Hindi Essays for Class 8: Top 10 Hindi Nibandhs

class 8 essay topics in hindi

List of popular essays for Class 8 students in Hindi Language!  

व्यायाम का महत्त्व पर निबन्ध | Essay on Importance of Exercise in Hindi

ग्रीष्म ऋतु की दोपहर पर निबन्ध | Essay on An Afternoon in Summer in Hindi

खेल-कूद का महत्त्व पर निबन्ध | Essay on Importance of Games and Sports in Hindi

एक क्रिकेट मैच पर निबन्ध | Essay on A Cricket Match in Hindi

लोकल ट्रेन में यात्रा पर निबन्ध |Essay on Journey in a Local Train in Hindi

पहली बारिश का अनुभव पर निबन्ध | Essay on Feeling of the First Rainfall in Hindi

शीत ऋतु (जाड़े की ऋतु) पर निबन्ध | Essay on Winter Season in Hindi

ADVERTISEMENTS:

शीत ऋतु की एक रात पर निबन्ध | Essay on A Winter Night in Hindi

पेड़-पौधों का महत्त्व पर निबन्ध | Essay on Importance of Plants and Trees in Hindi

मेरी पहली रेल यात्रा पर निबन्ध | Essay on My First Train Journey in Hindi

Hindi Nibandh for Class 8 (Essay) # 1

संसार के समस्त सुखों की प्राप्ति अच्छे स्वास्थ्य पर ही निर्भर है । साथ ही हमारा स्वास्थ्य अच्छा हो इसके लिए नियमित व्यायाम आवश्यक है । व्यायाम से शरीर सुगठित बनता है और मन प्रफुल्लित हो उठता है ।

व्यायाम शारीरिक एवं मानसिक ग्रंथियों के विसर्जन का एक बहुत उपयोगी माध्यम है । इस धरती पर विभिन्न जीव-जंतुओं का निवास है । सभी जीव-जंतु गति कर सकते हैं । यह गतिशीलता ही उन्हें स्वस्थ रखती है उनके जीवन को विकासमान बनाती है । व्यायाम इस गतिशीलता को बनाए रखने का एक साधन है ।

विभिन्न प्रकार के व्यायाम से हमारा रक्त संचार बढ़ता है, हमारी पेशियाँ मजबूत बनती हैं । साँस की गति बढ़ने से शरीर को अधिक ऑक्सीजन मिलता है रक्त शुद्ध हो जाता है । विभिन्न अंगों की निष्कियता दूर होती है तथा शरीर के अंदर एक नई स्फुर्ति एवं ताजगी आ जाती है ।

व्यायाम कई प्रकार के हैं । सुबह या शाम को तेज गति से भ्रमण करना भी एक अच्छा व्यायाम है । इस व्यायाम को सभी आयु वर्ग के व्यक्ति कर सकते हैं । बच्चे एवं युवा वर्ग के लोग विभिन्न प्रकार की खेल-कूद गतिविधियों में भाग लेकर अपना व्यायाम कर सकते हैं ।

साइक्लिंग, तैराकी, घुड़सवारी, दौड़ तथा व्यायामशाला में विभिन्न उपकरणों की सहायता से व्यायाम करने वाले अपने स्वास्थ्य को नच्छी दशा में वनाए रख सकते हैं । पुलिस तथा सेना के जवानों की नियमित कवायद होती है ताकि वे चुस्त एवं फुर्तीले बने रहें ।

जुड़ो, कराटे आदि भी व्यायाम करने के ही ढंग हैं । विद्यालयों में बच्चों से पी.टी. कराई जाती हे ताकि उनका शारीरिक विकास हो सके । एथलेटिक्स की सभी खेल स्पर्द्धाण्यूँ व्यायाम के उद्देश्य से परिपूर्ण होती हैं । यदि शरीर अच्छा है तो संसार के सभी सुख और समस्त वैभव हमारे काम के हैं ।

‘शरीर माद्यै खलु धर्मसाधनम्’ जिससे यह ज्ञात होता है कि शरीर रूपी साधन की अवहेलना नहीं की जानी चाहिए । यदि हम दिन-रात बैठे-बैठे ही अपना कार्य करते हैं तो इसका कुप्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर अवश्य पड़ेगा । मोटापा उच्च रक्तचाप मधुमेह शारीरिक दुर्बलता मानसिक शिथिलता पेट संबंधी बीमारियाँ शीघ्र थकावट आदि व्यायाम से दूर रहने के परिणाम हो सकते हैं ।

व्यायाम का महत्त्व न समझने वाले अनेक प्रकार की बीमारियों से युक्त हो सकते हैं । अत: हमारी काया निरोगी हो इसके लिए व्यायाम बहुत जरूरी है । आजकल युवाओं तथा बच्चों में व्यायाम के प्रति दिलचस्पी बढ़ रही है । पहले अखाड़े में कुश्ती खेलकर व्यायाम किया जाता था जिसमें ग्रामीण युवा बड़ी संख्या में भाग लेते थे ।

आजकल इन अखाड़ों का स्थान जिमखाने ने ले लिया है । यहाँ व्यायाम करने के अनेक साधन उपलब्ध होते हैं । इससे भी एक कदम आगे बढ़कर लोग योगासन की तरफ अधिक प्रवृत्त हुए हैं जिससे व्यक्ति का शरीर तो बलिष्ठ बनता ही है साथ-साथ उसका आत्मिक विकास भी होता है । चाहे किसी भी प्रकार का व्यायाम किया जाए इसमें नियमितता अवश्य होनी चाहिए । अनियमित व्यायाम से कुछ खास लाभ नहीं मिल पाता है ।

Hindi Nibandh for Class 8 (Essay) # 2

ग्रीष्म ऋतु की दोपहर सूर्यदेव के प्रचंड रूप का प्रतीक है । प्राणियों का कंठ सूखा जाता है पेड़-पौधे झुलस जाते हैं । आलस्य थकावट और उदासीनता सर्वत्र दिखाई देती है । मच्छर, मक्खी और क्षुद्र जीव-जंतु भी किसी कोने में किसी शीतल स्थान में आश्रय ग्रहण करने लगते हैं ।

ग्रीष्म ऋतु वैसे ही कष्टदायक है । उस पर ग्रीष्म की दुपहरी का तो कहना ही क्या ! भगवान् भास्कर आकाश के मध्य में स्थित होकर अपनी तीक्षा किरणें रूपी बाणों से सबको आहत कर देते हैं । धरती की तपन बढ़ रही है उसमें दरारें आ गई हैं । तारकोल की सड़कें पिघल रही हैं ।

धरती का जल पाताल की गहराई तक पहुँच गया है । घर के फर्श भी गरम हो गए हैं । खिड़की से गरम वायु का आता झोंका त्वचा को झुलसा रहा है । गरम हवा लू का रूप धारण कर न जाने कब किसे अपनी चपेट में ले ले ! छाया को भी छाया की आवश्यकता है ।

कवि बिहारीलाल कहते हैं:

“बैठि रही अति सघन बन पैठि सदन तन माँह । देखि दुपहरी जेठ की छाँहौं चाहति छाँह ।।”

मानव और पशु-पक्षी तो व्याकुल हैं ही, छाया भी आहत और दु:खी है । छाया को भी आश्रय चाहिए । पथिक भी जब जेठ की दुपहरी में पेड़ की छाया में कुछ देर विश्राम करते हैं तो उन्हें पूरा आराम नहीं मिल पाता । गरमी की दोपहर में एक ही माँग है – ठंडे पानी की ।

जल जितना शीतल हो उतना अच्छा । पानी कितना भी पीया जाय, संतुष्टि नहीं होती । सारा पानी पसीने के रूप में निकल जाता है । ऐसे में मजदूरों की क्या हालत होती होगी वर्णन नहीं किया जा सकता । पर उन्हें तो काम करना ही है । कच्ची ईंटें बनानी हैं भवन निर्माण करना है, रिकशा चलाना है आदि-आदि कितने ही काम करने हैं ।

पसीने से लथपथ प्यास से व्याकुल मजदूर पत्थर तोड़ ही रहा है । पेट की ज्वाला उसे दुपहरी में भी आराम नहीं करने दे रही । गरमी की दोपहर को तो झेलना ही है । पर कैसे बिजली के पंखे भी तो गरम हवा ही छोड़ रहे हैं । फिर भी पंखे से पसीने से रक्षा तो हो ही जाती है । शहरों के लोगों ने अपने घर कूलर लगा रखे हैं ।

अमीरों के घर पर ए.सी. लगे हुए हैं । महानगरों की भीषण गरमी से छुटकारा पाने के लिए परिवार सहित लोग पर्वतीय स्थलों में चले जाते हैं । मगर समर्थ नागरिक ही ऐसा कर सकते हैं । आम नागरिकों के लिए तो बरफू ही मिल जाय तो बहुत है ।

खीरा, ककड़ी, पुदीने का शरबत बेल का शरबत आदि ग्रीष्मकालीन दुपहरी के लिए किसी वरदान से कम नहीं । दोपहर की गरमी से बचने के लिए आम नागरिक अपना अधिकांश कार्य प्रात: या सायं ही निबटाते हैं । शिक्षा संस्थानों में अवकाश घोषित कर दिया जाता है ।

बहुत से कार्यालय भी सुबह से लेकर मध्याह्न तक खुले रहते हैं । यदि दोपहर में निकलना ही पड़े तो छाता लेकर या सिर पर तौलिया, टोपी या पगड़ी बाँधकर निकलते हैं । ग्रीष्म की दुपहरी कई दृष्टि से लाभप्रद भी है । खेतों में लगी फसलें पकती हैं ।

ककड़ी, खीरा, खरबूजा, तरबूज, आडू, आलूबुखारे आदि के अधिक उत्पादन के लिए दोपहर की कड़ी धूप लाभप्रद है । पेड़ों में लगे आमों को भी पकने का अवसर मिलता है । दोपहर की गरमी पर्वतों के हिम को पिघलाकर बहुत सी नदियों को सदानीरा बनाती है ।

समुद्र का जल वाष्पित होकर ऊपर उठता है जो कालांतर में मानसून का रूप धारण कर लेता है । मच्छरों एवं हानिकारक कीटाणुओं का सफाया हो जाता है । ग्रीष्म की दुपहरी प्रकृति का ही एक रूप है । हमें उसके इस भीषण रूप का भी स्वागत करना चाहिए ।

Hindi Nibandh for Class 8 (Essay) # 3

हमारे जीवन में खेल-कूद का अत्यधिक महत्त्व है । इससे हमारा शारीरिक एवं मानसिक विकास होता है । यही कारण है कि सभी विद्यालयों में पढ़ाई के साथ-साथ खेल-कूद के कार्यक्रमों को भी प्रधानता दी जाती है ।

वास्तव में मूल-कूद के बिना प्राप्त शिक्षा अधूरी ही है । हम लोग विभिन्न प्रकार के खेल खेलते हैं । कुछ खेल घर में या किसी कक्ष में खेले जा सकते हैं । शतरंज, वीडियो गेम्स, लूडो, कैरम आदि खेलों से हमारा मनोरंजन तो अवश्य होता है परंतु उचित व्यायाम नहीं हो पाता ।

अत: हमें इनडोर गेम्स के साथ-साथ कुछ आउटडोर गेम्स भी अवश्य खेलने चाहिए । क्रिकेट, हॉकी, फुटबाल, बॉलीबाल, बैडमिंटन, लॉन टेनिस, कबट्टी आदि अनेक ऐसे खेल हैं जिनसे भरपूर व्यायाम होता है । मैदानों में खेले जाने वाले सभी खेल हमारे भीतर नया उत्साह एवं उमंग भर देते हैं ।

शरीर का रक्त-संचार तेज होता है जिससे हमें स्कूर्ति का अनुभव होता है । कई टीम आधारित खेल बच्चों तथा युवाओं में ‘समूह भावना’ या ‘टीम स्पीरिट’ का विकास करते हैं । इससे हमें पता चलता है कि यदि सामूहिक प्रयास किए जाएँ तो किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त हो सकती है ।

यदि मिलकर कोशिश की जाए तो राष्ट्र की उन्नति का मार्ग प्रशस्त हो जाता है । खेल-कूद न केवल टीम भावना जगाते हैं अपितु आपसी प्रेम और भाईचारा भी बढ़ाते हैं । विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं के माध्यम से हम अलग-अलग क्षेत्रों एवं देशों के व्यक्तियों से परिचय प्राप्त करते हैं । हमारा संपर्क बढ़ता है हम नई-नई बातों की जानकारी प्राप्त करते हैं ।

खेल-कूद के बिना जीवन जड़ हो जाता है । गतिशीलता के अभाव में तरह-तरह की छटाएं एवं ग्रंथियाँ जन्म लेती हैं । व्यक्ति की प्रतिभा का समुचित विकास नहीं हो पाता । हम वीरता साहस धैर्य सहयोग अनुशासन जैसे जीवन-मूल्यों से अपरिचित रह जाते हैं ।

खेल के विभिन्न नियमों के पालन के माध्यम से बच्चों को आरंभ से ही अनुशासन की शिक्षा मिलती रहती है । निशानेबाजी, घूँसेबाजी, साइक्लिंग, अश्वारोहण तथा एथलेटिक्स के खेलों के माध्यम से हमारे अंदर साहस वीरता तथा तन्मयता आती है ।

हम अपनी शक्ति का विकास कर उसका उचित उपयोग करना सीखते हैं । खेल-कूद एक ऐसा-क्षेत्र बनता जा रहा है जहाँ आजकल धन और यश दोनों का मिलन है । खिलाड़ी न केवल अपना अपितु अपने देश और समाज का भी नाम रोशन करते हैं ।

सचिन तेंदुलकर, कपिलदेव, ध्यानचंद, विश्वनाथन आनंद, सानिया मिर्जा, महेश भूपति जैसे भारतीय खिलाड़ियों ने दुनिया में भारत का नाम ऊँचा किया है । खेल हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाने में सहायक होते हैं । बच्चा खेल-खेल में ही बहुत कुछ सीख लेता है । खेल-कूद हमारे सर्वांगीण विकास का एक मजबूत आधार स्तंभ है ।

Hindi Nibandh for Class 8 (Essay) # 4

पिछले माह मैं भारत और पाकिस्तान के मध्य कोलकाता के ईडन गार्डन में हो रहे तृतीय एकदिवसीय मैच देखने गया । बड़ा ही अविस्मरणीय दृश्य था । खचाखच भरे स्टेडियम में दर्शकों का उत्साह देखते ही बनता था ।

स्टेडियम में लगभग नब्बे हजार दर्शक थे । दिन-रात का मैच अपराह्न दो बजकर पंद्रह मिनट पर आरंभ हुआ । टॉस भारतीय कप्तान राहुल द्रविड ने जीता और पहले बल्लेबाजी करने का निश्चय किया । मैच का आरंभ हुआ ।

पारी की शुरुआत सचिन तेंदुलकर और उपकप्तान वीरेंद्र सहवाग ने की । सहवाग ने पहली ही गेंद पर चौका जड़कर अपने मंसूबे साफ कर दिए । सहवाग और तेंदुलकर ने मिलकर पारी की अच्छी शुरुआत की और भारत के स्कोर को बिना कोई विकेट खोए पचपन तक पहुँचा दिया ।

परंतु शोएब अख्तर की एक खतरनाक गेंद को उठाकर मारने के चक्कर में सहवाग लॉग ऑन बाउंड्री पर लपक लिए गए । इसके बाद सचिन भी पैंतीस रन बनाकर रन आउट हो गए । बाद में राहुल द्रविड़ और महेंद्र सिंह धोनी ने अच्छी साझेदारी की और भारतीय स्कोर को दो विकेट पर एक सौ पचहत्तर तक पहुँचा दिया ।

धोनी शानदार अर्द्धशतक बनाकर जमे हुए थे परंतु राहुल स्लिप पर लपक लिए गए । धोनी भी इकसठ रन बनाकर क्लीन बोल्ड हो गए । आगामी बल्लेबाजों युवराज और इरफान पठान ने भी कुछ अच्छे शॉट लगाए । रही-सही कसर हरभजन सिंह ने एक ही ओवर में दो छक्के और दो चौके लगाकर पूरी कर दी ।

भारत की पारी पचास ओवर समाप्त होने पर सात विकेट पर 305 रन तक पहुँच गई । इस प्रकार भारत ने एक विशाल स्कोर खड़ा कर दिया था । जब पाकिस्तान की पारी आरंभ हुई तो भारत की ओर से जहीर खान और अगरकर ने गेंदबाजी की कमान सँभाली ।

जहीर खान को अपने दूसरे ओवर में पहली सफलता मिली तो भारतीय खिलाड़ी उछल पड़े । परंतु शाहिद अफरीदी और युसुफ योहाना ने पाकिस्तानी बल्लेबाजी को मजबूत आधार प्रदान किया । अफरीदी ने सत्तर रन बनाए जिसमें पाँच चौके और छह छक्के थे ।

ऐसा लग रहा था कि पाकिस्तानी टीम मजबूत स्थिति में पहुँच गई है परंतु अगरकर ने दो लगातार ओवरों में दो विकेट चटकाकर सनसनी फैला दी । पाकिस्तानी टीम के कप्तान इंजमाम कुछ खास न कर सके और मात्र नौ रन बनाकर पैवेलियन लौट गए ।

इसके बाद हरभजन की घूमती गेंदों ने कमाल दिखाना शुरू किया । पाकिस्तान की पूरी टीम चौवालीस ओवर में दो सौ छप्पन रन बनाकर पैवेलियन लौट गई । सभी भारतीय खिलाड़ियों के चेहरों पर जीत की खुशी स्पष्ट दिखाई दे रही थी ।

दर्शकों का उत्साह भी चरम सीमा पर था । दर्शक मैच के दौरान तिरंगा लहराकर तथा तालियाँ बजाकर अपनी सार्थक भूमिका निभा रहे थे । मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार हरभजन सिंह को प्रदान किया गया जिन्होंने तीन विकेट लिए थे तथा तीस रन भी बनाए थे ।

यह पुरस्कार पं. बंगाल के मुख्यमंत्री के करकमलों द्वारा अन्य विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति में प्रदान किया गया । भारतीय कप्तान ने इस जीत का श्रेय अपनी टीम के सभी खिलाड़ियों को दिया । मैच समाप्त होने पर हम लोग खुशी-खुशी घर लौट आए । यह मैच मुझे लंबे समय तक याद रहेगा ।

Hindi Nibandh for Class 8 (Essay) # 5

भारत के नगरीय क्षेत्रों में लोकल ट्रेनों के चलने से स्थानीय निवासियों को काम-काज के स्थानों तक आने-जाने में बहुत मदद मिलती है । लोकल ट्रेन देश के प्राय: सभी भागों में स्थानीय यात्रियों की सुविधा के लिए चलाए जाते हैं ।

इनका किराया प्राय: कम होता है जिससे मध्यवर्गीय तथा निर्धन वर्ग के यात्रियों को राहत मिलती है । जिन क्षेत्रों से होकर रेलमार्ग गुजरता है वहाँ के लोग स्थानीय रेल सेवाओं का भरपूर लाभ उठाते हैं ।परंतु लोकल ट्रेन की यात्रा हमेशा सुखदायी नहीं होती है ।

खासकर सुबह और शाम के समय इनमें अत्यधिक भीड़ होती है । यात्रियों से खचाखच भरी बोगियों में अच्छी तरह पैर रखने की जगह नहीं होती । विभिन्न कार्यालयों के कर्मचारी छात्र-छात्राएँ दूधवाले फेरीवाले सब्जीवाले आदि विभिन्न वर्गों के व्यक्ति अपने-अपने गंतव्य तक जाने के लिए सुबह के समय इन लोकल ट्रेनों की यात्रा करते हैं ।

इन दैनिक यात्रियों को लोकल ट्रेन में चढ़ने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ता है । ऐसी हालत में वृद्धों, महिलाओं और बच्चों के लिए इनमें यात्रा करना अत्यंत कठिन होता है । मुझे लोकल टेरन से यात्रा करने के कई अवसर प्राप्त हुए हैं । परंतु एक बार मुझे अत्यंत कष्टकारक अनुभव से गुजरना पड़ा ।

ट्रेन पर किसी तरह चढ़ तो गया परंतु कई मिनटों तक दरवाजे से ही लटकी हुई दशा में रहना पड़ा । आगे खड़े यात्री सरकने के लिए तैयार ही नहीं थे । किसी तरह बोगी में दाखिल हो गया परंतु एक पैर ही बोगी पर टिका था । यात्रियों का दवाब सभी ओर से था ।

कुछ यात्री मेरे पैर पर ही अपना पैर रखकर आगे बढ़ जाते थे । ऊपर से भयंकर गरमी और फव्वारे की तरह शरीर से छूटता पसीना । हमारी ट्रेन प्रत्येक पाँच-दस मिनट चलकर फिर से रुक जाती थी । छोटे से छोटे हाल एवं स्टेशन पर भी दस मिनट तक रुककर चलना इस टेरन की नियति बन गई थी ।

ट्रेन जब भी रुकती बोगी के अंदर बाहरी हवा का प्रवेश कम हो जाता था । सभी यात्रियों का गरमी के कारण बुरा हाल था । टेरन की रफ्तार अत्यंत धीमी थी । किसी तरह मैं डब्बे के मध्य भाग तक पहुँच गया । मुझे यहाँ तक पहुँचाने में पीछे खड़े यात्रियों के लगातार दिए जाने वाले धक्के का बहुत बड़ा योगदान था ।

परंतु यहाँ भी राहत नहीं थी । मूँगफली, चाय, पान-बीड़ी-सिगरेट, मसालेदार चने, ककड़ी, खीरा आदि बेचने वाले अपनी आक्रामक शैली में जब आगे बढ़ते तो खड़े हुए यात्रियों को हर बार अपनी पोजीशन बदलनी पड़ती थी । इस भयंकर गरमी में खीरा, ककड़ी तथा शीतल पेय खरीदने वाले यात्रियों की संख्या अधिक थी ।

इस यात्रा के दौरान मैंने कई बार खाली हुई सीट पर बैठने की चेष्टा की परंतु असफल ही रहा । मेरी तरह कई अन्य इस सीट के दावेदार थे । कई बार मुझे ‘लेडीज फर्स्ट’ के सिद्धांत के आधार पर खाली हुई सीट पर बैठने के स्वाभाविक अधिकार से वंचित होना पड़ा ।

कुछ दूरी पर खड़ा एक वृद्ध बार-बार बगल की सीट पर बैठे यात्रियों की ओर करुण नेत्रों से देख रहा था । परंतु उसके नेत्रों की भाषा समझकर किसी ने भी उसे नहीं बिठाया । कुछ यात्री सीट हथियाने की चेष्टा में बीच-बीच में आपस में लड़ भी बैठते थे ।

मैंने ‘संतोषम् परमं सुखम्’ वाले नीति वाक्य को ध्यान में रखकर खड़े रहकर ही लोकल टेरन की यह यात्रा पूरी करने का मन ही मन संकल्प ले लिया । लगभग अस्सी किलोमीटर की दूरी चार घंटे में तय करने के बाद ट्रेन ने मुझे मेरे गंतव्य स्टेशन तक पहुँचा दिया । इक्कीसवीं सदी की इस तेज रफ्तार ट्रेन को धन्यवाद देकर मैं धक्का-मुक्की करते हुए ट्रेन से उतर गया ।

Hindi Nibandh for Class 8 (Essay) # 6

जून का आखिरी सप्ताह था । गरमी की छुट्टियाँ अब अपने अंतिम चरण में थीं । सूर्यदेव का कहर जारी था । लंबे पहाड़ से दिन काटे नहीं कट रहे थे । इस पर विद्युत विभाग की अनुकंपा थी कि बार-बार बिजली गुल हो रही थी ।

फ्रिज में रखा पानी ठंडा होने का नाम ही नहीं ले रहा था क्योंकि बिजली उससे रूठी हुई थी । बरफ बेचने वालों की बन आई थी । घरवालों के आदेश पर मैं साइकिल पर सवार होकर डाकखाने की ओर चल पड़ा । दिन के ग्यारह बजे थे । कोलतार की सड़कें आग उगल रही थीं । शरीर से पसीने छूट रहे थे ।

जैसे-तैसे डाकघर पहुँचा । अभी मैं डाकखाने में ही था कि अचानक आँधी चलने लगी । धूल भरी हवाएँ आसमान में कुछ हल्के पदार्थों को भी उड़ाने लगीं । आसमान में अचानक बादल घिर आए । थोड़ी देर में पवन शांत हो गया तो मैं पोस्टकार्ड और लिफाफा जेब में रखकर साइकिल पर वापस घर लौटने के लिए सवार हो गया ।

अभी मैं बाजार में ही था कि मोटी-मोटी बूँदें तीव्र गति से बरसने लगीं । इस सुहाने मौसम ने मेरा मन आह्वादित कर दिया । यह मौसम की पहली बारिश थी । मैं भीगने लगा । वर्षा के थपेड़े सहते हुए साइकिल चलाना कठिन हो रहा था । मेरे कपड़े पूरी तरह भीग चुके थे । मैंने साइकिल रोक दी । एक दुकान के सामने साइकिल खड़ी कर मैंने दुकान के द्वार पर शरण ली ।

सड़कों पर भीड़ कम हो गई थी फिर भी कुछ लोग पहली बारिश का आनंद उठाते हुए भीगते चल रहे थे । सड़क पर पानी तेजी से बहने लगा । जब बौछारें कुछ कम हुईं तो मैंने साइकिल फिर से सँभाल ली । वहाँ रुकने से भी अधिक लाभ न था क्योंकि मेरे कपड़े पूरी तरह भीग रहे थे । डाकखाने से खरीदा हुआ पत्र भी लगभग तर हो चुका था ।

