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My Favourite Teacher Essay : अपने ‘पसंदीदा शिक्षक’ पर स्टूडेंट्स ऐसे लिखें निबंध

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  • Updated on  
  • सितम्बर 4, 2024

My Favourite Teacher Essay in Hindi

शिक्षक हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि एक आदर्श शिक्षक छात्रों के विकास के लिए जिम्मेदार होता है। शिक्षक न केवल विषयों के बारे में बल्कि जीवन के लिए भी बुनियादी ज्ञान की एक मजबूत नींव बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एक शिक्षक का मुख्य उद्देश्य होता है, छात्रों को सशक्त बनाना और उन्हें बेहतर नागरिक बनाने के लिए प्रेरित करना। शिक्षक केवल एक पेशा नहीं, बल्कि एक सेवा है, जिसमें वे दूसरों के भविष्य का निर्माण करते हैं। उनका ज्ञान, धैर्य और समर्पण ही छात्रों के जीवन में सफलता का मार्ग प्रशस्त करता है। इसके अलावा स्कूल या कॉलेज में हम सभी का कोई न कोई एक फेवरेट टीचर तो जरूर होता है। अगर आप अपने स्कूल या कॉलेज में अपने पसंदीदा शिक्षक पर निबंध तैयार कर रहे हैं तो ये लेख आपके लिए है। यहाँ आपको My Favourite Teacher Essay in Hindi 100, 200 और 500 शब्दों में दिया गया है।

This Blog Includes:

मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध 100 शब्दों में, मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध 200 शब्दों में, वह मेरी पसंदीदा शिक्षक क्यों हैं, परीक्षा से पहले देती थीं एक्स्ट्रा क्लास, स्टूडेंट को करती थीं मोटिवेट , निबंध कैसे तैयार करें .

100 शब्दों में My Favourite Teacher Essay in Hindi इस प्रकार हैः

स्कूल हो या कॉलेज टीचर हमें हमेशा ही सीखते हैं और आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। उनके इसी मार्गदर्शन से आज हम अपने जीवन में बहुत आगे बढ़ते हैं। मेरी एक पसंदीदा टीचर हैं। वह कक्षा 10 में हमें कला विषय के साथ अन्य विषय भी पढ़ाती थी। वह हमेशा मेरी हर परेशानी को दूर करने में मेरी मदद करती थी और अगर मुझे कोई भी चीज समझ नहीं आती तो वो मुझे बार बार बताने में कभी क्रोधित नहीं होती। वह बहुत मिलनसार शिक्षिका हैं और मेरे लिए वो एक आदर्श भी हैं। उनका पढ़ने का तरीका अन्य शिक्षकों से बेहद अलग है और वह क्लास में सभी पर पूरा ध्यान देती हैं। वह बहुत ही इंटरैक्टिव और रचनात्मक तरीके से पढ़ाती हैं। वह पढ़ाई को इतना आसान बना देती हैं कि उनकी क्लास में हम सभी को पढ़ना बहुत अच्छा लगता है, इसलिए वह मेरी पसंदीदा शिक्षक है।

यह भी पढ़ें : हर साल 5 सितम्बर को क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस? जानें इसका इतिहास

200 शब्दों में My Favourite Teacher Essay in Hindi इस प्रकार हैः

हम सभी के जीवन में एक पसंदीदा शिक्षक रहा होगा और आज भी हम उनके सम्पर्क में या उनकी सिखाई बातों पर अमल जरूर करते हैं। स्कूल हो या कॉलेज जीवन में हर किसी व्यक्ति का एक पसंदीदा टीचर जरूर होता है। एक टीचर जिसकी क्लास में स्टूडेंट्स उत्सुकता से पढ़ते हैं। वे उनकी क्लास का बहुत बेसब्री से इंतेजार करते हैं और उस पसंदीदा टीचर की क्लास को पढ़ने से कभी नहीं छोड़ते हैं। हर शिक्षक एक जैसा नहीं होता, हम स्कूल में जो सीखते हैं वही वास्तव में जीवन भर हमारी मदद करता है।

मेरी पसंदीदा शिक्षिका राज किशोरी बहुत समझदारी के साथ स्टूडेंट्स को पढ़ती थी, इसके अतिरिक्त वे सीखने की गतिविधियों को भी बढ़ावा देती हैं। उनके पढ़ाने का तरीका कई छात्रों के बीच उन्हें पसंदीदा बनाता हैं। वह न सिर्फ मेरी टीचर हैं बल्कि मैं उन्हें अपना आदर्श भी मानती हूँ। वे न केवल एक टीचर हैं बल्कि एक ऐसी महिला भी हैं जिससे आप अपनी इच्छानुसार किसी भी विषय या परेशानी पर बात कर सकते हैं। वे बहुत विनम्र और नम्रता के साथ अपने काम को करती हैं। इसी लिए वो मेरी फेवरेट टीचर हैं।

वे सदैव अपने सभी स्टूडेंट्स को कड़ी मेहनत करने और अच्छे मार्क्स लाने के लिए प्रेरित करती है। जब मुझे किसी भी विषय को लेकर कोई संदेह होता है तो वह उस सब्जेक्ट को अच्छी तरह समझने में मेरी मदद करती है। वह मैथ के सब्जेक्ट को प्रैक्टिकल करके अधिक रोचक और आकर्षक बनाती है। वे हमेशा मुझे सही रास्ते पर चलने के लिए मार्गदर्शन देती हैं। वह हमें सच बोलना, सभी का सम्मान करना और जीवन में एक अच्छे मुकाम को हासिल करने के लिए प्रेरित करती हैं। इस My Favourite Teacher Essay in Hindi के अनुसार हम सबको यह सीखना चाहिए कि हमारे टीचर हम सबके लिए कितने महत्वपूर्ण है।

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यह भी : शिक्षक दिवस पर छात्र ऐसे लिख सकते हैं निबंध

मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध 500 शब्दों में

500 शब्दों में My Favourite Teacher Essay in Hindi इस प्रकार हैः

एक ऐसा शिक्षक होना जिसके साथ आप विशेष रूप से सहज हों, एक बहुत बड़ा लाभ हो सकता है क्योंकि यह आपको अपने स्कूल के वर्षों को आसान तरीके से पूरा करने में मदद कर सकता है। एक अच्छा शिक्षक एक मार्गदर्शक के रूप में भी कार्य कर सकता है, जो आपको केवल पढ़ाई के अलावा भी आपके पूरे जीवन में मार्गदर्शन दे सकता है। मेरी भी एक फेवरेट टीचर रही हैं जिनका नाम राज किशोरी है। उन्होंने हमारी पढ़ाई में किसी तरह की दिक्कत नहीं आने दी। जब हमें कोई परेशानी हुई तो उन्होंने परीक्षा से पहले हमें अच्छे से गाइड किया ताकि हम अच्छे अंकों के साथ पास हो कर आगे बढ़ सकें। 

जैसे ही हमारे एग्जाम खत्म होते थे वे हम सभी को बहार घूमने ले जाती थी, स्कूल टूर पर ये सभी स्टूडेंट्स को बहुत प्यार से और बहुत सारे गेम खिलवती थी। उनका कहना था की पढ़ाई के साथ शारीरिक एक्टिविटी का होना भी जरुरी है। वे स्कूल के समय भी एक क्लास में हम सभी स्टूडेंट्स को कुछ न कुछ एक्टिविटी सिखाती थी। वे खुद को भी मोटिवेट करती थी और स्टूडेंट को भी हर चीज के लिए प्रेरित करती रहती थी। इसलिए वह मेरे पसंदीदा टीचर थी। 

हमारी टीचर ने हमें एक निश्चित समय के बाद भी पढ़ाने से कभी इन्कार नहीं किया। हमारे एग्जाम से पहले हमेशा वे हम सभी स्टूडेंट्स को एक्स्ट्रा क्लास देती थी, किसी स्टूडेंट्स को अगर किसी भी सब्जेक्ट में कोई परेशानी होती थी, तो वे उसको उस एक्स्ट्रा क्लास में सॉल्व करती थी। उनका प्रॉब्लम सॉल्व करने का तरीका इतना अच्छा होता था की हम सब को लगता था की जिस चीज में हम इतना परेशान थे, वो इतनी छोटी सी चीज थी। वे प्रैक्टिकली चीजों को बताती थी।  

