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राष्ट्रिय विज्ञान दिवस पर निबंध (National Science Day Essay in Hindi)

भारत में, राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को हर साल 28 फरवरी को बड़े भौतिक विज्ञानी, सर सी.वी. रमन द्वारा वर्ष 1928 में ‘रमन इफेक्ट’ की खोज के लिए जाना जाता है। यहां पर मैंने अपने पाठकों के लिए राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर आधारित कुछ आसान शब्दों में लिखे गए निबंधों को नीचे साझा किया है। इस सम्बन्ध में अपने ज्ञान को बढ़ने के लिए और इस विषय में विस्तार से जानने के लिए आप इन निबंधों को से पढ़ सकते हैं।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर लघु और दीर्घ निबंध (Short and Long Essay on National Science Day in Hindi, Rashtriya Vigyan Divas par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (250 शब्द).

सर सी.वी.रमन द्वारा वर्ष 1928 में “रमन इफेक्ट” की खोज को मनाने के लिए भारत में हर साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 28 फरवरी को मनाया जाता है। सर सी.वी. रमन को उनके इस अभूतपूर्व खोज के लिए वर्ष 1930 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार भी मिला है।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस क्यों मनाया जाता है ?

28 फरवरी, 1928 को, सबसे महान भारतीय भौतिकविदों में से एक, सर सी.वी. रमन ने प्रकाश के प्रकीर्णन पर अपनी आधुनिक खोज की घोषणा की, जिसे ‘रमन इफ़ेक्ट’ के रूप में जाना जाता है। यह एक बहुत महत्वपूर्ण खोज थी जिसने उन्हें 1930 में नोबेल पुरस्कार दिलाया।

तद्पश्चात राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार परिषद (NCSTC) ने भारत सरकार से 1986 में 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाने का अनुरोध किया।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कैसे मनाया जाता है ?

पूरे भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस व्यापक रूप से मनाया जाता है। स्कूल और कॉलेज अति उत्साह और जोश के साथ कई कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। मुख्य रूप से इंजीनियरिंग और विज्ञान महाविद्यालयों में, प्रदर्शनियां आयोजित की जाती हैं तथा छात्र विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास और उपयोग पर चर्चा करते हैं।

सरकार किसी न किसी तरह से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रचार में शामिल व्यक्तियों और संगठनों को स्मारक और पुरस्कार राशि प्रदान करती है।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस हमारे दैनिक जीवन में विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा इसकी व्यवहार्यता को बढ़ावा देता है। यह वैज्ञानिकों, लेखकों, छात्रों और अन्य लोगों को भी प्रोत्साहित करता है जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रचार में शामिल हैं।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को प्रत्येक वर्ष समान परिश्रम के साथ मनाया जाना चाहिए। यह केवल विज्ञान से सम्बंधित लोगों तक ही सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि इसमें विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिभागी भी शामिल होने चाहिए।

निबंध 2 (400 शब्द)

महान भारतीय वैज्ञानिक डॉ. चंद्रशेखर वेंकट रमन या सी.वी. रमन द्वारा “रमन इफेक्ट” की खोज को मनाने के लिए भारत प्रतिवर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाता है। उन्होंने 28 फरवरी, 1928 को ‘रमन इफेक्ट’ का आविष्कार किया था।

रमन इफेक्ट – एक महान खोज

रमन इफेक्ट, प्रकाश के प्रकीर्णन के क्षेत्र में एक बेहद ही महत्वपूर्ण खोज थी। यह खोज बताता है कि जब प्रकाश एक पारदर्शी वस्तु से गुजरता है तो उसमें से कुछ किरणें फैल जाती है और छितरी हुई ये रोशनी की किरणें अपनी तरंग दैर्ध्य और आयाम को बदल देती है, हालांकि यह थोड़ा बहुत ही होता है। इस खोज को सर सी.वी. रमन ने 26 फरवरी, 1928 को अस्तित्व में लाया था और इस महत्वपूर्ण खोज के लिए उन्हें भौतिकी में वर्ष 1930 का नोबेल पुरस्कार भी दिया गया था। सर सी.वी. रमन को स्मरण करने के लिए और उनकी खोज, ‘रमन इफेक्ट’ का सम्मान करने के लिए हम इस दिन को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाते हैं।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस – इतिहास

पहला राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 1987 में मनाया गया था। सर सी.वी.रमन द्वारा इस महत्वपूर्ण खोज के लगभग छह दशक बाद, नेशनल काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी कम्युनिकेशन (NCSTC) ने 1986 में सरकार से 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में नामित करने का अनुरोध किया। इसलिए, 1987 से, राष्ट्रीय विज्ञान दिवस हर साल भारतीय स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और अन्य प्रासंगिक स्थानों पर मनाया जाता है।

विशेष कार्यक्रम/गतिविधियाँ

इस ख़ास दिन की मुख्य घटनाओं में से एक ‘राष्ट्रीय विज्ञान लोक-प्रचार पुरस्कार’ शामिल हैं, जो लोगों को और विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए या विज्ञान और संचार को लोकप्रिय बनाने के लिए संस्थानों को भी दिया जाता है।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने के लिए कई गतिविधियाँ जैसे डिबेट, टॉक शो, विज्ञान प्रदर्शनियाँ, आदि आयोजित की जाती हैं।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का महत्व

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का उत्सव इस दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है कि यह विज्ञान संस्थाओं और हमारे दैनिक जीवन में इसके कार्यान्वयन को बढ़ावा देता है। यह उन लोगों, वैज्ञानिकों, लेखकों, आदि को भी प्रोत्साहित करता है जो विज्ञान को बढ़ावा देने और शोध करने का सराहनीय काम कर रहे हैं।

यह वैज्ञानिक समाज के लोगों के साथ-साथ, सरकार के साथ बातचीत करने और उन्हें विज्ञान की उपयोगिता और इसके विकास के संभावित विस्तार के बारे में सूचित करने के लिए एक मंच प्रदान करता है। विज्ञान विकास की असीम संभावनाओं को प्रस्तुत करता है और हमारे दिन-प्रतिदिन के जीवन को अधिक आरामदायक और सुविधाजनक बनाता है।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस न केवल एक महान भारतीय वैज्ञानिक और उनकी महान खोजों में से एक है, बल्कि हमारे रोजमर्रा के जीवन का एक भाग के रूप में विज्ञान को बढ़ावा देता है। जब समाज का दृष्टिकोण हर पहलू में वैज्ञानिक हो जाएगा – विकास और समृद्धि, परिणाम के रूप में स्वतः ही इसका अनुसरण करेंगे। इसलिए, इस दिन को सरकार और संबंधित विभागों से पूर्ण समर्थन के साथ देखा जाना चाहिए।

Essay on National Science Day

निबंध 3 (600 शब्द)

भारत में हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। यह एक महान भारतीय वैज्ञानिक डॉ. सी.वी. रमन द्वारा की गई महत्वपूर्ण खोज का दिन है। यह स्कूलों और कॉलेजों के साथ-साथ वैज्ञानिक समाज से सम्बंधित लोगों और सरकार द्वारा व्यापक रूप से मनाया जाता है।

जश्न के पीछे का कारण

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस डॉ. सी.वी.रमन द्वारा प्रकाश के प्रकीर्णन की घटना की खोज का स्मरण कराता है। इस प्रभाव को ‘रमन इफ़ेक्ट’ के रूप में जाना जाता है। इस खोज को डॉ. सी.वी. रमन और उनके एक छात्र के.एस.कृष्णन द्वारा 28 फरवरी, 1928 को अविष्कार किया गया था।

रमन इफ़ेक्ट, प्रकाश प्रकीर्णन के क्षेत्र में एक बेहद ही महत्वपूर्ण खोज थी। यह बताता है कि जब प्रकाश एक पारदर्शी सामग्री से गुजरता है, तो कुछ विक्षेपित प्रकाश आयाम और तरंग दैर्ध्य को बदल देता है।

इस खोज ने उन्हें 1930 में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने वाला पहला गैर-श्वेत भारतीय बना दिया था।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस हर वर्ष 28 फरवरी को भारत में व्यापक रूप से मनाया जाता है। इस दौरान देश भर के स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में कई तरह के आयोजन किये जाते है। कार्यक्रमों को व्यापक रूप से प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया – समाचार पत्रों, रेडियो, टेलीविज़न, सोशल मीडिया, आदि में कवर किया जाता है। हर साल एक नयी थीम तय की जाती है और कार्यक्रम उसी थीम पर केंद्रित होते हैं।

भारत में विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के लिए व्यक्तियों और संस्थानों को पुरस्कार दिए जाते हैं। विज्ञान और नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए विज्ञान मेले और प्रदर्शनियां आयोजित की जाती हैं। साथ ही, विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर पुस्तकों और पत्रिकाओं को प्रकाशित और प्रचारित भी किया जाता है।

विज्ञान को बढ़ावा देने में शामिल व्यक्तियों और संस्थानों को पुरस्कार राशि भी प्रदान किया जाता है।

इस दिन का मुख्य उद्देश्य विज्ञान को बढ़ावा देना और लोगों को दैनिक उपयोग में वैज्ञानिक तरीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है, ताकि उनके जीवन को सुविधाजनक और आरामदायक बनाया जा सके।

यह विज्ञान को समग्र रूप से जनता और मानवता के विकास और कल्याण के उपकरण के रूप में देखना चाहता है। विज्ञान के क्षेत्र में यह किसी व्यक्ति के प्रयासों को बढ़ावा देने और उसे याद रखने में भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इस खास दिन युवा वैज्ञानिकों, अन्वेषकों, लेखकों को सम्मानित किया जाता है और उनके अच्छे काम को जारी रखने के लिए कई तरह की सुविधाएँ भी प्रदान की जाती हैं। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के सभी मुख्य उद्देश्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी से संबंधित लोगों को प्रोत्साहित करना और जहाँ तक संभव हो सके विज्ञान को बढ़ावा देना है।

हर वर्ष राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने के लिए एक विषय तय किया जाता है। कार्यक्रम के उत्सव में थीम एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पिछले कुछ वर्षों के थीम नीचे दिए गए हैं-

1999 का थीम – “हमारी बदलती धरती”

2000 का थीम – “बुनियादी विज्ञान में रुचि को फिर से बनाना”

2001 की थीम- “विज्ञान शिक्षा के लिए सूचना प्रौद्योगिकी”

2002 का थीम – “कचरे से धन”

2003 का थीम – “50 साल का डीएनए और 25 साल का आईवीएफ-द ब्लू प्रिंट ऑफ लाइफ”

2004 का थीम- “समुदाय में वैज्ञानिक जागरूकता को बढ़ावा देना”

2005 का थीम – “भौतिकी का जश्न”

2006 का विषय – “हमारे भविष्य के लिए प्रकृति का पोषण”

2007 का थीम – “प्रति बूंद अधिक फसल”

2008 का विषय – “पृथ्वी ग्रह को समझना”

2009 का थीम – “विज्ञान के क्षितिज का विस्तार करना”

2010 का थीम – “स्थायी विकास के लिए लिंग समानता, विज्ञान और प्रौद्योगिकी”

2011 का थीम – “दैनिक जीवन में रसायन विज्ञान”

2012 का थीम – “स्वच्छ ऊर्जा विकल्प और परमाणु सुरक्षा”

2013 का थीम – “आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलें और खाद्य सुरक्षा”

2014 का थीम – “विज्ञान स्वभाव को बढ़ावा देना”

2015 का थीम – “राष्ट्र निर्माण के लिए विज्ञान”

2016 का थीम – “राष्ट्र के विकास के लिए वैज्ञानिक मुद्दे”

2017 का थीम – “विशेष रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी”

2018 का थीम – “स्थायी भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी”

2019 का थीम – “लोगों के लिए विज्ञान, और विज्ञान के लिए लोग”

2020 का थीम – “विज्ञान में महिलाएं”

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस एक महत्वपूर्ण घटना है जो एक महान वैज्ञानिक को याद करती है और भारत के बेहतर भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देती है।

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विज्ञान दिवस पर निबंध हिंदी में | Essay On Science Day in Hindi (Download PDF)

Essay On Science Day in Hindi

Science Day Essay in Hindi: राष्ट्रीय विज्ञान दिवस ( National Science day) हर साल 28 फरवरी को मनाया जाता है। यह दिन प्रसिद्ध भारतीय भौतिक विज्ञानी सर सीवी रमन की ‘रमन प्रभाव’ की खोज का जश्न मनाने का दिन है। इसके अलावा, विज्ञान दिवस एक ऐसा दिन हैं। जहां लोग विज्ञान और हमारे जीवन पर इसके प्रभाव के बारे में जान सकते हैं।  विज्ञान दिवस पर, विज्ञान को बढ़ावा देने और लोगों को व्यावहारिक प्रयोगों में भाग लेने का अवसर देने के लिए दुनिया भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। पहली बार विज्ञान दिवस 1987 में मनाया गया था। विज्ञान दिवस पूरे देश में स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में मनाया जाता है। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस अनुसंधान संस्थानों, मेडिकल कॉलेजों और विज्ञान संस्थानों में भी मनाया जाता है।

ऐसे में यदि आप एक छात्र हैं और विज्ञान दिवस के ऊपर एक बेहतरीन निबंध लिखना चाहते हैं लेकिन आपको समझ में नहीं आ रहा है कि आप Science Day Essay in Hindi कैसे लिखेंगे उससे संबंधित जानकारी आज के आर्टिकल में Science Day Essay in Hindi  से जुड़ी जानकारी आपके साथ साझा करेंगे आईए जानते हैं:- 

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर निबंध | National Science Day Essay

हर साल 28 फरवरी को भारत राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाता है। यह दिन 28 फरवरी 1928 को “रमन प्रभाव” की खोज की याद दिलाता है। सीवी रमन ने ‘रमन प्रभाव’ की खोज की और 1930 में नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार परिषद (एनसीएसटीसी) के अनुरोध पर मनाया जाता है। स्कूलों ने विज्ञान से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करके इस दिन को मनाया।इंजीनियरिंग और साइंस कॉलेजों में यह दिन महत्वपूर्ण स्थान रखता है।  इस दिन सरकार विज्ञान के प्रति उत्साही लोगों को पुरस्कार और पुरस्कार भी वितरित करती है। 1987 में भारत ने पहला राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया। National Science Day हमारे दैनिक जीवन में विज्ञान के महत्व को भी बढ़ावा देता है। विज्ञान दिवस लोगों को वैज्ञानिक अनुसंधान में अधिक योगदान देने के लिए भी प्रोत्साहित करता है।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस निबंध | National Science Day Nibandh

लेख का प्रकारनिबंध
कब मनाया जाता है28 फरवरी
किस लिए मनाया जाता हैसीवी रमन की खोज के लिए
डॉ. सीवी रमन ने क्या खोजा थारमन प्रभाव
सबसे पहले कब मनाया गया था28 फरवरी 1987
विज्ञान दिवस की घोषणा कब हुई1986
विश्व विज्ञान दिवस कब है?10 नवंबर

प्रस्तावना: 

1928 में सर सीवी रमन द्वारा ‘रमन प्रभाव’ की खोज की याद में हर साल 28 फरवरी को भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। इस खोज के लिए सर सीवी रमन को भौतिकी में 1930 का नोबेल पुरस्कार भी मिला

विज्ञान दिवस क्यों मनाया जाता है?

Science Day Kyu Mananya Jata Hai: 28 फरवरी 1928 को, महानतम भारतीय भौतिकविदों में से एक, सर सीवी रमन ने प्रकाश के प्रकीर्णन पर अपनी उपन्यास खोज की घोषणा की, जिसे ‘रमन प्रभाव’ के रूप में जाना जाता है। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण खोज थी | जिसके कारण उन्हें 1930 में नोबेल पुरस्कार मिला। राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार परिषद (एनसीएसटीसी) ने 1986 में भारत सरकार से 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाने का अनुरोध किया। 

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का इतिहास क्या है? (Science Day History)

पहला राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 1987 में मनाया गया था। सर सीवी रमन की महत्वपूर्ण खोज के लगभग छह दशक बाद, राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार परिषद (एनसीएसटीसी) ने 1986 में सरकार से 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में घोषित करने का अनुरोध किया था। इसलिए, 1987 से शुरू होकर, राष्ट्रीय विज्ञान दिवस हर साल भारतीय स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और अन्य प्रासंगिक स्थानों में मनाया जाता है।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कैसे मनाया जाता है?

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पूरे भारत में व्यापक रूप से मनाया जाता है। स्कूल और कॉलेज अत्यधिक उत्साह और जोश के साथ भाग लेते हैं। मुख्यतः इंजीनियरिंग और विज्ञान महाविद्यालयों में प्रदर्शनियाँ आयोजित की जाती हैं और छात्र विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास और उपयोग पर चर्चा करते हैं।सरकार किसी न किसी तरह से विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने में शामिल व्यक्तियों और संगठनों को  विज्ञान संबंधित पुरस्कार उन्हें प्रदान करती हैं।

विज्ञान दिवस पर संक्षिप्त भाषण | Short Speech On Science Day

विज्ञान दिवस भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी का एक वार्षिक उत्सव है। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पहली बार भारत में 1987 में मनाया गया था। इसके अतिरिक्त, विज्ञान दिवस देश भर में स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी एजेंसियों, विश्वविद्यालयों आदि सहित विभिन्न सेटिंग्स में मनाया जाता है। अनुसंधान संस्थान, मेडिकल स्कूल और विज्ञान संस्थान सभी राष्ट्रीय विज्ञान में भाग लेते हैं। इस दिन स्कूल और विश्वविद्यालय में विज्ञान दिवस से संबंधित कई प्रकार के प्रतियोगिता आयोजित किए जाते हैं जिसमें अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पुरस्कार दिया जाता हैं। 

Also Read: राष्ट्रीय बालिका दिवस कब, क्यों, कैसे मनाया जाता है?