मैंने साइकिल की गति थोड़ी बढ़ा दी । मैं शीघ्र घर पहुँचकर कपड़े बदलना चाहता था । भयंकर गरमी की स्थिति से अचानक सरदी की स्थिति में आने वाले खतरे का भी मुझे आभास था । मुख्य सड़क से गली में अपनी साइकिल को मोड़ा तो देखा गली में अचानक काफी पानी भर आया है । जैसे-तैसे घर पहुँचा । कपड़े बदले । कपड़ों व पत्रों को सुखाने के लिए टेबल पर फैला दिया ।

बारिश अभी भी हो रही थी । कभी तेज तो कभी धीमी । मेढक अचानक टर्राने लगे । छत से पानी की मोटी धार गिर रही थी जिसने आँगन में गट्टा बना दिया था । मेरे छोटे भाई ने झटपट कागज की नाव बना ली और उसे पानी में छोड़ दिया । सब कुछ जो अभी सूखा-सूखा सा था अचानक गीला हो गया ।

मैंने सोचा अब बिजली रहे या जाए कोई परवाह नहीं पानी और मौसम तो तत्काल ठडा हो ही जाएगा । वर्षा थम गई । शीघ्र ही आसमान साफ हो गया परंतु कुछ बादल अभी भी सूरज से अठखेलियाँ खेल रहे थे । मेरे आँगन में अंगूर की लताएँ और कुछ पौधे थे । सब इस पहली वर्षा में नहाकर हरे-भरे प्रतीत हो रहे थे ।

आँगन के एक कोने में छोटे-छोटे मेढक उछल-कूद कर रहे थे । थोड़ी देर में मेरे कुछ मित्र आ गए । उन्होंने फुटबाल खेलने का आग्रह किया तो मैं झट तैयार हो गया । सुहावने मौसम में फुटबाल खेलना बहुत अच्छा लग रहा था । इस पहली बारिश के बाद सभी राहत की साँस ले रहे थे ।

Hindi Nibandh for Class 8 (Essay) # 7

उष्ण कटिबंधीय जलवायु वाले देश भारत में शीत ऋतु की अलग पहचान है । तापमान में गिरावट सर्द हवा और बरफीला मौसम इस ऋतु को अन्य ऋतुओं से अलग कर देता है ।

कुहरा कुहासा हिमपात और कंपित कर देने वाली सरदी की इस ऋतु में दिन की लंबाई काफी घट जाती है । शीत ऋतु में आनंदित होने से कई अवसर हैं । गरम भोजन का स्वाद खुली मंद धूप का आनंद, वस्त्र-परिधानों को धारण करने का सुख, बरफ के खेलों का लुत्फ और गरम जल से स्नान करने का आनंद उठाने के लिए यह ऋतु उत्तम ऋतु है ।

वर्षा की किचकिच अब नहीं । खलिहानों में खरीफ की पकी फसल को देखकर किसान खुश हो जाते हैं । काले मेघों की जगह रूई से सफेद मेघों और सूरज के बीच लुका-छिपी का खेल मन को भाता है । सरिता का जल इस ऋतु में निर्मल हो जाता है ।

मासों में प्रसिद्ध मास मार्गशीर्ष भी इसी ऋतु में आता है । फिर अत्यधिक सरदी वाला मास पौष और माघ आता है । फालुन में जाड़े का प्रकोप शांत होने लगता है । जाड़े की ऋतु में आग बड़ी प्रिय होती है । सूरज जब आग बरसाना कम कर देता है तो चूल्हे की आग का महत्त्व बढ़ जाता है ।

लोग सुबह-शाम अग्नि के पास बैठना पसंद करते हैं । लकड़ी, घास-फूस, पुआल, उपला आदि जलाकर गाँवों और शहरों में आग तापने वालों की कमी नहीं होती । आँख में धुआँ लगने के बावजूद हम लोग अग्नि के पास ही रहते हैं । आजकल बिजली है, हीटर है, वातानुकूलित यत्र भी हैं ।

रजाई, कंबल, ऊनी कपड़े, शाल कोट आदि निकाल लिए जाते हैं । फिर भी शीतलहरी कुछ वृद्धों एवं बीमारों के लिए यमदूत बन कर आ ही जाती है । सरदी में पर्वतीय क्षेत्रों की ठंड और शोभा बढ़ जाती है । पहले हिमपात की प्रतीक्षा में पर्यटक यहाँ इकट्ठा होने लगते हैं । बरफू पर फिसलने वालों की होड़ लग जाती है ।

ऊँची-नीची धरती पर पहाड़ों पर बरफू की चादर बिछ जाती है । तापमान शून्य से भी कई डिग्री नीचे चला जाता है । कई प्रसिद्ध मार्ग बरफ के जमाव के कारण बद हो जाते हैं । मैदानी क्षेत्रों में भी जाड़े का कहर कम नहीं होता । कोहरा छाता है तो दिन में भी अँधेरा सा हो जाता है ।

सूर्यदेव निस्तेज से हो जाते हैं । वाहनों से होने वाली दुर्घटनाएँ बढ़ जाती हैं । रेलों, वायुयानों के चलने के समय में परिवर्तन करना पड़ता है । कई उड़ानें रह कर दी जाती हैं । फसलों पर पाला पड़ता है तो काफी क्षति होती है । जाड़े की ऋतु में शाम होते ही लोग घर में कंबल-चादर ओढ़कर बैठ जाते हैं ।

पक्षी अपने घोंसलों में दुबके रहते हैं । कुत्ते ठंड के मारे विचित्र आवाजें देने लगते हैं । घरेलू पशुओं को भी ठंड लगती है, उन्हें भी अपने आश्रय-स्थल में रहना अच्छा लगता है । शीत ऋतु आलस्य की ऋतु है । प्रात: जल्दी उठना कठिन लगता है ।

शीत ऋतु में खाने-पीने का बड़ा आनंद है । जो खाया सो पच गया बदहजमी नहीं हुई । गरम-गरम रोटी, पराँठा, आलू-गोभी की गरम सब्जी आदि कितने ही पदार्थ जीभ को भाते हैं । इस ऋतु में सेब, संतरा, केला, चीकू आदि फल तथा टमाटर, मटर, गोभी, चुकंदर, मूली, सेम, आलू आदि सब्जियाँ खूब होती हैं ।

काजू बादाम मूँगफली अखरोट आदि मेवे इसी ऋतु में होते हैं । गाजर का हलवा काजू की बरफी, रेवड़ी, तिल के लट्टू, गुड़ आदि का स्वाद बहुत भाता है । किसान खरीफ की फसल काटकर खेतों में रबी की फसलें लगाते हैं । गेहूँ गन्ना चना मूँग मटर अरहर आदि की फसल खेतों में लहलहा उठती है ।

शीत ऋतु स्वास्थ्यप्रद ऋतु है । आयुर्वेद में वर्णित है कि शीत ऋतु में शरीर में भोजन का संचय होता है रक्त-बल बढ़ता है । शीत ऋतु में संचित पदार्थों का उपयोग शरीर पूरे वर्ष करता है । दीपावली छठ और मकर संक्रांति के त्योहार जाड़े की ऋतु की खुशी को कई गुणा बढ़ा देते हैं ।

Hindi Nibandh for Class 8 (Essay) # 8

दिसंबर का आखिरी सप्ताह था । इन दिनों सरदी काफी बढ़ गई थी । कश्मीर में भारी हिमपात हुआ था इस कारण उत्तर भारत के मैदानी भागों में भी काफी सरदी हो गई थी ।

न्यूनतम तापमान दो डिग्री सेल्सियस के आस-पास आ गया था । मेरे शहर के लोग शाम होते ही अपने-अपने घरों में घुस जाते थे । इन्हीं दिनों की एक रात हम सबके लिए बहुत ही कष्टदायक थी । सुबह से ही हल्की बूँदा-बाँदी हो रही थी । सूर्यदेव के दर्शन दिन भर नहीं हुए ।

अपराह्न चार बजे बारिश तो थम गई परंतु हवा में ठंडक काफी बढ़ गई थी । नियमानुसार मैं मैदान में क्रिकेट खेलने चला गया । ठंड के कारण बैट ठीक से नहीं पकड़ा जा रहा था । खेल में भाग-दौड़ के कारण हल्की गरमाहट आई लेकिन वापस घर पहुँचते ही फिर से सरदी हावी होने लगी ।

रास्ते में भी इक्का-दुक्का लोग ही नजर आए थे । कई परिवारों के सदस्य मिलकर आग ताप रहे थें । सभी आपस में भीषण ठंड की चर्चा कर रहे थे । आज की स्थिति देखकर मैंने भी कुछ बेकार पड़ी लकड़ियाँ ढूँढ निकाली । इनमें फिाई का तेल डालकर अग्नि प्रज्वलित की ।

माँ-पिताजी दादा जी और हम भाई-बहन भी गोलाकार बैठकर आग तापने लगे । आखिर कब तक आग के निकट बैठा जा सकता था, हमने सभी खिड़कियों और दरवाजों को बंद कर दिया और चादर-कंबल ओढ़ लिया । रात्रि के आठ बज गए थे हमें भूख भी लग रही थी ।

माँ खाना पकाने चली गई हालांकि आज उनका मन नहीं हो रहा था कि इतने ठंडे पानी का स्पर्श किया जाए । माँ के हाथ का गरमागरम खाना खाकर हम लोग सोने चले गए । पिताजी खाना खाकर नित्य कुछ देर टहलते थे पर आज की ठंड ने उंनकी भी हिम्मत पस्त कर दी थी । वे भी चुपचाप सो गए ।

मैं सो तो गया था पर रजाई के अंदर भी हल्की कँपकँपी हो रही थी । ठंडे हाथ-पाँव गरम होने का नाम ही नहीं ले रहे थे । मेरा पालतू कुत्ता एक कोने में बैठा ठंड से कु-कू कर रहा था । बाहर के कुत्तों के रोने की आवाजें रह-रहकर आ रही थीं ।

मनुष्य और पशु-पक्षी सरदी से ठिठुर रहे थे । उसी समय पहरे वाले ने दरवाजे पर सावधान रहने की दस्तक दी । मैंने सोचा, यह चोरों से सावधान रहने कह रहा है या सरदी से ! क्या चोरों को सरदी नहीं लगती जो वे इस कंपकंपाने वाली सरदी में चोरी करने घर से निकलेंगे !

कुछ देर बाद नींद आ गई । सुबह उठा तो देखा सूर्यदेव प्रकट हो रहे हैं । मैं मुँह-हाथ धोकर अखबार के पन्ने पलटने लगा । उसकी हेडलाइन थी – ‘तापमान शून्य से नीचे पहुँचा पाँच वर्षो का सबसे ठंडा दिन ।’ जाड़े की यह रात मेरे लिए अविस्मरणीय थी ।

Hindi Nibandh for Class 8 (Essay) # 9

मानव का अस्तित्व पेड़-पौधों पर ही निर्भर है । इतना ही नहीं पृथ्वी पर स्थित सभी जीवों के जीवन का आधार ये वनस्पतियाँ ही हैं । यदि पृथ्वी पर पेड़-पौधे न होते तो यह जीवन-शून्य और उजाड़ स्थान होता ।

चारों ओर एक वीरानी सी छाई होती । चाहे कोई भी युग हो, मानव सभ्यता के विकास में पेडू-पौधों का पर्याप्त महत्त्व रहा है । एक समय था जब मानव जंगलों में निवास करता था । फल-मूल खाकर अपना गुजारा करता था । पेड़ों के तले विश्राम करता था ।

पेड़ों की शाखाओं पर सोता था । बाद में उसने पेड़ों की लकड़ी से चाक बनाकर मिट्टी के बरतनों का निर्माण किया । उसने लकड़ी की ही गाड़ी स्लेज बनाई । भारतीय ग्रामीण जीवन का सदियों तक आधार बनी बैलगाड़ी लकड़ी की ही बनी थी । भारत के चिकित्सकों ने पेड़-पौधों पर आधारित चिकित्सा-विधि आयुर्वेद की खोज की ।

पेड़-पौधों से प्राप्त घास-फूस और लकड़ी से हमने घर बनाए इन्हें जलाकर खाना पकाया । वनस्पतियाँ कदम-कदम पर मानव को सहयोग देती रहीं । यहाँ तक कि मृत्यु के बाद जिस चिता पर मनुष्यों को जलाया जाता रहा है वह भी लकड़ी की ही निर्मित होती है ।

पेड़-पौधे वायु को प्रदूषण मुक्त रखने में बड़ी भूमिका निभाते हैं । जिस प्रकार महादेव गरल पीकर पचा गए उसी तरह वनस्पतियाँ कार्बन डाइऑक्साइड रूपी गरल पीकर जीव-जंतुओं को ऑक्सीजन रूपी प्राणदायी गैस भेंट करते हैं ।

भीषण गरमी में जबकि भयानक लू चलती है, पेड़-पौधे वातावरण को ठंडा रखने में तथा अपने आश्रित को ठंडी छाँव देने में बहुत मदद करते हैं । तरह-तरह के स्वादिष्ट फल जड़ी-बूटियाँ इमारती लकड़ी कपास गोंद रबड़ आदि भेंट कर ये हमारे जीवन को सुखमय बनाते हैं ।

कई पेड़-पौधों के पत्ते भी उपयोग में लाए जाते हैं । आम और केले के पत्ते पूजा-पाठ में काम आते हैं । तेंदू के पत्ते से बीड़ी तैयार की जाती है । खजूर, नारियल,ताड़ आदि के पत्तों से टोकरी, चटाई आदि वस्तुएँ बनाई जाती हैं ।

सोफा, झाड़ू, कागज, दियासलाई आदि विभिन्न वस्तुओं के निर्माण में पेड़-पौधों का सर्वत्र उपयोग किया जाता है । पेड़-पौधों की उपयोगिता की गणना करना कठिन है । हमारा भोजन प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से वनस्पतियों पर ही निर्भर है ।

अधिकांश जीवों का भोजन वनस्पतियों से प्राप्त विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ ही हैं । विभिन्न प्रकार के फूलों के पौधों से सुसज्जित फुलवारी किसे आकर्षित नहीं करती । वन्य जीवों, कीटों, भँवरों, तितलियों, पक्षियों तथा सरीसृप जीवों का निवास-स्थान पेड़-पौधों के इर्द-गिर्द ही है ।

कलात्मक पौधे गहवाटिका की शोभा बढ़ाते हैं । बसंत पेड़-पौधों के बिना ऋतुराज नहीं कहलाता तथा वनस्पतियों के बगैर मयूरों का नृत्य भी फीका-फीका सा लगता । कोयल की कुक तथा भौंरों का गुंजार हरितिमा रहित वातावरण में बिलकुल अशोभनीय लगता ।

पेड़ न केवल पृथ्वी को हरा-भरा रखते हैं अपितु मेघों को आकर्षित कर वर्षा भी कराते हैं । ये बाढ़ तथा सूखे की स्थितियों को रोकने में भी योगदान देते हैं । अपनी जड़ों की मिट्टी को सख्ती से पकड़कर ये उपरिमृदा के संरक्षण मिट्टी के कटाव तथा भूस्फलन को रोकने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ।

पेड़-पौधों के महत्त्व को देखते हुए इनके संरक्षण का उपाय करना चाहिए । हमें इन्हें अधिक से अधिक संख्या में लगातार धरती के प्राकृतिक सौंदर्य को बनाए रखना चाहिए । वनों के निरंतर हो रहे कटाव को रोककर दुर्लभ होते जा रहे वन्य जीवों के प्राकृतिक आवास को सुरक्षित रखा जा सकता है ।

इस समय जबकि दुनिया के लोग विकास की दौड़ में अपने पर्यावरण के प्रति उपेक्षा का भाव प्रदर्शित कर रहे हैं, पेड़-पौधों को लगाकर पृथ्वी के पर्यावरण को बचाने की जिम्मेदारी हम सब की है ।

Hindi Nibandh for Class 8 (Essay) # 10

मेरी पहली रेल यात्रा एक छोटे से स्टेशन जसीडीह से आरंभ होकर स्टील नगरी टाटा तक हुई थी । हम अपने निवास स्थान से बस द्वारा स्टेशन पहुँचे । मेरे साथ मेरे बड़े भाई एवं भाभी थीं ।

मेरे भाई साहब टाटा स्टील कंपनी में एकाउंटेंट थे । मैं उनके साथ टाटा भ्रमण पर जा रहा था । स्टेशन के बाहर यात्रियों की अच्छी-खासी संख्या थी । ऑटो रिकशा वाले स्टेशन से बाहर निकल रहे यात्रियों को अपनी ऑटो में बैठने का आग्रह कर रहे थे ।

कुली वर्ग के लोग यात्रियों का सामान सिर पर उठाए स्टेशन से बाहर निकल रहे थे या अंदर आ रहे थे । स्टेशन से बाहर खाने-पीने की कई दुकानें लगी हुई थीं । भाई साहब ने टाटा-पटना एक्सप्रेस के स्टेशन पहुँचने के समय की जानकारी ली । अभी हमारी ट्रेन आने में एक घंटे का समय था ।

हम अपने सामान के साथ टिकट बिक्री केंद्र की ओर बढ़ गए । वहाँ लोग टिकट खिड़कियों पर पंक्तिबद्ध खड़े थे । मैं भी भाई साहब के निर्देश पर यथेष्ट रकम लेकर पंक्ति में खड़ा हो गया । दस मिनट में टिकट खरीदने का कार्यक्रम पूरा हो गया ।

हम लोग जलपान गृह में हल्का नाश्ता कर प्लेटफॉर्म पर चले गए । प्लेटफॉर्म पर कोई ट्रेन आकर रुकी थी इसलिए यहाँ यात्रियों के आने-जाने का ताँता लगा हुआ था । कुछ यात्रियों के पास इतना सामान था कि मानो वे पूरा घर ही उठाकर चले आए थे ।

प्लेटफॉर्म पर खाने-पीने की हलकी-फुलकी वस्तुएँ बिक रही थीं । कई टिकट संग्राहक काला कोट पहने यहाँ विचरण कर रहे थे । रेलवे सुरक्षा बल के जवान भी इधर-उधर चहलकदमी कर रहे थे । सफाई कर्मचारी प्लेटफॉर्म की सफाई कर रहे थे ।

शीघ्र ही हमारी ट्रेन के आने की सूचना प्रसारित कर दी गई । कुछ मिनटों में ट्रेन धड़धड़ाती हुई आ धमकी । हम लोग शीघ्रता से सामान्य श्रेणी के डब्बे में सवार हो गए । डब्बे में कुछ सीटें खाली थीं इसलिए हम लोग आराम से बैठ गए । टेरन चली और शीघ्र ही उसने रफ्तार पकड़ ली ।

मेरी खुशी का ठिकाना न रहा । मैं खिड़की के किनारे बैठकर निरंतर ओझल होते जा रहे दृश्यों का आनंद उठाने लगा । हरे-भरे खेतों, पहाड़ियों, नदियों आदि के दृश्य मुझे अत्यंत आकर्षित कर रहे थे । पल-पल नवीन दृश्यों को देखते हवा के ठंडे झोंके खाते हुए रेल से यात्रा करने का यह अनुभव अत्यंत सुखदायी प्रतीत हो रहा था ।

अब मेरा ध्यान डब्बे के अंदर गया । टिकट संग्राहक बारी-बारी से यात्रियों से टिकट माँग रहे थे । हमने भी अपना टिकट दिखाया । एक यात्री बिना टिकट ही यात्रा कर रहा था । उसे जुर्माना भरना पड़ा । हम लोग आपस में हलकी-फुलकी बातचीत करते, मूँगफली, कच्चा चना, फल आदि खाते-पीते यात्रा का आनंद उठा रहे थे ।

डब्बे में यात्रियों का आना-जाना लगा ही रहता था । जिस स्टेशन पर टेरन रुकती तरह-तरह की वस्तुएँ बेचने वाले प्लेटफार्म से ही यात्रियों को आकर्षित करते थे । कुछ भिखारी भी यात्रियों के सामने हाथ फैलाकर रुपया-पैसा माँग रहे थे ।

एक विकलांग भिखारी के कटोरे में सिक्का डालकर मैंने उसे सतुष्ट किया । अब हमारी यात्रा की मंजिल आने वाली थी । हम लोग अपना सामान उठाकर दरवाजे तक आ गए । टेरन रुकते ही हम बारी-बारी से उतर गए । यहाँ के स्टेशन पर भी खासी भीड़ थी ।

मैं इस नवीन स्थान का अवलोकन करता हुआ जा रहा था । स्टेशन से बाहर निकलकर भाई साहब ने ऑटो रिकशा किराए पर लिया और हम लोग अपने गंतव्य की ओर चल पड़े । मेरी पहली रेल यात्रा कई नवीन अनुभवों से परिपूर्ण थी ।

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Hindi Essay (Hindi Nibandh) 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन

Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – Essays in Hindi on 100 Topics

हिंदी निबंध: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध लिखने की आवश्यकता होती है।

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इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

  • Study Material

class 8 essay topics in hindi

500+ विषयों पर हिंदी निबंध – Essays in Hindi Topics & Ideas

निबंध लिखते समय, कई कॉलेज और हाई स्कूल के छात्रों को लेखक के ब्लॉक का सामना करना पड़ता है और एक निबंध के लिए विषयों और विचारों के बारे में सोचने का कठिन समय होता है। इस लेख में, हम विभिन्न श्रेणियों जैसे तर्कपूर्ण निबंध, प्रौद्योगिकी पर निबंध, 5 वीं, 6 वीं, 7 वीं, 8 वीं कक्षा के छात्रों के लिए पर्यावरण निबंध जैसे कई अच्छे निबंध विषयों को सूचीबद्ध करेंगे। निबंध विषयों की सूची सभी के लिए है – बच्चों से लेकर कॉलेज के छात्रों तक। हमारे पास निबंधों का सबसे बड़ा संग्रह है। एक निबंध और कुछ नहीं बल्कि एक सामग्री है जो लेखक या लेखक की धारणा से लिखी गई है। निबंध एक कहानी, पैम्फलेट, थीसिस, आदि के समान हैं। निबंध के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि आप किसी भी प्रकार की भाषा का उपयोग कर सकते हैं – औपचारिक या अनौपचारिक। यह जीवनी, किसी की आत्मकथा है। निम्नलिखित 100 निबंध विषयों की एक महान सूची है। हम जल्द ही 400 और जोड़ेंगे!

