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10+ क्रिसमस पर निबंध – Essay on Christmas in Hindi

E ssay on Christmas in Hindi : आज हमने क्रिसमस पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 & 10 के विद्यार्थियों के लिए है।

क्रिसमस का आयोजन विश्व भर में बड़ी ही धूमधाम से किया जाता है यह प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है यह ईसाई समुदाय का सबसे बड़ा त्यौहार है।

क्रिसमस शांति और खुशियों का प्रतीक है इसीलिए आज अन्य धर्म के लोग भी इसमें पूरे तन मन से हिस्सा लेते है। विद्यार्थियों को क्रिसमस पर निबंध लिखने के लिए दिया जाता है उनकी सहायता के लिए अलग-अलग छोटे बड़े निबंध लिखे है।

Essay on Christmas in Hindi

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10 Line Essay on Christmas in Hindi

(1) क्रिसमस का त्योहार प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है।

(2) क्रिसमस का आयोजन ईसा मसीह के जन्म दिवस के रूप में किया जाता है।

(3) यह उत्सव ईसाई समाज के लोगों द्वारा बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया जाता है।

(4) इस दिन का बड़ा दिन भी कहते है।

(5) क्रिसमस का विशेष व्यंजन केक है।

(6) इस दिन लोग चर्च और अपने घरों में क्रिसमस ट्री रंग बिरंगी लाइटो, गुब्बारे, उपहार और अन्य सजावटी समान द्वारा सजाते है।

(7) सांताक्लॉज बच्चों को चॉकलेट्स और गिफ्ट्स देते है।

(8) यह पूरे विश्व भर में मनाया जाता है और इस दिन अधिकांश देशों में राजकीय अवकाश होता है।

(9) क्रिसमस के दिन चर्च में विशेष पूजा के साथ मोमबत्तियां जलाई जाती है और प्रार्थना की जाती है।

(10) क्रिसमस के दिन सभी लोग एक दूसरे को बधाई और उपहार देकर खुशी-खुशी इस उत्सव को मनाते है।

Short Essay on Christmas in Hindi 500 Words

भूमिका –

क्रिसमस का उत्सव ईसाई समाज के लोगों द्वारा प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है। ईसाई समाज के लोगों का मानना है कि इस दिन उनके ईश्वर ईसा मसीह का जन्म हुआ था।

इसलिए भी उनके जन्मदिवस को अपने सबसे बड़े त्यौहार के रूप में मनाते है। क्रिसमस इंग्लिश की दो शब्दों से मिलकर बना है जिसमें Christ शब्द ‘क्रिस्टियन’ को दर्शाता है और Mass का मतलब “लोगों का समूह” होता है।

यह ईसाइयों के लिए सबसे पवित्र और हर्षोल्लास का त्यौहार होता है जिस को आम भाषा में बड़ा दिन भी कहा जाता है। वर्तमान में इस उत्सव को सभी देशों द्वारा अपना लिया गया है और सभी धर्म के लोग क्रिसमस को बड़े धूमधाम से मनाते है इसलिए अधिकांश देशों में 25 दिसंबर का राजकीय अवकाश होता है।

क्रिसमस का इतिहास –

क्रिसमस पर आयोजन यीशु के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ईसा मसीह ने धरती पर रहने वाले लोगों को सही राह दिखाने के लिए ईश्वर के दूत के रूप में अवतार पृथ्वी पर लिया था।

जन्म से ही उनके अंदर कुछ अलौकिक शक्तियां थी इसलिए उन्होंने छोटी उम्र की आयु से ही लोगों को सही कार्य करने के लिए प्रेरित किया और ईश्वर के पास जाने का मार्ग दिखाने लगे। कुछ लोगों को उनकी बातें पसंद नहीं आई इसलिए उनकी हत्या कर दी गई थी।

लेकिन ईसा मसीह के विचारों को कभी दबाया नहीं जा सका इसलिए आज भी उनके जन्मदिवस पर क्रिसमस का आयोजन किया जाता है।

जो कि हमें यह दर्शाता है कि बुराई चाहे कितनी भी बड़ी क्यों ना हो अच्छाई हमेशा उसे हरा ही देती है। शायद इसीलिए आज पूरे विश्वभर में क्रिसमस मनाया जाता है।

क्रिसमस की तैयारी –

क्रिसमस की तैयारियां ईसाई धर्म के लोगों महीने भर पहले से ही करने लग जाते है। वे अपने घरों की साफ सफाई करके उन्हें पवित्र करते हैं रंग बिरंगी लाइटों द्वारा सजावट करते है। क्रिसमस के दिन गिरजा करो को विशेष तौर पर रंग बिरंगी फुलझड़ीओं, गुब्बारों, लाइटो और फूलों द्वारा लगाया जाता है।

चर्च में विशेष पूजा होती है जिसके बाद सभी लोग एक दूसरे को क्रिसमस की बधाई और उपहार देते है।सभी लोगों द्वारा चर्च में मोमबत्तियां जलाई जाती है,

जो की सकारात्मक ऊर्जा की प्रतीक होती है। इस दिन विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम होते है जैसे डांस अंताक्षरी, ईसा मसीह का नाटक इत्यादि कार्यक्रम होते है।

इस दिन पर विशेष तौर पर ईसा मसीह के जन्म दिवस पर केक काटा जाता है जो कि इस उत्सव का मुख्य व्यंजन होता है इसके बाद सभी लोगों में चॉकलेट बांटी जाती है

इस दिन सभी लोग अपने घरों में क्रिसमस ट्री लगाते हैं जिसको विशेष तौर पर रंग बिरंगी लाइटों और अन्य सजावटी समान द्वारा सजाया जाता है और उस पर छोटे-छोटे गिफ्ट भी लगाए जाते है जो कि बच्चों को दिए जाते है।

इस दिन सांता क्लॉज का भी बहुत महत्व होता है लोगों का मानना है कि लाल कपड़े पहन कर ईश्वर स्वयं बच्चों को उपहार देते है।

निष्कर्ष –

ईसाई समाज के लोगों के लिए यह विशेष दिन होता है जिसका वह पूरे साल भर बेसब्री से इंतजार करते है और पूरे हर्षोल्लास और प्रेम भाव से क्रिसमस को मनाते है।

क्रिसमस का उत्सव शांति का प्रतीक है और यह हमेशा नकारात्मक सोच को हटाकर सकारात्मक सोच पर बल देता है।

Long Essay on Christmas in Hindi 1000 Words

प्रस्तावना –

क्रिसमस का त्यौहार ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों द्वारा मनाया जाता है यह त्यौहार उनके लिए सबसे बड़ा उत्सव होता है। क्रिसमस प्रमुख रूप से यूरोपीय देशों में मनाया जाता है लेकिन धीरे-धीरे इसको अब एशियाई देशों में भी अपना लिया गया है।

क्रिसमस का त्यौहार प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को बड़े ही हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाया जाता है। ईसाई समाज के लोगों के लिए क्रिसमस का दिन बहुत महत्वपूर्ण दिन होता है उनका मानना है कि इस दिन प्रभु यीशु का जन्म हुआ था और उन्हीं के जन्मदिन के उपलक्ष पर इस त्यौहार का आयोजन किया जाता है।

परंपरा और मान्यता –

पुरानी कथाओं और मान्यताओं के अनुसार माता मरियम के पुत्र का जन्म ईसा मसीह के रूप में हुआ था। ईसा मसीह के जन्म से पूर्व माता मरियम कुंवारी थी उनकी सगाई दाऊद के राजवंशी यूसुफ़ नामक व्यक्ति से हुई थी।

कथाओं के अनुसार एक दिन माता मरियम के पास स्वर्गदूतआए उन्होंने माता मरियम को कहा कि जल्द ही उन्हें एक पुत्र की प्राप्ति होगी जो कि संसार में रहने वाले लोगों को कष्टों से मुक्ति का रास्ता दिखाएगा।

कुछ ही दिनों में माता मरियम की शादी हो गई उसके पश्चात वह और उनके पति यहूदिया प्रांत के बेथलेहेम नामक (Bethlehem) जगह रहने लगे।

इसी स्थान पर वहां के अस्तबल में ईसा मसीह का जन्म हुआ। ईश्वर ईसा मसीह में जन्म के समय से ही एक आलौकिक शक्ति थी।

ईसा मसीह दीन दुखी लोगों को ईश्वर के करीब रहने का मार्ग बताया उन्होंने सभी को भाईचारे से रहने और एक दूसरे से प्रेम भाव रखने को कहा। उन्होंने खास तौर पर लोगों को क्षमा करने और क्षमा मांगने पर जोर दिया।

कुछ लोगों को उनकी यह बातें पसंद नहीं आई इसलिए उनकी हत्या कर दी गई थी लेकिन उनके विचारों को नहीं दबाया जा सका इसी कारण आज भी उनके जन्म उत्सव को ईसाई धर्म के लोगों द्वारा क्रिसमस के रूप में मनाया जाता है।

क्रिसमस का आयोजन –

क्रिसमस की तैयारियां लोग एक महीने पूर्व से ही करने लग जाते है। क्रिसमस आने से पहले लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते है उनमें नया रंग करवाते है।

यह उत्सव इतना शानदार होता है कि इसके कारण बाजार में एक अनोखी रौनक देखने को मिलती है चारों तरफ रंग बिरंगी लाइटिंग और लोगों के खुशमिजाज चेहरे देखने को मिलते है।

इस उत्सव पर नौकरी पेशा लोगों को तनख्वाह के साथ बोनस मिलता है जिससे वह और अधिक खुश हो जाते हैं और खूब धूमधाम से क्रिसमस के इस उत्सव में हिस्सा लेते है।

क्रिसमस के 1 दिन पहले सभी लोग अपने घरों में रंग-बिरंगी लाइटे लगाते है पूरा बाजार रोशनी से नहाया हुआ होता है। चर्च को रंग बिरंगी रोशनीयो, रंग बिरंगे फूलों, सीनरी, मोमबत्तीया, रंग बिरंगे गुब्बारे और अन्य सजावटी सामानों से सजा दिया जाता है।

ईसा मसीह का जन्म 25 दिसंबर की रात को हुआ था इसलिए क्रिसमस का आयोजन रात्रि से ही प्रारंभ हो जाता है जैसे ही 12 बजते है गिरजा घरों में विशेष प्रार्थनाएं की जाती है इसके पश्चात लोग अपने रिश्तेदारों और परिचित व्यक्तियों को क्रिसमस की बधाइयां देते है।

कई लोग इस उत्सव को समूह में मनाते है और स्वादिष्ट व्यंजनों का भी इंतजाम करते हैं जिससे इस उत्सव में चार चांद लग जाते है। क्रिसमस के दिन क्रिसमस ट्री भी लगाया जाता है जिस पर तरह-तरह की लाइटों मुबारक और उपहार लगाए जाते है।

ईसाई धर्म के लोगों द्वारा क्रिसमस ट्री लगाने के पीछे एक पुरानी धारणा है जिसके अनुसार क्रिसमस ट्री लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ जाता है और नकारात्मक ऊर्जा पूरी तरह नष्ट हो जाती है।

क्रिसमस ट्री पर लगाए गए उपहार बच्चों में बांट दिए जाते है। बच्चों को खुश करने के लिए लोग सांता क्लॉज का रूप धारण करके सभी को गिफ्ट बांटते है। बच्चों को सांता क्लॉज द्वारा मिलने वाले गिफ्ट के लिए काफी उत्साह होता है क्योंकि वे सोचते है कि यह उपहार चीजें उन्हें ईश्वर द्वारा दिया गया है।

क्रिसमस के दिन केक काटने की पुरानी प्रथा है केक क्रिसमस का मुख्य व्यंजन होता है। यह सभी को पसंद होता है क्योंकि इसमें विभिन्न प्रकार की चॉकलेट, फलों का रस, दूध क्रीम आदि मिला होता है जो कि बहुत ही स्वादिष्ट होता है।

इस तरह क्रिसमस के उत्सव का भव्य आयोजन किया जाता है।

क्रिसमस का महत्व –

क्रिसमस का अन्य त्योहारों की तरह प्रमुख महत्व है, किस्मत के कारण लोग अपनी भागदौड़ भरी जिंदगी से बाहर निकल कर खुशियां मनाते हैं और अपने आपको ईश्वर के करीब मानते है।

बाहरी देशों में संस्कृति के बदलाव के कारण एक-दूसरे से लोग कम ही मिल पाते है जिसके कारण मानव अपनी मूल प्रवृत्ति होता जा रहा है लेकिन किस्मत जैसे त्योहारों के कारण लोगों में एक अजब उत्साह होता है एक दूसरे से मिलते है।

क्रिसमस का त्यौहार ईसाई धर्म के लोगों के लिए एक प्रतीक है जिस पर उन्हें गर्व होता है। इस त्योहार का महत्व इसलिए और भी बढ़ जाता है क्योंकि यह में एक दूसरे से प्रेम भाव से रहने का संदेश देता है। जिसके कारण लोग प्रभावित होते है और एक दूसरे के साथ मिलजुल कर रहते है।

उपसंहार –

क्रिसमस का उत्सव हमें हर वक्त खुश रहना सिखाता है। यह हमें किसी के गलती करने पर उसे माफ करने की शिक्षा देता है। यह उत्सव हमें हमेशा एक दूसरे के साथ प्यार से रहना सिखाता है चाहे वो गरीब हो या अमीर हो।

इस उत्सव को मनाने से हमारे मन के सभी बेर दूर हो जाते है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। ईसाई समुदाय के लोगों के लिए यह दिन और भी खास होता है क्योंकि एक दिन उनकी ईश्वर ईसा मसीह का जन्मदिन भी होता है।

यह उत्सव हमारे जीवन में नए रंग भी बिखेरता है जिससे आने वाले भविष्य में हम खुश और सुखी रहे इसीलिए आज क्रिसमस के इस उत्सव को सभी देशों में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।

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क्रिसमस पर निबंध (Essay on Christmas in Hindi): 200 से 500 शब्दों में निबंध लिखना सीखें

Updated On: July 17, 2024 01:34 pm IST

  • क्रिसमस पर निबंध 200 शब्दों में (Essay on Christmas in …
  • क्रिसमस पर निबंध 500 शब्दों में (Essay on Christmas in …

निष्कर्ष (Conclusion)

  • क्रिसमस पर निबंध 10 लाइनों में (Essay on Christmas in …

क्रिसमस पर निबंध

क्रिसमस पर निबंध (Essay on Christmas in Hindi): क्रिसमस भारत सहित दुनिया भर में मनाए जाने वाले बेहद महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह ईसाइयों का प्रमुख त्योहार है। प्रत्येक वर्ष इस पर्व को 25 दिसंबर को मनाया जाता है। क्रिसमस का महत्व समझाने और क्रिसमस की सभी जानकारियों के बारें में बताने के लिए कई बार विद्यालयों में छात्रों को क्रिसमस पर निबंध (Essay on Christmas) लिखने का कार्य दिया जाता है। कई बार तो छोटी कक्षा में महत्वपूर्ण अंक के लिए क्रिसमस पर निबंध (Essay on Christmas in Hindi) लिखने का प्रश्न पूछ लिया जाता है। बहुत से छात्र/छात्राओं को निबंध लिखने में समस्या आती है या फिर हिंदी विषय पर उनकी पकड़ मजबूत नहीं होती है, ऐसे में क्रिसमस पर निबंध हिंदी में (christmas in hindi) लिखने में उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसलिए आप यहां से क्रिसमस पर निबंध (Essay on Christmas) लिखना सीख सकते है। इस लेख के माध्यम से आपकी सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा। क्रिसमस पर निबंध (christmas essay in hindi) विशेष इस लेख के माध्यम से आपको ना सिर्फ क्रिसमस पर हिंदी में निबंध कैसे लिखें (how to write essay on christmas in hindi), इसकी जानकारी मिलेगी बल्कि आपको किसी भी अन्य निबंध को कैसे लिखा जाए, ये भी पता चलेगा।

क्रिसमस पर निबंध 200 शब्दों में (Essay on Christmas in 200 words)

क्रिसमस पर निबंध (essay on christmas in hindi): प्रस्तावना, क्रिसमस पर निबंध हिंदी में (essay on christmas in hindi).

क्रिसमस पर निबंध 500 शब्दों में (Essay on Christmas in 500 words)

क्रिसमस- क्रिसमस एक प्रमुख पर्व है। प्रत्येक वर्ष इस पर्व को 25 दिसंबर को मनाया जाता है। क्रिसमस भारत सहित दुनिया भर में मनाए जाने वाले बेहद महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। ये त्योहार हर साल ठंड के मौसम में आता है हालाँकि लोग इसे पूरी मस्ती, हर्षोल्लास और खुशी के साथ मनाते है।

ईसामसीह- क्रिसमस प्रभु ईसा के जन्मदिन पर मनाया जाता है, ये ईसाइयों के भगवान है जिन्होंने ईसाई धर्म की शुरुआत की। ये ईसाइयों के लिये एक महत्वपूर्ण त्योहार है जिसके लिये वो लोग ढेर सारी तैयारियाँ करते है। इस उत्सव की तैयारी एक महीने पहले ही शुरु हो जाती है और क्रिसमस के 12 दिनों के बाद ये पर्व खत्म होता है। इस दिन ईसाई लोग अपने घर में तरह -तरह के केक बनाते है। इस दिन लोग क्रिसमस के पेड़ को सजाते है, अपने दोस्त, रिश्तेदार और पड़ोसियों के साथ खुशियाँ मनाते है और उपहार बाँटते है। अवकाश: क्रिसमस के दिनों में छुट्टियां मनाई जाती हैं और धूम-धाम के साथ त्यौहार को मनाया जाता है। क्रिसमस के छुट्टी में पूरे दिन लोग नाचना, गाना, पार्टी मनाना और घर के बाहर डिनर करके खुशी मनाते है। घरों में सजावट की जाती है, अच्छे-अच्छे पकवान बनाये जाते है केक काटा जाता है। इस दिन केक का बहुत महत्व होता है। लोग एक दूसरे को उपहार स्वरूप केक भी देते है और अपने यहां भोज पर आमंत्रित करते है। प्रसाद: क्रिसमस में प्रसाद की विशेषता होती है, जिसमें केक, बिस्किट, और अन्य मिठाईयां शामिल होती हैं। प्रसाद पाकर बच्चें बहुत खुश होते है और इस दिन बहुत इन्जॉय करते है। यह पर्व बच्चों, बडें, बूढ़ों हर किसी के लिए खास होता है। इस दिन घरों में तरह-तरह के केक और पकवान बनाये जाते है और प्रसाद के तौर पर बाटें जाते है। उत्साह: क्रिसमस के दिनों में लोग उत्साह से भरे होते हैं और खुशी का माहौल बनाते हैं। इस दिन लोग चर्च जाते है और केक काटते है। अपने घरों में लोगों को भोज के लिए आंमत्रित करते है। जन्मदिन की तरह ही इस त्यौहार को भी उत्साह के साथ सेलिब्रेट करते है। परिवार: क्रिसमस के दिनों में परिवार के सभी सदस्य एकजुट होते हैं और साथ में खाने-पीने का आनंद लेते हैं। इस दिन सभी परिवार के लोग, सगे-सबंधी, दोस्त और सभी लोग गिले-शिकवे मिटा कर एकजुट होकर क्रिसमस का त्योहार मनाते है प्यार से गले मिलते है। इस दिन ईसाई लोग अपने प्रभु ईशु के लिये प्रार्थना करते है, वो सभी भगवान के सामने अपनी गलतीयों और पाप को मिटाने के लिये उसे स्वीकार करते है। गीत: क्रिसमस में गीतों का महत्वपूर्ण स्थान होता है, जैसे कि "जिंगल बेल्स", "सांता क्लॉज आ रहा है", और "ओ कोम ऑल इ फेथफुल"। इस दिन लोग नृत्य करते है, गाते है, और मज़ेदार क्रियाओं के द्वारा खुशी मनाते है। इस दिन ईसाई समुदाय अपने ईश्वर से दुआ करते है, अपने सभी गलतियों के लिये माफी माँगते है, पवित्र गीत गाते है और अपने प्रियजनों से खुशी से मिलते है। उपहार: क्रिसमस में विशेष तौर पर केक काटने व एक-दूसरे को उपहार देने की परंपरा होती है, जिसमें लोग एक दूसरे को उपहार देते हैं और आपसी प्रेम और आदर्शों का प्रतीक बनाते हैं। इस दिन बच्चे सांता क्लौज का इंतजार करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि सांता क्लौज उनके लिए गिफ्ट्स लेकर आएंगे। इसके अलावा घर में क्रिसमस ट्री को तोहफों, रंगीन लाइट्स व चमकीले सितारों से सजाया जाता है। दीपावली: क्रिसमस के दिनों में लोग अपने घरों को दीपावली की तरह सजाते हैं और उजाले के लिए कैंडल जलाते हैं। इस पर्व पर दिवाली की तरह ही अच्छे-अच्छे पकवान बनाये जाते है, घरों-ऑफिस बाजारों को सजाते है। क्रिसमस के दिन घरों से लेकर बाजारों तक में दिवाली की तरह ही रौनक रहती है। खुशियां: क्रिसमस में खुशियों का त्योहार मनाया जाता है और लोग एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं। इस दिन सभी लोग एक दूसरे को मैरी क्रिसमस बोल कर बधाइयाँ देते हैं तथा एक-दूसरे के घर जाकर उपहार देते है। इस दिन सांता क्लाज़ रात के समय सभी के घरों में जाकर उनको उपहार बाँटता है खासतौर से बच्चों को वो मजाकिया उपहार देता है। बच्चे बड़ी व्याकुलता से सांता और इस दिन का इंतजार करते है।

क्रिसमस पूरी दुनिया में युवा और बूढ़े लोगों द्वारा प्यार किया जाने वाला एक विशेष और जादुई अवकाश है। दुनिया भर में क्रिसमस के बारे में जानने के लिए बहुत कुछ है। अन्य देशों में भी बच्चे, बडें और बूढ़े क्रिसमस का जश्न मनाते हैं। इस तरह क्रिसमस का त्योहार लोगों को सबके साथ मिल-जुलकर रहने का संदेश देता है। ईसा मसीह कहते थे-दीन-दुखियों की सेवा संसार का सबसे बड़ा धर्म है।

क्रिसमस पर निबंध 10 लाइनों में (Essay on Christmas in 10 lines)

  • क्रिसमस ईसाई धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार है।
  • यह पर्व ईसाई धर्म के लोग अपने भगवान यीशु मसीह के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में मनाते हैं।
  • यह त्यौहार प्रत्येक वर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है।
  • क्रिसमस का यह त्यौहार सभी देशों में बड़े ही जश्न के साथ मनाया जाता है।
  • यह एक धार्मिक उत्सव है जिसका आनंद दुनिया के लगभग सभी धर्मों के लोग लेते हैं।
  • क्रिसमस पर कुछ लोग सांता क्लॉज की वेशभूषा में तैयार होते हैं और बच्चों को चाकलेट तथा उपहार बाटते हैं।
  • क्रिसमस के दिन विश्व के लगभग सभी देशों में सरकारी अवकाश रहता है।
  • क्रिसमस पर लोग एक ख़ास गाना गाते हैं जिसे ‘क्रिसमस कैरोल’ (Christmas Carrol) कहा जाता है।
  • ईसाई लोग इस दिन अपने घरों को रोशनी वाले झालर और लाइटों से सजाते हैं।
  • क्रिसमस के दिन लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ मेला घूमकर क्रिसमस का आनंद उठाते हैं।

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Say goodbye to confusion and hello to a bright future!

