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विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर भाषण 2022 -23 World Mental Health Day Speech in Hindi & English Pdf Download

World Mental Health Day Speech in Hindi

World Mental Health Day 2022 : बहुत से ऐसे तथ्य होते हैं जो एक खुशहाल जीवन को परिभाषित करते हैं, लेकिन उनमे सबसे महवपूर्ण है मानसिक स्वास्थ्य | मान लीजिये आपके पास हर तरह की ख़ुशी है अच्छे दोस्त, अच्छा परिवार और साथ ही अच्छा पैसा भी, मगर ये सब बेकार है अगर आप फिर भी कहीं न कहीं मानसिक तनाव लेते हैं | इसीलिए 1992 मैं रिचर्ड हंटर द्वारा मानसिक स्वस्थ के बारे में लोगों को जागरूक करके के उद्देश्य से यह दिन मानसिक स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है | 10 October World Mental Health Day Speech in Hindi की जानकारी आपको हिंदी, इंग्लिश, बांग्ला, मराठी, गुजराती, तमिल, तेलगु, आदि की जानकारी देंगे जिसे आप अपने स्कूल के स्पीच प्रतियोगिता, कार्यक्रम या भाषण प्रतियोगिता में प्रयोग कर सकते है| ये स्पीच कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए दिए गए है|

Speech on world mental health day in Hindi

World mental health day 2022 theme : इस साल वर्ल्ड मेन्टल हेल्थ डे २०१८ थीम है “ Young people and mental health in a changing world ” यानी की एक बदलती दुनिया में युवा लोग और मानसिक स्वास्थ्य| बहुत से लोग साथ ही यह भी जानना चाहते हैं की विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस कब मनाया जाता है| दोस्तों यह दिवस हर वर्ष 10 अक्टूबर को मनाया जाता हैं| इस साल यह दिन बुधवार को मनाया जाएगा|

मनोचिकित्सकों की राय में जब किसी व्यक्ति की भावनाएँ, विचार अथवा व्यवहार दूसरे लोगों के लिए समस्या बन जाए तो यह उस व्यक्ति के मानसिक बीमारी से ग्रस्त होने के लक्ष्ण हो सकते हैं लेकिन समुचित जानकारी के अभाव में लोग इस ओर ध्यान नहीं देते जिससे समस्या गंभीर रूप धारण कर लेती है। मानसिक बीमारी होने का कारण दिमाग में ‘केमिकल इंबैलेंस’ होने की बात कहते हुए मनोचिकित्सक डॉक्टर समीर पारेख ने कहा, ‘ जब तक समस्या बड़ी न हो तब तक लोगों का ध्यान मानसिक बीमारियों की ओर नहीं जाता। इसे संबंधित व्यक्ति की आदत समझकर लोग  नजरअंदाज कर देते है जबकि कुछ लोग मानसिक बीमारी को पागलपन समझ बैठते हैं । विश्व स्वास्थ्य संगठन के आँकड़ों पर गौर करे तो दुनियाभर में करीब 45 करोड़ व्यक्ति मानसिक बीमारी या तंत्रिका संबंधी समस्याओं से ग्रस्त हैं। डाइग्नोस्टिक एण्ड स्टैटिस्टिकल मैनुअल आफ मेंटल डिसआर्डर्स के नवीनतम अंक में इस प्रकार की मानसिक बीमारियों का जिक्र किया गया है और साथ में यह भी कहा गया है कि मनोचिकित्सकों के लिए आज भी यह पता लगाना एक चुनौती है कि अगर कोई व्यक्ति मानसिक बीमारी से ग्रस्त है तो उसकी बीमारी आखिर क्या है। पारेख के मुताबिक आज मानसिक बीमारियों की पहचान करना मुश्किल नहीं रह गया है क्योंकि इस दिशा में विज्ञान ने बहुत प्रगति कर ली है। समय रहते सही मनोचिकित्सक के पास जाने से इस बीमारी का पता लगाया जा सकता है और उसके दुष्प्रभाव सामने आने से पहले ही उसका इलाज किया जा सकता है। मनोचिकित्सक डॉ. अमित के मुताबिक मानसिक रोगियों के लक्षण आसानी से दिखाई नहीं देते हैं। मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति में दिमागी विकार होता है और उनकी स्थिति पर कोई नियंत्रण नहीं रहता। कुछ सामान्य मानसिक समस्याएँ है जैसे स्वलीनता,मानसिक बाधा, प्रमस्तिष्कीय पक्षाघात ‘सेरेब्रल पलसी’, सीखने में बाधा, चिंता विकार आदि। कुछ लोग मानसिक विकार के साथ ही जन्म लेते हैं जबकि बहुत से लोग दुर्घटना, आघात, गंभीर बीमारी समेत कई कारणों से मानसिक समस्याओं से पीड़ित हो जाते हैं। इन चिकित्साओं से इतर अगर योग प्रणाली के माध्यम से मानसिक संतुलन बनाने की बात करें तो योग शिक्षक सिद्धार्थ कुमार के मुताबिक प्रणायाम करने से मस्तिष्क के दोनों गोलार्ध में संतुलन बनता है जो हमारी विचार करने की शक्ति एवं भावनाओं में समन्वय लाता है। विश्व स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य के बारे में लोगों को जागरूक और शिक्षित बनाने के उद्देश्य से प्रत्येक दस अक्टूबर को ‘विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस’ मनाया जाता है। इसकी शुरूआत विश्व मानसिक स्वास्थ्य परिसंघ ने की थी तथा पहली बार इसे 1992 में मनाया गया था।

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस स्पीच

अक्सर class 1, class 2, class 3, class 4, class 5, class 6, class 7, class 8, class 9, class 10, class 11, class 12 के बच्चो को कहा जाता है वर्ल्ड टूरिज्म डे पर स्पीच लिखें| आइये अब हम आपको विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर स्पीच, World Mental Health Day Quotes , World Mental Health Day 2018 logo, speech on mental health in hindi व वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे स्पीच की जानकारी (speech recitation activity) निश्चित रूप से आयोजन समारोह या बहस प्रतियोगिता (debate competition) यानी स्कूल कार्यक्रम में स्कूल या कॉलेज में भाषण में भाग लेने में छात्रों की सहायता करेंगे। इन विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर हिंदी स्पीच, हिंदी में 100 words, 150 words, 200 words, 400 words जिसे आप pdf download भी कर सकते हैं|