Essays in Hindi Topics & Ideas

  • मोर पर निबंध – Essay on Peacock in Hindi
  • रोल मॉडल पर निबंध – Essay on Role Model in Hindi
  • जीवन पर निबंध – Essay on Life in Hindi
  • शिष्टाचार पर निबंध – Essay on Good Manner in Hindi
  • एकता में बल है पर निबंध – Essay on Unity is Strength in Hindi
  • स्वास्थ्य पर निबंध – Essay on Health in Hindi
  • होली पर निबंध – Essay on Holi in Hindi
  • मेक इन इंडिया पर निबंध – Essay on Make in India in Hindi
  • कैरियर पर निबंध – Essay on Career in Hindi
  • फुटबॉल पर निबंध – Essay on Football in Hindi
  • कल्पना चावला पर निबंध – Essay on Kalpana Chawla in Hindi
  • नरेंद्र मोदी पर निबंध – Essay on Narendra Modi in Hindi
  • वैश्विकरण या ग्लोबलाइजेशन पर निबंध – Essay on Globalization in Hindi
  • भारत की विरासत पर निबंध – Essay On Indian Heritage in Hindi
  • बिजली बचाओ पर निबंध – Save Electricity Essay in Hindi
  • संगीत पर निबंध – Essay on Music in Hindi
  • सूखा या अकाल पर निबंध – Essay on Drought in Hindi
  • इंदिरा गांधी पर हिन्दी निबंध – Indira Gandhi Essay in Hindi
  • खुशी पर निबंध – Essay on Happiness in Hindi
  • जवाहरलाल नेहरू पर निबंध – Jawaharlal Nehru Essay in Hindi
  • किसान पर निबंध – Essay on Farmer in Hindi
  • विज्ञान पर निबंध – Essay on Science in Hindi
  • जल का महत्व पर निबंध – Essay on Importance of Water in Hindi
  • Essay on Laughter is the Best Medicine in Hindi
  • Essay on Life in Village in Hindi – गांव में जीवन पर निबंध
  • ट्रैफिक जाम पर निबंध – Essay on Traffic Jam in Hindi
  • मेरे गाँव पर निबंध – Essay On My Village in Hindi
  • लाल बहादुर शास्त्री पर निबंध – Essay on Lal Bahadur Shastri in Hindi
  • पर्यावरण पर निबंध – Environment Essay in Hindi
  • Essay on Sachin Tendulkar in Hindi – सचिन तेंदुलकर पर निबंध
  • झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई पर निबंध – Rani Lakshmi Bai Essay in Hindi
  • क्रिकेट पर निबंध – Essay on Cricket in Hindi
  • मेरा शौक – रूचि पर निबंध | Essay on My Hobby in Hindi
  • डॉक्टर पर निबंध – Essay on Doctor in Hindi
  • खेल कूद का महत्व – Essay on Importance of Sports in Hindi
  • पेड़ों पर निबंध – Essay on Trees in Hindi
  • मानव अधिकार पर निबंध – Essay on Human Rights in Hindi
  • समयनिष्ठता पर निबंध – Essay on Punctuality in Hindi
  • क्रिसमस पर निबंध – Essay on Christmas in Hindi
  • शिक्षक पर निबंध – Essay on Teacher in Hindi
  • प्रकृति पर निबंध – Essay on Nature in Hindi
  • गाय पर निबंध – Essay on Cow in Hindi
  • भारत में लोकतंत्र पर निबंध – Essay on Democracy in India
  • शहीद भगत सिंह पर निबंध – Bhagat Singh Essay in Hindi
  • इंटरनेट पर निबंध – Essay On Internet in Hindi
  • स्वामी विवेकानंद पर निबंध – Essay on Swami Vivekanand in Hindi
  • सुभाष चन्द्र बोस पर निबंध – Subhash Chandra Bose Essay in Hindi
  • मदर टेरेसा पर निबंध – Mother Teresa Essay In Hindi
  • दोस्ती पर निबंध – Essay on Friendship in Hindi
  • कंप्यूटर पर निबंध – Essay on Computer in Hindi
  • देश भक्ति पर निबन्ध – Essay on Patriotism in Hindi
  • Artificial Intelligence Essay in Hindi – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस निबंध
  • Sardar Vallabhbhai Patel Essay in Hindi – वल्लभ भाई पटेल निबंध
  • जनसँख्या पर निबंध – Population Essay in Hindi
  • जंक (फास्ट) फूड के नुकसान पर निबंध – Harmful Effects of Junk Food
  • ताजमहल पर निबंध – Essay on Tajmahal in Hindi
  • सड़क दुर्घटना पर निबंध – Essay on Road Accident in Hindi
  • मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध – My Favorite Teacher Essay in Hindi
  • पिता पर हिन्दी में निबंध – My Father Essay in Hindi
  • वायु प्रदूषण पर निबंध – Air Pollution Essay in Hindi
  • बरसात के दिनों पर निबंध – Essay on Rainy Days in Hindi
  • पृथ्वी बचाओ पर निबंध – Save Earth Essay in Hindi
  • मेरा सपना पर निबंध – My Dream Essay in Hindi
  • कन्या भ्रूण हत्या पर निबंध – Female Foeticide Essay in Hindi
  • सुनामी पर निबंध – Tsunami Essay in Hindi
  • समय प्रबंधन पर निबंध – Essay on Time Management in Hindi
  • Save Water Save Life Essay in Hindi – जल बचाओ जीवन बचाओ
  • लोकतंत्र पर निबंध – Essay on Democracy in Hindi
  • पर्यावरण बचाओ पर निबंध – Save Environment Essay in Hindi
  • साइबर क्राइम पर निबंध – Essay on Cyber Crime in Hindi
  • Indian Culture and Tradition Essay in Hindi – भारतीय संस्कृति निबंध
  • My Aim of Life Essay in Hindi – मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध
  • Gender Equality Essay in Hindi – लिंग समानता पर निबंध
  • Essay on Health and Hygiene in Hindi – स्वास्थ्य और स्वच्छता निबंध
  • Essay on India in Hindi – भारत पर हिन्दी निबंध
  • 10 Lines on Mangalyaan in Hindi – मंगलयान पर 10 पंक्तियाँ
  • बैडमिंटन पर निबंध – Essay on Badminton in Hindi
  • माँ पर निबंध – Essay on Mother in Hindi
  • रबीन्द्रनाथ टैगोर पर निबंध – Rabindranath Tagore Essay in Hindi
  • बाढ़ पर निबंध – Essay on Flood in Hindi
  • दशहरा पर निबंध – Essay on Dussehra in Hindi
  • स्वास्थ्य ही धन है निबंध – Health is Wealth Essay in Hindi
  • आर्यभट्ट पर निबंध – Essay On Aryabhatta in Hindi
  • सोशल मीडिया पर निबंध – Essay on Social Media in Hindi
  • Essay on My Ambition in Hindi – मेरे जीवन का उद्देश्य पर निबंध
  • बेहतर पर्यावरण के लिए ईंधन बचाने पर निबंध – Save Fuel Essay
  • ध्वनि प्रदूषण पर निबंध – Noise Pollution Essay in Hindi
  • गर्मी की छुट्टी पर निबंध – Summer Vacation Essay in Hindi
  • शिक्षा पर निबंध – Education Essay in Hindi
  • टेलीविजन पर निबंध – Television Essay in Hindi
  • जल प्रदूषण पर निबंध – Essay On Water Pollution In Hindi
  • विज्ञान के चमत्कार पर निबन्ध – Wonders of Science in Hindi
  • टेक्नोलॉजी पर निबंध – Essay on Technology in Hindi
  • ईमानदारी सर्वश्रेष्ठ नीति है पर निबंध – Honesty is the Best Policy Hindi
  • मोबाइल फ़ोन पर निबंध – Essay on Mobile Phone in Hindi
  • Essay On Dowry System In Hindi – दहेज प्रथा पर निबंध
  • Science & Technology Essay Hindi – विज्ञान और तकनीकी निबंध
  • Essay on Rainy Season in Hindi – वर्षा ऋतु पर निबंध
  • Environmental Pollution Essay in Hindi – पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध
  • Essay on Children’s Day in Hindi – बाल दिवस पर निबंध
  • Essay on Raksha Bandhan in Hindi – रक्षाबंधन पर निबंध
  • Essay on Beti Bachao Beti Padhao – बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ निबंध
  • Essay on Freedom Fighters in Hindi – स्वतंत्रता सेनानियों पर निबंध
  • Essay on My Favourite Book in Hindi – मेरी पसंदीदा पुस्तक पर निबंध
  • Essay on My Family in Hindi – मेरा परिवार पर निबंध
  • Essay on Discipline in Hindi – अनुशासन पर निबंध
  • Essay on Surgical Strike in Hindi – सर्जिकल स्ट्राइक पर निबंध
  • Essay on Dog in Hindi – कुत्ता पर निबंध
  • Essay on Gandhi Jayanti in Hindi – गांधी जयंती पर निबंध
  • Corruption Essay in Hindi – भ्रष्टाचार पर हिन्दी में निबंध
  • Essay on Global Warming in Hindi – ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध
  • पानी बचाओ पर निबंध – Essay on Save water in Hindi
  • ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – APJ Abdul Kalam Essay in Hindi
  • आतंकवाद पर निबंध – Essay on Terrorism in Hindi
  • Essay on My Best Friend in Hindi – मेरा प्रिय मित्र निबंध
  • बेटी बचाओ निबंध – Save Girl Child Essay in Hindi
  • शिक्षक दिवस पर निबंध – Essay on Teachers Day in Hindi
  • पेड़ बचाओ पर निबंध – Essay on Save Trees in Hindi
  • गर्मी का मौसम पर निबंध – Essay On Summer Season in Hindi
  • विमुद्रीकरण पर निबंध – Essay on Demonetisation in Hindi
  • बाल मजदूरी पर निबंध – Essay on Child Labour in Hindi
  • Essay on My school in Hindi – मेरा विद्यालय पर निबंध
  • Essay on GST in Hindi – गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) निबंध
  • Essay On Mahatma Gandhi In Hindi – महात्मा गांधी पर निबंध
  • 10 Lines on My teacher in Hindi – शिक्षक के बारे में 5 पंक्तियाँ
  • Women empowerment Essay in Hindi – महिला सशक्तिकरण पर निबंध
  • Essay on Diwali in Hindi – हिन्दी निबंध: दीपावली
  • प्रदूषण पर निबंध – Essay on Pollution in Hindi
  • स्वच्छ भारत अभियान निबंध – Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi
  • Essay on Durga Puja in Hindi – दुर्गा पूजा पर शब्द निबंध

टेक्नोलॉजी पर निबंध

  • प्रौद्योगिकी (टेक्नोलॉजी) पर निबंध
  • कंप्यूटर पर निबंध
  • विज्ञान का आश्चर्य पर निबंध
  • मोबाइल फोन पर निबंध
  • इंटरनेट पर निबंध
  • अखबार पर निबंध
  • विज्ञान पर निबंध

घटनाओं पर त्योहारों पर निबंध

  • दिवाली पर निबंध
  • स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) पर निबंध
  • होली पर निबंध
  • शिक्षक दिवस पर निबंध
  • गर्मी की छुट्टियां पर निबंध
  • क्रिसमस पर निबंध
  • बाल दिवस पर निबंध
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध
  • दुर्गा पूजा पर निबंध
  • Janmashtami पर निबंध
  • शिक्षा पर निबंध
  • शिक्षा का महत्त्व पर निबंध
  • शिक्षा मुफ्त होनी चाहिए पर निबंध
  • शिक्षा में प्रौद्योगिकी का योगदान पर निबंध

प्रसिद्ध नेताओं पर निबंध

  • Mahatma Gandhi पर निबंध
  • एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध
  • जवाहर लाल नेहरू पर निबंध
  • नेतृत्व पर निबंध
  • स्वामी विवेकानंद पर निबंध
  • मदर टेरेसा पर निबंध
  • रविंद्रनाथ टैगोर पर निबंध
  • Sardar Vallabhbhai Patel पर निबंध
  • सुभाष चंद्र बोस पर निबंध
  • अब्राहम लिंकन पर निबंध
  • मार्टिन लूथर किंग पर निबंध
  • Lal Bahadur Shashtri पर निबंध

पशु और पक्षियों पर निबंध

  • कुत्ता पर निबंध
  • सिंह पर निबंध
  • मोर पर निबंध
  • बिल्ली पर निबंध
  • मेरा पसंदीदा पशु पर निबंध
  • तोता पर निबंध

निबंध विषय अपने बारे में

  • मेरा परिवार पर निबंध
  • मेरा सबसे अच्छा दोस्त पर निबंध
  • मेरा शौक पर निबंध
  • मेरी माँ पर निबंध
  • मेरे पिता पर निबंध
  • मेरे पसंदीदा शिक्षक पर निबंध
  • जीवन में मेरा उद्देश्य पर निबंध
  • मेरा पसंदीदा खेल – बैडमिंटन पर निबंध
  • मेरा पसंदीदा खेल – निबंध पर निबंध
  • मेरा गाँव पर निबंध
  • मेरा घर पर निबंध
  • मेरा सपना पर निबंध
  • मेरी पसंदीदा पुस्तक पर निबंध
  • मेरी महत्वाकांक्षा पर निबंध
  • कैसे मैंने अपनी गर्मी की छुट्टी बिताई पर निबंध
  • मेरा पालतू कुत्ता पर निबंध
  • मेरे सपनों का भारत पर निबंध
  • मेरा स्कूल जीवन पर निबंध
  • मुझे अपने परिवार से प्यार है पर निबंध
  • मेरे पसंदीदा विषय पर निबंध
  • मेरा पसंदीदा खेल बैडमिंटन पर निबंध
  • माय फादर माय हीरो पर निबंध
  • मेरा बगीचा पर निबंध
  • खुद पर निबंध
  • मेरा स्कूल पुस्तकालय पर निबंध
  • मेरा पसंदीदा लेखक पर निबंध
  • गर्मियों की छुट्टी के लिए मेरी योजना पर निबंध
  • मेरा स्कूल पर निबंध
  • मित्रता पर निबंध

पर्यावरण और प्रकृति पर आधारित निबंध विषय

  • प्रदूषण पर निबंध
  • वैश्विक तापमान पर निबंध
  • जंगलों को बचाएं पर निबंध
  • वातावरण पर निबंध
  • पृथ्वी को बचाओ पर निबंध
  • वायु प्रदुषण पर निबंध
  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध
  • जल प्रदूषण पर निबंध
  • जल बचाओ पर निबंध
  • बारिश का मौसम पर निबंध
  • जलवायु परिवर्तन पर निबंध
  • प्रकृति पर निबंध
  • पेड़ पर निबंध
  • वृक्षों का महत्व पर निबंध
  • सर्दियों का मौसम पर निबंध
  • बारिश का दिन पर निबंध
  • वनों की कटाई पर निबंध
  • प्राकृतिक आपदा पर निबंध
  • बाढ़ पर निबंध
  • पर्यावरण बचाओ पर निबंध
  • गर्मी का मौसम पर निबंध
  • पेड़ हमारे सबसे अच्छे दोस्त पर निबंध
  • पानी पर निबंध

नीतिवचन पर आधारित निबंध विषय

  • स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध
  • समय में एक सिलाई नौ बचाता है पर निबंध
  • एक सेब एक दिन डॉक्टर को दूर रखता है पर निबंध
  • जहां इच्छा है, वहां रास्ता है पर निबंध
  • समय और ज्वार किसी का इंतजार नहीं करते पर निबंध

6 वीं, 7 वीं, 8 वीं कक्षा के छात्रों के लिए निबंध विषय

  • ध्वनि प्रदूषण पर निबंध
  • देश प्रेम पर निबंध
  • स्वास्थ्य पर निबंध
  • भ्रष्टाचार पर निबंध
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध
  • संगीत पर निबंध
  • समय और ज्वार कोई नहीं के लिए प्रतीक्षा करें पर निबंध
  • विज्ञान और तकनीक पर निबंध
  • खेलो का महत्व पर निबंध
  • खेल और क्रीड़ा पर निबंध
  • खेल पर निबंध
  • समय प्रबंधन पर निबंध
  • स्वच्छता, भक्ति से भी बढ़कर है पर निबंध
  • स्वच्छता पर निबंध
  • रोम एक दिन में नहीं बना था पर निबंध
  • भूकंप पर निबंध
  • फ़ुटबॉल पर निबंध
  • ख़ुशी पर निबंध पर निबंध
  • सफलता पर निबंध
  • बेरोजगारी पर निबंध
  • स्वच्छ भारत पर निबंध
  • गाय पर निबंध
  • स्वयं का विवरण दें पर निबंध
  • हाथी पर निबंध
  • भारत के त्यौहार पर निबंध
  • जंगल पर निबंध
  • Ganesh Chaturthi पर निबंध
  • स्वस्थ भोजन पर निबंध
  • जल का महत्व पर निबंध
  • जंक फूड पर निबंध
  • जीएसटी पर निबंध
  • प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध
  • फैशन पर निबंध
  • पुस्तकें पर निबंध
  • चिकित्सक पर निबंध
  • आबादी पर निबंध
  • समय का मूल्य पर निबंध
  • ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है पर निबंध
  • Gandhi Jayanti पर निबंध
  • आजादी पर निबंध
  • मानवाधिकार पर निबंध
  • ज्ञान ही शक्ति है पर निबंध
  • समलैंगिक विवाह पर निबंध
  • बचपन की यादें पर निबंध
  • साइबर अपराध पर निबंध
  • राजनीति पर निबंध
  • समय पर निबंध
  • योग पर निबंध
  • किसान पर निबंध
  • खाना पर निबंध
  • Kalpana Chawla पर निबंध
  • समय की पाबंदी पर निबंध
  • Rani Lakshmi Bai पर निबंध
  • प्रेरणास्रोत पर निबंध
  • वसंत ऋतु पर निबंध
  • पर्यटन पर निबंध
  • अनेकता में एकता पर निबंध
  • कृत्रिम होशियारी पर निबंध
  • ऑनलाइन खरीदारी पर निबंध
  • आदर करना पर निबंध
  • भारतीय संस्कृति पर निबंध
  • चुनाव पर निबंध
  • डाकिया पर निबंध
  • स्वस्थ जीवनशैली पर निबंध
  • छुट्टी का दिन पर निबंध
  • भारतीय शिक्षा प्रणाली पर निबंध
  • बचपन पर निबंध
  • आपदा प्रबंधन पर निबंध
  • पर्यावरण के मुद्दें पर निबंध
  • स्वतंत्रता सेनानी पर निबंध
  • बगीचा पर निबंध
  • दादा दादी पर निबंध
  • बेहतर पर्यावरण के लिए ईंधन बचाओ पर निबंध
  • समाचार पत्र का महत्व पर निबंध
  • Lal Bahadur Shastri पर निबंध
  • Raksha Bandhan पर निबंध
  • टीम वर्क पर निबंध
  • विश्व पर्यावरण दिवस पर निबंध
  • बैडमिंटन पर निबंध
  • Narendra Modi पर निबंध
  • ईमानदारी पर निबंध
  • धर्म क्या है पर निबंध
  • परोपकार घर से आरंभ होती है पर निबंध
  • पैसे पर निबंध
  • ट्रेन से यात्रा पर निबंध
  • आदर्श छात्र पर निबंध
  • जल बचाओ पृथ्वी बचाओ पर निबंध
  • पुनर्चक्रण पर निबंध
  • भारतीय किसान पर निबंध
  • भारत में महिलाओं की सुरक्षा पर निबंध
  • सर्वपल्ली राधाकृष्णन पर निबंध
  • मृत्यु दंड पर निबंध पर निबंध
  • कॉलेज का जीवन पर निबंध
  • प्राकृतिक संसाधन पर निबंध
  • साथियों का दबाव पर निबंध
  • प्रेरणा पर निबंध
  • पोषण बनाम प्रकृति पर निबंध
  • रोमियो और जूलियट पर निबंध
  • पीढ़ी का अंतर पर निबंध
  • Makar Sankranti पर निबंध
  • भारत का संविधान पर निबंध
  • बालिका शिक्षा पर निबंध
  • परिवार का महत्व पर निबंध
  • स्वतंत्रता दिवस का महत्व पर निबंध
  • प्रतिभा पलायन पर निबंध
  • अपना वहि जॊ आवे काम पर निबंध
  • काम बोलता है बातें नहीं पर निबंध पर निबंध
  • हर चमकती चीज सोना नहीं होती पर निबंध
  • Bhagat Singh पर निबंध
  • Demonetization पर निबंध
  • कृषि पर निबंध
  • क्रिकेट पर निबंध
  • हॉकी पर निबंध
  • अनुशासन पर निबंध
  • अनुशासन का महत्व पर निबंध
  • जऩ संखया विसफोट पर निबंध
  • दरिद्रता पर निबंध
  • भारत में गरीबी पर निबंध
  • मोबाइल फोन का उपयोग पर निबंध
  • पानी की कमी पर निबंध
  • रेल यात्रा पर निबंध
  • भूमि प्रदुषण पर निबंध पर निबंध
  • पर्यावरण संरक्षण पर निबंध
  • भारतीय सेना पर निबंध
  • इंटरनेट का उपयोग पर निबंध
  • चिड़ियाघर पर निबंध
  • संतुलित आहार पर निबंध
  • रक्त दान पर निबंध
  • डिजिटल इंडिया पर निबंध
  • दशहरा निबंध पर निबंध
  • ऊर्जा सरंक्षण पर निबंध
  • राष्ट्रीय एकीकरण पर निबंध
  • रेलवे स्टेशन पर निबंध
  • सचिन तेंडुलकर पर निबंध
  • सुनामी पर निबंध
  • स्वास्थ्य और सफ़ाई पर निबंध
  • वन का महत्व पर निबंध
  • Indira Gandhi पर निबंध
  • हंसी बेहतरीन दवा है पर निबंध
  • बास्केटबाल पर निबंध
  • कैरियर के लक्ष्यों पर निबंध
  • शादी पर निबंध
  • मानसिक स्वास्थ्य पर निबंध
  • पानी बचाओ जिंदगी बचाओ पर निबंध
  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध
  • छुट्टी पर निबंध
  • बागवानी पर निबंध
  • शीतकालीन अवकाश पर निबंध
  • मिट्टी प्रदूषण पर निबंध
  • आलोचना पर निबंध
  • इंडिया गेट पर निबंध
  • हरेक निराशा में भी एक उम्मीद की किरण होती है पर निबंध
  • भारतीय संस्कृति और परंपरा पर निबंध
  • एकता में बल है पर निबंध
  • एकता विविधता है पर निबंध
  • वन्यजीव संरक्षण पर निबंध
  • जानवरो के प्रति क्रूरता पर निबंध
  • गूगल पर निबंध
  • नेल्सन मंडेला पर निबंध
  • चूहों और पुरुषों की पर निबंध
  • अंग दान पर निबंध
  • एक बड़े शहर में जीवन पर निबंध
  • आचार विचार पर निबंध पर निबंध
  • भारत में लोकतंत्र पर निबंध
  • सूखा पर निबंध
  • व्यवसाय पर निबंध
  • कचरा प्रबंधन पर निबंध
  • जैव विविधता पर निबंध
  • वनीकरण पर निबंध
  • आर्यभट्ट पर निबंध
  • कन्या भ्रूण हत्या पर निबंध
  • जंक फूड के हानिकारक प्रभाव पर निबंध
  • बारिश के पानी का संग्रहण पर निबंध
  • बिजली बचाओ पर निबंध
  • सोशल मीडिया पर निबंध
  • सामाजिक नेटवर्किंग साइट पर निबंध
  • अखंडता पर निबंध
  • टालमटोल पर निबंध
  • एक भारतीय गांव में जीवन पर निबंध
  • बड़ा शहर में जीवन पर निबंध
  • जनसंख्या वृद्धि पर निबंध
  • कैंसर पर निबंध
  • विश्व जनसंख्या दिवस पर निबंध
  • ग्रीनहाउस प्रभाव पर निबंध
  • एकता की मूर्ति पर निबंध
  • ट्रैफ़िक जाम पर निबंध
  • Beti Bachao Beti Padhao पर निबंध
  • अच्छे शिष्टाचार का महत्व पर निबंध
  • अच्छी आदतें पर निबंध
  • लाल किला पर निबंध
  • एकता पर निबंध
  • साइबर सुरक्षा पर निबंध
  • हरित क्रांति पर निबंध
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Essays - निबंध

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Hindi Essay | हिंदी में निबंध for Class 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12

Hindi essay for classes 3 to 12 students, benefits of essay writing:.

To be efficient in any language it is crucial to enhance the writing power in that significant language. Essay writhing is the most positive way of developing students’ skills and knowledge upon writing. Students get to know about different topics when they research to write about any important fact. Besides that, essay writing is beneficial to increase the vocabulary power of students as they use various words to express their views and thoughts. From essay writing students will be encouraged to upgrade their other skills. They will be interested to participate in many events of writing which is effective to improve their talents in extra-curricular activities. When students get the correct guidance and suggestions from their school environment they will eventually start to focus on a specific aspect of learning more. So, it is teachers’ responsibility to encourage children for writing essays on their own language for expressing their thoughts. Essay writing in Hindi is equally important for students who have Hindi as a subject in school. If they focus on Hindi learning from the beginning level then they do not have to worry about learning critical chapters in higher studies. Besides that they should focus on enhancing their essay writing skills which will enable them to give better performance in final exam. As a result, they will score well in exam and feel satisfied with their learning outcomes. The most important fact is that, essay writing skill will reduce the fear of writing among students. They will feel more interested to write essay on any given topic at any time after gathering the knowledge about the perfect ways of writing essays.

Essay writing in Hindi:

It is quite natural that students having Hindi as important subject in school must learn Hindi from the basic concepts. We find Hindi as important basically in CBSE and ICSE schools where students have options to choose Hindi or any other regional language. But for schools governed by state boards the entire education mode comes in Hindi medium. So, in both cases students have to focus on learning their Hindi language from the starting level. Essay writing is the significant part of their Hindi curriculum like all other languages. It will be beneficial for themselves if they focus on writing Hindi essays from the beginning level. They should understand each part of Hindi essays including pattern, style, word count to present a compete essay. By understanding each part students will be efficient in writing Hindi essays which will affect their overall score in exam. Some students may find it difficult to write Hindi essays on any topic smoothly. For that we are advising to grasp the basic knowledge of writing pattern and expressing their thoughts in a definite way. It is not possible for students to write Hindi essays from the beginning of their academics. They first need proper guidance and suggestions which they can find in examples of Hindi essays on different topics. Students of state level boards have to write Hindi essays from the primary section whereas CBSE and ICSE students write Hindi essays after primary education. We have provided Hindi essays on significant topics for all classes based on different boards. Students will be definitely benefitted if they follow the writing pattern and style of using language in those essays completely. They can rely on the essays fully as all are prepared according to the board guidelines by expert teachers. We are hopeful that students will take the help of these Hindi essays for enhancing their writing quality and using of language. We have provided the direct links to download all essays in this article. So, students do not need to search here and there for getting list of Hindi essays. They can easily download all the essays from the links in pdf format and read according to their convenience.

Conclusion:

Faqs:      .

class 8 essay topics in hindi

निबंध लेखन, हिंदी में निबंध| Hindi Essay Writing Topics

निबंध लेखन, Hindi Essay Topics

निबंध लेखन हिंदी में – Essay writing in Hindi Topics for class 10, 9

Essay writing definition, tips, examples, निबंध लेखन की परिभाषा, निबंध लेखन के उदाहरण.

  निबंध लेखन Essay Writing in Hindi – इस लेख में हम निबंध लेखन के बारे में जानेंगे। निबंध होता क्या है? निबंध के मुख्य अंग कौन-कौन से हैं? पाठ्यक्रम में निबन्ध-लेखन को क्यों जोड़ा गया है? निबंध कितनी प्रकार के होते हैं और उन्हें लिखते समय किन विभागों में बाँटना चाहिए जिससे उन्हें लिखने में आसानी हो? निबंध को लिखते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? इन सभी प्रश्नों को जब आप अच्छे से समझ जाएँगे, तो आपको कभी भी किसी भी निबंध को लिखने में कोई भी परेशानी नहीं होगी।

निबंध (Essay)

निबंध की परिभाषा (definition of essay), निबंध के विषय (essay topics in hindi), निबंध के अंग (parts of an essay), निबंध के प्रकार (types of essays).