विज्ञान दिवस भाषण | Science Day Speech 

प्रिय विशिष्ट अतिथियों, सम्मानित वैज्ञानिकों और मेरे साथी नागरिकों,

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के इस महत्वपूर्ण अवसर पर आपको संबोधित करते हुए मुझे गर्व महसूस हो रहा है। इस दिन, हम भारत के सबसे प्रसिद्ध भौतिकविदों में से एक, सर सीवी रमन द्वारा रमन प्रभाव की खोज का जश्न मनाते हैं, जिनके काम ने हमारे देश और उसके बाहर वैज्ञानिकों की पीढ़ियों को  विज्ञान के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया था।  रमन प्रभाव एक अभूतपूर्व खोज थीं।  जिसने आधुनिक भौतिकी के विकास का मार्ग प्रशस्त किया और वैज्ञानिक अनुसंधान की दिशा बदल दी। इस खोज ने   सर सीवी रमन को भौतिकी में नोबेल पुरस्कार दिलाया बल्कि भारत को वैश्विक वैज्ञानिक मानचित्र पर स्थापित करने का भी काम किया था।

 जो हर एक भारतीयों के लिए गौरव की बात थीं। विज्ञान हमारे समाज और अर्थव्यवस्था के विकास के लिए आवश्यक है। यह वह इंजन है जो स्वास्थ्य देखभाल, कृषि, ऊर्जा और शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार और प्रगति को संचालित करता है। वैज्ञानिक अनुसंधान में जलवायु परिवर्तन से लेकर गरीबी और असमानता तक, आज हमारी दुनिया के सामने आने वाली कुछ सबसे गंभीर चुनौतियों का समाधान करने की शक्ति है।

इस राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर, आइए हम वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार समर्थन करें आइए हम युवाओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करें और उन्हें उत्कृष्टता हासिल करने के लिए आवश्यक संसाधन और बुनियादी ढांचा प्रदान करें।  अंत में, मैं इस राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर सभी वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और नवप्रवर्तकों को अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देना चाहता हूं। आपका कार्य हम सभी के लिए बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए  महत्वपूर्ण हैं। इन शब्दों के माध्यम से मैं अपने भाषण का समापन कर रहा हूं |

विज्ञान दिवस पर भाषण | Speech On Science Day 

आदरणीय प्रधानाचार्य, शिक्षकगण और मेरे प्यारे दोस्तों, सभी को सुप्रभात

माननीय अतिथियों और मेरे प्यारे दोस्तों, राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के बारे में बोलने का इतना बड़ा अवसर पाकर मैं बेहद सम्मानित महसूस कर रहा हूँ। सबसे पहले सभी वैज्ञानिकों एवं विज्ञान प्रेमियों को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। भारत में हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। लेकिन सवाल यह है कि हम यह दिवस क्यों मनाते हैं? इसका उद्देश्य क्या है? दोस्तों, यह दिन विज्ञान के क्षेत्र में सर चंद्र शेखर वेंकट रमन के समृद्ध और चिरस्थायी योगदान को बड़े गर्व के साथ याद करने के लिए मनाया जाता है। इसी दिन सर सीवी रमन ने वर्ष 1928 में  रमन प्रभाव की खोज की थी सीवी रमन युवा दिमागों के लिए एक महान प्रेरणा हैं, सर सीबी रमन द्वारा किए गए आविष्कार का सम्मान करने के लिए, हर साल 28 फरवरी को पूरे देश में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए सर रमन को वर्ष 1930 में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस हमारे वैज्ञानिकों की प्रतिभा और दृढ़ता को सलाम करने का एक अवसर है।  यह दिन लोगों को विज्ञान से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा करने और विज्ञान के क्षेत्र में विकास के लिए नई तकनीकों को लागू करने के लिए प्रोत्साहित करता है। हर साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस एक थीम के अनुसार मनाया जाता है जो विज्ञान के महत्व के बारे में संदेश फैलाता है। 2024 में विज्ञान दिवस का थीम Science for a Sustainable Future” . घोषित किया गया है उसके अनुरूपी 2024 में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाएगा। मैं अपने भाषण का समापन विज्ञान दिवस संबंधित Quote किसी भी देश की उन्नति के लिए सबसे ज्यादा योगदान विज्ञान का होता है।

विज्ञान दिवस पर निबंध PDF Download:

शिक्षण संस्थानों में विज्ञान दिवस 2024 पर निबंध लेखन प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। ऐसे में निबंध PDF फॉर्मेट में उपलब्ध हो तो बहुत अच्छा हो। प्रस्तुत है आपके लिए राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर निबंध PDF फॉर्मेंट में आप इसे डाउनलोड कर सकते है।

उम्मीद करता हूं कि हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल आपको पसंद आएगा आर्टिकल संबंधित अगर आपका कोई भी सुझाव या प्रश्न है तो आप हमारे कमेंट सेक्शन में जाकर पूछ सकते हैं। तब तक के लिए धन्यवाद और मिलते हैं अगले आर्टिकल में 

FAQ’s: Science Day Nibandh in Hindi

Q. राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 28 फरवरी को क्यों मनाया जाता है?

Ans.भारत सरकार ने 1986 में 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (एनएसडी) के रूप में नामित किया था। इस दिन सर सीवी रमन ने ‘रमन प्रभाव’ की खोज की घोषणा की थी जिसके लिए उन्हें 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इस अवसर पर विषय-आधारित विज्ञान पूरे देश में संचार गतिविधियाँ चलायी जाती हैं। 

Q. पहला राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कब मनाया गया था?

1986 में, राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार परिषद (एनसीएसटीसी) ने केंद्र से 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में नामित करने का अनुरोध किया। यह दिन पहली बार 28 फरवरी 1987 को मनाया गया था। इसी दिन वैज्ञानिक चन्द्रशेखर वेंकट रमन ने रमन प्रभाव की खोज की थी।

Q. 2024 में विज्ञान दिवस कब मनाया जाएगा? 

Ans. 2024 में विज्ञान दिवस 28 फरवरी को मनाया जाएगा।

इस ब्लॉग पोस्ट पर आपका कीमती समय देने के लिए धन्यवाद। इसी प्रकार के बेहतरीन सूचनाप्रद एवं ज्ञानवर्धक लेख easyhindi.in पर पढ़ते रहने के लिए इस वेबसाइट को बुकमार्क कर सकते हैं

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राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर निबंध

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रुपरेखा : प्रस्तावना - राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2022 - राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का इतिहास - राष्ट्रीय विज्ञान दिवस क्यों मनाते है - राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कैसे मनाया जाता है - उपसंहार।

वर्ष 1928 में सर चन्द्रशेखर वेंकट रमन, भारतीय भौतिकविज्ञानी के द्वारा भारत में “रमन प्रभाव” के आविष्कार को याद करने के लिये हर वर्ष 28 फरवरी को बड़े उत्साह के साथ पूरे भारत वर्ष में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को मनाया जाता है। वर्ष 1930 में भारत में विज्ञान के क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल करने के लिये भौतिक विज्ञान में चन्द्रशेखर वेंकट रमन को नोबल पुरस्कार से पुरस्कृत कर उन्हें सम्मानित किया गया था।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2022 में, 28 फरवरी, सोमवार के दिन मनाया जायेगा।

भारत में 28 फरवरी 1928 एक महान दिन था जब प्रसिद्ध भारतीय भौतिक शास्त्री चन्द्रशेखर वेंकट रमन के द्वारा भारतीय विज्ञान के क्षेत्र में आविष्कार पूरा हुआ था। वो एक तमिल ब्राह्मण थे जो विज्ञान के क्षेत्र के पहले ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने भारत में ऐसे आविष्कार पर शोध किया था। भविष्य में इस कार्यक्रम को हमेशा याद और सम्मान देने के लिये वर्ष 1986 में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकीय संचार के लिये राष्ट्रीय परिषद के द्वारा भारत में 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रुप में नामित करने के लिये भारतीय सरकार से कहा गया था। आज भारतीय विज्ञान के क्षेत्र में एक महान कार्यक्रम के रुप में पूरे भारत वर्ष में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को मनाया जा रहा है। इसे हर वर्ष विद्यार्थी, शिक्षक, संस्थान, और शोधकर्ताओं द्वारा स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, भारत के तकनीकी और शोध संस्थान, चिकित्सा, अकादमिक, वैज्ञानिक सहित सभी शिक्षण संस्थान मनाते हैं। भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के पहले उत्सव के मौके पर विज्ञान संप्रेषण और सार्वजनिकीकरण के क्षेत्र में एक प्रशंसनीय प्रयास और उत्कृष्ट पहचान के लिये राष्ट्रीय विज्ञान सार्वजनिकीकरण पुरस्कार की घोषणा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकीय संचार के लिये राष्ट्रीय परिषद ने किया था।

भारत में पश्चिम बंगाल के कोलकाता में इंडियन ऐसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस में 1907 से 1933 तक सर चन्द्रशेखर वेंकट रमन ने कार्य किया था जिसके दौरान उन्होंने भौतिकी के कई बिन्दुओं पर शोध किया था जिसमें से “रमन प्रभाव”(प्रकाश के फैलने पर प्रभाव जब विभिन्न वस्तुओं के द्वारा उसको गुजारा जाता है) उनकी महान सफलता और खोज बनी जो भारतीय इतिहास में प्राख्यात हुआ। अपने बड़े आविष्कार के लिये वर्ष 1930 में नोबल पुरस्कार सहित कई भारतीय पुरस्कारों से उन्हें सम्मानित किया गया। साल 2013 से, अमेरिकन केमिकल समाज द्वारा अंतरराष्ट्रीय ऐतिहासिक केमिकल लैंडमार्क के रुप में “रमन प्रभाव” को नामित किया गया है। वर्ष 2009 के राष्ट्रीय विज्ञान दिवस उत्सव के दौरान, देश में आधुनिक विज्ञान के सार्वजनिकीकरण और नेतृत्व के लिये सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों के भारतीय वैज्ञानिकों के बड़े प्रयासों और उपलब्धियों की पहचान के लिये विज्ञान संचार के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार के द्वारा पाँच भारतीय संस्थान को इंडियन डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने पुरस्कृत किया। विज्ञान से इसके बड़े योगदान की पहचान के लिये वर्ष 2009 में विक्रम साराभाई समुदाय विज्ञान केन्द्र को सर्वोच्च पुरस्कार दिया गया था। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने स्कूल और कॉलेजों से विद्यार्थियों के भाग लेने, राज्य और राष्ट्रीय विभाग से वैज्ञानिकों के द्वारा वैज्ञानिक क्रिया-कलापों और कार्यक्रमों की पहचान के लिये विज्ञान उत्सव के रुप में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को मनाने का मुख्य कारन था और लोगों के दैनिक जीवन में वैज्ञानिक अनुप्रयोग के महत्व के बारे में एक संदेश को व्यापक तौर फैलाने के लिये हर वर्ष राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को मनाया जाता है।

मानव कल्याण के लिये विज्ञान के क्षेत्र में सभी गतिविधियों, प्रयासों और उपलब्धियों को प्रदर्शित करते है। विज्ञान के विकास के लिये सभी मुद्दों पर चर्चा करना और नयी प्रौद्योगिकी को लागू करना इस दिवस का मुख्य उद्श्य है। देश में वैज्ञानिक दिमाग नागरिकों को सही मौका प्रदान करता है। विज्ञान और उनके तकनीक को प्रसिद्ध करना साथ ही लोगों को बढ़ावा देना राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का मिशन है। वर्ष 2020 में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम “वुमन इन साइन्स” था। हालांकि वर्ष 2021 की थीम अभी तक घोषणा नही हुई है।

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राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2023 पर भाषण व निबंध | Speech on National Science Day Essay in Hindi

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मनुष्य हमेशा से ही एक जिज्ञासु प्राणी रहा है और इसी जिज्ञासा को विज्ञान की जननी माना जाता है।

जिज्ञासा से विज्ञान और विज्ञान से प्रौद्योगिकी (Technology) का जन्म होता है। जैसे-जैसे मानव जीवन की आवश्यकताएं बढ़ती गई वैसे-वैसे नई-नई तकनीकों का आविष्कार होने लगा। आज हम अपने दैनिक जीवन में व्यापक स्तर पर तकनीकी द्वारा बनाई गई वस्तुओं का इस्तेमाल करते हैं।

लेकिन विज्ञान एक वरदान या अभिशाप दोनों साबित हो सकता है। क्योंकि इसका सदुपयोग और दुरुपयोग दोनों इंसानों के हाथ में है।

विज्ञान और तकनीकी को बढ़ावा देने के लिए और उन्हें बेहतर ढंग से समझने तथा सदुपयोगी बनाने के लिए भारत में हर साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। 28 फरवरी को भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (National Science Day) के रूप में मनाया जाता है।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के खास मौके पर देशभर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस खास मौके पर विभिन्न वैज्ञानिक संस्था और शिक्षण संस्थाओं द्वारा राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर निबंध लेखन (National Science Day Essay In Hindi) प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है।

केवल इतना ही नहीं, इस दिन राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर भाषण (National Science Day Speech In Hindi) के जरिए विज्ञान के महत्व अनुप्रयोग और उसकी उपयोगिता के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न प्रकार के जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं।

इस साल 28 फरवरी 2023 का दिन राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2023 के रूप में मनाया जाएगा। अगर आप भी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2023 पर निबंध, भाषण (National Science Day 2023 Essay, Speech In Hindi) की तलाश कर रहे हैं तो हमारा यह लेख आपके लिए बेहद मददगार साबित होगा।

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विषय–सूची

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2023 पर निबंध, भाषण (Speech on National Science Day Essay in hindi)

भारत में एक से बढ़कर एक वैज्ञानिक पैदा हुए जिन्होंने विश्व स्तर पर विज्ञान के क्षेत्र में बड़ी बड़ी उपलब्धियां प्राप्त की और नए नए खोज अविष्कार किए।

इन्हीं भारतीय वैज्ञानिकों में सी.वी. रमन जी का नाम भी शामिल है जिन्हें “रमन प्रभाव (Raman Effect)” की खोज के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 28 फरवरी का दिन वह ऐतिहासिक दिन था जब भारत के महान भौतिक शास्त्री चंद्रशेखर वेंकट रमन (C.V. Raman) ने इस रमन प्रभाव (Raman Effect) की खोज की थी।

इसीलिए रमन प्रभाव की खोज के उपलक्ष में हर साल 28 फरवरी का दिन राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रुप में मनाया जाता है।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2023 का संक्षिप्त विवरण (Speech on National Science Day Essay in hindi)

लेख का प्रकारनिबंध व भाषण
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस क्यों मनाया जाता है?रमन प्रभाव की खोज
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कब मनाया जाता है?28 फरवरी
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की शुरुआत किसके द्वारा की गईभारत के राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद (NCSTC)
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को मनाने की घोषणा 1986
पहली बार कब शुरु हुआ?28 फरवरी 1987
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के दिन किसको याद करते हैंसी.वी. रमन
सी.वी. रमन का जन्म दिवस7 नवंबर 1888
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2023 थीमवैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान

रमन प्रभाव की खोज (Discovery of Raman Effect) –

चंद्रशेखर वेंकट रमन भारत के एक महान भौतिक वैज्ञानिक थे जिन्हें सी.वी. रमन के नाम से भी जाना जाता है। इन्होंने ही भौतिक विज्ञान में रमन प्रभाव (Raman Effect) की खोज की थी।

28 फरवरी 1928 का दिन वह ऐतिहासिक दिन था जब सर सी.वी रमन जी ने रमन प्रभाव की खोज की थी। यह प्रभाव प्रकाश के प्रकीर्णन से जुड़ा हुआ है। चूंकि सी.वी. रमन ने इस प्रभाव की खोज की थी इसलिए उनके सम्मान में इस प्रभाव अथवा इफ़ेक्ट का नाम रमन इफेक्ट रख दिया गया।

भौतिक विज्ञान के प्रकाशिकी में रमन प्रभाव की खोज के बाद भारत के महान भौतिक वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकट रमन जी को 1930 में भौतिकी के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का इतिहास –

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने की शुरुआत 1987 में हुई। पहली बार 28 फरवरी 1987 को भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया गया था.

रमन प्रभाव की खोज जैसी उपलब्धि को भारतीय इतिहास में संजोने और अमर करने के लिए भारत के राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद (NCSTC) ने 28 फरवरी के दिन को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया और साल 1986 में इसकी घोषणा की।

1986 में राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद (NCSTC) द्वारा सार्वजनिक रूप से घोषणा करने के बाद 28 फरवरी 1987 से लगातार हर साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाने लगा।

इन्हें भी पढ़ैं-

  • राष्ट्रीय एकता दिवस पर निबंध व कविता
  • बाल दिवस पर निबंध और भाषण
  • अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर भाषण
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राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कैसे मनाया जाता है?

भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के खास मौके पर भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसके अलावा विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध विभिन्न प्रकार के सरकारी और गैर सरकारी संगठनों द्वारा भी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

28 फरवरी के इस खास मौके पर शिक्षण संस्थानों में निबंध लेखन, भाषण और स्लोगन लेखन प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। इसके अलावा विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में विज्ञान और आधुनिक तकनीक के विषय पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के विशेष मौके पर भारत सरकार विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार के अभियान का शुभारंभ करती है ताकि आने वाले समय में देशभर के लोगों को विज्ञान की उपयोगिता के प्रति जागरूक किया जा सके और साथ ही साथ उन्हें विज्ञान के सदुपयोग से लाभ और दुरुपयोग से हानि के बारे में भी सतर्क किया जा सके।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का महत्व –

मानव जीवन में विज्ञान का बहुत विशेष महत्व है क्योंकि हमारा जीवन, हमारी मृत्यु, हमारी दिनचर्या, प्रकृति, उपयोग में लाए जाने वाले संसाधन यह सभी विज्ञान से जुड़े हुए हैं और कहीं ना कहीं विज्ञान की ही देन है।

आज हम जितनी सुख सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं यह सारी चीजें विज्ञान द्वारा विकसित की गई तकनीकों का ही नतीजा है। मानव शुरू से ही एक जिज्ञासु प्राणी रहा है। हमारे भीतर जानने की इच्छा हमेशा चरम पर रहती है।

हम हर उस नई चीज को जानना और समझना चाहते हैं जिसे अपने आसपास देखते हैं या हम जिसकी कल्पना कर सकते हैं। यही कल्पनाएं और जिज्ञासाएं विज्ञान का आधार है। जिज्ञासा को विज्ञान की जननी माना जाता है।

ऐसे में विज्ञान के साथ साथ राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का हमारे जीवन में बहुत विशेष महत्व है क्योंकि यह दिन हमें भारतीय वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकटरमन जी की महान उपलब्धि के बारे में याद दिलाता है। साथ ही साथ राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम और चलाए गए अभियान हमें विज्ञान की उपयोगिता के लिए प्रेरणा देते हैं और इससे होने वाले जोखिमों के बारे में जागरूक करते हैं।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का उद्देश्य –

भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने का सबसे प्रमुख उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर पर विज्ञान और तकनीकी को बढ़ावा देना है। इसके अलावा विज्ञान के प्रति लोगों को जागरूक करना भी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का उद्देश्य है ताकि वह सही तरीके से विज्ञान का उपयोग करें।

हर साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस एक नई थीम अथवा विषय के साथ मनाया जाता है। अलग-अलग थीम के जरिए हर साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर भविष्य में विज्ञान को लेकर संकल्प लिए जाते हैं।

विज्ञान वरदान भी है और अभिशाप भी! एक और जहां विज्ञान हमें दुनिया भर की सुख सुविधाएं प्रदान करता है तो वही यह मानव जीवन और प्रकृति को नुकसान भी पहुंचा सकता है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान परमाणु युद्ध इसका सबसे बड़ा उदाहरण है जिसने पूरे जापान को तबाह कर दिया।

हालांकि विज्ञान की उपयोगिता हम सब पर निर्भर करती है, कि हम इसका सदुपयोग करके इसे वरदान बनाएंगे अथवा दुरुपयोग करके अभिशाप।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2023 की थीम (National Science Day Theme 2023)

हर साल की तरह इस साल भी 28 फरवरी 2023 को भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाएगा। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को हर साल अलग-अलग थीम अथवा विषयों के साथ मनाया जाता है।

इस बार राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2023 की थीम “वैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान (Global Science for Global Wellbeing)” घोषित की गई है।

जबकि पिछले साल 2022 में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम “सतत विकास के लिए बुनियादी विज्ञान” थी।

विश्व कल्याण में विज्ञान की भूमिका –

संपूर्ण विश्व के कल्याण में विज्ञान की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। विज्ञान ने इस विश्व और संपूर्ण मानव जाति को ऐसी उपलब्धियां प्रदान की है जिन्हें केवल स्वप्न समझा जाता था।

आज यह विश्व केवल पृथ्वी तक संकुचित नहीं है बल्कि मानव जगत की परिकल्पनाएं विज्ञान की बदौलत ब्रम्हांड के दूसरे ग्रहों तक भी पहुंच गई हैं। आज इंसान चांद और अंतरिक्ष तक पहुंच चुका है।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में –

पिछले कुछ सालों से कोविड-19 ऐसी भीषण महामारी ने पूरे विश्व को हताश कर दिया है। इस महामारी के चलते दुनिया भर के लाखों लोगों ने अपनी जान गवा दी और आज भी लाखों लोग इस महामारी से जूझ रहे हैं।

लेकिन ऐसे कठिन समय में एक विज्ञान ही है जिसने मानव जीवन और मानव स्वास्थ्य के लिए अपनी सर्वश्रेष्ठ भूमिका निभाई है। विज्ञान की बदौलत ही विश्व और भारत के वैज्ञानिक कोविड-19 जैसी भयावह महामारी के लिए वैक्सीन बनाने में कामयाब रहे।