निस्संदेह, यीशु एक यहूदी थे। यीशु का जन्म दुनिया के यहूदी हिस्से गलील में एक यहूदी मां से हुआ था। उनके सभी मित्र, सहयोगी, सहकर्मी, शिष्य, सभी यहूदी थे। वह नियमित रूप से यहूदी सामुदायिक पूजा में पूजा करते थे, जिन्हें हम आराधनालय कहते हैं।

ईसाई धर्म के संस्थापक ईसा मसीह के जन्मदिन पर मनाया जाने वाला त्यौहार है, क्रिसमस के त्यौहार पर पूरी दुनिया जश्न में डूब जाती है। यूरोपीय देशों में हफ्ते की भर की छुट्टी होती है।

क्रिसमस पारंपरिक रूप से यीशु के जन्म का जश्न मनाने वाला एक ईसाई त्योहार था, लेकिन 20वीं सदी की शुरुआत में, यह एक धर्मनिरपेक्ष पारिवारिक अवकाश भी बन गया, जिसे ईसाई और गैर-ईसाइयों द्वारा समान रूप से मनाया जाता था।

किसी को क्रिसमस की सुखद छुट्टियों की शुभकामनाएँ देना होता है।

हर साल ईसा मसीह के जन्मदिन को क्रिसमस के रूप में मनाया जाता है। साथ ही ऐसा भी कहा जाता है कि सांता क्लॉस का असली नाम सांता निकोलस है। कहा जाता है सांता निकोलस बच्चों से बहुत प्यार करते थे। यही कारण है कि उनकी याद में हम सभी क्रिसमस मनाते हैं और खुशियां बांटते हैं।

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essay about christmas in hindi

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क्रिसमस पर निबंध 100, 150, 200, 250, 300, 500, शब्दों मे (Christmas Essay in Hindi)

essay about christmas in hindi

Christmas Essay in Hindi – क्रिसमस पर निबंध छात्रों के लिए सीखने का एक महत्वपूर्ण विषय है। क्रिसमस दुनिया के सबसे बड़े वार्षिक त्योहारों में से एक है, जिसमें अरबों लोग इसके सांस्कृतिक समारोहों में भाग लेते हैं। त्योहार दिसंबर के महीने में यीशु मसीह के जन्म की याद दिलाता है; दिलचस्प बात यह है कि ऐतिहासिक रिकॉर्ड और न ही बाइबल में यीशु के जन्म के ठीक दिन का उल्लेख है। क्रिसमस समारोहों के सबसे पुराने रिकॉर्ड 25 दिसंबर, 336 ई. को रोमन सम्राट कॉन्सटेंटाइन के समय से देखे जा सकते हैं। आज क्रिसमस पूरी दुनिया में एक ही समय पर मनाया जाता है, चाहे वे ईसाई हों या नहीं। समारोहों में परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताना, घरों को सजाना और उपहारों का आदान-प्रदान करना शामिल है। कार्यालय और कंपनियां आमतौर पर कर्मचारियों को अपने परिवार के साथ क्रिसमस मनाने के लिए समय देती हैं, बच्चे अपने नए उपहारों या खिलौनों के साथ खेलने में दिन बिताते हैं। ज्यादातर लोग अपने घरों को क्रिसमस ट्री, लाइट, डेकोरेशन और टिनसेल से सजाते हैं। क्रिसमस के बारे में और दुनिया भर में इसे क्यों मनाया जाता है, इसके बारे में और जानने के लिए पढ़ें।

क्रिसमस निबंध 10 पंक्तियाँ (Christmas Essay 10 lines in Hindi)

  • 1) क्रिसमस एक धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहार है जो ईसाईयों द्वारा दुनिया भर में मनाया जाता है।
  • 2) यह यीशु मसीह के जन्म के स्मरणोत्सव का उत्सव है।
  • 3) क्रिसमस हर साल 25 दिसंबर को पूरे जोश के साथ आता है।
  • 4) ईसाई धर्म में लोग ईसा मसीह को ईश्वर के पुत्र के रूप में पूजते हैं और उनका सम्मान करते हैं।
  • 5) यीशु का जन्म ऐसे समय में हुआ था जब समाज में हर जगह लोभ, घृणा और हिंसा थी।
  • 6) वह जगत का प्रकाश था और लोगों को सभी पापों से बचाने आया था।
  • 7) क्रिसमस एक धार्मिक और पारंपरिक त्योहार के रूप में पूरी दुनिया में एक उत्सव है।
  • 8) क्रिसमस की पूर्व संध्या पर लोग चर्च जाते हैं और प्रार्थना करते हैं।
  • 9) लोग, खासकर बच्चे, अपने घरों को रोशनी से सजाते हैं और एक पार्टी का आयोजन करते हैं।
  • 10) क्रिसमस भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया में एक राजपत्रित अवकाश है।

क्रिसमस निबंध 20 लाइनें (Christmas Essay 20 lines in Hindi)

  • 1) क्रिसमस एक ईसाई त्योहार है लेकिन अन्य समुदायों के लोगों द्वारा भी मनाया जाता है।
  • 2) यह सभी के लिए खुशी का त्योहार है।
  • 3) हम क्रिसमस पर ईसा मसीह के जन्म का जश्न मनाते हैं।
  • 4) हमने अपने घरों और बगीचों को उज्ज्वल रूप से रोशन किया।
  • 5) बच्चे परिवार के साथ दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलने बाहर जाते हैं।
  • 6) क्रिसमस पर बच्चों को ढेर सारे तोहफे मिलते हैं।
  • 7) प्रत्येक बच्चा अपने घर में सांता क्लॉज के आने का इंतजार करता है।
  • 8) बच्चों को क्रिसमस पर उनकी माताओं द्वारा तैयार किए गए केक बहुत पसंद आते हैं।
  • 9) हमें गरीबों को उपहार भी देना चाहिए।
  • 10) क्रिसमस हमें प्यार करना और खुश रहना सिखाता है।
  • 11) क्रिसमस एक वार्षिक ईसाई त्योहार है।
  • 12) लोग अपने घरों और चर्चों में मोमबत्तियां जलाते हैं जो मसीह का प्रतीक है।
  • 13) क्रिसमस का जन्म विभिन्न मूर्तियों का उपयोग करके या कला और चित्रों के माध्यम से यीशु के जन्म का चित्रण है।
  • 14) क्रिसमस बारह दिनों तक चलता है जिसे ‘ट्वेलवेटाइड’ के नाम से जाना जाता है, जो 25 दिसंबर से 05 जनवरी तक यीशु के जन्म का जश्न मनाता है।
  • 15) क्रिसमस पर व्हाइट हाउस, वाशिंगटन की सजावट लगभग 40 क्रिसमस ट्री और 14000 गहनों से बहुत मंत्रमुग्ध कर देने वाली है।
  • 16) क्रिसमस समारोह से जुड़े मुख्य रंग लाल, सफेद, हरा, सोना, नीला और बैंगनी हैं।
  • 17) 24 दिसंबर क्रिसमस की पूर्व संध्या है और जब लोग मिडनाइट मास चर्च सर्विस में जाते हैं तो कई रीति-रिवाज और परंपराएं होती हैं।
  • 18) सदाबहार देवदार का पेड़ क्रिसमस ट्री की तरह दिन के समय आभूषणों, टिनसेल, उपहारों से सजाए जाने पर सुंदर दिखता है।
  • 19) कैंडलमास 02 फरवरी को क्रिसमस समारोह के 40 दिनों के अंत का प्रतीक है।
  • 20) लोग कैरोल गाते हैं, व्यंजनों का आनंद लेते हैं, उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं, अपने घरों को सजाते हैं और यीशु को याद करते हैं, जिन्होंने लोगों को उनके पापों और दुखों से बचाया था।

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क्रिसमस के बारे में लघु निबंध (Short Essay About Christmas in Hindi)

“क्रिसमस हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। यह त्योहार ईसा मसीह – ईश्वर के मसीहा की जयंती के रूप में मनाया जाता है। हालांकि यह एक ईसाई त्योहार है, लेकिन विभिन्न समुदायों के लोग इसे बहुत उत्साह और उत्साह के साथ मनाते हैं।

क्रिसमस ट्री एक कृत्रिम देवदार का पेड़ है जिसे रोशनी, कृत्रिम सितारों, फूलों, खिलौनों और घंटियों से सजाया जाता है। सजावट पूरी होने पर यह सुंदर दिखता है। क्रिसमस के दौरान चर्चों को रोशनी से सजाया जाता है और त्योहारी सीजन की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए लोग बाहर स्टार लालटेन लटकाते हैं। परिवार के सभी सदस्य एक साथ बैठकर ईसा मसीह की स्तुति में प्रार्थना करते हैं।

क्रिसमस के बारे में बच्चे विशेष रूप से उत्साहित हैं क्योंकि वे क्रिसमस की पूर्व संध्या और क्रिसमस के दिन के शुरुआती घंटों में सांता क्लॉज से मिलने और अपने घरों में उपहार लाने की उम्मीद करते हैं। उपहारों को क्रिसमस ट्री के नीचे रखा जाता है जिसे उपहार बक्से में लपेटा जाता है और क्रिसमस के दिन खोला जाता है।

बच्चे क्रिसमस कैरोल गाते हैं, जैसे “जिंगल बेल, जिंगल बेल, जिंगल ऑल द वे” और शुभ दिन का जश्न मनाते हुए विभिन्न स्किट करते हैं। क्रिसमस एक ऐसा त्योहार है जिसे सभी धर्मों और धर्मों के लोग प्यार करते हैं। यह हमें अपने परिवार और दोस्तों के साथ साझा करने, उपहारों का आदान-प्रदान करने और शांति और सद्भाव में रहने के महत्व की याद दिलाता है। ”

क्रिसमस पर निबंध 100 शब्द (Essay on Christmas 100 words in Hindi)

क्रिसमस हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है और यह ईसाई समुदाय का सांस्कृतिक त्योहार है। यह मदर मैरी के लिए यीशु के जन्म का प्रतीक है। कहा जाता है कि जीसस का जन्म अस्तबल में हुआ था और वे एक अच्छे चरवाहे थे। यीशु का जीवन कठिनाइयों और बलिदानों में से एक था, और क्रिसमस का उद्देश्य इस तथ्य को स्वीकार करना है। क्रिसमस सभी देशों में एक सार्वजनिक अवकाश है और गैर-ईसाइयों द्वारा भी मनाया जाता है क्योंकि यह एक ऐसा त्योहार है जो सभी संस्कृतियों के लोगों को एकीकृत करता है। क्रिसमस समारोह का केंद्रीय विषय एक दूसरे के प्रति साझा करने, दया और सहानुभूति की भावना रखना है।

क्रिसमस पर निबंध 150 शब्द (Essay on Christmas 150 words in Hindi)

क्रिसमस ईसाइयों के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। यह पूरी दुनिया में घर में खुशी की भावना लाता है। क्रिसमस उस समय का है जब यीशु का जन्म मदर मैरी के एक छोटे से अस्तबल में हुआ था। यह त्योहार ईसा के इस दुनिया में आगमन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि ईसा मसीह के जन्म की भविष्यवाणी पहले की गई थी। इसलिए यह त्योहार पारंपरिक ईसाइयों को प्रिय है। इसने अपने धर्म या समुदाय के बावजूद सभी लोगों के बीच व्यापक लोकप्रियता पाई है। यह वह समय होता है जब परिवार एक साथ मिलते हैं और एक दूसरे के लिए स्वादिष्ट खाना बनाते हैं। क्रिसमस ट्री क्रिसमस का एक बड़ा आकर्षण बिंदु है। लोग अपने घरों में क्रिसमस ट्री लगाते हैं और इसे घंटियों, गेंदों, चमक और सितारों से सजाते हैं। यह सब मीठे केक पकाने और उन्हें अपने प्रियजनों के साथ साझा करने के बारे में है।

क्रिसमस पर निबंध 200 शब्द (Essay on Christmas 200 words in Hindi)

रोमन कैलेंडर में शीतकालीन संक्रांति की तारीख यीशु के जन्म का प्रतीक है। यह आमतौर पर पूरे विश्व में 25 दिसंबर को मनाया जाता है। त्योहार हमें खुश रहने और खुश रहने के लिए प्रोत्साहित करता है। इसका एकमात्र उद्देश्य हमें यह सिखाना है कि प्रभु का प्रकाश हमेशा हमारी रक्षा करता है और हमें कभी भी आशा नहीं खोनी चाहिए। यीशु का जन्म उत्पीड़ित जनता के लिए आशा की किरण के रूप में हुआ था। यीशु के जन्म ने बहुत से लोगों के कष्टों का अंत देखा। यह वह समय होता है जब लोग अन्य सभी कामों को छोड़कर एक साथ मिलकर त्योहार को खुशी से मनाते हैं।

क्रिसमस के दौरान क्रिसमस ट्री को सजाना सबसे मजेदार गतिविधि है। यह क्रिसमस ट्री पर सुंदर ट्रिंकेट, घंटियां और आभूषण लगाकर किया जा सकता है। लोग उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं, और कई माता-पिता अपने बच्चों को बताते हैं कि काल्पनिक सांता क्लॉज़ हर साल उनके लिए उपहार लाते हैं। बच्चों को एक-दूसरे की ज़रूरत में मदद करके साझा करना और दूसरों के प्रति सहानुभूति रखना सिखाया जाता है। गरीब और जरूरतमंद, जो क्रिसमस नहीं मना सकते, उनकी सहायता की जाती है, इसलिए वे इस तरह के एक अद्भुत त्योहार को याद नहीं करेंगे।

क्रिसमस पर निबंध 250 शब्द (Essay on Christmas 250 words in Hindi)

क्रिसमस 12 दिनों तक चलने वाले त्योहार की समाप्ति की घटना है। बहुत से लोग पिछली घटनाओं को नहीं जानते हैं और केवल मुख्य त्योहार पर ध्यान केंद्रित करते हैं। क्रिसमस के 12 दिन उपवास और तपस्या के बारे में हैं जो यीशु द्वारा झेली गई पीड़ा को याद करते हैं।

12-दिवसीय श्रृंखला का अंतिम दिन क्रिसमस के रूप में जाना जाता है और हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। यह रोमन कैलेंडर में शीतकालीन संक्रांति के दिन पड़ता है और वर्ष का सबसे काला दिन होता है। यीशु का जन्म आशा की किरण के रूप में आता है और आत्मज्ञान की ओर एक यात्रा की शुरुआत का प्रतीक है। क्रिसमस क्रिसमस ट्री को सजाने, परिवारों और दोस्तों के साथ खाने और ढेर सारी मस्ती करने के बारे में है। साझा करने के मूल मूल्य शुरू से ही बच्चों में पैदा होते हैं, और वे नैतिक मूल्यों की गहरी समझ रखना सीखते हैं।

क्रिसमस का उपयोग केवल मनोरंजन के लिए नहीं किया जाना चाहिए। यह समय है जब हमें उन लोगों की दुर्दशा के बारे में सोचना चाहिए जो हमसे कम भाग्यशाली हैं। यह वह समय है जब दुनिया भर में दान कार्य आयोजित किए जाते हैं, और उनसे उत्पन्न राजस्व का उपयोग गरीबों और जरूरतमंदों की भलाई के लिए किया जाता है। लोग इस समय का उपयोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ एक स्वादिष्ट डिनर पर फिर से जुड़ने के लिए करते हैं; वे खेल खेलते हैं और उन्हें उपहार देते हैं। यह लोगों के बीच पारिवारिक संबंधों को बढ़ावा देता है और उन्हें खुश और हर्षित बनाता है।

क्रिसमस पर निबंध 300 शब्द (Essay on Christmas 300 words in Hindi)

क्रिसमस एक विशेष मौसम है जिसे हर साल ईसा मसीह के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह चारों ओर प्रेम, आनंद और शांति के मौसम को दर्शाता है। क्रिसमस की पूर्व संध्या बहुत खुशी और खुशी के साथ मनाई जाती है।

क्रिसमस हमें मानवता, दान और ज्ञान की याद दिलाता है। यह अनिवार्य रूप से हमें मानव जाति की सेवा करके और कम विशेषाधिकार प्राप्त लोगों की मदद करके अपने जीवन को बेहतर बनाने का अवसर देता है। यह हमें अपने प्रियजनों के साथ साझा करने, देने और समय बिताने के मूल्य की भी याद दिलाता है। यह त्योहार जीवन में सकारात्मकता और बुरी आदतों से दूर रहने का है।

इससे पहले क्रिसमस को ईसाइयों के त्योहार के रूप में मनाया जाता था। लेकिन अब, यह त्यौहार विश्व स्तर पर सभी धर्मों और संस्कृतियों द्वारा मनाया जाता है और विविधता में एकता का प्रतीक बन गया है। सर्दियों को अब क्रिसमस के मौसम के रूप में जाना जाता है और लोग हमेशा इस त्योहार का बड़े उत्साह और उत्साह के साथ स्वागत करने के लिए उत्सुक रहते हैं।

क्रिसमस की अपनी अनूठी परंपराएं और उत्सव हैं। क्रिसमस की पूर्व संध्या पर सजाया जा रहा क्रिसमस ट्री सबसे प्रसिद्ध है। यह परंपरा एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक चली आ रही है और आज भी शाम का सबसे रोमांचक हिस्सा माना जाता है। माता-पिता और बच्चे मिलकर पेड़ को रोशनी, उपहार, मोजे, लघुचित्र और बहुत कुछ से सजाते हैं। बच्चे इस पल का आनंद लेते हैं और खूबसूरती से सजाए गए इस पेड़ के चारों ओर खेलते हैं। क्रिसमस के पेड़ के नीचे कई उपहार रखे जाते हैं और क्रिसमस की पूर्व संध्या पर खोले जाने चाहिए।

दूसरी ओर, स्कूल और चर्च क्रिसमस से हफ्तों पहले अपनी तैयारी शुरू कर देते हैं। छात्र क्रिसमस के दिन प्रदर्शन किए जाने वाले क्रिसमस कैरोल, गाने और कृत्यों की तैयारी करते हैं। ये आमतौर पर प्रभु यीशु की कहानियों पर आधारित होते हैं। साथ ही क्रिसमस के मौके पर चर्चों की अच्छी तरह से सफाई की जाती है। उन्हें मोमबत्तियों, बाइबिल की मूर्तियों, सितारों, रोशनी और बहुत कुछ से सजाया गया है। एक बार जब आप चर्च में प्रवेश करते हैं, तो आप महसूस कर सकते हैं कि यीशु की दिव्य उपस्थिति और चारों ओर सकारात्मकता है।

लोग क्रिसमस की पूर्व संध्या पर अलग-अलग व्यंजन तैयार करते हैं जिसमें कपकेक, मफिन, फ्रूट पंच, क्रीम रोल शामिल हैं और सूची जारी है। बच्चे भी सांता क्लॉज़ से मिलने के लिए उत्साहित महसूस करते हैं- एक बूढ़ा व्यक्ति जो लाल और सफेद पोशाक पहने हुए है और बच्चों को उपहार देता है और चारों ओर खुशियाँ बाँटता है।

इसलिए, क्रिसमस चारों ओर शांति और आनंद लाता है, यह हमें यीशु द्वारा किए गए बलिदानों की याद दिलाता है और हमें देखभाल और साझा करने के महत्व को समझने में मदद करता है। यह त्योहार सभी धर्मों को एकजुट करता है और चारों ओर जोश प्रदर्शित करता है।

  • Child Labour Essay
  • Discipline Essay
  • Friendship Essay
  • My Favourite Game Essay
  • Rainy Season Essay
  • Social Media Essay

क्रिसमस पर निबंध 500 शब्द (Essay on Christmas 500 words in Hindi)

क्रिसमस दिसंबर में स्थापित एक प्रसिद्ध ईसाई अवकाश है, जिसे दुनिया भर में मनाया जाता है और इसकी सजावट और सांता क्लॉज के लिए प्रसिद्ध है। क्रिसमस का अर्थ है “मसीह का पर्व”। यह यीशु मसीह के जन्म को चिह्नित करने वाला एक वार्षिक उत्सव है; यह 25 दिसंबर को दुनिया भर में बहुत सारे लोगों के बीच एक सांस्कृतिक और धार्मिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। क्रिसमस सभी ईसाई देशों में मनाया जाता है लेकिन प्रत्येक देश में इस तिथि को मनाने के तरीके में मतभेद हैं।

क्रिसमस के पीछे का इतिहास

क्रिसमस का इतिहास बहुत पुराना है; पहला क्रिसमस 336 ई. में रोम में मनाया गया था। 300 के दशक में हुए प्रसिद्ध एरियन विवाद के दौरान इसने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मध्य युग के प्रारंभिक वर्षों के दौरान, एपिफेनी ने इसकी देखरेख की।

क्रिसमस को लगभग 800 ईस्वी में फिर से सुर्खियों में लाया गया जब सम्राट शारलेमेन को क्रिसमस के दिन ताज मिला। 17वीं शताब्दी के दौरान, प्यूरिटन्स ने क्रिसमस पर प्रतिबंध लगा दिया था क्योंकि यह नशे और अन्य अन्य दुर्व्यवहारों से जुड़ा था।

इसे 1660 के आसपास एक उचित अवकाश बना दिया गया था लेकिन फिर भी यह काफी विवादित था। 1900 की शुरुआत के आसपास, एंग्लिकन कम्युनियन चर्च का ऑक्सफोर्ड आंदोलन शुरू हुआ और इससे क्रिसमस का पुनरुद्धार हुआ।

क्रिसमस की तैयारी

क्रिसमस एक सांस्कृतिक उत्सव है जिसमें बहुत सारी तैयारियां होती हैं। यह एक सार्वजनिक अवकाश है और इसलिए लोगों को इसे मनाने के लिए क्रिसमस का अवकाश मिलता है।

क्रिसमस की तैयारी ज्यादातर लोगों के लिए जल्दी शुरू हो जाती है ताकि क्रिसमस की पूर्व संध्या पर जश्न शुरू हो जाए। क्रिसमस की तैयारियों में बहुत सारी गतिविधियाँ शामिल होती हैं। लोग आमतौर पर परिवार और दोस्तों के बच्चों के लिए सजावट, भोजन और उपहार खरीदते हैं। कुछ परिवार सभी के लिए मैचिंग क्रिसमस आउटफिट की खरीदारी करते हैं।

आम तैयारियों में क्रिसमस ट्री, लाइटिंग के साथ जगह की सजावट शामिल है। सजावट शुरू करने से पहले, घर को गहराई से साफ करना चाहिए। क्रिसमस ट्री घरों में क्रिसमस की भावना लाता है।

उपहारों को क्रिसमस ट्री के नीचे लपेटे हुए उपहार बक्से में रखा जाता है और क्रिसमस के दिन तक नहीं खोला जाना चाहिए। विशेष आयोजन के लिए चर्च को भी सजाया गया है। क्रिसमस की शुरुआत के लिए चर्चों की पूरी सफाई भी की जाती है। क्रिसमस के दिन गाने और स्किट का प्रदर्शन किया जाएगा।

लोग आमतौर पर क्रिसमस पर बहुत अधिक खर्च करते हैं और इसलिए इन योजनाओं के लिए पैसे बचाना इन सभी के बीच सबसे पहले की तैयारी होनी चाहिए। परिवार भी इस उत्सव की अवधि के दौरान एक साथ रहने के लिए यात्रा करने की योजना बनाते हैं। परंपरागत रूप से टर्की इस दिन दुनिया भर में आम भोजन है। दोस्तों और परिवार को एक खुश छुट्टी की कामना करने और प्यार दिखाने के लिए कार्ड भी लिखे जाते हैं।

क्रिसमस दिवस समारोह

दिन को चिह्नित करने के लिए रेडियो और टेलीविजन पर क्रिसमस कैरोल बजाए जाते हैं। अधिकांश परिवार चर्च जाने से शुरू करते हैं जहां प्रदर्शन और गाने किए जाते हैं। फिर बाद में, वे उपहारों का आदान-प्रदान करने और भोजन और संगीत के साथ जश्न मनाने के लिए अपने परिवारों में शामिल हो जाते हैं। क्रिसमस के दौरान खुशी किसी और की तरह नहीं है।

क्रिसमस पर घर का बना पारंपरिक प्लम केक, कपकेक और मफिन विशेष व्यंजन हैं। बच्चों को ढेर सारे उपहार और नए कपड़े पहनाए जाते हैं। वे ‘सांता क्लॉज़’ से भी मिलते हैं, जो एक लाल और सफेद पोशाक पहने हुए हैं, जो उन्हें गले लगाकर और उपहारों के साथ स्वागत करते हैं।

क्रिसमस हमें मित्रों और परिवार के साथ देने और साझा करने के महत्व की याद दिलाता है। क्रिसमस के माध्यम से, हम जानते हैं कि यीशु का जन्म दुनिया में महान चीजों की शुरुआत है। यह आम तौर पर प्रकृति और हमारे अस्तित्व के कारण के बारे में सोचने का अवसर है। क्रिसमस एक ऐसा त्योहार है जिसे सभी धर्मों और आस्थाओं के लोग ईसाई त्योहार होने के बावजूद दुनिया भर में मनाते हैं। यह इस त्योहार का सार है जो लोगों को इतना जोड़ता है।

क्रिसमस पर अनुच्छेद पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

क्रिसमस के 12 दिन कब होते हैं.

क्रिसमस के 12 दिन क्रिसमस के दिन (25 दिसंबर) से शुरू होते हैं और प्रकाशितवाक्य की पारंपरिक तिथि से एक रात पहले 5 जनवरी को समाप्त होते हैं।

“लिटिल क्रिसमस” क्या है?

लिटिल क्रिसमस, जिसे अन्यथा ओल्ड क्रिसमस कहा जाता है, 6 जनवरी के लिए आयरिश ईसाइयों और अमीश ईसाइयों के बीच पारंपरिक नामों में से एक है, जिसे क्राइस्टमास्टाइड के बारह दिनों के अंत के बाद जोड़ा और मनाया जाता है।

क्रिसमस 25 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है?

