जल संरक्षण पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में | Water Conservation Essay in Hindi (with PDF)

पानी हर जीवित प्राणी के लिए बहुत जरूरी है। जल के बिना जीवन संभव नहीं है और ऐसे में अगर पानी की कमी हो जाए तो धरती में जीवन का संकट पैदा हो सकता है। आज भी बहुत से स्थानों पर लोग पानी की कमी की वजह कई समस्याओं का सामना रहे हैं। इसलिए हम सबकी यह जिम्मेदारी बन जाती है कि हम पानी के महत्व को समझें और उसके संरक्षण में जितना हो सके योगदान दें। यही वजह है कि अकसर विद्यार्थियों को भी जल संरक्षण के ऊपर निबंध लिखने के लिए आता है। 

इसलिए आज के इस आर्टिकल में हम जल संरक्षण पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में लेकर आएं हैं। अगर आप जल संरक्षण पर निबंध अलग-अलग शब्दों में ढूंढ रहे हैं तो हमारे इस पोस्ट को पूरा पढ़ें। आप जल संरक्षण पर निबंध pdf फॉर्मेट में भी डाउनलोड कर सकते हैं जिसकी लिंक निचे दी गयी है।

जल संरक्षण पर निबंध

जल संरक्षण पर निबंध 100 शब्दों में 

पृथ्वी पर सभी लोगों का जीवन और अस्तित्व को बनाए रखने के लिए जल का संरक्षण किया जाना बहुत आवश्यक है। अगर पानी को संरक्षित ना किया जाए तो सभी जीवित प्राणियों के लिए फिर जीवन संभव नहीं होगा। चाहे कोई भी हो हर किसी को पानी की आवश्यकता जीवन भर रहती है। हमारे देश भारत में ही ऐसे बहुत सारे राज्य हैं जहां पर पानी की कमी है जैसे कि राजस्थान। वहां पर आज भी पानी की किल्लत बहुत ज्यादा है और लोगों को पीने का पानी लाने के लिए बहुत ज्यादा लंबी लंबी दूरियां तय करनी पड़ जाती हैं। ऐसे में हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि हम जितना हो सके पानी का कम से कम इस्तेमाल करें और उसे दूषित भी ना करें। 

जल संरक्षण पर निबंध 150 शब्दों में

जल ही जीवन है क्योंकि इसके बिना कोई भी प्राणी जिंदा नहीं रह सकता। परंतु आज दुनिया भर के लोग पानी की कमी की समस्या से जूझ रहे हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है पानी में घातक रसायनों का मिल जाना।‌ इसके अलावा कूड़ा कचरा अपशिष्ट पदार्थ भी पानी को दूषित करने में काफी बड़ी भूमिका निभाते हैं। जब लोग ऐसे दूषित पानी का उपयोग करते हैं तो उसकी वजह से उन्हें कई प्रकार की बीमारियां हो जाती हैं जैसे कि हैजा, टाइफाइड इत्यादि। 

यदि लगातार बढ़ रहे जल प्रदूषण को अगर रोकने का प्रयास ना किया गया तो इसकी वजह से दुनिया भर में पानी की कमी बहुत ज्यादा हो जाएगी। इसलिए जो आने वाली जनरेशन है उसके लिए पानी के स्रोत बिल्कुल भी नहीं रहेंगे जिसके कारण पृथ्वी पर उनका जीवन काफी ज्यादा कठिनाई भरा हो जाएगा। इसलिए हमें चाहिए कि पानी का इस्तेमाल सोच समझ कर करें और उसे प्रदूषित होने से भी बचाएं। 

जल संरक्षण पर निबंध 250 शब्दों में

जल प्रत्येक जीवित प्राणी के जीवन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण और अभिन्न अंग माना जाता है। जितने भी लोग इस पृथ्वी पर रह रहे हैं चाहे वो मनुष्य हो, जानवर हो, पशु पक्षी हो उन सबको जिंदा रहने के लिए पानी की जरूरत होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि दैनिक जीवन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए और उसका सही तरह से संचालन करने के लिए स्वच्छ जल अत्यंत आवश्यक होता है। ‌

जल प्रदूषण के कारण

पानी को दूषित करने वाले एक नहीं बहुत सारे कारण हैं जोकि निम्नलिखित हैं –

  • औद्योगिक कूड़ा जैसे कि शीशा, पारा, क्षार, अम्ल हाइड्रोकार्बन इत्यादि। 
  • जल प्रदूषण के पीछे कूड़ा करकट भी एक बहुत ही महत्वपूर्ण कारण है जैसे कि प्लास्टिक से बना हुआ सामान, खाद्य पदार्थों के पैकेट इत्यादि।
  • रासायनिक उर्वरक और कीटनाशक का इस्तेमाल भी अब पहले से ज्यादा बढ़ गया है जिसके कारण जल प्रदूषण होता है।
  • पानी में जब तेल मिल जाता है तो उसकी वजह से जो जल में रहने वाले प्राणी है उनको बहुत नुकसान होता है। जैसे कि ‌जब समुद्र में परिवहन चलते हैं तो उनमें से तेल रिसता है जो पानी को खराब और दूषित कर देता है। 

जल संरक्षण के तरीके 

जल संरक्षण करने के लिए बहुत से तरीके अपनाए जा सकते हैं जैसे कि –

  • नहाते समय शावर का नहीं बल्कि बाल्टी का इस्तेमाल करें इससे का पानी कम बहता है।
  • कभी भी अपने घर की पानी की टंकी को भूले से भी खुला ना छोड़िए।
  • अगर आप की पानी की टंकी में लीकेज हो जाए तो उसे तुरंत ठीक करवाएं।
  • किसी भी काम को करने के लिए जितना हो सके बाल्टी का इस्तेमाल करें और कोशिश करनी चाहिए कि एक बालटी से ही काम हो जाए।
  • ब्रश करते समय या मुंह धोते समय पानी के नल को बंद करके रखें।

जल संरक्षण पर निबंध 500 शब्दों में

आज जिस प्रकार से पानी दूषित हो रहा है वह एक बहुत ही ज्यादा चिंता का विषय है क्योंकि जल हर इंसान को जीवित रहने के लिए आवश्यक होता है। यदि इस तरफ ध्यान ना दिया गया तो धीरे-धीरे पानी के सभी स्रोत खत्म हो जाएंगे जिसके कारण लोगों को स्वच्छ पानी पीने के लिए उपलब्ध नहीं हो सकेगा। इसलिए सभी मनुष्य को चाहिए कि वह जल संरक्षण के उपायों की तरफ ध्यान दें जिससे कि पानी को सुरक्षित किया जा सके। 

जल संरक्षण क्या है 

जल संरक्षण एक ऐसा तरीका है जिसके माध्यम से जल को संरक्षित करते हैं ताकि आने वाले समय के लिए पानी उपलब्ध हो सके। इसके लिए सबसे अच्छा तरीका है कि पानी का उपयोग एक सीमित मात्रा के अंदर ही करना चाहिए। यदि पानी का इस्तेमाल जरूरत से ज्यादा किया जाएगा तो उसकी वजह से पानी की बहुत ज्यादा कमी हो जाएगी। हमारा देश भारत भी एक ऐसा देश है जहां पर जल की कमी की समस्या बहुत तेजी के साथ बढ़ रही है। जिसके कारण लोगों को स्वच्छ जल पीने के लिए नहीं मिल पा रहा है। यह जरूरी है कि जल को स्टोर करके रखा जाए ताकि भविष्य में उसका इस्तेमाल किया जा सके। 

जल संरक्षण की आवश्यकता 

जल संरक्षण की आवश्यकता इसलिए जरूरी है क्योंकि अगर इसी तेजी के साथ पानी नष्ट किया जाता रहा तो एक दिन पूरी पृथ्वी पर पानी की बहुत ज्यादा किल्लत हो जाएगी। जब पृथ्वी पर पीने लायक पानी नहीं रहेगा तो ऐसे में सभी प्राणियों का जीवन खतरे में पड़ सकता है। ऐसे में अगर जल संरक्षण किया जाए तो उससे पीने लायक पानी आने वाले समय के लिए सुरक्षित करके रखा जा सकता है।

जल संरक्षण के तरीके

हम सभी की यह जिम्मेदारी है कि हम जल प्रदूषण को रोकने प्रयास करें और जल का संरक्षण करें। यह एक बहुत बड़ी विपदा है जिसकी वजह से पृथ्वी का पानी धीरे-धीरे दूषित हो रहा है। लेकिन कुछ उपाय अपनाकर जल को संरक्षित किया जा सकता है जैसे कि –

  • जितनी आवश्यकता हो उतने ही जल का प्रयोग करना चाहिए। बहुत से लोगों की यह आदत होती है कि वह जरूरत से ज्यादा पानी को बहाते हैं जिससे कि पानी की बर्बादी होती है। 
  • जिन लोगों को पानी के महत्व के बारे में जानकारी नहीं है उनमें जागरूकता फैलानी चाहिए ताकि वो जल संरक्षण में अपनी भूमिका अदा कर सकें। 
  • वर्षा के कारण जो पानी पृथ्वी पर आता है उसका संग्रह करना चाहिए क्योंकि वर्षा का जो जल होता है वह शुद्ध होता है। बरसात के पानी को जमा करने के लिए अपने इलाके में तालाब बनवाने चाहिएं।
  • वृक्षों की जो बहुत ज्यादा कटाई हो रही है उसे रोकना चाहिए क्योंकि इसकी वजह से भूमि प्रदूषण बढ़ता है जिसके कारण जो भूगर्भ में जल स्थित है उसमें प्रदूषण फैलता है। 
  • जब स्नान करें या फिर बर्तन साफ करने वाला काम करें तो उस समय कभी भी नल को बहता हुआ नहीं छोड़ें क्योंकि ऐसे पानी बहुत बर्बाद होता है।
  • ऐसे नल जो किसी सार्वजनिक स्थान पर लगे हुए हैं वहां पर अगर पाइप में से पानी लीक होने की समस्या है तो उसे तुरंत ठीक करवाना चाहिए। 

जल संरक्षण पर निबंध PDF

आप इस निबंध की PDF file भी डाउनलोड कर सकते हैं जिसके लिए निचे दिए गये लिंक का उपयोग करें:

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दोस्तों आज के इस पोस्ट में हमने आपको जल संरक्षण पर निबंध के बारे में बताया। हमने अपने इस लेख में जानकारी दी कि आप किस प्रकार से अलग-अलग शब्दों में जल संरक्षण के ऊपर निबंध लिख सकते हैं। हमें पूरी उम्मीद है कि हमारा यह लेख अवश्य अच्छा लगा होगा। यदि पोस्ट अच्छा लगा हो तो इसे उन लोगों के साथ भी जरूर शेयर करें जो जल संरक्षण पर निबंध 100,150,250, 500 शब्दों में (Water Conservation Essay in Hindi) के बारे में जानकारी ढूंढ रहे हैं। 

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जल संरक्षण पर निबंध (Save Water Essay in Hindi) - 100, 200 और 500 शब्दों में निबंध

English Icon

जल संरक्षण पर निबंध: पृथ्वी पर सभी के जीवन के अस्तित्व के लिए पानी आवश्यक है। हम खाना के बिना तो कुछ दिनों तक जिंदा रह सकते हैं, लेकिन पानी के बिना तीन दिन से अधिक जिंदा नहीं रह सकते है। यदि हम जल संरक्षण (Jal Sanrakshan) को प्राथमिकता नहीं देंगे तो हमारे बच्चे और आने वाली पीढ़ी पानी की कमी से पीड़ित रहेगी। यहां जल संरक्षण (Jal Sanrakshan) पर 100, 200 और 500 शब्दों में निबंध दिए गए हैं। हिंदी में पत्र लेखन सीखें ।

100 शब्दों का जल संरक्षण पर निबंध (100 words Water conservation Essay in Hindi)

200 शब्दों का जल संरक्षण पर निबंध (200 words save water essay in hindi), 500 शब्दों का जल संरक्षण पर निबंध (500 words save water essay in hindi).

जल संरक्षण पर निबंध (Save Water Essay in Hindi) - 100, 200 और 500 शब्दों में निबंध

हम जानते हैं कि पृथ्वी का 70% भाग पानी से ढका हुआ है, जिससे अंतरिक्ष से पृथ्वी एक नीले ग्रह के रूप में दिखाई देती है। हालांकि पृथ्वी पर पानी प्रचुर मात्रा में है, लेकिन इसका अधिकांश भाग समुद्र में मौजूद है, जो खारा है। इससे हमें ताजे पानी के लिए महासागरों के अलावा अन्य स्रोतों पर निर्भर रहना पड़ता है। हम मनुष्य अपने अस्तित्व के लिए मुख्य रूप से कुओं के भूजल पर निर्भर हैं, लेकिन जैसे-जैसे जल प्रदूषण बढ़ता जा रहा है, हमारे पास ताजे पानी की कमी होती जा रही है। इस लेख में जल संरक्षण (Jal Sanrakshan) पर कुछ सैंपल निबंध दिए गए हैं, जिसकी सहायता से छात्र जल संरक्षण पर निबंध (Essay on Save Water in hindi) लिख सकेंगे।

महत्वपूर्ण लेख :

  • गणतंत्र दिवस पर भाषण
  • प्रदूषण पर निबंध
  • वायु प्रदूषण पर हिंदी में निबंध

हम सभी यह कहावत जानते हैं कि जल अनमोल है। जल इतना कीमती है कि पृथ्वी पर उपलब्ध कुल जल में से केवल 1% ही पीने योग्य है। एक औसत इंसान को प्रतिदिन लगभग 250- 400 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। इसके अतिरिक्त, हमारा शरीर 70% पानी से बना है, इसलिए प्रतिदिन 2-3 लीटर ताजे पानी की आवश्यकता होती है। आम तौर पर यह कहा जाता है कि एक इंसान बिना पानी के तीन दिन तक जीव‍ित रह सकता है। हालांकि यह किसी किसी के लिए दो दिन से एक सप्‍ताह का हो सकता है। लेकिन आम तौर पर कहा जाता है कि इंसान हवा यानी ऑक्सीजन के बिना तीन मिनट, पानी के बिना 3 दिन और खाने के बिना तीन हफ्ते तक जिंदा रह सकता है।

एक सदी पहले, मनुष्यों की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त जल था, लेकिन जैसे-जैसे आबादी बढ़ी, मांग काफी बढ़ गई, जिससे 25% लोगों के पास ताजे पानी तक पहुंच नहीं रह गई। यदि जल प्रदूषण के साथ-साथ जल के उपयोग की ये प्रवृत्तियाँ जारी रहीं, तो जल्द ही हमारे पास मीठे पानी के भंडार ख़त्म हो सकते हैं, जिससे हर साल लाखों लोगों की मृत्यु हो सकती है।

अन्य लेख पढ़ें-

  • हिंदी दिवस पर कविता
  • दशहरा पर निबंध

जब हमें प्यास लगती है तो हम पानी पीते हैं। हमारी दैनिक गतिविधियों को पूरा करने के लिए हमारे आसपास पर्याप्त पानी हो सकता है। यह जानना दिलचस्प है कि दुनिया की 25% आबादी को पीने का अच्छा पानी उपलब्ध नहीं है और कमजोर अर्थव्यवस्था वाले 6% लोग पानी की कमी के कारण मर जाते हैं। हम जानते हैं कि पृथ्वी मुख्यतः पानी से घिरी हुई है, लेकिन फिर भी, मानव उपयोग के लिए पर्याप्त पानी नहीं है। इसकी वजह यह है कि ये पानी पीने लायक नहीं है। मनुष्य की मांग को पूरा करने के लिए पृथ्वी पर केवल 3% पानी उपलब्ध है।

  • जलवायु परिवर्तन पर हिंदी में निबंध
  • पर्यावरण दिवस पर निबंध
  • विज्ञान के चमत्कार पर निबंध

जल की कमी के कारण

जल की कमी कई कारणों से होती है। कुछ कारण नीचे दिए गए है:

उनमें से एक है हमारे घरों और उद्योगों में पानी का व्यापक उपयोग।

दूसरा, कारखानों द्वारा जल निकायों में डाले गए अनुपचारित पानी के कारण होने वाला जल प्रदूषण हो सकता है। कृषि प्रौद्योगिकियों में बदलाव और उर्वरकों के व्यापक उपयोग ने जल निकायों में प्रवेश कर उन्हें प्रदूषित कर दिया है और उन्हें नियमित उपयोग के लिए अनुपयुक्त बना दिया है।

ग्लोबल वार्मिंग जैसी स्थितियों ने विभिन्न क्षेत्रों में जलवायु परिस्थितियों को बदल दिया है, जिसके परिणामस्वरूप अनियमित वर्षा होती है, जिससे पानी की अनियमित उपलब्धता होती है।

यदि हम जल संरक्षण (Jal Sanrakshan) के लिए जरूरी कदम नहीं उठाएंगे तो पानी की कमी से मानवता खत्म हो सकती है।

  • बाल दिवस पर हिंदी में भाषण
  • हिंदी दिवस पर भाषण
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जल पृथ्वी पर मानव जीवन के हर पहलू के लिए महत्वपूर्ण है। अत: जल का महत्व वायु के समान ही माना जा सकता है। इस परिभाषा में मनुष्य, जानवर और पौधे समान रूप से शामिल हैं।

जल का उपयोग

हर किसी का जीवन स्वच्छ, पीने योग्य पानी पर निर्भर है। परिणामस्वरूप, जल संरक्षण का जीवन बचाने पर निबंध मानव अस्तित्व में पानी द्वारा निभाई जाने वाली कुछ अमूर्त लेकिन महत्वपूर्ण भूमिकाओं पर प्रकाश डालता है।

पृथ्वी पर जीवन के लिए पानी से भी अधिक महत्वपूर्ण वायु है। पानी का उपयोग जलयोजन से कहीं आगे तक फैला हुआ है। इसका अर्थ है बर्तन धोना, कपड़े धोना, सफ़ाई करना आदि। पानी सिर्फ मानव अस्तित्व के लिए आवश्यक नहीं है। यह पौधों और पेड़ों के निरंतर अस्तित्व के लिए भी महत्वपूर्ण है। कृषि और अन्य औद्योगिक क्षेत्र भी इस मूल्यवान धातु पर निर्भर हैं।

जल संरक्षण की आवश्यकता क्यों है?