कई बार लोगों द्वारा यह प्रश्न पूछा जाता है कि आखिर निबंध क्या है? और निबंध की परिभाषा क्या है? वास्तव में निबंध एक प्रकार की गद्य रचना होती है। जिसे क्रमबद्ध तरीके से लिखा गया हो।

निबंध किसी भी विषय के मुख्य विचार और नज़रिए का एक सुव्यवस्थित रूप है । निबंध किसी एक विशेष विषय पर आधारित होता है। निबंध जानकारी, विचार या भावनाओं के संचार का एक प्रबल माध्यम है । निबंध के द्वारा व्यक्ति अपने विचारों का संचार करने में समर्थ हो सकता है। निबंध लेखन आपको एक ऐसा सुअवसर प्रदान करता है, जिससे आप अपने ज्ञान को दूसरों के सम्मुख प्रकट करते हैं।    Top   Related – Essays in Hindi  

अपने मानसिक भावों या विचारों को संक्षिप्त रूप से तथा नियन्त्रित ढंग से लिखना ‘निबन्ध’ कहलाता है। दूसरे शब्दों में – किसी विषय पर अपने भावों को पूर्ण रूप से क्रमानुसार लिपिबद्ध करना ही ‘निबंध’ कहलाता है।

‘निबंध’ शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है- नि + बंध। इसका अर्थ है भली प्रकार से बंधी हुई रचना। अर्थात वह रचना जो विचारपूर्वक, क्रमबद्ध रूप से लिखी गई हो। इसके आधार पर हम सरल शब्दों में कह सकते हैं – ‘निबंध वह गद्य रचना है, जो किसी विषय पर क्रमबद्ध रूप से लिखी गई हो।’    Top   Related – Soil Pollution Essay in Hindi  

साधारण रूप से निबंध के विषय परिचित विषय होते हैं, यानी जिनके बारे में हम सुनते, देखते व पढ़ते रहते हैं; जैसे – धार्मिक त्योहार, राष्ट्रीय त्योहार, विभिन्न प्रकार की समस्याएँ, मौसम आदि। जीवन के सभी क्षेत्रों में सफल विचार-विमर्श के लिए हमें श्रेष्ठ निबंध लेखन की आवश्वयकता होती है। निबंध‍ किसी भी विषय पर लिखा जा सकता है। आज सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और वैज्ञानिक विषयों पर निबंध लिखे जा रहे हैं। संसार का हर विषय, हर वस्तु, व्यक्ति एक निबंध का केंद्र हो सकता है। हिंदी के प्रमुख साहित्यकार आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने निबन्ध को परिभाषित करते हुए कहा है- “निबन्ध लेखन में लेखक अपने मन की प्रवृत्ति के अनुसार स्वच्छंद गति से इधर-उधर फूटी हुई सूत्र शाखाओं पर विचरता चलता है।”

उपरोक्त परिभाषा का अर्थ है कि निबन्ध लेखक के मन की प्रवृत्ति के अनुरूप ही होना चाहिए और निबन्ध का लेखन स्वच्छन्द गति पर आधारित हो अर्थात निबंध ऐसा लिखना चाहिए कि लेखक का चिंतन, वैचारिक स्तर, विषय पर उसकी स्वयं की विचारधारा स्पष्ट हो जानी चाहिए। इसके अतिरिक्त लेखक को नदी की धारा के समान बहना चाहिए, किसी अन्य के मत से प्रभावित हुए बिना। यह अत्यन्त आवश्यक है कि लेखक का व्यक्तिगत परिचय या स्वार्थ विषय-वस्तु को प्रभावित न करे। ज़रूरी नहीं कि आप जो भी लिखें वो सभी को स्वीकार्य हो, ज़रूरी ये है कि आप निष्पक्ष हो कर लिखें क्योंकि निष्पक्षता ही किसी निबंध की प्रथम और अंतिम कसौटी है।    Top   Related – Essay on Women Empowerment in Hindi  

निबंध के चार अंग निश्चित किए गए-

Essay format in Hindi - Parts

(1) शीर्षक – शीर्षक आकर्षक होना चाहिए, ताकि लोगों में निबंध पढ़ने की उत्सुकता पैदा हो जाए। परन्तु यदि आप परीक्षा में बैठे हैं, तो आपको शीर्षक पहले से ही दिया गया होगा।

(2) प्रस्तावना – निबंध की श्रेष्ठता की यह नींव होती है। इसे भूमिका भी कहा जाता है। यह अत्यंत रोचक और आकर्षक होनी चाहिए परन्तु यह बहुत लम्बी नहीं होनी चाहिए। भूमिका इस प्रकार की हो जो विषयवस्तु की झलक प्रस्तुत कर सकें। जो कि पाठक को निबंध पढ़ने के लिए प्रेरित कर सके। निबंध की शुरुआत किसी सूक्ति, श्लोक या किसी उदाहरण से करनी चाहिए। अच्छी प्रभावोत्पादक पंक्तियों का प्रयोग परीक्षक पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा जिससे विद्यार्थी को अच्छे अंक प्राप्त करने में मदद मिलेगी। आकर्षक प्रारम्भ पाठक या परीक्षक के मन में निबंध को आगे पढ़ने के लिए उत्सुकता जगाता है। निबंध में विषय का संक्षिप्त परिचय और वर्तमान स्वरूप भी विद्यार्थी को भूमिका खंड में देना चाहिए।  भूमिका लिखते समय यह बात ध्यान रखनी बहुत आवश्यक है कि भूमिका का विषय से सीधा जुड़ाव होना चाहिए।

(3) विषय-विस्तार – इसमें तीन से चार अनुच्छेदों में विषय के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार प्रकट किए जाते हैं। प्रत्येक अनुच्छेद में एक-एक पहलू पर विचार लिखा जाते है। यह निबंध का सर्वप्रमुख अंश है। इनका संतुलित होना अत्यंत आवश्यक है। यहीं निबंधकार अपना दृष्टिकोण प्रगट करता है। जब कोई निबंध लिखना हो तो रफ लिख लेना चाहिए कि, पहले क्या बताना है, फिर प्वाइंट बना लो, इसके बाद उन्हें पैराग्राफ में लिखो।

(4) उपसंहार – यह निबंध के अंत में लिखा जाता है। इस अंग में निबंध में लिखी गई बातों को सार के रूप में एक अनुच्छेद में लिखा जाता है। इसमें संदेश भी लिखा जा सकता है। उपदेश, दूसरे के विचारों को उद्घृत कर (लिख कर) या कविता की पंक्ति के माध्यम से निबंध समाप्त किया जा सकता है।    Top  

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निबंध के प्रकार और उन्हें किन विभागों में बाँटा जा सकता है जिससे निबंध लेखन सरल हो सके –

विषय के अनुसार प्रायः सभी निबंध तीन प्रकार के होते हैं –

Hindi essay types

(1) वर्णनात्मक – किसी सजीव या निर्जीव पदार्थ का वर्णन वर्णनात्मक निबंध कहलाता है। ये निबंध स्थान, दृश्य, परिस्थिति, व्यक्ति, वस्तु आदि को आधार बनाकर लिखे जाते हैं। वर्णनात्मक निबंध के लिए अपने विषय को निम्नलिखित विभागों में बाँटना चाहिए-

1. यदि विषय कोई ‘प्राणी’ हो – (i) श्रेणी  (ii) प्राप्तिस्थान (iii) आकार-प्रकार (iv) स्वभाव (v) विचित्रता (vi) उपसंहार

2. यदि विषय कोई ‘मनुष्य’ हो – (i) परिचय (ii) प्राचीन इतिहास (iii) वंश-परंपरा (iv) भाषा और धर्म (v) सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन

3. यदि विषय कोई ‘स्थान’ हो (i) अवस्थिति (ii) नामकरण (iii) इतिहास (iv) जलवायु (v) शिल्प (vi) व्यापार (vii) जाति-धर्म (viii) दर्शनीय स्थान (ix ) उपसंहार

4. यदि विषय कोई ‘वस्तु’ हो (i) उत्पत्ति (ii) प्राकृतिक या कृत्रिम (iii) प्राप्तिस्थान (iv) किस अवस्था में पाई जाती है (v) कृत्रिमता का इतिहास (vi) उपसंहार

5. यदि विषय ‘पहाड़’ हो (i) परिचय (ii) पौधे, जीव, वन आदि (iii) गुफाएँ, नदियाँ, झीलें आदि (iv) देश, नगर, तीर्थ आदि (v) उपकरण एवं शोभा (vi) वहाँ बसनेवाले मानव और उनका जीवन

(2) विवरणात्मक – किसी ऐतिहासिक, पौराणिक या आकस्मिक घटना का वर्णन विवरणात्मक निबंध कहलाता है। यात्रा, घटना, मैच, मेला, ऋतु, संस्मरण आदि का विवरण लिखा जाता है।

विवरणात्मक निबंध लिखने के लिए दिए गए विषय को निम्नलिखित विभागों में बाँटना चाहिए-

1. यदि विषय ‘ऐतिहासिक’ हो – (i) घटना का समय एवं स्थान (ii) ऐतिहासिक पृष्ठभूमि (iii) कारण, वर्णन एवं फलाफल (iv) इष्ट-अनिष्ट की समालोचना एवं आपका मंतव्य

2. यदि विषय ‘जीवन-चरित्र’ हो – (i) परिचय, जन्म, वंश, माता-पिता, बचपन (ii) विद्या, कार्यकाल, यश, पेशा आदि (iii) देश के लिए योगदान (iv) गुण-दोष (v) मृत्यु, उपसंहार (vi) भावी पीढ़ी के लिए उनका आदर्श

3. यदि विषय ‘भ्रमण-वृत्तांत’ हो – (i) परिचय, उद्देश्य, समय, आरंभ (ii) यात्रा का विवरण (iii) हानि-लाभ (iv) सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, व्यापारिक एवं कला-संस्कृति का विवरण (v) समालोचना एवं उपसंहार

4. यदि विषय ‘आकस्मिक घटना’ हो – (i) परिचय (ii) तारीख स्थान एवं कारण (iii) विवरण एवं अन्त (iv) फलाफल (v) समालोचना (व्यक्ति एवं समाज आदि पर कैसा प्रभाव ?)

(3) विचारात्मक – किसी गुण, दोष, धर्म या फलाफल का वर्णन विचारात्मक निबंध कहलाता है।

इस निबंध में किसी देखी या सुनी हुई बात का वर्णन नहीं होता; इसमें केवल कल्पना और चिंतनशक्ति से काम लिया जाता है। विचारात्मक निबंध उक्त दोनों प्रकारों से अधिक श्रमसाध्य होता है। अतएव, इसके लिए विशेष रूप से अभ्यास की आवश्यकता होती है।

विचारात्मक निबंध लिखने के लिए दिए गए विषय को निम्नलखित विभागों में बाँटना चाहिए-

(i) अर्थ, परिभाषा, भूमिका और परिचय (ii) सार्वजनिक या सामाजिक, स्वाभाविक या अभ्यासलभ्य कारण (iii) संचय, तुलना, गुण एवं दोष (iv) हानि-लाभ (v) दृष्टांत, प्रमाण आदि (vi) उपसंहार

पाठ्यक्रम में निबन्ध-लेखन को क्यों समाहित किया गया – 1. विद्यार्थी अपने विचारों को एकत्र करना सीख पाए। 2. विचारों को संतुलित तरीके से व्यक्त कर पाएं। 3. भाषा को उपयुक्त रूप से प्रयोग करना सीख पाएं। 4. किसी भी विषय पर छात्रों के स्वयं के विचार हों। 5. उनका वैचारिक स्तर निश्चित हो सके। 6. संवेदनात्मक व वैचारिक स्तर पर परिपक्व हो सके। 7. वे अपने विचारों को सकारात्मक दिशा दे पाए। 8. अपने विचारों को दृढ़ता से रखना सीख सके। 9. आलोचनात्मक दृष्टिकोण विकसित हो सके। 10. रटन्तू तोता न बन विचारशील प्राणी बन सके।    Top  

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निबन्ध लिखते समय निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए- (1) निबन्ध लिखने से पूर्व सम्बन्धित विषय का पर्याप्त ज्ञान होना चाहिए। (2) क्रमबद्ध रूप से विचारों को लिखा जाये। (3) निबन्ध की भाषा रोचक एवं सरल होनी चाहिए। (4) निबन्ध के वाक्य छोटे-छोटे तथा प्रभावशाली होने चाहिए। (5) निबन्ध संक्षिप्त होना चाहिए। अनावश्यक बातें नहीं लिखनी चाहिए। (6) व्याकरण के नियमों और विरामादि चिह्नों का उचित प्रयोग होना चाहिए। (7) विषय के अनुसार निबन्ध में मुहावरों का भी प्रयोग करना चाहिए। मुहावरों के प्रयोग से निबन्ध सशक्त बनता है। (8) निबंध के विषय पर अतिरिक्त जानकारी प्राप्त करें। (9) आरंभ, मध्य अथवा अंत में किसी उक्ति अथवा विषय से संबंधित कविता की पंक्तियों का उल्लेख करें। (10) निबंध की शब्द-सीमा का ध्यान रखें और व्यर्थ की बातें न लिखें अर्थात विषय से न हटें। (11) विषय से संबंधित सभी पहलुओं पर अपने विचार प्रकट करें। (12) सभी अनुच्छेद एक दूसरे से जुड़े हों। (13) वर्तनी व भाषा की शुद्धता, लेख की स्वच्छ्ता एवं विराम-चिह्नों पर ध्यान दें।

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100+ हिंदी निबंध – List of Hindi essay topics

List of Hindi essay topics: हेलो, दोस्तों आज हम ऐसा एक लेख लेकर आये हैं जो की class 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 से लेकर कॉलेज छात्रों के लिए फायदामंद होगा. ये लेख फायदेमंद होने का कारण यही होगा की, हर निबंध विषय के निचे headings दिया हुआ है. जिससे आपको निबंध लिखने में आसान होगा. तो आज हम आपके लिए लेकर आये हैं 100+ Hindi essay topics . तो चलिए लेख की ओर बढ़ते हैं.

हिंदी निबंध विषय – List of Hindi essay topics   

  • खेलकूद का महत्व पर निबंध

खेलकूद का महत्व – स्वास्थ्य ही सच्ची संपत्ति है – खेलों से हम क्या सीखते हैं

  • बेरोजगारी की समस्या पर निबंध

बेरोजगारी के प्रकार – बेरोजगारी की समस्या को कैसे हल किया जाए

  • भ्रष्टाचार पर निबंध

भ्रष्टाचार की सर्वव्यापकता – भारत में स्थिति – भ्रष्टाचार के कारण – समस्या का समाधान

  • इंटरनेट पर निबंध

इंटरनेट क्या है – इंटरनेट का महत्व – इंटरनेट का दुरूपयोग

  • शिक्षक दिवस पर निबंध

भारत के प्राचीन गुरुकुल – आधुनिक शिक्षा – शिक्षक दिवस का पालन – अफसोस की बात

  • मेरा देश पर निबंध

सभ्यता – विदेशी हमला – धर्म – प्राकृतिक संसाधन और आकर्षण

  • क्रिकेट पर निबंध

लोकप्रियता – खेल का मैदान, उपकरण और नियम – टेस्ट मैच – एक दिवसीय मैच – टी ट्वेंटी – प्रशिक्षण प्रणाली – खेल प्रबंधन – मैच फिक्सिंग – बल्ला निर्माण – खेल और खिलाडी – महिला क्रिकेट टीम – खेल की सफलता के लिए पुरस्कार

  • फुटबॉल पर निबंध

संक्षिप्त इतिहास – खेल के मैदान – खेल के तरीके

  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध

महिला का सही परिचय – नारी पर अत्याचार – महिला विकास

  • मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध

मेरे प्रिय शिक्षक के आदर्श गुण – शिक्षा प्रदान – पढ़ने में रूचि – कक्षा में मेरे प्रिय शिक्षक – व्यक्तित्व

  • मेरा स्कूल पर निबंध

स्थान – कक्षाएं और छात्रों – स्कूल के घर – स्थापना और प्रबंधन – शिक्षक और अन्य कर्मचारी – समारोह – बगीचा – पुस्तकालय – खेल क्षेत्र – पत्रिका – छात्रावास – कपड़े – परीक्षा परिणाम

  • मोबाइल फोन पर निबंध

मोबाइल फोन का इतिहास – फोन का निर्माण – मोबाइल फोन का उपयोग और लाभ – दुष्प्रयोग – मोबाइल के बारे में जानकारी

  • टेलीविजन पर निबंध

कार्यप्रणाली – विभिन्न चैनल – विभिन्न पेशेवर कार्यक्रम – स्वास्थ्य जानकारी – लाइव और स्ट्रीमिंग – समाचार कवरेज – धारावाहिक – विज्ञापन प्रसारण – टीवी पर फिल्में – लाभ – दुष्प्रयोग

  • गणतंत्र दिवस पर निबंध

दिवस का उद्देश्य – राष्ट्रीय स्तर पर गणतंत्र दिवस  – राज्य स्तर पर गणतंत्र दिवस  – शिक्षण संस्थानों में गणतंत्र दिवस  – पुरस्कार और सम्मान

  • दिवाली पर निबंध

दिवाली का अर्थ – दिवाली के बारे में पौराणिक तथ्य – दिवाली का ऐतिहासिक महत्व – दिवाली उत्सव – दिवाली का आंकलन

  • दशहरा पर निबंध         

त्योहार की पौराणिक पृष्ठभूमि – भारत के विभिन्न क्षेत्र में दशहरा – मनोरंजन

  • स्वतंत्रता दिवस पर निबंध

स्वतंत्रता दिवस का महत्व – राष्ट्रीय स्तर पर समारोह – राज्य स्तर पर समारोह – शिक्षण संस्थानों में स्वतंत्रता दिवस समारोह – सांस्कृतिक आयोजन

list of hindi essay topics

  • रक्षाबंधन पर निबंध

रक्षाबंधन का पौराणिक महत्व – इतिहास में रक्षाबंधन – भारत में राखी का भिन्नता – रक्षाबंधन में अन्य समारोह – रक्षाबंधन के पालन का उद्देश्य

  • भारतीयों त्योहारों पर निबंध

दीवाली – रामनवमी और जन्माष्टमी – दशहरा – होली – रथ यात्रा – ईद – क्रिसमस

  • नशा मुक्ति पर निबंध

नशा सेवन का कारण – नशीली द्रव्यों का उपयोग और नुकसान – नशा मुक्ति के लिए प्रयास

  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध

प्रधान मंत्री के विचार और राय – देश के स्वच्छ भारत अभियान का इतिहास – स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य – अभियान का कार्यक्रम – स्वच्छता – स्वच्छता के लिए जागरूकता

  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध

प्रदूषण के विभिन्न कारण और परिणाम – प्रदूषण कम करने के तरीके

  • वायु प्रदूषण पर निबंध

वायु प्रदूषण क्या है – वायु प्रदूषण के कारण – वायु प्रदूषण के दुष्प्रभाव – वायु प्रदूषण को नियंत्रित कैसे करें

  • नारी शिक्षा पर निबंध

हमारे समाज में महिलाओं की भूमिका – प्राचीन भारत में महिलाओं की शिक्षा – मध्य युग में महिलाओं की शिक्षा – आधुनिक युग में महिलाओं की शिक्षा – आवश्यकता

  • मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध

छात्रों के भविष्य के लक्ष्य – शिक्षक बनने का लक्ष्य – देशभक्त बनने का लक्ष्य – डॉक्टर होने का लक्ष्य – शास्त्र के अनुसार, जीवन का लक्ष्य

  • दहेज प्रथा पर निबंध

दहेज का रूप और इतिहास – विदेश में दहेज – दहेज एक सामाजिक बीमारी है – दहेज फैलने का कारण – सुधार की जरुरत – दहेज को कैसे कैसे खत्म करें – दहेज को खत्म करने के लिए उठाये गए कदम

  • विद्यार्थी जीवन पर निबंध

भारत में अतीत में विद्यार्थी जीवन – वर्तमान विद्यार्थी जीवन – विद्यार्थी जीवन के विभिन्न आदर्श

  • सैनिक का जीवन पर निबंध

भिन्न जीवन – कर्तव्य – धैर्य – साहस – लक्ष्य – निर्भयता – अभिलाषा – अनुशासन – अनुपालन – समयनिष्ठा

  • छात्रावास का जीवन पर निबंध

छात्रावास का वातावरण – पुण्य का क्षेत्र – स्वास्थ्य और चिंता का विकास – सुशासन

  • विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध

ईश्वर की रचना में अनुशासन – विद्यार्थी जीवन में अनुशासन की आवश्यकता और प्रभाव – अनुशासन की कमी के कारण नुकसान – अनुशासन के तरीके

  • छात्र असंतोष पर निबंध

छात्र असंतोष के परिणाम – छात्र असंतोष के कारण – प्रतिकार

  • छात्रों की सामाजिक जिम्मेदारी पर निबंध

आजादी से पहले छात्रों की भूमिका – आजादी के बाद छात्रों की भूमिका

  • छात्र और सामाजिक कार्य पर निबंध

सामाजिक कार्यों में छात्रों की भूमिका – विभिन्न क्षेत्रों में सामाजिक कार्य – सेवा संगठन और सामाजिक कार्य – सामाजिक सेवा के लाभ

  • विद्यार्थी और राजनीति पर निबंध

नेतृत्व की इच्छा – राजनीतिक दलों के बुरे प्रभाव – छात्र की कर्त्तव्य

  • नैतिक शिक्षा पर निबंध

नैतिक शिक्षा का रूप – साधारण शिक्षा और नैतिक शिक्षा – नैतिक शिक्षा की आवश्यकता – लाभ – माता-पिता और शिक्षकों की भूमिका – पाठ्यक्रम

  • शारीरिक शिक्षा पर निबंध

आवश्यकता – पहुंच – लक्ष्य – कार्रवाई के दौरान – इतिहास

  • एड्स पर निबंध

एड्स का सृष्टि और प्रसार – एड्स का संक्रमण – रोग के लक्षण – उपचार और निदान – आतंक का कारण                        

  • तकनीकी शिक्षा पर निबंध

आवश्यकता – तकनीकी शिक्षा और वर्तमान शिक्षा – विभिन्न दृष्टिकोण – देश के निर्माण में सहायता – समस्या

  • सर्व शिक्षा अभियान पर निबंध

स्वतंत्रता के बाद सार्वभौमिक प्राथमिक शिक्षा के लिए कदम – भारत में सर्व शिक्षा अभियान के लक्ष्य और आवश्यकताएं – सर्व शिक्षा अभियान की कार्यक्रम की रूपरेखा – कार्यक्रम के बारे में राय – अभियान की सफलता के लिए सलाह

  • साक्षरता अभियान पर निबंध

साक्षरता की उपयोगिता – अशिक्षा का कारण – साक्षरता की स्थिति और प्रगति – साक्षरता का इतिहास – साक्षरता कार्यक्रम का स्तर

  • पुस्तकालय पर निबंध

वर्ग विभाग – पुस्तकालय प्रबंधन प्रणाली – शिक्षक और छात्रों के सहयोग

  • राष्ट्रीय कैडेट कोर पर निबंध

उद्देश्य – सेवा का काम – प्रशिक्षण और शिविर – राष्ट्रीय सुरक्षा में NCC की भूमिका – ग्रामीणों के लिए NCC का कार्य

  • रेड क्रॉस पर निबंध

भारत में रेड क्रॉस – कनाडा में रेड क्रॉस – जूनियर रेड क्रॉस

  • मातृभाषा पर निबंध

शिक्षण प्रणाली – मातृभाषा का महत्व – चर्चा का चक्र – प्रयास – अनुसंधान

  • राष्ट्रीय भाषा पर निबंध

राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी – हिंदी राष्ट्रभाषा होने का कारण – विरुद्ध राय

  • साहित्य और समाज पर निबंध

परिवर्तनशील – साहित्यिक – साहित्य और जीवन – साहित्यिक समाज – निर्माता – आदर्शवाद – समाज पर प्रभाव

  • भारतीय संस्कृति पर निबंध

एकीकृत संस्कृति – संस्कार से संस्कृति – भारतीय संस्कृति की विशेषताएं – मुक्ति – त्याग ही सुख है – सामाजिक वर्ग – विश्व परिवार नियोजन, धर्मनिरपेक्षता – दान, सेवा

  • विज्ञान पर निबंध

संरक्षण – चिकित्सा में विज्ञान – परिवहन- घर पर विज्ञान – शिक्षा और मनोरंजन – कृषि विकास – पुस्तकों और पत्रिकाओं का प्रकाशन – प्राकृतिक आपदाओं के समय सहायता – अंतरिक्ष अनुसंधान – दुष्प्रभाव

  • रेडियो पर निबंध

स्कूल का कार्यक्रम – कॉलेज और विश्वविद्यालय के कार्यक्रम – युवाओं के लिए कार्यक्रम – कृषि कार्यक्रम – महिलाओं के लिए विशेष कार्यक्रम – प्राकृतिक आपदाओं और आपात स्थितियों में रेडियो की भूमिका – मनोरंजन – विवरण – विज्ञापन कार्यक्रम – अन्य कार्यक्रम

  • कंप्यूटर पर निबंध

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि – प्रकार – कंप्यूटर की भाषा – लाभ – नुकसान

  • चलचित्र पर निबंध

फिल्म का विकास – भारत में फिल्म का प्रसार – फिल्म के प्रकार – लाभ – नुकसान

  • बिजली पर निबंध

आविष्कार – महत्त्व – बिजली के कुछ मुख्य उपयोग

Hindi essay topics

  • विज्ञान प्रदर्शनी पर निबंध

तैयारी बैठक – विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन – विज्ञान प्रदर्शनियों की प्रभावशीलता – प्रोत्साहन प्रणाली

  • दूरसंचार पर निबंध

दूरसंचार दिवस – संबंध वृद्धि में मदद – लाभ – भारत में दूरसंचार – अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दूरसंचार

  • अंतरिक्ष में भारत पर निबंध

अंतरिक्ष कार्यक्रमों में विभिन्न राष्ट्रों की भूमिका – भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम – भारत का मंगल अभियान

  • वृक्षारोपण पर निबंध

वनों की कटाई का कारण – वनों की कटाई के परिणाम – वृक्षारोपण की आवश्यकता – वृक्षारोपण कार्यक्रम – वन संरक्षण

  • समाज सेवा पर निबंध

समाज सेवा की आवश्यकता – इसका दायरा – विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ता और संगठन – समाजसेवी का आदर्श – छात्र और सामाजिक सेवाएं

  • सामाजिक वनीकरण पर निबंध

वर्तमान जंगल – सामाजिक वनीकरण के लक्ष्य – सामाजिक वनीकरण विभाग – कृषि वनीकरण – ग्रामीण वनीकरण – शहरी वनीकरण – सफलता के लिए कदम

  • वन्य जीव संरक्षण पर निबंध

विभिन्न वन्य जीव – वन्य जीव संरक्षण की आवश्यकता – वन्य जीव संरक्षण की व्यवस्था

  • पिकनिक पर निबंध

समय – आयोजन – पिकनिक का आनंद – एक पिकनिक का विवरण

  • कृषि पर निबंध

हमारे देश में कृषि – प्राचीन पद्धति – आधुनिक पद्धति – कृषि के लिए उपाय

  • हरित क्रांति पर निबंध

खाद्यान्न पर निर्भरता हानिकारक है – कृषि भारतीयों की राष्ट्रीय आजीविका – अनाज में आत्मनिर्भरता की आवश्यकता – हरित क्रांति के विभिन्न पहलू – सरकार की कदम – हरित क्रांति की सफलता के लिए सलाह

  • भारत की पंचवर्षीय योजना पर निबंध

पंचवर्षीय योजना का आधार – पहली पंचवर्षीय योजना – दूसरी पंचवर्षीय योजना – तीसरी पंचवर्षीय योजना – चौथी पंचवर्षीय योजना – पांचवीं पंचवर्षीय योजना – छठी पंचवर्षीय योजना – सातवीं पंचवर्षीय योजना – आठवीं पंचवर्षीय योजना – नौवां पंचवर्षीय योजना – दसवीं पंचवर्षीय योजना – ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना

  • ग्रामीण विकास पर निबंध

प्राचीन भारतीय गाँव की विशेषताएं – आजादी से पहले और बाद में ग्रामीण विकास के कदम – ग्रामीण विकास के लिए विभिन्न सुधार

  • पंचायती राज पर निबंध

पंचायती राज स्थापित करने के लक्ष्य – त्रिस्तरीय पंचायती नियम – पंचायती शासन की दोष

  • लोकतंत्र पर निबंध

लोकतंत्र का वर्ग – सरकार का गठन – लोकतंत्र के लाभ – लोकतंत्र शासन का दोष – भारत में लोकतंत्र

  • चुनाव पर निबंध

चुनाव प्रक्रिया और उसका प्रबंधन – चुनाव प्रक्रिया – चुनाव प्रचार – मतदान केंद्र और मतदान प्रणाली – वास्तविक मतदान के लिए क्या बाधाएं हैं?