विज्ञान की बदौलत न केवल कोविड-19 बल्कि दुनिया भर के जटिल से जटिल रोगों की वैक्सीन बनाई जा चुकी हैं और आगे भी स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए विज्ञान अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

प्रदूषण नियंत्रण और जलवायु परिवर्तन –

वैसे तो बढ़ती तकनीकी के साथ ही विश्व का प्रदूषण स्तर भी बढ़ता चला जा रहा है लेकिन अगर देखा जाए तो कहीं ना कहीं विज्ञान प्रदूषण नियंत्रण और जलवायु परिवर्तन में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

विज्ञान की ही देन है कि आज विद्युत जैसे ऊर्जा स्रोत की खोज हो चुकी है जिससे विश्व का कार्बन उत्सर्जन नियंत्रित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा आए दिनों विज्ञान की मदद से ही ऊर्जा के नए नए स्रोत खोजो जा रहे हैं और प्रदूषण तथा जलवायु परिवर्तन को रोकने का प्रयास किया जा रहा है।

खाद्य पदार्थों की उपलब्धता–

आज भारत की आबादी लगभग 130 करोड़ पार है। केवल भारत में ही नहीं बल्कि इस संपूर्ण विश्व की आबादी बहुत तेजी से बढ़ रही है जिसके कारण भोजन और खाद्य पदार्थों की उपलब्धता के लिए संघर्ष भी बढ़ता जा रहा है।

ऐसी परिस्थिति में विज्ञान ने खाद्य पदार्थों की उपलब्धता के लिए भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और जैव उत्पादन के क्षेत्र में उन्नतशील बीज, उर्वरक और कीटनाशक की मदद से कृषि की उत्पादन क्षमता बढ़ा रहा है ताकि दुनिया भर के लोगों को खाद्य पदार्थों की उपलब्धता हो सके।

सुरक्षा के क्षेत्र में विज्ञान–

सुरक्षा के क्षेत्र में भी विज्ञान की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। आज भारत के पास राष्ट्र की सुरक्षा के लिए एक से बढ़कर एक संसाधन उपलब्ध हैं। मिसाइल और लड़ाकू विमानों से संपन्न हमारा भारत देश आज राष्ट्रीय सुरक्षा संयंत्रों के मामले में परमाणु संपन्न भी हो चुका है।

उपसंहार / निष्कर्ष (Conclusion)–

आज पूरी दुनिया के लिए विज्ञान को बेहतर ढंग से समझने और इसके प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है। दुनिया भर की मानव जाति को सुविधाएं प्रदान करने में कारगर विज्ञान केवल हमारी एक छोटी सी चूक से हमारा काल बन सकता है।

विज्ञान को तेज धार वाली चाकू के सामान समझा जा सकता है, जिससे भोजन बनाने के लिए सब्जियां और इंसानों के सर दोनों काटे जा सकते हैं। हालांकि यह बात हम पर निर्भर करती है कि हम उसका उपयोग किस तरीके से करना चाहते हैं।

जैसे थोड़ी सी लापरवाही पर तेज धार वाले चाकू खुद हमें नुकसान पहुंचा देती है ठीक वैसे ही विज्ञान में जरा सी लापरवाही संपूर्ण मानव जाति के जीवन को बर्बाद कर सकती है। इसीलिए हमें विज्ञान की उपयोगिता के प्रति जागरूक होना चाहिए और इसका केवल सही इस्तेमाल करना चाहिए।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस किस दिन हैं?

28 फरवरी मंगलवार के दिन है।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के दिन किसकों याद किया जाता है?

महान भौतिक शास्त्री चंद्रशेखर वेंकट रमन

2023 राष्ट्रीय विज्ञान दिवस थीम क्या है?

“वैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान (Global Science for Global Wellbeing)

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पहली बार कब मनाया गया था?

28 फरवरी 1987

भौतिक वैज्ञानिक वेंकट रमन की खोज क्या है?

प्रभाव प्रकाश के प्रकीर्णन से जुड़ी खोज जिसका नाम उनके ही नाम पर रमन प्रभाव रखा गया।

इन्हें भी पढ़ें-

  • विश्व पर्यटन दिवस पर निबंध व भाषण
  • राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस कब मनाया जाता है?
  • राष्ट्रीय बालिका दिवस पर निबंध व भाषण
  • विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध
  • हिंदी दिवस पर निबंध व भाषण, कविताएं, स्लोगन
  • मानवाधिकार दिवस पर निबंध, भाषण

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राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर निबंध | Essay on National Science Day in Hindi for school students

essay on national science day in hindi for school students

Essay on National Science Day in Hindi:

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस हर साल 28 फरवरी को मनाया जाता है। यह दिन भारतीय वैज्ञानिक सर चंद्रशेखर वेंकट रमन की जन्मजयंती के रूप में मनाया जाता है। जिन्होंने 28 फरवरी 1928 को रमन प्रभाव की खोज की थी। उन्हें 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, और उन्होंने भारत को विश्व विज्ञान की ऊँचाइयों पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

National Science Day 2024 Theme :

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024 की थीम “Indigenous technology for developed India, विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीक” है।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का उद्देश्य:

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का मुख्य उद्देश्य विज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका को समझाना और जनता को विज्ञान के महत्व को प्रोत्साहित करना है। यह दिन हमें भारतीय वैज्ञानिक चर्चाओं और उनके योगदान को समझने का अवसर प्रदान करता है और विज्ञान की प्रगति में हमारे देश की भूमिका को महत्वपूर्ण बनाता है। इस दिन को मनाकर हम विज्ञान के महत्व को समझने और विज्ञान क्षेत्र में रोमांचक नई खोजों की ओर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित होते हैं। यह दिन छात्रों को विज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूक करता है और उन्हें वैज्ञानिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित करता है। स्कूल और कॉलेजों में इस दिन प्रतियोगिताएं, सेमिनार और प्रदर्शनी आयोजित की जाती हैं, जिससे छात्रों को वैज्ञानिक मनोबल और उत्साह मिलता है।

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भारत के पाँच प्रसिद्ध वैज्ञानिक:

भारत के पाँच प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से पहला नाम जगदीश चंद्र बोस का है, जो भारतीय वैज्ञानिकों की गर्वगाथा में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। उनके महत्वपूर्ण योगदान में विशेष रूप से विकिरण के क्षेत्र में उनके अनुसंधान शामिल हैं। दूसरे रूप में, विक्रम साराभाई भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक के रूप में प्रसिद्ध हैं। तीसरे रूप में, सत्येंद्र नाथ बोस ने विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। चौथे स्थान पर, अब्दुल कलाम भारतीय राष्ट्रपति के रूप में अपने योगदान के लिए जाने जाते हैं, जिनका विज्ञानिक एवं राष्ट्रीय स्तर पर अद्वितीय है। पाँचवें स्थान पर, सुभाष मुखर्जी के अनुसंधानों ने न्यूरोसाइंस के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

इस दिन को मनाकर हम समाज में विज्ञान के महत्व को प्रतिष्ठित करते हैं और भविष्य के वैज्ञानिकों को प्रेरित करते हैं। विज्ञान न ही केवल विकास का आधार होता है, बल्कि यह मानव समाज के लिए नई और सुधारित तकनीकी और सामाजिक उपलब्धियों का संचालन करता है। इसलिए, हमें विज्ञान को महत्वपूर्ण रूप से समझना और समर्थन करना चाहिए, ताकि हमारे समाज का विकास स्थायी और सुस्त रह सके।

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राष्ट्रीय विज्ञान दिवस भारत पर निबंध Essay National Science Day India in Hindi

इस लेख में हमने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस भारत पर निबंध (Essay National Science Day India in Hindi) लिखा है। यह भारत में कब और क्यों मनाया जाता है? और चन्द्रशेखर वेंकटरमन (सी वी रमन) से इस दिन को क्यों जोड़ा जाता है।

Table of Content

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस भारत में क्यों मनाया जाता है? Why National Science Day is Celebrated?

भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कब है when is national science day india.

भारत में प्रतिवर्ष राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 28 फरवरी, को ‘सी वी रमन’ जी के सम्मान में मनाया जात है।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का इतिहास History of National Science Day

विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार के लिए राष्ट्रीय परिषद ने भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के पहले समारोह में विज्ञान संचार और लोकप्रियता के क्षेत्र में उत्कृष्ट और अद्भुत प्रयासों को पहचानने के लिए राष्ट्रीय विज्ञान लोकप्रियता पुरस्कार की घोषणा की थी।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस, स्कूल और कॉलेज के छात्रों, राज्य और राष्ट्रीय संकायों के वैज्ञानिकों की भागीदारी से वैज्ञानिक गतिविधियों और कार्यक्रमों को मान्यता देने के लिए विज्ञान कार्निवल के रूप में मनाया जाता है। इस आयोजन उत्सव में विभिन्न नए आने वाले वैज्ञानिकों के लिए इस मंच पर उनको आगे बढ़ने और विज्ञान के पेशे में अपना करियर उज्ज्वल करने के लिए एक वास्तविक मंच प्रदान किया है।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का उत्सव How National Science Day is Celebrated in India?

रेडियो खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी के क्षेत्र में उनकी अग्रणी अनुसंधान गतिविधियों को पहचानने के लिए राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह में NCRA और GMRT द्वारा विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।

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National Science Day Speech In Hindi : राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर दें यह सरल और छोटा भाषण

National science day speech in hindi : राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के दिन स्कूल व कॉलेजों में कई तरह के कार्यक्रम होते हैं। अगर आप भाषण प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं तो यहां से आइडिया ले सकते हैं।.

National Science Day Speech In Hindi : राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर दें यह सरल और छोटा भाषण

National Science Day Speech In Hindi : हर वर्ष 28 फरवरी को देश में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। इसी दिन सर सीवी रमन ने रमन इफेक्ट की खोज की घोषणा की थी जिसके लिए उन्हें 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। भारत के महान वैज्ञानिक डॉ. सीवी रमन की रमन इफेक्ट खोज के उपलक्ष्य में हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (नेशनल साइंस डे) मनाया जाता है। इस वर्ष राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024 की थीम 'विकसित भारत के लिए भारतीय स्वदेशी प्रौद्योगिकी' तय की गई है। इस दिन का मकसद विद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति प्रेरित करना तथा जनसाधारण को विज्ञान एवं वैज्ञानिक उपलब्धियों के प्रति सजग बनाना है। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर देश भर में खासतौर पर स्कूल व कॉलेजों में कई तरह की प्रतियोगिताएं व कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं ताकि बच्चों की वैज्ञानिक सोच का निर्माण हो और विज्ञान के प्रति उनकी रूचि बढ़े। 

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के दिन स्कूल व कॉलेजों में शिक्षक तरह-तरह के सवालों का जवाब देकर छात्रों के मन में ज्ञान और रुचि को बढ़ाते हैं। अगर आप स्कूल में किसी भाषण प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं तो यहां से इसका उदाहरण व आइडिया ले सकते हैं - 

National Science Day Speech In Hindi : राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर भाषण

आदरणीय मुख्य अतिथि/प्रधानाचार्य, मेरे अध्यापकगण और मेरे साथियों...  आप सभी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। सबसे पहले मैं महान भारतीय वैज्ञानिक डॉ. सीवी रमन को नमन करता है हूं जिनकी महान खोज की याद में आज राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जा रहा है। भारत के महान वैज्ञानिक और नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. सीवी रमन की ओर से विज्ञान जगत को दिए गए अनुपम उपहार रमन इफेक्ट के सम्मान में हर वर्ष 28 फरवरी को देश में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। 28 फरवरी ही वह दिन है जब दुनिया भर में प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक सीवी रमन ने अपनी खोज रमन इफेक्ट की घोषणा की थी। इस खोज के लिए उन्हें 1930 में नोबल पुरस्कार मिला था। 

सीवी रमन के इस महान आविष्कार के सम्मान में भारत सरकार ने 1986 में तय किया कि हर वर्ष 28 फरवरी का दिन राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के तौर पर मनाया जाएगा। पहला राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 28 फरवरी, 1987 को मनाया गया था। साथियों, हर साल सरकार की ओर से राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की कुछ न कुछ थीम भी रखी जाती है। इस बार इसकी थीम "विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीक"  रखी गई है। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कुछ दिन पहले ही इसकी घोषण की थी। 

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के दिन देश भर में विज्ञान और नई नई खोजों, आविष्कारों को प्रोत्साहित करने और उसके महत्व को बताने के लिए कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। सीवी रमन समेत देश के महान वैज्ञानिकों को याद किया जाता है। भारत सरकार वैज्ञानिकों को उनके सराहनीय कार्यों के लिए सम्मानित करती है। साथ ही युवा और छात्र विज्ञान के क्षेत्र में बढ़चढ़ कर आगे आएं, इसके लिए योजनाओं की घोषणा होती है। 

अब मैं आपको सीवी रमन के बारे में बताता हूं जिनकी उपलब्धि को लेकर ये दिन मनाया जाना शुरू हुआ। सीवी रमन का पूरा नाम था चंद्रशेखर वेंकट रमन। उनका जन्म 7 नवंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुचिलापल्ली में हुआ था। उनके पिता गणित और भौतिकी के लेक्चरर थे। उन्होंने विशाखापट्टनम के सेंट एलॉयसिस एंग्लो-इंडियन हाईस्कूल और तत्कालीन मद्रास के प्रेसीडेन्सी कॉलेज से पढ़ाई की। प्रेसीडेन्सी कॉलेज से उन्होंने 1907 में एमएससी पूरी की। यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास में उन्हें फिजिक्स में गोल्ड मेडल मिला। 1907 से 1933 के बीच उन्होंने कोलकाता में इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस में काम किया। इस दौरान उन्होंने फिजिक्स से जुड़े कई विषयों पर गहन रिसर्च की। 

दोस्तों, सीवी रमन की महान खोज रमन इफेक्ट के बारे में भी जानना जरूरी है। जब वह एक बार लंदन से भारत आ रहे थे, तब समुद्र के जल को नीला देखकर उनके मन में जिज्ञासा पैदा हुई कि यह जल नीला क्यों है। इस पर उन्होंने भारत आकर रिसर्च की। पारदर्शी पदार्थ से गुजरने पर प्रकाश की किरणों में आने वाले बदलाव पर की गई उनकी महत्‍वपूर्ण खोज को रमन प्रभाव (रमन इफेक्ट) के नाम से जाना गया। जब प्रकाश की किरणें अलग अलग चीजों से टकराती हैं या उनमें से होकर गुजरती है, तो तरंगों के बिखरने के बाद उन पर व उनकी गति पर क्या असर होता है, उनकी खोज यह सब बताती थी। रमन इफेक्ट खोज का उपयोग आज पूरी दुनिया में हो रहा है। 1954 में भारत सरकार ने उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा। भौतिकी में नोबल पुरस्कार पाने वाले वह भारत ही नहीं बल्कि एशिया के पहले वैज्ञानिक थे। 

रिटायरमेंट के बाद उन्होंने बेंगुलुरु में रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट स्थापित किया। 1947 वह प्रतिष्ठित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस ( IISc ) के डायरेक्टर बने। 21 नवंबर, 1970 को उनका निधन हो गया।  साथियों, आज के दिन हमें साइंस के प्रति अपनी सोच को प्रोत्साहित करने का संकल्प लेना चाहिए। दैनिक जीवन में विज्ञान के महत्व के बारे में सभी का जागरूक होना बेहद जरूरी है। 

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National Science Day 2024: राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के महत्व पर निबंध कैसे लिखें

National Science Day Significance: भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस अत्यधिक महत्व रखता है, क्योंकि इस दिन भारतीय भौतिक विज्ञानी सर सीवी रमन द्वारा 'रमन प्रभाव' की खोज की थी। विज्ञान में रमन प्रभाव की खोज और सर सीवी रमन के योगदानों को याद करते हुए 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है।

सर सीवी रमन ने 28 फरवरी, 1928 को रमन प्रभाव की खोज की थी। विज्ञान के क्षेत्र में इस अभूतपूर्व उपलब्धि का सम्मान करने के लिए हर साल 28 फरवरी को यह दिन मनाया जाता है। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का महत्व (National Science Day 2024 Significance) कई पहलुओं में निहित है।

National Science Day 2024: राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का क्या महत्व है

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का उद्देश्य भारत के लोगों में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देना है। यह विभिन्न वैज्ञानिक घटनाओं के प्रति जिज्ञासु और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करता है। नेशनल साइंस डे के दिन विज्ञान की शिक्षा का विस्तार किया जाता है। यह दिन शैक्षणिक संस्थानों, विज्ञान संगठनों और सरकारी निकायों के लिए वैज्ञानिक ज्ञान और जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम, सेमिनार और प्रदर्शनियां आयोजित करने का अवसर प्रदान करता है।

इस दिन वैज्ञानिक उपलब्धियों का जश्न मनाया जाता है। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (National Science Day significance in hindi) के अवसर पर भारतीय वैज्ञानिकों की उपलब्धियों और वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय में उनके योगदानों का जश्न मनाया जाता है। यह दिन युवा दिमागों को विज्ञान में रुचि लेने और वैज्ञानिक अनुसंधान में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है। इसका उद्देश्य युवाओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रगति में योगदान देने के लिए प्रेरित करना है।

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राष्ट्रीय विज्ञान दिवस भारत की समृद्ध वैज्ञानिक विरासत और विभिन्न क्षेत्रों में इसके वैज्ञानिकों के योगदान को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच भी प्रदान करता है। आज के समय में विज्ञान के प्रति जागरूकता बेहद महत्वपूर्ण है। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का उत्सव सामाजिक मुद्दों को संबोधित करने, नवाचार को बढ़ावा देने और सतत विकास को बढ़ावा देने में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने में मदद करता है।

नेशनल साइंस डे 2024 दिन वैज्ञानिक क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास के महत्व पर जोर देता है। यह चुनौतियों का समाधान करने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान में निवेश को प्रोत्साहित करता है। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस इस विचार को बढ़ावा देता है कि विज्ञान सभी के लिए है। यह जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों के लिए समावेशी और सुलभ वैज्ञानिक शिक्षा का समर्थन करता है।

शायद ही आपको इस बात का अंदाजा हो कि विज्ञान ने बीते कई वर्षों में समुदायों को जोड़ने का भी योगदन दिया है। यह दिन वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, छात्रों और आम जनता को एक साथ आने, विचारों का आदान-प्रदान करने और विज्ञान में नवीनतम विकास पर चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान करता है। विज्ञान दिवस, वैज्ञानिक अनुसंधान में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्व और वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय में भारत की भागीदारी के महत्व (National Science Day Importance in hindi) पर प्रकाश डालता है। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस वैज्ञानिक मानसिकता को बढ़ावा देने, उपलब्धियों का जश्न मनाने और ऐसे भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जहां विज्ञान और प्रौद्योगिकी राष्ट्रीय प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

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राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर निबंध – National science day essay in Hindi

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस निबंध हिंदी में / National science day essay Hindi mein – भारत में हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (National Science Day) मनाया जाता है। 

भारत में 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि 28 फरवरी 1928 को महान भारतीय वैज्ञानिक सर सी.वी. रमन ने “Effect” की खोज की थी, जिसे “Raman Effect” के नाम से भी जाना जाता है।

(राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर भाषण निबंध हिंदी में | Short and Long Essay on National Science Day in Hindi, Rashtriya Vigyan Diwas par Nibandh Hindi mein)

Table of Contents

निबंध 1 (350 शब्दों में)

प्रस्तावना:

सर सी.वी. द्वारा वर्ष 1928 में “रमन इफेक्ट” की खोज की याद में भारत में हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। सर सी.वी. रमन को उनकी इस अभूतपूर्व खोज के लिए वर्ष 1930 में फिजिक्स में “नोबेल पुरस्कार” से सम्मानित किया गया था।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस क्यों मनाया जाता है?