भूजल संसाधनों की कमी और अपर्याप्त वर्षा के स्तर के कारण दुनिया के कई क्षेत्र अब पानी की गंभीर कमी का सामना कर रहे हैं।

भूजल का अत्यधिक दोहन और प्रदूषण विश्व में विकराल समस्या बन चुकी हैं। इन कारणों से सूखे की स्थिति अपरिहार्य है और कुछ क्षेत्रों में पानी की कमी पहले से ही एक वास्तविकता है।

जनसंख्या की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए भूजल का अत्यधिक उपयोग किया गया है, और शहरीकरण और औद्योगीकरण ने स्थिति को और खराब कर दिया है।

वर्तमान में, पृथ्वी पर पानी की गंभीर कमी ग्लोबल वार्मिंग से संबंधित सबसे गंभीर मुद्दा है। अनुचित पाइपलाइन से बर्बाद होने वाला पानी इस समस्या में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

वर्तमान जल संकट को कम करने के लिए लोगों को जल संरक्षण (Jal Sanrakshan) करना तत्काल आवश्यक है। चूंकि स्वच्छ जल की आपूर्ति मानव आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आवश्यक है, इसलिए उनका मूल्यह्रास लोगों के लिए भारी विनाशकारी घटनाओं का कारण बन सकता है।

यह स्पष्ट है कि भविष्य में हमें पानी की कमी का सामना करना होगा। इसके अलावा, जल संरक्षण (Jal Sanrakshan) के लिए एक तत्काल कार्य योजना की आवश्यकता है ताकि इस महत्वपूर्ण संसाधन को वर्तमान और भविष्य दोनों उपयोगों के लिए संरक्षित किया जा सके।

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जल संरक्षण के लिए की गई पहल

जलभराव को रोकने और नाली के रिसाव की मरम्मत करके, पंजाब सरकार ने जल आपूर्ति को बचाने में मदद की।

छोटे-छोटे तालाब बनाने के सरकार के प्रयास से राजस्थान के लोगों को काफी लाभ हुआ है।

वर्षा के जल को बाद में उपयोग करने तथा संग्रहीत करने के लिए तेलंगाना के ग्रामीण इलाकों में टैंक बनाए गए हैं।

मेरी कहानी | इन सभी से प्रेरणा लेकर मैंने पंचायत सदस्यों की मदद से अपने इलाके में एक अभियान चलाया है। अभियान का उद्देश्य इलाके के विभिन्न घरों का दौरा करना और लोगों को उनके घरों में जल संरक्षण (Jal Sanrakshan) की सलाह देना है। यह उनकी जल उपलब्धता और उपयोग पैटर्न को समझने से संभव हुआ। इसके माध्यम से, हम उन्हें उन विभिन्न बिंदुओं से अवगत कराने में सक्षम हुए है कि कैसे पानी की बर्बादी होती है तथा किस तरह पानी की बर्बादी को रोका जा सकता है। अभियान ने परिवारों को अपने पानी के उपयोग को अनुकूलित करने में मदद की।

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जल के बिना हम विश्व की कल्पना नहीं कर सकते। यह शर्म की बात है कि लोगों ने इस ईश्वरीय उपहार को नजरअंदाज कर दिया है। यदि आप लोगों को जीवित रखना चाहते हैं, तो आपको जल संरक्षण (Jal Sanrakshan) करना होगा। पृथ्वी पर जल सभी के जीवन के अस्तित्व के लिए आवश्यक है। यदि हम जल संरक्षण को प्राथमिकता नहीं देंगे तो हमारे बच्चे और आने वाली पीढ़ी को इसकी कमी का सामना करना होगा।

इन्हें भी देखें :

सीबीएसई क्लास 10वीं सैंपल पेपर

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जल संरक्षण पर निबंध

Essay on Water conservation in Hindi: जल हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा है, इसके बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। जल के बिना यह प्रकृति, जीव-जन्तु, पेड़-पौधे सब अधूरे है। जल को बचाना हमारा कर्तव्य है।

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जल संरक्षण पर निबंध (Water Conservation Essay in Hindi)

हम यहां पर जल संरक्षण पर निबंध हिंदी में (Essay on Water conservation in Hindi) शेयर कर रहे है। इस निबंध में आपको जल संरक्षण से सम्बंधित सभी जानकारी प्राप्त होगी।

यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है। यहाँ पर हम 100, 150, 250, 400, 500, 600 और 800 शब्दों में जल संरक्षण पर निबंध (jal sanrakshan par nibandh) शेयर कर रहे है।

जल संरक्षण पर निबंध 100 शब्दों में

जल सभी के लिए बहुत ही जरूरी होता है, जल के बिना हम सभी का जीवन संभव नहीं है क्योंकि जल ही जीवन है। हमें जल को बर्बाद नहीं करना चाहिए बल्कि उसको बचाना चाहिए। ऐसा करके हम जल संरक्षण में मदद कर सकते हैं।

ऐसा करने के लिए हमें नीचे दिए गए इस एप्स को फॉलो करना होगा, जो निम्न है:

  • अपने घर की पानी टंकी को खुला ना छोड़े।
  • यदि टंकी कहीं से लिंक हो रही है तो उसे बनवा लें या टंकी को बदल दें।
  • व्यर्थ रूप से पानी की बर्बादी को पूरी तरह से रोकना चाहिए जैसे यदि कोई काम एक बाल्टी से हो रहा है तो उसकी अधिक बाल्टी पानी लेने से बचें।
  • कपड़े धोते समय पानी की टंकी को खुला न छोड़ें। जरूरत के हिसाब से ही पानी उपयोग करें।

जल संरक्षण पर निबंध 150 शब्दों में

पृथ्वी पर जीवन बनाएं रखने के लिए मनुष्यों, प्राणियों और पेड़ों के लिए हवा और पानी एक महत्वपूर्ण आधार है। पीने से लेकर कपड़े धोने तक, खाना पकाने से लेकर कई काम करने तक, पानी बहुत जरूरी है। लेकिन आज दुनिया में बहुत से ऐसे देश हैं जो गंभीर जल संकट से जूझ रहे हैं।

जल संकट की इस गंभीर समस्या को हमें हल्के में नहीं लेना चाहिए और हमें जल सरंक्षण के महत्व को समझना चाहिए। हमें जितनी जल्दी हो सके पानी बचाना चाहिए।

हमें जल संरक्षण के लिए भी कुछ पर्याप्त उपाय करने चाहिए। सभी जल रिसावों को ठीक करना चाहिए। हमें किसी भी हालत में जल को प्रदूषित नहीं करना चाहिए।

पानी बचाने के महत्व को बच्चों के दिमाग में सिखाया और पैदा किया जाना चाहिए ताकि वे बड़े होकर समझदारी से और लगातार जल संरक्षण के लिए प्रयास करें।

यदि हर कोई इतना कीमती पानी दैनिक आधार पर बर्बाद कर देगा तो आखिरकार, एक दिन ग्रह पर सभी के लिए जल संसाधनों की कमी पैदा हो जाएगी। पानी के बिना सब कुछ व्यर्थ है और इसलिए हमें स्थानीय पहल से पानी बचाना शुरू करना चाहिए।

jal sanrakshan par nibandh

जल संरक्षण पर निबंध 250 शब्दों में

पृथ्वी के सभी जीवों के लिए जल एक अमृत समान है। जल एक प्राकृतिक अमूल्य संपत्ति है। बिना जल के जीवन असंभव है। जल का व्यर्थ उपयोग हमारे जीवन को संकट में डाल सकता है क्योंकि पृथ्वी पर का सिर्फ 1% पानी ही हमारे लिए उपयोगी है।

बढ़ती जन संख्या और औद्योगिकरण के कारण दुनिया के सभी देशों पर जल संकट की विपदा आ पड़ी है। वर्तमान समय में हमारे आने वाले भविष्य के लिए जल संरक्षण करना बेहद आवश्यक हो गया है।

पानी का व्यर्थ उपयोग ना करना और पानी हो दूषित होने से बचाना, उसे जल संरक्षण कहते है। पानी हमारे जीवन के हर क्षेत्र में जरुरी है। दैनिक कार्य से लेकर, कृषि, कारखाने तक हर जगह पर पानी की आवश्यकता पड़ती है।

लेकिन आज पेड़ों की हो रही अंधाधुन कटाई की वजह और ग्लोबल वार्मिंग के कारण से वर्षा चक्र का संतुलन बिगड़ गया है। जिसके कारण दुनिया के कई देशों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है।

इसलिए हमें आज लोगों के प्रति जल संरक्षण के बारे में जागरूकता लाने का प्रयास करना चाहिए। जल संरक्षण के उपाय के लिए हमें सबसे पहले वर्षा के जल का संग्रह करना होगा, इसलिए देश में ज्यादा से ज्यादा वर्षा जल संचयन के प्रोजेक्ट शुरू करने होंगे।

दैनिक कार्यों में पानी का उपयोग कम करना होगा। विज्ञान की मदद लेकर सागर के खारे पानी को मीठे पानी में बदलकर उसका उपयोग करना होगा। ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने होंगे।

हमें जल संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ने का प्रयास करना चाहिए। जल का मूल्य समझकर उनका व्यर्थ उपयोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि जल से ही जीवन है।

  • जल पर निबंध
  • वर्षा जल संचयन पर निबंध

जल संरक्षण पर निबंध 400 शब्दों में

जल संरक्षण का मतलब होता है कि पीने योग्य पानी का संरक्षण करना ही नहीं बल्कि जल संरक्षण का अर्थ होता है कि वर्षा के जल का भी संरक्षण करना, जल की समस्या के बढ़ने का कारण जलवायु का परिवर्तन होना भी है, जलवायु परिवर्तन होने के कारण से जल की समस्या उत्पन्न हो जाती है, विश्व के लगभग सभी देशों ने जल संरक्षण के लिए अनेकों कार्य किये है।

ऐसे में भारत सरकार भी जल संरक्षण के लिए अनेकों स्थानों पर तालाब, पोखरी तथा नहरों आदि का निर्माण करा रही है, जिससे कि जल संरक्षण में काफी मात्रा में मदद मिल सके।

इस प्रकार हमारे जीवन के लिए भोजन हवा की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार जल की व्यवस्था होती है। इसके बिना जीवन संभव नहीं है तथा सभी जीव जंतु जल के बिना नहीं रह सकते हैं।

जल हमारे जीवन की लगभग सभी कार्य में काम आता है जैसे कि भोजन बनाने में, स्नान करने में, कपड़ों को धोने में, सबसे बड़ा उपयोग जल को पीने में ऐसे में आप तो समझ ही गए होंगे कि जल हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है। ऐसे में आपको जल को व्यर्थ नहीं करना चाहिए।

आप को जितना हो सके, उतना जल को बचाना चाहिए। हम आपको बता दें कि धरती पर जल तो बहुत मात्रा में उपस्थित है। परंतु पीने योग्य जल केवल 1 प्रतिशत जल है बाकी के अन्य जल खारे हैं या तो पहाड़ियों पर बर्फ के रूप में जमे हुए हैं।

ऐसे में यदि हम जल संरक्षण ना करें तो यह हमारे आने वाले भविष्य मैं बहुत बड़ी संकट पैदा कर सकता है। हमें इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि हम जल का दुरुपयोग ना करें।

हमें जल संरक्षण के बारे में सोचना चाहिए। तो चलिए आपको बताते हैं कि आप जल संरक्षण किस किस प्रकार से कर सकते हैं।

जल संरक्षण के निम्नलिखित उपाय है, जिन्हें फॉलो करके आप जल संरक्षण कर सकते हैं।

  • नहाते समय सावर का उपयोग ना करके आपको बाल्टी का उपयोग करना चाहिए, जिससे कि कम पानी खर्च होगा, शावर से नहाते वक्त ज्यादा पानी खर्चा होता है।
  • बर्तन धोते वक्त ज्यादातर लोग नलको खुला छोड़ देते हैं और बर्तन को साफ करते हैं, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए तथा उन्हें बर्तन धुलते समय तब का प्रयोग करना चाहिए।
  • शौचालय को साफ करने के लिए बहुत लोग जरा पानी खर्च करते हैं, वैसा ना करके अपने शौचालय को पोखरे, नहर आदि के जल से भी साफ कर सकते हैं।
  • सिंचाई करते समय आप ट्यूबेल का उपयोग ना करके नारों के जल से सिंचाई कर सकते हैं। गंदे पानी से सिंचाई करके आप जल संरक्षण कर सकते हैं। यदि आपके आसपास नहर या फिर कोई पोखरा नहीं है तो आप ट्यूबेल से ही अपने खेत की सिंचाई करें परंतु सीमित मात्रा में करें, ज्यादा जल व्यर्थ ना करें।

जल संरक्षण पर निबंध 500 शब्दों में

जल जीवित प्राणियों के लिए पहली आवश्यकता है, चाहे मनुष्य हो या जानवर, पक्षी हों या पेड़-पौधे। जीने के लिए भूख और प्यास दो बुनियादी और आवश्यक स्रोत हैं। भोजन के बिना कोई भी व्यक्ति तीन महीने तक जीवित रह सकता है, लेकिन पानी के बिना एक सप्ताह से अधिक जीवित नहीं रह सकता।

पृथ्वी की सतह का 71% हिस्सा पानी से ढका हुआ है और हमारे शरीर में 75% पानी है। लेकिन पृथ्वी की सतह पर का केवल 1% पानी ही पीने लायक है। थॉमस फ़ुलर कहते हैं, “जब तक कुआँ सूख नहीं जाता तब तक हमें पानी की कीमत का पता नहीं चलता।”

एक सर्वेक्षण के अनुसार, आने वाले 30 से 40 वर्षों में पीने और दैनिक जरूरतों के लिए पर्याप्त पानी नहीं बचेगा। पानी ही बारिश लाने के काम आता है क्योंकि सूर्य की गर्मी के कारण ही बादल बनते है जो पृथ्वी पर बारिश बनकर बरसते है।

पानी की कमी अपने साथ सूखे जैसी कई खतरनाक आपदाएँ लेकर आती है। इसलिए जल संरक्षण के विषय में हमें जागरूकता लाने की जरूरत है। पानी बचाना अब वैश्विक मुद्दा बन गया है। हमारे छोटे छोटे प्रयास जल संरक्षण के मुद्दे पर बड़े परिणाम ला सकता है।

पानी को लेकर हर एक व्यक्ति में जागरूकता जरूरी है। लोगों से पानी बचाने के लिए आग्रह करने के लिए हर देश में सरकारों को कुछ सख्त जल-बचत पहल प्रोत्साहन लागू करना चाहिए।

जल का रख-रखाव बहुत जरूरी है। लोगों को वर्षा जल संचयन, छत जल संचयन और पानी का पुन: उपयोग के बारे में माहितगार करना चाहिए।

दैनिक दिनचर्या में कपड़े धोने, नहाने और अन्य उपयोगों के लिए पानी हो सके, उतना कम उपयोग करें। पानी के मीटर लगाने से भी हम पानी का काफी बचाव कर सकते हैं।

जिन गांवों में पानी की भारी कमी है, वहां छोटे-छोटे तालाब बनाने चाहिए, ताकि बरसने वाले पानी को बचाया जा सके। लोगों को वर्षा जल का पुनर्चक्रण करने की तकनीक के बारे में सीखना चाहिए।

किसानों के लिए कोई ऐसी तकनीक या आविष्कार होना चाहिए, जिससे वे पानी बचा सकें और फसलों को बढ़ने के लिए ज्यादा पानी की जरूरत न पड़े। सरकार को सीवेज व्यवस्था में सुधार करना होगा। पेड़-पौधे बादलों और बारिश को आकर्षित करते हैं, इसलिए जितना हो सके इन्हें उगाएं।

जल संरक्षण में जागरूकता लाने के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण आधार है। युवा वर्ग कार्यक्रमों के माध्यम से, नाटक के माध्यम से और नारों के माध्यम से जागरूकता ला सकते हैं।

इंटरनेट और सोशल मीडिया जागरूकता का स्रोत हो सकते हैं। अफ्रीका, राजस्थान जैसे क्षेत्रों में सूखे और भुखमरी के वीडियो और तस्वीरें पोस्ट करने से इसमें मदद मिल सकती है।

पानी एक ऐसी चीज़ है, जिसे आप पैसों से नहीं खरीद सकते। अगर हम इसी तरह पानी को बर्बाद करते रहेंगे, तोतीसरा विश्व युद्ध का कारण निःसंदेहजल ही होगा। पानी की वजह से बहुत से लोग मर रहे हैं।

हमारी सोच से ज्यादा हमारी लापरवाही और नासमझी का परिणाम बुरा होगा। जल जीवन का अमृत है। यह कोई अज्ञानता का विषय नहीं है इसके लिए हम सभी को पुनर्विचार करना होगा।

  • जल ही जीवन है पर निबंध
  • जल का महत्त्व पर निबंध
  • जल प्रदूषण पर निबंध

जल संरक्षण पर निबंध 600 शब्दों में

जल संरक्षण क्या है.

जल संरक्षण एक ऐसा उपाय है, जिसके माध्यम से आने वाले समय के लिए जल को संरक्षित किया जा सकता है। जल संरक्षण का सबसे मुख्य उपाय यह है कि हमें जल का उपयोग एक सीमित मात्रा में करना चाहिए।

आज के समय में जल का उपयोग इतनी ज्यादा मात्रा में किया जा रहा है कि ना चाहते हुए भी जल का अभाव हो रहा है। भारत में बहुत से ऐसे इलाके हैं, जहां पर पानी की समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं अर्थात ऐसे क्षेत्रों में लोगों को पीने तक के लिए भी सीमित मात्रा में पानी मिल रहा है।

ऐसे में यदि जल संरक्षण किया जाए तो आने वाले समय के लिए जल को स्टोर करके रखा जा सकता है और जल संरक्षण के कारण हमारे वायुमंडल को भी बहुत से लाभ मिलते हैं।

वायुमंडलीय क्षेत्रों में जल की एक अहम भूमिका है। यदि जल समाप्त हो जाएगा या प्रदूषित हो जाएगा तो इस धरती पर असंभव हो जाएगा। इन्हीं कारणों की वजह से हर देश की सरकार अपने अपने देश में जल संरक्षण पर कई आंदोलन चला रहे हैं।

जल संरक्षण क्यों जरूरी है?

हमारे देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व भर में जल की समस्याएं काफी तेजी से बढ़ रही हैं। क्योंकि पृथ्वी पर जल्द तेजी से प्रदूषित होता जा रहा है और पीने योग्य जल का अभाव हो रहा है।

जल संरक्षण सबसे ज्यादा जरूरी इसीलिए है ताकि पीने योग्य जल और वायुमंडल को सुरक्षित रखा जा सके।

जल संरक्षण कैसे करें?