मेरी टीचर की एक बहुत अच्छी बात यह थी की जब कोई स्टूडेंट्स निराश होता था या वो डर के कारण उनसे कोई बात को नहीं पूछ पता था, तो वे उसके आत्मविश्वास को बढ़ाती थी और उसे आगे बढ़ने की प्रेरणा देती थी। वे हमेशा कहती थी की किसी चीज से डर कर मत भागों हर चीज का सामना करो कोई चीज आपके आत्मविश्वास से बड़ी नहीं हो सकती है। अगर अपने किसी चीज को करने का लक्ष्य तय किया है तो उस लक्ष्य को मेहनत कर के प्राप्त करो। अगर सफलता एक बार नहीं मिली तो ऐसा नहीं है की कभी नहीं मिलेगी। 

आपका फोकस होना चाहिए पूरी तरह से की आपको ये चीजे हासिल करनी है, चाहे मुझे दिन -रात एक करनी पड़ें। पूरी लगन से मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती है। उनके इन्हीं विचारों से हम सब स्टूडेंट्स का मनोबल बढ़ता है और हम और मेहनत करते हैं। शिक्षक हमेशा आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला होना चाहिए, बहुत से टीचर जरा सी गलती पर स्टूडेंट्स को बहुत ज्यादा डिमोटिवेट कर देते हैं, जिससे स्टूडेंट्स को आगे पढ़ने या स्कूल जाने का मन नहीं करता है और वे स्कूल जाने से कतराते हैं। 

मैं उनकी स्टूडेंट होने के लिए भाग्यशाली हूं। मैं हमेशा याद रखूंगी कि उन्होंने मुझे क्या सिखाया है और मैं भविष्य में उनके जैसा महान व्यक्ति बनने की कोशिश करुँगी। हम सबको हमेशा अपने शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए और आज हम जो कुछ भी हैं उसके लिए उन्हें धन्यवाद भी देना चाहिए। उनकी सिखाई हुई हर चीज को बहुत ही गंभीरता से लेकर आगे जीवन में बढ़ना चाहिए।

यह भी पढ़ें : गुरु की महिमा का बखान करते शिक्षक दिवस पर आधारित अनमोल विचार

अपने प्रिय शिक्षक पर निबंध कैसे लिखें, इसके बारे में नीचे बताया गया है-

  • निबंध लिखने के लिए सबसे पहले स्ट्रक्चर बनाएं। 
  • स्ट्रक्चर के अनुसार सभी जानकारी इक्कठा कर लें। 
  • इसके बाद निबंध की शुरुआत शिक्षकों के महत्व को बताते हुए करें।
  • अपने प्रिय शिक्षक का परिचय दें। उनका नाम, विषय, और किस कक्षा में आपको उन्होंने पढ़ाया, यह जानकारी शामिल करें।
  • अपने प्रिय शिक्षक की कुछ खास विशेषताओं का उल्लेख करें।
  • आपके शिक्षक ने आपको कैसे प्रेरित किया, इसका वर्णन करें।
  • निबंध के अंत में अपने शिक्षक के प्रति आभार व्यक्त करें।

संबंधित ब्लाॅग्स 

शिक्षक मुझे बहुत प्यार करते हैं क्योंकि मैं उनका बहुत अनुशासित और आदर्श छात्र हूँ।

मुझे यह पता लगाने में मदद करने के लिए धन्यवाद कि मैं किसमें अच्छा हूं और यह हमेशा मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

एक अच्छा शिक्षक आशा को प्रेरित कर सकता है, कल्पना को प्रज्वलित कर सकता है, और सीखने के प्रति प्रेम पैदा कर सकता है।

उम्मीद है कि आपको My Favourite Teacher Essay in Hindi के संदर्भ में हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। निबंध लेखन के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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सीखने का नया ठिकाना स्टडी अब्रॉड प्लेटफॉर्म Leverage Eud. जया त्रिपाठी, Leverage Eud हिंदी में एसोसिएट कंटेंट राइटर के तौर पर कार्यरत हैं। 2016 से मैंने अपनी पत्रकारिता का सफर अमर उजाला डॉट कॉम के साथ शुरू किया। प्रिंट और डिजिटल पत्रकारिता में 6 -7 सालों का अनुभव है। एजुकेशन, एस्ट्रोलॉजी और अन्य विषयों पर लेखन में रुचि है। अपनी पत्रकारिता के अनुभव के साथ, मैं टॉपर इंटरव्यू पर काम करती जा रही हूँ। खबरों के अलावा फैमली के साथ क्वालिटी टाइम बिताना और घूमना काफी पसंद है।

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Nibandh

मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध

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रूपरेखा : प्रस्तावना - मेरे प्रिय शिक्षक कौन है - उनके व्यक्तित्व - आज के शिक्षकों से तुलना - उनके अंदर का ज्ञान - खेल कूद आदि में उनकी दिलचस्पी - स्नेहपूर्ण व्यवहार - आदर्श जीवन - उपसंहार।

शिक्षक का हमारे जीवन में अधिक महत्व है। शिक्षक हमारे जीवन में वह व्यक्ति होता है, जो हमें अच्छी शिक्षा के साथ बहुत सी अन्य महत्वपूर्ण चीजों को सिखाता है। एक शिक्षक अपने विद्यार्थियों के लिए बहुत अधिक मायने रखता है। वह हमारे जीवन में विकास की प्रारम्भिक अवस्था से हमारे परिपक्व होने तक बहुत अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वह हमें और हमारे भविष्य को देश के जिम्मेदार नागरिक बनाने की ओर मोड़ देते हैं।

अपने छात्रजीवन में मुझे अनेक शिक्षकों से स्नेह तथा मार्गदर्शन मिला है, लेकिन इन सबमें राजीव यादव मेरे प्रिय शिक्षक रहे हैं। सचमुच, उनके जैसा अपार ज्ञान, असीम स्नेह और प्रभावशाली व्यक्तित्व बहुत कम शिक्षकों में पाया जाता है।

राजीव सर का कद लंबा और रंग गोरा है। उनकी आँखें चमकीली हैं। उनकी आवाज गंभीर, स्पष्ट और प्रभावशाली है। उनका शरीर फुर्तीला और स्वस्थ है। वे हमेशा तेज़ चाल से चलते हैं। वे प्रायः सफेद धोती-कुर्ता अथवा सफारी सूट पहनते हैं।

आज के कई शिक्षक अपने पद को केवल अर्थप्राप्ति का साधन मानते हैं और विद्यार्थियों के सामने किताबों के पन्ने पलट देने को ही पढ़ाना समझते हैं। मानो सच्चे ज्ञान-दान और चरित्र-निर्माण से उन्हें कोई मतलब ही न हो। लेकिन राजीव सर के बारे में यह बात नहीं है। वे शिक्षक-पद के गौरव और उसकी जिम्मेदारी को भली-भाँति समझते हैं और अपने कर्तव्यों का पूर्ण रूप से निर्वाह करते हैं।

राजीव सर विद्वान व्यक्ति हैं। उनका अंदर का ज्ञान ही उन्हें आज सब छात्रों का प्रिय बनाया है। विज्ञान, गणित और समाजशास्त्र में भी उनकी रुचि कम नहीं है। अंग्रेजी व्याकरण वे इस प्रकार समझाते हैं कि सारी बातें कक्षा में ही कंठस्थ हो जाती हैं। हिंदी भाषा पर उनका पूर्ण अधिकार है। कोई भी विद्यार्थी अपनी शंका, बिना किसी भय और हिचकिचाहट के उनके सामने रख सकता है और उसका उचित समाधान प्राप्त कर सकता है।