‘विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस’ विश्व में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और मानसिक स्वास्थ्य के सहयोगात्मक प्रयासों को संगठित करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 10 अक्टूबर को मनाया जाता है। विश्व मानसिक स्वास्थ्य संघ (वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ) ने विश्व के लोगों के मानसिक स्वास्थ्य देखभाल को यथार्थवादी बनाने के लिए वर्ष 1992 में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की स्थापना की थी। मानसिक विकार विश्व में रुग्ण-स्वास्थ्य और विकलांगता उत्पन्न करने वाला प्रमुख कारण हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार 450 मिलियन लोग वैश्विक स्तर पर मानसिक विकार से पीड़ित हैं। विश्व में चार व्यक्तियों में से एक व्यक्ति जीवन के किसी मोड़ पर मानसिक विकार या तंत्रिका संबंधी विकारों से प्रभावित है। मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित दस से उन्नीस वर्ष की उम्र के व्यक्तियों की वैश्विक रोग भार में सौलह प्रतिशत हिस्सेदारी है। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस वर्ष 2018 “विश्व के बदलते परिदृश में वयस्क और मानसिक स्वास्थ्य” पर केंद्रित है। किशोरावस्था और वयस्कता के शुरुआती वर्ष जीवन का वह समय होता है, जब कई बदलाव होते हैं, उदाहरण के लिए स्कूल बदलना, घर छोड़ना तथा कॉलेज, विश्वविद्यालय या नई नौकरी शुरू करना। कई लोगों के लिए ये रोमांचक समय होता हैं तथा कुछ मामलों में यह तनाव और शंका का समय हो सकता है। कई लाभों के साथ ऑनलाइन प्रौद्योगिकियों का बढ़ता उपयोग इस आयु वर्ग के लोगों के लिए अतिरिक्त दबाव भी लाया है, हालांकि यदि इसे पहचाना और प्रबंधित नहीं किया जाता है, तो यह तनाव मानसिक रोग उत्पन्न कर सकता है। वयस्कों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं: सभी मानसिक रोगों में से आधे चौदह वर्ष की उम्र तक शुरू होते है, लेकिन अधिकांश मामले रोग की जानकारी और उपचार के बिना रह जाते है। किशोरों में रोग भार के संदर्भ में अवसाद तीसरा प्रमुख कारण है। आत्महत्या पंद्रह से उनतीस वर्षीय लोगों के बीच मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है। किशोरों में अल्कोहल और मादक पदार्थों का हानिकारक उपयोग कई देशों में एक प्रमुख समस्या है तथा यह असुरक्षित यौन संबंध या खतरनाक ड्राइविंग जैसा ज़ोखिमपूर्ण व्यवहार उत्पन्न करता है। आहार विकार भी चिंता का विषय हैं। यदि उपचार नहीं किया जाता है, तो ये स्थितियां बच्चों के विकास, शिक्षा प्राप्ति तथा उनकी जीवन अपेक्षाएँ पूरी करने और जीवन उत्पादकता की क्षमता को प्रभावित करती हैं। बेहतर समझ से रोकथाम की शुरूआत : भारत में लगभग 356 मिलियन लोग दस से चौबीस वर्ष की आयु के बीच हैं; भारत, लगभग तीस प्रतिशत युवा जनसंख्या के साथ युवाओं का देश है। किशोरों और वयस्कों के बीच मानसिक परेशानी की रोकथाम और प्रबंधन की शुरूआत जागरूकता बढ़ाकर और मानसिक रोग के प्रारंभिक चेतावनी संकेतों और लक्षणों को समझकर कम उम्र से की जानी चाहिए। अभिभावक (माता-पिता) और शिक्षक घर एवं स्कूल में रोजमर्रा की चुनौतियों का मुक़ाबला करने में सहयोग के लिए बच्चों और किशोरों के जीवन कौशल निर्माण करने में मदद कर सकते हैं जैसे कि सामाजिक कौशल, समस्या सुलझाने का कौशल और आत्मविश्वास बढ़ाना। प्रयास संसाधन और सेवाएं उत्पन्न और विकसित करने पर केंद्रित होना चाहिए, जो कि वयस्कों को सशक्त और जुड़ा महसूस होने में सहयोग करता हैं। मनोवैज्ञानिक सहयोग स्कूलों और अन्य सामुदायिक स्तरों पर प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा प्रदान किया जा सकता है जो कि मानसिक स्वास्थ्य विकारों का पता लगा सकते हैं तथा उन्हें प्रबंधित कर सकते हैं। किशोरावस्था स्वास्थ्य को प्रोत्साहित और संरक्षित करने से न केवल किशोर स्वास्थ्य को, बल्कि समाज और देश को भी लाभ होता है क्योंकि इससे ‘स्वस्थ युवा’ जनबल, परिवार और समुदाय तथा समाज में अधिक योगदान करने में सक्षम बनता हैं। मानसिक स्वास्थ्य को सहयोग करने के लिए राष्ट्रीय गतिविधियां: राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम*: भारत सरकार ने जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम-मुख्य कार्यान्वयन इकाई से सबके लिए न्यूनतम मानसिक स्वास्थ्य देखभाल की उपलब्धता और पहुंचनीयता सुनिश्चित करने के लिए वर्ष 1982 में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनएमएचपी) की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में मानसिक स्वास्थ्य देखभाल को एकीकृत करना और सामुदायिक स्वास्थ्य देखभाल की ओर बढ़ना है। 10 अक्टूबर वर्ष 2014 को राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य नीति की घोषणा की गयी तथा भारत में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूत करने के लिए मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम 2017 लाया गया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत किशोरावस्था प्रजनन और यौन स्वास्थ्य कार्यक्रम (एआरएसएच) वयस्कों से संबंधित विभिन्न स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है। भारत सरकार के कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम हैं तथा राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न पहलें और राष्ट्रीय योजनाएं (राष्ट्रीय सामाजिक सेवा योजना, नेहरू युवा केंद्र संगठन, राष्ट्रीय युवा नीति वर्ष 2014) हैं, जो कि युवाओं के सकारात्मक विकास के लिए कार्यों की रूपरेखा तैयार करती हैं।