जल संरक्षण बहुत ही आसानी से किया जा सकता है, इसके लिए सभी को कुछ नियमों का पालन करना होगा। आइए जानते हैं:

जल प्रदूषण को रोके

हमें जल प्रदूषण को रोककर बड़े ही आसानी से जल का संरक्षण कर सकते हैं। आज के समय में जल प्रदूषण देश के लिए बहुत ही बड़ी विपदा बन गई है और धीरे-धीरे करके हमारे पृथ्वी का सारा जल प्रदूषित हो रहा है।

आज के समय में बहुत सी बड़ी-बड़ी ऐसी कंपनियां स्थापित हो गई है, जिनके निकलने वाले कूड़ा कचरा से नदियों तालाबों इत्यादि का जल प्रदूषित होता जा रहा है।

यदि ऐसी कंपनियों को कुछ नियमों के अंतर्गत बाधित कर दिया जाए कि वे अपने कंपनी से निकलने वाले पूरा कचरा को मिट्टी के अंदर गड्ढे में दबाएंगे तो इससे जल को संरक्षित किया जा सकता है।

आवश्यकता के अनुसार ही जल का उपयोग करें

अक्सर कई बार ऐसा लिखा जाता है कि लोगों को जल की जरूरत थोड़ी सी होगी परंतु वे आवश्यकता से अधिक जल बहाते रहते हैं। यदि जल संरक्षण करना है तो हमें पहले आवश्यकता से अधिक जल का उपयोग नहीं करना है।

इतना ही नहीं हमें इस के उपलक्ष में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक भी करना है कि वह ज्यादा जल न बहाएं। अक्सर ऐसा ग्रामीण इलाकों में और बड़े-बड़े लोगों के घरों में होता है। ग्रामीण इलाकों में लगभग सभी के घरों में हैंडपंप और ट्यूबेल होते हैं अतः लोग जल को यूं ही खुला छोड़ देते हैं।

ऐसे में जल का बहाव काफी तेजी से होने लगता है और जल आवश्यकता ना होने पर भी इधर उधर बहता ही रहता है। हमें सदैव आवश्यकता के अनुसार ही जल का उपयोग करना चाहिए।

आवश्यकता के अनुसार यदि जल का उपयोग किया जाए तो हमारा देश और पूरा विश्व जल संरक्षण के इस असीम योगदान में अपना हाथ बटा पाएगा।

जल को संरक्षित करने के उपाय सोचें

जहां कहीं भी हम जल बहाव को देखें सबसे पहले उसे रोकने का प्रयास करें और फिर ज्यादा से ज्यादा लोगों को उसके प्रति जागरूक करें और उन्हें बताएं कि कैसे हमारे विश्व में जल की कभी हो रही है और जल प्रदूषण भी फैल रहा है।

लोगों को इस विषय में जरूर बताएं कि यदि वे जल का सही उपयोग करेंगे और सीमित मात्रा में उपयोग करेंगे तो आने वाले समय में उनके ही वंशजों को लाभ होगा अन्यथा आप के ही वंशज को नुकसान पहुंचेगा। हमें खुद के साथ-साथ लोगों को भी इतना इच्छुक कर देना है, वह भी जल संरक्षण के प्रति अपने योगदान दे सके।

जल संरक्षण पर निबंध 800 शब्दों में

धरती पर जीवन जीने के लिए 3 चीज़ों का होना बेहद आवश्यक है हवा, पानी और भोजन। किसी एक का ना होना हमारे अस्तित्व के लिए खतरा पैदा कर सकता है।

इन में से जल हमारे लिए अमूल्य है। किसी ने खूब कहा है कि ‘जल है तो जीवन है’। जल एक प्राकृतिक संपत्ति है’। बिना जल के हमारे अस्तित्व के बारे में कल्पना करना भी हम नही सोच सकते।

वैसे तो पृथ्वी पर 70% भाग पानी हैं, लेकिन उनमें से सिर्फ 1% पानी ही हमारे लिए उपयोगी है। इसलिए जल का सही मात्रा में उपयोग करना बेहद आवश्यक है। जल संरक्षण करना भी एक कला है।

पानी का सही तरीके से इस्तेमाल करना और पानी का बचाव करना उसे जल संरक्षण कहते है। जल संरक्षण के लिए हम अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करते है, जिससे हम जल को स्वच्छ और प्रदूषण विहीन संग्रह कर सके।

हमें हमारे दैनिक काम के लिए सुबह से रात तक पानी की जरुरत रहती है। इन में से ज्यादातर पानी हम बिना उपयोग किये व्यर्थ करते है। लेकिन जल संरक्षण का प्रयोग करके हम निश्चित पानी का बचाव कर सकते है।

जल संरक्षण का महत्त्व

पानी की हर एक बूँद-बूँद से हमारा अस्तित्व है। पृथ्वी के सभी छोटे, बड़े जीवों और पेड़ पौधों को जीवित रहने के लिए पानी की आवश्यकता है। बिना पानी के जीवन शक्य नहीं।

दैनिक कार्य से लेकर कॄषि तक के सभी कामों में पानी का वपराश मुख्य होता है। फसलों के उत्पादन और बिजली उत्पन्न करने की क्रिया में भी पानी मुख्य घटक है। इसलिए पानी को बचाने की जिम्मेदारी हम सभी की है।

जल की कमी का सीधा असर कुदरत के संतुलन पर पड़ता है। बिगड़ा हुआ कुदरत का संतुलन पृथ्वी के हर जीव को संकट की ओर ले जाता है।

जल संरक्षण की आवश्यकता

जैसा कि हम जानते है कि पृथ्वी पर ज्यादातर पानी समुद्र के रूप में है और समुद्र के पानी में खारांश है। बढ़ती जनसंख्या के कारण पानी का उपयोग भी बढ़ता चला जा रहा है।

शुद्ध जल बहुत सीमित मात्रा में है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण वर्षा ऋतु का चक्र भी असमतल हो गया है। एक सर्वे के अनुसार दुनिया में भारत जल संकट से गुजरने वाला 13 वां देश है।

रिपोर्ट के अनुसार भारत में करीब 2 लाख लोग पीने का पानी नहीं मिलने पर कारण अपनी जान गवा रहे है। इस से हमें पता चलता है कि भावी पीढ़ी बिना जल के कारण संकट से गुजरने वाली है। इसलिए हमें वर्तमान समय में जल संरक्षण करने की आवश्यकता आन पड़ी है।

जल संरक्षण के उपाय

जल संरक्षण के लिए सबसे पहले शुरुआत खुद से करनी पड़ेगी। हमें हमारी दैनिक गतिविधियों के लिए कम से कम पानी का उपयोग करना पड़ेगा। क्योंकि हमारे द्वारा किया गया एक छोटा सा प्रयास भी बड़ा परिणाम दे सकता है।

  • हमें वर्षा के जल का संग्रह करना होगा क्योंकि वर्षा का जल शुद्ध होता है। इसके लिए हमें देश के छोटे छोटे क्षेत्रों में तालाब और जलाशय बनवाने होंगे, जहाँ वर्षा के पानी का जल संरक्षण किया जा सके।
  • साथ-साथ हमें भूगर्भ जल का भी रक्षण करना होगा क्योंकि वृक्षों की कटाई होने से भूमि प्रदूषण को भी बढ़ावा मिल रहा है और जिसके चलते भूगर्भ जल दूषित हो रहा है।
  • विज्ञान की मदद लेकर सागर के खारे पानी को मीठे पानी में शुद्धिकरण करना चाहिए। इस पानी का उपयोग घरेलु कार्य, कृषि के लिए और कारखानों में भी कर सकते हो।
  • स्नान करते समय और बर्तन साफ करते समय नल को बहता हुआ नहीं छोड़ना चाहिए।
  • फ़ैक्टरी व कारख़ानों से निकलने वाला गन्दा पानी शुद्ध पानी के जल स्रोतों से ना मिले यह ध्यान रखना बेहद जरुरी है।
  • देश में ज्यादा से ज्यादा वर्षा जल संचयन के प्रोजेक्ट शुरू करने चाहिए।
  • अगर सार्वजनिक नल और किसी भी पाईपों में से जल लीक हो रहा है तो तुरंत उनकी मरम्मत करवानी चाहिए।
  • पानी के फालतु उपयोग पर रोक लगाने के लिए सभी छोटे और बड़े घरो में पानी के मीटर लगवाने चाहिए और पानी का व्यर्थ उपयोग करने वालों के लिए दंडात्मक अपराध बनाने चाहिए।
  • बच्चों और महिलाओं जल संरक्षण के प्रति जागरूकता लाने के लिए छोटे छोटे अभियान चलाने चाहिए।
  • खेतो में सिंचाई के लिए टपक सिंचाई (ड्रिप इरीगेशन) पद्धति का उपयोग करना चाहिए।
  • पेड़ों का सीधा नाता पानी से है क्योंकि पेड़ों के कारण ही वर्षा होती है। इसलिए हो सके तो ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए।
  • यदि मुमकिन हो तो वर्षा जल संरक्षण के लिए घर के छत पर एक या दो टंकी बनवानी चाहिए। इस पानी का उपयोग दैनिक कार्यों में करना चाहिए।

जल हमारे जीवन का एक आधार स्तंभ है। अगर हमें अपना भविष्य सुनहरा बनाना है तो जल संरक्षण अपनाना पड़ेगा और लोगों में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ानी पड़ेगी। क्योंकि ‘जल है तो कल है’।

जल संरक्षण पर निबंध pdf

यहां पर जल संरक्षण पर निबंध pdf के रूप में उपलब्ध कर रहे हैं, जिन्हें आप डाउनलोड करके अपने प्रोजेक्ट आदि में काम में ले सकते हैं।

हमने यहां पर जल संरक्षण पर निबंध (Essay on Water conservation in Hindi ) शेयर किया है। उम्मीद करते हैं कि आपको यह निबंध पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। आपको यह निबन्ध कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

पानी बचाओ पर निबंध

पानी की समस्या पर निबंध

पर्यावरण संरक्षण पर निबंध

ऊर्जा संरक्षण पर निबंध

Rahul Singh Tanwar

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Comment (1).

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जल संकट और संरक्षण पर निबंध (Essay on water crisis and conservation in Hindi)

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जब तक जल के महत्व का बोध हम सभी के मन में नहीं होगा तब तक सैद्धांतिक स्तर पर स्थिति में सुधार संभव नहीं है। इसके लिये लोगों को जल को सुरक्षित करने के लिये सही प्रबंधन के अनुसार कार्य करना होगा यदि वक्त रहते जल संरक्षण पर ध्यान न दिया तो हो सकता है कि जल के अभाव में अगला विश्वयुद्ध जल के लिये हो तो इसमें आश्चर्य नहीं और हम सब इसके लिये जिम्मेदार होंगे, अर्थात यह संपूर्ण मानव समाज।

जल संकट को दूर कर के कुछ उपाय किए जा सकते हैं-

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Home » Essay Hindi » Essay On Save Water In Hindi जल संरक्षण पर निबंध

Essay On Save Water In Hindi जल संरक्षण पर निबंध

इस निबंध Essay On Save Water In Hindi में जल संरक्षण का महत्व पर निबंध (Jal Sanrakshan Par Nibandh) लेखन का प्रयास है। जल जीवन रूपी अमृत है जो धरती पर जीवों के लिए अनिवार्य है। ईश्वर ने हमें जीवन के लिए जल दिया लेकिन हम इसकी कद्र नही करते है। जब जल सकंट आता है, तब हमें इसका मूल्य समझ आता है। जल संरक्षण की आवश्यकता क्यों है? इस प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास है। इस पोस्ट “Importance Of Water Conservation Essay In Hindi” में जल संरक्षण का महत्व और उपाय पर विस्तृत चर्चा करेंगे।

जल संरक्षण पर निबंध Essay On Save Water In Hindi

जल ही जीवन है का मूलमंत्र हमें जीवन में उतारने की आवश्यकता है। जल के बिना जीवन की कल्पना करना भी बेमानी है। जल संरक्षण क्या है? यह प्रश्न भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हमें जल संरक्षण का अर्थ जानना जरूरी है। जल संरक्षण का अर्थ है – जल को संरक्षित रखना अर्थात जल को बचाना। जितने पानी की आवश्यकता है, केवल उतना ही पानी खर्च करना जल संरक्षण कहलाता है। जल संरक्षण में जल को प्रदूषित होने से रोकना भी है। सुनियोजित तरीके से जल प्रबंधन करना जल संरक्षण कहलाता है।

दुनिया में 71 फीसदी जल है लेकिन इस जल का 97 फीसदी पीने योग्य नही है। करीब 2 फीसदी जल ग्लेशियरों के रूप में है। बाकी रहा 1 फीसदी जल ही पीने योग्य है। धरती पर जल का एक बहुत बड़ा भाग महासागरों के रूप में है। यह महासागरीय जल स्वाद में खारा है जो पीया नही जा सकता है।

उपयोगी मीठे जल की सीमित मात्रा नदियों , तालाबों, कुंवो और झीलों के रूप में मौजूद है। मीठे पानी के इन सोर्सस में कमी के कारण जल संकट आता है। इन स्रोतों में जल की कमी का मुख्य कारण वर्षा का नही होना है। इसलिए वर्तमान समय में जल को संरक्षित करने की आवश्यकता है। जल संरक्षण पर निबंध ( Essay On Save Water In Hindi ) में इसका महत्व महत्वपूर्ण है। पीने योग्य साफ पानी हर मनुष्य का अधिकार है। इस पानी का बेवजह अत्यधिक दोहन होता है।

जल संरक्षण का महत्व पर निबंध Jal Sanrakshan Par Nibandh –

वर्तमान में कई देश जल संकट से गुजर रहे है। इन देशों में पीने योग्य पानी की भयंकर कमी है। ये धरती के वो इलाके है जहां बारिश बहुत कम होती है। अफ्रीका के कई देश भयंकर जल संकट से गुजर रहे है। ऑस्ट्रेलिया में भी बारिश की कमी से जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो रखी है। भारत देश भी जल संकट से अछूता नही है, यहां भी कई राज्य सूखे से प्रभावित है। दुनिया में ज्यादातर जल संकट रेगिस्तानी इलाकों में होता है लेकिन ग्लोबल वार्मिंग और घटते जंगलों के कारण अन्य इलाके भी सूखे की चपेट में आये है।

भारत देश के कई इलाकों में इतनी जबरदस्त जल समस्या है कि लोगों को दूर दराज इलाकों में पानी लाने जाना पड़ता है। कई मिलों पैदल चलकर एक घड़ा पानी लाने के लिए काफी मशक्कत होती है। नहाने या कपड़े धोने के लिए तो छोड़िए पीने के लिए पानी नही मिलता है। लोग जल की कमी के कारण गंदगी वाला पानी पीने को मजबूर है। पानी की कमी से कृषि नही होती जिससे रोजी रोटी के लिए संघर्ष करना पड़ता है।

एक दुनिया यह है जो अभी आपने पढ़ी है जो जल के लिए संघर्ष कर रही है। एक दूसरी दुनिया भी है जहां पानी की कोई कमी नही है। ये लोग पानी की बर्बादी करते है क्योंकि इन्हें पानी का महत्व नही पता है। जितनी हमें पानी की जरूरत होती है, उससे भी कई गुना पानी बर्बाद होता है। हमें स्वच्छ जल संरक्षण की आवश्यकता है।

जल संरक्षण की आवश्यकता क्यों है Importance Of Water Conservation Essay In Hindi –

जल मनुष्य जीवन में एक महत्वपूर्ण कारक है। कई प्रकार के कार्यो के लिए जल की आवश्यकता होती है। कुछ महत्वपूर्ण कार्यो के बारे में यहां पर बताने का प्रयास है –

1. जीवित रहने के लिए शरीर को नित्य पानी पीने की जरूरत होती है। इसलिए पीने योग्य पानी के लिए जल संरक्षण की आवश्यकता है।

2. कृषि के लिए जल संरक्षण की आवश्यकता है। विभिन्न प्रकार की फसलों के उत्पादन के लिए जल सिंचाई की जरूरत होती है। सिंचाई के लिए जल तालाबों, नहरों और नदियों से मिलता है।

3. दैनिक जरूरतों जैसे नहाना, कपड़े धोना इत्यादि के लिए भी जल आवश्यक है। बिना जल के यह सम्भव नही है। गंदगी को दूर करने के लिए जल एकमात्र उपाय है।

4. भोजन बनाने के लिए भी जल की आवश्यकता होती है। सभी प्रकार के खाद्य पदार्थ को पकाने के लिए पानी चाहिए। स्वच्छ जल की आवश्यकता भोजन में जरूरी है।

5. केवल मनुष्य ही नही दूसरे जीव जंतुओं को भी पानी की आवश्यकता होती है। जल के बिना इनकी जिंदगी भी नामुमकिन है। धरती पर पाये जाने वाले समस्त जीवों के लिए जल अमृत समान है।

6. पेड़ पौधों के विकास और पनपने के लिए भी जल अति आवश्यक है। बिना जल के वृक्षों का जीवन नामुमकिन है। पेड़ पौधे हमें ऑक्सीजन, फल, जड़ी बूटी, औषधि, सब्जियां इत्यादि देते है।

7. उधोगों में भी पानी की आवश्यकता होती है। कच्चे माल से प्रोडक्ट बनाने के लिए लाखों गैलन पानी चाहिए। बिना पानी के औधोगिक उत्पादन सम्भव नही है। यहां तक कि भवन निर्माण में शुरू से लेकर अंत तक पानी की आवश्यकता होती है। कागज उधोग में भी लुगदी बनाने के लिए जल महत्वपूर्ण है।

जल की कमी के कारण Save Water Essay In Hindi –

पानी की कमी के कई कारण है जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण कारकों पर प्रकाश डालना जरूरी है। एक बात गौर करने लायक है कि जल समस्या आपके या हमारे गांव की ही नही है, यह एक वैश्विक समस्या है। जल समस्या से निजाद पाने के लिए जल की कमी के कारण जानना जरूरी है।

  • जल की कमी का सबसे महत्वपूर्ण कारक बारिश का ना होना है। रेगिस्तानी इलाकों में तो वैसे भी बारिश बहुत कम होती है। इसलिए यहां पर जल संकट हमेशा रहता है। वर्तमान समय में कई और इलाकों में भी बारिश नही है जिससे वहां भी जल संकट गहरा जाता है। बारिश होने से ही तालाब, झीलें जल से भर जाती है। भूमिगत जल का स्तर भी बारिश के कारण ही बढ़ता है। बारिश ना होने से भूमिगत जल स्तर बहुत नीचे चला जाता है। इससे खासकर गांवों में हैंडपंप सूखे पड़े है। कुँए भी भी पानी नही होने से सुख गए है।

जल की कमी के कारण –

  • स्वच्छ जल की कमी का दूसरा मुख्य कारण जल प्रदूषण है। जल प्रदूषण के कारण पानी दुषित हो जाता है जिससे वह पीने योग्य नही रहता है। जल संरक्षण की सफलता के लिए आवश्यक है कि हम जल को प्रदूषित होने से बचाये। जल प्रदूषण के कई कारण है, इसकी अधिक जानकारी के लिए यह पोस्ट पढ़े –  जल प्रदूषण पर निबंध
  • वृक्षों की अंधाधुंध कटाई के चलते भी जल समस्या में बढ़ौतरी हुई है। हम यह जानते ही है कि पेड़ बारिश के लिए जिम्मेदार होते है। आजकल इंसान लालच में आकर जंगलों को काट रहा है। इस कारण जंगल कई किलोमीटर सिकुड़ गए है। वृक्षों का महत्व पर अधिक जानकारी के लिए यह पोस्ट पढ़े –  वृक्षों का महत्व पर निबंध
  • जनसंख्या व्रद्धि भी पीने योग्य जल की कमी का एक बड़ा कारण है। प्रति व्यक्ति जल की खपत भी बढ़ी है। भुजल स्तर में लगातार गिरावट भी जल की कमी की समस्या उत्पन्न करता है। जल की कमी होने के पीछे जागरूकता का अभाव होना भी है।

