट-फूट जाते हैं इनकी लोग मरम्मत करते हैं। महीनों पहले से घरों की लिपाई-पुताई और सफाई होने लगती है। सभी घर तरह-तरह से सजाए जाते हैं। बाजारों को साफ-सुथरा करके सजाया जाता है। रंग-बिरंगे फूल-पत्तियों और बल्बों से शहर वाले अपने मकानों, दुकानों और गलियों को सुसज्जित करते हैं। हर ओर प्रसन्नता और आपसी वैर-भाव भूलकर प्रेमपूर्वक लोग एक दूसरे से मिलते हैं और शुभकामनाएँ देते हैं। सभी के मन और हृदय शुद्ध और स्वच्छ हो जाते हैं। सफाई से रोग फैलाने वाले कीड़ों-पतंगों का नाश हो जाता है। आतिशबाजी और पटाखों की गंध और धुएँ से कीटाणु नष्ट हो जाते हैं।
पर्व के दुरुपयोग से हानियाँ
वह लोग जो जोश में आकर अपनी हैसियत से अधिक खर्च कर देते हैं, वे कर्ज से लद जाते हैं। वे वर्ष भर कष्ट पाते हैं। कई लोग दीपावली पर जुआ खेलना आवश्यक समझते हैं। जुआ खेलने से धन-दौलत हार जाते हैं। इससे उन्हें बहुत आर्थिक हानि हो जाती है, जिससे उनका जीवन दुःखी हो जाता है। कतिपय लोग इस अवसर पर नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं, जो उनके लिए हानिप्रद होता है। लापरवाही से आतिशबाजी छोड़ने से कभी-कभी आग लग जाती है, जिससे जन-धन का बहुत नुकसान होता है।
दीपावली आनंद का पर्व है। इसे प्रेम पूर्वक और सावधानी से मनाना चाहिए। साज-सज्जा, आतिशबाजी आदि पर व्यर्थ पैसे खर्च करना बुरा है। जुआ खेलने तथा दूसरे दुर्व्यसनों से बचना चाहिए। आतिशबाजी छोड़ते समय सावधानी बरतनी चाहिए जिससे दुर्घटनाएँ न हों। यह त्यौहार हमें अंधकार पर प्रकाश की विजय का संदेश देता है। इसलिए हमें ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए जो हमारे लिए हानिप्रद हो।
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इस लेख के माध्यम से हमने Diwali Par Nibandh | Diwali Essay in Hindi का वर्णन किया है और आप यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल कर सकते है।
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Diwali Essay in Hindi: दीपावली क्या है, क्यों मनाई जाती है, स्कूल किड्स जरूर पढ़ें दीपावली पर सबसे छोटा व आसान निबंध
Diwali essay in hindi, diwali essay competition: दिवाली (दीपावली) के मौके पर सबसे आसान व सरल शब्दों में जानिये दीपावली क्या है, दीपावली क्यों मनाई जाती है। स्कूल में या घर पर निबंध लेखन करके अपनी प्रतिभा से माता पिता को परिचित कराएं।.
Updated Oct 31, 2024, 10:26 IST
दीपावली पर सबसे छोटा व आसान निबंध (image - canva)
Diwali Essay in Hindi 150 words , 200 words, 300 words: दिवाली (दीपावली) हिंदू धर्म में सबसे बड़ा त्योहार है। दिवाली (दीपावली) के मौके पर ज्यादातर स्कूलों में निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। आप अगर दूसरे छात्रों से हटकर दिखना चाहते हैं, तो आपको Diwali Essay Competition में भाग लेना चाहिए, यदि आपके सामने ऐसा कोई प्रतियोगिता में शामिल होने का अवसर नहीं है तो आप घर पर भी निबंध लेखन कर सकते हैं। चलिए दिवाली (दीपावली) के मौके पर जानते हैं दीपावली क्या है, क्यों मनाया जाता है, दीपावली पर सबसे छोटा व आसान निबंध कैसे लिखें - How to write an essay on Diwali
दिवाली (दीपावली) क्या है सही नाम, Diwali Essay in Hindi
दिवाली (दीपावली) दोनों ही सही नाम है, हालांकि सबसे सटीक शब्द दीपावली है यानी दीपों का पर्व।
दिवाली क्यों मनाते हैं?