क्रिसमस ईसा मसीह के परिचय को याद करने के लिए मनाया जाता है, क्योंकि ईसाइयों को भगवान के बच्चे के रूप में स्वीकार किया जाता है। क्रिसमस का नाम मास ऑफ क्राइस्ट से आया है। यह याद करने के लिए एक सामूहिक सेवा का आयोजन किया जाता है कि प्रभु यीशु हम मनुष्यों के कारण मरे और फिर जीवित हो गए।

क्रिसमस की शुरुआत सबसे पहले कहाँ हुई थी?

क्रिसमस या क्राइस्ट का त्योहार पहली बार 336 में रोम में शुरू हुआ था, लेकिन यह 9वीं शताब्दी के अंत में एक लोकप्रिय ईसाई त्योहार बन गया।

10 lines on Christmas in Hindi | क्रिसमस पर 10 लाइन निबंध

In this article, we are providing 10 lines on Christmas in Hindi & English for classes 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12.. In these few / some lines on Christmas, you will get information about Christmas in Hindi. A short essay on Christmas. हिंदी में क्रिसमस पर 10 लाइनें

10 lines on Christmas in Hindi

10 Christmas Hindi Lines for class 1,2,3

1. क्रिसमस ईसाइयों का पर्मुख त्योहार है।

2. यह हर वर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है।

3. यह विश्व का सबसे बड़ा त्योहार है।

4. इस दिन प्रभु ईशा मसीह का जन्म हुआ था।

5. इस दिन लोग अपने घरों, दुकानों और चर्च को रंगीन गुबरो, बुल्बो से सजाते है।

6. इस दिन सब लोग नये कपड़े पहनते है।

7. लोग अपने घरों, दुकानों मे क्रिसमस ट्री लगते है, और उसे सजाते है।

8. इस दिन लोग चर्च मे विशेष प्रार्थना करने जाते है।

9. संता क्लॉस बच्चो को उपहार देता है।

10. क्रिसमस सब लोगो को मिलजुलकर रहने का संदेश देता है।

जरूर पढ़े-

10 Lines on New Year in Hindi

Essay on Christmas in Hindi- क्रिसमस पर निबंध

10 Lines on Christmas in Hindi | क्रिसमस पर 10 लाइन निबंध

1. क्रिसमस का त्योहार हर साल 25 दिसम्बर को मनाया जाता है।

2. क्रिसमस का त्योहार मुख्य रूप से ईसाई धर्म के लोगों के द्वारा मनाया जाता है लेकिन बाकि लोग भी इसे बड़े उत्साह से मनाते है।

3. इस दिन को सबसे बड़ा दिन भी कहा जाता है।

4. यह एक ऐसा त्योहार है जब पूरे विश्व में छुट्टी होती है।

5. इस दिन को येशु के जन्मदिन की खुशी में मनाया जाता है।

6. इस दिन जिसस क्राईस्ट और संता क्लोज को याद किया जाता है।

7. इस दिन हर जगह पर क्रिसमस ट्री को रंग बिरंगी लाईटों से सजाया जाता है।

8. इस दिन ईसा मसीह की कही गई बातों को पढ़ा जाता है और उनका अनुसरण किया जाता है।

9. इस दिन निकोल्स गरीबों में उपहार बाँटते थे।

10. अब भी कुछ लोग नकली संता बनते है और उपहार के रूप में खुशियाँ बाँटते हैं।

Few Lines about Christmas in English

1. The festival of Christmas is celebrated every year on 25th December.

2. Christmas festival is celebrated mainly by people of Christianity, but other people celebrate it with great enthusiasm.

3. This day is also called the biggest day.

4. It is such a festival that there is a holiday in the whole world.

5. This day is celebrated in the joy of the birthday of Jesus.

6. On this day Christ and Santa Claus are remembered.

7. On this day, the Christmas tree is decorated with colourful lights everywhere.

8. On this day the words of Jesus are read and followed.

9. On this day Nichols shared gifts among the poor.

10. Still, some people become fake saints and share happiness as gifts.

इस article के माध्यम से हमने Ten lines on Christmas in Hindi Essay का वर्णन किया है और आप यह article को नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल कर सकते है।

10 sentences on christmas in hindi christmas ke bare mein 10 lines

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2 thoughts on “10 lines on Christmas in Hindi | क्रिसमस पर 10 लाइन निबंध”

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Hi Dear , thank you for sharing Best 10 lines on christmas

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क्रिसमस पर निबंध Christmas Essay in Hindi

क्रिसमस पर निबंध Christmas Essay in Hindi

इस आर्टिकल में आप क्रिसमस पर निबंध (Christmas Essay in Hindi) पढ़ सकते हैं। साथ ही इस लेख में हमने क्रिसमस की कहानी, इतिहास और इसके महत्व के विषय में भी लिखा है। यह निबंध हमने 800 शब्दों में स्कूल और कॉलेज के बच्चों के लिए लिखा है।

आईये शुरू करते हैं – क्रिसमस पर निबंध Christmas Essay in Hindi …

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प्रस्तावना (क्रिसमस पर निबंध Christmas Essay in Hindi)

क्रिसमस विश्वभर में मनाया जाने वाला एक महान पर्व है। यह त्यौहार मुख्य रूप से इसाई धर्म के लोगों द्वारा हर साल दुनिया में कई जगहों पर धूमधाम से मनाया जाता है। यह प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है। आईये जानते हैं इस त्यौहार का महत्व क्या है और इसको मनाते क्यों है – इसका इतिहास।

क्रिसमस का महत्व Importance of Christmas in Hindi

यह त्यौहार यीशु मसीह के जन्म अवसर पर मनाया जाता है। इस संसार में यीशु मसीह के जन्म को बड़ी पवित्रता और आस्था के साथ मनाया जाता है। लोकप्रिय रीति-रिवाज़ों में उपहारों का आदान-प्रदान, क्रिसमस के पेड़ों को सजाना, चर्च में भाग लेना, एक साथ परिवार के साथ मिलजुल कर भोजन करना तथा सैंटा क्लॉस के आने का इंतजार करना, यह सब इस दिन किया जाता है। 

इस दिन श्रद्धालु ईसा मसीह के पुनर्जन्म के शुभ कामना करते हैं। मसीह का जन्म बेथलहम शहर में स्थित एक गौशाला में हुआ था। उनकी मां का नाम मरियम और पिता का नाम जोसेफ था। लोगों का ऐसा मानना है कि मानव जाति को बचाने के लिए परमात्मा, ईसा मसीह के रूप में पृथ्वी पर आए थे।

पढ़ें: नव वर्ष पर निबंध Happy New Year Essay in Hindi

क्रिसमस का इतिहास व कहानी History of Christmas in Hindi

जैसे कि हमने आपको बताया कि क्रिसमस का उत्सव भगवान ईसा मसीह के जन्म दिवस के दिन मनाया जाता है।  क्रिसमस के इतिहास को ईसा मसीह के जन्म की कहानी भी माना जाता है।

कई हजारों साल पहले की बात है नासरत शहर में मरियम नाम की एक महिला रहते थे।ईश्वर ने उस महिला को पवित्र माना और उसके गर्भ से जन्म लेने के लिए उसे चुना। इसलिए ईश्वर ने गैबरियल नामक अपने स्वर्ग दूध को उस कुमारी लड़की मरियम को दर्शन देने के लिए भेजा।

एक दिन मरियम को स्वर्ग दूत गैब्रियल ने अपने दर्शन दिए और उसे बताया कि ईश्वर पुत्र के रूप में उसके गर्भ से जन्म लेंगे। यह सुनकर मरियम चिंता में पड़ गई क्योंकि अभी तक उसका विवाह नहीं हुआ था। जब इसके विषय में मरियम ने गैबरियल से पूछा तो गैबरियल ने बताया ईश्वरीय शक्ति से वह गर्भवती बनेगी और उस पुत्र को जन्म देगी।

मरियम के मंगेतर का नाम युसूफ था। जब यूसुफ को पता चला कि उसकी मंगेतर गर्भवती है तो उसने उससे विवाह करने से मना कर दिया। तभी स्वर्ग दूत गैबरियल ने यूसुफ को सारी बात बताई। जब यूसुफ को सही बात का पता चला तो वह मान गया और उसने मरियम से विवाह कर लिया। 

उस समय नासरत नगर, रोमन साम्राज्य का हिस्सा था। जब मरियम का गर्भावस्था का अंतिम समय चल रहा था तब रोमन राज्य की जनगणना का समय आ गया, तब रोमन राज्य के नियमों के चलते यूसुफ भी अपनी पत्नी को लेकर बेथलेहेम शहर को चला गया। उसी समय मरियम को प्रसव पीड़ा होने लगी और किसी भी जगह में ठहरने के लिए जगह ना मिली। 

वह दोनों एक अस्तबल में चले गए, उसी अस्तबल में मरियम ने शिशु को जन्म दिया। उसके बाद उन्होंने शिशु को कपड़े में लपेट दिया और घास से बने चरनी में लिटा दिया। उसके बाद अचानक ही कई स्वर्गदूत आ गए और परमेश्वर ईसामसीह की जयजयकार करने लगे।

क्रिसमस उत्सव की तैयारी Celebration of Christmas Festival

  • लगभग 1 महीने पहले से ही क्रिश्चियन लोग इस त्यौहार की तैयारी शुरू कर देते हैं। इस खुशी में लोग अपने घरों को रंग बिरंगी लाइटों से सजाते हैं। नए-नए कपड़े खरीदते हैं। इस दिन गिरजा घरों को सजाया जाता है।
  • ठीक रात 12:00 बजे गिरजा घरों में प्रार्थना शुरू हो जाती है। इस से 12 दिन के उत्सव क्रिसमस टाइम की भी शुरुआत होती है। क्रिसमस के उत्सव पर लोग अपने दोस्त यारों और रिश्तेदारों को आमंत्रित करते हैं और साथ मिलकर जश्न मनाते हैं।

क्रिसमस दिवस के लिए आंगन में क्रिसमस ट्री को सजाया जाता है। एक्स-मास ट्री में चॉकलेट, गुब्बारे, डॉल, गिफ्ट आदि लगा कर सजाते हैं। इस दिन लोग एक दूसरे को केक बधाई पत्र आदि उपहार देते हैं।

क्रिसमस डे के दिन रात्रि के समय सैंटा क्लॉस बच्चों को गिफ्ट बांटते हैं तथा मोमबत्ती जलाकर यीशु मसीह से प्रार्थना करते हैं। इस तरह से लोग क्रिसमस का त्यौहार बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं। क्रिसमस के दिन लोगों का मुख्य मिठाई ‘केक’ होता है। भारत में भी इस त्यौहार को सभी धर्म के लोग खुशियों के साथ मनाते हैं।

क्रिसमस गीत व कविता Christmas Song and Poem in Hindi

  • ठंडी ठंडी हवाओं में कोई मेरी क्रिसमस गाता है। हर बार वह थैला भरकर हो गिफ्ट लेकर आता है। मां हमसे कहती है वह बच्चों से प्यार है करता, हरे भरे क्रिसमस ट्री को वह सुंदर सजा के देता, दिसंबर 25 को आता वो, संता-संता कहलाता वो।
  • क्रिसमस आया क्रिसमस आया बच्चों का है मन ललचाया। सैंटा क्लॉस आएंगे नए खिलौने लाएंगे। सैंटा क्लॉस में दी आवाज एनी आओ, पेनी आओ, जॉनी आओ, जॉन आओ। यीशु की याद का दिन है बच्चों के प्यार का दिन है।
  • जिंगल बेल बज रहे हैं साल खत्म हो रहा है उससे पहले 25 दिसंबर, क्रिसमस आ रहा है, क्रिसमस आ रहा है।

क्रिसमस ट्री कुछ खास बातें Some Important facts about Christmas Tree

सदाबहार क्रिसमस पेड़ सर्दियों के बीच में जीवन का एक प्राचीन प्रतीक था। लेकिन इस पेड़ का इस्तेमाल सबसे पहले कहां किया गया यह बात किसी को पता नहीं है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि कई हज़ार वर्ष पहले उत्तरी यूरोप में इसकी शुरुआत हुई थी। कहा जाता है कि शुरुआत में क्रिसमस ट्री का उपयोग क्षत्रियों के झूमर में तथा रोशनी के हुक से उल्टा लटकाया जाता था। 

रोमन लोग सर्दियों में सदाबहार शाखाओं को अपने घरों में सजाने के लिए इस्तेमाल करते थे उत्तरी यूरोप में सदाबहार पेड़ों को काटा और और क्रिसमस के समयओं के दौरान उसे अपने घरों के अंदर अपने बक्सों में लगाया। दूसरी मान्यता के अनुसार जब यीशु मसीह का जन्म हुआ था तब बहुत तेज सर्दी थी और बर्फ बारी की वजह से दुनिया भर के पेड़ों से पत्तियां गिर गई थी और इन पेड़ों ने नई हरी पत्तियों को जन्म दिया।

क्रिसमस ट्री का प्रतीकात्मक रूप क्या है? What Does the Christmas Tree Symbolize?

मूर्तिपूजक संस्कृति में क्रिसमस के पेड़ का सदाबहार हिस्से को जीवन पुनर्जन्म और सहनशक्ति का प्रतिनिधि करता है, जो कि सर्दियों के मौसम में जीने के लिए अति आवश्यक है। यह माना जाता है कि सर्दी के महीने में बुरी आत्माएं अपनी अपनी मजबूत स्थिति में होती हैं इस दौरान इस पेड़ का उपयोग कर अंधेरे युक्त सबसे ठंडी स्थिति को हल्का करना सकारात्मक स्थिति को और बुरी आत्माओं को दूर करना था।

क्रिसमस ट्री को क्यों सजाया जाता है? Why is the Christmas tree decorated?

क्रिसमस के पेड़ों को सजाने का शुरुआत उस समय से हुई जब लोग सर्दी में उन पेड़ों को सजाने के लिए इस्तेमाल करते थे जिनके पत्ते नहीं होते थे। उनका मानना था जब पेड़ों से पत्तियां गिर जाते हैं तब पेड़ों की आत्माएं उसे छोड़ देती है।

इसलिए लोगों ने क्रिसमस ट्री को गहनों के साथ सजाने और पवित्र आत्माओं को आकर्षित करने के लिए इस सुंदर दिखाने का फैसला किया। क्रिसमस ट्री इतना पवित्र है कि हर साल इसे अमरीका में काफी पवित्र माना जाता है। नेशनल क्रिसमस ट्री एसोसिएशन के अनुसार हर साल अमरीका प्रतिवर्ष 25-30 मिलियन से ज्यादा मात्रा में क्रिसमस के पेड़ बिक जाते हैं।

क्रिसमस पर 10 वाक्य Few Lines on Christmas in Hindi

  • क्रिसमस विश्वभर में इसाई धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाने वाला एक महान पर्व है।
  • यह त्यौहार मुख्य रूप से इसाई धर्म के लोगों द्वारा हर साल दुनिया में कई जगहों पर धूमधाम से मनाया जाता है।
  • यह प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है। 
  • यह त्यौहार यीशु मसीह के जन्म अवसर पर मनाया जाता है। इस संसार में यीशु मसीह के जन्म को बड़ी पवित्रता और आस्था के साथ मनाया जाता है।
  • लोकप्रिय रीति-रिवाज़ों में उपहारों का आदान-प्रदान, क्रिसमस के पेड़ों को सजाना, चर्च में भाग लेना, एक साथ परिवार के साथ मिलजुल कर भोजन करना तथा सैंटा क्लॉस के आने का इंतजार करना, यह सब इस दिन किया जाता है। 
  • इस दिन श्रद्धालु ईसा मसीह के पुनर्जन्म के शुभ कामना करते हैं। 
  • इसामसीह का जन्म बेथलहम शहर में स्थित एक गौशाला में हुआ था। उनकी मां का नाम मरियम और पिता का नाम युसूफ था।
  • लोगों का ऐसा मानना है कि मानव जाति को बचाने के लिए परमात्मा, ईसा मसीह के रूप में पृथ्वी पर आए थे।

उपसंहार Conclusion

क्रिसमस का यह त्यौहार क्रिश्चन लोगों का है लेकिन सभी धर्मों के लोग इस त्योहार का आनंद उठाते हैं। क्रिसमस का यह त्यौहार पूरे विश्व में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग प्रभु ईसा मसीह के सामने अपनी गलतियों के लिए क्षमा याचना और प्रार्थना करते हैं। आशा करते हैं आपको क्रिसमस पर यह निबंध (Christmas Essay in Hindi) अच्छा लगा होगा।

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  • Hindi Grammar /

Christmas Essay in Hindi: जानिए क्रिसमस पर परीक्षाओं में पूछे जाने वाले निबंध

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  • Updated on  
  • दिसम्बर 4, 2023

Christmas Essay in Hindi

क्रिसमस मुख्य रूप से एक ईसाई त्योहार है, जो यीशु मसीह के जन्म के जश्न के रूप में मनाया जाता है। बाइबिल में वर्णित क्रिसमस की कहानी, ईसाइयों के लिए क्रिसमस समारोह का एक केंद्रीय हिस्सा है। सदियों से, क्रिसमस विभिन्न संस्कृतियों में गहराई से रच-बस गया है। कई देशों ने, यहां तक कि अल्पसंख्यक ईसाई आबादी वाले देशों ने भी क्रिसमस परंपराओं को अपनाया है, जैसे उपहार देना, पेड़ों को सजाना और उत्सव के भोजन। इस बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए कई बार विद्यार्थियों को क्रिसमस पर निबंध तैयार करने को दिया जाता है। Christmas Essay in Hindi के बारे में जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें। 

This Blog Includes:

क्रिसमस पर निबंध सैंपल 1, क्रिसमस पर निबंध सैंपल 2, क्रिसमस के पीछे का इतिहास, क्रिसमस की तैयारी, क्रिसमस के दिन का उत्सव, क्रिसमस पर 10 लाइन्स.

क्रिसमस प्रत्येक वर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला एक विशेष दिन है। यह ईसाइयों के लिए एक सांस्कृतिक त्योहार है, जो मदर मैरी से यीशु के जन्म का प्रतीक है। यीशु का जन्म एक अस्तबल में हुआ था और बाद में वह एक अच्छे चरवाहे के रूप में जाने गए। क्रिसमस पर कई देशों में सार्वजनिक अवकाश होता है और केवल ईसाई ही नहीं बल्कि विभिन्न संस्कृतियों के लोग भी इस उत्सव में शामिल होते हैं। क्रिसमस के पीछे मुख्य विचार यीशु के जीवन की चुनौतियों और बलिदानों को याद करना है। यह लोगों के बीच आपसी तालमेल, दयालुता और समझ, एकजुटता की भावना को बढ़ावा देने का समय है।

Christmas Essay In Hindi पर सैंपल 2 नीचे दिया गया है-

रोमन कैलेंडर का शीतकालीन संक्रांति, 25 दिसंबर के आसपास होता है, जब हम दुनिया भर में यीशु के जन्म का जश्न मनाते हैं। यह त्यौहार खुशी से मनाया जाता है, जो हमें याद दिलाता है कि प्रभु का आशीर्वाद हमेशा हमारे साथ है। यीशु का जन्म उन लोगों के लिए आशा लाने के लिए हुआ था जो पीड़ित थे। उनके जन्म से कई लोगों की मुश्किलें खत्म हो गईं।  क्रिसमस के दौरान, हर कोई अन्य गतिविधियों को छोड़कर जश्न मनाने के लिए एक साथ आता है।

क्रिसमस के दौरान क्रिसमस ट्री को सजाना सबसे रोमांचक हिस्सा है।  लोग इसे सुंदर आभूषणों, घंटियों और आभूषणों से सजाते हैं। उपहारों का आदान-प्रदान एक आम परंपरा है और बच्चों को अक्सर बताया जाता है कि सांता क्लॉज़ उनके लिए उपहार लाते हैं। क्रिसमस बच्चों को जरूरतमंद लोगों की मदद करके साझा करना और दयालु होना सिखाता है। लोग कम सामर्थ्य वाले लोगों की भी सहायता करते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि हर कोई इस अद्भुत त्योहार का आनंद ले सके।

क्रिसमस पर निबंध सैंपल 3

Christmas Essay In Hindi सैंपल 3 नीचे दिया गया है:

क्रिसमस एक प्रसिद्ध ईसाई त्यौहार है जो दिसंबर में होता है और विश्व स्तर पर मनाया जाता है। यह सजावट और सांता क्लॉज़ के लिए जाना जाता है। “क्रिसमस” शब्द का अर्थ है “ईसा मसीह का पर्व।” लोग हर साल 25 दिसंबर को ईसा मसीह के जन्म का जश्न मनाने के लिए इसे मनाते हैं।  यह दुनिया भर की कई संस्कृतियों के लिए एक बड़ी बात है। जबकि क्रिसमस सभी ईसाई देशों में मनाया जाता है, प्रत्येक देश का इस विशेष दिन को मनाने का अपना तरीका होता है।

क्रिसमस का इतिहास बहुत पुराना है तथा इसने कई उतार चढ़ाव देखे हैं। रोम में पहला उत्सव 336 ई. के आसपास हुआ था। यह 300 के दशक में एरियन विवाद के दौरान महत्वपूर्ण हो गया। हालाँकि, प्रारंभिक मध्य युग में, एपिफेनी ने क्रिसमस पर रोक लगा दी थी।

लगभग 800 ई. में, क्रिसमस का महत्व फिर से बढ़ गया जब क्रिसमस के दिन सम्राट शारलेमेन को ताज पहनाया गया। 17वीं शताब्दी में, प्यूरिटन लोगों ने दुर्व्यवहार से जुड़े होने के कारण क्रिसमस पर प्रतिबंध लगा दिया।

वर्ष 1660 के आसपास क्रिसमस एक आधिकारिक अवकाश बन गया, फिर भी कई लोगों के लिए इसका आदर करना कठिन था। फिर बाद में 1900 के दशक की शुरुआत में, एंग्लिकन कम्युनियन चर्च के भीतर ऑक्सफोर्ड आंदोलन ने क्रिसमस के पुनरुद्धार में योगदान दिया।

क्रिसमस एक उत्सव का समय है जिसमें बहुत सारी तैयारियाँ शामिल होती हैं।  यह सार्वजनिक अवकाश है, इसलिए लोगों को जश्न मनाने के लिए छुट्टी मिल जाती है।

लोग क्रिसमस की तैयारी जल्दी से शुरू कर देते हैं, इसलिए उत्सव क्रिसमस की एक दिन पहले शाम पर शुरू हो जाता है, इसे क्रिसमस इव कहा जाता है।  तैयार होने में सजावट, भोजन और उपहार खरीदना शामिल है, खासकर बच्चों और दोस्तों के लिए।  कुछ परिवारों को सभी के लिए मैचिंग पोशाकें भी मिलती हैं।

सामान्य तैयारियों में घर को क्रिसमस ट्री और रोशनी से सजाना शामिल है। सजावट करने से पहले घर की अच्छे से सफाई की जाती है। क्रिसमस ट्री इस त्यौहार की सजावट का एक विशेष हिस्सा है।

उपहारों को क्रिसमस ट्री के नीचे लपेटे हुए बक्सों में रखा जाता है। वे उपहार क्रिसमस के दिन तक उसी के नीचे रहते हैं। बड़े आयोजन के लिए चर्चों को भी सजाया जाता है और उनकी सफ़ाई भी की जाती है। क्रिसमस के दिन के लिए गाने और प्रदर्शन की योजना बनाई गई है।

लोग अक्सर क्रिसमस पर बहुत सारा पैसा खर्च करते हैं, इसलिए बचत करना तैयारियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।  इस दौरान परिवार साथ रहने के लिए यात्रा की योजना भी बनाते हैं। लोग अपने दोस्तों और परिवार को छुट्टियों की शुभकामनाएं देने और प्यार दिखाने के लिए भी कार्ड लिखते हैं।

क्रिसमस के दौरान, आप अक्सर रेडियो और टीवी पर क्रिसमस कैरोल सुनते हैं। कई परिवार चर्च जाकर प्रेयर करते हैं और गीतों का आनंद लेना शुरू करते हैं।  उसके बाद वे एक दूसरे के लिए लाए उपहारों का आदान-प्रदान करने और स्वादिष्ट भोजन और संगीत के साथ उत्सव को मनाने के लिए अपने परिवारों के साथ इकट्ठा होते हैं।  क्रिसमस के दौरान का आनंद सचमुच अनोखा होता है।

क्रिसमस के दिन पारंपरिक प्लम केक, कपकेक और मफिन जैसे विशेष घरेलू व्यंजनों का आनंद लिया जाता है।  बच्चों को ढेर सारे उपहार और नए कपड़े मिलते हैं।  उन्हें ‘सांता क्लॉज़’ जैसे लाल और सफेद रंग की पोशाक पहने किसी व्यक्ति से भी मिलने का मौका मिलता है, जो गले लगाकर और उपहार देकर उनका स्वागत करता है।

