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- शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day Essay in Hindi) - टीचर्स डे पर 200, 500 शब्दों में हिंदी में निबंध देखें
Updated On: May 13, 2024 02:06 pm IST
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शिक्षक दिवस पर निबंध 200 शब्दों में (Teachers Day Essay in Hindi in 200 words)
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- भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
- यह डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है।
- वह एक दार्शनिक, शिक्षक और भारत के पहले उपराष्ट्रपति थे।
- एक छात्र के जीवन में शिक्षक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- शिक्षक समाज की रीढ़ हैं।
- शिक्षक दिवस पर हम अपने शिक्षकों को पुरस्कृत करके या उनके बारे में दो शब्द कहकर उन्हें सम्मान देते हैं।
- स्कूल और कॉलेजों में शिक्षक दिवस बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
- इस दिन छात्र विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।
- छात्र शिक्षकों के प्रति अपना प्यार व्यक्त करने के लिए शुभकामनाएं और उपहार देते हैं।
- शिक्षक दिवस शिक्षक और छात्र के बीच विशेष बंधन का उत्सव है।
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डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन (5 सितंबर, 1888) को पूरे देश में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
देश में पहली बार 1962 को शिक्षक दिवस मनाया गया था और तभी से पुरे देश में शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है। इसी साल मई में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने देश के दूसरे राष्ट्रपति के तौर पर पदभार संभाला था।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। सर्वपल्ली राधाकृष्णन और शिक्षकों के समाज के प्रति योगदान को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है
हर साल, भारत डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को उनके योगदान और उपलब्धियों के प्रति श्रद्धांजलि के रूप में राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाता है। 5 सितंबर, 1888 को जन्मे डॉ. राधाकृष्णन ने न केवल भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया, बल्कि एक विद्वान, दार्शनिक और भारत रत्न से सम्मानित भी थे।
शिक्षक दिवस पर निबंध लिखने की सरल प्रक्रिया इस लेख में बताई गई है, छात्र यहां दिए गए सैंपल का उपयोग करके शिक्षक दिवस पर हिंदी में निबंध लिखना सिख सकते हैं।
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मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध (My Favourite Teacher Essay in Hindi)
मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध (My Favourite Teacher Essay in Hindi) : शिक्षक हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बचपन से ही वे हमारे चरित्र और व्यक्तित्व का निर्माण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सबके जीवन मे कोई न कोई प्रिय शिक्षक (My Favourite Teacher Essay in Hindi) होता है। यहाँ "मेरे प्रिय शिक्षक"(My Favourite Teacher Essay in Hindi) पर कुछ निबंध दिए गए हैं।
इस लेख में आपको मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध (My Favourite Teacher Essay in Hindi) संक्षिप्त यानी 100 शब्दों में मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध (100 Word Essay On My Favourite Teacher in hindi) के साथ-साथ विस्तृत रूप में भी यानी 200 व 500 शब्दों में मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध (My Favourite Teacher Essay in Hindi) मिल जाएगा।
मेरे प्रिय शिक्षक पर 100 शब्दों का निबंध (100 Word Essay On My Favourite Teacher)
सरिता कौर मेरी प्रिय शिक्षक(My Favourite Teacher Essay in Hindi) हैं। वह छठी कक्षा को सामाजिक विज्ञान पढ़ाती हैं। वह बहुत ही पेशेवर और योग्य शिक्षिका हैं। वह हमेशा मेरी सभी शंकाओं के समाधान में मेरी मदद करती हैं, और यदि मैं कभी उनसे एक से अधिक बार कोई शंका पूछूं, तो भी वह कभी गुस्सा नहीं होती। वह बहुत स्नेहशील और मिलनसार हैं, और इसलिए मेरे कई सहपाठी भी उन्हें अपनी पसंदीदा शिक्षिका मानते हैं।
मैं वास्तव में उनकी कक्षा का आनंद लेता हूं, और वह हमारी कक्षा के प्रत्येक छात्र पर ध्यान देती है। वह बहुत ही संवादात्मक और रचनात्मक तरीके से पढ़ाती हैं। उसकी कक्षाएं बहुत दिलचस्प हैं, और वह उन्हें कभी उबाऊ नहीं बनाती, और इसलिए वह मेरी प्रिय शिक्षिका(My Favourite Teacher Essay) है।
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मेरे प्रिय शिक्षक पर 200 शब्दों का निबंध (200 Word Essay On My Favourite Teacher)
स्कूल हो या कॉलेज लाइफ में हर किसी का कोई न कोई प्रिय शिक्षक (My Favourite Teacher Essay) होता है। एक शिक्षक जिसकी कक्षाओं में भाग लेने के लिए छात्र उत्सुक रहते हैं। वे बेसब्री से प्रतीक्षा करते हैं और उस एक विशेष शिक्षक की कक्षा कभी नहीं छोड़ते। अनीता शर्मा मेरे लिए वह शिक्षिका हैं। वह मेरी प्रिय शिक्षिका (My Favourite Teacher) हैं। वह हमें इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र तथा नागरिक शास्त्र पढ़ाती हैं।
अन्य सेक्शन के मेरे अधिकांश सहपाठियों ने शिकायत की कि ये विषय कितने उबाऊ विषय थे। लेकिन वह अपने शिक्षण के अनूठे तरीके का उपयोग करके इन विषयों को आकर्षक बनाती हैं। वह थ्योरी पढ़ाने के लिए कहानियों और चित्रों का उपयोग करती है। उनकी कक्षाएं आनंददायक और आकर्षक होती हैं। वह अपनी कक्षा में पहली बेंच से लेकर आखिरी बेंच तक सब पर नज़र रखती है।
वह उन शिक्षकों में से एक हैं जो जब भी हम संदेह में फंसते हैं तो हमारा मार्गदर्शन करती हैं। उन्होंनें एक सोशल मीडिया ग्रुप भी बनाया है ताकि हम उनसे संपर्क कर सकें खासकर जब हमें कोई संदेह हो। जब भी मुझे सामाजिक विज्ञान में कुछ भी समझ में नहीं आता है, तो मैं उनसे ग्रुप में पूछता हूं, और वह तुरंत जवाब देती है, मेरी शंकाओं को मिनटों में हल करती है। वह उन छात्रों के साथ हमेशा सौम्य और शांत रहती हैं जो मूलभूत सिद्धांतों को नहीं समझते हैं। वह विभिन्न तकनीकों का उपयोग करके उसे समझाने की कोशिश करती है, लेकिन उनकी भाषा में कभी भी थोड़ी सी भी हताशा या गुस्सा नहीं होता है। वह शायद ही कभी किसी छात्र को डाँटती है, और उन्होंने कभी किसी को नहीं मारा। इन सब वजहों ने वह मेरी शिक्षक बन गई।
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मेरे प्रिय शिक्षक पर 500 शब्दों का निबंध(500 Word Essay On My Favourite Teacher)
मैं अपनी कक्षा में कभी भी पढ़ाई मे अच्छा छात्र नहीं था, मैं अन्य विषयों से प्यार करता था, लेकिन गणित हमेशा मेरा कमजोर विषय रहा। लेकिन यह सब नौवीं कक्षा में बदल गया जब अनिरुद्ध कुमार सर हमारे गणित के शिक्षक बन गए। अपनी पहली कक्षा में ही, उन्होंने धीरे और बहुत ही शांत तरीके से अपना परिचय दिया और प्रत्येक छात्र के पास जाकर उनकी हॉबी और पसंदीदा विषयों के बारे में पूछा। जब उन्होंने मुझसे पूछा, तो मैंने अचानक कहा, "मुझे गणित पसंद नहीं है और इतिहास मेरा पसंदीदा विषय है।"
इस बात से मेरी कक्षा पूरी तरह से स्तब्ध हो गई। मुझे डर था कि वह मेरे उत्तर पर गलत प्रतिक्रिया देंगे, लेकिन वह मुस्कुरायें और कहा, "हम इस साल के अंत तक इसे बदल देंगे।"
अब मैं 12वीं कक्षा में हूँ, और उन्होंनें वास्तव में मेरा पसंदीदा विषय बदल दिया। उनके ही कारण मुझे गणित पसंद है। वह मेरे प्रिय शिक्षक हैं और हमेशा रहेंगे। उन्होंने अपने छात्रों को इस तरह से पढ़ाया है, जैसा किसी अन्य शिक्षक ने नहीं किया है। इतना ही नहीं, बल्कि उन्होंने कभी भी किसी भी गलत काम को करने के लिए किसी को डांटा नहीं। इसके अलावा, वह हमेशा बहुत धैर्यवान और स्नेहशील रहे। मेरे सहित कक्षा के सबसे कमजोर छात्र भी धीरे-धीरे उसकी वजह से परीक्षा में सुधार कर रहे थे।
पढ़ाने का तरीका : उन्होंने हमें कठिन गणित के फॉर्मूले सीखने के लिए मज़ेदार और आकर्षक राइमिंग ट्रिक्स का इस्तेमाल किया। उनकी उपस्थिति में हमें कभी कोई परेशानी या भय महसूस नहीं हुआ; उन्होंने अकेले ही क्लास को एक खुशमिजाज और मजेदार जगह में बदल दिया। मेरे जीवन में ऐसे दिन आ गए थे जब मैं रविवार को सोमवार की प्रतीक्षा करता था, ताकि गणित की कक्षा ले सकूँ। जब भी मैं भ्रमित होता या किसी समस्या से परेशान होता - चाहे वे गणित का प्रश्न हो या अपने करियर को चुनने की समस्या, मैं हमेशा उनके पास जाता, और उन्होंने मेरी सभी समस्याओं को तुरंत हल कर दिया। यहां तक कि मेरे सहपाठी भी उनकी मदद लेते थे और प्यार से उन्हें काउंसलर सर कहते थे।
शिक्षक दिवस पर, उन्होंने सर्वश्रेष्ठ शिक्षक का पुरस्कार भी जीता। उन्हें वोट के माध्यम से चुना गया था। मुझे उस दिन एहसास हुआ कि अनिरुद्ध सर बहुत छात्रो के प्रिय शिक्षक(My Favourite Teacher) हैं। मुझे उनके लिए बहुत गर्व और खुशी महसूस हुई।
छात्रों के लिए प्रेरणा : वे कई सामाजिक गतिविधियों में भी शामिल रहते है। वह शाम को गरीब बच्चों को मुफ्त में पढ़ाते थे। वह कई एनजीओ से जुड़े हुए थे और सप्ताहांत में झुग्गी-झोपड़ियों में वंचित बच्चों को पढ़ाने जाते थे। मुझे याद है एक बार वह हमारी पूरी क्लास को स्लम एरिया में ले गए थे। मैं विस्मय से भर गया जब मैंने उन्हे वहाँ बच्चों को उसी जोश के साथ पढ़ाते हुए देखा जैसे वह हमें स्कूल में पढ़ाते थे। यही वह क्षण था जब वह मेरे प्रिय शिक्षक बन गए।
मेरे जीवन पर प्रभाव : मैंने अपनी कक्षा 9 में गणित में सर्वाधिक अंक प्राप्त किए। उन्होंने मुझमें गणित पढ़ने के लिए रुचि उत्पन्न की। उन्होंने नीरस और उबाऊ विषय को ऐसी चीज में बदल दिया जो मुझे सिर्फ मनोरंजन के लिए करना पसंद है। मैंने अपनी कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा में भी पूर्ण अंक प्राप्त किए। मैंने उनसे फोन पर बात की और उन्हें धन्यवाद दिया। इतने जुनून के साथ पढ़ाने के लिए मेरे भीतर का छात्र हमेशा उनका आभारी रहेगा। मैं आज जो कुछ भी हूं, उसे बनाने में उनका बहुत बड़ा योगदान है।
कॉलेज के दिनों में विभाग की विभागाध्यक्ष दविंदर कौर उप्पल मैम मेरी प्रिय शिक्षक रहीं। मैम से मेरी पहली बातचीत विश्वविद्यालय में एडमिशन से पहले इंटरव्यू के दौरान हुई। उस इंटरव्यू में लगभग 20 मिनट तक पैनल के लोगों के साथ उन्होंने मुझसे बात की थी। सबसे पहले सहज किया था कि यह कोई इंटरव्यू नहीं है यह एक बातचीत है। एक बार मुझे फीस जमा करने में देरी हो गई। उन्होंने बुला कर मुझसे वजह पूछा और वजह जानने के बाद फीस में छूट दिलाई और बाद में स्कॉलरशिप का फॉर्म भरवा कर छात्रवृत्ति भी दिलवाया। ग्रामीण पृष्ठभूमि के स्टूडेंट्स का हमेशा समर्थन किया। छात्राओं को हमेशा आगे बढ़ाने की कोशिश करतीं। खुद क्लास में आने से पहले पूरे नोट्स बनाकर आती थी और पॉइंट वाइज पढ़ाती थी। और स्टूडेंट्स अच्छे से समझ पाते थे। वह एक अनुशासन प्रिय महिला थी और सख्त प्रशासक भी।
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- Essays in Hindi /
Essay on Teachers Day in Hindi : कैसे लिखें शिक्षक दिवस पर निबंध 100, 200 और 500 शब्दों में
- Updated on
- सितम्बर 6, 2023
आज शिक्षक दिवस है। हर साल 5 सितंबर के दिन शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक दिवस पर निबंध परीक्षा, स्कूल असाइनमेंट आदि की दृष्टि से बहुत ही महत्त्वपूर्ण विषय है। ऐसे में आइये जान लेते हैं शिक्षक दिवस पर निबंध के कुछ सैंपल निबंध। इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें और जानिए 100, 200 और 500 शब्दों में Essay on Teachers Day in Hindi.