राजीव सर खेल-कूद में भी बहुत रुचि लेते हैं। वे विद्यार्थियों के साथ खेल में भाग लेते हैं। नाटक, चर्चा-गोष्ठी, चित्र-प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता आदि में वे विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हैं और उन्हें समय-समय पर विविध क्षेत्रों में प्रगति करने के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं। हमारे विद्यालय का ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं, जिसमें राजीव सर का योगदान न हो।

राजीव सर विद्यालय को एक परिवार मानते हैं। सभी विद्यार्थियों को उनका प्यार मिलता है। उन्हें क्रुद्ध (गुस्सा) होते कभी किसी ने नहीं देखा है। वे बहुत अनुशासन व्यक्ति है। वे बहुत हिमायती हैं। पढ़ाई में कमजोर छात्रों पर उनकी ममतामयी दृष्टि रहती है। परीक्षा में अनुत्तीर्ण छात्रों को वे स्ने से पढ़ाते है और उन्हें उत्तीर्ण कराते हैं। कोई छात्र कमजोर होता है तो उन्हें वह अतिरिक्त अध्ययन कराते है।

राजीव सर निरभिमानी हैं। घमंड तो उन्हें छू तक नहीं गया है। उनके चेहरे से सदा प्रसन्नता और आत्मीयता झलकती है। उनके रहन-सहन और वेशभूषा से सादगी प्रकट होती है। झूठ, लोभ, रिश्वत, ईर्ष्या आदि बुराइयों से तो वे कोसों दूर हैं। वे बहुत शांत स्वाभाव के व्यक्ति है। उनका जीवन एक आदर्श जीवन है। वे सभी छात्रों को आदर्श जीवन जीने की सलाह देते है।

वह शिक्षण की अच्छी तकनीकियों के साथ, दोस्ताना स्वभाव, हास्य, धैर्यवान और आसानी से सभी परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढालने वाले एक अच्छे शिक्षक है। मैं उनके आज्ञाकारी विद्यार्थियों में से एक हूँ। बहुत ही उत्साहित और हमें हमेशा पढ़ाई में सबसे अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित करते रहते थे। सचमुच वे सभी के चहिते शिक्षक है और मेरे प्रिय शिक्षक भी वही हैं।

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मेरे प्रिय अध्यापक निबंध, लेख, अनुछेद

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मेरे प्रिय शिक्षक पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on My Favourite Teacher in Hindi)

#1. [400 words] मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध

कक्षा 6 में रश्मि मैम मेरी सबसे प्रिय अध्यापिका है। वह हमें कक्षा में हिन्दी और कम्प्यूटर पढ़ाती है। उनका व्यक्तित्व एकदम अलग है। वह बहुत मोटी है पर स्वभाव से नम्र है। मैं हर साल शिक्षक दिवस पर उन्हें ग्रीटिंग कार्ड देता हूँ। मैं उनके जन्मदिन पर भी उन्हें हमेशा शुभकामनाएं भी देता हूँ। वह कक्षा में पढ़ाई के दौरान मनोरंजन के लिए कुछ चुटकुले भी सुनाती है और कक्षा की ओर हमारा ध्यान खिंचती है। मैं हिन्दी विषय में बहुत अच्छा नहीं हूँ हालांकि, कम्प्यूटर में बहुत अच्छा करता हूँ। वह हिन्दी भाषा को सुधारने में मेरी बहुत मदद करती है। कक्षा लेने के बाद में, वह हमेशा कुछ प्रश्नों के उत्तर खोजने और याद करने के लिए देती है और उन्हें अगले दिन पूछती है।

वह क्म्प्यूटर के बारे में हमारी अवधारणाओं को अधिक निश्चित और स्पष्ट बनाने के लिए हमें कम्प्यूटर की प्रयोगशाला में ले जाती है। वह पढ़ाते समय बिल्कुल शान्ति पसंद करती है। वह कभी भी अपने कमजोर विद्यार्थी को अपने पढ़ाए हुए पाठ के, समझ न आने पर उसे स्पष्ट किए बिना नहीं छोड़ती है। वह सभी को कक्षा में पढ़े गए विषयों को स्पष्ट करती है और हमें उससे संबंधित प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित करती है। वह कभी भी अगला पाठ तब तक शुरु नहीं करती, जब तक कि हम पिछले वाले को पूरी तरह से नहीं समझ लेते हैं। उनका स्वभाव बहुत ही प्यारा और कक्षा के सभी विद्यार्थियों का ध्यान रखने वाला है। उनकी कक्षा के दौरान कोई भी झगड़ा या लड़ाई नहीं करता है। उन्होंने अपनी कक्षा में बैठने के लिए सप्ताहिक आधार पर रोटेशन बनाया हुआ है, ताकि कोई भी विद्यार्थी कमजोर न रहे। मेरे सभी मित्र उन्हें पसंद करते हैं और उनकी कक्षा में नियमित रुप से उपस्थित रहते हैं।

वह अतिरिक्त समय देने के माध्यम से कक्षा के कमजोर विद्यार्थियों की सहायता करती है। वह हमारी पढ़ाई से अलग समस्याओं को भी सुलझाती है। वह हमें पढ़ाई से अलग स्कूल में आयोजित खेलों या अन्य प्रतियोगिताओं में भी भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करती है। वह मुस्कुराते हुए चहरे के साथ बहुत अच्छी लगती है और सहायता करने वाले स्वभाव की है। वह स्कूल में आयोजित उत्सवों के कार्यक्रमों; जैसे- गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, गाँधी जयंती, शिक्षक दिवस, मातृ दिवस आदि के दौरान हमारी तैयार होने में मदद करती है। कभी-कभी जब पाठ खत्म हो जाता है तो वह हमें पढ़ाई की ओर प्रोत्साहित करने के लिए अपने जीवन के संघर्ष के दिनों के बारे में बताती है। वह बहुत ही मित्रवत व्यवहार की सरल अध्यापिका है। हम उनसे कभी भी नहीं डरते हैं हालांकि, उनका सम्मान बहुत करते हैं।

मेरे प्रिय अध्यापक निबंध, लेख, अनुछेद 1

#2. [600 words] मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध हिंदी

हमें संसार मे कुछ लोग औरों से बहुत अच्छे लगते है। मानव स्वभाव ही ऐसा होता है। जिससे वो अपने मन मे उनके रहते थोड़ी राहत अनुभव करता है उसके प्रति आकर्षित होता है। और उनकी आवश्यकता अनुभव करता है।

महत्व :- ओर हमारे विद्यार्थी जीवन को बनाने और सँवारने में उसके अध्यापक की भूमिका सबसे बड़ी होती है। कबीर दास जी ने कहा है।

गुरु कुम्हार शिष्य कुम्भ है, गढी-गढ़ी काढ़े खोट, अंतर हाथ सहार दे, बाहर बाहे चोट।

इसका मतलब है। गुरु कुम्हार के समान होता है। जो कच्चे घड़े को आकार देने के लिए उसे अंदर से सहारा देता है। और बहार से हाथ से पिटता है।  ठीक उसी प्रकार अधयापक बाहर से कठोर रहकर भी भीतर से अपने विद्यार्थी के भविष्य की अच्छी कामना करता है।

यही नही हमारे धर्मो , हमारी सभ्यता और संस्कृति में गुरु के महत्व को ईशवर से भी बढ़कर स्थान दिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि गुरु के ही द्वारा ईशवर का ज्ञान और दर्शन होता है। इसलिए ईशवर से पहले गुरु पूजनीय होते है। इस प्रकार गुरु की महिमा ईशवर के समान है। इस के लिए कबीरदास द्वारा कहा गया दोहा अत्यधिक प्रचलित माना जाता है।

गुरु गोविंद दोऊ खड़े,काके लागू पाय,। बलिहारी गुरु आपने,गोविंद दियो बताय।।

मेरे प्रिय अध्यापक का नाम:- मेरी दसवीं क्लास में कई अनेक अधयापक आये पर मेरे संपर्क में मेरे विज्ञान के अध्यापक सचिन दास सर से में बहुत अधिक प्रभावित हुआ हूँ। क्योंकि उनके व्यक्तित्व का प्रभाव और उनके पढ़ाने का तरीका मेरे मन मे गहरा छाप छोड़ता है।