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस भाषण

तनावग्रस्त जीवनशैली में बिगड़ने मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इसके प्रति जागरूकता उत्पन्न करने और इससे बचने के उपायों पर विचार करने के उद्देश्य से हर साल 10 अक्टूबर को पूरे विश्व में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पूरे विश्व में सरकारी और सामाजिक संगठनों द्वारा तनावमुक्ति विषय पर कार्यक्रम आयाजित किए जाते हैं। विकास की दौड़ में भागती जीवनशैली से उपजे तनाव के प्रति चिंता व्यक्त कर, उससे बचने और दूर करने के बारे में विचार विमर्श किया जाता है। साथ ही इसके प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए कई तरह के आयोजन किए जाते हैं। मानसिक रोगियों के रोग लक्षण आसानी से दिखाई नहीं देते हैं। मानसिक अशक्तता से पीड़ित व्यक्तियों को दिमागी विकार होता है तथा उनका अपनी स्थिति पर कोई नियंत्रण नहीं होता। कुछ सामान्य मानसिक समस्याएं हैं—स्वलीनता, मानसिक बाधा, प्रमस्तिष्कीय पक्षाघात (सेरेब्रल पाल्सी), सीखने में बाधा, चिन्ता विकार और अन्यमनस्कता (शाइजोफ्रेनिया)। कुछ लोग मानसिक विकार सहित जन्म लेते हैं, जबकि बहुत से दुर्घटनाओं, आघात, गंभीर बीमारी व वृद्धावस्था के कारण मानसिक समस्याओं से पीड़ित होते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार भारत 36 प्रतिशत की अवसाद दर के साथ दुनिया के सर्वाधिक अवसादग्रस्त देशों में से एक है. अर्थात भारत में मानसिक अवसाद से पीड़ित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है. मानव संसाधन के लिहाज से ऐसे आंकड़े किसी भी देश के लिए अच्छे नहीं कहे जाएंगे, जहां हर चार में से एक महिला और दस में से एक पुरुष मानसिक रोग से पीड़ित हो. इसकी पुष्टि मानसिक अवसाद रोधी दवाओं के बढ़ते कारोबार से भी हो रही है. 1982 में भारत सरकार ने राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य देश में मानसिक रोगियों की बढ़ रही संख्या के हितार्थ, मानसिक स्वास्थ्य देखभाल के लिए उपलब्ध आधारभूत रूपरेखा का विस्तार करना था। फिलहाल मानसिक स्वास्थ्य सेवा विधेयक, 2013 अभी संसद में लंबित है. इस विधेय क में ऐसे रोगियों की देखभाल और उनसे संबंधित अधिकारों का प्रावधान है. इसके अलावा देश में 8,500 मनोचिकित्सकों और 6,750 मनोवैज्ञानिकों की कमी है. इसके अतिरिक्त 2,100 योग्य नर्सों की भी कमी है | मानसिक स्वास्थ्य सेवा विधेयक, 2013 8 अगस्त, 2016 को राज्यसभा ने मानसिक स्वास्थ्य सेवा विधेयक, 2013 को 134 संशोधनों के साथ पारित कर दिया था। इसका उद्देश्य मानसिक रोगियों के बुनियादी अधिकारों को सुनिश्चित करने के अलावा बेहतर चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराना है। इस विधेयक के अनुसार, भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 309 के तहत आत्महत्या की कोशिश करने वाला कोई व्यक्ति तब तक अपराधी नहीं माना जाएगा, जब तक कि यह साबित न हो जाए कि आत्महत्या की कोशिश करते समय वह मानसिक रूप से स्वस्थ था| विधेयक में सामुदायिक आधारित उपचार पर जोर दिया गया है, जबकि महिलाओं के लिए अलग से प्रावधान किए गए हैं। इस विधेयक में मानसिक बीमारी को परिभाषित किया गया है, साथ ही साइको सर्जरी पर रोक लगाने का भी प्रावधान किया गया है। देश की पहली मानसिक स्वास्थ्य नीति देश में अक्तूबर 2014 से पूर्व मानसिक स्वास्थ्य नीति का कोई अस्तित्व नहीं था. 10 अक्टूबर 2014 को तत्कालीन केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने मानसिक स्वास्थ्य देखभाल को राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति और राष्ट्रीय स्वास्थ्य आश्वासन मिशन (एनएचएएम) में पर्याप्त महत्व देने की घोषणा करते हुए भारत की पहली मानसिक स्वास्थ्य नीति की शुरुआत की। इस नीति का उद्देश्य सभी स्तरों पर मानसिक स्वास्थ्य के प्रति समझ बढ़ाना तथा मानसिक स्वास्थ्य क्षेत्र में नेतृत्व को सुदृढ़ करके मानसिक स्वास्थ्य देखभाल तक व्यापक पहुँच प्रदान करना है। यह नीति गरीबों के अनुकूल है क्योंकि वर्तमान में भारत में केवल समाज के उच्च वर्ग की ही मानसिक स्वास्थ्य देखभाल तक पहुँच है। इस नीति का उद्देश्य मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्तियों पर दोष मढ़ने के खिलाफ जागरुकता उत्पन्न करने तथा अवसाद, सीजोफ्रेनिया, बाईपोलर सिंड्रोम आदि से पीड़ित व्यक्तियों के लक्षणों को स्पष्ट करने और उपचारात्मक सुविधाएं प्रदान करने का है| यह नीति मानसिक स्वास्थ्य कार्य योजना 365 द्वारा समर्थित है। इसमें केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, स्थानीय निकायों एवं सिविल सोसायटी संगठनों द्वारा निभाई जाने वाली विशेष भूमिकाओं का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है। विदित हो कि मानसिक रूप से बीमार लोगों की देखभाल के लिए बनाए गए पूर्व कानून, जैसे-भारतीय पागलखाना अधिनियम, 1858 और भारतीय पागलपन अधिनियम, 1912 में मानवाधिकार के पहलू की उपेक्षा की गई थी और केवल पागलखाने में भर्ती मरीजों पर ही विचार किया गया था। आजादी के बाद भारत में इस संबंध में पहला कानून बनाने में 31 वर्ष का समय लगा और उसके 9 वर्ष के उपरांत मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम, 1987 अस्तित्व में आया। परंतु इस अधिनियम में कई खामियां होने के कारण इसे किसी राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेश में लागू नहीं किया जा सका।

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World Mental Health Day Speech in English, Hindi & 10 Lines, Download Free PDF Now!

Published by team sy on october 9, 2023 october 9, 2023.

World Mental Health Day Speech 2023: In order to maintain a healthy body, it is imperative to have a healthy mind. In order to maintain positive mental health, we should not take things so seriously that they burden our minds and make us feel depressed. You should always try to avoid hurting anyone, but not everyone can always be happy. Check out the speech on World Mental Health Day in English and Hindi below.

Table of Contents

10 Lines on World Mental Health Day

The top 10 lines speech on World Mental Health Day is provided below.

10 Lines on World Mental Health Day

Attempt World Mental Health Day Quiz Now!

  • A person’s mental health refers to their well-being on both a mental and emotional level.
  • The physical and mental health of any human being is of the utmost importance.
  • There is a lack of mental health among many people today.
  • Stress, loneliness, and other mental illnesses are prevalent throughout the world.
  • Meditation is recommended by many doctors for this condition.
  • The 10th of October is celebrated worldwide as Mental Health Day.
  • The purpose of this day is to raise awareness about mental health around the world.
  • World level Mental Health Day was first observed in 1992.
  • To maintain mental health, we should do what makes us happy.
  • The mind cannot be involved in any work if the body is healthy but we are mentally sick.

Download World Mental Health Day PDF Now!

World Mental Health Day Speech in English

Check out the below speech on world health day in the English language.

Very good and joyous morning to everyone present over here!

It is blissful to have such a wonderful audience listening to my words. I am [Your Name] and I am here to share my opinion on a topic of vital importance “World Mental Health Day” which we celebrate each year on the 10th of October.

We all know that the past two years have been so miserable that it made all of us groan for health and stability. The rapid outbreak of a barely known virus turned each one of our lives into a living hell. At this juncture of uncertainty and overflowing chaos, I feel our mental health was mostly at stake. Social isolation, social distancing, and lockdown created so much fuss that barely a person could embrace stability and peace. This year the goal of World Mental Health Day is to spread mental awareness and mobilize the effort to help and support mental health.

According to WHO, each year around 700000 people die due to suicide, globally. Factors such as economic downfall, domestic violence, drug abuse, emotional abuse, and family issues lead to psychological disorders and depression both in children and adults. Past consecutive years have been financially stressful, which has smashed the socio-economic threshold and triggered around 77% of suicide in low and middle-income countries. Even today in such circumstances people are ashamed of taking mental support.

Mental illness is still a taboo in different third-world countries and accessing psychological guidance is often referred to as a mark of tremendous insanity. People tend to forget the fact that just like physical ill-health it is normal to feel psychologically down. Our society is equally to be blamed for growing mental distress as talking openly about mental problems is still treated as an “unacceptable” ritual. 

If we look down on ourselves each day we experience a lot of incidents and sometimes it leaves an awful effect on our minds consciously or unconsciously. Finding time for oneself has been the biggest challenge faced by people. We are so trapped in our busy work schedules that we desperately ignore the importance of mental well-being.  Mental health is a universal human right  is the theme of World Mental Health Day 2023.