क्रिसमस हमें देने और अपने दोस्तों और परिवार के साथ खुशी भरा समय बिताने के मौका देता है।  यह हमें याद दिलाता है कि यीशु के जन्म से दुनिया में कुछ अद्भुत चीज़ की शुरुआत हुई।  इस दिन लोग अपने जीवन के उद्देश्य पर विचार करते हैं और यह ईश्वर के दिए उपहारों सराहना करने का समय है।  भले ही क्रिसमस मूल रूप से एक ईसाई त्योहार है, फिर भी दुनिया भर में सभी धर्मों के लोग इसे मनाते हैं।  क्रिसमस की भावना ही सभी को एक साथ लाती है।

Christmas Essay In Hindi जानने के बाद अब क्रिसमस पर 10 लाइन्स जान लेते हैं, जो नीचे दी गई हैं-

  • क्रिसमस ईसा मसीह के जन्म के सम्मान में 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाया जाता है।
  • यह खुशी, प्यार और परिवार और दोस्तों के साथ आनंद लेने का समय है।
  • क्रिसमस पर पेड़ों को रोशनी और गहनों से सजाने की परंपरा सदियों पुरानी है।
  • सांता क्लॉज़ क्रिसमस से जुड़ा एक प्रिय व्यक्ति है, जो दुनिया भर के बच्चों के लिए उपहार लाता है।
  • छुट्टियों की खुशियाँ फैलाने के लिए क्रिसमस पर प्रेयर और उत्सव गीत गाए जाते हैं।
  • इस मौसम में कई लोग प्यार और उदारता के प्रतीक के रूप में उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं।
  • क्रिसमस की दावत में अक्सर पारंपरिक व्यंजन जैसे रोस्ट टर्की, हैम और उत्सव की मिठाइयाँ शामिल होती हैं।
  • क्रिसमस की पूर्व संध्या पर परिवार अक्सर आधी रात की चर्च सेवाओं में शामिल होते हैं, जिन्हें मिडनाइट मास के रूप में जाना जाता है।
  • कई संस्कृतियों में, छुट्टियों के मौसम को रंगीन सजावट और चमचमाती रोशनी से चिह्नित किया जाता है।
  • क्रिसमस की भावना दया, करुणा और देने की खुशी के बारे में है।
   
   

क्रिसमस 25 दिसंबर को ईसा मसीह के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। हालाँकि यीशु के जन्म की सही तारीख ज्ञात नहीं है, 25 दिसंबर को प्रारंभिक ईसाइयों द्वारा सैटर्नलिया के रोमन त्योहार के साथ मेल खाने के लिए चुना गया था।

क्रिसमस ट्री सर्दियों के मौसम में जीवन और प्रकाश का प्रतीक है। इसकी उत्पत्ति जर्मनिक बुतपरस्त परंपराओं में हुई है और बाद में ईसा मसीह के माध्यम से जीवन के प्रतिनिधित्व के रूप में ईसाइयों द्वारा इसे अपनाया गया था।

क्रिसमस पर उपहारों के आदान-प्रदान की परंपरा बाइबिल की उस कहानी से प्रेरित है जिसमें तीन बुद्धिमान व्यक्ति शिशु यीशु के लिए उपहार लाते हैं। यह छुट्टियों के मौसम में लोगों के लिए प्यार और उदारता व्यक्त करने का एक तरीका बन गया है

आशा है कि आपको इस ब्लाॅग में Christmas Essay In Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी प्रकार के अन्य कोर्स और सिलेबस से जुड़े ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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देवांग मैत्रेय

स्टडी अब्रॉड फील्ड के हिंदी एडिटर देवांग मैत्रे को कंटेंट और एडिटिंग में आधिकारिक तौर पर 7 वर्षों से ऊपर का अनुभव है। वह पूर्व में पोलिटिकल एडिटर-रणनीतिकार, एसोसिएट प्रोड्यूसर और कंटेंट राइटर/एडिटर रह चुके हैं। पत्रकारिता से अलग इन्हें अन्य क्षेत्रों में भी काम करने का अनुभव है। देवांग को काम से अलग आप नियो-नोयर फिल्म्स, सीरीज व ट्विटर पर गंभीर चिंतन करते हुए ढूंढ सकते हैं।

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स्कूल में क्रिसमस उत्सव पर निबंध (Christmas Celebration Essay in Hindi)

Christmas Celebration-in-School

हर साल दिसंबर का महीना में हमें दो चीजों का इंतजार रहता है, एक क्रिसमस तो दूसरा नए साल के आगमन की। दिसंबर महीने में जैसे-जैसे सर्दियां बढ़ती है, क्रिसमस के उत्सव की रौनक भी बढ़ने लगती है। होली, दिवाली, ईद की तरह ही ईसाई धर्म के लोग इस त्यौहार का बड़ी बेसब्री से इंतजार करते है। मुख्य रूप से यह ईसाइयों का त्यौहार है, पर भारत के साथ पुरे विश्व में सभी धर्म के लोग मिलजुल कर इस त्यौहार को मनाते है। क्रिसमस के साथ ही बीते साल की अच्छी विदाई और नए साल के आगमन का शुभ संकेत देती हैं।

क्रिसमस पर 10 वाक्य || क्रिसमस ट्री पर 10 वाक्य

स्कूल में क्रिसमस उत्सव 2022 पर दीर्घ निबंध (Long Essay on Christmas Celebration in School 2022 in Hindi, School mein Christmas Utsav par Nibandh Hindi mein)

उम्मीद करती हूँ कि नीचे लिखे गए क्रिसमस सेलेब्रेशन 2021 पर बड़ा निबंध आपको जरूर पसंद आयेंगे और आपके स्कूल प्रोजेक्ट में काम भी आयेंगे।

Long Essay on Christmas Celebration – 1300 Words

परिचय (Introduction)

आप सभी ने यीशु मसीह का नाम अवश्य सुना या पढ़ा होगा, इन्हें भगवान के दूत के रूप में जाना जाता है। हर साल दिसम्बर के अंत में 25 तारीख को ईसा मसीह के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। ईसाई धर्म के लोगों के लिए यह सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। भारत और अन्य देशों में अन्य धर्मों के लोग इस दिन को ‘बड़ा दिन’ के रूप में मानते है। क्योंकि इस दिन से दिवस के बढ़ने की शुरुआत भी होती है। लोग इसे बहुत ही उत्साह और खुशी के साथ मनाते है, और बच्चों के लिए यह दिन खाश होता है। ऐसा माना जाता है कि ‘सांता क्लॉज’ के रूप में यीशु मसीह उन्हें आशीर्वाद और उनके लिए उपहार देने स्वयं आते हैं। बच्चे भी इस दिन सांता क्लॉज का बड़ी बेसब्री से इंतजार करते है।

क्रिसमस कैसे मनाते है? (How Christmas is Celebrated)

ईसाइयों के लिए यह सबसे बड़ा और प्रमुख त्योहार होता है। दुनियां भर के लोग इस दिन को बड़े धूम-धाम से मानते है। भारत में ईसाई लोगों की संख्या बहुत कम है, फिर भी यहां के लोग इसे बड़े जोश और उमंग के साथ मनाते है। क्योंकि यहां सभी धर्मों के लोग इसे मिलजुल कर बहुत ही प्यार और आनंद के साथ इस त्योहार को मनाते है।

यह भी पढ़ें –  क्रिसमस पर निबंध

क्रिसमस की तैयारी और त्योहार मनाना (Preparation for Christmas Festival)

इस त्योहार के आते ही लोग महीनों पहले से ही इसकी तैयारी में लग जाते है। घर सजावट के सामान, कपड़े, उपहार, मिठाइयां, और बच्चों के लिए तोहफों की खरीदारी लोग पहले से ही शुरू कर देते है। परिवार और रिश्तेदारों को देने के लिए उपहारों की खरीदारी सबके लिए बहुत रोमांचकारी होता है। हम अपने घर के पास के गिरजाघरों की सफाई और उसकी मरम्मत करवाते है। इस दिन हम एक क्रिसमस ट्री को घर पर अद्भुत और मनमोहक तरीके से सजाते है।

त्योहार में क्रिसमस का पेड़ को नये जीवन और नयी भावना का प्रतीक माना जाता है। इस दिन गीत-संगीत, प्रार्थना, नृत्य, और पार्टियों का आयोजन किये जाते है। रात्रि चर्च में यीशु की प्रार्थना के बाद लोग आपस में एक दूसरे के गले लग शुभकामनाएं और बधाइयाँ देते है। बच्चों के लिए उपहार और हम उम्र के साथ अपने विचारों का आदान प्रदान करते है। रात्रि के समय पार्टियों में खाने की व्यवस्था की जाती है।

त्योहार का इतिहास (Christmas Festival History)

क्रिसमस का यह त्योहार ईसा मसीह के जन्म से जुड़ा है। माना जाता है कि लगभग 5-6 ईसा पूर्व सदी के सबसे सर्द मौसम में ईसा मसीह का जन्म मरियम के पुत्र के रूप में हुआ। जिन्हें बाद में मदर मैरी के नाम से भी जाना गया।

उस बच्चे को ईशु के नाम से जाना गया और वह बड़ा होकर लोगों में प्यार और सद्भावना को जगाने और चारों तरफ शांति के संदेश के साथ लोगों को बुराइयों से दूर रहने का सन्देश दिया। ईशु को भगवान का अवतार माना जाता है, क्योंकि उन्होंने कुवारी मरियम की गोंद से जन्म लिया था। इनके जन्म के बाद स्वर्ग के दूतों ने मरियम को उनके जन्म के सूचना दी की वे ईश्वर का रूप है।

25 दिसम्बर का दिन ईशु मसीह के जन्म का सही दिन तो नहीं दर्शाता पर इस दिन उनके बलिदान, उपदेश, जीवन ज्ञान, शांति दूत के रूप में उन्हें याद किया जाता है। इसके पीछे कई धार्मिक परम्पराएं भी है।

क्रिसमस का महत्व (Significance of Christmas)

जैसा की हम सब जानते है यह ईसाईयों का एक प्रमुख और महत्वपूर्ण त्योहार है। क्रिसमस त्योहार का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य और महत्त्व है।

क्रिसमस का यह उत्सव सभी के बीच आपसी प्रेम और भाईचारे का सन्देश देता है। हमें आपस में सद्भाव और सौहार्द के साथ रहना सिखाता है।

क्रिसमस के त्योहार का मुख्य मकसद है बुराई को खत्म करना और अच्छें विचारों को एक दुसरे में फैलाना। हर किसी के प्रति दया-भाव रखना। क्रिसमस के माध्यम से हम अपने अच्छे विचारों दुसरों में बाटना और चारों ओर सुख और शांति फैलाना ही इसका मुख्य उद्देश्य है।

मेरे स्कूल में क्रिसमस उत्सव (Christmas Celebration in my School)

हर वर्ष क्रिसमस और नए साल के जश्न का आयोजन स्कूलों में मनाया जाता है। मेरे स्कूल में भी क्रिसमस को बड़े ही धूम-धाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है। अध्यापकों से ज्यादा बच्चों में इस त्यौहार का जोश और उत्साह देखने को मिलता है। हमारा स्कूल एक मिशन स्कूल है इसलिए हमारे स्कूल के परिसर में एक चर्च भी है। हम सब बच्चे और सफाई कर्मचारी मिलकर इसकी अच्छे से साफ-सफाई करते हैं, और हमलोग इसे माला, रिबन, झालर, गुब्बारे इत्यादि से सजाते है। सभी मिलकर क्रिसमस के पेड़ को सितारों, गुब्बारों, रोशनी इत्यादि से सजाकर चर्च के पास रखते है और एक मंच को भी अच्छी तरह से सजा कर तैयार करते है।

मंच के सामने अतिथि की कुर्सियों पर हमारे शिक्षक को सम्मान के साथ बैठाया जाता है और पीछे की कुर्सियों पर हमारे स्कूल के वरिष्ठ छात्रों को बिठाया जाता है। कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत गीत के साथ की जाती है और फिर ईशु के प्रार्थना गीत गायी जाती है। इसके बाद ईशु के जन्म और उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं का नाट्य रूपांतरण प्रस्तुत किया जाता है। उसके बाद संगीतकारों द्वारा क्रिसमस के कुछ संगीत प्रस्तुत किये जाते है। बाद में हमारे प्रधानाध्यापक और अन्य शिक्षकों के द्वारा भाषण कराया जाता है। भाषणों में ईशा मसीह के गुणों को बताया जाता है और सभी को क्रिसमस की शुभकामनाएं दी जाती है। तत्पश्चात हमारे ही शिक्षकों में से सांता क्लॉज बने एक शिक्षक वहां उपहारों के साथ आते है और हम सभी को हमारा उपहार देते है।

इसके बाद छात्रों को शिक्षकों द्वारा केक और खाने के लिए अन्य चीजें वितरित की जाती है। इसके साथ ही हमें क्रिसमस और नए साल की बधाइयाँ दी जाती है और ठंडी की छुट्टियों की घोषणा भी इसी समय कर दी जाती है। सभी छात्र क्रिसमस का खूब आनंद लेते है और बाद में सब एक-दूसरे को बधाई और शुभकामनाएं देते है।

गरीब छात्रों के लिए कार्यक्रम (Program for Poor Students on Christmas in My School)

हमारे स्कूल में क्रिसमस के कार्यक्रम वाले दिन स्कूल और स्कूल के परिसर के पास रहने वाले गरीब छात्रों के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन हमारे प्रधानाध्यापक द्वारा किया जाता है। हर बच्चे को नए पोशाक और मिठाइयां दी जाती हैं। उन छात्रों के मनोरंजन के लिए अलग से कार्यक्रम आयोजित किये जाते है, कुछ प्रस्तुतियां उनके द्वारा भी की जाती है। बाद में चैरिटी संस्थाओं द्वारा उन्हें केक, मिठाइयां, किताबों, इत्यादि का वितरण किया जाता है। उन्हें कक्षा में मुफ्त शिक्षा के लिए आमंत्रित भी किया जाता है। इन सब बातों से उनके चेहरे की खुशी देख मन को संतुष्टि मिलती है, और मन में विचार आता है कि मैं भी बड़ा होकर ऐसे ही बच्चों के हित के लिए कुछ करूँगा।

क्रिसमस संध्या (Christmas Evening Special)

मैं अपने कॉलोनी के अपने दोस्तों के साथ क्रिसमस का त्योहार मनाता हूँ। सब साथ मिलकर क्रिसमस के पेड़ को अद्भुत तरीके से सजाते है। मेरी माँ द्वारा बनाये गए केक को सभी कॉलोनी के बच्चे और बड़े साथ मिलकर काटते है। सभी बच्चे और बड़े मिलकर नाचगाने के साथ खूब मस्ती करते है।

सभी लोग एक दूसरे को क्रिसमस की बधाई और शुभकामनाएं देते है। बड़े लोग बच्चों को प्यार, आशीर्वाद और उन्हें उपहार देते हैं। सभी बच्चे भी मिलकर बड़ों के लिए कोई डांस या क्रिसमस प्रोग्राम करते है। बाद में सभी चर्च जाकर ईशु के सामने सभी के सुख-शांति और समृद्धि की प्रार्थना करते है।

निष्कर्ष (Conclusion)

क्रिसमस हमें प्रेम और सद्भाव के साथ रहना सिखाता हैं। यह त्यौहार गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद करना बताता है। हर धर्म के लोग आपसी प्रेम के साथ इस त्योहार को मनाते है। मुख्यतः यह त्योहार बच्चों को बहुत पसंद आता है। गीत-संगीत, जिंगल्स और अनेक प्रकार के तोहफे बच्चों को बहुत पसंद आते है, और सांता क्लॉस के दिए उपहार उन्हें हमेशा के लिए खुश कर जाते है।

सम्बंधित जानकारी:

  • क्रिसमस पर भाषण
  • क्रिसमस पर कविता (क्रिसमस डे पर कविता)
  • क्रिसमस पर स्लोगन (नारा)

स्कूल में क्रिसमस उत्सव पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions on Christmas Celebration in School in Hindi)

उत्तर – 7 जनवरी को

उत्तर – लातविया के रिगा शहर में सन् 1510 में सजाया गया था।

उत्तर – सदाबहार वृक्ष डगलस, बालसम या फर के पेड़ को क्रिसमस ट्री कहते है।

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क्रिसमस दिवस पर निबंध: Christmas Essay in Hindi - छोटी पंक्तियाँ और लंबे निबंध पैराग्राफ

क्रिसमस दिवस पर निबंध: यहां क्रिसमस दिवस पर निबंधों में क्रिसमस के महत्व और आनंद का अन्वेषण करें। परंपराओं, उत्सवों और शाश्वत भावना की खोज करें।.

Atul Rawal

क्रिसमस पर 10 पंक्तियाँ

  • क्रिसमस ईसा मसीह के जन्म का जश्न मनाने का अवसर है, जिन्हें ईसाई ईश्वर का पुत्र और मानवता का उद्धारकर्ता मानते हैं।
  • क्रिसमस, अन्य त्योहारों की तरह, प्यार, गर्मजोशी, हँसी और एकजुटता के क्षणों का जश्न मनाने का एक आनंदमय समय है।
  • क्रिसमस को लोग अपने अनोखे अंदाज में मनाते हैं, लेकिन घरों और सड़कों को जगमगाती रोशनी से सजाना एक आम परंपरा है जिसे हर कोई निभाना पसंद करता है।
  • उपहारों का आदान-प्रदान एक और परंपरा है जिसका पालन लोग क्रिसमस पर अपने प्यार और कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए करते हैं।
  • यह एक ऐसा अवसर है जो लोगों को एक साथ लाता है, समुदायों और संस्कृतियों के बीच एकता और एकजुटता की भावना को बढ़ावा देता है।
  • क्रिसमस स्वादिष्ट दावतों का पर्याय है, जिसमें रोस्ट टर्की, जिंजरब्रेड कुकीज़ और एग्नॉग जैसे उत्सव के व्यंजन शामिल हैं।
  • परिवार जश्न मनाने के लिए एक साथ आते हैं और भोजन से भरी मेज पर शानदार पल बिताते हैं जो यादें बनाने के लिए एक कैनवास के रूप में काम करते हैं।
  • क्रिसमस लोगों को दयालुता, दान और स्वयंसेवा के कार्यों में शामिल होकर खुशी और सद्भावना फैलाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
  • शिक्षक, माता-पिता और बुजुर्ग छात्रों को इस अवसर के महत्व के बारे में बताते हैं और उन्हें कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
  • यह धार्मिक और सांस्कृतिक सीमाओं से परे, दुनिया भर में मनाया जाने वाला एक वैश्विक अवसर है।
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क्रिसमस दिवस पर 150 शब्दों में निबंध

क्रिसमस अद्वितीय और महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व वाला एक खुशी का अवसर है। ईसाई धर्म में पूज्य ईसा मसीह के जन्म के उपलक्ष्य में हर साल 25 दिसंबर 2023 को यह दिन मनाया जाता है। ईसाई यीशु को ईश्वर का पुत्र और मानवता का उद्धारकर्ता मानते हैं। क्रिसमस क्रिसमस की कहानी पर चिंतन करने, प्यार फैलाने, बंधनों को मजबूत करने और सद्भावना फैलाने का समय है।

अपनी धार्मिक जड़ों से परे, क्रिसमस एक वैश्विक सांस्कृतिक त्योहार के रूप में विकसित हुआ है। घरों और सड़कों को सजाना, उपहारों का आदान-प्रदान करना, पारिवारिक समारोह आयोजित करना और पारंपरिक भोजन बनाना कुछ ऐसी चीजें हैं जो लोग क्रिसमस पर करते हैं।

300 शब्दों में क्रिसमस उत्सव पर निबंध

क्रिसमस विश्व स्तर पर मनाया जाने वाला त्यौहार है। यह धार्मिक श्रद्धा और सांस्कृतिक उत्सव का मिश्रण है। क्रिसमस मनाने के कारणों की बात करें तो ईसाइयों की मान्यताओं के अनुसार यह ईसाइयों के भगवान ईसा मसीह का जन्मदिन है। इस प्रकार इस दिन का गहरा धार्मिक महत्व भी है। बाइबिल में बताई गई जन्म कथा, बेथलहम में विनम्र जन्म के बारे में बताती है, जिसमें आशा, प्रेम और मोक्ष के विषयों पर जोर दिया गया है।

अपनी धार्मिक जड़ों के अलावा यह त्यौहार सामाजिक आस्था और प्रेम के निर्माण में भी महत्व रखता है। प्रतिष्ठित क्रिसमस ट्री, अक्सर एक सदाबहार शंकुवृक्ष (Christmas tree), छुट्टियों के मौसम के दौरान सजाया जाने वाला प्राथमिक पेड़ है। यह पेड़ सर्दियों के महीनों के दौरान जीवन और आशा का प्रतीक है। परिवार अपना स्वयं का क्रिसमस ट्री लाते हैं और अपने बच्चों के साथ इसे रोशनी, आभूषणों और टिनसेल से सजाते हैं। रिमझिम रोशनी पेड़ को रोशन करती है, और रंग-बिरंगे आभूषण उत्सव का माहौल जोड़ते हैं।

क्रिसमस चिंतन और कृतज्ञता के अवसर के रूप में कार्य करता है। यह व्यक्तियों को अपने जीवन में आशीर्वाद की सराहना करने और कम भाग्यशाली लोगों पर दया करने के लिए प्रेरित करता है। कैरोल्स, उत्सव समारोहों और प्रेम की अभिव्यक्ति के माध्यम से खुशियाँ फैलाने की परंपरा इस विचार को पुष्ट करती है कि क्रिसमस गर्मजोशी और एकजुटता का मौसम है।

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  • परिवार कैसे क्रिसमस मनाता है? + परिवार क्रिसमस को विशेष भोजन, उपहारों का आदान-प्रदान और उत्सवी गतिविधियों में एक साथ आकर मनाता है। सजावटें, कैरोल गायन, और धार्मिक सेवाओं को महत्वपूर्ण परंपराएं हैं।
  • क्रिसमस का महत्व क्या है? + क्रिसमस ईसा मसीह के जन्म की स्मृति के रूप में है, जो प्रेम, शांति और अच्छाइयों के विचारों को दर्शाता है। इसके अलावा, यह एक विश्वस्तरीय सांस्कृतिक उत्सव बन गया है जो पूरी दुनिया में मनाया जाता है।
  • क्रिसमस ट्री को सजाने का कारण क्या है? + क्रिसमस ट्री को सजाना एक उत्सव सांस्कृतिक परंपरा का हिस्सा है। रौंगतें, आभूषण और टिंसल खुशी के समय का प्रतीक हैं, जबकि एक ट्री टॉपर अक्सर बेतलहम की मार्गदर्शिका को प्रतिष्ठानित करता है।
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essay about christmas in hindi

क्रिसमस पर निबंध | Essay on Christmas in Hindi 100, 150, 200, 250, 300, 1500 words.

by Meenu Saini | Nov 1, 2023 | General | 0 comments

Essay on Christmas in Hindi

Hindi Essay and Paragraph Writing – Christmas (क्रिसमस )

क्रिसमस  पर निबंध –  इस लेख में हम क्रिसमस का क्या अर्थ है, क्रिसमस का हमारे जीवन में क्या महत्व है, क्रिसमस का त्योहार हमें क्या संदेश देता है के बारे में जानेंगे | क्रिसमस दुनियाभर में मनाया जाने वाला पर्व है, जिसे हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। यह पर्व विशेष रूप से यीशु मसीह के जन्मदिन के तौर पर मनाया जाता है।। अक्सर स्टूडेंट्स से असाइनमेंट के तौर या परीक्षाओं में क्रिसमस पर निबंध पूछ लिया जाता है। इस पोस्ट में क्रिसमस पर कक्षा 1 से 12 के स्टूडेंट्स के लिए 100, 150, 200, 250, 350, और 1500 शब्दों में अनुच्छेद / निबंध दिए गए हैं।

  • क्रिसमस पर 10 लाइन
  • क्रिसमस पर अनुच्छेद 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में
  • क्रिसमस पर अनुच्छेद 4 और 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में
  • क्रिसमस पर अनुच्छेद 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में

   

क्रिसमस पर 10 लाइन 10 lines on Christmas in Hindi

  • हम 25 दिसंबर को क्रिसमस का त्योहार मनाते हैं। 
  • क्रिसमस के इस स्वर्गीय दिन पर ईसा मसीह का जन्म हुआ था, इसीलिए इस दिन को एक त्योहार के रूप में मनाते हैं।
  • क्रिसमस मुख्य रूप से ईसाइयों द्वारा मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है  लेकिन ये पूरी दुनिया में दूसरे धर्मों के लोगों द्वारा भी मनाया जाता है
  • क्रिसमस के त्यौहार को बड़ा दिन कहकर भी पुकारा जाता है।
  • क्रिसमस के दिन लोग अपने घर में तरह -तरह के केक बनाते है और एक दूसरे को उपहार स्वरूप केक भी देते है।
  • इस दिन पर अपने मित्रों और रिश्तेदारों को क्रिसमस के कार्ड देने की परंपरा भी है।
  • हम क्रिसमस ट्री को सजाते हैं और उसके ऊपर एक स्टार भी लगाते हैं।
  • हर साल इस दिन बच्चे सांता क्लॉज़ के आने का इंतज़ार करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि सांता क्लौज उनके लिए गिफ्ट्स लेकर आएंगे।
  • हम दरवाजे पर मोज़ा लगाते हैं और अपने पसंदीदा उपहारों की कामना करते हैं।
  • क्रिसमस सभी के लिए एक मज़ेदार, दिव्य और पवित्र त्योहार है।

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Short Essay on Christmas in Hindi  क्रिसमस  पर अनुच्छेद 100, 150, 200, 250 से 350 शब्दों में

क्रिसमस पर अनुच्छेद कक्षा 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में .