उनकी योग्यता:- पढ़ाने की दृष्टि से उनका कोई जबाव नही है। वो अपने विषय के बारे में इतनी गहराई ओर विस्तार से समझाते है। कि छत्रों को कहि अन्य जगह भटकने की आवश्यकता नही पड़ती । वो एक एक लेसन को बहुत ही अच्छी तरह से समझाकर विषय से हमे परिचित करवा देते है। मुझे उनका पढ़ाना बहुत भाता है।

उनकी महानता:- मेने उन्हें कभी भी क्रोध में उबलते या तीव्र स्वर में किसी भी विद्यार्थी को डांटते हुए नही देखा है। यदि उन्हें किसी की गलती पर क्रोध आ भी जाता है। तो छात्र को पहले आराम से गंभीरतापूर्वक समझाते है। तथा उसे सही गलत के बारे में बताते है। उनकी आँखों की स्नेह और गम्भीरता ही छात्र के लिए डांट का प्रयाय बन जाते है।

समय का महत्व:- उनका मानना है। कि प्रतेक कार्य के  लिए समय को अत्यधिक महत्व देना चाहिए। और वो समय के अत्यंत पाबंद है। कभी भी समय का दुरुपयोग नही करते है। समय पर कक्षा में आते है। तथा अपने विषय को गम्भीरता से पढ़ाते है। सबसे बड़ी बात यह है कि वो केवल अपने विषय तक ही सीमित नही रहते है। विद्यार्थी की अनेक व्यक्तिगत और मानसिक समस्याओं का समाधान भी करते है। मेने उन्हें कभी भी सिगरेट पीते या किसी विद्यार्थी को अपशब्द कहते नही सुना है।

वह केवल एक पुस्तक पढ़ाने में ही विशवास नहीं रखते अपितु उसको प्रैक्टिकल करके भी बताते है। और लिखित कार्य को भी बहुत लगन ओर ध्यान से देखते है। तथा गलतियों का सुधार भी करवाते है।

उपसंहार :- इस प्रकार हमारे प्रिय अध्यापक महोदय सर्वक्षेष्ठ अध्यापको में से एक है। उनका कार्य और गुण न केवल मुझे ही प्रभावित करते है। अपितु पूरे स्कूल के अध्यापक ओर विद्यार्थियों को भी प्रभावित करते है। इस आधार पर हम कह सकते है। कि मेरे प्रिय अध्यापक एक ऐसे आदर्श अध्यापक है, जिन पर हम बहुत गर्व करते है। उनसे हमारा विद्यालय बहुत ही गर्वित ओर हर्षित होता है। इस प्रकार मेरे अध्यापक अत्यंत महान ओर प्रशंसनीय है इनसे निश्चय ही एक सफल और आदर्श बनने की प्रेरणा मिलती है।

#3. [700 words] मेरे प्रिय अध्यापक निबंध इन हिंदी mere priya adhyapak hindi essay

सभी अध्यापकों का व्यवहार मेरे प्रति अच्छा होते हुए भी मुझे अंग्रेज़ी के अध्यापक सबसे अच्छे और प्रिय लगते हैं। इसका एक कारण तो यह हो सकता है कि उनका बाहरी व्यक्तित्व जितना सुन्दर और आकर्षक है, उनकी बोलचाल, व्यवहार और अध्यापन का ढंग भी उतना ही सुन्दर है। वह जो भी पढ़ाते हैं, उसका एक चित्र-सा खड़ा कर विषय को साकार कर देते हैं। उनका पढ़ाया और समझाया गया पाठ छात्र कभी नहीं भूलते। मेरे इन अध्यापक का चेहरा हमेशा एक निर्मल मुस्कान से खिला रहता है। मैंने उन्हें कभी भी कक्षा के बाहर या अंदर बेकार की बातें करते हुए सुना है, न देखा है। उनकी वेशभूषा भी उनके व्यक्तित्व के अनुरूप फबने वाली होती है-एकदम उनके विचारों की तरह सीधी-सादी।

हमारी प्रात:कालीन, साप्ताहिक या मासिक सभाओं में जब कभी वह कुछ बोलने या भाषण देने आते हैं तो बाकी सब कुछ भूलकर छात्र सिर्फ उन्हीं को सुनते हैं। सचमुच, यदि सभी अध्यापक उनके जैसे आदर्श वाले हो जाएँ। तो सभी छात्रों का बहुत भला हो सकता है। और आजकल अध्यापक वर्ग पर जो कई प्रकार के लांछन लगाए जाते रहते हैं, उनका निवारण भी सरलता से संभव हो सकता है।

मेरे प्रिय अध्यापक मृदुभाषी हैं । उनकी मधुर बोली से विद्यार्थी ही नहीं, उनके सहयोगी भी प्रभावित होते हैं । विद्‌यालय में उनका बहुत सम्मान किया जाता है । विद्‌यालय की ओर से जब कभी शैक्षिक भ्रमण का कार्यक्रम आयोजित होता है वे हमेशा साथ जाते हैं । उनकी उपस्थिति मात्र से ही विद्‌यार्थी सहज और अनुशासित हो जाते हैं । वे विद्‌यार्थियों को शारीरिक दंड देने में विश्वास नहीं रखते । वे हमें कहते हैं-गलतियाँ करो नई-नई गलतियाँ करो उसी से सीखोगे लेकिन एक ही गलती को बार-बार मत दोहराओ । जो एक ही गलती को बार-बार दोहराते हैं वे मूढ़ होते हैं ।

विद्‌यार्थियों के ऊपर इस तरह के प्रेरणादायी वाक्यों का जादू का सा असर होता है ।

ऐसे आदर्श अध्यापक का आशीर्वाद पाकर किसे गर्व नहीं होगा । वे विद्‌यार्थियों के साथ किसी प्रकार का भेद- भाव नहीं करते । सबको समान दृष्टि से देखते हैं । निर्धन तथा मेधावी छात्रों को वे विद्‌यालय की ओर से उचित सहूलियतें दिलवाते हैं । वे विद्‌यार्थियों को स्वास्थ्यप्रद आदतें अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं । कक्षा और विद्‌यालय कर सफाई पर भी उनकी दृष्टि रहती है । वे हमें सकारात्मक सोच रखने तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित करते रहते हैं ।

समाज में गुरु का स्थान-प्राचीन काल में हमारे समाज में गुरु का महत्व सर्वोपरि रहा हैं. गुरु, आचार्य, शिक्षक या अध्यापक ये सभी समानार्थी शब्द हैं. अध्यापक एक ऐसा कलाकार होता हैं, जो अपने शिष्यों के व्यक्तित्व का निर्माण बड़ी सहजता और कुशलता से करता हैं. हमारे मन के अज्ञान को दूर कर उसमें ज्ञान का आलोक फैलाने वाला गुरु ही होता हैं.

परमात्मा का साक्षात्कार भी गुरु की कृपा से ही हो सकता हैं. इसी विशेषता के कारण कबीरदास आदि संत कवियों ने गुरु की कृपा से ही हो सकता हैं. इसी विशेषता के कारण कबीरदास अदि संत कवियों ने गुरु की सर्वप्रथम वन्दना की और गुरु को ईश्वर से भी बड़ा बताया. वस्तुतः मानव जीवन का निर्माता हमारे समाज और राष्ट्र का निर्माता गुरु या अध्यापक ही होता हैं.

मेरे प्रिय अध्यापक का अनुकरणीय जीवन– मेरे प्रिय अध्यापक की दिनचर्या अनुकरणीय हैं. वे प्रतिदिन प्रातःकाल उठकर नित्य कर्म से निवृत होकर नियमित रूप से भ्रमण के लिए जाते हैं. फिर स्नानादि कर पूजा करते हैं और भोजन करके विद्यालय आ जाते हैं. विद्यालय की प्रार्थना सभा का संचालन वे ही करते हैं. प्रार्थना के बाद पांच मिनट के लिए वे प्रतिदिन नयें नयें विषयों को लेकर शिक्षापूर्ण व्याख्यान देते हैं.