Drugs, nicotine, and alcohol consumption cause “major depressive disorder” among 20-30% of adults each year. Anxiety, panic attacks, and mood disorders have considerably increased among children especially due to isolation and lack of socialization. Spreading digital consciousness is another initiative proposed by “World Health Organisation” to improve mental quality.

Critical health factors such as schizophrenia, hypertension, bipolar disorder, mood swings, anxiety disorders, conduct disorder, traumatic brain injury, and physical conditions trigger suicidal behavior among individuals. Similarly, environmental and historical problems such as access to lethal means, prolonged stress, divorce, relationship issues, financial instability, previous suicidal attempts, family history, and childhood trauma and abuse disrupt the ability of positive thinking. Ignoring mental health equally culminates in physical complications such as high pressure, diabetes, blood sugar, PCOS in women, and thyroid. However, taking some baby steps can change our perception to a positive outlook.

Daily exercise, workout, healthy eating, maintaining the biological clocks, and avoiding exposure to drug use are basic ways to stimulate our minds with energy. Connecting with people, socializing, learning, gaining knowledge, reading, understanding, and empathy are some secondary objectives of improving mental flaws. Practicing mindfulness, meditation, and music therapy release body stress and refrains cortisol imbalance.

Different online portals such as Kooth, Young Mind, Qwell, and Talkwalks are also designed to support people who require immediate mental attention. Online test analyses are initiated by experts to gain a proper understanding of a patient’s background and cases. Taking appointments with psychologists or psychiatrists for proper counseling can improve one’s ability to rational thinking and strong focus. Drug treatments and antidepressants equally prove to be beneficial for patients suffering from severe mental trauma. 

Working for the community as a whole and making mental health a “global priority” is the utmost intention of WHO. So on this day of mental health let’s take a pledge to talk out stress and render help to people in need. A small effort is everything to create an effective change as both mental and physical health is our ultimate wealth.

I wholeheartedly thank all of you for rendering your valuable time and I hope my words can make a difference.

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World Mental Health Day Speech in Hindi (विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस भाषण)

Speech on World Mental Health Day in Hindi is provided below.

आप सभी को सुप्रभात!

मेरे शब्दों को सुनने वाले ऐसे अद्भुत श्रोताओं को देखकर खुशी हो रही है। मैं [आपका नाम] हूं और मैं यहां “विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस” पर अपनी राय साझा करने के लिए उपस्थित हुआ हूं, जिसे हम प्रत्येक वर्ष 10 अक्टूबर को मनाते हैं।

हम सभी जानते हैं कि पिछले दो साल इतने दयनीय रहे हैं कि इसने हम सभी को स्वास्थ्य और स्थिरता के लिए कराह दिया। कोरोना वायरस के प्रकोप ने हम में से प्रत्येक के जीवन को एक जीवित नरक में बदल दिया था। अनिश्चितता और बढ़ती अराजकता के इस मोड़ पर, मुझे लगता है कि हमारा मानसिक स्वास्थ्य ज्यादातर दांव पर लगा था। सोशल आइसोलेशन, सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन ने इतना हंगामा खड़ा कर दिया कि मुश्किल से ही कोई व्यक्ति स्थिरता और शांति को गले लगा पाता है। इस वर्ष विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का लक्ष्य मानसिक जागरूकता फैलाना और मानसिक स्वास्थ्य में मदद और समर्थन के लिए प्रयास करना है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, विश्व स्तर पर, हर साल लगभग 700000 लोग आत्महत्या के कारण मर जाते हैं। आर्थिक पतन, घरेलू हिंसा, नशीली दवाओं के दुरुपयोग, भावनात्मक शोषण और पारिवारिक मुद्दों जैसे कारक बच्चों और वयस्कों दोनों में मनोवैज्ञानिक विकार और अवसाद का कारण बनते हैं। पिछले लगातार वर्ष आर्थिक रूप से तनावपूर्ण रहे हैं, जिसने सामाजिक-आर्थिक दहलीज को तोड़ दिया है और निम्न और मध्यम आय वाले देशों में लगभग 77% आत्महत्याएं शुरू कर दी हैं। आज भी ऐसे हालात में लोग मानसिक सहारा लेने से कतराते हैं।

तीसरी दुनिया के विभिन्न देशों में मानसिक बीमारी अभी भी एक वर्जित है और मनोवैज्ञानिक मार्गदर्शन तक पहुंचने को अक्सर जबरदस्त पागलपन के निशान के रूप में जाना जाता है। लोग इस तथ्य को भूल जाते हैं कि शारीरिक अस्वस्थता की तरह ही मानसिक रूप से कमजोर महसूस करना सामान्य है। बढ़ते मानसिक संकट के लिए हमारे समाज को भी उतना ही दोषी ठहराया जाता है क्योंकि मानसिक समस्याओं के बारे में खुलकर बात करना अभी भी एक “अस्वीकार्य” अनुष्ठान के रूप में माना जाता है।

यदि हम हर दिन अपने आप को नीचा देखें तो हम बहुत सी घटनाओं का अनुभव करते हैं और कभी-कभी यह हमारे दिमाग पर होशपूर्वक या अनजाने में एक भयानक प्रभाव छोड़ देता है। खुद के लिए समय निकालना लोगों के सामने सबसे बड़ी चुनौती रही है। हम अपने व्यस्त कार्य शेड्यूल में इतने फंस गए हैं कि हम मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को पूरी तरह से नज़रअंदाज़ कर देते हैं। “मानसिक स्वास्थ्य एक सार्वभौमिक मानव अधिकार है” विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2023 का विषय है।

ड्रग्स, निकोटीन और शराब के सेवन से हर साल 20-30% वयस्कों में “प्रमुख अवसादग्रस्तता विकार” होता है। विशेष रूप से अलगाव और समाजीकरण की कमी के कारण बच्चों में चिंता, घबराहट के दौरे और मनोदशा संबंधी विकार काफी बढ़ गए हैं। मानसिक गुणवत्ता में सुधार के लिए “विश्व स्वास्थ्य संगठन” द्वारा प्रस्तावित एक और पहल डिजिटल जागरूकता फैलाना है। गंभीर स्वास्थ्य कारक जैसे सिज़ोफ्रेनिया, उच्च रक्तचाप, द्विध्रुवी विकार, मिजाज, चिंता विकार, आचरण विकार, दर्दनाक मस्तिष्क की चोट और शारीरिक स्थिति व्यक्तियों में आत्मघाती व्यवहार को ट्रिगर करती है। इसी तरह, पर्यावरणीय और ऐतिहासिक समस्याएं जैसे घातक साधनों तक पहुंच, लंबे समय तक तनाव, तलाक, रिश्ते के मुद्दे, वित्तीय अस्थिरता, पिछले आत्महत्या के प्रयास, पारिवारिक इतिहास और बचपन के आघात और दुर्व्यवहार सकारात्मक सोच की क्षमता को बाधित करते हैं।

मानसिक स्वास्थ्य की उपेक्षा करने से उच्च दबाव, मधुमेह, रक्त शर्करा, महिलाओं में पीसीओएस और थायराइड जैसी शारीरिक जटिलताएं समान रूप से समाप्त हो जाती हैं। हालाँकि, कुछ छोटे कदम उठाने से हमारी धारणा सकारात्मक दृष्टिकोण में बदल सकती है। दैनिक व्यायाम, कसरत, स्वस्थ भोजन, जैविक घड़ियों को बनाए रखना और नशीली दवाओं के उपयोग से बचना हमारे दिमाग को ऊर्जा से उत्तेजित करने के बुनियादी तरीके हैं। लोगों के साथ जुड़ना, सामाजिककरण करना, सीखना, ज्ञान प्राप्त करना, पढ़ना, समझना और सहानुभूति मानसिक दोषों में सुधार के कुछ माध्यमिक उद्देश्य हैं। माइंडफुलनेस, मेडिटेशन और म्यूजिक थेरेपी का अभ्यास करने से शरीर का तनाव दूर होता है और कोर्टिसोल असंतुलन से बचा जाता है। 