Essay on Teachers Day in Hindi 100 शब्दों में
100 शब्दों में शिक्षक दिवस पर निबंध कुछ इस प्रकार है –
शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन हम अपने शिक्षकों को समर्पण और आभार दिखाते हैं। शिक्षक हमारे जीवन के महत्वपूर्ण हिस्से होते हैं, वे हमें ज्ञान और मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
शिक्षक दिवस के दिन विद्यालयों में विशेष कार्यक्रम आयोजित होते हैं और छात्र अपने शिक्षकों के साथ समय बिताते हैं। यह दिन हमें याद दिलाता है कि शिक्षक हमारे जीवन में कितना महत्वपूर्ण होता है और हमें उनके साथ आभारी और समर्पित रहना चाहिए।
इसलिए, हमें शिक्षकों के प्रति गहरा समर्पण दिखाना चाहिए और उनके प्रयासों को सराहना करना चाहिए। शिक्षक दिवस हमें यह याद दिलाता है कि शिक्षा हमारे समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
Essay on Teachers Day in Hindi 200 शब्दों में
200 शब्दों में शिक्षक दिवस पर निबंध कुछ इस प्रकार है –
शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है और यह दिन शिक्षकों के समर्पण और योगदान को सलाम करने के लिए उपयोगी है। शिक्षक हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, वे हमें ज्ञान और नैतिक मूल्यों का पाठ पढ़ाते हैं।
शिक्षक दिवस के दिन विद्यालयों में विशेष कार्यक्रम आयोजित होते हैं जिनमें छात्र अपने शिक्षकों को सम्मान देते हैं। छात्र अपने पसंदीदा शिक्षकों को उनके योगदान के लिए धन्य करते हैं और उनका आभार व्यक्त करते हैं।
शिक्षक दिवस हमें याद दिलाता है कि शिक्षा हमारे समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और हमें उनके साथ आभारी और समर्पित रहना चाहिए। इसलिए, इस दिन हमें शिक्षकों के प्रति गहरा समर्पण दिखाना चाहिए और उनके प्रेरणास्पद शिक्षण के लिए सराहना करना चाहिए।
इस दिवस के माध्यम से हम शिक्षकों को उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए प्रशंसा और सम्मान प्रदान करते हैं और उनके साथ अपना आभार व्यक्त करते हैं।
Essay on Teachers Day in Hindi 500 शब्दों में
500 शब्दों में Essay on Teachers Day in Hindi कुछ इस प्रकार है –
प्रस्तावना
शिक्षा ही हमारे समाज के उत्थान की कुंजी है और शिक्षक ही इस कुंजी के धारक होते हैं। शिक्षकों का हमारे जीवन में महत्त्व रेखांकित करने के लिए शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। शिक्षक हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, वे हमें ज्ञान और समझ प्रदान करते हैं, जो हमारे विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।
शिक्षक दिवस का महत्व
शिक्षक दिवस के दिन हम अपने शिक्षकों के प्रति आभार और समर्पण की भावना प्रकट करते हैं। हम उनके साथ अपने अनुभव साझा करते हैं और उनसे उनके जीवन के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं, जिससे हम उनके साथ ज्यादा जुड़ सकें। इस दिन हमें यह भी याद दिलाया जाता है कि शिक्षक न केवल ज्ञान के दाता होते हैं, बल्कि वे हमारे मार्गदर्शक और प्रेरणा स्रोत भी होते हैं।
शिक्षक दिवस का महत्व यह भी है कि यह हमें याद दिलाता है कि शिक्षा हमारे समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। शिक्षकों के बिना कोई भी समाज प्रगति नहीं कर सकता, और इसलिए हमें उनके प्रति गहरा समर्पण और आभार दिखाना चाहिए। वे न केवल हमें पढ़ाते हैं, बल्कि हमारे चरित्र का निर्माण भी करते हैं, और इस दिन के माध्यम से हम उनके योगदान के लिए सराहना करते हैं और उनके प्रेरणास्पद शिक्षण के लिए धन्य मानते हैं।
शिक्षक दिवस हमें शिक्षा के महत्व को पुनर्निरीक्षित करने का मौका भी देता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि शिक्षा ही हमारे समाज के उत्थान की कुंजी है और शिक्षक ही इस कुंजी के धारक होते हैं। उनका योगदान हमारे देश के भविष्य को बनाने और सुधारने में महत्वपूर्ण होता है।
शिक्षक दिवस का उद्देश्य
इस दिन को मनाने के द्वारा हम शिक्षकों को उनके साथी और मार्गदर्शक के रूप में स्वीकार करते हैं। हम उनके साथ एक टीम के रूप में काम करते हैं जो शिक्षा के क्षेत्र में नए उत्थानों को साधने का प्रयास कर रही है।
इस दिन हमें यह भी समझने को मिलता है कि शिक्षक शिक्षा देने के लिए अपने समय, समर्पण, और पूरा दिल लगा देते हैं। उनका काम विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि वे नई पीढ़ियों को ज्ञान और आदर्शों के साथ संजीवनी शक्ति प्रदान करते हैं।
इस दिन को मनाने के द्वारा हम शिक्षकों को साथी और मार्गदर्शक के रूप में स्वीकार करते हैं। हम उनके साथ एक टीम के रूप में काम करते हैं जो शिक्षा के क्षेत्र में नए उत्थानों को साधने का प्रयास कर रही है।
निष्कर्ष
शिक्षक दिवस हमारे शिक्षकों के प्रति हमारी आदर और समर्पण की भावना को प्रकट करने का मौका है। इस दिन हम उनके योगदान की प्रशंसा करते हैं और उनके साथ उनके महत्वपूर्ण कार्य के प्रति आभारी रहते हैं। शिक्षक दिवस हमें शिक्षा के महत्व को समझने और मान्यता देने का अवसर प्रदान करता है और हमें उनके साथ आभारी और समर्पित रहने का संकेत देता है।
शिक्षक दिवस पर 10 लाइन्स
शिक्षक दिवस पर 10 लाइन्स कुछ इस प्रकार हैं –
- शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है।
- यह दिन शिक्षकों के समर्पण और योगदान को सलाम करने के लिए उपयोगी है।
- शिक्षक हमारे जीवन में ज्ञान का प्रदाता होते हैं।
- उनका योगदान हमारे भविष्य को सवरने में महत्वपूर्ण होता है।
- शिक्षकों का महत्व न केवल ज्ञान देने में होता है, बल्कि वे हमारे चरित्र का निर्माण भी करते हैं।
- शिक्षक दिवस के दिन विद्यालयों में विशेष कार्यक्रम आयोजित होते हैं।
- छात्र अपने पसंदीदा शिक्षकों को समर्पण और सम्मान देते हैं।
- शिक्षक दिवस हमें शिक्षा के महत्व को याद दिलाता है।
- हमें अपने शिक्षकों के प्रति आभारी और समर्पित रहना चाहिए।
- इस दिन हम शिक्षकों के प्रति अपनी प्रशंसा और सम्मान व्यक्त करते हैं।
शिक्षक दिवस कोट्स
शिक्षक दिवस पर कुछ उपयोगी शिक्षक दिवस कोट्स हैं:
“शिक्षक वो डायमंड होते हैं जो सोंधकर सोंधकर चमकते हैं।”
“शिक्षा एक ज्यों का उपहार है जो आपके जीवन को रौशनी से भर देता है।” – एल्बर्ट आइंस्टीन
“शिक्षक हमारे भविष्य के निर्माणकर्ता होते हैं, वे नई पीढ़ियों को सपनों की दिशा में ले जाते हैं।” – फ्रैंका पॉम्पडियू
“शिक्षकों का काम न केवल ज्ञान देने में होता है, बल्कि वे जीवन के मूल्यों और नैतिकता की प्रेरणा भी प्रदान करते हैं।” – विक्रम पाटिल
“शिक्षा ही सबसे बड़ा धन है जो हमें कभी नहीं छूटने चाहिए।”
“शिक्षक एक प्रेरणास्पद द्वार होते हैं जो ज्ञान की दुकान खोलते हैं।”
“शिक्षा एक पूर्णता की ओर की पहल है, और शिक्षक हमें उस पूर्णता की ओर ले जाते हैं।”
“शिक्षक वो दीपक होते हैं जो अन्धकार को दूर करते हैं और ज्ञान की रोशनी प्रदान करते हैं।”
शिक्षक दिवस भारत में हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन शिक्षकों के समर्पण और योगदान को समर्थन और सम्मान करने का मौका होता है।
शिक्षक दिवस की शुरुआत भारतीय विद्वान और भारतीय गणराज्य के पहले उपराष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के रूप में 1962 में की गई थी।
शिक्षक दिवस का महत्व शिक्षकों के समर्पण और योगदान को समर्थन और सम्मान करने का है। यह एक मौका है छात्रों के लिए उनके पसंदीदा शिक्षकों के साथ समय बिताने का और उनके प्रति आभार और समर्पण व्यक्त करने का।
शिक्षक दिवस के दिन विद्यालयों और शिक्षा संस्थानों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जैसे कि सभाएँ, प्रतियोगिताएँ, और शिक्षकों के सम्मान का आयोजन। छात्र अपने शिक्षकों को प्रशंसा और सम्मान प्रदान करते हैं।
शिक्षक दिवस का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों के समर्पण और योगदान को समर्थन और सम्मान करना है। यह एक दिन है जब छात्र अपने शिक्षकों के प्रति अपनी प्रशंसा और समर्पण की भावना प्रकट करते हैं।
शिक्षक दिवस का महत्व न केवल भारत में होता है, बल्कि यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मनाया जाता है ताकि शिक्षकों के महत्व को दुनिया भर में समझा जा सके।
यह था शिक्षक दिवस पर निबंध, Essay on Teachers Day in Hindi पर हमारा ब्लॉग। इसी तरह के अन्य निबंध से सम्बंधित ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।
विशाखा सिंह
A voracious reader with degrees in literature and journalism. Always learning something new and adopting the personalities of the protagonist of the recently watched movies.
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शिक्षक दिवस पर निबंध
Teachers Day Essay in Hindi
विद्यार्थियों के जीवन में शिक्षक का एक विशेष स्थान होता है। राष्ट्र के भविष्य को सवारने में शिक्षको की महत्त्व भूमिका होती है, उनके की सहायता से एक आदर्श नागरिक का जन्म होता है।
5 सितंबर को हमारे देश में शिक्षकों के सम्मान में शिक्षक दिवस मनाया जाता है, वहीं आज की युवा पीढी को शिक्षकों के महत्व को समझाने एवं गुरु-शिष्य के अनूठे रिश्ते की परंपरा को कायम रखने के लिए आजकल स्कूल-कॉलेजों में इस विषय पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित करवाई जाती है, या फिर कई बार परीक्षा में इस दिवस पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है।
जीवन में शिक्षक के महत्त्व को समझने के लिए विभिन्न शब्दों एवं आसान और सरल शब्दों में हम यहाँ शिक्षक दिवस पर निबंध – Teachers Day Essay उपलब्ध कराने जा रहे है, जो आपके बच्चो और विद्यार्थियों के लिए विविध प्रतियोगिताओ में उपयोगी साबित हो सकते है।
शिक्षक दिवस पर निबंध – Teachers Day Essay in Hindi
हमारी सफलता के पीछे हमारे शिक्षक का बहुत बड़ा हाथ होता है। हमारे माता-पिता की तरह ही हमारे शिक्षक के पास भी ढ़ेर सारी व्यक्तिगत समस्याएँ होती हैं लेकिन फिर भी वह इन सभी को भूलकर रोज स्कूल और कॉलेज आते हैं तथा अपनी जिम्मेदारी को अच्छी तरह से निभाते हैं।
कोई भी उनके बेशकीमती कार्य के लिये उन्हें धन्यवाद नहीं देता इसलिये एक विद्यार्थी के रुप में शिक्षकों के प्रति हमारी भी जिम्मेदारी बनती है कि कम से कम साल में एक बार उन्हें जरुर धन्यवाद दें।
शिक्षको के कार्य को समर्पित करते हुए 5 सितम्बर का दिन पुरे देश में शिक्षक दिवस के रूप मनाया जाता है। शिक्षकों को सम्मान देने और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस को याद करने के लिये हर साल इसे मनाया जाता है। देश के विकास और समाज में हमारे शिक्षकों के योगदान के साथ ही शिक्षक के पेशे की महानता को उल्लेखित करने के लिये हमारे पूर्व राष्ट्रपति के जन्मदिवस को समर्पित किया गया है।
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान शिक्षक थे, जिन्होंने अपने जीवन के 40 वर्ष अध्यापन पेशे को दिए है। वे विद्यार्थियों के जीवन में शिक्षकों के योगदान और भूमिका के लिये प्रसिद्ध थे। इसलिये वे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने शिक्षकों के बारे में सोचा और हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में मनाने का अनुरोध किया।
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था और 1909 में चेन्नई के प्रेसिडेंसी कॉलेज में अध्यापन पेशे में प्रवेश करने के साथ ही दर्शनशास्त्र शिक्षक के रुप में अपने करियर की शुरुआत की।
उन्होंने देश में बनारस, चेन्नई, कोलकाता, मैसूर जैसे कई प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों तथा विदेशों में लंदन के ऑक्सफोर्ड जैसे विश्वविद्यालयों में दर्शनशास्त्र पढ़ाया है। अध्यापन पेशे के प्रति अपने समर्पण की वजह से उन्हें अपने बहुमूल्य सेवा की पहचान के लिये 1949 में विश्वविद्यालय छात्रवृत्ति कमीशन के अध्यक्ष के रुप में नियुक्त किया गया।
1962 से शिक्षक दिवस के रुप में 5 सितंबर को मनाने की शुरुआत हुई। अपने महान कार्यों से देश की लंबे समय तक सेवा करने के बाद 17 अप्रैल 1975 को उनका निधन हो गया।
शिक्षक विद्यार्थियो के जीवन के वास्तविकतः कुम्हार की तरह होते हैं, जो न सिर्फ हमारे जीवन को आकार देते हैं बल्कि हमें इस काबिल बनाते हैं कि हम पूरी दुनिया में अंधकार होने के बाद भी प्रकाश की तरह जलते रहें। इसी वजह से हमारा राष्ट्र ढ़ेर सारे प्रकाश के साथ प्रबुद्ध हो सकता है।
हमारे शिक्षक हमें शैक्षणिक दृष्टी से तो बेहतर बनाते ही हैं, साथ ही हमारे ज्ञान और विश्वास के स्तर को बढ़ाकर नैतिक रुप से भी हमें अच्छा बनाते है। जीवन में अच्छा करने के लिये वह हमें हर असंभव कार्य को संभव करने की प्रेरणा देते हैं। विद्यार्थी इस शिक्षक दिवस को बहुत उत्साह और खुशी के साथ मनाते है। विद्यार्थी अपने शिक्षकों को ग्रीटिंग कार्ड देकर बधाई भी देते हैं।
हमें पूरे दिल से ये प्रतिज्ञा करनी चाहिये कि हम अपने शिक्षक का सम्मान करेंगे क्योंकि बिना शिक्षक के इस दुनिया में हम सभी अधूरे हैं।
शिक्षक दिवस पर निबंध – Shikshak Par Nibandh
प्रस्तावना-
शिक्षकों के सम्मान में एवं भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर 5 सितंबर को हर साल हमारे देश में धूमधाम से शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
यह दिवस समाज में न सिर्फ शिक्षकों के महत्व को बताता है, बल्कि शिष्यों के ह्रद्य में अपने शिक्षक के प्रति आदर-भाव की भावना भी प्रकट करता है, क्योंकि गुरु ही अपने शिष्य के जीवन से अंधकार मिटाकर उसे ज्ञान के प्रकाश की तरफ ले जाते हैं, जिससे मनुष्य सफलता हासिल करता है।
गुरु के बिना ज्ञान संभव नहीं है और बिना ज्ञान के मनुष्य का जीवन निर्रथक होता है। वहीं गुरुओं की महिमा तो बड़े-बड़े कवियों ने भी अपने श्लोंकों के माध्यम से बताई है और शिक्षकों को इस समाज में भगवान के बराबर दर्जा दिया गया है।
“गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ॥
शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है? – When is Teachers Day
हमारे भारत देश में गुरु-शिष्य के अनूठे रिश्ते के बारे में तो वेद-पुराणों में भी बताया गया है। वहीं शिक्षकों के सम्मान में डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर हर साल 5 सितंबर को हमारे देश में शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है।
शिक्षक, राष्ट्र निर्माता होते हैं, अपनी ज्ञान की गंगा से शिष्यों के जीवन में अज्ञानता को दूर करते हैं साथ ही एक सभ्य समाज एवं शिक्षित राष्ट्र का निर्माण करने में अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभाते हैं।