तत्पश्चात वे अपने कालांशों में नियमित रूप से अध्यापन कराते हैं. पाठ का सार बतलाना, उससे संबंधित गृहकार्य देना, पहले दिए गये गृहकार्य की जांच करना, मौखिक प्रश्नोतर करना तथा अन्य संबंधित बातों का उल्लेख करना उनका पाठन शैली की विशेषताएँ हैं. सायंकाल घर में आकर स्वाध्याय करते हैं. रविवार के दिन वे अभिभावकों से सम्पर्क करने की कोशिश करते हैं. तथा एक आध घंटा समाज सेवा में लगाते हैं. इस तरह अध्यापकजी की दिनचर्या नियमित और निर्धारित हैं.

#4. [800 words] Long Essay- मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध – Hindi Essay on My Favorite Teacher

जिन्दगी में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है ,हमारे अध्यापक। अध्यापक ना केवल हमें शिक्षा प्रदान करते है , बल्कि हमारे व्यक्तित्व को निखारते है। हमें जिन्दगी में एक सभ्य नागरिक बनाने का श्रेय अध्यापक को जाता है। अध्यापक विद्यार्थियों के जीवन के मार्ग दर्शक होते है। मेरे प्रिय अध्यापक मेरे हिंदी शिक्षक है । अभी मैं बारहवीं कक्षा में पढ़ती हूँ।

मेरे प्रिय शिक्षक बड़े सरल ढंग से पढ़ाते है। ऐसे पढ़ाते है कि सारा पाठ आसानी से समझ आ जाता है। वह हिंदी विषय को बड़ी सरलता से पढ़ाते है। उनका नाम श्रीमान रवींन्द्र कुमार दुबे जी है। हिंदी व्याकरण संबंधित हर पाठ को उदाहरण के संग आसान तरीके से समझाते है। इसके कारण हमे पाठ पढ़ने में बड़ा मज़ा आता है। कभी भी कुछ समझ ना आये , तो बेझिझक उनसे सवाल पूछ सकते है। कोई भी शंका यानी डाउट हो , तो अध्यापक जी आसानी से उसे दूर कर देते है। वह हमेशा सरल , सहज भाषा का उपयोग करते है , ताकि बच्चो को जल्द समझ आये। इससे लेक्चर बड़ा मज़ेदार हो जाता है। कक्षा में, कठिन कविताओं का भावार्थ उनके पढ़ाने से और अधिक सरल हो जाता है।

वे बहुत ही लम्बे है और उनके मुख पर हमेशा एक मुस्कराहट रहती है। उनमे बहुत संयम है। वे बेहद विनम्र है और सभी से नम्रतापूर्वक बातें करते है। मेरे प्रिय हिंदी शिक्षक कक्षा के अध्यापक भी है। जब भी कक्षा में प्रवेश करते है , वे गंभीरता पूर्वक सबकी उपस्थिति के बारें में पूछते है। वे पढ़ाने के लिए रोचक तरीको का प्रयोग करते है। पहले पूरा पाठ समझाते है और फिर हमसे प्रश्न पूछते है कि हमने पाठ को कितना समझा है।

वह नियमित रूप से हमारी परीक्षा लेते है। जो कक्षा में अच्छा प्रदर्शन करता है , उन्हें कलम या मिठाई देते है। मेरा हिंदी प्रिय विषय है और अक्सर मेरे अच्छे अंक आते है | इसलिए सर मुझे पसंद करते है। सर मुझे हर चीज़ के लिए प्रोत्साहित करते है। उनका आर्शीवाद बना रहा है तो मैं अपनी बारहवीं परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करुँगी। वह छात्रों को उतना ही गृहकार्य देते है , जितना कि वह पूरा कर सके।

वह हमेशा सभी बच्चो को कुछ नया करने की प्रेरणा देते है। किसी भी प्रकार की प्रतियोगिता और परीक्षा में बच्चो को प्रोत्साहित करते है। क्यूंकि वह सबसे प्रिय अध्यापक है मेरे , इसलिए उनके जन्मदिन और शिक्षक दिवस पर मैं उन्हें गिफ्ट देती हूँ। उनका पाँव छूकर आशीर्वाद लेती हूँ।

परीक्षा में जितनी गलतियां होती है हमसे , वह सभी को बारी बारी से उसे समझा देते है। ऐसा इसलिए कि बाद में चलकर वह एक ही गलती दुबारा ना हो। जब कोई खाली कालखंड होता है , वह थोड़े मज़ेदार और हंसी वाली बातें करते है। वह कभी कभी अपने जिन्दगी के अहम पहलुओं को हमसे साझा करते है।

अध्यापक जी तब तक नया पाठ आरम्भ नहीं करते है , जब तक पुराने पाठ का परीक्षा ना हो जाए | ऐसा इसलिए कि बच्चो को कितना समझ आया , उन्हें अच्छे से पता चलता है | जब वे पढ़ाते है तो कोई भी विद्यार्थी आपस में बात नहीं करते है | सभी मन लगाकर पढ़ते है , क्यों कि उनका व्यक्तित्व ही कुछ ऐसा है |मेरे सभी सहपाठी उनका बहुत सम्मान करते है और उनके कक्षा के समय सभी मौजूद रहते है |

हमे पाठ अच्छे से याद रहे , इसके लिए हमारे कक्षा और हिंदी के अध्यापक अक्सर हमसे सवाल पूछते रहते है। वह हमेशा हमे समझकर पढ़ने के लिए कहते है। वह रटने की प्रक्रिया को अधिक पसंद नहीं करते है। वे हमेशा कहते है कि रटने की प्रक्रिया से ज्ञान का विकास नहीं होता है। सर हमेशा सभी बच्चो को समान समझते है। सभी पर बराबर ध्यान देते है |जो पढ़ाई में कमज़ोर होते है , उन्हें अतिरिक्त यानी एक्स्ट्रा क्लास में बुलाकर समझाते है। वे बहुत अनुशासन प्रिय है और समय का महत्व हमेशा हमे समझाते है। सर इतना अच्छा हिंदी पढ़ाते है , कि किसी भी विद्यार्थी को ट्यूशन की ज़रूरत नही होती है। कक्षा में ही बच्चो को सब कुछ समझ आ जाता है।

शिक्षक जी हमेशा सभी उत्सवों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करते है। सभी प्रकार के कार्यक्रम जैसे शिक्षक दिवस , गणतंत्र दिवस , गांधी जयंती की तैयारी में सर जी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते है। यह सभी कार्यक्रम विद्यालय में होते है। कभी भी समय मिला तो वह अपने जीवन से संबंधित अच्छे बुरे अनुभवों को हमेशा साझा करते है। इससे हमे जिन्दगी का सामना कैसे करना है , वह पता चलता है। शिक्षक बच्चो को सही राह चुनने में मदद करते है। सर भी मेरे रोल मॉडल है। वह समस्त विद्यालय के आदर्श अध्यापक है। ऐसे आदर्श अध्यापक कम मिलते है। वह बच्चो को आगे के जीवन के लिए तैयार करते है , ताकि वह एक योग्य जीवन जी सके।

जब वक़्त मिलता है , तब अध्यापक जी पढ़ाई से हटकर , खेल कूद जैसे कार्यक्रम भी आयोजित करते है। सभी विद्यार्थियों के साथ वह घुल मिलकर रहते है। अध्यापक जी हमेशा विद्यार्थियों की मदद करते है। मैं अपने आपको भाग्यशाली मानती हूँ कि ऐसे अच्छे शिक्षक मुझे मिले जो हमारे मार्ग दर्शक है।

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मेरे पसंदीदा शिक्षक पर निबंध 10 lines (My Favourite Teacher Essay in Hindi) 100, 150, 200, 250, 300, 500 शब्दों में