28 फरवरी, 1928 को, महानतम भारतीय भौतिकविदों में से एक, सर सी.वी. रमन ने प्रकाश के प्रकीर्णन पर अपनी आधुनिक खोज की घोषणा की, जिसे “रमन इफ़ेक्ट” के नाम से जाना जाता है।

यह विज्ञान की एक बहुत ही महत्वपूर्ण खोज थी जिसके लिए उन्हें 1930 में नोबेल पुरस्कार मिला।

इसके बाद, नेशनल काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी कम्युनिकेशन (NCSTC) ने भारत सरकार से 1986 में 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाने का अनुरोध किया।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का मुख्य उद्देश्य लोगों को हमारे दैनिक जीवन में विज्ञान के महत्व के बारे में जागरूक करना और लोगों को विज्ञान प्रौद्योगिकी के लिए प्रोत्साहित करना है।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कैसे मनाया जाता है?

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस वैज्ञानिक प्रस्तुतियों के साथ पूरे भारत में व्यापक रूप से मनाया जाता है। देश भर के सभी स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर विभिन्न गतिविधियों जैसे भाषण, विज्ञान प्रदर्शनी, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, व्याख्यान आदि का आयोजन किया जाता है।

मुख्य रूप से इंजीनियरिंग और विज्ञान महाविद्यालयों में वैज्ञानिक प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाता है जिसमें छात्र विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास और अनुप्रयोगों पर ज्ञान का आदान-प्रदान करते हैं।

  • सरकार विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रचार में शामिल व्यक्तियों और संगठनों को उनके योगदान के लिए स्मृति चिन्ह और पुरस्कार प्रदान करती है।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का महत्व

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का उद्देश्य हमारे दैनिक जीवन में विज्ञान और प्रौद्योगिकी और इसकी व्यवहार्यता को बढ़ावा देना है। यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रचार में शामिल वैज्ञानिकों, लेखकों, छात्रों और अन्य लोगों को भी प्रोत्साहित करता है।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस हर साल नवीनतम वैज्ञानिक गतिविधियों के साथ मनाया जाना चाहिए। यह केवल विज्ञान से जुड़े लोगों तक ही सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि इसमें विभिन्न क्षेत्रों के छात्रों और प्रतिभागियों को भी शामिल किया जाना चाहिए।

निबंध 2 (650 शब्दों में)

महान भारतीय वैज्ञानिक सी.वी. रमन द्वारा “रमन इफेक्ट” की खोज की याद में भारत में हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। उन्होंने 28 फरवरी, 1928 को “रमन इफेक्ट” का अद्वितीय आविष्कार किया था।

कौन थे सीवी रमन?

सर सी.वी. रमन का जन्म 7 नवंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में हुआ था। सीवी रमन का पूरा नाम सर चंद्रशेखर वेंकट रमन (Sir Chandrasekhara Venkata Raman) है। उनके पिता फिजिक्स और गणित के विद्वान थे। 

रमन ने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट एलॉयसियस एंग्लो-इंडियन हाई स्कूल, विशाखापत्तनम से पूरी की। 904 में, उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से BSc की डिग्री प्राप्त की और प्रथम स्थान पर रहे और भौतिकी में स्वर्ण पदक जीता। 1907 में उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से MSc की डिग्री भी पूरी कर ली।

1907 से 1933 तक, उन्होंने कलकत्ता में Indian Association for the Cultivation of Science में काम किया और भौतिकी में विभिन्न विषयों पर शोध किया।

28 फरवरी 1928 को रमन ने के.एस. कृष्णन के साथ प्रकाश के प्रकीर्णन (Scattering of light) पर प्रयोग का नेतृत्व किया। महान भारतीय वैज्ञानिक सर सी.वी. रमन को 1930 में भौतिकी के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

अपनी सेवानिवृत्ति के बाद, रमन ने बैंगलोर में रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट (Raman Research Institute) की स्थापना की। 21 नवंबर 1970 को सर सीवी रमन का निधन हो गया।

सीवी रमन को विज्ञान के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए भारत रत्न और नोबेल समेत कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था।

सी.वी. रमन सिद्धांत (रमन इफेक्ट) क्या है?

रमन इफेक्ट प्रकाश के प्रकीर्णन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण खोज थी। 

सर सीवी रमन ने 1928 में खोज की थी कि जब रंगीन प्रकाश की किरण किसी द्रव में प्रवेश करती है, तो उस द्रव द्वारा प्रकीर्णित प्रकाश का एक अंश भिन्न रंग का होता है। तब यह पता चला कि इस बिखरे हुए प्रकाश की प्रकृति मौजूद नमूने के प्रकार पर निर्भर करती है।

यह खोज सर सी.वी. रमन द्वारा 26 फरवरी, 1928 को की गई थी और इस महत्वपूर्ण खोज के लिए उन्हें वर्ष 1930 के लिए फिजिक्स क्षेत्र के नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।

सर सी.वी. रमन को स्मरण करने और उनकी खोज “रमन इफेक्ट” को सम्मान देने के लिए हम इस दिन को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाते हैं।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का इतिहास

सर सी.वी.रमन द्वारा इस महत्वपूर्ण खोज के लगभग छह दशक बाद, नेशनल काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी कम्युनिकेशन (NCSTC) ने 1986 में भारत सरकार से 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में नामित करने का अनुरोध किया। 

पहला राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 1987 में भारत सरकार की स्वीकृति के बाद मनाया गया। इसलिए, 1987 से, भारतीय स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और अन्य प्रासंगिक स्थानों में हर साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर आयोजित विशेष कार्यक्रम / गतिविधियां

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने के लिए विभिन्न स्तरों पर कई गतिविधियों जैसे वाद-विवाद, टॉक शो, विज्ञान प्रदर्शनी आदि का आयोजन किया जाता है।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का उत्सव इस मायने में बहुत महत्वपूर्ण है कि यह हमारे दैनिक जीवन में विज्ञान संस्थानों और इसके कार्यान्वयन को बढ़ावा देता है। यह उन लोगों, वैज्ञानिकों, लेखकों आदि को भी प्रोत्साहित करता है जो निरंतर आधार पर विज्ञान को बढ़ावा देने और शोध करने का सराहनीय कार्य कर रहे हैं।

यह वैज्ञानिक समुदाय के सदस्यों के साथ-साथ सरकार को विज्ञान की उपयोगिता और इसके विकास की संभावित गुंजाइश के बारे में बातचीत करने और उन्हें सूचित करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।

विज्ञान विकास की अपार संभावनाएं प्रस्तुत करता है और हमारे दैनिक जीवन को अधिक आरामदायक और सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस न केवल एक महान भारतीय वैज्ञानिक और उनकी महान खोज को याद करने के लिए मनाया जाता है, बल्कि विज्ञान को हमारे दैनिक जीवन के हिस्से के रूप में बढ़ावा देने के लिए भी मनाया जाता है। 

जब समाज का दृष्टिकोण हर दृष्टि से वैज्ञानिक हो जाएगा तो उसके फलस्वरूप स्वतः ही विकास और समृद्धि आ जाएगी। इसलिए, इस दिन को सरकार और संबंधित विभागों के पूर्ण समर्थन के साथ मनाया जाना चाहिए।

निबंध 3 (1000 शब्दों में)

भारत की भूमि पर कई महान वैज्ञानिकों ने जन्म लिया है और इन महान वैज्ञानिकों के कारण ही भारत ने पूरे विश्व में विज्ञान के क्षेत्र में अपना एक विशिष्ट स्थान बनाया है। ऐसे ही एक महान भारतीय वैज्ञानिक थे डॉक्टर चंद्रशेखर रमन जिन्होंने अपनी एक खोज से भारत का सिर दुनिया में ऊंचा किया।

उनकी इस खोज को याद करने के लिए हम हर साल इसे राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं।

28 फरवरी 1928 का दिन भारतीय इतिहास में एक महान दिन था, क्योंकि इसी दिन राष्ट्रीय वैज्ञानिक डॉ. सी.वी. रमन द्वारा एक विशेष आविष्कार किया गया था।

  • डॉ. सी.वी. रमन द्वारा की गई महत्वपूर्ण खोज की याद में भारत में हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। 

भविष्य में उनके इस प्रयास को हमेशा याद रखने के लिए वर्ष 1986 में राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद (NCSTC) ने 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाने का अनुरोध किया गया था।

  • यह दिन भारत की वैज्ञानिक उत्कृष्टता को समर्पित है और भारत में विज्ञान के विकास और इसकी उपलब्धियों को समझाने और प्रचारित करने के लिए मनाया जाता है।

भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का आयोजन भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा किया गया था। जवाहरलाल नेहरू विज्ञान को देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण मानते थे और उन्होंने भारत में विज्ञान के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए इस पहल की शुरुआत की।

विज्ञान की सहायता से मनुष्य ने अनेक खोजें करके अपने जीवन को बेहतर और आसान बनाया है। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस भारत में वैज्ञानिकों के योगदान को पहचानने और प्रेरित करने का अवसर प्रदान करता है।

यह दिन स्कूलों और कॉलेजों के साथ-साथ अनुसंधान संस्थानों सहित वैज्ञानिक संगठनों से जुड़े लोगों और भारत सरकार द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों में व्यापक रूप से मनाया जाता है।

  • इस दिन को मनाकर लोग भारत में विज्ञान के महत्व को बढ़ावा देते हैं और युवाओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी उद्योग में रुचि लेने के लिए प्रेरित करते हैं।

विज्ञान के महत्व के बारे में संदेश फैलाने और आम लोगों के दैनिक जीवन में सुधार लाने के उद्देश्य से भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। इसके माध्यम से विज्ञान में रुचि रखने वाले भारत के युवाओं को अवसर प्रदान कर उन्हें इस क्षेत्र में बढ़ावा देना है।

विश्व के प्रत्येक क्षेत्र में विज्ञान आवश्यक है, जैसे स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा, संसाधन विकास और सामाजिक सुरक्षा आदि। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास के साथ, आधुनिक जीवन, सामाजिक संगठन और आर्थिक विकास के नए तरीके संभव हैं।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का उद्देश्य

इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों में विज्ञान के प्रति जागरूकता पैदा करना है। इतना ही नहीं, इस दिन के माध्यम से बच्चों को विज्ञान को अपने करियर के रूप में चुनने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है। ताकि हमारे देश की आने वाली पीढ़ी विज्ञान के क्षेत्र में अपना योगदान दे सके और अपने देश की प्रगति कर सके।

इस दिन को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस घोषित करने का एक मुख्य उद्देश्य डॉ. चंद्रशेखर रमन और उनकी खोज “रमन इफेक्ट” को सम्मानित करना था, इसके अलावा इसके और भी कई उद्देश्य थे जो इस प्रकार हैं।

हमारे दैनिक जीवन में विभिन्न वैज्ञानिक आविष्कारों के प्रति जागरूकता को उजागर करना भी इस दिवस को मनाने का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है। मानव कल्याण और प्रगति के लिए वैज्ञानिक क्षेत्र में सभी गतिविधियों, प्रयासों और उपलब्धियों को प्रदर्शित करना भी इस दिवस को मनाने के उद्देश्यों में शामिल है।

  • इस दिन विज्ञान और वैज्ञानिक विकास के लिए सभी मुद्दों पर चर्चा की जाती है और इस दिन नई तकनीकों को भी लागू किया जाता है।

देश में कई ऐसे होनहार लोग हैं, जो वैज्ञानिक सोच रखते हैं, इन लोगों को अवसर देना और उनके काम के लिए प्रोत्साहित करना भी इस दिन को मनाने के उद्देश्यों में से एक है।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2023 की थीम (National Science Day 2023 Theme)

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने नई दिल्ली में एक समारोह में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2023 की थीम जारी की।

इस वर्ष के राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम है- “वैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान (Global Science for Global Wellbeing)” है ।

इस विषय को वैश्विक संदर्भ में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से चुना गया है। वैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान अत्यंत महत्वपूर्ण है। 

विज्ञान विश्व के कल्याण में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यहां कुछ उदाहरण दिए गए हैं जो वैश्विक कल्याण के लिए विज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाते हैं:

  • स्वास्थ्य – वैश्विक स्वास्थ्य में सुधार के लिए वैश्विक विज्ञान बहुत महत्वपूर्ण है। विज्ञान के जरिए कई नई दवाएं, टीके और ऐसे उपकरण विकसित किए गए हैं जो बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं।
  • जलवायु परिवर्तन – वैश्विक जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए विज्ञान बहुत महत्वपूर्ण है। विज्ञान ने कुछ नए ऊर्जा स्रोत विकसित किए हैं जो कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद करते हैं।
  • जल संरक्षण के लिए विज्ञान – विज्ञान ने जल संरक्षण के लिए नई तकनीकों का विकास किया है। ये तकनीकें जल संचयन, जल की सफाई और जल संबंधी समस्याओं को हल करने में मदद करती हैं।
  • खाद्य सुरक्षा के लिए विज्ञान – विज्ञान ने नई तकनीकों को विकसित करके खाद्य सुरक्षा में बहुत मदद की है। यह जैव प्रौद्योगिकी, भोजन के जैव-उत्पादन, बीजों के संरक्षण, फसल सुरक्षा और खाद्य असुरक्षा सहित खाद्य असुरक्षा के मुख्य कारणों को समझने में मदद करता है।
  • जीवन के लिए ऊर्जा के स्रोत – विज्ञान ने सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल ऊर्जा तथा अन्य ऊर्जा स्रोतों का विकास किया है। ये स्रोत जीवन को बनाए रखने में मदद करते हैं और अधिक संगठित तरीके से ऊर्जा का उपयोग करते हैं।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का उद्देश्य विज्ञान और उनकी प्रौद्योगिकी को लोकप्रिय बनाने के साथ-साथ वैज्ञानिक सोच वाले युवाओं को बढ़ावा देना है। विज्ञान के क्षेत्र में सभी गतिविधियों, प्रयासों और उपलब्धियों को मानव कल्याण के लिए प्रदर्शित किया जाता है।

इस दिन का मुख्य उद्देश्य सभी संशोधन मुद्दों पर चर्चा करना और विज्ञान के विकास के लिए नई तकनीक को लागू करना है।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर 10 पंक्तियां हिंदी में (10 Lines on National Science Day in Hindi)

  • महान भारतीय वैज्ञानिक सर सी.वी. रमन ने 28 फरवरी 1928 को “रमन इफ़ेक्ट” की खोज की थी।
  • सर सी.वी. रमन को उनकी इस अभूतपूर्व खोज के लिए वर्ष 1930 में फिजिक्स में “नोबेल पुरस्कार” से सम्मानित किया गया था।
  • नेशनल काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी कम्युनिकेशन (NCSTC) ने भारत सरकार से 1986 में 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाने का अनुरोध किया था।
  • भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का आयोजन भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा किया गया था।
  • राष्ट्रीय विज्ञान दिवस वैज्ञानिक प्रस्तुतियों के साथ पूरे भारत में व्यापक रूप से मनाया जाता है। 

Also Read: 50+ राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर स्लोगन (National Science Day Slogan in Hindi)

Q – राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कब मनाया जाता है? A – राष्ट्रीय विज्ञान दिवस हर साल 28 फरवरी को मनाया जाता है।

Q – राष्ट्रीय विज्ञान दिवस किस वैज्ञानिक की याद में मनाया जाता है? A – राष्ट्रीय विज्ञान दिवस डॉ चंद्रशेखर रमन की याद में मनाया जाता है।

Q – वैज्ञानिक डॉ. चंद्रशेखर रमन ने किसका आविष्कार किया था? A – वैज्ञानिक डॉ. चंद्रशेखर रमन ने “रमन इफ़ेक्ट” का आविष्कार किया। इसके द्वारा उन्होंने प्रकाश के विस्तार और प्रसार के विषय में संशोधन किया था। इस प्रयोग की खोज ने प्रकाश के बारे में हमारी समझ को बदल दिया और इससे कई वैज्ञानिक और तकनीकी अनुप्रयोगों को लाभ हुआ।

Q – राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2023 की थीम क्या है? A – वर्ष 2023 के राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम “वैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान (Global Science for Global Wellbeing)” है।

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राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर निबंध | National Science Day Essay in Hindi

किसी भी चीज की खोज मुख्यतः दो तरह से होती है. पहला आवश्यकता पड़ने पर, जैसा कि कहा जाता है कि “आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है” तथा दूसरा किसी भी वस्तु या घटना को देखकर उनके पीछे का कारण जानने की जिज्ञासा उत्पन्न होने पर. तो आइए विस्तार से राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर निबंध ( rashtriya vigyan diwas par nibandh ) जानते हैं.

समुंदर नीला क्यों होता है? यह सवाल आप लोगों के मन में भी कभी ना कभी आया ही होगा. यही सवाल महान भारतीय वैज्ञानिक सीवी रमन (CV Raman) के मन में भी आया था जब वह 1921 में समुद्री जहाज से लंदन से भारत आ रहे थे. फिर 1928 में उन्होंने ‘रमन प्रभाव’ नामक अपना एक सिद्धांत प्रकाशित किया जो बहुत प्रसिद्ध हुआ.

इस पोस्ट में हमलोग राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर निबंध जाएंगे. जिसके अंतर्गत विज्ञान दिवस क्यों मनाया जाता है, विज्ञान दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य क्या है, आदि भी जानेंगे. अंत में National Science Day Essay in Hindi से जुड़े कुछ FAQs भी देखेंगे. तो इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें.

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर निबंध  

प्रस्तावना | राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की प्रस्तावना  .

सीवी रमन के प्रसिद्ध खोज ‘रमन प्रभाव’ को याद करने के लिए प्रत्येक वर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के तौर पर मनाया जाता है. यही खोज ने ‘रमन स्पेक्ट्रोस्कॉपी’ के क्षेत्र को भी जन्म दिया है. जो आज विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है. उसके इस महान कार्य के लिए उन्हें 1930 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया.

ये भी पढ़ें > राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (National Science Day) पर शानदार भाषण एवं शायरी

विज्ञान दिवस क्यों मनाया जाता है?

महान भारतीय भौतिक विज्ञानी सीवी रमन के नायाब खोज ‘रमन प्रभाव’ के याद में प्रत्येक वर्ष 28 फरवरी को विज्ञान दिवस मनाया जाता है. इस खोज ने विश्व स्तर पर उसकी पहचान करवाई तथा इसी खोज के कारण वर्ष 1930 में सीवी रमन को भौतिकी का नोबेल पुरस्कार भी मिला. 

दरअसल, 1921 में जब वे समुद्री जहाज से लंदन से भारत वापस आ रहे थे तो, समुद्र को देखकर उनके मन में यह सवाल आया कि आखिर समुंदर नीला क्यों होता है? साधारणत: वह इस बात से सहमत नहीं थे की चूंकि आसमान का रंग नीला होता है इसलिए समुद्र का रंग भी नीला है.

अगर आप इतिहास के पन्ने को पलट कर देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि जिज्ञासा ही बहुत से वैज्ञानिक खोज का कारण बनी है. न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण बल की खोज एवं डॉ एपीजे अब्दुल कलाम आजाद का विभिन्न मिसाइल बनाना, इसका एक बहुत अच्छा उदाहरण है.

आपको अगर नहीं पता तो बता दे कि पेड़ से सेब को गिरता देखकर न्यूटन को यह जानने की जिज्ञासा हुई कि सेब नीचे ही क्यों गिरा? कोई भी वस्तु ऊपर से नीचे ही क्यों गिरती है? नीचे से ऊपर क्यों नहीं जाते हैं? इसी पर शोध करने के बाद उसे पता चला कि पृथ्वी में एक चुंबकीय शक्ति जो प्रत्येक वस्तु को अपनी ओर खींचती है जिसे उन्होंने गुरुत्वाकर्षण बल ( gravitational force ) का नाम दिया गया.