इसलिए यह दिन शिक्षकों को समर्पित दिन है, वहीं इस दिन समाज में उत्कृष्ट काम करने वाले शिक्षकों को सम्मानित भी किया जाता है और देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को याद किया जाता हैं, क्योंकि उन्होंने अपना पूरा जीवन अध्यापन कार्य में समर्पित कर दिया था एवं समाज में शिक्षकों के महत्व को बताने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है? – Why is Teachers Day Celebrated
स्वतंत्र भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति एवं पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को शिक्षक दिवस के रुप में मनाते हैं। 5 सितंबर, 1888 सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था।
वे एक अच्छे राजनेता होने के साथ महान शिक्षकविद और अच्छे दार्शनिक भी थे, जिन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय समाज में शिक्षको के महत्व को बताने एवं शिक्षण कार्य की महानता को बताने में व्यतीत कर दिया था, एवं देश के विकास एवं उत्थान में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी।
इसलिए उनके सम्मान में हर साल उनकी जयंती को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है। उन्होंने राष्ट्रपति के तौर पर साल 1962 से 1967 तक राष्ट्र की सेवा की थी। आपको बता दें कि साल 1962 में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को देश का राष्ट्रपति के रुप में नियुक्त किया गया था।
उसके बाद उनके द्धारा समाज में किए गए महान कामों के लिए उनके सम्मान में लोगों ने 5 सितंबर के दिन को ‘राधाकृष्णन दिवस’ के तौर पर मनाने का फैसला किया था।
लेकिन, हमेशा ही समाज में शिक्षकों के महत्व को बताने वाले राधाकृष्णन जी ने इसे मनाने से मना कर दिया और 5 सितंबर को उनकी जयंती को मनाने की बजाय ‘शिक्षक दिवस’ के रुप में मनाने की इच्छा जताई थी।
जिसके बाद से हर साल इस दिन को शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा। 5 सितंबर, 1962 को हमारे देश में पहली बार शिक्षक दिवस मनाया गया था।
देश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी शिक्षकों का काफी सम्मान करते थे।
वे अपने जीवन में करीब 40 साल तक शैक्षणिक कार्य से जुड़े रहे। आपको बता दें कि राजनीती में आने से पहले उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, कलकत्ता यूनिवर्सिटी, मैसूर यूनिवर्सिटी समेत कई शिक्षक संस्थानों में अध्यापक के तौर पर काम किया था। वे अपने छात्रों के पसंदीदा शिक्षक के रुप में जाने जाते थे।
वहीं उन्होंने अपने महान विचारों से लोगों को शिक्षकों के महत्व के बारे में जागरूक किया। इसके साथ ही राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों के योगदान का उल्लेख किया। इसके साथ ही उन्होंने सभ्य एवं शिक्षित समाज का निर्माण करने वाले शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में अनुरोध किया था।
इसलिए उनकी जयंती को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है
शिक्षक दिवस कैसे मनाया जाता है? – How Is Teachers Day Celebrated
हमारे देश में 5 सितंबर को हर साल धूमधाम से शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक दिवस को लेकर बच्चे काफी उत्साहित रहते हैं, साथ ही अपने टीचर्स को सम्मानित करने एवं उन्हें स्पेशल महसूस करवाने के लिए विशेष तरह की तैयारियों में कई दिन पहले से ही जुट जाते हैं।
इस मौके पर स्कूल, कॉलेजों समेत अन्य शिक्षक संस्थानों में विशेष तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है साथ ही इस दिन समाज में उत्कृष्ट काम करने वाले शिक्षकों को सम्मानित भी किया जाता है।
शिक्षक दिवस का दिन हर शिक्षक और छात्रों के लिए बेहद अहम दिन होता है, इस दिन शिक्षकों के महत्व को छात्रों को समझाने के लिए शिक्षक दिवस पर भाषण , निबंध लेखन समेत कई प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है।
इसके अलावा स्कूलों एवं अन्य शैक्षणिक संस्थानों में छात्र स्लोगन, कविता आदि के माध्यम से शिक्षकों के प्रति अपने भावना को प्रकट करते हैं साथ ही उनका आभार जताते हैं।
इस मौके पर कई छात्र अपने टीचर्स को गिफ्ट या फिर अपने हाथ से बनाया हुआ ग्रीटिंग कार्ड देकर भी इस दिन को खास मनाने की कोशिश करते हैं एवं अपने गुरु-शिष्य के रिश्तों की डोर को मजबूत करते हैं, साथ ही भारत में गुरु शिष्य की अनूठी परंपरा को कायम करने का संकल्प लेते हैं।
गुरु-शिष्य का रिश्ता बेहद पवित्र एवं अनूठा रिश्ता होता है, जिसमें एक शिक्षक निस्वार्थ भाव से अपने शिष्यों को पढ़ाता है, और एक अभिभावक की तरह अपने छात्र की सफल जीवन की कामना करताहै, हालांकि, वर्तमान में गुरु-शिष्य का रिश्ता महज औपचारिक बन गया है एवं शिक्षक व्यवसाय महज सिर्फ एक पेशा बन चुका है।
जिसमें तमाम शिक्षक, पैसों के लालच में छात्र के भविष्य को अंधकार में डाल रहे हैं, जिसकी वजह से यह रिश्ता तार-तार हो रहा है, और शिक्षक-शिष्य के रिश्ते की गरिमा घट रही है।
वहीं छात्रों और शिक्षकों दोनों का ही फर्ज है कि वे इस रिश्ते के महत्व को समझें एवं गुरु-शिष्य की परंपरा को कायम रखने में अपनी भागीदारी निभाएं।
शिक्षक दिवस, शिक्षकों को अपने दायित्व को याद दिलवाने एवं छात्रों को अपने गुरुओं के सम्मान की याद दिलवाता है। इसलिए, शिक्षक दिवस गुरु-शिष्य दोनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
शिक्षक दिवस पर निबंध – Paragraph On Teachers Day
गुरु के बिना मनुष्य को ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती है। शिक्षक, मनुष्य के जीवन का मुख्य आधार होते हैं। शिक्षक का हर किसी के जीवन में बेहद महत्व है। एक शिक्षक, न सिर्फ छात्र का सही मार्गदर्शन कर उनके जीवन को सफल बनाते हैं, बल्कि एक सभ्य एवं शिक्षित समाज के निर्माण में भी मद्द करते हैं।
इसके साथ ही विकसित राष्ट्र के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। इसलिए शिक्षकों के सम्मान में हर साल 5 सितंबर को भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के मौके पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
शिक्षक, शिष्य एवं ईश्वर के बीच एक सेतु का काम करते हैं। इसलिए शिक्षक को भगवान से भी ऊंचा दर्जा दिया गया हैं, वहीं महान संत कबीर दास ने भी अपने इस दोहे के माध्यम से गुरु की महिमा बताई है –
“गुरु गोबिंद दोऊ खड़े, का के लागूं पाय। बलिहारी गुरु आपणे, गोबिंद दियो मिलाय।।”
शिक्षक दिवस 5 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है? – Why Teachers Day Celebrated On 5th September
स्वतंत्र भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति, पूर्व राष्ट्रपति एवं महान शिक्षक डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु में हुआ था। उन्होंने न सिर्फ अपने जीवन का ज्यादातर समय अध्यापन के कार्य में व्यतीत किया बल्कि समाज के लोगों को शिक्षकों महत्व बताया एवं राष्ट्रनिर्माण में शिक्षकों के योगदान के बारे में जागरूक करने में अपनी महत्पूर्ण भूमिका निभाई।
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी एक महान राजनेता होने के साथ-साथ एक अच्छे शिक्षक भी थे। 1962 में देश के राष्ट्रपति के पद पर सुशोभित होने से पहले उन्होंने अपने जीवन के करीब 40 साल शिक्षक के तौर पर काम किया था, वे समस्त संसार को एक ही स्कूल मानते थे।
उन्होंने, अपने महान विचारों से लोगों को शिक्षकों के महत्व को बताया था, साथ ही शिक्षक की राष्ट्र निर्माण एवं समाज के उत्थान में भूमिका का भी बखान किया था।
डॉ. राधाकृष्णन ने 1962 से 1967 में जब देश के राष्ट्रपति के पद का कार्यभार संभाला था, तब लोगों ने 5 सितंबर को उनके जन्मदिवस को उनके सम्मान में ‘राधाकृष्णन दिवस’ के तौर पर मनाने का फैसला लिया था, लेकिन उन्होंने अपनी जयंती को ‘राधाकृष्णन दिवस’ के तौर पर नहीं बल्कि शिक्षकों के सम्मान में शिक्षक दिवस बनाने का अनुरोध किया था। तभी से इसे शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है।
वह हमारे देश के ऐसे पहले राष्ट्रपति थे, जिन्होंने शिक्षकों के हित के बारे में सोचा और शिक्षकों के महत्व को बताया।
प्रख्यात शिक्षाविद रह चुके डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का मानना था कि एक आदर्श और अच्छा शिक्षक वह होता है जो छात्र को उसके भविष्य में आने वाली चुनौतियों से लड़ने के लिए तैयार करे और उसे सक्षम बनाए।
वहीं उनके विचार लोगों को अपनी तरफ काफी प्रभावित करते थे, एवं वे भी छात्रों के पसंदीदा शिक्षक थे, इसलिए शिक्षक दिवस के दिन डॉ. राधाकृष्णनन जी को याद किया जाता है और उन्हें श्रद्धांजली अर्पित की जाती है।
कौन थे डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन? – Who is Dr Sarvepalli Radhakrishnan
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन न सिर्फ देश के सर्वप्रथम उप-राष्ट्रपति एवं दूसरे राष्ट्रपति थे बल्कि वे एक महान शिक्षक, दार्शनिक, भारतीय संस्कृति के संवाहक और प्रख्यात शिक्षाविद थे, जिनका जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरूतनी गांव में हुआ था और शिक्षकों से उनका बेहद लगाव होने की वजह से उनकी जयंती को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है।
आपको बता दें कि उन्होंने अपने जीवन के करीब 40 साल अध्यापन कार्य किया। उनकी ख्याति एक प्रख्यात और पसंदीदा शिक्षक के रुप में देश के कोने-कोने में फैली थी। वे न सिर्फ देश की नामचीन शिक्षण संस्थानों में लेक्चर देते थे, बल्कि विदेशों में भी उन्हें शिक्षा पर लेक्च र देने के लिए बुलाया जाता था।
राधाकृष्णन जी का मानना था कि एक शिक्षक के बिना मनुष्य कभी अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच सकता एवं उनकी नजरों में एक आदर्श शिक्षक वही होता है, जो कि युवाओं को देश के भविष्य के रुप में तैयार करता है।
देश के विकास में अपना महत्पूर्ण योगदान देने वाले डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को साल 1962 में देश का दूसरा राष्ट्रपति के रुप में नियुक्त किया गया था। वहीं 17 अप्रैल 1975 में लंबे समय तक बीमार रहने के बाद उनका निधन हो गया था, लेकिन आज उनके महान कार्यों की बदौलत उन्हें आज भी याद किया जाता है एवं उनकी जयंती को शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
शिक्षक दिवस का महत्व – Importance of Teachers Day
शिक्षक दिवस को पूरे भारत देश में बेहद हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाया जाता है।शिक्षकों के सम्मान में मनाए जाने वाला यह दिन शिक्षक और शिष्य दोनों के लिए बेहद खास दिन होता है।
इन दिन समाज के विकास में अच्छा काम करने वाले शिक्षकों के योगदान के लिए उन्हें सराहा जाता है एवं उन्हें सम्मानित किया जाता है।
आपको बता दें कि एक आदर्श शिक्षक एक सभ्य समाज के साथ-साथ शिक्षित राष्ट्र का भी निर्माण करता है, एवं युवाओं को देश के भविष्य के लिए तैयार करता है एवं जीवन में आने वाली किसी भी परेशानी का मुकाबला करने के सक्षम बनाता है। इसी वजह से यह दिन शिक्षकों के लिए समर्पित किया गया है।
वहीं यह दिवस न सिर्फ शिक्षकों को छात्र के प्रति अपने दायित्वों की याद दिलवाता है, बल्कि छात्रों के मन में भी अपने गुरुओं के प्रति सम्मान का भाव पैदा करता है।
5 सितंबर को शिक्षकों के सम्मान में मनाए जाने वाले शिक्षक दिवस के मौके पर विद्यालयों एवं शिक्षण संस्थानों में कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किए जाते हैं, एवं इनके माध्यम से आज की युवा पीढ़ी को शिक्षक के महत्व को बताया जाता है।
इसके साथ ही यह दिवस गुरु और शिष्य के रिश्ते को और अधिक मजबूती प्रदान करने में मद्द करता है।
यह दिन समाज के लिए उत्कृष्ट काम करने वाले शिक्षकों का मनोबल भी बढ़ाता है। शिक्षक दिवस के मौके पर हर छात्र को अपने शिक्षकों के सम्मान करने का संकल्प लेना चाहिए क्योंकि गुरु के बिना हम सभी का जीवन अपूर्ण है एवं किसी भी तरह का ज्ञान प्राप्त करना असंभव है, वहीं किसी महान कवि ने सही ही कहा है कि –
“गुरु बिना ज्ञान नहीं और ज्ञान बिना आत्मा नहीं, कर्म, धैर्य, ज्ञान और ध्यान सब गुरु की ही देन है।।”
4 thoughts on “शिक्षक दिवस पर निबंध”
Nice Article Admin Ji on Teachers Day Essay.
Such a great article about teachers day really amazing. Thanks for sharing this with us.
बहुत ही सुंदर, उपयोगी, लाभप्रद लेख लिखा है. इस लेख को लिखने के लिए आपका हृदय से धन्यवाद. शिक्षक दिवस कि शुभकामनाएं.
Apako bhi Shikshak Diwas ki Shubhkamnaye.
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Teachers day essay in hindi शिक्षक दिवस पर निबंध.
Learn Teachers Day Essay in Hindi in 200 and 300 words. शिक्षक दिवस पर निबंध। 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के बच्चों और विद्यार्थियों के लिए शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में। Students today we are going to discuss a very important topic i.e Teachers Day essay in Hindi. Teachers Day essay in Hindi is asked in many exams. The very short essay on Teachers Day in Hindi 250 words and an essay on teachers day in Hindi in more than 300 words. Learn about Teachers Day essay in Hindi and bring better results in our exam.
Teachers Day Essay in Hindi 200 Words – शिक्षक दिवस पर निबंध
विद्यार्थियों के जीवन में शिक्षक का एक विशेष स्थान होता है। शिक्षक हमारी सफलता प्राप्ति के लिये हमें कई प्रकार से मदद करते हैं जैसे हमारे ज्ञान, कौशल के स्तर, विश्वास आदि को बढ़ाते है तथा हमारे जीवन को सही आकार में ढालते हैं। हमारी सफलता के पीछे हमारे शिक्षक का बहुत बड़ा हाथ होता है। जीवन में अच्छा करने के लिये वह हमें हर असंभव कार्य को संभव करने की प्रेरणा देते हैं। इसलिये एक विद्यार्थी के रुप में शिक्षकों के प्रति हमारी भी जिम्मेदारी बनती है कि कम से कम साल में एक बार उन्हें जरुर धन्यवाद देना चाहिए। भारत में ‘शिक्षक दिवस’ प्रति वर्ष 5 सितम्बर को मनाया जाता है। इस दिन भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्मदिवस होता है। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान शिक्षक थे, जिन्होंने अपने जीवन के 40 वर्ष अध्यापन पेशे को दिए हैं।
एक बार कुछ विद्यार्थियों ने 5 सितंबर को उनका जन्मदिन मनाने के लिये उनसे निवेदन किया लेकिन इस पर उन्होंने कहा कि मेरा जन्मदिन मनाने के बजाय आप सभी को शिक्षकों के उनके महान योगदान के लिये सभी शिक्षकों को सम्मान देने के लिये इस दिन को शिक्षक दिवस के रुप में मनाना चाहिये। उनके इस कथन के बाद पूरे भारत भर में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाने लगा। 1962 से हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है। अपने महान कार्यों और देश की लंबे समय तक सेवा करने के बाद 17 अप्रैल 1975 को उनका निधन हो गया।