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My Favourite Teacher Essay in Hindi – शिक्षक हमारे जीवन में एक आवश्यक भूमिका निभाते हैं क्योंकि एक आदर्श शिक्षक छात्रों के विकास के लिए जिम्मेदार होता है। न केवल विषयों के बारे में बल्कि जीवन के लिए भी बुनियादी ज्ञान की मजबूत नींव बनाने में शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जब हमें महत्वपूर्ण निर्णय लेने होते हैं और अन्य महत्वपूर्ण कार्य करने होते हैं, तो यह ज्यादातर वही होता है जो हम स्कूल में सीखते हैं जो जीवन भर हमारी मदद करता है। 

एक विशेष शिक्षक जिसके साथ आप विशेष रूप से सहज हैं, एक बड़ा लाभ हो सकता है क्योंकि यह आपके स्कूल के वर्षों को आसान तरीके से आगे बढ़ाने में आपकी मदद कर सकता है। एक अच्छा शिक्षक एक संरक्षक के रूप में भी कार्य कर सकता है, जो आपको जीवन भर मार्गदर्शन करता है, यहां तक ​​कि केवल शिक्षाविदों के अलावा भी।

मैं एक प्रतिष्ठित निजी स्कूल के 10वीं कक्षा का छात्र हूं। मेरे स्कूल में कई महान शिक्षक हैं लेकिन सभी के पास वह एक शिक्षक है जिसके वे विशेष रूप से आभारी हैं। इसी तरह मेरे पसंदीदा शिक्षक श्रीमान मनीष खंडेलवाल सर हैं। मनीष सर हमें गणित पढ़ाते हैं, और उनका व्यक्तित्व बहुत आकर्षक है। वह बहुत विनम्र और विनम्र हैं और हम सभी छात्र उनसे प्यार करते हैं। वह माता-पिता और शिक्षकों द्वारा सबसे अधिक भरोसेमंद व्यक्ति भी है, क्योंकि वह शिक्षाविदों में कड़ी मेहनत करने और ऐसा करने में मजा करने के लिए लगातार एक संतुलित वातावरण बनाने का प्रयास करता है।

मेरे पसंदीदा शिक्षक 10 पंक्तियाँ (My favourite teacher 10 lines in Hindi)

  • 1) श्रीमती अमन विद्यालय में मेरी पसंदीदा शिक्षिका हैं।
  • 2) वह हमारी कक्षा की शिक्षिका भी है और प्रार्थना सत्र से पहले कक्षा में उपस्थिति लेती है।
  • 3) वह हमें इतिहास और गणित पढ़ाती है।
  • 4) प्रस्तुतियों और चार्ट के माध्यम से विषयों को पढ़ाने की उनकी एक बहुत ही अनूठी शैली है।
  • 5) वह स्वभाव से बहुत दयालु और प्यारी है
  • 6) वह नियमित कक्षाओं के दौरान अच्छे शिष्टाचार और मजबूत चरित्र जैसे नैतिक मूल्यों पर कुछ सत्र भी लेती है।
  • 7) वह एक अच्छी कलाकार हैं और हमें स्कूल में नाटक और गायन प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रेरित करती हैं।
  • 8) वह इतिहास के विषयों पर सत्र लेते समय उदाहरणों का हवाला देते हुए घटनाओं और घटनाओं को सहसंबंधित करती है।
  • 9) वह हमें वैदिक गणित भी पढ़ाती हैं जो गुणा और भाग जैसी गणना में बहुत उपयोगी है।
  • 10) वह हमें दैनिक आधार पर असाइनमेंट और अभ्यास देती है ताकि हमारी अवधारणाएं बहुत स्पष्ट हो जाएं।

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मेरे पसंदीदा शिक्षक पर 20 पंक्तियाँ (My favourite teacher 20 lines in Hindi)

1) शिक्षक हमें अज्ञान के अंधकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाते हैं।

2) प्रत्येक विद्यार्थी का कोई न कोई शिक्षक होता है, जिसकी वह बहुत प्रशंसा करता है और उसे अपना आदर्श मानता है।

3) मेरे पसंदीदा शिक्षक श्रीमान अमन वल्लभ हैं जो हमें अंग्रेजी पढ़ाते हैं।

4) वह केरल से हैं और हमारे पुराने शिक्षक के स्थान पर हमारे स्कूल में शामिल हुए।

5) वे सादगी और महान विचारों के व्यक्ति हैं।

6) वह हमें बहुत ही सरल शब्दों में अवधारणाओं को समझाते हैं।

7) उनके पास चीजों को सजीव उदाहरणों से जोड़ने की एक विशेष कला है जो हमें अवधारणाओं को आसानी से समझने में मदद करती है।

8) वह कक्षा में प्रत्येक छात्र पर ध्यान केंद्रित करता है और कमजोर छात्रों पर विशेष ध्यान दिया जाता है।

9) शिक्षाविदों के अलावा, वह चुटकुले भी सुनाते हैं और अध्ययन को मनोरंजक और रोचक बनाते हैं।

10) उनके पढ़ाने का तरीका दूसरों को प्रेरित करता है और मेरी कक्षा का हर छात्र उनके लिए बहुत सम्मान करता है।

11) मैं अपनी कक्षा के एक और शिक्षक की भी प्रशंसा करता हूँ जो मुझे कला विषय पढ़ाते हैं।

12) मेरी कक्षा में कला और चित्रकला के शिक्षक मेरे पसंदीदा हैं।

13) उसका नाम श्रीमती अल्पना राव है और वह हमारी कक्षा की शिक्षिका भी है।

14) वह एक बहुत ही सुखद व्यक्तित्व है और वह कभी किसी को डांटती नहीं है।

15) वह बहुत धैर्यवान है और हमेशा बहुत शांति से हमारी बात सुनती है।

16) मेरी कला और ड्राइंग कौशल में बहुत सुधार हुआ है और इसका श्रेय उन्हें जाता है।

17) वह छात्रों के साथ एक संबंध विकसित करती है जो सीखने के स्वस्थ वातावरण के निर्माण में मदद करती है।

18) वह ड्राइंग के अलावा अन्य कक्षाओं को भी अंग्रेजी पढ़ाती हैं।

19) छात्रों को उनके विषयों में सुधार करने में मदद करने के लिए वह अक्सर स्कूल के बाद रहती हैं।

20) वह मेरे स्कूल की सबसे अच्छी शिक्षिकाओं में से एक हैं और उन्हें इस साल सर्वश्रेष्ठ शिक्षक का पुरस्कार भी मिला है।

मेरे पसंदीदा शिक्षक पर निबंध 100 शब्द (My favourite teacher essay 100 words in Hindi)

मेरी पसंदीदा टीचर रजनी मैम हैं। वह मेरी क्लास टीचर भी है और रोज सुबह हाजिरी लेती है। वह एक सख्त शिक्षिका है लेकिन स्वभाव से बहुत ही मजाकिया और देखभाल करने वाली है। वह बहुत अनुशासित और समय की पाबंद हैं। वह बिना देर किए सही समय पर कक्षा से संबंधित सभी कार्यों और परियोजनाओं को करती है। मैं उसे बहुत पसंद करता हूं क्योंकि वह हमें अच्छी चीजें सिखाने के लिए बहुत आसान तरीके आजमाती है। हम उसकी कक्षा का आनंद लेते हैं। वह हमें अंग्रेजी विषय पढ़ाती है। जब वह पढ़ाती हैं तो बीच-बीच में ढेर सारे चुटकुले सुनाकर हमें हंसाती हैं। वह किसी भी स्कूल या नृत्य, खेल, शैक्षणिक आदि की अंतर-विद्यालय प्रतियोगिता के दौरान हमारा बहुत अच्छा मार्गदर्शन करती है। वह हमें कक्षा में अपने सहयोगियों के बीच दोपहर का भोजन या अन्य आवश्यक चीजों को साझा करना सिखाती है।

मेरे पसंदीदा शिक्षक पर निबंध 150 शब्द (My favourite teacher essay 150 words in Hindi)