क्रिसमस दुनिया भर में मनाया जाने वाला एक त्योहार है। स्कूलों में, यह दिन मौज-मस्ती, सीखने और हँसी-मज़ाक से भरा होता है।

इस दिन स्कूलों में बड़े उत्साह के साथ बच्चे गाना गाते हैं। क्रिसमस ट्री को सितारों, घंटियों और उपहारों से सजाया जाता है। कक्षाओं को रंगीन रोशनी और कागज के बर्फ के टुकड़ों से सजाया गया है।

छात्र कैरल गायन में भाग लेते हैं और ईसा मसीह के जीवन पर नाटक करते हैं। वे जन्म के दृश्य के विभिन्न पात्रों की तरह कपड़े पहनते हैं, जिससे कहानी जीवंत हो जाती है। एक सांता कार्यक्रम के उत्साह बढ़ाने आता है। छात्र प्यार और खुशी फैलाते हुए उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं। स्कूल में क्रिसमस मौज-मस्ती, सीखने और देने की भावना का मिश्रण है, जो इसे एक यादगार कार्यक्रम बनाता है।

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क्रिसमस पर अनुच्छेद कक्षा 4, 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में

हर साल 25 दिसंबर को विश्व ईसाई समुदाय द्वारा ईसा मसीह के जन्म के उपलक्ष्य में क्रिसमस मनाया जाता है।  यह ईसाइयों का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है और सबसे अधिक प्रतीक्षित भी।

इस त्योहार की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हर साल दिसंबर के महीने में दुनिया भर में अरबों रुपये के उपहार और अन्य सामान बेचे जाते हैं, ज्यादातर पश्चिमी देशों में। क्रिसमस तीन दिनों का त्योहार होता है। क्रिसमस बस ईसाइयों का त्योहार नहीं बल्कि पूरी दुनिया के सारे धर्मों के लोगों का त्योहार है। 

क्रिसमस यीशु को याद करने और उनकी पूजा के लिए कुछ समय निकालने का समय है। यह जीसस क्राइस्ट की शिक्षाओं और उन्होंने मानवता को क्या सिखाने की कोशिश की, इस पर आत्मनिरीक्षण करने का समय है। इसलिए, क्रिसमस गरीबों और जरूरतमंदों के लिए एकजुटता और करुणा की भावना के साथ मनाया जाता है। लोग जरूरतमंदों को पैसे और खाना देते हैं, हर संभव तरीके से उनकी मदद करते हैं।    Top    

क्रिसमस पर अनुच्छेद कक्षा 6, 7, 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में

क्रिसमस हर साल 25 दिसंबर को ईसाई समुदाय द्वारा हैलोवीन के बाद मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है।  यह ईश्वर के पुत्र ईसा मसीह के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। क्रिसमस को कई देशों में सार्वजनिक अवकाश के रूप में और कुछ में वैकल्पिक अवकाश के रूप में मनाया जाता है।

अमेरिका में क्रिसमस को स्कूलों, कॉलेजों और यहां तक कि कार्यालयों में लंबी छुट्टी के रूप में मनाया जाता है।  क्रिसमस की तैयारियां चीड़ के पेड़ की खरीद से शुरू होती हैं जिसे क्रिसमस ट्री के नाम से जाना जाता है। परिवार अपनी आवश्यकताओं और घर के अनुरूप क्रिसमस ट्री की खरीदारी में घंटों बिताते हैं।

इस क्रिसमस ट्री को रोशनी, लैंप और अन्य छोटी वस्तुओं से सजाया जाता है। बच्चों और परिवार के लिए उपहार भी आश्चर्य के रूप में इसकी शाखाओं पर लटकाए जाते हैं।

क्रिसमस का एक और सबसे महत्वपूर्ण आकर्षण अलाव और आधी रात के करतब हैं। त्यौहार के दिन, परिवार खुले में एक बड़े अलाव की व्यवस्था करता है, जहाँ वे परिवार और दोस्तों के साथ जश्न मनाते हैं।  वे आग के चारों ओर दावत करते हैं, नृत्य करते हैं और क्रिसमस कैरोल गाते हैं।

क्रिसमस का सबसे महत्वपूर्ण पहलू देना और साझा करना है। लोग गरीबों और जरूरतमंदों को उपहार और भोजन वितरित करने के लिए समय और पैसा लगाते हैं। यह त्यौहार किसी को भी पीछे न छोड़ते हुए एक साथ मनाने का प्रयास करने का आह्वान करता है।   Top    

क्रिसमस पर अनुच्छेद कक्षा 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में

क्रिसमस हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला एक वार्षिक त्योहार है। यह मुख्य रूप से ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों का त्योहार है, लेकिन यह सभी के बीच बेहद लोकप्रिय हो गया है। भारत में इस त्योहार के प्रति बहुत आकर्षण है क्योंकि यह अपने साथ ढेर सारी खुशियाँ, मौज-मस्ती और आनंद लेकर आता है। 

बच्चे क्रिसमस का बहुत आनंद लेते हैं क्योंकि उन्हें अपने बड़ों से उपहार, मिठाइयाँ आदि मिलती हैं। भारत के कई राज्य जैसे दक्षिण में केरल, तमिलनाडु, पश्चिम में गोवा, नागालैंड, मिजोरम, मेघालय, मणिपुर, असम और भारत के उत्तर-पूर्वी हिस्से में अरुणाचल प्रदेश में इस त्योहार का विशेष आकर्षण है।

इन राज्यों में ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों की संख्या काफ़ी अधिक है;  इस प्रकार क्रिसमस के मौसम के दौरान ये स्थान अत्यंत सुंदर हो जाते हैं। क्रिसमस पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में भी लोकप्रिय है क्योंकि ईस्ट इंडिया कंपनी के शासनकाल के दौरान कोलकाता राजधानी थी और अंग्रेज कोलकाता में काफी उत्साह के साथ मनाते थे।

क्रिसमस समारोह

क्रिसमस यीशु मसीह के जन्मदिन के सम्मान में मानवता और सद्भाव के स्वामी के रूप ने मनाया जाता है। इस प्रकार, क्रिसमस के मौसम के दौरान हर कोई अपनी दुश्मनी भूल जाता है और अपने प्यारे भगवान का जन्मदिन बड़े उत्साह और उत्साह के साथ मनाने के लिए एक साथ आता है। मिठाइयाँ बाँटकर उन्होंने यह संदेश दिया कि हमारे कर्म समान रूप से फलदायी होने चाहिए और किसी भी प्रकार के द्वेष या द्वेष की भावना से रहित होने चाहिए। 

क्रिसमस ट्री और सांता क्लॉज़ इस त्योहार का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। एक विशाल देवदार या देवदार के पेड़ को चमक, चॉकलेट, उपहार, मिठाइयों आदि से सजाया जाता है। शहर विभिन्न प्रकार की रोशनी से रोशन हो जाते हैं। क्रिसमस त्यौहार का जुनून और आकर्षण साल दर साल बढ़ता जा रहा है और यह अब भारत के राष्ट्रीय त्यौहारों में से एक बन गया है।   Top  

Long Essay on Christmas in Hindi क्रिसमस पर निबंध (1500 शब्दों में)

त्योहार मनाने का तरीका, बुतपरस्त संस्कृति का जुड़ाव.

  • संता क्लॉज कौन है?

क्रिसमस का इतिहास

क्रिसमस ईसाइयों का सबसे प्रसिद्ध और लोकप्रिय त्योहार है, जो हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है।  क्रिसमस दुनिया भर में मनाया जाता है, जिसमें वे देश भी शामिल हैं जहां आबादी ज्यादातर गैर-ईसाई है। इनमें से कुछ क्षेत्रों में, विदेशी सांस्कृतिक प्रभाव ने स्थानीय लोगों को भी छुट्टियाँ मनाने के लिए प्रेरित किया है। जापान एक अच्छा उदाहरण है जहां क्रिसमस लोकप्रिय है, भले ही वहां केवल कुछ ही कैथोलिक हैं। यह त्योहार विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच आम हो गया है और हर कोई इस त्योहार के क्षणों का आनंद लेना पसंद करता है। 

बच्चों को क्रिसमस का त्यौहार बहुत पसंद होता है क्योंकि उस दिन उन्हें अपने सांता से ढेर सारे उपहार मिलते हैं।  क्रिसमस पर बच्चों को सांता क्लॉज और उपहारों का इंतजार रहता है। भारत में भी क्रिसमस ईसाइयों और गैर-ईसाइयों द्वारा समान उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है।   Top    

ईसाइयों का मानना है कि इस दिन ईसा मसीह का जन्म हुआ था और ईसा मसीह के जन्म की याद में वे इसे मनाते हैं। लोगों की मान्यताओं के अनुसार ईसा मसीह ईश्वर के पुत्र थे और ईसा मसीह द्वारा दी गई सीख को लोग आज भी याद करते हैं।

जिस तरह हिंदू अपने घरों की सफाई करके और अपने देवताओं की पूजा करके दिवाली मनाते हैं, उसी तरह ईसाई क्रिसमस से पहले चर्च और अपनी दुकानों की सफाई करते हैं और क्रिसमस के दिन स्तुति के माध्यम से यीशु को याद करते हैं। क्रिसमस मनाने वाले लोगों द्वारा चर्च और क्रिसमस ट्री को रंगीन रोशनी, गेंदों, रिबन, गुब्बारों, मोमबत्तियों और फूलों से खूबसूरती से सजाया जाता है।

चर्च जाना और मोमबत्तियाँ जलाकर यीशु मसीह की पूजा करना क्रिसमस के आवश्यक भागों में से एक है।  न केवल ईसाई बल्कि अन्य धर्मों के लोग भी दोस्तों और परिवार के साथ चर्च जाते हैं, मोमबत्तियाँ जलाते हैं और चर्च की सजावट देखने का आनंद लेते हैं।  लोग एक-दूसरे को उपहार देकर इस दिन को मनाते हैं और इस दिन क्रिसमस कैरोल भी गाते हैं। सबसे प्रसिद्ध कैरोल्स में से एक जो हमने सुना और गाया है वह है “जिंगल बेल, जिंगल बेल, जिंगल ऑल द वे”।

क्रिसमस की सबसे खूबसूरत बात यह है कि इस त्योहार पर लोग गरीबों और जरूरतमंदों के लिए कपड़े और उपहार खरीदते हैं। लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से मिलने जाते हैं और एक-दूसरे को “मेरी क्रिसमस” कहकर शुभकामनाएं देते हैं। इसके अलावा, वे अपनी सभा के दौरान उपहार और भोजन भी साझा करते हैं।

बच्चों के लिए, क्रिसमस उपहारों और सांता क्लॉज़ के बारे में है।  बच्चों का मानना है कि सांता उनका दोस्त है जो उनके लिए उपहार लाता है। उनका मानना है कि सांता रात में आएंगे और उनके लिए उपहार छोड़ जाएंगे। बच्चे इस दिन और सांता के तोहफों का बेसब्री से इंतजार करते हैं।   Top    

पहले के समय में, लोग शीतकालीन त्योहार मनाते थे, और यह कई यूरोपीय बुतपरस्त संस्कृतियों में लोकप्रिय था।  उदाहरण के लिए, कहा जाता है कि उत्तरी यूरोप में सेल्ट्स ने इन शीतकालीन समारोहों में मिस्टलेटो और आइवी का उपयोग शुरू किया था, जिसे हम आधुनिक क्रिसमस के साथ बड़े पैमाने पर जोड़ते हैं।

यूल नाम का त्योहार नॉर्स और एंग्लो सैक्सन द्वारा सर्दियों में मनाया जाता था और यूल शब्द आज भी क्रिसमस से जुड़ गया है।  कहा जाता है कि आधुनिक क्रिसमस उत्सव के कई तत्व इन बुतपरस्त यूल उत्सवों से उत्पन्न हुए हैं।  यूल सूअर और बकरियां आम खाद्य पदार्थ थे और कुछ क्षेत्र आज भी क्रिसमस पर इन खाद्य पदार्थों को खाते हैं।  प्राचीन यूल लॉग, जो भोजन नहीं है, एक पेड़ का वास्तविक लकड़ी का लॉग था जिसे स्थानीय लोगों ने त्योहार के प्रतीक के रूप में चुना और जला दिया।

क्रिसमस पेड़ों को घर लाने और उन्हें सजाने की संस्कृति मध्ययुगीन लिवोनिया और जर्मनी से भी आती है।  कैथोलिक चर्च ने लंबे समय तक इस प्रथा का विरोध किया, जिसे सबसे पहले लूथरन प्रोटेस्टेंट चर्च ने अपनाया और रोमन कैथोलिक धर्म से अलग कर दिया। यह वर्ष 1982 था जब वेटिकन में पहली बार क्रिसमस ट्री खड़ा किया गया था।   Top    

संता क्लॉज कौन है? 

शायद क्रिसमस के पेड़ के साथ सभी का सबसे बड़ा रिवाज, यह आंकड़ा लगभग हर किसी को क्रिसमस के साथ जोड़ता है, सांता क्लॉस है। सांता क्लॉस की कहानी ने सैकड़ों साल पहले निकोलस नामक एक भिक्षु के साथ शुरू किया था। ऐसा माना जाता है कि वह वर्ष 280 में अब तुर्की में रहते थे; एक आदमी ने अपनी पवित्रता और दयालुता की प्रशंसा की, उन्होंने अपनी सभी विरासत में धन दिया और जरूरत में मदद करने के आसपास यात्रा की। 

पुनर्जागरण द्वारा, सेंट निकोलस यूरोप के सबसे लोकप्रिय संतों में से एक था और शायद क्रिसमस के उत्सव के साथ उनके सहयोग में योगदान दिया गया। दिसंबर में भी अपनी मृत्यु की सालगिरह पर अपने दावत दिवस का जश्न मनाने के लिए एक रिवाज था। 

18 वीं शताब्दी के अंत में, सेंट निकोलस अमेरिकी संस्कृति में लोकप्रिय हो गए। यह न्यू यॉर्क में एक समाचार पत्र में सेंट निकोलस की मौत की सालगिरह का सम्मान करने के लिए रिपोर्ट किया गया था, कुछ डच परिवार दिसंबर 1873 में इकट्ठे हुए थे। 

डच सेंट निकोलस को उनके उपनाम “सिंटर क्लास” और नाम सांता क्लॉस द्वारा बुलाता था यहां से विकसित हुआ। फिर वह दिसंबर में आम उत्सव के कारण न्यूयॉर्क के संरक्षक संत बन गए। तथ्य यह है कि वह एक संत की जरूरत वाले लोगों को उपहार देने और बच्चों के संरक्षक संत भी से जुड़ा हुआ था। अंत में सेंट निकोलस क्रिसमस के उत्सव से जुड़ा हुआ था। 

एक फिलाडेल्फिया की दुकान में सांता क्लॉस का एक मॉडल स्थापित किया गया था, और यह हजारों बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र था क्योंकि वे केवल यह देखने के लिए आए थे। इसके तुरंत बाद, कई अन्य लोगों ने सांता के आंकड़े के उदाहरण का पालन किया, फिर फिल्मों और गानों में अपना रास्ता बना दिया और क्रिसमस से जुड़े सांस्कृतिक आइकन बन गए। 

लाल वस्त्रों में उनका चित्रण तत्काल नहीं था; वह आमतौर पर सफेद, हरे, या नीले रंग में चित्रित किया गया था। लाल केवल बाद में कोका-कोला के उपयोग के साथ एक विज्ञापन अभियान में ब्रांड के लाल रंग के साथ ड्रेसिंग के साथ आया। यही कारण है कि हम उत्तरी ध्रुव को क्यों जोड़ते हैं क्योंकि उनका घर ज्यादातर थॉमस नास्ट के कारण होता है, एक अमेरिकी कार्टूनिस्ट जिसने हार्पर की साप्ताहिक पत्रिका के लिए कई क्रिसमस चित्र बनाए। 

1863 में, इस क्षेत्र में रेनडियर की उपस्थिति ने सांता क्लॉस के आंकड़े के साथ भी सहयोग किया। अमेरिका के सांस्कृतिक प्रभुत्व के कारण, क्रिसमस के साथ सांता को सहयोगी की यह परंपरा दुनिया भर में क्रिसमस समारोह में विस्तारित हुई। 

अन्य देशों में क्रिसमस और उपहार देने से जुड़े अन्य आंकड़े भी हैं। जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड में, एक परी जैसी आकृति, क्राइस्टकिंड या क्रिस क्र्रेसिंग, बच्चों को उपहार देने के लिए माना जाता है। 

स्कैंडिनेविया में, ऐसा माना जाता था कि यूल थॉम्पसन नामक एक एल्फ था जो एक स्लीघ में आया था जिसे बकरियों ने खींच लिया था, और उसने बच्चे को उपहार दिया। 

फिनलैंड में, योलो बुकी मूल रूप से फिनिश लोकगीत में कुछ हद तक बुराई आकृति थी, जिसका नाम यूल बकरी के रूप में वर्णित था, जो स्वादिष्ट रूप से चित्रित करता था। उन्होंने अंततः इसे एक और नियमित सांता में बदल दिया है। 

इटली में, ला बेफाना नामक एक चुड़ैल के बारे में एक बहुत प्रसिद्ध कहानी है जो एक ब्रूमस्टिक पर आता है और चिमनी से बच्चों के लिए उपहार छोड़ देता है।    Top    

क्रिसमस के उत्सव के संबंध में पूरे यूरोप में एक मिश्रित (नकारात्मक और सकारात्मक) परंपरा है। 

जब तक यह उत्तरी और दक्षिण अमेरिका के साथ-साथ अफ्रीका और एशिया तक पहुंच गया, तो पुराने महाद्वीप में इसका उत्सव पूरी तरह से स्थापित किया गया था। फिर भी, पूरे मध्य युग में, कुछ अपवाद थे। मध्य युग के दौरान, लोग एपिफेनी नामक एक त्यौहार मनाते थे, जिसे मैगी की यात्रा पर ध्यान केंद्रित करने के लिए मनाया जाता था। यह 6 जनवरी को मनाया गया था। 

इसे कई देशों में तीन राजा दिवस भी कहा जाता था क्योंकि यह वह दिन था जब तीन राजा यीशु से मिलने गए और उन्हें कई उपहारों के साथ भी उपहार दिया। उदाहरण के लिए, स्पेनिश अभी भी इस दिन के लिए बहुत महत्व देता है, लेकिन जल्द ही क्रिसमस ने दिसंबर में सभी परंपराओं पर हावी होना शुरू कर दिया। 

क्रिसमस के 12 दिनों में एक शनिवार अनुष्ठान की नकल में मनाया जा रहा था। एक परंपरा के बाद राजा एडमुंड और राजा विलियम के अनुसार सम्राट चार्लीमेन को क्रिसमस के दिन ही ताज पहनाया गया था।

समय बीतने के साथ, क्रिसमस एक महत्वपूर्ण अवकाश में बदल गया। 1337 में इंग्लैंड के राजा रिचर्ड द्वितीय द्वारा एक दावत का आयोजन किया गया था और उस दावत में 300 भेड़ें और 28 बैलों को दावत में आए लोगों ने खा लिया था।  दिलचस्प बात यह है कि उन दिनों लोग केवल उन्हीं लोगों को उपहार देते थे जो उनके साथ कानूनी संबंध रखते थे। राजाओं द्वारा धार्मिक अवकाश मनाने के महान उत्सव ने शायद आम लोगों को एक अभ्यास के रूप में अधिक से अधिक ऐसा करने के लिए प्रभावित किया।  उपहारों का आदान-प्रदान अभी भी केवल 6 जनवरी को ही किया जाता था।  

25 दिसंबर की दावत के बाद, यूरोप में 16-17वीं सदी के सुधार के दौरान, कई प्रोटेस्टेंटों ने 24 या 25 तारीख को उपहारों के आदान-प्रदान की परंपरा को बदल दिया और उन्हें वितरित करने के लिए अन्य बनावटी आंकड़े बनाए। क्रिसमस पर प्रतिबंध लगाने की कुछ अवधियों का पालन चर्च में अधिक शुद्धतावादी प्रवृत्तियों के साथ किया गया, लेकिन ये बहुत संक्षिप्त थे, और जल्द ही, विशिष्ट या पिछली परंपराओं की ओर वापसी हुई।

यूके में, क्रिसमस दिवस 1834 में बैंक अवकाश बन गया, और साथ ही, इस समय, उन्होंने जर्मन में जन्मी रानी चार्लोट के हाथों में क्रिसमस ट्री का उपयोग करने की प्रथा शुरू की और जल्द ही यह दुनिया भर में एक परंपरा बन गई।

यह क्रिसमस का एक संक्षिप्त इतिहास है, यह क्या है, इसका उत्सव पहली बार उभरा, यह शुरुआत में क्या था, यह विशिष्ट तारीख (यानी, 25 दिसंबर) को चुना गया था, जिसमें से कई आधुनिक क्रिसमस सीमा शुल्क आते हैं, मूर्तिपूजक त्यौहारों के साथ उनके सहयोग, शीतकालीन त्यौहार प्राचीन और मध्ययुगीन यूरोप, यह पूरे समय विकसित हुआ, और सांता क्लॉस का इतिहास। हमें क्रिसमस के बारे में सभी आवश्यक जानकारी जाननी चाहिए। 

इस आलेख में लगभग सभी क्रिसमस से संबंधित पहलुओं को शामिल किया गया है और संक्षेप में आपको क्रिसमस और इसकी कहानी को समझने में मदद मिलती है। इसके अतिरिक्त, इसमें इसी तरह के समारोहों को शामिल किया गया है जो अभी भी गैर-धार्मिक और अन्य धर्मों के उन लोगों में होते हैं, जो क्रिसमस या पास के मनाए जाने के लिए कम या ज्यादा समान होते हैं

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क्रिसमस पर निबंध – Essay on Christmas in Hindi

क्रिसमस पर निबंध (Essay on Christmas in Hindi): मानव सृष्टि का श्रेष्ठ प्राणी है. वह समाज में रहना पसंद करता है. अगर समाज में हर कोई एक दूसरे का सहयोग करें तो शांति स्थापित हो सकती है. लोगों में एकता होगी. कभी-कभी किसी कारण से समाज में अराजकता होती है. सामाजिक माहौल बिगड़ता है. यह सब देख कर हमारे पूर्वजों ने इसे ठीक करने की सोची. दूरदर्शिता का उपयोग करके धर्म के सिद्धांत कानून के भीतर लोगों को रखने की कोशिश की. सफल भी हुए. समाज से पूर्वाग्रह और अंधविश्वास को मिटाने का भी प्रयास किया गया. समय के साथ सामाजिक व्यवस्था में कई बदलाव हुए हैं. दुनिया के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न धर्मों ने सही की ओर कदम बढ़ाया है. ऐसा ही एक धर्म ईसाई धर्म है. समाज से शोषण, अन्याय, अत्याचार मिटाने के लिए प्रभु यीशु मसीह आविर्भाव हुए. जिस दिन उनका जन्म हुआ उस दिन पवित्र क्रिसमस के रूप में मनाया जाता है. और वह दिन है दिसंबर महीना का 25 तारीख. इसे X-mas के नाम से भी जाना जाता है. तो चलिए क्रिसमस पर निबंध (Christmas essay in Hindi) की ओर बढ़ते हैं.