जल संरक्षण के उपाय Water Conservation Essay In Hindi –

जल संरक्षण पर निबंध Essay On Save Water In Hindi – जल की कमी के कारण होने वाली भयंकर आपदा को रोकने के लिए जल संरक्षण आवश्यक है। जल संरक्षण के कुछ उपाय अपनाने से काफी हद तक जल की कमी को दूर किया जा सकता है।

1. स्वच्छ जल संरक्षण के लिए पर्यावरण प्रदूषण को रोकना होगा। जल प्रदूषण वर्तमान की गम्भीर समस्या है जो जल को प्रदूषित करती है। स्वच्छ पीने योग्य जल को संरक्षित करने के लिए जल प्रदूषण को रोकना होगा।

2. जल संरक्षण में दूसरा मुख्य उपाय है बारिश के जल को स्टोर करना। जिन इलाकों में बारिश कम होती है, वहां पर वर्षा जल को पोंड या होद बनाकर भविष्य के लिए स्टोर किया जा सकता है। ग्राम पंचायत स्तर पर भी योजना बनाकर उचित क्रियान्वयन के द्वारा जल संरक्षण किया जा सकता है। वर्षा के जल को छत से पाइप के जरिये उतारकर उसे होद में संरक्षित करना भी एक महत्वपूर्ण उपाय है।

3. हमें पानी का दुरुपयोग रोकना होगा। हमारे कुछ छोटे प्रयास जल संरक्षण में उपयोगी साबित हो सकते है। बिना उपयोग के पानी को खर्च मत करो। नल को बेवजह खुला छोड़ना भी जल की कमी को पैदा करता है। जहां जितने पानी की आवश्यकता है, उतना ही जल लेना चाहिए। हमें सुनियोजित जल प्रबंधन करना चाहिए जिससे जल संरक्षण सफल होगा।

4. शॉवर से नहाने के बजाए बाल्टी में पानी भरकर नहाना चाहिए। इससे भी पानी की बहुत बचत हो सकती है। कार, बाइक इत्यादि वाहनों को पानी के पाइप से नही धोना चाहिए क्योंकि इससे पानी की बर्बादी होती है। बाल्टी से ही इन वाहनों को धोना बढ़िया विकल्प है।

Jal Sanrakshan Par Nibandh जल संरक्षण पर निबंध –

5. रोजमर्रा के कामों में जल की कम से कम खपत हो, यह सुनिश्चित करे। कपड़े धोना या बर्तन धोना हो, पानी की बर्बादी ना करे। शौच के लिए भी पानी कम इस्तेमाल करे। भोजन पकाने में भी जितना हो सके, उतना कम पानी उपयोग करे। अगर पानी के पाइप से किसी भी तरह से जल रिसाव हो रहा है तो उसे तुंरत ठीक करे।

6. कृषि कार्यों में सिंचाई के लिए बून्द बून्द वाली सिंचाई करना उपयोगी है। बून्द बून्द सिंचाई से पानी की कम बर्बादी होती है। जितने पानी की आवश्यकता आपकी फसल को है, उतना ही पानी सिंचाई में इस्तेमाल करे।

7. जल संरक्षण को सफल बनाने का सबसे कारगर उपाय सामाजिक जागरूकता है। समाज में जल की उपयोगिता को समझाने के लिए शिक्षा की आवश्यकता है। बच्चों को स्कूल में जल संरक्षण के बारे में शिक्षित करना भी जरूरी है। इसी कड़ी में जल संरक्षण पर निबंध (Essay On Save Water In Hindi) लेखन महत्वपूर्ण है।

Essay On Save Water In Hindi – आने वाली पीढ़ी के भविष्य के लिए जल संरक्षण की आवश्यकता है। अगर जल संरक्षण के उपाय नही किये गए तो भविष्य में जल के लिए विश्वयुद्ध हो सकता है। जल की कमी एक गंभीर समस्या है जिससे निजात पाने के लिए हमें गम्भीर रूप से विचार करना होगा।

यह भी पढ़े – 

  • जल ही जीवन है पर निबंध
  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध

Note – इस पोस्ट Essay On Save Water In Hindi में जल संरक्षण पर निबंध (Jal Sanrakshan Par Nibandh), जल संरक्षण का महत्व, जल की कमी के कारण, जल संरक्षण की आवश्यकता और जल संरक्षण के उपाय आपको कैसे लगे। यह आर्टिकल “Importance Of Water Conservation Essay In Hindi” पसंद आया हो तो शेयर भी करे।

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जल संरक्षण पर निबंध- Essay on Water Conservation in Hindi

In this article, we are providing an Essay on Water Conservation in Hindi जल संरक्षण पर निबंध | Nibandh। Essay in 200, 300, 500 words For Class 7,8,9,10,11,12 Students. जल संरक्षण का महत्व Speech & Importance of Water Conservation in Hindi

जल संरक्षण पर निबंध- Essay on Water Conservation in Hindi

jal sanrakshan essay in hindi

Jal Sanrakshan Essay in Hindi | Save Water Essay ( 500 words )

भूमिका

पृथ्वी का 70% हिस्सा पानी से ढका है लेकिन पीने और अन्य उपयोगों के लिए पानी केवल 2.5% है। पृथ्वी पर जल एक सबसे मूल्यवान संसाधन है क्योंकि सभी जीवित प्राणियों को जीवित रहने के लिए इसकी आवश्यकता होती है। आधुनिक उद्योगिक विकास के परिणामस्वरूप जल प्रदूषण के साथ-साथ इसकी अधिक खपत भी होती है। 

जल संरक्षण क्या है ? What is water conservation in Hindi

जल संरक्षण का सीधा सा मतलब है कि हमें पानी का उपयोग समझदारी से करना चाहिए और पानी की कमी में योगदान नहीं करना चाहिए। जल पृथ्वी पर जीवन का सबसे आवश्यक तत्व है। यह जीविका की पहली आवश्यकता है। जल संरक्षण आजकल एक महत्वपूर्ण विषय है क्योंकि हम इंसान पानी का सही उपयोग नहीं कर रहे हैं और इसे अनावश्यक रूप से बर्बाद कर रहे हैं।

जल संरक्षण क्योँ जरुरी है? Why is water conservation important in Hindi

हम खाना पकाने से लेकर बिजली उत्पादन तक पूरी तरह से पानी पर निर्भर हैं। यह हमारे जीवन में एक अभिन्न भूमिका निभाता है और हमें प्रकृति के इस अनमोल उपहार के संरक्षण के तरीके खोजने चाहिए। पानी की खपत को कम करके और विभिन्न प्रयोजनों के लिए अपशिष्ट जल को पुन : उपयोग करके हम जल संरक्षण की दिशा में पहला कदम उठा सकते हैं। कृषि सिंचाई , सफाई और कई अन्य चीजें अपशिष्ट जल का उपयोग करके की जा सकती हैं। भारत में कृषि लोगों का मुख्य व्यवसाय है और इसलिए हम फसल की कटाई के लिए वर्षा पर बहुत अधिक निर्भर हैं। कृषि काफी हद तक पानी की कमी और जलवायु पर निर्भर करती है। इसलिए , विभिन्न जल संरक्षण विधियों से किसानों को अवगत कराना आवश्यक है ताकि वे जल का विवेकपूर्ण ढंग से उपयोग कर सकें। 

जल संरक्षण कैसे कर सकते हैं? how can we conserve water in Hindi

यहाँ कुछ चीजें हैं जो हम जल संरक्षण लिए कर सकते हैं। सबसे पहले , हमें बौछार या टब का उपयोग करने के बजाय स्नान के लिए बाल्टी का उपयोग करने की आवश्यकता है। एक और चीज जो हम कर सकते हैं वह है बिजली का उपयोग कम करना क्यूंकि बिजली उत्पादन करने वाले बिजली संयंत्र बहुत अधिक पानी की खपत करते हैं इसलिए यदि हम कम बिजली का उपयोग करते हैं तो हम अंततः हमारे लिए पानी बचा रहे हैं।

वर्षा जल संचयन पानी को बचाने के लिए सबसे प्रभावी और व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला तरीका है। अगर हम बारिश का पानी इकट्ठा करते हैं , तो होने वाले जल संकट से छुटकारा पाया जा सकता है। हम नहरों , तालाबों , जलाशयों , टैंकों आदि को बनाकर वर्षा जल का भंडारण कर सकते हैं। हम इस संग्रहित पानी का घरेलू उपयोग , उद्योगों और कृषि कार्यों के लिए कर सकते हैं। हम गाँवों , शहरों के आसपास तालाबों का निर्माण कर सकते हैं , बड़ी नहरों का निर्माण कर सकते हैं और पानी से प्रभावित क्षेत्रों को राहत प्रदान कर सकते हैं।

निष्कर्ष

पानी दुनिया में एक सीमित विश्वसनीय स्रोत है , यह हमेशा के लिए उपलब्ध नहीं रहेगा। हमें पानी की कमी को हलके में नहीं लेना चाहिए क्योंकि पानी की कमी का खाद्य उत्पादन , कृषि क्षेत्र , हमारे स्वास्थ्य और हमारी अर्थव्यवस्थाओं पर बहुत प्रभाव पड़ सकता है।

# jal sanrakshan ka mahatva # जल संरक्षण का महत्व क्या है

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जल संरक्षण पर निबंध | Essay on Water Conservation in Hindi

आज इस आर्टिकल में हम “जल सरंक्षण पर निबन्ध। 10 Lines Paragraph And Essay on Water Conservation in Hindi। Jal Sanrakshan Par Nibandh in 500 Words” लिखने जा रहे है।

जल हमारे भविष्य के लिए बहुत ही उपयोगी है। जल के बिना जीवन संभव नही हैं।अतः यह कहना गलत नहीं होगा कि जल ही जीवन है। जल का उपयोग हम पानी पीने, खाना बनाने एवं रोजमर्रा का काम पूरा करने के लिए करते है।

Essay On Water Conservation In Hindi

पृथ्वी पर जल का होना बहुत जरूरी है बिना जल के पृथ्वी की संरचना होना भी बहुत मुश्किल था। पृथ्वी पर यूं तो  71%  जल है लेकिन पीने योग्य एवं सिंचित योग्य जल सीमित है। पृथ्वी पर पीने योग्य एवं सिंचित योग्य जल केवल 3% है जो हमें नदियों, झरनों, तालाबों एवं भूजल के स्रोतों से प्राप्त होता है।  

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि सौर मंडल में कुल नौ ग्रहों में से केवल एक ही ग्रह है जिसमें पानी की उपलब्धता है और वह ग्रह हमारा पृथ्वी है। जल की उपलब्धता के कारण ही हमारा जीवन है जिससे पेड़ पौधे, जीव जंतु, मनुष्य आदि सब संचालित होते हैं। 

जल की महत्वता का अंदाजा इसी बात से लग जाता है कि जल के ना होने या कमी होने से समाज में लड़ाई दंगे होते रहते हैं। प्रत्येक चुनावों में जल को सामाजिक मुद्दों में शामिल किया जाता है, कई देशों में जल बंटवारे के लिए बहस होती रहती है। इससे जल संरक्षण का महत्व बढ़ जाता है।

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जल संरक्षण का अर्थ

जल संरक्षण से मतलब यह है कि हमें जल को किस प्रकार से बचाना चाहिए क्योंकि हमारी पृथ्वी पर पीने योग्य एवं फसल योग्य जल की उपलब्धता बहुत ही सीमित है। जल को संरक्षण करने के लिए हमें अपने बाग बगीचे में फव्वारा पद्धति का उपयोग करना चाहिए। 

जल के रिसाव को रोकने के लिए पाइपलाइन एवं नलों को ठीक से जोड़ना चाहिए। हमें कपड़े धोने के लिए बाल्टी का इस्तेमाल करना चाहिए ना कि सीधे खुले नल का, जिससे पानी की बचत होती है । 

जल सरंक्षण के उपाय

जल को संरक्षण करने के लिए हमें हमारे छत पर से बरसात के मौसम में पाइप के रास्ते जमीन पर पक्का खड्डा बनवा कर उसको काम में लेना चाहिए क्योंकि वर्षा का जल बहुत ही उपयोगी होता है, वर्षा का जल पीने योग्य वन मीठा होता है।

कई इलाकों में जहां खारे पानी की समस्या रहती है, वहां पर बरसात का पानी पीने में उपयोग लेना चाहिए। इस तरह के प्रबंधन होने से  बरसात के पानी, जो व्यर्थ ही रास्तों गलियों  इत्यादि में बह जाता है उसका प्रबंधन  किया जा सकता है एवं उपयोग में लिया जा सकता है। 

जल संरक्षण के लाभ

जल का संरक्षण होने से भूमि का जल स्तर बढ़ जाता है। वर्षा से उपलब्ध जल का उपयोग हम पीने का पानी एवं कपड़े धोने के लिए एवं फसलों में देने के लिए कर सकते हैं। वर्षा जल  फसलों में किसी वरदान से कम नहीं है एवं इससे फसल अच्छी होती है। 

कपड़े धोने के लिए मशीन का इस्तेमाल करना चाहिए जिससे पानी का कम खर्च हो। होली का त्योहार मनाने के लिए सूखा रंग लगाना चाहिए जोकि पानी के लिए भी एवं शरीर के लिए भी सुरक्षित होगा। हमें बगीचे एवं फसल में पानी देने का समय सायं काल या प्रातः काल में सिंचित करना चाहिए क्योंकि दोपहर के समय में वाष्पीकरण होता है जिससे ना तो पौधों को सही तरह से पानी मिलता है एवं पानी का भी नुकसान होता है।

पृथ्वी पर उपयोगी जल को बचाने के लिए हमें नदियों को स्वच्छ रखना बहुत ही आवश्यक है। कई फैक्ट्रिया उत्पादन के बाद बच रहे रसायनिक तत्व जो कि हानिकारक होते हैं को नदियों में मिला देती हैं इससे नदियां प्रदूषित होती है एवं इस प्रदूषण से पीने का पानी भी खराब हो जाता है। खराब पानी पीने से बीमारी का खतरा हो जाता है। इससे जल में रहने वाले मछलियां और जीव जंतु का नुकसान होता है इसलिए नदियों का पानी हमें हमेशा स्वस्थ रखना चाहिए। गंदा पानी पीने से कई बीमारियां हो जाती हैं।

स्वच्छ गंगा मिशन के तहत सरकार ने गंगा नदी को पवित्र करने के लिए अभियान चलाया है जो कि एक बहुत ही सराहनीय कदम है। ऐसे ही प्रयास हमें भी अपने घर एवं आसपास होने वाले जलभराव को रोकना चाहिए एवं व्यर्थ बह रहे पानी को रोकना चाहिए।

Conclusion Essay On Water Conservation In Hindi

अतः दोस्तों, प्रत्येक व्यक्ति को स्वच्छ जल उपलब्ध हो सके एवं सभी को जल उपलब्ध हो सके, इसके लिए जल संरक्षण के महत्व को समझना होगा एवं जल संरक्षण को बढ़ावा देना होगा। जिससे की हमें खुशहाल एवं स्वस्थ जीवनशैली की ओर अग्रसर हो सके।तो आशा करते है आपको यह “जल संरक्षण पर निबंध (Essay On Water Conservation In Hindi)” पसन्द आया होगा।

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About Kavish Jain

में अपने शौक व लोगो की हेल्प करने के लिए Part Time ब्लॉग लिखने का काम करता हूँ और साथ मे अपनी पढ़ाई में Bed Student हूँ।मेरा नाम कविश जैन है और में सवाई माधोपुर (राजस्थान) के छोटे से कस्बे CKB में रहता हूँ।

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जल के जीवन मे महत्व जल संरक्षण पर निबंध

Water conservation essay in hindi, जल संरक्षण पर निबंध.

Water Conservation Essay – जल संरक्षण का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है, जैसा की हर कोई जानता है की जल ही जीवन है, ऐसे में जल की उपयोगिता को देखते हुए जल संरक्षण का महत्व काफी बढ़ जाता है,

तो चलिए इस पोस्ट के जरिये जल संरक्षण के निबन्ध पर प्रकाश डालेगे, जिसे आप भी अपने स्कूल में इस जल संरक्षण पर निबन्ध, Water Conservation Essay, Jal Sanrakshan Nibandh को क्लास 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 के विद्यार्थी हो तो, अपने विद्यालय में लिख सकते है, तो चलिए इस जल संरक्षण पर निबंध को जानते है.

जल संरक्षण पर हिंदी निबंध

Jal sanrakshan nibandh water conservation essay in hindi.

जीवन जीने के लिए जल बहुत ही आवश्यक है, ऐसे में जरा सोचिये जिन स्थानों पर जल नही मिलता है, जल की मात्रा की कमी है, उन स्थानों पर लोग जल के बिना कैसे जीवन यापन करते होंगे, ऐसे में हम सभी का कर्तव्य है की हमे जल को बर्बाद होने से बचाना चाहिए,

Table of Contents :-

जैसा की कहा भी गया है की बूंद बूंद से घड़ा भरता है, तो सोचिये लोग एक एक बूंद के जल को दुरूपयोग होने से बचाते है, तो इस संरक्षित जल का उपयोग उन स्थानों पर भी उपयोग किया जा सकता है, जहा पर पहले से ही जल की भारी मात्रा में कमी है.

और ऐसे में हम सभी यदि भविष्य के जीवन को सुरक्षित बनाना है, तो हमे जल संरक्षण पर बहुत ही अच्छे तरीके से ध्यान देना होगा, वरना वो दिन दूर नही जब लोग पानी के लिए एक दुसरे से लड़ाई करते फिरेगे,

वैसे तो हमारी धरती पर तीन चौथाई भाग जल से घिरा हुआ है, लेकिन ये जा अधिकांश भाग महासागरो का पानी है, जो की बिलकुल खारा पानी है, पानी में अत्यधिक नमक की मात्रा होने के कारण इस जल का उपयोग पीने में नही किया जा पाता है. और इस तीन चौथाई का सिर्फ 3% भाग पानी ही पीने योग्य है, जो की वर्षा के जल से प्राप्त होता है, और हर वर्ष बरसात होने के बाद ये पीने योग्य पानी नदियों की सहायता से महासागरो में मिल जाते है. और वर्षा का कुछ जल धरती के अंदर में भाग में सोख लिए जाते है.

ऐसे में ये जो वर्षा का जल है यदि इन्हें बड़े बड़े जलाशयों में संरक्षित कर लिया जाय, तो यही जल हमारे पीने के काम आ सकते है, जिस कारण से जल संरक्षण पर सरकारों, नगर निकायों औरविभिन्न संस्थानों द्वारा काफी जोर दिया जाता है.