दीपावली क्यों मनाई जाती है,
Diwali Kyon Manae Jaati Hai
भगवान राम को 14 साल के लिए वनवास भेजा गया, इस दौरान एक समय ऐसा आया जब लंकापति रावण की बुरी नजर माता सीता पर पड़ी, उसने छल करके अपना रूप बदलकर भगवान राम और लक्ष्मण की अनुपस्थिति में माता सीता का हरण कर लिया। इसके बाद भगवान राम और लक्ष्मण ने माता सीता को चारों दिशाओं में ढूना। ढूंढते ढूंढते उनकी मुलाकात वानर सेना के राजा सुग्रीव और सेनापति हनुमान से हुई। ( Deepawali Essay in Hindi for Class 1 to 7 ) सुग्रीव की सेना ने माता सीता की खोज के लिए भगवान राम की मदद की। खोज अभियान के दौरान पता चला कि माता सीता समुद्र पार लंका में हैं। इसके बाद राम सेतु तैयार किया गया और विशाल समुद्र पार करके राम की सेना ने लंका पर आक्रमण किया।
दशहरा और दीपावली
दशहरे के दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था, इसके बाद अपनी पत्नी सीता को छुड़ाकर वापस अपने शहर अयोध्या लौटे थे, राम रावण युद्ध के बाद अयोध्या लौटने में 20 दिन लगे, इसलिए दशहरे के 20 दिन बाद दिवाली (दीपावली) मनाई जाती है। जिस दिन भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण और सुग्रीव सहित उनके सेना के कुछ साथी शहर भगवान राम की नगरी पहुचं तब शहरवासियों ने दीप जलाकर भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण का स्वागत किया था, तब से यह दीपों का त्योहार हर साल मनाया जाता है।
दिवाली का महत्व, दिवाली का उद्देश्य
भगवान राम ने रावण और उसकी बुराई का साथ देने वालों का वध किया, इसलिए दीपावली बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है। जब धूमधाम से भगवान राम का स्वागत किया गया तो हर घर दिए इसलिए जलाए गए ताकि हर तरह के अंधेरे को मिटाया जा सके। दिवाली की रोशनी बुरे विचारों को दूर करती है, दीवाली की रोशनी सही मार्ग दिखाती है, अपने अंदर के बुराइयों को खत्म करने का मौका देती हैं। यह पर्व अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई और अज्ञान पर ज्ञान का भी प्रतीक है।
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दिवाली पर निबंध – 10 lines long and short Essay on Diwali 2024 in Hindi (150, 200, 250 , 400, 500 शब्दों में)
दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) – दिवाली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहर है। जिसे बहुत उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है। बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक है। छात्रों को इस त्योहार और इसकी खूबियों से परिचित कराने के लिए छोटी कक्षाओं से दिवाली निबंध पर प्रश्न हिंदी भाषा में पूछा जाता है। इस से उन युवा शिक्षार्थियों को फायदा मिलेगा जो दिवाली पर निबंध लिखना चाहते हैं।
बच्चों के पास एक निबंध लिखने के लिए बहुत अच्छा समय होता है क्योंकि उन्हें त्योहार के बारे में अपने आनंदमय अनुभव साझा करने का अवसर मिलता है। युवा आमतौर पर इस त्योहार को पसंद करते हैं क्योंकि यह सभी के लिए ढेर सारी खुशियाँ और आनंदमय क्षण लेकर आता है।
वे अपने परिवार , दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं और अपने प्रियजनों के साथ बधाई और उपहार साझा करते हैं। दिवाली त्योहार पर हिन्दी में एक निबंध बच्चों को अपने विचार व्यक्त करने और शुभ त्योहार के सार के बारे में अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में मदद करता है।