  • संयुक्त राष्ट्र संघ पर निबंध

संयुक्त राष्ट्र संघ का स्थापना और लक्ष्य – संगठन का प्रबंधन – विश्व शांति दिवस – बाधाओं

  • जनसंख्या वृद्धि पर निबंध

भारत में जनसंख्या वृद्धि का कारण – जनसंख्या वृद्धि के परिणाम – उपाय

  • खाद्य समस्या पर निबंध

भारत खाद्य समस्याओं का कारण – प्रभाव – समस्याओं का समाधान

  • महंगाई की समस्या पर निबंध

कीमतों में वृद्धि का कारण – जनता पर प्रभाव – समस्या

  • सामाजिक पूर्वाग्रह पर निबंध

विभिन्न पूर्वाग्रह – उपाय

  • महिलाओं के विरुद्ध हिंसा पर निबंध

महिलाओं के विरुद्ध हिंसा के कारण – उत्पीड़न के उन्मूलन के प्रयास – उत्पीड़न को मिटाने के लिए सरकार की कार्रवाई – महिलाओं के खिलाफ हिंसा के अंत के लिए कुछ सुझाव

  • छुआछूत पर निबंध

प्रसार – जाति व्यवस्था – सामाजिक उत्पीड़न – विभिन्न कदम – सरकार के प्रयास

  • सड़क दुर्घटना पर निबंध

कारण – ठीक करने के तरीके

  • आतंकवाद पर निबंध

आतंकवाद के रूप – आतंकवाद के कारण – दुनिया में आतंकवाद का प्रचलन – भारत में आतंकवाद – आतंकवाद के परिणाम और प्रभाव – आतंकवाद का मुकाबला करने में भारत की भूमिका

  • भूकंप पर निबंध

दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भूकंप – उपाय – जागरूकता – मदद

  • सुनामी पर निबंध

सुनामी क्या है और क्यों है – सुनामी का इतिहास – हाल का सुनामी के प्रभाव – सुनामी का अनुभव – सुनामी पीड़ितों को सहायता – सुनामी की चेतावनी – दुनिया में सुनामी

  • खेल पर निबंध   

खेल का विभाग – विभिन्न क्षेत्रों में खेल – भारत में खेल – खेल प्रतियोगिता – प्रभावोत्पादकता – प्रयास – सफलता

  • ओलंपिक खेल पर निबंध

ओलंपिक खेलों का निर्माण – वर्तमान ओलंपिक खेलों की शुरुआत – ओलंपिक का लक्ष्य – ओलंपिक संस्थान का प्रबंधन – ओलंपिक के बारे में कुछ तथ्य – विभिन्न स्थानों पर ओलंपिक खेल – ओलंपिक खेलों में भारत – लंदन ओलंपिक – लंदन ओलंपिक में पदक – उद्घाटन समारोह

  • हॉकी पर निबंध

संक्षिप्त इतिहास – मैदान – खेल का उपकरण – खेल विधि – हॉकी खेल में भारत की सफलता – भारतीय महिला हॉकी टीम – महिला हॉकी विश्व कप

  • रथ यात्रा पर निबंध

रथ यात्रा की उत्पत्ति और प्रचलन – रथयात्रा की तैयारी – रथ की पहचान – यात्रा विवरण – सार्वजनिक सुरक्षा और अनुशासन – रथ यात्रा की विशेषताएं

  • ईद पर निबंध

अर्थ – रमजान का महीना – ईद उल फितर

  • सर्दी के मौसम पर निबंध

समय और सौंदर्य – सर्दियों की सुबह – दोपहर – सर्दी की रात – शीतकालीन त्योहार

  • वसंत ऋतु पर निबंध  

प्राकृतिक सौंदर्य – वसंत ऋतु के त्योहार और सार्वजनिक जीवन पर इसका प्रभाव

  • ग्रीष्म ऋतु पर निबंध

ग्रीष्मकालीन प्रकृति और स्थिति – उत्सव

  • वर्षा ऋतु पर निबंध

प्राकृतिक सौंदर्य – वर्षा ऋतु के त्योहार

  • बाल दिवस पर निबंध

बाल दिवस मनाने के उद्देश्य – बाल दिवस समारोह – राष्ट्रीय स्तर पर बाल दिवस

  • मातृ दिवस पर निबंध

मातृ दिवस का संक्षिप्त इतिहास – मातृत्व का महत्व – माँ का प्रभाव और प्रेरणा – आज के समाज में मातृत्व – कुछ योग्य माताओं के महान बच्चे

  • अहिंसा परमो धर्म पर निबंध

अहिंसा के रूप – अहिंसा परमो धर्म क्यों है – अहिंसा का सफल प्रयोग

  • आवश्यकता आविष्कार की जननी पर निबंध

आविष्कार का उद्देश्य – आविष्कार के लिए बुद्धि और प्रतिभा – आविष्कार का उदाहरण

  • परिश्रम पर निबंध

परिश्रम की आवश्यकता – छात्र जीवन में परिश्रम की भूमिका – परिश्रम का उदाहरण

  • आत्मनिर्भरता पर निबंध

दूसरे पर निर्भर करने का नुकसान – आत्मनिर्भरता का लाभ

  • कर्म ही पूजा है पर निबंध

कर्म क्या है – लाभ – नुकसान – व्यवधान – सहायक गुण

  • चरित्र पर निबंध

वैशिष्ट्य – चरित्र निर्माण – चरित्रहीन

  • जनगणना पर निबंध

जनगणना का उद्देश्य – भारत की जनगणना – जनगणना की तैयारी और कार्यान्वयन – 2001 जनगणना – 2011 की जनगणना का एक दृश्य

  • राष्ट्रीय युवा दिवस पर निबंध

राष्ट्रीय युवा दिवस, क्यों? – राष्ट्रीय युवा दिवस की सच्चाई

  • राष्ट्रीय एकता पर निबंध

राष्ट्रीय एकता के लिए बाधाएं – राष्ट्रीय एकता की रक्षा करने के तरीके

  • जीवन बीमा पर निबंध

जीवन बीमा का इतिहास – कार्यालय – कर्मचारी – जीवन बीमा क्या है? – लाभ – नुकसान

  • पर्यटन पर निबंध

यात्रा का उद्देश्य – अतीत और वर्तमान पर्यटन के बीच का अंतर – पर्यटन की तैयारी – यात्रा के लाभ – वर्तमान पर्यटन के साथ समस्याएं

  • परोपकार पर निबंध

परोपकार की आवश्यकता – प्रकृति का दान – परोपकार का रूप – आदर्श परोपकारी

  • ग्रामीण जीवन पर निबंध

ग्रामीण जीवन का आकर्षण – ग्रामीण जीवन में मौसमी अवस्थाएँ – गाँव का सामाजिक जीवन – ग्राम जीवन की मीठी यादें – ग्रामीण जीवन में गिरावट

  • मित्रता पर निबंध        

मित्रता बनाने की आवश्यकता – मित्रता एक कला है – आदर्श मित्र का उदाहरण – बेईमान मित्र

  • मानव अधिकार पर निबंध

मानवाधिकार दिवस – अधिकार – समानता – शोषण से छुटकारा – स्वर्ण जयंती

  • समयनिष्ठ पर निबंध

आवश्यकता – समय का सदुपयोग – लाभ

  • शिष्टाचार पर निबंध

शिष्टाचार शिक्षा – शिष्टाचार की सीमा – शिष्टाचार महत्व – शिष्टाचार और अनुशासन – शिष्टाचार की उपयोगिता – देश की प्रगति में शिष्टाचार –

  • समाचार पत्र पर निबंध

समाचार पत्र प्रकाशन – समाचार पत्र की आवश्यकता

  • रक्तदान महादान पर निबंध        

आवश्यकता – रक्त संग्रह – स्वैच्छिक रक्तदान दिवस – विशेष सरकारी उपाय – सावधान – रक्त अभाब – जागरूकता और जन समर्थन

  • ध्वनि प्रदूषण पर निबंध 

ध्वनि प्रदूषण का कारण – ध्वनि प्रदूषण के दुष्प्रभाव – ध्वनि प्रदूषण को कम करने का उपाय

  • जल प्रदूषण पर निबंध

जल प्रदूषण का कारण – जल प्रदूषण का दुष्प्रभाव – जल प्रदूषण को कम करने का उपाय

  • मुहर्रम पर निबंध

दुःख और शोक का पर्व – मुहर्रम मनाने के नियम

ये था हमारा लेख100+ list of Hindi essay topics . उम्मीद है यह लेख आपके लिए सहायक हुआ होगा. अगर आपको और कुछ topics के बारे में पता है, तो हमे कमैंट्स में जरूर बताएं. मिलते हैं अगले लेख में. धन्यवाद.    

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HindiKiDuniyacom

निबंध (Hindi Essay)

आजकल के समय में निबंध लिखना एक महत्वपूर्ण विषय बन चुका है, खासतौर से छात्रों के लिए। ऐसे कई अवसर आते हैं, जब आपको विभिन्न विषयों पर निबंधों की आवश्यकता होती है। निबंधों के इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए हमने इन निबंधों को तैयार किया है। हमारे द्वारा तैयार किये गये निबंध बहुत ही क्रमबद्ध तथा सरल हैं और हमारे वेबसाइट पर छोटे तथा बड़े दोनो प्रकार की शब्द सीमाओं के निबंध उपलब्ध हैं।

निबंध क्या है?

कई बार लोगो द्वारा यह प्रश्न पूछा जाता है कि आखिर निबंध क्या है? और निबंध की परिभाषा क्या है? वास्तव में निबंध एक प्रकार की गद्य रचना होती है। जिसे क्रमबद्ध तरीके से लिखा गया हो। एक अच्छा निबंध लिखने के लिए हमें कुछ बातों का ध्यान देना चाहिए जैसे कि – हमारे द्वारा लिखित निबंध की भाषा सरल हो, इसमें विचारों की पुनरावृत्ति न हो, निबंध के विभिन्न हिस्सों को शीर्षकों में बांटा गया हो आदि।

यदि आप इन बातों का ध्यान रखगें तो एक अच्छा निबंध(Hindi Nibandh) अवश्य लिख पायेंगे। अपने निबंधों के लेखन के पश्चात उसे एक बार अवश्य पढ़े क्योंकि ऐसा करने पर आप अपनी त्रुटियों को ठीक करके अपने निबंधों को और भी अच्छा बना पायेंगे।

हम अपने वेबसाइट पर कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज विद्यार्थियों के लिए विभिन्न प्रकार के निबंध(Essay in Hindi) उपलब्ध करा रहे हैं| इस प्रकार के निबंध आपके बच्चों और विद्यार्थियों की अतिरिक्त पाठ्यक्रम गतिविधियों जैसे: निबंध लेखन, वाद-विवाद प्रतियोगिता और विचार-विमर्श में बहुत सहायक हो साबित होंगे।

ये सारे ‎हिन्दी निबंध (Hindi Essay) बहुत आसान शब्दों का प्रयोग करके बहुत ही सरल और आसान भाषा में लिखे गए हैं। इन निबंधों को कोई भी व्यक्ति बहुत ही आसानी से समझ सकता है। हमारे वेबसाइट पर स्कूलों में दिये जाने वाले निबंधों के साथ ही अन्य कई प्रकार के निबंध उपलब्ध है। जो आपके परीक्षाओं तथा अन्य कार्यों के लिए काफी सहायक सिद्ध होंगे, इन दिये गये निबंधों का आप अपनी आवश्यकता अनुसार उपयोग कर सकते हैं। ऐसे ही अन्य सामग्रियों के लिए भी आप हमारी वेबसाइट का प्रयोग कर सकते हैं।

Essay in Hindi

 
 
 
 
 
 
 
 
 
  
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

Easy Hindi

केंद्र एव राज्य की सरकारी योजनाओं की जानकारी in Hindi

हिन्दी निबंध लेखन | Hindi Me Nibandh | 200 Essay in Hindi

Essay in Hindi:- जैसा कि आप जानते, भारतवर्ष में लौकिक त्योहार, उत्सव, जयंती तथा दिवस मनाये जाते है . उपरोक्त सभी विषयों पर स्कूल, कॉलेज व आयोजन में निबंध (Essay in Hindi) लेखन प्रतियोगिता रखी जाती है। लेख (आर्टिकल) के द्वारा विद्यार्थी दुनिया, जीवन, किसी व्यक्ति विशेष के बारे में करीब से समझ पाते है। हमने www.easyhindi.in पोर्टल पर 200 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन की श्रंखला तैयार की है। यहाँ पर हिंदी में लिखे गए निबंध (Hindi Me Nibandh) आपकी जानकारी को बढ़ाने में मददगार साबित होंगे।

सामान्य विषयों पर लिखे गये निबंध । Essays written on General Topics

प्रत्येक दिन किसी ना किसी विषय को लेकर खास होता है। कुछ विषय बहुत महत्वपूर्ण होते है। इन विषयों पर निबंध लेखन प्रतियोगिता (Essay writing competition) आयोजित किए जाते है। कुछ महत्वपूर्ण विषय प्रस्तुत कर रहे है:-

सामान्य विषयों पर निबंध | Essay on General Topics

निबंध लेखन प्रतियोगिता में सामान्य विषयों पर लेख लिखने का टास्क दिया जाता है।सामान्य विषयों (General Subjects) इस प्रकार है:-

संगीत पर निबंधबैंक पर निबंध
धन पर निबंधकृषि पर निबंध
रोड रेज़ पर निबंध
मैं कौन हूँ पर निबंधभगवान श्री कृष्ण पर निबंध
मेरे शहर पर निबंधभगवान शिव पर निबंध
मनुष्य पर निबंधश्री हनुमान पर निबंध
ईंधन संरक्षण पर निबंधलॉकडाउन पर निबंध
रेल यात्रा पर निबंधनए साल पर निबंध
भगवान बुध्द पर निबंधमेरा परिचय निबंध
भगवान पर निबंधविद्यार्थी जीवन पर निबंध
भगवान गणेश पर निबंधकिसान की आत्मकथा पर निबंध
सैनिक का जीवन पर निबंधमेरा भारत महान पर निबंध
मेरी रुचि पर निबंध
लीडरशिप पर निबंधपुस्तकालय पर निबंध
ईंधन पर निबंधआदर्श विद्यार्थी पर निबंध
बाल मजदूरी पर निबं
जनरेशन गैप (पीढ़ी अंतराल) पर निबंधकुत्ते पर निबंध
अनेकता में एकता पर निबंध पर निबंध

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Hindi Nibandh for Class 8th ? Hindi Essay for 8th Standard | आठवीं कक्षा के निबंध के विषय

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हिंदी निबंध का संग्रह (List Of Hindi Essays)

हिंदी निबंध (Hindi Essays), List Of 300+ Essays Topics In Hindi

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हिंदी निबंध (Hindi Essays) | List Of 300+ Essays Topics In Hindi

निबंध के अंग और संरचना

भावात्मक निबंध

इसमे बुद्धि तत्व की अपेक्षा भाव पक्ष का महत्व अधिक होता है। क्योंकि इसका सम्बन्ध भावना अर्थात हमारे ह्रदय से होता है। इसमे तीन प्रकार कि शैलियों का उपयोग किया जाता है।धारा शैली, तरंग शैली, विशेष शैली।

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Samvad Lekhan In Hindi For Class 8: हिन्दी संवाद लेखन कक्षा 8 NCERT, Examples

दोस्तों इस लेख में, हमने CBSE Samvad Lekhan In Hindi For Class 8 में यह लेख तैयार की है, यदि आप भी कक्षा 8 के विद्यार्थी हैं और बातचीत करने के लिए संवाद लेखन की तलाश में हैं, तो यह लेख आपकी बहुत मदद करेगी। इसमें मैंने Samvad Lekhan For Class 8 के लिए रखा है, ताकि आपकी पढ़ाई अच्छे से हो सके और आप संवाद आदि प्रतियोगिता में भाग लेकर जीत सकें।

Table Of Contents

  • 1 Samvad Lekhan In Hindi For Class 8
  • 2 संवाद लेखन के उदाहरण
  • 3 संवाद लेखन कक्षा ८ विद्यार्थी के लिए हिंदी में
  • 4 Samvad Lekhan In Hindi For Class 8 Question
  • 5 कक्षा ८ के विद्यार्थियों के लिए हिंदी में संवाद लेखन
  • 6 Samvad Lekhan In Hindi For Class 8 Example
  • 7 Samvad Lekhan In Hindi For Class 8 Topic
  • 8.1 संवाद किसे कहते हैं?
  • 8.2 संवाद में क्या क्या विशेषताएं होनी चाहिए?
  • 8.3 निष्कर्ष

Samvad Lekhan In Hindi For Class 8

“Samvad Lekhan” कक्षा 8 के विद्यार्थी के लिए हिंदी भाषा के अध्ययन में शामिल एक सामान्य विषय है। यह दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच संवाद या वार्तालाप लिखने की कला को संदर्भित करता है। यह अभ्यास विद्यार्थी को उनके लेखन कौशल को बढ़ाने में मदद करता है और हिंदी व्याकरण और शब्दावली पर उनकी पकड़ में सुधार करता है। तो बस लेख को नीचे स्क्रॉल करें और CBSE Samvad Lekhan For Class 8 Hindi पढ़ें और जानकारी प्राप्त करें।

Samvad Lekhan In Hindi For Class 8: हिन्दी संवाद लेखन कक्षा 8 NCERT, Examples

संवाद लेखन के उदाहरण

1) संवाद: सब्जी वाला और ग्राहक के बीच संवाद

सब्जी वाला (मोदी): नमस्ते, माम! कैसे मदद कर सकता हूँ?

ग्राहक राहुल गांधी: नमस्ते! मुझे कुछ सब्जियां और फल चाहिए। क्या आपके पास टमाटर, प्याज, और केले हैं?

सब्जी वाला (मोदी): हां, बिल्कुल! हमारे पास टमाटर, प्याज, और केले उपलब्ध हैं। कितने चाहिए?

ग्राहक राहुल गांधी: मुझे आधे किलो टमाटर, एक किलो प्याज, और दो केले चाहिए।

सब्जी वाला (मोदी): ठीक है, मैं आपके लिए वो सब तैयार करता हूँ।

(सब्जी वाला सब्जियों को तैयार करता है और ग्राहक को दिखाता है)

सब्जी वाला (मोदी): ये रहे आपके आधे किलो टमाटर, एक किलो प्याज, और दो केले।

ग्राहक राहुल गांधी: बिल कितना है?

सब्जी वाला (मोदी): टमाटर के 30 रुपए, प्याज के 40 रुपए, और केले के 20 रुपए, तो कुल 90 रुपए होंगे।

ग्राहक राहुल गांधी: ठीक है, मैं 100 रुपए देता हूँ।

( ग्राहक राहुल गांधी: 100 रुपए का नकद देता है)

सब्जी वाला (मोदी): धन्यवाद, सर जी! आपका आभारी हूँ।

ग्राहक राहुल गांधी: आपका धन्यवाद, दिवाली में फलों और सब्जियों की आपकी सेवा का अच्छा मजा है!

सब्जी वाला (मोदी): हमें खुशी है कि आपको हमारी सेवा पसंद आई। कृपया हमें फिर से आने का अवसर दें।

ग्राहक राहुल गांधी: बिल्कुल, ज़रूर! शुक्रिया और आपको भी दिवाली की शुभकामनाएँ!

संवाद लेखन कक्षा ८ विद्यार्थी के लिए हिंदी में

2) संवाद: नेता और जनता के बीच संवाद

नेता (केजरीवाल): नमस्ते, मेरे प्रिय नागरिकों! मुझे आपके सवालों और सुझावों का स्वागत है।

जनता (कृष्णा): नमस्ते, सर! हमारे इलाके में सड़कों की स्थिति बहुत खराब हो रही है। क्या आप कुछ कर सकते हैं?

नेता (केजरीवाल): हाँ, सड़कों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए हम योजना बना रहे हैं। इसमें जल्द ही सुधार किया जाएगा, लेकिन हमारे पास संकटकालीन समय में कुछ सीमित संसाधन हैं।

जनता (कृष्णा): हम समझते हैं कि संसाधन सीमित है, लेकिन क्या हम सड़कों के निर्माण में नौकरियों की स्थापना करने का योजना बना सकते हैं?

नेता (केजरीवाल): बिल्कुल, यह एक अच्छा विचार है! हम नौकरियों की स्थापना के लिए काम कर रहे हैं, जिससे न केवल सड़कों की स्थिति सुधारेंगे, बल्कि नौकरियों का भी संवर्धन होगा।

जनता (कृष्णा): धन्यवाद, सर! हमें इस योजना का समर्थन है, और हम आपके साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं।

नेता (केजरीवाल): मुझे खुशी है कि आप इस परियोजना के समर्थक हैं। हम ने जनता की आवाज को सुना है और उनके हित में काम करने के लिए समर्पित हैं।

जनता (कृष्णा): सर, हम आपकी मेहनत और सेवाओं के लिए आपकी प्रशंसा करते हैं, और हम आपसे इस सड़क सुधार कार्यक्रम के लिए आगे बढ़ने की आशा करते हैं।

नेता (केजरीवाल): धन्यवाद, मेरे प्रिय नागरिकों! आपके सहयोग के बिना हम कुछ नहीं कर सकते। आपकी सक्रिय भागीदारी से हम सबकुछ संभव होता है।

जनता (कृष्णा): हमें गर्व है कि हम इस नागरिकता का हिस्सा हैं, और हम आपके साथ मिलकर इस इलाके को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

नेता (केजरीवाल): फिर से धन्यवाद, और जनहित में हम सब मिलकर काम करेंगे!

Samvad Lekhan In Hindi For Class 8 Question

3) संवाद: दुर्गा पूजा की छुट्टी पर शिक्षक और छात्र के बीच संवाद

शिक्षक (श): नमस्ते, अर्जुन! कैसे हो तुम?

छात्र (अ): नमस्ते, सर! मैं ठीक हूँ। आपका दिन कैसा गया?

श : मेरा दिन अच्छा गया, धन्यवाद। तुमने तो आज स्कूल क्यों नहीं आया? आज तो दुर्गा पूजा की छुट्टी है।

अ : हां, सर, आज हमें छुट्टी मिली है। दुर्गा पूजा के मौके पर हमारे घर पर पूजा आयोजित है, इसलिए मैं छुट्टी पर हूँ।

श : यह सुनकर अच्छा लगा कि तुम अपने परिवार के साथ दुर्गा पूजा मना रहे हो। यह खुशी का मौका है।

अ : हां, सर, दुर्गा पूजा हमारे लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है। हम इसे बड़ी उल्लास के साथ मनाते हैं।

श : यह सही है, अर्जुन! त्योहारों का महत्व अपने संप्रेरणा और परंपराओं के साथ होता है।

अ : हां, सर, और इसके साथ ही हम अपने पढ़ाई को भी जारी रखते हैं।

श : बढ़िया, अर्जुन! तुम्हारे विद्यालय के लिए आपका समर्थन महत्वपूर्ण है।

अ : धन्यवाद, सर! हम छुट्टी का आनंद लेते हैं, लेकिन हम अपने पढ़ाई को भी नजरअंदाज नहीं करते हैं।

श : यह सही तरीके से है, अर्जुन! तुम्हारे उद्धेश्यों को पूरा करने के लिए आगे बढ़ते रहो।

अ : जी, सर, मैं पूरी ईमानदारी से अपने काम में लगा रहूँगा।

श : इसी तरह की मेहनत से तुम अपने लक्ष्यों को हासिल करोगे, अर्जुन! ध्यान रखना, और दुर्गा पूजा की छुट्टी का आनंद लेना।

अ : धन्यवाद, सर! आपकी शुभकामनाओं के लिए।

श : सभी को दुर्गा पूजा की हार्दिक शुभकामनाएँ!

कक्षा ८ के विद्यार्थियों के लिए हिंदी में संवाद लेखन

4) संवाद: “दिन और रात बराबर” – शिक्षक और छात्र के बीच

शिक्षक (श): नमस्ते, विक्रम! तुम्हारा दिन कैसा गया?