मेरे पसंदीदा शिक्षक मेरे कक्षा शिक्षक हैं। उसका नाम निशा गुप्ता है। वह हमारी उपस्थिति लेती है और हमें हिंदी, गणित और कला विषय पढ़ाती है। वह अच्छी तरह से शिक्षित है और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की है। वह हमें सभी विषयों को पढ़ाने के लिए बहुत आसान और प्रभावी शिक्षण रणनीतियों का पालन करती है। मैं उसकी क्लास कभी मिस नहीं करता और रोज अटेंड करता हूं। जिस तरह से वह हमें पढ़ाती है, मुझे वह पसंद है क्योंकि हमें उस विषय को फिर से घर पर पढ़ने की जरूरत नहीं है। हम उस विषय के बारे में बहुत स्पष्ट हो जाते हैं जो वह हमें कक्षा में पढ़ाती है। विषय की अवधारणा को स्पष्ट करने के बाद, वह हमें कक्षा में कुछ अभ्यास और घर के लिए गृह कार्य भी देती है। अगले दिन, वह कल के विषय से संबंधित प्रश्न पूछती है और फिर दूसरा विषय शुरू करती है।

विषयों के बावजूद, वह हमें चरित्र से मजबूत बनाने के लिए अच्छी नैतिकता और शिष्टाचार भी सिखाती है। शायद; हालांकि वह अगली कक्षा में हमारी शिक्षिका नहीं होगी; उनकी शिक्षाएं हमेशा हमारे साथ रहेंगी और हमें कठिन परिस्थितियों का रास्ता दिखाएगी। वह स्वभाव से बहुत केयरिंग और प्यार करने वाली होती है। वह विश्वविद्यालय में स्वर्ण पदक विजेता रही हैं, उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की। वह हमेशा मेरी सबसे अच्छी शिक्षिका रहेंगी।

मेरे पसंदीदा शिक्षक पर निबंध 200 शब्द (My favourite teacher essay 200 words in Hindi)

सुश्री गीता विद्यालय में मेरी पसंदीदा शिक्षिका हैं। मैं चौथी कक्षा में पढ़ता हूं और वह मुझे ईवीएस (पर्यावरण अध्ययन) पढ़ाती हैं। वह एक अच्छी अध्यापिका है। वह हमारी बहुत परवाह करती है और आसान तरीकों से सिखाती है। वह कभी भी अध्ययन को बहुत गंभीरता से नहीं लेती और मनोरंजक गतिविधियों के साथ हमें पढ़ाती है। वह हमेशा क्लास में सही समय पर आती है और कभी भी अपनी क्लास मिस नहीं करती है। हम उसकी कक्षा का बहुत आनंद लेते हैं क्योंकि वह हमें भी खुश करती है। वह मुझसे बहुत प्यार करती है क्योंकि मैं उसकी बहुत अनुशासित और आदर्श छात्रा हूं। मैं उसके सभी आदेशों का पालन करता हूं और अपनी कक्षा का काम और घर का काम रोजाना साफ-सुथरे तरीके से करता हूं।

मैं उसकी कक्षा में कभी देर से या अनुपस्थित नहीं होता। वह हमें जीवन में हमेशा सही रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करती है, यहां तक ​​कि हमें बहुत कठिन परिस्थितियों का भी सामना करना पड़ता है। वह हमें बताती हैं कि हम कभी भी कठिन परिस्थितियों में निराश नहीं होते हैं और उनसे बाहर निकलने के कुछ आसान तरीके खोजते हैं। वह हमें यह भी बताती है कि कभी भी नकारात्मक मत सोचो और हमेशा सकारात्मक सोचो क्योंकि हमेशा वही होता है जो हम सोचते और करते हैं। वह ईवीएस के सभी विषयों के बारे में बहुत अच्छी तरह से वर्णन करती है। वह चाहती है कि हम उसकी कक्षा में अंग्रेजी में बात करें। वह हमारे साथ स्कूल बस में अपने घर जाती है जहाँ हम बस में गाने गाकर और कविताएँ सुनाकर बहुत आनंद लेते हैं।

मेरे पसंदीदा शिक्षक पर निबंध 250 शब्द (My favourite teacher essay 250 words in Hindi)

मेरे पसंदीदा शिक्षक श्री सुनील दत्त थे जिन्होंने मुझे 2 साल तक अंग्रेजी और गणित पढ़ाया था, जब मैं तीसरी और चौथी कक्षा में था। वह वाराणसी का रहने वाला था लेकिन स्कूल के पास ही रहता था। उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से ली। वह बहुत ही विनम्र और दयालु स्वभाव के थे। वह कक्षा में छोटे बच्चों को कैसे संभालना है, इस बारे में अच्छी तरह जानता था। मैं आज भी उन्हें उनके पढ़ाने की अनूठी शैली के लिए याद करता हूं। उन्होंने मुझे जो सिखाया, वह मुझे अब भी अच्छी तरह याद है क्योंकि उन्होंने मेरी गणित की अवधारणा को बहुत स्पष्ट कर दिया है। वर्तमान में मैं कक्षा 5वीं में पढ़ रहा हूं लेकिन अभी भी उसे बहुत याद करता हूं। जब भी मुझे अपने गणित विषय के कुछ कठिन प्रश्नों को हल करने की आवश्यकता होती है तो मैं उनसे कभी-कभार मिलता हूं। वह अच्छी काया, चमकदार आंखों और सुनहरे बालों के साथ बहुत स्मार्ट दिखता है। मुझे उनका अच्छा व्यक्तित्व और विनम्र स्वभाव पसंद है।

कक्षा में प्रवेश करने पर वह हमेशा मुस्कुराते थे और सबसे पहले हमसे हमारा हालचाल पूछते थे। जब भी हमारे खेल शिक्षक अनुपस्थित थे, उन्होंने खेलों में भी हमारी सहायता की। उनका मुस्कुराता हुआ चेहरा है लेकिन पढ़ाई में बहुत सख्त। वह हमेशा उन छात्रों को दंडित करता था जिनके पास अधूरे गृहकार्य थे। वह कक्षा के समय में खूब मस्ती करने के लिए प्रसिद्ध है लेकिन छात्रों को उसके विषयों में अच्छे अंक मिलते हैं। वह अध्यापन के अच्छे कौशल, मिलनसार स्वभाव, हास्य की अच्छी समझ, धैर्यवान और सरल स्वभाव वाले शिक्षक हैं। मैं उनके आज्ञाकारी छात्रों में से एक हूं। कभी-कभी वह हमें क्लास टेस्ट और परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने पर चॉकलेट देता था। उसने हमें कभी भी घर पर बहुत सारे असाइनमेंट नहीं दिए। वह बहुत उत्साही हैं और हमेशा हमें अध्ययन में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करते हैं।

मेरे पसंदीदा शिक्षक पर निबंध 300 शब्द (My favourite teacher essay 300 words in Hindi)

श्रीमती अमानिस विद्यालय में छठी कक्षा की मेरी पसंदीदा शिक्षिका हैं। वह हमें कक्षा में हिंदी और कंप्यूटर विषय पढ़ाती है। उनका बहुत ही अनोखा व्यक्तित्व है। वह काफी मोटी लेकिन शांत स्वभाव की हैं। मैं हमेशा उसे हर साल शिक्षक दिवस पर ग्रीटिंग कार्ड देता हूं। मैं भी उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं देता हूं। वह क्लास लेते समय बीच-बीच में कुछ चुटकुले सुनाने की आदी हो जाती है ताकि मज़ाक किया जा सके और हमारा ध्यान पढ़ाई की ओर खींचा जा सके। मैं हिंदी विषय में इतना अच्छा नहीं हूँ लेकिन कंप्यूटर में बहुत अच्छा करता हूँ। वह मेरी हिंदी भाषा को सुधारने में मेरी बहुत मदद करती हैं। कक्षा लेने के बाद, वह हमेशा सीखने और अगले दिन पूछने के लिए कुछ प्रश्न देती है।