2024 में दिवाली कब है?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, दिवाली हर साल कार्तिक महीने के 15वें दिन अमावस्या को मनाई जाती है। दीपावली पूजा में, इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
इस साल दिवाली 31 अक्टूबर को पूरे देश में मनाई जाएगी। लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – अपडेट किया जाएगा
अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर 2024 को दोपहर 03:55 बजे से शुरू हो रही है।
अमावस्या तिथि 1 नवंबर, 2024 को शाम 06:15 बजे समाप्त होगी।
दीपावली पर निबंध 10 पंक्तियाँ (Essay on Diwali 10 Lines in Hindi)
- दिवाली या दीपावली एक भारतीय धार्मिक त्योहार है
- यह बुराई पर अच्छाई की जीत है
- दुनिया भर में लोग अलग-अलग कारणों और अवसरों के लिए दिवाली मनाते हैं
- दीया, मोमबत्तियां जलाना और पटाखे फोड़ना दिवाली समारोह का एक हिस्सा है
- दिवाली या दीपावली न केवल हिंदू समुदाय में बल्कि अन्य धर्मों के लोगों द्वारा भी मनाई जाती है
- दिवाली आमतौर पर पांच दिवसीय त्योहार है और इस समय के दौरान भारत में हर साल सोने और नए कपड़ों की बिक्री आसमान छूती है।
- हिंदू पंचांग के अनुसार दिवाली कार्तिक मास के 15वें दिन मनाई जाती है
- अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर के महीने में मनाया जाता है
- आमतौर पर स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों में दीपावली उत्सव के एक भाग के रूप में 3 से 4 दिनों की छुट्टियों की घोषणा की जाती है
- देश भर के परिवार और दोस्त इस अवसर पर एक साथ आते हैं और दिवाली मानते है ।
- Essay On Dussehra
दीपावली पर निबंध 150 शब्द (Short Essay on Diwali in Hindi)
Essay on Diwali in Hindi – रोशनी का त्योहार दिवाली काफी समय से चल रहा है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम इस दिन राक्षस राजा रावण का वध करके अयोध्या लौटे थे। अपने राजा के आगमन पर, अयोध्या के निवासियों ने इस अवसर को मनाने के लिए सड़कों और घरों को तेल के दीयों से रोशन किया। तब से, हिंदू इस त्योहार को धूमधाम से मनाकर परंपरा का पालन कर रहे हैं। यह बच्चों के लिए पसंदीदा त्योहार है क्योंकि उन्हें अपनी पसंदीदा मिठाई खाने और नए कपड़े पहनने को मिलता है।
यह त्योहार हमें सिखाता है कि अच्छाई की हमेशा बुराई पर जीत होती है और हमें प्रकाश से अंधकार को मिटाना चाहिए। हर भारतीय घर में दिवाली के दौरान उत्सव का माहौल देखा जा सकता है। हर कोई घरों की सफाई करने, मिठाइयां बनाने या दीया जलाने में लगा हुआ है।
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दीपावली पर निबंध 200 शब्द (Essay on Diwali 200 words in Hindi)
Essay on Diwali in Hindi – भारत त्योहारों और मेलों का देश है। दिवाली या दीपावली भारत के सबसे महत्वपूर्ण और रंगीन त्योहारों में से एक है। इसे रोशनी का त्योहार कहा जाता है। दीवाली 14 साल के वनवास में रहने के बाद भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की अयोध्या वापसी आने का जश्न मनाती है। अयोध्या के लोग बड़ी संख्या में उनका स्वागत करने के लिए खुशी से झूम उठे। यह पर्व भगवान राम के समय से ही मनाया जाता रहा है। लोग अपने घरों, दुकानों और अन्य इमारतों की सफेदी और पेंटिंग करके महान त्योहार की तैयारी करते हैं।
दिवाली के दिन घरों, दुकानों और अन्य इमारतों को मोमबत्ती, दीयों और छोटे बल्बों से सजाया जाता है। हम चारों तरफ रोशनी देख सकते हैं। दिवाली के दिन, लोग अच्छे कपड़े पहनते हैं, वे खुश दिखते हैं और उत्सव के मूड में होते हैं। और वे अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ बधाई का आदान-प्रदान करते हैं। वे मिठाइयों का आदान-प्रदान भी करते हैं।