Teachers Day Essay in Hindi 300 Words – शिक्षक दिवस पर निबंध
शिक्षक अथवा अध्यापक वह व्यक्ति होता है जो दूसरों को पढ़ा लिखा कर शिक्षा देने का काम करता है । भारत देश सदैव से गुरुओं तथा शिक्षकों का देश रहा है और इस बात पर हमे गर्व है क्योंकि दुनिआ भर में हमारे देश के शिक्षकों ने उच्च स्थान प्राप्त करके सबको भारत की ताकत का आभास कराया है । भारत देश में शिक्षकों, अध्यापकों और गुरुओं का मान सम्मान हमेशा से बहुत अधिक रहा है । पहले अध्यापकों को माता पिता के समान पूजा जाता था पर आजकल स्थिति कुछ बदल गई है, आजकल भारत में भी संसार के अन्य देशों के समान शिक्षा का लेना देना एक प्रकार का व्यवसाय बन कर रहे गया है । यह स्थिति कोई सराहनीय तो नहीं है ।
शिक्षक के महत्व को समझा जाए; शिक्षक श्री शिक्षा देने को व्यवसाय ना मानकर उसे एक पवित्र कार्य या कर्तव्य समझे, शिक्षक का खोया सम्मान उसे फिर से प्राप्त हो जाए या उसे यह सामान दिलाया जा सके – यही भावना रही है शिक्षक दिवस को मनाने के पीछे । शिक्षक दिवस मनाने का संबंध जोड़ा गया देश के राष्ट्रपति रहे महामहिम सर्वपल्ली डॉक्टर राधाकृष्णन के जन्म दिवस के साथ, जिनका जन्म 5 सितंबर 1988 को हुआ था, अर्थात तभी से यह दिवस प्रतिवर्ष 5 सितंबर को मनाया जाने लगा । इसके पीछे कारण था उसका आदर्श अध्यापकत्व ।
शिक्षक दिवस के दिन सभी विद्यालयों में सभाएं होती हैं । बच्चों को अध्यापकों के मान सम्मान से संबंधित प्रेरणा दी जाती है। कई विद्यालयों में तो इस दिन विद्यार्थियों को ही अध्यापक का कार्य सौंपा जाता है ताकि उन्हें अध्यापक के कार्य के महत्व का आभास हो सके ।
कई बार प्रांतीय एव राष्ट्रीय सम्मेलन भी आयोजित किए जाते हैं । इस दिन प्रांतीय एव राष्ट्रीय स्तर पर उच्च आदर्श स्थापित करने वाले अध्यापकों को पुरस्कृत भी किया जाता है । अब तो अध्यापकों के चुनाव में राजनीति का समावेश होने लगा है । यह निंदा का विषय है । इस दिवस के मनाने का मूल उद्देश्य है कि राष्ट्र के निर्माता कहे जाने वाले शिक्षक को उचित सम्मान दिया जाना । यदि हम सच्चे मन से सादगी और राजनैतिक निरपेक्षता से इस दिवस को मनाए तो हम भारत के परंपरागत गुरु-शिष्य परम्परा को सब तरह से पुनर्जीवित कर सकते हैं ।
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Home » Essay Hindi » शिक्षक पर निबंध हिंदी में | Essay On Teacher In Hindi
शिक्षक पर निबंध हिंदी में | Essay On Teacher In Hindi
इस लेख Essay On Teacher In Hindi Language में शिक्षक पर निबंध हिंदी लेखन के जरिये शिक्षक या गुरु के महत्व (Importance Of Teacher In Hindi) पर प्रकाश डाला गया है। विद्यार्थी जीवन के सर्वांगीण विकास में मुख्य भूमिका शिक्षक की होती है। एक अच्छा शिक्षक बच्चों को बेहतर भविष्य देता है। विद्यालय प्रांगण में शिक्षा का प्रसार शिक्षक करता है।
भारत देश में शिक्षक को गुरु की उपाधि दी गई है। शिक्षक का महत्व पर निबंध (Essay On Importance Of Teacher In Hindi For Class 6, 7, 8, 9, 10) में शिक्षक की राष्ट्र निर्माण में भूमिका, महत्व और एक अच्छे शिक्षक की विशेषता पर प्रकाश डालेंगे।
गुरु गोविंद दोऊ खड़े, का के लागू पाय। बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो मिलाये। – कबीर
शिक्षक पर निबंध – Essay On Teacher In Hindi
Essay On Teacher In Hindi – शिक्षक वर्तमान पर कार्य करके भविष्य का निर्माण करता है। बच्चे देश का भविष्य होते है और शिक्षक इन्हें ही तैयार करता है। प्रत्येक मनुष्य का जीवन बिना शिक्षक के अधूरा है। बच्चे की पहली शिक्षक उसकी माँ होती है। यही से उसे अच्छे और बुरे की पहचान होती है।
विद्यालय में प्रवेश के बाद शिक्षक ही बच्चे के भविष्य के लिए जिम्मेदार होता है। बच्चे का मानसिक और बौद्धिक विकास शिक्षक ही करता है। शिक्षक के उचित मार्गदर्शन में बच्चे का सर्वांगीण विकास होता है। हिन्दू शास्त्रों में शिक्षक को भगवान का दर्जा दिया गया है।
“ज्ञानार्थ प्रवेश और सेवार्थ प्रस्थान” का मूल मंत्र किसी भी विद्यालय का अनिवार्य योग है। बच्चे का दूसरा घर विद्यालय होता है जहां पर शिक्षक उसके पेरेंट्स की भांति ध्यान रखते है। बच्चों में अच्छे संस्कार के लिए केवल माता पिता ही जिम्मेदार नही होते है। शिक्षक भी उतने ही संस्कारों के लिए जिम्मेदार है। गुरु की तुलना एक कुम्हार से की गई है जो गीली मिट्टी रूपी विद्यार्थी को घड़े रूपी ज्ञान का आकार देता है।
गुरु के पास ज्ञान का भंडार होता है। विद्यार्थी जीवन को सफल बनाने के लिए शिक्षक अपना सम्पूर्ण ज्ञान लगा देता है। ज्ञान बांटने से बढ़ता है और टीचर यही करता है। विद्यालय में हर एक विषय का अध्यापक होता है जो विशेष विषय का अध्यापन करता है। गणित, अंग्रेजी, हिंदी, विज्ञान जैसे कई विषयों के अध्यापक विद्यालय में होते है। इनमें से किसी भी विषय का अध्यापक उस विषय का विद्वान होता है।
शिक्षक का महत्व – Importance Of Teacher In Hindi
शिक्षक पर निबंध Essay On Teacher In Hindi – विद्यार्थी को पढ़ाई कराना शिक्षक का कर्तव्य होता है। टीचर अपने इस कर्तव्य का निर्वाह ईमानदारी से करता है। शिक्षक को राष्ट्र निर्माता भी कहा जाता है। श्रेस्ठ व्यवहार और नैतिकता का पाठ विद्यार्थी अपने शिक्षक से ही सीखता है। विद्यार्थी के गुणों की पहचान टीचर को ही होती है।
उत्तम शिक्षक से उत्तम गुण प्राप्त होते है। आगे चलकर भविष्य में डॉक्टर, इंजीनियर इत्यादि शिक्षक ही तैयार करता है। एक गुरु, शिक्षक या अध्यापक आगे की एक पूरी पीढ़ी तैयार करते है। शिक्षक का एकमात्र लक्ष्य बच्चे के मन रूपी मंदिर में ज्ञान का दीपक जलाना होता है।
यह जरूरी नही है कि शिक्षक केवल बौद्धिक विकास ही करता है। शिक्षक मनुष्य का शारीरिक विकास भी करता है। सचिन तेंदुलकर, पीटी उषा, साइना नेहवाल जैसे खेलों के बड़े नाम की सफलता के पीछे शिक्षक ही है। बिना शिक्षक के सफलता नही मिलती है।
भारत ने वर्ष 2011 क्रिकेट का वर्ल्डकप जीता था। इस जीत में सारे खिलाड़ियों का योगदान था लेकिन उस वक्त के क्रिकेट कोच गैरी कर्स्टन का योगदान भी कम नही है। कार्य का कोई भी क्षेत्र हो खेल, राजनीति, फिल्म्स, बिज़नेस, इंजीनियरिंग, डॉक्टर्स या अध्यापन। इन सारे क्षेत्रों में सफलता के लिए गुरु का होना जरूरी है। बिना किसी गुरु के सफलता प्राप्त करना मुश्किल होता है।
गुरु अनन्त तक जानिए, गुरु की और न छोर। गुरु प्रकाश का पूंज है, निशा बाद का भोर।
अच्छा शिक्षक की विशेषता (Teacher Essay In Hindi)
एक अच्छा शिक्षक कौन है? यह प्रश्न आपके मन में आता होगा। इसका जवाब बिल्कुल आसान है कि अच्छा शिक्षक शिक्षण के प्रति ईमानदार होता है। पूर्ण रूप से समर्पित होकर पढ़ाता है। वो अपने विद्यार्थियों में भेद नही करता है। उसके लिए सारे स्टूडेंट्स एक समान है।
गुरु की नजर में पढ़ाई में अच्छे या बुरे सभी प्रकार के विद्यार्थी समान है। वो उन पर एकसमान ध्यान देता है और सभी विद्यार्थी शिक्षक को प्रिय होते है। एक अच्छे गुरु को धैर्यवान होना जरूरी है। शिक्षक को विद्यार्थी के मित्र की भांति होना चाहिए। एक महान गुरु ही महापुरुष का निर्माण करता है।
भारत में हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक दिवस हमारे भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म के दिन मनाया जाता है। एक अच्छे शिक्षक को डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के समान होना चाहिए। बुरा शिक्षक बुराई को जन्म देता है और अच्छा शिक्षक अच्छाई को जन्म देता है।
आदर्श शिक्षक पर निबंध – Guru Or Shikshak Par Nibandh
हमें गुरु का सम्मान करना चाहिए क्योंकि वो इसके हकदार है। वर्तमान में विद्यार्थी के मन में शिक्षक के लिए सम्मान कम हुआ है और इसका सबसे बड़ा कारण खुद शिक्षक है। आजकल के ज्यादातर शिक्षक विद्यार्थियों को केवल किताबी ज्ञान देते है और उन्हें व्यवहारशील नही बनाते। अच्छा शिक्षक किताबी ज्ञान के साथ सामाजिक व्यवहारशीलता की शिक्षा भी देता है।
वैसे मित्रो दुनिया में आज भी ऐसे शिक्षक मौजूद है जो शिक्षण कार्य को ईश्वर की भक्ति मानते है। शिक्षक हमें सम्मान और सजा दोनों देते है। विद्यार्थी जीवन में अक्सर गलती होती रहती है। गुरु का काम बच्चे की गलती पहचानकर उसे गलती का अहसास कराना होता है। बेहतर समाज, बेहतर देश बनाने में शिक्षक की भूमिका अहम है। शिक्षक अज्ञानता रूपी अंधकार को दूर करके ज्ञान रूपी प्रकाश को विद्यार्थी जीवन में उतारता है।
इस पोस्ट Essay On Teacher In Hindi में शिक्षक पर निबंध लेखन (Shikshak Par Nibandh) और शिक्षक का महत्व (Importance Of Teacher In Hindi) पर जानकारी आपको कैसी लगी? “Guru Par Nibandh” आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित होगा, ऐसी हम आशा करते है। यह पोस्ट “Teacher Par Nibandh Hindi Mein” पसंद आयी हो तो इसे फेसबुक और ट्विटर पर शेयर जरूर करे।
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जीवन में शिक्षक का महत्व निबंध
जीवन में शिक्षक का महत्व निबंध hindi essay on importance of teacher in life.
शिक्षक एक व्यक्ति को कुशल नागरिक बनाता है। शिक्षक वह प्रकाश है जो सभी के ज़िन्दगी में रोशनी भर देता है। शिक्षक एक मोमबत्ती रूपी ज्ञान का उजाला है जो लोगों को अँधेरे से निकालकर प्रकाश की ओर ले जाती है। शिक्षक की भूमिका किसी से छिपी नहीं है। शिक्षक अपने शिक्षा के ज़रिये व्यक्ति ,समाज और राष्ट्र का निर्माण करता है। उनकी शिक्षा की वजह से व्यक्ति में आत्मविश्वास का संचार होता है जिसकी वजह से वह अपने ज़िन्दगी में कुछ कर गुजरने की चाहत रखता है। शिक्षक एक खूबसूरत आईने की तरह है जिससे व्यक्ति अपने वजूद की पहचान कर पाता है। शिक्षा वह मज़बूत ताकत है जिससे हम समाज को सकारात्मक बदलाव की ओर ले जा सकते है।
शिक्षक एक सभ्य समाज का निर्माण करता है। एक बच्चे के जीवन में उसके माता -पिता उसके प्रथम शिक्षक होते है। शिक्षा की एहमित सबसे पूर्व माता -पिता ही कराते है। उसके पश्चात बच्चा विद्यालय में शिक्षक से रुबरुं होते है जो हर विषय संबंधित ज्ञान बच्चों को प्रदान करता है। अगर छात्र मार्ग भटक जाए तो शिक्षक अपने ज्ञान से उसे सही मार्ग पर ले जाता है।
शिक्षक विद्यार्थिओं का मार्ग दर्शक है। ज़िन्दगी के कठिन मोड़ पर जब हम रास्ता भटक जाते है तो कोई न कोई इंसान शिक्षक के रूप में अपनी भूमिका निभाता है। कम उम्र में बच्चे का जीवन गीली मिटटी की तरह होता है। तब शिक्षक एक कुम्हार की तरह उसे शिक्षा रूप हाथों से एक मज़बूत आकार प्रदान करता है।
शिक्षक विद्यार्थिओं को आने वाले बेहतर भविष्य के लिए तैयार करते है। विद्यार्थी के मन में विषय संबंधित और जीवन संबंधित कोई भी दुविधा आये तो शिक्षक उस दुविधा को हल करने में हर मुमकिन कोशिश करता है। शिक्षक की मेहनत की वजह से कोई डॉक्टर ,कोई इंजीनियर ,कोई वकील ,पायलट ,सैनिक इत्यादि बन जाते है। अगर शिक्षक नहीं होंगे तो यह पद पर कोई व्यक्ति कार्यरत नहीं हो पाएंगे । शिक्षक इंसान को अच्छे और बुरे के बीच फर्क करना सिखाते है। वह अधर्म ,घृणा ,ईर्ष्या ,हिंसा इन बुरी आदतों से विद्यार्थिओं को दूर रहना सिखाते है। शिक्षक शिष्टता ,सहनशीलता ,धैर्य से जीवन के संघर्षों से पार करना सिखाते है।
शिक्षक हमे जीवन में अनुशासन का पाठ पढ़ाते है। समय को ठीक तरीके से जो इंसान व्यवसस्थित कर पाए वह ज़िन्दगी में सफलता को छूता है। समय का ज्ञान करना हमे शिक्षक सिखाते है।
इसलिए विद्यार्थी जीवन में टाइम टेबल की बड़ी एहमियत होती है। भविष्य में भी मनुष्य इस सीख को कभी नहीं भूलता है। इससे वह कार्य को समन्वय कर सकता है।शिक्षक एक व्यक्ति में राज्य या कोई भी क्षेत्र का नेतृत्व करने के गुण सिखाती है। शिक्षक द्वारा दी गयी शिक्षा सम्पूर्ण राष्ट्र का निर्माण में सहायक होता है। अध्यापक को हमेशा अपने कर्त्तव्य का पालन करना पड़ता है। उनकी शिक्षा की वजह से एक शिक्षित वर्ग और समाज तैयार होता है। विद्यार्थी बड़े होकर अपने शिक्षक को कभी नहीं भूलते है। शिक्षक और विद्यार्थी का बंधन अटूट होता है। यह बन्धन सम्मान और विश्वास का होता है। विद्यार्थी शिक्षक के पैर छूकर उनका सम्मान करना कदापि नहीं भूलते है।
आजकल के शिक्षण प्रणाली में काफी बदलाव आया है। पहले के समय में अध्यापक श्यामपट का उपयोग करते थे। तब बच्चे शिक्षक से सवाल करने में हिचकिचाते थे लेकिन आज के दौर में परिवर्तन आया है। आज बच्चे जिज्ञासु और उत्सुक है। वह शिक्षकों से सवाल पूछते है जो की एक सकारात्मक बदलाव है। आज अध्यापक पढ़ाने के लिए स्मार्ट बोर्ड का उपयोग करते है। स्मार्ट बोर्ड से पढ़ाई आसान हो गयी है। शिक्षक पढ़ाई संबंधित विषयों को पढ़ाने और समझाने के लिए उन्हें वास्तविक जीवन के उदाहरण के साथ जोड़कर समझाते है ताकि बच्चों को सारे तथ्य अच्छे से समझ आ जाये।
जैसे हमारा सांस लेना आवश्यक है। इसके बैगर हम जी नहीं सकते है। वैसे ही अध्यापक के बिना विद्यार्थी अधूरे है। शिक्षक नहीं होंगे तो वह विद्या प्राप्त करने में असमर्थ हो जाएंगे। पूरे भारत वर्ष में ५ सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। विभिन्न प्रकार के सांस्कृकित कार्यक्रम आयोजित किये जाते है।
सभी बच्चे शिक्षक के सम्मान में कार्ड और फूल देकर अपनी भावनाये प्रकट करते है। जब विद्यार्थी ज़िन्दगी में सफल नागरिक बन जाते है तो सबसे अधिक ख़ुशी शिक्षक को होती है। शिक्षक की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहता जब वर्षो पश्चात भी विद्यार्थी उनके सिखाये हुए चीज़ों को नहीं भूलता है। वर्षो पश्चात भी विद्यार्थी शिक्षक के पैर छूकर उनका सम्मान करना नहीं भूलते है।
शिक्षक ज्ञान का महासागर है। बच्चो के भविष्य को सवारने में शिक्षक का योगदान अतुलनीय है। शिक्षक नहीं तो देश की प्रगति भी नहीं। शिक्षक अपना सारा जीवन में बच्चो के विकास में समर्पित कर देते है। उनका सम्मान विद्यार्थी तह उम्र करेंगे। शिक्षक वह ज्ञान का प्रकाश है जो अन्धकार की राह को चीरकर ज्ञान की रोशनी भर देती है।
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Essay on Teacher Day in Hindi | शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में
शिक्षक को समाज का शिल्पकार भी कहा जाता है। शिक्षक की वजह से हम अच्छे बुरे का ज्ञान हासिल कर पाते है। हमारे जीवन मे माता-पिता के बाद को सच्चा हितैषी है तो वह शिक्षक ही है। Essay on Teacher Day in Hindi में आज हम शिक्षक के महत्व के बारे में जानेंगे।
शिक्षक दिवस में निबंध और शिक्षक दिवस पर भाषण (Speech On Teachers Day In hindi) की तलाश कई Students को रहती है।
तो आज हम आपके लिए Speech और Essay दोनों लेकर आए हैं। Essay on Teacher Day in Hindi को आसान भाषा मे लिखा गया है, ताकि समझने और याद करने में आसानी रहे।
Table of Contents
5 lines On Teachers Day for Kid – शिक्षक दिवस के अवसर पर बच्चों के लिए 5 लाइन.