प्रस्तावना      

हालांकि मानव जाति एक है, पृथ्वी के पृष्ठ पर रहने वाले लोगों के बीच धार्मिक विश्वासों में अंतर देखा जाता है. हिंदू, मुस्लिम, ईसाई और विभिन्न धर्मों अपने-अपने धर्मों की परंपराओं और सिद्धांतों के अनुसार विभिन्न त्योहारों को मनाते हैं. प्रत्येक भक्त अपने स्वयं के धर्म के प्रचलित सिद्धांतों और आदर्शों का पालन करता है और जीवन पथ का अनुसरण करता है. ईसाई धर्म दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण धर्मों में से एक है. दुनिया के ज्यादातर देशों में ईसाई रहते हैं. वे यीशु मसीह को भगवान के रूप में पूजते हैं और उनके द्वारा रखे गए विभिन्न सिद्धांतों और आदर्शों के अनुसार अपना जीवन व्यतीत करते हैं. वे विभिन्न त्योहार मनाते हैं. क्रिसमस उनमें से एक है. वैसे तो यह त्यौहार सभी देशों में मनाया जाता है, खासकर पश्चिमी देशों जैसे इंग्लैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में ईसाई धर्म का प्रसार हुआ और वर्तमान में, भारत के सभी हिस्सों में बहुत ईसाई रहते हैं. इसलिए, क्रिसमस का त्यौहार भारत के कई हिस्सों में मनाया जाता है.

क्रिसमस हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है. ईसाई धर्म के प्रचारक, प्रभु यीशु मसीह का जन्म इसी दिन हुआ था. प्रभु यीशु का जन्मदिन मनाने के लिए ईसाई इस क्रिसमस को मनाते हैं. प्रभु यीशु एक महान व्यक्ति थे, मानव जाति के मार्गदर्शक थे. वह मनुष्य रूप के साथ पैदा हुए थे, लेकिन उसके पास सभी दिव्य गुण थे. समाज से अन्याय, अत्याचार और अपराध को नष्ट करके और सभी प्रकार के दुखों और कष्टों को दूर करके पृथ्वी के अंदर सच्चाई, प्रेम और शांति स्थापित करने के लिए उन्होंने अपना जीवन समर्पित कर दिया था. उनकी यह सब काम उनके अनुयायियों को बारीकी से प्रेरित करने में सक्षम थी. उनका जन्म यरूशलेम के पास बेथलेहम में एक सामान्य परिवार में हुआ था. उनका प्रारंभिक बचपन ईश्वरीय व्यवहार से चिह्नित था. उनके व्यक्तित्व और आदर्शों की महानता से ईर्ष्या होकर, कई लोग ने उनसे शत्रुतापूर्ण व्यवहार करते थे.

christmas par nibandh

क्रिसमस के लिए तैयारी बहुत पहले से शुरू हो जाती है. इस अवसर पर, ईसाई अपने घरों और पूजा स्थलों को साफ करते हैं. विभिन्न प्रकार के रंगीन कागज और चित्रों से चर्च को सजाते हैं जो इसके वातावरण को बहुत आकर्षक और लुभावना बनाते हैं. रात के आगमन के साथ, चर्च अधिक सुंदर दिखता है. क्रिसमस के मौके पर ईसाइयों अपने घरों को सजाते हैं. इस त्योहार का मुख्य आकर्षण क्रिसमस का पेड़ (क्रिसमस ट्री) है. यह क्रिसमस का पेड़ इस अवसर पर प्रत्येक ईसाई परिवार में लगाया जाता है. क्रिसमस ट्री के शरीर को जानवरों, पक्षियों, फूलों, फलों के चित्रों और विभिन्न खिलौनों से सजाया जाता है. रात में पेड़ की शाखाओं को रोशन करने के लिए मोमबत्ती या प्रकाश बल्ब जलाए जाते हैं. प्रत्येक परिवार के सदस्य अपने घर में क्रिसमस के पेड़ को अधिक आकर्षक बनाने के लिए ध्यान रखते हैं. इस दिन परिवार, दोस्त और रिश्तेदार एक साथ होकर प्रभु यीशु से प्रार्थना करते हैं. चर्चों में भी बहुत भीड़ होती है. हर कोई यहाँ आयोजित प्रार्थना सभा में जाता है और समाज की भलाई के लिए प्रभु यीशु से प्रार्थना करता है. हालांकि यह त्योहार ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में मनाया जाता है, लेकिन यह शहरी क्षेत्रों में शानदार तरीके से मनाया जाता है.

क्रिसमस का महत्व

यह त्योहार दोस्ती और भाईचारे का प्रतीक है. इस अवसर पर, ईसाइयों एक-दूसरे को उपहार देते हैं और बधाई देते हैं. इससे उनकी आत्मीयता और रिश्तेदारी मजबूत होती है. ईसाइयों क्रिसमस दिवस पर यीशु मसीह के आदर्शों और बलिदानों का जश्न मनाते हैं. इसलिए यह त्योहार उन्हें निस्वार्थ सेवा और परोपकारी जैसे महान गुणों के लिए प्रेरित करता है.

मनोरंजन कार्यक्रम

ईसाईयों के लिए क्रिसमस एक लोकप्रिय और भव्य त्योहार है. यह त्योहार मनाने और दावतों और मनोरंजन के लिए ईसाई लोग बहुत पैसा खर्च करते हैं. ईसाई गृहिणियां विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन तैयार करती हैं और अपने परिवार, दोस्तों और आमंत्रित मेहमानों को खिलाती हैं. इस अवसर पर कई स्थानों पर नृत्य, गीत और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इस तरह के आनंद के साथ क्रिसमस मनाया जाता है.

भले ही लोग अलग-अलग धर्मों के अधीन हैं, लेकिन दुनिया भर में मानव जाति एक ही है. ईश्वर की रचना में सभी समान हैं. जाति, धर्म या रंग की परवाह किए बिना सभी मनुष्यों के बीच सामंजस्य रहने से पृथ्वी पर शांति स्थापित की जा सकती है. यदि विभिन्न त्योहारों के दौरान हर कोई इसका अर्थ महसूस कर सकता है, तो दुनिया में सांप्रदायिक सद्भाव स्थापित होने के साथ विभिन्न धर्मों के लोगों का शांतिपूर्ण सहअस्तित्व संभव होगा.

आपके लिए :-

  • दिवाली पर निबंध
  • दशहरा पर निबंध
  • रक्षाबंधन पर निबंध
  • भारतीय त्योहारों पर निबंध

तो, ये था क्रिसमस पर निबंध (Essay on Christmas in Hindi). उम्मीद है आपको यह निबंध पसंद आया होगा. अगर आपको क्रिसमस के बारे में और कुछ जानकारी है, तो हमे comment करके जरूर बताएं. मिलते हैं अगले लेख में. धन्यवाद.

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क्रिसमस पर निबंध हिंदी में-christmas par nibandh

क्रिसमस पर छोटे तथा बड़े निबंध (Long and Short Essay on Christmas Day in Hindi language )

#1. [400-500 words] क्रिसमस पर निबंध और लेख

प्रस्तावना :- क्रिसमस को ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में ईसाई साम्राज्य के लोग बहुत ही धूमधाम से 25 दिसंबर को पूरे विश्व में मनाया जाता है और पूरे विश्व में इस दिन अवकाश रहता है ,क्रिश्मस से 12 दिन की उत्सव ‘क्रिसमसटाइड ‘की भी शुरुआत होती है क्रिसमस ईसाइयों का सबसे बड़ा त्यौहार भी है और इसे बड़ा दिन भी कहा जाता है तथा यह प्रभु ईसा के जन्म दिवस के सम्मान में मनाया जाता है इसाई धर्म के लोगों के लिए ये एक बड़े महत्व का दिन और पर्व का दिन होता है.

प्रभु ईसा मसीह का जन्म:-   बाइबल के अनुसार परमेश्वर ने जिब्राइल नाम के स्वर्गदूत को एक स्त्री जिसका नाम मरियम था उसके पास भेजा और कहा कि उसका एक बेटा होगा तो राजा बनकर राज करेगा और उस बच्चे का नाम यीशु था जिसका जन्म 6 ई.शा .पूर्व में बेथलेहम में हुआ था और उसका जन्म एक अस्तबल में हुआ था उन्होंने बहुत छोटे से ही लोगों को सही राह दिखाने का कार्य किया इस तरह जब वो 12 वर्ष के हुए तो उन्होंने 12 आदमियों को चुना और उन्हें अपना प्रेरित बनाया ईसा मसीह ने कई चमत्कार भी किये जिसे ईश्वर का दूत नहीं बल्कि ईश्वर की संज्ञा दी गई है उन्ही की याद में क्रिसमस मनाया जाता है.

क्रिसमस की तैयारी और महोत्सव:- क्रिसमस की तैयारी ईसाई समाज के लोग 10-15 दिन पहले से ही करने लगते हैं घर की साफ सफाई की जाती है नए कपड़े खरीदे जाते हैं विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाए जाते हैं क्रिसमस डे के दिन चर्च को विशेष तौर पर सजाया जाता है चर्च में विभिन्न कार्यक्रम होते हैं जो कि न्यू ईयर तक चलते हैं ईसा मसीह के जन्म पर आधारित नाटक कराए जाते हैं गीत गाए जाते हैं अंताक्षरी खेली जाती है और भी कई कार्यक्रम होते है ईसाई समाज द्वारा कई जगहों पर जुलुस निकाले जाते हैं जिसमे प्रभु ईशु की झाकिया होती है ,चॉकलेट और केक बनाए जाते हैं।

बिना केक के तो क्रिसमस ही अधूरा रहता है उस दिन हर ईसाई परिवार में केक जरूर बनता है उसके साथी क्रिसमस ट्री को भी सजाया जाता है कई जगह पर क्रिसमस के एक दिन पहले गिरजाघरों में रात्रिकालीन प्रार्थना होती है जो कि रात 12:00 बजे तक चलती है ठीक 12:00 बजे लोग अपने रिश्तेदारों अपने दोस्तों इत्यादि को क्रिसमस की बधाई देने लगते हैं क्रिसमस वाले दिन सांता क्लॉस बच्चों को चॉकलेट और गिफ्ट देते हैं सभी क्रिसमस को बोहोत उत्साह और खुशी से मनाते हैं कहीं- कही पर अन्य धर्म के लोग भी चर्च में जाकर मोमबत्तियां जलाकर प्रार्थना करते हैं इस प्रकार क्रिसमस केवल ईसाई धर्म के लोग ही नहीं बल्कि सभी धर्मों के लोग मनाते है .

उपसंहार:- क्रिसमस का त्योहार पूरे विश्व में बड़े उल्लास और उमंग से मनाया जाता है उस दिन सभी ईसाई धर्म के लोग भगवान ईसा मसीह के सामने अपनी की हुई गलतियों की क्षमा प्रार्थना करते हैं ,कहा जाता है कि ब्रिटिश काल में उस समय बिट्रिश जब क्रिसमस मनाते थे तो 15 दिन के लिए स्कूल और कॉलेज की छुट्टी रहती थी ,और सभी हिंदू और मुसलमान अंग्रेजों के यहां तोहफे भेजते थे इस प्रकार क्रिसमस का त्योहार ब्रिटिश काल से लेकर आज तक हमारे देश में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

#2. [600-750 words] 25 दिसंबर क्रिसमस डे पर निबंध-christmas essay in hindi

सभी पर्व ओर त्योहार परस्पर प्रेम,भाईचारा, मेल मिलाप का संदेश देता हूं दूसरे शब्दों में सभी पर्वो ,त्योहार से हमे सदाचार ,सहानुभूति,परस्पर सहयोग और मानवता की भावना प्राप्त होती है।यह ध्यान देने की बात हैं।कि कोई भी पर्व या त्योहार चाहे स्वदेशी हो या विदेशी हो,चाहे गरीब हो या अमीर वर्ग का क्यों ना हो,उसमे उपर्युक्त विशेषता ओर श्रेष्ठता अवश्य होती है।

क्रिसमस 25 दिसम्बर का पर्व या त्योहार -पर्व है। जिसे न केवल ईसाई धर्म के अनुयायी या समर्थक ही मनाते है, अपितु इसे टी विशव के प्रायः सभी धर्मो ओर सम्प्रदाय के लोग मनाते है। इस प्रकार बिना किसी भेदभाव के पूरे विशव में मनाया जाता है।इसे बिना कोई भेदभाव के मनाने का एक कारण यह भी है।यह त्योहार ईसामसीह जी के जन्मदिन के उपलक्ष में मनाया जाता है।जिन्होंने मानवता का संदेश पूरे विशव को दिया।ईसामसीह ने भेदभाव को मिटाने के लिए अपने प्राणों की भी चिंता नही की।

यो तो ईसामसीह के विषय मे अनेक लोकमत है,तथापि यह सर्वमान्य मत है।कि उनका जन्म 25 दिसम्बर की रात को 12 बजे बेथलम शहर की एक गौशाला में हुआ था।देवदूतों के संदेश से लोगों ने इन्हें महापुरुष के रूप में स्वीकार कर लिया ।लोगो ने यह मान लिया की इन्हें परमात्मा ने यहुदियों से मुक्ति दिलाने के लिए इस धरती पर भेजा है।यहूदियों के बढ़ते हुए अत्याचारों ने ईसामसीह को बहुत बड़ी-बड़ी यातनाएं दी।फिर भी ईसामसीह अपने दृढ़ निश्चय से तनिक भी टस से मस नही हुए।

ईसामसीह जे दृढ़ निश्चय को देखकर क्रूर यहूदियों ने उन्हें समाप्त कर देने के लिए अनेक कठोर कदम उठाए।ईसामसीह ने उनसे स्पष्ट रूप से कह दिया-“-यदि तूम मुझे मार डालोगे तो,में तीसरे दीन फिर से जी उठूँगा” अंतः ईसामसीह को शुक्रवार को सूली पर चढ़ाया दिया गया।इसलिये शुक्रवार को ईसाई धर्म के लोग गुडफ्राइडे के रूप में मनाते है।यह शोक पर्व के रूप में ईसाइयों के द्वारा मनाया जाता है।गुडफ्राइडे का भी ईसाई धर्म मे बहुत बड़ा स्थान है।

क्रिसमस का त्योहार पूरे विशव में बड़े ही पवित्र भाव से ईसामसीह कर जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।यह उनके प्रति सच्चई श्रधा भाव रखकर मनाया जाता है।इस प्रकार क्रिसमस का त्योहार एक ऐसा व्यापक और विस्तृत प्रभाव रखने वाला पर्व है,जो गांव-शहर,देश विदेश में बड़े आनंद ओर उत्साह के साथ मनाया जाता है।क्रिसमस का प्रभाव बड़े ही जोरदार रूप में होता है।इसके आने की प्रतीक्षा बहुत पहले से ही कि जाने लगती है।धीरे -धीरे जैसे- जैसे यह करीब आता है।वैसे-वैसे ही इसकी तैयारी में तेजी आने लगती है।इसके साथ ही साथ लोंगो में उत्साह और उत्सुकता की तरंगों में व्रद्धि लगातार होने लगती है।

क्रिसमस की तैयारी में लगे लोग अपने ;अपने घरों,स्थानो ओर दैनिक उपयोग में आने वाली वस्तुओं की सफाई-सजावट करने में कोई कसर नही छोड़ते है।क्रिसमस के आ जाने पर लोंगो की खुशी का ठिकाना ही नही रहता।सुबह-सुबह ईसाई धर्म को मॉनने वाले ओर इसके समर्थक ईसामसीह के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति -भावना प्रकट करने के लिए गिरिजाघर में जाते है।वहाँ जाकर ईसामसीह के लिए प्राथना बड़े ही पवित्र मन से किया करते है।दिन-भर मिठाई एक दुसरे को बाटते है।मिठाई बाटने का कार्यक्रम अनेक स्थानों पर आयोजित किये जाते है।अपनी शक्ति और सामर्थ्य के साथ लोग अपने घरों में अपने रिश्तेदारों और मित्रो को आमंत्रित करते है।उन्हें सम्मानपूर्वक दावत देते है।मिठाई खिलाते है।फिर उनके साथ अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करते है।इसके बाद उन्हें सम्मानपूर्वक विदा करते है।

क्रिसमस के दिन लोंगो का उत्साह लगातार बढ़ता ही जाता है।क्रिसमस की शाम को क्रिसमस की खुशी में जगह-जगह प्रीतिभोज का आयोजन किया जाता हैं।इसमें सभी धर्म और सम्प्रदाय के लोग इसमें शामिल होते है।मध्य रात्रि से लेकर दूसरे दिन सायंकाल में लोग राग रंग में डूबे रहते है।और अत्यधिक प्रसन्नता का अनुभव करते है।संगीत,नाच,कला प्रदर्शन,चारो ओर ही दिखाई देता है।क्रिसमस के दिन ईसामसीह के प्रति सच्चे निष्ठावान ओर सच्चे श्रद्धालु अपने घर के किसी मुख्य भाग में क्रिसमस ट्री लगाते है।इसे चमकीले पेपर,रंगबिरंगे सुनहरे तारो,खिलोनो फलों तथा मिठाई ओर चाकलेट से इसे सजाते है।

इस ट्री के चारो ओर वहां पर उपस्थित लोग परिक्रमा करते हुए ईसामसीह की पवित्र भावना के साथ प्राथना करते है।वे गीत और वादन के साथ सभी जे लिए सुख,ओर सम्रद्धि की शुभकामनाएं किया करते है।इस समय बच्चों के मनोभाव ओर अधिक रोचक दिखाई देता है।वे इस समय सांता क्लोस के आने का बड़ी बेसब्री से प्रतीक्षा करते है।उनको पूरा विशवास होता है कि सांता क्लोस उनके लिए विभिन्न प्रकार के खिलौने ओर उपहार लेकर अवश्य आएंगे।

क्रिसमस का त्याहार हमारी सोई हुई नैतिकता, मानवता ओर सच्चाई-ईमानदारी को जगाता है।इसलिए हमें इसे ईसामसीह जे प्रति अपने पवित्र भावनाओं को रखते हुए खूब उल्ल्लास ओर सदभावनापुर्वक परस्पर सहानुभूति को रखते हुए मनाना चाहिए।

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क्रिसमस पर निबंध-Essay on Christmas In Hindi

essay about christmas in hindi

Christmas Essay In Points

1. क्रिसमस को ईसा मसीह यीसू के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है यीसू जी का जन्म 25 दिसम्बर को ठीक रात के बारह बजे हुआ था। 2. क्रिसमस की महिमा बहुत ऊँची होती है इसी वजह से इसे बड़ा दिन कहा जाता है। 3. क्रिसमस ईसाइयों का त्यौहार है यह पूरे विश्व में 25 दिसंबर को धूम-धाम से मनाया जाता है। 4. 24 दिसम्बर की रात को 12 बजे 25 दिसम्बर के दिन की शुरुआत होते ही सारे गिरजाघरों के घंटे बजने लगते हैं। उसके बाद सभी गिरजाघरों में प्रार्थना सभाएँ होती हैं। इन प्रार्थना सभा में सभी लोग प्रार्थना करते हैं और एक-दुसरे को बधाई देते हैं और इस पर्व को शुरू करते हैं। 5. इसे प्रभु ईसा के जन्मदिन पर मनाया जाता है, ये ईसाइयों के भगवान है जिन्होंने ईसाई धर्म की शुरुआत की। 6. इस दिन सभी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, कार्यालय और दूसरे सरकारी और गैर-सरकारी संस्थान आदि बंद रहते है। पूरे दिन ढेर सारे क्रिया-कलापों द्वारा क्रिसमस अवकाश के रुप में लोग इसका आनन्द उठाते है। 7. क्रिसमस का त्यौहार व्यापारियों के लिए सबसे ज्यादा मुनाफा वाला समय होता है। इस दौरान लोग बहुत जादा खरीददारी करतें हैं जिससे व्यापारियों को बहुत मुनाफा होता है 8. क्रिसमस आनंद एवं खुशियों का त्यौहार है। इस दिन को लोग देर रात तक नृत्य-संगीत में झूम कर या मॉल और रेस्टोरेंट में जाकर मनाते है। 9. ईसाई धर्म के लोग प्रभु ईशू की पूजा भी करते है। इस अवसर पर ईसाई अपने मित्रों और निकट सम्बन्धियों को भोजन एवं पार्टी के लिए आमंत्रित करते है। यह लोगों को आपस में एक होने का त्यौहार है। 10. क्रिसमस आने से कुछ दिन पहले ही लोग घरों को सजाने और साफ-सफाई करने में लग जाते हैं। 11. 24 तारीख को ही रात को ईसा मसीह के आने की ख़ुशी में घरों को रौशनी से जगमगा देते हैं। 12. इस दिन स्त्री , पुरुष , बच्चे और वृद्ध सभी लोग अपने समर्थ के अनुसार नये कपड़े बनवाते हैं। 13. इस दिन घर में नए सामान को लाने की भी परम्परा है। 14. इस दिन घरों में मिठाईयां और अच्छे-अच्छे स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते हैं और इस दिन के अवसर पर एक-दुसरे के घर में मिठाईयां बांटी जाती हैं। 15. इस दिन लोग घर-घर जाकर और गाने गाकर इस शुभ संदेश को देते हैं। 16. इस दिन बच्चे बड़े प्यार से सेंटाक्लॉंस को बहुत अधिक याद करते हैं। लोग सेंटाक्लॉंस बनकर बच्चों को गिफ्ट देते हैं जिससे बच्चे बहुत खुश हो जाते हैं। 17. क्रिसमस को मनाने का मूल उद्देश्य महान युवक ईसा मसीह जी को याद करना है जो दया, प्रेम, क्षमा और धैर्य के अवतार माने जाते थे।

Christmas Essay In Details

भूमिका : संसार में कुछ त्यौहारों को महान पुरुषों के जन्म दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। बड़े दिन को ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। धरती पर प्रभु यीसू के जन्म की खुशियों में यह पर्व सारे विश्व में मनाया जाता है। दीन-दुखियों के दर्द को समझने वाले इस महान पुरुष के जन्मदिन को 25 दिसम्बर को मनाया जाता है।

तात्पर्य व स्वरूप : प्रभु यीसू के जन्मदिन को बड़ा दिन या क्रिसमस के रुप में मनाया जाता है। अगर देखा जाये तो यह दिन महत्व की दृष्टि से सबसे बड़ा होता है। बड़े दिन की महिमा बहुत ऊँची होती है इसी वजह से इसे बड़ा दिन कहा जाता है। आज के दिन प्रभु यीसू का जन्म होने की वजह से यह दिन सबके लिए बहुत सौभाग्य का दिन था। इस दिन को पूरे संसार में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

बाइबल की कथा : बाइबिल की कथा के अनुसार नाजरेथ नगर में एक युसूफ नामक के व्यक्ति रहते थे। उनके साथ मरियम नामक लडकी की सगाई हुई थी। एक दिन सपने में एक दूत ने मरियम से कहा था कि आप पर प्रभु की कृपा है। आप गर्भवती होंगी और एक पुत्र को जन्म देंगी जिसका नाम ईसा रखा जायेगा।

वे बहुत महान होंगे और उन्हें प्रभु के पुत्र के नाम से जाना जायेगा। कुछ समय के बाद वहां के शासक ने जनगणना का आदेश दिया था। जब युसूफ और मरियम वैतलहम में नाम लिखवाकर वापस लौट रहे थे तो मरियम को प्रसव पीड़ा होने लगी।

मरियम ने घोड़ों के तबेले में संसार के महान बालक ईसा को जन्म दिया था। वह चरवाहों का क्षेत्र था। वहाँ पर चरवाहे रात के समय अपने जानवरों की सुरक्षा के लिए जागे रहते थे। एक स्वर्गदूत ने उन चरवाहों से कहा कि वैतलहम में तुम्हारे मुक्तदाता ईसा मसीह का जन्म हो चुका है।

उसने कहा कि तुम्हे लड़का कपड़े और चीरना में लेटा हुआ मिलेगा। उसी को मसीह समझो। चरवाहे स्वर्गदूत से डर गये थे लेकिन उसकी घोषणा पर बहुत खुश हुए थे। वे सब उसी समय वैतलहम के लिए चल दिए उन्होंने मरियम, युसूफ और बालक को देखा था।

बालक का जन्म : एक बार राजा के आदेश से जनगणना के लिए मरियम और उसके मंगेतर युसूफ दोनों वैतलहम नामक शहर में आये। वहाँ के सभी सराय और घर भर चुके थे इसलिए मरियम को एक गरीब आदमी ने एक जानवरों के रहने के स्थान में जगह दी थी, उसी जगह पर यीसू का जन्म हुआ था।

इस तरह से यीसू का जन्म किसी राजमहल में नहीं हुआ था बल्कि एक ऐसी जगह पर हुआ था मनुष्य के रहने के लिए नहीं बल्कि जानवरों के रहने के लिए थी क्योंकि संसार के प्रभु ने गरीबी में जन्म लेना अच्छा समझा होगा। जिस दिन यीसू का जन्म हुआ था उस दिन आकाश में एक तारा उदित हुआ था।