दीपावली की रात को, धन की देवी भगवान गणेश और लक्ष्मी की पूजा की जाती है। पटाखों और फुलझड़ियों से खेल रहे लोग। धन, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए प्रार्थना। यह त्यौहार पूरे भारत में मनाया जाता है। सभी लोग, चाहे वे किसी भी जाति या रचना के हों, उत्सव में शामिल होते हैं।
दीपावली पर निबंध 250 – 300 शब्द (Essay on Diwali 250 – 300 words in Hindi)
दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali ) – त्यौहार मानव जीवन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू हैं। वे भाईचारे, को साझा करने और मनुष्यों की सामाजिक प्रकृति का जश्न मनाते हैं। ऐसा ही एक त्योहार है दिवाली। यह हिंदुओं द्वारा राक्षस राजा रावण के साथ एक भयंकर और खूनी लड़ाई के बाद अयोध्या के राजा राम के आगमन की खुशी मे मनाया जाता है। यह अंधेरे के खिलाफ प्रकाश की जीत के मूल विषय का जश्न मनाता है। हमारे मानव मन सामाजिक और व्यवहारिक पैटर्न के लोकाचार से सुसज्जित हैं जो हमारे आसपास के लोगों के साथ जटिल संबंध बनाते हैं।
त्यौहार अपने पड़ोसियों को जानने और उनके साथ जश्न मनाने का सही तरीका है। दिवाली हमें हर किसी के प्रति दयालु होना सिखाती है और अच्छे परिणाम आने की प्रतीक्षा करने के लिए धैर्यवान दिल और दिमाग रखती है। हमारे विश्वास हमारे मन को आकार देते हैं; इसलिए हमें कभी भी त्योहारों में विश्वास नहीं खोना चाहिए। दिवाली लंबे समय से पटाखे फोड़ने से जुड़ी हुई है, लेकिन क्या यह जरूरी है? बिलकूल नही! दिवाली अभी भी आश्चर्यजनक रूप से मनाई जा सकती है यदि हम सभी घर पर रहें और अपने दोस्तों और परिवार के साथ हार्दिक डिनर का आनंद लें। पटाखों को जलाने से वातावरण में हानिकारक गैसें निकलती हैं जो अंततः वायु प्रदूषण का कारण बनती हैं।
पटाखों से हमारे आसपास रहने वाले जानवरों को नुकसान होता है। हमें दूसरों की सुरक्षा से समझौता किए बिना जिम्मेदारी से त्योहार मनाना चाहिए। दिवाली के दौरान, घर ताजा पके हुए भोजन से उठने वाली स्वादिष्ट सुगंध की महक से भर जाते हैं। त्योहार के दौरान स्वादिष्ट व्यंजनों को पकाया और खाया जाता है। हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि त्योहार हमारे बीच भाईचारे की महत्वपूर्ण भावना को बढ़ावा देने के लिए बनाए गए हैं न कि उत्सव के नाम पर हमारे परिवेश को नष्ट करने के लिए।
दिवाली पर निबंध 400 – 500 शब्द (Long Essay on Diwali in Hindi)
दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali ) – सबसे पहले यह समझ लें कि भारत त्योहारों का देश है। दिवाली निश्चित रूप से भारत के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। यह शायद दुनिया का सबसे चमकीला त्योहार है। विभिन्न धर्मों के लोग Diwali मनाते हैं। सबसे उल्लेखनीय, त्योहार अंधेरे पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है। इसका अर्थ बुराई पर अच्छाई की जीत और अज्ञान पर ज्ञान की जीत भी है। इसे रोशनी के त्योहार के रूप में जाना जाता है। नतीजतन, दिवाली के दौरान पूरे देश में चमकदार रोशनी होती है। दिवाली पर इस निबंध में, हम दिवाली के धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व को देखेंगे।
दीपावली का धार्मिक महत्व
इस त्योहार के धार्मिक महत्व में अंतर है। यह भारत में एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में भिन्न होता है। दिवाली के साथ कई देवी-देवताओं, संस्कृतियों और परंपराओं का जुड़ाव है। इन भिन्नताओं का कारण संभवतः स्थानीय फसल उत्सव हैं। इसलिए, इन फसल त्योहारों का एक अखिल हिंदू त्योहार में एक संलयन था।