- 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
- इस दिन विद्यार्थी शिक्षकों के प्रति अपना सम्मान दिखाते हैं।
- विद्यार्थियों के द्वारा गाने, नाटक और नृत्य का आयोजन किया जाता है।
- पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का आज के दिन जन्म हुआ था।
- डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भी एक अध्यापक थे, जिन्होंने 40 वर्षों तक अलग-अलग कॉलेजों में अध्यापन किया है।
Essay on Teacher Day in Hindi – शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में (200 Words)
गुमनामी के अंधेरे में था,पहचान बना दिया दुनिया के गम से मुझे अनजान बना दिया उनकी ऐसी कृपा हुई, गुरु ने मुझे एक अच्छा इंसान बना दिया।
लोग कहते हैं कि तकदीर गढ़ने वाले भगवान होते हैं लेकिन यदि खुली आंखों से भगवान को देखना चाहते हैं तो हमें शिक्षकों को देखना चाहिए क्योंकि हमारी असली तकदीर शिक्षक ही गढ़ते हैं।
गुरु की महिमा का बखान चंद शब्दों में करना बहुत ही मुश्किल है। इनके बारे में जितना भी लिखा जाए और कहा जाए वह सब कम है, क्योंकि आज दुनिया जैसी दिखती हैं उनमें गुरुओं का सबसे अहम योगदान है।
देश के शिक्षकों को समर्पित 5 सितंबर का दिन हमारे देश में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
5 सितंबर एक ऐसा दिन होता है जहाँ पर शिक्षक और एक विद्यार्थी के बीच विषयों से हटकर एक अलग तरह का संवाद होता है।
आमतौर पर विद्यार्थी अपने शिक्षकों से थोड़ा भयभीत रहते हैं लेकिन 5 सितंबर के दिन यह भय खत्म हो जाता है जब शिक्षक भी उनके साथ तरह तरह के कार्यक्रमों में भाग लेते हैं और उन्हें प्रोत्साहित करते हैं।
5 सितंबर के दिन ही हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ना सिर्फ एक बहुत अच्छे राष्ट्रपति थे जिनको हमारा देश हमेशा याद रखता है बल्कि वो एक ऐसे शिक्षक थे जिनकी कक्षा लेने के लिए विद्यार्थी आतुर रहते थे।
इन्हीं के जन्म दिवस के उपलक्ष पर भारत में हमेशा 5 सितंबर के दिन शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
Essay on Teacher Day in Hindi – शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में (500 Words)
Introduction – प्रस्तावना
शिक्षकों का समाज के प्रति जो योगदान है उसके लिए कृतज्ञता जताने के लिए हर देश में शिक्षक दिवस विशेष तौर पर मनाया जाता है।
शिक्षक दिवस मनाने का विचार नया नहीं है बल्कि यह 19वीं शताब्दी से चला आ रहा है। शुरुआती दौर में शिक्षक की किसी विशेष उपलब्धि पर पूरा सम्मान दिया जाता था, लेकिन धीरे-धीरे हर देश ने यह समझा की शिक्षकों का सम्मान किया जाना कितना जरूरी है और फिर दुनिया के हर एक देश ने शिक्षक दिवस मनाना शुरू किया।
भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर के दिन मनाया जाता है। इसी दिन हमारे देश के द्वितीय राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था, जबकि दुनिया के दूसरे देशों में शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर के दिन मनाया जाता है।
Importance of Teachers day – शिक्षक दिवस का महत्व
भारत में हमेशा ही गुरुओं को एक ऊंचा दर्जा दिया गया है और यह बताया गया है कि गुरु का महत्व ईश्वर से भी ज्यादा है। हमारे देश में गुरुओं को बहुत सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है।
गुरुओं के सम्मान के लिए वैसे तो हर दिन हैं लेकिन गुरु पूर्णिमा और शिक्षक दिवस विशेष तौर पर गुरुओं को समर्पित दिन है।
गुरु पूर्णिमा विशेष तौर पर शिक्षकों को समर्पित है साथ ही साथ ऐसे गुरुओं को समर्पित है जो हमारी आध्यात्मिक प्रगति में मदद करते हैं।
गुरु पूर्णिमा का संबंध वेदव्यास से है जो कि महाभारत,वेद, पुराण जैसे ऐतिहासिक लेखों के रचयिता थे। गुरु पूर्णिमा आषाढ़ मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।
वहीं शिक्षक दिवस प्रतिवर्ष 5 सितंबर के दिन मनाया जाता है। इसी दिन हमारे पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था।
उनके राष्ट्रपति बनने के बाद कुछ विद्यार्थियों और मित्रों ने उनका जन्म दिवस मनाने की कोशिश की तब इस मौके पर उन्होंने कहा था कि उन्हें इस बात की बहुत खुशी होगी यदि 5 सितंबर के दिन देश के हर एक शिक्षक को याद किया जाए और उन्हें सम्मानित किया जाए क्योंकि समाज में उनका योगदान बहुत बड़ा है। तभी से 5 सितंबर के दिन शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा है।
International Teachers Day – अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस
विश्व शिक्षक दिवस या अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस प्रतिवर्ष 5 अक्टूबर के दिन मनाया जाता है। 5 अक्टूबर के दिन अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाने की घोषणा 5 अक्टूबर 1966 को पेरिस में हुई थी इसको इसकी घोषणा करने वाला यूनेस्को था।
अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाने के पीछे की मूल भावना यह थी कि शिक्षकों को उचित सम्मान मिले। शिक्षकों का योगदान समाज में बहुत ज्यादा है लेकिन उन्हें इस योगदान के लिए उतना सम्मानित नहीं मिलता था, जितने सम्मान के वह हकदार है।
How do you celebrate Teachers’ Day in India? भारत मे शिक्षक दिवस कैसे मनाते हैं?
शिक्षक दिवस के दिन पढ़ाई से संबंधित कोई कार्य नहीं होते बल्कि उसकी जगह विद्यार्थी अपने शिक्षकों के लिए चित्र बनाते हैं कविताएँ सुनाते हैं और उनके बारे में भाषण देते हैं।
भारत में शिक्षक दिवस को बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है। 5 सितंबर के दिन सभी विद्यार्थी एवं शिक्षक विद्यालय आते हैं, लेकिन इस दिन कोई भी कक्षाएँ नहीं लगती हैं, बल्कि इसकी जगह पर कई सांस्कृतिक एवं रचनात्मक गतिविधियां होती है।
जैसे कई विद्यार्थी चित्रकारी के माध्यम से शिक्षकों के प्रति अपना सम्मान दिखाते हैं, वहीं कुछ भाषण के जरिए शिक्षकों के महत्व का बखान करते हैं। कुछ शिक्षकों के सामने कविता प्रस्तुत कर उनका मनोरंजन करते हैं तो कुछ गाने एवं नृत्य के साथ शिक्षकों का मनोरंजन करते हैं।
विद्यार्थियों के कार्यक्रम खत्म हो जाने के बाद शिक्षक भी अपने विद्यार्थियों को शिक्षक दिवस की प्रस्तुति के लिए उन्हें शाबाशी देते हैं और भाषण के माध्यम से उन्हें अच्छे भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी देते हैं।
Importance Of Teachers in Our Life – शिक्षकों का हमारे जीवन मे महत्व
हमारे जीवन मे शिक्षकों का बहुत ज्यादा है। शिक्षक पृथ्वी पर मौजूद भगवान ही है। ये इतने महत्वपूर्ण है, इसीलिए इन्हें भगवान का दर्जा मिला है।
जब बोलना सीख ही रहे होते हैं, हाथ कलम का बोझ उठाने के लायक मजबूत भी नही हो पाते हैं उस वक़्त एक शिक्षक ही हमारा हाथ पकड़कर पहला अक्षर लिखवाता है।
शिक्षक को भी थकान होती होगी लेकिन फिर भी वह अपना काम पूरी जिम्मेदारी से करते हैं। यदि वो अपने काम मे लापरवाही करने लगें तो बच्चों का बेशकीमती बचपन जिसमें सीखने की शक्ति सबसे ज्यादा होती है, वह बर्बाद चला जाएगा।
इसके बाद जब हम थोड़ा बड़े होते हैं, तो गणित, विज्ञान, इतिहास, भूगोल आदि की पहली समझ हमें शिक्षक ही देते है।
यही से हमें अपनी रुचि पता चलती है। जिस विषय मे रुचि होती है फिर आगे की पढ़ाई उसी विषय मे करते हैं। वहाँ पर भी शिक्षक ही पढ़ाते हैं। इसी शिक्षा के आधार पर ही हमारी नौकरी लगती है।
यानी शिक्षक बचपन मे हमारी उंगली पकड़ते हैं और तब तक नही छोड़ते है जब तक हम कुछ बनकर अपने पैरों पर खड़े नही हो जाते।
Conclusion – उपसंहार
हम सब यह भलीभांति जानते हैं कि शिक्षक हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए खूब मेहनत करते हैं। हालांकि यह उनका पेशा है लेकिन वो सिर्फ इस वजह से काम नही करते बल्कि उनका मकसद होता है अच्छे और योग्य इंसान बनाना। इसलिए आज हम जिस भी मुकाम पर है एक बार पीछे मुड़कर सभी शिक्षकों को दिल से धन्यवाद जरूर कहना चाहिए।
Welcome Speech for Teachers Day – शिक्षक दिवस पर स्वागत भाषण.
आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, उप प्रधानाचार्य महोदय एवं यहां उपस्थित सभी शिक्षकगण और मेरे प्यारे साथियों।
आज हम सब यहाँ शिक्षक दिवस की एक अनुपम बेला को आनंदमय तरीके से मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं।
जैसा कि आपको पता ही है कि आज 5 सितंबर का दिन है और आज के दिन ही हमारे दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था।
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की बहुत तीव्र इच्छा थी कि उनके जन्मदिवस के दिन सिर्फ उन्हें न याद करके बल्कि देश के समस्त शिक्षकों को याद किया जाए। इसी वजह से यह दिन शिक्षक दिवस के रूप में पूरे देश में उत्साह पूर्वक मनाया जाता है।
सच कहूं तो हम बहुत सौभाग्यशाली हैं जो हमें आप जैसे मूल्यवान शिक्षक मिले जो ना सिर्फ हमें विषयों का ज्ञान देते हैं बल्कि नैतिकता और मानवीय मूल्यों की भी पहचान कराते हैं।
आज मैं अपने सभी शिक्षकगण का तहे दिल से आभार व्यक्त करता हूं और चाहता हूं कि वह हमारा मार्गदर्शन इसी तरह से करते रहें और हमारे ऊपर उनका आशीर्वाद हमेशा बना रहे।
आज के इस पावनबेला पर हम विद्यार्थियों ने मिलकर आप सबके लिए कुछ विशेष तैयारियाँ की हैं जैसे किसी ने नृत्य, भाषण तो किसी ने एक अच्छा गीत तैयार किया है। हम सब आज मंच के माध्यम से आप सब के सम्मान में अपनी प्रस्तुति देने के लिए बहुत उत्साहित है।
हमारे शिक्षक कभी हमारे लिए नरम होते हैं तो कभी गर्म होते हैं हमारी नासमझी और गलतियों की हमें सजा भी देते हैं वहीं दूसरी तरफ हमें अच्छी चीजों की सीख भी देते हैं।
हमारे शिक्षक चाहते हैं कि हम अपने जीवन में एक अच्छे मुकाम पर हो। हम बच्चे हैं हो सकता है हम आज इस बात के महत्व नहीं समझ पा रहे हो लेकिन हमें इस बात पर पूरा भरोसा है कि हमारी शिक्षकों के आँख में पल रहा सपना कभी झूठा नहीं हो सकता।
कभी-कभी हम कक्षा में जरूरत से ज्यादा शरारत करने लगते हैं और यह सोचते हैं कि शिक्षकों को इस बारे में पता नहीं चलेगा लेकिन अब जाकर समझ आ रहा है कि यह हमारी सूझबूझ नहीं बल्कि शिक्षकों की सहनशीलता है जिसकी वजह से हमें कक्षा में थोड़ी शरारत करने का मौका मिलता है।
शिक्षक इस बात को भलीभांति समझते हैं कि एक विद्यार्थी को विकास करने के लिए किन-किन चीजों की जरूरत पड़ती है।
तभी तो समाज शिक्षक को एक मूर्तिकार भी कहते हैं जो निर्जीव मूर्ति नहीं बल्कि सजीव मूर्ति की रचना करते हैं और उन्हीं सजीव मूर्ति से समाज का निर्माण होता है।
मुझे आज भी वह दिन याद आता है जब मैं छठवीं कक्षा में था। मैं अपने विद्यालय में नया-नया था। मेरे अंदर कुछ आत्मविश्वास की कमी थी मैं पढ़ने में अच्छा था लेकिन आत्मविश्वास की कमी के चलते अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहा था।
तभी मेरे एक शिक्षक ने इस बात को भांप लिया और मुझे कक्षा में हमेशा आगे बैठने के लिए कहा उन्होंने ना सिर्फ मुझे बैठने के लिए कहा आप बल्कि मेरे लिए एक सीट ही सुनिश्चित कर दी।
कक्षा में सबसे आगे बैठने से मेरे अंदर आत्मविश्वास का जन्म हुआ और मैं खुद पर विश्वास करने लगा फिर उसका परिणाम यह हुआ कि मैं परीक्षा में अव्वल दर्जे से पास हुआ।
यह सिर्फ एक उदाहरण है। ऐसे अनेकों उदाहरण है जो यह बताते हैं कि शिक्षक एक सच्चे पारखी होते हैं। वह इस बात को भलीभांति समझते हैं कि किस विद्यार्थी को किन चीजों की जरूरत है।
फिर वह सब उस विद्यार्थी को उपलब्ध भी कराते हैं। आज के इस पावन अवसर पर मुझे कुछ बोलने का अवसर मिला इसके लिए मैं अपने शिक्षकों का तहे दिल से धन्यवाद व्यक्त करता हूं और एक दो लाइनों के साथ अपने शब्दों को विराम देता हूं कि
गुरु गोविन्द दोऊ खड़े काके लागै पाएं । बलिहारी गुरु आपने गोविन्द दिओ बताए।।
अब मैं आदरणीय प्रधानाचार्य को मंच पर आमंत्रित करना चाहूंगा और वह मंच पर आकर मां सरस्वती के सामने रखे दीपक को प्रज्वलित करके आज के कार्यक्रम की शुरुआत करें।
Teachers Day Speech by Principal – प्रिंसिपल का शिक्षक दिवस पर भाषण
यहां उपस्थित सभी आदरणीय शिक्षकगण एवं मेरे प्यारे बच्चों.
सर्वप्रथम शिक्षक दिवस की इस पावनबेला पर भारत के द्वितीय राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को मैं नमन करता हूं और समाज के प्रति उनके कार्यों के लिए उनके प्रति सम्मान व्यक्त करता हूं।
आज यह देख करके बहुत खुशी हो रही है कि हमारे विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र एवं छात्राएं कितने रचनात्मक कार्य कर सकते हैं। शिक्षक दिवस सिर्फ शिक्षकों के लिए नहीं है बल्कि शिक्षकों से ज्यादा यह छात्र एवं छात्राओं के लिए है, क्योंकि एक शिक्षक उतना ही अच्छा होता है जितने अच्छे उसके छात्र और छात्राएं होती हैं।
शिक्षक की पहचान उसके द्वारा पढ़ाएं गए विद्यार्थियों से ही होती है इसलिए यदि आप लोग अपने जीवन में अच्छा करेंगे तो हमारा सम्मान खुद ही बढ़ जाएगा।
जैसा कि आप सब यह जानते हैं कि शिक्षक दिवस डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के दिन मनाया जाता है, क्योंकि वह एक शिक्षक थे अपने जीवन के आखिरी काल में जब उनसे यह पूछा गया कि आप एक राष्ट्रपति के रूप में याद किया जाना पसंद करेंगे या फिर एक शिक्षक के रूप में तब उन्होंने कहा था कि वह जीवनपर्यंत एक शिक्षक के रूप में याद किए जाना ज्यादा पसंद करेंगे।
बच्चों आप लोगों के भाषण, गायन और आप लोगों ने जो यहां पर कार्यक्रम प्रस्तुत किए हैं वह सब वाकई में सराहनीय है। हम सब मंच पर बैठकर आपके द्वारा किए गए इन सभी कार्यक्रम की प्रशंसा ही कर रहे थे।
बच्चों आप लोगों का रचनात्मक होना बहुत ज्यादा जरूरी है यदि आप लोग रचनात्मक रहेंगे तो भविष्य काफी सुरक्षित रहेगा, क्योंकि रचनात्मक लोगों में अच्छे निर्णय करने की क्षमता होती है।
वह किसी रूढ़िवादी एवं परंपरागत सोच के गुलाम नहीं होते हैं। वह अपने हर एक निर्णय में अच्छे से अच्छा करने की कोशिश करते हैं डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन भी एक ऐसे ही व्यक्तित्व थे।
इसलिए बच्चों आप सब अपनी रचनात्मकता को इसी तरह बरकरार रखिए और जब भी हमारे विद्यालय में कोई भी सांस्कृतिक कार्यक्रम होता है तो उसमें आप सब बढ़-चढ़कर हिस्सा लीजिए क्योंकि किताबों में लिखा हुआ ज्ञान लेना तो जरूरी है ही साथ ही साथ कुछ ज्ञान अनुभव के माध्यम से मिलता है वह सब भी आप लेने की कोशिश करिए।
और हमारा पूरा साथ आप लोगों के साथ है आप सब अपने जीवन में काफी उन्नति हासिल करें एक सफल व्यक्ति बने और समाज और देश का नाम रोशन करें आज के इस पावन बेला पर मैं बस आप सब लोगों के लिए यही दुआ करूंगाऔर अपने इन्हीं शब्दों के साथ में अपने शब्दों को विराम देता हूँ।
Poems On Teachers day in Hindi – हिंदी में शिक्षक दिवस पर कविताएँ
आदर्शों की मिसाल बनकर, बाल जीवन संवारता शिक्षक |
सदाबहार फूल-सा खिलकर, महकता और महकाता शिक्षक ||
नित नए प्रेरक आयाम लेकर हर पल भव्य बनाता शिक्षक |
संचित ज्ञान का धन हमें देकर, खुशियां खूब मनाता शिक्षक ||
पाप व लालच से डरने की, धार्मिक सीख सिखाता शिक्षक |
देश के लिए मर मिटने की, बलिदानी राह दिखाता शिक्षक ||
प्रकाशपुंज का आधार बनकर, कर्तव्य अपना निभाता शिक्षक |
प्रेम सरिता की बनकर धारा, नैया पार लगाता शिक्षक ||
Thank-you Poem For Teachers day in Hindi – हिंदी में शिक्षक दिवस के लिए धन्यवाद कविता
रोज सुबह मिलते है इनसे, क्या हमको करना है ये बतलाते है | ले के तस्वीरें इन्सानों की, सही गलत का भेद हमें ये बतलाते है | कभी ड़ांट तो कभी प्यार से, कितना कुछ हमको ये समझाते है । है भविष्य देश का जिन में , उनका सबका भविष्य ये बनाते है | है रगं कई इस जीवन में, रगों की दुनिया से पहचान, ये करवाते है । खो ना जाये भीड़ में कहीं हम, हम को हम से ही ये मिलवाते है । हार हार के फिर लड़ना ही जीत है सच्ची, ऐसा एहसास ये हमको करवाते है । कोशिश करते रहना हर पल, जीवन का अर्थ हमें ये बतलाते है । देते है नेक मज़िल भी हमें, राह भी बेहत्तर हमे ये दिखलाते है । देते है ज्ञान जीवन का, काम यही सब है इनका, ये शिक्षक कहलाते है, ये शिक्षक कहलाते है ||
Poem On Teacher’s Day – शिक्षक दिवस पर कविता
गुरु बिन ज्ञान नहीं गुरु बिन ज्ञान नहीं रे।अंधकार बस तब तक ही है, जब तक है दिनमान नहीं रे॥ मिले न गुरु का अगर सहारा, मिटे नहीं मन का अंधियारा लक्ष्य नहीं दिखलाई पड़ता, पग आगे रखते मन डरता। हो पाता है पूरा कोई भी अभियान नहीं रे। गुरु बिन ज्ञान नहीं रे॥ जब तक रहती गुरु से दूरी, होती मन की प्यास न पूरी। गुरु मन की पीड़ा हर लेते, दिव्य सरस जीवन कर देते। गुरु बिन जीवन होता ऐसा, जैसे प्राण नहीं, नहीं रे॥ भटकावों की राहें छोड़ें, गुरु चरणों से मन को जोड़ें। गुरु के निर्देशों को मानें, इनको सच्ची सम्पत्ति जानें। धन, बल, साधन, बुद्धि, ज्ञान का, कर अभिमान नहीं रे, गुरु बिन ज्ञान नहीं रे॥ गुरु से जब अनुदान मिलेंगे, अति पावन परिणाम मिलेंगे। टूटेंगे भवबन्धन सारे, खुल जायेंगे, प्रभु के द्वारे। क्या से क्या तुम बन जाओगे, तुमको ध्यान नहीं, नहीं रे॥
Quotes on Teachers Day in Hindi – शिक्षक दिवस पर प्रेरणादायी विचार.
गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः । गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ॥
जो बनाए हमें अच्छा और सच्चा इंसान,दे सही-गलत की पहचान,उन शिक्षकों को कोटि-कोटि प्रणाम।
साक्षर हमें बनाते हैं
जीवन क्या है समझाते हैं
जब गिरते हैं हम हार कर तो साहस वही बढ़ाते हैं
ऐसे महान व्यक्ति ही शिक्षक कहलाते हैं।
गुरु की उर्जा सूर्य-सी, अम्बर-सा विस्तार,
गुरु की गरिमा से बड़ा, नहीं कहीं आकार।
गुरु का सद्सान्निध्य ही,जग में हैं उपहार,
प्रस्तर को क्षण-क्षण गढ़े, मूरत हो तैयार।
गुरु का महत्व कभी न होगा कम,
भले कर ले कितनी भी उन्नति हम,
वैसे तो हैं इंटरनेट पे हर प्रकार का ज्ञान,
पर अच्छे बुरे की नहीं हैं उसे पहचान।
शांति का पढ़ाया पाठ, अज्ञान का मिटाया अंधकार,गुरु ने सिखाया हमें नफरत पर विजय है प्यार!
Gumnami ke andhere me tha, Ek pehchaan bana diya, Duniya ke gum se mujhe, Unhone anjaan bana diya, Unki aisi kripa huyi ke, Guru ji ne mujhe ek achha, Insaan bana diya.
आपके कुछ प्रश्न.
भारत मे शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है?
5 सितंबर को देश मे शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
भारत मे शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है?
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस के दिन उनकी याद में मनाया जाता है।
शिक्षक दिवस के दिन क्या करते हैं?
देश के सभी शिक्षकों को सम्मानित करते हैं।
शिक्षक दिवस 5 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है?
5 सितंबर 1888 को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। उनकी इच्छा थी कि उनका जन्मदिन शिक्षकों को समर्पित हो।
विश्व शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है?
प्रतिवर्ष 5 अक्टूबर के दिन विश्व शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
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Teachers Day Essay in Hindi | शिक्षक दिवस निबंध
टीचर्स डे या शिक्षक दिवस 5 सितंबर को भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के दिन मनाया जाता है. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को मनाया जाता है.
हमारा इतिहास गवाह है की शिक्षक का पद सदियों से सबसे ऊपर रहा है। शिक्षक हर देश की तरक्की की पहली नीव है। एक अच्छा शिक्षक हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब बच्चा पैदा होता है तो उसकी सबसे पहली शिक्षक उसकी मां होती है। चाहे वह मां हो या स्कूल कॉलेज में मिले टीचर यह दोनों ही दुनिया के सबसे बड़े गुरु होते हैं। यह ना केवल हमें शिक्षा देते हैं बल्कि हमारे आने वाले कल को एक सुनहरे मोड़ पर भी ले जाते हैं। हमारे जीवन की हर एक तरक्की का पहला कदम इन से पूछ कर उठाया जाता है, क्योंकि एक शिक्षक कभी भी अपने विद्यार्थी का बुरा नहीं चाहता. वो बस यह चाहते हैं कि वह जीवन में जो भी कदम उठाएं वह उनके लिए अच्छा साबित हो।
एक अच्छे विद्यार्थी की यह निशानी होती है कि वह अपने गुरु के सभी आदेश माने और उन्हें सबसे ज्यादा इज्जत दे। जो इंसान अपने गुरु की इज्जत करना जानता है केवल वही इंसान सफलता में कभी मात नहीं खाता। अपने गुरु से शिक्षा लेना और उस शिक्षा को अच्छी जगह पर उपयोग करना यही होती है एक अच्छे विद्यार्थी की निशानी।
टीचर्स डे के उपलक्ष में हम यहाँ teachers day essay in hindi, shikshak diwas par nibandh (शिक्षक दिवस पर निबंध) लेकर आए हैं जो आप अपना स्कूल का काम पूरा करने या असाइनमेंट के लिए इन निबंधों का इस्तेमाल कर सकते हैं.
Short Essay on Teacher in Hindi | शिक्षक पर निबंध हिंदी में 300 Words
प्रस्तावना | hindi essay on teacher.
एक शिक्षक हमारे समाज का ऐसा कारीगर है जो उसे कण-कण जोड़कर हर रोज अपनी मेहनत से बनाता है। एक शिक्षक समाज को तब तक आकार देता है जब तक वह तरक्की की राह पर ना पहुंच जाए। और हर दिन अपनी उस मेहनत पर गर्व करता है। अपने शिष्य को तरक्की की ऊंचाइयों पर चमकता देखकर जो खुशी एक शिक्षक की आंखों में होती है, वह कई सालों तक की गई उनकी मेहनत के कारण होती है। अकसर विद्यार्थी अपने शिक्षक से डरते जरूर है परंतु हमेशा उनकी इज्जत और सम्मान पूरा करते हैं।
एक अच्छा शिक्षक ना केवल बच्चों को पढ़ाता है बल्कि बच्चों की मनोदशा को भी समझता है और उनसे बातचीत करके उनकी सभी परेशानियों का हल निकलता है। जब कोई बच्चा बिना डरे अपने शिक्षक से अपने दिल की सारी बातें कर सकें, इसका यह मतलब होता है कि उस शिक्षक ने अपने विद्यार्थी का दिल हर तरफ से जीत लिया है। ऐसे शिक्षक बहुत कम मिलते हैं जिनसे बच्चे खुलकर बात कर सकते हैं, परंतु जब हमें ऐसे शिक्षक मिलते हैं तब वह हमारी जिंदगी का सबसे अनमोल हिस्सा कहलाते हैं।
उपसंहार | टीचर्स डे निबंध
एक शिक्षक के ज्ञान और उसकी कला में ऐसी ताकत होती है जिससे वह पूरी दुनिया को बदल सकता है। कहने को तो लोग यह भी कहते हैं कि एक शिक्षक की नौकरी एक आम नौकरी जैसी है परंतु यह बात बहुत कम लोग महसूस कर पाते हैं कि हम सब को सफल बनाने वाला भी एक शिक्षक ही है। चाहे हमारे देश का प्रधानमंत्री हो क्या कोई बहुत अच्छा डॉक्टर हो सभी के सिर पर उनके शिक्षक का हाथ रहा है। आज हम जहां भी खड़े हैं हम केवल अपने शिक्षक के दम पर खड़े हैं।
यह हमेशा याद रखें कि गुरु का महत्व और गुरु का पद जीवन में सबसे ऊपर होता है। सदैव उनका आदर और सत्कार करते रहें तब ईश्वर भी आपकी तरक्की में आपका साथ देंगे।
Hindi Essay on Teacher | शिक्षक पर निबंध 500 Words
प्रस्तावना | teacher per nibandh.
हमारी इस धरती पर ईश्वर का सबसे बड़ा वरदान इस शिक्षक के रूप में धरती पर आया है। एक शिक्षक की वजह से पूरी दुनिया सकारात्मक बनती है और सभी को जीवन में कुछ बनने के लिए प्रेरित करती है। जो सीख एक शिक्षक देता है उसी सीख से दुनिया एक बेहतर रूप लेती जा रही है। शिक्षक नई सोच और नई उमंग का सबसे अच्छा जरिया होता है। सभी के जीवन में अच्छे शिक्षक का होना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना जिंदा रहने के लिए सांसे लेना जरूरी होता है।
शिक्षक हमें अहिंसा के ऊपर शिक्षा और कलम की ताकत को समझाता है। एक अच्छा शिक्षक लोगों को जीने का नजरिया देता है और हर उस रास्ते से अवगत कराता है जो तरक्की की ओर बढ़ता रहे। एक अच्छा शिक्षक कभी भी अपने विद्यार्थी को कोई गलत रास्ते पर चलने की सलाह नहीं देगा, और पूरी कोशिश करता रहेगा कि उनका विद्यार्थी हमेशा सच्चाई और अच्छाई की राह पर चलते हुए मेहनत करता रहे। चाहे कोई भी हो, हर सफल मनुष्य के पीछे उसके शिक्षक का हाथ जरूर होता है। यदि शिक्षक ना हो तो शिक्षा का हर रंग बेरंग हो जाता है।
गुरु केवल आपको शिक्षा नहीं देते बल्कि आपको एक अच्छा इंसान भी बनाते हैं। शिक्षक आपको केवल किताबी ज्ञान नहीं देता, क्योंकि पढ़ाई से बाहर भी एक दुनिया है उसका सामना करना सबको आना चाहिए। शिक्षक हमें दुनिया की सच्चाईयों से अवगत कराते हैं और उस दुनिया में हर बुराई से लड़ने की ताकत और समझ भी देते हैं। एक शिक्षक समाज पर अपनी अच्छाइयों की छाप छोड़ जाता है और अपने विद्यार्थी की जिंदगी को आसमान की हर उस ऊंचाई पर लेकर जाता है, यहां पहुंचने का सपना हम सभी देखते हैं।
शिक्षक का महत्व | Mera Priya Shikshak
एक शिक्षक इतना भरोसेमंद होता है कि जब एक बच्चा बहुत छोटा होता है तो उसकी मां उसकी अध्यापिका के भरोसे उसे स्कूल छोड़कर जाती है। क्योंकि वह जानते हैं कि इसका ख्याल जितना हम अपने घर में रखते हैं उतना ही ख्याल उसकी अध्यापिका स्कूल में रखेगी। केवल एक विद्यार्थी का ही नहीं बल्कि मां बाप को भी उनके शिक्षक से बहुत उम्मीदें होती हैं। अपने बच्चों की तरक्की की डोर मां बाप पूरे भरोसे के साथ उनके शिक्षक के हाथ में दे देते हैं। क्योंकि इतिहास गवाह है कि जब भी किसी शिक्षक ने अपने शिष्य का हाथ थाम कर उसे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है, ऐसा विद्यार्थी कभी असफल नहीं हुआ है।
उपसंहार | Adarsh Shikshak Par Nibandh
शिक्षक ऐसे भी होते हैं जो किसी विद्यार्थी को जिंदगी भर याद रह जाते हैं। यह सच है कि सभी के जीवन में एक बार एक ऐसा शिक्षक जरूर आता है जो उन्हें सिर्फ पढाता नहीं बल्कि दुनिया भी दिखाता है। ऐसे शिक्षक को हम सभी जिंदगी भर याद रखते हैं। जब भी कहीं किसी अच्छे शिक्षक की बात होती है हम सभी के दिमाग में एक ऐसा शिक्षक का नाम जरूर आता है, जिसके बारे में सोच कर हमारी आंखों में चमक और चेहरे पर एक मुस्कान आती है। क्योंकि उनके जैसा शिक्षक दोबारा मिलना बहुत मुश्किल होता है। इसीलिए कहते हैं कि जब तक भी आपके गुरु आपके साथ हैं उन से भरपूर ज्ञान लें और जितना हो सके उतनी अच्छी बातें भी सीखें। गुरु के सुनहरे शब्द आपका जीवन बना सकते हैं।
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प्रस्तावना | paragraph on teachers day in hindi.