विभिन्न ऑनलाइन पोर्टल जैसे कूथ, यंग माइंड, क्यूवेल और टॉकवॉक भी ऐसे लोगों की सहायता के लिए डिज़ाइन किए गए हैं जिन्हें तत्काल मानसिक ध्यान देने की आवश्यकता है। रोगी की पृष्ठभूमि और मामलों की उचित समझ हासिल करने के लिए विशेषज्ञों द्वारा ऑनलाइन परीक्षण विश्लेषण शुरू किए जाते हैं। उचित परामर्श के लिए मनोवैज्ञानिकों या मनोचिकित्सकों के साथ अपॉइंटमेंट लेने से तर्कसंगत सोच और मजबूत ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में सुधार हो सकता है। गंभीर मानसिक आघात से पीड़ित रोगियों के लिए दवा उपचार और एंटीडिप्रेसेंट समान रूप से फायदेमंद साबित होते हैं। समग्र रूप से समुदाय के लिए काम करना और मानसिक स्वास्थ्य को “वैश्विक प्राथमिकता” बनाना डब्ल्यूएचओ का परम इरादा है।

तो आइए इस मानसिक स्वास्थ्य के दिन तनाव से बाहर निकलने और जरूरतमंद लोगों की मदद करने का संकल्प लें। एक छोटा सा प्रयास एक प्रभावी बदलाव लाने के लिए सब कुछ है क्योंकि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों ही हमारी अंतिम संपत्ति है

अपना कीमती समय देने के लिए मैं आप सभी का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं और मुझे उम्मीद है कि मेरे शब्दों से फर्क पड़ सकता है।

World Mental Health Day Speech FAQs

Here in this article, you can download the World Mental Health Day Speech in English PDF.

World Mental Health Day is celebrated on 10th October every year.

The theme of World Mental Health Day is – Mental health is a universal human right.

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मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य

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Mental Health in Hindi (मेंटल हेल्‍थ), Mansik Swasthya in Hindi (मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य): किसी भी व्यक्ति के लिए शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों ही बहुत जरूरी हैं। अगर कोई व्यक्ति शारीरिक रूप से स्वस्थ है लेकिन उसका मानसिक स्वास्थ्य खराब है तो उसे अपने जीवन में कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। मानसिक स्वास्थ्य से एक व्यक्ति को अपनी क्षमताओं का पता चलता है, उसके भीतर आत्मविश्वास आता कि वे जीवन में तनाव से सामना कर सकता है और अपने काम या कार्यों से अपने समुदाय के विकास में योगदान दे सकता है। मानसिक विकार व्यक्ति के स्वास्थ्य-संबंधी व्यवहार, फैसले, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद, सुरक्षित यौन व्यवहार आदि को प्रभावित करता है और शारीरिक रोगों के खतरे को बढ़ाता है। मानसिक अस्वस्थता के कारण ही व्यक्ति को बेरोजगार, बिखरे हुए परिवार, गरीबी, नशीले पदार्थों का सेवन और संबंधित अपराध का सहभागी बनना पड़ता है। अगर किसी व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य सही रहेगा तो उसका जीवन भी सही रहेगा। इसलिए हम आपको अपने इस खंड में मानसिक विकारों से जुड़ें हर पहलू के बारे में विस्तार से बताएंगे, जो आपके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करेगा। पर आइए सबसे पहले जान लेते हैं, मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ जरूरी बातें।

मानसिक बीमारियों का कारण - Causes of Mental Illness

मानसिक स्वास्थ्य में हमारे भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कल्याण (emotional, psychological, and social well-being) शामिल हैं। यह प्रभावित करता है कि हम कैसे सोचते हैं, महसूस करते हैं और कार्य करते हैं। आपका मानसिक स्वास्थ्य उम्र बढ़ने के साथ बदलता चला जाता है।  अपने जीवन के दौरान, अगर आप मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का अनुभव करते हैं तो इसके बारें में जानना, डॉक्टर की मदद लेना और इलाज करवाना बेहद जरूरी है क्योंकि ये आपकी सोच, मनोदशा और व्यवहार को प्रभावित कर सकते हैं। ऐसे कई अन्य कारण भी हैं, जो कि मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं में योगदान करते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • -जैविक कारक (Biological factors), जैसे कि जीन या मस्तिष्क रसायन 
  • -मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का पारिवारिक इतिहास (Family history of mental health problems)
  • -जीवन के अनुभव, जैसे आघात या तकलीफ (Life experiences, such as trauma or abuse)
  • -जीवन में अवसाद रूपी वातावरण के कारण (Depressive Environment)
  • -बचपन का आघात लगने के कारण (Childhood trauma)
  • -तनावपूर्ण घटनाएं जैसे किसी प्रियजन को खोने के कारण (Stressful events of life)
  • -नकारात्मक विचारों के बढ़ने के कारण (Negative thoughts)
  • - अनहेल्दी आदतों जैसे कि पर्याप्त नींद न लेना या खराब खान-पान की वजह से (unhealthy lifestyle)
  • - ड्रग्स और अल्कोहल का दुरुपयोग से( Abusing drugs and alcohol)
  • -एक लंबी बीमारी के उपचार के बाद (treatment with a chronic disease)

मानसिक बीमारी के लक्षण -  Symptoms of Mental Illness

प्रत्येक मानसिक बीमारी के अपने-अपने लक्षण होते हैं। हालांकि, कुछ सामान्य चेतावनी संकेत या लक्षण हैं जो आपको सचेत कर सकते हैं कि आपको किसी को पेशेवर मदद की आवश्यकता है। जैसे कि 

  • -ज्यादा सोचना (Over thinking)
  • -एंग्जायटी और घबराहट (Anxiety)
  • - व्यक्तित्व परिवर्तन (marked personality change)
  • --खाने या सोने के पैटर्न में बदलाव (changes in eating or sleeping patterns)
  • -समस्याओं और दैनिक गतिविधियों को करने में असमर्थता (inability to cope with problems and daily activities)
  • -ज्यादा चिंता करना (excessive anxieties)
  • -लंबे समय तक अवसाद और उदासीनता (prolonged depression and apathy)
  • - ज्यादा गुस्सा करना या हिंसक व्यवहार करना (excessive anger or violent behavior)
  • -आत्महत्या के बारे में सोचना या खुद को नुकसान पहुंचाना (thinking or talking about suicide)
  • -बहुत ज्यादा मूड स्विंग्स होना (extreme mood swings)
  • -शराब या ड्रग्स का दुरुपयोग (abuse of alcohol or drugs)

मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारियां -Mental Health Disorders

1. एंग्जायटी डिसऑर्डर (anxiety disorders).