रामायण के अनुसार दिवाली राम की वापसी का दिन है। इस दिन भगवान राम अपनी पत्नी सीता के साथ अयोध्या लौटे थे। यह वापसी राम द्वारा राक्षस राजा रावण को हराने के बाद की गई थी। इसके अलावा, राम के भाई लक्ष्मण और हनुमान भी विजयी होकर अयोध्या वापस आए।
दिवाली के कारण एक और लोकप्रिय परंपरा है। यहां भगवान विष्णु ने कृष्ण के अवतार के रूप में नरकासुर का वध किया था। नरकासुर निश्चित रूप से एक राक्षस था। सबसे बढ़कर, इस जीत ने 16000 बंदी लड़कियों को रिहा कर दिया।
इसके अलावा, यह जीत बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाती है। यह भगवान कृष्ण के अच्छे होने और नरकासुर के दुष्ट होने के कारण है।
देवी लक्ष्मी के लिए दिवाली का संबंध कई हिंदुओं की मान्यता है। लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी हैं। वह धन और समृद्धि की देवी भी होती है।
एक पौराणिक कथा के अनुसार दिवाली लक्ष्मी विवाह की रात है। इस रात उसने विष्णु को चुना और शादी की। पूर्वी भारत के हिंदू दिवाली को देवी दुर्गा या काली से जोड़ते हैं। कुछ हिंदू दिवाली को नए साल की शुरुआत मानते हैं।
दीपावली का आध्यात्मिक महत्व (Spiritual Significance of Diwali)
दिवाली पर निबंध – सबसे पहले तो कई लोग दिवाली के दौरान लोगों को माफ करने की कोशिश करते हैं। यह निश्चित रूप से एक ऐसा अवसर है जहां लोग विवादों को भूल जाते हैं। इसलिए दिवाली के दौरान दोस्ती और रिश्ते और भी मजबूत हो जाते हैं। लोग अपने दिल से नफरत की सभी भावनाओं को दूर कर देते हैं।
यह खूबसूरत त्योहार समृद्धि लाता है। दीपावली पर हिंदू व्यापारी नई खाता बही खोलते हैं। इसके अलावा, वे सफलता और समृद्धि के लिए भी प्रार्थना करते हैं। लोग अपने लिए और दूसरों के लिए भी नए कपड़े खरीदते हैं।
यह प्रकाश पर्व लोगों में शांति लाता है। यह हृदय में शांति का प्रकाश लाता है। दिवाली निश्चित रूप से लोगों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करती है। खुशी और खुशी बांटना दिवाली का एक और आध्यात्मिक लाभ है। रोशनी के इस त्योहार में लोग एक दूसरे के घर जाते हैं। वे खुश संचार करते हैं, अच्छा खाना खाते हैं, और आतिशबाजी का आनंद लेते हैं।
अंत में, संक्षेप में, दिवाली भारत में एक बहुत ही खुशी का अवसर है। इस गौरवमयी पर्व के रमणीय योगदान की कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। यह निश्चित रूप से दुनिया के सबसे महान त्योहारों में से एक है।
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दिवाली पर अनुच्छेद पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
दिवाली क्यों मनाई जाती है.
राक्षस राजा रावण को हराने के बाद भगवान राम के अयोध्या आगमन के उपलक्ष्य में दिवाली मनाई जाती है।
दिवाली कब मनाई जाती है?
‘कार्तिक’ के महीने में। यह हिंदू कैलेंडर में एक महीना है और अक्टूबर के अंत और नवंबर के बीच कहीं पड़ता है।
दिवाली कैसे मनाई जाती है?
हमारे घरों को पारंपरिक तेल के दीयों से सजाकर दिवाली मनाई जाती है। आप स्वादिष्ट व्यंजन भी बना सकते हैं और उन्हें अपने परिवार और दोस्तों के साथ साझा कर सकते हैं।
आप दिवाली के लिए कैसे बचत कर सकते हैं?
इसके पारंपरिक तरीकों और प्रथाओं से चिपके हुए और पटाखों से दूर रहकर हमारे पास एक सुरक्षित और मजेदार दिवाली है।
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