छात्र (व): नमस्ते, सर! मेरा दिन अच्छा गया। आपका कैसा रहा?

श : मेरा दिन भी ठीक ही गुजरा, धन्यवाद। तुमने सुना कि आज दिन और रात बराबर हो रहे हैं, ना?

व : हां, सर! आज हमें स्कूल में यह पढ़ाया गया। यह कैसे संभव है?

श : यह बहुत रोचक है, ना? दिन और रात का बराबर होना हमारे पृथ्वी के उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध में वर्षा के समय के कारण होता है।

व : वाह, यह बिल्कुल अद्भुत है! तो क्या हमें आज रात को सोने के बजाय पढ़ाई करनी चाहिए?

श : अच्छा प्रयास है, लेकिन सुनो, रात को भी आपकी आवश्यकता है अच्छी नींद की। अच्छी नींद से ही हम सही तरह से पढ़ाई कर सकते हैं।

व : सही कहा, सर! मैं अच्छी नींद को महत्वपूर्ण मानता हूँ।

श : ठीक है, विक्रम, तुम अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखो और अच्छे गुणवत्ता की पढ़ाई करो। दिन और रात की समय समझाने के लिए यह स्कूल का एक बड़ा अद्वितीय पाठ है।

व : धन्यवाद, सर! मैं जानता हूँ कि यह हमारे लिए महत्वपूर्ण ज्ञान है।

श : तुम्हें समझने के लिए बहुत धन्यवाद, विक्रम! आप एक अच्छे छात्र हैं।

व : धन्यवाद, सर! मैं प्रयास करूँगा कि अगले सप्ताह के परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करूँ।

श : बढ़िया, विक्रम! तुम्हारे सफल होने की शुभकामनाएँ! और याद रखना, दिन और रात बराबर होने का मतलब है कि तुम्हें समय का सदुपयोग करना चाहिए।

व : जी, सर! मैं समय का सही तरीके से उपयोग करूँगा।

श : बेहतरीन, विक्रम! तुम्हारे साथ बात करके मेरी खुशी हुई। सफलता की कामना करता हूँ।

व : धन्यवाद, सर! आपकी शुभकामनाओं के लिए।

Samvad Lekhan In Hindi For Class 8 Example

5) संवाद: “बिहार और झारखंड” – शिक्षक और छात्र के बीच

छात्र (अ): नमस्ते, सर! मैं ठीक हूँ। आपका कैसा दिन बीता?

श : मेरा दिन ठीक ही बीता, धन्यवाद। तुम्हारा कैसा रहा?

अ : मेरा दिन भी अच्छा गया, सर! परंतु मुझे एक सवाल है – बिहार और झारखंड में अलग-अलग राज्य क्यों हैं, जब वे पहले एक ही राज्य थे?

श : यह एक बड़ा इतिहासिक प्रश्न है, अर्जुन! प्राचीनकाल में बिहार और झारखंड क्षेत्र एक साथ थे, और यह राज्य जहाँ भाषा, संस्कृति, और लोकसंख्या के पहलु में मिलते थे।

अ : फिर क्या हुआ?

श : 2000 में बिहार से अलग होकर झारखंड एक अलग राज्य बना, और उसके बाद से दोनों राज्य अलग-अलग राजनीतिक और प्रशासनिक विकल्पों का आनंद ले रहे हैं।

अ : क्या यह उनके विकास में मदद कर रहा है?

श : हां, अर्जुन, यह उनके विकास में मदद कर रहा है। यह राज्य अब अपने विकास की दिशा में अधिक स्वतंत्र हैं और अपनी समस्याओं का समाधान करने के लिए संबंधित कदम उठा रहे हैं।

अ : यह सुनकर अच्छा लगा कि राज्य अपने विकास के लिए कदम उठा रहे हैं।

श : हां, अर्जुन, यह एक अच्छा उदाहरण है कि कैसे राज्य अपने समृद्धि की दिशा में काम कर सकते हैं।

अ : धन्यवाद, सर, मुझे यह समझने में मदद मिली।

श : कोई भी प्रश्न हो तो कृपया पूछिए, अर्जुन, मैं यहाँ हूँ तुम्हारी मदद के लिए।

अ : बिल्कुल, सर, धन्यवाद!

Samvad Lekhan In Hindi For Class 8 Topic

6) संवाद: “बिहार और उत्तर प्रदेश का नक्शा” – शिक्षक और छात्र के बीच

शिक्षक (श): नमस्ते, आर्या! कैसे हो तुम?

छात्र (आ): नमस्ते, सर! मैं ठीक हूँ। आपका कैसा दिन बीता?

आ : मेरा दिन भी अच्छा गया, सर! आज हमारे इतिहास के पाठ में हमें बिहार और उत्तर प्रदेश के नक्शे के बारे में पढ़ाया गया।

श : वाह, यह बहुत रोचक है! तुम्हें कैसे लगा?

आ : मुझे यह जानकर बहुत आश्चर्य हुआ कि बिहार और उत्तर प्रदेश दो अलग राज्य हैं, लेकिन उनके बीच इतने सारे सामाजिक और ऐतिहासिक संबंध हैं।

श : हाँ, बिहार और उत्तर प्रदेश दो अलग राज्य हैं, लेकिन वे अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मृदुलताओं के लिए प्रसिद्ध हैं।

आ : सर, क्या आप मुझे बता सकते हैं कि इन दो राज्यों के बीच के सामाजिक और सांस्कृतिक संबंध क्यों हैं?

श : बिहार और उत्तर प्रदेश के बीच के सामाजिक और सांस्कृतिक संबंध उनके ऐतिहासिक और भौगोलिक समानताओं के कारण हैं। यह राज्य दोनों गंगा नदी के तट पर स्थित हैं और इसके अलावा इनमें विविधता का मेल है।

आ : वाह, यह समझने में मदद मिली कि क्यों इन राज्यों के बीच सामाजिक और सांस्कृतिक संबंध हैं।

श : हां, यह भारत के सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है और हमें इसे महत्वपूर्णीयता देना चाहिए।

आ : धन्यवाद, सर! मैंने बहुत कुछ सीखा आपके पाठ से।

श : कोई भी प्रश्न हो तो कृपया पूछिए, आर्या, मैं यहाँ हूँ तुम्हारी मदद के लिए।

आ : बिल्कुल, सर, धन्यवाद!

संवाद लेखन कक्षा 8 वर्कशीट

प्रश्नः 1) बढ़ती महँगाई को लेकर दो नागरिकों की बातचीत को संवाद के रूप में लिखिए।

  • हरिप्रसाद – अरे पंकज क्या लाए हो बाजार से?
  • पंकज – जी, अंकल ज्यादा कुछ नहीं, बस थोड़ी सी दालें और चावल ही लाया हूँ।
  • हरिप्रसाद – अब इस बढ़ती महँगाई ने तो सबका हाथ ही तंग कर दिया है।
  • पंकज – कुछ न पूछिए! सभी चीजों के दाम आसमान को छू रहे हैं, कोई भी चीज सस्ती नहीं है। कुछ दालों के तो 200 रुपए किलो तक पहुँच गए हैं।
  • हरिप्रसाद – दालें ही क्या सभी चीजें इतनी महँगी हो गई हैं कि वे आम आदमी की पहुँच से बाहर होती जा रही हैं।
  • पंकज – पर मेरी एक बात समझ में नहीं आती। महँगाई को रोकने के लिए सरकार क्यों कुछ नहीं कर रही है?
  • हरिप्रसाद – अरे भैया! मुझे तो लगता है दाल में कुछ काला है। वरना सरकार चाहे तो क्या कुछ नहीं कर सकती। महँगाई के खिलाफ़ कानून बना सकती है। चीजों के दाम तय कर सकती है।
  • पंकज – यही नहीं, उचित दाम से अधिक मूल्य वसूलने वालों को धर पकड़ भी सकती है।
  • हरिप्रसाद – हाँ, सरकार आए दिन कुछ न कुछ बयान अवश्य देती है। कभी वायदे करती है, कभी योजनाएँ बनाती है, पर न तो वे वायदे कभी पूरे होते हैं और न ही वे योजनाएँ।
  • पंकज – आश्चर्य की बात यह है कि विपक्षी पार्टियाँ भी सरकार पर दबाव डालने के लिए कुछ नहीं कर रही हैं।

प्रश्नः 2) चॉक का ब्लैक बोर्ड से संवाद – चॉक और ब्लैकबोर्ड के बीच संवाद।

  • चॉक – ब्लैक बोर्ड देखो तो तुम पर मेरी लिखाई कितनी अच्छी लग रही है।
  • ब्लैक बोर्ड – हाँ तुम्हारी लिखाई सफ़ेद जो है।
  • चॉक – अभी-अभी पेंट होने की वजह से तुम्हारा रंग बिल्कुल काला हो गया है।
  • ब्लैक बोर्ड − इसलिए तुमसे लिखा गया सब कुछ साफ़ व सुंदर दिख रहा है।
  • चॉक – हम दोनों की जोड़ी विद्यालय में बहुत प्रसिद्ध है .
  • ब्लैक बोर्ड – हाँ होगी क्यों नहीं ! शिक्षक हमारे द्वारा ही तो बच्चों को पढ़ा पाते हैं .
  • चॉक – तुम बच्चों के लिए किताब की तरह हो .
  • ब्लैक बोर्ड − तुम कलम (pen ) की तरह हो .
  • चॉक – जब बच्चे मुझे लेने ऑफिस में जाते हैं तो उन्हें बहुत मजा आता है .
  • ब्लैक बोर्ड − मुझ पर लिखा हुआ मिटाते समय बच्चा अपने आपको कक्षा का खास बच्चा समझता है .
  • चॉक – ब्लैक बोर्ड भैया !बच्चे बहुत मासूम होते हैं .
  • ब्लैक बोर्ड − हाँ ! कुछ-कुछ शैतान भी होते हैं . हर प्रकार के बच्चे कक्षा में बहुत अच्छे लगते हैं .
  • चॉक – अरे हाँ ! मैं lockdown में सभी को बहुत याद करती हूँ .
  • ब्लैक बोर्ड − कोरोना के कारण विद्यालय बंद होने से मैं भी बच्चों को देखने के लिए तरस गया .
  • चॉक – अरे छोड़ो भी online मोड में तुम तो गूगल ब्लैक बोर्ड बन गए हो .
  • ब्लैक बोर्ड − हा,हा,हा ! जल्दी ही तुम गूगल चॉक बन जाओगी.

प्रश्नः 3) माँ और बच्चे के बीच संवाद।

  • बबीत – माँ, मुझे बहुत भूल लग रही है। आप डॉनल्ड का बर्गर मँगा दो।
  • माँ – बबीत, कल तुमने पीज़ा खाया था और सुबह मैगी। तुम्हें कितनी बार समझाया है कि यह कूड़ा अर्थात ‘जंक फूड’ है, इसे नहीं खाना चाहिए।
  • बबीत – माँ, पीजी तो कल अक्षत के जन्मदिन की पार्टी में खाया था और मैगी भैय्या ने बनाई थी।
  • माँ – पर, गया तो तुम्हारे पेट में न। नुकसान तो तुम्हारा हुआ ना। जानते हो ये सब चीजें दिल को तो कमजोर करती ही हैं, साथ ही शरीर को मोटा करती हैं और न जाने कितनी बीमारियों को जन्म देती हैं। तुम अपने शरीर को ऐसा करना चाहोगे।
  • बबीत – सॉरी, माँ अब से मैं ‘जंक फूड’ नहीं केवल हरी सब्ज़ियाँ खाऊँगा।
  • माँ – शाबाश, मेरा अक्लमंद बेटा।

प्रश्नः 4) कलम का कॉपी से संवाद – कलम और कॉपी के बीच संवाद।

  • कलम – कॉपी! क्या मेरे द्वारा तुम पर लिखा जाना तुम्हें अच्छा लगता है।
  • कॉपी – जब तुम. छात्र या अन्य लोग मुझ पर सुंदर-सुंदर शब्द लिखते हैं तो मैं बहुत खुश होती हूँ।
  • कलम – सच ! बहुत अच्छी बात है।
  • कॉपी – लेकिन अगर किसी की लिखावट खराब होती है या स्याही मुझ पर फैलती है तो मुझे बुरा लगता है।
  • कलम – मैं ऐसा बिलकुल नहीं चाहती लेकिन कई बार बच्चे मनोरंजन के कारण कुछ भी लिख देते हैं।
  • कॉपी – मुझे तुम पर गर्व है कलम ! क्योंकि तुम्हारे बिना मेरा होना ही अधूरा है। तुम्हारे बिना मेरी कोई उपयोगिता नहीं है। मैं तुम्हारी आभारी हूँ।
  • कलम – ऐसा मत बोलो, तुम्हारे बिना मेरी भी कोई उपयोगिता नहीं है।
  • कॉपी – हाँ !लगता है हम दोनों एक दूसरे के लिए बने हैं .
  • कलम – (गाना गुनगुनाती है ) हम बने ,तुम बने ,एक दूजे के लिए …
  • कॉपी – जोड़ी नंबर -1 जिंदाबाद.

संवाद किसे कहते हैं?

संवाद को जब दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच में विचार और जानकारी का आदान-प्रदान कहा जाता है, तो उसे ‘संवाद’ कहते हैं। संवाद एक महत्वपूर्ण सामाजिक और कॉम्यूनिकेशन कौशल है, जिसमें विचारों, विचारों और जानकारी को स्वतंत्र रूप से व्यक्त किया जा सकता है और दूसरे व्यक्तियों के साथ साझा किया जा सकता है। संवाद एक सुनने और बोलने का प्रक्रियात्मक प्रक्रिया होता है, जिसमें ज्ञान, विचार, और भावनाओं का आपसी आदान-प्रदान होता है।

संवाद किसी भी विषय पर हो सकता है, जैसे कि व्यक्तिगत बातचीत, सामाजिक विषय, व्यवसायिक परिप्रेक्ष्य, शिक्षा, और कई अन्य। संवाद का मुख्य उद्देश्य जानकारी साझा करना, गहरे विचारों को व्यक्त करना, और दूसरों के साथ बातचीत करके विचारों को सुधारना और समझाना होता है।

संवाद के दो प्रमुख रूप होते हैं:

  • मौखिक संवाद (Oral Communication): मौखिक संवाद मौखिक भाषा का उपयोग करके होता है, जिसमें व्यक्तिगत बातचीत, बोलचाल, भाषण, और संवादिता शामिल होते हैं। इसमें आवाज, भाषा, भावनाओं का अभिव्यक्ति शामिल होता है। मौखिक संवाद का उदाहरण हैं – व्यक्तिगत बातचीत, व्यवसायिक मीटिंग, भाषण, और टेलीफोन कॉल इत्यादि।
  • लिखित संवाद (Written Communication): लिखित संवाद मौखिक भाषा की बजाय लिखित शैली में होता है। इसमें ब्रीफ, रिपोर्ट, पत्र, ईमेल, लिखित संदेश, और दस्तावेजों का उपयोग होता है। यह लिखित विचारों को स्पष्टता और निष्कर्षता के साथ प्रस्तुत करने का माध्यम होता है और स्थायी रूप से दस्तावेजों में रिकॉर्ड किया जा सकता है।

संवाद में क्या क्या विशेषताएं होनी चाहिए?

संवाद को सफल बनाने के लिए कुछ विशेषताएं होनी चाहिए:

  • सुनने की क्षमता (Listening Skills): संवाद में सुनने की क्षमता महत्वपूर्ण है। आपको ध्यानपूर्वक सुनना चाहिए, ताकि आप दूसरे व्यक्ति के भावनाओं और विचारों को समझ सकें।
  • स्पष्टता (Clarity): संवाद की स्पष्टता होनी चाहिए, ताकि दूसरे व्यक्ति समझ सकें कि आप क्या कहना चाह रहे हैं। अशब्द, अन्यायुक्त या अस्पष्ट भाषा से बचना चाहिए।
  • समय प्रबंधन (Time Management): संवाद में समय का सही उपयोग करना महत्वपूर्ण है। आपको अपनी बात को संक्षेप से प्रस्तुत करना चाहिए और समय पर बातचीत को समाप्त करना चाहिए।
  • संवादिक और अवसरवादी (Engagement and Adaptability): आपको संवादिक बनने का प्रयास करना चाहिए, जिससे कि आप दूसरे व्यक्ति के साथ संवाद में रुचाना ला सकें। आपको परिस्थितियों के आधार पर अपने संवाद को समायोजित करने की क्षमता होनी चाहिए।
  • समझदारी (Empathy): संवाद में सामंजस्य और समझदारी होनी चाहिए। आपको दूसरे व्यक्ति की दृष्टिकोण समझने का प्रयास करना चाहिए और उनकी भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।
  • संवाद में सजीवता (Active Participation): आपको संवाद में सक्रिय भागीदारी करनी चाहिए, न कि केवल बोलने वाले या सुनने वाले की भूमिका में रहना चाहिए।
  • संवाद के उद्देश्य का पालन (Objective): आपको संवाद के उद्देश्य को स्पष्ट रूप से समझना चाहिए और उसे प्राप्त करने के लिए अपने संवाद को अनुकूलित करना चाहिए।
  • संवाद में संतुलन (Balance): संवाद में संतुलन बनाए रखना चाहिए, यानी कि आपको बातचीत के समय बातचीत के सभी पक्षों को महत्व देना चाहिए।
  • भाषा का उपयोग (Language Usage): संवाद में सामाजिक, व्यवसायिक या अन्य संदर्भों के हिसाब से उपयुक्त भाषा का उपयोग करना चाहिए।
  • प्रतिक्रिया और पुनरावलोकन (Feedback and Reflection): संवाद के बाद प्रतिक्रिया और सोच-समझकर विचार करना चाहिए ताकि आप अपने संवाद कौशल में सुधार कर सकें।

इन विशेषताओं का पालन करके, आप संवाद को और भी प्रभावी और सार्थक बना सकते हैं।

संवाद लेखन में ध्यान देने योग्य कुछ महत्वपूर्ण बातें निम्नलिखित हो सकती हैं:

  • विषय का साफ़ संकेत (Clear Subject Line): अगर आप एक ईमेल या संदेश के माध्यम से संवाद कर रहे हैं, तो आपके संदेश के विषय को स्पष्ट रूप से प्रकट करने के लिए संकेत देना चाहिए।
  • उपयुक्त और सुविधाजनक भाषा (Appropriate and Conducive Language): संवाद में उपयुक्त भाषा का उपयोग करना महत्वपूर्ण है। आपको अपने प्राप्त करने वाले संवादके की भाषा और स्तर के आधार पर भाषा का चयन करना चाहिए।
  • संक्षेप और मुख्य बिंदु (Conciseness and Main Points): अपने संवाद को संक्षेप में लिखने का प्रयास करें और मुख्य बिंदुओं को हाइलाइट करें।
  • उचित तारीख और समय (Appropriate Date and Time): संवाद में समय और तारीख को सही ढंग से उचितता के साथ उपयोग करें।
  • सटीक और योग्य प्राधिकृतियां (Accurate and Relevant Credentials): आपके संवाद के साथ उचित प्राधिकृतियां और संवादक के विचार को समर्थित करने वाली जानकारी को संबंधित रूप से प्रस्तुत करें।
  • उचित संवाद प्रारूप (Proper Dialogue Format): अगर आप किसी प्रकार के संवाद लेख रहे हैं, तो संवाद प्रारूप का उपयोग करें, जिसमें व्यक्तिगत वक्ताओं की बोलचाल को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया जाता है।
  • सजीव और रुचिकर संवाद (Engaging and Interesting Conversation): आपके संवाद को सजीव और रुचिकर बनाने के लिए उदाहरण, कथा, या उद्धरणों का उपयोग कर सकते हैं।
  • समय प्रबंधन (Time Management): संवाद में समय का सही उपयोग करना महत्वपूर्ण है। आपको संवाद को समय सीमित करके लिखना चाहिए, ताकि आपके संवादके को समय से पूरी जानकारी मिल सके।
  • प्रतिक्रिया के लिए खुला द्वार (Open Door for Feedback): संवाद में प्रतिक्रिया के लिए संवादके को खुला द्वार दें, ताकि वह आपके संवाद के साथ सहयोग कर सकें या संवाद को आगे बढ़ा सकें।
  • श्रीष्ठ संवाद कौशल (Excellent Communication Skills): अच्छे संवाद कौशल होने का प्रयास करें, जैसे कि सुनने, बोलने, और समझने की क्षमता।

इन सुझावों का पालन करके, आप संवाद लेखन में अधिक प्रभावी और प्रोफेशनल तरीके से संवाद कर सकते हैं।

तो आपको यह लेख CBSE Samvad Lekhan In Hindi For Class 8 कैसी लगी नीचे Comment करके हमें जरूर बताएं तथा लेख को अपने दोस्तों मे शेयर जरूर से जरूर करें, क्योंकि HINDIDP.IN पर ही आपको सबसे सटीक जानकारी देने का काम हम कर रहें है और करते रहेंगे।

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#short essay: हमारा प्रिय कवि : तुलसीदास.

प्रस्तावना : भारत महानताओं का देश है। कोई क्षेत्र ऐसा नहीं, जहाँ हमारी कीर्ति की पताका न फहरायी हो। चाहे वह क्षेत्र वीरता का रहा हो या साहित्य का। यहाँ यदि महाराणा प्रताप, सुभाषचंद्र बोस तथा अब्दुल हमीद जैसे वीर पैदा हुए हैं। तो साहित्य के क्षेत्र में रवींद्रनाथ ठाकुर, प्रेमचंद, सूर, कबीर और तुलसी जैसे महान् लेखकों और कवियों ने जन्म लिया। साहित्यकारों में मुझे सबसे अधिक प्रेरणा महात्मा तुलसीदास से मिली है।

जीवन-वृत्त : कहा जाता है कि तुलसीदास को जन्म देते ही इनकी माता हुलसी की मृत्यु हो गयी थी। इनके पिता आत्माराम दुबे ने इन्हें घर से निकाल दिया। उन्होंने कहा कि ‘इसके नक्षत्र परिवार एवं गाँव वालों के लिए अमंगलकारी हैं। यह जहाँ भी रहेगा, नाश ही उपस्थित करेगा।’ घर की दासी ने इनका लालन-पालन किया। जन्म के समय वे रोये नहीं थे, अपितु उन्होंने अपने मुख से ‘राम’ शब्द का उच्चारण किया था। इस आधार पर इनका नाम ‘रामबोला’ रख दिया गया।

बड़ा होने पर इनका विवाह रत्नावली से हुआ। वे उसकी सुंदरता पर अत्यधिक मोहित थे। एक दिन रत्नावली अपने मायके चली गयी। इस पर वे उसके लिए बेचैन हो उठे और आँधी, वर्षा तथा रात्रि की परवाह न करते हुए रत्नावली के पास जा पहुँचे। रत्ना ने मधुर फटकार दी। मगर तुलसीदास के मन में उनके शब्द गढ़ गए।

सब कुछ त्यागकर वे घर से निकल पड़े। स्वामी नरहरिदास के संपर्क से इन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और उन्होंने ‘रामचरितमानस’ की रचना की। बनारस के पंडों ने इस ग्रंथ का घोर विरोध किया। उन्होंने तुलसीदास जी को जान से मार डालने के लिए गुंडे लगवाए। मगर वे सफल न हो सके। धीरे-धीरे तुलसीदास का यश फैलता चला गया। उनकी राम-कथा को सुनने के लिए लोग दूर-दूर से आते थे।

उपसंहार : तुलसीदास जी ने अपने जीवनकाल में अनेक ग्रंथों की रचना की। इनमें विनयपत्रिका, कवितावली, गीतावली तथा रामचरितमानस अत्यधिक प्रसिद्ध ग्रंथ हैं। तुलसीदास के महान् ग्रंथ रामचरितमानस को तो घर-घर में प्रतिष्ठा प्राप्त है। जब तक भारत में हिंदू-धर्म जीवित रहेगा, तुलसीदास का नाम अमर रहेगा।

#short Essay: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी

प्रस्तावना : भारतभूमि पर जब-जब भी विपत्ति आयी, तब-तब यहाँ, किसी-न-किसी महान् विभूति का उदय हुआ। भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी उन्हीं विभूतियों में से एक हैं। यह उसी संत की तपस्या का एवं साधना का प्रतिफल है कि हम आज स्वतंत्र भारत में साँस ले रहे हैं।

जीवन-परिचय : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर सन् 1869 को गुजरात राज्य के पोरबंदर नामक नगर में हुआ। गांधी जी के पिता का नाम करमचंद गांधी था। वे राजकोट रियासत में दीवान थे। गांधी जी की माता का नाम पुतलीबाई था। वह धर्मपरायण महिला थीं। गांधी जी पर प्रारंभ से ही सत्यता और कर्त्तव्यपरायणता का प्रभाव पड़ा।

गांधी जी की प्रारंभिक शिक्षा गुजरात में हुई। अपने बचपन में उन्होंने मातृ-पितृ भक्त श्रवणकुमार’ एवं ‘सत्य हरिश्चंद्र’ नाटक पढ़े।

वे उनसे बहुत अधिक प्रभावित हुए। तभी से उन्होंने माता-पिता की सेवा एवं सत्य को अपनाने का व्रत ले लिया। अठारह वर्ष की आयु में गांधी जी ने हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की और वे वकालत की शिक्षा के लिए इंग्लैंड गए। वकालत की शिक्षा पूरी करके वे स्वदेश लौटे। एक मुकदमे के सिलसिले में उन्हें दक्षिण अफ्रीका जाने का अवसर प्राप्त हुआ। वहाँ पर आंदोलन आरंभ कर दिया। उन्हें अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ा। अंत में वे प्रवासी भारतीयों को गोरों के अत्याचारों से मुक्ति दिलाने में सफल हुए।