शिक्षक चाहे कोई भी हो, कहीं भी हो या किसी भी विषय का हो, यह सभी हमारी तरफ से पूरी इज्जत और सम्मान के हकदार हैं, क्योंकि इन्होंने अपने परिवार और अपनी जरूरतों को किनारे रखकर हमेशा अपने विद्यार्थियों का साथ दिया है। शिक्षक स्वयं को और अपने परिवार को एक बार के लिए चाहे पीछे छोड़ दे परंतु अपने विद्यार्थियों को कभी पीछे नहीं छूटने देते। हर शिक्षक अपने आप से यह वादा करता है कि वह अपने शिष्य की तरक्की के लिए पूरी जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेते हैं, और जहां भी वह डट जाएंगे वहां उनका साथ देने के लिए हमेशा खड़े रहते हैं।
जब कोई विद्यार्थी सफल होता है उसकी सफलता का पूरा श्रेय उसके शिक्षक को जाता है, अपने विद्यार्थी की सफलता देखना एक शिक्षक के लिए उसके जीवन की सबसे बड़ी खुशी कहलाता है। जब कोई विद्यार्थी विजयी नहीं होता तब सबसे ज्यादा दुख उसके शिक्षक को ही होता है, किन्तु एक शिक्षक में ऐसी ताकत होती है कि वह स्वयं तो उठ खड़े होते हैं और अपने विद्यार्थी को भी उठाते हैं। अपने विद्यार्थियों को फिर से आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं और उनकी ताकत बनकर उनके पीछे खड़े रहते हैं। एक अच्छा शिक्षक कभी भी अपने विद्यार्थी को हार मानने की सलाह नहीं देता। निराशा चाहे हजार बार ही क्यों ना सामने आए परंतु एक शिक्षक उस निराशा को हटाने के लिए लाखों बार मेहनत करने को भी डटकर तैयार खड़े रहते हैं।
स्वयं को खुशनसीब समझिए यदि आपके जीवन में भी कोई ऐसा शिक्षक है जिन्होंने आपके जीवन की दशा पूरी तरह से बदल कर रख दी। अच्छे शिक्षक हमें पढ़ाने के लिए जो भी चीजें लगती है उनके लिए हमेशा तैयार खड़े रहते हैं, और हमें सिखाई जाने वाली चीजें तब तक हमें सिखाते हैं जब तक हम उन्हें अच्छे से समझ नहीं जाते। कभी कभी तो ऐसा लगता है कि जैसे गुरु में कोई दिव्य शक्तियां हैं, ना ही वो कभी थकते हैं और ना ही कभी हार मानते हैं।
महत्व | Teachers Day Essay in Hindi
अगर कभी आपको ऐसा लगता है कि आपका शिक्षक आपको बहुत ज्यादा काम देता है या आपको कठिनाइयों से गुजरने के लिए कहते हैं। अपने शिक्षक की ऐसी बातों का कभी बुरा ना माने क्योंकि आपको ऐसी परिस्थिति में डालकर आपका शिक्षक केवल आपको हर चुनौती के लिए तैयार करना चाहता है। चुनौतियों से लड़ने के लिए जो शक्ति चाहिए होती है उसके लिए आपका शिक्षक आपको कठिन स्थिति में डाल देता है। उनके दिए गए हर काम भी इज्जत करें और उसे पूरा करें।
एक विद्यार्थी की मदद करने के लिए शिक्षक किसी भी हद तक चले जाते हैं। केवल कक्षा के अंदर ही नहीं बल्कि आपको जीवन का ज्ञान भी देते हैं। दुनिया में जीना सिखाते हैं और किस तरह आगे बढ़ना है उन सभी रास्तों से आपको परिचित करवाते हैं। शिक्षक एक सीढ़ी है जिस पर आप अंधा भरोसा कर सकते हैं, क्योंकि कोई भी शिक्षक कभी अपने विद्यार्थी का बुरा नहीं चाहते, अपने हर एक विद्यार्थी को तरक्की करते हुए देखना उनका परम सपना होता है।
एक अध्यापक होना दुनिया का सबसे मुश्किल काम होता है। एक अच्छा गुरु इस बात का उदाहरण है कि किस तरह आप एक जूनून रखने वाले व्यक्ति बन सकते हैं। इतिहास गवाह है कि एक अच्छे गुरु की इज्जत एक विद्यार्थी किस तरह करता है। गुरु का दर्जा इतना ऊपर होता है कि एक विद्यार्थी अपने गुरु के लिए कुछ भी कर सकता है। भारत के इतिहास में यह बात लिखी गई है कि एकलव्य ने द्रोणाचार्य से यह वादा किया था कि वह गुरुदक्षिणा में जो भी मांगेंगे एकलव्य उन्हें वह अवश्य देगा।
गुरुदक्षिणा लेने का समय आया तब द्रोणाचार्य ने एकलव्य से ऐसा कहा कि वह अपना दाएं हाथ का अंगूठा काटकर उन्हें दे दे। एकलव्य के दिल में अपने गुरु के लिए इतना इज्जत और सम्मान भरा था कि उन्होंने हंसते-हंसते अपना एक अंगूठा काटकर द्रोणाचार्य के लिए गुरु दक्षिणा के रूप में दे दिया। एकलव्य और द्रोणाचार्य यह दोनों ही एक अच्छे शिक्षक और एक अच्छे शिष्य के बहुत बड़े उदाहरण है। अपने गुरु की इज्जत और आदेश का पालन करने की कला आपको किसी-से सीखनी है तो उसका सबसे अच्छा और बड़ा उदाहरण एकलव्य का है।
उपसंहार | Hindi Essay on Teacher
आप अपना गुरु चाहे किसी को भी मानते हों, फिर चाहे वह आप को जन्म देने वाली आपकी मां हो, विद्यालय में मिली आप की अध्यापिका यह दोनों ही साक्षात शिक्षक के रूप में भगवान का रूप होते हैं। माना की सफलता के लिए कड़ी मेहनत और लगन बहुत जरूरी होती है, परन्तु इन दोनों चीजों के साथ-साथ अपने गुरु का आशीर्वाद भी बहुत जरूरी होता है। उस आशीर्वाद से भी बढ़कर यह जरूरी है कि जब तक आप अपने गुरु की शरण में हैं और उसके बाद भी कभी अपने गुरु की इज्जत करना ना भूलें। एक गुरु ही तो है जिन्होंने आपको इस लायक बनाया कि आज आप सफलता की सीढ़ियों पर खड़े हैं। हमेशा अपने गुरु के आभारी रहें।
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Editorial Team
One response.
निबंध आर्टिकल पढ़कर मुझे मेरे बचपन की याद आ गया। काश उस टाइम में इंटरनेट का दौर होता तो हमें इतना मुसीबतों का सामना नहीं पड़ता और हम आसानी से निबंध लिखकर हमारी टीचर को दिखा देते हैं।
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Teacher’s Day Essay in Hindi
यहां हम आपको “Teacher’s Day Essay in Hindi” उपलब्ध करा रहे हैं. इस निबंध/ स्पीच को अपने स्कूल या कॉलेज के लिए या अपने किसी प्रोजेक्ट के लिए उपयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही यदि आपको किसी प्रतियोगिता के लिए भी Essay on Teacher’s Day in Hindi तैयार करना है तो आपको यह आर्टिकल पूरा बिल्कुल ध्यान से पढ़ना चाहिए.
Teachers Day Essay in Hindi 100 Words
हर साल 5 सितंबर के दिन शिक्षक दिवस (Teachers Day) मनाया जाता है। इस दिन भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और शिक्षाविद् डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्मदिन होता है। शिक्षक दिवस शिक्षकों के प्रति सम्मान व्यक्त करने और उनका ध्यानवाद करने के लिए मनाया जाता है। टीचर्स डे के दिन सभी स्कूल, कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। कई स्कूलों में छुट्टी होती है इसलिए इसके एक दिन पहले ही यानी 4 सितंबर के दिन ही बहुत से स्कूल, कॉलेजों में टीचर्स डे को मनाया जाता है। हम सभी लोग शिक्षक दिवस के अवसर पर अपने स्कूल में भव्य आयोजन करते हैं और शिक्षकों के लिए ग्रीटिंग कार्ड्स, चॉकलेट और बहुत से उपहार लाते हैं।
शिक्षक दिवस भाषण हिंदी में Teacher’s Day Essay in English Teacher’s Day Speech in English शिक्षक पर 10 लाइन निबंध 10 Lines on Teacher’s Day in English शिक्षक दिवस पर निबंध Dr. Sarvepalli Radhakrishnan Essay
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शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर के दिन मनाया जाता है। इस दिन हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्मदिन होता है। इन्हीं के जन्मदिन के अवसर पर शिक्षक दिवस को मनाया जाता है। किसी भी व्यक्ति के मानसिक और व्यवहारिक विकास के लिए शिक्षक एक बहुत एहम भूमिका निभाते हैं। शिक्षक अपने कर्तव्य का निर्वाह करते हुए बच्चों को शिक्षा, सही मार्गदर्शन और ज्ञान देते हैं। शिक्षा हर व्यक्ति के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण है। इसे जीवन जीने का सबसे आवश्यक साधन भी कहा जा सकता है, और यह साधन हमें अपने शिक्षक और गुरुओं द्वारा प्राप्त होता है।
जो हमारे जीवन के विभिन्न पढ़ावों में अलग-अलग प्रकार से सहायक होता है। शिक्षक बच्चों को पढ़ना-लिखना सिखाते हैं, उन्हें जीवन की सिख देते हैं और अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित भी करते हैं। शिक्षक एक अबोध बच्चे को न केवल पढ़ना-लिखना ही सीखते हैं, बल्कि उनके व्यक्तित्व, कौशल में और चरित्र निर्माण में भी सहायक होते हैं। शिक्षक दिवस के अवसर पर सभी शैक्षणिक संस्थानों, स्कूल, कॉलेजों में शिक्षकों के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। बच्चे इस दिन शिक्षकों के लिए ग्रीटिंग कार्ड, चॉकलेट्स, फूल और उपहार लेकर आते हैं और उनके प्रति अपना प्रेम और सम्मान व्यक्त करते हैं।
Teachers Day Essay in Hindi 300 Words
5 सितंबर को हर साल शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक दिवस को देश के सभी शिक्षकों को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। इस दिन सन 1888 को भारत के महान शिक्षाविद्, दार्शनिक और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्म हुआ था। वे भारत के प्रधानमन्त्री, दार्शनिक, राजनेता और महान शिक्षक रह चुके थे। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्मदिन पर एक बार कुछ विद्यार्थी उनका जन्मदिन मनाने आए थे, तब राधाकृष्णन जी ने 5 सितंबर को केवल अपने जन्मदिन के रूप में मनाए जाने के बजाए उसे शिक्षक दिवस के रूप में मनाए जाने का अनुरोध किया। उनके इस प्रस्ताव के कारण ही सन 1962 से लेकर आज तक हर साल 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
शिक्षक इस देश के निर्माण और विकास में बहुत महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। वे देश की युवा पीढ़ी को शिक्षित करते हैं। एक देश तभी विकास कर सकता है, जब उस देश के युवा शिक्षित और सामर्थ्यशाली हो। जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए एक व्यक्ति में शिक्षा, अच्छा चरित्र, अनुशासन, शिष्टाचार और कौशल होना बहुत जरूरी है। शिक्षक विद्यार्थी में इन सभी गुणों को का निर्माण कर उन्हें जीवन में सफल बनाने के लिए सहायक होते हैं शिक्षकों के प्रति सम्मान एवं आभार प्रकट करने के लिए बच्चे इस दिन अपने शिक्षकों को फूल, ग्रीटिंग कार्ड एवं कई तरह के उपहार देते हैं।
शिक्षक दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के कारण शिक्षक और बच्चों के बीच का संबंध गहरा और मजबूत हो जाता है। आज के दिन स्कूल, कॉलेज, कोचिंग और शिक्षण संस्थानों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस दिन बच्चे अपने टीचर्स के लिए नृत्य प्रस्तुति, गायन प्रतियोगिता और भाषण देते हुए। स्कूलों में इस दिन शिक्षकों को अपने रोज के काम से थोड़ा-सा विराम मिलता है। उनके लिए बच्चों द्वारा कई प्रकार की तैयारियां की जाती है। बच्चों द्वारा शिक्षक दिवस के अवसर पर केक भी काटा जाता है और इस दिन को धूमधाम से मनाया जाता है।
Teachers Day Essay in Hindi 500 Words
हर व्यक्ति के जीवन में शिक्षक का होना बहुत आवश्यक है, जो उसे हर प्रकार की शिक्षा देकर शिक्षित कर सके। सभी के लिए उनका शिक्षक कोई भी व्यक्ति हो सकता है। हमारी संस्कृति में मां को पहला शिक्षक कहा गया है। क्योंकि मां एक बच्चे को जीवन के मूलभूत आचरण, व्यवहार सिखाती है, जो किसी भी इंसान के जीवन में बहुत काम आते हैं। एक मां के बाद बच्चे को सामान्य तौर पर उसके शिक्षक ही शिक्षित करते हैं। जिसके बिना किसी भी व्यक्ति का जीवन अधूरा है। क्योंकि शिक्षा इंसान के जीवन निर्वाह का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, और उसके सहारे ही इंसान का जीवन मजबूती से टीका रहता है।
शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है? (Why we Celebrate Teachers Day)
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की जयंती के दिन हर साल शिक्षक दिवस मनाया जाता है। राधाकृष्णन जी का जन्म 5 सितंबर 1888 में तिरुपति, वर्तमान में आंध्र प्रदेश में हुआ था। वे एक महान दार्शनिक, भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति, प्रसिद्ध शिक्षक और राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने भारत के कई क्षेत्रों में अपना योगदान दिया था। उनके इस योगदान के लिए उन्हें कई पुरुस्कार मिले हैं। उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान पुरुस्कार से भी पुरुस्कृत किया गया है। क्योंकि राधाकृष्णन जी शिक्षकों की महत्वता को जानते हुए ही अपने जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाए जाने के लिए कहा था। इसलिए ही हर साल 5 सितंबर के दिन को शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
शिक्षक दिवस मनाए जाने का इतिहास
शिक्षक दिवस को आज हम सब डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के कारण ही माना पा रहे हैं। राधाकृष्णन जी स्वयं एक शिक्षक थे, इसके साथ ही वे एक विद्वान, राजनेता, भारत के पूर्व राष्ट्रपति भी थे। वे जब राष्ट्रपति के पद पर थे तब 5 सितंबर 1962 के दिन उनके पास कुछ विद्यार्थियों ने आकर उनका जन्मदिन मनाने का आग्रह किया। तब राधाकृष्णन जी ने 5 सितंबर का दिन केवल अपने जन्मदिन के रुप में न मनाकर शिक्षक दिवस के रूप में अध्यापन पेशे के प्रति उनके समर्पण के रूप में मनाए जाने को कहा था। उस दिन के बाद से लेकर आज तक हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
शिक्षक देश की पीढ़ी को शिक्षित करने, साक्षर समाज और देश का निर्माण करने में अपना योगदान देते हैं। शिक्षकों के इस कार्य के लिए उन्हें सम्मान देने के लिए शिक्षक दिवस जैसे आयोजन एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ताकि वे अपने कार्य को ऐसे ही करते रहें और इसी प्रकार प्रेरित रहें। हम सभी को शिक्षकों द्वारा दी गई सिख और उनके पाठ को हमेशा याद याद रखना चाहिए व उनकी आज्ञा का पालन चाहिए। इसके साथ ही हम सभी को शिक्षकों के कार्य के लिए उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए एवम सम्मान करना चाहिए, और ऐसे ही शिक्षक दिवस को धूमधाम से मानना चाहिए।
Teachers Day Nibandh
हमारे सभी प्रिय विद्यार्थियों को इस “ Teacher’s Day Essay in Hindi ” जरूर मदद हुई होगी यदि आपको यह Essay on Teacher’s Day in Hindi अच्छा लगा है तो कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह Teacher’s Day Essay in Hindi कैसा लगा? हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा और आपको अगला Essay या Speech कौन से टॉपिक पर चाहिए. इस बारे में भी आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम आपके अनुसार ही अगले टॉपिक पर आपके लिए निबंध ला सकें.
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मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध (My Favourite Teacher Essay in Hindi)
अध्यापक हमारे जीवन में वह व्यक्ति होता है, जो हमें अच्छी शिक्षा के साथ बहुत सी अन्य महत्वपूर्ण चीजों को सिखाता है। एक अध्यापक अपने विद्यार्थियों के लिए बहुत अधिक मायने रखता है। वह हमारे जीवन में विकास की प्रारम्भिक अवस्था से हमारे परिपक्व होने तक बहुत अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वह हमें और हमारे भविष्य को देश के जिम्मेदार नागरिक बनाने की ओर मोड़ देते हैं।
शिक्षक दिवस पर 10 वाक्य | मेरे शिक्षक पर निबंध
मेरे प्रिय शिक्षक पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on My Favourite Teacher in Hindi, Mere Priya Shikshak par Nibandh Hindi mein)
मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध – (250 – 300 शब्द).