यीसू को गरीबों का हित करके गरीबों के दर्जे को उपर उठाना था। इसी वजह से इस महान मानव के इस दुनिया में आने की ख़ुशी में 25 दिसम्बर को बड़े दिन के रूप में मनाया जाता है। लेकिन यह पर्व सिर्फ ईसाई ही नहीं बल्कि हर जाति और घर्म के लीगों के लिए बहुत ख़ुशी का दिन है।

नामकरण : जन्म के आठवें दिन उस बालक का नाम जीसस क्राईस्ट और यीसू रखा गया था वो बाद में ईसा मसीह जी के नाम से जाने जाने लगे थे। वह बालक दिव्य था। उस बालक ने सिर्फ 12 साल की उम्र में ही शास्त्रार्थ में बड़े-बड़े ज्ञानियों को परास्त कर दिया था।

ईसा मसीह जी के बहुत से साल पर्यटन , चिन्तन-मनन और ओ एकांतवास में बीते थे। कई सालों की अथक तपस्या के बाद ही ईसा मसीह जी अपनी शुद्ध आत्मा के साथ गलीलिया लौटे थे। ईसा मसीह जी का यश पुरे देश में सुगंध की तरह फ़ैल गया था। वे सभागारों के बीच ज्ञानवर्धक और शिक्षाप्रद उद्बोधन देने लगे थे।

दीन-दुखियों का सहायक : ईसा मसीह जी ने अनेक दुःखियों, रोगियों और पीड़ितों के दुखों को दूर किया था और उन्हें सांत्वना प्रदान की थी। ईसा मसीह जी ने अज्ञानियों को ज्ञान दिया था और अंधों को आँखें दी थीं। सभी लोगों ने इस बात पर पूर्ण विश्वास कर लिया था कि ईसा मसीह जी प्रभु के पुत्र हैं।

ईसा मसीह जी ने अपने समय में अन्चारों और पापों से देश को मुक्त किया था और गिरजाघरों को भी पवित्र करवाया था। ईसा मसीह जी ने दूसरों के दुखों को दूर करने के लिए खुद को सूली पर चढ़ा दिया था। वे दूसरों को हमेशा खुश रहने की प्रेरणा देते थे। पाप तथा पुन्य के बीच के अंतर को भी उन्होंने बहुत ही अच्छी तरह से समझाया था।

विरोधी : जिस तरह से ईसा मसीह जी का प्रभाव बढ़ता जा रहा था इस बात से तत्कालीन राजा बहुत चिंता में पड़ गये थे। उन्होंने जलन की वजह से ईसा को अपराधी बनाकर सभा में पेश करवाया। सभाध्यक्ष ईसा को निर्दोष मानकर उन्हें बन्धनमुक्त कराना चाहते थे।

सभाध्यक्ष के सामने कोई भी विकल्प नहीं था। उसने ईसा को सैनिकों के हवाले कर दिया था। ईसा मसीह जी को क्रूस का दंड दिया गया था। उनके सर पर काँटों का किरीट और हाथ-पांव पर कीलें थीं। ईसा मसीह जी के अंगों से खून बहने लगा था। ईसा जी को इस दशा में देखकर जनता बुरी तरह से रोने लगी थी। ईसा जी ने लोगों को सांत्वना दी थी। शुक्रवार को ईसा मसीह ने अपने प्राणों को त्यागा था।

त्यौहार का मनाना : क्रिसमस आने से कुछ दिन पहले ही लोग घरों को सजाने और साफ-सफाई करने में लग जाते हैं। ईसा मसीह जी के बाद उनके शिष्यों ने इस दिन को बहुत ही ख़ुशी के साथ मनाने लगे थे। तभी से यह पर्व हर साल 25 दिसम्बर को यीसू जन्म दिवस के रूप में मनाने की परम्परा बन गयी थी। जब 24 दिसम्बर की रात को 12 बजे जब 25 दिसम्बर के दिन की शुरुआत होती है तब सरे गिरजेघरों के घंटे बजने लगते हैं।

ये घंटे बजकर ख़ुशी का शुभ संदेश देते हैं। घंटों की ध्वनि के साथ सब श्रद्धालुओं के ह्रदय के तार आह्लाद के साथ झंकृत हो जाते हैं। गिरजाघरों के घंटों की यह ध्वनि प्रभु यीसू के जन्म का संदेश देती है। उसके बाद सभी गिरजाघरों में प्रार्थना सभाएँ होती हैं। इन प्रार्थना सभाओं में सभी जन शामिल होते हैं।

इन प्रार्थना सभा में सभी लोग प्रार्थना करते हैं और एक-दुसरे को बधाई देते हैं और इस पर्व को शुरू करते हैं। 25 दिसम्बर के शुरू होते ही यह त्यौहार मनाना शुरू हो जाता है। क्योंकि यह धारणा है कि ईसा मसीह का जन्म ठीक रात के बारह बजे हुआ था। यह दिन बहुत ही शुद्ध और पवित्र होता है।

खासकर ईसाई लोग 25 दिसम्बर को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। 24 तारीख को ही रात को ईसा मसीह के आने की ख़ुशी में घरों को रौशनी से जगमगा देते हैं। इस दिन स्त्री , पुरुष , बच्चे और वृद्ध सभी लोग अपने समर्थ के अनुसार नये कपड़े बनवाते हैं। इस दिन घर में नए सामान को लाने की भी परम्परा है।

इस दिन घरों में मिठाईयां और अच्छे-अच्छे स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते हैं। इस दिन के अवसर पर एक-दुसरे के घर में मिठाईयां बांटी जाती हैं। इस दिन सभी घरों में बहुत चहल-पहल होती है। गिरजाघरों की शोभा का अनुमान भी नहीं लगाया जा सकता है। इस दिन लोग घर-घर जाकर और गाने गाकर इस शुभ संदेश को देते हैं।

प्रेम व बन्धुत्व का पर्व : बड़ा दिन प्रेम और प्यार का दिन होता है जो सब लोगों को ईसा के प्यार का संदेश देता है। इस दिन लोग घर-घर जाकर एक-दुसरे को बधाई देते हैं। अन्य धर्म के लोग भी अपने ईसाई भाईयों को बड़े दिन की बधाई देने के लिए उनके घर जाते हैं और उनके गले मिलते हैं।

इस दिन ईसा मसीह जी ने धरती पर आकर सभी को प्यार का संदेश दिया था। उन्होंने पृथ्वी पर दुखी आत्माओं को प्यार की अमृत बूंद से शांति दी थी। इस दिन बच्चे बड़े प्यार से सेंटाक्लॉंस को बहुत अधिक याद करते हैं। लम्बे बालों , सफेद लम्बी दाड़ी और रंग-बिरंगे वस्त्र पहनने वाले सेंटाक्लॉंस इस दिन सभी को उपहार देने जरुर आते हैं। भूत से लोग सेंटाक्लॉंस बनकर बच्चों को गिफ्ट देते हैं जिससे बच्चे बहुत खुश हो जाते हैं।

उपसंहार : क्रिसमस को मनाने का मूल उद्देश्य महान युवक ईसा मसीह जी को याद करना है जो दया, प्रेम, क्षमा और धैर्य के अवतार माने जाते थे। विश्व में ईसा मसीह जी के जन्म से दिव्य संदेश से विश्व शांति की प्रेरणा मिलती है।

इस पर्व का फल तभी सफल होगा जब लोग इसके संदेशों को अपने जीवन में अपनाएंगे। ईसा मसीह जी ने लड़ना नहीं सिखाया था , उन्होंने जोड़ना सिखाया था, प्यार करना सिखाया था , और सबको सहनशीलता का पथ भी पढ़ाया था। हम सब लोग प्रभु यीसू को श्रद्धापूर्वक नमन करते हैं।

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Essay on christmas in hindi क्रिसमस पर निबंध हिंदी में.

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Essay on Christmas in Hindi 200 Words

क्रिसमस पर निबंध

क्रिश्चयन के लिए क्रिसमस एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार हैं, हालांकि दुनिया भर के अन्य धर्मों के लोगों द्वारा भी यह मनाया जाता है। यह एक प्राचीन त्यौहार है जो सर्दियों के मौसम में वर्षों से मनाया जाता है। यह हर साल 25 दिसम्बर को पड़ता हैं। यह यीशु मसीह की जयंती पर मनाया जाता है। क्रिसमस की मध्य रात में सांता क्लॉस द्वारा परिवार के सभी सदस्यों में उपहार वितरित करने की एक बड़ी परंपरा है। सांता रात में हर किसी के घर जाता है और सभी बच्चों को विशेष रूप से मजेदार उपहार देता है। बच्चे उत्सुकता से इस दिन और सांता के उपहार की प्रतीक्षा करते हैं। वे अपने माता-पिता से पूछते हैं कि कब सांता आएगा और आखिरकार उनकी प्रतीक्षा 12 बजे खत्म होती है कई उपहारों के साथ।

परिवार के सदस्यों, दोस्तों, रिश्तेदारों और पड़ोसियों को मिठाई, चॉकलेट, ग्रीटिंग कार्ड, क्रिसमस पेड, सजावटी चीजे आदि जैसे उपहार देने की परंपरा भी है। लोग बड़े जुनून के साथ महीने की शुरूआत में ही तैयारी शुरू करते है। प्रत्येक व्यक्ति गायन, नृत्य, पार्टी और एक दूसरे के साथ बैठक करके क्रिसमस की छुट्टियों का आनंद लेता हैं। यीशु मसीह ईसाई धर्म के संस्थापक की जयंती पर इस उत्सव का जश्न क्रिश्चयन लोग मनाते हैं। लोग मानते हैं कि मानव जाति को बचाने के लिए यीशु मसीह को पृथ्वी पर भेजा गया था।

Essay on Christmas in Hindi 300 Words

क्रिसमस ईसाइयों का प्रमुख त्योहार है। जिसे ईसाई समुदाय द्वारा ठंड के मौसम में मनाया जाता है। ईसाई समुदाय के लोग इस त्योहार को बहुत धूमधाम और हर्षोउल्लास के साथ मनाते हैं। यह त्योहार हर वर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है। इसी दिन प्रभु ईसा मसीह का जन्म हुआ था। जिन्हें हम जीसस क्राइस्ट भी कहते हैं। इस दिन का ईसाई लोग बड़ी बेसब्री से प्रतीक्षा करते हैं।

यह त्योहार विश्वभर में फैले हुए ईसा मसीह के करोड़ों अनुयायियों के लिए पवित्रता का संदेश लाता है तथा ईसा मसीह द्वारा बताए हुए मार्गों व उच्च आदर्शों पर चलने के लिए प्रेरित करता है।

इस त्यौहार पर सभी एक सांस्कृतिक अवकाश का लुफ्त उठाते है तथा इस दिन सभी सरकारी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, कार्यालय आदि अवकाश रहता है। ताकि इस त्यौहार को धमधाम मना सकें। वैसे कई स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, कार्यालयों में भी ये त्यौहार मनाया जाता है।

इस उत्सव को लोग बहुत उत्साह और ढेर सारी तैयारीयों तथा सजावट के साथ मनाते है। सभी लोग अपने-अपने घरों और गिरजाघरों को सजाते हैं। सभी अपने घरों में क्रिसमस ट्री रखते हैं और इसे रंगबिरंगे सितारों से सजाते हैं। क्योंकि 24 दिसम्बर को ठीक अधरात्रि (आधी रात) के बाद अर्थात 25 दिसम्बर को ईसा मसीह का जन्म हुआ था| रात्रि के ठीक 12 बजे लोग गिरजाघरों में प्रार्थना के लिए जाते हैं। उसके बाद क्रिसमस का त्यौहार शुरू हो जाता है। रात्रि 1 बजे से 25 दिसम्बर को बड़ा दिन शुरू हो जाता है। सभी ईसाई अनुयायी एक दूसरे को क्रिसमस की बधाई देते है और मिठाई खिलाते हैं। इस त्यौहार का बच्चे भी बेसब्री से इंतज़ार करते हैं क्यूंकि क्रिसमस के पर्व के दिन सांताक्लॉज आते हैं जो बच्चों को ढेर सारा उपहार देते है। सांताक्लॉज को देख बच्चे बहुत प्रसन्न होते है। यह पर्व हमें सच्चाई और सदभावना के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

Essay on Christmas in Hindi 400 Words

सोचिए, किसी दिन आप सुबह नींद से जागें और आपके तकिए के नीचे लाल-हरी चमकीली पन्नी में लिपटा कोई तोहफा रखा हो। स्कूल की छुट्टी हो, केक, चॉकलेट्स और स्वादिष्ट पकवान खाने को मिलें और पूरा घर सुंदर झालरों और बल्बों से सजा हो। ठीक ऐसा ही होता है, 25 दिसंबर यानी क्रिसमस के दिन! यह दिन पूरी दुनिया में जीसस क्राइस्ट के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह ईसाइयों के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। भारत में इसे ‘बड़ा दिन’ भी कहते हैं। नए टेस्टामेंट में एक कहानी है। प्रभु ने मैरी के पास अपने देवदूत गैब्रियल को भेजा। गैब्रियल ने मैरी को बताया कि वह प्रभु के पुत्र जीसस को जन्म देगी। वह बड़ा होकर राजा बनेगा और उसके राज्य की कोई सीमा नहीं होगी।

एक दिन बेथलेहेम जाते समय मैरी ने आधी रात को एक अस्तबल में जीसस को जन्म दिया। इसलिए क्रिसमस समारोह आधी रात के बाद शुरू होता है। माना जाता है कि ईश्वर ने इस संसार को बनाया है। और वे अपने दूतों के जरिए लोगों को संदेश देते हैं। जीसस भी ईश्वर के एक ऐसे ही दूतं माने जाते हैं। उन्होंने लोगों को बताया कि ईश्वर सभी से समान रूप से प्यार करते हैं और हमें भी सबसे प्यार और सबकी मदद करनी चाहिए। यही ईश्वर की सच्ची सेवा है। क्रिसमस का त्योहार हमें यही संदेश देता है।

माना जाता है कि सबसे पहले क्रिसमस रोम में मनाया गया था। क्रिसमस की तैयारियाँ कई दिन पहले से ही शुरू हो जाती हैं। घर और दुकानें सजाई जाती हैं। तरह-तरह के केक, मिठाइयाँ बनाए जाते हैं। घरों में क्रिसमस ट्री लगाने और उसे खूब सुंदर सजाने का भी रिवाज है। चर्च में मोमबत्तियाँ जलाकर सामूहिक प्रार्थना की जाती है। नए कपड़े पहन बच्चे ड्रम्स और बाजों के साथ चमकीली छड़ियाँ थाम नृत्य करते हैं। सेंट बेनेडिक्ट यानी हमारे प्यारे सांता क्लॉज लाल और सफेद कपड़ों में रेडियर पर सवार होकर आते हैं और सब बच्चों के लिए उपहार लाते हैं। लोग एक-दूसरे को केक और उपहार बाँटते हैं। यह त्योहार सुख, शांति और खुशहाली का प्रतीक है।

Essay on Christmas in Hindi 500 Words

‘क्रिसमस’ ईसाइयों का प्रसिद्द त्यौहार है। यह 25 दिसंबर को प्रति वर्ष सम्पूर्ण विश्व में धूमधाम से मनाया जाता है। क्रिसमस का त्यौहार ईसा मसीह या जीसस क्राइस्ट के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। ईसा मसीह ईसाई धर्म के प्रवर्तक हैं। ईसाई लोग उन्हें परमपिता परमेश्वर का पुत्र और ईसाई त्रिएक परमेश्वर का तृतीय सदस्य मानते हैं। ईसा मसीह को इस्लाम के अज़ीम तरीन पेगमबरों में से एक माना जाता है। वे संसार के दीन-दुखियों का दुःख दूर करने तथा ईश्वर के वास्तविक स्वरूप को दूसरों के समक्ष प्रकट करने हेतु अवतरित हुए थे। प्रारंभ में उन्हें अनेक कठिनाइयाँ का सामना करना पड़ा परंतु धीरे-धीरे उनके अनुयायियों की संख्या बढ़ने लगी। उन्होंने अपने उपदेशों के माध्यम से संसार में व्याप्त अंधविश्वास, अज्ञानता, दुख आदि को दूर करने का प्रयास किया।

ईसा मसीह के बारे में कहा जाता है कि यहूदियों को ईसा की बढ़ती लोकप्रियता से तकलीफ होने लगी। उन्हें लगने लगा कि ईसा उनसे सत्ता छीन सकते है इसलिए साजिश के तहत इन्हें सूली पर चढ़ा दिया गया। ईसाइयों का विश्वास है कि प्रभु ईसा मसीह अपने कथनानुसार तीसरे दिन पुनः जीवित हो गए थे। उन्होंने बड़े-बड़े चमत्कार किए, जो किसी इंसान के बस की बात नहीं क्योंकि ऐसा करने की शक्ति उसे परमेश्वर से मिली थी।

यह ईसाई समुदाय का सबसे बड़ा और खुशी का त्योहार है, इस कारण इसे बड़ा दिन भी कहा जाता है। ईसाई समुदाय के लिए इस त्योहार का वही महत्व है जो हिंदुओं के लिए दशहरा तथा दीपावली का है। इस दिन सभी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, कार्यालय आदि में अवकाश होता है। इस उत्सव के आगमन से पहले ही लोग खूब तैयारीयों के साथ अपने घरों और चर्च आदि को सजाते है। लोग डिनर पार्टी की तैयारी करते है। इस खास मौके पर ढेर सारे लजीज़ व्यंजन, मिठाई, आदि बनाकर डाईनिंग टेबल पर लगाते है। सभी लोग रंग-बिरंगे कपड़े पहनते है, नृत्य करते है, गाते है, और धूमधाम के साथ खुशी मनाते है। इस त्योहार पर ‘क्रिसमस-ट्री’ सजाने का विशेष महत्व है । यूरोपीय देशों में तो इसकी सजावट व भव्यता देखने लायक होती है। परिवार के सभी सदस्य इस दिन ‘क्रिसमस-ट्री’ के चारों और एकत्रित होते हैं। सभी मिलकर प्रभु ईसा मसीह का स्तुतिगान तथा प्रार्थना करते है और अपनी सभी गलतियों के लिये माफी माँगते है, तथा ठीक 12 बजे एक-दूसरे को केक खिलाकर त्यौहार की बधाई देते हैं। बच्चो के लिए यह दिन ओर बेहतरीन बनाने के लिए सांता आता है और उनमे कई तरीके की मिठाई तथा उपहार बाट के जाता है।

प्रभु ईसा मसीह ने सादा जीवन व्यतीत करते हुए भी जो उच्च आदर्श इस संसार के सम्मुख रखे हैं वे आज भी अनुकरणीय हैं तथा आने वाले समय में भी अनुकरणीय रहेंगे। ईसा मसीह ने अपना सर्वस्व परमेश्वर के लिए समर्पित कर दिया था। संसार में व्याप्त दुख, विषमताओं तथा अज्ञानता को दूर करने के लिए वे सदैव प्रयासरत रहे।

यह त्योहार सभी के हृदयों में पवित्रता की भावना लाता है तथा हमें प्रेरित करता है कि अनेक कठिनाइयों का सामना करने पर भी हमें सत्मार्ग का त्याग नहीं करना चाहिए तथा दूसरों को भी इसी मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

Essay on Christmas in Hindi 600 Words

रूपरेखा : ईसा मसीह का जन्मदिन, ईसा का जीवन, ईसा का अलौकिक रूप, विश्व भर में ईसाई धर्म का सबसे बड़ा त्योहार, क्रिसमस को मनाने का ढंग, क्रिसमस का वर्तमान रूप।

विश्व भर में ईसा मसीह का जन्मदिन ‘क्रिसमस’ नाम से जाना जाता है। ईसा मसीह का जन्म प्रतिवर्ष पच्चीस दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन ‘बड़ा दिन’ भी कहा जाता है।

ईसाइयों के धर्म-ग्रंथ ‘बाइबिल’ में ईसा मसीह की जन्मकथा विस्तार से वर्णित है। ‘बाइबिल’ के अनुसार नज़रेथ नगर (फिलिस्तीन) में यूसुफ़ नाम का एक व्यक्ति था, जिसके साथ मरियम नामक कन्या की मँगनी (सगाई) हुई थी। एक दिन मरियम को स्वर्ग-दूत ने दर्शन देकर कहा, आप पर प्रभु की कृपा है। आप गर्भवती होंगी, पुत्र रत्न को जन्म देंगी तथा नवजात शिशु का नाम ‘ईसा’ रखेंगी। वे महान होंगे। प्रभु के सर्वोच्च पुत्र कहलाएँगे।”

कुछ समय बाद वहाँ के शासक ने अपने राज्य में जनगणना के आदेश दिए। यूसुफ़ और मरियम ‘बेथेलहेम’ नगर में नाम लिखवाकर लौट रहे थे कि मार्ग में मरियम को प्रसव पीडा होने लगी। संयोग से एक सराय के मालिक ने उन्हें सराय में जगह दे दी। वहीं मरियम ने इस अदभर बालक को अस्तबल की चरनी (पशुओं के लिए चारा डालने वाली जगह) में जन्म दिया। मरियम को स्वर्ग-दत से मिला संदेश सच निकला। बालक ईसा के जन्म का पवित्र दिन क्रिसमस की खुशियों के साथ मनाया जाने लगा।

‘क्रिसमस’ विश्व भर के ईसाइयों का सबसे बड़ा त्योहार है। क्रिसमस के अवसर पर ईसा मसीह का समरण बड़े प्रेम और हर्ष के साथ किया जाता है। इस दिन क्रिसमस के स्तुतिगीत (केरॉल) गाते हुए लोग घर-घर पहुँचते हैं। बालक ईसा के जन्म पर स्वर्गाटनों ने जो गीत गया था। वही सबसे पहला ‘क्रिसमस कैरॉल’ माना जाता है।

क्रिसमस के अवसर पर ईसाई धर्मावलंबी अपने-अपने घरों में क्रिसमस पेड़ और क्रिसमस तारे की सजावट करते हैं। क्रिसमस पेड़ लगाने का प्रारंभ जर्मनी में हुआ था। ईसा मसीह के जन्म के समय प्रकट हुए तारे की स्मृति में तारा सजाया जाता है। चरनी का रूप बनाकर उस पर इसा और मरियम की मूर्तियाँ भी सजाई जाती हैं। विशेष प्रार्थनाओं और गीत-संगीत के कार्यक्रमों का भव्य आयोजन किया जाता है। ईसाई बंधुओं के घरों में क्रिसमस-केक बनाए जाते हैं, जिन्हें ये लोग मित्रों में भेंट स्वरूप बाँटते हैं।

क्रिसमस के दिन सारे विश्व के गिरजाघर अपनी अनोखी सजावट और रोशनी के कारण आकर्षण के केंद्र बन जाते हैं।

क्रिसमस के दिन नववर्ष के समान ही विश्व भर में ईसाई जन परस्पर शुभकामनाएँ भी प्रेषित करते हैं। अब क्रिसमस कार्ड का प्रयोग धीरे-धीरे समूचे विश्व में होने लगा है। यों तो सारे संसार में क्रिसमस का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, किंतु वेटिकन नगर में क्रिसमस का उत्सव अत्यंत आकर्षक होता है। यही कैथलिक ईसाइयों के सबसे बड़े धर्माधिकारी पोप का निवास स्थान है।

वस्तुतः क्रिसमस मनाने का मूल उद्देश्य ईसा मसीह का पावन स्मरण है, जो दया, प्रेम, क्षमा और धैर्य के अवतार थे। ईसा मसीह के दिव्य संदेश से हर व्यक्ति को विश्व शांति की प्रेरणा मिलती है।

मानवता के मसीहा का जन्मदिन दुनिया को करुणा और प्रेम के अपने संदेश से सदा अच्छा मानव बनने की प्रेरणा देता रहेगा – अभी दिलों में गूंज रहा है, क्रिसमस का पावन संदेश। ईसा सदा रहेंगे ज़िंदा, धर कर करुणा, प्रेम का वेश।

Essay on Christmas in Hindi 700 Words

भारत देश में अनेक जाति एवं धर्म के लोग रहते हैं। हमारा देश एक धर्मनिरपेक्ष देश है। इसमें किसी भी व्यक्ति को कोई भी धर्म अपनाने की छूट है। हिन्दू, मुसलमान, सिख, इसाई सभी भारत में रहते हैं। इतने सारे धर्म और जातियों के होने पर भारत में समय-समय पर पर्व एवं त्योहार मनाए जाते हैं। इन्हीं त्योहारों में क्रिसमस भी एक त्योहार है। क्रिसमस को बड़ा दिन भी कहा जाता है। यह त्योहार इसाइयों का एक पवित्र त्योहार है। जिस प्रकार हिन्दू समाज में जन्माष्टमी और रामनवमी का महत्व है, उसी प्रकार इसाई समुदाय में क्रिसमस का बहुत महत्व है। इसाई धर्म के लोग क्रिसमस को इसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाते हैं। यह त्योहार दिसम्बर महीने की 25 तारीख को प्रतिवर्ष मनाया जाता है। विश्व के अधिकतर देशे इस पर्व को मनाते हैं। इसकाई समुदाय बड़े हर्ष और उल्लास के साथ क्रिसमस का पर्व मानाता है।