इस तरह से यदि हम पीने वाले जल को नुकसान होने से बचा सकते है तो निश्चित ही जल संरक्षण को आगे बढ़ा सकते है, इसलिए हमे जहा जितनी जरूरत हो, उतने ही जल का उपयोग करना चाहिए, और जो जल हमे मिलता है उसका जब जरूरत न हो तो उन्हें बेकार में बहने से रोकना चाहिए.

इस धरती पर जीवन का सबसे बड़ा स्रोत्र जल ही है, जल से ही पेड़ पौधे, नदियों तालाबो, जीव जन्तुओ और इंसानों का अस्तित्व है, ऐसे में जीवन की शुरुआत ही जल से होती है, इसलिए हमे जहा जितनी जरूरत हो उतना ही जल का उपयोग करना चाहिए, बाकी के जल को आगे के लिए बचाकर रखना चाहिए, तभी हम सभी जल की उपयोगिता को देखते हुए जल संरक्षण के लिए कार्य कर सकते है.

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What is the best food in Sonipat? (Sonipat ka sabse acha khana kon sa hai)

jal sanrakshan essay in hindi

Sonipat ka sabse acha khana kon sa hai : हरियाणा के दिल में बसा सोनीपत एक ऐसा शहर है जो इतिहास, संस्कृति और जीवंत पाक परंपराओं में डूबा हुआ है। स्ट्रीट फूड स्टॉल से लेकर बढ़िया डाइनिंग रेस्तरां तक, सोनीपत स्वादिष्ट व्यंजनों की एक विविध श्रृंखला प्रदान करता है जो हर तालू को पूरा करते हैं। आइए सोनीपत के पाक परिदृश्य में उतरें और इस शहर में मिलने वाले सबसे अच्छे भोजन की खोज करें।

Sonipat ke sabse ache khane ki Dish kon si hai (What is the best food in Sonipat)

Paranthas at sukhdev dhaba murthal (sonipat).

सोनीपत के खाद्य परिदृश्य की कोई भी खोज मुरथल में प्रतिष्ठित ढाबों का उल्लेख किए बिना पूरी नहीं होती है। अपने मुँह में पानी लाने वाले पराठों के लिए जाने जाने वाले, ये सड़क के किनारे के भोजनालय विभिन्न प्रकार के भरे हुए पराठे परोसते हैं जिन्हें शुद्ध देसी घी में पूरी तरह से पकाया जाता है। चाहे आप आलू, पनीर, या मिश्रित शाकाहारी पराठे पसंद करें, मुरथल की यात्रा हर भोजन उत्साही के लिए जरूरी है।

Chole Bhature at Bhagat Ji (Sonipat)

एक हार्दिक और परिपूर्ण भोजन के लिए, सोनीपत में भगत जी के पास जाएँ, जहाँ आप शहर के सबसे अच्छे छोले भटूरे का स्वाद ले सकते हैं। मसालेदार और तीखे छोले के साथ जोड़े गए रूखे भटुरा एक स्वादिष्ट संयोजन बनाते हैं जो आपको और अधिक के लिए लालायित कर देगा। यह प्रतिष्ठित व्यंजन स्थानीय लोगों और आगंतुकों के बीच समान रूप से पसंदीदा है।

Samosas at Gulshan Sweets (Sonipat)

जब स्ट्रीट फूड की बात आती है, तो सोनीपत निराश नहीं करता है। गुलशन स्वीट्स में अपना रास्ता बनाएँ और उनके कुरकुरा और स्वादिष्ट समोसे का आनंद लें। चाहे आप उन्हें मसालेदार चटनी या तीखी इमली की चटनी के साथ पसंद करें, अच्छाई के ये सुनहरे पार्सल निश्चित रूप से एक त्वरित और स्वादिष्ट नाश्ते के लिए आपकी लालसा को संतुष्ट करेंगे।

Paneer Tikka at Spice Route (Sonipat)

यदि आप कुछ और बेहतर करने के मूड में हैं, तो सोनीपत के एक लोकप्रिय रेस्तरां स्पाइस रूट पर जाएं, जो अपने स्वादिष्ट उत्तर भारतीय व्यंजनों के लिए जाना जाता है। उनका रसीला पनीर टिक्का, सुगंधित मसालों के मिश्रण में मैरीनेट किया जाता है और पूरी तरह से ग्रिल किया जाता है, एक सच्चा भोजन आनंद है जो आपके स्वाद की कलियों को आकर्षित करेगा।

Lassi at Bikaner Sweet Shop (Sonipat)

सोनीपत में कोई भी भोजन बिना तरोताजा करने वाले लस्सी के गिलास के पूरा नहीं होता है। बीकानेर मिठाई की दुकान पर जाएँ और उनकी मलाईदार और झागदार लस्सी का आनंद लें, जो ताजे दही से बनाई जाती है और इलायची या गुलाब के अर्क से सुगंधित होती है। यह पारंपरिक पंजाबी पेय सोनीपत के माध्यम से आपकी पाक यात्रा को समाप्त करने का सही तरीका है।

Rajma Chawal at Prem Dhaba (Sonipat)

एक आरामदायक और घरेलू भोजन के लिए, प्रेम ढाबा जाएं और उनके स्वादिष्ट राजमा चावल का स्वाद लें। सुगंधित बासमती चावल के साथ मलाईदार किडनी बीन करी, एक क्लासिक संयोजन है जिसे स्थानीय लोगों और पर्यटकों द्वारा समान रूप से पसंद किया जाता है। एक अतिरिक्त सुखद स्पर्श के लिए ऊपर घी का एक टुकड़ा डालें।

Jalebis at Om Sweets (Sonipat)

सोनीपत की अपनी पाक कला की खोज को ओम स्वीट्स की गर्म और कुरकुरा जलेबी की थाली के साथ एक मीठे नोट पर समाप्त करें। मीठा के ये गहरे तले हुए, सिरप से लथपथ सर्पिल सोनीपत में एक लोकप्रिय मिठाई विकल्प हैं और एक कप मसाला चाय के साथ गर्म पाइपिंग का सबसे अच्छा आनंद लिया जाता है।

अंत में, सोनीपत एक पाक स्वर्ग है जो आपके स्वाद की कलियों को लुभाने के लिए मुँह में पानी लाने वाले व्यंजनों की एक विविध श्रृंखला प्रदान करता है। चाहे आप स्ट्रीट फूड के शौकीन हों या बढ़िया भोजन के शौकीन, इस शहर में सभी के लिए कुछ न कुछ है।

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जल संरक्षण पर निबंध – Essay on water conservation in Hindi

जल संरक्षण पर निबंध (Water conservation essay in Hindi): जब हमें पानी के महत्व का पता चलेगा, तब हम पानी का संरक्षण कर सकते हैं. दिन ब दिन जल का उपयोग बढ़ रहा है. बहुत सारे जगह में जल का उपयोग जरूरत से ज्यादा किया जाता है. जिससे जल नष्ट होता है. और यह नष्ट होते हुए जल को संरक्षण में बदलना जरूरी है. जिससे आने वाली पीढ़ी को फायदा पहुंचेगा. तो चलिए जल संरक्षण पर निबंध (Essay on water conservation in Hindi) की ओर बढ़ते हैं.  

मानव प्रकृति से विभिन्न उत्पाद दान के रूप में लाभ किया है. हवा, मिट्टी, जंगल, जानवर, खनिज आदि मनुष्य को अपने दैनिक जीवन में मदद करते हैं. ये सब संपत्ति हैं. इसी तरह जल विभिन्न कार्यों में मदद करता है. इसके बिना जीवन को आगे बढ़ाना असंभव है. इसलिए जल का दूसरा नाम ‘ जीवन ‘ है. जल मनुष्य के लिए एक अनमोल धन है.

यह अमूल्य प्राकृतिक संसाधन बहुत काम में निवेशित होता है. सुबह बिस्तर से उठने से लेकर रात को बिस्तर पर जाने तक पानी की जरूरत होती है. भोजन बनाने, स्नान करने, कपड़े और बर्तन साफ करने में जल आवश्यक है. अच्छे पेयजल की कमी से स्वास्थ्य खराब हो सकता है. कृषि के लिए सिंचाई की जरूरत है. यह कारखानों और नावों के लिए आवश्यक है. बिजली पैदा करने के लिए जल जरूरी है. आवास, पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए भी पानी की आवश्यकता होती है. व्यापारी जहाजों और नौसेना के जहाजों के लिए पानी महत्वपूर्ण है.

jal sanrakshan par nibandh

हम पानी के बिना जीवित नहीं रह सकते. आवश्यकता या मजबूर होने पर एक व्यक्ति भोजन के बिना कुछ दिनों तक जीवित रह सकता है; लेकिन वह पानी के बिना एक हफ्ते भी नहीं रह सकता.

सबसे पहले, पृथ्वी पर जीवन पानी द्वारा प्रेषित किया गया था. धीरे-धीरे विभिन्न पौधे और जानवर सृष्टि हुए. मानव ने पहले जल स्रोतों के पास अपना घर बनाया था. दुनिया के सबसे पुराने शहर सिंधु नदी, नील नदी, टाइग्रिस, यूफ्रेट्स और होयांग हो तट में थे.

जल का अवस्थिति

ये तो सब जानते है की, पृथ्वी की सतह का लगभग तीन-चौथाई भाग पानी से ढका है. यदि दुनिया का सारा पानी भारत के ऊपर रखा दिया जाता, तो जल स्तर की ऊंचाई 425 किलोमीटर होता. यह एवरेस्ट की ऊंचाई का लगभग 50 गुना है. यह सब पानी हमारे काम के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा पा रहा है. पुरे विश्व में जितना पानी है उनमें से सागरों और महासागरों में लगभग 97 प्रतिशत पानी होता है. कुछ पर्वत चोटियों और अंटार्कटिका जैसे ठंडे स्थानों में, लगभग 2 प्रतिशत पानी बर्फ के रूप में है. लगभग सौ प्रतिशत पानी नदियों और झीलों में, वायुमंडल में कणों के रूप में और भूमिगत जलाशयों में होता है.

भूजल संसाधनों को कुओं, नलकूपों और कुओं की मदद से लाया जाता है और विभिन्न गतिविधियों में निवेश किया जाता है. जब कम बारिश होती है, तो भूजल विशेष रूप से हमारे लिए सहायक होता है. जिन क्षेत्रों में नदियाँ या झीलें नहीं हैं, वहाँ पर भूजल पर निर्भर रहना पड़ता है. कम दृश्यता और शुष्क क्षेत्रों में, लोग भूजल का उपयोग करते हैं. भूजल का बेहतर उपयोग करने के लिए भारत में केंद्रीय भूजल बोर्ड की स्थापना की गई है.

देश में विभिन्न योजनाएं

भारत कृषि प्रधान देश है. कृषि सिंचाई पर निर्भर करती है. इसके लिए विभिन्न योजनाएं बनाई गई है. इनमें बड़े पैमाने पर सिंचाई योजनाएँ, मध्यम पैमाने की सिंचाई योजनाएँ और लघु-सिंचाई योजनाएँ शामिल हैं. सिंचाई नहरों, कुओं और तालाबों द्वारा की जाती है. नदी जल के समुचित निवेश को सुनिश्चित करने के लिए भारत में कुछ बहुमुखी नदी घाटी योजनाएँ कार्यान्वित की जा रही हैं. बाढ़ नियंत्रण, बिजली उत्पादन, मत्स्य पालन, जल आपूर्ति, सिंचाई और नौका विहारआसान हो रहे हैं.

हमारे देश की वक्रा-नांगल योजना, हीराकुंड बांध योजना, तुंगभद्रा योजना, नागार्जुन सागर योजना, राजस्थान नहर योजना, कोशी योजना, दामोदर उपाध्याय योजना और अन्य प्रमुख बहुआयामी योजनाएं लोगों को लाभ पहुंचा रही हैं.

जल चक्र            

समुद्री जल से नमक बनाया जाता है. नमक को अलग करना और इसे पीने के पानी में बदलना महंगा है. समुद्र का पानी वाष्पित आकार में आकाश में जाकर बादल सृष्टि करता है. बादल बारिश हो कर धरती पर बरसते हैं. वर्षा का पानी मिट्टी में प्रवेश करता है और भूमिगत रूप से संग्रहीत हो कर रहता है. कुछ पानी नदियों में बह जाता है और वापस समुद्र में चला जाता है. मानव उपयोग के बाद कुछ पानी वाष्पित हो जाता है. इस तरह जल का चक्र चलता है.

गर्मियों में देश के कुछ हिस्सों में जल का अभाव दिखाई देता है. पीने के पानी की भारी कमी होती है. कुछ जगहों पर लोग दूषित पानी पीने को मजबूर होते हैं. नतीजतन, वे बीमार हो जाते हैं. इसलिए जल संसाधनों के संरक्षण के लिए उचित व्यवस्था की जानी चाहिए. जल प्रदूषण नियंत्रण कानून के तहत हमारे देश की नदी के पानी की गुणवत्ता की रक्षा के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. गंगा का पानी कई कारणों से प्रदूषित है. भारत सरकार इस नदी को जल प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए कदम उठा रही है. सब कुछ अकेले कानून से नहीं हो सकता. इसके लिए जन जागरूकता की आवश्यकता है. जल संसाधन दिवस के उत्सव के माध्यम से पानी के संरक्षण और नियंत्रण के लिए व्यापक प्रचार वांछनीय है. इंसानों और जानवरों के शवों को नदी में बहा देने से पानी दूषित होता है. इन सबका विरोध करना हमारा कर्तव्य है. अगर हम पानी का ध्यान रखेंगे तो पानी हमारी देखभाल करेगा. भविष्य में उपयोग के लिए घर की छत पर या अन्य जगहों पर बारिश के मौसम में के पानी का भंडारण करके किया जा सकता है. भूजल स्तर गिर रहा है. चिंता है कि इस जल संकट से भविष्य में तीसरा विश्व युद्ध हो सकता है. इसलिए पानी बर्बाद न करने में ही समझदारी है.

जल मानव जीवन को बचाता है और सामाजिक और आर्थिक जीवन को समृद्ध करता है. जल पथ पर शिपिंग होता है. मूल्यवान मोती समुद्र से एकत्र किए जाते हैं और मछलियों पकड़ा जाता है. इसे पानी से बिजली पैदा करके मानव दैनिक गतिविधियों में निवेश किया जा रहा है. आधुनिक मनुष्यों के लिए बिजली के बिना चलना मुश्किल है. यदि मेरु क्षेत्र की चोटियों पर बर्फ और ऊंचे पहाड़ों की चोटी पर बर्फ को पिघलाया जा सकता है और मानव सेवाओं के लिए उपयोग किया जाता है, तो दुनिया की पानी की कमी कुछ हद तक दूर हो जाएगी.

  • वायु प्रदूषण पर निबंध
  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध
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तो ये था जल संरक्षण पर निबंध (Essay on water conservation in Hindi) . आशा है कि आप इस लेख को अच्छी तरह से समझ गए होंगे. अगर आपको जल संरक्षण के बारे में और कुछ पता है, तो कमेंट करके जरूर बताएं. मिलते है अगले लेख में. धन्यवाद.

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Save water essay in hindi जल बचाओ पर निबंध.

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Save Water Essay in Hindi

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Now you can give save water speech in Hindi and take 5 lines on water in Hindi for these essays.

Save Water Essay in Hindi 150 Words (जल संरक्षण पर निबंध)

पानी एक बहुत ही आवश्यक संसाधन हैं। पानी के बिना जीना असंभव है। पानी बड़ी मात्रा में महासागरों, झीलों, नदियों में मौजूद है लेकिन यह पीने के लिए उपयुक्त नहीं है। जनसंख्या बढ़ने के कारण, बड़ी मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है और इस कारण से कुछ क्षेत्रों में पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। अगर लोग पानी का दुरूपयोग करना जारी रखते हैं तो पीने के लिए पानी नहीं होगा | प्रदूषित पानी भी पानी की कमी के लिए मुख्य कारण हैं।

यघपि पानी बहुत सारा उपलब्ध है लेकिन पीने के लिए केवल 1 प्रतिशत ही उपलब्ध है। इसी तरह भविष्य में पानी पृथ्वी पर नही बचेगा और न ही जीवन बचेगा। वर्षा जल संचयन जैसे विभिन्न प्रथाओं, पानी को बचाने के लिए पानी का पुर्ननवीनीकरण किया जा सकता है। लोगों को हमारे जीवन में पानी के महत्व को समझने की जरूरत है। हमें पानी का उपयोग आवश्यकता के अनुसार उपयोग करना चाहिए। पानी को बचाना बहुत जरूरी है अन्यथा पृथ्वी पर कोई जीवन नहीं होगा।

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What are 10 uses of water in Hindi sentences. Essay on jal hi jeevan hai in Hindi or anything about save water in Hindi in detail.

Save Water Essay in Hindi 300 Words ( जल संरक्षण पर निबंध)

जल जीवन का आधार है, अगर जल है तो हम है। बिना जल के जीवन सभव नहीं है इसलिए हमे जीवन के अस्तित्व को बनाये रखने के लिये जल का सही तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए और इसके महत्व को समझाना चाहिए। पूरे ब्रह्माण्ड में सिर्फ इकलौता ग्रह धरती ही है जहा जल है इसलिए ऐसा कहा जाता है कि पूरे ब्रह्माण्ड के जीवन चक्र को चलाने में जल बहुत महत्वपूर्ण है। अगर जल न हो तो हमारे जीवन का आधार ही समाप्त हो जाये। पानी की जरुरत हमे जिंदगी भर है, इस बहुमूल्य चीज को बचाहने के लिए हम ही जिम्मेदार है। आज भारत कि छोटी छोटी नदिया सुख रही है और बड़ी नदियों में पानी का प्रवाह प्रति वर्ष धीमा ही होते जा रहा है।

संयुक्त राष्ट्र के संचालन के अनुसार पाया गया कि भारत के राजस्थान की लड़किया सिर्फ इसलिए स्कूल नहीं जा पति क्योकि उन्हें लंबी दूरी तय करके घर के लिए पानी लाना होता है। इस कारण राजस्थान की लड़किया पूरे दिन को ख़राब कर देती है जिसके बाद उन्हें किसी ओर काम के लिए समय ही नहीं मिलता। राष्ट्रीय अपराध रिकार्डस् ब्यूरो के सर्वेक्षण के अनुसार लगभग 16,632 किसान (2,369 महिलाएँ) आत्महत्या कर चुके है जिनमे से 14.4% मामले सूखे के कारण घटित हुए हैं। हमारे देश के कुएं भी सूखते ही जा रहे है और 1960 से आज की बात करे तो घटकर आधे ही रह गए है।

भारत में पानी की कमी पिछले 30-40 साल की तुलना में तीन गुणा हो गयी है, जिसकी वजह से कई अन्य समस्याएं पैदा हो गयी। भारत जैसे कई अन्य देश ऐसे है जहा अशिक्षा, आत्महत्या, लड़ाई, गरीबी, बेरोज़गारी और दूसरे सामाजिक मुद्दों का कारण भी पानी की कमी है। पानी की कमी के कारण कई देशो के बच्चे अपने आने वाले भविष्य में मूल शिक्षा के अधिकार और खुशी से जीने के अधिकार को प्राप्त नहीं कर पाएंगे। ये एक बहुत ही गंभीर विषय है, जिस पर सरकार को तुरंत ध्यान देना चाहिए।

केवल सरकार को ही नहीं, सबसे पहले हमे ही देश के जिम्मेदार नागरिक होने के कारण कम पानी से होनी वाली समस्याओ का पता होना चाहिए ओर हम सभी प्रतिज्ञा ले और जल संरक्षण के लिये एक-साथ आगे आये। हम सबका छोटा प्रयास बड़े परिणाम दे सकता है। अपने प्रतिदिन की गतिविधियों में कुछ बदलाव लाकर हम पानी की समस्या से निपट सकते है जैसे कि फव्वारे से नहाने कि बजाए बाल्टी और मग का इस्तेमाल करना और नहाने के बाद नल को ठीक से बंद करना। इसी तरह हजारो और लाखो लोगो के छोटे-छोटे प्रयासों से हम जल संरक्षण अभियान की ओर एक बड़ा सकारात्मक परिणाम दे सकता है।

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हम आशा करते हैं कि आप इस पत्र ( Save Water Essay in Hindi – जल संरक्षण पर निबंध ) को पसंद करेंगे। Thank you for reading save water essay in Hindi. Now you can send us your essay in your own 300 words through comment box and give feedback on save water essay in Hindi. We will share save water essay in hindi pdf soon.