एंग्जायटी डिसऑर्डर (Anxiety Disorders) मानसिक बीमारी का सबसे आम प्रकार है। इन स्थितियों वाले लोगों में गंभीर भय या चिंता होती है, जो कुछ वस्तुओं या स्थितियों से संबंधित होती है।  एंग्जायटी डिसऑर्डर के प्रकार (Types of Anxiety Disorders) भी हैं, जैसे कि 

a. सामान्यीकृत चिंता विकार (Generalized anxiety disorder)

सामान्यीकृत चिंता विकार में लगातार और अत्यधिक चिंता शामिल होती है जो दैनिक गतिविधियों में हस्तक्षेप करती है। यह चल रही चिंता और तनाव शारीरिक लक्षणों के साथ हो सकता है, जैसे कि बेचैनी, किनारे पर महसूस करना या आसानी से थकावट, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, मांसपेशियों में तनाव या नींद की समस्या। 

b. घबराहट की समस्या (Panic Disorder)

पैनिक डिसऑर्डर का मुख्य लक्षण बार-बार होने वाले पैनिक अटैक, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक संकट का एक जबरदस्त संयोजन है। इसके कई लक्षण हैं जैसे कि 

  • -तेज दिल की धड़कन
  • -थरथर कांपना या हिलाना
  • -सांस की तकलीफ महसूस करना 
  • -छाती में दर्द
  • -चक्कर आना, हल्का-फुल्का या बेहोश होना
  • -घुटन का अहसास
  • -स्तब्ध हो जाना या झुनझुनी
  • -ठंड लगना 
  • -मतली या पेट में दर्द
  • -मरने का डर

c. फोबिया (Phobias)

फोबिया एक विशिष्ट वस्तु, स्थिति या गतिविधि का अत्यधिक और लगातार भय है जो आमतौर पर हानिकारक नहीं होता है। मरीजों को पता है कि उनका डर अत्यधिक है, लेकिन वे इसे दूर नहीं कर सकते। 

d. भीड़ से डर लगना (Agoraphobia)

एगोराफोबिया उन स्थितियों में होने का डर है जहां से बचना मुश्किल या शर्मनाक हो सकता है। ये डर वास्तविक स्थिति बहुत परेशान करता है और कामकाज में समस्याएं पैदा करता है। एग्रोफोबिया से पीड़ित व्यक्ति इस डर का अनुभव कई स्थितियों में करता है। जैसे कि

  • -सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना
  • -खुले स्थानों में होने पर
  • - भीड़ वाले स्थानों में होना
  • -लाइन में खड़ा होने पर
  • -घर के बाहर अकेले रहने पर

e. सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर (Social Anxiety Disorder)

सामाजिक चिंता विकार वाले व्यक्ति को शर्मिंदगी, अपमानित, अस्वीकार किए जाने या सामाजिक संबंधों में कमी देखने के बारे में ज्यादा चिंता और असुविधा होती है। इस विकार वाले लोग स्थिति से बचने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर जानें,  बोलने, नए लोगों से मिलने और सार्वजनिक रूप से खाने पीने से अत्यधिक डरते हैं। 

f. अलगाव की चिंता (Separation Anxiety Disorder)

अलगाव चिंता विकार वाले लोगों को अपने लोगों से बिछड़ने का डर रहता है। ऐसे लोग घर से बाहर जाने या उस व्यक्ति के बिना बाहर जाने से इनकार कर सकते है, या अलगाव के बारे में बुरे सपने का अनुभव कर सकते हैं। ये परेशानी बचपन में विकसित होते हैं, लेकिन लक्षण वयस्क होने के बाद भी रह सकते हैं।

2. मूड डिसऑर्डर  (Mood disorders)

मूड डिसऑर्डर को भी भावात्मक विकारों या अवसादग्रस्तता विकारों के रूप में संदर्भित किया जा सकता है। इन स्थितियों वाले लोगों के मनोदशा में बहुत जल्दी बदलाव आता रहता है। इसके भी कई प्रकार होते हैं, जैसे कि 

a. मेजर डिप्रेशन (Major depression)

इस अवसाद के साथ एक व्यक्ति लगातार लो फिल करता है और उसका मूड हमेशा खराब रहता है और उन गतिविधियों और घटनाओं में रुचि खो देता है जो पहले से आनंद लेते थे। वे लंबे समय तक निराश या अत्यधिक उदास महसूस करता है।

b. बाइपोलर डिसऑर्डर (Bipolar disorder)

बाइपोलर डिसऑर्डर या द्विध्रुवी विकार वाला व्यक्ति अपने मनोदशा, ऊर्जा के स्तर, गतिविधि के स्तर और दैनिक जीवन को जारी रखने की क्षमता में असामान्य परिवर्तन का अनुभव करता है। अच्छा महसूस करने पर वो बहुत ज्यादा एनर्जेटिक हो जाते हैं, जबकि लो मूड होने पर अवसाद में चले जाते हैं। 

c. मौसमी भावात्मक विकार (Seasonal affective disorder )

सर्दियों और शुरुआती वसंत महीनों के दौरान जब दिन का छोटा होता है या ज्यादा अंधेरा होता है, तो ये कुछ लोगों को डिप्रेशन में डाल सकता है। ऐसे लोगों के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है एक बेहतर लाइटिंग या सूर्य की रोशनी वाले कमर में रहना। 

3. सिजोफ्रेनिया (Schizophrenia disorders)

सिजोफ्रेनिया एक या कई मानसिक बीमारियों का एक समूह है जिसे समझना काफी मुश्किल है।  सिजोफ्रेनिया के लक्षण आमतौर पर 16 से 30 साल की उम्र के बीच विकसित होते हैं। ऐसे व्यक्ति के विचार कई बार टूटे हुए और खोए हुए से होते हैं। ये लोग उन चीजों को भी अपने आस पास महसूस करते हैं, जो कि सच में दुनिया में है ही नहीं।  सिजोफ्रेनिया के नकारात्मक और सकारात्मक लक्षण हैं। सकारात्मक लक्षणों में भ्रम, विचार विकार और मतिभ्रम शामिल हैं। नकारात्मक लक्षणों में प्रेरणा की कमी और खराब मनोदशा शामिल हैं।

मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के उपाय- Tips for good mental health

  • -दूसरों से जुड़े रहें और अपने आप को अलग न समझें।
  • -पॉजिटिव सोचें
  • -शारीरिक रूप से सक्रिय रहें।
  • -दूसरों की मदद करते रहें।
  • -पर्याप्त नींद लें और समय पर सोएं और समय से जागें
  • -हेल्दी डाइट लें खास कर मूड को बेहतर बनाने वाली चीजों को खाएं।
  • -शराब, धूम्रपान और ड्रग्स से बचें। 
  • -खूब धूप लें। 
  • -तनाव ज्यादा न लें।
  • -बहुत ज्यादा सोचना बंद करें।
  • -एक्सरसाइज और योग करें।
  • -ऐसा कुछ करें जिससे आपका मन लगा रहे और आप खुश रहें। 
  • - मिलनसार बनें।

इस तरह आप मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी सभी परेशानियों,  बीमारियों, उनके लक्षण, उपचार और बचाव के लिए एक्सपर्ट टिप्स और जानकारियां यहां पा सकते हैं। तो पढ़ते रहें ऑनली माय हेल्थ का ये खंड 'मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य -Mental health in hindi' और अपने मानसिक स्वास्थ्य का रखें खास ख्याल। 

Source: American Psychiatric Association

WHO and CDC 

https://www.ncbi.nlm.nih.go

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World Mental Health Day in Hindi : 1992 से हुई विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की शुरुआत

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  • Updated on  
  • अक्टूबर 9, 2023

World Mental Health Day in Hindi

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, ‘यदि हम तत्काल कार्रवाई नहीं करते हैं, तो 2030 तक अवसाद विश्व स्तर पर प्रमुख बीमारी होगी।’ भारत ने अपना राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम 1982 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को विकसित करना था। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण ने वर्ष 2016 में अपनी एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। जिसके अनुसार भारत में 20 में से 1 व्यक्ति मानसिक बीमारी से पीड़ित है। मानसिक स्वास्थ्य के बारे में शिक्षित करने और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से जुड़े कलंक को कम करने के लिए हर साल 10 अक्टूबर के दिन विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें और जानें World Mental Health Day in Hindi से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी। 

This Blog Includes:

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस क्या है, विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2023 की थीम , विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का महत्व , विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का इतिहास , विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस कैसे मनाया जाता है.