इसी तरह डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को भी चिड़िया को उड़ता देखकर यह जानने की जिज्ञासा हुई की ये आसमान में कैसे उड़ती है? फिर उनके शिक्षक ने उन्हें बहुत अच्छे से समझाया जो उसे बहुत भाया. फिर वह बड़े होकर कई सारे मिसाइल बनाए. इसलिए डॉ एपीजे अब्दुल कलाम आज़ाद को “मिसाइल मैन” भी कहा जाता है.

बहरहाल, समुद्र का रंग नीला देखकर सी वी रमन को इसकी वजह जानने की जिज्ञासा हुई और अपनी इस जिज्ञासा को शांत करने के लिए उन्होंने इस पर शोध शुरू कर दिया. जिससे उन्हें पता चला कि ऐसा प्रकाश के प्रकीर्णन ( scattering ) के कारण होता है.

इस खोज के अनुसार, प्रकाश जब किसी पारदर्शी वस्तु से गुजरता है तो कुछ किरणें उसमें से फैल जाती है, और ये फैली हुई प्रकाश की किरणें अपनी तरंगधैर्य और आयाम को बदल देती है, हालांकि ये बहुत ही निम्न स्तर पर ही होता है.

इस खोज का नाम सीवी रमन के नाम पर ही ‘रमन प्रभाव’ रखा गया. ‘रमन प्रभाव’ को रमन प्रकीर्णन ( raman scattering ) के नाम से भी जाना जाता है. उनका ये खोज बहुत ही प्रसिद्ध हुआ तथा इसी के कारण सन 1930 में उन्हें भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया.

रमन स्कैटरिंग ही ‘रमन स्पेक्ट्रोस्कॉपी’ के क्षेत्र का जन्मदाता है, जिसका आज भी बहुत सारे क्षेत्र में व्यापक रूप से इस्तेमाल हो रहा है.

इस ‘रमन स्पेक्ट्रोस्कॉपी’ की मदद से हम मुख्यता निम्नलिखित काम कर सकते हैं:

  • फार्मास्यूटिकल रसायनों की पहचान करना 
  • नकली दवाओं की खोज करना 
  • रासायनिक बंधन संरचनाओं को निर्धारित करना 
  • क्रिस्टल अभिविन्यास को ढूंढना 
  • तापमान निर्धारित करना 
  • लेजर का उपयोग करके विसफोटकों का पता लगाना 
  • पुराने चित्रों और ऐतिहासिक दस्तावेजों में वर्णक ( pigments ) की पहचान करना 

1947 में भारत के आजाद हो जाने के बाद सी वी रमन को नवनिर्मित सरकार द्वारा पहला राष्ट्रीय प्रोफेसर नियुक्त किया गया था. उसके अगले साल ही वे इस पद से सेवानिवृत्त ( retired ) हुए और बेंगलुरु में अपना एक संस्थान ‘ रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट ’ की स्थापना की.

‘रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट’ में उन्होंने अपनी मृत्यु तक काम किया. 21 नवंबर 1970 को सर चंद्रशेखर वेंकटरमन (CV Raman) की मृत्यु हो गई.

उनकी मृत्यु के 16 साल बाद 1986 में राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद (NCSTC) ने भारत सरकार से 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाने का आग्रह किया. भारत सरकार की मंजूरी के बाद पहला राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 28 फरवरी 1987 को मनाया गया.

1987 से प्रत्येक वर्ष 28 फरवरी को पूरे भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.

विज्ञान दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य क्या है?

विज्ञान दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को हमारे दैनिक जीवन में विज्ञान के महत्व के बारे में जागरूकता लाना और विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना है.

सरकार का हमेशा से यह प्रयास रहा है के ज्यादा से ज्यादा लोग इस क्षेत्र में आए तथा विज्ञान में करियर बनाएं. इसके लिए सरकार और कई सारे संस्थान समय-समय पर कई सारे स्कॉलरशिप, फेलोशिप, योजनाएं आदि निकालती रहती है.

अगर आप अभी दसवीं में है तो इस क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने के लिए 10वीं के बाद 12वीं साइंस स्ट्रीम से कर सकते हैं. सीवी रमन की ही तरह भौतिक विज्ञानी बनने के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री तथा मैथ से 12वीं पास करें.

ये बात हमलोगों को समझना होगा कि किसी भी देश के विकास में वैज्ञानिक सोच का प्रसार बहुत ही आवश्यक होता है. नेशनल साइंस डे जैसा अवसर वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने में बहुत सहायक होता है. हम विज्ञान की मदद से समाज के लोगों के जीवन की बहुत सारी समस्याओं को दूर कर सकते हैं तथा उन्हें विभिन्न सुविधा पहुंचा कर उनके जीवन को खुशियों से भर सकते हैं.

मानव कल्याण और प्रगति के लिए वैज्ञानिक क्षेत्र की सभी उपलब्धियों, प्रयासों और गतिविधियों को प्रदर्शित करना भी विज्ञान दिवस मनाने के उद्देश्य में शामिल है.

Rashtriya Vigyan Diwas Kaise Manaya Jata Hai?

स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, टेक्निकल इंस्टिट्यूट, विज्ञान संस्थान, आदि में विज्ञान प्रश्नोत्तरी, प्रदर्शनी वैज्ञानिकों के भाषण , सेमिनार, निबंध लेखन , वाद विवाद प्रतियोगिता, वर्कशॉप, आदि जैसे विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों से जुड़े प्रोग्राम आयोजित करके इस राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है.

इस दिन विज्ञान के क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाले व्यक्ति, संगठन तथा संस्थान को पुरस्कार भी दिया जाता है.

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के मौके पर दिए जाने वाले प्रमुख पुरस्कार निम्नलिखित हैं:

  • ऑगमेंटिंग राइटिंग स्किल्स फॉर आर्टिकुलेटिंग रिसर्च (AWSAR) अवॉर्ड्स 
  • एसएंडटी कम्युनिकेशन अवॉर्ड्स 
  • राजेंद्र प्रभु मेमोरियल एप्रिसिएशन शील्ड 
  • एसईआरबी वुमन एक्सीलेंस अवार्ड्स

प्रत्येक वर्ष इसकी एक थीम तय की जाती है तथा सभी कार्यक्रम एवं गतिविधियां उसी थीम पर केंद्रित होती है. जैसे इस साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024 की थीम “वैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान ( Global Science for Global Wellbeing )” है.

इसके अलावा इस दिन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर आधारित किताब और पत्रिकाओं को प्रकाशित एवं प्रचारित भी किया जाता है.

उपसंहार  

भारत का विज्ञान के साथ हमेशा से ही एक अटूट रिश्ता रहा है. सी वी रमन ने इस रिश्ते को और भी मजबूत कर दिए. वे विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले भारतीय तथा एशियाई व्यक्ति थे. जाहिर है इससे उनको तो प्रसिद्धि मिली है तथा साथ ही साथ इस देश का नाम भी खूब रोशन हुआ.

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर निबंध 10 लाइन में  

  • प्रत्येक वर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है. 
  • 28 फरवरी 1928 को प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी सीवी रमन द्वारा ‘रमन प्रभाव’ की खोज की गई थी. 
  • राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (NCSTC) ने सन 1986 में भारत सरकार से 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाने के लिए अनुरोध किया था. 
  • 1987 को पहली बार राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया गया. 
  • लोगों में विज्ञान के महत्व और इसके प्रयोग के बारे में जागरूकता लाना राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का मुख्य उद्देश्य है. 
  • सर चंद्रशेखर वेंकटरमन को ‘रमन प्रभाव’ की खोज के कारण वर्ष 1930 में भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 
  • ये पहले भारतीय तथा एशियाई व्यक्ति थे जिन्हें विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार मिला था. 
  • रमन स्कैटरिंग प्रकाश की तरंगधैर्य में परिवर्तन है जो प्रकाश की किरणों के अणुओं द्वारा विक्षेपित होने के कारण होता है.
  • इस साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024 की थीम “ विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीकें ” है.
  • इस दिन विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों से संबंधित बहुत सारे प्रोग्राम आयोजित किया जाते हैं.

उम्मीद कि आपको ये पोस्ट ‘ राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर निबंध (essay on national science day in hindi)’ उपयोगी लगा होगा. अगर आपका इससे जुड़ा कोई प्रश्न है तो कॉमेंट में जरूर पूछें एवं इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें.

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर निबंध – FAQs

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का विषय क्या है.

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का विषय “विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीकें (Indigenous Technologies for Viksit Bharat)” है.

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की शुरुआत कैसे हुई?

वर्ष 1986 में राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (NCSTC) ने भारत सरकार से अनुरोध किया कि 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रुप में मनाया जाए फिर भारत सरकार से मंजूरी मिलने के बाद 28 फरवरी 1987 को प्रथम बार राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया गया.

रमन प्रभाव की खोज किसने की है?

रमन प्रभाव की खोज सीवी रमन ने की है.

सर चंद्रशेखर वेंकटरमन को नोबेल पुरस्कार क्यों मिला?

प्रकाश के प्रकीर्णन ( scattering ) से जुड़े उनके नायाब खोज ‘रमन प्रभाव’ के लिए वर्ष 1930 में सर चंद्रशेखर वेंकटरमन को भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला.

पहला राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कब मनाया गया?

पहला राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 28 फरवरी 1987 को मनाया गया.

Md Salehuzzma

Posted by: Md Salehuzzma

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राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024, भाषण, निबंध | National Science Day Essay in Hindi

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024 कब मनाया जाता है, क्यों मनाया जाता है, भाषण, निबंध, विज्ञान दिवस पर वृत्तांत लेखन, थीम, शायरी (National Science Day 2024 Speech, Theme, Objective   in Hindi)

विज्ञान की मदद से इंसानों ने कई तरह की खोज कर, अपने जीवन को ओर बेहतर बना लिया है. विज्ञान के जरिए ही आज हम लोगों ने नई तरह की तकनीकों का आविष्कार किया है. वहीं हर रोज ना जाने हम विज्ञान की मदद से बनाई गई कितनी तकनीकों और चीजों का इस्तेमाल करते हैं. इतना हीं नहीं इसके जरिए ही हम लोग नामुकिन चीजों को मुमकिन बनाने में कामयाबी भी रहे हैं. विज्ञान की मदद से ही हम अंतरिक्ष में पहुंचने से लेकर रोबोट, कंप्यूटर जैसी चीजे बनाने में सफल हो पाए हैं. ऐसे में विज्ञान हमारे जीवन में काफी महत्व रखता है और हर स्कूल में इस विषय को बच्चों को पढ़ाया जाता है. वहीं भारत ने विज्ञान के क्षेत्र में काफी योगदान दिया है. भारत की धरती पर कई महान वैज्ञानिकों ने जन्म लिया है और इन महान वैज्ञानिकों की बदलौत ही भारत ने विश्व भर में विज्ञान के क्षेत्र में अपना एक अलग ही औदा बनाया हुआ है. 

National Science Day

Table of Contents

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (National Science Day)

नामराष्ट्रीय विज्ञान दिवस
कब मनाया जाता है28 फरवरी
पहली बार कब मनाया गया थासन 1987 में
विश्व विज्ञान दिवस10 नवंबर को

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कब मनाया जाता है (When National Science Day Celebrate)

आज से कई वर्ष पूर्व 28 फरवरी के दिन भारतीय वैज्ञानिक डॉक्टर रमन सिंह के द्वारा रमन प्रभाव की खोज की गई थी, इस दिन को एक यादगार बनाने के लिए 28 फरवरी को हर वर्ष विज्ञान दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई, और तब से लेकर अब तक 28 फरवरी को हम राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाते आ रहे है. राष्ट्रीय विज्ञान दिवस क्या है, इसका इतिहास, इसके उद्देश्य और राष्ट्रीय विज्ञान दिवस आदि सभी जानकारी को हमने अपने इस आर्टिकल में संकलित किया है.  

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस क्यों मनाया जाता है (Why is National Science Day Celebrated)

28 फरवरी 1928 का दिन भारतीय इतिहास में एक महान दिन था, क्योंकि इसी दिन राष्ट्रीय वैज्ञानी डॉक्टर चंद्रशेखर रमन द्वारा एक विशेष आविष्कार किया गया था. वे एक तमिल ब्राह्मण थे और ऐसे पहले व्यक्ति थे, जिन्होने भारत में कोई शोध कार्य किया था. इन्होने सन 1907 से लेकर 1933 तक इंडियन एसोसिएशन ऑफ द कल्टीवेशन ऑफ साइन्स, कोलकाता पश्चिम बंगाल में काम किया. इस समय में इन्होने कई विषयों पर शोध कार्य किया.  जिसमें इनकी रमन प्रभाव नामक खोज एक विशेष खोज बन गई.  उनके इस प्रयास के लिए उन्हे विभिन्न पुरुस्कारों से सम्मानित किया गया और साल 1930 में उन्हे नोबल पुरुस्कार भी दिया गया.

उनके इस प्रयास को भविष्य में हमेशा याद रखने के लिए वर्ष 1986 में नेशनल काउंसिल फॉर साइन्स एंड टेक्नालजी कम्युनिकेशन द्वारा 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में घोषित करने के लिए कहां गया था. तब से भारतीय विज्ञान के क्षेत्र में 28 फरवरी को बहुत ही उत्साह से मनाया जाता है. इस दिन को भारत के वैज्ञानिक, शैक्षणिक, चिकित्सा, तकनीकी और अनुसंधान संस्थानों सहित सभी स्कूलों, कॉलेजों, और शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों, शिक्षकों, वैज्ञानिको और शोधकर्ताओ द्वारा मनाया जाता है.

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का उद्देश्य (National Science Day Objective)

इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच में विज्ञान के प्रति ओर जागरूकता पैदा करना है. इतना ही नहीं इस दिवस के जरिए बच्चों को विज्ञान को बतौर अपने करियर को चुनने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है. ताकि हमारे देश की आनेवाली पीढ़ी विज्ञान के क्षेत्र में अपना योगदान दे सके और हमारे देश की ओर तरक्की हो सके.

इस दिन को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस घोषित करने का एक मुख्य मकसद रमन प्रभाव और डॉक्टर चंद्रशेखर रमन को सम्मान देना तो था, ही इसके अलावा भी इसके कई अन्य उद्देश्य थे जो इस प्रकार है.

  • हमारे दैनिक जीवन में विभिन्न वैज्ञानिक आविष्कारों कि महत्ता बताना भी इस दिन को मनाने का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है.
  • मानव कल्याण और प्रगति के लिए वैज्ञानिक क्षेत्र में सभी गतिविधियों, प्रयासों और उपलब्धियों को प्रदर्शित करना भी इस दिन को मनाने के उद्देश्यों में शामिल है.
  • विज्ञान और वैज्ञानिक विकास के लिए इसी दिन सभी मुद्दो पर चर्चा की जाती है और इसी दिन नई तकनिको को लागू भी किया जाता है.
  • देश में कई ऐसे लोग है, जो वैज्ञानिक सोच रखते है, इन लोगो को मौका देना और इन्हे अपने काम के लिए प्रोत्साहित करना भी इस दिवस को मनाने का एक उद्देश्य है.

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की घोषणा कब की गई (National Science Day Annoucement)

इस साल भी हम 28 फरवरी के दिन राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाएंगे.  चुकी इस दिवस की घोषणा साल 1986 में हुई थी और इसे पहली बार साल 1987 में मनाया गया था, इसलिए इस साल यह 31 स्वा राष्ट्रीय विज्ञान दिवस होगा, जिसे हम गर्व से मनाएंगे. इस साल इस दिन की थीम “विज्ञान लोगों के लिए और लोग विज्ञान के लिए” (Science for People and People for Science) होगी.

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम (National Science Day Themes)

वैसे तो राष्ट्रीय विज्ञान दिवस साल 1987 से मनता आ रहा है पर हम यहां आपको साल 2011 से लेकर 2024 तक इस दिन की थीम से अवगत कर रहें है-

2011दैनिक जीवन में रसायन
2012स्वच्छ ऊर्जा विकल्प और परमाणु ऊर्जा
2013अनुवंशिक रूप से संशोधित फसलें और खाद्य सुरक्षा 
2014वैज्ञानिक तापमान और ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा
2015राष्ट्र निर्माण का विज्ञान
2016मेक इन इंडिया; एस एंड टी संचालित नवाचार
2017विशेष रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए विज्ञान और प्रोद्योगिकी
2018एक सतत भविष्य के लिए विज्ञान और प्रोद्योगिकी
2019विज्ञान लोगों के लिए और विज्ञान के लिए लोग
2020वीमेन एंड साइंस (महिलाएं और विज्ञान)
2021एसटीआई का भविष्य : शिक्षा, कौशल और कार्य पर प्रभाव
2022सतत विकास के लिए बिनियादी विज्ञानं
2023वैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान
2024विकसित भारत के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकियां

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024 की थीम (National Science Day Theme)

इस साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम यानि विषय ‘ विकसित भारत के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकियां’ है.

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कैसे मनाया जाता है (National Science Day Activities)

भारत के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा इस दिन को विशेष बनाने के लिए कई तरह की तैयारियां की जाती हैं. वहीं भारत के स्कूलों और कॉलेजों में इस दिन पर कई तरह के कार्यक्रमों, बच्चों द्वारा विज्ञान प्रोजेक्ट, प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है और इन कार्यक्रमों में बच्चे बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हैं. इतना ही नहीं बच्चों को विज्ञान विषय को लेकर जानकारी दी जाती है, ताकि बच्चे इस विषय में अपना करियर बना सकें. वहीं रेडियो और टीवी पर इस दिन कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. इन कार्यक्रमों में विज्ञान को लेकर चर्चा की जाती है. इसके अलावा विज्ञान से जुड़े कॉलेजों में वैज्ञानिकों को भी बुलाया जाता है, ताकि वो कॉलेज के छात्रों के साथ अपना अनुभाव साझा कर सकें.

वर्ल्ड साइंस डे फॉर पीस एंड डेवलपमेंट (World Science Day for Peace and Development in Hindi)

10 नवंबर के दिन पूरी दुनिया में वर्ल्ड साइंस डे फॉर पीस एंड डेवलपमेंट मनाया जाता है. इस दिन पूरी दुनिया में विज्ञान को लेकर कई तरह के सैमीनारों का आयोजन होता है. इतना ही नहीं इस दिन विज्ञान से जुड़े फायदों के बारे में भी लोगों को बताया जाता है. साल 2002 में सबसे पहले इस दिवस को मनाया गया था. वहीं जब से लेकर अभी तक इस दिवस को हर साल इस दिन मनाया जाता है.

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के बारे में और जानने के लिए क्लिक करे

होमपेज

Ans : 28 फरवरी

Ans : राष्ट्रीय वैज्ञानिक डॉक्टर चंद्रशेखर रमन की

Ans : इसकी जानकारी ऊपर दी हुई है.

Ans : 10 नवंबर को

Ans : विज्ञान से संबंधित विभिन्न गतिविधियाँ करके.

Ans : विकसित भारत के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकियां

  • विश्व सामाजिक न्याय दिवस महत्व व इतिहास
  • भारत का मुख्य नदियों की जानकारी 
  • गूगल क्या है और उसका इतिहास 
  • Mudra Yojana in Hindi

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राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024: थीम, इतिहास और सी.वी. रमन

Science Day: हर साल 28 फरवरी को भारत के महान वैज्ञानिक सी.वी. रमन द्वारा रमन प्रभाव की खोज को यादगार बनाने के लिए राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है।

National Science Day 2024: राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कब और क्यों मनाते है? जानिए कौन थे सी.वी. रमन

महान भारतीय वैज्ञानिक सी.वी. रमन ने वर्ष 1928 में भौतिकी में की गयी अपनी महत्वपूर्ण खोज (रमन इफ़ेक्ट) को 28 फरवरी के दिन सार्वजनिक किया था, उनकी इस कामयाबी को याद रखने के लिए भारत में प्रत्येक वर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (National Science Day) मनाया जाता है।

इस साल 2024 में 28 फरवरी को बुधवार के दिन भारत में राष्ट्रीय स्तर पर 38वां विज्ञान दिवस मनाया जा रहा है, और यह रमन इफ़ेक्ट खोज की 97वीं वर्षगांठ भी है। आइए अब नेशनल साइंस डे की थीम (Theme), उद्देश्य और महत्व के बारे में जानते हैं।

Rashtriya Vigyan Diwas - 28 February

Rashtriya Vigyan Diwas Information in Hindi
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस
28 फरवरी (वार्षिक)
वर्ष 1986 में
28 फरवरी 1987
साइंस फॉर अ सस्टेनेबल फ्यूचर
सर सी.वी रमन
  • क्यों (उद्देश्य)
  • सी.वी रमन की बायोग्राफी
  • कैसे (उत्सव)

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का इतिहास (कैसे हुई शुरूआत?)