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ना होना पड़े भविष्य में पानी के लिए मोहताज इसलिए आज से ही करों “जल संरक्षण” – Jal Sanrakshan in Hindi

Jal Sanrakshan in Hindi

जल हमारे जीवन के लिए बेहद जरूरी है, जल के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। लेकिन आजकल जल का व्यर्थ इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसकी वजह से आज भारत समेत पूरी दुनिया में जल की भारी कमी हैं।

वहीं सोचने वाली बात तो यह है कि धरती पर 2 तिहाई हिस्सा सिर्फ पानी होने के बाबजूद भी आज पीने योग्य शुद्ध पेयजल सिर्फ 1 प्रतिशत हिस्सा ही बचा हैं। जिसमें 97 फीसदी जल महासागर में खारे पानी के रुप में भरा हुआ है, जबकि 2 प्रतिशत जल का हिस्सा बर्फ के रुप में जमा है।

जिसकी वजह से यह नौबत आ गई है कि कई जगह पर तो लोगों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। इसलिए सभी को जल संरक्षण के महत्व को समझना चाहिए और अनावश्यक पानी की बर्बादी नहीं करनी चाहिए।

वहीं अगर समय रहते पानी की समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया और जल संरक्षण नहीं किया गया तो पानी की समस्या एक विकराल रुप धारण कर लेगी और धरती से पानी निकलना बंद हो जाएगा जिससे भुखमरी, महामारी और भूकंप जैसे हालात बन जाएंगे।

Jal Sanrakshan in Hindi

जल संरक्षण का अर्थ एवं महत्व – Jal Sanrakshan ka Mahatva

जल संरक्षण का अर्थ है पानी को बचाना अर्थात पानी के अनावश्यक इस्तेमाल को घटाना और सफाई एवं कृषि आदि के लिए इस्तेमाल किए गए पानी को फिर से रिसाइकिल करना और सुनिश्चित तरीके से उसको उपयोग में लाना।

मनुष्य समेत पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव-जंतु, पेड़-पौधे एवं वनस्पति सभी जल पर निर्भर है। वहीं जल का अन्य कोई विकल्प भी नहीं है। हालांकि मनुष्य इस बात की परवाह किए बिना अपने लालच के लिए प्राकृतिक संसाधन का जमकर हनन कर रहा है, जिससे जल सकंट की स्थिति पैदा हो गई है, वहीं दूसरी तरफ बढ़ रही जनसखंया भी जल संकट का मुख्य कारण है।

आज जल संकट दुनिया की सबसे बड़ी समस्या बनकर हमारे सामने खड़ी हुई हैं, जिससे आज कई शहरों में तो लोगों को शुद्ध जल खरीदकर पीना पड़ रहा है।

पानी का मूल्य बढ़ गया है, वहीं अगर जल संरक्षण के लिए समय पर उचित कदम नहीं उठाए गए तो इसका भयावह परिणाम भुगतना पड़ सकता है, इसलिए हर किसी को जल संरक्षण के लिए अपने स्तर पर प्रयास करना चाहिए।

आखिर जल संरक्षण क्यों है जरूरी ? – Importance of Water Conservation

यह तो हम सभी जानते हैं कि जल हमारे जीवन में कितना उपयोगी हैं, लेकिन शुद्ध जल में लगातार आ रही भारी गिरावट एक गंभीर समस्या बन चुकी हैं, आज धरती में 2 तिहाई हिस्सा पानी के होने के बाबजूद भी कई इलाकों में लोगों को पानी के लिए मोहताज होना पड़ रहा है, इसी वजह से जल संरक्षण करना बेहद जरूरी है –

  • जल पर मनुष्य और जीव-जंतु ही नहीं बल्कि पेड़-पौधे, वनस्तियां और कृषि पूरी तरह से निर्भर है। वहीं अगर जल संकट के कारण सिंचाई के लिए पानी नहीं बचेगा तो अनाज, चावल, फल, सब्जियां समेत तमाम खद्यान उत्पादनों की पैदावार नहीं होगी, जिससे भूखमरी जैसी हालात पैदा हो जाएंगी, ऐसी हालात न पैदा हों इसलिए जलसंरक्षण बेहद जरूरी है।
  • पानी का स्तर लगातार कम होता चला जा रहा है और प्राकृतिक जल स्त्रोत सूख रहे हैं जिससे पेयजल की किल्लत पैदा हो गई है, यही वजह है कि आज बड़े शहरों में लोगों को शुद्ध पेयजल बाजार से खरीदना पड़ रहा है, वहीं पिछले कुछ सालो में पानी के रेट भी बढ़ गए हैं, जिससे साफ है कि धरती पर अब पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं बचा है, वहीं अगर हम अपने स्वार्थ के लिए प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करते रहेंगे तो वो दिन दूर नहीं जब धरती से पानी निकलना ही बंद हो जाएगा और सूखा, अकाल की स्थिति पैदा हो जाएगी। इसलिए जल को बचाना अथवा जल संरक्षण करना बेहद जरूरी है।
  • पेयजल में अगर लगातार इस तरह ही गिरावट आती रही तो,लोगों को शुद्ध पेयजल नहीं मिलेगा जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। इसके साथ ही कई तरह ही बीमारियां भी जन्म लेंगी और यह महामारी का रुप धारण कर लेंगी। इसलिए जल संरक्षण बेहद जरूरी है।
  • हमारी धरती पर उपलब्ध पानी का 97 फीसदी पानी खारे पानी के रुप में महासागर में है, जिसकी वजह से जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो रही है, इसलिए अगर जल को संरक्षित नहीं किया गया तो पानी की कमी की वजह से भयंकर खतरे की स्थिति बन जाएगी है।
  • आजकल मानव अपने स्वार्थ के लिए प्राकृतिक संसाधनों का इस कदर दोहन कर रहा है कि, वायुमंडल पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है। वहीं इसकी वजह से तापमान भी निरंतर बढ़ रहा है, और कई जगहों पर तो तापमान इतना बढ़ जाता है कि उन इलाकों में वर्षा ही नहीं होती और सूखा जैसा हालात पैदा हो जाते हैं। ऐसी जगहों पर ज्यादा गर्मी से पानी की समस्या भी पैदा हो जाती है, इसलिए जल संरक्षण जरूरी हैं ताकि ऐसे हालातों पर काबू पाया जा सके।
  • लगातर गिर रहे जलस्तर से सूखा जैसा हालात पैदा हो रहे हैं और धरती के बंजर रहने से धीरे-धीरे धरती में दरारें आ रही हैं अर्थात भूस्खलन और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि हो रही है, इसलिए जल संरक्षण बेहद जरूरी है।

जल संरक्षण एक महत्वपूर्ण आवश्यकता – Benefits of Water Conservation

जल ही जीवन है, अर्थात पानी ही सम्पूर्ण जगत का आधार है। वहीं दूसरी तरफ पेयजल किल्लत आज दुनिया की सबसे बड़ी समस्या बनकर सामने खड़ी हुई हैं, इसलिए इसके लिए जल संरक्षण की जरूरत है। वहीं जल संरक्षण की आवश्यकता की मुख्य वजहें कुछ इस प्रकार हैं –

  • शुद्ध पेयजल की पर्याप्त आपूर्ति करना:

आज पानी की कमी की वजह से लोगों को पेयजल की भारी किल्लत से जूझना पड़ रहा है, इसलिए इसकी कमी को पूरा करने के लिए जल संरक्षण की आावश्यकता है।

  • आने वाली पीढि़यों के लिए जल की उपलब्धता सुनिश्चित करना:

जिस तरह से आज पानी के जलस्तर में लगातार गिरावट आ रही है, और पानी की समस्या विकराल रुप धारण कर रही है,यह भविष्य के लिए बड़ा खतरा पैदा कर सकती है, इसलिए आने वाली पीढ़ियों को जल संकट जैसी विकराल स्थिति से नहीं जूझना पड़े इसलिए जल संरक्षण करने की आवश्यकता है।

  • जल का सही तरीके से वितरण और इस्तेमाल को सुनिश्चित करना:

आज जिन लोगों के यहां समरसिबिल या फिर मोटर पंप लगे हुए हैं,वे लोग जल का अनावश्यक रुप से इस्तेमाल कर रहे हैं,जबकि कई इलाकों में लोग बूंद भर पानी के लिए तरस रहे हैं, इसलिए जरूरत है कि सभी जगह एक सामान रुप से जल का वितरण हो और सभी लोग जल के महत्व को समझ सकें इसलिए भी जल संरक्षित किए जाने की आवश्यकता है।

जल संरक्षण के उपाय – Water Conservation Measures

आप किस तरह से अपने रोजमर्रा में इस्तेमाल किए जाने पानी को संरक्षित कर सकते हैं, इसके उपाय हम आपको नीचे बता रहे हैं –

  • पानी की बचत आप अपने दैनिक कार्यों में ही कर सकते हैं,जैसे कि घरों में सफाई, कपड़ा धोने, बर्तन धोने और रसोई के लिए इस्तेमाल होना वाला पानी को सिर्फ जरूरत के मुताबिक ही इस्तेमाल करें।
  • बारिश के पानी को जमा कर पानी की बचत की जा सकती है। दरअसल, जमा किए बारिश के पानी का इस्तेमाल आप अपने बगीचें को पानी देने या फिर साफ-सफाई में कर सकते हैं।
  • कई लोग पानी का गलत तरीके से इस्तेमाल करते हैं,जैसे कि नहाने,बर्तन धोने या अन्य कामों के लिए नल चलाकर ही छोड़ देते हैं और साथ ही साथ अपना काम करते रहते हैं, इसलिए ऐसा नहीं करें बल्कि किसी एक बड़े बर्तन में पानी भरकर बर्तन धोएं। इससे पानी बचाया जा सकता है।
  • रसोई में फल या सब्जी धोने के लिए एक भरे हुए बर्तन में पानी लें, और इसके बाद इसे फेंके नहीं बल्कि इसका इस्तेमाल साफ-सफाई या अन्य काम में कर सकते हैं, इससे जल संरक्षित किया जा सकेगा।
  • गाड़ी बगैरह धोने के लिए पाइप का इस्तेमाल नहीं करें, बल्कि एक बाल्टी या मग का इस्तेमाल करें,ऐसा करने से पानी की बचत होगी।
  • नहाने के लिए फुव्वारे का इस्तेमाल न करें बल्कि बाल्टी में भरकर नहाएं, इससे पानी की बचत होगी।
  • सार्वजनिक स्थलों में लगी पानी की टंकियों को अगर ऑटोमेटिक कर दिया जाए तो इससे पानी की बर्बादी रोकी जा सकती है।
  • रासायनिक उर्वरक और खाद की जगह पर किसानों को कम्पोस्ट या फिर जैविक खाद इस्तेमाल करना चाहिए। इससे पानी की बचत होगी।
  • बड़ी-बड़ी फैक्ट्री और उद्योगों से निकलने वाले गंदे पानी की निकासी के लिए उचित इंतजाम करने चाहिए,क्योंकि दूषित पानी प्राकृतिक जल स्त्रोतों से मिलकर पूरा जल दूषित कर देते हैं,जिससे पीने योग्य पानी का संकट गहरा जाता है।
  • पीने योग्य पानी का कारखानों में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
  • नदियों पर छोटे-छोटे बांध बनाएं जाए, जिससे बांधों में पानी इकट्ठा हो सके, और इसका इस्तेमाल किया जा सके।
  • हर गांव में जल संरक्षण के लिए तालाब बनाया जाना चाहिए,जिससे पानी की बचत की जा सके।
  • पर्यावरण में संतुलन बनाए रखने के लिए वृक्षारोपण करना चाहिए,जिससे पर्यावरण में नमी पहुंचेगी और वर्षा होगी, इससे जल संरक्षण करने में मद्द मिलेगी।
  • जल प्रवाह के लिए उचित व्यवस्था करनी चाहिए।

इस तरह सभी को जल संरक्षण के लिए अपने-अपे स्तर पर प्रयास करने चाहिए, तभी पानी की समस्या से निपटा जा सकता है।

  • Save Water Slogans

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( Jal Sanrakshan ) Water Conservation Essay in Hindi – जल संरक्षण पर निबंध

November 17, 2017 by essaykiduniya

यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में जल संरक्षण पर निबंध मिलेगा। Here you will get Paragraph and Short ( Jal Sanrakshan ) Water Conservation Essay in Hindi Language/Essay on jal sanrakshan in hindi for students of all Classes in 200 and 400 words.

( Jal Sanrakshan ) Water Conservation Essay in Hindi – जल संरक्षण पर निबंध

( Jal Sanrakshan ) Water Conservation Essay in Hindi

( Jal Sanrakshan ) Water Conservation Essay in Hindi – जल संरक्षण पर निबंध (200 words)

जल हमारे जीवन के लिए बहुत ही जरूरी है। हमारे पृथ्वी की तीन चौथाई हिस्सा पानी से घिरा हुआ है लेकिन फिर भी लोग पानी की कमी से झुझ रहे हैं। हम हर रोज पानी का इस्तमाल नहाने, कपड़े धोने , खाने पीने आदि में करते हैं। धरती पर पीने के पानी का अभाव है इसलिए भविष्य में भी जल की पूर्ति के लिए जल का सरंक्षण ही जल को बचा सकता है। कुछ लोगों को तो पानी के लिए दुर दुर तक जाना पड़ता है जिससे उन्हें काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। जल सरंक्षण पुराने समय में किया जाता था।

लोग बारिश के पानी को छतों पर एकत्रित करते थे जिसे बाद में प्रयोग में लाया जाता था। हमें भी पानी को बर्बाद नहीं करना चाहिए। जितने पानी की जरूरत हो उतना ही प्रयोग करना चाहिए। पानी को दुषित भी नहीं करना चाहिए क्योंकि दुषित पानी भी किसी काम नहीं आता है। आज के समय में जल सरंक्षण बहुत जरूरी है अन्यथा तीसरा विश्व युद्ध पानी को लेकर ही होगा। इसके लिए कोई भी एक व्यक्ति कार्य नबीं कर सकता है। जल को सरंक्षित वैश्विक स्तर पर किया जाना चाहिए और सबको मिलकर इसके लिए प्रयास करना चाहिए।

( Jal Sanrakshan ) Water Conservation Essay in Hindi – जल संरक्षण पर निबंध (400 words)

‘जल’ मानव जाति के लिए अनोखी अनमोल उपहारों में से एक है। सभी जीवित चीजें ज्यादातर पानी की तरह होती हैं| मानव शरीर दो तिहाई पानी का है यह स्पष्ट, रंगहीन तरल है जो 20 फीट की मोटाई के माध्यम से देखे जाने पर नीले रंग का दिखता है। जैसा कि हम जानते हैं, पानी हमारे जीवन में लाता है और जीवन को कायम करता है। जल ऐसा कुछ है जिसे हम इसके बिना कुछ नहीं कर सकते। सब के बाद, हमारे शरीर सत्तर प्रतिशत पानी से बना है। एक महीने से अधिक समय तक भोजन के बिना जीवित रहना संभव है, लेकिन बिना पानी के हम दिनों के मामले में नष्ट हो जाएंगे।

हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( ( Jal Sanrakshan ) Water Conservation Essay in Hindi – जल संरक्षण पर निबंध ) को पसंद करेंगे।

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जल संरक्षण पर निबंध | Water conservation Essay in Hindi

by Editor January 19, 2019, 2:56 PM 26 Comments

जल का महत्व हम जितनी जल्दी समझ जाएँ हमारे लिए उतना अच्छा है और जल संरक्षण के प्रयास हमें अब शुरू करने की आवश्यकता है। धरती पर सीमित जल-भंडार को बचाने के लिए आज सभी को जल संरक्षण की ओर अपना ध्यान आकृष्ट करने की जरूरत है। 

जल संरक्षण पर निबंध ( 200 शब्द) 

एक तरफ धरती पर साफ पीने लायक पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है तो वहीं दूसरी तरफ हम किसी ना किसी कारणवश धरती के अमूल्य जल को बर्बाद कर रहे हैं। यदि ऐसा ही चलता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब धरती पर पीने लायक पानी बचेगा ही नहीं। हमारी धरती पर 70% भूभाग जल का है लेकिन मात्र 1 प्रतिशत जल ही ऐसा है जो मानव अपने उपयोग में ले सकता है, बाकी का अधिकांश जल समुद्र का खारा पानी है और बर्फ़ीला है।

जल संरक्षण आज बहुत जरूरी हो गया है। अपने रोजिंदा जीवन में जिस प्रकार हम जल का दुरुपयोग करते हैं उस पर रोक लगाने की जरूरत है। दुनिया के कई देश जल की भारी कमी का सामना कर रहे हैं। भारत के कई राज्यों में लोगों को पानी के लिए दूर–दूर तक जाना पड़ता है।

जल का हम सही उपयोग करें और जल के स्त्रोतों को बढ़ाएं तो पानी की समस्या से हम निजात पा सकते हैं। जल का संरक्षण करने के लिए हमें बरसात के पानी का संग्रह करना चाहिए, नदियों और अन्य पानी के स्त्रोत को प्रदूषित नहीं करना चाहिए और साथ ही साथ अपने रोजिंदा जीवन में जल का सदुपयोग करना चाहिए।

जल संरक्षण पर निबंध (3 00 शब्द) 