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 
10 अक्टूबर 
10 अक्टूबर 1992
“मानसिक स्वास्थ्य एक सार्वभौमिक मानव अधिकार है”
मानसिक स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूकता, समर्थन और वैश्विक स्तर पर प्रयासों को बढ़ावा देना 

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस एक अंतरराष्ट्रीय दिवस है जो हर साल 10 अक्टूबर को मनाया जाता है। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2023 की तारीख 10 अक्टूबर है, जो विश्व स्तर पर स्वीकृत दिन है जिसे विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के रूप में जाना जाता है। इसका उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य पर प्रकाश डालना है, सरकारों और व्यक्तियों दोनों से सकारात्मक बदलावों को अपनाने का आग्रह करना है, जिसमें मानसिक स्वास्थ्य को शारीरिक कल्याण के समान महत्व के स्तर तक बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया है।

हर साल विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस एक थीम के तहत मनाया जाता है। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2023 की थीम है “मानसिक स्वास्थ्य एक सार्वभौमिक मानव अधिकार है।” 

यह भी पढ़ें – मानसिक स्वास्थ्य पर निबंध (100, 200 और 500 शब्दों में)

जैसा कि हम सभी जानते हैं, एक व्यक्ति की मानसिक भलाई एक स्वस्थ समाज और राष्ट्र को आकार देने में महत्वपूर्ण योगदान देती है। एक संपूर्ण और पूर्ण जीवन प्राप्त करने के लिए मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों को बनाए रखना आवश्यक है। 

हाल की अभूतपूर्व वैश्विक घटनाओं, जैसे कि कोरोना ​​​​महामारी और युद्धों ने दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य संकट पैदा कर दिया है, जिससे लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। यह संकट उपचार के अंतर को दूर करने और मानसिक स्वास्थ्य सहायता के लिए आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने के लिए विश्व स्तर पर संगठनों और नीति निर्माताओं के ध्यान और सक्रिय भागीदारी की मांग करता है।

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का महत्व निम्नलिखित है:

मानसिक स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना : विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस एक महत्वपूर्ण अवसर है ताकि हम मानसिक स्वास्थ्य के महत्व के बारे में बात करें। यह हमें मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को सामान्य बनाने और लोगों को यह समझने में मदद करता है कि वे अकेले नहीं हैं।

मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे लोगों को समर्थन प्रदान करना: विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस उन लोगों को समर्थन प्रदान करने का एक तरीका है जो मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। यह उन्हें यह जानने में मदद करता है कि वे मदद के लिए कहाँ जा सकते हैं और यह कि वे अकेले नहीं हैं।

मानसिक स्वास्थ्य के लिए अधिक संसाधनों और समर्थन को बढ़ावा देना: विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मानसिक स्वास्थ्य के लिए अधिक संसाधनों और समर्थन को बढ़ावा देने का एक अवसर है। यह हमें मानसिक स्वास्थ्य के लिए अधिक धन जुटाने और लोगों को मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचने में मदद करने के लिए काम करने के लिए प्रेरित करता है।

यह भी पढ़ें – मानसिक रोगी के कानूनी अधिकार

150 से अधिक देशों में सक्रिय वैश्विक संगठन वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ के प्रयासों की बदौलत विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की शुरुआत 10 अक्टूबर 1992 को हुई। वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ के उप महासचिव रिचर्ड हंटर ने 1992 में इस पहल का प्रस्ताव रखा था। 

1994 तक अपने प्रारंभिक वर्षों में, यह दिन बिना किसी विशिष्ट थीम के मनाया जाता था। उस समय इस दिवस मुख्य रूप से सामान्य मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों के बारे में जनता को शिक्षित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाता था।

1994 में, वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ के तत्कालीन महासचिव यूजीन ब्रॉडी के मार्गदर्शन में, यह दिन एक थीम आधारित उत्सव में बदल गया। 

ब्रॉडी द्वारा सुझाया गया 1994 का विषय था, “दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार।” तब से, वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ ने मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों, रोकथाम रणनीतियों और सहायता प्रणालियों के बारे में जागरूकता और शिक्षा को बढ़ावा देने, मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों से प्रभावित व्यक्तियों के लिए बेहतर अवसर पैदा करने के लिए हर साल एक विशिष्ट विषय की घोषणा करने की परंपरा जारी रखी है।

यह भी पढ़ें – मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारक

यदि आप मानसिक स्वास्थ्य के बारे में अधिक जानने या समर्थन प्राप्त करने में रुचि रखते हैं, तो विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस एक अच्छा अवसर है ऐसा करने के लिए। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाने के कुछ तरीके निम्नलिखित हैं:

  • मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए सार्वजनिक जागरूकता अभियानों या गतिविधियों में शामिल हों।
  • मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे किसी व्यक्ति को समर्थन प्रदान करें।
  • मानसिक स्वास्थ्य के लिए धन जुटाने के लिए एक अभियान में शामिल हों।
  • मानसिक स्वास्थ्य के बारे में अधिक जानने के लिए स्वयंसेवा करें या शिक्षा प्राप्त करें।

यह भी पढ़ें – मानसिक स्वास्थ्य का अर्थ एवं परिभाषा

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस एक विशेष दिन है जो प्रत्येक वर्ष 10 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिन लोग विशेषज्ञता को बढ़ावा देते हैं और मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को जागरूक करने का प्रयास करते हैं।

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के हर वर्ष एक विशेष मुद्दा या थीम होती है, जो मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए होती है। इसके माध्यम से मानसिक बीमारियों, जैसे कि डिप्रेशन और एक्जाइटी, के बारे में जानकारी और समर्थन प्रदान किया जाता है।

विश्व मानसिक स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है क्योंकि यह व्यक्तिगत, परिवार, और समाजिक जीवन को प्रभावित करता है। अच्छी मानसिक स्वास्थ्य से व्यक्ति सकारात्मक तरीके से जीवन जी सकता है और समाज में योगदान कर सकता है।

आप मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकते हैं जागरूकता फैलाकर, मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के संकेतों को समझकर, और समर्थन प्रदान करके। यदि आप या किसी और को मानसिक स्वास्थ्य समस्या हो, तो चिकित्सक से सलाह लेना महत्वपूर्ण हो सकता है।

हां, मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के कई संकेत हो सकते हैं, जैसे कि डिप्रेशन, एक्जाइटी, और स्ट्रेस के लक्षण। इन लक्षणों की समय पर पहचान और उपचार करना महत्वपूर्ण होता

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको World Mental Health Day in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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विशाखा सिंह

A voracious reader with degrees in literature and journalism. Always learning something new and adopting the personalities of the protagonist of the recently watched movies.