वर्ष 1928 में 28 फरवरी ही वह दिन था जब भारतीय वैज्ञानिक डॉ. चंद्रशेखर रमन द्वारा भौतिक विज्ञान (Physics) में प्रकाश प्रकीर्णन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण ‘ रमन इफेक्ट ‘ की खोज की घोषणा की गई।

National Science Day क्यों मनाते है? (उद्देश्य और महत्व)

रमन इफेक्ट के खोजकर्ता सर सी.वी रमण के इस महत्वपूर्ण खोज के उपलक्ष में प्रति वर्ष 28 फरवरी को नेशनल साइंस डे मनाया जाता है, जिसका मकसद उन्हें और उनके योगदानों को याद करना है।

इसके साथ ही इसे मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को विज्ञान के प्रति जागरूक करना, इसके महत्व को समझाना, वैज्ञानिक सोच पैदा करना तथा बच्चों को विज्ञान विषय को एक करियर के रूप में चुनने के लिए प्रोत्साहित करना भी है। जिससे देश में आने वाली पीढ़ी इसके प्रति जागरुक रहे और देश विज्ञान के क्षेत्र में तरक्की करता रहे।

हमारे देश में कई असाधारण वैज्ञानिकों का जन्म हुआ जिनमें से एक सर सी.वी. रमण (CV RAMAN) ने भारत को नए आयाम दिए। भारतीय वैज्ञानिकों के योगदानों के कारण ही आज भारत का विश्व भर में विज्ञान क्षेत्र में लोहा माना जाता है।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024 की थीम (Science Day Theme in Hindi)

प्रत्येक वर्ष 28 फरवरी को मनाए जाने वाले राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024 की थीम “ सतत भविष्य के लिए विज्ञान ” (Science for a Sustainable Future) है, पिछली साल 2023 की थीम “ वैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान ” (Global Science for Global Wellbeing) थी, यह विषय देश और विदेश में वैज्ञानिकों को एक साथ आने, और काम करने तथा वैश्विक स्तर पर वैज्ञानिक मुद्दों की सार्वजनिक प्रशंसा बढ़ाने के उद्देश्य से चुना गया है।

नेशनल साइंस डे 2022 की थीम ‘ दीर्घकालिक भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एकीकृत दृष्टिकोण ‘ थी। इससे पहले 2021 में इसे “ एसटीआई का भविष्य: शिक्षा, कौशल और कार्य पर प्रभाव ” Theme के साथ मनाया गया था। तो वहीं 2020 का विषय ‘ वूमेन इन साइंस ‘ था।

National Science Day Previous Themes:

  • 2021 – “Future of STI: Impacts on Education, Skills and Work” (यहाँ STI का अर्थ Science, Technology & Innovation है।)
  • 2020 – “Women in Science”
  • 2019 – “Science for the People, and the People for Science”
  • 2018 – “Science and Technology for a sustainable future.”
  • 2017 – “Science and Technology for Specially Abled Persons”
  • 2016 – “Scientific Issues for Development of the Nation”
  • 2015 – “Science for Nation Building”
  • 2014 – “Fostering Scientific Temper”
  • 2013 – “Genetically Modified Crops and Food Security”

सी.वी. रमन का जीवन परिचय (C.V. Raman Biography in Hindi)

सर सी.वी रमन का पूरा नाम ‘ चंद्रशेखर वेंकटरमन ‘ है, उनका जन्म 7 नवंबर 1888 को भारत के तमिलनाडु राज्य के तिरुचिरापल्ली शहर में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ। उनके पिता ‘ चंद्रशेखर अय्यर ‘ कॉलेज में भौतिकी विज्ञान के शिक्षक थे। तथा उनकी माता ‘ पार्वती अम्मल ‘ एक गृहस्त महिला थी।

1892 में जब रमन के पिता का तबादला विशाखापट्टनम में हुआ तो वहां उनके पिता को पढ़ने का ज्यादा शौक होने के कारण घर में ही किताबों का भंडार लग गया था। जहां से रमन ने बचपन से ही काफी अच्छी शिक्षा प्राप्त की।

पढ़ाई-लिखाई (Education):

इसके बाद उन्होंने विशाखापट्टनम के ‘ सेंट अलोय्सिअस एंग्लो-इंडियन हाई स्कूल ‘ से पढ़ाई की और मात्र 11-12 साल की उम्र में ही उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास कर ली।

इसके बाद 13 साल की कम आयु में उन्होंने बारहवीं की परीक्षा भी पास कर ली तथा आगे की पढ़ाई के लिए मद्रास (चेन्नई) के विश्वविद्यालय में दाखिला लेकर सन 1904 में अपनी स्नातक की शिक्षा पूर्ण की।

तथा 1907 में मास्टर की डिग्री में वह पूरे मद्रास विश्वविद्यालय में भौतिक विज्ञान विषय में प्रथम (First) आए।

विवाह (पत्नी और बच्चे):

सी वी रमन का विवाह 6 मई 1907 को ‘ लोक सुंदरी अम्मल ‘ से हुआ उनकी दो संताने थी। जिसमें से एक बेटे का नाम चंद्रशेखर और दूसरे बेटे का नाम ‘ राधाकृष्णन ‘ था। राधाकृष्णन बाद में एक खगोल शास्त्री बने।

करियर की शुरुआत:

विज्ञान क्षेत्र में कुछ असुविधाओं के कारण वर्ष 1917 में सीवी रमन जी सरकार द्वारा आयोजित कराई गई परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त कर वित्त विभाग में नियुक्त हो गए। उनकी नियुक्ति कोलकाता में हुई थी। परंतु वह इस सरकारी नौकरी से खुश नहीं थे।

उन्होंने इंडियन एसोसिएशन फॉर कल्टीवेशन ऑफ़ साइंस मे पहुंच कर वहां अपना परिचय दिया और प्रयोगशाला में आज्ञा प्राप्त की और वहां शोध कार्य करते रहे, इसके बाद उनका तबादला रंगून में हो गया।

सर सी.वी रमन जी को मिले सम्मान और पुरस्कार:

  • 1928 में ‘ रॉयल सोसायटी (लंदन) ‘ का फेलो बनाया गया।
  • 1930 में उन्हें भौतिकी क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से नवाज़ा गया। इस क्षेत्र में पुरस्कार पाने वाले वे भारत और एशिया के पहले वैज्ञानिक थे।
  • 1941 में फ्रैंकलीन मेडल मिला।
  • 1954 में भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया।
  • 1957 में लेनिन शांति पुरस्कार भी मिला।

मृत्यु (Death):

सर सी.वी. रमन जी जब अपनी प्रयोगशाला में प्रयोग कर रहे थे तब वह वहां गिर गए। जिसके बाद उन्हें डॉक्टर के पास ले जाया गया तो डॉक्टरों ने जवाब दे दिया, और बताया कि उनके जीवन में अब कुछ ही दिन बचे हैं।

ऐसे में वे अपने जीवन के आखिरी पल अस्पताल में ना गुजरते हुए अपने इंस्टिट्यूट के बगीचे में अपने हाथों से लगाए गए फूलों के साथ व्यतीत करना चाहते थे। और आखिरकार 21 नवंबर 1970 को 82 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया।

नेशनल साइंस डे कैसे मनाया जाता है?

राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद् द्वारा 28 फरवरी को साइंस डे घोषित किए जाने के बाद से ही हर साल यह दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन स्कूलों, कॉलेजों और शैक्षिक संस्थानों में विद्यार्थियों द्वारा कई कार्यक्रम एवं निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।

इसके साथ ही विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभागों के माध्यम से व्याख्यान, प्रश्नोत्तरी, रेडियो, टेलीविजन शो और वाद-विवाद आदि गतिविधियों को एक केंद्रीय विषय के आसपास आयोजित किया जाता है।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस प्रथम बार कब मनाया गया?

प्रत्येक वर्ष 28 फरवरी को नेशनल साइंस डे मनाए जाने की शुरुआत भारत सरकार द्वारा वर्ष 1986 में की गई, जिसके बाद 28 फरवरी 1987 को इसे पहली बार मनाया गया। यह दिवस भारतीय भौतिकविद सी.वी. रमन की महान खोज रमन प्रभाव को रेखांकित करता है।

रमन प्रभाव क्या है? (Raman Effect in Hindi)

रमन प्रभाव 1928 में भारतीय भौतिक विज्ञान संघ (कोलकाता) की प्रयोगशाला में काम करते हुए प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी सर चंद्रशेखर वेंकट रमन द्वारा खोजे गए स्पेक्ट्रोस्कोपी की एक घटना है।

रमन प्रभाव के अनुसार प्रकाश की तरंग दैर्ध्य में परिवर्तन, तब होता है जब प्रकाश की किरण अणुओं द्वारा विक्षेपित हो जाती है। अथार्त जब प्रकाश पारदर्शी पदार्थ से यात्रा करता है, तो प्रकाश की तरंगदैर्ध्‍य में बदलाव दिखता है।

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National Science Day Essay, Themes in English, Hindi & Gujarati 2022

National Science Day Essay, Themes in English, Hindi and Gujarati 2022

National Science Day Essay in English 2022

Respected Principal, Teachers and My Friends,

Wish you all Happy National Science Day.

You might be aware that 28th February is celebrated as  National Science Day  in India but do you know why and for what the day is celebrated as National Science Day. I am also sure you must have heard about celebrated Indian Scientist Sir Chandrasekhara Venkata Raman . On this day in 1928, he discovered a phenomenon of scattering of photons which was later known as ‘Raman Effect’ after his name. After two years in 1930, he got Nobel Prize for this remarkable discovery and this was the first Nobel Prize for India in the field of Science. To mark the discovery of his famous phenomenon National Science Day is celebrated in India on the day each year.

Also Participate in the National Science Day Quiz

Quiz Competition with Certificate on National Science Day 28 February 2022

When was the day declared as National Science Day?

In 1986, the National Council for Science and Technology Communication (NCSTC) asked the Government of India to designate 28 February as National Science Day which the then Govt. of India accepted and declared the day as National Science Day in 1986 . The first National Science Day was celebrated on February 28, 1987.

Why do we celebrate?

The basic objective of observation of National Science Day is to spread the message of importance of science and its application among the people. National science day is celebrated as one of the main science festivals in India every year with following purpose-

  • To widely spread a message about the significance of scientific applications in the daily life of the people,
  • To display all the activities, efforts and achievements in the field of science for welfare of human being,
  • To discuss all the issues and implement new technologies for the development of the science,
  • To give an opportunity to the scientific minded citizens in the country,
  • To encourage the people as well as popularize the Science and Technology.

National Science Day Themes in English

2011Chemistry in Daily life
2012Clean energy alternatives and nuclear power
2013Genetically modified crops and food security
2014Promote scientific temperature and energy conservation
2015Science of Nation Building
2016Make in India; S&T Driven Innovation
2017Science and Technology for Persons with Disabilities
2018Science and Technology for a Sustainable Future
2019Science for the people and science for the people
2020Woman in Science
2021The Future of STIs (Science, Technology and Innovation): Impact on Education, Skills, Work
2022

GO SCIENCE!

National Science Day Essay in Hindi 2022

सर चंद्रशेखर वेंकट रमन द्वारा रमन इफेक्ट ’की खोज करने की स्मृति में हर वर्ष 28 फरवरी को  राष्ट्रीय विज्ञान दिवस ( National Science Day- NSD ) के रूप में मनाया जाता है। वेंकट रमन को उनके इस कार्य के लिये वर्ष 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। पहला राष्ट्रीय विज्ञान दिवस वर्ष 1987 में मनाया गया था।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस  विज्ञान से होने वाले लाभों के प्रति समाज में जागरूकता लाने और वैज्ञानिक सोच पैदा करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तत्वावधान में हर साल 28 फरवरी को भारत में मनाया जाता है।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस रमन प्रभाव की खोज के कारण मनाया जाता है। इस खोज की घोषणा भारतीय वैज्ञानिक सर चंद्रशेखर वेंकट रमन (सर चन्द्रशेखर वेंकटरमन ने 28 फरवरी सन् 1928 को की थी। इसी खोज के लिये उन्हे 1930 में नोबल पुरस्कार दिया गया था। यह किसी भी भारतीय व एशियन व्यक्ति द्वारा जीता गया पहला नोबल पुरस्कार था।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का उद्देश्य

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का मूल उद्देश्य विद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति आकर्षित व प्रेरित करना तथा जनसाधारण को विज्ञान एवं वैज्ञानिक उपलब्धियों के प्रति सजग बनाना है।  विज्ञान के बिना विकास की राह में तीव्रता से आगे नहीं बढ़ा जा सकता है । विज्ञान से गलत धारणा और अंधविश्वासों (अन्धविश्वासों) का विनाश होता है। विज्ञान और तकनीक को प्रसिद्ध करने के साथ ही देश के नागरिकों को इस क्षेत्र मौका देकर नई ऊँचाइयों को हासिल करना भी इसका मुख्य उद्देश्य है।

देश के विकास के लिए वैज्ञानिक सोच का प्रसार आवश्यक है । राष्ट्रीय विज्ञान दिवस जैसे आयोजन वैज्ञानिक दृष्टिकोण के प्रसार में निश्चित रूप से सहायक सिद्ध हो सकते हैं। विज्ञान के द्वारा ही हम समाज के लोगों का जीवन स्तर अधिक से अधिक खुशहाल बना सकते हैं। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस विज्ञान से होने वाले लाभों के प्रति समाज में जागरूकता लाने और वैज्ञानिक सोच पैदा करने के उद्देश्य से मनाया जाता है।

इस दिन सभी विज्ञान संस्थानों, जैसे राष्ट्रीय एवं अन्य विज्ञान प्रयोगशालाएं, विज्ञान अकादमियों, स्कूल और कॉलेज तथा प्रशिक्षण संस्थानों में विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों से संबंधित प्रोग्राम आयोजित किए जाते हैं। महत्त्वपूर्ण आयोजनों में वैज्ञानिकों के भाषण, निबंध, लेखन, विज्ञान प्रश्नोत्तरी, विज्ञान प्रदर्शनी, सेमिनार तथा संगोष्ठी इत्यादि सम्मिलित हैं। विज्ञान के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए राष्ट्रीय एवं दूसरे पुरस्कारों की घोषणा भी की जाती है। विज्ञान की लोकप्रियता को बढ़ाने के लिए विशेष पुरस्कार भी रखे गए हैं।

National Science Day Themes in Hindi – राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम

वैसे तो राष्ट्रीय विज्ञान दिवस साल 1986 से मनता आ रहा है पर हम यहां आपको साल 1999 से लेकर 2022 तक इस दिन की थीम से अवगत कार्वा रहें है-

सतत् भविष्य के   लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एकीकृत दृष्टिकोण (1999 to 2022)

(Year)
1999“हमारी बदलती धरती”।
2000“मूल विज्ञान में रुचि उत्पन्न करना”।
2001“विज्ञान शिक्षा के लिये सूचना तकनीक”।
2002“पश्चिम से धन”।
2003“जीवन की रुपरेखा- 50 साल का डीएनए और 25 वर्ष का आईवीएफ”।
2004“समुदाय में वैज्ञानिक जागरुकता को बढ़ावा देना”।
2005“भौतिकी को मनाना”।
2006 “हमारे भविष्य के लिये प्रकृति की परवरिश करें”।
2007“प्रति द्रव्य पर ज्यादा फसल”।
2008“पृथ्वी ग्रह को समझना”।
2009“विज्ञान की सीमा को बढ़ाना”।
2010 “दीर्घकालिक विकास के लिये लैंगिक समानता, विज्ञान और तकनीक”।
2011“दैनिक जीवन में रसायन”।
2012“स्वच्छ ऊर्जा विकल्प और परमाणु सुरक्षा”।
2013“अनुवांशिक संशोधित फसल और खाद्य सुरक्षा”।
2014“वैज्ञानिक मनोवृत्ति को प्रोत्साहित करना”।
2015“राष्ट्र निर्माण के लिये विज्ञान”।
2016“देश के विकास के लिए वैज्ञानिक मुद्दों पर सार्वजनिक प्रशंसा बढ़ाने के लक्ष्य” ।
2017“विशेष रूप से एबल्ड पर्सन के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी”।
2018“एक सतत भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी।”
2019“विज्ञान के लिए जन और जन विज्ञान के लिए विज्ञान।”
2020 “विज्ञान में महिलाएँ।”
2021एसटीआई का भविष्य (विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार): शिक्षा, कौशल, कार्य पर प्रभाव 
2022  

Questions FAQ –

  • राष्‍ट्रीय विज्ञान दिवस कब मनाया जाता है? – 28 फरवरी
  • विज्ञान दिवस क्यों मनाया जाता है? – विज्ञान दिवस समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को विकसित करने के लिए मनाया जाता है।भारत मे 28 फरवरी को ये दिवस मनाया जाता है क्योंकि इस दिन सी वी रमन को रमन प्रभाव की खोज के लिए नोबल पुरस्कार दिया गया था।

National Science Day Essay in Gujarati 2022

28 ફેબ્રુઆરી , 1928ના રોજ ભારતીય વૈજ્ઞાનિક સી.વી . રામને રામન અસરની શોધ કરી હતી . સી. વી. રામનને ત્યારબાદ રામન અસરની શોધ માટે 1930માં ભૌતિકશાસ્ત્રનો નોબેલ પુરસ્કાર આપવામાં આવ્યો હતો . NCSTCની સલાહ મુજબ તેમની યાદમાં ભારત સરકારે 1986માં 28 ફેબ્રુઆરીને રાષ્ટ્રીય વિજ્ઞાન દિવસ તરીકે ઉજવવાનું સ્વીકાર્યું . પ્રથમ રાષ્ટ્રીય વિજ્ઞાન દિવસ 28 ફેબ્રુઆરી , 1987માં ઉજવવામાં આવ્યો.

ત્યારથી આજ સુધી 28 ફેબ્રુઆરીને રાષ્ટ્રીય વિજ્ઞાન દિવસ ઉજવવામાં આવે છે .

રાષ્ટ્રીય વિજ્ઞાન દિવસ  

રાષ્ટ્રીય વિજ્ઞાન દિવસ  (નેશનલ સાયન્સ ડે; અંગ્રેજી: National Science Day) ભારત દેશમાં વિજ્ઞાન દ્વારા થતા લાભો પ્રતિ સમાજમાં જાગૃતિ લાવવા અને વૈજ્ઞાનિક વિચારસરણી જાગૃત કરવાના હેતુ માટે રાષ્ટ્રીય વિજ્ઞાન અને પ્રૌદ્યોગિકી પરિષદ (નેશનલ સાયન્સ અને ટેકનોલોજી કાઉન્સિલ) અને વિજ્ઞાન અને પ્રૌદ્યોગિકી મંત્રાલય (મિનિસ્ટ્રી ઓફ સાયન્સ એન્ડ ટેકનોલોજી), ભારત સરકારના ઉપક્રમે દર વર્ષે ફેબ્રુઆરી ૨૮ના દિવસે ભારતમાં ઉજવવામાં આવે છે. ફેબ્રુઆરી ૨૮ના દિવસે, સર સી. વી. રામન દ્વારા પોતાની શોધની જાહેરાત કરવામાં આવી હતી. આ શોધ માટે તેમને વર્ષ ૧૯૩૦માં નોબૅલ પારિતોષિક આપવામાં આવ્યું હતું.