राजनीति में प्रवेश : जब गांधी जी अफ्रीका से लौटे, उससे पूर्व ही देश में स्वतंत्रता आंदोलन आरंभ हो चुका था। गांधी जी ने अफ्रीका में पर्याप्त ख्याति प्राप्त की थी। इस कारण भारतवासियों ने उनका भव्य स्वागत किया। उन्होंने देश की स्वतंत्रता की बागडोर उनके हाथों में सौंप दी। गांधी जी ने पूर्ण विश्वास के साथ स्वतंत्रता-आंदोलन का संचालन किया। उनके नेतृत्व में ब्रिटिश सत्ता के विरोध में बड़े-बड़े आंदोलन चलाए गए। गांधी जी ने सभी आंदोलन अहिंसात्मक रूप से चलाए। उनके इन्हीं सिद्धांतों पर अंग्रेजों को झुकना पड़ा। उनके अथक् प्रयासों के बाद 15 अगस्त सन् 1947 को देश स्वतंत्र हुआ।

अपने चारित्रिक गुणों के बल पर महात्मा गांधी विश्व में प्रसिद्ध हुए। वे केवल राजनीतिज्ञ ही नहीं थे। वे आध्यात्मिक एवं सामाजिक नेता भी थे। जीवनभर वे अछूतों के उद्धार, विदेशी वस्तुओं के परित्याग, चर्खा आंदोलन, सत्याग्रह जैसे महान् कार्यों में लगे रहे।

स्वर्गवास : देश को स्वतंत्र हुए एक वर्ष भी नहीं हुआ था। 30 जनवरी 1948 का दिन था। शाम के समय जब गांधी जी अपने सहयोगियों के साथ प्रार्थना-स्थल पर जा रहे थे, तभी नाथूराम गोडसे नाम के व्यक्ति ने उन पर रिवाल्वर से गोलियां चला दीं। स्वतंत्रता के अग्रणी दूत गांधी जी हमसे हमेशा के लिए विदा हो गए। उपसंहार : गांधी जी इस युग के सबसे महान् युग-पुरूष थे।

उन्होंने भारतवासियों को जाग्रत किया। उन्हें आत्मसम्मान की शिक्षा दी। हमें सत्य और अहिसा के मार्ग पर चलकर देश को विकास की ओर अग्रसर करना होगा। यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

#short Essay: पंडित जवाहरलाल नेहरू

प्रस्तावना : भारत के लाल जवाहरलाल से संपूर्ण विश्व परिचित है। उनका जन्म 14 नवंबर सन् 1889 में इलाहाबाद के आनंदभवन में हुआ। नेहरू जी के पिता पंडित मोतीलाल नेहरू उस समय के प्रसिद्ध वकील थे। उनकी माता जी का नाम स्वरूपरानी था। वे नेहरू जी को असीम प्यार करती थीं। नेहरू जी के परिवार पर लक्ष्मी की महान् कृपा थी। इसलिए नेहरू जी का लालन-पालन राजकुमारों के समान हुआ। उनकी आरंभिक शिक्षा मौलवी, पंडित एवं एक अंग्रेज पादरी की देख-रेख में घर पर ही हुई।

पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उच्च शिक्षा इंग्लैंड से प्राप्त की। लंदन के हैरो एवं कैम्ब्रिज विश्वविद्यालयों में अपनी शिक्षा पूर्ण कर के वे सन् 1912 में बैरिस्टर बनकर स्वदेश लौटे। राजनीति में प्रवेश : सन् 1916 में नेहरू जी का विवाह कमलादेवी के साथ हुआ। कमलादेवी देशभक्त महिला थीं। लंदन से लौटने के बाद से ही नेहरू जी राजनीति की ओर खिंचते गए। सन् 1920 में गांधी जी ने असहयोग आंदोलन आरंभ किया। नेहरू जी भी उसमें सम्मिलित हुए। फलस्वरूप उन्हें बंदी बना लिया गया।

सन् 1929 में उन्हें काँग्रेस का अध्यक्ष चुना गया। उस समय उन्होंने रावी नदी के तट पर पूर्ण स्वराज्य प्राप्त करने की प्रतिज्ञा की। तभी से वे भारतीय जनता के हृदय-सम्राट् बन गए। नेहरू जी ने अनेक बार जेल-यात्राएँ की। उन्होंने अपने जीवन के चौदह वर्ष जेलों में व्यतीत किए।

स्वतंत्रता आंदोलन के बीच में ही उनकी पत्नी कमला नेहरू बीमार पड़ गयीं। परंतु कमला जी को बचाया नहीं जा सका। वहीं पर उनकी मृत्यु हो गयी। वे अपनी एकमात्र संतान इंदिरा को लंदन के एक स्कूल में दाखिला दिलाकर भारत लौट आए। वे फिर से देश-सेवा के काम में लग गए।

प्रधानमंत्री के रूप में : 15 अगस्त 1947 को देश स्वतंत्र हुआ। देश में नये सूर्य का उदय हुआ। जनता ने दीप जलाकर खुशियाँ मनायीं। पंडित जवाहरलाल नेहरू को देश का प्रधानमंत्री बनाया गया। वे लगातार सत्तरह वर्ष तक देश के प्रधानमंत्री रहे। उनके कार्यकाल में भारत ने विभिन्न क्षेत्रों में उन्नति की।

उपसंहार : नेहरू जी सदैव विश्व-शांति के समर्थक रहे। हमारा देश आज भी पंडित जी के बताये मार्ग पर अग्रसर है। 27 मई सन् 1964 को अचानक इस महान् पुरुष का निधन हो गया। उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम उनके बताए हुए मार्ग पर चलें और अपने देश को विश्व में श्रेष्ठ बनाएँ।

#Short Essay: देश के प्रिय नेता राजीव गांधी

प्रस्तावना : स्वर्गीय राजीव गांधी विश्वप्रसिद्ध नेता थे। वे आज हमारे बीच नहीं हैं। उन्होंने अपने कार्यों के द्वारा थोड़े समय में ही बड़ी ख्याति अर्जित की। श्रीमती इंदिरा गांधी की मृत्यु के बाद राजीव गांधी के कंधों पर प्रधानमंत्री पद का भार आया। उनके लिए यह बड़ी मुश्किल का समय था। तब वे न हँस सकते थे, न खुश हो सकते थे और न ही रो सकते थे। एक ओर विशाल देश के प्रधानमंत्री का पद था तो दूसरी ओर माँ की अकाल मृत्यु का दु:ख। ऐसे समय में उन्होंने बड़े धैर्य, साहस एवं संयम का परिचय दिया।

जीवन-परिचय : राजीव गांधी का जनम 20 अगस्त 1944 को बंबई में हुआ। उनकी माता का नाम श्रीमती इंदिरा गांधी एवं पिता का नाम श्री फिरोज गांधी था। इंदिरा गांधी ने राजनीति में रहते हुए माँ का पूर्ण दायित्व निभाया। देश की आजादी के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू ने प्रधानमंत्री पद संभाला। तब राजीव गांधी अपनी माता के साथ दिल्ली में रहे। उनके पिता फिरोज गांधी लखनऊ से बराबर उनके पास आते रहते थे।

राजीव गांधी ने किण्डर गार्टन के बाद दून स्कूल से आई. एस. सी. की परीक्षा उत्तीर्ण की। उसके बाद उन्होंने इंग्लैंड के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया। वहाँ पर उन्होंने तकनीकी शिक्षा भी प्राप्त की। स्वदेश लौटकर उन्होंने दिल्ली फ्लाइंग क्लब की सदस्यता ग्रहण की। विमान-चालक का काम सीखने के बाद राजीव गांधी विमान-चालक बन गए।

राजनीति में प्रवेश : अपने छोटे भाई संजय गांधी की असामयिक मृत्यु के बाद राजीव गांधी राजनीति में आए। सन् 1981 के चुनाव में वे पहली बार लोकसभा के सदस्य चुने गए। 30 अक्टूबर 1984 को श्रीमती इंदिरा गांधी की मृत्यु के बाद उन्हें देश का प्रधानमंत्री बनाया गया।

उपसंहार : राजीव गांधी के मन में राष्ट्र के विकास और देशवासियों के जीवन-स्तर को सुधारने की प्रबल इच्छा थी। प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने अपने वायदों को पूरा करने का प्रयास किया। उन्होंने अपने शासनकाल के पाँच वर्ष पूरे किए। सन् 1989 के चुनाव में काँग्रेस दल को लोकसभा में पूर्ण बहुमत नहीं मिला। इस कारण वे विपक्ष के नेता रहे। 21 मई 1991 को वे पेरम्बुदूर में जनसभा को सम्बोधित करने के लिए जा रहे थे। तभी कुछ देशद्रोहियों ने मानव-बम द्वारा उनकी जघन्य हत्या कर दी। देश से उसका युवा एवं प्रिय नेता छिन गया। निश्चय ही इस अभाव की पूर्ति असंभव है। राजीव गांधी की मृत्यु से भारतीय राजनीति को बहुत बड़ी हानि पहुंची।

#Short Essay: श्रीमती इंदिरा गांधी

जीवन परिचय : श्रीमती गांधी भारत की ही नहीं, विश्व की लोकप्रिय महिला नेता थीं। संपूर्ण विश्व उनकी प्रतिभा एवं उनके गुणों का प्रशंसक रहा है। उनका जन्म 19 नवंबर सन् 1917 को इलाहाबाद के आनंद भवन में हुआ।

उनके पिता पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के प्रसिद्ध नेता थे। इंदिरा जी को बाल्यकाल से ही राष्ट्रीय वातावरण मिला। . उनके बचपन का नाम इंदिरा प्रियदर्शनी था। तेरह वर्ष की आयु में उन्होंने बच्चों की वानर सेना का गठन किया। उनकी वानर सेना स्वतंत्रता सेनानियों को सूचनाएँ पहुँचाने का कार्य करती थी।

श्रीमती गांधी ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त की। इतिहास उनका प्रिय विषय था। सन् 1944 में फिरोज गांधी से उनका विवाह हुआ। उनके दो पुत्र राजीव गांधी एवं संजय गांधी हुए। स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद वह नेहरू जी के साथ ही रहती रहीं। वह उनके कार्यों में पूरा सहयोग करती थीं। इस प्रकार बचपन से ही उन्होंने राजनीति को समझने का प्रयास किया।सन् 1955 में उन्हें काँग्रेस का अध्यक्ष चुना गया। 19 जनवरी 1966 को वे देश की प्रधानमंत्री चुनी गयीं।

प्रधानमंत्री के रूप में : प्रधानमंत्री बनने के बाद श्रीमती गांधी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया। समाज में समानता का नियम लागू किया। अमीर-गरीब की खाई को समाप्त करने के प्रयास किए। उन्होंने बंगलादेश को पाकिस्तान की बर्बर शासन-नीति से छुटकारा दिलाया। इससे विश्वस्तर पर भारत को गौरव मिला। उन्होंने सन् 1975 में देश में आपातकाल घोषित कर दिया। इसका दुरुपयोग होने के कारण सन् 1917 के चुनाव में वे चुनाव हार गयीं। किंतु ढाई वर्ष बाद देश में पुनः चुनाव हुए।

चुनाव में श्रीमती गांधी की जीत हुई। वह फिर से देश की प्रधानमंत्री चुनी गयीं। 12 जनवरी 1982 में उन्होंने देश में बीस सूत्री कार्यक्रम लागू किया। सन् 1983 में देश में उन्होंने एशियाई खेल आयोजित करवाए। 1983 में निर्गुट देशों का सम्मेलन बुलाया। श्रीमती गांधी द्वारा आयोजित इन कार्यक्रमों से विश्वस्तर पर देश की प्रतिष्ठा बढ़ी।

31 अक्टूबर सन् 1984 को उनके अंगरक्षकों ने ही उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया। देश ने अपने एक महान् नेता को खो दिया।

उपसंहार : श्रीमती गांधी हमारे देश की महान् विभूति थीं। वे विश्वस्तर की महिला नेता थीं। वास्तव में श्रीमती गांधी के अनुपम बलिदान, राष्ट्रभक्ति, उत्तरदायित्वपूर्ण आचरण, शासनपटुता, नेतृत्व एवं लोकप्रियता आदि को भारत ही नहीं संपूर्ण विश्व नतमस्तक होकर स्वीकार करता है।

#Short Essay: क्रांतिकारी सुभाषचंद्र बोस

प्रस्तावना : भारत की आजादी के लिए अनेक वीर सपूतों ने अपना बलिदान दिया। सुभाषचंद्र बोस भी महान् नेता और देश-भक्त पुरुष थे। उन्होंने अपना जीवन देश के लिए बलिदान कर दिया था।

जीवन-परिचय : सुभाषचंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 ई. में कटक में हुआ। बोस के पिता का नाम जानकीदास बोस तथा माता जी का नमा प्रभावती था। उनके पिता उस समय कटक के प्रसिद्ध वकील थे। ब्रिटिश सरकार ने उन्हें रायबहादुर की उपाधि से विभूषित किया था। सुभाष बचपन से ही तेज बुद्धि के थे। प्रथम श्रेणी में बी०ए० करने के पश्चात् वे इंग्लैंड गए। वहाँ से आई०सी०एस० की परीक्षा उत्तीर्ण कर सन् 1920 में स्वदेश लौटे।

राजनीति में प्रवेश : महात्मा गांधी का असहयोग आंदोलन संपूर्ण देश में फैल चुका था। लोग ब्रिटिश सरकार द्वारा दी गयी उपाधियों का त्याग कर रहे थे। ऐसे समय में बोस चुपचाप सरकारी नौकरी नहीं कर सके। उन्होंने सरकारी नौकरी को त्याग दिया। उन्होंने देश के स्वतंत्रता-संग्राम में भाग लेना उचित समझा। उस समय बंगाल की राजनीति में देशबंधु चितरंजनदास सर्वोच्च स्थान पर थे।

सुभाष बोस ने उनसे भेंट की और उन्हें अपना गुरु बनाया। धीरे-धीरे सभाष बंगाल के राजनीतिक क्षेत्र में उन्नति करते गए। वे लोकप्रिय कार्यकर्ता और नेता माने जाने लगे। उन्हें अनेक बार जेल-यात्रा करनी पड़ी। धीरे-धीरे वे देश के शीर्ष नेताओं की पंक्ति में आ खड़े हुए।

सुभाष बोस दो बार कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए। वे यथाशक्ति विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते थे। भारत से अचानक बाहर जाकर वे दूसरे महायुद्ध के समय वर्मा पहुँचे। वहाँ उन्होंने भारतीय सैनिकों को इकट्ठा कर ‘आजाद हिंद फौज’ का गठन किया। इसका उद्देश्य भारत को स्वतंत्र कराना था।

उपसंहार : 18 अगस्त 1945 ई. में जापान जाते हुए फारमोसा में एक वायुयान दुर्घटना में सुभाष की मृत्यु हो गयी। वीर क्रांतिकारी सुभाषचंद्र बोस की देशभक्ति से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए।

#Short Essay: वैशाखी

प्रस्तावना : वैशाखी का पवित्र त्योहार वैशाख मास (अप्रैल माह) में हिंदू माह के अनुसार पहली तिथि को मनाया जाता है। यह हिन्दुओं के नववर्ष का पहला दिन माना जाता है। गुरु गोविंदसिंह ने इसी दिन सन् 1699 ई. में खालसा पंथ की नींव डाली। तबसे सिक्ख जाति में वैशाखी का पर्व एक धार्मिक पर्व बन गया है। इस दिन सभी सिक्ख गुरुद्वारे में जाकर गुरुग्रंथ-साहब का पाठ सुनते हैं।

मनाने का कारण : वैशाखी का पर्व पूरे उत्तरी भारत में मनाया जाता है। यह पूर्वोत्तर राज्यों में भी बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। पंजाब में इसका बहुत अधिक महत्त्व है। इस पर्व को यहाँ पर अधिक’ धूम-धाम से मनाया जाता है। सिक्खों के दसवें गुरु गोविंदसिंह ने वैशाखी पर्व को एक ऐसे कार्य के लिए चुना, जिसने सिक्ख धर्म का रूप ही बदल दिया। उन्होंने वैशाखी को खालसा दिवस का नाम भी दिया। अर्थात् ऐसा दिवस, जब गुरु गोविंदसिंह के हाथों सिक्ख धर्म का रूप निखर गया। वह सभी कमजोरियों से मुक्त हो गया।

खालिस अथवा शुद्ध हो गया। गुरु गोविंदसिंह से पूर्व सिक्ख धर्म शांति एवं अहिंसा का समर्थक था। गुरु नानकदेत ने उन्हें यही शिक्षा दी थी। नानकदेव का कहना था कि किसी को कष्ट देना पाप है। गुरु नानकदेव एवं गुरु तेगबहादुर ने बड़े-बड़े कष्ट सहे। उन्होंने हिंसा का मार्ग नहीं अपनाया। शांति एवं सहनशीलता का मार्ग नहीं त्यागा। गुरु गोविंदसिंह ने मानवता, शांतिप्रियता एवं सद्भाव को तो स्वीकार किया; किंतु उन्होंने कहा कि अत्याचार के सामने सिर झुकाना, अत्याचार का समर्थन करना कायरता का सूचक है।

इन विचारों से प्रेरित होकर उन्होंने सिक्ख-संप्रदाय को एक नया रूप दिया। उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की और अत्याचारों का विरोध किया। इस प्रकार वैशाखी का पर्व पंथ को और भी अधिक शक्तिशाली बनाने के लिए मनाया जाता है।

इस. पर्व को मनाने का एक कारण और भी है। सन् 1919 ई. में वैशाखी पर्व मनाने के लिए लोग जलियाँवाला बाग में एकत्रित हुए। उन निहत्थे लोगों पर ब्रिटिश शासक जनरल डायर ने अंधाधुंध गोलियाँ चलवा दी थीं। इस गोलीकांड में सैकड़ों निर्दोष बच्चे, बूढ़े, स्त्री व पुरुष मौत के मुँह में चले गए। उनकी आत्मा की शांति के लिए भी इस दिन प्रार्थना की जाती है।

उपसंहार : इस प्रकार वैशाखी का पर्व नववर्ष के आगमन एवं अत्याचारों के विरोध का पर्व है। यह सभी को शिक्षा देता है कि वे सदैव मानवता, शांति एवं सद्भावना का समर्थन करें। अत्याचारों को किसी भी स्थिति में सहन न करें।

#Short Essay: विजयादशमी

प्रस्तावना : विजयादशमी हिंदुओं का प्रसिद्ध पर्व है। यह प्रतिवर्ष क्वार सदी दशमी को मनाया जाता है। इसलिए इसको दशहरा भी कहते हैं। मनाने का कारण : हमारे देश में विजयादशमी पर्व का इतिहास बहुत पुराना है। वास्तव में यह ऋतु-परिवर्तन की सूचना देने वाला पर्व है। यह पर्व बताता है कि वर्षा ऋतु बीत गई है और सुहावनी शरद् ऋतु आ गई है।

विजयादशमी पर्व के विषय में यह मान्यता है कि इसी तिथि को श्री रामचंद्र जी ने राक्षसराज रावण को पराजित करके उसका वध किया था। इस प्रकार एक बड़े अन्यायी से संसार को मुक्त करके उन्होंने धर्म और न्याय की प्रतिष्ठा की थी।

वर्णन : विजयादशमी का सबसे बड़ा आकर्षण ‘रामलीला’ है। कोई भारतीय ऐसा नहीं होगा, जिसने कभी-न-कभी और कहीं-न-कहीं रामलीला न देखी हो। राम की कथा का प्रचार हमारे देश में ही नहीं, बाहर के भी अनेक देशों में है। उन देशों में भी रामलीला के प्रदर्शन हर साल होते हैं। इस सिलसिले में इंडोनेशिया का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है।

हमारे देश में रामलीला का इतना प्रचार है कि छोटे-बड़े शहरों, नगरों के अतिरिक्त गाँवों में भी लोग बड़े उत्साह से इसका आयोजन करते हैं। नगरों में कई स्थानों पर एक साथ रामलीला होती है। राम-जन्म, सीता-स्वयंवर, लक्ष्मण-परशुराम-संवाद, सीता-हरण, हनुमान द्वारा लंका-दहन, लक्ष्मण-मेघनाद-युद्ध आदि के दिन तो दर्शकों की अपार भीड़ रामलीला-मंडप में दिखाई देती है। सचमुच रामलीला के दिनों की चहल-पहल देखने-योग्य होती है। रात-भर दर्शकों का तांता लगा रहता है।

रामलीला का प्रदर्शन प्रायः तुलसीदास जी के संसार-प्रसिद्ध ग्रंथ ‘रामचरितमानस’ के आधार पर होता है। मंच के एक ओर बैठे व्यास जी ‘मानस’ की पंक्तियाँ गाते जाते हैं और उन्हीं के अनुसार पात्र अभिनय करके कथा आगे बढ़ाते हैं।

अंतिम दिन की रामलीला रंगमंच पर न होकर खुले मैदान में होती है। जहाँ राम-रावण युद्ध होता है और राम रावण का वध करते हैं। उसके तुरंत बाद रावण का पुतला जलाया जाता है। इस पुतले को बनाने में कई दिन लगते हैं। विजयादशमी के दूसरे दिन भरत-मिलाप का उत्सव मनाया जाता है। उस दिन का दृश्य बड़ा हृदयहारी होता है।

नंगे पैरों भागते हुए भरत बड़े भाई राम के चरणों पर गिर पड़ते हैं। श्रीराम अपने भाई को बीच में ही रोककर उन्हें अपनी विशाल भुजाओं में ले लेते हैं। इस दृश्य को देखकर सभी की आँखें आँसुओं से भर जाती हैं।

उपसंहार : विजयादशमी का पर्व अन्याय पर न्याय की विजय का प्रतीक है। इसके माध्यम से हम राम के आदर्शों को अपनाने की प्रेरणा प्राप्त करते हैं।

#Short Essay: रक्षाबंधन

प्रस्तावना : रक्षाबंधन भारत का बहुत ही प्राचीन और महत्त्वपूर्ण त्योहार है। रक्षाबंधन दो शब्दों से मिलकर बना है- रक्षा बंधन। अतः रक्षाबंधन का अर्थ है रक्षा के लिए किया गया प्रण। इस दिन भाई अपनी बहिन की रक्षा के लिए प्रतिज्ञा करते हैं। होली, दीपावली, दशहरा आदि त्योहारों की भाँति इस त्योहार का भी विशेष महत्त्व है।

समय : रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस त्योहार को श्रावणी, सलूनों आदि नामों से भी पुकारा जाता है। यह वर्षा ऋतु का प्रमुख त्योहार माना जाता है।

मनाने का कारण : रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है? इस विषय में कई पौराणिक कथाएँ प्रचलित हैं। एक बार देवताओं और राक्षसों में युद्ध प्रारंभ हो गया, जिसमें देवताओं की हार होने लगी। यह जानकर इंद्र को बड़ी चिंता हुई। युद्ध में विजय पाने के लिए श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन इंद्र की पत्नी ने इंद्र के हाथ में रक्षा का बंधन बाँधा था, जिससे देवताओं की विजय हुई और राक्षसों की हार हुई। तभी से रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है।

रक्षाबंधन को मनाने के विषय में एक दूसरी कथा भी प्रचलित है। एक समय चित्तौड़ की रानी कर्मावती पर गुजरात के राजा ने आक्रमण कर दिया। कर्मावती ने सम्राट् हुमायूँ के पास राखी भेजी थी। हुमायूँ ने कमवती को अपनी धर्म की बहिन मानकर उसकी रक्षा की। वास्तव में रक्षाबंधन का त्योहार भाई और बहिन के पावन प्रेम को प्रकट करता है।

मनाने की विधि : रक्षाबंधन का त्योहार मनाने के लिए कई दिन पूर्व से तैयारियां शुरू हो जाती हैं। बाज़ार से सुंदर-सुंदर राखियाँ खरीदी जाती हैं। जो भाई बाहर रहते हैं उनके लिए बहिनें राखियाँ डाक द्वारा भेजती हैं। श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन प्रात:काल से ही एक निराली प्रसन्नता सी छाई रहती है। सफाई आदि के बाद दीवारों पर चित्र बनाए जाते हैं। इस दिन घरों में खीर, सेवइयाँ आदि बनाई जाती हैं। राखी की पूजा होती है। बहिन-भाई नए-नए वस्त्र धारण करते हैं। बहिनें अपने भाइयों को राखी बाँधती हैं तथा दक्षिणा में रुपये भी देते हैं।

इस दिन घरों में भी लोग राखी देने के लिए आते हैं तथा दक्षिणा पाते हैं। वास्तव में यह त्योहार भाई-बहिन के असीम स्नेह का प्रतीक है। इस प्रकार पूरे दिन प्रसन्नता का वातावरण रहता है।

उपसंहार : वास्तव में रक्षाबंधन भारत का बड़ा पवित्र एवं महत्त्वपूर्ण त्योहार है। इस त्योहार से व्यक्तियों में स्नेह एवं कर्तव्यपालन की भावना जाग्रत होती है। हम सभी को इस त्योहार की पावनता एवं शुद्धता को बनाए रखना चाहिए।

#Short Essay: जन्माष्टमी

प्रस्तावना : हमारे देश में अनेक महान् आत्माओं ने जन्म लिया। उन्होंने अपने जीवन में अनेक लोकहितकारी कार्य किए। इसलिए आज भी उनका स्मरण किया जाता है। हम श्रद्धापूर्वक उनको नमन करते हैं। श्रीकृष्ण भी ऐसे ही अवतारी पुरुष थे। श्रीकृष्ण देवकी-वसुदेव के पुत्र थे। उनका जन्म भादो मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी को हुआ था। अत: यह पर्व प्रतिवर्ष जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है।

श्रीकृष्ण की महानता : कृष्ण के जन्म के समय मथुरा में क्रूर एवं अत्याचारी कंस का शासन था। वह श्रीकृष्ण का मामा था। ज्योतिषियों ने उसे बताया था कि तेरा भानजा ही तेरा वध करेगा। अपने प्राणों के भय से उसने अपनी बहिन देवकी और बहनोई वसुदेव को बंदी बना लिया था। देवकी और वसुदेव के बंदी जीवन में ही श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। श्रीकृष्ण ने आततायी कंस से जनता को मुक्ति दिलायी। श्रीकृष्ण एक चतुर राजनीतिज्ञ थे।