रश्मि मैम मेरी सबसे प्रिय अध्यापिका है। वह हमें हिन्दी और कम्प्यूटर पढ़ाती है। उनका व्यक्तित्व एकदम अलग है। वह कक्षा में पढ़ाई के दौरान मनोरंजन के लिए कुछ चुटकुले भी सुनाती है और पढाई की ओर हमारा ध्यान खिंचती है। मैं हिन्दी विषय में बहुत अच्छा नहीं हूँ इसलिए वह हिन्दी भाषा को सुधारने में मेरी बहुत मदद करती है। वह हमेशा कुछ प्रश्नों के उत्तर खोजने और याद करने के लिए देती है और अगले दिन उन्हें पूछती है।
मेरी अध्यापिका की विशिष्टता
वह क्म्प्यूटर के बारे में हमारी अवधारणाओं को अधिक निश्चित और स्पष्ट बनाने के लिए हमें कम्प्यूटर की प्रयोगशाला में ले जाती है। वह पढ़ाते समय बिल्कुल शान्ति पसंद करती है। वह कभी भी अपने कमजोर विद्यार्थी को अपने पढ़ाए हुए पाठ के, समझ न आने पर उसे स्पष्ट किए बिना नहीं छोड़ती है। वह सभी को कक्षा में पढ़ाये गए विषयों को स्पष्ट करती है और हमें उससे संबंधित प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित करती है।
मेरी अध्यापिका के पढ़ाने का तरीका
वह कभी भी अगला पाठ तब तक शुरु नहीं करती, जब तक कि हम पिछले वाले को पूरी तरह से नहीं समझ लेते हैं। उनका स्वभाव बहुत ही प्यारा, और कक्षा के सभी विद्यार्थियों का ध्यान रखने वाला है। उनकी कक्षा के दौरान कोई भी झगड़ा या लड़ाई नहीं करता है। उन्होंने अपनी कक्षा में बैठने के लिए सप्ताहिक आधार पर रोटेशन बनाया हुआ है, ताकि कोई भी विद्यार्थी कमजोर न रहे। मेरे सभी मित्र उन्हें पसंद करते हैं और उनकी कक्षा में नियमित रुप से उपस्थित रहते हैं।
वह अतिरिक्त समय देने के माध्यम से कक्षा के कमजोर विद्यार्थियों की सहायता करती है। वह हमारी पढ़ाई से अलग समस्याओं को भी सुलझाती है। वह हमें पढ़ाई से अलग स्कूल में आयोजित खेलों या अन्य प्रतियोगिताओं में भी भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करती है।
इसे यूट्यूब पर देखें : Essay on My Favourite Teacher in Hindi
निबंध 2 (250 शब्द)
जब मैं कक्षा 3 और 4 में था, उस समय मेरे प्रिय अध्यापक सुनील दत्त थे, जिन्होंने मुझे दो साल तक अंग्रेजी और गणित पढ़ाया था। वह बनारस से थे हालांकि, स्कूल के आसपास के क्षेत्र में रहते थे। उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से पूरी की थी। उनका स्वभाव बहुत ही नम्र और दयालु था। वह कक्षा में छोटे बच्चों को संभालना अच्छे से जानते थे।
उनके पढ़ाने का अद्वितीय ढंग मुझे आज भी याद है। जो कुछ भी उन्होंने मुझे पढ़ाया, वो सबकुछ मुझे आज भी याद है। उन्होंने मेरी गणित अवधारणाओं को स्पष्ट किया। वर्तमान में, मैं कक्षा 5 में पढ़ता हूँ हालांकि उन्हें बहुत याद करता हूँ। जब कभी भी मुझे गणित के कठिन सवालों को हल करने की आवश्यकता पड़ती है, तो मैं उनसे कभी-कभी मिलता भी हूँ। वह अच्छे शरीर, चमकदार आँखे और भूरे बालों के साथ बहुत ही अच्छे लगते हैं। मैं उन्हें अच्छे व्यक्तित्व और नम्र स्वभाव के कारण बहुत अधिक पसंद करता हूँ।
वह हमेशा मुस्कुराते हुए हमारी कक्षा में प्रवेश करते थे और सबसे पहले हमारे स्वास्थ्य के बारे में पूछते थे। जब कभी भी खेल के अध्यापक अनुपस्थित होते थे, तो उन्हें हमेशा खेल के सहायक अध्यापक के रुप में भी नियुक्त किया जाता था। उनका मुस्कुराता हुआ चेहरा है हालांकि, अध्ययन में बहुत ही सख्त है। वह हमेशा उन विद्यार्थियों को सजा देते थे, जो अपना गृह कार्य पूरा नहीं करते थे।
वह शिक्षण की अच्छी तकनीकियों के साथ, दोस्ताना स्वभाव, हास्य, धैर्यवान और आसानी से सभी परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढालने वाले अच्छे अध्यापक थे। मैं उनके आज्ञाकारी विद्यार्थियों में से एक था। कभी-कभी वह हमें कक्षा टेस्ट में और परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने पर चॉकलेट देते थे। वह घर के लिए कभी भी बहुत अधिक गृह कार्य नहीं देते थे। वह बहुत ही उत्साहित और हमें हमेशा पढ़ाई में सबसे अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित करते रहते थे।
निबंध 3 (500 शब्द)
मेरी प्रिय अध्यापिका विज्ञान की शिक्षक है। उनका नाम संजना कौशिक है। वह स्कूल परिसर के पास ही रहती है। वह स्कूल की सबसे अच्छी अध्यापिका है और उन्हें मेरे सभी मित्र बहुत पंसद करते हैं, क्योंकि वह बहुत अच्छा पढ़ाती है। कोई भी उनकी कक्षा में ऊबता नहीं है, क्योंकि वह पढ़ाई के दौरान कुछ मनोरंजक बातें भी बताती है। मैं कक्षा में उनके पढ़ाने की रणनीति को बहुत अधिक पसंद करता हूँ।
वह कक्षा में जो भी पाठ अगले दिन पढ़ाने वाली होती है, उसे सभी विद्यार्थियों को घर से पढ़कर आने के लिए कहती है। वह कक्षा में उस पाठ को पढ़ाती है और उसे स्पष्ट करने के लिए बहुत से प्रश्न करती है। वह अगले दिन भी उसी पाठ पर सवाल करती है। इस तरह से, हम एक विशेष पाठ के बारे में पूरी तरह से जान लेते हैं। वह तीन या चार पाठ पढ़ाने के बाद में टेस्ट लेती है। वह शिक्षक के पेशे से प्यार करती है और हमें पूरे जोश और उत्साह के साथ पढ़ाती है।
वह हमारे साथ बहुत ही मित्रवत व्यवहार करती है और हमें उनसे कभी भी डर नहीं लगता है। हम बिना किसी डर के कक्षा में या उनके केबिन में उनसे कोई भी प्रश्न पूछते हैं। वह कक्षा में पढ़ाने के दौरान प्रत्येक और सभी विद्यार्थियों की गतिविधियों को देखती है और शरारती बच्चों को दंडित भी करती है। वह हमें हमेशा पढ़ाई पर ध्यान देने और कक्षा में जो भी अध्यापक कुछ कह रहा है उसकी बातों का पालन करने के लिए कहती है।
वह हमेशा कहती है कि, यदि आप अपने जीवन में वास्तव में सफल होना चाहते हो, तो आपको अपने अध्यापक द्वारा बताई गई चीजों का ध्यान रखना चाहिए और उनका जीवन भर पालन करना चाहिए। वह कमजोर और बुद्धिमान बच्चों में कोई भी भेदभाव नहीं करती है। वह कमजोर बच्चों का बहुत अधिक सहयोग करती है और होशियार बच्चों से कमजोर सहपाठियों की मदद करने का अनुरोध करती है। वह हमें बताती है कि, हमें अपनी पढ़ाई और जीवन के उद्देश्य के बारे में गंभीर होना चाहिए।
वह बहुत अधिक प्रोत्साहित करने वाली अध्यापक है, जो न केवल हमें पढ़ाई में प्रोत्साहित करती है, बल्कि पाठ्योत्तर गतिविधियों में भाग लेने के लिए भी प्रेरित करती है। वह विद्यार्थियों को शैक्षणिक स्तर पर या खेल गतिविधियों में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए व्यक्तिगत रुप से प्रोत्साहित करती है। वह कमजोर विद्यार्थियों को अपने घर में मुफ्त ट्यूशन देती है। सभी छात्र विज्ञान विषय में कक्षा टेस्ट और परीक्षा, दोनों में अच्छा प्रदर्शन करते हैं। वह स्कूल की उप-प्रधानाचार्या भी है। इसलिए, वह अपनी सभी जिम्मेदारियों को अच्छे से निभाती है। वह स्कूल परिसर में हरियाली और स्वच्छता की पूरी तरह से देखरेख करती है।
वह कभी भी गंभीर या गुस्से में नहीं लगती है क्योंकि, उनका चेहरा मुस्कुराता हुआ है। वह स्कूल में हमें अपने बच्चों की तरह खुश रखती है। वह स्कूल में किसी भी कार्यक्रम या प्रतियोगिता के आयोजन पर पूरी तरह से ध्यान रखती है। वह सभी विद्यार्थियों से नम्रता से बात करती है और स्कूल में किसी भी परेशानी वाली परिस्थिति को अच्छे से संभालना जानती है।
सम्बंधित जानकारी:
शिक्षक दिवस पर निबंध
शिक्षक पर निबंध
FAQs: Frequently Asked Questions
उत्तर – एक शिक्षक ही है जो छात्र के सफल जीवन के लिए उसका मार्गदर्शन करता है।
उत्तर – छात्र शिक्षक दिवस पर शिक्षकों को उपहार देकर उनके प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं।
उत्तर – शिक्षक एक कुम्हार की तरह होता है जो कच्ची मिट्टी रूपी छात्र के जीवन को आकर देता है।
उत्तर – अपने शिक्षक की बातों को मानकर उनके आदर्शों का पालन करना ही एक छात्र का कर्तव्य होता है।
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Essay on My Teacher (मेरे अध्यापक पर निबंध)
Essay on my teacher ( मेरे अध्यापक पर निबंध ).
Let’s start the Essay on My Teacher.. ..
Outlines of the Essay
- Introduction ( परिचय )
- My Favourite Teacher ( मेरे पसंदीदा शिक्षक )
- Her values ( उनका महत्व )
- My teacher’s best things (मेरे अध्यापक की सबसे अच्छी बातें)
Conclusion of the Essay ( निबंध का निष्कर्ष )
Introduction ( परिचय )
It’s said, there’s no knowledge, no wisdom without your guru . There are books all around the world, we can easily have access to them, but the way and things that a teacher brings closer to our prism of perspective are way too far to compare with anything.
कहा जाता है कि बिना गुरु के किसी ज्ञान, किसी बुद्धिमता का कोई अस्तित्व नहीं होता है। दुनिया भर में हर जगह किताबें उपलब्ध हैं, हम आसानी से उन्हें पा सकते हैं, लेकिन एक अध्यापक जिस तरह से विचारों को हमारे सोचने- समझने के तरीके के सामने रखते हैं, वह अतुलनीय होता है।
Teachers enlighten our minds, closely associated with us remind us of things we could do with our lives, books and potentials. We might read out a thing from the book and completely understand it but that doesn’t suffice the presence of a teacher. We all require someone to guide.
अध्यापक हमारे दिमाग को तेज करते हैं। वे हमारे साथ रहकर हमें उन लक्ष्यों की याद दिलाते हैं जिन्हें हम अपने जीवन, पुस्तकों और क्षमताओं के सहारे पा सकते हैं। हम पुस्तक से किसी चीज़ को तो पढ़ सकते हैं और इसे पूरी तरह से समझ सकते हैं लेकिन एक अध्यापक की मौजूदगी को पूरा नहीं कर सकते है। हम सभी को किसी न किसी के मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है।
My Favourite Teacher ( मेरे पसंदीदा अध्यापक )
I have various teachers in school, different teachers for every subject. I like all of them, all of them have a different way of teaching, talking, checking our notebooks and dealing with the subject. There are times I’m scared of telling people that I don’t get a few concepts in Mathematics, but I’m glad that I can go up to my teacher of Maths. He’s a nice person and tells me Maths is a tricky subject, but if I get the trick It would become easier.
मेरे स्कूल में कई अध्यापक हैं, विभिन्न विषयों के लिए विभिन्न अध्यापक हैं। मुझे वे सभी पसंद हैं, उन सभी के पढ़ाने, बातचीत करने, हमारी नोटबुक को चेक करने और किसी विषय के बारे में समझाने का एक अलग तरीका है। कई बार मैं लोगों को यह बताने से डरता हूं कि मुझे गणित (मैथ्स) की कुछ अवधारणाएं (कॉन्सेप्ट्स) नहीं आते, लेकिन मुझे खुशी है कि मैं इसके बारे में जानने के लिए अपने मैथ्स के टीचर के पास जा सकता हूँ। वह एक अच्छे इंसान है और मुझे बताते हैं कि मैथ्स एक ट्रिकी विषय है, लेकिन अगर ट्रिक को समझ लिया जाए तो ये आसान लगने लगेगा।
Out of all the teachers, I like my English teacher the most. Her name is Divya. She is a new teacher in our school. She says, she has taught in many other schools of the city as well. She has come across various work cultures, new students, new people, new school buildings etc. She admits that she loves teaching and doesn’t regret to choose this profession, this is the only thing that doesn’t bore her.
सभी अध्यापकों में से, मुझे अपनी इंग्लिश की अध्यापक सबसे अधिक पसंद हैं। उनका नाम दिव्या है। वह हमारे स्कूल के लिए एक नई अध्यापक है, वह कहती हैं कि उन्होंने शहर के कई अन्य स्कूलों में भी पढ़ाया है, उनका विभिन्न प्रकार की संस्कृतियों, नए स्टूडेंस, नए लोग, नए स्कूल बिल्डिंग आदि से मिलना हुआ है।वह स्वीकार करती है कि उन्हें पढ़ाना बहुत पंसद है और इस पेशे को चुनने के लिए पछतावा नहीं करती है, यह एकमात्र ऐसी चीज है जो उन्हें बोर नहीं करती है।
She comes up with new poems even out of our texts and explains them to us in great detail. She has got a great sense of humour. She plays games with us in the free period, she is very friendly and doesn’t let the teacher-student relationship barrier hurt the students.
यहाँ तक कि वह हमारे पाठ्यक्रम के बाहर से भी नई कविताओं को लेकर आती हैं और उन्हें हमें विस्तार से समझाती हैं। उनका सेंस ऑफ ह्यूमर बहुत अच्छा है। वह खाली समय में हमारे साथ गेम खेलती हैं, वह बहुत ही मिलनसार हैं और वह शिक्षक और विधार्थी के बीच की दूरी को बनाकर भी हमें सहज महसूस कराती हैं।
Her Nature ( उनका स्वभाव )
She’s very humble, friendly and interactive and that’s why everyone likes her. She accepts all of us with our imperfections as well, with our grammatical mistakes and spelling errors. She’s very open to new opinions and recommendations.
वह बहुत ही विनम्र, मिलनसार, विचार-विमर्श करने वाली (इंटरैक्टिव) हैं और इसी वजह से हर कोई उन्हें पंसद करता है। वह हमें हमारी सभी कमियों के बावजूद स्वीकार करती हैं, ग्रामर की गलतियाँ हों या फिर स्पेलिंग मिस्टेकस । वह नए विचारों और सुझावों का खुले दिल से स्वागत करती हैं।
She says, she has been an ardent reader since school and encourages us to do the same. She tells us that she wants to study more so that she can engage more in teaching and she could then come up with more diverse and better ideas. She says that Education is the most golden tool of growth and encourages us to learn as much as we can, from all the possible sources possible.
वह कहती हैं कि अपने स्कूल के समय से ही वह एक उत्साही पाठक (पढ़ने वाली) रही हैं और हमें भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। वह हमें बताती हैं कि वह और अधिक पढ़ाई करना चाहती है ताकि टीचिंग के क्षेत्र में और अधिक काम कर सके और फिर ज्यादा विविधता और बेहतर विचारों के साथ पढ़ा सके। वह कहती हैं कि ‘शिक्षा’ विकास के लिए सबसे सुनहरा साधन है और यह हमें सभी मुमकिन स्रोतों (सोर्सज) से जितना संभव हो सके उतना सीखने के लिए प्रोत्साहित करता है।
My Teacher’s best things ( मेरे अध्यापक की सबसे अच्छी बातें )
My Teacher’s best thing is her teaching style, her elegance, her interactivity, her openness to new ideas or thoughts. There are many other great things about her, I’m lucky having found her.
मेरे अध्यापक की सबसे अच्छी चीज है उनके पढ़ाने का तरीका, उनकी शिष्टता, उनके बातचीत करने का तरीका, नई सोच और विचारों के प्रति उनका खुलापन। उसके बारे में कई अन्य अच्छी चीजें हैं, मैं उनका साथ पाकर भाग्यशाली समझता हूँ।
A teacher has very influential energy to pass with his/her students. Students are generally imitative, they imitate what their teachers do, we similarly follow our teachers’ ideas and paths. They’re true path guiders, their role is very crucial to one’s development and becoming one individual.
एक अध्यापक के पास अपने स्टूडेंटस को देने के लिए बहुत प्रभावशाली ऊर्जा होती है। स्टूडेंट सामान्यतः अनुसरण करने वाले होते हैं, उनके अध्यापक जो भी करते हैं वे उसका अनुसरण करते हैं, हम भी बिल्कुल इसी तरह अपने शिक्षक के विचारों और रास्तों पर चलते हैं। वे सच्चे पथ प्रदर्शक होते हैं, उनकी भूमिका हमारे विकास में और हमारे व्यक्तित्व को बनाने में अति महत्वपूर्ण होती है।
I hope, you like this Essay on My Teacher.
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13 thoughts on “Essay on My Teacher (मेरे अध्यापक पर निबंध)”
You are my favorite teacher in my life so far i have never seen a teacher like you in my hole life who is completely devoted to her childern even though i have no met you but i consider you my ideal i have got a lot to learn from your video sir i don’t have word to express thanks to you love you sir Amit Negi From Uttrakhand
Pingback: Essay on Internet (इंटरनेट पर निबंध) 2019 - Study Master
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Pingback: Essay on Mahatma Gandhi in English (महात्मा गांधी पर निबंध) - October 2019
आपका आर्टिकल पढ़कर मुझे बहुत अच्छा लगा. में अक्सर आपके ब्लॉग के न्यू आर्टिकल्स पढ़ती हूं जिससे मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला. आपके सभी आर्टिकल से टॉपिक को पूरी तरह से समझने की पूर्ण क्षमता होती है. आप इसी तरह से हमें अपना ज्ञान देते रहे इसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद.
Dear Shivanee, Thank you so much for your kind words. As well, I personally checked your blogs (essays & history); you are doing a great job. Keep it up. All the best! – Aditya
Thank you for your help ? I am So happy from Work ?……. Again Thank you So much ?
Thank you for your Help…… I am So happy from your Work….!!!!! Your Essay Reminds me of my English Teacher ………. Thank you So much ??
Anushka Chaudhary From Uttar Pradesh, India
very nice essay .. thanks for sharing
This is great for me I am class 8 student
Bhot achcha
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Outlines of the Essay. Introduction (परिचय) My Favourite Teacher (मेरे पसंदीदा शिक्षक) Her values (उनका महत्व) My teacher's best things (मेरे अध्यापक की सबसे अच्छी बातें) Conclusion of the Essay (निबंध का ...