રાષ્ટ્રીય વિજ્ઞાન દિવસનો મૂળ હેતુ

રાષ્ટ્રીય વિજ્ઞાન દિવસનો મૂળ હેતુ યુવાન વિદ્યાર્થીઓને વિજ્ઞાન પ્રતિ આકર્ષિત તેમ જ પ્રોત્સાહિત કરવા અને સામાન્ય જનતાને વિજ્ઞાન અને વૈજ્ઞાનિક સિદ્ધિઓ પ્રતિ સજાગ રાખવાનો છે. આ દિવસે બધી વિજ્ઞાન સંસ્થાઓ, જેમ કે રાષ્ટ્રીય અને અન્ય વિજ્ઞાન પ્રયોગશાળાઓ, વિજ્ઞાન અકાદમીઓ, શાળા અને કોલેજ અને તાલીમ સંસ્થાઓ ખાતે વિવિધ વૈજ્ઞાનિક પ્રવૃત્તિઓ સાથે સંબંધિત કાર્યક્રમો હાથ ધરવામાં આવે છે. મહત્વપૂર્ણ આયોજનોમાં વૈજ્ઞાનિકોનાં વકતવ્યો, નિબંધ, લેખન, વિજ્ઞાન પ્રશ્નોત્તરી, વિજ્ઞાન પ્રદર્શન, સેમિનાર અને પરિસંવાદ વગેરે સામેલ હોય છે. વિજ્ઞાન ક્ષેત્રે વિશિષ્ટ પ્રદાન માટે રાષ્ટ્રીય અને અન્ય પુરસ્કારો પણ જાહેરાત પણ કરવામાં આવે છે. વિજ્ઞાનની લોકપ્રિયતા વધારવા માટે વિશેષ પુરસ્કાર પણ રાખવામાં આવ્યા છે.

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Chetan Darji

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Hindi Grammar by Sushil

विज्ञान पर निबंध | Essay on Science in Hindi

Essay on Science in Hindi: आज का यह आधुनिक और चमत्कारिक युग विज्ञान का युग है। छोटे से छोटे गांव से लेकर देश-विदेश हर जगह विज्ञान की अलग ही झलक देखने को मिलती है एक छोटे से पेन से लेकर हर वो वस्तु जो मानव अपने उपयोग में लाता है वह सब विज्ञान की ही देन है। वर्तमान में हम हर छोटे से लेकर बड़े – बड़े कार्यों के लिए विज्ञान पर आश्रित हो चुके हैं।

विज्ञान अपने नए-नए आविष्कारों को करके मानव जीवन को सरल और सहज बनाने के कार्य में लगा रहता है। उसे वीडियो कॉलिंग पर देखना हो आदि ऐसे कई कार्य है जो विज्ञान के द्वारा ही संभव हो पाया है। विज्ञान ने मानव को जीवन को बहुत ही सरल और तकनीकी बना दिया है।

विज्ञान पर निबंध | Essay on Science in Hindi

Table of Contents

विज्ञान पर निबंध (Essay on Science in Hindi)

विज्ञान, मानव के जीवन में दिन – प्रतिदिन उसका एक महत्वपूर्ण अंग बनती जा रही है। प्रत्येक मनुष्य सुबह उठने के लिए अलार्म घड़ी से लेकर पूरे दिन में जो भी वस्तु उपयोग में लाता है वह विज्ञान के द्वारा ही बनाई जाती है।चाहे वह कूलर ,फ्रिज , कंप्यूटर, फोन,पंखा, टीवी ,लैपटॉप आदि अनेक चीज हैं जो एक मनुष्य अपने पूरे दिन में किसी ने किसी तरह उपयोग में लाता है।

जिससे मानव जीवन प्रत्येक कार्य बड़ी ही आसानी से और बिना कोई कष्ट और आनंद दायक तरीके से हो जाता है। यह सब विज्ञान से ही संभव है। आज का जो युग जिसे हम (मॉडर्न दुनिया)के नाम से भी जानते है। उसमे तो बिना विज्ञान के जीवन संभव ही नहीं है। विज्ञान में मानव जीवन को बहुत ही सरल एवं आसान बना दिया है। अब मानव पूर्णतः विज्ञान पर ही निर्भर हो गया है ।

विज्ञान का अर्थ

विज्ञान दो शब्दों से मिलकर बना है। विज्ञान यानी ‘ वि+ज्ञान’। होता है किसी भी” वस्तु का विशेष ज्ञान “होना। मनुष्य अपने दैनिक जीवन के सभी कार्यों के लिए विज्ञान का आदि हो चुका है। विज्ञान के अद्भुत चमत्कारों ने मानव जीवन को पूरी तरह से बदल दिया है।

विज्ञान आज है पूरी दुनिया भर को अचंभित कर रहा है देश – दुनिया के हर कोने-कोने पर विज्ञान की झलक देखने को मिलती है। हमारे जीवन से जुड़ी छोटी से छोटी चीज या वस्तु से लेकर बड़े-बड़े हवाई जहाज, ट्रेन यह सब विज्ञान की ही देन है। पहले जहा आने जाने के लिए सप्ताह/महीने लग जाते थे, अब वहां कुछ ही घंटों और मिनटों में वह दूरी तय कर लेते हैं।

मानव के दैनिक जीवन में विज्ञान का उपयोग

विज्ञान हमारे दैनिक जीवन में एक बहुत महत्वपूर्ण अंग बन चुका है बिना विज्ञान के तो जीवन की कल्पना भी करना संभव नहीं है लेकिन विभिन्न क्षेत्रों में विज्ञान के अविष्कार का महत्व निम्नानुसार है-

1. कृषि के क्षेत्र में –

मानव ,विज्ञान का उपयोग कृषि के क्षेत्र में भी के फसल की नई किस्म को विकसित करने और इसकी पैदावार में सुधार करने के लिए उपयोग में ला रहा है। कृषि के क्षेत्र में ऐसी ऐसी मशीनों और वाहनों का निर्माण हुआ है, जिससे खेती करने में बहुत ही सरलता हो गई है। खेतों में बीज डालना हो कटाई करना हो यह सब कार्य बड़े ही सरलता के साथ मशीनों द्वारा काम समय में हो जाते हैं।

2. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में –

चिकित्सा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विज्ञान द्वारा ऐसी उपकरण ,यंत्रों और बड़ी-बड़ी मशीनों का निर्माण किया गया जिससे बड़ी ही आसानी से रोगों की पहचान और जल्द से जल्द उसका इलाज संभव हो सके।

3. संचार के क्षेत्र में –

संचार के क्षेत्र में मोबाइल, टेलीफोन, रेडियो ,टेप रिकॉर्डर ,इंटरनेट ,फैक्स मशीन आदि ऐसे उपकरणों का प्रयोग करके मनुष्य कम से कम समय में अधिक से अधिक सूचनाओं को प्राप्त कर सकता है।

4. अंतरिक्ष के क्षेत्र में –

विज्ञान ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में बहुत अधिक सफलता प्राप्त किया आज मनुष्य विज्ञान के कारण ही चंद्रमा और अन्य ग्रहों तक सफलता से पहुंच पाया है ,विज्ञान के बिना इसकी कल्पना भी करना संभव नहीं था।

5. बैंकों एवं मॉल के क्षेत्र में –

विज्ञान का दिन – प्रतिदिन बढ़ता आविष्कार, बैंकों और मॉल में भी देखने को मिलता है। बैंकों में बड़ी-बड़ी एटीएम मशीनों के द्वारा लेन देन बड़ी आसानी से हो जाता है।और वही मॉल में भी बिलिंग काउंटर में एटीएम कार्ड या अन्य डेबिट, क्रेडिट कार्ड के द्वारा आप खरीदारी कर सकते हैं और कैश ले जाने की भी कोई आवश्यकता नहीं होती है।

6. शिक्षा के क्षेत्र में –

विज्ञान का प्रयोग शिक्षा के क्षेत्र में सबसे अधिक किया जाता है। विज्ञान के आविष्कार के बाद से शिक्षा के क्षेत्र में काफी उन्नति देखने के मिली है। दुनिया की कोई भी खबर ,कोई भी सवाल हो कंप्यूटर के माध्यम से छात्र बड़ी आसानी से उसका उत्तर प्राप्त कर सकता है। स्कूलों में भी अब टेक्नोलॉजी का विस्तार देखने को मिलता है वर्तमान में तो कंप्यूटर के माध्यम से ऑनलाइन क्लासों के द्वारा ही घर में रह कर आप अपनी पढाई कर सकते हैं।

7. यातायात के क्षेत्र में

पहले के समय में किसी यात्रा के लिए मनुष्य को काफी समय लग जाता था विज्ञान के आविष्कार के द्वारा लंबी से लंबी यात्रा को ही कुछ ही घंटे में मनुष्य ट्रेन , बस, कार ,मोटरसाइकिल और हवाई जहाज ,आदि के द्वारा कम से कम समय में पूरा कर लेता है।

विज्ञान के प्रकार

प्राकृतिक और भौतिकी विज्ञान में दुनिया का व्यवस्थित ज्ञान होता है। विज्ञान के प्रकार निम्नानुसार है-

1. भौतिक विज्ञान (Physics)

भौतिक विज्ञान, विज्ञान की एक सबसे बड़ी शाखा होती है। विद्वानों का यह मानना है कि इसमें ऊर्जा का रूपांतरण द्रव के अवयव तथा प्राकृतिक जगत एवं उसकी सभी आंतरिक क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है।

जैसे -स्थान, काल ,गति,द्रव्य ,विद्युत, प्रकाश तथा ध्वनि।

2. रसायन विज्ञान (Chemistry)

रसायन विज्ञान के अंतर्गत पदार्थों के संगठन ,उनकी संरचना, गुणों एवं रासायनिक अभिक्रियाओं में हुए परिवर्तनों का अध्ययन किया जाता है।

3. खगोल विज्ञान (Geography)

खगोल विज्ञान के अंतर्गत अंतरिक्ष और आकाशीय पिंडों का अध्ययन किया जाता है खगोल विज्ञान के अंतर्गत प्राकृतिक विज्ञान से जुड़े अन्य विज्ञान जैसे , जियोलॉजी इकोलॉजी, एस्ट्रोनॉमी और ओशेयनोग्राफी आदि का अध्ययन किया जाता है।

विज्ञान एक वरदान

विज्ञान, मानव जीवन में एक वरदान के रूप में प्राप्त हुआ है वर्तमान में मानव का पूरा जीवन है विज्ञान पर ही टिका हुआ है । सुबह से लेकर रात तक हम जितने भी कार्य करते हैं वह सब विज्ञान के साधनों और उपकरणों के द्वारा ही पूर्ण करते हैं। कहीं जाना हो, पढ़ाई करनी हो या मनोरंजन करना हो,ये अब विज्ञान के माध्यम से ही करते है।

विज्ञान एक अभिशाप

मानव जीवन में विज्ञान जितना उपयोगी है वह उतना ही अभिशाप के रूप में भी देखा जा सकता है। मनोज साहब हर चीज के लिए वैज्ञानिक उपकरणों पर ही आश्रित हो गया है। मनुष्य दिन प्रतिदिन आलसी होता जा रहा है वह हर काम के लिए वैज्ञानिक मशीनों का ही उपयोग करता है।

मशीनों के प्रयोग से मजदूरों को कम मिलना बंद हो गया है। विज्ञान जितनी अधिक तेजी से विकसित हो रहा है, उसका नुकसान भी बहुत अधिक देखने को मिलता है। आजकल जितनी अधिक मशीनों का उपयोग किया जा रहा है उससे पूरा पर्यावरण प्रदूषण हो रहा है , जंगलों की कटाई, पहाड़ों को काटना और जगह-जगह खनन करके हम अपनी प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर रहे है । जिससे भविष्य में बाढ़, भूकंप का खतरा बढ़ सकता है ।

वर्तमान में मानव जीवन का अस्तित्व विज्ञान पर ही निर्भर करता है। वैज्ञानिकों द्वारा हर दिन कोई ना कोई नई तकनीकी का आविष्कार किया जाता ,जो मानव जीवन को सरल एवं आसान बना रही है। विज्ञान मानव को शारीरिक रूप से अचल बना रहा है। विज्ञान के दो पहलू हैं जिसमें एक तरफ है मनुष्य को तमाम है सुख प्राप्त करवाता है, और आगे बढ़ाने में मदद करता है।

वहीं दूसरी ओर ऐसे – ऐसे विनाशकारी हथियारों का निर्माण करता है ,जिससे पूरी दुनियां का कुछ ही मिनटों और सेकंडो विनाश हो जाए। अब यह तो मनुष्य को ही तय करना है कि उसे विज्ञान का उपयोग है अच्छे कार्यों में करना है या विनाशकारी कार्यों में करना है।

प्रश्न 1- विज्ञान के जनक कौन है ?

उत्तर – विज्ञान के जनक “गैलीलियो गलिली” को कहा जाता है।

प्रश्न 2 विज्ञान का सबसे बड़ा चमत्कार क्या है?

उत्तर – विज्ञान का सबसे बड़ा चमत्कार: ईंधन , कंप्यूटर उपकरण,सूचना आदि ऐसे कई अनोखे चमत्कार विज्ञान द्वारा किए गए , जिससे मानव जीवन बेहद सरल और संपन्न हो गया है।

प्रश्न 3- विज्ञान के लाभ क्या है ?

उत्तर – विज्ञान के द्वारा मनुष्य का जीवन में पहले से बहुत अधिक सरल एवं आरामदायक हो गया है।

प्रश्न 4- विज्ञान की चार शाखाएं कौन सी है?

उत्तर – विज्ञान की चार प्रमुख शाखाएं- गणित और तर्क,जैविक विज्ञान, भौतिक विज्ञान और सामाजिक विज्ञान है।

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National Science Day in Hindi : राष्ट्रीय विज्ञान दिवस क्या है और साथ ही जानें यह 28 फरवरी को ही क्यों मनाया जाता है? 

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  • Updated on  
  • फरवरी 27, 2024

National Science Day in Hindi

सर सी.वी. द्वारा ‘रमन प्रभाव’ की खोज को चिह्नित करने के लिए हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। इसी खोज से सर सी.वी. रमन को 1930 में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार मिला था। यह दिन विज्ञान के महत्व बताने के उद्देश्य से मनाया जाता है। स्टूडेंट्स के लिए यह दिन काफी महत्वपूर्ण है, इसलिए उन्हें इस दिन के महत्व और इतिहास को सही से समझना जरूरी है। इस ब्लाॅग में National Science Day in Hindi के बारे में बताया जा रहा है।

National Science Day in Hindi
28 फरवरी 2024
यह दिन विज्ञान के महत्व बताने और सीवी रमन का विज्ञान में योगदान याद करने के उद्देश्य से मनाया जाता है
विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीकें (Indigenous Technologies for Viksit Bharat)

This Blog Includes:

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के बारे में, राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का इतिहास क्या है, राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का महत्व क्या है, राष्ट्रीय विज्ञान दिवस क्यों मनाते हैं, राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024 थीम, राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कैसे मनाते हैं, राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर 10 लाइन्स, राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के बारे में रोचक तथ्य.

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस हर वर्ष 28 फरवरी को ‘रमन प्रभाव’ की खोज के उपलक्ष्य में और विज्ञान के महत्व को बताने के लिए मनाया जाता है। 1986 में भारत सरकार ने 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (एनएसडी) के रूप में नाॅमिनेट किया था क्योंकि इस दिन सर चन्द्रशेखर वेंकट रमन (सीवी रमन) ने ‘रमन प्रभाव’ की खोज की घोषणा की थी और इसके लिए उन्हें 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। बाद में वह वैज्ञानिक क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले भारतीय बन गए। 

यह भी पढ़ें- National Science Day Quotes in Hindi: पढ़िए राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का उत्सव बनाते वो प्रेरक विचार, जो युवाओं को विज्ञान विषय पढ़ने के लिए प्रेरित करेंगे!

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (National Science Day in Hindi) का इतिहास राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने का विचार पहली बार 1986 में राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार परिषद (एनसीएसटीसी) द्वारा प्रस्तावित किया गया था। बाद में इसे भारत सरकार द्वारा स्वीकार कर लिया गया था। पहला राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 28 फरवरी 1987 को मनाया गया था।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का महत्व विज्ञान के क्षेत्र में वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के योगदान को पहचानने और उसकी सराहना करना है। साथ ही हम लोगों की रोजाना की जिंदगी में विज्ञान के महत्व के बारे में आम जनता के बीच जागरूकता लाना है। यह दिन यह वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने और युवाओं को विज्ञान में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए है। 

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National Science Day in Hindi क्यों मनाते हैं के बारे में यहां बताया जा रहा हैः

  • विज्ञान के महत्व के बारे में आम जनता के बीच जागरूकता लाने के लिए।
  • युवाओं को विज्ञान में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए।
  • भारत के महान वैज्ञानिक सीवी रमन के विज्ञान में योगदान को याद करने के लिए।
  • सर सी.वी. द्वारा ‘रमन प्रभाव’ की खोज को चिह्नित करने के लिए।
  • विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए।

किसी भी आयोजन की सफलता के लिए थीम निर्धारित की जाती है। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के लिए भी हर वर्ष थीम निर्धारित की जाती है। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024 के लिए थीम – विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीकें (Indigenous Technologies for Viksit Bharat) है।

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National Science Day in Hindi कैसे मनाते हैं के बारे में यहां बताया जा रहा हैः

  • राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने के लिए सबसे पहले वैज्ञानिक अनुसंधान या खोज के किसी विशेष क्षेत्र को उजागर करने के लिए राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के लिए एक थीम चुनी जाती है। 
  • शैक्षणिक संस्थान में सार्वजनिक भाषण, कार्यक्रम, विज्ञान प्रदर्शनियां, वाद-विवाद, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं, व्याख्यान और विज्ञान मॉडल प्रदर्शनियों का आयोजन करके राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाते हैं।
  • इस दिन को मनाने के लिए रेडियो, टीवी और वर्तमान में इंटरनेट पर भी विज्ञान से संबंधित विषयों और अवधारणाओं पर कार्यक्रमों को प्रसारित किया जाता है।

National Science Day in Hindi से जुड़ीं 10 लाइन्स इस प्रकार हैंः

  • सर सीवी रमन की रमन प्रभाव खोज को याद करने के लिए हम हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाते हैं।
  • सर सीवी रमन ने वर्ष 1930 में भौतिकी क्षेत्र में महान पुरस्कार जीता और उनके योगदान को याद करने के लिए राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर मनाया जाता है।
  • 1987 में 28 फरवरी को भारत सरकार ने पहला राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया था।
  • राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने के लिए राष्ट्रीय विज्ञान परिषद बहुत मदद करती है।
  • राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को पूरे देश में इस कार्यक्रम को स्कूलों, कॉलेजों और विभिन्न वैज्ञानिक संगठनों की ओर से मनाया जाता है।
  • राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के दिन विज्ञान पर विभिन्न कार्यक्रम, प्रतियोगिताएं, विज्ञान के क्षेत्र में फिल्में और प्रदर्शनियां प्रदर्शित की जाती हैं।
  • विज्ञान के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है।
  • राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का मुख्य संदेश यह था कि विज्ञान लोगों के लिए कितना आवश्यक है और लोग विज्ञान के लिए कैसे काम कर रहे हैं।
  • हमारे दैनिक कार्यों के लिए विज्ञान कितना आवश्यक है, यह दिन हमें समझाता है।
  • विज्ञान दिवस भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी का एक वार्षिक उत्सव है।

यह भी पढ़ें- 28 फरवरी का इतिहास (28 February Ka Itihas) – 1928 में आज ही के दिन भारतीय वैज्ञानिक सीवी रमन ने ‘रमन प्रभाव’ का किया था आविष्कार

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के बारे में रोचक तथ्य इस प्रकार हैंः

  • प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर एक थीम होती है जो वैज्ञानिक अनुसंधान के एक विशेष क्षेत्र या एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपलब्धि के बारे में बताती है।
  • भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है और पूरे देश में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। 
  • राष्ट्रीय विज्ञान दिवस वैज्ञानिक प्रगति को आगे बढ़ाने में इनोवेशन और रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए है।
  • राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर वैज्ञानिक चर्चाओं, वाद-विवादों और प्रयोगों में शामिल होने के अलावा सीखने की संस्कृति को बढ़ावा मिलता है।
  • राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर वैज्ञानिक विषयों में उत्कृष्ट योगदान के लिए योग्य व्यक्तियों को कई प्रतिष्ठित वैज्ञानिक पुरस्कार और मान्यताएं दी जाती हैं।

सर सी.वी. द्वारा रमन प्रभाव की खोज की स्मृति में भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। रमन यह दिन समाज में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने और छात्रों को विज्ञान को करियर के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित करने के लिए मनाया जाता है।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस ने समाज में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करके भारत में विज्ञान शिक्षा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस दिन ने कई छात्रों को विज्ञान को करियर के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित किया है।

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (National Science Day in Hindi) के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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स्टडी अब्राॅड प्लेटफाॅर्म Leverage Edu में सीखने की प्रक्रिया जारी है। शुभम को 4 वर्षों का अनुभव है, वह पूर्व में Dainik Jagran और News Nib News Website में कंटेंट डेवलपर रहे चुके हैं। न्यूज, एग्जाम अपडेट्स और UPSC में करंट अफेयर्स लगातार लिख रहे हैं। पत्रकारिता में स्नातक करने के बाद शुभम ने एजुकेशन के अलावा स्पोर्ट्स और बिजनेस बीट पर भी काम किया है। उन्हें लिखने और रिसर्च बेस्ड स्टोरीज पर फोकस करने के अलावा क्रिकेट खेलना और देखना पसंद है।

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राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर निबंध Essay National Science Day in Hindi

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर निबंध Essay National Science Day in Hindi : नमस्कार दोस्तों आज के निबंध में आपका स्वागत हैं.