वे योगीराज, विद्वान्, वीर योद्धा, देश-उद्धारक, सच्चे मित्र, अनुपम दानी और सेवा-भाव के आदर्श परुष थे। दुर्योधन की पराजय, कंस, जरासंघ, शिशुपाल आदि आततायियों का वध, अर्जुन को गीता का उपदेश, गरीब ब्राह्मण सुदामा की सहायता आदि कार्य श्रीकृष्ण की महानता को प्रकट करते हैं।

वर्णन : जन्माष्टमी के दिन लोग दिन-भर उपवास करते हैं। मंदिर में सजावट की जाती है। रासलीलाएँ होती हैं। इस अवसर पर श्रीकृष्ण की झाँकियाँ भी निकाली जाती हैं। मूर्तियाँ बनायी जाती हैं। सायंकाल लोग झाँकियों को देखने जाते हैं। मंदिरों एवं बाजारों में काफी चहल-पहल होती है। जन्माष्टमी का पर्व कृष्ण के जन्मस्थान गोकुल एवं वृदावन में बहुत. धूमधाम से मनाया जाता है। अन्य स्थानों की तुलना में यहाँ कुछ अधिक ही उत्साह दिखायी देता है। भक्तजन दिनभर उपवास के बाद अर्द्धरात्रि में श्रीकृष्ण के जन्म के समय मंदिरों में पूजा-अर्चना करते हैं। प्रसाद बाँटा जाता है। इसके बाद भक्तगण भोजन करके अपना उपवास समाप्त करते हैं।

उपसंहार : श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हमें अपने कर्तव्यों को पूरा करने, बिना किसी इच्छा के कर्म करने एवं समाज में उच्चादर्श स्थापित करने की शिक्षा देता है। कृष्ण की भाँति हमें भी सच्चा मित्र और लोकहितकारी बनना चाहिए। हमें श्रीकृष्ण के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।

#Short Essay: स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त)

प्रस्तावना : गोस्वामी तुलसीदास ने लिखा है-‘पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं।’ अर्थात् पराधीन को स्वप्न में भी सुख नहीं मिलता है। सुख स्वाधीनता में ही निहित है। पराधीनता नरक के समान है। स्वतंत्रता हमारे बलिदानी वीरों का अमूल्य उपहार है।

महत्त्व : स्वतंत्रता दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है। स्वतंत्रता को प्राप्त करने के लिए हमारे अनेक वीर सपूतों ने अपना बलिदान दिया। अनेक ललनाओं के सुहाग मिट गए। माताओं की गोदें सूनी हो गयीं। वीर सेनानियों ने अंग्रेजों के द्वारा दी गयी शारीरिक एवं मानसिक यातनाओं को सहन किया। आखिकार हमारी सभी पीड़ाओं का अंत हुआ। देश को अपना गौरव, स्वाभिमान एवं स्वामित्व प्राप्त हुआ। वह मंगलमय दिन 15 अगस्त 1947 था। तभी से यह दिन देशवासियों के लिए महत्त्वपूर्ण पर्व बन गया। उसी दिन से भारत के निवासी प्रतिवर्ष अपनी स्वतंत्रता की वर्षगाँठ बड़ी धूमधाम एवं अत्यधिक हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।

दिवस का वर्णन : स्वतंत्रता दिवस देश का पवित्र पर्व है। इसे प्रतिवर्ष देश के कोने-कोने में बड़ी धूम-धाम से एवं उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह पर्व हर्ष एवं उल्लास का प्रतीक है। 15 अगस्त के समारोह प्रात:काल से सायंकाल तक चलते हैं। इसका मुख्य समारोह राजधानी दिल्ली में होता है। प्रात:काल लालकिले की प्राचीर पर देश के प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं। वे देश को संबोधित करते हैं। प्रांतों की राजधानियों में प्रदेश के मुख्यमंत्री ध्वजारोहण करते हैं। विद्यालयों में छात्र एवं शिक्षक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। प्रात:काल प्रभातफेरियाँ निकलती हैं। राष्ट्रीय गीत गाए जाते हैं। वातावरण में चारों ओर शहीदों की जय के नारे गूंज उठते हैं।

उपसंहार : इस पावन पर्व पर हमें अपनी कमजोरियों को दूर करने का संकल्प लेना चाहिए। आज देश में भाषा, प्रांत, जाति के कारण अनेक झगड़े हो रहे हैं। अनुशासनहीनता बढ़ती जा रही है। इससे हमारी स्वतंत्रता को आघात पहुंच रहा है। इन सभी बुराइयों को दूर करने के लिए हमें पूरा प्रयत्न करना चाहिए। हमें ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए, जिससे हमारी स्वतंत्रता को आघात पहुँचे।

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NCERT Solutions for Class 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12

  • NCERT Solutions for Class 8 Hindi

Get Free PDF Download of Chapter-wise NCERT solutions for class 8 Hindi solved by expert teachers from latest edition NCERT books and as per NCERT (CBSE) Guidelines. We have included Class 8 Hindi Vasanth bhag 3 , Class 8 Hindi Unseen Passages अपठित बोध , Class 8 Hindi Grammar व्याकरण , Class 8 Bharath ki Khoj and Class 8 Letter Writing लेखन कौशल .

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant

  • Chapter 1 ध्वनि
  • Chapter 2 लाख की चूड़ियाँ
  • Chapter 3 बस की यात्रा
  • Chapter 4 दीवानों की हस्ती
  • Chapter 5 चिट्ठियों की अनूठी दुनिया
  • Chapter 6 भगवान के डाकिये
  • Chapter 7 क्या निराश हुआ जाए
  • Chapter 8 यह सबसे कठिन समय नहीं
  • Chapter 9 कबीर की साखियाँ
  • Chapter 10 कामचोर
  • Chapter 11 जब सिनेमा ने बोलना सीखा
  • Chapter 12 सुदामा चरित
  • Chapter 13 जहाँ पहिया हैं
  • Chapter 14 अकबरी लोटा
  • Chapter 15 सूरदास के पद
  • Chapter 16 पानी की कहानी
  • Chapter 17 बाज और साँप
  • Chapter 18 टोपी

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Bharat ki Khoj भारत की खोज

CBSE Class 8 Hindi Unseen Passages अपठित बोध

  • अपठित गद्यांश
  • अपठित पद्यांश

CBSE Class 8 Hindi Grammar व्याकरण

  • भाषा, बोली, लिपि और व्याकरण
  • अविकारी शब्द-अव्यय
  • वाक्य संबंधी अशुधियाँ
  • मुहावरे और लोकोक्तियाँ

CBSE Class 8 Hindi Letter Writing लेखन कौशल

  • अनुच्छेद-लेखन

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NCERT Solutions for Class 8 Hindi - Free PDF Download

CBSE Class 8 Hindi has a vivid syllabus with three sections that are Durva, Vasant and Bharat Ki Khoj. There are a total of 44 chapters depicting the commendable work of famous authors and poets. These chapters need proper attention and studying to grab the context. For this, the experts of Vedantu have compiled the Class 8 Hindi Book Solution for all the chapters to make your study sessions more productive. Download these solutions and make your study more convenient.

NCERT Solutions Class 8 Hindi brings to all students a one-of-a-kind compilation of fascinating and exceptionally detailed analysis of all the content prescribed for Class 8 Hindi students. NCERT Solutions Hindi for Class 8 serves as a study guide for students of any caliber. This material is meticulously curated by our subject-matter experts to balance the student’s performance in the not only factual information provided by the chapter but also grammar skills. Students can download these NCERT Solutions Class 8 Hindi for free from Vedantu and refer to them for learning. Further , CBSE Solutions  class 8 hindi solutions are easily available for anybody who wants to have a comprehensive understanding of the material that is being taught in school.

Subjects like Science, Maths, English will become easy to study if you have access to NCERT Solution for Class 8 Science , Maths solutions and solutions of other subjects. You can also download NCERT Solutions for Class 8 Maths to help you to revise complete syllabus and score more marks in your examinations.

Detailed Overview of Class 8 Hindi NCERT Solutions

Class:

Subject:

Class 8 Hindi

Number of Chapters:

Content Type:

Text, Videos, Images and PDF Format

Academic Year:

2024-25

Medium:

English and Hindi

Available Materials:

Chapter Wise

Other Materials

Download NCERT Solutions Class 8 Hindi PDF

Get the free PDF versions of the solutions following the NCERT solutions Class 8 Hindi Overview. Find out how skillfully the questions have been answered by the experts and develop a strategy to answer questions in an exam. Keep your answers precise to complete attempting all the questions and score more. Stay ahead of the competition by following the simple language used by the experts to compile answers. 

NCERT Solutions for Class 8 Hindi

Given below are the chapter-wise NCERT Solutions for Class 8 Hindi. These solutions are provided by the Hindi experts at Vedantu in a detailed manner. Go through these chapter-wise solutions to be thoroughly familiar with the concepts.

Hindi NCERT Class 8 TextBooks Solutions

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NCERT Hindi Textbook Solutions for Class 8 Hindi

The free PDF download of all the Chapter-wise NCERT Solutions for Class 8 Hindi is curated by our subject experts and is taken from the latest edition of NCERT books . The information is designed carefully following the norms as per NCERT (CBSE) Guidelines . You can download them from our website and app. The foundation of Hindi, as a language, is strengthened by incorporating interesting prose, poetry, and language skills.

Obtaining our PDF on NCERT Solution for Class 8 Hindi is a hassle-free process. Preparing for exams has never been easier. This NCERT Solutions Class 8 Hindi provides descriptive summaries to ease your preparation. 

NCERT Solutions For Class 8 Hindi

Chapters - class 8 .

The information provided in NCERT Solutions for Class 8 Hindi is carefully selected to guide a student into mastering the language at this level. Our CBSE NCERT Class 8 Hindi solutions is one of the major resources utilized by students. The Class 8 Hindi book is composed of five main sections: Hindi Vasanth Bhag 3 for prose, Hindi Unseen Passages, Class 8 Hindi Grammar, Class 8 Bharath ki Khoj and Class 8 Letter Writing. NCERT Solutions Class 8th Hindi provides high-quality descriptions, important keywords, and vividly describes the plethora of information concisely and memorably. Our subject experts provide the reader with relevant information about the poets and authors that are attached to the literature in the book. 

Class 8 Hindi Topic Wise Marks Weightage

The Class 8th Hindi book has an extremely high marks weightage and is one of the key contributors towards a student's grade. A student is tested on their proficiency in writing Hindi at this level and is assessed for the same. Thought-provoking and grammar-related questions are a constant presence in Board exam question papers, for which preparing from this study material makes students score better.

The knowledge about chapter-wise weightage and important topics of  Class 8th Hindi book makes l the preparation for the exam easy and allows it to get streamlined. 

Here is more detail about the contents of Hindi for Class 8.

Why Are NCERT Solutions For Class 8 Hindi Important?

NCERT Solutions for CBSE Class 8 Hindi aides the student in mastering the important morales embedded in the prose and poetry of the book.

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For better understanding, the material provides a systematic overview of all the important points.

CBSE Class 8 Hindi NCERT Solutions - Salient Features of Chapter Wise List of NCERT Solutions Class 8 Hindi

Class 8 Hindi is an important subject with a syllabus skillfully designed by the CBSE board.

The chapters are handpicked to ensure the proper development of the Hindi language and comprehension skills among the students.

The chapters are based on masterpieces composed by famous authors and poets of all times. Students will have to give proper attention to all the chapters and prepare them well for scoring good marks in the exams.

These chapters have specific exercises that need to be solved to assess the preparation levels. To make it more convenient for the students, the language experts of Vedantu have designed the ideal solutions to follow.

Each chapter has a specific file containing the answers to all the exercise questions. The prime motive for designing the solutions for these chapters is to provide a strong platform where students can develop their language and comprehension skills for this subject.

CBSE Class 8 Hindi NCERT Solutions - Benefits of NCERT Solutions 

Following are some of the benefits of NCERT Solutions:

You can find the specific solutions for any chapters on the list provided here. Find and download these solutions according to your need and complete preparing them in no time.

Add more convenience to your study time by downloading these solutions and referring to them with the 8th Standard Hindi Notes. Find how the experts have defined the contexts of these chapters to formulate the answers and develop your conceptual foundations.

Resolve the doubts based on the exercise questions on your own and proceed to complete preparing all the chapters on time. You can also revise the chapters in no time following the solutions given along with the revision notes available at Vedantu. All these notes and solutions are compiled following the latest syllabus and guidelines prescribed by the CBSE board.

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FAQs on NCERT Solutions For class 8 Hindi

Q1. What are the topics included in CBSE Class 8 Hindi Vasanth textbook?

The CBSE Class 8 Hindi Vasanth syllabus consists of 18 chapters and each chapter is designed in such a way that can help the students in easy understanding of the topics. Following are topics included in the textbook as per the Class 8 Hindi syllabus:

Chapter 1 - ध्वनि

Chapter 2 - लाख की चूड़ियाँ

Chapter 3 - बस की यात्रा 

Chapter 4 - दीवानों की हस्ती 

Chapter 5 - चिट्ठियों की अनूठी दुनिया 

Chapter 6 - भगवान के डाकिये 

Chapter 7 - क्या निराश हुआ जाए

Chapter 8 - यह सबसे कठिन समय नहीं 

Chapter 9 - कबीर की साखियाँ 

Chapter 10 - कामचोर 

Chapter 11 - जब सिनेमा ने बोलना सीखा 

Chapter 12 - सुदामा चरित 

Chapter 13 - जहाँ पहिया हैं 

Chapter 14 - अकबरी लोटा 

Chapter 15 - सूरदास के पद 

Chapter 16 - पानी की कहानी 

Chapter 17 - बाज और साँप

Chapter 18  - टोपी

Q2. Why should I opt for the NCERT Solutions for Class 8 Hindi offered by Vedantu?

The NCERT Solutions offered by Vedantu for Class 8 Hindi are solved by our best expert teachers who have years of valuable experience in the similar field. Hence these solutions are of the best quality and provide accurate solutions to all the problems. Solving these NCERT solutions regularly will also help the candidates to have a better knowledge about the topics and thus help them in boosting their confidence. For more information, follow Vedantu.

Q3. Can I download the NCERT  Class 8 Solutions from Vedantu site?

Yes, you can download the NCERT Class 8 Solutions from the Vedantu’s website. We have provided the previous year’s solutions on this page in PDF format. Vedantu is an online learning platform which provides free PDF downloads of solved previous year papers for various state boards and CBSE exams. These solutions are solved by expert teachers on Vedantu.com.

Also, register yourself to the Vedantu app to get the latest information, study materials and PDFs CBSE and various state board examinations.

Q4. Does Vedantu provide the NCERT Class 8 Hindi Solutions in PDF format?

Yes, we provide the NCERT Solutions for Class 8 Hindi in PDF format which can be downloaded by the students easily. There are proper chapter-wise solutions provided in the textbook which are categorised as very short, short, long, multiple-type and high order thinking type questions. Therefore, CBSE students can refer to Vedantu’s website for better understanding and gaining better concepts regarding any topic. The solutions are curated in a stepwise manner by our master teachers to boost the exam preparation of students. Students can analyse their areas of weakness and work on them based on the exam syllabus.

Q5. What are the Hindi books prescribed to the students of Class 8?

There are three books prescribed to the students of Class 8th by NCERT . These books are Vasant, Durva and Bharat ki Khoj . Vasant and Durva consist of several prose and poems for children, and Bharat Ki Khoj (Discovery of India) is a novel written by Pt. Jawaharlal Nehru. These books aim at the enhancement of the Hindi language and try to impart basic knowledge about Hindi literature to the students.

Q6. From where should I download Class 8 Hindi NCERT books?

You can get all the NCERT books for Class 8 Hindi on one platform that is Vedantu. You can click on the given Class 8 Hindi NCERT book. It will land you on a page where you will get options to download Class 8 Hindi Vasant Book, Durva Book and Bharat Ki Khoj. These books are in downloadable PDF formats. You can also gain brief information about all the chapters prescribed in these books.

Q7. Is it important to study ‘Bharat Ki Khoj’ Class 8?

Yes, it is very important to study ' Bharat Ki Khoj ' because you may get long type questions worth 3-5 marks based on this book in your exams. Apart from exams, you should read this book for your knowledge as it’s entire focus is on our country. It talks about the development of India culturally, politically and socially, from the era of Indus Valley Civilization till the present.

Q8. What is Class 8 Hindi Vasant Chapter 10 all about?

Class 8 Hindi Vasant Chapter 10 'Kaamchor' is about the lazy children who often make excuses to get rid of the work assigned to them. The story focuses on the importance of making young kids understand that they should not run away from their responsibilities and that they should learn to do basic household chores. If they don't, it can create problems for them later. The solutions of this chapter are also available on the Vedantu Mobile app. They are provided free of cost.

Q9. What should I do to enhance the quality of my answers?

Apart from learning, students must also focus on the quality of their answers. It is very important to know how to write answers precisely yet informative. Depending upon the word limit, students must know to write the answers. For this, 

You should practice writing answers regularly. 

Focus on the vocabulary.

Try to input various parts of speech to make it even more impressive. 

Stick to the question and avoid fluff.

NCERT SOLUTIONS FOR CLASS 8

Cbse study materials for class 8.

NCERT Books

NCERT Class 8 Hindi Books PDF Download [Updated 2023-24]

Ncert books for class 8 hindi pdf download.

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  • NCERT Book for Class 8 Vasant Textbook PDF
  • NCERT Book for Class 8 Durva Textbook PDF
  • NCERT Book for Class 8 Bharat ki Khoj Textbook PDF
  • NCERT Book for Class 8 Sanshipt Budhcharit Textbook PDF

NCERT Hindi Book For Class 8 Vasant Chapter-wise PDF

  • Chapter 1  ध्वनि
  • Chapter 2  लाख की चूड़ियाँ
  • Chapter 3  बस की यात्रा
  • Chapter 4  दीवानों की हस्ती
  • Chapter 5  चिट्ठियों की अनूठी दुनिया
  • Chapter 6  भगवान के डाकिये
  • Chapter 7  क्या निराश हुआ जाए
  • Chapter 8  यह सबसे कठिन समय नहीं
  • Chapter 9  कबीर की साखियाँ
  • Chapter 10  कामचोर
  • Chapter 11  जब सिनेमा ने बोलना सीखा
  • Chapter 12  सुदामा चरित
  • Chapter 13  जहाँ पहिया हैं
  • Chapter 14  अकबरी लोटा
  • Chapter 15  सूरदास के पद
  • Chapter 16  पानी की कहानी
  • Chapter 17  बाज और साँप
  • Chapter 18  टोपी

NCERT Hindi Book For Class 8 Durva Chapter-wise PDF

  • Class 8 Durva Chapter 1
  • Class 8 Durva Chapter 2
  • Class 8 Durva Chapter 3
  • Class 8 Durva Chapter 4
  • Class 8 Durva Chapter 5
  • Class 8 Durva Chapter 6
  • Class 8 Durva Chapter 7
  • Class 8 Durva Chapter 8
  • Class 8 Durva Chapter 9
  • Class 8 Durva Chapter 10
  • Class 8 Durva Chapter 11
  • Class 8 Durva Chapter 12
  • Class 8 Durva Chapter 13
  • Class 8 Durva Chapter 14
  • Class 8 Durva Chapter 15
  • Class 8 Durva Chapter 16
  • Class 8 Durva Chapter 17
  • Class 8 Durva Chapter 18
  • Class 8 Durva Chapter 19

NCERT Hindi Book For Class 8 Bharat ki Khoj Chapter-wise PDF

  • Class 8 Bharat ki Khoj Chapter 1
  • Class 8 Bharat ki Khoj Chapter 2
  • Class 8 Bharat ki Khoj Chapter 3
  • Class 8 Bharat ki Khoj Chapter 4
  • Class 8 Bharat ki Khoj Chapter 5
  • Class 8 Bharat ki Khoj Chapter 6
  • Class 8 Bharat ki Khoj Chapter 7
  • Class 8 Bharat ki Khoj Chapter 8
  • Class 8 Bharat ki Khoj Chapter 9

NCERT Hindi Book For Class 8 Sanshipt Budhcharit Chapter-wise PDF

  • Class 8 Sanshipt Budhcharit Chapter 1
  • Class 8 Sanshipt Budhcharit Chapter 2
  • Class 8 Sanshipt Budhcharit Chapter 3
  • Class 8 Sanshipt Budhcharit Chapter 4
  • Class 8 Sanshipt Budhcharit Chapter 5

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Top Hindi college essay topics for classes 6 to 12

Essay writing is a skill that you are expected to pick up during your academic career. practicing essay writing for languages such as hindi can be a wonderful way to develop your written abilities. here are the top hindi essay topics for classes 6 to 12, table of contents, college essay topics | here’s everything you should know, what are the top hindi essay topics for class 6 , what are the top hindi essay topics for class 7 , what are the top hindi essay topics for class 8 , what are the top hindi essay topics for class 9 .

  • What are the top Hindi essay topics for class 10? 

What are the top Hindi essay topics for classes 11 and 12? 

Key takeaways.

Hindi is a language that is spoken as a native tongue by more than 260 million people! As a result, Hindi has been incorporated into the syllabi of middle and high schools across the country. A core skill associated with language learning is writing clear and concise essays.

Essay writing is the stepping stone to developing your written abilities and language comprehension skills. If you are looking for interesting college essay topics from classes 6 to 12 to practice with, keep reading! 

Hindi essay topics for class 6 students are largely generic and easy to write. Some of the most popular topics for Hindi essay writing can range from technology to entertainment & festivals. 

Here are some interesting Hindi essay topics for class 6 students to practice writing with- 

  • Why is science important? 
  • The benefits of reading newspapers. 
  • The benefits of the internet. 
  • A brief essay on India’s Independence Day. 
  • What is the importance of education? 
  • What is your favorite subject in school? 
  • Who is Mahatma Gandhi ? 
  • Write an essay on your favorite animal. 
  • Write an essay about your family. 
  • Who is your favorite teacher? 

Each of the above Hindi essay topics is designed to allow you the room to explore your creativity and basic Hindi vocabulary. In almost all cases, teachers will give students prompts to help them write essays in Hindi.  

What is a good college essay topic?

In classes 7th and above, you will be encouraged to explore your creativity and connect your thoughts with basic Hindi grammar and sentence formation. While the degree of complexity of the Hindi essay topics is relatively similar to class 6, they may have a larger word count. 

Some of the best Hindi essay topics for class 7 include- 

  • Who is the Missile Man of India? 
  • What are the benefits of yoga? 
  • Write an essay on water pollution. 
  • Write an essay on Christmas.
  • How do you celebrate your birthday? 
  • What is your aim in life? 
  • What is the importance of trees? 
  • Write an essay on your father. 
  • Which is your favorite book and why? 
  • Who is your best friend?

class 8 essay topics in hindi

From class 8 onwards, Hindi essay topics get slightly more challenging and stimulating. 

Here are some of the top Hindi essay topics for class 8 students- 

  • Write an essay on sports. 
  • Write an essay on your favorite holiday. 
  • What is global warming? 
  • How can pollution be managed? 
  • What is your favorite school field trip?
  • Why is exercise important? 
  • Write about your visit to the Taj Mahal. 
  • What are the benefits of yoga?
  • Why are you proud to be an Indian? 

class 8 essay topics in hindi

Some of the best Hindi essay topics for class 9 students are as follows- 

  • Why are examinations important? 
  • Write an essay on nature? 
  • Who is your favorite celebrity and why? 
  • Where did you travel last summer? 
  • Write an essay about yourself. 
  • What are the most important moral values students should learn? 
  • How is life living in the city? 
  • Where do you want to study in the future? 
  • Write an essay on global warming. 

What are the top Hindi essay topics for class 10?  

From class 10 onwards, the Hindi essay topics become slightly more complex. This is primarily because by now, students have a clear understanding and strong vocabulary of the language. 

The top Hindi essay topics for class 10 students are as follows- 

  • Write an essay on raising environmental awareness. 
  • Which is your favorite sport and why? 
  • What are the different monuments in India? 
  • Why are friendships important? 
  • What are the major festivals celebrated in India? 
  • Why is physical fitness important?
  • Who is the ‘Father of Science’? 
  • What pet would you like to adopt? 
  • What do you like about your school?
  • Which is your favorite event conducted in school? 

Depending on the school and board of education, different higher secondary institutions across India focus on refining Hindi language skills further. This is done with intensive training; you will be expected to write essays on different ‌topics. 

Some of the best Hindi essay topics to work on for classes 11th and 12th include- 

  • What is the importance of family? 
  • India – A land of culture and diversity 
  • What are the benefits of technology? 
  • What are the disadvantages of mobile phones? 
  • What are mangroves?
  • What are the causes of pollution ? 
  • Write an essay on National Flag Adoption Day. 
  • Cleanliness is next to Godliness – Explain. 
  • Who is Lal Bahadur Shastri? 
  • Write an essay on Narendra Modi. 
  • Essay writing is an important part of learning a new language, such as Hindi. 
  • Writing an essay in Hindi necessitates a good vocabulary and a strong understanding of the discussed topic. 
  • The above list of popular Hindi essay topics will help you practice your writing skills to the best of your abilities. 

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Liked this blog? Read next: My hobby essay | How to write an amazing one!

Q1. What is the basic structure of an essay? 

Answer – The basic structure of an essay includes the introduction, body, and conclusion. 

Q2. How do I deal with writer’s block when writing an essay?

Answer – If you are faced with writer’s block, you can take a quick 5-minute break to reassess your thoughts before trying to write again!  Q3. How many words is a typical essay in Hindi?

Answer – Essays in Hindi typically do not exceed 500 to 600 words.

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class 8 essay topics in hindi

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