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World Mental Health Day 2021: कब और क्यों मनाया जाता है विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस, जानें क्या है थीम

वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे मनाने की शुरुआत वर्ष 1992 में हुई थी -Image/shutterstock

World Mental Health Day 2021: मानसिक समस्याओं के प्रति जागरुकता (Awareness) बढ़ाने के लिए हर वर्ष 10 अक्टूबर को वर्ल्ड म ...अधिक पढ़ें

  • Last Updated : October 7, 2021, 15:56 IST
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World Mental Health Day 2021: चिंता हमें तनाव देती है और अगर ये तनाव लंबे समय तक बना रहे, तो ये डिप्रेशन यानी अवसाद में तब्दील हो सकता है. ऐसे में मेंटल हेल्थ (Mental Health) यानी मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता (Awareness) बहुत ज्यादा जरूरी हो जाती है. वैसे भी मेंटल हेल्थ शरीर के नजरअंदाज किये जाने वाले हिस्सों में से एक है.

मानसिक समस्याओं के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए हर वर्ष 10 अक्टूबर को वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे (World Mental Health Day) मनाया जाता है. तो आइये आपको बताते हैं कि इस दिन को मनाये जाने का महत्त्व, थीम और इतिहास क्या है.

ये भी पढ़ें: ब्राह्मी के सेवन से सेहत को मिलेंगे कई सारे फायदे, दिमाग भी होगा तेज़

ऐसे हुई थी इस दिन को मनाने की शुरुआत

वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे की शुरुआत वर्ष 1992 में हुई थी. इस दिन को पहली बार संयुक्त राष्ट्र के उप महासचिव रिचर्ड हंटर और वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ की पहल पर मनाया गया था. इस दिन को मनाये जाने की सलाह वर्ष 1994 में संयुक्त राष्ट्र के तत्कालीन महासचिव यूजीन ब्रॉडी ने दी थी और इसे मनाये जाने के लिए एक थीम भी निर्धारित की गयी थी. तब से हर वर्ष यह दिन एक विशेष थीम के साथ मनाया जाता है.

वर्ष 2021 के लिए इस दिन की थीम

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाये जाने के लिए हर वर्ष एक थीम निर्धारित की जाती है. डब्ल्यूएफएमएच के प्रेसिडेंट डॉ इंग्रिड डेनियल ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2021 के लिए थीम की घोषणा की है. इस वर्ष की थीम निर्धारित की गयी है. ‘एक असमान दुनिया में मानसिक स्वास्थ्य’ (Mental Health in an Unequal World). इस दिन आयोजित होने वाली सभी कार्यक्रम इसी थीम पर आधारित होंगे.

ये भी पढ़ें: ये 5 नैचुरल चीजें तनाव भगाने में करेंगी मदद, नहीं पड़ेगी दवा की जरूरत

इस दिन को मनाये जाने का महत्त्व

मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन की वजह से दुनिया में बहुत सारे लोग सोशल स्टिग्मा, डिमेंशिया, हिस्टिरिया, एग्जाइटी, आत्महीनता जैसी कई तरह की दिक्कतों और मानसिक बीमारियों से जूझ रहे हैं. इन दिक्कतों की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने और लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे मनाया जाता है. जिससे लोग मानसिक दिक्कतों और बीमारियों के प्रति जागरूक हों और समय रहते अपना इलाज करवा सकें.

Tags: World mental health day , Lifestyle

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World Mental Health day in Hindi | विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2021, Vishv Maanasik Svaasthy Divas

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World Mental Health day in Hindi: भारत के केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री मनसुख मांडविया ने आज नई दिल्ली में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर सभा को संबोधित किया, जो शारीरिक महत्व एवं स्वास्थ्य कल्याण के लिए जरूरी है। 5 अक्टूबर की सभा में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री मनसुख मांडविया ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के खत्म होने तक विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस सप्ताह मनाने की घोषणा की है। मानसिक स्वास्थ्य रोग के बारे में जागरूक करने के लिए हर वर्ष 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है।

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World Mental Health day in Hindi

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस हर वर्ष 10 अक्टूबर को मनाया जाता है। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2021, 10 अक्टूबर रविवार को मनाया जायेगा।

Vishv Maanasik Svaasthy Divas kab hai?

World Mental Health day : हर वर्ष विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 10 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2021, 10 अक्टूबर रविवार को मनाया जायेगा। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को इसके प्रति जागरूक करना तथा मानसिक रोगियों के प्रति अच्छा व्यवहार करना है।

इस साल विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस ऐसे समय में आया है, जब पूरी दुनिया कोविड19 महामारी से जूझ रही है। कोविड19 महामारी ने हर किसी के जीवन में एक अलग बदलाव दिया है। इस महामारी ने लोगों के जीवन में काफी मानसिक विकार को जन्म दिया है। केन्द्रीय स्वास्थ्य विभाग के मार्गदर्शन से विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस सप्ताह मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य मानसिक विकृतियों से संबंधित विकृतियों को खत्म करने के लिए लोगों की भागीदारी को प्रोत्साहित करना है।

क्यों मनाया जाता है विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस

आज के समय में दुनिया के लगभग 60 प्रतिशत लोग डिप्रेशन या मानसिक रोग से ग्रसित है। कई बार लोग मानसिक रोग से ग्रसित हो जाते है तो उन्हें आत्महत्या करने के ख्याल आ जाते है। कभी-कभी लोग आत्महत्या भी कर लेते है। ऐसे में विश्व को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से यह दिवस मनाया जाता है।

History of World Mental Health day

सबसे पहले वर्ष 1992 में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया गया था। यूनाइडेट नेशन्स के उप महासचिव रिचर्ड हंटर और वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ की पहल पर सबसे पहले इस दिन को मनाया गया था। वर्तमान समय में वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ में 150 से अधिक सदस्य देश है। 1994 में 1994 में संयुक्त राष्ट्र के तत्कालीन महासचिव यूजीन ब्रॉडी ने एक थीम तय कर इस दिवस को मनाने की सलाह दी। और तभी से 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाने की शुरुआत की है।

 World Mental Health day in Hindi

World Mental Health day Theme 2021 in Hindi (International Mental Health day )

प्रत्येक वर्ष विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर एक थीम जारी की जाती है। इस वर्ष विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2021 की थीम ‘ एक असमान दुनिया में मानसिक स्वास्थ्य’ (Mental Health in an Unequal World) . थीम रखने का उद्देश्य लोगों का मानसिक रोगियों के प्रति संवेदनशील रहने तथा इसके प्रति लोगों को जागरूक करना है।

FAQ’s 

Q. विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस कब मनाया जाता है?

Ans : विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 10 अक्टूबर को मनाया जाता है।

Q. वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे कब मनाया जाता है?

Ans : वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे 10 अक्टूबर को मनाया जाता है।

Q. विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2021 की थीम क्या है?

Ans : विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2021 की थीम ‘ एक असमान दुनिया में मानसिक स्वास्थ्य’ (Mental Health in an Unequal World) .

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