नेशनल साइंस डे पर सरल भाषा में निबंध यहाँ दिया गया हैं. चंद्रशेखर वेंकट रमन के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में विज्ञान दिवस मनाया जाता हैं.

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर निबंध Essay National Science Day in Hindi

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस भारतीय भौतिक वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकट रमन ने जिस प्रभाव का आविष्कार किया था जो रमन प्रभाव के नाम से जानी जाती है 28 फरवरी के दिन ही सी वी रमन ने अपनी इस उपलब्धी को दुनिया के सामने रखा था.

विज्ञान अध्यापक दर्शन लाल बवेजा ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि देश के संविधान में वैज्ञानिक दृष्टिकोण के विकास बारे स्पष्ट लिखा है।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर देशभर में विज्ञान से होने वाले लाभों के प्रति लोगों में समझ विकसित करने के लिए राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय इन संगठनों स्वर हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है।

नेशनल साइंस डे को मनाने का मूल उददेश्य विज्ञान और गणित जैसे विषयों में रूचि रखने वाले विद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति आकर्षित करने तथा उनको एक मुकाम देने के साथ ही विज्ञान के महत्व तथा इनके चमत्कारिक आविष्कारों को जन जन तक पहुचाना है.

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर साइंस और प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाने वाले लोगों के बारे में याद कर विद्यार्थियों को प्रेरित किया जाता है.।

इस अवसर पर देश के सभी विज्ञान संस्थानों, जैसे राष्ट्रीय एवं अन्य विज्ञान प्रयोगशालाएं, विज्ञान अकादमियों, स्कूल और कॉलेज तथा प्रशिक्षण संस्थानों में विभिन्न प्रकार के प्रेरणादायक कार्यक्रम आयोजित करवाए जाते है।

इस तरह के विज्ञान सम्मेलनों तथा संगोष्ठियों में भाषण, निबंध, लेखन, विज्ञान प्रश्नोत्तरी, विज्ञान प्रदर्शनी, सेमिनार मुख्य आकर्षण का केंद्र होते है.

विद्यालय और महाविद्यालय के भाग लेने वाले विद्यार्थियों को, राज्य और राष्ट्रीय विभाग से वैज्ञानिकों के द्वारा वैज्ञानिक कार्यों और उनकी उपलब्धियों की पहचान के लिये विज्ञान उत्सव के रुप में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को मनाने की शुरुआत हुई।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस उन लोगों को इस क्षेत्र में कुछ करने का जज्बा तथा जूनून पैदा करने के साथ ही नई संभावनाएं एवं एक मंच उपलब्ध करवाता है.

रमन प्रभाव (Raman effect) –  भारत के महान भौतिक वैज्ञानिक रमन द्वारा रमन प्रभाव की खोज ने आइन्सटाइन के प्रकाश तरंग के आविष्कार के सिद्धांत की पुष्टि को लेकर था.

जिनमे प्रकाश तंरगों के गुण तथा गतियों में आइन्सटाइन के द्वारा कही गई बात को इन्होने काफी हद तक प्रमाणित कर विश्व के सामने रखा. प्रकाश तरंग के बारे में बताने वाले पहले वैज्ञानिक न्यूटन थे,

जिन्होंने कहा था कि प्रकाश के अणु गति नही करते है.। आइन्सटाइन महोदय इस बात से सहमत नही थे, उन्होंने एक नया सिद्धांत दिया जिन्हें डॉक्टर सी वी रमन ने प्रमाणित करने का कार्य किया.

किस तरह से मनाया जाता है ये दिवस (National Science Day Activities)

भारत के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के द्वारा नेशनल साइंस के उपलक्ष्य में आयोजन को लेकर कई विशिष्ट तैयारिया की जाती है.

देशभर के विभिन्न सरकारी और निजी विद्यालयों में इस दिन विज्ञान प्रोजेक्ट, प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है, जिसमें विज्ञान संकाय के विद्यार्थी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते है, तथा अपने हुनर को दिखाते है.

कैसे विज्ञान विषय में दिलचस्पी लेने वाले मेधावी क्षेत्र इस फिल्ड में अपना करियर बना सकते है, तथा इसमे आगे बढ़ने के लिए उन्हें किस प्रकार कार्य करना चाहिए.

इस प्रकार के दिशा निर्देश राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के कार्यक्रमों के जरिये बच्चों को दिए जाते है. इस प्रकार के शैषिक आयोजनों का सीधा प्रसारण राष्ट्रीय दूरदर्शन और विभिन्न चैनलों के माध्यम से भी किया जाता है.

जिससे घर बैठे विद्यार्थी भी इस सम्मेलन का फायदा ले सके. इन कार्यक्रमों में विज्ञान को लेकर चर्चा की जाती है. इसके अलावा विज्ञान से जुड़े कॉलेजों में वैज्ञानिकों को भी बुलाया जाता है ताकि वो कॉलेज के छात्रों के साथ अपना अनुभाव साझा कर सकें.

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने का उद्देश्य (नेशनल साइंस डे)

देश में सन् 1986 से प्रति वर्ष 28 फरवरी को’  राष्ट्रीय विज्ञान दिवस  ‘(नेशनल साइंस डे) मनाया जाता है। प्रोफेसर सी.वी. रमन (चंद्रशेखर वेंकटरमन) ने सन् 1928 में कोलकाता में इस दिन एक उत्कृष्ट वैज्ञानिक खोज की थी, जो ‘रमन प्रभाव’ के रूप में प्रसिद्ध है।

सी वी रमन ने अपनी प्रकाश रे के सिद्धांत को  28 फरवरी 1930 प्रकाशित करवाया था. इसी महान खोज को यादगार बनाने तथा देश के भावी शोधकर्ताओं को प्रेरणा देने के लिए 28 फरवरी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। रमण महोदय को इस उपलब्धी के लिए 1930 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

“राष्ट्रीय विज्ञान दिवस” को हर साल मनाने के पीछे विद्यार्थियों में विज्ञान विषय के प्रति रूचि जागृत करना, उनमे वैज्ञानिकों खोजों के प्रति जागरूक करना तथा विज्ञान की उपलब्धियों के प्रति आम जन को सजग करना है.

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World Environment Day 2024: विश्व पर्यावरण दिवस पर निबंध, Essay on in Hindi

World environment day 2024 essay: विश्व पर्यावरण दिवस पर निबंध यहां प्राप्त करें। स्कूल में अपने विश्व पर्यावरण दिवस पर निबंध तैयार करने के लिए इन निबंधों का उपयोग करें। जानिए पर्यावरण दिवस की विशिष्टताएं i.

Get here विश्व पर्यावरण दिवस पर निबंध हिंदी में

Essay on World Environment Day 2024 in Hindi: निबंध किसी खास विषय पर बच्चों के ज्ञान और रचनात्मकता को सामने लाने का सबसे अच्छा तरीका है। वे जो विचार लिखते हैं, वे उनकी समझ और रुचि को व्यक्त करते हैं, जिससे शिक्षकों और माता-पिता को उसी के अनुसार प्रयास करने में मदद मिलती है।

100 Words World Environment Day Essay in Hindi:विश्व पर्यावरण दिवस पर निबंध (100 शब्द)

150 words world environment day essay in hindi:विश्व पर्यावरण दिवस पर निबंध (150 शब्द), 200 words world environment day essay in hindi:विश्व पर्यावरण दिवस पर निबंध (200 शब्द).

पर्यावरण के महत्व को रेखांकित करने के लिए हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1972 के स्टॉकहोम सम्मेलन के बाद 1973 में हुई थी। इस दिवस के ज़रिए पर्यावरण प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता में कमी जैसी समस्याओं पर वैश्विक ध्यान आकर्षित किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा हर साल एक अलग विषय चुना जाता है, जो किसी खास पर्यावरणीय चुनौती पर फोकस करता है। इस दिवस पर वृक्षारोपण, स्वच्छता अभियान, जागरूकता कार्यक्रम आदि का आयोजन किया जाता है।

250 Words World Environment Day Essay in Hindi:विश्व पर्यावरण दिवस पर निबंध (250 शब्द)

पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1972 के स्टॉकहोम सम्मेलन के बाद 1973 में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम द्वारा की गई थी। इस दिवस के ज़रिए पर्यावरण प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता में कमी जैसी गंभीर समस्याओं पर वैश्विक चर्चा को बढ़ावा दिया जाता है।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा हर साल एक अलग विषय चुना जाता है, जो किसी खास पर्यावरणीय चुनौती पर फोकस करता है। इस साल के विषय (वर्ष 2024 का विषय डालें) के ज़रिए (विषय से जुड़ी समस्या का संक्षिप्त वर्णन) पर जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जा रहा है।

300 Words World Environment Day Essay in Hindi:विश्व पर्यावरण दिवस पर निबंध (300 शब्द)

पृथ्वी हमारा एकमात्र घर है, जो जीवन को संभव बनाता है। हरे-भरे जंगल, स्वच्छ वायु, निर्मल जल और विविध जीव-जंतु मिलकर इस धरती को एक संतुलित पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करते हैं। यह तंत्र ही हमारे अस्तित्व का आधार है। वायु हमें सांस लेने के लिए ऑक्सीजन प्रदान करती है, पेड़ पौधे कार्बन डाईऑक्साइड सोखकर वायु को शुद्ध करते हैं, नदियाँ हमें जीवनदायी जल देती हैं और जीव-जंतु पारिस्थितिकी तंत्र की खाद्य श्रृंखला को बनाए रखते हैं।

दुर्भाग्यवश, आज हमारी पृथ्वी खतरे में है। प्रदूषण, वनों की कटाई, जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याएं लगातार गंभीर होती जा रही हैं। इन समस्याओं के कारण न सिर्फ पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है बल्कि जैव विविधता का भी तेजी से ह्रास हो रहा है। यदि हमने समय रहते इन समस्याओं का समाधान नहीं ढूंढा तो इसका सीधा प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ेगा।

इसलिए विश्व पर्यावरण दिवस, जो हर साल 5 जून को मनाया जाता है, हमारे लिए एक महत्वपूर्ण जागरूकता दिवस है। इस दिन पर्यावरण की रक्षा के लिए सामूहिक प्रयासों को बढ़ावा दिया जाता है। भारत सरकार भी पर्यावरण संरक्षण के लिए कई महत्वपूर्ण पहल कर रही है। स्वच्छ भारत अभियान, नमामि गंगे परियोजना, सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना आदि ऐसे ही कुछ प्रयास हैं।

व्यक्तिगत स्तर पर भी हम पर्यावरण को बचाने में योगदान दे सकते हैं। जल और बिजली की बचत, प्लास्टिक का कम से कम उपयोग, पेड़ लगाना, कचरे का निपटान सही तरीके से करना आदि छोटे-छोटे कदम पर्यावरण की रक्षा में बहुत बड़ा बदलाव ला सकते हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाकर हम दूसरों को भी इसमें शामिल कर सकते हैं।

विश्व पर्यावरण दिवस हमें याद दिलाता है कि पृथ्वी हमारा अनमोल खजाना है। इसे बचाना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। "हमारी धरती, हमारा भविष्य" विषय के साथ इस वर्ष का विश्व पर्यावरण दिवस हमें भूमि बहाली, मरुस्थलीकरण और सूखा सहनशीलता पर ध्यान देने का संदेश देता है। आइए, हम सब मिलकर अपनी पृथ्वी को स्वच्छ और सुरक्षित बनाए रखने का संकल्प लें। यह न सिर्फ हमारे लिए बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी बेहतर भविष्य का निर्माण करेगा।

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  1. राष्ट्रिय विज्ञान दिवस पर निबंध (National Science Day Essay in Hindi)

    राष्ट्रिय विज्ञान दिवस पर निबंध (National Science Day Essay in Hindi) By Kumar Gourav / October 17, 2020. भारत में, राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को हर साल 28 फरवरी को बड़े भौतिक ...

  2. विज्ञान दिवस पर निबंध हिंदी में

    Science Day Essay in Hindi: राष्ट्रीय विज्ञान दिवस ( National Science day) हर साल 28 फरवरी को मनाया जाता है। यह दिन प्रसिद्ध भारतीय भौतिक विज्ञानी सर सीवी रमन की 'रमन प्रभाव' की खोज का ...

  3. National Science Day Essay in Hindi: जानिए विज्ञान दिवस पर निबंध जो

    National Science Day Essay in Hindi: यदि आप विज्ञान दिवस पर निबंध के बारे में जानना चाहते हैं तो इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें।

  4. राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर भाषण निबंध हिंदी में

    National Science Day Speech Essay In Hindi: National Science Day is celebrated on 28 February every year in India. The theme of National Science Day 2022 is 'Integrated Approaches in Science and Technology for a Sustainable Future'. National Science Day is celebrated because on 28 February 1928, the great Indian scientist Sir CV Raman ...

  5. राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर निबंध

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  6. राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2023 पर भाषण व निबंध

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  7. राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर निबंध

    Essay on national science day in Hindi for school students Essay on National Science Day in Hindi: राष्ट्रीय विज्ञान दिवस हर साल 28 फरवरी को मनाया जाता है। यह दिन भारतीय वैज्ञानिक सर चंद्रशेखर वेंकट रमन की ...

  8. राष्ट्रीय विज्ञान दिवस भारत पर निबंध Essay National Science Day India

    राष्ट्रीय विज्ञान दिवस भारत पर निबंध Essay National Science Day India in Hindi. January 4, 2023 by बिजय कुमार. इस लेख में हमने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस भारत पर निबंध (Essay National ...

  9. National Science Day Speech in Hindi

    इस ब्लाॅग National Science Day Speech in Hindi में हम राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर आसान शब्दों में भाषण देना सीखेंगे। ... Essay on Umbrella : स्टूडेंट्स ऐसे लिखें छाता पर ...

  10. National Science Day Speech In Hindi

    National Science Day Speech In Hindi : हर वर्ष 28 फरवरी को देश में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। इसी दिन सर सीवी रमन ने रमन इफेक्ट की खोज की घोषणा की थी जिसके लिए उन्हें 1930 ...

  11. विश्व विज्ञान दिवस पर निबंध Essay On World Science Day In Hindi

    विश्व विज्ञान दिवस पर निबंध Essay On World Science Day In Hindi. May 17, 2023 Kanaram siyol HINDI NIBANDH. आज का निबंध, विश्व विज्ञान दिवस पर निबंध Essay On World Science Day In Hindi पर दिया गया हैं. 10 ...

  12. National Science Day 2024 ...

    February 28 is celebrated as National Science Day to remember the discovery of Raman effect and contributions of Sir CV Raman in science. easy essay on National Science Day significance in hindi MPSOS Time Table 2024: एमपीएसओएस रुक जाना नहीं परीक्षा गाइडलाइंस ...

  13. राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर निबंध

    राष्ट्रीय विज्ञान दिवस निबंध हिंदी में / National science day essay Hindi mein - भारत में हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (National Science Day) मनाया जाता है। भारत में 28 फरव…

  14. विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Wonder of Science Essay in Hindi)

    विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Essay on Vigyan ke chamatkar in Hindi) - 100 - 200 शब्द. किसी भी वस्तु के बारे में जानकारी प्राप्त करना और जानकारी को सही तरीके से लागू ...

  15. राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर निबंध

    अंत में National Science Day Essay in Hindi से जुड़े कुछ FAQs भी देखेंगे. तो इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें. राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर ...

  16. National Science Day Speech: राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर आसान और बेस्ट भाषण

    National Science Day Speech: देश में हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में ...

  17. राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024, भाषण, निबंध

    राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024 कब मनाया जाता है, क्यों मनाया जाता है, भाषण, निबंध, विज्ञान दिवस पर वृत्तांत लेखन, थीम, शायरी (National Science Day 2024 Speech, Theme, Objective in Hindi) विज्ञान की ...

  18. राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024: थीम, इतिहास और सी.वी. रमन

    Science Day: हर साल 28 फरवरी को भारत के महान वैज्ञानिक सी.वी. रमन द्वारा रमन प्रभाव की खोज को यादगार बनाने के लिए राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है।

  19. National Science Day Essay, Themes in English, Hindi & Gujarati 2022

    National Science Day Essay in English 2022. Respected Principal, Teachers and My Friends, Wish you all Happy National Science Day. You might be aware that 28th February is celebrated as National Science Day in India but do you know why and for what the day is celebrated as National Science Day. I am also sure you must have heard about ...

  20. विज्ञान पर निबंध

    Essay on Science in Hindi: आज का यह आधुनिक और चमत्कारिक युग विज्ञान का युग है। छोटे से छोटे गांव से लेकर देश-विदेश हर जगह विज्ञान की अलग ही झलक देखने को मिलती

  21. National Science Day in Hindi

    राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (National Science Day in Hindi) का इतिहास राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने का विचार पहली बार 1986 में राष्ट्रीय विज्ञान और ...

  22. Wonder Of Science Essay In Hindi

    विज्ञान के चमत्कार निबंध 2 (Wonder Of Science) प्रस्तावना- आधुनिक युग विज्ञान की आश्चर्यजनक प्रगति का युग हैं. विज्ञान आज मानव जीवन में घुल ...

  23. राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर निबंध Essay National Science Day in Hindi

    राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर निबंध Essay National Science Day in Hindi: नमस्कार दोस्तों आज के निबंध में आपका स्वागत हैं.. नेशनल साइंस डे पर सरल भाषा में निबंध यहाँ दिया गया हैं.

  24. World Environment Day 2024: विश्व पर्यावरण दिवस पर निबंध, Essay on in Hindi

    300 Words World Environment Day Essay in Hindi:विश्व पर्यावरण दिवस पर निबंध (300 शब्द) पृथ्वी हमारा ...