इस मसीह का जन्म बेतलहंम में हुआ था। इनके पिता का नाम जोसफ और माता का सिमरियम था। इनके पिता ज़ाति से यहूदी थे और अपनी पत्नी मरियम के साथ आश्रय की तलाश में एक नगर से दूसरे नगर में भटक रहे थे। येरूशलम जाते हुए ये बेतलेहमाम गांव में थक गए।जहीं पर इसा मसीह का जन्म हुआ इसा मसीह के जन्म की खबर तीन धार्मिक पुरषो को मिली और ये खबर उन्हें एक दैवी शक्ति से प्राप्ति हुई। कहा जाता है कि आसमान में एक जगमगाता तारा उगा और तीनों महात्मा उस तारे का पीछा करते-करते इसा मसीह के जन्मस्थल पर पहुँच गए। उस अलौकिक बालक को देखते ही उन महात्माओं ने उसके चरणों में सिर झुका दिए। इसी दिन को इसा मसीह के जन्मदिन के रूप में आज भी इसाई धर्म के लोग मनाते हैं।

क्रिसमस के दिन लोग अपने-अपने घरों को सजाते हैं। घर की छतों और दरवाजों पर तारेनुमा लाइटें लगाते हैं। इस दिन दुनिया भर में दुकानें सजाई जाती हैं। इस दिन प्रात: काल होते ही लोग गिरजाघरों में जाकर प्रार्थना करते हैं। एक -दूसरे को भेंट और उपहार प्रदान करने हैं। लोग एक-दूसरे के घर जाकर मिठाईयाँ देते हैं। क्रिसमस का त्योहार बहुत ही हर्षोल्लास का उत्सव है। इस दिन लोग अपने-अपने घरों में क्रिसमस ट्री लगाते हैं और उसे तरह-तरह के खिलौनों और रोशनी से सजाते हैं। कहा जाता है कि इस दिन घर पर क्रिसमस ट्री लगाना शुभ होता है। लोग घरों में केक, बिस्कुट और तरह-तरह की मिठाइयाँ बनाते हैं। शाम के समय प्रीतिभोज का आयोजन होता है जिसमें परिवार के समस्त सदस्यों के साथ-साथ समस्त मित्रगण भी सम्मिलित किए जाते हैं। संगीत, नृत्य का आयोजन किया जाता है। शाम से ही सब लोग संगीत और नृत्य की मस्ती में झूम जाते हैं। चारों ओर ‘मेरी क्रिसमस’ और ‘जिंगल बेल’ की धुन सुनाई देती है। पूरा माहौल हर्षोल्लास में डूबा हुआ होता है।

बच्चों के लिए भी यह त्योहार बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। बच्चों को इस दिन सेंटाक्लाज का इंतजार रहता है, जो तरह-तरह के खिलौने और उपहार बच्चों के लिए लाते हैं। शहर की दुकानें और होटल पूरी तरह से जगमगा उठते हैं। बच्चे अपने माता-पिता के साथ घूमने जाते हैं। इसी दिन से विद्यालयों में सर्दी की छुट्टियां भी शुरू हो जाती हैं।

इसाई धर्म में यह क्रिसमस ही सबसे बड़ा त्योहार है जो साल में एक बार धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार सद्भावना को बढ़ावा देता है और आपसी रंजिश भुलाकर एक-दूसरे की सहायता करने का भाव जाग्रत कराता है। क्रिसमस का पर्व सुख और शांति का वाहक है। लोगों में प्रेमभाव को जाग्रत करना ही भगवान इसा मसीह के जीवन का लक्ष्य था। अत: यह त्योहार भी प्रेम भाव का ही संदेश देता है। आजकल यह त्योहार न सिर्फ इसाई समुदाय मनाता है अपितु समस्त जाति और धर्म के लोग इस त्योहार को प्रेम और हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।

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मेरा प्रिय त्योहार क्रिसमस पर निबंध My Favourite Festival Christmas Essay In Hindi

मेरा प्रिय त्योहार क्रिसमस पर निबंध My Favourite Festival Christmas Essay In Hindi प्रिय विद्यार्थियों आपका स्वागत है आज हम मेरा प्रिय क्रिसमस निबंध आपकों बताने जा रहे हैं.

क्रिसमस निबंध को आप कक्षा 1, 2, 3, 4,  5, 6, 7, 8, 9, 10 के स्टूडेंट्स को मेरे प्रिय त्योहार का निबंध याद करवा सकते हैं. 500 शब्दों में क्रिसमस पर दिया गया निबंध पढ़ते हैं.

Essay On My Favourite Festival Christmas In Hindi

मेरा प्रिय त्योहार क्रिसमस पर निबंध My Favourite Festival Christmas Essay In Hindi

हमारा भारत देश पर्वों एवं त्योहारों का देश है यहाँ सभी धर्मों के त्योहार एवं उत्सव बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं. क्रिसमस उन सबसे मेरा प्रिय त्यौहार हैं.

जो मानवता, एकता व भाईचारे का संदेश देता हैं. आज में आपके साथ स्टूडेंट्स के लिए क्रिसमस पर छोटा निबंध प्रस्तुत कर रहा हूँ. आर्टिकल शुरू करने से पूर्व आप सभी को  क्रिसमस  की हार्दिक शुभकामनाएं.

जिस तरह होली, दीपावली रक्षाबंधन हिन्दुओं के मुख्य त्योहार है इसी तरह क्रिसमस इसाई धर्म का सबसे बड़ा पर्व हैं. यह त्यौहार हर साल 25 दिसम्बर को मनाया जाता हैं.

इसाई धर्म इतिहास में इस दिन को बड़े दिवस की संज्ञा दी गई हैं. इसी दिन धर्म के संस्थापक ईसा मसीह का जन्म हुआ था. इसलिए यह एक ख़ुशी का पर्व हैं.

दुनियां में सबसे अधिक लोगों द्वारा मनाए जाने वाले क्रिसमस पर्व के अवसर पर सभी लोग अपने घरों को दुल्हन की तरह सजाते हैं.

कई महीने पूर्व से उत्सव को जोर शोर से मनाने की तैयारियां शुरू कर दी जाती हैं. इस अवसर पर लोग बाजार की ओर रूख करते हैं नयें कपड़ों मिठाइयों तथा उपहारों की खरीद की जाती हैं.

क्रिसमस के अवसर पर समूचा मोहल्ला खुशी के साथ पर्व मना रहा होता हैं. घर रोशनी से जगमगा उठते हैं. लोग एक दूसरे को इस पर्व की शुभकामनाएं देते हैं. इस दिन गॉड ईसा मसीह को समर्पित होती है इस दिन पूजा स्थलों पर विशेष प्रार्थना में लोग शामिल होते हैं.

शहर के नुक्कड़ चौराहों से प्रभु मसीह की झांकिया निकाली जाती हैं. क्रिसमस पर सभी घरों में अच्छे अच्छे पकवान बनाए जाते हैं. इस दिन हर इसाई के घर में एक क्रिसमस का पेड़ लगाया जाता है.

जो विभिन्न फूलों से सजा होता हैं इसे क्रिसमस ट्री कहा जाता हैं. लोग प्रभु के जन्मदिन को केक काटकर एक दूसरे को खिलाकर बड़े धूमधाम के साथ सेलिब्रेट करते हैं. इस दिन बड़े लोग एक मजाकिया मुखोटा धारण कर बच्चों को हैप्पी क्रिसमस कहकर चाकलेट आदि देते हैं.

इस अवसर पर सांता क्लॉज का विशेष महत्व हैं. सांता क्लॉज पर लोग सवार होकर बच्चों को क्रिसमस पर उपहार देते हैं. सांता क्लॉज सात हिरणों द्वारा बिना पहिये द्वारा खीची जाने वाली एक तरह की गाड़ी हैं. हर बालक को क्रिसमस पर सांता क्लॉज का इन्तजार रहता है.

क्योंकि इसके साथ ही उसे एक शानदार गिफ्ट भी मिलने वाला होता हैं. इसलिए लोग सांता क्लॉज की परम्परा का पालन करते हुए एक अनोखी वेशभूषा में आकर बच्चों को उपहार देते है.

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Home » Essay Hindi » Essay On Christmas In Hindi क्रिसमस डे पर निबंध

Essay On Christmas In Hindi क्रिसमस डे पर निबंध

Essay On Christmas In Hindi पोस्ट में क्रिसमस डे पर निबंध (Christmas Par Nibandh Hindi Mein) और सामान्य जानकारी है। भारत उत्सवों और त्यौहारों का देश है जहां पर विभिन्न धर्मों के लोग इन्हें सेलिब्रेट करते है।क्रिसमस ईसाई धर्म का एक प्रमुख त्योहार है। क्रिसमस का त्योहार ईसाई धर्म को मानने वाले बड़े ही हरसोउल्लास से मनाते है। प्रत्येक वर्ष 25 दिसम्बर को क्रिसमस का उत्सव मनाया जाता है। हिन्दू धर्म में दीवाली और इस्लाम धर्म में ईद का जितना महत्व है, उतना ही महत्व ईसाई धर्म में क्रिसमस पर्व का है।

स्कूल में टीचर बच्चों को क्रिसमस पर निबंध (Christmas Essay In Hindi) लिखने को देते है। तो आइए दोस्तों, क्रिसमस त्योहार पर निबंध लेखन का प्रयास करते है।

क्रिसमस डे पर निबंध Essay On Christmas In Hindi –

क्रिसमस का त्योहार ( Christmas Festival ) पूरी दुनिया में ईसाई समुदाय के लोग बड़े ही धूमधाम से मनाते है।क्रिसमस के दिन 25 दिसम्बर को ईसा मसीह का जन्म हुआ था। ईसाई धर्म के लोग ईसा मसीह के जन्म दिन को Christmas के नाम से मनाते है। इस दिन दुनिया के ज्यादातर देशों में नेशनल हॉलिडे रहता है। खासकर यूरोपियन देशों में क्रिसमस का पर्व भव्यता के साथ मनाया जाता है। भारत देश में भी क्रिसमस के दिन छुट्टी रहती है। कॉलेज, स्कूल, प्राइवेट सेक्टर, गवर्नमेंट सेक्टर इत्यादि जगहों पर सार्वजनिक अवकाश रहता है।

“Christmas” दो शब्दों “Christ” और “Mass” से मिलकर बना है जिनका अर्थ “ईसाई लोग” होता है। यह त्योहार सर्दियों के मौसम में आता है। ठंड का सुहावना मौसम बर्फ की चादर ओढ़े होता है। क्रिसमस के सप्ताह में जश्न का माहौल रहता है क्योंकि न्यू ईयर सेलिब्रेशन भी आता है। क्रिसमस को ईसाई “भोज दिवस” भी कहते है। ईसाई धर्म के लोग क्रिसमस डे को बड़ा दिन मानते है।

क्रिसमस का महत्व Importance Of Christmas In Hindi –

Essay On Christmas In Hindi – ईसाई समुदाय ईसा मसीह को ईश्वर का पुत्र मानते है। ईसाइयों के पवित्र ग्रंथ बाइबिल में ईसा मसीह के जीवन वर्त्तान्त और उपदेश है। ईसा मसीह मरियम के पुत्र थे जो ईश्वर की कृपा से बिना पिता के पैदा हुए थे। वो ईश्वर के दूत थे जिन्होंने ईश्वर के संदेशों को लोगो के बीच लाने का कार्य किया था। अपने सम्पूर्ण जीवन के दौरान ईसा मसीह ने लोगो को प्रेम, क्षमा और भाईचारे का पाठ पढ़ाया था।

प्रभु यीशु दीन हीन दुखियों की सेवा करते थे और उन्हें गम्भीर बीमारियों से निजात दिलाते थे। उस समय के बुरे लोगो ने ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया था। ईसा मसीह ने अपने आखिरी समय में भी इन लोगो को क्षमा कर दिया था।

क्रिसमस पर निबंध Christmas Par Nibandh Hindi Mein –

क्रिसमस का त्योहार (Christmas Day) अक्सर रात्रि को मनाया जाता है। इस दिन घरों को रोशनी से सजाया जाता है। इन दिनों में घरों पर फूलों की सजावट देखते ही बनती है। ईसाई चर्च में जाकर प्रार्थना करते है। रिश्तेदारों और दोस्तों के बीच उपहारों का आदान प्रदान होता है। इस दिन घर के बगीचे या आंगन में क्रिसमस ट्री सजाया जाता है। इस क्रिसमस ट्री में विभिन्न रंगों के इलेक्ट्रिक बल्ब लगाते है जिससे यह पौधा आकर्षक दिखाई पड़ता है। इस खूबसूरत पौधे पर टॉफियां, खिलोने इत्यादि भी लगाए जाते है। क्रिसमस ट्री एक शंकुधारी पौधा होता है जो खास क्रिसमस के अवसर पर सजाया जाता है।

ईसाई धार्मिक लोग क्रिसमस के दिन विभिन्न तरह के व्यंजन बनाते है। लोग अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को खाने की दावत देते है। खासकर घरों में केक काटकर प्रभु यीशु के जन्म दिन की बधाइयां दी जाती है। जैसे हिन्दू धर्म मे दीवाली के त्योहार पर घरों की साफ सफाई की जाती है, ठीक उसी तरह ईसाई क्रिसमस के त्योहार पर घरों की साफ सफाई करते है।

दुनिया के कई हिस्सों में क्रिसमस के दिन ईसा मसीह से संबंधित झांकिया निकलती है। प्रभु यीशु के जीवन पर नाटकों का मंचन किया जाता है। चर्च में विशेष प्रार्थना का दौर होता है। लोग चर्च आकर प्रभु यीशु से क्षमा याचना करके प्रार्थना करते है। गिरजाघरों को रोशनी और फूलों से सजाया जाता है। क्रिसमस के दिन लोग संगीत की धुनों पर नाचते और गाते है।

लोग इस दिन एक दूसरे को मैरी क्रिसमस कहकर बधाई देते है। व्हाट्सएप, ट्विटर और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मैरी क्रिसमस मैसेज का अंबार लग जाता है। ईसाई धर्म को मानने वाले एक दूसरे को मैरी क्रिसमस का ग्रीटिंग कार्ड भी भेजते है।

क्रिसमस का त्योहार पर निबंध Christmas Essay In Hindi –

पुरुष, महिला और बच्चें सभी इस पावन पर्व का इन्तेजार करते है। खासकर बच्चें क्रिसमस त्योहार का बेसब्री से इन्तेजार करते है। क्रिसमस के शुभ दिन सांता क्लॉज आते है। सांता क्लॉज बच्चों के लिए उपहार और मिठाइयां लाते है जिससे बच्चें खुश होते है। ऐसा माना जाता है कि सांता क्रिसमस के दिन बच्चों की मनचाही इच्छा पूरी करते है। बच्चों के लिए सांता क्लॉज स्वर्ग से रेनडियर के रथ पर सवार होकर मध्यरात्रि को आते है। वैसे दोस्तों सांता क्लॉज कोई जादुई व्यक्ति नही है, वो हमारे जैसे आम इंसान होते है। बच्चों की खुशी के लिए लोग सांता क्लॉज बनते है।

Essay On Christmas In Hindi – क्रिसमस का त्योहार ( Christmas Day ) मनाने की परंपरा सैकड़ो सालों से चली आ रही है। प्रेम और उत्साह का यह पर्व ईसाई समुदाय की भावना को प्रतीत करता है। क्रिसमस पर निबंध “Christmas Day Essay In Hindi” प्रतियोगिता पर यह लेख बच्चों के लिए जरूर उपयोगी साबित होगा।

अन्य उपयोगी निबंध –

  • दिवाली पर निबंध
  • होली पर निबंध
  • जन्माष्टमी पर निबंध

Note – इस पोस्ट Essay On Christmas In Hindi में क्रिसमस डे पर निबंध (Christmas Par Nibandh Hindi Mein) और क्रिसमस का त्योहार पर सामान्य जानकारी आपको कैसी लगी। यह आर्टिकल “Christmas Day Par Essay” अगर आपको पसंद आया हो तो इसे फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मिडिया प्लेटफॉर्म्स पर शेयर जरूर करे।

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Christmas Essay in Hindi | क्रिसमस

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Janmashtami Full Nibandh: जन्माष्टमी पर 10 लाइन का शानदार हिंदी निबंध, ऐसे लिखा तो सब करेंगे तारीफ

Janmashtami full essay in hindi 2024: श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व आ चुका है। इस अवसर पर निबंध और प्रतियोगिताओं जैसे कई आयोजन किए जाते हैं। यहां पर हम आपके लिए जन्माष्टमी पर एक पूरा हिंदी निबंध (janmashtami full hindi essay) लेकर आए हैं, जो आप किसी भी प्रतियोगिता में लिख सकते हैं।.

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क्या है जन्माष्टमी पर्व?

क्या है जन्माष्टमी पर्व?

जन्माष्टमी, भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन की खुशी में मनाया जाने वाला एक बड़ा हिंदू त्योहार है। यह त्योहार भाद्रपद के महीने में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन भगवान कृष्ण के भक्तों के लिए बहुत खास होता है। इसी दिन भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। श्री कृष्ण का नाम जन्म: भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था। उनके माता-पिता देवकी और वासुदेव थे। मथुरा, जहां कृष्ण जी का जन्म हुआ था, भारतीय संस्कृति में बहुत महत्वपूर्ण जगह रखता है। जन्माष्टमी पर लोग पूजा-पाठ करते हैं और कृष्ण जी की बचपन की कहानियां सुनते हैं।

सजावट, पूजा और उत्सव

सजावट, पूजा और उत्सव

कृष्ण जन्माष्टमी के दिन सभी के घरों में भगवान कृष्ण की सुंदर मूर्तियां सजाई जाती हैं। बच्चे कृष्ण और राधा बनते हैं। धार्मिक कार्यक्रम होते हैं। वृंदावन और मथुरा में तो बहुत ही धूम-धाम से यह त्योहार मनाया जाता है। जन्माष्टमी की रात को जब भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था, उस समय खास पूजा और आरती होती है। भजन-कीर्तन होते हैं। भक्त लोग उपवास रखते हैं और रात भर जागते हैं। मंदिरों में रासलीला, झूला और दूसरे धार्मिक कार्यक्रम होते हैं।

'दही हांडी' प्रतियोगिता

दही हांडी प्रतियोगिता

जन्माष्टमी पर गोवर्धन पूजा और दही हांडी जैसे रस्मों का भी आयोजन किया जाता है। दही हांडी में, एक बड़े बर्तन में दही भरी जाती है और उसे ऊपर लटका दिया जाता है। फिर लोग मिलकर उस बर्तन को तोड़ने की कोशिश करते हैं। यह भगवान कृष्ण के बचपन की 'दही हांडी' लीला की याद दिलाता है। उपसंहार: इस तरह, जन्माष्टमी सिर्फ भगवान कृष्ण के जन्म का त्योहार नहीं है। यह भारतीय संस्कृति का एक अहम हिस्सा है। यह त्योहार हमें भगवान कृष्ण के जीवन और उनके उपदेशों की याद दिलाता है। यह हमें भक्ति, प्रेम और धर्म के रास्ते पर चलने की प्रेरणा देता है।

प्रभाष रावत

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Janmashtami 2024: 10 लाइनों में जन्माष्टमी पर निबंध कैसे लिखें|10 Lines on Janmashtami in hindi

10 Lines on Janmashtami in Hindi: हिन्दु धर्म में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व भारत सहित विश्व के विभिन्न हिस्सों में धूमधाम से मनाया जाता है। खासतौर पर बच्चों और युवाओं में इस पर्व को लेकर विशेष उत्साह रहता है।

10 लाइनों में जन्माष्टमी पर निबंध कैसे लिखें|10 Lines on Janmashtami in hindi

भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण के जीवन और उनकी बाल लीलाओं पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। ये कार्यक्रम उत्सव की भांति मानाये जाते हैं जो सभी वर्ग के लोगों को प्रेरित भी करते हैं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण के उपदेश जीवन में सही मार्ग पर चलने की शिक्षा देते हैं। स्कूलों और घरों में इस दिन विशेष कार्यक्रमों का आयोजन होता है, जहां बच्चे विभिन्न तरीकों से श्रीकृष्ण की लीलाओं का चित्रण करते हैं।

बच्चों के लिए जन्माष्टमी पर 10 पंक्तियों में लेख प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है। ये प्रतियोगिता उन्हें भगवान श्रीकृष्ण के आदर्शों से भी परिचित कराता है। इस लेख में, हमने तीन अलग-अलग सेटों में 10 पंक्तियां में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर निबंध प्रस्तुत कर रहे हैं। इन्हें पढ़कर बच्चे 10 लाइनों में जन्माष्टमी पर निबंध लिख सकते हैं।

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ये सेट जन्माष्टमी के महत्व, भगवान श्रीकृष्ण के जीवन और उनकी शिक्षाओं पर केंद्रित हैं। बच्चों के लिए यह लेखन न केवल शैक्षिक रूप से श्रेष्ठ होगा, बल्कि उन्हें भारतीय संस्कृति और परंपराओं के बारे में भी जागरूक करेगा।

प्रारूप 1: 10 लाइनों में जन्माष्टमी पर निबंध कैसे लिखें

  • जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का पर्व है।
  • इसे पूरे भारत में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
  • यह पर्व भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।
  • श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा के कारागार में हुआ था। रात्रि 12 बजे श्रीकृष्ण के जन्म के समय, विशेष पूजा और आरती होती है।
  • इस वर्ष जन्माष्टमी का त्योहार 26 अगस्त को मनाया जायेगा।
  • इस दिन भक्तजन व्रत रखते हैं और श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं।
  • मंदिरों को विशेष रूप से सजाया जाता है और भगवान श्रीकृष्ण की लीला की झांकियां निकाली जाती हैं।
  • मथुरा और वृंदावन में जन्माष्टमी का विशेष महत्व है।
  • दही-हांडी का आयोजन महाराष्ट्र में बहुत धूमधाम से होता है।
  • यह पर्व हमें धर्म, भक्ति और सत्य की राह पर चलने की प्रेरणा देता है।

प्रारूप 2: 10 लाइनों में जन्माष्टमी पर निबंध कैसे लिखें

  • श्रीकृष्ण जन्माष्टमी हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण पर्व है क्योंकि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है।
  • लोग श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर दिनभर व्रत रखते हैं और रात को श्रीकृष्ण की आराधना करते हैं।
  • इस दिन मंदिरों में विशेष पूजा और झांकियों का आयोजन होता है।
  • श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का स्मरण किया जाता है।
  • दही-हांडी की प्रतियोगिता में सभी वर्ग के लोग उत्साह के साथ भाग लेते हैं।
  • श्रीकृष्ण ने अपने जीवन में धर्म और कर्म का संदेश दिया।
  • मथुरा, वृंदावन और गोकुल में जन्माष्टमी का विशेष आयोजन होता है।
  • इस दिन श्रीकृष्ण के भक्त भजन-कीर्तन और रासलीला का आयोजन करते हैं।
  • जन्माष्टमी का पर्व बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी के लिए विशेष होता है।

Janmashtami Essay in Hindi: कक्षा 1 से 3 के बच्चे 100, 150 और 200 शब्दों में जन्माष्टमी पर निबंध कैसे लिखें

प्रारूप 3: 10 लाइनों में जन्माष्टमी पर निबंध कैसे लिखें

  • जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण के जन्म जयंती के रूप में मनाई जाती है।
  • इस वर्ष का त्योहार 26 अगस्त को मनाया जा रहा है। यह पर्व हमें भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं और उपदेशों का स्मरण कराता है।
  • श्रीकृष्ण ने गीता में कर्मयोग और भक्ति का मार्ग दिखाया है।
  • इस दिन लोग मंदिरों में जाकर श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं।
  • मथुरा और वृंदावन में इस पर्व का विशेष महत्व है।
  • दही-हांडी की परंपरा श्रीकृष्ण के माखन चोरी की लीला से जुड़ी है।
  • रात्रि 12 बजे श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है।
  • इस दिन मंदिरों में रासलीला का आयोजन भी होता है।
  • जन्माष्टमी का पर्व हमें प्रेम, भक्ति और सत्य की शक्ति का एहसास कराता है।
  • भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हमें धर्म और नैतिकता की राह पर चलने की प्रेरणा देता है।

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