जल को जीवन कहा जाता है अतः इसके मूल्य को समझकर हमें जल संरक्षण पर अधिक ज़ोर देने की आवश्यकता है। धरती पर मनुष्य के उपयोग के लायक मात्र 1 प्रतिशत जल बचा है, यदि हमने सजग होकर पानी को बचाने के लिए उचित कदम नहीं उठाए तो हमारी आने वाली पीढ़ी को भारी जल संकट का सामना करना पड़ सकता है।

जल संरक्षण के लिए हमें सबसे पहले अपने रोजिंदा जीवन में पानी की बचत करनी चाहिए। अपने रोजिंदा कार्यों को करने के लिए हम जरूरत से ज्यादा पानी इस्तेमाल करते हैं, यह एक तरह से पानी की बरबादी है अतः यह आदत हमें बदलनी चाहिए। जितने पानी की आवश्यकता हो हमें उतना ही पानी उपयोग में लेना चाहिए।

दूसरा कदम जल संरक्षण के लिए हम यह उठा सकते हैं की बरसात के जल का अधिक से अधिक संग्रह करना। बरसात के मौसम मे वर्षा का साफ जल यूं ही बर्बाद हो जाता है अतः इस जल का हमें संग्रह करना होगा। वर्षा के जल का संग्रह करने के लिए जगह-जगह छोटे-छोटे तालाब और जलाशय हम बना सकते हैं।

तीसरा काम हम ये कर सकते हैं वो यह की अपने नदी, तालाब, जलाशय को साफ रखना। जी हाँ, यदि हम नदी, तालाब आदि में प्रदूषण न करें और उन्हें शुद्ध रखें तो उनका आस्तित्व बना रहेगा। नदियों का जल हमारे लिए पानी का सबसे बड़ा स्त्रोत है अतः उनका संरक्षण हमें जरूर करना चाहिए।

इसके उपरांत वनों को कटाई पर भी रोक लगनी चाहिए क्यूंकी बरसात को लाने के पीछे वृक्षों का योगदान महत्वपूर्ण होता है अतः अधिक से अधिक वृक्ष लगाकर जंगलों को बढ़ाना चाहिए।

धरती पर जल संरक्षण के लिए सभी लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है क्यूंकी सबसे अधिक पानी की बरबादी हम अपने घरों में अलग-अलग कार्यों को करने में करते हैं। जल अब सीमित मात्रा में ही बचा है अतः जितनी जल्दी हम जल संरक्षण की आदत को अपनाएं उतना हमारे लिए अच्छा है।

जल संरक्षण पर निबंध (5 00 शब्द) 

जल इस धरती की सबसे अमूल्य वस्तु है। जिस प्रकार हम हवा और भोजन के बिना जीवित नहीं रह सकते उसी प्रकार हम जल के बिना भी जीवित नहीं रह सकते। धरती पर समस्त जीवसृष्टि के लिए जल सबसे महत्वपूर्ण है। धरती पर जल का विशाल भंडार होने के बाद भी मात्र 1 प्रतिशत पानी ही हमारे उपयोग के लिए बचा है, क्यूंकी बाकी का पानी या तो खारा है या बर्फ के पहाड़ों के रूप में है।

आज सबसे अधिक आवश्यकता जल को बचाने की है क्यूंकी आने वाले समय में हमें भीषण जल संकट का सामना करना पड़ सकता है। जिस प्रकार से हम अनमोल जल को बरबाद कर रहे हैं उसे देखकर तो ऐसा ही लगता है की आने वाली पीढ़ी के लिए जल बचेगा ही नहीं।

आज सबसे ज्यादा ज़ोर जल संरक्षण पर देने की आवश्यकता है।

क्या है जल संरक्षण

जल संरक्षण में पीने लायक ताजे पानी के संसाधन का रक्षण करना और वर्तमान और भविष्य में जल की मांग को पूरा करने के लिए सभी नीतियों और गतिविधियों को शामिल किया गया है। जन संख्या वृद्धि, घरेलू उपयोग और अंधा धुंध विकास के कारण पानी का उपयोग जरूरत से ज्यादा बढ़ा है। जलवायु परिवर्तन के कारण भी जल की कमी की समस्या को बढ़ा दिया है।

आज ऐसी पहल की आवश्यकता है जो धरती पर जल को बचा सके और उसका भविष्य के लिए संरक्षण कर सके। विश्व के सभी देशों ने जल संरक्षण के लिए कदम उठाए हैं। भारत में भी जल के संसाधनों जैसे की नदियों, तालाबों, जलाशयों आदि को बचाया जा रहा है, उन्हें साफ किया जा रहा है। पानी का संग्रह किया जा रहा है ताकि आपने वाली पीढ़ी को हम जल संकट से बचा सकें।

जल संरक्षण के उपाय

जल संरक्षण के लिए हमें कई कदम उठाने की जरूरत है क्यूंकी किसी ना किसी रूप में हम पानी का दुरुपयोग कर रहे हैं और उसे बचाने और संग्रहीत करने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे हैं, जल संरक्षण के लिए हम निम्न कदम उठा सकते हैं:

  • जल संरक्षण में एक रणनीति वर्षा जल संचयन है। तालाबों, झीलों, नहरों का निर्माण करना, पानी के जलाशय का विस्तार करना वर्षा जल संचयन के विभिन्न तरीके हैं। इससे भूगर्भ जल भी बढ़ेगा और जल संचय भो होगा।
  • भूगर्भ जल के संरक्षण पर उचित कदम उठाने की जरूरत है।
  • घरों में पानी के मीटर लगाने की जरूरत है जिससे लोगों को पानी का महत्व समझ में आएगा और पानी का दुरुपयोग बंद होगा।
  • खेतों में सिंचाई के लिए टपक पद्धति और फुवारे का उपयोग करने से पानी को बचा सकते हैं।
  • घर में नहाने, बर्तन धोने, शौचालय आदि में ढेर सारा पानी इस्तेमाल किया जाता है अतः वहाँ हमें समझदारी से पानी का उपयोग करना चाहिए
  • वनों की कटाई के कारण वर्षा पर भी प्रभाव पड़ता है अतः वनों की कतयो रोककर उनका विस्तार बढ़ाना चाहिए

इस प्रकार के कई कदम हैं जो हम जल संरक्षण के लिए उठा सकते हैं। सबसे जरूरी है जागरूकता जिसका अभाव लोगों को जल का महत्व नहीं समझा पाता। अतः एक सामजिक जागरूकता भी जरूरी है।

जल संरक्षण पर विस्तृत निबंध (10 00 शब्द) 

धरती पर समस्त जीवन चक्र को बनाए रखने के लिए हवा, पानी और भोजन जरूरी है, किसी एक की कमी के बिना कोई भी जीवित नहीं रह सकता। जल को अमूल्य संपत्ति कहा जाता है और इसकी एक-एक बूंद हमारे लिए बहुत कीमती है। धरती पर वैसे तो जल का 70 प्रतिशत भाग है लेकिन हम उपयोग कर सकें उतना मात्र 1 प्रतिशत जल है। अतः हमें बड़ी सोच-समझ के साथ सीमित जल का उपयोग करना चाहिए।

जल संरक्षण क्या है?

जल संरक्षण, अनावश्यक रूप से पानी के उपयोग को कम करने के लिए कुशलतापूर्वक पानी का उपयोग करने का एक अभ्यास है। आज हमारे लिए जल संरक्षण महत्वपूर्ण है क्योंकि ताजा स्वच्छ जल एक सीमित संसाधन है, साथ ही बहुमूल्य भी है। जल सभी के जीवन के पोषण के लिए एक आवश्यक संपत्ति है और स्थानीय उपयोग से लेकर कृषि और उद्योग के लिए उपयुक्त सभी गतिविधियों की मूलभूत मांग है। अतः इस प्राकृतिक संसाधन का संरक्षण पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण है।

मानव आबादी के नियमित रूप से बढ्ने से जल संसाधनों पर गंभीर दवाब पैदा हो गया है। नदी, तालाब, झील, जलाशय और भूजल के दुरुपयोग से जल की भीषण कमी का सामना आज हमें करना पड़ रहा है और शायद आने वाले वर्षों में यह संकट और अधिक बढ़ने वाला है।

आज हमें पानी को बचाने की कोशिशों में तेजी लाने की आवश्यकता है और जल संरक्षण पर गंभीर विचार करने की जरूरत है।

क्यूँ जरूरी है जल संरक्षण

आबादी और उद्योग की वृद्धि के कारण ताजे जल स्रोतों की हमारी जरूरत बढ़ रही है, लेकिन हमारे पास जल का सीमित संग्रह बचा है। ऐसी हालत में जल संरक्षण ही एक मात्र उपाय है जो हमें और आने वाली पीढ़ी को जल के संकट से बचा सकता है।

पानी के संरक्षण में असफल होने से पानी की पर्याप्त आपूर्ति की कमी हो सकती है, जिसके कठोर परिणाम हो सकते हैं। इनमें पानी की लागत बढ़ना, कम खाद्य आपूर्ति, स्वास्थ्य संबंधी खतरे और राजनीतिक संघर्ष शामिल हैं।

जल की कमी के कारण पर्यावरण का संतुलन भी बिगड़ेगा और वन, उपवन, वन्य जीव आदि पर संकट आ सकता है, अतः जल संरक्षण जरूरी है।

जल पूरी जीवसृष्टि के लिए महत्वपूर्ण है और धरती पर इसका सीमित स्त्रोत हमें इस बात की ओर प्रेरित करता है की हम जल संरक्षण की ओर ध्यान दें, अन्यथा हमारी आने वाली पीढ़ी को पीने के लिए एक बूंद जल के लिए भी संघर्ष करना पड़ेगा।

जल संरक्षण कैसे करे?

ऐसे बहुत से तरीके हैं जिनको अपनाकर हम जल का संरक्षण कर सकते हैं। यदि हम जल का सीमित उपयोग करें और उसे बचाने के लिए उचित कदम उठाएँ तो जल का सीमित भंडार लंबे समय तक बना रह सकता है।

वर्षा के पानी का संग्रह करना –  वर्षा के जल का संग्रह ना करना हमारी सबसे बड़ी भूल है। आज भी वर्षा का साफ पानी समुद्र, गटर, नालियों में बह जाता है और व्यर्थ हो जाता है। इस पानी का यदि हम संग्रह करें तो हर साल जो जल संकट हमें देखना पड़ता है उससे राहत मिल सकती है। बरसात के जल को हम नहर, तालाब, जलाशय, कुंड आदि बनाकर संग्रहीत कर सकते हैं। इस संग्रहीत किए जल का उपयोग हम घर के उपयोग, उद्योगों और कृषि कार्यों में कर सकते हैं। हम गावों, शहरों के आसपास तालाब बना सकते हैं, विशाल नहरों का निर्माण कर पानी के संकट वाले क्षेत्रों को राहत पहुंचा सकते हैं।

भूगर्भ जल का रक्षण – भूगर्भ जल अर्थात जमीन के अंदर स्थित जल जो की हम कुवों, हैंडपंप आदि से निकालते हैं। अधिक भूगर्भ जल निकालने के कारण और उसका दुरुपयोग होने के कारण भूगर्भ जल में भी कमी आती है। भूगर्भ जल का हमें रक्षण करना चाहिए। तालाब, जलाशय आदि बनाने से भूगर्भ जल का स्तर बढ़ता है। भूमि प्रदूषण भी रोकने की आवश्यकता है क्यूंकी उसके कारण भूगर्भ जल दूषित होता है।

दैनिक कार्यों में जल का सही उपयोग – सबसे अधिक पानी का उपयोग यदि कहीं किया जाता है तो वो है घरेलू कार्यों में। हम अपने रोजिंदा जीवन में बड़ी मात्रा में पानी का दुरुपयोग करते हैं, क्यूंकी हम इस बात से अंजान होते हैं की यह जल सीमित मात्रा में ही धरती पर उपलब्ध है।

नहाने में, कपड़े व बर्तन धोने में, वाहनों को धोने के लिए, त्योहारों के समय, घर की साफ-सफाई के समय आदि ऐसे बहुत से कार्य हैं जिनमें हम पानी को बर्बाद करते हैं। यदि हम अपनी जवाबदारी को समझकर पानी का सदुपयोग करें तो काफी हद तक जल संरक्षण में अपना योगदान हम दे सकते हैं।

  • हमेशा नल को कसकर बंद करें ताकि उनमें से पानी ना बर्बाद हो।
  • अपने नल के अंदर और आसपास किसी भी लीक की तुरंत मरम्मत करें। (एक रिसाव से प्रति वर्ष कई हजार लीटर पानी बर्बाद हो सकता है।)
  • अपने पानी के उपयोग को कम करने के लिए अपने नल पर एक जलवाहक या पानी के प्रवाह को कम करने वाले लगाव का उपयोग करें।
  • बर्तन धोते समय कभी भी लगातार पानी न चलाएं।
  • ब्रश करते समय, जब आप वास्तव में ब्रश कर रहे हों तो पानी बंद कर दें। (यह सामान्य रूप से उपयोग किए जाने वाले पानी का लगभग 80% बचाता है।)
  • लो-फ्लश शौचालय स्थापित करके आप पानी के उपयोग को 40% से 50% तक कम कर सकते हैं
  • लॉन और उद्यानों को गर्म मौसम के दौरान प्रतिदिन केवल 5 मिलीमीटर पानी की आवश्यकता होती है। वसंत, पतझड़ या शांत मौसम के दौरान कम पानी की आवश्यकता होती है अतः उस समय पानी कम इस्तेमाल करें।
  • घरों में पानी के मीटर लगाने से हम इस पानी के दुरुपयोग को रोक सकते हैं।

26 Comments

जल शक्ति अभियान पर निबन्ध बताओ

Ager hm water nhi save krenge to really aisa time ayega ki hm log ya hmari ane vali genration ko water milega nhi hoga

ji ha roli ji yesha possible ha

Hame rai dene se nahi hoga hame kuchh karna chahiye

Agar hum water ko save nahi kare to aaisa hi hoga

Nice nibandh

????thank you

जल क्या है इस पर परी जानकारी का एक आर्टिकल है आप अपने ब्लॉग में मेंशन कीजिए ना प्लीज प्लीज

Save water Save life

I am Anvesha. I am a student studying in class VI and I needed a 200 words essay on water conservation in Hindi. Thanks for the help.

Save Save Save water we can help to save the life

very gud info …. jal hi jivan hei …

Thanks sir/ma,am

Very good essay, that too in Hindi language

Thanks 👍 it’s very good essay

Ohhhhhh……….. Nooooooo…………. This eassy is good but………………..👍 I don’t like to complete projects………..😔 But thanks ….☺️

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दा इंडियन वायर

वर्षा जल संरक्षण पर निबंध

jal sanrakshan essay in hindi

By विकास सिंह

jal sanrakshan essay in hindi

वर्षा जल संचयन सतही जल अपवाह को रोकने के लिए प्राकृतिक जलाशयों या कृत्रिम जलाशयों में वर्षा जल का संग्रहण और भंडारण शामिल है।

वर्षा जल संरक्षण पर निबंध (100 शब्द)

वर्षा जल संचयन एक ऐसी तकनीक है जिसका उपयोग भविष्य के उपयोग के उद्देश्य (जैसे खेती, आदि) के लिए विभिन्न संसाधनों में विभिन्न साधनों का उपयोग करके वर्षा जल को संग्रहित करने के लिए किया जाता है। वर्षा जल को प्राकृतिक जलाशयों या कृत्रिम टैंकों में एकत्र किया जा सकता है।

सतह के अतिप्रवाह से खो जाने से पहले संग्रह की एक अन्य विधि उपसतह एक्वीफर्स में सतह के पानी की घुसपैठ है। छत की कटाई भी वर्षा जल को इकट्ठा करने की एक विधि है। कम वर्षा वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए इसका बड़ा महत्व है। वे नियमित पानी की आपूर्ति की कमी में भी एकत्रित वर्षा जल का उपयोग करके मौसमी फसल कटाई जारी रख सकते हैं। जब भी बारिश होती है, बारिश का पानी मानव निर्मित तालाबों या टैंकों में एकत्रित हो जाता है।

वर्षा जल संरक्षण पर निबंध (150 शब्द)

वर्षा जल संचयन मानव निर्मित संसाधनों या तालाब, झील आदि किसी भी प्राकृतिक संसाधन में वर्षा जल का संग्रहण उसी स्थान पर होता है जहाँ वह छतों या जमीन से गिरता है। वर्षा जल संचयन की दो मुख्य तकनीकें भविष्य में उपयोग और जमीन में पुनर्भरण के लिए भंडारण हैं। इसका उपयोग फसल की कटाई, बागवानी, शौचालय इत्यादि के लिए किया जा सकता है, व्यक्तिगत या शहर-स्तर पर वर्षा जल संचयन के लाभ निम्नलिखित हैं:

  • यह विशेष रूप से संस्थानों को पानी की आपूर्ति के बिल को कम करने में मदद करता है।
  • जमीन पर रिचार्ज किया गया पानी, फ्लोराइड, नाइट्रेट और इसकी लवणता को कमजोर करके भूजल की गुणवत्ता को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
  • इसमें लगभग तटस्थ पीएच और शून्य कठोरता शामिल है जो इसे घरों, उद्योगों, संस्थानों और अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में उपयोग करने में अधिक सक्षम बनाता है।
  • यह सार्वजनिक जल आपूर्ति स्रोतों के तनाव को कम कर सकता है।
  • जमीन पर वर्षा जल का पुनर्भरण तटीय क्षेत्रों में समुद्र के पानी के विसर्जन को रोकता है।
  • यह शहरी बाढ़ को नियंत्रित करने में मदद करता है अगर लोग छतों से वर्षा जल संचयन करते हैं।
  • यह नगरपालिका के लोगों की पानी की मांग को कम कर देता है और इस तरह से शहर में पानी के वितरण में भी ऊर्जा की खपत कम हो जाती है।

वर्षा जल संचयन पर निबंध (200 शब्द)

वर्षा जल संचयन का अर्थ है वर्षा जल को प्राकृतिक जलाशयों या मानव निर्मित टैंकों में एकत्रित करना। यह भविष्य में विभिन्न उद्देश्यों के लिए वर्षा जल को इकट्ठा करने और संग्रहीत करने की तकनीक है। वर्षा जल संचयन का सबसे आम और आसान तरीका छत की कटाई है।

इस तकनीक का उपयोग करके हम बरसात के मौसम में बहुत से स्वच्छ वर्षा जल एकत्र कर सकते हैं। इसे घरेलू प्रयोजनों जैसे बागवानी, पशुधन और सिंचाई आदि के लिए लंबे समय तक संग्रहीत किया जा सकता है, वर्षा जल संचयन के लाभ निम्नलिखित हैं:

  • यह जल आपूर्ति भार और नगरपालिका के बिजली के बिलों को कम करने में मदद करता है, ग्रामीण इलाकों में मुफ्त
  • पानी की आपूर्ति, फसल उत्पादन में सुधार करता है और इस तरह खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा मिलता है।
  • वर्षा जल संचयन प्रणाली ग्रामीण क्षेत्रों में घरों या व्यक्तियों की असुरक्षा को कम करने में मदद करती है।
  • यह जल क्षेत्रों की कमी में आसान और कम लागत वाली जल आपूर्ति प्रदान करता है जिससे खाद्य सुरक्षा और आय सृजन में मदद मिलती है।
  • तमिलनाडु भारत के राज्यों में से एक है और अब यह पहला भारतीय राज्य है जहाँ वर्षा जल संचयन अनिवार्य किया गया है।
  • तमिलनाडु राज्य सरकार ने चेन्नई में विभिन्न स्थानों पर लगभग 50,000 वर्षा जल संचयन संरचनाओं को स्थापित करने के लिए 30 मई 2014 को घोषित किया है। अब तक, तमिलनाडु के लगभग 4,000 मंदिरों में बारिश के पानी के टैंक हैं जो मंदिरों में विभिन्न अनुष्ठानों में सेवा करते हैं और भूजल को रिचार्ज करने में मदद करते हैं।

वर्षा जल संग्रहण पर निबंध (250 शब्द)

बारिश के पानी की हर बूंद धरती पर लोगों के लिए भगवान के आशीर्वाद की तरह है। ताजा वर्षा जल मोती की तरह जमीन पर गिरता है, इसलिए सभी को विशेष रूप से विकासशील क्षेत्रों और ग्रामीण क्षेत्रों में प्राकृतिक जल संसाधनों की कमी के कारण वर्षा जल के महत्व को समझना चाहिए।

हमें छतों के माध्यम से और सड़कों पर चलने वाले पानी को बर्बाद किए बिना बारिश का पानी इकट्ठा करने की कोशिश करनी चाहिए। हमें सभी क्षेत्रों में आसान पानी की आपूर्ति करने के लिए नई और प्रभावी तकनीकों का उपयोग करके अपनी पुरानी पारंपरिक कटाई प्रथाओं को लाना चाहिए। केवल हैंडपंप, कुओं और भूजल स्तर के अन्य संसाधनों के कारण सैकड़ों हजारों लोगों की पीने योग्य पानी की जरूरत पूरी नहीं हो सकती।

पानी की कमी वाले क्षेत्रों में पानी उपलब्ध कराने के लिए कई वर्षों तक वर्षा जल संचयन सबसे टिकाऊ और प्रभावी तरीका है। वर्षा जल संचयन बहुत कम लागत पद्धति के साथ-साथ बहुत सारे लाभ देने में सक्षम हैं। यह घरेलू कार्यों, क्षेत्र सिंचाई, पशुधन, कृषि और पशुपालन जैसे विभिन्न उद्देश्यों में मदद करता है।

यह प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से भूजल स्तर को फिर से जीवंत करने में मदद करता है। वर्षा जल संचयन विधियों को खाइयों, एनीकट, खोदा कुओं, समोच्च, आदि की वर्षा जल संचयन विधियों द्वारा बदला जा सकता है, जबकि अन्य वर्षा जल संचयन विधियाँ जैसे भूमिगत जल टैंक, तालाब आदि, कम से कम चार से छह महीने के लिए भूजल के उपयोग को कम करने में मदद करते हैं।

यह भारत और अन्य देशों के पहाड़ी क्षेत्रों और रेगिस्तानी क्षेत्रों में बहुत प्रभावी है। बड़े और स्वच्छ जल निकाय बनाकर बरसात के मौसम में अधिक और स्वच्छ वर्षा जल एकत्र किया जा सकता है।

वर्षा जल संरक्षण पर निबंध (300 शब्द)

अब-दिनों में, लोगों को उनकी हर जरूरत के लिए पानी की आपूर्ति के लिए पानी की आपूर्ति की सरकारी प्रणाली पर निर्भर किया गया है। शहरों में जल प्रबंधन और वितरण के वर्तमान परिदृश्य को सरकार द्वारा केंद्रीकृत किया गया है जिसने जल प्रबंधन में सामुदायिक जिम्मेदारी का एक बड़ा अंतर लाया है। यह धीरे-धीरे लेकिन नियमित रूप से पुराने पारंपरिक जल संचयन प्रणाली को समाप्त कर चुका है।

भविष्य के उपयोग के उद्देश्य के लिए वर्षा के मौसम में वर्षा जल संग्रहण के लिए वर्षा जल संग्रहण फिर से एक नई लेकिन पुरानी और प्रभावी तकनीक है। पानी की कमी की समस्याओं को दूर करने के लिए भारत के विभिन्न स्थानों में इसका अक्सर उपयोग किया जा रहा है।

वर्षा जल संचयन प्राकृतिक तरीके से भूजल पुनर्भरण का अच्छा स्रोत है। हालांकि, तेजी से हो रहे शहरीकरण और बड़े स्तर पर शहरों के विकास के साथ-साथ बारिश के पानी की मात्रा में कमी के कारण भूजल स्तर दिन-प्रतिदिन कम होता जा रहा है।

वर्षा जल संचयन भूजल के उपयोग को कम करने के साथ-साथ भविष्य में अपने स्तर को हमेशा बनाए रखने का तरीका है। भारत और अन्य देशों के सूखे क्षेत्रों में विभिन्न उद्देश्यों के लिए पानी की मांग को पूरा करने के लिए इसका अधिक महत्व है। वर्षा जल की कटाई करने के तथ्य को साबित करने वाले निम्न बिंदुओं का उल्लेख किया गया है:

  • यह भूजल की गिरावट को रोकने और भूजल तालिका में सुधार करने में महान भूमिका निभाता है।
  • यह एक्वीफर्स में पानी की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करता है।
  • यह मानसून के दौरान अधिक पानी के संरक्षण और सतही जल अपवाह को रोकना है।
  • यह मृदा अपरदन को कम करने में मदद करता है।
  • यह लोगों में जल संरक्षण की पुरानी परंपरा को लाना है।
  • सतह अपवाह कटाई और छत के ऊपर वर्षा जल संचयन जैसे निम्नलिखित तरीकों का उपयोग करके वर्षा जल को बेहतर तरीके से काटा जा सकता है। दो
  • नों बहुत प्रभावी तरीके भूजल के स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं और आसान और लागत प्रभावी तरीके से पानी की आपूर्ति की आवश्यकता को पूरा करते हैं।

वर्षा जल संरक्षण पर निबंध (400 शब्द)

वर्षा जल संचयन प्राकृतिक संसाधनों या कृत्रिम रूप से डिज़ाइन किए गए संसाधनों में वर्षा जल का संग्रहण और भंडारण है, ताकि जल अपवाह को रोका जा सके और भविष्य में पानी की कमी को पूरा किया जा सके। जल संचयन की मात्रा वर्षा की आवृत्ति, वर्षा की मात्रा, वर्षा जल एकत्र करने के तरीके और जल को एकत्रित करने के संसाधनों के आकार जैसे कारकों से प्रभावित होती है।

वनों की कटाई और पारिस्थितिक असंतुलन जैसे विभिन्न कारणों से भूजल स्तर दिन-प्रतिदिन गिरता जा रहा है। शहरीकरण और औद्योगिकीकरण का स्तर लगातार बढ़ने से विशेषकर शहरी क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति की मांग बढ़ जाती है। यह भूजल के अति प्रयोग और इस प्रकार निम्न स्तर पर जा रहा है।

भविष्य में पानी की कमी के जोखिम को काफी हद तक बढ़ा दिया गया है और कुछ प्रभावी समाधानों का पालन नहीं करने पर जीवन के लिए खतरा हो सकता है। जल संचयन बहुत मददगार है और भूजल स्तर को रिचार्ज करने जैसी विभिन्न जरूरतों को पूरा करता है, पानी की आपूर्ति में बिजली के बिल को कम करता है और आवश्यकतानुसार कभी भी पानी की आपूर्ति प्रदान करता है।

यह अनुमान है कि जल स्तर में 1 मीटर वृद्धि से लगभग 0.4 किलोवाट बिजली की बचत होती है।

वर्षा जल संचयन क्यों आवश्यक है:

सभी क्षेत्रों में लोगों द्वारा वर्षा जल संचयन बहुत आवश्यक है। भविष्य में पानी की कमी के डर को कम करना अच्छा है। निम्नलिखित बिंदु इस तथ्य को साबित करते हैं कि वर्षा जल संचयन क्यों आवश्यक है:

  • सतही जल विभिन्न प्रयोजनों के लिए पानी की मांग को पूरा नहीं कर सकता है।
  • हर कोई अपनी हर जरूरत के लिए भूजल पर निर्भर है।
  • वनों की कटाई, तेजी से शहरीकरण, उप-मिट्टी के लिए वर्षा जल घुसपैठ, आदि कारणों से भूजल के स्तर में लगातार कमी हो रही है।
  • वर्षा जल संरक्षण प्राकृतिक जल संसाधनों में पानी के स्तर को बनाए रखता है।
  • यह सड़कों पर पानी भरने की संभावना को कम करता है, मिट्टी के कटाव के जोखिम को कम करता है और पानी की गुणवत्ता में सुधार करता है।

वर्षा जल संचयन की मुख्य तकनीकें निम्नलिखित हैं:

  • भविष्य में उपयोग के लिए सतह पर वर्षा जल एकत्र करना।
  • भूजल का पुनर्भरण।
  • हालांकि, भूजल रिचार्जिंग तकनीक फसल कटाई की एक नई अवधारणा है। यह खोदा कुओं, गड्ढों, खाइयों, हैंडपंपों, रिचार्ज कुओं, रिचार्ज शाफ्टों का उपयोग करके किया जा सकता है, बोरवेलों के साथ पार्श्व शाफ्टों को रिचार्ज करना, फैलाने की तकनीक (धारा, नाला, आदि के लिए पानी के प्रसार का मतलब है)।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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जल का महत्व पर निबंध (Importance of Water Essay in Hindi)

हमारे शरीर का संघटन सत्तर प्रतिशत जल से बना है। केवल हमारा शरीर ही नहीं, अपितु हमारी पृथ्वी भी दो-तिहाई जल से आच्छादित है। जल, वायु और भोजन हमारे जीवन रुपी इंजन के इंधन है। एक के भी न रहने पर जीवन संकट में पड़ सकता है। “जल ही जीवन है” यूं ही नहीं कहा जाता है।

जल के महत्व पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on Importance of Water in Hindi, Jal ka Mahatva par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (250 – 300 शब्द) – पानी का महत्व.

जल से ही जीवन का आरम्भ हुआ। जल ही जीवन का आधार है। मानव शरीर का 70% भाग जल से निर्मित है। पीने के अलावा, कई उद्देश्यों के लिए दैनिक जीवन में जलका उपयोग किया जाता है। दुनिया में सभीजीवों लिएजल की आवश्यकता होती है।

जल का उपयोग

दुनिया के हर जीव को जीने के लिए जल की आवश्यकता होती है। छोटे कीड़े से लेकर ब्लू व्हेल तक, पृथ्वी पर हर जीवन पानी की उपस्थिति के कारण मौजूद है। पौधे को बढ़ने और ताजा रहने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। छोटी मछली से लेकर व्हेलमछली तक को पानी की आवश्यकता होती है, क्योंकि उसी से उनका अस्तित्व रहता है।

जल की शुद्धता और गुणवत्ता

वर्तमान समय में जल की गुणवत्ता को लेकर लोग सजग हो रहे है।  लोग सरकार द्वारा प्रमाणित कंपनियों से ही पैक्ड वाटर खरीदते है।कई कंपनियां जल में मैग्नीशियम, मिनरल्स, आदि उपयोगी तत्वों को मिलाने का दावा करती है।सरकार के साथ ही साथ हमें भी जल की शुद्धता को लेकर सजग रहने की आवश्यकता है।

जल का संरक्षण

हमें जल को व्यर्थ नहीं करना चाहिए। अगर आवश्यकता न हो तो जल का प्रयोग न करे।  हम कई बार स्नान करने के लिए  जल का अतिरिक्त उपयोग करते है , कई बार हम नल का टैप खुला छोड़ देते है। अगर हम ऐसे ही जल का दुरुप्रयोग करते रहेंगे , तो एक दिन हम अपने अस्तित्व को ही खतरे में डाल देंगे।

जल से ही समस्त संसार का जीवन है।हमें अपने स्वार्थ के लिए जल का प्रयोग न करके , भविष्य के बारे में भी सोचना चाहिए। हमें पानी बचाने के लिए संरक्षण कार्यक्रम करने की आवश्यकता है।

निबंध 2 (300 शब्द) – जल का संघटन

पानी सबसे महत्वपूर्ण पदार्थों में से एक है जो पौधों और जानवरों के लिए आवश्यक हैं। हम पानी के बिना अपने दैनिक जीवन का नेतृत्व नहीं कर सकते। पानी हमारे शरीर के आधे से अधिक वजन को बनाता है। पानी के बिना, दुनिया के सभी जीव मर सकते हैं। पानी केवल पीने के लिए ही नहीं, बल्कि हमारे दैनिक जीवन के उद्देश्यों जैसे स्नान, खाना पकाने, सफाई और कपड़े धोने आदि के लिए भी आवश्यक है।

जल का संघटन

जल हाइड्रोजन के दो और ऑक्सीजन के एक परमाणु से मिल कर बनता है। इसका रासायनिक सूत्र H 2 O होता है। जल की तीन अवस्थाएं होती है- ठोस, द्रव और गैस। पृथ्वी के लगभग 70 प्रतिशत भाग पर जल विद्यमान है। परंतु इसका 97 प्रतिशत हिस्सा खारा है, जिसे किसी भी प्रयोग में नहीं लाया जा सकता। यह महासागरों, सागरों के रुप में वितरित है।

जल एक रासायनिक पदार्थ होता है। यह रंगहीन, गंधहीन होता है। इसका अपना कोई रंग नहीं होता, जिसमें घोला जाय, उसी का रंग ले लेता है।

जल का क्वथनांक (Boiling point) 100 0 C होता है। जल का पृष्ठ तनाव (Surface Tension) उच्च होता है, क्योंकि उनके अणुओं के बीच होने वाली अंतःक्रिया कमजोर होती है।

जल की प्रकृति ध्रुवीय होती है, इस कारण इसमें ऊंचा आसंजक गुण होता है।

जल बहुत अच्छा विलायक (Solvent) होता है, जो पदार्थ अच्छी तरह से पानी में घुल जाते हैं, उनको हाइड्रोफिलिक की संज्ञा दी जाती है। जैसे नमक, चीनी, अम्ल, क्षार आदि। कुछ पदार्थ पानी में घुलनशील नहीं होते, जैसे तेल और वसा।

हम पानी के बिना जीवन की कल्पना नहीं कर सकते। पीने और घरेलू उद्देश्यों के अलावा, पानी हमारी दुनिया के अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है। हमारी अच्छाई और आने वाले भविष्य के लिए जल का संरक्षण महत्वपूर्ण है। हमें पानी बचाने के लिए पहल करने की जरूरत है चाहे कमी हो या न हो।

निबंध 3 (500 शब्द) – जल ही जीवन है

पृथ्वी पर मौजूद सभी जीवन रूपों के कामकाज के लिए पानी बुनियादी आवश्यकता है। यह कहना सुरक्षित है कि जीवन का समर्थन करने के लिए पानी पृथ्वी का एकमात्र ग्रह है। यह सार्वभौमिक जीवन तत्व इस ग्रह पर हमारे पास मौजूद प्रमुख संसाधनों में से एक है। पानी के बिना जीवन चलाना असंभव है। आखिरकार, यह पृथ्वी का लगभग 70% हिस्सा बनाता है।

Essay on Importance of Water in Hindi

‘जल ही जीवन है’

यदि हम अपने व्यक्तिगत जीवन के बारे में बात करते हैं, तो पानी हमारे अस्तित्व की नींव है। मानव शरीर को जीवित रहने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। हम पूरे एक सप्ताह तक बिना किसी भोजन के जीवित रह सकते हैं, लेकिन पानी के बिना, हम 3 दिनों तक भी जीवित नहीं रह सकते हैं। इसके अलावा, हमारे शरीर में ही 70% पानी शामिल है। बदले में यह हमारे शरीर को सामान्य रूप से कार्य करने में मदद करता है।

इस प्रकार, पर्याप्त पानी की कमी या दूषित पानी की खपत मनुष्यों के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकती है। इसलिए, पानी की मात्रा और गुणवत्ता जो हम उपभोग करते हैं वह हमारे शारीरिक स्वास्थ्य और तंदरुस्ती के लिए आवश्यक है।

इसके अलावा, हमारी दैनिक गतिविधियाँ पानी के बिना अधूरी हैं। चाहे हम सुबह उठकर ब्रश करने ,नहाने या अपने भोजन को पकाने की बात करें, यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है। पानी का यह घरेलू उपयोग हमें इस पारदर्शी रसायन पर बहुत निर्भर करता है।

इसके अलावा, बड़े पैमाने पर, उद्योग बहुत सारे पानी का उपभोग करते हैं। उन्हें अपनी प्रक्रिया के लगभग हर चरण के लिए पानी की आवश्यकता होती है। यह हमारे द्वारा प्रतिदिन उपयोग किए जाने वाले सामानों के उत्पादन के लिए भी आवश्यक है।

यदि हम मानव उपयोग से परे देखते हैं, तो हम महसूस करेंगे कि पानी हर जीवित प्राणी के जीवन में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। यह जलीय जंतुओं का घर है। एक छोटे कीड़े से एक विशाल व्हेल तक, प्रत्येक जीव को जीवित रहने के लिए पानी की आवश्यकता होती है।

इसलिए, हम देखते हैं कि न केवल इंसानों को बल्कि पौधों और जानवरों को भी पानी की आवश्यकता होती है।

इसके अलावा, जलीय जानवरों का घर उनसे छीन लिया जाएगा। इसका मतलब है कि हमें देखने के लिए कोई मछलियां और व्हेल नहीं होंगी। सबसे महत्वपूर्ण बात, अगर हम अभी पानी का संरक्षण नहीं करेंगे तो जीवों के सभी रूप विलुप्त हो जाएंगे।

हालांकि, इसकी विशाल बहुतायत के बावजूद, पानी बहुत सीमित है। यह एक गैर-नवीकरणीय संसाधन है। इसके अलावा, हमें इस तथ्य को महसूस करने की जरुरत है कि पानी की बहुतायत है, लेकिन यह सभी उपभोग करने के लिए सुरक्षित नहीं है। हम दैनिक आधार पर पानी से बहुत कुछ कार्य करते हैं। संक्षेप में, पानी के अनावश्यक उपयोग को एक बार में रोक दिया जाना चाहिए। हर एक व्यक्ति को पानी के संरक्षण और संतुलन को बहाल करने के लिए काम करना चाहिए। यदि नहीं, तो हम सभी जानते हैं कि परिणाम क्या हो सकते हैं।

FAQs: Frequently Asked Questions on Importance of Water (जल का महत्व पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

उत्तर- सात दिनो तक

उत्तर- कंगारू

उत्तर- मात्र 3% पानी ही पीने योग्य है।

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