वह हमें कंप्यूटर के बारे में अधिक स्पष्ट और सुनिश्चित करने के लिए कंप्यूटर लैब में ले जाती है। पढ़ाते समय वह अपनी कक्षा में चुप रहना चाहती है। वह अपने कमजोर छात्रों को कभी यह अस्पष्ट नहीं छोड़ती कि उसने क्या पढ़ाया है। वह किसी भी विषय के बारे में सभी को बहुत स्पष्ट करती है और हमें अपनी कक्षा में प्रश्न पूछने के लिए प्रेरित करती है। वह अगला विषय तब तक शुरू नहीं करती जब तक कि हम सभी पिछले एक को अच्छी तरह से समझ नहीं लेते। वह बहुत केयरिंग और प्यार करने वाली प्रकृति की है क्योंकि वह कक्षा के सभी छात्रों का ध्यान रखती है। उसकी कक्षा में कोई झगड़ा या लड़ाई नहीं करता। वह साप्ताहिक आधार पर छात्रों के बैठने का रोटेशन बनाती है ताकि कोई भी कमजोर और दुखी न रहे। मेरे सभी दोस्त उसकी कक्षा को पसंद करते हैं और प्रतिदिन उपस्थित होते हैं।

वह कुछ कमजोर छात्रों को कक्षा के बाहर समय देकर उनका समर्थन करती है। वह अध्ययन के अलावा अन्य समस्याओं को हल करने में भी हमारी मदद करती है। वह हमें खेलकूद या स्कूल में आयोजित अन्य प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करती है। वह अपने मुस्कुराते हुए चेहरे और सपोर्टिंग नेचर के साथ अच्छी लगती हैं। वह हमें स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, गांधी जयंती, शिक्षक दिवस, मातृ दिवस आदि जैसे स्कूल में होने वाले समारोह समारोहों के लिए तैयार होने में मदद करती है। कभी-कभी, जब विषय समाप्त हो जाते हैं, तो वह हमारे साथ अपने जीवन के संघर्ष की अवधि के बारे में साझा करती है। हमें अध्ययन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए। वह बहुत ही मिलनसार और सहज शिक्षिका हैं। हम उससे कभी नहीं डरते लेकिन उसका बहुत सम्मान करते हैं।

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मेरे पसंदीदा शिक्षक पर निबंध 500 शब्द (My favourite teacher essay 500 words in Hindi)

हम अपने पूरे जीवन में विभिन्न शिक्षकों का सामना करते हैं। विषयों के संबंध में ज्ञान की एक मजबूत नींव बनाने के अलावा, शिक्षक छात्रों को जीवन के लिए तैयार करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। चूंकि छात्र अपने माता-पिता की तुलना में स्कूल में अधिक समय बिताते हैं, इसलिए शिक्षक छात्रों के जीवन के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनमें से कुछ विशेष रूप से विशेष हैं और उनका हम पर अलग-अलग प्रभाव है। हम उन्हें अपने पसंदीदा शिक्षक के रूप में संदर्भित करते हैं और उनसे बहुत कुछ सीखते हैं।

मेरे पसंदीदा शिक्षक

हम सभी का एक पसंदीदा शिक्षक होता है जिसकी हम प्रशंसा करते हैं और उससे प्रेरित होते हैं। मेरे पसंदीदा शिक्षक श्री राजेश तिवारी हैं। वह हमें गणित पढ़ाते हैं। इस स्कूल में उनसे बेहतर शिक्षक मिलना मुश्किल है। सब कुछ स्पष्ट रूप से समझाने की उनकी क्षमता उन्हें बहुत प्रतिभाशाली बनाती है। प्रत्येक छात्र अपनी कक्षा पर ध्यान देता है। स्कूल में गणित मेरे सबसे कम पसंदीदा विषयों में से एक हुआ करता था। इसके बावजूद राजेश सर इसे इतने आकर्षक तरीके से पढ़ाते हैं कि अब मुझे इस विषय में बहुत मजा आता है।

मुझे पसंद है कि वह शुरू से अंत तक सब कुछ समझाने के लिए कैसे समय लेता है और वह यह भी सुनिश्चित करता है कि कक्षा का प्रत्येक छात्र अगले विषय पर जाने से पहले सब कुछ समझे। मेरे इस स्कूल को छोड़ने के बाद भी, वह मेरे पसंदीदा शिक्षकों में से एक रहेगा, और वह एक ऐसा व्यक्ति है जिसे मैं कभी नहीं भूल सकता।

कम से कम एक शिक्षक होने का एक बड़ा फायदा हो सकता है जिसके साथ आप विशेष रूप से सहज महसूस करते हैं। यह सच है कि एक अच्छा शिक्षक न केवल अकादमिक रूप से, बल्कि स्कूल के बाद भी आपका मार्गदर्शन करते हुए एक संरक्षक के रूप में कार्य कर सकता है। उनके मार्गदर्शन और मदद के परिणामस्वरूप, हम जीवन में अच्छे चुनाव कर सकते हैं। जब हम नृत्य, खेल, शिक्षा, या किसी अन्य विषय में स्कूल या अंतर-विद्यालय प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं, तो मेरे पसंदीदा शिक्षक हमारा बहुत अच्छा मार्गदर्शन करते हैं।

मेरे पसंदीदा शिक्षक के गुण

मुझे लगता है कि मेरे पसंदीदा शिक्षक में वे सभी गुण हैं जो एक अच्छे शिक्षक में होने चाहिए। उनके पढ़ाने का तरीका बेहतरीन है और उनमें सेंस ऑफ ह्यूमर भी है। सादा जीवन जीना और ऊंचा सोचना उनका दर्शन है। पढ़ना कुछ ऐसा है जिसे वह करना पसंद करता है।

वह हमेशा अपने छात्रों को टीवी देखने या वीडियो गेम खेलने के बजाय अधिक से अधिक किताबें पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, जो कि नासमझ गतिविधियां हैं। छात्रों की समस्याओं को समझने और हमेशा उनकी मदद करने की उनकी क्षमता ही उन्हें अन्य शिक्षकों से अलग करती है। उनके शिक्षण कौशल ने उन्हें स्कूल में एक प्रसिद्ध शिक्षक बना दिया है।

हमारे जीवन में शिक्षकों का महत्व

शिक्षक ही हैं जो लाखों छात्रों के भविष्य का निर्माण करते हैं। वे हमें महत्वपूर्ण निर्णय लेने में सक्षम बनाते हैं या हमारे पूरे जीवन में अन्य महत्वपूर्ण कार्य करने की आवश्यकता होती है। शिक्षक अपने सभी छात्रों को अच्छी तरह से अध्ययन करने और सर्वश्रेष्ठ इंसान बनने के लिए प्रेरित करते हैं जो वे हो सकते हैं। किसी समुदाय, समाज या देश का भविष्य अप्रत्यक्ष रूप से शिक्षकों द्वारा तय किया जाता है। देश के जिम्मेदार नागरिक बनने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वे हमें और हमारे भविष्य को उसी के अनुसार ढालते हैं।

हमारे प्रत्येक जीवन में, हमारे पास एक शिक्षक होता है जिसने वास्तव में हमारे जीवन को सकारात्मक तरीके से आकार दिया है। प्रत्येक विद्यार्थी के हृदय में शिक्षकों के लिए एक विशेष स्थान आरक्षित होता है। अपने छात्र के जीवन में शिक्षकों की भूमिका अपूरणीय है। वे निस्वार्थ भाव से हमें जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद करते हैं।

मुझे आशा है कि माई फेवरेट टीचर पर उपरोक्त निबंध हमारे जीवन में एक शिक्षक की भूमिका और महत्व को समझने के साथ-साथ माई फेवरेट टीचर पर लघु और लंबा निबंध लिखने में मददगार साबित होंगे।

मेरे पसंदीदा शिक्षक पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

विश्व शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है.

5 अक्टूबर को यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) द्वारा विश्व शिक्षक दिवस के रूप में घोषित किया गया है।

विश्व का पहला शिक्षक किसे माना जाता है?

कन्फ्यूशियस को दुनिया का पहला शिक्षक माना जाता है। वह एक निजी शिक्षक थे जो इतिहास पढ़ाते थे।

भारत में सबसे प्रसिद्ध शिक्षक कौन है?

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के सबसे प्रसिद्ध शिक्षक हैं जिनका जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

हमारे जीवन का पहला शिक्षक कौन है?

मां को हमारे जीवन की पहली शिक्षिका माना जाता है।

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